Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Stahanakvasi
Author(s): Shyamacharya, Madhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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________________ 264] [ प्रज्ञापनासूत्र 298. खेत्ताणुवाएणं सम्वत्थोवा तेइंदिया उड्ढलोए 1, उड्ढलोयतिरियलोए असंखेज्जगुणा 2, तेलोक्के असंखेज्जगुणा 3, अधेलोयतिरियलोए असंखेज्जगुणा 4, अधेलोए संखेज्जगुणा 5, सिरियलोए संखेज्जगुणा 6 / [298] क्षेत्र की अपेक्षा से 1. सबसे थोड़े त्रीन्द्रिय ऊर्ध्वलोक में है, 2. (उनसे) ऊर्ध्वलोकतिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं, 3. (उनकी अपेक्षा) त्रैलोक्य में असंख्यातगुणे हैं, 4. (उनसे) अधोलोक-तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं, 5. (उनसे) अधोलोक में संख्यातगुणे हैं, और 6. (उनसे भी) तिर्यक्लोक में संख्यातगुणे हैं। ___266. खेत्ताणुवाएणं सबथोवा तेइंदिया अपज्जत्तगा उड्ढलोए 1, उड्ढलोयतिरियलोए असंखेज्जगुणा 2, तेलोक्के असंखेज्जगुणा 3, अधेलोयतिरियलोए असंखेज्जगुणा 4, अधोलोए संखेज्जगुणा 5, तिरियलोए संखेज्जगुणा 6 / / [299] क्षेत्र की अपेक्षा से 1. सबसे कम त्रीन्द्रिय-अपर्याप्तक जीव ऊर्ध्वलोक में हैं, 2. (उनसे) ऊर्ध्वलोक-तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं, 3. (उनसे) त्रैलोक्य में असंख्यातगुणे हैं, 4. (उनसे) अधोलोक-तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं, 5. (उनसे) अधोलोक में संख्यातगुणे हैं, 6. और (उनकी अपेक्षा भी) तिर्यक्लोक में संख्यातगुणे हैं। 300. खेत्ताणुवाएणं सव्वत्योवा तेइंदिया पज्जत्तगा उड्डलोए 1, उड्डलोयतिरियलोए प्रसंखेज्जगुणा 2, तेलोक्के असंखेज्जगुणा 3, अधेलोयतिरियलोए असंखेज्जगुणा 4, अधेलोए संखेज्जगुणा 5, तिरियलोए संखेज्जगुणा 6 / [300] क्षेत्र की अपेक्षा से 1. सबसे अल्प त्रीन्द्रिय-पर्याप्तक जीव ऊर्ध्वलोक में हैं, 2. (उनसे) ऊर्ध्वलोक-तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं, 3. (उनसे) त्रैलोक्य में असंख्यातगुणे हैं, 4. (उनकी अपेक्षा) अधोलोक-तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं, 5. (उनसे) अधोलोक में संख्यातगुणे हैं, 6. और (उनसे भी) तिर्यक्लोक में संख्यातगुणे हैं / 301. खेत्ताणुवाएणं सम्वत्थोवा चरिदिया जीवा उड्ढलोए 1, उड्ढलोयतिरियलोए असंखेज्जगुणा 2, तेलोक्के असंखेज्जगुणा 3, अधोलोयतिरियलोए असंखेज्जगुणा 4, अधोलोए संखेज्जगुणा 5, तिरियलोए संखेज्जगुणा 6 / [301] क्षेत्र की दृष्टि से 1. सबसे अल्प चतुरिन्द्रिय जीव ऊर्ध्वलोक में हैं, 2. (उनसे) ऊर्ध्वलोक-तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं, 3. (उनसे) त्रैलोक्य में असंख्यातगुणे हैं, 4. (उनसे) अधोलोक-तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं, 5. (उनकी अपेक्षा) अधोलोक में संख्यातगुणे हैं, 6. और (उनसे भी) तिर्यक्लोक में संख्यातगुणे हैं / 302, खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा चरिदिया जीवा अपज्जत्तगा उड्ढलोए 1, उड्ढलोयतिरियलोए असंखेज्जगुणा 2, तेलोक्के असंखेज्जगुणा 3, अधोलोयतिरियलोए असंखेज्जगुणा 4, अधेलोए संखेज्जगुणा 5, तिरियलोए संखेज्जगुणा 6 / Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org