________________ Jain Education International कम कर्मप्रकृति का नाम जघन्य स्थिति उत्कृष्ट स्थिति अबाधाकाल निषेककाल तेईसा कर्मपद] 102 पर्याप्तनामकर्म 103 अपर्याप्तनाभकर्म बादर के समान पल्योपम के असंख्यातवें भाग कम सागरोपम का भाग बादरक्त बादरवत् 18 कोडाकोड़ी सागरोपम 1800 वर्ष बादरवत उत्कृष्ट स्थिति में 1800 वर्ष कम 104 साधारणशरीरनामकर्म 105 प्रत्येकशरीरनामकर्म 20 कोडाकोड़ी सागरोपम 2000 वर्ष पल्योपम के प्रसंख्यातवें भाग कम सागरोपम का भाग उत्कृष्ट स्थिति में 2 हजार वर्ष कम 106 अस्थिरनामकर्म 107 स्थिरतामकर्म पल्योपम के असंख्यातवें भाग कम सागरोपम का भाग 10 कोड़ाकोड़ी साग 1000 वर्ष उत्कृष्ट स्थिति में 1 हजार वर्ष कम For Private & Personal Use Only 108 शुभनामकर्म 109 सुभगनामकर्म 110 सुस्वरनामकर्म 111 प्रादेयनामकर्म 112 यशःकीर्तिनामकर्म 113 अशुभनामकर्म पाठ मुहूर्त पल्योपम के असंख्यातवें भाग कम सागरोपम का भाम 10 कोडाकोड़ी सागरोपम 1000 बर्ष 20 कोडाकोड़ो सागरोपम 2000 वर्व उत्कृष्ट स्थिति में 2 हजार वर्ष कम 114 दुर्भगनामकर्म 115 दुःस्वरनामकर्म 216 अनादेयनामकर्म 117 अयशःकीर्तिनाम 118 निर्माणनामकर्म 119 तीर्थकरनामकर्म 120 उच्चगोत्रनामकर्म " " अन्त कोडाकोड़ी सागरोपम पाठ मुहूर्त अन्तःकोडाकोडी सागरोपम 10 कोडाकोडी सागरोपम 1000 वर्ष 121 नीचगोत्रनामकर्म 20 कोडाकोड़ी सापरोगम 2000 वर्ष पल्योपम के असंख्यातवें भाग कम सागरोपम का भाग अन्तर्मुहर्त उत्कृष्ट स्थिति में 1000 वर्ष कम उत्कृष्ट स्थिति में 2 हजार वर्ष कम उत्कृष्ट स्थिति में 3 हजार वर्ष कम' 122 अन्तरायनामकर्म 30 कोड़ाकोड़ी सागरोपम 3000 वर्ष www.jainelibrary.org 1. (क) विशेष स्पष्टीकरण के लिए कर्मग्रन्थ भा. 5 तथा ठिइबंधो प्रादि देखें। (ख) पण्णवणासुत्तं (मूलपाठ-टिप्पणयुक्त) भा. 1, पृ. 371 से 377 तक [1