________________ 102 ] [ प्रज्ञापनासूत्र 133. अहवा चरित्तारिया पंचविहा पन्नत्ता / तं जहा-सामाइयचरित्तारिया 1 छेदोवट्ठावणियचरित्तारिया 2 परिहारविसुद्धियचरित्तारिया 3 सुहमसंपरायचरित्तारिया 4 प्रहक्खायचरित्तारिया 5 / [133 प्र.] अथवा-प्रकारान्तर से चारित्रार्य पांच प्रकार के कहे गए हैं। यथा१. सामायिक-चारित्रार्य, 2. छेदोपस्थापनिक-चारित्रार्य, 3. परिहारविशुद्धिक-चारित्रार्य, 4. सूक्ष्मसम्पराय-चारित्रार्य और 5. यथाख्यात-चारित्रार्य / 134. से कि तं सामाइयचरित्तारिया ? सामाइयचरित्तारिया दुविहा पण्णत्ता। तं जहा-इत्तरियसामाइयचरित्तारिया य प्रावकहियसामाइयचरित्तारिया य / से तं सामाइयचरित्तारिया / [134 प्र.] वे [पूर्वोक्त) सामायिक-चारित्रार्य किस प्रकार के हैं ? [134 उ.] सामायिक-चारित्रार्य दो प्रकार के हैं-इत्वरिक सामायिक-चारित्रार्य और यावत्कथिक सामायिक चारित्रार्य / यह हुआ सामायिक-चारित्रार्य का निरूपण / 135. से किं तं छेदोक्ट्ठावणियचरित्तारिया ? छेदोवढावणियचरित्तारिया दुविहा पण्णत्ता। तं जहा-साइयारछेदोवट्ठावणियचरित्तारिया य गिरइयारछेप्रोवट्ठावणियचरित्तारिया य / से तं छेदोवट्ठावणियचरित्तारिया / / / [135 प्र.] छेदोपस्थापनिक-चारित्रार्य किस प्रकार के है ? [135 उ.] छेदोपस्थापनिक-चारित्रार्य दो प्रकार के कहे गए हैं-सातिचार-छेदोपस्थापनिक-चारित्रार्य और निरतिचार-छेदोपस्थापनिक-चारित्रार्य। यह हुआ छेदोपस्थापनिक-चारित्रार्यों का वर्णन / 136. से कि तं परिहारविसुद्धियचरित्तारिया ? परिहारविसुद्धियचरित्तारिया दुविहा पण्णत्ता / तं जहा-निविसमाणपरिहारविसुद्धियचरित्तारिया य निन्विटुकाइयपरिहारविसुद्धियचरित्तारिया य / से तं परिहारविसुद्धियचरित्तारिया। [136 प्र.] परिहारविशुद्धि-चारित्रार्य किस प्रकार के हैं ? [136 उ.] परिहारविशुद्धि-चारित्रार्य दो प्रकार के कहे गए हैं—निविश्यमानक-परिहारविशुद्धि-चारित्रार्य और निर्विष्टकायिक-परिहारविशुद्धि-चारित्रार्य / यह हुआ उक्त परिहारविशुद्धिचारित्रार्यों का वर्णन / 137. से कि तं सुहमसंपरायचरितारिया ? सुहुमसंपरायचरित्तारिया दुविहा पण्णता। तं जहा -संकिलिस्समाणसुहुमसंपरायचरित्तारिया य विसुज्झमाणसुहमसंपरायचरित्तारिया य / से तं सुहमसंपरायचरित्तारिया। [137 प्र.] सूक्ष्मसम्पराय-चारित्रार्य कौन हैं ? Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org