Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Stahanakvasi
Author(s): Shyamacharya, Madhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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________________ [ 267 तृतीय बहुवक्तव्यतापद . [311] क्षेत्र के अनुसार 1. सबसे कम अप्कायिक-अपर्याप्तक जीव ऊर्ध्वलोक-तिर्यक्लोक में हैं, 2. (उनकी अपेक्षा) अधोलोक-तिर्यक्लोक में विशेषाधिक हैं, 3. (उनसे) तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं, 4. (उनकी अपेक्षा) त्रैलोक्य में असंख्यातगुणे हैं, 5. (उनसे) ऊर्ध्वलोक में असंख्यातगुणे हैं और 6. अधोलोक में (उनकी अपेक्षा भी) विशेषाधिक हैं / ___312. खत्ताणुवाएणं सम्वत्थोवा पाउकाइया पज्जत्तया उड्ढलोयतिरिलोए 1, अधेलोयतिरियलोए विसेसाधिया 2, तिरियलोए असंखज्जगुणा 3, तेलोक्के असंख ज्जगुणा 4, उड्ढलोए प्रसंखज्जगुणा 5, अधेलोए विसेसाहिया 6 / [312] क्षेत्र की अपेक्षा से 1. अप्कायिक-पर्याप्त जीव ऊर्ध्वलोक-तिर्यक्लोक में सबसे कम हैं, 2. (उनकी अपेक्षा) अधोलोक-तिर्यक्लोक में विशेषाधिक हैं, 3. (उनसे) तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं, 4. (उनको अपेक्षा)ऊवलोक में असंख्यागुणे हैं, 5. (उनसे) त्रैलोक्य में असंख्यातगुणे हैं, 6. और (उनसे भी) अधोलोक में विशेषाधिक हैं। 313. खत्ताणुवाएणं सवस्थोवा तेउकाइया उड्ढलोयतिरियलोए 1, अधेलोयतिरियलोए विसे साहिया 2, तिरियलोए असंखज्जगुणा 3, तेलोक्के असंखज्जगुणा 4, उड्ढलोए असंख ज्जगुणा 5, अधेलोए विसेसाहिया 6 / [313] क्षेत्र की अपेक्षा से 1. तेजस्कायिक जीव सबसे कम अवलोक-तिर्यक्लोक में हैं, 2. (उनकी अपेक्षा) अधोलोक-तिर्यक्लोक में विशेषाधिक हैं, 3. (उनसे) तिर्यक्लोक में असंख्यात. गुणे हैं, 4. (उनकी अपेक्षा) त्रैलोक्य में असंख्यातगुणे हैं, 5. ऊर्ध्वलोक में (उनसे) असंख्यातगुणे हैं, और 6. अधोलोक में (उनसे भी) विशेषाधिक हैं। 314. खेत्ताणुवाएणं सव्वत्योवा तेउकाइया अपज्जत्तया उड्ढलोयतिरियलोए 1, अधेलोयतिरियलोए विसेसाहिया 2, तिरियलोए असंखज्जगुणा 3, तेलोक्के असंखज्जगुणा 4, उड्ढलोए असंखज्जगुणा 5, अधेलोए विसेसाधिया 6 / [314] क्षेत्र की अपेक्षा से 1. सबसे अल्प तेजस्कायिक-अपर्याप्तक जीव ऊर्ध्वलोक-तिर्यक्लोक में हैं, 2. अधोलोक-तिर्यक्लोक में (उनसे) विशेषाधिक हैं, 3. तिर्यक्लोक में (उनकी अपेक्षा) असंख्यातगुणे हैं, 4. त्रैलोक्य में (इनसे) असंख्येयगुणे हैं, 5. ऊर्ध्वलोक में (इनसे) असंख्यातगुणे हैं, 6. और (इनकी अपेक्षा भी) विशेषाधिक अधोलोक में हैं। ___315. खेत्ताणुवाएणं सम्वत्थोवा तेउक्काइया पज्जत्तया उड्ढलोयतिरियलोए 1, अधेलोयतिरियलोए विसेसाहिया 2, तिरियलोए प्रसंखज्जगुणा 3, तेलोक्के असंखज्जगुणा 4, उड्ढलोए असंखज्जगुणा 5, अधेलोए विसेसाहिया 6 / [315] क्षेत्र की अपेक्षा से 1. सबसे कम तेजस्कायिक-पर्याप्तक जीव ऊर्ध्वलोक-तिर्यक्लोक में हैं, 2. (उनकी अपेक्षा) अधोलोक-तिर्यक्लोक में विशेषाधिक हैं, 3. तिर्यक्लोक में (उनसे) असंख्यातगुणे हैं, 4. त्रैलोक्य में (उनकी अपेक्षा) असंख्यातगुणे हैं, 5. (उनको अपेक्षा) ऊर्ध्वलोक में असंख्यातगुणे हैं और (उनकी अपेक्षा भी) 6. अधोलोक में विशेषाधिक हैं / Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org