________________ [प्रज्ञापनासून 1590. जीवे णं भंते ! जोवेहितो कतिकिरिए ? गोयमा ! सिय तिकिरिए सिय चउकिरिए सिय पंचकिरिए सिय अकिरिए / [1560 प्र.] भगवन् ! (एक) जीव, (अनेक) जीवों की अपेक्षा से कितनी क्रियाओं वाला होता है ? [उ.] गौतम ! (वह) कदाचित् तीन क्रियाओं वाला, कदाचित् चार क्रियाओं वाला, कदाचित् पांच क्रियाओं वाला और कदाचित् अक्रिय होता है / 1591. जीवे णं भंते ! गैरइएहितो कतिकिरिए ? गोयमा ! सिय तिकिरिए सिय चउकिरिए सिय अकिरिए। एवं जहेव पढमो दंडओ तहा एसो वि वितिओ भाणियन्यो। [1591 प्र.] भगवन् ! (एक) जीव, (अनेक) नैरयिकों की अपेक्षा से कितनी क्रियाओं वाला होता है ? ___ [उ.] गौतम ! कदाचित् तीन क्रियाओं वाला, कदाचित् चार क्रियाओं वाला और कदाचित् अक्रिय होता है / 1592. जीवा गं भंते ! जीवाओ कतिकिरिया ? गोयमा ! सिय तिकिरिया वि सिय चउकिरिया विसिय पंचकिरिया वि सिय अकिरिया वि। [1592 प्र.] भगवन् ! (अनेक) जीव, (एक) जीव की अपेक्षा से कितनी क्रियाओं वाले होते हैं ? [उ.] गौतम ! कदाचित् तीन क्रियाओं वाले, कदाचित् चार क्रियाओं वाले, कदाचित् पांच क्रियाओं वाले भी और कदाचित् अक्रिय होते हैं / 1593. जीवाणं भंते ! रइयाओ कतिकिरिया ? गोयमा ! जहेब आइल्लदंडो तहेव भाणियब्यो जाव वेमागिय त्ति / [1563 प्र.] भगवन् ! (अनेक) जीव, (एक) नै रयिक की अपेक्षा से कितनी क्रिया प्रों वाले होते है ? [उ.] गौतम ! जिस प्रकार प्रारम्भिक दण्डक (सू. 1589-1) में (कहा गया था,) उसी प्रकार से, (यह दण्डक भी) यावत् वैमानिक तक कहना चाहिए। 1594. जीवा णं भंते ! जीवेहितो कतिकिरिया ? गोयमा ! तिकिरिया विचउकिरिया वि पंचकिरिया वि अकिरिया वि। [1594 प्र.] भगवन् ! (अनेक) जीव, (अनेक) जीवों की अपेक्षा से कितनी क्रियाओं वाले होते हैं ? उ.] गौतम ! (वे) तीन कियाओं वाले भी होते हैं, चार क्रियानों वाले भी, पांच क्रियाओं वाले भी और अक्रिय भी होते हैं। For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org