Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Stahanakvasi
Author(s): Shyamacharya, Madhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
View full book text
________________ क्रम कर्मप्रकृति का नाम जघन्य स्थिति उत्कृष्ट स्थिति अबाधाकाल निषेककाल Jain Education International 1 ज्ञानावरणीय (पंचविध) अन्तर्महूर्त 30 कोड़ाकोड़ी सागरोपम 3 हजार वर्ष उत्कृष्ट स्थिति में 3 हजार वर्ष कम तेईसवां कर्मपद] दो समय 15 कोड़ाकोड़ी सागरोपम 1500 वर्ष उत्कृष्ट स्थिति में 1500 वष कम उत्कृष्ट स्थिति में तीन हजार वर्ष कम 30 3000 वर्ष For Private & Personal Use Only 2 दर्शनावरणीय निद्रापंचक पल्योपम के असंख्यातवें भाग कम सागरोपम के भाग 3 . ., II दर्शनचतुष्क अन्तर्मुहूर्त 4 सातावेदनीयकर्म 1 ईर्यापथिकापेक्षा से दो समय II साम्परायिक बन्धक की बारह मुहूर्त अपेक्षा से 3 असातावेदनीय कर्म पल्योपम के असंख्यातवें भाम कम सागरोपम का भाग 6 सम्यक्त्ववेदनीय (मोहनीय) अन्तर्मुहूर्त 7 मिथ्यात्ववेदनीय (मोहनीय) पल्योपम का असंख्यातवाँ भाग कम सागरोपम 5 सम्यगमिथ्यात्ववेदनीय अन्तर्मुहर्त (मोहनीय) 9 कषाय द्वादशक (प्रारम्भ के पल्योपम के असंख्यातवें भाग कम 12 कषाय) अनन्ता. अप्रत्या. सागरोपम का भाग प्रत्या . 10 संज्वलनक्रोध (मोहनीय) दो मास कुछ अधिक 66 सागरोपम - 70 कोड़ाकोड़ी सागरोपम 7000 वर्ष अन्तर्मुहूर्त उत्कृष्ट स्थिति में से 7 हजार वर्ष कम 40 कोड़ाकोडी सागरोपम 4000 वर्ष उत्कृष्ट स्थिति में 4 हजार वर्ष कम 4000 वर्ष उत्कृष्ट स्थिति में से 4 हजार वर्ष कम 11 संज्वलनमान 12 संज्वलनमाया 13 संज्वलनलोभ 14 स्त्रीवेद (मोहनीय) एक मास अर्द्ध मास अन्तर्मुहुर्त पल्योपम के असंख्यातवें भाग कम सागरोपम का भाग 8 वर्ष की 15 कोडाकोड़ी सागरोपम 1500 वर्ष 10 कोड़ाकोड़ी सागरोपम 1000 वर्ष 15 पुरुषवेद , 16 नपुंसकवेद , उत्कृष्ट स्थिति में 1500 वर्ष कम उत्कृष्ट स्थिति में 1000 वर्ष कम उत्कृष्ट स्थिति में दो हजार वर्ष कम पल्योपम के असंख्यातवें भाग कम सागरोपम का भाग 20 कोडाकोड़ी सागरोपम 2000 वर्ष www.jainelibrary.org