Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Stahanakvasi
Author(s): Shyamacharya, Madhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
View full book text
________________ 224] [प्रज्ञापनासूत्र __ अथवा १–एक आहारकशरीरकायप्रयोगी, एक आहारकमिश्रशरीरकायप्रयोगी और एक कार्मणशरीरकायप्रयोगी होता है; अथवा २–एक आहारकशरीरकायप्रयोगी, एक आहारक मिश्रशरीरकायप्रयोगी और अनेक कार्मणशरीरकायप्रयोगी होते हैं; अथवा ३–एक आहारकशरीरकायप्रयोगी, अनेक आहारकमिश्रशरीरकाय प्रयोगी और एक कार्मणशरीरकायप्रयोगी होता है; अथवा ४-एक आहारकशरीरकायप्रयोगी, अनेक आहारकमिश्रशरीरकायप्रयोगी और अनेक कार्मणशरीरकायप्रयोगी होते हैं; अथवा ५---अनेक ग्राहारकशरीरकायप्रयोगी, एक आहारकमिश्रशरीरकायप्रयोगी और एक कार्मणशरीरकायप्रयोगी होता है; अथवा ६–अनेक आहारकशरीर कायप्रयोगी, एक आहारकमिश्रशरीरकायप्रयोगी और अनेक कार्मणशरीरकायप्रयोगी होते हैं; अथवा 7 --अनेक आहारकशरीरकायप्रयोगी, अनेक आहारकमिश्रशरीरकायप्रयोगी और एक कार्मणशरीरकायप्रयोगी होता है, अथवा 8. अनेक प्राहारकशरीरकायप्रयोगो, अनेक प्राहारकमिश्रशरीरकायप्रयोगी और अनेक कार्मणशरीरकायप्रयोगी होते हैं / इस प्रकार त्रिकसंयोग से ये चार अष्टभंग होते हैं / ये सब मिलकर कुल बत्तीस भग जान लेने चाहिए // 32 // अथवा एक औदारिक मिश्रशरीरकायप्रयोगी एक आहारकशरीरकायप्रयोगी, एक अाहारक मिश्रशरीरकायप्रयोगी और एक कार्मणशरीरकायप्रयोगी होता है, अथवा 2. एक औदारिकमिश्रशरीरकायप्रयोगी, एक आहारकशरीरकायप्रयोगी, एक आहारकमिश्रशरीरकायप्रयोगी और अनेक कार्मणशरीरकायप्रयोगी होते हैं, अथवा 3. एक औदारिक मिश्रशरीरकायप्रयोगी, एक आहारक शरीरकायप्रयोगी अनेक आहारकमिश्रशरीरकायप्रयोगी और एक कार्मणशरीरकायप्रयोगी होता है, अथवा 4. एक औदारिकमिश्रशरीरकायप्रयोगी, एक आहारक शरीरकायप्रयोगी, अनेक आहारक मिश्रशरीरकायप्रयोगी और अनेक कार्मणशरीरकायप्रयोगी होते हैं, अथवा 5. एक औदारिकमिश्रशरीरकायप्रयोगी, अनेक आहारकशरीरकायप्रयोगी, एक आहारकमिश्रशरीरकायप्रयोगी और एक कार्मणशरीरकायप्रयोगी होता है, अथवा 6. एक औदारिकमिश्रशरीरकायप्रयोगी, अनेक आहारक शरीरकायप्रयोगी, एक आहारकमिश्रशरीरकायप्रयोगी और अनेक कार्मणशरीरकायप्रयोगी होते हैं अथवा 7. एक प्रौदारिकमिश्रशरीरकायप्रयोगी, अनेक आहारकशरीरकायप्रयोगी, अनेक आहारक मिश्रशरीरकायप्रयोगी और एक कार्मणशरीरकायप्रयोगी होता है, अथवा 8. एक औदारिकमिश्रशरीरकायप्रयोगी, अनेक आहारकशरीरकायप्रयोगी, अनेक आहारकमिश्रशरीरकायप्रयोगी और अनेक कार्मणशरीरकायप्रयोगी होते हैं अथवा 9. अनेक प्रौदारिकमिश्रशरीरकायप्रयोगी, एक आहारक शरीरकायप्रयोगी, एक आहारकमिश्रशरोरकायप्रयोगी, और एक कार्मणशरीरकायप्रयोगी होता है, 10. अथवा अनेक औदारिकमिश्रशरीरकायप्रयोगो, एक आहारकशरीरकायप्रयोगी, एक आहारक मिश्र-शरीरकायप्रयोगी और अनेक कार्मणशरीरप्रयोगी होते हैं, 11. अथवा अनेक औदारिक मिश्रशरीरकाय-प्रयोगी एक आहारकशरीरकायप्रयोगी, अनेक आहारकमिश्रशरीरकायप्रयोगी और एक कार्मणशरीरकायप्रयोगी होता है, अथवा 12. अनेक प्रौदारिकमिश्रशरीरकाय-प्रयोगी एक आहारकशरीरकायप्रयोगी, अनेक आहारक-मिश्र-शरीरकाय-प्रयोगी, और अनेक कार्मणशरीर कायप्रयोगी होते हैं, अथवा 13. अनेक प्रौदारिक-मिश्रशरीरकायप्रयोगी, अनेक आहारकशरीरकाय प्रयोगी, एक आहारकमिश्रशरीरकायप्रयोगी और एक कार्मणशरीरकायप्रयोगी होता है, अथवा 14. अनेक औदारिकमिश्रशरीरकायप्रयोगी, अनेक आहारकशरीरकायप्रयोगी, एक आहारक मिश्रशरीरकायप्रयोगी और अनेक कार्मणशरीरकायप्रयोगी होते हैं, अथवा 15. अनेक औदारिक मिश्रशरीरकाय-प्रयोगी, अनेक आहारकशरीरकायप्रयोगी, अनेक पाहारकमिश्रशरीरकायप्रयोगी और Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org