________________ 214 [ प्रज्ञापनासूत्र [226 प्र.] भगवन् ! इन इन्द्रियसहित, एकेन्द्रिय, द्वीन्द्रिय, त्रीन्द्रिय, चतुरिन्द्रिय और पंचेन्द्रिय पर्याप्तक जीवों में कौन किनसे अल्प, बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक हैं ? [226 उ.] गौतम ! 1. सबसे कम चतुरिन्द्रिय पर्याप्तक जीव हैं, 2. (उनसे) पंचेन्द्रिय पर्याप्तक जीव विशेषाधिक हैं, 3 (उनसे) द्वीन्द्रिय पर्याप्तक विशेषाधिक हैं, 4. (उनसे) त्रीन्द्रिय पर्याप्तक विशेषाधिक हैं, 5, (उनसे) एकेन्द्रिय पर्याप्तक अनन्तगुणे हैं और 6. उनसे भी इन्द्रियसहित पर्याप्तक जीव विशेषाधिक हैं।। __230. [1] एतेसि णं भंते ! सइंदियाणं पज्जत्ताऽपज्जत्ताणं कतरे कतरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वस्थोवा सइंदिया अपज्जत्तगा, सइंदिया पज्जत्तगा संखेज्जगुणा / [230-1 प्र.] भगवन् ! इन्द्रिययुक्त (सेन्द्रिय) पर्याप्तकों और अपर्याप्तकों में कौन किनसे अल्प, बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक हैं ? [230-1 उ.] गौतम ! सबसे थोड़े सेन्द्रिय अपर्याप्तक हैं, (उनसे) से न्द्रिय पर्याप्तक जीव संख्यातगुणे हैं। [2] एतेसि णं भंते ! एगिदियाणं पज्जत्ताऽपज्जत्ताणं कतरे कतरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा? गोयमा ! सव्वत्थोवा एगिदिया अपज्जत्तगा, एगिदिया पज्जत्तगा संखेज्जगुणा / [230-2 प्र.] भगवन् ! इन एकेन्द्रिय पर्याप्तक और अपर्याप्तक जीवों में कौन किनसे अल्प, बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक हैं ? [230-2 उ.] गौतम ! सबसे अल्प एकेन्द्रिय अपर्याप्तक हैं, (उनसे) एकेन्द्रिय पर्याप्तक संख्यातगुणे हैं। [3] एतेसि णं भंते ! बेंदियाणं पज्जत्ताऽपज्जत्ताणं कतरे कतरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा? गोयमा ! सम्वत्थोवा दिया पज्जत्तगा, बेंदिया अपज्जत्तगा प्रसंखेज्जगुणा / [230-3 प्र.] भगवन् ! इन पर्याप्तक और अपर्याप्तक द्वीन्द्रिय जीवों में कौन किनसे अल्प, बहुत, तुल्य या विशेषाधिक हैं ? [230-3 उ.] गौतम ! सबसे कम द्वीन्द्रिय पर्याप्तक हैं, (उनसे) द्वीन्द्रिय अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं। [4] एतेसि णं भंते ! तेइंदियाणं पज्जत्ताऽपज्जत्ताणं कतरे कतरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सम्वत्थोवा तेंदिया पज्जत्तगा, तेंदिया अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा / Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org