________________ [प्रज्ञापनासूत्र [3] जदि संखेज्जवासाउयगम्भवतियतिरिषखजोणियपंचेंदियवेउब्वियसरीरे किं पज्जत्तगसंखेज्जवासाउयगम्भवपकंतियतिरिवखजोणियपंचेंदियदेउस्वियसरीरे अपज्जत्तगसंखेज्जवासाउयगभवपतियतिरिक्खजोणियपंचेंदियवेउब्वियसरीरे? गोयमा ! पज्जत्तगसंखेज्जवासाउयगन्भवतियतिरिक्खजोणियपंचेंदियवेउध्वियसरीरे, णो अपज्जत्तगसंखेज्ज वासाउयगन्भवतियतिरिवखजोणियपंचेंदियवेउस्वियसरीरे / [1518-3 प्र. (भगवन् ! ) यदि संख्यात वर्ष की आयु वाले गर्भज-तियञ्च-योनिक पंचेन्द्रियों के वैनियशरीर होता है, तो क्या पर्याप्तक-संख्यात-वर्षायुष्क-गर्भज-तिर्यञ्चपंचेन्द्रियों के वैक्रियशरीर होता है अथवा अपर्याप्तक-संख्यातवर्षायुष्क गर्भज-तिर्यञ्च-पंचेन्द्रियों के वैक्रियशरीर होता है ? [उ.] गौतम ! पर्याप्तक-संख्यातवर्षायुष्क-गर्भज-तिर्यञ्च-पंचेन्द्रियों के वैक्रियशरीर होता है, किन्तु अपर्याप्तक-संख्यातवर्षायुष्क-गर्भज-तिर्यञ्च-पञ्चेन्द्रियों के वैक्रियशरीर नहीं होता। [4] जदि संखेज्जवासाउयगम्भवतियतिरिक्खजोणियपंचेंदियवेउब्वियसरीरे कि जलयरसंखेज्जवासाउयगब्भवतियतिरिक्खजोणियपंचेंदियवेउव्वियसरीरे थलयरसंखेज्जवासाउयगम्भवतियतिरिक्खजोणियपंचेंदियवेउब्वियसरीरे खयरसंखेज्जवासाउयगब्भवतियतिरिक्खजोणियपंचे दियवेउव्वियसरीर ? गोयमा! जलयरसंखेज्जवासाउयगम्भवक्कंतियतिरिक्खजोणियपंचेंदियवेउध्वियसरीरे वि, थलयरसंखेज्जवासाउयगम्भववतियतिरिक्खजोणियपंचेंदियवेउब्वियसरीरे वि, खयरसंखेज्जवासाउयमम्भवक्कतियतिरिक्खजोणियपंचेंदियवेउव्वियसरीरे वि / [1518-4 प्र. (भगवन् ! ) यदि संख्यातवर्षायुष्क-गर्भज-तिर्यञ्चयोनिक-पंचेन्द्रियों के वैक्रियशरीर होता है तो क्या जलचर-संख्यातवर्षायक-गर्भज-तिर्यञ्चयोनिकपचेन्द्रियों के वैत्रियशरीर होता है, स्थलचर-संख्यातवर्षायुष्क-गर्भज-तिर्यञ्चयोनिक-पंचेन्द्रियों के वैक्रियशरीर होता है अथवा खेचर-संख्यातवर्षायुष्क-गर्भज-तिर्यञ्चयोनिकपंचेन्द्रियों के वैक्रियशरीर होता है ? उ.] गौतम ! जलचर-संख्यातवर्षायुष्क-गर्भज-तिर्यञ्च-पंचेन्द्रियों के भी वक्रियशरोर होता थलचर-संख्यातवर्षायूष्क-गर्भज-तिर्यञ्चयोनिक-पंचेन्द्रियों के भी वैक्रियशरीर होता है तथा खेचरसंख्यात-वर्षा यष्क-गर्भज-तिर्यञ्चयोनिक-पंचेन्द्रियों के भी वैक्रियशरीर होता है। [5] जदि जलयरसंखेज्जवासाउयगन्भवतियतिरिक्खजोणियपंचेंदियवेउब्वियसरीरे कि पज्जत्तगजलयरखेज्जवासाउयगन्भवतियतिरिक्खजोणियपंचेंदियवेउव्वियसरीरे अपज्जत्तगजलयारसंखेज्जवासाउयगन्भवतियतिरिक्ख जोणियपंचेंदियवेउब्धियसरीरे। गोयमा ! पज्जत्तगजलयरसंखेज्जवासाउयगब्भवक्कंतियतिरिक्खजोणियपंचेंदियवेउब्वियसरीरे णो अपज्जत्तगजलयरसंखेज्जवासाउयगम्भवक्कंतियतिरिक्खजोणियपंचेंदियवेउब्वियसरीरे। [1518-5 प्र.] (भगवन् ! ) यदि जलचर-संख्यातवर्षायुष्क-गर्भज-लियञ्चयोनिकपचेन्द्रियों के वैक्रियशरीर होता है तो क्या पर्याप्तक-जलचर-संख्यात वर्षायुष्क गर्भज-तिर्यञ्चयोनिक-पंचेन्द्रियों के वैक्रिय शरीर होता है अथवा अपर्याप्तक-जलचर-संख्यातवर्षायुष्क-गर्भज-तिर्यञ्चयोनिक पंचेन्द्रियों के वैक्रियशरीर होता है ? Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org