Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Stahanakvasi
Author(s): Shyamacharya, Madhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti

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Page 1503
________________ 308] [प्रज्ञापनासूत्र 1684 1702 1098 तित्थसिद्ध तित्थगरसिद्ध तिरियगति तिरियगतिणाम तिरियलोय तुण्णाग तुरुक्क 105 1228 110 181 194 तेइंदिय तेइंदियजाइणाम तेदुरणमज्जिय तेयासमुग्धाय तोट्ठ थणिय थणियकुमार थलयर थावरणाम थिग्गल थिग्णाम थिरीकरण थीणगिद्धी 1003 774 195 404 16 दुहणाम 16 दूभगणाम 561 देवकुरु 1702 देवाणुपुग्विणाम 276 दोणमुह निवेस 106 दोसापुरिया 177 दोस्सिया 582 धण 1702 धमाससार 57 धम्मत्थिकाय धम्मरुइ धरण 177 धाय 1209 धायइसंड 1524 धूमप्पभा नक्खत्तदेवय 972 नक्खत्तविमाण नदी नपुंसगवेद 1680 नागकुमार निक्कंखिय निरयावलिया निरयावास 1587 निरुवक्कमाज्य निव्वत्त 106 निव्वत्तणा 107 निन्वितिगिच्छा निस्सग्गरुइ नीलपत्ता नीलमत्तिया नीललेस्सा 80 पउम (द्वीपसमुद्रनाम) 140 पउमुत्तरा (शर्कराविशेष) 177 पउस 140 पोगगति 17 पच्चक्ख 1118 1329 140 110 148 172 679 211 1009 दज्युप्फ दमिल दरिसणावरणिज्ज दब्वीकर दंतार दामिली दिट्टिवाय दिद्विविस दिली दिवसपुहटा दिव्वाग दिसाकुमार 110 905 Xur 0 0m 1180 1238 दीव दीवकुमार दुसमयसिद्ध 2085 54 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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