________________ [प्रज्ञापनासूत्र गोयमा ! णो सुहुमवाउक्काइयगिदियवेउब्धियसरीरे, बायरवाउक्काइयएगिदियवेउन्वियसरोरे। [1515-2 प्र.] (भगवन् ! ) यदि वायुकायिक-एकेन्द्रियों के वैक्रिय शरीर होता है, तो क्या सूक्ष्मवायुकायिक एकेन्द्रिय के होता है, अथवा बादर-वायुकायिक-एकेन्द्रिय के होता है ? {उ.] गौतम ! सूक्ष्म वायुकायिक एकेन्द्रिय के वैक्रिय शरीर नहीं होता; (किन्तु) बादरवायुकायिक एकेन्द्रिय के वैक्रियशरीर होता है / [3] जदि बादरवाउक्काइयएगिदियवेउब्वियसरीरे कि पज्जत्तबायरवाउक्काइयएगिदियवेउब्वियसरीरे अपज्जत्तबायरवाउक्काइयएगिदियवेउब्वियसरीरे ? गोयमा ! पज्जत्तबादरवाउक्काइयएगिदियवेउब्धियसरीरे णो अपज्जत्तबादरवाउक्काइयएगिदियवेउब्वियसरीरे। [1515-3 प्र.] (भगवन् ! ) यदि बादर वायुकायिक एकेन्द्रिय के वैक्रिय शरीर होता है तो क्या पर्याप्त-बादर-बायकायिक-एकेन्द्रिय के वैक्रियशरीर होता है, अथवा अपर्याप्त-बादर-वायूकायिक-एकेन्द्रिय के होता है ? [उ.] गौतम ! पर्याप्त-बादर-वायुकायिक-एकेन्द्रियों के वैक्रिय शरीर होता है, अपर्याप्तबादर-वायुकायिक एकेन्द्रियों के वैक्रियशरीर नहीं होता। 1516. जदि पंचेंदियवेउब्वियसरीरे कि रइयपंचेंदियवेउब्वियसरीरे जाव कि देवपंचेंदियवेउब्वियसरीरे? गोयमा ! जेरइयपंचेंदियवेउब्वियसरीरे वि जाव देवपंचेंदियवेउदिवयसरीरे वि / [1516-1 प्र.] (भगवन्! ) यदि पंचेन्द्रियों के बैंक्रियशरीर होता है, तो क्या नारक पंचेन्द्रिय के वैक्रियशरीर होता है अथवा यावत् देव पंचेन्द्रिय के वैक्रियशरीर होता है ? [उ.| गौतम ! नारक-पंचेन्द्रियों के भी क्रियशरीर होता है और यावत् देवपंचेन्द्रियों के भी वैक्रिय रीर होता है / 1517. [1] जदि रइयपंचेंदियवेउब्वियसरीरे कि रयणप्पभापुढविणेरइयपंचेंदियवे उब्वियसरीरे जाव कि अहेसत्तमापुढविणेरइयपंचेंदियवेउब्वियसरीरे ? गोयमा ! रयणप्पभापुढविणेरइयपंचेंदियवेउब्वियसरीरे वि जाव अहेसत्तमापुढविणेरइयपंचेंदियवेउन्वियसरीरे वि। [1517-1 प्र.] (भगवन् ! ) यदि नारक-पंचेन्द्रियों के वैक्रयशरीर होता है, तो क्या रत्नप्रभा-पृथ्वी के नारक-पंचेन्द्रियों के वैक्रियशरीर होता है अथवा यावत् अधःसप्तम पृथ्वी के नारकपंचेन्द्रियों के वैक्रियशरोर होता है ? [उ.| गौतम ! रत्नप्रभा-पृथ्वी के नारक-पंचेन्द्रियों के भी वैक्रियशरीर होता है और यावत् अधःसप्तमपृथ्वी के नैरयिक-पंचेन्द्रियों के भी वैक्रियशरीर होता है / Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org