Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Stahanakvasi
Author(s): Shyamacharya, Madhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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________________ 260] [ प्रज्ञापनासूत्र 280. खेताणुवाएणं सव्वत्थोवा मणुस्सा तेलोक्के 1, उडलोयतिरियलोए असंखेज्जगणा 2, अधोलोयतिरियलोए संखेज्जगुणा 3, उडलोए संखेज्जगुणा 4, अधेलोए संखेज्जगुणा 5, तिरियलोए संखेज्जगुणा 6 / __ [280] क्षेत्र के अनुसार 1. सबसे थोड़े मनुष्य त्रैलोक्य में , 2. (उनसे) ऊर्ध्वलोकतिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं, 3. (उनसे) अधोलोक-तिर्यक्लोक में संख्यातगुणे हैं, 4. (उनसे) ऊर्ध्वलोक में संख्यातगुणे हैं, 5. (उनसे) अधोलोक में संख्यातगुणे हैं, 6. (और उनसे भी) तिर्यक्लोक में संख्यातगुणे हैं। 281. खेत्ताणवाएणं सव्वस्थोवानो मणुस्सीनो तेलोक्के 1, उडलोयतिरियलोए संखेज्जगुणाओ 2, प्रधेलोयतिरियलोए संखेज्जगुणानो 3, उडलोए संखेज्जगुणानो 4, अधेलोए संखेज्जगुणाओ 5, तिरियलोए संखेज्जगुणानो 6 / [281] क्षेत्र के अनुसार 1. सबसे थोडी मनुष्यस्त्रियाँ (नारियाँ) त्रैलोक्य में हैं, 2. ऊर्ध्वलोक-तिर्यक्लोक में संख्यातगुणी हैं, 3. (उनसे) अधोलोक-तिर्यक्लोक में संख्यातगुणी हैं, 4. (उनसे) ऊर्ध्वलोक में संख्यातगुणी हैं, 5. (उनसे) अधोलोक में संख्यातगुणी हैं, 6. (और उनसे भी) तिर्यक्लोक में संख्यातगुणी हैं। 282. खेत्ताणुवाएणं सम्वत्थोवा देवा उडलोए 1, उड्ढलोयतिरियलोए असंखेज्जगुणा 2, तेलोक्के संखेज्जगुणा 3, अधेलोयतिरियलोए संखेज्जगुणा 4, अधेलोए संखेज्जगुणा 5, तिरियलोए संखेज्जगुणा 6 / [282] क्षेत्र के अनुसार 1. सबसे थोड़े देव ऊर्वलोक में हैं, 2. (उनसे) असंख्यातगुणे ऊर्ध्वलोक-तिर्यक्लोक में हैं, 3. (उनसे) त्रैलोक्य में संख्यातगुणे हैं, 4. (उनसे) अधोलोक-तिर्यक्लोक में संख्यातगुणे हैं, 5. (उनसे) अधोलोक में संख्यातगुणे हैं, 6. (और उनसे भी) तिर्यक्लोक में संख्यातगुणे हैं। 283. खेत्ताणुवाएणं सम्वत्थोवानो देवीलो उड्ढलोए 1, उड्ढलोयतिरियलोए असंखेज्जगुणासो 2, तेलोक्के संखेज्जगुणासो 3, अधेलोयतिरियलोए संखेज्जगुणाओ 4, अधेलोए संखेज्जगुणानो 5, तिरियलोए संखेज्जगुणासो 6 / [283] क्षेत्र के अनुसार 1. सबसे कम देवियाँ ऊर्ध्वलोक में हैं, 2. (उनसे) असंख्यागुणी ऊर्ध्वलोक-तिर्यक्लोक में हैं, 3. (उनसे) त्रैलोक्य में संख्यातगुणी हैं, 4. (उनसे) अधोलोकतिर्यक्लोक में असंख्यातगुणी हैं, 5. (उनसे) अधोलोक में संख्यातगणी हैं, 6. (और उनसे भी) तिर्यक्लोक में संख्यातगुणी हैं। 284. खेत्ताणुवाएणं सम्वत्थोवा भवणवासी देवा उड्ढलोए 1, उड्ढलोयतिरियलोए प्रसंखेज्जगुणा 2, तेलोक्के संखेज्जगुणा 3, अधेलोयतिरियलोए असंखेज्जगुणा 4, तिरियलोए असंखेज्जगुणा 5, अधोलोए असंखेज्जगुणा 6 / Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org