________________ 500] [प्रज्ञापनासूत्र [उ.] गौतम ! जिस जीव के कायिकी क्रिया हाती है, उसके नियम से प्राधिकरणिकी क्रिया होती है, और जिसके आधिकरणिकी क्रिया होती है, उसके भी नियम से कायिकी क्रिया होती है। 1608. जस्स णं भंते ! जीवस्स काइया किरिया कज्जति तस्स पासोसिया किरिया कज्जति ? जस्स पाओसिया किरिया कज्जति तस्स काइया किरिया फज्जति ? गोयमा ! एवं चेव। [1608 प्र.] भगवन् ! जिस जीव के कायिकी क्रिया होती है क्या उसके प्राद्वेषिको क्रिया होती है ? और जिसके प्राद्वेषिकी क्रिया होती है, क्या उसके कायिकी क्रिया होती है ? [उ.] गौतम ! इसी प्रकार (पूर्ववत् दोनों परस्पर नियम से समझना चाहिए / ) 1609. जस्स णं भंते ! जीवस्स काइया किरिया कज्जइ तस्स पारियावणिया किरिया कज्जइ, जस्स पारियावणिया किरिया कज्जइ तस्स काइया किरिया कज्जति ? गोयमा ! जस्स णं जीवस्स काइया किरिया कज्जइ तस्स पारियावणिया किरिया सिय कज्जति सिय णो कज्जति, जस्स पुण पारियावणिया किरिया कज्जति तस्स काइया नियमा कज्जति / [160 6 प्र.] भगवन् ! जिस जीव के कायिकी क्रिया होती है, क्या उसके पारितापनिकी क्रिया होती है ? तथा जिसके पारितापनिकी क्रिया होती है, क्या उसके कायिकी क्रिया होती है ? [उ.] गौतम ! जिस जीव के कायिकी क्रिया होती है, उसके पारितापनिकी क्रिया कदाचित् होती है, और कदाचित् नहीं होती, किन्तु जिसके पारितापनिकी क्रिया होती है, उसके कायिको क्रिया नियम से होती है। 1610. एवं पाणाइवायकिरिया वि / [1610] इसी प्रकार (पारितापनिकी और कायिकी क्रिया के परस्पर सहभाव-कथन के समान) प्राणातिपात क्रिया (और कायिकी क्रिया) का (परस्पर सहभाव-कथन भी करना चाहिए।) 1611. एवं आदिल्लाओ परोप्परं नियमा तिम्णि कज्जति / जस्स आदिल्लानो तिष्णि कज्जति तस्स उवरिल्लाओ दोणि सिय कज्जति सिय णो कज्जति / जस्स उरिल्लाओ दोणि कन्जंति तस्स आइरुलाओ तिष्णि णियमा कज्जंति / [1611] इस प्रकार प्रारम्भ की तीन क्रियाओं का परस्पर सहभाव नियम से होता है / जिसके प्रारम्भ की तीन क्रियाएँ होती हैं, उसके आगे की दो क्रियाएँ (पारितापनिकी और प्राणातिपातक्रिया) कदाचित् होती हैं, कदाचित् नहीं होती; (परन्तु) जिसके आगे की दो क्रियाएँ होती हैं, उसके प्रारम्भ की तीन क्रियाएँ (कायिकी, प्राधिकरशिकी और प्राद्वेषिकी) नियम से होती हैं / 1612. जस्स णं भंते ! जीवस्स पारियावणिया किरिया कज्जइ तस्स पाणाइवायकिरिया क.जति ? जरस पाणावायाकरिया कज्जति तस्स पारियावणिया किरिया कज्जति ? गोयमा ! जस्स जं जीवस्स पारियावणिया किरिया कज्जति तस्स पाणाइवायकिरिया सिय Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org