Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Stahanakvasi
Author(s): Shyamacharya, Madhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti

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Page 1507
________________ 312] [प्रज्ञापनासूत्र M मासपुरी (नगरी) माहिंद माहेसरी (लिपिविशेष) मिच्छत्त मिच्छत्तवेयणिज्ज मिच्छद्दिट्टि मिच्छादसणवत्तिया मिच्छादसणसल्ल मिलक्खू मुत्तालय मुद्धया मुरुड मुसं(सु)ढि मंजपाउयारा मूयलि मूस 102 रोम 196 रोसग 107 रोहिणीय 1667 रोहियमच्छ 1652 लउस 998 लट्टदंत 1129 लद्धि 1580 लवणसमुद्द 97 लंत 211 लंतगदेव 65 लाढ 98 लाभतराय 177 लालाविस लावग 202 102 r Y Y 0 0 0 0 0 195 Y Y / लेप्यार rocnm 1105 मेय मेरम मेलिमिद मेसरा 1105 149 2007 157 2133 1229 मेहमुह मेहणसण्णा मेंढमुह लेसा लेसागति लेसापरिणाम 1237 लेस्साणुवायगति 79 लोग्र लोगणाली 95 लोगनिखुड 725 लोभसमुग्धाय लोहियक्खमणि 188 लोहियपत्त लोहियमत्तिया 2174 लोहियवण्णणाम 1068 लहसिय 2174 वइउल वइजोग वइजोगपरिणाम 1229 वइराड 96 वइरोयणराय 1003 वइरोसभणारायसंघयणणाम 206 वइसुहया मोग्गर मोत्तिय मोसमणजोग मोसमणप्पयोग मोसवइजोग मोहणिज्ज रतणवडेंसय रत्तबंधुजीवन रम्मगवास रयण रयणवडेंसय 1702 1682 2173 931 102 180 1702 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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