________________ तृतीय बहुवक्तव्यतापर] [ 263 [263] क्षेत्र के अनुसार 1. सबसे कम एकेन्द्रिय-अपर्याप्तक जीव ऊर्ध्वलोक-तिर्यक्लोक में हैं, 2. (उनसे) अधोलोक-तिर्यक्लोक में विशेषाधिक हैं, 3. (उनसे) तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं, 4. (उनसे) त्रैलोक्य में असंख्यातगुणे हैं, 5. (उनसे) ऊर्ध्वलोक में असंख्यातगुणे हैं, और 6. (उनसे भी) अधोलोक में विशेषाधिक हैं। ___264. खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा एगिदिया जीवा पज्जत्तगा उड्ढलोयतिरियलोए 1, अधोलोयतिरियलोए विसेसाहिया 2, तिरियलोए असंखेज्जगुणा 3, तेलोक्के असंखेज्जगुणा 4, उड्ढलोए असंखेज्जगुणा 5, अहोलोए विसेसाहिया 6 / [294] क्षेत्र की अपेक्षा से 1. एकेन्द्रिय-पर्याप्तक जीव सबसे थोड़े ऊर्ध्वलोक-तिर्यक्लोक में हैं, 2. (उनसे) अधोलोक-तिर्यक्लोक में विशेषाधिक हैं, 3. (उनसे) तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं, 4. (उनसे) त्रैलोक्य में असंख्यातगुणे हैं, 5. उनसे ऊर्ध्वलोक में असंख्यातगुणे हैं, 6. और (उनसे भी) अधोलोक में विशेषाधिक हैं। 265. खेत्ताणुवाएणं सम्वत्थोवा बेइंदिया उडढलोए 1, उड्ढलोयतिरियलोए असंखेज्जगुणा 2, तेलोक्के असंखेज्जगुणा 3, अधेलोयतिरियलोए असंखेज्जगुणा 4, अधेलोए संखेज्जगुणा 5, तिरियलोए संखेज्जगुणा / [265] क्षेत्र की अपेक्षा से 1. सबसे कम द्वीन्द्रिय जीव ऊर्ध्वलोक में हैं, 2. (उनसे) ऊर्ध्वलोक-तिर्यक्लोक में असंख्यातगुण हैं, 3. (उनसे) त्रैलोक्य में असंख्यातगुणे हैं, 4. (उनसे) अधोलोक-तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं, 5. (उनसे) अधोलोक में संख्यातगुणे हैं, 6. (और उनसे भी) तिर्यक्लोक में संख्यातगुणे हैं / 266. खेत्ताणुवाएणं सम्वत्थोवा बेइंदिया अपज्जतया उड्ढलोए 1, उड्ढलोयतिरियलोए असंखेज्जगुणा 2, तेलोक्के असंखिज्जगुणा 3, अधेलोतिरियलोए प्रसंखिज्जगुणा 4, अधोलोए संखेज्जगुणा 5, तिरियलोए संखेज्जगुणा 6 / [296] क्षेत्र की अपेक्षा से 1. सबसे अल्प द्वीन्द्रिय-अपर्याप्तक जीव ऊर्ध्वलोक में है, 2. (उनसे) ऊर्ध्वलोक-तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं, 3. (उनसे) त्रैलोक्य में असंख्यातगुणे हैं, 4. (उनकी अपेक्षा) अधोलोक-तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं, 5. (उनसे) अधोलोक में संख्यातगुणे हैं, 6. और (उनसे भी) तिर्यक्लोक में संख्यातगुणे हैं / 267. खेत्ताणुवाएणं सम्वत्थोवा बेंदिया पज्जत्तया उड्ढलोए 1, उड्ढलोयतिरियलोए असंखेज्जगुणा 2, तेलोक्के असंखिज्जगुणा 3, अधोलोयतिरियलोए असंखेज्जगुणा 4, अधेलोए संखेज्जगुणा 5, तिरियलोए संखेज्जगुणा 6 / [297] क्षेत्र की अपेक्षा से 1. सबसे थोड़े द्वीन्द्रिय-पर्याप्तक जीव ऊर्ध्वलोक में हैं, 2. (उनसे) ऊर्ध्वलोक-तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं, 3. (उनसे) त्रैलोक्य में असंख्यातगुणे हैं, 4. (उनकी अपेक्षा) अधोलोक-तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं, 5. (उनसे) अधोलोक में संख्यातगुणे हैं। 6. और (उनसे भी) तिर्यक्लोक में संख्यातगुणे हैं। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org