Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Stahanakvasi
Author(s): Shyamacharya, Madhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti

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Page 1500
________________ [305 773 98 188 1003 1245 452 2086 918 105 परिशिष्ट २-शग्दानुक्रम कप्पासद्विसमिजिय कप्पासिय कप्पोवग कम्म कम्मखंघ कम्मगसरीर कम्मभूमय कम्मारिय कम्मासरीरकायप्पयोगगति कलुय कसाय कसायवेयणिज्ज कसायसमुग्धाय कसाहीय (सर्पविशेष) कंका कंहलगा कंदिल काउलेसा कामंजुगा काय (म्लेच्छ जातिविशेष) कायजोग काल (समय) काल (महानरक) काल (वाणव्यन्तरेन्द्र) कालोय किण्णर 9000 doUru" 887 57 कुम्मुग्णया 105 कुलक्ख 661 कुहंड (वाणव्यन्तरदेव जाति) कड 1667 केक्कय 2175 केवलकप्प 1552 केवलणाण 1747 केवलिसमुग्घाय 101 कोडाकोडी 1087 कोडिगारा कोत्थलवाहग कोलालिय 1682 कोलाहा 2086 कोलाहा कोंकणग खग्ग खरबादरपुढविकाइय खस 1585 खंडाभे 88 खारा खासिय 2173 खीर (वर) 211 खुज्जसंठाणणाम 174 गग्गर 190 गतिणाम 1003 मा गब्भवक्कंतिय 192 गयकण्ण 58 गह 98 गंडीपद 2 गंधव 57 गंधावति (पर्वत) 141 गामणिद्धमण 58 गिहिलिंगसिद्ध 58 गीतजस 56 गीतरति (वाणव्यंतर देवेन्द्र) 83 गुणसेढी 83 गूढदंत 98 1003 1693 1484 किण्हपत्त 142 70 188 1098 किराय किरिया किंगिरिड किंपुरिस कुक्कुड कुक्कुह कुच्छिकिमिया कुच्छिपुहत्तिय कुच्छि 16 162 2175 m Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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