Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Stahanakvasi
Author(s): Shyamacharya, Madhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
________________ परिशिष्ट 2 शम्दानुक्रम] 12 2052 2052 1470 98 177 1229 47 192 774 1985 102 1702 1548 23 1608 पच्चक्खवयण पच्चक्खाण पज्जत्त पज्जत्तगणाम पज्जत्ति पज्जव पट्टगार पडाग (मत्स्यविशेष) पडाग (सर्पविशेष) पडिरूव पडीणवाय पडुच्चसच्च पणगजीव पणगमत्तिया पण्णवणी पत्तविटिया पत्ताहार पत्तयजीव पत्तेयबुद्धसिद्ध पत्तेयसरीरणाम पदेसणामणिहत्ताउय पप्पडमोदन पप्पडिया पभंजण पम्हलेस्सा पयगदेव पयत पयलाउय पयलापयला परपति ट्ठिय परपुट्ठ परभवियाउय परमकण्हा परमत्थसंथन परस्सर पराधायणाम 896 परित्तजीव 1420 परिमंडलसंठाणपरिणय 353 परियारग 1702 परियारणा 1865 परिव्वायग 438 पल्हव 106 पवण पवालकुर पव्वय पसत्थविहायगतिणाम पंकप्पमा 862 पंचकिरिए 2175 पंचाला पंचिदिय पंचेंदियजाइणाम पंडगवण 57 पंडुमत्तिया 40 पामो (दो) सिया 16 पायहंस 1702 पारस 684 पारिग्गहिया 1238 पारिष्पवा पारियावणिया 187 पास (म्लेच्छजातिविशेष) पासणता 188 पाहुया पिपीलिया पियंगाला पियाल 1680 पिसुय पीबंधुजीवन पुक्खर (द्वीप-समुद्र) 167 पुक्खरसारिया 110 पुच्छणी 74 पुढवि (द्वीप-समुद्र) 1702 पुण्ण 1621 1567 ~ 1945 ~ ~ MUSurrx 57 1230 1003 886 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
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