________________ [प्रज्ञापनासूत्र गोयमा ! जलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिएहितो वि उववज्जति, थलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिहितो वि उववज्जंति, खहयरपंचेंदितिरिक्खजोणिएहितो वि उववति / [639-3 प्र.] भगवन् ! यदि (नैरयिक) पंचेन्द्रियतिर्यञ्चयोनिकों से उत्पन्न होते हैं तो क्या वे जलचर पंचेन्द्रियतिर्यञ्चयोनिकों से उत्पन्न होते हैं ? स्थलचरपंचेन्द्रियतिर्यञ्चयोनिकों से उत्पन्न होते हैं ? , (अथवा) खेचर पञ्चेन्द्रियतिर्यञ्चयोनिकों से उत्पन्न होते हैं ? [639-3 उ.] गौतम ! (वे नैरयिक) जलचरपंचेन्द्रियतिर्यग्योनिकों से भी उत्पन्न होते हैं, स्थलचर-पंचेन्द्रिय-तिर्यग्योनिकों से भी उत्पन्न होते हैं और खेचर पंचेन्द्रिय तिर्यग्योनिकों से भी उत्पन्न होते हैं। [4] जइ जलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिएहितो उववज्जति किं सम्मुच्छिमजलयरपंचेंदितिरिक्खजोणिहितो उवयजंति ? गम्भवक्कंतियजलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिएहितो उववज्जति ? गोयमा ! सम्मुच्छिमजलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिएहितो वि उववज्जंति, गम्भवतियजलयरपंचेंदिएहितो वि उववज्जति / [636-4 प्र.] (भगवन् !) यदि (वे नारक) जलचरपंचेन्द्रिय तिर्यञ्चयोनिकों से उत्पन्न होते हैं, तो क्या सम्मूच्छिम जलचर पंचेन्द्रिय-तिर्यग्योनिकों से उत्पन्न होते हैं ? या गर्भज जलचरपंचेन्द्रियतिर्यग्योनिकों से उत्पन्न होते हैं ? [639-4 उ.] गौतम ! (वे) सम्मूच्छिम जलचर पंचेन्द्रिय तिर्यग्योनिकों से भी उत्पन्न होते हैं और गर्भज जलचर पंचेन्द्रिय तिर्यग्योनिकों से भी उत्पन्न होते हैं / [5] जति सम्मुच्छिमजलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिएहितो उववज्जंति कि पज्जत्तयसम्मुच्छिमजलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिहितो उववज्जति ? अपज्जत्तयसम्मुच्छिमजलयरपंचेंदियतिरिक्खजोगिएहितो उववज्जति ? ___ गोयमा ! पज्जत्तयसम्मुच्छिमजलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिएहितो उबवज्जंति, नो अपज्जत्तयसम्मुच्छिमजलयरपंचेंदियतिरिक्खजोंणिएहितो उववज्जति / [636-5 प्र.] (भगवन् ! ) यदि (वे नारक) सम्मूच्छिमजलचरपंचेन्द्रिय-तिर्यग्योनिकों से उत्पन्न होते हैं तो क्या पर्याप्तक सम्मूच्छिमजलचरपंचेन्द्रिय-तिर्यग्योनिकों से उत्पन्न होते हैं अथवा अपर्याप्तक सम्मूच्छिमजलचरपंचेन्द्रियतिर्यग्योनिकों से उत्पन्न होते हैं ? [636-5 उ.] गौतम ! पर्याप्तक सम्मूच्छिमजलचरपंचेन्द्रियतिर्यञ्चयोनिकों से उत्पन्न होते हैं, (किन्तु) अपर्याप्तक सम्मूच्छिमजलचरपंचेन्द्रिय-तिर्यञ्चयोनिकों से उत्पन्न नहीं होते। [6] जति गम्भवतियजलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिएहितो उववज्जति किं पज्जत्तगगम्भवतियजलयरपंचेंदिएहितो उववज्जति ? अपज्जत्तयगमवक्कलियजलयरपंचेंदियेहितो उववज्जति ? गोयमा! पज्जत्तयगम्भवक्कंतियजलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिएहितो उववज्जति, नो अपज्जसगगन्भवतियजलयरपंचेदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववज्जति / Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org