Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Stahanakvasi
Author(s): Shyamacharya, Madhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
________________ परिशिष्ट २-~-शम्पानुक्रम] वक्खार 774 1289 148 वग 56 52 177 891 58 622 1003 140 वग्ग वग्गणा वग्धमुह वज्जकंदम वज्झार वट्टग वडगर वणप्फइकाइय वणप्फइकाल वणयर वत्थ वयजोग वरण वराड वरुण वरेल्लग ववहारसच्च वसभवाहण वसिट्ठ वंकगति वंजणोग्गह वंजुलगा वसीपत्ता (योनिभेद) वसीमुह वाइंगण वाउकाइय वाउकुमार वाउक्कलिया वाउब्भाम वाणमन्तर वाणारसी वामणसंठाणणाम वारुणोदन 1003 वालुयप्पभा 849 वास 921 वासहरपव्वय 1245 वास (द्वीन्द्रिय जीव) 95 वासुदेव 1233 विउप्फेस विगयमिस्सिया (भाषाभेद) 88 विलिदिय 63 विचित्तपक्ख 447 विजय 1272 विजयवेजयंतीपडाग 1973 विजया 1003 विज्जाहरसेढि 2174 विज्जुकुमार 106 विज्जुदंत 56 विडिम 1003 विलतपक्खी 88 वित्थाररुइ 862 विदेह 198 विभंगणाण 187 वियडजोणिय 1105 वियडावति 1006 विलंब 88 विसाल 773 विहाणमग्गणा 56 विहायगतिणाम 42 वेउब्विय 238 वेउब्वियसमुग्धाय 140 वेजयंत 34 वेढला 34 वेणइया (लिपिविशेष) 650 वेणुदालि 102 वेदग 1694 वेदणासमुग्धाय 28 वेमाणिय 90 110 103 772 1098 187 194 1798 901 2066 426 65 107 187 2126 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
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