Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Stahanakvasi
Author(s): Shyamacharya, Madhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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________________ तृतीय बहुवक्तव्यतापद ] [ 269 [24] क्षेत्रानुसार 1. सबसे थोड़े भवनवासी देव ऊर्ध्वलोक में हैं, 2. (उनसे) ऊर्ध्वलोक-तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं, 3. (उनसे) त्रैलोक्य में संख्यातगुणे हैं, 4. (उनसे) अधोलोक-तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं, 5. (उनसे) तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं, 6. (और उनसे भी) अधोलोक में असंख्यातगुणे हैं। 285. खेत्ताणुवाएणं सम्वत्थोवानो भवणवासिणीनो देवीप्रो उड्ढलोए 1, उड्ढलोयतिरियलोए प्रसंखेज्जगुणालो 2, तेलोक्के संखेज्जगुणाओ 3, अधोलोयतिरियलोए असंखेज्जगुणाश्रो 4, तिरियलोए प्रसंखेज्जगुणामो 5, अधोलोए असंखेज्जगुणासो 6 / [285] क्षेत्र के अनुसार 1. सबसे थोड़ी भवनवासिनी देवियाँ ऊर्ध्वलोक में हैं, 2. (उनसे) ऊर्ध्वलोक-तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणी हैं, 3. (उनसे) त्रैलोक्य में संख्यातगुणी हैं, 4. (उनसे) अधोलोक-तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणी हैं, 5. (उनसे) तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणी हैं, 6. (और उनसे भी) अधोलोक में असंख्यातगुणी हैं। 286. खेत्ताणुवाएणं सव्वत्योवा वाणमंतरा देवा उड्ढलोए 1, उड्ढलोयतिरियलोए असंखेज्जगुणा 2, तेलोषके संखेज्जगुणा 3, अधोलोयतिरियलोए प्रसंखेज्जगुणा 4, पहेलोए संखेज्जगुणा 5, तिरियलोए संखेज्जगुणा 6 / / [286] क्षेत्र के अनुसार 1. सबसे अल्प वाणव्यन्तर देव ऊर्ध्वलोक में हैं, 2. (उनसे) ऊर्ध्वलोक-तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं, 3. (उनसे) त्रैलोक्य में संख्यातगुणे हैं, 4. (उनसे) अधोलोक-तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं, 5. (उनसे) अधोलोक में संख्यातगुणे हैं, 6. (और उनसे भी) तिर्यक्लोक में संख्यातगुणे हैं। 287. खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवानो वाणमंतरीमो वेवीप्रो उड्ढलोए 1, उड्ढलोयतिरियलोए असंखिज्जगुणाश्रो 2, तेलोक्के संखिज्जगणाप्रो 3, प्रधोलोयतिरियलोए असंखिज्जगुणाम्रो 4, अधोलोए संखिज्जगुणानो 5, तिरियलोए संखिज्जगुणासो 6 / [287] क्षेत्रानुसार 1. सबसे थोड़ी वाणव्यन्तर देवियाँ ऊर्ध्वलोक में हैं, 2. (उनसे) ऊर्ध्वलोक-तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणी हैं, 3. (उनसे) त्रैलोक्य में संख्यातगुणी हैं, 4. (उनसे) अधोलोक-तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणी हैं, 5. (उनसे) अधोलोक में संख्यातगुणी हैं, 6. (उनसे भी) तिर्यक्लोक में संख्यातगुणी हैं / 288. खेत्ताणुवाएणं सम्वत्थोवा जोइसिया देवा उड्ढलोए 1, उड्ढलोयतिरियलोए असंखेज्जगुणा 2, तेलोक्के संखेज्जगुणा 3, अधेलोयतिरियलोए असंखेज्जगुणा 4, प्रधेलोए संखेज्जगुणा 5, तिरियलोए प्रसंखेज्जगुणा 6 / [288] क्षेत्र के अनुसार 1. सबसे कम ज्योतिष्क देव ऊर्ध्वलोक में हैं, 2. (उनसे) ऊर्ध्वलोक-तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं, 3. (उनसे) त्रैलोक्य में संख्यातगुणे हैं, 4. (उनसे) अधोलोक-तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं, 5. (उनसे) अधोलोक में संख्यातगुणे हैं, 6. (और उनसे भी) तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं। For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org