Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Stahanakvasi
Author(s): Shyamacharya, Madhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
________________ प्रज्ञापना-परिशिष्ट परिशिष्ट 1 गाचानुक्रम 1865 1123 211 1006 187 54 गाथांश अगंतूण समुग्घायं अच्छि पव्वं बलिमोडो अज्जोरुह वोडाणे अज्झयणमिणं चित्तं अडहुत्तरं च तीसं अणभिग्गहियकुदिट्ठी अणभिग्गहिया भासा अणंतराय श्राहारे अत्थिय तिदु कविट्ठ अदाय असी य मणी अद्धतिवण्ण सहस्सा अप्फोया अइमुतय अयसी कुसुंभ कोद्दव अलोए पडिहया सिद्धा अवए पणए सेवाले असरीरा जीवघणा असुरा नाग सुवण्णा असुरेसु हाँति रत्ता अस्सण्णी खलु पढम अंधिय णेत्तिय मच्छिय अंबट्ठा य कलिंदा प्राणय-पाणयकप्पे आभरण-वत्थ-गंधे आमंतणि याऽऽणमणी आयपइट्ठिय खेत्तं आसीतं बत्तीसं सूत्राङ्क गाथा 2170 [2] आहार भविय सण्णी पाहार सम सरीरा पाहारे उवप्रोगे 1 इक्खू य इक्खुवाडी 174 इय सव्वकालतित्ता 110 इय सिद्धाणं सोक्खं 866 इंदियउवचय णिव्वत्तणा य 2032 उत्तत्तकणगवण्णा 41 एएहिं सरीरेहि 972 एक्कस्स उ जं गहणं 174 एक्कारसुत्तरं हेट्ठिमेसु एगपएऽणेगाई एगस्स दोण्ह तिण्ह व 211 एगा य होइ रयणी 54 [1] एगिदियसरीरादी 211 एते व उ भावे 177 एरंडे कुरुविंदे 187 ओगाहणसंठाणे 647 अोगाहणा अवाए 58 (1) ओगाहणाए सिद्धा 03 कण्हे कंदै वज्जे 206 (2) कति पगडी कह बंधति 1003 कहिं पडिहता सिद्धा 866 कंगूया कदुइया 971 कंदा ये कंदमूला य 174 कंबू य कण्हकडबू 209 110 54 1793 110 47 1006 211 1664 211 45 55 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
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