________________ 472] [प्रज्ञापनासूत्र [] जति बेइंदियतिरिक्खजोणिएहितो उववज्जंति कि पज्जत्तयबेइंदिरहितो उववज्जति ? अपज्जत्तयबेइंदिएहितो उववज्जंति ? गोयमा ! दोहितो वि उववज्जति / [650.8 प्र.] (भगवन् ! ) यदि द्वीन्द्रिय तिर्यञ्चयोनिकों से (पाकर) वे (एकेन्द्रिय जीव) उत्पन्न होते हैं तो क्या पर्याप्त द्वीन्द्रिय तिर्यञ्चों से उत्पन्न होते हैं या अपर्याप्त द्वीन्द्रिय तिर्यञ्चों से उत्पन्न होते हैं ? [650.8 उ.] गौतम ! (वे उपर्युक्त) दोनों से भी उत्पन्न होते हैं। [6] एवं तेइंदिय-चरिदिएहितो वि उववज्जंति / [650-9] इसी प्रकार त्रीन्द्रिय और चतुरिन्द्रिय तिर्यञ्चयोनिकों से भी (वे) उत्पन्न होते हैं। [10] जति पंचेंदियतिरिक्खजोणिएहितो उववज्जति कि जलयरपंचेंदियहितो उववज्जति ? एवं जेहितो नेरइयाणं उववानो भणितो तेहितो एतेसि पि भाणितब्बो। नवरं पज्जत्तगअपज्जत्तहितो वि उववज्जति, सेसं तं चेव / [650-10 प्र.] (भगवन् !) यदि (वे) पंचेन्द्रिय तिर्यग्योनिकों से उत्पन्न होते हैं, तो क्या जलचर पंचेन्द्रिय-तिर्यञ्चों से उत्पन्न होते हैं (या अन्य स्थलचर आदि पंचेन्द्रिय तिर्यञ्चों से उत्पन्न होते हैं ?) [650-10 उ.] (गौतम ! ) एवं जिन-जिन से नरयिकों के उपपात के विषय में कहा है, उन-उन से इनका (पृथ्वीकायिकों से लेकर वनस्पतिकायिकों तक का) भी उपपात कह देना चाहिए। विशेष यह है कि पर्याप्तकों और अपर्याप्तकों से भी उत्पन्न होते हैं / शेष (सब निरूपण) पूर्ववत् समझना चाहिए। [11] जति मणुस्सेहितो उववज्जति कि सम्मुच्छिममणूसे हितो उववज्जति ? गम्भवक्कतियमसेहितो उववज्जति ? गोयमा ! दोहितो वि उववजंति / __ [650-11 प्र. (भगवन् ! ) यदि (वे) मनुष्यों से उत्पन्न होते हैं तो क्या सम्मूच्छिम मनुष्यों से उत्पन्न होते हैं या गर्भज मनुष्यों से उत्पन्न होते हैं ? {650-11 उ.] गौतम ! पृथ्वीकायिक दोनों (सम्मूच्छिम और गर्भज) से उत्पन्न होते हैं। - [12] जति गम्भवक्कंतियमणूसेहितो उववज्जति किं कम्मभूमगगब्भवक्कंतियमसेहितो उववज्जति ? अकम्मभूमगगभवक्कंतियमणूसेहितो उववजंति ? सेसं जहा नेरइयाणं (सु. 636 [4-26]) / नवरं अपज्जतहितो वि उववज्जति / [650-12 प्र.) (भगवन् ! ) यदि गर्भज मनुष्यों से (नाकर) उत्पन्न होते हैं तो क्या कर्मभूमिज गर्भज मनुष्यों से उत्पन्न होते हैं अथवा अकर्मभूमिज गर्भज मनुष्यों से उत्पन्न होते हैं ? Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org