Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Stahanakvasi
Author(s): Shyamacharya, Madhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti

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Page 1510
________________ [315 1216 102 1694 192 194 140 2069 1301 239 239 251 परिशिष्ट 2 शम्दानुक्रम संवडजोणिय संसयकरिणी संसारअपरित्त संसारपरित्त साइयार सात सातावेदणिज्ज सामाइय सामाण सारंग सारा साहारण सिद्ध सिद्धत्थिय सिप्पारिय सिप्पिसंपुड सिरिकंदलग सिगिरिड सिंधुसोवीर सिंहल सीता (योनिभेद) सीमागार सीहकण्ण सीहमुह सुक्क सुक्कलेस्सा सुक्किलपत्त सुक्किलवण्णणाम सुत(य)अण्णाण सुतणाण सागारपासणता सुत्तवेयालिय 650 1301 159 56 773 सुयणाण 886 सुयविट 1379 सुर? 1376 सुरभिगंधणाम 135 सुरूव 2054 सुवच्छ 1690 सुवण्णकुमार सुहा (वेदनाभेद) 194 सुहुमनाउक्काइय 58 सूहमणाम 85 सुहमणिोय 54 सहमतेउकाइय 15 सुहमपज्जत्तय 1238 सुहमपुढविकाइय 101 सुहुमवणप्फइकाइय 56 सुहमवाउकाइय 71 संसुमार 58 सूईमुह 102 सूरसेण सूरा 738 सूलपाणि 68 सेडि (रोमपक्षीविशेष) 95 सेत 95 सेयकणवीर 210 सेयबंधुजीवय 1156 सेयविया (नगरी) सेयासोन 1702 सेलेसि 448 सेल्लगार 1948 सेवसंघयण 105 102 सोइंदिय 95 सोइंदियवंजणोग्गह 1702 सोत्तिय 51 सोमंगलग 1702 सोरिय 102 142 168 1231 1231 102 1231 2175 1702 सेह 88 973 सुत्तीमई 1018 सद्धदंत सुब्भिगंधणाम सुभम सुभगणाम Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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