________________ तृतीय बहुवक्तव्यतापद ] [ 233 सूक्ष्म निगोद-पर्याप्तकों, बादर-पर्याप्तकों, बादर-पृथ्वीकायिक-पर्याप्तकों, बादर-अप्कायिक-पर्याप्तकों, बादर-तेजस्कायिक-पर्याप्तकों, बादर-वायुकायिक-पर्याप्तकों, बादर-वनस्पतिकायिक-पर्याप्तकों, प्रत्येकशरीर बादर-वनस्पतिकायिक-पर्याप्तकों, बादर-निगोद-पर्याप्तकों और बादरत्रसकायिक-पर्याप्तकों में से कौन किनसे अल्प, बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक हैं ? [246 उ.] गौतम ! 1. सबसे अल्प बादर तेजस्कायिक-पर्याप्तक हैं, 2. (उनसे) बादर त्रसकायिक-पर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, 3. (उनसे) प्रत्येकशरीर-बादरवनस्पतिकायिक पर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, 4. (उनसे) बादर-निगोद-पर्याप्तक असंख्यातगुण हैं, 5. (उनसे) बादर-पृथ्वीकायिक-पर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, 6. (उनसे) बादर-अप्कायिक-पर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, 7. (उनसे) बादर-वायुकायिक पर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, 8. (उनसे) सूक्ष्म-तेजस्कायिक-पर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, 6. (उनसे) सूक्ष्म पृथ्वोकायिक-पर्याप्तक विशेषाधिक हैं. 10. (उनसे) सूक्ष्मअप्कायिक-पर्याप्तक विशेषाधिक हैं, 11. (उनसे) सूक्ष्म वायुकायिक-पर्याप्तक विशेषाधिक हैं, 12. (उनसे) सूक्ष्म निगोद-पर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, 13. (उनसे) बादरवनस्पतिकायिक-पर्याप्तक अनन्तगुणे हैं, 14. (उनसे) बादर-पर्याप्तक जीव विशेषाधिक हैं, 15. (उनसे) सूक्ष्म वनस्पतिकायिक पर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं (और उनसे भी) 16. सूक्ष्म-पर्याप्तक जीव विशेषाधिक हैं / 250. [1] एएसि गं भंते ! सुहमाणं बादराण य पज्जत्ताऽपज्जत्ताणं कतरे कतरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा! सवयोवा बादरा पज्जत्तगा 1, बादरा अपज्जत्तगा असंखेज्ज गुणा 2, सुहमा अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा 3, सुहुमा पज्जत्तगा संखेज्जगुणा 4 // 250-1 प्र.] भगवन् ! इन सूक्ष्म और बादर जीवों के पर्याप्तकों और अपर्याप्तकों में से कौन किनसे अल्प, बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक हैं ? [250-1 उ.] गौतम ! 1. (इनमें) सबसे थोड़े बादर पर्याप्तक हैं, 2. (उनसे) बादर अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, 3. (उनसे) सूक्ष्म अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं और 4. (उनसे भी) सूक्ष्म पर्याप्तक संख्यातगुणे हैं। [2] एएसि गं भंते ! सुहुमपुढविकाइयाणं बादरपुढविकाइयाण य पज्जत्ताऽपज्जताण य कतरे कतरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा? गोयमा! सम्वत्थोवा बादरपुढविकाइया पज्जत्तगा 1, बादरपुढविकाइया अपज्जतया असंखेज्जगुणा 2, सुहुमपुढविकाइया अपज्जत्तया असंखेज्जगुणा 3, सुहुमपुढविकाइया पज्जत्तया संखेज्जगुणा 4 / [250-2 प्र.] भगवन् ! इन सूक्ष्म पृथ्वीकायिकों और बादर पृथ्वीकायिकों के पर्याप्तकों और अपर्याप्तकों में से कौन किनसे अल्प, बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक हैं ? [250-2 उ.] गौतम ! 1. सबसे थोड़े बादर पृथ्वीकायिक-पर्याप्तक हैं, 2. (उनसे) बादर पृथ्वीकायिक-अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, 3. (उनसे) सूक्ष्म पृथ्वोकायिक-अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं (और उनसे भी) 4. सूक्ष्म पृथ्वीकायिक-पर्याप्तक संख्यातगुणे हैं। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org