Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Stahanakvasi
Author(s): Shyamacharya, Madhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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________________ [ 266 तृतीय बहुवक्तव्यतापद |320] क्षेत्र की अपेक्षा से 1. सबसे कम वनस्पतिकायिक अपर्याप्तक जीव ऊर्ध्वलोकतिर्यक्लोक में हैं, 2 (उनको अपेक्षा) अधोलोक-तिर्यक्लोक में विशेषाधिक हैं, 3. (उनसे) तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं, 4. त्रैलोक्य में (उनकी अपेक्षा) असंख्यातगुणे हैं, 5. ऊर्ध्वलोक में (उनसे) असंख्यातगुणे हैं तथा 6. अधोलोक में (इनकी अपेक्षा भी) विशेषाधिक हैं। 321. खताणुवाएणं सम्वत्थोवा वणस्सइकाइया पज्जत्तया उड्ढलोयतिरियलोए 1, अधेलोयतिरियलोए विसेसाहिया 2, तिरियलोए असंख ज्जगुणा 3, तेलोक्के असंखज्जगुणा 4, उड्ढलोए असंखज्जगुणा 5, अधेलोए विसेसाहिया 6 / [321] क्षेत्र की अपेक्षा से 1. सबसे अल्प वनस्पतिकायिक-पर्याप्तक जीव अवलोक-तिर्यकलोक में हैं, 2. अधोलोक-तिर्यक्लोक में (उनसे) विशेषाधिक हैं, 3. (उनसे) तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं, 4. त्रैलोक्य में (उनसे) असंख्यातगुणे हैं, 5. (उनसे) असंख्यातगुणे ऊर्ध्वलोक में हैं, 6. (और उनकी अपेक्षा भी) विशेषाधिक अधोलोक में हैं। 322. खताणुवाएणं सम्वत्थोवा तसकाइया तेलोक्के 1, उड्ढलोयतिरियलोए संखज्जगुणा 2, अहेलोयतिरियलोए संख जगुणा 3, उडलोए संखज्जगुणा 4, अधेलोए संखज्जगुणा 5, तिरियलोए असंखज्जगुणा 6 / [322, क्षेत्र की अपेक्षा से 1. सबसे थोड़े त्रसकायिक जीव त्रैलोक्य में हैं, 2. ऊर्ध्वलोकतिर्यक्लोक में (इनकी अपेक्षा) संख्यातगुणे हैं, 3. (इनकी अपेक्षा) संख्यातगुणे अधोलोक-तिर्यकलोक हैं, 4. ऊर्वलोक में (इनसे) संख्यातगुणे हैं, 5. अधोलोक में (इनकी अपेक्षा) संख्यातगुणे हैं, 6. और (इनकी अपेक्षा भी) तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं / 323. खत्ताणुवाएणं सम्वत्थोवा तसकाइया अपज्जत्तया तेलोक्के 1, उड्ढलोयतिरियलोए संखज्जगुणा 2, अधेलोयतिरियलोए संखज्ज गुणा 3, उड्ढलोए संखज्जगुणा 4, अधेलोए संखज्जगुणा 5, तिरियलोए असंखज्जगुणा 6 / [323] क्षेत्र की अपेक्षा से 1. सबसे कम उसकायिक अपर्याप्तक जीव त्रैलोक्य में हैं, 2. (उनकी अपेक्षा) संख्यातगुणे ऊर्ध्वलोक-तिर्यक्लोक में हैं, 3. अधोलोक-तिर्यक्लोक में (उनकी अपेक्षा) संख्यातगुणे हैं, 4. ऊर्ध्वलोक में (उनसे) संख्यातगुण हैं, 5. (उनकी अपेक्षा) अधोलोक में संख्यातगुणे हैं और 6. (उनको अपेक्षा भी) तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं / 324. खत्ताणुवाएणं सम्वत्थोवा तसकाइया पज्जत्तया तेलोक्के 1, उड्ढलोयतिरियलोए असंखज्जगुणा 2, अधेलोयतिरियलोए संखज्जगुणा 3, उड्ढलोए संखज्जगुणा 4, अधेलोए संख ज्जगुणा 5, तिरियलोए संज्जगुणा 6 / दारं 24 // 324| क्षेत्र की अपेक्षा से 1. सबसे अल्प त्रसकायिक-पर्याप्तक जीव त्रैलोक्य में हैं, 2. ऊर्ध्वलोक-तिर्यक्लोक में (उनसे) असंख्यातगुणे हैं, 3. अधोलोक-तिर्यक्लोक में (उनकी अपेक्षा) संख्यातगुणे हैं, 4. ऊध्र्वलोक में (उनसे) संख्यातगुणे हैं, 5. अधोलोक में (उनसे) संख्यातगुणे हैं (और उनसे भी) 6. तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं। -चौवीसवाँ (क्षेत्र) द्वार // 24 // Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org