Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Stahanakvasi
Author(s): Shyamacharya, Madhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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________________ 1. शक (पश्चिम भारत का देश) 27. प्रज्मल 2. यवन-यूनान 28. रोम . 3. चिलात (किरात) 29. पास 4. शबर 30. पउस 5. बर्बर 31. मलय 6. काय 32. बन्धुय (बन्धुक) 7. मुरुण्ड 33. सूयलि 8. ओड 34. कोंकणग 9. भटक (भद्रक) (दिल्ली और मथुरा के 35. मेय बीच यमुना के पश्चिम में स्थित प्रदेश) 36. पल्हव 10. पिण्णग (निम्नग) 37. मालव 11. पक्कणिय (मध्य एशिया का एक प्रदेश 38. मग्गर प्रकण्व या फरगना) 39. आभाषिक 12. कुलक्ष 40. अणक्क (प्रनक) 13. गोंड 41. चीण (चीन) 14, सिंहल (लंका) 42. ल्हसिय (ल्हासा) 15. पारस (ईरान) 43. खस 16. गोध 44. खासिय 17. क्रोंच 45. णद्वर (नेहर) 18. अम्बष्ठ (चिनाब नदी के निचले भाग में 46. मोंढ़ स्थित एक गणराज्य) 47. डोंबिलग 19. दमिल (द्रविड़) 48, लोस 20. चिल्लल 49. कक्केय . 21. पुलिन्द 50. पोस 22. हारोस 51. अक्खाग 23. दोब 52. हूण 24. वोक्कण (अफगानिस्तान का उत्तरी-पूर्वी 53 रोभक छोटा प्रदेश-वखान) 54, मरु 25. गन्धहारग (कन्धार) 55. मरुक 26. पहलिय प्रश्नव्याकरण'०४ अधर्मद्वार में भी कुछ परिवर्तन के साथ अनार्यों के नाम प्राप्त होते हैं। वहाँ यवन के बाद चिलाय नहीं है, भटक के पश्चात् णिण्णग नहीं है पर तित्तीय है। तुलनात्मक दृष्टि से संक्षेप में अन्तर इस प्रकार है 105. प्रश्नव्याकरण, अधर्मद्वार, सूत्र 4 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org