________________ प्रथम प्रज्ञापनापद] [ 91 [गाथार्थ]--(१) अम्बष्ठ', (2) कलिन्द, (3) वैदेहर, (4) वेदग (वेदंग) आदि और (5) हरित एवं (5) चुचुग; ये छह इभ्य (अर्चनीय-माननीय) जातियां हैं / / 118 / / यह हुआ उक्त जात्यार्यों का निरूपण। 104. से कि तं कुलारिया ? कुलारिया छब्विहा पन्नता। तं जहा-उग्गा 1 भोगा 2 राइण्णा 3 इक्खागा 4 णाता 2 कोरवा 6 / सेत्तं कुलारिया। [104 प्र.] कुलार्य कौन-कौन-से हैं ? [104 उ.] कुलार्य छह प्रकार के कहे गए हैं। वे इस प्रकार हैं-(१) उग्र (2) भोग, (3) राजन्य, (4) इक्ष्वाकु, (5) ज्ञात और (6) कौरव्य / यह हुआ उक्त कुलार्यों का निरूपण / 105. से कि तं कम्मारिया ? कम्मारिया अणेगविहा पण्णत्ता। तं जहा-दोस्सिया सोतिया कप्पासिया सुत्तवेयालिया भंडवेयालिया कोलालिया गरदावणिया, जे यावण्णे तहप्पगारा / से तं कम्मारिया। [105 प्र.] कार्य कौन-कौन-से है ? [105 उ.] कार्य अनेक प्रकार के कहे गए हैं। वे इस प्रकार-दोषिक (दूष्यक), सौत्रिक, कार्पासिक, सूत्रवैतालिक, भाण्डवैतालिक, कौलालिक और नरवाहनिक / इसी प्रकार के भो (आर्यकर्म वाले हों, उन्हें कार्य समझना चाहिए)। यह हुई उक्त कार्यों (की प्ररूपणा)। 106. से कि तं सिप्पारिया ? सिप्पारिया प्रणेगविहा पण्णता। तं जहा-तुण्णागा तंतुवाया पट्टगारा देयडा वरणा' छविया कट्ठपाउयारा मजपाउयारा छत्तारा वज्झारा पोस्थारा लेप्पारा चित्तारा संखारा दंतारा भंडारा जिज्झगारा सेल्लगारा कोडिगारा, जे यावऽण्णे तहप्पगारा / से तं सिप्पारिया। [106 प्र.] शिल्पार्य कौन-कौन-से हैं ? [106 उ.] शिल्पार्य (भी) अनेक प्रकार के कहे गए हैं / वे इस प्रकार-तुन्नाक -(रफ्फूगर) दर्जी, तन्तुवाय-जुलाहे, पट्टकार (पटवा), दृतिकार (चमड़े की मशक बनाने वाले), वरण (या वरुट्ट =पिच्छिक-पिछी बनाने वाले), छविक (चटाई प्रादि बनाने वाले), काष्ठपादुकाकार (लकड़ी की 1. अम्बष्ठ--ब्राह्मण पुरुष और वैश्यस्त्री से उत्पन्न सन्तान, देखिये---मनुस्मृति तथा प्राचारांगनियुक्ति (20-27) 2. वैदेह--वैश्य पुरुष और ब्राह्मणस्त्री से उत्पन्न / देखिये-मनुस्मृति तथा प्राचारांगनियुक्ति (20-27) 3. कुलार्य-तत्त्वार्थभाष्य में कुलकर, चक्रवर्ती, बलदेव, वासुदेव आदि की गणना कुलार्य में की गई है। -तत्त्वार्थभाष्य अ. 3 / सू. 15 4. उन क्षत्रिय पुरुष और शूद्रस्त्री से उत्पन्न सन्तान / देखिये मनुस्मृति और प्राचारांग नियुक्ति / 5. पाठान्तर ----वरुणा, वरुट्टा / 6. जिब्भगारा, जिब्भारा। 7. सेल्लारा (शिलावट)। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org