Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Stahanakvasi
Author(s): Shyamacharya, Madhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
________________ परिशिष्ट १-गाथानुक्रम [299 54 [ . E 206 [2] 187 102 559 790 790 212 1259 859 णीलाणुरागवसणा णेरइणय अंतकिरिया णेरइय-तिरिय-मगुया तणमूल कंदमूले तत्थ वि य ते अवेदा तय-छल्लि-पवालेसु य ताल तमाले तक्कलि तिणि सया तेत्तीसा तिलए लउए छत्तोह तीसा चत्तालीसा तीसा य पण्णवीसा तुलसी कण्ह उराले दमपिप्पली य दव्वी दवाण सव्वभावा दसण-नाण-चरित्ते दिसि गति इंदिय काए दीव-दिसा-उदहीणं दीहं वा हस्सं वा न वि अत्थि माणुसाणं निस्सग्गुवएसई निस्संकिय-निक्खंकिय पउमलता नागलता पउमुप्पलनलिणाणं पउमुप्पल संघाडे पउमुप्पलिणीकंदे पढमो ततियो नवमो पढमो ततिम्रो सत्तम पण्णवणा ठाणाई पत्तउर सीयउरए पत्तेया पज्जत्ता परमत्थसंथवो वा परिणाम-वण्ण-रस-गंध पलंडू ल्हसणकद य पाढा मियवालुकी पुरोगाढ अणंतर पुरुवी य सक्करा वालुया 187 पुत्तंजीवयरि? 1406 पूफा जलया थलया 1973 पुस्सफलं कालिंग 54 [2] पूईकरंज सेण्हा 211 पुसफली कालिंगी 55 [3] फुसइ अणते सिद्ध 48 बत्तीस अट्ठवीसा 211 बलि-भूयाणंदे वेणुदाली 41 बारवती य सुरट्ठा 187 बारस चउवीसाई 174 बि चउत्थ पंच छट्ट 49 वि चउत्थ पंच छद्र 49 बि चउत्थ पंच छट्र भासग परित्त पज्जत्त भासग परित्त पज्जत्त भासा कयो य पहवति 187 भासा सरीर परिणाम 211 भुयरुक्ख हिंगुरुक्खे 211 भूप्रत्थेगाधिगया 110 भेद-विसय-संठाणे 110 महुरा य सूरसेणा 44 मासपण्णी मुग्गपण्णी 54 [8] मुद्दिय अप्पा भल्ली 55 [3] रायगिह मगह चंपा 548] रुक्खा गुच्छा गुम्मा 790 म कंडरिया जारू 790 लोगागासपएसे णिगोयजीवं 2 लोगागासपएसे परित्तजीवं 42 वइराड वच्छ वरणा ववगयजर-मरणभए 110 वंसे वेल कणए 1218 वाइंगण सल्लइ वोंडई विसमं समं करेति 54 [1] विहि-संठाण-पमाणं 877 [33] विट समंसकडाहं 24 वेणु णल इक्खुवाडिय 1981 102 54 [1] 102 54 [1] 54 | 11]] 54 [11] 102 42 2170 1474 54 [] 54 [8] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
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