Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Stahanakvasi
Author(s): Shyamacharya, Madhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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________________ प्रथम प्रज्ञापनापद] 113 [2] ते समासतो दुविहा पण्णता तं जहा—पज्जत्तगा य अपज्जत्तगा य। से तं जोइसिया। [142-2] वे (उपर्युक्त पांच प्रकार के ज्योतिष्क देव) संक्षेप में दो प्रकार के कहे गए हैंपर्याप्तक और अपर्याप्तक / यह ज्योतिष्क देवों का निरूपण है / 143. से किं तं वेमाणिया ? वेमाणिया दुविहा पण्णत्ता / तं जहा-कप्पोवगा य कप्पातीताय / [143 प्र.] वैमानिक देव कितने प्रकार के हैं ? [143 उ.] वैमानिक देव दो प्रकार के हैं—कल्पोपपन्न और कल्पातीत / 144. [1] से किं तं कप्पोवगा? कप्पोवगा बारसबिहा पण्णत्ता / तं जहा-सोहम्मा 1 ईसाणा 2 सणंकुमार 3 माहिंदा 4 बंभलोया 5 लंतया 6 सुक्का 7 सहस्सारा 8 प्राणता & पाणता 10 प्रारणा 11 अच्चुता 12 / [144-1 प्र.] कल्पोपपन्न कितने प्रकार के हैं ? [144-1 उ.] कल्पोपपन्न देव बारह प्रकार के कहे गए हैं--(१) सौधर्म, (2) ईशान, (3) सनत्कुमार, (4) माहेन्द्र, (5) ब्रह्मलोक, (6) लान्तक, (7) महाशुक्र, (8) सहस्रार, (6) आनत, (10) प्राणत, (11) पारण और (12) अच्युत / [2] ते समासतो दुविहा पण्णत्ता। तं जहा-पज्जत्तगा य अपज्जत्तगा य। से तं कप्पोवगा। [144-2] वे (बारह प्रकार के कल्पोपपन्न देव) संक्षेप में दो प्रकार के कहे गए हैं / यथापर्याप्तक और अपर्याप्तक / यह कल्पोपपन्न देवों की प्ररूपणा हुई / 145. से कि तं कप्पातीया? कप्पातीया दुविहा पण्णत्ता / तं जहा-गेवेज्जगा य अणुत्तरोववाइया य / [145 प्र.] कल्पातीत देव कितने प्रकार के हैं ? [145 उ.] कल्पातीत देव दो प्रकार के हैं--प्रैवेयकवासी और अनुत्तरौपपातिक / 146 [1] से कि तं गेवेज्जगा? गेवेज्जगा गवविहा पण्णत्ता / तं जहा हेट्टिमहे टिमगेवेज्जगा 1 हेटिममज्झिमगेवेज्जगा 2 हेट्ठिम उवरिमगेवेज्जगा 3 मज्झिमहेट्ठिमगेवेज्जगा 4 मज्झिममज्झिमगेवेज्जगा 5 मज्झिमउवरिमगेवेज्जगा 6 उवरिमहेटुिमगेवेज्जगा 7 उवरिमझिमगेवेज्जगा 8 उवरिमउवरिमगेवेज्जगा / [146-1 प्र.] | वेयक देव कितने प्रकार के हैं ? [146-1 उ.] ग्रे वेयक देव नौ प्रकार के कहे गए हैं। वे इस प्रकार-(१) अधस्तनअधस्तन- वेयक, (2) अधस्तन-मध्यम-वेयक, (3) अधस्तन-उपरिम-ग्रंवेयक, (4) मध्यम Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org