Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Stahanakvasi
Author(s): Shyamacharya, Madhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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________________ ॐ अहं जिनागम-प्रथमाला: अन्यामू२७ [ परमश्रद्धेय गुरुदेव पूज्य श्रीजोरावरमलजी महाराज की पुण्य-स्मृति में प्रायोजित ] श्री श्यामार्यवाचकसंकलित चतुर्थ उपाङ्ग प्रज्ञापनासूत्र [ तृतीय खण्ड, पद 23-36] [ मूलपाठ, हिन्दी अनुवाद, विवेचन, परिशिष्ट युक्त] प्रेरणा0 उपप्रवर्तक शासनसेवी स्व० स्वामी श्रीब्रजलालजी महाराज प्राद्यसंयोजक-प्रधानसम्पादक - (स्व०) युवाचार्य श्री मिश्रीमलजी महाराज 'मधुकर' अनुवादक-विवेचक--सम्पादक __श्री ज्ञानमुनिजी महाराज [स्व. जैनधर्मदिवाकर आचार्य श्रीवात्मारामजी म. के सुशिष्य] सह सम्पादक 0 श्रीचन्द सुराणा 'सरस' मुख्य सम्पादक 0 पं. शोभाचन्द्र भारिल्ल प्रकाशक 0 श्री प्रागमप्रकाशन-समिति, ब्यावर (राजस्थान) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org