Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Stahanakvasi
Author(s): Shyamacharya, Madhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti

Previous | Next

Page 1497
________________ [प्रज्ञापनासूत्र 273 1017 1702 1639 2054 2052 2051 865 1744 107 565 302] अणंतमिस्सिया (भाषाभेद) अणंतरागय आहार अणंतरोगाढ अणंतरोववन्नग अणंतसमयसिद्ध अणाएज्जणाम अणागारपस्सी अणागारोव उत्त अशाणुगामिए अणाणुपुवी अणादेज्जणाम अणाभोगणिव्वत्तिय अणाहारए अणिज्जिण्णा अणित्थंथ अणिदा (वेदनाभेद) अणियाण अणुतडियाभेय अणुत्तरविमाण अणुत्तरोववाइय अणुभावणामणिहत्ताउय अणभाव अणुवउत्त अणुवरयकाइया अणुवसंत अणुवसंपज्जमाणगती अणुवाय अणु अणेगसिद्ध अणेरइय अणोगाढ अणोवमा (मिष्ट खाद्यविशेष) अण्णतरद्वितिय अण्णलिंगसिद्ध अण्णाणी अतित्थगरसिद्ध 865 प्रतित्थसिद्ध 2032 अतिराउल 877 अधिकाय 998 अस्थिकायधम्म 17 अत्थोग्गह 1702 अथिरणाम 1954 अदिण्णादाण 262 अदुक्खमसुह (वेदनाभेद) 2027 अदूरसामंत 877 प्रदेवीय 1693 अद्दारिद्व 963 अद्धणारायसंघयणणाम 1367 अद्धद्धामिस्सिय (भाषाभेद) 2170 अद्धपविट्ठ अद्धमागह 2054 अद्धामिस्सिय (भाषाभेद) 177 अद्धासमय 891 अधम्मत्थिकाय 209 अधेसत्तमपुढवी 1544 अधोलोय अपइट्टाण 1679 अपच्चक्खाणकिरिया अपज्जत्त 1568 अपज्जत्तगणाम 963 अपज्जत्तय 1105 अपज्जवसिय 1105 अपडिवाई 877 अपढमसमयसिद्ध 16 अपदेसट्टयाए 1199 अपरित्त 877 अपरियार 1238 अपसत्थविहायगतिणाम 1797 अप्पबहु 16 अप्पाबहुदंडग 82 अफुसमाणगति 16 प्रबंधय (क) 342 284 174 1129 353 1702 428 1265 2027 17 330 265 2051 1702 2032 692 1105 1642 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 1495 1496 1497 1498 1499 1500 1501 1502 1503 1504 1505 1506 1507 1508 1509 1510 1511 1512 1513 1514 1515 1516 1517 1518 1519 1520 1521 1522 1523 1524