________________ 478] [प्रज्ञापनासून [662.1 उ.] गौतम ! (वे) नैरयिका से उत्पन्न नहीं होते, तिर्यञ्चयोनिकों से भी उत्पन्न नहीं होते, (किन्तु) मनुष्यों से उत्पन्न होते हैं / देवों से (उत्पन्न) नहीं (होते / ) [2] जति मणुस्सेहितो उववज्जति किं सम्मुच्छिममणुस्सेहितो गम्भवक्कंतियमणुस्सेहितो उववज्जंति ? गोयमा ! गम्भवक्कंतियमणुस्सेहितो उववजंति, नो सम्मुच्छिममणस्सेहितो। 662-2 प्र.] (भगवन् ! ) यदि (वे) मनुष्यों से उत्पन्न होते हैं, तो क्या सम्मूच्छिम मनुष्यों से उत्पन्न होते हैं, (अथवा) गर्भज मनुष्यों से उत्पन्न होते हैं ? [662-2 उ.] गौतम ! (वे आनत देव) गर्भज मनुष्यों से उत्पन्न होते हैं, किन्तु सम्मूच्छिम मनुष्यों से उत्पन्न नहीं होते। [3] जति गम्भवतियमणुस्सेहितो उववज्जति कि कम्मभूमगेहितो उववज्जति ? अकम्मभूमगेहितो उववज्जति ? अंतरदीवहितो उववज्जति ? गोयमा ! कम्मभूमगगब्भवक्कंतियमणूसेहितो उववज्जति, नो प्रकम्मभूमगेहितो उववज्जंति, नो अंतरदोवहितो। [662-3 प्र. (भगवन् ! ) यदि (वे) गर्भज मनुष्यों से उत्पन्न होते हैं तो क्या कर्मभूमिक गर्भज मनुष्यों से उत्पन्न होते हैं, (या) अकर्मभूमिक गर्भज मनुष्यों से उत्पन्न होते हैं, (अथवा) अन्तर्वीपज गर्भज मनुष्यों से उत्पन्न होते हैं ? [662-3 उ.] गौतम ! (वे) कर्मभूमिक गर्भज मनुष्यों से उत्पन्न होते हैं, किन्तु न तो अकर्मभूमिक गर्भज मनुष्यों से उत्पन्न होते हैं और न अन्तर्वीपज गर्भज मनुष्यों से उत्पन्न होते हैं / [4] जइ कम्मभूमगगभवतियमणुस्सेहितो उववज्जति कि संखेज्जवासाउएहितो उववज्जति ? असंखेज्जवासाउहितो उबवज्जंति ? / गोयमा ! संखेज्जवासाउएहितो, नो असंखेज्जवासाउएहितो उववज्जति / [662-4 प्र. (भगवन्) यदि (वे) कर्मभूमिक गर्भज मनुष्यों से उत्पन्न होते हैं, तो क्या संख्यात वर्ष की आयुवाले कर्मभूमिक गर्भज मनुष्यों से उत्पन्न होते हैं, या असंख्यात वर्ष की आयु वाले कर्मभूमिक गर्भज मनुष्यों से उत्पन्न होते हैं ? [662-4 उ.] गौतम ! (वे) संख्यात वर्ष की आयु वाले कर्मभूमिक-गर्भज मनुष्यों से उत्पन्न होते हैं, किन्तु असंख्यात वर्ष की आयु वाले कर्मभूमिक गर्भज मनुष्यों से उत्पन्न नहीं होते। [5] जति संखेज्जवासाउयकम्मभूमगगम्भवक्कंतियमणुस्सेहितो उववज्जति कि पज्जत्तएहितो अपज्जत्तएहितो उबवज्जंति ? गोयमा ! पज्जत्तगसंखेज्जवासाउयकम्मभूमगगम्भवक्कंतियमणसेहितो उववजंति, णो अपज्जत्तएहितो। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org