Book Title: Angpavittha  Suttani
Author(s): Ratanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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Page #1 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ਹਥਹੀਣ ਅਤੇ Page #2 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ. भा. सा. जैन सं. र. संघ साहित्य रत्नमाला का 64 वा रत्न अंगपविह सुत्ताणि एक्कारसंगसंजुओ सम्पादक रतनलाल डोशी पारसमल चण्डालिया प्रकाशक आखिल भारतीय साधुमार्गी ___ जैन संस्कृति-रक्षक संघ - सैलाना [म. प्र.] Page #3 -------------------------------------------------------------------------- ________________ . 0 द्रव्य-सहायक श्रीमान् जशवंतलाल भाई शाह बंबई प्राप्ति स्थान - अखिल भारतीय साधुमार्गी जैन संस्कृति-रक्षक संघ . सैलाना (म. प्र.) शाखा-१ " एदुन बिल्डिंग धोबी तलाव लेन बम्बई-४००००२ 2 " " सराफा बाजार, जोधपुर (राज.) मूल्य 60-00 प्रथमावृत्ति 1000 विक्रम संवत् 2038 वीर संवत् 2508 दिनांक 5-1-82 मुद्रक-श्री जैन प्रिंटिंग प्रेस, सैलाना (म. प्र.) Page #4 -------------------------------------------------------------------------- ________________ निवेदन 'अंगपक्टिसुत्ताणि' धर्मप्रिय स्वाध्यायशील पाठकों के करकमलों में पहुँचाते हमें हर्ष हो रहा है / इसका प्रथम विभाग जुलाई 1979 में प्रकाशित हुआ था, दूसरा अगस्त 1980 में और तीसरा दिसम्बर 1981 में प्रकाशित हुआ / इन तीनों विभागों की हज़ार-हजार प्रतियाँ प्रकाशित हुई और 1000 प्रतियों का यह संयुक्त ग्रंथ प्रकाशित हो रहा है। ___ कार्य की रूप रेखा बनाते समय, समय का जो अनुमान लगाया गया था, वह हम साध नहीं सके / अनेक प्रकार की बाधाएँ आई, साधन-सामग्री प्राप्त करना इस युग में कितना कठिन है ? फिर प्रेस मशिनरी बिजली के आधीन होने से देश के सभी प्रेस कठिनाई में पड़ गए / काम करते-करते बिजली रूठ कर चली जाती है और यन्त्र स्थिर हो जाते हैं। किसी प्रकार जिनागमों के 11 सूत्रों का अंग विभाग पूरा कर के प्रकाशित किया जा रहा है। अब जनवरी 1982 में ही शेष सूत्रों का मुद्रण प्रारंभ किया जा रहा ' है। हमारा प्रयत्न तो सदैव की भाँति शीघ्र प्रकाशन का रहेगा। एकादशांग के अपने अध्ययन पर से एक विस्तृत प्रस्तावना लिखने का विचार हुआ था, परंतु समय न मिलने और शारीरिक प्रतिकूलता के कारण Page #5 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [4] वैसा नहीं हो सका / यदि अनुकूलता रही, तो सम्यग्दर्शन में लेखमाला चालू करने की भावना रखता हूँ। मैं विद्वान नहीं हूँ / विद्वानों की अनुसंधान पूर्ण प्रस्तावना जैसी तो मैं नहीं लिख सकता, अन्य साहित्य के साथ तुलनात्मक अध्ययन पूर्वक प्रस्तुत नहीं कर सकता, परंतु अपने आगमों, उसके विधि-विधानों की विशेषता आदि तथा परिचयात्मक अध्ययन प्रस्तुत कर सकता हूँ। मुझ पर कार्य भार कुछ विशेष ही रहा और साहित्य सामग्री भी कम ही उपलब्ध हुई, अपनी अल्प पढ़ाई भी बाधक रही / इन कारणों से मैं उतना नहीं कर सकता, जितना करना चाहता हूँ। इस समय जो कुछ किया जा सका, वह प्रस्तुत है / इस प्रकार यह प्रकाशन सामान्य स्वाध्यायियों के लिये विशेष उपयोगी होगा। जिनधर्मोपासक संघ-संरक्षक दानवीर महानुभावों की उदारतापूर्ण सहायता-सहयोग से ही यह आगमसेवा बन सकी है। उन सभी महानुभावों का मैं हृदय से आभारी हूँ। . दिनांक 5-1-1982 सैलाना -रतनलाल डोशी Page #6 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अस्वाध्याय निम्नलिखित चौंतीस कारण टाल कर स्वाध्याय करना चाहिये। आकाश सम्बधी 10 अस्वाध्याय-कालमर्यादा . 1 बड़ा तारा टूटे तो ___एक प्रहर 2 दिशा-दाह+ , जब तक रहे 3 अकाल में मेघगर्जना हो तो .. दो प्रहर : 4 " बिजली चमके तो. एक प्रहर .5 " बिजली कड़के तो दो प्रहर 6 शुक्ल पक्ष की 1-2-3 को रात प्रहर रात्रि तक 7 आकाश में यक्ष का चिन्ह हो जब तक दिखाई दे 8-6 काली और सफेद बूंअर ... जब तक रहे 10 आकाश मण्डल धूलि से आच्छादित हो __ + आकाश में किसी दिशा में नगर जलने या अग्नि की लपटें उठने जैसा दिखाई दे, और प्रकाश हो तथा नीचे अन्धकार हो, वह दिशा-दाह है। Page #7 -------------------------------------------------------------------------- ________________ औदारिक सम्बन्धी 10 अस्वाध्याय . 11-13 हड्डी, रक्त और मांस, ये तिर्यंच के 60 हाथ के भीतर . हो / मनुष्य के हो तो 100 हाथ के भीतर हो / मनुष्य __ की हड्डी यदि जली या धुली न हो तो 12 वर्ष तक / 14 अशुचि की दुर्गन्ध आवे या दिखाई दे तब तक 15 श्मशान भूमि- सौ हाथ से कम दूर हो तो। 16 चन्द्रग्रहण-खंड ग्रहण में 5 प्रहर, पूर्ण हो तो 12 प्रहर / 17 सूर्य ग्रहण . " 12 " . . 16 " 18 राजा का अवसान होने पर, जब तक नया राजा घोषित न हो। 16 यद्ध स्थान के निकट- जब तब युद्ध चले। 20 उपाश्रय में पंचेंद्रिय का शव पड़ा हो, जब तक पडा रहे। ... 21-25 आषाढ़, भाद्रपद, आश्विन, कार्तिक और चैत्र की .. पूर्णिमा . दिन रात। 26-30 इन पूर्णिमा के बाद की प्रतिपदा . . . . 31-3.4 प्रातः, मध्यान्ह, संध्या बौर अर्द्ध रात्रि 1-1 मुर्हत / .. ... उपरोक्त अस्वाध्याय को टाल कर स्वाध्याय करना चाहिए / खुले मुंह नहीं बोलमा तथा दीपक के उजाले में नहीं बांचना चाहिए। नोट-मेघ गर्जनादि में अकाल, आर्द्रा नक्षत्र से पूर्व और स्वांति के बाद का माना गया है। Page #8 -------------------------------------------------------------------------- ________________ .. शुदि-पत्र पृ. पंक्ति अशुद्ध विरूवरूवेहिं चयावचइयं विइत्ता छणं 11 12 16 21 . संवेहाए शुद्ध विरूवरूहिँ सत्थेहिं चओवचइयं संधिं विदित्ता छणं छणं संपेहाए बुइया उण्णयमाणे आउट्टिकयं पुवं चेयपडिबुद्धजीवी 19. 26 बेइया उण्णयबामे आट्टीयं 2011 पव्वं 21 23 23 22 / 3 19 एवं से सूई 24 17 चेहपडिबुद्धजीवी __ण लवणे एवं सई अणुढाणो णायबाले वरस . संगई. विहरित्था पट्टगंसि दिजाणं तत्थे० सामुदाणियं पडिवायं सक्कुलिं वा, पूयं वा अणुहाणे णाम बाले पस्स संगं ति पट्टणंसि दिजमाणं . . तत्थे० कुलाहं सामु० 31 12 41 . 14 सक्कुलिं वा, फाणिय वा, पूर्व वा अणंतर अणंयर यं 43 . 2. Page #9 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [8] 4 +52 शुद्ध . अफासुर्य पिटुक्खुमंथु तहप्पगारं पडिग्गहगं वसमाणे वा (तहेव तं) (जहेव ते) तं पच्छाकम्म जं: उवचरए परिभुत्तपुवा 12 2 TO 60 64 उच्छ . . . 68 74 अशुद्ध अफासु पिलक्खुमंथु . तहप्पगारं वसमाणे 18 तहेव तं जहेव तं . जं पच्छाकम्मं तं उवरए परिभुत्तव्वा अच्छे सिवा छायए - तेमयावि महद्धणबंधाई 21 अवट्टु अणुण्णविय वासामो . चुण्णगवणंसि गंडं वा 17 रसमस्साउं 20-21 णो रज्जेजा णो सज्जेजा करायं 23 पव्वईए पुच्छए णियहसत्तू . वण्णेहिं 0 0 WW सिया घायाए ते यावि महद्धणबंधणाई अवहट्टु अणणुण्णविय वसामो जाव 91 108 108 18 गंडं वा जाव रसमणासाउं णो सज्जेजा णो रज्जेजा कारयं ते पव्वईए तुच्छए -णिहयसत्तू अण्णेहिं 138 140 Page #10 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [9] .155 156 अशुद्ध अंतिम वियति 9 दण्डमादाणे अणदंडपतिए 156 मेत्ता अण्णे णिहराइ पढमसए शुद्ध वेयंति दण्डसमादाणे अणहादंड वत्तिए भेत्ता अण्णेण णिहरावेइ पढमसमए सुसमसुसमाए. रयनामया गोथूभा खित्तइत्तं दित्तइत्तं चरित्तविणए . 160. 253 7 25 दुसमतुसमाए 258 258 288 13 13 रयणामाया गोथूमा खित्तइत्तं चरित्तविएण णेरइयाणं 347 358 430 अंतिम 26 1. वलायमरणे तिण्णि संहेपेचा . 488 488 . 488 . मुम्मुरत्भया 23 : .....मयों 25 ....ब्भय गोयमा! सपसा 20 . . . जाव 16 हवा 23 10 महासुविणा.... वलयमरणे पच्छिमा तिण्णि संपेहेत्ता मुम्मुरुभूया .....भूयं .....ब्भूयं पुच्छा गोयमा! .. तवा जाव ओसप्पिणीइ वा अह 539 . 650 .655 . ____715 . एएपं एएणं कमेणं महासुधिणा बावत्तरि सन्धसुविणा Page #11 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [10] शुद्ध वा 848 850 पृ. पं. अशुद्ध 715 11 वा चक्रवटि मायरो वा 726 17 समवाणोसया . समणोवासया 742 वेमासाणियावासा . वेमाणियावासा ..... 777 अम्म...... कम्म.... 797 तंदु...... तंतु............. पाचलेइ०. पचालेइ० सलेसस्सस सरीरस्स सलेसस्स ससरीरस्स / 17-18 समसरीरा 858 असण्णी ‘णो असण्णी 879 सेरीरं . सरीरं 1120 आयरियवउज्झा... आयरियउवज्झा... 1121 णट्टल्लग णटुल्लग परलो परलोए 1135 च च से 1139 वट्टाए वट्टावए 1153 विगयभुम्गभुमय / विगयभुग्गभग्गभुमय 1981 णावसक्खाय , णावयवसि 1193 सोहेमाणो य पेच्छमाणो य. सोहेमाणो य ... सासोमाणी य . 1195 25 पुव्ववजाई पुव्वजाई 1199 4 . आम्गहोमं करेइ 2 त्ता अम्गिहोमं करेइ 2 त्ता पाणिम्गहणं करेइ 2 त्ता' 1212 27 : गेहइ गहेइ 12167 ......भावा..... ...भावा जाव... 1218 - 4 मुहुत्तमित्त . मुहुत्तमित्तं . 1228 -4 ण्हाया मज्जणघरं अणुपविसई 2 त्ता हाए 1123 K Page #12 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [11] एवं अतिम णीणेत्ता अशुद्ध शुद्ध 1228 लावण्ण ...गुणलावण्ण... 1231 एवं खलु 1241 पंचवा पंच पंडवा 1242 अदिट्ठवेसगा अदिट्ठसेवगा 1243 16-18 पव्वयाओ पव्वयामो 1269 21 पढमस्सधम्मकहाणं धम्मकहाणं पढमस्स 1269 . 24 अज्झयणा अज्झयणा पण्णत्ता 1275 मतेसु मंतेसु य 1297 चुल्लसयगस्स चुल्लसयगस्स समणोवासयस्स 1306 'पण्णवाणहि / पण्णवणाहि 1307 णीणणा दोच्च दोच्चे 1342 जस्थि .. अस्थि 1350 आहल्ला आइल्लाणं 1352 13 . भगवं समणं भगवं 1360 गंते ! णं भंते! 1372 5. . ...चंमुयंतषणडवेग.... मुयंतघणचंडवेग.... 1375 वन्याभीया वज्झपाणभीया .....रुप्पुचंच..... रुप्पुरचंच.... 1391 अयमिणं.. वयमिणं * 1392 पीलाकरं पीलाकरं सावज्ज 12 सव्वं भव्वं 1425 25 ..याई... याई मयकिच्चाई 1457 1. पुवपुच्छा पुत्वभवपुच्छा .. नोट:-पृ.५४ पंक्ति 16 सूत्रांक 654 के बाद कुछ प्रतियों में निम्न पाठ भी मिलता है-" से भिक्खू वा० से जं पुण उ० बहवे समणवणीमए पगणिय 2 समुद्दिस्स तं चेव भाणियव्वं / ........." 1380 Page #13 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -قیته Page #14 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंग-पविटू सत्ताणि आयारो पढमं अज्झयणं सुयं मे आउस ! तेण भगवया एवमक्खायं // 1 // इह-मेगेसिं णो सण्णा भवइ, तंजहा पुरत्थिमाओ वा दिसाओ आगओ अहमंसि ? दाहिणाओ वा दिसाओ आगओ अहमंसि,पञ्चत्थिमाओ वा दिसाओ आगओअहमसि,उत्तराओ वा दिसाओ आगओ अहमंसि, उड्डाओ वा दिसाओ आगओ अहमंसि ? अहो दिसाओ वा आगओ अहमंसि ? अण्णयरीओ वा दिसाओ अणुदिसाओ वा आगओ अहमंसि ? एवमेगेसिं णो णायं भवइ. अत्थि मे आया उववाइए. णत्थि मे आया उववाइए के अहं आसि ? के वा इओ चुओ इह पेचा भविस्सामि // 2 // से जं पुण जाणेज्जा सहसंमइयाए परवागरणेणं. अण्णेसि वा अतिए सोचा. तंजहा-पुरत्थिमाओ वा दिसाओ आगओ अहमंसि. जाव अण्णयरीओ वा दिसाओ अणुदिसाओ वा आगओ अहमंसि. एवमेगेसिं जं णायं भवइ. अत्थि मे आया उववाइए. जो इमाओ-दिसाओ अणुदिसाओ वा अणुसंचरइ, सव्वाओ दिसाओ सव्वाओ अणुदिसाओ जो आगओ अणुसंचरइ सोहं / से आयावाई, लोयावाई, कम्मावाई, किरियावाई // 3 // अकरिस्सं चऽहं कारवेसु चऽहं करओ यावि समणुण्णे भविस्सामि; एयावंति सव्वावंति लोगसि कम्मसमारंभा परिजाणियव्वा भवंति // 4 // अपरिण्णायकम्मे खलु अयं पुरिसे, जो इमाओ दिसाओ वा अणुदिसाओ वा अणुसंचरइ, सव्वाओ दिसाओ सव्वाओ अणुदिसाओ सहेइ, अणेगरूवाओ जोणिओ संधेइ, विरूवरूवे फासे पडिसंवेदेइ // 5 / / तत्थ खलु भगवया परिण्णा पवेइया // 6 // इमस्स चेव जीवियस्स परिवंदणमाणणपूयणाए, जाईमरणमोयणाए, दुक्खपडिघायहेउं // 7 // एयावंति सव्वावंति लोगसि कम्मसमारंभा परिजाणियव्वा भवंति // 8 // जस्सेते लोगसि कम्मसमारंभा परिण्णाया भवंति से हु मुणी परिण्णायकम्मे-त्ति बेमि // 9 // पढमं अज्मयणं पढमो उद्देसो॥ Page #15 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंग-पविट्ट सुत्ताणि अट्टे लोए परिजुण्णे दुस्संबोहे अविजाणए अस्सि लोए पवहिए तत्थ तत्थ पुढो पास, आतुरा परिताति // 10 // संति पाणा पुढोसिया, लज्जमाणा पुढो पास // 11 // अणगारा मोत्ति एगे पवयमाणा; जमिणं विरूवरूवेहिं पुढविकम्मसमारंभेणं पुढविसत्थं समारंभेमाणे अन्ने अणेगरूवे पाणे विहिंसइ // 12 // तत्थ खलु भगवया परिण्णा पवेइया / इमस्स चेव जीवियस्स, परिवंदण-माणण-पूयणाए, जाइमरणमोयणाए, दुक्खपडिघायहेडं, से सयमेव पुढविसत्थं समारंभइ, अण्णेहिं वा पुढविसत्थं समारंभावेइ / अण्णेवा पुढविसत्थ समारंभंते समणुजाणइ / तं से अहियाए, तं से अबोहिए ॥१३॥से तं संबुज्जमाणे आयाणीयं समुट्ठाय सोचा खलु भगवओ, अणगाराणं वा अंतिए: इहमेगेसिं णायं भवइ-एस खलु गंथे, एस खलु मोहे, एस खलु मारे, एस खलु णरए / इच्चों गढिए लोए जमिणं विरूवरूवेहिं सत्येहिं पुढविकम्मसमारंभेण पुढविसत्थं समारंभमाणे अण्णे अणेगरूवे पाणे विहिंसइ // 14 // से बेमि-अप्पेगे अंधमन्भे, अप्पेगे अंधमच्छे; अप्पेगे पायमन्भे, अप्पेगे पायमच्छे, अप्पेगे गुप्फमन्भे, अप्पेगे गुप्फमच्छे, अप्पेगे जंघमन्भे, अप्पेगे जंघमच्छे, अप्पेगे जाणुमब्भे,अप्पेगे जाणुमच्छे, अप्पेगे उरूमब्भे,अप्पेगे उरूमच्छे, अप्पेगे कडिमभे, अप्पेगे कडिमच्छे, अप्पेगे णाभिमब्भे, अप्पेगे णाभिमच्छे, अप्पेगे उयरमब्भे, अप्पेगे उयरमच्छे. अप्पेगे पासमन्भे, अप्पेगे पासमच्छे, अप्पेगे पिट्ठमन्भे, अप्पेगे पिट्ठमच्छे, अप्पेगे उरमब्भे, अप्पेगे उरमच्छे, अप्पेगे हियेयमब्भे, अप्पेगे हिययमच्छे, अप्पेगे धणमब्भे, अप्पेगे थणमच्छे, अप्पेगे खंधमन्भे, अप्पेगे खंधमन्छे, अप्पेगे बाहुमन्भे, अप्पेगे बाहुमच्छे, अप्पेगे हत्यमन्भे, अप्पेगे हत्थमन्छे, अप्पेगे अंगुलिमन्भे, अप्पेगे अंगुलिमच्छे, अप्पेगे णहमन्भे, अप्पेगे णहमच्छे, अप्पेगे गीवमन्भे, अप्पेगे गीवमच्छे, अप्पेगे हणुमन्मे, अप्पेगे हणुमच्छे, अप्पेगे हो?मन्भे. अप्पेगे हो?मच्छे, अप्पेगे दंतमन्भे. अप्पेगे दैतमच्छे, अप्पेगे जिब्भमन्भे, अप्पेगे जिन्भमच्छे, अप्पेगे तालुमम्भे, अप्पेगे तालुमच्छे, अप्पेगे गलमब्भे, अप्पेगे गलमच्छे, अप्पेगे गंडमन्भे, अप्पेगे गंडमच्छे, अप्पेगे कण्णमन्भे, अप्पेगे कण्णमच्छे, अप्पेगे णासमन्भे, अप्पेगे णासमच्छे, अप्पेगे अग्छिमन्भे, अप्पेगे अच्छिमच्छे, अप्पेगे भमुहमभे, अप्पेगे भमुहमच्छे, अप्पेगे णिडालमन्भे, अप्पेगे णिडालमच्छे, अप्पेगे सीसमन्भे, अप्पेगे सीसमच्छे, Page #16 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ... ... आयारो सु. 1 अ. 1 उ. 4 अप्पेगे संपमारए, अप्पेगे उद्दवए // 15 // इत्थं सत्यं समारंभमाणस्स इच्चेए आरंभा अपरिण्णाया भवंति / एत्थ सत्थं असमारंभमाणस्स इचेए आरंभा परिप्रयाया भवंति // 16 // तं परिणाय मेहावी णेव सयं पुढवि सत्थं समारंभेजा, णेवण्णेहिं पुढविसत्थं समारंभावेजा, णेवण्णे पुढविसत्यं समारंभंते समणुजाणेजा। जस्स एए पुढविकम्मसमारंभा परिप्रणाया भवंति से हु मुणी परिण्णायकम्मे त्ति बेमि // 17 // पढमं अज्झयणं बीयो उद्देसो।। से बेमि, से जहावि अणगारे उज्जुकडे, णियायपडिवण्णे अमायं कुबमाणे वियाहिए, जाए सद्धाए णिक्खंतो, तमेवअणुपालिया वियहित्तु विसोत्तियं // 18 // पणया वीरा महावीहिं, लोगं च आणाए अभिसमेच्चा अकुओभयं // 19 // से बेमि-णेव सयं लोग अन्भाइक्खिज्जा, णेव अत्ताणं अब्भाइक्खिज्जा / जे लोयं अन्भाइक्खइ, से अत्ताणं अन्भाइक्खइ, जे अत्ताणं अब्भाइक्खइ, से लोयं अब्भाइक्खइ // 20 // लज्जमाणा पुढो, पास अणगारा मो त्ति एगे पवयमाणा; जमिण विरूवरूवेहिं सत्येहिं उदयकम्मसमारंभेणं उदयसत्थं समारंभमाणे अण्णे अणेगरूवे पाणे विहिंसइ // 21 // तत्थ खलु भगवया परिण्णा पवेझ्या, इमस्स चेव जीवियस्स परिवंदण-माणण-पूयणाए जाइमरणमोयणाए, दुक्खपडिघायहेडं, से सयमेव उदयसत्थं समारंभइ, 'अण्णेहिं वा उदयसत्थं समारंभावेइ, अन्ने उदयसत्थं समारंभंते समगुजाणइ तं से.अहियाए तं से अबोहीए // 22 // से तं संबुझमाणे आयाणीयं समुट्ठाय सोचा खलु भगवओ अणगाराणं वा अंतिए इहमेगेसिं णायं भवइ, एस खलु गंथे, एस खलु मोहे, एस खलु मारे, एस खलु णरए / इच्चत्थं गढिए लोए जमिणं विरूवरूवेहिं सत्थेहिं उदयकम्मसमारंभेणं उदयसत्थं समारंभमाणे अण्णे अणेगरूवे पाणे विहिंसइ / / 23 / / से बेमि-संति पाणा उदयनिस्सिया जीवा अणेगे, इह च खलु भो ! अणगाराणं उदयजीवा वियाहिया / सत्यं चेत्थं अणुवीइ पासा / पुढो सत्थं पवेइयं // 24 // अदुवा अदिण्णादाणं // 25 // कप्पइ णे कम्पइ णे पाउं, अदुवा विभूसाए, पुढो सत्येहिं विउटुंति एत्थऽवि तेसिं णो णिकर. णाए // 26 / / एत्थ सत्थं समारंभमाणस्स इच्चेते आरंभा परिण्णाया भवति / एत्थ सत्थं असमारंभमाणस्स इच्छेते आरंभा परिणाया भवंति / तं परिण्णाय मेहावी व सय उदयसत्थं समारंभेजा, णेवण्णेहिं उदयसत्थं समारंभावेज्जा उदय Page #17 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंग-पविट्ठ सुत्ताणि सत्यं समारंभतेऽवि अण्णे ण समगुजाणेजा, जस्सेते उदयसत्थसमारंभा परिणाया भवंति से हु मुणी परिणायकम्मे त्ति बेमि॥२७॥ पढमं अज्झयणं तइओद्देसो / / से बेमि-णेव सयं लोयं अब्भाइक्खेज्जा, णेव अत्ताण अब्भाइक्खेजा, जे लोग अब्भाइक्खइ, से अत्ताणं अब्भाइक्खइ, जे अत्ताणं अब्भाइक्खइ, से लोग अब्भाइक्खइ // 28 // जे दीहलोगसत्थस्स खेयण्णे, से असत्थस्स खेयण्णे; जे असस्थस्स खेयण्णे, से दीहलोगसत्थस्स खेयण्णे // 29 // वीरेहिं एयं अभिभूय दिहूँ, संजएहिं सया जत्तेहिं सया अप्पमत्तेहिं // 60 // जे पमत्ते गुणढिए से हु दंडे त्ति पवुच्चइ / तं परिणाय मेहावी इयाणिं णो जमहं पुवमकासी पमाएणं // 31 // लजमाणा पुढो पास-अणगारा मोत्ति एगे पवयमाणा जमिण विरूवरूवेहिं सत्थेहिं अगणिकम्मसमारंभेणं अगणिसत्थं समारंभमाणे, अण्णे अणेगरूवे पाणे विहिंसइ // 32 // तत्थ खलु भगवया परिण्णा पवेइया, इमस्स चेव जीवियस्स परिवंदणमाणणपूयणाए, जाइमरणमोयणाए, दुक्खपडिघायहेउं से सयमेव अगणिसत्थं समारंभइ,अण्णेहिं वा अगणिसत्थं समारंभावेइ अण्णेवा अगणिसत्थं समारंभमाणे समणुजाणइ / तं से अहियाए तं से अबोहिए // 33 // से तं संबुज्झमाणे आयाणीयं समुट्ठाय सोचा, खलु भंगवओ अणगाराणं वा अंतिए इहमेगेसिं णायं भवइ. एस खलु गंथे, एस खलु मोहे, एस खलु मारे, एस खलु णरए / इच्चत्थं गढिए लोए जमिणं विरूवरूवेहिं सत्येहिं अगणिकम्मसमारंभेणं अगणिसत्थं समारंभमाणे अण्णे अणेगरूवे पाणे विहिंसइ // 34 // से बेमि, संति पाणा, पुढविणिस्सिया, तणगिस्तिया, पत्तणिस्सिया, कहणिस्सिया, गोमयणिस्सिया; कयवरणिस्सिया; सन्ति संपाइमा पाणा, आहच्च संपयंति। अगणिं च खलु पुट्ठा, एगे संघायमावज्जति, जे तत्थ संघायमावजंति ते तत्थ परियावजंति, जे तत्थ परियावजंति ते तत्थ उद्यायति॥३५॥ एत्थ सत्थं समारंभमाणस्स इच्चेए आरंभा अपरिणाया भवंति एत्थ सत्थं असमारंभमाणस्स इच्चेए आरंभा परिणाया भवंति // 36 // तं परिणाय मेहावी व सयं अगणिसत्थं समारंभेजा, णेवण्णेहिं अगणिसत्थ समारंभावेज्जा, अगणिसत्थं समारंभमागे अण्णे न समणुजाणेजा। जस्सेते अगणिकम्मसमारंभा परिणाया भवंति, से हु मुणी परिण्णायकम्मे त्ति बेमि // 37 // चउत्थोसो।। तं णो करिस्सामि समुट्ठाए मंत्ता मइमं, अभयं विइत्ता, तं जे णो करए, एसो. Page #18 -------------------------------------------------------------------------- ________________ मायारो सु. 1 अ. 1 उ. 6 वरए, एत्योवरए, एस अणगारे त्ति पवुच्चइ / / 38 // जे गुणे से आवट्टे जे आवहे से गुणे // 39 // उड्डे-अहं-तिरियं-पाईणं पासमाणे रूवाइं पासइ, सुणमाणे सद्दाई सुणइ, उ8-अहं-तिरियं पाईणं मुच्छमाणे रूवेसु मुच्छति, सहेसु यावि एस लोगे वियाहिए / एत्य अगुत्ते अणाणाए पुणो पुणो गुणासाए वंकसमायारे पमत्तेऽगारमावसे // 40 // लज्जमाणा पुढो पास, अणगारा मोत्ति एगे पवयमाणा; जमिणं विरूवरूवेहिं सत्येहिं वणस्सइकम्मसमारंभेणं वणस्सइसत्थं समारभमाणे अण्णे अणेगरूवे पाणे विहिंसइ // 41 // तत्थ खलु भगवया परिण्णा पवेइया / इमस्स चेव जीवियस्स परिवंदण, माणण, पूयणाए, जाइमरण मोयणाए दुक्खपडिघायहे से सयमेव वणस्सइसत्य समारंभइ, अण्णेहिं वा वणस्सइसत्थं समारंभावेइ, अण्णे वा वणस्सइसत्थं समारंभमाणे समणुजाणइ, तं से अहियाए, तं से अबोहिए // 42 // से तं संबुज्झमाणे आयाणीयं समुट्ठाए सोचा भगवओ, अणगाराणं वा अंतिए इह मेगेसिं णायं भवइ-एस खलु गंथे, एस खलु मोहे, एस खलु मारे, एस खलु णरए। इच्चत्थं गढिए लोए; जमिणं विरूवरूवेहिं सत्थेहिं वणस्सइकम्मसमारंभेणं वणस्सइसत्थं समारंभमाणे अण्णे अणेगरूवे पाणे विहिंसइ / / 43 / / से बेमि-इमंपि जाइधम्मयं, एयपि जाइधम्मय, इमंपि वुड्डिधम्मयं एयपि वुविधम्मय; इमंपि चित्तमंतयं एयंपि चित्तमंतयं; इमंपि छिण्णं मिलाति, एयपि छिण्णं मिलाति; इमंपि आहारगं, एयंपि आहारगं; इमंपि अणिचय, एयपि अणिचयं; इमंपि असासयं, एयपि असासयं; इमंपि चयावचइयं, एयंपि चयावचइयं; इमंपि विपरिणामधम्मयं, एयंपि विपरिणामधम्मयं // 44 // एत्थ सत्थं समारंभमाणस्स इच्चेए आरंभा अपरिणाया भवति / एत्य सत्यं असमारंभमाणस्स इच्चेए आरंभा परिणाया भवति / तं परिण्णाय मेहावी णेव सयं वणस्सइसत्थ समारंभेजा, णेवण्णेहिं वणस्सइसत्थं समारंभावेज्जा, णेवण्णे वणस्सइसत्थं समारंभंते समणुजाणेज्जा, जस्सेते वणस्सइसत्थसमारंभा परिण्णाया भवंति, से हु मुणी परिण्णायकम्मे त्ति बेमि // 45|| पढमं अज्मयणं पंचमोद्देसो // से बेमि, संतिमे तसा पाणा, तंजहा-अंडया, पोयया, जराउया, रसया, संसेयया, समुच्छिमा, उब्भियया, उववाइया, एस संसारेत्ति पवुच्चइ, मंदस्सावियाणओ // 46 // णिज्झाइत्ता पडिलेहित्ता पत्तेयं परिणिव्याणं, सव्वेसि पाणाणं सव्वेसि भूयाणं, Page #19 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंग-पविटु सुत्ताणि सव्वेसि जीवाणं, सम्वेसिं सत्ताणं, असायं अपरिणिव्वाणं, महब्भयं दुक्खं त्ति बेमि // 47 // तसंति पाणा पदिसोदिसासुय / तत्थ-तत्थ पुढो पास, आउरा परिताति संति पाणा पुढोसिया // 48 // लज्जमाणा पुढो पास अणगारा मोत्ति एगे पवयमाणा जमिणं विरूवरूवेहिं सत्थेहिं तसकायसमारंभेणं तसकायसत्यं समारंभमाणे अण्णे अणेगरूवे पाणे विहिंसइ // 49 // तत्थ खलु भगवया परिण्णा पवेइया। इमस्स चेव जीवियस्स परिवंदण-माणण-पूयणाए, जाइमरणमोयणाए, दुक्खपडिघायहेडं, से सयमेव तसकायसत्थं समारंभइ, अण्णेहिं वा तसकायसत्थं समारंभावेइ, अण्णे वा तसकायसत्थं समारंभमाणे समणुजाणइ; तं से अहियाए, तं से अबोहीए // 50 // से तं संबुज्झमाणे आयाणीयं समुट्ठाय सोचा भगवओ, अणगाराण वा अंतिए इहमेगेसिं णायं भवइ-एस खलु गंथे, एस खलु मोहे, एस खलु मारे, एस खलु गरए। इच्चत्थं गढिए लोए; जमिणं विरूवरूवेहिं सत्थेहिं तसकायसमारंभेणं तसकायसत्थं समारंभमाणे अण्णे अणेगरूवे पाणे विहिंसइ // 51 // से बेमि-अप्पेगे अच्चाए वहंति, अप्पेगे अजिणाए वहति अप्पेगे मंसाए वहंति, अप्पेगे सोणियाए वहंति, एवं हिययाए, पित्ताए वसाए-पिच्छाए-पुच्छाए-बालाए-सिंगाए-विसाणाए-दंताए. दाढाए-णहाए-हारुणीए-अट्ठीए-अट्ठीमिजाए-अट्ठाए-अणट्ठाए-अप्पेगे हिंसिंसु मेत्ति वा वहंति, अप्पेगे हिंसति मेत्ति वा वहंति, अप्पेगे हिंसिस्संति मेत्ति वा हति // 52 // एत्थ सत्थ समारंभमाणस्स इच्चेइ आरंभा अपरिणाया भवंति एत्थ सत्थं असमारंभमाणस्स इच्चेइ आरंभा परिणाया भवंति // 53 // तं परिणाय मेहावी णेवसयं तसकायसत्थं समारंभेजा, णेवण्णेहिं तसकायसत्य समारंभावेज्जा, णेवण्णे तसकायसत्थं समारंभंते समणुजाणेज्जा, जस्सेए ससकायसत्थसमारंभा परिणाया भवंति, से हु मुणी परिण्णायकम्मे त्ति बेमि // 54 // इइ छछोद्देसो / पहू एजस्स दुगंछणाए,आयकदंसी अहिंयंति णचा / जे अज्झत्थं जाणइ,से बहिया जाणइ, जे बहिया जाणइ, से अझत्थं जाणइ / एयं तुलमण्णेसिं / इह संतिगया दविया णावकखंति जीविउ॥५५॥ लज्जमाणा पुढो पास, अणगारा मोत्ति एगे पक्यमाणा; जमिणं विरूवरूवेहिंसत्येहि, वाउकम्मसमारंभेणं वाउसत्थं समारंभमाणे अण्णे अणेगरूवे पाणे विहिंसइ // 56 // तत्थ खलु भगवया परिण्णा पैवेइया, इमस्स चेय जीवियस्स परिवंदण-माणण-पूयणाए, जाइमरणमोयणाए दुक्खपडिघायहेडं, से Page #20 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 1 अ. 2 उ. 1 सयमेव वाउसत्थं समारंभइ,अण्णेहिं वा वाउसत्यं समारंभावेइ अण्णे वा वाउसत्य समारंभंते समणुजाणइ, तं से अहियाए तं से अबोहीए // 57 // से तं संबुज्झमाणे आयाणीयं समुट्ठाए सोचा भगवओ अणगाराणं वा अंतिए इहमेगेसिं णायं भवङ्एस खलु गंथे, एस खलु मोहे, एस खलु मारे, एस खलु गरए / इच्चत्थं गढिए लोए, जमिणं विरूवरूवेहिं सत्थेहिं वाउकम्मसमारंभेणं वाउसत्थं समारंभमाणे अण्णे अणेगरूवे पाणे विहिंसइ // 58 // से बेमि, संति संपाइमा पाणा, आहच संपयंति य फरिसं च खलु पुट्ठा एगे संघायमावज्जति / जे तत्थ संघायमावति, ते तत्थ परियावजंति, जे तत्थ परियावजंति, ते तत्थ उद्दायति / / 59 // एत्थ सत्थं समारंभमाणस्स इच्चेए आरंभा अपरिण्णाया भवंति / एत्थ सत्थं असमारंभमाणस्स इबेए आरंभा परिणाया भवंति // 60 // तं परिण्णाय मेहावी व सयं वाउसत्थं समा. रंभेज्जा णेवण्णेहिं वाउसत्थं समारंभावेज्जा, णेवण्णे वाउसत्थं समारंभते समणुजाणेज्जा / जस्सेए बाउसत्थसमारंभा परिणाया भवंति से हु मुणी परिण्णायकम्मे त्ति बेमि // 61 // एत्थं पि जाण उवाईयमाणा जे आयारे ण रमंति, आरंभमाणा षिणयं वयंति, छंदोवणीया, अज्झोववण्णा, आरंभसत्ता पकरंति संगं / / 62 // से वसुमं सव्वसमण्णागयपण्णाणेणं अप्पाणेणं अकरणिज पावकम्मं णो अण्णेसि।।६३ ते परिणाय मेहावी.णेव सयं उज्जीवणिकायसत्थं समारंभेज्जा, णेवण्णेहिं छज्जीवणिकायसत्थं समारंभावेना, णेवण्णे छज्जीवणिकायसत्थं समारंभंते समणुजाणेज्जा। जस्सेए उज्जीवणिकायसत्थसमारंभा परिणाया भवंति, से हु मुणी परिण्णायकम्मे त्ति बेमि // 64 // सत्तमोसो।।.पढमं अज्झयणं समत्तं / / ... ॥लोगविजनो णामं बीयं अज्झयणं // जे गुणे से मूलट्ठाणे, जे मूलट्ठाणे से गुणे, इइ से गुणही महया परियावेणं पुणो पुणो वसे पमत्ते, तंजहा-माया मे, पिया मे, भाया मे, भइणी मे, भज्जा मे, पुत्ता मे, धूया मे, सुण्हा मे, सहि-सयण-संगंथ-संधुया मे, विवित्तोवगरण-परिवडण-भोयणच्छायणं मे, इचत्थं गढिए लोए वसे पमत्ते॥६५॥ अहो य राओ य परितप्पमाणे, कालाकालसमुट्ठाई, संजोगट्ठी, अट्ठालोभी, आलुपे, सहसाकारे, विणिविट्ठचित्ते एत्थ सत्थे पुणो पुणो // 66 // अप्पं च खलु आउयं इहमेगेसिं माणवाण; तंजहा—सो. थपरिणाणेहि परिहायमाणेहि, चक्खुपरिणाणेहि परिहायमाणेहिं, घाणपरिणाणेहिं Page #21 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 8. अंगपविट्ठ सुत्ताणि परिहायमाणेहिं, रसणापरिणाणेहिं परिहायमाणेहि, फासपरिणाणेहिं परिहायमाणेहिं, अभिकंतं च खलु वयं संपेहाए तओ से एगया मूढभावं जणयइ // 6 // जेहिं वा सद्धिं संवसइ, तेविणं एगया णियगा पुट्विं परिव्वयंति / सो वा ते णियगे पच्छा परिवए जा, णालं ते तव ताणाए वा, सरणाए वा / तुम पि तेसिं णालं ताणाए वा, सरणाए, वा / से ण हासाए, ण किड्डाए, ण रइए, ण विभूसाए // 68 // इच्चेवं समुट्ठिए अहोविहाराए अंतरं च खलु इमं संपेहाए धीरो मुहुत्तमवि णो पमायए / वओ अच्चेइ जोव्वणं व // 69|| जीविए इह जे पमत्ता / से हंता, छेत्ता, भेत्ता, लुपित्ता, विलुपित्ता, उहवित्ता, उत्तासइत्ता, अकडं करिस्सिामित्ति मण्णमाणे ||70|| जेहिं वा सद्धिं संवसइ ते वा णं एगया णियगा तं पुब्धि पोसेंति, सो वा ते णियगे पच्छा पोसिज्जा। णालं ते तव ताणाए वा, सरणाए वा / तुमंपि तेसिं णालं ताणाए वा सरणाए वा / / 71 // उवाइयसेसेण वा संणिहिसंणिचओ किब्जइ, इहमेगेसिं असंजयाणं भोयणाए। तओ से एगया रोगसमुप्पया समुप्पजति // 72 // जेहिं वा सद्धिं संवसइ ते वाणं एगया णियगा तं पुचि परिहरंति, सो वा ते णियगे पच्छा परिहरिजा / णालं ते तव नाणाए वा सरणाए वा तुमं पि तेसिं णाल ताणाए वा सरणाएं वा // 73 // जाणितु दुक्ख पत्तय सायं, अणभिक्वंतं च खलु वयं संपेहाए खणं जाणाहि पंडिए // 74 // जाव सोयपण्णाणा अपरिहीणा, णेत्तपण्णाणा अपरिहीणा, घाणपण्णाणा अपरिहीणा, जीहपण्णाणा अपरिहीणा, फरिसपण्णाणा अपरिहीणा, इच्चेएहिं विरूवरूवेहिं पण्णाणेहिं अपरिहायमाणेहिं आयर्से सम्म समगुवासिज्जासि त्ति बेमि // 7 // पढमोइसो समत्तो।। अरई आउट्टे से मेहावी; खणंसि मुक्के // 76 / / अणाणाए पुट्ठा वि एगे णियदृति मंदा मोहेण पाउडा // 77 // “अपरिग्गहा भविस्सामो" समुट्ठाए लदे कामे अभिगाहइ, अणाणाए मुणिणो, पडिलेहंति, एत्थं मोहे पुणो-पुणो सण्णा, णो हवाए णो पाराए // 78 // विमुत्ता हु ते जणा, जे जणा पारगामिणो लोभ अलोभेण दुगंछमाणे लद्धे कामे णाभिगाहइ, विणावि लोभं णिक्खम्म एस अकम्मे जाणइ पासइ / पडिलेहाए णावकंखइ, एस अणगारित्तिपयुच्चइ // 79 // अहोयराओ परितप्पमाणे कालाकालसमुट्ठाई, संजोगट्ठी, अट्ठालोभी, आलुपे, सहसाकारे, विणिविट्ठचित्ते एत्थ, सत्थे पुणो-पुणो // 80 // से आयबले, से गाइबले, से सयणबले, Page #22 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 1 अ. 2 उ. 3, 4 9 से मित्तबले, से पिच्चबले, से देवबले, से रायबले, से चोरबले, से अतिहिबले., से किविणवले, से समणवले, इच्चेएहिं विरूवरूवेहिं कजेहिं दंडसमायाणं संपेहाए भया कन्जइ / पावमुक्खुत्ति मण्णमाणे अदुवा आसंसाए // 81 // तं परिणाय मेहावी, णेव सयं एएहिं कज्जेहिं दंडं समारंभिज्जा, णेवण्णं एए हिं कज्जेहिं दंडं समारंभाविज्जा, एएहिं कज्जेहिं दंडं समारंभतवि अण्णं ण समणुजाणिज्जा / / 82 // एस मग्गे आयरिएहिं पवेइए, जहेत्थ कुसले णोवलिंप्पिज्जासि त्ति बेमि // 83 // बी अज्झयणं बीओईसो समत्तो।। से असई उच्चागोए, असई णीयागोए / णो हीणे, णो अइरित्ते णोऽपीहए, इइ संखाए को गोयावाई ? को माणावाई ? कंसि वा एगे गिज्झे ? // 84 // तम्हा पंडिए णो हरिसे, णो कुम्पे, भूएहिं जाण पडिलेह सायं, समिए एयाणुपस्सी, तंजहा-अंधत्तं, बहिरत, मूयत्त, काणतं, कुंटतं, खुजत्त, वडभत्तं, सामत्तं. सबलत्तं सहपमाएणं, अणेगरूवाओ जोणीओ, संधायइ, विरूवरूवे फासे पडिसंवेदेइ // 85 / / से अहुज्झमाणे हओवहए जाइमरणमणुपरियट्टमाणे // 86 // जीवियं पुढो पियं इहमेगेसिं माणवाणं खित्तवत्थुममायमाणाणं // 87 // आरत्तं विरतं मणिकुंडलं, सह हिरण्येण इत्थियाओ परिगिज्झ तत्येव रत्ता // 88 // “ण इत्थ तवो वा, दमो वा, णियमो वा, दिस्सइ," संपुण्णं बाले जीविउकामे लालप्पमाणे मूढे विप्परियासमुवेइ / / 89 // इणमेवणावखंति, जे जणा धुवचारिणो; जाइमरणं परिणाय, चरे संकमणे दढे // 90 // णत्थि कालस्सणागमो // 91 // सवे पाणा पियाउया, सुहसाया, दुक्खपडिकूला, अप्पियवहा, पियजीविणो, जीविउकामा // 92 // सम्वेसि जीवियं पियं // 93 // तं परिगिज्झ दुपयं चउप्पयं अभिजुजिया णं, संसिंचियाणं, तिविहेण जा वि से तत्थ मत्ता भवइ-अप्पा वा बहुगा वा से तत्थ गढिए चिट्ठइ, भोयणाए // 94 // तओ से एगया विविहं परिसिहँ संभूयं महोवगरणं भवइ / तंपि से एगया दायाया वा विभयंति, अदत्तहारो वा से अवहरइ, रायाणो वा से विलुपति, णस्सइ वा से, विणस्सइ वा से, अगारदाहेण वा से डज्झइ // 15 // इइ से परस्सअट्ठाए कूराई कम्माइं बाले पकुव्वमाणे तेण दुक्खेण संमूढे विप्परियासमुवेइ / / 96 // मुणिणा हु एयं पवेइयं // 97 // अणोहंतरा एए. णोय आहे सरित्तए, अतीरंगमा एए, णोयतीरं गमित्तए / अपारंगमा एए णोय पारं गमित्तए Page #23 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 10 अंग-पविटु सुत्ताणि / / 98 // आयाणिवं च आयाय, तमि ठाणे ण चिट्ठइ / वितहं पप्पऽखेयण्णे तंपि ठाणमि चिट्ठह // 99 // उद्देसो पासगस्स णत्थि // 10 // बाले पुण णिहे कामसमणुण्णे असमियदुक्खे दुक्खी दुक्खाणमेव आवट्ट अणुपरियट्टइ तिं बेमि / // 101 // बीअं अज्झयगं तइओद्देसो समत्तो // .. तओ से एगया रोगसमुप्पाया समुप्पजति // 102 // जेहिं वा सद्धिं संवसइ, ते वा णं एगया णियया पुस्वि परिवयंति / सो वा ते णियगे पच्छा परिवइज्जा, गालं ते तव ताणाए वा, सरणाए वा, तुमं पि.तेसिं णालं ताणाए वा सरणाए वा / / 103 // जाणित्तु दुक्खं पत्तय सायं // 104 // भोगा मे व अणुसोयंति इहमेगेसि माणवाणं, तिविहेण, जावि से तत्थ मत्ता भवइ –अप्पा वा, बहुगा वा, से तत्थ गढिए चिट्ठइ; भोयणाए / // 10 // तओ से एगया विपरिसिढे संभूयं महोवगरणं भवइ, तंपि से एगया दायाया विभयंति, अदत्तहारो वा से हरइ, रायाणो वा से विलुपति, णस्सइ वा से, विणस्सइ वा से, अगारदाहेण वा से डज्झइ // 106 / / इइ से बाले परस्स अट्ठाए कूराणि 'कम्माणि पकुट्वमाणे तेण दुक्खेण मूढे विप्परियासमुवेइ // 107 // आसं च छंदं च विगिंच धीरे // 108|| तुर्म चेव तं सल्लमाहटु // 109 // जेण सिया तेण णो सिया // 110 / / इणमेव णाव. बुज्झति, जे जणा मोहपाउडा // 11 // थीभिलोएपव्वहिए ते भो वयंति"एयाई आययणाई // 112 // से दुक्खाए-मोहाए-माराए-णरगाए-णरगतिरिक्खाए // 113 // सततं मूढे धम्मं णाभिजाणइ // 114 // उदाहु वीरे, अप्पमाओ महामोहे // 115|| अलं कुसलस्स पमाएणं, संति मरणं संपेहाए, भेउरधम्म संपेहाए ॥११६॥णालं पास अलं तव एएहिं, एयं पास मुणी ? महन्भयं // 117 // णाइवाइज कंचणं // 198 // एस वीर पसंसिए जेण णिविजइ आयाणाए // 119 // “ण मे देइ " ण कुप्पिज्जा. थोवं लद्धं ण खिंसए, पडिसेहिओ परिणमिज्जा // 120 // एये मोणं समणुवासिज्जासित्ति बेमि // 121 // बीअं अज्झयणं चउत्थोद्देसो समत्तो॥ जमिणं विरूवरूवेहिं सत्येहिं लोगस्स कम्मसमारंभा कजत्ति, तंजहा-अप्पणो से पुत्ताणं, धूयाणं, सुण्हाणं णाईणं, धाईणं, राईणं, दासाणं, दासीणं, कम्मकराणं Page #24 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 1 अ.२ उ. 6 11 कम्मकरीणं, आएसाए, पुढो पहेणाए, सामासाए, पायरासाए, संणिहि-संणिचओ फज्जइ, इह मेगेसिं माणवाणं भोयगाए // 122 / / समुट्ठिए अणगारे आरिए आरियपण्णे, आरियदंसी, अयंसंधित्ति, अदक्षु, से णाइए, णाइआवए. णाइयंते समगुजाणइ // 123 // सव्वामगवं परिणाय णिरामगंधो परिव्वए // 124 // अदिस्समाणे कयविक्कएसु; से ण किणे.ण किणावए,किणंतं ण समगुजाणइ // 125 // से भिक्खु कालण्णे-बलण्णे-मायण्णे-खेयण्णे-खणयण्णे-विणयण्णे-ससमयण्णे-परसमयण्णे-भावण्णे-परिग्गहं अममायमागे, कालाणुट्ठाई, अपडिण्णे दुहओ छेत्ता, णियाइ॥१२६।। वत्थं-पडिग्गह-कंबल-पायपुंछणं-उग्गहं च कडासणं, एएस चेव जाणेना // 12 // लद्धे आहारे, अणगारो मायं जाणेज्जा से जहेयं भगवया पवेइयं // 128 // लाभुत्ति ण मज्जिजा, अलाभुत्ति ण सोइज्जा, बहुंपि लर्बु ण णिहे, परिग्गहाओ अप्पाणं अवसंक्किन्जा, अण्णहा णं पासए परिहरिज्जा // 129 / / एस मग्गे आयरिएहिं पवेइए, जहित्य कुसले गोवलिंपिज्जासित्ति बेमि // 130 // कामा दुरइक्कमा, जीवियं दुपडिवूहणं; कामकामी खलु अयं पुरिसे, से सोयइ, जूरइ, तिप्पइ, पिडुइ; परितप्पइ // 13 // आययचक्खू लोगविपस्सी लोगस्स अहो भाग जाणइ, उड़े भाग जाणइ, तिरियभागं जाणइ / / 132 // गढिए लोए अणुपरियट्टमाणे, विइत्ता इह मचिएहिं, एस वीरे पसंसिए जे बद्ध पडिमोयए // 133 // जहा अंतो तहा बाहिं जहा बाहिं तहा अंतो // 134|| अंतो-अंतो पूइदेहतराणि पासइ पुढोवि सवंताई पंडिए पडिलेहाए // 135 // से मइमं परिणाय माय हु लाल पच्चासी, मा तेसु तिरिच्छमप्पाणमावायए // 136 / / कासंकासे खलु अयं पुरिसे, बहुमाई, कडेण मूढे,पुणो तं करेइ लोहं वेरं वड्डेइ अप्पणो // 137 // जमिणं परिकहिज्जइ इमस्स चेव पडिवूहणयाए अमरायइ महासही अट्टमेयं तु पेहाए // 138 // अपरिणाए कंदइ से तं जाणह जमहं बेमि // 139 // ते इच्छ पंडिए पवयमाणे, से हंता, छित्ता, भित्ता, लुंपइत्ता, विलुपइत्ता उद्दवइत्ता, अकडं करिस्सामित्ति मण्णमाणे, जस्सवि य णं करेइ, अलं बालस्स संगणं, जे वा से कारइ वाले, ण एवं अणगारस्स जायइत्ति बेमि // 140 // बीअं अज्झयणं पंचमोद्देसो समत्तो / से तं संबुज्झमाणे आयाणीयं समुट्ठाए तम्हा पावकम्म णेव कुज्जा, ण कार Page #25 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 12 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि वेज्जा // 141 // सिया तत्थएगयरं विप्परामुसइ, छसु अण्णयरंसि, कप्पइ // 142 // सुहट्ठी लालप्पमाणे सएण दुक्खेण मूढे विप्परियासमुवेइ / सएण विप्पमाएण पुढो वयं पकुव्वइ, जं सि मे पाणा पवहिया, पडिलेहाए णो णिकरणयाए एस परिण्णा पवुच्चइ कम्मोवसंती // 143 // जे ममाइयमई जहाइ से चयइ ममाइयं से हु दिट्ठपहे मुणी जस्स, णत्थि ममाइयं // 144 // तं परिणाय मेहावी विइत्ता लोग वंता लोगसणं से मइमं परिक्कमिज्जासित्ति बेमि // 145 // णारई सहते वीरे, वीरे णो सहते रइं जम्हा अविमणे वीरे, तम्हा वीरे ण रज्जइ // 146 // सद्दे फासे अहियासमाणे, णिविंद शंदि इह.जीवियस्स // 147 // मुणी मोणं समायाय, धुणे कम्मसरीरगं; पंतं लूहं सेवंति, वीरा संमत्तदंसिणो // 148 // एस ओहंतरे मुणी, तिण्णे मुत्ते, विरए वियाहिएत्ति बेमि // 149 // दुव्वसुमुणी अणाणाए, तुच्छए गिलाइ वत्तए // 150 // एस.वीरे पसंसिए, अच्चेइ लोयसंजोयं, // 15 // एस णाए पवुच्चइ, जं दुक्खं पवेइयं इह माणवाणं, तस्स दुक्खस्स कुसला परिण्णमुदाहरंति / / 152 / / इइ कम्म परिण्णाय सव्वसो // 153 // जे अणण्णदंसी से अणण्णारामे, जे अणण्णारामे से अणण्णदंसी // 154|| जहा पुण्णस्स कत्थइ तहा तुच्छस्स कत्थइ जहा तुच्छस्स कत्थइ तहा पुण्णस्स कत्थइ // 155 / / अविय हणे अणाइयमाणे / एत्थंपि जाण, सेयंति णत्थि // 156 / / केयं पुरिसे कं च णए ? एस वीरे पसंसिए, जे बद्ध पंडिमोयए, उद्धं अहं तिरियं दिसासु // 157 // से सव्वओ सवपरिण्णाचारी ण लिप्पइ छणपएण, वीरे // 158 // से, मेहावी अणुग्घायणस्सखेयण्णे जे य बंधपमुक्खमण्गेसी // 159 / / कुसले पुण णो बद्धे, णो मुक्के // 160 // से जंच आरमे जं च णारभे। अणारद्धं च ण आरभे // 161 // छणं परिण्णाय लोगसणं च सव्वसो / / 162 / / उद्देसो पासगस्स णत्थि / / 163 // बाले पुण णिहे कामसमगुण्णे असमियदुक्खे दुक्खी दुक्खाणमेव आवढे अणुपरियट्टइ त्ति बेमि // 164 // छट्ठोद्देसो समत्तो।। लोगविजय णाम बीअमज्झयणं समत्तं // -सीओसणिज्ज णाम तइयं अज्झयणंसुत्ता अमुणी सया मुणिणो सया जागरंति // 165 // लोयसि जाण अहियाय Page #26 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 1 अ. 3 उ. 2, 3 दुक्खं // 166 / / समयं लोगस्स जाणित्ता, इत्थ सत्थोवरए // 167 // जस्सिमे सदा य-रूवा य-गंधा य-रसा य-फासा य-अभिसमण्णागया भवंति, से आयवं-णाणवंवेयवं-धम्मवं-बंभवं-पण्णा गेहिं परियाणइ लोयं मुणीति वच्चे धम्मविउति अंजू आवट्टसोए संगमभिजाणइ सीउसिणवाई, से णिग्गंथे, अरइरइस हे फरुसयं णो वेएइ जागरवेरोवरए-वीरे एवं दुक्खा पमुक्खसि // 168 / / जरामच्चुवसोवणीए गरे सययं मूढे धम्म णाभिजाणइ // 169 // पासिय आउरे पाणे अप्पमत्तो परिव्वए // 170 / / मंता एयं; मइम-पास / / 171 / / आरंभ दुक्खमिणंति णचा, माई पमाई पुण-एइ गब्भं; उवेहमाणो सहरूवेसु अंजू , माराभिसकी मरणा पमुच्चई // 172 // अप्पमत्तो कामेहिं, उवरओ पावकम्मेहि, वीरे आयगुत्ते जे खेयण्णे ॥१७३॥जे पज्जवजायसा स्थस्स खेयण्गे, से असत्थस्स खेयण्णे; जे असत्थस्स खेयण्णे, से पज्जवजाय सत्थस्स खेयण्णे // 174 // अकम्मस्स ववहारो ण विजइ, कम्मुणा उवाही जायइ // 17 // कम्मं च पडिलेहाए, कम्ममूलं च जं छणं // 176 / / पडिलेहिय, सव्वं समायाय दोहिं अंतेहिं अदिस्समाणे // 177 // तं परिण्णाय मेहावी विइत्ता लोग, वंता लोगसणं से मइमं परकमिजासित्ति बेमि // 178 // पढमोद्देसो समत्तो।। . जाई च बुद्धिं च इहज पासे, भूएहिं सायं पडिलेह जाणे / तम्हाऽतिविज्जो परमंति णबा, संमतदंसी ण करेइ पावं // 179|| उम्मुंच पासं इह मच्चिए हिं, आरंभजीत्री उभयाणुपस्सी / कामेसु गिद्धा णिचयं करंति / संसिच्चमाणा पुणरिंति गम्भ // 180 // अवि से हासमासज्ज, हंता गंदीति मण्णइ / अलं बालस्स संगणं वेर वड्डेइ अपणो।।१८।।तम्हा-तिविज्जो परमंति णवा, आयंकदंसी ण करेइ पावं // 182 / / अग्गं च मूलं च विगिंच धीरे, पलिच्छिदिया णं णिकम्मदंसी // 183 // एस मरणा पमुच्चइ से हु दिट्ठभए मुणी, लोयंसी परमदंसी विवित्तजीवी उवसंते समिए सहिए सयाजए कालखी परिव्वए // 184 / / बहुं च खलु पावकम्म पगडं, सबमि घिई कुब्वहा, एत्थोवरए मेहावी सव्वं पावकम्मं झोसेइ / 185 // अणेगचित्ते खलु अयं पुरिसे से केयणं अरिहए पुरइत्तए से अण्णवहाए, अण्ण; परियावाए, अण्मपरिग्गहाए, जणवयवहाए, जणवयपरियावाए, जणवयपरिरगहाए ॥१८६॥आसेवित्ता एयमढ़ इच्चेवेगे समुट्ठिया, तम्हा तं बिइयं णो सेवे णिस्सारं पासिय णाणी // 187 // उववायं चवणं णचा, अणण्णं चर माहणे // 188 // से ण छणे ण छणामए. छणतं णाणुजाणए // 189 // णिव्विंद गंदि अरए पयासु Page #27 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 14 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि अणोमदंसी णिसण्णे पावेहि कम्मेहिं // 190 // कोहाइमाण हणिया य वीरे लोभरस पासे गिरयं महंत / तम्हा य वीरे विरए वहाओ, छिंदिज्ज सोयं लभूय गामी ॥१९१||गथं परिण्णाय इहज्ज वीरे, सोयं परिणाय चरिज्ज दंते / उम्मज्ज लद्धं इह माणवेहि, णो पाणिणं पाणे समारमिज़्जासि-त्ति बेमि // 192 // तइयं अज्झयणं बीओद्देसो समत्तो // संधि लोगस्स जाणित्ता // 193 // आयओ बहिया पास, तम्हा ण हताणविधायर // 194 // जमिणं अण्णमण्णवितिगिच्छाए पडिलेहाए ण करेइ पावं कम्म किं तत्थ मुणी कारणं सिया ? समयं तत्युवेहाए अपाणं विप्पसायए // 195 // अणण्णपरमं णाणी णो पमाए कयाइवि / आयगुत्ते सया धीरे, जायामायाइ नावए // 196 // विरागं रूवेहिं गठिज्जा महया खुड्डए हिं वा // 197 / / आगई गई परिण्णाय दोहिंवि अतेहिं अदिस्समाणेहिं से ण छिज्जइ, ण भिज्जइ, ण डज्जइ ग हम्मइ कंचणं सव्वलोए // 198|| अवरेण पुट्विं ण सरंति एगे, किमस्सतीतं ? किंवाऽऽगमिस्सं ? भासंति एगे इह माणधाओ. जमस्सतीतं तं आगमिस्सं // 199 // णाई यमणय आगमिस्सं, अर्द्ध णिअच्छंति तहागया उ; विहयकप्पे एयाणपस्सी; णिज्झोसइत्ता खवए महेसी // 200 // का अरई ? के आणंदे ? एत्थंपि अग्गहे चरे। सव्वं हासं परिच्चज्ज, अलीणगुत्तो परिव्वए // 201 // पुरिसा! तुममेव तुम मित्तं, किं बहिया मित्तमिच्छसि ? // 202 // ज जाणिज्जा उच्चालइयं तं जाणिज्जा दूरालइयं, जं जाणिज्जा दूरालइयं तं जाणेज्जा उच्चालइयं / / 203 // पुरिसा ! अत्ताणमेवं अभिणिगिज्झ एवं दुक्खा पमुच्चसि // 204 / / पुरिसा ! सच्चमेव समभिजाणाहि, सच्चस्साणाए से उवट्ठिए मेहावी मारं तरइ सहिओ धम्ममायाय सेयं समणुपस्सइ / / 205 // दुहओ, जीवियस्स परिवंदणमाणणपूयणाए, जसि एगे पमायति // 206 // सहिओ दुक्खमत्ताए पुट्ठो णो झंझाए; पासिमं दविए लोए लोयालोयपवंचाओ मुच्चइ त्ति बेमि // 207 // तइओसो समत्तो / से वंता कोहं च, माणं च, माय च, लोभं च, एयं पॉसगस्स दसणं, उवरयसत्थस्स पलियंतकरस्स आयाणं सगडन्भि. // 208 // जे एग जाणइ से सव्वं जाणइ, जे सव्वं जाणइ से एग जाणइ // 209 // सव्वओ पमचस्स भयं, सव्वओ अप्पमत्तस्स णत्थि भयं // 21 // जे एगं णामे से बहुं णामे, Page #28 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 1 अ. 4 उ. 1, 2 15 जे बहुं णामे से एगं गामे / / 211 / / दुक्खं लोगस्स जाणित्ता, वंता लोगस्स संजोगं, जति वीरा महाजाणं, परेण परं जंति णावखंति जीवियं // 212 / / एगं विगिंचमाणे पुढो विगिंचइ पुढोविगिंचमाणे एगं विगिंचइ / / 213 / / सड्डी आणाए मेहावी // 214 // लोगं च आणाए अभिसमेच्चाअकुओभयं / / 215 // अत्थि सत्थं परेण परं, णत्थि असत्थं परेण परं / / 216 // जे कोहदंसी सेमाणदंसी, जे माणदंसी से मायादंसी, जे मायादंसी से लोभदंसी, जे लोभदंसी से पिज्जदंसी, जे पिज्जदंसी से दोसदंसी, जे दोसदंसी से मोहदंसी, जे मोहदंसी से गब्भदंसी जे गम्भदंसी से जम्मदंसी, जे जम्मदंसी से मारदंसी, जे मारदंसी से णरयदंसी, जे णरयदंसी से तिरियदंसी, जे तिरियदंसी से दुक्खदंसी // 217 // से मेहावी अभिणिवट्टिज्जा, कोहं च-माणं च-मायं च लोहं च-पिजं च-दोसं च-मोहं च-गब्भं च-जम्मं च-मरणं चगरयं च-तिरियं च-दुक्खं च एयं पासगस्स दसणं उवरयसत्थस्सपलियंतकरस्स // 218 / / आयाणं णिसिद्धा सगडब्भि // 219 // किमत्थि ओवाही पासगरस ? " विजइ ? णत्थि त्ति बेमि // 220 // चउत्थोद्देसो समत्तो। सीओसणीयं णाम तइयज्झयणं समत्तं // ॥सम्मत्तं णाम चउत्थं अज्झयणं / से बेमि–जे य अईया, जे य पडुप्पण्णा, जेय आगमिस्सा अरहंता भगवंतो ते सम्वे, एवमाइक्खंति एवं भासंति एवं पण्णविंति, एवं परूविंति-सवे पाणा, सचे भूया, सवे जीवा, सधे सत्ता ण हतब्वा, ण अज्जावेयव्वा, ण परिघेतव्वा | परियावेयव्वा, ण उद्दवेयन्वा // 221|| एस धम्मे सुद्धे, णिइए-सासए-समिच्च लोयं खेयण्णेहिं पवेइए, तंजहा-उढिएसु वा, अणुट्ठिएसु वा, उवट्ठिएसु वा अणुवढिएसु वा, उवरयदंडेसु वा, अणुवरयदंडेसु वा, सोवहिएसु वा, अणुवहिएसु वा, संजोगरएसु वा, असंजोगरएसु वा।।२२२शातचं चेयं तहा चेयं अस्सिं चेयं पवुच्चइ // 223 // ते आइत्तु ण णिहे ण णिक्खिवे, जाणित्तु धम्मं जहा तहा // 224 / / दिटेहिं णिव्वेयं गच्छिज्जा // 225 / / णो लोगस्सेसणं चरे // 226 // जस्स णत्थि इमा णाई अण्णा तस्स को सिया 1 // 227 / / दिटुं सुयं मयं विण्णायं, जं एवं परिकहिज्जइ // 228 // समेमाणा पलेमाणा पुणो पुणो जाई पकप्पंति // 229 / / अहो य राओ य जयमाणे धीरे सया आगयपण्णाणे, पमत्ते बहिया पास अपमत्ते सया परक्कमिजासि त्ति Page #29 -------------------------------------------------------------------------- ________________ .. 16 अंग-पविट्ट सुत्ताणि बेमि // 230 // चउत्थं अज्झयणं पढमोइसो समत्तो / / . जे आसवा ते परिस्सवा, जे परिस्सवा ते आसवा / / 231 // जे अणासवा ते अपरिस्सवा, जे अपरिस्सवा ते अणासवा / / 232 // एएं पए संबुज्झमाणे लोयं च आणाए अभिसमिच्चा पुढो पवेइयं / / 233 // आघाइ णाणी इह माणवाणं संसारपडिवण्णाणं संबुज्झमाणाणं विण्णाणपताणं, अट्टावि संता अदुवा पमत्ता, अहा सच्चमिणत्ति-बेमि // 234 // णाणागमो मच्चुमुहस्स अत्थि / इच्छापणीया वंकाणिकेया कालग्गहीआ णिचयणिविट्ठा पुढो पुढो जाई पकप्पयंति // 235 // इहमेगेसि तत्थ-तत्थ संथवो भवइ / अहोववाइए फासे पडिसंवेदयंति // 236 // चिट्ठ रेहिं कम्मेहिं, चिट्ठ परिचिट्ठइ; अचिं8 कूरेहिं कम्मेहिं णो चिट्ठ परिचिट्ठइ / / 237 // एगे वयंति अदुवावि णाणी, णाणी वयंति अदुवावि एगे // 238 / आवंती केयापंती लोयसि समणा य माहणा य पुढो विवायं वयंति, “से दिटुं च णे, सुयं च णे, . मयं च णे, विण्णायं च णे, उड्डे अहं तिरिय दिसासु सव्वओ सुपडिलेहियं च णे सधे पाणा, सब्वे जीवा, सब्वे भूया, सधे सत्ता हतव्वा-अन्जावेयवा-परिघेतव्वापरियावयवा-उद्दवेयन्वा / एत्थं पि जाणह, णत्थित्था दोसो।" अणारियवयणमेयं // 239 / / तत्थ जे ते आरिया, ते एवं वयासी-“से दुट्टिं च भे, दुस्सुयं च भे, दुम्मयं च भे, दुविण्णायं च भे, उ8 अहे तिरियंदिसासु सव्वओ दुप्पडिलेहियं च भे; जं णं तुब्भे एवमाइक्खह, एवं भासह, एवं पण्णवेह एवं पांवेह सचे पाणा सम्वे जीवा सव्वे भूया सधेसत्ता, हतवा, अज्जावेयवा, परिघेतव्वा-परियावेयव्वाउद्दवेयधा एत्थवि जाणह णत्थित्थ दोसो।" अणारियवयणमेयं / 240 / वयं पुण एव. माइक्खामो एवं भासामो, एवं पण्णवेमो, एवं परूवेमो, “सचे पाणा, सब्बे जीवा, सधे भूया, सधे सत्ता, ण हंतव्वा, ण अजायब्वा, ण परिघेतवा, ण परियावेयवा, ण उद्दवेयव्वा, एत्थवि जाणह, णत्थित्थ दोसो / ' आरियवयणमेयं // 241 // पुर्व णिकायसमय, पत्तेयं पत्तेयं पुच्छिस्सामो, हं भो पवाया ! किं भे सायं दुक्खं उदाहु असायं ? समिया पडिवण्णे यावि एवं बूया-सवेसिं पाणाणं, सव्वेसिं भूयाणं, सव्वेसि जीवाणं, सव्वेसि सत्ताणं, असायं, अपरिणिवाणं महाभयं दुक्खं त्ति बेमि // 242 // चउत्थं अज्झयणं बीओईसो समतो॥ ........ * . उबेहे णं बहिया य लोयं, से सबलोयमि जे केइ विष्णू // 243 // अणुवीइ Page #30 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 1 अ. 5 उ. 1,2 पास, णिक्खित्तदंडा जे केइ सत्ता पलियं चयंति, णरे मुयच्चा धम्मविउत्ति अंजू ; आरंभजं दुक्खमिणति णचा, एवमाहु संमत्तदंसिणो // 244 / / ते सव्वे पावाइया दुक्खस्स कुसला परिणमुदाहरंति, इति कम्मं परिणाय सव्वसो // 245 // इह आणाकंखी पंडिए अणिहे, एगमप्पाणं संपेहाए धुणे सरीरं // 246 / / कसेहि अप्पाणं, जरेहि अप्पाणं // 247 // जहा जुण्णाई कट्ठाई हव्ववाहो पमत्थइ, एवं अत्तसमाहिए अणिहे // 248 / / विगिंच कोहं अविकंपमाणे, इमं णिरुद्धाउयं संवेहाए / / 249 / / दुक्खं च जाण अदुवागमेस्सं, पुढो फासाइं च फासे, लोयं च पास, विप्फंदमाणं / / 250 // जे णिन्बुडा, पावहिं कम्मेहिं अणियाणा ते वियाहिया // 251 // तम्हाऽतिविज्जो णो पडिसंजलिज्जासि त्ति बेमि // 252 / / तइओद्देसो समत्तो॥ आवीलए फ्वीलए णिप्पीलए, जहित्ता पुव्वसंजोगं हिच्चा उवसमं / / 253 // तम्हा अविमणे वीरे, सारए समिए सहिए सया जए // 254 // दुरणुचरो मग्गो वीराणं अणियट्टगामीणं / / 255 // विगिंच मंससोणिय, एस पुरिसे दवीए वीरे आयाणिज्जे वियाहिए, जे धुणाइ समुस्सयं वसित्ता बंभचेरंसि / / 256 // णित्तेहिं पलिछिण्णेहिं आयाणसोयगढिए बाले, अव्वोच्छिण्णबंधणे अणभिकंतसंजोए / तमंसि अवियाणओ आणाए लंभो णत्थिं-त्ति बेमि // 257 // जस्स णत्थि पुरा पच्छा, मज्झे तस्स कुओ सिया ? // 258 // से हु पण्णाणमंते बुद्धे आरंभोवरए, सम्ममेयंति पासह, जेण बंधं वहं घोरं परितावं च दारुणं // 259 // पलिछिंदिय बाहिरगं च सोयं, णिक्कम्मदंसी इह मंचिएहिं // 260 // कम्माणं सफलं दळूण तओ णिज्झाइ वेयवी // 261 // जे खलु भो ! वीरा ते समिया सहिया सयाजया संघडदंसिणो आओवरया अहातहं लोगमुवेहमाणा पाईणं पडीणं दाहीणं उईणं इइ सच्चंसि परिचिट्रिंसु // 260 // साहिस्सामो णाणं वीराणं समियाणं सहियाणं, सयाजयाणं संघडदंसिणं आओवरयाणं अहातहा लोगंसमुवेहमाणाणं किमत्थि उवाही ? पासगस्स ण विजइ णत्थि त्ति बेमि / / 263 // च उत्थं अज्झयणं चउत्थोइसो समतो / सम्मत्तं णाम चउत्थमज्झयणं समत्तं // . लोकसार णाम पंचमं अज्झयणं __आवती केयावंती लोयंसि विपरामुसंति अट्ठाए अणट्ठाए वा / एएसु चेव विप्परामुसंति, गुरु से कामा, तओ से मारस्स अंतो जओ से मारस्स अंतो तओ Page #31 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 18 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि से दूरे, णेव से अंतो णेव से दूरे // 264|| से पासइ फुसियमिव कुसग्गे पगुण्ण णिवइयं वाएरियं, एवं बालस्स जीवियं मंदस्स अवियाणओ / / 265 // कराई कम्माइं बाले पकुबमाणे तेण दुक्खेण मूढे विपरियासमुवेइ; मोहेण गम्भ मरणाइ एइ एत्थ मोहे पुणो पुणो // 266 / / संसयं परियाणओ संसारे परिणाए भवइ, संसयं अपरियाणओ संसारे अपरिण्णाए भवइ / / 267 / / जे छेए से सागरियं ण सेवए // 268 // कटु एवं अवियाणओ बिइया मंदस्स बालया / / 269 / / लद्धा हुरत्था पडिलेहाए आगमित्ता आणविज्जा अणासेवणाए त्ति बेमि / / 270 / / पासह एगे रूवेसु गिद्धे परिणिज्जमाणे, एत्थ फाने पुणो पुणो, आवंती केयावंती लोयंसि आरंभजीवी // 271 / / एएसु चेव आरंभजीवी, एत्थवि बाले परिपच्चमाणे रमइ पावेहि कम्मेहिं असरणे सरणंत्ति मण्णमाणे // 272|| इहमेगेसिं एगचरिया भवइ, से बहुकोहे-बहुमाणे-बहुमाए-बहुलोहे-बहुरए-बहुणडे-बहुसढे-बहुसंकप्पे, आसवसक्की पलिउच्छण्णे उट्ठियवायं पवयमाणे "मा मे केइ अदक्खू" अण्णाणपमायदोसेणं, सययं मूढे धम्मं णाभिजाणइ / / 273 // अट्टा पया माणव ? कम्मकोविया जे अणुवरया अविजाए पलिमुक्खमाहु आवट्टमेव अणुपरिय{ति त्ति बेमि // 274 // पंचमं अज्झयणं पढमोद्देसो समत्तो॥ आवंती केयावंती लोयंसी अणारंभजीविणो एएसु चेव अणारंभ जीविणो // 27 // एत्योवरए तं झोसमाणे "अयं संधीति" अदक्खु, जे इमस्स विग्गहस्स अयं खणेत्ति अण्णेसी // 276 // एस मग्गे आरिएहिं पवेइए, उढिए णो पमायए, जाणित्तु दुक्ख पत्तेयं सायं // 277 // पुढो छंदा इह माणवा, पुढो दुक्ख पवेइयं से अविहिंसमाणे अणवयमाणे, पुट्ठो फासे विप्पणोल्लए / एस समिया परियाए वियाहिए // 278 // जे असत्ता पावेहिं कम्मेहिं उदाहु ते आयंका फुसंति इइ उदाहु धीरे ते फासे पुट्ठो अहियासए // 279 // से पुत्वं पेयं, पच्छापेयं भेउरधम्मं विद्धसणधम्म अधुर्व अणिइयं असासयं चयावचइयं विप्परिणामधम्म, पासह एयं रूवसंधि / / 280 // समुप्पेहमाणस्स इक्काययणरयस्स इह विप्पमुक्कस्स णत्थि मग्गे विरयस्स त्ति बेमि // 281 // आवंती केयावंती लोगंसि परिग्गहावंती;-से अप्पं वा, बहुयं वा, अणु वा, थूल वा, चित्तमंतं वा, अचित्तमंत वा, एएसु चेव परिग्गहावंती // 282 / / एवमेवेगेसिं महब्भयं भवइ, लोगवित्तं च णं उवेहाए / / 283 / / एए Page #32 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु.१ अ.५ उ. 4-5 19 संगे अवियाणओ से सुपडिबद्धं सूवणीयंति णचा, पुरिसा ! परमचक्खूविप्परिकमा, एएसु चेव बंभचेरं त्ति बेमि।।२८४॥से सुयं च मे, अज्झत्थयं च मे, बंधपमुक्खो अज्झत्थेव // 285 / / इत्थ विरए अणागारे दीहरायं तितिक्खए // 286 // पमत्ते बहिया पास, अप्पमत्तो परिव्वए // 28 // एय मोणं सम्म अणुवासिज्जासित्ति बेमि॥ 288 // पंचमं अज्झयणं बीयोइसो समत्तो॥ आवंती केयावंती लोयंसि अपरिग्गहावंती एएसु चेव अपरिग्गहावंती सुच्चा वई मेहावी, पंडियाण णिसामिया // 289 // समियाए धम्मे आरिए हिं पवेइए बहित्थ मए संधी झोसिए एवमण्णत्थ संधी दुज्झोसए भवइ तम्हा बेमि णो णिण्हवेज वीरियं // 290 // जे पुबुढाई णो पच्छाणिवाई, जे पुबुहाई पच्छाणिवाई, जे णो पुवुढाई णो पच्छाणिवाई, सेऽवि तारिसीए सिया, जे परिण्णाय लोगमण्णेसयंति, एयं णियाय मुणिणा पवेइयं // 29 // इह आणाकंखी पंडिए अणिहे, पुव्वावररायं जयमाणे सया सीलं संपेहाए // 292 // सुणिया भवे अकामे अझंझे // 293 // इमेणं चेव जुज्झाहि, किं ते जुज्झेण बज्झओ ? जुधारिहं खलु दुलई // 294 // जहित्थ कुसलेहिं परिण्णाविवेगे भासिए, चुए हु बाले गम्भाइसु रज्जइ // 295 // अस्सि चेयं पब्बुच्चइ, रूवंसि वा छणंसि वा // 296 // से हु एगे संविद्धपहे मुणी अण्णहा लोगमुवेहमाणे // 297 // इति कम्मं परिण्णाय सवसो से ण हिंसइ ,संजमइ णो पगब्भइ, उवेहमाणो पत्तेयं सायं // 298 // वण्णाएसी णारंभे कंचणं सव्वलोए, एगप्पमुहे विदिसप्पइण्णे णिविण्णचारी अरए पयासु // 299 // से वसुमं सव्वसमण्णागयपण्णाणेणं अप्पाणेणं अकरणिज्ज पावकम्म ते णो अण्णेसी // 300 // सम्म ति पासहा तं मोणं ति पासहा, जं मोणं ति पासहा तं सम्मं ति पासहा, // 301|| ण इमं सक्कं सिढिलेहिं अहिज्जमाणेहिं गुणासाएहिं वंकसमायारेहिं पमत्तेहिं गारमावसंतेहिं / / 302 // मुणी मोणं समायाए, धुणे कम्मसरीरग, पंत लूहं सेवंति, वीरा संमत्तदंसिणो // एस ओहंतरे मुणी, तिण्णे मुत्ते विरए वियाहिएत्ति बेमि // 303 // तइओद्देसो समत्तो॥ . : गामाणुगामं दूइज्जमाणस्स दुजायं दुप्परकंतं भवइ अवियत्तस्स भिक्खुणो // 304|| वयसावि एगे बेइया कुप्पंति माणवा, उण्णयवाणे य णरे महया मोहेण मुज्झइ संबाहा बहवे भुजो 2 दुरइक्कमा अजाणओ, अपासओ, एयं ते मा होउ, Page #33 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 20 अंग-पविटु सुत्ताणि एयं कुसलस्स दंसणं // 305 // तहिट्ठीए तम्मुत्तीए तप्पुरकारे तस्सण्णी तण्णिवेसणे जयं विहारी चित्तणिवाई पंथणिज्झाई पलिबाहिरे, पासिय पाणे गच्छिज्जा। से अभिक्कममाणे पडिक्कममाणे संकुचमाणे पसारेमाणे विणिवट्टमाणे संपलिमज्जमाणे // 306 // एगया गुणसमियस्स रीयओ कायसंफासं समणुचिण्णा एगइया पाणा उद्दायंति; इहलोगवेयणवेज्जावडियं जं आउट्टीयं कम्मं तं परिण्णाय विवेगमेइ, एवं से अप्पमाएणं विवेगं किट्टइ वेयवी // 307 // से पभूयदंसी पभूयपरिणाणे उवसंते समिए सहिए सयाजए, दटुं विप्पडिवेए इ अप्पाणं," किमेस जणो करिस्सइ ? एस से परमारामो जाओ लोगमि इत्थीओ', मुणिणा हु एयं पवेड्यं // 308 // उब्बाहिज्जमाणे गामधम्मेहिं अवि णिब्बलासए, अवि ओमोयरियं कुज्जा, अवि उ8 ठाणं ठाइज्जा, अवि गामणुगामं दूइज्जिज्जा, अवि आहारं वुच्छिदिज्जा, अवि चए इत्थीसु मणं // 309|| पव्वं दंडा पुच्छा फासा, पुव्वं फासा पच्छा दंडा, इच्चेए कलहासंगकरा भवंति। पडिलेहाए आगमित्ता आणविज्जा अणासेवणाए त्ति बेमि // 310 // से णो कहिए, णो पासणिए, णो संपसारए णो मामए णो कयकिरिए, यइगुत्ते; अज्झप्पसंवुडे, परिवज्जए सया पावं, एयं मोणं समणुवासिज्जासि-त्ति बेमि॥३११॥ पंचमं अज्झयणं चउत्थोद्देसो समत्तो॥ से बेमि-तंजहा, अवि हरए पडिपुण्णे समंसि भोमे चिट्ठइ उवसंतरए सारक्खमाणे, से चिट्ठइ सोयमज्झगए, से पास, सव्वओ गुत्ते, पास लोए महेसिणो. जे य पण्णाणमंता पबुद्धा आरंभोवरया सम्ममेयंति पासह; कालस्स कंखाए परिव्वयंति त्ति बेमि // 312 // वितिगिच्छासमावण्णेणं अप्पाणेणं णो लभइ समाहिं // 313 // सिया वेगे अणुगच्छंति, असिया वेगे अणुगच्छंति, अणुगच्छमाणेहिं अणणुगच्छमाणे कहं ण णिविज्जे, तमेव सच णीसंकं जं जिणेहिं पवेइयं // 314 // सड्डिस्स णं समणुण्णस्स संपव्वयमाणस्स समियंति मण्णमाणस्स एगया समिया होइ समियंति मण्णमाणस्स एगया असमिया होइ असमयंति मण्णमाणस्स एगया समिया होइ असमियति मण्णमाणस्स एगया असमिया होइ // 315 // समियंति मण्णमाणस्स समिया वा, असमिया वा, समिया होइ उवेहाए // 316 / / असमियंति मण्णमाणस्स समिया वा, असमिया वा, असमिया होइ उवेहाए ॥३१७||उवेहमाणो अणुवेहमाणं बूया-"उवेहाहि समियाए इच्चेवं तत्थ संधी झोसिओ भवइ " // 318 // से Page #34 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 1 अ. 6 उ. 1, 2 21 उद्वियस्स ठियस्स गई समणुपासह, इत्थवि बालभावे अप्पाणं णो उवदंसेज्जा // 319 // तुमंसि णाम सच्चेव, जं हंतव्वंति मण्णसि, तुमंसि णाम सच्चेव, जं अज्जावेयव्वंति मण्णसि, तुमंसि णाम सच्चेव, जं परियावेयव्वंति मण्णसि, एवं जं परिघेत्तव्वंति मण्णसि, जं उद्दवेयव्वंति मण्णसि / अंजू चेहपडिबुद्धजीवी तम्हा ण हंता, ण विघायए; अणुसंवेयणमप्पाणेणं जं हंतव्वं णाभिपत्थए // 320 // जे आया से विण्णाया, जे विण्णाया से आया, जेण वियाणइ से आया, तं पडुच्च पडिसंखाए, एस आयावाई समियाए परियाए वियाहिए त्ति बेमि // 321 / / पंचम अज्झयणं पंचमोइसो समत्तो // अणाणाए एगे सोवट्ठाणा आणाए एगे णिरुवट्ठाणा एयं ते मा होउ, एयं कुसलस्स दसणं // 322 // तद्दिट्ठीए तम्मुत्तीए तप्पुरकारे तस्सण्णी तण्णिवेसणे, अभिभूय अदक्खू, अणभिभूए पभू णिरालंबणयाए; जे महं अबहिंमणे // 323 // पवाएणं पवायं जाणिज्जा, सहसम्मइयाए, परवागरणेणं अण्णेसिं वा अंतिए सोचा // 324 // णिद्देसं णाइव ज्जा मेहावी सुपडिलेहिय सव्वओ सव्वयाए सम्ममेव समभिजाणिया // 325 // इह आरामं परिण्णाय अल्लीणगुत्तो परिव्वए, णिट्ठियट्ठी वीरे आगमेण सया परक्कमेज्जासि त्ति बेमि // 326 / / उड्ढे सोया, अहे सोया, तिरिय सोया वियाहिया; एए सोया वियक्खाया, जेहिं संगति पासहा // 327|| आवढे तु उवेहाए, एत्थ विरमिज्ज वेयवी // 328 / / विणइत्तु सोयं णिक्खम्म एसमहं अकम्मा. . जाणइ, पासइ, पडिलेहाए णावकंखइ, इह आगई गई परिण्णाय अच्चेइ जाइमरणस्स * वट्टमग्गं विक्खायरए // 329 / / सके सरा णियटुंति, तक्का जत्थ ण विज्जइ, मई तत्थ ण गाहिया, ओए अप्पइट्ठाणस्स खेयण्णे ||330 // से ण दीहे ण हस्से ण वट्टे ण तसे ण चउरंसे ण परिमंडले, ण किण्हे, ण णीले, ण लोहिए, ण हालिद्दे ण सुकिल्ले ण सुरहिगंधे ण दुरहिगंधे ण तित्ते ण कडुए, ण कसाए, ण अंबिले, ण महुरे, ण लवणे, ण कक्खडे ण मउए ण गुरुए ण लहुए ण सीए ण उण्हे ण णिद्धे ण लुक्खे ण काऊ ण रुहे ण संगे ण इत्थी ण पुरिसे ण अण्णहा परिणे सण्णे // 331 // उवमा ण विजए, अरूवी सत्ता, अपयस्स पयं णत्थि // 332 // से ण सद्दे ण रूवे ण गंधे •ण रसे ण फासे.इचेयावंति त्ति बेमि // 333 // छोइसो समत्तो // . // लोगसार णाम पंचमज्झयणं समत्तं // Page #35 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 22 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि - धूताक्खं णाम छठें अज्झयणं . . ओबुज्झमाणे इह माणवेसु आघाइ से गरे, जस्सिमाओ जाइओ सव्वओं सुपडिलेहियाओ भवंति, आघाइ से णाणमणेलिसं // 334 // से किट्टइ तेसिं समु. ट्ठियाणं णिक्खित्तदंडाणं समाहियाणं पण्णाणमंताणं इह मुत्तिमग्गं, एवं एगे महावीरा विप्परक्कमाते, पासह एगे अविसीयमाणे अणतपण्णे // 335 / / से बेमि-से जहावि कुम्मे हरए विणिविट्ठचित्ते पच्छण्णपलासे उम्मग्गं से णो लहइ // 336 // भंजगा इव सण्णिवेसं णो चयंति, एवं एगे अणेगरूवेहिं कुलेहिं जाया, रूवेहिं सत्ता, कलुणं थणंति. णियाणओ ते ण लहंति मुक्खं // 337 // अह पास तेहिं कुलेहिं आयत्ताएं बाया // 338 // गंडी अहवा कोढी, रायंसी अवमारियं / काणियं झिमियं चेव, कुणियं खुज्जियं तहा // उदरिं पास मूयं च, सूणिअं च गिलासिणिं, वेवई पीढसपि च, सिलिवयं महुमेहणिं सोलस एए रोगा, अक्खाया अणुपुव्वसो, अह णं फुसंति आयंका, फासा य असमंजसा // मरणं तेसिं संपेहाए, उववायं चवणं च णचा; परियागं च संपेहाए, तं सुणेह जहा तहा / / 339 // संति पाणा अंधा तमंसि वियाहिया; तामेव सई असई अइ अच उच्चावयफासे पडिसंवेएइ, बुद्धेहिं एवं पवेइयं // 340 / / संति पाणा वासगा, रसगा उदए उदएचरा आगासगमिणो पाणा पाणे किलेसंति // 341 // पास लोए महन्मयं // 342 // बहुदुक्खाहु जंतवो / / 343 / / सत्ता कामेसु माणवा, अबलेण वह गच्छंति सरीरेणं पभंगुरेण // 344 // अट्टे से बहुदुक्खे, इइ बाले पकुवइ एए रोगा बहु णवा, आउरा परियावए // 345 // णालं पास, अलं तवेएहिं / एयं पास मुणी ! महब्भयं, णाइवाए ज कंचणं / / 346 / / आयाण भो ! सुस्सूस भो ! धूयवायं पवेदइस्मामि इह खलु अत्तत्ताए तेहिं-तेहि कुलेहिं अभिसेणए, अभिसंभूया, अभिसंजाया, अभिणिव्वट्टा, अभिसंवुड्डा, अभिसंबुद्धा अभिगिकता अणुपुवेणं महामुणी // 347 // तं परक्कमंतं परिदेवमाणा माणेचयाहि इइ ते वयंति; "छंदोवणीया अज्झोववण्णा," अकंदकारी जणगा रुयति / अतारिसे मुणी णय ओहंतरए, जणगा जेण विप्पजढा // 348 / / सरणं तत्थ णो समेइ कहं णु णाम से तत्थ रमइ ? एयं णाणं सया समणुवासिज्जासि ति बेमि // 349 // छठें अज्झयणं पढमोइसो समत्तो / आउरं लोयमायाए चहत्ता पुव्वसंजोगं, हिचा उवसम, वसित्ता बंभचेरंमि, Page #36 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 1 अ. 6 उ. 3, 4,5 23 वसु वा अणुवसु वा जाणित्तु धम्म जहा तहा, अहेगे तमचाइ कुसीला, वत्थं पडिग्गह कंबलं पायपुंछणं विउसिजा, अणुपुम्वेण अणहियासेमाणा परीसहे दुरहियासए, कामे ममायमाणस्स, इयाणि वा मुहुत्तेण वा अपरिमाणाए भेओ एवं अंतराएहिं कामेहिं आकेवलिएहिं अवइण्णाचेए // 350 // अहेगे धम्ममायाय आयाणप्पभिइसु पणिहिए चरे अप्पलीयमाणे दढे // 351 // सवं गिद्धिं परिण्णाय एस पणए महामुणी ||352 // अइअच्च सव्वओ संगं "णमहं अत्थित्ति इइ एगोहमंसि" जयमाणे एत्थ विरए, अणगारे, सबओ मुंडे, रीयंते, जे अचले परिवुसिए संचिक्खइ ओमोयरियाए // 353 // से आकुठे वा, हए वा, लुंचिए वा, पलियं पकत्थ, अदुवा पकत्थ, अतहेहिं सद्दफासेहिं, इइ सखाए एगयरे अण्णयरे अभिण्णाय तितिक्खमाणे परिवए, जे य हिरी जे य अहिरीमाणा, चिच्चा सव्वं विसोत्तियं संफासे फासे समियदंसगे // 354 // एते भो णगिणा वुत्ता, जे लोयसि अणागमणधम्मिणो, // 355 / / "आणाए मामगंधम्म" एस उत्तरवाए इह माणवाणं वियाहिए।।३५६॥ एत्थोवरए तं झोसमाणे, आयाणिज्ज परिणाय परियाएणं विगिचइ // 357 // इह मेगेसि एगचरिया होइ, तत्थियरा इयरेहिं कुलेहिं सुद्धसणाए सव्वेसणाए से मेहावी परिब्बए, सुन्भि अदुवा दुभि अदुवा तत्थ भेरवा पाणापाणे किलेसंति, ते फासे पुट्ठो धीरो अहियासेज्जासि त्ति बेमि // 358 // बीओईसो समत्तो॥ एयं खु मुणी आयाणं सया सुअक्खायधम्मे विधूयकप्पे णिज्झोसइत्ता // 359 // जे अचेले परिवुसिए तस्स णं भिक्खुस्स णो एवं भवइ परिजुण्णे मे वत्थं जाइ. स्मामि, सुत्त जाइस्सामि, सई जाइस्सामि, संधिस्सामि, सीविस्सामि, उक्कसिस्सामि वोक्कसिस्सामि, परिहिस्सामि पाउणिस्सामि // 360 // अदुवा तत्थ परक्कमंतं भुजो अचेलं तणफासा फुसंति, सीयफासा फुसंति, तेउफासा फुसंति, दंसमसगफासा फुसंति, एगयरे अण्णयरे विरूवरूवे फासे अहियासेइ, अचेले, लाघवं आगममाणे, तवेसे अभिसमण्णागए भवई // 361 // जहेयं भगवया पवेइयं तमेव अभिसमेच्चा सधओ सव्वत्ताए सम्मत्तमेव समभिज्जाणिज्जा एवं तेसिं महावीराणं चिरराइं पुवाई वासाणि रीयमाणाणं दवियाणं पाम, अहियासियं // 362 // आगयपण्णाणाणं किसा बाहा भवंति, पयणुए य मंससोणिए, विस्सेणिं कट्टु परिण्णाए, एस तिण्णे मुत्ते विरए वियाहिएत्ति बेमि // 363 / / विरयं भिक्खं रीयंत चिरराओसियं अरई तत्य Page #37 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 24 अंग-पविट्ट सुत्ताणि किं विधारए // 364 // संधेमाणे समुट्ठिए, जहासे दीवे असंदीणे // 365 // एवं से धम्मे आयरियपदेसिए // 366 // ते अणवकंखमाणा, पाणे अणइवाएमाणा दइया मेहाविणो पंडिया // 367 // एवं तेसिं भगवओ अणुट्टाणो जहा से दियापोए एवं ते सिस्सा दिया य राओ य अणुपुटवेण वाइय त्ति बेमि ॥३६८||छठें अज्झयणं तइओद्देसो समत्तो॥ एवं ते सिस्सा दिया य राओ य अणुपुत्रेण वाइया तेहिं महावीरेहिं पण्णाणमंतेहिं तेसिमंतिए पण्णाणमुवलब्भ हिचा उवसमं फारुसियं समाइयंति // 369|| वसित्ता बंभचेरंसि आणं तं णो त्ति मण्णमाणा // 370 // आघायं तु सोचा णिसम्म “समगुण्णा जीविस्सामो" एगे णिक्खमंते असंभवंता विडज्झमाणा कामेहिं गिद्धा अज्झोपवण्णा समाहिमाघायमजोसयंता सत्थारमेव 'फरुसं वयंति // 371 // सीलमंता उवसंता संखाए रीयमाणा " असीला" अणुवयमाणस्स बिइया मंदस्स बालया // 372 // णियट्ठमाणा वेगे आयारगोयरमाइक्खंति // 373 // णाणभट्ठा दंसणलूसिणो णममाणा एगे जीवियं विप्परिणामंति // 374 // पुट्ठावेगे णियमुति जीवियस्सेव कारणा, णिक्वंतंपि तेसिं दुणिक्खंतं भवइ // 375 / / बालवयणिज्जा हु ते णरा पुणो पुणो जाइं पकप्पंति अहे संभवंता विद्दायमाणा अहमंसि ति विउक्कसे उदासीणे फरुसं वयंति, पलियं पकत्थे अदुवा पकत्थे अतहेहिं तं मेहावी जाणिज्जा धम्मं // 376 // अहम्मट्ठी तुमंसि णायबाले, आरंभट्ठी अणुवयमाणे "हणपाणे" घायमाणे, हणओयावि समणुजाणमाणे "घोरे धम्मे उदीरिए" उवेहइ णं अणाणाए एस विसण्णे वियदे वियाहिए ति बेमि // 377 // किमणेणं भो ? जणेण करिस्सामि त्ति मण्णमाणे एवं एगे वइत्ता, मायरं पियरं हिचा, णायओ य परिग्गहं वीरायमाणा समुहाए अविहिंसा सुव्वया दंता, वरस दीणे उप्पइए पडिवयमाणे // 378 // वसट्टा कायरा जणा लूसगा भवंति // 379 // अहमेगेसिं सिलोए पावए भवइ. से समणो भबित्ता समणे-विभंते 2 // 380 // पासहेगे समण्णागएहिं सह असमण्णागए, णममाणेहि अणममाणे विरएहिं अविरए दविए हिं अदविए // 381 // अभिसमेचा पंडिए मेहावी णिट्ठियढे वीरे आगमेणं सया परक्कमेजासि त्ति बेमि // 382 // छठें अज्झयणं चउत्थोद्देसो समत्तो // से गिहेसु वा, गिहतरेसु वा, गामेसु वा, गामंतरेसु वा, णगरेसु वा णगरंतरेसु Page #38 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 1 अ. 8 उ. 1 25 वा, जणवएसु वा, जणवयंतरेसु वा, गामणयरंतरे वा, गामजणवयंतरे वा, णगरजणवयंतरे वा, संतेगइया जणा लूसगा भवंति, अदुवा फासा फुसंति, ते फासे पुट्ठो धीरो अहियासए ओए समियदसणे // 383 / / दयं लोगस्स, जाणित्ता पाईणं पडीणं, दाहिणं, उदीणं, आइक्खे; विभए, किट्टे वेयवी // 384 // से उठिएसु वा, अणुट्टिएसु वा सुस्सूसमाणेसु पवेयए, संति,विरई, उवसम, णिव्वाणं, सोयं अज्जवियं महवियं लाघवियं अणइवत्तिय // 385 / / सव्वेसिं पाणाणं सव्वेसिं भूयाणं सव्वेसिं सत्ताणं अणुवीइ भिक्खू धम्ममाइक्खेब्जा // 386 // अणुवीइ भिक्खू धम्ममाइक्खमाणे णो अत्ताणं आसाइज्जा, णो परं आसाइज्जा, णो अण्णाइं पाणाई भूयाई जीवाइं सत्ताई आसाएज्जा ॥३८७||से अणासायए अणासायमाणे वज्झमाणाणं पाणाणं भूयाणं जीवाणं सत्ताणं, जहा से दीवे असंदीणे एवं से भवइ सरणं महामुणी // 388 // एवं से उढिए ठियप्पा अणि हे अचले चले अबहिल्लेप्से परिव्वए // 389 // संखाय पेसलं धम्मं, दिद्विमं परिणिबुडे // 390 // तम्हा संगई पासह, गंथेहिं गढिया णरा विसण्णा कामकंता, तम्हा लूहाओ णो परिवित्तसेज्जा // 391 / / जस्सिमे आरंभा सव्वओ सव्वप्पयाए सुपरिण्णाया भवंति जेसिमे लूसिणो णो परिवित्तसंति से वंता कोहं च माणं च मायं च लोभं च, एस तुट्टे वियाहिए त्ति बेमि ||392 // कायस्स वियाघाए एस संगामसीसे वियाहिए, से हु पारंगमे मुणी, अविहम्ममाणे फलगावयट्ठी कालोवणीए कंखेज्जकालं जाव सरीर भेउत्ति बेमि // 393 // // धूताक्खं णाम छ?मज्झयणं समत्तं / / // महापरिण्णा नाम सत्तमज्झयणं वोच्छिण्णं / / विमोक्ख णाम अट्ठमं अज्झयणं से बेमि समगुण्णस्स वा असमणुणस्स वा असणं वा, पाणं वा, खाइम वा, साइमं वा; वत्थं वा, पडिग्गहं वा, कंबलं वा, पायपुंच्छणं वा णो पाएजा, णो णिमंतिज्जा णो कुन्जा वेयावडियं परं आढायमाणे त्ति बेमि // 394 // धुवं चेयं जाणेज्जा असणं वा जाव पायपुंछणं वा, लभिया णो लभिया, भुजिया णो भुंजिया पंथं विउत्ता विउकम्म विभत्तं धम्म जोसे माणे समेमाणे चलेमाणे पाएज्जा वा णिमंतेजा वा कुज्जा वेयावडियं परं अणाढायमाणे त्ति बेमि // 395 // इहमेगेसि आयारगोयरे णो सुणिसंते भवइ, ते इह आरंभट्ठी अणुवयमाणा "हण पाणा"घायमाणा हणओ यावि समणुजाणमाणा अदुवा अदि ण्णमाययंति, अदुवा वायाउ विउज्नंति; तंजहा-अत्थि लोए णत्थि लोए धुवे लोए अधुवे लोए साइए लोए अणाइए लोए सपन्जवसिए लोए अपज्जवसिए लोए मुकडेत्ति वा दुक्कडेत्ति वा कल्लाणेत्ति वा पावेत्ति वा साहुत्ति वा असाहुत्ति वा, सिद्धीत्ति Page #39 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 26 अंग-पक्ट्रि सुत्ताणि वा, असिद्धीत्ति वा, णिरएत्ति वा अणिरएत्ति वा / / 396 // जमिणं विप्पडिवण्णा "मामगं धम्म" पण्णवेमाणा, इत्थवि जाणह अकम्हा / एवं तेसिं णो सुअक्खाए धम्मे णो सुपण्णत्ते धम्मे भवइ, से जहेयं भगवया पवेइयं आसुपण्णेण जाणया पासया, अदुवा गुत्ती वओगोयरस्स त्ति बेमि // 397|| सव्वत्थ संमयं पावं, तमेव उवाइकम्म, एस महं विवेगे वियाहिए // 398 / / गामे वा अदुवा रण्णे; णेव गामे णेव रण्णे, धम्ममायाणह पवेइयं माहणेण मईमया // 399 // जामा तिण्णि उदाहिया, जेसु आयरिया संबुज्झमाणा समुट्ठिया // 400|| जे णिव्वुयापावेहिं कम्मेहिं अणियाणा ते वियाहिया // 401 // उड्ढे अहं तिरियं दिसासु सध्वओ सव्वावंति च णं पाडियकं जीवहिं कम्मसमारंभे णं / / 402 // तं परिण्णाय मेहावी णेव सयं एएहिं काएहिं दंडं समारंभेजा, णेवण्णे एएहिं काए हिं दंड समारंभावेजा, णेवण्णे एएहिं काए हिं दंडं समारंभंतेवि समणुजाणेजा // 403 // जेयपणे एएहिं काए हिं दंडं समारंभंति तेसिपि वयं लज्जामो / / 404 // तं परिणाय मेहावी तं वा दंड अण्णं वा दंडं णो दंडभी, दंडं समारंभेजासि त्ति बेमि // 40 // पढमोहेसो समत्तो॥ से भिक्खू परक्कमेज वा, चिढेज वा, णिसीए ज्ज वा, तुयट्टेज वा, सुसाणंसि वा सुण्णागारंसि वा, गिरिगुहंसि वा, रुक्खमूलसि वा, कुंभारायणंसि वा, हुरत्था वा कहिं चि विहरमाणं तं भिक्खं उवसंकमित्तु गाहावई बूया आउसंतो समणा! अहं खलु तव अट्ठाए असणं वा, पाणं वा, खाइमं वा, साइमं वा, वत्थं वा, पडिग्गहं वा, कंचलं वा, पायपुंछणं वा, पाणाइं भूयाई जीवाई, सत्ताइं समारब्भ समुहिस्स. कीयं, पामिच्चं अच्छिकं, अणिसिटुं, अभिहडं आहटु चेए मि, आवसहं वा समुस्सिणामि, से भुंजह, वसह ।।४०६॥आउसंतो समणा ! भिक्खू तं गाहावई समणसं सवयर्स पडियाइक्खे आउसंतो गाहावई ! णो खलु ते वयणं आढामि, णो खलु ते वयणं परिजाणामि, जो तुमं मम अट्ठाए असणं वा 4 वत्थं वा 4 पाणाई वा, 4 जाव समारम्भ समूहिस्स कीयं पामिचं, अच्छिज्जं, अणिसटुं, अभिहडं आह१ चेए सि, आवसहं वा समुस्सिणासि, से विरओ आउसो ! गाहावई ! एयस्त अकरणयाए // 407 // से भिक्खं परिक्कमेज्ज वा जाव हुरत्था वा कहिं चि विहरमाणं तं भिक्खु उवसंकमित्तु गाहावई आयगयाए पेहाए असणं वा 4 वत्थं वा 4 पाणाई 4 जाव आह? चेएइ आवसहं न समुस्सिणाइ तं भिक्खं परिघासिउं, तं च भिक्खू जाणेज्जा सह संमइयाए परवागरणेणं अण्णेसिं वा अंतिए सोचा "अयं खलु गाहावई ! मम अट्ठाए असणं वा 4 वत्थं वा 4 पाणाई वा 4 समारब्भ जाव चेएइ आवसह वा समुस्सिणाइ तं च भिक्खू संप. Page #40 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 1 अ. 8 उ. 2-3-4 27 डिलेहाए आगमेत्ता आणवेज्जा अणासेवणाए त्ति बेमि।।४०८॥भिक्खं च खलु पुट्ठा वा अपुट्ठा वा जे इमे आहच गंथा वा फुसंति से हंता! “हणह खणह छिंदह दहह पयह आलुपह विलुपह सहसा कारेह विप्परामुसह' ते फासे धीरो पुट्ठो अहियासए अदुवा आयारगोयरमाइक्खे तकियाणमणेलिसं अदुवा वइगुत्तिए गोयरस्स अणुपुव्वेण सम्मं पडिलेहाए आयगुत्ते बुद्धेहिं एयं पवेइय।।४०९||से समणुण्णे असमगुण्णस्स असणं वा 4 वत्थं वा 4 णोपाए ज्जा णोणिमंतेजा, णो कुज्जा वेयावडियं परं आदायमाणेत्ति बेमि / / 410 // धम्ममायाणह पवेइयं माहणेण मइमया समणुण्णे समगुण्णस्त असणं वा 4 वत्थं वा 4 पाएज्जा णिमंत्तेज्जा कुजा वेयावडियं परं आढायमाणे त्ति बेमि / / 411 // अटठं अज्झयणं बीओडेसो समत्तो / मज्झिमेणं वयसावि एगे संबुज्झमाणा समुट्ठिया||४१२||सोच्चा मेहावी वयणं पडियाणं णिसामित्ता // 413 / / समियाए धम्मे आरिएहिं पवेइए / / 414 / / ते अणवकंखमाणा अणइवाएमाणा अपरिग्गहेमाणा णो परिग्गहावंति सव्वावंति च णं लोगंसि / णिहाय दंडं पाणेहिं पावं कम्मं अकुव्वमाणे एस महं अगथे वियाहिए, ओए जुइमस्स खेयण्णे उक्वायं चवणं च णचा // 415 / / आहारोवचया देहा, परिसह पभंगुरा / पासहेगे सबिदिए हिं परिगिलायमाणेहिं // 416 / ओए दयं दयइ // 417 // जे संणिहाणसत्थस्स खेयण्णे से भिक्खू कालण्णे बलण्णे मायण्णे खणण्णे विणयण्णे समयण्णे परिग्गहं अममायमाणे कालेणुढाइ अपडिण्णे दुहओ छेत्ता णियाइ // 418 तं भिक्खं सीयफासपरिवेवमाणगायं उवसंकमित्तु गाहावई बूया, “आउसंतो समणा !'णो खलु ते गामधम्मा उव्वाहंति ' आउसंतो गाहावई ! णो खलु मम गामधम्मा उव्वाहंति सीयफासं च णो खलु अहं संचाएमि अहियासित्तए। णो खलु मे कप्पइ अगणिकायं उज्जालेत्तए पज्जालेत्तए वा कायं आयावेत्तए पयावे. त्तए वा, अण्णेसिं वा वयणाओ॥४१९॥ सिया से एवं वयंतस्स परो अगणिकायं उज्ज्ञालेत्ता पज्जालेत्ता कायं आयावेज्जा वा पयावेज्जा वा, तं च मिक्खू पडिलेहाए आगमेत्ता आणविला, अणासेवणाए त्ति बेमि / 420 // तइओदेसो समत्तो।। जे भिक्खू तिहिं वत्थेहिं परिवुसिए पायचउत्थेहिं तस्स णं णो एवं भवइ " चउत्थं वत्थं जाइस्सामि' से अहेसणिज्जाई वत्थाई जाए जा, अहापरिग्गहियाई वत्थाई * 'धारेज्जा, णो धोएज्जा णो रएजा णो धोयरत्ताई वत्थाई धारेज्जा, अपलिउंचमाणे, गामंतरेसु, ओमचेलिए, एयं खु वत्थधारिस्स सामग्गियं // 421 / / अह पुणे एवं जाणेजा; उवाइकंते खलु हेमंते, गिम्हे पडिवण्णे अहापरिजुण्णाई वत्थाई Page #41 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 28 - अंग-पविटु सुत्ताणि परिट्ठवेजा 2 अदुवा संत्तरुत्तरे, अदुवा ओमचेले, अदुवा एगसाडे, अदुवा अचेले लाघवियं आगममाणे, तवे से अभिसमण्णागए भवइ / जमैयं भगवया पवेइयं तमेव अभिसमेच्चा,सव्वओ सव्वत्ताए सम्मत्तमेव समभिजाणिया।४२२। जस्स णं भिक्खुस्स एवं भवइ पुट्ठो खलु अहमंसि, णालमहमंसि सीय फासं अहियासित्तए,से वसुमं सव्व. समण्णागयपण्णाणेणं अप्पाणेणं केइ अकरणयाए आउट्टे, तवस्सिणो हु तं सेयं जमेगे विहमाइए तत्थावि तस्स कालपरियाए,से वि तत्थ विअंतिकारए इच्चयं विमोहाययणं हियंसुहंग्वमंणिस्सेसं आणुगामियं त्ति बेमि / 423 / चउत्थोद्देसो समत्तो। से भिक्खू दोहिं वत्थेहिं परिवुसिए पायतइए हिं, तस्स णं णो एवं भवइ तइयं वत्थं जाइस्सामि, से अहेसणिज्जाइं वत्थाई जाएजा, जाव एवं खलु तस्स भिक्खुस्स सामग्गिय ||424 // अह पुण एवं जाणेजा, उवाइकते खलु हेमंते, गिम्हे पडिवण्णे, अहा परिजुण्णाई वत्थाई परिवेज्जा 2 अदुवा संत्तरुत्तरे, अदुवा ओमचेले अदुवा एगसाडे, अदुवा अचेले, लाघवियं आगममाणे, तवे से अभिसमण्णागए भवइ, जमेयं भगवया पवेइयं तमेव अभिसमेच्चा सवओ सव्वत्ताए सम्मत्तमेव समभिजाणिया // 425 // जस्सणं भिक्खुस्स एवं भवइ, पुट्ठो अबलो अहमंसि, णालमहमंसि गिहतरसंकमणं भिक्खायरियं गमणाए, से एवं वयंतस्स परो अभिहडं असणं वा 4 आह? दलएज्जा से पुवामेव आलोएज्जा आउसंतो गाहावई ! णो खलु मे कप्पइ अभिहडं असणं वा 4 भोत्तए वा, पायए वा, अण्णे वा एयप्पगारे // 426 // जस्सणं भिक्खुस्स अयं पगप्पे; अहं च खलु पडिण्णत्तो अपडिण्णत्तेहिं गिलाणो अगिलाणेहिं अभिकख साहम्मिए हिं कीरमाणं वेयावडियं साइज्जिस्सामि / अहं वावि खलु अपडिण्णत्तो पडिण्णत्तस्स अगिलाणों गिलाणस्स, अभिकंख साहम्मिअस्स कुजा वेयावडिअं करणाए // 427|| आहट्ट परिणं अणुक्खिस्सामि, आहडं च साइजिस्सामि 1 आहट्ट परिणं आणखेस्सामि, आहडं च णो साइन्जिस्सामि 2 आहट्ठ परिणं,णो आणखेस्सामि,आहडं च साइन्जिस्सामि 3 आह? परिणं णो आणखेस्सामि, आहडं च णो साइन्जिस्सामि 4 एवं से अहाकिट्टियमेव, धम्म सम. हिजाणमाणे संते विरए सुसमाहियलेसे तत्थावि तस्स कालपरियाए, से तत्थ विअंतिकारए, इच्चेयं विमोहाययणं हियं सुहं खमं णिस्सेसं आणुगामियं त्ति बेमि // 428 // अळं अज्झयणं पंचमोद्देसो समत्तो॥ जे मिक्खू एगेण वत्थेण परिसिए पायबिइएण, तस्सणं णो एवं भवइ, " बिइयं वत्थं जाइस्सामि" से अहेसणिज्जं वत्थं जाएजा, अहापरिग्गहियं वा चत्थं धारेजा Page #42 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 1 अ.८ उ.७ जाव गिम्हे प्रडिवण्णे अहा परिजुण्णं वत्थं परिवेज्जा 2 त्ता अदुवा एग साडे अदुवा अचेले लाघवियं आगममाणे, जाव सम्मत्तमेव समभिजाणिया, जस्स णं भिक्खुस्स एवं भवइ एगे अहमंसि णमे अत्थि कोइ ण याहमवि कस्स वि, एवं से एगागिणमेव अप्पाणं समभिजाणिज्जा लाघवियं आगममाणे तवे से अभिसमण्णागए भवइ जाव समभिजाणिया ॥४२९।।से भिक्खू वा भिक्खुणी वा असणं वा 4 आहारेमाणे णो वामाओ हणुयाओ दाहिणं हणुयं संचारेज्जा आसाएमाणे, दाहिणाओ वा हणुयाओ वामं हणुयं णो संचारेज्जा आसाएमाणे से अणासायमाणे लावियं आगममाणे, तवेसे अभिसमण्णागए भवइ / जमेयं भगवया पवेइयं तमेव अभिसमेच्चा सवओ सव्वत्ताए सम्मत्तमेव समभिजाणिया // 430 // जस्सणं भिक्खुस्स एवं भवई, से गिलामि च खलु अहं इमंमि समए णो संचाए मि इमं सरीरगं अणुपुव्वेण परिवहित्तए,से अणुपुवेणं आहारं संवट्टेजा अणुपुव्वेण आहारं संवट्टित्ता, कसाए पयणुए किच्चा,समाहियच्चे फलगावयट्ठी उट्ठाय भिक्खू अभिणिव्वुडच्चे अणुपविसित्ता गामं वा, णयरं वा, खेडं वा,कव्वडं वा, मंडबं वा, पट्टणं वा, दोणमुहं वा, आगरं वा, आसमं वा, संणिवेसं वा, णिगमं वा,रायहाणिं वा, तणाई जाए जा,तणाई जाइत्ता से तमायाए एगंतमवक्कमिज्जा, एगंतमवक्कमित्ता, अप्पंडे-अप्पपाणे-अप्पबीए-अप्पहरिए अप्पोसे-अप्पोदए-अप्पुत्तिंग-पणग-दग मट्टियमकडासंताणए पडिलेहिय 2 पमज्जिय 2 तणाई संथरेजा तणाई संथरेत्ता एत्थवि समए इत्तरियं कुजा // 43 // तं सचं सच्चवाई ओए तिण्णे, छिण्णकहकहे, आईयढे अणाईए चिच्चाण भिउरं कायं संविहय विरूबरूवे परिसहो वसग्गे अस्सि विसंभणयाए भेरवमणुचिण्णे,तत्थावि तस्स कालपरियाए जाव अणुगामियं त्ति बेमि // 432 // छट्ठोद्देसो समत्तो।। जे भिक्खू अचेले परिवुसिए तस्स णं भिक्खुस्स एवं भवइ चाएमि अहं तणफासं अहियासित्तए, सीयफासं अहियासित्तए, तेउफासं अहियासित्तए, दंसमसगफासं अहियासित्तए, एगयरे अण्णयरे विरूवरूवे फासे अहियासित्तए हिरिपडिच्छायणं चऽहं णो संचाए मि अहियासित्तए, एवं से कप्पइ कडिबंधणं धारित्तए // 433 // अदुवा तत्थ परक्कमंतं भुजो अचेलं तणफासा फुसंति, सीयफासा फुसंति, तेउफासा फुसंति, दंसमसगफासा फुसंति, एगयरे अण्णयरे विरूवरूवे फासे अहियासेइ अचेले लाघवियं आगममाणे जाव समभिजाणिया / / 434 // जस्सणं भिक्खुस्स एवं भवइ अहं च खलु अण्णेसिं भिक्खूणं असणं वा 4 आहटु दलइस्सामि, आहडं च साइजिस्सामि 1 जस्सणं भिक्खुस्स एवं भवइ अहं च खलु अण्णेसिं भिक्खूणं असणं वा 4 Page #43 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 30 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि आहट्ट दलइस्सामि आहडं च णो साइज्जिस्सामि 2 जस्सणं भिक्खुस्स एवं भवइ; अहं च खलु असणं वा 4 आहटु णो दलइस्सामि आहडं च साइजिस्सामि 3 जस्सणं भिक्खुस्स एवं भवइ अहं च खलु अण्णेसि भिक्खूणं असणं वा 4 आहटु णो दलइ. स्सामि आहडं च णो साइजिस्सामि // 4 // अहं च खलु तेण अहाइरित्तेणं अहेसणिज्जेणं अहापरिग्गहिएणं असणेणं वा 4 अभिकंख साहम्मियस्स कुन्जा वेयावडियं करणाए, अहं वावि तेण अहाइरित्तेणं अहेसणिज्जणं अहापरिग्गहिएणं असणेणं वा 4 अभिकंख साहम्मिएहिं कीरमाणं वेयावडियं साइजिस्सामि लाघवियं आगममाणे जाव सम्मत्तमेव समभिजाणिया / / 435 / / जस्सणं भिक्खुस्स एवं भवइ से गिलामि च खलु अहं इमम्मि समए इमं सरीरगं अणुपुव्वेणं परिवहित्तए, से अणुपुव्वेणं आहारं संवट्टेजा, संवट्टइत्ता कसाए पयणुए किच्चा समाहिअच्चे फलगावयट्ठी उट्ठाय भिक्खू अभिणिव्वुडच्चे, अणुपविसित्ता गामं वा णयरं वा जाव रायहाणिं वा तणाइं जाए जा, से तमायाए एगंतमवकमेजा, एगंतमवक्कमेत्ता अप्पंडे जाव तणाई संथरेजा, इत्थवि समए कायं च, जोगं च, इरियं च, पचक्खाए जा // 436 / / तं सचं सच्चावाई ओए तिण्णे छिण्णकहंकहे आईयढे अणाईए चेच्चाण भिउरं कायं संविहाणिय विरूवरूवे परिसहोवसग्गे अस्ति विसंभणयाए भेरवमणुचिण्णे तत्थावि तस्सकालपरियाए से तत्थ विअंतिकारए इच्चेयं विमोहाययणं हियं, सुह, खमं, णिस्सेसं आणुगामियं त्ति बेमि / 437) अटूम अज्झयणं सत्तमोद्देसो समत्तो॥ अणुपुव्वेण विमोहाई, जाइं धीरा समासज्ज; वसुमंतो, मइमंतो सव्वं णच्चा अणेलिसं ॥४३८||दुविहंपि विइत्ताणं, बुद्धा धम्मस्स पारगा; अणुपुवीए संखाए, आरंभाओ तिउट्टइ।४३९।कसाए पयणूए किच्चा,अप्पाहारो तितिक्खए;अह भिक्खू गिलाए जा, आहारस्सेव अंतियं // 440 // जीवियं णाभिकंखेजा, मरणं णोवि पत्थए; दुहओवि ण सज्जेज्जा, जीविए मर णे तहा // मज्झत्थो णिज्जरापेही, समाहिमणुपालए; अंतो बहिं विउस्सिन्ज, अज्झत्थं सुद्धमे सए // 441 // जं किंचुवक्कम जाणे, आउक्खेमस्स अप्पणो; तस्सेव अंतरद्धाए, खिप्पं सिक्खेज पंडिए // 442 / / गामे वा अदुवा रण्णे, थंडिलं पडिलेहिया; अप्पपाणं तु विण्णाय, तणाई संथरे मुणी // 443 / / अणाहारो तुअर्टेजा, पुट्ठो तत्थऽहियासए; णाइवेल उवचरे,माणुस्सेहिं वि पुट्ठवं।४४४ संसप्पगा य जे पाणा, जे उ उड्डमहेचरा; भुंजंति मंससोणियं, ण छणे ण पमन्जए ।।४४५॥पाणा देहं विहिंसंति, ठाणाओ ण वि उब्भमे; आसवेहिं विवित्तेहिं, तिप्पमाणोऽहियासए / / 446 / / गंथेहिं विवित्तेहिं, आउकालस्स पारए; पग्गहियतरगं चेयं, दवियस्स विया Page #44 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 1 अ. 9 उ. 1 31 णओ।४४७) अयं से अवरे धम्मे, णायपुत्तण साहिए; आयवज पडीयारं, विजहिज्जा तिहा तिहा।४४८। हरिएसु ण णिवज्जेज्जा,थंडिलं मुणिआ सए: विउस्सिज्ज अणाहारो पुट्ठो तत्थऽहियासए / 449 / इंदिएहिं गिलायतो, समियं आहारे मुणी; तहावि से अगरिहे, अचले जे समाहिए / 450 / अभिक्कमे पडिक्कमे, संकुचए पसारए; कायसाहारणट्ठाए, इत्थं वा वि अचेयणे / 451 // परिक्कमे परिकिलंते, अदुवा चिट्टे अहायए; ठाणेण परिकिलंते, णिसिइज्जाय अंतसो / 452 / आसीणेऽणेलिसं मरणं, इंदियाणि समीरए; कोलावासं समासज्ज, वितहं पाउरेसए / 453 / जओ वजं समुप्पजे, ण तत्थ अवलंबए; तओ उक्कसे अप्पाणं, फासे तत्थ अहियासए / 454 / अयं चाययतरे सिया, जो एवं अणुपालए; सव्वगायणिरोहेवि, ठाणाओ ण विउब्भमे / 455 / अयं से उत्तमे धम्मे, पुवठ्ठाणस्स पग्गहे; अचिरं पडिलेहित्ता, विहरे चिट्ठ माहणे / 456 / अचित्तं तु समासज्ज, ठावए तत्थ अप्पगं; वोसिरे सव्वसो कायं, ण मे देहे परीसहा / 457 / जावजीवं परीसहा, उवसग्गा इय संखया; संवुडे देहभेयाए इय पण्णेऽहियासए // 458 / / भेउरेसु ण रज्जेज्जा, कामेसु बहुयरेसु वि; इच्छा लोभ ण सेवेजा, धुवंवण्णं संपेहिया / 459 / सासए हिं णिमंतेज्जा, दिव्वमायं ण सहहे; तं पडि. बुज्झ माहणे, सव्वं गुम विहूणिया / 460 सवढेहिं अमुच्छिए, आउकालस्स पारए; तितिक्खं परमं णचा, विमोहण्णयरं हियं त्ति बेमि / 461 / अटमोइसो समत्तो।। ॥उवहाण-सुयं णाम नवमं अज्झयणं / अहासुयं वइस्सामि,जहा से समणे भगवं उठाए;संखाए तंसि हेमंते, अहुणा पव्व- . इए रीइत्था / 462 / णो चेविमेण वत्थेण, पिहिस्सामि तसि हेमंते; से पारए आवकहाए, एवं खु अणुधम्मियं तस्स / 463 / चत्तारि साहिए मासे, बहवे पाणजाइया आगम्म; अभिरुज्झकायं विहरिसु, आरुसियाणं तत्थ हिँसिंस।४६४|संवच्छरं साहियं मासं, जंण रिक्कासि वत्थगं भगवं; अचेलए तओ चाई, तं वोसिरिज वत्थामणगारे / 465 / अदु पोरिसिं तिरियंभित्ति, चक्खुमासज्ज अंतसो झायइ; अह चक्खुभीया संहिया, ते हता 2 बहवे कंदिसु / 466 / सयणेहिं वितिमिस्से हिं, इत्थीओ तत्थ से परिणाय;सागारियं ण सेवेइ य से सयं पवेसिया झाइ।४६७ जे के इमे अगारत्था, मीसीभावं पहाय से झाइ; पुट्ठो वि णाभिभासिंसु, गच्छइ णाइवत्तइ अंजू // 468 // जो सुकरमेयमेगेसिं, णाभिभासे अभिवायमाणे हयपुव्वे तत्थ दंडेहि, लूसियपुव्वे 'अप्पपुण्णेहिं // 469 / / फरुसाई दुत्तितिक्खाई, अइ अच्च मुणी परकममाणे; आघायणगीयाई, दंडजुज्झाई मुट्ठिजुज्झाई।४७०/गढिए मिहो कहासु, समयमि णायसुए Page #45 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 32 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि विसोए अदक्खू ; एयाई सो उरालाई, गच्छइ णायपुत्ते असरणाए / 471 / अविसाहिए दुवे वासे, सीओदं अभोचा णिक्खंते; एगत्तगए पिहियच्चे, से अहिण्णायदंसणेसंते // 472 / / पुढविं च आउक्कायं, तेउक्कायं च; बाउकायं च; पणगाई बीयहरियाई तसकायं च सवसो णच्चा, एयाइं संति पडिलेहे, चित्तमंताई से अभिण्णाय; परिवजिय विहरित्था, इइ संखाय से महावीरे // 473 // अदु थावरा तसत्ताए, तसजीवा य थावरत्ताए; अदुवा सबजोणिया, सत्ता कम्मुणा कप्पिया पुढो बाला // 474|| भगवं च एवमण्णेसिं, सोवहिए हु लुप्पई बाले; कम्मं च सव्वसो णचा, तं पडियाइक्खे पावगं भगवं।४७५। दुविहं समिच मेहावी,किरियमक्खायमणेलिसं णाणी; आयाणसोयमइवायसोयं जोगं च सव्वसोणच्चा // 476 // अइवत्तियं अणाउटिं, सयमण्णेसिं अकरणयाए; जस्सित्थिओ परिण्णाया, सव्वकम्मावहाओ से अदक्खू / 477 / अहाकडं ण से सेवे, सव्वसो कम्मुणा य अदक्खू ; जं किंचि पावगं भगवं;तं अकुव्वं वियर्ड भुजित्था / / 478 // णो सेवइ य परवत्थं, परपाए वि से ण भुंजित्था; परिवज्जियाण ओमाणं गच्छइ संखडिं असरणयाए // 479 // मायण्णे असणपाणस्स, पाणुगिद्धे रसेसु अपडिण्णे; अच्छिपि णो पमजिज्जा णोवि य कंडूयए मुणी गायं / / 480 // अप्पं तिरियं पेहाए, अप्पं पिट्ठओ व पेहाए; अप्पं बुइए ऽपडिभाणी, पंथपेही चरे जयमाणे / 481 / सिसिरंसि अद्वपडिवण्णे, तं वोसिज्ज वत्थमणगारे पसारित्त बाहं परकमे, णो अवलंबिया ण खंधंसि / 482 / एस विही अणुकतो, माहणेण मइमया; बहुसो अप्पडिण्णेण, भगवया एवं रियति त्ति बेमि / 483 / पढमोइसो समत्तो॥ चरियासणाई सेज्जाओ, एगइयाओ जाओ बुइयाओ; आइक्खताई सयणासणाई, जाई सेवित्या से महावीरो / / 484 // आवेसण सभा-पवासुः पणियसालासु, एगया वासो; अदुवा पलियट्ठाणेसु, पलालपुंजेसु एगया वासो / / 485 / / आगंतारे आरामागारे तह य णगरे वि एगया वासो; सुसाणे सुण्णगारे वा, रुक्खमूले वि एगया वासो / / 486 / / एएहिं मुणी सयणेहिं, समणे आसी पतेरसवासे; राइं दियं पि जयमाणे, अप्पमत्ते समाहिए झाइ // 487|| णिपि णो पगामाए, सेवइ भगवं उठाए; जग्गावई य अप्पाणं, ईसिं साइ य अपडिण्णे // 488 / / संबुज्झमाणे पुणरवि, आसिंसु भगवं उठाए; णिक्खम्म एगया राओ, बहिं चंकमिया मुहुत्तागं // 489 // सयणेहिं तत्थुवसग्गा, भीमा आसी अणेगरूवाय; संसप्पगाय जे पाणा, अदुवा जे पक्खिणो उवचरंति // 490 / / अदु कुचरा उवचरंति गामरक्खाय सत्तिहत्थाय; अदुगामिया उवसग्गा इत्थी एगइया पुरिसो यं // 491 // इहलोइयाई परलोइयाइं भीमाई अणेगरूवाइं; अवि सुन्भिदुन्भिगंधाई सहाई अणेगरूवाई Page #46 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 1 अ. 9 उ. 3, 4 33 अहियासए सया समिए, फासाई विरूवरूवाई अरई रई अभिभूय, रीयइ माहणे अबहुवाई।।४९२॥स जणेहिं तत्थ पुच्छिसु, एगचरा वि एगया राओ; अव्वाहिए कसाइत्था, पेहमाणे समाहिं अपडिण्णे // 493 / / अयमंतरंसि को एत्थ, अहमंसित्ति भिक्खू आहटु; अयमुत्तमे से धम्मे तुसिणीए कसाइए झाइ // 494 // जंसिप्पेगे पवेयंति, सिसिरे मारुए पवायंते; तंसिप्पेगे अणगारा, हिमवाए णिवायमेसंति // 495 / / संघाडिओ पवेसिस्सामो. एहा य समादहमाणा, पिहिया वा सक्खामो, अइदुक्खे हिमगसंफासा // 496 / / तसि भगवं अपडिण्णे, अहे वियडे अहियासए दविए, णिक्खम्म एगया राओ ठाइए भगवं समियाए ||497 // एस विही अणुकंतो माहणेण मइमया; बहुसो अपडिण्ण, भगवया एवं रीयंति त्ति बेमि // 498 // णवमं अज्झयणं बीओद्देसो समत्तो॥ तणफासे, सीयफासे, तेउफासे य, दंसमसगे य; अहियासए सया समिए, फासाई विरूवरूवाई / / 499 // अह दुच्चरलाढमचारी, वज्जभूमिं च सुब्भभूमिं च; पंतं सेज्ज सेविंसु, आसणगाणि चेव पंताणि।।५००॥लाढेहिं तस्सुवसग्गा, बहवे जाणवया लूसिंसु; अह लूहदेसिए भत्ते, कुक्कुरा तत्थ हिंसिंसु णिवइंसु // 501 // अप्पे जणे णिवारेइ, लूसणए सुणए दसमाणे; छुछुकारंति आहेसु 'समणं कुक्कुरा दसंतु' त्ति |502 / / एलिक्खए जणे भुज्जो, बहवे वजभूमि फरुसासी; लडिं गहाय णालियं, समणा तत्थ य विहरिसु।।२०३||एवं पि तत्थ विहरंता, पुट्ठपुव्वा अहेसि सुणए हिं; . संतुंचमाणा सुणएहिं, दुच्चरगाणि तत्थ लाढेहिं // 504 // णिहाय दंडं पाणेहि, तं कायं वोसिज्जमणगारे / / अह गामकंटए भगवं, ते अहियासए अभिसमेचा // 505 // णाओ संगामसीसे वा, पारए तत्थ से महावीरे / एवं पि तत्थ लाढेहिं, अलद्धपुवो वि एगया गामो // 506 / / उवसंकमंतमपडिण्णं, गामंतियंपि अप्पत्तः पडिणिक्वमित्तु लूसिंसु, एयाओ परं पलेहित्ति // 507 // हयपुव्वो तत्थ दंडेण, अदुवा मुट्ठिणा, अदु कुंताइफलेणं; अदु लेलुणा कवालेणं, हंता हंता बहवे कंदिसु // 508 // मंसाइ छिण्णपुव्वाई,उटुंभिया एगया काय; परीसहाई लुंचिंसु,अदुवा पंसुणा उवकरिंसु // 509 / / उच्चालइय णिहणिंसु, अदुवा आसणाओ खलइंसु; वोसटकाए पणयासी, दुक्खस हे भगवं अपडिण्णे // 510 // सूरो संगामसीसे व, संवुडे तत्थ से महावीरे, पडिसेवमाणे फरुसाई, अचेले भगवं रीइत्था // 511 // एस विही अणुकंतो, माहणेण मईमया; बहुसो अपडिण्गेण भगवया एवं रीयंति, ति बेमि // 512 // णवमं अज्झयणं तइओद्देसो समत्तो॥ Page #47 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंग-पविट्ठ सुत्ताणि ओमोयरियं चाएइ, अपुढेवि भगवं रोगेहिं; पुट्ठो वा से अपुट्ठा वा, णो से साइजइ तेइच्छं // 513 // संसोहणं च वमणं च, गायभंगणं च सिणाणं च; संबाहणं ण से कप्पे, दंतपक्खालणं च परिणाए / / 514 // विरए य गामधम्मेहिं रीयइ माहणो अबहुवाई; सि सिरंमि एगया भगवं, छायाए झाइ आसी य // 515 // आयावई य गिम्हाणं अच्छइ उक्कुडुए अभितावे / अदु जावइत्थ लूहेणं, ओयणमंथुकुम्मासेणं / / 16 / / एयाणि तिण्णि पडिसेवे, अट्टमासे य: जावयं भगवं: अवि इत्थ एगया भगवं,अद्धमासं अदुवा मासंपि // 517|| अविसाहिए दुवे मासे, छप्पिमासे अदुवा अपिवित्ता / रायोवरायं विहरित्था अपडिण्णे अण्णगिलायमेगया भुंजे॥५१८॥छटेण एगया भुंजे, अदुवा अट्ठमणं दसमेणं; दुवालसमेण एगया भुंजे, पेहमाणे समाहिं अपडिण्णे।।५१९॥णचा णं से महावीरे, णोवि य पावगं सयमकासी। अण्णेहिं वा ण कारित्था, कीरंतंपि णाणुजाणित्था.॥५२०॥ गामं पविस्स णयरं वा, घासमेसे कडं परढाए; सुविसुद्धमेसिया भगवं, आययजोगयाए सेवित्था // 521 // अदु वायसा दिगिंच्छित्ता, जे अण्णे रसेसिणो सत्ता; घासेसणाए चिट्ठति, सययं णिवइए य पेहाए // 522 // अदु माहणं व समणं वा, गामपिंडोलगं च अइहिं वा; सोवागं मूसियारं वा, कुक्कुरं वा विट्ठियं पुरओ॥५२३॥वित्तिच्छेयं वज्जतो, तेसिमप्पत्तियं परिहरंतो; मंदं परक्कमे भगवं, अहिंसमाणो घासमेसित्था // 524 / / अविसूइयं वा सुकं वा, सीयपिंडं पुराणकुम्मासं; अदु बुक्कसं पुलागं वा, लद्धे पिंडे अलद्धए दविए // 525 // अवि झाइ से महावीरे, आसणत्थे अकुक्कुए झाणं; उड्डमहेयं तिरियं च, पेहमाणे समाहिमपडिण्णे // 526 // अकसाई विगयगेही य, सहरूवेसु अमुच्छिए झाइ छउमत्थो वि परक्कममाणो ण पमायं सइंपि कुवित्था // 527 // सयमेव अमिसमागम्म, आययजोगमायसोहीए / अभिणिबुडे अमाइल्ले आवकहं भगवं समिआसी / / एस विही अणुकंतो माहणेण मईमया; बहुसो अपडिणेण भगवया एवं रीयंति त्ति बेमि / / 528 // चउत्थोद्देसो समत्तो / / उवहाणसुयं णवमज्झयणं समत्तं // ||बंभचेर णाम पढमो सुयक्खंधो समत्तो।। MAU Page #48 -------------------------------------------------------------------------- ________________ बिइये सुयक्खंधे पिंडेसणा णाम पढमं अज्झयणं से भिक्खू वा, भिक्खुणी वा, गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए अणुपविढे समाणे, से जं पुणजाणेज्जा असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा पाणेहिं वा पणएहिं वा बीएहिं वा, हरिए हिं वा, संसत्तं, उम्मिस्सं, सीओदएण वा ओसित्तं, रयसा वा परिघासियं, तहप्पगारं असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा, परहत्थंसि वा परपायंसि वा, अफासुयं अणेसणिजंति मण्णमाणे लाभेवि संते णो पडिगाहेज्जा // 529 / / से य आहन पडिग्गाहिए सिया से तं आयाय एगंतमवक्कमेजा, एगंतमवक्कमित्ता अहे आरामंसि वा अहे उवस्सयंसि वा, अप्पंडे-अप्पपाणे-अप्पबीए, अप्पहरिए, अप्पोसे अप्पोदए, अप्पुत्तिंग-पणग-दग-मट्टियमक्कडासंताणए विगिंचिय विगिंचिय उम्मीसं विसोहिय विसोहिय तओ संजयामेव भुजिज्ज वा, पीइज्ज वा, जं च णो संचाइज्जा भोत्तए वा पायए वा, से तमायाय एगंतमवक्कमिज्जा, एगंतमवक्कमित्ता, अहे म्झामथंडिलंसि वा, अहिरासिंसि वा, किट्टरासिंसि वा, तुसरासिंसि वा, गोमयरासिंसि वा अण्णयरंसि वा तहप्पगारंसि थंडिलंसि पडिले हिय 2 पमन्जिय 2 तओ संजयामेव परिविज्जा // 530 // से भिक्खू वा, भिक्खुणी वा गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए अणुपविढे समाणे, से जाओ पुण ओसहीओ जाणेज्जा कसिणाओ सासिआओ अविदलकडाओ अतिरिच्छच्छिण्णाओ, अव्वोच्छिण्णाओ तरुणियं वा छिवाडिं अणभिक्कंतभन्जिय पेहाए, अफासुयं अणेसणिज्जति मण्णमाणे लाभे संते णो पडिगाहिज्जा / / 531 // से भिक्खू वा, भिक्खुणी वा, जाव पविढे समाणे से जाओ पुण ओसहीओ जाणेज्जा, अकसिणाओ असासियाओ, विदलकडाओ, तिरिच्छच्छिण्णाओ, वोच्छिण्णाओ, तरुणिअं वा छिवाडि अभिकंतं भज्जियं पेहाए फासुयं एसणिज्जंति मण्णमाणे लाभे संते पडिगाहेजा // 532 / / से भिक्खू वा भिक्खुणी वा जाव पविढे समाणे से जं पुण जाणेज्जा, पिहुयं वा बहुरयं वा, भुज्जियं वा, मंथु वा, चाउलं वा, चाउलपलंच वा, सई संभज्जियं, अफासुर्य अणेसणिज्जति मण्णमाणे लाभे संते णो पडिगाहिज्जा // 533 / / से भिक्खू वा, भिक्खुणी वा, जाव पविढे समाणे . से जं पुण जाणिज्जा, पिहुयं वा जाव चाउलपलंब वा असई भजियं दुक्खुत्तो वा भज्जिय तिक्खुत्तो वा भन्जिय फासुयं एसणिज्जं जाव लाभे संते पडिगाहिज्जा // 534 // से भिक्खू वा भिक्खुणी वा, गाहावइकुलं जाव पविसिउकामे णो अण्णउत्थिएण वा Page #49 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 36 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि गारथिएण वा परिहारिओ वा अपरिहारिएणं सद्धिं गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए पविसिज्ज वा णिक्ख मज्ज वा // 535 // से भिक्खू वा भिक्खुणी वा, बहिया विधारभूमि वा, विहारभूमिं वा,णिक्खममाणे वा पविसमाणे वा,णो अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा परिहारिओ वा अपरिहारिएण वा सद्धिं बहिया वियारभूमि वा विहारभूमिं वा णिक्खमिज वा पविसिज वा // 536 // से भिक्खू वा भिक्खुणी वा गामाणुगामं दूइज्जमाणे णो अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा, परिहारिओ अपरिहारिएण वा, सद्धिं गामाणुगाम दुइजिज्जा / / 537 // से भिक्खू वा भिक्खुणी वा जाव पविढे समाणे से णो अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा परिहारिओ वा अपरिहारिअस्स वा असणं पाणं खाइमं साइमं वा देजा अणुपदेज्जा वा // 538 // से भिक्खू वा भिक्खुणी वा जाव पविढे समाणे से जं पुण जाणिज्जा, असणं वा 4 अस्संपडियाए एगं साहम्मियं समुहिस्स पाणाई, भूयाई, जीवाई, सत्ताई समारब्भ समुहिस्स कीयं पामिचं अच्छिजं अणिसढे अभिहडं आह१ चेएइ तं तहप्पगारं असणं वा 4 पुरिसंतरकडं अपुरिसंतरकडं वा बहिया णीहडं वा अणीहडं वा अत्तढ़ियं वा अणत्तद्वियं वा, परिभुत्तं वा अपरिभुत्तं वा आसेवियं वा अणासेवियं वा अफासुयं जाव णो पडिगाहिज्जा // 539 / / एवं बहवे साहम्मिया, एगा साहम्मिणी, बहवे साहम्मिणीओ समुहिस्स चत्तारि आलावगा भाणियव्वा / / 540 // से भिक्खू वा 2 गाहावइकुलं जाव पविढे समाणे से जं पुण जाणिज्जा, असणं वा 4 वहवे समणमाहणअतिहिकिवणवणीमए पगणिय पगणिय समुहिस्स पाणाई वा 4 जाव समारब्भ आसेवियं वा अणासेवियं वा अफासुयं अणेसणिज्जति मण्णमाणे लाभे संते जाव णो पडिगाहिज्जा // 541 // से भिक्खू वा 2 गाहावइकुलं जाव पविढे समाणे से जं पुण जाणेज्जा, असणं वा 4 बहवे समणमाहणअतिहिकिवणवणीमए समुहिस्स पाणाई 4 जावआह? चेएइ, तं तहप्पगारं असणं वा 4 अपुरिसंतरकडं अबहिया णीहडं अणत्तढ़ियं अपरिभुत्तं अणासेवियं अफासुयं अणेसणिज्ज जाव णो पडिगाहिज्जा / / 542 / / अह पुण एवं जाणिज्जा पुरिसंतरकडं बहिया णीहडं अत्तट्ठियं परिभुत्तं आसेवियं फासुयं एसणिज्ज जाव पडिगाहिज्जा॥५४३॥ से भिक्खू वा 2 गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए पविसिउ कामे से जाई पुण कुलाई जाणिज्जा, इमेसु खलु कुलेसु णिइए पिंडे दिज्जइ, णिइए अग्गंपिंडे दिज्जइ, णिइए भाए दिज्जइ, अवड्डभाए दिज्जइ, तहप्पगाराइं कुलाई णिइयाई णिइउमाणाई, णो Page #50 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 2 अ. 1 उ. 1, 2, 3 37 भत्ताए वा णो पाणाए वा पविसिज्ज वा णिक्खमिज्ज वा // 544 // एयं खलु तस्स भिक्खुस्स वा भिक्खुणीए वा सामग्गियं जं सव्वटेहिं समिए सहिए सयाजए त्ति बेमि // 545 // पढमं अज्झयणं पढमोइसो समत्तो // से भिक्खू वा भिक्खुणी वा गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए अणुपविढे समाणे से जं पुण जाणेज्जा, असणं वा 4 अट्ठमिपोसहिएसु वा, अद्धमासिएसु वा, मासिएसु वा, दोमासिएसुवा,तिमासिएसु वा; चाउमासिएसुवा पंचमासिएसु वा, छमासिए सु वा उऊसु वा, उऊसंधीसुवा, उउपरियट्टेसु वा, बहवे समणमाहणअतिहिकिवणवणीमगे एगाओ उक्खाओ परिएसिज्जमाणे पेहाए, दोहिं उक्खाहिं परिएसिज्जमाणे पेहाए, तिहिं उक्खाहिं परिए सिज्जमाणे पेहाए, चउहिँ उक्खाहिं परिएसिज्जमाणे पेहाए, कुंभीमुहाओ वा कलोवाइओ वा, संणिहिसंणिचयाओ वा परिए सिज्जमाणे पेहाए तहप्पगारं असणं वा 4 अपुरिसंतरकडं जाव अणासेवियं अफासुयं अणेसणिज्जं णो पडिगाहिज्जा // 546 // अह पुण एवं जाणिज्जा पुरिसंतरकडं जाव आसेवियं फासुयं जाव पडिगाहिजा // 547 // से भिक्खू वा 2 जाव पविढे समाणे से जाई पुण कुलाई जाणिज्जा; तंजहा-उग्गकुलाणि वा, भोगकुलाणि वा, राइण्णकुलाणि वा, खत्तियकुलाणि वा, इक्खागकुलाणि वा, हरिवंसकुलाणि वा, एसियकुलाणि वा, वेसियकुलाणि वा, गंडागकुलाणि वा, कोट्टागकुलाणि वा, गामरक्खकुलाणि वा, वोकसालियकुलाणि वा, अण्णयरेसु वा तहप्पगारेसु कुलेसु अदुगुछिएसु अगरहिएसु वा, असणं वा 4 फासुयं एसणिज जाव पडिगाहिज्जा // 548 // से भिक्खू वा 2 गाहवइकुलं पिंडवायपडियाए अणुपविढे समाणे से जं पुण जाणेज्जा असणं वा 4 समवाएसु वा; पिंडणियरेसु वा, इंदमहेसु वा, खंदमहेसु वा, रुद्दमहेसु वा, मुगुंदमहेसु वा, भूयमहेसु वा, जक्खमहेसु वा, णागमहेसु वा, थूभमहेसु वा, चेइय महेसुवा,रुक्खमहेसु वा, गिरिमहेसु वा, दरिमहेसु वा, अगडमहेसु वा, तडागमहेसु वा, दहमहेसु वा, णईमहेसु वा, सरमहेसु वा, सागरमहेसु वा, आगरमहेसु वा, अण्णयरेसु वा, तहप्पगारेसु विरूवरूवेसु महामहेसु वट्टमाणेसु, बहवे समणमाहण-अतिहि-किवण-वणीमए एगाओ उक्खाओ परिएसिज्जमाणे पेहाए, दोहिं जाव संणिहिसंणिचयाओ वा परिएसिज्जमाणे पेहाए तहप्पगारं असणं वा 4 अपुरिसंतरकडं जाव णो पडिगाहिज्जा / / 549 // अह पुण एवं जाणिज्जा, दिण्णं जं तेसिं Page #51 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 38 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि दायव्वं, अह तत्थ भुंजमाणे पेहाए गाहावइभारियं वा, गाहावइभगिणिं वा, गाहावइपुत्तं वा, गाहावइधूयं वा, सुण्डं वा, धाइं वा, दासं वा, दासिं वा, कम्मकरं वा, कम्मकरिं वा, से पुवामेव आलोएज्जा, आउसि त्ति वा भगिणित्ति वा, दाहिसि मे इत्तो अण्णयरं भोयणजायं 1 से सेवं वयंतस्स परो असणं वा 4 आहटु दलएज्जा तहप्पगारं असणं वा 4 सयं वा पुण जाएज्जा, परो वा से देज्जा, फासुयं जाव पडिगाहिज्जा // 550 // से भिक्खू वा 2 परं अद्धजोयणमेराए संखडिं णचा संखडिपडियाए णो अभिसंधारेज्जा गमणाए // 551 // से भिक्खू वा 2 पाईणं संखडिं णच्चा पडीणं गच्छे अणाढायमाणे पडीणं संखडि णचा पाईणं गच्छे अणाढायमाणे दाहिणं संखडिं णचा उदीणं गच्छे अणाढायमाणे, उदीणं संखडिं णच्चा दाहिणं गच्छे अणाढायमाणे // 552 // जत्थेव सा संखडी सिया, तंजहा गामंसि वा, णगरंसि वा, खेडंसि वा, कव्वडंसि वा, मंडबंसि वा, पट्टगंसि वा, दोणमुहंसि वा, आगरंसि वा, णिगमंसि वा, आसमंसि वा, संणिवेसंसि वा, जाव रायहाणिंसि वा, संखडिं संखडिपडियाए णो अभिसंधारेजा गमणाए, केवली बूया 'आयाणमेयं' // 553 // संखडिं संखडिपडियाए अभिसंधारेमाणे आहाकम्मियं वा उद्देसियं, मीसजायं वा, कीयगडं वा, पामिच्चं वा, अच्छेज्जं वा, अणिसटुं वा, अभिहडं वा, आहट्ट दिज्जाणं अॅजिज्जा, असंजए भिक्खूपडियाए, खुड्डियदुवारियाओ महल्लियदुवारियाओ कुज्जा,. महल्लियदुवारियाओ खुड्डियदुवारियाओ कुज्जा, समाओ सिज्जाओ विसमाओ कुज्जा, विसमाओ सिज्जाओ समाओ कुज्जा, पवायाओ सिज्जाओ णिवायाओ कुज्जा, णिवायाओ सिज्जाओ पवायाओ कुज्जा, अंतो वा, बहिं वा उवस्सयस्स हरियाणिं छिंदिय 2 दालिय 2 संथारगं संथारिज्जा एस विलुंगयामो सिज्जाए अक्खाए तम्हा से संजए णियंठे अण्णयरं वा तहप्पगारं पुरे संखडि वा पच्छासंखडि वा संखडि संखडिपडियाए णो अभिसंधारिज्ज गमणाए // 554 // एयं खलु तस्स भिक्खुस्स भिक्खुणीए वा सामग्गियं जं सवढेहिं समिए सहिए सयाजए त्ति बेमि // 555 // बीओद्देसो समत्तो / से एगइओ अण्णयरं संखडिं आसित्ता पिवित्ता छड्डेज वा वमेज वा, भुत्ते वा से णो सम्मं परिणमिज्जा अण्णयरे वा से दुक्खे रोयातंके समुपंज्जिज्जा, केवली बूया आयाणमेयं ||556 // इह खलु भिक्खू गाहावइहिं वा, गाहावइणीहिं वा, परिवा Page #52 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 2 अ. 1 उ. 3. 39 यएहिं वा, परिवाइयाहिं वा, एगज्ज सद्धिं सोंड पाउं भो ! वइमिस्सं हुरत्या वा, उवस्सयं पडिलेहेमाणे णो लभिज्जा, तमेव उवस्सयं संमिस्सिभावमावजिज्जा अण्णमण्णे वा से मते विपरियासियभूए इत्थिविग्गहे वा किलीवे वा तं भिक्खं उवसंकमित्तु बूया 'आउसंतो समणा ! अहे आरामंसि वा, अहे उवस्सयंसि वा, राओ वा, वियाले वा, गामधम्मणियंतियं कटु, रहस्सियंमेहुणधम्मपरियारणाए आउट्टामो' तं चेवेगइओ साइज्जिज्जा, अकरणिज्जं चेयं संखाए। एए आययणाणि संति संचिजमाणा पच्चवाया भवंति, तम्हा से संजए णियंठे तहप्पगारं पुरेसंखडिं वा पच्छासंखडिं वा, संखडिं संखडिसंपडियाए णो अभिसंधारिजा गमणाए // 557 / / से भिक्खू वा 2 अण्णयरिं संखडिं वा सोचा णिसम्म संपरिहावइ उस्सुयभूयेणं अप्पाणेणं 'धुवा संखडी' णो संचाएइ, तत्थ इयरेयरेहिं कुलेहिं सामुदाणियं एसियं वेसियं पिंडवायं पडिगाहित्ता आहारं आहारेत्तए, माइट्टाणं संफासे णो एवं करिज्जा, से तत्थ कालेण अणुपविसित्ता तत्थेयरेयरेहिं सामुदाणिय एसियं वेसिय पिंडवायं पडिवायं पडिगाहित्ता आहारं आहारिजा||५५८॥से भिक्खू वा 2 से जं पुण जाणेज्जा गाम वा जावरायहाणिं वा, इमंसि खलु गामंसि वा जाव रायहाणिंसि वा संखडि सिया तंपि य गाम वा जाव रायहाणिं वा संखडिं संखडिपडियाए णो अभिसंधारेजा गमणाए, केवली बूया आयाणमेयं / / 559 // आइण्णा अवमा णं संखडिं अणुपविस्समाणस्स पाएण वा पाए अकंतपुवे भवइ, हत्थेण वा हत्थे संचालियपुब्वे भवइ, पाएण वा पाए आवडियपुव्वे भवइ, सीसेण वा सीसे संघट्टियपुव्वे भवइ, कारण वा. काए संखोभियपुव्वे भवइ, दंडेण वा अट्ठीणा वा मुट्ठिणा वा लेलुणा वा कवालेण वा अभिहयपुव्वे भवइ, सीओदएण वा उसित्तपुब्वे भवइ, रयसा वा परिघासियपुव्वे भवइ, अणेसणिज्जेण वा परिभुत्तपुवे भवइ, अण्णेसिं वा दिज्जमाणे पडिगाहियपुव्वे भवइ, तम्हा से संजए णिग्गंथे तहप्पगारं आइण्णाऽवमा णं संखडिं संखडिपडियाए णो अभिस. धारिजा गमणाए // 560 // से भिक्खू वा 2 गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए पविढे समाणे से जं पुण जाणेज्जा, असणं वा 4 एसणिज्जे सिया अणेसणिज्जे सिया 'वितिगिच्छसमावण्णेणं अप्पाणेणं असमाहडाए लेस्साए तहप्पगारं असणं वा 4 लाभे संते णो पडिगाहिज्जा // 561 // से भिक्खू वा 2 गाहावइकुलं पविसिउ कामे सव्वं भंडगमायाए गाहावइकुल पिंडवायपडियाए पविसिज वा णिक्खमिज्ज Page #53 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 40 अंग-पविट्ट सुत्ताणि . वा // 562 // से भिक्खू वा 2 बहिया विहारभूमि वा वियारभूमि वा णिक्खममाणे वा पविसमाणे वा सव्वं भंडगमायाए बहिया विहारभूमि वा वियारभूमि वा णिक्खमिज वा पविसिज वा // 563 // से भिक्खू वा 2 गामाणुगामं दूइज्जमाणे सव्वं भंडगमायाए गामाणुगामं दूइज्जिज्जा // 564 // से भिक्खू वा 2 अह पुण एवं जाणिज्जा तिव्वदेसिय वा वास वासेमाणं पेहाए, तिव्वदेसियं महियं सणिचयमाणं पेहाए महावाएण वा रयं समुद्धयं पेहाए तिरिच्छसंपाइमा वा तसा पाणा संथडा सण्णिचयमाणा पेहाए, से एवं णचा णो सव्वं भंडगमायाए गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए पविसिज्ज वा णिक्खमिज्ज वा बहिया विहारभूमि वा वियारभूमि वा पविसिज्ज वा णिक्खमिज़ वां गामाणुगाम दूइज्जिज्जा // 565 / / से भिक्खू वा 2 से जाई पुण कुलाई जाणिज्जा, तंजहा-खत्तियाण वा, राईण या, कुराईण वा, रायपेसियाण वा, रायवंसट्ठियाण वा अंतो वा बहिं वा गच्छंताण वा संणिविट्ठाण वा णिमंतेमाणाण वा अणिमंतेमाणाण वा असणं वा 4 लाभे संते णो पडिगाहिज्जा त्ति बेमि // 566 / / पढमं अज्झयणं तइओद्देसो समत्तो। से भिक्खू वा 2 जाव पविढे समाणे से जं पुण जाणिज्जा मंसाइयं वा मच्छाइयं वा मंसखलं वा मच्छखलं वा आहेणं वा पहेणं वा, हिंगोलं वा, संमेलं वा हीरमाणं संपेहाए अंतरा से मग्गा बहुपाणा, बहुबीया, बहुहरिया, बहुओसा, बहुउदया, बहुउत्तिंगपणगदगमट्टियमक्कडासंताणगा, बहवे तत्थ समणमाहणअतिहिकिवणवणीमगा उवागता उवागमिस्संति तत्थाइण्णावित्ती णो पण्णस्स णिक्खमणपवेसाए, णो पण्णस्स वायणपुच्छणपरियट्टणाणुपेहधम्माणुओगचिंताए, सेवं णचा तहप्पगारं पुरेसंखडिं वा पच्छासंखडिं वा संखडिं संखडिपडियाए णो अभिसंधारेज्जा गमणाए // 567 // से भिक्खू वा 2 गाहवइकुल पिंडवायपडियाए पविढे समाणे से जं पुण जाणेज्जा, मसाइयं वा जाव संमेलं वा हीरमाणं पेहाए, अंतरा से मग्गा अप्पंडा जाव संताणगा णो जत्थ बहवे समणमाहण जाव उवागमिस्संति, अप्पाइण्णावित्ती . पण्णस्स णिक्खमणपवेसाए पण्णस्स वायणपुच्छणपरियट्ठणाणुपेहधम्माणुओगचिंताए सेवं णचा तहप्पगारं पुरेसंखडि वा पच्छासंखडिं वा संखडि संखडिपडियाए अभिसंधारेज गमणाए // 568 // से भिक्खू वा 2 गाहावइकुलं जाव पविसिउकामे से जं पुण जाणेज्जा, खीरिणियाओ गावीओ खीरिजमाणीओ पेहाए असणं वा 4 Page #54 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 2 अ.१ उ. 5 41 उवसंखंडिजमाणं पेहाए पुरा अप्पजूहिए सेवं णच्चा णो गाहावइकुल पिंडवायाडियाए णिक्खमिज वा पविसिज्ज वा से तमायाए एगंतमवक्कमिज्जा, एगंतमवकमित्ता अणावायमसंलोए चिट्ठिज्जा, अह पुण एवं जाणेज्जा खरिणीओ गावीओ खीरियाओ पेहाए, असणं वा 4 उवक्खडियं पेहाए पुराए जूहिए से एवं णचा तओ संजयामेव गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए पांवेसिज्ज वा णिक्वमिज्ज वा // 569 // भिक्खागाणामेगे एवमाहंसु समाणा वा वसमाणा वा; गामाणुगाम दूइज्जमाणे खुड्डाए खलु अयं गामे संणिरुद्धाए णो महालए से हंता, भयंतारो बाहिरगाणि गामाणि भिक्खायरियाए वयह // 570 // संति तत्गइयस्स भिक्खुस्स पुरे-संथुया वा पच्छासंथुया वा परिवसंति, तंजहा-गाहावई वा, गाहावइणीओ वा गाहावइपुत्ता वा, गाहावइधूयाओ वा, गाहावइसुण्हाओ वा, धाईओ वा, दासा वा, दासीओ वा, कम्मकरा वा, कम्मकरीओ वा, तहप्पगाराई कुलाई पुरे संथुयाणि वा पच्छासंथुयाणि वा, पुवामेव भिक्खायरियाए अणुपविसिस्सामि अवि य इत्थ लमिस्सामि, पिंडं वा लोयं वा, खीरं वा, दधिं वा, गवणीयं वा घयं वा, गुलं वा, तेलं वा, महुं वा मज्जं वा मंस वा सक्कुलिं वा, पूयं वा, सिहरिणिं वा, तं पुव्वामेव भुच्चा पिच्चा पडिग्गहं संलिहिय संमज्जिय तओ पच्छा भिक्खूहिं सद्धिं गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए पविसिस्सामि णिक्खमिस्सामि वा, माइट्टाणं संफासे, तं जो एवं करेज्जा, से तत्थ भिक्खूहि सद्धिं कालेण अणुपविसित्ता, तत्थियरेयरेहिं कलेहि सामुदाणियं एसियं वेसिथं पिंडवायं पडिगाहित्ता आहारं आहारिज्जा // 571 / / एयं खलु तस्स भिक्खुस्स वा भिक्षुणीए वा सामग्गिय // 572 // पढमं अज्झयणं चउत्थोइसो समत्तो॥ से भिक्खू वा 2 जाव पविढे समाणे से जं पुण जाणिज्जा, अग्गपिंड उक्खिप्पमाणं पेहाए, अग्गपिंडं णिक्खिप्पमाणं पेहाए अग्गपिंडं हीरमाणं पेहाए, अग्गपिंडं परिभाइज्जमाणं पेहाए, अग्गपिंड परि जमाणं पेहाए, अग्गपिंडं परि?विजमाणं पेहाए,पुरा असिणाइ वा. अवहाराइ वा पुरा जत्थण्णे समणमाहणअतिहिकिवणवगोमगा खद्धं खद्धं उवसंकमंति, से हंता अहमवि खद्धं 2 उवसंकमामि, माइट्ठाणं संफासे णो एवं करिजा // 573 // से भिक्खू वा 2 जाव पविढे समाणे अंतरा से वप्पाणि वा, फलिहाणि वा, पागाराणि वा, तोरणाणि वा, अग्गलाणि वा, Page #55 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 42 अंग-पविटु सुत्ताणि अग्गलपासगाणि वा सइ परक्कमे संजयामेव, परक्कमिज्जा णो उज्जुयं गच्छिज्जा, केवली बूया आयाणमेयं // 574 // से तत्थ परक्कममाणे पयलिज्ज वा, पक्वलेज्ज वा पवडिज वा, से तत्थ पयलेमाणे वा पक्खलेज्जमाणे वा पवडमाणे वा, तत्थ से काए उच्चारेण वा पासवणेण वा खेलेण वा सिंघाणेण वा, वंतेण वा पित्तेण वा, पूएण वा, सुक्केण वा, सोणिएण वा, उवलित्त सिया, तहप्पगारं कायं णो अणंयरहियाए पुढवीए णो ससिणिद्धाए पुढवीए, णो ससरक्खाए पुढवीए, णो चित्तमंताए सिलाए, णो चित्तमंताए लेलूए, कोलावासंसि वा दारुए जीवपइद्विए सअंडे सपाणे जाव संताणए, णो आमज्जिज वा पमजिज्ज वा, संलिहिज्ज वा, विलिहिज्ज वा,उव्वलिज्ज वा, उवट्टिज्ज वा, आयाविज्ज वा, पयाविज्ज वा, से पुव्वामेव अप्पससरक्खं तणं वा, पत्तं वा, कटं वा, सक्करं वा, जाइजा, जाइत्ता से तमायाय एगंतमवक्कमिज्जा, 2 अहे झामथंडिलंसि वा, जाव अण्णयरंसि वा, तहप्पगारंसि पडिलेहिय 2 पमज्जिय 2 तओ संजयामेव आमजिज्ज वा जाव पयाविज्ज वा // 575 / / से भिक्ख वा 2 जाव पविढे समाणे से जं पुण जाणेज्जा गोणं वियालं पडिपहे पेहाए, महिसं वियालं पडिपहे पेहाए एवं मणुस्सं आसं हत्थिं सीहं वग्धं विगं दीवियं अच्छे तरच्छं परिसरं सियालं विरालं सुणयं कोलसुणयं कोकंतियं चित्ताचेल्लड़यं वियालं पडिपहे पेहाए सइपरक्कमे संजयामेव परक्कमेज्जा णो उज्जुयं गच्छेज्जा / / 576 / / से भिक्खू वा 2 जाव समाणे अंतरा से ओवाओ वा, खाणू वा, कंटए वा, घसी वा, भिलूगा वा विसमे वा विज्जले वा, परियावजिज्जा, सइ परक्कमे संजयामेव परक्कमेजा णो उज्जुयं गच्छिज्जा // 577 // से भिक्खू वा 2 गाहावइकुलस्स दुवारबाहं कंटकबोंदियाए परिपिहियं पेहाए तेसिं पुत्वामेव उग्गहं अणणुण्णविय अपडि. लेहिय अपमज्जिय णो अवंगुणिज्ज वा, पविसिज्ज वा, णिक्खमिज्ज वा, तेसिं पुष्वामेव उग्गहं अणुण्णविय पडिलेहिय 2 पमज्जिय 2 तओ संजयामेव अवंगुणिज्ज वा पविसेज्ज वा णिक्खमेज्ज वा // 578 // से भिक्खू वा 2 जाव समाणे से जं पुण जाणेज्जा, समणं वा, माहणं वा, गामपिंडोलगं वा, अतिहिं वा, पुव्वपविढं पेहाए णो तेसिं संलोए सपडिदुवारे चिढेज्जा, केवली बूया आयाणमेयं // 579 / / पुरा पेहाए तस्सद्वाए परो असणं वा, 4 आहटु दलए ज्जा, अह मिक्खूणं पुव्वोवदिट्ठा एस पहष्णा, एस हेऊ, एस उवएसो, जं णो तेसिं संलोए सपडिदुवारे चिट्ठज्जा से Page #56 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 2 अ. 1 उ. 5-6 43 तमायाए एगंतमवक्कमिज्जा 2 अणावायमसंलोए चिढेजा // 580 // से परो अणावायमसंलोए चिट्ठमाणस्स असणं वा 4 आहटु दल एज्जा से यं वएज्जा “आउसंतो समणा ! इमे भे असणं वा 4 सव्वजणाए णिसिटे, तं मुंजह च णं परिभाएह च णं" तं चेगइओ पडिगाहेत्ता तुसिणीओ उवेहेज्जा, अवियाई एयं मममेव सिया एवं माइट्ठाणं संफासे, णो एवं करेज्जा, से तमायाए तत्थ गच्छेज्जा 2 से पुवामेव आलोएज्जा, “आउसंतो समणा! इमे भे असणं वा 4 सव्व जणाए णिसिटे तं भुजह च णं परिभाएह च णं" सेवं वयंत परो वएज्जा 'आउसंतो समणा ! तुम चेव णं परिभाए हि, से तत्थ परिभाएमाणे णो अप्पणो खद्धं 2 डायं 2 उसढं 2 रसियं 2 मणुण्णं 2 णिद्धं 2 लुक्खं 2 से तत्थ अमुच्छिए अगिद्धे अगढिए अणज्झोववण्णे, बहुसममेव, परिभाए जा // 581|| से णं परिभाएमाणं परो वएज्जा आउसंतो समणा ! मा णं तुमं परिभाए हि सव्वे वेगइया ठिया उ भोक्खामो वा पाहामो वा” से तत्थ भुंजमाणे णो अप्पणो खलु 2 जाव लुक्खं 2 से तत्थ अमुच्छिए 4 बहुसममेव भुजिज्ज वा पीइज्ज वा // 582 // से भिक्खू वा 2 जाव समाणे से जं पुण जाणिज्जा, समणं वा, माहणं वा, गामपिंडोलगं वा, अतिहिं वा, पुवपविट्ठ पेहाए णो ते उवाइक्कम्म पविसेज्ज वा ओभासेज्ज वा से तमायाय एगंतमवक्कमेज्जा 2 अणावायमसंलोए चिहिज्जा, अह पुण एवं जाणिज्जा, पडिसेहिए वा दिण्णे वा तओ तमि णियत्तिए संजयामेव पविसिज्ज वा ओभासिज्ज वा // 583 / / एयं खलु तस्स भिक्खुस्स वा भिक्खुणीए वा सामग्गियं // 584 // पढमं अज्झयणं पंचमोइसो समत्तो॥ से भिक्खू वा 2 जाव समाणे से जं पुण जाणेज्जा, रसेसिणो बहवे पाणा घासेसणाए संथडे संणिवइए पेहाए तंजहा—कुक्कुडजाइयं वा, सूयरजाइयं वा अंग्गपिंडंसि वा वायसा संथडा संणिवाइया पेहाए सइ परकमे संजयामेव परक्कमेज्जा णो उज्जुयं गच्छिज्जा // 585 // से भिक्खू वा 2 जाव पविढे समाणे णो गाहावइकुलस्स दुवारसाहं अवलंबिय 2 चिट्ठज्जा, णो गाहावइकुलस्स दगच्छड्डणमत्तए चिट्ठिज्जा, णो गाहावइकुलस्स चंदणिउयए चिट्ठज्जा, णो गाहावइकुलस्स सिणाणस्स वा वच्चस्स वा संलोए सपडिदुवारे चिहिज्जा णो गाहावइकुलस्स आलोयं वा थिग्गलं वा संधिं वा दगभवणं वा बाहाउ पगिज्झिय 2 अंगुलियाए वा उद्दिसिय 2 Page #57 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 44 44 अंग-पविट्ट सुत्ताणि उण्णमिय 2 अवणमिय 2 णिज्झाइज्जा णो गाहावई अंगुलियाए उद्दिसिय 2 जाइज्जा, णो गाहावई अंगुलियाए चालियर जाएज्जा, णो गाहावई अंगुलियाए तज्जिय 2 जाएज्जा, णो गाहावई अंगुलियाए उक्खुलंपिय 2 जाएज्जा, णो गाहावई वंदिय 2 जाएज्जा, णो वयणं फरुसं वइज्जा।।२८६||अह तत्थ कंचि भुंजमाणं पेहाए, तंजहागाहावई वा जाव कम्मकरिं वा से पुवामेव आलोइज्जा,“आउसो त्ति वा,भइणि त्ति वा दाहिसि मे एत्तो अण्णयरं भोयणजायं" से सेवं वयंतस्स परो हत्थं वा मत्तं वा दविं वा, भायणं वा सीओदगवियडेण वा, उसिणोदगवियडेण वा, उच्छोलेज वा, पहोएज्ज . वा, से पुवामेव आलोएज्जा “आउसो त्ति, वा भइणित्ति वा, मा एयं तुम हत्थं वा, मत्तं वा, दट्विं वा, भायणं वा, सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा, उच्छोलेहि वा, पहोवेहि वा, अभिकंस्खसि मे दाउं एमेव दलयाहि " से सेवं वयंतस्स परो हत्थं वा 4 सीओदगवियडेण वा 2 उच्छोलेत्ता पहोइत्ता आहट्ट दलए ज्जा तहप्पगारेण पुरे कम्मकएणं हत्थेण वा 4 असणं वा 4 अफासुयं अणेसणिज्जं जावणो पडिगाहिज्जा, अह पुण एवं जाणिज्जा णो पुरेकम्मएणं उदउल्लेणं तहप्पगा.' रेणं वा उदउल्लेणं (ससिणिद्धेण) वा हत्थेण वा 4 असणं वा 4 अफासुयं जाव णो पडिगाहिज्जा, अह पुण एवं जाणेज्जा णो उदउल्लेणं ससिणिद्धेणं सेसं तं चेव, एवं ससरक्खे उदउल्ले ससिणिद्दे मट्टिया, उसे हरियाले, हिंगुलए, मणोसिला, अंजणे, लोणे, गेरुय, वण्णिय, सेढिय, सोरठिय पिट्ठ कुक्कस उक्कुट्ट संसटेणं / / 587 / / अह पुण एवं जाणिज्जा, णो असंसढे, संसढे तहप्पगारेण संसटेण हत्थेण वा 4 असणं वा 4 फासुयं जाव पडिगाहिज्जा // 588 // से भिक्खू वा 2 से जं पुण जाणेज्जा पिहुयं वा बहुरयं वा जाव चाउलपलंब वा, असंजए भिक्खुपडियाए चित्तमंताए सिलाए जाव मक्कडासंताणाए कुट्टिसु वा, कुट्टिति वा, कुट्टिस्संति वा, उप्फणिंसु वा 3 तहप्पगारं पिहुयं वा, जाव चाउलपलंबं वा, अफासुयं जाव णो पडिगाहिज्जा // 589 // से भिक्खू वा 2 जाव समाणे से जं पुण जाणिज्जा बिलं वा लोणं उब्भियं वा लोणं, असंजए भिक्खुपडियाए चित्तमंताए सिलाए जाव संताणाए भिदिसु वा, भिंदति वा, मिंदिस्मंति वा, रुच्चिसु वा 3 बिलं वा लोणं उब्भियं वा लोणं अफासुयं जाव णो पडिगाहिजा // 590|| से भिक्खू वा जाव समाणे से जं पुण जाणेज्जा असणं वा 4 अगणिणिक्खित्तं तहप्पगारं Page #58 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 2 अ. 1 उ.७ 45 असणं वा 4 अफासुयं लाभे संते णो पडिगाहिज्जा, केवली बूया, “आयाणमेयं'' असंजए भिक्खुपडियाए उस्सिंचमाणे वा, णिस्सिंचमाणे वा, आमज्जमाणे का, पमज्जमाणे वा, ओयारेमाणे वा, उव्वत्तमाणे वा, अगणिजीवे हि सिज्जा, अह भिक्खूणं पुव्वोवदिट्ठा एस पइण्णा, एस हेऊ, एस कारणे, एसुवएसे, ज तहप्पगारं असणं वा, 4 अगणिणिखित्तं अफासुयं अणेसणिज्जं लाभे संते णो पडिगाहिज्जा // 591 / / एवं खलु तस्स भिक्खुस्स वा भिक्खुणीए वा सामग्गियं // 592 // पढमं अज्झयणं छट्ठोद्देसो समत्तो // से भिक्खू वा 2 जाव समाणे से जं पुण जाणेज्जा असणं वा 4 खंधंसि वा थंभसि वा, मंचंसि वा, मालसि वा, पासायंसि वा, हम्मियतलंसि वा, अण्णयरंसि वा, तहप्पगारंसि अंतलिक्खजायंसि उवणिक्खित्ते सिया, तहप्पगारं मालोहडं असणं वा 4 अफासुयं जाव णो पडिगाहिज्जा, केवली बूया " आयाणमेयं" असंजए भिक्खुपडियाए पीढं वा फलग वा णिस्सेणिं वा, उदूहलं वा, आहट्ट उस्सविय दुरुहेज्जा, से तत्थ दुरुहमाणे, पयलेज्ज वा पवडेज्ज वा से तत्थ पयलेमाणे वा पवडेमाणे वा, हत्थं वा, पायं वा, बाहुं वा, उरुं वा, उदरं वा, सीसं वा अण्णयरं वा कायंसि इंदियजायं लूसिज वा, पाणाणि वा, भूयाणि वा, जीवाणि वा, सत्ताणि वा, अभिहणिज्ज वा, वित्तासिज्ज वा, लेसिज्ज वा, संघसिज्ज वा, संघट्टिज्ज वा, परियाविज्ज वा, किलामिज वा, ठाणाओ ठाणं संकामिज वा, तं तहप्पगारं मालोहडं असणं वा, 4 लाभे संते णो पडिगाहिज्जा // 593 // से भिक्खू वा, 2 जाव समाणे से जं पुण जाणेज्जा, असणं वा 4 कुट्ठियाओ वा कोलेज्जाओ वा, असंजए भिक्खुपडियाए, उक्कुज्जिय अवउज्जिय ओहरिय, आह१, दलइज्जा, तहप्पगारं असणं वा, 4 मालोहडंति णचा लाभे संते.णो पडिगाहिज्जा // 594 / / से भिक्खू वा 2 जाव समाणे से जं पुण जाणेज्जा असणं वा 4 मट्टिओलित्ते तहप्पगारं असणं वा 4 जाव लाभे संते णो पडिगाहिज्जा / केवली बूया 'आयाणमेयं' असंजए भिक्खूपडियाए मट्टिओलित्तं असणं वा 4 उभिदमाणे पुढवीकार्य समारंभिज्जा, तहा आउ-तेऊ-वाऊ-वणस्सइ-तसकायं समारंभिज्जा पुणरवि ओलिंपमाणे पच्छाकम्मं करिज्जा / अह भिक्खूणं पुव्वोवदिट्ठा जाव ज तहप्पगारं मट्टिओलित्तं असणं वा, 4 लाभे संते णो पडिगाहिज्जा // 595 // Page #59 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंग-पविट्ठ सुत्ताणि से भिक्खू वा 2 जाव पविढे समाणे से जं पुण जाणेज्जा असणं वा 4 पुढविकायपइट्ठिय तहप्पगारं असणं वा 4 अफासुयं जाव णो पडिगाहिज्जा. // 596 // से भिक्खू वा भिक्खूणी वा से जं पुण जाणिज्जा, असणं वा 4 आउकायपइडियं तह चेव एवं अगणिकायपइट्ठियं लाभे संते णो पडिगाहिज्जा, 'केवलीबूया ' "आयाणमेयं" असंजए भिक्खूपडियाए अगणिं उस्सकिय 2 णिसक्किय 2 ओहरिय 2 आहटु दलएज्जा, अह भिक्खूणं पुव्वोवदिट्ठा जाव णो पडिगाहिज्जा // 597|| से भिक्खू वा 2 जाव पविढे समाणे से जं पुण जाणिज्जा, असणं वा 4 अच्चुसिणं असंजए भिक्खुपडियाए, सुप्पेण वा, विहुयणेण वा, तालियटेण वा, पत्तेग वा, साहाए. वा, साहाभंगेण वा, पिहुणेण वा, पिहुणहत्थेण वा, चेलेण वा, चेलकण्णेण वा, हत्थेण वा, मुहेण वा, फुमिज्ज वा, वीएज्ज वा, से पुव्वामेव आलोएज्जा “आउसो त्ति वा, भगिणि त्ति वा, मा एयं तुमं, असणं वा, 4 अच्चुसिणं सुप्पेण वा जाव फुमाहि वा, वीयाहि वा, अभिकंखसि मे दाउं एमेव दलयाहिं" से सेवं वयंतस्स परो सुप्पेण वा जाव वीइत्ता आहट्ट दलएज्जा, तहप्पगारं असणं वा 4 अफासुयं जाव णो ‘पड़िगाहिज्जा // 598 // से भिक्खू वा 2 जाव समाणे से जं पुण जाणेज्जा, असणं वा 4 वणस्सइकायपइट्ठियं तहप्पगारं असणं वा 4 वणस्तइकायपइद्वियं अफासुयं अणेसणिज्जं लाभे संते णो पडिगाहिज्जा, एवं तसंकाएवि // 599 // से भिक्खू वा 2 जाव पविढे समाणे से जं पुण पाणगजायं जाणेज्जा, तंजहा उस्सेइमं वा, संसेइमं वा, चाउलोदगं वा, अण्णयरं वा तहप्पगारं पाणगजायं, अहुणाधोयं, अणंबिलं, अवोक्तं, अपरिणयं अविद्धत्थं, अफासुयं, अणेसणिज्जं जाव णो पडिगाहिज्जा // 600|| अह पुण एवं जाणिज्जा चिराधोय, अबिलं, वुक्तं, परिणयं विद्धत्थं, फासुयं जाव पडिगा. हिज्जा // 601 // से भिक्खू वा, 2 जाव पविढे समाणे से जं पुण पाणगजायं जाणेज्जा, तंजहा-तिलोदगं वा, तुसोदगं वा, जवोदगं वा, आयामं वा; सोविरं वा, सुद्धवियड वा, अण्णयरं वा तहप्पगारं पाणगजायं पुव्वामेव आलोएज्जा "आउसो त्ति वा, भगिणित्ति वा, दाहिसि मे एत्तो अण्णयरं पाणगजायं ?"से सेवं वयंतं परो वएज्जा “आउसंतो समणा ! तुम चेवेयं पाणगजायं पडिग्गहेण वा उस्सिंचियाण ओयत्तियाणं गिण्हाहि"तहप्पगारं पाणगजायं सयं वा गिहिब्जा, परो वा से दिज्जा, Page #60 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 2 अ. 1 उ. 8 47 फासुर्य लाभे संते जाव पडिगाहिज्जा // 602|| से भिक्खू वा 2 जाव समाणे से जं पुण पाणगं जाणेज्जा अणंतरहियाए पुढवीए जाव संताणए ओहट्ट णिक्खित्ते सिया असंजए भिक्खुपडियाए, उदउल्लेण वा, ससिणिद्धेण वा, सकसाएण वा, मत्तेण वा सीओदएण वा, संभोएत्ता आह? दलएज्जा तहप्पगारं पाणगजायं अफासुयं लाभे संते णो पडिगाहिज्जा // 603|| एयं खलु तस्स भिक्खुस्स वा भिक्खुणीए वा सामग्गियं // 604 // सत्तमोइसो समत्तो। से भिक्खू वा 2 जाव पविढे समाणे से जं पुण पाणगजायं जाणिज्जा, तंजहा-अंबपाणगं वा, अंबाडगपाणगं वा, कविठ्ठपाणगं वा, माउलिंगपाणगं वा मुद्दियापाणगं वा, दाडिमपाणगं वा, खज्जूरपाणगं वा, णालिएरपाणगं वा, करीरपाणगं वा, कोलपाणगं वा, आमलगपाणगं वा, चिंचापाणगं वा, अण्णयरं वा तहप्पगारं पाणगजायं सअढियं सकणुयं सबीयगं असंजए भिक्नुपडियाए छब्बेण वा दूसेण वा, वालगेण वा, आवीलियाण वा, पवीलियाण परिसाइयाण आहट्ट दलए जा, तहप्पगारं पाणगजायं अफासुयं लाभे संते णो पडिगाहिज्जा // 605 // से भिक्खू वा 2 जाव पविढे समाणे, से आगंतारेसु वा, आरामागारेसु वा, गाहावइकुलेसु वा, परियावस हेसु वा, अण्णगंधाणि वा, पाणगंधाणि वा, सुरभिगंधाणि वा, अग्घाय 2 से तत्थ आसायपडियाए मुच्छिए, गिद्धे, गढिए, अझोववण्णे 'अहो गंधो 2 ' णो गंधमाघाइजा // 606 / / से भिक्खू वा 2 जाव समाणे, से ज पुण जाणेज्जा, सालुयं वा, विरालियं वा, सासवणालियं वा, अण्णयरं वा तहप्पगारं आमग असत्थपरिणयं अफासुयं जाव णो पडिगाहिज्जा // 607|| से भिक्खू वा 2 जाव पविढे समाणे से जं पुण जाणेज्जा, पिप्पलिं वा, पिप्पलिचुण्णं वा, मिरियं वा, मिरियचुण्णं वा, सिंगबेरं वा, सिंगबेरचुण्णं वा, अण्णयरं वा तहप्पगारं आमगं असत्थपरिणयं अफासुयं जाव णो पडिगाडिब्जा // 608 // से भिक्खू वा 2 जाव पंविढे समाणे से जं पुण जाणेजा, पलंबजायं तंजहा अंबपलंच वा, अंबाडगपलंबं वा, ताल पलंबं वा, झिझिरिपलंबं वा, सुरभिपलंबं वा, सल्लइपलंबं वा, अण्णयरं वा तहप्पगारं पलंबजायं आमगं असत्थपरिणयं अफासुयं अणेसणिज्ज जाव लाभे संते णो पडिगाहिज्जा // 609 // से भिक्खू वा 2 जाव पविढे समाणे से जं पुण पवालजायं जाणिज्जा, तंजहा-असोत्थपवालं वा णग्गोह Page #61 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 48 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि पवालं वा, पिलुंखुपवालं वा, णीपूरपवालं वा, सल्लइपवालं वा, अण्णयरं तहप्पगारं पवालजायं आमगं असत्थपरिणयं अफासुयं अणेसणिज्जं जाव णो पडिग़ाहिज्जा // 610 // से भिक्खू वा 2 जाव समाणे से जं पुण सरडुयजायं जाणिज्जा, तंजहा-अंबसरडुयं वा, कविट्ठसरडुयं वा, दाडिमसरडुयं वा, विल्लसरडयं वा, अण्णयरं वा तहप्पगारं सरडुयजायं आमग असत्थपरिणयं अफासु जाव णो पडिगाहिज्जा // 611 // से भिक्खू वा 2 जाव पविढे समाणे, से जं पुण मंथुजायं जाणिज्जा, तंजहा-उंबरमंथु वा, णग्गोहमंथु वा, पिलक्खुमथु वा, आसोत्थमंथु वा, अण्णयरं वा, तहप्पगारं मंथुजायं आमयं दुरुकं साणुबीयं अफासुयं जाव णो पड़िगा. हिज्जा // 612 // से भिक्खू वा 2 जाव समाणे से जं पुण जाणिज्जा, आमडागं वा, पूइ पिण्णागं वा, महुं वा मज्जं वा सप्पिं वा, खोलं वा पुराणं एत्थ पाणा अणुप्पसूया, एत्थ पाणा जाया, एत्थ पाणा संवुड्डा, एत्थ पाणा अवुकंता, एत्थ पाणा अपरिणया, एत्थ पाणा अविद्धत्था जाव णो पडिगाहिजा // 613 // से भिक्खूवा, 2 जाव समाणे से जं पुण जाणिज्जा, उच्छुमेरगंवा अंककरेलुयं वा, कसेरुगं वा, सिंघाडगं वा, पूइआलुगं वा, अण्णयरं वा तहप्पगारं आमग असत्थपरिणय जाव णो पडिगाहिज्जा // 614 // से भिक्खू वा 2 से जं पुण जाणिज्जा; उप्पलं वा, उप्पल णालं वा, भिसं वा, भिसमुणालं वा, पोक्खलं वा, पोक्खल विभगं वा, अण्णयरं वा तहप्पगारं, जाव णो पडिगाहिज्जा // 615 / / से मिक्खू वा, 2 जाव समाणे, से जं पुण जाणिज्जा, अग्गबीयाणि वा, मूलबीयाणि वा, खंधीयाणि वा, पोरबीयाणि वा, अग्गजायाणि वा, मूलजायाणि वा, खंधजायाणि वा, पोरजायाणि वा, णण्णत्थ तकलिमत्थएणवा, तक्कलिसीसेण वा, णालिएरमत्थएण वा,खज्जूर मत्थएणवा, तालमत्थएण वा, अण्णयरं वा तहप्पगारं आमं असत्थपरिणयं जाव णो पडि. गाहिज्जा // 616 // से भिक्खू वा 2 जाव समाणे से जं पुण जाणिज्जा, उच्छं वा, काणगं, अंगारियं संमिस्सं, विगदूसियं वेत्तग्गं वा, कंदलीउसयं वा, अण्णयरं वा, तहप्पगारं आमं असत्थ परिणयं जाव णो पडिगाहिज्जा // 617 // से भिक्खू वा 2 जाव समाणे से जं पुण जाणिज्जा, लसुणं वा, लसुणपत्तं वा, लसुणणालं वा,लसुणकंद वा, लसुणचोयं वा, अण्णयरं वा तहप्पगारं आम असत्थ परिणयं जाव णो पडिगाहिज्जा||६१८॥से भिक्खू वा,२ जाव समाणे से जं पुण जाणिज्जा, अच्छिअं Page #62 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 2 अ. 1 उ. 8-9 वा, कुंभिपक्क, तिंदुगं वा, विलुयं वा, पलगं वा, कासवणालियं वा, अण्णयरं वा तहप्पगारं आमं असत्थपरिणयं जाव णो पडिगाहिज्जा // 619 // से भिक्खू वा 2 जाव समाणे से जं पुण जाणिज्जा, कणं वा कणकुंडगं वा, कणपूयलियं वा, चाउलं वा, चाउल पिढे वा, तिलं वा, तिल पिढे वा तिलपप्पडंग वा, अण्णयरं वा, तहप्पगारं आमं असत्थपरिणयं जाव लाभे संते णो पडिगाहिज्जा // 620 // एस खलु तस्स भिक्खुस्स भिक्षुणीए वा सामग्गियं // 621 // अट्ठमोइसो समत्तो // इह खलु पाईणं वा, पडीणं वा, दाहिणं वा, उदीणं वा, संतेगइया सड्ढा भवंति, गाहावइ वा जाव कम्मकरीओ वा; तेसिं च णं एवं वुत्तपुव्वं भवइ जे इमे भवंति समणा, भगवंतो, सीलमंता, वयमंता, गुणमंता, संजया, संवुडा, बंभचारी, उवरया मेहुणाओ धम्माओ, णो खलु एए सिं कप्पइ आहाकम्मिए असणं वा 4 भोइत्तए वा पाइत्तए वा; से जं पुण इमं अहं अप्पणो अट्ठाए णिढ़ियं, तंजहा-असणं वा 4 सव्वमेयं समणाणं णिसिरामो, अवियाई वय पच्छावि अप्पणो अट्ठाए असणं वा 4 चेइस्सामो एयप्पगारं णिग्योसं सोचा णिसम्म तहप्पगारं असणं वा 4 अफासुयं अणेसणिजं जाव लाभे संते णो पडिगाहिज्जा // 622 / / से भिक्खू वा 2 समाणे वसमाणे वा गामाणुगामं वा दूइज्जमाणे से जं पुण जाणिज्जा, गाम वा जाव रायहाणिं वा, इमंसि खलु गामसि वा जाव रायहाणिसि वा संतेगइयस्स भिक्खुस्स पुरे संथुया वा पच्छासंथुया वा परिवसंति, तंजहा-गाहावइ वा जाव कम्मकरीओ वा तहप्पगाराइं कुलाई णो पुव्वामेव भत्ताए वा पाणाए वा णिक्खमेज्ज वा पविसेज्ज वा, केवली बूया, 'आयाणमेयं' / पुरा पेहाए तस्स परो अट्ठाए असणं वा 4 उवकरेज्ज वा, उवक्खडेज्ज वा, अह भिक्खूणं पुव्वोवदिट्ठा 4 जं जो तह पगाराई कुलाई पुव्वामेव भत्ताए वा पाणाए वा पविसेज वा णिक्खमेज्ज वा। से तमायाय एगतमवक्कमिज्जा 2 अणावायमसंलोए चिट्ठज्जा, से तत्थ कालेणं अणुपविसिज्जा 2 तत्थियरेयरेहिं कुलेहिं सामुदाणियं एसियं वेसियं पिंडवायं एसित्ता आहारं आहारिज्जा // 623 // सिया से परो कालेण अणुपविट्ठस्स आहाकम्मियं असणं वा 4 उवकरेज्ज वा उवक्खडेज्ज वा, तं चेगइओ तूसणीओ उवेहेज्जा, "आहडमेव पचाइक्खिस्सामि ' माइट्ठाणं संफासे, णो एवं करेज्जा, से पुव्वामेव आलोए जा ‘आउसो त्ति वा भागिणि त्ति वा, णो खलु मे कप्पइ आहाकम्मियं असणं Page #63 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंग-पविटु सुत्ताणि वा 4 भोत्तए वा पायर वा, मा उवकरेहि, मा उवक्खडेहि, से सेवं वयंतस्स परो आहाकम्मियं असणं वा 4 उवक्खडावित्ता आह? दल एज्जा, तहप्पगारं असणं वा 4 अफासुयं लाभे संते णो पडिगाहिज्जा / / 624 // से भिक्खू वा 2 जाव समाणे से जं पुण जाणिज्जा मंसं वा मच्छं वा भज्जिजमाणं पेहाए तेल्लपूयं (यं) वा आएसाए उवक्खडिज्जमाणं पेहाए णो खद्धं 2 उवसंकमित्तु ओभासेज्जा णण्णत्थ गिलाणणीसाए // 625 / / से भिक्खू वा जाव समाणे अण्णयरं भोयणजायं पडिगाहित्ता सुभि-सुभि भोचा दुन्भि-दुभि परिद्ववेइ, माइट्ठाणं संफासे, णो एवं करेजा, सुभि वा दुभि वा सव्वं अॅजिज्जा णो किंचिविपरिट्ठविजा // 626 // से भिक्खू वा 2 नाव समाणे अण्णयरं वा पाणयजायं पडिगाहित्ता पुप्फ 2 आवीइत्ता कसायं 2 परिवेइ, माइट्ठाणं संफासे णो एवं करिज्जा, पुप्फ पुप्फेइ वा कसायं कसाएत्ति वा सव्वमेयं भुजिज्जा णो किंचिवि परिवेज्जा // 627 // से भिक्खू वा 2 बहुपरियावण्णं भोयणजायं पडिगाहित्ता बहवे साहम्मिया तत्थ वसंति संभोइया, समणुण्णा अपरिहारिया, अदूरगया तेसिं अणालोइया अणामंतिया परिट्ठवेइ, माइट्ठाणं संफासे णो एवं करेज्जा से तमायाय तत्थ गच्छेज्जा 2 से पुवामेव आलोएज्जा, “आउसंतो समणा ! इमे मे असणं वा 4 बहुपरियावण्णे, तं भुजह च णं" से सेवं वयंतं परो वएज्जा “आउसंतो समणा! आहारमेयं असणं वा 4 जावइयं 2 परिसडइ तावइयं 2 भोक्खामो वा, पाहामो वा, सव्वमेयं परिसडइ, सव्वमेयं भोक्खामो वा पाहामो वा" // 628 // से भिक्खू वा 2 से जं पुण जाणिजा, असणं वा, पाणं वा, खाइमं वा, साइमं वा, परं समुहिस्स बहिया णीहडं तं परेहिं असमणुण्णायं अणि सिहँ अफासुयं जाव णो पडिगाहिज्जा, तं परेहिं समणुण्णायं संणिसिटुं फासुयं लाभे संते जाव पडिगाहिज्जा // 629 // एस खलु तस्स भिक्खुस्स भिक्खुणीए वा सामग्गियं ॥६३०||नवमोद्देसो समत्तो॥ से एगइओ साहारणं वा पिंडवायं पडिगाहित्ता, ते साहम्मिए अणापुच्छित्ता जस्स-जस्स इच्छइ तस्स-तस्स खद्धं-खद्धं दलयइ, माइट्ठाणं संफासे णो एवं करेजा से तमायाए तत्थ गच्छेज्जा 2 पुव्वामेव आलोए ज्जा “आउसंतो समणा ! संति मम पुरे-संथुया वा पच्छासंथुया वा, तंजहा-आयरिए वा, उवज्झाए वा, पवित्ती वा, थेरे वा, गणी वा, गणइरे वा, गणावच्छेइए वा, अवियाई एएसिं खद्धं-खर्द्ध Page #64 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 2 अ. 1 उ. 10,11 51 दाहामि" से सेवं वयंत परो वएज्जा, कामं खलु आउसो ! अहापज्जत्तं णिसिराहि जावइयं 2 परो वयइ तावइयं 2 णिसिरेज्जा, सव्वमेयं परो वयइ सव्वमेयं णिसिरेज्जा // 631 // से एगइओ मणुणं भोयगजायं पडिगाहित्ता पंतेण भोयणेण पलिच्छाए इ "मामेयं दाइयं संत दळूणं सयमायए, आयरिए वा जाव गणावच्छेइए वा,णो खलु मे कस्सइ किंचिवि दायव्वं सिया" माइट्ठाणं संफासे णो एवं करेज्जा, से तमायाए तत्थ गच्छेज्जा, 2 पुवामेव उत्ताणए हत्थे पडिग्गहं कटु "इमं खलु इमं खलु त्ति" आलोएज्जा, णो किंचिवि णिगूहेज्जा // 632 / / से एगइओ अण्णयरं भोयणजायं पडिगाहित्ता, भद्दयं भयं भोचा, विवणं विरसमाहरड, माइट्ठाणं संफासे, णो एवं करिज्जा // 633 // से भिक्खू वा 2 से जं पुण जाणिज्जा, अंतरुच्छ्यिं वा, उच्छुगंडियं या, उच्छुचोयगं वा, उच्छुमेरगं वा, उच्छुसालगं वा, उच्छुडालगं वा, सिंबलिं वा, सिंबलिथालगं वा, अस्सि खलु पडिग्गहियंसि अप्पे सिया भोयणनाए, बहुउज्झियधम्मिए तहप्पगारं अंतरच्छुयं जाव सिंबली थालगं वा अफासुयं नाव णो पांडगाहिज्जा // 634 // से भिक्खु वा 2 से जं पुण जाणिज्जा. बहु अढियं वा मंसं वा मच्छं वा बहुकंटग अस्सि खलु पडिग्गहियं सि अप्पेसिया भोयणजाए बहुउज्झियधम्मिए-तहप्पगारं बहु अट्ठिय वा मंसं वा,मच्छं वा बहुकंटगं लाभे संते जाव णो पडिगाहिज्जा // 635 / / से भिक्खू वा 2 जाव समाणे, सिया णं परो बहु अट्ठिएणं वा मंसेण वा मच्छेण वा उवणिमंतेज्जा “आउसंतो समणा अभिकंस्खसि ! बहुअद्वियं मंस पडिगाहित्तए ?" एयप्पगारं णिग्घोसं सोचा णिसम्म से पुत्वामेव आलोएज्जा ."आउसो त्ति वा भइणित्ति वा, णो खलु मे कप्पइ से बहुअद्वियं मंसं पड़िगाहित्तए, अभिकखसि मे दाउं, जावइयं तावइयं पुग्गलं दलयाहि, मा य अट्ठियाई “से सेवं वयंतस्स परो अभिहट्ट अंतो पडिग्गहगसि बहुअट्ठियं मंसं परिभाएत्ता णिहटु दलएज्जा, तहप्पगारं पडिग्गहगं परहत्थंसि वा परपायंसि वा अफासुयं अणेसणिज्जं लाभे संते णो पडिगाहिज्जा, से आहच्च पडिगाहिए सिया तं णोहि त्ति वएज्जा, णो अणहित्ति वएज्जा, से तमायाए एगंतमवक्कमेज्जा 2 अहे आरामंसि वा, अहे उवस्सयंसि वा, अप्पंडए जाव अप्पसंताणए, मसग मच्छग भुच्चा अट्ठियाई कंटए गहाय से तमायाए एगंतमवक्कमिज्जा 2 अहे ज्झामथंडिलंसि वा, जाव पमज्जिय 2 तओ संजयामेव Page #65 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 52 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि / परिट्टविज्जा // 636 // से भिक्षू वा 2 जाव समाणे सिया परो अभिहट्ट अंतो पडिग्गहए बिलं वा लोणं, उब्भियं वा लोणं, परिभाएत्ता णीह? दलए ज्जा, तहप्पगारं परहत्थंसि वा, परपायसि वा अफासुयं अणेसणिज जाव णो पडिगाहिज्जा से आहच्च पडिग्गाहिए सिया तं च णाइदूरगए जाणिज्जा, से तमायाए तत्थ गच्छिज्जा 2 पुवामेव आलोएज्जा “आउसो त्ति वा, भइणि त्ति वा, इमं ते किं जाणया दिण्णं उदाहु अजाणया ? सो य भणेज्जा, णो खलु मे जाणया दिण्णं, अजाणया दिण्णं, कामं खलु आउसो ! इदाणिं णिसिरामि तं भुंजह च णं परिभाएह च णं, तं परेहिं समणुण्णायं समणुसिटुं तओ संजयामेव, भुंजेज वा पीए ज्ज वा, जं च णो संचाएइ भोत्तए वा पायए वा साहम्मिया तत्थ वसंति संभोइया समणुण्णा अपरिहारिया अदूरगया तेसिं अणुपयायव्वं, सिया णो जत्थ साहम्मिया सिया जहेव बहुपरियावण्णे कीरइ तहेव कायव्वं सिया // 637 // एस खलु तस्स भिक्खुस्स वा भिक्खुणीए वा सामग्गियं ॥६३८॥दसमोहेसो समत्तो।। भिक्खागा णामेगे एवमाहंसु समाणे वा वसमाणे गामाणुगाम वा दूइज्जमाणे मगुण्णं भोयणजाय लभित्ता " से य भिक्खू गिलाई से हंदह णं तस्साहरह से य भिक्खू णो भुज्जिज्जा आहरिज्जा तुमं चेव णं भुजिज्जासि" से एगइओ भोक्खामित्ति कट्ठ पलिउंचिय 2 आलोएज्जा, तंजहा--इमे पिंडे इमे लोए इमे तित्तए इमे कडुए इमे कसाए इमे अंबिले इमे महुरे णो खलु एत्तो किंचि गिलाणस्स सयइत्ति माइट्ठाणं संफासे, णो एवं करेजा तहाठियं तहेव तं आलोए ज्जा जहाठियं जहेव तं गिलाणस्स सयइत्ति, तंजहा-तित्तयं तित्तएत्ति वा, कडुयं कडुएत्ति वा, कसायं कसाएत्ति वा, अंबिलं अंबिलेत्ति वा, महुरं महुरेत्ति वा // 639 // भिक्खागा णामेगे एवमाहंसु, समाणे वा वसमाणे वा, गामाणुगाम दूइज्जमाणे मणुण्णं भोयणजायं लभित्ता से भिक्खू गिलाइ से हंदह णं तस्साहरह सेय भिक्खू णो अँजिज्जा, आह रेज्जा, से णं णो खलु मे अंतराए आहरिस्सामि इच्चेयाइं आययणाई उवाइक्कम्म // 640 // अह भिक्खू जाणिजा सत्त पिंडेसणाओ सत्त पाणेसणाओ तत्थ खलु इमा पढमा पिंडेसणा असंसढे हत्ये असंसढे मते तहप्पगारेण अंसंसटेण हत्थेण वा मत्तेण वा, असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा सयं वा णं जाएज्जा, परो वा से दिज्जा, फासुयं जाव पडिगाहिज्जा, पढमा पिंडेसणा // 641 / / अहावरा दोचा पिंडेसणा, संसढे हत्थे Page #66 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 2 अ. 1 उ. 11 53 संसढे मंत्तए तहेव दोचा पिंडेसणा / / 642 / / अहावरा तच्चा पिंडेसणा, इह खलु पाईणं वा 4 संतेगइया सड्ढा भवंति गाहावइ वा जाव कम्मकरीओ वा, तेसिं च णं अण्णयरेसु विरूवरूवेसु भायणजाएसु उवणिक्खित्तपुव्वे सिया तंजहा थालंसि वा, पिढरंसि वा सरगंसि वा, परगंसि वा, वरगंसि वा, अह पुण एवं जाणिज्जा, असंसटे हत्थे संसढे मत्ते, संसटे वा हत्थे असंसटे मत्ते से य पडिग्गहधारी सिया पाणिपडिग्गहिए वा, से पुव्वामेव आलोए जा “आउसोत्ति वा, भगिणि त्ति वा, एएणं तुमं असंसटेण हत्थेण संसटेण मत्तेण संसटेण वा हत्थेण असंसटेण मत्तेण अस्सि पडिग्गहगंसि वा पाणिंसि वा णिहटु उचित्तु दलयाहि" तहप्पगारं भोयणजायं सयं वा णं जाएजा, परो वा से देजा, फासुयं एसणिज जाव पडिगाहिज्जा / तच्चा पिंडेसणा।।६४३॥ अहावरा चउत्था पिंडेसणा, से भिक्खू वा, 2 से जं पुण जाणिज्जा, पिहुअं वा, जाव चाउलपलंब वा, अस्सि खलु पडिग्गहियंसि अप्पे पच्छाकम्मे अप्पे पज्जवजाएं, तहप्पगारं पिहुयं वा जाव चाउलपलंबं वा सयं वा णं जाएजा परो वा से देजा जाव पडिमाहिजा / चउत्था पिंडेसणा // 644 // अहावरा पंचमा पिंडेसंणा से भिक्खू वा भिक्खुणी वा, जाव समाणे, उग्गहियमेव भोयणजायं जाणिज्जा, तंजहा सरावंसि वा, डिंडिमंसि वा, कोसगंसि वा, अह पुण एवं जाणिज्जा बहुपरियावण्णे पाणीसु उदगलेवे तहप्पगारं असणं वा 4 सयं वा णं जाएज्जा, जाव पडिगाहिज्जा / पंचमा पिंडेसणा ||645 // अहावरा छट्ठा पिंडेसणा, से भिक्खू वा 2 पग्गहियमेव भोयणजायं जाणिज्जा, जं च सयट्ठाए पग्गहिय जं च परवाए पग्गहियं तं पायपरियावण्णं तं पाणिपरियावण्णं फासुयं बाव पडिगाहिज्जा / छट्ठा पिंडेसणा॥६४६।। अहावरा सत्तमा पिंडेसणा, से भिक्खू वा 2 जाव समाणे बहु उझियधम्मियं भोयणजायं जाणिज्जा, जं चऽण्णे बहवे दुपय-चउप्पय-समण-माहण-अतिहि-किवण-वणीमगा णावखंति तहप्पगारं उज्झियधम्मियं भोयणजायं सयं वा णं जाएज्जा परो वा से दिज्जा जाव फासुयं पडि. गाहिज्जा / सत्तमा पिंडेसणा // इच्चेयाओ सत्त पिंडेसणाओ // 647 / / अहावराओ सत्त पाणेसणाओ, तत्थ खलु इमा पढमा पाणेसणा, असंसटे हत्थे असंसढे मत्ते * तं चेव भाणियव्यं, णवरं चउत्थाए णाणत्तं, से भिक्खू वा 2 जाव समाणे से जं पुण पाणगजायं जाणिज्जा, तंजहा—तिलोदगं वा, तुसोदगं वा, जवोदगं वा, Page #67 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 54 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि आयाम वा, सोवीरं वा, सुद्धवियडं वा, अस्सि खलु पडिग्गहियंसि अप्पे पच्छाकम्मे, तहेव पडिग्गाहिज्जा // 648 // इच्चेयासिं सत्तण्हं पिंडेसणाणं सत्तण्डं पाणेसणाणं अण्णयरं पडिम पडिवज्जमाणे णो एवं वएज्जा “मिच्छापडिवण्णा खलु एए भयंतारो अहमेगे सम्म पडिवण्णे, जे एए भयंतारो एयाओ पडिमाओ पडि. वज्जित्ताणं विहरंति, जो य अहमंसि एय पडिमं पडिवज्जित्ताणं विहरामि सवेऽवि ते उ जिणाणाए उवढ़िया अण्णोण्णसमाहीए एवं च णं विहरंति // 649 // एय खलु तस्स भिक्खुस्स वा भिक्खुणीए वा सामग्गिय // 650 // एगारसमो. देसो। बिइयसुयक्खंधस्स पिउसणा णामं पढमज्झयणं समत्तं। ॥सेज्जा णाम बीयं अज्झयणं // से भिक्खू वा 2 अभिकंखेजा, उवस्सयं एसित्तए, से अणुपविसेत्ता गाम वा जाव रायहाणिं वा // 651 // से ज पुण उवस्सयं जाणिज्जा, सअंडं जाव ससंताणयं तहप्पगारे उवस्सए णो ठाणं वा सेज वा णिसीहियं वा चेए जा // 652 // से भिक्खू वा 2 से जं पुण उवस्सयं जाणिज्जा, अप्पंडं अप्पपा जाव अप्पसंताणयं तहप्पगारे उवस्सए पडिलेहित्ता पमजित्ता, तओ संजयामेव ठाणं वा सेज वा णिसीहियं वा चेएज्जा // 653 // से जं पुण उवस्सयं जाणिज्जा अस्सिपडियाए एगं साहम्मियं समुद्दिस्स पाणाइं भूयाई जीवाई सत्ताई समारब्भ समुहिस्स कीयं पामिचं अच्छिज्ज अणिसटुं अभिहडं आह? चेएइ तहप्पगारे उवस्सए पुरिसंतरगडे वा अपुरिसंत. रगडे वा जाव अणासेविए वा णो ठाणं वा सेज् वा णिसीहियं वा चेए ज्जा / एवं वहवे साहम्मिया एगं साहम्मिणी बहवे साहम्मिणीओ // 654 // से भिक्खू वा 2 से जं पुण उवस्सयं जाणिज्जा असंजए भिक्खुपडियाए बहवे समण-माहण-अतिहि. किवण-वणीमए पगणिय 2 समुहिस्स पाणाई भूयाई जीवाई सत्ताई जाव चेएइ तहप्पगारे उवस्सए अपुरिसंतरगडे जाव अणासेविए णो ठाणं वा सेज्ज वा णिसीहियं वा चेएज्जा, अह पुण एवं जाणिज्जा पुरिसंतरगडे जाव आसे विए पडिलेहित्ता पमज्जित्ता तओ संजयामेव ठाणं वा सेज्जं वा मिसीहियं वा चेए ज्जा // 655 // से भिक्खू वा 2 से जं पुण उवस्सयं जाणिज्जा, असंजए भिक्खुपडियाए कडिए वा, उत्कंबिए वा, छण्णे वा, लिचे वा, घटे वा, मढे वा, संमढे वा, संप Page #68 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 2 अ.२ उ. 1 55 धूमिए वा, तहप्पगारे उवस्सए अपुरिसंतरगडे जाव अणासेविए, णो ठाणं वा, सेनं वा, णिसीहियं वा चेएज्जा, अह पुण एवं जाणिज्जा पुरिसंतरगडे जाव आसे. विए, पडिलेहित्ता पमजित्ता, तओ संजयामेव जाव चेए ज्जा // 656 // से भिक्खू वा 2 से जं पुण उवस्मयं जाणिज्जा, असंजए भिक्खुपडियाए खुड्डियाओ दुवारियाओ महल्लियाओ कुजा, जहा पिंडेसणाए जाव संथारगं संथारिज्जा, बहिया वा णिण्णवु तहप्पगारे उवस्सए अपुरिसंतरगडे जाव अणासेविए णो ठाणं वा, सेज्ज वा णिसीहियं वा चेए ज्जा, अह पुण एवं जाणिज्जा पुरिसंतरगडे जाव आसेविए पडिलेहित्ता पमजित्ता तओ संजयामेव जाव चेएज्जा // 657 // से भिक्ख वा 2 से जं पुण उवस्मयं जाणिज्जा, असंजए भिक्खुपडियाए उदगप्पसूयाणि वा, कंदाणि वा, मूलाणि वा, पत्ताणि वा, पुप्फाणि वा, फलाणि वा, बीयाणि वा, हरियाणि वा, ठाणाओ ठाणं साहरइ, पहिया वा णिण्णक्खु तहप्पगारे उवस्सए अपरिसंतरगडे जाव णो ठाणं वा सेज वा णिसीहियं वा चेएज्जा। अह पुण एवं जाणिज्जा, पुरिसंतरगडे जाव चेएज्जा // 658 // से भिक्खू वा, भिक्खुणी वा, से जं पुण उवस्सयं जाणिज्जा, असंजए भिक्खूपडियाए पीढं वा फलगं वा णिस्सेणिं वा उद्हलं वा ठाणाओ ठाणं साहरइ बहिया वा णिण्णक्खु, तहप्पगारे उवस्सए अपु. रिसंतरगडे जाव णो ठाणं वा सेजं वा णिसीहियं वा चेएज्जा, अह पुण एवं जाणिज्जा पुरिसंतरगडे जाव चेएज्जा ॥६५९॥से भिक्खू वा 2 से जं पुण उवस्सयं जाणिज्जा, तंजहाखंधंसि वा मंचंसि वा मालंसि वा पासायंसि वा हम्मियतलंसि वा अण्णयरंसि वा तहप्पगारंसि, अंग्रलिक्खजायंसि, णण्णत्थ आगाढागाढेहिं काररोहिं, ठाणं वा सेज्जं वा णिसीहियं वा चेएज्जा // 660 / / से आहच्च चेइए सिया णो तत्थ. सीओदगवियडेण वा, उसिणोदगवियडेण वा, हत्थाणि वा, पायाणि वा, अच्छीणि वा, दंताणि वा, मुहं वा, उच्छोलेज्ज वा पहोएज्ज वा, णो तत्थ उसढं पगरेज्जा, तंजहा-उच्चारं वा पासवणं वा, खेलं वा, सिंघाणं वा, वंतं वा, पित्तं वा, पूयं वा, सोणियं वा, अण्णयरं वा सरीरावयवं केवली बूया "आयाणमेयं "से तत्थ ऊसढं पगरेमाणे पयलेज वा, पवडेज वा, से तत्थ पयलेमाणे पवडेमाणे वा हत्थं 'वा, जाव सीसं वा अण्णयरं वा कार्यसि इंदियजायं लूसेज्ज वा पाणाणि वा 4 अभिहगेज वा जाव ववरोवेज्ज वा, अह भिक्खूणं पुव्वोवदिट्ठा एस पइण्णा जाव जं तह Page #69 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 56 अंग-पविट्ट सुत्ताणि प्पगारे उवस्सए अंतलिक्खजाए णो ठाणं वा सेज्जं वा णिसीहियं वा चेएज्जा // 661 / / से भिक्खू वा 2 से जं पुण उवस्सयं जाणिज्जा सइत्थियं सखुड़े सपसुभत्तपाणं तहप्पगारे सागारिए उवस्सए णो ठाणं वा सेज्जं वा णिसीहियं वा चेएज्जा, आयाणमेयं भिक्खुस्स गाहावइकुलेण सद्धिं संवसमाणस्स अलसए वा विसूइया वा छड्डी वा उव्वाहिज्जा अण्णयरे वा से दुक्खे रोगायंके समुप्पज्जेज्जा असं. जए कलुणवडियाए तं भिक्खुस्स गायं तेलेण वा,घएण वा, णवणीएण वा, वसाए वा उव्वदृणेण वा अब्भंगेज्ज मक्खिज्ज वा, सिणाणेण वा, कक्केण वा, लोहेण वा, वण्णेण वा, चुण्णेण वा, पउमेण वा,आघंसेज्ज वा पघंसेज वा,उव्वलेज्ज वा,उवट्टेज्ज वा, सीओदगवियडेण वा, उसिणोदगवियडेण वा, उच्छोलेज्ज वा, पच्छोलेज्ज वा, पहोएज्ज वा, सिणाविज्ज वा, सिंचिज्ज वा, दारुणा वा, दारुपरिणामं कटु, अगणिकायं उज्जालेज्ज वा, पज्जालिज्ज वा, उज्जालित्ता 2 कायं आयावेज्ज वा पयावेज वा अह भिक्खूणं पुव्योवइट्ठा एस पइण्णा जाव जं तहप्पगारे सागारिए उवस्सए णो ठाणं वा सेज्ज वा णिसीहियं वा चेएज्जा॥६६२॥आयाणमेयं भिक्खुस्स सागारिए उवस्सए वसमाणस्स इह खलु गाहावइ वा जाव कम्मकरीओ वा अण्णमण्णं अक्कोसंति वा पहंति वा रुभति वा उद्दविंति वा अह भिक्खूणं उच्चावयं मणं णियंछेज्जा एए खलु अण्णमण्णं उक्कोसंतु वा मा वा उक्कोसंतु जाव मा वा उद्दवितु / अह भिक्खूणं पुवोवइट्टा एस पइण्णा जाव जं तहप्पगारे सागारिए उवस्सए णो ठाणं वा सेज वा णिसीहियं वा चेए ज्जा // 663 // आयाणमेयं भिक्खुस्स गाहावइहिं सद्धिं संवसमाणस्स इह खलु गाहावइ अप्पणो सअट्ठाए अगणिकायं उज्जालेज्ज वा पज्जालेज्ज वा विज्झावेज्ज वा अह भिक्खू उच्चावयं मणं णियंछेज्जा, एए खलु अगणिकायं उज्जालेंतु वा जाव मा वा विज्झावेंतु अह भिक्खूणं पुव्वोव दिट्ठा जाव जं तहप्पगारे उवस्सए णो ठाणं वा सेज्जं वा णिसीहियं वा चेएज्जा॥ 664 // आयाणमेयं भिक्खुक्स्स गाहावइहिं सद्धिं संवसमाणस्स इह खलु गाहावइस्स कुंडले वा, गुणे वा मणी वा, मोत्तिए वा, हिरण्णे वा, सुवण्णे वा, कडगाणि वा, तुडियाणि वा, तिसरगाणि वा, पालंबाणि वा, हारे वा, अद्धहारे वा, एगावळी वा, मुत्तावली वा, कणगावली वा, रयणावली वा, तरुणियं वा कुमारि अलंकियविभूसियं पेहाए, Page #70 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 2 अ. 2 उ. 2 57 अह भिक्खू उच्चावयं मणं, णियछेज्जा, “एरिसिया वा सा णो वा एरिसिया" इइ वा णं बूया, इइ वा णं मणं साएजा, अह भिक्खूणं पुव्वोवइट्ठा 4 जाव जं तहप्पगारे उवस्सए णो ठाणं वा जाव चेए जा // 66 // आयाणमेयं भिक्खुस्स गाहावइहिं सद्धिं संवसमाणस्स इह खलु गाहावइणीओ वा, गाहावइधूयाओ वा, गाहावइ. सुण्हाओ वा, गाहावइधाईओ वा, गाहावइदासीओ वा, गाहावइकम्मकरीओ वा, तासिं च णं एवं वुत्तपुव्वं भवइ, “जे इमे भवंति समणा भगवंतो जाव उवरया मेहुणधम्माओ णो खलु एएसिं कप्पइ मेहुणंधम्मं परियारणाए आउट्टित्तए जा य खलु एएहिं सद्धिं मेहणधम्म परियारणाए आउट्टाविज्जा पुत्तं खलु सा लभेज्जा, ओयत्सि तेयस्सिं वचस्सिं जसस्सिं संपराइयं आलोयणदरिसिणिज्ज," एयप्पगारं णिग्धोसं सोचा णिसम्म तासिं च णं अण्णयरी सड्डी तं तवस्सिं भिक्खं मेहुणधम्मपरियारणाए आउट्टावेज्जा, अह भिक्खूणं पुबोवइट्ठा जाव जं तहप्पगारे सागारिए उवस्सए णो ठाणं वा सेज्जं वा णिसीहियं वा चेएज्जा // 666 // एयं खलु तस्स भिक्खुस्स भिक्षुणीए वा सामग्गियं // 667 // सेज्जाज्झयणस्स पढमोद्देसो समतो॥ गाहावइ णामेगे सुइसमायारा भवंति से भिक्खू य असिणाणाए मोयसमायारे से तग्गंधे दुग्गंधे पडिकूले पडिलोमे यावि भवइ, जं पुवकम्मं, जं पच्छाकम्मं तं पच्छाकम्मं तं पुवकम्मं तं भिक्खुपडियाए वट्टमाणे करेजा वा णो करेज्जा वा अह भिक्खूण पुव्योवइट्ठा जाव जं तहप्पगारे उवस्सए णो ठाणं वा जाव चेएज्जा।६६८। आयाणमेयं भिक्खुस्स गाहावइहिं सद्धिं संवसमाणस्स इह खलु गाहावइस्स अप्पणो सअट्ठाए विरूवरूवे भोयणजाए उवक्खडिए सिया अह पच्छा भिक्खुपडियाए असणं वा 4 उवरवडेज्ज वा उवकरेज्ज वा तं च भिक्खू अभिकंखेज्जा भोत्तए वा पायए वा वियट्टित्तए वा अह भिक्खूणं पुब्बोवइट्ठा जाव जं तहप्पगारे उवस्सए णो ठाणं चेएज्जा॥६६९।। आयाणमेयं भिक्खुस्स गाहावइणा सद्धिं संवसमाणस्स इह खलु गाहावइस्स अप्पगो सयट्ठाए विरूवरूवाई दारुयाई भिण्णपुवाई भवंति, अह पच्छा भिक्खुपडियाए विरूवरूवाइं दारुयाई भिंदेज्ज वा, किणेज्ज वा पामिचेज्ज वा, दारुणा वा दारुपरिणामं कटु अगणिकायं उज्जालेज्ज वा, पज्जालेन्न वा, तत्थ भिक्खू अभिकखेज वा आयावेत्तए वा, पयावेत्तए वा, वियट्टित्तए वा, Page #71 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 58 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि अह भिक्खूणं पुब्बोवइट्ठा जाव जं तहप्पगारे उबस्सए णो ठाणं चेएज्जा / / 670 // से भिवू वा 2 उच्चारपासवणेणं उव्वाहिज्जमाणे राओ वा वियाले वा, गाहावइकुलस्स दुवारबाहं अवंगुणेज्जा तेणे य तस्संधिचारी अणुपविसेज्जा, तस्स भिक्खुस्स णो कप्पइ एवं वदित्तए "अयं तेणे पविसइ वा णो वा पविसइ, उवल्लियइ वा णो वा उवल्लियइ, आवयइ वा णो वा आवयइ, वयइ वा णो वा वयइ, तेण हडं अण्णेण हडं, तस्स हडं अण्णस्स हडं, अयं तेणे अयं उवरए, अयं हंता, अयं एत्थमकासी," तं तवस्सिं भिक्खं अतेणं तेणं ति संकइ, अह भिक्खूणं पुब्वोवइट्ठा जाव चेएज्जा / / 671 // से भिक्खू वा 2 से जं पुण उवस्सयं जाणिज्जा तणपुंजेसु पलालपुंजेसु वा, सअंडे जाव ससंताणए तहप्पगारे उवस्सए णो ठाणं वा सेज्जं वा णिसीहियं वा चेएज्जा / / 672 // से भिक्खू वा 2 से जं पुण उवस्सयं जाणिज्जा, तणपुंजेसु वा, पलालपुंजेसु वा अप्पंडे जाव चेएज्जा // 673 / / से आगंतारेसु वा, आरामागारेसु वा, गाहावइकुलेसु वा परियावसहेसु वा अभिक्खणं अभिक्खणं साहम्मिए हिं ओवयमाणेहिं णो उवएज्जा // 674 // से आगंतारेसु वा जाव परियावसहेसु वा, जे भयंतारो उडुबद्धियं वासावासियं वा कप्पं उबाइणित्ता तत्थेव भुजो भुजो संवसंति, अयमाउसो! कालाइकंतकिरिया वि भवइ // 675 // से आगंतारेसु वा जाव परियावस हेसु वा, जे भयंतारो उडुबद्धियं वा वासावासियं वा, कप्पं उवाइणावित्ता तं दुगुणा दु(ति)गुणेण वा अपरिहरित्ता तत्थेव भुज्जो भुजो संबसंति, अयमाउसो ! इत्तरा उवट्ठाणकिरिया यावि भवइ // 676 // इइ खलु पाईणं वा पडीणं वा दाहीणं वा उदीणं वा संतेगइया सड्डा भवंति तंजहा गाहावइ वा जाव कम्मकरीओ वा तेसिं च णं आयारगोयरे णो सुणिसंते भवइ तं सद्दहमाणेहि, तं पत्तियमाणेहिं, तं रोयमाणेहिं बहवे समणमाहणअतिहिकिवणवणीमए समुहिस्स तत्थ तत्थ अगारीहिं अगाराइं चेइयाई भवंति, तंजहा-आएसणाणि वा आययणाणि वा देवकुलाणि वा सहाओ वा पवाणि वा पणियगिहाणि वा पणियसालाओ वा जाणगिहाणि वा जाणसालाओ वा सुहाकम्मंताणि वा दब्भकम्मंताणि वा बद्धकम्मंताणि वा,वक्कयकम्मंताणि वा वणकम्मंताणि वा इंगालकम्मंताणि वा कढकम्मंताणि वा सुसाणकम्मंताणि वा संतिकम्मंताणि वा सुण्णागारकम्मंताणि वा गिरिकम्मंताणि वा कंदराकम्मंतागि वा सेलोवट्ठाणकम्मंताणि Page #72 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 2 अ. 2 उ. 2, 3 59 वा भवणगिहाणि वा जे भयंतारो तहप्पगाराई आएसणाणि वा जाव भवणगिहाणि वा तेहिं ओवयम णेहिं ओवयंति, अयमाउसो ! अभिकंतकिरिया या वि भवइ // 677 // इह खलु पाईणं वा पडीणं वा दाहिणं वा उदीणं वा संतेगइया सड्ढा भवंति जाव तं रोयमाणेहिं बहवे समण जाव वणीमए समुहिस्स, तत्थ 2 अगारीहिं अगाराइं चेइयाई भवंति, तंजहा-आए सणाणि वा जाव भवणगिहाणि वा जे भयंतारो तहप्पगाराई आएसणाणि वा जाव भवणगिहाणि वा तेहिं अणोवयमाणेहिं ओवयंति अयमाउसो ! अण भिक्कंतकिरिया या वि भवइ // 678 // इह खलु पाईणं वा पडीणं वा दाहिणं वा उदीणं वा संतेगइया सड्डा भवंति, तंजहा-गाहावई वा जाव कम्मकरीओ वा, तेसिं च णं एवं वुत्तपुव्वं भवइ, “जे इमे भवंति समणा भगवंतो सीलमंता जाव उवरया मेहुण वम्माओ, णो खलु एएसिं भयंताराणं कप्पइ आहाकम्मिए उवस्सए वत्थए, से जाणि इमाणि अम्हं अप्पणो सअट्ठाए चेइ. याई भवंति, तंजहा आएसणाणि वा, जाव भवणगिहाणि वा, सव्वाणि ताणि समणाणं णिसिरामो अवियाई वयं पच्छा अप्पणो सअट्ठाए चेइस्सामो तंजहाआएसणाणि वा जाव भवणगिहाणि वा, एयप्पगारं णिग्धोसं सोचा णिसम्म जे भयंतारो तहप्पगाराई आएसणाणि वा जाव भवणगिहाणि वा उवागच्छंति उवागच्छित्ता इयराइयरेहिं पाहुडेहिं वटुंति अयमाउसो ! वजकिरिया या वि भवइ // 679 // इह खलु पाईणं वा पडीणं वा दाहिणं वा उदीण वा, संतेगइया सड्ढा भवंति जाव तेसिं च णं आयारगोयरे णो सुणिसंते भवइ, जाव तं रोयमाणेहिं बहवे समण जाव वणीमए पगणिय 2 समुहिस्स तत्थ 2 अगारीहिं अगाराइं चेइयाई भवंति तंजहा-आएसणाणि वा जाव भवणगिहाणि वा जे भयंतारो तहप्पगाराई आएसणाणि वा जाव भवणगिहाणि वा उवागच्छंति 2 इयराइयरेहिं पाहुडेहिं वटृति अयमाउसो ! महावज्जकिरिया वि भवइ // 680 // इह खलु पाईणं वा पडीणं दाहिणं वा उदीणं वा संतेगइया सड्ढा भवंति जाव तं रोयमाणेहिं बहवे समणजाए समुहिस्स तत्थ तत्थ अगारीहिं अगाराई चेइयाई भवंति-तंजहा आए सणाणि वा जाव भवणगिहाणि वा जे भयंतारो तइप्पगाराई आएसणाणि वा जाव भवण. . गिहाणि वा उवागच्छति 2 त्ता इयराइयरेहिं पाहुडेहिं वटुंति, अयमाउसो ! सावजकिरिया या वि भवइ // 681 // इह खलु पाईणं वा जाव उदीणं वा संते Page #73 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 60 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि गइया सट्टा भवंति तंजहा-गाहावई वा जाव कम्मकरीओ वा तेसिं च णं आयार. गोयरे णो सुणिसंते भवइ जावतं रोयमाणेहिं एक्क समणजायं समुहिस्स तत्थ तत्थ अगारीहिं अगाराई चेइयाई भवंति,तंजहा-आएसणाणि वा जाव भवणगिहाणि वा, महया पुढवीकायसमारंभेणं एवं महया आउ-तेउ-वाउ-वणस्सइ-तसकायसमारंभेणं महया संरंभेणं महया सभारंभेणं महया आरंभेणं महया विरूवरूवेहिं पावकम्मेहिं तंजहा छायणओ,लेवणओ, संथारदुवारपिहणाओ,सीतोदए वा परिढवियपुब्वे भवइ, अगणिकाए वा उज्जालियपुवे भवइ, जे भयंतारो तहप्पगाराई आए सणाणि वा जाव भवणगिहाणि वा उवागच्छंति इमराइयरेहिं पाहुडेहिं वहति दुपक्खं ते कम्म सेवंति अयमाउसो ! महासावज्जकिरिया या वि भवइ // 682 / / इह खलु पाईणं वा जाव तं रोयमाणेहिं अप्पणो सअट्ठाए तत्थ 2 अगारीहिं जाव भवणगिहाणि वा, महया पुढविकायसमारंभेणं जाव अगणिकाए वा उज्जालियपुव्वे भवइ जे भयंतारो तहप्पगाराइं आए सणाणि वा जाव भवणगिहाणि वा उवागच्छंति इयराइयरेहिं पाहडेहिं वटुंति एगपक्खं ते कम्म सेवंति अयमाउसो! अप्पसावज्जा किरिया या वि भवइ / / 683 / / एस खलु तस्स भिक्खुस्स भिक्खुणीए वा सामग्गियं // 684 // सेज्जाज्झयणस्स बीओडेसो समत्तो॥ __ “से य णो सुलभे फासुए उंछे अहेसणिज्जे णो य खलु सुद्धे इमेहिं, पाहुडेहिं, तंजहा-छायणओ, लेवणओ संथारदुवारपिहणओ पिंडवाएसणाओ से य भिक्खू चरियारए ठाणरए णिसीहियारए सेज्जासंथारपिंडवाए सणारए" संति भिक्खुणो एव मक्खाइणो उज्जुया णियागपडिवण्णा अमायं कुव्वमाणा वियाहिया // 685 // संतेगइआ पाहुडिया उक्खित्तपुथ्वा भवइ एवं णिक्खित्तपुष्वा भवइ परिभाइयपुव्वा भवइ परिभुत्तवा भवइ परिट्ठवियपुवा भवइ एवं वियागरेमाणे समियाए वियागरेइ ? हंता भवइ // 686 / / से भिक्खू वा 2 से जं पुण उवस्मयं जाणिजा खुड्डियाओ खुड्दुवारियाओ णीयाओ संनिरुद्धाओ भवंति, तहप्पगारे उवस्सए राओ वा विआले वा णिक्खममाणे वा पविसमाणे वा पुरा हत्थेण वा पच्छा पाएण वा तओ संजयामेव णिक्खमेज वा पविसेज वा, केवली बूया, 'आयाणमेयं' जे तत्थ समणाण वा माहणाण वा छत्तए वा मत्तए वा दंडए वा लट्ठिया वा Page #74 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 2 अ. 2 उ. 3 61 मिसिया वा णालिया वा चेले वा चिलिमिली वा चम्मए वा चम्मकोसए वा चम्मछेदणए वा दुब्बद्धे दुण्णिक्वित्ते अणिकंपे चलाचले भिक्खू य राओ वा वियाले वा शिकाबममाणे वा पविसमाणे वा पयलिज्ज वा पवडेज वा, से तत्थ पयलेमाणे वा पवडेमाणे वा, हत्थं वा पायं वा जाव इंदियजायं वा लूसेज्ज वा, पाणाणि जाव सत्ताणि वा, अभिहणेज्ज वा जाव ववरोवेज्ज वा, अह भिक्खूणं पुव्वोवइट्टा जाव जं तहपगारे उवस्सए पुरा हत्थेणं पच्छा पाएणं तओ संजयामेव णित्रमेज्ज वा पविसेज्ज वा / / 687 // से आगंतरेसु वा अणुवीइ उवस्सयं जाए ज्जा, जे तत्थ ईसरे जे तत्थ समहिढाए, ते उवस्सयं अणुण्णवेज्जा, कामं खलु आउसो ! अहालंदं अहापरिण्णायं वसिस्सामो जाव आउसंतो जाव आउसंतस्स उवस्सए जाव साहम्मियाएं तओ उवस्मयं गिहिस्सामो तेण परं विहरिस्सामो // 688 // से भिक्खू वा 2 जस्सुवस्सए संवसिज्जा तस्स पुवामेव णामगोयं जाणिज्जा तओ पच्छा तस्स गिहे णिमंतेमाणस्स अणिमंतेमाणस्स वा असणं वा 4 अफासुयं जाव णो पडिग्गाहिज्जा / / 689 / / से भिक्खू वा 2 से जं पुण उवस्सयं जाणिज्जा ससा. गारियं सागणियं सउदयं णो पण्णस्स णिक्खमणपवेसणाए, णो पण्णस्स वायण जाव धम्माणुओग चिंताए, तहप्पगारे उवस्सए णो ठाणं वा सेजं वा णिसीहियं वा चेए जा // 690 // से भिक्खू वा 2 से जं. पुण उवस्सयं जाणिज्जा गाहावइकुलस्स मझ मज्झेणं गंतुं पंथर पडिबद्धं णो पण्णस्स णिक्रमण जाव चिंताए तहपगारे उवस्सए णो ठाणं वा सेनं वा णिसीहियं वा चेए ज्जा / / 691 // से भिक्खू वा 2 से जे पुण उवस्मयं जाणिज्जा इह खलु गाहावई वा जाव कम्मकरीओ वा अण्णमण्णमकोसंति वा जाव उद्दवेंति वा णो पण्णस्स जाव चिंताए सेवं णचा तहप्पगारे उवस्सए णो ठाणं वा जाव चेएज्जा // 692 / / से भिक्खू वा 2 से ज पुण उवस्सयं नाणिज्जा इह खलु गाहावई वा जाव कम्मकरीओ वा अण्णमण्णस्स गायं तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा, वसाए वा अन्भंगेति वा मक्खेंति वा णो पण्णस्स जाव चिंताए, तहप्पगारे उवस्सए णो ठाणं वा जाव चेएज्जा // 693 // से भिक्खू वा, 2 से जं पुण उवस्सयं जाणिज्जा, इह खलु गाहावई वा जाव कम्मकरीओ वा, अण्णमण्णस्स गायं सिणाणेण वा कक्केण वा लोहेण वा वण्गेण वा चुण्गेण वा पउमेण वा, आवंसंति वा पधंसंति वा उव्वलंति वा उव्यष्टिति वा णो पण्णस्स णिक्खमण जाव Page #75 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ___ अंग-पविट्ठ सुत्ताणि चिंताए तहप्पगारे उवस्सए णो ठाणं वा जाव चेएज्जा / / 694 // से भिक्खू वा 2 से जं पुण उवस्सयं जाणिज्जा इह खलु गाहावई वा जाव कम्मकरीओ वा अण्णमण्णस्स गायं सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा, उच्छोलंति वा पधोवेंति वा सिंचंति वा सिणावेंति वा णो पण्णस्स जाव णो ठाणं वा जाव चेए जा // 695 // से भिक्खू वा 2 से जं पुण उवस्सयं जाणिज्जा, इह खलु गाहावई वा जाव कम्मकरीओ वा णिगिणा ठिआ, णिगिणा उल्लीणा मेहुणधम्मं विण्णवेंति रहस्सियं वा मंतं मंतेंति णो पण्णस्स जाव णो ठाणं वा जाव चेए जा // 696 // से भिक्खू वा 2 से जं पुण उवस्सयं जाणिज्जा आइण्णसंलिक्खं णो पण्णस्स जाव चिंताए जाव णो ठाणं वा सेज् वा णिसीहियं वा चेएज्जा / / 697 / / से भिक्खू वा 2 अभिकखेज्जा संथारगं ए सित्तए // 698 // से जं पुण संथारयं जाणिज्जा सअंडं जाव संताणगं तहप्पगारं संथारगं लाभे संते णो पडिगाहिज्जा // 699 / / से भिक्खू वा 2 से जं पुण संथारयं जाणिज्जा अप्पंडं जाव संताणगं गरुयं तहप्पगारं लाभे संते णो पडिगाहिज्जा // 700 // से भिक्खू वा 2 से ज पुण संथारगं जाणिज्जा, अप्पंडं जाव संताणगं लहुयं अपाडिहारियं तहप्पगारं सेज्जा संथारयं लाभे संते णो पडिगाहिज्जा // 701 // से भिक्खू वा 2 से जं पुण संथारगं जाणिज्जा, अप्पंडं जाव संताणगं लहुयं पाडिहारियं णो अहाबद्धं तहप्पगारं लाभे संते णो पडिगाहिज्जा // 702 // से भिक्खू वा २.से जं पुण संथारयं जाणिज्जा अप्पंडं जाव संताणगं लहुयं पाडिहारियं अहाबद्धं तहप्पगारं संथारयं जाव लाभे संते पडिगाहिज्जा // 773 // इच्चेयाई आययणाई उवाइक्कम्म अह भिक्खू जाणिज्जा इमाहिं चउहिं पडिमाहिं संथारगं एसित्तए तत्थ खलु इमा पढमा पडिमा;-से भिक्खू वा 2 उद्दिसिय उद्दिसिय संथारगं जाएज्जा, तंजहा-इक्कडं वा कढिणं वा जंतुयं वा परगं वा मोरगं वा तणं वा सोरगं वा कुसं वा कुच्चगं वा पव्वगं वा पिप्पलगं वा पलालगं वा से पुव्वामेव आलोएज्जा आउसो ! त्ति वा भगिणी ! त्ति वा दाहिसि मे एत्तो अण्णयरं संथारगं ? तहप्पगारं सयं वा णं जाएज्जा परो वा से देज्जा फासुयं एसणिज्जं जाव लाभे संते पडिगाहिजा / पढमा पडिमा // 704 // अहावरा दोचा पडिमा, से भिक्खू वा 2 पेहाए संथारगं जाएजा .तंजहा—गाहावई वा जाव कम्मकरिं वा पुव्वामेव आलोएन्जा आउसो ! त्ति वा भगिणि! त्ति वा Page #76 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 2 अ. 3 उ. 1 63 दाहिसि मे एत्तो अण्णयरं संथारगं ?" तहप्पगारं संथारग सयं वा णं जाए जा परो वा से देजा फासुयं एसणिज जाव पडिगाहिज्जा / दोचा पडिमा / / 705 // अहावरा तच्चा पडिमा, से भिक्खू वा 2 जस्सुवस्सए संवसेजा जे तत्थ अहासमण्णागए तंजहा—इक्कडेइ वा जाव पलालेइवा तस्स लाभे संवसेज्जा तस्स अलाभे उक्कुडुए वा णिसज्जिए वा विहरेजा / तच्चा पडिमा / / 706 // अहावरा चउत्था पडिमा, से भिक्खू वा 2 अहा संथडमेव संथारगं जाइज्जा तंजहा--पुढविसिलं कट्ठसिलं वा, अहासंथडमेव तस्स लाभे संते संवसेजा, अलाभे उक्कुडुए वा णिसज्जिए वा विह रेज्जा / चउत्था पडिमा // 707 / / इच्चेयाणं चउण्हं पडिमाणं अण्णयरं पडिमं पडिवज्जमाणे तं चेव जाव अण्णोण्णसमाहीए एवं च णं विहरंति // 708 / / से भिक्व वा 2 अभिकंखेज्जा संथारं पञ्चप्पिणित्तए से जं पुण संथारगं नाणिज्जा सअंडं जाव संताणगं तहप्पगारं संथारगं णो पच्चप्पिणिज्जा // 709 // से भिक्खू वा 2 अभिकंखेज्जा संथारग पञ्चप्पिणित्तए, से जं पुण संथारगं जाणिज्जा अप्पंडं जाव संताणगं तहप्पगारं संथारगं पडिलेहिय 2 पमज्जिय 2 आयाविय 2 विहुणिय 2 तओ संजयामेव पच्चप्पिणेज्जा // 710 // से भिक्खू वा 2 समाणे वा वसमाणे वा गामाणगाम दुइज्जमाणे पुवामेव णं पण्णस्स उच्चारपासवणभूमि पडिलेहिज्जा केवली बूया 'आयाणमेयं' अपडिलेहियाए उच्चारपासवणभूमिए भिक्खू वा भिक्खुणी वा राओ वा वियाले वा उच्चारपासवणं परिवेमाणे, पयलेन्ज वा पवडेज्ज वा से तत्थ पयलेमाणे पवडमाणे वा हत्थं वा पायं वा जाव लूसिज्जा पाणाणि वा 4 जाव ववरोवेज्जा, अह भिक्खूणं पुव्वोवइट्ठा जाव जं पुवामेव पण्णस्स उच्चारपासवणभूमि पहिलेहेज्जा / / 711 // से भिक्ख वा 2 अभिकंखेजा सेज्जासंथारगभूमि पडिलेहित्तए णण्णत्थ आयरिएण वा उवज्झाए ण वा जाव गणावच्छेएण वा बालेण वा बुड्डेण वा से हेण वा गिलाणेण वा आए सेण वा अंतण वा मझेण वा समेण वा विसमेण वा पवाएण वा णिवाएण वा तओ संजयामेव पडिलेहिय 2 पमज्जिय 2 तओ संजयामेव बहुफासुयं सिज्जासंथारगं संथरिज्जा // 712 / / से भिक्खु वा 2 बहुफासुयं सेज्जासंथारंग संथरित्ता अभिकखेज्जा, बहुफासुए सेज्जामंथारए दुरुहित्तए // 713 // से भिक्खू वा 2 बहुफासुए सेज्जासंथारए दुरुहमाणे से पुवामेव ससीसोवरियं कायं पाए य पमज्जिय 2 Page #77 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंग-पविट्ठ सुत्ताणि तओ संजयामेव बहुफासुए सिज्जासंथारगे दुरुहिज्जा दुरुहित्ता तओ संजयामेव बहुफासुए सेज्जासंथारए सएज्जा // 714 // से भिक्खू वा 2 बहुफासुए सेज्जा संथारए सयमाणे णो अण्णमण्णस्स हत्येण हत्थं पाएण पायं कारण कार्य आसाए ज्जा, से अणासायमाणे तओ संजयामेव बहुफासुए सेज्जासंथारए सएज्जा // 715 // से भिक्खू वा 2 उस्सासमाणे वा णीसासमाणे वा कासमाणे वा छीयमाणे वा जंभायमाणे वा उड्डुए वा वायणिसग्गे वा करेमाणे पुवामेव आसयं वा पोसयं वा पाणिणा परिपिहित्ता तओ संजयामेव उससेज वा जाव वायणिसग्गं वा करेजा // 716 // से भिक्खू वा 2 समावेगया सेज्जा भवेजा, विसमा वेगया सेज्जा भवेज्जा, पवाया वेगया सेना भवेज्जा, णिवाया वेगया सेज्जा भवेज्जा, ससरक्खा वेगया सेज्जा भवेज्जा अप्पससरक्खा वेगया सेज्जा भवेज्जा, सदंसमसगा वेगया सेज्जा भवेज्जा, अप्पदंसमसगा वेगया सज्जा भवेजा,सपरिसाडा वेगया सेज्जा भवेना, अपरिसाडा वेगया सेज्जा भवेज्जा, सउवसग्गा वेगया सेज्जा भवेज्जा, णिरुवसग्गा वेगया सेज्जा भवेजा, तहप्पगाराहिं सेन्जाहिँ संविजमाणाहिं पग्गहियतराग विहारं विहरेज्जा, णो किंचिवि गिलाएज्जा / / 717 // एस खलु तस्स भिक्खुस्स भिक्खुणीए वा सामग्गियं जं सबहिं समिए सहिए सया जए जासि त्ति बेमि // 718 // तइओद्देसो समत्तो // सेज्जाणामबिइयमज्झयणं समत्तं / / . ॥इरिया णाम तइयं अज्झयणं / "अब्भुवगए खलु वासावासे अभिपवुढे बहवे पाणा अभिसंभूया, बहवे बीयाअहुणुभिण्णा, अंतरा से मग्गा, बहुपाणा बहुबीया, जाव संताणगा, अणभिक्ता पंथा णो विण्णाया मग्गा" सेवं णचा णो गामाणुगामं दूइज्जेज्जा, तओ संजयामेव घासावासं उवल्लिए जा // 719 // से भिक्खू वा 2 से जं पुण जाणिज्जा गार्म वा जाव रायहाणिं वा, इमंसि खलु गामसि वा रायहाणिसि वा णो महई विहारभूमि णो महई वियारभूमि, णो सुलभे पीढफलगसेज्जासंथारए णो सुलभे फासुए अच्छे अहेसणिज्जे बहवे जत्थ समणमाहणअतिहिकिवणवणीमगा उवागया उवागमिस्संति य अच्चाइण्णा वित्ती णो पण्णस्स णिक्खमणपवेसाए जाव धम्माणुओगचिंताए सेवं गच्चा तहप्पगारं गामं वा णगरं वा जाव रायहाणिं वा णो वासावासं उवल्लिएज्जा Page #78 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 2 अ. 3 उ. 1 65 // 720 // स भिक्खू वा 2 से जं पुण जाणिज्जा गाम वा जाव रायहाणिं वा, इमंसि खलु गामंसि वा रायहाणिंसि वा महई विहारभूमी महई वियारभूमी सुलभे जत्थ पीढफलगसेज्जासंथारए सुलभे फासुए उंच्छे अहेसणिज्जे णो जत्थ बहवे-समण जाव उवागया उवागमिस्सति य अप्पाइण्णा वित्ती जाव रायहाणिं वा तओ संजयामेव वासावासं उबल्लिएज्जा // 721 // अह पुण एवं जाणिज्जा चत्तारि मासा वासावासाणं वीइकंता हेमंताण य पंचदसरायकप्पे परिवुसिए अंतरा से मग्गा बहुपाणा जाव संताणगा णो जत्थ बहवे समण जाव उवागया उवागमिस्संति य सेवं णच्चा णो गामाणुगामं दूइजेजा।।७२।।अह पुण एवं जाणिजा चत्तारि मासा वासा वासाणं वीइकंता हेमंताण य पंच-दस-रायकप्पे परिवुसिए, अंतरा से मग्गा अप्पंडा जाव असंताणगा बहवे जत्थ समण जाव उवागमिस्संति य सेवं णच्चा तओ संजयामेव गामाणुगाम दूइज्जिज्जा / / 723 // से भिक्खू वा 2 गामाणुगामं दूइज्जमाणे पुरओ जुगमायं पेहमाणे दठूण तसे पाणे उद्धटुं पायं रीए ज्जा साहट्ट पायं रीएन्जा उकि वप्पपायं रीए जा तिरिच्छं वा कटु पायं रीएजा सइ परक्कमे संजयामेव परिक्कमेजा णी उज्जुयं गच्छेज्जा, तओ संजयामेव गामाणुगामं दइजेजा // 724 // से भिक्खू वा 2 गामाणुगामं दूइज्जमाणे अंतरा से पाणाणि वा बीयाणि वा हरियाणि वा उदए वा मट्टिया वा अविद्धत्थे सइ परक्कमे जाव णो उज्जुयं गच्छेन्जा, तओ संजयामेव गामाणुगाम दूइज्जेज्जा / / 725 // से भिक्खू वा 2 गामाणुगामं दूइज्जमाणे अंतरा से विरूवरूवाणि पचंतिगाणि दस्सुगाययणाणि मिलक्खूणि अणायरियाणि दुस्सण्णप्पाणि दुप्पण्णवाणिजाणि अकालपडिबोहीणि अकालपरिभोईणि सइ लाढे विहाराए संथरमाणेहिं जणवए हिं णो विहारवत्तियाए पवजेजा गमण!ए केवली बूया 'आयाणमेयं' ते णं बाला "अयं तेणे अयं उवचरए अयं तओ आगए" त्ति कटु तं भिक्चु अक्कोसेज्ज वा जाव उद्दवेज वा वत्थं पडिगगह कंबलं पायपुंछणं अच्छिदेज वा भिंदेज वा अवहरिज वा, परिहविज्ज वा, अह भिक्खूणं पुव्योवइट्ठा पइण्णा जाव ज णो तहप्पगाराणि विरूवरूवाणि पञ्चतियाणि दस्सुगाययणाणि जाव विहारवत्तियाए णो पवज्जेजा गमणाए, तओ संजयामेव गामाणुगाम दूइजेजा // 726 // से भिक्खू वा 2 गामाणुगामं दूइज्जमाणे * अंतरा से अरायाणि वा, गणरायाणि वा, जुवरायाणि वा, दोरजाणि वा, वेरजाणि वा, विरुद्धरजाणि वा, सइ लाढे विहाराए संथरमाणेहिं जणवएहिं णो विहारवत्ति Page #79 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 66 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि याए पवज्जेज्जगमणाए, केवली बूया 'आयाणमेयं ' ते णं बाला 'अयं तेणे' तं चेव जाव विहारवत्तियाए पवज्जेज गमणाए तओ संजयामेव गामाणुगामं दुइजेज्जा // 727 // से भिक्खू वा 2 गामाणुगामं दूइज्जमाणे अंतरा से विहं सिया से जं पुण विहं जाणिज्जा, एगाहेण वा, दुयाहेण वा, तियाहेण वा, चउयाहेण वा, पंचाहेण वा, पाउणिज्ज वा, णो पाउणिज्ज वा, तहप्पगारं विहं अणेगाहगमणिज्ज सइ लाढे जाव णो विहारवत्तियाए पवज्जेज गमणाए, केवली बूया 'आयाणमेयं' अंतरा से वासे सिवा, पाणेसु वा, पणएसु वा, बीएसु वा,हरिएसु वा, उदएसु वा,मट्टियाएसु वा अविद्धत्थाए, अह भिक्खूणं पुव्वोवइट्ठा जाव जं तहप्पगारं अणेगाहगमणिज्ज जाव गमणाए, तओ संजयामेव गामाणुगामं दूइज्जेज्जा // 728 // से भिक्खू वा 2 गामाणुगामं दूइज्जमाणे अंतरा से णावासंतारिमे उदए सिया, से जं पुण णावं जाणिज्जा, असंजए भिक्खुपडियाए किणेज्ज वा, पामिच्चेज्ज वा, णावाए वा णावं परिणामं कटु थलाओ वा णावं जलंसि ओगा हेज्जा, जलाओ वा णावं थलसि उक्कसेज्जा, पुण्णं वा णावं उस्सिचेज्जा, सणं वा णावं उप्पीलावेज्जा, तहप्पगारं णावं उड्डगामिणिं वा, अहेगामिणिं वा, तिरियगामिणिं वा, परं जोयणमेराए अद्धजोयणमेराए अप्पतरो वा, भुज्जतरो वा, णो दुरुहेज्ज गमणाए / 729 / / से भिक्खू वा 2 पुवामेव तिरिच्छसंपातिमं णावं जाणिज्जा जाणित्ता से तमायाए एगतमवक्कमिज्जा, 2 त्ता भंडगं पडिलेहिज्जा, पडिलेहित्ता एगओ भोयणभंडगं करेज्जा 2 ससीसोवरियं कायं पाए य पमज्जेज्जा पमज्जित्ता सागारंभत्तं पच्चक्खाएज्जा पञ्चक्खाइत्ता एगं पायं जले किच्चा एगं पायं थले किच्चा तओ संजयामेव णावं दुरुहेज्जा // 730 / / से भिक्खू वा 2 णावं दुरुहमाणे णो णावाए पुरओ दुरु हेज्जा, णो णावाए अग्गओ दुरुहेज्जा, णो णावाए मज्झओ दुरुहेज्जा, णो बाहाओ पगिज्झिय पगिज्झिय अंगुलिए उवदंसिय 2 ओणमिय 2 उण्णमिय 2 णिज्झाए जा // 731 // से णं परो णावागओ णावागयं वए जा “आउसंतो समणा ! एयं ता तुमं णावं उकसाहि वा वोकसाहि वा खिवाहि वा रज्जूए वा गहाय आकसाहि" णो से तं परिणं परिजाणेज्जा तुसिणीओ उवेहेज्जा // 732 // से णं परो णावागओ णावागयं वए जा "आउसंतो समणा ! णो संचाए सि णावं उकसित्तए वा वोक्कसित्तए वा खिवित्तए वा रज्जुयाए वा गहाय आकसित्तए आहार एयं णावाए रज्जूयं सयं चेव णं वयं णावं उकसिस्सामो वा जाव रज्जूए वा गहाय आकसि Page #80 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 2 अ. 3 उ. 2 67 स्सामो'' णो से तं परिणं परिजाणेजा तुसिणीओ उवेहेज्जा // 733 / / से णं परो णावागओ णावागयं वएज्जा आउसंतो समणा ! एयं ता तुमं णावं आलित्तेण वा, पीढेण वा वसेण वा वलएण वा अवलुएण वा वाहेहि णो से यं परिणं परिजाणिज्जा तुसिणीओ उवेहेज्जा // 734 // से णं परो णावागओ णावागयं वए जा “आउसंतो समणा ! एयं ता तुमं णावाए उदयं हत्थेण वा पाएण वा मत्तेण वा पडिग्गहेण वा णावा उस्सिंचणेण वा उस्सिंचाहि / " णो से तं परिणं परिजाणिज्जा तुसिणीओ उवेहेज्जा // 73 // से णं परो णावागओ णावागयं वएज्जा, आउसंतो समणा ! एयं तो तुमं णावार उत्तिंग हत्थेण वा पाएण वा बाहुणा वा उरुणा वा उदरेण वा सीसेण वा काए ण वा णावा उस्सिंचणेण वा चेलेण वा मट्टियाए वा कुसपत्तएण वा कुरुविंदेण वा पिहेहि / '' णो से तं परिणं परिजाणिज्जा तुसिणीओ उवेहेज्जा // 736 // से भिक्बू वा 2 णावाए उत्तिंगेणं उदयं आसवमाणं पेहाए उवरुवरिं णावं कज्जलावेमाणिं पेहाए णो परं उवसंकमित्तु एवं बूया, “आउसंतो गाहावइ ! एयं ते णावाए उदयं उत्तिंगेणं आसवइ, उवरुवरि वा णावा कज्जलावेइ" एयप्पगारं मणं वा वायं वा णो पुरओ कटु विहरेज्जा, अप्पुस्सुए अबहिल्लेस्से एगंतगएणं अप्पाणं विउसेज्ज समाहीए, तओ संजयामेव णावासंतारिमे उदए अहारियं रीएज्जा // 737 / एयं खलु तस्स भिक्खुस्स भिक्खुणीए वा सामग्गियं जं सव्वटेहिं सहिए सया जएज्जासि त्ति बेमि / / 738 // इरियाज्झयणे पढमोद्देसो समत्तो // * से णं परो णावागओ णावागयं वएज्जा, “आउसंतो समणा ! एयं ता तुमं छत्तगं वा जाव चम्मछेयणगं वा गिण्हाहि, एयाणि तुमं विरूवरूवाणि सत्थजायाणि धारेहि, एयं ता तुमं दारगं वा पज्जेहि।" णो से तं परिणं परिजाणिज्जा, तुसिणीओ उवेहेज्जा // 739 / / से णं परो णावागए णावागयं वएज्जा एसणं समणे णावाए भंडभारिए भवइ से णं बाहाए गहाय णावाओ उदगंसि पक्खिवह, एयप्पगारं णिग्योसं सोचा णिसम्म से य चीवरधारी सिया खिप्पामेव चीवराणि उव्वेड्डिज वा णिन्केड्डिज्ज वा उप्फेसं वा करिज्जा // 740 / / अह पुण एवं जाणिज्जा अभिकंतकूरकम्मा खलु बाला बाहाहिं गहाय णावाओ उदगंसि पक्खिविज्जा से पुवामेव वएज्जा 'आउसंतो गाहावई ! मा मेत्तो बाहाए गहाय णावाओ उदगंसि पक्खिवह Page #81 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंग-पविट्ठ सुत्ताणि सयं चेव णं अहं णावाओ उदगंसि ओगाहिस्सामि,' से णेवं वयंत परो सहसा बलसा बाहाहिं गहाय णावाओ उदगंसि पक्खिविज्जा तं णो सुमणे सिया णो दुम्मणे सिया णो उच्चावयं मणं णियंछिज्जा, णो तेसिं बालाणं छायए वहाए समुट्ठिज्जा, अप्पुस्सुए जाव समाहिए तओ संजयामेव उदगंसि पविजिज्ञा / / 741 // से भिक्खू वा 2 उदगंसि पवमाणे णो हत्थेण हत्थं पाएण पायं काएण कायं आसाएज्जा, से अणासायणाए अणासायमाणे तओ संजयामेव उदगंसि पविज्जा / / 742 // से भिक्खू वा 2 उदगंसि पवमाणे णो उम्मुग्गणिम्मुग्गियं करिज्जा, मामेयं उदग कण्णेसु वा अच्छीसु वा णकसि वा मुहंसि वा परियावजिज्जा, तओ संजयामेव उदगंसि पविजा // 743 // से भिक्खू वा 2 उदगंसि पवमाणे दोब्बलियं पाउणिज्जा खिप्पामेव उवहिं विगिंचिज वा विसोहिज्ज वा, णो चेवणं साइजिज्जा अह पुण एवं जाणिज्जा पारए सिया उदगाओ तीरं पाउणित्तए तओ संजयामेव उदउल्लेण वा ससिणिद्धेण वा काएण उदगतीरे चिट्ठिज्जा // 744 / / से भिक्खू वा 2 उदउल्लं वा ससिणिद्धं वा कायं णो आमज्जिज्ज वा पमज्जिज्ज वा संलिहिज्ज वा णिल्लिहिज्ज वा उव्वलिज्ज वा उव्यट्टिज्ज वा, आयाविज्ज वा पयाविज्ज वा, अह पु० विगओदओ में काए छिण्णसिणेहे काए तह० कायं आम० जाव पयाविज्ज वा० तओ संजयामेव गामाणुगामं दूइज्जेज्जा ॥७४५॥से भिक्खू वा 2 गामाणुगाम दूइज्जमाणे णो परेहिं सद्धिं परिजविय परिजविय गामाणुगाम दूइन्जिज्जा, तओ संजयामेव गामाणुगामं दुइजिज्जा / / 746 // से भिक्खू वा 2 गामाणुगामं दृइज्जमाणे अंतरा से जंघासंतारिमे उदए सिया से पुवामेव ससीसोवरियं कायं पाए य पमज्जेज्जा पमज्जित्ता जाव एग पायं जले किच्चा एग पायं थले किच्चा तओ संजयामेव जंघासंतारिमे उदए अहारियं रीएज्जा / / 747 // से भिक्खू वा 2 जंघासंतारिमे उदए अहारियं रीयमाणे णो हत्थेण वा हत्थं पाए ण वा पायं काएण वा कायं आसाएजा, से अणासायए अणासायमाणे तओ संजयामेव जंघासंतारिमे उदए अहारियं रीए ज्जा // 748 // से भिक्खू वा 2 जंघासंतारिमे उदए अहारिय रीयमाणे णो सायावडियाए णो परिदाहवडियाए महइमहालयंसि उदगंसि कायं विउसिज्जा, तओ संजयामेव जंघासंतारिमे उदए अहारियं रीएज्जा, अह पुण एवं जाणिज्जा पारए सिया उदगाओ तीरं पाउणित्तए तओ संजयामेव उदउल्लेण वा ससिणिद्धेण वा काएण उदगतीरे चिढेज्जा // 749 // से भिक्खू वा 2 उदउल्लं वा कार्य ससि Page #82 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 2 अ. 3 उ. 2 णिद्धं वा कायं णो आमज्जेज्ज वा पमज्जेज्न वा, अह पुण एवं जाणिज्जा विगओदए मे काए छिण्णसिणेहे तहप्पगारं कायं आमजेज वा जाव पयावेज वा, तओ संजयामेव गामाणुगाम दूइज्जेज्जा // 750 // से भिक्खू वा 2 गामाणुगामं दूइज्जमाणे णो मट्टियामएहिं पाए हिं हरियाणि छिंदिय 2 विकुज्जिय 2 विफालिय 2 उम्मग्गेणं हरियवहाए गच्छेजा "जहेयं पाएहिं मट्टियं खिप्पामेव हरियाणि अवहरंतु" माइट्ठाणं संफासे णो एवं करेज्जा से पुत्वामेव अप्पहरियं मग्गं पडिलेहेज्जा, तओ संजयामेव गामाणुगामं दूइज्जेज्जा ||751 // से भिक्खू वा 2 गामाणुगामं दूइज्जमाणे अंतरा से वप्पाणि वा, फलिहाणि वा, पागाराणि वा, तोरणाणि वा, अग्गलाणि वा, अग्गलपासगाणि वा, गड्डाओ वा, दरीओ वा, सइ परक्कमे संजयामेव परक्कमेज्जा, णो उज्जुयं गच्छेजा केवली बूया 'आयाणमेयं' से तत्थ परक्कममाणे पयलेज वा पवडेज्ज वा / / 752 // से तत्थ पयलमाणे वा, पवडेमाणे वा, रुक्खाणि वा, गुच्छाणि वा, गुम्माणि वा, लयाओ वा, वल्लीओ वा, तणाणि वा, गहणाणि वा, हरियाणि वा, अवलंबिय. 2 उत्तरेज्जा, जे तत्थ पाडिपहिया उवागच्छंति, ते पाणी जाएज्जा, तओ संजयामेव अवलंबिय 2 उत्तरेजा, तओ संजयामेव गामाणुगामं दूइज्जेज्जा / / 753 // से भिक्खू वा 2 गामाणुगाम दूइज्जमाणे अंतरा से जवसाणि वा, सगडाणि वा, रहाणि वा, सचक्काणि वा, परचक्काणि वा, से णं वा विरूवरूवं संणिविढे पेहाए सइ परक्कमे संजयामेव परक्कमेजा णो उज्जुयं गच्छेज्जा / / 754 // से ण परो सेणागओ वएज्जा, आउसंतो एसणं समणे सेणाए अभिणिवारियं करेइ, से णं बाहाए गहाय आगसह सेणं परो बाहाहिं गहाय आगसेज्जा, तं णो सुमणे सिया जाव समाहीए तओ संजयामेव गामाणुगामं दूइज्जेज्जा // 755 / / से भिक्खू वा 2 अंतरा से पाडिवहिया उवागच्छेज्जा तेणं पाडिवहिया एवं वएज्जा आउसंतो ! समणा ! केवइए एस गामे वा जाव रायहाणी वा ? केवइया एत्थ आसा हत्थी गामपिंडोलगा मगुस्सा परिवसंति ? से बहुभत्ते बहुउदए बहुजणे बहुजवसे ? से अप्पुदए अप्पभत्ते अप्पजणे अप्पजवसे ? एयप्पगाराणि पसिणाणि पुट्टो णो आइक्खेज्जा, एयपगाराणि पसिणाणि णो पुच्छेज्जा // 56 // एयं खलु तस्स भिक्खुस्स भिकावुणिए वा सामग्गियं // 757 / / इरियाज्झयणे बीओइसो समत्तो॥ Page #83 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 70 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि से भिक्खू वा 2 गामाणुगामं दूइज्जमाणे अंतरा से वप्पाणि वा, फलिहाणि वा, पागाराणि वा, जाव दरीओ वा, कूडागाराणि वा, पासादाणि वा, णूमगिहाणि वा, रुक्खगिहाणि वा, पव्वयगिहाणि वा, रूक्ख वा चेइयकडं, थूभं वा चेइयकडं आएसणाणि वा, जाव भवणगिहाणि वा, णो बाहाओ पगिज्झिय 2 अंगुलियाए उद्दिसिय 2 ओ० 2 उण्णमिय 2 णिज्झाए ज्जा, तओ संजयामेव गामाणुगाम दूइज्जेज्जा // 758 // से भिक्खू वा 2 गामाणुगामं दूइज्जमाणे अंतरा से कच्छाणि वा, दवियाणि वा, णूमाणि वा, वलयाणि वा, गहणाणि वा, गहणविदुग्गाणि वा, वणाणि वा, वणविदुग्गाणि वा, पव्वयाणिवा पव्वयविदुग्गाणि वा, पव्वयगिहाणि वा, अगडाणि वा, तलागाणि वा, दहाणि वा, णईओ वा, वावीओ वा, पुक्खरणीओ वा, दीहियाओ वा, गुंजालियाओ बा, सराणि वा, सरपंतियाणि वा, सरसरपंतियाणि वा, णो बाहाओ पगिज्झिय 2 जाव णिज्झाए ज्जा, केवली बूया 'आयाण-मेयं जे तत्थ मिगा वा, पसू वा, पक्खी वा, सिरीसिवा वा, सीहा वा, जलचरा वा, थलचरा वा, खहचरा वा सत्ता, ते उत्तसेज्ज वा, वित्तसेज्ज वा, वाडं वा सरणं वा कंखेज्जा, “चारित्ति मे अयं समणे" अह भिक्खूणं पुव्वोवइट्ठा एस पइण्णा जाव ज णो बाहाओ पगिज्झिय 2 जाव णिज्झाएजा, तओ संजयामेव आयरिय उवज्झाएहिं सद्धिं गामाणुगामं दूइज्जेज्जा / / 759 // से भिक्खू वा 2 आयरियउवज्झाएहिं सद्धिं गामाणुगामं दूइज्जमाणे, णो आयरियउवज्झायस्स हत्थेण वा हत्थं जाव अणासायमाणे तओ संजयामेव आयारियउवज्झाएं हिं सद्धिं गामाणुगाम दूइज्जिज्जा // 760 // से भिक्खू वा 2 आयरियउवज्झाए हिं सद्धिं दूइज्जमाणे अंतरा से पाडिवहिया उवागच्छेज्जा, ते णं पाडिवहिया से एवं वएज्जा “आउसंतो! समणा ! के तुब्भे ? कओ वा एह ? कहिं वा गच्छिहिह ? जे तत्थ आयरिए वा उवज्झाए वा से भासेज्ज वा, वियागरेज्ज वा, आयरियोवज्झायस्स भासमाणस्स वा वियागरेमाणस्स वा णो अंतराभासं करेज्जा, तओ संजयामेव अहाराइणिए दुइ. ज्जेज्जा // 761 // से भिक्खू वा 2 अहाराइणियं गामाणुगामं दूइज्जमाणे णो राइणियस्स हत्थेण हत्थं जाव अणासायमाणे तओ संजयामेव अहाराइणियं गामाणुगामं दृइज्जिज्जा।।७६३॥से भिक्खू वा 2 अहाराइणियं दृइज्जमाणे अंतरा से पाडिवहिया उवागच्छेज्जा, ते णं पाडिवहिया एवं वएज्जा, आउसंतो ! समणा ! Page #84 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 2 अ. 4 उ.१ के तुब्भे ? कओ वा एह ? कहिं वा गच्छिहिह ? जे तत्थ सव्वराइणिए से भासेज्ज वा वागरेज्ज वी राइणियस्स भासमाणस्स वियागरेमाणस्स वा णो अंतराभास भासेज्जा तओ संजयामेव अहाराइणियाए गामाणुगामं दूइज्जिज्जा // 763 // से भिक्खू वा 2 गामाणुगामं दृइज्जमाणे अंतरा से पाडिवहिया आगच्छेज्जा, ते णं पाडिवहिया एवं वएज्जा “आउसंतो समणा! अवियाइं एत्तो पडिवहे पासह तंजहामणुस्सं वा गोणं वा महिसं वा पसु वा पक्खि वा, सिरीसिवं वा, जलयरं वा से आइक्खह दंसेह" तं णो आइक्खेज्जा णो दंसेज्जा णो तेसिं तं परिण्णं परिजाणिज्जा, तुसिणीओ उवेहेज्जा, जाणं वा, णो जाणंति वएज्जा, तओ संजयामेव गामाणुगामं दूइज्जेज्जा // 764 // से भिक्खू वा 2 गामाणुगामं दूइज्जमाणे अंतरा से पाडिवहिया आगच्छेज्जा ते णं पाडिवहिया एवं वएज्जा “आउसंतो समणा ! अवियाई एत्तो पडिपहे पासह उदगपसूयाणि कंदाणि वा मूलाणि वा तयाणि वा पत्ताणि वा पुप्फाणि वा फलाणि वा बीयाणि वा हरियाणि वा उदगं वा संणिहियं अगणिं वा संणिक्वित्त, सेसं तं चेव से आइक्खह, जाव दूइज्जेज्जा // 765 // से भिक्खू वा 2 गामाणुगाम दूइज्जमाणे अंतरा से पाडिवहिया उवागच्छेज्जा ते णं पाडिबहिया एवं वए ज्जा, आउसंतो समणा ! अवियाई एत्तो पडिवहे पासह, जवसाणि वा, जाव से णं वा, विरूवरूवं संणिविडं, से आइक्वह जाव दूइज्जिज्जा // 766 / / से भिक्खू वा 2 गामाणुगामं दूइज्जमाणे अंतरा से पाडिवहिया जाव “आउसंतो समणा ! केवइए एत्तो गामे वा जाव रायहाणी वा से आइक्खह जाव दूइज्जिज्जा // 767 // से भिक्खू वा 2 गामाणुगाम दूइज्जमाणे अंतरा से पाडिवहिया जाव * “आउसंतो समणा ! केवइए एत्तो गामस्स णगरस्स वा जाव रायहाणीए वा मग्गे, से आइक्खह तहेव जाव दूइज्जिज्जा // 768 / / से भिक्खू वा 2 गामाणुगामं दूइज्जमाणे अंतरा से गोणं वियालं पडिपहे पेहाए जाव चित्तचिल्डं वियालं पडिबहे पेहाए णो तेसिं भीओ उम्मग्गेणं गच्छेच्जा, णो मग्गाओ उम्मग्गं संकमिज्जा, णो गहणं वा वणं वा दुग्गं वा अणुपविसेज्जा, णो रुक्खंसि दुरुहेज्जा, णो महइमहालयंसि उदयसि कायं विउसेज्जा, णो वाडं वा सरणं वा सेणं वा सत्थं वा कंखेज्जा, अप्पुस्सुए जाव समाहिए तओ संजयामेव गामाणुगामं दूइज्जिज्जा // 769 / / से भिक्खू वा 2 गामाणुगामं दूइज्जमाणे अंतरा से विहं सिया से जं पुण Page #85 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 72 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि विहं जाणिज्जा, इमंसि खलु विहंसि बहवे आमोसगा उवगरणपडियाए संपिडिया गच्छेज्जा, णो तेसिं भीओ उम्मग्गेण गच्छेज्जा, जाव समाहीए तओ संज़यामेव गामाणुगामं दूइज्जिज्जा // 770 // से भिक्खू वा 2 गामाणुगामं दूइज्जमाणे अंतरा से आमोसगा संपिंडिया गच्छेज्जा ते णं आमोसगा एवं वएज्जा, आउसंतो समणा! आहर एयं वत्थं वा पायं वा कंबलं वा पायपुंछणं देहि णिक्विवाहि, तं णो देज्जा णो णिक्खिवेज्जा, णो वंदिय 2 जाएज्जा, णो अंजलि कटु जाएज्जा, णो कलुणवडियाए जाएज्जा, धम्मियाए जायणाए जाए ज्जा, तुसिणीयभावेण वा उवेहिज्जा ते णं आमोसगा 'सयं करणिज्ज' त्ति कटु, अक्कोसंति वा जाव उवद्दवति वा वत्थ वा पायं वा कंबलं वा पायपुंछणं अच्छिदेज्ज वा, जाव परिवेज्ज वा, तं गं णो गामसंसारियं कुज्जा, णो रायसंसारियं कु.ज्जा, णो परं उवसंकमित्तु बूया, आउ. संतो गाहावई ! एए खलु मे आमोसगा उवगरणपडियाए सयं करणिज्ज त्ति कटु अक्कोसंति वा जाव परिवेंति वा, एयप्पगारं मणं वा वयणं वा णो पुरओ कटु विहरेज्जा, अप्पुस्सुए जाव समाहीए तओ संजयामेव गामाणुगामं दूइज्जेज्जा / / 771 // एयं खलु तस्स भिक्खुस्स भिक्खुणीए वा सामग्गिय ज सव्वटेहिं समिए सहिए सया जएज्जासि त्ति बेमि // 772 / / तइओद्देसो समत्तो॥ तइयं अज्झयणं समत्तं / / ॥भासज्जायं णाम चउत्थं अज्झयणं / से भिक्खू वा 2 इमाई वयायाराइं सोचा णिसम्म इमाई अणायाराई अणायरियपुवाई जाणिज्जा, जे कोहा वा वायं विउंजंति माणा वा वायं विउंजंति मायाए वा वायं विउंति लोहा वा वायं विउंजंति, जाणओ वा फरुसं वयंति, अजाणओ वा फरुसं वयंति, सबमेयं सावज्जं वज्जेज्जा, विवेगमायाए // 773 / / धुवं चेयं जाणिज्जा, अधुवं चेयं जाणिज्जा, असणं वा 4 लभिय णो लभिय, भुंजिय णो भुजिय, अदुवा आगए णा आगए, अदुवा एइ णो एइ, अदुवा एहिइ णो एहिइ, एत्थवि आगए णो आगए, एत्थवि एइ णो एइ, एत्थवि एहिइ णो एहिइ // 774 // अणुवीइ णिट्ठाभासी, सभियाए संजए भासं भासेज्जा, तंजहा–एगवयणं, दुवयणं, बहुवयणं, इत्थिवयणं, पुरिसवयणं, णपुंसगवयणं, अंज्झत्थवयणं, उवणीयवयणं, अवणीयवयणं, उवणीयावणीयवयणं, अवणियोवणीयवयणं, तीयवयणं, Page #86 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 2 अ. 4 उ. 1, 2 73 पडुप्पण्णवंयणं, अणागयवयणं, पञ्चक्खवयणं, परोक्खवयणं // 775 // से एगवयणं वइस्सामीइ एगवयणं वएज्जा, जाव परोक्खवयणं वइस्सामीइ परोक्खवयणं वएज्जा, इत्थी वेस पुरिसो वेस, णपुंसां वेस, एवं वा चेयं, अण्णं वा चेयं, अणुवीइ णिट्ठाभासी, समियाए संजए भासं भासिज्जा, इच्चेयाई आययणाई उवाइकम्म // 776 // अह भिक्खू जाणिज्जा चत्तारि भासज्जायाई, तंजहा-सच्चमेग पढमं भासज्जाय, बीयं मोसं, तइयं सच्चामोसं, जं णेव सच्चं णेव मोसं णेव सच्चामोसं "असच्चामोसं" णाम तं चउत्थं भासज्जायं // 777 // से बेमि जे अईया जे य पडुप्पण्णा जे य अणागया अरहंता भगवंतो सब्वे ते एयाई चेव चत्तारि भासाजायाई भासिंसु वा भासंति वा भासिस्संति वा, पण्णविंसु वा, पण्णवेति वा, पण्णविस्संति वा, सव्वाइं च णं एयाई अचित्ताणि वण्णमंता णि गंधमंताणि रसमंताणि फासमंताणि चओवचइयाई विपरिणामधम्माई भवंतीति समक्खायाई ॥७७८॥से भिक्खू वा 2 से जं पु० जाणि० पुट्विं भासा अभासा भासमाणा भासा भासा, भासासमयविइकंता च णं भासिया भासा अभासा // 779 // से भिक्खू वा 2 से जं पु० जाणि० जो य भासा सच्चा, जा य भासा मोसा, जा य भासा सच्चामोसा, जा य भासा असञ्चामोसा, तहप्पगारं भासं सावजं सकिरियं कक्कसं कडुयं णिठ्ठरं फरुसं अण्हयकरि छेयणभेयणकरिं परियावणकरिं उद्दवणकरिं भूओवघाइयं अभिकंख भासं णो भासेज्जा / / 780 // से भिक्खू वा 2 से जं पु० जाणि० जा य भासा सच्चा सुहमा जा य भासा असच्चामोसा तहप्पगारं भासं असावज्ज अकिरियं जाव अभूओवघाइयं अभिकख भासं भासेज्जा, से भिक्खू वा 2 पुमं आमंतेमाणे आमंतिए वा अपडिसुणेमाणं णो एवं वएज्जा, होले त्ति वा गोले त्ति वा वसुले त्ति वा कुपक्खे त्ति वा घडदासे तिं वा साणे त्ति वा तेणे त्ति वा चारिए त्ति वा माई त्ति वा मुसावाई त्ति वा एयाइं तुम ते जणगा वा एयप्पगारं भासं सावज सकि. रियं जाव अभिकख णो भासेज्जा // 781 // से भिक्खू वा 2 पुमं आमंतेमाणे आमंतिए वा अपडिसुणेमाणे एवं वए जा, अमुगे त्ति वा आउसोत्ति वा आउसंतारो त्ति वा सावगे त्ति वा उपासगेत्ति वा धम्मिएत्ति वा धम्मपियेत्ति वा एयप्पगारं भासं असावज्जं जाव अभूओवघाइयं अभिकंग्व भासेज्जा // 782 // से भिक्खू वा 2 इत्थिं आमंतेमाणे आमंतिए य अपडिसुणेमाणीं णो एवं वएज्जा, Page #87 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 74 - अंग-पविट्ठ सुत्ताणि होली इ वा गोली इ वा इत्थीगमेणं णेयव्वं // 783 // से मिक्व वा 2 इत्थियं आमंतेमाणे आमंतिए य अपडिसुणेमाणीं एवं वएज्जा, आउमो. त्ति वा भगिणि त्ति वा भगवइ त्ति वा साविगे ति वा उवासिए त्ति वा धम्मिए त्ति वा धम्मपियेत्ति वा एयप्पगारं भासं असावजं जाव अभिकंख भासेजा // 784 // से भिक्खू वा 2 णो एवं वएज्जा, णभोदेवेत्ति वा गजदेवेत्ति वा विज्जुदेवे त्ति वा पवुट्ठदेवेत्ति वा णिवुट्ठदेवेत्ति वा पडउ वा वासं मा वा पडउ णिप्फजउ वा सस्सं मा वा णिप्फज्जउ विभाउ वा रयणी मा वा विभाउ उदेउ वा सूरिए मा वा उदेउ, सो वा राया जयउ मा वा जयउ, णो एयप्पगारं भासं भासिज्जा पण्णवं // 785 // से भिक्खू वा 2 अंतलिक्खेत्ति वा गुज्झाणुचरिएत्ति वा समुच्छिए वा णिवइए वा पओवएज्जा वा वुटबलाहगेत्ति वा / / 786 // एयं खलु तस्स भिक्खुस्स भिक्खुणीए वा सामग्गियं जं सवढेहिं समिए महिए सया जएज्जासि त्ति बेमि // 787 // भासाज्झयणस्स पढमोद्देसो समत्तो // से भिक्खू वा 2 जहा वेगइयाई रूवाई पासेज्जा तहावि ताई णो एवं वएज्जा, तंजहा-गडी गंडीइ वा, कुट्टी कुट्टीइ वा, जाव , महुमेहुणीत्ति वा, हत्थछिण्णं हत्थछिण्णेत्ति वा, एवं पाद णक-कण्ण उट्ठच्छिण्णेत्ति वा, जे यावण्णे तहप्पगारा एयप्पगाराहिं भामाहिं बुइया बुइया कुप्पंति माणवा, तेमयावि तहप्पगाराहिं भासाहि अभिकंख णो भासेज्जा // 788 // से भिक्खू वा 2 जहा वेगइयाई रूवाई पासिज्जा तहावि ताई एवं वएज्जा तंजहा-ओयंसी ओयंसीइ बा, तेयसी तेयंसीइ वा, वचसी वच्चंसीइ वा, जसंसी जसंसीइ वा, अभिरूवं अभिरुवेइ वा पडिरूवं पडिरूवेइ वा, पासाइयं पासाइएइ वा दरिसणिजं दरिसणीएइ वा, जे यावण्णे तहप्पगारा एयप्पगाराहिँ भासाहिं बुइया बुइया णो कुप्पंति माणवा, तेयावि तहप्पगारा एयप्पगाराहिं भासाहिं अभिकख भासिज्जा। तहप्पगारं भासं असावज्जं जाव भासेज्जा / / 789 / / से भिक्खू वा 2 जहा वेगइयाई रूवाइं पासेज्जा तंजहावप्पाणि वा जाव भवणगिहाणि वा, तहावि ताई णो एवं वएज्जा, तंजहा.-सुकडे इ वा सुठुकडे इ वा साहुकडे इ वा कल्लाणे इ वा करणिज्जे इ वा एयप्पगारं भासं सावज्ज जाव णो भासेज्जा / / 790 // से भिक्खू वा 2 जहा वेगइयाई रूवाई पासेज्जा, तंजहा–वप्पाणि वा जाव भवणगिहाणि वा तहावि ताई एवं Page #88 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 2 अ. 4 उ. 1, 2 75 वएज्जा, तंजहा-आरंभकडेइ वा सावज्जकडे इ वा पयत्तकडे इ वा पासाइयं पासाइएत्ति वा दरिसणीयं दरिसणीएत्ति वा अभिरूवं अभिरूवेत्ति वा पडिरूवं पडिरूवेत्ति वा एयप्पगारं भासं असावजं जाव भासेज्जा / / 791 // से भिक्खू वा 2 असणं वा 4 उवक्खडियं पेहाए तहाविहं तं णो एवं वएज्जा, तंजहासुकडे इ वा सुटुकडे इ वा साहुकडे इ वा कल्लाणे इ वा करणिज्जे इ वा एयप्पगारं भासं सावज्जं जाव णो भासेज्जा॥७९२ से भिक्खू वा 2 असणं वा 4 उवक्वडिय पेहाए एवं वएज्जा, तंजहा-आरंभकडे त्ति वा सावजकडे त्ति वा पयत्तकडेत्ति वा भद्दयं भद्दए त्ति वा ऊसढं ऊसढे त्ति वा रसियं रसिए त्ति वा मणुण्णं मणुण्णे त्ति वा एयप्पगारं भासं असावज जाव भासेज्जा / / 793 // से भिक्खू वा 2 मणुस्सं वा गोणं वा महिसं वा मिगं वा पसु वा पक्खि वा सरिसिवं वा जलयरं वा से तं परिवूढकायं पेहाए णो एवं वए जा थूले इ वा पमेइले इ वा वट्टेइ वा वज्झे इ वा पाइमे इ वा एयप्पगारं भासं सावज्ज जाव णो भासिज्जा / / 794 // से भिक्खू वा 2 मणुस्सं जाव जलयरं वा से तं परिवूढकायं पेहाए एवं वएज्जा, परिवूढ. काएत्ति वा, उवचियकाए त्ति वा थिरसंघयणेत्ति वा उवचियमंससोणिए त्ति वा बहुपडिपुण्णई दिएत्ति वा एयप्पगारं भासं असावजं जाव भासिज्जा / / 795 // से भिक्खू वा 2 विरूवरूवाओ गाओ पेहाए णो एवं वए जा, तंजहा–गाओ दोज्झाओ त्ति वा दम्मेत्ति वा गोरहत्ति वा वाहिमत्ति वा रहजोग्गत्ति वा एयप्पगारं भासं सावज्ज जाव अभिकंख णो भासिज्जा // 796 // से भिक्खू वा 2 विरूवरूवाओ गाओ पेहाए एवं वएज्जा.तंजहा-जुवंगवेत्ति वा घेणु त्ति वा रस. वइ त्ति वा हस्से इ वा महल्लए इ वा महत्वए इ वा संवहणि त्ति वा एयप्पगारं भासं असावज्ज जाव अभिकंख भासिज्जा // 797 // से भिक्खू वा 2 तहेव गंतुमुज्जाणाई पव्वयाई वणाणि वा रुक्खा महल्ला पेहाए णो एवं वए ज्जा, तंजहापासायजोग्गा इ वा तोरणजोग्गाइ वा गिहजोग्गा इ वा फलिहजोग्गाइ वा अग्गल-णावा-उदगदोणि-पीढचंगबेर-णंगल-कुलिय-जंतलट्ठी-णाभि-गंडी-आसणसयण-जाण-उवस्सय-जोग्गा इ वा, एयप्पगारं भासं सावज्जं जाव णो भासिज्जा // 798 // से भिक्खू.वा 2 तहेव गंतुमुज्जाणाइं पव्वयाणि वणाणि य रुक्खा महल्ला पेहाए एवं वएज्जा, तंजहाजाइमंता इ वा दीवट्टा इ वा महालया Page #89 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंग-पविट्ठ सुत्ताणि इ वा पयायसाला इ वा विडिमसाला इ वा पासाइया इ वा जाव पडिरूवा इ वा एयप्पगारं भासं असावज्जं जाव अभिकंख भासिज्जा // 799 // से भिक्खू वा 2 बहूसंभूया वणफला पेहाए तहावि ते णो एवं वएज्जा तंजहा-पक्का इ वा पायक्खज्जाइ वा वेलोइयाइ वा टालाइ वा वेहिया इ वा एयप्पगारं भास सावज्जं जाव णो भासिज्जा // 800 // से भिक्खू वा 2 बहुसंभूयावणफला अंबा पेहाए एवं वएज्जा, तंजहा-असंथडा इ वा बहुणिवट्टिमफला इ वा बहुसंभूया इ वा भूयरूवित्ति वा एयप्पगारं भासं असावज्जं जाव भासेज्जा // 801 // से भिक्खू वा 2 बहुसंभूयाओ ओसहीओ पेहाए तहावि ताओ णो एवं वएज्जा, तंजहा—पक्का इ वा णीलिया इ वा छवीइ वा लाइमा इ वा भज्जिमा इ वा बहुखज्जा इ वा एयप्पगारं भासं सावजं जाव णो भासेज़्जा ||802 // से भिक्खू वा 2 बहुसंभूयाओ ओसहीओ पेहाए तहावि एवं वएज्जा,तंजहा-रूढा इ वा बहुसंभूया इ वा थिरा इ वा ऊसढा इ वा गम्भिया इ वा पसूया इ वा ससारा इ वा एयप्पगारं भासं असावज्जं जाव भासेज्जा // 803 // से भिक्खू वा 2 जहा वेगइयाइं सद्दाई सुणेज्जा, तहावि एयाई णो एवं वएज्जा, तंजहा–सुसद्दे इ वा दुसद्दे इ वा एयप्पगारं भासं सावज्जं जाव णो भासेज्जा, तहावि ताई एवं वएज्जा, तंजहा-सुसदं सुसद्दे त्ति वा दुसह दुसद्दे त्ति वा एयप्पगारं असावज्जं जाव भासेज्जा // 804 // एवं रूवाई कण्हे त्ति वा 5 गंधाई सुब्भिगंधे त्ति वा 2 रसाई तित्ताणि वा 5 फासाई कक्खडाणि वा 8 // 805 // से भिक्खू वा 2 वंता कोहं च माणं च मायं च लोहं च अणुवीइ णिट्ठाभासी णिसम्म भासी अतुरियभासी विवेगभासी समियाए संजए भासं भासेज्जा // 806 // एयं खलु तस्स भिक्खुस्स वा भिक्खुणीए वा सामग्गियं / / 807 // बीओद्देसो समत्तो / चउत्थं अज्झयणं समत्तं // // वत्थेसणा णाम पंचमं अज्झयणं / से भिक्खू वा 2 अभिकंखेज्जा वत्थं एसित्तए, से जं पुण वत्थं जाणिज्जा, तंजहा—जंगिय-भंगियं-साणयं-पोत्तयं-खोमियं वा तूलकडं वा तहप्पगारं वत्थं / / 808 // जे णिग्गंथे तरुणे जुगवं बलवं अप्पायंके थिरसंघयणे से एग वत्थं धारेज्जा Page #90 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 2 अ. 5 उ.१ 77 णो बिइय, जा णिग्गंथी सा चत्तारि संघाडीओ धारेजा, एग दुहत्थवित्थारं, दो तिहत्यवित्थाराओ, एगं चउहत्थवित्थारं, एएहिं वत्थेहिं असंधिज्जमाणेहिं अह पच्छा एगमेगं संसीविज्जा / / 809 // से भिक्खू वा 2 परं अद्धजोयणमेराए वत्थपडियाए णो अभिसंधारेजा गमणाए // 810 // से भिक्खू वा 2 से जं पुण वत्थ जाणिज्जा अत्सिरडियाए एगं साहम्मियं समुहिस्स पाणाई जहा पिंडेसणाए // 811 // एवं बहवे साहम्मिया, एगं साहम्मिणिं, बहवे साहम्मिणीओ, बहवे समणमाहणा, तहेव पुरिसंतरकडं जहा पिंडेसणाए // 812 / / से भिक्खू वा 2 से जं पुण वत्थं जाणिज्जा, असंजए भिक्खुपडियाए कीयं वा धोयं वा रत्तं वा घटुं वा मढे वा संसर्ट वा संपधूमियं वा तहप्पगारं वत्यं अपुरिसंतरकडं जाव णो पडिगाहेजा, अह पुण एवं जाणिज्जा पुरिसंतरकडं जाव पडिगाहेज्जा / / 813 / / से भिक्खू वा 2 से जाइं पुण वत्थाई जाणिज्जा, विरूवरूवाई महद्धणमोल्लाइं तंजहा-आइणगाणि वा, सहिणाणि वा, सहिणकल्लाणाणि वा, आयाणि वा, कायकाणि वा, खोमियाणि वा, दुगुल्लाणि वा, पट्टाणि वा, मलयाणि वा, पत्तुण्णाणि वा, अंसुयाणि वा, चिणंसुयाणि वा, देसरागाणि वा, अमिलाणि वा, गजलाणि वा, फालियाणि वा, कयहाणि वा, कंबलगाणि वा, पावरणाणि वा, अण्णयराणि वा तहप्पगाराई वत्थाई महद्धणमोल्लाई लाभे संते णो पडिगाहिज्जा // 814 // से भिक्खू वा 2 से जाइं पुण आईणपाउरणाणि वत्थाणि जाणिज्जा, तंजहा–उहाणि वा पेसाणि वा, पेसलाणि वा किण्हमिगाईणगाणि वा णीलमिगाईणगाणि वा गोरमिगाईण. गाणि वा कणगाणि वा कणगकंताणि वा कणगपट्टाणि वा कणगखइयाणि वा कणग. फुसियाणि वा वग्घाणि वा विवग्याणि वा आभरणाणि वा आभरणविचित्ताणि वा अण्णयराणि वा तहप्पगाराणि आईणपाउरणाणि वत्थाणि लाभे संते णो पडिगाहिज्जा // 815 / / इच्चेयाई आययणाई उवाइकम्म अह भिक्खू जाणिज्जा, चउहिं पडिमाहिं वत्थं एसित्तए // 816 // तत्थ खलु इमा पढमा पडिमा-से भिक्खू वा 2 उद्दिसिय 2 वत्थं जाएज्जा, तंजहा-जंगियं वा भंगियं वा साणयं वा पोत्तय वा खोमियं वा तूलकडं वा तहप्पगारं वत्थं सयं वा णं जाएजा परो वा णं देज्जा, फासुयं एसणीय लाभे संते पडिगाहिज्जा, पढमा पडिमा // 817 // अहावरा दोच्चा पडिमा से भिक्खू वा 2 पेहाए 2 वत्थं जाएज्जा, तंजहा—गाहावई Page #91 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 78. अंग-पविट सुत्ताणि वा जाव कम्मकरी वा, से पुव्वामेव आलोए जा, आउसो इ वा भगिणि इ वा. दाहिसि मे एत्तो अण्णयरं वत्थं ? तहप्पगारं वत्थं सयं वा णं जाए जा, परों वा से देजा, जाव फासुयं 'एसणीयं ' लाभे संते पडिगाहिज्जा / दोच्चा पडिमा // 818 // अहावरा तच्चा पडिमा-से भिक्खू वा 2 से जं पुण वत्थं जाणिज्जा तंजहाअंतरिजग वा उत्तरिज्जग वा तहप्पगारं वत्थ सयं वा णं जाएज्जा जाव पडिगाहिज्जा / तच्चा पडिमा / / 819 // अहावरा चउत्था पडिमा से भिक्खू वा 2 उझियधम्मियं वत्थं जाएजा, जं चऽण्णे बहवे समणमाहणअतिहिकिवणवणीमगा णावखंति, तहप्पगारं उज्झियधम्मियं वत्थं सयं वा णं जाएजा परो वा से देजा फासुयं जाव पडिगाहेज्जा। चउत्था पडिमा / / 820 // इच्चेयाणं चउण्हं पडिमाणं जहा पिंडेसणाए // 821|| सिया णं एयाए एसणाए एसमाणं परो वएज्जा आउसंतो समणा ! एजाहि तुमं मासेण वा दसराएण वा पंचराएण वा सुए वा सुयतरे वा तो ते वयं आउसो! अण्णयरं वत्थं दाहामो।" ए यप्पगारं णिग्धोसं सोचा णिसम्म से पुव्वामेव आलोएज्जा आउसो इ वा भइणि इ वा णो खलु मे कप्पइ एयप्प. गारे संगार-वयणे पडिसुणेत्तए अभिकखसि मे दाउं ? इयाणिमेव दलयाहि, से वं वयंत परो वएज्जा आउसंतो समणा ! अणुगच्छाहि तो ते वयं अण्णयरं वत्थं दाहामो से पुवामेव आलोएज्जा आउसो त्ति वा भइणि त्ति वा णो खलु मे कप्पइ एयप्पगारे संगारवयणे पडिसुणेत्तए, अभिकखसि मे दाउं? इयाणिमेव दलयाहि / " से सेवं वयंतं परो णेया वए जा “आउसो त्ति वा भइणि त्ति वा आहरेयं वत्य समणस्स दाहामो अवियाइं वयं पच्छावि अप्पणो सयट्ठाए पाणाइं भूयाई जीवाई सत्ताई समारब्भ समुद्दिस्स जाव चेइस्सामो” एयप्पगारं णिग्धोसं सोचा णिसम्म तहप्पगारं वत्थं अफासुयं जाव णो पडिगाहेज्जा // 822 // सिया णं परो णेया वए जा “आउसो त्ति वा भइणि त्ति वा आहरेयं वत्थं सिणाणेण वा 4 जाव आघंसित्ता वा पघंसित्ता वा समणस्स णं दाहामो" एयप्पगारं णिग्धोसं सोचा णिसम्म से पुव्वामेव आलोएज्जा, आउसो त्ति वा भइणि त्ति वा मा एयं तुम वत्थं सिणाणेण वा जाव पधंसाहि वा अभिकंखसि मे दाउं ? एमेव दलयाहि' से सेवं वयंतस्स परो सिणाणेण वा जाव पघंसित्ता वा दलएज्जा, तहप्पगारं वत्थं अफासुयं जाव णो पडिगाहेजा // 823 / / से णं परो णेया वए जा, “आउसो त्ति Page #92 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 2 अ. 5 उ. 1 79 वा भइणि त्ति वा आहर एयं वत्थं सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेत्ता वा पहोलेत्ता वा समणस्स णं दाहामो एयप्पगारं णिग्धोसं सोचा णिसम्म से पुवामेव आलोएज्जा आउसो इ वा भइणि इ वा मा एयं तुमं वत्थ सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेहि वा पहोलेहि वा अभिकखसि सेर्स तहेव जाव णो पडिग्गाहेजा / / 824 / / से णं परो णेया वएज्जा “आउसो इ वा भइणि इ वा आहरेयं वत्थ कंदाणि वा जाव हरियाणि वा विसोहित्ता समणस्स णं दाहामो" एयप्पगारं णिग्धोसं सोचा णिसम्म जाव “भइणि इ वा मा एयाणि तुम कंदाणि वा जाव विसोहेहि णो खलु मे कप्पइ एयप्पगारे वत्थे पडिग्गाहित्तए" से सेवं वयंतस्स परो कंदाणि वा जाव हरियाणि वा विसोहित्ता दलएज्जा तहप्पगारं वत्यं अफासुयं जावं णो पडिग्गा हेजा // 825 // सिया से परोणेया वत्थं णिसिरेजा से पुव्वामेव आलोएज्जा “आउसो इ. वा भइणि इ वा तुमं चेव णं संतियं वत्थं अंतोअंतेणं पडिलेहिजिस्सामि" केवली बूया आयाणमेयं वत्थंतेण उबद्धे सिया कुंडले वा गुणे वा हिरण्णे वा सुवण्णे वा मणी वा जाव रयणावली वा पाणे वा बीए वा हरिए वा अह भिक्खूणं पुखोवदिट्ठा जाव जं पुवामेव वत्थं अंतोअंतेणं पडिलेहिजा / / 826 // से भिक्खू वा 2 से जं पुण वत्थं जाणिज्जा सअंडं जाव संताणगं तहप्पगारं वत्थं अफासुयं जाव णो पडिग्गाहेजा // 827 // से भिक्खू वा 2 से जं पुण वत्थं जाणिज्जा अप्पड जाव अप्पसंताणगं अणलं अथिरं अधुवं अधारणिज्ज रोइज्जतं ण रुच्चइ तहप्पगारं वत्थं अफासुयं जाव णो पडिग्गाहेज्जा // 828 / / से भिक्खू वा 2 से जं पुण वस्थं जाणिज्जा, अप्पंडं जाव संताणगं अलं थिरं धुवं धारणिज्ज रोइज्जतं रुच्चइ तहप्पगारं वत्थं फासुयं जाव पडिग्गाहेजा। . से भिक्खू वा 2 णो णवए मे वत्थे त्ति कटु णो बहुदेसिएण सिणाणेण वा जाव पघंसेज्जा // 829 // से भिक्खू वा 2 णो णवए मे वत्थे त्ति कटु णो बहुदेसिएण सीओदगवियडेण वा जाव पहोएज्जा / / 830 // से भिक्ख वा 2 दुन्भिगंधे मे वत्थे त्ति कटु णो बहदेसिएण सिणाणेण वा तहेव सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा आलावओ // 831 // से भिक्खू वा 2 अभिकंखेज्जा वत्थं आया वेत्तएं वा पयावेत्तए. वा तहप्पगारं वत्थं णो अणंतरहियाए पुढवीए णो ससिण। द्धाए पुढवीए जाव संताणए आयावेज्ज वा पयावेज्ज वा / / 832 // से भिक्खू Page #93 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंग-पविट्ठ सुत्ताणि वा 2 अभिकंखेज्जा वत्थं आयावेत्तए वा पयावेत्तए वा तहप्पगारं वत्थं थूणसि वा गिहेलुगंसि वा उसुयालंसि वा कामजलंसि वा अण्णयरे वा. तहप्पगारे अंतलिक्खजाए दुब्बद्धे दुण्णिक्खित्ते अणिकंपे चलाचले णो आयावेज वा पयावेज वा // 833 // से भिक्खू वा अभिकंखेज्जा वत्थं आयावेत्तए पयावेत्तए वा तहप्पगारं वत्थं कुलियंसि वा भित्तिसि वा सिलंसि वा लुंसि वा अण्णयरे वा तहप्पगारे अंतलिक्खजाए जाव णो आयावेज वा पयावेज वा / / 834 / / से भिक्खू वा 2 अभिकंखेज्जा वत्थं आयावेत्तए पयावेत्तए वा तहप्पगारे वत्थे खंधंसि वा मंचंसिमालंसि-पासायंसि-हम्मियतलंसि वा अण्णयरे वा तहप्पगारे अंतलिक्खजाए जाव जो आयावेज्ज वा पयावेज्ज वा / / 835 // से तमायाय एगंतमवक्कमेज्जा 2 अहे ज्झामथंडिलंसि वा जाव अण्णयरंसि वा तहप्पगारंसि थंडिलसि पडिलेहिय 2 पमज्जिय 2 तओ संजयामेव वत्थं आयावेज्ज वा पयावेज्ज वा // 836 // एयं खलु तस्स भिक्खुस्स भिक्खुगीए वा सामग्गियं सया जइज्जासि त्ति बेमि // 837 / / वत्थेसणाज्झयणे पढमोद्देसो समत्तो / / से भिक्खू वा भिक्खुणी वा, अहेसणिजाई वत्थाई जाएज्जा, अहापरिग्गहियाई वत्थाई धारेजा, णो धोएज्जा, णो रएज्जा, णो धोयरत्ताई वत्थाई धारेजा अपलिउंचमाणे गामंतरेसु ओमचेलिए, एयं खलु वत्थधारिस्स सामग्गियं // 838 // से भिक्खू वा 2 गाहावइ कुलं पिंडवायपडियाए पविसिउकामे सव्वं चीवरमायाए गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए णिक्खमेज वा पविसेज वा, एवं बहिया वियारभूमि विहारभूमि वा गामाणुगामं वा दूइजेज्जा / अह पुण एवं जाणिज्जा तिबदेसियं वा वासं वासमाणं पेहाए जहा पिंडेसणाए णवरं सव्वं चीवरमायाए // 839 / / से भिक्खू वा 2 एगइओ मुहुत्तगं 2 पाडिहारियं बीयं वत्थं जाएगा, जाव एगाहेण वा दुयाहेण वा तिया-चउ-पंचाहेण वा विप्पवसिय 2 उवागच्छेज्जा, तहप्पगारं वत्यं णो अप्पणा गिण्हेजा, जो अण्णमण्णस्स देजा, जो पामिचं कुब्जा, णो वत्थेण वत्थपरिणामं करेजा, णो परं उवसंकमित्ता एवं वएज्जा “आउसंतो समणा ! अभिकंखसि वत्थं धारेत्तए परिहरित्तए वा" थिरं वा णं संतं णो पलिच्छिदिय 2 परिद्ववेज्जा, तहप्पगारं ससंधियं वत्थं तस्स चेव णिसिरेजा, णो अत्ताणं साइले जा // 840 // से एगइओ तहप्पगारं णिग्धोसं सोचा णिसम्म जे भयंतारो तहप्पगाराणि Page #94 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 2 अ. 6 उ. 1 81 वत्थाणि ससंधियाणि मुहुत्तगं 2 जाइत्ता जाव एगाहेण वा जाव पंचाहेण वा विप्पवसिय विप्पवसिय उवागच्छंति, तहप्पगाराणि वत्थाणि णो अप्पणा गिण्हति णो अण्णमण्णस्स दलयंति अणुवयंति, तं चेव जाव णो साइजति बहुवयणेण भासियव्व।।८४१||से हंता "अहमवि मुहुत्तं पाडिहारियं वत्थं जाइत्ता जाव एगाहेण वा जाव पंचाहेण वा विप्पवसिय 2 उवागच्छिरसामि, अवियाई एयं ममेव सिया" माइट्ठाणं संफासे णो एवं करिज्जा // 842 // से भिक्खू वा 2 णो वण्णमंताई वत्थाई विवण्णाई करेज्जा, णो विवण्णाई वत्थाई वण्णमंताई करेज्जा, “अण्णं वा वत्थं लभिस्सामि त्ति" कटु णो अण्णमण्णस्स दिज्जा, णो पामिच कुज्जा णो वत्थेण वत्थपरिणामं कुज्जा, णो परं उवसंकमित्तु एवं वएज्जा, “आउसंतो समणा! अभिकंखसि मे वत्थं धारित्तए वा परिहरित्तए वा" थिरं वा णं संतं णो पलिच्छिदिय 2 परिढविज्जा, जहा मेयं वत्थं पावर्ग परो मण्णइ, परं च णं अदत्तहारिं पडिपहे पेहाए तस्स वत्थस्स णिदाणाए णो तेसिं भीओ उम्मग्गेणं गच्छेज्जा जाव अप्पुस्सुए तओ संजयामेव गामाणुगाम दुइजिज्जा // 843 / / से भिक्खू वा 2 गामाणुगामं दूइज्जमाणे अंतरा से विहं सिया से जं पुण विहं जाणिज्जा, इमंसि खलु विहंसि बहवे आमोसगा वत्थपडियाए संपिंडिया गच्छेज्जा णो तेसिं भीओ उम्मग्गेणं गच्छेज्जा, जाव गामाणुगामं दूइज्जेज्जा // 844 // से भिक्खू वा 2 गामाणुगामं दूइज्जमाणे अंतरा से आमोसगा पडियागच्छेज्जा, ते णं आमो. सगा एवं वएज्जा “आउसंतो समणा ! आहरेयं वत्थं देहि णिक्खिवाहि" जहा इरियाए णाणत्तं वत्थपडियाए॥८४५|| एयं खलु तस्स भिक्खुस्स भिक्खुणीए वा सामग्गियं जं सवढेहिं समिए सहिए सया जएज्जासित्ति बेमि // 846 // बीओद्देसो समत्तो / पंचमं अज्झयणं समत्तं // . ॥पाएसणा णाम छठें अज्झयणं / / से भिक्खू वा 2 अभिकंखिज्जा पायं एसित्तए, से जं पुण पाय जाणिज्जा तंजहा अलाउयपाय वा दारुपायं मट्टियापायं वा तहप्पगारं पायं जे णिग्गंथे तरुणे जाव थिरसंघयणे से ए गं पायं धारेज्जा णो बीयं // 847 // से भिक्खू वा 2 परं अद्धजोयणमेराए पायपडियाए णो अभिसंधारेज्जा गमणाए॥८४८||से भिक्खू वा२ . से जं पुण पायं जाणिज्जा अस्सिंपडियाए एग साहम्मियं समुद्दिस्स पाणाई 4 जहा पिंडेसणाए चत्तारि आलावगा, पंचमे बहवे समणमाहणा पगणिय 2 तहेव // 849 // Page #95 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 82 अंग-पविढ सुत्ताणि से भिक्खू वा 2 असंजए भिक्खुपडियाए बहवे समणमाहणा वत्थेसणाऽऽलावओ // 850 // से भिक्खू वा 2 से जाई पुण पायाइं जाणिज्जा विरूवरूवाई मंहद्धणमुल्लाइं तंजहा अयपायाणि वा तउ० तंबपायाणि वा सीसग-हिरण्ण-सुवण्ण-रीरिअहारपुड-पायाणि वा मणि-काय-कंस-संख-सिंग-दंत-चेल-सेल-पायाणि वा चम्मपायाणि वा अण्णयराइं वा तहप्पगाराइं विरूवरूवाइं महद्धणमुल्लाइं पायाइं अफासुयाई जाव णो पडिग्गाहेज्जा // 851 // से भिक्खू वा 2 से जाइं पुण पायाई जाणिज्जा, विरूवरूवाइं महद्धणबंधणाई तं० अयबंधणाणि वा जाव चम्मबंधणाणि वा अण्णयराई तहप्पगाराइं महद्धणबंधाई अफासुयाई जाव णो पडिग्गाहेज्जा, इच्चेइयाई आययणाई उवाइकम्म // 852 // अह भिक्खू जाणिज्जा चउहिं पडिमाहिं पायं एसित्तए, तत्थ खलु इमा पढमा पडिमा-से भिक्खू वा 2 उद्दिसिय 2 पायं जाएजा, तंजहा अलाउयपायं वा दारुपायं वा मट्टियापायं वा तहप्पगारं पायं सयं वा णं जाएज्जा, जाव पडिगाहिज्जा / पढमा पडिमा ||853 // अहावरा दोच्चा पडिमा से भिक्खू वा 2 पेहाए पायं जाएंज्जा, तंजहा-गाहावई वा जाव कम्मकरिं वा से पुवामेव आलोएज्जा, “आउसो त्ति वा भइणि त्ति वा दाहि सि मे एत्तो अण्णयरं पायं, तंजहा लाउयपायं वा '' जाव तहप्पगारं पायं सयं वा णं जाएज्जा, परो वा से देज्जा जाव पडिगाहेज्जा / दोचा पडिमा // 854 // अहावरा तच्चा पडिमा-से भिक्खू वा 2 से जं पुण वा जाणिज्जा, संगइयं वा वेजइयंतियं वा तहप्पगारं पायं सयं वा जाव पडिगाहिज्जा / तच्चा पडिमा।।८५५।। अहावरा चउत्था पडिमा-से भिक्खू वा 2 उज्झियधम्मियं पायं जाएज्जा, जं चऽण्णे बहवे समणमाहणा जाव वणीमगा णावखंति, तहप्पगारं पायं सयं वा णं जाव पडिगाहिज्जा। चउत्था पडिमा / / 856 // इच्चेयाणं चउण्हं पडिमाणं अण्णयरं पडिमं, जहा पिंडेसणाए // 857 / / से णं एयाए एसणाए एसमाणं पासित्ता परो वएज्जा, “आउसंतो समणा ! एज्जासि तुमं मासेण वा जाव" जहा वत्थेसणाए // 858 / / से णं परो णेया वएज्जा, आउसो त्ति वा भइणि त्ति वा आहरेयं पायं तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा वसाए वा अभंगेत्ता वा तहेव सिणाणाइ तहेव सीओदगाइंकंदाई तहेव // 859 / / से णं परो णेया वएज्जा "आउसंतो समणा! मुहुत्तग 2 अच्छाहि जाव ताव अम्हे असणं वा 4 उवकरेंसु Page #96 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 2 अ. 6 उ. 2 83 उवक्खडेसु वा, तो ते वयं आउसो ! सपाणं सभोयणं पडिग्गहग दाहामो, तुच्छए पडिग्गहए दिण्णे समणस्स णो सुटु साहु भवइ " से पुवामेव आलोएज्जा आउसो त्ति वा भइणि त्ति वा, णो खलु मे कप्पइ आहाकम्मिए असणे वा पाणे वा खाइमे वा साइमे वा भोत्तए वा पायए वा मा उवकरेहि मा उवक्खडेहि, अभिकखसि मे दाउं एमेव दलयाहि से सेवं वयंतस्स परो असणं वा जाव उवकरित्ता उवक्खडित्ता, सपाणगं सभोयणं पडिग्गहगं दलएज्जा तहप्पगारं पडिग्गहं अफासुयं जाव णो पडिगाहेज्जा // 860 // सिया से परो उवणेत्ता पडिग्गहं णिसिरेज्जा से पुवामेव आलोएज्जा आउसो त्ति वा भइणि त्ति वा तुमं चेवणं संतियं पडिग्गहगं अंतोअंतेणं पडिलेहिस्सामि // 861 // केवली बूया 'आयाणमेयं ' अंतो पडिग्गहंसि पाणाणि वा बीयाणि वा हरियाणि वा अह भिक्खूणं एस पइण्णा जाव जं पुवामेव पडिग्गहगं अंतोअंतेणं पडिलेहिज्जा // 862 // सअंडाइ सव्वे आलावगा भाणियव्वा जहा वत्थेसणाए, णाणत्तं तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा वसाए वा सिणाणाइ जाव अण्णयरंसि वा तहप्पगारंसि थंडिलंसि पडिलेहिय 2 पमज्जिय 2 तओ संजयामेव आमज्जिज्जा // 863 // एयं खलु तस्स भिक्खुस्स भिक्खुणीए वा सामग्गियं जं सव्वटेहिं सहिए हिं सया जएज्जासि त्ति बेमि // 864 // पत्तेसणाज्झयणे पढमोद्देसो समत्तो॥ से भिक्खू वा 2 गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए पविढे समाणे, पुवामेव पेहाए पडिग्गहगं अवहट्ठ पाणे पमज्जिय रयं तओ संजयामेव गाहावइकुलं पिंडवाय पडियाए णिक्खमेज्ज वा पविसेज्ज वा // 865 // केवली बूया 'आयाणमेयं' अंतो पडिग्गहगसि पाणे वा बीए वा हरिए वा परियावज्जेज्जा अह भिक्खूणं पुब्बोवइट्ठा एस पइण्णा जाव जं पुवामेव पेहाए पडिग्गहं अवटु पाणे पमज्जिय रयं तओ संजयामेव गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए पविसेज्ज वा णिक्खमेज्ज वा॥८६६॥ से भिक्खू वा 2 गाहावइ० जाव० समाणे सिया से परो आह? अंतो पडिग्गहगंसि सीओदगं परिभाएत्ता णीहटु दलएज्जा तहप्पगारं पडिग्गहं परहत्थंसि वा परपायसि वा अफासुयं जाव णो पडिग्गाहेजा // 867 // से य आहच्च पडिग्गहिए सिया से 'खिप्पामेव उदगंसि साहरिज्जा, से पडिग्गहमायाए पाणं परिवेज्जा, ससणिद्धाए च णं भूमिए णियमिज्जा // 868 // से भिक्खू वा 2 उदउल्लं वा ससिणिद्धं वा Page #97 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 84 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि पडिग्गहं णो आमन्जिज वा जाव पयाविज वा // 869 // अह पुण एवं जाणिज्जा विगओदए मे पडिग्गहए छिण्णसिणेहे तहप्पगारं पडिग्गहं तओ संजयामेव आमजिज वा जाव पयाविज वा // 870 // से भिक्खू वा 2 गाहावइकुलं जाव पविसि उकामे से पडिग्गहमायाए गाहा० पिंडवायपडियाए पविसिज्ज वा णिक्खमिज्ज वा एवं बहिया वियारभूमि वा विहारभूमि वा गामाणुगामं दूइज्जिज्जा // 871 / / तिव्वदेसियाए जहा बिइयाए वत्थेसणाए णवरं एत्थ पडिग्गहे / / 872 // एयं खलु तस्स भिक्खुस्स भिक्खुणीए वा सामग्गिय जं सबढेहिं समिए सहिए सया जएज्जासि त्ति बेमि // 873 / बीओडेसो समत्तो। छठं अज्झयणं समत्तं // // ओग्गह-पडिमा णाम सत्तमं अज्झयणं // समणे भविस्सामि अणगारे अकिंचणे अपुत्ते अपसू परदत्तभोई पावं कम्म णो करिस्सामि त्ति समुट्ठाए सव्वं भंते ! अदिण्णादाणं पच्चक्खामि // 874 // से अणुपविसित्ता गाम वा जाव० णेव सयं अदिण्णं गिहिज्जा, णेवण्णेणं अदिणं गिण्हावेज्जा, णेवण्णेणं अदिण्णं गिण्हतं समणुजाणेज्जा / जेहिं वि सद्धिं संपव्वइए तेसि पि जाइ छत्तगं वा मत्तगं वा दंडगं वा जाव चम्मछेयणगं वा तेसिं पुवामेव उग्गहं अणुण्णविय अपडिलेहिय 2 अपमज्जिय 2 णो गिण्हेज वा पगिण्हेज्ज वा तेसिं पुवामेव उग्गहं जाइज्जा अणुण्णविय पडिलेहिय 2 पमजिय 2 तओ संजयामेव उगिहिज्ज वा पगिहिज्ज वा // 875 // से आगंतारेसु वा 4 अणुवीइ उग्गहं जाएज्जा, जे तत्थ ईसरे जे तत्थ समहिट्ठाए ते उग्गहं अणुण्णवेज्जा काम खलु आउसो ! अहालंदं अहापरिणायं वासामो आउसो जाव आउसंतस्स उग्गहे जाव साहम्मिया एइ ताव उग्गहं उगिहिस्सामो तेण परं विहरिस्सामो / / 876 // से किं पुण तत्थोग्गहंसि एवोग्गहियंसि ? जे तत्थ साहम्मिया संभोइया समणुण्णा उवागच्छेज्जा, जे तेण सयमेसित्तए असणं वा 4 तेण ते साहम्मिया संभोइया समणुण्णा उवणिमंतेजा, णो चेव णं परवडियाए उगिज्झिय 2 उवणिमंतेजा / / 877 // से आगंतारेसु वा ४-जाव से किं पुण तत्थोग्गहंसि एवोग्गहियंसि जे तत्थ साहम्मिया अण्णसंभोइया समणुण्णा उवा Page #98 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 2 अ. 7 उ. 1, 2 85 गच्छेजा जे तेणं सयमेसित्तए पीढे वा फलए वा सेज्जा वा संथारए वा, तेण ते साहम्मिए अण्णसंभोइए समगुणे उवणिमंतेज्जा णो चेव णं परवडियाए उगिज्झिय 2 उवणिमंतेज्जा // 878 / / से आगंतारेसु वा 4 जाव से किं पुण तत्थोग्गहंसि एवोग्गहियंसि जे तत्थ गाहावईण वा गाहावइपुत्ताण वा सूई वा पिप्पलए वा कण्णसोहणए वा णहच्छेयणए वा तं अप्पणो एगस्स अट्ठाए पाडिहारियं जाइत्ता णो अण्णमण्णस्स देज वा अणुपएज वा सयं करणिज त्ति कटु से तमायाए तत्थ गच्छेजा गच्छित्ता पुत्वामेव उत्ताणए हत्थे कटु भूमीए वा ठवेत्ता 'इम खलु इमं खलु' त्ति आलोएज्जा, णो चेव णं सयं पाणिणा परपाणिंसि पञ्चप्पिणेज्जा // 879 / / से भिक्खू वा 2 से जं पुण उग्गहं जाणिज्जा अणंतरहियाए पुढवीए ससणिद्धाए पुढवीए जाव संताणाए तहप्पगारं उग्गहं णो उगिण्हेज वा पगिण्हेज्ज वा // 880 // से भिक्खू वा 2 से जं पुण उग्गहं जाणिज्जा थूणंसि वा 4 तहप्पगारे अंतलिक्खजाए दुब्बद्धे जाव णो उग्गहं उगिण्हेज्ज वा पगिण्हेज्ज वा // 881 // से भिक्खू वा 2 से जं पुण उग्गहं जाणिज्जा कुलियंसि वा जाव णो उगिण्हेज्ज वा 2 // 882 // से भिक्खू वा 2 खंधंसि वा 4 अण्णयरे वा तहप्पगारे जाव णो उग्गहं उगिण्हेज वा 2 // 883 / / से भिक्खू वा 2 से ज पुण उग्गहं जाणिज्जा ससागारियं सागणिय सउदयं सइत्थि सखुडूसपसु सभत्तपाणं णो पण्णस्स णिक्खमणपवेसे जाव धम्माणुओगचिंताए सेवं णच्चा तहप्पंगारे उवस्सए ससागारिए जाव सखुड्डपसु-भत्तपाणे णो उग्गहं उगिण्हेज्ज वा 2 / / 884 // से भिक्खू वा 2 से जं पुण उग्गहं जाणिज्जा गाहावइकुलस्स मज्झमज्झेणं गंतुं पंथे पडिबद्धं वा णो पण्णस्स जाव चिंताए से एवं णचा तहप्पगारे उवस्सए णो उग्गहं उगिण्हेज्ज वा 2 / / 885 // से भिक्खू वा 2 से जं पुण उग्गहं जाणिज्जा, इह खलु गाहावई वा जाव कम्मकरीओ वा अण्णमण्णं अक्कोसंति वा तहेव तेल्ल-सिणाण-सोओदगवियडादि णिगिणाइ य जहा सिज्जाए आलावगा णवरं उग्गहवत्तव्वया // 886 / / से भिक्खू वा 2 से जं पुण उग्गहं जाणिज्जा आइण्णसंलिक्खे णो पण्णस्स जाब चिंताए, तहप्पगारे उवस्सए णो उग्गहं उगिहिज्ज वा 2 // 887 // एयं खलु तस्स भिक्खुस्स 2 वा सामग्गियं // 888 / / उग्गहपडिमाज्झयणे पढमोद्देसो समत्तो॥ से आगंतारेसु वा 4 अणुवीइ उग्गहं जाएज्जा, जे तत्थ ईसरे समहिट्ठाए Page #99 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंग-पविट्ठ सुत्ताणि ते उग्गहं अणुण्णविज्जा कामं खलु आउसो ! अहालंदं अहा परिण्णायं वसामो जाव आउसो! आउसंतस्स उग्गहे जाव साहम्मियाए ताव उग्गहं उग्गिहिस्सामो तेण परं विहरिस्सामो // 889 / / से किं पुण तत्थ उग्गहंसि एवोग्गहियंसि जे तत्थ समणाण वा माहणाण वा दंडए वा छत्तए वा जाव चम्मछेदणए वा तं णो अंतोहिंतो बाहिं णीणेज्जा, बहियाओ वा णो अंतो पवेसेज्जा, णो सुत्तं वा णं पडिबोहेज्जा, जो तेसिं किंचिवि अप्पत्तियं पडिणीयं करेज्जा // 890 // से भिक्खू वा 2 अभिकंखेज्जा अंबवणं उवागच्छित्तए जे तत्थ ईसरे जे तत्थ समहिट्ठाए से उग्गहं अणुजाणावेज्जा, कामं खलु जाब विहरिस्सामो // 891 / / से किं पुण तत्थोग्गहंसि एवोग्गहियंसि अह भिक्खू इच्छेजा अंबं भोत्तए वा से जं पुण अंबं जाणिज्जा सअंडं जाव ससंताणं तहप्पगारं अंब अफासुयं जाव णो पडिगाहिज्जा // 892 / / से भिक्खू वा 2 से जं पुण अंबं जाणिज्जा, अप्पंडे जाव अप्पसंताणगं अतिरिच्छछिण्णं अवोच्छिण्णं अफासुयं जाव णो पडिग्गाहिज्जा // 893 / / से भिक्खू वा 2 से जं पुण अंबं जाणिज्जा अप्पंडं जाव संताणगं तिरिच्छच्छिण्णं वोच्छिण्णं फासुयं जाव पडिग्गाहिज्जा // 894 // से भिक्खू वा 2 अभिकंखेज्जा अंबभित्तगं वा अंबपेसियं वा अंबचोयगं वा अंबसालगं वा अंबडालगं वा भोत्तए वा पायए, वा से जं पुण जाणिज्जा, अंबभित्तगं वा जाव अंबडालगं वा सअंडं जाव संताणगं अफासुयं जाव णो पडिग्गाहिज्जा // 895 / / से भिक्खू वा 2 से जं पुण जाणिज्जा, अंबभित्तगं वा जाव, अप्पंडं जाव संताणगं अतिरिच्छच्छिण्णं वा अवोच्छिण्णं वा अफासुयं जाव णो पडिग्गाहिज्जा / / 896 // से भिक्खू वा 2 से जं पुण जाणिज्जा अंब भित्तग वा जाव, अप्पंडं जाव संताणगं तिरिच्छछिण्णं वोच्छिणं फासुयं जाव पडिग्गाहिज्जा // 897 / / से भिक्खू वा 2 अभिकंखेजा उच्छुवणं उवागच्छित्तए जे तत्थ ईसरे जाव एव उग्गहंसि० // 898 / / अह भिक्खू इच्छेज्जा उच्छु भोत्तए वा पायए वा से जं उच्छु जाणिज्जा, सअंडं जाव णो पडिग्गाहिज्जा / अतिरिच्छच्छिण्णं तहेव, तिरिच्छच्छिण्णे वि तहेव / / 899 / / से भिक्खू वा 2 से जं पुण अभिकंखेजा अंतरुच्छुयं उच्छुगंडियं वा उच्छुचोयग वा उच्छुसालगं का उच्छुडालगं वा भोत्तए वा पायए वा // 900 // से जं पुण जाणिजा, अंतरुच्छुयं वा जाव डालग वा सअंडं जाव णो पडिग्गाहिजा // 901 // से भिक्खू वा 2 से जं पुण Page #100 -------------------------------------------------------------------------- ________________ .. आयारो सु. 2 अ. 7 उ. 2 87 जाणिज्जा अंतरुच्छुयं वा जाव डालग वा अप्पंडं जाव णो पडिग्गाहिज्जा, अतिरिच्छच्छिण्णं तहेव // 902 // तिरिच्छच्छिणं तहेव पडिग्गाहिज्जा // 903 / / से भिक्खू वा 2 अभिकंखेज्जा ल्हसुणवणं उवागच्छित्तए, तहेव तिण्णि वि आलावगा णवरं लहसुण / / 904 // से भिक्खू वा 2 असिकंखेज्जा ल्हसुणं वा, ल्हसुण-कंद वा, ल्हसुण-चोयगं वा, ल्हसुण-णालग वा भोत्तए वा, पायए वा / सेज्जं पुण जाणेज्जा-लहसुण वा जाव ल्हसुण बीयं वा सअंडं जाव णो पडिगाहेज्जा / एवं अतिरिच्छच्छिण्णे वि तिरिच्छच्छिण्णे जाव पडिगाहेज्जा // 905 / / से भिक्खू वा 2 आगंतारेसु वा 4 जाव उग्गहियंसि जे तत्थ, गाहावईण वा गाहावइपुत्ताण वा इच्चेयाइं आययणाइं उवाइकम्म / / 906 // अह भिक्खू जाणिज्जा इमाहिं सत्तहिं पडिमाहिं उग्गहं उगिणिहत्तए / / 907 // तत्थ खलु इमा पढमा पडिमा- से आगंतारेसु वा 4 अणुवीइ उग्गहं जाएज्जा जाव० विहरिस्सामो / पढमा पडिमा // 908 / / अहावरा दोच्चा पडिमा-जस्स णं भिक्खुस्स एवं भवइ “अहं च खलु अण्णेसि भिक्खूणं अट्ठाए उग्गहं उगिहिस्सामि, अण्णेसिं भिक्खूणं उग्गहे उग्गहिए उवल्लिस्सामि / दो० प० // 909 // अहा० तचा पडिमा-जस्सणं भिक्खुस्स एवं भवइ “अहं च खलु अण्णेसि भिक्खूणं अट्ठाए उग्गहं उगिहिस्सामि, अण्णेसिं च उग्गहे उग्गहिए णो उवल्लिस्सामि / " त०प०॥९१०।। अहा० चउत्था पडिमाजस्सणं भिक्खुस्स एवं भवइ “अहं च खलु अण्णेसिं भिक्खूणं अट्ठाए उग्गहं णो उगिहिस्सामि अण्णेसिं च उग्गहे उग्गहिए उवल्लिस्सामि / " च० प० / / 911 // अहा. पंचमा पडिमा-जस्सणं भिक्खुस्स एवं भवइ, "अहं च खलु अप्पणो अट्टाए उग्गहं उगिहिस्सामि, णो दोण्हं; णो तिण्हं, णो चउण्हं णो पंचण्हं ।"पं०प०॥९१२।। अहा. छट्ठा पडिमा से भिक्खू वा 2 जस्सेव उग्गहे उवल्लिए ज्जा, जे तत्थ अहा समण्णागए, तंजहा-इकडे वा जाव पलाले वा तस्स लाभे संवसेज्जा, तस्स अलाभे उक्कुडुए वा णेसब्जिए वा विहरेज्जा / छ०प०॥९१३।। अहा० सत्तमा पडिमा से भिक्खू वा 2 अहासंथडमेव उग्गहं जाएज्जा, तंजहा--पुढविसिलं वा, कट्ठसिलं वा अहासंथडमेव तस्स लाभे संवसेज्जा तस्स अलाभे उक्कुडुओ वा णेसज्जिओ वा विहरेज्जा / सत्तमा प० / / 914 // इच्चेयासिं सत्तण्हं पडिमाणं अण्णयरं, जहा पिंडेसणाए // 915 // सुयं मे आउसं ! तेणं भगवया एवमक्खायं इह खलु थेरेहिं Page #101 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंग-पविट्ट सुत्ताणि भगवतेहिं पंचविहे उग्गहे पण्णत्ते, तंजहा–देविंदोग्गहे, रायोग्गहे, गाहावइउग्गहे, सागारियउग्गहे, साहम्मियउग्गहे // 916 // एयं खलु तस्स भिक्खुस्स 2 वा सामग्गियं / / 917 // बीओद्देसो समत्तो। सत्तमं अज्झयणं समत्तं। ॥ठाण-सत्तिक्कयं णाम अट्ठमं अज्झयणं॥ से भिक्खू वा 2 अभिकंखेज्जा ठाणं ठाइत्तए से अणुपविसिज्जा, गामं वा णगर वा, जाव सण्णिवेसं वा, से अणुपविसित्ता, गाम वा जाव सण्णिविसं वा, से जं पुण ठाणं जाणिज्जा, सअंडं जाव मक्कडासंताणयं तं तहप्पगारं ठाणं अफासुयं अणेसणिज्जं लाभे संते णो पडिगाहिज्जा, एवं सेज्जागमेण णेयव्वं जाव उदयपसूयाई ति॥९१८॥इच्चेयाइं आययणाई उवाइकम्म अह भिक्खू इच्छेज्जा, चउहिं पडिमाहिं ठाणं ठाइत्तए // 919 // तत्थिमा पढमा पडिमा-अचित्तं खलु उवसज्जेज्जा अवलंबेज्जा काएण विपरिकम्माइ सवियारं ठाणं ठाइस्सामि त्ति / प० प० // 920 // अहा० दोचा पडिमा-अचित्तं खलु उवसज्जेज्जा अवलंबेज्जा काएण विपरिकम्माइ णो सवियारं ठाणं ठाइस्सामि त्ति / दो० प० // 921 // अहा० तच्चा पडिमा-अचित्तं खलु उवसज्जेजा णो अवलंबेज्जा णो काएण, विपरिकम्माई णो सवियारं ठाणं ठाइस्सामि त्ति / त० प० // 922 // अहा० चउत्था पडिमा-अचित्तं खलु उवसज्जेज्जा, णो अवलंबेजा णो काएण, णो विपरिकम्माइ णो सवियारं ठाणं ठाइस्सामि त्ति वोसट्ठकाए वोस?केसमंसुलोमणहे संणिरुद्धं वा ठाणं ठाइस्सामि त्ति / च०प० // 923 / / इच्चेयासिं चउण्हं पडिमाणं जाव पग्गहियतराय विहरेज्जा, णो तत्थ किंचिविं वएज्जा // 924 // एयं खलु तस्स भिक्खुस्स 2 वा सामग्गियं भाव जएज्जासि त्ति बेमि // 925 // अट्रमं अज्झयणं समत्तं // ॥णिसीहिया-सत्तिक्कयं णाम णवमं अज्झयणं॥ से भिक्खू वा 2 अभिकंखेज्जा णिसीहियं फासुयं गमणाए से जं पुण णिसीहियं जाणिज्जा, सअंडं सपाणं जाव मक्कडासंताणयं तहप्पगारं णिसीहियं अफासुयं अणेसणिज्जं लाभे संते णो चेइस्सामि // 926 // से भिक्खू वा 2 अभिकंखेज्जा णिसीहियं गमणाए से जं पुण णिसीहियं जाणिज्जा अप्पंड अप्पपाणं जाव मक्कडासंताणय तहप्पगारं णिसीहियं फासुयं एसणि लाभे संते चेइस्सामि एवं सेज्जागमेणं Page #102 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 2 अ. 10 णेयव्वं जाव उदयप्पसूयाइं // 927 // जे तत्थ दुवग्गा जाव पंचवग्गा वा अभिसंधारेंति णिसीहियं गमणाए ते णो अण्णमण्णस्स कायं आलिंगेज वा विलिंगेज वा चुंबेज्ज वा दंतेहिं णहेहिं वा अच्छिदेज वा वुच्छिदेज्ज वा // 928 // एयं खलु तस्स भिक्खुस्स 2 वा सामग्गियं जं सवढेहिं सहिए समिए सया जए जा सेयमिणं मणिजासि त्ति बेमि // 929 // णवमं अज्झयणं समत्तं // ॥उच्चारपासवणं णाम दसमं अज्झयणं / से भिक्खू वा 2 उच्चारपासवणकिरियाए उब्बाहिज्जमाणे सयस्स पायपुंछणस्स असईए तओ पच्छा साहम्मियं जाएज्जा // 930 // से भिक्खू वा 2 से जं पुण थंडिलं जाणिज्जा सअंडं सपाणं जाव मक्कडासंताणयं तहप्पगारंसि थंडिलंसि णो उच्चारपासवणं वोसिरेज्जा // 93.1 // से भिक्खू वा 2 से जं पुण थंडिलं जाणिज्जा, अप्पपाणं अप्पबीयं जाव मक्कडासंताणयं तहप्पगारंसि थंडिलंसि उच्चारपासवणं वोसिरेज्जा // 932 / / से भिक्खू वा 2 से जं पुण थंडिलं जाणिज्जा, अस्सिपडियाए एगं साहम्मियं समुहिस्स अस्सिपडियाए बहवे साहम्मिया समुद्दिस्स अस्सिपडियाए एगं साहम्मिणिं समुद्दिस्स अस्सि पडियाए बहवे साहम्मिणीओ समुद्दिस्स अस्सिपडियाए बहवे समणमाहणवणीमया पगणिय पगणिय समुहिस्स पाणाई 4 जाव उद्देसियं चेएइ, तहप्पगारं थंडिलं पुरिसंतरकडं जाव बहिया णीहडं वा अणीहडं वा अण्ण यरंसि वा तहप्पगारंसि थंडिलंसि णो उच्चारपासवणं वोसिरेज्जा // 933 // से भिक्खू वा 2 से जं पुण थंडिलं जाणिज्जा, बहवे समणमाहणकिवणवणीमगअतिही समुद्दिस्स पाणाई 4 जाव उद्देसियं चेएइ, तहप्पगारं थंडिलं अपुरिसंतरकडं जाव बहिया अणीहडं वा अण्णयरंसि वा तहप्पगारंसि थंडिलंसि णो उच्चारपासवणं वोसिरेज्जा // 934 // अह पुण एवं जाणिज्जा, पुरिसंतरकडं जाव बहिया णीहडं वा अण्णयरंसि तहप्पगारंसि थंडिलंसि उच्चारपासवणं वोसिरेज्जा // 935 / / से भिक्खू वा 2 से जं पुण थंडिलं जाणिज्जा, अस्सिपडियाए कयं वा कारियं वा पामिचियं वा छण्णं वा घटुं वा मटुं वा लित्तं वा समढे वा संपधूमियं वा अण्णयरंसि वा तहप्पगारंसि थंडिलंसि णो उच्चारपासवणं वोसिरेज्जा / / 936 // से भिक्खू वा 2 से जं पुण थंडिलं जाणिज्जा, इह खलु गाहावई वा गाहावइपुत्ता वा कंदाणि वा मूलाणि वा जाव हरियाणि वा अंतराओ Page #103 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 90 अंग-पविट्ट सुत्ताणि वा बाहिं णीहरंति बहियाओ वा अंतो साहरंति अण्णयरंसि वा तह पगारंसि थंडि. लसि णो उच्चारपासवणं वोसिरेज्जा // 937 // से भिक्खू वा 2 से जं पुण थंडिलं जाणिज्जा, खंधंसि वा पीदंसि वा मंचंसि वा मालंसि वा अमुसि वा पासायंसि वा अण्णयरंसि वा तहप्पगारंसि थंडिलंसि णो उच्चारपासवणं वोसिरेज्जा // 938 / / से भिक्खू वा 2 से जं पुण थंडिलं जाणिज्जा, अणंतरहियाए पुढवीए ससिणिद्धाए पुढवीए ससरक्खाए पुढवीए मट्टियामक्कडाए चित्तमंताए सिलाए चित्तमंताए लेलुयाए कोलावासंसि वा दारुयंसि वा जीवपइट्ठियंसि वा जाव मक्कडासंताणयंसि . वा अण्णयरंसि वा तहप्पगारंसि थंडिलंसि णो उच्चारपासवणं वोसिरेज्जा // 939 / / से भिक्खू वा 2 से जं पुण थंडिलं जाणिज्जा, इह खलु गाहावई वा गाहावइ पुत्ता वा कंदाणि वा जाव बीयाणि वा परिसा.सु वा परिसाडिंति वा परिसाडिस्संति वा अण्णयरंसि वा तहप्पगारंसि थंडिलंसि णो उच्चारपासवणं वोसिरेज्जा // 940 // से भिक्खू वा 2 से जं पुण थंडिलं जाणिज्जा, इह खलु गाहावई वा गाहावइपुत्ता वा सालीणि वा वीहीणि वा मुग्गाणि वा मासाणि वा तिलाणि वा कुलत्थाणि वा जवाणि वा जवजवाणि वा पइरिंसु वा पइरिंति वा पइरिस्संति वा अण्णयरंसि वा तहप्पगारंसि थंडिलंसि णो उच्चारपासवणं वोसिरेज्जा // 941 // से भिक्खू वा 2 से जं पुण थंडिलं जाणिज्जा, आमोयाणि वा घसा णि वा भिलुयाणि वा विजलयाणि वा खाणुयाणि वा कडयाणि वा पगडाणि वा दरीणि वा पदुग्गाणि वा समाणि वा विसमाणि वा अण्णयरंसि वा तहप्पगारंसि थंडिलंसि णो उच्चारपासवणं वोसिरेज्जा // 942 // से भिक्खू वा 2 से जं पुण थंडिलं जाणिज्जा, माणुसरंधणाणि वा, महिसकरणाणि वा, वसहकरणाणि वा, अस्सकरणाणि वा, कुक्कुडकरणाणि वा मक्कडकरणाणि वा लावयकरणाणि वा, वट्टयकरणाणि वा, त्तित्तिरकरणाणि वा, कवोयकरणाणि वा, कविंजलकरणाणि वा, अण्णयसि वा तहप्पगारंसि थंडिलंसि णो उच्चारपासवणं वोसिरेज्जा // 943 // से भिक्खू वा 2 से जं पुण थंडिलं जाणिज्जा, वेहाणसट्ठाणेसु वा, गिद्ध पिट्ठठाणेसु वा, तरुपडणट्ठाणेसु वा, मेरुपडणट्ठाणेसु वा, विसभक्खणट्ठाणेसु वा, अगणिपडणट्ठाणेसु वा अण्णयरंसि वा तह पगारंसि णो उच्चारपासवणं वोसिरेज्जा // 944 // से भिक्खू वा 2 से जं पुण थंडिलं जाणिज्जा, आरामाणि वा, उज्जाणाणि वा, वणाणि वा, वण Page #104 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 2 अ. 10 91 संडाणि वा, देवकुलाणि वा, सभाणि वा, पवाणि वा, अण्णयरंसि वा तहप्पगारंसि थंडिलंसि णो उच्चारपासवणं वोसिरेज्जा // 945 // से भिक्खू वा 2 से जं पुण थंडिलं जाणिज्जा, अट्टालयाणि वा, चरियाणि वा, दाराणि वा, गोपुराणि वा, अण्णयरंसि वा तहप्पगारंसि थंडिलसि णो उच्चारपासवणं वोसिरेज्जा॥९४६॥ से भिक्खू वा 2 से जं पुण थंडिलं जाणिज्जा, तियाणि वा, चउक्काणि वा, चच्चराणि वा, चउमुहाणि वा, अण्णयरंसि वा तहप्पगारंसि थंडिलंसि णो उच्चारपासवणं वोसिरेज्जा / / 947 // से भिक्खू वा 2 से जं पुण थंडिलं जाणिज्जा, इंगालडाहेसु वा, खारडा हेसु वा, मडयडाहेसु वा, मडयथूभियासु वा, मडयचेइए सु वा अण्णयरंसि वा तहप्पगारंसि थंडिलंसि णो उच्चारपासवणं वोसिरेजा // 948 // से मिक्खू वा 2 से ज पुण थंडिलं जाणिज्जा णइयाययणेसु वा, पंका ययणेसु वा, ओघाययणेसु वा, सेयणवहंसि वा, अण्णयरंसि वा तहप्पगारंसि थंडिलंसि णो उच्चारपासवणं वोसिरेजा // 949 // से भिक्खू वा 2 से जं पुण थंडिलं जाणिज्जा, णवियासु वा, मट्टियवाणियासु णवियासु गोप्पलिहियासु वा, गवाणीसु वा, खाणीसु वा, अण्णयरंसि वा तहप्पगारंसि थंडिलंसि णो उच्चारपासवणं वोसिरेजा // 950 // से भिक्खू वा 2 से जं पुण थंडिलं जाणिज्जा, डागवचंसि वा, सागवञ्चसि वा, मूलगवचंसि वा हत्थंकरवचंसि या, अण्णयरंसि वा तहप्पगारंसि थंडिलंसि णो उच्चारपासवणं वोसिरेज्जा // 951 / / से भिक्खू वा 2 से जं पुण थंडिलं जाणिज्जा, असणवणंसि वा, सणवणंसि वा, धायइवणंसि वा, केयइवणंसि वा, अंबवणंसि वा, असोगवणंसि वा, णारावणंसि वा, पुण्णागवणंसि वा, चुण्णगवणंसि वा, अण्णयरेसु वा तहप्पगारेसु वा पत्तोवेएसु वा, पुप्फोवेएसु वा, फलोवेएसु वा, बीओवेएसु वा, हरिओवेएसु वा णो उच्चारपासवणें वोसिरेज्जा / / 952 // से भिक्खू वा 2 सयपाययं पा परपाययं वा गहाय से तमायाए एगतमवक्कमेज्जा, अणावायंसि असंलोइयंसि अप्पपाणंसि जाव मक्कडासंताणयंसि अहारामंसि वा उवस्सयंसि तओ संजयामेव उचारपासवणं वोसिरेजा, उच्चारपासवणं वोसिरित्ता से तमायाए एगंतमवक्कमे अणावायंसि जावं मकडासंताणयंसि अहारामंसि वा, ज्झामथंडिलसि वा. अण्णयरंसि वा तहप्पगारंसि थंडिलसि अचित्तसि तओ संजयामेव उच्चारपासवणं परिवेज्जा // 953 // एयं खलु तस्स भिक्खुस्स 2 वा सामग्गियं जाव जएज्जासि त्ति बेमि / / 954 / / दसममज्झयणं समत्तं // Page #105 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 92 अंग-पविट्ट सुत्ताणि // सद्द-सत्तिक्कयं णाम एगारसमं अज्झयणं / से भिक्खू वा 2 मुइंगसहाणि वा, णंदीसद्दाणि वा, झल्लरीसद्दाणि वा, अण्ण. यराणि वा तहप्पगाराई विरूवरूवाई वितताई सद्दाई कण्णसोयणपडियाए णो अभिसंधारेजा गमणाए / / 955 / / से भिक्खू वा 2 अहावेगइयाई सहाई सुणेइ तंजहा-वीणासहाणि वा, विपंचीसद्दाणि वा पिप्पीसगसद्दाणि वा, तूणयसहाणि वा, पणयसहाणि वा तुंबवीणियसहाणि वा, ढंकुणसहाणि वा अण्णयराइं वा तहप्पगाराई विरूवरूवाई सद्दाई वितताई कण्णसोयपडियाए णो अभिसंधारेजा गमणाए // 956 / / से भिक्खू वा 2 अहावेगइयाई सद्दाइं सुणेइ तंजहा-तालसहाणि वा, कंसतालसद्दाणि वा, लत्तियसहाणि वा, गोहियसद्दाणि वा, किरिकिरियसबाणि वा अण्णयराणि वा तहप्पगाराई विरूवरूवाई तालसद्दाई कण्णसोयपडियाए णो अभिसंधारेज्जा गमणाए // 957 // से भिक्खू वा 2 अहावेगइयाई सदाई सुणेइ तंजहा—संखसद्दाणि वा, वेणुसहाणि वा, वंससद्दाणि वा, खरमुहीसहाणि वा पिरिपिरियसहाणि वा अण्णयराइं वा तहप्पगाराई विरूवरूवाइं सहाई झुसिराई कण्णसोयपडियाए णो अभिसंधारेजा गमणाए // 958 // से भिक्खू वा 2 अहावेगइयाई सद्दाई सुणेइ तंजहा-वप्पाणि वा, फलिहाणि वा, जाव सराणि वा, सागराणि वा सरपंतियाणि वा, सरसरपंतियाणि वा, अण्णयराई वा तहप्पगाराई विरूवरूवाई सहाई कण्णसोयपडियाए णो 'अभिसंधारेजा गमणाए // 959 // से भिक्खू वा 2 अहावेगइयाई सद्दाई सुणेइ तंजहा-कच्छाणि वा, णूमाणि वा, गहणाणि वा, वणाणि वा, वणदुग्गाणि वा, पव्वयाणि वा, पव्वयदुग्गाणि वा, अण्णयराई वा तहप्पगाराइं विरूवरूवाई सद्दाई कण्णसोयपडियाए णो अभिसंधारेज्जा गमणाए // 960 // से भिक्खू वा 2 अहावेगइयाइं सहाई सुणेइ तंजहागामाणि वा, णगराणि वा, णिगमाणि वा, रायहाणिआसमपट्टणसंणिवेसाणि वा, अण्णयराई वा तहप्पगाराई सहाई णो अभिसंधारेजा गमणाए॥९६१ // से भिक्ख वा 2 अहावेगइयाइं सद्दाइं सुणेइ तंजहा-आरामाणि वा, उज्जाणाणि वा, वणाणि वा, वणसंडाणि वा, देवकुलाणि वा सभाणि वा, पवाणि वा, अण्णयराई वा तहप्पगाराई सद्दाई णो अभिसंधारेज्जा गमणाए // .962 // से भिक्खू वा 2 अहावेगइयाई सद्दाई सुणेइ तंजहा-अट्टाणि वा, अट्टालयाणि वा, चरियाणि Page #106 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 2 अ. 11 वा, दाराणि वा, गोपुराणि वा, अण्णयराई वा तहप्पगाराई सद्दाई णो अभिसंधारेज्जा गर्मणाए // 963 // से भिक्खू वा 2 अहावेगइयाई सद्दाई सुणेइ तंजहा–तियाणि वा, चउक्काणि वा, चच्चराणि वा, चउम्मुहाणि वा, अण्णयराई वा तहप्पगाराई सद्दाई णो अभिसंधारेज्जा गमणाए // 964 // से भिक्खू वा 2 अहावेगइयाइं सद्दाई सुणेइ तंजहा--महिसकरणट्ठाणाणि वा वसभकरणट्ठाणाणि वा, अस्सकरणट्ठाणाणि वा, हत्थिकरणहाणाणि वा जाव कविजलकरणट्ठाणाणि वा, अण्णयराई वा तहप्पगाराइं सहाई णो अभिसंधारेजा गमणाए // 965 // से भिक्खू वा 2 अहावेगइयाई सद्दाइं सुणेइ तंजहा--महिसजुद्धाणि वा, वसभजुद्धाणि वा, अस्सजुद्धाणि वा, हत्थिजुद्धाणि वा जाव कविंजलजुद्धाणिवा, अण्णयराई वा तहप्पगाराई णो अभिसंधारेज्जा गमणाए॥९६६॥से भिक्खू वा 2 अहावेगइयाई सहाई सुणेइ तंजहा--जूहियट्ठाणाणि वा, हयजूहियट्ठाणाणि गयजूहि यहाणाणि वा अण्णयराई तहप्पगाराई सहाई णो अभिसंधारेजा गमणाए॥९६७॥ से भिक्खू वा 2 जाव सुणेइ तंजहा-अक्खाइयट्ठाणाणि वा, माणुम्माणियट्ठाणाणि वा, महयाऽऽहयणगीयवाइयतंतितलतालतुडियपडुप्पवाइयट्ठाणाणि वा अण्णयराई वा तहप्पगाराई णो अभिसंधारेजा गमणाए // 968 // से भिक्खू वा 2 जाव सुणेइ तंजहा-कलहाणि वा, डिंबाणि वा, डमराणि वा, दोरजाणि वा, वेररज्जाणि वा, विरुद्धरज्जाणि वा, अण्णयराई वा तहप्पगाराइं सहाई णो अभिसंधारेज्जा गमणाए॥९६९॥से भिक्खूवा 2 जाव सद्दाई सुणेइ तंजहा खुड्डियं दारियं परिभुत्तमंडियालंकियणिवुज्झमाणिं पेहाए एगं पुरिसं वा वहाए णीणिज्जमाणं पेहाए अण्णयराई वा तहप्पगाराइं णो अभिसंधारेजा गमणाए // 970 // से भिक्खू वा 2 अण्णयराई विरूवरूवाई महासवाइं एवं जाणिज्जा तंजहा बहुसगडाणि वा, बहुरहाणि वा, बहुमिलक्खूणि वा, बहुपच्चंताणि वा, अण्णयराई वा तहप्पगाराई विरूवरूवाई महासवाई कण्णसोयपडियाए णो अभिसंधारेज्जा गमणाए // 971 // से भिक्खू वा 2 विस्वरूवाई महुस्सवाई एवं जाणिज्जा तंजहा—इत्थीणि वा, पुरिसाणि वा, थेराणि वा, डहराणि वा, मज्झिमाणि वा, आभरणविभूसियाणि वा, गायंताणि वा, वायंताणि वा, णबंताणि वा, हसंताणि वा, * रमंताणि वा, मोहंताणि वा विउलं असणपाणखाइमसाइमं परिभुजंताणि वा, परिभाईताणि वा, विच्छड्डियमाणाणि वा, विगोवयमाणाणि वा, अण्णयराइं वा तहप्प Page #107 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 94 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि गाराई विरूवरूवाई महुस्सवाई कण्णसोयपडियाए णो अभिसंधारेज्जा गमणाए // 972 // से भिक्खू वा 2 णो इहलोइएहिं सहेहिं णो परलोइएहिं सद्देहि, * णो सुएहिं सद्देहिं, णो असुएहिं सहेहिं, णो दिटेहिं सद्देहिं णो अदिखेहिं सहेहिं, णो कंतेहिं सद्देहिं सज्जिज्जा, णो रजेजा, णो गिज्झेजा, णो मुज्झेज्जा, णो अज्झोववज्जेज्जा // 973 // एयं खलु तस्स भिक्खुस्स 2 वा सामग्गियं जाव जए जासि त्ति बेमि // 974 // एयारहममज्झयणं समत्तं / // रूव-सत्तिक्कयं णाम बारसमं अज्झयणं // से भिक्खू वा 2 अहावेगइयाई रूवाई पासइ तंजहा—गंथिमाणि वा, वेढिमाणि बा, पूरिमाणि वा, संघाइमाणि वा, कंठकम्माणि वा, पोत्थकम्माणि वा, चित्तकम्माणि वा, मणिकम्माणि वा, दंतकम्माणि वा, पत्तच्छेजकम्माणि वा, विविहाणि वा वेढिमाई जाव अण्णयराई वा तहप्पगाराई विरूवरूवाइं चक्खुदंसणपडियाए णो अभिसंधारेज्जा गमणाए / / 975 / / एवं णायव्वं जहा सद्दपडियाए सव्वा वाइत्तवज्जा रूवपडियाए वि / / 976 // दुवालसममज्झयणं समत्तं // परकिरिया-सत्तिक्कयं णाम तेरसमं अज्झयणं // परकिरियं अज्झत्थियं संसेसियं णो तं सायए णो तं णियमे / / 977 // सिया से परो पाए आमजिज्ज वा पमज्जिज्ज वा णो तं सायए णो तं णियमे सिया से परो पायाइं संवाहेज वा पलिमहिज्ज वा णो तं सायए णो तं णियमे सिया से परो पायाइं फुसेज वा रएन वा णो तं सायए णो तं णियमे सिया से परो पायाइं तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा वसाए वा मक्खेज्ज वा अभिगिज्ज वा णो तं सायए णो तं णियमे, सिया से परो पायाई लोहेण वा कक्केण वा चुण्णेण वा वण्णेण वा उल्लोढिज्ज वा उन्वलिज्ज वा णो तं सायए णो तं णियमे, सिया से परो पायाई सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पहोलेज वा णोतं सायए णो तं णियमे, सिया से परो पायाइं अण्णयरेण विलेवणजाएण आलिंपेज वा विलिंपेज्ज वा णो तं सायए णो तं णियमे, सिया से परो पायाई अण्णयरेण धूवणजाएण धूवेज वा पधूवेज वा णो तं सायए णो तं णियमे, सिया से परो. पायाओ खाणं वा कंटयं वा णिहरेज वा विसोहेज वा णो तं सायए णो तं णियमे / सिया से परो Page #108 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 2 अ. 13 पायाओ पूर्व वा सोणियं वा णीहरेज्ज वा विसोहेज्ज वा णो तं सायए जो तं णियमे // 978 // सिया से परो कायं आमजेज वा पमज्जेज्ज वा णोतं सायए णोतं णियमे, सिया से परो कायं लोट्टेण वा संवा हेज वा पलिमहिज्ज वा णो तं सायए णोतं णियमे सिया से परो कायं तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा वसाए वा मक्खेज्ज वा अभंगेज्ज वा णो तं सायए णो तं णियमे, सिया से परो कायं लोहेण वा कक्केण वा चुण्णेण वा वण्णेण वा उल्लोढिज्ज वा उव्वलिज्ज वा णो तं सायए णो तं णियमे सिया से परो कायं सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज्ज वा पहोए ज्ज वा णो तं सायए णो तं णियमे, सिया से परो कार्य अण्णयरेणं विलेवणजाएणं आलिंपेज्ज वा, विलिंपेज्ज वा, णो तं सायए, णो तं णियमे / सिया से परो कार्य अण्णयरेण धूवणजाएण धूवेज्ज वा, पधूवेज्ज वा, णो तं सायए णो तं णियमे // 979 // सिया से परो कार्यसि वणं आमज्जेज्ज वा पमज्जेज्ज वा णो तं सायए णो तं णियमे, सिया से परो कार्यसि वणं संवाहेज वा पलिमद्देज वा णोतं सायए णो तं णियमे, सिया से परो कार्यसि वणं तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा वसाए वा मक्खेज वा अन्भगिज वा, णो तं सायए णो तं णियमे। सिया से परो कार्यसि वणं लोहेण वा कक्केण वा चुण्णेण वा वण्णेण वा उल्लोढिज्ज वा उबल्लेज्ज वा जो तं सायए णो तं णियमे, सिया से परो कार्यसि वणं सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज्ज वा पधोवेज्ज वा णो तं सायए णो तं णियमे / / 980 // से सिया परो कार्यसि वणं अण्णयरेणं विलेवणजाएणं आलिंपेज्ज वा विलिंपेज्ज वा णो तं 2 / सिया से परो कार्यसि वणं अण्णयरेणं धूवणजाएणं धूवेज्ज वा प० णोतं० 2 / सिया से परो कार्यसि वणं अण्णयरेणं सत्थजाएणं अच्छिदिज्ज वा विच्छिदिज्ज वा प० णो तं० 2 / सिया से परो कार्यसि वणं अण्ण. सत्थजाएणं अच्छिदित्ता वा विच्छिदित्ता वा पूर्व वा सोणियं वा णीहरिज वा वि० णो तं० 2 / सिया से परो कार्यसि गडं वा, अरइयं वा, पुलइयं वा, भगंदलं वा, आमजेज वा, पमजेज वा, णो तं सायए णो तं णियमे। सिया से परो कार्यसि गंड वा, अरइयं वा, पुलइयं वा, भगंदलं वा, संवाहेज वा पलिमहेज्ज वा, णोतं सायए णोतं णियमे, सिया से परो कायंसि गंडं वा जाव भगंदलं वा; तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा वसाए वा मक्खेज वा अभिगेज्ज वा णोतं सायर णो तं णियमे / सिया से कार्यसि गंडं वा जाव भगंदलं वा, लोहेण वा, Page #109 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 96 अंग-पविट्ट सुत्ताणि कक्केण वा चुण्णेण वा, वण्णेण वा उल्लोढिज्ज वा, उव्वलेज्ज वा णोतं सायए णो तं णियमे / सिया से परो कार्यसि गंडं वा भगंदलं वा, सीओदगवियडेण वा, उसिणोदगवियडेण वा, उच्छोलेज वा, पधोवेज वा, णोतं सायए, णो तं णियमे / सिया से परोकायंसि गंडवा जाव भगंदलं वा अण्णयरेणं सत्थजाएणं अच्छिदेज वा विच्छिदेज्ज वा, सिया से परो अण्णयरेणं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता वा 2 पूर्व वा सोणियं वा णीहरेज वा णो तं सायए णो तं णियमे // 981 // सिया से परो कायाओ सेयं वा जल्लं वा णीहरेज वा विसोहेज वा णो तं सायए णो तं णियमे // 982 // सिया से परो अच्छिमलं, कण्णमलं वा, दंतमलं वा णहमलं वा, णीहरिज वा विसोहिज्ज वा णो तं सायए णोतं णियमे ॥९८३॥सिया से परो दीहाई वालाई दीहाई रोमाई दीहाई भमुहाई, दीहाई कक्खरोमाई दीहाई वत्थिरोमाइं, कप्पेज वा संठवेज वा णो तं सायए णो तं णियमे॥९८४॥सिया से परो सीसाओ लिक्ख वा जूयं वा णीहरेज वा विसोहेज्ज वाणोतं सायए णोतं णियम।।९८५॥सिया से परो अंकसि वा पलियंकसि वा तुयट्टा वित्ता पायाई आमजिज वा पमजिज्ज वा एवं हिटिमो गमो पावाइ भाणियव्वो, सिया से परो अंकंसि वा पलियंकसि वा तुयट्टावित्ता, हारं वा अद्धहारं वा उरत्थं वा, गेवेयं वा, मउडं वा, पालंबं वा सुवण्णसुत्तं वा, अविहिज्ज वा, पिणहिज वा णो तं सायए णो तं णियमे // 986 // सिया से परो आरामंसि वा, उज्जाणंसि वा, णीहरित्ता वा पविसित्ता वा पायाइं आमजेज्ज वा पमज्जेज वा णो तं सायए णो तं णियमे // 987 // एवं णेयव्वा अण्णमण्णकिरिया वि // 988 / / सिया से परो सुद्धणं वइबलेणं तेइच्छं आउट्टे सिया से परो असुद्धणं वइबलेणं तेइच्छं आउट्टे, सिया से परो गिलाणस्स सचित्ताणि कंदाणि वा मूलाणि वा तयाणि वा हरियाणि वा खणित्तु वा कडित्तु वा कड्डावित्तु वा तेइच्छं आउट्टाविज्जा णो तं सायए णो तं णियमे।।९८९||कडुवेयणा पाणभूयजीवसत्ता वेयणं वेइंति // 990 / / एयं खलु तस्स भिक्खुस्स 2 वा सामग्गियं जं सव्वटेहिं सहिए समिए सया जए सेयमिणं मण्णेज्जासि त्ति बेमि // 991 // तेरहममायणं समत्तं // // अण्णुण्णकिरिया-सत्तिक्कयं णाम चउद्दसमं अज्झयणं॥ से भिक्खू वा 2 अण्णमण्णकिरियं अज्झत्थियं संसेइयं णो तं सायए णो तं णियमे // 992 // सिया से अण्णमण्णं पाए आमज्जेज्ज वा पमज्जेज्ज वा णो तं Page #110 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 2 अ. 15 97 सायए णों तं णियमे // 993 // सेसं तं चेव // 994 // एयं खलु तस्स भिक्खुस्स 2 वा सामग्गिय जइज्जासि त्ति बेमि // 995 // चउद्दसममज्झयणं समत्तं // . ॥भावणा णाम पणरहमं अज्झयणं / तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे पंचहत्थुत्तरे यावि होत्था, तंजहा–हत्थुत्तराहिं चुए चइत्ता गम्भं वकंते, हत्थुत्तराहिं गम्भाओ गब्भं साहरिए हत्थुत्तराहिं जाए, हत्थुत्तराहिं सव्वओ सम्वत्ताए मुंडे भवित्ता अगाराओअणगारियं पव्वइए, हत्थुत्तराहिं कसिणे पडिपुण्णे अव्वाघाए णिरावरणे अणंते अणुत्तरे केवल. वरणाणदंसणे समुप्पण्णे, साइणा भगवं परिणिब्बुए / / 996 / / समणे भगवं महावीरे, इमाए ओसप्पिणीए सुसमसुसमाए समाए वीइकंताए सुसमाए समाए वीइकंताए, सुसमदुसमाए समाए वीइकंताए दुसमसुसमाए समाए बहुवीइक्कंताए, पण्णहत्तरीए वासेहिं मासेहिं य अद्धणवमे हिंसेसेहिं, जे से गिम्हाणं चउत्थे मासे अट्ठमे पक्खे, आसाढसुद्धे, तस्स णं आसाढसुद्धस्स छट्ठीपक्खेणं हत्युत्तराहिं णक्खत्तेणं जोगमुवागएणं, महाविजयसिद्धत्यपुप्फुत्तरपवरपुंडरीयदिसासोवत्थियवद्धमाणाओ महाविमा. णाओवीसंसागरोवमाई आउयं पालइत्ता, आउक्खएणं, ठिइक्खए णं भवक्खएणं चुए चइत्ता इह खलु जंबुद्दीवेणं दीवे, भारहे वासे, दाहिणड्डभरहे दाहिणमाहणकुंडपुरसंणिवेसंमि उसभदत्तस्स. माहणस्स कोडालसगोत्तस्स देवाणंदाए माहणीए जालंधरस्स गुत्ताए सीहुब्भवभूएणं अप्पाणेणं कुच्छिसि गम्भं वकंते, समणे भगवं महावीरे तिण्णाणोवगए यावि होत्था, चइस्सामित्ति जाणइ चुएमित्ति जाणइ, चयमाणे ण जाणेइ, सुहुमे णं से काले पण्णत्ते / तओ णं समणे भगवं महावीरे हियाणुकंपए णं देवेणं जीयमेयं त्ति कटु जे से वासाणं तच्चे मासे पंचमे पक्खे आसोयबहुले तस्स णं आसोयबहुलस्स तेरसीपक्खेणं हत्युत्तराहिं णक्खत्तेणं जोगमुवागएणं बासीहिं राइंदिएहिं वीइकंतेहिं तेसीइमस्स राइंदियस्स परियाए वट्टमाणे दाहिणमाहणकुंडपुरसंणिवेसाओ उत्तरखत्तियकुंडपुरसंणिवेसंसि गायाणं खत्तियाणं सिद्धत्थस्स खत्तियस्स कासवगुत्तस्स तिसलाए खत्तियाणिए वासिठ्ठसगुत्ताए असुभाणं पुग्गलाणं अवहारं करित्ता, सुभाणं पुग्गलाणं पक्खेवं करित्ता कुच्छिसि गम्भं साहरइ, जेवि य से तिसलाए खत्तियाणीए कुच्छिसि गब्मे तंपि य दाहिणमाहणकुंडपुरसंणिवेसंसि . उसभ.....को.....देवा....जालंधरायणगुत्ताए कुच्छिसि गम्भं साहरइ // 997 // समणे Page #111 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंग-पविट्ट सुत्ताणि भगवं महावीरे तिण्णाणोवगए यावि होत्था, साहरिज्जिस्सामित्ति जाणइ, साहरिएमित्ति जाणइ साहरिजमाणे वि जाणइ समणाउसो ! // 998 // तेणं कालेणं तेणं समएणं तिसलाए खत्तियाणीए अह अण्णया कयाइ णवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं अट्ठमाणं राइंदियाणं वीइक्वंताणं जे से गिम्हाणं पढमे मासे दोचे पक्खे चित्तसुद्धे तस्सणं चित्तसुद्धस्स तेरसीपक्खेणं, हत्युत्तराहिं जोगमुवागएणं समणं भगवं महावीरं आरोयारोयं पसूया // 999 // ज णं राई तिसला खत्तियाणी समणं भगवं महावीरं आरोयारोय पसूया, तं णं राई भवणवइवाणमंतरजोइसियविमाणवासि देवेहि य देवीहि य उवयंतेहि य उप्पयंतेहि य एगे महं दिव्वे देवुज्जोए देवसण्णिवाए देवकहकहे उप्पिंजलगभूए यावि होत्था॥१०००॥ णं रयणिं तिसला खत्तियाणी समणं भगवं महावीरं आरोयारोयं पसूया तं णं रयणि बहवे देवा य देवीओ य एगं महं अमयवासं च, गंधवासं च, चुण्णवासं य, पुप्फवासं च, हिरण्णवासं च, रयणवासं च वासिंसु // 1001 // ज णं रयणिं तिसला खत्तियाणी समणं भगवं महावीरं आरोयारोयं पसूया, तं णं रयणिं भवणवइवाणमंतरजोइसियविमाणवासिणो देवा य देवीओ य समणस्स भगवओ महावीरस्स सूइकम्माइं तित्थयराभिसेयं च करिंसु / / 1002 // जओ णं पभिइ भगवं महावीरे तिसलाए खत्तियाणिए कुच्छिसि गभं आगए तओ णं पभिइ तं कुलं विपुलेणं हिरण्णेणं सुवण्णेणं धणेणं धण्णेणं माणिक्कणं मोत्तिएणं संखसिलप्पवालेणं अईव 2 परिवड्डइ, तओ णं समणस्स भगवओ महावीरस्स अम्मापियरो एयमढे जाणित्ता णिव्वत्तदसाहंसि वोकंतसि सूचिभूयंसि विपुलं असणपाणखाइमसाइमं उवक्खडावेंति उवक्खडावेत्ता मित्तणाइसयणसंबंधिवग्गं उवणिमंतेंति उवणिमंतेत्ता बहवे समणमाहणकिवणवणिमगाहिं भिच्छंडगपंडरगाईण विन्डेति विग्गोवेंति विस्साणेति दातारेसु णं दाणं पज्जभाइंति विच्छड्डित्ता विग्गोवित्ता विस्साणित्ता दायारेसु णं दाणं पज्जभाइत्ता मित्तणाइसयणसंबंधिवग्गं भुंजावेंति भुंजावेत्ता मित्तणाइसयणसंबंधिवग्गेण इमेयारूवं णामधेज्जं कारवेंति, जओ णं पभिइ इमे कुमारे तिसलाए खत्तियाणीए कुच्छिसि गम्भे आहूए तओ णं पभिइ इमं कुलं, विउलेणं हिरण्णेणं सुवण्णेणं धणेणं धण्णेणं माणिक्केणें मोत्तिएणं संखसिलप्पवालेणं अईव 2 परिवड्डइ तं होउ णं कुमारे "वद्धमाणे " // 1003 // तओ णं समणे भगवं महावीरे पंचधाइपरिवुडे तंजहा—खीरधाईए-मज्जणधाईए Page #112 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 2 अ. 15 . 99 मंडावणबाइए खेल्लावणधाइए-अंकधाईए अंकाओ अंकं साहरिजमाणे रम्मे मणिकोट्टिमतले गिरिकंदरस्समल्लीणे विव चंपयपायवे अहाणुपुवीए संवड्डइ // 1004 // तओ णं समणे भगवं महावीरे विण्णायपरिणये विणियत्तबालभावे अणुस्सुयाइं उरालाई माणुस्सगाई पंचलक्खणाई कामभोगाई सद्दफरिसरसरूवगंधाइं परियारेमाणे एवं च णं विहरइ // 1005 // समणे भगवं महावीरे कासवगोत्ते तस्स णं इमे तिण्णि णाम धेजा एवमाहिजंति, अम्मापिउसंतिए “वद्धमाणे," सहसम्मुइए " समणे" भीमभयभेरवं उरालं अचेलयं परिसहं सहइ त्ति कटु देवेहिं से णामं कयं "समणे भगवं महावीरे" |1006 // समणस्स णं भगवओ महावीरस्स पिया कासवगोत्तेणं तस्स णं तिण्णि णामधेजा एवमाहिजंति, तंजहा—सिद्धत्थे इ वा, सेजसेइ वा, जसंसे इ वा // 1007 / / समणस्स भगवओ महावीरस्स अम्मा वासिट्ठसगोत्ता तीसेणं तिण्णि णामधेजा, एवमाहिति तंजहा—तिसला इ वा, विदेह दिण्णा इ वा, पियकारिणी इ वा // 1008 // समणस्स णं भगवओ महावीरस्स पित्तियए 'सुपासे' कासवगोत्तेणं, समणस्स णं भगवओ महावीरस्स जेटे भाया णदिवद्धणे कासवगोत्तेण, समणस्स ण भगवओ महावीरस्स जेट्ठा भइणी सुदंसणा कासवगोसेणं, समणस्स ण भगवओ महावीरस्स भब्जा जसोया कोडिण्णा गोत्तेणं समणस्स भगवओ महावीरस्स धूया कासवगोत्तेणं, तीसेणं दो णामधेजा, एवमाहिजंति, तंजहा-आणोज्जा इ वा, पियदंमणा इ वा, समणस्स णं भगवओ महावीरस्स णत्तुई कोसियगोत्तेणं तीसेणं दो णामधेजा, एवमाहिज्जति, तंजहा—सेसवई इ वा, जसबई इ वा // 1009 / / समणस्स णं भगवओ महावीरस्स अम्मापियरो पासावचिन्जा, समणोवासगा यावि होत्था, ते णं बहूई वासाई समणोवासंगपरियागं पालइत्ता, छण्हं जीवणिकायाणं संरक्षणणिमित्तं आलोइत्ता णिदित्ता गरहित्ता पडिकमित्ता अहारिहं उत्तरगुणपायच्छित्तं पडिवज्जित्ता कुससंथारं दुरुहित्ता, भत्तं पच्चक्लाइंति, भत्तं पञ्चक्खाइत्ता अपच्छिमाए मारणंतियाए संलेहणाए झुसियसरीरा कालमासे कालं किच्चा तं सरीरं विप्पजहित्ता अच्चुए कप्पए देवत्ताए उववण्णा, तओणं आउक्खएणं भवक्खएणं ठिइक्खएणं चुए चइत्ता महाविदेहवासे चरिमेणं ऊस्सासेणं सिज्झिस्संति, बुज्झिस्संति, मुचिस्संति परिणिव्वाइस्संति, सव्वदुक्खाणमंतं करिस्संति // 1010 // तेणं कालेणं तेणं समंएणं समणे भगवं महावीरे णाए णायपुत्ते णायकुलणिव्वत्ते विदेहे Page #113 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 100 अंग-पविट्ट सुत्ताणि विदेह दिण्णे विदेहजचे विदेहसूमाले तीसं वासाई विदेहंसि.त्ति कटु अगारमज्झे वसित्ता अम्मापिऊहिं कालगएहिं देवलोगमणुपत्तेहिं समत्तपइण्णे चिच्चा हिरण्णं, चिच्चा सुवण्णं, चिचा बलं, चिच्चा वाहणं, चिच्चा धणधण्णकणयरयणसंतसारसावइज्ज, विच्छड्वेत्ता, विगोवित्ता, विस्साणित्ता, दायारेसु दाणं दाइत्ता परिभाइत्ता, संवच्छरं दाणं दलइत्ता, जे से हेमंताणं पढमे मासे पढमे पक्खे, मग्गसिरबहुले, तस्सणं मग्गसिरबहुलस्स दसमीपखेणं हत्युत्तराहिं णक्खत्तेणं जोगमुवागए णं अभिणिक्खमणाभिप्पाए यावि होत्था // 1011 // संवच्छरेण होहिंति अभिणिक्खमणं तु . जिणवरिंदस्स, तो अत्थि संपयाणं, पव्वत्तई पुव्वसूराओ / / 1012 // एगा हिरण्णकोडी, अढेव अणूणया सयसहस्सा, सूरोदयमाईयं दिज्जइ जा पायारासोत्ति।।१०१३॥ तिण्णेव य कोडिसया अट्ठासीई च होंति कोडीओ, असिइं च सयसहस्सा, एवं संवच्छरे दिण्णं // 1014 / वेसमणकुंडलधरा, देवा लोगतिया महिड्डिया / बोहिंति य तित्थयरं,पण्णरससु कम्मभूमिसु॥१०१५||बभमि य कप्पंमि य बोद्धव्वा कण्हराइणो मज्झे लोगंतिया विमाणा, अट्ठसु वत्था असंखेज्जा / / 1016 / / एए देवणिकाया, भगवं बोहिंति जिणवरं वीरं, सव्वजगज्जीवहियं, अरहं तित्थं पव्वत्तेहि // 1017 // तओ णं समणस्स भगवओ महावीरस्स अभिणिक्खमणाभिप्पायं जाणेत्ता भवणवइवाणमंतरजोइसियविमाणवासिणो देवा य देवीओ य सएहिं सएहिं रूवेहि, सएहिं सएहिं णेवत्थेहिं, सएहिं सएहिं चिंधेहिं, सव्विड्डीए सव्वजुईए, सव्वबलसमुदए णं, सयाई सयाई जाणविमाणाई दुरुहंति सयाई 2 जाणविमाणाई दुरुहित्ता, अहा बायराई पोग्गलाई परिसाडेंति परिसाडित्ता, अहासुहुमाई पोग्गलाई परियाईति परियाइत्ता, उड्डे उप्पयंति उर्दू उप्पइत्ता, ताए उक्किट्ठाए सिग्घाए चवलाए तुरियाए दिव्वाए देवगईए अहेणं उवयमाणा 2 तिरिएणं असंखेज्जाई दीवसमुद्दाई वीइक्कममाणा 2 जेणेव जंबुद्दीवे दीवे तेणेव उवागच्छंति उवागच्छित्ता, जेणेव उत्तरखत्तियकुंडपुरसंणिवेसे तेणेव उवागच्छंति उवागच्छित्ता, जेणेव उत्तरखत्तियकुंडपुर संणिवेसस्स उत्तरपुरस्थिमे दिसिभाए तेणेव झात्तिवेगेण उवट्ठिइया / / 1018 // तओ णं सके देविंदे देवराया सणिय सणियं जाणविमाणंपठवेइपठवेत्ता, सणियं 2 जाणविमाणाओ पञ्चोत्तरइ, पच्चोत्तरित्ता एगतमवक्कमेइ एगंतमवक्कमेत्ता, महया वेउव्विएणं समुग्घाएणं समोहणइ, महया वेउविएणं Page #114 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 2 अ. 15 101 समुग्घाए णं समोहणित्ता, एग महं णाणामणिकणयरयणभत्तिचित्तं सुभं चारुकंतरूवं देवच्छंदयं विउव्वइ, तस्सणं देवच्छंदयस्स बहुमज्झदेसभाए एगं महं सपायपीढं सीहासणं णाणामणिकणयरयणभत्तिचित्तं सुभं चारुकतरूवं विउव्वइ विउव्वित्ता, जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छ्इ उवागच्छित्ता समणं भगवं महावीर तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ, 2 समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ, वंदित्ता णमंसित्ता समणं भगवं महावीरं गहाय जेणेव देवच्छंदए तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता, सणिय 2 पुरत्थाभिमुहे सीहासणे णिसीयावेइ णिसीयावेत्ता सयपागसहस्सपागेहिं तेल्लेहि अभंगेइ अब्भंगेत्ता गंधकासाइएहिं उल्लोलेइ उल्लोलित्ता, सुद्धोदएणं मज्जावेइ मज्जावित्ता, जस्स णं मुल्लं सयसहस्सेणं तिपडोलतित्तिएणं साहिएण सीएणं गोसीसरत्तचंदणेणं अणुलिंपइ अणुलिंपित्ता ईसिंणिस्सासवायवोझं वरणयरपट्टणुग्गय कुसलणरपसंसियं अस्सलालापेलवं छेयायरियकणगखचियंतकम्मं हंसलक्खणं, पट्टजुयलं णियंसावेइ, णियंसावेत्ता हारं अद्धहारं उरत्थं णेवत्थं एगावलिं पालंबसुत्त पट्टमउडरयणमालाओ आविंधावेइ आविंधावेत्ता गंथिमवेढिमपूरिमसंघाइमेणं मल्लेणं कप्परुक्खमिव समलंकरेइ 2 दोचपि महया वेउब्वियसमुग्धारण समोहणइ, समोहणित्ता एगं महं चंदप्पहं सिवियं सहस्सवाहिणिं विउव्वइ तंजहाईहामियउसभतुरगणरमकरविहगवाणरकुंजररुरुसरभचमरसढुलसीहवणलयपउमलयभत्तिचित्तलयविचित्तविजाहरमिहुणजुयलजंतजोगजुत्तं, अच्चीसहस्समालिणीयं सुणिरूवियं मिसिमिसिंतरूवगसहस्सकलियं, ईसिंमिसमाणं भिब्भिसमाणं चक्खुल्लोयणलेसं, मुत्ताहलमुत्तजालंतरोवियंतवणीयपवरलंबूसगपलंबतमुत्तदाम, हारद्धहारभूसणसमोणयं अहियपिच्छणिज्ज पउमलयभत्तिचित्तं, असोककुंदणाणालयभत्तिचित्त विरइयं सुभं चारुकंतरूवं णाणामणिपंचवण्णघंटापडायपरिमंडियग्गसिहरं पासाईयं दरिसणीयं सुरूवं // 1019 // सीया उवणीया जिणवरस्स जरमरणविप्पमुक्कस्स; ओसत्तमल्लदामा, जलथलयदिव्वकुसुमेहिं // 1 // सिवियाइ मज्झयारे, दिव्यं वररयणरूवचिंचय; सीहासणं महरिहं सपायपीढं जिणवरस्स // 2 // आलइयमालमउडो भासुरबोंदी वराभरणधारी; खोमियवत्थणियत्थो, जस्स य मोलं सयंसहस्सं // 3 // . छटेण उ भत्तेणं अज्झवसाणेण सोहणेण जिणो, लेसाहि विसुझंतो, आरुहइ उत्तमं सीयं // 4 // सीहासणे णिविट्ठो सक्कीसाणा य दोहिं Page #115 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 102 अंग-पविटु सुत्ताणि पासेहिं, वीयंति चामराहिं मणिरयणविचित्तदंडाहिं // 5 // पुढि उक्खित्ता माणुसेहिं साहट्ठरोमपुलएहिं, पच्छा वहंति देवा, सुरअसुरगरुलणागिंदा // 6 / / पुरओ सुरा वहती असुरा पुण दाहिणमि पासंमि / अवरे वहति गरुला, णागा पुण उत्तरे पासे // 7 // वणसंडं व कुसुमियं, पउमसरो वा जहा सरयकाले; सोहइ कुसुमभरेणं, इय गगणयलं सुरगणेहिं / / 8 // सिद्धत्थवणं व जहा, कणियारवणं व चंपयवणं वा, सोहइ कुसुमभरेणं, इय गगणयलं सुरगणेहिं // 9 // वरपडहभेरिज्झल्लरिसंखसयसहस्सिएहिं तूरेहिं / गयणयले धरणियले तृरणिणाओ परम. . रम्मो // 10 // ततवितयं घणझुसिरं आउज्ज चउव्विहं बहुविहीयं; वायति तत्थ देवा, बहुहिं आणट्टगसएहिं // 11 // 1020 // तेणं कालेणं तेणं समएणं जे से हेमंताणं पढमे मासे पढमे पक्खे, मग्गसिरबहुले, वस्सणं मग्गसिरबहुलस्स दसमीपक्खेणं, सुब्बएणं दिवसेणं, विजएणं मुहत्तेण हत्थुत्तराणक्खत्तेणं जोगोवगएणं पाईणगामिणीए छायाए बिइयाए पोरिसीए छटेणं भत्तेणं अपाणएणं, एगसाडगमायाए, चंदप्पहाए सिवियाए सहस्सवाहिणीए सदेवमणुयासुराएपरिसाए समणिज्जमाणे 2 उत्तरखत्तियकुंडपुरसंणिवेसस्स मज्झमज्झेणं णिगच्छइ णिगच्छित्ता जेणेव णायसंडे उज्जाणे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता ईसिरयणिप्पमाणं अच्छोप्पेणं भूमिभागेणं सणियं 2 चंदप्पहं सिवियं सहस्सवाहिणिं ठवेइ ठवेत्ता सणियं 2 चंदप्पहाओ सिवियाओ सहस्सवाहिणीओ पच्चोयरइ, पचोयरित्ता सणियं 2 पुरत्थाभिमुहे सीहासणे णिसीयेइ, आभरणालंकारं ओमुयइ, तओ णं वेसमणे देवे जण्णुव्यायपडिए समणस्स भगवओ महावीरस्स हंसलक्खणेणं पडेणं आभरणालंकारं पडिच्छड़; तओ णं समणे भगवं महावीरे दाहिणणं दाहिणं वामेणं वामं पंचमुहिय लोयं करेइ, तओ णं सक्के देविंदे देवराया समणस्स भगवओ महावीरस्स जण्णुब्वायपडिए वयरामयेणं थालेणं केसाई पडिच्छइ, पडिच्छित्ता "अणुजाणेसि भंते" त्ति कटु खीरोयसायर साहरइ, तओ णं समणे भगवं महावीरे दाहिणेणं दाहिणं वामेणं वामं पंचमुढ़िय लोयं करेत्ता सिद्धाणं णमोकारं करेइ करेत्ता, "सव् मे अकरणिनं पावकम्म" त्ति कटु सामाइयं चरित्तं पडिवज्जइ, सामाइयं चरित्तं पडिवज्जित्ता देवपरिसं मणुयपरिसं च आलिक्ख चित्तभूयमिव हुवेइ // 1021 // दिव्यो मणुस्सघोसो, तुरियणिणाओ य सक्कवयणेण, खिप्पामेव णिलुक्को, जाहे पडिवज्जइ चरित्तं / / 1 / / पडिवज्जित्तु Page #116 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 2 अ. 15 103 चरित्तं अहोणिसी सव्वपाणभूयहिय; साहट्ट लोमपुलया, सव्वे देवा णिसामिति / 2 // 1022 // तओं णं समणस्स भगवओ महावीरस्स सामाइयं खओवसमियं चरित्तं पडिवण्णस्स मणपज्जवणाणे णामं णाणे समुप्पण्णे, अड्डाइज्जेहिं दीवेहिं दोहिं य समुहेहिं सण्णीणं पंचेंदियाण पज्जत्ताणं वियत्तमणसाणं मणोगयाइं भावाई जाणेइ // 1023 / / तओ णं समणे भगवं महावीरे पव्वइए समाणे मित्तणाइसयणसंबंधिवग्गं पडिविस. लेइ, पडिविसज्जित्ता इमं एयारूवं अभिग्गहं अभिगिण्हइ, “बारसवासाई वोसट्टकाए चत्तदेहे जे केइ उवसग्गा समुप्पज्नति, तंजहा—दिव्वा वा, माणुस्सा वा, तेरिच्छिया वा, ते सव्वे उवसग्गे समुप्पण्णे समाणे सम्मं सहिस्सामि, खमिस्सामि अहियासइस्सामि" ||1024 // तओ णं समणे भगवं महावीरे इमेयारूवं अभिग्गहं अभिगिण्हित्ता वोसट्टकाए चत्तदेहे दिवसे मुहुत्तसेसे कुम्मारगाम समणुपत्ते // 1025 // तओ णं समणे भगवं महावीरे वोसढचत्तदेहे अणुत्तरेणं आलएणं, अणुत्तरेणं विहारेणं, एवं संजमेणं, पग्गहेणं, संवरेण तवेणं, बंभचेरवासेणं, खंतीए, मोत्तीए, समिईए, गुत्तीए, तुट्टीए, ठाणेणं, कम्मेणं, सुचरियफलणिव्वाणमुत्तिमग्गेणं, अप्पाणं भावेमाणे विहरइ // 1026 // एवं वा विहरमाणस्स जे केइ उवसग्गा समुपज्जति दिव्वा वा माणुस्सा वा तेरिच्छिया वा ते सव्वे उवसग्गे समुप्पण्णे समाणे अणाउले अव्वहिए अदीणमाणसे तिविहमणवयणकायगुत्ते सम्म सहइ खमइ तितिक्खइ अहियासेइ // 1027 // तओ णं समणस्स भगवओ महावीरस्स एएणं विहारेणं विहरमाणस्स बारसवासा वीइकंता, तेरसमस्स वासस्स परियाए वट्टमाणस्स जे से गिम्हाणं दोचे मासे चउत्थे पक्खे वइसाहसुद्धे, तस्सणं वइसाहसुद्धस्स दसमीपक्खेणं सुब्बएणं दिवसेणं विजएणं मुहुत्तेणं हत्थुत्तराहिणक्खत्तेणं जोगोवगएणं पाईणगामिणीए छायाए वियत्ताए पोरिसीए जंभियगामस्स णगरस्स बहिया गईए उज्जुवालियाए उत्तरे कूले, सामागस्स गाहावइस्स कट्टकरणंसि वेयावत्तस्स चेइयस्स उत्तरपुरथिमे दिसीभाए सालरुक्खस्स अदूरसामंते उक्कुडुयस्स गोदोहियाए आयावणाए आयावेमाणस्स छटेणं भत्तणं अपाणएणं उ8जाणुअहोसिरस्स धम्मज्झाणकोट्ठोवगयस्स सुक्कज्झाणंतरियाए वट्टमाणस्स णिवाणे, कसिणे, पडिपुण्णे, अव्वाहए, णिरावरणे, अणते,' अणुत्तरे, केवलवरणाणदंसणे समुप्पण्णे // 1028 // से भयवं अरहा जिणे जाए, केवली सव्वण्णू सव्वभावदरिसी, सदेवमणुयासुरस्स लोयस्स पज्जाए Page #117 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 104 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि जाणइ, तंजहा-आगई गई ठिई चयणं, उववायं भुत्तं पीयं कडं पडिसेवियं आवीकम्मं रहोकम्मं लवियं कहियं मगोमाणसियं सव्वलोए सव्वजीवाणं, सव्वभावाई जाणमाणे पासमाणे एवं च णं विहरइ / / 1029 // जणं दिवसं समणस्स भगवओ महावीरस्स णिव्वाणे कसिणे जाव समुप्पण्णे, तणं दिवसं भवणवइवाणमंतरजोइसियविमाणवासिदेवेहि य देवीहि य उव्वयंतेहिं य जाव उप्पिंजलगभूए यावि होत्था // 1030 // तओ णं समणे भगवं महावीरे उप्पण्णवरणाणदंसणधरे अप्पाणं च लोग च अभिसमिक्ख पुव्वं देवाणं धम्ममाइक्खइ तओ पच्छा मणु-. स्साणं // 1031 // तओ णं समणे भगवं महावीरे उप्पण्णणाणदसणधरे गोयमाईणं समणाणं णिग्गंथाणं पंचमहध्वयाई सभावणाई छज्जीवणिकायाई आइक्खइ, भासइ, परूवेइ, तंजहा-पुढविकाए जाव तसकाए // 1032 // पढमं भंते ! महव्वयं पच्चक्खामि, सव्वं पाणाइवायं से सुहम वा बायरं वा तसं वा थावरं वा णेव संयं पाणाइवायं करेजा 3 जावजीवाए तिविहं तिविहेणं मंणसा वयसा कायसा, तस्स भंते ! पडिकमामि जिंदामि गरिहामि अप्पाणं वोसिरामि / / 1033 // तस्सिमाओ पंच भावणाओ भवति // 1034 // तत्थिमा पढमा भावणा, इरियासमिए से णिग्गंथे, णो अणइरियासमिए त्ति, केवली बूया अणइरियासमिए से णिग्गंथे, पाणाई 4 अभिहणेज्ज वा, वत्तेज वा, परियावेज वा, लेसेज वा, उद्दवेज वा, इरियासमिए से णिग्गंथे, तो इरियाअसमिए त्ति पढमा भावणा // 1035 // अहावरा दोचा भावणा, मणं परिजाणाइ से णिग्गथे, जे य मणे पावए सावजे सकिरिए अण्हयकरे छेयकरे भेयकरे अहिकरणिए पाउसिए, परियाविए पाणाइवाइए, भूओवघाइए तहप्पगारं मणं णो पधारेजा, मणं परिजाणाइ से णिग्गंथे जे य मणे अपावए त्ति दोचा भावणा // 1036 // अहावरा तचा भावणा, वई परिजाणाइ से णिग्गंथे जा य वई पाविया सावज्जा सकिरिया जाव भूओवघाइया तहप्पगारं वई णो उच्चारिजा, जे वइं परिजाणाइ से णिग्गंथे जा य वई अपाविय त्ति तचा भावणा // 1037 // अहावरा चउत्था भावणा, आयाणभंडमत्तणिक्खेवणासमिए से णिग्गथे, जो अणायाणभंडमत्तणिक्खेवणासमिए णिग्गंथे केवली बूया, आयाणभंडमत्तणिक्खेवणाअसमिए से णिग्गंथे पाणाइंभूयाइंजीवाई सत्ताई अभिहणेज वा जाव उद्दवेज वा, तम्हा आयाणभंडमत्तणिक्खेवणासमिए से णिग्गंथे णो Page #118 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 2 अ. 15 105 आयाणभंडमत्तणिक्खेवणाअसमिए त्ति चउत्था भावणा // 1038 // अहावरा पंचमा भावणा, आलोइयपाणभोयणभोई से णिग्गथे, णो अणालोइयपाणभोयणभोई, केवली बूया, अणालोइयपाणभोयणभोई से णिग्गंथे पाणाई वा 4 अभिहणेज्ज वा जाव उद्दवेज वा, तम्हा आलोइयपाणभोयणभोई से णिग्गंथे, णो अणालोइयपाणभोयणभोई त्ति पंचमा भावणा // 1039 // एयावता (पढमे) महव्वए सम्म काएण फासिए पालिए तीरिए किट्टिए अवढ़िए आगाए आराहिए यावि भवइ // 1040 / / पढमे भंते ! महव्वए पाणाइवायाओ वेरमणं / / 1041 // अहावरं दोचं महव्वयं पञ्चक्खामि सव्वं मुसावायं वइद्दोस से कोहा वा, लोहा वा, भया वा, हासा वा, णेव सयं मुसं भासेजा, णेवण्णेणं मुसं भासावेज्जा, अण्णं पि मुसं भासंतं ण समगुजाणेजा, तिविहं तिविहेणं मणसा वयसा कायसा तस्स भंते ! पडिकमामि जाव वोसिरामि // 1042 // तस्सिमाओ पंचभावणाओ भवंति // 1043 / तत्थिमा पढमा भावणा, अणुवीइभासी से णिग्गंथे णो अणणुवीईभासी; केवली बूया अणणुवीइभासी से णिग्गंथे समावजिज्ज मोसं वयंणाए, अणुवीइभासी से णिग्गंथे, णो अणणुवीइभासि त्ति पढमा भावणा // 1044|| अहावरा दोच्चा भावणा, कोहं परिजाणाइ से णिग्गंथे, णो कोहणे सिया, केवली बूया, कोहपत्ते कोहत्तं समावएज्जा मोसं वयणाए, कोहं परिजाणाइ से णिग्गंथे, णय कोहणे सियत्ति दोचा भावणा // 1045 // अहावरा तच्चा भावणा, लोभं परिजाणाइ से णिग्गंथे, णो य लोभणए सिया, केवली बूया; लोभपत्ते लोभी समावए जा मोसं वयणाए, लोभं परिजाणइ से णिग्गथे, णो य लोभणए सियत्ति तच्चा भावणा // 1046 // अंहावरा च उत्था भावणा, भयं परिजाणाइ से णिग्गंथे णो भयभीरुए सिया; केवली बूया, भयप्पत्ते भीरू समावएज्जा मोसं वयणाए, भयं परिजाणइ से णिग्गंथे, णो भयभीरुए सिय त्ति चउत्था भावणा // 1047 // अहावरा पंचमा भावणा, हासं परिजाणइ से णिग्गंथे, णो य हासणए सिया, केवली बूया, हासप्पत्ते हासी समावएज्जा मोसं वयणाए, हासं परिजाणइ से णिग्गंथे, णो य हासणए सिय त्ति पंचमा भावणा // 1048 // एयावता दोचे महत्वए सम्मं काएण फासिए जाव आणाए आराहिए या वि भवइ। दोचे भंते ! महव्वए० // 1049 // अहावरं तचं भंते ! महव्वयं पञ्चक्खामि सव्वं अदिण्णादाणं; से गामे वा, णगरे वा, Page #119 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 106 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि अरण्णे वा, अप्पं वा, बहुं वा, अणुं वा, थूलं वा, चित्तमंतं वा, अचित्तमंतं वा, णेव सयं अदिण्णं गिण्हिज्जा, णेवण्णेहिं अदिण्णं गेण्हावेजा. अण्णंपि * अदिण्णं गिण्हतं ण समणुजाणिज्जा जावज्जीवाए जाव वोसिरामिः // 1050 // तस्सिमाओ पंच भावणाओ भवंति तत्थिमा पढमा भावणा, अणुवीइ मिउग्गहं जाई से णिग्गंथे णो अणणुवीई मिउग्गहं नाई से णिग्गंथे केवली बूया अणणुवीई मिउग्गहं जाई से णिग्गंथे अदिण्णं गिण्हेजा अणुवीइमिउग्गहं जाई से णिग्गंथे णो अणणुवीइमिउग्गहं जाई त्ति पढमा भावणा // 1051 // अहावरा दोच्चा भावणा, अणुण्णवियपाणभोयणभोई से णिग्गंथे णो अणगुण्णवियपाणभोयणभोई, केवली बूया, अणणुण्णवियपाणझोयणभोई से णिग्गंथे, अदिण्णं भुजेज्जा, तम्हा अणुण्णवियपाणभोयणभोई से णिगंथे णो अणणुण्णवियपाणभोयणभोई त्ति दोच्चा भावणा // 1052 // अहा. बरा तच्चा भावणा, णिग्गंथे णं उग्गहंसि उग्गहियसि एतावताव उग्गहणसीलए सिया, केवली बूया, णिग्गंथे णं उग्गहंसि अणुग्गहियंसि एतावताव अणुग्गहणसीले अदिण्णं उगिण्हेजा णिग्गंथेणं उग्गहंसि उग्गहियंसि एतावताव उग्गहणसीलए सियत्ति तच्चा भावणा // 1053 // अहावरा चउत्था भावणा, णिग्गथेणं उग्गहंसि उग्गहियंसि अभिक्खणं.२ उग्गहणसीलए सिया, केवली बूया, णिग्गंथेणं उग्गहंसि उग्गहियसि अभिक्खणं 2 अणोग्गहणसीले अदिण्णं गिण्हेजा णिग्गंथे उग्गहंसि उग्गहियंसि अभिक्खणं 2 उग्गहणसीलए सिय त्ति चउत्था भावणा // 1054 // अहावरा पंचमा भावणा, अणुवीइमिउग्गहजाई से णिग्गंथे साहम्मिएसु णो अणणुवीइमिउग्गहजाई, केवली बूया, अणणुवीइमिउग्गहजाई से णिग्गंथे साहम्मिएसु अदिण्णं उगिण्हेज्जा, अणुवीइमिउग्गहजाई से णिग्गंथे साहम्मिएसु णो अणणुवीइमिउग्गहजाई इइ पंचमा भावणा / / 1055 // एतावताव तच्चे महत्वए सम्मं जाव आणाए आराहिए यावि भवइ, तचं भंते ! महव्वयं // 1056 / / अहावरं चउत्थं महव्वयं पञ्चक्खामि सव्वं मेहुणं, से दिव्वं वा, माणुसं वा, तिरिक्खजोणियं वा, णेव सयं मेहुणं गच्छेज्जा तं चेव अदिण्णादाणवत्तव्वया भाणियव्वा, जाव वोसिरामि // 1057 // तस्सिमाओ पंचं भावणाओ भवंति // 1058 // तत्थिमा पढमा भावणा, णो णिग्गंथे अभिक्खणं 2 इत्थीम कहं कहइत्तए सिया, केवली बूया, णिग्गंथेणं अभिक्खणं 2 इत्थीणं कहं कहेमाणे Page #120 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 2 अ. 15 107 संतिभेवा संतिविभंगा संतिकेवलीपण्णत्ताओ धम्माओ भंसेज्जा, णो णिग्गंथेणं अभिक्खणं 2 इत्थीणं कहं कहित्तए सिय त्ति पढमा भावणा / / 1059 / / अहावरा दोचा भावणा, णो णिग्गंथे इत्थीणं मणोहराई 2 इंदियाई आलोएत्तए णिज्झाइत्तए सिया, केवली बूया, णिग्गंथे णं इत्थीणं मणोहराई 2 इंदियाई आलोएमाणे णिज्झाएमाणे संतिभेया संतिविभंगा जाव धम्माओ भंसेज्जा, पो णिग्गंथे इत्थीणं मणोहराइं 2 इंदियाइं आलोएत्तए णिज्झाइत्तए सिय त्ति दोचा भावणा // 1060 // अहावरा तचा भावणा, णो णिग्गंथे इत्थीणं पुव्वरयाई पुवकीलियाई सुमरित्तए सिया, केवली बूया, णिग्गंथे णं इत्थीणं पुव्वरयाई पुव्वकीलियाई सरमाणे संतिभेया जाव भंसेज्जा, णो णिग्गंथे इत्थीणं पुव्वरयाई पुव्वकीलियाई सरित्तए सिय त्ति तच्चा भावणा / / 1061 // अहावरा चउत्था भावणा, णाइमत्तपाणभोयणभोई से जिग्गंथे णो पणीयरसभोयणभोई, केवली बूया, अइमतपाणभोयणभोई से णिग्गंथे पणीयरसभोयणभोई य संतिभेया जाव भंसेज्जा, णोऽतिमत्तपाणभोयणभोई से णिग्गंथे, णो पणीयरसभोयणभोई त्ति चउत्था भावणा, // 1062 // अहावरा पंचमा भावणा, णो णिग्गंथे इत्थीपसुपंडगसंसत्ताई सयणासणाई सेवित्तए सिया, केवली बूया, णिग्गंथेणं इत्थीपसुपंडगसंसत्ताई सयणासणाई सेवेमाणे संतिभेया जाव भंसेज्जा, णो णिग्गंथे इत्थीपसुपंडगसंसत्ताई सयणासणाई से वित्तए सियत्ति पंचमा भावणा / / 1063 // एतावताव चउत्थै महव्वए सम्म कारण फासिए जाव आराहिए या वि भवइ, चउत्थं भंते ! महव्वयं० // 1064 / / अहावरं पंचमं भंते ! महव्वयं सव्वं परिग्गरं पञ्चक्खाभि, से अप्पं वा, बहुं वा, अणुं वा, थूलं वा, चित्तमंतं वा, अचित्तमंतं वा, णेव सयं परिग्गह गिण्हेज्जा, णेवण्णेहिं परिग्गहं गिहाविजा, अण्णंपि परिग्गहं गिण्हतं ण समणुजाणिज्जा, जाव वोसिरामि // 1065 // तस्सिमाओ पंच भावणाओ भवति / तत्थिमा पढमा भावणा, सोयओणं जीवे मणुण्णामणुण्णाइं सहाई सुणेइ, मणुण्णामणुण्णेहिं सद्देहिं णो सज्जेज्जा, णो रज्जेज्जा, णो गिज्झेज्जा, णो मुज्झेज्जा, णो अज्झोववजेज्जा, णो विणिग्यायमावजेजा, केवली बूया, णिग्गथेणं मणुण्णामणुण्णेहिं सद्देहिं सज्जमाणे जाव विणिग्घायमावज्जमाणे संतिभेया संतिविभंगा संतिकेवलिपण्णत्ताओ धम्माओ भंसेज्जा // 1066 / / ण सक्का ण सोउं सहा, सोयविसयमागया; रागदोसा उ जे Page #121 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 108 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि तत्थ ते मिक्खू परिवज्जए // 1067 // सोयओ जीवो मणुण्णामणुण्णाई सद्दाई सुणेइ त्ति प. भा. // 1068 // अहावरा दोचा भावणा, चक्खूओ जीवो मणुण्णामणुण्णाई रूवाइं पासइ, मणुण्णामणुण्णेहिं रूवेहिं णो सज्जेजा, णो रज्जेज्जा, जाव णो विणिग्घायमावज्जेज्जा, केवली बूया, मणुण्णामणुण्णेहिं रूवेहिं सज्जमाणे रज्जमाणे जाव विणिग्यायमावजमाणे संतिभेया संतिविभंगा जाव भंसेज्जा / / 1069 ॥णो सक्का रूवमदट्टुं चक्खुविसयमागयं, रागदोसा उ जे तत्थ, ते भिक्खू परिवजए // 1070 // चक्खूओ जीवो मगुण्णामणुण्णाई रूवाइं पासइ त्ति दो. भा. // 1071 / / अहावरा तच्चा भावणा, घाणओ जीवो मणुणामणुण्णाई गंधाई अग्घायइ, मणुण्णामणुण्णेहिं गंधेहिं णो सजेजा णो रज्जेजा, जाव णो विणिग्घायमावज्जेज्जा, केवली बूया, मणुण्णामणुण्णेहिं गंधेहिं सज्जमाणे रज्जमाणे जाव विणिग्घायमावज्जमाणे संतिभेया संतिविभंगा जाव भंसेज्जा / / 1072 / / णो सक्का गंधमग्घाउं णासाविसयमागय, रागदोसा उ जे तत्थ ते भिक्खू परिवज्जए // 1073 // घाणओ जीवो मणुण्णामणुण्णाइं गंघाई अग्घायइ त्ति त. भा. // 1074 / / अहावरा चउत्था भावणा, जिब्भाओ जीवो मणुण्णामणुण्णाई रसाइं अस्साएइ, मणुण्णामणुण्णेहि रसेहिं णो सज्जेज्जा णो रज्जेज्जा, जाव णो विणिग्यायमावज्जेज्जा, केवली बूया, णिग्गथे णं मणुण्णामणुण्णेहिं रसेहिं सज्जमाणे जाव विणिग्घायमावज्जमाणे संतिभेया जाव भंसेज्जा // 1075 // णो सक्का रसमस्साउं जीहाविसयमागयं; रागदोसा उ जे तत्थ, ते भिक्खू परिवज्जए / 1076 // जीहाओ.जीवो मणुण्णामणुण्णाई रसाइं अस्साएइ त्ति च. भा. // 1077 // अहाबरा पंचमा भावणा, फासओ जीवो मणुण्णामणुण्णाई फासाइं पडिसंवेएइ, मणुण्णामणुण्णेहिं फासेहिं णो रज्जेज्जा, णो सन्नज्जा, णो गिज्झेज्जा, णो मुज्झेज्जा, णो अज्झोववजेज्जा, णो विणिग्घायमावज्जज्जा, केवली बूया, णिग्गंथे णं मणुण्णामणुण्णेहिं फासेहिं सज्जमाणे जाव विणिग्घायमावज्जमाणे, संतिभेया संतिविभंगा, संतिकेवलिपण्णत्ताओ धम्माओ भंसेज्जा // 1078 // णो सक्का फासमवेएउं फासविसयमागयं; रागदोसा उ जे तत्थ, ते भिक्खू परिवज्जए // 1079 // फासओ जीवा मणुण्णामणुण्णाई फासाई पडिसंवेएइ त्ति पं. भा. // 1080 // एतावताव पंचमे महव्वए सम्म काएण फासिएपालिएतीरिएकिट्टिए अहिट्ठिए आणाए आराहिए यावि भवइ, पंचमं Page #122 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयारो सु. 2 अ. 16 109 भंते ! महत्वयं // 1081 // इच्चेएहिं पंचमहव्वएहिं पणवीसाहिं य भावणाहिं संपण्णे अणगारे अहासुयं अहाकप्पं अहामग्गं सम्मं काएण फासित्ता, पालित्ता, तीरित्ता, किट्टित्ता, आणाए आराहित्ता यावि भवइ // 1082 // पणरहम अज्झयणं समत्तं // // विमुत्ती णाम सोलसमं अज्झयणं / अणिचमावासमुवेंति जंतुणो, पलोयए सुच्चमिदं अणुत्तरं; विऊसिरे विष्णु अगारबंधणं, अभीरु आरंभपरिग्गहं चए / 1083 // तहागय भिक्खुमणंतसंजयं, अणेलिसं विष्णु चरंतमेसणं; तुदंति वायाहिं अभिवं णरा, सरेहिं संगामगयं व कुंजरं // 1084 // तहप्पगारेहिं जणेहिं हीलिए, ससद्दफासा फरुसा उईरिया; तितिक्खए णाणि अदुट्ठचेयसा, गिरिव्व वाएण ण संपवेयए // 1085 // उवेहमाणे कुसलेहिं संवसे, अकंतदुक्खी तसथावरा दुही; अलूसए सव्वसहे महामुणी, तहा हि से सुस्समणे समाहिए // 1086 // विऊ णए धम्मपयं अणुत्तरं, विणीयतण्हस्स मुणिस्स ज्झायओ; समाहियस्सऽग्गिसिहा व तेयसा, तवो य पण्णा य जसो य वड्इ // 1087 // दिसोदिसिंऽणंतजिणेण ताइणा, महव्वया खेमपया पवेइया; महागुरू णिस्सयरा उईरिया, तमेव तेऊत्तिदिसं पगासया // 1088 // सिएहिं भिक्खू असिए परिव्वए, असज्जमित्थीसु चएज्ज पूयणं; अणिस्सिओ लोगमिणं तहा परं, णमिज्जइ कामगुणेहिं पंडिए // 1089 // तहा विमुक्कस्स परिणचारिणो धिईमओ दुक्खखमस्स भिक्खुणो; विसुज्झई जंसि मलं पुरेकडं, समीरियं रुप्पमलं व जोइणा // 1090 / / से हु प्परिण्णा समयंमि वट्टइ, णिराससे उवरय मेहुणा चरे; भुयंगमे जुण्णतयं जहा जहे, विमुच्चइ से दुहसेज माहणे // 1091 // जमाहु ओहं सलिलं अपारय, महासमुहं व भुयाहिं दुत्तरं; अहे य णं परिजाणाहि पंडिए, से हु मुणी अंतकडे त्ति वुच्चइ // 1092 // जहा हि बद्धं इह माणवेहिं, जहा य तेसिं तु विमोक्ख आहिओ; अहा तहा बंधविमोक्ख जे विऊ, से हु मुणी अंतकडे त्ति वुच्चइ // 1093 // इमंमि लोए परए य दोसुवि, ण विज्जइ बंधणं जस्स किंचिवि; से हु णिरालंबणमप्पइट्ठिए, कलंकली भावपहं विमुच्चइ त्ति बेमि // 1094 / / सोलसमं विमुत्तिज्झयणं समत्तं / / सदाचार णाम बीओ सुयक्खंधो संपुण्णो // * इइ आयारो* Page #123 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सूयगडो पढमो सुयक्खंधो समयज्झयणे पढमे * बुज्झिज्ज त्ति तिउट्टिज्जा बन्धणं परिजाणिया / किमाह वधंणं वीरो किं वा जाणं तिउठ्इ // 1 // चित्तमंतमचित्तं वा परिगिज्झ किसामवि / अण्णं वा अणुजाणाइ एवं दुक्खा ण मुच्चई // 2 // सयं तिवायए पाणे अदुवाऽण्णेहि घायए / हणंतं वाऽणुजाणाइ वेरै वड्डेइ अप्पणो // 3 // जस्सिं कुले समुप्पण्णे जेहिं वा संवसे ण रे / ममाइ लुप्पई बाले अण्णे अण्णेहिं मुच्छिए // 4 // वित्तं सोयरिया चेव, सव्वमेयं ण ताणइ / संखाए जीवियं चेव, कम्मुणा उ तिउट्टइ / / 5 // एए गंथे विउक्कम्म एगे समणमाहणा / अयाणंता विउस्सित्ता सत्ता कामेहि माणवा // 6 // संति पंच महब्भूया इहमेगेसिमाहिया / पुढवी आउ तेऊ वा वाउ आगासपंचमा // 7 // एए पंच महब्भूया तेब्भो एगो त्ति आहिया / अह तेसिं विणासेणं विणासो होइ देहिणो // 8 // जहा य पुढवीथूभे एगे णाणाहि दीसइ / एवं भो ! कसिणे लोए विण्णू णाणाहि दीसइ // 9 // एवमेगे त्ति जम्पंति मंदा आरम्भणिस्सिया / एगे किच्चा सयं पावं तिव्वं दुक्खं णियच्छइ // 10 // पत्तेयं कसिणे आया जे बाला जे य पण्डिया / संति पिच्चा ण ते संति णत्थि सत्तोववाइया // 12 // णत्थि पुण्णे व पावे वा णत्थि लोए इओवरे / सरीरस्स विणासेणं विणासो होइ देहिणो॥१२।। कुव्वं च करायं चेव सव्वं कुव्वं ण विज्जई। एवं अकारओ अप्पा एवं ते उ पगन्भिया // 13 // जे ते उ वाइणो एवं लोए तेसिं कओ सिया / तमाओ ते तमं जंति मंदा आरम्भणिस्सिया // 14 // संति पंच महब्भूया इहमेगेसि आहिया / आयट्ठा पुणो आह आया लोगे य सासए // 15 / / दुहओ ण विणस्संति णो य उप्पज्जए असं / सव्वे वि सव्वहा भावा णियत्तीभावमागया // 16 // पंच खंधे वयंतेगे बाला उ खणजोइणो / अण्णो अणण्णो णेवाहु हेउयं च अहेउयं // 17 // पुढवी आउ तेऊ य तहा वाऊ य एगओ। चत्तारि धाउणो रूवं एंवमाहंसु आवरे // 18 // अगारमावसंता वि अरण्णा वा वि पव्वया। इमं दरिसणमावण्णा सव्वदुक्खा Page #124 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सूयगडो सु. 1 अ. 1 उ. 2 111 विमुच्चई // 19 // ते णावि संधिं णच्चा णं ण ते धम्मविऊ जणा। जे ते उ वाइणो एवं ण ते ओहंतराऽऽहिया // 20 // ते णावि संधिं णचा णं, ण ते धम्म विऊ जणा। जे ते उ वाइणो एवं ण ते संसारपारगा // 21 // ते णावि संधिं णच्या णं, ण ते धम्मविऊ जणा / जे ते उ वाइणो एवं ण ते गम्भस्स पारगा // 22 // ते णावि संधि णचा णं, ण ते धम्मविऊ जणा / जे ते उ वाइणो एवं ण ते जम्मस्स पारगा // 23 // ते णावि संधिं णचा णं, ण ते धम्मविऊ अणा / जे ते उ वाइणो एवं ण ते दुक्खस्स पारगा // 24 // ते णावि संधिं णच्चा णं, ण ते धम्मविऊ जणा / जे ते उ वाइणो एवं ण ते मारस्स पारगा // 25 // णाणाविहाई दुक्खाई अणुहोति पुणो पुणो। संसारचक्कवालम्मि मच्चुवाहिजराकुले // 26 // उच्चावयाणि गच्छंता गन्भमेस्संति णंतसो / णायपुत्ते महावीरे एवमाह जिणुत्तमे // 27 // त्ति बेमि / ॥बीओ उद्देसो॥ आघायं पुण एगेसिं उववण्णा पुढो जिया / वेदयति सुहं दुक्खं अदुवा लुप्पंति ठाणओ ॥१॥ण.त सयं कडं दुक्खं कओ अण्णकडं च णं / सुहं वा जइ वा दुक्खं सेहियं वा असेहियं // 2 // सयं कडं ण अण्णेहिं वेदयंति पुढो जिया / संगइयं तं तहा तेसिं इहमेगेसिमाहियं // 3 // एवमेयाणि जम्पंता बाला पण्डियमाणिणो / णिययाणिययं संतं अयाणंता अबुद्धिया // 4 // एवमेगे उ पासत्था ते भुजो विप्पग्रब्भिया / एवं उवट्ठिया संता ण ते दुक्खविमोक्खया // 5 // जविणो मिगा जहा संता परियाणेण वज्जिया / असंकियाई संकंति संकियाइं असंकिणो // 6 // परियाणियाणि संकंता पासियाणि असंकिणो। अण्णाणभयसंविग्गा संपलिंति तहिं तहिं॥७॥ अह तं पवेज्ज वज्झं अहे वज्झस्स वा वए / मुच्चेज्ज पयपासाओ तं तु मंदे ण देहई // 8 // अहियप्पाऽहियपण्णाणे विसमंतेणुवागए / स बद्धे पयमासेणं तत्थ घायं णियच्छइ // 9 // एवं तु समणा एगे मिच्छदिट्ठी अणारिया / असंकियाई संकंति संकियाइं असंकिणो // 10 // धम्मपण्णवणा जा सा तं तु संकंति मूढगा। आरम्भाई ण संकंति अवियत्ता अकोविया // 11 // सव्वप्पगं विउक्कस्सं सव्वं मं विहूणिया / अप्पत्तियं अकम्मंसे एयमढे मिगे चुए // 12 // जे एयं णाभिजाणंति मिच्छदिट्ठी अणारिया। मिगा वा पासबद्धा ते घायमेस्संतिणंतसो // 13 // माहणा समणा एगे सव्वे गाणं संयं वए। सबलोगे वि जे पाणा, ण ते जाणंति किंचण॥१४॥ Page #125 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 112 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि मिलक्खू अमिलक्खुस्स जहा वुत्ताणुभासए ण हेउं से वियाणाइ भासिय तऽणुभासए // 15 // एवमण्णाणिया णाणं वयंता वि सयं सयं / णिच्छयत्यं ण जाणंति मिलक्खु व्व अबोहिया // 16 // अण्णाणियाणं वीमंसा अण्णाणे ण णियच्छइ / अप्पणो य परं णालं कुतो अण्णाणुसासिउं // 17 // वणे मूढे जहा जंतू मूढे णेयाणुगामिए / दो वि एए अकोविया तिव्वं सोयं णियई // 18 // अंधो अंधं पहं ऐतो दूरमद्धाणुगच्छइ / आवज्जे उप्पहं जंतू अदुवा पंथाणुगामिए // 19 // एवमेगे णियागट्ठी धम्ममाराहगा वयं / अदुवा अहम्ममावज्जे ण ते सव्वज्जुयं वए / // 20 // एवमेगे वियकाहिं णो अण्णं पज्जुवासिया। अप्पणो य वियकाहिं अयमंजू हि दुम्मई // 21 // एवं तक्काइ साहेंता धम्माधम्मे अकोविया। दुक्खं ते णाइउट्टेति सउणी पंजरं जहा // 22 // सयं सयं पसंसंता गरहंता परं वयं / जे उ तत्थ विउस्संति संसारं ते विउस्सिया / / 23 / / अहावरं पुरक्खायं किरियावाइदरिसणं / कम्मचिंतापणहाणं संसारस्स पवडणं // 24 // जाणं काएणऽणाउट्टी अबुहो जं च हिंसइ / पुट्ठो संवेयइ परं अवियत्तं खु सावजं // 25 / / संतिमे तउ आयाणा जेहिं कीरइ पावगं / अभिकम्मा य पेसा य मणसा अणुजाणिया // 26 ॥,एए उ तउ आयाणा जेहिं कीरइ पावगं / एवं भावविसोहीए णिव्वाणमभिगच्छई / / 27 // पुत्तं पिया समा. रब्भ आहारेज असंजए / भुजमाणो य मेहावी कम्मुणा णोवलिप्पइ / / 28 // मणसा जे पउस्संति चित्तं तेसिं ण विज्जइ / अणवज्जमतहं तेसिं ण ते संवुडचारिणो // 29 // इच्चेयाहि य दिट्ठीहिं सायागारवणिस्सिया / सरणं ति मण्णमाणा सेवंती पावगं जणा // 30 // जहा अस्साविणिं णावं जाइअंधो दुरूहिया / इच्छई पारमागंतु अंतरा य विसीयई / / 31 // एवं तु समणा एगे मिच्छदिट्ठी अणारिया / संसारपारकंखी ते, संसारं अणुपरियट्टति / / 32 // त्ति बेमि / / // तइओ उद्देसो॥ जं किंचि उ पूइकडं सड्डीमागंतुमीहियं / सहस्संतरियं भुंजे दुपक्वं चेव सेवइ // 1 // तमेव अवियाणंता विसमंसिअकोविया। मच्छा वेसालिया चेव उदगस्सऽभियागमे // 2 // उदगस्स पहावेणं सुकंसिग्धं तमेति उ / ढंकेहि य कंकेहि य आमिसत्थेहिं ते दुही // 3 // एवं तु समणा एगे वट्टमाणसुहेसिणो। मच्छा वेसा. लिया चेव घायमेस्संति गंतसो // 4 // इणमण्णं तु अण्णाणं इहोंगेसिमाहियं / Page #126 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सूयगडो सु. 1 अ. 1 उ. 4 113 देवउत्ते अयं लोए बम्भउत्ते इ आवरे॥५॥ ईसरेण कडे लोए पहाणाइ तहारे। जीवाजीवसमाउत्त सुहदुक्खसमण्णिए // 6 // सयंभुणा कडे लोए इइ वुत्तं महेसिणा.। मारेण संथुया माया तेण लोए असासए // 7 // माहणा समणा एगे आह अण्डकडे जए / असो तत्तमकासी य अयाणंता मुसं वए // 8 // सए हिं परियाए हिं लोगं बूया कडे त्ति य / तत्तं ते ण वियाणंति ण विणासी कयाइ वि // 9 // अमगुण्णसमुप्पायं दुक्खमेव वियाणिया / समुप्पायमयाणंता कहं णायंति संवरं ? // 10 // सुद्धे अपावए आया इहमेगेसिमाहियं / पुणो किड्डापदोसेणं सो तत्थ अवरज्झई // 11 // इह संवुडे मुणी जाए पच्छा होइ अपावए / वियडम्बु जहा भुजो णीरयं सरयं तहा // 12 // एयाणुवीइ मेहावी बम्भचेरेण ते वसे / पुढो पावाउया सवे अक्खायारो सयं सयं / / 13 / / सए सए उवट्ठाणे सिद्धिमेव ण अण्णहा / अहो इहेव वसवत्ती सव्वकामसमप्पिए // 14 // सिद्धा य ते अरोगा य इहमेगेसिमाहियं / सिद्धिमेव पुरो काउं सासए गढिया णरा // 15 // असंवुडा अणाईयं भमिहिंति पुणो पुणो / कप्पकालमुवनंति ठाणा आसुरकिब्बिसिया // 16 // त्ति बेमि // // पढमं अज्झयणं चउत्थो उद्देसो // -- एए जिया भो ! ण सरणं बाला पण्डियमाणिणो। हिच्चा णं पुव्वसंजोयं सिया किच्चोवएसगा // 1 // तं च भिक्खू परिण्णाय वियं तेसु ण मुच्छए / अणुक्कस्से अप्पलीणे मज्झेण मुणि जावए // 2 // सपरिग्गहा य सारम्भा इहमेगेसिमाहियं अपरिग्गहा अणारम्भा भिक्खू ताणं परिव्वए // 3 // कडेसु घासमेसेज्जा विऊ दत्तसणं चरे / अगिद्धो विप्पमुक्को य ओमाणं परिवज्जए // 4 // लोगवायं णिसामेजा इहमेगेसिमाहियं / विवरीयपण्णसंभूयं अण्णउत्तं तयाणुवं / / 5 / / अणंते णिइए लोए सासए ण विणस्सई / अंतवं णिइए लोए इइ धीरोऽतिपासई // 6 // अपरिमाणं वियाणाइ इहमेगेसिमाहियं / सव्वत्थ सपरिमाणं इइ धीरोऽतिपासई // 7 // जे केइ तसा पाणा चिट्ठति अदु थावरा / परियाए अत्थि से अंजू जेण ते तसथावरा // 8 // उरालं जगओ जोग विवज्जासं पलेंति य / सव्वे अकंतदुक्खा य अओ सव्वे अहिंसिया // 9 // एयं खु णाणिणो सारं जंण हिंसइ किंचणं / अहिंसासमयं चेव एयावंतं वियाणिया // 10 // वुसिए य विगयगेही आयाणं Page #127 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 114 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि सम्म रक्खए / चरियासणसेज्जासु भत्तपाणे य अंतसो // 11 // एए हिं तिहिं ठाणेहिं संजए सययं मुणी / उक्कसं जलणं णूमं मज्झत्थं च विगिंचए // 12 // समिए उ सया साहू पंचसंवरसंवुडे / सिए हिं असिए भिक्खू आमोक्खाए परिव्वएज्जासि // 13 / / त्ति बेमि / वेयालिए णाम बीअं अज्झयणं पढमो उद्देसो . संबुज्झह किं ण बुज्झह संबोही खलु पेच दुल्लहा। णो हावणमंति राइयो णो सुलभं पुणरावि जीवियं / / 1 / / डहरा बुड्ढा य पासह गब्भत्था वि चयंति माणवा / सेणे जह वयं हरे एवं आउखयम्मि तुट्टई // 2 // मायाहि पियाहि लुप्पई णो सुलहा सुगई य पेच्चओ। एयाइ भयाइ पेहिया आरम्भा विरमेज सुव्वए // 3 // जमिणं जगई पुढो जगा कम्मेहिं लुप्पंति पाणिणो। सयमेव कडेहि गाहई जो तस्स मुच्चेजऽपुट्ठयं // 4 / / देवा गंधव्वरक्त्रसा असुरा भूमिचरा सरी सिवा / राया गरसेट्ठिमाहणा ठाणा ते वि चयंति दुक्खिया // 5 // कामेहि य संथवेहि गिद्धा कम्मसहा कालेण जंतवो / ताले जह बंधणच्चुए एवं आउखयम्मि तुट्टई // 6 // जे यावि बहुस्सुए सिया धम्मिय माहण भिक्खुए सिया / अमिणूमकडेहि मुच्छिए तिव्वं ते कम्मेहिं किच्चई // 7 // अह पास विवेगमुट्ठिए अविइण्णे इह भासई धुवं / णाहिसि आरं कओ परं वेहासे कम्मेहिं किच्चई / / 8 // जइ वि य णगिणे किसे चरे जइ वि य भुजिय मासमंतसो / जे इह मायाइ मिज्जई आगता गब्भाय गंतसो // 9 // पुरिसोरम पावकम्मुणा पलियंतं मणुयाण जीवियं / सण्णा इह काममुच्छिया मोहं जंति णरा असंवुडा // 10 // जययं विहराहि जोगवं अणुपाणा पंथा दुरुत्तरा / अणुसासणमेव पक्कमे वीरेहिं सम्मं पवेइयं / / 11 // विरया वीरा समुट्ठिया कोहकायरियाइपीसणा / पाणे ण हणंति सव्वसो पावाओ विरयाऽभिणिवुडा / / 12 / / ण वि ता अहमेव लुप्पए लुप्पंती लोगंसि पाणिणो। एवं सहि एहिं पासए अणि हे से पुढेऽहियासए // 13 / / धुणिया कुलियं व लेववं किसए देहमणासणाइहिं / अविहिंसामेव पव्वए अणुधम्मो मुणिणा पवेइओ // 14 / / सउणी जह पंसुगुण्डिया विहुणिय धंसयई सियं रयं / एवं दविओवहाणवं कम्मं खवइ तवस्सि माहणे // 15 / / उठ्ठियमणगारमेसणं समणं ठाणठियं तवस्सिणं / डहरा बुड्डा य पत्थए अवि सुस्से ण य तं लभेज णो // 16 // जइ कालुणियाणि कासिया जइ Page #128 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सूयगडो सु. 1 अ. 2 उ. 2 115 रोयंति य पुत्तकारणा / दवियं भिक्खुं समुट्ठियं णो लभंति ण संठवित्तए // 17 // जइ वि य कामेहि लाविया जइ णेज्जाहि ण बंधिउं घरं / जइ जीविय णावकंखए णो लब्मति ण संठवित्तए // 18 // सेहंति य णं ममाइणो माय पिया य सुया य भारिया / पोसाहि ण पासओ तुमं लोग परं पि जहासि पोसणो // 19 // अण्णे अण्णेहि मुच्छिया मोहं जंति णरा असंवुडा / विसमं विसमेहि गाहिया ते पावेहि पुणो पगब्भिया // 20 // तम्हा दवि इक्ख पंडिए पावाओ विरएऽभिणिबुडे / पणए वीरं महाविहिं सिद्धिपहं णेयाउयं धुवं // 21 // वेयालियमग्गमागओ मणवयसा कारण णिव्वुडो / चिच्चा वित्तं च णायओ आरम्भं च सुसंवुडे चरे // 22 // त्ति बेमि / ॥बीअं अज्झयणं बीओ उद्देसो॥ तयसं व जहाइ से रयं इइ संखाय मुणी ण मज्जई / गोयण्णतरेण माहणे अहसे यकरी अण्णेसि इंखिणी / / 1 // जो परिभवई परं जणं संसारे परिवत्तई महं। अदु इंखिणिया उ पाविया इइ संखाय मुणी ण मजई // 2 // जे यावि अणायगे सिया जे वि य पेसगपेसए सिया / जे मोणपयं उवहिए णो लज्जे समयं सया चरे // 3 / / सम अण्णयरम्म संजमे संसुद्धे समणे परिव्वए / जे आवकहा समाहिए दविए कालमकासि पंडिए // 4 // दूरं अणुपस्सिया मुणी तीयं धम्ममणागयं तहा। पुढे फरुसेहिं माहणे अवि हूणू समयम्मि रीयइ / / 5 // पण्णसमत्ते सया जए समताधम्ममुदाह रे मुणी / सुहुमे उ सया अलूसए णो कुज्झे णो माणि माहणे // 6 // बहुजणणमणम्मि संवुडो सव्वढेहि गरे अणिस्सिए / हरए व सया अणाविले धम्मं पादुरकासि कासवं // 7 // बहवे पाणा पुढो सिया पत्तेयं समयं समीहिया / जे मोणपयं उवढिए विरइं तत्थ अकासि पंडिए // 8 // धम्मस्स य पारए मुणी आरम्भस्स य अंतए ठिए / सोयति य णं ममाइणो णो लब्भति णिय परिग्गहं // 9 // इहलोगदुहावहं विऊ परलोगे य दुहं दुहावहं / विद्धंसणधम्ममेव तं इइ विजं को गारमावसे // 10 // महयं पलिगोव जाणिया जा वि य वंदणपूयणा इहं / सुहुमे सल्ले दुरुद्धरे विउमंतापयहिज्ज संथवं // 11 // एगे चर ठाणमासणे सयणे एग समाहिए सिया / भिक्खू उवहाणवीरिए वइगुत्ते अज्झत्तसंवुडो // 12 // णो पीहे ण यावपंगुणे दारं सुण्णघरस्स संजए। पुढे ण उदाहरे Page #129 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 116 अंग-पविटु सुत्ताणि वयं ण समुच्छे णो संथरे तणं / / 13 / / जत्थत्थमिए अणाउले समविसमाई मुणीऽहियासए / चरगा अदु वा वि भेरवा अदु वा तत्थ सरीसिवा सियां / / 14 / / तिरिया मणुया य दिव्यगा उवसग्गा तिविहा हियासिया / लोमादीयं ण हारिसे सुण्णागारगओ महामुणी // 15 / / णो अभिकंखेज जीवियं णो वि य पूयणपत्थए सिया / अब्भत्थमुवेंति भेरवा सुण्णागारगयस्स भिक्खुणो // 16 // उवणीयतरस्स ताइणो भयमाणस्स विविक्कमासणं / सामाइयमाहु तस्स जं जो अप्पाण भए ण दंसए // 17 // उसिणोदगतत्तभोइणो धम्मठियस्स मुणिस्स हीमतो / संसग्गि असाहु राइहिं असमाही उ तहागयस्स वि / / 18 // अहिगरणकडस्स भिक्खुणो वयमाणस्स पसज्झ दारुणं / अढे परिहायई बहू अहिगरणं ण करेज पण्डिए // 19 // सीओदग पडि दुगुछिणो अपडिण्णस्स लवावसप्पिणो / सामाझ्य माह .तस्स जं जो गिहिमत्तेऽसणं ण भुजई ॥२०॥णय संखय माहु जीवियं तह वि य बालजणो पगब्भई। बाले पावेहि मिन्जई इइ संखाय मुणी ण मज्जई // 21 // छंदैण पले इमा पया बहुमाया मोहेण पाउडा। वियडेण पलेंति माहणे सीउण्हं वयसा हियासए // 22 // कुजए अपराजिए जहा अक्खेहिं कुसलेहिं दीवयं / कडमेव गहाय णो कलिं णो तीयं णो चेव दावरं // 23 // एवं लोगम्मि ताइणा बुइए जे धम्मे अणुत्तरे / तं गिण्ह हियं ति उत्तमं कडमिव सेसऽवहाय पण्डिए // 24 // उत्तर मणुयाण अहिया गामधम्म इइ मे अणुस्सुयं / जंसी विरया समुट्ठिया कासवस्स अणुधम्मचारिणो // 25 // जे एय चरंति आहियं णाएण महया महेसिणा / ते उट्ठिय ते समुट्ठिया अण्णोणं सारेंति धम्मओ / / 26 / / मा पेह पुरा पणामए अभिकंखे उवहिं धुणित्तए / जे दूमण एहि णो णया ते जाणंति समाहिमाहियं // 27 // णो काहिए होज संजए पासणिए ण य संपसारए / णचा धम्मं अणुत्तरं कयकिरिए ण यावि मामए // 28 // छण्णं च पसंस णो करे ण य उक्कोस पगास माहणे / तेसिं सुविवेगमाहिए पणया जेहि सुजोसियं धुयं / / 29 // अणिहे सहिए सुसंवुडे धम्मट्ठी उवहाणवीरिए / विहरेज समाहिइंदिए अयहियं खु दुहेण लब्भइ // 30 // ण हि णूण पुरा अणुस्सुयं अदु वा तं तह णो समुट्ठियं / मुणिणा सामाइ आहियं णाएणं जगसव्वदंसिणा // 31 // एवं मत्ता महंतरं धम्ममिणं सहिया बहू जणा। गुरुणो छंदाणुवत्तगा विरया तिण्ण महोघमाहियं // 32 // त्ति बेमि / / Page #130 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सूयगडो सु. 1 अ. 2 उ. 3 117 . // बीअं अज्झयणं तइओ उद्देसो // संवुडकम्मस्स भिक्खुणो जं दुक्खं पुढे अबोहिए / तं संजमओऽवचिजई मरणं हेच्च वयंति पण्डिया // 1 // जे विण्णवणाहिऽजोसिया संतिण्णेहि समं वियाहिया। तम्हा उर्दू ति पासहा अदक्खु कामाइं रोगवं / / 2 // अग्गं वणिएहि आहियं धारेन्ती राईणिया इहं / एवं परमा महव्वया अक्खाया उ सराइभोयणा // 3 / / जे इह सायाणुगा जरा अज्झोववष्णा कामेहि मुच्छिया / किवणेण समं पगब्भिया ण वि जाणंति समाहिमाहियं // 4 // वाहेण जहा व विच्छए अबले होइ गवं पचोंइए / से अंतसो अप्पथामए णाइवहे अबले विसीयइ // 5 // एवं कामेसणं विऊ अज सुए पयहेज संथवं / कामी कामे ण कामए लद्धे वा वि अलद्ध कण्हुई / / 6 / / मा पच्छ असाहुया भवे अचेही अणुसास अप्पगं / अहियं च असाहु सोयई से थणई परिदेवई बई // 7 // इह जीवियमेव पासहा तरुणे वा ससयस्स तुट्टई / इत्तरवासे य बुज्झह गिद्ध णरा कामेसु मुच्छिया / / 8 // जे इह आरम्भणिस्सिया आयदण्ड एगंतलूसगा। गंता ते पावलोगयं चिररायं आसुरियं दिसं ||9|| ण य संखयमाहु जीवियं तह वि य बालजणो पगब्भई / / पच्चुप्पण्णेण कारियं को दटुं परलोगमागए // 10 // अदक्खुव दक्खुवाहियं (तं) सद्दहसु अदक्खुदंसणा / हंदि ह सुणिरुद्धदंसणे मोहणिएण कडेण कम्मुणा // 11 ॥दुक्खी मोहे पुणो पुणो णिविंद्रेज सिलोगपूयणं / एवं सहिएऽहिपासए आयतुलं पाणेहि संजए // 12 // गारं पि य आवसे णरे अणुपुव्वं पाणेहि संजए / समया सव्वत्थ सुव्वए देवाणं गच्छे सलोगयं / / 13 / / सोचा भगवाणुसासणं सच्चे तत्थ करेज्जुवक्कमं / सम्वत्थ विणीयमच्छरे उंछं भिक्खु विसुद्धमाहरे // 14 // सव्वं णचा अहिट्ठए धम्मट्ठी उवहाणवीरिए / गुत्ते जुत्ते सया जए आयपरे परमायतढ़िए / / 15 // वित्तं पसवो यणाइओ तं बाले सरणं ति मण्णई / एए मम तेसु वी अहं णो ताणं सरणं ण विजई // 16 / / अब्भागमियम्मि वा दुहे अहवा उक्कमिए भवंतिए एगस्स गई य आगई विदुमंता सरणं ण मण्णई // 17 // सव्वे सयकम्मकप्पिया अवियत्तेण दुहेण पाणिणो। हिण्डंति भयाउला सढा जाइजरामरणेहिऽभिद्रुया // 18 // इणमेव खणं वियाणिया णो सुलभ बोहिं च आहियं / एवं सहिएऽहिपासए. आह जिणे इणमेव सेसगा // 19 // अभविंसु पुरा वि भिक्खुवो आएसा वि Page #131 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 118 अंग-पविट्ट सुत्ताणि भवंति सुव्वया / ए याई गुणाई आहु ते कासवस्स अणुधम्मचारिणो / / 20 / / तिविहेण वि पाण मा हणे आयहिए अणियाण संवुडे / एवं सिद्धा अणंतसो संपइ जे य अणागयावरे / / 21 / / एवं से उदाहु अणुत्तरणाणी अणुत्तरदंसी अणुत्तरणाणदंसणधरे / अरहा णायपुत्ते भगवं वेसालिए वियाहिए // 22 // त्ति बेमि / / उवसग्गपरिष्णा णाम तइयं अज्झयणं पढमो उद्देसो सूरं मण्णइ अप्पाणं जाव जेयं ण पस्सई / जुझंतं दढधम्माणं सिसुपालो व महारहं // 1 // पयाया सूरा रणसीसे संगामम्मि उवहिए / माया पुत्तं ण जाणाइ जेएण परिविच्छए // 2 / / एवं सेहे वि अप्पुढे भिक्खायरियाअकोविए / सूरं मण्णइ अप्पाणं जाव लूहं ण सेवए // 3 // जया हेमंतमासम्मि सीयं फुसइ सव्वगं / तत्थ मंदा विसीयंति रजहीणा व खत्तिया // 4 // पुढे गिम्हाहितावेणं विमणे सुपिवा सिए / तत्थ मंदा विसीयंति मच्छा अप्पोदए जहा / / 5 / / सया दत्तेखणा दुक्खा जायणा दुप्पणोल्लिया / कम्मत्ता दुब्भगा चेव इच्चाहंसु पुढोजणा // 6 // एए सहे अचायंता गामेसु णगरेसु वा / लत्थ मंदा विसीयंति संगामम्मि व भीरुया / / 7 / / अप्पेगे खुहियं भिखं सुणी डंसइ लूसए / तत्थ मंदा विसीयंति तेउपुट्ठा व पाणिणो / / 8 // अप्पेगे पडिभासंति पडिपंथियमागया / पडियारगया एए जे एए एवजीविणो / / 9 / / अप्पेगे वइ जुंजति णगिणा पिण्डोलगाहमा / मुण्डा कण्डूविणटुंगा उजल्ला असमाहिया // 10 // एवं विप्पडिवण्णेगे अप्पणा उ अजाणया। तमाओ ते तमं जंति मंदा मोहेण पाउडा // 11 // पुट्ठो य दंसमसगेहिं तणफासमचाइया / ण मे दिढे परे लोए जइ परं मरणं सिया / / 12 // संतत्ता केसलोएणं बम्भचेरपराइया / तत्थ मंदा विसीयंति मच्छा विट्ठा व केयणे // 13 // आयदण्डसमायारे मिच्छासंठियभावणा / हरिसप्पओसमावण्णा केई लूमंतिऽणारिया // 14 // अप्पेगे पलियंतेसिं चारो चोरो त्ति सुव्वयं / बंधंति भिक्खुयं बाला कसायवयणेहि य / / 15 // तत्थ दण्डेण संवीए मुट्टिणा अदु फलेण वा / णाईणं सरई बाले इत्थी वा कुद्धगामिणी // 16 // एए भो कसिणा फासा फरुसा दुरहियासया / हत्थी वा सरसंवित्ता कीवावस गया गिहं / / 17 // त्ति बेमि / ॥तइयं अज्झयणं बीओ उद्देसो॥ .. अहिमे सुहुमा संगा भिक्खूणं जे दुरुत्तरा / जत्थ एगे विसीयंति ण चयंति Page #132 -------------------------------------------------------------------------- ________________ . सूयगडो सु. 1 अ. 3 उ. 3 119 जवित्तए / / 1 / / अप्पेगे णायओ दिस्स रोयंति परिवारिया / पोस णे ताय पुट्ठो सि कस्स ताय जहासि णे // 2 // पिया ते थेरओ ताय ससा ते खुडिया इमा। भायरो ते सगा ताय सोयरा किं जहासिणे ? // 3 // मायरं पियरं पोस एवं लोगो भविस्सइ / एवं खु लोइयं ताय जे पालेति य मायरं / / 4 // उत्तरा महुरुल्लावा पुत्ता ते ताय खुड्डया / भारिया ते णवा ताय मा सा अण्णं जणं गमे / / 5 / / एहि ताय घरं जामो मा य कम्म सहा वयं / बिइयं पि ताय पासामो जामु ताव सयं गिहं / / 6 // गंतुं ताय पुणो गच्छे ण तेणासमणो सिया / अकामगं परिक्कम्म को ते वारिउमरिहइ // 7 // जं किंचि अणगं ताय तं पि सव्वं समीकयं / हिरणं ववहाराइ तं पि दाहामु ते वयं // 8 // इच्चेव णं सुसेहंति कालुणीयसमुट्ठिया। विबद्धो णाइसंगेहिं तओऽगारं पहावइ / / 9 / / जहा रुक्खं वणे जायं मालुया पडिबंधइ / एवं णं पडिबंधंति णायओ असमाहिणा // 10 // विबद्धो णाइसंगेहिं हत्थी वा वि णवग्गहे / पिट्ठओ परिसप्पंति सुय गो व्व अदूरए // 11 // एए संगा मणूसाणं पायाला व अतारिमा। कीवा जत्थ य किस्संति णाइसंगेहि मुच्छिया // 12 // तं च भिक्खू परिणाय सव्वे संगा महासवा। जीवियं णावकंखिजा सोचा धम्ममणुत्तरं // 13 // अहिमे संति आवट्टा कासवेणं पवेइया। बुद्धा जत्थावसप्पंति सीयंति अबुहा जहिं / / 14 // रायाणो रायऽमचा य माहणा अदुव खत्तिया / णिमंतयति भोगेहिं भिक्खुयं साहुजीविणं // 15 / / हत्थस्सरहजागेहिं विहारगमणेहि य / भुंज भोगे इमे सग्घे महरिसी पूजयामु तं // 16 // वत्थगंधमलंकारं इत्थीओ सयणाणि य / भुंजाहिमाइं भोगाई आउसो ! पूजयामु तं // 17 // जो तुमे णियमो चिण्णो भिक्खु भावम्मि सुव्वया / अगारमावसंतस्स सव्वो संविजए तहा // 18 // चिरं दूइज्जमाणस्स दोसो दाणिं कुओ तव ? / इच्चेव णं णिमंतेंति णीवारेण व सूयरं // 19 // चोइया भिक्खचरियाए अचयंता जवित्तए / तत्थ मंदा विसीयंति उज्जागंसि व दुब्बला // 20 / / अचयंता व लूहेणं उवहाणेण तजिया / तत्थ मंदा विसीयंति उज्जाणंसि जरग्गवा // 21 // एवं णिमंतणं लद्धं मुच्छिया गिद्ध इत्थिसु / अज्झोववण्णा कामेहिं चोइज्जता गया गिहं // 22 // त्ति बेमि / . . // तइयं अज्झयणं तइओ उद्देसो॥ जहा संगामकालम्मि पिट्ठओ भीरु वेहइ / वलयं गहणं णूम को जाणइ परा Page #133 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 120 अंग-पविट्ट सुत्ताणि जयं // 1 // मुहुत्ताणं मुहुत्तस्स मुहुत्तो होइ तारिसो पराजियाऽवसप्पामो इइ भीरू उवेहई // 2 // एवं उ समणा एगे अबलं णच्चाण अप्पगं / अणागयं भयं दिस्स अवकप्पंतिमं सुयं // 3 // को जाणइ विऊवायं इत्थीओ उदगाउ वा। चोइज्जता पवाखामो ण णो अत्थि पकप्पियं // 4 // इच्चेव पडिलेहंति वलया पडिलेहिणो। वितिगिच्छसमावण्णा पंथाणं च अकोविया // 5 / / जे उ संगामकालम्मि णाया सूरपुरंगमा। णो ते पिट्ठमुवेहिंति किं परं मरणं सिया ? // 6 // एवं समुट्ठिए भिक्खू वोसिज्जागारबंधणं / आरम्भं तिरिय कटु अत्तत्ताए परिव्वए // 7 // तमेगे परिभासंति भिक्खुयं साहुजीविणं / जे एवं परिभासंति अंतए ते समाहिए // 8 // संबद्धसमकप्पा उ अण्णमण्णेसु मुच्छिया / पिण्डवायं गिलाणस्स जं सारेह दलाह य / / 9 // एवं तुब्भे सरागत्था अण्णमण्णमणुब्बसा / णट्ठसप्पहसब्भावा संसारस्स अपारगा // 10 // अह ते परिभासेजा भिक्खु मोक्खविसारए / एवं तुब्भे पभासंता दुपक्खं चेव सेवह // 11 // तुम्भे भंजह पाएसु गिलाणो अभिहडम्मि य / तं च बीओदगं भोच्चा तमुहिस्सादि जंकडं // 12 / / लित्ता तिव्वाभितावेणं उज्झिया असमाहिया / णाइकण्डूइयं सेयं अरुयस्सावरज्झई / / 13 / / तत्तेण अणुसिट्टा ते अपडिण्णेण जाणया। ण एस णियए मग्गे असमिक्खा वई किई // 14 // एरिसा जा वई एसा अग्गवेणु व करिसिया / गिहिणो अभिहाँ सेयं भुंजिउं ण उ भिक्खुणं / / 15 / / धम्मपण्णवणा जा सा सारम्भा ण विसोहिया। ण उ एयाहि दिट्ठीहिं पुवमासिं पगप्पियं // 16 // सव्वाहिं अणुजुत्तीहिं अचयंता जवित्तए / तओ वायं णिराकिच्चा ते भुजो वि पगब्भिया // 17|| रागदोसाभिभूयप्पा मिच्छत्तण अभिया / आउसे सरणं जंति टंकणा इव पव्वयं // 18 // बहुगुणप्पगप्पाई कुज्जा अत्तसमाहिए / जेणण्णे ण विरुज्झेज्जा तेण तं तं समायरे // 19 // इमं च धम्ममायाय कासवेण पवेइयं / कुज्जा भिक्खू गिलाणस्स अगिलाए समाहिए // 20 // संखाय पेसलं धम्म दिट्ठिमं परिणिबुडे / उवसग्गे णियामित्ता आमोक्खाए परिव्वएज्जासि // 21 / / त्ति बेमि / / // तइयं अज्झयणं चउत्थो उद्देसो॥ . आहेसु महापुरिसा पुट्विं तत्ततवोधणा / उदएण सिद्धिमावण्णा तत्थ मंदो विसीयइ // 1 // अभुजिया णमी विदेही रामगुत्ते य भुजिया / बाहुए उदगं भोचा Page #134 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुयगडो सु. 1 अ. 4 उ. 1 121 तहा णारायणे रिसी // 2 // आसिले देविले चेव दीवायण महारिसी। पारासरे दगं भोचा बीयाणि हरियाणि य // 3 / / एए पुव्वं महापुरिसा आहिया इह संमया / भोचा बीयोदगं सिद्धा इइ मेयमगुस्सुयं / / 4 / / तत्थ मंदा विसीयंति वीहच्छिण्णा व गद्दभा। पिट्ठओ परिसप्पंति पिट्ठसप्पी य संभमे // 5 / / इहमेगे उ भासंति सायं साएण विजई / जे तत्थ आरियं मग्गं परमं च समाहियं / / 6 / / मा एयं अवमण्णंता अप्पेणं लुम्पहा बहुं / एयस्स उ अमोक्खाए अयोहारि व्व जूरह // 7 // पाणाइवाए वटुंता मुसावाए असंजया / अदिण्णादाणे वटुंता मेहणे य परिग्गहे // 8 // एवमेगे उ पासत्था पण्णवंति अणारिया / इत्थीवसं गया बाला जिणसांसणपरंमुहा // 9 // जहा गण्ड पिलागं वा परिपीलेज्ज मुहुत्तगं। एवं विष्णवणित्थीसु दोसो तत्थ को सिया ? // 10 / / जहा मंधादणे णाम थिमियं भुंजई दगं / एवं विण्णव णित्थीसु दोसो तत्थ कओ सिया ? / / 11 // जहा विहंगमा पिंगा थिमियं भुंजई दगं। एवं विण्णवणित्थीसु दोसो तत्थ कओ सिया ? // 12 // एवमेगे उ पासत्था मिच्छदिट्ठी अणारिया। अज्झोववण्णा कामेहिं पूयणा इव तरुणए // 13 // अणागयम पस्संता पच्चुप्पण्णगवेसगा / ते पच्छा परितप्पंति खीणे आउम्मि जोव्वणे / / 14 // जेहिं काले परिकंतं ण पच्छा परितप्पए / ते धीरा बंधणुम्मुक्का णावकखंति जीवियं // 15 / / जहा णई वेयरणी दुत्तरा इह संमया। एवं लोगंसि णारीओ दुत्तरा अमईमया // 16 / / जेहिं णारीण संजोगा पूयपापिट्ठओ कया। सव्वमेयं णिराकिच्चा ते ठिया सुसमाहिए // 17 // एए ओघं तरिस्संति समुदं ववहारिणो / जत्थ पाणा विसण्णासि किच्चंती सयकम्मुणा / / 18 / / तं च भिक्खू परिणाय सुव्वए समिए चरे / मुसावायं च वज्जिज्जा अदिण्णादाणं च वोसिरे // 19 // उड्डमहे तिरियं वा जे केई तसथावरा। सव्वत्थ विरई कुज्जा संति णिव्वाणमाहियं / / 20 / इमं च धम्ममायाय कासवेण पवेइयं / कुज्जा भिक्खू गिलाणस्स अगिलाए समाहिए। 21 / / संखाय पेसलं धम्मं दिट्ठिमं परिणिध्वुडे / उवसग्गे णियामित्ता आमोक्खाए परिव्वएज्जासि / / 22 / / त्ति बेमि // // इस्थिपरिषणा णाम चउत्थं अज्झयणं पढमो उद्देसो / / . . जे मायरं च पियरं च विप्पजहाय पुव्यसंजोगं / एगे सहिए चरिस्सामि . आरयमेहुणो विवित्तेसु // 1 // सुहुमेणं तं परिक्कम्म छण्णपएण इथिओ मंदा / Page #135 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 122 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि उब्वायं पि ताउ जाणंसु जहा लिस्संति भिक्खुणो एगे // 2 / / पासे भिसं णिसीयंति अभिक्खणं पोसवत्थं परिहिंति / कार्य अहे वि दंसंति बाह उद्घ१ कक्खमणुव्वजे // 3 // सयणासणेहिं जोगेहिं इथिओ एगया णिमंतति / एयाणि चेव से जाणे पासाणि विरूवरूवाणि / / 4 / / णो तासु चक्खु संधेज्जा णो वि य साहसं समभिजाणे / णो सहियं पि विहरेन्जा एवमप्पा सुरक्खिओ होइ / / 5 / / आमंतिय उस्सविया भिक्खं आयसा णिमंतेति / एयाणि चेव से जाणे सहाणि विरूवरूवाणि // 6 // मणबंधणेहिं णेगेहिं कलुणविणीयमुवगसित्ताणं / अदु मंजुलाई भासंति आणवयंति भिण्णकहाहिं / / 7 / / सीहं.जहा व कुगिमेणं णिब्भयमेगचरं ति पासेणं / एवित्थियाउ बंधति संवुड एगइयमणगारं / / 8 // अह तत्थ पुणो णमयंति रहकारो व णेमि आणुपुव्वीए / बद्धे मिए व पासेणं फंदंते वि ण मुच्चए ताहे // 9 // अह सेऽणुतप्पई पच्छा भोचा पायसं व विसमिस्सं / एवं विवेगमायाय संवासो ण वि कप्पए दविए // 10 / / तम्हा उ वजए इत्थी विसलित्तं व कण्टगं णचा। ओए कुलाणि वसवत्ती आघाए ण से वि णिग्गंथे / / 11 // जे एयं उंछं अणुगिद्धा अण्णयरा होति कुसीलाणं / सुतवस्सिए वि से भिक्खूणो विहरे सह णमित्थीसु // 12 // अविधूयराहि सुण्हाहिं धाईहिं अदुव दासीहिं / महई हि वा कुमारीहिं संथवं से ण कुजा अणगारे // 13 / / अदु णाइणं च सुहीणं वा अप्पियं द? एगया होइ / गिद्धा सत्ता कामेहिं रक्खणपोसणे मगुस्सोऽसि / / 14 // समणं पि दठ्ठदासीणं तत्थ वि ताव एगे कुप्पंति / अदु वा भोयणेहि णत्थेहिं इत्थीदोसं संकिणो होति // 15 // कुव्वंति संथवं ताहिँ पन्भट्ठा समाहिजोगेहिं / तम्हा समणा ण समेंति आयहियाए संणिसेज्जाओ // 16 / / बहवे गिहाई अवहट्ट मिस्सीभावं पत्थुया य एगे / धुवमग्गमेव पवयंति वायावीरियं कुसीलाणं // 17 // सुद्धं रवइ परिसाए अह रहस्सम्मि दुक्कडं करेंति / जाणंति य णं तहाविऊ माइल्ले महासढेऽयं ति / / 18 // सयं दुक्कडं च ण वयइ आइट्ठो वि पकत्थइ बाले / वेयाणुवीइ मा कासी चोइजंतो गिलाइ से भुज्जो // 19 // ओसिया वि इत्थिपोसेसु पुरिसा इत्थिवेयखेयण्णा। पण्णास मण्णिया वेगे णारीणं वसं उवकसति // 20 / / अवि हत्थपायछेयाए अदु वा वद्धमंसउक्कंते / अवि तेयसाभितावणाणि तच्छिय खारसिंचणाई य // 21 // अदु कण्णणासच्छेयं कण्ठच्छेयणं तिइक्खंती। इइ एत्थ पावसंतत्ता ण वेंति पुणो ण Page #136 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुयगडो सु. 1 अ. 4 उ. 2 123 काहिति // 22 / / सुयमेयमेवमेगेसिं इत्थीवेय त्ति हु सुयक्खायं / एयं पिता वइत्ताणं अदु वा कम्मुणा अवकरेंति // 23 / / अण्णं मणेण चिंतेंति वाया अण्णं च कम्मुणा अण्णं / तम्हा ण सहहे भिक्खू बहुमायाओ इथिओ णचा / / 24 // जुवई समणं बूया विचित्तलंकारवत्थगाणि परिहित्ता / विरया चरिस्सहं रुक्खं धम्ममाइक्ख णे भयंतारो // 25 // अदु सावियापवाएणं अहमंसि साहम्मिणी य समणाणं / जउकुम्भे जहा उवज्जोई संवासे विऊ विसीएज्जा // 26 // जउकुम्भे जोइउवगूढे आसुभितत्ते णासमुवयाइ / ए वित्थियाहिं अणगारा संवासेण णासमुवयंति // 27 // कुवंति पावगं कम्मं पुट्ठा वेगेवमाहिंसु / णोऽहं करेमि पावं ति अंकेसाइणी ममेस त्ति // 28 // बालस्स मंदयं बीयं जं च कडं अवजाणई भुजो / दुगुणं करेइ से पावं पूयणकामो विसणणेसी // 29 // संलोकणिज्जमणगारं आयगय णिमंतणेणाहंसु / वत्थं च ताइ पायं वा अण्णं पाणगं पडिग्गाहे // 30 // णीवारमेवं बुज्झेज्जा णो इच्छे अंगारमागंतुं / बद्धे विसयपासेहिं मोहमावज्जइ पुणो मंदे // 31 // त्ति बेमि || ॥चउत्थं अज्झयणं बीओ उद्देसो // ओए सया ण रज्जेजा भोगकामी पुणो विरज्जेज्जा / भोगे समणाणं सुणेह जह भुंजंति भिक्खुणो एगे // 1 // अह तं तु भेयमावण्णं मुच्छियं भिक्खं काममइवढें / पलिभिंदिया णं तो पच्छा पादुद्ध? मुद्धि पहणंति / / 2 // जइ केसिया णं मए भिक्खू णो विहरे सह णमित्थीए / केसाणविहं लुचिस्सं णण्णत्थ मए चरेज्जासि // 3 // अह णं से होइ उवलद्धो तो पेसति तहाभूएहिं / अलाउच्छेयं पेहेहि वग्गुफलाई आहराहि त्ति / / 4 / / दारुणि सागपागाए पज्जोओ वा भविस्सई राओ। पायाणि य मे रयावेहि एहि ता मे पिट्ठओमहे // 5 // वत्थाणि य मे पडिलेहेहि अण्णं पाणं च आहराहि त्ति / गंधं च रओहरणं च कासवगं च मे समणुजाणाहि / / 6 / / अदु अंजणिं अलंकारं कुक्कययं मे पयच्छाहि / लोद्धं च लोद्धकुसुमं च वेणुपलासियं च गुलियं च // 7 // कुटुं तगरं च अगरुं संपिटुं सम्मं उसिरेणं / तेल्लं मुहभिजाए वेणुफलाई संणिहाणाए // ८॥णंदीचुण्णगाई पाहराहि छत्तोवाणहं च जाणाहि / संत्थं च सूवच्छेज्जाए आणीलं च वत्थयं रयावेहि / / 9 // सुफणिं च सागपागाए आमलगाई दगाहरणं च / तिलगकरणिमंजणसलागं घिसु मे विहू Page #137 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 124 अंग-पविट्ट सुत्ताणि णयं विजाणेहि // 10 // संडासगं च फणिहं च सीहलिपासगं च आणाहि / आयंसगं च पयच्छाहि दंतपक्खालणं पवेसाहि // 11 // पूयफलं तंबोल्लयं सूई सुत्तगं च जाणाहि / कोसं च मोयमेहाए सुप्पुक्खलगं च खारगालणं च // 12 // चंदालगं च करगं च वच्चघरं च आउसो ! खणाहि / सरपाययं च जायाए गोरहगं च सामणेराए // 13 // घडियं च सडिण्डिमयं च चेलगोलं कुमारभूयाए / वासं समभिआवण्णं आवसहं च जाण भत्तं च / / 14 // आसंदियं च णवसुत्तं पाउल्लाई संकमाए / अदु पुत्तदोहलहाए आणप्पा हवंति दासा वा // 15 // जाए फले समुप्पण्णे गेण्हसु वा णं अहवा जहाहि / अह पुत्तपोसिणो एगे भारवहा हवंति उट्टा वा // 16 // राओ वि उठ्ठिया संता दारगं च संठवंति धाई वा / सुहिरामणा वि ते संता वत्थधोवा हवंति हंसा वा / / 17 // एवं बहुहिं कय पुव्वं भोगत्थाए जेऽभियावण्णा / दासे मिए व पेसे वा पसुभूए व से ण वा केई // 18 // एवं खु तासु विण्णप्पं संथवं संवासं च वजेजा। तजाति या इमे कामा वज्जकरा य एवमक्खाए // 19 // एयं भयं ण सेयाए इइ से अप्पगं णिरुम्भित्ता / णो इत्थि णो पसं भिक्खू णो सयं पाणिणा णिलिजेज्जा // 20 // मुविसुद्धलेसे मेहावी परकिरियं च वजए णाणी। मणसा वयसा काएणं सव्वफाससहे अणगारे // 21 // इच्चेवमाहु से वीरे धुयरए धुयमोहे से भिक्खू / तम्हा अज्झत्थविसुद्धे सुविमुक्के आमोस्खाए परिव्वए जासि / / 22 // त्ति बेमि // ॥णरयविभत्ती णाम पंचमं अज्झयणं पढमो उद्देसो॥ पुच्छिस्सहं केवलियं महेसि कहं भितावा णरगा पुरत्था ? / अजाणाओ मे मुणि बूहि जाणं कहिं णु बाला णरयं उर्वति // 1 // एवं मए पुढे महाणुभावे इणमोऽब्बवी कासवे आसुपण्णे / पवेयइस्सं दुहमदुग्गं आईणियं दुक्कडिणं पुरत्था // 2 // जे केइ बाला इह जीवियट्ठी पावाइं कम्माई करेंति रुद्दा / ते घोररूवे तमिसंधयारे तिव्वाभितावे णरए पडंति // 3 // तिव्वं तसे पाणिणो थावरे य जे हिंसई आयसुहं पडुच्चा / जे लूसए होइ अदत्तहारी ण सिकाबई सेयवियस्स किंचि / / 4 // पागन्भि पाणे बहुणं तिवाइ अणिब्बुए घायमुवेइ बाले / णिहो णिसं गच्छइ अंतकाले अहोसिरं कट्ठ उवेइ दुग्गं / / 5 / / हण छिंदह भिंदह णं दहेइ सहे सुणेता परहम्मियाणं / ते णारगाओ भयभिण्णसण्णा कंखंति कं णाम दिसं वयामो // 6 // इंगाल Page #138 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सूयगडो सु. 1 अ. 5 उ.१ 125 रासिं जलियं संजोई तत्तोवमं भूमिमणुकमंता / ते डज्झमाणा कलुणं थणंति अरहरसरा तत्थ चिरढ़िईया // 7 // नइ ते सुया वेयरणी भिदुग्गा णिसिओ जहा खुर इव.तिक्खसोया / तरंति ते वेयरणी भिदुग्गं उसुचोइया सत्तिसु हम्ममाणा // 8 // कीलेहि विझंति असाहुकम्मा णावं उ-ते सइविप्पहूणा / अण्णे उ सूलाहि तिसूलियाहिं दीहाहि विभ्रूण अहे करेंति // 9 / केसिं च बंधित्तु गले सिलाओ उदगंसि बोलेंति महालयसि / कलंबुयावालुयमुम्मुरे य लोलंति पञ्चंति य तत्थ अण्णे // 10 // असूरियं णाम महाभितावं अंधंतमं दुप्पतरं महंत / उर्दू अहे यं तिरियं दिसासु समाहिओ, जत्थगणी झियाइ // 11 // जंसी गुहाए जलणेऽतिउट्टे अविजाणओ डज्झइ लुत्तपण्णो / सया य कलुणं पुण घम्मठाणं गाढोवणीयं अइदुक्खधम्म // 12 // चत्तारि अगणीओ समारभेत्ता जहिं कूरकम्माऽभितवेंति बालं / ते तत्थ चिटुंतऽभितप्पमाणा मच्छा व जीवंतु व जोइपत्ता // 13 // संतच्छणं णाम महाभितावं ते णारया जत्थ असाहुकम्मा / हत्थेहि पाएहि य बंधिऊणं फलगं व तच्छंति कुहाडहत्था // 14 // रुहिरे पुणो वच्चसमुस्सियंगे भिण्णुत्तमंगे परिवत्तयंता / पयंति णं णेरइए फुरते सजीवमच्छे व अयोकबल्ले // 15 // णो चेव ते तत्थ मसीभवंति ण मिज्जई तिव्वभिवेयणाए / तमाणुभागं भणुवेययंता दुक्खंति दुक्खी इह दुक्कडेणं // 16 // तहिं च ते लोलणसंपगाढे गाढं सुतत्तं अगणिं वयंति / ण तत्थ सायं लहई भिदुग्गे अरहियाभितावा तह वी तवेंति // 17 / / से सुचई णगरवहे व सहे दुहोवणीयाणि पयाणि तत्थ / उदिण्णकम्माण उदिण्णकम्मा पुणो पुणो ते सरहं दुहेति // 18 // पाणेहि णं पाव वियोजयति तं भे पवक्खामि जहातहेणं / दण्डेहि तत्था सरयंति बाला सव्वेहि दण्डेहि पुराकए हिं // 19 // ते हम्ममाणा गरगे पडंति पुण्णे दुरूवस्स महाभितावे / ते तत्थ चिट्ठति दुरूवभक्खी तुटूंति कम्मोवगया किमीहिं // 20 // सया कसिणं पुण धम्मठाणं गाढोवणीयं अइदुक्खधम्मं / अंदूसु पक्खिप्प विहत्तु देहं वेहेण सीसं सेऽभितावयंति // 21 // छिंदंति बालस्स खुरेण णकं उठे वि छिंदंति दुवे वि कण्णे / जिब्भं विणिकस्स विहत्थिमेत्तं तिक्खाहि सूलाहि भितावयंति // 22 / / ते तिप्पमाणा तलसंपुडं व राइदियं तत्थ थणंति बाला / गलंति ते सोणियपूयमंसं पज्जोइया खारपइद्धियंगा // 23 // जइ ते सुया लोहियपूयपाई बालागणी तेअगुणा परेणं / कुम्भी महंताहियपोरुसीया समूसिया Page #139 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 126 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि लोहियपूयपुण्णा // 24 // पक्खिप्प तासु पययंति बाले अट्टस्सरे ते कलुणं रसते / तण्हाइया ते तउतम्बतत्तं पज्जिजमाणट्टयरं रसंति / / 25 // अपेण अप्पं इह वंचइत्ता भवाहमे पुव्वसए सहस्से / चिट्ठति तत्था बहुकूर कम्मा जहा कडं कम्म तहासि भारे / / 26 / / समजिणित्ता कलुसं अणजा इटेहि कंतेहि य विप्पहूणा / ते दुभिगंधे कसिणे य फासे कम्मोवगा कुणिमे आवसंति / / 27 // त्ति बेमि / / ॥पंचमं अज्झयणं बीओ उद्देसो॥ अहावरं सासयदुक्खधम्मं तं भे पवक्खामि जहातहेणं / बाला जहा दुक्कड. कम्मकारी वेयंति कम्माई पुरेकडाइं // 1 // हत्थेहिं पाए हि य बंधिऊणं उयरं विकतंति खुरासिएहिं / गिण्हित्तु बालस्स विहत्तु देहं वद्धं थिरं पिट्ठउ उद्धरंति // 2 // बाहू पकत्तंति य मूलओ से थूलं वियासं मुहे आडहति। रहंसि जुत्तं सरयंति बालं आरुस्स विज्झति तुदेण पिढे // 3 // अयं व तत्तं जलियं सजोइ तऊवम भूमिमणुक्कमंता / ते डज्झमाणा कलुणं थणंति उसुचोइया तत्तजुगेसु जुत्ता // 4 // बाला बला भूमिमणुकमंता पविजलं लोहपहं च लत्तं / जंसीऽभिदुग्गंसि पवजमाणा पेसे व दण्डेहि पुरा करेंति // 5 // ते संपगादसि पवजमाणा सिलाहि हम्मंति णिपातिणीहिं / संतावणी णाम चिरहिईया संतप्पई जत्थ असाहुकम्मा // 6 // कंदसु पक्खिप्प पयंति बालं तओ वि दड्डा पुण उप्पयंति / ते उड्ढकाएहिं पखन्जमाणा अवरेहिं खजति सण'फए हिं // 7 // समूसियं णाम विधूमठाणं जं सोयतत्ता कलुणं थणंति / अहोसिरं कटु विगत्तिऊणं अयं व सत्थेहि समोसवेंति / / 8 / / समूसिया तत्थ विसूणियंगा पक्खीहि खजंति अओमुहेहिं / संजीवणी णाम चिरढ़िईया जंसी पया हम्मइ पावचेया // 9 // तिक्खाहि सूलाहि णिवाययंति वसोगयं सावययं व लद्धं / ते सूलविद्धा कलुणं थणंति एगंतदुक्खं दुहओ गिलाणा // 10 // सया जलं णाम णिहं महंत जंसी जलतो अगणी अकट्ठो / चिट्ठति बद्धा बहुकूर कम्मा अरहस्सरा केइ चिरठिईया / / 11 / चिया महंतीउ समारभित्ता छुब्भंति ते तं कलुणं रसंतं / आवट्टई तत्थ असाहुकम्मा सप्पी जहा पडियं जोइमज्झे // 12 // सया कसिणं पुण घम्मठाणं गाढोवणीयं अइदुक्खधम्मं / हत्थेहि पाए हि य बंधिऊणं सत्तुव्वदण्डेहि समारभंति // 13 // भंजति बालस्स वहेण पुट्ठी सीसं पि भिंदंति अयोधणेहिं / ते भिण्णदेहा फलगं व तच्छा तत्ताहि आराहि णियोजयंति / / 14 / / Page #140 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सूयगडो सु. 1 अ. 6 127 अभिजुजिया रुद्द असाहुकम्मा उसुचोइया हत्थिवहं वहति / एगं दुरूहित्तु दुवे तओ वा आरुस्स विझंति ककाणओ से // 15 // बाला बला भूमिमणुक्कमंता पविजलं कंटइलं महंतं / विवद्धतप्पेहि विवण्णचित्त समीरिया कोट्ठबलिं करेंति // 16 / / वेयालिए णाम महाभितावे एगायए पव्वयमंतलिक्खे / हम्मति तत्था बहुकूरकम्मा परं सहस्साण मुहुत्तगाणं // 17 // संबाहिया दुक्कडिणो थणंति अहो य राओ परितप्पमाणा / ए गंतकूडे णरए महंते कूडेण तत्था विसमे हया उ // 18 // भंजंति णं पुव्वमरीसरोसे समुग्गरे ते मुसले गहेउं / ते भिण्णदेहा रुहिरं वर्मता ओमुद्धगा धरणितले पडंति // 19 / / अणासिया णाम महासियाला पागभिणो तत्थ सयावकोवा / खजति तत्था बहुकूरकम्मा अदूरगा संकलियाहि बद्धा // 20 // सयाजला णाम णई भिदुग्गा पविज्जलं लोहविलीणतत्ता। जैसी भिदुग्गंसि पवज्जमाणा एगायताणुकमणं करेंति / / 21 / / एयाइं फासाइं फुसंति बालं णिरंतरं तत्थ चिरट्ठिईयं / ण हम्ममाणस्स उ होइ ताणं एगो सयं पचणुहोइ दुक्खं // 22 // जं जारिसं पुव्वमकासि कम्मं तमेव आगच्छइ संपराए / एगंतदुक्खं भवमज्जणित्ता वेयंति दुक्खी तमणंतदुक्खं // 23 // एयाणि सोचा णरगाणि धीरे ण हिंसए किंचण सव्वलोए / एंगंतदिट्ठी अपरिग्गहे उ बुज्झिज्ज लोगस्स वसं ण गच्छे / / 24 / / एवं तिरिक्खेमणुयासु(म)रेसु चउरंतणंतं तयणुविवागं / स सव्वमेयं इइ वेयइत्ता कंखेज्ज कालं धुयमायरेज्ज / / 25 // त्ति बेमि // // महावीरत्थुई णाम छठें अज्झयणं // . पुच्छिस्सु णं समणा माहणा य अगारिणो या परतित्थिया य / से केई णेगंतहियं धम्ममाहु अणेलिसं साहुसमिक्खयाए // 1 // कहं च गाणं कह दसणं से सील कहं णायसुयस्स आसि / जाणासि णं भिक्खू जहातहेणं अहासुयं ब्रूहि जहा णिसंतं / / 2 // खेयण्णए से कुसलासुपण्णे अणंतणाणी य अणंतदंसी / जसंसिणो चक्खुपहे ठियस्स जाणाहि धम्मं च घिइं च पेहि // 3 // उर्दू अहे यं तिरिय दिसासु तसा य जे थावर जे य पाणा / से णिचणिच्चेहि समिक्ख पण्णे दीवे व धम्म समियं उदाहु // 4 // से सव्वदंसी अभिभूयणाणी णिरामगंधे धिइमं ठियप्पा। अणुत्तरे सव्वजगसि विजं गंथा अईए अभए अणाऊ // 5 // से भूइपण्णे अणिएअचारी ओहंतरे धीरे अणतचक्खू / अणुत्तरं तप्पइ सूरिए वा वइरोयणिंदे व Page #141 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 128 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि तमं पगासे // 6 // अणुत्तरं धम्ममिणं जिणाणं णेया मुणी कासव आसुपण्णे / इंदे व देवाण महाणुभावे सहस्सणेया दिवि णं विसिढे // 7 / / से पण्णया अक्खयसागरे वा महोदही वा वि अणंत पारे / अणाइले वा अकसाइ मुक्के सके व देवाहिवई जुईमं / / 8 // से वीरिएणं पडिपुण्णवीरिए सुदंसणे वा णगसव्वसेटे / सुरालए वा सि मुदागरे से विरायए णेगगुणोववेए // 9 // सयं सहस्साण उ जोयणाणं तिकंडगे पंडगवेजयंते / से जोयणे गवणक्ते सहस्से उद्धस्सियो हेतु सहस्समेगं // 10 // पुढे णभे चिट्ठइ भूमिवढिए जं सूरिया अणुपरिवट्टयति / से हेमवण्णे बहुणंदणे य जंसी रइं वेययई महिंदा // 11 // से पव्वए सहमहप्पगासे विरायई. कंचणमट्ठवण्णे / अणुत्तरे गिरिसु य पव्वदुग्गे गिरीवरे से जलिए व भोमे // 12 // महीइ मज्झम्मि ठिए णगिंदे पण्णायए सूरियसुद्धलेसे / एवं सिरीए उ स भूरिवण्णे मणोरमे जोयइ अचिमाली / / 13 / / सुदंसणस्सेव जसो गिरिस्स पवुच्चई महओ पव्वयस्स / एओवमे समणे णायपुत्ते जाईजसोदंसणणाणसीले // 14|| गिरीवरे वा णिसहाऽऽययाणं रुयए व सेटे वल. याययाणं / तओवमे से जगभूइपण्णे मुणीण मज्झे तमुदाहु पण्णे / / 15 / / अणुत्तरं धम्ममुईरइत्ता अणुत्तरं झाणवरं झियाइं / सुसुक्कसुकं अपगंडसुकं संखिंदुएगंतवदायसुकं / / 16 / / अणुत्तरग्गं परमं महेसी असेसकम्मं स विसोहइत्ता / सिद्धि गए साइमणंतपत्ते णाणेण सीलेण य दंसणेण / / 17 // रुक्खेसु णाए जह सामली वा जस्सि रई वेययई सुवण्णा / वणेसु वा णंदणमाहु सेलृ णाणेण सीलेण य भूइपण्णे // 18 / / थणियं व सहाण अणुत्तरे उ चंदो व ताराण महाणुभावे / गंधेसु वा चंदणमाहु सेढं एवं मुणीणं अपडिण्णमाहु / / 19 / / जहा सयंभू उदहीण सेढे णागेसु वा धरणिंदमाहु सेढे / खोओदए वा रस वेजयंते तवोवहाणे मुणि वेजयंते // 20 // हत्थीसु एरावणमाहु णाए सीहो मियाणं सलिलाण गंगा / पक्खीसु वा गरुले वेणुदेवो णिव्वाणवादीणिह णायपुत्ते / / 21 // जोहेसु णाए जह वीससेणे पुप्फेसु वा जह अरविंदमाहु / खत्तीण सेढे जह दंतवक्के इसीण सेढे तह वद्धमाणे // 22 // दाणाण सेढे अभयप्पयाणं सच्चेसु वा अणवजं वयंति / तवेसु वा उत्तम बम्भचेरं लोगुत्तमे समणे णायपुत्ते // 23 // ठिईण सेट्ठा लवसत्तमा वा सभा सुहम्मा व सभाण सेट्ठा / णिव्वाणसेट्ठा जह सव्वधम्मा ण णायपुत्ता परमत्थि Page #142 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सूयगडो सु. 1 अ. 7 129 णाणी / / 24 // पुढोवमे धुणइ विगयगेही ण संणिहिं कुब्वइ आसुपण्णे / तरिउं समुहूं व महाभवोघं अभयंकरे वीर अणंतचक्खू // 25 / / कोहं च माणं च तहेव मायं.लोभं चउत्थं अज्झत्तदोसा / एयाणि वंता अरहा महेसी ण कुव्वई पाव ण कारवेइ // 26 / / किरियाकिरियं वेणइयाणुवायं अण्णाणियाणं पडियच ठाणं / से सव्ववायं इइ वेयइत्ता उवट्ठिए संजमदीहरायं / / 27 // से वारिया इत्थि सराइभत्तं उवहाणवं दुक्खखयट्टयाए / लोगं विदित्ता आरं परं च सव्वं पभू वारिय सव्ववारं / / 28 / सोचा य धम्मं अरहंतभासियं समाहियं अट्ठपदोवसुद्धं / तं सद्दहाणा य जणा अणाऊ इंदा व देवाहिव आगमिस्संति / / 29 // त्ति बेमि // ॥कुसीलपरिभासियं णाम सत्तमं अज्झयणं / पुढवी य आऊ अगणी य वाऊ तण-रुक्ख. बीया य तसा य पाणा / जे अंडया जे य जराउ पाणा संसेयया जे रसयाभिहाणा // 1 // एयाई कायाई पवेइयाइं एएसु जाणे पडिलेह सायं। एएण काएण य आयदंडे एएसु या विप्परियासुर्वेति // 2 // जाईपहं अणुपरिवट्टमाणे तसथावरेहिं विणिघायमेइ / से जाइ जाई बहुकूरकम्मे जं कुम्वई मिज्जइ तेण बाले // 3 // अस्सिं च लोए अदु वा परत्था सयग्गसो वा तह अण्णहा वा / संसारमावण्ण परं परं ते बंधंति वेयंति य दुण्णियाणि // 4 // जे मायरं वा पियरं च हिच्चा समणव्वए अगणिं समारभिज्जा / अहाहु से लोए कुसीलधम्मे भूयाइं जे हिंसइ आयसाए // 5 // उज्जालओ पाण णिवायएज्जा णिव्वावओ अगणिं णिवायएज्जा / तम्हा उ मेहावि समिक्ख धम्म ण पंडिए अगणिं समारभिज्जा / / 6 / / पुढवीं वि जीवा आऊ वि जीवा पाणा य संपाइम संपयंति / संसेयया कट्ठसमस्सिया य एए दहे अगणिं समारभंते // 7 // हरियाणि भूयाणि विलम्बगाणि आहार देहा य पुढो सियाइ / जे छिंदई आयसुहं पडुच्च पागब्भि पाणे बहुणं तिवाई // 8 // जाइं च बुद्धिं च विणासयंते बीयाइ अस्संजय आयदंडे / अहाहु से लोए अणज्जधम्मे बीयाइ से हिंसइ आयसाए // 9 // गन्भाइ मिजंति बुयाबुयाणा णरा परे पंचसिहा कुमारा / जुवाणगा मज्झिम थेरगा य चयंति ते आउखए पलीणा // 10 // संबुल्झहा जंतवो माणुसत्तं दटुं भयं बालिसेणं अलम्भो / एगंतदुक्खे जरिए व लोए सकम्मुणा विप्परियासुवेइ // 11 // इहेग मूढा पययंति मोक्खं आहारसंपज्जणवज्जणेणं / एगे य सीओदग Page #143 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 130 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि सेवणेणं हुएण एगे पवयंति मोक्खं / / 12 / पाओसिणाणाइसु णत्थि मोक्खो खारस्स लोणस्स अणासणेणं / ते मज्जमंसं लसुणं च भोचा अण्णत्थ वासं * परिकप्पयंति / / 13 // उदगेण जे सिद्धिमुदाहरंति सायं च पायं उदगं फुसंता। उदगस्स फासेण सिया य सिद्धी सिज्झिसु पाणा बहवे दगंसि / / 14 // मच्छा य कुम्मा य सिरीसिवा य मग्गू य उट्टा दगरक्खसा य। अट्ठाणमेयं कुसला वयंति उदगेण जे सिद्धिमुदाहरंति // 15 // उदगं जई कम्ममलं हरेज्जा एवं सुहं इच्छामित्तमेव / अंधं व णेयारमगुस्सरित्ता पाणाणि चेवं विणिहंति मंदा // 16 // पावाई कम्माई पकुव्वओ हि सिओदगं ऊ जइ तं हरेज्जा / सिझिसु एगे दगसत्तघाई मुसं वयंते जलसिद्धिमाहू // 17 // हुएण जे सिद्धिमुदाहरंति सायं च पायं अगणिं फुसंता / एवं सिया सिद्धि हवेज तम्हा अगणिं फुसंताण कुकम्मिणं पि॥१८॥ अपरिक्ख दिढे ण हु सिद्धीएहिंति ते घायमबुज्झमाणा। भूए हिं जाणं पडिलेह सायं विज्ज गहायं तसथाबरेहिं // 19 // थणति लुप्पंति तसंति कम्मी पुढो जगा परिसंखाय भिक्खू / तम्हा विऊ विरओ आयगुत्ते दटुं तसे या पडिसंहरेज्जा // 20 // जे धम्मलद्धं विणिहाय भंजे वियडेण साहटु य जे सिणाई / जे धोवई लूसयई व वत्थं अहाहु से णागणियस्स दूरे // 21 // कम्मं परिण्णाय दगंसि धीरे वियडेण जीवेज्ज य आदिमोक्खं / से बीयकंदाइ अभुंजमाणे विरए सिणाणाइसु इत्थियासु // 22 // जे मायरं च पियरं च हिच्चा गारं तहा पुत्तपसु धणं च / कुलाई जे धावइ साउगाइं अहाहु से सामणियरस दूरे // 23 // कुलाई जे धावइ साउगाई आघाइ धम्मं उयराणुगिद्धे / अहाह से आयरियाण सयंसे जे लावए जा असणस्स हेऊ॥२४।। णिक्खम्म दीणे परभोयणम्मि मुहमंगलीए उयराणुगिद्धे / णीवार गिद्धे व महावराहे अदूरए एहिइ घायमेव // 25 // अण्णस्त पाणस्सिह लोइयस्स अणुप्पियं भासइ सेवमाणे / पासत्थयं चेव कुसीलयं च णिस्सारए होइ जहा पुलाए // 26 // अण्णायपिण्डेणऽहियासए जा णो पूयणं तवसा आवहेजा / सद्देहि रूवेहि असज्जमाणं सव्वेहि कामेहि विणीय गेहिं // 27 // सव्वाइं संगाई अइच्च धीरे सव्वाइं दुक्खाई तितिक्खमाणे / अखिले अगिद्धे अणिएयचारी अभयंकरे भिक्खू अणाविलप्पा // 28 / भारस्स जाआ मुणि भुंजएज्जा कंखेज पावस्स विवेग भिक्खू / दुक्खेण पुढे धुयमाइए ज्जा संगामसीसे व परं दमेज्जा / / 29 / / अवि हम्ममाणे फलगावयट्ठी समागमं कंखइ Page #144 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सूयगडो सु. 1 अ. 8 131 अंतगस्स / णिधूय कम्मं ण पवंचुवेइ अक्खक्खए वा सगडं त्ति बेमि // 30 // वीरियं णाम अट्रमं अज्झयणं * दुहा वेयं सुयक्खायं वीरियं ति पवुच्चई। किं णु वीरस्स वीरत्तं कहं चेयं पवुचई / / 1 // कम्ममेगे पवेदेति अकम्मं वा वि सुव्वया / एएहिं दोहि ठाणेहिं जेहिं दीसंति मच्चिया / / 2 // पमायं कम्ममाहंसु अप्पमायं तहावरं / तब्भावादेसओ वा वि बालं पण्डियमेव वा // 3 // सत्थमेगे तु सिक्खंता अइवायाय पाणिणं / एगे मंते अहिज्ति पाणभूयविहे डिणो // 4 // मायिणो कटु माया य कामभोगे समारभे / हंता छेत्ता पगभित्ता आयसायाणुगामिणो // 5 // मणसा वयसा चेव कायसा चेव अंतसो / आरओ परओ वा वि दुहा वि य असंजया // 6 // वेराई कुव्वइ वेरी तओ वेरेहि रजई / पावोवगा य आरम्भा दुक्खफासा य अंतसो // 7 / / संपरायं णियच्छति अत्तदुक्कडकारिणो / रागदोसस्सिया बाला पावं कुब्वंति ते बहुं // 8 // एयं सकम्मविरियं बालाणं तु पवेइयं / इत्तो अकम्मविरियं पण्डियाणं सुणेह मे / / 9 / / दविए बंधणुम्मुक्के सव्वओ छिण्णबंधणे। पणोल्ल पावगं कम्मं सलं कंतइ अंतसो // 10 // णेयाउयं सुयक्खायं उवायाय समीहए / भुजो भुज्जो दुहावासं असुहत्तं तहा तहा // 11 / / ठाणी विविहठाणाणि चइस्संति ण संसओ। अणियए अयं वासे णायए हि सुहीहि य // 12 // एवमायाय मेहावी अप्पणी गिद्धिमुद्धरे / आरियं उवसंपज्जे सव्वधम्ममगोवियं // 13 // सहसंमइए णचा धम्मसारं सुणेत्तु वा / समुवट्ठिए उ अणगारे पच्चक्खायपावए // 14 // जं किंचुवक्कम जाणे आउक्खेमस्स अप्पणो / तस्सेव अंतरा खिप्पं सिक्खं सिक्खेज पण्डिए / // 15 // जहां कुम्मे सअंगाई सए देहे समाहरे / एवं पावाई मेहावी अज्झप्पेण समाहरे॥१६॥साहरे हत्थपाए य मणं पंचिंदियाणि य / पावगं च परीणामं भासादोसं च तारिसं॥१७॥ अणु माणं च मायं च तं परिण्णाय पण्डिए। सायागारवणिहुए उवसंते णिहे चरे // 18 // पाणे य णाइवाएज्जा अदिणं पि य णायए / साइयं म मुसं बूया एस धम्मे वुसीमओ // 19 // अइक्कम्मति वायाए मणसा वि ण पत्थए / सव्वओ संवुडे दंते आयाणं सुसमाहरे // 20 // कडं च कज्जमाणं च आगमिस्सं च पावगं / सव्वं तं णाणुजाणंति आयगुत्ता जिइंदिया // 21 // जे याऽबुद्धा महाभागा वीरा असमत्तदंसिणो / असुद्धं तेसि परकंतं सफल होइ सव्वसो // 22 // जे य बुद्धा महाभागा वीरा Page #145 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 132 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि सम्मत्तदंसिणो / सुद्धं तेसिं परवंतं अफलं होइ सव्वसो // 23 // तेसिं पि ण तवो सुद्धो णिक्खंता जे महाकुला / जंणेवण्णे वियाणंति ण सिलोग पवेज्जए // 24 // अप्पपिण्डासि पाणासि अप्पं भासेज सुब्बए / खंतेऽभिणिबुडे दंते वीयगिद्धी सया जए // 25 // झाणजोगं समाह? कायं विउसेज सव्वसो। तितिक्खं परमं णच्चा आमोक्खाए परिव्वएज्जासि // 26 // त्ति बेमि // ॥धम्मो णाम णवमं अज्झयणं // कयरे धम्मे अक्खाए माहणेण मईमया / अंजु धम्मं जहातचं जिणाणं तं सुणेह मे // 1 // माहणा खत्तिया वेस्सा. चण्डाला अदु बोकसा / एसिया वेसिया सुद्दा जे य आरम्भणिस्सिया / / 2 // परिग्गहणिविट्ठाणं पावं तेसिं पवढई / आरम्भसंभिया कामा ण ते दुक्खविमोयगा / / 3 // आघायकिच्चमाहेउं णाइओ विसए सिणो। अण्णे हरंति तं वित्तं कम्मी कम्मेहि किच्चई / / 4 // माया पिया ण्हसा भाया भजा पुत्ता य ओरसा। णालं ते तव ताणाय लुप्पंतस्स सकम्मुणा // 5 // एयमढें सपेहाए परमाणुगामियं / णिम्ममो णिरहंकारो चरे भिक्खू जिणाहियं // 6 // चिच्चा वित्तं च पुत्ते य णाइओ य परिग्गहं / चिच्चा णं अंतगं सोयं णिरवेक्खो परिव्वए // 7 // पुंढवी उ अगणी वाऊ तणरुक्ख सबीयगा / अण्डया पोयजराऊ रससंसेयउब्भिया // 8 // एएहिं छहिं काएहिं तं विजं परिजाणिया। मणसा कायवक्केणं णारम्भी ण परिग्गही // 9 // मुसावायं बहिद्धं च उग्गहं च अजाइया / सत्थादाणाइं लोगंसि तं विजं परिजाणिया / / 10 // पलिउंचणं च भयणं च थंडिल्लुस्सयणाणि य / धूणादाणाइं लोगंसि तं विजं परिजाणिया // 11 // धोयणं रयणं चेव वत्थीकम्मं विरेयणं / वमणंजणपलीमंथं तं विजं परिजाणिया।॥१२॥ गंधमल्लसिणाणं च दंतपक्खालणं तहा / परिग्गहित्थिकम्मं च तं विजं परिजाणिया // 13 // उद्देसियं कीयगडं पामिचं चेव आहडं / पूर्व अणेसणिज्जं च तं विजं परिजाणिया // 14 / / आसूणिमक्खिरागं च गिधुवघायकम्मगं / उच्छोलणं च ककं च तं विजं परिजाणिया // 15 // संपसारी कयकिरिए पसिणाययणाणि य / सागारियं च पिण्डं च तं विजं परिजाणिया // 16 // अट्ठावयं ण सिक्खिज्जा वेहाईयं च णो वए / हत्थकम्मं विवायं च तं विजं परिजाणिया / / 17 // पाणहाओ य छत्तं च णालीयं वालवीयणं / परकिरियं अण्णमण्णं च तं विजं परिजाणिया // 18 // Page #146 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सूयगडो सु. 1 अ. 10 133 उच्चारं पासवणं हरिएसु ण करे मुणी / वियडेण वा वि साहटु णावमजे कयाइ वि // 19 // परमत्त अण्णपाणं ण भुंजेज कयाइ वि / परवत्थं अचेलो वि तं विजं परिजाणिया // 20 // आसंदी पलियंके य णिसिज्जं च गिहतरे। संपुच्छणं सरणं वा तं विजं परिजाणिया // 21 // जसं कित्तिं सिलोयं च जा य वंदणपूयणा / सव्वलोयंसि जे कामा तं विनं परिजाणिया // 22 // जेणेहं णिव्वहे भिक्खू अण्णपाणं तहाविहं / अणुप्पयाणमण्णेसिं तं विजं परिजाणिया // 23 // एवं उदाहु णिग्गंथे महावीरे महामुणी / अणंतणाणदंसी से धम्म देसितवं सुयं // 24 // भासमाणो ण भासेज्जा णेव वम्फेज मम्मयं / माइट्ठाणं विवजेजा अणुचिंतिय वियागरे // 25 // तत्थिमा तइया भासा जं वइत्ताणुतप्पई / जं छण्णं तं ण वत्तव्वं एसा आणा णियण्ठिया // 26 // होलावायं सहीवायं गोयावायं च णो वए / तुमं तुम ति अमणुण्णं सव्वसो त ण वत्तए / // 27 // अकुसीले सया भिक्खू णेव संसग्गियं भए / सुहरूवा तत्थुवस्सग्गा पडिबुज्झेज ते विऊ // 28 // णण्णत्थ अंतराएणं परगेहे ण णिसीयए / गामकुमारियं किडु णाइवेलं हसे मुणी / / 29 / अणुस्सुओ उरालेसु जयमाणो परिव्वए / चरियाए अप्पमत्तो पुट्ठो तत्थऽहियासए // 30 // हम्ममाणो ण कुप्पेज वुच्चमाणो ण संजले / सुमणे अहियासेजा ण य कोलाहलं करे // 31 // लद्धे कामे ण पत्थेजा विवेगे एवमाहिए / आयरियाई सिक्खेज्जा बुद्धाणं अंतिए सया॥३२॥ सुस्सूसमाणो उवासेज्जा सुप्पण्णं सुतवस्सियं / वीरा जे अत्तपण्णेसी घिइमंता जिइंदियां // 33 // गिहे दीवमपासंता पुरिसादाणिया गरा। ते वीरा बंधणुम्मुक्का णावखंति जीवियं // 34 // अगिद्धे सद्दफासेसु आरम्भेसु अणिस्सिए / सव्वं तं समयाईयं जमेयं लवियं बहु // 35 // अइमाणं च मायं च तं परिण्णाय पंडिए / गारवाणि य सव्वाणि णिव्वाणं संधए मुणि // 36 // त्ति बेमि // ... ॥समाही णाम दसमं अज्झयणं / आघ मईमं अणुवीइ धम्म अंजू समाहिं तमिमं सुणेह / अपडिण्ण भिक्खू उ समाहिपत्ते अणियाण भूएसु परिव्वएज्जा // 1 // उड्डे अहे ये तिरियं दिसासु तसां य जे थावर जेय पाणा। हत्थेहि पाए हि य संजमित्ता अदिण्णमण्णेसु य णो . गहेजा ॥२।।सुयक्खायधम्मे वितिगिच्छतिण्णे लाढे चरे आयतुले पयासु / आयं ण Page #147 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 134 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि कुजा इह जीवियट्ठी चयं ण कुजा सुतवस्सि भिक्खू // 3 // सव्विंदियाभिणिबुडे पयासु चरे मुणी सव्वउ विप्पमुक्के / पासाहि पाणे य पुढो वि सत्ते दुक्खेण अट्टे परितप्पमाणे // 4 // एएसु बाले य पकुव्वमाणे आवट्टई कम्मसु पावएसु / अइवायओ कीरइ पावकम्मं णिउंजमाणे उ करेइ कम्मं // 5 / / आदीणवित्तीव करेइ पावं मंता उ एगंतसमाहिमाहु / बुद्धे समाहीय रए विवेगे पाणाइवाया विरए ठियप्पा // 6 // सव्वं जगं तू समयाणुपेही पियमप्पियं कस्सइ णो करेजा / उहाय दीणो य पुणो विसण्णो संपूयणं चेव सिलोयकामी // 7 / / आहाकडं चेव णिकाममीणे णियामचारी य विसण्णमेसी / इत्थीसु सत्ते य पुढो य बाले परिग्गह चेव पकुव्वमाणे // 8 / / वेराणुगिद्धे .णिचयं करेइ इओ चुए से इहमट्ठदुग्गं / तम्हा उ मेहावि समिक्ख धम्म चरे मुणी सव्वउ विप्पमुक्के // 9 // आयं ण कुजा इह जीवियट्ठी असन्जमाणो य परिव्वएज्जा / णिसम्मभासी य विणीयगिद्धिं हिंसणिय वा ण कह करेजा॥१०|| आहाकडं वा ण णिकामएज्जा णिकामयंते य ण संथवेजा। धुणे उरालं अणुवेहमाणे चिच्चा ण सोयं अणवेक्खमाणो॥११॥ एगत्तमेयं अभिपत्थएजा एवं पमुक्खो ण मुसं ति पास / एसप्पमोक्खो अमुसे वरे वि अकोहणे सच्चरए तवस्सी // 12 // इत्थीसु या आरय मेहुणाओ परिग्गरं चैव अकुबमाणे / उच्चावएस विसएसु ताई णिस्संसयं भिक्खू समाहिपत्ते // 13 / / अरइं रइं च अभिभूय भिक्खू तणाइफासं तह सीयफासं / उण्हं च दंसं चऽहियासएज्जा सुभि व दुभि व तितिक्खएज्जा // 14 // गुत्तो वईए य समाहिपत्तो लेसं समाहर्ट्स परिव्वएज्जा गिह ण छाए ण वि छायए जा संमिस्सभावं पयहे पयासु // 15 / / जे केइ लोगम्मि उ अकिरियआया अण्णे ण पुट्ठा धुयमादिसति / आरम्भसत्ता गढिया य लोए धम्म ण जाणंति विमोक्खहेउं // 16 // पुढो य छंदा इह माणवा उ किरियाकिरीयं च पुढो य वायं / जायस्स बालस्स पकुव्व देहं पवडई वेरमसंजयस्स / / 17 / / आउक्खयं चेव अबुज्झमाणे ममाइ से साहसकारि मंदे अहो य राओ परितप्प. माणे अट्टेसु मूढे अजरामरेव्व // 18 // जहाहि वित्तं पसवो य सव्वं जे बंधवा जे य पिया य मित्ता। लालप्पई से वि य एइ मोहं अण्णे जणा तंसि हरंति वित्तं // 19 // सीहं जहा खुड्डमिगा चरंता दूरे चरंति परिसंकमाणा। एवं तु मेहावि समिक्ख धम्मं दूरेण पावं परिवज्जए जा // 20 // संबुज्झमाणे उ णरे मईमं पावाउ Page #148 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुयगडो सु. 1 अ. 11 135 अप्पाण णिवट्टएजा। हिंसप्पसूयाई दुहाई मत्ता वेराणुबंधीणि महब्भयाणि // 21 // मुसं ण बूया मुणि अत्तगामी णिव्वाणमेयं कसिणं समाहिं / सयं ण कुज्जा ण य कारवेज्जा करंतमण्णं पि य णाणुजाणे // 22 // सुद्धे सिया जाए ण दूसएज्जा अमुच्छिए ण य अज्झोववण्णे / धिइमं विमुक्के ण य पूयणट्ठी ण सिलोयगामी य परिव्वएज्जा / / 23 // णिक्खम्म गेहाउ णिरावकंखी कायं विउस्सेज णियाणछिण्णे / णो जीवियं णो मरणाभिकंखी चरेज्ज भिक्खू वलया विमुक्के // 24 // ॥त्ति बेमि // . मग्गे णाम एगारसमं अज्झयणं कयरे मग्गे अक्खाए माहणेणं मईमया / जं मग्गं उज्जु पावित्ता ओहं तरइ दुत्तरं ? // 1 // तं मग्गं णुत्तरं सुद्धं सव्वदुक्खविमोक्खणं / जाणासि णं जहा भिक्खू तं णो बूहि महामुणी // 2 // जइ णो. केइ पुच्छिज्जा देवा अदुव माणुसा। तेसिं तु कयरं मग्गं आइक्खेज्ज कहाहि णो / / 3 / जइ वो केइ पुच्छिज्जा देवा अदुव माणुसा / तेसिमं पडिसाहेज़्जा मग्गसारं सुणेह मे // 4 // अणुपुव्वेण महाघोरं कासवेण पवेइयं / जमायाय इओ पुव्वं समुदं ववहारिणो // 5 // अतरिंसु तरंतेगे तरिस्संति अणागया / तं सोचा पडिवक्खामि जंतवो तं सुणेह मे // 6 // पुढवीजीवा पुढो सत्ता आउजीवा तहाऽगणी। वाउजीवा पुढो सत्ता तणरुक्खा सबीयगा // 7 // अहावरा तसा पाणा एवं छक्काय आहिया / एयावए जीवकाए णावरे कोइ विज्जई // 8 // सव्वाहिं अणुजुत्तीहिं मइमं पडिलेहिया / सव्वे अकंतदुक्खा य अओ सव्वे ण हिंसया // 9 // एयं खु णाणिणो सारं जंण हिंसइ कंचण / अहिंसा समयं चेव एयावंतं वियाणिया || 10 // उर्दू अहे य तिरियं जे केइ तसथावरा / सव्वत्थ विरई कुज्जा संति णिवाणमाहियं // 11 // पभू दोसे णिराकिच्चा ण विरुज्झेज्ज केणइ / मणसा वयसा चेव कायसा चेव अंतसो // 12 // संवुडे से महापण्णे धीरे दत्तेसणं चरे। एसणासमीए णिचं वज्जयंते अणेसणं // 13 / / भूयाइं च समारम्भ तमुहिस्सा य जं कडं / तारिसं तु ण गिण्हेज्जा अण्णपाणं सुसंजए // 14 // पूईकम्म ण सेवेज्जा एस धम्मे वुसीमओ / जं किंचि अभिकंखेज्जा सव्वसो तं ण कप्पए // 15 // हणंतं णाणुजाणेज्जा आयगुत्ते जिइंदिए / ठाणाई संति सड्ढीणं गामेसु णगरेसु वा // 16 // तहा गिरं समारब्भ अत्थि पुण्णं ति णो Page #149 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 136 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि वए / अहवा णत्थि पुण्णं ति एवमेयं महब्भयं // 17 // दाणट्ठया य जे पाणा हम्मति तसथावरा / तेसिं सारक्खणट्ठाए तम्हा अस्थि त्ति णो वए // 18 // जेसिं तं उवकप्पंति अण्णपाणं तहाविहं / तेसिं लाभंतराय ति तम्हा णत्थि त्ति णो वए // 19 // जे य दाणं पसंसंति वहमिच्छति पाणिणं / जे य णं पडिसेहंति वित्तिच्छेयं करंति ते // 20 // दुहओ वि ते ण भासंति अत्थि वा णत्थि वा पुणो। आयं रयस्स हेच्चा णं णिव्वाणं पाउणंति ते // 21 // णिव्वाणं परमं बुद्धा णक्खत्ताण व चंदिमा / तम्हा सया जए दंते णिव्वाणं संधए मुणी // 22 // वुज्झमाणाण पाणाणं किच्चंताण सकम्मुणा / आघाइ साहु तं दीवं पइटेसा पवुच्चई // 23 // आयगुत्ते सया दंते छिण्णसोए अणासवे / जे धम्मं सुद्धमक्खाइ पडिपुण्णमणेलिसं। २४॥तमेव अवियाणता अबुद्धा बुद्धमाणिणो बुद्धा मो त्ति य मण्णता अंत एए समाहिए // 25 / / ते य बीओदगं चेव तमुहिस्सा य जं कडं। भोचा झाणं झियायंति अखेयण्णाऽसमाहिया // 26 / जहा ढंका य कंका य कुलला मग्गुका सिही / मच्छेसणं झियायंति झाणं ते कलु साधमं॥२७॥ एवं तु समणा एगे मिच्छदिट्ठी अणारिया। विसएसणं झियायति कंका वा कलुसाहमा // 28 // सुद्धं मग्गं विराहित्ता इहमेगे उ दुम्मई / उम्मग्गगया दुक्खं घायमेसंति तं तहा // 29 // जहा आसाविणिं णावं जाइअंधो दुरूहिया / इच्छई पारमागंतुं अंतरा य विसीयइ // 30 // एवं तु समणा एगे मिच्छट्ठिी अणारिया / सोयं कसिणमावण्णा आगंतारो महन्मयं // 31 // इमं च धम्ममायाय कासवेण पवेइयं / तरे सोयं महाघोरं अत्तत्ताए परिव्वए / / 32 // विरए गामधम्मेहिं जे केई जगई जगा / तेसिं अत्तवमायाए थाम कुव्वं परिव्वए // 33 / / अइमाणं च मायं च तं परिण्णाय पण्डिए / सव्वमेयं णिराकिंचा णिव्वाणं संधए मुणी // 34 // संधए साहुधम्मं च पावधम्मं णिराकरे / उवहाणवीरिए भिक्खू कोहं माणं ण पत्थए // 35 // जे य बुद्धा अइक्कंता जे य बुद्धा अणागया / संति तेसिं पइट्ठाणं भूयाणं जगई जहा॥३६।। अह णं वयमावण्णं फासा उच्चावया फुसे / ण तेसु विणिहण्णेज्जा वाएण व महागिरी // 37 // संवुडे से महापण्णे धीरे दत्तेसणं चरे / णिबुडे कालमाकंखी एवं केवलिणो मयं // 38 // ति बेमि / / ॥समोसरणं णाम बारसमं अज्झयणं॥ चत्तारि समोसरणाणिमाणि पावादुया जाई पुढो वयंति / किरियं अकिरियं Page #150 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 137 सूयगडो सु. 1 अ. 12 विणयं ति तइयं अण्णाणमाहंसु चउत्थमेव // 1 / / अण्णाणिया ता कुसला वि संता असंथुया णो वितिगिच्छतिण्णा / अकोविया आहु अकोवियेहिं अणाणुवीइत्तु मुसं वयंति-॥२॥ सच्चं असचं इति चिंतयंता असाहु साहु त्ति उदाहरंता / जेमे जणा वेणइया अणेगे पुट्ठा वि भावं विणइंसु णाम // 3 / / अणोवसंखा इइ ते उदाहु अढे स ओभासइ अम्ह एवं / लवावसंकी य अणागएहिं णो किरियमाहंसु अकिरियवाई // 4 // संमिस्सभावं च गिरा गहीए से मुम्मुई होइ अणाणुवाई / इमं दुपक्वं इममेगपक्खं आहंसु छलाययणं च कम्मं // 5 // ते एवमक्खंति अबुज्झमाणा विरूवरूवाणि अकिरियवाई / जे मायइत्ता बहवे मणूसा भमंति संसारमणोवदग्गं // 6 / / णाइचो उएइ ण अत्थमेइ ण चंदिमा वढइ हायई वा / सलिला ण संदंति ण वंति वाया वंझो णियओ कसिणे हु लोए // 7 // जहा हि अंधे सह जोइणा वि रूवाई णो पस्सइ हीणणेत्ते / संतं पि ते एवमकिरियवाई किरियं ण पस्संति णिरुद्धपण्णा / / 8 // संवच्छरं सुविणं लक्खणं च णिमित्तदेहं च उप्पाइयं च / अटुंगमेयं बहवे अहित्ता लोगंसि जाणंति अणागयाई // 9 // केई णिमित्ता तहिया भवंति केसिंचि तं विप्पडिएइ णाणं / ते विज्जभावं अणहिज्जमाणा आहंसु विज्जा परिमोक्खमेव // 10 // ते एवमक्खंति समिच्च लोगं तहा तहा समणा माहणा य.। सयंकडं णण्णकडं च दुक्खं आहेसु विज्जाचरणं पमोक्खं // 11 // ते चक्खु लोगंसिह णायगा उ मग्गाणुसासंति हियं पयाणं / तहा तहा सासयमाहु लोए जंसी पया माणव ! संपगाढा / / 12 // जे रक्खसा वा जमलोइया वा जे वा सुरा गंधव्वा य काया / आगासगामी य पुढोसिया जे पुणो पुणो विप्परियासुवेति / / 13 // जमाहु ओहं सलिलं अपारगं जाणाहि णं भवगहणं दुमोक्खं / जंसी विसण्णा विसयंगणाहिं दुहओऽवि लोयं अणुसंचरंति / / 14 // ण कम्मुणा कम्म खवेंति बाला अकम्मुणा कम्म खवेंति धीरा। मेहाविणो लोभमयावईया संतोसिणो णो पकरेंति.पावं // 15 / / ते तीयउप्पण्णमणागयाइं लोगस्स जाणंति तहागयाइं / णेयारो अण्णेसि अणण्णणेया बुद्धा हु ते अंतकडा भवंति // 16 // ते णेव कुव्वंति ण कारवेंति भूयाहिसंकाइ दुगुंछमाणा। सया जया विप्पणमंति धीरा विण्णत्ति धीरा य हवंति एगे // 17 // डहरे य पाणे वुड्ढे य पाणे ते अत्तओ पासइ सव्वलोए / उव्वेहईलोगमिणं महंतं बुद्धेऽपमत्तेसु परिव्वएज्जा // 18 // जे आयओ Page #151 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 138 अंग-पविटु सुत्ताणि परओ वा वि णचा अलमप्पणो होति अलं परेसिं / तं जोइभूयं च सयावसेज्जा जे पाउकुज्जा अणुवीइधम्मं // 19 // अत्ताण जो जाणइ जो य लोगं गई च जो जाणइ शागई च / जो सासयं जाण असासयं च जाई च मरणं च जणोववायं // 20 // अहो वि सत्ताण विउद्दणं च जो आसवं जाणइ संवरं च / दुक्खं च जो जाणइ णिज्जरं च सो भासिउमरिहइ किरियवायं // 21 // सहेसु रूवेसु असज्जमाणे गंधेसु रसेसु अदुस्समाणे / णो जोवियं णो मरणाहिकंखी आयाणगुत्ते वलया विमुक्के // 22 // त्ति बेमि॥ आहत्तहीयं णाम तेरसमं अज्झयणं आहत्तहीयं तु पवेयइस्सं णाणप्पकारं पुरिसस्स जायं / सओ य धम्मं असओ असीलं संतिं असंतिं करिस्सामि पाउं // 1 // अहो य राओ य समुट्ठिए हिं तहागएहिं पडिलब्भ धम्मं / समाहिमाघायमजोसयंता सत्थारमेवं फरुसं वयंति // 2 // विसोहियं ते अणुकाहयंते जे आयभावेण वियागरेज्जा / अट्ठाणिए होइ बहूगुणाणं जे णाणसंकाइ मुसं वए जा // 3 // जे यावि पुट्ठा पलिउंचयति आयाणमढें खलु वंचइत्ता / असाहुणो ते इह साहु माणी मायण्णि एस्संति अणंतघायं / / 4 // जे कोहणे होइ जयट्ठभासी विओसिंयं जे उ उदीरएज्जा / अंधे व से दंडपहं गहाय अविओसिए धासइ पावकम्मी / / 5 // जे विग्गहीए अण्णायभासी ण से समे होइ अझंझपत्ते / उवायकारी य हिरीमणे य एगंतदिट्ठी य अमाइरूवे // 6 // से पेसले सुहमे पुरिसजाए जच्चण्णिए चेव सुउज्जुयारे। बहूं पि अणुसासिए जे तहच्चा समे हु से होइ अझंझपत्ते // 7 // जे यावि अप्पं धसुमं ति मत्ता संखाय वायं अपरिक्ख कुज्जा / तवेण वाहं सहिउ त्ति मत्ता अण्णं जणं पस्सइ बिम्बभूयं // 8 // एगंतकूडेण उ से पलेइ ण विजई मोणपयंसि गोत्ते। जे माणणटेण विउक्कसेज्जा वसुमण्णतरेण अबुज्झमाणे // 9 // जे माहणे खत्तियजायए वा तहुग्गपुत्ते तह लेच्छई वा। पव्वईए परदत्तभोई गोत्ते ण जे थब्भइ माणबद्धे // 10 ॥ण तस्स जाई व कुलं व ताणं णण्णत्थ विजाचरणं सुचिण्णं / णिक्खम्म से सेवइऽगारिकम्मं ण से पारए होइ विमोयणाए // 11 // णिकिंचणे भिक्खु सुलूहजीवी जे गारवं होइ सिलोगकामी / आजीवमेयं तु अबुज्झमाणो पुणो पुणो विप्परियासुर्वेति / / 12 / / जे भासवं भिक्खु सुसाहुवाई पडिहाणवं होइ विसारए य / आगाढपण्णे सुविभावि. Page #152 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सूयगडो सु. 1 अ. 14 139 यप्पा अण्णं जणं पण्णया परिहवेज्जा // 13 // एवं ण से होइ समाहिपत्ते जे पण्णवं भिक्खू विउकसेज्जा / अहवा वि जे लाहमयावलित्ते अण्णं जणं खिंसइ बालपण्णे / / 14 / / पण्णामयं चेव तवोमयं च णिण्णामए गोयमयं च भिक्खू / आजीवगं चेव चउत्थमाहु से पंडिए उत्तमपोग्गले से // 15 // एयाइं मयाई विगिंच धीरा ण ताणि सेवंति सुधीरधम्मा / ते सव्वगोत्तावगया महेसी उच्च अगोत्तं च गई वयंति / / 16 // भिक्खू मुयचे तह दिधम्मे गामं च णगरं च अणुप्पविस्सा / से एसणं जाणमणेसणं च अण्णस्स पाणस्स अणाणुगिद्धे // 17 // अरइं रई च अभिभूय भिक्खू बहूजणे वा तह एगचारी। एगंतमोणेण वियागरेजा एगस्स जंतो गइरागई य // 18 // सयं समेच्चा अदुवा वि सोचा भासेज धम्म हिययं पयाणं / जे गरहिया सणियाणप्पओगा ण ताणि सेवंति सुधीरधम्मा // 19 // केसिंचि तक्काइ अबुज्झ भावं खुदं पि गच्छेज्ज असद्दहाणे / आउस्स कालाइयारं वघाए लद्धाणुमाणे य परेसु अढे // 20 / / कम्मं च छंदं च विगिंच धीरे विणइज्ज ऊ सव्वउ आयभावं / रूवेहि लुप्पंति भयावहेहिं विजं गहाया तसथावरेहिं // 21 ॥ण पूयणं चेव सिलोयकामी पियमप्पियं कस्सइ णो करेजा / सव्वे अणडे परिवजयंते अणाउले या अकसाई भिक्खू // 22 // आहत्तहीयं समुपेहमाणे सव्वेहि पाणेहिं णिहाय दंडं / णो जीवियं णो मरणाहिकंखी परिव्वएज्जा वलया विमुक्के // 23 / / त्ति बेमि / / // गंथों णाम चउद्दसमं अज्झयणं / . गंथं विहाय इह सिक्खमाणो उठान सुबम्भचेरं वसेज्जा / ओवायकारी विणयं सुसिक्खे जे छेय से विप्पमायं ण कुन्जा // 1 // जहा दियापोयमपत्तजायं सावासगा पविउं मण्णमाणं / तमचाइयं तरुणमपत्तजायं ढंकाइ अव्वत्तगमं हरेजा // 2 // एवं तु सेहं पि अपुट्ठधम्मं णिस्सारियं वुसिमं मण्णमाणा। दियस्स छायं व अपत्तजायं हरिंसु णं पावधम्मा अणेगे // 3 // ओसाणमिच्छे मणुए समाहिं अणोसिए णंतकरि ति णचा / ओभासमाणे दवियस्स वित्तं ण णिक्कसे बहिया आसुपण्णो // 4 // जे ठाणओ य सयणासणे य परक्कमे यावि सुसाहुजुत्ते / समिईसु गुत्तीसु य आयपण्णे वियागरिं ते य पुढो वएज्जा // 5 // सहाणि सोचा अदु भेरवाणि अणासवे तेसु परिव्वएज्जा / णिहं च भिक्खू ण पमाय कुजा कहंकहं वा वितिगिच्छतिण्णे Page #153 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 140 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि // 6 // डहरेण वुड्ढेणऽणुसासिए उ राइणिएणावि समव्वएणं। सम्मं तयं थिरओ णाभिगच्छे णिजंतए वावि अपारए से / / 7 // विउठिएणं समयाणुसिढे डहरेण वुड्ढेण उ चोइए य / अच्चुट्ठि याए घडदासिए वा अमारिणं वा समयाणुसिढे ॥८॥ण तेसु कुज्झे ण य पव्वहेज्जा ण यावि किंची फरुसं वएज्जा / तहा करिरसं ति पडिस्सुणेज्जा सेयं खु मेयं ण पमाय कुज्जा // 9 // वणंसि मूढस्स जहा अमूढा मग्गाणुसासंति हियं पयाणं / तेणेव मज्झं इणमेव सेयं जं मे बुहा समणुसासयंति // 10 / / अह तेण मूढेण अमूढगस्स कायब पूया सविसेसजुत्ता / एओवमं तत्थ उदाहु वीरे अणुगम्म अत्थं उवणेइ सम्मं // 11 // णेया जहा अंधकारंसि राओ मग्गं ण जाणाइ अपस्समाणे / से सूरियस्स अब्भुग्गमेणं मग्गं वियाणाइ पगासियंसि // 12 // एवं तु सेहे वि अपुढधम्मे धम्म ण जाणाइ अबुज्झमाणे / से कोविए जिणवयणेण पच्छा सूरोदए पासइ चक्खुणेव // 13 / / उ8 अहे यं तिरियं दिसासु तसा य जे थावर जे य पाणा / सया जए तेसु परिव्वए ज्जा मणप्पओसं अविकम्पमाणे // 14 // कालेण पुच्छे समियं पयासु आइक्खमाणो दवियस्स वित्तं / तं सोयकारी य पुढो पवेसे संखा इमं केवलियं समाहिं // 15 // अस्सि सुठिच्चा तिविहेण तायी एएसु या संति णिरोहमाहु / ते एवमक्खंति तिलोगदंसी ण भुज्जमेयंति पमायसंग // 16 // णिसम्म से भिक्खू समीहियर्ट पडिभाणवं होइ विसारए य / आयाणअट्ठी वोदाणमोणं उवेच सुद्धण उवेइ मोक्खं // 17 / / संखाइ धम्मं च वियागरंति बुद्धा हु ते अंतकरा भवंति / ते पारगा दोण्ह वि मोयणाए संसोधिय पण्हमुदाहरंति // 18 / / णो छायए णो वि य लूसएज्जा माणं ण सेवेज पगासणं च / ण यावि पण्णे परिहास कुन्जा ण याऽऽसियावाय वियागरेज्जा / / 19 / / भूया. भिसंकाइ दुगुंछमाणे ण णिव्वहे मंतपएण गोयं / ण किंचिमिच्छे मणुए पयासु असाहुधम्माणि ण संवएज्जा // 20 // हासं पि णो संधइ पावधम्मे ओए तहीयं फरुसं वियाणे / णो पुच्छए णो य विकंथइज्जा अणाइले या अकसाइ भिक्खू // 21 / / संकेज याऽसंकियभाव भिक्खू विभज्जवायं च वियागरेज्जा / भासादुयं धम्मसमुट्ठिएहिं वियागरेज्जा समयासुपण्णे // 22 // अणुगच्छमाणे वितहं विजाणे तहा तहा साहु अकक्कसेणं / ण कत्थई भास विहिंसइज्जा णिरुद्धगं वावि ण दीहइज्जा // 23 // समालवेज्जा पडिपुण्णभासी णिसामिया समियाअट्ठदंसी। आणाइ सुद्धं Page #154 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सूयगडो सु. 1 अ. 15 141 वयणं भिउंजे अभिसंधए पावविवेग मिक्खू / / 24 // अहाबुइयाई सुसिक्खए जा जइज्जया णाइवेलं वएज्जा / से दिहिमं दिहिण लूसएज्जा से जाणइ भासिउं तं समाहिं // 25 // अलूसए णो पच्छण्णभासी णो सुत्तमत्थं च करेज ताई / सत्थारभत्ती अणुवीइवाय सुयं च सम्म पडिवाययंति // 26 // से सुद्धसुत्ते उवहाणवं च धम्म च जे विंदइ तत्थ तत्थ / आएज्जवक्के कुसले वियत्तेस अरिहइ भासिउं तं समाहिं // 27 // त्ति बेमि // ॥जमईए णाम पण्णरसमं अज्झयणं॥ जमईअं पडुप्पण्णं आगमिस्सं च णायओ / सव्वं मण्णइ तं ताई दंसणावरणंतए // 1 // अंतए वितिगिच्छाए से जाणइ अणेलिसं / अणेलिसस्स अक्खाया ण से होइ तहिं तहिं // 2 // तहिं तहिं सुयक्खायं से य सच्चे सुआहिए / सया सच्चेण संपण्णे मेत्तिं भूए हिं कप्पए // 3 // भूएहिं ण विरुज्झेजा एस धम्मे वुसीमओ। वुसिमं जगं परिण्णाय अस्सि जीवियभावणा // 4 // भावणाजोगसुद्धप्पा जले णावा ण आहिया / णावा व तीरसंपण्णा सव्वदुक्खा तिउट्टइ // 5 // तिउट्टई उ मेहावी जाणं लोगसि पावगं / तुटुंति पावकम्माणि गवं कम्ममकुव्वओ // 6 // अकुवओ ण णत्थि कम्मं णाम विजाणइ / विण्णाय से महावीरे जेण जाई ण मिज्जई // 7 // ण मिज्जई महावीरे जस्स णत्थि पुरेकडं / वाउ ब्व जालमच्चेइ पिया लोगंसि इत्थियो // 8 // इत्थियो जे ण सेवंति आइमोक्खा हु ते जणा। ते जणा बंधणुम्मुक्का णावखंति जीवियं // 9 // जीवियं पिट्ठओ किच्चा अंतं पावंति कम्मुणं / कम्मुणा संमुहीभूया जे मग्गमणुसासई // 10 // अणुसासणं पुढो पाणी वसुमं पूयणासु ते / अणासए जए दंते दढे आरयमेहणे // 11 // णीवारे व ण लीए जा छिण्णसोए अणाविले / अणाइले सया दंते संधिं पत्ते अणेलिसं // 12 // अणेलिसस्स खेयण्णे ण विरुज्झेज्ज केणइ / मणसा वयसा चेव कायसा चेव चक्खुमं // 13 // से हु चक्खू मणुस्साणं जे कंखाए य अंतए / अंतेण खुरो वहई चकं अंतेण लोट्टई // 14 // अंताणि धीरा सेवंति तेण अंतकरा इह / इह माणुस्सए ठाणे धम्ममाराहिउं णरा // 15 // णिट्ठिपट्ठा व देवा वा उत्तरीए इयं सुयं / सुयं य मेयमेगेसि अमणुस्सेसु णो तहा॥१६॥ अंतं करतिं दुक्खाणं इहमेगेसिमाहियं / आघायं पुण एगेसिं दुल्लभेऽयं समुस्सए Page #155 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 142 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि . ॥१७||इओ विद्धंसमाणस्स पुणो संबोहि दुल्लहा / दुलहाओ . तहच्चाओ जे धम्मटुं वियागरे // 18 // जे धम्म सुद्धमक्खंति पडिपुण्णमणेलिसं / अणेलिसस्स 'जं ठाणं तस्स जम्मकहा कओ।। 19 // कओ कयाइ मेहावी उप्पज्जति तहागया / तहागया अप्पडिण्णा चक्खू लोगस्सणुत्तरा // 20 // अणुत्तरे य ठाणे से कासवेण पवेइए। जं किच्चा णिव्वुडा एगे णिटुं पावंति पंडिया // 21 // पंडिए वीरियं लद्धं णिग्घा. याय पवत्तगं धुणे पुव्वकडं कम्मं णवं वा वि ण कुबई / / 22 / / ण कुव्वई महावीरे अणुपुवकडं रयं / रयसा संमुहीभूया कम्मं हेच्चाण जं मयं // 23 / / जं मयं सव्वसाहूणं तं मयं सल्लगत्तणं / साहइत्ताण तं तिण्णा देवा वा अभविंसु ते / / 24 / / अभविंसु पुरा धीरा आगमिस्सा कि सुव्वया / दुण्णिबोहस्स मग्गस्स अंतं पाउकरा तिण्णे / / 25 / / त्ति बेमि // ॥गाहा णाम सोलसमं अज्झयणं / अहाह भगवं-एवं से दंते दविए वोसटकाए त्ति वच्चे माहणे त्ति वा 1 समणे त्ति वा 2 भिक्खु त्ति वा 3 णिग्गंथे त्ति वा 4 / पडिआह-भंते ! कहं णु दंते दविए वोसट्ठकाए त्ति वच्चे माहणे त्ति वा समणे त्ति का भिक्खू त्ति वा णिग्गंथे त्ति वा / तं णो बूहि महामुणी // इइ विरए सव्वपावकम्मेहिं पिज्जदोसकलह० अब्भक्खाण. पेसुण्ण० परपरिवाय० अरइरइ० मायामोस० मिच्छादसणसल्लविरए समिए सहिए सया जए णो कुज्झे णो माणी माहणे त्ति वच्चे // 1 // एत्थ वि समणे अणि स्सिए अणियाणे आयाणं च अइवायं च मुसावायं च बहिद्धं च कोहं च माणं च मायं च लोहं च पिजं च दोसं च इच्चेव जओ जओ आयाणं अप्पणो पदोसहेऊ तओ तओ आयाणाओ पुव्वं पडिविरए पाणाइवाया सिआ दंते दविए वोसट्टकाए समणे त्ति वच्चे // 2 // एत्थ वि भिक्खू अणुण्णए विणीए णामए दंते दविए वोसट्टकाए संविधुणीय विरूवरूवे परीसहोवसग्गे अज्झप्पजोगसुद्धादाणे उवट्ठिए ठिअप्पा संखाए परदत्तभोई भिक्खू त्ति वच्चे // 3 // एत्थ वि णिग्गंथे एगे एगविऊ बुद्धे संछिण्णसोए सुसंजए सुसमिए सुसामाइए आयवायपत्ते विऊ दुहओ वि सोयपलिछिण्णे णो पूयणसक्कारलाभट्ठी धम्मट्ठी धम्मविऊ णियागपडिवण्णे समियं चरे दंते दविए वोसट्ठकाए णिग्गंथे त्ति वच्चे // 4 // से एवमेव जाणह जमहं भयंतारो // त्ति बेमि / / पढमे सुयक्खंधे समत्ते // Page #156 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुयगडो-बीओ सुयक्खंधो पोंडरीए णाम पढमं अज्झयणं सुयं मे आउसं तेणं भगवया एवमक्खायं / इह खलु पोण्डरीए णामज्झयणे तस्स णं अयमढे पण्णत्ते / से जहाणामए पुक्खरिणी सिया बहुउदगा बहुसेया बहुपुक्खला लद्धट्ठा पुण्डरिकिणी पासाइया दरिसणिया अभिरूवा पडिरूवा / तीसे णं पुक्खरिणीए तत्थ तत्थ देसे देसे तहिं तहिं बहवे पउमवरपोण्डरीया बुइया, अणुपुबुढ़िया ऊसिया रुइला वण्णमंता गंधमंता रसमंता फासमंता पासाइया दरिसणिया अभिरूवा पडिरूवा। तीसे णं पुक्खरिणीए बहुमज्झदेसभाए एगे महं पउमवरपोण्डरीए बुइए, अणुपुव्वुट्ठिए ऊसिए रुइले वण्णमंते गंधमंते रसमंते फासमंते पासादीए जाव पडिरूवे / सव्वावंति च णं तीसे पुक्खरिणीए तत्थ तत्थ देसे देसे तहिं तहिं बहवे पउमवरपोण्डरीया बुइया अणुपुबुढ़िया ऊसिया रुइला जाव पडिरूवा / सव्वावंति च णं तीसे णं पुक्खरिणीए बहुमज्झदेसभाए एगे महं पउमवरपोण्डरीए बुइए अणुपुबुट्ठिए जाव पडिरूवे // 1 // अह पुरिसे पुरित्थिमाओ दिसाओ आगम्म तं पुक्खरिणिं तीसे पुक्खरिणीए तीरे ठिचा पासइ तं महं एगं पउमवरपोण्डरीयं अणुपुब्बुट्ठियं ऊसियं जाव पडिरूवं / तए णं से पुरिसे एवं वयासी-अहमंसि पुरिसे खेयण्णे कुसले पण्डिए वियत्ते मेहावी अबाले मग्गडे मग्गविऊ मग्गस्स गइपरिक्कमण्णू। अहमेयें पउमवरपोंडरीयं उण्णिक्खिस्सामि त्ति कटु इइ बुया से पुरिसे अभिक्कमेइ तं पुक्खरिणिं / जावं जावं च णं अभिक्कमेइ तावं तावं च णं महंते उदए महंते सेए पहीणे तीरं अपत्ते पउमवरपोण्डरीयं णो हव्वाए णो पाराए अंतरा पुक्खरिणीए सेयंसि णिसण्णे पढमे पुरिसजाए // 2 // अहावरे दोचे पुरिसजाए / अह पुरिसे दक्खिणाओ दिसाओ आगम्म तं पुक्खरिणिं तीसे पुस्खरिणीए तीरे ठिच्चा पासइ तं महं एगं पउमवरपोण्डरीयं अणुपुबुट्ठियं पासाइयं जाव पडिरूवं / तं च एत्थ एगं पुरिसजायं पासइ पहीणतीरे अपत्तपउमवरपोण्डरीयं णो हवाए णो पाराए अंतरा पुक्खरिणीए सेयंसि णिसणं / तए णं से पुरिसे तं पुरिसं एवं वयासी-अहो णं इमे पुरिसे अखेयण्णे Page #157 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 144 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि अकुसले अपण्डिए अवियत्ते अमेहावी बाले णो मग्गटे णो मग्गविऊ णो मग्गस्स गइपरिक्कमण्णू जं णं एस पुरिसे / अहमंसि खेयण्णे कुसले जाव पउमवरपोण्डरीयं उण्णिक्खिस्सामि / णो य खलु एयं पउमवरपोण्डरीयं एवं उणिक्य वं जहा णं एस पुरिसे मण्णे / अहमंसि पुरिसे खेयण्णे कुसले पण्डिए वियत्ते मेहावी अबाले मग्गढे मग्गविऊ मग्गस्स गइपरिक्कमण्णू, अहमेयं पउमवरपोण्डरीयं उण्णिक्खिस्सामि त्ति क? इइ बुया से पुरिसे अभिकमे तं पुक्खरिणिं / जावं जावं च णं अभिक्कमेइ तावं तावं च णं महंते उदए महंते सेए पहीणे तीरं अपत्ते पउमवरपोण्डरीयं णो हव्वाए णो पाराए अंतरा पुक्खरिणीए सेयंसि णिसण्णे दोचे पुरिसजाए // 3 // अहावरे तचे पुरिसजाए। अह पुरिसे पञ्चत्थिमाओ दिसाओ आगम्म तं पुक्खरिणिं तीसे पुक्खरिणीए तीरे ठिचा पासइ तं एगं महं पउमवरपोण्डरीयं अणुपुवुट्ठियं नाव पडिरूवं / ते तत्थ दोण्णि पुरिसजाए पासइ पहीणे तीरं अपत्ते पउमवरपोण्डरीयं णो हवाए णो पाराए जाव सेयंसि णिसण्णे / तए णं से पुरिसे एवं वयासीअहो णं इमे पुरिसा अखेयण्णा अकुसला अपण्डिया अवियत्ता अमेहावी बाला णो मग्गट्ठा णो मग्गविऊ णो मग्गस्स गइपरिक्कमण्णू ज णं एए पुरिसा एवं मण्णेअम्हे एयं पउमवरपोण्डरीयं उण्णिक्खिस्सामो णो य खलु एयं पउमवरपोण्डरीयं एवं उण्णिक्खेयव्वं जहा णं एए पुरिसा मण्णे / अहमंसि पुरिसे खेयण्णे कुसले पण्डिए वियत्ते मेहावी अबाले मग्गटे मग्गविऊ मग्गस्स गइपरिक्कमण्णू अहमेयं पउमवरपोण्डरीयं उण्णिक्खिस्सामि त्ति कटु इइ वुच्चा से पुरिसे अभिक्कमेतं पुक्खरिणिं / जावं जावं च णं अभिक्कमे तावं तावं च णं महंते उदए महंते सेए जाव अंतरा पुक्खरिणीए सेयंसि णिसण्णे तच्चे पुरिसजाए // 4 ॥अहावरे चउत्थे पुरिसजाए। अह पुरिसे उत्तराओ दिसाओ आगम्म तं पुक्खरिणिं तीसे पुक्खरिणीए तीरे ठिचा पासइ तं महं एगं पउमवरपोण्डरीयं अणुपुबुढ़ियं जाव पडिरूवं / ते तत्थ तिण्णि पुरिसजाए पासइ पहीणे तीरं अपत्ते जाव सेयंसि णिसण्णे / तए णं से पुरिसे एवं वयासी-अहो णं इमे पुरिसा अखेयण्णा जाव णो मग्गस्स गइपरिक्कमण्णू जं णं एए पुरिसा एवं मण्णे-अम्हे एयं पउमवरपोण्डरीयं उण्णिक्खिस्सामो णो य खलु एयं पउमवरपोण्डरीयं एवं उण्णिक्खेयव्वं जहा णं एए पुरिसा मण्णे / अहमंसि पुरिसे खेयण्णे जाव मग्गस्स गइपरिक्कमण्णू, अहमेयं पउमवरपोण्डरीयं एवं Page #158 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सूयगडो सु. 2 अ.१ 145 उण्णिक्खिस्सामि त्ति कटु इइ वुच्चा से पुरिसे अभिक्कमे तं पुक्खरिणिं / जावं जावं च णं अभिक्कमे तावं तावं च णं महंते उदए महंते सेए जाव णिसण्णे चउत्थे पुरिस जाए // 5 // अह भिक्खू लूहे तीरट्ठी खेयण्णे जाव गइपरिक्कमण्णू अण्णयराओ दिसाओ वा अणुदिसाओ वा आगम्म तं पुक्खरिणिं तीसे पुक्खरिणीए तीरे ठिच्चा पासइ तं महं एगं पउमवरपोण्डरीयं जाव पडिरूवं / ते तत्थ चत्तारि पुरिसजाए पासइ पहीणे तीरं अपत्ते जाव पउमवरपोण्डरीयं णो हव्वाए णो पाराए अंतरा पुकावरिणीए सेयंसि णिसण्णे / तए णं से भिक्खू एवं वयासी-अहो णं इमे पुरिसा अखेयण्णा जाव णो मग्गस्स गइपरिक्कमण्णू जं एए पुरिसा एवं मण्णे अम्हे एयं पउमवरपोण्डरीयं उण्णिक्खिस्सामो, णो य खलु एयं पउमवरपोण्डरीयं एवं उणिक्खेयव्वं जहा णं एए पुरिसा मण्णे / अहमंसि भिक्खू लूहे तीरट्ठी खेयण्णे जाव मग्गस्स गइपरिक्कमण्णू अहमेयं पउमवरपोण्डरीयं उण्णिविखस्सामि त्ति कटु इइ वुच्चा से भिक्खू णो अभिक्कमे तं पुक्खरिणिं तीसे पुक्खरिणीए तीरे ठिच्चा सहं कुज्जा-उप्पयाहि खलु भो पउमवरपोण्डरीया ! उप्पयाहि / अह से उप्पइए पउमवरपोण्डरीए।॥६॥किट्टिए णाए समणाउसो! अढे पुण से जाणियव्वे भवइ / भंते ! त्ति समणं भगवं महावीरं णिग्गंथा यणिग्गंथीओ य वंदंति णमंसंति वंदित्ता णमंसित्ता एवं वयासी-किट्टिए णाए समणाउसो! अढे पुण से ण जाणामो समणाउसो त्ति / समणे भगवं महावीरे ते य बहवे णिग्गंथे य णिग्गंथीओ य आमंतेत्ता एवं वयासी-हंत समणाउसो! आइक्खामि विभावेमि किट्टेमि पवेए मि सअटुं सहेउं सणिमित्तं भुजो भुज्जो उवदंसेमि से बेमि।।जालोयं च खलु मए अप्पाहटु समणाउसो! पुक्खरिणी बुइया / कम्मं च खलु मए अप्पाहटु समणाउसो ! से उदए बुइए / कामभोगे य खलु मए अप्पाहटु समणाउसो! से सेए बुइए / जणजाणवयं च खलु मए अप्पाह? समणाउसो ! ते बहवे पउमवरपोण्डरीए बुइए / रायाणं च खलु मए अप्पाह? समणाउसो ! से एगे महं पउमवरपोण्डरीए बुइए / अण्णतित्थिया य खलु मए अप्पाहटु समणाउसो! ते चत्तारि पुरिसजाया बुइया / धम्म च खलु मए अप्पाहट्ट समणाउसो ! से भिक्खू बुइए / धम्मतित्थं च खलु मए अप्पाहटु समणाउसो ! से तीरे बुइए / धम्मकहं च खलु मए अप्पाहटु समणाउसो ! से सहे बुइए / णिव्वाणं च खलु मए अप्पाह? समणाउसो ! से उप्पाए Page #159 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 146 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि बुइए / एवमेयं च खलु मए अप्पाह? समणाउसो ! से एवमेयं बुइया|८||इह खलु पाईणं वा पडीणं वा उदीणं वा दाहिणं वा संतेगइया मणुस्सा भवंति अणुपुवेणं लोग उववण्णा / तंजहा--आरिया वेगे अणारिया वेगे उच्चागोया वेगे णीयागोया वेगे कायमंता वेगे रहस्समंता वेगे सुवण्णा वेगे दुव्वण्णा वेगे सुरूवा वेगे दुरूवा वेगे / तेसिं च णं मणुयाणं एगे राया भवइ महया हिमवंतमलयमंदरमहिंदसारे अचंतविसुद्धरायकुलवंसप्पसूए णिरंतररायलक्खणविराइयंगमंगे बहुजणबहुमाणपूइए सव्वगुणसमिद्धे खत्तिए मुदिए मुद्धाभिसित्ते माउपिउसुजाए दयप्पिए सीमंकरे सीमंधरे खेमंकरे खेमंधरे मास्सिंदे जणवयपिया जणवयपुरोहिए सेउ. करे केउकरे णरपवरे पुरिसपवरे पुरिससीहे पुरिसआसीविसे पुरिसवरपोण्डरीए पुरिसवरगंधहत्थी अड्डे दित्ते वित्ते विच्छिण्णविउलभवणसयणासणजाणवाहणाइण्णे बहुधणबहुजायरूवरयए आओगपओगसंपउत्ते विच्छड्डियपठरभत्तपाणे बहुदासीदासगोमहिसगवेलगप्पभूए पडिपुण्णकोसकोट्ठागाराउहागारे बलवं दुब्बलपचामित्ते ओहयकण्टयं णिहयकण्टयं मलियकण्टयं उद्धियकण्टयं अकण्टयं ओहयसत्तू णियह सत्तू मलियसत्तू उद्धियसत्तू णिज्जियसत्तु पराइयसत्तू ववगबदुभिक्खमारिभयविप्पमुक्कं (रायवण्णओ जहा उववाइए) जाव पसंतडिम्बडमरं रजं पसाहेमाणे विहरइ / तस्स णं रण्णो परिसा भवइ उग्गा उग्गपुत्ता भोगा भोगपुत्ता इक्खागाइ इक्खागाइपुत्ता णाया णायपुत्ता कोरव्वा कोरवपुत्ता भट्टा भट्टपुत्ता माहणा माहणपुत्ता लेच्छइ लेच्छइपुत्ता पसत्थारो पसत्थपुत्ता सेणावई सेणावइपुत्ता। तेसिं च णं एगइए सड्डी भवइ कामं तं समणा वा माहणा वा संपहारिंसु गमणाए। तत्थ अण्णयरेणं धम्मेणं पण्णत्तारो वयं इमेणं धम्मेणं पण्णवइस्सामो से एवमायाणह भयंतारो जहा मए एस धम्मे सुयक्खाए सुपण्णत्ते भवइ / तं जहा-उ8 पायतला अहे केसग्गमत्थया तिरिय तयपरियंते जीवे एस आयापज्जवे कसिणे एस जीवे जीवइ, एस मए णो जीवए, सरीरे धरमाणे धरइ विणट्ठम्मि य णो धरइ / एयं तं जीवियं भवइ, आदहणाए परेहि णिज्जइ, अगणिझामिए सरीरे कवोयवण्णाणि अट्ठीणि भवंति आसंदीपंचमा पुरिसा गामं पञ्चागच्छंति, एवं असंते असंविज्जमाणे / जेसिं तं असंते असंविज्जमाणे तेसिं तं सुयक्खायं भवइ-अण्णो भवइ जीवो अण्णं सरीरं, तम्हा ते एवं णो विपडिवेदेति-अयमाउसो! आया दीहे त्ति वा हस्से त्ति वा परिमण्डले त्ति वा वट्टे त्ति वा तसे Page #160 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सूयगडो सु. 2 अ. 1 147 त्ति वा चउरंसे त्ति वा आयए त्ति वा छलंसिए त्ति वा अद्वैसे त्ति वा किण्हे त्ति वा णीले त्ति वा-लोहियहालिहे त्ति वा सुकिले त्ति वा सुन्भिगंधे त्ति वा दुब्भिगंधे त्ति वा तित्ते त्ति वा कडुए त्ति वा कसाए त्ति वा अम्बिले त्ति वा महुरे त्ति वा कक्खडे त्ति वा मउए त्ति वा गुरुए त्ति वा लहुए त्ति वा सीए त्ति वा उसिणे त्ति वा णिद्धे त्ति वा लुक्खे त्ति वा। एवं असंते असंविज्जमाणे / जेसिं तं सुयक्खायं भवइ-अण्णो जीवो अण्णं सरीरं, तम्हा ते णो एवं उपलब्भंति / से जहाणामए-केइ पुरिसे कोसीओ असिं अभिणिवट्टित्ता णं उवदंसेज्जा अयमाउसो! असी अयं कोसी,एवमेव णत्थि केइ पुरिसे अभिणिन्वट्टित्ता णं उवदंसेत्तारो अयमाउसो! आया इयं सरीरं / से जहाणामए केइ पुरिसे मुंजाओ इसियं अभिणिव्वट्टित्ता णं उवदंसेज्जा अयमाउसो ! मुंजे इयं इसिय,एवमेव णत्थि केइ पुरिसे उवदंसेत्तारो अयमाउसो आया इयं सरीरं। से जहाणामए-केइ पुरिसे मंसाओ अढि अभिणिव्वट्टित्ता णं उवदंसेज्जा अबमाउसो! मंसे अयं अट्ठी, एवमेव णत्थि केइ पुरिसे उवदंसेत्तारो अयमाउसो ! आया इयं सरीरं / से जहाणामए-केइ पुरिसे करयलाओ आमलकं अभिणिव्वट्टित्ता णं उवदंसेज्जा अयमाउसो ! करयले अयं आमलए,एवमेव णत्थि केइ पुरिसे उवदंसेत्तारो अयमाउसो! आया इयं सरीरं। से जहाणामए केइ पुरिसे दहीओणवणीयं अभिणिव्वट्टित्ता णं उवदंसेज्जा अयमाउसो ! णवणीयं अयं तु दही,एवमेव णत्थि केइ पुरिसे जाव सरीरं / जे जहांणामए-केइ पुरिसे तिलेहिंतो तेल्लं अभिणिव्वट्टित्ता णं उवदंसेज्जा अयमाउसो तेलं. अयं पिण्णाए, एवमेव जाव सरीरं / से जहाणामए--केइ पुरिसे इक्खूओ खोयरसं अभिणिव्वट्टित्ता णं उवदंसेज्जा अयमाउसो ! खोयरसे अयं छोए, एवमेव जाव सरीरं / से जहाणामए-केइ पुरिसे अरणीओ अग्गि अभिणिवट्टित्ता णं उवदंसेज्जा अयमाउसो ! अरणी अयं अग्गी, एवमेव जाव सरीरं / एवं असंते असंविजमाणे / जेसिं तं सुयक्खायं भवइ तं जहा-अण्णो जीवो अण्णं सरीरं / तम्हा ते मिच्छा / / से हंता तं हणह खणह छणह डहह पयह आलुम्पह विलुम्पह सह. सक्कारेह विपरामुसह, एयावया जीवे णत्थि परलोए / ते णो एवं विप्पडिवेदेति, तं जहा-किरिया इ वा अकिरिया इ वा सुक्कडे इ वा दुक्कडे इ वा कल्लाणे इ वा पावए इ वा साहू इ वा असाहू इ वा सिद्धी इ वा असिद्धी इ वा णिरए इ वा अणिरए इ वा / एवं ते विरूवरूवेहिं कम्मसमारंभेहिं विरूवरूवाई कामभोगाई समारभति Page #161 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 148 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि भोयणाए // एवं एगे पागन्भिया णिक्खम्म मामगं धम्मं पण्णवेंति / तं सद्दहमाणा तं पत्तियमाणा तं रोएमाणा साहु सुयक्खाए समणे त्ति वा माहणे त्ति वा काम खलु आउसो ! तुमं पूययामि, तं जहा-असणेण वा पाणेण वा खाइमेण वा साइमेण वा वत्थेण वा पडिग्गहेण वा कम्बलेण वा पायपुंछणेण वा। तत्थेगे पूयणाए समाउटिंसु तत्थेगे पूयणाए णिकाइंसु / / पुव्वमेव तेसिं णायं भवइ-समणा भविस्सामो अणगारा अकिंचणा अपुत्ता अपसू परदत्तभोइणो भिक्खुणो पावं कम्मं णो करिस्सामो समुठ्ठाए। ते अप्पणा अप्पडिविरया भवंति, सयमाइयंति अण्णे वि आइयावेंति अण्णं वि आययंतं समणुजाणंति एवमेव ते इत्थिकांमभोगेहिं मुच्छिया गिद्धा गढिया अज्झोववण्णा लुद्धा रागदोसवसट्टा / ते णो अप्पाणं समुच्छेदेति ते णो परं समुच्छे. देंति ते णो अण्णाई पाणाई भूयाई जीवाइं सत्ताई समुच्छेदेति, पहीणा पुब्वसंजोगं आयरियं मग्गं असंपत्ता इइ ते णो हव्वाए णो पाराए अंतरा कामभोगेसु विसण्णा / इइ पढमे पुरिसजाए तज्जीवतच्छरीरए त्ति आहिए // 9 // __ अहावरे दोचे पुरिसजाए पंचमहन्भूइए त्ति आहिज्जइ / इह खलु पाईणं वा 6 संतेगइया मणुस्सा भवंति अणुपुव्वेणं लोयं उववण्णा, तं जहा-आरिया वेगे अणारिया वेगे एवं जाव दुरूवा वेगे। तेसिं च णं महं एगे राया भवइ महया एवं चेव गिरवसेसं जाव सेणावइपुत्ता। तेसिं च णं एगइए सड्डी भवइ कामं तं समणा य माहणा य पहारिंसु गमणाए / तत्थ अण्णयरेणं धम्मेणं पण्णत्तारो वयं इमेणं धम्मेणं पण्णवइस्सामो से एवमायाणह भयंतारो ! जहा मए एस धम्मे सुअक्खाए सुपण्णत्ते भवइ / इह खलु पंचमहन्भूया जेहिं णो विज्जइ किरिया त्ति वा अकिरिया त्ति वा सुक्कडे त्ति वा दुक्कडे त्ति वा कल्लाणे त्ति वा पावए त्ति वा साहु नि वा असाहु त्ति वा सिद्धि त्ति वा असिद्धि त्ति वा णिरए त्ति वा अणिरए त्ति वा अवि अंतसो तणमायमवि / / तं च पिहुद्देसेणं पुढोभूयसमवाय जाणेज्जा / तं जहा पुढवी एगे महब्भूए, आऊ दुचे महब्भूए, तेऊ तच्चे महब्भूए, वाऊ चउत्थे महब्भूए, आगासे पंचमे महब्भूए / इच्चेए पंच महन्भूया अणिम्मिया अणिम्माविया अकडा णो कित्तिमा णो कडगा अणाइया अणिहणा अवंझा अपुरोहिया सांता सासया आयछट्ठा / पुण एगे एवमाहु-सओ णत्थि विणासो असओ णत्थि संभवो। एयावया व जीवकाए एयावया व अत्थिकाए एयावया व सव्वलोए, एयं मुहं लोगस्स Page #162 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सूयगडो सु. 2 अ. 1 149 करणयाए, अवि अंतसो तणमायमवि। से किणं किणावेमाणे हणं घायमाणे पयं पयावेमाणे अवि अंतसो पुरिसमवि कीणित्ता घायइत्ता एत्थं पि जाणाहि णत्थित्थ दोसो। ते. णो एवं विप्पडिवेदेति / तं जहा-किरिया इ वा जाव अणिरए इ वा / एवं ते विरूवरूवेहिं कम्मसमारंभेहिं विरूवरूवाई कामभोगाई समारभंति भोयणाए / एवमेव ते अणारिया विप्प डिवण्णा तं सद्दहमाणा तं पत्तियमाणा जाव इइ ते णो हव्वाए णो पाराए अंतरा कामभोगेसु विसण्णा / दोचे पुरिसजाए पंचमहन्भूइए त्ति आहिए // 10 // अहावरे तचे पुरिसजाए ईसरकारणिए त्ति आहिज्जइ / इह खलु पाईणं वा 6 संतेगइया मणुस्सा भवंति अणुपुव्वेणं लोयं उववण्णा / तं जहाआरिया वेगे जाव तेसिं च णं महंते एगे राया भवइ जाव सेणावइपुत्ता / तेसिं च णं एगइए सड्डी भवइ, कामं तं समणा य माहणा य पहारिंसु गमणाए जाव जहा मए एस धम्मे सुयक्खाए सुपण्णत्ते भवइ / इह खलु धम्मा पुरिसाइया पुरिसोत्तरिया पुरिसप्पणीया पुरिससंभूया पुरिसपज्जोइया पुरिसमभिसमण्णागया पुरिसमेव अभिभूय चिति / से जहाणामए-गण्डे सिया सरीरे जाए सरीरे संवुड्डे सरीरे अभिसमण्णागए सरीरमेव अमिभूय चिट्ठइ, एवमेव धम्मा पुरिसाइया जाव पुरिसमेव अभिभूय चिट्ठति / से जहाणामए–अरई सिया सरीरे जाया सरीरे संवुड्डा सरीरे अमिसमण्णागया सरीरमेव अभिभूय चिट्ठइ, एवमेव धम्मा वि पुरिसाइया जाव पुरिसमेव अभिभूय चिटुंति से जहाणामए-वम्मिए सिया पुढविजाए पुढविसंवुड्ढे पुढविअभिसमण्णागए पुढविमेव अभिभूय चिट्ठइ, एवमेव धम्मा वि पुरिसाइया जाव पुरिसमेव अभिभूय निटंति, से जहाणामए-रुक्खे सिया पुढविजाए पुढविसंवुड्ढे पुढविअभिसमण्णागए पुढविमेव अभिभूय चिट्ठइ, एवमेव धम्मा वि पुरिसाइया जाव पुरिसमेव अभिभूय चिट्ठति। से जहाणामए-पुक्खरिणी सिया पुढविजाया जाम पुढविमेव अभिभूय चिट्ठइ, एवमेव धम्मा वि पुरिसाइया जाव पुरिसमेव अभिभूय चिट्ठति / से जहाणामए-उदगपुक्खले सिया उदगजाए जाव उदगमेव अभिभूय चिट्ठइ, एवमेव धम्मा वि पुरिसाइया जाव पुरिसमेव अभि भूय चिटुंति / से जहाणामए-उदगबुब्बुए सिया उदगजाए जाव उदगमेव अभिभूय चिट्ठइ, एवमेव धम्मा वि पुरिसाइया जाव पुरिसमेव अभिभूय चिटंति / जं पि य इमं समणाणं णिग्गंथाणं उद्दिढे पणीयं वियंजियं दुवालसंयं गणिपिडगं, तं Page #163 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 150 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि जहा-आयारो सूयगडो जाव दिट्ठिवाओ, सबमेवं मिच्छा, ण एयं तहियं ण एयं आहातहियं, इमं सचं इमं तहियं इमं आहातहियं / ते एवं सण्णं कुब्वंति, ते एवं सणं संठवेंति, ते एवं सण्णं सोवठ्ठवयंति / तमेवं ते तज्जाइयं दुक्खं गाइउटुंति सउणी पंजरं जहा / ते णो एवं विप्प डिवेदेति तं जहा-किरिया इ वा जाव अणिरए इ वा, एवामेव ते विरूवरूवेहिं कम्मसमारम्भेहिं विरूवरूवाई कामभोगाई समारम्भंति भोयणाए / एवामेव ते अणारिया विप्पडिवण्णा एवं सद्दहमाणा जाव इइ ते णो हवाए णो पाराए, अंतरा कामभोगेसु विसण्णे त्ति, तच्चे पुरिसजाए ईसरकारणिए त्ति आहिए // 11 // अहावरे चउत्थे पुरिसजाए णियइवाइए त्ति आहिज्जइ / इह खलु पाईणं वा 6 तहेव जाव सेणावइपुत्ता वा / तेसिं च णं एगइए सड्ढी भवइ, कामं तं समणा य माहणा य संपहारिंसु गमणाए जाव मए एस धम्मे सुअक्खाए सुपण्णत्ते भवइ / इह खलु दुवे पुरिसा भवंति-एगे पुरिसे किरियमाइक्खइ एगे पुरिसे णोकिरियमाइक्खइ / जे य पुरिसे किरियमाइक्खइ जे य पुरिसे णोकिरियमाइक्खइ दो वि ते पुरिसा तुल्ला एगट्ठा कारणमावण्णा / वाले पुण एवं विप्पडिवेदेति कारणमावण्णे-अहमंसि दुक्खामि वा सोयामि वा जूरामि वा तिप्पामि वा पीडामि वा परितप्पामि वा अहमेयमकासि, परो वा जं दुक्खइ वा सोयइ वा जूाइ वा तिप्पइ वा पीडइ वा परितप्पइ वा परो एवमकासि / एवं से वाले सकारणं वा परकारणं वा एवं विप्पडिवेदेति कारणमावण्णे / मेहावी पुण एवं विप्पडिवेदेति कारणमावण्णे-अहमंसि दुक्खामि वा सोयामि वा जूरामि वा तिप्पामि वा पीडामि वा परितप्पामि वा, णो अहं एवमकासि / परो वा जं दुक्खइ वा जाव परितप्पइ वा जो परो एवमकासि, एवं से मेहावी सकारणं वा परकारणं वा एवं विप्पडिवेदेति कारणमावण्णे / से बेमि पाईणं वा 6 जे तसथावरा पाणा ते एवं संधायमागच्छंति ते एवं विप्परियासमावब्बति ते एवं विवेगमागच्छंति ते एवं विहाणमागच्छंति ते एवं संगइयंति उवेहाए / णो एवं विप्पडिवेदेति, तं जहा-किरिया इ वा जाव णिरए इ वा अणिरए इ वा / एवं ते विरूवरूवेहिं कम्मसमारम्भेहिं विरूवरूवाइं कामभोगाई समारभंति भोयणाए / एवमेव ते अणारिया विप्पडिवण्णा तं सद्दहमाणा जाव इइ ते णो हव्वाए णो पाराए अंतरा कामभोगेसु विसण्णा / चउत्थे पुरिसजाए णियइवाइए त्ति आहिए। इच्चेए चत्तारि पुरिसजाया णाणापण्णा णाणा Page #164 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ___ सूयगडो सु. 2 अ.१ 151 छंदा णाणासीला णाणादिट्ठी णामारुई णाणारम्भा गाणाअज्झवसाणसंजुत्ता पहीणपुन्वसंजोगा आरियं मग्गं असंपत्ता इइ ते णो हव्वाए णो पाराए अंतरा कामभोगेसु विसण्णा // 12 // से बेमि पाईणं वा 6 संतेगइया मणुस्सा भवंति / तं जहाआरिया वेगे अणारिया वेगे उच्चागोया वेगे णीयागोया वेगे कायमंता वेगे हस्समंता वेगे सुवण्णाा वेगे दुवण्णा वेगे सुरूवा वेगे दुरूवा वेगे / तेसिं च णं खेत्तवत्थूणि परिग्गहियाणि भवंति, तं जहा अप्पयरो वा भुज्जयरो वा / तेसिं च णं जणजाणवयाइं परिग्गहियाई भवंति, ते जहा अप्पयरा वा भुज्जयरा वा: तहप्पगारेहिं कुलेहिं आगम्म अभिभूय एगे मिक्खायरियाए समुट्ठिया / सओ वा वि एगे णायओ (अणायओ) य उवगरणं च विप्पजहाय भिक्खायरियाए समुट्ठिया / असओ वा वि एगे णायओ (अणायओ) य उवगरणं च विप्पजहाय भिक्खायरियाए समुट्ठिया / [जे ते सओ वा असओ वा गायओ य अणायओ य उवगरणं च विप्पजहाय भिक्खायरियाए समुट्ठिया ] पुष्वमेवं तेहिं णायं भवइ / तं जहाइह खलु पुरिसे अण्णमण्णं ममट्ठाए एवं विप्पडिवेदेति / तं जहा--खेत्तं मे वत्थू मे हिरणं मे सुवण्णं मे धणं मे.धणं मे कैसं मे दूसं में विपुलधणकणगरयणमणिमोत्तियसंखसिलप्पवालरत्तरयणसंतसारसावएयं मे। सहा मे रूवा मे गंधा मे रसा मे फासा मे / एए खलु मे कामभोगा अहमवि एएसिं / से मेहावी पुष्वामेव अप्पणो एवं समभिजाणेज्जा / तं जहा-इह खलु मम अण्णयरे दुक्खे रोयायंके समुप्पज्जेज्जा अणिटे अकंते अप्पिए असुमे अमणुण्णे अमणामे दुक्खे णो सुहे। से हंता भयंतारो! कामभोगाई मम अण्णयरं दुक्खं रोवायंक परियाइयह अणि8 अकंतं अप्पियं असुभं अमणुण्णं अमणामं दुक्खं णो सुहं / ताऽहं दुक्खामि वा सोयामि वा जूरामि वा तिप्पामि वा पीडामि वा परितप्पामि वा इमाओ मे अण्णयराओ दुक्खाओ रोयायंकाओ पडिमोयह अणिट्ठाओ अकंलाओ अप्पियाओ असुभाओ अमणुण्णाओ अमणामाओ दुक्खाओ णो सुहाओ। एवमेव णो लद्धपुव्वं भवइ / इह खलु कामभोगा णो ताणाए वा णो सरणाए वा / पुरिसे वा एगया पुट्विं कामभोगे विप्पजहइ, कामभोगा वा एगया पुब्धि पुरिसं विष्पजहंति। अण्णे खलु कामभोगा अण्णो अहमंसि / से किमंग पुण वयं अण्णमण्णेहिं कामभोगेहिं मुच्छामो ? इइ संखाए णं वयं च कामभोगेहिं विप्पजहिस्सामो / से मेहावी जाणेज्जा बहिरंगमेयं इणमेव उवणीययरागं / तं जहा Page #165 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 152 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि माया मे पिया मे भाया मे भगिणी मे भज्जा मे पुत्ता मे धूया मे पेसा मे णत्ता मे सुण्हा मे सुहा मे पिया मे सहा मे सयणसंगंथसंथुया मे / एए खलु मम णायओ अहमवि एएसिं / एवं से मेहावी पुवामेव अप्पणा एवं समभिजाणेज्जा / इह खलु मम अण्णयरे दुक्खे रोयायंके समुप्पज्जेज्जा अणिढे जाव दुक्खे णो सहे / से हंता भयंतारो णायओ इमं मम अण्णयरं दुक्खं रोयायकं परियाइयह अणिढे जाव णो सुहं / ताऽहं दुक्खामि वा सोयामि वा जाव परितप्पामि वा, इमाओ मे अण्णयराओ दुक्खाओ रोयायंकाओ परिमोएह अणिट्ठाओ जाव णो सुहाओ, एवमेव णो लद्धपुव्वं भवइ / तेसिं वा वि भयंताराणं मम णाययाणं अण्णयरे दुक्खे रोयायंके समुप्पज्जेज्जा अणिढे जाव णो सुहे, से हंता अहमेएसिं भयंताराणं णाययाणं इमं अण्णयरं दुक्खं रोयायक परियाइयामि अणिढे जाव षो सुह, मा मे दुक्खंतु वा जाव मा मे परितप्पंतु वा, इमाओ णं अण्णयराओ दुक्खाओ रोयायंकाओ परिमो. एमि अणिट्ठाओ जाव णो सुहाओ, एवमेव णो लद्धपुत्वं भवइ / अण्णस्स दुक्खं अण्णो ण परियाइयइ अण्णेण कडं अण्णो णो पडिसंवेदेइ पत्तेयं जायइ पत्तेयं मरइ पत्तेयं चयइ पत्तयं उववज्जइ पत्तेयं झंझा पत्तेयं सण्णा पत्तेयं मण्णा एवं विष्णू वेयणा / इइ खलु णाइसंजोगा णो ताणाए वा णो सरणाए वा / पुरिसे वा एगया पुब्धि णाइसंजोगे विप्पजहइ, णाइसंजोगा वा एगया पुट्विं पुरिसं विप्पजहंति, अण्णे खलु णाइसंजोगा अण्णो अहमंसि, से किमंग पुण वयं अण्णमण्णेहिं णाइसंजोगेहिं मुच्छामो ? इइ संखाए णं वयं णाइसंजोगं विप्पजहिस्सामो / से मेहावी जाणेजा बहिरंगमेयं, इणमेव उवणीययरागं / तं जहा-हत्था मे पाया मे बाहा मे उरू मे उयरं मे सीसं मे सील मे आऊ मे बलं मे वण्णो मे तया मे छाया मे सोयं मे चक्खू मे घाणं मे जिन्भा मे फासा मे ममाइज्जइ, वयाउ पडिजूरइ / तं जहा-आउसो ! बलाओ वण्णाओ तयाओ छायाओ सोयाओ जाव फासाओ। सुसंधिओ संधी विसंधीभवइ, वलियतरंगे गाए भवइ, किण्हा केसा पलिया भवंति / तं जहा-जं पि य इमं सरीरगं उरालं आहारोवइयं एयं पि य अणुपुव्वेणं विप्पजहियव्वं भविस्सइ / एयं संखाए से भिक्खू भिक्खायरियाए समुट्ठिए दुहओ लोगं जाणेज्जा, तं जहा-जीवा चेव अजीवा चेव, तसा चेव थावरा चेव // 13 // इह खलु गारत्था सारम्भा सपरिग्गहा, संतेगइया समणा माहणा वि सारम्भा सपरिग्गहा, जे इमे तसा थावरा Page #166 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सूयगडो सु. 2 अ. 1 153 पाणा ते सयं समारभंति अण्णेण वि समारम्भावेंति अण्णं पि समारभंत समणुजाणंति / इह खलु गारत्था सारम्भा सपरिग्गहा, संतेगइया, समणा माहणा वि सारम्भा सपरिग्गहा, जे इमे कामभोगा सचित्ता वा अचित्ता वा ते सयं परिगिण्हंति अण्णेण वि परिगिण्हावेंति अण्णं पि परिगिण्हतं समणुजाणंति / इह खलु गारत्था सारम्भा सपरिग्गहा, संतेगइया समणा माहणा वि सारम्भा सपरिग्गहा, अहं खलु अणारम्भे अपरिग्गहे, जे खलु गारत्था सारम्भा सपरिग्गहा, संतेगइया समणा माहणा वि सारम्भा सपरिग्गहा, एए सिं चेव णिस्साए बम्भचेरवासं वसिस्सामो / कस्स णं तं हेउं ? जहा पुत्वं तहा अवरं जहा अवरं तहा पुव्वं, अंजू एए अणुवरया अणुवट्ठिया पुणरवि तारिसगा चेव / जे खलु गारत्था सारम्भा सपरिग्गहा, संतेगइया समणा माहणा वि सारम्भा सपरिग्गहा, दुहओ पावाई कुव्वंति इति संखाए दोहि वि अंतेहिं अदिस्समाणो इति भिक्खू रीएज्जा / से बेमि पाईणं वा 6 जाव एवं से परिण्णायकम्मे, एवं से ववेयकम्मे, एवं से विअंतकारए भवइ त्ति मक्खायं / / 14 // तत्थ खलु भंगवया छज्जीवणिकायहेऊ पण्णत्ता / तं जहा—पुढवीकाए जाव तसकाए / से जहाणामए-मम असायं दण्डेण वा मुट्ठीण वा लेलूण वा कवालेण वा आउट्टिजमाणस्स वा हम्ममाणस्स वा तजिजमाणस्स वा ताडिज्जमाणस्स वा परियाविज्जमाणस्स वा किलामिज्जमाणस्स वा उद्दविजमाणस्स वा जाव लोमुक्खणणमायमवि हिंसाकारगं दुक्खं भयं पडिसंवेदेमि, इच्चेवं जाण सव्वे जीवा सव्वे भूया सव्वे पाणा सव्वे सत्ता दण्डेण वा जाव कवालेण वा आउट्टिजमाणा वा हम्ममाणा वा तजिजमाणा वा ताडिजमाणा वा परियाविजमाणा वा किलामिज्जमाणा वा उद्दविजमाणा वा जाव लोमुक्खणणमायमवि हिंसाकारगं दुक्खं भयं पडिसंवेदेति / एवं णचा सव्वे पाणा जाव सत्ता ण हंतव्वा ण अन्जावेयव्वा ण परिघेयव्वा ण परितावेयव्वा ण उद्दवेयव्वा। से बेमि जे य अईया जे य पडुप्पण्णा जे य आगमिस्सा अरिहंता भगवंता सव्वे ते एवमाइक्खंति एवं भासंति एवं पण्णवेंति एवं परूवेंति सव्वे पाणा जाव सत्ता ण हंतव्वा ण परिघेयव्वा ण अब्जावेयव्वा ण परितावेयव्वा ण उद्दवेयव्वा / एस धम्मे धुवे णीइए सासए समिच्च लोगं खेयण्णेहिं पवेइए / एवं से भिक्खू विरए पाणाईवायाओ जाव विरए परिग्गहाओ णो दंतपक्खालणेणं दंते पक्खालेज्जा णो अंजणं णो वमणं Page #167 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 154 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि णो धूवणे णो तं परिआविएज्जा // से भिक्खू अकिरिए अलूसए अकोहे अमाणे अमाए अलोहे उवसंते परिणिबुडे णो आसंसं पुरओ करेज्जा इमेण मे दिखूण वा सुएण वा मए ण वा विण्णाएण वा इमेण वा सुचरियतवणियमबम्भचेरवासेण इमेण वा जायामायावृत्तिएणं धम्मेणं इओ चुए पेच्चा देवे सिया कामभोगाण वसवत्ती सिद्धे वा अदुक्खमसुभे एत्थ वि सिया एत्थ वि णो सिया / से भिक्खू सद्देहि अमुच्छिए रूवेहिं अमुच्छिए गंधेहिं अमुच्छिए रसेहिं अमुच्छिए फासेहिं अमुच्छिए विरए कोहाओ माणाओ मायाओ लोभाओ पेज्जाओ दोसाओ कलहाओ अब्भक्खाणाओ पेसुण्णाओ परपरिवायाओ अरइरईओ मायामोसाओ मिच्छादसणसल्लाओ इति से महओ आया णाओ उवसंते उवढ़िएं पडिविरए से भिक्खू / जे इमे तसथावरा पाणा भवंति ते णो सयं समारम्भइ णो वण्णेहिं समारम्भावेइ अण्णे समारम्भंते वि ण समगुजाणइ इति से महओ आयाणाओ उवसंते उवट्ठिए पडि विरए से भिक्खू जे इमे कामभोगा सचित्ता वा अचित्ता वा ते णो सयं परिगिण्हंति णो अण्णेणं परिगिण्हावेंति अण्णं परिगिण्हंतपि ण समणुजाणंति इति से महओ आयाणाओ उवसंते उवट्ठिए पडिविरओ से भिक्खू / जं पि य इमं संपराइयं कम्म किज्जइ, णो तं सयं करेइ णो अण्णाणं कारवेइ अण्णं पि करेंतं ण समणुजाणइ, इति से महओ आयाणाओ उवसंते उवट्ठिए पडिविरए / से भिक्खू जाणेज्जा असणं वा 4 अस्सि पडियाए एगं साहम्मियं समुद्दिस्स पाणाई भूयाई जीवाई सत्ताई समारम्भ समुद्दिस्स कीयं पामिचं अच्छिज्जं अणिसढे अभिहडं आहटुद्देसियं तं चेइयं सिया तं णो सयं भुंजइ णो अण्णेणं भुंजावेइ अण्णं पि भुंजंतं ण समणुजाणइ, इति से महओ आयाणाओ उवसंते उवढ़िए पडिविरए / से भिक्खू अह पुण एवं जाणेज्जा तं विजइ तेसिं परक्कमे / (जस्सट्टा ते वेइयं सिया तंजहा अप्पणो पुत्ताइ. णट्ठाए जाव आएसाए पुढो पहेणाए सामासाए पायरासाए संणिहिसंणिचओ किजइ इह एएसिं माणवाणं भोयणाए) तत्थ भिक्खू परकडं परणिठियमुग्गमुप्पाय सणासुद्धं सत्थाईयं सत्थपरिणामियं अविहिंसियं एसियं वेसियं सामुदाणियं पत्तमसणं कारणट्ठा पमाणजुत्तं अक्खोवंजणवणलेवणभूयं संजमजायामायावत्तियं बिलमिव पण्णगभूएणं अप्पाणेणं आहारं आहारेज्जा अण्णं अण्णकाले पाणं पाणकाले वत्थं वत्थकाले लेणं लेणकाले सयणं सयणकाले। से भिक्खू मायण्णे अण्णयरं दिसं Page #168 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सूयगडो सु. 2 अ. 2 155 अणुदिसं वा पडिवण्णे धम्म आइक्खे विभए किट्टे उवट्ठिएसु वा अणुवट्ठिएसु वा सुस्सूसमाणेसु पवेयए, संतिविरइं उवसमं णिव्वाणं सोयवियं अजवियं मद्दवियं 'लाघवियं अणइवाइयं सव्वेसिं पाणाणं सव्वेसिं भूयाणं जाव सत्ताणं अणुवाई किट्टए धम्मं / से भिक्खू धम्मं किट्टमाणे णो अण्णस्स हेडं धम्ममाइक्खेज्जा, णो पाणस्स हीउं धम्ममाइक्खेजा, णो वत्थस्स हेडं, धम्ममाइक्खेज्जा, णो लेणस्स हे धम्ममाइक्खेज्जा, णो सयणस्स हेउं धम्ममाइक्खेजा, णो अण्णेसिं विरूवरूवाणं कामभोगाणं हेउं धम्ममाइक्खेज्जा, अगिलाए धम्ममाइक्खेज्जा, णण्णत्थ कम्मणिज्जरवाए धम्ममाइक्खेज्जा / इह खलु तस्स भिक्खुस्स अंतिए धम्मं सोचा णिसम्म उट्ठाणेणं उट्ठाय वीरा अस्सिं धम्मे समुढ़िया / जे तस्स भिक्खुस्स अंतिए धम्मं सोचा णिसम्म सम्म उहाणेणं उट्ठाय वीरा अस्सिं धम्मे समुट्ठिया ते एवं सव्वोवगया ते एवं सव्वोवरया ते एवं सब्बोवसंता ते एवं संवत्ताए परिणिव्वुडे त्ति बेमि / एवं से भिक्खू धम्मट्ठी धम्मविऊ णियागपडिवण्णे से जहेयं बुइयं अदुवा पत्ते पउमवरपोण्डरीयं, अदुवा अपत्ते पउमवरपोण्डरीयं, एवं से भिक्खू परिण्णायकम्मे परिणाय संगे परिण्णायगेहवासे उवसंते समिए सहिए सयाजए / सेयं वयणिज्जे तं जहासमणे त्ति वा माहणे त्ति वा खंते त्ति वा दंते त्ति वा गुत्ते त्ति वा मुत्ते त्ति वा इसि त्ति वा मुणि त्ति वा कइ त्ति वा विउ त्ति वा भिक्खू त्ति वा लूहे त्ति वा तीरहि त्ति वा चरणकरणपारविउ त्ति बेमि // 15 // // किरियाठाण णाम बीअं अज्झयणं // सुयं मे आउसं ! तेणं भगवया एवमक्खायं / इह खलु किरियाठाणे णामज्झयणे पण्णत्ते, तस्स णं अयमढे। इह खलु संजूहेणं दुवे ठाणे एवमाहिति / तं जहा। धम्मे चेव अधम्मे चेव उवसंते चेव अणुवसंते चेव / तत्थ णं जे से पढमस्स ठाणस्स अहम्मपक्खस्स विभंगे तस्स णं अयमढे पण्णत्ते / इइ खलु पाईणं वा 6 संतेगइया मणुस्सा भवंति / तं जहा-आरिया वेगे आणारिया वेगे उच्चागोया वेगे णीयागोया वेगे कायमंता वेगे हस्समंता वेगे सुवण्णा वेगे दुव्वण्णा वेगे सुरूवा वेगे दुरूवा वेगे / तेसिं च णं इमं एयारूवं दण्डसमादाणं संपेहाए / तं जहा--णेरइ. ऐसु वा तिरिक्खजोणिएसु वा मणुस्सेसु वा देवेसु वा जे यावण्णे तहप्पगारा पाणा. विण्णू वेवणं वियंति // तेसिं पि य णं इमाइं तेरस किरियाठाणाइं भवंतीतिमक्खायं / Page #169 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 156 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि तं जहा--अट्ठादण्डे 1, अणट्ठादण्डे 2, हिंसादण्डे 3, अकम्हादण्डे 4 दिद्विविपरियासियादण्डे 5, मोसवत्तिए 6, अदिण्णवत्तिए 7, अज्झत्थवत्तिए 8, माणवत्तिए 9, मित्तदोसवत्तिए, 10, मायावत्तिए 11, लोभवत्तिए 12, इरियावहिए 13 // 1 // पढमे दण्डसमादाणे अट्ठादण्डवत्तिए त्ति आहिज्जइ / से जहाणामए-केइ पुरिसे आयहेडं वा णाइ हेउं वा अगार हैउँ वा परिवारहेउं वा मित्तहेडं वा णागहेडं बा भूयहेउं वा जनावहेउ वा तं दण्डं तसथावरेहिं पाणेहिं सयमेव णिसिरइ अण्णेण वि णीसिरावेइ अण्णं पि णिसिरंतं समणुयाणइ, एवं खलु तस्स तप्पत्तियं सावज ति आहिज्जइ / पढमे दण्डसमादाणे अट्ठादण्डवत्तिए त्ति आहिए // 2 // अहावरे दोच्चे दण्डमादाणे अणट्ठदण्डवत्तिए त्ति आहिज्जइ / से जहाणामए-केइ पुरिसे जे इमे तसा पाणा भवंति ते णो अच्चाए णो अजिणाए णो मंसाए णो सोणियाए एवं हिययाए पित्ताए वसाए पिच्छाए पुच्छाए वालाए सिंगाए विसाणाए दंताए दाढाए णहाए ण्हारुणिए अट्ठीए अट्ठिमंजाए णो हिंसिंसु मे त्ति णो हिंसंति मे त्ति णो हिं सिस्संति मे त्ति णो पुत्तपोसणाए णो पसुपोसणाए णो अगारपरिवूहणयाए णो समणमाहणवत्तणाहेउं णो तस्स सरीरगस्स किंचि विप्परियाइत्ता भवंति / से हंता छेत्ता भेत्ता लुम्पइत्ता विलुम्पइत्ता उद्दवइत्ता उज्झिउं बाले वेरस्स आभागी भवइ अणट्ठादण्डे / से जहाणामए केइ पुरिसे जे इमे थावरा पाणा भवंति / तं जहा-इक्कडा इ वा कडिणा इ वा जंतुगा इ वा परगा इ वा मोक्खा इ वा तणा इ वा कुसा इ वा कुच्छगा इ वा पव्वगाइ वा पलाला इ वा, ते णो पुत्तपोसणाए णो पसुपोसणाए णो अगारपरिवूहणयाए णो समणमाहणपोसणयाए णो तस्स सरीरगस्स किंचि विपरियाइत्ता भवंति / से हंता छेत्ता मेत्ता लुम्पइत्ता विलुम्पइत्ता उद्दवइत्ता उज्झिउं बाले वेरस्स आभागी भवइ अणट्ठादण्डे / / से जहाणामए केइ पुरिसे कच्छंसि वा दहंसि वा उदगंसि वा दवियंसि वा वलयसि मंसि वा गहणंसि वा गहणविदुग्गंसि वा वणंसि वा वणविदुग्गंसि वा पव्वयंसि वा पव्वय विदुग्गंसि वा तणाई ऊसविय ऊसविय सयमेव अगणिकायं णिसिरइ अण्णेण वि अगणिकायं णिसिरावेइ अण्णं पि अगणिकायं णिसिरंतं समणुजाणइ अणट्ठोंदण्डे / एवं खलु तस्स तप्पत्तियं सावजं ति आहिज्जइ / दोचे दण्डसमादाणे अणट्ठादण्डवत्तिए त्ति आहिए // 3 / / अहावरे तच्चे दण्डसमादाणे हिंसादण्डवत्तिए त्ति Page #170 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सूयगडो सु. 2 अ.२ 157 आहिज्जइ / से जहाणामए-केइ पुरिसे ममं वा ममि वा अण्णं वा अण्णि वा हिंसिंसु वा हिंसइ वा हिसिस्सइ वा तं दण्डं तसथावरेहिं पाणेहिं सयमेव णिसिरइ अण्णेण वि णिसिरावेइ अण्णं पि णिसिरंतं समणुजाणइ हिंसादण्डे, एवं खलु तस्स तप्पत्तियं सावज्जं ति आहिज्जइ / तच्चे दण्डसमादाणे हिंसादण्डवत्तिए त्ति आहिए // 4 // अहावरे चउत्थे दण्डसमादाणे अकम्हादण्डवत्तिए त्ति आहिज्जइ। से जहाणामए-केइ पुरिसे कच्छंसि वा जाव वणविदुग्गंसि वा मियवत्तिए मियसंकप्पे मियपणिहाणे मियवहाए गंता एए मिय त्ति काउं अण्णयरस्स मियस्स वहाए उसु आया मेत्ता णं णिसिरेज्जा, स मियं वहिस्सामि त्ति कटु तित्तिरं वा वट्टगं वा चडगं वा लावगं वा कवोयगं वा कविं वा कविंजलं वा विधित्ता भवइ, इह खलु से अण्णस्स अट्ठाए अण्णं फुसइ अकम्हादण्डे / से जहाणामए केइ पुरिसे सालीणि वा वीहीणि वा कोद्दवाणि वा कंगूणि वा परगाणि वा रालाणि वा णिलिज्जमाणे अण्णयरस्स तणस्स वहाए सत्थं णिसिरेना, से सामगं तणगं कुमुदुगं वीहीऊसियं कलेसुयं तणं छिंदिस्सामि त्ति कटु सालिं वा वीहिं वा कोहवं वा कंगं वा परगं वा रालयं वा छिंदित्ता भवइ / इति खलु से अण्णस्स अट्ठाए अण्णं फुसइ अकम्हादण्डे / एवं खलु तस्स तप्पत्तियं सावजं आहिज्जइ। चउत्थे दण्डसमादाणे अकम्हादण्डवत्तिए आहिए // 5 // अहावरे पंचमे दण्डसमादाणे दिट्ठिविपरियासियादण्डवत्तिए त्ति आहिज्जइ / से जहाणामए-केइ पुरिसे माईहिं वा पिईहिं वा भाईहिं वा भगिणीहिं वा भज्जाहिं वा पुत्तेहिं वा धूयाहिं वा सुहाहिं वा सद्धिं संवसमाणे मित्त अमित्तमेव मण्णमाणे भित्ते हयपुव्वे भवइ दिद्विविपरियासियादण्डे / से जंहाणामए-केइ पुरिसे गामघायंसि वा 'णगरघायंसि वा खेडघायंसि कब्बडघायंसि मडंबघायंसि वा दोणमुहघायंसि वा पट्टणघायंसि वा आसमघायंसि वा संणिवेसघायंसि वा णिग्गमघायंसि वा रायहाणिघायंसि वा अतेणं तेणमिति मण्णमाणे अतेणे हयपुग्वे भवइ दिद्विविपरियासियादण्डे / एवं खलु तस्स तप्पत्तियं सावजं ति आहिजइ / पंचमे दण्डसमादाणे दिद्विविपरियासियादण्डवत्तिए त्ति आहिए // 6 // अहावरे छठे किरियट्ठाणे मोसावत्तिए त्ति आहिज्जइ / से जहाणामए-केइ पुरिसे आयहेउं वा णाइहेउं वा अगारहेउं वा परिवारहेउँ वा सयमेव मुसं वयइ अण्णेण वि मुसं वाएइ मुसं वयंतं पि अण्णं समणुजाणइ, एवं खलु तस्स तप्पत्तियं सावजं ति आहिज्जइ। छठे किरियट्ठाणे मोसावत्तिए Page #171 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 158 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि त्ति आहिए॥७॥अहावरे सत्तमे किरियट्ठाणे अदिण्णादाणवत्तिए त्ति आहिज्जइ / से जहाणामए-केइ पुरिसे आय हेउं वा जाव परिवारहेउं वा सयमेव अदिणं आदियइ अण्णेणं वि अदिण्णं आदियावेइ अदिण्णं आदियंत अण्णं समणुजाणइ, एवं खलु तस्स तप्पत्तियं सावज ति आहिजइ / सत्तमे किरियट्ठाणे अदिण्णादाणवत्तिए त्ति आहिए // 8 // अहावरे अट्ठमे किरियट्ठाणे अज्झत्थवत्तिए त्ति आहिज्जइ / से जहाणामएकेइ पुरिसे णत्थि णं केइ किंचि विसंवादेइ सयमेव हीणे दीणे दुढे दुम्मणे ओहय. मणसंकप्पे चिंतासोगसागरसंपविढे करयलपल्हत्थमुहे अट्टज्झाणोवगए भूमिगय. दिट्ठिए झियाइ, तस्स णं अज्झत्थया आसंसइया चत्तारि ठाणा एवमाहिति / तं जहा-कोहे माणे माया लोहे। अज्झत्थमेव कोहमाणमायालोहे / एवं खलु तस्स तप्पत्तियं सावजं ति आहिज्जइ / अट्ठमे किरियट्ठाणे अज्झत्यवत्तिए त्ति आहिए / / 9 / / अहावरे णवमे किरियट्ठाणे माणवत्तिए त्ति आहिज्जइ / से जहाणामए-केइ पुरिसे जाइमएण वा कुलमएण वा बलमएण वा रूवमएण वा तवमएण वा सुयमएण वा लाभमएण वा इस्तरियमएण वा पण्णामएण, वा अण्णयरेण वा मयहाणेणं मत्ते समाणे परं हीलेइ शिंदेइ खिंसइ गरहइ परिभवइ अवमण्णेइ, इत्तरिए अयं, अहमंसि पुण विसिट्ठजाइकुलबलाइगुणोववेए / एवं अप्पाणं समुक्कस्से, देहच्चुए कम्मबिइए अवसे पयाइ / तं जहा-गन्भाओ गभं 4 जम्माओ जम्मं माराओ मारं णरगाओ णरगं चण्डे थद्धे चवले माणी यावि भवइ / एवं खलु तस्स तप्पत्तियं सावज ति आहिज्जइ। णवमे किरियट्ठाणे माणवत्तिए त्ति आहिए // 10 // अहावरे दसमे किरियट्ठाणे मित्तदोसवत्तिए त्ति आहिज्जइ / से नहाणामए-केइ पुरिसे माईहिं वा पिईहिं वा भाईहिं वा भइणीहिं वा भज्जाहिं वा धूयाहिं वा पुत्तेहिं वा सुण्हाहिं वा सद्धिं संवसमाणे तेसिं अण्णयरंसि अहालहुगंसि अवराहसि सयमेव गरुयं दण्डं णिवत्तेइ / तं जहा-सीओदगवियडसि वा कायं उच्छोलित्ता भवइ, उसिणोदगवियडेण वा कायं ओसिंचित्ता भवइ, अगणिकायेणं काय उवडहित्ता भवइ, जोत्तेण वा वेत्तेण वा णेत्तेण वा तयाइ वा [ कण्णेण वा छियाए वा] लयाए वा (अण्णयरेण वा दवरएण) पासाई उद्दालित्ता भवइ, दण्डेण वा अट्ठीण वा मुट्ठीण वा लेलूण वा कवालेण वा कायं आउट्टित्ता भवइ। तहप्पगारे .पुरिसजाए संवसमाणे दुम्मणा भवइ, पवसमाणे सुमणा भवइ, तहप्पगारे पुरिसजाए दण्डपासी Page #172 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सूयगडो सु. 2 अ.२ 159 दण्डगुरुए दण्डपुरकडे अहिए इमंसि लोगसि अहिए परंसि लोगसि संजलणे कोहणे पिट्ठिमंसी यावि भवइ / एवं खलु तस्स तप्पत्तियं सावजं ति आहिज्जइ / दसमे किरियट्ठाणे मित्तदोसवत्तिए त्ति आहिए // 11 // अहावरे एक्कारसमे किरियट्ठाणे मायावत्तिए त्ति आहिज्जइ / जे इमे भवंति-गूढायारा तमोकसिया उलुगपत्तलहुया पव्वयगुरुया ते आरिया वि संता अणारियाओ भासाओ वि पउज्जति, अण्णहासंत अप्पाणं अण्णहा मण्णंति, अण्णं पुट्ठा अण्णं वागरंति, अण्णं आइक्खियव्वं अण्णं आइक्खंति / से जहाणामए केइ पुरिसे अंतोसल्ले तं सल्लं णो सयं णिहरइ णो अण्णे णिहरावेइ णो पडिविद्धंसेइ, एवमेव णिण्हवेइ, अविउट्टमाणे अंतोअंतो रियइ, एवमेव माई मायं कटु णो आलोएइ णो पडिक्कमेइ णो गिदइ णो गरहइ णो विउट्टइ णो विसोहेइ णो अकरणाए अन्भुढेइ णो अहारिहं तवोकम्मं पायच्छित्तं पडिवज्जइ, माई अस्सि लोए पञ्चायाइ माई परंसि लोए पुणो पुणो पञ्चायाइ जिंदइ गरहइ पसंसइ णिच्चरइ ण णियट्टइ णिसिरियं दण्डं छाएइ, माइ असमाहडसुलेस्से यावि भवइ ! एवं खलु तस्स तप्पत्तियं सावजं ति आहिज्जइ / एक्कारसमे किरियट्ठाणे मायावत्तिए त्ति आहिए // 12 // अहावरे बारसमे किरियट्ठाणे लोभवत्तिएं त्ति आहिज्जइ / जे इमे भवंति, तं जहा-आरणिया आवसहिया गामंतिया कण्हुईरहस्सिया णो बहुसंजया णो बहुपडिविरया सव्वपाणभूयजीवसत्तेहिं ते अप्पणो सच्चामोसाइं एवं विउज्जंति / अहं ण हतब्बो, अण्णे हंतव्वा, अहं ण अज्जावयव्वो, अण्णे अज्जावेयव्वा, अहं ण परिघेयब्वो, अण्णे परिघेयव्वा, अहं ण परितावेयब्वो, अण्णे परितावेयव्वा, अहं ण उद्दवेयव्वो, अण्णे उद्दवेयव्वा, एवमेव ते इत्थिकामेहिं मुच्छिया गिद्धा गढिया गरहिया अज्झोववण्णा जाव वासाई चउपंचमाइं छद्दसमाइं अप्पयरो वा भुज्जयरो वा भुंजित्तु भोगभोगाइं कालमासे कालं किच्चा अण्णयरेसु आसुरिएसु किब्बिसिएसु ठाणेसु उववत्तारो भवंति / तओ विप्पमुच्चमाणे भुजो भुज्जो एलमूयत्ताए तमूयत्ताए जाइमूयत्ताए पच्चायति / एवं खलु तस्स तप्पत्तियं सावज्जं ति आहिज्जइ / दुवालसमे किरियट्ठाणे लोभवत्तिए त्ति आहिए / इच्चेयाई दुवालस किरियट्ठाणाई दविएणं समणेण वा माहणेण वा सम्म सुपरिजाणियव्वाइं भवंति // 13 // अहावरे तेरसमे किरियहाणे इरियावहिए त्ति आहिज्जइ / इह खलु अत्तत्ताए संवुडरस अणगारस्स Page #173 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 160 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि इरियासमियस्स भासासमियस्स एसणासमियस्स आयाणभण्डमत्तणिखेवणासमियस्स उच्चारपासवणखेलसिंघाणजल्लपारिट्ठावणियासमियस्स मणसमियस्स वयसमियस्स कायसमियस्स मणगुत्तस्स वयगुत्तस्स कायगुत्तस्स गुत्तिंदियस्स गुत्तबम्भयारिस्स आउत्तं गच्छमाणस्स आउत्तं चिट्ठमाणस्स आउत्तं णिसीयमाणस्स अउत्तं तुयट्ट. माणस्स आउत्तं भुंजमाणस्स आउत्तं भासमाणस्स' आउत्तं वत्थं पडिग्गहं कम्बलं पायपुंछणं गिण्हमाणस्स वा णिक्खिवमाणस्स वा जाव चक्खुपम्हणिवायमवि अत्थि विमाया सुहुमा किरिया इरियावहिया णाम कज्जइ / सा पढमसए बद्धा पुट्ठा . बिईयसमए वेइया तइयसमए णिज्जिण्णा सा बद्धा पुट्ठा उदीरिया वेइया णिज्जिण्णा सेयकाले अकम्मे यावि भवइ / एवं खलु तस्स तप्पत्तियं सावज्ज ति आहिज्जइ, तेरसमे किरियट्ठाणे इरियावहिए त्ति आहिज्जइ। से बेमि जे य अईया जे य पडुप्पण्णा जे य आगमिस्सा अरिहंता भगवंता सव्वे ते एयाई चेव तेरस किरियढाणाई भासिंसु वा भासेंति वा भासिस्संति वा पण्णविसु वा पण्णवेंति वा पण्णविस्संति वा, एवं चेव तेरसमं किरियट्ठाणं सेविंसु वा सेवंति वा सेविस्संति वा // 14 // अदुत्तरं च णं पुरिसविजयं विभंगमाइक्विस्सामि / इह खलु णाणापण्णाणं णाणाछदाणं णाणासीलाणं णाणादिट्ठीणं णाणारुईणं जाणारंम्भाणं णाणाज्झवसाणसंजुत्ताणं णाणाविहपावसुयज्झयणं एवं भवइ / तं जहा-भोमं उप्पायं सुविणं अंतलिक्खं अंगं सरं लक्खणं वंजणं इत्थिलक्खणं पुरिसलक्खणं हयलक्खणं गयलक्खणं गोणलक्षणं मेण्डलक्खणं कुक्कुडलक्खणं तित्तिरलक्खणं वट्टगलक्खणं लावयलक्खणं चक्क. लक्खणं छत्तलक्खणं चम्मलक्खणं दण्डलक्खणं असिलक्खणं मणिलक्खणं कागिणिलक्खणं सुभगाकरं दुब्भगाकरं गब्भाकर मोहणकरं आहव्वणिं पांगसासणिं दव्वहोम खत्तियविजं चंदचरियं सूरचरियं सुक्कचरियं बहस्सइचरियं उक्कापावं दिसादाहं मियचकं वायसपरिमण्डलं पंसुषुढिं केसवुट्ठि मंसवुढिं रुहिरवुढिं वेयालिं अद्धवेयालिं ओसोवणिं तालुग्घाडणिं सोवागिं सोवारि दामिलिं कालिंगि गोरि गंधारि ओवयणिं उप्पयणिं जम्भणिं थम्भणिं लेसणिं आमयकरणिं विसल्लकरणिं पक्कमणिं अंतद्धाणिं आयमिणिं, एवमाइयाओ विजाओ अण्णस्स हेउं पति पाणस्स हेडं पउंजंति वत्थस्स हेउं पउंजंति लेणस्स हेउं पउंजंति सयणस्स हेउं पउंजंति, अण्णेसिं वा विरूवरूवाणं कामभोगाण हेउं पउंजंति / तिरिच्छं ते विज्ज सेवंति, ते अणारिया Page #174 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सूयगडो सु.२ अ. 2 161 विप्पडिवण्णा कालमासे कालं किच्चा अण्णयराइं आसुरियाई किब्बिसियाइं ठाणाई उववत्तारो भवंति / तओ वि विप्पमुच्चमाणा भुजो एलमूययाए तमअंधयाए पञ्चायति // 15 // से एगइओ आयहेडं वा णायहेडं वा सयणहेडं वा अगारहेडं वा परिवार हे वा णायगं वा सहवासियं वा णिस्साए अदुवा अणुगामिए 1 अदुवा उवचरए 2 अदुवा पडिपहिए 3 अदुवा संधिच्छेयए 4 अदुवा गण्ठिच्छेयए 5 अदुवा उरन्भिए 6 अदुवा सोवरिए 7 अदुवा वागुरिए 8 अदुवा साउणिए 9 अदुवा मच्छिए 10 अदुवा गोघायए 11 अदुवा गोवालए 12 अदुवा सोवणिए 13 अदुवा सोवणियंतिए 14 / एगइओ आणुगामियभावं पडिसंधाय तमेव अणुगामियाणुगामियं हंता छेत्ता भेत्ता लुम्पइत्ता बिलुम्पइत्ता उद्दवइत्ता आहारं आहारेइ, इइ से महया पावेहि कम्मेहिं अत्ताणं उबक्खाइत्ता भवइ / से एगइओ उवचरयभावं पडिसंधाय तमेव उवचरियं हंता छेत्ता भेत्ता लुम्पइत्ता विलुम्पइत्ता उद्दवइत्ता आहारं आहारेइ / इइ से महया पावेहिं कम्मे हिं अत्ताणं उवक्खाइत्ता भवइ / से एगइओ पाडिपहियभावं पडिसंधाय तमेव पडिपहे ठिच्चा हंता छेत्ता मेत्ता लुम्पइत्ता विलुम्पइत्ता उद्दवइत्ता आहारं आहारेइ, इइ से महया पावेहिं कम्मेहिं अत्ताणं उवक्खाइत्ता भवइ / से एगइओ संधिच्छेदगभावं पडिसंधाय तमेव संधि छेत्ता भेत्ता जाव इइ से महया पावेहिं कम्मेहिं अत्ताणं उवक्खाइत्ता भवइ / से एगइओ गण्ठिच्छेयगभावं पडिसंधाय तमेव गण्ठिं छेत्ता भेत्ता जाव इइ से महया पावहिं कम्मे हिं अत्ताणं उवक्खाइत्ता भवइ / से एगइओ उरब्भियभावं पडिसंधाय उरन्भं वा अण्णयरं वा तसं पाणं हंता जाव उपक्खाइत्ता भवइ। (एसो अभिलावो सव्वत्थ) से एगइओ सोयरियभावं पडिसंधाय महिसं वा अण्णयरं वा तसं पाणं हंता जाव उवक्खाइत्ता भवइ / से एगइओ वागुरियभावं पडिसंधाय मियं वा अण्णयरं वा तसं पाणं हंता जाव उवक्खाइत्ता भवइ / से एगइओ सउणियभावं पडिसंधाय सउणि वा अण्णयरं वा तसं पाणं हंता जाव उवक्खाइत्ता भवइ / से एगइओ मच्छियभावं पडिसंधाय मच्छं वा अण्णयरं वा तसं पाणं हंता जाव उवक्खाइत्ता भवइ / से एगइओ गोघायभावं पडिसंधाय तमेव गोणं वा अण्णयरं वा तसं पाणं हंता जाव उवक्खाइत्ता भवइ / से एगइओ गोवालभावं पडिसंधाय तमेव गोवालं वा परिजविय परिजविय हंता जाव उव Page #175 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 162 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि क्खाइत्ता भवइ / से एगइओ सोवणियभावं पडिसंधाय तमेव सुणगं वा अण्णयरं वा तसं पाणं हंता जाव उवक्वाइत्ता भवइ / से एगइओ सोयपियंतियभावं पडिसंधाय तमेव मणुस्सं वा अण्णयरं वा तसं पाणं हंता जाव आहारं आहारेइ इइ से महया पावेहि कम्मेहिं अत्ताणं उवक्खाइत्ता भवइ // 16 // से एगइओ परिसामज्झाओ उद्वित्ता अहमेयं हणामि त्ति कटु तित्तिरं वा वगं वा लावगं वा कवोयगं वा कविंजलं वा अण्णयरं वा तसं पाणं हंता जाव उवक्खाइत्ता भवइ / से एगइओ केणइ आयाणेणं विरुद्ध समाणे अदुवा खलदाणेणं अदुवा सुराथालएणं गाहावईण वा गाहावइपुत्ताण वा सयमेव अगणिकाएणं सस्साई झामेइ अण्णेण वि अगणिकाएण सस्साई झसमावेइ अगणिकाएणं सस्साइं झामतं पि अण्णं समणुजाणइ, इइ से मया पावकम्मेहिं अत्ताणं उवक्खाइत्ता भवइ / से एगइओ केणइ आयाणेणं विरुद्ध समाणे अदुवा खलदाणेणं अदुवा सुराथालएणं गाहावईण वा गाहावइपुत्ताण वा उट्टाण वा गोणाण वा घोडगाण वा गहभाण वा सयमेव घूराओ कप्पेइ अण्ण वि कप्पावेइ कप्पंत पि अण्णं समणुजाणइ, इइ से महया जाव भवइ / से एगइओ केणइ आयाणेणं विरुद्ध समाणे अदुवा खलदाणेणं अदुवा सुराथालएणं गाहावईण वा गाहावइपुत्ताण वा उट्टसालाओ वा गोणसालाओ वा घोडगसालाओ वा गहभसालाओ वा कण्टकबोंदियाए पडिपेहित्ता सयमेव अगणिकाएणं झामेइ अण्ण वि झामावेश झामंत पि अण्णं समणुजाणइ, इइ से महया जाव भवइ / से एगइओ केणइ आयाणेणं विरुद्धे समाणे अदुवा खलदाणेणं अदुवा सुराथालएणं गाहावईण वा गाहावइपुत्ताण वा कुण्डलं वा मणिं वा मोत्तियं वा सयमेव अवहरइ अण्णण वि अवहरावइ अवहरंतं पि अण्णं समणुजाणइ इइ से महया जाव भवइ // से एगइओ केणइ वि आयाणेणं विरुद्ध समाणे अदुवा खलदाणेणं अदुवा सुराथालएणं समणाण वा माहणाण वा छत्तगं वा दण्डगं वा भण्डगं वा मत्तगं वा लटुिं वा मिसिगं वा चेलगं वा चिलिमिलिगं वा चम्मयं वा छेयणगं वा चम्मकोसियं वा सयमेव अवहरइ जाव समणुजाणइ, इइ से महया जाव उवक्खाइत्ता भवइ // से एगइओ णो विइगिंछइ, तं जहा-गाहावईण वा गाहावइपुत्ताण वा सयमेव अगणिकाएणं ओसहीओ झामेइ जाव अण्णं पि झामंतं समणुजाणइ, इति से महया जाव उवक्वाइत्ता भवइ / से एगइओ णो विइगिंछइ, तं जहा--गाहावईण वा गाहावइपुत्ताण वा उट्टाण वा गोणाण वा घोडगाण वा गद्दभाण वा सयमेव घूराओ कप्पेइ अण्णेण वि कप्पावेइ अण्णं पि कप्पंत समणुजाणइ / से एगइओ Page #176 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सूयगडो सु. 2 अ. 2 163 णो विइगिंठ्इ, तं जहा-गाहावईण वा गाहावइपुत्ताण वा उसालाओ वा जाव गद्दभसालाओ वा कण्टकबोंदियाहिं पडिपेहित्ता सयमेव अगणिकाएणं झामेइ जाब समणुजाणइ / से एगइओ णो विइगिंछइ, तं जहा-गाहावईण वा गाहावइपुत्ताण वा जाव मोत्तियं वा सयमेव अवहरइ जाव समणुजाणइ / से एगइओ णो विइ. गिंछइ तं जहा-समणाण वा माहणाण वा छत्तगं वा दण्डगं वा जाब चम्मछेयणगं वा सयमेव अवहरइ जाव समणुजाणइ / इइ से महया जाव उवक्खाइत्ता भवइ / से एगइओ समणं वा माहणं वा दिस्सा णाणाविहेहिं पावकम्मेहिं अत्ताणं उवक्खाइत्ता भवइ, अदुवा णं अच्छराए आफालित्ता भवइ, अदुवा णं फरुसं वदित्ता भवइ, कालेण वि से अणुपविट्ठस्स असणं वा पाणं वा जाव णो दवावेत्ता भवइ,जे इमे भवंति वोणमंता भारवंता अलसगा वसलगा किवणगा समणगा णिउज्जमा वणगा पव्वयंति ते इणमेव जीवियं धिब्बीवियं संपडिबूहेंति, णाइ ते परलोगस्स अट्टाए किंचि वि सिलीसंति, ते दुक्खंति ते सोयंति ते जूरंति ते तिप्पंति ते पिट्टति ते परि. तप्पति ते दुक्खणजूरणसोयणतिप्पणपिट्टणपरितिप्पणवहबंधणपरिकिलेसाओ अप्पडि. विरया भवति / ते महया आरम्मेण ते महया समारम्भेण ते महया आरम्भसमारम्मेण विरूवरूवेहिं पावकम्मकिचेहिं उरालाई माणुस्सगाई भोगभोगाई भुंजित्तारो भवंति। तं जहा-अण्णं अण्णकाले पाणं पाणकाले वत्थं वत्थकाले लेणं लेणकाले सयणं सयणकाले सपुव्वावरं च णं व्हाए कयवलिकम्मे, कयकोउय-मंगल-पायच्छित्ते सिरसा हाए कण्ठेमालाकडे आविमणिसुवण्णे कप्पियमालामउली पडिबद्धसरीरे वग्घारियसोणिसुत्तगमल्लदामकलावे अहयवत्थपरिहिए चंदणोक्खित्तगायसरीरे महइ. महालियाए कूडागारसालाए महइमहालयंसि सीहासणंसि इत्थीगुम्मसंपरिवुडे सब्बराइएणं जोइणा झियायमाणेणं महयाहयणट्टगीयवाइयतंतीतलतालतुडियघणमुइंगपडुप्पवाइयरवेणं उरालाई माणुस्सगाई भोगभोगाई भुंजमाणे विहरइ / तस्स णं एगमवि आणवेमाणस्स जाव चत्तारि पंच जणा अवुत्ता चेव अब्भुटुंति / भणह देवागुप्पिया किं करेमो ? किं आहरेमो ? किं उवणेमो ? किं आचिट्ठामो ? किं भे हियं इच्छिय ? किं भे आसगस्स सयइ ? तमेव पासित्ता अणारिया एवं वयंति- देवे खलु अयं पुरिसे, देवसिणाए खलु अयं पुरिसे, देवजीवणिजे खलु अयं पुरिसे, अण्णे वि य णं उवजीवंति / तमेव पासित्ता आरिया वयंति-अमिकंत Page #177 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 164 अंग-पविट्ट सुत्ताणि कूरकम्मे खलु अयं पुरिसे अइधुए अइयायरक्खे दाहिणगामिए णेरइए कण्हपक्खिए आगमिस्साणं दुल्लहबोहियाए यावि भविस्सइ / इच्चेयस्स ठाणस्स उठ्ठिया वेगे अभिगिझंति अणुट्ठिया वेगे अभिगिझंति अभिझंझाउरा वेगे अभिगिज्झंति / एस ठाणे अणारिए अकेवले अप्पडिपुण्णे अणेयाउए असंसुद्धे असल्लगत्तणे असिद्धिमग्गे अमुत्तिमग्गे अणिव्वाणमग्गे अणिज्जाणमग्गे असव्वक्दुखपहीणमग्गे एगंतमिच्छे असाहु / एस खलु पढमस्स ठाणस्स अधम्मपक्खस्स विभंगे एवमाहिए // 17 // अहावरे दोच्चस्स ठाणस्स धम्मपक्खस्स विभंगे एवमाहिज्जइ। . इह खलु पाईणं वा पडीणं वा उदीणं वा दाहिणं वा संतेगइया मणुस्सा भवंति / तं जहा-आरिया वेगे अणारिया वेगें उच्चागोया वेगे णीयागोया वेगे कायमंता वेगे हस्समंता वेगे सुवण्णा वेगे दुवण्णा वेगे सुरूवा वेगे दुरूवा वेगे / तेसिं च णं खेत्तवत्थूणि परिग्गहियाई भवंति, एसो आलावगो जहा पोण्डरीए तहा णेयव्वो, तेणेव अभिलावेण जाव सव्वोवसंता सव्वत्ताए परिणिबुडे त्ति बेमि || एस ठाणे आरिए केवले जाव सव्वदुक्खप्पहीणमग्गे एगंतसम्मे साहु / दोचस्स ठाणस्स धम्मपक्खस्स विभंगे एवमाहिए // 18 // अहावरे तच्चस्स ठाणस्स मिस्सगस्स विभंगे एवमाहिज्जइ / जे इमे भवंति आरणिया आवसहिया गामणियंतिया कण्हुईरहस्सिया जाव ते तओ विप्पमुच्चमाणा भुजो ए लमूयत्ताए तमूयत्ताए पञ्चायति / एस ठाणे अणारिए अकेवले जाव असव्वदुक्खपहीणमग्गे एगंतमिच्छे असाहू / एस खलु तच्चस्स ठाणस्स मिस्सगस्स विभंगे एवमाहिए // 19 // अहावरे पढमस्स ठाणस्स अधम्मपक्खस्स विभंगे एवमाहिज्जइ / इह खलु पाईणं वा 4 संतेगइया मणुस्सा भवंति-गिहत्था महिच्छा महारम्भा महापरिग्गहा अधम्मिया अधम्माणुया अधम्मिट्ठा अधम्मक्खाई अधम्मपायजीविणो अधम्मपलोई अधम्मपलजणा अधम्मसीलसमुदायारा अधम्मेणं चेव वित्तिं कप्पेमाणा विहरंति / हण छिंद भिंद विगत्तगा लोहियपाणी चण्डा रुद्दा खुद्दा साहस्सिया उक्कुंचणवंचणमायाणियडिकूडकवडसाइसंपओगबहुला दुस्सीला दुव्वया दुप्पडियाणंदा असाहू' सव्वाओ पाणाइवायाओ अप्पडिविरया जावजीवाए जाव सव्वाओ परिग्गहाओ अप्पडिविरया जावजीवाए सव्वाओ कोहाओ जाव मिच्छादसणसल्लाओ अप्पडिविरया, सव्वाओ ण्हाणुम्महणवण्णगंधविलेवणसद्दफरिसरसरूवगंधमल्लालंकाराओ अप्पडि Page #178 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सूयगडो सु. 2 अ. 2 165 डिविरया जावजीवाए सव्वाओ सगडरहजाणजुग्गगिल्लिथिल्लिसियासंदमाणियासयणासणजाणवाहणभोगभोयणपवित्थरविहीओ अप्पडिविरया जावज्जीवाए सव्वाओ कयविक्कयमासद्धमासरूवगसंबवहाराओ अप्पडिविरया, जावजीवाए सव्वाओ हिरण्णसुवण्णधणधण्णमणिमोत्तियसंखसिलप्पवालाओ अप्पडिविरया जावज्जीवाए सव्वाओ कूडतुलकूडमाणाओ अप्पडिविरया जावज्जीवाए सव्वाओ आरम्भसमारम्भाओ अप्पडिविरया जावज्जीवाए सव्वाओ करणकारावणाओ अप्पडिविरया जावज्जीवाए सव्वाओ पयणपयावणाओ अप्पडिविरया जावज्जीवाए सव्वाओ कुट्टणपिट्टणतज्जणताडणवहबंधपरिकिलेसाओ अप्पडिविरया जावजीवाए / जे यावण्णे तहप्पगारा सावज्जा अबोहिया कम्मंता परपाणपरियावणकरा जे अणारिएहिं कजति तओ अप्पडिविरया जावज्जीवाए / से नहाणामए केइ पुरिसे कलममसूरतिलमुग्गमासणिप्फावकुलत्थआलिसंदगपलिमंथगमादिए हिं अयंते कूरे मिच्छादण्ड पउंजंति, एवमेव तहप्पगारे पुरिसजाए तित्तिरवट्टगलावगकवोयकविंजलमियमहिसवराहगाहगोहकुम्मसिरिसिवमाइएहिं अयंतें कूरे मिच्छादण्डं पउंजंति जा वि य से बाहिरिया परिसा भवइ, तं जहा-दासे इ वा पेसे इ वा भयए इ वा भाइले इ वा कम्मकरए इ वा भोगपुरिसे इ वा तेसिं पि य णं अण्णयरंसि अहालहुगंसि अवराहंसि सयमेव गरुयं दण्डं णिवत्तेइ / तं जहा-इमं दण्डेह इमं मुण्डेह इमं तलेह इमं तालेह इमं अदुयबंधणं करेह इमं णियलबंधणं करेह इमं हड्डिबंधणं करेह इमं चारगबंधणं करेह इमं णियलजुयलसंकोचियमोडियं करेह इमं हत्यच्छिप्रणयं करेह इमं पायच्छिण्णयं करेह.इमं कण्णछिण्णयं करेह इमं णक्कओट्ठसीसमुहच्छिण्णयं करेह वेयगच्छहियं अंगच्छहियं पक्खाफोडियं करेह इमं णयणुप्पाडियं करेह इमं दंसणुप्पाडियं वसणुप्पाडियं जिन्भुप्पाडियं ओलम्बियं करेह घसियं करेह घोलियं करेह सूलाइयं करेह सूलामिण्णयं करेह खारवत्तियं करेह वज्झवत्तियं करेह सीहपुच्छियगं करेह वसभपुच्छियगं करेह दवग्गिदड्ढयंगं कागणिमंसखावियंगं भत्तपाणणिरुद्धगं इमं जावजीवं वहबंधणं करेह इमं अण्णयरेणं असुभेणं कुमारेणं मारेह। जा वि य से अभितरिया परिसा भवइ, तं जहा-माया इ वा पिया इ वा भाया इ वा भगिणी इ वा भजा इ वा पुत्ता इ वा धूया इ वा सुण्हा इ वा, तेसि पि य णं अण्णयरंसि अहालहुगंसि अवराहसि सयमेव गरुयं दण्डं णिवत्तेइ, सीओदगवियउंसि Page #179 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 166 अंग-पबिट्ट सुत्ताणि उच्छोलित्ता भवइ जहा मित्तदोसवत्तिए जाव अहिए परंसि लोगसि / ते दुक्खंति सोयंति जूरंति तिप्पंति पिटुंति परितप्पंति ते दुखणसोयणजूरणतिप्पणपिट्टणपरितप्पणवहबंधणपरिकिलेसाओ अप्पडिविरया भवंति / एवमेव ते इत्थिकामेहिं मुच्छिया गिद्धा गढिया अज्झोववण्णा जाव वासाइं चउपंचमाई छद्दसमाई वा अप्पयरो वा भुजयरो वा कालं भुंजित्तु भोगभोगाई पंविसुइत्ता वेराययणाई संचिणित्ता बहूई पावाई कम्माई उस्सण्णाई संभारकडेण कम्मुणा से जहाणामए अयगोले इ वा सेलगोले इ वा उदगंसि पक्खित्ते समाणे उदगयलमइवइत्ता अहे धरणियलपइट्ठाणे भवइ, एवमेव तहप्पगारे पुरिसजाए वजबहुले धूयबहुले पंकबहुले वेरबहुले अप्पत्तियबहुले दम्भबहुले णियडिबहुले साइबहुले अयसबहुले उस्सण्णतसपाणघाई काल. मासे कालं किचा धरणियलमइवंइत्ता अहे णरगयलपइट्ठाणे भवइ // 20 // ते णं णरगा अंतो वट्टा बाहिं चउरंसा अहे खुरप्पसंठाणसंठिया णिचंधकारतमसा ववगयगहचंदसूरणक्खत्तजोइसप्पहा मेदवसामसरुहिरपूयपडलं चिक्खिललित्ताणुलेवणयला असुई वीसा परमदुन्भिगंधा कण्हा अगणिवण्णाभा कक्खडफासा दुरहियासा असुभा णरगा असुभा णरएसु वेयणाओ / / णो चेव णरएसु णेरइया णिहायंति वा पयलायति वा सुई वा रई वा धिई वा मई वा उवलभंते ते णं तत्थ उज्जलं विउलं पगाढं कडुयं कक्कसं चण्डं दुक्खं दुग्ग तिव्वं दुरहियासं णेरइया वेयणं पञ्चणुभत्रमाणा विहरंति // 21 // से जहाणामए रुक्खे सिया पव्वयग्गे जाए मूले छिण्णे अग्गे गरुए जओ णिणं जओ विसमं जओ दुग्गं तओ पवडइ, एवामेव तहप्पगारे पुरिसजाए गन्भाओ गम्भं जम्माओ जम्मं माराओ मारं णरगाओ णरगं दुक्खाओ दुक्खं दाहिणगामिए णेरइए कण्हपक्खिए आगमिस्साणं दुल्लहबोहिए यावि भवइ / एस ठाणे अणारिए अकेवले जाव असव्वदुक्खपहीणमग्गे एगंतमिच्छे असाहू / पढमस्स ठाणस्स अधम्मपक्खस्स विभंगे एवमाहिए // 22 // अहावरे दोच्चस्स ठाणस्स धम्मपक्खस्स विभंगे एवमाहिज्जइ / इह खलु पाईणं वा 4 संतेगइया मणुस्सा भवंति / तं जहा-अणारम्भा अप. रिग्गहा धम्मिया धम्माणुया धम्मिट्ठा जाव धम्मेणं चेव वित्तिं कप्पेमाणा विहरंति, सुसीला सुव्वया सुप्पडियाणंदा सुसाहू सव्वाओ पाणाइवायाओ पडिविरया जावजीवाए जाव जे यावण्णे तहप्पगारा सावजा अबोहिया कम्मंता Page #180 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सूयगडो सु. 2 अ. 2 167 परपाणपरियावणकरा कजति तओ वि पडिविरया जावज्जीवाए // से जहाणामएअणगारा भगवंतो इरियासमिया भासासमिया एसणासमिया आयाणभण्डमत्तणिक्खेवणासमिया उच्चारपासवणखेलसिंघाणजल्लपरिट्ठाबणियासमिया मणसमिया वयसमिया कायसमिया मणगुत्ता वयगुत्ता कायगुत्ता गुत्ता गुत्तिं दिया गुत्तबम्भयारी अकोहा अमाणा अमाया अलोभा संता पसंता उवसंता परिणिव्वुडा अणासवा अग्गंथा छिण्णसोया णिरुवलेवा कंसपाइ ब्व मुक्कतोया संखो इव णिरंजणा जीव इव अपडिहयगई गगणतलं पिव णिरालम्बणा वाउरिव अपडिबद्धा सारदसलिलं व सुद्धहियया पुक्खरपत्र व णिरुवलेवा कुम्मो इब गुत्तिंदिया विहग इव विप्पमुक्का खग्गिविसाणं व एगजाया भारण्डपक्खी व अप्पमत्ता कुंजरो इव सोण्डीरा वसभो इव जायत्थामा सीहो इव दुद्धरिसा मंदरो इव अप्पकम्पा सागरो इव गम्भीरा चंदो इव सोमलेसा सूरो इव दित्ततेया जच्चकंचणगं व जायरूवा वसुंधरा इव सव्वफासविसहा सुहुय. हुयासणो विय तेयसा जलंता / णत्थि णं तेसिं भगवंताणं कत्थ वि पडिबंधे भवइ / से पडिबंधे चउन्धिहे पण्णत्ते / तं जहा-अण्डए इ वा पोयए इ वा उग्गहे इ वा पग्गहे इ वा ज णं णं दिस इच्छंति तं णं तं णं दिसं अपडिबद्धा सुइभूया लहुभूया अप्पग्गंथा संजमेण तवसा अप्पाणं भावमाणा विहरंति // तेसिं णं भगवंताणं इमा एयारूवा जायामायावित्ती होत्या / तं जहा-चउत्थे भत्ते उटे भत्ते अट्ठमे भत्ते दसमे भत्ते दुवालसमे भत्ते चउदसमे भत्ते अद्धमासिए भत्ते मासिए भत्ते दोमासिए तिमासिए चउम्मासिए पंचमासिए छम्मासिए अदुत्तरं च णं उक्वित्तचरया णिक्खित्तचरया उक्खित्तंणिक्खित्तचरया अंतचरगा पंतचरगा लूहचरगा समुदाणचरगा संसहचरगा असंसहचरगा तज्जायसंसहचरगा दिलामिया अदिठ्ठलाभिया पुट्ठलाभिया अपुट्ठलामिया मिक्खलामिया अभिक्खलाभिया अण्णायचरगा उवणिहिया संखादत्तिया परिमिवपिण्डवाइया सुद्धेसणिया अंताहारा पंताहारा अरसाहारा विरसाहारा लूहाहारा तुच्छाहारा अंतजीवी पंतजीवी आयम्बिलिया पुरिमड्डिया णिविगइया अमनमंसासिणो णो णियामरसभोई ठाणाइया पडिमाठाणाइया उकडुआसणिया णेसज्जिया वीरासणिया दण्डायइया लगंडसाइणो अप्पाउडा अगत्तया अकण्डया अणिळुहा (एवं जहोववाइए) धुयकेसमंसुरोमणहा सन्वगायाडिकम्मविप्पमुक्का चिट्ठति / ते णं एएणं विहारेणं विहरमाणा बहूई Page #181 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 168 अंग-पविटु सुत्ताणि वासाइं सामण्णपरियागं पाउणंति 2 बहुबहु आबाहंसि उप्पण्णंसि वा अणुप्पण्णंसि वा बहई भत्ताई पच्चक्खंति पच्चक्वाइत्ता वहई भत्ताइं अणसणाए छेदेंति, अणसणाए छेदित्ता जस्सट्टाए कीरइ णग्गभावे मुण्डभावे अण्हाणभावे अदंतवणगे अछत्तए अणोवाहणए भूमिसेज्जा फलगसेज्जा कट्ठसेज्जा केसलोए बम्भचेरवासे परघरपवेसे लद्धावलद्धे माणावमाणणाओ हीलणाओ जिंदणाओ खिंसणाओ गरहणाओ तज्जणाओ तालणाओ उच्चावया गामकण्टगा बावीसं परीसहोवसग्गा अहियासिति तम आराहेति तमढें आराहित्ता चरमेहिं उस्सासणिस्सासेहिं अणंतं अणुत्तरं णिव्वाघायं णिरावरणं कसिणं पडिपुण्णं केवलवरणाणदंसणं समुप्पाडेंति, समुप्पाडित्ता तओ पच्छा सिझंति बुज्झंति मुञ्चति परिणिव्वायंति सव्वदुक्खाणं अंतं करंति / एगच्चाए पुण एगे भयंतारो भवंति, अवरे पुण पुवकम्मावसेसेणं कालमासे कालं किच्चा अण्णयरेसु देवलोएसु देवत्ताए उववत्तारो भवति / तं जहा-महड्डिएसु महज्जुइएसु महापरक्कमेसु महाजसेसु महाबलेसु महागुंभावेसु महासुक्खेसु / ते णं तत्थ देवा भवंति महड्डिया महज्जुइया जाव महासुक्खा हारविराइयवच्छा कडगतुडियथम्भियभुया अंगयकुण्डलमढगण्डयलकण्णपीढधारी विचित्तहत्थाभरणा विचित्तमालामउलिमउडा कल्लाणगंधपवरवत्थपरिहिया 'कल्लाणगपवरमल्लाणुलेवणधरा भासुरबोंदी पलम्बवणमालाधरा दिवेणं रूवेणं दिव्वेणं वण्णेणं दिव्वेणं गंधेणं दिव्वेणं फासेणं दिव्वेणं संघाएणं दिव्वेणं संठाणेणं दिव्वाए इड्डीए दिव्वाए जुईए दिवाए पभाए दिव्वाए छायाए दिव्वाए अच्चाए दिव्वेणं तेएणं दिव्वाए लेसाए दस दिसाओ उज्जोवेमाणा पभासेमाणा गइकल्लाणा ठिइकल्लाणा आगमेसिभहया यावि भवंति। एस ठाणे आयरिए जाव सव्वदुक्खपहीणमग्गे एगतसम्मे सुसाहू। दोचस्स ठाणस्स धम्मपक्खस्स विभंगे एवमाहिए // 23 // अहावरे तच्चस्स ठाणस्स मीसगस्सविभंगे एवमाहि जइ / इह खलु पाईणं वा 4 संतेगइया मणुस्सा भवंति / तं जहा-अप्पिच्छा अप्पारम्भा अप्पपरिग्गहा धम्मिया धम्माणुया जाव धम्मेणं चेव वित्तिं कप्पेमाणा विहरंति सुसीला सुव्वया सुप्पडियाणंदा साहू एगच्चाओ पाणाइवायाओ पडिविरया जावजीवाए एगच्चाओ अप्पडिविरया जाव जे यावण्णे तहप्पगारा सावजा अबोहिया कम्मंता परपाणपरितावणकरा कन्जंति तओ वि एगच्चाओ अप्पडिविरया / से जहाणामए समणोवासगा भवंति अभिगयजीवाजीवा उवलद्ध. Page #182 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सूयगडो सु. 2 अ.२ 169 पुण्णपावा आसवसंवरवेयणाणिज्जराकिरियाहिगरणबंधमोक्खकुसला असहेजदेवासुरणागसुवण्णजंक्खरखसकिंणरकिंपुरिसगरुलगंधव्वमहोरगाइए हिं देवगणेहिं णिग्गंथाओ पावयणाओ अणइक्कमणिज्जा, इणमेव णिग्गंथे पावयणे णिस्संकिया णिकंखिया णिब्विइगिच्छा लद्धट्ठा गहियट्ठा पुच्छ्यिट्ठा विणिच्छियट्ठा अभिगयट्ठा अद्विमिंजपेम्माणुरागरत्ता / अयमाउसो ! णिग्गंथे पावयणे अढे अयं परमटे सेसे अणढे उसियफलिहा अवंगुयदुवाराअचियत्तंतेउरपरघरपवेसा चाउद्दसट्ठमुद्दिट्ठपुण्णिमासिणीसु पडिपुण्णं पोसहं सम्मं अणुपालेमाणा समणे णिग्गंथे फासुएसणिज्जेणं असणपाणखाइमसाइमेणं वत्थपडिग्गह कम्बलपायपुंछणेणं ओसहभेसज्जणं पीठफलगसेज्जासंथारएणं पडिलाभेमाणा बहूहिं सीलव्वयगुणवेरमणपच्चक्खाणपोसहोववासेहिं अहापरिग्गहिएहिं तवोकम्मेहिं अप्पाणं भावेमाणा विहरंति // ते णं एयारूवेणं विहारेणं विहरमाणा बहूई वासाइं समणोवासगपरियागं पाउणंति पाउणित्ता आबाहंसि उप्पणसि वा, अणुप्पणसि वा बहूई भत्ताइं अणसणाए पच्चक्खाएंति बहूई भत्ताई अणसणाए पञ्चक्खाएत्ता बहूई भत्ताई अणसणाए छेदेंति बहूई भत्ताई अणसणाए छेइत्ता आलोइयपडिकंता समाहिपत्ता कालमासे कालं किच्चा अण्णयरेसु देवलोएसु देवत्ताए उववत्तारो भवंति, तं जहा- महड्डिएसु महज्जुइएसु जाव महासुक्खेसु सेसं तहेव जाव एसट्ठाणे आयरिए जाव एगंतसम्म साहू / तच्चस्स ठाणस्स मीसगस्स विभंगे एवमाहिए // 24 / / अविरइं पडुच्च बाले आहिज्जइ विरई पडुच्च पंडिए आर्हिज्जइ विरयाविरई पडुच्च बालपंडिए आहिज्जइ तत्थण जा सा सव्वओ अविरई एसटाणे आरंभट्ठाणे अणारिए जाव असव्वदुक्खप्पहीणमग्गे एगंतमिच्छे असाहू', तत्थणं जा सा सव्वओ विरई एसट्ठाणे अणारंभट्ठाणे आरिए जाव सव्वदुक्खप्पहीणमग्गे एगंतसम्म साहू, तत्थणं जा सा सव्वओ विरयाविरई एसट्ठाणे आरंभणोआरंभट्ठाणे एसटाणे आरिए जाव सव्वदुक्खप्पहीणमग्गे एगंतसम्मे साहू // 25 // एवमेव समणुगम्ममाणा इमेहिं चेव दोहिं ठाणेहिं समोअरंति, तं जहा-धम्मे चेव अधम्मे चेव, उवसंते चेव अणुवसंते चेव, तत्थणं जे से पढमट्ठाणस्स अधम्मपक्खस्स विभंगे एवमाहिए तस्सणं इमाइं तिण्णितेवढाइं पावादुयसयाइं भवतीति मक्खायाइं तं जहा-किरियावाईणं अकिरियावाईणं अण्णाणियवाईणं वेणइयवाईणं तेवि परिणिव्वाणमाहंसु तेवि परिमोक्खमाहंसु तेवि लवंति सावगा Page #183 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 170 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि तेवि लवंति सावइत्तारो // 26 // ते सव्वे पावाउया आइगरा धम्माण णाणापण्णा णाणाछंदा णाणासीला णाणा दिट्ठी णाणारुई णाणारंभा ‘णाणाझवसाणसंजुत्ता एगं महं मंडलिबंध किच्चा सव्वे एगओ चिट्ठति / / 27 // पुरिसे य सागणियाणं इंगालाणं पाइं बहुपडिपुणं अउमएणं संडासएणं गहाय ते सव्वे पावाउए आइगरे धम्माणं णाणापण्णे जाब णाणाज्झवसाणसंजुत्ते एवं वयासी-हंभो! पावाउया आइगरा धम्माणं णाणापण्णा जाव णाणाज्झवसाणसंजुत्ता ! इमं ताव तुब्भे सागणियाणं इंगालाणं पाई बहुपडिपुण्णं गहाय मुहुत्तयं 2 पाणिणा धरेह णो बहुसंडासगं संसारियं कुन्जा, णो बहुअग्गिथंभणियं कुजा णो बहु साहम्मियबेयावडियं कुज्जा णो बहु परधम्मियवेयावडियं कुन्जा, उज्जुया णियागपडिनण्णा अमायं कुव्वमाणा पाणिं पसारेह इइ वुच्चा से पुरिसे तेसिं पावादुयाणं तं सागणियाणं इंगालाणं पाई बहुपडिपुण्णं अउमएणं संडासएणं गहाय पाणिंसु णिसिरइ तएणं ते पावांउया आइगरा धम्माणं णाणापण्णा जाव णाणाझवसाणसंजुत्ता पाणिं पडिसाहरंति तएणं से पुरिसे ते सव्वे पावाउए आइगरे धम्माणं जाव णाणाज्झवसाणसंजुत्ते एवं वयासी हंभो ! पावाउया आइगरा धम्माणं णाणापण्णा जाव णाणाझवसाणसंजुत्ता ! कम्हाणं तुम्भे पाणिं पडिसाहरह ? पाणिं णो डहिज्जा, दड्डे किं भविस्सइ दुक्खं ? दुक्खं ति मण्णमाणा पडिसाहरह एस तुला एसपमाणे एस समोसरणे पत्तेयं तुला पत्तेयं पमाणे पत्तेयं समोसरणे तत्थणं जे ते समणा माहणा एवमाइक्खंति, जाव परूवेंति सव्वे पाणा जाव सत्ता हंतव्वा अजावेयवा. परिघेयवा परियावेयव्वा किलामेयव्वा उद्दवेयव्वा ते आगंतु छेयाए ते आगंतु भेयाए जाव ते आगंतु जाइजरामरणजोणिजम्मण. संसारपुणब्भवगन्भवासभवपवंचकलंकलीभागिणो भविस्संति। ते बहूणं दंडणाणं बहूणं मुंडणाणं तजणाणं तालणाणं अंदुबंधणाणं जाव घोलणाणं माइमरणाणं पिइमरणाणं भाइमरणाणं भगिणीमरणाणं भज्जापुत्तधूयासुण्हामरणाणं दारिहाणं दोहग्गाणं अप्पियसंवासाणं पियविप्पओगाणं बहूणं दुक्खदोम्मणस्साणं आभागिणो भविस्संति अणाइयं च णं अणवयग्गं दीहमद्धं चाउरंतसंसारकंतारं भुजो भुजो अणुपरियट्टिस्संति ते णो सिज्झिस्संति गो बुज्झिस्संति जाव णो सव्वदुक्खाणमंतं करिस्संति एस तुला एस पमाणे एस समोसरणे पत्तेयं तुला पत्तेयं पमाणे पत्तेयं समोसरणे / तत्थ णं जे ते समणा माहणा एवमाइक्खंति जाव परूवेंति / सव्वे पाणा सव्वे भूया सव्वे जीवा सव्वे सत्ता ण हंतव्वा ण अन्जावेयव्वा 'णं परिघेयव्वा ण उद्द Page #184 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सूयगडो सु. 2 अ. 3 171 वेयव्वा ते णो आगंतुच्छेयाए ते णो आगंतुभेयाए जाव जाइजरामरणजोणिजम्मणसंसारपुणब्भवगब्भवासभवपवंचकलंकलीभागिणो भविस्संति, जाव अणाइयं च णं अण्वयग्गं दीहमद्धं चाउरंतसंसारकंतारं भुज्जो भुजो णो अणुपरियट्टिस्संति, ते सिज्झिस्संति जाव सम्वदुक्खाणं अंतं करिस्संति // 28 / / इच्चेए हिं बारसहिं किरियाठाणेहिं वट्टमाणा जीवा णो सिझिसु णो बुझिसु णो मुच्चिसु णो परिणिव्वाइंसु जाव णो सव्वदुक्खाणं अंतं करेंसु वा णो करेंति वा णो करिस्संति वा / एयंसि चेव तेरसमे किरियाठाणे वट्टमाणा जीवा सिम्झिसु बुझिसु मुच्चिसु परिणिव्वाइंसु जाव सम्वदुक्रवाणं अंतं करेंसु वा करंति वा करिस्संति वा / एवं से भिक्खू आयट्ठी आयहिए आयगुत्ते आयजोगे आयपरक्कमे आयरक्खिए आयाणुकम्पए आयणिप्फेडए आयाणमेव पडिसाहरेज्जासि त्ति बेमि // 29 // ॥आहारपरिण्णा णाम तइयं अज्झयणं // सुयं मे आउसं ! तेणं भगवया एवमक्खायं / इह खलु आहारपरिण्णा णामज्झयणे तस्स णं अयमढे / इह खलु पाईणं वा 4 सव्वओ सव्वावंति य णं लोगंसि चत्तारिबीयकाया एवमाहिति / तं जहा-अग्गबीया मूलबीया पोरबीया खंधबीया / तसिं च णं अहाबीएणं अहावगासेणं इहेगइया सत्ता पुढवीजोणिया पुढवीसंभवा पुढवीवुकमा तज्जोणिया तस्संभवा तदुवकमा कम्मोवगा कम्मणियाणेणं तत्थवुकमा णाणाविहजोगियासु पुढवीसु रुक्खत्ताए विउठंति // ते जीवा तेसिं णाणाविहजोणियाणं पुढवीणं सिणेहमाहारेति / ते जीवा आहारेंति पुढवीसरीरं आउसरीरं तेउसरीरं वाउसरीरं वणस्सइसरीरं / णाणाविहाणं तसथावराणं पाणाणं सरीरं अचित्तं कुव्वंति परिविद्धत्थं / तं सरीरं पुवाहारियं तयाहारियं विपरिणयं सारूवियकडं संतं / अवरे वि य णं तेसिं पुढविजोणियाणं रुक्खाणं सरीरा णाणावण्णा णाणागंधा णाणारसा णाणाफासा णाणासंठाणसंठिया णाणाविहसरीरपुग्गलविउव्विया ते जीवा कम्मोववण्णगा भवंतीति मक्खायं / / 1 / / अहावरं पुरक्खायं इहेगइया सत्ता रुखजोणिया रुक्खसंभवा रुक्खवुकमा तज्जोणिया तस्संभवा तदुवकमा कम्मोवगा कम्मणियाणेणं तत्थवुकमा पुढवीजोणिए हिं रुक्खेहिं रुक्खत्ताए विउति। ते जीवा तेसिं पुढवीजोणियाणं रुक्खाणं सिणेहमाहारेंति, ते जीवा माहारेंति पुढवीसरीरं आउतेउवाउवणस्सइसरीरं णाणाविहाणं तसथावराणं पाणाणं सरीरं अचित्तं कुव्वंति परिविद्वत्थ / सरीरं पुव्वाहारियं तयाहारियं विप्परिणामियं सारूवियकडं संतं / अवरे Page #185 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 172 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि वि य णं तेसिं रुक्खजोणियाणं रुक्खाणं सरीरा णाणावण्णा णाणागंधा णाणारसा णाणाफासा णाणासंठाणसंठिया णाणाविहसरीरपुग्गलविउव्विया ते जीवा कम्मोव वण्णगा भवंतीति मक्खायं // 2 / / अहावरं पुरक्खायं इहेगइया सत्ता रुक्खजोणिया रुक्खसंभवा रुक्खवुक्कमा तज्जोणिया तस्संभवा तदुवकमा कम्मोवगा कम्मणियाणेणं तत्थवुकमा रुक्खजोणिए सु रुक्खत्ताए विउटृति, ते जीवा तेसिं रुक्खजोणियाणं रुक्खाणं सिणेहमाहारेंति ते जीवा आहारेंति, पुढवीसरीरं आउतेउवाउवणस्सइसरीरं तसथावराणं पाणाणं सरीरं अचित्तं कुव्वंति परिविद्धत्थं तं सरीरं पुव्वाहारियं. तयाहारियं विपरिणामियं सारूवियकडं संतं अवरे वि य णं तेसिं रुक्खजोणियाणं रुक्खाणं सरीरा णाणावण्णा जाव ते जीवा कम्मोववण्णगा भवंति त्ति मक्खायं / / 3 / / अहावरं पुरक्खायं इहेगइया सत्ता रुक्खजोणिया रुक्खसंभवा रुक्खवुक्कमा तज्जोणिया तस्संभवा तदुवकमा कम्मोवगा कम्मणियाणेणं तत्थवुकमा रुक्खजोणिएसु रुक्खेसु मूलत्ताए कंदत्ताए खंधत्ताए तयत्ताए सालत्ताए पवालत्ताए पत्तत्ताए पुप्फत्ताए फलत्ताए बीयत्ताए विउटृति ते जीवा तेसिं रुक्खजोणियाणं रुक्खाणं सिणेहमाहारेति ते जीवा आहारेंति पुढवीसरीरं आउतेउवाउवणस्सइं णाणाविहाणं तसथावराणं पाणाणं सरीरं अचित्तं कुव्वंति परिविद्धत्थं तं सरीरगं जावं सारूवियकडं संतं अवरेवियणं तेसिं रुक्खजोणियाणं मूलाणं कंदाणं खंधाणं तयाणं सालाणं पवालाणं जाव बीयाणं सरीरा णाणावण्णा णाणागंधा जाव णाणाविहसरीरपुग्गल विउव्विया ते जीवा कम्मोववण्णगा भवंति त्ति मक्खायं // 4 // अहावरं पुरक्खायं इहेगइया सत्ता रुक्खजोणिया रुक्खसंभवा रुक्खवुकमा तज्जोणिया तस्संभवा तदुवकमा कम्मोववण्णगा कम्मणियाणेणं तत्थवुकमा रुक्खजोणिएहिं रुक्खेहिं अज्झारोहत्ताए विउद्देति ते जीवा तेसिं रुक्खजोणियाणं रुक्खाणं सिणेहमाहारेति ते जीवा आहारेंति पुढवीसरीरं जाव सारूवियकडं संतं अवरेवि यणं तेसिं रुक्खजोणियाणं अज्झारुहाणं सरीरा णाणावण्णा जाव मक्खायं / / 5 / / अहावरं पुरक्खायं इहेगइया सत्ता अज्झारोहजोणिया अज्झारोहसंभवा जाव कम्मणियाणेणं तत्थवुकमा रुक्खजोणिएसु अज्झारोहेसु अज्झारोहत्ताए विउति ते जीवा तेसिं रुक्खजोणियाणं अज्झारोहाणं सिणेहमाहारेंति ते जीवा आहारेति पुढवीसरीरं जाव सारूवियकडं संतं अवरेवि य णं तेसिं अज्झारोहजोणियाणं अज्झारोहाणं सरीरा णाणावण्णा जावमक्खाय।।६॥अहावरं पुरक्खायं इहेगइया Page #186 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सूयगडो सु. 2 अ.३ 173 सत्ता अज्झारोहजोणिया अज्झारोहसंभवा जाव कम्मणियाणेणं तत्थवुक्कमा अज्झारोहजोणिएसु अज्झारोहत्ताए विउति ते जीवा तेसिं अज्झारोहजोणियाणं अज्झारोहाणं सिणेहमाहारेति ते जीवा आहारेति पुढविसरीरं आउसरीरं जाव सारूवियकडं संत अवरेवि य णं तेसिं अज्झारोहजोणियाणं अज्झारोहाणं सरीरा णाणावण्णा जाव. मक्खायं ॥७॥अहावरं पुरक्खायं इहेगइया सत्ता अज्झारोहजोणिया अज्झारोहसंभवा जाव कम्मणियाणेणं तत्थवुकमा अज्झारोहजोणिएसु अज्झारोहेसु मूलत्ताए जाव बीयत्ताए विउदृति ते जीवा तेसिं अज्झारोहजोणियाणं अज्झारोहाणं सिणेहमाहारेंति जाव अवरेवि य णं तेसिं अज्झारोहजोणियाणं मूलाणं जाव बीयाणं सरीरा णाणावण्णा जावमक्खायं // 8 // अहावरं पुरक्खायं इहेगइया सत्ता पुढविजोणिया पुढविसंभवा जाव णाणाविहजोणियासु पुढवीसु तणत्ताए विउद्देति ते जीवा तेसिं णाणाविहजोणियाणं पुढवीणं सिणेहमाहारेंति जाव ते जीवा कम्मोववण्णा भवंति त्ति मक्खायं-एवं पुढविजोणिए सु तणेसु तणत्ताए विउटुंति जाव मक्खाय-एवं तणजोणिएसु तणेसु तणसाए विउदंति तणजोणिय तणसरीरं च आहारेंति, जाव मक्खायं-एवं तणजोणिएसु तणेसु मूलत्ताए जाव बीयत्ताए विउति ते जीवा जाव एवमक्खायं-एवं ओसहीणं वि चत्तारि आलावगा-एवं हरियाणवि चत्तारि आला. वगा // 9-10 // अहावरं पुरक्खायं इहेगइया सत्ता पुढवीजोणिया पुढविसंभवा जाव कम्मणियाणेणं तत्थवुकमा णाणाविहजोणियासु पुढवीसु आयत्ताए वायत्ताए कायत्ताए कूहणत्ताए कंदुकत्ताए उव्वेहणियत्ताए णिव्वेहणियत्ताए सछत्ताए छत्तगत्ताए वासाणियत्ताए कुरत्ताए विउद्देति / ते जीवा तेसिं णाणाविहजोणियाणं पुढवीणं सिणेहमाहारेति / ते वि जीवा आहारेंति पुढविसरीरं जाव संतं / अवरे वि य णं तेसिं पुढविजोणियाणं आयत्ताणं जाव कूराणं सरीरा णाणावण्णा जाव मक्खायं। एगो चेव आलावगो सेसा तिण्णि णत्थि / अहावरं पुरक्खायं इहे. गइया सत्ता उदगजोणिया उदगसंभवा जाव कम्मणियाणेणं तत्थवुक्कमा णाणाविहजोणिएसु उदएसु रुक्खत्ताए विउटुंति / ते जीवा तेसिं गाणाविहजोणियाणं उदगाणं सिणेहमाहारेति / ते जीवा आहारेति पुढविसरीरं जाव संतं / अवरे वि य णं तेसिं उदगजोणियाणं रुक्खाणं सरीरा णाणावण्णा जाव मक्खायं / जहा पुढविजोणियाणं रुक्खाणं चत्तारि गमा अज्झारुहाण वि तहेव, तणाणं ओसहीणं Page #187 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 174 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि हरियाणं चत्तारि आलावगा भाणियव्वा एकेके, अहावरं पुरक्खायं इहेगइया सत्ता उदगजोणिया उदगसम्भवा जाव कम्मणियाणेणं तत्थवुकमा णाणाबिहजोणिएसु उदएसु उदगत्ताए अवगत्ताए पणगत्ताए सेवालत्ताए कलम्बुगत्ताए हडत्ताए कसेरुगत्ताए कच्छभाणियत्ताए उप्पलत्ताए पउमत्ताए कुमृयत्ताए णलिणत्ताए सुभगत्ताए सोगंधियत्ताए पोण्डरीयमहापोण्डरीयत्ताए सयपत्तत्ताए सहस्सपत्तत्ताए एवं कल्हारकोंकणयत्ताए अरविंदत्ताए तामरसत्ताए भिस भिसमुणालपुक्खलत्ताए पुक्खलच्छिभगत्ताए विउटृति / ते जीवा तेसिं गाणाविहजोणियाण उदगाणं सिणेहमाहा रेति / ते जीवा आहारेंति पुढवीसरीरं जाव संतं / अवरे वि य गं तेसिं उदगजोणियाणं उदगाणं जाव पुक्खलच्छिभगाणं सरीरा णाणावण्णा जाव मक्खायं एगो चेव आलावगो / / 11 / / अहावरं पुरक्खायं इहेगइया सत्ता तेसिं चेव पुढवीजोणिएहिं रुक्खेहिं, रुक्खजोणिएहिं रुक्खहिं, रुक्खजोणिए हिं मूलेहिं जाव बीए हिं, रुक्खजोणिएहिं अज्झारोहेहिं अज्झारोहजोणिएहिं अज्झारोहेहिं, अज्झारोहजोणिएहिं मूलेहिं जाव बीएहिं, पुढविजोणिएहिं तणेहिं, तणजोणिएहिं तणेहिं तणजोणिए हिं मूलेहिं जाव बीएहिं / एवं ओसहीहि वि तिण्णि आलावगा एवं हरिएहि वि तिण्णि आलावगा / पुढविजोणिएहि वि आएहिं काएहिं जाव कूरेहिं उदगजोणिए हिं रुक्खेहिं, रुक्खजोणिएहिं रुक्खेहिं, रुक्खजोणिएहिं मूलेहिं जाव बीए हिं एवं अज्झारुहेहि वि तिण्णि / तणेहिं बि तिण्णि आलावगा। ओसहीहिं वि तिण्णि, हरिएहिं वि तिण्णि, उदगजोणिएहिं उदएहिं अवएहिं जाव पुक्खलच्छिभएहिं तसपाणत्ताए विउटुंति / ते जीवा तेसिं पुढवीजोणियाणं उदगजोणियाणं रुक्खजोणियाणं अज्झारोहजोणियाणं तणजोणियाणं ओसहीजोणियाणं हरियजोणियाणं रुक्खाणं अज्झारुहाणं तणाणं ओसहीणं हरियाणं मूलाणं जाव बीयाणं आयाणं कायाणं जाव कुरवाणं कुराणं] उदगाणं अवगाणं जाव पुक्खलच्छिभगाणं सिणेहमाहारेंति / ते जीवा आहारेंति पुढवीसरीरं जाव संतं। अवरे वि य णं तेसिं रुक्खजोणियाणं अज्झारोहजोणियाणं तणजोणियाणं ओसहिजोणियाणं हरियजोणियाणं मूलजोणियाणं कंदजोणियाणं जाव बीयजोणियाणं आयजोणियाणं कायजोणियाणं जाव कूरजोणियाणं उदगजोणियाणं अवगजोणियाणं जाव पुक्खलच्छिभगजोणियाणं तसपाणाणं सरीरा णाणावण्णा जाव मक्खायं // 12 / / अहावरं पुरक्खायं णाणा Page #188 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सूयगडो सु. 2 अ. 3 175 विहाणं मणुस्साणं / तं जहा—कम्मभूमगाणं अकम्मभूमगाणं अंतरदीवगाणं आरियाणं मिलक्खुयाणं / तेसिं च णं अहाबीएणं अहावगासेणं इत्थीए पुरिसस्स य कम्मकडाए जोणिए एत्य णं मेहुणवत्तियाए (व) णामं संजोगे समुप्पज्जइ / 'ते दुहओ वि सिणेहं संचिणंति / तत्थणं जीवा इत्थित्ताए पुरिसत्ताए णपुंसगत्ताए विउटुंति, ते जीवा माउउयं पिउसुक्कं तं तदुभयं संसटुं कलुसं किविसं तं पढमत्ताए आहारमाहारेति तओ पच्छा जं से माया णाणाविहाओ रसविहीओ आहारमाहारेति तओ एगदेसेणं ओयमाहारेंति अणुपुव्वेण वुड्डा पलिपागमणुपवण्णा तओ कायाओ अभिणिवट्टमाणा इत्थि वेगया जणयंति पुरिसं वेगया जणयंति, णपुंसगं वेगया जणयंति ते जीवा डहरा समाणा माउक्खीरं सप्पिं आहारेंति अणुपुट्वेणं वुड्डा ओयणं कुम्मासं तसथावरे य पाणे ते जीवा आहारेंति पुढविसरीरं जाव सारूवियकडं संतं अवरेवि य णं तेसिं णाणाविहाणं मणुस्सगाणं कम्मभूमगाणं अकम्मभूमगाणं अंतरदीवगाणं आरियाणं मिलक्खूणं सरीरा णाणावण्णा जाव भवंति त्ति मक्खायं // अहावरं पुरक्खायं णाणाविहाणं जलचराणं पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं, तं जहा-मच्छाणं जाव सुंसुमाराणं तेसिं च णं अहाबीएणं अहावगासेणं इत्थीए पुरिसस्स य कम्म तहेव जाव तओ एगदेसेणं ओयमाहारेंति अणुपुट्वेणं वुड्डा पलिपागमणुपवण्णा तओ कायाओ अभिणिवट्टमाणा अंडं वेगया जणयंति पोयं वेगया जणयंति, से अंडे . उब्भिज्जमाणे इत्थि वेगया जणयंति, पुरिसं वेगया जणयंति, णपुंसगं वेगया जणयंति, ते जीवा डहरा समाणा आउसिणेहमाहारेंति, अणुपुव्वेणं वुड्डा वणस्सइकायं तसथावरे य पाणे ते जीवा आहारेति पुढविसरीरं जाव संतं अवरेवि य णं तेसिं णाणाविहाणं जलचरपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं मच्छाणं जाव सुंसुमाराणं सरीरा णाणावण्णा जावमक्खायं // अहावरं पुरक्खायं णाणाविहाणं चउप्पयथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं तं जहा-एगखुराणं दुखुराणं गंडीपयाणं सणप्फयाणं तेसिं च णं अहाबीएणं अहावगासेणं इथिए पुरिसस्स य कम्म जाव मेहुणवत्तिए णामं संजोगे समुप्पजइ ते दुहओ वि सिणेहं संचिणंति तत्थणं जीवा इत्थित्ताए पुरिसत्ताए जाव विउटृति ते जीवा माउउयं पिउसुक्कं एवं जहा मणुस्साणं जाव इत्थि वेगया जणयंति पुरिसंपि णपुंसगंपि ते जीवा डहरा समाणा माउक्खीरं सप्पिं आहारैति अणुपुव्वेणं वुड्डा वणस्सइकायं तसथावरे य पाणे ते जीवा आहारेंति पुढविसरीरं Page #189 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 176 अंग-पविटु सुत्ताणि जाव संतं अवरेवि य णं तेसिं णाणाविहाणं चउप्पयथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं एगखुराणं जाव सणप्पयाणं सरीरा णाणावण्णा जावमक्खायं / / . अहावरं पुरक्खायं णाणाविहाणं उरपरिसप्पथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं तंजहा-अहीणं अयगराणं आसालियाणं महोरगाणं तेसिं च णं अहाबीएणं अहावगासेणं इत्थीए पुरिसस्स जाव एत्थणं मेहुणे एवं तं चेव णाणत्तं अंडं वेगइया जणयंति पोयं वेगइया जणयंति से अंडे उन्भिज्जमाणे इत्थि वेगइया जणयंति पुरिसंपि णपुंसगंपि, ते जीवा डहरा समाणा वाउकायमाहारेंति अणुपुव्वेणं वुड्डा वणस्सइकायं तसथावरपाणे ते जीवा आहारेंति पुढविसरीरं जाव संतं अंवरेवि यणं तेसिं णाणाविहाणं उरपरिसप्पथलयरपंचिंदियतिरिक्ख० अहीणं जाव महोरगाणं सरीरा णाणावण्णा णाणागंधा जावमक्खायं // अहावरं पुरक्खायं णाणाविहाणं भुयपरिसप्पथलयरपंचिंदियतिरि. क्खजोणियाणं, तं जहा-गोहाणं णउलाणं सिहाणं सरडाणं सल्लाणं सरवाणं खराणं घरकोइलियाणं विस्संभराणं मुसगाणं मंगुसाणं पयलाइयाणं विरालियाण जोहाणं चउप्पाइयाणं तेसिं च णं अहाबीएणं अहावगासेणं इत्थिए पुरिसस्स य जहा उरपरिसप्पाणं तहा भाणियध्वं जाव सारूवियकडं संतं अवरेवि य णं तेसिं णाणाविहाणं भुयपरिसप्पपंचिंदियथलयरतिरिक्खाणं तं गोहाणं जावमक्खायं // अहावरं पुरक्खायं णाणाविहाणं खहयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं, तंजहा-चम्मपक्खीणं लोमपक्खीणं, समुग्गपक्खीणं विततपक्खीणं तेसिं च णं अहाबीएणं अहावगासेणं इत्थीए जहा उरपरिसप्पाणं णाणत्तं ते जीवा डहरा समाणा माउगायसिणेहमाहारेंति अणुपुव्वेणं वुड्डा वणस्सइकायं तसथावरे य पाणे ते जीवा आहारेंति पुढविसरीरं जाव संतं अवरे वि य णं तेसिं णाणाविहाणं खहयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं चम्मपक्खीणं जाव मक्खायं / / 13 / / अहावरं पुरक्खायं इहेगइया सत्ता णाणाविह. जोणियाणाणाविहसंभवा णाणाविहवुक्कमा तज्जोणिया तस्संभवा तदुवकमा कम्मोवगा कम्मणियाणेणं तत्थुवुक्कमा णाणाविहाणं तसथावराणं पोग्गलाणं सरीरेसु सचित्तेसु वा अचित्तेसु वा अणुसूयत्ताए विउद॒ति / ते जीवा तेसिं णाणाविहाणं तसथावराणं पाणाणं सिणेहमाहारेति / ते जीवा आहारेंति पुढविसरीरं जाव संत / अवरे वि य णं तेसिं तसथावरजोणियाणं अणुसूयगाणं सरीरा णाणावण्णा जाव मक्खायं / एवं दुरूवसंभवत्ताए / एवं खुरदुगत्ताए // 14 // अहावरं पुरक्खायं इहे. Page #190 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सूयगडो सु. 2 अ. 3 177 गइया सत्ता णाणाविहजोणिया जाव कम्मणियाणेणं तत्थवुक्कमा णाणाविहाणं तसथावराण पाणाणं सरीरेसु सचित्तसु वा अचित्तेसु वा तं सरीरगं वायसंसिद्धं वा वायसंगहियं वा वायपरिग्गहियं उड्डवाएसु उड्ढभागी भवइ, अहेवाए सु अहेभागी भवइ, तिरियवाएसु तिरियभागी भवइ / तं जहा-ओसा हिमए महिया करए हरतणुए सुद्धोदए / ते जीवा तेसिं णाणाविहाणं तसथावराणं पाणाणं सिणेहमाहारेति / ते जीवा आहारेंति पुढविसरीरं जाव संतं / अवरे वि य णं तेसिं तसथावरजोणियाणं उस्साणं जाव सुद्धोदगाणं सरीरा णाणावण्णा जावमक्खायं / अहावरं पुरक्खायं इहेगइया सत्ता उदगजोणिया उदगसंभवा जाव कम्मणियाणेणं तत्थवुक्कमा तसथावरजोणिएसु उदएसु उदगत्ताए विउटुंति। ते जीवा तेसिं तसथावरजोणियाणं उदगाणं सिणेहमाहारेति। ते जीवा आहारेंति पुढविसरीरं जाव संतं / अवरे वि य णं तेसिं तमथावरजोणियाणं उदगाणं सरीरा णाणावण्णा जाव मक्खायं / अहावरं पुरक्खायं इहेगइया सत्ता उदगजोणियाणं जाव कम्मणियाणेणं तत्थवुक्कमा उदगजोणिए सु उदएसु उदगत्ताए विउति ते जीवा तेसिं उदगजोणियाणं उदगाणं सिणेहमाहारैति / ते जीवा आहारेंति पुढविसरीरं जाव संतं / अवरे वि य णं तेसिं उदगजोणियाणं उदगाणं सरीरा णाणावण्णा जाव मक्खायं / अहावरं पुरक्खायं इहेगइया सत्ता उदगजोणियाणं जाव कम्मणियाणेणं तत्थवुकमा उदगजोणिएसु उदएसु तसपाणत्ताए विउदृति / ते जीवा तेसिं उदगजोणियाणं उदगाणं सिणेहमाहारेंति। ते जीवा आहारेंति पुढविसरीरं जाव संतं / अवरे वि य णं तेसिं उदगजोणियाणं तसपाणाणं सरीरा णाणावण्णा जाव मक्खायं // 15 / / अहावरं पुरक्खायं इहेगइया सत्ता णाणाविहजोणिया जाव कम्मणियाणेणं तत्थवुकमा णाणाविहाणं तसथावराणं पाणाणं सरीरेसु सचित्तेसु वा अचित्तेसु वा अगणिकायत्ताए विउटृति ते जीवा तेसिं णाणाविहाणं तसथावराणं पाणाणं सिणेहमाहारेति / ते जीवा आहारेंति पुढविसरीरं जाव संतं / अवरे वि य ण तेसिं तसथावरजोणियाणं अगणीणं सरीरा णाणावण्णा जाव मक्खायं / सेसा तिण्णि आलावगा जहा उदगाणं / अहावरं पुरक्खायं इहेगइया सत्ता णाणाविहजोणियाणं जाव कम्मणियाणणं तत्थवुकमा णाणाविहाणं तसथावराणं पाणाणं सरीरेसु सचित्तेसु वा अचित्तेसु वा वाउक्कायत्ताए विउद॒ति / जहा अगणीणं तहा भाणियव्वा चत्तारि गमा // 16 // Page #191 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 178 अंग-पविटु सुत्ताणि अहावरं पुरक्खायं इहेगइया सत्ता णाणाविहजोणिया जाव कम्मणियाणेणं तत्थबुक्कमा णाणाविहाणं तसथावराणं पाणाणं सरीरेसु सचित्तसु वा अचित्तेसु वा. पुढवित्ताए सक्करत्ताए वालुयत्ताए / इमाओ गाहाओ अणुगंतव्वाओ-"पुढवी य सक्करा वालुया य उवले सिला य लोणूसे / अय तउ य तम्ब सीसग रुप्प सुवण्णे य वइरे य(१)हरियाले हिंगुलए, मणोसिला सासगंजणपवाले, अब्भपडलब्भवालय, बायरकाए मणिविहाणा(२)गोमेज्जए य रुयए, अंके फलिहे य लोहियक्खे य, मरगयमसारगल्ले भुयमोयगइंदणीले य (3) चंदणगेरुयहंसगब्भ, पुलए सोगंधिए य बोद्धव्वे, चंदप्पभवे: रुलिए, जलकंते सूरकंते य (4)" एयाओ एएसु भाणियव्वाओ गाहाओ जाव सूरकंतत्ताए विउटुंति, ते जीवा तेसिंणाणाविहाणं तसथावराणं पाणणं सिणेहमाहारेंति, ते जीवा आहारेंति पुढविसरीरं जाव संतं अवरे वि य णं तेसिं तसथावरजोणियाणं पुढवीणं जाव सूरकंताणं सरीरा णाणावण्णा जाव मक्खायं, सेसा तिण्णि आलावगा जहा उदगाणं / / 17 // अहावरं पुरक्खायं सचे पाणा सव्वे भूया, सव्वे जीवा, सव्वे सत्ता, णाणाविहजोणिया, णाणाविहसंभवा, णाणाविहवुक्कमा, सरीरजोणिया, सरीरसंभवा, सरीरवुक्कमा, सरीराहारा, कम्मोवगा, कम्मणियाणा, कम्मगइया, कम्मठिइया, कम्मणा चेव विप्परियांसमवेति / / 18 // से एवमायाणह से एवमायाणित्ता आहारगुत्ते सहिए समिए सयाजए त्ति बेमि // 19 // पच्चक्खाणकिरिया णाम चउत्थं अज्झयणं सुयं मे आउसं! तेणं भगवया एवमक्खायं, इह खलु पच्चक्खाणकिरियाणामज्झयणे तस्सणं अयमढे पण्णत्ते, आया अपच्चक्खाणीयावि भवइ, आया अकिरिया कुसलेयावि भवइ, आया मिच्छासंठिए यावि भवइ, आया एगंतदंडेयावि भवइ, आया एगंतबालेयावि भवइ, आया एगंतसुत्तेयावि भवइ, आया अवियारमणवयणकायवक्केयावि भवइ, आया अप्पडिहयअपचक्खायपावकम्मेयावि भवइ, एस खलु भगवया अक्खाए, असंजए, अविरए, अप्पडिहयपच्चक्खायपावकम्मे, सकिरिए, असंवुडे, एगंतदंडे, एगंतबाले, एगंतसुत्ते से बाले, अवियारमणवयणकायवक्के, सुविणमवि ण पस्सइ पावे य से कम्मे कज्जइ // 1 // तत्थ चोयए पण्णवगं एवं वयासी, असंतएणं मणेणं पावएणं असंतियाए वईए पावियाए, असंतएणं काएणं पावएणं अहणंतस्स अमणक्खस्स, अवियारमणवयणकायवक्कस्स सुविणविम Page #192 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सूयगडो सु. 2 अ. 4 179 अपस्सओ पावे कम्मे णो कन्जइ कस्सणं तं हेउं ? चोयए एवं बबीइ अण्णयरेणं मणेणं पावएणं मणवत्तिए पावे कम्मे कन्जइ, अण्णयरीए वईए पावियाए वइवत्तिए पावे.कम्मे कज्जइ, अण्णयरेणं काएणं पावएणं कायवत्तिए पावेकम्मे कज्जइ, हणंतस्स समणक्खस्स सवियारमणवयणकायवक्कस्स सुविणमवि पासओ, एवं गुणजाईयस्स पावेकम्मे कज्जइ, पुणरवि चोयए, एवं बवीइ तत्थणं जे ते एवमाहंसु असंतएणं मणेणं पावएणं असंतियाए वईए पावियाए, असंतएणं काए णं पावएणं अहणंतस्स अमणक्खस्स अवियारमणवयणकायवक्कस्स सुविणमवि अपस्सओ पावे कम्मे कन्जइ, तत्थ णं जे ते एवमासु मिच्छा ते एवमाहंसु / / तत्थ पण्णवए चोयगं एवं वयासी-तं सम्मं जं मए पुव्वं वुत्तं असंतएणं मणेणं पावएणं, असंतियाए वईए पावियाए, असंतएणं काएणं पावएणं, अहणंतस्स अमणक्खस्स अवियारमणवयणकायवक्कस्स सुविणमवि अपस्सओ पावे कम्मे कज्जइ, तं सम्मं कस्स णं तं हेउं ? आयरिय आह-तत्थ खलु भगवया छन्जीवणिकायहेऊ पण्णत्ता, तंजहा पुढविकाइया जाव तसकाइया इच्चेएहिं छहिं जीवणिकाए हिं आया अप्पडिहयपच्चपखायपावकम्मे, णिचं पसढविउवायचित्तदंडे, तंजहा पाणाइवाए जाव परिग्गहे, कोहे जाव मिच्छादसणसल्ले / / 2 // आयरिय आह-तत्थ खलु भगवया वहए दिटुंते पण्णत्ते / से जहाणामए-वहए सिया गाहावइस्स वा गाहावइपुत्तस्स वा रणो वा रायपुरिसस्स वा खणं णिहाय पविसिस्सामि खणं लघृणं वहिस्सामि संपहारेमाणे से किं णु हु णाम से वहए तस्स गाहावइस्स वा गाहावइपुत्तस्स वा रणो वा रायपुरिसस्स वा खणं णिहाय पंविसिस्सामि खणं लद्ध णं वहिस्सामि, पहारेमाणे दिया वा राओ वा सुत्ते वा जागरमाणे वा अमित्तभूए मिच्छासंठिए णिच्चं पसढविउवायचित्तदण्डे भवइ ? एवं वियागरेमाणे समियाए वियागरे चोयए-हंता भवइ / आयरिय आह-जहा से वहए तस्स गाहावइस्स वा तस्स गाहावइपुत्तस्स वा रण्णो वा रायपुरिसस्स वा खणं णिहाय पविसिस्सामि खणं लद्धणं वहिस्सामि त्ति पहारेमाणे दिया वा राओ वा सुत्ते वा जागरमाणे वा अमित्तभूए मिच्छासंठिए णिचं पसढविउवायचित्तदण्डे, एवमेव बाले वि सव्वेसिं पाणाणं जांव सव्वेसिं सत्ताणं दिया वा राओ वा सुत्ते वा जागरमाणे वा अमित्तभूए मिच्छासंठिए णिचं पसढविउवायचित्तदण्डे / तं जहा-पाणाइवाए जाव मिच्छादसणसल्ले / Page #193 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 180 अंग-पविट्ट सुत्ताणि एवं खलु भगवया अक्खाए असंजए अविरए अप्पडिहयपच्चक्खायपावकम्मे सकि. रिए असंवुडे एगंतदण्डे एगंतबाले एगंतसुत्ते यावि भवइ / से बाले अवियारमणवयणकायवक्के सुविणमवि ण पस्सइ पावे य से कम्मे कज्जइ / जहा से वहए तस्स वा गाहावइस्स जाव तस्स वा रायपुरिसस्स पत्तेयं पत्तयं चित्तसमायाए दिया वा राओ वा सुत्ते वा जागरमाणे वा अमित्तभूए मिच्छासंठिए णिचं पसढविउवायचित्तदण्डे भवइ, एवमेव बाले सव्वेसिं पाणाणं जाव सव्वेसिं सत्ताणं पत्तयं पत्तेयं चित्तसमायाए दिया वा राओ वा सुत्ते वा जागरमाणे वा अमित्तभूए मिच्छासंठिए. णिचं पसढविउवायचित्तदण्डे भवइ / / 3 // णो इणढे समढे [चोयए / इह खलु बहवे पाणा. जे इमेणं सरीरसमुस्सएणं णो दिट्ठा वा सुया वा णाभिमया वा विण्णाया वा जेसिं णो पत्तयं पत्तयं चित्तसमायाए दिया वा राओ वा सुत्ते वा जागरमाणे वा अमित्तभूए मिच्छासंठिए णिचं पसढविउवायचित्तदण्डे / तं जहा पाणाइवाए जाव मिच्छादसणसल्ले।।४॥ आयरिय आह-तत्थ खलु भगवया दुवे दिटुंता पण्णत्ता। तं जहा-सण्णिदिटुंते य असण्णिदिटुंते य / से किं तं सण्णिदिटुंते ? जे इमे सण्णिपंचिंदिया पजत्तगा एएसिं णं छज्जीवणिकाए पडुच्च, तं जहा-पुढवीकार्य जाव तसकायं / से एगइओ पुढवीकारणं किचं करेइ वि कारवेइ वि / तस्स णं एवं भवइ--एवं खलु अहं पुढवीकाएणं किचं करेमि वि कारवेमि वि, णो चेव णं से एवं भवइ-इमेण वा इमेण वा से एएणं पुढंवीकाएणं किच्चं करेइ वि कारवेइ वि / से णं तओ पुढवीकायाओ असंजयअविरयअप्पडिहयपच्चक्खायपावकम्मे यावि भवइ / एवं जाव तसकाए त्ति भाणियव्वं / से एगइओ छज्जीवणिकाएहिं किचं करेइ वि कारवेइ वि / तस्स णं एवं भवइ-एवं खलु छज्जीवणिकाएहिं किचं करेमि वि कारवेमि वि / णो चेव णं से एवं भवइ-इमेहिं वा 2, से य तेहिं छहिं जीवणिकाएहिं जाव कारवेइ वि / से य तेहिं छहिं जीवणिकाएहिं असंजयअविरयअप्पडिहय. पच्चक्खायपावकम्मे, तं जहा-पाणाइवाए जाव मिच्छादंसणसल्ले / एस खलु भगवया अक्खाए असंजए अविरए अप्पडिहयपञ्चक्खायपावकम्मे सुविणमवि अपस्सओ / पावे य से कम्मे कन्जइ / से तं सण्णिदिद्रुते // से किं तं असण्णिदिटुंतें ? जे इमे असण्णिणो पाणा, तं जहा-पुढवीकाइया जाव वणस्सइकाइया छटा वेगइया तसा पाणा, जेसिं णो तका इ वा सण्णा इ वा पण्णा इ वा मणा इ वा वई इ वा सयं वा Page #194 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सूयगडो सु. 2 अ. 4 करणाए अण्णेहिं वा कारवेत्तए करतं वा समणुजाणित्तए, ते वि णं बाले सव्वेसिं पाणाणं जाव सर्वसिं सत्ताणं दिया वा राओ वा सुत्ते वा जागरमाणे वा अमित्त. भूया मिच्छासंठिया णिचं पसढविउवायचित्तदंडा तं० पाणाइवाए जाव मिच्छादंसणसल्ले / इच्चेव जाव णो चेव मणो णो चेव वई पाणाणं जाव सत्ताणं दुक्खणयाए सोयणयाए जूरणयाए तिप्पणयाए पिट्टणयाए परितप्पणयाए। ते दुक्खणसोयण जाव परितप्पणवहबंधणपरिकिलेसाओ अप्पडिविरया भवंति / इइ खलु से असण्णिणो वि सत्ता अहोणिसिं पाणाइवाए उवक्वाइजति जाव अहोणिसिं परिग्गहे उवक्खाइजति जाव मिच्छादसणसल्ले उवक्खाइज्जति [एवं भूयवाई] / सव्वजोणिया वि खलु सत्ता सण्णिणो हुच्चा असण्णिणो होंति असण्णिणो हुच्चा सण्णिणो होंति, होच्चा सण्णी अदुवा असण्णी, तत्थ से अविविचित्ता अविधूणित्ता असमुच्छित्ता अणणुतावित्ता असण्णिकायाओ वा सण्णिकाए संकमंति सण्णिकायाओ वा असण्णिकार्य संकमंति, सण्णिकायाओ वा सण्णिकायं संकमंति असण्णिकायाओ वा असण्णिकाय संकमंति / जे एए सण्णि वा असण्णि वा सव्वे ते मिच्छायारा णिचं पसढविउ. वायचित्तदण्डा / तं जहा-पाणाइवाए जाव मिच्छादसणसल्ले / एवं खलु भगवया अक्वाए असंजए अविरए अप्पडिहयपच्चक्खायपावकम्मे सकिरिए असंवुडे एगंतदण्डे एगंतबाले एगंतसुत्ते से वाले अवियारमणवयणकायवक्के सुविणमवि ण पासइ पावे य से कम्मे कज्जइ // 5 // चोयए-से किं कुव्वं किं कारवं कहं संजयविरयप्पडिहयपच्चक्खायपावकम्मे भवइ ? आयरिय आह-तत्थ खलु भगवया छज्जीवणिकायहेऊ पण्णत्ता, तं जहा-पुढवीकाइया जाव तसकाइया / से जहाणामए मम अस्सायं दण्डेण वा अट्ठीण वा. मुट्ठीण वा लेलूण वा कवालेण वा आतोडिज्जमाणस्स वा. जाव उवद्दविज्जमाणस्स वा जाव लोमुक्खणणमायमवि हिंसकारं दुक्खं भयं पडिसंवेदेमि, इच्चेवं जाण सव्वे पाणा जाव सवे सत्ता दण्डेण वा जाव कवालेण वा आतोडिज्जमाणे वा हम्ममाणे वा तज्जिज्जमाणे वा तालिजमाणे वा जाव उवद्दविजमाणे वा जाव लोमुक्खणणमायमवि हिंसकारं दुक्खं भयं पडिसंवेदेति / एवं णचा सव्वे पाणा जाव सव्वे सत्ता ण हंतव्वा जाव ण उद्दवेयव्वा / एस धम्मे धुवे णिइए सासए समिच्च लोगं खेयणेहिं पवेइए / एवं से भिक्खू विरए पाणाइवायाओ जाव मिच्छादसणसल्लाओ / से भिक्खू णो दंतपक्खालणेणं दंते पक्खालेज्जा, णो अंजणं णो वमणं Page #195 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 182 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि णो धूवणित्तपि आइए / से भिक्खू अकिरिए अलूसए अकोहे जाव अलोभे उवसंते परिणिव्वुडे / एस खलु भगवया अक्खाए संजयविरयपडिहयपच्चक्खायपावकम्मे अकिरिए संवुडे एगंतपण्डिए भवइ त्ति बेमि // 6 // आयारसुयं णाम पंचमं अज्झयणं आदाय बम्भचेरं च आसुपण्णे इमं वई / अस्सि धम्मे अणायारं णायरेज कयाइ वि // 1 // अणाईयं परिणाय अणवदग्गे ति वा पुणो। सासयमसासए वा इइ दिहिँ ण धारए // 2 // एएहिं दोहिं ठाणेहिं ववहारो ण विजई / एए हिं दोहिं ठाणेहिं अणायारं तु जाणए // 3 // समुच्छिहिंति सत्थारो सव्वे पाणा अणेलिसा / गठिगा वा भविस्संति सासयं ति व णो वए / 4 / / एए हिं दोहिं ठाणेहिं ववहारो ण विजई / एएहिं दोहिं ठाणेहिं अणायारं तु जाणए // 5 // जे केइ खुद्दगा पाणा अदुवा संति महालया। सरिसं तेहिं वरं ति असरिसं ति य णो वए // 6 // एएहिं दोहिं ठाणेहिं ववहारो ण विजई / एए हिं दोहिं ठाणेहिं अणायारं तु जाणए / / 7 / / अहाकम्माणि भुंजंति, अण्णमण्णे सकम्मुणा / उवलित्ते त्ति जाणिज्जा अणुवलित्ते त्ति वा पुणो / / 8 // एएहिं दोहिं ठाणेहिं ववहारो ण विजई / एएहिं दोहिं ठाणेहिं अणायारं तु जाणए // 9 // जमिदं ओरालमाहारं कम्मगं च तहेव य / सम्वत्थ वीरियं अत्थि णत्थि सव्वत्थ वीरियं // 10 // एएहिं दोहिं ठाणेहिं ववहारो ण विजई / एएहिं दोहिं ठाणेहिं अणायारं तु जाणए // 11 // णत्थि लोए अलोए वा णेवं सण्णं णिवेसए / अत्थि लोए अलोए वा एवं सण्णं णिवेसए / / 12 / / णत्थि जीवा अजीवा वा णेवं सण्णं णिवेसए / अत्थि जीवा अजीवा वा एवं सण्णं णिवेसए // 13 // णत्थि धम्मे अधम्मे वा णेवं सणं णिवेसए / अत्थि धम्मे अधम्मे वा एवं सणं णिवेसए / 14 / / णत्थि बंधे व मोक्खे वा णेवं सण्णं णिवेसए / अत्थि बंधे व मोक्खे वा एवं सण्णं णिवेसए // 15 // णत्थि पुण्णे व पावे वा णेवं सणं णिवेसए / अत्थि पुण्णे व पावे वा एवं सण्णं णिवेसए // 16 // णत्थि आसवे संवरे वा णेवं सण्णं णिवेसए / अत्थि आसवे संवरे वा एवं सणं णिवेसए // 17 / / णत्थि वेयणा णिज्जरा वा णेवं सण्णं णिवेसए / अत्थि वेयणा णिज्जरा वा एवं सण्णं णिवेसए // 18 // णत्थि किरिया अकिरिया वा णेवं सणं णिवेसए / अत्थि किरिया अकिरिया वा एवं सणं णिवेसए॥१९॥णत्थि कोहे व माणे वा णेवं सणं णिवेसए / अत्थि कोहे व माणे वा एवं Page #196 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सूयगडो सु. 2 अ. 6 183 सणं णिवेसए // २०॥णत्थि माया व लोभे वा णेवं सणं णिवेसए / अत्थि माया व लोभे वा एवं सण्णं णिवेसए // 21 / / णत्थि पेजे व दोसे वा णेवं सणं णिवेसए / अत्थि पेजे व दोसे वा एवं सणं णिवेसए // 22 // णत्थि चाउरंते संसारे णेव सणं णिवेसए / अत्थि चाउरंते संसारे एवं सण्णं णिवेसए // 23 // णत्थि देवो व देवी वा णेवं सणं णिवेसए / अत्थि देवो व देवी वा एवं सणं णिवेसए // 24 / / णत्थि सिद्धी असिद्धी वा णेवं सण्णं णिवेसए / अत्थि सिद्धी असिद्धी वा एवं सण्णं णिवेसए // 25 // णत्थि सिद्धी णियं ठाणं णेवं सणं णिवेसए। अत्थि सिद्धी णियं ठाणं एवं सणं णिवेसए // 26 // णत्थि साहू असाहू वा णेवं सण्णं णिवेसए / अत्थि साहू असाहू वा एवं सण्णं णिवेसए // 27 // णत्थि कल्लाण पावे वा णेवं सण्णं णिवेसए / अस्थि कल्लाण पावे वा एवं सण्णं णिवेसए // 28 // कल्लाणे पावए वा वि ववहारो ण विज्जइ / जं वेरं तं ण जाणंति समणा बालपण्डिया // 29 // असेसं अक्खयं वावि सव्वदुक्खे इ वा पुणो / वज्झा पाणा ण वज्झ त्ति इइ वायं ण णीसरे // 30 // दीसंति समियायारा भिक्खुणो साहुजीविणो / एए मिच्छोवजीवंति इइ दिहिँ ण धारए // 31 // दक्षिणाए पडिलम्भो अत्थि वा णत्थि वा पुणो / ण वियागरेज मेहावी संतिमग्गं च वूहए // 32 // इच्चेए हिं ठाणेहिं जिणदिढेहिं संजए / धारयंते उ अप्पाणं आमोक्खाए परिव्वएज्जासि // 33 // . त्ति बेमि॥ अद्दइज्जं णाम छठं अज्झयणं ___पुराकडं अह ! इमं सुणेह मेगंतयारी समणे पुरासी / से भिक्खुणो उवणेत्ता अणेगे आइक्खएपिंह पुढो वित्थरेणं // 1 // साऽऽजीविया पट्टवियाऽथिरेणं सभागओ गणओ भिक्खुमज्झे। आइक्खमाणो बहुजण्णमत्थं ण संधयाई अवरेण पुव्वं / / 2 // एगंतमेवं अदुवा वि एण्हि दोऽवण्णमण्णं ण समेइ जम्हा / पुद्वि च एपिंह च अणागयं वा एगंतमेवं पडिसंधयाइ // 3 // समिञ्च लोग तसथावराणं खेमंकरे समणे माहणे वा। आइक्खमाणो वि सहस्समज्झे एगतयं सारयई तहच्चे / / 4 / / धम्मं कहतस्स उ णत्थि दोसो खंतस्स दंतस्स जिइंदियस्स / भासाय दोसे य विवज्जगस्स गुणे य भासाय णिसेवगस्स / / 5 // महव्वए पंच अणुव्वए य तहेव पंचासव संवरे य / विरइं इह स्सामणियम्मि पण्णे लवावसकी समणे त्ति Page #197 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 184 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि बेमि // 6 // सीओदग सेवउ बीयकाय आहायकम्मं तह इत्थियाओ। एगंतचारिस्सिह अम्ह धम्मे तवस्सिणो णाभिसमेइ पावं ॥७॥सीओदगं वा तह बीयकायं आहायकम्मं तह इत्थियाओ / एयाइं जाणं पडिसेवमाणा अगारिणो अस्समणा भवंति // 8 // सिया य बीओदगइत्थियाओ पडिसेवमाणा समणा भवंतु / अगारिणो वि समणा भवंतु सेवंति ऊ ते वि तहप्पगारं // 9 // जे यावि बीओदगभोइ भिक्खू भिक्खं विहं जायइ जीवियट्ठी / ते णाइसंजोगमविप्पहाय कायोवगा णंतकरा भवंति // 10 // इमं वयं तु तुम पाउकुव्वं पावाइणो गरिहसि सव्व एव / पावाइणो पुढो किट्टयंता सयं सयं दिट्ठि करेंति पाउ॥११॥ते अण्णमण्णस्स उ गरहमाणा अक्खंति भो समणा माहणा य / सओ य अत्थी असओ य णत्थि गरहामु दिहिँ ण गरहामु किंचि // 12 ॥ण किंचि रूवेणऽभिधारयामो सदिट्ठिमग्गं तु करेमु पाउं / मग्गे इमे किट्टिए आरिए हिं अणुत्तरे सप्पुरिसेहिं अंजू / / 13 // उड्ढे अहे यं तिरियं दिसासु तसा य जे थावर जे य पाणा / भूयाहिसंकाभिदुगुंछमाणा णो गरहई बुसिमं किंचि लोए // 14 // आगंतगारे आरामगारे समणे उ भीए ण उवेइ वासं / दक्खा हु संती बहवे मणुस्सा ऊणाइरित्ता य लवालवा य // 15 / / मेहाविणो सिक्खिय बुद्धिमंता सुत्तेहि अत्थेहि य णिच्छयण्णा / पुच्छिसु मा णे अणगार अण्णे इइ संकमाणो ण उवेइ तत्थ // 16 ॥णो कामकिचा ण य बालकिच्चा रायाभिओगेण कुओ भएणं ? वियागरेज पसिणं ण वा वि सकामकिचेणिह आरियाणं // 17 // गंता च तत्था अदुवा अगंता वियागरेजा समियासुपण्णे / अणारिया दंसणओ परित्ता इइ संकमाणो ण उवेइ तत्थ / / 18 // पण्णं जहा वणिए उदयट्ठी आयस्स हेडं पगरेइ संगं / तओवमे समणे णायपुत्ते इच्चेव मे होइ मई वियक्का // 19 // णवं ण कुजा विहुणे पुराणे चिचाऽमई ताइ य साह एवं / एयावया बम्भवइ त्ति वुत्ता तस्सोदयट्ठी समणे त्ति बेमि // 20 // समारभंते वणिया भूयगामं परिग्गहं चेव ममायमाणा / ते णाइसंजोगमविप्पहाय आयस्स हेडं पगरेंति संगं / / 21 // वित्तेसिणो मेहुणसंपगाढा ते भोयणट्ठा वणिया वयंति / वयं तु कामेसु अज्झोववण्णा अणारिया पेमरसेसु गिद्धा // 22 // आरम्भगं चेव परिग्गहं च अविउस्सिया णिस्सिय आयदण्डा / तेसिं च से उदए जं वयासी चउरंतणंताय दुहाय णेह // 23 // णेगंति णचंति य ओदए सो वयंति ते दो वि गुणोदयम्मि / से उदए साइमणंतपत्ते Page #198 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सूयगडो सु. 2 अ. 6 185 तमुदयं साहयइ ताइ णाई // 24 // अहिंसयं सव्वपयाणुकम्पी धम्मे ठियं कम्मविवेगहेउं / तमायदण्डेहिं समायरंता अबोहिए ते पडिरूवमेयं // 25 // पिण्णागपिण्ड्रीमवि विद्ध सूले केई पएज्जा पुरिसे इमे त्ति / अलाउयं वा वि कुमारए त्ति स लिप्पई पाणिवहेण अम्हं // 26 // अहवा वि विभ्रूण मिलक्खु सूले पिण्णागबुद्धीइ णरं पएज्जा / कुमारगं वा बि अलाबुयं ति ण लिप्पई पाणिवहेण अम्हं // 27 // पुरिसं च विद्धण कुमारगं वा सूलंमि केई पए जायतेए। पिण्णागपिण्ड सइमारुहेत्ता बुद्धाण तं कप्पइ पारणाए // 28 // सिणायगाणं तु दुवे सहस्से जे भोयए णियए भिक्खुयाणं / ते पुण्णखंधं सुमहं जिणित्ता भवंति आरोप्प महंत सत्ता // 29 / / अजोगरूवं इह संजयाणं पावं तु पाणाण पसज्झ काउं। अबोहिए दोण्ह वितं असाहु वयंति जे. यावि पडिस्सुणंति।।३०॥उड़े अहे यं तिरियं दिसासु विण्णाय लिंगं तसथावराणं / भूयामिसंकाइ दुगुंछमाणे वए करेजा व कुओ विहऽत्थि ? // 31 // पुरिसे त्ति विण्णत्ति ण एवमत्थि अणारिए से पुरिसे तहा हु / को संभवो ? पिण्णगपिण्डियाए वाया वि एसा बुइया असच्चा // 32 // वायाभियोगेण जमावहेज्जा णो तारिसं वायमुदाहरेना / अट्ठाणमेयं वयणं गुणाणं णो दिक्खिए बूय मुरालमेयं // 33 // लद्धे अटे अहो एव तुब्भे जीवाणुभागे सुविचिंतिए व / पुव्वं समुदं अवरं च पुढे उलोइए पाणितले ठिए वा // 34 // जीवाणुभागं सुविचिंतयंता आहा. रिया अण्णविहीए सोहिं / ण वियागरे छण्णपओपजीवी एसोऽणुधम्मो इह संजयाणं // 35 // सिणायगाणं तु दुवे सहस्से जे भोयए णियए भिक्खुयाणं / असंजए लोहियपाणि से ऊ णियच्छई गरिहमिहेव लोए॥३॥थूलं उरभं इह मारियाणं उद्दिभत्तं च पगप्पएत्ता। तं लोणतेल्लेण उवक्खडेत्ता सपिप्पलीयं पगरंति मंसं // 37 // तं भुंजमाणा पिसियं पभूयं णो उवलिप्पामु वयं रएणं / इच्चेवमाहंसु अणज्जधम्मा अणारिया बाल रसेसु गिद्धा // 38 // जे यावि भुंजंति तहप्पगार सेवंति ते पावमजाणमाणा / मणं ण एयं कुसला करेंति वाया वि एसा बुइया उ मिच्छा // 39 // सव्वेसि जीवाण दयट्ठयाए सावज्जदोसं परिवजयंता / तस्संकिणो इसिणो णायपुत्ता उद्दिट्ठभत्तं परिवजयंति // 40 // भूयाभिसंकाए दुगुंछमाणा सव्वेसि पाणाण णिहाय दण्डं / तम्हा ण भुंजंति तहप्पगारं एसोऽणुधम्मो इह संजयाणं // 41 / / णिग्गंथधम्मम्मि इमं समाहिं अस्सिं सुठिच्चा अणिहे चरेज्जा / बुद्धे मुणी सीलगुणोववेए Page #199 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 186 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि अच्चत्थयं पाउणई सिलोगं / / 42 / / सिणायगाणं तु दुवे सहस्से जे भोयए णियए माहणाणं / ते पुण्णखंधे सुमहऽज्जणित्ता भवंति देवा इइ वेयवाओ // 43 / / सिणायगाणं तु दुवे सहस्से जे भोयए णियए कुलालयाणं / से गच्छइ लोलुवसंपगाढे तिव्वाभितावी णरगाभिसेवी / / 44 // दयावरं धम्म दुगुंछमाणा वहावहं धम्म पसं. समाणा। एगं पि जे भोययई असीलं णिवो णिसं जाइ कुओऽसुरेहिं // 45 // दुहओ वि धम्मम्मि समुट्ठियामो अस्सिं सुठ्ठिच्चा तह एसकालं / आयारसीले बुइएह णाणी ण संपरायम्मि विसेसमत्थि / / 46 / / अव्वत्तरूवं पुरिसं महंतं सणातणं अक्खयमव्वयं च / सव्वेसु भूएसु वि सव्वंओ से चंदो व ताराहि समत्तरूवे // 47 / / एवं ण मिजंति ण संसरंति ण माहणा खत्तिय वेस पेसा / कीडा य पक्खी य सरीसिवा य णरा य सव्वे तह देवलोगा // 48 // लोयं अयाणित्तिह केवलेणं कहंति जे धम्ममजाणमाणा / णासंति अप्पाण परं च णट्ठा संसार घोरम्मि अणोरपारे // 49 / / लोग विजाणंतिह केवलेणं पुण्णेण णाणेण समाहिजुत्ता। धम्मं च समत्तं च कहंति जे उ तारंति अप्पाण परं च तिण्णा / / 50 // जे गरहियं ठाणमिहावसंति जे यावि लोए चरणोववेया / उदाहडं तं तु समं मईए अहाउसो विप्परियासमेव // 51 // संवच्छरेणावि य एगमेगं बाणेण मारेउ महागयं तु / सेसाण जीवाण दयट्ठयाए वासं वयं वित्ति पकप्पयामो // 52 / / संवच्छरेणावि य एगमेगं पाणं हणंता अणियत्तदोसा / सेसाण जीवाण वहेण लग्गा सिया य थोवं गिहिणो वि तम्हा // 53 / / संवच्छरेणावि य एगमेगं पाणं हणंता समणव्वएसु / आयाहिए से पुरिसे अणजे ण तारिसे केवलिणो भवंति / / 54 // बुद्धस्स आणाए इमं समाहिं अस्सिं सुठिच्चा तिविहेण ताई / तरिउ समुहूं व महाभवोघं आयाणवं धम्ममुदाहरेज्जा // 55 // त्ति बेमि // णालंदइज्जं णाम सत्तमं अज्झयणं तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे णामं णयरे होत्था रिद्धिस्थिमियसमिद्धे (वण्णओ) जाव पडिरूवे / तस्स णं रायगिहस्स णयरस्स बहिया उत्तरपुरथिमे दिसीभाए एत्थ णं णालंदा णामं बाहिरिया होत्था अणेगभवणसयसंणिविट्ठा जाव पडिरूवा / तत्थ णं णालंदाए बाहिरियाए लेवे णाम गाह्मवई होत्था अड्ढे दित्ते वित्ते वित्थिण्णविपुलभवणसयणासणजाणवाहणाइण्णे बहुधणबहुजायरूवरजए आओ. Page #200 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सूयगडो सु. 2 अ. 7 187 गपओगसंपउत्ते विच्छड्डियपउरभत्तपाणे बहुदासीदासगोमहिसगवेलगप्पभूए बहुजणस्स अपरिभूए यावि होत्था // 1 // से णं लेवे णामं गाहावई समणोवासए यावि होत्था अभिगयजीवाजीवे जाव विहरइ णिग्गंथे पावयणे णिस्संकिए णिकंखिए णिबिइगिच्छे लढे गहियढे पुच्छियढे विणिच्छियढे अभिगहियढे अद्विमिजा पेमाणुरागरत्ते / अयमाउसो ! णिग्गंथे पावयणे अयं अटे, अयं परमटे, सेसे अणढे, उस्सियफलिहे अप्पावयदुवारे चियत्तंतेउरप्पवेसे चाउद्दसट्टमुद्दिद्वपुण्णमासिणीसु पडिपुण्णं पोसहं सम्मं अणुपालेमाणे समणे णिग्गंथे तहाविहेणं एसणिज्जेणं असणपाणखाइमसाइमेणं पडिलाभेमाणे बहूहिं सीलव्वयगुणविरमणपञ्चक्खाणपोसहोववासेहिं अप्पाणं भावेमाणे एवं च णं विहरइ // 2 // तस्स णं लेवस्स गाहावइस्स णालंदाए बाहिरियाए उत्तरपुरथिमे दिसिभाए एत्थ णं सेसदविया णामं उदगसाला होत्था अणेगखम्भसयसंणिविट्ठा पासादीया जाव पडिरूवा / तीसे णं सेसदवियाए उदगसालाए उत्तरपुरत्थिमे दिसिभाए एत्थ णं हत्थिजामे णामं वणसण्डे होत्था किण्हे (वण्णओ वणसण्डस्स)।। 3 / / तस्सिं च णं गिहपदेसम्मि भगवं गोयमे विहरइ, भगवं च णं अहे आरामंसि / अहे णं उदए पेढालपुत्ते भगवं पासावचिन्जे णियंठे मेयजे गोत्तेणं जेणेव भगवं गोयमे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता भगवं गोयम एवं वयासी-आउसंतो गोयमा ! अत्थि खलु मे केइ पदेसे पुच्छियव्वे तं च आउसो ! अहासुयं अहादरिसियं मे वियागरेहि सवायं ? भगवं गोयमे उदयं पेढालपुत्तं एवं वयासी-अवियाइ आउसो ! सोचा णिसम्म जाणिस्सामो सवायं / उदए पेढालपुत्ते भगवं गोयम एवं वयासी // 4 // आउसो गोयमा! अत्थि खलु कुमारपुत्तिया णाम समणा णिग्गंथा तुम्हाणं पवयणं पवयमाणा गाहावई समणोवासगं उव. संपण्णं एवं पञ्चक्खावेंति-णण्णत्थ अभिओएणं गाहावइचोरग्गहणविमोक्खणयाए तसेंहिं पाणेहिं णिहाय दण्डं / एवं ण्हं पञ्चक्खंताणं दुप्पञ्चक्खायं भवइ, एवं ण्हं पञ्चक्खावेमाणाणं दुपचक्खावियव्वं भवइ, एवं ते परं पच्चक्खावेमाणा अइयरंति सयं पइण्णं / कस्स णं तं हेउं ? संसारिया खलु पाणा, थावरा वि पाणा तसत्ताए पञ्चायंति, तसा वि पाणा थावरत्ताए पञ्चायंति, थावरकायाओ विप्पमुच्चमाणा तसकायंसि उववज्जति, तसकायाओ विप्पमुच्चमाणा थावरकायंसि उववति / तेसिं च णं थावरकायसि उववण्णाणं ठाणमेयं धत्तं / / 5 / / एवं ण्हं पच्चक्खंताणं सुपच्चक्खायं भवइ / Page #201 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 188 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि एवं ण्डं पञ्चक्खावेमाणाणं सुपञ्चक्खावियं भवइ / एवं ते परं पञ्चक्खावेमाणा णाइयरंति सयं पइण्णं णण्णत्थ अभिओएणं गाहावइचोरग्गहणविमोक्खणयाए तसभूए हिं पाणेहिं णिहाय दण्डं / एवमेव सइ भासाए परक्कमे विजमाणे जे ते कोहा वा लोहा वा परं पच्चक्खावेंति अयं पि णो उवएसे णो णेयाउए भवइ / अवियाइ आउसो गोयमा ! तुब्भं पि एवं रोयइ ? सवायं भगवं गोयमे उदयं पेढालपुत्तं एवं वयासी-आउसतो उदगा ! णो खलु अम्हे एवं रोयइ / जे ते समणा वा माहणा वा एवमाइक्खंति जाव परूवेंति णो खलु ते समणा वा णिग्गंथा वा भासं भासंति, अणुतावियं खलु ते भासं भासंति, अन्भाइक्खंति खलु ते समणे समणोवासए वा जेहिं वि अण्णेहिं जीवेहिं पाणेहिं भूए हिं सत्तेहिं संजमयंति ताण वि ते अब्भाइक्खंति / कस्स णं तं हेउं ? संसारिया खलु पाणा, तसावि पाणा थावरत्ताए पञ्चायति थावरा वि पाणा तसत्ताए पचायति तसकायाओ विप्पमुच्चमाणा थावरकायंसि उववजंति, थावरकायाओ विप्पमुच्चमाणा तसकायंसि उववजंति, तेसिं च णं तसकायसि उववण्णाणं ठाणमेयं अघत्तं / / 7 / / सवायं उदए पेढालपुत्ते भगवं गोयमं एवं वयासी-कयरे खलु ते आउसंतो गोयमा ! तुब्भे वयह तसा पाणा तसा आउ अण्णहा ? सवायं भगवं गोयमे उदयं पेढालपुत्तं एवं वयासी-आउसंतो उदगा ! जे तुब्भे वयह तसभूया पाणा तसा ते वयं वयामो तसा पाणा, जे वयं वयामो तसा पाणा ते तुब्भे वयह तसभूया पाणा / एए संति दुवे ठाणा तुल्ला एगट्ठा / किमाउसो! इमे मे सुप्पणीयतराए भवइ तसभूया पाणा तसा, इमे भे दुप्पणीयतराए भवइ-तसा पाणा तसा / तओ एगमाउसो ! पडिकोसह एकं अभिणंदह / अयं पि भेदो से णो णेयाउए भवइ / भगवं च णं उदाहुसंतेगइया मणुस्सा भवंति, तेसिं च णं एवं वुत्तपुव्वं भवइ-णो खलु वयं संचाएमो मुण्डा भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइत्तए / सावयं ण्हं अणुपुव्वेणं गुत्तस्स लिसिस्सामो। ते एवं संखवेंति ते एवं संखं ठवयंति ते एवं संखं ठावयंति णण्णत्थ अभिओएणं गाहावइचोरग्गहणविमोक्खणयाए तसेहिं पाणेहिं णिहाय दण्डं / तं पि तेसिं कुसलमेव भवइ // 8 // तसा वि वुचंति तसा तससंभारकडेणं कम्मुणा णामं च णं अब्भुवगयं भवइ, तसाउयं च णं पलिक्खीणं भवइ, तसकायट्ठिइया ते तओ आउयं विप्पजहंति / ते तओ आउयं विप्पजहित्ता थावरत्ताए पच्चायति / Page #202 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सूयगडो सु. 2 अ.७ 189 थावरा वि कुचंति / थावरा थावरसंभारकडेणं कम्मुणा णामं च णं अब्भुवगयं भवइ थावराउयं च णं पलिक्खीणं भवइ / थावरकायट्ठिइया ते तओ आउयं विप्पजहंति 'तओ आउयं विप्पजहित्ता भुज्जो परलोइयत्ताए पच्चायति / ते पाणावि वुच्चंति, ते तसा वि वुचति, ते महाकाया ते चिरहिइया // 9 // सवायं उदए पेढालपुत्ते भयवं गोयमं एवं वयासी-आउसंतो गोयमा ! णत्थि णं से केइ परियाए जणं समणोवासगस्स एगपाणाइवायविरए वि दण्डे णिक्खित्ते / कस्स णं तं हेउं ? संसारिया खलु पाणा, थावरा वि पाणा तसत्ताए पञ्चायंति, तसा वि पाणा थावरत्ताए पञ्चायंति, थावरकायांओ विप्पमुच्चमाणा सव्वे तसकायंसि उववजंति, तसकायाओ विप्पमुच्चमाणा सव्वे थावरकायसि उववति, तेसिं च णं थावरकायंसि उववण्णाणं ठाणमेयं घसं / सवायं भगवं गोयमे उदयं पेढालपुत्तं एवं वयासी-णो खलु आउसो ! अम्हाकं वत्तव्वएणं तुभं चेव अणुप्पवाएणं अत्थि णं से परियाए जे णं समणोवासगस्स सव्वपाणेहिं सव्वभूए हिं सव्वजीवेहि सव्वसत्तेहिं दण्डे णिक्खित्ते भवइ। कस्स णं तं हेउं ? संसारिया खलु पाणा, तसा वि पाणा थावरत्ताए पच्चायति, थावरा वि पाणा तसत्ताए पञ्चायंति, तसकायाओ विप्पमुच्चमाणा सव्वे थावरकायंसि उववजंति, थावरकायाओ विप्पमुच्चमाणा सव्वे तसकायंसि उववज्जति तेसिं च णं तसकायंसि उववण्णाणं ठाणमेयं अघत्तं / ते पाणा वि वुचंति, ते तसा वि वुच्चंति, ते महाकाया ते चिरहिइया / ते. बहुयरगा पाणा जेहिं समणोवासगस्स सुपच्चक्खायं भवइ / ते अप्पयरगा पाणा जेहिं समणोवासगस्स अपञ्चक्खायं भवइ / से महया तसकायाओ उवसंतस्स उवट्ठियस्स पडिविरयस्स जं णं तुब्भे वा अण्णो वा एवं वयह-णत्थि णं से केइ परियाए जंसि समणोवासगस्स एगपाणाए वि दण्डे णिक्खित्ते / अयं पि भेदे से णो णेयाउए भवइ // 10 // भगवं च णं उदाहु णियण्ठा खलु पुच्छियव्वा / आउसंतो! णियण्ठा इह खलु संतेगइया मणुस्सा भवंति / तेसिं च एवं वुत्तपुव्वं भवइ-जे इमे मुण्डे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए एसिं च णं आमरणंताए दण्डे णिक्खित्ते / जे इमे अगारमावसंति एएसिं णं आमरणंताए दण्डे णो णिक्खित्ते / केई च णं समणा जाव वासाइं चउपञ्चमाई छठ्ठड्समाई अप्पयरो वा भुजयरो वा देसं दूइजित्ता अगारमावसेज्जा ? हंता वसेज्जा / तस्स णं तं गारत्थं वहमाणस्स से पच्चक्खाणे भंगे भवइ ? णो इणढे समढे / एवमेव समणो Page #203 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 190 अंग-पविट्ट सुत्ताणि वासगस्स वि तसेहिं पाणेहिं दण्डे णिक्खित्ते, थावरेहिं पाणेहिं दण्डे णो णिक्खित्ते / तस्स णं तं थावरकायं वहमाणस्स से पच्चक्खाणे णो भंगे भवइ / से एवंमायाणह णियण्ठा ! से एवमायाणियव्वं / / भगवं च णं उदाहु णियण्ठा खलु पुच्छियव्वाआउसंतो ! णियण्ठा इह खलु गाहावई वा गाहावइपुत्तो वा तहप्पगारेहिं कुलेहिं आगम्म धम्मं सवणवत्तियं उवसंकमज्जा ? हंता उवसंकजा / तेसिं च णं तहप्पगाराणं धम्मं आइक्खियव्वे ? हंता आइक्खियव्वे / किं ते तहप्पगारं धम्मं सोचा णिसम्म एवं वए जा इणमेव णिग्गंथं पावयणं सच्चं अणुत्तरं केवलियं पडिपुण्णं संसुद्धं णेयाउयं सल्लकत्तणं सिद्धि मग्गं मुत्तिमम्गं णिज्जाणमग्गं णिव्वाणमग्गं अवितहमसंदिद्धं सव्वदुक्खप्पहीणमग्गं / एत्थ ठिया जीवा सिझंति बुझंति मुचंति परिणिव्वायंति सव्वदुक्खाणमंतं करेंति / तमाणाए तहा गच्छामो तहा चिट्ठामो तहा णिसीयामो तहा तुयट्टामो तहा मुंजामो तहा भासामो तहा अब्भुट्ठामो तहा उठाए उट्ठमो त्ति पाणाणं भूयाणं जीवाणं सत्ताणं संजमेणं संजमामो त्ति वए जा ? हंता वएज्जा / किं ते तहप्पगारा कप्पंति पव्वावित्तए ? हंता कप्पंति किं ते तहप्पगारा कप्पंति मुण्डावित्तए ? हंता कप्पंति / किं ते तहप्पगारा कप्पंति सिक्खावित्तए ? हंता कप्पंति / किं ते तहप्पगारा कप्पंति उवट्ठावित्तए ? हंता कप्पंति / तेसिं च णं तहप्पगाराणं सव्वपाणेहिं जाव सध्वसत्तेहिं दण्डे णिक्खित्ते ? हंता णिक्खित्ते / से णं एयारूवेणं विहारेणं विहरमाणा जाव वासाई चउपंचमाइं छहसमाई वा अप्पयरो वा भुजयरो वा देसं दूइज्जेत्ता अगारं वए ज्जा ? हंता वएज्जा / तस्स णं सव्वपाणेहिं जाव सव्वसत्तेहिं दण्डे णिक्खित्ते ? णो इणटे समढे / से जे से जीवे जस्स परेणं सव्वपाणेहिं जाव सव्वसत्तेहिं दण्डे णो णिक्खित्ते / से जे से जीवे जस्स आरेणं सव्वपाणेहिं जाव सत्तेहिं दण्डे णिक्खित्ते / से जे से जीवे जस्स इयाणि सव्वपाणेहिं जाव सत्तेहिं दण्डे णो णिक्खित्ते भवइ, परेणं असंजए आरेणं संजए, इयाणिं असंजए, असंजयस्स णं सव्वपाणेहिं जाव सत्तेहिं दण्डे णो णिक्खित्ते भवइ / स एवमायाणह णियण्ठा ? से एवमायाणियव्वं / / भगवं च णं उदाहु णियण्ठा खलु पुच्छियव्वा-आउसंतो ! णियण्ठा इह खलु परिव्वाइया वा परिव्वाइयाओ वा अण्णयरेहितो तित्थाययणेहितो. आगम्म धम्म सवणवत्तियं उवसंकमज्जा ? हंता उवसंकमज्जा / किं तेसिं तहप्पगारेणं धम्मे आइ Page #204 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सूयगडो सु. 2 अ. 7 191 क्खियव्वे ? हंता आइक्खियव्वे / तं चेव उवट्ठावित्तए जाव कप्पंति ? हता कप्पंति / किं ते तहप्पगारा कप्पंति संभुंजित्तए ? हंता कप्पंति / ते णं एयारूवेणं विह्मरेणं विहरमाणा तं चेव जाव अगारं वएज्जा ? हंता वए जा / ते णं तहप्पगारा कप्पंति संभुंजित्तए ? णो इणढे समढे / से जे से जीवे जे परेणं णो कप्पंति संभुंजित्तए / से जे से जीवे आरेणं कप्पंति संभुंजित्तए / से जे से जीवे जे इयाणिं णो कप्पति संभुंजित्तए / परेणं अस्समणे आरेणं समणे, इयाणिं अस्समणे, अस्समणेणं सद्धिं णो कप्पंति समणाणं णिग्गंथाणं संभुंजित्तए / से एवमायाणह ? णियण्ठा से एवमायाणियव्वं // 11 // भगवं च णं उदाहु संतेगइया समणोवासगा भवति / तेसिं च णं एवं वुत्तपुव्वं भवइ-णो खलु वयं संचाएमो मुण्डा भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइत्तए / वयं णं चाउद्दसट्ठमुद्दिट्टपुणिमासिणीसु पडिपुण्णं पोसहं सम्मं अणुपालेमाणा विहरिस्सामो / थूलगं पाणाइवायं पञ्चक्खाइस्सामो, एवं थूलगं मुसावायं थूलगं अदिण्णादाणं थूलगं मेहुणं थूलगं परिग्गहं पच्चक्खाइस्सामो / इच्छापरिमाणं करिस्सामो, दुविहं तिविहेणं / मा खलु ममट्ठाए किंचि करेह वा करावेह वा तत्थ वि पञ्चक्खाइस्सामो / ते णं अभोचा अपिच्चा असिणाइत्ता आसंदीपेढियाओ पच्चोरुहित्ता, ते तहा कालगया किं वत्तव्वं सिया--सम्मं कालगय त्ति ? वत्तव्वं सिया। ते पाणा वि वुचंति ते तसा वि वुच्चंति ते महाकाया ते चिरहिइया / ते बहुयरगा पाणा जेहिं समणोवासगस्स सुपच्चक्खायं भवइ / ते अप्पयरगा पाणा जेहिं समणोवासगस्स अपच्चक्खायं भवइ / इइ से महयाओ जं णं तुब्भे वयह तं चेव जाव अयं पि भेदे से णो णेयाउए भंवइ // भगवं च णं उदाहु संतेगइया समणोवासगा भवंति / तेसिं च णं एवं वुत्तपुव्वं भवइ--णो खलु वयं संचाएमो मुण्डा भवित्ता अगाराओ जाव पव्वइत्तए / णो खलु वयं संचाएमो चाउद्दसट्ठमुट्ठिपुण्णमासिणीसु जाव अणुपालेमाणे विहरित्तए / वयं णं अपच्छिममारणंतिय संलेहणाजूसणाजूसिया भत्तपाणं पडियाइक्खिया जाव कालं अणवकंखमाणा विहरिस्सामो / सव्वं पाणाइवायं पञ्चक्खाइस्सामो जाव सव्वं परिग्गहं पच्चक्खाइस्सामो तिविहं तिविहेणं मा खलु ममट्ठाए किंचि वि जाव आसंदीपेढियाओ पच्चोरुहित्ता 'एए तहा कालगया, किं वत्तव्वं सिया सम्मं कालगय त्ति ? वत्तव्वं सिया। ते पाणा वि वुचंति जाव अयं पि भेदे से णो णेयाउए भवइ // भगवं च णं उदाहु संते Page #205 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 192 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि गइया मणुस्सा भवंति / तं जहा-महइच्छा महारम्भा महापरिग्गहा अहम्मिय जाव दुप्पडियाणंदा जाव सव्वाओ परिग्गहाओ अप्पडिविरया. जावज्जीवाए जेहिं समणोवासगस्स आयाणसो आमरणंताए दंडे णिक्खित्ते ते तओ आउगं विप्पजहंति तओ भुज्जो सगमायाए दुग्गइगामिणो भवंति, ते पाणावि वुचंति ते तसावि बुञ्चति ते महाकाया ते चिरट्ठिइया ते बहुयरगा आयाणसो इइ से महयाओ णं जणं तुब्भे वयह तं चेव अयंपि भेदे से णो णेयाउए भवइ-भगवं च णं उदाहु संतेगइया मणुस्सा भवंति / तं जहा-अणारम्भा अपरिग्गहा धम्मिया धम्माणुया जाव सव्वाओ परिग्गहाओ पडिविरया जावजीवाए, जेहिं समणोवासगस्स आयाणसो आमरणंताए दण्डे णिक्खित्ते, ते तओ आउगं विप्पजहंति, ते तओ भुजो सगमायाए सोग्गइगामिणो भवंति / ते पाणा वि वुचंति जाव णो णेयाउए. भवइ। भगवं च णं उदाह संतेगइया मणुस्सा भवंति तं जहा-अप्पिच्छा अप्पारम्भा अप्पपरिग्गहा धम्मिया धम्माणुया जाव एगचाओ परिग्गहाओ अप्पडिविरया, जेहिं समणोवासगस्स आयाणसो आमरणंताए दण्डे णिक्खित्ते / ते तओ आउगं विप्पजहंति, तओ भुजो सगमायाए सोग्गइगामिणो भवंति / ते पाणा वि वुचंति जाव णो णेयाउए भवइ / भगवं च णं उदाहु संतेगइयां मणुस्सा भवंति / तं जहाआरणिया आवसहिया गामणियंतिया, कण्हुईरहस्सिया, जेहिं समणोवासगस्स आयाणसो आमरणताए दण्डे णिक्खित्ते भवइ / णो बहुसंजया णो बहुपडिविरया पाणभूयजीवसत्तेहिं अप्पणा सच्चामोसाइं एवं विप्पडिवेदेति-अहं ण हतंव्वो अण्णे हंतव्वा जाव कालमासे कालं किच्चा अण्णयराइं आसुरियाई किव्विसियाइं जाव उववत्तारो भवति, तओ विप्पमुच्चमामा भुजो एलमुयत्ताए तमोरूंवत्ताए पच्चायति / ते पाणा वि वुच्चंति जाव णो णेयाउए भवइ / भगवं च णं उदाहु संतेगइया पाणा दीहाउया जेहिं समणोवासगस्स आयाणसो आमरणंताए जाव दण्डे णिक्खित्ते भवइ / ते पुवामेव कालं करेंति करेत्ता पारलोइयत्ताए पच्चायति / ते पाणा वि वुचंति, ते तसा वि वुचंति / ते महाकाया ते चिरट्ठिइया ते दीहाउया ते बहुयरगा, पाणा जेहिं समणोवासगस्स सुपच्चक्खायं भवइ, जाव णो णेयाउए भवइ / भगवं च णं उदाहु संतेगइया पाणा समाउया, जेहिं समणोवासगस्स आयाणसो आमरणंताए जाव दण्डे णिक्खित्ते भवइ / ते सयमेव कालं करेंति, Page #206 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सूयगडो सु. 2 अ. 7 193 करित्ता पारलोइयत्ताए पञ्चायति / ते पाणा वि वुचंति, ते तसा वि वुचंति, ते महाकाया ते समाउया ते बहुयरगा जेहिं समणोवासगस्स सुपञ्चक्खायं भवइ जाव णो णेयाउए भवइ / भगवं च णं उदाहु संतेगइया पाणा अप्पाउया, जेहिं समणोवासगस्स आयाणसो आमरणंताए जाव दण्डे णिक्खित्ते भवइ / ते पुव्वामेव कालं करेंति, करेत्ता पारलोइयत्ताए पच्चायति / ते पाणा वि वुच्चंति, ते तसा वि बुचंति, ते महाकाया ते अप्पाउया ते बहुयरगा पाणा जेहिं समणोवासगस्स सुपच्चक्खायं भवइ, जाव णो णेयाउए भवइ / भगवं च णं उदाहु संतेगइया समणोवासगा भवति / तेसिं च णं एवं वृत्तपुव्वं भवइ-णो खलु वयं संचाएमो मुण्डा भवित्ता जाव पव्वइत्तए / णो खलु वयं संचाएमो चाउद्दसट्टमुहिठ्ठपुण्णमासिणीसु पडिपुण्णं पोसहं अणुपालित्तए / णो खलु वयं संचाएमो अपच्छिमं जाव विहरित्तए वयं च णं सामाइयं देसावगासियं पुरत्था पाईणं वा पडीणं वा दाहिणं वा उदीणं वा एयावया जाव सव्वपाणेहिं जाव सव्वसत्तेहिं दण्डे णिक्खित्ते सव्वपाणभूयजीवसत्तेहिं खेमंकरे अहमंसि / तत्थ आरेणं जे तसा पाणा जेहिं समणोवासगस्स आयाणसो आमरणंताए दण्डे णिक्खित्ते / तओ आउं विप्पजहंति, विप्पजहित्ता तत्थ आरेणं चेव जे तसा पाणा जेहिं समणोवासगस्स आयाणसो जाव तेसु पञ्चायंति, जेहिं समणोवासगस्स सुपच्चक्खायं भवइ / ते पाणा वि जाव अयं पि भेदे जाव णेयाउए भवइ // 12 // तत्थ आरेणं जे तसा पाणा जेहिं समणोवासगस्स आयाणसो आमरणंताए दण्डे णिक्खित्ते ते तओ आउं विप्पजहंति विप्पजहित्ता तत्थ आरेणं चेव जाव थावरा पाणा जेहिं समणोवासगस्स अट्ठाए दण्डे अणिक्खित्ते अणट्ठाए दण्डे णिक्खित्ते तेसु पच्चायति / तेहिं समणोवासगस्स अट्ठाए दण्डे अणिक्खित्ते अणट्ठाए दण्डे णिक्खित्ते, ते पाणा वि वुच्चंति, ते तसा ते चिरढिइया जाव अयं पि भेदे से... / तत्थ जे आरेणं तसा पाणा जेहिं समणोवासगस्स आयाणसो आमरणंताए... तओ आउं विप्पजहंति विप्पजहित्ता तत्थ परेणं जे तसा थावरा पाणा जेहिं समणोवासगस्स आयाणसो आमरणंताए... तेसु पञ्चायंति, तेहिं समणोवासगस्स सुपच्चक्खायं भवइ, ते पाणा वि जाव अयं पि भेदे से... / तत्थ जे आरेणं * थावरा पाणा जेहिं समणोवासगस्स अट्ठाए दण्डे अणिक्खित्ते अणट्ठाए णिक्खित्ते ते तओ आउं विप्पजहंति, विप्पजहित्ता तत्थ आरेणं चेव जे तसा पाणा जेहिं Page #207 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 194 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि समणोवासगस्स आयाणसो आमरणताए... तेसु पञ्चायंति, तेसु समणोवासगस्स सुपचक्खायं भवइ, ते पाणा वि जाव अयं पि भेदे से...। तत्थं जे ते आरेणं जे थावरा पाणा जेहिं समणोवासगस्स अट्ठाए दण्डे अणिक्खित्ते, अणट्ठाए णिक्खित्ते ते तओ आउं विप्पजहंति विप्पजहित्ता ते तत्थ आरेणं चेव जे थावरा पाणा जेहिं समणोवासगस्स अट्ठाए दण्डे अणिक्खित्ते अणट्ठाए णिक्खित्ते तेसु पच्चायति / तेहिं समणोवासगस्स अट्ठाए अणट्ठाए ते पाणा वि जाव अयं पि भेदे से णो...: / तत्थ जे ते आरेणं थावरा पाणा जेहिं समणोवासगस्स अट्ठाए दण्डे अणिक्खित्ते, अणट्ठाए णिक्खित्ते तओ आउं विप्पजहंति, विप्पजहित्ता तत्थ परेणं जे तसथावरा पाणा जेहिं समणोवासगस्स आयाणसो आमरणताए तेसु पच्चायति। तेहिं समणोवासगस्स सुपच्चक्वायं भवइ / ते पाणा वि जाव अयं पि भेदे से णो णेयाउए भवइ / तत्थ जे ते परेणं तसथावरा पाणा जेहिं समणोवासगस्स आयाणसो आमरणंताए० ते तओ आउं विप्पजहंति, विप्पजहित्ता तत्थ आरेणं जे तसा पाणा जेहिं समणोवासगस्स आयःणसो आमरणंताए..... तेसु पच्चायति / तेहिं समणोवासगस्स सुपच्चक्खायं भवइ / ते पाणा वि जाव अयं पि भेदे से णो णेयाउए भवइ / तत्थ जे ते परेणं तसथावरा पाणा जेहिं समणोवासगस्स आयाणसो 'आमरणंताए.... ते तओ आउं विप्पजहंति विप्पजहित्ता तत्थ आरेणं जे थावरा पाणा जेहिं समणोवासगस्स अट्ठाए दण्डे अणिक्खित्ते अणट्ठाए णिक्खित्ते तेसु पच्चायंति, जेहिं समणोवासगस्स अट्ठाए अणिक्खित्ते अणढ़ाएं णिक्खित्ते जाव ते पाणा वि जाव अयं पि भेदे से णो....। तत्थ जे ते परेणं तसथावरा पाणा जेहिं समणोवासगस्स आयाणसो आमरणंताए.... ते तओ आउं विप्पजहंति, विप्पजहित्ता ते तत्थ परेणं चेव जे तसथावरा पाणा जेहिं समणोवासगस्स आयाणसो आमरणंताए० तेसु पच्चायंति, जेहिं समणोवासगस्स सुपच्चक्खायं भवइ / ते पाणा वि जाव अयं पि भेदे से णो...। भगवं च णं उदाहु ण एयं भूयं ण एयं भव्वं ण एयं भविस्सइ ज णं तसा पाणा वोच्छिन्जिहिंति थावरा पाणा भविस्संति, थावरा पाणा वि वोच्छिजिहिंति तसा पाणा भविस्संति / अवोच्छिण्णेहिं तसथावरेहिं पाणेहिं जं गं तुब्भे वा अण्णो वा एवं वयह–णस्थि णं से केइ परियाए जाव णो णेयाउए भवइ / / 13 / / भगवं च णं उदाहु आउ. संतो उदगा ! जे खलु समणं वा माहणं वा परिभासेइ मित्ति मण्णंति आगमित्ता णाणं आगमित्ता ईसणं आगमित्ता चरितं पावाणं कम्माणं अकरणयाए से खलु पर Page #208 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सूयगडो सु. 2 अ. 7 195 लोगपलिमंथत्ताए चिट्ठइ, जे खलु समणं वा माहणं वा णो परिभासइ मित्ति मण्णंति आगमित्ता णाणं आगमित्ता दंसणं आगमित्ता चरित्तं पावाणं कम्माणं अकरणयाए से खलु परलोगविसुद्धीए चिट्ठइ / तए णं से उदए पेढालपुत्ते भगवं गोयमं अणाढायमाणे जामेव दिसिं पाउन्भूए तामेव दिसिं पहारेत्थ गमणाए / भगवं च णं उदाह आउसंतो उदगा! जे खलु तहाभूयस्स समणस्स वा माहणस्स वा अंतिए एगमवि आरियं धम्मियं सुवयणं सोचा णिसम्म अप्पणो चेव सुहुमाए पडिलेहाए अणुत्तरं जोगखेमपय लम्भिए समाणे सो वि ताव तं आढाइ परिजाणेइ वंदइ णमंसइ सक्कारेइ सम्माणेइ जाव कल्लाणं मंगलं देवयं चेइयं पज्जुवासइ / तए णं से उदए पेढाल पुत्ते भगवं गोयमं एवं वयासी-ए एसिं णं भंते ! पदाणं पुट्विं अण्णाणयाए असवणयाए अबोहिए अणभिगमेणं अदिट्ठाणं असुयाणं अमुयाणं अविण्णायाणं अब्बोगडाणं अविगूढाणं अविच्छिण्णाणं अणिसिट्ठाणं अणिवुढाणं अणुवहारियाणं एयमढे णो सद्दहियं णो पत्तिय णो रोइयं / एए सिं णं भंते ! पदाणं एहि जाणयाए सवणयाए बोहिए जाव उवहारणयाए एयमद्वं सद्दहामि पत्तियामि रोए मि एव. मेव से जहेयं तुब्भे वयह / तए णं भगवं गोयमे उदयं पेढालपुत्तं एवं वयासी सहहाहि णं अज्जो ! पत्तियाहि णं अजो ! रोएहि णं अज्जो ! एवमेयं जहा णं अम्हे वयामो / तए णं से उदए पेढालपुत्ते भगवं गोयम एवं वयासी-इच्छामि णं भंते ! तुब्भं अंतिए चाउज्जामाओ धम्माओ पंचमहव्वइयं सपडिकमणं धम्म उवसंपजित्ता णं विहरित्तए / तए णं से भगवं गोयमे उदयं पेढालपुत्तं गहाय जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता तए णं से उदए पेढालपुत्ते समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ, तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करित्ता वंदइ णमंसइ वंदित्ता णमंसित्ता एवं वयासी-इच्छामि णं भंते तुम्भं अंतिए चाउज्जामाओ धम्माओ पंचमहब्वइयं सपडिक्कमणं धम्म उवसंपजित्ता णं विहरित्तए / तए णं समणे भगवं महावीरे उदयं एवं वयासी-अहासुह देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं करेहि / तए णं से उदए पेढालपुत्ते समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए चाउज्जामाओ धम्माओ पंचमहव्वइयं सपडिक्कमणं धम्म उव. संपज्जित्ता णं विहरइ त्ति बेमि // 14 / / // सूयगडं समत्तं॥ Page #209 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं पढमं ठाणं .. सुयं मे आउसं ! तेणं भगवया एव मक्खायं—एगे आया // 1 // एगे दंडे // 2 // एगा किरिया // 3 // एगे लोए // 4 // एगे अलोए // 5 // एगे धम्मे // 6 // एगे अहम्मे // 7 / / एगे बंधे // 8 // एगे मोक्खे // 9 // एगे पुण्णे // 10 // एगे पावे // 11 / / एगे आसवे // 12 // एगे संवरे // 13 // एगा वेयणा / / 14 / / एगा णिज्जरा // 15 // एगे जीवे प्राडिकएणं सरीरएणं / / 16 // एगा जीवाणं अपरियाइत्ता विगुव्वणा // 17 // एगे मणे / / 18 // एगा वई // 19 // एगे कायवायामे // 20 // एगा उप्पा // 21 // एगा वियई / / 22 // एगा वियच्चा // 23 / / एगा गई // 24 // .एगा आगई // 25 // एगे चयणे // 26 // एगे उववाए // 27 // एगा तक्का // 28 / / एगा सण्णा / / 29 / एगा मण्णा / / 30 // एगा विणू // 31 // एगा वेयणा // 32 // एगा छेयणा // 33 // एगा भेयणा / / 34 / / एगे मरणे अंतिमसारीरियाणं // 35 // एगे संसुद्धे अहाभूए पत्ते // 36 // एगे दुक्खे जीवाणं // 37 // एगे भूए // 38 // एगा अहम्मपडिमा जं से आया पडिकिलेसइ // 39 // एगा धम्मपडिमा जं से आया पन्जवजाए / / 40 / / एगे मणे देवासुरमणुयाणं तंसि तंसि समयंसि, एगा वई देवासुरमणुयाणं तंसि तंसि समयंसि, एगे कायवायामे देवासुरमणुयाणं तंसि तंसि समयंसि, एगे उठाणकम्मबलवीरियपुरिसक्कारपरक्कमे देवासुरमणुयाणं तंसि तंसि समयंसि // 41 // एगे णाणे // 42 // एगे दंसणे // 43 // एगे चरित्ते // 44 / / एगे समए // 45 // एगे पएसे // 46 // एगे परमाणू / / 47 / / एगा सिद्धी / / 48 // एगे सिद्धे // 49 // एगे परिणिव्वाणे / / 50 // एगे परिणिव्वुए // 51 // एगे सद्दे / / 52 // एगे रूवे // 53 // एगे गंधे / / 54 // एगे रसे // 55 // एगे फासे // 56 // एगे सुन्भिसहे, एगे दुब्भिसद्दे // 57 // एगे सुरूवे एगे दुरूवे / / 58 // एगे दीहे एगे हस्से / / 59 // एगे वट्टे, एगे तंसे, एगे चउरंसे, एगे पिहुले,एगे Page #210 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा.१ 197 परिमंडले 60 // एगे किण्हे, एगे णीले, एगे लोहिए, एगे हालिहे, एगे सुकिले // 61 / / एगे सुब्भिगंधे, एगे दुन्मिगंधे // 62 // एगे तित्ते एगे कडुए एगे कसाए एगे अंबिले-एगे महुरे // 63 // एगे कक्खडे जाव एगे लुक्खे॥६४॥एगे पाणाइवाए जाव एगे परिग्गहे // एमे कोहे जाव एगे लोहे, एगे पेज्जे एगे दोसे, जाव एगे परपरिवाए, एगा अरइ-रइ, एगे मायामोसे एगे मिच्छादंसणसल्ले॥६५॥ एगे पाणाइवायवेरमणे जाव परिग्गहवेरमणे, एगे कोहविवेगे, जाव मिच्छादसणसल्लविवेगे // 66 // एगा ओसप्पिणी एगा सुसमसुसमा जाव एगा दुसमदुसमा, एगा उस्सप्पिणी, एगा दुसमदुसमा जाव एगा सुसमसुसमा / / 67 / / एगा णेरइयाणं वग्गणा, एगा असुरकुमाराणं वग्गणा, चउवीसदंडओ जाव एगा वेमाणियाणं वग्गणा // 68 // एगा भवसिद्धियाणं वग्गणा, एगा अभवसिद्धियाणं वग्गणा, एगा भवसिद्धियाणं णेरइयाणं वग्गणा, एगा अभवसिद्धियाणं णेरइयाणं वग्गणा, एवं जाव एगा भव सिद्धियाणं वेमाणियाणं वग्गणा एगा अभवसिद्धियाणं वेमाणियाणं वग्गणा // 69 // एगा सम्मदिट्ठियाणं वग्गणा, एगा मिच्छदिट्ठियाणं वग्गणा, एगा सम्ममिच्छदिट्ठियाणं वग्गणा, एगा सम्मदिठियाणं णेरइयाणं वग्गणा, एगा मिच्छदिट्ठियाणं णेरइयाणं वग्गणा, एगा सम्ममिच्छदिट्ठियाणं णेरइयाणं वग्गणा, एवं जाव थणियकुमाराणं, एगा मिच्छदिट्ठियाणं पुढवीकाइयाणं वग्गणा, एवं जाव वणस्सइकाइयाणं, एगासम्मदिट्ठियाणं बेइंदियाणं वग्गणा, एगा मिच्छदिट्ठियाणं बेइंदियाणं वग्गणा, एवं तेइंदियाणं चउरिदियाणं वि सेसा जहा णेरइया, जाव एगा सम्ममिच्छदिट्ठियाणं वेमाणियाणं वग्गणा // 70|| एगा कण्हपक्खियाणं वग्गणा, एगा सुक्कपक्खियाणं वग्गणा, एगा कण्हपक्खियाणं णेरइयाणं वग्गणा, एगा सुक्कपक्खियाणं णेरइयाणं वग्गणा, एवं चउवीसदंडओवि भाणियब्वो / / 71 // एगा कण्हलेस्साणं वग्गणा, एगा णीललेस्साणं वग्गणा, एवं जाव सुक्कलेस्साणं वग्गणा, एगा कण्हलेस्साणं णेरइयाणं वग्गणा, जाव काउलेस्साणं णेरइयाणं वग्गणा, एवं जस्स जइ लेस्साओ, भवणवइवाणमंतरपुढविआउवणस्सइकाइयाणं च चत्तारि लेस्साओ तेऊवाउवेइंदियतेइंदियचउरिंदियाणं तिण्णिलेस्साओ पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं मणुस्साणं छल्लेस्साओ, जोइसियाणं एगा तेउलेस्सा, वेमाणियाणं तिणिउवरिमलेस्साओ एगा कण्हलेस्साणं भवसिद्धियाणं वग्गणा, एगा कण्हलेस्साणं अभवसिद्धि Page #211 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 198 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि याणं वग्गणा, एवं छसु वि लेस्सासु दो दो पयाणि भाणियव्वाणि, एगा कण्हलेस्साणं भवसिद्धियाणं णेरइयाणं वग्गणा, एगा कण्हलेस्साणं अभवसिद्धियाणं गेरइयाणं वग्गणा, एवं जस्त जइ लेस्साओ तस्स तइयाओ भाणियवाओ, जाव वेमाणियाणं / एगा कण्हलेस्साणं समदिट्ठियाणं वग्गणा एगा कण्हलेस्साणं मिच्छदिट्ठियाणं वग्गणा एगा कण्हलेस्साणं सम्ममिच्छदिट्ठियाणं वग्गणा, एवं छसु वि लेस्सासु जाव वेमाणियाणं जेसिं जइ दिट्ठीओ / एगा कण्हलेस्साणं कण्हपक्खियाणं वग्गणा, एगा कण्हलेस्साणं सुक्कपक्खियाणं वग्गणा, जाव वेमाणियाणं, जस्स जइ लेस्साओ, एए अट्ठ चउवीसदंडया // 72 / / एगा तित्थसिद्धाणं वग्गणा, एगा अतित्थसिद्धाणं वग्गणा, एवं जाव एगा एक्कसिद्धाणं वग्गणा, एगा अणिक्कसिद्धाणं वग्गणा, एगा पढमसमय सिद्धाणं वग्गणा, एवं जाव अणंतसमय सिद्धाणं वग्गणा / / 73 / / एगा परमाणुपोग्गलाणं वग्गणा, एवं जाव एगा अणंतपए सियाणं खंधाणं पोग्गलाणं वग्गणा, एगा एगपएसोगाढाणं पोग्गलाणं वग्गणा, जाव एगा असंखेजपएसोगाढाणं पोग्गलाणं वग्गणा, एगा एगसमयठिइयाणं पोग्गलाणं वग्गणा, जाव एगा असंखेज्जसमयठिइयाणं पोग्गलाणं वग्गणा, एगा एगगुणकालयाणं पोग्गलाणं वग्गणा, जाव एगा असंखेज्जगुणकालयाणं पोग्गलाणं वग्गणा / एगा अणंतगुणकालयाणं पोग्गलाणं वग्गणा, एवं वण्णगंधरसफासा भाणियव्वा जाव एगा अणंतगुणलुक्खाणं पोग्गलाणं वग्गणा, एगा जहण्णपए सियाणं खंधाणं वग्गणा, एगा उक्कोस. पए सियाणं खंधाणं वग्गणा, एगा अजहण्णुक्कोस पएसियाणं खंधाणं वग्गणा, एवं जहण्णोगाहणगाणं, उक्कोसोगाहणगाणं, अजहण्णुक्कोसोगाहणगाणं, जहण्णठिइ. याणं, उक्कोसठिइयाणं, अजहण्णुकोसठिइयाणं, जहण्णगुणकालगाणं, उक्कोसगुणकाल. गाणं, अजहण्णुक्कोसगुणकालगाणं, एवं वण्णगंधरसफासाणं वग्गणा भाणियव्वा, नाव एगा अजहण्गुकोसगुणलुक्खाणं पोग्गलाणं वग्गणा / / 74 / / एगे जंबुद्दीवे 2 सध. दीवसमुद्दाणं जाव अद्धंगुलगं च किंचि विसेसाहिए परिक्खेवेणं / / 75 / / एगे समणे भगवं महावीरे इमीसे ओसप्पिणीए चउवीसाए तित्थयराणं चरमतित्थयरे सिद्ध बुद्धे मुत्ते जाव सव्वदुक्खप्पहीणे / / 76 // अणुत्तरोववाइयाणं देवाणं एगा रयणी उड्ढे उच्चत्तेणं पण्णत्ता // 77 // अद्दाणक्खत्ते एगतारे पण्णते, चित्ताणक्खत्ते एगतारे पण्णत्ते, साईणक्खत्ते एगतारे पण्णत्ते / / 78 // एगपए सोगाढा पोग्गला Page #212 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा.२ उ. 1 199 अणंता पण्णत्ता, एंवमेगसमयठिइया, एगगुणकालगा पोग्गला अणंता पण्णत्ता, जाव एगगुणलुक्खा पोग्गला अणंता पण्णत्ता / / 79 // बीअं ठाणं पढमो उद्देसो जयत्थि णं लोए तं सव्वं दुपडोयारं, तं जहा-जीवा चेव अजीवा चेव, तसे चेव यावरे चेव, सजोणिया चेव अजोणिया चेव, साउया चेव अणाउया चेव, सइंदिया चेव अणिंदिया चेव, सवेयगा चेव अवेयगा चेव, सरूवि चेव अरूवि चेव, सपोगला चेव अपोग्गला चेव, संसारसमावण्णगा चेव असंसारसमावण्णगा चेव, सासया चेव असासया चेव, आगासे चेव णो आगासे चेव, धम्मे चेव अधम्मे चेव, बंधे चेव मोक्खे चेव, पुण्णे चेव पावे चेव, आसवे चेव संवरे चेव, वेयणा चेव, णिज्जरा चेव / / 1 / / दो किरियाओ प० तंजहा-जीवकिरिया चेव अजीवकिरिया चेव / जीवकिरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा–सम्मत्तकिरिया चेव मिच्छत्तकिरिया चेव / अजीवकिरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा-इरियावहिया चेव संपराइया चेव / / 2 / / दोकिरियाओ प० तं जहा-काइया चेव अहिगरणिया चेव / काइया किरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा-अणुवरयकायकिरिया चेव, दुप्पउत्तकायकिरिया चेव / अहिगरणियाकिरिया दुविहा पंण्णत्ता, तं जहा-संजोयणा हिगरणिया चेव णिवत्तणा हिगरणिया चेव // 3 // दो किरियाओ प० तं जहा-पाउसिया चेव पारियावणिया चेव / पाउसिया किरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा-जीवपाउसिया चेव अजीवपाउसिया चेव, पारियावणियाकिरिया दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-सहत्थपारियावणिया चेव परहत्थपारियावणिया चेव ॥४॥दो किरियाओ प० तं जहापाणांइवायकिरिया चेव, अपच्चक्खाणकिरिया चेय / पाणाइवायकिरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा-सहत्थपाणाइवायकिरिया चेव, परहत्थपाणाइवायकिरिया चेव / अपञ्चरखाणकिरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा-जीवअपच्चक्खाणकिरिया चेव, अजीवअपञ्चक्खाणकिरिया चेव // 5 // दो किरियाओ प० तं जहा-आरंभिया चेव परिग्गहिया चेव / आरंभिया किरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा-जीवआरंभिया चेव अजीवआरंभिया चेव, एवं परिग्गहियावि॥ 6 // दो किरियाओ प० तं जहामायावत्तिया चेव, मिच्छादसणवत्तिया चेव / मायावत्तियाकिरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा-आयभाववंकणया चेव परभाववंकणया चेव / मिच्छादसणवत्तियाकिरिया Page #213 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 200 अंग-पविट्ट सुत्ताणि दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-ऊणाइरित्तमिच्छादसणवत्तिआ चेव तव्वइरित्तमिच्छादसण वत्तिआ चेव // 7 // दो किरियाओ प० तंजहा—दिट्ठिया चेव. पुट्ठिया चेव / दिट्ठियाकिरिया दुविहा प० तंजहा—जीवदिढ़िया चेव अजीवदिट्ठिया चेव, एवं पुट्ठियावि // 8 // दो किरियाओ प० तंजहा-पाडुचिया चेव सामंतोवणिवाइया चेव / पाडुच्चियाकिरिया दुविहा पण्णता, तंजहा-जीवपाडुच्चिया चेव अजीवपाडु. च्चिया चेव, एवं सामंतोवणिवाइयावि // 9 // दो किरियाओ प० तंजहा-साहत्थिया चेव, णेसत्थिया चेव / साहत्थियाकिरिया दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-जीवसाहत्थिया चेव, अजीवसाहत्थिया चेव, एवं सत्थियावि // 10 // दो किरियाओ प० तंजहा-आणवणिया चेव वेयारणिया चेव, जहेव णेसत्थिया / / 11 // दो किरियाओ प० तंजहा-अणाभोगवत्तिया चेव / अणवखवत्तिया चेव। अणाभोगवत्तियाकिरिया दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-अणाउत्तआइयणया चेव, अणाउत्तपमज्जणया चेव। अणवकंखवत्तिया किरिया दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-आयसरीरअणवकंखवत्तिया चेव, परसरीरअणवकंखवत्तिया चेव // 12 // दो किरियाओ प० तंजहा-पेज्जवत्तिया चव, दोसवत्तिया चेव / पेज्जवत्तियाकिरिया दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-मायावत्तिया चेव, लोहवत्तिया चेव / दोसवत्तिया किरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा-कोहे चेव माणे चेव / / 13 / / दुविहा गरिहा पण्णत्ता, तं जहा-मणसावेगे गरिहइ वयसावेगे गरिहइ, अहवा गरिहा दुविहा प० दीहं एगे अद्धं गरिहइ, रहस्सं एगे अद्धं गरिहइ // 14 // दुविहे पच्चक्खाणे, मणसावेगे पञ्चक्खाइ, वयसावेगे पच्चक्खाइ, अहवा पच्चक्खाणे दुविहे, दीहं एगे अद्धं पच्चक्खाइ, रहस्सं एगे अद्धं पच्चक्खाइ // 15 // दोहिं ठाणेहिं अणगारे संपण्णे अणाइयं अणवयग्गं दीहमद्धं चाउरंतसंसारकंतारं वीइवए जा, तं जहा-विजाए चेय, चरणेण चेव / / 16 // दो ठाणाई अपरियाइत्ता आया णो केवलिपण्णत्तं धम्मं लभेजा सवणयाए, तं जहा--आरंभे चेव परिग्गहे चेव। दो ठाणाइं अपरियाइत्ता आया णो केवलं बोहिं बुज्झेजा तं० आरंभे चेव परिग्गहे चेव / दो ठाणाई अपरियाइत्ता आया णो केवलं मुंडे भवित्ता आगाराओ अणगारियं पव्वइज्जा,तं जहा-आरंभे चेव परिग्गहे चेव, एवं णो केवलं बंभचेरवासमावसेज्जा णो केवलेणं संजमेणं संजमेजा, णो केवलेणं संवरेणं संवरेज्जा, णो केवलं आभिणिबोहियणाणं उप्पाडेजा, एवं सुयणाण, ओहिणाणं, मणपज्जवणाणं, Page #214 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा.२ उ. 1 201 केवलणाणं // 17 // दो ठाणाई परियाइत्ता आया केवलीपण्णत्तं धम्मं लभेज्ज सवणयाए, तं जहा-आरंभे चेव परिग्ग हे चेव, एवं जाव केवलणाणमुप्पाडेज्जा // 18 // दोहिं ठाणेहिं आया केवलिपण्णत्तं धम्म लभेज्ज सवणयाए तं जहासोचा चेव, अभिसमेच्चा चेव, जाव केवलणाणं उप्पाडेज्जा // 19 // दो समाओ पण्णत्ताओ, तं जहा—उस्सप्पिणिसमा चेव, ओसप्पिणिसमा चेव // 20 // दुविहे उम्माए पण्णत्ते, तं जहा—जक्खाएसे चव मोहणिज्जस्स चेव कम्मस्स उदएणं, तत्थणं जे से जक्खाएसे से णं सुहवेयतराए चेव सुहविमोयतराए चेव, तत्थणं जे से मोहणिज्जस्स कम्मस्स उदएणं, से ण दुहवेयतराए चेव दुह विमोयतराए चेव // 21 // दो दंडा पण्णत्ता, तं जहा-अट्ठादंडे चेव, अणट्ठादंडे चेव, णेरइयाण दो दंडा पण्णत्ता तं जहा-अट्ठादंडे चेव अणट्ठादंडे य एवं चउवीसदंडओ जाव वेमाणियाणं // 22 // दुविहे दंसणे० सम्मइंसणे चेव, मिच्छाईसणे चेव / सम्मदसणे दुविहे. णिसग्गसम्मईसणे चेव, अभिगमसम्मइंसणे चेव / णिसग्गसम्मइंसणे दुविहे०, पडिवाई चेव अपडिवाई चेव.। अभिगमसम्मइंसणे दुविहे०, पडिवाई चव, अप डिवाई चेव / मिच्छाईसणे दुविहे. तं जहा-अभिग्गहियमिच्छादसणे चव, अणभिग्गहियमिच्छादसणे चेव / अभिग्गहियमिच्छादसणे दुविहे० सपज्जवसिए चेव, अपज्जवसिए चेव, एवमणभिग्गहियमिच्छादसणेवि // 23 // दुविहे गाणे० पञ्चक्खे चेव, परोक्खे चेव / पञ्चक्खणाणे दुविहे० केवलणाणे चेव, णो केवलणाणे चेव। केवलणाणे दुविहे. भवत्थकेवलणाणे चव सिद्ध केवलणाणे चव / भवत्थकेवलणाणे दुविहे० सजोगिभवत्थकेवलणाणे चेव अजोगिभवत्थकेवलणाणे चेव / सजोगिभवत्थकेवलणाणे दुविहे. पढमसमयसजोगिभवत्थकेवलणाणे चेव, अपढमसमयसजोगिभवत्थकेवलणाणे चेव, अहवा चरिमसमयसजोगिभवत्थकेवलणाणे चेव, अचरिमसमयसजोगिभवत्थकेवलणाणे चेव। एवं अजोगिभवत्थकेवलणाणे वि / सिद्ध केवलणाणे दुविहे०, अणंतरसिद्धकेवलणाणे चेव, परंपरसिद्धकेवलणाणे चेव / अणंतरसिद्ध केवलणाणे दुविहे० एक्काणंतरसिद्ध केवलणाणे चेव, अणेक्काणंतरसिद्धकेवलणाणे चेव / परंपर. सिद्धकेवलणाणे दुविहे एक्कपरंपरसिद्ध केवलणाणे चेव, अणेकपरंपरसिद्ध केवलणाणे चेव। णो केवलणाणे दुविहे०ओहिणाणे चेव,मणपज्जवणाणे चेव / ओहिणाणे दुविहे. भवपञ्चइए चेव, खओवसमिए चेव / दोण्हं भवपञ्चइए० देवाणं चेव, णेरइयाणं Page #215 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 202 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि चेव। दोण्हं खओवसमिए० मणुस्साणं चेव, पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं चेव / मणपज्जवणाणे दुविहे. उज्जुमई चेव, विउलमई चेव / परोक्खणाणे दुविहे. आभि. णिबोहियणाणे चेव, सुयणाणे चेव / आभिणिबोहियणाणे दुविहे. सुयणिस्सिए चेव असुयणिस्सिए चेव / सुयणिस्सिए दुविहे. अत्थोग्गहे चेव, वंजणोग्गहे चेव / असुयणिस्सिए वि एवमेव / सुयणाणे दुविहे. अंगपविढे चेव, अंगबाहिरे चेव / अंगबाहिरे दुविहे. आवस्सए चेव आवस्सयवइरित्त चेव। आवस्सयवइरित्ते दुविहे० कालिए चेव, उक्कालिए चेव / / 24 // दुविहे धम्मे० सुयधम्मे चेव, चरित्तधम्मे चेव। सुयधम्मे दुविहे. सुत्तसुयधम्मे चेव, अत्थसुयधम्मे चेव / चरित्तधम्मे दुविहे. अगारचरित्तधम्मे चेव, अणगारचरित्तधम्मे चेव / संजमे दुविहे. सरागसंजमे चेव, वीयरागसंजमे चेव / सरागसंजमे दुविहे. सुहुमसंपरायसरागसंजमे चेव बादरसंपरायसरागसंजमे चेव / सुहमसंपरायसरागसंजमे दुविहे. पढमसमयसुहुमसंपरायसरागसंजमे चेव, अपढमसमयसुहमसंपरायसरागसंजमे चेव / अहवा चरिमसमयसुहुमसंपरायसरागसंजमे चेव, अचरिमसमयसुहमसंपरायसरागसंजमे चेव / अहवा सुहुमसंपरायसरागसंजमे दुविहे. संकिलेसमाणए चेव, विसुज्झमाणए चेव। बादरसंपरायसरागसंजमे दुविहे० पढमसमयबादरसंपरायसरागसंजमे अपढमसमयबादरसंपरायसरागसंजमे, अहवा चरिमसमयबादरसंपरागसरागसंजमे, अचरिमसमयबादरसंपरायसरागसंजमे, अहवा बादरसंपरायसरागसंजमे दुविहे. पडिवाइए चेव, अपडिवाइए चेव / वीयरागसंजमे दुविहे० उवसंतकसायवीयरागसंजमे चव, खीणकसायवीयरागसंजमे चेव / उवसंतकसायवीयरागसंजमे दुविहे. पढमसमय उवसंतकसायवीयरागसंजमे चेव, अपढमसमयउवसंतकसायवीयरागसंजमे चेव, अहवा चरिमसमयउवसंतकसायवीयरागसंजमे चेव, अचरिमसमयउवसंतकसायवीयरागसंजमे चेव / खीणकसायवीयरागसंजमे दुविहे. छउमत्थखीणकसायवीयरागसंजमे चेव, केवलिखीणकसायवीयरागसंजमे चेव। छउमत्थखीणकसायवीयरागसंजमे दुविहे. सयंबुद्धछउमत्थखीणकसायवीयरागसंजमे, बुद्धबोहियछउमत्थखीणकसायवीयरागसंजमे / सयंबुद्धछउमत्थरखीणकसायवीयरागसंजमे दुविहे. पढमसमयसयंबुद्धछउमत्थखीणकसायवीयरागसंजमे, अपढमसमयसयबुद्ध छउमत्थखीणकसायवीयरागसंजमे, अहवा चरिमसमयसयंबुद्धछउमत्थखीणकसायवीयराग Page #216 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 2 उ. 1 203 संजमे,अचरिमसमयसयंबुद्धछउमत्थखीणकसायवीयरागसंजमे। बुद्धबोहियउमत्थखीणकसायवीयरागसंजमे दुविहे० पढमसमयबुद्धबोहियछउमत्थखीणकसायवीयरागसंजमे, अपढमसमयबुद्धबोहियछउमत्थखीगकसायवीयरागसंजमे, अहवा चरिमसमयबुद्धबोहियछउमत्थखीणकसायवीयरागसंजमे अचरिमसमयबुद्ध बोहियछउमत्थखीणकसायवीयरागसंजमे। केवलिखीणकसायवीयरागसंजमे दुविहे सजोगिकेवलिखीणकसायवीयरागसंजमे, अजोगिकेवलिखीणकसायवीयरागसंजमे / सजोगिकेवलिखीणकसायवीयरागसंजमे दुविहे० पढमसमयसजोगिकेवलिखीणकसायवीयरागसंजमे अपढमसमयसजोगिकेवलिखीणकसायवीयरागसंजमे, अहवा चरिमसमयसजोगिकेवलिखी. णकसायवीयरागसंजमे, अचरिमसमयसजोगिकेवलिखीणकसायवीयरागसंजमे। अजोगिकेवलिखीणकसायवीयरागसंजमे दुविहे० पढमसमयअजोगिकेवलिखीणकसायवीयरागसंजमे, अपढमसमय अजोगिकेवलिखीणकसायवीयरागसंजमे, अहवा चरिमसमयअजोगिकेवलिावीणकसायवीयरागसंजमे,अचरिमसमयअजोगिकेवलिखीणकसायवीयरागसंजमे // 25 // दुविहा पुढविकाइया पण्णत्ता, तंजहा–सुहुमा चेव, बायरा चेव, एवं जाव दुविहा वणस्सइकाइया पण्णत्ता तंजहा-सुहुमा चेव, बायरा चेव। दुविहा पुढविकाइया पण्णत्ता-पज्जत्तगा चेव, अपज्जत्तगा चेव, एवं जाव वणस्सइकाइया / दुविहा पुढविकाइया पण्णत्ता, तंजहा-परिणया चेव अपरिणया चेव,एवं जाव वणस्सइकाइया। दुविहा दव्वा० परिणया चेव अपरिणया चेव। दुविहा पुढविकाइया पण्णत्ता तंजहा-गइसमावण्णगा चेव अगइसमावण्णगा चेव, एवं जाव वणस्सइकाइया / दुविहा दवा पण्णत्ता तंजहा-गइसमावण्णगा चेव अगइसमावण्णगा चेव। दुविहा पुढविकाइया० अणंतरोगाढगा चेव परंपरोगाढगा चेव, जाव दव्वा // 26 / / दुविहे काले० ओसप्पिणीकाले चेव, उस्सप्पिणीकाले चेव // 27 // दुविहे आगासे० लोगागासे चेव, अलोगागासे चेव // 28 // णेरइयाणं दो सरीरगा० अभंतरगे चेव, बाहिरगे चेव। अभंतरए कम्मए, बाहिरए वेउव्विए, एवं देवाणं भाणियव्वं / पुढविकाइयाणं दो सरीरगा० अब्भतरगे चेव, बाहिरगे चेव / अब्भंतरए कम्मए, बाहिरगे उरालिए, जाव वणस्सइकाइयाणं। वेइंदियाणं दोसरीरगा० अभंतरए चेव बाहिरए चेव / अन्भंतरए कम्मए अद्विमंससोणियबद्धे बाहिरए उरालिए, जाव चउरिंदियाणं। पंचेंदियतिरिक्खजोशियाणं दो सरी Page #217 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 204 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि रगा० अब्भतरगे चेव, बाहिरगे चेव, अब्भतरगे कम्मए, अट्ठिमंससोणियोहारुच्छिराबद्धे, बाहिरए उरालिए, मणुस्साणंवि एवं चेव विग्गहगइसमावण्णगाणं णेरइयाणं दो सरीरगा० तेयए चेव कम्मए चेव, णिरंतरं जाव वेमाणियाणं। णेरइयाणं दोहिं ठाणेहिं सरीरुप्पत्ती सिया, तं० रागेणं चेव, दोसेणं चेव, जाव वेमाणियाणं / णेरइयाणं दुट्ठाणणिव्वत्तिए सरीरगे० रागणिव्वत्तिए चेव, दोसणिव्वत्तिए चेव, जाव वेमाणियाणं // 29 // दो काया० तसकाए चेव, थावरकाए चेव / तसकाए दुविहे पण्णत्ते० भवसिद्धिए चेव, अभवसिद्धिए चेव, एवं थावरकाए वि // 30 // दो दिसाओ अभिगिज्झ कप्पइ णिग्गंथाणं वा, णिग्गंथीणं वा, पव्वावित्तए, पाईणं चेव, उदीणं चेव, एवं मुंडावित्तए, सिक्खावित्तए, उवठ्ठावित्तए, संभुजित्तए, संवसित्तए, सज्झायं उद्दिसित्तए, सज्झायं समुद्दिसित्तए, सज्झायमणुजाणित्तए, आलोइत्तए, पडिक्कमित्तए, प्रिंदित्तए, गरि हित्तए, विउट्टित्तए, विसोहित्तए, अकरणयाए अब्भुद्वित्तए, अहारिहं पायच्छित्तं तवोकम्मं पडिवजित्तए, दो दिसाओ अभिगिज्झ कप्पइ णिग्गंथाणं वा णिग्गंथीणं वा, अपच्छिममारणंतिएसंलेहणाझूसणा झूसियाणं भत्तपाणपडियाइक्खियाणं पाओवगयाणं कालं अणवकंखमाणाणं विहरित्तए, तं जहा-पाईणं चेव उदीणं चेव // 31 // बीयं ठाणं बीयो उद्देसो जे देवा उड्ढोववण्णगा कप्पोववण्णगा, विमाणोववण्णगा, चारोववण्णगा, चारद्विइया, गइरइया, गइसमावण्णगा, तेसिं देवाणं सयासमियं जे पावे कम्मे कज्जइ तत्थगयावि एगइया वेयणं वेयंति अण्णत्थगयावि एगइया वेयणं वेयंतिणेरइयाणं सयासमियं जे पावे कम्मे कज्जइ तत्थगयावि एगइया वेयणं वेयंति अण्णत्थगयावि एगइया वेयणं वेयंति, जाव पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं / मणुस्साणं सयासमियं जे पावे कम्मे कजइ, इहगयावि एगइया वेयणं वेयंति अण्णत्थगयावि एगइया वेयणं वेयंति, मणुस्सवज्जा सेसा एक्कगमा // 32 // णेरइया दुगइया दुयागइया प० तं० णेरइए णेरइएसु उववज्जमाणे मणुस्से हिंतो वा पंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो वा उववजेजा, से चेव णं से णेरइए णेरइयत्तं विप्पजहमाणे मणुस्सत्ताए वा पंचिंदियतिरिक्खजोणियत्ताए वा गच्छेज्जा, एवं असुरकुमारावि, णवरं से चेवणं से असुरकुमारत्तं विप्पजहमाणे मणुस्सत्ताए वा तिरिक्खजोणियत्ताए Page #218 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा.२ उ. 2 205 वा गच्छेज्जा, एवं सव्वदेवा, पुढविकाइया दुगइया दुयागइया प० तं०-पुढविकाइए पुढविकाइएसु उववज्जमाणे पुढविकाइएहिंतो वा णो पुढविकाइए हिंतो वा उववओज्जा / से चेवणं से पुढविकाइयत्तं विप्पजहमाणे पुढविकाइयत्ताए वा णो पुढविकाइयत्ताए वा गच्छेज्जा, एवं जाव मणुस्सा // 33 // दुविहा णेरइया प० तं० भवसिद्धिया चेव, अभवसिद्धिया चेव, जाव वेमाणिया। दुविहा णेरइया प० तं० अणंतरोववण्णगा चेव परंपरोववण्णगा चेव, जाव वेमाणिया। दुविहा णेरइया प० तं० गइसमावण्णगा चेव, अगइसमावण्णगा चेव, जाव वेमाणिया / दुविहा णेरइया प० तं० पढमसमयउववण्णगा चेव, अपढमसमयउववण्णगा चेव, जाव वेमाणिया। दुविहा णेरइया प० तं. आहारगा चेव, अणाहारगा चेव, एवं जाव वेमाणिया। दुविहा णेरइया पण्णत्ता तं०, उस्सासगा चेव णोउस्सासगा चेव, जाव वेमाणिया / दुविहा णेरइया प० त० सइंदिया चेव, अणिंदिया चेव, जाव वेमाणिया / दुविहा णेरइया प० तं० पजत्तगा चेव, अपज्जत्तगा चेव, जाव वेमाणिया। दुविहा णेरइया प० तं० सण्णी चेव, असण्णी चेव, एवं जाव पंचिंदिया सव्वे विगलिंदियवज्जा, जाब वाणमंतरा / दुविहा णेरइया प० तं० भासगा चेव अभासगा चेव, एवमेगेंदियवज्जा सव्वे / दुविहा णेरइया प० त० समद्दिट्ठिया चेव मिच्छहिट्ठिया चेव, एगिदियवजा सव्वे / दुविहा णेरइया प० तं० परित्तसंसारिया चेव, अणंतसंसारिया चेव जाव वेमाणिया। दुविहा णेरइया प० तं० संखेजकालसमयढिइया चेव असंखेजकालसमयढिइया चव, एवं पंचिंदिया, एगिंदिया विगलिंदियवजा जाव वाणमंतरा। दुविहा णेरइया प० तं. सुलभबोहिया य दुल्लभबोहिया य जाव वेमाणिया। दुविहा णेरइया प० तं० कण्हपक्खिया चेव सुक्कपक्खिया चेव, जाव वेमाणिया / दुविहा णेरइया प० तं० चरिमा चेव अचरिमा चेव, जाव वेमाणिया // 34 // दोहिं ठाणेहिं आया अहे लोग जाणइ पासइ, तं० समोहएणं चेव अप्पाणेणं आया अहे लोगं जाणइ पासइ, असमोहएणं चेव अप्पाणेणं आया अहे लोगं जाणइ पासइ, आहोहि समोहया समोहएणं चेव अप्पाणेणं आया अहे लोगं जाणइ पासइ, एवं तिरियलोगं उड्डलोग केवलकप्पं लोगं / दोहिं ठाणेहिं आया अहे लोगं जाणइ पासइ, तं जहा-- विउविएणं चेव अप्पाणेणं आया अहेलोगं जाणइ पासइ, अविउव्विएणं चेव अप्पाणेणं आया अहेलोगं जाणइ पासइ, आहोहि विउव्वियाविउविएणं चेव Page #219 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 206 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि अप्पाणेणं आया अहेलोगं जाणइ पासइ, एवं तिरियलोगं उड्डलोगं केवलकप्पं लोगं // 35 // दोहिं ठाणेहिं आया सहाई सुणेइ, तं जहा-देसेणवि आया सहाई सुणेइ, सव्वेणवि आया सद्दाइं सुणेइ, एवं रुवाइं पासइ, गंधाइं आधायइ, रसाइं आसाएइ, फासाइं पडिसंवेएइ, दोहिं ठाणेहिं आया ओभासइ, तंजहा-देसेणवि आया ओभासइ, सव्वेण वि आया ओभासइ / एवं पभासइ, विउव्वइ, परियारेइ, भासं भासइ, आहारेइ, परिणामेइ, वेएइ, णिज्जरेइ, दोहिं ठाणेहिं देवे सद्दाई सुणेइ; तंजहादेसेणवि देवे सद्दाई सुणेइ, सव्वेण वि देवे सद्दाइं सुणेइ, जाव णिज्जरेइ / / 36 / / मरुया देवा दुविहा प० तं० एगसरीरी चेव, विसरीरी चेव / एवं किण्णरा, किंपुरिसा, गंधवा, णागकुमारा, सुवण्णकुमारा, अग्गिकुमारा, वाउकुमारा / देवा दुविहा प० तं० एगसरीरी चेव विसरीरी चेव / / 37 // बीयं ठाणं तइओ उद्देसो दुविहे सद्दे प० तं० भासासहे चेव णोभासासहे चेव / भासासहे दुविहे प० तं० अक्खरसंबद्धे चेव, णोअक्खरसंबद्धे चेव / णोभासासहे दुविहे प० तं० आउज्जसद्दे चेव, णोआउज्जसहे चव / आउज्जसहे दुविहे प० त० तते चेव, वितते चेव / तते दुविहे प० तं० घणे चेव, झुसिरे चेव, एवं विततेवि / णोआउज्जसद्दे दुविहे प० तं० भूसणसहे चेव, णोभूसणसहे चव / णोभूसणसहे दुविहे प० तं० तालसहे चेव लत्तियासद्दे चव / दोहिं ठाणेहिं सद्दुप्पाए सिया तंजहा-साहण्णंताणं चेव, पुग्गलाणं सदुप्पाए सिया भिज्जताणं चेव पोग्गलाणं सदुप्पाए सिया // 38 // दोहिं ठाणेहिं पोग्गला साहण्णंति, तंजहा-सयं वा पोग्गला साहण्णंति परेण वा पोग्गला साहण्णंति / दोहिं ठाणेहिं पोग्गला मिजंति, तंजहा-सयं वा पोग्गला मिजंति, परेण वा पोग्गला भिजति / दोहिं ठाणेहिं पोग्गला परिसइंति, सयं वा पोग्गला परिसडंति, परेण वा पोग्गला परिसाडिजंति, एवं परिपडंति, विद्धंसंति // 39 / / दुविहा पोग्गला प० तं. भिण्णा चेव अमिण्णा चेव / दुविहा पोग्गला पतं मिउरधम्मा चेव णोभिउरधम्मा चेव / दुविहा पोग्गला प० तं० परमाणुपोग्गला चेव णोपरमाणुपोग्गला चेव / दुविहा पोग्गला प० तं० सुहमा चेव, बायरा चव। दुविहा पोग्गला प० तं. बद्धपासपुट्ठा चेव गोबद्धपासपुट्ठा चेव / दुविहा पोग्गला प० तं० परियाइयच्चेव, अपरियाइय. चेव / दुविहा पोग्गला प० तं. अत्ताचेव अणत्ताचेव / दुविहा पोग्गला प० तं० Page #220 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 2 उ. 3 207 इट्ठा चेव, अगिट्ठा चेव, एवं कंता, पिया, मणुण्णा, मणामा / दुविहा सद्दा प० तं० अत्ता चेव, अणत्ता चेव एवं इट्टा जाव मणामा। दुविहा रूवा प० तं० अत्ता चेव अशत्ता चेव, जाव मणामा, एवं गंधा, रसा, फासा, एवमिक्किक्के छआलावगा भाणियव्वा / / 40 // दुविहे आयारे प० तं० णाणायारे चेव णो णाणायारे चेव / णोणाणायारे दुविहे प तं० दसणायारे चेव, गोदंसणायारे चेव / णोदसणायारे दुविहे पण्णत्ते त०, चरित्तायारे चेव, णो चरित्तायारे चेव / णो चरित्तायारे दुविहे प० तं० तवायारे चेव, वीरियायारे चेव // 41 // दो पडिमाओ प० तं० समाहिपडिमा चेव, उवहाणपडिमा चेव / दो पडिमाओ प० तं० विवेगपडिमा चेव, विउसग्गपडिमा चेव / दोपडिमाओ प० तं० भद्दा चेव, सुभद्दा चेव / दो पडिमाओ प० त० महाभद्दा चेव सव्वतोभद्दा चेव / दो पडिमाओ प० तं० खुड़िया चेव मोयपडिमा, महल्लिया चेव मोयपडिमाओ। दोपडिमाओ प० तं० जवमज्झे चेव चंदपडिमा, वइरमज्झे चेव चंदपडिमा / / 42 // दुविहे सामाइए प० तं० अगारसामाइए चेव, अणगारसामाइए चेव // 43 // दोण्हं उववाए प० तं० देवाणं चैव, णेरइयाणं चैव / दोण्हं उव्वट्टणा प० तं० णेरइयाणं चेव, भवणवासीणं चेव / दोहं चयणे प० तं० जोइसियाणं चेव, वेमाणियाणं चेव / दोण्हं गन्भवकंती 50 तं० मणुस्साणं चेव, पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं चैव / दोण्हं गब्भत्थाणं आहारे प० तं० मणुस्साणं चेव पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं चेव / दोण्हं गब्भत्थाणं वुट्टी प० तं० मणुस्साणं चेव पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं चेव। एवं णिव्वुड्डी विगुव्वणा गइपरियाए समुग्घाए कालसंजोगे आयाइ मरणे / दोण्हं छविपव्वा प० तं० मणुस्साणं चेव पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं चैव / दो सुक्कसोणिअसंभवा, प० तं. मणुस्सा चेव पंचिंदियतिरिक्खजोणिया चेव, दुविहा ठिई, कायठिई चेव, भवढ़िई चेव, दोण्हं कायट्टिई, मणुस्साणं चेव पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं चेव / दोण्हं भवढ़िई, देवाणं चेव णेरइयाणं चेव / दुविहे आउए, अद्धाउए चेव, भवाउए चेव / दोण्हं अद्धाउए, मणुस्साणं चेव पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं चेव / दोण्हं भवाउए देवाणं चेव णेरइयाणं चेव / दुविहे कम्मे, पएसकम्मे चेव, अणु- 'भावकम्मे चेव / दो अहाउयं पालेंति, देवचेव णेरइयचेव / दोण्हं आउयसंवट्टए प० तं० मणुस्साणं चेव, पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं चेव // 44 / / जंबुद्दीवे दीवे Page #221 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 208 अंग-पविट्ट सुत्ताणि मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरदाहिणेणं दोवासा बहुसमउल्ला अविसेसमणाणत्ता अण्णमण्णं णाइवटुंति, आयामविक्खंभसंठाणपरिणाहेणं, तं जहा-भरहे चेव, एरवए चेव / एवमेएणं अहिलावेणं णेयव्वं, हेमवए चेव हेरण्णवए चेव, हरिवरिसे चेव, रम्मयवरिसे चेव // 45 // जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पुरच्छिमपञ्चत्थिमेणं दो खित्ता, बहुसमउल्ला अविसेस जाव पुव्वविदेहें चेव अवर विदेहे चेव // 46 / / जंबूमंदरस्स पव्वयस्स उत्तरदाहिणेणं दोकुराओ, बहुसमउल्लाओ अविसेसा जाव देवकुरा चेव उत्तरकुरा चेव / तत्थ णं दो महइ महालया महादुमा, बहुसमउल्ला, अविसेसमणाणत्ता अण्णमण्णं णाइव{ति आयामविक्खंभुच्चत्तोव्वेहसंठाणपरिणाहेणं तं जहा-कूडसामली चेव, जंबू चेव सुंदसणा / तत्थणं दो देवा महिड्डिया जाव महासोक्खा, पलिओवमट्टिइया परिवसंति, तं जहा-नारुले चेव वेणुदेवे अणाढिए चेव जंबूद्दीवाहिवई // 47 // जंबूमंदरस्स पव्वयस्स उत्तरदाहिणेणं दोवासहरपव्यया बहुसमउल्ला, अविसेसमणाणत्ता, अण्णमण्णं णाइवटुंति, आयामविखंभुच्चत्तोव्वेहसंठणपरिणाहेणं, तं जहा-चुल्लहिमवंतेचेव सिहरी चेव / एवं महाहिमवंते चेव, रुप्पी चेव, एवं णिसढे चेव, णीलवंते चेव / / 48 / / जंबूमंदरस्सपव्वयस्स उत्तरदाहिणेणं हेमवएरण्णवएसु वासेसु दोवट्टवेयड्डपव्वया, बहुसमउल्ला, अविसेसमणाणत्ता जाव सद्दावाई चेव वियडावाई चेव, तत्थणं दो देवा महिड्डिया जाव पलिओवमट्ठिइया परिवसंति, तं जहा-साई चेव पभासे चेव / / 49 // जंबूमंदरस्स उत्तरदाहिणेणं हरिवासरम्मएसु वासेसु दोवट्टवेयड्डपव्वया, बहुसमउल्ला, जाव गंधावाई चव, मालवंतपरियाए चेव, तत्थणं दोदेवा महिड्डिया, जाव पलिओवमहिइया परिवसंति, तं जहा-अरुणे चेव, पउमे चेव // 50 // जंबूमंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं देवकुराए पुव्वावरे पासे, एत्थणं आसक्खंधगसरिसा, अद्धचंदसंठाणसंठिया दोवक्खारपव्वया, बहुसमउल्ला जाव, सोमणसे चेव विज्जुप्पभे चेव / जंबू. मंदरस्स उत्तरेणं उत्तरकुराए पुव्वावरे पासे एत्थणं आसक्खंधगसरिसा अद्धचंदसंठाणसंठिया दो वक्खारपव्वया प० तं० बहु० जाव, गंधमायणे चेव, मालवंते चेव // जंबूमंदरस्स पव्वयस्स उत्तरदाहिणेणं दोदीहवेयड्ढपव्वया, बहुसमउल्ला जाव भारहे चेव दीहवेयड्ढे एरावए चेव दीहवेयड्डे / भारहेणं दीहवेयड्ढे दोगुहाओ बहुसमउल्लाओ अविसेसमणाणत्ताओ अण्णमणं णाइवटुंति आयामविक्वंभुच्चत्तसंठाण Page #222 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 2 उ. 3 209 परिणाहेणं, तं जहा-तिमिसगुहा चेव, खंडगप्पवायगुहा चेव / तत्थणं दो देवा महिढिया, जाव पलिओवमढ़िइया परिवसंति, तं जहा–कयमालए चेव, णट्टमालए चेव / एरावए णं दीहवेयड्ढे दोगुहा, जाव कयमालए चेव णट्टमालए चेव // 51 // जंबूमंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं चुल्लहिमवंते वासहरपव्वए दोकूडा, बहुसमउल्ला, जाव विक्खंभुच्चत्तसंठाणपरिणाहेणं, तं जहा-चुल्हिमवंतकूडे चेव वेसमणकूडे चेव / जंबूमंदरस्स दाहिणेणं महाहिमवंते वासहरपव्वए दोकूडा, बहुसमउल्ला जाव महाहिमवंतकूडे चेव, वेरुलियकूडे चेव / एवं णिसढे वासहरपव्वए दोकूडा, बहुसमउल्ला जाव० णिसढकूडे चेव, रुयगप्पभे चेव / जंबूमंदरस्स उत्तरेणं णीलवते वासहरंपव्वए दोकूडा, बहुसमउल्ला जाव० णीलवंतकूडे चेव, उवदसणकूडे चेव / एवं रुप्पिम्मि वासहरपव्यए दोकूडा, बहुसमउल्ला जाव० तंजहा रुप्पिकूडे चेव, मणिकंचणकृडे चेव / एवं सिहरिम्मि वि वासहरपब्वए दोकूडा, बहुसमउल्ला तंजहा—सिहरिकृडे चेव, तिगिच्छिकूडे चेव / / 52 // जंबूमंदरस्स उत्तरदाहिणेणं चुल्लहिमवंतसिहरीसु वासहरपवएसु दो महहहा, बहुसमउल्ला, अविसेसमणाणत्ता अण्णं मण्णं णाइवदृप्ति, आयामविक्खंभउव्वेहसंठाणपरिणाहेणं, तंजहा—पउमहहे चेव, पंडरीयबहे चेव / तत्थणं दो देवयाओ महिड्डियाओ जाव पलिओवमटिइयाओ परिवसंति, तं० सिरी चेव लच्छी चेव / एवं महाहिमवंतरुप्पीसु वासहरपव्वएसु दो महद्दहा प० बहुसमउल्ला जाव महापउमद्दहे चेव, महापोंडरीयहहे चेव / देवयाओ हिरिचेव बुद्धिच्चेव / एवं णिसहणीलवंतेसु तिगिच्छिद्दहे चेव, केसरिद्दहे चेव, देवयाओ धिई चेव कित्तिचेव // 53 / / जंबूमंदरदाहिणेणं महाहिमवंताओ वासहरपव्वयाओ महापउमद्दहाओ दो महाणईओ पवहंति तंजहा रोहियचेव हरिकंतच्चेव। एवं णिसहाओ वासहरपव्वयाओ तिगिच्छिदहाओ दोमहाणईओ पवहंति तं० हरिचेव, सीतोअञ्चेव / जंबूमंदरस्स उत्तरेणं णीलवंताओ वासहरपव्वयाओ केसरिहहाओ दो महाणईओ पवहंति तं० सीता चेव, णारिकंता चैव / एवं रुप्पिवासहरपव्वयाओ महापोंडरीयबहाओ दोमहाणईओ पवहंति, तंजहा णरकंता चैव रुप्पकूला चेव / जंबूमंदरदाहिणेणं भर हेवासे दोपवायदहा प० तं० बहुसमउल्ला जाव गंगप्पवायहहे चेव, सिंधुप्पवायहहे चेव / एवं हेमवएवासे दोपवायदहा प० बहुसमउल्ला तं० रोहियप्पवायहहे चेव, रोहियंसप्प Page #223 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 210 अंग-पविटु सुत्ताणि वायहहे चेव। जंबूमंदरदाहिणे णं हरिवासे वासे दोपवायदहा प० बहुसमउल्ला तं० हरिप्पवायहहे चेव हरिकंतप्पवायहहे चेव / जंबूमंदरउत्तरदाहिणेणं महाविदेहे वासे दोपवायदहा प० त० बहुसमउल्ला जाव० सीयप्पवायहहे चेव, सीओयप्पवायदहे चेव / जंबूमंदरउत्तरेणं रम्मए वासे दोपवायदहा प० बहुसमउल्ला जाव णरकंतप्पवायहहे चेव णारिकंतप्पवायद्दहे चेव / एवं हेरण्णवएवासे दोपवायदहा प० बहु. समउल्ला जाव० सुवण्णकूलप्पवायद हे चेव, रुप्पकूलप्पवायहहे चेव / जंबूमंदर. उत्तरेणं एरवएवासे दोपवायदहा, प० बहुसमउल्ला जाव. रत्तप्पवायहहे चेव रत्तावईप्पवायहहे चेव / जंबूमंदरदाहिणेणं भर हेवासे दोमहाणईओ प० बहुसमउल्ला गंगा चेव, सिंधू चेव / एवं जहा पवायदहा एवं णईओ भाणियव्वाओ / जाव एरवए वासे दोमहाणईओप० बहुसमउल्लाओ जाव रत्ता चेव रत्तवई चेव / / 54 // जंबुद्दीवे दीवे भरहेरवएसु बासेसुऽतीयाए उस्स प्पिणीए सुसमदुसमाए समाए दो सागरोवमकोडाकोडीओ काले होत्था / एवमिमीसे ओसप्पिणीए जाव प० एवं आगमिस्साए उस्सप्पिणीए जाव भविस्सइ / जंबुद्दीवे दीवे भर हेरवएसु वासेसु तीयाए उस्सप्पिणीए सुसमाए समाए मणुया दोगाउयाइं उर्दू उच्चत्तेणं होत्था, दोणियपलिओवमाइं परमाउं पालइत्था / एवमिमीसे ओसप्पिणीए जाव पालइत्था / एवमागमिस्साए उस्सप्पिणीए जाव पालइस्संति / / 55 / / जंबुद्दीवे दीवे भरहेर. वएसु वासेसु एगसमए एगजुगे दो अरहंतवंसा उप्पजिंसु वा उप्पजंति वा उप्पज्जिस्संति वा / एवं चक्कवट्टिवंसा, दसारवंसा / जंबूभरहेरवएसु एगसमए दोअरिहंता उप्पजिंसु वा उप्पनति वा उप्पजिस्संति वा,एवं चक्कवट्टि एवं बलदेवा एवं वासुदेवा, जाव उपजिस्संति वा / / 56 // जंबू० दोसु कुरासु मणुया सया सुसमसुसमुत्तममिड्डि पत्ता पञ्चणुभवमाणा विहरंति, तं जहा–देवकुराए चेव, उत्तरकुराए चेव / जंबुद्दीवे दीवे दोसु वासेसु मणुया सया सुसममुत्तममिड्डिं पत्ता पच्चणुभवमाणा विहरंति तंजहा-हरिवासे चेव रम्मगवासे चेव / जंबू० दोसु वासेसु मणुया सया सुसमदुसमुत्तममिर्दूि पत्ता पच्चणुभवमाणा विहरंति, तं जहा-हेमवए चेव एरण्णवए चेव / जंबुद्दीवे दीवे दोसु खित्तेसु मणुया सया दुसमसुसमुत्तममिड्डि पत्ता पञ्चणुभवमाणा विहरंति, तं जहा-पुव्वविदेहे व अवरविदेहे चेव / जंबुद्दीवे दीवे दोसु वासेसु मणुया छव्विहंपिकालं पचणुब्भवमाणा विहरंति, तं जहा-भरहे चेव, एरवए चेव Page #224 -------------------------------------------------------------------------- ________________ . ठाणं ठा. 2 उ. 3 211 // 57 // जंबुद्दीवे 2 दोचंदा पभासिंसु वा, पभासंति वा, पभासिस्संति बा, दोसूरिआ तवइंसु वा, तवंति वा, तविस्संति वा / दो कत्तियाओ, दो रोहिणीओ दो मियसिराओ, दो अदाओ एवं भाणियव्वं // कत्तियरोहिणिमियसिर अद्दा य पुणव्वसू य पुस्सो व / तत्तोवि अस्सलेसा,महा य दो फग्गुणीओ य / 1 / हत्थो चित्ता साई, विसाहा तह य होंति अणुराहा, जेट्ठा मूलो पुव्वा य, आसाढा उत्तरा चेव / 2 / अभिई सवण धणिट्ठा सय भिसया दो य होंति भद्दवया / रेवइ अस्सिणि भरणी, णेयवा अणुपुवीए। 3 / एवं गाहाणुसारेण णायव्वं जाव दो भरणीओ। दो अग्गी दो पयावई दोसोमा दोरुद्दा दोअइई दोबहस्सई दोसप्पी दोपिई दोभगा दोअज्जमा दोसबिया दोतट्ठा दोवाऊ दोइंदग्गी दोमित्ता दोइंदा दोणिरई दोआऊ दोविस्सा दोबम्हा दोविण्हू दोवसू दोवरुणा दोअया दोविविद्धी दोपुस्सा दोअस्सा दोयमा। दोइंगालगा दोवियालगा दोलोहियावा दोसणिच्चरा दोआहुणिया दोपाहुणिया दोकणा दोकणगा दोकणकणगा दोकणगवियाणगा दोकणगसंताणगा दोसोमा दोसहिया दोआसासणा दोकजोवगा दोकब्बडगा दोअयकरगा दोदंदुभगा दोसंखा दोसंखवण्णा दोसंखवण्णाभा दोकंसा दोकंसवण्णा दोकंसवण्णाभा दोरुप्पी दोरुप्पाभासा दोणीला दोणीलोभासा दोभासा दोभासरासी दोतिला दोतिलपुप्फवण्णा दोदगा दोदगपंचवण्णा दोकाका दोककंधा दोइंदग्गी दोधूमकेऊ दोहरी दोपिंगला दोबुहा दोसुक्का दोबहस्सई दोराहू दोअगत्थी दोमाणवगा दोकासा दोफासा दोधुरा दोपमुहा दोवियडा दोविसंधी दोणियल्ला दोपइल्ला दोजडियाइलगा दोअरुणा दोअग्गिल्ला दोकाला दोमहाकालगा दोसोत्थिया दोसोवत्थिया दोवद्धमाणगा दोपूसमाणगा दोअंकुसा दोपलंबा दोणिच्चालोगा दोणिच्चुजोया दोसयंपभा दोओभासा दोसेयंकरा दोखेमंकरा दोआभंकरा दोपभंकरा दोअपराजिया दोअरया दोअसोगा दोविगयसोगा दोविमला दोवितत्ता दोवितत्था दोविसाला दोसाला दोसुव्वया दोअणियट्टी दोएगजडी दोदुजडी दोकरकरिगा दोरायग्गला दोपुप्फकेऊ दोभावकेऊ // 58 // जंबुद्दीवस्स णं दीवस्स वेइआ दोगाउआई उड़े उच्चत्तेणं प०, लवणेणं समुद्दे दोजोयणसयसहस्साई चक्कवाल. विक्खंभेण प० लवणस्सणं समुदस्स वेइया दोगाउआई उर्दू उच्चत्तेणं प० // 59 / / धायईखंडेणं दीवे पुरत्थिमद्धेणं मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरदाहिणेणं दोवासा, बहुसमउल्ला जाव भरहे चेव, एरवए चेव / एवं जहा जंबूद्दीवे तहा एत्थ वि भाणियब्वं, Page #225 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 212 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि जाव दोसु वासेसु मणुया छव्विहंपि कालं पचणुभवमाणा विहरंति, तंजहा-भरहे चेव एरवए चेव, णवरं कूडसामली चेव, धायईरुक्खे चेव, देवां गरुले चैव वेणुदेवे सुदंसणे चेव / धायईखंडदीवपच्चत्थिमद्धेणं मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरदाहिणेणं दोवासा प० बहुसमउल्ला जाव भरहे चेव एरवए चेव, जाव छव्विहं पि कालं पच्चणुभवमाणा विहरंति / णवरं कूडसामली चेव महाधायईरुक्खे चेव, देवा गरुले चेव वेणुदेवे पियदसणे चेव / धायईखंडेणं दीवे दोभरहाई दोएरवयाई दोहिमवयाई दो हेरण्णवयाई दोहरिवासाई दोरम्मगवासाई, दोपुव्वविदेहाई दोअवरविदेहाई दोदेवकुराओ दोदेवकुरुमहादुमा, दनेदेवकुरुमहादुमावासी देवा दोउत्तरकुराओ दोउत्तरकुरुमहादुमा दोउत्तरकुरुमहादुमावासी देवा / दोचुल्लहिमवंता दोमहाहिमवता दोणिसहा दोणीलवंता दोरुप्पी दोसिहरी / दोसहावाई दोसद्दावाईवासी साई देवा, दोवियडावाई दोवियडावाईवासी पभासा देवा दोगंधावाई दोगंधावाईवासी अरुणादेवा दोमालवंतपरियागा दोमालवंतपरियागावासी पउमादेवा / दोमालवंता दोचित्तकूडा दोपम्हकूडा दोणलिणकूडा दोएगसेला दोतिकूडा दोवेसमणकूडा दोअंजणा दोमातंजणा दोसोमणसा दोविज्जुप्पभा दोअंकावई दोपम्हावई दोआसीविसा दोसुहावहा दोचंदपव्वया दोसूरपव्वया दोणागपव्वया दोदेवपव्वया दोगंधमायणा दोउसुगारपव्यया दोचुल्ल हिमवंतकुडा दोवेसमणकूडा दोमहाहिमवंतकूडा दोवेरुलियकृडा दोणिसहकूडा दोरुयगकूडा दोणीलवंतकूडा दोउवदंसणकूडा दोरुप्पिकूडा दोमणिकंचणकूडा दोसिहरिकूडा दोतिगिच्छिकूडा दोपउमदहा, दोपउमद्दहवासिणीओ सिरीदेवीओ दोमहापउमदहा दोमहापउमदहवासिणीओ हिरीओ एवं जाव दोपुंडरीयद्दहा दोपुंडरीयद्दहवासिणीओ लच्छीओ देवीओ। दोगंगप्पवायदहा जाव दोरत्तवईप्पवायदहा दोरोहियाओ जाव दोरुप्पकूलाओ दोगाहावईओ दोदहवईओ दोपंकवईओ दोतत्तजलाओ दोमत्तजलाओ दोउम्मत्तजलाओ दोखीरोयाओ दोसीहसोयाओ दोअंतोवाहिणीओ दोउम्मिमालिणीओ दोफेणमालिणीओ दोगंभीरमालिणीओ / दोकच्छा दोसुकच्छा दोमहाकच्छा दोकच्छगावई दोआवत्ता दोमंगला. वत्ता दोपुक्खला दोपुक्खलावई, दोवच्छा दोसुवच्छा दोमहावच्छा दोवच्छगावई दोरम्मा दोरम्मगा दोरमणिज्जा दोमंगलावई, दोपम्हा दोसुपम्हा दोमहापम्हा दोपम्हगावई दोसंखा दोणलिणा दोकुमुया दोसलिलावई, दोणलिणावई दोवप्पा Page #226 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा.२ उ. 3 213 दोसुवप्पा दोमहावप्पा दोवप्पगावई दोवग्गू दोसुवग्गू दोगंधिला दोगंधिलावई / दोखेमाओ दोखेमपुरीओ दोरिट्ठाओ दोरिट्ठपुरीओ दोखग्गीओ दोमंजूसाओ दो ओसहीओ दोपुण्डरीगिणीओ दोसुसीमाओ दोकुंडलाओ दोअपराइआओ दोप्पभंकराओ दोअंकावईओ दोपम्हावईओ दोसुभाओ दोरयणसंचयाओ, दोआसपुराओ दोसीहपुराओ दोमहापुराओ दोविजयपुराओ दोअवराजियाओ दोअवराओ दोअसोयाओ दोविगयसोयाओ, दोविजयाओ दोवेजयंतीओ दोजयंतीओ दोअपराजियाओ दोचक्कपुराओ दोखग्गपुराओ दोअवज्झाओ दोअउज्झाओ / दोभद्दसालवणा दोणंदणवणा दोसोमणसवणा दोपंडगवणा दोपंडुकंबलसिलाओ दोअतिपंडुकंबलसिलाओ दोरत्तकंबलसिलाओ दोअइरत्तकंबलसिलाओ दोमंदरा दोमंदरचूलियाओ, धायइखंडस्सणं दीवस्स वेइया दोगाउयाइं उर्दू उच्चत्तणं पण्णत्ता, कालोदस्सणं समुद्दस्स वेइया दोगाउयाइं उढे उच्चत्तेणं पण्णत्ता / पुक्खरवरदीवद्धपुरथिमद्धेणं मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरदाहिणणं दोवासा प० बहुसमउल्ला जाव भर हे चेव एरवए चेव जाव दोकुराओ पण्णत्ताओ देवकुरा चेव उत्तरकुरा चेव / तत्थणं दोमहइमहालया महद्दुमा प० त० कूडसामली चेव, पउमरुक्खे चेव: देवा गरुले चेव वेणुदेवे पउमे चेव, जाव छव्विहंपि कालं पच्चणुब्भवमाणा विहरंति / पुक्खरवरदीवद्धपच्चत्थिमद्धेणं मंदरपव्वयस्स उत्तरदाहिणणं दोवासा प० तं. तहेव णाणत्तं कूडसामली चेव, महापउमरुक्खे चेव, देवा गरुले चेव, वेणुदेवे पुंडरीए चेव। पुक्खरवंरदीवद्धणं दीवे दोभरहाई दोएरवयाइं जाव दोमंदरा दोमंदरचूलाओ, पुक्खरवरस्स णं दीवस्स वेइया दोगाउयाइं उड़े उच्चत्तेणं प० सव्वेसि पि णं दीवसमुद्दाणं वेइयाओ दोगाउयाइं उर्दू उच्चत्तेणं पण्णत्ताओ / / 60 / / दोअसुरकुमारिंदा प० तं० चमरे चेव, बली चेव / दोणागकुमारिंदा प० तं० धरणे चेव, भूयाणंदे चेव / दोसुवण्णकुमारिंदा प० तं० वेणुदेवे चेव, वेणुदाली चेव / दोविज्जुकुमारिंदा प० तं० हरी चेव हरिस्सहें चेव / दोअग्गिकुमारिंदा प० तं० अग्गिसिहे चेव अग्गिमाणवे चेव / दोदीवकुमारिंदा प० तं० पुण्णे चेव, विसिढे चेव / दोउदहिकुमारिंदा प० त० जलकंते चेव जलप्पभे चेव। दोदिसाकुमारिंदा प० तं० अमियगई चेव, अमियवाहणे चेव। दोवाउकुमारिंदा प०० वेलंबे चेव पभंजणे चेव। दोथणियकुमारिंदा प० त० घोसे चेव महाघोसे चेव / दोपिसायइंदा प० तं० काले चेव महा Page #227 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 214 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि काले चेव / दोभूयइंदा प० तं० सुरूवे चेव पडिरूवे चेव। दोनक्खिदा प० त० पुण्णभहे चेव माणिभद्दे चेव / दोरक्खसिंदा प० त० भीमे चेव महाभीमे चेव / 'दोकिण्णरिंदा प० तं० किण्णरे चेव किंपुरिसे चेव / दोकिंपुरिसिंदा प० त० सप्पुरिसे चेव महापुरिसे चेव। दोमहोरगिंदा प० तं० अइकाए चेव महाकाए चेव / दोगंधविंदा प० त० गीयरई चेव गीयजसे चेव / दोअणपण्णिदा प० तं० संणिहिए चेव, सामण्णे चेव / दोपणपण्णिदा प० त० धाए चेव विहाए चेव ।दोइसिवाइंदा प० तं० इसि चेव इसिवालए चेव / दोभूयवाइंदा प० तं० इस्सरे चेव महिस्सरे चेव / दोकंदिंदा प० तं सुवच्छे चेव विसाले चेव / दोमहाकदिंदा प० तं० हस्से चेव हस्सरई चेव / दोकुभंडिंदा प० तं० सेए चेव महासेए चेव / दोपयइंदा प० त० पयए चेव पयगवई चेव / जोइसियाणं देवाणं दोइंदा प० तं० चंदे चेव सूरे चेव / सोहम्मीसाणेसु णं कप्पेसु दोइंदा प० तं० सक्के चेव ईसाणे चेव / एवं सणंकुमारमाहिं देसु कप्पेसु दोइंदा प० तं० सणंकुमारे चेव माहिं दे चेव / बंभलोयलंतएसु णं दोइंदा प० त० बंभे चेव लंतए चेव / महासुक्कसहस्सारेसु णं कप्पेसु दोइंदा पण्णत्ता तंजहा-महासुके चव सहस्सारे चेव / आणयपाणयारणच्चुएसु णं कप्पेसु दोइंदा प० तं० पाणए चेव, अच्चुए चेव // 61 / / महासुक्कसहस्सारेसु णं कप्पेसु विमाणा दुवण्णा प० तं० हालिद्दा चेव सुकिल्ला चेव, गेविनगाणं देवाणं दो रयणीओ उड़े उच्चत्तेणं पण्णत्ता // 62 // बीयं ठाणं चउत्थो उद्देसो समयाइ वा आवलियाइ वा, जीवाइ वा अजीवाइ वा पवुच्चइ / आणापाणूइ वा, थोवाइ वा जीवाइ वा अजीवाइ वा पवुच्चइ / खणाइ वा लवाइ वा जीवाइ वा अजीवाइ वा पषुच्चइ / एवं मुहुत्ताइ वा, अहोरत्ताइ वा, पक्खाइ वा, मासाइ वा, उऊइ वा, अयणाइ वा, संवच्छराइ वा, जुगाइ वा, वाससयाइ वा, वाससहस्साइ वा, वाससयसहस्साइ वा, वासकोडीइ वा, पुग्वंगाइ वा, पुन्वाइ वा, तुडियंगाइ वा तुडियाइ वा अडडंगाइ वा अडडाइ वा, अववंगाइ वा, अववाइ वा हूहूअंगाइ वा, हूहूयाइ वा, उप्पलंगाइ वा, उप्पलाइ वा, पउमंगाइ वा, पउमाइ वा, णलिणंगाइ वा, णलिणाइ वा, अच्छणिउरंगाइ वा, अच्छणिउराइ वां, अउअंगाइ वा अउआइ वा, णउअंगाइ वा, पउआइ वा, पउअंगाइ बा, पउयाइ वा, चूलिअंगाइ Page #228 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 2 उ. 4 215 वा चूलियाइ वा, सीसप्पहेलिअंगाइ वा, सीसप्पहेलियाइ वा, पलिओवमाइ वा, सागरोवमाइ वा उस्सप्पिणीइ वा, ओसप्पिणीइ वा, जीवाइ वा अजीवाइ वा पवुच्चइ / / 63 // गामाइ बा, गगराइ वा, णिगमाइ वा, रायहाणीइ वा, खेडाइ वी, कब्बडाइ वा, मडंबाइ वा, दोणमुहाइ वा, पट्टणाइ वा, आगराइ वा, आसमाइ वा, संवाहाइ वा, संणिवेसाइ वा, घोसाइ वा, आरामाइ वा, उज्जाणाइ वा, वणाइ वा, वणखंडाइ वा, वावीइ वा, पुक्खरणीइ वा, सराइ वा, सरपंतीइ वा, अगडाइ वा, तडागाइ वा, दहाइ वा, णदीइ वा, पुढवीइ वा, उदहीइ वा, वातखंधाइ वा, उवासंतराइ वा, वलयाइ वा, विग्गहाइ वा, दीवाइ वा, समुद्दाइ वा, वेलाइ वा, वेइयाइ वा, दाराइ वा, तोरणाइ वा, णेरइयाइ वा, णेरइयावासाइ वा, जाव वेमाणियावासाइ वा, कप्पाइ वा, कप्पविमाणवासाइ वा, वासाइ वा, वासहरपव्वयाइ वा, कडाइ वा, कूडागाराइ वा, विजयाइ वा, रायहाणीइ वा जीवाइ वा अजीवाइ वा पवुच्चइ / / 64 // छायाइ वा, आतवाइ वा, जोसिणाइ वा, अंधगाराइ वा, ओमाणाइ वा, पमाणाइ वा, उम्माणाइ वा, अइयाणगिहाइ वा, उज्जाणगिहाइ वा, अवलिम्बाइ वा, सणिप्पवायाइ वा जीवाइ वा अजीवाइ वा पवुच्चइ // 65 // दो रासी प० तं• जीवरासी चेव, अजीवरासी चेव / दुविहे बंधे प० तं० पेजबंधे चेव, दोसबंधे चेव / जीवाणं दोहिं ठाणेहिं पावकम्मं बंधंति . तं० रागेण चेव, दोसेण चेव / जीवाणं दोहिं ठाणेहिं पावकम्मं उदीरेंति तं० अब्भोवगमियाए चेव वेयणाए उवक्कमियाए चेव वेयणाए एवं / वेदेति एवं णिज्जरेंति अब्भोवगमियाए चेव वेयणाए उवक्कमियाए चेव वेयणाए / दोहिं ठाणेहिं आया सरीरं फुसित्ताणं णिजाइ तं० देसेणवि आया सरीरं फुसित्ताणं णिज्जाइ सव्वेणवि आया सरीरं फुसित्ताणं णिज्जाइ, एवं फुरित्ताणं एवं फुडित्ताणं एवं संवट्टित्ताणं णिव्वट्टित्ताणं / दोहिं ठाणेहिं आया केवलिपण्णत्तं धम्मं लभेज्जा सवणयाए तंजहा-खएण चेव उवसमेण चेव / एवं जाव मणपज्जवणाणं उप्पाडेज्जा तं० खएण चेव उवसमेण चेव // 66 // दुविहे अद्धोवमिए प० तं० पलिभोवमे चेव सागरोवमे चेव / से किं तं पलिओवमे 1 पलिओवमे-जं जोयणविच्छिण्णं पल्लं एगाहियप्परूढाणं होज्ज गिरंतरणिचियं भरियं वालग्गकोडीणं / 1 / वाससए वाससए एकेके, अवहडंमि जो कालो; सो कालो बोद्धब्बो, उवमा एगस्स पल्लस्स / 2 / एएसिं पल्लाणं कोडाकोडी Page #229 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 216 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि हवेज दसगुणिया; तं सागरोवमस्स उ एगस्स भवे परीमाणं // 3 // 67 // दुविहे कोहे प० तं० आयपइट्ठिए चेव, परपइट्ठिए चेव। एवं णेरइयाणं जाव वेमाणियाणं, एवं जाव मिच्छादसणसल्ले // 68 / / दुविहा संसारसमावण्णगा जीवा प० तं० तसा चेव, थावरा चेव / दुविहा सव्वजीवा प० तं० सिद्धा चेव असिद्धा चेव / दुविहा सव्वजीवा प० तं० सई दिया चेव, अणिंदिया चेव / एवं एसा गाहा फासेयव्वा जाव ससरीरी चेव असरीरी चेव / सिद्धसइं दियकाए, जोगे वेए कसायलेसा य, णाणुवओगाहारे भासगचरिमे य ससरीरी (1) // 69 // दोमरणाई समणेणं भगवया महावीरेणं समणाणं णिग्गंथाणं णो णिचं वणियाई कित्तियाई णो णिचं वुइयाई णो णिचं पसत्थाई णो णिचं अब्भणुण्णायाई भवंति तं० वलयमरणे चेव, वसट्टमरणे चेव, एवं णियाणमरणे चेव, तब्भवमरणे चेव, गिरिपडणे चेव, तरुपडणे चेव, जलप्पवेसे चेव, जलणप्पवेसे चेव, विसभक्खणे चेव, सत्थोवाडणे चेव / दोमरणाई जावणो णिचं अब्भणुण्णायाई भवंति,कारणेणं पुण अप्पडिकुट्ठाइं तंजहावेहाणसे चेव गिद्ध पिढे चेव // 70 // दोमरणाई समणेणं भगवया महावीरेणं समणाणं णिग्गंथाणं णिचं वणियाइं जाव अब्भगुण्णायाई भवंति तं० पाओवगमणे चेव भत्तपच्चक्खाणे चेव / पाओवगमणे दुविहे प० त० णीहारिमे चेव अणीहारिमे चेव, णियमं अप्पडिक्कमे / भत्तपच्चक्खाणे दुविहे प० तं० णीहारिमे चेव, अणीहारिमे चेव, णियमं सप्पडिक्कमे / / 71 / / के अयं लोए ? जीवचेव अजीवच्चेव, के अणंतालोए ? जीवच्चेव अजीवच्चेव / के सासया लोए ? जीवच्चेव अजीवच्चेव // 72 / / दुविहा बोही, णाणबोही चेव, दंसणबोही चेव / दुविहा बुद्धा णाणबुद्धा चेव दंसणबुद्धा चेव, एवं मोहे मूढा // 73 ॥णाणावरणिज्जे कम्मे दुविहे पण्णत्ते तं० देसणाणावरणिज्जे चेव, सव्वणाणावरणिज्जे चेव / दंसणावरणिज्जे कम्मे एवं चेव वेयणिज्जे कम्मे दुविहे प० तं० सायावेयणिज्जे चेव असायावेयणिज्जे चेव / मोहणिजे कम्मे दुविहे प० त० सणमोहणिजे चेव चरित्तमोहणिज्जे चेव / आउकम्मे दुविहे प० तं० अद्धाउए चेव, भवाउए चेव / णामकम्मे दुविहे प० तं• सुभणामे चेव असुभणामे चेव / गोत्तकम्मे दुविहे प० तं० उच्चागोए चेव णीयागोए चेव / अंतराइएकम्मे दुविहे प० तं० पहुप्पण्णविणासिए चेव पिहियआगामिपहं / / 74 // दुविहा मुच्छा प० तं० पेज्जवत्तिया चेव, दोसवत्तिया चैवं / पेज्जवत्तियामुच्छा Page #230 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 2 उ. 4 217 दुविहा प० त० माए चेव लोहे चेव / दोसवत्तियामुच्छा दुविहा प० त० कोहे चेव माणे चेव / / 75 // दुविहा आराहणा प० तं० धम्मियाराहणा चेव केवलिआराहणा चेव / धम्मियाराहणा दुविहा प० तं० सुयधम्माराहणा चेव चरित्तधम्माराहणा चेव / केवलिआराहणा दुविहा प० तं० अंतकिरिया चेव कप्पविमाणोववत्तिया चेव / / 76 // दोतित्थयरा णीलुप्पलसमावण्णेणं प० तं० मुणिसुव्वए चेव, अरिहणेमी चैव / दोतित्थयरा पियंगुसमावण्णेणं प० तं० मल्ली चेव पासे चेव / दोतित्थयरा पउमगोरा वण्णेणं, प० तं पउमप्प हे चेव वासुपुज्जे चेव / दोतित्थयरा चंदगोरा वण्णेणं प० तं चंदप्पभे चेव पुप्फदंते चेव // 77|| सच्चप्पवाय पुवस्सणं दुवे वत्थू पण्णत्ता। पुव्वभवयाणक्खत्ते दुतारे प० उत्तरभद्दवयाणक्खत्ते दुतारे प०-एवं पुन्वफग्गुणी, उत्तरफग्गुणी // 78 // अंतोणं मणुस्सखेत्तस्स दो समुद्दा, प० तं० लवणे चेव कालोदे चेव / दोचक्कवट्टी अपरिचत्तकामभोगा कालमासे कालं किच्चा अहे सत्तमाए पुढवीए अप्पइट्ठाणणरए णेरइयत्ताए उववण्णा तं० सुभूमे चेव बंभदत्ते चेव / / 79 // असुरिंदवज्जियाणं भवणवासीणं देवाणं देसूणाई दोपलिओवमाई ठिई प०, सोहम्मे कप्पे देवाणं उक्कोसेणं दोसागरोवमाई ठिई प०, ईसाणे कप्पे देवाणं उक्कोसेणं साइरेगाई दोसागरोवमाई ठिई प०, सणंकुमारे कप्पे देवाणं जहण्णेणं दोसागरोवमाई ठिई प०, माहिं दे कप्पे देवाणं जहण्णेणं साइरेगाई दोसागरोंवमाइं ठिई पण्णत्ता // 80 // दोसु कप्पेसु कप्पत्थियाओ पण्णत्ताओ तं० सोहम्मे चेव ईसाणे चेव / दोसु कप्पेसु देवा तेउलेस्सा प० तं० सोहम्मे चेव ईसाणे चेव / दोसु कप्पेसु देवा कायपरियारगा प० त० सोहम्मे चेव ईसाणे चेव / दोसु कप्पेसु देवा फासपरियारगा प० तं० सणंकुमारे चेव, माहिं दे चेव / दोसु कप्पेसु देवा रूवंपरियारगा प० तं० बंभलोए चेव, लंतए चेव / दोसु कप्पेसु देवा सहपरियारगा प० तं० महासुक्के चेव, सहस्सारे चेव / दोइंदा मणपरियारगा, प० तं० पाणए चेव, अच्चुए चेव॥ 81 // जीवाणं दुट्ठाणणिव्वत्तिए पोग्गले पावकम्मत्ताए चिणिंसु वा चिणंति वा चिणिस्संति वा तं जहा-तसकायणिव्वत्तिए चेव, थावरकायणिव्वत्तिए चेव। एवं उवचिणिंसु वा, उवचिणंति वा, उवचिणिस्संति वा, बंधिंसु वा, बंधंति वा, बंधिस्संति वा, उदीरिंसु वा, उदीरेंति वा, उदीरिस्संति वा, वेदिसु वा, वेदिति वा, वेदिसंति वा, णिज्जरिंसु वा, णिज्जरेंति Page #231 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 218 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि वा, णिजरिस्संति वा // 82 ।।दुप्पए सिया खंवा अणंता प० दुपएसोगाढा पोग्गला अणंता प० एवं जाव दुगुणलुक्खा पोग्गला अणंता पण्णत्ता / / 83 / ' तइयं ठाणं पढमो उद्देसो तओ इंदा प० त० णामिंदे-ठवणिंदे-दविंदे / तओ इंदा प० तं० णाणिंदेदंसणिंदे चरित्तिदे, तओ इंदा प० तं देविंदे असुरिंदे-मणुस्सिंदे // 1 // तिविहा विउव्वणा प० तं, बाहिरए पोग्गलए परियाइत्ता एगा विउव्वणा, बाहिरए पोग्गले अपरियाइत्ता एगाविउवणा, वाहिरए पोग्गले परियाइत्ता वि अपरियाइत्ता वि एगा विउवणा, तिविहा विउव्वणा प.. तं० अभंतरए पोग्गले परियाइत्ता एगा विउव्वणा अभंतरए पोग्गले अपरियाइत्ता एगाविउवणा अभंतरए पोग्गले परियाइत्तावि अपरियाइत्तावि एगा विउवणा। तिविहा विउव्वणा प० तं० बाहिरभंतरए पोग्गले परियाइत्ता एगा विउव्वणा बाहिरभंतरए पोग्गले अपरियाइत्ता एगा विउवणा बाहिरब्भंतरए पोग्गले परियाइत्तावि अपरियाइत्तावि एगा विउव्वणा // 2 // तिविहा णेरइया प० तं० कतिसंचिया, अकतिसंचिया अवत्तव्वगसंचिया एवमेगिंदियवज्जा जाव वेमाणिया // 3 // तिविहा परियारणा प० तं० एगे देवे अण्णे देवे अण्णेसिं देवाणं देवीओ य अभिमुंजिय 2 परियारेइ, अप्पणिजिआओ देवीओ अभिमुंजिय 2 परियारेइ अप्पाणमेव अप्पणा विउव्विय 2 परियारेइ, एगे देवे णो अण्णेदेवे णो अण्णेसिं देवाणं देवीओ अभिमुंजिय 2 परियारेइ अप्पणिज्जिआओ देवीओ अभिमुंजिय 2 परियारेइ अप्पाणमेव अप्पणा विउव्विय 2 परियारेइ। एगे देवे णो अण्णेदेवे णो अण्णेसिं देवाणं देवीओ अभिजंजिय 2 परियारेइ, णो अप्पणिज्जियाओ देवीओ अभिजंजिय 2 परियारेइ अप्पाणमेव अप्पाणं विउ. विय 2 परियारेइ / / 4 // तिविहे मेहुणे प० तं० दिव्वे माणुस्सए तिरिक्खजोणिए। तओ मेहुणं गच्छंति तं० देवा मणुस्सा तिरिक्खजोणिया। तओ मेहुणं सेवंति तं० इत्थी पुरिसा णपुंसगा // 5 // तिविहे जोगे प० तं० मणजोगे वयजोगे कायजोगे, एवं णेरइयाणं विगलिंदियवज्जाणं जाव वेमाणियाणं / तिविहे पओगे प० तं० मणपओगे, वयपओगे, कायपओगे; जहा जोगो विगलिंदियवज्जाणं जाव वेमाणियाणं, तहा पओगेवि / तिविहे करणे प० तं० मणकरणे, वयकरणे, कायकरणे, एवं णेरइयाणं विगलिंदियवजाणं जाव वेमाणियाणं / तिविहे करणे पण्णत्ते तं० आरंभ Page #232 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 3 उ.१ करणे, संरंभकरणे, समारंभकरणे, णिरंतरं जाव वेमाणियाणं // 6 // तिहिं ठाणेहि जीवा अप्पाउनत्ताए कम्मं पगरेंति तं० पाणे अइवाइत्ता भवइ, मुसंवइत्ता भवइ, तहारूवं समणं वा, माहणं वा, अफासुएणं अणेसणिज्जेणं असणपाणखाइमसाइमेणं पडिला भित्ता भवइ / इच्चेएहिं तिहिं ठाणेहिं जीवा अप्पाउयत्ताए कम्मं पगरेंति / तिहिं ठाणेहिं जीवा दीहाउयत्ताए कम्मं पगरेंति तंजहा-णो पाणे अइवाइत्ता भवइ, णो मुसं वइत्ता भवइ, तहारूवं समणं वा माहणं वा फासुएसणिज्जेणं असणपाणखाइमसाइमेणं पडिलाभेत्ता भवइ / इच्चेएहिं तिहिं ठाणेहिं जीवा दीहाउयत्ताए कम्मं पगरेंति // 7 // तिहिं ठाणेहिं जीवा असुभदीहाउयत्ताए कम्मंपगरेंति तं. पाणे अइवाइत्ता भवइ, मुसं वइत्ता भवइ, तहारूवं समणं वा माहणं वा हीलेत्ता णिंदेत्ता विंसेत्ता गरिहित्ता अवमाणित्ता अण्णयरेणं अमणुष्णेणं अपीइकारएणं असणपाणखाइमसाइमेणं पडिलाभेत्ता भवइ, इच्चेए हिं तिहिं ठाणेहिं जीवा असुभदीहाउयत्ताए कम्मं पगरेंति, तिहिं ठाणेहिं जीवा सुभदीहाउयत्ताए कम्मं पगरेंति, तंजहा–णो पाणे अइवाइत्ता भवइ, णो मुसं वइत्ता भवइ, तहारूवं समणं वा माहणं वा वंदित्ता णमंसित्ता सक्कारेत्ता सम्माणेत्ता कल्लाणं मंगलं देवयं चेइयं पज्जुवासेत्ता मणुण्णेणं पीइकारएणं असणपाणखाइमसाइमेणं पडिलाभेत्ता भवइ, इच्चेएहिं तिहिं ठाणेहिं जीवा सुहदीहाउयत्ताए कम्मं पगरेंति // 8 // तओ गुत्तीओ पण्णत्ताओ तं० मणगुत्ती, वयगुत्ती कायगुत्ती / संजयमणुस्साणं तओ गुत्तीओ प० तं० मण, वय, काय० / तओ अगुत्तीओ प० तं० मणअगुत्ती, वयअगुत्ती, कायअगुत्ती, एवं णेरइयाणं जाव० थणियकुमाराणं पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं असंजयमणुस्साणं वाणमंतराणं जोइसियाणं वेमाणियाणं / तओ दंडा प० त० मणदंडे, वयदंडे, कायदंडे णेरइयाणं तओ दंडा प० त० मणदंडे, जाव कायदंडे, विगलिंदियवजं जाव वेमाणि. याणं / / 9 // तिविहा गरहा प० तं० मणसावेगे गरहइ, वयसावेगे गरहइ, कायसावेगे गरहइ, पावाणं कम्माणं अकरणयाए / अहवा गरहा तिविहा प० तं० दीहवेगे अद्धं गरहइ, रहस्सं वेगे अद्धं गरहइ, कार्यवेगे पडिसाहरइ पावाणं कम्माणं अकरणयाए / तिविहे पच्चक्खाणे प० त० मणसावेगे पच्चक्खाइ, वयसावेगे पच्चक्खाइ, कायसावेगे .पञ्चक्खाइ, एवं जहा गरहा तहा पच्चक्खाणेवि दो आलावगा भाणियव्वा // 10 // तओ रुक्खा, प० तं० पत्तोवए, पुप्फोवए, फलोवए, एवामेव तओ पुरिसजाया Page #233 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 220 अंग-पविट सुत्ताणि प० तं० पत्तो वा रुक्खसमाणे, पुप्फो वा रुक्खसमाणे फलो वा रुखसमाणे / तओ पुरिसजाया प० तं० णामपुरिसे, ठवणापुरिसे दव्यपुरिसे / तओ पुरिसजाया प० तं० णाणपुरिसे, दंसणपुरिसे, चरित्तपुरिसे, तओ पुरिसजाया प० तं० वेदपुरिसे, चिंधपुरिसे, अभिलावपुरिसे / / 11 // तिविहा पुरिसा प० तं० उत्तमपुरिसा, मज्झिमपुरिसा जहण्णपुरिसा / उत्तमपुरिसा तिविहा प० तं० धम्मपुरिसा, भोगपुरिसा, कम्मपुरिसा / धम्मपुरिसा अरिहंता, भोगपुरिसा चक्कवट्टी, कम्मपुरिसा वासुदेवा / मज्झिमपुरिसा तिविहा-उग्गा भोगा राइण्णा / जहण्णपुरिसा तिविहा, प० तं० दासा, भयगा, भाइल्लगा / / 12 // तिविहा मच्छा प० तं• अंडया, पोयया, संमुच्छिमा। अंडया मच्छा तिविहा प० तं० इत्थी, पुरिसा, णपुंसगा। पोयया मच्छा तिविहा प० तं० इत्थी, पुरिसा, णपुंसगा / / 13 // तिविहा पक्खी प. तं० अंडया, पोयया, संमुच्छिमा। अंडया पक्खी तिविहा प. तं० इत्थी, पुरिसा, णपुंसगा। पोयया पक्खी तिविहा प० तं० इत्थी, पुरिसा, णपुंसगा, एवमेएणं अभिलावेणं उरपरिसप्पावि भाणियव्या, भुजपरिसप्पा वि भाणियव्वा, एवं चेव // 14 // तिविहाओ इत्थीओ पणत्ताओ तं तिरिक्खजोणित्थीओ, मणुस्सित्थीओ देवित्थीओ / तिरिक्खजोणित्थीओ तिविहाओ प० त० जलचरीओ, थलचरीओ, खहचरीओ / मणुस्सित्थीओ तिविहाओ पणत्ताओ, तं० कम्मभूमियाओ, अकम्मभूमियाओ, अंतरदीवियाओ।।१५।। तिविहा पुरिसा प० तं० तिरिक्खजोणियपुरिसा, मणुस्सपुरिसा, देवपुरिसा / तिरिक्खजोणियपुरिसा तिविहा प० तं० जलयरा, थलयरा, खहयरा / मणुस्सपुरिसा तिविहा प० तं० कम्मभूमिया, अकम्मभूमिया अंतरदीवया॥१६॥तिविहा णपुंसगा, प० तं० णेरइयणपुंसगा, तिरिक्खजोणियणपुंसगा मगुस्सणपुंसगा / तिरिक्खजोणियणपुंसगा तिविहा-जलयरा थलयरा खहयरा // 17 // मणुस्सणपुंसगा तिविहा प० तं० कम्मभूमिया अकम्मभूमिया अंतरदीवया / तिविहा तिरिक्खजोणिया, इत्थी पुरिसा णपुंसगा / / 18 / / णेरइयाणं तओ लेस्साओ प० तं० कण्हलेस्सा णीललेस्सा काउलेस्सा / असुरकुमाराणं तओ लेस्साओ संकिलिट्ठाओ प० त० कण्हलेस्सा णीललेस्सा काउलेस्सा एवं जाव थणियकुमाराणं / एवं पुढविकाइयाणं आउवणस्सइकाइयाणं वि तेउवाउबेइंदियतेइंदियचउरिंदियाणं वि तओ लेस्सा जहा णेरइयाणं, पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं तओ लेस्साओ संकिलिट्ठाओ प० Page #234 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 3 उ. 1 221 तं. कण्हणीलकाउलेस्सा, पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं तओ लेस्साओ असंकिलिट्ठाओ प० तं० तेउपम्हसुक्कलेस्सा, एवं मणुस्साणवि / वाणमंतराणं जहा असुरकुमाराणं, वेमाणियाणं तओ लेस्साओ प० तं० तेउपम्हसुक्कलेस्सा // 19 // तिहिं ठाणेहिं तारारूवे चलेज्जा तं० विउव्वमाणे वा परियारेमाणे वा, ठाणाओ वा ठाणं संकममाणे तारारूवे चलेज्जा / तिहिं ठाणेहिं देवे विज्जुयारं करेजा तं० विउव्वमाणे वा परियारेमाणे वा तहारूवस्स समणस्स वा माहणस्स वा इढिं जुइं जसं बलं वीरियं पुरिसक्कारपरक्कम उवदंसेमाणे देवे विज्जुयारं करेजा / तिहिं ठाणेहिं देवे थणियसइं करेज्जा तं, विउव्वमाणे वा एवं जहा विज्जुयारं तहेव थणियसबंपि // 20 // तिहिं ठाणेहिं लोगंधयारे सिया तंजहा-अरिहंतेहिं वोच्छिज्जमाणेहिं अरिहंतपण्णत्ते धम्मे वोच्छिज्जमाणे पुव्यगए वोच्छिन्नमाणे। तिहिं ठाणेहिं लोगुजोए सिया तं० अरिहंतेहिं जायमाणेहिं अरिहंतेहिं पव्वयमाणेहिं, अरिहंताणं णाणुप्पायमहिमासु / तिहिं ठाणेहिं देवंधयारे सिया तं० अरिहंतेहिं वोच्छिज्जमाणेहिं अरिहंतपण्णत्ते धम्मे वोच्छिन्नमाणे पुव्वगए वोच्छिन्नमाणे / तिहिं ठाणेहिं देवुज्जोए सिया तं० अरिहंतेहिं जायमाणेहि, अरिहंतेहिं पव्वयमाणेहि, अरिहंताणं णाणुप्पायमहिमासु / तिहिं ठाणेहिं देवसण्णिवाए सिया तं० अरिहंतेहिं जायमाणेहिं अरिहंतेहिं पव्वयमाणेहिं अरिहंताणं णाणुप्पायमहिमासु / एवं देवुक्कलिया, देवकहकहए। तिहिं ठाणेहिं देविंदा माणुसं लोग हव्यमागच्छति तं० अरिहंतेहिं जायमाणेहिं अरिहंतेहिं पव्वयमाणेहिं अरिहंताणं णाणुप्पायमहिमासु, एवं सामाणिया, तायत्तीसगा लोगपाला देवा अग्गमहिसीओ देवीओ परिसोववण्णगा देवा, अणियाहिवई देवा, आयरक्खा देवा माणुसं लोग हव्वमागच्छंति / तिहिं ठाणेहिं देवा अब्भुटेज्जा तं० अरिहंतेहिं जायमाणेहिं जाव तं चेव, एवमासणाई चलेजा, सीहणायं करेजा, चेलुक्खेवं करेज्जा / तिहिं ठाणेहिं देवाणं चेइय रुक्खा चलेजा तं० अरिहंतेहिं जायमाणेहिं, जाव तं चेव / तिहिं ठाणेहिं लोगंतिया देवा माणुसं लोग हव्वमागच्छेज्जा तं० अरिहंतेहिं जायमाणेहिं, अरिहंतेहिं पव्वयमाणेहिं, अरिहंताणं णाणुप्पायमहिमासु // 21 // तिण्हं दुप्पडियारं समणाउसो ! तंजहा-अम्मापिउणो भट्टिस्स धम्मायरियस्स, संपाओवि य णं केइ पुरिसे अम्मापियरं सयपागसहस्सपागेहिं तिल्लेहिं अब्भंगेत्ता, सुरभिणा गंधट्टएणं उध्वट्टित्ता, तिहिं उदगेहिं मज्जावेत्ता, सव्वालंकारविभूसिय करेत्ता, मणुण्णं थालीपा Page #235 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 222 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि गसुद्धं अट्ठारसवंजणाउलं भोयणं भोयावेत्ता जावजीवं पिढ़िवडिंसियाए परिवहेजा, तेणावि तस्स अम्मापिउस्स दुप्पडियारं भवइ / अहेणं से तं अम्मापियरं केवलिपण्णत्ते धम्मे आघवइत्ता पण्णवइत्ता परूवइत्ता ठावइत्ता भवइ, तेणामेव तस्स अम्मापिउस्स सुप्पडियारं भवइ समणाउसो ! केइ महचे दरिदं समुक्कसेज्जा तएणं से दरिदे समुकिठे समाणे पच्छा पुरं च णं विउलभोगसमिइसमण्णागए या वि विहरेज्जा, तएणं से महच्चे अण्णया कयाइं दरिही हूए समाणे तस्स दरिहस्स अंतिए हव्वमागच्छेज्जा, तएणं से दरिहे तस्स भट्टिस्स सव्वस्समवि दलयमाणे तेणावि तस्स दुप्पडियारं भवइ, अहेणं से तं भटिं केवलिपण्णत्ते धम्मे आघवइत्ता पण्णवइत्ता परूवइत्ता ठावइत्ता भवइ, तेणामेव तस्स भट्टिस्स सुप्पडियारं भवइ / केइ तहारूवस्स समणस्स वा माहणस्स वा अंतियमेगमवि आरियं जिणभासियं धम्मं सुवयणं सोचा णिसम्म कालमासे कालं किचा अण्णयरेसु देवलोएसु देवत्ताए उववण्णे, तएणं से देवे तं धम्मायरियं दुभिक्खाओ वा देसाओ सुभिक्ख देसं साहरेज्जा, कंताराओ वा णिकंतारं करेजा, दीहकालिएणं वा रोगायंकेणं अभिभूयं समाणं विमोइजा, तेणावि तस्स धम्मायरियस्स दुप्पडियारं भवइ, अहेणं से तं धम्मायरियं केवलिपण्णत्ताओ धम्माओ भट्टं समाणं भुजोवि केवलिपण्णत्ते धम्मे आघवइत्ता जाव ठावइत्ता भवइ तेणामेव तस्स धम्मायरियस्स सुप्पडियारं भवइ / / 22 / / तिहिं ठाणेहिं संपण्णे अणगारे अणाइयं अणवदम्गं दीहमद्धं चाउरंतसंसारकंतारं वीइवए ज्जा, तंजहाअणियाणयाए, दिद्विसंपण्णयाए, जोगवाहियाए // 23 // तिविहा ओसप्पिणी प० तं० उक्कोसा मज्झिमा जहण्णा, एवं छप्पिसमाओ भाणियव्वाओ जाव दुसमदुसमा, तिविहा उस्सप्पिणी प० तं० उक्कोसा मज्झिमा जहण्णा एवं छप्पिसमाओ भाणियव्वाओ, जाव सुसमसुसमा // 24 / / तिहिं ठाणेहिं अच्छिण्णे पोग्गले चलेज्जा तं० आहारिजमाणे वा पोग्गले चलेजा, विउव्वमाणे वा पोग्गले चलेजा, ठाणाओ ठाणं संकामेज्जमाणे वा पोग्गले चलेजा / / 25 / / तिविहा उवही प० तं० कम्मोवही सरीरोवही बाहिरभंडमत्तोवही, एवं असुरकुमाराणं भाणियव्वं, एवं एगिदियणेरइयवजं जाव वेमाणियाणं। अहवा तिविहा उवही पं० तं. सचित्ता अचित्तामी सिया। एवं णेरइयाणं णिरंतरं जाव वेमाणियाणं, तिविहे परिग्गहे प० तं० कम्मपरिग्गहे सरीरपरिग्गहे बाहिरभंडमत्तपरिग्गहे, एवं असुरकुमाराणं, एवं एगिदियणेरइयवज्ज Page #236 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 3 उ. 1 223 जाव वेमाणियाणं, अहवा तिविहे परिग्गहे प० तं० सचित्ते अचित्ते मीसए एवं णेरइयाणं णिरंतरं जाव वेमाणियाणं / / 26 // तिविहे पणिहाणे प० तं० मणपणिहाणे वयपणिहाणे कायपणिहाणे एवं पंचिंदियाणं जाव वेमाणियाणं / तिविहे सुप्पणिहाणे प० तं० मणसुप्पणिहाणे वयसुप्पणिहाणे कायसुप्पणिहाणे, संजयमणुस्साणं तिविहे सुप्पणिहाणे प० तं० मणसुप्पणिहाणे वयसुप्पणिहाणे कायसुप्पणिहाणे, तिविहे दुप्पणिहाणे प० तं० मणदुप्पणिहाणे वयदुप्पणिहाणे कायदुप्पणिहाणे, एवं पंचिंदियाणं जाव वेमाणियाणं // 27 // तिविहा जोणी पण्णत्ता तं जहा-सीया उसिणा सीओसिणा / एवमेगिंदियाणं विगलिंदियाणं तेउकाइयवज्जाणं समुच्छिमपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं संमुच्छिममणुस्साण य / तिविहा जोणी प० त० सचित्ता अचित्ता मीसिया एवमेगिंदियाणं विगलिंदियाणं समुच्छिमपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं संमुच्छिममणुस्साण य / तिविहा जोणी प० तं० संवुडा, वियडा, संवुडवियडा / तिविहा जोणी प० तं० कुम्मुण्णया संखावत्ता वंसीपत्तिया, कुम्मुण्णयाणं जोणी उत्तमपुरिसमाऊणं, कुम्मुण्णयाएणं जोणीए तिविहा उत्तमपुरिसा गम्भं वक्कमति तं. अरिहंता चक्कवट्टी बलदेववासुदेवा। संखावत्ताणं जोणी इत्थीरयणस्स संखावत्ताएणं जोणीए बहवे जीवा य पोग्गला य वक्कमंति विउक्कमंति चयंति उववनंति, णो चेव णं णिप्पजति / वंसीपत्तियाणं जोणी पिहजणस्स वंसीपत्तियाएणं जोणीए बहवे पिहज्जणे गभं वकमंति / / 28 // तिविहा नणवणस्सइकाइया प. तं० संखेजजीविया असंखेज. जीविया अणंतजीविया // 29 // जंबुद्दीवे दीवे भर हेवासे तओ तित्था प० तं० मागहे वरदामे पभासे, एवं एरवए वि / जंबुद्दीवे दीवे महाविदेहवासे एगमेगे चक्कवट्टिविजए तओ तित्था प० तं० मागहे वरदामे पभासे, एवं धायइखंडे दीवे पुरथिमद्धेवि पञ्चत्थिमद्धेवि पुक्खरवदीवड्डपुरथिमद्धेवि पञ्चत्थिमद्धेवि // 30 // जंबुद्दीवें दीवे भर हेरवएसु वासेसु तीयाए उस्सप्पिणीए सुसमाए समाए तिण्णिसागरोवमकोडाकोडीओ कालो होत्था / एवं ओसप्पिणीए णवरं प० आगमेस्साए उस्सप्पिणीए भविस्सइ / एवं धायइखंडे पुरत्थिमद्धेवि पचत्थिमद्धेवि / एवं पुक्खरवरदीवड्डपुरत्थिमद्धे पञ्चत्थिमद्धेवि कालो भाणियव्वो // 31 // जंबुद्दीवे दीवे भरहेरवएसु वासेसु तीयाए उस्सप्पिणीए सुसमसुसमाए समाए मणुया तिण्णि गाउआई उड्ढे उच्चत्तेणं तिण्णिपलिओवमाइं परमाउं पालइत्था। एवं इमीसे ओसप्पिणीए Page #237 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 224 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि आगमेस्साए उस्सप्पिणीए / जंबुद्दीवे दीवे देवकुरुउत्तरकुरासु मणुया तिण्णि गाउआई उड्डे उच्चत्तणं प० तिणिपलिओवमाई परमाउं पालयति / एवं जाव पुक्खरवरदीवड्डपञ्चत्थिमद्धे // 32 // जंबुद्दीवे दीवे भर हेरवएसु वासेसु एगमेगाए ओसप्पिणीउस्सप्पिणीए तओ वंसा उप्पज्जिंसु वा उप्पजति वा उप्पजिस्संति वा तं० अरिहंतवंसे चक्कवट्टिवंसे दसारवंसे / एवं जाव पुक्खरवरदीवड्डपञ्चत्थिमद्धे / जंबुहीवे दीवे भर हेरवएसु वासेसु एगमेगाए ओसप्पिणीउस्सप्पिणीए तओ उत्तमपुरिसा उप्पजिंसु वा उप्पजति वा उप्पजिस्संति वा तं० अरिहंता वा चकवट्टी वा बलदेववासुदेवा, एवं जाव पुक्खरवरदीवड्पचत्थिमद्धे / तओ अहाउयं पालेंति तं० अरिहंता चकवट्टी बलदेववासुदेवा / तओ मज्झिममाउयं पालयंति तं० अरिहंता चकवट्टी बलदेववासुदेवा // 33 / / बायरतेऊकाइयाणं उक्कोसेणं तिण्णि राइं दियाई ठिई प० / बायरवाउकाइयाणं उक्कोसेणं तिण्णिवाससहस्साइं ठिई पण्णत्ता ।।३४||अह भंते। सालीणं वीहीणं गोधूमाणं जवाणं जवजवाणं एएसिणं धण्णाणं कोट्ठाउत्ताणं पल्लाउत्ताणं मंचाउत्ताणं मालाउत्ताणं ओलित्ताणं लित्ताणं लंछियाणं मुद्दियाणं पिहियाणं केवइयं कालं जोणी संचिट्ठइ ? गोयमा !, जहण्णेणं अंतोमुहत्तं उक्कोसेणं तिण्णिसंवच्छराई तेण परं जोणी पमिलायइ पविद्धंसइ विद्धंसइ तेण परं बीए अबीए भवइ तेण परं जोणी वोच्छेए प०॥३५॥ दोचाए णं सक्करप्पभाए पुढवीए णेरइयाणं उक्कोसेणं तिण्णिसागरोवमाई ठिई प० / तच्चाएणं वालुयप्पभाए पुढवीए जहण्णेणं णेरइयाणं तिण्णिसागरोवमाई ठिई प० / पंचमाए णं धूमप्पभाए पुढवीए तिण्णिणिरयावाससयसहस्सा प० / तिसु णं पुढवीसु णेरइया उसिणं वेयणं पच्चणुभवमाणा विहरंतितं पढमाए दोचाए तच्चाए॥३६॥तओलोगे समा सपक्खि सपडिदिसिं प० तं. अप्पइट्ठाणे णरए जंबुद्दीवे दीवे सव्वट्ठसिद्धे महाविमाणे। तओ लोगे समा सपक्खि सपडिदिसिं प० तं० सीमंतएणं णरए समयक्खेत्ते ईसिपब्भरापुढवी // 37 // तओ समुद्दा पगईए उदगरसेणं 50 तं० कालोदे, पुक्खरोदे, सयंभुरमणे, तओ समुद्दा बहुमच्छकच्छभाइण्णा प० त० लवणे कालोदे सयंभुरमणे।।३८॥तओ लोए णिस्सीला णिव्वया णिग्गुणा णिम्मेरा णिपञ्चक्खाणपोसहोववासा कालमासे कालं किचा अहे सत्तमाए पुढवीए अप्पइट्ठाणे णरए णेरइयत्ताए उववजलि तं० रायाणो मंडलिया जे य महारंभा कोडंबी / तओ लोए सुसीला सुब्वया सगुणा सम्मेरा सपञ्चक्खाण Page #238 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा.३ उ. 2 225 पोसहोववासा कालमासे कालं किच्चा सव्वट्ठसिद्धे महाविमाणे देवत्ताए उववत्तारो भवंति तं० रायाणी परिचत्तकामभोगा सेणावई पसत्थारो // 39 // बंभलोगलंतएसु णं कप्पेसु विमाणा तिवण्णा पण्णत्तातं० किण्हा णीला लोहिया। आणयपाणयारणच्चुएसु णं कप्पेसु देवाणं भवधारणिज्जसरीरगा उक्कोसेणं तिण्णि रयणीओ उई उच्चत्तेणं प० / / 40 // तओ पण्णत्तीओ कालेणं अहिजति त० चंदपण्णत्ती सूरपण्णत्ती दीवसागरपण्णत्ती // 41 // तइयं ठाणं बीओ उद्देसो तिविहे लोगे पण्णत्ते तं० णामलोगे ठवणलोगे दवलोगे। तिविहे लोगे प० तं० णाणलोगे दंसणलोगे चरित्तलोगे / तिविहे लोगे प० तं० उड्डलोगे अहोलोगे तिरियलोगे // 42 // चमरस्सणं असुरिंदस्स असुरकुमाररण्णो तओ परिसाओ पण्णत्ताओ तं० समिया चंडा जाया, अभितरिया समिया मज्झमिया चंडा बाहिरया जाया। चमरस्स णं असुरिंदस्स असुरकुमाररण्णो सामाणियाणं देवाणं तओ परिसाओ पण्णत्ताओ तं० समिया जहेव चमरस्स, एवं तायत्तीसगाणवि, लोगपालाणं तुंबा तुडिया पव्वा एवं अग्गमहिसीण वि / बलिस्स वि एवं चेव जाव अग्गमहिसीणं / धरणस्स य सामाणियतायत्तीसगाणं च समिया चंडा जाया, लोगपालाणं अग्गमहिसीणं ईसा तुडिया दढरहा, जहा धरणस्स तहा सेसाणं भवणवासीणं, कालस्सणं पिसाइंदस्स पिसायरण्णो तओ परिसाओ पण्णत्ताओ, त० ईसा तुडिया दढरहा, एवं सामाणियअग्गमहिसौणं वि एवं जाव गीयरइ गीयजसाणं चंदस्स णं जोइसिंदस्स जोइसरण्णो तओ परिसाओ, तुंबा तुड़िया पव्वा, एवं सामाणियअग्गमहिसीणं, एवं सूरस्स वि, सक्कस्स णं देविंदस्स देवरण्णो तओ परिसाओ पण्णत्ताओतं. समिया चंडा जाया, एवं जहा चमरस्स जाव अग्गमहिसीणं, एवं जाव अच्चुयस्स लोगपालाणं // 45 // तओ जामा प० तं० पढमे जामे मज्झिमे जामे पच्छिमे जामे, तिहिं जामे हिं आया केवलिपण्णत्तं धम्मं लभेज्ज सवणयाए तं० पढमे जामे मज्झिमे जामे पच्छिमे जामे, एवं जाव केवलणाणं उप्पाडेज्जा त० पढमे जामे मज्झिमे जामे पच्छिमे जामे / तओ वया प० तं० पढमे वए मज्झिमे वए पच्छिमे वए / तिहिं वएहिं आया केवलिपण्णत्तं धम्मं लभेज्ज सवणयाए तं० पढमे वए मज्झिमे वए पच्छिमे वए, एसो चेव गमो णेयव्वो, जाव केवलणाणंति // 44 // तिविहा. बोही Page #239 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 226 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि प० तं० णाणत्रोही दंसणवोही चरित्तबोही / तिविहा बुद्धा प० तं० णाणबुद्धा दंसणबुद्धा चरित्तबुद्धा, एवं मोहे मूढा // 45 / / तिविहा पयज्जा प० त० इह. लोगपडिबद्धा, परलोगपडिबद्धा, दुहओ पडिबद्धा / तिविहा पव्वज्जा प० तं० पुरओपडिबद्धा, मग्गओपडिबद्धा, उभओपडिबद्धा / तिविहा पव्वज्जा प० तं० तुयावइत्ता पुयावइत्ता, बुयावइत्ता / तिविहा पव्वज्जा पण्णत्ता तं० उवायपव्वज्जा अक्खायपव्वज्जा संगारपव्वज्जा // 46 // तओ णियंठा णोसण्णोवउत्ता प० तं० पुलाए णियंठे सिणाए। तओ गियंठा सण्णणोसण्णोवउत्ता प० त० बउसे पडिसेवणाकुसीले कसायकुसीले // 47 // तओ सेहभूमीओ पं० त० उक्कोसा मज्झिमा जहण्णा, उक्कोसा छम्मासा, मज्झिमा चउमासा, जहण्णा सत्तराईदिया // 48 // तओ थेरभूमीओ पण्णत्ताओ तं० जाइथेरे सुयथेरे परियायथेरे / सद्विवासजाए समणे णिग्गंथे जाइथेरे, ठाणसमवायधरे णं समणे णिग्गंथे सुयथेरे, वीसवासपरियाए णं समणे णिग्गंथे परियायथेरे // 41 // तओ पुरिसजाया प० सुमणे दुम्मणे णोसुमणेणोदुम्मणे / तओ पुरिसजाया प० 20 गताणामेगे सुमणे भवइ गंताणामेगे दुम्मणे भवइ गंताणामेगे जोसुमणेणोदुम्मणे भवइ / तओ पुरिसजाया प० तं० जामि एगे सुमणे भवइ, जामि एगे दुम्मणे भवइ, जामि एगे णोसुमणेणोदुम्मणे भवइ, एवं जाइस्सामि एगे सुमणे भवइ (3) तओ पुरिसजाया पण्णत्ता तं० अगंताणामेगे सुमणे भवइ (3) तओ पुरिसजाया प० तं० ण जामि एगे सुमणे भवइ (3) तओ पुरिसजाया प० तं० ण जाइस्सामि एगे सुमणे भवइ (3) एवं आगंताणामेगे सुमणे भवइ (३)ए मि एगे सुमणे भवइ, एस्सामि एगे सुमणे भवइ(३) एवं एएणं अभिलावेणं, गंता य अगंता य आगंता खलु तहा अणागंता / चिट्ठित्तमचिद्वित्ता, णिसिइत्ता चेवणो चेव॥१॥हंता य अहंताय छिंदित्ता खलु तहा अछिंदित्ता बूइत्ता अबूइत्ता, भासित्ता चेव णो चेव // 2 // दच्चा य अदच्चा य, भुंजित्ता खलु तहा अभुंजित्ता, लंभित्ता अलंभित्ता, पिइत्ता चेव णो चेव / / 3 / / सुइत्ता असुइत्ता, जुज्झित्ता खलु तहा अजुज्झित्ता; जइत्ता अजइत्ता य, पराजिणित्ता चेव णो चेव / / 4 // सदा रूवा गंधा, रसा य फासा तहेव ठाणा य; णिस्सीलस्स गरहिया, पसत्था पुण सीलवंतस्स / / 5 / / एवमेकेके तिण्णितिण्णिउ आलावणा भाणियव्वा / सह सुणेत्ताणामेगे सुमणे भवइ (3) एवं सुणेमित्ति (3) सुणेस्सामित्ति 3 एवं असुणे Page #240 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 3 उ. 2 227 त्ताणामेगे सुमणे भवइ (3) ण सुणेमि त्ति 3 ण सुणेस्सामित्ति 3 एवं रूवाई गंधाई रसाइं फासाइं इक्केके छ-छ आलावगा भाणियव्वा, एवं 127 आलावगा भवंति // 50 // तओ ठाणा णिस्सीलस्स णिव्वयस्स णिग्गुणस्स णिम्मेरस्स णिप्पचक्खाणपोसहोववासस्स गरहिया भवंति तं० अस्सि लोगे गरहिए भवइ उववाए गरहिए भवइ आयाई गरहिया भवइ / तओ ठाणा सुसीलस्स सुव्वयस्स सगुणस्स समेरस्स सपच्चक्खाणपोसहोववासस्स पसत्था भवंति तं० अस्सि लोगे पसत्थे भवइ उववाए पसत्थे भवइ आयाई पसत्था भवइ // 51 // ति विहा संसारसमावण्णगा जीवा प० तं० इत्थी पुरिसा णपुंसगा / तिविहा सव्वजीवा प० तं० सम्मदिट्ठी मिच्छदिट्ठी सम्ममिच्छदिट्ठी य / अहवा तिविहा सव्वजीवा प० तं० पज्जतगा अपज्जत्तगा णोपज्जत्तगाणोअपज्जत्तगा / एवं सम्महिद्विपरित्तापज्जत्तगसुहुमसण्णिभविया य / / 52 / / ति विहा लोगढिई प० तं० आगासपइढिए वाए वायपइढ़िए उदही उदहीपइट्ठिया पुढवी / तओ दिसाओ प० तं० उड्डा अहा तिरिया / तिहिं दिसाहिं जीवाणं गई पवत्तई तं० उड्ढाए अहाए तिरियाए, एवं आगई वकंती आहारे वुड्डी णिबुड्ढी गइपरियाए समुग्घाए कालसंजोगे दंसणाभिगमे णाणाभिगमे जीवाभिगमे / तिहिं दिसाहिं जीवाणं अजीवाभिगमे प० तं० उड्ढाए अहाए तिरियाए, एवं पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं / एवं मणुस्साणवि ।।५३॥ति विहा तसा प० तं० तेउकाइया, वाउकाइया, उराला तसा पाणा। तिविहा थावरा प० तं० पुढविकाइया आउकाइया वणस्सइकाइया // 54 // तओ अच्छेज्जा प० त० समए पएसे परमाणू ; एवमभेज्जा अडज्झा अगिज्झा अणड्डा अमज्झा अपएसा / तओ अविभाइमा प० त० समए पएसे परमाणू // 58 // अज्जोत्ति ! समणे भगवं महावीरे गोयमाई समणे णिग्गंथे आमंतित्ता एवं वयासी-किं भया पाणा समणाउसो ? गोयमाई समणा णिग्गंथा समणं भगवं महावीरं उवसंकमंति, उवसंकमित्ता वदंति णमंसंति वंदित्ता णमंसित्ता एवं वयासी णो खलु वयं देवाणुप्पिया ! एयमढे जाणामो वा पासामो वा तं जइणं देवाणुप्पिया ! एयमढे णो गिलायंति परिकहेत्तए तमिच्छामो णं देवाणुप्पियाणं अंतिए एयमहँ जाणित्तए / अज्जोत्ति ! समणे भगवं महावीरे .गोयमाई समणे णिग्गंथे आमंतित्ता एवं वयासी, दुक्ख भया पाणा समणाउसो / से णं भंते ! दुक्खे केण कडे ? जीवेण कडे पमाएणं, से णं भंते ! दुक्खे कहं वेइज्जति ? Page #241 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 228 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि अप्पमाएणं ॥५६॥अण्णउत्थिया णं भंते ! एवमाइक्खंति, एवं भासेंति एवं पणवेंति एवं परूवेंति कहाणं समणाणं णिग्गंथाणं किरिया कन्जइ ? तत्थ जासा कडा कमइ णो तं पुच्छंति, तत्थ जासा कडा णो कन्जइ णो तं पुच्छंति, तत्थ जासा अकडा णो कज्जइ णो तं पुच्छंति, तत्थ जासा अकडा कज्जइ णोतं पुच्छंति, से एवं वत्तव्वं सिया ? अकिचं दुक्खं अफुसं दुक्खं अकज्जमाणकडं दुक्खं अकटु अक? पाणा भूया जीवा सत्ता वेयणं वेयंति त्ति वत्तव्वं, जे ते एवमाहंसु मिच्छा, ते एवमाहंम् / अहं पुण एवमाइक्खामि एवं भासामि, एवं पण्णवेमि, एवं परूवेमि, किच्चं दुक्खं फुसं दुक्खं कन्जमाणं कडं दुक्खं कटु 2 पाणा भूया जीवा सत्ता वेयणं वेयंति त्ति वत्तव्वं सिया // 57 // तइयं ठाणं तइओ उद्देसो तिहिं ठाणेहिं मायी माय कटु णो आलोए जा णो पडिक्कमेजा णो जिंदिज्जा णो गरहेज्जा णो विउद्देज्जा णो विसोहेजा णो अकरणयाए अब्भुटेजा णो अहारिहं पायच्छित्तं तवोकम्म पडिवजिज्जा तं० अकरिंसु वाहं करेमि वाहं करिस्सामि वाहं / / 58 // तिहिं ठाणेहिं मायी मायं कटु णो आलोएज्जा णो पडिक्कमेजा जाव णो पडिवज्जेज्जा तं. अकित्ती वा मे सिया अवण्णे वा मे सिया अविणए वा मे सिया / तिहिं ठाणेहिं मायी मायं कटु णो आलोए जा जाव णो पडिवजेजा तं० कित्ती वा मे परिहाइस्सइ जसो वा मे परिहाइस्सइ पूयासक्कारे वा मे परिहाइस्सइ / तिहिं ठाणेहिं मायी मायं कटु आलोएज्जा पडिक्कमज्जा शिंदेजा जाव पडिवजेज्जा तंजहा माइस्स णं अस्सि लोए गरहिए भवइ उववाए गरहिए भवइ आयाई गरहिया भवइ / तिहिं ठाणेहि मायी मायं कटु आलोए जा जाव पडिवज्जेज्जा तं० अमाइस्स णं अस्सिं लोए पसत्थे भवइ, उववाए पसत्थे भवइ आयाई पसत्था भवइ / तिहिं ठाणेहिं मायी मायं कटु आलोए जा जाव पडिवज्जेज्जा तं० णाणट्ठयाए दंसणट्ठयाए चरित्तट्ठयाए / / 59 // तओ पुरिसजाया प० तं० सुत्तधरे अत्थधरे तदुभयधरे // 60 / / कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा तओ वत्थाई धारित्तए वा परिहरित्तए वा तं० जंगिए भंगिए खोमिए / कप्पइ णिग्गंथाणं वा णिग्गंथीणं वा तओ पायाइं धारित्तए वा परिहरित्तए वा तं० लाउयपार वा दारुपाए वा मट्टियापाए वा / तिहिं ठाणेहिं वत्थं धरेजा तं० हिरिवत्तियं दुगुंछावत्तियं परीसहवत्तियं // 61 / / तओ आयरक्खा पतं० धम्मियाए Page #242 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 3 उ. 3 229 पडिचोयणाए पडिचोएत्ता भवइ तुसिणीए वा सिया उद्वित्ता वा आयाए एगंतमंतमवक्कमेजा // 62 // णिग्गंथस्स णं गिलायमाणस्स कप्पंति तओ वियडदत्तीओ पडिगाहित्तए तं० उक्कोसा मज्झिमा जहण्णा // 63 // तिहिं ठाणेहि समणे णिग्गंथे साहम्मियं संभोइयं विसंभोइयं करेमाणे णाइक्कमइ, तं० सयं वा दटुं सड्डस्स वा णिसम्म तचं मोसं आउट्टइ चउत्थं णो आउट्टइ / / 64 / / तिविहा अणुण्णा प० तं० आयरियत्ताए उवज्झायत्ताए गणित्ताए। तिविहा समणुण्णा प० तं० आयरियत्ताए उवज्झायत्ताए गणित्ताए,एवं उवसंपया एवं विजहण्णा॥६५॥तिविहे वयणे प० तं० तव्वयणे तदण्णवयणे णो अवयणे / तिविहे अवयणे प० तं० णो तव्वयणे णो तदण्णवयणे अवयणे / तिविहे मणे प० तं. तम्मणे तयण्णमणे णो अमणे / तिविहे अमणे जो तंमणे णो तयण्णमणे अमणे // 66 // तिहिं ठाणेहिं अप्पवुट्टिकाए सिया तं० तस्सि च णं देसंसि वा पएससि वा णो बहवे उदगजोणिया जीवा य पोग्गला य उदगत्ताए वक्कमति विउक्कमति चयंति उववजंति, देवाणागा जक्खा भूया णो सम्ममाराहिता भवंति तत्थ समुट्ठियं उदगपोग्गलं परिणयं वासिउकामं अण्णं देसं साहरंति अब्भवद्दलगं च णं समुट्ठियं परिणयं वासिउकामं वाउकाए विहुणेइ, इच्चेएहिं तिहिं ठाणेहिं अप्पबुटिकाए सिया / तिहिं ठाणेहिं महावुट्टिकाए सिया तं० तंसि च णं देसंसि वा पएसंसि वा बहवे उदगजोणिया जीवा य पोग्गला य उदगत्ताए वक्कमंति विउक्कमंति, चयंति उववजंति, देवा णागा जक्खा भूया सम्ममाराहिता भवंति अण्णत्थ समुट्ठियं उदगपोग्गलं परिणयं वासिउकामं तं देसं साहरंति अब्भवलगं च णं समुट्ठियं परिणयं वासिउकामं णो वाउकाओ विहुणेइ, इच्चेए हिं तिहिं ठाणेहिं महावुढिकाए सिया // 67 // तिहिं ठाणेहिं अहुणोववण्णे देवे देवलोएसु इच्छेज्जा माणुसं लोगं हव्वमागच्छित्तए, णो चेव णं संचाएइ हव्वमागच्छित्तए तं० अहुणोववण्णे देवे देवलोएसु दिव्वेसु कामभोगेसु मुच्छिए गिद्धे गढिए अज्झोववण्णे से णं माणुस्सए कामभोगे णो आढाइ णो परियाणाइ णो अटुं बंधइ णो णियाणं पगरेइ, णो ठिइप्पकप्पं पगरेइ, अहुणोववण्णे देवे देवलोएसु दिव्वेसु कामभोगेसु मुच्छिए गिद्धे गढिए अज्झोववण्णे तस्स णं माणुस्सए पेम्मे वोच्छिण्णे दिव्वे संकंते भवइ, अहुणोववण्णे देवे देवलोएसु दिव्वेसु कामभोगेसु मुच्छिए जाव अज्झोववण्णे तस्स णमेवं भवइ इयहि ण गच्छं मुहुत्तं गच्छं तेणं कालेणमप्पाउया मणुस्सा कालधम्मुणा Page #243 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 230 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि संजुत्ता भवंति इच्चेएहिं तिहिं ठाणेहिं अहुणोववण्णे देवे देवलोएसु इच्छेजा माणुस्स लोगं हव्वमागच्छित्तए णो चेव णं संचाएइ हव्वमागच्छित्तए / तिहि ठाणेहि अहुणोववण्णे देवे देवलोएसु इच्छेज्जा माणुस्सलोगं हवमागच्छित्तए संचाएइ हव्वमागच्छित्तए तं० अहुणोबवण्णे देवे देवलोएसु दिव्वेसु कामभोगेसु अमुच्छिए अगिद्धे अगढिए अणज्झोववण्णे तस्स णं एवं भवइ अत्थि णं मम माणुस्सए भवे आयरिएइ वा, उवज्झाएइ वा पवत्तेइ वा थेरेइ वा गणीइ वा गणहरेइ वा गणावच्छेएइ वा जेसिं पभावेणं मए इमा एया रूवा दिव्या देविड्डी दिव्वा देवजुई दिव्वे देवाणुभावे लद्धे पत्ते अभिसमण्णागए तं गच्छामि णं ते भगवंते वंदामि णमंसामि सक्कारेमि सम्माणेमि कल्लाणं मंगलं देवयं चेइयं पज्जुवासामि / अहुणोववण्णे देवे देवलोएसु दिव्वेसु कामभोगेसु अमुच्छिए जाव अणज्झोववण्णे तस्स णं एवं भवइ, एस णं माणुस्सए भवे णाणीइ वा, तबस्सीइ वा, अइदुक्कर-दुक्करकारगे तं गच्छामि णं भगवंतं वंदामि णमंसामि जाव पज्जुवासामि अहुणोववण्णे देवे देवलोएसु जाव अणज्झोववण्णे तस्स णं एवं भवइ अत्थि णं मम माणुस्सए भवे मायाइ वा जाव सुण्हाइ वा तं गच्छामि णं तेसिमंतिय पाउन्भवामि, पासंतु ता मे इमं एयारूवं दिव्वं देविडि, दिव्यं देवजुइं दिव्वं देवाणुभावं लद्धं पत्तं अभिसमण्णागयं, इच्चेए हिं तिहिं ठाणेहिं अहुणोववण्णे देवे देवलोएसु इच्छेज्जा माणुसं लोगं हव्वमागच्छित्तए संचाएइ हव्वमागच्छित्तए / 68 // तओ ठाणाई देवे पीहेजा तं० माणुस्सगं भवं, आरिए खेत्ते जम्मं, सुकुलपञ्चायाई // 69 // तिहिं ठाणेहिं देवे परितप्पेज्जा तं० अहो णं मए संते बले संते वीरिए संते पुरिसक्कारपरक्कमे खेमंसि सुभिक्खंसि आयरियउवज्झाएहिं विजमाणेहिं कल्लसरीरेणं णो बहुए सुए अहीए अहो णं मए इहलोगपडिबद्धेणं परलोगपरंमुहेणं विसयतिसिएणं णो दीहे सामण्णपरियाए अणुपालिए / अहो णं मए इडिरससायगरुएणं भोगामिसगिद्धेणं णो विसुद्धे चरित्ते फासिए इच्चेएहिं० // 70 // तिहिं ठाणेहिं देवे चइस्सामीत्ति जाणइ, तं० विमाणाभरणाई णिप्पभाई पासित्ता, कप्परुक्खगं मिलायमाणं पासित्ता अप्पणो तेयलेस्सं परिहायमाणिं जाणित्ता इच्चेए हिं० / तिहिं ठाणेहिं देवे उव्वेगमागच्छेज्जा तं०-अहो णं मए इमाओ ए यारूवाओ दिव्वाओ देविडिओ दिव्वाओ देवजुईओ, दिव्वाओ देवाणुभावाओ लद्धाओ पत्ताओ अभिसमण्णागयाओ चइयव्वं Page #244 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 3 उ. 3 231 भविस्सइ / अहो णं मए माउओयं पिउसुकं तं तदुभयसंसिटुं तप्पढमयाए आहारो आहारेयन्वो भविस्सई / अहो णं मए कलमलजंबालाए असुईए उव्वेयणियाए भीमाए गब्भवसहीए वसियव्वं भविस्सइ / इच्चेए हिं तिहिं ठाणेहिं 0 // 71 // तिसंठिया विमाणा प. तं० वट्टा तंसा चउरंसा / तत्थ णं जे ते वट्टविमाणा ते णं पुक्वरकण्णिया संठाणसंठिया सव्वओ समंता पागारपरिक्खित्ता एगदुवारा प० / तत्थ णं जे ते तसविमाणा ते सिंघाडगसंठाणसंठिया दुहओ पागारपरिक्खित्ता एगओ वेइया परिक्खित्ता तिदुवारा प० / तत्थ णं जे ते चउरंसविमाणा ते णं अक्खाडगसंठाणसंठिया सव्वओ समंता वेइया परिक्खित्ता चउदुवारा प० / तिपइद्रिया विमाणा प० तं० घणोदहिपइट्ठिया, घणवायपइट्ठिया, उवासंतरपइट्ठिया / तिविहा विमाणा प०. तं. अवट्ठिया वेउव्विया परिजाणिया // 72 // तिविहा णेरइया प० त० सम्मादिट्ठी मिच्छादिट्ठी सम्मामिच्छादिट्ठी, एवं विगलिंदियवजं जाव वेमाणियाणं / तओ दुग्गईओ पण्णत्ताओ तं० णेरइयदुग्गई, तिरिक्खजोणियदुग्गई मणुयदुग्गई / तओ सुगईओ प० त० सिद्धिसोग्गई देवसोग्गई मणुस्ससोग्गई / तओ दुग्गया प० त० णेरइयदुग्गया तिरिक्खजोणियदुग्गया, मणुस्सदुग्गया / तओ सुगया प० तं० सिद्धसुगया देवसुगया मणुस्ससुगया // 73 / / च उत्थभत्तियस्स णं भिक्खुस्स कप्पंति तओ पाणगाइं पडिगाहित्तए तं० उस्सेइमे संसेइमे चाउलधोवणे / छट्ठभत्तियस्स णं भिक्खुस्स कप्पंति तओ पाणगाई पडिगाहित्तए, तंजहा-तिलोदए तुसोदए जवोदए / अट्ठमभत्तियस्स णं भिक्खुस्स कप्पंति तओ पाणगाई पडिगाहित्तए तंजहा-आयामए सोवीरए सुद्धवियडे / / 74 // तिविहे उवहडे प० तं० फलीओवहडे सुद्धोवहडे संसट्ठोवहडे / तिविहे ओग्गहिए प० तं० जं च ओगिण्हइ जं च साहरइ जं च आसगंसि पक्खिवइ / / 75 / / तिविहा ओमोयरिया प० तं० उवगरणोमोयरिया, भत्तपाणोमोयरिया, भावोमोयरिया / उवगरणोमोयरिया तिविहा प० तं० एगे वत्थे, एगे पाए चियत्तोवहिसाइज्जणया // 76 // तओ ठाणा णिग्गंथाणं वा णिग्गंथीणं वा अहियाए असुहाए अक्खमाए अणिस्सेयसाए अणाणुगामियत्ताए भवंति तं० कुअणया, कक्करणया अवज्झाणया / तओ ठाणा णिग्गंथाणं वा णिग्गंथीणं वा हियाए सुहाए खमाए णिस्सेयसाए आणुगामियत्ताए भवंति, तं० अकूअणया अकक्करणया अणवज्झाणया Page #245 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 232 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि // 77 // तओ सल्ला प० तं० मायासल्ले णियाणसल्ले मिच्छादसणसल्ले / / 78 // तिहिं ठाणेहिं समणे णिग्गंथे संखित्तविउलतेउलेस्से भवइ तं० आयावणयाए खंतिखमाए अपाणगेणं तवोकम्मेणं // 79 // तिमासियं णं भिक्खुपडिमं पडि. वण्णस्स अणगारस्स कप्पंति तओ दत्तीओ भोअणस्स पडिगाहित्तए तओ पाणगस्स। एगराइयं भिक्खुपडिमं सम्ममणणुपालेमाणस्स अणगारस्स इमे तओ ठाणा अहियाए असुभाए अखमाए अणिस्सेयसाए अणाणुगामियत्ताए भवंति तं० उम्मायं वा लभेजा, दीहकालियं वा रोयायंकं पाउणेज्जा, केवलिपण्णत्ताओ धम्माओ भंसेज्जा / एगराइयं भिक्खुपडिमं सम्ममणुपालेमाणस्स अणगारस्स तओ ठाणा हियाए सुभाए खमाए णिस्सेस्साए आणुगामियत्ताए भवंति तं० ओहिणाणे वा से समुप्प. ज्जेज्जा मणपज्जवणाणे वा से समुप्पज्जेज्जा, केवलणाणे वा से समुप्पज्जेज्जा / / 80 // जंबुद्दीवे दीवे तओ कम्मभूमीओ प० तं० भरहे, एरवए, महाविदेहे / एवं धायइ. खंडे दीवे पुरथिमद्धे जाव पुक्खर-वर-दीवड्ड-पच्चत्थिमद्धे // 81 / / तिविहे दंसणे प० तं० सम्महंसणे, मिच्छईसणे, सम्ममिच्छईसणे / तिविहा रुई प० त० सम्मरुई, मिच्छरुई, सम्ममिच्छरुई / तिविहे पओगे प० तं० सम्मप्पओगे, मिच्छप्पओगे, सम्ममिच्छप्पओगे // 82 // तिविहे ववसाए, प० तं० धम्मिए ववसाए अहम्मिए ववसाए, धम्मियाधम्मिए ववसाए। अहवा तिविहे ववसाए, प० तं० पच्चक्खे, पच्चइए, आणुगामिए। अहवा तिविहे ववसाए प० तं० इहलोइए, परलोइए, इहलोइयपरलोइए / इहलोइए ववसाए तिविहे प० तं० लोइए बेइए सामइए / लोइए ववसाए तिविहे प० तं० अत्थे धम्मे कामे। वेइए ववसाए तिविहे प० तं० रिउव्वेए जउव्वेए सामवेए / सामइए ववसाए तिविहे प० तं० णाणे दंसणे चरित्ते // 83 / / तिविहा अत्थजोणी प० तं० सामे दंडे भेए / / 84 // तिविहा पोग्गला प. तं० पओगपरिणया, मीसापरिणया, वीससापरिणया // 85 // तिपइट्ठिया गरगा प० तं. पुढवीपइट्ठिया आगासपइट्ठिया आयपइट्ठिया / णेगमसंगहववहाराणं पुढवीपइट्ठिया, उज्जुसुयस्स आगासपइडिया तिण्हं सद्दणयाणं आयपइट्ठिया / / 86 / / तिविहे मिच्छत्ते प० तं० अकिरिया अविणए अण्णाणे / अकिरिया तिविंहा प० तं० पओगकिरिया, समुदाणकिरिया अण्णाणकिरिया, पओगकिरिया तिविहा प० तं० मणपओगकिरिया वइपओगकिरिया कायपओगकिरिया / समुदाणकिरिया तिविहा Page #246 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 3 उ. 4 प० तं० अणंतरसमुदाणकिरिया, परंपरसमुदाणकिरिया तदुभयसमुदाणकिरिया / अण्णाणकिरिया तिविहा प० तं० मइअण्णाणकिरिया, सुयअण्णाणकिरिया, विभंगअण्णाणकिारया। अविणए तिविहे प० तं० देसच्चाई, णिरालंबणया, णाणापेज्जदोसे / अण्णाणे तिविहे प० तं० देसअण्णाणे, सव्वअण्णाणे, भावअण्णाणे / / 87 / / तिविहे धम्मे प० तं० सुयधम्मे, चरित्तधम्मे, अत्थिकायधम्मे / तिविहे उवक्कमे प० तं० धम्मिए उवक्कमे, अहम्मिए उवक्कमे, धम्मियाधम्मिए उवक्कमे / अहवा तिविहे उवक्कमे प० तं० आओवकमे, परोक्कमे, तदुभयोवक्कमे, एवं वेयाबच्चे, अणुग्गहे, अणुसिठि, उवालंभे, एवमिकेके तिण्णि 2 आलावगा जहेव उवक्कमे ॥८८॥तिविहा कहा प० तं० अत्थकहा, धम्मकहा, कामकहा। तिविहे विणिच्छए प० तं. अत्थविणिच्छए धम्मविणिच्छए कामविणिच्छए // 89 // तहारूवं णं भंते ! समणं वा माहणं वा पज्जुवासमागस्स किं फला पज्जुवासणया ? सवणफला, से णं भंते ! सवणे किं फले ? णाणफले, से णं भंते ! णाणे किं फले ? विण्णाण फले, एवमेएणं अभिलावेणं इमा गाहा अणुगंतव्वा-"सवंणे णाणे य विण्णाणे, पञ्चक्खाणे य संजमे / अणहए तवे चेव, वोदाणे अकिरिय णिव्वाणे (1) जाव से णं भंते ! अकिरिया किं फला ? णिव्वाणफला, से णं भंते ! शिव्वाणे किं फले ? सिद्धिगइगमणपज्जवसाणफले पण्णत्ते समणाउसो ! // 9 // तइयं ठाणं चउत्थो उद्देसो पडिमापडिवण्णस्स णं अणगारस्स कप्पंति तओ उबस्सया पडिलेहित्तए तं०अहे. आगमणगिहंसि वा, अहे वियडगिहंसि वा, अहे रुक्खमूलगिहंसि वा, एवमणुण्णवेत्तए, उवाइणित्तए / पडिमाप डिवण्णस्स णं अणगारस्स कप्पंति तओ संथारगा पडिलेहित्तए तं० पुढवीसिला, कट्ठसिला, अहासंथडमेव, एवममुण्णवित्तए उवाइणित्तए // 91 / / तिविहे काले प० तं० तीए पडुप्पण्णे अणागए / तिविहे समए प० तं. तीए, पडुप्पण्णे, अणागए, एवं आवलिया, आणापाणू , थोवे लवे मुहुत्ते अहोरत्ते, जाव वाससयसहस्से पुव्वंगे, पुव्वे, जाव ओसप्पिणी / तिविहे पोग्गलपरियट्टे प० त० तीए पडुप्पण्णे अणागए / 92 // तिविहे वयणे प० तं०-एगवयणे, दुवयणे, बहुवयणे / अहवा तिविहे वयणे प० तं० इत्थिवयणे, पुंवयणे, णपुंसगवयणे / अहवा तिविहे वयणे प० तं० तीयवयणे, पडुप्पण्णवयणे, अणागयवयणे Page #247 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 234 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि // 93 // तिविहा पण्णवणा प तं० णाणपण्णवणा, दंसणपण्णवणा, चरित्तपण्णवणा। तिविहे सम्मे प० त० णाणसम्मे, दसणसम्मे, चरित्तसम्मे // 94 || तिविहे उवघाए प० तं० उग्गमोवघाए, उप्पायगोवघाए, एसणोवघाए, एवं विसोही // 95 / / तिविहा आराहणा प० त० णाणाराहणा, दंसणाराहणा, चरित्ताराहणा / णाणाराहणा तिविहा प० तं० उक्कोसा, मज्झिमा, जहण्णा, एवं दसणाराहणावि, चरित्ताराहणावि / तिविहे संकिलेसे प० तं० णाणसंकिलेसे, दंसणसंकिलेसे, चरित्तसंकिलेसे, एवं असंकिलेसे वि एवं अइक्कमे वि, वइक्कमे वि, अइयारे वि, अणायारे वि। तिण्हमइक्कमाणं आलोए ज्जा, पडिक्कमेज्जा णिंदेजा, गरहिज्जा, जाव पडिवजिज्जा, तं० णाणाइक्कमस्स दंसणाइक्कमस्स, चरित्ताइक्कमस्स,एवं वइक्कमाणं, अइयाराणं, अणायाराणं // 96 // तिविहे पायच्छित्ते प० तं० आलोयणारिहे, पडिक्कमणारिहे, तदुभयरिहे // 97 // जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं तओ अकम्मभूमीओ प० तं० हेमवए हरिवासे देवकुरा / जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरेणं तओ अकम्मभूमीओ प० तं. उत्तरकुरा, रम्मगवासे, एरण्णवए। जंबुद्दीवे दीवे मंदरपव्वयस्स दाहिणेणं तओ वासा प० तं० भरहे, हेमवए, हरिवासे / जंबूमंदरस्स उत्तरेणं तओ वासा प० तं० रम्मगवासे, हेरण्णवए, एरवए / जंबूमंदरस्स दाहिणेणं तओ वासहरपव्वया प० तं० चुल्लहिमवंते, महाहिमवंते, णिसढे / जंबूमंदरस्स उत्तरेणं तओ वासहरपव्वया प० तं० णीलवंते, रुप्पी, सिहरी / जंबूमंदरस्स दाहिणेणं तओ महादहा प० तं० पउमहहे, महांपउमद्दहे, तिगिच्छिद्दहे, तत्थ णं तओ देवयाओ महि ड्डियाओ जाव पलिओवमट्टिईयाओ परिवसंति तं. सिरि, हिरी, धिई / एवं उत्तरेण वि, णवरं केसरिहहे, महापोंडरीयहहे, पोंड. रीयद्दहे, देवयाओ कित्ती, बुद्धी, लच्छी / जंबूमंदरस्स दाहिणेणं चुल्ल हिमवंताओ वासहरपव्वयाओ पउमदहाओ महादहाओ तओ महाणईओ पवहति तं० गंगा सिंधू रोहियंसा। जंबूमंदरस्स उत्तरेणं सिहरीओ वासहरपन्वयाओ पोंडरीयदहाओ महाहहाओ तओ महाणईओ पवहंति तं० सुवण्णकूला रत्ता रत्तवई / जंबूमंदरस्स पुरस्थिमेणं सीयाए महाणईए उत्तरेणं तओ अंतरणईओ प० तं० गाहावई, दहवई, पंकवई / जंबूमंदरस्स पुरथिमेणं सीयाए महाणईए दाहिणेणं तओ अंतरणईओ प० त० तत्तजला, मत्तजला, उम्मत्तजला। जंबूमंदरस्स पञ्चत्थिमेणं Page #248 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 3 उ. 4 235 सीओदाए महाणईए दाहिणेणं तओ अंतरणईओ प० तं० खीरोदा, सीहसोया, अंतोवाहिणी / जंबूमंदरस्स पञ्चत्थिमेणं सीओदाए महाणईए उत्तरेणं तओ अंतरणईओ प . तं० उम्मिमालिणी, फेणमालिणी, गंभीरमालिणी / एवं धायइखंडे दीवे पुरत्थिमद्धेवि अकम्मभूमीओ आढवेत्ता जाव अंतरणईओत्ति, णिरवसेसं भाणियव्वं जाव पुक्खरवरदीवड्डपच्चत्थिमद्धे तहेव शिरवसेसं भाणियव्वं / / 98 // तिहिं ठाणेहिं देसे पुढवीए चलेज्जा तंजहा-अहेणमिमीसे रयणप्पभाए पुढवीए उराला पोग्गला णिवतेज्जा, तएणं ते उराला पोग्गला णिवयमाणा देसं पुढवीए चलेजा, महोरए वा महिड्डिाए जाव महेसक्खे इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए अहे उम्मन्जणिमज्जियं करेमाणे देसं पुढवीए चलेजा, णागसुवण्णाण वा संगामंसि वट्टमाणंसि देसं पुढवीए चलेजा,इचेए हिं० / तिहिं ठाणेहिं केवलकप्पा पुढवी चलेज्जा तं० अहेणं इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए घणवाए गुप्पेज्जा, तर णं से घणवाए गुविए समाणे घणोदहिमेएजा, तएणं से घणोदही एइए समाणे केवलकप्पं पुढविं चालेज्जा, देवे वा महिड्डिए जाव महेसक्खे तहारूवस्स समणस्स माणस्स वा इडिं जुइं जसं बलं वीरियं पुरिसक्कारपरक्कम उवदंसेमाणे केवलकप्पं पुढविं चालेजा, देवासुरसंगामंसि वा वट्टमाणंसि केवलकप्पा पुढवी चलेजा, इच्चेए हिं तिहिं० // 99 / / तिविहा देवा किब्धिसिया प० तं० तिपलिओवमट्टिईया, तिसागरोवमट्टिईया, तेरससागरोवमट्टिईया / कहि णं भंते ! तिपलिओवमट्टिईया देवा किब्बिसिया परिवसंति ? उप्पिं जोइसियाणं हिडिं सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु एत्थणं तिपलि. ओवमट्टिईया देवा किब्बिसिया परिवसंति / कहि णं भंते ! तिसागरोवमट्टिईया देवा किब्बिसिया परिवसंति ? उप्पिं सोहम्मीसाणाणं कप्पाणं, हेहिँ सणंकुमारमाहिं देसु कप्पेसु एत्थ णं तिसागरोवमढिईया देवा किब्बिसिया परिवति / कहि णं भंते! तेरससागरोवमट्टिईया देवा किब्बिसिया परिवसंति ? उप्पिं बंभलोयस्स कप्पस्स हिहिं लंतगे कप्पे एत्थ णं तेरससागरोवमट्ठिईया देवा किब्बिसिया परिवसंति / / 100 // सक्कस्स णं देविंदस्स देवरण्णो बाहिरपरिसाए देवाणं तिण्णिपलिओवमाई ठिई प०-सक्कस्स णं देविंदस्स देवरण्णो अभितरपरिसाए देवीणं तिण्णिपलिओवमाई ठिई प० / ईसाणस्सणं देविंदस्स देवरण्णो बाहिरपरिसाए देवीणं तिणिपलिओवमाई ठिई प० // 101 // तिविहे पायच्छित्ते प० तं० णाणपाय Page #249 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 236 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि च्छित्ते, दंसणपायच्छित्ते, चरित्तपायच्छित्ते / तओ अणुग्घाइमा प० त० हत्थ कम्मं करेमाणे, मेहुणं सेवेमाणे, राइभोयणं भुंजमाणे / तओ पारंचिया प० तं० दुढे पारंचिए, पमत्ते पारंचिए, अण्णमण्णं करेमाणे पारंचिए / तओ अणवठ्ठप्पा प० तं० साहम्मियाणं तेणं करेमाणे, अण्णधम्मियाणं तेणं करेमाणे, हत्थतालं दलयमाणे / तओ णो कप्पंति पवावेत्तए तं० पंडए, वाइए, कीवे, एवं मुंडावेत्तए, सिक्खावेत्तए, उवट्ठावेत्तए, संभुंजित्तए, संवासित्तए / / 102 // तओ अवायणिज्जा प० तं० अविणीए, विगइपडिबद्धे, अविओसियपाहुडे / तओ कप्पंति वाइत्तए तं० विणीए अविगइपडिबद्धे विउसियपाहुडे // 103 // तओ दुसण्णप्पा प० तं० दुढे मूढे वुग्गाहिए / तओ सुसण्णप्पा प०.तं. अदुढे अमूढे अवुग्गाहिए // 104 // तओ मंडलिया पव्वया प० तं० माणुसुत्तरे कुंडलवरे रुयगजरे। तओ महइमहालया प० तं. जंबुद्दीवे दीवे मंदरे मंदरेसु, सयंभुरमणसमुद्दे समुद्देसु, बंभलोए कप्पे कप्पेसु // 105 // तिविहा कप्पठिई प० तं. सामाइयकप्पठिई छेदोवठ्ठवणियकप्पठिई णिव्विसमाणकप्पठिई / अहवा तिविहा कप्पठिई प० तं० णिविट्ठकप्पठिई, जिणकप्पठिई, थेरकप्पढ़िई।।१०६॥णेरइयाणं तओ सरीरगा प० तं० वेउविए, तेयए, कम्मए / असुरकुमाराणं तओ सरीरगा प० एवं चेव एवं सव्वेसिं देवाणं / पुढवीकाइयाणं तओ सरीरगा प० तं० ओरालिए, तेयए, कम्मए / एवं वाउकाइयवजाणं जाव चउरिंदियाणं / / 107 / / गुरुं पडुच्च तओ पडिणीया प० तं० आयरियपडिणीए, उवज्झायपडिणीए, थेरपडिणीए / गई पडुच्च तओ पडिणीया प० तं० इहलोयपडिणीए, परलोयपडिणीए, दुहओलोयपडिणीए। समूहं पडुच्च तओ पडिणीया प० त० कुलपडिणीए, गणपडिणीए, संघपडिणीए / अणुकंपं पडुच्च तओ पडिणीया प० तं० तस्सिपडिणीए, गिलाणपडिणीए, सेहपडिणीए / भावं पडुच्च तओ पडि. णीया प० तं० णाणपडिणीए, दंसणाडिणीए, चरित्तपडिणीए / सुयं पडुच्च तओ पडिणीया प० तं० सुत्तपडिणीए, अत्थपडिणीए, तदुभयपडिणीए // 108 / / तओ पितियंगा प० तं० अट्ठी, अद्विमिंजा, केसमंसुरोमणहे / तओ माउयंगा प० तं० मंसे, सोणिए, मत्थुलिंगे / / 109 // तिहिं ठाणेहिं समणे णिग्गंथे महाणिज्जरे महापज्जवसाणे भवइ तं० कया णं अहं अप्पं वा बहुयं वा सुयं अहि जिस्सामि ? कयाणं अहं एकल्लविहारपडिमं उवसंपज्जित्ताणं विहरिस्सामि ? कयाणं अहं अपच्छिम Page #250 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 3 उ.४ 237 मारणंतियसलेहणाझूसणाझूसिए भत्तपाणपडियाइक्खिए पाओवगए कालमणवकंखमाणे विहरिस्सामि / एवं समणसा सवयसा सकायसा पागडेमाणे समणे णिग्गंथे महाणिन्नरे महापज्जवसाणे भवइ // 110 // तिहिं ठाणेहिं समणोवासए महाणिज्जरे महापज्जवसाणे भवइ तं० कयाणं अहं अप्पं वा बहुयं वा परिग्गहं परिचइस्सामि ? कयाणं अहं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइस्सामि ? कयाणं अहं अपच्छिममारणंतियसलेहणाझूसणाझूसिए भत्तपाणपडियाइक्खिए पाओवगए कालं अणवकंखमाणे विहरिस्सामि ? एवं समणसा सवयसा सकायसा पागडेमाणे समणोवासए महाणिजरे महापज्जवसाणे भवइ॥१११।।तिविहे पोग्गलपडिघाए प० तं० परमाणुपोग्गले परमाणुपोग्गलं पप्प पडिहणिज्जा, लुक्खत्ताए वा पडिहणिज्जा, लोगते वा पडिहणिज्जा // 112 // तिविहे चक्खू प० त० एगचक्खू, बिचक्खू, तिचक्खू / छउमत्थेणं मणुस्से एगचक्खू , देवे बिचक्खू, तहारूवे समणे वा माहणे वा उप्पण्णणाणदंसणधरे से णं तिचक्खुत्ति वत्तव्वं सिया // 113 // तिविहे अमिसमागमे प० तं० उर्दू अहं तिरियं / जया णं तहारूवस्स समणस्स वा माहणस्स वा अइसेसे णाणदंसणे समुप्पज्जइ सेणं तप्पढमयाए उड्डमभिसमेइ, तओ तिरियं तओ पच्छा अहे, अहोलोगेणं दुरमिगमे प० समणाउसो // 114 // तिविहा इड्डी प० तं० देविड्डी-राइड्ढी-गणिड्डी। देविड्डी तिविहा प० तं० विमाणिड्डी, विगुव्विणिड्डी, परियारणिड्डी / अहवा देविड्डी तिविहा प० तं० सचित्ता, अचित्ता मीसिया / राइड्डी तिविहा प० त० रणो' अइयाणिट्टी, रणो णिज्जाणिड्डी, रण्णो बलवाहणकोसकोट्ठागारिड्डी / अहवा राइड्डी तिविहा प० सं० सचित्ता, अचित्ता, मीसिया / गणिड्डी तिविहा प० तं० णाणिड्डी, दंसणिड्डी, चरित्तिड्डी / अहवा गणिड्डी तिविहा प० तं० सचित्ता अचित्ता मीसिया // 115 // तओ गारवा प० तं० इड्डीगारवे, रसगारवे, सायागारवे / तिविहे करणे प० तं० धम्मिए करणे, अधम्मिए करणे, धम्मियाधम्मिए करणे // 116 // तिविहे भगवया धम्मे प० तं० सुअहिजिए, सुज्झाइए, सुतवस्सिए / जया सुअहिज्जियं भवइ, तया सुज्झाइयं भवइ, जया सुज्झाइयं भवइ तया सुतवस्सियं भवइ / से सुअहिज्जिए, सुज्झाइए, सुतवस्सिए सुयक्खाएणं भग. वया धम्मे पण्णत्ते // 117 // तिविहा वावत्ती प० तं० जाणू, अजाणू, वितिगिच्छा, एवमंझोववज्जणा परियावज्जणा // 118 // तिविहे अंते प० तं० Page #251 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 238 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि लोगंते, वेयंते, समयंते // 119 // तओ जिणा प० तं० ओहिणाणजिणे मणपज्जवणाणजिणे, केवलणाणजिणे / तओ केवली प० तं० ओहिणाणकेवली; मणपज्जवणाणकेवली, केवलणाणकेवली / तओ अरहा प० तं० ओहिणाणअरहा, मण. पज्जवणाणअरहा, केवलणाणअरहा ||120 // तओ लेस्साओ दुब्भिगंधाओ प० तं० कण्हलेस्सा, णीललेस्सा, काउलेस्सा / तओ लेस्साओ सुब्भिगंधाओ प० तं० तेऊ-पम्ह-सुक्कलेस्सा। एवं दुग्गइगामिणीओ, सुगइगामिणीओ संकिलिट्ठाओ, असंकिलिट्ठाओ, अमणुण्णाओ, मणुण्णाओ, अविसुद्धाओ, विसुद्धाओ, अप्पसत्थाओ, पसत्थाओ, सीअलुक्खाओ, णिद्धण्हाओ // 121 // तिविहे मरणे प० तं० बालमरणे, पंडियमरणे, बालपंडियमरणे / बालमरणे तिविहे प० तं० ठिअलेस्से, संकिलिट्ठलेस्से, पज्जवजायलेस्से / पंडियमरणे तिविहे प० तं० ठिअलेस्से, असंकिलिट्ठलेस्से, पज्जवजायलेस्से / बालपंडियमरणे तिविहे प० तं० ठिअलेस्से असंकिलिट्ठलेस्से अपज्जवजायलेस्से // 122 // तओ ठाणा अव्वव सियस्स अहियाए, असुभाए, अखमाए, अणिस्सेसाए, अणाणुगामियत्ताए भवंति तंo से णं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए णिग्गंथे पावयणे संकिए कंखिए वितिगिच्छिए भेदसमावण्णे कलुससमावण्णे णिग्गंथं पावयणं णो सद्दहइ, णो पत्तियइ, णो रोएइ, तं परीसहा अभिजुजिय अभिजंजिय अभिभवंति, णो से परीसहे अभिजंजिय अभिमुंजिय अभिभवइ, से णं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पवइए पंचहिं महव्वएहिं संकिए जाव कलुससमावण्णे, पंचमहव्वयाई णो सद्दहइ जाव णो से परीस हे अभिजुजिय 2 अभिभवइ, से णं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए छहिं जीवणिकाएहिं जाव अभिभवइ / तओ ठाणा बवसियस्स हियाए जाव आणुगामियत्ताए भवंति तं० से णं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए णिग्गंथे पावयणे णिस्संकिए णिकंखिए जाव णो कलुससमावण्णे णिग्गंथं पावयणं सद्दहइ पत्तियइ रोएइ से परीसहे अभिमुंजिय 2 अभिभवइ, णो तं परीसहा अभिमुंजिय 2 अभिभवंति, से णं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पन्वइए समाणे पंचहिं महत्वएहिं णिस्संकिए-णिकंखिए जाव, परीसहे अभिर्जुजिय 2 अभिभवइ, णो तं परीसहा अभिजुंजिय 2 अभिभवंति, से णं जाव छहिं जीवणिकाएहिं णिस्संकिए जाव परीसहे अभिमुंजिय 2 अभिभवइ, णो तं परीसहा Page #252 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 4 उ. 1 239 अभिजुजिय 2 अभिभवंति // 123 // एगमेगाणं पुढवी तिहिं वलएहिं सव्वओ समता संपरिक्खित्ता तंजहा-घणोदहिवलएणं, घणवायवलएणं, तणुवायवलएणं // 124 // णेरइयाणं उक्कोसेणं तिसमइएणं विग्गहेणं उववनंति एगिदियवजं जाव वेमाणियाणं / / 125 // खीणमोहस्सणं अरहओ तओ कम्मंसा जुगवं खिजति तं० गाणावरणिज्ज, दंसणावरणिजं, अंतराइयं / / 126 // अभिईणक्खत्ते तितारे प० एवं सवणे अस्सिणी भरणी मगसिरे पूसे जेट्ठा // 127 / / धम्माओ णं अरहाओ संती अरहा तिहिं सागरोवमेहिं तिचउन्भागं पलिओवमणएहिं वीइक्कंतेहिं समुप्पण्णे / समणस्स णं भगवओ महावीरस्स जाव तच्चाओ पुरिसजुगाओ जुगंतकरभूमी। मल्लीणं अरहा तिहिं पुरिससएहिं सद्धि मुंडे भवेत्ता जाव पव्वइए, एवं पासेवि / समणस्स णं भगवओ महावीरस्स तिण्णि सया चउद्दसपुवीणं अजिणाणं जिणसंकासाणं सव्वक्खरसण्णिवाईणं जिण इव अवितहवागरमाणाणं उक्कोसिया चउद्दसपुव्विसंपया हुत्था / तओ तित्थयरा चक्कवट्टी होत्था तं० संती कुंथू अरो॥ 128 // तओ गेविजविमाणपत्थडा प० तं० हिडिमगेविजविमाणपत्थडे; मज्झिमगेविजविमाणपत्थडे, उवरिमगेविजविमाणपत्थडे / हिटिमगेविजविमाण पत्थडे तिविहे प० तं० हिडिमहिद्विमगेविजविमाणपत्थडे हिंद्विममज्झिमगेविजविमाणपत्थडे हिडिमउवरिमगेविजविमाणपत्थडे / मज्झिमगेविजविमाणपत्थडे तिविहे प० तं० मज्झिमहिटिमगेविजविमाणपत्थडे, मज्झिममज्झिमगेविजविमाणपत्थडे, मज्झिमउवरिमगेविज्जविमाणपत्थडे / उवरिमंगेविजविमाणपत्थडे, तिविहे प० तं० उवरिमहिहिमगेविज्जविमाणपत्थडे उवरिममज्झिमगेविजविमाणपत्थडे / उवरिमउवरिमगेविजविमाणपत्थडे // 129 // जीवाणं तिठाणणिव्वत्तिए पोग्गले पावकम्मत्ताए चिणिंसु वा चिणंति वा चिणिस्संति वा तंजहा-इत्थिणिव्वत्तिए, पुरिसणिव्वत्तिए णपुंसगणिव्यत्तिए, एवं चिणउवचिणबंधउदीरवेय तह णिज्जरा चेव / / 130 // तिपएसिया खंधा अणंता पण्णत्ता / एवं जाव तिगुणलुक्खा पोग्गला अणंता पण्णत्ता // 131 // तिट्ठाणं समत्तं // चउत्थं ठाणं पढमो उद्देसो * चत्तारि अंतकिरियाओ प० तं. तत्थ खलु इमा पढमा अंतकिरिया, . अप्पकम्मपच्चायाए यावि भवइ, से णं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारिअं पब्ब Page #253 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 240 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि इए, संजमबहुले संवरबहुले समाहिबहुले लूहे तीरट्ठी उवहाणवं दुक्खक्खवे तवस्सी तस्सणं णो तहप्पगारे तवे भवइ, णो तहप्पगारा वेयणा भवइ, तहप्पगारे पुरिसजाए दीहेणं परियाएणं सिज्झइ, बुज्झइ मुच्चइ परिणिव्वाइ सव्वदुक्खाणमंत करेइ, जहा से भरहे राया चाउरंतचक्कवट्टी पदमा अंतकिरिया / अहावरा दोचा अंत. किरिया, महाकम्मपञ्चायाए यावि भवइ से णं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए, संजमबहुले संवरबहुले 'जाव उवहाणवं दुक्खक्खवे तवस्सी तस्स णं तहप्पगारे तवे भवइ, तहप्पगारा वेयणा भवइ, तहप्पगारे पुरिसजाए णिरुद्धणं परियाएणं सिज्झइ० जाव अंतं करेइ जहा से गयसूमाले अणगारे, दोचा अंतकिरिया / अहावरा तच्चा अंतकिरिया, महाकम्मपञ्चायाएयावि भवइ, से णं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए जहा दोचा, णवरं दीहेणं परियाएणं सिज्झइ जाव सव्वदुक्खाणमंत करेइ, जहा से सणंकुमारे राया चाउरंतचक्कवट्टी तच्चा अंतकिरिया। अहावरा चउत्था अंतकिरिया, अप्पकम्मपञ्चायाए यावि भवइ, से णं मुंडे भवित्ता जाव पव्वइए संजमबहुले जाव तस्स णं णो तहप्पगारे तवे भवइ णो तहप्पगारा वेयणा भवइ तहप्पगारे पुरिसजाए णिरुद्धेणं परियाएणं सिज्झइ जाव सव्वदुक्खाणमंतं करेइ, जहा सा मरुदेवा भगवई, चउत्था अंत. किरिया // 1 // चत्तारि रुक्खा प० तं० उण्णए णाममेगे उण्णए, उण्णए णाममेगे पणए, पणए णाममेगे उण्णए, पणए णाममेगे पणए, एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० उण्णए णाममेगे उग्णए, तहेव जाव पणए णाममेगे पणए। चत्तारि रुक्खा प० तं० उण्णए णाममेगे उण्णयपरिणए, उण्णए णाममेगे पणयपरिणए, पणए णाममेगे उग्णयपरिणए, पणए णाममेगे पणयपरिणए / एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० उण्णए णाममेगे उण्णयपरिणए, चउभंगो। चत्तारि रुक्खा प० तं० उण्णए णाममेगे उण्णय रूवे, तहेव चउभंगो, एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० उण्णए णामं 4 / चत्तारि पुरिसजाया प० तं० उण्णए णाममेगे उग्णय मणे, उण्ण एवं संकप्पेपण्णे-दिट्ठी-सीलाचारे-ववहारे-परक्कमे-एगे पुरिसजाए पडिवक्खो णत्थि॥२॥ चत्तारि रुक्खा प० तं० उज्जूणाममेगे उज्जू , उज्जूणाममेगे वंके, चउभंगो / एवामेव चत्तारि पुरिसजाया, प० तं० उज्जूणाममेगे उज्जू 4 एवं जहा.उण्णयपणए हिं गमो तहा उज्जुवंकेहिं वि भाणियबो, जाव परक्कमे // 3 // पडिमापडिवण्णस्सणं अण Page #254 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा.४ उ. 1 241 गारस्स कप्पंति चत्तारि भासाओ भासित्तए तं० जायणी पुच्छणी अणुण्णवणी पुट्ठस्स वागरणी / चत्तारिभासजाया प० तं० सच्चमेगं भासजायं बीयं मोसं तइयं सच्चमोसं चउत्थं असच्चमोसं // 4 // चत्तारि वत्था प० तं० सुद्धे णाममेगे सुद्धे, सुद्धे णाममेगे असुद्धे, असुद्धे णाममेगे सुद्धे, असुद्धे णाममेगे असुद्धे, एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० सुद्धे णाममेगे सुद्धे चउभंगो। एवं परिणयरूवे वत्था सपडिवस्खा // 5 // चत्तारि पुरिसजाया प० तं० सुद्धे णाममेगे सुद्धमणे चउभंगो, एवं संकप्पे जाव परक्कमे // 6 // चत्तारि सुया प०० अइजाए, अणुजाए, अवजाए, कुलिंगाले // 7 // चत्तारि पुरिसजाया प० तं० सच्चे णाममेगे सच्चे, सच्चे णाममेगे असचे (4) एवं परिणए जाव परक्कमे // 8 // चत्तारि वत्था प० तं० सुई णाममेगे सुई, सुई माममेगे असुई, चउभंगो, एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० सुई णाममेगे सुई चउभंगो, एवं जहेव सुद्धेणं वत्थेणं भणिय, तहेव सुइणावि जाव परक्कमे // 9 // चत्तारि कोरवा प० तं० अंबपलंबकोरवे, तालपलंचकोरवे, वल्लिपलंबकोरवे, मिंढविसाणकोरवे, एवामेव चत्तारि पुरिस जाया प० तं० अंबपलंबकोरवसमाणे, तालपंलबकोरवसमाणे, वल्लिपलंबकोरवसमाणे, मिंदविसाणकोरवसमाणे // 10 // चत्तारि घुणा प० तं० तयक्खाए, छल्लिक्खाए, कट्ठक्खाए, सारक्खाए, एवामेव चत्तारि भिक्खायरा प० त० तयक्खायसमाणे, जाव सारक्खायसमाणे, तयक्खायसमाणस्स . णं भिक्वागस्स सारक्खायसमाणे तवे प० सारक्खायसमाणस्सणं भिक्खागस्स तयक्खायसमाणे तवे पण्णत्ते, छल्लिक्खायसमाणस्स णं मिक्खागस्स कढक्खायसमाणे तवे प) कटक्खायसमाणस्स णं भिक्खागस्स छल्लिक्खायसमाणे तवे प’ // 11 // चउव्विहा तणवणस्सइकाइया प० तं० अग्गबीया मूलबीया पोरबीया खंधबीया // 12 // चउहिं ठाणेहिं अहुणोववण्णे णेरइए णिरयलोगंसि इच्छेज्जा माणुसं लोगं हब्बमागच्छित्तए णो चेवणं संचाएइ हव्वमागच्छित्तए / अहुणोववण्णे णेरइए णिरयलोगंसि समुन्भूयं वेयणं वेयमाणे इच्छेज्जा माणुसं लोगं हव्वमागच्छित्तए णो चेव णं संचाएइ हव्वमागच्छित्तए / अहुणोववण्णे णेरइए णिरयलोगंसि णिरयपालेहिं भुजो भुज्जो अहिद्विज्जमाणे इच्छेज्जा माणुसं लोगं हव्वमागच्छित्तए, णो ' चेव णं संचाएइ हव्वमागच्छित्तए / अहुणोववण्णे णेरइए णिरयवेयणिज्जंसि कम्मंसि अक्खीणंसि अवेइयंसि अणिजिण्णंसि इच्छेज्जा 0 णो चेव णं संचाएइ, हव्वमागच्छि Page #255 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 242 अंग-पविट सुत्ताणि त्तए,एवं णिरयाउयंसि कम्मंसि अक्खीणंसि जाव णो चेवणं संचाएइ हव्वमागच्छित्तए इच्चेए हिं चउहिं ठाणेहिं अहणोववण्णे णेरइए जाव णो चेव णं संचाएइ हव्वमागच्छित्तए // 13 / / कप्पंति णिग्गंथीणं चत्तारि संघाडीओ धारित्तए वा परिहरित्तए वा तं० एगं दुहत्थवित्थारं, दोतिहत्थवित्थारा, एगं चउहत्थवित्थारं / / 14 / / चत्तारि झाणा प० तं० अट्टे झाणे, रोहे झाणे, धम्मे झाणे, सुके झाणे / अट्टे झाणे चउबिहे प० तं० अमणुण्णसंपओगसंपउत्ते तस्स विप्पओगसइसमण्णागए यावि भवइ, मणुण्णसंपओगसंपउत्ते तस्स अविप्पओगसइसमण्णागए यावि भवइ, आयंकसंपओगसंपउत्ते तस्स विप्पओगसइसमण्णागए यावि भवइ, परिजुसियकामभोगसंपओगसंपउत्ते तस्स अविप्पओगसइसमण्णागए यावि भवइ / अदृस्सणं झाणस्स चत्तारि लक्ग्त्रणा प० तं० कंदणया, सोयणया, तिप्पणया परिदेवणया। रोहे झाणे चउबिहे प० तं० हिंसाणुबंधि, मोसाणुबंधि तेणाणुबंधि सारक्खणाणुबंधि / रुहस्स णं झाणस्स चत्तारि लक्खणा प० तं० ओसण्णदोसे, बहुलदोसे, अण्णाणदोसे आमरणंतदोसे / धम्मे झाणे चउबिहे चउप्पडोयारे प० तं० आणाविजए, अवायविजए, विवागविजए, संठाणविजए / धम्मस्स णं झाणस्स चत्तारि लक्खणा प० तं. आणारुई, णिसग्गरुई, सुत्तरुई, ओगाढरुई / धम्मस्स णं झाणस्स चत्तारि आलंबणा प० तं० वायणा, पडिपुच्छणा, परियट्टणा, अणुप्पेहा / धम्मस्स णं झाणस्स चत्तारि अणुप्पेहाओ प० तं० एगाणुप्पेहा, अणिचाणुप्पेहा, असरणाणुप्पेहा, संसाराणुप्पेहा / सुक्केझाणे चउविहे चउप्पडोयारे प० तं० पुहुत्तवियक्केसवियारी, एगत्तवियक्के अवियारी, सुहुमकिरिए अणियट्टी, समुच्छिण्णकिरिए अपडिवाई / सुक्कस्स णं झाणस्स चत्तारि लक्खणा प० तं. अवहे असम्मोहे विवेगे विउस्सग्गे / सुक्कस्स णं झाणस्स चत्तारि आलंबणा प० तं० खंती मुत्ती महवे अज्जवे | सुक्कस्स णं झाणस्स चत्तारि अणुप्पेहाओ प० तं० अणंतवत्तियाणुप्पेहा, विपरिणामाणुप्पेहा, असुभाणुप्पेहा, अवायागुप्पेहा / / 15 / / चउव्विहा देवाणं ठिई प० तं० देवेणाममेगे, देवसिणाए णाममेगे, देवपुरोहिए णाममेगे, देवपज्जलणे णाममेगे // 16 / / चउव्विहे संवासे प० तं० देवणाममेगे देवीए सद्धिं संवासं गच्छेज्जा, देवेणाममेगे छवीए सद्धिं संवासं गच्छेज्जा, छवीणाममेगे देवीए सद्धिं संवासं गच्छेज्जा, छवीणाममेगे छवीए सद्धिं संवासं गच्छेज्जा // 17 // चत्तारि कसाया प० तं० कोहकसाए माणकसाए मायाकसाए लोभकसाए, एवं णेरइयाणं जाव वेमाणियाणं / Page #256 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 4 उ. 1 243 चउप्पइट्ठिए कोहे प० तं० आयपइट्ठिए, परपइट्ठिए, तदुभयपइट्ठिए, अपइट्ठिए, एवं णेरइयाणं जाव वेमाणियाणं, एवं जाव लोभे वेमाणियाणं / चउहिं ठाणेहिं कोधुप्पत्ती सिया तं० खेत्तं पडुच्च, वत्थु पडुच्च, सरीरं पडुच्च, उवहिं पडुच्च, एवं णेरइयाणं जाव वेमाणियाणं, एवं जाव लोहे वेमाणियाणं / चउबिहे कोहे प० तं० अणंताणबधिकोहे, अपच्चक्खाणकोहे, पञ्चक्खाणावरणे कोहे, संजलणे कोहे, एवं णेरइयाणं नाव वेमाणियाणं / एवं जाव लोहे वेमाणियाणं। चउबिहे कोहे पण्णत्ते, आभोगशिव्वत्तिए, अणाभोगणिवत्तिए, उवसंते, अणुवसंते, एवं णेर इयाणं, जाव वेमाणियाणं। एवं जाव लोभे, वेमाणियाणं / / 18 // जीवा णं चउहिँ ठाणेहिं अट्ठकम्मपगडीओ चिणिंसु तं० कोहेणं माणेणं मायाए लोभेणं, एवं जाव वेमाणियाणं / एवं चिणंति एस दंडओ, एवं चिणिस्संति एस दंडओ, एवमेएणं तिण्णि दंडगा। एवं उवचिणिंसु, उवचिणंति, उवचिणिसंति, बंधिसु. 3, उदीरिंसु 3 वेद॑सु 3, णिज्जरेंसु णिजरेंति णिजरिस्संति,जाव वेमाणियाणं एवमेकिके पदे तिणि 2 दंडगा भाणियवा, जाव णिज्जरिस्संति // 19 // चत्तारि पडिमाओ प० त० समाहिपडिमा, उवहाणपडिमा, विवेगपडिमा, विउस्सग्गपडिमा। चत्तारि पडिमाओ प० तं० भद्दा, सुभद्दा, महाभद्दा, सबओभहा। चत्तारिं पडिमाओ प० तं• खुड्डियामोयपडिमा, महल्लियामोयपडिमा, जवमज्झा, वइरमज्झा // 20 // चत्तारि अत्थिकाया अजीवकाया प० तं० धम्मत्थिकाए, अधम्मत्थिकाए, आगासत्थिकाए, पोग्गलत्थिकाए। चत्तारि अत्थिक्काया अरूविकाया प० तं० धम्मत्थिकाए, अधम्मत्थिकाए, आगासत्थिकाए, जीवत्थिकाए / / 21 // चत्तारि फला प० त० आमेणाममेगे आममहुरे, आमेणाममेगे पक्कमहुरे, पक्केणाममेगे आममहुरे, पक्केणाममेगे पक्कमहुरे, एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० आमेणाममेगे आममहुरफलसमाणे, (4) // 22 // चउबिहे सच्चे प० तं० काउज्जुयया, भासुज्जुयया, भावुज्जुयया, अविसंवायणाजोगे / चउविहे मोसे प० तं०-कायअणुज्जुयया, भासअणुज्जुयया, भावअणुज्जुयया, विसंवादणाजोगे // 23 // चउबिहे पणिहाणे प० तं. मणपणिहाणे, वइपणिहाणे, कायपणिहाणे, उवगरणपणिहाणे / एवं णेरइयाणं पंचिंदियाणं जाव वेमाणियाणं / * चउबिहे सुप्पणिहाणे प० तं० मणसुप्पणिहाणे जाव उवगरणसुप्पणिहाणे, एवं संजयमणुस्साणवि। चउविहे दुप्पणिहाणे प० तं० मणदुप्पणिहाणे जाव उवगरण Page #257 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 244 अंग-पविट्ट सुत्ताणि दु०, एवं पंचिंदियाणं जाव वेमाणियाणं // 24 / / चत्तारि पुरिसजाया प० तं० आवायभद्दए णाममेगे णो संवासभहए, संवासभद्दए णाममेगे णो आवायभहए, एगे आवायभदएवि संवासभहए वि, एगे णो आवायभहए णो संवासभद्दए / चत्तारि पुरिसजाया प० तं० अप्पणो णाममेगे वजं पासइ णो परस्स, परस्स णाममेगे वजं पासइ 4 / चत्तारि पुरिसजाया प० तं० अप्पणो णाममेगे वजं उदीरेइ णो परस्स 4 / चत्तारि पुरिसजाया प० त० अप्पणो णाममेगे वजं उवसामेइ णो परस्स 4 / चत्तारि पुरिसजाया प० तं० अब्भुढेइ णाममेगे णो अब्भुट्ठावेइ 4 एवं वंदइ णाममेगे णो वंदावेइ 4 एवं सक्कारेइ, सम्माणेइ 4 पूएइ वाएइ पडिपुच्छइ पुच्छइ वागरेइ 4 / चत्तारि पुरिसजाया प० तं० सुत्तधरे णाममेगे णो अत्थधरे, अत्थधरे णाममेगे णो सुत्तधरे, एगे सुत्तधरे वि अत्थधरेवि, एगे णो सुत्तधरे णो अत्थधरे / / 25 // चमरस्स णं असुरिंदस्स असुरकुमाररण्णो चत्तारि लोगपाला प० तं० सोमे जमे वरुणे वेसमणे; एवं बलिस्सवि सोमे जमे वेसमणे वरुणे, धरणस्स कालवाले कोलवाले सेलवाले संखवाले, एवं भूयाणंदस्स कालवाले कोलवाले संखवाले सेलवाले, वेणुदेवस्स चित्ते विचित्ते चित्तपक्खे विचित्तपक्खे, वेणुदालिस्स चित्ते विचित्ते विचित्तपक्खे चित्तपक्खे / हरिकंतस्स पभे सुप्पभे पभकंते सुप्पभकंते; हरिस्सहस्स पंभे सुप्पमे सुप्पभकंते पभकते; अग्गिसिहस्स तेऊ तेउसिहे तेउकंते ते उपमे, अग्गिमाणवस्स लेऊ तेउसिहे तेउप्पमे तेउकते, पुण्णस्स रूए रूयंसे रूयते रूयप्पभे, विसिठुस्स रूए रूयंसे रूयप्पभे रूयते / जलकंतस्स जले जलरए जलकंते जलप्पभे / जलप्पहस्स जले जलरए जलप्पहे जलकंते / अमियगइस्स तुरियगई खिप्पगई सीहगई सीह विक्कमगई / अमियवाहणस्स तुरियगई खिप्पगई सीहविक्कमगई सीहगई; वेलंबस्स काले महाकाले अंजणे रिटे। पभंजणस्स काले महाकाले रिटे अंजणे / घोसस्स आवत्त वियावत्ते णंदियावत्ते महाणंदियावत्ते / महाघोसस्स आवत्ते वियावत्ते महाणंदियावत्ते णंदियावत्ते / सक्कस्स सोमे जमे वरुणे वेसमणे / ईसाणस्स सोमे जमे वेसामणे वरुणे, एवं एगंतरिया जाव अच्चुयस्स ||26|| चउबिहा वाउकुमारा प० तं० काले महाकाले वेलंबे पभंजणे / चउबिहा देवा प० तं० भवणवासी वाणमंतरा जोइसिया विमाणवासी / / 27 // चउविहे पमाणे प० त० दव्यप्पमाणे खेत्तप्पमाणे कालप्पमाणे भावप्पमाणे // 28 // चत्तारि दिसाकुमारिमहत्तरियाओ प० तं० रूया रूयंसा सुरूवा रूयावई / चत्तारि Page #258 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 245 ठाणं ठा. 4 उ. 1 विज्जुकुमारिमहत्तरियाओ प० तं० चित्ता चित्तकणगा सतेरा सोयामणी // 29 // सक्कस्स णं देविंदस्स देवरणो मज्झिमपरिसाए देवाणं चत्तारि पलिओवमाई ठिई प० / ईसाणस्स णं देविंदस्स देवरण्णो मज्झिमपरिसाए देवीणं चत्तारि पलिओवमाई ठिई प० // 30 // चउविहे संसारे दव्वसंसारे खेत्तसंसारे कालसंसारे भावसंसारे // 31 // चउविहे दिट्ठिवाए प० तं० परिकम्मं सुत्ताई पुव्वगए अमुजोगे // 32 // चउविहे पायच्छित्ते, णाणपायच्छित्ते दंसणपायच्छित्ते चरित्तपायच्छित्ते / वियत्तकिच्चपायच्छित्ते चउविहे पायच्छित्ते, पडिसेवणापायच्छित्ते संजोयणापायच्छित्ते, आरोवणापायच्छित्ते, पलिउंचणापायच्छित्ते॥३३॥चउविहे काले प० तं० पमाणकाले अहाउयणिव्वत्तिकाले मरणकाले अद्धाकाले / / 34 // चउविहे पोग्गलपरिणामे,प० तं० वण्णपरिणामे गंधपरिणामे रसपरिणामे फासपरिणामे।।३५।।भरहेरवएसु णं वासेसु पुरिमपच्छिमवज्जा मज्झिमगा बावीसं अरहंता भगवंतो चाउज्जामं धम्म पण्णवेति तं० सव्वाओ पाणाइवायाओ बेरमणं, एवं मुसावायाओ, अदिण्णादाणाओ, सव्वाओ बहिद्धादाणाओ वेरमणं / सव्वेसु णं महाविदेहेसु अरहंता भगवंतो चाउजाम धम्मं पण्णवयंति तै० सव्वाओ पाणाइवायाओ वेरमणं जाव सव्वाओ बहिद्धादाणाओ वेरमणं / / 36 // चत्तारि दुग्गईओ प० तं० णेरइयदुग्गई, तिरिक्खजोणियदुग्गई,मणुस्सदुग्गई देवदुग्गई / चत्तारि सोग्गईओ प० तं० सिद्धसोग्गई,देवसोग्गई, मणुयसोगई, सुकुलपच्चायाई। चत्तारि दुग्गया प० तं० णेरइयदु० जाव देवदुग्गया। चत्तारि सुमया प० तं० सिद्धसुगया जाव सुकुलपञ्चायाया // 37 // पढमसमयजिणस्स णं चत्तारि कम्मंसा खीणा भवंति तं० णाणावरणिज्जं, दंसणावरणिज्जं, मोहणिज्जं, अंतराइयं / उप्पण्णणाणदंसणधरेणं अरहा जिणे केवली चत्तारि कम्मंसे वेदेति तं वेयणिज्ज आउयं णामं गोयं / पढमसमयसिद्धस्स णं चत्तारि कम्मंसा जुगवं खिजंति तं० वेयणिज्ज आउयं णामं गोयं // 38 // चउहिं ठाणेहिं हासुप्पत्ती सिया तं० पासेत्ता भासेत्ता सुणेत्ता संभरेत्ता // 39 // चउविहे अंतरे प० तं० कट्ठतरे पम्हंतरे लोहंतरे पत्थरंतरे, एवामेव इत्थीए वा पुरिसस्स वा, चउबिहे अंतरे प० तं० कटुंतरसमाणे, पम्हंतरसमाणे, लोहंतरसमाणे, पत्थरंतरसमाणे // 40 // चत्तारि भयगा प० तं० दिवसभयए जत्ताभयए उच्चत्तभयए कब्बालभयए // 41 // चत्तारि पुरिसजाया प० तं० संपागडपडिसेवी णाममेगे Page #259 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 246 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि णो पच्छण्णपडिसेवी, पच्छण्णपडिसेवी, णाममेगे णो संपागडपडिसेवी, एगे संपागड. पडिसेवीवि पच्छण्णपडिसेवीवि, एगे णो संपागडपडिसेवी णो पच्छण्णपडिसेवी / / 42 // चमरस्स णं असुरिंदस्स असुरकुमाररण्णो सोमस्स महारण्णो चत्तारि अग्गमहिसीओ प० तं० कणगा कणगलया चित्तगुत्ता वसुंधरा, एवं जमस्स बरु. णस्स वेसमणस्स / बलिस्स णं वइरोयणिंदस्स वइरोयणरणो, सोमस्स महारणो चत्तारि अग्गमहिसीओ प० तं० मित्तगा सुभद्दा विज्जुया असणी, एवं जमस्स वेसमणस्स वरुणस्स / धरणस्स णं णागकुमारिंदस्स णागकुमाररण्णो कालवालस्स महारण्णोचत्तारि अग्गमहिसीओ प० तं. असोगा विमला सुप्पभा सुदंसणा, एवं जाव संखवालस्स / भूयाणंदस्स णं णागकुमारिंदस्स णागकुमाररण्णो कालवालस्स महारणो चत्तारि अग्गमहिसीओ प० तं० सुणंदा सुभद्दा सुजाया सुमणा, एवं जाव सेलवालस्स, जहा धरणस्स एवं सव्वेसिं दाहिणिंदलोगपालाणं जाव घोसस्स जहा भूयाणंदस्स एवं जाव महाघोसस्स लोगपालाणं / कालस्स णं पिसाइंदस्स पिसायरण्णो चत्तारि अग्गमहिसीओ प० तं० कमला कमलप्पभा उप्पला सुदंसणा, एवं महाकालस्स वि / सुरूवस्स णं भूइंदस्स भूयरणो चत्तारि अग्गमहि सीओ प० तं० रूववई बहुरूवा सुरूवा सुभगा, एवं पडिरूवस्स वि, पुण्णभहस्स णं जक्खिदस्स जक्खरण्णो चत्तारि अग्गमहिसीओ प० तं० पुण्णा बहुपुत्तिया उत्तमा तारगा, एवं माणिभद्दस्स वि / भीमस्स णं रक्खसिंदस्स रक्खसरण्णो चत्तारि अग्गमहि सीओ प० तं० पउमा वसुमई कणगा रयणप्पभा / एवं महाभीमस्स वि किण्णरस्स णं किण्णरिंदस्स चत्तारि अग्गमहिसीओ प० त० वडिंसा के उमई रइसेणा रइप्पभा, एवं किंपुरिसस्स वि सुपुरिसस्स णं किंपुरिसिंदस्स चत्तारि अग्गमहिसीओ प० तं० रोहिणी णवमिया हिरी पुप्फवई, एवं महापुरिसस्स वि, अइकायस्स णं महोरगिंदस्स चत्तारि अग्गमहिसीओ प० तं० भुयगा भुयगवई महाकच्छा फुडा, एवं महाकायस्स वि, गीयरइस्स णं गंधविंदस्स चत्तारि अग्गमहिसीओ प० तं० सुघोसा विमला सुस्सरा सरस्सई, एवं गीयजसस्स वि, चंदस्स णं जोइसिंदस्स जोइसरणो चत्तारि अग्गमहिसीओ प० तं० चंदप्पभा दोसिणाभा अच्चिमाली पभंकरा, एवं सूरस्स वि, णवरं सूरप्पभा दोसिणाभा अच्चिमाली पभंकरा / इंद्यालस्स णं महग्गहस्स चत्तारि अग्गमहिसीओ प० तं० विजया वेजयंती जयंती अपराजिया / एवं Page #260 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 4 उ. 2 247 सव्वेसिं महग्गहाणं जाव भावकेउस्स / सक्कस्स णं देविंदस्स देवरणो सोमस्स महारण्णो चत्तारि अग्गमहिसीओ प० त० रोहिणी मयणा चित्ता सोमा, एवं जाव वेसमणस्स। ईसाणस्स णं देविंदस्स देवरणो सोमस्स महारण्णो चत्तारि अग्गमहिसीओ प० ते. पुढवी राई रयणी विज्जू एवं जाव वरुणस्स // 43 // चत्तारिगोरसविगईओ प० त० खीरं दहिं सप्पिं णवणीयं, चत्तारि सिणेहविगईओ प० त० तेल्लं घयं वसा णवणीयं, चत्तारि महाविगईओ प० त० महुं मंसं मज्जं णवणीयं // 44 // चत्तारि कूडागारा प० तं० गुत्तेणाममेगे गुत्ते, गुत्तेणाममेगे अगुत्ते, अगुत्ते णाममेगे गुत्ते, अगुत्ते णाममेगे अगुत्ते, एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं गुत्तेणाममेगे गुत्ते 4 / चत्तारि कूडागारसालाओ प०० गुत्ता णाममेगा गुत्तदुवारा, गुत्ताणाममेगा अगुत्तदुवारा, अगुत्ता णाममेगा गुत्तदुवारा, अगुत्ता णाममेगा अगुत्तदुवारा, एवामेव चत्तरित्थीओ प० तं० गुत्ता णाममेगा गुत्तिंदिया, गुत्ता णाममेगा अगुत्तिदिया 4 / / 45 / / चउविहा ओगाहणा प० तं० दव्योगाहणा खेत्तोगाहणा कालोगाहणा भावोगाहणा / / 46 // चत्तारि पण्णत्तीओ अंगबाहिरियाओ प० तं० चंदपण्णत्ती सूरपण्णत्ती जंबुद्दीवपण्णत्ती, दीवसागरपण्णत्ती // 47 // चउत्थं ठाणं बीओ उद्देसो चत्तारि पडिसलीणा प० त० कोहपडिसलीणे माणपडिसंलीणे मायापडिसंलीणे लोभपडिसंलीणे / चत्तारि अपडिसंलीणा प० तं० कोहअपडिसंलीणे जाव लोभअपडिसलीणे / चत्तारि पडिसंलीणा प० तं० मणपडिसलीणे, वइपडिसलीणे, कायपडिसलीणे, इंदियपडिसंलीणे / चत्तारि अपडिसंलीणा प० तं० मणअपडिसलीणे जाव इंदिय० // 48 // चत्तारि पुरिसजाया प० त० दीणे णाममेगे दीणे, दीणे णाममेगे अदीणे, अदीणे णाममेगे दीणे, अदीणे णाममेगे अदीणे। चत्तारि पुरिसजाया प० त० दीणे णाममेगे दीणपरिणए, दीणे णाममेगे अदीणपरिणए, अदीणे णाममेगे दीणपरिणए, अदीणे णाममेगे अदीणपरिणए / चत्तारि पुरिसजाया प० तं० दीणे णाममेगे दीणरूवे 4, एवं दीणमणे दीणसंकप्पे दीणपण्णे दीणदिट्ठी दीणसीलायारे दीणववहारे 4, चत्तारि पुरिसजाया प० तं० दीणे णाममेगे दीणपरक्कमे, दीणे णाममेगे अदीणपरक्कसे 4, एवं सव्वेसिं चउभंगो भाणियव्वो / चत्तारि पुरिसजाया प० त० दीणे णाममेगे दीणवित्ती 4, एवं दीणजाई दीणभासी, दीणोभासी / चत्तारि Page #261 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 248 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि पुरिसजाया पणत्ता तं० दीणे णाममेगे दीणसेवी 4 / एवं दीणे णाममेगे दीणपरियाए 4 एवं दीणे णाममेगे दीणपरियाले 4 / सव्वत्थ चउभंगो / / 49 / / चत्तारि पुरिसजाया प० तं० अज्जे णाममेगे अज्जे 4 / चत्तारि पुरिसजाया प० तं० अज्जे णाममेगे अज्जपरिणए 4 एवं अन्जरूवे 4 अन्जमणे 4 अज्जसंकप्पे 4 अज्जपण्णे 4 अज्जदिट्ठी 4 अजसीलायारे 4 अच्नववहारे 4 अज्जपरक्कमे 4 अजवित्ती 4 अज्जजाई 4 अज्जभासी 4 अज्ज ओभासी 4 अज्जसेवी 4 एवं अज्जपरियाए 4 अज्जपरियाले 4 एवं सत्तरस मालावगा, जहा दीणे णं भणिया तहा अजेणवि भाणियव्वा / चत्तारि पुरिसजाया प० तं० अज्जे णाममेगे अज्जभावे, अज्जे णाममेगे अणज्जभावे, अणजे णाममेगे अजभावे, अणज्जे णाममेगे अणज्जभावे // 50 // चत्तारि उसभा प० तं० जाइसंपण्णे कुलसंपण्णे बलसंपण्णे रूवसंपण्णे, एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० त० जाइसंपण्णे कुलसंपण्णे बलसंपण्णे रूवसंपण्णे। चत्तारि उसभा प० तं० जाइसंपण्णे णाममेगे णो कुलसंपण्णे, कुलसंपण्णे णाममेगे णो जाइसंपण्णे, एगे जाइसंपण्णेवि, कुलसंपण्णेवि एगे णो जाइसंपण्णे णो कुलसंपण्णे / एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० जाइसंपण्णे 'णाममेगे णो कुलसंपण्णे 4 / चत्तारि उसभा प० तं० जाइसंपण्णे णाममेगे णो बलसंपण्णे 4 एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० जाइसंपरणे णाममेगे णो वलसंपण्णे 4 / चत्तारि उसभा प० तं० जाइसंपण्णे णाममेगे णो रूवसंपण्णे 4 एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पं० तं० जाइसंपण्णे णाममेगे णो रूवसंपण्णे 4 / चत्तारि उसभा प० त० कुलसंपण्णे णाममेगे णो बलसंपण्णे 4 / एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० कुलसंपण्णे णाममेगे णो बलसंपण्णे 4 चत्तारि उसभा प० 0 कुलसंपण्णे णाममेगे णो रूवसंपण्णे 4 एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० कुलसंपण्णे णाममेगे णो रूवसंपण्णे 4 | चत्तारि उसभा प० त० बलसंपण्णे णाममेगे णो रूवसंपण्णे 4 एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० बलसंपण्णे णाममेगे णो रूवसंपण्णे 4 // 51 // चत्तारि हत्थी प० तं० भद्दे मंदे मिए संकिण्णे, एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पं० 20 भद्दे मंदे मिए संकिण्णे / चत्तारि हत्थी प० त० भद्दे णाममेगे भद्दमणे, भद्दे णाममेगे मंदमणे, भहे णाममेगे मियमणे, भद्दे णाममेगे संकिण्णमणे, एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० भद्दे णाममेगे भद्दमणे, भद्दे णाममेगे मंदमणे, भद्दे णाममेगे Page #262 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 4 उ. 2 249 मियमणे,भद्दे णाममेगे संकिण्णमणे / चत्तारि हत्थी प० तं० मंदे णाममेगे भद्दमणे, मंदे णाममेगे मंदमणे, मंदे णाममेगे मियमणे, मंदे णाममेगे संकिण्णमणे, एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० मंदे णाममेगे भद्दमणे, तं चेव / चत्तारि हत्थी प० तं० मिए गाममेगे भद्दमणे, मिए णाममेगे मंदमणे, मिए णाममेगे मियमणे, मिए णाममेगे संकिण्णमणे, एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० मिए णाममेगे भद्दमणे, तं चेव / चत्तारि हत्थी प० त० संकिण्णे णाममेगे भद्दमणे, संकिण्णे णाममेगे मंदमणे, संकिण्णे गाममेगे मियमणे, संकिण्णे णाममेगे संकिण्णमणे / एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं• संकिण्णे णाममेगे भद्दमणे, तं चैव जाव संकिण्णे णाममेगे संकिण्णमणे / गाथा मधुगुलियपिंगलक्खो, अणुपुव्वसुजायदीहणंगूलो; पुरओ उदग्गधीरो, सव्वंगसमाहिओ भद्दो // 52 // (1) चलबहलविसमचम्मो थूलसिरो थूलएण पेएण; थूलणहदंतवालो, हरिपिंगललोयणो मंदो / / 53 // (2) तणुओ तणुयग्गीवो, तणयतओ तणुयदंतणहवालो; भीरू तत्थुव्विग्गो; तासी य भवे मिए णामं / / 54 // (3) एए सिं हत्थीणं, थोवं थोवं तु जो अणुहरइ हत्थी; रूवेण व सीलेण व, सो संकिण्णो त्ति णायव्वो / / 55 / / (4) भद्दो मज्जइ सरए, मंदो उण मज्जए वसंतम्मि; मिउ मजाइ हेमंते, संकिण्णो सव्वकालम्मि (5) // 56 // चत्तारि विकहाओ प० तं० इत्थिकहा भत्तकहा देसकहा रायकहा / इत्थिकहा चउव्विहा प० तं० इत्थीणं नाइकहा, इत्थीणं कुलकहा, इत्थीणं रूवकहा, इत्थीणं णेवत्थकहा / भत्तकहा चउम्विहा प० तं० भत्तस्स आवावकहा, भत्तस्स णिव्वावकहा, भत्तस्स आरंभकहा, भत्तस्स गिट्टाणकहा / देसकहा चउव्विहा प० तं० देसविहिकहा, देसविकप्पकहा, देसच्छंदकहा, देसणेवत्थकहा। रायकहा चउविहा प० तं० रण्णो अइयाणकहा रण्णो णिज्जाणकहा, रण्णो बलवाहणकहा, रण्णो कोसकोट्ठागारकहा // 57 // चउविवहा धम्मकहा प० तं० अक्खेवणी विक्खेवणी संवेयणी णिव्वेयणी / अक्खेवणी कहा चउव्विहा प० तं० आयारऽक्खेवणी वव. हारऽक्खेवणी पण्णत्तिऽक्खेवणी दिट्ठिवायअक्खेवणी / विक्खेवणी कहा चउविहा प० तं० ससमयं कहेइ, ससमयं कहेत्ता परसमयं कहेइ, परसमयं कहेत्ता ससमयं ठावइत्ता भवइ, सम्मावायं कहेइ, सम्मावायं कहेत्ता मिच्छावायं कहेइ, मिच्छावायं कहेत्ता सम्मावायं ठावइत्ता भवइ / संवेयणी कहा चउव्विहा प० तं० Page #263 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 250 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि इहलोगसंवेयणी परलोगसंवेयणी आयसरीरसंवेगणी परसरीरसंवेयणी / णिव्वेयणी कहा चउविहा प० त० इहलोगे दुचिण्णा कम्मा इहलोगे दुहफलविवागसंजुत्ता भवंति, इहलोगे दुचिण्णा कम्मा परलोगे दुह फलविवागसंजुत्ता भवंति, परलोगे दुचिण्णा कम्मा इहलोगे दुहफलविवागसंजुत्ता भवंति, परलोगे दुचिण्णा कम्मा परलोगे दुहफलविवागसंजुत्ता भवंति / इहलोगे सुचिण्णाकम्मा इहलोगे सुहफल. विवागसंजुत्ता भवंति,इहलोगे सुचिण्णा कम्मा परलोगे सुहफलविवागसंजुत्ता भवंति, एवं चउभंगो तहेव / / 58 // चत्तारि पुरिसजाया प० तं० किसे णाममेगे किसे, किसे णाममेगे दढे, दढे णाममेगे किसे, दढे णाममेगे दढे / चत्तारि पुरिसजाया प० तं. किसे णाममेगे किससरीरे, किसे णाममेगे दढसरीरे, दढे णाममेगे किससरीरे, दढे णाममेगे दढसरीरे / चत्तारि पुरिसजाया प० तं० किससरीरस्स णाममेगस्स णाणदंसणे समुप्पज्जइ णो दढसरीरस्स, दढसरीरस्स णाममेगस्स णाणदंसणे समुप्पज्जइ णो किससरीरस्स, एगस्स किससरीरस्स वि णाणदंसणे समुप्पज्जइ दढसरीरस्स वि, एगस्स णो किससरीस्स णाणदंसणे समुप्पज्जइ णो दढसरीरस्स / / 59 / / चउहिं ठाणेहिं णिग्गंथाण वा, णिग्गंथीण वा अस्सि समयंसि अइसेसे णाणदंसणे समुपज्जिउ. कामेवि णो समुप्पजेज्जा तं० अभिक्खणं अभिक्खणं इत्थिकहं भत्तकहं देसकहं रायकहं कहेत्ता भवइ, विवेगेणं विउसग्गेणं णो सम्ममप्पाणं भावेत्ता भवइ, पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि णो धम्मजागरियं जांगरित्ता भवइ, फासुयस्स एसणिज्जस्स उंछस्स सामुदाणियस्स णो सम्म गवेसइत्ता भवइ, इच्चेएहिं चउहिं ठाणेहिं णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा जाव णो समुप्पजेज्जा / चउहिं ठाणेहिं णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा अइसेसे णाणदंसणे समुप्पजिउकामे समुप्पजेज्जा तं० इत्थिकहं भत्तकहं देसकहं रायकहं णो कहेत्ता भवइ, विवेगेण विउसग्गेणं सम्ममप्पाणं भावेत्ता भवइ, पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि धम्मजागरियं जागरित्ता भवइ, फासुयस्स एसणिज्जस्म उंछस्स सामुदाणि यस्स सम्मं गवेसइत्ता भवइ, इच्चेए हिं चउहिं ठाणेहिं णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा जाव समुप्पजेज्जा ॥६०॥णो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा चउहिं महापाडिवए हिं सज्झायं करेत्तए तं० आसाढपाडिवए इंदमहपाडिवए कत्तियपाडिवए सुगिम्हपाडिवए / णो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा चउहिं संझाहिं सज्झायं करेत्तए त० पढमाए पच्छिमाए मज्झण्हे अद्धरत्ते / कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गं Page #264 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 4 उ. 2 251 थीण वा चाउक्कालं सज्झायं करेत्तए तं० पुवण्हे अवरण्हे पओसे पच्चूसे // 61 // चउन्विहा लोगठिई प० तं० आगासपइट्ठिए वाए, वायपइट्ठिए उदही, उदहिपइट्ठिया पुढवी, पुढविपइट्ठिया तसा थावरा पाणा // 62 // चत्तारि पुरिसजाया प० तं० तहे णाममेगे णोत हे णाममेगे सोवत्थी णाममेगे पहाणे णाममेगे // 63 / / चत्तारि पुरिसजाया प० तं० आयंतकरे णाममेगे णो परंतकरे, परंतकरे णाममेगे णो आयतकरे, एगे आयतकरेवि परंतकरेवि, एगे णो आयंतकरे णो परंतकरे। चत्तारि पुरिसजाया प० त० आयतमे णाममेगे णो परंतमे परंतमे णाममेगे णो आयंतमे 4 / चत्तारि पुरिसजाया प० तं० आयंदमे णाममेगे णो परंदमे, परंदमे णाममेगे णो आयंदमे, एगे आयंदमेवि परंदमेवि, एगे णो आयंदमे णो परंदमे / / 64 // चउबिहा गरहा प० तं० उवसंपन्जामित्ति एगा गरहा, वितिगिच्छामिति एगा गरहा, जं किंचिमिच्छामित्ति एगा गरहा, एवंपि पण्णत्ते एगा गरहा / / 65 / / चत्तारि पुरिसजाया प० तं० अप्पणो णाममेगे अलमंथू भवइ णो परस्स, परस्स णाममेगे अलमंथू भवइ गो अप्पणो, एगे अप्पणोवि अलमंथू भवइ परस्सवि, एगे णो अप्पणो अलमंथू भवइ णो परस्स // 66 // चत्तारि मग्गा प० तं० उज्जू णाममेगे उज्जू , उज्जू णाममेगे वंके, वंके णाममेगे उज्जू, वंके णाममेगे वंके। एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० उज्जू णाममेगे उज्जू 4 / चत्तारि मग्गा प० तं० खेमे णाममेगे खेमे, खेमे णाममेगे अखेमे 4 / एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० खेमे णाममेंगे खेमे 4 / चत्तर मग्गा प० तं० खेमे णाममेगे खेमरूवे, खेमे णाममेगे अखेमरूवे 4 / एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० खेमे णाममेगे खेमरूवे 4 // 67 / / चत्तारि संवुक्का प० तं० वामे णाममेगे वामावत्ते, वामे णाममेगे दाहिणावत्ते, दाहिणे णाममेगे वामावत्ते, दाहिणे णाममेगे दाहिणावत्ते, एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० वामे णाममेगे वामावत्ते 4 / चत्तारि धूमसिहाओ प० तं. वामा णाममेगा वामावत्ता 4 / एवामेव चत्तारित्थिओ प० तं० वामा णाममेगा वामावत्ता 4 / चत्तारि अग्गिसिहाओ प० तं० वामा णाममेगा वामावत्ता 4 / एवामेव चत्तारित्थिओ प० तं० वामा णाममेगा वामावत्ता 4 / चत्तारि वायमंडलिया, प० त० वामा णाममेगा वामावत्ता 4 / एवामेव चत्तारित्थिओ प० त० वामा णाममेगा बामावत्ता 4 / चत्तारि वणखंडा प० तं० वामे णाममेगे वामावत्ते Page #265 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 252 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि 4 / एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० त० वामे णाममेगे वामावत्ते 4 // 68 / / चउहिं ठाणेहिं णिग्गंथे णिग्गंथिं आलवमाणे वा संलवमाणे वा णाइक्कमइ, तं० पंथं पुच्छमाणे वा पंथं देसमाणे वा असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा दलयमाणे वा, दलावेमाणे वा / / 69 / / तमुक्कायस्स णं चत्तारि णामधेजा प० तं० तमेइ वा, तमुक्काएइ वा, अंधयारेइ वा, महंधयारेइ वा / तमुक्कायस्स णं चत्तारि णामधेज्जा प० तं० लोगंधयारेइ वा, लोगतमसेइ वा, देवंधयारेइ वा, देवतमसेइ वा / तमु. कायस्स णं चत्तारि णामधेज्जा प०० वायफलिहेइ वा, वायफलिहखोभेइ वा, देवरण्णेइ वा, देववूहेइ वा / तमुक्काए णं चत्तारि कप्पे आवरित्ता चिट्ठइ तं० सोहम्मीसाणं सणंकुमारमाहिंदै // 70 // चत्तारि पुरिसजाया प० तं० संपागडपडिसेवी णाममेगे, पच्छण्णपडिसेवी णाममेगे, पडुप्पण्णणंदी णाममेगे, णिस्सरणणंदी णाममेगे // 71 / / चत्तारि सेणाओ प० तं० जइत्ता णाममेगा णो पराजिणित्ता, पराजिणित्ता णाममेगा णो जइत्ता, एगा जइत्ता वि पराजिणित्ताविं, एगा णो जइत्ता णो पराजिणित्ता / एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० जइत्ता णाममेगे णो पराजिणित्ता 4 / चत्तारि सेणाओ प० तं० जइत्ता णाममेगा जयइ, जइत्ता णाममेगा पराजिणइ पराजिणित्ता णाममेगा जयइ, पराजिणित्ता णाममेंगा पराजिणइ, एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० जइत्ता णाममेगे जयइ // 72 // चत्तारि केयणा प० तं० वसीमूलकेयणए मेंढविसाणकेयणए, गोमुत्तिकेयणए, अवलेहणियकेयणए / एवामेव चउव्विहा माया प० तं. वंसीमूलकेयणासमाणा जाव अवलेहणियाकेयणासमाणा, वसीमूलकेयणासमाणं मायं अणुप्पविढे जीवे कालं करेइ णेरइएसु उववज्जइ, मेंढविसाणकेयणासमाणं मायमणुप्पविढे जीवे कालं' करेइ तिरिक्खजोणिएसु उववज्जइ गोमुतिअं जाव कालं करेइ मणुस्सेसु उववज्जइ, अवलेहिणिया जाव देवेसु उववज्जइ // 73 // चत्तारि थंभा प० त० सेलथंभे अद्विथभे दारुथंभे, तिणिसलयार्थभे; एवामेव चउबिहे माणे प० तं० सेलथंभसमाणे जाव तिणिसलयार्थभसमाणे / सेलथंभसमाणं माणं अणुप्पविढे जीवे कालं करेइ णेरइएसु उववज्जइ, एवं जाव तिणिसलयार्थभसमाणं माणं अणुप्पविढे जीवे कालं करेइ देवेसु उववज्जइ / / 74 // चत्तारि वत्था प० तं० किमिरागरत्ते कद्दमरागरत्ते खंजणरागरत्ते हलिद्दरागरत्ते, एवामेव चउबिहे लोभे प० तं० किमिरागरत्तवत्थ Page #266 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 4 उ. 2 253 समाणे कदमरागरत्तवत्थसमाणे खंजणरागरत्तवत्थसमाणे हलिहरागरत्तवत्थसमाणे, किमिरागरत्तन्थसमाणं लोभमणुप्पविटे जीवे कालं करेइ णेरइएसु उववज्जइ, तहेव जाव हलिद्दरागरत्तवत्थसमाणं लोभमणुप्पविढे जीवे कालं करेइ देवेसु उववज्जइ / / 75 / / चउबिहे संसारे प० तं० णेरइयसंसारे जाव देवसंसारे / चउबिहे आउए प० तं० णेरइयआउए जाव देवाउए / चउबिहे भवे प० तं० णेरइयभवे जाव देवभवे / / 76 // चउविहे आहारे प० त० असणे पाणे खाइमे साइमे / चउविहे आहारे प० तं० उवक्खरसंपण्णे, उवक्खडसंपण्णे, सभावसंपण्णे, परिजुसियसंपण्णे // 77 // चउबिहे बंधे प० तं० पगइबंधे ठिइबंधे अणुभावबंधे पएसबंधे / चउबिहे उवक्कमे प० तं० बंधणोवक्कमे उदीरणोवक्कमे उवसमणोवक्कमे विप्परिणामणोवक्कमे / बंधणोवक्कमे चउबिहे प० तं० पगइबंधणोवक्कमे ठिइबंधणोवक्कमे अणुभावबंधणोवक्कमे पएसबंधणोवक्कमे / उदीरणोवक्कमे चउबिहे प० त० पगइउदीरणोवक्कमे ठिइउदीरणोवक्कमे अणुभावउदीरणोवक्कमे पएसउदीरणोवक्कमे / उवसामणोवक्कमे चउबिहे प० तं० पगइउवसामणोवक्कमे ठिइ-अणुभाव-पएसउवसामणोवक्कमे / विप्परिणामणोवक्कमे चउविहे प० तं० पगइठिइअणुभावपएसविप्परिणामणोवक्कमे / चउबिहे अप्पाबहुए प० तं० पगइअप्पाबहुए ठिइअणुभावपएसअप्पाबहुए / चउबिहे संकमे, पगइसंकमे ठिइअणुभावपएससंकमे / चउविहे णिधत्ते प० तं० पगइणिधत्ते, ठिइअणुभावपएसणिधत्ते / चउविहे णिगाइए प० तं० पगणिगाइए, ठिइणिगाइए, अणुभावणिगाइए, पएसणिगाइए // 78 // चत्तारि एक्का प० तं० दविए एक्कए माउयएक्कए पज्जयएक्कए संगहए क्कए / चत्तारि कई प० तं० दवियकई माउयकई पज्जवकई संगहकई। चत्तारि सव्वा प० तं० णामसव्वए ठवणसव्वए आएससव्वए गिरवसेससव्वए // 79|| माणुसुत्तरस्स णं पव्वयस्स चउद्दिसिं चत्तारि कूडा प० त० रयणे रयणुच्चए सव्वरयणे रयणसंचए // 80 / / जंबुद्दीवे 2 भर हेरवएसु वासेसु तीयाए उस्सप्पिणीए सुसमसुसमाए समाए चत्तारि सागरोवमकोडाकोडीओ कालो हुत्था। जंबुद्दीवे 2 भर हेरवए इमीसे ओसप्पिणीए दुसमसुसमाए समाए जहण्णपए णं चत्तारि सागरोवमकोडाकोडीओ कालो हुत्था / जंबुद्दीवे दीवे जाव आगमिस्साए उस्स प्पिणीए सुसमसुसमाए समाए चत्तारि सागरोवमकोडाकोडीओ कालो भविस्सइ / जंबुद्दीवे दीवे Page #267 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 254 अंग-पविट्ट सुत्ताणि देवकुरुउत्तरकुरुवज्जाओ चत्तारि अकम्मभूमीओ प० तं० हेमवए एरण्णवए हरिवासे रम्मगवासे, चत्तारि वट्टवेयड्डपव्वया प० तं० सद्दावई वियडावई गंधावई मालवंतपरियाए / तत्थ णं चत्तारि देवा महिड्डिया जाव पलिओवमठिईया परि. वसंति तं० साई पभासे अरुणे पउमे / जंबुद्दीवे दीवे महाविदेहेवासे चउबिहे प० तं० पुव्वविदेहे, अवरविदेहे, देवकुरा, उत्तरकुरा / सव्वेवि णं णिसढणीलवंतवासहरपव्वया चत्तारि जोयणसयाइं उर्दू उच्चत्तेणं, चत्तारि गाउयसयाई उबेहेणं प० / जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पब्वयस्स पुरत्थिमेणं सीयाए महाणईए उत्तरकृले चत्तारि वक्खारपव्वया प० तं० चित्तकूडे पम्हकूडे णलिणकडे एगसेले। जंबूमंदरपुरस्थिमेणं सीयाए महाणईए दाहिणकूले चत्तारि पक्वारपव्वया प० तं० तिकूडे वेसमणकूडे अंजणे मायंजणे / जंबूमंदरस्स पञ्चत्थिमेणं सीओयाए महाणईए दाहिणकूले चत्तारि वक्खारपव्वया प० तं० अंकावई पम्हावई आसीविसे सुहावहे / जंबूमंदरस्स पञ्चत्थिमेणं सीओयाए महाणईए उत्तरकुले चत्तारि वखारपव्वया प० तं० चंदपव्वए सूरपव्वए देवपव्वए णागपव्वए / जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स चउसु विदिसासु चत्तारि वक्खारपब्वया प० तं. सोमणसे विज्जुप्पभे गंधमायणे मालवंते / जंबुद्दीवे दीवे महाविदेहे वासे जहण्णपए चत्तारि'अरिहंता, चत्तारि चक्कवट्टी, चत्तारि बलदेवा, चत्तारि वासुदेवा, उप्पजिंसु वा उप्पाजंति वा उप्पजिस्संति वा। जंबुद्दीवे दीवे मंदरे पव्वए चत्तारि वणा प० तं० भद्दसालवणे, णंदणवणे, सोमणसवणे, पंडगवणे / जंबूमंदरपव्वयपंडगवणे चत्तारि अभिसेगसिलाओ प० तं. पंडुकंबलसिला, अइपंडुकंबलसिला, रत्तकंबलसिला, अइरत्तकंबलसिला / मंदरचूलि. या णं उवरिं चत्तारि जोयणाई विक्खंभेणं पण्णत्ता / एवं धायइखंडदीवपुरथिमद्धेवि कालं आई करित्ता जाव मंदरचूलियत्ति / एवं जाव पुक्खरवरदीवपच्चत्थिमद्धे जाव मंदरचूलियत्ति, जंबूद्दीवगआवस्सगं तु कालाओ चूलिया जाव धायइखंडे पुक्ग्वरवरे य पुव्वावरे पासे / जंबूद्दीवस्स णं दीवस्स चत्तारि दारा प० तं० विजए वेजयंते जयंते अपराजिए, ते णं दारा चत्तारि जोयणाई विक्खंभेणं तावइयं चेव पवेसेणं प०, तत्थ णं चत्तारि देवा महिड्डिया जाव पलिओवमठिईया परिवसंति तं० विजए वेजयंते जयंते अपराजिए // 81 // जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं चुल्लहिमवंतस्स वासहरपव्वयस्स चउसु विदिसासु लवणसमुहं तिण्णि तिणि जोयण Page #268 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा.४ उ. 2 255 सयाई ओगाहेत्ता एत्थणं च तारि अंतरदीवा प० तं० एगरूयदीवे आभासियदीवे वेसाणियदीवे णंगोलियदीवे, तेसु णं दीवेसु चउव्विहा मणुस्सा परिवसंति, एगरूया आभासिया वेसाणिया णंगोलिया। तेसि णं दीवाणं चउसु विदिसासु लवणसमुहूं चत्तारि चत्तारि जोयणसयाई ओगाहेत्ता एत्थ णं चत्तारि अंतरदीवा प० तं० हयकण्णदीवे, गयकण्णदीवे गोकण्णदीवे सक्कुलिकण्णदीवे / तेसु णं दीवेसु चउविहा मणुस्सा परिवसंति तं० हयकण्णा गयकण्णा गोकण्णा सक्कुलिकण्णा / तेसि णं दीवाणं चउसु विदिसासु लवणसमुहं पंच पंच जोयणसयाई ओगाहेत्ता एत्थ णं चत्तारि अंतरदीवा प० तं० आयंसमुहदीवे मेंढमुहदीवे अओमुहदीवे गोमुहदीवे / तेसु णं दीवेसु चउब्धिहा मणुस्सा भाणियब्वा तेसि णं दीवाणं चउसु विदिसासु लवणसमुह छ छ जोयणसयाई ओगाहेत्ता एत्थ णं चत्तारि अंतरदीवा प० तं० आसमुहदीवे हत्थिमुहदीवे सीहमुहदीवे वग्घमुहदीवे, तेसु णं दीवेसु मणुस्सा भाणियव्वा। तेसिं णं दीवाणं चउसु विदिसासु लवणसमुहूं सत्त सत्त जोयणसयाई ओगाहित्ता एत्थ णं चत्तारि अंतरदीवा प० तं० आसकण्णदीवे हत्थिकण्णदीवे अकण्णदीवे कण्णपाउरणदीवे, तेसु णं दीवेसु मणुस्सा भाणियव्वा / तेसि णं दीवाणं चउसु विदिसासु लवणसमुई अट्ठ जोयणसयाई ओगाहित्ता एत्थ णं चत्तारि अंतरदीवा प० तं० उक्कामुहदीवे मेहमुहदीवे विज्जुमुहदीवे विज्जुदंतदीवे, तेसु णं दीवेसु मणुस्सा भाणियव्वा / तेसि णं दीवाणं चउसु विदिसासु लवणसमुई णव णव जोयणसयाई ओगाहित्ता एत्थणं चत्तारि अंतरदीवा प० तं० घणदेंतदीवे लट्ठदंतदीवे गूढदंतदीवे सुद्धदंतदीवे, तेसु णं दीवेसु चउब्विहा मणुस्सा परिवसंति तं० घणदंता लट्ठदंता गूढदंता सुद्धदंता। जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरेणं सिहरिस्स वासहरपव्वयस्स चउसु विदिसासु लवणसमुई तिण्णि तिण्णि जोयणसयाई ओगाहित्ता एत्थणं चत्तारि अंतरदीवा प० तं० एगरूयदीवे सेसं तहेव गिरवसेसं भाणियव्वं जाव सुद्धदंता / / 82 // जंबुद्दीवस्स णं दीवस्स बाहिरिल्लाओ वेइयंताओ चउद्दिसिं लवणसमुहं पंचाणउइजोयणसहस्साई ओगाहेत्ता एत्थणं महइमहालया महालिंजरसंठाणसंठिया चत्तारि महापायाला प० वलयामहे केउए जूवए ईसरे,तत्थणं चत्तारि देवा महिड्डिया जाव तं० पलिओवमलिईया परिवसंति तं० काले महाकाले लंबे पभंजणे / / 83 / / जंबुद्दीवस्स णं दीवस्स बाहिरिल्लाओ वेइयंताओ चउद्दिसिं लवणसमुई बायालीसं 2 जोयणसहस्साई आगा Page #269 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 256 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि हित्ता एत्थणं चउण्हं वेलंधरणागराईणं चत्तारि आवासपव्वया प० त० गोथूभे उदयभासे संखे दगसीमे, तत्थ णं चत्तारि देवा महिड्डिया जाव पलिओवमठिईया परिवसंति तं० गोथूमे सिवए संखे मणोसिलए / जंबुद्दीवस्स णं दीवस्स बाहिरिल्लाओ वेइयं. ताओ चउसु विदिसासु लवणसमुहूं बायालीसं 2 जोयणसहस्साइं ओगाहेत्ता एत्थणं चउण्हं अणुवेलंधरणागराईणं चत्तारि आवासपव्वया प० तं० कक्कोडए विज्जुप्पभे केलासे अरुणप्पभे / तत्थ णं चत्तारि महिड्डिया जाव पलिओवमठिईया परिवसंति तं० कक्कोडए कहमए केलासे अरुणप्पभे // 84 // लवणे णं समुद्दे चत्तारि चंदा पभासिंसु वा पभासंति वा पभासिस्संति वा, चत्तारि सूरिया तविंसु वा तवंति वा तविस्संति वा, चत्तारि कत्तियाओ जाव चत्तारि भरणीओ, चत्तारि अग्गी जाव चत्तारि जमा, चत्तारि अंगारया जाव चत्तारि भावकेऊ / / 85 // लवणस्स णं समुहस्स चत्तारि दारा प० तं० विजए वेजयंते जयंते अपराजिए। ते णं दारा णं चत्तारि जोयणाई विक्खंभेणं तावइयं चेव पवेसेणं पण्णत्ता, तत्थ णं चत्तारि देवा महिड्डिया जाव पलिओवमठिईया परिवसंति विजए जाब अपराजिए // 86 / / धायइखंडे णं दीवे चत्तारि जोयणसयसहस्साई चक्कवालविक्खंभेणं, प० // 87|| जंबुद्दीवस्स णं दीवस्स बहिया चत्तारिभरहाइं चत्तारि एरवयाई, एवं जहा सदुद्देसए तहेव गिरवसेसं भाणियव्वं, जाव चत्तारि मंदरा चत्तारि मंदरचूलियाओ // 88 / / णंदीसरवरस्स णं दीवस्स चक्कवालविक्खंभस्स बहुमज्झदेसभाए चउद्दिसिं चत्तारि अंजणगपव्वया प० तं० पुरथिमिल्ले अंजणगपव्वए दाहिणिल्ले अंजणगपव्वए, पञ्चत्थिमिल्ले अंजणगपव्वए उत्तरिल्ले अंजणगपव्वए, ते णं अंजणगपव्वया चउरासीइजोयणसहस्साई उ8 उच्चत्तेणं एगं जोयणसहस्सं उव्वे हेणं मूले दसजोयणसहस्साई विखंभेणं तदणंतरं च णं मायाए मायाए परिहाएमाणा परिहाएमाणा उवरिमेगं जोयणसहस्सं विखंभेणं प०, मूले इक्तीसं जोयणसहस्साई छच्चतेवीसे जोयणसए परिक्खेवेणं उवरि तिण्णि 2 जोयणसहस्साइं एगं च छावढे जोयणसयं परिक्खेवेणं मूले विच्छिण्णा मज्झे संखित्ता उप्पिं तणुया गोपुच्छसंठाणसंठिया सव्वअंजणमया अच्छा जाव पडिरूवा / तेसि णं अंजणगपव्वयाणं उवरि बहु. समरमणिज्जभूमिभागा प० तेसि णं बहुसमरमणिज्जभूमिभागाणं बहुमज्झदेसभागे चत्तारि सिद्धाययणा पण्णत्ता, ते णं सिद्धाययणा एगं जोयणसयं आयामेणं Page #270 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 4 उ. 2 257 पण्णत्ता पण्णासं जोयणाई विक्खभेणं बावत्तरि जोयणाई उद्धं उच्चत्तेणं, तेसिं सिद्धाययणाणं च उदिसिं चत्तारि दारा प० तं०-देवदारे असुरदारे णागदारे सुवण्णदारे, तेसुणं दारेसु चउव्विहा देवा परिवसंति तं० देवा असुरा णागा सुवण्णा, तेसिणं दाराणं पुरओ चत्तारि मुहमंडवा पं०, तेसिणं मुहमंडवाणं पुरओ चत्तारि पेच्छा. घरमंडवा प०, तेसिणं पेच्छाघरमंडवाणं बहुमज्झदेसभागे चत्तारि वइरामया अक्खाडगा प०, तेसि णं वइरामयाणं अक्खाडगाणं बहुमज्झदेसभागे चत्तारि मणिपेढियाओ प०, तासि णं मणिपेढियाणं उवरिं चत्तारि सीहासणा पण्णत्ता, तेसि णं सीहासणाणं उवरिं चत्तारि विजयदूसा पण्णता, तेसि णं विजयदूसगाणं बहु. मज्झदेसभागे चत्तारि वइरामया अंकुसा प० तेसु णं वइरामए सु अंकुसेसु चत्तारि कुंभिका मुत्तादामा प० ते णं कुंभिका मुत्तादामा पतेयं 2 अण्णेहिं तदद्धउच्चत्तपमाणमित्तेहिं चउहिं अद्धकुमिकेहिं मुत्तादामेहिं; सव्वओ समंता संपरिक्खित्ता,तेसि णं पेच्छाघरमंडवाणं पुरओ चत्तारि मणिपेढियाओ पण्णत्ताओ, तासि णं मणिपेढियाणं उवरिं चत्तारि 2 चेइयथूभा पण्णत्ता; तासि णं चेंइयथूभाणं पत्तेयं 2 चउद्दिसिं चत्तारि मणिपेढियाओ प० तासि णं मणिपेढियाणं उवरिं चत्तारि जिणपडिमाओ सव्वरयणामईओ संपलियकणिसण्णाओ थूभाभिमुहाओ चिट्ठति तं० रिसभा वद्धमाणा चंदाणणा वारिसेणा, तेसि णं चेइयथूभा णं पुरओ चत्तारि मणिपेढियाओ प० तासि णं मणिपेढियाणं उवरिं चत्तारि चेइयरुक्खा प०, तेसि णं चेइयरुक्खा णं पुरओ. चत्तारि मणिपेढियाओ प०, तासि णं मणिपेढियाणं उवरिं चत्तारि महिंदज्झया प०, तेसि णं महिंदज्झयाणं पुरओ चत्तारि 2 णंदाओ पुक्खरणीओ प० तासिणं पुक्खरणीणं पत्तेयं पत्तेयं चउदिसिं चत्तारि वणखंडा प० त० पुरत्थिमेणं दाहिणेणं पञ्चत्थिमेणं उत्तरेणं, पुव्वेणं असोगवणं दाहिणओ होइ सत्तवण्णवणं; अवरेण चंपगवणं, चूयवणं उत्तरे पासे (1) तत्थ णं जे से पुरत्थिमिल्ले अंजणगपव्वए तस्स णं चउद्दिसिं चत्तारि णंदाओ पुक्खरणीओ पण्णत्ताओ तं० णंदुत्तरा णंदा आणंदा णंदिवद्धणा, ताओ णंदाओ पुक्खरिणीओ एगं जोयणसयसहस्सं आयामेणं पण्णास जोयणसहस्साइं विक्खंभेणं दस जोयणसयाई उव्वेहेणं, तासिणं पुक्खरणीणं पत्तेयं पत्तेयं चउदिसिं चत्तारि तिसोवाणपडिरूवगा प० तेसिणं तिसोवाणपडिरूवंगाणं पुरओ चत्तारि तोरणा प०० पुरत्थिमेणं दाहिणेणं पञ्चत्थिमेणं Page #271 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 258 अंग-पविट सुत्ताणि उत्तरेणं, तासिणं पुक्खरणीणं पत्तेयं पत्तेयं चउद्दिसिं चत्तारि वणखंडा प० तं. पुरओ दाहिणेणं पञ्चत्यिमेणं उत्तरेणं, पुव्वेणं असोगवणं जाव चूयवणं उत्तरे पासे / तासिणं पुक्खरणीणं बहुमज्झदेसभाए चत्तारि दहिमुहगपव्वया प०, ते णं दहिमुहगपव्वया चउसद्धिं जोयणसहस्साई उड्डे उच्चत्तणं एगं जोयणसहस्समुब्वेहेणं, सव्वत्थसमा पल्लगसंठाणसंठिया दसजोयणसहस्साइं विखंभेणं एक्कतीसं जोयणसहस्साई छच्चतेवीसेजोयणसए परिक्खेवेणं सव्वरयणामाया अच्छा जाव पडिरूवा / तेसि णं दहिमुहगपव्वयाणं उवरि बहूसमरमणिज्जा भूमिभागा पण्णत्ता, सेसं जहेव अंजणगपव्वयाणं तहेव गिरवसेसं भाणियव्वं जाव चूयवणं उत्तरेपासे / तत्थ णं जे से दाहिणिल्ले अंजणगपव्वए तस्सणं चउद्दिसिं चत्तारि णंदाओ पुक्खरणीओ प० तं० भद्दा विसाला कुमुया पोंडरीगिणी / ताओ गंदाओ पुक्रवरणीओ एगं जोयणसयसहस्सं सेसं तं चेव जाव दहिमुहगपव्वया जाव वणखंडा / तत्थणं जे से पच्चत्थिमिल्ले अंजणगपव्वए तस्स णं चउद्दिसिं चत्तारि णंदाओ पुक्खरणीओ पण्णत्ताओ तं० णंदिसेणा अमोहा गोथूमा सुदंसणा, सेसं तं चेव, तहेव दहिमुहगपव्वया तहेव सिद्धाययणा जाव वणखंडा। तत्थणं जे से उत्तरिल्ले अंजणगपव्वए तस्स णं चउद्दिसिं चत्तारि गंदाओ पुक्खरणीओ प०'तं. विजया वेजयंती जयंती अपराजिया, ताओ णं पुक्खरिणीओ एगं जोयण सयसहस्सं तं चेव पमाणं तहेव दहिमुहगपव्वया, तहेव सिद्धाययणा जाव वणखंडा / गंदीसरवरस्स णं दीवस्स चकवालविक्वंभस्स बहुमज्झदेसभाए चउसु विदिसासु चत्तारि रइकरगपव्वया प० तं० उत्तरपुरथिमिल्ले रइकरगपव्वए दाहिणपुरथिमिल्ले रइकरगपव्वए दाहिणपञ्चत्थिमिल्ले रइकरगपव्वए उत्तरपञ्चत्थिमिल्ले रइकर गपव्वए, ते णं रइकरगपव्वया दसजोयणसयाई उढे उच्चत्तेणं दसगाउयसयाइं उव्वे हेणं, सव्वत्थसमा झल्रिसंठाणसंठिया, दसजोयणसहस्साई विक्खंभेणं, एक्कतीसं जोयणसहस्साई छच्चतेवीसे जोयणसए परिक्खेवेणं, सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा / तत्थ ण जे से उत्तरपुरथिमिल्ले रइकरगपव्वए तस्सणं चउद्दिसिमीसाणस्स देविंदस्स देवरण्णो चउण्हमग्गमहिसीणं जंबुद्दीवप्पमाणमेत्ताओ चत्तारि रायहाणीओ पण्णत्ताओ तं० णंदुत्तरा गंदा उत्तरकुरा देवकुरा / कण्हाए कण्हराईए रामाए रामरक्खियाए / तत्थ ण जे से दाहिणपुरथिमिल्ले रइकरगपव्वए तस्सणं चउद्दिसिं सक्कस्स देविंदस्स देवरणो चउण्हमग्गमहिसीणं जंबुद्दीवप्पमाणमेत्ताओ चत्तारि राय Page #272 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 4 उ. 3 259 हाणीओ प० त० समणा सोमणसा अचिमाली मणोरमा, पउमाए सिवाए सईए अंजूए / तत्थण जे से दाहिणपच्चत्थिमिल्ले रइकरगपव्वए तस्सण चउहिसिं सक्कस्स. देविंदस्स देवरण्णो चउण्हमग्गमहिसीणं जंबुद्दीवप्पमाणमेत्ताओ चत्तारि रायहाणीओ प० तं० भूया भूयवडिंसा गोथूभा सुदंसणा, अमलाए अच्छराए णवमियाए रोहिणीए / तत्थ णं जे से उत्तरपच्चत्थिमिल्ले रइकरगपव्वए तस्सणं चउद्दिसिमीसाणस्स देविंदस्स देवरण्णो चउण्हमग्गमहिसीणं जंबुद्दीवप्पमाणमेत्ताओ चत्तारि रायहाणीओ प० तं० रयणा रयणुचया सव्वरयणा रयणसंचया / वसूए वसुगुत्ताए वसुमित्ताए वसुंधराए // 89 / / चउविहे सच्चे प० तं० णामसच्चे ठवणसच्चे दव्वसच्चे भावसच्चे // 90|| आजीवियाणं चउविहे तवे प० तं० उग्गतवे घोरतवे रसणिज्जूह. गया जिभिदियपडिसंलीणया / / 91 // चउविहे संजमे प० तं० मणसंजमे बइसंजमे कायसंजमे उवगरणसंजमे / चउविहे. चियाए प० तं० मणचियाए वइचियाए कायचियाए उवगरणचियाए / चउविहा अकिंचणया प० तं० मणअकिंचणया वइअकिंचणया कायअकिंचणया उवगरणअकिंचणया // 92 / / चउत्थं ठाणं तइओ उद्देसो चत्तारि राईओ प० त० पव्वयराई पुढविराई वालुयराई उदगराई / एवामेव चउबिहे कोहे 10 तं० पव्वयराइसमाणे पुढविं।इसमाणे वालुयराइसमाणे उदगराइसमाणे / पव्वयराइसमाणं कोहमणुपविढे जीवे कालं करेइ णेरइएसु उववजइ, पुढविराइसमाणं कोहमणपविढे जीवे कालं करेइ तिरिक्खजोणिए सु उववज्जइ, वालुयराइसमाणं कोहमणुपविढे जीवे कालं करेइ मणुस्सेसु उववज्जइ, उदगराइसमाणं कोहमणुपविढे जीवे कालं करेइ देवेसु उववज्जइ / चत्तारि उदगा प० तं० कद्दमोदए खजणोदए बालुओदए सेलोदए, एवामेव चउविहे भावे प० त० कद्दमोदगसमाणे खंजणोदगसमाणे वालुओदगसमाणे सेलोदगसमाणे। कदमोदगसमाणं भावमणु. पविढे जीवे कालं करेइ णेरइएसु उववज्जइ एवं जाव सेलोदगसमाणं भावमणुपविढे जीवे कालं करेइ देवेसु उववज्जइ॥९३॥ चत्तारि पक्खी प० तं० रुयसंपण्णे णाममेगे णो रूवसंपण्णे, रूवसंपण्णे णाममेगे णो रुयसंपण्णे, एगे रुयसंपण्णे वि रूवसंपण्णे वि, एगे णो रुयसंपण्णे णो रूवसंपण्णे, एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० रुयसंपण्णे णाममेगे णो रूवसंपण्णे 4 // 94 // चत्तारि पुरिसजाया प० तं० पत्तियं करेमित्ति एगे पत्तिय करेइ, पत्तियं करेमित्ति एगे अप्पत्तियं करेइ, अप्पत्तियं करेमित्ति .एगे पत्तिय करेइ,अप्पत्तियं करेमित्ति एगे अप्पत्तियं करेइ। चत्तारि पुरिसजाया प० Page #273 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 260 अंग-पविट्ट सुत्ताणि तं० अप्पणो णाममेगे पत्तियं करेइ णो परस्स, परस्स णाममेगे पत्तियं करेइ णो अप्पणो 4 / चत्तारि पुरिसजाया प० तं. पत्तियं पवेसामित्ति एगे पत्तियं पवेसेइ, पत्तियं पवेसामित्ति एगे अप्पत्तियं पवेसेइ, अप्पत्तियं पवेसामित्ति एगे पत्तियं पवेसेइ, अप्पत्तिय पवेसामित्ति एगे अप्पत्तियं पवेसेइ / चत्तारि पुरिसजाया प० तं० अप्पणो णाममेगे पत्तिय पवेसेइ णो परस्स 4 // 95 // चत्तारि रुक्खा प० तं० पत्तोवए पुप्फोवए फलोवए छायोवए, एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० पत्तो वा रुक्ख. समाणे पुप्फो वा रुक्वसमाणे फलो वा रुकावसमाणे छायो वा रुक्खसमाणे // 16 // भारं णं वहमाणस्स चत्तारि आसासा प० तं० जत्थ णं अंसाओ अंसं साहरइ तत्थ वि य से एगे आसासे पण्णत्ते, जत्थ वि य णं उच्चारं वा पासवणं वा परिठावेइ तत्थ वि य से एगे आसासे प०, जत्थ वि य णं णागकुमारावासंसि वा सुवण्णकुमारावासंसि वा वासं उवेइ तत्थ वि य से एगे आसासे प०, जत्थ वि य णं आवकहाए चिट्ठइ जाव आसासे प० / एवामेव समणोवासगस्स चत्तारि आसासा प० तं. जत्थ वि य णं सीलन्वयगुणव्वयवेरमणपञ्चक्खाणपोसहोववासाई पडिवज्जइ तत्थ वि य से एगे आसासे प०, जत्थ वि य णं सामाइयं देसावगासियं सम्ममणुपालेइ तत्थ वि य से एगे आसासे प०, जत्थ वि य णं चाउद्दस. ट्ठमुहिट्ठपुण्णमासिणीसु पडिपुण्णं पोसहं सम्मं अणुपालेइ तत्थ वि य से एगे आसासे प०, जत्थ वि य णं अपच्छिममारणंतियसंलेहणाजूसणाजूसिए भत्तपाणपडिया. इक्खिए पाओवगए कालमणवकंखमाणे विहरइ तत्थ वि य से एगे आसासे प० // 97 // चत्तारि पुरिसजाया प० तं. उदिओदिए णाममेगे, उदियत्थमिए णाममेगे, अत्थमिओदिए णाममेगे, अत्थमियत्थमिए णाममेगे / भर हे राया चाउरंतचक्कवट्टी णं उदिओदिए, बंभदत्ते णं राया चाउरंतचक्कवट्टी उदियत्थमिए, हरिएसबलेणमणगारे अत्थमिओदिए, काले णं सोयरिए अत्थमियत्थमिए // 18 // चत्तारि जुमा प० त० कडजुम्मे तेयोए दावरजुम्मे कलिओए / णेरइयाणं चत्तारि जुमा प० तं० कडजुमे जाव कलिओए, एवमसुरकुमाराणं जाव थणियकुमाराणं, एवं पुढविकाइयाणं आउतेउवाउवणस्सइ बेंदियाणं तेंदियाणं चउरिदियाणं पंचिं. दियतिरिक्खजोणियाणं मणुस्साणं वाणमंतरजोइसियाणं वेमाणियाणं सव्वसिं जहा णेरइयाणं // 99 // चत्तारि सूरा प० त० खंतिसूरे तवसूरे दाणसूरे जुद्धसूरे, Page #274 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा.४ उ. 3 261 खंतिसूरा अरिहंता तवसूरा अणगारा; दाणसूरे वेसमणे जुद्धसूरे वासुदेवे / / 10 / / चत्तारि पुरिसजायां प० तं० उच्चे णाममेगे उच्चच्छंदे उच्चे णाममेगे णीयच्छंदे णीए णाममेगे उच्चच्छंदे णीए णाममेगे णीयच्छंदे // 101 // असुरकुमाराणं चत्तार लेस्सा प० त० कण्हलेस्सा णीललेस्सा काउलेस्सा तेउलेस्सा, एवं जाव थणियकुमाराणं एवं पुढविकाइयाणं आउवणस्सइकाइयाणं वाणमंतराणं सव्वेसिं जहा असुरकुमाराणं / / 102 // चत्तारि जाणा प० तं० जुत्ते णाममेगे जुत्ते जुत्ते णाममेगे अजुत्ते अजुत्ते णाममेगे जुत्ते अजुत्ते णाममेगे अजुत्ते, एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० त० जुत्ते णाममेगे जुत्ते 4 / चत्तारि जाणा प० तं० जुत्ते णाममेगे जुत्तपरिणए, जुत्ते णाममेगे अजुत्तपरिणए 4, एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० जुत्ते णाम. मेगे जुत्तपरिणए. 4 / चत्तारि जाणा प० तं जुत्ते णाममेगे जुत्तरूवे जुत्ते णाममेगे अजुत्तरूवे 4, एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० जुत्ते णाममेगे जुत्तरूवे 4 / चत्तारि जाणा प० त० जुत्ते णाममेंगे जुत्तसोभे 4 / एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० त० जुत्ते णाममेगे जुत्तसोभे 4 / चत्तारि जुग्गा प० तं० जुत्ते णाममेगे जुत्ते 4 / एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० जुत्ते णाममेगे जुत्ते 4, एवं जहा जाणेण चत्तारि आलावगा तहा जुग्गेणवि पडिवक्खो तहेव पुरिसजाया जाव सोभेत्ति / चत्तारि सारही प० त० जोयावइत्ता णाममेगे णो विजोयावइत्ता, विजोयावइत्ता णाममेगे णो जोयावइत्ता, एगे जोयावइत्तावि विजोयावइत्तावि, एगे णो जोयावइत्ता णो विजोयावइत्ता, एवामेव चत्तारि पुरिसजाया 4 / चत्तारि हया प० त० जुत्ते णाममेगे जुत्ते 4 / एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० त० जुत्ते णाममेगे जुत्ते 4 / एवं जुत्तपरिणए जुत्तरूवे जुत्तसोभे सव्वेसिं पडिवक्खो पुरिसजाया / चत्तारि गया प० तं० जुत्ते णाममेगे जुत्ते 4 / एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० जुत्ते णाममेगे जुत्ते 4, एवं जहा हयाणं तहा गयाणवि भाणियव्वं पडिवक्खो तहेव पुरिसजाया / चत्तारि जुग्गारिया प० त० पंथजाई णाममेगे णो उप्पहजाई उप्पहजाई णाममेगे णो पंथजाई एगे पंथजाई वि उप्पहजाई वि एगे जो पंथजाई णो उपहजाई / एवामेव चत्तारि पुरिसजाया 4 // 103 // चत्तारि .पुप्फा प० त० रूवसंपण्णे णाममेगे जो गंधसंपण्णे गंधसंपण्णे णाममेगे णो रूवसंपण्णे एगे रूवसंपण्णेवि गंधसंपण्णेवि एगे णो रूवसंपण्णे णो गंधसंपण्णे / एवामेव ' Page #275 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 262 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि चत्तारि पुरिसजाया प० तं० रूवसंपण्णे णाममेगे णो सीलसंपण्णे 4 ।।१०४॥चत्तारि पुरिसजाया प० त० जाइसंपण्णे णाममेगे णो कुलसंपण्णे, कुलसंपणे णाममेगे णो जाइसंपण्णे 4 / चत्तारि पुरिसजाया प० तं० जाइसंपण्णे णाममेगे जो बलसंपण्णे बलसंपण्णे णाममेगे णो जाइसंपण्णे 4, एवं जाईए रूवेण य चत्तारि आलावगा, एवं जाईए सुएण य 4, एवं जाईए सीलेण 4 एवं जाईए चरित्तेण 4 / एवं कुलेण बलेण 4, कुलेण रूवेण 4, कुलेण सुएण 4, कुलेण सीलेण 4, कुलेण चरित्तेण 4 / चत्तारि पुरिसजाया प० तं• बलसंपण्णे णाममेगे णो रूवसंपण्णे 4, एवं बलेण सुएण 4, एवं बलेण सीलेण 4, एवं बलेण चरित्तेण 4 / चत्तारि पुरिसजाया प० तं० रूवसंपण्णे णांममेगे णो सुयसंपण्णे 4, एवं रूवेण सीलेण 4, रूवेण चरित्तेण 4 / चत्तारि पुरिसजाया प० तं० सुयसंपण्णे णाममेगे णो सील. संपण्णे 4, एवं सुएण चरित्तेण य 4 / चत्तारि पुरिसजाया प० तं० सीलसंपण्णे णाममेगे णो चरित्तसंपण्णे 4 / एए इक्कवीसं भंगा भाणियव्वा // 105 / / चत्तारि फला प० तं० आमलगमहुरे मुद्दियामहुरे खीरमहुरे खंडमहुरे, एवामेव चत्तारि आयरिथा प० तं० आमलगमहुरफलसमाणे जाव खंडमहुरफलसमाणे / / 106 // चत्तारि पुरिसजाया प० तं. आयवेयावच्चकरे णाममेगे णो परवेयावच्चकरे 4 / चत्तारि पुरिसजाया प० तं० करेइ णाममेगे वेयावचं णो पडिच्छइ, पडिच्छइ णाममेगे वेयावचं णो करेइ 4 // 107 / / चत्तारि पुरिसजाया प० तं० अट्ठकरे णाममंगे जो माणकरे, माणकरे णाममेगे णो अट्ठकरे, एगे अट्ठकरेवि माणकरेवि, एगे णो अट्ठकरे णो माणकरे / चत्तारि पुरिसजाया प० तं० गणट्ठकरे णाममेगे णो माणकरे 4 / च० पु० जा०प० तं० गणसंगहकरे णाममेगे णो माणकरे 4 / चत्तारि पुरिमनाया प० त० गणसोभकरे णाममेगे णो माणकरे 4 / चत्तारि पुरिसजाया प० तं० गणसोहिकरे णाममेगे णो माणकरे 4 // 108 // चत्तारि पुरिसजाया प० तं० रूवं णाममेगे जहइ णो धम्मं धम्मं णाममेगे जहइ णो रूवं एगे रूवं पि जहइ धम्मपि जहइ, एगे णो रूवं जहइ णो धम्मं / चत्तारि पुरिसजाया प० तं० धम्मं णाममेगे जहइ णो गणसंठिइं 4 / चत्तारि पुरिसजाया प० तं० पियधम्मे णाममेगे णो दढधम्मे, दढधम्मे णाममेगे णो पियधम्मे, एगे पियधम्मेवि दढधम्मेवि एगे णो पियधम्मे णो दढधम्मे // 109 // चत्तारि आयरिया प० तं० पव्वावणायरिए गाममेगे णो Page #276 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 4 उ. 3 263 उवट्ठावणायरिए, उवट्ठावणायरिए णाममेगे णो पव्वावणायरिए, एगे पव्वावणायरिएवि उवट्ठावणायरिएवि, एगे णो पब्वावणायरिए णो उवट्ठावणायरिए, धम्मायरिए / चत्तारि आयरिया प० तं० उद्देसणायरिए णाममेगे णो वायणायरिए 4 धम्मायरिए // 110 // चत्तारि अंतेवासी प० त० पव्वावणंतेवासी णाममेगे णो उवट्ठावणंतेवासी 4 धम्मंतेवासी / चत्तारि अंतेवासी प० तं० उद्देसणंतेवासी णाममेगे णो वायणंतेवासी 4 धम्मंतेवासी / / 111 / / चत्तारि णिग्गंथा प० तं० रायणिए समणे णिग्गंथे महाकम्मे महाकिरिए अणायावी असमिए धम्मस्स अणाराहए भवइ, राइणिए समणे णिग्गंथे अप्पकम्मे अप्पकिरिए आयावी समिए धम्मस्स आराहए भवइ, ओमराइणिए समणे णिग्गंथे महाकम्मे महाकिरिए अणावावी असमिए धम्मस्स अणाराहए भवड, ओमराइणिए समणे णिग्गंथे अप्पकम्मे अप्पकिरिए आयावी समिए धम्मस्स आराहए भवइ। चत्तारि णिग्गंथीओ प० तं० राइणिया समणी णिग्गंथी 4 एवं चैव / चत्तारि समणोवासगा प० तं० रायणिए समणोवासए महाकम्मे 4 तहेव। चत्तारि समणोवासियाओ प० तं० रायणिया समपोवासिया महाकम्मा तहेव चत्तारि गमा // 112 // चत्तारि समणोवासगा प० तं. अम्मापिइसमाणे भाइसमाणे मित्तसमाणे सवत्तिसमाणे / चत्तारि समणोवासगा प० तं० अदागसमाणे पडागसमाणे खाणुसमाणे खरकंटयसमाणे // 113 // समणस्स णं भगवओ महावीरस्स समणोवासगाणं सोहम्मे कप्पे अरुणाभे विमाणे चत्तारि पलिओवमाई ठिई प०॥११४॥ चउहिँ ठाणेहिं अहुणोववण्णे देवे देवलोएसु इच्छेन्जा माणुसं लोगं हवमागच्छित्तए णो चेव णं संचाएइ हव्वमागच्छित्तए तं० अहुणोववण्णे देवे देवलोएसु दिव्वेसु कामभोगेसु मुच्छिए गिद्धे गढिए अज्झोववण्णे से णं माणुस्सए कामभोगे णो आढाइ णो परियाणाइ णो अटुं बंधइ णो णियाण पगरेइ, णो ठिइपगप्पं पगरेइ, अहुणोववण्णे देवे देवलोएसु दिव्वेसु कामभोगेसु मुच्छिए 4 तस्स णं माणुस्सए पेमे वोच्छिण्णे दिव्वे संकंते भवइ, अहुणोववण्णे देवे देवलोएसु दिव्वेसु कामभोगेसु मुच्छिए 4 तस्स णं एवं भवइ, इयहि गच्छं मुहुत्तेणं गच्छं तेणं कालेणमप्पाउया मणुस्सा कालधम्मुणा संजुत्ता भवंति, अहुणोववण्णे देवे देवलोएसु दिव्वेसु कामभोगेसु मुन्छिए 4 तस्स णं माणुस्सए गंधे पडिकले पडिलोमे यावि भवइ, उडेपि य णं माणुस्सए गंधे जाव चत्तारिपंचजोयणसयाई हव्वमागच्छइ 4 इच्चेएहिं चउहिं ठाणेहिं अहुणोववण्णे देवे देवलोएसु इच्छेज्जा Page #277 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 264 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि माणुस लोगं हव्वमागच्छित्तए णो चेव णं संचाएइ हन्धमागच्छित्तए॥११५॥चउहिं ठाणेहिं अहणोववण्णे देवे देवलोएसु इच्छेजा माणुसं लोगं हवमागच्छित्तए संचा. एइ हव्वमागच्छित्तए तं० अहुणोववण्णे देवे देवलोएसु दिव्वेसु कामभोगेसु अमुच्छिए जाव अणज्झोववण्णे तस्स णं एवं भवइ अत्थि खलु मम माणुस्सए भवे आयरिएइ वा उवज्झाएइ वा पवत्तीइ वा थेरेइ वा गणीइ वा गणहरेइ वा गणावच्छेएइ वा जेसिं पभावेणं मए इमा एयारूवा दिव्वा देविड्डी दिव्वा देवजुई लद्धा पत्ता अभिसमण्णागया तं० गच्छामि णं ते भगवंते वंदामि जाव पज्जुवासामि, अहुणोववण्णे देवे देवलोएसु जाव अणज्झोववण्णे तस्स णं एवं भवइ एस णं माणुस्सए भवे णाणीइ वा तवस्सीइ वा अइदुक्कर दुक्करकारए तं गच्छामि णं ते भगवंतं वंदामि जाव पज्जुवासामि, अहुणोववण्णे देवे जाव अणज्झोववण्णे तस्स णं एवं भवइ अत्थि ण मम माणुस्सए भवे मायाइ वा जाव सुण्हाइ वा तं गच्छामि णं तेसिमंतियं पाउब्भवामि पासंतु ता मे इममेयारूवं दिव्वं देविद्धिं दिव्वं देवजुई लद्धं पत्तं अभिसमण्णागयं, अहणोववण्णे देवे देवलोएसु जाव अणज्झोववण्णे तस्स णं एवं भवइ अत्थि णं मम माणुस्सए भवे मित्तइ वा सहीइ वा सुहीइ वा सहाएइ वा संगइए वा तेसिं च णं अम्हे अण्णमण्णस्स संगारे पडिसुए भवइ, जो मे पुलिं चयइ से संबोहियव्वे इच्चेएहिं जाव संचाएइ हव्वमागच्छित्तए // 116 / / चउहिं ठाणेहिं लोगंधगारे सिया तं० अरिहंतेहिं वोच्छिज्जमाणेहिं, अरिहंतपण्णत्ते धम्मे वोच्छिज्जमाणे पुव्वगए वोच्छिज्जमाणे जायतेए वोच्छिज्जमाणे / चउहिं ठाणेहिं लोगुज्जोए सिया तं० अरिहंतेहिं जायमाणेहिं, अरिहंतेहिं पव्वयमाणेहिं, अरिहंताणं णाणुप्पायमहिमासु, अरिहंताणं परिणिव्वाणमहिमासु, एवं देवंधगारे देवुजोए देवसण्णिवाए देवुक्कलियाए देवकहकहए / चउहिँ ठाणेहिं देविंदा माणुसं लोगं हव्वमागच्छंति, एवं जहा तिठाणे जाव लोगंतिया देवा माणुस्सं लोगं हव्वमागच्छेजा तं. अरिहंतेहिं जायमाणेहिं जाव अरिहंताणं परिणिव्वाणमहिमासु // 117 // चत्तारि दुहसेज्जाओ प० तं० तत्थ खलु इमा पढमा दुहसेज्जा से णं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए णिग्गंथे पावयणे संकिए कंखिएं विति. गिच्छिए भेयसमावण्णे कलुससमावण्णे णिग्गंथं पावयणं णो सहहइ णो पत्तियइ णो रोएइ, णिग्गंथं पावयणं असद्दहमाणे अपत्तियमाणे अरोएमाणे मणं उच्चावयं Page #278 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 4 उ. 3 णियच्छइ विणिघायमावज्जइ पढमा दुहसेज्जा / अहावरा दोचा दुहसेज्जा से णं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए सएणं लाभेणं णो तुस्सइ परस्स लाभमासाएइ पीहेइ पत्थेइ अभिलसइ परस्स लाभमासाएमाणे जाव अभिलसमाणे मणं उच्चावयं णियच्छइ विणिघायमावज्जइ दोच्चा दुहसेज्जा / अहावरा तच्चा दुहसेज्जा, से णं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए दिव्वे माणुस्सए कामभोगे आसाएइ जाव अभिलसइ दिव्वे माणुस्सए कामभोए आसाएमाणे जाव अभिलसमाणे मणं उच्चावयं णियच्छइ, विणिघायमावज्जइ तच्चा दुहसेना / अहावरा चउत्था दुहसेज्जा से णं मुंडे भवित्ता जाव पव्वइए तस्स णमेवं भवइ जया णं अहमगारवासमावसामि तया णमहं संवाहणपरिमद्दणगायब्भंगगाउच्छोलणाई लभामि जप्पभिइं च णं अहं मुंडे भवित्ता जाव पव्वइए तप्पभिई च णं अहं संवाहण जाव गाउच्छोलणाई णो लभामि से णं संवाहण जाव गाउच्छोलणाई आसाएइ जाव अभिलसइ से णं संवाहण जाव गाउच्छोलणाई आसाएमाणे जाव मणं उच्चावयं णियच्छइ विणिघायमावजइ चउत्था दुहसेज्जा // 118 / / चत्तारि सुहसेज्जाओ प० त० तत्थ खलु इमा पढमा सुहसेज्जा से णं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए णिग्गंथे पावयणे णिस्संकिए णिकंखिए णिवितिगिच्छिए, णो भेदसमावण्णे णो कलुससमावण्णे णिग्गंथं पावयणं सद्दहइ पत्तियइ रोएइ णिग्गंथं पावयणं सद्दहमाणे पत्तियमाणे रोएमाणे णो मणं उच्चावयं णियच्छइ, णो विणिघायमावज्जइ पढमा सुहसेज्जा / अहावरा दोच्चा सुहसेज्जा से णं मुंडे भवित्ता जाव पव्वइए सएणं लाभेणं तुस्सइ, परस्स लाभंणो आसाएइ, णो पीहेइ, णो पत्थेइ, णो अभिलसइ, परस्स लाभमणासाएमाणे जाव अणभिलसमाणे णो मणं उच्चावयं णियच्छइ णो विणिघायमावज्जइ, दोच्चा सुहसेज्जा / अहावरा तच्चा सुहसेज्जा, से णं मुंडे भवित्ता जाव पव्वइए दिव्बमाणुस्सएकामभोगे णो आसाएइ जाव णो अभिलसइ, दिव्वमाणुस्सए कामभोगे अणासाएमाणे जाव अणभिलसमाणे णो मणं उच्चावयं णियच्छइ णो विणिघायमावज्जइ, तच्चा सुहसेज्जा / अहावरा चउत्था सुहसेज्जा, से णं मुंडे भवित्ता जाव पव्वइए तस्स णमेवं भवइ जइ ताव अरिहंता भगवंता हट्ठा आरोग्गा बलिया कल्लसरीरा अण्णयराइं ओरालाई कल्लाणाई विउलाई - पयत्ताई पग्गहियाई महाणुभागाई कम्मक्खयकारणाई तवोकम्माई पडिवज्जति Page #279 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 266 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि किमंग पुण अहं अब्भोवगमिओवक्कमियं वेयणं णो सम्मं सहामि खमामि तिति. क्खेमि अहियासेमि, ममं च णं अब्भोवगमिओवक्कमियं वेयणं सम्ममसहमाणस्स अक्खममाणस्स अतितिक्खमाणस्स अणहियासेमाणस्स किं मण्णे कज्जइ ? एगंतसो मे पावे कम्मे कज्जइ, ममं च णं अब्भोवगमिओ जाव सम्मं सहमाणस्स नाव अहियासेमाणस्स किं मण्णे कज्जइ ? एगंतसो मे णिज्जरा कज्नइ, चउत्था सुह. सेज्जा / / 119 // चत्तारि अवायणिज्जा प० तं० अविणीए, विगइपडिचढे, अविओसवियपाहुडे, माई / चत्तारि वायणिज्जा प० तं० विणीए, अविगइपडिबद्ध विओसवियपाहुडे, अमाई || 120 // चत्तारि पुरिसजाया 50 तं० आयंभरे णाममेगे णो परंभरे, परंभरे णाममेगे' णो आयंभरे, एगे आयंभरेवि परंभरेवि, एगे णो आयंभरे णो परंभरे // 121 // चत्तारि पुरिसजाया प० तं० दुग्गए णाममेगे दुग्गए, दुग्गए णाममेगे सुग्गए, सुग्गए णाममेगे दुग्गए, मुग्गए णाममेगे सुग्गए / चत्तारि पुरिसजाया प० तं० दुग्गए णाममेगे दुव्वए, दुग्गए णाममेगे सुव्बए, सुग्गए णाममेगे दुव्वए, सुग्गए णाममेगे सुव्वए / चत्तारि पुरिसजाया प० तं० दुग्गए णाममेगे दुप्पडियाणंदे, दुग्गए णाममेगे सुप्पडियाणंदे 4 / चत्तारि पुरिसजाया प० तं० दुग्गए णाममेगे दुग्गइगामी, दुग्गए णाममेगे सुग्गइगामी 4 / चत्तारि पुरिसजाया प० तं० दुग्गए णाममेगे दुग्गइं गए, दुग्गए णाममेगे सुग्गइं गए // 122 // चत्तारि पुरिसजाया प० तं० तमे णाममेगे तमे, तमे णाममेगे जोई, जोई णाममेगे तमे, जोई णाममेगे जोई / चत्तारि पुरिसजाया प० तं० तमे णाममेगे तमबले, तमे णाममेगे जोईवले, जोई णाममेगे तमबले, जोई णाममेगे जोईबले / चत्तारि पुरिसजाया प० तं० तमे णाममेगे तमबलपलज्जणे, तमे णाममेगे जोईबलपलजणे 4 // 123 // चत्तारि पुरिसजाया प० तं० परिणायकम्मे णाममेगे णो परिUणायसण्णे, परिणायसण्णे णाममेगे णो परिण्णायकम्मे, एगे परिण्णायकम्मेवि परिण्णायसण्णेवि, एगे णो परिणायकम्मे णो परिण्णायसण्णे / चत्तारि पुरिसजाया प० तं० परिण्णायकम्मे णाममेगे णो परिष्णायगिहावासे, परिणायगिहावासे णाममेगे णो परिण्णायकम्मे 4 / चत्तारि पुरिसजाया प० तं० परिण्णायसण्णे णाममेगे णो परिणायगिहावासे, परिण्णायगिहावासे णाममेगे णो परिण्णायसण्णे 4 / / 124 // चत्तारि पुरिसजाया प० तं० इहत्थे णाममेगे णो परत्थे, परत्थे णाममेगे णो इहत्थे 4 / Page #280 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 4 उ. 3 267 चत्तारि पुरिसजाया प० तं० एगेणं णाममेगे वड्डइ एगेणं हायइ, एगेणं णाममेगे वड्डइ दोहिं हायइ, दोहिं णाममेगे वड्डइ एगेणं हायइ, दोहिं णाममेगे वड्डइ दोहिं हायइ // 125 // चत्तारि कंथगा प० तं० आइण्णे णाममेगे आइण्णे, आइण्णे णाममेगे खलुंके, खलुंके णाममेगे आइण्णे, खलुंके णाममेगे खलुंके / एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० आइण्णे णाममेगे आइण्णे, चउभंगो / चत्तारि कंथगा प० तं आइण्णे णाममेगे आइण्णत्ताए विहरइ, आइण्णे णाममेगे खलुंकत्ताए विहरइ 4 / एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० आइण्णे णाममेगे आइण्णत्ताए विहरइ, चउ. भंगो / चत्तारि पकंथगा प० तं० जाइसंपण्णे णाममेगे णो कुलसंपण्णे 4 / एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० जाइसंपण्णे णाममेगे चउभंगो / चत्तारि कंथगा प० तं० जाइसंपण्णे णाममेगे णो बलसंपण्णे 4 / एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० बाइसंपण्णे णाममेगे णो बलसंपण्णे 4 / चत्तारि कंथगा प० तं० जाइसंपण्णे णाममेगे णो रूवसंपण्णे 4 / एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० त० जाइसंण्णे णाममेगे णो रूवसंपण्णे 4 / चत्तारि कंथगा प० त० नाइसंपण्णे णाममेगे णो जयसंपण्णे 4 / एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० जाइसंपण्णे 4 / एवं कुलसंपण्णेण य बलसंपण्णे य 4 / कुलसंपण्णेण य रूवसंपण्णेण य 4 / कुलसंपण्णेण य जयसंपण्णेण य 4 / एवं बलसंपण्णेण य रूवसंपण्णेण य 4 / बलसंपण्णेण य जयसंपण्णेण य 4 / . सव्वत्थ पुरिसजाया पडिवक्खो, चत्तारि कंथगा प० तं० रूवसंपण्णे णाममेगे गो जयसंपण्णे 4 / एवामेव चत्तारि पुरिस० // 126 // चत्तारि पुरिसजाया प० त० सीहत्ताए णाममेगे णिक्खंते सीहत्ताए विहरइ, सीहत्ताए णाममेगे णिक्खंते सीयालत्ताए विहरइ, सीयालत्ताए णाममेगे णिक्खंते सीहत्ताए विहरइ, सीयालत्ताए णाममेगे णिवते सीयालत्ताए विहरइ // 127 // चत्तारि लोगे समा प० तं० अपइट्ठाणे णरए, जंबुद्दीवे दीवे, पालए जाणविमाणे, सव्वट्ठसिद्धे महा. विमाणे / चत्तारि लोगे समा सपक्खि सपडिदिसिं प० त० सीमंतए णरए समय खेत्ते उडुविमाणे ईसीपब्भारा पुढवी ।।१२८॥उड्डलोए णं चत्तारि बिसरीरा 50 तं० पुदविकाइया आउवणस्सइका० उराला तसा पाणा / अहे लोए णं चत्तारि * 'बिसरीरा प० त० एवं चेव एवं तिरियलोए वि 4 // 129 // चत्तारि पुरिसजाया प० तं० हिरिसत्ते हिरिमणसत्ते चलसत्ते थिरसत्ते // 130 // चत्तारि सेज्जपडिमाओ Page #281 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 268 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि प०, चत्तारि वत्थपडिमाओ प०, चत्तारि पायपडिमाओ प० ,चत्तारि ठाणपडि. माओ प०॥ 131 // चत्तारि सरीरगा जीवफुडा प० तं० वेउविए आहारए तेयए कम्मए; चत्तारि सरीरगा कम्मुम्मीसगा प० तं० ओरालिए वेउविए आहारए तेयए // 132 // चउहिं अत्थिकाएहिं लोगे फुडे प० तं० धम्मत्थिकाएणं अधम्मत्थिकाएणं जीवत्थिकाएणं पुग्गलत्थिकाएणं / चउहिं बायरकाए हिं उववजमाणेहिं लोगे फुडे प० तं० पुढविकाइएहिं आउकाइएहिं वाउवणस्सइकाइए हिं / चत्तारि पएसग्गेणं तुल्ला प० तं० धम्मत्थिकाए अधम्मत्थिकाए लोगागासे एगजीवे। चउण्हमेगसरीरं णो सुपस्सं भवइ तं० पुढविआउतेउवणस्सइकाइयाणं / / 133 // चत्तारि इंदियत्था पुट्ठा वेदेति तं० सोइंदियत्थे घाणिंदियत्थे जिभिदियत्थे फासिंदियत्थे / / 134 // चउहिं ठाणेहिं जीवा य पोग्गला य णो संचाएंति बहिया लोगंता गमणयाए तं० गइअभावणं णिरुवग्गहयाए लुक्ग्वत्ताए लोगाणुभावेणं // 135 // चउविहे णाए प० तं० आहरणे आहरणतहेसे आहरणतद्दोसे उवण्णासोवणए / आहरणे चउविहे प० त० अवाए उवाए ठवणाकम्मे पडुप्पण्णविणासी / आहरणतहेसे चउविहे प० तं० अणुसिट्ठी उवालंभे पुच्छा णिस्सावयणे / आहारणतहोसे चउबिहे प० तं० अधम्मजुत्ते पडिलोमे अंतोवणीए दुरुवणीए / उवण्णासोवणए चउविहे प० तं० तव्वत्थुए तदण्णवत्थुए पडिणिभे हेऊ / / 136 // चउबिहे हेऊ प० त० जावए थावए वंसए लूसए / अहवा हेऊ चउबिहे प० तं० पच्चक्खे अणुमाणे ओवम्मे आगमे / अहवा हेऊ चउविहे प० तं. अत्थित्तं अत्थि सो हेऊ अत्थित्तं णत्थि सो हेऊ णत्थित्तं अत्थि सो हेऊ णत्थित्तं णत्थि सो हेऊ / / 137 // चउबिहे संखाणे प० तं० परिकम्मं ववहारे रज्जू रासी / / 138 // अहोलोए णं चत्तारि अंधयारं करेंति तं० णरगा णेरइया पावाई कम्माई असुभा पोग्गला। तिरियलोए णं चत्तारि उज्जोयं करेंति तं० चंदा सूरा मणी जोई। उड्डलोए णं चत्तारि उज्जोयं करेंति तं० देवा देवीओ विमाणा आभरणा // 139 // चउत्थं ठाणं चउत्थो उद्देसो चत्तारि पसप्पगा प० तं० अणुप्पण्णाणं भोगाणं उप्पाएत्ता एगे पसप्पए, पुब्बुप्पण्णाणं भोगाणं अविप्पओगेणं एगे पसप्पए,अणुप्पण्णाणं सोक्खाणं उप्पाइत्ता एगे पसप्पए पुव्वुप्पण्णाणं सोक्खाणं अविप्पओगेणं एगे पसप्पए / / 140 // णेरइ. Page #282 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 4 उ. 4 269 याणं चउविहे आहारे प० तं० इंगालोवमे मुम्मुरोवमे सीयले हिमसीयले / तिरिक्खजोणियाणं चउविहे आहारे प० त० कंकोवमे विलोवमे पाणमंसोवमे पुत्त{सोवमे / मणुस्साणं चउविहे आहारे प० तं०असणे पाणे खाइमे साइमे / देवाणं चउबिहे आहारे प० त० वण्णमंते गंधमंते रसमंते फासमंते // 141 // चत्तारि जाइआसीविसा प० तं० विच्छुयजाइआसीविसे मंडुक्कजाइआसीविसे उरगजाइ. आसीविसे मणुस्सजाइआसीविसे / विच्छुयजाइआसीविसस्स णं भंते ! केवइए विसए प० ? पभूणं विच्छुयजाइआसीविसे अद्धभरहप्पमाणमेत्तं बोंदि विसेणं विसपरिणयं विसट्टमाणिं करेत्तए, विसए से विसट्टयाए णो चेव णं संपत्तीए करिंसु वा करेंति वा करिस्संति वा। मंडुक्कजाइआसीविसस्स पुच्छा, पभूणं मंडुक्कजाइआसीविसे भरहप्पमाणमेत्तं बोंदि विसेणं विसपरिणयं विसट्टमाणिं सेसं तं चेव जाव करिस्संति वा / उरगजाइआसीविसस्स पुच्छा, पभूणं उरगजाइआसीविसे जंबुद्दीवप्पमाणमेत्तं बोदिं विसेणं सेसं तं चेव जाव करिस्सति वा / मणुस्सजाइआसीविसपुच्छा, पभूणं मणुस्सजाइआसीविसे समयक्खेत्तपमाणमेत्तं बोंदि विसेणं विसपरिणयं विसट्टमाणिं करेत्तए विसए से विसट्टयाए णो चेव णं नाव करिस्संति वा / / 142 // चउविहे वाही प० तं० वाइए पित्तिए सिंभिए सण्णिवाइए। चउन्विहा तिगिच्छा प० तं० विज्जो ओसहाई आउरे परियारए। चत्तारि तिगिच्छगा प० तं० आयतिगिच्छए णाममेगे णो परतिगिच्छए, परितिगिच्छए णाममेगे णो आयतिगिच्छए जाव चउभंगो // 143 / / चत्तारि पुस्सिजाया प० तं० वणकरे णाममेगे णो वणपरिमासी, वणपरिमासी णाममेगे णो वणकरे, एगे वणकरेवि वणपरिमासीवि, एगे णो वणकरे णो वणपरिमासी। चत्तारि पुरिसजाया पं० 20 वणकरे णाममेगे णो वणसारक्खी 4 / चत्तारि पुरिसजाया प० तं० वणकरे णाममेगे णो वणसरोही 4 / / 144 // चत्तारि वणा प० त० अंतोसल्ले णाममेगे णो बाहिंसल्ले 4 / एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० त० अंतोसल्ले णाममेगे णो बाहिंसल्ले 4 / चत्तारि वणा प० तं. अंतोदुढे णाममेगे णो बाहिंदुढे, बाहिंदुढे णाममेगे णो अंतोदुढे 4 / एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं. अंतोदुढे णाममेगे णो बाहिंदुढे 4 // 145 // चत्तारि पुरिसजाया प० तं० सेयंसे णाममेगे सेयंसे, सेयंसे णाममेगे पावंसे, पावंसे णाममेगे सेयंसे, ‘पावंसे णाममेगे. पावंसे / चत्तारि पुरिसजाया प० त० सेयंसे णाममेगे सेयंसेत्ति सालिसए सेयंसे णाममेगे पावंसेत्ति सालिसए 4 / चत्तारि पुरिसजाया प० तं. Page #283 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 270 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि सेयंसेत्ति णाममेगे सेयंसेत्ति मण्णइ, सेयंसेत्ति णाममेगे पावंसेत्ति मण्णइ 4 / चत्तारि पुरिसजाया प० तं० सेयंसे णाममेगे सेयंसेत्ति सालिसए मण्णइ सेयंसे णाममेगे पावं. सेत्ति सालिसए मण्णइ 4 // 146 / / चत्तारि पु० प० तं० आघवइत्ता णाममेगे गो परिभावइत्ता, परिभावइत्ता णाममेगे णो आघवइत्ता 4 / चत्तारि पु० 50 तं. आघवइत्ता णाममेगे णो उंछजीविसंपण्णे, उंछजीविसंपण्णे णाममेगे णो आघबइत्ता 4 // 147 / / चउबिहा रुक्खविगुव्वणा प० तं० पवालत्ताए पत्तत्ताए पुप्फत्ताए फलत्ताए // 148 // चत्तारि वाइसमोसरणा प० त० किरियावाई अकिरियावाई अण्णाणियावाई वेणइयावाई / णेरइयाणं चत्तारि वाइसमोसरणा प० तं० किरियावाई, जाव वेणइयावाई / एवमसुरकुमाराणवि जाव थणियकुमाराणं, एवं विगलिंदियवजं जाव वेमाणियाणं // 149 / / चत्तारि मेहा प० तं० गजित्ता गाममेगे णो वासित्ता, वासित्ता णाममेगे णो गजित्ता, एगे गजित्तावि वासित्तावि, एगे णो गजित्ता णो वासित्ता। एवामेव चत्तारि पु०प० तं० गजित्ता णाममेगे णो वासित्ता 4 / चत्तारि मेहा प० त० गजित्ता प्याममेगे णो विज्जुयाइत्ता, विज्जुयाइत्ता णाममेगे णो गजित्ता 4 / एवामेव चत्तारि पु० प० तं. गजित्ता णाममेगे गो विज्जुयाइत्ता 4 / चत्तारि मेहा प० तं० वासित्ता णाममेगे णो विज्जुयाइत्ता 4 / एवामेव चत्तारि पु० प० तं० वासित्ता णाममेगे णो विज्जुयाइत्ता 4 / चत्तारि मेहा प० तं० कालवासी णाममेगे णो अकालवासी, अकालवासी णाममेगे णो कालवासी 4 / एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० कालवासी णाममेगेणो अकालवासी 4 / चत्तारि मेहा प० तं० खेत्तवासी णाममेगे णो अखत्तवासी 4 / एवामेव चत्तारि पु० प० तं. खेत्तवासी णाममेगे णो अखेत्तवासी 4 / चत्तारि मेहा प० तं० जणइत्ता णाममेगे णो णिम्मवइत्ता, णिम्मवइत्ता णाममेगे णो जणइत्ता 4 / एवामेव चत्तारि अम्मापियरो प० त० जणइत्ता णाममेगे णो णिम्मवइत्ता 4 / चत्तारि मेहा प० तं० देसवासी णाममेगे णो सबवासी 4 / एवामेव चत्तारि रायाणो प० तं० देसाहिवई णाममेगे गो सव्वाहिवई 4 / चत्तारि मेहा प० तं० पुक्खलसंवट्टए पज्जुण्णे जीमूए जिम्हे। पुक्खलसंवट्टए णं महामहे एगेणं वासेणं दसवाससहस्साई भावेइ, पन्जुण्णे णं महामेहे एगेणं वासेणं दसवाससयाई भावेइ, जीमूए णं महामेहे एगेणं वासेणं दसवासाई भावेइ, जिम्हे णं महामेहे बहूहिँ वासेहिं एगं वासं भावेइ वा ण भावेइ वा // 150 // चत्तारि करंडगा प० तं० सोवागकरंडए वेसियाकरंडए गाहावइकरंडए Page #284 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 4 उ. 4 271 रायकरंडए / एवामेव चत्तारि आयरिया प० तं० सोवागकरंडगसमाणे, वेसियाकरंडगसमाणे, गाहावइकरंडगसमाणे, रायकरंडगसमाणे // 151 // चत्तारि रुक्खा प० त० साले णाममेगे सालपरियाए साले णाममेगे एरंडपरियाए 4 / एवामेव . चत्तारि आयरिया प० त० साले णाममेगे सालपरियाए साले णाममेगे एरंडपरियाए एरंडे णाममेगे० 4 / चत्तारि रुक्खा प० त० साले णाममेगे सालपरिवारे 4 / एवामेव चत्तारि आयरिया प० त० साले णाममेगे सालपरिवारे 4 / गाहा-सालदुममज्झयारे जह साले णाम होइ दुमराया, इय सुंदरआयरिए सुंदरसीसे मुणेयव्वे (1) एरंडमज्झयारे जह साले णाम होइ दुमराया, इय सुंदरआयरिए मंगुलसीसे मुणेयध्वे (2) सालदुममज्झयारे एरंडे णाम होइ दुमराया, इय मंगुलआयरिए सुंदरसीसे मुणेयवे (3) एरंडमज्झयारे, एरंडे णाम होइ दुमराया, इय मंगुलआयरिए मंगुलसीसे मुणेयव्वे (4) // 152 // चत्तारि मच्छा प० तं. अणुसोयचारी पडिसोयचारी अंतचारी मज्झचारी / एवामेव चत्तारि मिक्खागा प० तं० अणुसोयचारी पडिसोयचारी अंतचारी मज्झचारी / / 153 // चत्तारि गोला प० तं० मधुसित्थगोले जउगोले दारुगोले मट्टियागोले / एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० मधुसित्थगोलसमाणे 4 / चत्तारि गोला प० त० अयगोले तउगोले तंबगोले सीसगोले / एवामेव चत्तारि पु. 50 तं० अयगोलसमाणे जाव सीसगोल. समाणे 4 / चत्तारि गोला प० त० हिरण्णगोले सुवण्णगोले रयणगोले वयरगोले, एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० हिरण्णगोलसमाणे जाव वयरगोलसमाणे // 154 // चत्तारि पत्ता प० तं० असिपत्ते करपत्ते खुरपत्ते कलंबचीरियापत्ते, : एवामेव चत्तारि पु० प० तं. असिपत्तसमाणे जाव कलंबचीरियापत्तसमाणे // 155 // चत्तारि कडा प० तं० सुबकडे विदलकडे चम्मकडे कंबलकडे / एवामेव चत्तारि पु० प० तं० सुंबकडसमाणे जाव कंबलकडसमाणे / / 156 / / चउव्विहा चउप्पया प० तं० एगखुरा दुखुरा गंडीपदा सणप्पदा / चउव्विहा पक्खी प. तं० चम्मपक्खी लोमपक्खी समुग्गपक्खी विययपक्खी / चउव्विहा खुड्डपाणा प० तं० बेइंदिया तेइंदिया चउरिंदिया संमुच्छिमपंचिंदियतिरिक्खजोणिया // 157 / / चत्तारि पक्खी प० तं० णिवइत्ता णाममेगे णो परिवइत्ता परिवइत्ता ' णाममेगे णो णिवत्ता एगे णिवइत्तावि परिवइत्तावि एगे णो णिवइत्ता णो परिवइत्ता, Page #285 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 272 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि एवामेव चत्तारि भिक्खागा प० तं० णिवइत्ता णाममेगे णो परिवइत्ता 4 // 158|| चत्तारि पुरिसजाया प० तं० णिक्कठे णाममेगे णिक्कटे, णिकढे णाममेगे अणिकडे 4 / चत्तारि पुरिसजाया प० तं० णिकडे णाममेगे णिहक्कप्पा णिकडे णाममेगे अगिक्कटप्पा 4 / चत्तारि पु० प० तं० बुहे णाममेगे बुहे, बुहे णाममेगे अबुहे 4 / चत्तारि पुरिसजाया प० तं० बुहे णाममेगे बुहहियए 4 / चत्तारि पुरिसजाया प० तं० आयाणुकंपए णाममेगे णो पराणुकंपए 4 // 159 // चउविहे संवासे प० त० दिव्वे आसुरे रक्खसे माणुसे / चउविहे संवासे प० तं० देवे णाममेगे देवीए सद्धिं संवासं गच्छइ, देवे णाममेगे असुरीए सद्धिं संवासं गच्छइ असुरे णाममेगे देवीए सद्धिं संवासं गच्छइ असुरे णाममेगे असुरीए सद्धिं सेवासं गच्छइ / चउविहे संवासे प० तं० देवे णाममेगे देवीए सद्धिं संवासं गच्छइ, देवे णाममेगे रक्खसीए सद्धिं संवासं गच्छइ, रक्वसे णाममेगे० 4 / चउन्विहे संवासे प० तं० देवे णाममेगे देवीए सद्धिं संवासं गच्छइ, देवे णाममेगे मणुस्सीए सद्धिं संवासं गच्छइ 4 / चउबिहे संवासे प० तं. असुरे णाममेगे असुरीए सद्धिं संवासं गच्छइ, असुरेणाममेगे रक्खसीए सद्धिं संवासं गच्छइ 4 / चउविहे संवासे प० त० असुरे णाममेगे असुरीए सद्धिं संवासं गच्छइ, असुरे णाममेगे मणुस्सीए सद्धिं संवासं गच्छइ 4 / चउविहे संवासे प० तं० रक्खसे णाममेगे रक्खसीए सद्धिं संवासं गच्छइ, रक्खसे णाममेगे मणुस्सीए सद्धिं संवासं गच्छइ 4 // 160 / / चउविहे अवद्धंसे प० तं. आसुरे आभिओगे संमोहे देव. किब्बिसे / चउहिं ठाणेहिं जीवा आसुरत्ताए कम्मं पकरेंति तं. कोवसीलयाए पाहडसीलयाए संसत्ततवोकम्मेणं णिमित्ताजीवयाए। चउहिं ठाणेहिं जीवा आभि. ओगत्ताए कम्मं पगरेंति तं० अत्तुक्कोसेणं परपरिवाएणं भूइकम्मेणं कोउयकरणेणं / चउहिँ ठाणेहिं जीवा सम्मोहत्ताए कम्मं पगरेंति तं० उम्मग्गदेसणाए मग्गंतराएणं कामासंसपओगेणं भिजाणियाणकरणेणं / चउहिँ ठाणेहिं जीवा देवकिब्बि सियाए. कम्मं पगरेंति तं० अरिहंताणं अवण्णं वयमाणे अरिहंतपण्णत्तस्स धम्मस्स अवण्णं वयमाणे, आयरिय उवज्झायाणमवणं वयमाणे चाउवण्णस्स संघस्स अघण्णं वयमाणे // 161 // चउव्विहा पवजा प० तं० इहलोगपडिबद्धा परलोगपडिबद्धा दुहओलोगपडिबद्धा अप्पडिबद्धा / चउव्विहा पव्वज्जा प० सं० पुरओपडिबद्धा Page #286 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा.४ उ. 4 273 मग्गओपडिबद्धा दुहओपडिबद्धा अप्पडिबद्धा। चउव्विहा पव्यज्जा प० तं० ओवायपव्वज्जा अक्खायपव्वज्जा संगारपवजा विहगगइपव्वजा / चउव्विहा पव्वज्जा पतं० तुयावइत्ता पुयावइत्ता मोयावइत्ता परिपूयावइत्ता / चउबिहा पव्वजा प० तं० णडखइया भडखइया सीहखइया सीयालक्खइया / चउव्विहा किसी प. तं. वाविया परिवाविया शिंदिया परिणिं दिया / एवामेव चउविहा पव्वज्जा प० तं० वाविया परिवाविया प्रिंदिया परिणिंदिया / चउव्विहा पव्वज्जा प० तं० घण्णपंजियसमाणा धण्णविरल्लियसमाणा धण्णविक्वित्तसमाणा धण्णसंकट्टियसमाणा // 162 / / चत्तारि सण्णाओ पण्णत्ताओ तं० आहारसण्णा भयसण्णा मेहुणसण्णा परिग्गहसण्णा / चउहिं ठाणेहिं आहारसण्णा समुप्पज्जइ तं० ओमकोट्टयाए छहावेय. णिजस्स कम्मस्स उदएणं मईए तदट्ठोवओगेणं / चउहिँ ठाणेहिं भयसण्णा समुप्पज्जइ तं. हीणसत्तयाए भयवेयणिज्जस कम्मस्स उदएणं मईए तदट्ठोवओगेणं / चउहिं ठाणेहिं मेहुणसण्णा समुप्पज्जइ तं० चियमंससोणिययाए मोहणिज्जस्स कम्मस्स उदएणं मईए तदट्ठोवओगेणं / चउहि ठाणेहिं परिग्गहसण्णा समुप्पज्जइ तं० अविमुत्तयाए लोभवेयणिज्जस्स कम्मस्स उदएणं मईए तदट्ठोवओगेणं // 163 / / चउ. विहा कामा प० तं० सिंगारा कलुणा बीभच्छा रोहा / सिंगारा कामा देवाणं कलुगा कामा मणुयाणं बीभच्छा कामा तिरिक्खजोणियाणं रोहा कामा णेरइयाणं // 164 // चत्तारि उदगा प० तं० उत्ताणे णाममेगे उत्ताणोदए उत्ताणे णाममेगे गंभीरोदए गंभीरे णाममेगे उत्ताणोदए गंभीरे णाममेगे गंभीरोदए, एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० उत्ताणे णाममेगे उत्ताणहियए उत्ताणे णाममेगे गंभीरहियए 4 / चत्तारि उदगा प० तं० उत्ताणे णाममेगे उत्ताणोभासी उत्ताणे णाममेगे गंभीरोभासी 4 / एवामेव चत्तारिं पुरिसजाया प० तं० उत्ताणे णाममेगे उत्ताणोभासी, उत्ताणे णाममेगे गंभीरोभासी 4 / चत्तारि उदही प० तं० उत्ताणे णाममेगे उत्ताणोदही, उत्ताणे णाममेगे गंभीरोदही 4 / एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० उत्ताणे णाममेगे उत्ताणहियए 4 / चत्तारि उदही प० तं. उत्ताणे णाममेगे उत्ताणोभासी उत्ताणे णाममेगे गंभीरोभासी 4 / एवामेव चत्तारि पुरिसजाया . प० त० उत्ताणे णाममेगे उत्ताणोभासी 4 // 165 // चत्तारि तरगा प० तं० समुहूं तररामित्ति एगे समुहं तरइ, समुहं तरामित्ति एगे गोप्पयं तरइ, गोप्पयं तरामित्ति Page #287 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 274 अंग-पविट्ट सुत्ताणि एगे 4 / चत्तारि तरगा प० तं० समुहूं तरित्ता णाममेगे समुद्दे विसीयइ, समुई तरित्ता णाममेगे गोप्पए विसीयइ 4 // 166 // चत्तारि कुंभा प० तं० पुण्णे गाममेगे पुण्णे पुणे णाममेगे तुच्छे तुच्छे णाममेगे पुण्णे तुच्छे णाममेगे तुच्छे, एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० त० पुण्णे णाममेगे पुण्णे 4 / चत्तारि कुंभा प० तं० पुण्णे णाममेगे पुण्णोभासी, पुण्णे णाममेगे तुच्छोभासी 4; एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० पुण्णे णाममेगे पुण्णोभासी 4 / चत्तारि कुंभा प० तं० पुणे णाममेगे पुण्णरूवे, पुण्णे णाममेगे तुच्छरूवे 4 / एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० त० पुण्णे णाममेगे पुण्णरूवे 4 / चत्तारि कुंभा प० त० पुण्णेवि एगे पियढे, पुण्णेवि एगे अवदले, तुच्छेवि एगे पियढे, तुच्छेवि एगे अवदले / एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० पुण्णेवि एगे पियढे 4 तहेव / चत्तारि कुंभा प० त० पुण्णेवि एगे विस्संदइ, पुण्णेवि एगे णो विस्संदइ, तुच्छेवि एगे विस्मंदइ, तुच्छेवि एगे णो विस्संदइ / एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं. पुण्णेवि एगे विस्संदइ 4 तहेव / चत्तारि कुंभा प० तं० भिण्णे जज्जरिए परिस्साई अपरिस्साई / एवामेव चउबिहे चरित्ते प० तं० भिण्णे जाव अपरिस्साई / चत्तारि कुंभा प० तं० महुकुंभे णाममेगे महप्पिहाणे महुकुंभे णाममेगे विसपिहाणे विसकुंभे णोममेगे महुप्पिहाणे विसकुंभे णाममेगे विसपिहाणे / एवामेव चत्तारि पुरिसजाया 4 हिययमपावमकलुमं जीहाऽत्रि य महुरभासिणी णिचं, जंमि पुरिसंमि विज्जइ से महुकुंभे महुपिहाणे (1) हिययमपावमकलुसं, जीहाऽवि य कडुयभासिणी णिचं, जंमि पुरिसंमि विज्जइ, से महुकंभे विसपिहाणे (2) जं हिययं कलुसमयं जीहाऽवि य महुरभासिणी णिचं, जमि पुरिसंमि विज्जइ, से विसकुंभे महुपिहाणे (3) जं हि ययं कलुसमय; जीहाऽवि य कडुयभासिणी णिचं, जंमि पुरिसंमि विज्जइ, से विसकुंभे विसपिहाणे (4) // 167 // चउविहा उवसग्गा प० तं० दिव्वा माणुसा तिरिक्खजोणिया आयसंचेयणिज्जा / दिव्वा उसग्गा चउव्विहा प० तं० हासा पाओमा वीमंसा पुढोवेमाया / माणसा उवसग्गा चउव्विहा प० तं० हाता पाओसा वीमंसा कुसीलपडिसेवणया / तिरिकात्रजोणिया उवसग्गा चउव्विहा प० त० भया पदोसा आहारहेउं अवच्चलेणसारकवणया / आयसंचेयणिजा उसग्गा चउव्विहा प० तं० घट्टणया पवडणया थंभणया लेसणया // 168 / चउविहे कम्मे प० तं० सुभे णामं एगे सुभे, सुभे णाममेगे Page #288 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 275 ठाणं ठा. 4 उ. 4 असुभे, असुभे० 4 / चउबिहे कम्मे प० तं० सुभे णाममेगे सुभविवागे, सुभे णाममेगे असुभविवागे,असुभे णाममेगे सुभविवागे असुभे णाममेगे असुभविवागे। चउविहे कम्मे प० त० पगडीकम्मे, ठिइकम्मे, अणुभावकम्मे, पदेसकम्मे।१६९। चउवि हे संघे प०० समणा समणीओ सावगा सावियाओ।१७०। चउबिहा बुद्धी प० तं० उप्पत्तिया वेणइया कम्मिया पारिणामिया। चउबिहा मई प० तं० उग्गहमई ईहामई अवायमई धारणामई / अहवा चउबिहा मई प० तं० अरंजरोदगसमाणा, वियरोदगसमाणा सरोदगसमाणा सागरोदगसमाणा // 171 / / चउविहा संसारसमावण्णगा जीवा प० त० णेरइया तिरिक्खजोणिया मणुस्सा देवा / चउबिहा सव्वजीवा प० तं० मणजोगी वइजोगी कायजोगी अजोगी। अहवा चउविहा सव्वजीवा प० तं. इत्थिवेयगा पुरिसवेयगा णपुंसगवेयगा अवेयगा / अहवा चउबिहा सव्वजीवा प० तं. चक्खुदंसणी अचक्खुदसणी ओहिदंसणी; केवलदंसणी / अहवा चउबिहा सव्वजीवा प० तं० संजया असंजया संजयासंजया गोसंजया णोअसंजया // 172 // चत्तारि पुरिसजाया प० तं० मित्ते णाममेगे मित्ते, मित्ते णाममेगे अमित्ते, अमित्ते णाममेगे मित्ते, अमित्ते णाममेगे अमित्त / चत्तारि पुरिसजाया प० तं० मित्ते णाममेगे मित्तरूवे चउभंगो।।.१७३ / / चत्तारि पुरिसजाया प० तं० मुत्ते णाममेगे मुत्ते, मुत्ते णाममेगे अमुत्ते 4 / चत्तारि पुरिसजाया प० तं० मुत्ते णाममेगे मुत्तरूवे 4 // 174 / / पंचिं दियतिरिक्खजोणिया चउगइया चउआगइया प० तं० पंचिंदियतिरिक्खजोणिया पंचिंदियतिरिक्खजोणिएमु उववज्जमाणा णेरइए हिंतो वा, तिरिकावजोणिएहिंतो वा, मणुस्सेहिंतो वा, देवेहिंतो वा उववजेज्जा / से चेव णं से पंचिंदियतिरिक्वजोगिए पंचिंदियतिरिक्खजोणियत्तं विप्पजहमाणे णेरइयत्ताए वा जाव देवत्तार वा उवागच्छेजा। मणुस्सा चउगइया चउभागइया एवं चेव मणुस्सावि / / 175 / / बेइंदिया णं जीवा असमारभमाणस्स चउविहे संजमे कज्जइ तं जिब्भामयाओ सोक्खाओ अववरोवेत्ता भवइ, जिन्भामएणं दुक्खेणं असंजोगेत्ता भवइ, फासामयाओ सोक्खाओ अववरोवेत्ता भवइ, फासामएणं दुक्खेणं असंजोगेत्ता भवइ / बेइंदिया णं जीवा समारभमाणस्स चउविहे असंजमे कज्जइ तं० जिब्भामयाओ सोक्खाओ ववरोवित्ता भवइ जिब्भामएणं दुक्खेणं संजोगेत्ता भवइ फासा. .मयाओ सोक्खाओ ववरोवित्ता भवइ फासामएणं दुक्खेणं संजोगेत्ता भवइ / / 176 // समद्दिछियाणं णेरइयाणं चत्तारि किरियाओ पण्णत्ताओ तं० आरंभिया, परिग्गहिया Page #289 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 4 उ. 4 276 मायावत्तिया, अपच्चकण्वाणकिरिया / सम्महिटियाणमसुरकुमाराणं चत्तारि किरियाओ प० त० एवं चेव / एवं विगलिंदियवज्ज जाव वेमाणियाण।।१७७||चउहिं ठाणेहिं संते गुणे णासेज्जा तं० को हेणं पडिणिवेसेणं, अकयण्णुयाए, मिच्छत्ताहिणिवेसेणं / चउहिं ठाणेहिं संते गुणे दीवेज्जा तं• अब्भासवत्तियं परच्छंदाणुवत्तिय,कज हेडं, कयपडिकइएइ वा। णेरइयाणं चउहिँ ठाणेहिं सरीरुप्पत्ती सिया तं० को हेणं माणेणं मायाए लोभेणं,एवं जाव वेमाणियाणं / गेरइयाणं च उठाणणिवत्तिए सरीरे प०२० कोहणिव्वत्तिए जाव लोभणिव्वत्तिए, एवं जाव वेमाणियाणं। चत्तारि धम्मदारा प० तं० खंती मुत्ती अन्ज महवे // 178 // चउहिं ठाणेहिं जीवा णेरइयत्ताए कम्मं पकरेंति तं० महारंभयाए, महापरिग्गयाए पंचिंदियवहेणं कुणिमाहारेणं / चउहिं ठाणेहिं जीवा तिरिक्वजोणियत्ताए कम्मं पगरेंति तं० माइल्लयाए.णियडिल्याए अलियवयणेणं कूडतुलकूडमाणेणं। चउहिँ ठाणेहिं जीवा मगुस्सत्ताए कम्मं पगति तं० पगइ. भद्दयाए पगइविणीययाए साणुकोसयाए अमच्छरियाए / चउहि ठाणेहिं जीवा देवाउयत्ताए कम्मं पगरेंति तं० सरागसंजमेणं संजमासंजमेणं बालतवोकम्मेणं अकामणिज्जराए॥१७९॥चउबिहे वजे प० तं० तते वितते घणे झुसिरे / चउबिहे णट्टे प० तं० अंचिए रिभिए आरभडे भिसोले / चउबिहे गेए प० तं० उक्वित्तए पत्तए मंदए रोविंदए / चउबिहे मल्ले प० तं० गंथिमे वेढिमे पूरिमे संघाइमे / चउबिहे अलंकारे प० तं० केसालंकारे वत्थालंकारे मल्लालंकारे आभरणालंकारे / चउविहे अभिणए प० तं० दिटुंतिए पाडंसुए सामंतोवायणिए लोगमज्झावसिए // 180|| सणंकुमारमाहिंदेसु णं कप्पेसु विमाणा चउवण्णा प० त० णीला लोहिया हालिद्दा सुकिला / महासुक्कसहस्सारेसु णं कप्पेसु देवाणं भवधारणिज्जा सरीरगा उकोसेणं चत्तारि रयणीओ उड़े उच्चत्तेणं पण्णत्ता / / 181 // चत्तारि उदगगब्भा प० तं. उस्सा महिया सीया उसिणा, चत्तारि उदगगब्भा प० तं० हेमगा अन्भसंथडा सीओसिणा पंचरूविया। माहे उ हेमगा गम्भा फग्गुणे अब्भसंथडा, सीओसिणा उ चित्ते, वइसाहे पंचरूविया (1) चत्तारि मणुस्सीगब्भा प० त० इत्थित्ताए परिम. त्ताए णपुंसगत्ताए बिंबत्ताए / अप्पं सुकं बहुं ओयं इत्थी तत्थ पजायइ, अप्पै ओयं बहुं सुकं पुरिसो तत्थ पजायइ (1) दोण्हं पि रत्तसुक्काणं, तुल्लभावे णपुंसओ; इत्थीओयसमाओगे, बिंबं तत्थ पजायइ (2) // 182 // उप्पायपुव्वस्स णं Page #290 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 5 उ. 1 277 चत्तारि चूलियावत्यू प०, चउविहे कव्वे प० गज्जे पज्जे कत्थे गेए // 183 / / णेरइयाणं चत्तारि समुग्घाया प० तं० वेयणासमुग्घाए कसायसमुग्घाए मारणंतियसमुग्याए वेउव्वियसमुग्घाए एवं वाउक्काइयाणवि / / 184 / / अरहओ णं अरिठ्ठणेमिस्स चत्तारि सया चोद्दसपुवीणं अजिणाणं जिणसंकासाणं सव्वक्वरसंणिवाईणं जिणो इव अवितह वा गरमाणाणं उक्कोसिया चउद्दसपुव्विसंपया हत्था। समणस्स णं भगवओ महावीरस्स चत्तारि सया वाईणं सदेवमणुयासुराए परिसाए अपराजियाणं उक्कोसिया वाइसंपया हत्था // 185 // हेछिल्ला चत्तारि कप्पा अद्धचंदसंठाणसंठिया प. तं० सोहम्मे ईसाणे सणंकुमारे माहिं दे / मज्झिल्ला चत्तारि कप्पा पडि पुण्णचंदसंठाणसंठिया प० तं० बंभलोए लंतए महासुक्के सहस्सारे / उवरिल्ला चत्तारि कप्पा अद्धचंदसंठाणसंठिया प०तं. आणए पाणए आरणे अच्चुए।।१८६॥चत्तारि समुद्दा पत्तयरसा प०० लवणोदए वरुणोदए खीरोदए घओदए / चत्तारि आवत्ता प. तं. खरावत्ते उण्णयावत्ते गूढावत्ते अभिसावत्ते / एवामेव चत्तारि कसाया प० तं. खरावत्तसमाणे कोहे उण्णयावत्तसमाणे माणे, मूढावत्तसमाणा माया, अमिसावत्तसमाणे लोभे / खरावत्तसमाणं कोहमणुपविढे जीवे कालं करेइ णेरइएसु उववजइ, उण्णयावत्तसमाणं माणं एवं चेव गूढावत्तसमाणं मायमेवं चेव अमिसावत्तसमाणं लोभं अणुपविढे जीवे कालं करेइ णेरइएसु उववज्जइ // 187 / / अणुराहा णक्खत्ते चउत्तारे प०, पुव्वासाढे एवं चेव / उत्तारासाढे एवं चेव // 188 // जीवा णं चउठाणणिव्वत्तिए पोग्गले पावकम्मत्ताए चिणिंसु वा चिणंति वा चिणिस्संति वा तं० णेरइयणिव्वत्तिए तिरिक्खजोणियणिव्वत्तिए मणुस्सणिव्वत्तिए देवणिव्वत्तिए / एवं उवचिणिंसु वा उवचिणंति वा उवचिणिस्संति वा एवं चिणउवचिणबंधोदीरवेय तह णिज्जरा चेव / / 189 // चउप्पए सिया खंधा अणंता प०, चउप्पएसोगाढा पोग्गला अणंता प०, चउसमयठिईया पोग्गला अणंता प०, चउगुणकालगा पोग्गला अणंता जाव चउगुणलुक्खा पोग्गला अणंता प० // 190 // ___ पंचमं ठाणं पढमो उद्देसो पंचमहव्वया प० त० सव्वाओ पाणाइवायाओ वेरमणं, सव्वाओ मुसावायाओ वेरमणं, सध्याओ अदिण्णादाणाओ वेरमणं, सव्वाओ मेहुणाओ वेरमणं, . सयाओ परिग्गहाओ वेरमणं, पंचाणुव्वया प० तं. थूलाओ पाणाइवायाओ Page #291 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 278 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि वेरमणं, थूलाओ मुसावायाओ वेरमणं, थूलाओ अदिण्णादाणाओ वेरमणं, थूलाओ मेहुणाओ वेरमणं (सदारसंतोसे) इच्छापरिमाणे / / 1 // पंच वण्णा प० तं० किण्हा णीला लोहिया हालिद्दा सुकिल्ला / पंच रसा पतं० तित्ता कडया कसाया अंबिला महरा / पंचकामगुणा प० तं० सद्दा रूवा गंधा रसा फासा। पंचहिं ठाणेहिं जीवा सज्जति तं० सद्देहिं जाव फासेहिं, एवं रजति मुच्छंति गिझंति अज्झोववनंति / पंचहिं ठाणेहिं जीवा विणिघायमावज्जति तं० सद्देहिं जाव फासे हिं / पंच ठाणा अपरिणाया जीवाणं अहियाए असुभाए अखमाए अणिस्सेस्साए अणाणुगामियत्ताए भवंति तं० सहा जाव फासा, पंचठाणा सुपरिण्णाया जीवाणं हियाए सुभाए जाव आणुगामियत्ताए भवंति तं० सहा जाव फासा / पंच ठाणा अपरिण्णाया जीवाणं दुग्गइगमणाए भवंति तं० सद्दा जाव फासा / पंचठाणा परिणाया जीवाणं सुग्गइगमणाए भवंति तं० सहा जाव फासा / / 2 // पंचहिं ठाणेहिं जीवा दुग्गइं गच्छंति तं० पाणाइवाएणं जाव परिग्गहेणं / पंचहिं ठाणेहिं जीवा सोगई गच्छंति तं० पाणाइवायवेरमणेणं जाव परिग्गहवेरमणेणं // 3 // पंच पडिमाओ प० त० भद्दा सुभद्दा महाभद्दा सव्वओभद्दा भद्दुत्तरपडिमा।।४॥ पंच थावरकाया प० तं० इंदे थावरकाए, बंभे थावरकाए सिप्पे थावरकाए संमई थावरकाए पायावच्चे थावरकाए / पंच थावरकायाहिवई प० तं० इंदे थावरकायाहिवई, जाव पायावच्चे थावरकायाहिवई / / 5 // पंचहिं ठाणेहिं ओहिदसणे समुप्पजिउकामेवि तप्पढमयाए खंभाए जा तं० अप्पभूयं वा पुढविं पासित्ता तप्पढमयाए खंभाए जा, कुंथुरासिभूयं वा पुढविं पासित्ता तप्पढमयाए खंभाए जा, महइमहालयं वा महोरगसरीरं पासित्ता तप्पढमयाए खंभाए जा, देवं वा महिड्डियं जाव महेसक्खं पासित्ता तप्पढमयाए खंभाएज्जा, पुरेसु वा पोराणाई महइमहालयाई महाणिहाणाई पहीणसामियाई पहीणसेउयाई पहीणगुत्तागाराई उच्छिण्णसामियाई उच्छिण्णसेउयाई उच्छिण्णगुत्तागाराइं जाई इमाई गामागरणगरखेडकब्बडमंडवदोणमुहपट्टणासमसंबाहसंणिवेसेसु सिंघाडगतिगचउक्कचच्चरचउम्मुहमहापहपहेसु णगरणिद्धमणेसु सुसाणसुण्णागारगिरिकंदरसंतिसेलोवट्ठावणभवणगिहेसु संणिक्खित्ताई चिटुंति ताई वा पासित्ता तप्पढमयाए खभाएज्जा, इच्चेएहिं पंचहिं ठाणेहिं ओहिंदंसणे समुप्पजिउकामे तप्पढमयाए खंभाएज्जा / / 6 // पंचहिं ठाणेहिं केवल. वरणाणदंसणे समुप्पजिउकामे तप्पढमयाए णो खंभाएज्जा तं० अप्पभूयं वा Page #292 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 5 उ. 1 279 पुढविं पासित्ता तप्पढमयाए णो खंभाएज्जा सेसं तहेव जाव भवणगिहेसु संणिक्खित्ताई चिट्ठति ताई वा पासित्ता तप्पढमयाए णो खंभाए ज्जा, सेसं तहेव, इच्चेए हिं पंचहिं ठाणेहिं जाव णो खंभाएज्जा // 7 // जेरइयाणं सरीरगा पंचवण्णा पंचरसा प० तं० किण्हा जाव सुकिल्ला तित्ता जाव महरा, एवं णिरंतरं जाव वेमाणियाणं // 8 // पंच सरीरगा प० त० ओरालिए वेउलिए आहारए तेयए कम्मए / ओरालियसरीरे पंचवण्णे पंचरसे प० तं० किण्णे जाव सुकिल्ले, तित्ते जाव महुरे। एवं जाव कम्मगसरीरे, सव्वे वि णं बादरबों दिधरा कलेवरा पंचवण्णा पंचरसा दुगंधा अट्ठफासा // 9 // पंचहिं ठाणेहिं पुरिमपच्छिमगाणं जिणाणं दुग्गमं भवइ तं० दुआइक्खं दुविभज्ज दुपस्सं दुतितिक्खं दुरणुचरं / पंचहिं ठाणेहिं मज्झिमगाणं जिणाणं सुग्गम भवइ तं० सुआइक्खं सुविभज्ज सुपस्सं सुतितिक्खं सुरणुचरं ||10|| पंचठाणाई समणेणं भगवया महावीरेणं समणाणं णिग्गंथाणं णिचं वण्णियाइं णिचं कित्तियाइं णिचं बुइयाई णिचं पसत्थाई णिचमन्भणुण्णायाई भवंति तं. खंती मुत्ती अजवे मद्दवे लाघवे / पंचठाणाई समणेणं जाव अब्भणुण्णायाई भवंति तं० सच्चे संजमे तवे चियाए बंभचेरवासे / / 11 // पंचठाणाई समणाणं जाव अन्भणुण्णायाई भवंति तं० उक्खित्तंचरए णिक्खित्तचरए अंतचरए पंतचरए लूहचरए / पंचठाणाई जाव अब्भणुण्णायाई भवंति तं० अण्णायचरए अण्णवेलचरए मोणचरए संसट्ठकप्पिए तज्जायसंसट्ठकप्पिए / पंचठाणाई जाव अब्भणुण्णायाइं भवंति तं उवणिहिए सुद्धेसणिए सैखादत्तिए दिट्ठलाभिए पुट्ठलाभिए / पंचठाणाई जाव अब्भणुण्णायाई भवंति तं० आयंबिलिए णिव्वियए पुरिमड्डिए परिमियपिंडवाइए भिण्णपिंडवाइए। पंचठाणाई जाव अब्भणुण्णायाइं भवंति तं० अरसाहारे विरसाहारे अंताहारे पंताहारे लूहाहारे / पंचठाणाई जाव भवंति तं० अरसजीवी विरसजीवी अंतजीवी पंतजीवी लूहजीवी / पंचठाणाइं जाव भवंति तंजहा-ठाणाइए उक्कुडु. आसणिए पडिमट्ठाई वीरासणिए णेसज्जिए ।पंचठाणाई जाव भवंति तं० दंडायइए लगडसाई आयावए अवाउडए अकंडूयए / / 12 // पंचहिं ठाणेहिं समणे णिग्गंथे महाणिजरे महापज्जवसाणे भवइ तं० अगिलाए आयरियवेयावच्चं करेमाणे एवं उवज्झायवेयावंचं थेरवेयावच्चं तवस्सिवेयावच्चं गिलाणवेयावच्चं करेमाणे / पंचहिं ठाणेहिं समगे णिग्गंथे महाणिज्जरे महापज्ञवसाणे भवइ तं० अगिलाए सेहवेयावचं Page #293 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 280 अंग-पविट्ट सुत्ताणि करेमाणे, अगिलाए कुलवेयावच्चं करेमाणे, 3 गिलाए गणवेयावच्चं करेमाणे, अगिलाए संघवेयावच्चं करेमाणे, अगिलाए साहम्मियवेयावच्चं करेमाणे / / 13 / / पंचहिं ठाणेहिं समणे णिग्गंथे साहम्मियं संभोइयं विसंभोइयं करेमाणे णाइक्कमइ तं. सकिरियट्ठाणं पडिसेवित्ता भवइ पडिसेवित्ता णो आलोएइ आलोइत्ता णो पट्टवेइ पट्टवेत्ता णो णिव्विसइ जाई इमाई थेराणं ठिइपकप्पाई भवंति ताई अइ. यंचिय 2 पडिसेवेइ से हंदहं पडिसेवामि किं मे थेरा करिस्सति / पंचहिं ठाणेहि समणे णिग्गंथे साहम्मियं पारंचियं करेमाणे णाइक्कमइ तं. सकुले वसइ कुलस्स भेयाए अब्भुढेत्ता भवइ, गणे वसइ गणस्स भेयाए अब्भुढेत्ता भवइ हिंसप्पेही छिप्पेही अभिवावणं अभिक्खणं पसिणायतणाई पउंजित्ता भवइ / आयरियउव. ज्झायस्स णं गणंसि पंचवुग्गहट्ठाणा प० तं. आयरियउवज्झाए णं गणंसि आणं वा धारणं वा णो सम्मं पउंजित्ता भवइ, आयरियउवज्झाए णं गणंसि आहारा. इणियाए किइकम्मं णो सम्म पउंजित्ता भवइ, आयरियउवज्झाए णं गणंसि जे सुयपज्जवजाए धारेति ते काले 2 णो सम्ममणुप्पवाएत्ता भवइ, आयरियउवज्झाए. णं गणंसि गिलाणसेहवेयावच्चं णो सम्ममब्भुढेत्ता भवइ, आयरियउवज्झाए णं गणंसि अणापुच्छियचारी यावि हवइ, णो आपुच्छियचारी | आयरियउवज्झायस्स गं गणंसि पंच अवुग्गहट्ठाणा प० तं. आयरियउवज्झाए णं गणंसि आणं वा धारणं वा सम्म पउंजित्ता भवइ एवमाहाराइणियाए सम्म किनकम्म पउंजित्ता भवइ, आयरियउवज्झाए णं गणंसि जे सुयपज्जव जाए धारैति ते काले 2 सम्म मणुपवाइत्ता एवं गिलाणसेहवेयावच्चं सम्म अब्भुद्वित्ता भवइ, आयरियउबज्झाए णं गणंसि आपुच्छियचारी यावि भवइ, णो अणापुच्छियचारी / / 14 / / पंच णिसि. जाओ प० तं० उक्कुडुया गोदोहिया समपायपुया पलियंका अद्धपलियंका // 15|| पंच अज्जवट्ठाणा प० तं० साहुअज्जवं साहुमहवं साहुलाघवं साहुखंती साहुमुत्ती // 16 // पंच विहा जोइसिया प० तं० चंदा सूरा गहा णवत्ता ताराओ // 17 // पंच विहा देवा प० तं० भवियदव्वदेवा णरदेवा धम्मदेवा देवाहि देवा भावदेवा / / 18 / / पंचविहा परियारणा प० तं० कायपरियारणा फासपरियारणा रूंवपरियारणा सहपरियारणा मणपरियारणा / / 19 / / चमरस्स णं असुरिंदस्स असुरकुमाररणो पंच अग्गमहिसीओ प० त० काली राई रयणी विज्जू मेहा, बलिस्स णं वइरोय. Page #294 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ___ठाणं ठा. 5 उ. 1 281 णिंदस्स वइरोयणरणो पंच अग्गमहि सीओ प० तं० सुभा णिसुभा रंभा णिरंभा मयणा / / 20 // चमरस्स णं असुरिंदस्स असुरकुमाररणो पंच संगामिया अणिया पंच संगामिया अणियाहिवई प० त० पायत्ताणिए पीढाणिए कुंजराणिए महि. साणिए रहाणिए / दुमे पायत्ताणियाहिवई सोदामे आसराया पीढाणियाहिवई कुंथू हत्थिराया कुंजराणियाहिवई लोहियक्खे महिसाणियाहिवई किण्णरे रहाणियाहिवई / बलिस्स णं वइरोयणिंदस्स वइरोयणरण्णो पंच संगामिया अणिया पंच संगामिया अणियाहिबई प० तं० पायत्ताणिए जाव रहाणिए / महद्दुमे पायत्ताणियाहिवई महासोदामे आसराया पीढाणियाहिवई मालंकारे हत्थिराया कुंजराणिया हिवई महालोहिअक्खे महिसाणियाहिवई किंपुरिसे रहाणियाहिवई / धरणस्स णं णागकुमारिंदस्स णागकुमाररणो पंच संगामिया अणिया पंच संगामिया अणियाहिवई प० तं० पायत्ताणिए जाव रहाणिए। भहसेणे पायत्ताणियाहिवई जसोधरे आसराया पीढाणियाहिवई सुदंसणे हत्थिराया कुंजराणियाहिवई णीलकंठे महिसाणियाहिबई आणंदे रहाणियाहिवई, / भूयाणंदस्स णागकुमारिंदस्स णागकुमाररण्णो पंच संगामिया अणिया पंच संगामिया अणियाहिवई प० तं० पायत्ताणिए जाव रहाणिए / दक्खे पायत्ताणियाहिवई सुग्गीवे आसराया पीढाणियाहिवई सुविक्कमे हत्थिराया कुंजराणियाहिवई सेयकंठे महिसाणियाहिवई णंदुत्तरे रहाणियाहिबई / वेणुदेवस्स णं सुवगिदस्स सुवण्णकुमाररण्णो पंच संगामिया अणिया पंच संगामिया अणियाहिबई प० तं० पायत्ताणिए एवं जहा धरणस्म तहा वेणुदेवस्स वि / वेणुदालियस्स य जहा भूयाणंदस्स / जहा धरणस्स तहा सव्वेसिं दाहिणिल्लाणं जाव घोसस्स / जहा भूयाणंदस्स तहा सव्वेसि उत्तरिल्लाणं जाव महाघोसस्स / सक्कस्स णं देविंदस्स देवरणो पंच संगामिया अणिया पंच संगामिया अणियाहिवई प० तं० पायत्ताणिए जाव उसभाणिए रहाणिए / हरिणेगमेसी पायत्ताणियाहिवई वाऊ आसराया पीढाणियाहिवई एरावणे हत्थिराया कुंजराणियाहिवई दामड्डी उसभाणियाहिवई माढरे रहाणियाहिवई / ईसाणस्स णं देविंदस्स देवरणो पंच संगामिया अणिया जाव पायत्ताणिए पीढाणिए कुंजराणिए उसभाणिए रहाणिए / लहपरक्कमे पायत्ताणियाहिवई महावाऊ आसराया पीढाणियाहिवई पुप्फदंते हत्थिराया कुंजराणियाहिवई महादामड्डी उसमाणियाहिवई महामाढरे रहाणियाहिवई / जहा सक्कस्स Page #295 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 282 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि तहा सव्वेसि दाहिणिल्लाणं जाव आरणस्स / जहा ईसाणस तहा सव्वेसिं उत्तरिल्लाणं जाव अच्चुयस्स / सक्कस्स णं देविंदस्स देवरणो अब्भतरपरिसाए देवाणं पंच पलिओवमाई ठिई प० / ईसाणस्स णं देविंदस्स देवरण्णो अब्भतरपरिसाए देवीणं पंच पलिओवमाई ठिई प० // 21 // पंच विहा पडिहा प० तं० गइपडिहा ठिइपडिहा बंधणपडिहा भोगपडिहा बलवीरियपुरिसयारपरक्कमपडिहा // 22 // पंचविहे आजीवे प० तं० जाइआजीवे कुलाजीवे कम्माजीवे सिप्पाजीवे लिंगाजीवे / / 23 / / पंच रायककुहा प० तं० खग्गं छत्तं उप्फेसं उवाणहाओ वालवीअणी // 24 // पंचहिं ठाणेहिं छउमत्ये णं उदिण्णे परिसहोवसग्गे सम्मं सहेजा खमेजा तितिक्खेज्जा अहियासेज्जा तं० उदिण्णकम्मे खलु अयं पुरिसे उम्मत्तगभूए तेण मे एस पुरिसे अकोसइ वा अवहसइ वा णिच्छोढेइ वा णिमछेइ वा बंधइ वा रुंभइ वा छविच्छेयं करेइ वा पमारं वा णेइ उद्दवेइ वा वत्यं वा पडिग्गहं वा कंबलं वा पायपुच्छणमच्छिदइ वा विच्छिदइ वा भिंदइ वा अवहरइ वा जक्खाइटे खलु अयं पुरिसे तेण मे एस पुरिसे अक्कोसइ वा तहेव जाव अवहरइ वा ममं च णं तन्भववेयणिज्जे कम्मे उदिण्णे भवइ तेण मे एस पुरिसे अक्कोसइ वा जाव अवहरइ वा ममं च णं सम्मं असहमाणस्स अस्वममाणस्स अतितिक्खमाणस्स अणहियासेमाणस्स किं मण्णे कज्जइ ? एगंतसो मे पावे कम्मे कन्जइ ममं च णं सम्मं सहमाणस्स जाव अहियासेमाणस्स किं मण्णे कन्जइ ? एगंतसो मे णिज्जरा कज्जइ इच्चेएहिं पंचहिं ठाणेहिं छउमत्थे उदिण्णे परिसहोवसग्गे सम्मं सहेज्जा जाव अहियासेज्जा / / 25 / / पंचहिँ ठाणेहिं केवली उदिणे परिसहोवसग्गे सम्म सहेज्जा जाव अहियासेज्जा तं० खित्तचित्ते खलु अयं पुरिसे तेण मे एस पुरिसे अंकोसइ वा तहेव जाव अवहरइ वा दित्तचित्ते खलु अयं पुरिसे तेण मे एस पुरिसे जाव अवहरइ वा जक्खाइटे ग्वलु अयं पुरिसे तेण मे एस पुरिसे जाव अवहरइ वा ममं च णं तब्भववेयणिज्जे कम्मे उदिण्णे भवइ तेण मे एस पुरिसे जाव अवहरइ वा ममं च णं सम्म सहमाणं खममाणं तितिक्खमाणं अहियासेमाणं पासित्ता बहवे अण्णे छउ. मत्था समणा णिग्गंथा उदिण्णे 2 परिसहोवसग्गे एवं सम्मं सहिस्संति जावं अहिया. सिस्संति इच्चेएहिं पंचहिं ठाणेहिं केवली उदिण्णे परिसहोवसग्गे सम्मं सहेज्जा जाव अहियासेज्जा // 26 // पंच हेऊ प० तं० हेउं ण जाणइ हेडं ण पासइ हेडं Page #296 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 5 उ. 2 283 ण बुज्झइ हेउं णाभिगच्छइ हेउमण्णाणमरण मरइ / पंच हेऊ प० तं० हेउणा ण जाणइ जाव हे उणा अण्णाणमरणं मरइ / पंच हेऊ प० तं० हेडं जाणइ जाव हेउं छउमत्थमरणं मरइ / पंच हेऊ प० तं० हे उणा जाणइ जाव हेउणा छउमत्थमरण मरइ / पंच अहेऊ प० तं० अहेउं ण जाणइ जाव अहेउं छउमत्थमरणं मरइ / पंच अहेऊ प० तं० अहेउणा ण जाणइ जाव अहेउणा छउमत्थमरणं मरइ / पंच अहेऊ प० तं. अहेउं जाणइ जाव अहे केवलिमरणं मरइ / पंच अहेऊ 50 तं० अहेउणा ण जाणइ जाव अहेउणा केवलिमरणं मरइ / / 27 / / केवलिस्स णं पंच अणुत्तरा प० तं० अणुत्तरे णाणे अणुत्तरे दंसणे अणुत्तरे चरित्ते अणुत्तरे तवे अणुत्तरे वीरिए // 28 // पउमप्पहे णं अरहा पंच चित्ते हुत्था तं० चित्ताहिं चुए चइत्ता गम्भं वक्ते चित्ताहिं जाए चित्ताहिं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए चित्ताहि अणंते अणुत्तरे णिव्वाघाए णिरावरणे कसिणे पडिपुण्णे केवलवरणाणदंसणे समुप्पण्णे चित्ताहिं परिणिव्वुए / पुप्फदंते णं अरहा पंच मूले हुत्था तं० मूलेणं चुए चइत्ता गम्भं वकंते एवं चेव एवमेएणं अभिलावणं इमाओ गाहाओ अणुगंतवाओ-पउमप्पभस्स चित्ता मूले पुण होइ पुप्फदंतस्स; पुवाई आसादा सीयलस्सुत्तर विमलस्स भद्दवया (1) रेवइया अणंतजिणो पूसो धम्मस्स संतिणो भरणी, कुंथुस्स कत्तियाओ अरस्स तह रेवईओ य (2) मुणिसुव्वयस्स सवणो आसिणिं णमिणो य णेमिगो चित्ता, पासस्स विसाहाओ पंच य हत्थु. त्तरे वीरो (3) समणे भगवं महावीरे पंचहत्थुत्तरे होत्था तं०-हत्थुत्तराहिं चुए चइत्ता गम्भं वकंते, हत्थुत्तराहिं गम्भाओ गम्भं साहरिए, हत्थुत्तराहिं जाए, हत्थुत्तराहिं मुंडे भवित्ता जाव पव्वइए, हत्थुत्तराहिं अणंते अणुत्तरे जाव केवलवरणाणदंसणे समुप्पण्णे / / 29 / / पंचमं ठाणं बीओ उद्देसो ' णो कप्पइ णिग्गंथाणं वा णिग्गंथीणं वा इमाओ उद्दिट्ठाओ गणियाओ वियंजियाओ पंच महण्णवाओ महाणईओ अंतो मासस्स दुक्खुत्तो वा, तिक्खुत्तो वा, उत्तरित्तए वा संतरित्तए वा तं० गंगा जउणा सरऊ एरावइ मही। पंचहिं ठाणेहिं कप्पइ तं. भयंसि वा, दुब्भिक्खंसि वा, पव्वहेज व णं कोई उदओघंसि वा एजमाणंसि, महया वा अणारिएमु / णो कप्पइ णिग्गंथाणं वा णिग्गंथीणं वा पढमपाउसंसि, Page #297 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 284 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि गामाणुगामं दूइजित्तए, पंचहिं ठाणेहिं कप्पइ तं० भयंसि वा दुन्भिक्खंसि वा जाव महया वा अणारिएहिं / वासावासं पजोसवियाणं णो कप्पइ णिग्गंथाणं वा णिग्गंथीणं वा गामाणुगाम दूइ जित्तए, पंचहिं ठाणेहिं कप्पइ तं० णाणट्ठयाए दसणट्टयाए चरित्तद्वयाए आयरियउवज्झाया वा से वीसुभेज्जा आयरियउवज्झायाणं वा बहिया वेयावचं करणयाए / / 30 // पंच अणुग्घाइया प० तं० हत्थकम्म करेमाणे मेहुणं पडिसेवमाणे राइभोयणं भुजमाणे सागारियपिंड भुजमाणे रायपिंड भुंजमाणे / पंचहिं ठाणेहिं समणे णिग्गंथे रायतेउरमणुपविसमाणे णाइक्कमइ तं० णगरं सिया सव्वओ समंता गुत्ते गुत्तदुवारे. बहवे समणमाहणा णो संचाएंति भत्ताए वा पाणाए वा णिक्खमित्तए वा पविसित्तए वा तेसिं विण्णवणट्टयाए रायंतेउरमणुपविसे ज्जा पाडिहारियं वा पीढफलगसेज्जासंथारगं पच्चप्पिणमाणे रायतेउरमणुपविसेज्जा हयस्स वा गयस्स वा दुट्ठस्स आगच्छमाणस्स भीए रायंतेउरमणुपविसेज्जा परो वा णं सहसा वा बलसा वा बाहाए गहाय रायतेउरमणुपविसेज्जा बहिया व णं आरामगयं वा उजाणगयं वा रायतेउरजणो सव्वओ समंता संपरिक्विवित्ता णं णिविसेज्जा इच्चेए हिं पंचहिं ठाणेहिं समणे णिग्गंथे जाव णाइक्कमइ // 31 / / पंचहिं ठाणेहिं इत्थी पुरिसेण सद्धिं असंवसमाणी वि गब्भं धरेज्जा तं० इत्थी दुव्वियडा दुण्णिसण्णा सुक्कपोग्गले अहिटेजा, सुक्कपोग्गलसंसिढे व से वत्थे अंतो जोणीए अणुपविसेज्जा संयं वा सा सुक्कपोग्गले अणुपविसेज्जा परो व से सुक्कपोग्गले अणुपविसेज्जा सीओदगवियडेण वा से आयममाणीए सुक्कपोग्गले अणुपविसेज्जा, इच्चेएहिं पंचहिं ठाणेहिं जाव धरेज्जा / पंचहिं ठाणेहिं इत्थी पुरिसेण सद्धिं संवसमाणी वि गभं णो धरेज्जा तं० अप्पत्तजोवणा अइक्कंतजोवणा जाइवंझा गेलण्णपुट्ठा दोमणंसिया इच्चेएहिं पंचहिं ठाणेहिं इत्थी पुरिसेण सद्धिं संवसमाणी वि गभं णो धरेज्जा / पंचहि ठाणेहिं इत्थी पुरिसेण सद्धिं संवसमाणी वि गब्भं णो घरेज्जातं. णिचोउया अणोउया वावण्णसोया वाविद्धसोया अणंगपडिसेविणी इच्चेएहिं पंचहिं ठाणेहिं इत्थी पुरिसेण सद्धिं संवसमाणी वि गम्भ णो धरेज्जा / पंचहिं ठाणेहिं इत्थी पुरिसेण सद्धिं संवसमाणी वि गब्भ णो धरेज्जा तं० उउंमि णो णिगामपडिसेविणी यावि भवइ, समागया वा से सुक्कपोग्गला पडिविद्धंसंति उदिण्णे वा से पित्तसोणिए पुरा वा देवकम्मणा पुत्तफले वा णो णिहिटे भवइ इच्चेएहिं जाव णो धरेज्जा // 32 // पंचहिं ठाणेहिं णिग्गंथा णिग्गंथीओ य एगयओ ठाणं Page #298 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 5 उ. 2 285 वा सेज वा णिसीहियं वा चेएमाणा णाइक्कमति तं०अत्थेगइया णिग्गंथा णिग्गंथीओ य ए गं महं अगामियं छिण्णावायं दीहमद्धं अडविमणुपविट्ठा तत्थेगयओ ठाणं वा सेज्जं वा णिसीहियं वा चेएमाणा णाइक्कमति अत्थेगइया णिग्गंथा 2 गामंसि वा णगरसि वा जाव रायहाणिंसि वा वासं उवागया एगइया जत्थ उवस्सयं लभंति एगइया णो लभंति तत्थगयओ ठाणं वा जाव णाइक्कमंति अत्थेगइया णिग्गंथा णिग्गंथीओ य णागकुमारावासंसि वा सुवण्णकुमारावासंसि वा वासं उवागया तत्थेगयओ ठाणं वा जाव णाइक्कमंति, आमोसगा दीसंति ते इच्छंति णिग्गंथीओ चीवरपडियाए पडिगाहेत्तए तत्थेगयओ ठाणं वा जाव णाइक्कमंति, जुवाणा दीसंति ते इच्छंति णिग्गंथीओ मेहुणपडियाए पडिगाहेत्तए तत्थेगयओ ठाणं वा जाव णाइक्कमंति, इच्चेएहिं पंचहिं ठाणेहिं जाव णाइक्कमति / पंचहिं ठाणेहि समणे णिग्गंथे अचेलए सचेलियाहिं णिग्गंथीहिं सद्धिं संवसमाणे णाइक्कमइ तं० खित्तचित्ते समणे णिग्गंथे णिग्गंथेहिं अविजमाणेहिं अचेलए सचेलियाहिं णिग्गंथीहिं सद्धिं संवसमाणे णाइक्कमइ एवमेएणं गमएणं दित्तचित्त जक्खाइटे उम्मायपत्ते णिग्गंथीपव्वाइयए समणे णिग्गंथेहिं अविज्जमाणेहिं अचेलए सचेलियाहिं णिग्गथीहिं सद्धिं संवसमाणे णाइक्कमइ // 33 // पंच आसवदारा प० तं० मिच्छत्तं अविरई पमाओ कसाया जोगा / पंच संवरदारा प० त० सम्मत्त विरई अपमाओ अकसाइत्त अजोगित्तं / पंच दंडा प० तं० अहादंडे अणट्ठादंडे हिंसादंडे अकम्हादंडे दिट्ठिविपरियासियादंडे। पंच किरियाओ प० तं० आरंभिया परिग्गहिया मायावत्तिया अपञ्चक्खाणकिरिया मिच्छादसणवत्तिया / मिच्छद्दिहिणेरइयाणं पंच किरियाओ प० तं० आरंभिया जाव मिच्छादसणवत्तिया एवं सव्वेसिं णिरंतरं जाव मिच्छादिट्ठियाणं वेमाणियाणं, णवरं विगले दिया मिच्छादिट्ठी ण भण्णंति, सेसं तहेव / पंच किरियाओ प० तं. काइया अहिंगरणिया पाओसिया पारियावणिया पाणाइवायकिरिया / णेरइयाणं पंच एवं चेव णिरंतरं जाव वेमाणियाणं / पंच किरियाओ प० तं० आरंभिया जाव मिच्छादसणवत्तिया णेरइयाणं पंच किरिया णिरंतरं जाव वेमाणियाणं / पंच किरियाओ प० तं० दिट्ठिया पुट्ठिया पाडुचिया सामंतोवणिवाइया साहत्थिया, एवं णेरइयाणं जाव वेमाणियाणं / पंच किरियाओ प० तं० णेसत्थिया आणवणिया वेयारणिया अणाभोगवत्तिया अणवखवत्तिया, एवं जाव वेमाणियाणं / पंचकिरि. याओ प० तं० पेज्जवत्तिया दोसवत्तिया पओगकिरिया समुदाणकिरिया ईरियाव Page #299 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 286 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि हिया, एवं मणुस्साण वि, सेसाणं णत्थि / / 34 / / पंच विहा परिणा प० तं० उवहिपरिण्णा उवस्सयपरिणा कसायपरिणा जोगपरिणा भत्तपाणपरिणा // 35 // पंच विहे ववहारे प० तं० आगमे सुए आणा धारणा जीए, जहा से तत्थ आगमे सिया आगमेणं ववहारं पट्ठवेजा, णो से तत्थ आगगे सिया, जहा से तत्थ सुए सिया सुएणं ववहारं पट्टवेज्जा णो से तत्थ सुए सिया, एवं जाव जहा से तत्थ जीए सिया जीएणं ववहारं पट्टवेजा / इच्चेए हिं पंचहिं ववहारं पट्ठवेज्जा, आगमेणं जाव जीएणं जहा 2 से तत्थ आगमे जाव जीए तहा 2 ववहारं पढवेज्जा से किमाहु भंते ! आगमबलिया समणा णिग्गंथा ! इच्चेयं पंच विहं ववहारं जया जया जहिं जहिं तया तया तहिं तहिं अणि स्तिओवस्तियं सम्म ववहरमाणे समणे णिग्गंथे आणाए. आराहए भवइ / / 36 // संजयमणुस्साणं सुत्ताणं पंच जागरा प० तं० सद्दा जाव फासा / संजयमणुस्साणं जागराणं पंच सुत्ता प०तं० सद्दा जाव फासा / असंजयमंणुस्साणं सुत्ताणं वा जागराणं वा पंच जागरा प० तं० सहा जाव फासा / / 37 / / पंचहिं ठाणेहिं जीवा रयं आइजति तं० पाणाइवाएणं जाव परिग्गहेणं। पंचहिं ठाणेहिं जीवा रयं वमंतितं. पाणाइवायवेरमणेणं जाव परिग्गहवेरमणेणं / पंचमांसियं णं भिक्खुपडिमं पडि. वण्णस्स अणगारस्स कप्पंति पंचदत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए पंचपाणगस्स // 38|| पंच विहे उवघाए प० तं० उग्गमोवघाए उप्पायणोवघाए एसणोवघाए परिकम्मोवघाए परिहरणोवघाए / पंचविहा विसोही प० तं० उग्गमविसोही उप्पायणविसोही एसणाविसोही परिकम्मविसोही परिहरणविसोही / पंचहिं ठाणेहिं जावा दुल्लभबोहियत्ताए कम्मं पगरेंति तं० अरिहंताणमवण्णं वयमाणे अरिहंतपण्णत्तस्स धम्मस्स अवण्णं वयमाणे आयरियउवज्झायाणमवण्णं वयमाणे चाउवण्णस्स संघ. स्स अवणं वयमाणे विविक्कतवबंभचेराणं देवाणं अवण्णं वयमाणे | पंचहिँ ठाणेहिं जीवा सुलभबोहियत्ताए कम्मं पगरेंति, तं० अरिहंताणं वण्णं वयमाणे, जाव विविक्कतवबंभचेराणं देवाणं वण्णं वयमाणे / / 39 // पंच पडिसलीणा प० तं० सोइंदियपडिसलीणे जाव फासिंदियपडिसलीणे / पंच अपडिसंलीणा प०० सोइंदियअपडि. संलीणे जाव फासिंदियअपडिसलीणे | पंच विहे संवरे प० तं० सोइंदियसंवरे जाव फासिंदियसंवरे। पंचविहे असंवरे प० त० सोइं दियअसंवरे जाव फासिंदियअसंवरे / / 40 // पंचविहे संजमे प० त० सामाइयसंजमे छेदोवट्ठावणियसंजमे परिहार Page #300 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 5 उ. 2 287 विसुद्धियसंजमे सुहुमसंपरायसंजमे अहक्खायचरित्तसंजमे / एगिंदिया णं जीवा असमारभमाणस्स पेचविहे संजमे कन्जइ तं० पुढविकाइयसंजमे जाव वणस्सइकाइयसंजमे / एगिंदिया णं जीवा समारभमाणस्स पंचविहे असंजमे कज्जइ तं० पुढविकाइयअसंजमे जाव वणस्सइकाइयअसंजमे / पंचिंदिया णं जीवा असमारभमाणस्स पंचविहे संजमे कजइ तं० सोइंदियसंजमे जाव फासिंदियसंजमे / पंचिंदिया णं जीवा समारभमाणस्स पंचविहे असंजमे कजइ तं० सोइंदियअसंजमे जाव फासिंदियअसंजमे / सव्वपाणभूयजीवसत्ता णं असमारभमाणस्स पंचविहे संजमे कज्जइ तं. एगिदियसंजमे जाव पंचिंदियसंजमे / सव्वपाणभूयजीवसत्ता णं समारभमाणस्स पंचविहे अमंजमे कज्जइ तं० एगिदियअसंजमे जाव पंचिंदियअसंजमे // 41 / / पंचविहा तणवणस्मइकाइया प० तं० अग्गबीया मूलबीया पोरबीया खंधबीया बीयरुहा | 42 / / पंचविहे आयारे प० तं० णाणायारे दंसणायारे चरित्तायारे तवायारे वीरियायारे। पंचविहे आयारपकप्पे प० तं. मासिए उग्घाइए मासिए अणुग्घाइए चउमासिए उग्घाइए चउमासिए अणुग्घाइए आरोवणा / आरोवणा पंचविहा प० तं० पट्टविया ठविया कसिणा अकसिणा हाडहडा / / 43 // जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पुरत्थिमे णं सीयाए महाणईए उत्तरेणं पंचवक्खारपव्वया प० तं० मालवंते चित्तकूडे पम्हकूडे णलिणकूडे एगसेले / जंबूमंदरस्स पुरओ सीयाए महाणईए दाहिणेणं पंचवक्खारपव्वया प० तं० तिकूडे वेसमणकूडे अंजणे मायंजणे सोमणसे / जंबूमंदरस्स पचत्थिमेणं सीओयाए महाणईए दाहिणेणं पंचवक्खारपव्वया प० तं० विज्जुप्पभे अंकावई पम्हावई. आसीविसे सुहावहे / जंबूमंदरस्स पञ्चत्थिमेणं सीओयाए महाणईए उत्तरेणं पंच वक्खारपव्वया प० तं० चंदपन्वए सूरपव्वए णागपव्वए देवपव्वए रोधमायणे / जंबूमंदरस्स दाहिणेणं देवकुराए कुराए पंचमहदहा प० तं० णिसहदहे देवकुरुदहे सूरदहे सुलसदहे विज्जुप्पहदहे। जंबूमंदर उत्तरेणं उत्तरकुराए कुराए पंचमहदहा प० तं० णीलवंतदहे उत्तर कुरुदहे चंददहे एरावणदहे मालवंतदहे / सव्वेवि णं वखारपव्वया सीयासीओयाओ महाणईओ मंदरं वा पव्वयंतेणं पंचजोयणसयाई उ8 उच्चत्तेणं पंचगाउयसयाई उव्वेहेणं / धायइसंडे दीवे पुरत्थिमद्धेणं मंदरस्स पव्वयस्स पुरथिमेणं सीयाएं महाणईए उत्तरेणं पंचवक्वारपव्वया प० तं० मालवंते एवं जहा जंबुद्दीवे तहा जाव पुक्खरवरदीवड्डपञ्चत्थिमद्धे वक्खारा दहा य उच्चत्तं Page #301 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 288 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि भाणियव्वं / समयक्खेत्ते णं पंच भरहाई पंच एरवयाई एवं जहा चउठाणे बिइय उद्देसे तहा एत्थवि भाणियव्वं जाव पंच मंदरा पंचमंदरचूलियाओ णवरं उसुयारा णत्थि // 44 / / उसभे णं अरहा कोसलिए पंचधणुसंयाई उड्डे उच्चत्तेणं होत्था भरहे णं राया चाउरंतचक्कवट्टी पंचधणुसयाई उड्ढे उच्चत्तेणं होत्था बाहुबली णं अणगारे एवं चेव / बंभी णं अजा एवं चेव सुंदरीवि / पंचहिं ठाणेहिं सुत्ते वि बुज्झेज्जा तं० सहेणं फासेणं भोयणपरिणामेणं णिहक्म्वएणं सुविणदंसणणं / पंचहिं ठाणेहिं समणे णिग्गंथे णिग्गंथिं गिण्हमाणे वा अवलंबमाणे वा णाइक्कमइ तं० णिग्गंथिं च णं अण्णयरे पसुजाइए वा पक्खीजाइए वा ओहाएज्जा तत्थ णिग्गंथ णिग्गंथिं गिण्हमाणे वा अवलंबमाणे वा णाइक्कमइ णिग्गंथ णिग्गंथिं दुग्गंसि वा विसमंसि वा पक्खलमाणिं वा पवडमाणिं वा गेण्हमाणे वा अवलंबमाणे वा णाइ. क्कमइ णिग्गंथे णिग्गंथि सेयंसि वा पंकसि वा पणगंसि वा उदगंसि वा उक्कस्समाथि वा उवुज्झमाणिं वा गिण्हमाणे वा अवलंबमाणे वा णाइक्कमइ / णिग्गंध णिग्गथिं णावं आरुहमाणे वा ओरुहमाणे वा णाइक्कमइ वित्तइत्तं जक्ग्वाइटें उम्मायपत्तं उवसग्गपत्तं साहिगरणं सपायच्छित्तं जाव भत्तपाणपडियाइक्वियं अट्ठजायं वा णिग्गंथे णिग्गंथिं गिण्हमाणे वा अबलंबमाणे वा णाइक्कमइ / / 4 / / आयरियउवज्झायस्स णं गणंसि पंच अइसेसा प० तं० आयरियउवज्झाए अंतोउवस्सयस्स पाए णिगिन्झिय 2 पप्फोडेमाणे वा पमज्जेमाणे वा णाइक्कमइ आयरियउवज्झाए अंतो उवस्सयस्स उच्चारपासवणं विगिंचमाणे वा विसोहेमाणे वा णाइकमइ आयरियउवज्झाए पभू इच्छा वेयावडियं करेज्जा इच्छा णो करेज्जा आय. रियउवज्झाए अंतो उवस्सयस्स एगराई वा दुराई वा एगागी वममाणे णाइक्कमइ / आयरिय उवज्झाए बाहिं उवस्सयस्स एगराई वा दुराई वा वसमाणे णाइक्कमइ। पंचहिं ठाणेहिं आयरियउवज्झायस्स गणावक्कमणे प० तं. आयरियउवज्झाए गणंसि आणं वा धारणं वा णो सम्मं पउंजित्ता भवइ / आयरियउवज्झाए गणमि अहारायणियाए किइकम्मं वेणइयं णो सम्मं पउंजित्ता भवइ / आयरियउवज्झाए गणंसि जे सुयपज्जवजाए धारिंति ते काले णो सम्ममणुपवाएत्ता भवइ, आयरिय. उवज्झाए गणंसि सगणियाए वा परगणियाए वा णिग्गंथीए बहिल्लेसे भवइ, मित्ते णाइगणे वा से गणाओ अवक्कमेजा तेसिं संगहोवग्गहट्टयाए गणावक्कमणे Page #302 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 5 उ.३ 289 पण्णत्ते / पंच विहा इढिमंता मणुस्सा प० त० अरहंता चक्कवट्ठी बलदेवा वासुदेवा भावियप्पाणो.अणगारा // 46 // पंचमं ठाणं तइओ उद्देसो पंच अत्थिकाया प० तं० धम्मत्थिकाए अधम्मत्थिकाए आगासत्थिकाए जीवत्थिकाए पोग्गलत्थिकाए / धम्मत्थिकाए अवण्णे अगंधे अरसे अफासे अरूवी अजीवे सासए अवट्ठिए लोगदव्वे से समासओ पंचविहे प० तं० दवओ खेत्तओ कालओ भावओ गुणओ। दव्वओणं धम्मत्थिकाए एगं दव्वं खेत्तओ लोगपमाणमेत्ते कालओ ण कयाइ णासी ण कयाइ ण भवइ ण कयाइ ण भविस्सइत्ति भुवि भवइ य भविस्सइ य धुवे णिइए सासए अक्खए अव्वए अवढिए णिचे, भावओ अवण्णे अगंधे अरसे अफासे, गुणओ गमणगुणे य (1) अधम्मत्थिकाए अवण्णे एवं चेव णवरं गुणओ ठाणगुणे (2) आगासत्थिकाए अवण्णे एवं चेव णवरं खेत्तओ लोगालोगप्पमाणमित्ते गुणओ अवगाहणागुणे सेसं तं चेव (3) जीवत्थिकाए णं अवण्णे एवं चेव णवरं दव्वओ णं जीवत्थिकाए अपंताई दव्वाई, अरूवी जीवे सासए, गुणओ उवओगगुणे, सेसं तं चैव (4) पोग्गलत्थिकाए पंचवण्णे पंचरसे दुगंधे अट्ठफासे रूबी अजीवे सासए अवंट्ठिए जाव दवओ णं पोग्गलत्थिकाए अणंताई दवाई, खेत्तओ लोगपमाणमेत्ते, कालओ ण कयाइ णासी जाव णिच्चे भावओ वण्णमंते गंधमंते रसमंते फासमंते, गुणओ गहणगुणे / / 47 // पंच गईओ प० तं० णिरयगई तिरियगई मणुयगई देवगई सिद्धिगई / पंच इंदियत्था प० तं० सोईदियत्थे जाव फासिंदियत्थे / पंच मुंडा प० त०-सोइंदियमुंडे जाव फासिंदियमुंडे, अहवा पंच मुंडा प० तं० कोहमुंडे, माणमुंडे, मायामुंडे, लोभमुंडे, सिरमुंडे // 48 / / अहे लोए थे पंच बायरा प० तं० पुढविकाइया आउ० वाउ० वणस्सइ. काइया उराला तसा पाणा | उड्डलोए णं पंच बायरा, एवं चेव, तिरियलोए णं पंच बायरा प० त० एगिंदिया जाव पंचिंदिया / पंच विहा बायरतेउकाइया प० तं० इंगाले जाले मुम्बुरे अच्ची अलाए / पंचविहा बादरवाउकाइया प० तं० पाईणवाए पडीणवाए दाहिणवाए उदीणवाए विदिसिवाए / पंचविहा अचित्ता वाउकाइया प० तं० अकंते धंते पीलिए सरीराणुगए संमुच्छिमे / / 49 // पंच णियंठा 50 तं० पुलाए * बउसे कुसीले णियंठे सिणाए / पुलाए पंच विहे प० तं० Page #303 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 290 अंग-पविटु सुत्ताणि गाणपुलाए दंसणपुलाए चरित्तपुलाए लिंगपुलाए अहासुहुमपुलाए णाम पंचमे / बउसे पंचविहे प० त० आभोगबउसे अणाभोगबउसे संवुडबउसे असंधुडबउसे अहासुहमबउसे णामं पचमे / कुसीले पंचविहे प० तं० णाणकुसीले दसणकुसीले चरित्तकुसीले लिंगकुसीले अहासुहुमकुसीले णामं पंचमे / णियंठे पंचविहे प० तं० पढमसमयणियंठे अपढमसमयणियंठे चरिमसमयणियंठे अचरिमसमयणियंठे अहासुहुमणियंठे णामं पंचमे / सिणाए पंच विहे प० तं० अच्छवी असबले अक. म्मसे संसुद्धणाणदंसणधरे अरहा जिणे केवली अपरिस्साई // 50 // कप्पइ णिग्गंथाणं वा णिग्गंथीणं वा पंचवत्थाई धारेत्तए वा परिहरित्तए वा तं० जंगिए भंगिए साणए पोत्तिए तिरीउपट्टए पामं पंचमए / कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा पंच रयहरणाई धारित्तए वा परिहरित्तए वा, तंजहा उण्णिए उट्टिए साणए पच्चापिच्चियए मुंजा पिच्चिए णामं पंचमे / / 51 / / धम्मं चरमाणस्स पंच णिस्साठाणा प० तं० छक्काए गणे राया गिहवई सरीरं / पंच णिही प० तं. पुत्तणिही मित्तणिही सिप्पणिही धणणिही धण्णणिही। पंचविहे सोए प० तं० पुढविसोए आउसोए तेउसोए मंतसोए बंभसोए / पंचठाणाई छउमत्थे सव्वभावेणं ण जाणइ ण पासइ तं० धम्मत्थिकायं अधम्मत्थिकायं आगासत्थिकायं जीवं असरीरपडिबद्धं परमाणुपोग्गलं, एयाणि चेव उप्पण्णणाणदंसणधरे अरहा जिणे केवली सव्वभावेणं जाणइ पासइ धम्मत्थिकायं जाव परमाणुपोग्गलं / अहे लोए णं पंच अणुत्तरा महइमहालया महाणिरया प० तं० काले महाकाले रोरुए महारोरुए अप्पइट्ठाणे / उड्डलोए णं पंच अणुत्तरा महइमहालया महाविमाणा प० तं० विजये वेजयंते जयंते अपराजिए सव्वट्ठसिद्धे / / 52 // पंच पुरिसजाया प० तं० हिरिसत्ते हिरिमणसत्ते चलसत्ते थिरसत्ते उदयणसत्ते / पंच मच्छा प० तं० अणुसोयचारी पडिसोयचारी अंतचारी मज्झचारी सव्वचारी / एवामेव पंच भिक्खागा प० तं० अणुसोयचारी जाव सम्वचारी / पंच वणीमगा प०० अतिहिवणीमए किवणवणीमए माहणवणीमए साणवणीमए समणवणीमए / पंचहिं ठाणेहिं अचेलए पसत्थे भवइ तं० अप्पा पडिलेहा लाघविए पसत्थे रूवेवेसासिए तवे अणुण्णाए विउले इंदियणिग्गहे / पंच उक्कला प० त० दंडुक्कले रज्जुक्कले तेणुक्कले देसुक्कले सव्वुक्कले / पंच समिईओ प० तं० इरियासमिई भासा जाव पारिठावणियासमिई / / 53|| पंचविहा संसारसमावण्णगा जीवा प०तं. Page #304 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 5 उ. 3 एगिदिया जाव पंचिंदिया / एगिंदिया पंचगइया पंचागइया प० तं० एगिदिए एगिदिएसु उववज्जमाणे एगिदिए हिंतो वा जाव पंचिंदिए हिंतो वा उववज्जेज्जा से चेव णं से एगिदिए एगिदियत्त विप्पजहमाणे एगिदियत्ताए वा जाव पंचिंदियत्ताए वा गच्छेज्जा। बेइंदिया पंचगइया पंचागइया एवं चेव / एवं जाव पंचिंदिया पंचगइया पंचागइया प० तं० पंचिं दिया जाव गच्छेज्जा / / 54 // पंचविहा सव्वजीवा प० तं० कोहकसाई जाव लोभकसाई अकसाई / अहवा पंचविहा सव्वजीवा प० तं. णेरइया जाव देवा सिद्धा। अह भंते ! कलमसूरतिलमुग्गमासणिप्फावकुलस्थआलिसंदगसईणपलिमंथगाणं एएसि णं धण्णाणं कुट्ठाउत्ताणं जहा सालीणं जाव केवइयं कालं जोणी संचिट्ठइ ? गोयमा ! जहण्णेणं अंत मुहुत्तं उक्कोसेणं पंच संवच्छराई, तेण परं जोणी पमिलायइ जाव तेण परं जोणीवोच्छेदे पण्णत्ते // 55 / / पंच संवच्छरा प० तं० णक्वत्तसंवच्छरे जुगसंवच्छरे पमाणसंवच्छ रे लक्खणसंवच्छरे सणिंचरसंवच्छरे / जुगसंवच्छरे पंचविहे प० तं० चंदे चंदे अभिवदिए चंदे अभिवड्डिए चेव / पमाणसंवच्छरे पंचविहे प० तं० णखत्ते चंदे उऊ आइच्चे अभिवड्डिए / लक्खणसंवच्छरे पंचविहे प० तं० समगं णक्खत्ता जोगं जोयंति समगं उऊ परिणमंति; णच्चुण्हं णाइसीओ बहूदओ होइ णखत्ते (1) ससिसगलपुण्णमासी जोएइ विसमचारिणखत्ते कडुओ बहूदओ या तमाहु संवच्छरं चंद(२)विसमं पवालिणो परिणमंति; अणुसु देंति पुप्फफलं; वासं ण सम्म वासइ तमाहू संवच्छरं कम्मं (3) पुढविदगाणं तु रसं पुप्फफलाणं तु देइ आदिच्चो; अप्पेण वि वासेणं सम्मं णिप्फजए सस्सं (4) आइञ्चतेयतविया खणलव दिवसा उऊ परिणमंति; पूरिंति रेणुथलयाई, तमाहु अभिवड्डियं जाण (5) / 56 / / पंचविहे जीवस्स णिज्जाणमग्गे प० तं० पाएहिं ऊरूहिं उरेणं सिरेणं सव्वंगेहिं / पाए हिं णिजाणमाणे णिरयंगामी भवइ ऊरूहि णिजाणमाणे तिरियगामी भवइ उरेणं णिज्जाणमाणे मणुयगामी भवइ सिरेणं णिज्जाणमाणे देवगामी भवई सव्वं. गेहिं णिजाणमाणे सिद्धिगइपज्जवसाणे पण्णत्ते / पंचविहे छेयणे प० त० उम्पायच्छेयणे वियच्छेयणे बंधच्छेयणे पएसच्छेयणे दोधारच्छेयणे / पंचविहे आणंतरिए प०० उप्पायणंतरिए वियणंतरिए पएसाणंतरिए समयाणंतरिए सामण्णाणंतरिए / पंचविहे अणंते प० तं० णामणंतए ठवणाणंतए दव्वाणंतए गणणाणंतए पए. साणंतए / अहवा पंचविहे अणंतए प० तं० एगओऽणतए दुहओणंतए देस Page #305 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 292 अंग-पविट्ट सुत्ताणि वित्थाराणंतए सव्ववित्थाराणंतए सासयाणंतए / / 57 // पंचविहे गाणे प० तं० आभिणिबोहियणाणे सुयणाणे ओहिणाणे मणपज्जवणाणे केवलणाणे / पंचविहे गाणावरणिज्जे कम्मे प० तं. आभिणित्रोहियणाणावरणिज्जे जाव केवलणाणावरणिज्जे / पंचविहे सज्झाए प० तं० वायणा पुच्छणा परियट्टणा अणुप्पेहा धम्मकहा / पंचविहे पञ्चक्खाणे प० त० सद्दहणसुद्धे विणयसुद्धे अणुभासणासुद्धे अणुपालणासुद्धे भावसुद्धे / पंचविहे पडिक्कमणे प० तं० आसवदारपडिकमणे मिच्छत्तपडिक्कमणे कसायपडिक्कमणे जोगपडिक्कमगे भावपडिक्कमणे / पंचहिं ठाणेहिं सुत्तं वाए ज्जा तं० संगहट्टयाए उवग्गहणठ्याए णिजरणट्टयाए सुत्ते वा मे पज्जवयाए भविस्सइ सुत्तस्स वा अवोच्छित्तिणयट्ठयाए / पंचहिं ठाणेहिं सुत्तं सिकिग्वज्जा तं० णाणट्टयाए दसणट्ठयाए चरित्तद्वयाए बुग्गह विमोयणट्टयाए अहत्थे वा भावे जाणिस्सामीति कटु / सोहम्मीसाणेसु णं कप्पेसु विमाणा पंचवण्णा प०० किण्हा जाव सुकिल्ला (1) सोहम्मीसाणेसु णं कप्पेसु विमाणा पंचजोयणसयाई उ8 उच्चत्तेणं प० (2) बंभलोगलंतएसु णं कप्पेसु देवाणं भवधारणिजसरीरगा उक्कोसेणं पंचरयणी उड्ढे उच्चत्तणं प० (3) णेरइया णं पंचवण्णे पंचरसे प्रोग्गले बंधेसु वा बंधति वा बंधिस्संति वा तं० किण्हे जाव सुकिल्ले, तित्ते जाव महुरे, एवं जाव वेमाणिया // 58 // जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं गंगामहाणई पंचमहाणईओ समप्पेंति तं० जउणा सरऊ आदी कोसी मही (1) जंबूमंदरस्स दाहिणणं सिंधु. महाणइं पंचमहाणईओ समप्पेति तं० सय विभासा वितत्था एरावई चंदभागा (2) जंबूमंदरस्स उत्तरेणं रत्तामहाणई पंचमहाणईओ समप्पेंति तं०. किण्हा महाकिण्हा णीला महाणीला महातीरा (3) जंबूमंदरस्स उत्तरेणं रत्तावई महाणई पंचमहाणईओ समप्पति तं० इंदा इंदसेणा सुसेणा वारिसेणा महाभोया (4) // 59 // पंच तित्थयरा कुमारवासमझे वसित्ता मुंडा जाव पव्वइया तं० वासुपुज्जे मल्ली अरिट्ठणेमी पासे वीरे / चमरचंचाए रायहाणीए पंच सभा प० तं० सभासुहम्मा उववायसभा अभिसेयसभा अलंकारियसभा ववसायसभा / ए गमेगे णं इंदट्ठाणे णं पंच सभाओ प० तं० सभासुहम्मा जाव ववसायसभा / पंच णवत्ता पंच तारा प० तं० धणिट्ठा रोहिणी पुणव्वसू हत्थो विसाहा / जीवा णं. पंचट्ठाणणिव्वत्तिए पोग्गले पावकम्मत्ताए चिणिंसु वा चिणंति वा चिणिसंति वा तं० एगिंदियणिव्व. Page #306 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 6 293 त्तिए जाव पंचिंदियणिव्वत्तिए एवं चिण उवचिण बंध-उदीर-वेद-तह णिज्जरा चेव / पंचपए सिया खंधा अणंता प० / पंचपएसोगाढा पोग्गला अणंता प० जाव पंच गुणलुक्खा पोग्गला अणंता पण्णत्ता // 60 // छठं ठाणं छहिं ठाणेहिं संपण्णे अणगारे अरिहइ गणं धारित्तए तं० सड्डी पुरिसजाए, सच्चे पुरिसजाए, मेहावी पुरिसजाए, बहुस्सुए पुरिसजाए, सत्तिमं, अप्पाहिगरणे / छहिं ठाणेहिं णिग्गंथे णिग्गंथिं गिण्हमाणे वा अवलंबमाणे वा णाइकमइ, तं० खित्तचित्तं; दित्तचित्तं, जक्खाइ8, उम्मायपत्तं, उवसग्गपत्त, साहिगरणं // 1 / / छहिं ठाणेहिं गिग्गंथा णिग्गंथीओ य साहम्मियं कालगयं समायरमाणा गाइक्कमंति तं० अंतोहिंतो वा बाहिं णीणेमाणा, बाहीहिंतो वा णिब्बाहिं णीणेमाणा, उवेहमाणा वा, उवासमाणा वा, अणुण्णवेमाणा वा, तुसिणीए वा संपव्ययमाणा // 2 // छ ठाणाई छउमत्थे सवभावेणं ण जाणइ ण पासइ तं० धम्मत्थिकायमधम्मदिथकायमायासं जीवमसरीरपडिबद्धं परमाणुपोग्गलं सई, एयाणि चेव उप्पण्णणाणदंसणधरे अरहा जिणे जाव सव्वभावेणं जाणइ पासइ धम्मत्थिकायं जाव सहं // 3 // छहिं ठाणेहिं सव्वजीवाणं णत्थि इड्डीति वा जुत्तीति वा जसेइ वा बलेइ वा वीरिएइ वा पुरिसक्कार जाव परकमेइ वा तं० जीवं वा अजीवं करणयाए, अजीवं वा जीवं करणयाए, एगसमएणं वा दो भासाओ भासित्तए, सयं कडं वा कम्मं वेए मि वा मा वा वेएमि, परमाणुपोग्गलं वा छिंदित्तए वा, भिंदित्तए वा, अगणिकाएण वा समोद हित्तए, बहिया वा लोगंता गमणयाए // 4 // छज्जीवणिकाया प० तं० पुढविकाइया जाव तसकाइया. // 5 // छ तारग्गहा प० तं० सुक्के, बुहे, बहस्सई, अंगारए, सणिचरे, केऊ // 6 // छव्विहा संसारसमावण्णगा जीवा प० तं० पुढविकाइया जाव तसकाइया // 7 // पुढविकाइया छगइया छआगइया प० तं. पुढविकाइए पुढविकाइएसु उववज्जमाणे पुढविकाइए हिंतो वा जाव तसकाइए हिंतो वा उववजेजा, सो चेव णं से पुढविकाइए पुढविकाइयत्तं विप्पजहमाणे पुढविकाइयताए वा जाव तसकाइयत्ताए वा गच्छेजा / आउकाइयावि छगइया छआगइया, एवं चेव जाव तसकाइया // 8 // छव्विहा सव्वजीवा प० तं० आभिणिबोहियणाणी जाव केवलणाणी, अण्णाणी // 9 // अहवा छविहा सव्वजीवा प० तं० एगिंदिया जाव पंचिंदिया, अणिंदिया // 10 // अहवा छविहा सव्वजीवा प० तं० ओरा Page #307 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 294 अंग-पविट्ट सुत्ताणि लियसरीरी, वेउब्वियसरीरी, आहारगसरीरी, तेअगसरीरी, कम्मगसरीरी, असरीरी / / 11 / / छबिहा तणवणस्सइकाइया प० तं० अग्गबीया मूलबीया पोरबीया खंध. बीया बीयरुहा समुच्छिमा // 12 // छट्ठाणाई सव्वजीवाणं णो सुलभाई भवंति, तं. माणुस्सए भवे, आयरिए खित्ते जम्मं, सुकुले पच्चायाई, केवलिपण्णत्तस्स धम्मस्स सवणया, सुयस्स वा सहहणया, सद्दहियस्स वा पत्तियस्स वा रोइयस्स वा सम्मं काएणं फासणया // 13 / / छ इंदियत्था प० तं. सोइंदियत्थे जाव फासिं. दियत्थे णोइंदियत्थे // 14 // छविहे संवरे प० त० सोइंदियसंवरे जाव फासिंदियसंवरे णोइंदियसंवरे // 15 // छविहे असंवरे प० तं० सोईदियअसंवरे, जाव फासिंदियअसंवरे, णोइंदियअसंवरे / / .16 // छविहे साए प० तं० सोइंदियसाए जाव णोइंदियसाए // 17 // छबिहे असाए प० त० सोइंदियअसाए, जाव णोइंदियअसाए // 18 / / छविहे पायच्छित्ते प० तं० आलोयणारिहे पडिक्कमणारिहे, तदुभयारिहे, विवेगारिहे, विउस्सग्गारिहे, तवारिहे // 19 / / छविहा मणुस्सा प० तं. जंबूदीवगा, धायइखंडदीवपुरथिमद्धगा, धायइखंडदीवपच्चत्थिमद्धगा, पुक्खरवरदीवड्डपुरस्थिमद्धगा, पुक्खरवरदीवडंपञ्चत्थिमद्धगा, अंतरदीवगा। अहवा उव्विहा मणुस्सा प० तं० संमुच्छिममणुस्सा, कम्मभूमगा अकम्मभूमगा अंतरदीवगा; गब्भवकंतियमणुस्सा कम्मभूमिगा अकम्मभूमिगा अंतरदीवगा // 20 // छविहा इड्डिमंता मणुस्सा प० तं० अरहंता, चक्कवट्टी, बलदेवा, वासुदेवा, चारणा, विज्जाहरा // 21 // छविहा अणिड्डिमंता मणुस्सा प० तं० हेमवंतगा हेरण्णवंतगा हरिवंसगा रम्मगवंसगा कुरुवासिणो अंतरदीवगा | // 22 // छबिहा ओसप्पिणी प० तं० सुसमसुसमा जाव दुसमदुसमा / छविहा उस्मप्पिणी प० तं० दुसमदुसमा जाव सुसमसुसमा // 23 // जंबुद्दीवे दीवे भर हेरवए सु वासेसु तीताए उस्सप्पिणी सुसमसुसमाए समाए मणुया छच्च धणुसहस्साई उदुमुच्चत्तेणं हुत्था, छच्च अद्धपलि. ओवमाई परमाउं पालयित्था // 24 // जंबुद्दीवे दीवे भरहेरवएसु वासेसु इमीम ओसप्पिणीए सुसमसुसमाए समाए एवं चेव / / 25 / / जंबू० भर हेरवए आग. मिस्साए उस्सप्पिणीए सुसमसुसमाए समाए एवं चेव, जाव छच अद्धपलिओ. वमाइं परमाउं पालइस्संति // 26 // जंबुद्दीवे दीवे देवकुरुउत्तरकुरासु मणुया छधणुस्सहस्साई उढे उच्चत्तेणं प० ञ्च अद्धपलिओवमाइं परमाउं पालेति / / 27 / / Page #308 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 6 295 एवं धायइसंडदीवपुरस्थिमद्धे चत्तारि आलावगा जाव पुक्खरवरदीवड्डपञ्चत्थिमद्धे चत्तारि आलावगा / / 28 / / छविहे संघयणे प० त० वइरोसभणारायसंघयणे, उसभणारायसंघयणे, णारायसंघयणे, अद्धणारायसंघयणे, खीलियासंघयणे, छेवट्ठसंघयणे // 29 / / छविहे संठाणे प० त० समचउरंसे, णग्गोहपरिमंडले, साई, खुजे, वामणे, हुंडे / / 30 / / छट्ठाणा अणत्तवओ अहियाए असुभाए जाव अणाणुगामियत्ताए भवंति, तं० परियाए परियाले सुए तवे लाभे पूयासक्कारे।।३१॥छट्ठाणा अत्तवत्तो हियाए जाव आणुगामियत्ताए भवंति तं० परियाए जाव पूयासक्कारे // 32 // छव्विहा जाइआरिया मणुस्सा प० तं० अंबट्ठा य कलंदा य वेदेहा वेदिगाइया; हरिया चुंचुणा चेव छप्पेया इन्भजाइओ // 33 // छव्विहा कुलारिया मणुस्सा प० तं० उग्गा भोगा राइण्णा इक्खागा णाया कोरवा // 34 // छव्विहा लोगढ़िई प०तं. आगासपइट्ठिए वाए वायपइट्टिए उदही उदहिपइट्ठिया पुढवी पुढ. विपइट्ठिया तसा थावरा पाणा अजीवा जीवपइठिया जीवा कम्मपइट्ठिया / / 35 / / छद्दिसाओ प० तं० पाईणा पडीणा दाहिणा उईणा उड्डा अहा / / 36 // छहिं दिसाहिं जीवाणं गई पवत्तइ तं० पाईणाए जाव अहाए एवमागई वकंती आहारे वुड्डी णिवुड्डी विगुवणा गइपरियाए समुग्घाए कालसंजोगे दंसणाभिगमे णाणाभिगमे जीवाभिगमे अजीवाभिगमे एवं पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणवि मणुस्साणवि // 37 // छहिं ठाणेहिं समणे णिग्गंथे आहारमाहारेमाणे णाइक्कमइ तं० वेयणवेयावच्चे ईरियट्ठाए य संजमट्ठाए, तह पाणवत्तियाए छठें पुण धम्मचिंताए / छहिं ठाणेहिं समणे णिग्गंथे आहारं वोच्छिदमाणे णाइक्कमइ तं० आयके उवसग्गे तितिपावणे बंभचेरगुत्तीए पाणिदया तवहेडं सरीरवुच्छेयणट्ठाए // 38 // छहिं ठाणेहिं आया उम्मायं पाउणेजा तं० अरहंताणमवणं वयमाणे, अरहंतपण्णत्तस्स धम्मस्स अवण्णं वयमाणे, आयरियउवज्झायाणमवण्णं वयमाणे, चाउव्वण्णस्स संघस्स अवण्णं वयमाणे, जक्खावेसेण चेव मोहणिज्जस्स चेव कम्मस्स उदएणं / / 39 / / छविहे पमाए प० तं. मज्जपमाए णिद्दपमाए, विसयमाए, कसायपमाए, जूयपमाए, पडिलेहणापमाए / / 40 / / छव्विहा पमायपडिलेहणा प० त० . आरभडा संमद्दा, वजेयवा य मोसली तइया, पप्फोडणा चउत्थी विक्खित्ता - वेइया छटी (1) छन्विहा अप्पमायपडिलेहणा प० त० अणच्चावियं अवलियं, Page #309 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 296 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि अणाणुबंधिं अमोसलिं चेव छप्पुरिमा णव खोडा पाणी पाणविसोहणी (2) // 41 // छ लेसाओ प० तं. कण्हलेसा जाव सुक्कलेसा / पंचिंदियतिरिकग्वजो. णियाणं छ लेसाओ प० तं० कण्हलेसा जाव सुक्कलेसा / एवं मणुस्सदेवाण वि / / 42 // सक्कस्स णं देविंदस्स देवरणो सोमस्स महारण्णो छ अग्गमहिसीओ प० // 43 // सक्कस्स णं देविंदस्स देवरणो जमस्स महारणो छ अग्गमहिसीओ प० // 44 / / ईसाणस्स णं देविंदस्स मज्झिमपरिसाए देवाणं छ पलिओवमाई ठिई प० // 45 // छ दिसिकुमारिमहत्तरियाओ प० तं० रूवा रूवंसा सुरूवा रूववई रूवकंता रूयप्पभा / छ विज्जुकुमारिमहत्तरियाओ प० तं० आला सक्का सतेरा सोयामणी इंदा घणविज्जुया / / 46 / / धरणस्स णं णागकुमारिंदस्स णागकुमाररणो छ अग्गमहिसीओ प० तं० आला सक्का सतेरा सोयामणी इंदा वणविज्जुया / भूयाणंदस्स णं णागकुमारिंदस्स णागकुमाररणो छ अग्गमहि सीओ प० तं० रूवा रूवंसा सुरूवा रूववई रूवकंता रूयप्पभा / जहा धरणस्स तहा सव्वेसिं दाहिणिल्लाणं जाव घोसस्स / जहा भूयाणंदस्स तहा सव्वेसिं उत्तरिल्लाणं जाव महाघोसस्स // 47 // धरणस्स णं णागकुमारिंदस्स णागकुमाररणो छस्सामाणियसाहस्सीओ पण्णत्ताओ। एवं भूयाणंदस्स वि जाव महाघोसस्स / / 48 / / छव्विहा उग्गहमई प० तं० खिप्पमोगिण्हइ बहुमोगिण्हइ बहुविधमोगिण्हइ धुवमोगिण्हइ अणिस्सि. यमोगिण्हइ असंदिद्धमोगिण्हइ // 49 / / छविहा ईहामई प० तं० खिप्पमीहइ, बहुमीहइ जाव असंदिद्धमीहइ / / 50 || छव्विहा अवायमई प० तं० खिप्पमवेइ जाव असंदिद्धमवेइ / छव्विहा धारणा प० तं० बहुं धारेइ बहुविहं धारेइ पोराणं धारेइ दुद्धरं धारेइ अणिस्सियं धारेइ असंदिद्धं धारेइ / / 51 // छविहे बाहिरए तवे प० तं० अणसणं ओमोयरिया भिक्खायरिया रसपरिच्चाए कायकिलेसो पडिसंलीणया / / 52 // छविहे अभंतरिए तवे प० तं० पायच्छित्तं विणओ वेयावच्चं तहेव सज्झाओ झाणं विउस्सग्गो / / 53 / / छविहे विवाए प० तं० ओसक्कइत्ता उस्सक्कइत्ता अणुलोमइत्ता पडिलोमइत्ता भइत्ता भेलइत्ता // 54 / / छव्धिहा खुड्डा पाणा प० तं० बेइंदिया तेइंदिया चउरिंदिया संमुच्छिमपंचिंदियतिरिक्खजोणिया तेउकाइया वाउकाइया // 55 // छविहा गोयरचरिया प० तं० पेडा अद्धपेडा गोमुत्तिया पतंगवीहिया संबुक्कवट्टा गंतुंपञ्चागया / / 56 / / जंबुद्दीवे दावे Page #310 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा.६ 297 मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणमिमीसे रयणप्पभाए पुढवीए छ अवकंतमहाणिरया प०० लोले लोलुए उदड्ढे णिदड्ढे जरए पन्जरए / / 57 / / चउत्थीए णं पंकप्पभाए पुढवीए छ अवकंता महाणिरया प० तं० आरे वारे मारे रोरे रोरुए खाडखडे / / 58 / / बंभलोए णं कप्पे छ विमाणपत्थढा प० तं० अरए विरए णीरए णिम्मले वितिमिरे विसुद्धे / / 59 // चंदस्स णं जोइसिंदस्स जोइसरण्णो छ णवत्ता पुव्वंभागा समखेत्ता तीसइमुहत्ता प० तं० पुवाभवया कत्तिया महा पुव्वाफग्गुणी मूलो पुधासाढा // 60 // चंदस्स णं जोइसिंदस्स जोइसरण्णो छ णक्खत्ता णत्तंभागा अवड्ढक्खेत्ता पण्णरसमुहुत्ता प० त० सय भिसया भरणी अद्दा अस्सेसा साई जेट्ठा // 61 // चंदस्स णं जोइसिंदस्स जोइसरण्णो छ णक्खत्ता उभयंभागा दिवड्डखेत्ता पणयालीसमुहुत्ता प० तं. रोहिणी पुणव्वसू उत्तराफग्गुणी विसाहा उत्तरासाढा उत्तराभद्दवया // 62 / / अभिचंदे णं कुलकरे छ . धणुसयाई उर्दू उच्चत्तेणं हुत्था // 63 / / भरहे णं राया चाउरंतचक्कवट्टी छ पुव्वसयसहस्साई महाराया हुत्था // 64 // पासस्स णं अरहओ पुरिसादाणियस्स छसया वाईणं सदेवमणुयासुराए परिसाए अपराजियाणं संर्पया हुत्था / / 65 // वासुपुज्जे णं अरहा छहिं पुरिससएहिं सद्धिं मुंडे जाव पव्वइए // 66 // चंदप्पभे णं अरहा छम्मासे छउमत्थे हुत्था // 67 // तेइंदियाणं जीवाणं असमारभमाणस्स छविहे संजमे कज्जइ तं० घाणामाओ सोक्खाओ अववरोवेत्तां भवइ घाणामएणं दुक्खेणं असंजोएत्ता भवइ जिब्भामाओ सोक्खाओ अववरोवेत्ता भवइ एवं चेव फासामाओ वि / / 68 / / तेइंदियाणं जीवाणं समारभमाणस्स छविहे असंजमे कमाइ तं० घाणामाओ सोक्खाओ ववरोवेत्ता भवइ घाणामएणं दुक्खेणं संजोगेत्ता भवइ जाव फासमएणं दुक्खेणं संजोगेत्ता भवइ / / 69 // जंबुद्दीवे दीवे छ अकम्मभूमीओ प० तं० हेमवए हेरण्णवए हरिवासे रम्मगवासे देवकुरा उत्तरकुरा / / 70 / / जंबुद्दीवे दीवे छव्वासा प० त० भरहे एरवए हेमवए हेरण्णवए हरिवासे रम्मगवासे // 71 // जंबुद्दीवे दीवे छव्वासहरपव्वया प० तं० चुल्लहिमवंते महाहिमवंते णिसढे णीलवंते रुप्पी सिहरी / / 72 / / जंबूमंदरदाहिणे णं छ. कूडा प० तं० चुल्लहिमवंतकूडे वेसमणकूडे महाहिमवंतकूडे वेरुलियकूडे णिसढकूडे रुयगकूडे / / 73 // जंबूमंदरउत्तरेणं छ कूडा प० त० णीलवंतकूडे उवदंसंणकडे रुप्पिकूडे मणिकंचणकूडे सिहरिकूड़े ति गिच्छकूडे / / 74 / / Page #311 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 298 अंग-पविट्ट सुत्ताणि जंबुद्दीवे दीवे छ महदहा प० तं० पउमदहे महापउमदहे तिगिच्छदहे केसरिद हे महापोंडरीयहहे पुंडरीयहहे / / 75 / / तत्थ णं छ देवयाओ महड्डियाओ जाव पलिओवमठिईयाओ परिवसंति तं० सिरी हिरी धिई कित्ती बुद्धी लच्छी // 76 / / जंबूमंदरदाहिणेणं छ महाणईओ प० तं० गंगा सिंधू रोहिया रोहियंसा हरी हरिकता // 77 / / जंबूमंदरउत्तरे णं छ महाणईओ प० तं० णरकंता णारिकता सुवणकला रुप्पकला रत्ता रत्तवई / / 78 // जंमंदरपुरस्थिमे णं सीयाए महाणईए उभयकूले छ अंतरणईओ प० त० गाहावई दहावई पंकवई तत्तजला मत्तजला उम्मत्तजला // 79 // जंबूमंदरपच्चत्थिमे णं सीओयाए महाणईए उभयकले छ अंतरणईओ प० तं० खीरोदा सीहसोया अंतोवाहिणी उम्मिमालिणी फेणमालिणी गंभीरमालिणी // 80 // धायइसंडदीवपुरथिमद्धेणं छ अकम्मभूमीओ प० तं० हेमवाए एवं जहा जंबुद्दीवे 2 तहा गई जाव अंतरणईओ जाव पुक्खरवरदीवड्डपञ्चत्थिमद्धे भाणियब्वं // 81 / / छ उऊ प० तं० पाउसे वरिसारत्ते सरए हेमंते वसंते गिम्हे // 82 // छ ओमरत्ता प० तं० तइए पव्वे सत्तमे पव्वे एक्कारसमे पव्वे पण्णरसमे पव्वे एगूणवीसइमे पव्वे तेवीसइमे पव्वे / / 83 / / छ अइरत्ता प० त० चउत्थे पव्वे अट्ठमे पव्वे दुवालसमे पव्वे सोलसमे पव्वे वीसइमे पव्वे चउवीसइमे पव्वे / / 84 // आभिणिबोहि यणाणस्स णं छविहे अत्थोग्गहे प० तं० सोइंदियत्थोग्गहे जाव णोइं दियत्थोग्गहे // 85 // छविहे ओहिणाणे प० तं० आणुगामिए अणाणुगामिए वड्डमाणए हीयमाणए पडिवाई अपडिवाई // 86 // णो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा इमाइं छअवयणाई वइत्तए तं० अलियवयणे हीलि. यवयणे खिंसियवयणे फरुसवयणे गारत्थियवयणे विउसवियं वां पुणो उदीरित्तए // 87 // छ कप्पस्स पत्थारा प० तं० पाणाइवायस्स वायं वयमाणे मुसावायरस वायं वयमाणे अदिण्णादाणस्स वायं वयमाणे अविरइवायं वयमाणे अपुरिसवायं वयमाणे दासवायं वयमाणे इच्चेए छ कप्पस्स पत्थारे पत्थरेत्ता सम्ममपरिपूरेमाणे ताणपते // 88 / / छ कप्पस्स पलिमंथू प० तं० कोकुइए संजमस्स पलिमंथू मोहरिए सच्चवयणस्स पलिमंथू चक्खुलोलुए ईरियावहियाए पलिमंथू तितिणिए एसणागोयरस्स पलिमंथू इच्छालोभिए मुत्तिमग्गस्स पलिमंथू भिन्जाणिदाणकरणे मोक्त्रमग्गस्स पलिमंथू सव्वत्थ भगवया अणिदाणता पसत्था // 86 // छविहा Page #312 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 6 299 कप्पठिई प० त० सामाइयकप्पठिई छेओवट्ठावणियकप्पठिई णिव्विसमाणकप्पठिई णिविट्ठकप्पठिई जिणकप्पठिई थेरकप्पठिई // 90 / / समणे भगवं महावीरे छटेणं भत्तेणं अपाणएणं मुंडे जाव पव्वइए // 91 / / समणस्स णं भगवओ महावीरस्स छटेणं भत्तेणं अपाणएणं अणंते अणुत्तरे जाव समुप्पण्णे // 92 / / समणे भगवं महावीरे छटेणं भत्तेणं अपाणएणं सिद्धे जाव सव्वदुक्ख. प्पहीणे / / 93 // सणंकुमारमाहिदेसु णं कप्पेसु विमाणा छ जोयणसयाई उड्ढे उच्चत्तेणं प० // 94 // सणंकुमारमाहिदेसु णं कप्पेसु देवाणं भवधारणिज्जगा सरीरगा उक्कोसेणं छ रयणीओ उड्ढे उच्चत्तेणं पण्णत्ता / / 95 / / छविहे भोयणपरिणाम प० तं० मणुण्णे रसिए पीणणिज्जे बिंह णिज्जे दीवणिजे [ मयणणिज्जे ] दप्पणिज्जे // 96 / / छविहे विसपरिणामे प० तं० डक्के भुत्ते णिवइए मंसाणुसारी सोणियाणुसारी अट्ठिमिजाणुसारी // 97 // छविहे पढे प० तं० संसयपढे वुग्गहपढे अणुजोगी अणुलोमे तहणाणे अतहणाणे // 98 // चमरचंचा णं रायहाणी उक्कोसेणं छम्मासा विरहिया उववाएणं / / 99 / / एगमेगे .णं इंदट्ठाणे उक्कोसेणं छम्मासा विरहिए उववाएणं // 10 // अहेसत्तमा णं पुढवी उक्कोसेणं छम्मासा विरहिया उववाए णं / / 101 // सिद्धिगई णं उक्कोसेणं छम्मासा विरहिया उववाएणं // 102 // छवि हे आउयबंधे प० तं० जाइणामणिवत्ताउए गइणामणिवत्ताउए ठिइणामणिधत्ताउए ओगाहणाणामणिधत्ताउए पए सणामणिधत्ताउए अणुभावणामणिधत्ताउए // 103 / / णेरइयाणं छवि आउयबंधे प० तं० जाइणामणिधत्ताउए जाव अणुभावणामणिधत्ताउए एवं जाव वेमाणियाणं / / 104 // णेरइया णियमा छम्मा. मावसेसाउया परभवियाउयं पगरेंति, एवामेव असुरकुमारावि जाव थणियकुमारा, असंखेज्जवासाउया सण्णिपंचिंदियतिरिक्खजोणिया णियमं छम्मासावसेसाउया परभवियाउयं पगरेंति / असंखेज्जवासाउया सण्णिमणुस्सा णियमं जाव पगरेंति, वाणमंतरा जोइसवासिया माणिया जहा णेरइया / / 105 // छविहे भावे प० तं० ओदइए उवसमिए खइए वयोवसमिए पारिणामिए संणिवाइए / 106 / / छविहे पडिक्कमणे प० तं० उच्चारपडिक्कमणे पासवणपडिक्कमणे इत्तरिए आवकहिए जंकिंचिमिच्छा सोमणंतिए॥ 107 // कत्तियाणक्खत्ते छतारे प० // 108 // असिलेसाणक्खत्ते छत्तारे प० / / 109 // जीवा णं छट्ठाणणिव्वत्तिए पोग्गले पावकम्मत्ताए Page #313 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 300 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि चिणिंसु वा चिणंति वा चिणिस्संति वा तं० पुढविकाइयणिव्वत्तिए जाव तसकायणिव्वत्तिए एवं चिण-उव चिण-बंध-उदीर-चेय तह-णिज्जरा चेव // 110 // छप्पएसिया णं खंधा अणंता प० // 111 / / छप्पएसोगाढा पोग्गला अणंता प० // 112 / / छसमयठिईया पोग्गला अणंता प० // 113 / / छगुणकालगा पोग्गला जाव छगुणलुक्खा पोग्गला अणंता पण्णत्ता / / 114 / / सत्तमं ठाणं सत्तविहे गणावक्कमणे प० त० सव्वधम्मा रोएमि एगइया रोए मि एगइया णो रोएमि सव्वधम्मा वितिगिच्छामि एगइया विति गिच्छामि एगइया णो विति गिच्छामि सव्वधम्मा जुहुणामि एगइया जुहुणामि एगइया णो जुहणामि इच्छामि णं भंते ! एगल्लविहारपडिमं उवसंपजित्ता णं विहरित्तए // 1 // सत्तविहे विभंगणाणे प० तं० एगदि सिलोगा भिगमे, पंचदि सिलोगा भिगमे, किरियावरणे जीवे, मुदग्गे जीवे, अमुदग्गे जीवे, रूवी जीवे, सव्वमिणं जीवा, तत्थ खलु इमे पढमे विभंगणाणे जया णं तहारूवस्स समणस्स वा माहणस्स वा विभंगणाणे समुप्पजइ से णं तेणं विभंगणाणेणं समुप्पण्णेणं पासइ पाईणं वा पडिणं वा दाहिणं वा उदीणं वा उर्ल्ड वा जाव सोहम्मे कप्पे तस्स णमेवं भवइ अत्थि णं मम अइसेसे णाणदंसणे समुप्पण्णे एगदिसिं लोगाभिगमे संतेगइया समणा वा माहणा वा एवमाहंसु पंचदिसिं लोगा. भिगमे जे ते एवमाहंसु मिच्छं ते एवमासु पढमे विभंगणाणे / अहावरे दोचे विभंगणाणे जया णं तहारूवस्स समणस्स वा माहणस्त वा विभंगणाणे समुप्पजइ से णं तेणं विभंगणाणेणं समुप्पण्णेणं पासइ पाईणं वा पडीणं वा दाहिणं वा उदीणं वा उड़े जाव सोहम्मे कप्पे तस्स णं एवं भवइ अत्थि णं मम अइसेसे णाणदंसणे समु. प्पण्णे पंचदिसिं लोगाभिगमे संतेगइया समणा वा माहणा वा एवमाहंसु एगदिसिं लोगाभिगमे जे ते एवमाहंसु मिच्छं ते एवमासु दोचे विभंगणाणे / अहावरे तचे विभंगणाणे जया णं तहारूवस्स समणस्स वा माहणस्स वा विभंगणाणे समुप्पजइ, से णं तेणं विभंगणाणेणं सपुप्पण्णेणं पासइ पाणे अइवाएमाणा, मुमं वएमाणे अदिण्णमादियमाणे मेहुणं पडिसेवमाणे परिग्गहं परिगिण्हमाणे, राइभोयणं भुंजमाणे वा पावं च णं कम्मं कीरमाणं णो पासइ तस्स णमेवं भवइ अत्थि णं मम अइसेसे णाणदंसणे समुप्पण्णे किरियावरणे जीवे संतेगइया समणा वा माहणा वा एवमाहंसु णो किरियावरणे जीवे जे ते एवमासु मिच्छं ते एवमाहंसु तच्चे Page #314 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 7 301 विभंगणाणे / अहावरे चउत्थे विभंगणाणे जया णं तहारूवस्स समणस्स वा माहणस्स वा जाव समुप्पज्जइ से णं तेणं विभंगणाणेणं समुप्पण्णेणं देवामेव पासइ बाहिरब्भतरए पोग्गले परियाइत्ता पुढेगत्तं णाणत्तं फुसिया फुरित्ता फुट्टित्ता विकुवित्ता णं विकुन्वित्ता णं चिद्वित्तए तस्स णमेवं भवइ अत्थि णं मम अइसेसे णाणदंसणसमुप्पण्णे मुदग्गे जीवे संतेगइया समणा वा माहणा वा एवमाहेसु अमुदग्गे जीवे, जे ते एवमासु मिच्छं ते एवमाहंसु चउत्थे विभंगणाणे / अहावरे पंचमे विभंगणाणे जया गं तहारूवस्स समणस्स जाव समुप्पजइ, से णं तेणं बिभंगणाणेणं समुप्पण्णेणं देवामेव पासइ बाहिरभंतरए पोग्गलए अपरियाइत्ता पुढेगत्तं णाणत्तं जाव विउश्वित्ता णं चिट्ठित्तए तस्स णमेवं भवइ अत्थि जाव समुप्पण्णे अमुदग्गे जीवे, संतेगइया समणा वा माहणा वा एवमाहंसु मुदग्गे जीवे, जे ते एवमासु मिच्छं ते एवमाहंसु, पंचमे विभंगणाणे / अहावरे छठे विभंगणाणे, जया णं तहारूवस्स समणस्स वा माहणस्स वा जाव समुप्पज्जइ, से णं तेणं विभंगणाणेणं समुप्पण्णेणं देवामेव पासइ बाहिरब्भंतरए पोग्गले परियाइत्ता वा अपरियाइत्ता वा पुढेगत्तं णाणत्तं फुसेत्ता जाव विकुवित्ताणं चिट्ठित्तए तस्स णमेवं भवइ, अत्थि णं मम अइसेसे णाणदंसणे समुप्पण्णे रूवी जीवे संतेगइया समणा वा माहणा वा एवमाहंसु अरूवी जीवे जे ते एवमासु मिच्छं ते एवमाहंसु छठे विभगणाणे / अहावरे सत्तमे विभंगणाणे जया णं तहारूवस्स समणस्स वा माहणस्स वा विभंगणाणे समुप्पजइ, से णं तेणं विभंगणाणेणं समुप्पण्णेणं पासइ सुहमेणं वाउकाएणं फुडं पोग्गलकार्य एयंत वेयंते चलंतं खुब्भंत फंदंतं घटुंत उदीरेत तं तं भावं परिणमंतं तस्स णमेवं भवइ अत्थि णं मम अइसेसे णाणदंसणे समु. प्पण्णे, सव्वमिणं जीवा संतेगइया समणा वा माहणा वा एवमाहंसु जीवा चेव अजीवा चेव जे ते एवमाह मिच्छं ते एवमाहंसु तस्स णमिमे चत्तारि जीवणिकाया णो सम्ममुवगया भवंति तंजहा-पुढविकाइया आऊ तेऊ वाउकाइया, इच्चेएहिं चउहिं जीवणिकाएहिं मिच्छादंडं पवत्तेइ, सत्तमे विभंगणाणे // 2 // सत्तविहे जोणिसंगहे प०तं. अंडया पोयया जराउया रसया संसेयया समुच्छिमा उब्भिया / अंडया सत्तगइया सत्तागइया प० त० अंडगे अंडगेसु उववजमाणे अंडएहिंतो वा पोयएहिंतो वा जाव उब्भिए हिंतो वा उववजेज्जा से चेव णं से अंडए अंडगत्तं Page #315 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 302 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि विप्पजहमाणे अंडयत्ताए वा पोययत्ताए जाव उब्भियत्ताए वा गच्छज्जा / पोयया सत्तगइया सत्तागइया, एवं चेव, सत्तण्हवि गइरागई भाणियव्वा जाव, उन्भियत्ति // 3 // आयरियउवज्झायस्स णं गणंसि सत्त संगहठाणा प० तं० आयरियउवज्झाए गणंसि आणं वा धारणं वा सम्मं पउंजित्ता भवइ, एवं जहा पंचट्ठाणे जाव आयरियउवज्झाए गणंसि आपुच्छ्यिचारी यावि भवइ, णो अणापुच्छियचारी यावि भवइ आयरियउवज्झाए गणंसि अणुप्पण्णाई उवगरणाई सम्म उप्पाइत्ता भवइ, आयरिय उवज्झाए गणंसि पुव्वुप्पण्णाइं उवकरणाई सम्मं सारक्खेत्ता संगो. वित्ता भवइ णो असम्म सारक्खेत्ता संगोवित्ता भवइ / / 4|| आयरियउवज्झायस्स णं गणंसि सत्त असंगहठाणा प०० आयरियउवज्झाए गणंसि आणं वा धारणं वा णो सम्मं पउंजित्ता भवइ, एवं जाव उवगरणाणं णो सम्मं सारक्खेत्ता संगोवेत्ता भवइ // 5 // सत्त पिंडेसणाओ प० // 6 // सत्तपाणेसणाओ प० / / 7 / / सत्त उग्गहपडिमाओ प० // 8 // सत्त सत्तिक्कया प० // 9 // सत्त महज्झयणा प० // 10 // सत्तसत्तमिया णं भिक्खुपडिमा एगूणपण्णयाए राइं दिएहिं एगेण य छण्णउएणं भिक्खासएणं अहासुतं ( अहा अत्थं ) जाव आराहिया यावि भवइ // 11 // अहे लोए णं सत्त पुढवीओ प०,सत्त घणोदंहीओ प०, सत्त घणवाया प०, सत्त तणुवाया प०,सत्त उवासंतरा प०,एएसु णं सत्तसु उवासंतरेसु सत्ततणुवाया पइट्ठिया एएसु णं सत्तसु तणुवाएसु सत्त घणवाया पइट्ठिया ए एसु णं सत्तसु घणवाएसु सत्त घणोदही पइट्ठिया / एएसु णं सत्तसु घणोदहीसु पिंडलगपिहुणसंठाणसंठिआओ सत्त पुढवीओ प० तं० पढमा जाव सत्तमा / एयासि णं सत्तण्हं पुढवीणं सत्त णामधेन्जा प० तं० घम्मा वंसा सेला अंजणा रिट्ठा मघा माघवई / एयासि णं सत्तण्हं पुढवीणं सत्त गोत्ता प० तं० रयणप्पभा सक्करप्पभा वालुअप्पभा पंकप्पभा धूमप्पभा तमा तमतमा // 12 // सत्तविहा बायरवाउकाइया प० तं० पाईणवाए पडीणवाए दाहिणवाए उदीणवाए उड्ढवाए अहोवाए विदि सिवाए / / 13 / / सत्त संठाणा प० त० दीहे रहस्से वट्टे से चउरंसे पिहले परिमंडले // 14 // सत्त भयट्ठाणा प० तं० इहलोगभए परलोगभए आदाणभए अकम्हाभए वेयणभए मरणभए असिलोगभए // 15 // सत्तहिं ठाणेहिं छउमत्थं जाणेज्जा तं० पाणे अइवाएत्ता भवइ मुसं वइत्ता भवइ अदिण्णमाइत्ता भवइ सहफरिसरसरूव Page #316 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 7 303 गंधे आसाएत्ता भवइ पूयासक्कारमणुवूहेत्ता भवइ इमं सावजंति पण्णवेत्ता पडिसेवेत्ता भवइ णो जहीवाई तहाकारी यावि भवइ // 16 // सत्तहिं ठाणेहिं केवली जाणेजा तं० णो पाणे अइवाएत्ता भवइ जाव जहावाई तहाकारी यावि भवइ // 17 // सत्त मूलगोत्ता प० तं० कासवा गोयमा वच्छा कोच्छा को सिया मंडवा वासिट्ठा / जे कासवा ते सत्तविहा प० तं. ते कासवा ते संडेल्ला ते गोल्ला ते वाला ते मुंजइणो ते पव्वपेच्छइणो ते वरिसकण्हा / जे गोयमा ते सत्त विहा प० त० ते गोयमा ते गग्गा ते भारदा ते अंगिरसा ते सक्कराभा ते भक्खराभा ते उदगत्ताभा। जे वच्छा ते सत्त विहा प० त० ते वच्छा ते अग्गेया ते मित्तिया ते सामिलिणो ते सेलयया ते अद्विसेणा ते वीयकम्हा, जे कोच्छा ते सत्तविहा प० तं. ते कोच्छा ते मोग्गलायणा ते पिंगलायणा ते कोडीणा ते मंडलिणो ते हारिता ते सोमया। जे कोसिआ ते सत्त विहा प० त० ते कोसिआ ते कच्चायणा ते सालंकायणा ते गोलि. कायणा ते पक्खिकायणा ते अग्गिच्चा ते लोहिया / जे मंडवा ते सत्तविहा प० तं० ते मंडवा ते अरिहा ते समुया ते तेला ते एलावच्चा ते कंडिल्ला ते खारायणा। जे वासिहा ते सत्तविहा प० तं ते वासिहा ते उजायणा ते जारेकण्हा ते वग्घावच्चा ते कोडिण्णा ते सण्णी ते पारासरा / / 18 / / सत्त मूलणया प०तं. णेगमे संगहे ववहारे उज्जुसुए सद्दे समभिरूढे एवंभूए / / 19 / / सत्त सरा प० तं० सज्जे रिसभे गंधारे मज्झिमे पंचमे सरे, धेवते चेव णिसादे सरा सत्त वियाहिया (1) एएसि णं सत्तण्हं सराणं सत्त सरट्ठाणा प० त० सज्जं तु अग्गजिब्भाए उरेण रिसभं सरं, कण्ठुग्गएण गंधारं मज्झजिब्भाए मज्झिम (2) णासाए. पंचमं बूया दंतोटेण य धेवयं, मुद्धाणेण य णेसायं सरठाणा विया हिया (3) सत्त सरा जीवणिस्सिया प० तं० सज्ज रवइ मयूरो कुक्कुडो रिसह सरं, हंसो णदइ गंधारं मज्झिमं तु गवेलगा (4) अह कुसुमसंभवे काले कोइला पंचमं सरं, छटुं च सारसा कोंचा णिसायं सत्तम गया (5) सत्तसरा अजीवणिस्सिया प० तं० सज्ज रवइ मुइंगो गोमुही रिसभं सरं, संखो णदइ गंधारं मज्झिमं पुण झल्लरी (6) चउचलणपइट्ठाणा गोहिया पंचमं सरं, आडंबरो रेवइयं महामेरी य सत्तमं (7) एएसि णं सत्त सराणं सत्त सरलक्खणा प० त० सजण लभइ वित्तिं कयं च ण विणस्सइ, गावो मित्ता य पुत्ता य पारीणं चेव वल्लभो (8) रिसभेण उ एसज्जं, सेणावच्चं धणाणि य; वत्थगंधमलंकारं इत्थीओ सयणाणि य (9) गंधारे गीयजुत्तिण्णा वज्जवित्ती कलाहिया, Page #317 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 304 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि भवंति कइणो पण्णा जे अण्णे सत्थपारगा (10) मज्झिमसरसंपण्णा भवंति सुह. जीविणो, खायई पीयई देई, मज्झिमं सरमस्सिओ (11) पंचमसरसंपण्णा. भवंति पुढवीपई, सूरा संगह कत्तारो अणेगगणणायगा (12) घेवयसरसंपण्णा भवंति कलहप्पिया; साउणिया वग्गुरिया सोयरिया मच्छबंधा य (13) चंडाला मुढ़िया सेया, जे अण्णे पावकम्मिगो; गोघातगा य जे चोरा, णिसायं सरमस्सिता (14) एए सि णं सत्तण्हं सराणं तओ गामा प० तं० सज्जगामे मज्झिमगामे गंधारगामे / सज्जगामस्स णं सत्त मुच्छणाओ प० तं० मंगी कोरवीया हरीय रयणी य सारकंता य, ष्टी य सारसी णाम सुद्धसज्जा य सत्तमा (15) मज्झिमगामस्स णं सत्तमुच्छणाओ प० तं० उत्तरमंदा रयणी उत्तरा उत्तरासमा; आसोकंता य सोवीरा, अभिरू हवइ सत्तमा (16) गंधारगामस्स णं सत्त मुच्छणाओ प० तं० णंदी य खुद्दिमा पूरिमा य चउत्थी य सुद्धगंधारा, उत्तरगंधारा वि य पंचमिया हवइ मुच्छा उ (17) सुठुत्तरमायामा सा छट्ठी णियमसो उ णायव्वा अह उत्तरायया कोडी. मायसा सत्तमी मुच्छा (18) सत्त सराओ को संभवंति गेयस्स का भवइ जोणी ? कइ समया उस्सासा कइ वा गेयस्स आगारा ? (19) सत्त सरा णाभीओ भवंति, गीयं च रुयजोणीयं; पायसमा ऊसासा तिण्णि य गेयस्स आगारा (20) आइमिउ आरभंता समुव्वहंता य मज्झगारंमि; अवसाणे तजवितो तिणि य गेयस्स आगारा (21) छहोसे अट्ठगुणे तिण्णि य वित्ताइं दो य भणिईओ जाणाहिइ सो गाहिइ सुसिक्खिओ रंगमज्झम्मि (22) भीतं दुतं रहस्सं गायंतो मा य गाहि उत्तालं, काकस्सरमणुणासं च होति गेयस्स छद्दोसा (23) पुण्णं रत्तं च अलंकियं च वत्त तहा अविघुटुं; महुरं सम सुकुमारं अट्ठ गुणा होति गेयस्स (24) उरकंठसिरपसत्थं च गेजते मउरिभिअपदबद्ध; समतालपडुक्खेवं सत्तसरसीहरं गीयं (25) णिहोस सारवंतं च हे उजुत्तमलंकियं, उवणीयं सोवयारं च मियं महुरमेव य (26) सममद्धसमं चैव सम्वत्थ विसमं च जं, तिणि वित्तप्पयाराई चउत्थं णोवलब्भइ (27) सक्कया पागया चेव दुहा भणिईओ आहिया: सरमंडलम्मि गिज्जते पसत्था इसिभासिया (28) केसी गायइ महुरं केसी गायइ खरं च रुक्खं च, केसी गायइ चउरं केसि विलंब दुतं केसी ? (29) विस्सरं पुण केरिसी ? सामा गायइ महुरं काली गायइ खरं च रुक्खं च गोरी गायइ चउर, काण क्लिंबं दुयं अंधा (30) विस्सरं पुण पिंगला / तंतिसमं तालसमं पादसमं लयसमं गहसमं च, णीससिऊससि Page #318 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 305 ठाणं ठा. 7 यसमं संचारसमा सरा सत्त (31) सत्त सरा य तओ गामा मुच्छणा एगवीसई ताणा एगूणपण्णांसा समत्तं सरमंडलं (32) // 20 // सत्तविहे कायकिलेसे प० तं० ठाणाइए उक्कुडुयासणिए पडिमठाई वीरासणिए सज्जिए दंडाइए लगंडसाई // 21 // जंबुद्दीवे दीवे सत्तवासा प० तं० भरहे एरवए हेमवए हेरण्णवए हरिवासे रम्मगवासे महाविदेहे / / 22 / / जंबुद्दीवे 2 सत्त वासहरपव्वया प० तं० चुल्लहिमवंते महाहिमवंते णिसहे णीलवंते रुप्पी सिहरी मंदरे / / 23 // जंबुद्दीवे 2 सत्त महाणईओ पुरत्था भिमुहीओ लवणसमुहं समप्पेंति तं० गंगा रोहिया हिरी सीया णरकंता सुवण्णकूला रत्ता / / 24 / / जंबुद्दीवे 2 सत्त महाणईओ पच्चस्थाभिमुहीओ लवणसमुहं समप्पति तं० सिंधू रोहियंसा हरिकंता सीतोदा णारिकता रुप्पकूला रत्तवई / / 25 // धायइसंडदीवपुरत्थिमद्धे णं सत्त वासा प० तं० भरहे जाव महाविदेहे / धायइसंडदीवपुरत्थिमे णं सत्त वासहरपव्वया प०० चुल्लहिमवंते जाव मंदरे। धायइसंडदीवपुरथिमद्धे णं सत्त महाणईओ पुरस्थाभिमुहीओ कालोयसमुहं समप्पेंति तं० गंगा जाव रत्ता। धायइसंडदीवपुरत्थिमद्धे णं सत्त महाणईओ पञ्चत्थाभिमुहीओ लवणसमुहूं समप्पेंति तं. सिंधू जाव रत्तवई / धायइसंडदीवे पञ्चत्थिमद्धे णं सत्त वासा एवं चेव णवरं पुरत्थाभिमुहीओ लवणसमुहं समप्पेंति पञ्चत्थाभिमुहीओ कालोदं, सेसं तं चेव / / 26 // पुक्खरवरदीवट्टपुरत्थिमद्धे णं सत्त वासा तहेव णवरं पुरत्थाभिमुहीओ पुक्खरोदं समुदं समप्पंति पच्चत्थाभिमुहीओ कालोदं समुहं समति सेसं तं चेव / एवं पञ्चत्थिमद्धेवि गवरं पुरत्थाभिमुहीओ कालोदं समुहूं समप्पेंति, पच्चत्थाभिमुहीओ पुक्खरोदं समप्पेंति, सव्वत्थ वासा वासहरपब्वया णईओ य भाणियवाणि / / 27|| जंबुद्दीवे 2 भारहे वासे तीयाए उस्सप्पिणीए सत्त कुलगरा हुत्था, तंजहा मित्तदामे सुदामे य सुपासे य सयंपमे; विमलघोसे सुघोसे य महाघोसे य सत्तमे / / 28 / / जंबुद्दीवे 2 भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए सत्त कुलगरा हुत्था तं० पढमित्थ विमलवाहण चक्खुम जसमं चउत्थमभिचंदे; तत्तो य पसेणइ पुण मरुदेवे चेव णाभी य (1) एएसि णं सत्तण्हं कुलगराणं सत्त भारियाओ हुत्था, तं० चंदजसा चंदकंता सुरूव पडिरूव चक्खुकंता य; सिरिकंता मरुदेवी, कुलकरइत्थीण णामाई (2) // 29 // जंबुद्दीवे 2 भारहे वासे आगमिस्साए उस्सप्पिणीए सत्त कुलगरा भविस्संति तं० Page #319 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 306 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि मित्तवाहण सुभोमे य सुप्पभे सयंपभे; दत्ते सहुमे [ सुहे सुरूवे ] सुबंधू य आगमेस्सिण होक्खइ // 30 // विमलवाहणे णं कुलगरे सत्तविहा रुक्खा उवभोगत्ताए हव्वमागच्छिसु तं० मत्तंगया य भिंगा चित्तंगा चेव होति चित्तरसा; मणियंगा य अणियणा सत्तमगा कप्परुक्खा य (1) / / 31 / / सत्तविहा दंडणीई प० तं० हक्कारे मकारे धिक्कारे परिभासे मंडलबंधे चारए छविच्छेदे // 32 // एगमेगस्स णं रण्णो चाउरंतचकवट्टिस्स सत्त ए गिंदियरयणा प० तं० चक्करयणे छत्तरयणे चम्मरयणे दंडरयणे असिरयणे मणिरयणे काकणिरयणे / / 33 // एगमेगस्स णं रण्णो चाउरंतचक्कवट्टिस्स सत्त पंचिंदियरयणा प० तं० सेणावइरयणे गाहावइरयणे वढइरयणे पुरोहियरयणे इत्थिरयणे . आसरयणे हत्थिरयणे / / 34 // सत्तहिं ठाणेहिं ओगाढं दुस्सम जाणेज्जा, तं० अकाले वरिसइ काले ण वरिसइ असाधू पुज्जंति साधू ण पुजंति गुरूहिं जणो मिच्छ पडिवण्णो मणोदुहया वइदुहया // 35 // सत्तहिं ठाणेहिं ओगाढं सुसमं जाणेजा तं० अकाले ण वरिसइ काले वरिसइ असाधू ण पुज्जति साधू पुजंति गुरूहि जणो सम्म पडिवण्णो मणोसुहया वइसुहया / / 36 / / सत्तविहा संसारसमावण्णगा जीवा प० तं० णेरइया, तिरिक्खजोणिया, तिरिक्खजोणिणिओ, मणुस्सा, मणुस्सीओ, देवा देवीओ // 37 // सत्तविहे आउभेदे 50 तं. अज्झवसाणणिमित्ते, आहारे, वेयणा, पराघाए, फासे, आणापाणू, सत्तविह भिज्जए आउं // 38 // सत्तविहा सव्वजीवा प० तं० पुढविकाइया आउतेउवाउ वणस्सइ० तसकाइया अकाइया / अहवा सत्तविहा सव्वजीवा प० तं० कण्हलेसा जाव सुक्कलेसा अलेसा / / 39 // बंभदत्ते णं राया चाउरंतचक्कवट्टी सत्त धणूइं उड्ढे उच्चत्तेणं सत्त य वाससयाइं परमाउं पालइत्ता कालमासे कालं किच्चा अहे सत्तमाए पुढवीए अप्पइट्ठाणे णरए णेरइयत्ताए उववण्णे / / 40 // मल्ली णं अरहा अप्पसत्तमे मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए तं० मल्ली विदेहरायवरकप्रणया, पडिबुद्धी इक्खागराया, चंदच्छाए अंगराया, रुप्पी कुणालाहिवई, संखे कासीराया, अदीणसत्तू कुरुराया, जियसत्तू पंचालराया // 41 // सत्तविहे दंसणे प० तं० सम्मईसणे मिच्छईसणे सम्मामिच्छदंसणे चक्खुदंसणे अचक्खुदंसणे ओहिदसणे केवलदंसणे / / 42 / / छउमत्थवीयरागे णं मोहणिज्जवज्जाओ सत्त कम्मपयडीओ वेएइ, तं० णाणावरणिज्ज, दंसणावरणिज, वेयणिय, आउयं, णाम, गोयमंतराइयं / / 43 // सत्त ठाणाइं छउमत्थे सव्वभावेणं ण याणइ ण पासइ, Page #320 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं. ठा. 7 307 तं० धम्मत्थिकाय, अधम्मत्थिकायं, आगासत्थिकाय, जीवं असरीरपडिबद्धं, परमाणुपोग्गलं, सई, गंध / / 44 // ए याणि चेव उप्पण्णणाणे जाव जाणइ पासइ, तं. धम्मत्थिकायं जाव गंधं // 45 / / समणे भगवं महावीरे वयरोसभणाराय. संघयणे समचउरंससंठाणसंठिए सत्त रयणीओ उड्ढे उच्चत्तणं हुत्था / / 46 // सत्तविकहाओ प० तं० इत्थिकहा, भत्तकहा, देसकहा, रायकहा, मिउकालणिया, दंसणभेयणी, चरित्तभेयणी // 47 // आयरियउवज्झायस्स णं गणंसि सत्त अइसेसा प० तं० आयरियउवज्झाए अंतो उवस्सयस्स पाए णिगिज्झिय 2 पप्फोडेमाणे वा पमजेमाणे वा णाइक्कमइ एवं जहा पंचट्ठाणे जाव बाहिं उवस्सयस्स एगरायं वा दुरायं वा वसमाणे णाइक्कमइ उवगरणाइसेसे भत्तपाणाइसेसे / / 48 / / सत्तविहे संजमे प० तं. पुढविकाइयसंजमे जाव तसकाइयसंजमे अजीवकायसंजमे / / 49 / / सत्त विहे असंजमे प० तं. पुढविकाइयअसंजमे जाव तसकाइयअसंजमे, अजीवकायअसंजमे / / 50 // सत्तविहे आरंभे प० तं० पुढविकाइयआरंभे जाव अजीवकायआरंभे एवमणारंभेवि एवं सारंभे वि एवमसारंभे वि एवं समारंभेवि एवं असमारंभेवि जाव अजीवकायअसमारंभे // 51 // अह भंते ! अयसिकुसुभकोदवकंगुरालग(वराकोसगा)सणसरिसवमूलगबीयाणं एएसि णं धण्णाणं कोट्ठाउत्ताणं पल्लाउत्ताणं जाव पिहियाणं केवइयं कालं जोणी संचिट्ठइ ? गोयमा ! जहणणेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं सत्त संवच्छराई, तेण परं जोणी पमिलायइ जाव जोणीवोच्छेदे प० // 52 / / बायरआउकाइयाणं उक्कोसेणं सत्त वाससहस्साई ठिई प० / / 53 // तच्चाए णं वालुयप्पभाए पुढवीए उक्कोसेणं णेरइयाणं सत्त सागरोवमाइं ठिई प० / / 54 / / चउत्थीए णं पंकप्पभाए पुढवीए जहण्णेणं णेरइयाणं सत्तसागरोवमाइं ठिई प० // 55 / / सक्कस्स णं देविंदस्स देवंरणो वरुणस्स महारण्णो सत्त अग्गमहिसीओ प० // 56 / / ईसाणस्स णं देविंदस्स देवरणो सोमस्स महारणो सत्त अग्गमहिसीओ प० // 57 / / ईसाणस्स णं देविंदस्स देवरण्णो जमस्स महारणो सत्त अग्गमहिसीओ प० // 58 / / ईसाणस्स णं देविंदस्स देवरणो अभितरपरिसाए देवाणं सत्त पलिओवमाइं ठिई प० // 59 // सक्कस्स णं देविंदस्स देवरण्णो अभि. तरपरिसाए देवाणं सत्त पलिओवमाइं ठिई प० // 60 // सक्कस्स णं देविंदस्स देवरण्णो अग्गमहिसीणं देवीणं सत्त पलिओवमाइं ठिई प० // 61 // सोहम्मे कप्पे Page #321 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 308 अंग-पविट्ट सुत्ताणि परिग्गहियाणं देवीणं उक्कोसेणं सत्त पलिओवमाइं ठिई प० // 62 // सारस्सयमाइचाणं सत्त देवा सत्त देवसया प० / / 63 // गहतोयतुसियाण देवाणं सत्त देवा सत्त देवसहस्सा प० / / 64 // सणंकुमारे कप्पे उक्कोसेणं देवाणं सत्त सागरोवमाइं ठिई प० / / 65 / / माहिदे कप्पे उक्कोसेणं देवाणं साइरेगाइं सत्त सागरोवमाइं ठिई प. / / 66 / / बंभलोए कप्पे जहण्णेणं देवाणं सत्त सागरोवमाई ठिई प० // 67 / / बंभलोयलंतए सु णं कप्पेसु विमाणा सत्त जोयणसयाइं उड्डू उच्चत्तेणं प० // 68 / / भवणवासीणं देवाणं भवधारणिज्जा सरीरगा उक्कोसेणं सत्त रयणीओ उर्छ उच्चत्तेणं प० / एवं वाणमंतराणं एवं जोइसियाणं / सोहम्मीसाणेसु णं कप्पेसु देवाणं भवधारणिज्जगा सरीरा सत्त रयणीओ उर्दू उच्चत्तेणं प० // 69 / / णंदीसरवरस्स णं दीवस्स अंतो सत्त दीवा प० तं / जंबुद्दीवे 2 धायइसंडे दीवे पोखरवरे वरुणवरे खीरवरे घयवरे खोयवरे // 70 // गंदीसरवरस्स णं दीक्स्स अंतो सत्त समुद्दा प० तं० लवणे कालोए पुकवरोदे वरुणोए खीरोदे घओदे खोओए / / 71 / / सत्त सेढीओ प० तं० उज्जुआयया एगओवंका दुहओवंका एगओखुहा दुहओखुहा चक्कवाला अद्धचक्कवाला // 72 / / चमरस्स णं असुरिंदस्स असुरकुमाररणो सत्त अणिया सत्त अणियाहिवई प० त० पायत्ताणिए पीढाणिए कंजराणिए महिसाणिए रहाणिए. णट्टाणिए गंधव्याणिए दुमे पायत्ताणियाहिवई एवं जहा पंचट्ठाणे जाव किण्णरे रहाणियाहिवई रिटे णट्टाणियाहिवई गीयरई गंधव्वाणियाहिवई / बलिस्स णं वइ. रोयणिंदस्स वइरोयणरण्णो सत्त अणिया सत्त अणियाहिवई प० त० पायत्ताहिए जाव गंधवाणिए महद्दुमे पायत्ताणियाहिबई जाव किंपुरिसे रहाणियाहिवई महारिढे णट्टाणियाहिवई गीयजसे गंधव्वाणियाहिवई / धरणस्स णं णागकुमारिंदस्स णागकुमाररण्णो सत्त अणिया सत्त अणियाहिवई प० तं० पायत्ताणिए जाव गंधवाणिए रुद्दसेणे पायत्ताणियाहिवई जाव आणंदे रहाणियाहिबई णंदणे णट्टाणियाहिवई तेतली गंधवाणियाहिबई / भूयाणंदस्स सत्त अणिया सत्त अणियाहिवई प० तं० पायत्ताणिए जाव गंधव्याणिए दक्खे पायत्ताणियाहिवई जाव णंदुत्तरे रहाणियाहिबई रई णट्टाणियाहिवई माणसे गंधव्याणियाहिवई एवं जाव घोसमहाघोसाणं णेयव्वं / सक्कस्स णं देविंदस्स देवरण्णो सत्त अणिया सत्त अणियाहिवई प० तं० पायत्ताणिए जाव गंधव्याणिए हरिणेगमेसी पायत्ताणियाहिवई जाव माढरे रहाणियाहिवई सेए णट्टाणियाहिवई तुंवुरू गंधव्वा णियाहिवई / ईसाणस्स Page #322 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 7 309 णं देविंदस्स देवरणो सत्त अणिया सत्त अणियाहिवईणो प० त० पायत्ताणिए जाव गंधव्वाणिए लहुपरक्कमे पायत्ताणियाहिवई जाव महासेए णट्टाणियाहिवई रए गंधव्वाणियाहिवई सेसं जहा पंचट्ठाणे एवं जाव अच्चुयस्स वि णेयव्यं 73-74 // चमरस्स णं असुरिंदस्स असुरकुमाररण्णो दुमस्स पायत्ताणियाहिवइस्स सत्त कच्छाओ प० तं० पढमा कच्छा जाव सत्तमा कच्छा / चमरस्स णं असुरिंदस्स असुरकुमाररण्णो दुमस्स पायत्ताणियाहिवइस्स पढमाए कच्छाए चउसट्ठि देवसहस्सा प० जावइया पढमा कच्छा तब्बिगुणा दोचा कच्छा तब्बिगुणा तच्चा कच्छा एवं जाव जावइया छट्ठा कच्छा तब्बिगुणा सत्तमा कच्छा / एवं बलिस्स विणवरं महद्दुमे सद्विदेवसाहस्सिओ सेसं तं चेव / धरणस्स एवं चेव णवरं अट्ठावीसं देवसहस्सा सेसं तं चेव जहा धरणस्स एवं जाव महाघोसस्स णवरं पायत्ताणियाहिवई अण्णे ते पुव्वभणिया / / 75 / / सक्कस्स णं देविंदस्स देवरण्णो हरिणेगमेसिस्स सत्त कच्छाओ प० तं. पढमा कच्छा एवं जहा चमरस्स तहा जाव अच्चुयस्स, णाणत्तं पायत्ताणियाहिवईणं ते पुवभणिया देवपरिमाणमिमं सक्कस्स चउरासीइं देवसहस्सा ईसाणस्स असीई देवसहस्साई देवा इमाए गाहाए अणुगंतव्वा, 'चउरासीइ असीइ बावत्तरि सत्तरी य सट्ठीया; पण्णा चत्तालीसा तीसा वीसा दससहस्सा' (1) जाव अच्चुयस्स लहुपरक्कमस्स दसदेवसहस्सा जाव जावइया छट्ठा कच्छा तब्बिगुणा सत्तमा कच्छा / / 76 // सत्तविहे वयणविकप्पे प० तं० आलावे, अणालावे, उल्लावे, अणुल्लावे, संलावे, पलावे विप्पलावे / / 77 // सत्तविहे विणए प० तं. णाणविणए, दंसणविगए, चरित्तविएण, मणविणए, वइविणए, कायविणए, लोगोवयारविणए / / 78 / / पसत्थमणविणए सत्तविहे प० तं० अपावए असावज्जे अकिरिए णिरुवक्केसे अणण्हकरे अच्छविकरे अभूयाभिसंकमणे // 79 // अपसत्थमणविणए सत्तविहे प० तं० पावए सावजे सकिरिए सउवक्केसे अण्हकरे छविकरे भूयाभिसंकमणे / / 80 // पसत्थवइविणए सत्तविहे प० तं० अपावए असावजे जाव अभूयाभिसंकमणे / / 81 / / अपसत्थवइविणए सत्तविहे प० तं० पावए, जाव भूयाभिसंकमणे / / 82 // पसत्थकायविणए सत्तविहे प० तं० आउत्तं गमणं आउत्तं ठाणं आउत्तं णिसीयणं आउत्तं तुअट्टणं आउत्तं उलंघणं आउत्तं पल्लंघणं आउत्तं सव्विं दियजोगजुंजणया / / 83 / / अपसत्थकायविणए सत्तविहे प० तं० अणाउत्तं गमणं जाव अणाउत्तं सबिंदियजोगजुंजणया // 84 // लोगोवयार Page #323 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 310 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि विणए सत्तविहे प० तं० अब्भासवत्तिय परच्छंदाणुवत्तिय कज हेउं कयपडिकिइया अत्तगवेसणया देसकालण्णुया सव्वत्थेसु या पडिलोमया // 85 // सत्त. समुग्घाया प० त० वेयणासमुग्घाए कसायसमुग्याए मारणंतियसमुग्घाए वेउब्धियसमुग्घाए तेजससमुग्घाए आहारगसमुग्घाए केवलिसमुग्घाए / मणुस्साणं सत्त समुग्घाया प० एवं चेव / / 86 // समणस्स णं भगवओ महावीरस्स तित्थं सि सत्त पवयणणिण्हगा प०तं. बहुरया जीवपए सिया अवत्तिया सामुच्छेइया दोकिरिया तेरासिया अबद्धिया। एए सि णं सत्तण्हं पवयणणिण्हगाणं सत्त धम्मायरिया हुत्था तं० जमाली तीसगुत्ते आसाढे आसमित्ते गंगे छलुए गोठामाहिले / एए सि णं सत्तण्हं पवयणणिण्हगाणं सत्त उम्पत्तिणगरा हुत्था तं० सावत्थी उसभपुर सेयविया मिहिलउल्लुगातीरं पुरिमंतरंजि दसपुरं णिण्हगउप्पत्तिणगराई / / 87 // सायावेयणि जस्स कम्मस्स सत्तविहे अणुभावे प० तं० मणुण्णा सद्दा मणुण्णा रूवा जाव मणुण्णा फासा मणोसुहया वइसुहया // 88 // असायावेयणिज्जस्स णं कम्मस्स सत्तविहे अणुभावे प० तं० अमणुण्णा सहा जाव वइदुहया / / 89 // महाणक्वत्ते सत्ततारे प० // 90 // अभिईयाइया णं सत्तणवत्ता पुव्वदारिया प०० अभिई सवणो धणिट्ठा सयभिसया पुव्वाभद्दवया उत्तराभद्दवया रेवई। अस्सिणियाइया णं सत्त णवत्ता दाहिणदारिया प० तं० अस्मिणी भरिणी कित्तिया रोहिणी मिगसिरे अहा पुणव्वस। पुस्साइया णं सत्त णवत्ता. अवरदारिया प० तं० पुस्सो असिलेसा मघा पुवाफग्गुणी उत्तराफग्गुणी हत्थो चित्ता। साइयाइया णं सत्त णवत्ता उत्तरदारिया प० तं० साई विसाहा अणुराहा जेठा मूलो पुव्वासाढा उत्तरासाढा / / 91 // जंबुद्दीवे दीवे सोमणसे वकावारपव्वए सत्त कुडा प० तं० सिद्धे सोमणसे तह बोधव्वे मंगलावईकूडे, देवकुरु विमल कंचण, विसिकुडे य बोद्धव्वे / / 92 / / जंबुद्दीवे दीवे गंधमायणे वक्वारपव्वए सत्त कूडा प० तं० सिद्धे य गंधमायण बोद्धव्वे गंधिलावईकूडे उत्तरकूरुफलिहे लोहियक्ख आणंदणे चैव // 93 / / बिइंदियाणं सत्त जाइकुलको डिजोणीपमुहसयसहस्सा प०||९४॥जीवा णं सत्तट्ठाणणिव्वत्तिए पोग्गले पावकम्मत्ताए चिणिंसु वा चिणंति वा चिणिस्संति वा तं० णेरइयणिव्वत्तिए जाव देवणिव्वत्तिए एवं चिण जाव णिज्जरा चेव // 95 / / सत्तपए सिया खंधा अणंता प० // 96 // सत्त पएसोगाढा पोग्गला जाव सत्तगुणलुक्खा पोग्गला अणंता प० // 97 // Page #324 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 311 अट्ठमं ठाणं अहिं ठाणेहिं संपण्णे अणगारे अरिहइ एगल्लविहारपडिम उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए तं. सड्डी पुरिसजाए सच्चे पुरिसजाए मेहावी पुरिसजाए बहुस्सुए पुरिसजाए सत्तिमं अप्पाहिगरणे धिइमं वीरियसंपण्णे // 1 // अट्ठविहे जोणिसंगहे प० त० अंडया पोयया जाव उब्भिया उववाइया / अंडया अट्ठगइया अट्ठागइया प० तं. अंडए अंडएसु उववज्जमाणे अंडएहिंतो वा जाव उववाइएहिंतो वा उववजेजा, से चेव णं से अंडए अंडगत्तं विप्पजहमाणे अंडगत्ताए वा पोयगत्ताए वा जाव उववाइयत्ताए. वा गच्छेज्जा / एवं पोययावि जराउयावि सेसाणं गइरागई णत्थि // 2 // जीवा णं अट्ठ कम्मपयडीओ चिणिंसु वा चिणंति वा चिणिस्संति वा तं. णाणावरणिज्जं दरिसणावरणिज्ज वेयणिज्जं मोहणिज आउयं णामं गोत्तं अंतराइयं / णेरइया णं अट्ठ कम्मपयडीओ चिणिंसु वा 3 एवं चेव, एवं णिरंतरं जाव वेमाणियाणं 24 / जीवाणमट्ठकम्मपयडीओ उवचिणिंसु वा 3 एवं चेव एवं चिणउवाचण-बंध-उदीर-वेय-तह-णिजरा चेव, एए छ चउवीसा दंडगा भाणियव्वा // 3 // अट्ठहिं ठाणेहिं माई मायं कटु णो आलोए जा णो पडिक्कमज्जा जाव णो पडिवज्जेज्जा, तं० करिंसु वाऽहं करेमि वाऽहं करिस्सामि वाऽहं अकित्ती वा मे सिया अवण्णे वा मे सिया अविणए वा मे सिया कित्ती वा मे परिहाइस्सइ जसे वा मे परिहाइस्सइ, अट्ठहिं ठाणेहिं माई मायं कटु आलोए जा जाव पडिवजेजा तं० माइस्स णं अस्सिं लोए गरहिए भवइ उववाए गरहिए भवइ आयाई गरहिया भवइ एगमवि माई मायं कटु णो आलोएज्जा जाव णो पडिवजेज्जा णत्थि तस्स आराहणा एगमवि माई मायं कटु आलोएज्जा जाव पडिवजेज्जा अत्थि तस्स आराहणा बहुओवि माई मायं कटु णो आलोएज्जा जाव णो पडिवज्जेज्जा णत्थि तस्स आराहणा बहुओवि माई मायं कटु आलोएजा जाव अत्थि तस्स आराहणा आयरियउवज्झायस्स वा मे अइसेसे णाणदंसणे समुपज्जेज्जा, से तं मममालोएजा माई णं एसे माई णं मायं कटु से जहा णामए अयागरेइ वा तंबागरेइ वा तउआगरेइ वा सीसागरेइ वा रुप्पागरेइ वा सुवण्णागरेइ वा तिलागणीइ वा तुसागणीइ वा बुसांगणीइ वा णलागणीइ वा दलागणीइ वा सोंडियालिच्छाणि वा भंडियालिच्छाणि वा गोलियालिच्छाणि वा कुंभारावाएइ वा कवेल्लुआवाएइ वा इट्टावाएइ Page #325 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 312 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि बा जंतवाडचुल्लीइ वा लोहारंबरिसाणि वा तत्ताणि समजोइभूयाणि किंकफुल्ल. समाणाणि उक्कासहस्साई विणिम्मुयमाणाई 2 जालासहस्साइं पमंचमाणाई इंगाल. सहस्साई परिकिरमागाइं अंतो 2 झियायंति एवामेव माई मायं कटु अंतो 2 झिया. यइ जइवि य णं अण्णे केइ वयंति तं पि य णं माई जाणइ अहमेसे अभिसंकिज्जामि 2 / माई णं मायं कटु अणालोइयपडिकंते कालमासे कालं किच्चा अण्णय रेसु देवलोएसु देवत्ताए उववत्तारो भवंति तंजहा णो महिड्डिएसु जाव णो दूरंगइएसु णो चिरटिई. एसु से णं तत्थ देवे भवइ णो महिड्डिए जाव णो चिरट्ठिईए जावि य से तत्थ बाहिरब्भंतरिया परिसा भवइ साविय णं णो आढाइ णो परिजाणाइ गो महारिहे. णमासणेणं उवणिमंतेइ भासं पि य.से भासमाणस्स जाव चत्तारि पंच देवा अवुत्ता चेव अब्मुटुंति मा बहुं देवे ! भासउ / से णं तओ देवलोगाओ आउक्खएणं भव. क्खएणं ठिइक्खएणं अणंतरं चयं चइत्ता इहेव माणुस्सए भवे जाई इमाई कुलाई भवंति तं० अंतकुलाणि वा पंतकुलाणि वा तुच्छकुलाणि वा दरिद्दकुलाणि वा भिक्खागकुलाणि वा किवणकुलाणि वा तहप्पगारेसु कुलेसु पुमत्ताए पच्चायाइ से णं तत्थ पुमे भवइ दुरूवे दुवण्णे दुग्गंधे दुरसे दुफासे अणिढे अकंते अप्पिए अमगुण्णे अमणामे हीणस्सरे दीणस्सरे अणिट्ठसरे अकंतसरे अपियस्सरे अमणुण्णस्सरे अमणामस्सरे अणाएज्जवयणपञ्चायाए जाविय से तत्थ बाहिरब्भतरिया परिसा भवइ सावि य णं णो आढाइ णो परिजाणाइ णो महरिहेणं आसणेणं उव. णिमंतेइ भासंपि य से भासमाणस्स जाव चत्तारि पंच जणा अवुत्ता चेव अब्भुटेति मा बहुं अजउत्तो ! भासउ / माई णं मायं कटु आलोइयपडिकंते कालमासे कालं किच्चा अण्णयरेसु देवलोएसु देवत्ताए उववत्तारो भवंति तं० महिडिएसु जाव चिरटिईएसु से णं तत्थ देवे भवइ महिड्डिए जाव चिरढ़िईए हारविराइयवच्छे कडगतुडियर्थभियभुए अंगयकुंडलमउडगंडतलकण्णपीढधारी विचित्तहत्थाभरणे विचित्तवत्थाभरणे विचित्तमालामउली कल्लाणगपवरवत्थपरिहिए कल्लाणगपवरगंधमल्लाणुलेवणधरे भासुरबोंदी पलंबवणमालधरे दिवेणं वण्णेणं दिव्वेणं गंवेणं दिव्वेणं रसेणं दिव्वेणं फासेणं दिव्वेणं संघाएणं दिव्वेणं संठाणेणं दिव्वाए इड्डीए दिव्वाए जुईए दिव्वाए पभाए दिव्वाए छायाए दिव्वाए अञ्चीए दिव्वेणं तेएणं दिव्वाए लेस्साए दसदिसाओ उज्जोएमाणे पभासेमाणे महयाऽहयणगीयवाइयतंती Page #326 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा.८ 313 तलतालतुडियघणमुइंगपडुप्पवाइयरवेणं दिव्वाई भोगभोगाई भुंजमाणे विहरइ / जावि य से तत्थं बाहिरब्भंतरिया परिसा भवइ, सावि य णं आढाइ परिजाणाइ महारिहेणं आसणेणं उवणिमंतेइ भासं पि य से भासमाणस्स जाव चत्तारि पंच देवा अवुत्ता चेव अब्भुट्टेति बहुं देवे ! भासउ / से णं तओ देवलोगाओ आउक्खएणं 3 जाव चइत्ता इहेव माणुस्सए भवे जाई इमाई कुलाई भवंति, अड्डाई जाव बहुजणस्स अपरिभूयाई तहप्पगारेसु कुलेसु पुमत्ताए पञ्चायाइ, से णं तत्थ पुमे भवइ सुरूवे सुवण्णे सुगंधे सुरसे सुफासे इढे कंते जाव मणामे अहीणस्सरे जाव मणामस्सरे आदेज्जवयणे पच्चायाए जाऽविय से तत्थ बाहिरब्भतरिया परिसा भवइ सावि य णं आढाइ जाव बहुमजउत्ते! भासउ // 4 // अट्टविहे संवरे प० तं० सोइंदियसंवरे जाव फासिंदियसंवरे भणसंवरे वइसंवरे कायसंवरे / अट्ठविहे असंवरे प० त० सोइंदियअसंवरे जाव कायअसंवरे // 5 / / अट्ठ फासा प० तं० कक्कडे मउए गरुए लहुए सीए उसिणे णिद्धे लुक्खे // 6 // अट्ठविहा लोगठिई प० तं० आगासपइट्ठिए वाए वायपइट्ठिए उदही एवं जहा छट्ठाणे जाव जीवा कम्मपइट्ठिया अजीवा जीवसंगहीया जीवा कम्मसंगहीया // 7 // अट्ठविहा गणिसंपया प० तं० आयारसंपया सुयसंपया सरीरसंपया वयणसंपया वायणासंपया मइसंपया पओगसंपया संगहपरिणाणाम अट्ठमा // 8 // एगमेगे णं महाणिही अट्ठचक्कवालपइट्ठाणे अट्ठजोयणाई. उड्ढे उच्चत्तणं प० // 6 / / अट्ठसमिईओ प० तं० इरियासमिई भासासमिई एसणासमिई आयाणभंडमत्तणिक्खेवणासमिई उच्चारपासवणखेलजल्लसिंघाणपरिट्ठावणियासमिई मणसमिई वइसमिई कायसमिई // 10 // अट्ठहिँ ठाणेहिं संपण्णे अणगारे अरिहइ आलोयणा पडिच्छित्तए तं० आयारवं आहारवं ववहारवं ओवीलए पकुवए अपरिस्साई णिज्जावए अवायदंसी // 11 // अट्ठहिं ठाणेहिं संपण्णे अणगारे अरिहइ अत्तदोसमालोइत्तए तं० जाइ. संपण्णे कुलसंपण्णे विणयसंपण्णे णाणसंपणे दंसणसंपण्णे चरित्तसंपण्णे खंते दंते // 12 // अट्ठविहे पायच्छित्ते प० तं. आलोयणारिहे पडिक्कमणारिहे तदुभयारिहे विवेगारिहे विउस्सग्गारिहे तवारिहे छेयारिहे मूलारिहे / 13 / / अट्ठ मयट्ठाणा प० तंजाइमए कुलमए बलमए रूवमए तवमए सुयमए लाभमए इस्सरियमए॥१४॥ अट्ठ अकिरियावाई प० तं० एगावाई अणेगावई मितवाई णिम्मितवाई सायवाई Page #327 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 314 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि समुच्छेयवाई णियावाई ण संति परलोगवाई // 15 // अट्ठविहे महाणिमित्ते प० तं० भोमे उप्पाए सुविणे अंतलिक्खे अंगे सरे लक्खणे वंजणे // 16 // अट्ठविहा वयणविभत्ती प० तं० णिहेसे पढमा होइ बिड्या उवएसणे; तइया करणंमि कया चउत्थी संपयावणे (1) पंचमी य अवायाणे छट्ठी सस्सामिवायणे; सत्तमी सणिहाणत्थे अट्ठमी आमंतणी भवे (2) तत्थ पढमा विभत्ती णिहेसे सो इमो अहं वत्ति १-बिइया उण उवएसे भण कुण व इमं व तं वत्ति (3) तइया करशूमि कया णीयं च कयं च तेण व मए वा; हंदि णमो साहाए हवइ चउत्थी पयाणमि (4) अवणे गिण्हसु तत्तो इत्तोत्ति व पंचमी अवादाणे; छट्ठी तस्स इमस्स व गयस्स वा सामिसंबंधे (5) हवइ पुण सत्तमीयं इमंमि आहारकालभावे य; आमंतणी भवे अट्ठमी उजह हे जुवाणत्ति (6) / / 17 / / अट्ठ ठाणाई छउमत्थे णं सव्वभावेणं ण याणइ ण पासइ तं० धम्मत्थिकायं जाव गंधं वायं, एयाणि चेव उप्पण्णणाणदंसणधरे अरहा जिणे केवली जाणइ पासइ जाव गंधं वायं // 18 / / अढविहे आउवेए प० त० कुमारभिच्चे, कायति गिच्छा, सालाई, सल्लहत्ता, जंगोली, भूयवे जा, खारतंते, रसायणे / / 19 / / सक्कस्स णं देविंदस्स देवरण्णो अट्ठग्गम हिसीओ प० तं० पउमा सिवा सई अंजू अमला अच्छरा णवमिया रोहिणी // 20 // ईसाणस्स णं देविंदस्स देवरणो अग्गमहिसीओ प० तं० कण्हा कण्हराई रामा रामरक्खिया वसू वसुगुत्ता वसुमित्ता वसुंधरा / / 21 / / सक्कस्स णं देविंदस्स देवरणो सोमस्स महारणो अढग्गमहि सीओ प० / / 22 / / ईसाणस्स णं देविंदस्स देवरणो वेसमणस्स महारणो अग्गमहि सीओ प० / / 23 / / अट्ठमहग्गहा प० तं० चंदे सूरे सुके बुहे बहस्सई अंगारए सणिंचरे केऊ / / 24 / / अट्ठविहा तणवणस्सइकाइया प० तं० मूले कंदे खंधे तया साले पवाले पत्ते पुप्फे / / 25 // चउरिंदिया णं जीवा असमारभमाणस्स अट्ठविहे संजमे कजइ तं० चक्खुमाओ सोक्खाओ अववरोवेत्ता भवइ चक्खुमएणं दुक्खेणं असंजोएत्ता भवइ एवं जाव फासामाओ सोक्खाओ अववरोवेत्ता भवइ फासामएणं दुक्खेणं असंजोएत्ता भवइ / / 26 / / चउरिंदिया णं जीवा समारभमाणस्स अट्ठविहे . असंजमे कन्जइ तं० चक्खुमाओ सोक्खाओ ववरोवेत्ता भवइ चक्खुमएणं दुक्खेणं सजोएत्ता भवइ एवं जाव फासामाओ सोक्खाओ०।। 27 / / अट्ठ सुहुमा प० तं० पाणसुहुमे Page #328 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं. ठा.८ 315 पणगसुहुमे बीयसुहुमे हरियसुहुमे पुप्फसुहुमे अंडसुहुमे लेणसुहुमे सिणेहसुहुमे / / 28 / / भरहस्स णं रण्णो चाउरंतचक्कवट्टिस्स अट्ठपुरिसजुगाइं अणुबद्धं सिद्धाइं नाव सव्वदुक्खप्पहीणाई तं० आइच्चजसे महाजसे अइबले महाबले तेयवीरिए कित्तवीरिए दंडवीरिए जलवीरिए / / 29 // पासस्स णं अरहओ पुरिसादाणियस्स अट्ट गणा अट्ठ गणहरा होत्था तं० सुभे अजघोसे व सिटे बंभयारी सोमे सिरिधरे वीरिए भद्दजसे // 30 // अट्ठविहे दंसणे प० त० सम्मइंसणे मिच्छसणे सम्मामिच्छदंसणे चक्खुदंसणे जाव केवलदंसणे सुविणदंसणे // 31 // अट्टविहे अद्धोवमिए प० तं० पलिओवमे सागरोवमे उस्सप्पिणी ओसप्पिणी पोग्गलपरियट्टे तीतद्धा अणागयद्धा सव्वद्धा / 32 / / अरहओ णं अरिट्ठणेमिस्स जाव अट्ठमाओ पुरिसजुगाओ जुगंतकरभूमी दुवासपरियाए अंतमकासी / / 33 / / समणेणं भगवया महावीरेणं अट्ठ रायाणो मुंडे भवेत्ता अगाराओ अणगारियं पध्वाविया तं० वीरंगय वीरजसे संजय एणिज्जए य रायरिसी, सेय सिवे उदायणे (तह संखे कासिवद्धणे) / / 34 // अट्ठविहे आहारे प० त० मगुण्णे असणे पाणे खाइमे साइमे अमणुण्णे जाव साइमे // 35 // उप्पिं सणंकुमारमाहिंदाणं कप्पाणं हेडिं बंभलोए कप्पे रिट्ठविमाणपत्थडे एत्थ णमक्खाडगसमचउरंससंठाणसंठियाओ अट्ठ कण्हराईओ प० तं० पुरत्थिमेणं दो कण्हाईओ दाहिणेणं दो कण्हराईओ पञ्चत्थिमेणं दो कण्हराईओ उत्तरेणं दो कण्हराईओ। पुरत्थिमा अभंतरा कण्हराई दाहिणं बाहिरं कण्हराई पुट्ठा, दाहिणा अब्भतरा कण्हराई पचत्थिमगं बाहिरं कण्हराई पुट्ठा, पञ्चत्थिमा अभंतरा कण्हराई उत्तरं बाहिरं कण्हराई पुट्ठा, उत्तरा अभंतरा कण्हराई पुरथिमं बाहिरं कण्हराई पुट्ठा, पुरथिमपञ्चत्थिमिल्लाओ बाहिराओ दो कण्हराईओ छलंसाओ उत्तरदाहिणाओ बाहिराओ दो कण्हराईओ तंसाओ सव्वाओ वि णं अब्भतरकण्हराईओ चउरंसाओ / एयासि णं अट्ठण्हं कण्हराईणं अट्ठ णामधेज्जा प० तं० कण्हराईइ वा मेहराईइ वा मघाइ वा माघवईइ वा वायफलिहेइ वा वायपलिक्खोभेइ वा देवपलिहे वा देवपलिक्खोभेइ वा / एयासि णं अट्ठण्हं कण्हराईणं अट्ठसु उवासंतरेसु अट्ठलोगंतियविमाणा प० तं० अच्ची अचिमाली वइरोअणे पभंकरे चंदाभे सूराभे सुपइट्ठाभे अग्गिच्चाभे / एएसु गं अट्ठसु लोगंतियविमाणेसु अट्ठविहा लोगंतिया देवा प० तं० सारस्सयमाइच्चा Page #329 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंग-पविट्ठ सुत्ताणि वण्ही वरुणा य गद्दतोया य, तुसिया अव्वाबाहा अग्गिचा चेव बोधव्वा (1) एए सि णं अट्ठण्हं लोगंतियदेवाणं अजहणणामणुकोसेणं अट्ठ सागरोवमाइं ठिई प० // 36 / / अट्ठ धम्मत्थिकायमज्झपएसा प० अट्ठ अहम्मत्थिकायमज्झपएसा एवं चेव अट्ठ आगासत्थिकायमज्झपएसा प० एवं चेव अट्ठ जीवमज्झपएसा प० // 37 / / अरहंता णं महापउमे अट्ठ रायाणो मुंडा भवित्ता अगाराओ अणगारियं पवावेस्सइ तं० पउमं पउमगुम्म णलिणं णलिणगुम्मं पउमद्धयं धणुद्धयं कणगरह भरहं / / 38 / / कण्हस्स णं वासुदेवस्स अट्ठ अग्गमहिसीओ अरहओ णं अरिट्ठ मिस्स अंतिए मुंडा भवेत्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइया सिद्धाओ जाव सम्बदुकावप्पहीणाओ तं० पउमावई य गोरी गंधारी लक्खणा सुसीमा य जंबवई सच्चभामा रुप्पिणी कण्हअग्गमहिसीओ // 39 // वीस्यिपुव्वस्स णं अट्ठ वत्थू अट्ठ चूलियावत्थू प० // 40 // अट्ठ गईओ प० त० णिरयगई तिरियगई जाव सिद्धिगई गुरुगई पणोल्लणगई पब्भारगई // 41 / / गंगासिंधुरत्तारत्तवइदेवीणं दीवा अट्ठ 2 जोयणाई आयामविखंभेणं प० // 42 // उक्कामुहमेहमुहविज्जुमुहविज्जुदंतदीवाणं दीवा अट्ठ 2 जोयणसयाई आयामविक्खंभेणं प० / / 43 / / कालोदे णं समुहे अट्ठ जोयणसयसहस्साई चक्कवालविक्खंभेणं प० // 44 // अब्भतरपुक्खरद्धे णं अट्ठ जोयणसयसहस्साई चकवालविक्खमेणं प० एवं बाहिरपुक्खरद्धेवि / / 45 / / एगमेगस्स णं रणो चाउरंतचक्कवट्टिस्स अट्ट सोवण्णिए काकिणिरयणे छत्तले दुवालसंसिए अट्ठकण्णिए अधिकरणिसंठिए प० // 46 // मागधस्स णं जोयणस्स अट्ठ धणुसहस्साइं णिधते प० // 47 // जंबू णं सुदंसणा अट्ठ जोयणाई उर्दू उच्चत्तेणं बहुमज्झदेसभाए अट्ट जोयणाई विक्खंभेणं साइरेगाई अट्ठ जोयणाई सव्वग्गेणं प० // 48 // कूडसामली णं अट्ठ जोयणाई एवं चेव // 49 // तिमिसगुहा णमट्ठ जोयणाई उर्दू उच्चत्तेणं / / 50 // खंडप्पवायगुहा णं अट्ठ जोय. णाई उड्ढे उच्चत्तेणं एवं चेव // 51 // जंबूमंदरस्स पव्वयस्स पुरत्थिमेणं सीयाए महाणईए उभओ कूले अट्ठ वक्वारपव्वया प० त० चित्तकूडे पम्हकडे णलिणकृडे एगसेले तिकूडे वेसमणकूडे अंजणे मायंजणे / / 52 // जंबूमंदरपच्चत्थिमेणं सीओयाए महाणईए उभओकूले अट्ठ वक्खारपव्वया प० तं० अंकावई पम्हावई आसीविसे सुहावहे चंदपव्वए सूरपव्वए णागपव्वए देवपव्वए // 53 // Page #330 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 317 ठाणंठा 8 जंबूमंदरपुत्थिमेणं सीयाए महाणईए उत्तरेणं अट्ठ चक्कवट्टिविजया प० तं० कच्छे सुकच्छे महाकच्छे कच्छगावई आवत्ते जाव पुक्खलावई / / 54 / / जंबूमंदरपुरथिमेणं सीयाए महाणईए दाहिणेणमट्ठ चकवट्टिविजया प० तं० वच्छे सुवच्छे जाव मंगलावई // 55 // जंबूमंदरपच्चत्थिमेणं सीओयाए महाणईए दाहिणेणं अट्ठ चक्कवट्टिविजया प० त० पम्हे जाव सलिलावई // 56 / / जंबूमंदरपञ्चत्थिमेणं सीओयाए महाणईए उत्तरेणं अट्ठ चक्कवट्टिविजया प० तं. कप्पे सुवप्पे जाव गंधिलावई // 57 // जंबूमंदरपुरस्थिमेणं सीयाए महाणईए उत्तरेणमट्ठ रायहाणीओ प० तं० खेमा खेमपुरी चेव जाव पुंडरीगिणी // 58 // जंबूमंदरपुरस्थिमेणं सीयाए महाणईए दाहिणेणमट्ठ रायहाणीओ प० तं० सुसीमा कुंडला चेव जाव रयणसंचया // 59 // जंबूमंदरपञ्चत्थिमेणं सीओयाए महाणईए दाहिणेणं अट्ठ रायहाणीओ प० तं० आसपुरा जाव वीयसोगा // 6 // जंबूमंदरपञ्चत्थिमेणं सीओयाए महाणईए उत्तरेणं अट्ठ रायहाणीओ प० तं० विजया वेजयंती जाव अउज्झा / / 61 // जंबूमंदरपुरत्थिमेणं सीयाए महाणईए उत्तरेणं उक्कोसपए अट्ठ अरिहंता अट्ट चक्कवट्टी अट्ट बलदेवा अट्ठ वासुदेवा उप्पजिंसु वा उप्पजति वा उप्पजिस्संति वा // 62 // जंबूमंदरपुरत्थिमेणं सीयाए महाणईए दाहिणेणं उक्कोसपए एवं चैव // 63 / / जंबूमंदरपञ्चत्थिमेणं सीओयाए महाणईए दाहिणेणं उक्कोसपए एवं चेव // 64 / / एवं उत्तरेणवि / जंबूमंदरपुरत्थिमेणं सीयाए महाणईए उत्तरेणं अट्ठ दीहवेयड्डा अट्ठ तिमिसगुहाओ अट्ठ खंडगप्पवायगुहाओ अट्ठ कयमालगा देवा अट्ठ णट्टमालगा देवा अट्ठ गंगाकुंडा अट्ट सिंधुकुंडा अट्ठ गंगाओ अटुं सिंधूओ अट्ठ उसभकूडपव्वया अट्ठ उसभकूडा देवा प० / जंबूमंदरपुरस्थिमेणं सीयाए महाणईए दाहिणेणं अट्ठ दीहवेयड्ढा एवं चेव जाव अट्ठ उसभकूडा देवा प० णवरमेत्थ रत्तारत्तावईओ तासिं चेव कुंडा / / 65 // जंबूमंदरपञ्चत्थिमेणं सीओयाए महाणईए दाहिणेणं अट्ठ दीहवेयड्डा जाव अट्ठ गंगाकुंडा अट्ठ सिंधुकुंडा अट्ट गंगाओ अट्ठ सिंधूओ जाव अट्ठ उसभकूडा देवा प०|जंबूमंदरपञ्चत्थिमेणं सीओयाए महाणईए उत्तरेणं अट्ठदीहवेयड्डा जाव अट्ठ णट्ट. मालगा देवा प० अट्ठ रत्तकुंडा अट्ट रत्तावइकुंडा अट्ठ रत्ताओ जाव अट्ठ उसभकूडा देवा प० // 66 // मंदरचूलिया णं बहुमज्झदेसभाए अट्ठ जोयणाई विखंभेणं प० Page #331 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 318 अंग-पविट्ट सुत्ताणि // 67 // धायइसंडदीवे पुरत्थिमद्धेणं धायइरुक्खे अट्ठ जोयणाई उडे उच्चत्तणं 50 बहुमज्झदेसभाए अट्ठ जोयणाई विक्खंभेणं साइरेगाई अट्ठ जोयणाई सव्वग्गेणं 10 एवं धायइरुक्खाओ आढवेत्ता सचेव जंबूदीववत्तव्वया भाणियव्वा जाव मंदरचूलियत्ति एवं पञ्चत्थिमद्धेवि महाधायहरुक्खाओ आढवेत्ता जाव मंदरचूलियत्ति / / 68 // एवं पुक्खरवरदीवड्डपुरत्थिमद्धेवि पउमरुक्खाओ आढवेत्ता जाव मंदरचूलियत्ति एवं पुक्खरवरदीवड्डपचत्थिमद्धेवि महापउमरुक्खाओ जाव मदरचूलि. यत्ति / / 69 / / जंबुद्दीवे दीवे मंदरे पव्वए भद्दसालवणे अट्ठ दिसाहत्थिकूडा प० तं०पउमुत्तर णीलवंते सुहत्थी अंजणागिरी, कुमुए य पलासए वडिंसे अट्ठमए रोयणा. गिरी 70 // // जंबुद्दीवस्स णं दीवस्स जंगई अट्ठ जोयणाई उई उच्चत्तेणं बहुमज्झदेसभाए अट्ठ जोयणाई विक्खंभेणं प० // 71 / / जंबुद्दीवे दीवे मंदरपव्ययस्य दाहिणेणं महाहिमवंते वासहरपव्वए अट्ठ कूडा प० तं० सिद्धे महाहिमवंते हिमवंत रोहिया हरीकूडे, हरिकंता हरिवासे वेरुलिए चेव कुडा उ॥ 72 / / जंबूमंदर उत्तरेणं रुप्पिमि वासहरपव्वए अट्ठ कूडा प० तं० सिद्धे य रुप्पी रम्मग णरकंता बुद्धि रुप्पकूडे य, हिरण्णवए मणिकंचणे य रुप्पिमि कूडा उ // 73 / / जंबूमंदरपुरत्थिमेणं रुयगवरे पव्वए अट्ठ कूडा प० तं०-रिटे तवणिज कंचण रययं दिसासोत्थिए लंबे य; अंजणे अंजणपुलए रुयगस्स पुरत्थिमे कुडा (1) तत्थ णं अट्ठ दिसाकुमारिमहत्तरियाओ महिड्डियाओ जाव पलिओवमट्टिईयाओ परिवसंति तं०णंदुत्तरा व णंदा आणंदा णंदिवद्धणा, विजया य वेजयंती जयंती अपराजिया / / 74 / / जंबूमंदरदाहिणेणं रुयगवरे पव्वए अट्ठ कूडा प००-कणए कंचणे पउमे णलिणे समि दिवायरे चेव, वेसमणे वेरुलिए रुयगस्स उ दाहिणे कूडा (1) तत्थ णं अट्ठ दिसाकुमारिमहत्तरियाओ महिड्डियाओ जाव पलिओवमट्टिईयाओ परिवसंति तं० समाहारा सुप्पइण्णा सुप्पबुद्धा जसोहरा; लच्छिवई सेसवई चित्तगुत्ता वसुंधरा / / 75 / / जंबूमंदरपञ्चत्थिमेणं रुयगवरे पव्वए अट्ठ कूडा प० तं० सोत्थिए य अमोहे य हिमवं मंदरे तहा, रुअगे रुयगुत्तमे चंदे अट्ठमे य सुदंसणे (1) तत्थ णं अट्ठ दिसाकुमारिमहत्तरियाओ महिड्डियाओ जाव पलिओवमट्टिईयाओ परिवसंति तं०इलादेवी सुरादेवी पुढवी पउमावई, एगणासा णवमिया सीया भद्दा य अट्ठमा // 76 // जंबूमंदरउत्तररुअगवरे पव्वए अट्ठकूडा प० त० रयणे रयणुच्चए या सव्वरयण रयणसंचए चेव, विजये य वेजयंते जयंते अपराजिए (1) तत्थ णं Page #332 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा.८ 319 अट्ठ दिसाकुमारिमहत्तरियाओ महड्डियाओ जाव पलिओवमट्टिईयाओ परिवसति तं०-अलंबुसा मिवकेसी पोंडरिगी य वारुणी,आसा य सव्वगा चेव सिरी हिरी चेव उत्तराओ / / 77 // अट्ठ अहेलोगवत्थव्वाओ दिसाकुमारिमहत्तरियाओ प० तं. भोगंकरा भोगवई सुभोगा भोगमालिणी; सुवच्छा वच्छमित्ता य, वारिसेणा बलाहगा (1) अट्ठ उद्दलोगवत्थव्वाओ दिसाकुमारिमहत्तरियाओ प० त०-मेघंकरा मेघवई सुमेघा मेघमालिणी, तोयधारा विचित्ता य पुप्फमाला अणिंदिता (2) // 78 // अट्ठ कप्पा तिरियमिस्सोववण्णगा प० तं० सोहम्मे जाव सहस्सारे // 79 // एएसु णं अट्ठसु कप्पेसु अट्ठ इंदा प० तं० सक्के जाव सहस्सारे / / 80 // एएसि णं अट्ठण्हं इंदाणं अट्ठ परियाणिया विमाणा प० तं० पालए पुप्फए सोमणसे सिरिवच्छे णंदावत्ते कामकमे पीइमणे विमले / / 8 / / अट्ठमिया णं भिक्खुपडिमा णं चउसठ्ठीए राइंदिएहिं दोहि य अट्ठासीएहिं भिक्खासए हिं अहासुत्तं जाव अणुपालियावि भवइ / / 82 // अट्ठविहा संसारसमावण्णगा जीवा प० तं० पढमसमयणेरइया अपढमसमयणेरइया एवं जाव अपढमसमयदेवा / / 83 // अट्टविहा सव्वजीवा प. तं० णेरइया तिरिक्खजोणिया तिरिक्खजोणिणीओ मणुस्सा मणुस्सीओ देवा देवीओ सिद्धा / / 84 / / अहवा अट्ठविहा सबजीवा प० तं० आभिणिबोहियणाणी जाव केवलणाणी मइअण्णाणी सुयअण्णाणी विभंगणाणी // 85 // अट्ठविहे संजमे प० तं० पढमसमयसहुमसंपरायसरागसंजमे, अपढमसमयसुहुमसंप. रायसरागसंजम, पढमसमयबादरसंपरायसंजमे, अपढमसमयबादरसंपरायसंजमे, पढमसमय उवसंतकसायवीयरायसंजमे, अपढमसमयउवसंतकसायवीयरायसंजमे, पढमसमयखीणकसायवीयरायसंजमे, अपढमसमयखीणकसायवीयरायसंजमे / / 86 // अट्ठपुढवीओ प०० रयणप्पभा जाव अहे सत्तमा ईसिपम्भारा // 87 // ईसिपब्भाराए णं पुढवीए बहुमज्झदेसभाए अट्ठजोयणिए खेत्ते अट्ठ जोयणाई बाहल्लेणं प० // 88 / / ईसिपन्भाराए णं पुढवीए अट्ठ णामधेज्जा प० तं० ईसीइ वा, ईसिपब्भाराइ वा, तणूइ वा, तणुतणूइ वा, सिद्धीइ वा, सिद्धालएइ वा, मुत्तीइ वा, मुत्तालएइ वा / / 89 // अट्ठहिं ठाणेहिं सम्म संघडियव्वं जइयव्वं परक्कमियवं. अस्सिं च णं अट्ठे णो पमाए यन्नं भवइ, असुयाणं धम्माणं सम्मं सुणणयाए अब्भुढेयलं भवइ, सुयाणं धम्माणं ओगिण्हणयाए उवधारणयाए अन्भुढेयव्वं Page #333 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 320 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि भवइ, पावाणं कम्माणं संजमेणमकरणयाए अब्भुढेयव्वं भवइ, पोराणाणं कम्माण तवसा विगिंचणयाए विसोहणयाए अब्भुढेयव्वं भवइ, असंगिहीयपरियणस्स संगिण्हणयाए अब्भुढेयव्वं भवइ, सेहं आयारगोयरगह्णयाए अब्भुट्टेयव्वं भवइ, गिला. णस्स अगिलाए वेयावच्चकरणयाए अब्भुट्टेयव्वं भवइ, साहम्मियाणमधिकरणंसि उप्पण्णंसि तत्थ अणिस्सिओवस्सिओ अपक्खग्गाही मज्झत्थभावभूए कह णु साहम्मिया अप्पसद्दा अप्पझंझा अप्पतुमंतुमा उवसामणयाए अब्भुटेयव्वं भवइ / / 9 / / महासुक्कसहस्सारेसु णं कप्पेसु विमाणा अट्ट जोयणसयाई उड्ढे उच्चत्तेणं प० / / 91 // अरहओ णं अरिट्ठणेमिस्स अट्ठसया वाईणं सदेवमणुयासुराए परिसाए वाए अपराजियाणं उक्कोसिया वाइसंपया हुत्था // 92 // अट्ठसमइए केवलि. समुग्घाए प० तं० पढमे समए दंडं करेइ बीए समए कवाडं करेइ तइए समए मंथाणं करेइ चउत्थे समए लोगं पूरेइ पंचमे समए लोगं पडिसाहरइ छढे समए मंथं पडिसाहरइ सत्तमे समए कवाडं पडिसाहरइ अट्ठमे समए दंडं पडि. साहरइ // 93 / / समणस्स णं भगवओ महावीरस्स अट्ठ सया अणुत्तरोववाइयाणं गइकल्लाणाणं जाव आगमेसिभहाणं उक्कोसिया अणुत्तरोववाइयसंपया हुत्था // 94 // अट्ठविहा वाणमंतरा देवा प० तं०-पिसाया भूया जक्खा रक्खसा किण्णरा किंपुरिसा महोरगा गंधवा // 95 / / एएसि णं अट्ठण्हं वाणमंतरदेवाणं अट्ठचेइयरुक्खा प० तं०-कलंबो य पिसायाणं वडो जक्खाण चेइयं तुलसी भूयाणं भवे रक्खसाणं च कंडओ (1) असोओ किण्णराणं च किंपरिसाण य चंपओ: णागरुक्खो भुयंगाणं गंधव्वाण य तेंदुओ (2) / / 96 // इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए बहुसमरमणिज्जाओ भूमिभागाओ अट्ठजोयणसए उड्डबाहाए सूरविमाणे चारं चरइ / / 97 // अट्ठ णक्खत्ता चंदेणं सद्धिं पमई जोगं जोएंति तं० कत्तिया रोहिणी पुणव्वसू महा चित्ता विसाहा अणुराहा जेट्ठा / 98 / / जंबुद्दीवस्स णं दीवस्स दारा अट्ठजोयणाई उई उच्चत्तणं प०-सव्वेसिपि दीवसमुद्दाणं दारा अट्ठ. जोयणाई उर्दू उच्चत्तणं प० // 99 // पुरिसवेयणिज्जस्स णं कम्मस्स जहण्णेणं अट्ठ. संवच्छराई बंधठिई प० // 100 // जसोकित्तीणामएणं कम्मस्स जहण्णेणं अट्ठ मुहत्ताई बंधठिई प० // 101 // उच्चगोयस्स णं कम्मस्स एवं चेव / / 102 / / तेइंदियाणमट्ठ जाइकुलकोडीजोणीपमुहसयसहस्सा प० // 103 / / जीवा णं अट्ठ. ठाणणिव्वत्तिए पोग्गले पावकम्मत्ताए चिणिंसु वा चिणंति वा चिणिस्संति वा तं० Page #334 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 9 321 पढमसमयणेरइयणिव्वत्तिए जाव अपढमसमयदेवणिव्वत्तिए एवं चिण-उवचिण जाव णिज्जरा चेवं / / 104 / / अट्ठपए सिया खंधा अणंता प० / 105 // अट्ठ पएसोगाढा पोग्गला अणंता प० // 106 // जाव अट्ठगुणलुक्खा पोग्गला अणंता 50 // 107 // णवमं ठाणं णवहिं ठाणेहिं समणे णिग्गंथे संभोइयं विसंभोइयं करेमाणे णाइक्कमइ तं०आयरियपडिणीयं उबज्झायपडिणीयं थेरपडिणीयं कुल. गण. संघ० णाण. दसण० चरित्तपडिणीयं // 1 // णव बंभचेरा प० त० सत्थपरिण्णा लोगविजओ जाव उवहाणसुयं महापरिण्णा // 2 // णव बंभचेरगुत्तीओ प० तं० विवित्ताई सयणासणाई सेवित्ता भवइ णो इत्थिसंसत्ताई णो पसुसंसत्ताई णो पंडगसंसत्ताई 1 णो इत्थीणं कहं कहेत्ता 2 णो इत्थिठाणाइं सेवित्ता भवइ 3 णो इत्थीणमिदियाई मणोहराई मणोरमाई आलोइत्ता णिज्झाइत्ता भवइ 4 णो पणीयरसभोई 5 णो पाणभोयणस्स अइमत्तं आहारए सया भवइ 6 णो पुवरयं पुवकीलियं समरेत्ता भवइ 7 णो सहाणुवाई णो रुवाणुवाई णो सिलोगाणुवाई 8 णो सायसोक्खपडिबद्धे यावि भवइ 9 ॥३॥णव बंभचेरअगुत्तीओ प० तं० णो विवित्ताई सयणासणाई सेवित्ता भवइ इत्थीसंसत्ताई पसुसंसत्ताई पंडगसंसत्ताई इत्थीणं कहं कहेत्ता भवइ इत्थीणं ठाणाई सेवित्ता भवइ इत्थीणं इंदियाइं जाव णिज्झाइत्ता भवइ पणीयरसभोई पाणभोयणस्स अइमायमाहारए सया भवइ पुव्वरयं पुव्वकीलियं सरित्ता भवइ सहाणुवाई रूवाणुवाई सिलोगाणुवाई जाव सायासुक्खपडिबद्धे यावि भवइ // 4 / / अभिणंदणाओ णं अरहओ सुमई अरहा णवहिं सागरोवमकोडीसयसहस्सेहिं विइकंतेहिं समुप्पण्णे // 5 // णव सब्भावपयत्था प० तं. जीवा अजीवा पुण्णं. पावो आसवो संवरो णिजरा बंधो मोक्खो / / 6 // णव विहा संसारसमावण्णगा जीवा प० तं. पुढविकाइया जाव वणस्सइकाइया बेइंदिया जाव पंचिंदियत्ति / / 7 / / पुढविकाइया णवगइया णव आगइया प० तं० पुढविकाइए पुढविकाइएसु उबवजमाणे पुढविकाइए हिंतो वा जाव पंचिं दिए हिंतो वा उववज्जेज्जा, से चेव णं से पुढविकाइए पुढविकायत्तं विप्पजहमाणे पुढविकाइयत्ताए जाव पंचिंदियत्ताए वा गच्छेजा / एवं आउकाइयावि पंचिंदियत्ति // 8 // णवविहा सव्वजीवा Page #335 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 322 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि प० त० एगिंदिया वेइंदिया तेइंदिया चउरिदिया णेरइया पंचिंदियतिरिक्ख. जोणिया मणुस्सा देवा सिद्धा // 9 // अहवा णवविहा सव्वजींवा प० तं० पढमसमयणेरइया अपढमसमयणेरइया जाव अपढमसमयदेवा सिद्धा // 10 // णवविहा सव्वजीवोगाहणा प० त० पुढविकाइओगाहणा आउ० जाव वणस्सइकाइओगाणा बेइंदियोगाहणा तेइंदियोगाहणा चउरिदियोगाहणा. पंचिंदियोगाहणा / / 11 / / जीवा णं णवहिं ठाणेहिं संसारं वत्तिंसु वा वत्तंति वा वत्तिस्मति वा तं० पुढवि. काइयत्ताए जाव पंचिंदियत्ताए // 12 // णवहिं ठाणेहिं रोगुप्पत्ती सिया तं० अच्चासणाए अहियासणाए अइणिहाए अइजागरिएणं उच्चारणिरोहेणं पासवणणिरोहेणं अद्धाणगमणेणं भोयणपडिकूलयाए इंदियत्थविकोवणयाए / / 13 / / णविहे दरिसणावर गिजे कम्मे प० तं०-णि। णिहाणिहा पयला पयलापयला थीणगिद्धी चक्खुदरिसणावरणे अचक्खुदरिसणावरणे ओहिदरिसणावरणे केवलदरिसणावरणे // 14 / / अभिई णं णखत्ते साइरेगे णवमुहत्ते चंदेणं सद्धिं जोगं जोएइ / / 15 / अभिईआइआ णं णवणवत्ता णं चंदस्स उत्तरेणं जोगं जोएंति तं०, अभिई सवणो धणिहा जाव भरणी // 16 // इमीसे ण रयणप्पंभाए पुढवीए बहुसमरमणिज्जाओ भूमिभागाओ णवजोयणसयाइं उर्दू अबाहाए उवरिल्ले तारारू वे चारं चरइ / / 17 // जंबुद्दीवे णं दीवे णवजोयणिया मच्छा पविसिंसु वा पविसंति वा पवि. सिस्संति वा // 18 // जंबुद्दीवे दीवे भार हे वासे इमीसे ओसप्पिणीए णव बलदेव. वासुदेव पियरो हुत्था तं० पयावई य बंभे य रोहे सोमे सिवेइया, महासी हे अग्गिसीहे दसरह णवमे य वसुदेवे (1) इत्तो आढत्तं जहा समवाये गिरवसेसं जाव एगा से गब्भवसही सिज्झिस्सई आगमिस्सेणं / / 19 // जंबुद्दीवे दीवे भार हे वासे आगमेस्साए उस्सप्पिणीए णवबलदेववासुदेव पियरो भविस्संति णव बलदेव. वासुदेवमायरो भविस्संति, एवं जहा समवाए गिरवसेसं जाव महाभीमसेणे सुग्गीवे य अपच्छिमे; एए खलु पडिसत्तू कित्तीपुरिसाण वासुदेवाणं सब्वेवि चकजोही हम्मेहंती सचक्केहिं // 20 // एगमेगे णं महाणिही णवणव जोयणाई विक्खंभेणं प० / एगमेगस्स ण रणो चाउरंतचकवहिस्स णव महाणिहीओ प० तं० "णेसप्पे पंडुयए पिंगलए सव्वरयण महापउमे, काले य महाकाले माणवग महाणिही संखे (1) सप्पंमि णिवेसा गामागरणगरपट्टणाणं च, दोणमृहमबाणं खंधाराणं गिहाणं च (2) गणियस्स य बीयाणं माणुम्माणस्स जं पमाणं च, Page #336 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 323 ठाणं ठा. 9 धण्णस्स य बीयाणे उप्पत्ती पंडुए भणिया ( 3 ) सव्वा आभरणविही पुरिसाणं जा य होइ महिलाणं, आसाण य हत्थीण य पिंगलगणिहिम्मि सा भणिया (4) रयणाई सम्वरयणे चोद्दस पवराई चक्कवट्टिस्स, उप्पजति एगिंदियाई पंचिंदि. याइं च (5) वत्थाण य उप्पत्ती णिप्पत्ती चेव सबभत्तीणं, रंगाण य धोयाण य सव्वा एसा महापउमे (6) काले कालण्णाणं भव्वपुराणं च तीसु वासेसु; सिप्पसयं कम्माणि य, तिण्णि पयाए हियकराई (7) लोहस्स य उप्पत्ती होइ महाकाले भागराणं च, रुप्पस्स सुवण्णस्स य मणिमोत्तिसिलप्पवालाणं (8) जोधाण य उप्पत्ती आवरणाणं च, पहरणाणं च, सव्वा य जुद्धणीई, माणवए दंडणीई य (9) णट्टविही णाडगविही, कव्वस्स चउव्विहस्स उप्पत्ती, संखे महाणिहिम्मी, तुडियंगाणं च सव्वेसि (10) चक्कटपइट्ठाणा अठुस्सेहा य णव य विक्खंभे, बारसदीहा मंजूससंठिया, जहवीइ मुहे (11) वेरुलियमणिकवाडा कणगमया विविहरयणपडिपुण्णा, ससिसूरचक्कलक्खण अणुसमजुगबाहुवयणा य (12) पलि. ओवमट्टिईया णिहिसरिणामा य तेसु खलु देवा; जेसिं ते आवासा अक्किन्ना आहिबच्चा वा, (13) एए ते णवणिहओ पभूयधणरयणसंचयसमिद्धा जे वसमुवगच्छंती सम्वेसिं चक्कवट्टीणं" (14) / / 21 // णव विगईओ प० तं. खीरं दहिं णवणीयं सप्पि तेलं गुलो महुं मज मंसं // 22 // णवसोयपरिस्सावा बोंदी प० त० दो सोत्ता दो णेत्ता दो.घाणा मुहं पोसे पाऊ // 23 / / णवविहे पुण्णे प० तं० अण्णपुण्णे पाणपुणे वत्थपुण्णे लेणपुण्णे सयणपुण्णे मणपुण्णे वइ पुण्णे कायपुण्णे णमोक्कारपुण्णे // 24 / / णव पावस्सायंतणा प० तं० पाणाइवाए मुसावाए जाव परिग्गहे कोहे माणे माया लोहे ॥२५॥णवविहे पावस्सुयपसंगे प० तं० उप्पाए णिमित्त मंते आइक्विए तिगिच्छए, कला आवरणे अण्णाणे मिच्छापावयणेति य // 26 / / णव णेउणिया वत्यू प० त० संखाणे णिमित्ते काइए पोराणे पारिहथिए परपंडिए वाइए भूइकम्मे तिगिच्छए // 27 / / समणस्स णं भगवओ महावीरस्स णव गणा हुत्था तं. गोदासगणे उत्तरबलिस्सहगणे उद्देहगणे चारणगणे उद्दवाइयगणे विस्सवाइयगणे कामवियगणे माणवगणे कोडियगणे // 28 // समणेणं भगवया महा. वीरेणं समणाणं णिग्गंथाणं णवकोडिपरिसुद्धे भिक्खे प० तं० ण हणइ ण हणावइ हणतं णाणुजाणइ ण पयइ ण पयावेइ पयंतं णाणुजाणइ ण किणइ ण किणावेइ किणतं णाणुजाणइ // 29 // ईसाणस्स णं देविंदस्स देवरण्णो वरुणस्स महारणो णव भग्गमहिसीओ प० // 30 // ईसाणस्स णं देविंदस्स देवरणो अग्गमहिसीणं णवपलि Page #337 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 324 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि ओवमाइं ठिई प० / / 31 // ईसाणे कप्पे उक्कोसेणं देवीणं णव पलिओवमाई ठिई प० // 32 / / णव देवणिकाया प० तं. " सारस्सयमाइच्चा वही वरुणा य गहतोया य तुसिया अव्वाबाह अग्गिच्चा चेव रिट्ठा य" // 33 // अव्वाबाहाणं देवाणं णव देवा णव देवसया प० / / 34 // एवं अग्गिच्चावि एवं रिट्ठावि / / 35 / / णव गेवेज्जविमाणपत्थडा प• तं० हेछिमहेछिमगेविज्जयिमाणपत्थडे हेहिममझिम. गेविज्जविमाणपत्थडे हेदिमउपरिमगेविज्जविमाणपत्थडे मज्झिमहेद्विमगेविज्जविमाणपत्थडे मज्झिममज्झिमगेविज्जविमाणपत्थडे मज्झिमउवरिमगेविन्जविमाणपत्थडे उवरिमहेट्ठिमगेविजविमाणपत्थडे उवरिममज्झिमगेविजविमाणपत्थडे उवरिमउपरिमगेविज्जविमाणपत्थडे // 36 // एए सि ण णवण्हं गेविजविमाणपत्थ. डाणं णव णामधिज्जा प० तं० भद्दे सुभद्दे सुजाए सोमणसे पियदरिसणे, सुदंसणे अमोहे य सुप्पबुद्धे जसोधरे / / 37 / / णव विहे आउपरिणामे प० तं० गइपरिणामे गइबंधणपरिणामे ठिइपरिणामे ठिइबंधणपरिणामे उबुंगारवपरिणामे अहे. गारवपरिणामे तिरियंगारवपरिणामे दीहंगारवपरिणामे रहस्संगारवपरिणामे // 38 // णवणवमिया णं भिक्खुपडिमा एगासीए राइं दिए हिं चउहि य पंचुत्तरे हिं भिवासए हिं अहासुत्तं जाव आराहि या यावि भवइ // 39 / / णव विहे पायच्छित्ते प० त० आलोयणारिहे जाव मूलारिहे अणवठ्ठप्पारिहे / / 40 / / जंबूमंदरदाहिणेणं भरहे दीहवेयड्डे णव कूडा प० तं० सिद्धे भरहे खंडग माणी वेयड्ड पुण्ण तिमिसगुहा, भरहे वेसमणे या भरहे कृ.डाण णामाई / / 41 // जंबूमंदरदाहिणेणं णिसहे वासहरपधए णवकूडा प० तं० सिद्धे णिसहे हरिवास विदेह हरि धिइ असीओया, अवर विदेहे रुयगे णिस हे कू.डाण णामाणि // 42 // जंबूमंदरपव्वए णंदणवगे णव कूडा प० तं० णंदणे मंदरे चेव णिसहे हेमवए रयय रुयए य, सागर चित्ते वइरे बलबूडे चेव बोद्धये // 43 // जंबूमालवंतववारपव्यए णव कूडा प० तं० सिद्धे य मालवंते, उत्तरकुरु कच्छ सागरे रयए, सीया तह पुण्णणामे हरिस्सहकूडे य बोद्धव्वे // 44 // जंबू० कच्छे दीहवेयड्ढे णव कुडा प० तं० सिद्धे कच्छे खंडग माणी वेयड्ड पुण्ण तिमिसगुहा, कच्छे वेसमणे या कच्छे कृडाण णामाई / / 45 // जंबू० सुकन्छे दीहवेयड्डे णव कूडा प० तं० सिद्धे सुकच्छे खंडग माणी वेयड्ड पुण्ण तिमिसगुहा; सुकच्छे वेसमणे या सुकच्छे कूडाग णामाई / / 46 // एवं जाव पोक्खलावइंमि दीहवेयड्ढे, एवं वच्छे दीहवेयड्ढे, एवं जाव Page #338 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं. ठा. 9 325 मंगलावइंमि दीहवेयड्ढे / / 47 / / जंबू. विज्जुप्पमे वक्खारपबए णव कुडा प० तं०-सिद्धे अ विज्जुणामे देवकुरा पम्ह कणग सोवत्थी, सीओयाए सजले हरिकूडे चेव बोद्धव्वे / / 48 // जंबू० पम्हे दीहवेयड्ढे णव कूडा प० तं०-सिद्ध पम्हे खंडग माणी वेयड एवं चेव जाव सलिलावइंमि दीहवेयड्ढे एवं वप्पे दीहवेयड्ढे एवं जाव गंधिलावइंमि दीहवेयड्ढे णव कूडा प० तं० सिद्धे गंधिल खंडग माणी वेयड पुण्ण तिमिसगुहा; गंधिलावइ वेसमण कूडाणं होंति णामाई (1) एवं सब्वेसु दीहवेयड्ढेसु दो कूडा सरिसणामगा सेसा ते चेत्र // 49 / / जंबूमंदरउत्तरेणं णीलवंते वासहरपव्वए णव कूडा प० तं० सिद्धे णीलवंत विदेहे सीया कित्ती य णारिकता य, अवर विदेहे रम्मगकूडे उवदंसणे चेव / / 50 // जंबूमंदर उत्तरेणं एरवए दीहवेयड्ढे णव कृडा प० तं० सिद्धे रयणे खंडग माणी वेयड्ड पुण्ण तिमिसगुहा, एरवए वेसमणे एरवए कूडणामाई / / 51 // पासे णं अरहा पुरिसादाणिए वज्जरिसहणारायसंघयणे समचउरंससंठाणसंठिए णव रयणीओ उर्दू उच्चत्तणं हुत्था // 52 // समणस्स णं भगवओ महावीरस्म तित्थं सि णवहिं जीवेहिं तित्थयरणामगोत्ते कम्मे णिवत्तिए तं० सेणिएणं सुपासेणं उदाइणा पोट्टिलेणं अणगारेणं दढाउणा संखेणं सयएणं सुलसाए सावियाए रेवईए / / 53 // एस णं अज्जो ! कण्हे वासुदेवे, रामे बलदेवे, उदए पेढालपुत्ते, पुट्टिले, सयए गाहावई, दारुए णियंठे, सच्चई णियंठीपुत्ते, सावियबुद्धे अंबडे परिवायए, अन्जाविणं सुपासा पासावच्चिज्जा, आगमेस्साए उस्सप्पिणीए चाउन्जामं धम्मं पण्णवइत्ता सिज्झिहिं ति जाव अंतं काहिंति / / 54 // एस णं अजो ! सेणिए राया भिंभिसारे कालमासे कालं किच्चा इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए सीमंतए णरए चउरासीइवाससहस्सटिईयं सि गिरयंसि गेरइयत्ताए उववजिहिइ से णं तत्थ णेरइए भविस्सइ काले कालोभासे जाव परमकिण्हे वण्णणं से णं तत्थ वेयणं वेदि हिई उज्जलं जाव दुरहियासं से णं तओ णरयाओ उव्वदेत्ता आगमेस्साए उस्सप्पिणीए इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे वेयड्डगिरिपायमूले पुंडेसु जणवए सु सयदुवारे णयरे संमुइस्स कुलकरस्स भद्दाए भारियाए कुच्छिसि पुमत्ताए पचाया हिइ तए णं सा भद्दा भारिया णवण्हं मासाणं बहुपडि पुण्णाणं अद्धट्ठमाण य राइं दियाणं वीइकंताणं सुकुमालपागिपायं अहीणपडि पुण्णपंचिंदिय सरीरं लक्षणवंजण० जाव सुरूवं दारगं पयाहिई जं रयणिं च णं से दारए पया Page #339 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 326 अंग-पविट्ट सुत्ताणि हिई तं रयणि च णं सयदुवारे णयरे सब्भितरबाहिरए भारग्गसो य कुंभग्गसो य पउमवासे य रयणवासे य वासे वासिहिइ तए णं तस्स दारयस्स अम्मा पियरो एक्कारसमे दिवसे वीइकंते जाव बारसाहे दिवसे अयमेयारूवं गोषणं गुणणि फण्णं जामधिकं काहिंति जम्हा णं अम्हं इमंसि दारगंसि जायंसि समाणंसि सयदुवारे गयरे सभितरबाहिरए भारग्गसो य कुंभग्गसो य परमवासे य रयणवासे य वासे बुढे तं होउ णं अम्हं इमस्स दारगस्स णामधिज्ज महापउमे तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरोणामधिज्ज काहिंति महापउमेत्ति / तए णं महापरमं दारगं अम्मापियरो साइरेगं अहवासजायगं जाणित्ता महया रायाभिसेए णं अभिसिंचिहिंति से णं तत्थ राया भविस्सइ महया हिमवंतमहंतमलयमंदररायवण्णओ जाव रज पसाहेमाणे विहरिस्सइ तए णं तस्स महापउमस्स रण्णो अण्णया कृयाइ दो देवा महिड्डिया जाव महेसखा सेणाकम्मं काहिंति तं. पुण्णभद्दए माणिभदए तए णं मयदुवार णयरे बहवे राईसरतलवरमाडंबियकोडुबियइब्भसे डिसेणावइसत्यवाहप्पभिइयो अण्णमण्णं सहावेहिंति एवं वइस्सति जम्हा णं देवाणुप्पिया! अम्हं महापउमस्स रणो दो देवा महिदिया जाव महेसखा सेणाकम्मं करेंति तं. पुण्णभद्दे य मणिभद्दे य तं होउ णं अम्हं देवाणुप्पिया! महापउमस्स रण्णो दोचेवि णामधेजे देवसेणे, तए णं तस्स महापउमस्स दोचेवि णामधेजे भविस्सइ देवसेणेइ 2 / तए णं तस्स देवसेणस्स रणो अण्णया कयाई सेयसंखतलविमलसण्णिकासे चउदंते हत्थिर यणे समुप्पन्निहिइ तए णं से देवसेणे राया तं सेयंसंवतलविमलसण्णिकासं चउदंतं हत्थिरयणं दुरूढे समाणे सयदुवारं णयरं मझमज्झेणं अभिक्खणं 2 अइ जाहि य णिज्जा हि य, तए णं सयदुवारे णयरे बहवे राईसरतलवर जाव अण्णमणं सद्दावेहिंति 2 एवं वइस्संति जम्हा णं देवाणुप्पिया ! अम्हं देवसेणस्स रणो सेयसंखतलविमलसण्णिकासे चउदंते हत्थिरयणे समुप्पण्णे तं होउ णं अम्हं देवा. णुप्पिया ! देवसेणस्स रण्णो तच्चेवि णामधेज्जे विमलवाहणे, तए णं तस्स देवसेणस्स रणो तचेवि णामवेज्जे भविस्सइ विमलवाहणे 2 / तए णं से विमलवाहणे राया तीसं वासाई अगारवासमझे वसित्ता अम्मापिईहिं देवत्तगएहिं गुरुमहत्तरए हिं अब्भ. गुण्णाए समाणे उमि सरए संबुद्धे अणुत्तरे मोक्ग्वमग्गे पुणरवि लोगंतिए हिं नीयकप्पिएहिं देवेहिं ताहिं इट्टाहिं कंताहिँ पियाहिं मणुण्ण हिं मणामाहिं उरालाहिं कल्लाणाहिं धण्णाहिं सिवाहिं मंगल्लाहिं सरिसरीआहिं वग्गृहिं अभिणंदिज्जमाणे Page #340 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 9 327 अभिथुवमाणे य बहिया सुभूमिभागे उजाणे एगं देवदूसमादाय मुंडे भवित्ता भगाराओ अणगारियं पव्वया हिइ तस्स णं भगवंतस्स साइरेगाई दुवालस वासाई णिचं वोसढकाए चियत्तदेहे जे केई उवसग्गा उप्पजति तं० दिव्वा वा माणुसा वा तिरिक्खजोणिया वा ते उप्पण्णे सम्म सहिस्सइ खमिस्सइ तितिक्खिस्सइ अहियासिस्सइ तए णं से भगवं इरियासमिए भासासमिए जाव गुत्तबंभयारी अममे अकिंचणे छिण्णगंथे णिरुवलेवे कंसपाईव मुक्कतोए जहा भावणाए जाव सुहुयहुयासणेइव तेयसा जलते, कसे संखे जीवे गगणे वाए य सारए सलिले, पुक्खरपत्ते कुम्मे विहगे खग्गे य भारंडे (1) कुंजर वसहे सीहे णगराया चेव सागरमक्खोमे चंदे सूरे कणगे वसुंधरा चेव सहुयहुए (2) णत्थि णं तस्स भगवंतस्स कत्थइ पडिबंधे भवइ, से य पडिबंधे चउविहे प० तं०-अंडए वा पोयएइ वा उग्गहेइ वा पग्गहिएइ वा जं णं जं णं दिसं इच्छइ तं णं तं णं दिसं अपडिबद्धे सुइभूए लहुभूए अणप्पगंथे संजमेणं अप्पाणं भावेमाणे विहरिस्सइ, तस्स णं भगवंतस्स अणुत्तरेणं णाणेणं अणुत्तरेणं दंसणेणं अणुत्तरेणं चरित्तेणं एवं आलएणं विहारेणं अजवे महवे लाघवे खंती मुत्ती गुत्ती सच्च संजम तवगुणसुचरियसोवचियफलपरिणिव्याणमग्गेणं अप्पाणं भावेमाणस्स झाणंतरियाए वट्टमाणस्स अणंते अणुत्तरे णिव्याघाए जाव केवलवरणाणदंसणे समुप्पजिहिइ / तए णं से भगवं अरहा जिणे भविस्सइ केवली सव्यण्णू सव्वदरिसी सदेवमणुयासुरस्स लोगस्स परियागं जाणइ पासइ सव्वलोए सव्वजीवाणं आगई गई ठिई चयणं उववायं तकं मणोमाणसियं भुत्तं कडं परिसेवियं आवीकम्मं रहोकम्मं अरहा अरहस्स भागी तं तं कालं मणसवयसकाइए जोगे वट्टमाणाणं सवलोए सवजीवाणं सव्वभावे जाणमाणे पासमाणे विहरइ / तए णं से भगवं तेणं अणुत्तरेणं केवलवरणाणदंसणेणं सदेवमणुयासुरलोगं अभिसमिच्चा समणाणं णिग्गंथाणं पंच महब्धयाई सभावणाई छच्च जीवणिकायधम्म देसेमाणे विहरिस्सइ से जहाणामए अन्जो ! मए समणाणं णिग्गंथाणं एगे आरंभ. ठाणे पण्णत्ते एवामेव महापउमेवि अरहा समणाणं णिग्गंथाणं एगं आरंभट्ठाणं पण्णवेहिइ, से जहाणामए अजो ! मए समणाणं णिग्गंथाणं दुविहे बंधणे प० तं० पेज्जबंधाणे, दोसबंधणे, एवामेव महापउमेवि अरहा समणाणं णिग्गंथाणं दुविह बंधणं पण्णवेहिइ तं० पेजबंधणं च दोसबंधणं च / से जहाणामए अज्जो ! मए Page #341 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 328 अंग-पविट्ट सुत्ताणि समणाणं णिग्गंथाणं तओ दंडा प० तं० मणदंडे 3 एवामेव महापउमेवि समणाणं णिग्गंथाणं तओ दंडे पण्णवेहिइ तं० मणोदंडं 3 से जहाणामए एएणं अभिलावेणं चत्तारि कसाया प० त० कोहकसाए 4 पंच कामगुणे प० तं० सद्दे 5 छज्जीवणिकाया प० तं० पुढविकाइया जाव तसकाइया एवामेव जाव तसकाइया से जहाणामए एएणं अभिलावेणं सत्त भयहाणा प० तं. एवामेव महापउमे वि अरहा समणाणं णिग्गंथाणं सत्त भयट्ठाणा पण्णवेहिइ, एवमट्ठ मयट्ठाणे, णव बंभचेरगुत्तीओ दसविहे समणधम्मे एवं जाव तेत्तीसमासायणाउत्ति / से जहाणामए अज्जो ! मए समणाणं णिग्गंथाणं णग्गभावे मुंडभावे अण्हाणए अदंतवणे अच्छत्तए, अणुवाहणए भूमिसेज्जा फलगसेज्जा कटुसेज्जा केसलोए बंभचेरवासे परघरपवेसे जाव लद्धावल. द्ववित्तीओ प० एवामेव महापउमवि अरहा समणाणं णिग्गंथाणं णग्गभावं जाव लद्धावलद्धवित्ती पण्णवेहिई / से जहाणामए अजो ! मए समणाण णिग्गंथाणं आहाकम्मिएइ वा उद्देसिएइ वा मीसन्जाएइ वा अझोंयरएइ वा पूइए कीए पामिचे अच्छे जे अणिसढे अभिहडेइ वा कंतारभत्तेइ वा दुभिक्खभत्तेइ वा गिलाण. भत्ते वद्द लियाभत्तेइ वा पाहुणभत्तेइ वा मूलभोयणेइ वा कंद. फल० बीय० हरिय. भोयणेइ वा पडि सिद्धे एवामेव पहापउमे वि अरहा समणाणं. आहाकम्मियं वा जाव हरियभोयणं वा पडिसे हिस्सइ / से जहाणामए अज्जो ! मए समणाणं णिग्गं. थाणं पंचमहव्वइए सपडिकमणे अचेलए धम्मे प० एवामेव महापउमेवि अरहा समणाणं णिग्गंथाणं पंचमहत्वइयं जाव अचेलगं धम्मं पण्णवेहिई / से जहाणामए अज्जो ! मए पंचागुम्बइए सत्तसिखावइए दुवालसविहे सावगधम्मे प० एवामेव महापउमेवि अरहा पंचागुब्वइयं जाव सावगधम्मं पण्णवेस्सइ / से जहाणामए अन्जो ! मए समणाणं णिग्गंथाणं सेज्जायरपिंडेइ वा रायपिंडेइ वा पडि सिद्धे एवामेव महापउमेवि अरहा समणाणं णिग्गंथाणं सेज्जायरपिंडेइ वा जाव पडिसेहिस्सइ / से जहाणामए अन्जो ! मम णव गणा इगारस गणहरा, एवामेव महापरमस्स वि अरहओ णव गणा इगारस गणहरा भविस्मति / से जहाणामए अज्जो ! अहं तीसं वासाई अगारवासमझे वसित्ता मुंडे भवित्ता जाव पव्वइए दुवालस संवच्छराई तेरस पक्खा छउमत्थपरियागं पाउणित्ता तेरसहिं पक्खेहिं ऊणगाई तीसं वासाइं केवलिपरियागं पाउणित्ता बायालीसं वासाई सामण्णारियागं पाउणित्ता Page #342 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा.१० 329 बावत्तरि वासाइं सवाउयं पालइत्ता सिज्झिस्सं जाव सव्वदुक्खाणमंतं करेस्सं, एवामेव महापउमेवि अरहा तीसं वासाई अगारवासमझे वसित्ता जाव पविहिइ दुवालस संवच्छराई जाव बावत्तरिवासाइं सव्वाउयं पालइत्ता सिज्झिहिई जाव सव्वदुक्खाणमंतं काहिई, “जंसीलसमायारो अरहा तित्थंकरो महावीरो, तस्सीलसमायारो होइ उ अरहा महापउमे // 55 // णव णक्खत्ता चंदस्स पच्छंभागा प० तं० अभिई सवणो धणिट्ठा रेवइ अस्सिणि मग्गसिर पूसो, हत्थो चित्ता य तहा पच्छंभागा णव हवंति // 56 / / आणयपाणय आरणच्चुएसु कप्पेसु विमाणा णव जोयणसयाइं उर्दू उच्चत्तेणं प० // 57 // विमलवाहणे णं कुलकरे णव धणुसयाई उडे उच्चत्तेणं हुत्था // 58 // उसमे णं अरहा कोसलिए णं इमीसे ओसप्पिणीए णवहिं सागरोवमकोडाकोडीहिं विईकंताहिं तित्थे पवत्तिए // 59 // घणदंतलट्ठदंतगूढदंतसुद्धदंतदीवा णं दीवा णवणवजोय. णसयाई आयामविक्खंभेणं प•॥६०॥ सुक्कस्स णं महागहस्स णव वीहीओ प० तं०-हयवीही गयवीही णागवीही वसहवीही गोवीही उरगवीही अयवीही मियवीही वेसाणरवीही // 6 // णवविहे णोकसायवेयणिज्जे कम्मे प० त०इत्थिवेए पुरिसवेए णपुंसगवेए हासे रई अरई भये सोगे दुगुंछे / / 62 // चउरिदियाणं णव जाइकुलकोडीजोणिपमुहसयसहस्सा प० // 63 / / भुयगपरिसप्पथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं णवजाइकुलकोडीजोणिपमुहसयसहस्सा प० / / 64 / / जीवा णं णवट्ठाणणिवत्तिए पोग्गले पावकम्मत्ताए चिणिंसु वा 3 // 65 // पुढविकाइयणिवत्तिए जाव पंचिंदियणिवत्तिए एवं चिण-उवचिण जाव णिज्जरा चेव // 66 // णव पएसिया खंधा अणंता प० // 67 // णव पएसोगाढा पोग्गला अणंता प० // 68 // जाव णव गुणलुक्खा पोग्गला अणंता प० // 69 // दसमं ठाणं दसविहा लोगट्ठिई प० तं० जणं जीवा उद्दाइत्ता 2 तत्थेव 2 भुज्जो 2 पच्चायंति, एवं एगा लोगढिई प० 1 जण्णं जीवाणं सया समियं पावे कम्मे कन्जइ एवं एगा लोगट्टिई प० 2 जण्णं जीवा सया समियं मोहणिजे पावे कम्मे कज्जइ एवं एगा लोगट्टिई प० 3 ण एवं भूयं वा भव्वं वा भविस्सइ वा जं जीवा अजीवा भविस्संति अजीवा वा जीवा भविस्संति एवं एगा लोगढ़िई प० ण एवं भूयं 3 जं तसा Page #343 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 330 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि पाणा वोच्छिनिस्संति थावरा पाणा वोच्छिजिस्मति तसा पाणा भविस्मति वा एवं पि एगा लोगढ़िई 50 ५ण एवं भूयं वा 3 जंलोर अलोए भविस्सइ अलोए'वा लोए भविस्सइ एवं एगा लोगट्टिई प० 6 ण एवं भूयं वा 3 जे लोए अलोए पविस्सइ अलोए वा लोए पविस्सइ एवं एगा लोगढ़िई प० 7 जाव ताव लोए ताव ताव जीवा जाव ताव जीवा ताव ताव लोए एवं एगा लोगढ़िई प० 8 जाव ताव जीवाण य पोग्गलाण य गइपरियाए ताव ताव लोए जाव ताव लोए ताव ताव जीवाण य पोग्गलाण य गइपरियाए एवं एगा लोगट्ठिई प० 9 सम्बेसु वि णं लोगतेसु अबद्ध. पासपुट्ठा पोग्गला लुक्खत्ताए कति जेणं जीवा य पोग्गला य णो संचायंति बहिया लोगता गमणयाए एवं एगा लोगढ़िई पण्णता / / 1 / / दसविहे सद्दे प० तं० णीहारि पिंडिमे लुक्खे भिण्णे जरिए इय; दी हे रहस्से पुहत्ते य, काका खिंखि. णिस्सरे / / 2 / / दस इंदियत्थातीता प० तं० देमेण वि एगे सद्दाइं सुणिंसु सवेण वि एगे सहाइं सुणिंसु देसेण वि एगे रूवाई पासिंसु सवेण वि एगे रूवाई पासिंह एवं गंधाइं रसाइं फासाइं जाव सवेण वि एगे फामाइं पडिमंवेदेंसु / / 3 / / दस इंदियत्था पडुप्पण्णा प० तं०-देसेण वि एगे सहाई मुणेति, सवेण वि एगे सदाई सुणेति, एवं जाव फासाइं। दम इंदियत्था अणागया प० तं०-देसेण वि एगे महाई सुणिमति सव्वेण वि एगे सहाई सुणिस्संति एवं जाव सव्वेण वि एगे फामाई पडिगंवेदेस्संति / / 4 / / दसहि ठाणेहिं अच्छिण्णे पोग्गले चलेज्जा तं०-आहारिजमाणे वा चलेज्जा, परिणामेज्जमाणे वा चलेज्जा, उस्मसिज्जमाणे वा चलेज्जा, णिस्ससिज्जमाणे वा चलेज्जा, वेदेज्जमाणे वा चलेज्जा, णिज्जरि जमाणे वा चलेजा, विउविजमाणे वा चलेजा, परियारिन्जमाणे वा चलेजा, जावाटे वा चले जा, वायपरिग्गहे वा चलेज्जा // 5 // दसहिं ठाणेहिं कोहप्पत्ती सिया तं० मणुण्णाई मे सदफरिसरसरूवगंधाइमवहरिंसु अमगुणाई मे सहफरिसरसरूवगंधाई उवहरिसु, मणुण्णाइं मे सद्दफरिगरसरूवगंधाई अवहरड, अमगुणाई मे सहफरिसजावगंधाई उत्रहरइ, मगुणाई मे सद्द जाव अवह रिस्सइ, अमणुणणाई. गे सद्द जाव उवहरिस्मइ, मगुण्णाई मे सद्द जाव गंधाई अवहरिमु वा अवहरड अब रिस्सइ अमगुणाई मे सह जाव उवहरिंसु वा उवहरइ उपहरिस्सइ, मणुणामणुगणाई सद्द जाव अवहरिंसु अवहरइ अवहरिस्सइ, उवहरिंसु उवहरइ उवह रिस्सइ अहं च णं Page #344 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 10 331 आयरियउवज्झायाणं सम्मं वट्टामि ममं च णं आयरियउवज्झाया मिच्छं पडिवण्णा // 6 / / दमविहे संजमे प० तं० पुढविकाइयसंजम जाव वणस्सइकाइयसंजमे बेइं. दियमंजमे तेइंदियसंजमे चउरिंदियसंजम पंचिंदियसंजमे अजीवकायसंजमे / / 7 // दमविहे असंजम प०तं. पुढविकाइयअसंजमे, आउ० तेउ० वाउ० वणस्सइ० जाव अजीवकायअसंजमे / / 8 // दमविहे संवर प० नं०-सोइंदियसंवरे जाव फासिंदियसंवरे मण० वय. काय० उवकरण. सूचीकुसग्गसंवरे / / 9 / / दसविहे असंवरे 50 त०.-साइंदियअसंघरे जाव सूचीकुसग्गअसंवरे // 10 / / दसहिं ठाणेहिं अहमतीइ थंभिज्जा तं०-जाइमएण वा कुलमएण वा जाव इस्सरियमएण वा णागसुवण्णा वा मे अंतियं हव्यमागच्छंति, पुरिसधम्माओ वा मे उत्तरिए अहोहिए गाणदसणे समुप्पण्णे // 11 // दसविहा समाही प० तं०-पाणाइवायवेरमणे, मुसा० अदिण्णा० मेहुण० परिग्गह० इरियासमिई भासा• एसणा० आयाण उच्चारपासवणखेलजल्लसिंघाणगरिहावणियासमिई / / 12 / / दस विहा असमाही प० तं. पाणाइवाए जाव परिग्गहे, इरियाऽसमिई जाव उच्चार० // 13 // दसविहा पवजा प० तं०-छंदा रोसा परिजुण्णा सुविणा पडिस्सुया चेव सारणिया रोगिणिया भणा ढिया देवसण्णत्ती वच्छागुबंधिया // 14 // दसविहे समणधम्मे प० तं० खंती मुत्ती अजवे महवे लाघवे सच्चे संजमे तवे चियाए बंभचेरवासे / / 15 / / दसविहे वेयावचे प० तं० आयरियःयावच्चे उवज्झायवेयावच्चे थेरवेयावच्चे तवस्सि गिलाण० संह० कुल० गणसंघवेयावच्चे साहम्मियवेयावचे / / 16 / / दसविहे जीवपरिणाम प० त० गइपरिणाम इंदियपरिणामे कसायपरिणामे लेस्सा. जोग० उवओग० णाण० ईसण० चरित्त० वेयपरिणामे / / 17 / / दसविहे अजीवपरिणाम प० त० बंधणपरिणामे गइ० संठाण० भेद० वण्ण रस० गंध० फास० अगुरुलहु० सहपरिणामे / / 18 // दसविहे अंतलिक्विए असज्झाइए प० तं०उक्कावार दिसिदाहे गजिए विज्जुर णिग्घाए जुयए जक्वालित्ते धूमिया महिया रय उम्पाए / / 19|| दसविहे ओरालिए असज्झाइए प० तं०-अद्वि मंसं सोणिए असुइसामंते सुसाणमामंते चंदोवराए सूरोवराए पडणे रायवुग्गहे उवस्मयस्स अंतो ओरालिए सरीरगे / / 20 / / पंचिंदियाणं जीवाणं असमारभमाणस्स दसविहे संजम कजइ तं०-सोयामयाओ सुक्खाओ अववरोवेत्ता भवइ, सोयामएणं दुक्लेणं असंजोगेत्ता भवइ, एवं जाव फासामए णं दुक्खेणं असंजोएत्ता भवइ, Page #345 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 332 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि एवं असंजमोवि भाणियब्वो // 21 // दससहुमा प० तं-पाणसुहुमे, पणगसुहुमे जाब सिणेहसुहुमे, गणियसहुमे, भंगसुहुमे // 22 / / जंबूमंदर दाहिणेणं गंगासिंधु. महाणईओ दसमहाणईओ समप्पेंति तं० जउणा, सरऊ, आवी, कोसी, मही, सिंधू, विवच्छा, विभासा, एरावई, चंदभागा / / 23 / / जंबूमंदरउत्तरेणं रत्तारत्तवईओ महाणईओ दस महाणईओ समप्येति तं०-किण्हा, महाकिण्हा, णीला, महाणीला, तीरा, महातीरा, इंदा जाव महाभोगा / / 24 / / जंबुद्दीवे दीवे भरहे वासे दस रायहाणीओ प० तं० चंपा, महुरा, वाणारसी य, सावत्थी, तह य साए यं, हत्थिणउर, कंपिल्लं, मिहिला, कोसंबि, रायगिहं / / 25 / / एयासु णं दस रायहाणीसु दस रायाणो मुंडा भवेत्ता जाव पव्वइया, तं०-भरहे, सगरो, मघवं, सणंकुमारो, संती, कुंथू , अरे, महापउमे, हरिसेणो, जयणामे / / 26 // जंबूमंदरपव्वए दस जोयणसयाइं उव्वेहेणं धरणितले दस जोयणसहस्साई विक्खंभेणं उवरिं दसजोयणसयाई विक्खंभेणं दसदसाई जोयणसहस्साई सव्वग्गेणं प० // 27 // जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स बहुमज्झदेसभाए इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए उवरिमहे. द्विल्लेसु खुड्गपयरेसु एत्थ णं अट्ठ पए सिए रुंयगे प० जओ णं इमाओ दस दिसाओ पवहंति तं० पुरत्थिमा, पुरत्थिमदाहिणा, दाहिणा, दाहिणपञ्चत्थिमा, पञ्चत्थिमा, पञ्चत्थिमुत्तरा, उत्तरा, उत्तरपुत्थिमा, उड्डा, अहो / / 28 / / एएसि णं दसण्हं दिसाणं दस णामधिज्जा, प० तं०-इंदा अग्गीइ जमा णेरई वारुणी य वायवा, सोमा ईसाणावि य विमला य तमा य बोद्धव्वा // 29 / / लवणस्स णं समुदस्स दस जोयणसहस्साई गोतित्थविरहिए खेत्ते प० // 30 // लवणस्स णं समुहस्स दस जोयणसहस्साई उदगमाले पण्णते // 31 // सव्वेवि णं महापायाला दसदसाइं जोयणसहस्साई उब्वेहेणं प० मूले दस जोयणसहस्साइं विक्खंभेणं प० बहुमज्झदेसभाए एगपएसियाए सेढीए दसदसाइं जोयणसहस्साई विक्खंभेणं प० उवरिं मुहमूले दस जोयणसहस्साई विक्खंभेणं प० तेसिं णं महापायालाणं कुड्डा सव्ववइरामया सब्बत्थसमा दस जोयणसयाई बाहल्लेणं प० सव्वेवि णं खुद्दा पायाला दस जोयणसयाई उब्वेहेणं प० मूले दसदसाई जोयणाई विक्खंभेणं बहुमज्झदेसभाए एगपएसियाए सेढीए दस जोयणसयाई विक्खंभेणं प० उवरिं मुहमूले दसदसाइं जोयणाई विक्वंभेणं प० तेसि णं खुड्डापायालाणं कुड्डा सव्ववइरामया सव्वत्थ समा दस जोयणाई बाहल्लेणं प० // 32 // धायइसंडगा णं मंदरा दस जोयणसयाई उव्वे हेणं घर Page #346 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 10 णितले देसूणाई दस जोयणसहस्साई विक्खंभेणं उवरि दस जोयणसयाई विक्खंभेणं प० // 33 // पुक्खरवरदीवद्धगा णं मंदरा दस जोयण एवं चेव // 34 // सव्वेवि णं वट्टवेयड्पव्वया दसजोयणसयाइं उर्दू उच्चत्तेणं दस गाउयसयाई उव्वे हेणं सन्नत्थसमा पल्लगसंठाणसंठिया दसजोयणसयाई विक्खंभेणं प० // 35 // जंबुद्दीवे दीवे दस खेत्ता प० तं० भरहे एरवए हेमवए हेरण्णवए हरिवस्से रम्मगवस्से पुवविदेहे अवरविदेहे देवकुरा उत्तरकुरा // 36 // माणुसुत्तरे णं पव्वए मूले दस बावीसे जोयणसए विक्खंभेणं प० // 37 // सव्वेवि णं अंजणगपव्वया दस जोयण. सयाइं उबेहेणं मूले दस जोयणसहस्साई विक्खंभेणं उवरिं दस जोयणसयाई विक्खं. भेणं प० // 38 // सव्वेवि णं दहिमुहपव्वया दस जोयणसयाइं उव्वे हेणं सव्वत्थसमा पल्लगसंठाणसंठिया दस जोयणसहस्साई विक्खंभेणं प० // 39 // सव्वेवि णं रइकरय. पव्वया दस जोयणसयाई उर्दू उच्चत्तेणं दस गाउयसयाइं उव्वेहेणं सव्वत्थसमा झल्लरिसंठाणसंठिया दस जोयणसहस्साई विक्खंभेणं प० // 40 // रुयगवरे णं पव्वए दस जोयणसयाइं उव्वेहेणं, मूले दस जोयणसहस्साई विक्खंभेणं उवरि दस जोयण. सयाई विक्खंभेणं प०, एवं कुंडलवरेवि // 41 // दसविहे दवियाणुओगे प० तं० दवियाणुओगे माउयाणुओगे एगट्ठियाणुओगे करणाणुओगे अप्पियणप्पिए भावियाभाविए बाहिराबाहिरे सासयासासए तहणाणे अतहणाणे // 42 // चमरस्स णं असुरिंदस्स असुरकुमाररण्णो तिगिच्छिकूडे उप्पायपव्वए मूले दसबावीसे जोयणसए विक्खंभेणं प० // 43 / / चमरस्स णं असुरिंदस्स असुरकुमाररण्णो सोमस्स महारणो सोमप्पभे उप्पान्यपव्वए दस जोयणसयाई उर्दू उच्चत्तेणं दस गाउयसयाई उब्वेहेणं मूले दस जोयणसयाई विक्खंभेणं प०॥४४॥ चमरस्स णं असुरिंदस्स असुरकुमाररण्णो जमस्स महारण्णो जमप्पभे उप्पायपव्वए एवं चेव, एवं वरुणस्सवि, एवं वेसमणस्स वि / / 45 // बलिस्स णं वइरोयणिंदस्स वइरोयणरण्णो रुयगिंदे उप्पायपत्रए मूले दसबावीसे जोयणसए विक्खंभेणं प० // 46 // बलिस्स णं वइरोयणिंदस्स सोमस्स एवं चेव / जहा चमरस्स लोगपालाणं तं चेव बलिस्स वि, // 47 // धरणस्स णं णागकुमारिंदस्स णागकुमाररण्णो धरणप्पभे उप्पायपव्वए दस जोयणसयाई उड्ढे उच्चत्तेणं दस गाउयसयाई उव्वेहेणं मूले दस जोयणसयाई विखंभेणं // 48 // धरणस्स णं णागकुमारिंदस्स णागकुमाररणो कालवालस्स महारणो महाकालप्पभे उप्पायपव्वए दस जोयणसयाई उर्दू उच्चत्तेणं एवं चेव, एवं Page #347 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 334 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि जाब सरखवालस्स, एवं भूयाणंदस्स वि, एवं लोगपालाणं वि से जहा धरणस्म, एवं जाव थणिय कुमाराणं सलोगपालाणं भागियव्यं, सचेसि उप्पायधया भाणियया सरिसणामगा / / 4 / / सक्कस्स णं देविंदस्म देवरणो सक्कप्पभे उप्पायपव्वए दस जोयणसहस्साई उर्दू उच्चत्तेणं दसगाउयसहस्साई उध्वे हेणं मूले दस जोयणसहस्साई विखंभेणं 10 / / 50 // र कस्स णं देविंदस्स देवरणो सोमस्स महारणो जहा सकस्स तहा सव्वेसिं लोगपालाणं सव्वेसिं च इंदाणं जाव अच्चुयत्ति सव्वेसिं पमाणमेगं / / 51 // वायरवणस्सइकाइयाणं उक्कोसणं दस जोयणसयाई सरीरोगाहणा प० / / 52 // जलचरपंचिंदियतिरिक्वजोणियाणं उक्कोसणं दस जोयणसयाई सरीरोगाहणा प० / उरपरिमपथलचरपंचिदियतिरिक्वजाणियाणं उकोमणं एवं चेव / / 53 // सभवाओ णं अरहाओ अभिणदणे अरहा दहिं सागरोवमको डिसयसहस्पहिं व इकंतेहिं सा.प्पण्णे / / 54 // दमविहे अणतए प० तं. णामाणतए ठवणाणतए दवाणतए गणणाणतए पएसाणतए एगओणतए दुहओणंतए देसवित्थ राणतए सव्ववित्थाराणंतए सासयाणतए / / 55 // उप्पायपुवस्स णं दस वत्यू प० / / 56 / / अत्थिणत्थिप्पवाय पुव्यस्स णं दस चूलवत्थू प० // 57 / / दसविहा पडिसेवणा प० तं०-दप्प पमाय गोमोगे आउरे आवइसु य, संकिए सहसकारे भयपओसा य वीममा / / 58 // दस आलोयणा दोसा ए० तं० आइत्ता अणुमाणइत्ता जंदिलं बायरं च सुहम वा, हण सद्दा उलगं बहुजण अव्यत्त तस्सेवी / / 59 // दसहि ठाणेहिं सपण्णे अणगारे अरिहइ अत्तदोसमालोए. त्तर तं०-जाइसंपण्णे कुलसंपणे एवं जहा अट्टहाणे जाव खंते दंते अमाई अपच्छाणुयावी // 60 // दमहिं ठाणेहिं संपणे अणगारे अरिहइ आलोयणं पडिच्छित्तए तं०-आयारवं अवहारवं जाव अवायदंसी पियधम्म दढयम्मे // 61 / / दसविहे पायच्छित्ते प० तं०-आलोयणारिहे जाव अणवठ्ठप्पारिहे पारंचियारिहे / 62 // दसविहे मिच्छत्ते प० तं०-अधम्मे धम्ममण्णा धम्मे अधम्मसण्णा उम्मग्गे मग्गसण्णा मग्गे उम्मग्गसण्णा अजीवेसु जीवसण्णा जीवेसु अजीवसण्णा असाहुम साहूसण्णा साहुसु असाहुसण्णा अमुत्तेसु मुत्तसण्णा मुत्तेसु अमुत्तसण्णा / / 63 / / चंदप्पभे णं अरहा दस पुव्यसयसहस्साई रुवाउयं पालइत्ता सिद्धे जावप्पहीणे // 64 // धम्मे णं अरहा दस वाससयसहस्साई सव्वाउयं पालइत्ता सिद्धे जाव Page #348 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 10 335 प्पहीणे // 65 / / णमी णं अरहा दस वाससहस्साई सव्वाउयं पालइत्ता सिद्धे जाव प्पहीणे / / 66 / / पुरिससीहे णं वासुदेवे दसवासमयसहस्साई सव्वाउयं पालइत्ता छट्ठीर तमाए पुढवीए णेरड यत्ताए उववण्णे / / 67 / / णेमी णं अरहा दस धणूई उढे उच्चत्तेणं दस य वाससयाई सव्वाउयं पालइत्ता सिद्धे जावप्पहीणे / / 68 // कण्हे णं वासुदेवे दस धणूई उड्ढे उच्चत्तेणं दस य वाससयाई सघाउयं पालइत्ता तच्चाए वालुयप्पभाए पुढवीए णरइयत्ताए उववण्णे / / 69 // दसविहा भवणवासी देवा प० तं०-असुरकुमारा जाव थणियकुमारा // 70 // एए सि णं दसविहाणं भवणवासीणं देवाणं दस चेइय रुक्ग्वा प० तं०-असत्थ सत्तिवण्णे सामलि उंबर सिरीस दहिवणे, वंजुल पलास वप्पे तए य कणियाररुक्खे // 71 / / दसविहे सोक्खे प० तं०-आरोग्ग दीहमाउं अद्वेज काम भोग संतोमे: अत्थि सुहभोग णिक्ग्चम्ममेव तओ अणाबाहे / / 72 / / दसविहे उवघाए प० तं०-उग्गमोवघाए उपायणोवघाए जह पंचठाणे जाव परिहरणोवघाए णाणोवघाए दंसणोवघाए चरित्तो. बघाए अचियत्तोवधाए सारकावणोवघाए / / 73 / / दसविहा विसोही प० तं०उग्गमविमोही उप्पायण वसोही जाव सारकावणविसोही / / 74 / / दमविहे संकिलेसे प० तं०-उवहिसंकिलेमे उवस्सयसंकिलेसे कसायमंकिलेसे भत्तपाणसंकिलेसे मणसंकिलेसे वइमंकिलेसे कायसंकिलेसे णाणसंकिलेसे दंसणसंकिलेसे चरित्तसंकिलेसे // 7 // दमवि हे अमंकिलेसे प० तं० उवहि अमंकिलेसे जाव चरित्तअसंकिलेसे // 76 // दमविहे बले प० तं०-सोइंदियबले जाव फासिंदियबले णाणवले दंसणचले चरित्तबले तवरले वीरियरले // 77 // दमविहे सच्चे प० तं०-जणवय सम्मय ठपणा णामे रूवे पडुच्चसच्चे य, ववहार भाव जोगे दसमे ओवम्मसच्चे य // 78 / / दमविहे मोसे प० तं०-कोहे माणे माया लोभे पिजे तहेव दोसे य हास भए अन्वाइय उवघायणिस्सिए दममे / / 79 // दसविहे सच्चामोसे प० तं. उप्पणीमीसए विगयमीसए उप्पण्णविगयमीसए जीवमीसाए अजीवमीसए जीवा जीयमीमए अगंतमीमए परित्तमीसए अद्धामीसए अद्धद्धामीसए / / 80 // दिदिवायस्म णं दम णामधेजा प० तं० दिठिवाएइ वा हेउवाएइ वा भूयावाएइ वा.तच्चावाएइ वा मम्मावाएइ वा धम्मावाएइ वा भामाविजएइ वा पुव्वगएइ वा अजोगगाण्ड वा मध्यपाणभूय जीवसत्तसुहाव हेइ वा / / 81 // दमविहे सत्थे प० त०-मत्थमग्गी विमं लोणं सिणेहो खार मंबिलं, दुप्प उत्तो मणो वाया काया Page #349 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 336 अंग-पविटु सुत्ताणि भावो य अविरई // 82 / / दसविहे दोसे प० तं०-तज्ज्ञायदोसे मइभंगदोसे पसत्थारदोसे परिहरणदोसे, सलक्खण कारण हेउदोसे संकामणं णिग्गह वत्युदोसे / / 83 / / दस विहे विसेसे प० तं-वत्थु तज्जायदोसे य दोसे एगहिएइ य, कारणे य पडुप्पण्णे दोसे णिचे हि अट्ठमे; अत्तणा उवणीए य विसेसेइ य ते दस... // 84 // दसविहे सुद्धावायाणुओगे प० तं०-चंकारे मंकारे पिंकारे सेयंकारे सायंकारे एगत्ते पुहुत्ते संजूहे संकामिए भिण्णे / / 85 / / दसविहे दाणे प० तं० अणुकंपा संगहे चेव भये कालुणिएइ य; लज्जाए गारवेणं च, अहम्मे पुण सत्तमे / धम्मे य अट्ठमे वुत्ते काहीइ य कयंति य // 86 // दसविहा गई प० तं०-णिरयगई, णिरयविग्गहगई, तिरियगई, तिरियविग्गहगई, एवं जाव सिद्धिगई, सिद्धि विग्गहगई / / 87 // दसमुंडा प० तं०-सोइंदियमुंडे जावं फासिं दियमुंडे, कोहमुंडे जाव लोभमुंडे दसमे सिरमुंडे / / 88 // दसविहे संखाणे प० तं०-परिकम्म ववहारो रज्जु रासी कलासवण्णे य, जावंतावइ वग्गो घणो य तह वग्गवग्गो वि, कप्पो य / / 89 / / दसविहे पच्चक्खाणे प० तं०-अणागयमइकंतं कोडीसहियं णियंटियं चेव, सागारमणागारं, परिमाणकडं, गिरवसेसं, संकेयं चेव अद्धाए, पच्चक्खाणं दसविहं तु // 9 // दसविहा सामायारी प० तं०-इच्छा मिच्छा तहक्कारो आवस्सिया णिसीहिया, आपुच्छणा य पडि पुच्छा छंदणा य णिमंतणा, उवसंपया य काले सामायारी भवे दसविहा उ / / 91 / / समणे भगवं महावीरे छउमत्थकालियाए अंतिमराइयंसि इमे दस महासुमिणे पासित्ता णं पडिबुद्धे तं०एगं च णं महाघोररूवदित्तधरं ताल पिसायं सुमिणे पराजियं पासित्ता णं पडिबुद्धे 1 एगं च णं महं सुकिलपक्वगं पुंसकोइलगं सुमिणे पासित्ता णं पडिबुद्धे 2 एगं च णं महं चित्तवि चित्तपक्खगं पुंसकोइलगं सुमिणे पासित्ता णं पडिबुद्धे 3 एगं च णं महं दामदुगं सब्बरयणामयं सुमिणे पासित्ता णं पडिबुद्धे 4 एगं च णं महं सेयं गोवग्गं सुमिणे पासित्ता णं पडिबुद्धे 5 एगं च णं महं पउमसरं सव्वओ समंता कुसुमियं सुमिणे पासित्ता णं पडिबुद्धे 6 एगं च णं महासागरं उम्मी. वीचीसहस्तकलियं भुयाहिं तिण्णं सुमिणे पासित्ता णं पडिबुद्ध 7 एगं च णं महं दिणयरं तेयसा जलंतं सुमिणे पासित्ता णं पडिबुद्धे 8 एगं. च णं महं हरिवेरुलियवण्णाभेणं णियएणमंतेणं माणुसुत्तरं पव्वयं सव्वओ समंता आवेढियं परि Page #350 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं. ठा. 10 वेढियं सुमिणे पासित्ता णं पडिबुद्धे 9 एगं च णं महं मंदरे पव्वए मंदरचूलियाओ उवरिं सीहासणवरंगयमत्ताणं सुमिणे पासित्ता णं पडिबुद्धे 10 / जण्णं समणे भगवं महावीरे एगं महं घोररूवदित्तधरं तालपिसायं सुमिणे पराजियं पासित्ता णं पडि. बुद्धे तण्णं समणेणं भगवया महावीरेणं मोहणिजे कम्मे मूलाओ उग्घाइए 1 जण्णं समणे भगवं महावीरे एगं महं सुकिलपक्खगं जाव पडिबुद्धे तं णं समणे भगवं महावीरे सुक्कज्झाणोवगए विहरइ 2 जण समणे भगवं महावीरे ए गं महं चित्तविचित्तपक्खगं जाव पडिबुद्धे तं गं समणे भगवं महावीरे ससमयपरसमइयं चित्तविचित्तं दुवालसंगं गणिपिडगं आघवेइ पण्णवेइ परूवेइ दंसेइ जिंदसेइ उवदंसेइ तं आयारं जाव दिठिवायं 3 जणं समणे भगवं महावीरे एगं महं दामदुगं सव्वरयणा जाव पडिबुद्धे तं णं समणे भगवं महावीरे दुविहं धम्मं पण्णवेइ, तंअगारधम्मं च अणगारधम्मं च 4 जणं समणे भगवं महावीरे ए गं महं सेयं गोवग्गं सुमिणे जाव पडिबुद्धे त ण समणस्स भगवओ महावीरस्स चाउव्वण्णाइण्णे संघे तं०-समणा समणीओ सावगा सावियाओ 5 जणं समणे भगवं महावीरे एगं महं पउमसरं जाव पडिबुद्धे तं णं समणे भगवं महावीरे चउविहे देवे पण्ण. वेइ, तं०-भवणवासी वाणमंतरा जोइसवासी वेमाणवासी 6 जण्णं समणे भगवं महावीरे एगं महं उम्मीवीची जाव पडिबुद्धे तं णं समणेणं भगवया महावीरेणं अणाईए अणवदग्गे दीहमद्धे चाउरंतसंसारकंतारे तिण्णे 7 जणं समणे भगवं महावीरे एगं महं दियरं जाव पडिबुद्धे तं णं समणस्स भगवओ महावीरस्स अणंते अणुत्तरे जाव समुप्पण्णे 8 जण्णं समणे भगवं महावीरे एगं महं हरिवेरुलिय जाव पडिबुद्धे तं गं समणस्स भगवओ महावीरस्स सदेवमणुयासुरे लोगे उराला कित्तिवण्णसहसिलोगा परिगुव्वंति इइ खलु समणे भगवं महावीरे इइ० 9 नण्णं समणे भगवं महावीरे मंदरे पव्वए मंदरचूलियाए उवरिं जाव पडिबुद्धे तं णं समणे भगवं महावीरे सदेवमणुयासुराए परिसाए मझगए केवलिपण्णत्तं धम्म आघवेइ पण्णवेइ जाव उवदंसेइ 10 // 92 // दसविहे सरागसम्मइंसणे प० तं०णिसग्गुवए सरुई आणरुई सुत्तबीयरुइमेव, अभिगम वित्थाररुई किरिया संखेव धम्मरुई / / 93 // दससण्णाओ प० तं०-आहारसण्णा भयसण्णा मेहुणसण्णा परिग्गहसण्णा कोहसण्णा माणसण्णा मायासण्णा लोहसण्णा लोगसण्णा ओहसण्णा Page #351 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 338 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि गेरइयाणं दस सण्णाओ एवं चेव / एवं णिरंतरं जाव वेमाणियाणं 24 / / 94 / / णेरइया णं दसविहं वेयणं पञ्चणुभवमाणा विहरंति त० सीयं उसिणं खुहं पिवासें कंड परझं भयं सोगं जरं वाहिं / / 95 / / दस ठाणाई छउमत्थे णं सवभावेणं ण जाणइ म पासइ तं-धम्मत्थिकायं जाव वायं अयं जिणे भविस्सइ वा ण वा भविस्सइ अयं सव्वदुक्खाणमंतं करेस्सइ वा ण वा करेस्सइ एयाणि चेव उप्पण्णणाणदंसणधरे अरहा जाणइ पासइ जाव अयं सव्वदुकावाणम। करेस्सइ वा ण वा करेस्सइ / / 96 / / दस दसाओ प० तं०-कम्मविवागदसाओ, उवासगदसाओ, अंतगडदसाओ, अणुत्तरोववाइयदसाओ, आयादसाओ, पण्हावागरणदसाओ, बंधदसाओ, दोगिद्धिदसाओ, दीहदसाओ, संखेवियदमाओ / / 97 // कम्मविवागदसाणं दस अज्झयणा प० तं०-मिया पुत्ते य गोत्तासे अंडे सगइ यावरे, माहणे णं दिसेणे य सोरियत्ति उदुंबरे 1 सहसुद्दाहे आमलए कुमारे लेच्छई इइ 2 / / 98 // उवासगदसाणं दस अज्झयणा प० तं०-आणंदे कामदेवे अ गाहावइ चूलणी पिया, सुरादेवे चुल्लसयए गाहावइ कुंडकोलिए (1) सहालपुत्ते महासयए णंदिणी पिया सालइयापिया / / 99 // अंतगडदसाणं दस अज्झयणा प० त०,णमि मायंगे सोमिले रामगुत्ते सुदंसणे चेव, जमाली य भगाली य किंक्रमे पल्लएइ य (1) फाले अंबडपुत्ते य एमेए दस आहिआ।। 100 / / अणुत्तरोववाइयदसाणं दस अज्झयणा प० तं०इ सिदासे य धण्णे य सुणकग्वत्ते य काइए इय, सट्ठाणे सालिभदे य आणंदे तेयली इय (1) दसण्णभहे अइमुत्ते एमए दस आहिआ।। 101 / / आयारदसाणं दस अज्झयणा प० तं० वीसं असमाहिट्ठाणा एगवीमं सबला तेत्तीसं आसायणाओ अट्ठविहा गणिसंपया दस चित्तसमाहिट्ठाणा एगारसउवासगपडिमाओ बारस भिक्खुपडिमाओ पज्जोसवणाकप्पो तीसं मोहणि जट्ठाणा आजाइट्ठाणं // 102 / / पण्हावागरणदसाणं दस अज्झयणा प० त० उवमा संखा इसिभासियाई आयरियभासियाई महावीर भासियाई खोमगप सिणाई कोमलपसिणाई अद्दागपसिणाई अंगुठ्ठपसिणाई बाहुपसिणाई // 103 // बंधदसाणं दस अज्झयणा प० तं०-बंधे य मोक्खे य देवद्धि दसारमंडलेवि य, आयरियविप्पडिवत्ती उवज्झायविप्प डिवत्ती भावणा विमुत्ती साओ कम्मे / / 104 / / दोगेद्धिदसाणं दस अज्झयणा प० तं० वाए विवाए उववाए सुवित्त कसिणे बायालीसं सुमिणे तीसं महासुमिणा बावत्तरि सव्वसुमिणा हारे रामे गुत्ते एमेए दस आहिआ // 105 / / दीहदसाणं दम अज्झायणा प० Page #352 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 10 339 तं. चंदे सूरए सुक्के य सिरिदेवी पभावई दीवसमुद्दोववत्ती बहूपुत्ती मंदरेइ य थेरे संभूयविजए थेरे पम्ह ऊसासणीसासे ||106 / / संखेवियदसाणं दस अज्झयणा प० त० खुड्डियाविमाणपविभत्ती महल्लियाविमाणपविभत्ती अंगचूलिया वग्गचूलिया विवाहचूलिया अरुणोववाए वरुणोववाए गरुलोववाए वेलंधरोववाए वेसमगोववाए // 107 // दस सागरोवमकोडाकोडीओ कालो उस्सप्पिणीए दस सागरोवमकोडाकोडीओ कालो ओसप्पिणीए // 108 / / दसविहा णेरइया प० तं०अणंतरोववण्णा परंपरोववण्णा अणंतरावगाढा परंपरावगाढा अणंतराहारगा परंपराहारगा अणंतरपज्जत्ता परंपरपज्जत्ता चरिमा अचरिमा एवं णिरंतरं जाव वेमाणियां / / 109 // चउत्थीए णं पंकप्पभाए पुढवीए दस णिरयावाससय. सहस्सा प० // 110 // रयणप्पभाए पुढवीए जहण्णेणं णेरइयाणं दसवाससहस्साई ठिई प०॥ 111 // चउत्थीए णं पंकप्पभाए पुढवीए उक्कोसेणं णेरइयाणं दस सागरोवमाइं ठिई प० // 112 // पंचमाए णं धूमप्पभाए पुढवीए जहण्णेणं णेर. इयाणं दस सागरोवमाई ठिई प० // 113 / / असुरकुमाराणं जहण्णेणं दसवाससहस्साई ठिई प० // 114 / / एवं जाव थणियकुमाराणं / बायरवणस्सइकाइयाणं उक्कोसेणं दसवाससहस्साई ठिई प० // 115 // वाणमंतराणं देवाणं जहण्णेणं दसवाससहस्साई ठिई प०॥११६ // बंभलोए कप्पे देवाणं उक्कोसेणं दस सागरोवमाइं ठिई प० // 117 / / लंतए कप्पे देवाणं जहण्णेणं दस सागरोवमाई ठिई प० // 118 // दसहि. ठाणेहिं जीवा आगमेसिभहत्ताए कम्मं पगरेंति तं०अणिदाणयाए, दिद्विसंपण्णयाए, जोगवाहियत्ताए, खंतिखमणयाए, जिइंदिययाए, अमाइल्लयाए, अपासत्थयाए, सुसामण्णयाए, पवयणवच्छल्लयाए, पवयणउब्भावणयाए // 119 // दसविहे आसंसप्पओगे प० तं०-इहलोगासंसप्पओगे, परलोगा. संसप्पओगे, दुहओलोगासंसप्पओगे, जीवियासंसप्पओगे, मरणासंसप्पओगे, कामासंसप्पओगे, भोगासंसप्पओगे, लाभासंसप्पओगे, पूयासंसप्पओगे, सक्कारासंसप्पओगे // 120 // दसविहे धम्मे प० तं-गामधम्मे, णगरधम्मे, रद्वधम्मे, पासंडधम्मे कुलधम्मे, गणधम्मे, संघधम्मे, सुयधम्मे, चरित्तधम्मे, अत्थिकायधम्मे // 121 / / दसथेरा प० तं० गामथेरा, णगरथेरा, रट्ठथेरा, पसत्थारथेरा, कुलथेरा, गणथेरा, संघथेरा, जाइथेरा, सुअथेरा, परियायथेरा / / 122 / / दसपुत्ता प० तं-अत्तए Page #353 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 340 अंग-पविटु सुत्ताणि खेत्तए दिण्णए विण्णए उरसे मोहरे सोंडीरे संवुढे उवयाइए धम्मंतेवासी // 123 / / केवलिस्स णं दस अणुत्तरा प० तं० अणुत्तरे णाणे अणुत्तरे दंसणे अणुत्तरे चरित्ते अणुत्तरे तवे अणुत्तरे वीरिए अणुत्तरा खंती अणुत्तरा मुत्ती अणुत्तरे अजवे अणुत्तरे महवे अणुत्तरे लाघवे / / 124 / / समयखेत्ते णं दस कुराओ प० तं०पंच देवकुराओ पंच उत्तरकुराओ तत्थ णं दस महइमहालया महादुमा प० तंजंबू सुदंसणे धायहरुक्खे महाधायहरुक्खे पउमरक्खे महापउमरुक्खे, पंच कृड. सामलीओ तत्थ णं दस देवा महिड्डिया जाव परिवति तं० अणाढिए जंबुद्दीवाहिवई सुदंसणे पियदंसणे पोंडरीए महापोंडरीए पंच गरुला वेणुदेवा / / 125 / / दसहिं ठाणेहिं ओगाढं दुस्समं जाणेज्जातं०-अकाले वरिसइ काले ण वरिसइ असाहू' पूइज्जति साहू ण पूइज्जति गुरुसु जणो मिच्छं पडिवण्णो अमणुण्णा सहा जाव फासा / / 126 / / दसहिं ठाणेहिं ओगाढं सुसमं जाणेजा तं०-अकाले ण वरिसइ तं चेव विवरीयं जाव मणुण्णा फासा // 127 // सुसमसुसमाए णं समाए दसविहा रुक्खा उवभोगत्ताए हव्वमागच्छंति तं० मत्तंगया य भिंगा तुडियंगा दीव जोइ चित्तंगा; चित्तरसा मणियंगा गेहागारा अणियणा य // 128 // जंबूहीवे 2 भारहे वासे तीयाए उस्सप्पिणीए दस कुलगरा हुत्या तं०–सयज्जले सयाऊ य अणंतसेणे य अमियसेणे य तकसेणे भीमसेणे महाभीमसेणे य सत्तमे (1) दढरहे दसरहे सयरहे // 129 // जंबुद्दीवे 2 भारहे वासे आगमीसाए उस्सप्पिणीए दस कुलगरा भविस्संति तं०-सीमंकरे सीमंधरे खेमंकरे खेमंधरे विमलवाहणे संमुई पडिसुए दढधणू दसधणू सयधणू / / 130 / / जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पवयस्स पुरत्थिमेणं सीयाए महाणईए उभओ कूले दस वक्खारपचया पतं०मालवंते चित्तकूडे विचित्तकूडे बंभकडे जाव सोमणसे / / 131 / / जंबूमंदरपच्च. त्थिमे णं सीओयाए महाणईए उभओ कूले दस वखारपव्वया प० तं०-विज्जु. प्पभे जाव गंधमायणे / एवं धायइसंडपुरथिमद्धेवि वक्खारा भाणियव्वा जाव पुक्खरवरदीवद्धपच्चत्थिमद्धे // 132 // दसकप्पा इंदाहिट्ठिया प० तं. सोहम्मे जाव सहस्सारे पाणए अच्चुए / एएसु णं दससु कप्पेसु दस इंदा प० तं०-सक्के ईसाणे जाव अच्चुए / एएसु णं दसण्हं इंदाणं दस परिजाणियविमाणा प० तं०पालए पुप्फए जाव विमलवरे सव्वओभद्दे / / 133 / / दस दसमिया णं भिक्खुपडिमा णं एगेण राइं दियसएणं अद्धटेहिं य भिक्खासए हिं अहासुत्तं जाव आराहियावि Page #354 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणं ठा. 10 341 भवइ // 134 // दसविहा संसारसमावण्णगा जीवा प० त०--पढमसमयएगिंदिया भपढमसमयए गिदिया एवं जाव अपढमसमयपंचिंदिया // 135 // दसविहा सध्वजीवा प० तं०-पुढविकाइया जाव वणस्सइकाइया बंदिया जाव पंचिंदिया अर्णिदिया // 136 // अहवा दसविहा सव्वजीवा प० त० पढमसमयणेरइया अपढमसमयणेरइया जाव अपढमसमयदेवा पढमसमय सिद्धा अपढमसमयसिद्धा / / 137 / / वाससयाउयस्स णं पुरिसस्स दस दसाओ प० तं०-बाला किड्डा य मंदा य बला पण्णा य हायणी, पवंचा पन्भारा य मुंमुही सावणी तहा // 138 // दसविहा तणवणस्सइकाइया प० तं०-मूले कंदे जाव पुप्फे फले बीए / / 139 / / सव्वओविणं विज्जाहरसेढीओ दसदसजोयणाई विक्खंभेणं प० // 140 / / सव. ओवि णं आभिओगसेढीओ दस दस जोयणाई विखंभेणं प० // 141 // गेविनग. विमाणाणं दस जोयणसयाई उर्ल्ड उच्चत्तेणं प० / / 142 / / दसहिं ठाणेहिं सह तेयसा भासं कुज्जा, तं० केइ तहारूवं समणं वा माहणं वा अच्चासाएज्जा, से य अच्चासाइए समाणे परिकुविए तस्स तेयं णि सिरेज्जा से तं परियावेइ, से तं परियावित्ता तामेव सह सेयसा भासं कुजा, केइ तहारूवं समणं वा माहणं वा अच्चा. साए जा से य अच्चासाइए समाणे देवे, परिकुविए तस्स तेयं णिसिरेज्जा से तं परियावेइ से तं 2 तमेव सह तेयसा भासं कुज्जा, केइ तहारूवं समणं वा माहणं वा अच्चासाए ज्जा, से य अचासाइए समाणे परिकुविए देवे य परिकुविए दुहओ पडिण्णा तस्स तेयं णि सिरेज्जा ते तं परियाविति ते तं परियावेत्ता तमेव सह तेयसा भासं कुन्जा, केइ तहारूवं समण वा माहणं वा अन्चासाए जा से य अच्चासाइए परिकुविए तस्स तेयं णिसिरेज्जा तत्थ फोडा संमुच्छंति ते फोडा भिजति ते फोडा भिण्णा समाणा तमेव सह तेयसा भासं कुजा, केइ तहारूवं समणं वा माहणं वा अच्चासाएज्जा से य अच्चासाइए देवे परिकुविए तस्स तेयं णिसिरेज्जा, तत्थ फोडा संमुच्छंति ते फोडा भिजंति, ते फोडा भिण्णा समाणा तमेव सह तेयसा भासं कुजा, केइ तहारूवं समणं वा माहणं वा अच्चासाएज्जा से य अच्चासाइए परिकुविए देवेवि य परि. कुविए ते दुहओ पडिण्णा ते तस्स तेयं णिसिरेज्जा, तत्थ फोडा संमुच्छंति, सेसं तहेव जाव भासं कुंजा, केइ तहारूवं समणं वा माहणं वा अच्चासाएज्जा, से य अचासाइए परिकुविए तस्स तेयं णिसिरेना, तत्थ फोडा संमुच्छंति ते फोडा भिजति तत्थ पुला संमुच्छंति ते पुला भिन्नति, ते पुला भिण्णा समाणा तामेव Page #355 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 342 अंग-पविट्ट सुत्ताणि सह तेयसा भासं कुज्जा, एए तिणि आलावगा भाणियवा केइ तहारूवं समगं वा माहणं वा अच्चासाएमाणे तेयं णिसिरेजा से य तत्थ णो कम्मइ णो पकम्मइ अंचियं अंचियं करेइ करेत्ता आयाहिणपयाहिणं करेइ 2 त्ता उड्ढे वेहासं उप्पयइ 2 से णं तओ पडिहए पडिणियत्तइ 2 त्ता तमेव सरीरगमणुदहमागे 2 सह तेयसा भासं कुजा जहा वा गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स तवेतेए // 143 / / दस अच्छेरगा प० तं०-उवसग्ग गब्भहरणं इत्थीतित्थं अभाविया परिमा, कण्हस्स अवरकंका उत्तरणं चंदसूराणं (१)हरिवंसकुलुप्पत्ती चमरुप्पाओ य अठ्ठसय सिद्धा, असंजएसु पूआ दसवि अणंतेण 2 कालेण / / 144 // इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए रयणे कंडे दसजोयणसयाई बाहल्लेणं प० / / 145 // इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए वयरे कंडे दस जोयणसयाई बाहल्लेणं प० / एवं वेरुलिए लोहितक्खे मसारगल्ले हंसगब्भे पुलए सोगंधिए जोइरसे अंजणे अंजणपुलए रयए नायरूवे अंके फलि हे रिटे नहा रयणे तहा सोलसविहा भाणियब्धा / / 146 // सव्वेवि णं दीवसमुद्दा दसजोयणसयाई उव्वे हेणं प० // 147 / / सव्वेवि णं महादहा दस जोयणाई उव्वहेणं प०॥१४८ // सव्वेवि णं सलिलकुंडा दसजोयणाई उव्वे हेणं प० / / 149 // सीयासीओया णं महाणईओ मुहमूले दस दस जोयणाई उव्वेहेणं प० // 150 // कत्तियाणवत्ते सव्वबाहिराओ मंडलाओ दसमे मंडले चारं चरइ // 151 / / अणुराहा णक्खत्ते सव्वमंतराओ मंडलाओ दसमे मंडले चारं चरइ / / 152 // दस णक्खत्ता णाणस्स विद्धिकरा प० त० मिगसिरमद्दा पुस्सो तिष्णिय पुवाई मूलमस्सेसा, हत्थो चित्ता य तहा दस विद्धि कराई गाणस्स // 153 / / चउप्पय थलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं दस जाइकुलको डिजोणिपमुहसयसहस्सा प० उरपरिसप्पथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं दस जाइकुलकोडिजोणिपमुहसयसहस्सा प० // 154 // जीवा णं दसठाणणिव्वत्तिया पोग्गले पावकम्मत्ताए चिणिंसु वा 3 तंजहा-पढमसमयएगिदियणिव्यत्तिए जाव फासिंदियणिव्वत्तिए, एवं चिण-उव. चिण-बंध-उदीर-वेय-तह णिज्जरा चेव // 155 // दसपए सिया खंधा अणंता प० // 156 // दस पएसोगाढा पोग्गला अणंता प० // 157 // दससमयटिईया पोग्गला अणंता प० / दसगुणकालगा पोग्गला अणंता प० // 158 / / एवं वण्णेहिं गंधेहिं रसेहिं फासेहिं दसगुणलुक्खा पोग्गला अणंता प० // 159 / / // ठाणं समत्तं // Page #356 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवाओ सुयं मे आउमं ! तेणं भगवया एवमक्खायं // 1 // [इह खलु समणेणं भगपया महावीरेणं आइगरेणं तित्थयरेणं सयंसंबुद्धेणं पुरिसुत्तमेणं पुरिससीहेणं पुरिसवरपुंडरीएणं पुरिसवरगंधहत्थिणा लोगुत्तमेणं लोगणा हेणं लोगहिएणं लोगपईवेणं लोगपज्जोअगरेणं अभयदएणं चक्खुदएणं मग्गदएणं सरणदएणं जीवदएणं धम्मदएणं धम्मदेसएणं धम्मणायगेणं धम्मसारहिणा धम्मवरचाउरंतचकवट्टिणा अप्पडिहयवरणाणदसणधरेणं वियदृच्छउमेणं जिणेणं जावएणं तिण्णेणं तारएणं बुद्धेणं बोह. एण मुत्तेणं मोयगेण सव्वण्णुणा सम्बदरिसिणा सिवमयलमरुयमणंतमक्खयमव्वाबाहमपुणरावित्तिसिद्धि गइणामधेयं ठाणं संपाविउकामेणं इमे दुवालसंगे गणिपिडगे पण्णत्ते, तं जहा-आयारे 1 सूयगडे 2 ठाणे 3 समवाए 4 विवाहपण्णत्ती 5 णायाधम्मकहाओ 6 उवासगदसाओ 7 अंतगडदसाओ 8 अणुत्तरोववाइयदसाओ 9 पण्हा. जागरणं 10 विवागसुएर 11 दिठिवाए 12 // 2 // तत्थ णं जे से चउत्थे अंगे समवाए त्ति आहिए तस्स णं अयमढे पण्णत्ते-तं जहा एगे आया, एगे अणाया, एगे दंडे, एगे अदंडे, एगा किरिआ, एगा अकिरिआ, एगे लोए, एगे अलोए, एगे धम्मे, एगे अधम्मे, एगे पुण्णे, एगे पावे, एगे बंधे, एगे मोक्खे, एगे आसवे एगे संवरे, एगा वेयणा, एगा णिज्जरा / / 3 / / जंबुद्दीवे दीवे एगं जोयणसयसहस्सं भायामविक्खंभेणं पण्णत्ते / अप्पइट्ठाणे णरए एगं जोयणसयसहस्सं आयामविक्खं. भेणं पण्णत्ते / पालए जाणविमाणे एगंजोयणसयसहस्सं आयामविक्खंभेणं पण्णत्ते / सव्वट्ठसिद्धे महाविमाणे एगं जोयणसयसहस्सं आयामविक्खंभेणं पण्णत्ते। अहा. गक्खत्ते एगतारे पण्णत्ते / चित्ताणक्खत्ते एगतारे पण्णत्ते / सातिणखत्ते एगतारे पण्णत्ते // 4 / / इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं एगं पलि. ओवमं ठिई पण्णत्ता / इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए णेरइयाणं उक्कोसेणं एगं सागरोवमं ठिई पण्णत्ता। दोच्चाए पुढवीए णेरइयाणं जहण्णेणं एगं सागरोवमं ठिई पण्णत्ता / असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं एगं पलिओवमं ठिई पण्णत्ता / असुरकुमाराणं देवाणं उक्कोसेणं एगं साहियं सागरोवमं ठिई पण्णत्ता / असुरकुमा. रिंदवजियाणं भोमिज्जाणं देवाणं अत्थेगइयाणं एगं पलिओवमं ठिई पण्णत्ता। Page #357 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 344 अंग-पविट्ट सुत्ताणि असंखिज्जवासाउयसणिपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं अत्थेगइयाणं एग पलिओवर्म ठिई पण्णत्ता / असंखिज्जवासाउयगब्भवकंतियसणिमणुयाणं अत्थेगइयाणं एगं पलिओवमं ठिई पण्णत्ता। वाणमंतराणं देवाणं उक्कोसेणं एगं पलिओवमं ठिई पण्णत्ता। जोइसियाणं देवाणं उक्कोसेणं एगं पलिओवमं वाससयसहस्समन्भहियं ठिई पण्णता / सोहम्मे कप्पे देवाणं जहण्णेणं एगं पलिओवमं ठिई पण्णत्ता / सोहम्मे कप्पे देवाणं अत्थेगइयाणं एगं सागरोवमं ठिई पण्णत्ता / ईसाणे कप्पे देवाणं जहण्णेणं साइरेगं एगं पलिओवमं ठिई पण्णत्ता। ईसाणे कप्पे देवाणं अत्थेगइयाणं एगं सागरोवमं ठिई पण्णत्ता / जे देवा सागरं सुसागरं सागरकंतं भवं मणुं माणुसोत्तरं लोगहियं विमाणं देवत्ताए उववण्णा तेसिणं देवाणं उक्कोसेणं ए गं सागरोवमं ठिई पण्णत्ता / ते णं देवा एगस्स अद्धमासस्स आणमंति वा पाणमंति वा उस्ससंति वा णीससंति वा / तेसि णं देवाणं एगस्स वाससहस्सस्स आहारढे समुप्पज्जइ / संतेगइया भवसिद्धिया जे जीवा ते एगेणं भवग्गहणेणं सिज्झिस्संति बुझिसंति मुच्चिस्संति परिणिव्बाइस्संति सव्व. दुक्खाण मंतं करिस्संति // 5 / / 2 / / दो दंडा पण्णत्ता, तं जहा-अट्ठादंडे चेव, अणट्ठादंडे चेव / दुवे रासी पण्णत्ता,तं जहा-जीवरासी चेव, अजीवरासी चेव / दुविहे बंधणे पण्णत्ते,तं जहा-रागबंधणे चेव,दोसबंधणे चेव / पुवाफग्गुणी णक्खत्ते दुतारे पणत्ते / उत्तराफग्गुणी णक्खत्ते दुतारे पण्णत्त / पुव्वाभवया णक्खत्ते दुतारे पण्णत्ते। उत्तरा. भद्दवया णक्खत्ते दुतारे पण्णत्ते इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्यंगइ. याणं णेरइयाणं दो पलिओवमाई ठिई पण्णत्ता / दुच्चाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइ. याणं दो सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता / असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं दोपलिओ. वमाई ठिई पण्णत्ता / असुरकुमारिंदवज्जियाणं भोमिज्जाणं देवाणं उक्कोसेणं देसूणाई दो पलिओवमाई ठिई पण्णत्ता / असंखिजवासाउयसण्णिपंचेदियतिरिक्खजोणिआणं अत्थेगइयाण दोपलिओवमाई ठिई पण्णत्ता / असंखिजवासाउयगन्भवतियसण्णि. पंचिंदियमाणुस्साणं अत्थेगइयाणं दोपलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता। सोहम्मे कप्पे अत्थे. गइयाणं देवाणं दो पलिओवमाई ठिई पण्णत्ता। ईसाणे कप्पे अत्थेगइयाणं देवाणं दो पलिओवमाई ठिई पण्णत्ता / सोहम्मे कप्पे अत्थेगइयाणं देवाणं उक्कोसेणं दो सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता। ईसाणे कप्पे देवाणं उक्कोसेणं साहियाइं दो सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता / सणंकुमारे कप्पे देवाणं जहण्णेणं दो सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता / Page #358 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवाओ स०३ 345 माहिंदे कप्पे देवाणं जहण्णेणं साहियाई दो सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता / जे देवा सुभं सुभकंतं सुभवणं सुभगंध सुभलेसं सुभफासं सोहम्मवडिंसगं विमाणं देवत्ताए उववण्णा तेसि णं देवाणं उकोसेणं दो सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता / ते ण देवा दोण्हं अद्धमासागं आणमंति वा पाणमंति वा ऊससंति वा णीससंति वा / तेसि णं देवाणं दोहिं वाससहस्सेहिं आहारटे समुप्पज्जइ / अत्थेगइया भवसिद्धिया जीवा जे दोहिं भवग्गहणेहिं सिन्झिस्संति बुज्झिस्संति मुच्चिस्संति परिणिव्वाइस्संति सव्वदुक्खाणमंतं करिस्संति // 2 // तओ दंडा पण्णत्ता, तं जहा-मणदंडे, वइदंडे, कायदंडे / तओ गुत्तीओ पण्णत्ताओ, तं जहा-मणगुत्ती, वयगुत्ती, कायगुत्ती / तओ सल्ला पण्णत्ता, तं जहा-मायासल्ले णं, णियाणसल्ले णं, मिच्छादसणसल्ले णं / तओ गारवा पण्णत्ता, तं जहा-इड्डीगारवेणं, रसगारवे णं, सायागारवे णं / तओ विराहणा पण्णत्ता, तं जहा-णाणविराहणा, दंसणविराहणा, चरित्तविराहणा / मिगसिरगखत्ते तितारे पण्णत्ते। पुस्सणखत्ते तितारे पण्णत्ते / जेठाणक्खत्ते तितारे पण्णत्ते / भभीइणक्खत्ते तितारे पण्णत्ते / सवणणक्खत्ते तितारे पण्णत्ते / अस्सिणिणखत्ते तितारे पण्णत्ते / भरणीणक्खत्ते तितारे पण्णत्ते / इमीसे ण रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं तिण्णि पलिओवमाई ठिई पण्णत्ता / दोच्चाए णं पुढ. पीए णेरइयाणं उक्कोसेणं तिण्णि सागरोवगाई ठिई पण्णत्ता। तच्चाए णं पुढवीए णेरइयाणं जहणणेणं तिण्णि सागरोवमाइं ठिई प० / असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं तिणि पलिओवमाइं ठिई प० / असंखिज्जवासाउयसणिपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं उक्कोसेणं तिणि पलिओवमाई ठिई प०। असंखिज्जवासाउयसण्णिगन्भवकं. तियमणुस्साणं उक्कोसेणं तिणि पलिओवपाई टिई प० / सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु अत्थे. गइयाणं देवाणं तिण्णि पलिओवमाई ठिई प० / सणंकुमारमाहिंदेसु कप्पेसु अत्थे. गइयाणं देवाणं तिण्णि सागरोवमाइं ठिई प० / जे देवा आभंकरं पभंकरं आभंकरपभेकर चंदं चंदावत्तं चंदप्पभं चंदकंतं चंदवणं चंदलेसं चंदज्झयं चंदसिंगं चंदसिटुं चंदकूडं चंदुत्तरवडिंसगं विमाणं देवत्ताए उववण्णा तेसि णं देवाणं उक्कोसेणं तिणि सागरोवमाइं ठिई प० ते णं देवा तिण्हं अद्धमासाणं आणमंति वा पाणमंति वा ऊससंति वा णीससंति वा / तेसि णं देवाणं तिहिं वाससहस्सेहिं आहारट्ठे समुप्पज्जइ / संतेगइया भवसिद्धिया जीवा जे तिहिं भवग्गहणेहिं सिज्झिस्संति बुझिस्संति मुचिस्संति परिणिव्वाइस्संति सव्वदुक्खाणमंतं करिस्संति // 3 // चत्तारि Page #359 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 346 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि कसाया प०, तं-कोहकसाए माणकसाए मायाकसाए लोभकमाए / चत्तारि झाणा प०, तं०-अट्टज्झाणे रुद्दज्झाणे धम्मज्झाणे सुक्कज्झाणे / चत्तारि विकहाओ 50, तं०-इत्थिकहा भत्तकहा रायकहा देसकहा / चत्तारि सण्णा प०, तं०आहारसण्णा भयसण्णा मेहुणसण्णा परिग्गहसण्णा / चउविहे बंधे पण्णत्ते, तं०-पगइबंधे ठिइबंवे अणुभावबंधे पएसबंधे / च उगाउए जोयणे पण्णत्ते / अणुराहाणक्ख ते चउतारे पणत्ते / पुवासाढाणक्वत्ते चउतारे पण्णत्ते / उत्तरा. साढाणखत्ते च उतारे पण्णते / इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं चत्तारि पलिओवमाई ठिई पणत्ता / तच्चाए णं पुढवीए अत्थे. गइयाणं णेरइयाणं चत्तारि सागरोवमाई ठिई पणत्ता / असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं चत्तारि पलिओचमाई ठिई पण्णता / सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु अत्थेगइयाणं देवाणं चत्तारि पलिओवमाई टिई पण्णत्ता। सणंकुमारमाहिं देसु कप्पेसु अत्थेगइयाणं देवाणं चत्तारि सागरोवमाई ठिा पणत्ता / जे देवा किद्धिं सुकिठिं किट्ठियावत्तं किढिप्पभं किट्ठिजुत्तं किट्ठिवणं किहिलेसं किद्विज्झयं किढिसिंगं किट्ठिः सिटै किटिकूड किठुत्तावडिंसगं विमाणं देवत्ताए उबवण्णा तेसि णं देवाणं उक्कोसेणं चत्तारि सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता / ते णं देवा च उण्हऽद्धमासाणं आणमंति वा पाणमति वा ऊसमंति वा णीससंति वा / तेसिं देवाणं चउहिं वास. सहस्से हिं आहारढे समुप्पज्जइ / अत्येगइया भव सिद्धिया जीवा जे चउहिं भवग्गहजेहिं सिज्झिस्सं ति जाव सव्वदुक्खाणं अंतं करिसंति / / 4 / / पंच किरिया पण्णता, तं०-काइया अहिगरणिया पाउसिया पारियावणिया पाणाइवायकिरिया। पंचमह. म्वया प० तं०-सवाओ पाणाइवायाओ वेरमणं, सव्वाओ मुसावायाओ वेरमणं, सवाओ अदिण्णादाणाओ बेरमगं, सवाओ मेहुणाओ वेरमणं, सव्वाओ परिगहाओ वेरमणं / पंच कामगुणा प०, तं०-सद्दा रूवा रसा गंधा फासा / पंच आसवदारा 10 त०-मिच्छत्त अविरई पमाया कसाया जोगा। पंच संवरदारा प० तं०सम्मत्तं विरई अप्पमत्तया अकसाया अजोगया / पंच णिज्जरढाणा प० तं०पाणाइवायाओ वेरमणं, मुसाबायाओ वेरमणं, अदिण्णादाणाओ वेरमणं, मेहुणाओ बेरमणं, परिग्गहाओ वेरमणं / पंच समिईओ पण्णत्ताओ, तं.-इरियामगिई भासासमिई एमणासमिई आयाणभंडमत्तणिक्खेवणासमिई उच्चारपासवणखेलसिंघा Page #360 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवाओ स०६ 347 णजल्लपारिट्ठावणियासमिई / पंच अत्थिकाया प० तं०-धम्मत्थिकाए अधम्मत्थिकाए आगासत्थिकाए जीवत्थिकाए पोग्गल त्थिकाए / रोहिणी णक्खत्ते पंचतारे प०। पुणवसुणकावत्ते पंचतारे प० / हत्थणक्खत्ते पंचतारे प० / विसाहाणक्खत्ते पंचतारे प० / धणिहाणखत्ते पंचतारे प० / इमीसे ण रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाण णेरइयाणं पंच पलिओवमाई ठिई प० / तच्चाए णं पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं पंचसागरोवमाई ठिई प० / असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं पंचपलिओवमाई ठिई प० / सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु अत्येगइयाणं देवाणं पंचपलिओवमाई ठिई प० / सणंकुमारमाहिदेसु कप्पेसु अत्थेगइयाणं देवाणं पंच सागरोवमाई टिई प० / जे देवा वायं सुवायं वायावत्तं वायप्पभं वायकंतं वायवणं वायलेसं वायज्झयं वायसिंगं वायसिंह्र वायकूडं वाउत्तरवडिंसगं सूरं सुसूरं सूरावत्तं सूरप्पभं सूरकंतं सूरवणं सूर लेसं सूरज्झयं सूर सिंगं सूर सिटुं सूरकूडं सूरुत्तरवडिंसगं विमाणं देवत्ताए उववण्णा तेसि णं देवाणं उक्कोसेणं पंच सागरोवमाई ठिई प० / तेणं देवा पंचण्हं अद्धमासाणं आणमंति वा पाणमंति वा ऊससंति वा णीससंति वा / तेसिणं देवाणं पंचहिं वाससहस्से हिं आहारटे समुप्पज्जइ / संतेगइया भवसिद्धिया जीवा जे पंचहिं भवग्गहणेहिं सिज्झिसंति जाव अंतं करिस्संति // 5 // छ लेसाओ प०, तं०-कण्हलेसा णीललेसा काउलेसा तेउलेसा पम्हलेसा सुक्कलेसा / छ जीवणिकाया प०, तं०-पुढविकाए आउकाए तेउकाए वाउकाए वणस्सइकाए तसकाए / छबिहे बाहिरे तवोकम्मे प०, तं०-अणसणे ऊणोयरिया वित्तीसंखेवो रसपरिच्चाओ कायकिलेसो संलीणया। छविहे अभितरे तवोकम्मे प०, तं०-पायच्छित्तं विणओ वेयावच्चं सज्झाओ झाणं उस्सग्गो / छ छाउमत्थिया समुग्घाया प० तं०-वेयणासमुग्घाए कसायसमुग्घाए मारणंति यसमुग्घाए वेउव्वियसमुग्घाए तेयसमुग्घाए आहारसमुग्घाए / छविहे अत्युग्गहे पण्णत्ते, तं०-सोइंदियअत्थुग्गहे चक्खुइं दिय अत्थुग्गहे घाणिंदियअत्युग्गहे जिभिदियअत्युग्गहे फासिंदियअत्युग्गहे णोइंदियअत्थुग्गहे / कत्तियाणक्खत्ते छतारे प० / असिलेसाणक्खत्ते छतारे प० / इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं छ पलिओवमाई ठिई प० / तच्चाए णं पुढवीए अस्थेगइयाणं णेरइयाणं छ सागरोवमाई ठिई प० / असुरकुमाराणं देवाणं अत्थे. गइयाणं णेरइयाणे छ पलिओवमाई ठिई प० / सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु अत्थेगइयाणं Page #361 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 348 अंग-पविट्ट सुत्ताणि देवाणं छ पलिओवमाई ठिई प० / सणंकुमारमाहिं देसु कप्पेसु अत्थेगइयाणं देवाणं छ सागरोवमाइं ठिई प० / जे देवा सयंभु संयंभूरमणं घोसं सुघोसं महाघोस किद्विघोसं वीरं सुवीरं वीरगतं वीरसेणियं वीरावत्तं वीरप्पभं वीरकंतं वीरवणं वीरलेस वीरज्झयं वीरसिंग वीर सिट्ठ वीरकडं वीरुत्तरवडिंसगं विमाणं देवत्ताए उववण्णा तेसि णं देवाण उक्कोसेणं छ सागरोबमाई ठिई प० / ते णं देवा छण्हं अद्धमासाणं आणमंति वा पाणमंति वा ऊससंति वा णीसमति वा / तेसि णं देवाणं हिं वास. सहस्सेहिं आहारटे समुप्पज्जइ / संतेगइया भवसिद्धिया जीवा जे छहिं भवग्गहणेहिं सिज्झिस्संति जाव सम्वदुक्खाणमंतं करिरसंति // 6 / / सत्त भयट्ठाणा प० तं० इहलोगभए परलोगभए आदाणभए अकम्हाभए आजीवभए मरणभए असिलोगभए / सत्त समुग्घाया प० तं०-वेयणासमुग्घाए कसायसमुग्घाए मारणंतियसमुग्घाए वेउब्वियसमुग्धाए तेयसमुग्याए आहारसमुग्घाए केवलिसमुग्घाए / समणे भगवं महावीरे सत्त रयणीओ उड़ उच्चत्तणं होत्था / इहेव जंबुद्दीवे दीवे सत्त वासहरपब्धया प० त०-चुल्लहिमवंते महाहिमवंते णिसढे णीलवंते रुप्पी सिहरी मंदरे / इहेव जंबुद्दीवे दीवे सत्त वासा प०, तं.'-भर हे हेमवए हरिवासे महाविदेहे रम्मए एरण्णवए एरवए। खीणमोहेणं भगवया मोहणिज्जव जाओ सत्त कम्मपयडीओ वेएई। महाणक्खत्ते सत्ततारे प० / कत्तिआइया सत्त णवत्ता पुवदारिआ प. (अभियाइया सत्त णक्खत्ता) / महाइया सत्त णकावत्ता दाहिणदारिआ प० / अणुराहाइया सत्त णवत्ता अवरदारिआ प० / घणिट्ठाइया सत्त णक्खत्ता उत्तरदारिआ प० / इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्येगइयाणं णेरइयाणं सत्त पलिओवमाइं ठिई प० / तच्चाए णं पुढवीए णेरइयाणं उक्कोसेणं सत्त सागरोवमाई ठिई प० / चउत्थीए णं पुढवीए णेरइयाणं जहणेणं सत्त सागरोवमाइं ठिई प० / असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं सत्त पलिओचमाई ठिई प० / सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु अत्थेगइयाणं देवाणं सत्त पलिओवमाई टिई प० / सणंकुमारे कप्पे अत्थेगइयाणं देवाणं उक्कोसेणं सत्त-सागरो. वमाई ठिई प० / माहिदे कप्पे देवाणं उकोसेणं साइरेगाई सत्त सागरोवमाई ठिई प० / बंभलोए कप्पे अत्थेगइयाणं देवागं सत्त साहिया सागरोंवमाई ठिई प० / जे देवा समं समप्पभं महापभं पभासं भासुरं विमलं कंचणकूडं सणंकुमारवडिसगं Page #362 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवाओ स०८ 349 विमाणं देवत्ताए उववण्णा तेसि ण देवाणं उक्कोसेणं सत्त सागरोवमाई ठिई प० / ते णं देवा सत्तण्हं अद्धमासाणं आणमंति वा पाणमंति वा उससंति वा णीससंति वा। तेसि णं देवाणं सत्तहिं वाससहस्मेहिं आहारट्टे समुप्पज्जइ / संतेगइया भवसिद्धिया जीवा जे णं सत्तहिं भवग्गहणेहिं सिज्झिस्संति जाव सव्वदुक्खाणमंतं करिस्संति / / 7 // अट्ठ मयट्ठाणा प० तं०-जाइमए कुलमए बलमए रूवमए तवमए सुयमए लाभमए इस्सरियमए / अट्ठ पवयणमायाओ प० तं०-इरियासमिई भासासमिई एसणासमिई आयाणभंडमत्तणिक्खेवणासमिई उच्चारपासवणखेलसिंघाणजल्लपारिट्ठावणियासमिई मणगुत्ती वइगुत्ती कायगुत्ती / वाणमंतराणं देवाणं चेइय रुक्खा अट्ठ जोयणाई उद्धं उच्चत्तेणं पण्णत्ता | जंबू णं सुदंसणा अट्ठ जोयणाई उद्धं उच्चत्तणं प० / कूडसामली णं गरुलावासे अट्ठ जोयणाई उद्धं उच्चत्तेणं प० / जंबु दीवस्स णं जगई अट्ठ जोयणाई उद्धं उच्चत्तेणं प० / अट्ठसामइए केवलिसमुग्घाए प० त०-पढमे समए दंडं करेइ, बीए समए कवाडं करेइ, तइए समए मंथं करेइ, चउत्थे समए मंथंतराई पूरेइ, पंचमे समए मंथंतराई पडिसाहरइ, छठे समए मंथं पडिसाहरड, सत्तमे समए कवाडं पडिसाहरइ, अट्ठमे समए दंडं पडिसाहरइ, तओ पच्छा सरीरत्थे भवइ / पासस्स णं अरहओ पुरिसादाणियस्स अट्ठ गणा अट्ठ गणहरा हुत्था, तं०-सुभे य सुभघोसे य, वसिटे बंभयारि य / सोमे सिरिधरे चेव, वीरभद्दे जसे इय (1) अट्ठ णक्खत्ता चंदेणं सद्धि पमहं जोगें जोएं ति, तं०-कत्तिया, रोहिणी, पुणव्वसू , महा, चित्ता, विसाहा, अणुराहा, जेट्ठा / इमीसे णं. रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेर. इयाणं अट्ठ पलिओवमाइं ठिई प० / चउत्थीए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं अट्ठ सागरोवमाई ठिई प० / असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं अट्ठ पलि. ओउमाई ठिई प० / सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु अत्थेगइयाणं देवाणं अट्ट. पलिओ. वमाई ठिई प० / बंभलोए कप्पे अत्थेगइयाणं देवाणं अट्ठ सागरोवमाई ठिई प० / जे देवा अच्चिं अच्चिमालिं वइरोयणं पभंकर चंदाभं सूराभं सुपइट्ठाभं अग्गिच्चाभं रिट्ठाभं अरुणाभं अरुणुत्तरवडिंसगं विमाणं देवत्ताए उववण्णा तेसि .णं देवाणं उक्कोसेणं अट्ठ सागरोवमाइं ठिई प० / ते णं देवा अट्ठण्हं अद्धमासाणं आगमंतिं वा पाणमंति वा ऊससंति वा णीससंति वा / तेसि णं देवाणं अहिं वाससहस्सेहिं आहारढे समुप्पज्जइ / संतेगइया भव सिद्धिया जीवा जे अट्ठहिं Page #363 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 350 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि भवग्गहणेहिं सिज्झिरसंति बुज्झिस्संति जाव अंतं करिस्सति / / 8 // णव बंभचरगुत्तीओ पणत्ताओ तं०-णो इत्थीपसुपंडगसंसत्ताणि सिज्जासणाणि सेवित्ता भवइ, णो इत्थीणं कहं कहित्ता भवइ, णो इत्थीणं गणाई सेवित्ता भवइ, णो इत्थीण इंदियाणि मणोहराई मणोरमाई आलोइत्ता णिज्झाइत्ता भवइ, णो पणीयरमभोई, णो पाणभोयणस्स अइमायाए आहारइत्ता, णो इत्थीणं पुवरयाई पुव्यकीलिआई समरइत्ता भवइ, णो सहाणुवाई णो रूवाणुवाई णो गंधागुवाई णो रसाणुवाई णो फासाणुवाई णो सिलोगाणुवाई, णो सायासोक्खपडिबद्धे यावि भवइ / णव बंभचेरअगुत्तीओ पण्णताओ तं०-इत्थीपसुपंडगसंसत्ताणं सिज्जासणाणं सेवणया जाव सायासुक्वपडिबद्धे यावि भवइ / णव बंभचेरा प०, तं०–सत्थपरिणा लोगविजओ सीओसणिज्ज सम्मत्तं / आवंति धुय विमोहा यणं] उवहाणसुयं मरिणा। पासे णं अरहा पुरिसादाणीए णव र यगीओ उद्धं उच्चत्तणं हुत्था / अभीजि णक्खत्ते साइरेगे णव मुहुत्ते चंदेणं सद्धि जोगं जोएइ। अभीजियाइया णव णवत्ता चंदस्स उत्तरेणं जोगं जोएं ति, तं०-अभीजि सवणो जाव भरणी / इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए बहुसमरमणिज्जाओ भूमिभागाओ णव जोयणसए उद्धं अबाहाए उवरिल्ले तारारूवे चारं चरइ / जंबुद्दीवे णं दीवे णवजोयणिया मच्छा पविसिंसु वा 3 / विजयस्स णं दारस्स एगमेगाए बाहाए णव णव भोमा प० / वाणमंतराणं देवाणं सभाओ सुहम्माओ णव जोयणाई उद्धं उच्चत्तणं प० / ईसणावरणिज्जस्स णं कम्मस्स णव उत्तरपगडीओ प०, तं०-णिहा पयला गिहाणिदा पयलायला थीणद्धी चक्खुदसणावरणे अचखुदंसणावरणे ओहिदंसणावरणे केवलदसणावरणे / इमीसे ण रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं णव पलिओवमाइं ठिई प० / चउत्थीए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं णव सागरोवमाई ठिई प० / असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं णव पलिओवमाई ठिई प० / सोहम्मीमाणेसु कप्पेसु अत्थेगइयाणं देवाणं णव पलिओवमाई ठिई प० / बंभलोए कप्पे अत्थेगइयाणं देवाणं णव सागरोवमाई ठिई प | जे देवा पम्हं सुपम्हं पम्हावत्तं पम्हप्पभं पम्हकंतं पम्हवण्णं पम्हलेसं पम्हज्झयं पम्हसिंगं पम्ह सिढे पम्हकूडं पम्हुत्तरवडिंसगं सुळे सुसुजं सुजवित्तं सुज्जपभं सुज्जकंतं सुज्जवण्णं सुज्जलेसं सुज्जज्झयं सुज्जसिंगं सुज्जसिहँ सुज्जकूडं सुज्जुत्तरवडिंसगं रुइल्लं रुइल्लावत्तं रुइल्प्पभं रइल कंतं रुइल्लवण्णं र इल्ललेसं रुइल्लज्झयं रुइल्लूसिंगं रुइल्लूसिहं रुइल्लकूडं रुइल्लुत्तरवडिंसगं विमाणं Page #364 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवाओ स० 10 351 देवत्ताए उववण्णा तेसि णं देवाणं णव सागरोवमाई ठिई प० / ते णं देवा णवण्हं अद्धमासाणं आणमंति वा पाणमंति वा ऊससंति वा णीससंति वा। तेसि णं देवाणं गवहिँ वाससहस्सेहिं आहारट्टे समुप्पज्जइ / संतेगइया भवसिद्धिया जीवा जे णवहिं भवग्गहणेहिं सिज्झिस्मंति जाव सव्वदुक्वाणमंतं करिस्संति / / 9 / / दसविहे समण. धम्मे प०, तं०-खंती मुत्ती अजवे मद्दवे लाघवे सच्चे संजमे तवे चियाए बंभ. चेरवासे / दस चित्तसमाहिट्ठाणा प०, तं०-धम्मचिंता वा से असमुप्पण्णपुव्वा समुप्पजि जा सव्वं धम्मं जाणित्तए, सुमिणदंसणे वा से असमुप्पण्णपुव्वे समुप्पजिज्जा अहातचं सुमिणं पासित्तए, सण्णिणाणे वा से असमुप्पण्णपुव्वे समुप्पज्जिज्जा पुव्वभवे सुमरित्तए, देवदंसणे वा से असमुप्पण्णपुव्वे समुप्पज्जिज्जा दिव्वं देविद्धिं दिव्वं देवजुई दिव्वं देवाणुभावं पासित्तए, ओहिणाणे वा से असमुप्पण्णपुवे समुपजिजा ओहिणा लोगं जाणित्तए, ओहिदंसणे वा से असमुप्पण्णपुव्वे समुप्पजिजा ओहिणा लोगं पासित्तए, मणपजवणाणे वा से असमुप्पण्णपुव्वे समुप्पजिजा जाव मणोगए भावे जाणित्तए, केवलणाणे वा से असमुप्पण्णपुव्वे समुप्पजिजा केवलं लोगं जाणित्तए, केवलदसणे वा से असमुप्पण्णपुव्वे समुप्पजिजा केवलं लोयं पासित्तए, केवलिमरणं वा मरिजा सम्वदुक्खप्पहीणाए। मंदरे णं पचए मूले दस जोयणसहस्साई विक्खंभेणं प० / अरहा णं अरिट्ठणेमी दस धणूई उद्धं उच्चत्तेणं होत्था | काहे णं वासुदेवे दस धणूई उद्धं उच्चत्तेणं होत्था / रामेणं बलदेवे दस धणूई उद्धं उच्चत्तेणं होत्था / दस णवत्ता जाणवुद्धिकरा प० तं:“मिगसिर अद्दा पुस्सो तिणि अ पुवा य मूलमस्सेसा / हत्थो चित्तो य तहा, दस वुड्डिकराई णाणस्स / " अकम्मभूमियाण मणुआणं दसविहा रुकावा उवभोगत्ताए उपस्थिया प० तं०.-"मत्तंगया य भिंगा, तुडि अंगा दीव जोइ चित्तंगा। चित्तरसा मणिअंगा, गेहागारा अणिगिणा य // 1 // " इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयागं जहणणेणं दस वाससहस्साई ठिई प० / इमीसे णं रयणप्प. भाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं दस पलिओवमाइं ठिई प० / चउत्थीए पुढवीए दस णिरयावाससयसहस्साई प० / चउत्थीए पुढवीए णेरइयाणं अत्थे. गइयाणं उक्कोसेणं दस सागरोवमाई ठिई प० / पंचमीए पुढवीए अत्थेगइयाणं गेरइयाणं जहणणेणं दस सागरोवमाई ठिई प० / असुरकुमाराणं देवागं अत्थे. गइयाणं जपणेणं दस वाससहस्साई ठिई प० / असुरिंदवजाणं भोमिज्जाणं देवाणे Page #365 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 352 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि अत्थेगइयाणं जहण्णेणं दस वाससहस्साई ठिई प० / असुरकुमाराणं देवाणं अत्थे. गइयाणं दस पलिओवमाइं ठिई प० / बायरवणस्सइकाइयाणं उक्कोसेणं दम वास. सहस्साई ठिई प० / वाणमंतराणं देवाणं अत्थेगइयाणं जहण्णेणं दस वासमहस्माई ठिई प० / सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु अत्थेगइयाणं देवाणं दस पलिओवमाइं ठिई प० / वंभलोए कप्पे देवाणं उकोसेणं दस सागरोवमाई ठिई प० / लंतए कप्पे देवाणं अत्थेगइयाणं जहणेण दस सागरोवमाई ठिई प० / जे देवा घोसं सुघोस महायोस दिघोस सुसरं मणोरमं रम्म रम्मगं रमणि जं मंगलावत्तं बंभलोगवडिंसंग विमाणं देवत्ताए उववण्णा तेसि णं देवाणं उक्कोसेणं दस सागरोवमाई ठिई प० / ते णं देवा दसण्हं अद्धमासाणं आणमंति वा पाणमंति वा असमति वा णीससंति वा / तेसि णं देवाण दसहिं वाससहस्सेहिं आहारटे समुप्पजइ / संतेगइआ भवसिद्धिआ जीवा ज दसहिं भवग्गहणेहि सिज्झिस्संति बुज्झिस्संति मुच्चिस्संति परिणिवाइस्संति सध. दुक्खाणमंतं करिस्संति // 10 // एक्कारस उवासगपडिमाओ प० तं०दंसणसावए, कयन्वयकम्मे, सामाइयकडे, पोसहोववासणिरए, दिया बंभयारी रत्ति परिमाणकडे, दिआ वि राओ वि बंभयारी असिणाई वियडभोई मोलिकडे, सचित्तपरिणाए, आरंभपरिणाए, पेसपरिणाए, उद्दिट्ठभत्तपरिणाए, समणभूए यावि भवइ समणाउसो ! लोगंताओ एक्कारसए हिँ एक्कारेहिं जोयणसएहिं अबाहाए जोइसंते पण्णत्ते / जंबूद्दीवे दीवे मंदरस्स पब्वयस्स एक्कारसहिं एक्कवीसेहिं जोयणसए हिं अबाहाए जोइसे चारं चरइ / समणस्स णं भगवओ महावीरस्स एक्कारस गणहरा हुत्था, तं०-इंदभूई अग्गिभूई वायुभूई विअत्ते सुहम्मे मंडिए मोरियपुत्त अकंपिए अयलभाए मेअज्जे पभासे / मूले णक्ख ते एक्कारसतारे प० / हेछिमगेविजयाणं देवाणं एकारसमुत्तरं गेविजविमाणसतं भवइ त्ति मक्वायं / मंदरे णं पव्वए धरणितलाओ सिहरतले एक्कारसभागपरिहीणे उच्चत्तेणं प० / इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं एक्कारस पलिओ. वमाइं ठिई प० / पंचमीए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं एक्कारस सागरोचमाई ठिई प० / असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं एक्कारस पलिओवमाई टिई प० / सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु अत्थेगइयाणं देवाणं एक्कारस पलिओवमाइं ठिई प० / लतए कप्पे अत्थेगइयाणं देवाणं एक्कारस सागरोवमाइं ठिई प० / जे देवा बंभ सुबंभं बंभावत्तं बंभप्पभं बंभकंतं बंभवण्णं बंभलेसं बंभज्झयं बंभसिंगं बंभसिटुं बंभ Page #366 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवाओ स० 12 353 कूडं बंभुत्तरवडिंसगं विमाणं देवत्ताए उबवण्णा तेसि णं देवाणं (उक्को मेणं) एक्का. रस मागरोचमाई ठिई प० / ते णं देवा एक्कारसण्हं अद्धमासाणं आणमंति वा पाणमंति वा ऊससंति वा णीससंति वा / तेसि णं देवाणं एक्कारसण्हं वाससहस्साणं आहाटे समुप्पज्जइ / संतेगइया भवसिद्धिया जीवा जे एक्कारसहिं भवग्गहणेहिं सिन्झिस्संति बुझिस्संति मुच्चिस्संति परिणिवाइसंति सम्वदुक्खाणमंतं करिस्संति // 11 / / बारस भिक्खुपडिमाओ पण्णत्ताओ, तं जहा—मासिया भिक्खुपडिमा, दोमासिया भिक्खुडिमा, तिमासिया भिक्खुपडिमा, चउमासिया भिक्खुपडिमा, पंचमासि / / भिक्खुपडिमा, छमासिया भिक्खुपडिमा, सत्तमासिया भिक्खुपडिमा, पढमा सत्तराइंदिया भिक्खुपडिमा, दोच्चा सत्तराइंदिया भिक्खुपडिमा, तच्चा सत्तराई दिया भिक्खुपडिमा, अहोराइया भिक्खुपडिमा, एगराइया भिक्खुपडिमा / दुवालसविहे संभोगे प० तं.-"उवहीसुयभत्ताणे, अंजलीपग्गहे त्ति य / दायणे य णिकाए अ अन्भुट्ठाणेइ आंबरे / कितिकम्मस्स य करणे, वेयावच्चकरणे इय / समोसरणं संणिसिजा य, कहाए य पबंधणे' / दुवालसावत्ते कितिकम्मे 50, तं.-"दुओणयं जहाजार्य, कितिकम्मं बारसावयं / चउसिरं तिगुत्तं च, दुपवेसं एगणिक्खमणं"। विजयाणं रायहाणी दुवालस जोयणसयमहस्साई आयामविक्खंभेणं प० / रामे ण बलदेवे दुवालस वाससयाई सघाउयं पालित्ता देवत्तं गए। मंदरस्स णं पव्ययस्स चूलिआ मूले दुवालस जोयणाई विखंभेणं प० / जंबूदीवस्स णं दीवस्स वेइया मूले दुवालस जोयणाई विक्खंभेणं प० / सवजहणिया राई दुवालसमुहत्तिया प० / एवं दिवसोऽवि णायबो / सव्वमिद्धस्स णं महाविमाणस्स उवरि. लाओ थुभियग्गाओ दुवालस जो यणाई उद्धं उप्पइआ ईसिपब्भारणामपुढवी प० / सिपब्भाराए णं पुढवीए दुवालस णामधेजा प०, तं०-ईसित्ति वा ईसिपब्भाराइ घा तणूड़ वा तगूयतरि त्ति वा सिद्धित्ति वा सिद्धालए त्ति वा मुत्तीति वा मुत्तालए त्ति वा बभे त्ति वा बभवडिंसए त्ति वा लोकपरिपूरणे त्ति वा लोगग्गचूलिआइ वा / इमीमे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं बारस पलिओवमाई ठिई प० / पंचमीए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं बारस सागरोवमाई ठिई.प० / असुर कुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं बारस पलिओवमाई ठिई प० / सोहम्मीमाणेसु कप्पेसु अत्थेगइयाणं देवाणं बारस पलिओवमाई ठिई प० / लंतए Page #367 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 354 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि / कप्पे अत्थेगइयाणं देवाणं बारस सागरोवमाई ठिई प० / जे देवा महिंद महिंद. ज्झयं कंबु कंबुग्गीवं पुंखं सुखं महापुखं पुड सुपुंड महापुंडं णरिद गरिंदकंतं णरिंदुत्तरवडिंसगं विमाणं देवत्ताए उववण्णा तेसि णं देवाणं उक्कोसेणं बारस सागरोवमाई ठिई प० / ते णं देवा बारसण्हं अद्ध मासाणं आणमंति वा पाणमंति उस्ससंति वा णीससंति वा / तेसि णं देवाणं बारसहिं वाससहस्सेहिं आहारट्ठे समुप्पज्जइ / संतेगइया भव सिद्धिया जीवा जे बारसहिं भवग्गहणेहिं सिज्झिस्संति बुज्झिस्संति मुच्चिस्संति परिणिव्वाइस्मति सव्वदुक्खाणमंतं करिस्संति // 12 // तेरस किरियाठाणा प० त०-अट्ठादंडे अणट्ठादंडे हिंसादंडे अकम्हादंडे दिद्विविपरियासियादंडे मुसावायवत्तिए अदिण्णादाणवत्तिए अज्झथिए माणवत्तिए मित्तदोसवत्तिए मायावत्तिए लोभवत्तिए इरियावहिए णाम तेरसमे / सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु तेरस विमाणपत्थडा प० / सोहम्मवडिंसगे णं विमाणे णं अद्धतेरसजोयणसयसहस्साई आयामविक्खंभेणं प० / एवं ईसाणवडिंसगे वि / जलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियाण अद्धतेरसजाइकुलकोडीजोणीपमुहसयसहस्माई प० / पाणा उस्स णं पुव्वस्स तेरस वत्थू प० / गब्भवक्कंतियपंचेंदियतिरिक्ख जोणियाणं तेरसविहे पओगे प० तं०-सच्चमणपओगे मोसमणपओगे सच्चामोसमणपओगे असच्चामोसमणपओगे सच्चवइपओगे मोसवइपओगे सच्चामोसवइपओगे असच्चामोसवइपओगे ओरालियसरीरकायपओगे ओरालियमीससरीरकायपओगे वेउवियसरीरकायपओगे वेउव्वियमीसंसरीरकायपओगे कम्मसरीरकायपओगे / सूरमंडल जोयणेणं तेरसे (स)हिं एगसट्ठिभाग (गे) हिं जोयणस्स ऊणं प० / इमीसे ण रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं तेरस पलिओवमाई ठिई प० / पंचमीए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं तेरस सागरोवमाई ठिई प० / असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं तेरस पलिओवमाइं ठिई प० / सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु अत्थे. गइयाणं देवाणं तेरस पलिओवमाई ठिई प० / लंतए कप्पे अत्थेगइयाणं देवाणं तेरस सागरोवमाई ठिई प० / जे देवा वजं सुवज्ज वजावत्तं वजप्पभं वज्जतं वजवणं व जलेसं बजरूवं वन्जसिंगं वज सिटुं वजकूडं वज्जुत्तरवडिंसगं वइरं वइरा. वत्तं वइरप्पभं वइरकंतं वइरवणं वइरलेसं वइररूवं वइरसिंगं वइर सिटुं वइरकूड वइमत्तरवडिंसगं लोगं लोगावत्तं लोगप्पभं लोगकंतं लोगवणं लोगलेसं लोगरूवं Page #368 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवाओ स० 14 355 लोगसिंगं लोगसिट्ठ लोगकूडं लोगुत्तरवडिंसगं विमाणं देवत्ताए उववण्णा तेसि णं देवाणं उक्कोसेणं तेरस सागरोवमाई ठिई प० / ते णं देवा तेरसहिं अद्धमासेहिं आणमंति वा पाणमंति वा उस्ससंति वा णीससंति वा / तेसि णं देवाणं तेरसहिं वाससहस्सेहिं आहारटे समुप्पज्जइ / संतेगइया भवसिद्धिया जीवा जे तेरसहिं भवग्गहणेहिं सिन्झिस्संति बुज्झिस्संति मुचिस्संति परिणिव्वाइस्संति सव्वदुक्खाणमंतं करिस्संति / / 13 / / चउद्दस भूअग्गामा प०, तं०-सुहुमा अपज्जत्तया सुहमा पजत्तया बादरा अपज्जत्तया बादरा पज्जत्तया बेइं दिया अपज्जत्तया बेइं दिया पज्जत्तया तेंदिया अपजत्तया तेंदिया पन्जत्तया चउरिंदिया अपजत्तया चउरिंदिया पज्जत्तया पंचिंदिया असण्णिअपज्जत्तया पंचिंदिया असण्णिपज्जत्तया पंचिंदिया सण्णिअपज्जत्तया पंचिंदिया संण्णिपज्जत्तया / चउदस पुव्वा प० तं०-उप्पायपुव्वमग्गेणियं च तइयं च वीरियं पुत्वं / अत्थीणत्थि पवायं तत्तो णाणप्पवायं च // 1 / / सच्चप्पवायपुव्वं तत्तो आयप्पवायपुव्वं च / कम्मप्पवायपुव्वं पच्चक्खाणं भवे णवमं / / 2 / / विजाअणुप्पवायं अबंझ पाणाउ बारसं पुव्वं / तंत्तो किरियविसालं पुव्वं तह बिंदुसारं च // 3 // अग्गेणीअस्स णं पुव्वस्स चउद्दस वत्यू प० / समणस्स णं भगवओ महावीरस्स चउद्दस समणसाहस्सीओ उक्कोसिया समणसंपया होत्था / कम्मविसोहि. मग्गणं पडुच्च चउद्दस जीवट्ठाणा प०, तं०-मिच्छदिट्ठी सासायणसम्मदिट्ठी सम्मामिच्छदिट्ठी अविरयसम्महिट्ठी विरयाविरए पमत्तसंजए अप्पमत्तसंजए णियट्टि. बायरे अणियट्टिबायरे सुहुमसंपराए उवसामए वा खवए वा उवसंतमोहे खीण. मोहे सजोगीकेवली अजोगीकेवली / भरहेरवयाओ णं जीवाओ चउद्दस-चउद्दम जोयणसहस्साई चत्तारि य एगुत्तरे जोयणसए छच्च एगूणवीसे भागे जोयणस्स आयामेणं प० / एगमेगस्स णं रंण्णो चउरंतचकवट्टिस्स चउद्दस रयणा प०, तं0इत्थीरयणे सेणावइरयणे गाहावइरयणे पुरोहियरयणे वडइरयणे आसरयणे हत्थिरयणे असिरयणे दंडरयणे चक्करयणे छत्तरयणे चम्मरयणे मणिरयणे कागिणिरयणे। जंबुद्दीवे णं दीवे चउद्दस महाणईओ पुब्बावरेणं लवणसमुई समप्पेंति, तं०-गंगा सिंधू रोहिया रोहिअंसा हरी हरिकंता सीया सीओया णरकंता णारिकता सुवण्णकूला रुप्पकला रत्ता रत्तवई / इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं च उद्दस पंलिओवमाई ठिई प० / पंचमीए णं पुढवीए अत्यंगइयाणं णेरइयाणं चउद्दस सागरोवमाई ठिई प० / असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं Page #369 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 356 अंग-पविटु सुत्ताणि चउद्दस पलिओवमाइं ठिई प० / सोहम्मीमाणेसु कप्पेसु अत्थेगइयाणं देवाणं चउदस पलिओवमाई ठिई प० / लंतए कप्पे देवाणं उक्कोमेणं चउद्दम सागरोवमाई ठिई प० / महासके कप्पे देवाणं जहणणं च उद्दस सागरोवमाई ठिई प० / जे देवा सिरिकंतं सिरिमहियं सिरिसोमणमं लंतयं काविट्ठ महिंदं महिंदकंतं महिंदु: त्तरवडिंसगं विमाणं देवत्ताए उबवण्णा तेसि णं देवाणं उकोमेणं चउद्दस सागरो. बमाई ठिई प० / ते णं देवा चउद्दसहिं अद्धमामेहिं आणमंति वा पाणमंति वा उस्ससंति वा णीससंति वा / तेसि णं देवाणं चउद्दमहि वामसहस्मेहिं आहारद्वे समुप्प नइ / संतेगइया भवसिद्धिया जीवा जे चउद्दसहिं भवग्गहणेहिं मिझिस्मंति बुज्झिस्संति मुच्चिस्संति परिणिव्वाइस्मति सघदुकग्वाणमंतं करिस्मेति // 14 // पण्णरस परमाहम्मिया प०, तं०-अंबे अंबरिसी चेव, सामे सबले त्ति यावरे / रुद्दोवरुद्दकाले य, महाकाले त्ति यावरे // 1 / / असिपत्ते धणु कुंभे, वादा वेयर णीति य / खरस्सरे महाघोसे, एए पण्णरसाहिआ।। 2 // णमी णं अरहा पण्णरप धणूइं उर्दू उच्चत्तणं होत्था / धुवराहू णं बहुलपकावस्स पडिवए पण्णरसभागं पण. रसभागेणं चंदस्स लेसं आवरेत्ताणं चिट्ठड, तं०-पढमाए पढमं भागं बीआए दुभागं तइआए तिभागं चउत्थीए च उभागं पंचमीए पंचभागं छट्ठीए छभागं सत्त. मीए सत्तभागं अट्ठमीए अट्ठभागं णवमीए णवभागं दममीए दसभागं ए कारसी र एक्कारसभागं बारसीए बारसभागं तेरसीए तेरसभागं च उद्दसीए चउद्दसभागं पण्ण. रसेसु पण्णरसभगं। तं चेत्र सुक्पक नरम य उवदंसेमाणे 2 चिट्ठइ, तं०-पढमाए पढम भागं जाव पण्णरसेसु पण्णरसभागं / छ णक्रवत्ता पण्णरसमुहुनसंजुत्ता प०, तं.–सतभिसय भरणि अद्दा असलेसा साई तहा जेट्ठा / एए छण्णकग्वत्ता पण्णरसमुहत्तसंजुत्ता // 1 // चेत्तासोएसु णं मासेसु पण्णरसमुत्तो दिवसो भवड, एवं चेत्तासोएसु णं मामेसु पण्णरसमुहत्ता राई भवइ / विजाअणुप्पवायस्म णं पुव्वरस पण्णरस वत्थू पण्णत्ता / मणमाणं पण्णरसविहे पओगे प० तं जहा-सच्चमणपओगे मोसमणपओगे सचमोसमणपओगे असच्चामोसमणपओगे सच्चवइपओगे मोसबइप. ओगे सच्चमोसवइपओगे असच्चामोसबइपओगे ओरालियसरीरकायपओगे ओरा. लियमीससरीरकायपओगे वेउब्वियसरीरकायपओगे वेउन्वियमीससरीरकायपओगे आहारयसरीरकायपओगे आहारयमीससरीरकायपओगे कम्मयसरीरकायपओगे / Page #370 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवाओ स०१६ 357 हमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं पण्णरस पलिओवमाई ठिई प० / पंचमीए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं पण्णरस सागरोवमाइं ठिई 50 / असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगडयाणं पण्णरस पलिओवमाइं ठिई प० / सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु अत्थेगइयाणं देवाणं पण्णरस पलिओवमाइं ठिई प० / महासके कप्पे अत्थेगइयाणं देवाणं पण्णरस सागरोवमाइं ठिई प० / जे देवा गंदं मुणंदं गंदावत्तं गंदप्पभं गंदकंतं गंदवणं णंदलेसं णंदज्झयं णंदसिंगं णंदसिटुं णंदकूडं णंदुत्तरवडिमगं विमाणं देवत्ताए उबवण्णा तेसि णं देवाणं उकोमणं पण्णरम सागरोवरमाई ठिई प० / ते णं देवा पण्णरसण्हं अद्धमासाणं आणमति वा पाणमंति वा उस्समंति वा णीससंति वा। तेसि णं देवाणं पण्णरमहिं वाससहस्मेहिं आहारटे समुप्पज्जइ / संतेगइया भवसिद्धिया जीवा जे पण्णरमहिं भवग्गहणेहिं सिज्झिस्संति बुझिस्संति मुच्चिस्संति परिणिव्वाइस्संति सव्वदवाणमंतं करिस्संति // 15 // सोलसय गाहा सोलसगा प०, तं०-समए वेयालिए उवमग्गपरिणा इत्थीपरिण्णा गिरयविभत्ती महावीरथुई कुसीलपरिभासिए वीरिए धम्मे समाही मांगे समोसरणे अहातहिए गंथे जमईए गाहासोलसमे सोलमगे / सोलस कसाया प०, तं०-अणताणुबंधी कोहे, अणंताणुबंधी माणे, अणंताणुब वी माया, अणंताणुबंधी लोभे, अपच्चक्ग्वाणकसाए कोहे, अपञ्चकग्वाणकसाए माणे, अपच्चक्त्राणकसा माया, अपच्चक्रवाणकसाए लोभे, पच्चक्खाणा. वरणे कोहे, पच्चक्खाणाधरणे माणे, पच्चक्रवाणावरणा माया, पच्चक्खाणावरणे लोभे, संजलणे कोहे, संजलणे माणे, संजलणे माया, मंजलणे लोभे / मंदरस्स णं पव्ययस्स सोलस णामधेया पण्णत्ता, तं जहा-मंदर मेरु मणोरम, सुदंसण सयंपभे य गिरिराया / रयणुच्चय पियदसण, मज्झे लोगस्स गाभी य // 1 // अत्थे अ सूरिय वत्ते, सूरि यावरणे त्ति य / उत्तरे य दिसाई य, वडिंमे इय सोलसमे // 2 // पामस्म णं अरहओ पुरिमादाणीयस्स सोलस समणसाहस्सीओ उक्कोसिया समण. संपदा होत्था / आयप्पवायस्स णं पुवस्स णं सोलम वत्थू पण्णत्ता / चमरवलीणं ऊबारियालेणे सोलम जोयणसहस्साई आयामविक्खंभेणं प० / लवणे णं समुद्दे सोलम जोयामहस्माई उस्पेहपरिवुड्डीए पण्णने / इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाण सोलस पलिओवमाई ठिई प० / पंचमीए पुढवीए Page #371 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 358 अंग-पविट्ट सुत्ताणि अत्थेगइयाणं णेरइयाणं सोलस सागरोवमाई ठिई प० / असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाण सोलस पलिओवमाइं ठिई प० / सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु 'अत्थगइ. याण देवाणं सोलस पलिओवमाइं ठिई प० / महासक्के कप्पे देवाणं अत्थेगइयाणं सोलस सागरोवमाई ठिई प० / जे देवा आवत्तं वियावत्तं णंदियावत्तं महाणंदियावत्तं अंकुसं अंकुसपलंबं भहं सुभदं महाभदं सव्वओभदं भद्दुत्तरवडिंसगं विमाणं देवत्ताए उववण्णा तेसि णं देवाणं उक्कोसेणं सोलस सागरोवमाई लिई प० / ते णं देवा सोलसहिं अद्धमासाणं आणमंति वा पाणमंति वा उस्ससंति वा णीससंति वा / तेसि णं देवाणं सोलसवाससहस्सेहिं आहारढे समुप्पजइ / संतगइया भवसिद्धिया जीवा जे सोलसहिं भवग्गहणेहिं सिज्झिस्संति बुझिसति मुच्चिस्मंति परिणिव्वाइस्संति सव्वदुक्रवाणमंत करिस्संति / / 16 // सत्तरसविहे असंजमे प००-पुढविकायअमंजमे आउकाय असंजमे तेउकाय असंजम वाउकाय असंजम वणस्सइकायअसंजमे बेइंदियअसंजमे तेइंदियअसंजमे चउरिंदियअसंजमे पंचिंदियअसंजमे अजीवकायअसंजमे पेहाअसंजमे उवेहाअसंजमे अवहटुअसंजमे अप्पमजणाअसंजमे मणअसंजमे वइअसंजमे कायअसंजमे / सत्तरसविहे संजने पण्णते, तं०--पुढवीकायसंजमें आउकायसंजमे तेउकायसंजमे वाउकायमंजमे वणस्सइकायसंजमे बेइं दियसंजमे तेइंदियसंजमे चउरिंदियमंजमे पंचिंदियसंजय अजीवकायसंजमे पेहासंजमे उबेहासंजमे अवहट्ठसंजमे पमजणासंजमे मणसंजम वइसंजमे कायसंजमे / माणुसत्तरे णं पव्वए सत्तरस एक्कवीसे जोयणसए उड्डे उच्चत्तणं प० / सव्वेसि पि णं वेलंधरअणुवेलंधरणागराईणं आवासपव्वया सत्तरस एक्कवीसाई जोयणसयाई उड्डे उच्चत्तणं प० / लवणे णं समुद्दे सत्तरस जोयणसहस्माई सव्वग्गेणं प० / इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए बहुसमरमणिज्जाओ भूमिभागाओ साइरेगाई सत्तरस जोयणसस्साई उड़े उम्पतित्ता तओ पच्छा चारणाणं तिरिया गई पवत्तइ / चमरस्स णं असुरिंदस्स असुररण्णो तिगिछिकूडे उप्पायपव्वए सत्त. रस एकवीसाइं जोयणसयाइं उढे उच्चत्तेणं प० / बलिस्स णं असुरिंदस्म . रुयगिंदे उपायपवए सत्तरस एकवीसाई जोयणसयाई उडु उच्चत्तेणं प० / सत्तर सविहे मरणे प०, तं०-आवीईमरणे ओहिमरणे आयंतियमरणे चलायमरणे वसट्टमरणे अंतोसल्लमरणे तब्भवमरणे बालमरणे पंडितमरणे बालपंडितमरण छउमत्थमरणे Page #372 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवाओ स०१८ 359 केवलिमरणे वेहासमरणे गिद्ध पिट्ठमरणे भत्तपञ्चक्रवाणमरणे इंगिणिमरणे पाओवगमणमरणे / सुहमसंपराए णं भगवं सुहमसंपरायभावे वट्टमाणे सत्तरस कम्मपगडीओ णिबंधइ,तं०-आभिणिबोहियणाणावरणे सुयणाणावरणे ओहिणाणावरणे मणपज्जव णाणावरणे केवलणाणापरणे चक्खुदंसणावरणे अचक्खुदंसणावरणे ओहिदंसणावरणे केवलदसणावरणे सायावेयणिज्ज जसोकित्तिणाम उच्चागोयं दाणंतराय लाभतराय भोगंतराय उवभोगंतररायं वीरियअंतरायं / इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं सत्तरस पलिओवमाई ठिई प० / पंचमीए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं उकोसेणं सत्तरस सागरोवमाई ठिई प०। छट्टीए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं जहणणेणं सत्तरस सागरोवमाई ठिई प० / असुरकुमाराणं देवाणं अत्थे. गइयाणं सत्तरस पलिओवमाई ठिई प० / सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु अत्थेगइयाणं देवाणं सत्तरस पलिओवमाइं ठिई प० / महासुक्के कप्पे देवाणं उक्कोसेणं सत्तरस सागरोवमाई ठिई प० / सहस्सारे कप्पे देवाणं जहण्णेणं सत्तरस सागरोवमाई ठिई प० / जे देवा सामाणं सुसामाणं महासामाणं परमं महापउमं कुमुदं महाकुमुदं गलिणं महाणलिणं पोंडरीअं महापोंडरीअं सुकं महासुकं सीहं सीहकंतं सीहवीअं भाविअं विमाणं देवत्ताए उबवण्णा तेसि णं देवाणं उक्कोसेणं सत्तरस सागरोवमाई ठिई प० / ते णं देवा सत्तरसहिं अद्धमासेहिं आणमंति वा पाणमंति वा उस्ससंति वा णीसमंति वा / तेसि णं देवाणं सत्तरसहिं वाससहस्से हिं. आहारट्टे समुप्पज्जइ / संतेगइ या भव सिद्धिया जीवा जे सत्तरसहिं भवग्गहणेहिं सिन्झिस्संति बुज्झिस्संति मुच्चिस्संति परिणिव्वाइस्मति सव्वदुक्खाणमंतं करिस्संति / / 17 // अट्ठारसविहे बंभे 50, तं०-ओरालिए कामभोगे णेव सयं मणेणं सेवइ, णो वि अण्णं मणेणं सेवा. वेइ; मणेणं सेवंतं पि अण्णं ण समशुजागाइ ओरालिए कामभोगे णेव संयं वायाए सेवइ, णो वि अण्णं वायाए सेवावेइ, वायाए सेवंतं पि अण्णं ण समणुजाणाइ, ओरालिए कामभोगे णेव संयं काएणं सेवइ, णो वि यऽणं काएणं सेवावेइ, कारणं सेवंतं पि अण्णं ण समगुजाणाइ, दिव्वे कामभोगे णेव सयं मणेणं सेवइ, णो वि अण्ण मणेणं सेवावेइ, मणेणं सेवंत पि अण्णं ण समणुजाणाइ, दिव्वे कामभोगे णेव सयं वायाए सेवइ, णो वि अण्णं वायाए सेवावेइ, वायाए सेवंतं पि अण्णं ण समणुजाणाइ, दिव्वे कामभोगे णेव सयं कारणं सेवइ, णो वि अण्णं कारणं सेवावेइ, कारणं सेवंतं पि अण्णं ण समणुजाणाइ / अरहओ णं अरिट्ठणेमिस्स Page #373 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 360 अंग-पविट सुत्ताणि अट्ठारस समणसाहस्सीओ उक्कोसिया समणसंपया होत्था / समगेण भगवया महावीरण समणाग णिग्गथागं सखुड्डय वयत्ताण उट्ठारस ठाणा प०, तं०-वय कं का यछकं, अकप्पो गिहिभायण; पलियंक णि सिज्जा य, सिणाणं सोभव जण / 1 / / आयारस्म णं भगवओ सचूलियागस्स अट्ठारस पयसहस्साई पयग्गेणं पणत्ताई। बंभीए णं लिवीए अट्ठारसावहे लेग्वविहाण प०, तं०-बंभी जवणी लियादोसा ऊरया खरोट्टिया खरसाविया पहाराइया उच्चत्तरिया अक्वरपुद्धि (त्थि) या भोगवयया वेणइया गिण्हइया अंकलिवि गणियलिवि गंधव्वालिवी [भूयलिवी आदंसलिवी माहेमरीलिवी दामिलिवी बोलिंदि लिखी। अत्थिणत्यिप्पया यस्म णं पुवस्स णं अट्ठारस वत्यू प० / धूमप्पभाए णं पुढवीए अट्ठारसुत्तरं जोयणमयसहरसं बाहलेणं प० / पोसासाढेन णं मासु सइ उकोमणं अट्ठारस महुत्ते दिवस भवइ सइ उक्कोसणं अट्ठारम मुहुत्ता राई भवइ / इमीस | रयणप्पभाए पुढवीए अत्ये. गइयाणं णेरइयागं अट्ठारस पलिओवमाई ठिई प० / छटीए पुढवीए अत्येगइ. याणं णेरइयाणं अट्ठारस सागरोवमाई ठिई प० / असुरकुमाराणं देवाणं अत्यंगइयाणं अट्ठारस पलिओचमाई ठिई प० / सोहम्मीमाणेसु कप्पेसु अत्थंगइयाणं देवाणं अट्ठारम पलिओरमाइं ठिई प० / सहस्सारे कप्पे देवागं उक्कोसेणं अट्ठारस मागरोवमाई ठिई प० / आणर कप्पे देवा गं अत्यगइयाणं जहगणं अट्ठारस सागरीचमाई ठिई प० / जे देवा कालं सुकालं महाकालं अंजणं रिलु मालं समाणं दुमं मादुर्म विसालं सुसालं पउमं पउमगुम्म कुमुदं कुमुद गुम्मं णलिणं णलिणगुम्मं पुंडरीअं पुंडरीयगुम्मं सहस्सारबडिंसग विमाणं देवत्ताए उपवजा तसि णं देवाणं (उकालणं) अट्ठारस सागरोवमाई ठिई प० / ते णं देवा णं अट्ठारसेहिं अद्धमासेहि अणमंति वा पाणमंति वा ऊमसंति वा णीससंति वा / तेसि गं देवाणं अट्ठारसवाससस्सहि आहारटे समुप्पजइ / मंतेगइया भव सिद्धिया ( जीवा) जे अट्ठारसहिं भवागणेहिं सिझिस्संति बुझिस्मति मुच्चिस्मंति परिणिन्वाइस्मति सम्बदुक्रवाणमंतं कस्मिंति // 18 // एगूणवीसं णायन्झयगा प० तं०-उक्वित्तणाए, संघाटे, अंडे, कुम्मे, य सेलए / तुंबे य रोहिणी, मल्ली, मागंदी, चंदिमाइ य / / 1 // दावहवे, उदगणाए, मंडुक्के, तेत्तली इय / णंदिफले, अवरकंका, आइण्णे, सुसमाइ य // 2 // अवरे य पोंडरीए, णाए एगूणवीसमे / जंबुद्दीवे णं दी। सूरिआ उक्कोसेणं / गुगवीस Page #374 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवाओ स० 20 361 जोयणसयाई उड्डमहो तवयंति / सुक्के णं महग्गहे अवरे णं उदिए समाणे एगूणवीसं णक्खत्ताई समं चारं चरित्ता अवरेणं अत्थमण उवागच्छइ / जंबुद्दीवस्स णं दीवस्स कलाओ एगूणवीसं छेयणाओ प० / एगूणवीसं तित्थयरा अगारवासमझे वसित्ता मुंडे भवित्ता णं अगाराओ अणगारियं पव्वइआ / इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं एगूणवीसं पलिओवमाई ठिई प० / छट्ठीए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं एगूणवीसं सागरोवमाइं ठिई प० / असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं एगूणवीसं पलिओवमाइं ठिई प० / सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु अत्थेगइयाणं देवाणं एगूणवीसं पलिओवमाइं ठिई प०। आणयकप्पे अत्थेगइयाणं] देवाणं उक्कोसेणं एगूणवीसं सागरोवमाई ठिई प० / पाणए कप्पे [अत्थेगइयाणं] देवाणं जहण्णेणं. एगूणवीसं सागरोवमाई ठिई प० / जे देवा आणतं पाणतं णतं विणतं घणं सुसिरं इंदं इंदोकंतं इंदुत्तरवडिंसगं विमाणं देवत्ताए उववण्णा तेसि णं देवाणं उक्कोसेणं एगूणवीसं सांगरोवमाई ठिई प० / ते णं देवा एगूणवीसाए अद्धमासाणं आणमंति वा पाणमंति वा उस्ससंति वा णीससंति वा / तेसि णं देवाण एगूणवीसाए वाससहस्सेहिं आहारटे समुप्पज्जइ। संतेगइया भवसिद्धिया जीवा जे ए गूणवीसाए भवग्गहणेहि सिज्झिस्संति बुज्झिस्संति मुच्चिस्संति परिणिव्या. इस्संति सव्वदुक्खाणं अंतं करिस्संति // 19 // वीसं असमाहिठाणा प० तं.-- दवदवचारि यावि भवइ, अपमजियचारि यावि भवइ, दुप्पमजियचारि यावि भवइ, अइरित्तसेज्जासणिए, राइणियपरिभासी, थेरोवघाइए, भूओवघाइए, संजलणे कोहणे, पिढिमंसिए, अभिक्खणं अभिक्खणं ओहारइत्ता भवइ, णवाणं अधिकरणाणं अणुप्पण्णाणं उप्पाएत्ता भवइ, पोराणाणं अधिकरणाणं खामियवि. उसवियाणं पुणोदीरेत्ता भवई, ससरक्खपाणिपाए, अकालसज्झायकारए यावि भवइ, कलहकरे, सहकरे, झंझकरे, सूरप्पमाणभोई, एसणाऽसमिए यावि भवइ / मुणिसुव्वए णं अरहा वीसं धणूइं उढे उच्चत्तेणं होत्था / सम्वेऽविअ णं घणोदही वीस जोयणसहस्साई बाहल्लेणं पण्णत्ताओ / पाणयस्स णं देविंदस्स देवरण्णो वीस सामाणियसाहस्सीओ पण्णत्ताओ / णपुंसयवेयणिज्जस्स णं कम्मस्स वीसं सागरो. वमकोडाकोडीओ बंधओ बंधठिई प० / पञ्चक्खाणस्स णं पुव्वस्स वीस वत्थू प० / उस्सप्पिणिओसप्पिणिमंडले वीसं सागरोवमकोडाकोडीओ कालो पण्णत्तो / इमीसे ण रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं वीस पलिओवमाई ठिई प० / Page #375 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 362 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि छट्ठीए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं वीसं सागरोवमाइं ठिई प० / असुर. कुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं वीसं पलिओवमाई ठिई प० / सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु अत्थेगइयाणं देवाणं वीसं पलिओवमाई ठिई प० / पाणते कप्पे देवाणं उक्कोसेणं वीसं सागरोवमाई ठिई प० / आरणे कप्पे देवाणं जहण्णेणं बीसं सागरो. वमाई ठिई प० / जे देवा सायं विसाय सुविसायं सिद्धत्थं उप्पलं भित्तिलं तिगिच्छं दिसासोवत्थियं पलंबं रुइलं पुप्फ सुपुप्फ पुप्फावत्तं पुप्फपभं पुप्फकंतं पुप्फवण्णं पुप्फलेसं पुप्फज्झयं पुप्फसिंगं पुप्फसिद्धं पुप्फुत्तरवडिंसगं विमाणं देवत्ताए उबवण्णा तेसि णं देवाणं उकोसेणं वीसं सागरोवमाइं ठिई प० / ते णं देवा वीसाए अद्धमासाणं आणमंति वा पाणमति वा उस्ससंति वा णीससंति वा / तेसि णं देवाणं वीसाए वाससहस्सेहिं आहारढे समुप्पन्नइ / संतेगइया भवसिद्धि या जीवा जे वीसाए भवग्गहणेहिं सिज्झिस्संति बुझिस्संति मुच्चिस्संति परिणिव्वाइस्संति सव्व. दुक्खाणमंतं करिस्संति // 20 // एक्कवीसं सबला प० त०-हत्थकम्मं करेमाणे सबले, मेहुणं पडिसेवमाणे सबले, राइभोयणं भुंजमाणे सबले, आहाकम्मं भुंजमाणे सबले, सागारियं पिंडं भुंजमाणे सबले, उद्देसियं कीयं वा पामिच्चं वा अच्छिज्जं वा अणिसिद्धं वा आहटु दिज्जमाणं भंजमाणे सबले, अभिक्खणं अभिक्खणं पडियाइक्खेत्ता णं भुंजमाणे सबले, अंतो छण्हं मासाणं गणाओ गणं संकममाणे सबले, अंतो मासस्स तओ दगलेवे करेमाणे सबले, अंतो मासस्स तओ माईठाणे सेवमाणे सबले, रायपिंड भंजमाणे सबले, आउट्टियाए पाणाइवायं करेमाणे सबले, आउट्टियाए मुसावायं वयमाणे सबले, आउट्टियाए अदिण्णादाणं गिण्हमाणे सबले, आउट्टियाए अणंतरहियाए पुढवीए ठाणं वा णिसीहियं वा चेएमाणे सबले, आउट्टियाए ससणिद्धाए पुढवीए ससरक्खाए पुढवीए ठाणं वा णिसीहियं वा चेएमाणे सबले, आउट्टियाए चित्तमंताए पुढवीए चित्तमंताए सिलाए चितमंताए लेलूए कोलावासंसि वा दारुए जीवपइट्ठिए सअंडे सपाणे सबीए सहरिए सउत्तिंगे पणगदगमट्टीमक्कडासंताणए तहप्पगारे ठाणं वा सिजं वा णिसीहियं वा चेएमाणे सबले, आउट्टियाए मूलभोयणं वा कंदभोयणं वा खंधभोयणं वा तया. भोयणं वा पवालभोयणं वा पत्तभोयणं वा पुप्फभोयणं वा फलभोयणं वा बीयभोयणं वा हरियभोयणं वा भुंजमाणे सबले, अंतो संवच्छंरस्स दस दगलेवे करेमाणे सबले, अंतो संवच्छरस्स दस माइठाणाई सेवमाणे सबले, आउट्टियाए Page #376 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवाओ स० 22 सीओदयवियडवग्धारियहत्थेण वा 4 असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा पडि. गाहित्ता भुंजमाणे सबले / णियट्टिबायरस्स णं खवियसत्तयस्स मोहणिज्जस्स कम्मस्स एक्कवीस कम्मंसा संतकम्मा प० तं जहा-अपञ्चक्खाणकसाए कोहे, अपच्चक्खा. णकसाए माणे, अपञ्चक्खाणकसाए माया, अपच्चक्खाणकसाए लोभे, पच्चक्खाणावरणकसाए कोहे, पञ्चक्खाणावरणकसाए भाणे, पञ्चक्खाणावरणकसाए माया, पच्चक्खाणावरणकसाए लोभे, संजलणकसाए कोहे, संजलणकसाए माणे, संजलणकसाए माया, संजलणकसाए लोभे, इत्थिवेए, पुंवेए, णपुंवेए, हास्ने, अरइ, रइ, भय, सोग, दुगुंछा / एकमेकाए णं ओसप्पिणीए पंचमछटाओ समाओ एक्कवीसं एक्कवीसं वाससहस्साई कालेणं प० त०-दूसमा दूसमदूसमा / एगमे. गाए णं उत्सप्पिणीए पढमबिइयाओ समाओ एकवीसं एकवीसं वाससहस्साई कालेणं प० तं०-दूसमदूसमाए दूसमाए य / इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं एकवीसपलिओवमाइं ठिई प० / छट्ठीए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं एकवीससागरोवमाइं. ठिई प० / असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं एगवीसपलिओवमाई ठिई प० / सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु अत्थेगइ. याणं देवाणं एकवीसं पलिओवमाई ठिई प० / आरणे कप्पे देवाणं उक्कोसेणं एकवीसं सागरोवमाई ठिई प० / अच्चुए कप्पे देवाणं जहण्णेणं एकवीसं सागरोवमाइं ठिई प० / जे देवा सिरिवच्छं सिरिदामकंडं मलं किट्ठे चावोग्णयं अरण्णवडिंसंग विमाणं देवत्ताए उववण्णा तेसि णं देवाणं उक्कोसेणं एक्कवीसं सागरोवमाइं ठिई प० / ते णं देवा एक्कवीसाए अद्धमासाणं आणमंति वा पाणमंति वा उस्ससंति वा णीससंति वा / तेसि णं देवाणं एक्कवीसाए वाससहस्से हिं आहारढे समुप्पज्जइ / संतेगइया भवसिद्धिया जीवा जे एक्कवीसाए भवग्गहणेहिं सिज्झिस्संति बुज्झिस्संति मुचिस्संति परिणिव्वाइस्संति सव्वदुक्खाणमंतं करिस्संति / / 21 // बावीसं परीसहा प० तं जहा-दिगिंछापरीसहे, पिवासापरीसहे, सीयपरीसहे, उसिणपरीसहे, * दसमसगपरीसहे, अचेलपरीसहे, अरइपरीसहे, इत्थीपरीसहे, चरियापरीसहे, णिसी हियापरीसहे, सिज्जापरीसहे अक्कोसपरीसहे, वहपरी. सहे, जायणापरीसहे, अलाभपरीसहे, रोगपरीसहे, तणफासपरीसहे, जल्लपरीस हे, सक्कारपुरकारपरीसहे, पण्णापरीसहे, अण्णाणपरीसहे, दंसणपरीसहे / दिटिवायस्स णं बावीसं सुत्ताई छिण्णछेयणइयाई ससमयसुत्तपरिवाडीए बावीस सुत्ताई अछि Page #377 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 364 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि ण्णछेयणइयाई आजीवियसुत्तपरिवाडीए / बावीस सुत्ताई तिकणइयाई तेरासिअ. सुत्तपरिवाडीए / बावीस सुत्ताई चउक्कणइयाई ससमयसुत्तपरिवाडीए / बावीसविहे पोग्गलपरिणामे पतं०-कालवणपरिणामे,णीलवण्णपरिणामे, लोहियवण्णपरिणामे, हालिहवण्णपरिणामे, सुकिल्लवण्णपरिणामे, सुब्भिगंधपरिणामे, दुभिगंधपरिणामे, तित्तरसपरिणामे, कडुयरसपरिणामे, कसायरसपरिणामे, अंबिलरसपरिणामे, महुररसपरिणामे, कखडफासपरिणामे, मउयफासपरिणामे, गुरुफासपरिणामे, लहुफासपरिणामे, सीयफासपरिणामे, उसिणफासपरिणामे, णिद्धफासपरिणामे, लुक्ग्वफासपरिणामे, अगुरुलहुफासपरिणामे, गुरुलहुफासपरिणामे / इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं बावीसं पलिओवमाइं ठिई प० / छट्टीए पुढवीए (णेरइयाणं) उक्कोसेणं बावीसं सागरोवमाई ठिई प० / अहेसत्तमाए पुढवीए [अत्थेगइयाणं] णेरइयाणं जहण्णेणं बावीसं सागरोवमाई ठिई प० / असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं बावीस पलिओवमाई ठिई प० / सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु अत्थेगइयाणं देवाणं बावीसं पलिओवमाई ठिई प० / अच्चुए कप्पे देवाणं (उक्कोसेणं) बावीसं सागरोवमाइं ठिई प० / हेटिमहेट्ठिमगेवेज्जयाणं देवाणं जहणेण बावीस सागरोवमाइं ठिई प० / जे देवा महियं विसूहियं विमलं पभासं वणमालं अच्चुयवडिंसगं विमाणं देवत्ताए उववण्णा तेसि णं देवाणं उक्कोसेणं बावीसं सागरोवमाई ठिई प० / ते णं देवा बावीसाए अद्धमासाणं आणमंति वा पाणमंति वा उस्ससंति वा णीससंति वा / तेसि णं देवाणं बावीसवाससहस्सेहिं आहारटे समुप्पज्जइ / संतेगइया भव सिद्धिया जीवा जे बावीसं भवग्गहणेहिं सिज्झिस्संति बुझिस्संति मुच्चिस्संति परिणिवाइस्संति सव्वदुक्खाणमंतं करिस्संति / / 22 / / तेवीसं सुयगडज्झयणा प० तं०-समए, वेयालिए, उवसग्गपरिणा, थीपरिणा, णरयविभत्ती, महावीरथुई, कुसीलपरिभासिए, वीरिए, धम्मे, समाही, मग्गे, समोसरणे, आहत्तहिए, गंथे, जमईए, गाथा, पुंडरीए, किरियाठाणा, आहारपरिणा, [अ] प्पच्चक्वाणकिरिया, अणगारसुयं, अद्दइज्जं, णालंदइज्जं / जंबुद्दीवे णं दीवे भार हे वासे इमीसे णं ओसप्पिणीए तेवीसाए जिणाणं सूरुग्गमणमुहुत्तंसि केवलवरणाणदसणे समुप्पप्पण्णे / जंबुद्दीवे णं दीवे इमीसे णं ओसप्पिणीए - तेवीसं तित्थयरा पुत्वभवे एक्कारसंगिणो होत्था, तं जहा– अजित संभव अभिणंदण सुमई जाव Page #378 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवाओ स०२४ 365 पासो वद्धमाणो य, उसमे णं अरहा कोसलिए चोहसपुव्वी होत्था / जंबुद्दीवे णं दीवे इमीसे ओसप्पिणीए तेवीसं तित्थयरा पुव्वभवे मंडलियरायाणो होत्था, तं जहा-अजित संभव अभिणंदण जाव पासो वद्धमाणो य, उसमे णं अरहा कोस. लिए पुत्वभवे चक्कवट्टी होत्था / इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं तेवीसं पलिओवमाई ठिई प० / अहेसत्तमाए णं पुढवीए अत्थे. गइयाणं णेरइयाणं तेवीसं सागरोवमाई ठिई प० / असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं तेवीसं पलिओवमाई ठिई प० / सोहम्मीसाणाणं. देवाणं अत्थेगइयाणं तेवीसं पलिओवमाई ठिई प० / हेटिममज्झिमगेविजाणं देवाणं जहण्णेणं तेवीसं सागरोवमाई ठिई प० / जे देवा हेछिमहेडिमगेवेजयविमाणेसु देवत्ताए उववण्णा तेसि णं देवाणं उक्कोसेणं तेवीस सागरोवमाई ठिई प० / ते णं देवा तेवीसाए अद्धमासाणं (मासेहिं) आणमंति वा पाणमंति वा ऊससंति वा णीससंति वा। तेसि णं देवाणं तेवीसाए वाससहस्सेहिं आहारट्टे समुप्पज्जइ / संतेगइया भवसिद्धिया जीवा जे तेवीसाए भवग्गहणेहिं सिन्झिस्संति बुज्झिस्संति मुच्चिस्संति परिणिव्वाइस्संति सम्वदुक्खाणमंतं करिस्संति // 23 // चउव्वीसं देवाहिदेवा प० तं जहा-उसभअजितसंभवअभिणंदणसुमइपउमप्पहसुपासचंदप्पहसुविधिसीयलसिज्जंस. वासुपुज्जविमलअणंतधम्मसंतिकुंथुअरमल्लीमुणिसुव्वयणमिणेमीपासवद्धमाणा / चुल्ल.. हिमवंतसिहरीणं वासहरपव्वयाणं जीवाओ चउव्वीसं चउव्वीसं जोयणसहस्साई णवत्तीसे जोयणसएं एगं अट्ठत्तीसइभागं जोयणस्स किंचि विसेसाहियाओ आया. मेणं प० / चउवीसं देवठाणा सइंदया पं० सेसा अहमिंदा अणिंदा अपुरोहिया / उत्तरायणगए णं सूरिए चउवीसंगुलियं पोरिसिछायं णिव्वत्तइत्ता णं णिअट्टइ / गंगासिंधूओ णं महाणईओ पवाहे साइरेगेणं चउवीसं कोसे वित्थारेणं प० / रत्तारत्तवईओ णं महाणईओ पवाहे साइरेगे चउवीस कोसे वित्थारेणं प० / इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाण णेरइयाणं चउवीसं पलिओवमाई ठिई प० / अहेसत्तमाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं चउवीसं सागरोवमाई ठिई प० / असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं चउवीसं पलिओवमाई ठिई प० / * सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु अत्थेगइयाणं देवाणं चउवीसं पलिओवमाई ठिई प० / हेट्टिमउवरिमगेविजाणं देवाणं जहण्णेणं चउवीसं सागरोवमाई ठिई प० / जे देवा Page #379 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 366 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि हेट्ठिममज्झिमगेवेज्जयविमाणेसु देवत्ताए उववण्णा तेसि णं देवाणं उक्कोसेणं चउवीसं सागरोवमाई ठिई प० / ते ण देवा चउवीसाए अद्ध मासाणं आणमंति वा पाणमंति वा ऊससंति वा णीससंति वा / तेसि णं देवाणं चउवीसाए वाससहस्सेहिं आहारटे समुप्पज्जइ / संतेगइया भवसिद्धिया जीवा जे चउवीसाए भवग्गहणेहिं सिज्झिस्संति बुज्झिस्संति मुचिस्सति परिणिव्वाइस्संति सव्वदुक्खाणमंतं करिसंति / / 24 // पुरिमपच्छिमगाणं तित्थगराणं पंचजामस्स पणवीसं भावणाओ प० तं०-इरियासमिई, मणगुत्ती, वयगुत्ती, आलोयभायणभोयणं, आदाणभंडमत्त. णिक्खेवणासमिई, अणुवीइभासणया, कोहेविवेगे, लोभविवेगे, भयविवेगे, हास. विवेगे, उग्गहअणुण्णवणया, उग्गहसीमजाणणया, सयमेव उग्गहं अणुगिण्हणया, साहम्मियउग्गहं अणुण्णविय परिभुंजणया, साहारणभत्तपाणं अणुण्णविय पडि. भुंजणया, इत्थीपसुपंडगसंसत्तगसयणासणवज्जणया, इत्थीकह विवज्जणया, इत्थीणं इंदियाणमालोयणवज्जणया, पुव्वरयपुव्वकीलियाणं अणणुसरणया, पणीताहारविवज्ज. णया, सोइंदियरागोवरई, चक्खिदियरागोवरई, घाणिंदियरागोवरई, जिभिदियरागोवरई, फासिंदियरागोवरई / मल्ली णं अरहा पणवीसं धणुइं उर्दू उच्चत्तेणं होत्था / सव्वेवि दीहवेयड्डपब्वया पणवीसं जोयणाणि उट्ठे उच्चत्तेणं पण्णत्ता पणवीसं पणवीसं गाउयाणि उव्विद्धेणं प० / दोच्चाए णं पुढवीए पणवीसं णिरयावाससयसहस्सा पण्णत्ता / आयारस्स णं भगवओ सचूलिआयस्स पणवीसं अज्झयणा पण्णत्ता, तं०सत्थपरिण्णा लोगविजओ सीओसणीअ सम्मत्तं / आवंति धुय विमोह उवहाणसुयं महपरिण्णा / पिंडेसण सिज्जिरिआ भासज्झयणा य वत्थ पाएसा / उग्गहपडिमा सत्तिकसत्तया भावण विमुत्ती / णिसीहज्झयणं पणवीसइमं / मिच्छादिहि विगलिं. दिए णं अपज्जत्तए णं संकिलिट्ठपरिणामे णामस्स कम्मस्स पणवीसं उत्तरपयडीओ णिबंधइ तिरियगइणामं विगलिंदियजाइणामं ओरालियसरीरणामं तेअगसरीरणामं कम्मणसरीरणामं हुंडगसंठाणणामं ओरालियसरीरंगोवंगणामं छेवट्ठसंघयणणाम वण्णणामं गंधणामं रसणामं फासणामं तिरियाणुपुविणामं अगुरुलहुणामं उवघाय. णाम तसणामं बादरणामं अपजत्तयणामं पत्तेयसरीरणामं अथिरणामं असुभणामं दुभगणामं अणादेज्जणामं अजसोकित्तिणामं णिम्माणणामं / गंगासिंधूओ णं महाणईओ पणवीसं गाउयाणि पुहुत्तेणं दुहओ घडमुहपवित्तिएणं मुत्तावलिहारसंठिएणं Page #380 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवाओ स० 26-27 367 पवाए ण पडंति / रत्तारत्तवईओ णं महाणईओ पणवीसं गाउयाणि पुहुत्तेणं मकर (घड) मुहपवित्तिएणं मुत्तावलिहारसंठिएणं पवाएण पडंति / लोगबिंदुसारस्स णं पुवस्स पणवीसं वत्यू प० / इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं पणवीसं पलिओवमाई ठिई प० / अहे सत्तमाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं पणवीसं सागरोवमाइं ठिई प० / असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं पणवीसं पलिओवमाइं ठिई प० / सोहम्मीसाणे णं देवाणं अत्थेगइयाणं पणवीसं पलिओ. वमाई ठिई प० / मज्झिमहेढिमगेवेजाणं देवाणं जहण्णेणं पणवीसं सागरोवमाई ठिई प० / जे देवा हेट्ठिमउवरिमगेवेजगविमाणेसु देवत्ताए उववण्णा तेसि णं देवाणं उक्कोसेणं पणवीसं सागरोवमाई ठिई प० / ते णं देवा पणवीसाए अद्धमासेहिं आणमंति वा पाणमंति वा उस्ससंति वा णीससंति वा / तेसि णं देवाणं पणवीसं वाससहस्सेहिं आहारट्टे समुप्पज्जइ / संतेगइया भवसिद्धिया जीवा जे पणवीसाए भवग्गणेहिं सिज्झिस्संति बुज्झिस्संति मुचिस्संति परिणिव्वाइस्संति सव्व. दुकावाणमंतं करिस्संति / / 25 // छव्वीसं दसकप्पववहाराणं उद्देसणकाला प०, तं०दस दसाणं छ कप्पस्स दस ववहारस्स / अभवसिद्धियाणं जीवाणं मोहणिज्जस्स कम्मस्स छब्बीसं कम्मंसा संतकम्मा प०, तं०-मिच्छत्तमोहणिज्जं सोलस कसाया इत्थीवेए पुरिसवेए णपुंसकवेए हासं अरइ रइ भयं सोगं दुगुंछा / इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं छव्वीसं पलिओवमाई ठिई प० / अहे सत्तमाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं छब्बीसं सागरोवमाइं ठिई प० / असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं छब्बीसं पलिओवमाई ठिई प० / सोहम्मीसाणे णं देवाणं अत्यंगइयाणं छव्वीसं पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता / मज्झिममज्झिमगेवेज्जयाणं देवाणं जहण्णेणं छव्वीसं सागरोवमाई ठिई प० / जे देवा मज्झिमहेछिमगेवेजयविमाणेसु देवत्ताए उववण्णा तेसि णं देवाणं उक्कोसेणं उव्वीसं सागरोवमाई ठिइ प० / ते णं देवा छव्वीसाए अद्धमासेहिं आणमंति वा पाणमंति वा उस्ससंति वा णीससंति वा / तेसि णं देवाणं छव्वीसं वाससहस्सेहिं आहारट्टे समुप्पज्जइ / संतेगइया भवसिद्धिया जीवा जे छव्वीसेहिं भवग्गहणेहिं सिज्झिस्संति बुज्झिस्संति मुच्चिस्संति परिणिव्वाइस्संति सव्वदुक्खाणमंतं करिस्संति।।२६॥ सत्तावीसं अणगारगुणा प०२०पाणाइवायाओ वेरमणं, मुसावायाओ वेरमणं, अदिण्णदाणाओ वेरमणं, मेहुणाओ Page #381 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंग-पविट्ठ सुत्ताणि वेरमणं, परिग्गहाओ वेरमणं, सोई दियणिग्गहे, चक्खिदियणिग्गहे, घागिदियणिग्गहे, जिभिदियणिग्गहे, फासिंदियणिग्गहे, कोहविवेगे, माणविवेगे, मायाविवेगे, लोभविवेगे, भावसच्चे, करणसचे, जोगसच्चे, खमा, विरागया, मणसमाहरणया, वयसमाहरणया, कायसमाहरणया, णाणसंपण्णया, दंसणसंपण्णया, चरित्तसंपण्णया, वेयणअहियासणया, मारणंतियअहियासणया / जंबुद्दीवे दीवे अभिइवजेहिं सत्तावीसाए णखत्तेहिं संववहारे वट्टइ / एगमेगे णं णक्खत्तमासे सत्तावीसाहिँ राइंदि. याहिं राइंदियग्गेणं प० / सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु विमाणपुढवी सत्तावीसं जोयणसयाई बाहल्लेणं पण्णत्ता / वेयगसम्मत्तबंधोवरयस्स णं मोहणिज्जस्स कम्मस्स सत्तावीसं उत्तरपयडीओ संतकम्मंसा प० / सावणसुद्धसत्तमीसु णं सूरिए सत्तावीमंगुलीयं पोरिसिच्छायं णिवत्तइत्ता णं दिवसखेत्तं णियट्टेमाणे रयणिखेत्तं अभिणिवट्टमाणे चारं चरइ / इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं सत्तावीस पलिओवमाई ठिई प० / अहे सत्तमाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं सत्तावीसं सागरोवमाई ठिई प० / असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं सत्तावीस पलि. ओवमाइं ठिई प० / सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु अत्थेगइयाणं देवाणं सत्तावीस पलिओवमाई ठिई प० / मज्झिमउवरिमगेवेजयाणं देवाणं जह्मणेणं सत्तावीस सागरोवमाई ठिई प० / जे देवा मज्झिममझिमगेवेज्जयविमाणेसु देवत्ताए उववण्णा तेसि ण देवाणं उक्कोसेणं सत्तावीसं सागरोवमाइं ठिई प० / ते णं देवा सत्तावीसाए अद्धमासेहिं आणमंति वा पाणमंति वा उस्ससंति वा णीससंति वा / तेसि णं देवाणं सत्तावीसवाससहस्सेहिं आहारढे समुप्पज्जइ / संतेगइया भवसिद्धिया जीवा जे सत्तावीसाए भवग्गहणेहिं सिज्झिस्संति बुज्झिस्संति मुच्चिस्संति परिणिव्वाइ. स्संति सव्वदुक्खाणमंत करिस्सति।२७।अट्ठावीसविहे आयारपकप्पे प०,तं०-मासिया आरोवणा, सपंचराईमासिया आरोवणा, सदसराइमासिया आरोवणा, (सपण्णरस. राइमासिया आरोवणा, सवीसइराइमासिया आरोवणा, सपंचवीसराइमासिया आरोवणा) एवं चैव दोमा सिया आरोवणा, सपंचराईदोमासिया आरोवणा, एवं तिमा. सिया आरोवणा, चउमासिया आरोवणा, उवघाइया आरोवणा, अणुवघाइया आरोवणा, कसिणा आरोवणा, अकसिणा आरोवणा, एतावताक्आयारपकप्पे एतावताव आयरियव्वे / भवसिद्धियाणं जीवाणं अत्थेगइयाणं मोहणि जस्स कम्मस्स अट्ठा Page #382 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवाओ स० 28 369 वीस कम्मंसा संतकम्मा प० त०-सम्मत्तवेयणिजं मिच्छत्तवेयणिज्जं सम्ममिच्छ. त्तवेयणिज्जं सोलस कसाया णव णोकसाया / आभिणिबोहियणाणे अट्ठावीसइविहे प० त० सोइंदियअत्थावग्गहे, चक्खिदियअत्थावग्गहे, घाणिदियअत्थावग्गहे, जिभिदियअत्थावग्गहे, फासिंदियअत्थावग्गहे, णोइंदियअत्थावग्गहे, सोइंदियवंजणोग्गहे, घाणिदियवंजणोग्गहे, जिभिदियवंजणोग्गहे, फासिंदियवंजणोग्गहे, सोइंदियईहा, चक्खिदियईहा, घाणिंदियईहा, जिभिदियईहा, फासिंदियईहा, णोइंदियईहा, सोइंदियावाए, चक्खिदियावाए, घाणिंदियावाए, जिभिदियावाए, फासिंदियावाए, णोइंदियावाए, सोइंदियधारणा, चक्खिदियधारणा, घाणिंदिय. धारणा, जिन्भिदियधारणा, फासिंदियधारणा, णोइंदियधारणा। ईसाणे णं कप्पे अट्ठावीसं विमाणावाससयसहस्सा प० / जीवे णं देवगई बंधमाणे णामस्स कम्मरस अट्ठा. वीसं उत्तरपयडीओ णिबंधइ, तं०-देवगइणाम, पंचिंदियजाइणाम, वेउब्वियसरीरणाम, तेययसरीरणाम, कम्मणसरीरणाम, समचउरंससंठाणणामं, वेउब्वियसरीरंगोवं. गणाम, वण्णणामं, गंधणाम, रसणाम, फासणाम, देवाणुपुविणामं, अगुरुल. हुणाम, उवघायणाम, पराघायणाम, उस्सासणामं पसत्थविहायोगइणामं, तसणामं, बायरणाम, पज्जत्तणाम, पत्तेयसरीरणाम, थिराथिराणं सुभासुभाणं (सुभगणाम, सुस्सरणाम), आएज्जाणाए जाणं दोण्हं अण्णयरं एगं णामं णिबंधइ, जसोकित्तिणाम, णिम्माणणामं / एवं चेव णेरइया वि; णाणत्तं अप्पसत्थविहायोगइणामं हुंडगसंठाणणामं, अथिरणाम, दुब्भगणामं, असुभणामं दुस्सरणाम, अणादिजणामं, अजसोकित्तीणाम, णिम्माणणामं / इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं अट्ठावीस पलिओवमाइं ठिई प० / अहे सत्तमाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं अट्ठावीसं सागरोवमाई ठिई प० / असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं अट्ठावीसं पलिओवमाइं ठिई प० / सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु देवाणं अत्थेगइयाणं अट्ठावीस पलिओवमाई ठिई प० / उवरिमहेट्ठिमगेवेजयाणं देवाणं जहण्णेणं अट्ठावीसं सागरो. वमाई ठिई प० जे देवा मज्झिमउवरिमगेवेज्जएसु विमाणेसु देवत्ताए उववण्णा तेसि णं देवाणं उक्कोसेणं अट्ठावीसं सागरोवमाई ठिई प० / ते णं देवा अट्ठावी. . साए अद्धमासेहिं आणमंति वा पाणमंति वा ऊससंति वा णीससंति वा / तेसि णं देवाणं अट्ठावीसाए वाससहस्सेहिं आहारढे समुप्पज्जइ / संतेगइया भवसिद्धि.या Page #383 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 370 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि जीवा जे अट्ठावीसाए भवग्गहणेहिं सिज्झिस्संति बुझिस्संति मुच्चिस्संति परिणिव्वा. इस्संति सम्बदुक्ग्वाणमंत करिस्संति // 28 // एगूणतीसइविहे पावसुयपसंगे णं प० त० भोमे, उप्पाए, सुमिणे, अंतरिक्खे, अंगे, सरे, वंजणे, लक्खणे, भोमे तिविहे प० त०-सुत्ते वित्ती वत्तिए, एवं एक्ककं तिविहं, विकहाणुजोगे, विजाणुजोगे, मंताणुजोगे, जोगाणुजोगे, अण्णतित्थियपवत्ताणुजोगे / आसाढे णं मासे एगूणतीसराई दियाई राइंदियग्गेणं पण्णत्ते / ( एवं चेव ) भद्दवए गं मासे / कत्तिए णं मासे / पोसे णं मासे / फग्गुणे ण मासे / वइसा हे णं मासे | चंददिणे गं एगूणतीसं मुहुत्ते साइरेगे मुहुत्तग्गेणं प० / जीवे णं पसत्थऽज्झवसाणजुत्ते भविए सम्मदिट्ठी तित्थकरणामसहियाओ णामस्स णियमा एगूणतीसं उत्तरपय. डीओ णिबंधित्ता वेमाणिएसु देवेसु देवत्ताए उववज्जइ / इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं एगूणतीसं पलिओवमाइं ठिई प० / अहे सत्तमाए पुढवीए अत्थेगइयाग णेरइयाणं एगूणतीसं सागरोवमाई ठिई प० / असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं एगूगतीसं पलिओवमाई ठिई प० / सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु देवाणं अत्थेगइयाणं एगूणतीसं पलिओवमाई ठिई प० / उवरिममज्झिमगेवेज्जयाणं देवाण जहण्णेण एगूणतीसं सागरोवमाई ठिई प० / जे देवा उवरिमहेट्ठिमगेवेज्जय. विमाणेसु देवत्ताए उववण्णा तेसि णं देवाणं उक्कोसेणं एगूणतीसं सागरोवमाई ठिई प० / ते ण देवा एगुणतीसाए अद्धमासेहिं आणमंति वा पाणमंति वा उस. संति वा णीससंति वा / तेसि णं देवाणं एगूणतीसं वाससहस्सेहिं आहारट्टे समुप्प. जइ / संतेगइया भवसिद्धिया जीवा जे एगूणतीसभवग्गहणेहिं सिज्झिस्संति बुज्झिस्संति मुच्चिस्संति परिणिव्वाइस्संति सव्वदुक्खाणमंतं करिस्संति / / 29 / / तीसं मोहणीयठाणा प० त० जे यावि तसे पाणे, वारिमझे विगाहिया / उदएणा कम्मा मारेई, महामोहं पकुवइ / / 1 // सीसावेढेण जे केई आवेढेइ अभिवत्रणं / तिव्वा. सुभसमायारे, महामोहं पकुव्वइ / / 2 / / पाणिणा संपिहित्ता णं, सोयमावरिय पाणिणं / अंतोणदंतं म.रेई, महामोहं पकुवइ / / 3 / / जायतेयं समारब्भ, बहुं ओरं भिया जणं / अंतोधूमेणं मारेई (जा), महामोहं पकुबइ / / 4 / / सिस्सम्मि जे पहणइ, उत्तमंगम्मि चेयसा / विभज्जमत्थयं फाले, महामोहं पकुव्वइ // 5 // पुणो पुणो पणिहिए, हणित्ता उवहसे जणं / फलेणं अदुवा दंडेणं, महामोहं पकुवइ // 6 // गूढायारी णिगूहिज्जा, मायं मायाए छायए / असच्चवाई णिण्हाई, महामोह Page #384 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवाओ स० 30 371 पकुवइ // 7 // धंसेइ जो अभूएणं, अकम्मं अत्तकम्मुणा / अदुवा तुम कासित्ति, महामोहं पकुवई // 8 // जाणमाणो परिसओ, सच्चामोसाणि भासइ / अक्खीणझंझे पुरिसे, महामोहं पकुवइ // 9 // अणायगस्स णयवं, दारे तस्सेव धंसिया। विउलं विक्षोभइत्ता णं, किच्चा णं पडिबाहिरं // 10 // उवगसंत पि झंपित्ता, पडिलोमाहिं वग्गुहिं / भोगभोगे वियारेई, महामोहं पकुवइ // 11 // अकुमारभूए जे केई, कुमारभूए त्ति हं वए / इत्थीहिं गिद्धे वसए, महामोहं पकुवइ / / 12 / / अंबंभयारी जे केई, बंभयारी त्ति हं वए / गद्दहेन्च गवां मज्झे, विस्सरं गयई गदं // 13 // अप्पणो अहिए बाले, मायामोसं बहुं भसे / इत्थीविसयगेहीए, महामोहं पकुम्बइ // 14 // जं णिस्सिए उन्बहइ, जससाहिगमेण वा। तस्स लुब्भइ वित्तम्मि, महामोहं पकुवइ // 15 / / ईसरेण अदुवा गामेणं, अणिसरे ईसरीकए / तस्स संपयहीणस्स, सिरी अतुलमागया // 16 // ईसादोसेण आइटे, कलुसाविल. चेयसे / जे अंतरायं चेएइ, महामोहं पकुवइ // 17 // सप्पी जहा अंडउडं, भत्तारं जो विहिंसइ / सेणावई पसत्यारं, महामोहं पकुव्वइ / / 18 // जे णायगं च रहस्स, णेयारं णिगमस्स वा। सेटिं बहुरवं हंता, महामोहं पकुम्बइ / / 19 / / बहुजणस्स णेयारं, दीवं ताणं च पाणिणं / एयारिस गरं हता, महामोहं पकुवइ // 20 // उवढियं, पडिविरयं, संजयं सुतवस्सियं / वुक्कम्म धम्माओ भंसेइ, महा. मोहं पकुवइ // 21 // तहेवाणतणाणीणं, जिणाणं वरदं सिणं / तेसिं अवण्णवं बाले, महामोहं पकुवइ / / 22 // णेयाइअस्स मग्गस्स, दुढे अवयरई बहुं / तं तिप्प. यंतो भावेइ, महामोहं पकुवइ / / 23 / आयरियउवज्झाए हिं, सुयं विणयं च गाहिए / ते चेव खिंसई बाले, महामोहं पकुब्वइ // 24 // आयरियउवज्झायाणं, सम्मं णो पड़ितप्पइ / अप्पडिपूयए थद्धे, महामोहं पकुम्बइ / / 25 / / अबहुस्सुए य जे. केई, सुएणं पविकत्थई / सज्झायवायं वयइ, महामोहं पकुव्वइ // 26 // अतवस्सीए य जे केई, तवेण पविकत्थइ / सव्वलोयपरे तेणे, महामोहं पकुवइ // 27 / साहारणट्ठा जे केई, गिलाणम्मि उवढिए / पभू ण कुणई किचं, मज्झं पि से ण कुव्वइ // 28 // सढे णियडीपण्णाणे, कलुसाउलचेयसे / अप्पणो य अबोहीय, महामोहं पकुव्वइ // 29 // जे कहाहिगरणाई, संपउंजे पुणो पुणो। सव्वतित्थाण भेयाणं, महामोहं पकुव्वइ ॥३०॥जे य आहम्मिए जोए, संपउंजे पुणो Page #385 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंग-पविट्ठ सुत्ताणि पुणो / सहा हेउं सहीहेडं, महामोहं पकुम्बइ // 31 / / जे य माणुस्सए भोए, अदुवा पारलोइए / तेऽतिप्पयंतो आसयइ, महामोहं पकुव्वइ // 32 // इड्डी जुई जसो वण्णो, देवाणं बलवीरियं / तेसिं अवण्णवं बाले, महामोहं पकुव्वइ // 33 / / अपस्समाणो पस्सामि, देवे जक्खे य गुज्झगे / अण्णाणी जिणपूयट्ठी, महामोहं पकुव्वइ / / 34 / / थेरे णं मंडियपुत्ते तीसं वासाई सामण्णपरियायं पाउणित्ता सिद्ध बुद्धे जाव सव्वदुक्खप्पहीणे / एगमेगे णं अहोरत्ते तीसमुहुत्ते मुहुत्तग्गेणं प० / एएसि णं तीसाए मुहुत्ताणं तीसं णामधेजा 50, तं०-रोहे, सत्ते, मित्ते, वाऊ, सुपीए, अभिचंदे, माहिंदे, पलंबे, बंभे, सच्चे, आणंदे, विजए, विस्ससेणे, वायाबच्चे, उवसमे, ईसाणे, तढे, भावियप्पा, वेसमणे, वरुणे, सतरिसभे, गंधव्वे,अग्गिवेसायणे, आतवे, आवत्ते, तद्ववे, भूमहे, रिसभे, सव्वट्ठसिद्धे, रावसे / अरे णं अरहा तीसं धणु (णू) इं उर्दू उच्चत्तेणं होत्था। सहस्सारस्स णं देविंदस्स देवरणो तीसं सामाणियसाहस्सीओ प० / पासे णं अरहा तीसं वासाई अगारवासमज्झे वसित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए / समणे भगवं महावीरे तीस वासाई अगारवासमझे वसित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए / रयणप्पभाए णं पुढवीए तीसं णिरयावाससयसहस्सा प० / इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं तीसं पलिओवमाइं ठिई प० / अहे सत्तमाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं तीसं सागरोवमाइं ठिई प० / असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं तीसं पलिओवमाई ठिई प० / सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु देवाणं अत्थेगइयाणं तीसं पलिओवमाई ठिई प० / उवरिमउवरिमगेवेज्जयाणं देवाणं जहण्णणं तीसं सागरोवमाइं ठिई प० / जे देवा उवरिममज्झिमगेवेज्जएसु विमाणेसु देवत्ताए उवषण्णा तेसि णं देवाणं उक्कोसेणं तीसं सागरोवमाइं ठिई प० / ते णं देवा तीसाए अद्धमासेहिं आणमंति वा पाणमंति वा उस्ससंति वा णीससंति वा / तेसि णं देवाणं तीसाए वाससहस्सेहिं आहारटे समुप्पज्जइ। संतेगइया भवसिद्धिया जीवा जे तीसाए भवग्गहणेहिं सिज्झिस्संति बुज्झिरसंति मुचिस्संति परिणिव्वाइस्संति. सव्व. दुकावाणमंतं करिस्संति / / 30 || एक्कतीसं सिद्धाइगुणा पण्णत्ता, तं जहा-खीणे आभिणिबोहियणाणावरणे, खीणे सुयणाणावरणे, खीणे ओहिणाणावरणे, खीणे मणपज्जवणाणावरणे, खीणे केवलणाणावरणे, खीणे चक्खुदसणावरणे, खीणे Page #386 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवाओ स० 32 373 अचक्खुदसणावरणे, खीणे ओहिदंसणावरणे, खोणे केवलदसणावरणे, खीणे णिद्दा, खीणे णिहाणिहा, खीणे पयला, खीणे पयलापयला, खीणे थीणद्धी, खीणे सायानेयणिज्जे, खीणे असायावेयणिज्जे, खीणे दंसणमोहणिजे खीणे चरित्तमोहणिजे, खीणे णेरइयाउए, खीणे तिरियाउए, खीणे मणुस्साउए, खीणे देवाउए, खीणे उच्चा. गोए, खीणे णियागोए, खीणे सुभणामे, खीणे असुभणामे, खीणे दाणंतराए, खीणे लाभंतराए, खीणे भोगंतराए, खीणे उपभोगंतराए, वीणे वीरियंतराए / मंदरे णं पव्वए धरणितले एक्कतीसं जोयणसहस्साई छच्चेव तेवीसे जोयणसए किंचिदेसूणे परिक्खेवेणं प० / जया णं सूरिए सव्वबाहिरियं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं इहगयस्स मणुस्सस्स एकतीसाए जोयणसहस्सेहिं अट्ठहि य एकतीसेहिं जोयणसए हिं.तीसाए सट्ठिभागे जोयणस्स सूरिए चक्खुप्फास हव्वमागच्छइ। अभिवड्डिए णं मासे एकतीसं साइरेगाइं राइं दियाइं राइंदियग्गेणं पण्णत्ते। आइच्चे णं मासे एक्कतीस राइंदियाई किंचि विसेसूणाई राइंदियग्गेणं पण्णत्ते / इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं एक्कतीसं पलिओवमाई ठिई प० / अहे सत्तमाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं एकतीसं सागरोवमाई ठिई प० / असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं एकतीस पलिओवमाई ठिई प० / सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु अत्थेगइयाणं देवाणं. एकतीसं पलिओवमाई ठिई प० / विजयवेजयंतजयंतअपराजियाणं देवाणं जहण्णेणं एक्वतीसं सागरोवमाई ठिई प० / जे देवा उवरिमउवरिमृगेवेजयविमाणेसु देवत्ताए उववण्णा तेसि णं देवाणं उक्कोसेणं एक्कतीस सागरोवमाइं ठिई प० / तेणं देवा एकतीसाए अद्धमासेहिं आणमंति वा पाणमंति वा उस्ससंति वा णीससंति वा / तेसि णं देवाणं एक्कतीसं (स) वास. सहस्सेहिं आहारट्टे समुप्पज्जइ / संतेगइया भवसिद्धिया जीवा जे एक्कतीसेहिं भवग्गहणेहिं सिन्झिस्संति बुज्झिस्संति मुच्चिस्संति परिणिव्वाइस्संति सव्वदुक्खाणमंतं करिस्संति // 31 // बत्तीसं जोगसंगहा प०, तं०-आलोयण, गिरवलावे, आवईसु दढधम्मया / अणिस्सिओवहाणे य, सिक्खा णिप्पडिकम्मया / / 1 / / अण्णायया, अलोभे य, तितिक्खा अज्जवे सुई / सम्मदिट्ठी समाही य, आयारे विणओवए // 2 // धिईमई य संवेगे, पणिही सुविहि संवरे। अत्तदोसोवसंहारे, सव्वकामविरत्तया / / .3 / / पञ्चक्खाणे विउस्सग्गे, अप्पमाए लवालवे / झाणसंवरजोगे य, उदए मारणंतिए / / 4 / / संगाणं च परिणाया, पायच्छित्तकरणे वि य / आराहणा Page #387 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 374 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि य मरणंते, बत्तीसं जोगसंगहा // 5 // बत्तीसं देविंदा प०, तं०-चमरे बली धरणे भूयाणंदे जाव घोसे महाघोसे चंदे सूरे सक्के ईसाणे सणंकुमारे जाव पाणए अच्चुए / कुंथुस्स णं अरहओ बत्तीसहिया बत्तीसं जिणसया होत्था / सोहम्मे कप्पे बत्तीसं विमाणावाससयसहस्सा प० / रेवइणवत्ते बत्तीसइतारे पणत्ते / बत्तीस. तिविहे गट्टे पण्णत्ते / इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं बत्तीस पलिओवमाई ठिई प० / अहे सत्तमाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं बत्तीसं सागरोवमाइं ठिई प० / असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं बत्तीसं पलिओवमाई ठिई प० / सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु देवाणं अत्थेगइयाणं बत्तीस पलिओश्माई ठिई प० / जे देवा विजयवेजयंतजयंतअपरार्जियविमाणेसु देवत्ताए उववण्णा तेसि णं देवाणं अत्येगइयाणं बत्तीस सागरोवमाइं ठिई प० / ते णं. देवा बत्तीसाए अद्ध. मासेहिं आणमंति वा पाणभंति वा उस्ससंति वा णीससंति वा / तेसि णं देवाणं बत्तीसवाससहस्सेहिं आहारढे समुप्पजइ / संतेगइया भवसिद्धिया जीवा जे बत्ती साए भवग्गहणेहिं सिज्झिस्मति बुज्झिस्संति मुच्चिस्संति परिणिवाइस्संति सम्व. दुक्खाणमंतं करिस्संति // 32 // तेत्तीसं आसायणाओ पण्णत्ताओ, तं०-से हे राइणियस्स आसण्णं गंता भवइ आसायणा सेहस्स, सेहे राइणियस्स पुरओ गंता भवइ आसायणा सेहस्स, सेहे राइणियस्स सपक्खं गंता भवइ आसायणा सेहस्स, सेहे राइणियस्स आसण्णं ठिच्चा भवइ आसायणा सेहस्स, जाव सेहे राइणियस्स आलवमाणस्स तत्थगए चेव पडिसुणित्ता भवइ आसायणा सेहस्स / चमरस्स णं असुरिंदस्स असुररण्णो चमरचंचाए रायहाणीए एक्कमेकवाराए तेत्तीसं तेत्तीम भोमा प० / महाविदेहे णं वासे तेत्तीसं जोयणसहस्साइं साइरेगाइं विक्खंभेणं प० / जया णं सूरिए बाहिराणंतरं तचं मंडलं उवसंकमित्ता णं चारं चरइ तया णं इह गयस्स पुरिसस्स तेत्तीसाए जोयणसहस्सेहिं किंचिविसेसूणेहिं चक्खुप्फासं हवमाग छइ / इमीसे णं रयणप्पमाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं तेत्तीसं पलिओकमाई ठिई प० / अहे सत्तमाए गुढवीए कालमहाकालरोख्यमहारोरुएसु णेरइ. याणं उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई ठिई प० / अप्पइट्ठाणणरए णेरइयाणं अज. हण्णमणुक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई ठिई प० / असुरकुमाराणं अत्थेगइयाणं देवाणं तेत्तीसं पलिओवमाई ठिई प० / सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु अत्थेगइयाणं देवाणं तीसं पलिओवमाई ठिई प० / विजयवेजयंतजयंतअपराजिए सु विमाणेसु उक्कोसेणं Page #388 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवाओ स० 34 375 तेत्तीसं सागरोवमाई ठिई प० / जे देवा सम्वट्ठसिद्धे महाविमाणे देवत्ताए उव. वण्णा तेसि णं देवाणं अजहण्णमणुकोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई ठिई प० / ते णं देवा तेत्तीसाए अद्धमासेहिं आणमंति वा पाणमंति वा उस्ससंति वा णिस्ससंति वा। तेसि णं देवाणं तेत्तीसाए वाससहस्सेहिं आहारटे समुप्पजइ / संतेगइया भवसिद्धिया जीवा जे तेत्तीसं भवग्गहणेहिं सिज्झिस्संति बुझिस्संति मुच्चिस्संति परिणिन्वाइस्संति सव्वदुक्खाणमंत करिस्संति // 33 // चोत्तीसं बुद्धाइसेसा प० तं०-अवट्ठिए केस. मंसुरोमणहे, णिरामया णिरुवलेवा गायलट्ठी, गोक्खीरपंडुरे मंससोणिए, पउमुप्पलगंधिए उस्सासणिस्सासे, पच्छण्णे आहारणीहारे अदिस्से मंसचक्खुणा, आगासगयं चकं, आगासगयं छत्तं, आगासगयाओ सेयवरचामराओ, आगासफालियामयं सपायपीढं सीहासणं, आगासगओ कुडभीसहस्सपरिमंडिया भिरामो इंदज्झओ पुरओ गच्छइ, जत्थ जत्थ विय णं अरहंता भगवंतो चिट्ठति वा णिसीयंति वा तत्थ तत्थ वि य णं तक्खणादेव संछण्णत्तपुप्फपल्लवसमाउलो सच्छत्तो सज्झओ सघंटो सपडागो असोगवरपायवो अभिसंजायइ, ईसि पिट्ठओ मउडठाणंमि तेयमंडलं अभिसंजायइ अंधकारे वि य णं दस दिसाओ पभासेइ, बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे, अहोसिरा कंटया जायंति उऊ विवरीया सुहफासा भवंति, सीयलेणं सुहफासेणं सुरभिणा मारुएणं जोयणपरिमंडल सव्वओ समंता संपमजिज्जइ, जुत्तफुसिएणं मेहेण य णिहयरयरेणूयं किज्जइ, जलथलयभासुरपभूएणं बिंटट्ठाइणा दसद्धवण्णेणं कुसुमेणं जाणुस्सेहप्पमाणमित्ते (अचित्ते) पुप्फोवयारे कज्जइ, अमणुण्णाणं सद्दफरिसरस. रूवगंधाणं अवकरिसो भवइ, मणुण्णाणं सहफरिसरसरूवगंधाणं पाउन्भाओ भवइ, पच्चाहरओ वि य णं हिययगमणीओ जोयणणीहारी सरो, भगवं च णं अद्धमागहीए भासाए धम्ममाइक्खइ, सा वि य णं अद्धमागही भासा भासिज्जमाणी तेसिं सव्वेसिं आरियमणारियाणं दुप्पयचउप्पयमियपसुपक्खिसरीसिवाणं अप्पणो हिय. सिवसुहयभासत्ताए परिणमइ, पुरबद्धवेरा वि य णं देवासुरणागसुवण्णजक्खरक्खस. किंणरकिंपुरिसगरुलगंधवमहोरगा अरहओ पायमूले पसंतचित्तमाणसा धम्म णिसामंति, अण्णउत्थियपावयणिया वि य णमागया वंदंति, आगया समाणा अरहओ पायमूले णिप्प डिवयणा हवंति, जओ जओ वि य णं अरहंतो भगवंतो विहरंति तओ तो वि य णं जोयणपणवीसाए णं ईई ण भवइ, मारी ण भवइ, सचकं ण Page #389 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 376 अंग-पविट सुत्ताणि भवइ, परचकं ण भवइ, अइवुट्ठी ण भवइ, अणावुट्टी ण भवइ, दुभिक्खं ण भवइ, पुव्वुप्पण्णा वि य णं उप्पाइया वाही खिप्पमिव उवसमंति / जंबुद्दीवे णं दीने चउ. त्तीसं चकवट्टिविजया प० तं०-बत्तीसं महाविदेहे दो भरहे एरवए। जंबुद्दीवे णं दीवे चोत्तीसं दीहवेयड्डा प० / जंबुद्दीवे णं दीवे उक्कोसपए चोत्तीसं तित्थंकरा समुप्पज्जति / चमरस्स णं असुरिंदस्स असुररण्णो चोत्तीसं भवणावाससयसहस्सा प० / पढमपंचमछट्ठीसत्तमासु चउसु पुढवीसु चोत्तीसं णिरयावाससयसहस्सा प० // 34 / / पणतीसं सचवयणाइसेसा प० / कुंथू णं अरहा पणतीसं धणूई उई उच्चत्तेणं होत्था। दत्ते णं वासुदेवे पणतीसं धणूई उड्ढे उच्चत्तणं होत्था / णंदणे णं बलदेवे पणतीसं धणूई उड्ढे उच्चत्तणं होत्था / सोहम्मे कप्पे सुहम्माए सभाए माणवए चेइयक्खंभे हेट्ठा उवरिं च अद्धतेरस 2 जोयणाणि वजेत्ता मज्झे पणतीस जोयणेसु वइरामएसु गोलवट्टसमुग्गएसु जिण सकहाओ प० / बिइयच उत्थीसु दोसु पुढवीसु पणतीसं णिरयावाससयसहस्सा प० // 35 // छत्तीसं उत्तरज्झयणा प० तं०–विणयसुयं, परीसहो, चाउरंगिज्जं, असंखयं, अकाममरणिजं पुरिसविजा, उरब्भिज्जं, काविलियं, णमिपव्वज्जा, दुमपत्तयं, बहुसुयपूया, हरिए सिज्जं, चित्तसंभूयं, उसूयारिजं, सभिक्खुगं, समाहिठाणाई, पावसमणिज्जं, संजइज्जं, मियचारिया, अणाहपव्वज्जा, समुद्दपालिज्जं, रहणेमिज्जं, गोयमकेसिज्जं, समिईओ, जण्णइज्जं, सामायारी, खलुंकिज्जं, मोक्खमग्गगई, अप्पमाओ,. तवोमग्गो, चरणविही, पमायठाणाई कम्मपयडी, लेसज्झयणं, अणगारमग्गे, जीवाजीवविभत्ती य / चमरस्स णं असुरिंदस्स असुररणो सभा सुहम्मा छत्तीसं जोयणाई उर्दू उच्चत्तेणं होत्था / समणस्स णं भगवओ महावीरस्स छत्तीसं अजाणं साहस्सीओ होत्था / चेत्तासोएसु णं मासेसु सइ छत्तीसंगुलियं सूरिए पोरिसिछायं णिवत्तइ / / 36 // कुंथुस्स णं अरहओ सत्ततीसं गणा सत्ततीसं गणहरा होत्था। हेमवयहेरण्णवयाओ णं जीवाओ सत्ततीसं जोयणसहस्साई छच्च चउसत्तरे जोयणसए सोलस य एगूणवीसइभाए जोयणस्स किंचि. विसेसूणाओ आयामेणं पण्णत्ताओ। सव्वासु णं विजयवेजयंतजयंतअपराजियासु रायहाणीसु पागारा सत्ततीसं सत्ततीसं जोयणाई उढे उच्चत्तेणं प० / खुड्डियाए णं विमाणपविभत्तीए पढमे वग्गे सत्ततीसं उद्देसणकाला प० ! कत्तियबहुलसत्तमीए णं सूरिए सत्ततीसंगुलियं पोरिसिछायं णिव्वत्तइत्ता णं चार चरइ / / 37 / / पासस्स Page #390 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवाओ स० 39 से 42 377 णं अरहओ पुरिसादाणीयस्स अट्ठतीसं अज्जियासाहस्सीओ उक्कोसिया अजियासंपया होत्था / हेमवयएरण्णवईयाणं जीवाणं धणूपिढे अट्टतीसं जोयणसहस्साई सत्त य चत्ताले जोयणसए दस एगूणवीसइभागे जोयणस्स किंचिविसेसूणा परिक्खेवेणं -पण्णत्ते / अत्थस्स णं पवयरण्णो बिइए कंडे अद्वतीसं जोयणसहस्साई उर्दू उच्च. तेणं होत्था / खुड्डियाए णं विमाणपविभत्तीए बिइए वग्गे अट्ठतीसं उद्देसणकाला प० // 38 // णमिस्स णं अरहओ एगूणचत्तालीसं आहोहियसया होत्था / समय खेत्ते एगूणचत्तालीसं कुलपव्वया प०, तं०-तीसं वासहरा, पंच मंदरा, चत्तारि उसुकारा / दोचचउत्थपंचमण्ठसत्तमासु णं पंचसु पुढवीसु एगूणचत्तालीसं णिरया. वाससयमहस्सा प० / णाणावरणिजस्स मोहणिज्जस्स गोत्तस्स आउयस्स एयासि णं चउण्हं कम्मपयडीणं एगूणचत्तालीसं उत्तरपयडीओ पण्णत्ताओ॥ 39 // अरहओ णं अरिढणेमिस्स चत्तालीसं अज्जियासाहस्सीओ होत्था / मंदरचूलियाणं चत्तालीसं जोयणाई उड्ढ उच्चत्तेणं पणत्ता / संती अरहा चत्तालीसं धणूइं उर्दू उच्चत्तेणं होत्था / भूयाणंदस्स णं णागकुमारस्स णागरणो चत्तालीसं भवणावाससयसहस्सा प० / खुड्डियाए णं विमाणपविभत्तीए तंइए बग्गे चत्तालीसं उद्देसणकाला प० / फग्गुणपुणिमासिणीए णं सूरिए चत्तालीसंगुलियं पोरिसीछायं णिव्वट्टइत्ता णं चारं चरइ / एवं कत्तियाए विपुण्णिमाए / महासुक्के कप्पे चत्तालीसं विमाणावास. सहस्सा प० // 40|| णमिस्स णं अरहओ एक्कचत्तालीसं अज्जियासाहस्सीओ होत्था / चउसु पुढवीसु एक्कचत्तालीसं णिरयावाससयसहस्सा प०, तं०-रयणप्पभाए पंकप्प. भाए तमाए तमतमाए / महालियाए णं विमाणपविभत्तीए पढमे वग्गे एकचत्तालीसं उद्देसणकाला प० / / 41 // समणे भगवं महावीरे बायालीसं वासाइं साहियाई सामण्णपरियागं पाउणित्ता सिद्धे जाव सव्वदुक्खप्पहीणे। जंबुद्दीवस्स णं दीवस्स पुरथिमिल्लाओ चरमंताओ गोथूभस्स णं आवासपव्वयस्स पचत्थिमिल्ले चरमंते एस णं बायालीसं जोयणसहस्साई अबाहाए अंतरे पण्णत्ते / एवं चउद्दिसि पि दोभासे संखोदयसीमे य / कालोए णं समुद्दे बायालीसं चंदा जोइंसु वा जोइंति वा जोइस्संति वा बायालीसं सूरिया पभासिंसु वा पभासिंति वा पभासिरसंति वा / संमुच्छिमभुयपरिसप्पाणं उक्कोसेणं बायालीसं वाससहस्साई ठिई प० / णामकम्मे बायालीसविहे पण्णत्ते, तं जहा—गइणामे, जाइणामे, सरीरणामे, सरीरंगोवंगणामे, - सरीरबंधणणामे, सरीरसंघायणणामे, संघयणणामे, संठाणणामे, वण्णणामे, गंधणामे, Page #391 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 378 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि रसणामे, फासणामे, अगुरुलहुयणामे, उवघायणामे, पराघायणामे, आणुपुवीणामे, उस्सासणामे, आयवणामे, उज्जोयणामे, विगगइणामे, तसणामे, थावरणासे, सुहुमणामे, बायरणामे, पज्जत्तण मे, अपज्जत्तणामे, साहारणसरीरणामे, पत्तेयसरीरणामे, थिरणामे, अथिरणामे, सुभणामे, असुभणामे, सुभगणामे, दुब्भगणामे, सुस्सरणामे, दुस्सरणामे, आए जणामे, अगाए जाणामे, जसोकित्तिणामे, अजसोकित्तिणामे, णिम्मा. णणामे, तित्थकरणामे / लवणे णं समुहे बायालीसं णागसाहस्सीओ अभितरियं वेलं धारंति / महालियाए णं विमाणपविभत्तीए बिइए वग्गे बायालीस उद्देसणकाला प० / एगमेगाए ओसप्पिणीए पंचमछडीओ समाओ बायालीसं वाससहस्साई कालेणं पण्णत्ता / एगमेगाए उस्सप्पिणीए पढमबीयाओ समाओ बायालीसं वाससहस्साई कालेणं पण्णता // 42 / / तेयालीसं कम्मविवागज्झयणा प० / पढमच उत्थपंच. मासु पुढवीसु तेयालीसं णिरयावाससयसहस्सा प० / अंबुद्दीवस्स पं दीवस्स पुरत्थि. मिल्लाओ चरमंताओ गोथूभस्स णं आवासपव्ययस्स पुरथिमिल्ले चरमंते एस णं तेयालीसं जोयणसहस्साई अबाहाए अंतरे प० / एवं चउदिसि पि दगभागे संखे दयसीमे / महालियाए णं विमाणपविभत्तीए तइए वग्गे तेयालीसं उद्देसणकाला प० / / 43 / / चोयालीसं अज्झयणा इसिभासिया दियलोगचुयाभासिया प० / विमलस्स अरहओ णं च उयालीसं पुरिसजुगाई अणुपिढिं सिद्धाइं जाव प्पहीणाई / धरणस्स णं णागिंदस्स णागरण्णो चोयालीसं भवणावाससयसहस्सा प० / महालि. याए णं विमाणपविभत्तीए चउत्थे वग्गे चोयालीसं उद्देसणकाला प० // 44 / / समयखेत्ते णं पणयालीसं जोयणसयसहस्साई आयामविखंभेणं प० / सीमंतए णं णरए पणयालीसं जोयणसयसहस्साई आयामविक्खभेणं प० / एवं उडुविमाणे वि / ई सिपब्भारा णं पुढवी एवं चेव / धम्मे णं अरहा पणयालीसं धणूइं उर्दू उच्चत्तेणं होत्था / मंदरस्स णं पव्वयस्स च उद्दिसि पि पणयालीसं-पणयालीसं जोयणसहस्साई अबाहाए अंतरे प० / सव्वे वि णं दिवड्डखेत्तिया णक्खत्ता पणयालीसं मुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोगं जोइंसु वा जोइंति वा जोइस्संति वा-तिण्णेव उत्तराई, पुणव्वसू रोहिणी विसाहा य / एए छ णक्खत्ता, पणयालमुहुत्तसंजोगा। महालियाए णं विमाणपविभत्तीए पंचमे वग्गे पणयालीसं उद्देसणकाला प० // 45 // दिठिवायस्स णं छायालीस माउयापया प० / बंभीए णं लिवीए छायालीसं माउयक्खरा प० / पभंजणस्स णं वाउकुमारिंदस्स छायालीसं भवणावाससयसहस्सा 50 // 46 // Page #392 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवाओ स० 47 से 52 379 जया णं सूरिए सव्वभितरमंडलं उवसंकमित्ता णं चारं चरइ तया णं इहगयस्स मणूसस्स सत्तचत्तालीसं जोयणसहस्से हिं दोहि य तेवढेहिं जोयणसए हिं एकवीसाए य सट्ठिभागेहिं जोयणस्स सूरिए चक्खुमासं हव्वमागच्छइ / थेरेणं अग्गिभूई सत्तचत्तालीसं वासाई अगारमझे वसित्ता मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए / / 47 / / एगमेगस्स णं रण्णो चाउरंतचक्कवट्टिस्स अडयालीसं पट्टणसहस्सा प० / धम्मस्स णं अरहओ अडयालीसं गणा अडयालीसं गणहरा होत्था / सूरमंडले णं अडयालीसं एकसट्ठिभागे जोयणस्स विक्खंभेणं प० / / 48 / / सत्तसत्तमियाए णं भिक्खुपडिमाए एगूणपण्णाए राईदिए हिं छण्णउइ भिक्खासए णं अहासुत्तं जाव आराहिया भवइ / देवकुरुउत्तरकुरुएसु णं मणुया एगूणपण्णा राईदिए हिं संपण्ण. जोवणा भवंति / तेइंदियाणं उक्कोसेणं एगूणपण्णा राइंदिया ठिई प० // 49 // मुणिसुव्वयस्स णं अरहओ पंचासं अजियासाहस्सीओ होत्था / अणंते णं अरहा पण्णासं धणूई उद्धं उच्चत्तेणं होत्था / पुरिसुत्तमे णं वासुदेवे पण्णासं धणूई उडे उच्चत्तेणं होत्था / सव्वे वि णं दीहवेयड्डा मूले पण्णासं-पण्णासं जोयणाणि विक्खंभेणं प० / लंतए कप्पे पण्णासं विमाणावाससहस्सा प० / सम्बाओ णं तिमिस्सगुहाखंडगप्पवायगुहाओ पण्णासं-पण्णासं जोयणाई आयामेणं प० / सवे विणं कंचणगपवया सिहरतले पण्णासं-पण्णासं जोयणाई विक्खंभेणं प० // 50 // णवण्हं बंभचेराणं एकावण्णं उद्देसणकाला प० / चमरस्स णं असुरिंदस्स असुररणो सभा सुहम्मा एकावण्णखंभसयसंणिविट्ठा प० / एवं चेव बलिस्स वि / सुप्पभे णं बलदेवे एकावणं वाससयसहस्साई परमाउं पालइत्ता सिद्धे बुद्धे जाव सम्वदुक्खप्पहीणे / दसणावरण. णामाणं दोण्हं कम्माणं एकावणं उत्तरकम्मपयडीओ पण्णत्ताओ / / 51 / / मोह. णिज्जस्स णं कम्मस्स बावणं णामधेजा प०, तं०-कोहे, कोवे, रोसे, दोसे, अखमा, संजलणे, कलहे, चंडिके, भंडणे, विवाए, माणे, मदे, दप्पे, थंभे, अत्तुक्कोसे, गवे, परपरिवाए, अक्कोसे, अवक्कोसे (परिभवे), उण्णए, उण्णामे, माया, उवही, णियडी, बलए, गहणे, णूमे, कके, कुरुए, दंभे, कूडे, जिम्हे, किब्बिसे, अणायरणया, गूह. णया, वेचणया, पलिकुंचणया, साइजोगे, लोभे, इच्छा, मुच्छा, कंखा, गेही, तिण्हा, भिजा, अभिजा, कामासा, भोगासा, जीवियासा, मरणासा, गंदी, रागे / गोथूभस्स णं आवासपब्वयस्स पुरथिमिल्लाओ चरमंताओ वलयामुहस्स महापायालस्स पञ्चत्थिमिल्ले चरमंते एस णं बावणं जोयणसहस्साइं अबाहाए अंतरे प० / Page #393 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 380 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि एवं दगभासस्स णं केउगस्स संखस्स जूयगस्स दयसीमस्स ईसरस्स / णाणावरणिजस्स णामस्स अंतरायस्स एएसि णं तिण्हं कम्मपयडीणं बावणं उत्तरपयंडीओ पण्णताओ / सोहम्मसणंकुमारमाहिं देसु तिसु कप्पेसु बावणं विमाणावाससयसहस्सा प० // 52 // देवकुरुउत्तरकुरुयाओ णं जीवाओ तेवणं तेवणं जोयणसहस्साई साइरेगाई आयामेणं पण्णत्ताओ। महाहिमवंतरुप्पीणं वासहरपव्वयाणं जीवाओ तेवणं तेवण जोयणसहस्साई णव य एगतीसे जोयणसए छच एगूणवीसइभाए, जोयणस्स आयामेणं पण्णत्ताओ। समणस्स णं भगवओ महावीरस्स तेवणं अणगारा संवच्छरपरियाया पंचसु अणुत्तरेसु महइमहालएमु महाविमाणेसु देवत्ताए उववागा / संमुच्छिमउरपरिसप्पाणं उक्कोसेणं तेवणं वाससहस्सा ठिई 10 // 53 // भरहेरवएसु णं वासेसु एगमेगाए उस्सप्पिगी ओमप्पिणीए चउवण चउवणं उत्तमपुरिसा उप्पजिंसु वा उप्पजति वा उपजिस्संति वा, तं०-च उवीसं तित्थकरा बारस चक. वट्टी णव बलदेवा णव वासुदेवा / अरहाणं अरिट्ठणेमी चउवणं राइंदियाई छउ. मत्थपरियायं पाउणित्ता जिणे जाए केवली सवण्णू सवभावदरिसी / समणे भगवं महावीरे एगदिवसेणं एगणि सिजाए चउप्पण्णाई वागरणाई वागरित्था / अणंतस्स णं अरहओ चउप्पणं गणहरा होत्था // 54 // मल्लिस्म णं अरहओ [ मल्ली णं अरहा पणपणं वाससहस्साई परमाउं पालइत्ता सिद्ध बुद्धे जाव प्पहीणे / मंद स्स णं पव्वयस्स पञ्चस्थिमिल्लाओ चरमंताओ विजयदारस्स पञ्चत्थिमिल्ले चरमंते एस णं पणपणंग जोयणसहस्साई अबाहाए अंतरे प० / एवं च उदिसि पि विजयवेजयंतजयंत. अपराजियं ति / समगे भगवं महावीरे अंतिमराइयंसि पणपणं अज्झयणाई कलाण फलविवागाइं पणपणं अज्झयणाई पावफलविवागाई वागरित्ता सिद्धे बुद्धे जाव प्पहीणे / पढमबिइयासु दोसु पुढवीसु पणपण णिरयावाससयसहस्सा प० / दंसणावरणि जणामाउयाणं तिण्हं कम्मपयडीणं पणपण्णं उत्तरपयडीओ प० / / 55 // जंबुद्दीवेणं दीवे छप्पण्णं णकावना चंदेण सद्धिं जोगं जोइंसु वा जोइंति वा जोइस्संति वा। विमलस्स णं अरहओ छप्पणं गणा छप्पणं गणहरा होत्था / / 56 / / तिण्हें गणिपिडगाणं आयारचूलियाव जाणं सत्तावणं अज्झयणा प० तं०-आयारे सूयगडे ठागे / गोथूभस्स णं आवासपव्वयस्स पुरथिमिल्लाओ चरमंताओ वलयामुहस्स महापायालस्स बहुमज्झदेसभाए एस णं सत्तावणं जोयणसहस्साई अबाहाए Page #394 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवाओ स०५७ से 63 381 अंतरे प० / एवं दगभासस्स केउयस्स य संखस्स य जूयस्स य दयसीमस्स ईस. रस्स य / मल्लिस्स णं अरहओ सत्तावण्णं मणपज्जवणाणिसया होत्था। महाहिमवंतरुप्पीणां वासहरपव्वयाणं जीवाणं धणुपिटुं सत्तावणं सत्तावणं जोयणसहस्साई दोणि य तेणउए जोयणसए दस य एगूणवीसइभाए जोयणस्स परिक्खेवेणं प० / / 57 / / पढमदोच्चपंचमासु तिसु पुढवीसु अट्ठावण्णं णिरयावाससयसहस्सा प० / णाणावरणिज्जस्स वेयणियआउयणामअंतराइयस्स एए सि णं पंचण्हं कम्मपयडीणं अट्ठावण्णं उत्तरपयडीओ पण्णत्ताओ। गोथूभस्स णं आवासपव्वयस्स पच्चत्थिमिल्लाओ चरमंताओ. वलयामुहस्स महापायालस्स बहुमज्झदेसभाए एस णं अट्ठावण्णं जोयणसहस्साई अबाहाए अंतरे प० / एवं चउदिसि पि णेयव्वं / / 58 // चंदस्स णं संवच्छरस्स एगमेगे उऊ एगूणसद्धिं राइंदियाई राइंदियग्गेणं प० / संभवे णं अरहा एगूणसढिं पुव्वसयसहस्साई अगारमज्झे वसित्ता मुंडे जाव पव्वइए / मल्लिस्स णं अरहओ एगूणसहिँ ओहिणाणिसया होत्था / / 59 / / एगमेगे णं मंडले सूरिए सहिए सट्ठिए मुहुत्तेहिं संघाइए / लवणस्स णं समुहस्स सर्व्हि णागसाहस्सीओ अग्गोदयं धारंति / विमले णं अरहासद्धिं धणूई उई उच्चत्तेणं होत्था / बलिस्स णं वइरोयणिंदस्स सद्धिं सामाणियमाहस्सीओ पण्णत्ताओ। बंभस्सणं देविंदस्स देवरणो सद्धिं सामाणिय. साहस्सीओ पण्णत्ताओ / सोहम्मीसाणेसु दोसु कप्पेसु सढि विमाणावाससयसहस्सा प० // 60 // पंचसंवच्छरि यस्स णं जुगस्स रिउमासेणं मिजमाणस्स इगसद्धिं उऊमासा प० / मंदरस्त गं पव्वयस्स पढमे कंडे इगस द्विजोयणसहस्साई उडू उच्चत्तेणं प० / चंदमंडले गं एगसढिविभागविभाइएं समंसे प० / एवं सूरस्स वि / / 61 / / पंचसंवच्छरिए णं जुगे बासटिं पुणिमाओ बावहिँ अमावसाओ पण्णत्ताओ। वासुपुजस्स णं अरहओ ब सढि गणा बासढिं गणहरा होत्था / सुक्कपक्खस्स णं चंदे बासलुि भागे दिवसे दिवसे परिवड्डइ, ते चेव बहुलपक्खे दिवसे दिवसे परिहायइ / मोहम्मीसा गेसु कप्पेसु पढ़मे पत्थडे पढमावलियाए एगमेगाए दिसाए बासठिं बासहिँ विमाणा प० / सव्वे वेमाणियाणं बासहिँ विमाणपत्थडा पत्थडग्गेण प० // 62 // उसमे णं अरहा कोसलिए तेसद्धिं पुव्वतयसहस्साई महारायमज्झे वसित्ता मंडे भवत्ता अगाराओ अणगारियं पधइए / हरिवासरम्मयवासेसु मणुस्सा तेसहिए राइदिए हिं संपत्तजोव्वणा भवंति / णिसढे णं पव्वए तेसलुि सूरोदया प० / एवं Page #395 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 382 अंग-पविट्ट सुत्ताणि णीलवंते वि / / 63 / / अट्ठमिया णं भिक्खुपडिमा चउसट्ठीए राइदिए हिं दोहि य अट्ठासीएहिं भिक्खासए हिं अहासुत्तं जाव भवइ / चउसद्धिं असुरकुमारावाससय. सहस्सा प० / चमरस्स णं रण्णो चउसद्धिं सामाणियसाहस्सीओ पण्णत्ताओ / सवे वि दहिमुहाणं पव्वया पल्लासंठाणसंठिया सव्वत्थ समा विखंभुस्से हेणं च उसद्धिं जोयणसहस्साई प० / सोहम्मीसाणेसु बंभलोए य तिसु कप्पेसु चउसद्धिं विमाणावाससयसहस्सा प० / सव्वस्स वि य णं रणो चाउरंतचक्कवट्टिस्स च उसटिलठ्ठीए महग्ये मृत्तामणि(मए)हारे प० // 64 / / जंबुद्दीवे णं दीवे पणसढिं सूरमंडला प० / थेरे णं मोरियपुत्त पणसहिवासाई अगारमझे वसित्ता मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए / सोहम्मवडिंसयस्स णं विमाणस्स एगमेगाए बाहाए. पणसढि पणसद्धिं भोमा प० // 65 // दाहिणड्डमाणुस्सखेत्ता ण छाबढेि चंदा पभा. सिंसु वा पभासंति वा पभासिस्संति वा / छावढिं सूरिया तविंसु वा तवंति वा तविस्संति वा / उत्तरढमाणुस्सखेत्ता ण छावढि चंदा पभासिंसु वा पभासंति वा पभासिस्संति वा / छावढिं सूरिया तविंसु वा तवंति वा तविस्संति वा / सेजंसस्म णं अरहओ छावढेि गणा छावहिं गणहरा होत्था। आभिणिबोहियणाणस्स णं उक्कोसेणं छावढिं सागरोवमाई ठिई प० // 66 // पंचसंवैच्छरियस्स णं जुगस्स णवत्त मासेणं मिजमाणस्स सत्तसढि णखत्तमासा प० / हेमवयएरण्णवयाओ णं वाहाओ सत्तसहिँ सत्तसहिँ जोयणसयाइं पणपण्णाइं तिण्णि य भागा जोयणस्स आयामेणं प० / मंदरस्स णं पव्वयस्स पुरथिमिल्लाओ चरमंताओ गोयमदीवस्स पुरथिमिल्ले चरमंते एस णं सत्तसहिँ जोयणसहस्साई अबाहाए अंतरे प० / सम्वेसि पिणं णवत्ताणं सीमाविक्खंभे णं सत्तसहिँ भागं भइए समंसे प० // 67 // धायइसंडे णं दीवे अडसडिं चक्कवट्टिविजया अडसद्धिं रायहाणीओ प०। उक्कोसपए अडसढिं अरहंता समुप्पजिलु वा समुप्पज्जति वा समुप्पजिस्संति वा / एवं चक्कवट्टी बलदेवा वासुदेवा / पुकवर. वरदीवड्ढे णं अडसहिँ विजया एवं चेव जाव वासुदेवा। विमलस्स णं अरहओ अडसटिं समणसाहस्सीओ उक्को सिया समणसंपया होत्था / / 68 / / समयखित्ते णं मंदरवज्जा एगूणसत्तरि वासा वासहरपव्यया प० तं जहा-पणतीसं वासा तीसं वासहरा चत्तारि उसुयारा / मंदरस्स पव्वयस्स पच्चत्थिमिल्लाओ चरमंताओ गोय महीवस्स पञ्चस्थिमिल्ले चरमंते एस णं एगूणसत्तरि जोयणसहस्साई अबाहाए अंतरे प० / मोहणिज्जवज्जाणं सत्तण्हें कम्मपयडीणं एगूणसत्तरि उत्तरपयडीओ पण्ण Page #396 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 383 समवाओ स०७० से 72 साओ // 69 // समणे भगवं महावीरे वासाणं सवीसइराए मासे वइकंते सत्तरिएहिं राईदिएहिं सेसेहिं वासावासं पज्जोसवेइ / पासे गं अरहा पुरिसादाणीए सत्तरि वासाई बहुपडिपुण्णाई सामण्णपरियागं पाउणित्ता सिद्धे बुद्धे जाव पहीणे / वासुपुज्जे णं अरहा सत्तरिं धणूई उई उच्चत्तेणं होत्था / मोहणिज्जस्सणं कम्मस्स सत्तरि सागरोवमकोडाकोडीओ अबाहणिया कम्मट्ठिई कम्मणिसेगे प० माहिं दस्स णं देविंदस्स देवरणो सत्तरं सामाणियसाहस्सीओ पण्णत्ताओ / / 70 // चउत्थस्स णं चदसंवच्छरस्स हेमंताणं एक्कसत्तरीए राइदिए हिं वीइकंतेहिं सव्वबाहिराओ मंडलाओ सूरिए आउटिं करेइ। वीरियप्पवायस्स णं पुवस्स एक्कसत्तर पाहुडा प० / अजिते गं अरहा एक्कसत्तरि पुव्वसयसहस्साई अगारमज्झे वसित्ता मुंडे भवित्ता जाव पव्वइए / एवं सगरो वि राया चाउरंतचक्कवट्टी एक्कसत्तरिं पुव्व जाव पव्वइए त्ति // 71|| बावत्तरिं सुवण्णकुमारावाससयसहस्सा प० / लवणस्स समुदस्स बावत्तरिणागसाहस्सीओ बाहिरियं वेलं धारंति / समणे भगवं महावीरे बावत्तरि वासाई सव्वाउयं पालइत्ता सिद्ध बुद्धे जाव प्पहीणे / थेरे णं अयलभाया वावत्तरि वासाइं सव्वाउयं पालइत्ता सिद्धे जाव प्पहीणे / अभितरपुक्खरद्धे णं बावत्तरि चंदा पभासिंसु वा पभासंति वा पभासिस्संति वा, बावत्तरि सूरिया तविंसु वा तवंति वा तविस्संति वा / एगमेगस्स णं रण्णो चाउरंतचकवट्टिस्स बावत्तरिपुरवरसाहस्सीओ पण्णत्ताओ। बावत्तरि कलाओ प० तं०-लेहं, गणियं, रूवं, णहूं, गीय, वाइयं, सरगयं, पुखरगयं, समतालं, जूयं, जणवाय, पोरेवचं, अट्ठावयं, दगमट्टियं, अण्णविहीं, पाणविहीं, वत्थविहीं, सयणविहीं, अज्जं, पहेलियं, मागहियं, : गाहं, सिलोग, गंधजुत्तिं, मधुसित्थं, आभरणविहीं, तरुणीपडिकम्म, इत्थीलक्खणं पुरिसलक्खणं, हयलक्खणं, गयलक्खणं, गोणलक्खणं, कुक्कुडलक्खणं, मिंढय - लक्खणं, चक्कलक्खणं, छत्तलक्खणं, दंडलक्खणं, असिलक्खणं, मणिलक्खणं, कागणिलक्खणं, चम्मलक्खणं, चंदलक्खणं, सूरचरियं, राहुचरियं, गहचरियं, सोभागकरं, दोभागकरं, विजागयं, मंतगयं, रहस्सगयं, सभासं, चारं, पडिचारं, वूह, पडिवूह, खंधावारमाणं, णगरमाण, वत्थुमाणं, खंधावारणिवेसं, वत्थुणिवेसं, णगर णिवेसं, ईसत्थं, छरुप्पवाय, आससिक्खं, हत्थिसिक्खं, धणुव्वेयं, हिरण्णपागं . सुवण्णपागं मणिपागं धातुपागं, बाहुजुद्धं दंडजुड़े मुट्ठिजुद्धं अद्विजुद्धं जुद्धं णिजुद्ध जुद्धाई जुद्धं, सुत्तखेडं णालियाखेडं,वट्टखेडं,धम्मखेडं,चम्मखेडं,पत्तच्छेज्ज, कडग Page #397 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 384 अंग-पविटु सुत्ताणि च्छेज्जं, सजीवं णिज्जीवं, सउणरुयं / समुच्छिमन्वयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं उकोसेणं बावत्तरि वाससहस्साई ठिई प० // 72 // हरिवासरम्मयवासयाओ णं जीवाओ तेवत्तरि तेवत्तरि जोयणसहस्साई णव य एगुत्तरे जोयणसए सत्तरस य एगूणवीसइभागे जोयणस्स अद्धभागं च आयामेणं प० / विजए णं बल्देवे तेवत्तरि वाससयसहस्साई सघाउयं पालइत्ता सिद्धे जाव प्पहीणे // 73 / / थेरे णं अग्गिभूई गणहरे चोवत्तरि वासाई सम्वाउयं पालइत्ता सिद्ध जाव प्पहीणे / णिस. हाओ णं वासहरपव्ययाओ तिगिच्छिओ णं दहाओ सीओयामहाणईओ चोवत्तरि जोयणसयाई साहियाई उत्तराहिमुही पवहित्ता बइरामयार जिब्भियाए चउजोयणा. यामाए पण्णासजोयणविक्खंभाए वइरतले कुंडे महया घडमुह्पवत्तिएणं मुत्तावलि. हारसंठाणसंठिएणं पवारणं महया सद्देणं पवडइ / एवं सीया वि दक्षिणा हिमुही भाणियव्वा / चउत्थवज्जासु छमु पुढवीसु चोवत्तरि णर यावाल यस स्सा 50 // 74 / सुविहिस्स णं पुप्फदंतस्स अरहओ पण्णत्तरि जिणसया होत्था / सीयले णं अरहा पणत्तरि पुव्वासहस्साई अगारवासमझे वसित्ता मुंडे भवित्ता जाव पध. इए / संती णं अरहा पण्णत्तरिवाससहस्साई अगारवासमझे वसित्ता मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए // 75 / / छावत्तरि विज्जुकुमारावाससयसहस्सा प०। एवं दीवदिसाउदहीणं, विज्जुकुमारिंदथणियमग्गीणं। छण्हं पि जुगलयाणं, छावत्तरि सयसहस्साई / / 76 / / भर हे राया चाउरंतचक्कवट्टी सत्तहत्तरं पुव्यसयसहस्साई कुमारवासमझे वसित्ता महारायाभिसेयं संपत्ते। अंगवंसाओ णं सत्तहत्तरि रायाणो मुंडे जाव पव्वइया / गहतोयतुसियाण देवाणं सत्तहत्तरं देवसहस्सपरिवारा प० / एगमेगे णं मुहुत्ते सत्तहत्तरं लवे लवग्गेणं प०॥७७|| सक्कस्स णं देविंदस्स देवरण्णो वेसमणे महाराया अट्ठहत्तरीए सुवण्णकुमारदीवकुमारावाससयसहस्ताणं आहेवच्चं पोरेवच्चं सामित्तं भट्टित्तं महारायत्त आणाईसरसेणावच्चं कारेमाणे पालेमाणे विहरइ। थेरेणं अकंपिए अट्ठहत्तरं वासाई सव्वाउयं पालइत्ता सिद्धे जाव पहीणे / उत्तरायणणियट्टे णं सूरिए पढमाओ मंडलाओ एगूणचत्तालीसइमे मंडले अनुत्तरि एगसद्विभाए दिवसखेत्तस्स णिबुड्खेत्ता रयणिखेत्तस्स अमिणिबुड्ढेत्ता णं चारं चरइ, एवं दक्खिणायणणियट्टे वि / / 78 // वलयामुहस्स णं पायालस्स हिहिलाओ चरमंताओ इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए हेहिल्ले चरमंते एस ण एगूणासिं जोयणस Page #398 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवाओ स० 79 से 84 385 हस्साई अबाहाए अंतरे प० / एवं केउस्स वि जूयस्स वि ईसरस्स वि। छठ्ठीए पुढवीए बहुमझदेसभायाओ छठुस्स घणोदहिस्स हेछिल्ले चरमंते एस णं एगूणासीई जोयणसहस्साई अबाहाए अंतरे प० / जंबुद्दीवस्स णं दीवस्स बारस्स य बारस्स य एस णं एगूणासीई जोयणसहस्साई साइरेगाइं अबाहाए अंतरे प० // 79 // सेज्जंसे णं अरहा असीई धणूइं उर्दू उच्चत्तेणं होत्था / तिविढे णं वासुदेवे असीई धणूई उर्दू उच्चत्तेणं होत्था / अयले णं बलदेवे असीई धणूई उड्डे उच्च. तेणं होत्था / तिविढे णं वासुदेवे असीइवाससयसहस्साई महाराया होत्था / आउ. बहुले णं कंडे असीइ जोयणसहस्साई बाहल्लेणं प० / ईसाणस्स देविंदस्स देवरणो असीइ सामाणियसाहस्सीओ पण्णत्ताओ। जंबुद्दीवे णं दीवे असीउत्तरं जोयणसयं ओगाहेत्ता सूरिए उत्तरकट्ठोवगए पढम उदयं करेइ // 80|| णवणवमिया णं भिक्खपडिमा एक्कासीइ राइं दिएहिं चउहि य पंचुत्तरेहिं (भिक्खासए हिं) अहासुत्तं जाव आराहिया / कंथुस्स णं अरहओ एक्कासीइं मणपज्जवणाणिसया होत्था / विवाह. पण्णत्तीए एकासीई महाजुम्मसया प० // 81 // जंबुद्दीवे दीवे बासीयं मंडलसयं जं सूरिए दुक्खुत्तो संकमित्ता णं चार चरइ, तं जहा-णिक्खममाणे य पविसमाणे य। समणे भगवं महावीरे बासीए राइंदिएहिं वीइकंतेहिं गब्भाओ गम्भं साहरिए / महाहिमवंतस्स णं वासहरपव्वयस्स उवरिल्लाओ चरमंताओ सोगंधियस्स कंडस्स हेटिल्ले चरमंते एस. णं बासीइं जोयणसयाई अबाहाए अंतरे प० / एवं रुप्पिस्स वि // 82 / / समणे भगुवं महावीरे बासीइ राइदिए हिं वीइकंतेहिं तेयासीइमे राई. दिए वट्टमाणे गब्भाओ गम्भं साहरिए / सीयलस्स णं अरहओ तेसीई गणा तेसीई गणहरा होत्था / थेरे णं मंडियपुत्ते तेसीइं वासाइं सव्वाउयं पालइत्ता सिद्ध जाव प्पहीणे / उसभे णं अरहा कोसलिए तेसीई पुव्वसयसहस्साई अगारमज्झे वसित्ता मुंडे भवित्ता णं जाव पव्वइए / भरहे णं राया चाउरंतचक्कवट्टी तेसीई पुव्वसयसहस्साई अगारमज्झे वसित्ता जिणे जाए केवली सव्वण्णू सवभावदरिसी // 83 / / चउरासीइ णिरयावाससयसहस्सा प० / उसमे णं अरहा कोसलिए चउरासीई पुव्वसयसहस्साई सव्वाउयं पालइत्ता सिद्धे बुद्धे जाव प्पहीणे / एवं भरहो बाहुबली बंभी सुंदरी / सिजसे णं अरहा चउरासीई वाससयसहस्साई सव्वाउयं पालइत्ता सिद्धे जाव प्पहीणे / तिविढे णं वासुदेवे चउरासीई वाससयसहस्साई सव्वाउयं पालइत्ता अप्पइट्ठाणे णरए णेरइयत्ताए उववण्णो / सक्कस्स णं देविंदस्स देवरणो Page #399 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 386 अंग-पविटु सुत्ताणि चउरासीइ सामाणियसाहस्सीओ पण्णत्ताओ / सव्वे वि णं वाहिरया मंदरा चउरा. सीइं चउरासीइं जोयणसहस्साई उड्डे उच्चत्तणं प० / सव्वे वि णं अंजणगपव्वया चउरासीई-चउरासीइं जोयणसहस्साई उई उच्चत्तेणं प० / हरिवासरम्मयवासियाणं जीवाणं धणुपिट्ठा चउरासीई जोयणसहस्साई सोलस जोयणाई चत्तारि य भागा जोयणस्स परिक्खेवेणं प० / पंकबहुलस्स णं कंडस्स उवरिल्लाओ चरमंताओ हेछिल्ले चरमंते एस णं चोरासीई जोयणसयसहस्साइं अबाहाए अंतरे प० / विवाहपण्णत्तीए णं भगवईए चउरासीई पयसहस्सा पदग्गेणं प० / चोरासीई णागकुमारावाससयसहस्सा प० / चोरासीई पइण्णगसहस्साई पण्णत्ताई। चोरासीई जोणिप्पमुहसय. सहस्सा प० / पुवाइयाणं सीसपहेलियापज्जवसाणाणं सहाणट्ठाणंतराणं चोरासीए गुणकारे प० / उसभस्स णं अरहओ कोसलियस्स चउरासीइ गणा चउरासीइ गहणरा होत्था / उसभस्स णं अरहओ कोसलियस्स उसभसेणपामोक्खाओ चउरा. सीइ समणसाहस्सीओ होत्था / सव्वे वि चउरासीइ विमाणावाससयसहस्सा सत्ताणउई च सहस्सा तेवीसं च विमाणा भवंतीति मक्खायं // 84 // आयारस्स णं भगवओ सचूलियागस्स पंचासीइ उद्देसणकाला प० / धायइसंडस्स णं मंदरा पंचासीइ जोयणसहस्साई सव्वग्गेणं प० / रुयए णं मंडलियपव्वए पंचासीइ जोयण. सहस्साई सव्वगेणं प० / णंदणवणस्स णं हेछिल्लाओ चरमंताओ सोगंधियस्स कंडस्स हेटिल्ले चरमंते एस णं पंचासीइ जोयणसयाई अबाहाए अंतरे प० // 85 / / सुविहिस्स णं पुप्फदंतस्स अरहओ छलसीइ गणा छलसीइ गणहरा होत्था / सुपासस्स णं अरहओ छलसीइ वाइसया होत्था / दोचाए णं पुढवीए बहुमज्झदेसभायाओ दोचस्स घणोदहिस्स हेडिल्ले चरमंते एस णं छलसीइ जोयणसहस्साई अबाहाए अंतरे प० / / 86 // मंदरस्स णं पव्वयस्स पुरथिमिल्लाओ चरमंताओ गोथूभस्स आवासपव्वयस्स पचत्थिमिल्ले चरमंते एस णं सत्तासीइं जोयणसहस्साई अबाहाए अंतरे प० / मंदरस्स णं पव्वयस्स दक्खिणिल्लाओ चरमंताओ दगभासस्स आवासपव्वयस्स उत्तरिल्ले चरगते एस णं सत्तासीई जोयणसहस्साई अबाहाए अंतरे प० / एवं मंदरस्स पञ्चत्थिमिल्लाओ चरमंताओ संखस्स आवास व्वयस्स पुरथिमिल्ले चरमंते एस णं सत्तासीई जोयणसहस्साई अबाहाए अंतरे प० / एवं चेव मंदरस्स उत्तरिल्लाओ चरमंताओ दगसीमस्स आवासपव्वयस्स दाहिणिल्ले Page #400 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवाओ स० 87 से 92 387 चरमंते एस णं सत्तासीई जोयणसहस्साई अबाहाए अंतरे प० / छण्हं कम्मपयडीणं आइमउवरिल्लवजाणं सत्तासीई उत्तरपयडीओ प० / महाहिमवंतकूडस्स णं उवरिल्लाओ चरमंताओ सोगंधियस्स कंडस्स हेडिल्ले चरमंते एस णं सत्तासीइ जोयणसयाई अबाहाए अंतरे प० / एवं रुप्पिकूडस्स वि // 87 // एगमेगस्स णं चंदिमसूरियस्स अट्ठासीइ अट्ठासीइ महग्गहा परिवारो प० / दिहिवायस्स णं अट्ठासीइ सुत्ताई पण्णत्ताई, तं जहा-उज्जुसुयं परिणयापरिणयं एवं अट्ठासीइ सुत्ताणि भाणियव्वाणि जहा णंदीए / मंदरस्स णं पव्वयस्स पुरथिमिल्लाओ चरमंताओ गोथूभस्स आवास. पव्वयस्स पुरथिमिल्ले चरमंते एस णं अट्ठासीइं जोयणसहस्साई अबाहाए अंतरे प० / एवं चउसु वि दिसासु णेयव्वं / बाहिराओ उत्तराओ णं कठ्ठाओ सूरिए पढमं छम्मासं अयंमाणे चोयालीसइमे मंडलगए अट्ठासीइ एगसट्ठिभागे मुहुत्तस्स दिवसखेत्तस्स णिवुड्ढत्ता रयणिखेत्तस्स अभिणिबुड्ढेत्ता सूरिए चारं चरइ। दक्षिणकट्ठाओ णं सूरिए दोचं छम्मासं अयमाणे चोयालीसइमे मंडलगए अट्ठासीई एगसट्ठिभागे मुहुत्तस्स रयणिखेत्तस्स णिवुड्ढेत्ता दिवसखेत्तस्स अभिणिबुड्डित्ता णं सूरिए चारं चरइ // 88 // उसमे णं अरहा कोसलिए इमीसे ओसप्पिणीए तइयाए सुसमदूसमाए समाए पच्छिमे भागे एगूणणउइए अद्धमासेहिं सेसेहिं कालगए जाव सव्व. दुक्खप्पहीणे / समणे भगवं महावीरे इमीसे ओसप्पिणीए चउत्थाए दसमसुसमाए समाए पच्छिमे भागे एगूणणउइए अद्धमासेहिं सेसेहिं कालगए जाव सव्वदुक्खप्प. हीणे / हरिसेणे णं राया चाउरंतचक्कवट्टी एगूणणउई वाससयाई महाराया होत्था संतिस्स णं अरहओ एगूणणउई अन्जासाहस्सीओ उक्कोसिया अन्नासंपया होत्था // 89 / / सीयले णं अरहा णउई धणूइं उ8 उच्चत्तेणं होत्था। अजियस्स णं अर. हओ णउई गणा णउई गणहरा होत्था / एवं संतिस्स वि / सयंभुस्स णं वासुदेवस्स गउइ वासाइं विजए होत्था / सव्वेसि णं वट्टवेयड्डपव्वयाणं उवरिल्लाओ सिहरतलाओ सोगंधियकंडस्स हेछिल्ले चरमंते एस णं णउइ जोयणसयाई अबाहाए अंतरे प० // 90 // एकाणउई परवेयावच्चकम्मपडिमाओ पण्णत्ताओ / कालोए णं समुद्दे एकाणउई जोयणसयसहस्साई साहियाई परिक्खेवेणं प० / कुंथुस्स णं अरहओ एकोणउई आहोहियसया होत्था ।आउयगोयवज्जाणं छण्हं कम्मपयडीणं एकाणउई उत्तरपयडीओ पण्णत्ताओ॥९१॥ बाणाउई पडिमाओ पण्णत्ताओ / थेरे णं इंदभूई Page #401 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 388 अंग-पविटु सुत्ताणि बाणउइ वासाई सघाउयं पालइत्ता सिद्धे बुद्धे / मंदरस्स णं पव्वयस्स बहुमज्झ. देसभायाओ गोथूभस्स आवासपव्वयस्स पञ्चत्थिमिल्ले चरमंते एस णं बाणउई जोयणसहस्साई अबाहाए अंतरे प० / एवं च उण्हं वि आवासपव्वयाणं / / 92 // चंदप्पहस्स णं अरहओ तेणउई गणा तेणउई गणहरा होत्था / संतिस्स णं अरहओ तेणउई चउद्दसपुव्विसया होत्था / तेणउइ मंडलगए णं सूरिए अइवट्टमाणे वा णिवट्टमाणे वा समं अहोरत्तं विसमं करे।।।९३||णिसहणीलवंतियाओणं जीवाओ चउण उइ जोयणसहस्साई एकं छप्पणं जोयणसयं दोण्णि य एगूणवीसइभागे जोयणस्स आयामेणं प० / अजियस्स णं अरहओ चउणउइ ओहिणाणिसया होत्था / / 94 / / सुपासस्स णं अरहओ पंचाणउइ गणा पंचाणउइ गणहरा होत्था। जंबुद्दीवस्स णं दीव. स्स चरमंताओ चउद्दिसिं लवणसमुहं पंचाणउई पंचाणउई जोयणसहस्साइं ओगाहित्ता चत्तारि महापायालकलसा प० तं०-वलयामुहे केऊए जूयए ईसरे। लवणसमुहस्स उभओ पासं पिपंचाणउयं पंचाणउयं पदेसाओ उन्वेहुस्सेहपरिहाणीए प० / कुंथू णं अरहा पंचाणउइ वाससहस्साई परमाउयं पालइत्ता सिद्ध बुद्धे जाव प्पहीणे / थेरे णं मोरियपुत्ते पंचाणउइ वासाई सव्वाउयं पालइत्ता सिद्ध बुद्धे जाव प्पहीणे / / 95 // एगमेस्स णं रण्णो चाउरंतचक्कवट्टिस्स छण्णउई छण्णउई गामकोडीओ होत्था / वाउकुमाराणं छण्णउइ भवणावाससयसहस्सा प० / ववहारिए णं दंडे छण्णउइ अंगुलाई अंगुलमाणेणं / एवं धणू णालिया जुगे अक्खे मुसले वि हु। अभितरओ आइमुहुत्ते छण्णउइअंगुलछाए प० // 96 // मंदरस्स णं पव्वयस्स पचत्थिमि ल्लाओ चरमंताओ गोथूभस्स णं आवासपव्ययस्स पञ्चत्थिमिल्ले चरमंते एस णं सत्ताणउइ जोयणसहस्साई अबाहाए अंतरे पण्णत्ते / एवं चउदिसि पि / अट्ठण्हं कम्म. पयडीणं सत्ताणउइ उत्तरपयडीओ पण्णत्ताओ। हरिसेणे णं राया चाउरंतचक्कवट्टी देसूणाई सत्ताणउइ वाससयाई अगारमज्झे वसित्ता मुंडे भवित्ता णं जाव पव्वइए // 97 // गंदणवणस्स णं उवरिल्लाओ चरमंताओ पंडुयवणस्स हे हिल्ले चरमंते एस णं अट्ठाणउइ जोयणसहस्साइं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते / मंदरस्त णं पव्वयस्स पञ्चस्थिमिल्लाओ चरमंताओ गोथूभस्स आवासपव्वयस्स पुरथिमिल्ले चरमंते एस णं अट्ठाणउइ जोयणसहस्साई अचाहाए अंतरे प० / एवं चउदिसि पि / दाहिणभरहडस्स णं धणुप्पिढे अट्ठाणउइ जोयणसयाई किंचूणाई आयामेणं पण्णत्ते / उत्तराओ Page #402 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवाओ स० 98-200 389 णं कठ्ठाओ सूरिए पढमं छम्मासं अयमाणे एगूणपण्णासइमे मंडलगए अट्ठाणउइ एकसट्ठिभागे मुहुत्तरस दिवसखेत्तस्स णिवुड्वेत्ता रयणिखेत्तस्स अभिणिवुड्डित्ता णं सूरिए चारं चरइ / दक्खि गाओ णं कठ्ठाओ सूरिए दोच्च छम्मासं अयमाणे एगूणपण्णासइमे मंडलगए अट्ठाणउइ एकसट्ठिभाए मुहुत्तस्स रयणिखित्तस्स णिवुड्वेत्ता दिवसखेत्तस्स अभिणिवुड्डित्ता णं सूरिए चारं चरइ। रेवईपढमजेट्टापज्जवसाणाणं एगूणवीसाए णक्खत्ताणं अट्ठाणउइ ताराओ तारग्गेणं पण्णत्ताओ / / 98 / / मंदरे णं पवए णवणउइ जोयणसहस्साइं उर्दु उच्चत्तेणं पण्णत्ते / णंदणवणस्स णं पुरत्थि. मिल्लाओ चरमंताओ पञ्चत्थिमिल्ले चरमंते एस णं णवणउइ जोयणसयाई अबाहाए अंतरे पण्णत्ते / एवं दक्खिणिल्लाओ चरमंताओ उत्तरिल्ले चरमंते एस णं णवणउइ जोयणसयाई अबाहाए अंतरे पण्णत्त / उत्तरे पढमे सूरियमंडले णवणउइ जोयणसहस्साइं साइरेगाई आयामविक्खंभेणं पण्णत्ते / दोच्चे सूरियमंडले णवणउइ जोयण. सहस्साइं साहियाई आयामविक्खंभेणं पण्णत्ते / तइए सूरियमंडले णवणउइ जोयणसहस्साइं साहियाई आयामविक्खंभेणं पण्णत्ते / इमीसे गं रयणप्पभाए पुढवीए अंजणस्स कंडस्स हेछिल्लाओं चरमंताओ वाणमंतरभोमेजविहाराणं उवरिमंते एस णं णवणउइ जोयणसयाई अबाहाए अंतरे पण्णत्ते / / 99 // दसदसमिया णं भिक्खुपडिमा एगेणं राईदियसएणं अद्धछठेहिं मिक्खासएहिं अहासुत्तं जाव आराहिया वि भवइ / सय भिसया णक्खत्ते एकसयतारे पण्णत्ते / सुविही पुप्फदंते णं अरहा एगं धणुमयं उ8 उच्चत्तेणं होत्था / पासे णं अरहा पुरिसादाणीए एक्कं वाससयं सव्वाउयं पालइत्ता सिद्धे जाव प्पहीणे / एवं थेरे वि अन्जसुहम्मे / सव्वे वि णं दीह वेयड्डपव्वया एगमेगं गाउयसयं उड्ढे उच्चत्तेणं प० / सव्वे वि णं चुल्लहिमबंतसिहरीवासहरपब्धया एगमेगं जोयणसयं उर्दू उच्चत्तेणं प० एगमेगं गाउयसयं उव्वेहेणं प० / सव्वे वि णं कंचणगपव्वया एगमेगं जोयणसयं उ8 उच्चत्तेणं प० एगमेगं गाउयसयं उव्वेहेणं प० एगमेगं जोयणसयं मूले विक्खंभेणं प० // 10 // चंदप्पभे णं अरहा दिवढे धणुसयं उर्दू उच्चत्तेणं होत्था। आरणे कप्पे दिवढे विमाणावाससयं प० / एवं अच्चुए वि // 101 / / सुपासे णं अरहा दो धणुसुयाई उड्डे उच्चत्तणं होत्था / सव्वे वि णं महा हिमवंतरुप्पीवासहरपव्वया दो-दो जोयणसयाई उड्ढे उच्चत्तेणं प० दो-दो गाउयसयाई उव्वेहेणं प० / जंबुद्दीवे णं दीवे दो Page #403 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 390 अंग-पविट्ट सुत्ताणि कंचणपब्वयसया प० / / 102 / / पउमप्पभे णं अरहा अड्डाइजाई धणुसयाई उडे उच्चत्तेणं होत्था / असुरकुमाराणं देवाणं पासायवडिंसगा अड्डाइजाई जोयणसयाई उ8 उच्चत्तेणं प० // 103 // सुमई णं अरहा तिण्णि धणुसयाई उर्दू उच्चत्तेणं होत्था / अरिट्ठणेमी णं अरहा तिणि वाससयाई कुमारवासमझे वसित्ता मुंडे भवित्ता जाव पव्वइए / वेमाणियाणं देवाणं विमाणपागारा तिण्णि तिणि जोयणसयाई उ8 उच्चत्तेणं प० / समणस्स भगवओ महावीरस्स तिणि सयाणि चोहसपुवीणं होत्था / पंचधणुसइयस्स णं अंतिमसारीरियस्स सिद्धिगयस्स साइरेगाणि तिण्णि धणुसयाणि जीवप्पदेसोगाहणा.प० / / 104 / / पासस्स णं अरहओ पुरिसा. दाणीयस्स अट्ठसयाइं चोहसपुव्वीणं संपया होत्था / अभिणंदणे णं अरहा अट्ठाई धणुसयाइं उर्दू उच्चत्तेणं होत्था // 105 // संभवे णं अरहा चत्तारि धणुसयाई उई उच्चत्तेणं होत्था / सव्वे विण णिसढणीलवंता वासहरपव्वया चत्तारि-चत्तारि जोयण. सयाई उड्ढे उच्चत्तेणं चत्तारि-चत्तारि गाउयसयाई उध्वे हेणं प० / सव्वे वि णं वक्खारपव्वया णिसढणीलवंतवासहरपवयए णं चत्तारि चत्तारि जोयणसयाई उड्डूं उच्चत्तेणं चत्तारि-चत्तारि गाउयसयाई उज्वेहेणं पण्णत्ते / आणयपाणएसु दोसु कप्पे चत्तारि विमाणसया प० / समणस्स णं भगवओ महावीरस्स चत्तारि सया वाईणं सदेवमणुयासुरंमि लोगंमि वाए अपराजियाणं उक्कोसिया वाइसंपया होत्था // 106 / / अजिए णं अरहा अद्धपंचमाई धणुसयाई उड्ढे उच्चत्तेणं होत्था / सगरे णं राया चाउरंतचक्कवट्टी अद्धपंचमाई धणुसयाई उड्ढे उच्चत्तणं होत्था // 107 / / सव्वे वि णं वक्खारपव्वया सीयासीओयाओ महाणईओ मंदरपव्वयंतेणं पंच पंच जोयण. सयाइं उर्दू उच्चत्तेणं पंच-पंच गाउयसयाई उव्वेहेणं प० / सव्वे विगं वासहरकुडा पंच-पंच जोयणसयाई उर्दू उच्चत्तेणं होत्था, मूले पंच-पंच जोयणसयाई विक्खंभेणं प० / उसमे णं अरहा कोसलिए पंच धणुसयाई उट्ठे उच्चत्तेणं होत्था / भरहे णं राया चाउरतचक्कवट्टी पंच धणुसयाई उर्दू उच्चत्तेणं होत्था। सोमणसगंधमादण. विज्जुप्पभमालवंताणं वक्खारपव्वयाण मंदरपवयंतेणं पंच-पंच जोयणसयाई उर्दू उच्चत्तेणं पंच-पंच गाउयसयाई उज्वे हेणं प० / सव्वे वि णं वग्वारपव्वयकुडा हरिहरिस्सहकूडवजा पंच-पंच जोयणसयाइं उर्दू उच्चत्तेणं मूले पंच-पंच जोयणसयाई आयामविक्खंभेणं प० / सव्वे वि णं गंदणकूडा बलकृडवज्जा पंच-पंच जोयण. Page #404 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवाओ स०५००-८०० 391 सयाई उर्दू उच्चत्तेणं मूले पंच-पंच जोयणसयाई आयामविक्खंभेणं प० / सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु विमाणा पंच-पंच जोयणसयाई उड्ढे उच्चत्तेणं प० // 108 // सणंकुमारमाहिं देसु कप्पेसु विमाणा छ जोयणसयाई उड्ढे उच्चत्तेणं प० / चुल्लहिमवंतकृडस्स-णं उवरिल्लाओ चरमंताओ चुल्लाहिमवंतस्स वासहरपव्वयस्स समधरणितले एस णं छ जोयणसयाई अबाहाए अंतरे पण्णत्ते। एवं सिहरीकूडस्स वि / पासस्स णं अरहओ छ सया वाईणं सदेवमणुयासुरे लोए वाए अपराजियाणं उक्कोसिया वाईसंपया होत्था / अभिचंदे णं कूलगरे छ धणुसयाई उढे उच्चत्तेणं होत्था / वासुपुज्जे णं अरहा छहिं पुरिससए हिं सद्धिं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए // 109 // वंभलंतएसु कप्पेसु विमाणा सत्त-सत्त जोयणसयाई उड्ढे उच्चत्तेणं प० / समणस्स णं भगवओ महावीरस्स सत्त जिणसया होत्था / समणस्स भगवओ महावीरस्स सत्त वेउव्वियसया होत्था। अरिहणेमी णं अरहा सत्त वाससयाई देसूणाई केवलपरियागं पाउणित्ता सिद्धे बुद्धे जाव प्पहीणे / महाहिमवंतकूडस्स णं उवरिल्लाओ चरमंताओ महाहिमवंतस्स वासहरपब्वयस्स समधरणितले एस णं सत्त जोयणसयाइं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते / एवं रुप्पिकूडस्स वि / / 110 / / महासुक्कसहस्सारेसु दोसु कप्पेसु विमाणा अट्ठ जोयसयाई उर्दू उच्चत्तेणं प० / इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए पढमें कंडे अट्ठसु जोयणसए सु वाणमंतरभोमेजविहारा प० / समणस्स णं भगवओ महावीरस्स अट्ठसया अणुत्तरोववाइयाणं देवाणं गइकल्लाणाणं ठिइकल्लाणाणं आगमेसिभद्दाणं उक्कोसिया अणुत्तरोववाइयसंपया होत्था। इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए बहुसमरमणिज्जाओ भूमिभागाओ अट्ठहिं जोयणसएहिं सूरिए चारं चरइ / अरहओ णं अरिहणेमिस्स अट्ठ सयाई वाईणं सदेवमणुयासुरंमि लोगंमि वाए अपराजियाणं उक्कोसिया वाईसंपया होत्था।।१११||आणयपाणयआरणअच्चुएसु कप्पेसु विमाणा णव-णव जोयणसयाइं उड़े उच्चत्तण प० / णिसढकूडस्स णं उवरिल्लाओ सिहरतलाओ णिसढस्स वासहरपव्वयस्स समे धरणितले एस णं णव जोयणसयाइं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते / एवं णीलवंतकूडस्स वि / विमलवाहणे णं कुलगरे ण णव धणुसयाई उर्दू उच्चत्तेणं होत्था / इमीसे णं रयणप्पभाए बहुसमरमणिज्जाओ भूमिभागाओ णवहिं जोयणसएहिं सवबुरिमे तारारूवे चारं चरइ / णिसढस्स णं वासहरपव्वयस्स उवरिल्लाओ सिहरतलाओ इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए पढमस्स कंडस्स बहुमज्झदे Page #405 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 392 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि सभाए एस णं णव जोयणसयाई अबाहाए अंतरे पणते / एवं णीलवंतस्स वि // 112 // सव्वे वि णं गेवेज्ज विमाणे दस-दस जोयणसयाई उड्ढे उच्चत्तेणं पश्णत्ते / सव्वे वि णं जमगपव्वया दस-दस जोयणसयाई उड्ढे उच्चत्तेणं प०, दस-दस गाउय. सयाई उव्वेहेणं प०, मूले दस-दस जोयणसयाई आयामविक्खंभेणं प० / एवं चित्तविचित्तकूडा वि भाणियवा / सव्वे वि णं वट्टवेयपव्वया दस-दस जोयण. सयाई उड्ड उच्चत्तेणं प०, दस-दस गाउयसयाई उव्वेहेणं प० मूले दस-दस जोयण. सयाई विक्खंभेणं प०, सव्वत्थ समा पल्लगसंठाणसंठिया प० / सव्वे वि णं हरिहरिस्सहकूडा वक्खारकूडवजा दस-दस जोयणसयाइं उर्दू उच्चत्तेणं प०, मूले दम दस जोयणसयाई विक्खंभेणं प० / एवं बलकूडा वि गंदणकूडवज्जा / अरहा वि अरिट्ठ. णेमी दस वाससयाइं सवाउयं पालइत्ता सिद्ध बुद्धे जाव सव्वदुकावप्पहीणे / पासस्स. णं अरहओ दस सयाई जिणाणं होत्था / पासस्स णं अरहओ दस अंतेवासीसयाई कालगयाइं जाव सव्वदुक्खप्पहीणाई। पउमदहपुंडरीयहहा य दस-दस जोयणसयाइं आयामेणं प०॥ 113 // अणुत्तरोववाइयाणं देवाणं विमाणा एक्कारस जोयणसयाई उर्दू उच्चत्तेणं प० / पासस्स णं अरहओ इक्कारस सयाई वेउवियाणं होत्था // 114 / / महाप उममहापुंडरीयदहाणं दो दो जोयणसहस्साइं आयामेणं प० // 115 / / इमीसे ण रयणप्पभाए पुढवीए वइरकंडस्स उवरिल्लाओ चरमंताओ लोहियक्खकंडस्स हेहिले चरमंते एस णं तिण्णि जोयणसहस्साई अबाहाए अंतरे प० // 116 / / तिगिच्छिकेसरिदहाणं चत्तारि-चत्तारि जोयणसहस्साई आयामेणं पण्णत्ता // 117 / / धरणितले मंदरस्स णं पव्वयस्स बहुमज्झदेसभाए रुयगणाभीओ चउदिसिं पंच पंच जोयणसहस्साई अबाहाए अंतरे मंदरपव्वए पण्णत्ते // 118 // सहस्सारे णं कप्पे छ विमाणावाससहस्सा प० // 119 // इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए रयणस्स कंडस्स उवरिल्लाओ चरमंताओ पुलगस्स कंडस्स हेछिल्ले चरमंते एस णं सत्त जोयण. सहस्साई अबाहाए अंतरे पण्णत्ते // 120 // हरिवासरम्मयाणं वासा अट्ठ जोयणसहस्साइं साइरेगाइं वित्थरेणं प० // 121 // दाहिणड्डभरहस्स णं जीवा पाईणपडीणायया दुहओ समुदं पुट्ठा णव जोयणसहस्साई आयामेणं प० / / 122 / / अंजियस्स ण अरहओ साइरेगाइं णव ओहिणाणसहस्साई होत्था, मंदरे ण पवए धरणितले दस जोयणसहस्साई विक्खभेणं पण्णत्ते // 123 / / जंबूदीवे णं दीवे एगं जोयण Page #406 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवाओ-गणिपिडग-आयारे 393 सयसहस्सं आयामविक्खंभेणं प० // 124 // लवणे णं समुहे दो जोयणसयसहस्साई चक्कवालविक्खंभेणं प० // 125 / / पासस्स णं अरहओ तिणि सयसाहस्सीओ सत्तावीसं च सहस्साई उक्कोसिया सावियासंपया होत्था // 126 / / धायइखंडे गं दीवे चत्तारि जोयणसयसहस्साई चक्कवालविक्खंभेणं पण्णत्ते // 127 // लवणस्स गं समुहस्स पुरथिमिल्लाओ चरमंताओ पञ्चत्थिमिल्ले चरमंते एस णं पंच जोयणसयसहस्साई अबाहाए अंतरे पण्णत्ते // 128 // भरहे णं राया चाउरंतचक्कवट्टी छ पुव्वसयसहस्साइं रायमझे वसित्ता मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए // 129 / / जंबूदीवस्स णं दीवस्स पुरथिमिल्लाओ वेइयंताओ धायइखंडचक्कवालस्स पच्चत्थिमिल्ले चरमंते एस णं सत्त जोयणसयसहस्साई अबाहाए अंतरे पण्णत्ते / / 130 // माहिं देणं कप्पे अट्ठ विमाणावाससयसहस्साइं पण्णत्ताई // 131 // अजियस्स णं अरहओ साइरेगाई णव ओहिणाणिसहस्साई होत्था // 132 // पुरिस. सीहे ण वासुदेवे दस वाससयसहस्साइं सव्वाउयं पालइत्ता पंचमाए पुढवीए णेरइएसु णेरइयत्ताए उववण्णे // 133 // समणे भगवं महावीरे तित्थगरभवग्गहणाओ छठे पोट्टिलभवग्गहणे एगं वासकोडिं सामण्णपरियागं पाउणित्ता सहस्सारे कप्पे सवट्ठविमाणे देवत्ताए उववण्णे // 134 // उसभसिरिरस भगवओ चरिमस्स य महावीरवद्धमाणस्स एगा सागरोवमकोडाकोडी अबाहाए अंतरे पण्णत्ते // 135 // . गणिपिडग . दुवालसंगे गणिपिड़गे पण्णत्ते, तं जहा–आयारे, सूयगडे, ठाणे, समवाए, विवाहपण्णत्ती, णायाधम्मकहाओ, उवासगदसाओ, अंतगडदसाओ, अणुत्तरोववाइयदसाओ, पण्हावागरणाई, विवागसुए, दिठिवाए / से किं तं आयारे ? आयारे णं समणाणं णिग्गंथाणं आयारगोयरविणयवेणइयट्ठाणगमणचकमणपमाणजोगजुजणभासासमिइगुत्तीसेन्जोवहिभत्तपाणउग्गमउप्पायणए सणाविसोहिंसुद्धासुद्ध . ग्गहणवयणियमतवोवहाणसुप्पसत्थमाहिज्जइ / से समासओ पंचविहे पण्णत्ते, तं जहा—णाणायारे, दंसणायारे चरित्तायारे, तवायारे, विरियायारे / आयारस्स णं परित्ता वायणा, संखेजा अणुओगदारा, संखेजाओ पडिवत्तीओ, संखेज्जा वेढा, संखेज्जा सिलोगा, संखेजाओ णिज्जुत्तीओ। से णं अंगठ्ठयाए पढमे अंगे दो सुय खंधा, पणवीसं अज्झयणा, पंचासीइं उद्देसणकाला, पंचासीइं समुद्देसणकाला, अट्ठारस पयसहस्साई पयग्गेणं, संखेजा अक्खरा, अणंता गमा, अणंता पज्जवा, Page #407 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 394 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि परित्ता तसा, अणंता थावरा, सासया कडा णिबद्धा णिकाइया जिणपण्णत्ता भावा आघविनंति पण्णविजंति परूविज्जति दंसिज्जति णिदंसि जति उवदं सिज्जंति / से एवं आया एवं णाया एवं विण्णाया। एवं चरणकरणवरूवणया आघविज्जति पण्णविनंति परूविजंति दंसिर्जति गिदंसिर्जति उवदंसिर्जति / से तं आयारे // 136 / / से किं तं सूयगडे ? सूयगडे णं ससमया सूइज्जति,परसमया सूइज्जति, ससमयपरसमया सूड जंति, जीवा सूइज्जति, अजीवा सूइज्जति, जीवाजीवा सूइज्जति, लोगो सूइ जति,अलोगो सूइज्जति, लोगालोगो सूइज्जति / सूयगडे णं जीवाजीवपुणपावासवसंवरणिज्जरण. बंधमोक्खावसाणा पयत्था सूइज्जति / समणाणं अचिरकालपव्वइयाणं कुसमयमोहमोहमइमोहियाणं संदेह जायसहजबुद्धिपरिणामसंसइयाणं पावकरमलिणमइगुणविसोहणत्थं असीयस्स किरियावाइयस यस्स चउरासीए अकिरियवाईणं सत्तट्ठीए अण्णाणियवाईणं वत्तीसाए वेणइयवाईणं तिण्हं तेवट्ठीणं अण्ण दिट्ठियसयाणं वूहं किच्चा ससमए ठाविजइ णाणा दिटुंतवयणणिस्सारं सुट्ठ दरिसयंता विविह वित्थराणुगमपरमसब्भावगुणवि सिट्ठा मोक्खपहोयारगा उदारा अण्णाणतमंधकारदुग्गेसु दीवभूया सोवाणा चेव सिद्धिसुगइगिहुत्तमस्स णिक्खोभणिप्पकंपा सुत्तत्था। सुयगडस्स णं परित्ता वायणा संखेज्जा अणुओगदारा संखेजाओ पडिवत्तीओ संखेज्जा वेढा संखेज्जा सिलोगा संखेजाओ णिज्जुत्तीओ। से णं अंगठ्याए दोचे अंगे दो सुयक्खंधा तेवीसं अज्झयणा तेत्तीसं उद्देसणकाला तेत्तीसं समुद्देसणकाला छत्तीसं पयसहस्साइं पयग्गेणं पण्णत्ताई, संखेज्जा अक्खरा अणंता गमा अणंता पजवा परित्ता तसा अणंता थावरा सासया कडा णिबद्धा णिकाइया जिणपण्णत्ता भावा आघविज्जति पण्णविजंति परूविजंति दंसिजति जिंदसिज्जति उवदंसिज्जति / से एवं आया एवं णाया एवं विण्णाया एवं चरणकरणपरूवणया आधविजंति पण्णविजंति परूविनंति दंसिर्जति णिदंसिज्जति उवदं सिज्जति / से त्तं सूयगडे // 137 / / से किं तं ठाणे ? ठाणे णं ससमया ठाविजंति, परसमया ठाविजंति, ससमयपरसमया ठाविज्जति, जीवा ठाविजंति, अजीवा ठाविजंति, जीवाजीवा ठाविजंति, लोगा ठाविनंति अलोगा ठाविजंति, लोगालोगा ठाविति, ठाणेणं दव्वगुणखेत्तकालपज्जवपयत्थाणं-सेला सलिला य समुद्दा, सूरभवणविमाणआगरणईओ। णिहिओ पुरिसज्जाया, सरा य गोत्ता य जोइसंचाला // 1 // एक्कविहवत्तव्वयं दुविह जाव दसविहवत्तव्वयं जीवाण Page #408 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवाओ-गणिपिडग-समवाए, वियाहे 395 पोग्गलाण य लोगट्ठाई च णं परूवणया आघविजंति / ठाणस्स णं परित्ता वायणा, संखेज्जा अणुओगदारा, संखेन्जाओ पडिवत्तीओ, संखेजा वेढा, संखेज्जा सिलोगा, संखेजाओ संगहणीओ / से णं अंगठ्ठयाए तइए अंगे, एगे सुयक्खंधे, दस अज्झ. यणा, एकवीसं उद्देसणकाला, एकवीसं समुद्देसणकाला, बावत्तरिं पयसहस्साई पयग्गेणं पण्णत्ताई। संखेज्जा अक्खरा, अणंता गमा, अणंता पज्जवा, परित्ता तसा, अणंता थावरा, सासया कडा णिबद्धा णिकाइया जिणपण्णत्ता भावा आघविजंति पण्णविनंति परूविजंति दंसिर्जति णिदंसिजति उवदं सिजति / से एवं आया एवं णाया एवं विण्णाया एवं चरणकरणपरूवणया आघविजंति / से तं ठाणे // 138 // से किं तं समवाए ? समवाए णं ससमया सूइज्जति, परसमया सूइज्जति, ससमयपरसमया सूइज्जंति, जाव लोगालोगा सूइज्जति / समवाए णं एकाइयाणं एगट्ठाणं एगुत्तरियपरिवुड्डीय, दुवालसंगस्स य गणिपिडगस्स पल्लवग्गे समणुगाइ. जइ ठाणगसयस्स, बारसविहवित्थरस्स सुयणाणस्स जगजीवहियस्स भगवओ समासेणं समायारे आहिजइ / तत्थ य णाणाविहप्पगारा जीवाजीवा य वणिया वित्थरेण, अवरे वि य बहुविहा विसेसा णरगतिरियमणुयसुरगणाणं आहारुस्सासलेसाआवाससंखआययप्पमाणउववायचवणओगाहणोवहिवेयणविहाणउवओगजोग. इंदियकसाय, विविहा य जीवजोणी, विक्खंभुस्सेहपरिरयप्पमाणं विहि विसेसा य मंदराईणं महीधराणं, कुलगरतित्थगरगणहराणं सम्मत्तभरहाहिवाण चक्कीणं चेव चक्क हरहलहराण य, वासाण य णिगमा य समाए / एए अण्णे य एवमाइ एत्थ वित्थरेणं अत्था समाहिज्जति / समवायस्स णं परित्ता वायणा जाव से णं अंगट्टयाए चंउत्थे अंगे एगे अज्झयणे एगे सुयक्खंधे एगे उद्देसणकाले एगे समुद्देसणकाले एगे च उयाले पयसयसहस्से पयग्गेणं पण्णत्ते / संखेन्जाणि अक्खराणि जाव चरणकरणपरूवणया आघविज्जति / से तं समवाए // 139 // से किं तं वियाहे ? वियाहेणं ससमया वियाहिज्जति परसमया विया हिज्जति ससमयपरसमया वियाहिज्जति, जीवा वियाहिज्जति अजीवा वियाहिज्जति जीवाजीवा वियाहिज्जंति, लोगे वियाहिज्जइ अलोगे वियाहिज्जइ लोगालोगे वियाहिज्जइ / वियाहेणं णाणाविहसुरणरिंद रायरिसिविविहसंसइयपुच्छियाणं जिणेणं वित्थरेणं भासियाणं दव्वगुणखेत्तकाल. * पजवपदेसपरिणामहत्थियभावअणुगमणिक्खेवणयप्पमाणसुणिउणोवक्कमविविहप्प Page #409 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 396 अंग-पविट्ट सुत्ताणि गारपगडपयासियाणं लोगालोगपयासियाणं संसारसमुद्रुंदउत्तरणसमत्थाणं सुरवइ. संपूजियाणं भवियजणपयहिययाभिणंदियाणं तमरयविद्धंसणाणं सुदिट्ठदीवभूयईहामइबुद्धिवद्धणाणं छत्तीससहस्समणूणयाणं वागरणाणं दंसणाओ सुयत्थबहुविहप्पगारा सीसहियत्था य गुणहत्था / वियाहस्स णं परित्ता वायणा संखेन्जा अणुओगदारा संखेजाओ पडिवत्तीओ संखेजा वेढा संखेजा सिलोगां संखेजाओ णिज्जुत्तीओ। सेणं अंगट्टयाए पंचमे अंगे एगे सुयक्खंधे एगे साइरेगे अज्झयणसए दस उद्देसगसहस्साई दस समुद्देसगसहस्साइं छत्तीसं वागरणसहस्साइं चउरासीई पयसहस्साइं पयग्गेणं प०। संखेजाई अक्खराइं अणंता गमा अणंता पन्जवा परित्ता तसा अणंता थावरा सासया कडा णिबद्धा णिकाइया जिणपणेत्ता भावा आघविज्जति पण्णविजंति परूविजंति दंसिजति णिदंसिज्जति उवदंसिर्जति / से एवं आया से एवं णाया से एवं विणाया एवं चरणकरणपरूवणया आघविजंति। से त्तं वियाहे / 140 / से कितं णायाधम्मकहाओ? णायाधम्मकहासु णं णायाणं णगराई उजाणाई चेइयाई वणसंडा रायाणो अम्मापियरो समोसरणाई धम्मायरिया धम्मकहाओ इहलोइयपरलोइयइडीविसेसा भोगपरिच्चाया पवजाओ सुयपरिग्गहा तवोवहाणाइं परियाया संलेहणाओ भत्तपच्चक्खाणाइं पाओवगमणाई देवलोगगमणाई सुकुलपच्चायायाइं पुणबोहिलाभा अंतकिरियाओ य आघविजंति जाव णायाधम्मकहासु णं पव्वइयाणं विणयकरणजिणसामिसासणवरे संजमपइण्णपालणधिइमइववसायदुब्बलाणं तवणि यमतवोवहाणरणदुद्धरभरभग्गयणिस्सहयणि सिट्ठाणं घोरपरीसहपराजियाणं सहपारद्धरुद्ध सिद्धालयमग्गणिग्गयाणं विसयसुहतुच्छआसावसदोसमुच्छियाणं विराहियचरित्तणाणदंसणजइगुणविविहप्पयारणिस्सारसुण्णयाणं संसार अपारदुक्खदुग्गइभव विविहपरंपरापवंचा / धीराण य जियपरिसहकसायसेण्णधिइधणियसंजमउच्छाह णिच्छियाणं आराहियणाणदंसणचरित्तजोगणिस्सलसुद्धसिद्धालयमग्गमभिमुहाणं सुरभवणविमाणसुक्खाई अणोवमाइं भुत्तूण चिरं च भोगभोगाणि तागि दिव्वाणि महरिहाणि तओ य कालक्कमचुयाणं जह य पुणो लद्धसिद्धिमग्गाणं अंतकिरिया / चलियाण य सदेवमाणुस्सधीरकरणकारणाणि बोधणअणुसासणाणि गुणदोसदरिसणाणि दिटुंते पच्चए य सोऊण लोगमुणिणों जहट्ठियसासणम्मि जरमरणणासणकरे आराहियसंजमा य सुरलोगपडिणियत्ता ओवेति जह सासयं सिवं सव्वदुक्खमोक्खं / एए अण्णे य एवमाइअत्था वित्थरेण य / णाया Page #410 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवाओ-गणिपिडग-उवासग०अंतगड० 397 धम्मकहासुणं परित्ता वायणा संखेज्जा अणुओगदारा जाव संखेज्जाओ संगहणीओ। से णं अंगठ्ठयाए छठे अंगे दो सुयक्खंधा एगूणवीसं अज्झयणा, ते समासओ दुविहा पण्णत्ता, तं जहा-चरिता य कप्पिया य, दस धम्मकहाणं वग्गा, तत्थ णं एगमेगाए धम्मकहाए पंच पंच अक्खाइयासयाई एगमेगाए अक्खाइयाए पंच. पंच उवक्वाइयासयाई, एगमेगाए उवक्खाइयाए पंच-पंच अक्खाइयउबक्खाइयासयाई, एवमेव सपुवावरेणं अछुट्टाओ अक्खाइयकोडीओ भवंतीति मक्खायाओ, एगूणतीसं उद्देसणकाला एगूणतीसं समुद्देसणकाला संखेज्जाइं पयसहस्साई पयग्गेणं पण्णत्ता, संखेज्जा अक्खरा नाव चरणकरणपरूवणया आघविज्जति / से त णायाधम्मकहाओ // 141 // से किं तं उवासगदसाओ ? उवासगदसासु णं उवामयाणं णगराई उज्जाणाई चेइयाई वणसंडा रायाणो अम्मापियरो समोसरणाई धम्मायरिया धम्मकहाओ इहलोइयपरलोइयइविविसेसा उवासयाणं सीलव्वयवेर. मणगुणपश्चात्राणपोसहोववासपडिवजणयाओ सुयपरिग्गहा तवोवहाणा पडिमाओ उसग्गा संलेहणाओ भत्तपञ्चक्खाणाई पाओवगमणाई देवलोगगमणाई सुकुलपञ्चा. याया पुणो बोहिलाभा अंतकिरियाओ य आघविज्जति / उवासगदसासु णं उवा. सयाणं रिद्धिविसेसा परिसा वित्थरधम्मसवणाणि बोहिलाभअभिगमसम्मत्तविसुद्धया थिरत्तं मूलगुण उत्तरगुणाइयारा ठिईविसेसा य बहुविसेसा पडिमाभिग्गहग्गहणपालणा उवसग्गाहियासणा णिरुवसग्गा य तवा य विचित्ता सीलवयगुणवेरमणपच्चक्खाणपोसहोववासा अपच्छिम्मारणंतिया य संलेहणाझोसणाहिं अप्पाणं जह य भावइत्ता बहाणि भत्ताणि अणसणाए य छेयइत्ता उक्वण्णा कप्पवरविमाणुत्तमेसु जह अणु. भवंति सुरवरविमाणवरपोंडरीएसु सोक्खाई अणोवमाइं कमेण भुत्तूण उत्तमाई तओ आउक्वएणं चुया समाणा जह जिणमयंमि बोहिं लभ्रूण य संजमुत्तमं तमरयोघविप्पमुक्का उवेंति जह अक्खयं सव्वदुक्खमोक्खं / एए अण्णे य एवमाइअत्था वित्थरेण य / उवासयदसासु णं परित्ता वायणा संखेज्जा अणुओगदारा जाव संखे. ज्जाओ संगहणीओ / सेणं अंगठ्ठयाए सत्तमें अंगे एगे सुयक्खंधे दस अज्झयणा दस उद्देसणकाला दससमुहेसणकाला संखेज्जाइं पयसयसहस्साइं पयग्गेणं पण्णत्ता / संखेज्जाइं अक्वराई जाव एवं चरणकरणपरूवणया आघविज्ति / से तं उवासगदसाओ // 142 // से किं तं अंतगडदसाओ ? अंतगडदसासु णं अंतगडाणं णगराई Page #411 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 398 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि उज्जाणाई चेइयाई वणसंडा रायाणो अम्मापियरो समोसरणाइंधम्मायरिया धम्मकहा इहलोइयपरलोइयइड्डिविसेसा भोगपरिच्चाया पव्वज्जाओ सुयपरिग्गहा तवोवहाणाई पडि. माओ बहुविहाओ खमा अज्जवं महवं च सोअं च सच्चसहियं सत्तरसविहो य संजमो उत्तमं च बंभं आकिंचणया तवो चियाओ समिइगुत्तीओ चेव तह अप्पमायजोगो सज्झायज्झाणाण य उत्तमाणं दोण्हं पि लक्खणाई पत्ताण य संजमुत्तमं जियपरीसहाणं चउबिहकम्मक्खयम्मि जह केवलस्स लंभो परियाओ जत्तिओ य जह पालिओ मुणिहिं पायोवगओ य जो जहिं जत्तियाणि भत्ताणि छेयइत्ता अंतगडो मुणिवरो तमरयोघविप्पमुक्को मोक्खसुहमणुत्तरं च पत्ता। एए अण्णे य एवमाइअत्था वित्थारेणं परूवेई / अंतगडदसासु णं परित्ता घायणा संवेज्जा अणुओगदारा जाव संखे. ज्जाओ संगहणीओ, से णं अंगठ्ठयाए अट्ठमे अंगे एगे. सुयक्खंधे दस अज्झ. यणा अट्ठ वग्गा दस उद्देसणकाला दस समुद्देसणकाला संखेज्जाइं पयमयसहस्माइं पयग्गेणं प० संखेज्जा अक्खरा जाव एवं चरणकरणपरूवणयां आघविज्जति / से त अंतगडदसाओ // 143 // से किं तं अणुत्तरोववाइयदसाओ ? अणुत्तरोववाइयदसासु णं अणुत्तरोववाइयाणं णगराई उज्जाणाई चेइयाई वणसंडा रायाणो अम्मापियरो समोसरणाई धम्मायरिया धम्मकहाओ इहलोगपरलोगइट्टिविसेसा भोगपरिच्चाया पव्वज्जाओ सुयपरिग्गहा तबोवहाणाई परियाया पडिमाओ संलेहणाओ भत्तपाणपञ्चक्रवागाई पाओवगमणाई अणुत्तरोववाओ सुकुलपञ्चायाया पुणो बोहिलाभो अंतकिरियाओ य आघविजंति / अणुत्तरोववाइयदसासु णं तित्थकरसमोसरणाई परमंगल्लजगहियाणि जिणाइसेसा य बहुविसेसा जिणसीसाणं चेव समणगणपवरगंधहत्थीणं थिरजसाणं परिसहसेण्णरिउबलपमदणाणं तवदित्तचरीत्तणाणसम्मत्तसार विविहप्पगार वित्थरपसस्थगुणसंजुयाणं अणगारमहरिसीणं अणगारगुणाण वण्णओ उत्तमवरतवविसिट्ठणाणनोगजुत्ताणं जह य जगहियं भगवओ जारिसा इड्ढिविसेसा देवासुरमाणुसाणं परि. साणं पाउन्भावा य जिणसमीवं जह य उवासंति जिणवरं जह य परिकहंति धर्म लोगगुरू अमरणरसुरगणाणं सोऊण य तस्स भासियं अवसेसकम्मविसयविरत्ता णरा जहा अब्भुवेंति धम्ममुरालं संजमं तवं चावि बहुविहप्पगारं जह बहुणि वासाणि अणुचरित्ता आराहियणाणदंसणचरित्तजोगा जिणवयणमणुगयमहियभासिया जिणव. राण हियएणमणुण्णेत्ता जे य जहिं जत्तियाणि भत्ताणि छेयइत्ता लभ्रूण य समाहि Page #412 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवाओ-गणिपिडग-पण्हा० विवागसुयं 399 मुत्तमज्झाणजोगजुत्ता उववण्णा मुणिवरोत्तमा जह अणुत्तरेसु पावंति जह अणुत्तरं तत्थ विसयसोक्खं तओ य चुया कमेण काहिंति संजया जहा य अंतकिरियं एए अण्णे य एवमाइअत्था वित्थरेण / अणुत्तरोववाइयदसासु णं परित्ता वायणा संखेज्जा अणुओंगदारा संखेज्जाओ संगहणीओ / से णं अंगठ्ठयाए णवमे अंगे एगे सुयक्खंधे दस अज्झयणा तिण्णि वग्गा दस उद्देसणकाला दस समुद्देसणकाला संखेज्जाइं पयसयसहस्साई पयग्गेणं प० / संखेज्जाणि अक्खराणि जाव एवं चरणकरणपरूवणया आघविज्जति / से तं अणुत्तरोववाइयदसाओ / / 144 // से किं तं पण्हावागरणाणि ? पण्हावागरणेसु णं अठुत्तरं पसिणसयं अठुत्तरं अपसिणसयं अठुत्तरं पसिणापसिणसंयं विजाइसया णागसुवण्णेहिं सद्धिं दिव्वा संवाया आघविज्जति। पण्हावागरणदसासु णं ससमयपरसमयपण्णवयपत्तेयबुद्ध विविहत्थभासाभासियाणं अइसयगुणउवसमणाणप्पगारआयरियभासियाणं वित्थरेणं वीरमहेसीहिं विविह वित्थरभासियाणं च जगहियाणं अद्दागंगुटबाहुअसिमणिखोमआइंच्चमाइयाणं विविहमहापसिणविज्जामणपसिणविज्जादेवयपयोगपहाणगुणप्पगासियाणं सब्भूयदुगुणप्पभावणरगणमइविम्हयकराणं अइसयमईयकालसमयदमसमतित्थकरुत्तमस्स ठिइकरणकारणाणं दुरहिगमदुरवगाहस्स सव्वसवण्णुसम्मयस्स अबुहमणविबोहणकरस्स पच्चक्खयपच्चयकराण पण्हाणं विविहगुणमहत्था जिणवरप्पणीया आघविज्जति / पण्हावागरणेसु णं परित्ता वायणा संखेजा अणुओगदारा जाव संखेज्जाओ संगहणीओ। से णं अंगठ्ठयाए दसमे अंगे एगे सुयक्खंधे पणयालीसं उद्देसणकाला पणयालीसं समुद्देसणकाला संखेज्जाणि पयसयसहस्साणि पयग्गेणं प० / संखेज्जा अक्खरा अणंता गमा जाव चरणकरणपरूवणया आघविज्जति / से तं पण्हावागरणाइं // 145 // से किं तं विवागसुयं ? विवागसुए णं सुक्कडदुक्कडाणं कम्माणं फलविवागे आघविज्जति से समासओ दुविहे प०, तं०-दुह विवागे चेव सुहविवागे चेव / तत्थ णं दस दुहविवागाणि दस सुहविवागाणि / से किं तं दुहविवागाणि ? दुहविवागेसु णं दुहविवागाणं णगराई उज्जाणाई चेइयाई वणसंडा रायाणो अम्मापियरो समोसरणाई धम्मायरिया धम्मकहाओ णगरगमणाई संसारपबंधे दुहपरंपराओ य आघविज्जति / से तं दुहविवागाणि / से किंतं.सुहविवागाणि ? सुहविवागेसु सुहविवागाणं णगराई उजाणाई चेइयाई वणसंडा रायाणो अम्मापियरो समोसरणाई धम्मायरिया धम्मकहाओ इहलोइयपरलोइयः Page #413 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 400 अंग-पविट्ट सुत्ताणि इड्डिविसेसा भोगपरिचाया पव्वजाओ सुयपरिग्गहा तवोवहाणाई परियाया पडिमाओ संलेहणाओ भत्तपच्चक्खाणाइं पाओवगमणाई देवलोगगमणाई सुकुलपच्चालाया पुण बोहिलाहा अंतकिरियाओ य आघविज्जंति / दुह विवागेसु णं पाणाइवायअलियवयणचोरिककरणपरदारमेहुणससंगयाए महतिव्वकसायई दियप्पमायपावप्पओयअसुहज्झवसाणसंचियाणं कम्माणं पावयाणं पावअणुभागफलविवागा णिरयगइतिरिक्खजोणि बहुविहवसणसयपरंपरापबद्धाणं मणुयत्त वि आगयाणं जहा पावकम्म. सेसेण पावगा होति फलविवागा वह वसणविणासणासाकण्णुटुंगुढ़करचरणणहच्छेयणजिब्भच्छेयण-अंजण कडग्गिदाहणगय चलणमलणफालणउलंबणसूललयालउडलटि. भंजणतउसीसगतत्ततेल्लकलकलअहिसिंचण-कुंभिपागकंपणथिरबंधण-वेहवज्झ-कत्तण. पइभयकरकरपल्लीवणादिदारुणाणि दुक्खाणि अणोवमाणि / बहुविविहपरंपराणु. बद्धा ण मुच्चंति पावकम्मवल्लीए, अवेयइत्ता हु णत्थि मोक्खो तवेण धिइधणियबद्ध कच्छेण सोहणं तस्स वावि हुज्जा / एत्तो य सुह विवागेसु णं सीलसंजमणियमगुणतोवहाणेसु साहुसु सुविहिए सु अणुकंपासयप्पओगतिकालमइविसुद्धभत्तपाणाई पययमणसा हियसुहणीसेसतिव्वपरिणामणिच्छियमई पच्छिऊणं पयोगसुद्धाइं जह य णिव्वत्तेति उ बोहिलाभं जह य परित्तीकरेंति णरणरयतिरियसुरगमणविउलपरि. यहअरइभयविसायसोगमिच्छत्तसेलसंकडं अण्णाणयमंधकारं चिकिवल्सुदुत्तार जरमरणजोणिसंखुभियचकवालं सोलसकसायसावयपयंडचंडं अणाइयं अणवयग्गं संसारसागरमिणं / जह य णिबंधति आउगं सुरगणेसु जह य अणुभवंति सुरगण. विमाणसोक्खाणि अणोवमाणि तओ य कालंतरे चुयाणं इहेव णरलोगमागयाणं आउवपु वण्णरूव जाइकुल-जम्मआरोग्ग-बुद्धि-मेहाविसेसा मित्तजण सयण धणधण्णविभवसमिद्धसारसमुदयविसेसा बहुविहकामभोगुब्भवाण सोक्खाण सुह विवागोत्तमेसु अणुवरयपरंपराणुचद्धा असुभाणं सुभाणं चेव कम्माणं भासिआ बहुविहा विवागा विवागसुयम्मि भगवया जिणवरेण संवेगकारणत्था अण्णे वि य एवमाइया बहुविहा वित्थरेणं अत्थपरूवणया आघविजति / विवागसुअस्स णं परित्ता वायणा संखेज्जा अणुओगदारा जाव संखेज्जाओ संगहणीओ / से णं अंगठ्ठयाए एक्कारसमे अंगे वीसं अज्झयणा वीसं उद्देसणकाला वीसं समुद्देसणकाला संखेज्जाई पयसयसहस्साई पयग्गेणं पण्णत्ता / संखेज्जाणि अक्खराणि अणंता गमा Page #414 -------------------------------------------------------------------------- ________________ .. समवाओ-गणिपिडग-दिट्टिवाए 401 अणंता पज्जवा. जाव एवं चरणकरणपरूवणया आघविज्जंति / से तं विवागसुए // 146 // से किं तं दिट्ठिवाए ? दिठिवाए णं सव्वभावपरूवणया आघविज्जति / से समासओ पंचविहे पण्णत्त, तं जहा-परिकम्मं, सुत्ताई, पुव्वगयं, अणुओगो, चूलिया। से किं तं परिकम्मे 1 परिकम्मे सत्तविहे पण्णत्ते, तं जहा-सिद्धसेणियापरिकम्मे, मणुस्ससेणियापरिकम्मे, पुट्ठसेणियापरिकम्मे, ओगाहणसेणियापरिकम्मे, उवसंपज्जसेणियापरिकम्मे, विप्पजहसेणियापरिकम्मे, चुयाचुयसेणियापरिकम्मे / से किं तं सिद्धसेणियापरिकम्मे ? सिद्धसेणियापरिकम्मे चोदसविहे प०, तं०-माउया. पयाणि, एगट्ठियपयाणि, पाओढपयाणि, आगासपयाणि, केउभूयं, रासिबद्धं, एगगुणं, दुगुणं, तिगुणं, केउभूयं, पडिग्गहो, संसारपडिग्गहो, गंदावत्तं, सिद्धबद्धं, से तं सिद्धसेणियापरिकम्मे / से किं तं मणुस्ससेणियापरिकम्मे ? मणुस्ससेणियापरिकम्मे चोद्दसविहे प०, तं०-ताई चेव माउयापयाणि जाव गंदावत्तं मणुस्सबद्धं, से तं मणुस्ससेणियापरिकम्मे / अवसेसाइं परिकम्माई पुट्ठाइयाइं एक्कारसविहाइं पण्णत्ताई / इच्चेयाइं सत्त परिकम्माई, छ ससमइयाई सत्त आजीवियाई, छ चउक्कणइयाई सत्त तेरासियाई, एवामेव सपुत्वावरेणं सत्त परिकम्माई तेसीति भवंतीति मक्खायाई, से तं परिकम्माइं / से किं तं सुत्ताई ? सुत्ताइं अट्ठासीति भवंतीति मक्खायाई, तं०-उज्जुगं परिणयापरिणयं बहुभंगियं विप्पच्चइयं [विण (ज) यचरियं] अणंतरं परंपरं समाणं संजूहं [मासाणं] संभिण्णं अहाचयं [अहब्वायं-गंदीए सोवत्थिय (वत्तं यं) णंदावत्तं बहुलं पुट्ठापुढे वियावत्तं एवंभूयं दुआवत्तं वत्तमाणप्पयं समभिरूढं सव्वओभदं षणामं पस्सासं—णंदीए दुपडिग्गहं / इच्चेयाई बावीसं सुत्ताई छिण्णछेयणइयाइं ससमयसुत्तपरिवाडीए इच्चेयाई बावीसं सुत्ताई अछिण्णछेयणइयाई आजीवियसुत्तपरिवाडीए, इच्चेयाइं बावीसं सुत्ताई तिकणइयाई तेरासियसुत्तपरिवाडीए, इच्चेयाई बावीसं सुत्ताई चउक्कणइयाई ससमयसुत्तपरिवाडीए, एवामेव सपुत्वावरेणं अट्ठासीति सुत्ताई भवंतीति मक्खायाई, से तं सुत्ताई। से किं तं पुव्वगय ? पुन्वगयं चउद्दसविहं पण्णत्तं, तं जहा-उप्पायपुव्वं, अग्गेणीयं, वीरियं, अत्थिणत्थिप्पवाय, णाणप्पवायं, सच्चप्पवायं, आयप्पवाय, कम्मप्पवायं, पच्चक्खाणप्पवाय, विज्जाणुप्पवायं अवंझं, पाणाऊ, किरियाविसालं, लोगबिंदुसारं / उप्पायपुव्वस्स णं दसवत्यू पण्णत्ता, चत्तारि चूलियावत्थू पण्णत्ता / अग्गेणियस्स Page #415 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 402 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि णं पुव्वस्स चोहसवत्थू प०, बारस चूलियावत्यू प० / वीरियप्पवायस्स णं पुव्वस्स अट्ठ वत्थू प०, अट्ठ चूलियावत्यू प० / अत्थिणत्थिप्पवायस्स णं पुव्वस्स अट्ठारस वत्थू प०, दस चूलियावत्थू प० / णाणप्पवायस्स णं पुवस्स बारस वत्थू प० / सच्चप्पवायस्स णं पुवस्स दो वत्थू प० / आयप्पवायस्स णं पुव्वस्स सोलस वत्थू प० / कम्मप्पवायपुवस्स णं तीसं वत्थू प० / पञ्चक्खाणस्स णं पुव्वस्स वीसं वत्थू प० / विज्जाणुप्पवायस्स णं पुवस्स पणरस वत्यू प० / अवंझस्स णं पुवस्स बारस वत्थू प० / पाणाउस्स णं पुवस्स तेरस वत्यू प० / किरियाविसालस्स णं पुव्वस्स तीसं वत्थू प० / लोयबिंदुसारस्स णं पुवस्स पणवीसं वत्थू प० / " दस चोदस अट्ठारसे व बारस दुवे य वत्थूणि / सोलस तीसा वीसा पण्णरस अणुप्पवायम्मि॥ बारस एक्कारसमे, बारसमे तेरसेव वत्थू णि / तीसा पुण तेरसमे चउदसमे पण्णवीसाओ / चत्तारि दुवालस अट्ठ चेव दस चेव चूलवत्थूणि। आइल्लाण चउण्हं, सेसाणं चूलिया णत्थि" से तं पुव्वगयं / से किं तं अणुओगे ? अणुओगे दुविहे प०, तं० मूलपढमाणुओगे य गंडियाणुओगे य / से किं तं मूलपढमाणुओगे ? एत्थ णं अरहंताणं भगवंताणं पुव्वभवा देवलोगगमणांणि आउं चवणाणि जम्मणाणि य अभिसेया रायवर सिरीओ सीयाओ पव्वज्जाओ तवा य भत्ता केवलणाणुप्याया य तित्थपवत्तणाणि य संघयणं संठाणं उच्चत्तं आउं वण्ण विभागो सीसा गणा गणहरा य अजा पवत्तणीओ संघस्स चउविहस्स जं वावि परिमाणं जिणमणपज्जवओहिणाणसम्मत्तसुयणाणिणो य वाई अणुत्तरगई य जत्तिया सिद्धा पाओवगया य जे जहिं जत्तियाई भत्ताई छेयइत्ता अंतगडा मुणिवरुत्तमा तमरओघविप्पमुक्का सिद्धिपहमणुत्तरं च पत्ता, एए अण्णे य एवमाइया भावा मूलपढमाणुओगे कहिया आघ. विजंति पण्णविनंति परूविजंति, से तं मूलपढमाणुओगे / से किं तं गंडियाणु ओगे ? गंडियाणुओगे अणेगविहे प०, तं०-कुलगरगंडियाओ तित्थगरगंडियाओ गणहरगंडियाओ चक्कहरगंडियाओ दसारगंडियाओ बलदेवगंडियाओ वासुदेवगंडियाओ हरिवंसगंडियाओ भद्दबाहुगंडियाओ तवोकम्मगंडियाओ चित्तंतरगंडियाओ उस्सप्पिणीगंडियाओ ओसप्पिणीगंडियाओ अमरणरतिरियणिरयगइ. गमणविविहपरियट्टणाणुओगे, एवमाइयाओ गंडियाओ आघविनंति पण्णविजंति परूविनंति, से तं गंडियाणुओगे / से किं तं चूलियाओ ? जणं आइल्लाणं चउण्हं पुवाणं चूलियाओ सेसाई पुव्वाइं अचूलियाई, से तं चूलियाओ। दिठिवायस्स Page #416 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवाओ-जीवरासी अजीवरासी 403 णं परित्ता वायणा, संखेज्जा अणुओगदारा संखेज्जाओ पडिवत्तीओ संखेजाओ णिज्जुत्तीओ संखेज्जा सिलोगा संखेज्जाओ संगहणीओ। से णं अंगठ्ठयाए बारसमे अंगे एगे सुयक्खंधे चउद्दस पुव्वाइं संखेज्जा वत्थू संखेजा चूलवत्यू संखेज्जा पाहुडा संखेज्जा पाहुडपाहुडा संखेज्जाओ पाहुडियाओ संखेज्जाओ पाहुडपाहुडि. याओ संखेज्जाणि पयसयसहस्साणि पयग्गेणं पण्णत्ता, संखेज्जा अक्खरा अणंता गमा अणंता पज्जवा परित्ता तसा अणंता थावरा सासया कडा णिबद्धा णिकाइया जिणपण्णत्ता भावा आघविज्जति पण्णविज्जंति परूविज्जंति दंसिज्जति णिदं सिज्जति उवदंसिज्जंति, एवं णाया एवं विण्णाया एवं चरणकरणपरूवणया आघविज्जति, से तं दिठिवाए, से तं दुवालसंगे गणिपिडगे / 147 / इच्चेइयं दुवालसंगं गणिपिडगं अतीतकाले अणंता जीवा आणाए विराहित्ता चाउरंतसंसारकंतारं अणुपरियटिंसु, इच्चेइयं दुवालसंगं गणिपिडगं पडुप्पण्णे काले परित्ता जीवा आणाए विराहित्ता चाउरंतसंसारकतारं अणुपरियटृति, इच्चेइयं दुवालसंगं गणिपिडगं अणागए काले अणंता जीवा आणाए विराहित्ता चाउरंतसंसारकंतारं अणुपरियट्टिसंति, इच्चेइयं दुवालसंगं गणिपिडगं अतीतकाले अणंता जीवा आणाए आराहित्ता चाउरंतसंसार. कंतारं वीईवइंसु, एवं पडुप्पण्णेऽवि, एवं अणागएऽवि / दुवालसंगे णं गणिपिडगे ण कयाइ णासी, ण कयाइ णत्थिं, ण कयाइ ण भविस्सइ, भुविं च भवइ य भविस्सइ य (अयले) धुवे णिइए सासए अक्खए अव्वए अवट्ठिए णिचे / से जहा णामए पंच अत्थिकाया ण कयाइ ण आसि, ण कयाइ णत्थि, ण कयाइ ण भविस्सइ, भुवि च भवइ य भविस्सइ य, (अयला) धुवा णिइया सासया अक्खया अव्वया अवट्ठिया णिचा, एवामेव दुवालसंगे गणिपिडगे ण कियाइ ण आसि, ण कयाइ णत्थि, ण कयाइ ण भविस्सइ, भुविं च भवइ य भविस्सइ य (अयले) धुवे जाव अवढ़िए णिच्च / एत्थ णं दुवालसंगे गणिपिडगे अणंता भावा अणंता अभावा अणंता हेऊ अणंता अहेऊ अणंता कारणा अणंता अकारणा अणंता जीवा अणंता अजीवा अणंता भवसिद्धिया अणंता अभवसिद्धिया अणंता सिद्धा अणंता असिद्धा आघविज्जति पण्णविज्जंति परूविज्जति दंसिज्जति णिदंसिज्जति उवदंसिज्जति / एवं दुवालसंगं गणिपिडगं इति // 148 // . जीवरासी अजीवरासी दुवे रासी पण्णत्ता, तं जहा-जीवरासी अजीवरासी य / अजीवरासी दुविहा Page #417 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 404 अंग-पविटु सुत्ताणि पण्णत्ता, तं जहा-रूवी अजीवरासी अरूवी अजीवरासी य। से किं तं अरूवी अजीवरासी ? अरूवी अजीवरासी दसविहा पण्णत्ता तं. जहा-धम्मत्थिकाए जाव अद्धासमए / रूवी अजीवरासी अणेगविहा प० जाव / से किं तं अणुत्तरोववाइआ ? अणुत्तरोववाइआ पंचविहा प० तं जहा-विजयवेजयंतजयंत. अपराजियसव्वट्ठसिद्धिया, से तं अणुत्तरोक्वाइआ, से तं पंचिंदियसंसारसमावण्णजीवरासी / दुविहा णेरइया प० त० पज्जत्ता य अपज्जत्ता य, एवं दंडओ भाणियव्यो जाव वेमाणिय त्ति / इमीसे णं रयगप्पभाए पुढवीए केवइयं खेत्तं ओगाहेत्ता केवइया णिरयावासा प० ? गोयमा! इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए असीउत्तरजोयणसयसहस्सबाहल्लाए उरि एगं जोयणसहस्सं ओगाहेत्ता हेट्ठा चेगं जोयणसहस्सं वज्जेत्ता मज्झे अहसत्तरि जोयणसयसहस्से एत्थ णं रयणप्पभाए पुढवीए णेरइयाणं तीसं णिरयावाससयसहस्सा भवंतीति मक्खाया। ते णं गिरयावासा अंतो वट्टा बाहिं चउरंसा जाव असुभा णिरया असुभाओ णिरएसु वेयणाओ, एवं सत्त वि भाणियव्वाओ जं जासु जुज्जइ-आसीयं बत्तीसं अट्ठावीसं तहेव वीसं च / अट्ठा. रस सोलसगं अठुत्तरमेव बाहल्लं // 1 // तीसा य पण्णवीसा पण्णरस दसेव सय. सहस्साई / तिण्णेगं पंचूणं पंचेव अणुत्तरा णरगा / / 2 // चउसट्ठी असुराणं चउरासीइं च होइ णागाणं / बावत्तरि सुवण्णाणं वाउकुमाराण छाउई // 3 // दीवदिसाउदहीणं विज्जुकुमारिंदथणियमग्गीणं / छण्हं पि जुवलयाणं बावत्तरिमो य सयसहसा (स्सा) // 4 // बत्तीसठ्ठावीसा बारस अड चउरो य सयसहस्सा / पण्णा चत्तालीसा छच्च सहस्सा सहस्सारे // 5 // आणयपागयकप्पे चत्तारि सयाऽऽरणच्चुए तिण्णि / सत्त विमाणसयाई चउसु वि एएसु कप्पेसु // 6 // एक्कारसुत्तरं हेछिमेसु सत्तुत्तरं च मज्झिमए / सयमेगं उवरिमए पंचैव अणुत्तरविमाणा / / 7 / / दोच्चाए णं पुढवीए तच्चाए णं पुढवीए चउत्थीए पुढवीए पंचमीए पुढवीए छट्ठीए पुढवीए सत्तमाए पुढवीए गाहाहिं भाणियन्वा / सत्तमाए पुढवीए पुच्छा, गोयमा! सत्तमाए पुढवीए अठुत्तरजोयणसयसहस्साई बाहल्लाए उवरि अद्धतेवण्णं जोयणसहस्साई ओगाहेत्ता हेट्ठा वि अद्धतेवण्णं जोयणसहस्साई वज्जित्ता मज्झे तिसु जोयणसहस्सेसु एत्थ णं सत्तमाए पुढवीए णेरइयाणं पंच अणुत्तरा महइमहालया महाणिरया प० तं जहा-काले महाकाले रोरुए महारोरुए अप्पइट्ठाणे णामं पंचमे / ते णं णिरया वट्टे य तंसा य अहे खुरप्पसंठाणसंठिया जाव असुभा गरगा असु. Page #418 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवाओ-जीवरासी अजीवरासी 405 भाओ णरएसु वेयणाओ // 149 // केवइया णं भंते ! असुरकुमारावासा प० ? गोयमा ! इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए असीउत्तरजोयणसयसहस्सबाहल्लाए उवरि एगं जोयणसहस्सं ओगाहेत्ता हेट्ठा चेगं जोयणसहस्सं वज्जित्ता मज्झे अट्ठहत्तरि बोयणसयसहस्से एत्थ णं रयणप्पभाए पुढवीए चउसद्धिं असुरकुमारावाससयसहस्सा प० / ते णं भवणा बाहिं वट्टा अंतो चउरंसा अहे पोक्खरकयाण्णियासंठाणसंठिया उक्किण्णंतर विउलगंभीरखायफलिहा अट्टालयचरियदारगोउरकवाडतोरणपडिदुवारदेसभागा जंतमुसलमुसंढिसयग्घिपरिवारिया अउज्झा अडयालकोट्ठयरइया अडयाल. कयवणमाला लाउल्लोइयमहिया गोसीससरसरत्तचंदणदद्दरदिण्णपंचंगुलितला कालागुरुपवरकुंदुरुक्कतुरुक्कडझंतधूवमघमतगंधुद्धयाभिरामा सुगंधवरगंधिया गंधवट्टि. भूया अच्छा सण्हा लण्हा घट्टा मट्ठा णीरया णिम्मला वितिमिरा विसुद्धा सप्पभा समिरीया सउज्जोया पासाई या दरिसणिज्जा अभिरूवा पडिरूवा / एवं जं जस्स कमई तं तस्स जं जं गाहाहिं भणिय तह चेव वण्णओ।। 150 // केवइया णं भंते ! पुढविकाइयावासा प० गोयमा ! असंखेजा पुढवीकाइयावासा प० एवं जाव मणुस्स त्ति / केवइया णं भंते ! वाणमंतरावासा प० गोयमा ! इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए रयणामयस्स कंडस्स जोयणसहस्सबाहल्स्स उवरि एगं जोयणसयं ओगाहेत्ता हेट्ठा चेगं जोयणसयं वज्जेत्ता मज्झे अट्ठसु जोयणसएसु एत्थ णं वाणमंतराणं देवाणं तिरियमसंखेज्जा भोमेज्जा णगरावाससयसहस्सा प०, ते णं भोमेज्जा णगरा बाहिं वट्टा अंतो चउरंसा, एवं जहा भवणवासीणं तहेव णेयव्वा, णवरं पडागमालाउला सुरम्मा पासाईया दरिसणिज्जा अभिरूवा पडिरूवा // 151 // केवइया णं भंते ! जोइ सियाणं विमाणावासा पण्णत्ता 1 योयमा ! इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए बहु. समरमणिज्जाओ भूमिभागाओ सत्तणउयाई जोयणसयाई उई उप्पइत्ता एत्थ णं दसुत्तरजोयणसयबाहल्ले तिरियं जोइसविसए जोइसियाणं देवाणं असंखेना जोइ. सियविमाणावासा प०, ते णं जोइ सियविमाणावासा अब्भुग्गयमूसियपहसिया विविहरमणिरयणभत्तिचित्ता वाउ यविजयवेजयंतीपडागछत्ताइछत्तकलिया तुंगा गगणतलमलिहंतसिहरा जालंतररयणपंजरुम्मिलियब्व मणिकणगथूभियाया वियसिय. सयपत्तपुंडरीयतिलयरयणद्धचंदचित्ता अंतो बाहिं च सहा तवणिज्जवालुयापत्थडा सुहफासा सस्सिरीयरूवा पासाईया दरिसणिज्जा अभि०।। 152 // केवइया णं भंते ! . Page #419 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 406 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि वेमाणियावासा प० 1 गोयमा ! इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए बहुसमरमणिज्जाओ भूमिभागाओ उर्दू चंदिमसूरियगहणणखत्ततारारूवाणं वीइवइत्ता बहणि जोयणाणि बहूणि जोयणसयाणि बहूणि जोयणसहस्साणि बहूणि जोयणसयसहस्साणि बहुइओ जोयणकोडीओ बहुइओ जोयणकोडाकोडीओ असंखेजाओ जोयणकोडाकोडीओ उद्धं दूरं वीइवइत्ता एत्थ णं विमाणियाणं देवाणं सोहम्मीसाणसणकुमारमाहिंद. बंभलंतगसुक्कसहस्सारआणयपाणयआरणअच्चुएसु गेवेजमणुत्तरेसु य चउरासीई विमाणावाससयसहस्सा सत्ताणउइं च सहस्सा तेवीसं च विमाणा भवतीति मकवाया, ते णं विमाणा अच्चिमालिप्पभा भासरासिवण्णाभा अरया णीरया णिम्मला वितिमिरा विसुद्धा सव्वरयणामया अच्छा सण्हा घट्टा मट्ठा णिप्पंका णिकंकडच्छाया सप्पभा समरीया सउज्जोया पासाईया दरिसणिज्जा अभिरूवा पडिरूवा / सोहम्म णं भंते / कप्पे केवइया विमाणावासा प० ? गोयमा ! बत्तीसं विमाणावाससयसहस्सा प०, एवं ईसाणाइसु अट्ठावीसं बारस अट्ठ चत्तारि एयाइं सयसहस्साई पण्णासं चत्तालीसं छ एयाइं सहस्साई आणए पाणए चत्तारि आरणच्चुए तिणि ए याणि सयाणि, एवं गाहाहिं भाणियव्वं / / 153 / / णेरइयाणं भंते ! केवइयं कालं टिई प० ? गोयमा ! जहण्णेणं दस वाससहस्साई उक्कोसेणं 'तेत्तीसं सागरोवमाई ठिई प० / अपज्जत्तगाणं णेरइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई प० ? गोयमा ! जहणेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं / पज्जत्तगाणं जहण्णेणं दस वाससहस्साई अंतोमुहत्तणाई / उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई / इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए एवं जाव विजयवेजयंतजयंतअपराजियाणं देवाणं केवइयं कालं ठिई प० ? गोयमा ! जहण्णेणं एकत्तीसं सागरोवमाइं उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं / सवढे अजहण्णमणुकोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं ठिई प० // 154 / / कइ णं भंते सरीरा प० ? गोयमा ! पंच सरीरा प०, तं०-ओरालिए वेउव्विए आहारए तेयए कम्मए / ओरालियसरीरे णं भंते ! कइविहे प० ! गोयमा पंचविहे प०, तं०-. एगिदियओरालियसरीरे जाव गन्भवतियमणुस्सपंचिंदियओरालियसरीरे य / ओरालियसरीरस्स णं भंते ! के महालिया सरीरोगाहणा प० 1 गोयमा ! जहणणं अंगुलअसंखेज्जइभागं उक्कोसेणं साइरेगं जोयणसहस्सं, एवं जहा ओगाहणसंठाणे ओरालियपमाणं तहा गिरवसेसं, एवं जाव मणुस्से त्ति उक्कोसेणं तिणि गाउयाई / Page #420 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवाओ-जीवरासी अजीवरासी 407 कइविहे णं भंते ! वेउन्वियसरीरे पण्णत्ते ? गोयमा ! दुविहे पण्णत्ते-एगिदियवेउवियसरीरे य पंचिंदियवेउब्वियसरीरे य, एवं जाव सणंकुमारे आढत्तं जाव अणुत्तराणं भवधारणिज्जा जाव तेसिं रयणी-रयणी परिहायइ / आहारयसरीरे णं भंते ! कइविहे प० 1 गोयमा ! एगाकारे प० / जइ एगाकारे प० किं मणुस्स. आहारयसरीरे अमणुस्सआहारयसरीरे ? गोयमा ! मणुस्सआहारयसरीरे णो अमणुस्सआहारयसरीरे, एवं जइ मणुस्सआहारयसरीरे किं गन्भवतियमणुस्सआहारयसरीरे संनुच्छिममणुस्स आहारयसरीरे ? गोयमा ! गम्भवकंतियमणुस्सआहारयसरीरे णो समुच्छिममणुस्सआहारयसरीरे / जइ गब्भवकंतियमणुस्सआहारयसरीरे किं कम्मभूमिगा० अकम्मभूमिगा० 1 गोयमा ! कम्मभूमिगा० णो अकम्मभूभिगा। जइ कम्मभूमिगा० किं संखेज्जवासाउय० असंखेज्जवासाउय० 1 गोयमा ? संखे. जवासाउय० णो असंखेजवासाउय० / जइ संखेज्जवासाउय० किं पज्जत्तय. अपज्जत्तय० ? गोयमा ! पज्जत्तय० णो अपज्जत्तय० / जइ पज्जत्तय. किं सम्मदिट्ठी० मिच्छदिट्टी० सम्मामिच्छदिट्ठी 1 गोयमा ! सम्मदिट्ठी० णो मिच्छ. दिट्ठी० णो सम्मामिच्छदिट्ठी / जइ सम्मदिट्ठी० किं संजय० असंजय० संजया. संजय० 1 गोयमा ! संजय० णो असंजय० णो संजयासंजय०। जइ संजय० किं पमत्तसंजय० अपमत्तसंजय०१ गोयमा ! पमत्तसंजय० णो अपमत्तसंजय० / जइ पमत्तसंजय० किं इड्डिपत्त० अणिड्डिपत्त० 1 गोयमा ! इड्डिपत्त० णो अणिड्डिपत्त० वयणा विभाणियव्वा आहारयसरीरे समचउरंससंठाणसंठिए / आहारयसरीरस्स के महालिया सरीरोगाहणा प० 1 गोयमा ! जहण्णेणं देसूणा रयणी उक्कोसेणं पडि. पुण्णा रयणी / तेयासरीरे णं भंते ! कइविहे प० ! गोयमा ! पंचविहे प०एगिदियतेयासरीरे बितिचउपंच० एवं जाव गेवेज्जस्स णं भंते ! देवस्स- णं मारणतियसमुग्घाएणं समोहयस्स समाणस्स के महालिया सरीरोगाहणा प० 1 गोयमा ! सरीरप्पमाणमेत्ता विक्खंभबाहल्लेणं आयामेणं जहण्णेणं अहे जाव विज्जाहरसेढीओ उक्कोसेणं जाव अहोलोइयग्गामाओ, उढे जाव सयाई विमाणाई, तिरियं जाव मणुस्सखेत्तं, एवं जाव अणुत्तरोववाइया / एवं कम्मयसरीरं भाणियव्वं // 155 // भैय विसयसंठाणे, अभितर बाहिरे य देसोही / ओहिस्स बुड्डिहाणी, पडिवाई चेव अपडिवाई // 1 // 156 / / कइविहे णं भंते ! ओही प० 1 गोयमा ! दुविहा Page #421 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 408 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि प०-भवपच्चइए य खओवसमिए य, एवं सव्वं ओहिपयं भाणियव्वं // 157 / / सीया य दव्य सारीर साया तह वेयणा भवे दुम्वा / अब्भुवगमुवक्किमिया णियाए चेव अणियाए ॥१॥णेरइया णं भंते ! किं सीयं वेयणं वेयंति उसिणं वेयणं वेयंति सीओसिणं वेयणं वेयंति ? गोयमा ! णेरइया० एवं चेव वेयणापयं भाणिय // 158 // कइ णं भंते ! लेसाओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! छ लेसाओ पण्णत्ताओ, तं जहा-किण्हा णीला काऊ तेऊ पम्हा सुक्का, एवं लेसापयं भाणियव्यं / / 159 // अणंतरा य आहारे, आहाराभोयणा इ य / पोग्गला णेव जाणंति, अज्झवसाणे य सम्मत्ते // 1 // णेरइया णं भंते! अगंतराहारा तओ णिवत्तणया तओ परियाइयणया तओ परिणामणया तओ परियारणया तओ पच्छा विकुव्वणया ? हता गोयमा ! एवं आहारपयं भाणि यव्वं // 160 // कंइविहे णं भंते ! आउगबंधे प० ? गोयमा ! छविहे आउगबंधे प०, तं जहा-जाइणामणिहत्ताउए गइणामणिहत्ताउए ठिइणामणिहत्ताउए पएसणामणिहत्ताउए अणुभागणामणिहत्ताउए ओगाहणाणामणिहत्ताउए / णेरइयाणं भंते / कइविहे आउगबंधे प० ? गोयमा ! छविहे प०, तं जहा--जाइणामणिहत्ताउए गइणामणिहत्ताउए ठिइणामणिहत्ताउए पएसणामणिहत्ताउए अणुभागणामणिहत्ताउए ओगाहणाणामणिहत्ताउए / एवं जाव वेमाणियाणं // 161 // णिरयगई णं भंते ! केवइयं कालं विरहिया उववाएणं प० ! गोयमा ! जहण्णेणं एक समयं उक्कोसेणं बारस मुहुत्ते, एवं तिरियगई मणुस्सगई देवगई / सिद्धिगई णं भंते ! केवइयं कालं विरहिया सिझणयाए प० ? गोयमा ! जहण्णणं एक समयं उक्कोसेणं छम्मासे, एवं सिद्धिवज्जा उव्वट्टणा / इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए णेरइया केवइयं कालं विरहिया उववाएणं ? एवं उववायदंडओ भाणियव्वो उव्वट्टणादंडओ य / णेरइया णं भंते / जाइणामणिहत्ताउयं कइ आगारिसेहिं पगरंति ? गोयमा ! सिय 1 सिय 2 सिय 3 सिय 4 सिय 5 सिय 6 सिय 7 सिय 8 अट्ठहिं णो चेव णं णवहिं / एवं सेसाण वि आउगाणि जाव वेमाणिय त्ति // 162 // कइविहे णं भंते ! संघयणे पण्णत्ते ? गोयमा ! छचि हे संघयणे पण्णत्ते, तं जहा-वइरोसभणारायसंघयणे रिसभणारायसंघयणे णारायसंघयणे अद्धणारायसंघयणे कीलियासंघयणे छेवट्ठसंघयणे / णेरइया णं भंते ! किंसंघयणी ? गोयमा ! छण्हं संघयणाणं असंघयणी व अढि णेव छिराणेव हारू जे पोग्गला Page #422 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवाओ-कुलगर-तित्थयराइ 409 अणिट्ठा अकंता अप्पिया अणाए जा असुभा अमणुण्णा अमणामा अमणाभिरामा ते तेसिं असंघयणत्ताए परिणमंति। असुरकुमाराणं भंते ! किंसंघयणी प० 1 गोयमा ! छण्हं संघयणाणं असंघयणी णेवट्ठी णेव छिरा णेव पहारू जे पोग्गला इट्ठा कंता पिया मणुण्णा मणामा मणाभिरामा ते तेसिं असंघयणत्ताए परिणमंति, एवं जाव यणियकुमाराणं / पुढवीकाइया णं भंते ! किंसंघयणी प० 1 गोयमा ! छेवट्ठसंघयणी प०, एवं जाव संमुच्छिमपंचिंदियतिरिक्खजोणिय त्ति / गम्भवकंतिया छव्विहसंघयणी, समुच्छिममणुस्सा छेवट्ठसंघयणी, गब्भवक्कंतियमणुस्सा छविहे संघयणे प०। जहा असुरकुमारा तहा वाणमंतरजोइसियवेमाणिया य / / 163 // कइविहे णं भंते ! संठाणे पण्णत्ते ? गोयमा छबिहे संठाणे पण्णत्ते, तं जहा-समचउरंसे 1 णिग्गोहपरिमंडले 2 साइए 3 वामणे 4 खुज्जे 5 हुंडे 6 / णेरइया णं भंते ! किंसंठाणी प० 1 गोयमा ! हुंडसंठाणी प० / असुरकुमारा णं भंते ! किंसंठाणी प० 1 गोयमा ! समचउरंससंठाणसंठिया प०, एवं जाव थणियकुमारा / पुढवी मसूरसंठाणा प०, आऊ थिबुयसंठाणा प०, तेऊ सूइकलावसंठाणा प०, वाऊ पडागासंठाणा प०, वणस्सई णाणासंठाणसंठिया 50, बेइंदियतेइंदियचउरिंदिय. संमुच्छिमपंचेदियतिरिक्खा हुंडसंठाणा प०, गब्भवक्कंतिया छविहसंठाणा प०, समुच्छिममणुस्सा हुंडसंठाणसंठिया प०, गब्भवकंतियाणं मणुस्साणं छव्विहा संठाणा प० / जहा असुरकुमारा तहा वाणमंतरजोइसियवेमाणिया वि // 164 // कइविहे णं भंते ! वेए पण्णत्ते ? गोयमा ! तिविहे वेए प०, तं जहा-इत्थीवेए पुरिसवेए गपुंसगवेए ।णेरइया णं भंते ! किं इत्थीवेया पुरिसवेया णपुंसगवेया प० ? गोयमा! णो इत्थीवेया णो पुरिसवेया णपुंसगवेया प० / असुरकुमारा णं भंते ! किं इत्थीवेया पुरिसवेया णपुंसगवेया ? गोयमा ! इत्थीवेया पुरिसवेया णो णपुंसगवेया, जाव थणियकुमारा, पुढवी-आऊ-तेऊ-वाऊ-वणस्सई बितिचउरिंदियसमुच्छिमपंचिंदियतिरिक्वसंमुच्छिममणुस्सा णपुंसगवेया, गन्भवकंतियमणुस्सा पंचिंदियतिरिया य तिवेया, जहा असुरकुमारा तहा वाणमंतरा जोइसियवेमाणिया वि // 165 // .. कुलगर-तित्थयराइ ते णं काले ण ते ण समए णं कप्पस्स समोसरणं णेयव्वं, जाव गणहरा सावच्चा णिरंवच्चा वोच्छिण्णा // 166 // जंबुद्दीवे णं दीवे भारहे वासे तीयाए उस्सप्पिणीए सत्त कुलगरा होत्या, तं०-मित्तदामे सुपासे य सयंपभे / विमलघोसे सुघोसे Page #423 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 410 अंग-पविटु सुत्ताणि य, महाघोसे य सत्तमे // 1 // जंबुद्दीवे णं दीवे भारहे वासे तीयाए ओसप्पिणीए दस कुलगरा होत्था, तं०-सयंजले सयाऊ य, अजियसेणे अणंतसेणे य। कजसेणे भीमसेणे, महाभीमसेणे य सत्तमें // 2 // दढरहे दसरहे सयरहे // जंबुद्दीवे णं दीवे भार हे वासे इमीसे ओसप्पिणीए समाए सत्त कुलगरा होत्था, तं०पढमेत्थ विमलवाहण [चक्खुम जसमं चउत्थमभिचंदे / तत्तो य पसेणईए मरुदेवे चेव णाभी य॥३॥] एएसि णं सत्तण्हं कुलगराणं सत्त भारिया होत्या, तं०चंदजसा चंदकंता [सुरूव पडिरूव चक्खुकंता य / सिरिकंता मरुदेकी कुलगरपत्तीण णामाई // 4 // ] 167 // जंबुद्दीवे णं दीवे भारहे वासे इमीसे णं ओसष्षिणीए चउवीसं तित्थयराणं पियरो होत्था, तं०-णाभी य जियसत्तू य [जियारी संवरे इय / मेहे धरे पइढे य महसेणे य खत्तिए // 5 / / सुग्गीवे दढरहे विण्हू वसुपुते य खत्तिए / कयवम्मा सीहसेणे भाणू विस्ससेणे इय॥६॥ सूरे सुदंसणे कुंभे, सुमित्तविजए समुद्दविजए य / राया य आससेणे य. सिद्धत्थेच्चिय खत्तिए // 7 // ] उदितोदियकुलवंसा विसुद्धवंसा गुणेहि उववेया / तित्थप्पवत्तयाणं एए पियरो जिणवराणं // 8 // जंबुद्दीवे णं दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए चउ. वीसं तित्थयराणं मायरो होत्था, तं०-मरुदेवी विजया सेणा [ सिद्धत्था मंगला सुसीमा य / पुहवी लक्खणा रामा गंदा विण्हू जया सामा // 9 // सुजसा सुव्वय अइरा सिरिया देवी पभावई पउमा। वप्पा सिवा य वामा तिसला देवी य जिण. माया // 10 // ] 168 // जंबुद्दीवे णं दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए चउ. वीसं तित्थयरा होत्था, तं०-उसभ अजिय संभव अभिणंदण सुमइ पउमप्पह सुपास चंदप्पह सुविहि-पुप्फदंत सीयल सिजंस वासुपुज्ज विमल अणंत धम्म संति कुंथु अर मल्लि मुणिसुव्वय णमि णेमि पास वड्डमाणो य // 169 // एए सिं चउवी. साए तित्थयराणं चउव्वीसं पुत्वभवया णामधेया होत्था, तं०-पढमेत्थ वइरणाभे विमले तह विमलवाहणे चेव / तत्तो य धम्मसीहे सुमित्त तह धम्ममित्ते य / / 11 // सुंदरबाह तह दीहबाहू जुगबाह य लट्ठबाह य / दिण्णे य इंददत्ते सुंदर माहिंदरे चेव / / 12 / / सीहरहे मेहरहे रुप्पी य सुदंसणे य बोद्धव्वे / तत्तो य गंदणे खलु सीह गिरी चेव वीसइमे // 13 // अदीणसत्तु संखे सुदंसणे णंद्रणे य बोद्वब्वे / ओसप्पिणीए एए तित्थयराणं तु पुष्वभवा / / 14 / / 170 // एए सि णं चउव्वीसाए तित्थयराणं चउव्वीसं सीयाओ होत्था, तं जहा-सीथा सुदंसणा सुप्पभा य सिद्धत्थ सुप्पसिद्धा य / विजया य वेजयंती जयंती अपराजिया चेव // 15 // Page #424 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवाओ-तित्थयराइ अरुणप्पभ चंदप्पभ सूरप्पह अग्गि सुष्पभा चेव / विमला य पंचवण्णा सागरदत्ता य णागदत्ता य // 16 // अभयकर णिन्वुइकरा मणोरमा तह मणोहरा चेव / देवकुरुत्तरकुरा विसाल चंदप्पभा सीया // 17 // एयाओ सीयाओ सव्वेसिं चेव जिणवरिंदाणं / सध्वजगवच्छलाणं सव्वोउयसुभाए छायाए // 18 // पुट्विं उक्खित्ता माणुसेहिं साहट्ठ (ह) रोमकूवेहिं / पच्छा वहंति सीयं असुरिंदसुरिंदणागिंदा // 19 // चलचवलकुंडलधरा सच्छंदविउब्वियाभरणधारी / सुरअसुरवंदियाणं वहति सीयं जिणंदाणं // 20 / / पुरओ वहंति देवा णागा पुण दाहिणम्मि पासम्मि / पञ्चत्थिमेण असुरा गरुला पुण उत्तरे पासे // 21 // उसभो य विणीयाए बारवईए अरिठ्ठवरणेमी / अवसेसा तित्थयरा णिक्खंता जम्मभूमीसु // 22 // सव्वे वि एगदूसेण [णिग्गया जिणवरा चउच्चीसं / ण य णाम अण्णलिंगे ण य गिहिलिंगे कुलिंगे य / / 23 / एक्को भगवं वीरो पासो मल्ली य तिहि-तिहि सए हिं / भगवं पि वासुपुजो छहिं पुरिससए हिं णिक्खतो // 24 // ] उग्गाणं भोगाणं राइण्णाणं [च खत्तियाणं च / चउहि सहस्सेहिं उसभो सेसा उ सहस्सपरिवारा // 25 // ] सुमइत्थ णिचभत्तेण [णिग्गओ वासुपुज चोत्थेणं / पासो मल्ली य अट्ठ. मेण सेसा उ छठेणं // 26 // ] एएसि णं चउव्वीसाए तित्थयराणं चउध्वीसं पढमभिक्खादायारो होत्था, तं०-सिस बंभदत्ते सुरिंददत्ते य इंददत्ते य / पउमे य सोमदेवे माहिदे तह सोमदत्ते य / पुस्से पुणव्वसू पुण्णणंद सुणंदे जये य विजये य। तत्तो य धम्मसीहे सुमित्त तह वग्गसीहे य // 27 // अपराजिय विस्ससेणे वीसइमे होइ उसभसेणे य / दिण्णे वरदत्ते धणे बहुले य आणुपुवीए / / 28 // एए विसुद्धलेसा जिणवरभत्तीइ पंजलिउडा उ / तं कालं तं समयं पडिलाभेई जिणवरिंदे // 29 // संवच्छरेण भिक्खा लद्धा उसमेण लोयणाहेण / सेसेहि बीयदिवसे लद्धाओ पढमभिक्खाओ // 30 / / उसमस्स पढमभिक्खा खोयरसो आसि लोगणाहस्स / सेसाणं परमण्णं अमियरसरसोवमं आसि // 31 // सव्वेसि पि जिणाणं जहियं लद्धाउ.पढमभिक्खाउ / तहियं वसुधाराओ सरीरमेत्तीओ बुढाओ // 32 // 171 // एएसिं चउव्वीसाए तित्थयराणं चउवीसं चेइयरुक्खा होत्था, तं०-णग्गोह सत्तिवण्णे साले पियए पियंगु छत्ताहे / सिरिसे य जागरुक्खे माली य पिलक्खुरुक्खे य // 33 // तिंदुग पाडल जंबू आसत्थे खलु तहेव दहिवण्णे। गंदीरुक्खे तिलए अंबयरुक्खे असोगे य // 34 // चंपय बउले य तहा वेडसरुक्खे Page #425 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 412 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि धायईरुक्खे / साले य वड्डमाणस्स चेइयरुक्खा जिणवराणं // 35 // बत्तीसं धणुयाई चेइयरुक्खो य वद्धमाणस्स / णिचोउगो असोगो ओच्छण्णो सालरुक्खेणं // 36 // तिण्णे व गाउआइं चेयरुक्खो जिणस्स उसभस्स / सेसाणं पुण रुक्खा सरीरओ बारसगुणा उ / / 37 // सच्छत्ता सपडागा सवेइया तोरणेहिं उववेया। सुरअसुरगरुलमहिया चेइयरुक्खा जिणवराणं / / 38 // 172 / / एएसिं चउवीसाए तित्थयराणं चउव्वीसं पढमसीसा होत्था, तं जहा-पढमेत्थ उसभसेणे बीइए पुण होइ सीहसेणे य / चारू य वज्जणाभे चमरे तह सुव्वय विदब्भे // 39 // दिण्णे य वराहे पुण आणंदे गोथुमे सुहम्मे य / मंदर जसे अरिढे चक्काह सयंभु कंभे य // 40 / / इंदे कुंभे य सुभे वरदत्ते दिण्ण इंदभूई य / उदितोदितकुलवंसा विसुद्धवंसा गुणेहि उववेया / तित्थप्पवत्तयाणं पढमा सिस्सा जिणवराणं / / 41 / / 173 / / एएसि णं चउवीसाए तित्थयराणं चउवीसं पढमसिस्सिणी होत्था, तं जहा-बंभी य फग्गु सामा अजिया कासवी रई सोमा। सुमणा वारुणि सुलसा धारणि धरणि य धरणिधरा // 42 / / पउमा सिवा सुयी तह अंजुया भावियप्पा य रक्खी य / बंधुवई पुप्फबई अजा अमिला य अहिया य // 43 // जक्खिणी पुप्फचूला य चंदणऽज्जा य आहियाउ / उदितोदितकुलवंसा विसुद्धवंसा गुणेहि उववेया। तित्थप्पवत्तयाणं पढमा सिस्सी जिणवराणं // 44 // 174 // जंबुद्दीवे णं दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए बारह चकवट्टिपियरो होत्था, तं जहा-उसमे सुमित्ते विजए समुद्दविजए य आससेणे य / विस्ससेणे य सूरे सुदंसणे कत्तवीरिए चैव // 45 / / पउमुत्तरे महाहरी विजए राया तहेव य / बंभे बारसमे उत्ते पिउ. णामा चकवट्टीणं // 46 // 175 // जंबुद्दीवे णं दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए बारस चक्कवहिमायरो होत्था, तं जहा-सुमंगला जसवई भद्दा सहदेवी अइरा सिरिदेवी / तारा जाला ( जाला तारा) मेरा वप्पा चुल्लणि अपच्छिमा // 176 / / जंबुद्दीवे णं दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए बारस चक्कवट्टी होत्था, तं जहा-भरहो सगरो मघवं [सणंकुमारो य रायसद्लो / संती कुंथू य अरो हवइ सुभूमो य कोरव्वो // 47 // णवमो य महापउमो हरिसेणो चेव रायसद्लो / जयणामो य णरवई, बारसमो बंभदत्तो य // 48 // ] एए सिं बारसण्हं चक्कवट्टीणं बारस इत्थिरयणा होत्था, तं जहा-पढमा होइ सुभद्दा भद्द सुणंदा जया य विजया य / किण्हसिरी सूरसिरी पउमसिरी वसुंधरा देवी // 49 / / लच्छि. मई कुरुमई इत्थिरयणाण णामाई // 177 / / जंबुद्दीवे णं दीवे भारहे वासे इमीसे Page #426 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवाओ-चक्कवट्टी-बलदेव 413 ओसप्पिणीए णवबलदेवणववासुदेवपियरो होत्या, तं जहा-पयावई य बंभो [सोमो रुहो सिवो महसियों य / अग्गिसिहो य दसरहो णवमो भणिओ य वसुदेवो // 50 // ] जंबुद्दीवे णं दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए णव वासुदेवमायरो होत्या, तं जहा–मियावई उमा चेव पुहवी सीया य अम्मया / लच्छिमई सेसमई केकई देवई तहा // 51 // जंबुद्दीवे णं दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए णवबलदेवमायरो होत्था, तं जहा-भद्दा तह सुभद्दा य सुप्पभा य सुदंसणा / विजया वेजयंती य जयंती अपराजिया / / 52 / / णवमीया रोहिणी य बलदेवाण मायरो / / 178 // जंबुद्दीवे णं दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए णव दसारमंडला होत्था, तं जहा-उत्तमपुरिसा मज्झिमपुरिसा पहाणपुरिसा ओयंसी तेयंसी वच्चंसी जसंसी छायंसी कंता सोमा सुभगा पियदंसणा सुरूवा सुहसीलसुहाभिगमसव्वजणणयणकंता ओहबला अइबला महाबला अणिहया अपराइया सत्तमद्दणा रिपुसहस्समाणमहणा साणुक्कोसा अमच्छरा अचवला अचंडा मियमंजुलपलावहसियगंभीरमधुरपडिपुण्णसच्चवयणा अब्भुवगयवच्छला सरण्णा लक्खणवंजणगुणोववेया माणुम्माणपमाणपडिपुण्णसुजायसव्वंगसुंदरंगा ससिसोमागारकंतपियदसणा अमरिस्रणा पयंडदंडप्पयारा(र)गंभीरदर(रि)सणिज्जा तालद्धओव्विद्धगरुलकेऊ महाधणुविकट्टया महासत्तसायरा दुद्धरा धणुद्धरा धीरपुरिसा जुद्धकित्तिपुरिसा विउलकुल समुब्भवा महारयणविहाडगा अद्धभरहसामी सोमा रायकुलवंसतिलया अजिया अजियरहा हलमुसलकणगपाणी संखचक्कगयसत्तिणंदगधरा पवरुज्जलसुकंतविमलगोत्थुभतिरीडधारी कुंडलउज्जोइयाणणा पुंडरीयणयणा एकावलिकंठलइयवच्छा सिरिवच्छसुलंछणा वरजसा सव्वोउयसुरभिकुसुमरचितपलंबसोभंतकंतविकसंतविचित्तवरमालरइयवच्छा अट्ठसयविभत्तलक्खणपसत्थसुंदरविरइयंगमंगा मत्तगयवरिंदललियविक्कमविलसियगई सारयणवथणियमहुरगंभीरकुंचणिग्घोसदुंदुभिसरा कडिसुत्तगणीलपीयकोसेजवाससा पवरदित्ततेया णरसीहा णरवई गरिंदा णरवसहा मरुयवसभकप्पा अब्भहियरायतेयलच्छीए दिप्पमाणा णीलगपीयगवसणा दुवे-दुवे रामकेसवा भायरो होत्था, तं जहा-तिविठू जाव कण्हे अयले जाव रामे यावि अपच्छिमे // 53 / / 179 / / एए सि णं णवण्हं बलदेववासुदेवाणं पुव्वभविया णव णामधेज्जा होत्था, तं० विस्सभूई पव्वयए धणदत्त समुद्ददत्त इसिवाले। पियमित्त ललियमित्ते पुणव्वसू गंगदत्ते य / / 54 / / एयाई णामाई पुव्वभवे आसि वासुदेवाणं / एत्तो बलदेवाणं Page #427 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 414 अंग-पविट्ट सुत्ताणि जहक्कम कित्तइस्सामि / / 55 // विसणंदी य सुबंधू सागरदत्ते असोगललिए य / वाराह धम्मसेणे अपराइय रायललिए य // 56 // 180 // एए सिं णवण्हं बलदेववासुदेवाणं पुव्वभविया णव धम्मायरिया होत्था, तं०-संभूय सुभद्द सुदंसणे व सेयंसे कण्ह गंगदत्ते य / सागरसमुद्दणामे दुमसेणे य णवमए // 57|| एए धम्मा. यरिया कित्तीपुरिसाण वासुदेवाणं / पुषभवे एयासिं जत्थ णियाणाई कासी य // 58 // 181 // एएसिं णवण्हं वासुदेवाणं पुव्वभवे णव णियाणभूमिओ होत्था, तं.-महुरा य० हत्थिणापुरं च / / 59 // 182 / / एए सि णं णवण्हं वासुदेवाणं गव णियाणकारणा होत्या, तं०-गावी जुवे जाव माउया इय / / 60 // 183 / / एएसिं णवण्हं वासुदेवाणं णव पडिसलू होत्था, तं०-अस्सग्गीवे जाव जरासंधे / / 61 // एए खलु पडिसत्त जाव सचक्केहि // 62 // एक्को य सत्तमीए पंच य छट्ठीए पंचमी एक्को / एक्को य चउत्थीए कण्हो पुण तच्चपुढवीए // 63 // अणियाणकडा रामा [सव्वे वि य केसवा णियाणकडा / उढुंगामी रामा केसव सव्वे अहोगामी / / 64 // ] अटुंतकडा रामा एगो पुण बंभलोयकप्पम्मि / एक्का से गब्भवसही सिज्झिस्सइ आगमिस्सेणं // 65 // 184 // जंबुद्दीवे णं दीवे एरवए वासे इमीसे ओसप्पिणीए चउव्वीसं तित्थयरा होत्था, तं०-चंदाणणं सुचंद अग्गीसेणं च गंदिसेणं च। इसिदिण्णं वय हारिं वंदिमो सोमचंद च // 66 / / वंदामि जुत्तिसेणं अजियसेणं तहेव सिवसेणं / बुद्धं च देवसम्म सययं णिक्खित्तसत्थं च // 67 // असंजलं जिणवसहं वंदे य अणंतयं अमियणाणिं / उवसंतं च धुयरयं वंदे खलु गुत्तिसेणं च // 68 / / अइपासं च सुपासं देवेसरवं दियं च मरुदेवं / णिवाणगयं च ध(व)रं खीणदुहं सामकोढें च।।६९||जियरागमग्गिसेणं वंदे खीणरायमग्गिउत्तं च / वोक्कसियपिज्जदोसं वारिसेणं गयं सिद्धिं // 70 // 185 / / जंबुद्दीवे णं दीवे आगमिस्साए उस्सप्पिणीए भारहे वासे सत्त कुलगरा भविस्संति, तं०--मियवाहणे सुभूमे य सुप्पभे य सयंपमे / दत्ते सुहुमे सुबंधू य आगमिस्साण होक्खइ // 71 / / // 186 // जंबुद्दीवे णं दीवे आगमिस्साए उस्सप्पिणीए एरवए वासे दस कुलगरा भविस्संति, तं०-विमलवाहणे सीमंकरे सीमंधरे खेमंकरे खेमंधरे दढधणू दसधणू सयधणू पडिसूई सुमइ त्ति // 187 // जंबुद्दीवे णं दीवे भारहे वासे आगमिस्साए उस्सप्पिणीए चउवीसं तित्थयरा भविस्संति, तं०-महापउमे सूर देवे, सुपासे य सयंपभे। सव्वाणुभूई अरहा, देवस्सुए य होक्खइ // 72 / / उदए Page #428 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवाओ-तित्थयराइ 415 पेढालपुत्ते य, पोट्टिले सत (त) कित्ति य / मुणिसुवए य अरहा, सव्वभावविऊ जिणे / / 73 // अममे णिक्कसाए य, णिप्पुलाए य णिम्ममे। चित्तउत्ते समाही य, आगमिस्सेण होक्खइ / / 74 // संवरे (जसोहरे) अणियट्टी य, विजए विमले इय / देवोववाए अरहा, अणंतविजए इय // 75 // एए वुत्ता चउव्वीस, भरहे वासम्मि केवली / आगमिस्सेण होक्खंति, धम्मतित्थस्स देसगा // 76 // 188 // एएसि णं चउव्वीसाए तित्थयराणं पुव्वभविया चउव्वीसं णामधेज्जा भविस्संति, त०सेणिय सुपास उदए पोट्टिल्ल अणगार तह दढाऊ य / कत्तिय संखे य तहा णंद सुणंदे य सयए य / / 77 // बोद्धव्वा देवई य सच्चइ तह वासुदेव बलदेवे / रोहिणि सुलसा चेव तत्तो खलु रेवई चेव // 78 // तत्तो हवइ सयाली बोद्धब्वे खलु तहा भयाली य / दीवायणे य कण्हे तत्तो खलु णारए चेव // 79 // अंबड दारुमडे य साई बुद्ध य होइ. बोद्धव्वे / भावीतित्थयराणं णामाई पुव्वभवियाई // 8 // 189 // एएसि णं चउव्वीसाए तित्थयराणं चउव्वीस पियरो भवि. स्संति, चउव्वीसं मायरो भविस्संति, चउव्वीसं पढमसीसा भविस्संति, चउव्वीसं पढमसिस्सणीओ भविस्संति, चउव्वीसं पढमभिक्खादायगा भविस्संति, चउव्वीसं चेइयरुक्खा भविस्संति // १९०.||जंबुद्दीवे णं दीवे भारहे बासे आगमिस्साए उस्सप्पिणीए बारस चक्कवट्टिणो भविस्संति, तं०-भरहे य दीहदंते गूढदंते य सुद्धदंते य। सिरिउत्ते सिरिभूई सिरिसोमे य सत्तमे // 81 / पउमे य महापउमे विमलवाहणे विपुलवाहणे चेव / वरिढे बारसमे वुत्ते आगमिसा भरहाहिवा // 82 // एए सि णं बारसण्हं चंकवट्टीणं बारस पियरो भविस्संति, बारस मायरो भविस्संति बारस इत्थीरयणा भविस्संति // 19 // जंबुद्दीवे णं दीवे भारहे वासे आगमिस्साए उस्सप्पिणीए णव बलदेववासुदेव पियरो भविस्संति, णव वासुदेवमायसे भविस्संति, णव बलदेवमायरो भविस्संति, गव दसारमंडला भविस्संति, तं०उत्तमपुरिसा मज्झिमपुरिसा पहाणपुरिसा ओयंसी तेयंसी एवं सो चेव वण्णओ भाणियन्वो जाव णीलगपीतगवसणा दुवे दुवे राम-केसवा भायरो भविसति, तं जहा-णंदे य णंदमित्ते दीहबाहू तहा महाबाहू / अइबले महाबले बलभद्दे य सत्तमे / / 83 // दुविठू यं तिविठू य आगमिस्साण वण्हिणो / जयंते विजए भहे सुप्पभे ये सुदंसणे / आणंदे णंदणे पउमे संकरिसणे य अपच्छिमे / / 84 / / 192 // एएसि णं णवण्हं बलदेववासुदेवाणं पुव्वभविया णव णामधेजा भविस्संति, णव धम्माय Page #429 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 416 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि रिया भविस्संति, णव णियाणभूमीओ भविस्संति, णव णियाणकारणा भविस्संति, णव पडिसत्तू भविस्संति, तं जहा-तिलए य लोहजंघे वइरजंघे य केसरी पहराए / अपराइए य भीमे महाभीमे य सुग्गीवे / / 85 / / एए खलु पडिसत्तू कित्तीपुरिसाण वासुदेवाणं / सव्वे वि चक्कजोही हम्मिहिंति सचक्केहिं / / 86 // 193 // जंबुद्दीवे णं दीवे एरवए वासे आगमिस्साए उस्सप्पिणीए चउव्वीसं तित्थयरा भविस्संति, तं जहा-सुमंगले य सिद्धत्थे, णिव्वाणे य महाजसे | धम्मज्झए य अरहा, आग. मिस्साण होक्खइ / / 87 // सिरिचंदे पुप्फकेऊ, महाचंदे य केवली / सुयसायरे य अरहा, आगमिस्साण होवइ / / 88 // सिद्धत्थे पुण्णघोसे य, महाघोसे य केवली / सच्चसेणे य अरहा, आगमिस्साण होक्रवइ / / 89 / / सूरसेणे य अरहः, महासेणे य केवली / सव्वाणंदे य अरहा, देव उत्ते, य होक्खइ / / 90 / / सुपामे सुव्वए अरहा, अरहे य सुकोसले / अरहा अणंतविजए, आगमिस्साण होकरवइ / / 91 // विमले उत्तरे अरहा, अरहा य महाबले / देवाणंदे य अरहा, आगमिस्साण होक्खइ / / 92 // एए वुत्ता चउव्वीसं, एरवयंमि केवली / आगमिस्साण होक्खंति, धम्मतित्थस्स देसगा // 93 / / 194 // बारस चक्कवट्टिणो भविस्संति, बारस चक्कवट्टिपियरो भविस्संति, बारस चकवट्टिमायरो भविस्संति, बारस इत्थी. रयणा भविस्संति / णव बलदेववासुदेवपियरो भविस्संति, णव वासुदेवमायरो भविस्संति, णव बलदेवमायरो भविस्संति, णव दसारमंडला भविस्संति, तं जहाउत्तमपुरिसा मज्झिमपुरिसा पहाणपुरिसा जाव दुवे दुवे रामकेसवा भायरो भविसंति, णव पडिसत्तू भविस्संति, णव पुन्वभवणामधेजा, णव धम्मायरिया, णव णियाणभूमीओ, णव णियाणकारणा, आयाए एरवए आगमिस्साए भाणियव्वा / एवं दोसु वि आगमिस्साए भाणियव्वा / / 195 / / इच्चेयं एवमाहिजंति, तं जहाकुलगरवंसेइ य एवं तित्थयरवंसेइ य चकवट्टिवसेइ य दसारवंसेइ य गणधरवंसेइ य इसिवंसेइ य जइवंसेइ य मुणिवंसेइ य / सुएइ वा सुअंगेइ वा सुयसमासेइ वा सुय. खंधेइ वा समवाएइ वा संखेइ वा सम्मत्तमंगमक्खायं अज्झयणं त्ति बेमि / / 196 / / // समवायं चउत्थमंगं समत्तं / / Page #430 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई-विवाहपत्ति णमो अरिहंताणं णमो सिद्धाणं णमो आयरियाणं णमो उवज्झायाणं णमो लोए सव्वसाहूणं // 1 // णमो बंभीए लिवीए // 2 // णमो सुयस्स ॥३॥रायगिह चलण दुक्खे कंखपओसे य पगइ पुढवीओ। जावंते गैरइए बाले गुरुए य चलणाओ॥१॥ते णं कालेणं तेणं समए णं रायगिहे णामं णयरे होत्था, वण्णओ। तस्स णं रायगिहस्स णगरस्स बहिया उत्तरपुरथिमे दिसीभाए गुणसिलए णामं चेइए होत्था, सेणिए राया, चिल्लणा देवी // 4 // ते णं काले णं ते णं समए गं समणे भगवं महावीरे आइगरे तित्थयरे सहसंबुद्धे पुरिसुत्तमे पुरिससीहे पुरिसवरपुंडरीए पुरिसवरगंधहत्थीए लोगुत्तमे लोगणाहे लोगप्पइवे लोगपज्जोयगरे अभयदए चक्खुदए मग्गदए सरणदए धम्मदए धम्मदेसए धम्मसारही धम्मवरचाउरंतचक्कवट्टी अप्पडिहयवरणाणदंसणधरे वियदृछउमे जिणे जाणए बुद्ध बोहए मुत्ते मोयए सव्वण्णू सव्वदरिसी सिवमयलमरुयमणंतमक्खयमव्वाबाहमपुणरावत्तयं सिद्धिगइणामधेयं ठाणं संपाविउकामे जाव समोसरणं // 5 // परिसा णिग्गया, धम्मो कहिओ, परिसा पडिगया // 6 // तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स जेठे अंतेवासी इंदभूई णामं अणगारे गोयमसगोत्तेणं सत्तुस्सेहे समचउरंससंठाणसंठिए वज्जरिसहणारायसंघयणे कणगपुलगणिघसपम्हगोरे उग्गतवे दित्ततवे तत्ततवे महातवे ओराले घोरे घोरगुणे घोरतवस्सी घोरबंभचेरवासी उच्छूढसरीरे संखित्तविउलतेयलेसे चोद्दसपुन्वी चउणाणोवगए सव्वक्खरसण्णिवाई समणस्स भगवओ महावीरस्स अदूरसामंते उड्ढंजाणू अहोसिरे झाणकोट्ठोवगए संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ // 7 // तए णं से भगवं गोयमे जायसड्ढे जायसंसए जायकोउहल्ले उप्पण्णसड्ढे उप्पण्णसंसए उप्पण्णकोउहल्ले संजायसड्ढे संजायसंसए संजायकोउहल्ले समुप्पण्णसड्ढे समुप्पण्णसंसए समुप्पण्णकोउहल्ले उठाएं उट्टेइ उट्ठाए उठेत्ता जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणं करेइ 2 ता वंदइ णमंसइ 2 ता णच्चासण्णे गाइदूरे सुस्सूसमाणे णमंसमाणे Page #431 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 418 अंग-पविटु सुत्ताणि अभिमुहे विणएणं पंजलिउडे पज्जुवासमाणे एवं वयासी-से गूणं भंते ! चलमाणे चलिए 1, उदीरिज्जमाणे उदीरिए 2, वेइज्जमाणे वेइए 3, पहिज्जमाणे पहोणे 4, छिज्जमाणे छिष्णे 5, भिज्जमाणे भिण्णे 6, दड्ड (डज्झ ) माणे दड्ढे 7, मिज्जमाणे मए 8, णिरिज्जमाणे णिज्जिण्णे 6 ? हता, गोयमा ! बलमाणे चलिए जाव णिज्जरिज्जमाणे णिज्जिण्णे / एए णं भंते ! णव पया कि एगट्ट! णाणाघोसा णाणावंजणा उदाहु णाणट्ठा णाणाघोसा णाणावंजणा ? गोयमा ! चलमाणे चलिए 1 उदीरिज्जमाणे उदीरिए 2 वेइज्जमाणे वेइए 3 पहिज्जमाणे पहीणे 4 ते एए णं चत्तारि पया एगट्टा णाणाघोसा णाणावंजणा उप्पण्णपक्खस्स, छिज्जमाणे छिपणे भिज्जमाणे भिणे दड्ड ( उज्ज्ञा ) माणे दड्ढे मिज्जमाणे मडे णिज्जरिज्जमाणे णिज्जिण्णे, एए णं पंच पया णाणट्ठा णाणाघोसा णाणावंजणा विगयपक्खस्स // 8 // णेरइयाणं भंते ! केवइकालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं दस वाससहस्साइं उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई ठिई प० 1 / रइयाणं भंते ! केवइकालस्स आणमंति वा पाणमंति वा ऊससंति या णीससंति वा . ? जहा ऊसासपए 2 / रइया णं भंते ! आहारट्ठी ? जहा पष्णवणाए पढमए आहारुद्देसए तहा भाणियव्वं 3 / ठिई उस्सासाहारे किं, वाऽऽहारेंति सव्वओ वावि ? कइभागं सव्वागि व ? कीस व भज्जो परिणमंति ? ॥१॥॥णेरइयाणं भंते ! पुव्वाहारिया पोग्गला परिणया 1? आहारिया आहारिन्जमाणा पोग्गला परिणया 2 ? अणाहारिया आहारिस्जिस्समाणा योग्गला परिणया 3 ? अणाहारिया अणाहारिज्जिस्समाणा पोग्गला परिणया 4 ? गोयमा ! णेरइयाणं पुव्वाहारिया पोग्गला परिणया 1, आहारिया आहारिज्जमाणा पोग्गला परिणया परिणमंति य 2, अणाहारिया आहारिज्जिस्समाणा पोग्गला णो परिणया परिणमिस्संति 3, अणाहारिया अणाहारिज्जिस्समाणा पोग्गला णो परिणया णो परिणमिस्संति 4 // 10 // रयाणं भंते ! पुवाहारिया पोग्गला चिया पुच्छा, जहा परिणया तहा चियावि। एवं चिया उवचिया उदोरिया वेइया णिज्जिण्णा, गाहा-परिणय चिया उवचिया उदीरिया वेइया य णिज्जिण्णा / एक्केक्कमि पदंमि (मी) चउन्विहा पोग्गला होति ॥१॥११॥णेरइयाणं भंते ! कइविहा Page #432 -------------------------------------------------------------------------- ________________ . भगवई स. 1 उ.१ पोग्गला भिज्जति ? गोयमा ! कम्मदव्ववग्गणमहिकिच्च दुविहा पोग्गला भिज्जंति, तंजहा-अणू चेव बायरा चेव १॥णेरइयाणं भंते ? कइविहा पोग्गला चिजंति ? गोयमा! आहारदव्ववग्गणमहिकिच्च दुविहा पोग्गला चिजंति, तंजहा-अणू चेव बायरा चेव 2 / एवं उवचिज्जति 3 / र० क० पो० उदीरेंति ? गोयमा! कम्मदव्ववग्गणमहिकिच्च दुविहे पोग्गले उदीरेंति, तंजहाअणू चेव बायरा चेव। सेसावि एवं चेव भाणियव्वा, एवं वेदेति 5 णिज्जरेंति 6 उट्टिसु 7 उन्वर्टेति 8 उव्वट्टिस्संति 6 संकार्मिसु 10 संकाति 11 संकामिस्संति 12 णिहत्तिसु 13 णिहत्तेति 14 णिहत्तिस्संति 15 णिकायंसु 16 णिकायंति 17 णिकाइस्संति 18, सव्वेसुवि कम्मदव्ववग्गणमहिकिच्च / गाहा-भेइयचिया उवचिया उदीरिया वेइया य णिज्जिण्णा / उयट्टणसंकामणणिहत्तण णिकायणे तिविह कालो ॥१॥१२॥णेरइयाणं भत्ते ! जे पोग्गले तेयाकम्मत्ताए गेहंति ते कि तीयकालसमए गेहंति ? पडुप्पण्णकालसमए गेइंति ? अणा० का 0 समए गव्हंति ? गोयमा ! णो तीयकालसमए गव्हंति पडुप्पण्णकालसमए गेहंति णो अणा० समए गिण्हंति 1 / रइयाणं भंते ! जे पोग्गला तेयाकम्मत्ताए गहिए उदीरेंति ते कि तीयकालसमयगहिए पोग्गले उदीरेंति पडुप्पण्णकालसमए घेप्पमाणे पोग्गले उदीरेंति गहणसमयपुरक्खडे पोग्गले उदीरेंति ? गोयमा ! अतीयकालसमयगहिए पोग्गले उदीरेंति णो पडुप्पग्णकालसमए घेप्पमाणे पोग्गले उदीरेंति णो गहणसमयपुरक्खडे पोग्गले उदीरेंति 2, एवं वेदेति 3 णिज्जरेंति॥१३॥णेरइयाणं भंते ! जीवाओ कि चलियं कम्मं बंधंति अचलियं कम्मं बंधति ? गोयमा ! णो चलियं कम्मं बंधंति भचलियं कम्मं बंधंति 1 / णेरइयाणं भंते ! जीवाओ किं चलियं कम्मं उदीरेंति अचलियं कम्मं उदोरेंति ? गोयमा ! णो चलियं कम्मं उदीरेंति अचलियं कम्मं उदीरेंति 2 / एवं वेदेति 3 उयट्रेति 4 संकामेति 5 णिहत्तेति 6 णिकायति 7, सव्वेसु अचलियं णो चलियं / गैरइयाणं भंते ! जीवाओ कि चलियं कम्मं णिज्जरेंति अचलियं कम्मं णिज्जरेंति ? गोयमा ! चलियं कम्मं णिज्जरैति णो अचलियं कम्मणिज्जरेंति गाहा-बंधोदयवेदोयट्टसंकमे तह णिहत्तणणिकाये। अचलियं कम्मं तु भवे चलियं जीवाउ णिज्जरए // 1 // 14 // एवं ठिई आहारो य भाणियव्यो, ठिई-जहा ठिइपए तहा भाणियव्वा, सव्वजीवाणं Page #433 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 420 अगं-पविट्ठ सुत्ताणि आहारोऽवि जहा पण्णवणाए पढमे आहारुद्देसए तहा भाणियब्वो, एत्तो आढत्तोरइयाणं भंते ! आहारट्ठी ? जाव दुक्लत्ताए भुज्जो-भुज्जो परिणमंति, गोयमा ! 0 / असुरकुमाराणं भंते ! केवइयं कालं ठिई प० ? गोयमा ! जहण्णणं दस वाससहस्साई उक्कोसेणं साइरेगं सागरोवसं / असुरकुमाराणं भंते ! केवइयं कालस्स आणमंति वा पाणमंति वा ? गोयमा ! जहण्णेणं सत्तण्हं थोवाणं उक्कोसेणं साइरेगस्स पक्खस्स आणमंति वा पाणमंति वा। असुरकुमाराणं भंते ! आहारट्ठी? हंता आहारट्ठी। असुरकुमाराणं भंते ! केवइकालस्स आहारट्ठे समुप्पज्जइ ? गोयमा ! असुरकुमाराणं दुविहे आहारे पण्णत्ते, तंजहा-आभोगणिव्वत्तिए य अणाभोगणिवत्तिए ये / तत्थ णं जे से अणाभोगणिव्वत्तिए से अणुसमयं अविरहिए आहारट्टे समुप्पज्जइ। तत्थ णं जे से आभोगणिव्वतिए, से जहण्णेणं चउत्थभत्तस्स उक्कोसेणं साइरेगस्स वाससहस्सस्स आहारट्ठे समुप्पज्जइ / असुरकुमाराणं भंते ! किमाहारमाहारेंति ? गोयमा ! दव्वओ अणंतपएसियाई दव्वाइं खित्तकालभावपण्णवणागमेणं सेसं जहा णेरइयाणं जाव तेणं तेसि पोग्गला कीसत्ताए भज्जो-भज्जो परिणमंति? गोयमा सोइंदियताए सुरूवत्ताए सुवण्णत्ताए 4 इट्टत्ताए इच्छियत्ताए भिज्जियत्ताए उड्डत्ताए णो अहत्ताए सुहत्ताए णो दुहत्ताए भुज्जो-भुज्जो परिणमंति / असुरकुमारा णं पुव्वाहारिया पुग्गला परिणया ? असुरकुमाराभिलावेणं जहाणेरइयाणं जाव णो अचलियं कम्मं णिज्जरेंति / णागकुमाराणं भंते ! केवइयं कालं ठिई प० ? गोयमा ! जहण्णेणं दस वाससहस्साई उक्कोणं देसूणाइं दो पलिओवमाइं। णागकुमाराणं भंते ! केवइकालस्स आणमंति वा पा० ? गोयमा ! जहण्णेणं सत्तण्हं थोवाणं उक्कोसेणं मुहत्तपुहुत्तस्स आणमंति वा पा० / णागकुमाराणं भंते ! आहारट्ठी? हंता आहारट्ठी / णागकुमाराणं भंते ! केवइकालस्स आहारट्टे समुप्पज्जइ ? गोयमा ! णागकुमाराणं दुविहे आहारे पण्णत्ते, तंजहा-आभोगणिवत्तिए य अणाभोगणिव्वत्तिए य / तत्थ गंजे से अणाभोगणिवतिए से अणुसमयमविरहिए आहारठे समुप्पज्जइ तत्थ णं जे से आभोगणिव्वत्तिए से जहण्णेणं चउत्थभत्तस्स उक्कोसेणं दिवसपुहुतस्स आहारठे समुप्पज्जइ / सेसं जहा असुरकुमाराणं जाव णो अचलियं कम्मं णिज्जरंति / एवं सुवण्णकुमारावि जाव थणियकुमाराणं ति। पुढविक्काइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई प० ? गोयमा ! जहणणं अंतो Page #434 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 1 उ. 1 421 मुहुत्तं उक्कोसेणं बावीसं वाससहस्साई। पुढविक्काइया केवइकालस्स आणमंति वा पा० ? गो० वेमाय० आणमंति वा पा०, पुढविक्काइयाणं आहारट्ठी ?हंता आहारट्ठी / पुढविक्काइयाणं केवइकालस्स आहारठे समुप्पज्जइ ? गोयमा ! अणुसमयं अविरहिए आहारट्ठे समुप्पज्जइ, पुढविक्काइया किमाहारमाहारेंति ? गोयमा ! दव्वओ जहा णेरइयाणं जाव णिवाघाएणं छद्दिसि वाघायं पडुच्च सिय तिदिसि सिय चउद्दिसि सिय पंचदिसिं, वण्णओ कालणीलपीतलोहियहालिद्दसुक्किल्लाणि, गंधओ सुरभिगंध 2 रसओ तित्त 5 फासओ कक्खड 8 सेसं तहेव / णाणत्तं कइभागं आहारेति ? कइभागं फासाइंति ? गोयमा ! असंखिज्जइभागं आहारेंति अणंतभागं फासाइंति जाव तेसि पोग्गला कीसत्ताए / भुज्जो-भुज्जो परिणमंति ? गोयमा ! फासिदियवेमायत्ताए भुज्जो-भुज्जो परिणमंति, सेसं जहा रयाणं जाव णो अचलियं कम्मं णिज्जरंति / एवं जाव वणस्सइकाइयाणं, णवरं ठिई वण्णेयव्वा जाव (इया) जस्स, उस्सासो वेमायाए / बेइंदियाणं ठिई भाणियव्वा ऊसासो वेमायाए। बेइंदियाणं आहारे पुच्छा, गोयमा ! आभोगणिव्वत्तिए य अणाभोगणिव्वत्तिए य तहेव / तत्थ णं जे से आभोगणिव्वत्तिए से णं असंखेज्जसमए अंतोमुहुत्तिए वेमायाए आहारट्टे समुप्पज्जइ, सेसं तहेव जाव अणंतभागं आसायंति / बेइंदियाणं भंते ! जे पोग्गले आहारत्ताए गेण्हंति ते किं सब्वे आहारेति णो सव्वे आहारेति ? गोयमा ! बेइंदियाणं दुविहे आहारे पण्णत्ते, तंजहा-लोमाहारे पक्खेवाहारे य ।जे पोग्गले लोमाहारत्ताए गिण्हंति ते सव्वे अपरिसेसिए आहारेंति, जे पोग्गले पक्खेवाहारताए गिण्हंति तेसिणं पोग्गलाणं असंखिज्जइभागं आहारेंति अणेगाइं च णं भागसहस्साई अणासाइज्जमाणाई अफासिज्जमाणाई विद्धंसमागच्छंति / एएसि गं भंते ! पोग्गलाणं अणासाइज्जमाणं अफासाइज्जमाणाण य कयरे-कयरे अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा? गोयमा ! सव्वत्थोवा पुग्गला अणासाइज्जमाणा अफासाइज्जमाणा अणंतगुणा / बेइंदियाणं भंते ! जे पोग्गला आहारत्ताए गिण्हंति ते णं तेसिं पुग्गला कीसत्ताए भुज्जो-२ परिणमंति? गोयमा! जिंब्मिदियफासिदियवेमायत्ताए भुज्जो-भुज्जो परिणमंति / बेइंदियाणं भंते ! . पुव्वाहारिया पुग्गला परिणया तहेव जाव चलियं कम्मं णिज्जरंति / तेइंदियचरिदियाणं णाणत्तं ठिइए जावणेगाइंच णं भागसहस्साई अणाघाइज्जमाणाई Page #435 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 422 अंग-पविट्ट सुत्ताणि भणासाइज्जमाणाई अफासाइज्जमाणाई विद्धंसमागच्छंति / एएसिणं भंते ! पोग्गलाणं अणाघाइज्जमाणाई 3 पुच्छा / गोयमा ! सव्वत्थोवा पोग्गला अणाघाइज्जमाणा अणासाइज्जमाणा अणंतगुणा अफासाइज्जमाणा अणंतगुणा / तेइंदियाणं घाणिदियजिभिदियफासिदियवेमायाए भज्जो 2 परिणमंति। चरिदियाणं चक्खिदियघाणिदियजिटिभदियफासिदियत्ताए भुज्जो-भुज्जो परिणमंति / पंचिदियतिरिक्खजोणियाणं ठिई भणिऊणं ऊसासो वेमायाए, आहारो अणाभोगणिव्वत्तिए अणुसमयं अविरहिओ, आभोगणिव्वत्तओ जहण्णेणं अंतोमुहत्तस्स उक्कोसेणं छभत्तस्स, सेसं जहा चरिदियाणं जाव चलियं कम्मं णिज्जरेति / एवं मणुस्साणवि, णवरं आभोगणिव्वत्तिए जहणेणं अंतोमहत्तं उक्कोसेणं अट्ठमभत्तस्स सोइंदियवेमायत्ताए भुज्जो-भुज्जो परिणमंति, सेसं जहा चरिदियाणं, तहेव जाव णिज्जरेंति / वाणमंतराणं ठिईए णाणत्तं, परिणमंति अवसेसं जहा णागकुमाराणं, एवं जोइसियाणवि, णवरं उस्सासोजहण्णेणं महुतपुहुत्तस्स उक्कोसेवि मुहुत्तपुहुत्तस्स, आहारो जहण्णेणं दिवसपुत्तस्स उक्कोसेणवि दिवसपुहुत्तस्स, सेसं तहेव / वेमाणियाणं लिई भाणियव्वा ओहिया, ऊसासो जहण्णेणं मुहत्तपुहुत्तस्स उक्कोसेणं तेत्तीसाए पक्खाणं, आहारो आभोगणिवत्तिओ जहण्णेणं दिवसपुहुत्तस्स उक्कोसेणं तेत्तीसाए वाससहस्साणं, सेसं चलियाइयं तहेव जाव णिज्जरेंति // 15 // जीवा णं भंते ! किं आयारंभा परारंभा तदुभयारंभा अणारंभा ? गोयमा ! अत्थेगइया जीवा आयारंभावि परारंभावि तदुभयारंभावि णो अणारंभा / अत्थेगइया जीवा णो आयारंभा णो परारंभा णो तदुभयारंभा अणारंभा। से केणद्वेणं भंते ! एवं वुच्चइ-अत्थेगइया जीवा आयारंभावि ? एवं पडिउच्चारेयव्वं / गोयमा ! जीवा दुविहा पण्णत्ता तंजहा-संसारसमावण्णगा य असंसारसमावण्णगा य, तत्थ णं जे ते असंसारसमावण्णगा ते णं सिद्धा / सिद्धा णं णो आयारंभा जाव अणारम्भा / तत्थ णं जे ते संसारसमावण्णमा ते दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-संजया य असंजया य / तत्थ णं जे ते संजया ते दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-पमत्तसंजया य अप्पमत्तसंजया य / तत्थ णं जे ते अप्पमत्तसंजया ते णं णो आयारंभा णो परारंभा जाव अणारंभा। तत्य णं जे ते पमत्तसंजया ते सुहं जोगं पडुच्च णो आयारंभा णो परारंभा जाव भणारंभा, असुभं जोगं पडुच्च आयारंभावि जाव णो अणारंभा। तत्थ णं जे ते Page #436 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 1 उ. 1 423 असंजया ते अविरइं पडुच्च आयारंभावि जाव णो अणारंभा। से तेणठेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-अत्थेगइया जीवा जाव अणारंभा / रइयाणं भंते ! किं आयारंभा परारंभा तदुभयारंभा अणारंभा ? गोयमा ! जेरइया आयारंभावि जाव णो अणारंभा। से केण→णं भंते एवं वुच्चइ ? गोयमा ! अविरइं पडुच्च, से तेणठेणं जाव णो अणारंभा / एवं जाव असुरकुमाराणवि जाव पंचिदियतिरिक्खजोणिया, मणुस्सा जहा जीवा, णवरं सिद्धविरहिया भाणियव्या। वाणमंतरा जाव वेमाणिया जहा गैरइया / सलेस्सा जहा ओहिया, कण्हलेसस्स गोललेसस्स काउलेसस्स जहा ओहिया जीवा,णवरं पमत्तअप्पमता ण भाणियन्वा, तेउलेसस्स पम्हलेसस्स सुक्कलेसस्स जहा ओहिया जीवा, णवरं सिद्धा ण भाणियव्वा // 16 // इहभविए भंते ! गाणे परभविए णाणे तदुभयभविए णाणे ? गोयमा ! इहभविएवि गाणे परभविएवि णाणे तदुभयभविएवि णाणे / दंसणेपि एवमेव / इहभविए भंते ! चरित्ते परभविए चरित्ते तदुभयभविए चरित्ते ? गोयमा ! इहमविए चरित्ते णो परमविए चरित्ते णो तदुभयभविए चरित्ते / एवं तवे संजमे // 17 // असंवुडे णं भंते ! अणगारे किं सिज्झइ बुज्झइ मुच्चइ परिणिव्वाइ सव्वदुक्खाणमंतं करेइ ? गोयमा ! णो इणठे समठे / से केण→णं जाव णो अंतं करेइ ? गोयमा! असंवुडे अणगारे आउयवज्जाओ सत्त कम्मपयडीओ सिढिलबंधणबद्धाओ धणियबंधणबद्धाओ पकरेइ हस्सकालठिइयाओ दोहकालठ्ठिइयाओ पकरेइ मंदाणुभावाओ तिव्वाणुभावाओ पकरेइ अप्पपएसग्गाओ बहुप्पएसग्गाओ पकरेइ आउयं च णं कम्म सिय बंधइ सिय णो बंधइ अस्सायावेयणिज्जं च णं कम्मं भुज्जो-भुज्जो उवचिणाइ अणाइयं च णं अणवदग्गं दीहमद्धं चाउरंतसंसारकंतारं अणुपरियट्टइ, से एएणठेणं गोयमा ! असंवुडे अणगारे णो सिज्झइ 5 / संवुडे गं भंतें ! अणगारे सिज्झइ 5 ? हंता सिझइ जाव अंतं करेइ / से केण→णं ? गोयमा ! संवुडे अणगारे आउयवज्जाओ सत्त कम्मपयडीओ धणियबंधणबद्धाओ सिढिलबंधणबद्धाओ पकरेइ दोहकालठिईयाओ हस्सकालठ्ठिइयाओ पफरेइ तिव्वाणुभावाओ मंदाणुभावाओ पकरेइ बहुप्पएसग्गाओ अप्पपएसग्गाओ पकरेइ, आउयं च णं कम्मं ण बंधइ, अस्सायावेयणिज्जं च णं कम्मं णो भुज्जो-भुज्जो उवचिणाइ, अणाइयं च णं अणवदग्गं दोहमद्धं चाउरंतसंसारकंतारं वीइ Page #437 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 424 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि वयइ, से एएणठेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-संवुडे अणगारे सिज्झइ जाव अंतं करेइ // 18 // जीवे णं भंते ! अस्संजए अविरए अप्पडिहयपच्चक्खायपावकम्मे इओ चए पेच्चा देवे सिया ? गोयमा ! अत्थेगइए देवे सिया अत्थेगइए णो देवे सिया / से केणठेणं जाव इओ चुए पेच्चा अत्थेगइए देवे सिया अत्थेगइए णो देवे सिया ? गोयमा ! जे इमे जीवा गामागरणगरणिगमरायहाणिखेडकब्बडमडंबदोणमुहपट्टणासमसण्णिवेसेसु अकामतण्हाए अकामछुहाए अकामबंभचेरवासेणं अकामसीतातवदंसमसगअण्हाणगसेयजल्लमलपंकपरिदाहेणं अप्पतरं वा भुज्जतरं वा कालं अप्पाणं परिकिलेसंति अप्पाणं परिकिलेसित्ता कालमासे कालं किच्चा अण्णयरेसु वाणमंतरेसु देवलोगेसु देवत्ताए उववत्तारो भवंति / केरिसाणं भंते ! तेसि वाणमंतराणं देवाणं देवलोगा पण्णता ? गोयमा ! से जहाणामए-इहं मणुस्सलोगंमि असोगवणे इ वा सत्तवण्णवणे इ वा चंपयवणे इ वा चूयवणे इ वा तिलगवणे इ वा लाउयवणे इ वा णिग्गोहवणे इ वा छतोहवणे इ वा असणवणे इ वा सणवणे इ वा अयसिवणे इ वा कुसुंभवणे इ वा सिद्धत्थवणे इ वा बंधुजीवगवणे इ वा, णिच्चं कुसुमियमाइय-लवइयथवइयगुलइय-गुच्छियजमलिय-जुलियविणमियपणमियसुविभत्तपिंडिमंजरिवडेंसगधरे सिरीए अईव-अईव उवसोभेमाणे-उवसोभेमाणे चिट्ठइ, एवामेव तेसिं वाणमंतराणं देवाणं देवलोगा जहण्णेणं दसवासहस्ससट्टिईएहि उक्कोसेणं पलिओवमट्टिईएहि बाहि वाणमंतरेहि देवेहि तद्देवीहि य आइण्णा वितिकिण्णा उवत्थडा संथडा फुडा अवगाढगाढसिरीए अईव-अईव उवसोभेमाणा-उवसोभेमाणा चिळंति, एरिसगाणं गोयमा ! तेसिं वाणमंतराणं देवाणं देवलोगा प०, से तेणठेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-जीवे णं असंजए जाव देवे सिया / सेवं भंते ! सेवं भते ! त्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ वंदइत्ता णमंसइत्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ // 16 // पढमे सए पढमो उद्देसो समत्तो / रायगिहे णगरे समोसरणं, परिसा णिग्गया जाव एवं वयासी-जीवे गं मंते ! सयंकडं दुक्खं वेएइ ? गोयमा! अत्थेगइयं वेएइ अत्थेगइयं णो वेएइ। से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ-अत्थेगइयं वेएइ अत्थेगइयं णो वेएइ ? गोयमा! उदिण्णं वेएइ अणुदिण्णं णो वेएइ, से तेणठे एवं वुच्चइ-अत्थेगइयं वेएइ Page #438 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 1 उ. 2 425 अत्थगइयं णो वेएइ, एवं चउव्वीसदंडएणं जाव वेमाणिए। जीवा णं भंते ! सयंकडं दुक्खं वेएन्ति ? गोयमा ! अत्थेगइयं वेएन्ति अत्थेगइयं णो वेएन्ति / से. केणठेणं ? गोयमा ! उदिण्णं वेएन्ति णो अणुदिण्णं वेएन्ति, से तेणठेणं, एवं जाव वेमाणिया / जीवे णं भंते ! सयंकडं आउयं वेएइ ? गोयमा ! अत्थेगइयं वेएइ अत्थेगइयं णो वेएइ जहा दुक्खणं दो दंडगा तहा आउएणवि दो दंडगा एगत्तपुहत्तिया, एगत्तेणं जाव वेमाणिया पुहत्तेगवि तहेव // 20 // रइया णं भंते ! सव्वे समाहारा सव्वे समसरीरा सव्वे समुस्साणीससासा ? गोयमा ! णो इणठे समठे। से केगडेणं भंते ! एवं वुच्चइ गरइया णो सब्वे समाहारा णो सम्वे समसरोरा णो सब्वे समुस्सासणिस्सासा ? गोयमा ! णेरइया दुविहा प०, तंजहा-महासरीराय अप्पसरीरा य, तत्थ णं जे ते महासरीरा ते बहुतराए पोग्गले आहारेंति बहुतराए पोग्गले परिणामेंति बहतराए पोग्गले उस्ससंति बहुतराए पोग्गले णीससंति अभिक्खणं आहारेंति अभिक्खणं परिणामेंति अभिक्खणं ऊससंति अभिक्खणं णी०, तत्थ गं जे ते अप्पसरीरा ते णं अप्पतराए पुग्गले आहारेंति अप्पतराए पुग्गले परिणामति अप्पतराए पोग्गले उस्ससंति अप्पतराए पोग्गले णीससंति आहच्च आहारेंति आहच्च परिणाम॑ति आहच्च उस्ससंति आहच्च णीससंति, से तेणठेणं गोयमा ! एवं वच्चइ-णेरइया णो सव्वे समाहारा जाव णो सव्वे समुस्सासणिस्सासा / णेरइया णं भंते ! सव्वे समकम्मा ? गोयमा ! णो इणठे समठे, से केणठेणं ? गोयमा ! णेरइया दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-पुव्वोववण्णगा य पच्छोववण्णगा य / तत्थ णं जे ते पुव्वोववण्णगा ते णं अष्पकम्मतरागा। तत्थ णं जे ते पच्छोववण्णगा ते गं महाकम्मतरागा, से तेणठेणं गोयमा ! णेरइया गं भंते ! सव्वे समवण्णा ? गोयमा ! णो इणठे समठे, से केणद्वेणं तहेव ? गोयमा! जे ते पुस्खोववण्णगा ते णं विसुद्धवण्णतरागा, तत्थ णं जे ते पच्छोववण्णगा ते णं अविसुद्धवण्णतरागा तहेव से तेणट्ठणं एवं० / णेरइया णं भंते ! सव्वे समलेस्सा ? गोयमा ! णो इणठे समझें, से केणद्वेणं, जाव णो सव्वे समलेस्सा ? गोयमा ! गेरइया दुविहा प०, तंजहा-पुन्वोववण्णगा य पच्छोववण्णगा य ।तत्थ णं जे पुन्वोववष्णगा ते णं विसुद्धलेस्सतरागा, तत्थ णं जे ते पच्छोववण्णगा ते णं अविसुद्धलेस्सतरागा, से तेणठेणं / णेरइया० णं भंते ! सव्वे समवेयणा ? गोयमा ! Page #439 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 426 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि णो इणठे समठे। से केणठेणं ? गोयमा ! णेरइया दुविहा पण्णत्ता, तंजहासण्णिभूया य असण्णिभूया य। तत्थ णं जे ते सण्णिभूया ते णं महावेयणा, तत्थ णं जे ते असण्णिभूया ते णं अप्पवेयणतरागा, से तेणट्टेणं गोयमा ! 0 / गैरइया णं भंते ! सव्वे सगकिरिया ? गोयमा ! णो इणठे समठे। से केणठेणं ? गोयमा ! जेरइया तिविहा प०,तंजहा-सम्मदिट्ठी मिच्छादिट्ठी सम्मामिच्छदिट्ठी। तत्थ णं जे ते सम्मदिट्ठी तेसि णं चतारि किरियाओ पण्णत्ताओ, तंजहाआरंभिया 1 परि० 2 माया० 3 अप्पाच्च० 4, तत्थ णं जे ते मिच्छदिली तेसि णं पंच किरियाओ कज्जंतितं०-आरंभिया जाव निच्छादसणवतिया, एवं सम्मामिच्छादिट्ठीणंपि, से तेणठेणं गोयमा ! 0 / णेरइया णं भंते ! सब्धे समाउया सव्वे समोववण्णगा? गोयमा ! णो इगठे,समठे / से केणठेणं ? गोयमा ! णेरइया चउविवहा प०, तंजहा-अत्थेगइया समाउया सभोववण्णगा 1 अत्थेगइया समाउया विसमोववण्णगा 2 अत्थेगइया विसमाउया समोववरणगा 3 अत्थेगइया विसमाउया विसमोववण्णगा 4 से तेणठेणं गोयमा ! 0 / असुरकुमारा णं भंते ! सव्वे समाहारा सज्वे समसरीरा ? जहा गेरइया तहा भाणियव्वा, णवरं कम्मवण्णलेस्साओ परिवग्णेयव्वाओ, पुत्वोचवण्णगा महाकम्मतरागा अनिसुद्धवण्णारागा अविसुद्धलेसतरागा, पच्छोववण्णगा पसत्था, सेसं तहेव, एवं जाव थणियकुमाराणं / पुढविक्काइयाणं आहारकम्मवण्णलेस्सा जहा णेरयाणं / पुढविक्काइया णं भंते ! सव्वे समवेयणा ? हंता समवेयणा, से केणढेणं भंते ! समवेयणा ? गोयमा ! पुढवीकाइया सव्वे असण्णी असण्णिभूया अणिदाए वेयणं वेदेति से तेणट्ठणं / पुढ विक्काइया णं भंते ! सव्वे समकिरिया ? हंता समकिरिया / से केणठेणं ? गोयमा ! पुडविक्काइया सव्वे माई-मिच्छादिट्ठी ताणं णियइयाओ पंच किरियाओ कज्जंति, तंजहा-- आरंभिया जाव मिच्छादसणवत्तिया, से तेणठेणं समाउया समोववण्णगा, जहा णेरइया तहा भाणियब्वा, जहा पुढविक्काइया तहा जाव चरिदिया। पंचिदियतिरिक्खजोणिया जहा णेरइया णाणत्तं किरियासु, पंचिदियतिरिक्खजोणिया णं भंते ! सवे समकिरिया ? गो०, णो ति० / सेकेणठेणं ? गो० पंचिदियतिरिक्खजोणिया तिविहा प०, तंजहा-सम्मदिट्ठी मिच्छादिट्ठी सम्मामिच्छादिट्ठी / तत्थ णं जे ते सम्मदिट्ठी ते दुविहा प०, तंजहा-अस्संजया य संजया Page #440 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 1 उ. 2 427 संजया य, तत्थ णं जे ते संजयासंजया तेसिणं तिण्णि किरियाओ कज्जंति, तंजहा-आरंभिया परिग्गहिया मायावत्तिया, असंजयाणं चत्तारि, मिच्छादिट्ठीणं पंच, सम्मामिच्छादिट्ठीणं पंच / मणुस्सा जहा णेरइया णाणत्तं जे महासरीरा ते बहुतराए पोग्गले आहारेंति आहच्च आहारेति / जे अप्पसरीरा ते अप्पतराए पोग्गले आहारेंति अभिक्खणं आहारेंति सेसं जहा णेरइयाणं जाव वेयणा / मणुस्सा णं भंते ! सव्वे समकिरिया ? गोयमा ! णो इणढे समझें। से केणठेणं ? गोयमा! मणुस्सा तिविहा प० तंजहा-सम्मदिट्ठी मिच्छादिट्ठी सम्मामिच्छादिट्ठी। तत्थ णं जे ते सम्मदिट्ठी ते तिविहा प०, तंजहासंजया अस्संजया संजयासंजया य / तत्थ णं जे ते संजया ते दुविहा प०, तंजहासरागसंजया य वीयरागसंजया य / तत्थ णं जे ते वीयरागसंजया ते णं अकिरिया / तत्थ णं जे ते सरागसंजया ते दुविहा पण्णता तंजहा-पमत्तसंजया य अपमत्तसंजया य / तत्थ णं जे ते अप्पमत्तसंजया तेसिणं एगा मायावत्तिया किरिया कज्जइ, तत्थ णं जे ते पमत्तसंजया तेसिणं दो किरियाओ कजंति, तं०-आरंभिया य मायावत्तिया य। तत्थ णं जे ते संजयासंजया तेसि गं आइल्लाओ तिण्णि किरियांओ कज्जंति, तंजहा-आरंभिया 1 परिग्गहिया 2 मायावत्तिया 3 / अस्संजयाणं चत्तारि किरियाओ कजंति-आरं० 1 परि० 2 मायावत्तिया 3 अप्पच्च० 4 / मिच्छादिट्ठी णं पंच-आरंभि० 1 परि० 2 माया० 3 अप्पच्च०४ मिच्छादसण० 5 / सम्मामिच्छदिट्ठीणं पंच 5 / वाणमंतरजोइसवेमागिया जहा असुरकुमारा णवरं वेयणाए णाणतं-मायिमिच्छादि वीउववण्णगा य अप्पवेयणतरा अमायिसम्मदिट्ठीउववण्णगा य महावेयणतरागा भाणियव्वा, जोइसवेमाणिया। सलेस्सा गं भंते ! रइया सव्वे समाहारगा ? ओहिया णं सलेस्साणं सुक्कलेस्साणं, एएसि णं तिण्हं एक्को गमो, कण्हलेस्साणं णीललेस्साणंपि एक्को गमो णवरं वेयणाए मायिमिच्छादिट्ठीउववण्णगा य अमायिसम्मदिट्ठीउवव० भाणियव्वा / मणुस्सा किरियासु सरागदीयरागपमत्तापमत्ता ण भाणियव्वा / काउलेसाएवि एसेव गमो, णवरं रइए जहा ओहिए दंडए तहा भाणियव्वा, तेउलेस्सा पम्हलेस्सा जस्स अत्थि महा ओहिओ दंडओ तहा भाणियव्वा णवरं मणस्सा सरागा वीयरागा य ण माणियव्वा / गाहा-दुक्खाउए उदिण्णे आहारे कम्मवण्णलेस्सा य / समवेयण Page #441 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 428 अंग-पविट्ट सुत्ताणि समकिरिया समाउए चेव बोद्धव्वा // 1 // 21 // कइ णं भंते ! लेस्साओ पण्णत्ताओ? गोयमा ! छल्लेसाओ पण्णत्ता, तंजहा-लेसाणं बीयओ उद्देसओ भाणियव्वो जाव इड्ढी // 22 // जीवस्स णं भंते ! तीतद्धाए आदिट्ठस्स कइविहे संसारसंचिट्ठणकाले प० ? गोयमा ! चउन्विहे संसारसंचिट्ठणकाले प० तंजहा-णेरइयसंसारसंचिट्ठणकाले तिरिक्ख० मणुस्स० देवसंसारसंचिट्ठणकाले य पण्णत्ते / णेरइयसंचिट्ठणकाले णं भंते ! कइविहे पण्णत्ते? गोयमा ! तिविहे पण्णत्ते, तंजहा-सुग्णकाले असुष्णकाले मिस्सकाले / तिरिक्खजोणियसंसार पुच्छा ? गोयमा ! दुविहे पण्णत्ते, तंजहा-असुण्णकाले य मिस्सकाले य। मणुस्साण य देवाण य जहा णेरइया णं। एयस्स णं भंते ! णेरइयसंसारसंचिट्ठणकालस्स सुण्णकालस्स असुण्णकालस्स मीसकालस्स य कयरे-कयरेहितो अप्पा वा बहुए वा तुल्ले वा विसेसाहिए वा ? गोयमा ! सव्व०असुण्णकाले मिस्सकाले अणंतगुणे सुण्णकाले अणंतगुणे / तिरि० जो० भंते ! सव्व० असुण्णकाले मिस्सकाले अणंतगुणे / मणुस्सदेवाण य जहाणेरइयाणं / एयस्स णं भंते ! गेरइयस्स संसारसंचिट्ठणकालस्स जाव देवसंसारसंचिट्ठण जाव विसेसाहिए वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवे मणुस्ससंसारसंचिट्ठणकाले, णेरइयसंसारसंचिट्ठणकाले असंखेज्जगुणे, देवसंसारसंचिट्ठणकाले असंखेज्जगुणे, तिरिक्खजोगिए अणंतगुणे // 23 // जीवे णं भंते ! अंतकिरियं करेज्जा ? गोयमा ! अत्थेगइया करेज्जा अत्थेगइया णो करेज्जा, अंतकिरियापयं णेयव्वं // 24 // अह भंते ! असंजयभवियदव्वदेवाणं 1 अविराहियसंजमाणं 2 विराहियसं० 3 अविराहियसंजमासंज०४ विराहियसंजमासं०५ असण्णीणं 6 तावसाणं 7 कंदप्पियाणं 8 चरगपरिव्वायगाणं 6 किब्बिसियाणं 10 तेरिच्छियाणं 11 आजीवियाणं 12 आभिओगियाणं 13 सलिंगीणं सणवावण्णगाणं 14 एएसि णं देवलोगेसु उववज्जमाणाणं कस्स कहिं उववाए पण्णत्ते ? गोयमा ! अस्संजयभवियदव्वदेवाणं जहण्णेणं भवणवासीसु उक्कोसेणं उवरिमगेविज्जएसु 1, अविराहियसंजमाणं जहण्णेणं सोहम्मे कप्पे उक्कोसेणं सव्वसिद्धे विमा 2, विराहियसंजमाणं जहणेणं भवणवासीसु उक्कोसेणं सोहम्मे कप्पे 3, अविराहियसंजमासंजमाणं जह० सोहम्मे कप्पे उक्कोसेणं अच्चुए कप्पे 4, विराहियसंजमासं० जहण्णेणं भवणवासीसु उक्कोसेणं जोइसिएसु 5, असण्णीणं जहण्णेणं भवणवासीसु उक्को Page #442 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 1 उ. 3 429 सेणं वाणमंतरेसु 6, अवसेसा सव्वे जह० भवणवा० उक्कोसगं वोच्छामितावसाणं जोइसिएसु, कंदप्पियाणं सोहम्मे कप्पे, चरगपरिव्वायगाणं बंभलोए कप्पे, किब्बिसियाणं लंतगे कप्पे, तेरिच्छिायाणं सहस्सारे कप्पे, आजीवियाणं अच्चुए कप्पे, आभिओगियाणं अच्चुए कप्पे, सलिंगीणं दसणवावण्णगाणं उवरिमगेवेज्जएसु 14 // 25 // कइविहे णं भंते ! असण्णिआउए पण्णते ? गोयमा! चउविहे असण्णिआउए पण्णत्ते, तंजहा--णेरइयअसण्णिआउए तिरिक्ख० मणुस्स० देव० / असण्णी णं भंते ! जीवे किं णेरइयाउयं पकरेइ तिरि० मणु० देवाउयं पकरेइ ? हंता गोयमा! गेरइयाउयंपि पकरेइ तिरि० मणु० देवाउयंपि पकरेइ / रइयाउयं पकरेमाणे जहण्णेणं दसवाससहस्साई उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेज्जइभागं पकरेइ, तिरिक्खजोणियाउयं पकरेमाणे जहण्णेणं अंतोमुहत्तं उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेज्जइभागं पकरेइ, मणुस्साउएवि एवं चेव, देवाउयं जहाणेरइया / एयस्स णं भंते ! णेरइयअसण्णिआउयस्स तिरि० मणु० देवअसण्णिआउयस्स कयरे कयरे जाव विसेसाहिए वा? गोयमा ! सव्वथोवे देवअसण्णिआउए, मणुस्स० असंखेज्जगुणे, तिरिय० असंखेज्जगुणे, रइय० असंखेज्जगुणे / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति // 26 // पढम सयं तइओ उद्देसो जीवाणं भंते ! कंखामोहणिज्जे कम्मे कडे ? हंता कडे / से भंते ! कि देसेणं देसे कडे ? 1 देसेणं सव्वे कडे ? 2 सव्वेणं देसे कडे ? 3 सव्वेणं सव्वे कडे ? 4 गोयमा! णो देसेणं देसे कडे 1 णो देसेणं सव्वे कडे 2 णो सव्वेणं देसे कडे 3 सम्वेणं सव्वे कडे 4 / णेरइया गं भंते ! कंखामोहणिज्जे कम्मे कडे ? हंता कड़े जाव सम्वेणं सव्वे कडे 4 / एवं जाव वेमाणियाणं दंडओ भाणियव्वो // 27 // जीवा गं भंते ! कंखामोहणिज्जं कम्मं करिसु ? हंता करिसु। तं भंते ! कि देसेणं देसं करिसु ? एएणं अभिलावेणं दंडओ भाणियन्वो जाव वेमाणियाणं / एवं करेंति, एथवि दंडओ जाव वेमाणियाणं, एवं करेस्संति, एत्थवि दंडओ जाव वेमाणियाणं / एवं चिए चिणिसु चिणंति चिणिस्संति, 'उवचिए उवचिणिसु उवचिणंति उवचिणिस्संति, उदीरेंसु उदीरेंति उदीरिस्संति, वेदिसु वेदेति वेदिस्संति, णिज्जरेंसु णिज्जरेंति णिज्जरिस्संति / गाहा-कडचिया उवचिया उदीरिय. वेदिया य णिज्जिण्णा। आदिइए चउभेदा तियभेदा Page #443 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 430 अगं-पविट्ठ सुत्ताणि तिणि // 1 // 28 // जीवा णं भंते ! कंखामोहणिज्ज कम्मं वेदेति ? हता बेदेति / कहण्णं भंते ! जीवा कंखामोहणिज्ज कम्मं वेदेति ? गोयमा ! तेहि तेहि कारणेहि संकिया कंखिया वितिगिच्छिया भेदसमावण्णा कलुससमावण्णा, एवं खलु जीवा कंखामोहणिज्ज कम्मं वेदेति // 26 // से गूणं भंते ! तमेव सच्चं णीसंकं जं जिणेहिं पवेइयं ? हंता गोयमा! तमेव सच्चं णीसंकं जं जिणेहिं पवेइयं // 30 // से गूणं भंते ! एवं मणं धारेमाणे एवं पकरेमाणे एवं चिट्ठमाणे एवं संवरेमाणे आणाए आराहए भवइ ? हंता गोयमा ! एवं मणं धारेमाणे जाव भवइ // 31 // से णूणं भंते ! अत्थित्तं अत्थित्ते परिणमइ णत्थित्तं पत्थित्ते परिणमइ ? हंता गोयमा ! जाव परिणमइ। जणं भंते ! अत्थित्तं अत्थित्ते परिणमइ णत्थित्तं णत्थित्ते ,परिणमइ, तं किं पयोगसा वीससा? गोयमा ! पयोगसावि तं वीससावि तं। जहा ते भंते ! भत्थित्तं अत्थित्ते परिणमइ तहा ते पत्थित्तं णत्थित्ते परिणमइ ? जहा ते णत्थितं णत्थित्ते परिणमइ तहा ते अत्थितं अत्थित्ते परिणमइ ?हंता गोयमा ! महा मे अत्थित्तं अस्थित्ते परिणमइ तहा मे णत्थित्तं पत्थित्ते परिणमइ, जहा मे णत्थित्तं णत्थित्ते परिणमइ तहा मे अत्थित्तं अत्थित्ते परिणमइ / से णूणं भंते ! अत्थित्तं अत्थित्ते गमणिज्जं? जहा परिणमइ दो आलावगा तहा ते इह गमणिज्जणवि दो आलावगा भाणियव्वा जाव जहा मे अत्थित्तं अत्थित्ते गमणिज्जं // 32 // जहा ते भंते ! एत्थं गमणिज्जं तहा ते इहं गमणिज्जं नहा ते इहं गमणिज्जं तहा ते एत्थं गमणिज्जं ? हंता ! गोयमा ! जहा मे एत्थं गमणिज्जं जाव तहा मे एत्थं (इह) गमणिज्जं // 33 // जीवाणं भंते ! कंखामोहणिज्जं कम्मं बंधति ? हता! बंधंति / कह णं भंते ! जीवा कंखामोहणिज्जं कम्मं बंधंति ? गोयमा ! पमादपच्चया जोगणिमित्तं च / से गं भंते ! पमाए किपवहे ? गोयमा ! जोगप्पवहे / से णं भंते ! जोए किपवहे ? गोयमा ! वीरियप्पवहे / से णं भंत वीरिए किंपवहे ? गोयमा ! सरीरप्पवहे। से णं भंते ! सरीरे किंपवहे ? गोयमा ! जीवप्पवहे / एवं सति अत्थि उट्ठाणे इ वा कम्मे इ वा बले इ वा वीरिए इ वा पुरिसक्कारपरक्कमे इ वा // 34 // से गुणं भंते ! अप्पणा चेव उदीरेइ अप्पणा चेव गरहइ अप्पणा चेव संवरइ ? हता ! गोयमा ! अप्पणा चेव तं चेव उच्चारेयव्वं 3 / जं तं भंते ! अप्पणा Page #444 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 1 उ. 3 431 चेव उदीरेइ अप्पणा चेव गरहेइ अप्पणा चेव संवरेइ तं किं उदिण्णं उदीरेइ 1 अणुदिणं उदीरेइ 2 अणुदिग्णं उदीरणाभवियं कम्मं उदीरेइ 3 उदयाणंतरपञ्छाकडं कम्मं उदीरेइ 4 ? गोयमा ! णो उदिण्णं उदीरेइ 1 णो अणुदिणं उदीरेइ 2 अणुदिण्णं उदीरणाभवियं कम्मं उदीरेइ 3 णो उदयाणंतरपच्छाकडं कम्मं उदीरेइ 4 / जं तं भंते ! अणुदिण्णं उदीरणाभवियं कम्मं उदीरेइ तं कि उट्ठाणेणं कम्मेणं बलेणं वीरिएणं पुरिसक्कारपरक्कमेणं अणुदिण्णं उदीरणाभवियं क० उदी० ? उदाहु तं अणुट्ठाणेणं अकम्मेणं अबलेणं अवीरिएण अपुरिसक्कारपरक्कमेणं अणुदिण्णं उदीरणाभवियं कम्मं उदी० ? गोयमा ! तं० उट्ठाणेणवि कम्मे० बले० वोरिए० पुरिसक्कारपरक्कमेणवि अणुदिणं उदीरणाभवियं कम्मं उदीरेइ, णो तं अणुट्ठाणेणं अकम्मेणं अबलेणं अवीरिएणं अपुरिसक्कार० अणुदिण्णं उदो० भ० क. उंदी० / एवं सति अत्थि उट्ठाणे इ वा कम्मे इ वा बले इ वा वीरिए इ वा पुरिसक्कारपरक्कमे इ वा। से णूणं मंते ! अप्पणा चेव उवसामेइ अप्पणा चेवं गरहइ अप्पणा चेव संवरइ? हंता गोयमा ! एत्थ वि तहेव भाणियव्वं, णवरं अणुदिण्णं उवसामेइ सेसा पडिसेहेयव्वा तिण्णि / जं तं भंते ! अणुदिण्णं उवसामेइ तं कि उट्ठाणेणं जाव पुरिसक्कारपरक्कमेइ वा, से गूणं भंते ! अप्पणा चेव वेएइ अप्पणा चेव गरहइ ? एत्थवि सच्चेव परिवाडी, णवरं उदिणं वेएइ णो अणुदिण्णं वेएइ, एवं जाव पुरिसक्कारपरक्कमे इ वा / से गूगं मंते ! अप्पणा चेव णिज्जरेइ अप्पणा चेव गरहइ, एत्थवि सच्चेव परिवाडी णवरं उदयाणंतरपच्छाकडं कम्मं णिज्जरेइ एवं जाव परक्कमेइ वा // 35 // रइयाणं भंते ! कंखामोहणिज्ज कम्मं वेएंति ? जहा ओहिया जीवा तहा रइया, जाव थणियकुमारा। पुढविक्काइयाणं भंते ! कंखामोहणिज्जं कम्मं वेइंति ? हंता वेइंति। कहण्णं भंते! पुढविक्का० कंखामोहणिज्जं कम्मं वेदेति ? गोयमा ! तेसिणं जीवाणं णो एवं तक्का इ वा सण्णा इ वा पण्णा इ वा मणे इ वा वई ति वा-अम्हे गं कंखामोहणिज्ज कम्मं वेएमो, वेएंति पुण ते / से गूणं भंते ! तमेव सच्चं णीसंकं जं जिणेहिं पवेइयं ? सेसं तं चेव, जाव पुरिसक्कारपरक्कमेइ वा / एवं जाव चरिदियाणं पंचिंदियतिरिक्खजोणिया जाव वेमाणिया जहा ओहिया जीवा // 36 // अत्थि गं भंते ! समणावि णिग्गंथा कंखामोहणिज्जं कम्मं वेएंति ? Page #445 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 432 अंग-पविटु सुत्ताणि हंता अस्थि / कहण्णं भंते ! समणा-णिग्गंथा कंखामोहणिज्जं कम्मं वेएंति ? गोयमा! तेहिरणाणंतरेहिं दंसणंतरेहि चरित्तंतरेहि लिंगंतरेहि पवयणंतरेहि पावयणंतरेहि कप्पंतरेहि मग्गंतहि मयंतरेहि भंगंतरेहि जयंतरेहि णियमंतरोहि पमाणंतरेहि संकिया कंखिया वितिगिच्छिया भेयसमावण्णा कलुससभावण्णा, एवं खलु समणा-णिग्गंथा कंखामोहणिज्ज कम्मं वेइंति / से णणं भंते ! तमेव सच्चं णीसंकं जं जिणेहिं पवेइयं ? हंता गोयमा ! तमेव सच्चं णीसंक, एवं जाव पुरिसक्कारपरक्कमेइ वा सेवं भंते ! सेवं भंते ! // 37 // पढमं सयं चउत्थो उद्देसो कइ णं भंते ! कम्मप्पयडीओ षण्णत्ताओ? गोयमा ! अट्ठ कम्मप्पयडीओ पण्णत्ताओ, कम्मपयडीए पढमो उद्देसो पेयव्वो जाव अणुभागो सम्मत्तो / गाहाकइ पयडी कह बंधई कहिं व ठाणेहिं बंधइ पयडी ? कइ वेएइ य पयडी अणुभागो कइविहो कस्स ? // 1 // 38 // जीवे णं भंते ! मोहणिज्जेणं कडेणं कम्मेणं उदिण्णेणं उवढाएज्जा ? हंता उवढाएज्जा / से भंते ! किं वीरियत्ताए उवट्ठाएज्जा अवीरियत्ताए उवट्ठाएज्जा ? गोयमा ! .वीरियत्ताए उवढाएज्जा णो अवीरियत्ताए उवट्ठाएज्जा / जइ वीरियत्ताए उवट्ठाएज्जा कि बालवीरियताए उवट्ठाएज्जा पंडियवीरियत्ताए उवढाएज्जा बालपंडियवीरियत्ताए उवट्ठाएज्जा ? गोयमा ! बालवीरियत्ताए उवट्ठाएज्जा णो पंडियवीरियताए उवट्ठाएज्जा णो बालपंडियवीरियत्ताए उवट्ठाएज्जा / जीवे णं भंते ! मोहणिज्जेणं कडेणं कम्मेणं उदिण्णेणं अवक्कमेज्जा ? हंता अवक्कमेज्जा, से भंते ! जाव बालपंडियवीरियत्ताए अवक्कमेज्जा 3 ? गोयमा ! बालवीरियत्ताए अवक्कमेज्जा णो पंडियवीरियत्ताए अवक्कमेज्जा सिय बालपंडियवीरियत्ताए अवक्कमेज्जा। जहा उदिण्णेणं दो आलावगा तहा उवसंतेणवि दो आलावगा भाणियव्वा, णवरं उवढाएज्जा पंडियवीरियत्ताए अवक्कमेज्जा बालपंडियवीरियत्ताए / से भंते ! कि आयाए अवक्कमइ ? अणायाए अवक्कमइ ? गोयमा ! आयाए अवक्कमइ णो अणायाए अवक्कमइ, मोहणिज्जं कम्मं वेएमाणे / से कहमेयं भंते ! एवं ? गोयमा ! पुवि से एयं एवं रोयइ इयाणि से एयं एवं णो रोयइ एयं एवं खलु एवं॥३६॥से गूणं भंते ! मेरइयस्स वा तिरिक्खजोणियस्स वा मणसस्स वा देवस्स वा जे कडे पावे कम्मे णत्थि Page #446 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 1 उ. 4 तस्स अवेइत्ता मोक्खो ? हंता गोयमा ! णेरइयस्स वा तिरिक्ख० मणू० देवस्स वा जे कडे पावे कम्मे णत्थि तस्स अवेइत्ता मोक्खो / से केणट्ठणं भंते ! एवं वुच्चइ-णेरइयस्स वा जाव मोक्खो ? एवं खलु मए गोयमा! दुविहे कम्मे पण्णत्ते, तंजहा-पएसकम्मे य अणुभागकम्मे य / तत्थ णं जं तं पएसकम्मं तं णियमा वेएइ / तत्थ णं जं तं अणुभागकम्मं तं अत्थेगइयं वेएइ अत्थेगइयं णो वेएइ। णायमेयं अरहया सुयमेयं अरहया विण्णायमेयं अरहया इमं कम्म अयं जीवे अब्भोवगमियाए वेयणाए वेदिस्सइ इमं कम्म अयं जीवे उवक्कमियाए वेयणाए वेदिस्सइ, अहाकम्मं अहाणिकरणं जहा जहा तं भगवया दिनै तहा सहा तं विप्परिणमिस्सतीति / से तेणठेणं गोयमा ! णेरइयस्स वा 4 जाव मोक्खो॥४०॥ एस णं भंते ! पोग्गले अतीतमणंतं सासयं समयं भवति वत्तव्वं सिया? हंता गोयमा! एस णं पोग्गले अतीतमणंतं सासयं समयं भुवीति वत्तव्वं सिया / एस णं भंते ! पोग्गले पड़प्पण्णसासयं समयं भवतीति वत्तव्वं सिया ? हंता गोयमा ! तं चेव उच्चारेयव्वं / एस णं भंते ! पोग्गले अणागयमणंतं सासयं समयं भविस्सई वत्तव्वं सिया? हंता गोयमा ! तं वेव उच्चारेयव्वं / एवं खंधणवि तिणि आलावगा, एवं जीवेणवि तिणि आलावगा भाणियव्वा // 41 // छउमत्थे णं भंते ! मणसे अतीतमणंतं सासयं समयं भुवीति केवलेणं संजमेणं केवलेणं संवरेणं केवलेणं बंभचेरवासेणं केवलाहि पवयणमाईहि सिज्झिसु बुज्झिसु जाव सव्वदुक्खाणमंतं करिसु? गोयमा! णो इणठे समझें। से केणछैणं भंते ! एवं वुच्चइ तं चेव जाव अंतं करेंसु ? गोयमा ! जे केइ अंतकरा वा अंतिमसरीरिया वा सव्वदुक्खाणमंतं करेंसु वा करेंति वा करिस्संति वा सव्वे ते उप्पण्णणाणसणधरा अरहा जिणे केवली भवित्ता तओ पच्छा सिझंति बुझंति मुच्चंति परिणिवायंति सव्वदुक्खाणमंतं करेंसु वा करेंति वा करिस्संति वा, से तेणठेणं गोयमा ! जाव सव्वदुक्खाणमंतं करेंसु०, पड़प्पण्णेऽवि एवं चेव णवरं सिझंति भाणियव्वं / अणागएवि एवं चेव, णवरं सिज्झिस्संति भाणियव्वं / जहा छउमत्थो तहा आहोहिओवि तहा परमाहोहिओऽवि तिण्णि तिण्णि आलावगा भाणियव्वा / केवली गं भंते ! मणूसे अतीतमणतं सासयं समयं जाव अंतं करेंसु ? हंता सिज्झिसु जाव अंतं करेंसुः। एए तिण्णि आलावगा भाणियव्वा छउमस्थस्स जहा गवरं सिज्झिसु सिमंति सिन्झिस्संति / से गूणं भंते ! अतीतमणतं सासयं समयं Page #447 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंग-पविट सुत्ताणि पडुप्पण्णं वा सासयं समयं अणागयमणं तं वा सातयं समयं जे केइ अंतकरा वा अंतिमसरीरिया वा सब्वदुक्खाणमंतं करेंसु वा करेंति वा करिस्संति वा सम्वे ते उप्पण्णणापदंसणधरा अरहा जिणा केवली भक्त्तिा तओ पच्छा सिझंति जाव अंतं करेसति वा ? हंता गोयमा ! अतीतमणतं सासयं सभयं जाव अंतं करेस्संति वा। से पूर्ण भंते ! उप्पण्णणाणदं सणधरे अरहा जिणे केवली अलमत्थुत्ति वत्तव्वं सिया ? हंता गोषमा ! उप्पण्यणाणदंसणधरे अरहा जिणे केवली अलमत्थुत्ति उत्तव्यं सिया / सेवं मंते ! सेवं भंते ! त्ति // 42 // पढमं सयं पंचमो उद्देसो कइ णं भंते ! पुढवीओ पण्णताओ ? गोयमा ! सत्त पुढवीओ पग्णत्ताओ, तंजहा-रयणप्पला जाव तमतमा / इमीले गं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए कह णिरयावाससयसहस्सा 50 ? गोयमा ! तीसं णिरयावाससयसहस्सा प० / गाहा-तीसा य पण्णवीसा पण्णरस दसेव या सयसहस्सा / तिण्णेशं पंचूर्ण पंचेव अणूत्तरा णिरया // 1 // केवइया णं भंते ? असुरकुमारावाससयसहस्ता 50 ? एवं-चउसट्ठी असुराणं चउरासीई य होइ गागाणं / बावरि सुवण्णाणं वाउकुमाराण छग्णउई // 1 // बीवदिसाउदहीणं विज्ज कुमारिदणियमग्गीणं / छहंपि जुयलयाणं छावत्तरिमो सयसहस्सा // 2 // केवइया णं भंते ! पुढविक्काइयावाससयसहस्सा 50 ? गोथमा ! असं खेज्जा पुढविक्काइयावाससयसहस्सा 50, जाव असंखिज्जा जोइसियविमाणावाससयसहस्सा प० / सोहम्मे पं. भंते ! कप्पे केवइया विमाणावाससयसहस्सा प० ? गोयमा! बत्तीसं विमाणावाससयसहस्सा प०, एवं-बत्तीसट्ठावीसा बारस अट चउरो सयसहस्सा / पण्णा चत्तालीसा छच्च सहस्सा सहस्सारे॥१॥ आणयपाणयकप्पे चत्तारि सयाऽऽरणच्चए तिण्णि / सत्त विमाणसवाई चउसुधि एएसु कप्पेसु // 2 // एक्कारसुत्तरं हेटिमेसु सत्तुत्तरं सयं च मज्झिाए / सयमेगं उवरिमए पंचेव अगुत्तरविमाणा // 3 // 43 // पुढवी टिइ ओगाहणसरीरसंचरणमेव संठाणे / लेस्सा दिट्ठी णाणे जोगुवओगे य दस ठाणा // 1 // इमीसे पं भंते ! रयणप्पभाए पुढयोए तीसाए णिरयावाससयसहस्सेसु एगमेंगंसि शिरसावासंसि रइयाणं केवइया ठिइठाणा प० ? गोयमा ! असंखज्जा ठिइठाणा Page #448 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 1 उ. 5 435 50, तंजहा-जहणिया ठिई समयाहिया जहण्णिया ठिई दुसमयाहिया जाव असंखेज्जसमंयाहिया जहण्णिया ठिई तप्पाउग्गुक्कोसिया ठिई / इमीसे गं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए णिरयावाससयसहस्सेसु एगमेगंसि णिरयावासंसि जहण्णियाए ठिईए वट्टमाणा णेरइया कि कोहोवउत्ता माणोवउत्ता मायोघउत्ता लोभोवउत्ता ? गोयमा ! सव्वेवि ताव होज्जा कोहोवउत्ता 1, अहवा कोहोवउत्ता य माणोवउत्ते य 2, अहवा कोहोवउत्ता य माणोवउत्ता य 3, अहवा कोहोवउत्ता य मायोवउत्ते य 4, अहवा कोहोवउत्ता य मायोवउत्ता यं 5, अहवा कोहोवउत्ता य लोभोवउत्ते य 6, अहवा कोहोवउत्ता य लोभोवउत्ता य 7 / अहवा कोहोवउत्ता य माणोवउत्ते य मायोवउत्ते य 1 कोहोवउत्ता य माणोवउत्ते य मायोवउत्ता य 2, कोहोवउत्ता य माणोवउत्ता य मायोवउत्ते य 3, कोहोवउत्ता य माणोवउता य मायोवउत्ता य 4 एवं कोहमाणलोभणवि घउ 4, एवं कोहमायालोभेणवि चउ 4 एवं 12, पच्छा माणेण मायाए लोभेण कोहो भइयव्वो, ते कोहं अमंचता 8, एवं सत्तावीसं भंगा णेयध्या / इमीसे गं भंते ! रयणप्पभाए पुढपीए तीसाए णिरयावाससयसहस्सेसु. एगमेगंसि णिरयावासंसि समयाहियाए जहण्णट्टिईए वट्टमाणा गेरइया कि कोहोवउत्ता माणोवउत्ता मायोवउत्ता लोमोवउत्ता? गोयमा ! कोहोवउत्ते य माणोवउत्ते य मायोवउत्ते य लोभोवउत्ते य, कोहोवउत्ता य माणोवउत्ता य मायोवउत्ता य लोभोवउत्ता य, अहवा कोहोवउत्ते य माणोवउत्ते य अहवा कोहोवउत्ते य माणोवउत्ता य एवं असीइ भंगा णेयव्वा, एवं जाव संखिज्जसमयाहिया ठिई असंखेज्जसमयाहियाए ठिईए तप्पाउग्गुक्कोसियाए ठिईए सत्तावीसं भंगा भाणियव्वा // 44 // इमोसे गं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए णिरयावाससयसहस्सेसु एगमेगंसि णिरयावासंसि गेरइयाणं केवइया ओगाहणाठाणा पण्णता ? गोयमा ! असंखेज्जा ओगाहणाठाणा पण्णत्ता, तंजहा-जहणिया ओगाहणा, पएसाहिया जहण्णिया ओगाहणा, दुप्पएसाहिया जहण्णिया ओगाहणा जाव असंखिज्जपएसाहिया जहण्णिया ओगाहणा, तप्पाउग्गुक्कोसिया ओगाहणाः / इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए णिरयावाससयसहस्सेसु एगमेगंसि गिरयावासंसि जहणियाए ओगाहणाए वट्टमाणा रइया कि कोहोवउसा ? असीइभंगा भाणियव्वा जाव संखिज्जपएसाहिया जहणिया Page #449 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 436 अगं पविट्ट सुत्ताणि ओगाहणा, असंखेज्जपएसाहियाए जहणियाए ओगाहणाए वट्टमाणाणं तप्पाउग्गुक्कोसियाए ओगाहणाए वट्टमाणाणं णेरइयाणं दोसुवि सत्तावीसं भंगा / इमीसे णं भंते ! रयण जाव एगमेगसि गिरयावासंसिणेरइयाणं कइ सरीरया पण्णता? गोयमा! तिण्णि सरीरया पण्णत्ता, तंजहा-वेउन्विए तेयए कम्मए / इमीसे गं भंते ! जाव वेउव्वियसरीरे वट्टमाणा णेरइया कि कोहोवउत्ता ? सत्तावीसं भंगा भाणियब्वा, एएणं गमएणं तिण्णि सरीरा भाणियन्वा। इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए जाव णेरइयाणं सरीरया कि संघयणी पण्णता? गोयमा ! छण्ह संघयणाणं अस्संघयणी, णेवट्ठी व छिरा णेव हारूणि जे पोग्गला अणिट्ठा अकंता अप्पिया असुहा अमणुण्णा अमणामा, एएसि सरीरसंघायत्ताए परिणमंति / इमीसे णं भंते ! जाव छण्हं संघयणाणं असंघयणे वट्टमाणाणं णेरइया कि कोहोवउत्ता? सत्तावीसं भंगा / इमीसे गं भंते ! रयणप्पभा जाव सरीरिया किंसंठिया पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णता, तंजहा-भवधारणिज्जा य उत्तरविउव्विया य, तत्थ णं जे ते भवधारणिज्जा ते हंडसंठिया पण्णत्ता, तत्थ णं जे ते उत्तरवेउव्विया तेवि हुंडसंठिया पग्णत्ता / इमोसे गं जाव हुंडसंठाणे वट्टमाणा णेरइया कि कोहोवउत्ता? सत्तावीसं भंगा / इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए रइयाणं कइ लेस्साओ पण्णत्ता ? गोयमा ! एगा काउलेस्सा पण्णत्ता / इमोसे णं भंते ! रयणप्पभाए जाव काउलेस्साए वट्टमाणा सत्तावीसं भंगा // 45 // इमीसे णं जाव किं सम्मदिट्ठी मिच्छादिट्ठी सम्मामिच्छादिट्ठी ? तिण्णिवि / इमीसे णं जाव सम्मइंसणे वट्टमाणा णेरइया सत्तावीसं भंगा, एवं मिच्छादसणेवि। सम्मामिच्छादसणे असोइ भंगा। इमीसे णं भंते ! जाव कि णाणी अण्णाणी ? गोयमा ! णाणीवि अण्णाणीवि तिण्णि णाणाई णियमा, तिण्णि अण्णाणाई भयणाए / इमोसे णं भंते ! जाव आभिणिबोहियणाणे वट्टमाणा सत्तावीसं भंगा, एवं तिण्णि णाणाई तिण्णि अण्णाणाई भाणियव्वाइं। इमीसे पंजाव किं मणजोगी वइजोगी कायजोगी ? तिण्णिवि। इमीसे णं जाव मणजोए वट्टमाणा कोहोवउत्ता ? सत्तावीसं भंगा। एवं वइजोए एवं कायजोए / इमीसे णं जाव णेरइया कि सागारोवउत्ता अणागारोवउत्ता ? गोयमा ! सागारोवउत्तावि अणागारोवउत्तावि / इमीसे णं जाव सागारोवओगे वट्टमाणा कि कोहोवउत्ता ? सत्तावीसं भंगा / एवं अणागारोवउ Page #450 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 1 उ. 6 437 तावि सत्तावीसं भंगा। एवं सत्तवि पुढवीओ णेयव्वाओ, णाणत्तं लेसासु / गाहाकाऊ य दोसु तंइयाए मोसिया णोलिया चउत्थीए / पंचमियाए मीसा कण्हा तत्तो परमकण्हा // 1 // 46 // चउसट्ठीए णं भंते ! असुरकुमारावाससयसहस्सेसु एगमेगंसि असुरकुमारावासंसि असुरकुमाराणं केवइया ठिइठाणा प० ? गोयमा ! असंखेज्जा ठिइठाणा 50 जहणिया ठिई जहा गैरइया तहा, णवरं पडिलोमा भंगा भाणियव्वा-सव्वेवि ताव होज्ज लोभोवउत्ता, अहवा लोभोवउत्ता य मायोवउत्ते य, अहवा लोभोवउत्ता य मायावउत्ता य, एएणं गमेणं णेयव्वं जाव थणियकुमाराणं, णवरं णाणतं जाणियव्वं // 47 // असंखेज्जेसु णं भंते ! पुढविकाइयावाससयसहस्सेसु एगमेगंसि पुढविकाइयावासंसि पुढविक्काइयाणं केवइया ठिइठाणा प० ? गोयमा ! असंखेज्जा ठिइठाणा 50, तंजहा-अहण्णिया ठिई जाव तप्पाउग्गुक्कोसिया ठिई। असंखेज्जेसु णं भंते ! पुढविक्काइयावाससयसहस्सेसु एगमेगंसि पुढविक्काइयावासंसि जहण्णियाए ठिइए वट्टमाणा पुढविक्काइया कि कोहोवउत्ता माणोवउत्ता मायोवउत्ता लोभोवउत्ता ? गोयमा! कोहोवउत्तावि माणोवउत्तावि मायोवउत्तावि लोभोवउत्तावि, एवं पुढविक्काइयाणं सव्वेसुवि ठाणेसु अभंगयं, णवरं तेउलेस्साए असोइ भंगा। एवं आउक्काइयावि / तेउक्काइयवाउक्काइयाणं सब्वेसुवि ठाणेसु अभंगयं / वणस्सइकाइया जहा पुढविक्काइया // 48 // बेइंदिय-तेइंदियचउरिदियाणं जेहिं ठाणेहिं गेरइयाणं असीइभंगा तेहिं ठाणेहि असोइं चेव, णवरं अब्भहिया सम्मत्ते आमिणिबोहियणाणे सुयणाणे य, एएहिं असीइभंगा, हिं ठाणेहिं रइयाणं सत्तावीसं भंगा तेसु ठाणेसु सव्वेसु अभंगयं / पंचिदियतिरिक्खजोणिया जहा गैरइया तहा भाणियव्वा, णवरं जेहिं सत्तावीसं भंगा तेहि अभंगयं कायव्वं जत्थ असीइ तत्थ असीइं चेव / मणुस्साणवि जेहिं ठाणेहिं णेरइयाणं असीइभंगा तेहि ठाणेहिं मणुस्साणवि असीइभंगा भाणियव्वा / जेसु ठाणेसु सत्तावीसा तेसु अभंगयं, णवरं मणुस्साणं अन्महियं जहणिया ठिई आहारएय असोइ भंगा। वाणमंतरजोइसवेमाणिया जहा भवणवासी, गवरं णाणत्तं जाणियव्वं जं जस्स, जाव अणुत्तरा। सेवं भंते ! सेवं भंते! त्ति जाव विहरइ // 46 // ..... पढमं सयं छट्ठो उद्देसो जावइयाओ य गं भंते ! उवासंतराओ उदयंते सूरिए चक्खुप्फासं हव्व Page #451 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 438 अंग-पविट्ट सुत्ताणि माच्छइ अत्थमंतेविय णं सूरिए तावइयाओ चेव उवासंतराओ चक्षुप्फासं हव्वमागच्छइ ? हता! गोयमा ! जावइयाओ णं उवासंतराओ. उदयंते मूरिए चक्खुएफासं हवमागच्छइ अत्थमंतेवि सूरिए जाव हबमागच्छइ / जावइयण्णं भंते ! खित्तं उदयंते सूरिए आयवेणं सव्वओ समंता ओभासेइ उज्जोएइ तवेइ पभासेइ, अत्थमंतेविय णं सूरिए तावइयं चेव खित्तं आयवेणं सव्वओ समंता ओभासेइ उज्जोएइ तवेइ पभासेइ ? हंता गोयमा ! जावइयण्णं खेतं जाव पभासेइ / तं भंते ! किं पुठं ओभासेइ अपुढें ओभासेइ ? जाव छद्दिसि ओभासेइ, एवं उज्जोवेइ तवेइ पभासेइ, जाव गियमा छदिसि / से णणं भंते ! सव्वंति सव्वावंति फुसमाणकालसमयंसि जावइयं खेत्तं फुसइ तावइयं फुसमाणे पुढेत्ति वत्तवं सिया ? हंता ! गोयमा ! सव्वंति जाव वत्तवं सिया। तं भंते ! कि पुट फुसइ अपुठं फुसइ ? जाव णियमा छहिसि // 50 // लोयते भंते ! अलोयंतं फुसइ अलोयंतेवि लोयंतं फुसई ? हंता गोयमा ! लोयंते अलोयंत फुसइ अलोयंतेवि लोयंतं फुसइ 3 / तं भंते ! कि पुठं फुसइ अपुढें फुसइ ? जाव गियमा छद्दिसि फुसइ / दीवंते भंते ! सागरतं फुसइ सागरतेवि दीवंतं फुसइ ? हंता जाव णियमा छदिसि फुसइ / एवं एएणं अभि. लावेणं उदयंते पोयंतं फुसइ छिदंते दूसंतं छायंते आयवंतं जाव णियमा छद्दिीस फुसइ // 51 // अत्थि णं भंते ! जीवाणं पाणाइवाएणं किरिया कज्जइ ? हंता अस्थि / सा भंते ! कि पुट्ठा कज्जइ अपुट्ठा कज्जइ ? जाव णिवाघाएणं छडिसि वाघायं पहच्च सिय तिदिसि सिय चउदिसि सिय पंचदिसि / साभंते ! कि कडा कज्जइ अकडा कज्जइ ? गोयमा ! कडा कज्जइ णो अकडा कज्जइ। सा भंते ! कि अत्तकडा कज्जइ परकडा कज्जइ तदुभयकडा कज्जइ ? गोयमा! अत्तकडा कज्जइ णो परकडा कज्जइ णो तदुभयकडा कज्जइ / सा भंते ! कि आणुपुटिव कडा कज्जइ अणाणुपुद्वि कडा कज्जइ ? गोयमा ! आणुपुटिव कडा कज्जइ णो अणाणुपुटिव कडा कज्जइ, जाय कडा कज्जइ जा य कज्जिस्सइ सव्वा सा आणुवि कडा णो अणाणुपुटिव कडत्ति वत्तव्वं सिया। अत्थि णं भंते ! णेरइयाणं पाणाइवायकिरिया कज्जइ ? हंता अस्थि / सा भंते ! कि पुदा कज्जइ अपुट्टा कज्जइ जाव णियमा छद्दिसि कज्जइ। साभंते ! फि कडी कज्जइ अकडा कज्जइ ?तं चेव जाव णो अणाणुपुटिव कडत्ति वत्तव्वं सिया। जहा णेरइया तहा Page #452 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई,स. 1 उ.६ एगिदियवज्जा भाणियव्वा जाव वेमाणिया / एगिदिया जहा जीवा तहा भाणियव्वा / जहा पाणाइवाए तहा मुलावाए तहा अदिण्णादाणे मेहुणे परिग्गहे कोहे जाव मिच्छादसणसल्ले। एवं एए अट्ठारस, चउवीसं दंडगा भाणियव्वा, सेवं भंते! सेवं भंते ! त्ति भगवं गोयमे समणं भगवं जाव विहरइ // 52 // तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतेवासी रोहे णामं अणगारे पगइभद्दए पगइमउए पगइविणीए पगइउवसंते पगइपयणुकोहमाणमायालोभे मिउमद्दवसंपण्णे अल्लीणें भहए विणीए समणस्स भगवओ महावीरस्स भदूरसामंते उड्ढंजाणू अहोसिरे झाणकोट्ठोवगए संजमेणं तवसा अप्पाणं भावे. माणे विहरइ। तए णं से रोहे णामं अणगारे जायसड्ढे जाव पज्जुवासमाणे एवं वयासी-पुटिव भंते ! लोए पच्छा अलोए पुटिव अलोए पच्छा लोए ? रोहा ! लोए य अलोए य पुस्विते पच्छ पेते दोवि एए सासया भावा, अणाणुपुव्वी एसा रोहा ! पुव्वि भंते ! जीवा पच्छा अजीवा युवि अजीवा पच्छा जीवा ? अहेव लोए य अलोए य तहेव जीवा य अजीवा य, एवं भवसिद्धिया य अभवसिद्धिया य सिद्धी असिद्धी सिद्धा असिद्धा / पुचि भंते ! अंडए पच्छा कुक्कुडी पुटिव कुक्कुडी पच्छा अंडए ? रोहा ! से गं अंडए कओ? भयवं ! कुक्कुडीओ। सा णं कुक्कुडी कओ ? भंते ! अंडयाओ। एवामेव रोहा ! से य अंडए साय कुक्कुडी, पुटिवपेते पच्छापेते दुवे ते सासया भावा, अणाणुपुत्वी एसा रोहा! पुव्वि भंते ! लोयंते पच्छा अनोयंते पुटिव अलोयंते पच्छा लोयंते ? रोहा ! लोयंते य अलोयंते य जाव अणाणुपुटवी एसा रोहा ! पुटिव भंते ! लोयंते पाच्छा सत्तमे उवासंतरे पुच्छा। रोहा ! लोयंते य सत्तमे उवासंतरे पुट्विपि दोवि एए जाव अणाणपुटवी एसा रोहा.! एवं लोयंते य सत्तमे य तणुवाए, एवं घणवाए घणोदही सत्तमा पुढवी, एवं लोयंते एक्केक्केणं संजोएयवे इमेहि ठाणेहितंजहा-उवासवायघणउदहि पुढवी दीवा य सागरा वासा / रइयाई अत्थिय समया कम्माइं लेस्साओ // 1 // दिट्ठी दंसण णाणा सण्ण सरीरा य जोग उवओगे / दवपएसा पज्जव अद्धा कि पुटिव लोयंते ? // 2 // पुटिव भंते ! लोयंते पच्छा सव्वद्धा ? जहा लोयंतेणं संजोइया सवे ठाणा एए एवं अलोयंतेणवि संजोएयवा सव्वे / पुटिव भंते ! सत्तमे उवासंतरे पच्छा सत्तमे तणुवाए ? एवं सत्तमं उवासंतरं सव्वेहि समं संजोएयध्वं जाव सम्वद्धाए। पुवि भंते ! Page #453 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 440 अंग-पविटु सुत्ताणि सत्तमे तणुवाए पच्छा सत्तमे घणवाए ? एयंपि तहेव णेयव्वं जाव सव्वद्धा, एवं उवरिल्लं एक्केक्कं संजोयंतेणं जो जो हिद्विल्लो तं तं छडुतेणं णेयव्वं जाव अईयअणागयता पच्छा सव्वद्धा जाव अणाणपुव्वी एसा रोहा ! सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति जाव विहरइ // 53 // भंते त्ति ! भगवं गोयमे समणं जाव एवं वयासी-कइविहा णं भंते ! लोयट्टिई प० ? गोयमा! अट्ठविहा लोयट्टिई 50, तंजहा-आगासपइट्ठिए वाए 1 वायपइ ट्ठिए उदही 2 उदहीपइट्ठिया पुढवी 3 पुढविपइट्ठिया तसा थावरा पाणा 4 अजीवा जीवपइट्टिया 5 जीवा कम्मपइट्ठिया 6 अजीवा जीवसंगहिया 7 जीवा कम्मसंगहिया 8 / से केपट्टेणं भंते ! एवं वच्चइ ?-अविहा जाव जीवा कम्मसंगहिया ? गोयमा ! से जहाणामए केइ पुरिसे वत्थिमाडोवेइ वत्थिमाडोवित्ता उप्पि सितं बंधइ 2 मज्झेणं गठि बंधइ 2 उवरिल्लं गंठि मुयइ 2 उवरिल्लं देसं वामेइ 2 उवरिल्लं देसं वामेत्ता उवरिल्लं देसं आउयायस्स पूरेइ 2 उपि सितं बंधइ 2 मज्झिल्लं गंठिं मुयइ / से णूणं गोयमा ! से आउयाए तस्स वाउयायस्स उप्पि उवरिमतले चिट्ठइ ? हंता चिट्ठइ, से तेणट्टेणं जाव जीवा कम्मसंगहिया, से जहा वा केइ पुरिसे वत्थिमाडोवेइ 2 कडीए बंधइ 2 अत्थाहमतारमपोर. सियंसि उदगंसि ओगाहेज्जा, से जूणं गोयमा ! से पुरिसे तस्स आउयायस्स उवरिमतले चिट्ठइ ? हंता चिट्टइ, एवं वा अट्टविहा लोयट्टिई पण्णता जाव जीवा कम्मसंगहिया // 54 // अत्यि णं भंते ! जीवा य पोग्गला य अण्णमण्णबद्धा अण्णमण्णपुट्ठा अण्णमण्णमोगाढा अण्णमण्णसिणेहपडिबद्धा अण्णमण्णघडताए चिट्ठति ? हंता ! अत्थि / से केणठेणं भंते ! जाव चिट्ठति ? गोयमा ! से जहाणामए-हरदे सिया पुण्णे पुण्णप्पमाणे वोलट्टमाणे वोसट्टमाणे समभरघडताए चिट्ठइ, अहे णं केइ पुरिसे तंसि हरदंसि एगं महं णावं सयासवं सयछिडं ओगाहेज्जा, से गूणं गोयमा ! सा णावा तेहिं आसवदारेहिं आपूरमाणी 2 पुण्णा पुण्णप्पमाणा वोलट्टमाणा वोसट्टमाणा समभरघडताए चिट्ठइ? हंता चिइ / से तेणठेणं गोयमा ! अस्थि णं जीवा य जाव चिट्ठति // 55 // अत्थि णं भंते ! सया समियं सुहुमे सिणेहकाए पवडइ ? हंता अस्थि / से भंते ! कि उड्ढे पवडइ अहे पवडइ तिरिए पवडइ ? गोयमा ! उड्ढेवि पवडइ अहेवि पवडइ तिरिएवि पवडइ / जहा से बायरे आउयाए अण्णमण्णसमाउत्ते Page #454 -------------------------------------------------------------------------- ________________ .. भगवई स. 1 उ.७ 441 चिरंपि दोहकालं चिट्ठइ तहा णं सेवि ! णो इणद्वै, समठे, से णं खिप्पामेव विद्धंसमागच्छइ / सेवे भंते ! सेवं भंते ! त्ति // 1 // 56 // पढमं सयं सत्तमो उद्देसो रइए णं भंते ! गैरइएसु उववज्जमाणे किं देसेणं देसं उववज्जइ, देसेणं सव्वं उववज्जइ, सव्वेणं देसं उववज्जइ, सम्वेणं सव्वं उववज्जइ ? गोयमा ! णो देसेणं देसं उववज्जइ णो देसेणं सव्वं उववज्जइ णो सम्वेणं देसं उववज्जइ सव्वेणं सव्वं उववज्जइ / जहा गैरइए एवं जाव वेमागिए // 1 // 57 // गैरइए णं भंते ! रइएस उववज्जमाणे कि देसेणं देसं आहारेइ 1 देसेणं सव्वं आहारेइ 2 सव्वेणं देसं आहारेइ 3 सम्वेणं सवं आहारेइ ? 4, गोयमा ! णो देसेणं देसं आहारेइ णो देसेणं सव्वं आहारेइ सव्वेग वा देसं आहारेइ सव्वेण वा सव्वं आहारे / एवं जाव वेमाणिए 2 / रइए णं भंते ! रइएहितो उववट्टमाणे कि देसेगं देसं उववट्टइं? जहा उववज्जमागे तहेव उव. वट्टमाणेऽवि दंडगो भाणियन्वो 3 / णेरइए णं भंते ! णेरइहितो उववट्टमाणे कि देसेणं देसं आहारेइ तहेव जाव सम्वेण वा देसं आहारेइ ? सव्वेण वा सव्वं आ० 1, एवं जाव वेमाणिए 4 / रइ० भंते! और० उववण्णे कि देसेणं देसं उववण्णे ? एसोऽवि तहेव जाव सव्वेणं सव्वं उववण्णे ? जहा उववज्जमाणे उववट्टमाणे य चत्तारि दंडगा तहा उववण्णणं उववटेणवि चत्तारि दंडगा भाणियव्वा, सम्वेणं सव्वं उववण्णे सव्वेण वा देसं आहारेइ सम्वेग वा सव्वं आहारेइ, एएणं अभिलावेणं उववण्णेवि उववट्टणवि णेयव्वं 8 / गेरइए णं भंते ! णेरइएसु उववज्जमाणे कि अद्धणं अद्धं उववज्जइ ? 1 अद्धणं सव्वं उववज्जइ ? 2 सटवेणं अखं उववज्जइ ? 3 सव्वेणं सव्वं उववज्जइ * ? 4, जहा पढमिल्लेणं अट्ठ दंडगा तहा अद्धेगवि अट्ठ दंडगा भाणियव्वा, णवरं जहिं देसेणं देसं उववज्जइ तहिं अद्धेणं अद्धं उववज्जइ इइ भागियव्वं, एवं णाणतं, एए सब्वेवि सोलसदंडगा भाणियब्वा // 58 // जीवे णं भंते ! किं विग्गहगइसमावण्णए अविग्गहगइसमावण्णए ? गोयमा ! सिय विग्गहगइसमावण्गए सिय अविग्गहगइसमावज्णए, एवं जाव वेमागिए / जीवा णं भंते ! किं विग्गहगइसमावण्णया अवि. ग्गहगइसमावण्णया ? गोयमा ! विग्गहगइसमावण्णगावि अविगहगइसमाव Page #455 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 442 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि ण्णगावि। रइया णं भंते ! कि विग्गहगइसमावण्णया अविग्गहगइसमा. वष्णया ? गोयमा ! सव्वेवि ताव होज्ज अविग्गहगइसमावण्णगा 1 / अहवा अविग्गहगइसमावण्णगा य विग्गहगइसमावष्णगे य 2 अहवा अविग्गहगइसमावण्णगा य विग्गहगइसमावष्णगा य 3 / एवं जीवेगिदियवज्जो तियभंगो // 56 // देवे णं भंते ! महिड्डिए महज्जुईए महब्बले महायसे महासुक्खे महाणभावे अविउक्कंतियं चयमाणे किंचिकालं हिरिवत्तियं दुगंछावत्तियं परिसहवत्तियं आहारं णो आहारेइ, अहे णं आहारेइ, आहारिज्जमाणे आहारिए परिणामिज्जमाणे परिणामिए पहोणे य आउए भवइ जत्थ उववज्जइ तमाउयं पडिसंवेएइ, तंजहा-तिरिक्ख जोणियाउयं वा मणुस्साउयं वा ? हता गोयमा ! देवे णं महिडिए जाव मणुस्साउयं वा // 60 // जीवे णं भंते ! गब्भं ववकममाणे कि सइंदिए वक्कमइ अणिदिए बवकमइ ? गोयमा ! सिय सइंदिए वक्कमइ सिय अणिदिए वक्कमइ / से केण?णं ? गोयमा ! दविदियाइं पडुच्च अणिदिए वक्कमइ भाविदियाइं पडुच्च सइंदिए वक्कमइ, से तेण?णं० / जीवे गं भंते ! गन्भं वक्कममाणे कि ससरीरी वक्कमइ असरीरी वक्कमइ ? गोयमा ! सिय ससरीरी व० सिय असरीरी वक्कमइ, से केण→णं ? गोयमा ! ओरालियवेउन्वियआहारयाई पडुच्च असरीरी व० तेयाकम्मा० 50 सस० वक्क० से तेणठेणं गोयमा ! 0 / जीवे गं भंते ! गभं वक्कममाणे तप्पढमयाए किमाहारमाहारेइ ? गोयमा ! माउओयं पिउसुक्कं तं तदुभयसंसिळं कलुस किविसं तप्पढमयाए आहारमाहारेइ / जीवे णं भंते ! गभगए समाणे किमाहारमाहारेइ? गोयमा ! जं से माया णाणाविहाओ रसविगईओ आहा. रमाहारेइ तदेक्कदेसेणं ओयमाहारेइ / जीवस्स णं भंते ! गभगयस्स समाणस्स अत्थि उच्चारेइ वा पासवणेइ वा खेलेइ वा सिंघाणेइ वा वंतेइ वा पित्तेइ वा ? णो इणद्वै समढें, से केणठेणं ? गोयमा ! जीवे णं गब्भगए समाणे जमाहारेइ तं चिणाइ तं सोइंदियत्ताए जाव फासिदियत्ताए अद्विअट्टिमिजकेसमंसुरोमणहत्ताए, से तेणठेणं० / जीवे णं भंते ! गभगए समाणे पभू मुहेणं कातलियं आहारं आहारित्तए ? गोयमा ! णो इणठे समठे, से केणठेणं ? गोयमा ! जीवे णं गभगए समाणे सव्वओ आहारेइ. सव्वओ परिणामेइ सव्वओ उस्ससइ सव्वओ णिस्ससइ अभिक्खणं आहारेइ अभिक्खणं परिणामेइ Page #456 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 1 उ. 7 443 भभिक्खणं उस्ससइ अभिक्खणं णिस्ससइ आहच्च आहारेइ आहच्च परिणामेइ भाहच्च उस्संसइ आहच्च णीससइ / माउजीवरसहरणी पुत्तजीवरसहरणी माउजीवपडिबद्धा पुत्तजीवं फुडा तम्हा आहारेइ तम्हा परिणामेइ, अवरावि य गं पुत्तजीवपडिबद्धा माउजीवफुडा तम्हा चिणाइ तम्हा उवचिणाइ से तेणट्टेणं० नाव णो पभू मुहेणं कावलियं आहारं आहारित्तए / कइ णं भंते ! माइयंगा प० ? गोयमा ! तओ माइयंगा प०, तंजहा-मसे सोणिए मत्थुलुंगे / कइ णं भंते ! पिइयंगा प० ? गोयमा ! तओ पिइयंगा प०, तंजहा-अद्वि अदिमिजा केसमंसुरोमणहे / अम्मापिइए णं भंते ! सरीरए केवइयं कालं संचिइ? गोयमा ! जावइयं से कालं भवधारणिज्जे सरीरए अव्वावण्णे भवइ एवतियं कालं संचिटुइ, अहे गं समए-समए वोक्कसिज्जमाणे 2 चरमकालसमयंसि वोच्छिण्णे भवइ // 61 // जीवे णं भंते !. गभगए समाणे णेरइएसु उववज्जेज्जा ? गोयमा ! अत्थेगइए उववज्जेज्जा अत्थेगइए णो उववज्जेज्जा / से केणठेणं ? गोयमा ! से णं सण्णी पंचिदिए सव्वाहि पज्जतीहि पज्जत्तए वीरियलद्धीए वेउव्वियलद्धोए पराणीएणं आगयं सोचा णिसम्म पएसे णिच्छभइ णि० 2 वेउब्वियसमग्याएणं समोहणइ समो० 2 चाउरंगिणि सेण्णं विउव्वइ चाउरंगिणीसेणं विउव्वेता चाउरंगिणीए सेणाए पराणीएणं सद्धि संगाम संगामेइ, से णं जीवे अत्थकामए रज्जकामए भोगकामए कामकामए अत्थकंखिए रज्जकंखिए भोगकंखिए कामकंखिए अत्थपिवासिए रज्जपिवासिए भोगपिवासिए कामपिवासिए तच्चित्ते तम्मणे तल्लेसे तदज्झवसिए तत्तिव्वजमवसाणे तोवउत्ते तदप्पियकरणे तब्भावणाभाविए, एयंसि णं अंतरंसि कालं करेज्ज गैरइएसु उववज्जइ, से तेणढेणं गोयमा ! जाव अत्थेगइए उववज्जेज्जा अत्थेगइए णो उववज्जेज्जा / जीवे णं भंते ! गब्भगए समाणे देवलोगेसु उववज्जेज्जा? गोयमा ! अत्यगइए उववज्जेज्जा अत्थेगइए णो उववज्जेज्जा / से केण→णं ? गोयमा ! से णं सण्णी पंचिदिए सव्वाहि पज्जतीहि पज्जत्तए तहारूवस्स समणस्स वा माहणस्स वा अंतिए एगमवि आरियं धम्मियं सुवयणं सोच्चा णिसम्म तओ भवइ संवेगजायसड्ढे तिव्वधम्माणुरागरत्ते, से णं जीवे धम्मकामए पुण्णकामए सग्गकामए मोक्खकामए धम्मकंखिए पुण्णकंखिए सग्गमोक्खक० धम्मपिवासिए पुण्णसग्गमोक्खपिवासिए तच्चित्ते तम्मणे Page #457 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 444 अंग-पविटु सुत्ताणि तल्लेसे तदज्झवसिए तत्तिव्वज्झवसाणे तदट्ठोवउत्ते तदप्पियकरणे तब्भावणाभाविए एयंसि णं अंतरंसि कालं करे० देवलो० उव०, से तेणठेणं गोयमा ! / जीवे णं भंते ! गभगए समाणे उत्ताणए वा पासिल्लए वा अंबखुज्जए वा अच्छेज्ज वा चिटुंज्ज वा णिसीएज्ज वा तुयष्टेज्ज वा माऊए सुयमाणीए सुवइ जागरमागीए जागरइ सुहियाए सुहिए भवइ दुहियाए दुहिए भवइ ? हंता गोयमा ! जीवे णं गभगए समाणे जाव दुहियाए दुहिए भवइ / अहे णं पसवणकालसमयंसि सीसेण वा पाएहि वा आगच्छइ सममागच्छइ तिरियमागच्छइ विणिहायमावज्जइ। वण्णवज्झाणि य से कम्माई बद्धाई पुट्ठाई णिहत्ताई कडाई पट्टवियाइं अभिणिविट्ठाई अभिसमण्णागयाई उदिण्णाई णो उवसंताई भवंति तओ भवइ दुरूवे दुवष्णे दुग्गंधे दुरसे दुप्फाले अगिट्टे अकंते अप्पिए असुभे अमणुण्णे अमणाने हीणस्सरे दीणरसरे अणिट्ठस्सरे अकंतस्सरे अप्पियसरे असुभस्सरे अमणुण्णस्सरे अमणामस्तरे अणाएज्जवयगे पच्चायाए यावि भवइ वष्णवज्झाणि य से कम्माई णो बद्धाइं पसत्थं णेयव्वं जाव आदेज्जवयणे पच्चायाए यावि भवइ / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति // 62 // पढम सयं अट्ठमो उद्देसो रायगिहे समोसरणं जाव एवं वयासी-एगंतबाले णं भंते ! मणूसे कि णेरइयाउयं पकरेइ तिरिक्ख० मगु० देवा० पक०? गैरइयाउयं किच्चा णेरइएसु उव० तिरियाउयं कि तिरिएसु उवव०मणस्साउयं किच्चा मणस्से० उव०देवाउ०कि० देवलोएसु उववज्जइ? गोयमा ! एगंतबाले णं मणुस्से मेरइयाउयंपि पकरेइ तिरि० मणु देवाउयंपि पकरेइ णेरइयाउयंपि किच्चा णेरइएसु उव० तिरि० मणु० देवाउयं किच्चा तिरि० मणु० देवलोएसु उववज्जइ // 63 // एगंतपंडिए णं भंते ! मणुस्से कि णेर० पकरेइ जाव देवाउयं किच्चा देवलोएसु उवव० ? गोयमा! एगंतपंडिए गं मगुस्से आउयं सिय पकरेइ सिय णो पकरेइ,जइ पकरेइ णो णे रइया० पकरेइ णो तिरि०णो मणु०, देवाउयं पकरेइ / णो णेरइयाउयं किच्चा णेर० उव० णो तिरि० णो मणुस्स०, देवाउयं किच्चा देवेसु उव० ।से केणठेणं जाव देवा० किच्चा देवेसु उववज्जइ ? गोयमा ! एगंतपंडियस्स णं मणुस्सस्स केवलमेव दो गईओ पण्णायंति, तंजहा-अंतकिरिया चेव कप्पोववत्तिया चेव, Page #458 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 1 उ. 8 445 से तेणट्टेणं गोयमा ! जाव देवाउयं किच्चा देवेसु उववज्जइ। बालपंडिए णं भंते! मणुस्से कि णेरड्याउयं पकरेइ जाव देवाउयं किच्चा देवेसु उववज्जइ ? गोयमा ! णो णेरइयाउयं पकरेइ जाव देवाउयं किच्चा देवेसु उववज्जइ / से केणढेणं जाव देवाउयं किच्चा देवेसु उववज्जइ ? गोयमा! बालपंडिए णं मणुस्से तहारूवस्स समणस्स वा माहणस्स वा अंतिए एगमवि आरियं धम्मियं सुवर्ण सोच्चा णिसम्म देसं उवरमइ देसं णो उवरमइ देसं पच्चक्खाइ देसं णो पच्चक्खाइ, से तेण→णं देसोवरमदेसपच्चक्खाणेणं णो णेरइयाउयं पकरेइ जाव देवाउयं किच्चा देवेसु उववज्जइ, से तेणछैणं जाव देवेसु उववज्जइ // 64 // पुरिसे गंभंते ! कच्छंसि वा 1 दहंसि वा 2 उदगंप्ति वा 3 दवियंसि वा 4 वलयंसि वा 5 मंसि वा 6 गहणंसि वा 7 गहणविदुग्गंसि वा 8 पव्वयंसि वाह पव्वयविदुग्गंसि वा 10 वर्णसि वा 11 वणविदुग्गंसि वा 12 मियवित्तीए मियसंकप्पे मियपणिहाए मियवहाए गंता एए मिएत्तिकाउं अण्णयरस्स मियस्स वहाए कूडपासं उद्दाइ, तओ णं भंते ! से पुरिसे कइकिरिए पण्णत्ते ? गोयमा ! जावं च णं से. पुरिसे कच्छंसि वा 10 (12) जाव कूडपासं उद्दाइ तावं च णं से पुरिसे सिय तिकि० सिय चउ० सिय पंच० / से केणठेणं सिय ति० सिय च० सिय पं० ? गोयमा ! जे भविए उद्दवणयाए णो बंधणयाए णो मारणयाए तावं च णं से पुरिसे काइयाए अहिगरणियाए पाउसियाए तिहिं किरियाहि पुछे, जे भविए उद्दवणयाएवि बंधणयाएवि णो मारणयाए तावं च णं से पुरिसे काइयाए अहिंगरणियाए पाउसियाए पारियावणियाए चहि किरियाहिं पुठे, जे भविए उद्दवणयाएवि बंधणयरएवि मारणयाएवि तावं च णं से पुरिसे काइयाए अहिगरणियाए पाउसियाए जाव पंचहि किरियाहिं पुढें, से तेणट्टेणं जाव पंचकिरिए // 65 // पुरिसे णं भंते ! कच्छंसि वा जाव वणविदुग्गंसि वा तणाई ऊसविय 2 अगणिकायं णिस्सरइ तावं च णं से भंते ! से पुरिसे कइकिरिए ? गोयमा ! सिय तिकिरिए सिय चउकि० सिय पंच०। से केणढेणं ? गोयमा ! जे भविए उस्सवणयाए तिहिं, उस्सवणयाएवि णिस्सिरणयाएवि णो दहणयाए चहि, जे भविए उस्सवणयाएवि पिस्सिरणयाएवि दहणयाएवि तावं च णं से पुरिसे काइयाए जाव पंचहि किरियाहिं पुढें, से तेण० गोयमा! // 66 // पुरिसे गं भंते ! कच्छंसि वा जाव वणविदुग्गंसि वा मियवित्तीए Page #459 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 446 अंग-पविट्ट सुत्ताणि मियसंकप्पे मियपणिहाणे मियवहाए गंता एए मिएत्तिकाउं अण्णयरस्स मियस्स वहाए उसु णिसिरइ तए णं भंते ! से पुरिसे कइकिरिए ? गोयमा ! सिय तिकिरिए सिय चउकिरिए सिय पंचकिरिए / से केणठेणं ? गोयमा ! जे भविए णिस्सिरणयाए णो विद्धसणयाएवि णो मारणयाए तिहि, जे भविए पिस्सिरणयाएवि विद्धंसणयाएवि णो मारणयाए चहिं, जे भविए णिस्सिरणयाएवि वि० मा० तावं च णं से पुरिसे जाव पंचहि किरियाहिं पुढें, से तेणठेणं गोयमा ! सिय तिकिरिए सिय चउकिरिए सिय पंचकिरिए // 67 // पुरिसे णं भंते ! कच्छंसि वा जाव अण्णयरस्स मियस्स वहाए आययकण्णाययं उसं आयामेत्ता चिट्रिज्जा, अण्णयरे परिते मग्गओ आगम्म सयपाणिणा असिणा सीसं छिदेज्जा से य उसु ताए चेव पुवायामणयाए तं मियं विधेज्जा से णं भंते ! पुरिसे कि मियवेरेणं पुढे पुरिसवेरेणं पुढें ? गोयमा ! जे मियं मारेइ से मियवेरेणं पुछे, जे पुरिसं मारेइ से पुरिसवेरेणं पुढें / सेकेणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ जाव से पुरिसवेरेणं पुढें ? से णूणं गोयमा ! कज्जमाणे कडे संधिज्जमाणे संधिए णिव्वत्तिज्जमाणे णिव्वत्तिए णिसिरिज्जमाणे णिसि→त्ति वत्तव्वं सिया ? हंता भगवं ! कज्जमाणे कडे जाव णिसिठेत्ति वत्तव्वं सिया, से तेणठेणं गोयमा ! जे मियं मारेइ से मियवेरेणं पुढें, जे पुरिसं मारेइ से पुरिसवेरेणं पुढें / अंतो छण्हं मासाणं मरइ काइयाए जाव पंचहि किरियाहिं पुछे, बाहिं छण्हं मासाणं मरइ काइयाए जाव पारियावणियाए चहि किरियाहिं पुढें // 68 // पुरिसे गं भंते ! पुरिसं सत्तीए समभिधंसेज्जा सयपाणिणा वा से असिणा सीसं छिदेज्जा तओ णं भंते ! से पुरिसे कइकिरिए ? गोयमा ! जावं च णं से पुरिसे तं पुरिसं सत्तीए अभिसंधेइ सयपाणिणा वा से भसिणा सीसं छिदइ तावं च णं से पुरिसे काइयाए अहिंगरणि० जाव पाणाइवायकिरियाए पंचहि किरियाहिं पुढें, आसण्णवहएण य अणवकंखवत्तिएणं पुरिसवेरेणं पुढें // 66 // दो भंते ! पुरिसा सरिसया सरित्तया सरिव्वया सरिसभंडमत्तोवगरणा अण्णमण्णेणं सद्धि संगाम संगार्मेति, तत्थ णं एगे पुरिसे पराइणइ एगे पुरिसे पराइज्जइ, से कहमेयं भंते ! एवं ? गोयमा ! सवीरिए पराइणइ अवीरिए पराइज्जइ / से केणछैणं जाव पराइज्जइ ? गोयमा ! जस्स णं वीरियवज्झाई कम्माइं णो बद्धाइंणो पुट्ठाई जाव णो अभिसमण्णागयाई Page #460 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 447 भगवई स. 1 उ. 9 गो उदिण्णाई उवसंताई भवंति से णं पराइणइ / जस्स णं वोरियवज्झाई कम्माई बद्धाइं जाव-उदिण्णाई णो उवसंताई भवंति से णं पुरिसे पराइज्जइ, से तेणठेणं गोयमा ! एवं वच्चइ-सवीरिए पराइणइ अवीरिए पराइज्जइ // 70 // जीवा णं भंते ! कि सीरिया अवीरिया ? गोयमा ! सवीरियावि अवीरियावि।से केणठेणं ? गोयमा ! जीवा दुविहा पण्णता, तंजहा-संसारसमावण्णगा य असंसारसमावण्णगा य / तत्थ णं जे ते असंसारसमावण्णगा ते णं सिद्धा, सिद्धा णं अवीरिया। तत्थ णं जे ते संसारसमावण्णगा ते दुविहा पण्णता, तंजहा-सेलेसिपडिवण्णगा य असेलेसिपडिवण्णगा य / तत्थ णं जे ते सेलेसिपडिवण्णगा ते णं लद्धिवीरिएणं सवीरिया करणवीरिएणं अवीरिया / तत्थ णं जे ते असेलेसिपडिवण्णगा ते गं लद्धिवीरिएणं सवीरिया करणवीरिएणं सवीरियावि अवीरियावि, से तेणठेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-जीवा दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-सवीरियावि अवीरियावि। णेरइया णं भंते ! किं सवीरिया अवीरिया ? गोयमा ! णेरइया लद्धिवीरिएणं सवीरिया करणवीरिएणं सवीरियावि अवीरियावि / से केणठेणं ? गोयमा ! जेसि णं रइयाणं अत्थि उट्ठाणे कम्मे बले वीरिए पुरिसक्कारपरक्कमे ते णं णेरइया लद्धिवीरिएणवि सीरिया करणवोरिएणवि सवीरिया, जेसि गं गैरइयाणं णत्थि उट्ठाणे जाव परक्कमे ते गं णेरइया लद्धिवीरिएणं सवीरिया करणवीरिएणं अवीरिया, से तेणठेणं० / जहा . रइया एवं जाव पंचिदियतिरिक्खजोणिया / मणुस्सा जहा ओहिया जीवा, णवरं सिद्धवज्जा भाणियव्वा / वाणमंतरजोइसवेमाणिया जहा णेरइया। सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति जाव विहरइ॥ 71 // पढमं सयं णवमो उद्देसो कहणं भंते ! जीवा गरुयत्तं हव्वमागच्छंति ? गोयमा ! पाणाइवाएणं मुसावाएणं अदिग्णा० मेहुण० परि० कोह० माण० माया० लोभ० पे० दोस. कलह० अन्भक्खाण० पेसुण्ण रइअरइ० परपरिवाय० मायामोसमिच्छादसणसल्लेणं, एवं खलु गोयमा! जीवा गरुयत्तं हव्वमागच्छति / कहणं भंते ! जीवा लहुयत्तं हव्वमागच्छंति ? गोयमा ! पाणाइवायवेरमणेणं जाव मिच्छासणसल्लवेरमणेणं एवं खलु गोयमा ! जीवा लइयत्तं हव्वमागच्छन्ति / एवं संसारं आउली करेंति, एवं परित्तीकरेंति दोहोकरेंति हस्सीकरेंति एवं Page #461 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 448 अगं पविटु सुत्ताणि अणुपरियटृति एवं वीइवयंति-पसत्था चत्तारि अप्पसत्था चत्तारि // 72 // सत्तमे गं भंते ! ओवासंतरे किं गुरुए लहुए गुरुयलहुए अगुरुयलहुए ? गोयमा! णो गुरुए णो लहुए णो गुरुयलहुए अगुरुयलहुए / सत्तमे णं भंते ! तणुवाए कि गुरुए लहुए गुरुयलहुए अगुरुयलहुए ? गोयमा ! णो गुरुए णो लहुए गुरुयलहुए णो अगुरुयलहुए / एवं सत्तमे घणवाए सत्तमे घणोदही सत्तमा पुढवी / उवासंतराइं सव्वाइं जहा सत्तमे ओवासंतरे, (सेसा) जहा तणुवाए, एवंओवासवायघणउदहि पुढवी दीवा य सागरा वासा / णेरइया णं भंते ! कि गुरुया जाव अगुरुयलहुया ? गोयमा ! णो गुरुया णो लहुया गुरुयलहुयावि अगुरुयलहुयावि / से केणठेणं ? गोयमा ! वेउवियतेयाई पडुच्च णो गुरुया णो लहुया गुरुयलहुया णो अगुल्यलहुया, जीवं च कम्मणं च पडुच्च णो गुरुया णो लहया णो गुरुयलहुया अगुरुयलया, से तेण?णं एवं जाव वेमागिया, णवरं णाणत्तं जाणियव्वं सरीरोहिं / धम्मत्थिकाए जाव जीवत्थिकाए चउत्थपएणं / पोग्गलत्थिकाए णं भंते ! कि गुरुए लहुए गुरुयलहुए अगुरुयलहुए ? गोयमा ! णो गुरुए णो लहुए गुरुयलहुएवि अगुरुयलहुएवि / से केपट्टेणं? गोयमा! गुरुयलहुयदव्वाइं पडुच्च णो गुरुए णो लहुए गुरुयलहुए णो अगुरुयलहुए, अगुरुयलहुयदब्वाइं पडुच्च णो गुरुए णो लहुए णो गुरुयलहुए अगुरुयलहुए / समया कम्माणि य चउत्थपएणं / कण्हलेसा णं भंते ! कि गुरुया जाव अगुरुयलहुया? गोयमा ! णो गुरुया णो लहुया गुरुयलहुयावि अगुरुयलयावि। से केण?णं ? गोयमा ! दवलेसं पडुच्च तइयपएणं भावलेस्सं पडुच्च चउत्थपएणं / एवं जाव सुक्कलेसा / दिट्ठीदंसणणाणअण्णाणसण्णा चउत्थपएणं णेयवाओ। हेछिल्ला चत्तारि सरीरा णायव्वा तइयपएणं, कम्म य चउत्थयपएणं, मणजोगो वइजोगो चउत्थएणं पएणं, कायजोगो तइएणं पएणं सागारोवओगो अणागारोवओगो चउत्थएणं पएणं सव्वदव्वा सव्वपएसा सव्वपज्जवा जहा पोग्गलत्थिकाओ,तीयद्धा अणागयद्धा सव्वद्धा चउत्थएणं पएणं॥७३॥ से णूणं भंते ! लाघवियं अप्पिच्छा अमुच्छा अगेही अपडिबद्धया समणाणं णिग्गंथाणं पसत्थं ?हंता गोयमा ! लाघवियं जाव पसत्थं / से पूणं भंते ! अकोहत्तं अमाणत्तं अमायत्तं अलोभत्तं समणाणं णिग्गं. थाणं पसत्थं ? हंता गोयमा ! अकोहत्तं अमाणत्तं जाव पसंत्थं / से पूर्ण भंते ! कंखापदोसे खीणे समणे णिग्गंथे अंतकरे भवइ अंतिमसरीरिए वा ? बहुमोहेवि Page #462 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 1 उ. 9 449 यणं पुवि विहरित्ता अह पन्छा संवुडे कालं करेइ तओ पच्छा सिज्झइ 3 जाव अंतं करेइ ? हंता गोयमा ! कंखापदोसे खीणे जाव अंतं करेइ // 74 // अण्णउत्थिया णं भंते ! एवमाइक्खंति एवं भासेंति एवं पण्णवेंति एवं परू. वेंति-एवं खलु एगे जीवे एगेणं समएणं दो आउयाइं पकरेइ तंजहा-इहभवियाउयं च परभवियाउयं च, जं समयं इहभवियाउयं पकरेइ तं समयं परभवियाउयं पकरेइ, जं समयं परभवियाउयं पकरेइ तं समयं इहभवियाउयं पकरेइ, इहभवियाउयस्स पकरणयाए परभवियाउयं पकरेइ परभवियाउयस्स पकरणयाए इहभवियाउयं पकरेइ, एवं खलु एगे जीवे एगेणं समएणं दो आउयाई पकरेइ, तं०-इहभवियाउयं च परभवियाउयं च, से कहमेयं भंते ! एवं ? खलु गोयमा ! जण्णं ते अग्णउत्थिया एवमाइक्खंति जाव परभवियाउयं च, जे ते एवमाहंसु मिच्छं ते एवमाहंसु, अहं पुण गोयमा ! एवमाइक्खामि जाव परूवेमि-एवं खलु एगे जीवे एगेणं समएणं एगं आउयं पकरेइ, तं०-इहभवियाउयं वा परभवियाउयं वा, जं समयं इहभवियाउयं पकरेइ णो तं समयं परभवियाउयं पकरेइ, जं समयं परभवियाउयं पकरेइ णो तं समयं इहभवियाउयं.पकरेइ. इहभवियाउयस्स पकरणयाए णो परभवियाउयं पकरेइ पवियाउयस्स पकरणयाए णो इहभवियाउयं पकरेइ, . एवं खलु एगे जीवे एगेणं समएणं एगं आउयं पकरेइ, तं०-इहभवियाउयं वा, परभवियाउयं वा / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति भगवं गोयमे जाव विहरइ,॥७॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं पासावच्चिज्जे कालासवेसियपुत्ते णामं अणगारे जेणेव थेरा भगवंतो तेणेव उवागच्छइ 2 ता थेरे भगवंते एवं वयासी-थेरा सामाइयं ण याणंति थेरा सामाइयस्स अट्ठ ण याणंति थेरा पच्चक्खाणं ण याणंति थेरा पच्चक्खाणस्स अळं ण याणंति थेरा संजमं ण याणंति थेरा संजमस्स अट्ठ ण याणंति थेरा संवरं ण याणंति थेरा संवरस्स अट्ठ ण याणंति थेरा विवेगं ण याणंति थेरा विवेगस्स अट्ठण याणंति थेरा विउस्सग्गं ण याणंति थेरा विउस्सग्गस्स अट्ठण याणंति 6 / तए णं ते थेरा भगवंतो कालासवेसिय. पुत्तं अणगारं एवं वयासी-जाणामो णं अज्जो ! सामाइयं जाणामो णं अज्जो ! •सामाइयस्स अट्ठे जाव जाणामो णं अज्जो ! विउस्सग्गस्स अट्ठ। तए णं से कालासवेसियपुत्ते अणगारे ते थेरे भगवंते एवं वयासी-जइ णं अज्जो ! तुब्भे जाणह सामाइयं जाणह सामाइयस्स अट्ठे जाव जाणह विउस्सग्गस्स अट्ठे Page #463 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 450 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि कि भे अज्जो ! सामाइए कि भे अज्जो ! सामाइयस्स अछे ? जाव किभे विउस्सग्गस्स अट्ठे ? तए गं ते थेरा भगवंतो कालासवेसियपुत्तं अणगारं एवं वयासी-आयाणे अज्जो ? सामाइए आया में अज्जो ! सामाइयस्स अट्ठे जाव विउस्सग्गरस अछे / तए णं से कालासवेसियपुत्ते अणगारे धेरे भगवंते एवं वयासी-'जइ भे अज्जो ! आया सामाइए आया सामाइयस्स अट्ठे एवं जाव आया विउस्सग्गस्स अट्ठे अवहट्ट कोहमाणमायालोभे किमळं अज्जो ! गरहह ? कालास० संजमट्टयाए, से भंते ! कि गरहा संजमे अगरहा संजमे ? कालास० गरहा संजमे णो अगरहासंजमे, गरहावि य पं सव्वं दोसं पविणेइ सव्वं बालियं परिष्णाए एवं खुणे आया संजमे उवहिए भवइ, एवं खुणे आया संजमे उवचिए भवइ, एवं खु णे आया संजमे उवट्ठिए भवइ एत्थ णं से कालासवेसियपत्ते अणगारे संबद्ध थेरे भगवंते वंदइ णमंसइ 2 एवं वयासीएएसि णं भंते ! पयाणं पुवि अण्णाणयाए असवणयाए अबोहियाए अणगमेणं अविट्ठाणं अस्सुयाणं असुयाणं अविष्णायाणं अब्दोगडाणं अब्दोच्छिण्णाणं अणिज्जढाणं अणुवधारियाणं एयम; णो सहहिए णो पत्तिइए णो रोइए इयाणि भंते ! एएसि पयाणं जाणणयाए सवणयाए बोहीए अभिगमेणं दिवाणं सुयाणं मुयाणं विष्णायाणं वोगडाणं वोच्छिण्णाणं णिज्जूढाणं उवधारियाणं एयमढें सद्दहामि पत्तियामि रोएमि एवमेयं से जहेयं तुब्भे वदह / तए णं ते थेरा भगवंतो कालासवेसियपुत्तं अणगारं एवं वयासी-सद्दहाहि अज्जो ! पत्तियाहि अज्जो ! रोएहि अज्जो ! से जहेयं अम्हे वदामो / तए णं से कालासवेसियपुत्ते अणगारे थेरे भगवंतो वंदइ णमंसह 2 एवं वयासीइच्छामि गं भंते ! तुम्भं अंतिए चाउज्जामो धम्माओ पंचमहत्वइयं सपडिवकमणं धम्म उवसंपज्जित्ता णं विहरित्तए। अहासह देवाणप्पिया ! मा पडि. बंधं / तए णं से कालासवेसियपुत्ते अणगारे थेरे भगवंते वंदइ णमंसइ वंदित्ता णमंसित्ता चाउज्जामाओ धम्माओ पंचमहत्वइयं सपडिवकमणं धम्म उवसंपज्जित्ता गं विहरइ / तए ण से कालसवेसियपुत्ते अणगारे बहूणि वासाणि सामण्णपरियागं पाउणइ जस्सट्टाए कोरइ णग्गभावे मुंडभावे अण्हाणयं-अदंतधुवणयं अच्छत्तयं अणोवाहणयं भूमिसेज्जा फलहसेज्जा कट्टसेज्जा केसलोओ बंभचेरवासो परघरप्पवेसो लद्धावलद्धी उच्चावया गामकंटगां बासीसं परिसहो. वसग्गा अहियासिज्जति तमढें आराहेइ 2 चरिमेहिं उस्सासणीसासेहिं सिद्धे Page #464 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 1 उ. 10 451 बुद्धे मुक्के परिणिव्वुडे सव्वदुक्खप्पहोणें // 76 // भंते ! त्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ 2 एवं वयासी-से गूणं भंते ! सेट्ठियस्स य तणुः यस्स य किवणस्स य खत्तियस्स य समं चेव अपच्चक्खागकिरिया कज्जइ ? हंता गोयमा ! सेट्ठियस्स य जाव अपच्चक्खाणकिरिया कज्जइ ।से केणठेणं भंते ! गोयमा ! अविरइं पडुच्च से तेण० गोयमा! एवं वुच्चइ-सेट्टियस्स य तणु० जाव कज्जइ // 77 // आहाकम्मंणं भुंजमाणे समणे णिग्गंथे कि बंधइ कि पकरेइ कि चिणाइ कि उवचिणाइ ? गोयमा ! आहाकम्मं गं भुंजमाणे आउयवज्जाओ सत्त कम्मप्पयडीओ सिढिलबंधणबद्धाओ धणियबंधणबद्धाओ पकरेइ जाव अणुपरियट्टइ / से केणठेणं जाव अणुपरियट्टइ ? गोयमा ! आहाकम्मं गं भुंजमाणे आयाए धम्म अइक्कमइ आयाए धम्म अइक्कममाणे पुढविक्कायं णावकंखइ जाव तसकायं णावकंखइ, जेसिपि य पंजीवाणं सरीराई आहारमाहारेइ तेवि जीवे णावकंखइ, से तेणठेणं गोयमा! एवं वुच्चइआहाकम्मं गं भुंजमाणे आउयवज्जाओ सत्त कम्मपयडीओ जाव अणुपरिपट्टइ / फासुएसणिज्जू भंते ! भुंजमाणे कि बंधइ जाव उवचिणाइ ? गोयमा! फासुएसणिज्जं गं भंजमाणे आउयवज्जाओ सत्त कम्मपयडीओ धणियबंधणबद्धाओ सिढिलबंधणबद्धाओ पकरेइ जहा संवुडे णं णवरं आउयं च णं कम्म सिय बंधइ सिय णो बंधइ सेसं तहेव जाव वीईवयइ / से केणठेणं जाव बोईवयइ ? गोयमा ! फासुएसणिज्जं भंजमाणे समणे णिगंथे आयाए धम्म णो अइक्कमइ, आयाए धम्म अणइक्कममाणे पुढविक्काइयं अक्क वइ जाव तसकायं अवकंखइ, जेसिपि यj जीवाणं सरीराइं आहारेइ तेऽवि जीवे अवकंखइ से तेणद्वेणं जाव वीईवयइ // 78 // से णूणं भंते ! अथिरे पलोट्टइ णो थिरे पलोइ अथिरे भज्जइ णो थिरे भज्जइ सासए बालाए बालियतं असासयं सासए पंडिए पंडियत्तं असासयं ? हंता गोयमा ! अथिरे पलोट्टइ जाव पंडियत्तं असासयं / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति जाव विहरइ // 79 // पढमं सयं दसमो उद्देसो अण्णउत्थिया णं भंते ! एवमाइक्खंति जाव एवं परूवेंति-एवं खलु चल. माणे अचलिए जाव णिज्जरिज्जमाणे अणिज्जिण्णे, दो परमागुपोग्गला एगयओ ण साहणंति, कम्हा दो परमाणुपोग्गला एगयओ ण साहति ? दोण्हं परमाणुपोग्गलाणं णत्थि सिणेहकाए, तम्हा दो परमाणुपोग्गला एगयओ ण Page #465 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 452 अंग-पविटु सुत्ताणि साहणंति, तिष्णि परमाणुपोग्गला एगयओ साहणंति, कम्हा तिण्णि परमाणुपोग्गला एगयओ साहणंति ? तिण्हं परमाणुपोग्गलाणं अत्थि सिणेहकाए, तम्हा तिण्णि परमाणुपोग्गला एगयओ सा०, ते भिज्जमाणा दुहावि तिहावि कज्जंति, दुहा कज्जमाणा एगयओ दिवड्ढे परमाणुपोग्गले भवइ एगयओवि दिवड्डे पर० पो० भवइ। तिहा कज्जमाणा तिणि परमाणुपोग्गला भवंति, एवं जाव चत्तारि पंचपरमाणु पो० एगयओ साहणंति एगयओ साहणित्ता दुक्खत्ताए कज्जंति, दुक्खेवि य णं से सासए सया समियं उवचिज्जइ य अवचिज्जइ य। वि भासा-भासा भासिज्जमाणी भासा अभासा भासासमयवीइकंतं च णं भासिया भासा / जा सा' पुटिव भासा-भासा भासिज्जमाणी भासा अभासा भासासमयवीइक्कंतं च णं भासिया भासा सा कि भासओ भासा अभासओ भासा ? अभासओ णं सा भासा णो खलु सा भासओ भासा। पुटिव किरिया दुक्खा कज्जमाणी किरिया अदुक्खा किरियासमयवीइक्कतं च गं कडा किरिया दुक्खा, जा सा पुटिव किरिया दुक्खा कज्जमाणी किरिया अदुक्खा किरियासमयवीइक्कंतं च णं कडा किरिया दुक्खा सा कि करणओ दुक्खा अकरणओ दुक्खा ? अकरणओ णं सा दुक्खा णो खलु सा करणओ दुवखा / सेवं वत्तव्वं सिया-अकिच्चं दुक्खं अफुसं दुक्खं अकज्जमाणकडं दुक्खं अकटु अकट्ट पाणभूयजीवसत्ता वेयणं वेदंतीति वत्तव्वं सिया / से कहमेयं भंते ! एवं ? गोयमा ! जण्णं ते अण्णउत्थिया एवमाइक्खंति जाव वेदणं वेदेति, वत्तव्वं सिया, जे ते एवमाहंसु मिच्छा ते एवमाहंसु। अहं पुण गोयमा ! एवमाइक्खामि, एवं खलु चलमाणे चलिए जाव णिज्जरिज्जमाणे णिज्जिण्णे। दो परमाणुपोग्गला एगयओ साहणंति कम्हा ? दो परमाणुपोग्गला एगयओ साहणंति ? दोण्हं परमाणुपोग्गलाणं अत्थि सिणेहकाए, तम्हा दो परमाणुपोग्गला एगयओ सा०, ते भिज्जमाणा दुहा कज्जंति, दुहा कज्जमाणा एगयओ पर० पोग्गले एगयओ प० पोग्गले भवंति / तिण्णि परमा० एगयओ साह०, कम्हा? तिण्णि परमाणुपोग्गले एग० सा० ? तिण्हं परमाणुपोग्गलाणं अस्थि सिणेहकाए, तम्हा तिण्णि परमाणुपोग्गला एगयओ साहणंति, ते भिज्जमाणा दुहावि तिहावि कज्जंति, दुहा कज्जमाणा एगयओ परमामुपोग्गले एगयओ दुपएसिए खंधे भवइ, तिहा कज्जमाणा तिण्णि परमाणुपोग्गला भवंति, एवं जाव Page #466 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 2 उ.१ 453 चत्तारिपंचपरमाणुपो० एगयओ साहणंति 2 खंधत्ताए कजंति, खंधेवि य मं से असासए सया समियं उवचिज्जइ य अवचिज्जइ य / पुवि भासा अभासा भासिज्जमाणी भासा 2 भासासमयवीइक्कंतं च गं भासिया भासा अभासा। जा सा पुवि भासा अभासा भासिज्जमाणी भासा 2 भासासमयवीइक्कंतं च गं भासिया भासा अभासा सा कि भासओ भासा अभासओ भासा ? भासओ गं भासा णो खलु सा अभासओ भासा / पुचि किरिया अदुक्खा जहा भासा तहा भाणियव्वा। किरियावि जाव करणओ णं सा दुक्खा णो खलु सा अकरणओ दुक्खा, सेवं वत्तव्वं सिया-किच्चं फुसं दुक्खं कज्जमाणकडं दुक्खं कटु 2 पाणभयजीवसत्ता वेदेणं वेदेंतीति वत्तव्वं सिया // 80 // अण्णउत्थिया णं भंते ! एवमाइक्खंति जाव-एवं खलु एगे जीवे एगेणं समएणं दो किरियाओ पकरेइ, . तंजहा-इरियावहियं च संपराइयं च, [जं समयं इरियावहियं पकरेइ तं समयं संपराइयं पकरेइ, जं समयं संपराइयं पकरेइ तं समयं इरियावहियं पकरेइ, इरियावहियाए पकरणताए संपराइयं पकरेइ संपराइपकरणयाए इरियावहियं पकरेइ, एवं खलु एगे जोवे एगेणं समएणं दो किरियाओ पकरेइ, संजहाइरियावहियं च संपराइयं च / से कहमेयं भंते ! एवं ? गोयमा ! जं गं ते अण्णउत्थिया एवमाइक्खंति तं चेव जाव जे ते एवमाहंसु, मिच्छा से एवमाहंसु अहं पुण गोयमा ! एवमाइक्खामि ४-एवं खलु एगे जीवे एगसमए एक्कं किरियं पकरेइपरउत्थियवत्तव्वं गेयव्वं / ससमयवत्तव्वयाए णेयव्वं जाव इरियावहियं संपराइयं वा // 81 // णिरयगई गं भंते ! केवइयं कालं विरहिया : उववाएणं प० ? गोयमा ! जहण्णेणे एक्कं समयं उक्कोसेणं बारस मुहुत्ता। एवं वक्कतीपयं भाणियध्वं गिरवसेसं / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति जाव विहरइ // 2 // पढमं सयं समत्तं // बीयं सयं पढमो उद्देसो // गाहा ऊसासखंदए वि य 1 समुग्धाय 2 पुढवि 3 दिय 4 अण्ण. उत्थिभासा 5 यः / देवा य 6 चमरचंचा 7 समय 8 खित्त 6 त्थिकाय 10 / बीयसए // 1 // 83 // तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे णामं णयरे होत्था, Page #467 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंग-पविट्ठ सुत्ताणि वण्णओ, सामी समोसढे परिसा णिग्गया धम्मो कहिओ पडिगया परिसा / तेणं कालेणं 2 जेठे अंतेवासी जाव पज्जुवासमाणे एवं वयासी-जे इमे भंते ! बेइंदिया तेइंदिया चरिंदिया पंचेंदिया जीवा एएसि णं आणामं वा पाणामं बा उस्सासं वा णीसासं वा जाणामो पासामो, जे इमे पुढविक्काइया जाव वणस्सइकाइया एगिदिया जीवा एएसि णं आणामं वा पाणामं वा उस्सासं वा णिस्सासं वा ण याणामो ण पासामो, एएसि णं भंते ! जीवा आणमंति वा पाणमंति वा उस्ससंति वा णीससंति वा ? हंता गोयमा ! एएवि य णं जीवा आणमंति वा पाणमंति वा उस्ससंति वा णीससंति वा // 84 // किष्णं भंते ! जीवा आण० पा० उ० णी० ? गोयमा ! दब्बओ गं अगंतपएसियाइं दवाई खेत्तओ णं असंखपएसोगाढाइं कालओ अण्णयर द्वितीयाई भावओ वण्णमंताई गंधमंताई रसमंताई फासमंताई आणमंति वा पाणमंति वा ऊससंति वा णीसतंति वा, जाई भावओ वण्णमंताई आण० पाण० ऊस० णीस० ताई कि एगव. ण्णाइं आणमंति पाणमंति ऊस० णीस० ? आहारगमो यवो जाव तिचउ. पंचदिसि / किण्णं भंते ! गेरइया आ० पा० उ० जी० तं चेव जाव णियमा छदिसि आ० पा० उ० पी० जीवा एगिदिया वाघाया य णिव्वाघाया य भागियन्वा, सेसा णियमा छद्दिसि / वाउयाए णं भंते ! वाउयाए चेव आणमंति वा पाणमंति वा ऊससंति वाणीससंति वा ?हंतागोयमा! वाउयाए णं जाव णोससंति वा॥८॥वाउयाए णं भंते ! वाउयाए चेव अणेगसयसहस्सखत्तो उद्दाइत्ता 2 , तत्थेव भुज्जो भुज्जो पच्चायाइ? हंता गोयमा! जाव पच्चायाइ / से भंते कि पुढे उद्दाइ अपुढे उद्दाइ ? गोयमा ! पुढे उद्दाइ णो अपुढे उद्दाइ / से भंते ! कि ससरीरी णिक्खमइ असरीरी णिक्खमइ ? गोयमा ! सिय ससरीरी णिक्खमइ सिय असरीरी णिक्खमइ / से केणठेणं भंते ! एवं वच्चइ सिय ससरीरी णिक्खमइ सिय असरीरी णिक्खमइ ? गोयमा ! वाउकायस्स गं चत्तारि सरीरया पण्णत्ता, तंजहा-ओरालिए वेउविए तेयए कम्मए / ओरालियवेउब्वियाई विप्पजहाय तेयकम्मएहिं णिक्खमइ, से तेणठेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-सिय ससरीरी सिय असरीरी णिक्खमइ // 86 // मडाई गं मंते ! णियंठे णो णिरुद्धभवे णो णिरुद्धभवपवंचे णो पहीणसंसारे णो पहीणसंसारवेयणिज्जे णो वोच्छिष्णसंसारे णो वोच्छिष्णसंसारवेयणिज्जे णो णिट्ठियढे Page #468 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 2 उ. 1 णो णिट्ठियटकरणिज्जे पुणरवि इत्यत्तं हव्वमागच्छइ ? हंता गोयमा ! मडाई ।णियंके जाव पुणरवि इत्थत्तं हव्वमागच्छइ // 87 // से गं भंते ! कि वत्तव्वं सिया ? गोयमा ! पाणे इ वत्तव्वं सिया भतेति वतन्वं सिया जीवेत्ति वतव्वं० सत्तेत्ति वत्तव्व०विण्गुत्ति वत्तव्वं०वेएति वतव्वं सिया पागे भूए जीवे सत्ते विष्णू वेएलि वत्तव्वं सिया / से केणठेणं भंते ! पागेत्ति वत्तव्वं सिया जाव वेएति वत्तव्वं सिया? गोयमा ! जम्हा आ० पा० उ०णी० तम्हा पाणेत्ति वतव्वं सिया, जम्हा भूए भवइ भविस्सइ य तम्हा भूएति वत्तव्वं सिया, जम्हा जीवे जीवइ जीवत्तं आउयं च कम्मं उवजीवइ तम्हा जीवेति वत्तव्यं सिया, जम्हा सत्ते सुहासुहेहि कम्महि तम्हा सत्तेत्ति वत्तव्वं सिया, जम्हा तितकडुयकसायअंबिलमहुरे रसे जाणइ तम्हा विष्णुत्ति वत्तव्वं सिया, वेदेइ य सुहदुक्खं तम्हा एति वत्तव्वं सिया / से तेणठेणं जाव पाणेत्ति वत्तव्वं सिया जाव वेएति वत्तव्वं सिया // 88 // मडाई गं भंते ! णियंठे णिरुद्ध भवे णिरुद्धभवपवंचे जाव णिट्ठियटुकरणिज्जे णो पुणरवि इत्थत्तं हव्वमागच्छइ ? हंता गोयमा! मडाई गं णियंठे जाव जो पुणरवि इत्थतं हव्वमागच्छइ से गं भंते ! किति वत्तव्वं सिया ? गोयमा ! सिद्धेति वत्तव्वं सिया बुद्धेति वत्तव्वं सिया मुत्तेत्ति बत्तवं पारगएत्ति व० परंपरगएत्ति व. सिद्धे बुद्धे मुत्ते परिणिन्वुडे अंतकडे सव्वदुक्खप्पहीणेत्ति वत्तव्वं सिया, सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ 2 संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ // 86 // तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे रायगिहाओ : णगराओ गुणसिलाओ चेइयाओ पडिणिक्खमइ पडिणिक्खमिता बहिया जणवविहारं विहरइ / तेणं कालेणं तेणं समएणं कयंगलाणामं णगरी होत्था वण्णओ। तीसे णं कसंगलाए णगरीए बहिया उत्तरपुरच्छिमे दिसीभाए छत्तपलासए णामं चेइए होत्था वण्णओ, तए णं समणे भगवं महावीरे उप्पण्ण. णाणदंसणधरे जाव समोसरणं परिसा णिग्गच्छइ / तीसे णं कयंगलाए णगरीए अदूरसामंते सावत्थी णाम णयरी होत्या वण्णओ। तत्थ णं सावत्थीए णयरीए गहभालिस्स. अंतेवासी खंदए णामं कच्चायणस्सगोत्ते परिव्वायगे परिवसइ " रिउव्वेदजजुब्वेदसामवेदअहव्वणवेदइतिहासपंचमाणं णिग्घंटुछट्ठाणं चउपहं बेदाणं संगोवंगाणं सरहस्साणं सारए वारए धारए पारए सडंगवी सद्वितंत Page #469 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 456 अगं-पविटु सुत्ताणि विसारए संखाणे सिक्खाकप्पे वागरणे छंदे णिरुत्ते जोइसामयणे अण्णेसु य बहुसु बंभण्णएसु परिव्वायएसु य णयेसु सुपरिणिट्ठिए यावि होत्था / तत्थ गं सावत्थीए णयरीए पिंगलए णामं णियंठे वेसालियसावए परिवसइ / तए णं से पिंगलए णामं णियंठे वेसालियसावए अण्णया कयाइं जेणेव खंदए कच्चायणस्सगोत्ते तेणेव उवागच्छइ 2 खंदगं कच्चायणस्सगोत्तं इणमक्खवं पुच्छे-मागहा! कि सअंते लोए अणंते लोए 1 सअंते जीवे अणंते जीवे 2 सअंता सिद्धी अणंता सिद्धी 3 सअंते सिद्धे अणंते सिद्धे 4 केण वा मरणेणं मरमाणे जीवे वड्डइ वा हायइ वा 5 ? एतावं ताव आयक्खाहि वुच्चमाणे एवं / तए णं से खंदए कच्चा० गोत्ते पिंगलएणं णियंठेणं वेसालीसावएणं इणमक्खेवं पुच्छिए समाणे संकिए कंखिए विइगिच्छिए भेदसमावण्णे कलुससमावण्णे णो संचाएइ पिंगलयस्स णियंठस्स वेसालियसावयस्स किंचिवि पमोक्खमक्खाइउं, तुसिणीए संचिट्ठइ, तए णं से पिंगले णियंठे वेसालीसावए खंदयं कच्चायणस्सगोत्तं दोच्चंपि तच्चंपि इणमक्खेवं पुच्छे-मागहा ! कि सअंते लोए जाव केण वा मरणणं मरमाणे जीवे वड्डइ वा हायइ वा ? एतावं ताव आइक्खाहि वुच्चमाणे एवं, तए णं से खंदए कच्चा० गोत्ते पिंगलएणं णियंठेणं वेसालीसावएणं दोच्चंपि तच्चंपि इणमक्खेवं पुच्छिए समाणे संकिए कंखिए विइ. गिच्छए भेदसमावण्णे कलुसमावण्णे णो संचाएइ पिंगलयस्स णियंठस्स वेसालिसावयस्स किंचिवि पमोक्खमक्खाउं तुसिणीए संचिट्ठइ / तए णं सावत्थीए गयरीए सिंघाडग जाव महापहेसु महया जणसंमद्दे इ वा जणवूहे इ वा परिसा णिग्गच्छइ / तए णं तस्स खंदयस्स कच्चायणस्सगोत्तस्स बहुजणस्स अंतिए एयमद्रं सोच्चा णिसम्म इमेयारूवे अन्भत्थिए चितिए पथिए मणोगए संकप्पे समुप्पज्जित्था-एवं खलु समणे भगवं महावीरे कयंगलाए णयरीए बहियाछत्तपलासए चेइए संजमेणं तवसा अप्पाणं भावमाणे विहरइ, तं गच्छामि णं समणं भगवं महावीरं वदामि णमंसामि / सेयं खलु . मे समणं भगवं महावीरं वंदित्ता णमंसित्ता सक्कारेत्ता सम्माणित्ता कल्लाणं मंगलं देवयं चेइयं पज्जुवासित्ता इमाइं च णं एयारूवाइं अट्ठाई हेऊइं पसिणाई कारणाइं पुच्छित्तएत्ति कट्ट एवं संपेहेइ 2 जेणेव परिवायावसहे तेणेव Page #470 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 2 उ. 1 457 उवागच्छइ 2 ता तिदंडं च कुंडियं च कंचणियं च करोडियं च भिसियं च केसरियं च छण्णालयं च अंकुसयं च पवित्तयं च गणेत्तियं च छत्तयं च वाहणाओ य पाउयाओ य धाउरत्ताओ य गेण्हइ गेण्हइत्ता परिव्वायावसहाओ पडिणि. क्खमइ पडिणिक्खमइत्ता तिवंडकुंडियकंचणियकरोडियभिसियकेसरियछण्णालयअंकुसयपवित्तयगणेत्तियहत्थगए छत्तोवाहणसंजुत्ते धाउरत्तवत्थपरिहिए सावत्थीए णयरीए मज्झंमज्झणं णिग्गच्छइ णिग्गच्छइत्ता जेणेव कयंगला णयरी जेणेव छत्तपलासए चेइए जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव पहारेत्थ गमणाए / गोय. माइ ! समणे भगवं महावीरे भगवं गोयम एवं वयासी-दच्छिसि णं गोयमा ! पुष्वसंगइयं / कहं भंते ! खंदयं णाम, से काहं वा किहं वा केवच्चिरेण वा? एवं खलु गोयमा ! तेणं कालेणं 2 सावत्थीणामं णयरी होत्था वण्णओ, तत्थ गं सावत्थीए णयरीए गहभालिस्स अंतेवासी खंदए णामं कच्चायणस्सगोत्ते परिष्वायए परिवसइ तं चेव जाव जेणेव ममं अंतिए तेणेव पहारेत्थ गमणाए, से तं अदूरागए बहुसंपत्ते अद्धाणपडिवण्णे अंतरापहे वट्टइ। अज्जेवणं वच्छिसि गोयमा ! भंतेत्ति ! भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ 2 एवं वयासी-पहू णं भंते ! खंदए कच्चायणस्सगोत्ते देवाणुप्पियाणं अंतिए मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइत्तए ? हंता पभू / जावं च णं समणे भगवं महावीरे भगवओ गोयमस्स एयमद्रं परिकहेइ तावं च णं से लंदए कच्चायणस्सगोत्ते तं देसं हवमागए / तए णं भगवं गोयमे खंदयं कच्चायनस्सगोत्तं अदूरआगयं जाणित्ता खिप्पामेव अब्भुढेइ 2 खिप्पामेव पच्चुवगच्छइ 2 जेणेव खंदए कच्चायणस्सगोते तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता खंदयं कच्चायणस्सगोत्तं एवं वयासी-हे खंदया ! सागयं खंदया ! सुसागयं खंदया! अणुरागयं खंदया ! सागयमणुरागयं खंदया ! से गूणं तुमं खंदया! सावत्थीए गयरीए पिंगलएणं णियंठेणं वेसालियसावएणं इणमक्खेवं पुच्छिए-मागहा ! कि सते लोए अणंते लोए? एवं तं चेव जाव जेणेव इहं तेणेव हव्वमागए / से गूणं खंदया ! अठे समठे ? हंता अस्थि / तए णं से खंदए कच्चा० भगवं गोयम एवं वयासो-से केस णं गोयमा ! तहारूवे पाणी वा तवस्सी वा जेणं तव एस अट्ठे मम ताव रहस्सकडे हव्वमक्खाए ? जओ णं तुम जाणसि ? तए णं से भगवं गोयमे खंदयं कच्चायणस्सगोतं एवं वयासी-एवं खलु Page #471 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 458 अंग-पविटु सुत्ताणि खंदया ! मम धम्मायरिए धम्मोवएसए समणे भगदं महावीरे उप्पण्णणाणदसणधरे अरहा जिणे केवली तीयपच्चुप्पण्णमणागयवियाणए सवण्णू सव्वदरिसी जेणं ममं एस अट्ठे तव ताव रहस्सकडे हव्वमक्खाए जओ णं अहं जाणामि खंदया ! तए णं से खंदए कच्चायणस्सगोत्ते भगवं गोयम एवं वयासी-गच्छामो णं गोयमा ! तव धम्मायरियं धम्मोवएसयं समणं भगवं महावीरं वंदामो णमंसामो जाव पज्जुवासामो / अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं / तए णं से भगवं गोयमे खंदएणं कच्चायणस्सगोत्तणं सद्धि जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव पहारेत्न गमणाए / तेणं कालेणं 2 समणे भगवं महावीरे वियट्टभोई यावि होत्था / तए णं समणस्स भगवओ महावीरस्स वियट्टभोइस्स सरीरयं ओरालं सिंगारं कल्लाणं सिवं धण्णं मंगल्लं सस्सिरीयं अणलंकियविभूसियं लक्खणवंजणगुणोववेयं सिरीए. अईव 2 उवसोभेमाणे चिट्टइ / तए णं से खंदए कच्चायणस्सगोत्ते समणस्स भगवओ महावीरस्स वियट्ट भोइस्स सरीरयं ओरालं जाव अईव 2 उवसोभेमाणं पासइ 2 ता हट्ठतुट्ठचित्तमाणंदिए पीइमणे परमसोमणस्सिए हरिसवसविसप्पमाणहियए जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ 2 ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणप्पयाहिणं करेइ जाव पज्जुवासइ / खंदयाइ ! समणे भगवं महावीरे खंदयं कच्चाय० एवं वयासी-से णणं तुमं खंदया ! सावत्थीए णयरीए पिंगल. एणं णियंठेगं वेसालियसावएणं इणमक्खेवं पुच्छिए मागहा ! कि सअंते लोए अणंते लोए एवं तं चेव जाव जेणेव मम अंतिए तेणेव हत्वमागए, से गूणं खंदया ! अयमठे समठे ? हंता अस्थि, जेविय ते खंदया! अयमेयारूवे अज्झ. थिए चितिए पस्थिए मणोगए संकप्पे समुप्पज्जित्था-किं सअंते लोए अणंते लोए ? तस्सवि य णं अयमठे-एवं खलु मए खंदया ! चउविहे लोए पण्णत्ते, तंजहा-दव्वओ खेत्तओ कालओ भावओ। दवओ णं एगे लोए सअंते 1, खेत्तओ गं लोए असंखेज्जाओ जोयणकोडाकोडीओ आयामविक्खंभेणं असंखेज्जाओ जोयणकोडाकोडीओ परिवखवेणं प० अस्थि पुण सअंते 2, कालओ णं लोए ण कयाइ ण आसी ण कयाइ ण भवइ ण कयाइ ण भविस्सइ भविसु य भवइ य भविस्सइ य धुवे णिइए सासए अवखए अव्वए अवट्टिए णिच्चे, गस्थि पुण से अंते 3, भावओ णं लोए अणंता वष्णपज्जवा गंध० रस० फासपज्जवा अणंता Page #472 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 2 उ. 1 459 संठाणपज्जया अणंता गरयलयपज्जवा अणंता अगत्यलयपज्जवा, णत्थि पुण से अंते 4 / सेनं खंदया ! दव्वओ लोए सअंते खेत्तओ लोए सअंते कालओ लोए अणंते भावओ लोए अणंते / जेवि य ते खंदया ! जाव सअंते जीवे अणंते जीवे, तस्सवि य णं अयमढे-एवं खलु जाव दवओ गं एगे जीवे सअंते, खेत्तओ णं जीवे असंखेज्जपएसिए असंखेज्जपएसोगाढे अत्थि पुण से अंते, कालओ णं जीवे ण कयाइ ण आसी जाव णिच्चे णत्थि पुण से अंते, भावओ णं जीवे अणंता णाणपज्जवा अणंता दंसणप० अणंता चारित्तप० अणंता गरुयलहय पज्जवा अणंता अगुरुलहयप० णत्थि पुण से अंते, सेत्तं दव्वओ जीवे सअंते खेत्तओ जीवे सअंते कालओ जीवे अणते भावओ जीवे अणंते / जेवि य ते खंदया पुच्छा [इमेयोरूवे चितिए जाव सअंता सिद्धी अणंता सिद्धी, तस्सवि य णं अयमढें खंदया !-मए एवं खलु चउविवहा सिद्धी प०, तं०-दव्वओ 4 / दवओ णं एगा सिद्धी] सअंता खेत्तओ णं सिद्धी पणयालीसं जोयणसयसहस्साई आयामविक्खंभेणं एगा जोयणकोडी बायालीसं च जोयणसयसहस्साइं तीसं च जोयणसहस्साई दोणि य अउणापण्णजोयणसए किंचि विसेसाहिए परिक्खेवेणं अत्थि पुण से अंते, कालओ णं सिद्धी कयाइ ण आसी० भावओ य जहा लोयस्स तहा भाणियव्वा, तत्थ दव्वओ सिद्धी सअंता खे० सिद्धी सअंता का० सिद्धी अणंता भावओ सिद्धी अणंता / जेवि य ते खंदया ! जाव कि अणंते सिद्ध तं चेव जाव दव्वओ णं एगे सिद्धे सअंते, खे० सिद्धे असंखेज्जपएसिए असंखेज्जपएसोगाढे, अत्थि पुण से अंते, कालओ णं सिद्ध साइए अपज्जवसिए णत्थि पुण से अंते, भा० सिद्धे अणंता णाणपज्जवा अणंता दंसणपज्जवा नाव अणंता अगरुलहयप० त्थि पुण से अंते, सेत्तं दव्वओ सिद्धे सअंते खत्तओ सिद्ध सअंते का० सिद्धे अणंते भा० सिद्धे अणंते। जेवि य ते खंदया ! इमेयारूवे अज्झथिए चितिए जाव समुप्पज्जित्था-केण वा मरणेणं मरमाणे जीवे वड्डइ वा हायइ वा ? तस्सवि य णं अयमलें एवं खलु खंदया! मए दुविहे मरणे पण्णत्ते, तंजहा-बालमरणे य पंडियमरणे य / से कि तं बालमरणे ? बालमरणे दुवालसविहे प०,तं० बलयमरणे वसट्रमरणे अंतोसल्लमरणे तब्भव. मरणे गिरिपडणे तरूपडणे जलप्पवेसे जलणप्प० विसभक्खणे सत्थोवाडणे वेहा णसे गिद्धपढें / इच्चेतेणं खंदया! दुवालसविहेणं बालमरणेणं मरमाणे जीवे Page #473 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंग-पविट्ठ सुत्ताणि अणंतेहिं रइयभवग्गहहिं अप्पाणं संजोएइ तिरियमणुदेव० अणाइयं च णं अणवयग्गं दीहमद्धं चाउरंतसंसारकंतारं अणुपरियट्टइ, सेत्तं मरमाणे वड्डइ 2, सेत्तं बालमरणे / से कि तं पंडियमरणे ? 2 दुविहे प०, तं० पाओवगमणे य भत्तपच्चवखाणे य / से किं तं पाओवगमणे ? 2 दुविहे प०, तं०-णीहारिमे य अणीहारिमे य णियमा अप्पडिक्कमे, सेत्तं पाओवगमणे / से किं तं भत्तपच्चक्खाणे ? 2 दुविहे प०, तं०-णीहारिमे य अणीहारिमे य णियमा सपडियकमे, सेत्तं भत्तपच्चक्खाणे / इच्चेएणं खंदया ! दुविहेणं पंडियमरणेणं मरमाणे जोवे अणंतेहि णेरइयभवग्गहणेहि अप्पाणं विसंजोएइ जाव वीईवयइ, सेत्तं मरमाणे हायइ, सेत्तं पंडियमरणे / इच्चेएणं खंदया! दुविहेणं मरणेणं मरमाणे जीवे वड्डइ वा हायइ वा // 10 // एत्थ णं से खंदए कच्चायणस्सगोत्ते संबद्ध समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ 2 एवं वयासो-इच्छामि णं भंते ! तुभं अंतिए केवलिपण्णतं धम्मं णिसामेत्तए / अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं / तए णं समणे भगवं महावीरे खंदयस्स कच्चायणस्सगोत्तस्स तीसे य महइमहालियाए परिसाए धम्म परिकहेइ, धम्मकहा भाणियव्वा / तए णं से खंदए कच्चायणस्सगोत्ते समणस्स भगवओ महावीरस्स,अंतिए धम्म सोच्चा णिसम्म हद्वतुढे जाव हियए उट्ठाए उठेइ 2 समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आया. हिणं पयाहिणं करेइ 2 एवं वयासी-सहहामि गं भंते ! णिग्गंथं पावयणं, पत्तियामि णं भंते ! णिग्गंथं पाबयणं, रोएमि णं भंते ! णिग्गंथं पावयणं, अब्भठेमि णं भंते ! णिग्गंथं पा०, एवमेयं भंते ! तहमेयं भंते ! अवितहमेयं भंते ! असंदिद्धमेयं भंते ! इच्छियमेयं भंते ! पडिच्छियमेयं भंते ! इच्छियपडिच्छियमेयं भंते ! से जहेयं तुन्भे वदहत्ति कटु समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ 2 उत्तरपुरस्थिमं दिसीभायं अवक्कमइ 2 तिदंडं च कुंडियं च जाव धाउरत्ताओ य एगंते एडेइ 2 जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ 2 समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ करेइत्ता जाव णमंसित्ता एवं वयासी-आलित्ते गं भंते ! लोए पलित्ते णं भंते ! लोए आ० प० भं० लो० जरामरणेण य, से जहाणामए-केइ गाहावई आगारंसि झियायमाणंसि जे से तत्थ भंडे भवइ अप्पभारे मोल्लगरुए तं गहाय आयाए एगंतमंतं अवक्कमइ, एस मे णित्थारिए समाणे पच्छा पुरा हियाए सुहाए खमाए णिस्सेयसाए आणुगामियत्ताए भविस्सइ, एवामेव देवाणुप्पिया ! मज्झवि आया एगे भंडे Page #474 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 2 उ. 1 इठे कंते पिए मणुण्णे मणामे थेज्जे वेस्सासिए संमए बहुमए अणुमए भंडकरंडगसमाणे माणं सीयं माणं उण्हं मा णं खुहा मा णं पिवासा मा णं चोरा मा गं वाला मा णं दंसा मा णं मसगा मा णं वाइयपित्तियसेंभियसंणिवाइयविविहा रोगायंका परीसहोवसग्गा फुसंतु त्ति कटु एस मे णित्थारिए समाणे परलोयस्स हियाए सुहाए खमाए गोसेसाए आणुगामियत्ताए भविस्सइ, तं इच्छामि गं देवाणुप्पिया! सयमेव पव्वावियं सयमेव मुंडावियं सयमेव सेहावियं सयमेव सिक्खावियं सयमेव आयारगोयरं विणयवेणइयचरणकरणजायामायावत्तियं धम्ममाइविखयं / तए णं समणे भगवं महावीरे खंदयं कच्चायणस्सगोत्तं सयमेव पवावेइ जाव धम्ममाइक्खइ, एवं देवाणुप्पिया ! गंतव्वं एवं चिट्ठियव्वं एवं णिसीइयव्वं एवं तुयट्टियव्वं एवं भंजियव्वं एवं भासियव्वं एवं उट्ठाए 2 पाणेहिं भूएहि जोवेहि सर्तेहिं संजमेणं संजमियव्वं, अस्सि च णं अट्ठे णो किचिवि पमाइयव्वं / तए णं से खंदए कच्चायणस्सगोत्ते समणस्स भगवओ महावीरस्स इमं एयारूवं धम्मियं उवएसं सम्मं संपडिवज्जइ तमाणाए तह गच्छइ तह चिट्ठइ तह णिसीयइ तह तुयट्टइ तह भुंजइ तह भासइ तह उट्ठाए 2 पाणेहि भूएहिं जीवेहि सत्तेहिं संजमेणं संजमेइ, अस्सि च गं अट्ठे णो पमायइ / तए णं से खंदए कच्चाय० अणगारे जाए इरियासमिए भासासमिए एसणासमिए आयाणभंडमत्तणिक्खेवणासमिए उच्चारपासवणखेलसिंघाणजल्लपारिद्वावणियासमिए मणसमिए वयसमिए कायसमिए मणगुत्ते वइगुत्ते कायगुत्ते गुत्ते मुत्तिदिए गुत्तबंभयारी चाई लज्जू धणे खंतिखमे जिइंदिए सोहिए अणियाणे अप्पुस्सुए अबहिल्लेस्से सुसामण्णरए दंते इणमेव णिग्गंथं : पावयणं पुरओ काउं विहरइ // 61 / तए णं समणे भगवं महावीरे कयंगलाओ णयरीओ छत्तपलासयाओ चेइयाओ पडिणिक्खमइ 2 बहिया जणवयविहारं विहरइ / तए णं से खंदए अणगारे समणस्स भगवओ महावीरस्स तहारूवाणं थेराणं अंतिए सामाइयमाइयाई एक्कारस अंगाई अहिज्जइ२ जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ 2 समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ 2 एवं वयासी-इच्छामि गं भंते ! तुर्भेहिं अब्भणुण्णाए समाणे मासियं भिक्खुपडिम उवसंपज्जित्ता णं विहरित्तए / अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं / तए णं से खंदए अणगारे समणेणं भगवया महावीरेणं अब्भणुण्णाए समाणे हट्ठे जाव णमंसित्ता मासियं भिक्खुपडिमं उवसंपज्जित्ता णं विहरइ / तए गं Page #475 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 462 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि से खंदए अणगारे मासियं भिक्खुपडिमं अहासुत्तं अहाकप्पं अहामग्गं अहातच्चं अहासम्मं काएण फासेइ पालेइ सोभेइ तीरेइ पूरेइ किट्टेइ अणुपालेइ आणाए आराहेइ संमं काएण फासित्ता जाव आराहेत्ता जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ 2 समणं भगवं जाव णमंसित्ता एवं वयासी-इच्छामि णं भंते ! तुहि अब्भणण्णाए समाणे दोमासियं भिक्खपडिमं उवसंपज्जित्ता णं विहरित्तए, अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंध, तं चेव / एवं तेमासियं चाउम्मासियं पंचछसत्तमा०, पढमं सत्तराईदियं दोच्चं सत्तराइंदियं तच्चं सत्तराइंदियं अहोराइंदियं एगरा० / तए णं से खंदए अणगारे एगराइंदियं भिक्खु. पडिमं अहासुत्तं जाव आराहेत्ता जेणेव समणे० तेणेव उवागच्छइ 2 समणं भगवं म० जाव णमंसित्ता एवं वयासी-इच्छामि णं भंते ! तुहिं अब्भणुण्णाए समाणे गुणरयणसंवच्छरं तवोकम्म उवसंपज्जित्ता णं विहरितए / अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं / तए णं से खंदए अणगारे समणेणं भगवया महावीरेणं अब्भणुण्णाए समाणे जाव णमंसित्ता गुणरयणसंवच्छरं तवोकम्म उवसंपज्जित्ता णं विहरइ, तं०-पढमं मासं चउत्थंचउत्थेणं अणिक्खित्तेणं तवो. कम्मेणं दिया ठाणुक्कुडुए सूराभिमुहे आयावणभूमीए आयावेमाणे त्ति वीरासणेणं अवाउडेण य / एवं दोच्चं मासं छठंछठेणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं दिया ठाणुक्कुडुए सूराभिमुहे आयावणभूमीए आयावेमाणे रत्ति वीरासणेणं अवाउडेण य, एवं तच्चं मासं अट्ठमंअट्टमेणं चउत्थं मासं दसमंदसमेणं पंचमं मासं बारसमंबारसमेणं छठें मासं चउद्दसमंचउद्दसमेणं सत्तमं मासं सोलसमं 2 अट्ठमं मासं अट्ठारसमं 2 णवमं मासं वीसइमं 2 दसमं मासं बावीसं 2 एक्कारसमं मासं चउव्वीसइमं 2 बारसमं मासंछब्बीसइमं 2 तेरसमं मासं अट्ठावीसइमं 2 चउद्दसमं मासं तीसइमं 2 पण्णरसमं मासं बत्तीसइमं 2 सोलसमं मासं चोत्तीसइमं 2 अणिक्खित्तेगं तवोकम्मेणं दिया ठाणुक्कुडुए सूराभिमुहे आयावणभूमीए आयावेमाणे रति वीरासणेणं अवाउडेणं / तए णं से खंदए अणगारे गुणरयणसंवच्छरं तवोकम्मं अहासुत्तं अहाकप्पं जाव आराहेत्ता जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ 2 समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ 2 बहूहि चउत्थछट्टट्ठमदसमदुवालसेहिं मासद्धमासखमणेहि विचित्तेहिं तवोकम्मेहि अप्पाणं भावेमाणे विहरेइ। तए णं से खंदए अणगारे तेणं ओरालेणं विउलेणं Page #476 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 2 उ. 1 463 पयत्तेणं पग्गहिएणं कल्लाणेणं सिवेणं धण्णेणं मंगल्लेणं सस्सिरीएणं उदग्गेणं उदत्तेणं उत्तमेणं उदारेणं महाणुभागेणं तवोकम्मेणं सुक्के लुक्खे णिम्मंसे अट्ठिचम्मावणद्धे किडिकिडियाभूए किसे धमणिसंतए जाए यावि होत्था, जीवंजीवेण गच्छइ जीवंजीवेण चिट्ठइ भासं भामित्तावि गिलाइ भासं भासमाणे गिलाइ भासं भासिस्सामीइ गिलायइ, से जहा णामए-कट्ठसगडिया इ वा पत्तसगडिया इ वा पत्ततिलभंडगसगडिया इ वा एरंडकट्ठसगडिया इ वा इंगालसगडिया इ वा उण्हे दिण्णा सुक्का समाणी ससई गच्छइ ससई चिट्ठइ एवामेव खंदएवि अणगारे ससई गच्छइ ससदं चिट्ठइ उवचिए तवेणं अवचिए मंससोणिएणं हुयासणेविव भासरासिपडिच्छण्णे तवेणं तेएणं तवतेयसिरीए अईव 2 उवसोभेमाणे 2 चिट्ठइ // 62 // तेणं कालेणं 2 रायगिहे णयरे जाव समोसरणं जाव परिसा पडिगया / तए गं तस्स खंदयस्स अण० अण्णया कयाइ पुत्वरत्तावरत्तकालसमयंसि धम्मजागरियं जागरमाणस्स इमेयारूवे अज्झथिए चितिए जाव समुप्पणिजस्था-एवं खलु अहं इमेणं एयारवेणं ओरालेणं जाव किसे धमणिसंतए जाए जीवंजीवेणं गच्छामि जीवंजीवेणं चिट्ठामि जाव गिलामि माव एवामेव अहंपि ससई गच्छामि ससई चिट्ठामि तं अस्थि ता मे उट्ठाणे कम्मे बले वीरिए. पुरिसक्कारपरक्कमे तं जाव ता मे अत्थि उट्ठाणे कम्मे बले वीरिए पुरिसक्कारपरक्कमे जाव य मे धम्मायरिए धम्मोवएसए समणे भगवं महावीरे जिणे सुहत्थी विहरइ ताव ता मे सेयं कल्लं पाउप्पभायाए रयणीए फुल्लुप्पलकमलकोमलुम्मिल्लियंमि अहापंडुरे पभाए रत्तासोयप्पकाकिंसुयसुयमुहगुंजद्धरागसरिसे कमलागरसंडबोहए उट्ठियंमि सूरे सहस्सरस्सिमि दिणयरे तेयसा जलंते समणं भगवं महावीरं वंदित्ता जाव पज्जुवासित्ता समणेणं भगवया महावीरेणं अन्भणुण्णाए समाणे सयमेव पंच महत्वयाणि आरोवेत्ता समणा य समणीओ य खामेत्ता तहारूवेहि थेरेहि कडाईहिं सद्धि विपुलं पव्वयं सणियं 2 दुरूहिता मेहघणसण्णिगासं देवसण्णिवायं पुढवीसिलावट्टयं पडिलेहित्ता दम्भसंथारयं संथरित्ता दब्भसंथारोवगयस्स संलेहणाझूसणाझंसियस्स भत्तपाण• 'पडियाइक्खियस्स पाओवगयस्स कालं अणवकंखमाणस्स विहरित्तए त्ति कटु एवं संपेहेइ 2 ता कल्लं पाउप्पभायाए रयणीए जाव जलते जेणेव समणे भग० जाव पज्जुवासइ / खंदयाइ ! समणे भगवं महावीरे खंदयं अणगारं एवं वयासी Page #477 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 464 अगं-पविट्ठ सुत्ताणि से गूणं तव खंदया ! पुव्वरत्तावरत्तकालस० जाव जागरमाणस्स इमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्था--एवं खलु अहं इमेणं एयारूवेणं तवेणं ओरालेणं विउलेणं तं चेव जाव कालं अणवकंखमाणस्स विहरित्तए त्ति कटु एवं संपेहेइ 2 कल्लं पाउप्पभायाए जाव जलंते जेणेव मम अंतिए तेणेव हव्वमागए, से गूणं खंदया ! अढे समठे ? हंता अस्थि / अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं // 63 // तए णं से खंदए अणगारे समणेणं भगवया महावीरेणं अब्भणुष्णाए समाणे हद्वतुट्ठ जाव हयहियए उट्ठाए उठेइ 2 समणं भगवं महा० तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ 2 जाव णमंसित्ता सयमेव पंच महव्वयाई आरहेइ 2 त्ता समणाय समणीओ ये खामेइ 2 ता तहारूवेहि थेरेहि कडाईहिं सद्धि विपुलं पव्वयं सणियं 2 दुरूहेइ मेहघणसण्णिगासं देवसण्णिवायं पुढविसिलावट्टयं पडिलेहेइ 2 उच्चारपासवणभूमि पडिलेहेइ 2 दब्भसंथारयं संथरइ 2 त्ता पुरत्थाभिमुहे संपलियंकणिसण्णे करयलपरिग्गहियं दसंणहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलि कट्ट एवं वयासी-णमोऽत्थु णं अरहंताणं भगवंताणं जाव संपत्ताणं, णमोऽत्थु णं समणस्स भगवओ म० जाव संपाविउकामस्स, वंदामि गं भगवंतं तत्थ गयं इहगए, पासउ मे भयवं तत्थगए इहगयं ति कट वंदद णमंसइ 2 एवं वयासी-पुष्विपि मए समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए सब्वे पाणाइवाए पच्चक्खाए जावज्जीवाए जाव मिच्छादसणसल्ले पाच्चक्खाए जावज्जीवाए इयाणिपि य णं समणस्स भ० म० अंतिए सव्वं पाणाइवायं पच्चक्खामि जावज्जीवाए जाव मिच्छादसणसल्लं पच्चक्खामि, एवं सव्वं असणं पाणं खा० सा० चउन्विहंपि आहारं पच्चक्खामि जावज्जीवाए, जंपि य इमं सरीरं इठे कंतं पियं जाव फुसंतु त्ति कटु एयपि णं चरिमेहि उस्सासणीसासेहिं वोसिरामि त्ति कटु सलेहणाझूसणाझूसिए भत्तपाणपडियाइक्खिए पाओवगए कालं अणवकंखमाणे विहरइ / तए णं से खंदए अण० समणस्स भ० म० तहारूवाणं वेराणं अंतिए सामाइयमाइयाई एक्कारस अंगाई अहिज्जित्ता बहुपडिपुण्णाई दुवालसवासाइं सामण्णपरियागं पाउणित्ता मासियाए संलेहणाए अत्ताणं झूसित्ता सढि भत्ताई अणसणाए छेदेत्ता आलोइयपडिक्कते समाहिपत्ते आणुपुव्वीए कालगए // 64 // तए णं ते थेरा भगवंतो लंदयं अण० कालगयं जाणित्ता परिणिन्वाणवत्तियं काउस्सग्गं करेंति 2 Page #478 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 2 उ. 2-3 465 पत्तचीवराणि गिव्हंति 2 विपुलाओ पव्वयाओ सणियं 2 पच्चोरुहंति 2 जेणेव समणे भगवं म० तेगेव उवा० समणं भगवं म० वंदंति णमंसति 2 एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पियागं अंतेवासी खंदए णाम अणगारे पगइभद्दए पगइविणीए पगइउवसते पगइपयगुफोहमागमायालोभे मिउमद्दवसंपण्णे अल्लीगे भदए विणीए, से णं देवाणुप्पिएहि अब्भणुण्गाए समाणे सयमेव पंच महन्वयागि आरोवित्ता समणा य समणोओ य खामेता अम्हेहिं सद्धि विपुलं पव्वयं तं चेव णिरवसे जाव आणुपुवीए कालगए इमे य से आयारभंडए / भंते ! त्ति भगवं गोयमे समणं भगवं म० वंदई णमंसइ 2 एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पियागं अंतेवासी खंदए णामं अग० कालमासे कालं किच्चा कोह गए ? कहिं उववण्णे ? गोयमाइ ! समणे भगवं महा० भगवं गोयम एवं वयासोएवं खलु गोयमा ! मम अंतेवासी खंदए णामं अणगारे पगइम० जाव से गं मए अन्भणुण्णाए समाणे सयमेव पंच महव्वयाइं आरुहेत्ता तं चेव सव्वं अविसेसियं णेयध्वं जाव आलोइयपडिक्कते समाहिपत्ते कालमासे कालं किच्चा अच्चुए कप्पे देवत्ताए उववण्णे। तत्थ णं अत्थेगइयाणं देवाणं बावीसं सागरोवमाइं ठिई प०, तस्स णं खंदयस्सवि देवस्स बावीसं सागरोवमाइं ठिई प० / से णं भंते ! खंदए, देवे ताओ देवलोयाओ आउक्खएणं भवक्खएणं ठिइक्खएणं अगंतरं चयं चइता कहिं गच्छिहिइ ? कहिं उववज्जिहिइ ? गोयमा ! महाविदेहे वासे सिन्झिहिइ बुझिहिइ मुच्चिहिइ परिणिव्वाहिइ सव्वदुक्खाणमंतं करेहिइ // 65 // खंदओ समत्तो॥ बीयं सय बोओ उद्देसो ... कइ णं भंते ! समुग्घाया पण्णता ? गोयमा ! सत्त समुग्घाया पण्णत्ता, तंजहा-वेयणासमुग्याए एवं समुग्घायपयं छाउमत्थियसमुग्घायवज्जं भाणियव्वं, जाव वेमाणियाणं कसायसमुग्घाया अप्पाबहुयं / अणगारस्स णं भंते ! भावियप्पणो केवलिसमुग्घाए जाव सासयमणागयद्धं चिट्ठति ? समुग्घायपयं णेयव्वं // 66 // . .... बीयं सयं तइओ उद्देसो __कइ णं भंते ! पुढवीओ पण्णताओ? जीवाभिगमे णेरइयाणं जो बिइओ Page #479 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 466 अंग-पविटु सुत्ताणि उद्देसो सो णेयव्वो, पुढवि ओगाहित्ता णिरया संठाणमेव बाहल्लं। [विक्खंभपरिदखेवो वण्णो गंधो य फासो य // 1 // ] जाव किं सव्वपाणा उववण्णपुव्वा ? हंता गोयमा ! असई अदुवा अणंतखुत्तो // 67 // पुढवी उद्देसो // बीयं सयं चउत्थो उद्देसो कइ णं भंते ! इंदिया पण्णत्ता ? गोयमा ! पंचिदिया पण्णत्ता, तंजहापढमिल्लो इंदियउद्देसो णेयव्वो, संठाणं बाहल्लं पोहत्तं जाव अलोगो // 8 // इंदियउद्देसो // बीयं सयं पंचमो उद्देसो अण्णउत्थिया णं भंते ! एवमाइक्खंति भातंति पण्णवेंति परूवेंति, तंजहाएवं खलु णियंठे कालगए समाणे देवभूएणं अप्पागेणं से णं तत्थ णो अण्णे देवे णो अण्णेसि देवाणं देवीओ अहिजुंजिय 2 परियारेइ 1 णो अप्पणिच्चियाओ देवीओ अभिजंजिय 2 परियारेइ 2 अप्पणामेव अप्पाणं विउब्विय 2 परियारेइ 3 एगेवि य णं जीवे एगेणं समएणं दो वेदे, वेएइ, तंजहा-इत्थिवेयं च पुरिसवेयं च, एवं परउत्थियक्त्तव्वया णेयव्वा जाव इस्थिवेयं च पुरिसवेयं च / से कहमेयं भंते ! एवं ? गोयमा ! जण्णं ते अण्णउत्थिया एवमाइक्खंति जाव इत्थिवेयं च पुरिसवेयं च, जे ते एवमाहंसु मिच्छं ते एवमाहंसु / अहं पुण पोयमा ! एवमाइक्खामि भा० प० परू०-एवं खलु णियंठे कालगए समाणे अण्णयरेसु देवलोएसु देवत्ताए उववत्तारो भवंति महिड्डिएसु जाव महाणु. भागेसु दूरगईसु चिरदिईएसु / से गं तत्थ देवे भवइ महिड्डिए जाव दस दिसाओ उज्जोवेमाणे पभासेमाणे जाव पडिरूवे / से गं तत्थ अण्णे देवे अण्णेसि देवाणं देवीओ अभिमुंजिय 2 परियारेइ 1 अप्पणिच्चियाओ देवीओ अभिमुंजिय 2 परियारेइ 2 णो अप्पणामेव अप्पाणं विउव्विय 2 परिपारेइ 3, एगेविय णं जीवे एगेणं समएणं एगं वेयं वेएइ, तंजहा-इत्थिधेयं वा पुरिसवेयं वा, जं समयं इत्थिवेयं वेएइ णो तं समयं पुरिसवेयं वेएइ जं समयं पुरिसवेयं वेएइ णो तं समयं इथिवेयं वेएइ, इथिवेयस्स उदएणं णो पुरिसवेयं वेएइ, पुरिसवेयस्स उदएणं णो इत्थिवेयं वेएइ, एवं खलु एगे जीवे एगेणं समएणं एगं वेयं वेएइ, तंजहा-इत्थीवेयं वा पुरिसवेयं वा, Page #480 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 2 उ. 5 467 इत्थी इत्थिवेएणं उदिण्णणं पुरिसं पत्थेइ, पुरिसो पुरिसवेएणं उदिग्णेणं इतिथ पत्थेइ, दोवि ते अण्णमण्णं पत्थेति, तंजहा-इत्यी वा पुरिसं पुरिसे वा इत्थि // 66 // उदगगब्भे गं भंते ! उदगगब्भेत्ति कालओ केविच्चरं होइ ? गोंयमा ! जहण्णेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं छम्मासा / तिरिक्खजोणियगन्भे णं भंते ! तिरिक्खजोणियगर्भत्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहत्तं उक्कोसेणं अट्ठ संवच्छराई / मगुस्सीगन्भे गं भंते ! मगुस्सीगन्भेत्ति कालओ केवश्चिरं होइ ? गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुत्तं उक्कोसेणं बारस संवच्छराइं॥१०० // कायभवत्थे गं भंते ! कायभवत्थेत्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा! जहण्णेणं अंतोमहत्तं उक्कोसेणं चउव्वीसं संवच्छराइं॥१०१॥ मणुस्सपंचेंदियतिरिक्ख जोणियबीए गं भंते ! जोणियब्भूए केवइयं कालं संचिट्ठइ ? गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुतं उक्कोसेणं वारस मुहुता // 102 // एगजीवे गं भंते ! एगभवग्गहगेणं केवइयाणं पुतत्ताए हवनागच्छइ ? गोयमा ! जहण्णेणं इक्कस्स वा दोण्हं वा तिण्हं वा, उक्कोसेणं सयपुत्तस्स जीवाणं पुत्तताए हव्वमागच्छइ // 103 // एगजीवस्स गं भंते ! एगभवग्गहणेणं केवइया जीवा पुत्तताए.हव्वमागच्छंति ? गोयमा ! जहण्णेणं एक्को वा दो वा तिणि वा, उक्कोसेणं सयसहस्सपुहत्तं जीवा णं पुत्तताए हव्वमागच्छंति। से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ-जाव हव्वमागच्छंति ? गोयमा ! इत्थीए य पुरिसस्स य कम्मकडाए जोणीए मेहुणवत्तिए णामं संजोए समुप्पज्जइ, ते दुहओ सिणेहं संचिणंति 2 तत्थ णं जहण्णेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा उक्कोसेणं सयसहस्सपुहत्तं जीवाणं पुत्तत्ताए हबमागच्छंति, से तेण?णं जाव हव्वमा. गच्छति // 104 // मेहुणे गं भंते ! सेवमाणस्स केरिसिए असंजमे कज्जइ ? गोयमा ! से जहाणामए केइ पुरिसे ज्यणालियं वा बूरणालियं वा तत्तेणं कणएणं समभिधंसेज्जा एरिसए णं गोयमा ! मेहुणं सेवमाणस्स असंजमे कज्जइ। सेवं भंते ! सेवं भंते ! जाव विहरइ // 105 // तए णं समणे भगवं महावीरे रायगिहाओ णयराओ गुणसिलाओ चेइयाओ पडिणिक्वमइ 2 बहिया जणघयविहारं विहरई / तेणं कालेणं 2 तुंगिया णामं णयरी होत्था वण्णओ, तीसे ‘णं तुंगियाए णयरीए बहिया उत्तरपुरस्थिमे दिसीमाए पुप्फवइए णामं चेइए होत्था, वण्णओ। तत्थ णं तुंगियाए णयरीए बहवे समणोवासया परिवसंति अड्डा Page #481 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 468 अंग-पविट्ट सुत्ताणि दित्ता विस्थिण्णविपुलभवणसयणासणजाणवाहणाइण्णा बहुधणबहुजायरूबरयया आयोगपयोगसंपउत्ता विच्छड्डियविपुलभत्तपाणा बहुदासीदासगोमहिसगवेलयप्प. भया बहुजणस्स अपरिभया अभिगयजीवाजीवा उवलद्धपुण्णपावा आसवसंवरणिज्जरकिरियाहिक रणबंधमोक्ख कुसला असहेज्जदेवासुरणागसुवण्णजवख'रक्खसकिणरकिंपुरिसगरलगंधव्वमहोरगाइएहिं देवगणेहि णिग्गंथाओ पावणाओ अणतिक्कमणिज्जा णिग्गंथे पावयणे णिरसंकिया णिक्कंखिया णिव्वितिगिज्छा लद्धट्ठा गहियट्ठा पुच्छियट्ठा अभिगयट्ठा विणिच्छियदा अद्धिमिजपेम्माणुरागरता अयमाउसो ! णिगंथे पावयणे अछे अयं परम सेसे अणठे ऊसियफलिहा अवंगुयदुवारा चियत्ततेउरघरप्पवेसा' बहिं सीलव्वयगुणवेरमणपञ्चक्खाणपोसहोववासेहि, चाउद्दसट्ठमुद्दिद्वपुण्णमासिगोसु पडिपुण्णं पोसहं सम्म अणुपालेमाणा समणे णिग्गंथे फासुएसणिज्जेणं असणपाणखाइमसाइमेणं वत्थपडिगहकंबलपायपुंछणेणं पीढफलगसेज्जासंथारएणं ओसहभेसज्जेण य पडिलाभेमाणा अहापडिग्गहिएहिं तवोकम्मेहि अप्पाणं भावेमाणा विहति // 106 // तेणं कालेणं 2 पासवच्चिज्जा थेरा भगवंतो जाइसंपण्णा कुलसंपण्णा बलसंपण्णा स्वसंपण्णा विणयसंपण्णा णाणसंपण्णा देसणसंपण्णा चरित्तसंपण्णा लज्जासंपण्णा लाघवसंपण्णा ओयंसी तेयंसी वच्चंसी जसंसी जियकोहा जियमाणा जियलोहा जियणिद्दा जिइंदिया जियपरीसहा जीवियासमरणभयविप्पमुक्का जाव कुत्तियावणभूया बहुस्सुया बहुपरिवारा पंचहि अणगारसएहि सद्धि संपरिवुडा अहाणपुवि चरमाणा गामाणुगामं दूइज्जमाणा सुहंसुहेणं विहरमाणा जेणेव तुंगिया णयरी जेणेव पुप्फवईए चेइए तेणेव उवागच्छंति 2 अहापडिहवं उग्गहं उगिहित्ता णं संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणा विहरंति // 107 // तए णं तुंगियाए णयरीए सिंघाडगतिगचउक्कचच्चरमहापहपहेसु जाव एगदिसाभिमुहा णिज्जायति / तए गं ते समणोवासया इमोसे कहाए लट्ठा समाणा हतुट्ठा जाव सद्दावेंति 2 एवं त्रयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! पासावच्चेज्जा थेरा भगवंतो जाइसंपण्णा जाव अहापडिरूवं उग्गहं उग्गिण्हित्ता णं संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणा विहरंति, तं महाफलं खलु देवागुप्पिया! तहारूवाणं थेराणं भगवंताणं णामगोयस्सवि सवणयाए किमंग पुण अभिगमणवंदणणमं. सणपडिपुच्छणपज्जुवासणयाए ? जाव गहणयाए ? तं गच्छामो णं देवा Page #482 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 2 उ. 5 469 णुप्पिया! थेरे भगवते वंदामो णमंसामो जाव पज्जुवासामो, एयं णं इह भवे वा परभवे वा जाव आणुगामियत्ताए भर्भावस्सईतिकटु अण्णमण्णस्स अंतिए एयमठें पडिसुणेति 2 जेणेव सयाई 2 गिहाई तेणेव उवागच्छंति 2 हाया कयबलिकम्मा कयकोउय मंगल-पायच्छिता सुद्धप्पावेसाई मंगल्लाइं वत्थाई पवराई परिहिया अप्पमहग्घाभरणालंकियसरीरा सएहिं 2 गेहेहितो पडिणिक्ख. मंति 2 ता एगयओ मेलागंति 2 पायविहारचारेगं तुंगियाए णयरोए मज्झं. मज्झेणं णिग्गा छंति 2 जेणेव पुप्फवइए चेइए तेणेव उवागच्छंति 2 थेरे भगवंते पंचविहेणं अभिगमेणं अभिगच्छंति, तंजहा-सचित्ताणं दव्वाणं विउसरणयाए 1 अचित्ताणं दव्वाणं अविउसरणयाए 2 एगसाडिएणं उत्तरासंगकरणेणं 3 चक्खु. 'फासे अंजलिप्पग्गहेणं 4 मणसो एगतीकरणणं 5 जेणेव थेरा भगवंतो तेणेव उवागच्छंति 2 तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेंति 2 जाव तिविहाए पज्जु. वासणाए पज्जुवासंति // 108 // तए णं ते थेरा भगवंतो तेसि समणोवासयाणं तीसे य महइमहालियाए चाउज्जामं धम्म परिकहेंति जहा केसिसामिस्स जाव समणोवासियत्ताए आणाए आराहए भवंति जाव धम्मो कहिओ। तए णं ते समणोवासया थेराणं भगवंताणं अंतिए धम्म सोच्चा णिसम्म हट्ट तुटू जाव हयहियया तिक्खुत्तो आयाहिणप्पयाहिणं करेंति 2 जाव तिविहार पज्जुवासणाए पज्जुवासंति 2 एवं वयासी-संजमे गं भंते ! किंफले ? तवे णं भंते ! किफले ? तए णं ते थेरा भगवंतो ते समणोवासए एवं वयासी-संजमे गं अज्जो ! अणण्हयफले तवे वोदाणफले। तए णं ते समणोवासया थेरे भगवंते एवं : वयासी-जइ णं भंते ! संजमे अणण्हयफले तवे वोदाणफले किंपत्तियं णं भंते ! देवा देवलोएसु उववज्जंति ? तत्य णं कालियपुत्ते णाम थेरे ते समणोवासए एवं वयासी-पुव्वतवेणं अज्जो ! देवा देवलोएसु उववज्जति, तत्थ णं मेहिले णाम थेरे ते समणोवासए एवं वयासी-पुव्वसंजमेणं अज्जो ! देवा देवलोएसु उव. बज्जति / तत्थ णं आणंदरक्खिए णाम थेरे ते समणोवासए एवं वयासी-कम्मिपाए अज्जो ! देवा देवलोएसु उववज्जति। तत्थ णं कासवे णाम थेरे ते समजोवासए एवं वयासी-संगियाए अज्जो ! देवा देवलोएसु उववज्जति / पुव्वतवेणं पुत्वसंजमेणं कम्मियाए संगियाए अज्जो ! देवा देवलोएसु उववति / सच्चे णं एस अट्ठे णो चेव णं आयभाववत्तव्वयाए। तए णं ते सम Page #483 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 470 अंग-पविट्ट सुत्ताणि गोवासया थेरेहि भगवतेहि इमाइं एयारूवाइं वागरणाई वागरिया समाणा हट्टतुट्ठा थेरे भगवंते वंदंति णमंसंति 2 पसिणाई पुच्छंति 2 अट्ठाई उवादियंति 2 उट्ठाइ उठेति 2 थेरे भगवंते तिक्खुत्तो वंदंति णमंसंति 2 थेराणं भगवं. अंतियाओ पुप्फवइयाओ चेइयाओ पडिणिक्खमंति 2 जामेव दिसि पाउ भूया तामेव दिसि पडिगया। तए णं ते थेरा अण्णया कयाई तुंगियाओ पुप्फवइचेइयाओ पडिणिग्गच्छंति 2 बहिया जणवविहारं विहरंति // 106 // तेणं कालेणं 2 रायगिहे णामं णयरे जाव परिसा पडिगया। तेणं कालेणं 2 समणस्स भगवओ महावीरस्स जेठे अंतेवासी इंदभईणामं अणगारे जाव संखित्त. विउलतेयलेस्से छठेंछट्टेणं अणिविखत्तेणं तवोकम्मेणं संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे जाव विहरइ / तए णं से भगवं गोयमे छक्खमणपारणगंसि पढमाए पोरिसीए सज्झायं करेइ बीयाए पोरिसीए झाणं झियायइ तइयाए पोरिसीए अतुरियमचवलमसंभंते मुहपोतियं पडिलेहेइ 2 भायणाई वत्थाई पडिलेहाइ 2 भायणाई पमज्जइ 2 भायणाइं उग्गाहेइ 2 जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ 2 समणं भगवं महाबीरं बंदइ णमंसइ 2 एवं वयासी-इच्छामि गं भंते ! तुहिं अब्भणुण्णाए छटुक्खमणपारणगंसि, रायगिहे पयरे उच्चणीय. मज्झिमाइं कुलाई घरसमुदाणस्स भिक्खायरियाए अडित्तए / अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंध / तए णं भगवं गोयमे समणेणं भगवया महावीरेणं अन्भगुण्णाए समाणे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियाओ गुणसिलाओ चेइपाओ पडिणिक्खमइ 2 अतुरियमचवलमसंभंते जुगंतरपलोयणाए दिट्ठीए पुरओ रियं सोहेमाणे 2 जेणेव रायगिहे णयरे तेणेव उवागच्छइ 2 रायगिहे गयरे उच्चणीयमज्झिमाइं कुलाई घरसमुदाणस्स भिक्खायरियं अडइ / तए णं से भगवं गोयमे रायगिहे ण० जाव अडमाणे बहुजणसई णिसामेइ-एवं खल देवाणप्पिया ! तुंगियाए णयरीए बहिया पुप्फवईए चेइए पासावच्चिज्जा थेरा भगवंतो समणोवासएहि इमाई एयारवाई वागरणाई पुच्छिया-संजमे णं भंते ! किंफले ? तवे गं भंते ! किंफले ? तए णं ते थेरा भगवंतो ते समणोवासए एवं वयासी-संजमे णं अज्जो ! अणण्हयफले तवे बोदाणफले तं चेव जाव पृवतवेणं पुव्वसंजमेणं कम्मियाए संगियाए अज्जो ! देवा देवलोएसु उव. वजंति, सच्चे गं एसमठे णो चेव णं आयभावबत्तव्वयाएं / से कहमेयं मण्णे एवं ? तए णं समणे० गोयमे इमीसे कहाए लखठे समाणे जायसढे जाव Page #484 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 2 उ. 5 471 समुप्पण्णकोउहल्ले अहापज्जत्तं समुदाणं गेण्हइ 2 रायगिहाओ णयराओ पडिणिक्खमइ 2 अतुरियं जाव सोहेमाणे जेणेव गुणसिलए चेइए जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवा० सम० भ० महावीरस्स अदूरसामंते गमणागमणाए पडिक्कमइ एसणमणेसणं आलोएइ 2 भत्तपाणं पडिदंसेइ 2 समणं भ० महा. घोरं जाव एवं वयासी-एवं खलु भंते ! अहं तुहिं अब्भणुण्णाए समाणे रायगिहे णयरे उच्चणीयमज्झिमाई कुलाई घरसमुदाणस्स भिक्खायरियाए अडमाणे बहुजणसई णिसामेमि एवं खलु देवा० तुंगियाए णयरीए बहिया पुष्फवईए चेइए पासावच्चिज्जा थेरा भगवंतो समणोवासएहि इमाई एयारूवाइं वागरणाई पुच्छिया-संजमे णं भंते ! किंफले ? तवे किंफले ? तं चेव जाव सच्चे णं एसमठे णो चेव णं आयभाववत्तन्वयाए / तं पभू णं भंते ! ते थेरा भगवंतो तेसि समणोवासयागं इमाइं एयारूवाइं वागरणाई वागरित्तए उदाह अप्पम ? समिया णं भंते ! ते थेरा भगवंतो तेसि समणोवासयाणं इमाई एयारूवाई वागरणाई वागरित्तए उदाहु असमिया ? आउज्जिया णं भंते ! ते घेरा भगवंतो तेसि समणोवासयाणं इमाइं एयारूवाइं वागरणाइं वागरित्तए? उदाह अणाउज्जिया? पलिउज्जिया णं भंते ! ते थेरा भगवंतो तेसि समणोवासयाणं इमाई एयारूवाई वागरणाई वागरित्तए उदाहु अपलिउज्जिया ? पुव्वतवेणं अज्जो! देवा देवलोएसु उववज्जति पुव्वसंजमेणं कम्मियाए संगियाए अज्जो! देवा देवलोएस उववज्जति, सच्चे णं एसमठे णो चेव णं आयभाववत्तव्वयाए ? पभू णं गोयमा ! ते थेरा भगवंतो तेसि समणोवासयाणं इमाई एयारवाई वागरणाई वागरेत्तए, णो चेव णं अप्पम , तह चेव यवं अवसेसियं जाव पभ , समियं आउज्जिया पलिउज्जिया जाव सच्चे णं एसमठे जो चेव णं आयमाववत्तव्वयाए, अहंपिणं गोयमा ! एवमाइक्खामि भासेमि पण्णवेमि परूवेमि पुव्वतवेणं देवा देवलोएसु उववज्जति पुव्वसंजमेणं देवा देवलोएसु उववज्जंति, कम्मियाए देवा देवलोएसु उववज्जंति, संगियाए देवा देवलोएसु उववज्जति, पुव्वतवेणं पुण्वसंजमेणं कम्मियाए संगियाए अज्जो ! देवा देवलोएसु उववज्जंति, सच्चे गं एसमढे णो चेव णं आयभाववत्तव्वयाए // 110 // तहारूवं णं भंते ! समणं वा माहणं वा पज्जवासमाणस्स किंफला पज्जवासणा ? गोयमा ! सवणफला। से णं भंते ! सवणे किंफले ? णाणफले से गं भंते ! णाणे किंफले ? विण्णाणफले। से णं भंते ! विष्णाणे किंफले ? Page #485 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 472 अगं-पविटु सुत्ताणि पच्चक्खाणफले / से गं भंते ! पच्चक्खाणे किंफले ? संजमफले / से गं भंते ! संजमे किंफले ? अणण्हयफले, एवं अणण्हए तवफले, तवे वोदाणफले, वोदाणे अकिरियाफले / से गं भंते ! अकिरिया कि फला ? सिद्धिपज्जवसाणफला पण्णत्ता गोयमा ! गाहा-सवणे गाणे य विण्णाणे पच्चक्खाणे य संजमे / अणण्हए तवे चेव वोदाणे अकिरिया सिद्धी // 1 // 111 // अण्णउत्थिया णं भंते ! एवमाइक्खंति भासंति पण्णवेंति परूवेंति-एवं खलु रायगिहस्स णयरस्स बहिया वेभारस्स पव्वयस्स अहे एत्थ णं महं एगे हरए अघेपण्णत्ते. अणेगाई जोयणाई आयामविवखंभेणं णाणादुमसंडमंडिउद्देसे सस्सिरीए जाव पडिरूवे, तत्थ गं बहवे ओराला बलाहया संसेयंति सम्मच्छंति वासंति तब्वइरित्ते य पं सया समियं उसिणे 2 आउकाए अभिणिरसवइ ।से कहमेयं भंते ! एवं ? गोयमा! नण्णं ते अण्णउत्थिया एवमाइक्खंति जाव जे ते एवं परूवेंति मिच्छं ते एवमाइक्खंति जाव सवं णेयव्वं नाव, अहं पुण गोयमा ! एवमाइक्खामि भा० 50 50 एवं खलु रायगिहस्स णयरस्स बहिया वेभारपव्वयस्स अदूरसा. मंते, एत्थ णं महातवोवतीरप्पभवे णामं पासवणे पण्णत्ते पंचधणुसयाई आयामविक्खंभेणं णाणादुमसंडमंडिउद्देसे सस्सिरीए पासाइए दरिसणिज्जे अभिरुवे पडिरूवे तत्थ गं बहवे उसिणजोणिया जीवा य पोग्गला य उदगत्ताए वक्कमंति विउक्कमति चयंति उववज्जंति तव्वइरित्तेवि य गं सया समियं उसिणे 2 आउयाए अभिणिस्सवइ, एस णं गोयमा ! महातवोवतीर. प्पभवे पासवणे एस गं गोयमा ! महातवोवतीरप्पभवस्स पासवणस्स अट्ठे पणत्ते / सेवं भंते 2 त्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ // 112 // बीयं सयं छठ्ठो उद्देसो से णूणं भंते ! मण्गामी ति ओहारिणी भासा ? एवं भासापयं भाणियब्वं // 113 // बीयं सयं सत्तमो उद्देसो कइविहा णं भंते ! देवा प० ? गोयमा ! चउस्विहा देवा प०, तंजहाभवणवइवाणमंतरजोइसवेमाणिया / कहि गं भंते ! भवणवासीणं देवाण ठाणा प०? गोयमा ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए जहा गणपदे देवाणं वत्त. Page #486 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 2 उ.८ 473 व्वया सा भाणियव्वा, णवरं भवणा प०, उववाएणं लोयस्स असंखेज्जइभागे, एवं सव्वं भाणियध्वं जाव सिद्धगंडिया समत्ता-कप्पाण पइट्टाणं बाहुल्लुच्चत्त मेव संठाणं / जीवाभिगमे जाव वेमाणिउद्देसो भाणियन्वो सव्वो // 114 // बीयं सयं अट्ठमो उद्देसो कहि गं भंते ! चमरस्स असुरिदस्स असुरकुमाररण्णो सभा सुहम्मा 50 ? गोयमा ! जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं तिरियमसंखेज्जे बीवसमद्दे वीईवइत्ता अरुणवरस्स दीवस्स बाहिरिल्लाओ वेइयंताओ अरुणोदयं समुदं बायालीसं जोयणसहस्साई ओगाहित्ता एत्थ णं चमरस्स असुरिंदस्स असुरकुमाररण्णो तिगिच्छियकूडे णामं उप्पायपव्वए पण्णत्ते, सत्तरसएक्कवीसे जोयणसए उड्ढं उच्चत्तेणं चत्तारि तोसे जोयणसए कोसं च उव्वेहेणं गो)मस्स आवासपव्वयस्स पमाणेणं णेयध्वं णवरं. उवरिल्लं पमाणं मज्झे भाणि यव्वं [मूले दसबायोसे जोयणसए विक्खं भेणं मज्झे चत्तारि चउवीसे जोयणसए विक्खंभेणं उरि सत्ततेवीसे जोयणसए विक्खं भेणं मले तिण्णि जोयणसहस्साई बोण्णि य बत्तीसुत्तरे जोयणसए किंचिविसेसूणे परिक्खेवेणं मज्झे एगं नोयणसहस्सं तिणि य इगयाले जोयणसए किचिविसेसूणे परिक्खेवेणं उरि दोण्णि प जोयणसहस्साई रोण्णि य छलसीए जोयगसए किंचिविसेसाहिए परिक्खेवेणं] भाव मूले वित्थडे मज्झे संखिते उप्पि विसाले मज्झे वरवइरविग्गहिए महामउंदसंठाणसंठिए सम्बरयणामए अच्छे जाव पडिरूवे / से गं एगाए पउमवरवेइयाए एगेणं वणसंडेण य सम्वओ समंता संपरिक्खित्ते पउमवरवेइयाए वणसंडस्स य वण्णओ। तस्स णं तिगिच्छिकूडस्स उप्पायपव्वयस्स उप्पि बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते वण्णओ। तस्स णं बहुसमरमणिज्जस्स भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभागे एत्थ णं महं एगे पासायडिसए पण्णते, अड्डाइज्जाई जोयणसयाई उड्ढे उच्चत्तेणं पणवीसं जोयणसयाई विक्खंभेणं, पासायवण्णओ उल्लोयममिवष्णओ अटू जोयणाई मणिपेढिया चमरस्स सीहासणं सपरिवारं भाणियव्वं / तस्स णं तिगिछिकूडस्स दाहिणणं छक्कोडिसए पणवणं च कोडोओ पणतीसं च सयसहस्साइं पण्णासं च सहस्साइं अरुणोदए समुद्दे तिरियं वीइ. 'इत्ता अहे रयणप्पभाए पुढवीए चत्तालीसं जोयणसहस्साई ओगाहित्ता एत्थ णं चमरस्स असुरिंदस्स असुरकुमाररण्णो चमरचंचा णामं रायहाणी प० एगं Page #487 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 474 अगं-पविट्ठ सुत्ताणि जोयणसयसहस्सं आयामविक्खंभेणं जंबुद्दीवप्पमाणं, पागारो दिवढं जोयणसयं उड्ढं उच्चत्तेणं मूले पण्णासं जोषणाई विक्खंभेणं उरि अद्धतेरसजोयणा कविसीसगा अद्धजोयणआयाम कोसं विक्खंभेणं देसूणं अद्धजोयणं उड्ढं उच्चत्तेणं एगमेगाए बाहाए पंच 2 दारसया अड्डाइज्जाई जोयणसयाई 250 उड्ढे उच्चतेणं 125 अद्धं विक्खंभेणं उवरियलेणं सोलसजोयणसहस्साइं आयामविक्खंभेणं पण्णासं जोयणसहस्साई पंच य सत्ताणउयजोयणसए किंचिविसेसूणे परिक्खेवेणं सवप्पमाणं वेमाणियप्पमाणस्स अद्धं णेयव्वं, सभा सुहम्मा, उत्तरपुरस्थिमेणं जिणघरं तओ उववायसमा हरओ अभिसेयं० अलंकारो जहा विजयस्स। उववाओ संकप्पो अभिसेयविभूसणा य,ववसाओ। अच्चणिय सिद्धायण गमो घि धचमरपरिवार इवत्तं // 115 // बीयं सयं णवमो उद्देसी किमिदं भंते ! समयखेत्तेत्ति पच्चइ ? गोयमा ! अड्डाइज्जा दीवा दो य समुद्दा एस णं एवइए समयखेति पच्चइ / तत्थ णं अयं जंबुद्दीवे 2 सव्वदीवसमुहाणं सबभंतरे एवं जीवाभिगमवत्तव्वया णेयव्या जाव अभितरं पुक्खरद्धं जोइसविहूणं // 116 // बीयं सयं दसमो उद्देसो कइ णं भंते ! अस्थिकाया 50 ? गोयमा ! पंच अत्थिकाया प०, तंजहा-धम्मत्थिकाए अधम्मत्थिकाए आगासत्थिकाए जीवत्थिकाए पोग्गलत्थिकाए / धम्मत्थिकाए णं भंते ! कइवण्णे कइगंधे कइरसे. कइफासे ? गोयमा ! अवण्णे अगंधे अरसे अफासे अरूवी अजीवे सासए अवट्ठिए लोगदव्वे / से समासओ पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा-दव्वओ खेत्तओ कालओ भावओ गुणओ। दवओ णं धम्मत्थिकाए एगे दव्वे, खेत्तओ णं लोगप्पमाणमेत्ते, कालओ ण कयाइ ण आसि ण कयाइ पत्थि जाव णिच्चे, भावओ अवण्णे अगंधे अरसे अफासे, गुणओ गमणगुणे / अहम्मत्थिकाएवि एवं चेव, णवरं गुणओ ठाणगुणे / आगासस्थिकाएविएवं चेव, णवरं खेत्तओ णं आगासत्थिकाए लोयालोयप्पमाणमेत्ते अणंते चेव जाव गुणओ अवगाहणागुणे / जीवत्थिकाए णं भंते ! कइवण्णे कइगंधे कइरसे कइफासे ? गोयमा ! अवण्णे जाव अरूवी Page #488 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 2 उ. 10 475 मोवे सासए अवट्ठिए लोगदव्वे, से समासओ पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा-दग्वओ जाव गणओ, दव्वओ णं जीवत्थिकाए अणंताई जीवदव्वाई, खेत्तओ लोगप्प माणमेत्ते कालओ ण कयाइ ण आसि जाव णिच्चे, भावओ पुण अवण्णे अगंधे अरसे अफासे, गुणओ उवओगगणे / पोग्गलत्थिकाए णं भंते ! कइवणे कड. गंधे० रसे० फासे ? गोयमा ! पंचवण्णे पंचरसे दुगंधे अट्ठफासे रूबी अजीके सासए अवट्ठिए लोगदव्वे, से समासओ पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा-दव्वओ खेत्तओ कालओ भावओ गुणओ, दव्वओ णं पोग्गलत्थिकाए अणंताई दव्वाई, खेसओ लोयप्पमाणमेत्ते, कालओ ण कयाइ ण आसि जाव णिच्चे, भावओ वण्णमंते गंध० रस० फासमंते, गुणओ गहणगुणे // 117 // एगे भंते ! धम्मत्थिकाय पएसे धम्मस्थिकाएत्ति यत्तव्वं सिया ? गोयमा ! णो इणठे समढे / एवं बोणिवि तिग्गिवि चत्तारि विपंच छ सत्त अट्ट णव दस संखेज्जा / असंखेज्जा मंते ! धनस्थिकायप्पएसा धम्मस्थिकाएत्ति वत्तव्वं सिया ? गोयमा ! णो इणठे समठे, एगपएसूणवि य णं भंते ! धम्मत्थिकाए 2 ति वत्तव्वं सिया ? गो इणडे समठे। से केण?णं भंते ! एवं वुश्चइ ? एगे धम्मत्थिकायपएसे णो धम्मस्थिकाएत्ति वत्तव्वं सिया जाव एगपएसूणेवि य णं धम्मत्थिकाए गो धम्मस्थिकाएत्ति वत्तव्वं सिया ? से णणं गोयमा ! खंडे चक्के सगले चक्के ? भगवं ! णो खंडे चक्के सगले चक्के, एवं छत्ते चम्मे दंडे दूसे आउहे मोयए, से तेणठेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-एगे धम्मत्थिकायपएसे णो धम्मत्थिकाएत्ति वत्तव्यं सिया जाव एगपएसूणेवि य णं धम्मत्थिकाए णो धम्मत्थिकाएति बत्तव्वं सिया / से किंखाइए णं भंते ! धम्मत्थिकाए त्ति वत्तवं सिया ? गोयमा ! असंखेज्जा धम्मत्थिकायपएसा ते सव्वे कसिणा पडिपुण्णा गिरव सेसा एगगहणगहिया एस णं गोयमा ! धम्मत्थिकाएत्ति वत्तव्वं सिया। एवं अहम्मत्थिकाएवि, आगासस्थिकाएवि, मोवस्थिकायपोग्गलत्थिकायावि एवं चेव, णवरं तिहपि पएसा अणंता भाणियव्वा, सेसं तं चेव // 118 // जीवे णं भंते ! उट्ठाणे सकम्मे सबले सवीरिए सपुरिसक्कारपरक्कमे आयभावेण जीवभावं उवदंसेतीति वत्तव्वं सिया ? हंता गोयमा ! जीवे णं सउट्ठाणे जाव उवदंसेतीति वतव्वं सिया। से केपट्टेणं जाव वत्तव्वं सिया ? गोथमा ! जोवे णं अणंताणं आभिणिबोहियणाणपज्जवाणं एवं सुथणाणपज्जवाणं ओहि Page #489 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 476 अंग-पविटु सुत्ताणि णाणपज्जवाणं मणपज्जवणाणप० केवलणाणप० मइअण्णाणप० सुयअण्णाणप० विभंगणाणपज्जवाणं चक्खुदंसणप० अचक्खदसणप० ओहिदसणप० केवल. दसणप० उवओगं गच्छइ, उवओगलवखणे णं जीवे / से एएणठेणं एवं बुच्चइ-गोयमा ! जीवे णं सउट्ठाणे जाव वत्तम्वं सिया // 116 // कइविहे गं भंते ! आगासे पण्णते? गोयमा ! दुविहे आगासे 50, तंजहा-लोयागासे य अलोयागासे य / लोयागासे णं भंते ! कि जीवा जीवदेसा जीवप्पएसा अजीवा अजीवदेसा अजीवप्पएसा ? गोयमा ! जीवावि जीवदेसावि जीवनएसावि अजीवावि अजीवदेसावि अजीवप्पएसावि, जे जीवा ते पियमा एगि. दिया बेंदिया तेइंदिया चरिदिया पंचेंदिया णिदिया, जे जीवदेसा ते णियमा एगिदियदेसा जाव अणिदियदेसा, जे जीवप्पएसा ते णियमा एगिदियपएसा जाव अणिदियपएसा / जे अजीवा ते दुविहा पण्णता, तंजहा-रुबी य अरूवी य, जे रुवी ते चउन्विहा पण्णत्ता, तंजहा-खंधा खंधदेसा खंधपएसा परमाणुपोग्गला / जे अरूवी ते पंचविहा पण्णता-धम्नस्थिकाए णो धम्मत्थिकायस्त देसे धम्मत्थिकायस्स पएसा अधम्मत्थिकाए णो अधम्मत्थिकायस्स देसे अध. म्मत्थिकायस्स पएसा, अद्धासमए // 120 // अलोयागासे णं भंते ! कि जीवा? पुच्छा तह चेव, गोयमा ! णो जीवा जाव णो अजीवप्पएसा एगे अजीबदव्व. देसे अगुरुयलहुए अणंतेहि अगुरुयलयगणेहि संजत्ते सव्वागासे अणंतभागणे // 121 // धम्मत्थिकाए णं भंते ! केमहालए पण्णत्ते ? गोयमा ! लोए लोयमेत्ते लोयप्पमाणे लोयफुडे लोयं चेव फुसित्ता णं चिट्ठइ / एवं अह म्मत्थिकाए लोयागासे जीवस्थिकाए पोग्गलत्थिकाए पंचवि एक्काभिलावा // 122 // अहोलोए णं भंते ! धम्मत्थिकायस्स केवइयं कुसइ ? गोयमा ! साइरेगं अद्धं फुसइ / तिरियलोए णं भंते ! पुन्छा, गोयमा ! असंखेज्जइ. भागं फुसइ / उड्डलोए णं भंते ! पुच्छा, गोयमा ! देसूणं अद्धं फुसइ // 123 // इमा णं भंते ! रयणप्पभापुढवी धम्मत्थिकायस्स कि संखेज्जइभागं फुसइ ? असंखेज्जइभागं फुसइ ? संखिज्जे भागे फुसइ ? असंखेज्जे भागे फुसइ ? सव्वं फुसइ? गोयमा ! णो संखेज्जइमागं फुसइ असंखेज्जइमागं फुसइ णो संखेज्जे णो असं. खेज्जे णो सव्वं फुसइ। इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए घणोदही धम्मत्थि. कायस्स पुच्छा, कि संखेज्जइभागं फुसइ ? जहा रयणप्पभा तहा घणोदहिघण Page #490 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 3 उ. 1 477 चायतणुवायावि। इमोसे गं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए उवासंतरे धम्मत्थिकायस्स कि संखेज्जइभागं फुसइ असंखेज्जइभागं फुसइ जाव सव्वं फुसइ ? गोयमा ! संखेज्जइभागं फुसइ णो असंखेज्जइभागं फुसइ णो संखेज्जे० णो असंखेज्जे० गो सव्वं फुसइ, उवासंतराइं सवाई। जहा रयणप्पभाए पुढवीए वत्तव्वया मणिया, एवं जाव अहेसत्तमाए, जंबुद्दीवाइया दीवा लवणसमुद्दाइया समुद्दा, एवं सोहम्मे कप्पे जाव ईसीपब्भारापुढवीए, एए सव्वेऽवि असंखेज्जइभार्ग फूसइ, सेसा पडिसेहियव्वा / एवं अधम्मत्थिकाए, लोयागासेवि / गाहा-पुढवोदडीघणतणूकप्पा गेवेज्जणुत्तरा सिद्धी / संखेज्जइभागं अंतरेसु सेसा असंखेज्जा // 1 // 124 // बीयं सयं समत्तं ॥तइयं सयं पढमो उद्देसो॥ गाहा–केरिसविउवणा चमर किरिय जाणित्थि गर पाला य / अहिवड इंदियपरिसा तइयम्मि सए दसुद्देसा // 1 // तेणं कालेणं तेणं सम. एणं मोया णाम णयरी होत्या, वणओ। तीसे गं मोयाए णयरीए बहिया उत्तरपुरस्थिमे दिसीमागे गं गंदणे णामं चेहए होत्था, वण्णओ। तेणं कालेणे 2 सामो समोसढे, परिसा णिग्गच्छइ पडिगया परिसा / तेणं कालेणं तेणे समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स दोच्चे अंतेवासी अग्गिभूई णाम अणगारे गोयमगोत्तेणं सत्तुस्सेहे जाव पज्जवासमाणे एवं वयासी-चमरे णं भंते ! असुरिदे असुरराया केमहिड्डिए ? केमहज्जुईए ? केमहाबले ? केमहायसे ? केमहासोक्खे ? केमहाणभागे? केवइयं च णं पभू विउवित्तए ? गोयमा ! चमरे णं असुरिंदे असुरराया महिड्डिए जाव महाणुभागे से गं तत्थ चोत्तीसाए भवणावाससयसहस्साणं चउसट्ठीए सामाणियसाहस्सीणं तायत्तीसाए तायत्तीसगाणं जाव विहरइ, एवं महिड्डिए जाव महाणुभागे, एवइयं च णं पभू विउ. वित्तए से जहाणामए-जुवई जुवाणे हत्थेणं हत्थे गेण्हेज्जा चक्कस्स वा णाभी अरगाउता सिया, एवामेव गोयमा ! चमरे असुरिंदे असुरराया वेउव्वियसमुग्घाएणं समोहण्णइ 2 संखेज्जाइं जोयणाई उड्ढे दंडं णिसिरइ, तंजहा-रय. गाणं जाव रिट्ठाणं अहाबायरे पोग्गले परिसाडेइ 2 अहासुहुमे पोग्गले परि. Page #491 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 478 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि याएइ 2 दोच्चंपि वेउब्वियसमुग्घाएणं समोहण्णइ 2, पभूणं गोयमा ! चमरे असुरिंदे असुरराया केवलकप्पं जंबुद्दीवं 2 बाहिं असुरकुमारेहिं वेवेहि देवीहि य आइण्णं विइकिण्णं उवत्थडं संथडं फुडं अवगाढाऽवमाढं करेत्तए / अदुत्तरं च णं गोयमा ! पभू चमरे असुरिंदे असुरराया तिरियमसंखेज्जे दीवसमुद्दे बहहिं असुरकुमारेहि देवेहि देवीहि य आइण्णे विइकिण्णे उवत्थडे संथडे फूडे अवगाढावगाढे करेत्तए / एसणं गोयमा ! चमरस्स असुरिंदस्स असुररण्णो अयमेयारूवे विसए विसयमेत्ते बुइए, जो चेव णं संपत्तीए विकुविसु वा विकुम्वइ वा विकुन्विस्सइ वा // 125 // जइ में भंते ! चमरे असुरिंदे असुरराया एमहिड्डिए जाव एवइयं च णं पभू विकुवित्तए, चमरस्स णं भंते ! असुरिंदस्स असुररण्णो सामाणिया देवा केमहिड्डिया जाव केवइयं च पं पभू विकुवित्तए ? गोयमा ! चमरस्स असुरिदस्स असुररण्णो सामाणिया देवा महिडिया जाव महाणुभागा, ते णं तत्थ साणं 2 भवणाणं साणं 2 सामाणियाणं साणं 2 अग्गमहिसोणं जाव दिन्बाई भोगभोगाई भुंजमाणा विहरंति, एवं महिड्डिया जाव एवइयं च गं पभू विकुवित्तए / से जहाणामए-जुवई जुवाणे हत्थेणं हत्थे गेण्हेज्जा चक्कस्स वा णाभी अरयाउत्ता सिया एवामेव गोयमा! चमरस्स असुरिंदस्स असुररण्णो एगमेगे सामाणियदेवे वेउव्वियसमुग्घाएणं समोहण्णइ 2 जाव दोच्चपि वेउब्वियसमग्घाएणं समोहण्णइ 2 पभ णं गोयमा ! चमरस्स असुरिदस्स असुररणो एगमेगे सामाणियदेवे केवलकप्य जंबुद्दीवं 2 बहूहिं अनुरकुमारहिं देवेहि देवीहि य आइण्णं विइकिण्णं उवत्थडं संथडं फुडं अवगाढावगाढं करेत्तए, अदुत्तरं च णं गोयमा ! पभू चमरस्स असुरिदस्स असुररण्णो एगमेगे सामाणियदेवे तिरियमसंखेज्जे दीवसमुहे बहि असुरकुमारेहिं देवेहिं देवीहि य आइण्णे विइकिण्णे उवत्थडे संथडे फुडे अव. गाढावगाढे करेलए / एस गं गोयमा ! चमरस्स असुरिदस्स असुर रण्णो एगमेगस्स सामाणियदेवस्स अयमेयारूवे विसए विसयमेत्ते बुइए णो चेव णं संपतीए विकुविसु वा विकुम्वइ वा विकुव्विस्सइ वा। जइ गं भंते ! चमरस्स असुरिंदस्स असुररण्णो सामाणिया देवा एवं महिड्डिया जाव एवइयं च णं पभ विकुवित्तए चमरस्स गं भंते ! असुरिंदस्स असुररण्गो तायत्तीप्तया देवा कमहिड्डिया ? तायत्तीसया देवा जहा सामाणिया तहा णेयव्वा, लोयपाला Page #492 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 3 उ. 1 479 तहेव, णवरं संखेज्जा दीवसमुद्दा भाणियव्वा, बहुहि असुरकुमारेहि 2 आइण्णे माव विउविरसंति वा। जइ गं भंते ! चमरस्स असुरिंदस्स असुररण्णो लोगपाला देवा एवंमहिड्डिया जाव एवइयं च गं पभू विउवित्तए चमरस्स गं भंते ! असुरिंदस्स असुररण्णो अग्गमहिसीओ देवीओ केमहिड्डियाओ जाव केवइयं च गं पभ विकुवित्तए ? गोयमा ! चमरस्स गं असुरिंदस्स असुर. रण्णो अग्गमहिसीओ महिड्डियाओ जाव महाणुभागाओ, ताओ णं तत्थ साणं 2 भवणाणं साणं 2 सामाणियसाहस्सीणं साणं 2 महत्तरियाणं साणं 2 परिसाणं माव एमहिडियाओ अण्णं जहा लोगपालाणं अपरिसेसं // 126 // सेवं भंते ! 2 ति भगवं दोच्चे गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ 2 जेणेव तच्चे गोयमे वायभइअणगारे तेणेव उवागच्छइ 2 तच्चं गोयमं वायुभूई अणगारं एवं वयासी-एवं खलु गोयमा ! चमरे असुरिंदे असुरराया एवं महि. डिए तं चेव एवं सव्वं अपुट्ठवागरणं णेयध्वं अपरिसेसियं जाव अग्गमहिसीणं वत्तव्वया समत्ता / तए णं से तच्चे गोयमे वायुभूई अणगारे दोच्चस्स गोयमस्स अग्गिभूइस्स अणगारस्स एवमाइक्खमाणस्स भा० 50 परू० एयमठें णो सद्दहइ णो पत्तियइ णो रोएइ एयमढें असदहमाणे अपत्तियमाणे अरोएमाणे उदाए उठे 2 जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागन्छइ जाव पज्जुबासमाणे एवं वयासो-एवं खलु भंते ! दोच्चे गोयमे अग्गिभूइअणगारे ममं एवमाइक्खइ भासइ पण्णवेइ परूवेइ-एवं खलु गोयमा ! चमरे असुरिंदे असुरराया महिड्डिए जवि महाणुभागे से गं तत्थ चोत्तीसाए भवणावाससय. सहस्साणं एवं तं चेव सव्वं अपरिसेसं भाणियव्वं जाव अग्गमहिसीणं वत्तव्वया समत्ता ।से कहमेयं भंते ! एवं ?गोयमाइ! समणे भगवं महावीरे तच्चं गोयमं वाउभूई अणगारं एवं वयासी-जणं गोयमा ! दोच्चे गो० अग्गिभूइअणगारे तव एवमाइयख इ ४-एवं खलु गोयमा ! चमरे 3 महिडिए एवं तं चेव सव्वं जाव अग्गमहिसीणं वत्तव्वया समत्ता, सच्चे गं एसमठे, अहंपि ण गोयमा ! एवमाइक्खामि भा० 50 परू०, एवं खल गोयमा ! चमरे 3 जाव महिडिए सो चेव बिइओ गमो भाणियव्वो जाव अग्गमहिसीओ, सच्चे णं एसमठे / सेवं भंते 2 ति तच्चे गोयमे ! वायुभूई अणगारे समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ 2 जेणेव दोच्चे गोयमे अग्गिभूई अणगारे तेणेव उवागच्छइ 2 दोच्चं गो० अग्गिभूइं अणगारं वंदद णमंसइ 2 एयमढें सम्म Page #493 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 480 अगं-पविट्ठ सुत्ताणि विणएणं भुज्जो 2 खामेइ // 127 // तए णं से तच्चे गोयमे वाउभूई भणगारे दोच्चेणं गोयमेणं अग्गिभूइणामेणं अणगारेणं सद्धि जेणेव समणे भगवं महावीरे जाव पज्जवासमाणे एवं वयासी-जइ गं भंते ! चमरे असुरिंदे असुरराया एवं महिड्डिए जाव एवइयं च णं पभू विकुवित्तए बली गं भंते ! घहरोयणिदे वइरोयणराया केमहिड्ढिए जाव केवइयं च णं पभू विकुवित्तए ? गोयमा ! बली णं वइरोयणिदे वइरोयणराया महिढिए जाव महाणुभागे, से णं तत्थ तीसाए भवणावाससयसहस्साणं सट्ठीए सामाणियसाहस्सीणं सेसं जहा चमरस्स तहा बलियस्सवि णेयव्वं, णवरं साइरेगं केवलकप्पं जंबद्दीवंत्ति माणियव्वं, सेसं तं चेव गिरवसेसंणेयव्, णवरं णाणत्तं जाणियव्वं भवहिं सामाणिएहि, सेवं भंते ! 2 ति तच्चे गोयमे वायुभूई जाव विहरइ / भंते ! त्ति भगवं दोच्चे गोयमे अग्गिभई भणगारे समणं भगवं महावीरं वंदइ 2 एवं वयासी-जइ णं भंते ! बली वइरोणिदे वइरोयणराया एमहिढिए जाच एवइयं च णं पभू विकुवित्तए, धरणे णं भंते ! णागकुमारिदे णागकुमारराया केमहिड्ढिए जाव केवइयं च णं पभू विकुवित्तए ? गोयमा ! धरणे णं णागकुमारिदे णागकुमारराया एमहिड्ढिए जाव से गं तत्थ चोयालीसाए भवणावाससयसहस्साणं छह सामाणियसाहस्सीणं तायत्तीसाए तायतीसगाणं चउण्हं लोगपालाणं छहं अग्गहिसीणं सपरिवाराणं तिण्हं परिसाणं सतह अणियाणं सत्तण्हं अणियाहिवईणं चउव्वीसाए आयरदखदेवसाहस्सीणं अण्णेसि च जाव विहरइ, एवइयं च णं पभू विउवित्तए से जहाणामए-जुबई जुवाणे जाव पभू केवलकप्पं जंबद्दीवं 2 जाव तिरियं संखेज्जे दीवस मुद्दे बहूहि णागकुमाहि जाव विउविस्संति वा, सामाणिया तायत्तीसलोगपालगा अग्गमहिसीओ य तहेव, जहा चमरस्स एवं धरणे णं णागकुमारराया महिड्डिए जाव एवइयं जहा चमरे तहा धरणेऽवि, णवरं संखेज्जे दीवसमुद्दे भाणियध्वं, एवं जाव थणिपकुमारा वाणमंतरा जोइ सियावि, गवरं दाहिपिल्ले सव्वे अग्गिभूई पुच्छइ, उत्तरिल्ले सव्वे वाउभई पुच्छइ / भंतेत्ति ! भगवं दोच्चे गोयमे अग्गिभई अणगारे समणं भगवं म० वंदइ णमंसइ 2 एवं वयासी-जइ णं भंते ! जोइसिदे जोइसराया एवं महिड्डिए जाव एवइयं च णं पभू विकुवित्तर सक्के णं भंते ! देविदे देवराया केमहिड्डिए जाव केव. Page #494 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 3 उ. 1 481 इयं च णं पभू विउवित्तए ? गोयमा ! सक्के णं देविदे देवराया महिड्डिए जाव महाणभागे, से णं तत्थ बत्तीसाए विमाणावाससयसहस्साणं चउरासीए सामाणियसाहस्सीणं जाव चउण्हं चउरासीणं आयरक्ख (देव) साहस्सी अण्णेसिं च जाव विहरइ, एवंमहिड्डिए जाव एवइयं च णं पभू विकुवित्तए, एवं जहेव चमरस्स तहेव भाणियव्वं, गवरं दो केवलकप्पे जंबुद्दीवे 2 अदसेसं तं चेव, एस गं गोयमा ! सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो इमेयारूवे विसए विस. यमेत्ते णं बुइए णो चेव णं संपत्तीए विउव्विसु वा विउव्वइ वा विउव्विस्सइ वा // 128 // जइ णं भंते ! सक्के देविदे देवराया एमहिड्डिए जाव एवइयं च णं पभ विकुवित्तए // एवं खलु देवाणप्पियाणं अंतेवासी तीसए णाम अणगारे पगइभद्दए जाव विणीए छठंछट्टेणं अणिक्खित्तेणं तबोकम्मेणं अप्पाणं भावेमाणे बहुपडिपुण्णाई अट्ठ संवच्छराई सामण्णपरियागं पाउणित्ता मासियाए संलेहणाए अत्ताणं झूसेत्ता सटुिंभताई अणसणाए छेदेत्ता आलोइयपडिक्कते समाहिपत्ते कालमासे कालं किच्चा सोहम्मे कप्पे सयंसि विमाणंसि उववायसभाए देवसयणिज्जसि देवदूसंतरिए अंगुलस्स असंखेज्जइ. मागमेत्ताए ओगाहणाए सक्कस्स. देविदस्स देवरण्णो सामाणियदेवत्ताए उववण्णे, तए णं तीसए देवे अहुणोववण्णमेत्ते समाणे पंचविहाए पज्जत्तीए पज्जत्तिभावं, गच्छइ तंजहा-आहारपज्जत्तीए सरीर० इंदिय० आणपाणुपज्जत्तीए भासामण. पज्जत्तीए, तए णं तं तीसयं देवं पंचविहाए पज्जत्तीए पज्जत्तिभावं गयं समाणं सामाणियपरिसोववण्णया देवा करयलपरिग्गहियं दसणहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलि कटु जएणं विजएणं वद्धाविति 2 एवं वयासी-अहो णं देवाणुप्पिए ! दिव्वा देविड्ढी दिव्वा देवज्जुई दिव्वे देवाणुभावे लद्धे पत्ते अभिसमण्णागए, जारिसिया णं देवाणुप्पिएहि दिव्वा देविड्डी दिव्वा देवज्जुई दिव्वे देवाणुभावे लद्धे पत्ते अभिसमण्णागए तारिसिया णं सक्केणं देविदेणं देवरण्णा दिव्वा देविड्ढी जाव अभिसमण्णागया, जारिसिया णं (सक्केणं देविदेणं देवरण। दिव्वा देविडढी जाव अभिसमण्णागया तारिसिया णं) देवाणुप्पिएहिं दिव्वा देविड्ढी जाव अभिसमण्णागया। से गं भंते ! तीसए देवे केमहिड्डिए जाव केवइयं च णं पभू विउवित्तए ? गोयमा ! महिड्डिए जाव महाणू भागे, से गं तत्थ सयस्स विमाणस्स चउण्हं सामाणियसाहस्सीणं चउण्हं अग्गमहिसीणं Page #495 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 482 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि सपरिवाराणं तिण्हं परिसाणं सत्तण्हं अणियाणं सत्तण्हं अणियाहिवईणं सोलसण्हं आयरक्खदेवसाहस्सोणं अप्णेसि च बहूणं वेमाणियाणं देवाण य देवीण य जाव विहरइ, एवंमहिड्डिए जाव एवइयं च णं पभू विउवित्तए, से जहाणामए जुवई जुवाणे हत्थेणं हत्थे गेण्हेज्जा जहेव सक्करस तहेव जाव एसणं गोयमा ! तीसयस्स देवस्स अयमेयारूये विसए विसयमेत्ते बुइए णो चेय णं संपत्तीए विविसु वा 3 / जइ गं भंते ! तीसए देवे महिड्डिए जाव एबइयं च णं पभ विउवित्तए सक्कस्स णं भंते ! देविदस्स देवरण्णो अवसेसा सामाणिया देवा केमहिड्डिया ? तहेव सव्वं जाव एस गं गोयमा ! सक्कररा देविदस्स देवरज्णो एगमेगस्स सामाणियस्स देवस्स इमेयारूवे विसए विसयमेत्ते वइए णो चेव णं संपत्तीए विध्विसु वा विउच्वंति वा विउस्विस्संति वा तायत्तीसा य लोगपालअन्गमहिसीणं जहेव चमरस्स णवरं दो केवलकप्पे जंबुद्दीवे 2 अण्णं तं चेव। सेवं भंते ! 2 ति दोच्चे गोयमे जाव विहरइ॥१२६॥ भंतेत्ति ! भगवं सच्चे गोयमे वाउभूई अणगारे समणं भगवं जाव एवं वयासी-जइ जं भंते ! सक्के देविदे देवराया एमहिड्डिए जाव एवइयं च णं पभू विउवित्तए ईसाणे गं भंते ! देविदे देवराया केमहिड्डिए ? एवं तहेव, णवरं साहिए दो केवलकप्पे जंबद्दीवे 2 अवसेसं तहेव // 130 // ज णं भंते ! ईसाणे देविदे देव. राया एमहिड्डिए जाव एवइयं च णं प्रभू विउवित्तए / एवं खलु देवाणु, प्पियाणं अंतेवासी कुरुदत्तपुते णामं पगइभद्दए जाव विणीए अट्ठमंअट्टमेणं अणिक्खित्तेणं पारणए आयंबिलपरिग्गहिएणं तवोकम्मेणं उड्ढे बाहाओ पगिज्झिय 2 सूराभिमहे आयावणभूमीए आयावेमाणे बहुपडिपुण्णे छम्मासे सामप्रणपरियागं पाउणित्ता अद्धमासियाए संलेहणाए अत्ताणं झूसित्ता तीसं भत्ताई अणसणाए छेदित्ता आलोइयपडिक्कते समाहिपत्ते कालमासे कालं किच्चा ईसाणे कप्पे सयंसि विमासि जा तीसए वत्तव्वया सा सब्वेव अपरिसेसा कुरुदत्तपुत्तेवि, णवरं साइरेगे दो केवलकप्पे जंबुद्दीवे 2, अवसेसं तं चेव, एवं सामागियतायत्तीसलोगपालअग्गमहिसोणं जाव एस गं गोयमा ! ईसाणस्स देविदस्स देवरको एवं एगमेगाए अागमहिसीए देवीए अयमेयारूवे विसए विसयमेते बुइए णो चेव णं संपतोए विजविसु वा 3. // 131 // एवं सणं. कुमारेवि, णवरं चत्तारि केवलकप्पे जंबुद्दीवे 2 अदुत्तरं च णं तिरियमसंखेज्जे, Page #496 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 3 उ. 1 483 एवं सामाणियतायत्तीसलोगपालअग्गमहिसीणं असंखेज्जे दीवसमुद्दे सव्वे विउ. वंति, सणंकुमाराओ आरद्धा उवरिल्ला लोगपाला सव्वेवि असंखेज्जे दीवसमुद्दे. विउव्वंति / एवं माहिदेवि, णवरं साइरेगे चत्तारि केवलकप्पे जंबुद्दीवे 2, एवं बंभलोएवि, गवरं अट्ठ केवलकप्पे, एवं लंतएवि, णवरं साइरेगे अट्ठ केवलकप्पे, महासुवके सोलस केवलकप्पे, सहस्सारे साइरेगे सोलस, एवं पाणएवि, गवरं बत्तीसं केवल०, एवं अच्चुएवि णवरं साइरेगे बत्तीसं केवलकप्पे जंबुद्दीवे 2 अण्णं तं चेव / सेवं भंते ! 2 त्ति तच्चे गोयमे वायुभई अणगारे समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ जाव विहरइ / तए णं समणे भगवं महावीरे अण्णया कयाइ मोयाओ गयरीओ गंदणाओ चेइयाओ पडिणिक्खमइ 2 बहिया जणवयविहारं विहरइ // 132 // तेणं कालेणं तेणं० रायगिहे णामं णवरे होत्था, घण्णओ, जाव परिसा पज्जवासइ। तेणं कालेणं 2 ईसाणे देविदे देवराया सूलपाणी वसहवाहणे उत्तरट्टलोगाहिवई अट्ठावीसविमाणावाससयसहस्साहिवई भरयंवरवत्थधरे आलइयमालमउडे णवहेमचारचित्तचंचलकुंडलविलिहिज्ज. माणगंडे जाव दस दिसाओ उज्नोवेमाणे पभासेमाणे ईसाणे कप्पे ईसाणडिसए विमाणे जहेव रायप्पसे गइज्मे जाब दिवं देविड जाव जामेव दिसि पाउडमए तामेव दिसि पडिगए / भंतेत्ति ! भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ 2 एवं वयासी-अहो णं भंते ! ईसाणे देविदे देवराया महिडिए ईसाणस्स णं भंते ! सा दिव्वा देविड्ढी कहिं गया कहिं अणुपविट्ठा ? गोयमा ! सरीरं गया 2 / से केणठेणं भंते ! एवं बच्चई सरीरं गया ? 2, गोयमा! से जहाणामए-कूडागारसाला सिया दुहओ लिता गुत्ता गुत्तदुवारा णिवाया णिवायगंभीरा तीसे णं कूडागारसालाए जाव कूडागारसालादिठेतो भाणियव्यो। ईसाणेणं भंते ! देविदेणं देवरण्णा सा दिव्वा देविड्ढी दिव्वा देवज्जुई. दिव्वे देवाणुभागे किण्णा लद्धे किण्णा पत्ते किण्णा अभिसमण्णागए ? के वा एस आसि पुष्वभवे किंणामए वा किंगोत्ते वा कयरंसि वा गामंसि वा णवरंसि वा जाव संणिवेसंसि वा किं वा सुच्चा कि वा दच्चा किं वा भोच्चा किं वा किच्चा किवा समायरित्ता कस्स वा तहारूवस्स समणस्स वा माहणस्स वा अंतिए एगमवि आयरियं धम्मियं सुवयणं सोचा णिसम्म ? जणं ईसाणेणं देविदेणं देवरण्णा सा दिव्वा देविड्ढी जाव अभिसमण्णागया ? एवं खलु गोयमा / Page #497 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंग 484 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि तेणं कालेणं 2 इहेव जंबुद्दीवे 2 भारहे वासे तामलिती णाम णयरी होत्या, वण्णओ / तत्थ णं तामलित्तीए णयरीए तामली णामं मोरियपुत्ते गाहावई होत्था, अड्ढे दित्ते जाव बहुजणस्स अपरिभए यावि होत्था / तए णं तस्स मोरियपुत्तस्स तामलितस्स गाहावइस्स अण्णया कयाइ पुव्वरत्तावरत्त. कालसमयंसि कुटुंबजागरियं जागरमाणस्स इमेयारूवे अज्झथिए जाव समु. प्पज्जित्था-अस्थि ता मे पुरा पोराणाणं सुचिण्णाणं सुपरिकताणं सुभाणं कल्लाणाणं कडाणं कम्माणं कल्लाणफलवितिबिसेसो जेणाहं हिरणेणं वड़ामि सुवणेणं वडामि धणेणं वडामि धण्णेणं वड्डामि पुर्तेहि वडामि पसूहि दड्डामि विउलधणकणग-रयण-मणिमोत्तिय-संबसिलप्पवालरत्तरयणरांतसारसावएज्जेणं अईव 2 अभिवढामि, तं किण्णं अहं पुरा पोराणाणं सुचिण्णाणं जाव कडाणं कम्माणं एगंतसोक्खयं उवेहेमाणे विहरामि? तं जाव ताव अहं हिरण्णेणं वड्डामि जाद अईव 2 अभिवढामि जावं च णं मे मित्तणाइणियगसंबंधिपरियणो आढाइ परियाणाइ सबकारेइ सम्माणेइ कल्लाणं मंगलं देवयं चेइयं विणएणं पज्जुदासइ तावता मे सेयं कल्लं पाउप्पभायाए रयणीए जाव जलते सयमेव दारु. मयं पडिग्गहयं करेत्ता विउलं असणं पाणं खाइमं साइमं उवक्खडावेत्ता मित्तणाइणियगसयणसंबंधिपरियणं आमंतेत्ता तं मित्तणाइणियगसंबंधिपरियणं विउलेणं असणपाणखाइमसाइमेणं वत्थगंधमल्लालंकारेण य सक्कारेता सम्मा. णेत्ता तस्सेव मित्तणाइणियगसंबंधिपरियणस्स पुरओ जेट्टपुत्तं कुटंबे ठावेत्ता तं भित्तणाइणियगसंबंधिपरियणं जेट्टपुत्तं च आपुच्छिता सयमेव दारुमयं पडिग्गहं गहाय मुंडे भवित्ता पाणामाए पव्वज्जाए पव्वइत्तए, पव्वइएऽवि य णं समाणे इमं एयारूवं अभिग्गहं अभिगिहिस्सामि-कप्पइ मे जावज्जीवाए छठं. छट्टेणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं उड्ढ़बाहाओ पगिज्झिय 2 सूराभिमहस्स आयावणभूमीए आयावेमाणस्स विहरित्तए, छठुस्सवि य णं पारणयंसि आयावणभूमीओ पच्चोरुभित्ता सयमेव दारुमयं पडिग्गहयं गहाय तामलित्तीए णय. रीए उच्चणीयमज्झिमाइं कुलाई घरसमुदाणस्स भिक्खायरियाए अडित्ता सुद्धोयणं पडिग्गाहेत्ता तं तिसत्तक्खुत्तो उदएणं पक्खालेत्ता तओ पच्छा आहारं आहारित्तएत्तिकटु एवं संपेहेइ 2 कल्लं पाउप्पभायाए जाव जलते सयमेव दारुमयं पडिग्गहयं करेइ 2 विउलं असणं पाणं खाइमं साइमं उववख Page #498 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 3 उ. 1 485 हावेइ. 2 तओ पच्छा व्हाए कयवलिकम्मे कयकोउय मंगल-पायच्छित्ते सुद्धप्पावेसाई मंगल्लाई वत्थाई पवरपरिहिए अप्पमहग्घाभरणालंकियसरीरे भोयण. धेलाए भोयणमंडवंसि सुहासणवरगए तए णं मित्तणाइणियगसयणसंबंधिपरिजणेणं सद्धि तं विउलं असणं पाणं खाइमं साइमं आसाएमाणे वीसाएमाणे परि. भाएमाणे परि जमाणे विहरइ / जिमियमुत्तुत्तरागएऽवि य गं समाणे आयंते चोक्खे परमसुइन्भूए तं मित्तं जाव परियणं विउलेणं असणपाण ४-पुष्फवत्थगंध. मल्लालंकारेण य सक्कारेइ 2 तस्सेव मितणाइ जाव परियणस्स पुरओ जेट्ट पुत्तं कुटुंबे ठावेइ 2 ता तं मित्त-णाइ-णियग-सयण-संबंधि-परियणं जेट्टपुत्तं च आपुन्छइ 2 मुंडे भवित्ता पाणामाए पन्वज्जाए पव्वइए, पव्वइएवि य णं समाणे इमं एयारूवं अभिग्गहं अभिगिण्हइ-कप्पइ मे जावज्जीवाए छठंछठेणं जाव आहारित्तएत्तिकटु इमं एयारूवं अभिग्गहं अभिगिण्हइ 2 ता जावज्जी. वाए छठेछठेणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं उड्ढं बाहाओ पगिज्झिय 2 सूराभिमुहे आयावणभूमीए आयावेमाणे विहरइ, छठुस्सवि य गं पारणयंसि आयावणभूमीओ पच्चोरुहइ 2 सयमेव दारुमयं पडिग्गहं गहाय तामलितीए णयरीए उच्चणीयमज्झिमाई 'कुलाई घरसमुदाणस्स भिक्खायरिया अडइ 2 सुद्धोधणं पडिग्गाहेइ 2 तिसतक्खुत्तो उदएणं पक्खालेइ, तओ पच्छा आहार आहारेइ / से केण?णं भंते ! एवं वच्चइ-पाणामा पव्वज्जा ? गोयमा ! पाणामाए णं पव्वज्जाए पव्वइए समाणे जं जत्थ पासइ इंदं वा खंदं वा रुदं वा शिवं वा वेसमणं वा अज्जं वा कोकिरियं वा रायं वा जाव सत्यवाहं वा काकं वा साणं वा पाणं वा उच्चं पासइ उच्चं पणामं करेइ णीयं पासइ णीयं पणामं करेइ, जं जहा पासइ तस्स तहा पणामं करेइ, से तेणठेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-पाणामा पव्वज्जा // 133 // तए णं से तामली मोरियपुत्ते तेणे ओरालेणं विउलेणं पयतेणं पग्गहिएणं बालतवोकम्मेणं सुक्के भुक्खे जाव धमणिसंतए जाए यावि होत्या, तए णं तस्स तामलिस्स बालतवस्सिस्स अण्णया कयाइ पुज्वरत्तावरत्तकालसमयंसि अणिच्चजागरिय जागरमाणस्स इमेयारूवे अज्झत्थिर चितिए जाव समुप्पज्जित्था-एवं खलु अहं इमेणं ओरा. लेणं विउलेणं जाव उदग्गेणं उदत्तेणं उत्तमेणं महाणु मागेणं तवोकम्मेणं सुक्के भुक्खे जाव धमणिसंतए जाए, तं अत्थि जा मे उट्ठाणे कम्मे बले वीरिए पुरिस Page #499 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - 486 अगं-पविट्ठ सुत्ताणि कारपरक्कमे तावता मे सेयं कल्लं जाव जलंते तामलित्तीए णयरीए विट्ठामठे य पासंडत्थं य गिहत्थे य पुव्वसंगतिए य पच्छासंगतिए य परियायसंगतिए प आपुच्छिता तामलित्तीए णयरीए मझमझेणं णिग्गच्छिता पाउगं कुंडिय. माइयं उवगरणं दारुमयं च पडिग्गहयं एगंते एडेइ एडित्ता तामलितीए गयरीए उत्तरपुरत्थिमे दिसीभाए णियत्तणियमंडलं आलिहइ आलिहित्ता संलेहणाझसणाझसियस्स भत्तपाणपडियाइक्खियस्स पाओवगयस्स कालं अणव. कंखमाणस्स विहरित्तएत्तिकट्ट एवं संपेहेइ एवं संहेपेत्ता कल्लं जाव जलते जाव आपुच्छइ 2 तामलित्तीए एगने एडेइ जाव जलते जाव भत्तपाणपडियाइक्खिए पाओवगमणं णिवणे / तेणं कालेणं 2 बलिवंचारायहाणी अजिंदा अपुरोहिया यावि होत्था / तए णं ते बलिवंचारायहाणिवत्थव्वया बहवे असुरकुमारा देवा य देवीओ य तामलि बालतवस्सि ओहिणा आहोयंति 2 अण्ण मण्णं सद्दावेंति 2 एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! बलिवंचा रायहाणी अणिदा अपुरोहिया अम्हे य णं देवाणुप्पिया! इंदाहीणा इंदाहिटिया इंदाहीणकज्जा अयं च णं देवाणुप्पिया ! तामलो बालतवस्सी तामलित्तीए णयरीए बहिया उत्तरपुरथिमे दिसीभाए णियत्तणियमंडलं आलिहिता संलेहणासूसणासूसिए भत्तपाणपडियाइक्खिए पाओवगमणं णिवण्णे, तं सेयं खलु देवाणुप्पिया! अम्हं तालि बालतस्सि बलिचंचाए रायहाणीए ठिइपकप्पं पकरावेत्तएत्तिकटु अण्णमण्णस्स अंतिए एयमढें पडिसुणेति 2 बलिचंचाए रायहाणीए मझमज्झेणं णिग्गच्छंति 2 जेणेव रुगिदे उप्पायपव्वए तेणेव उवागच्छति 2 घेउव्वियसमुग्घाएणं समोहण्णंति जाव उत्तरवेउवियाई रूवाई विकुटवंति, ताए उक्किट्ठाए तुरियाए चवलाए चंडाए जइणाए छेयाए सीहाए सिग्घाए दिवाए उद्ध्याए देवगइए तिरियमसंखेज्जाणं दीवसमुद्दाणं मझमज्झेणं जेणेव जंबुद्दीवे 2 जेणेव भारहे वासे जेणेव तामलित्ती णयरी जेणेव तामलो मोरियपुत्ते तेणेव उवागच्छति 2 ता तामलिस्स बालतवस्सिस्स उप्पि सपक्खि सपडिदिसि ठिच्चा दिव्वं देविड्डि दिव्वं देवज्जुइं दिव्वं देवाणुभागं दिव्वं वत्तीस. विहं पट्टविहि उवदंसंति 2 तालि बालतवस्सि तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेंति वंदति णमंसंति 2 एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया! अम्हे बलिचंचारायहाणिवत्थव्वया बहवे असुरकुमारादेवा य देवीओ य देवाणुप्पियं वंदामो Page #500 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 3 उ. 1 487 णमंसामो जाव पज्जुवासामो, अम्हाणं देवाणुप्पिया ! बलिचंचा रायहाणी अजिंदा अपुरोहिया अम्हेऽवि य णं देवाणुप्पिया ! इंदाहीणा इंदाहिटिया इंदाहोणकज्जा तं तुन्भे णं देवाणुप्पिया ! बलिचंचारायहाणि आढाह परियाणह सुमरह अह्र बंधह णियाणं पकरेह ठिइपकप्पं पकरेह, तए णं तुन्भे कालमासे कालं किच्चा बलिचंचारायहाणीए उववन्जिस्सह, तए णं तुब्भे अम्हं इंदा भविस्सह, तए णं तुब्भे अम्हेहिं सद्धि दिव्वाई भोगभोगाई भुंजमाणा विहरि स्सह / तए णं से तामली बालतवस्सी तेहि बलियंचारायहाणिवत्थव्वेहि बहूहि असुरकु नारेहिं देवेहि देवीहि य एवं वृत्ते समाणे एयमलैंणो आढाइ णो परियाणेइ तुसिणीए संचिट्ठइ / तए णं ते बलिवंवारायहाणिवत्थव्वया बहवे असुर. कुमारा देवा य देवीओ य तालि मोरियपुत्तं दोच्चपि तच्चपि तिक्खत्तो आयाहिणप्पयाहिणं करेंति 2 जाव अम्हं च णं देवाणप्पिया! बलिवंचारायः हाणी अणिदा जाव ठिइपकप्पं पफरेह जावं दोच्चंपि तच्वंपि, एवं वुत्ते समाणे जाव तुसिणीए संचिट्ठइ / तए णं ते बलिवंचारायहाणिवत्थव्वया बहवे असुरकुमारा देवा य देवीओ य तामलिणा बालतवस्सिणा अणाढाइज्जमाणा अपरियाणिज्जमाणा जामेव दिसि पाउब्भया तामेव दिसि पडिगया // 134 // तेणं कालेणं 2 ईसाणे कप्पे अणिदे अपुरोहिए यावि होत्या / तए णं से तामली बालतवस्सी बहुपडिपुण्णाई सढि वाससहस्साई परियागं पाउणित्ता दोमासियाए संलेहणाए अत्ताणं झूसिता सवीसं भत्तसयं अणसणाए छेदित्ता कालमासे कालं किच्चा ईसाणे कप्पे ईसाणवडिसए विमाणे उववायसभाए देवसयणिज्जसि देवदूसंतरिए अंगुलस्स असंखेज्जभागमेत्तीए ओगाहणाए ईसाणदेविंदविरहकालसमयंसि ईसाणदेविदत्ताए उववण्णे / तए णं से ईसाणे देविदे देवराया अहुणोववणे पंचविहाए पज्जत्तीए पज्जत्तिभावं गच्छइ, तंजहा-आहारप० जाव भासामणपज्जत्तीए / तए णं ते बलिचंचारायहाणिवत्थव्वया बहवे असुर. कुमारा देवा य देवीओ य तालि बालतवस्सि कालगयं जाणित्ता ईसाणे प कप्पे देविदत्ताए उववण्णं पासित्ता आसुरुत्ता कुविया चंडिक्किया मिसि. मिसेमाणा बलिचंचाराय० मज्झमज्झेणं णिग्गच्छंति 2 ताए उक्किदाए जाव जेणेव भारहे वासे जेणेव तामलिती णयरी जेणेव तामलिस्स बालतवस्सिस्स सरीरए तेणेव उवागच्छति वामे पाए संवेणं बंधंति 2 Page #501 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 488 अंग-पविटू सत्ताणि तिक्खुत्तो मुहे उट्ठहति 2 तामलित्तीए णयरीए सिंघाडगतिगचउक्कचच्चर. चउम्महमहापहपहेसु आकविकट्टि करेमाणा महया 2 सद्देणं उग्घोसेमाणा 2 एवं वयासी-केस गं भो ! से तामली बालतव० सयंगहिलिगे पाणामाए पव्वज्जाए पन्वइए ? केस णं भो ! से ईसाणे कप्पे ईसाणे देविदे देवराया? तिकट्ट तामलिस्स बालतव० सरीरयं हीलंति णिति खिसंति गरिहिति अवमण्णंति तज्जति तालेंति परिवहति पव्वहेंति आकड्डविकड्डि करेंति होलेत्ता जाव आकड. विकड्रि करेत्ता एगते एडेंति 2 जामेव दिसि पाउब्भया तामेव दिसि पडिगया // 135 // तए णं ते ईसाणकप्पवासी बहवे वेमाणिया देवा य देवीओय बलिवचा. रायहाणिवत्थव्वहिं बहूहि असुरकुमारेहिं देवेहि य देवीहि य तामलिस्स बालतवस्सिस्स सरीरयं हीलिज्जमाणं णिदिज्जमाणं जाव आकविकडि कोर. माणं पासंति 2 आसुरत्ता जाव मिसिमिसेमाणा जेणेव ईसाणे देविदे देवराया तेणेव उवागच्छंति 2 करयलपरिग्गहियं दसणहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलि कटु जएणं विजएणं वद्धाति 2 एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! बलिचंचारायहाणिवत्थव्वया बहवे असुरकुमारा देवा य देवीओ य देवाणुप्पिए काल. गए जाणित्ता ईसाणे कप्पे इंदत्ताए उववण्णे पासेत्ता आसुरुत्ता जाव एगंते एडेंति 2 जामेव दिसि पाउब्भया तामेव दिसि पडिगया। तए णं से ईसाणे देविदे देवराया तेसि ईसाणकप्पवासीणं बहूणं वेमाणियाणं देवाण य देवीण य अंतिए एयमढें सोच्चा णिसम्म आसुरुत्ते जाव मिसिमिसेमाणे तत्थेव सय. णिज्जवरगए तिवलियं भिउडि णिडाले साहटु बलिचंचारायहाणि अहे सप. विख सपडिदिसि समभिलोएइ / तए णं सा बलिचंचारायहाणी ईसाणेणं देवि. देणं देवरण्णा अहे सपक्खि सपडिदिसि समभिलोइया समाणी तेणं दिवप्पभा. वेणं इंगालब्भूया मुम्मुरब्भया छारियन्भया तत्तकवेल्लकन्भूया तत्ता समजोइ. भया जाया यावि होत्था / तए णं ते बलिचंचारायहाणिवत्थन्वया बहवे असुर. कुमारा देवा य देवीओ य तं बलिचंचं रायहाणि इंगालब्भूयं जाव समजोइ भयं पासंति 2 भीया तत्था तसिया उम्विग्गा संजायभया सव्वओ समंता आधाति परिधावेंति 2 अण्णमण्णस्स कायं समतुरंगेमाणा 2 चिट्ठति / तए गं ते बलिचंचारायहाणिवत्थव्वया बहवे असुरकुमारा देवां य देवीओ य ईसागं देविदं देवरायं परिकुवियं जाणित्ता ईसाणस्स देविदस्स देवरण्णो तं दिव्वं Page #502 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 3 उ. 1 489 देविड्डि दिवं देवज्जुई दिव्वं देवाणुभागं दिव्वं तेयलेस्सं असहमाणा सव्वे सप. विख सपडिविसि ठिच्चा करयलपरिगहियं दसणहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलि कटु जएणं विजएणं वद्धाविति 2 एवं वयासी-अहो णं देवाणुप्पिएहि दिव्वा देविड्ढी जाव अभिसमण्णागया तं दिव्वा गं देवाणुप्पियाणं दिव्वा देविड्ढी भाव लद्धा पत्ता अभिसमण्णागया तं खामेमो णं देवाणुप्पिया ! खमंतु णं देवाणुप्पिया ! खमंतु मरिहंतु णं देवाणुप्पिया ! णाइ भुज्जो 2 एवंकरणयाए. त्तिकट्ठ एयमद्रं सम्मं विणएणं भुज्जो 2 खामेति / तएणं से ईसाणे देविवे देवराया तेहिं बलिचंचारायहाणिवत्थव्वेहि बहूहि असुरकुमारेहिं देवेहिं देवीहि य एयमझें सम्मं विणएणं भुज्जो 2 खामिए समाणे तं दिव्वं देविड्डि जाव तेयलेस्सं पडिसाहरइ / तप्पभिई च णं गोयमा ! ते बलिवंचारायहाणिवत्थ. म्वया बहवे असुरकुमारा देवा य देवीओ य ईसाणं देविदं देवरायं आढ़ति जाव पज्जुवासंति, ईसाणस्स देविदस्स देवरणो आणाउववायवयणणिद्देसे चिड्रेति। एवं खलु गोयमा ! ईसाणेणं देविदेणं देवरण्णा सा दिव्वा देविड्डी जाव अभिसमण्णागया। ईसाणस्स गं भंते ! देविवस्स देवरणो केवइयं कालं ठिई पण्णता ? गोयमा ! साइरेगाई दो सागरोवमाइं ठिई पग्णता / ईसाणे गं भंते ! देविदे देवराया ताओ देवलोगाओ आउखएणं जाव कहिं गच्छिहिइ ? कहि उववजिहिइ ? गो० ! महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ जाव अंतं काहिइ // 136 // सक्कस्स णं भंते ! देविंदस्स देवरणो विमाणेहितो ईसाणस्स देविदस्स देवरण्णो विमाणा ईसि उच्चयरा चेव ईसि उष्णयतरा चेव ईसाणस्स वा देविदस्स देवरण्णो विमाणे हितो सक्कस्स देविदस्स देवरणो विमाणा णीययरा चेव ईसि णिण्णयरा चेव ? हंता ! गोयमा ! सक्कस्स तं चेव सव्वं णेयव्वं / से केणठेणं ? गोयमा ! से जहाणामए-करयले सिया देसे उच्चे से उण्णए देसे पीए देसे णिण्णे, से तेणळेणं गोयमा ! सक्कस्स देविदस्स देवरण्णो जाव ईसि णिण्णयरा चेव // 137 // पभू गं भंते ! सक्के देविदे देवराया ईसाणस्स देविदस्स देवरण्णो अंतियं पाउभवित्तए ? हंता पभू। से गं भंते ! कि आढायमाणे पभू अणाढायमाणे पभू ? गोयमा ! आढायमाणे पभू णो अणाढायमाणे पभू / पभू णं भंते ! ईसाणे देविदे देवराया सक्कस्स देविदस्स देवरग्णो अंतियं पाउन्भवित्तए ? Page #503 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 490 अगं-पविटु सुत्ताणि हंता पभू / से भंते ! कि आढायमाणे पभू अणाढायमाणे पभू ? गोयमा ! आढायमाणेवि पभू अणाढायमाणेवि पम् / पभू णं भंते ! सक्के देवि देवराया ईसाणं देविदं देवरायं सपक्खि सपडिदिसि समभिलोइत्तए ? जहा पाउब्भवणा तहा दोवि आलावगा णेयव्वा / पभू पं भंते ! सक्के देविदे देवराया ईसाणणं देविदेणं देवरण्णा सद्धि आलावं वा संलावं वा करेत्तए ? हंता ! पभू जहा पाउन्भवा / अत्थि पं मंते ! तेसि सक्कोसापाणं देविदाणं देवराईणं किच्चाई करणिज्जाइं समुप्पज्जति ? हंता ! अत्थि / रो कहमियाणि पकरेंति ? गोयमा ! ताहे चेव णं से सक्के देविदे देवराया ईसाणस्स देविदस्स देवरणो अंतियं पाउभवइ, ईसाणे वा देवि देवरामा सक्कस्स देविदस्स देवरण्णो अंतियं पाउन्भवइ, इति भो ! सक्का देविदा देवराया दाहिणड्डलोगाहिवई ! इति भो ! ईसाणा देविदा देवराया उत्तरडलोगाहिनई ! इति भो! 2 त्ति ते अण्णमण्णस्स किच्चाई करणिज्जाइं पच्चणुब्भवमाणा विहरंति // 138 // अत्थि णं भंते ! तेसि सक्कीसाणाणं देविदाणं देवराईणं विवादा समप्पज्जंति ? हंता ! अत्थि। से कहमियाणि पकरेंति ? गोयमा ! ताहे चेव णं ते सक्कीसाणा देविदा देवरायाणो सणंकुमारं देविदं देवरायं मणसीकरेंति, तए णं से सणंकुमारे देविदे देवराया तेहिं सक्कीसाणेहि देविदेहि देवराईहिं मणसीकए समाणे खिप्पामेव सक्कीसाणाणं देविदाणं देवराईणं अंतियं पाउब्भवइ, जं से वयइ तस्स आणा. उववायवयणणिद्देसे चिठ्ठति // 136 // सणंकुमारे णं भंते ! देविदे देवराया किं भवसिद्धिए अभवसिद्धिए सम्मद्दिट्ठी मिच्छदिट्ठी परित्तसंसारए अणंत. संसारए सुलभबोहिए दुल्लमबोहिए आराहए विराहए चरिमे अचरिमे ? गोयमा ! सणंकुमारे णं देविदे देवराया भवसिद्धिए णो अभवसिद्धिए, एवं सम्मद्दिट्ठी परित्तसंसारए सुलभबोहिए आराहए चरिमे पसत्थं णेथव्वं / से केणठेणं भंते ! ? गोयमा ! सणंकुमारे देविदे देवराया बहूणं समणाणं बहूणं समणीणं बहूणं साबयाणं बहूणं सावियाणं हियकामए सुहफामए पत्थकामए आणुकंपिए णिस्सेयसिए हियसुहणिस्सेसकामए, से तेणठेणं गोयमा ! सणंकुमारे णं भवसिद्धिए जाव णो अचरिमे / सणंकुमारस्स णं भंते ! देविदस्स देवरगणो केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! सत्त सागरोवमाणि ठिई पण्णत्ता / से णं भंते ! ताओ देवलोगाओ आउवखएणं जाव कहिं उव. Page #504 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 3 उ. 2 491 वजिहिइ ? गोयमा ! महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ जाव अंतं करेहिइ / सेवं भंते ! सेवं भंते ! / माहाओ-छट्टममासो, अद्धमासो वासाइं अट्ठ छम्मासा / तीसगकुरुदत्ताणं तवभत्तपरिणपरियामओ // 1 // उच्चत्तविमाणाणं पाउन्भव पेच्छणा य संलावे। किंचि विवादुप्पत्ती सणंकुमारे य भवियव्वं (त) // 2 // मोया समता // तइयं सयं बीओ उद्देसो तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे णामं णयरे होत्था जाव परिसा पज्जु. वासइ / तेणं कालेणं तेणं समएणं चमरे असुरिंदे असुरराया चमरचंचाए राय. हाणीए सभाए सुहम्माए चमरंसि सीहासणंति चउसीए सामाणियसाहस्तीहिं जाव णट्टविहि उवदंसेत्ता जामेव दिसि पाउलए तामेव दिसि पडिगए। भंतेत्ति! भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ 2 एवं वयासी-अत्थि णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए अहे असुरकुमारा देवा परिवसंति ? गोयमा! णो इणढे समठे, एवं जाव अहेसत्तमाए पुढवीए, सोहम्मस्स कप्पस्स अहे जाव अस्थि णं भंते ! ईसिपब्भाराए पुढवीए अहे असुरकुमारा देवा परिवसंति ? णो इणठे समठे / से कहिं खाइ णं भंते ! असुरकुमारा देवा परिवसंति ? गोयमा ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए असीउत्तरजोयणसयसहस्सबाहल्लाए, एवं असुरकुमारदेववत्तव्वया जाव दिव्वाइं भोगभोगाई भुजमाणा विहरति / अस्थि णं भंते ! असुरकुमाराणं देवाणं अहे गइविसए ? हंता अत्थि / केवइयं च णं फ्भू ! ते असुरकुनाराणं देवाणं अहे गइविसए पण्णते ? गोयमा ! जाव अहेसतमाए पुढवीए तच्वं पुण पुढवि गया य गमिस्संति य / कि पत्तियगं भंते ! असुरकुमारा देवा तच्चं पुढवि गया य गमिस्संति य? गोयमा ! पुववेरियस्स वा वेदणउदीरणयाए पुथ्वसंगइयस्स वा वेदगउवसामणयाए, एवं खलु असुरकुमारा देवा तच्चं पुढवि गया य गमिस्संति य / अत्थि णं भंते ! असुरकुमाराणं देवाणं तिरियं गइविसए पण्णते ? हंता अस्थि / केवइयं च णं भंते ! असुरकुमाराणं देवाणं तिरियं गइविसए पण्णते ? गोयमा ! जाव असंवेज्जा दीवसमुद्दा णंदिस्सरवरं पुण दीवं गया य गमिस्संति य। कि पत्तियण्णं भंते ! असुरकुमारा देवा गंदिस्सरवरदीवं गया य गमिस्संति य? गोयना / जे इमे अरिहंता भगवंता एएसि णं जम्मणमहेसु वा णिक्खमण. महेसु वा णाणुप्पायमहिमासु वा परिणिव्वाणमहिमासु वा, एवं खलु असुर Page #505 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 492 अंग-पविट्ट सुत्ताणि कुमारा देवा गंदिस्सरवरदीवं गया य गमिस्संति य / अत्थि गं भंते ! असुरकुमाराणं देवाणं उड्ढं गइविसए ? हता! अस्थि / केवइयं च गं भंते ! असुरकुमाराणं देवाणं उड्ढं गइविसए ? गोयमा ! जावऽच्चुए कप्पे सोहम्मं पुण कप्पं गया य गमिस्संति य / किं पत्तियण्णं भंते ! असुरकुमारा देवा सोहम्मं कप्पं गया य गमिस्संति य ? गोयमा ! तेसि णं देवाणं भवपच्चइयवेराणबंधे, ते णं देवा विकुब्वेमाणा परियारेमाणा वा आयरक्खे देवे वित्तासेंति अहालहुस्सगाई रयणाई गहाय आयाए एगंतमंतं अवक्कमति / अस्थि णं भंते ! तेसि देवाणं अहालहुस्सगाई रयणाई ? हंता अस्थि / से कहमियाणि पकरेंति ? तओ से पच्छा कार्य पव्वहति / पभू णं भंते ! असुरकुमारा देवा तत्थ गया चेव समाणा ताहि अच्छराहिं सद्धि दिव्याई भोगभोगाई भुंजमाणा विहरित्तए ? णो इणठे समठे, ते णं तओ पडिमियतंति 2 ता इहमागच्छंति 2 जइ णं ताओ अच्छराओ आढायंति परियाणंति पभू गं ते असुरकुमारा देवा ताहि अच्छराहि सद्धि दिव्वाई भोगभोगाई भुंजमाणा विहरित्तए अहणं ताओ अच्छराओ णो आढायंति णो परियाणंति णो णं पभू ते असुरकुमारा देवा ताहिं अच्छराहि सद्धि दिव्वाई,मोगभोगाई भुंजमाणा विह रित्तए / एवं खलु गोयमा ! असुरकुमारा देवा सोहम्मं कप्पं गया य गमिस्संति य // 141 // केवइकालस्स गं भते ! असुरकुमारा देवा उड्ढं उप्पयंति जाव सोहम्मं कप्पं गया य गमिस्संति य? गोयमा ! अणंताहिं उस्सप्पिणीहि अणंताहि अवसप्पिणीहि समइक्कताहि, अत्यि णं एस भावे लोयच्छरय मूए समुप्पज्जइ जगणं असुरकुमारा देवा उडढं उप्पयंति जाव सोहम्मो कप्पो। कि णिस्साए णं भंते ! असुरकुमारा देवा उड्ढं उप्पयंति जाव सोहम्मो कप्पो ? गोयमा ! से जहाणामए-इह सबरा इ वा बब्बरा इ वा टंकगा इ वा भुत्त्या ह वा पल्हया इ वा पुलिदाइ वा एगं महं रण्णं वा गहुं वा खडं वा दुग्गं वा दरि वा विसमं वा पव्वयं वा णीसाए सुमहल्लमवि आसबलं वा हत्थिबलं वा जोहबलं वा धणुबलं वा आगलैंति, एवामेव असुरकुमारावि देवा, णण्णत्थ अरिहंते वा अरिहंत चेइयाणि वा अणगारे वा भावियप्पणो हिस्साए उड्ढं उप्पयंति जाव सोहम्मो कप्पो / सम्वेवि णं भंते ! असुरकुमारा देवा उड्ढं उप्पयंति जाव सोहम्मो कप्पो ? गोयमा ! णो इणठे समठे, महिड्डिया गं. असुरकुमारा Page #506 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 3 उ. 2 493 देवा उड्ढं उप्पयंति जाव सोहम्मो कप्पो / एसवि णं भंते ! चमरे असुरिवे असुरफुमारराया उड्ढं उप्पइयवि जाव सोहम्मो कप्पो ? हंता गोयमा ! 2 / अहो णं भंते ! चमरे असुरिंदे असुरकुमारराया महिड्डिए महज्जुईए जाव कहि पविट्ठा ? कूडागारसालादिद्वैतो भाणियन्वो // 142 // चमरेणं भंते ! असुरिदेणं असुररण्णा सा दिव्वा देविड्ढी तं चेव जाव किण्णा लद्धा पत्ता अभिसमण्णागया ? एवं खलु गोयमा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जंबुद्दीवे 2 भारहे वासे विझगिरिपायमूले बेभेले णामं संणिवेसे होत्या, घण्णओ। तत्थ णं बेभेले संणिधेसे पूरणे गाम गाहावई परिवसइ अड्ढे दित्ते जहां तामलिस्स वत्तम्वया सहा गेयव्वा, णवरं चउप्पुडयं दारुमयं पडि. ग्गहयं करेता जाव विउलं असणं पाणं खाइमं साइमं जाव सयमेव चउप्पुडयं दारमयं पडिग्गहयं गहाय मुंडे भवित्ता दाणामाए पव्वज्जाए पव्वइत्तए पव्वइएऽवि य णं समाणे तं चेव; जाव आयावणभूमीओ पच्चोएहइ 2 त्ता सयमेव चउप्पुडयं दारुमयं पडिग्गहयं गहाय बेभेले सण्णिवेसे उच्चणीयमज्झि. माइं कुलाई घरसमुदाणस भिक्खायरियाए अडेत्ता जं मे पढमे पुडए पडइ कप्पइ मे तं पंथे पहियाणं दलइत्तए जं मे दोच्चे पुडए पडइ कप्पइ मे तं कागसुणयाणं दलइत्तए जं मे तच्चे पुडए पडइ कप्पइ मे तं मच्छ कच्छमाणं दलहत्तए जं मे चउत्थे पुडए पडइ कप्पइ मे तं अप्पणा आहारित्तएत्तिकट्ट एवं संपेहेइ 2 कल्लं पाउप्पभायाए रयणीए तं चेव गिरवसेसं जाव जं मे (से) घउत्थे पुडए पडइ तं अप्पणा आहारं आहारेइ / तए णं से पूरणे बालतवस्सी तेणं ओरालेणं विउलेणं पयत्तेणं पग्गहिएणं बालतवोकम्मेणं तं चेव जाव बेभे. लस्स सण्णिवेसस्स मज्झमझेणं णिग्गच्छइ 2 पाउयं कुंडियमाईयं उवगरणं चउडयं च दारुमयं पडिग्गहयं एगंतमंते एडेइ 2 बेभेलस्स सण्णिवेसस्स दाहिण पुरथिने दिसीमागे अद्धणियत्तणियमंडलं आलिहित्ता संलेहणासूसणाझूसिए भत्तयाणपडियाइविखए पाओवगमणं णिवण्णे / तेणं कालेणं तेणं समएणं अहं गोयमा ! छउमत्थकालियाए एक्कारसवासपरियाए छठेंछट्टैणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं संजमेणं तबला अप्पाणं भावेमाणे पुवाणुपुचि चरमाणे गामाणु. गोमं दूइज्जमाणे जेणेव सुंसुमारपुरे गयरे जेणेव असोयवणसंडे उज्जाणे जेणेव असोयवरपायवे जेणेव पुढविसिलावट्टए तेणेव उवागच्छामि 2 असोगवरपाय Page #507 -------------------------------------------------------------------------- ________________ __ 494 अगं-पविट्ठ सुत्ताणि वस्स हेट्ठा पुढविसिलावट्टयंसि अट्ठमभत्तं परिगिण्हामि, दोवि पाए साहट्ट वग्धारियपाणी एगपोग्गलणिविट्ठदिछी अणिमिसणयणे संपन्भारगएणं कारणं अहापणिहिएहि गतेहिं सव्विदिएहि गुत्तेहिं एगराइयं महापडिमं उवसंपज्जित्ता णं विहरामि / तेणं कालेणं तेणं समएणं चमरचंचारायहाणी अजिंदा अपुरोहिया यावि होत्था। तए णं से पूरणे बालतवस्सी बहुपडिपुण्णाई दुवालसवासाइं परियागं पाउणित्ता मासियाए संलेहणाए अत्ताणं झूोता सष्टुि भत्ताइं अणसणाए छेदेत्ता कालमासे कालं किच्चा चमरचंचाए रायहाणीए उववायसभाए जाव इंदत्ताए उववष्णे / तए णं से चमरे असुरिंदे असुरराया अगोचवण्णे पंचविहाए पज्जत्तीए पज्जत्तिभावं गच्छइ तंजहा-आहारपज्जत्तीए जाव भास-मगपज्जत्तीए तए णं से चमरे असुरिंदे असुररांया पंचविहाए पज्जत्तीए पज्जत्तिभावं गए समाणे उड्ढं वीससाए ओहिणा आभोएइ जाव सोहम्मो कप्पो, पाराइ य तत्थ सक्कं देविदं देवरायं मघवं पाकसासणं सयक्फतुं सहस्सक्खं वज्जपाणि पुरंदरं जाव दस दिसाओ उज्जोवेमाणं पभासेमाणं सोहम्ने कप्पे सोहम्भवडेराए विमाणे सक्कंसि सीहासणंसि जाव दिव्वाई भोगभोगाई भंजमागं पासइ 2 इमेयारूवे अज्झथिए चितिए पत्थिए मणोगए संकप्पे समज्जित्या-केस णं एस अपत्थिय पत्थए दुरंतपंतलवखणे हिरिसिरिपरिवज्जिए हीणपुण्णदाउद्दसे जगणं ममं इमाए एयारूवाए दिव्वाए देविड्ढोए जाव दिब्वे देवाणुभाचे लद्धे पत्ते अभि. समण्णागए उप्पि अप्पुस्सुए दिव्वाइं भोगभोगाई भुंजमाणे विहरइ, एवं संपेहेइ 2 सामाणियपरिसोववण्णए देवे सद्दावेइ 2 एवं बयासी-केत णं एस देवाणु. प्पिया अपस्थियपत्थए जाव भुंजमाणे विहरइ ? तए णं ते सामाणियपरिसोव. वण्णगा देवा चमरेणं असुरिदेणं असुररणा एवं वुला सभाणा हट्टतुट्टा जाव हयहियया करयलपरिग्गहियं दसणहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलि कटटु जएणं विजएणं वद्धावेंति 2 एवं वयासी-एस णं देवाणुपिया ! सक्के देविदे देवराया जाव विहरइ / तए पं से चमरे असुरिंदे असुरराया तसि सामाणियपरिसोववण्णगाणं देवाणं अंतिए एयम→ सोच्चा णिसम्म आसुरुत्ते रुठे कुविए चंडिक्किए मितिमिसेमाणे ते सामाणियपरिसोनवण्णए देवे एवं वयासी-अण्णे खलु भो ! से सक्के देविदे देवराया अण्णे खलु भो ! से चमरे असुरिंदे असुरराया, महिडिए खलु भो ! से सक्के देविदे देवराया, Page #508 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 3 उ. 2 495 अप्पिड्ढीए खलु भो ! से चमरे असुरिदे असुरराया, तं इच्छामि गं देवाणुप्पिया ! रावक देविदं देवरायं सयमेव अच्चासाइत्तएत्तिकटु उसिणे उसिणम्भूए जाए यावि होत्था / तए णं से चमरे असुरिंदे असुरराया ओहिं पउंजइ 2 ममं ओहिणा आभोएइ 2 इमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्था-एवं खलु समणे भगवं महावीरे जंबुद्दीवे 2 भारहेवासे सुंसुमारपुरे णयरे असोगवणसंडे उज्जाणे असोगवरपायवस्स अहे पुढविसिलावट्टयंसि अट्ठमभत्तं पडिगिण्हित्ता एगराइयं महापडिमं उवसंपज्जित्ता णं विहरइ / तं सेयं खलु मे समणं भगवं महावीरं णीसाए सवक देविदं देवरायं सयमेय अच्चासाइत्तएत्तिकटु एवं संपेहेइ 2 सयणिज्जाओ अब्भुढे 2 ता देवदूसं परिहेइ 2 उववायसभाए पुरत्थिमिल्लेणं दारेणं-णिग्गच्छइ, जेणेव सभा सुहम्मा जेणेव चोप्पाले पहरणकोसे तेणेव उवागच्छइ 2 ता फलिहरयणं परामसइ 2 एगे अबीए फलिहरयणमायाए महया अमरिसं वहमाणे चमरचंचाए रायहाणीए मझंमज्झेणं णिग्गच्छइ 2 जेणेव तिगिच्छिकडे उप्पायपव्वए तेणेव उवागच्छइ 2 ता वेउव्वियसमुग्धाएणं समोहण्णइ 2 तां संखेन्जाइं जोयणाई जाव उत्तरवेउन्वियरूवं विउव्वइ 2 ता ताए उक्किट्ठाए जाव जेणेव पुढविसिलावट्टए जेणेव मम अंतिए तेणेव उवागच्डइ 2 ममं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ जाव णमंसित्ता एवं वयासी-इच्छामि णं भंते ! तुम्भं णीसाए सक्कं देविदं देवरायं सयमेव अच्चासाइत्तएत्तिकटु उत्तरपुरथिमं दिसीभागं अवक्कमइ 2 वेउब्वियसमुग्धाएणं समोहष्णइ 2 जाव दोच्चपि वेउव्वियसमुग्घाएणं समोहण्णइ 2 एगं महं घोरं घोरागारं भीमं भीमागारं भासुरं भयाणीयं गंभीरं उत्तासणयं कालरत्तमासरासिसंकासं जोयणसयसाहस्सीयं महाबोंदि विउव्वइ 2 अप्फोडेइ 2 वग्गइ 2 गज्जइ 2 हयहेसियं करेइ 2 हस्थिगलगलाइयं करेइ 2 रहघणघणाइयं करेइ 2 पायदद्दरगं करेइ 2 भूमिचवेडयं दलयइ 2 सीहणादं णदइ 2 उच्छोलेइ 2 पच्छोलेइ 2 तिवई छिदइ 2 वाम भुयं ऊसवेइ 2 दाहिणहत्थपदेसिणीए य अंगुट्ठणहेण य वितिरिच्छमुहं विडंबेइ 2 महया 2 सद्देणं कलकलरवं करेइ, एरो अवीए फलिहरयणमायाए उड्ढं वेहासं उप्पइए, खोभंते चेव अहेलोयं कंपेमाणे च मेयणितलं आकर्टे (साकड्ढे) तेव तिरियलोयं फोडेमाणे व अंबरतलं कत्थइ गज्जते कत्थइ विज्जयायंते कत्थइ वासं वासमाणे गाओ Page #509 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंग-पविट्ठ सुत्ताणि कत्थई रउग्घायं पकरेमाणे कस्थइ तमुक्कायं परमाणे वाणमंतरदेवे विता. सेमाणे जोइसिए देवे दुहा विभयमाणे 2 आयरक्खे देवे विपलायमागे 2 फलि. हरयणं अंबरतलति विपट्टमाये 2 विउल्माएमाणे 2 ताए उक्किटाए नाव तिरियमसज्जाणं दीवसनाणं मज्झमझेणं वीईवयमाणे 2 जेणेव सोहम्ने कप्पे जेणेव सोहम्मव.सए विमाणे जेणेव समा सुहम्मा तेणेव उवागच्छइ 2 एगं पायं पउमवरवेइयाए करेइ एग पायं समाए सुहम्माए करेइ फलिहरयणे महया 2 सद्देणं तिकबुत्तो इंदकीलं आउडेइ 2 एवं बयासी-कहि शंभो ! सक्के देविदे देवराया ? कहिणं ताओ चउरासीइ सामाणियसाहस्सीओ ? जाव कहि गं ताओ चत्तारि चउरासीईओ आयरबखदेवसाहरगोओ ? कहिणं ताओ अणे. गाओ अच्छर कोडीओ ? अज्ज हणामि अज्ज महभि अज्ज बहेमि अज्ज मम अवसाओ अच्छराओ वसभुवणमंतुतिकट्ठ तं अणिळं अकंतं अप्पियं असुभं अमणुण्णं अमणामं फरुलं गिर णिसिरइ / तए पं से सक्के देविदे देवराया तं अणिठें जाव अमणामं अस्सुयपुन्वं फरसं गिरं सोचा णिसम्म आसुरुते जाव मिसिमिसेमाणे तिवलियं भिउडि पिडाले साहट्ट चमरं असुरिदं असुररायं एवं ययासी-हं भो ! चमरा ! असुरिंदा ! असुरराया ! अपत्यियपत्थया ! जान होणपुण्णचाउद्दसा ! अज्ज ण भवसि माहि ते सुहमत्थीतिकट्ठ तत्थेव सीहासणवरगए वज्ज परामुसइ 2 तं जलंतं फुडतं तडतडतं उक्कासहस्साई विणि म्मुयमाणं जालासहस्साई पमुंचमाणं इंगालसहस्साइं पविविखरमाणं 2 फुलिंगजालामालासहस्सेहि चक्वविक्खेवदिद्विपडियाय पि पकरेमाणं दृयवहअरेगतेय. दिप्पंतं जइणवेगं फुल्लाकसुयसमाणं महाभयं भयंकरं चमरस्स असुरिंदस्स असुररणो वहाए वज्ज णिसिरइ / तए णं से चमरे असुरिंदे असुरराया तं जलतं जाव भयंकरं वज्जमभिमुहं आवयमाणं पास पासइत्ता झियाइ पिहाइ झियाइत्ता पिहाइत्ता तहेव संभग्गमउडविडए सालबहत्थाभरणे उड्डपाए अहो. सिरे कक्खागयसेयपि व विणिम्मुयमाणे 2 ताए उक्किट्ठाए जाव तिरियम. संखजाणं दीवसभुद्दाणं माझंभज्झेणं वीईवयमाणे 2 जेणेव जंबुदीचे 2 जान जणेव असोगवरपायवे जेणेव मम अंतिए तेणेव उवागच्छइ 2 ता भीए भय. गग्गरसरे भगवं सरणमिति वुयमाणे ममं दोण्हवि पायाण अंतरंसि झतिवेगे समोवडिए // 143 // तए णं तरस सक्करस देविंदस्स देवरणो इमेवारूदे Page #510 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 3 उ. 2 497 अन्झथिए जाव समुप्पज्जित्था-णो खलु पभू चमरे असुरिंदे असुरराया गो खलु समत्थे चमरे असुरिंदे असुरराया जो खलु विसए चमरस्स असु. रिंदस्स असुररण्णो अपणो हिस्साए उड्ढं उप्पइत्ता जाव सोहम्मो कप्पो,णण्णत्थ अरिहते वा अरहंत चेइयाणि वा अणगारे वा भाविअप्पणो णीसाए उड्ढे उप्पयइ जाव सोहम्मो कप्पो / तं महादुक्खं खलु तहारूवाणं अरहंताणं भगवंताणं अण. गाराण य अच्चासायणाएत्तिकटु ओहिं पउंजइ 2 ममं ओहिणा आभोएइ 2 हा हा अहो हतोऽहमंसित्तिकटु ताए उक्किट्ठाए जाव दिव्वाए देवगईए बज्जस्स वीहि अणुगच्छमाणे 2 तिरियमसंखेज्जाणं दीवसमुद्दाणं मज्झमज्झेणं जाव जेणेव असोगवरपायवे जेणेव ममं अंतिए तेणेव उवागच्छइ 2 ममं चउ. रंगलमसंपत्तं वज्जं पडिसाहरइ, अवियाई मे गोयमा ! मूट्ठिवाएणं केसग्गे वोइत्था // 144 // तए णं से सक्के देविदे देवराया वज्जं पडिसाहरित्ता ममं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ 2 वंदइ णमंसइ 2 एवं वयासी-एवं खलु भंते ! अहं तुम्भं णीसाए चमरेणं असुरिदेणं असुररण्णा सयमेव अच्चासाइए, तए णं मए परिकुविएणं समाणेणं चमरस्स असुरिंदस्स असुररण्णो वहाए वज्जे णिसिठे, तए णं ममं इमेयारूवे अज्झथिए जाव सनुप्पज्जित्था-णो खलु पभू चमरे असुरिवे असुरराया तहेव जाव ओहिं पउंजामि देवाणुप्पिए ओहिणा आभोएमि हा हा अहो हओनीतिकटु ताए उक्किट्ठाए जाव जेणेव देवाणुप्पिए तेणेव उवागच्छामि देवाणुप्पियाणं चउरंगुलमसंपत्तं वज्ज पडिसाहरामि वज्जपडिसाहरणट्ठयाए णं इहमागए इह समोसढे इह संपते इहेव अज्ज उवसंप. ज्जित्ता णं विहरामि / तं खामेमि णं देवाणुप्पिया ! खमंतु णं देवाणुप्पिया ! खमंतु मरहंतु णं देवाणुप्पिया ! गाइभुज्जो एवं पकरणयाएत्तिक? ममं बंदइ णमंसइ 2 उत्तरपुरथिमं दिसीमागं अवक्कमइ 2 वामेणं पादेणं तिवखुतो भूमि दलेइ 2 चमरं असुरिदं असुररायं एवं वयासी-मुक्कोऽसि णं भो चमरा ! अबुरिदा ! असुरराया ! समणस्स भगवओ महावीरस्स पभावेणं णाहि ते दाणि ममाओ भयमत्थीतिकटु जामेव दिसि पाउन्भूए तामेव दिसि पडिगए // 14 // भंतेत्ति ! भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदइ 2 एवं वयासी-देवे णं भंते ! महिड्डिए महज्जुईए जाव महाणुभागे पुव्वामेव पोग्गलं खिवित्ता पभू तमेव अणुपरियट्टित्ता णं गिहित्तए ? हंता पभू / से केणठेणं Page #511 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 498 अंग-पविट्ट सुत्ताणि भंते ! जाव गिहित्तए ? गोयषा ! पोग्गले णं खित्ते समाणे पुवामेव सिग्धगई भवित्ता तओ पच्छा मंदगई भवइ / देने णं महिड्डिए पुन्विपिय पच्छावि सोहे सीहगई चेव तुरिए तुरियगई चेव, से तेणट्टेणं जाव पभू गेण्हित्तए / जइ णं भंते ! देवे महिड्डिए जाव अणुपरियट्टित्ता गं गेण्हित्तए कम्हा णं भंते ! सक्केणं देविदेणं देवरण्णा (राया) चमरे असुरिदे असुरराया णो संचाएइ साहत्थि गेण्हित्तए ? गोयना ! असुरकुमाराणं देवाणं अहे गइ. बिसए सीहे 2 चेव तुरिए 2 चेव उडद गइविसए अप्पे 2 चेव मंद-मंदे चेव वेमा णियाणं देवाणं उड्ढं गइविसए सीहे-सोहे चेव तुरिए जुरिए थेव अहे गइविसए अप्पे-अप्पे चेव मंद-मंदे चेव, जावइयं खेत्तं सक्के देविवे देवराया उड्ढं उप्पयइ एक्केणं सभएणं तं वज्जे दोहि, जं वज्जे दोहिं तं चमरे तिहि, सम्वत्थोवे सवकस्स देविदस्स देवरणो उडलोयकंडए अहेलोय. कंडए संखेज्जगुणे, जावइयं खेत्तं चमरे असुरिंदे असुरराया अहे उवय 3 एक्केणं समएणं तं सक्के दोहिं जं सक्के दोहिं तं वज्जे तिहि, सव्वत्थोवे चम. रस्स असुरिदस्स असुररणो अहेलोयकंडए उड्डलीयकंडए संखेज्जगुणे / एवं खलु गोयमा ! सक्केणं देविदेणं देवरण्णा चमरे असुरिंदे असुरराया णो संचा. एइ साहत्थि गेण्हित्तए / सक्फस्स णं भंते ! देविंदस्स देवरण्णो उड्ढं अहे तिरियं च गइविसयस्स कयरे 2 हितो अप्पे वा बहुए वा तुल्ले वा विसेसा. हिए वा ? गोयमा ! सम्वत्थोवं खेत्तं सक्के देविदे देवराया अहे उवयइ एक्केणं समएणं तिरियं संखेज्जे भागे गच्छइ उड्ढे संखेज्जे भागे गच्छइ / चमरस्स णं भंते ! असुरिंदस्स असुररण्णो उड्ढं अहे तिरियं च गइविसय. स्स कयरे 2 हितो.अप्पे वा बहुए वा तुल्ले वा विसेसाहिए वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवं खेत्तं चमरे असुरिंदे असुरराया उड्ढं उप्पयइ एक्केणं समएणं तिरिय संखेज्जे भागे गच्छइ अहे संखेज्जे भागे गच्छइ / वज्जं जहा सक्कस्स देविदस्स तहेव णवरं विसेसाहियं कायव्वं / सक्कस्स गं भंते ! देविंदस्स देवरणो उवयणकालस्स य उप्पयणकालस्स य कयरे 2 हितो अप्पे वा बहए वा तुल्ले वा विसेसाहिए था ? गोयमा ! सव्वत्थोवे सक्कस्स देविदस्स देवरणो उड्ढं उप्पयणकाले उवयणकाले संखेज्जगुणे। चमरस्सवि जहा सक्कस्स गवरं Page #512 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 3 उ. 2 499 सम्वत्थोदे उवयगकाले उप्पयणकाले संखेज्जगुणे / वज्जस्त पुच्छा, गोयमा ! सम्वत्योवे उप्पयणकाले उवयणकाले विसेसाहिए / एयस्स गं भंते ! वज्जस्स वज्जाहिवइस्स चमरस्स य असुरिंदस्स असुररणो उवयणकालस्स य उप्पयणकालस्स य कयरे 2 हितो अप्पे वा 4 ? गोयमा ! सक्कस्स य उप्पयणकाले धमरस्स य उवयणकाले एएणं दोषिणवि तुल्ला सम्वत्थोवा, सक्कस्स य उव. यणकाले वज्जस्स य उप्पयणकाले एस णं दोहवि तुल्ले संखेज्जगुणे चमरस्स य उप्पयणकाले वज्जस्स य उवयणकाले एस णं दोण्हवि तुल्ले विसेसाहिए // 146 // तए णं से चमरे असुरिदे असुरराया बज्जभविष्पमुक्के सक्केणं देविदेणं देवरण्णा महया अवमाणेणं अवमाणिए समाणे चमरचंचाए रायहाणीए समाए सुहम्माए चमरंसि सोहासणंसि ओहयमणसंकप्पे चितासोयसागरसंपविट्ठे करयलपल्हत्थमहे अट्टज्झाणोवगए भूमिगयदिट्ठीए झियाइ / तए णं तं चमरं असुरिदं असुररायं सामाणियपरिसोववण्णया देवा ओहयमणसंकप्पं जाव झिया. यमागं पासंति 2 करयल जाव एवं वयासी-किण्णं देवाणुप्पिया ! ओहयमण. संकप्पा जाव झियायह ? तए णं से चमरे असुरिंदे असुर० ते सामाणियपरि. सोववण्णए देवे एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! मए समणं भगवं महा. वीरं णीसाए सक्के देविदे देवराया सयमेव अच्चासाइए, तए णं तेणं परिकुविएणं समाणेणं ममं वहाए वज्जे णिसिढे तं भद्दण्णं भवतु देवाणुप्पिया ! समणस्स भगवओ महावीरस्स जस्स म्हि पभावेणं अक्किठे अव्वहिए अपरिताविए इहमागए इह समोसढे इह संपत्ते इहेव अज्जं उवसंपज्जिता गं विहरामि / तं गच्छामो णं देवाणुपिया ! समणं भगवं महावीरं वंदामो णमं. सामो जाव पज्जवासामोतिकट्ट चउसट्ठीए सामाणियसाहस्सीहि जाव सव्वि. डडीए जाव जेणेव असोगवरपायवे जेणेव मम अंतिए तेणेव उवागच्छइ 2 ममं तिक्खत्तो आयाहिणं पयाहिणं जाव णमंसित्ता एवं वयासी-एवं खल भंते ! मए तुम्भं णीसाए सक्के देविदे देवराया सधमेव अच्चासाइए जाव तं भई गं भवतु देवाणुप्पियाणं जस्स म्हि पभावेणं अक्किठे जाव विहरामि तं खामेमि गं देवाणुप्पिया! जाव उत्तरपुरस्थिमं दिसीभागं अवधकमइ 2 ता जाव बत्ती. सइबद्धं गट्टविहिं उवदंसेइ 2 जामेव दिसि पाउन्भूए तामेव दिसि पडिगए / एवं खलु गोयमा ! चमरेणं असुरिदेणं असुररण्णा सा दिन्वा देविड्ढी लद्धा Page #513 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 500 अगं पविट्ठ सुत्ताणि पत्ता जाव अभिसमण्णागया, ठिई सागरोवमं, महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ जाव अंतं काहिइ // 147 // कि पत्तियं णं भंते ! असुरकुमारा देवा उड्ढं उप्पयंति जाव सोहम्मो कप्पो ? गोयमा ! तेसि णं देवाणं अहणोववष्णगाण घा चरिमभवत्थाण वा इमेयावे अज्झथिए जाव समजइ-अलोणं अम्हेहि दिव्वा देविड्ढी लद्धा पत्ता जाव अभिसमष्णागया जारिसिया णं अम्हेहि दिव्वा देविड्ढी जाव अभिसमण्णागया तारिसिया णं सदकेणं देविदेणं देवरणा दिवा देविड्ढी जाव अभिसमष्णागया जारिसिया णं सदकेणं देविदेणं देवरणा जाव अभिसमण्णागया तारिसिया णं अम्हेहिवि जाव अभिसमण्णागया, तं गच्छामो णं सक्कस्स देविदस्स देवरणो अंतियं पाउडभवामो पातामो ताव सक्कस्स देविदस्स देवरणो दिव्वं देविडि जाव अभिसमण्णागयं पासउ ताव अम्हवि सक्के देविदे देवराया दिव्वं देविति जाव अभिसमण्णागयं, तं जाणामो ताव सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो दिव्वं देविड्डि जाव अभिसमण्णागय जाणउ ताव अम्हवि सक्के देविदे देवराया दिव्वं देविड जाव अभिसमण्णागयं / एवं खलु गोयमा! असुरकुमारा देवा उडढं उप्पयंति जाव सोहम्मो कप्पो / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति // 148 // चमरो समत्तो॥ तइयं सयं तइओ उद्देसो तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे णामं णपरे होत्था जाव परिसा पडि. गया। तेणं कालेणं तेणं समएणं जाव अंतेवासी मंडियपुत्ते णाम अणगारे पगइभद्दए जाव पज्जुवासमाणे एवं वयासी-कइ णं भंते ! किरियाओ पण्ण. त्ताओ? मंडियपुत्ता ! पंच किरियाओ पण्णत्ताओ, तंजहा-काइया अहिगर. णिया पाओसिया पारियावणिया पाणाइवायकिरिया / काइया णं भंते ! किरिया कइविहा पण्णता ? मंडियपुत्ता ! दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-अणुवरय. कायकिरिया य दुप्पउत्तकायकिरिया य / अहिगरणिया णं भंते ! किरिया कइ विहा पण्णता ? मंडियपुता ! दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-संजोयणाहिगरण. किरिया यणिवतणाहिगरणकिरिमाय / पाओसिया णं भंते ! किरिया कविहा पण्णत्ता? मंडियपुत्ता ! दुविहा पणता, तंजहा-जीवपाओसिया य अजीव पाओ. सिया य / पारियावणिया णं भंते ! किरिया कइ विहा प० ? मंदियपुत्ता! दुविहा 50, तंजहा-सहत्यपारियावणिया य परहत्थयारियावणिया य / पाणाइवाय Page #514 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 3 उ. 3 किरिया णं भंते ! पाणाइवायकिरिया कइविहा प० ? मंडियपुत्ता ! दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-सहत्थपा० परहत्थपा० किरिया य // 146 // पुत्वि भंते ! किरिया पच्छा वेयणा पुवि वेयणा पच्छा किरिया ? मंडियपुत्ता ! प्रवि किरिया पच्छा वेयणा, णो पुवि वेयणा पच्छा किरिया // 15 // अस्थि णं भंते ! समणाणं णिग्गंथाणं किरिया कज्जइ ? हता! अस्थि / कहं गं भंते ! समणाणं णिगंथाणं किरिया कज्जइ ? मंडियपुता! पमायपच्चया जोगणिमित्तं च, एवं खल समणाणं णिगंथाणं किरिया कज्जइ // 151 // जीवे णं भंते ! सया समियं एयइ वेयइ चलइ फंदइ घट्ट खुभइ उदीरइ तं तं भावं परिणमइ ? हंता ! मंडियपुत्ता ! जीवे णं सया समियं एयइ जावं तं तं भावं परिणमइ / जावं च गं भंते ! से जीवे सया समियं जाव परिणमइ तावं च णं तस्स जीवस्स अंते अंतकिरिया भवइ ? जो इणठे समठे / से केण→णं भंते ! एवं वुच्चइ-जावं च णं से जीवे सया समियं जाव अंते अंतकिरिया ण भवइ ? मंडियपुत्ता ! जावं च णं से जीवे सया समियं जाव परिणमइ तावं च णं से जीवे आरंभइ सारंभइ समारंभइ आरंभे वट्टइ सारंभे वट्टइ समारंभे वट्टइ आरंभमाणे सारंभमाणे समा. रंभमाणे आरंभं वट्टमाणे सारंभे वट्टमाणे समारंभे वट्टमाणे बहूणं पाणाणं भूयाणं जीवाणं सत्ताणं दुक्खावणयाए सोयावणयाए जूरावणयाए तिप्पावणयाए पिट्टावणयाए परियावणयाए वट्टइ / से तेणठेणं मंडियपुत्ता! एवं वुच्चइजावं च णं से जीवे सया समियं एयडू जाव परिणमइ तावं च णं तस्स जीवस्स अंते अंतकिरिया ण भवइ / जीवे णं भंते ! सया समियं णो एयइ जाव णो तं तं भावं परिणमइ ? हा मंडियपुत्ता ! जीवे णं सया समियं जाव णो परिणमइ / जावं च णं भंते ! से जीवे णो एयइ जाव णो तं तं भावं परिणमइ तावं च णं तस्स जीवस्स अंते अंतकिरिया भवइ ? हंता ! जाव भवइ / से केणट्टेणं भंते ! जाव भवइ ? मंडियपुत्ता ! जावं च णं से जीवे सया समियं णो एयइ जाव णो परिणमइ तावं च णं से जीवे णो आरंभइ णो सारंभइ णो समारंभइ णो आरंभे वट्टइ णो सारंभे वट्टइ णो समारंभे वट्टइ अणारंभमाणे असारंभमाणे असमारंभमाणे आरंभे अवट्टमाणे सारंभे अवट्टमाणे समारंभे अवट्टमाणे बहूणं पाणाणं 4 अदुक्खावणयाए जाव अपरियावणयाए Page #515 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 502 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि वइ / से जहाणामए केइ पुरिसे सुक्कं तणहत्ययं जायतेस पक्लिवेज्जा, से पूर्ण मंडियपुता! से सुवके तमहत्थए जायतेयंसि पक्खि ते समाणे खिप्पा. मेव मसमसाविज्जइ ? हंता ! मसमसाविज्जइ ? से जहाणामए-केइ पुरिसे ततंसि अयकवल्लंसि उदयबिद पक्खिवेज्जा, से णणं मंडियपत्ता ! से उदयबिदू तत्तंसि अयकवल्लसि पक्वित्ते समाणे खि-पामेव विद्धंसमा. गच्छइ ? हंता ! विद्धंसमागच्छइ / से जहाणामए हरए सिया पुणे पुण्ण. प्पमाणे बोलट्टमाणे वोसट्टमाणे समभरघडताए विट्ठः ? हंता चिट्ठइ, अहे णं केइ पुरिसे तंसि हरयंसि एगं महं णावं सयासवं सयच्छिदं ओगाहेज्जा से गूणं मंडियपुत्ता ! सा णावा तेहि, आसवारेहि आपूरेमाणी 2 पुग्णा पुण्णप्पमाणा वोलट्टमाणा वोसट्टमाणा समभरघडताए चिट्ठइ ? हंता ! चिट्ठइ, अहे गं केइ पुरिसे तीसे गावाए सवओ समंता आसवदाराई पिहेइ 2 णावा. उरिसचणएणं उदयं उस्सिचिज्जा से णणं मंडियपुत्ता ! सा णावा तंति उदयसि उस्सिचिजंसि समाणंसि खिप्पामेव उड्ढं उदाइ ? हंता ! उदाइ, एवा. मेव मंडियपुत्ता ! अत्तत्तासंवुडस्स अणगारस्स इरियासमियस्स जाव गुत्तबंभयारिस्स आउत्तं गच्छमाणस्स चिट्ठमाणस्स णिसीयमाणस्स तुयट्टमाणस्स आउत्तं वत्थपडिग्गहकंबलपायपुंछणं गेहमाणस्स णिक्खिवमाणस्स जाव चक्खुपम्हणिवायमवि माया सुहमा इरियावहिया किरिया कज्जइ, सा पढमसमयबद्धपुट्ठा बिइयसमयवेइया तइयसमयणिज्जरिया सा रद्धा पुट्ठा उदीरिया वेड्या णिज्जिण्णा सेयकाले अफम्भ वावि भवइ, से तेगळेणं मंडियपुत्ता ! एवं बच्चइ-जावं च णं से जीवे सया समियं णो एयइ जाव अंते अंतकिरिया भवइ // 152 // पमत्तसंजयस्स णं भंते ! पमत्ततंजमे वट्टमाणस्स सव्वावि य णं पमत्तद्धा कालओ केवच्चिरं होइ ? मंडियपुत्ता ! एगजीवं पडुच्च जह ण्णणं एक्कं समयं उक्कोसेणं देसूणा पुवकोडी, जाणाजीवे पडुच्च सव्वद्धा। अप्पमत्तसंजयस्स णं भंते ! अप्पमत्तसंजमे वट्टमाणस्स सव्वावि य णं अप्पमत्तद्धा कालओ केवच्चिरं होइ ? मंडियपुत्ता ! एगजीवं पडुच्च जहण्णेणं अंतोमहत्तं उक्को० पुवकोडी देसूणा, णाणाजीवे पडुच्च सम्वद्धं / सेवं भंते ! 2 त्ति भगवं मंडियपुत्ते अणगारे समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ 2 संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ // 153 // भंते ! ति भगवं Page #516 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 3 उ. 4 503 गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ 2 त्ता एवं वयासी-कम्हा णं भंते ! लवणसमुद्दे चाउद्दसट्ठमुद्दिठ्ठपुण्णमासिणीसु अइरेयं वड्डइ वा हायइ वा ? जहा जीवाभिगमे लवणसमुद्दवत्तब्वया यज्वा जाव लोयट्ठिई, लोयाणुभावे / सेवं भंते ! 2 ति जाव विहरइ / किरिया समत्ता // 154 // तइयं सयं चउत्थो उद्देसो अणगारे णं भंते ! भावियप्पा देवं वेउब्वियसमुग्घाएणं. समोहयं जाणरूदेणं जायमाणं जाणइ पासइ ? गोयमा ! अत्थेगइए देवं पासइ णो जाणं पासइ 1 अत्थेगइए जाणं पासई णो देवं पासइ 2 अत्थेगइए. देवपि पासइ जाणंपि पासइ 3 अत्थेगइए णो देवं पासइ णो जाणं पासइ 4 / अणगारे गंभंते ! भावियप्पा देवि वेउब्वियसमग्घाएणं समोहयं जाणरूवेणं जायमाणं जाणइ पासइ ? गोयमा ! एवं चेव / अणगारे णं भंते ! भावियप्पा देवं सदेवीयं वेउब्वियसमुग्घाएणं समोहयं जाणरूवेणं जायमाणं जाणइ पासइ ? गोयमा ! अत्थेगइए देवं सदेवीयं पासइ णो जाणं पासइ, एएणं अभिलावेणं चत्तारि भंगा। अणगारे णं भंते ! भावियप्पा रुक्खस्स कि अंतो पासइ बाहिं पासइ ? चउभंगो / एवं कि मलं पासइ कंदं पा०? चउभंगो। मलं पा० खंधं पा० ? चउभंगो। एवं मलेणं बीजं संजोएयव्वं / एवं कंदेणवि समं संजोए. यध्वं जाव बीयं, एवं जाव पुप्फेण समं बीयं संजोएयत्वं / अणगारे णं भंते ! भावियप्पा रुक्खस्स कि फलं पा० बीयं पा० ? चउभंगो // 155 // पण भंते ! वाउकाए एगं महं इत्थिरूवं वा पुरिसरूवं वा हत्थिरूवं वा जाणरूवं वा एवं जुग्गगिल्लिथिल्लिसीयसंदमाणियरूवं वा विउवित्तए ? गोयमा ! णो हणठे समठे, वाउक्काए णं विकुव्वमाणे एगं महं पडागासंठियं रूवं विकुम्वइ / पभू णं भंते ! वाउकाए एगं महं पडागासंठियं रूवं विउवित्ता अणेगाई जोय. गाई गमित्तए ? हंता ! पभू / से भंते ! कि आयड्ढीए गच्छइ परिड्डीए गच्छइ ? गोयमा ! आयड्ढीए ग० णो परिड्ढीए ग० / जहा आयड्ढीए एवं आयकम्मणावि आयप्पओगेणवि भाणियव्वं / से भंते ! किं ऊसिओदयं गच्छइ पयोदयं ग० ? गोयमा ! ऊसिओदयंपि ग० पयोदयंपि ग० / से भंते ! कि एगओपडागं गच्छइ दुहओपडागं गच्छइ ? गोयमा ! एगओपडागं गच्छइ णो दुहओपडागं गच्छइ / से गं भंते ! कि वाउकाए पडागा ? गोयमा / वाउकाए Page #517 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 504 अंग-पविट सुत्ताणि गं से णो खलु सा पडागा // 156 // पभू णं भंते ! बलाहए एगं महं इत्थिरूवं वा जाव संदमाणियरूवं वा परिणामे तर ?हता ! पभू / पभू णं भंते ! बलाहए एगं महं इत्थिरूवं परिणामेत्ता अणेगाइं जोयणाई गमित्तए ? हंता ! पभू। से भंते ! कि आयड्ढीए गच्छइ परिड्ढीए गच्छइ ? गोयमा ! णो आयड्ढीए गच्छइ, परिड्ढीए ग० / एवं णो आयकम्मणा परकम्मुणा णो आयप्पओगणं परप्पओगेणं ऊसिओदयं वा गच्छइ पयोदयं वा गच्छइ / से भंते ! किं बलाहए इत्थी ? गोयमा ! बलाहए णं से णो खलु सा इत्थी। एवं पुरिसे आसे हत्थी। पभू णं भंते ! बलाहए एगं महं जाणरूवं परिणामेत्ता अणेगाइं जोयणाई गमितए ? जहा इत्थित्वं तहा भाणियट्वं / णवरं एगओचक्कवालंपि दुहओचक्कवालं पि गच्छइ भाणियवं, जुग्गगिल्लिथिल्लिसीयासंदमाणियाणं तहेव // 157 / / जीवे णं भंते ! जे भविए र इएस उववज्जित्तए, से गं भंते ! किलेसेसु उव. वज्जइ ? गोयमा ! जल्लेसाई दवाई परियाइत्ता कालं करेइ तल्लेसेसु उववज्जइ, तं०-कण्हलेसेसु वा णीललेसेसु वा काउलेसेसु वा, एवं जस्स जा लेस्सा सा तस्स भाणियध्वा जाव जीवे णं भंते ! जे भविए जोइसिएसु उववज्जित्तए? पुच्छा, गोयमा ! जल्लेसाई दवाइं परियाइत्ता कोलं करेइ तल्लेसेसु उववज्जइ, तं०-तेउलेस्सेसु / जीवे णं भते ! जे भविए वेमाणिएसु उवव जित्तए से णं भंते ! किलेस्सेसु उववज्जइ ? गोयमा! जल्लेस्साई दवाइं परियाइत्ता कालं करेइ तल्लेसेसु उववज्जइ, तं० तेउलेस्सेसु वा पम्हलेसेसु वा सुक्कलेसेसु वा // 158 // अणगारे गं भंते ! भावियप्पा बाहिरए पोग्गले अपरियाइत्ता पभू वेभारं पव्वयं उल्लंघेत्तए वा पल्लंघेत्तए ? गोयमा ! णो इणठे समठे / अणगारे णं भंते ! भावियप्पा बाहिरए पोग्गले परियाइत्ता पभू वेभारं पव्वयं उल्लंघेत्तए वा पल्लंघेत्तए वा ? हंता ! पभू / अणगारे णं भंते ! भावियप्पा बाहिरए पोग्गले अपरियाइत्ता जावइयाई रायगिहे णयरे रूवाई एवइयाई विकुवित्ता वेभारं पव्वयं अंतो अणुप्पविसित्ता पभू समं वा विसमं करेत्तए विसमं वा समं करेत्तए ? गोयमा ! णो इणठे समठे / एवं चेव बिइओऽवि आलावगो णवरं परियाइत्ता पभू / से भंते ! कि माई विकुव्वइ अमाई विकुवइ ? गोयमा ! माई विकुब्वइ णो अमाई दिकुव्वई / से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ जाव णो अमाई विकुम्वइ ? गोयमा ! माई णं पणीयं पाणभोयणं Page #518 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 3 उ. 5 505 भोच्चा 2 वामेइ तस्स णं तेणं पणीएणं पाणभोयणेणं अट्ठि-अद्धिमिजा बहली. भवंति पयणुए मंससोणिए भवइ, जेविय से अहाबायरा पोग्गला तेविय से परिणमंति, तं जहा-सोइंदियत्ताए जाव फासिदियत्ताए अट्ठिअट्टिमिजकेसमंसुरोम. हत्ताए सुक्कत्ताए सोणियत्ताए, अमाई णं लूहं पाणभोयणं भोच्चा 2 णो वामेइ, तस्स गं तेणं लूहेणं पाणभोयणेणं अट्ठि-अद्धिमिजा० पयणु भवंति बहले मंससोणिए, जेविय से अहाबायरा पोग्गला तेविय से परिणमंति, तंजहा-उच्चारताए पासवणत्ताए जाव सोणियत्ताए, से तेणठेणं जाव णो अमाई विकुव्वइ। माई गं तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिक्कते कालं करेइ पत्थि तस्स आराहणा। अमाई गं तस्स ठाणस्स आलोइयपडिक्कते कालं करेइ अत्थि तस्स आराहणा। सेव भंते ! सेवं भंते ! ति // 156 // तइय सयं पंचमो उद्देसो अणगारे णं भंते ! भावियप्पा बाहिरए पोग्गले अपरियाइत्ता पभू एगं महं इत्यीरूवं वा जाव संदमाणियरूवं वा विउवित्तए ? णो इ० / अणगारे में मंते ! भावियप्पा बाहिरए पोग्गले परियाइत्ता पभू एगं महं इत्थीरूवं वा जाव संदमाणियरूवं वा विउवित्तएं ? हंता ! पभू / अणगारे णं भंते ! भावि० केवइयाई पभू इस्थिरूवाई विकुवित्तए ? गोयमा ! से जहाणामए जुवई जवाणे हत्थेणं हत्थे गेण्हेज्जा चक्कस्स वा णाभी अरगाउत्ता सिया एवामेव अणगारेवि भावियप्पा वेउध्वियसमुग्घाएणं समोहण्णइ जाव पभू गं गोयमा ! अणगारे णं भावियप्पा केवलकप्पं जंबुद्दीषं बहूहि इत्थिरूवेहिं आइण्णं विति. किणं जाव एस णं गोयमा ! अणगारस्स भावि० अयमेयारूवे विसए विसय. मेत्ते बुइए णो चेव णं संपत्तीए विकुविसु वा 3, एवं परिवाडीए यव्वं जाव संदमाणिया / से जहाणामए केइ पुरिसे असिचम्मपायं गहाय गच्छेज्जा एवा. मेव अणगारेवि भावियप्पा असिचम्मपायहत्थकिच्चगएणं अप्पाणेणं उड्ढं वेहासं उप्पइज्जा ? हंता ! उप्पइज्जा / अणगारे णं भंते ! भावियप्पा केवइयाई पभ असिचम्मपायहत्थकिच्चगयाइं रूवाइं विउवित्तए ? गोयमा ! से जहाणामएनवई जवाणे हत्थेणं हत्थे गेण्हेज्जा तं चेव जाव विउविसु वा 3 / से जहा. णामए केइ पुरिसे एगओपडागं काउं गच्छेज्जा, एवामेव अणगारेवि भाविपप्पा एगओपडागाहत्थकिच्चगएणं अप्पाणेणं उड्ढे वेहासं उप्पएज्जा ? हंता Page #519 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 506 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि गोयमा ! उप्पएज्जा / अणगारे णं भंते ? भावियप्पा केवइयाई पभू एगओ. पडागाहत्थकिच्चगयाई रूवाई विउवित्तए ? एवं चेव जाव विकुविसु वा.३। एवं दुहओपडागंपि। से जहाणामए-केइ पुरिसे एगओजण्णोवइयं काउं गच्छेज्जा, एवामेव अण० भा० एगओजष्णोवइयकिच्चगएणं अप्पाणेणं उड्ढं वेहासं उप्प. एज्जा? हंता ! उप्पएज्जा / अणगारे णं भंते ! भावियप्पा केवइयाइं पभू एग. ओजण्णोवइयकिच्चगयाइं स्वाइं विकुवित्तए ? तं चेव जाव विकुविसु वा 3, एवं दुहओजण्णोवइयंपि / से जहाणामए-केइ पुरिसे एगओपल्हत्थियं काउं चिट्ठज्जा, एवामेव अणगारेवि भावियप्पा० एवं चेव जाव विकुविसु वा 3 एवं दुहओ पल्हत्थियं पि / से जहाणामए केइ पुरिसे एमओपलियंक काउं चिट्ठज्जा० ? तं चेव जाव विकुविसु वा 3 एवं दुहओपलियंकं पि। अणगारे गं भंते ! भावियप्पा बाहिरए पोग्गले अपरियाइत्ता पभू एगं महं आसरूवं वा हत्थिरुवं वा सीहरूवं वा वग्धवगदीवियअच्छतरच्छपरासररूवं वा अभिजंजितए? णो इणठे समठे। अणगारे णं एवं बाहिरए पोग्गले परियाइत्ता पभू / अणगारे गं भंते ! भा० एगं महं आसरूवं वा अभिजंजित्ता अणेगाइं जोयणाई गमित्तए ? हंता ! पभू / से भंते ! कि आयड्ढीए गच्छइ परिड्ढोए गच्छइ ? गोयमा ! आयड्ढीए गच्छइ णो परिड्ढीए / एवं आयकम्मुणा णो परकम्मुणा आयप्पओगेणं णो परप्पओगेणं. उस्सिओदयं वा गच्छइ पयोदयं वा गच्छइ / से गं भंते! कि अणगारे आसे ? गोयमा ! अणगारे णं से णो खल से आसे / एवं जाव परासररूवं वा / से भंते ! कि माई विकुम्वइ अमाई विकुम्वइ ? पोयमा ! माई विकुव्वइ णो अमाई विकुव्वइ / माई णं भंते ! तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिक्कते कालं करेइ कहिं उववज्जइ ? गोयमा! अण्णयरेसु आभि. योगेसु देवलोगेसु देवत्ताए उववज्जइ / अमाई णं भंते ! तस्स ठाणस्स आलोइय. पडिक्कते कालं करेइ कहिं उववज्जइ? गोयमा! अण्णयरेसुअणाभिओगेसु देव. लोएसु देवत्ताए उववज्जइ। सेवं नंते ! 2 त्ति, गाहा-इत्थीअसोपडागा जण्णोवइए य होइ बोद्धव्वे / पल्हत्थियपलियंके अभिओगविकुवणा माई // 1 // 160 // तइयं सयं छट्ठो उद्देसो अणगारे गं भंते ! भावियप्पा माई मिच्छद्दिट्ठी वीरियलद्धीए वेउन्विय. लद्धीए विभंगणाणलद्धीए वाणासि गरि समोहए समोहणिता रायगिहे णयरे Page #520 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 3 उ. 6 5 07 हवाई जाणइ पासइ ? हंता ! जाणइ पासइ / से भंते ! कि तहाभावं जाणइ पासइ अण्णहाभावं जा० पा० ? गोयमा ! णो तहाभावं जाणइ पा० अण्णहा. भावं जा० पा० / से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ णो तहाभावं जा० पा० मण्णहाभावं जाणइ पा० ? गोयमा! तस्स गं एवं भवइ-एवं खलु अहं रायगिहे णयरे समोहए समोहणित्ता वाणारसीए णयरीए रूवाइं जाणामि पासामि, से से दंसणे विवच्चासे भवइ, से तेणठेणं जाव पासइ। अणगारे गं भंते ! भावियप्पा माई मिच्छदिट्ठी जाव रायगिहे णयरे समोहए समोह. णित्ता वाणारसीए णयरीए रूवाइं जाणइ पासइ ? हंता ! जाणइ पासइ। तं चेव जावं तस्स णं एवं भवइ-एवं खलु अहं वाणारसीए णयरीए समोहए 2 रायगिहे णयरे रूबाइं जाणामि पासामि, से से दंसणे विवच्चासे भवइ, से तेणठेणं जाव अण्णहाभावं जाणइ पासइ / अणगारे णं भंते ! भावियप्पा माई मिच्छदिट्ठी वीरियलद्धीए वेउब्वियलद्धोए विभंगणाणलद्धीए वाणारसि गरि रायगिहं च णयरं अंतरा एगं महं जणवयवग्गं समोहए 2 वाणारसिं गरि रायगिहं च णयरं अंतरा एगं महं जणवयवग्गं जाणइ पासइ ? हंता ! नाणइ पासइ / से भंते ! कि तहाभावं जाणइ पासइ अण्णहाभावं जाणइ पा०? गोयमा ! णो तहाभावं जाणइ पासइ अग्णहाभावं जाणइ पासइ / से केणट्ठणं . जाव पासइ ? गोयमा ! तस्स खलु एवं भवइ एस खलु वाणारसी णयरी एस खलु रायगिहे णयरे एस खलु अंतरा एगे महं जणवयवग्गे णो खलु एस महं वीरियलद्धी वेउव्वियलद्धी विभंगणाणलद्धी इड्ढी जुई जसे बले वीरिए पुरिसक्कारपरक्कमे लद्धे पत्ते अभिसमण्णागए, से से दंसणे विवच्चासे भवइ, से तेणठेणं जाव पासइ / अणगारे णं भंते ! भावियप्पा अमाई सम्मदिट्ठी वीरियलद्धीए वेउव्वियलद्धीए ओहिणाणलद्धीए रायगिह णयरं समोहए 2 वाणारसीए णयरीए रूवाई जाणइ पासइ ?हंता ! जा० पा० / से भंते ! किं तहाभावं जाणइ पासइ अण्णहाभावं जाणइ पासइ ? गोयमा ! तहाभावं जाणइ पासइ णो अण्णहाभावं जाणइ पासइ / से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ ? गोयमा ! तस्स णं एवं भवइ-एवं खलु अहं रायगिहे णयरे समोहए समोहणित्ता वाणारसीए णयरीए रूवाइं जाणामि पासामि, से से सणे अविवच्चासे भवइ, से तेणठेणं गोयमा! एवं वच्चइ, बीओ आलावगो एवं चेव णवरं वाणारसीए णयरीए Page #521 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 508 अंग-पविटु सुत्ताणि समोहणा णेयव्वा रायगिहे णयरे रूवाइं जाणइ पासइ / अणगारे ण भंते ! भावियप्पा अमाई सम्मदिठी वीरियलद्धीए वेउव्वियलद्धीए ओहिणाणलद्धोए रायगिह णयरं वाणारसि पयरिं च अंतरा एगं महं जणवयवग्गं समोहए 2 रायगिहं णयरं वाणारसिं च परि तं च अंतरा एगं महं जणवयवग्गं जाणइ पासइ ? हंता ! जा० पा० / से भंते ! कि तहाभावं जाणइ पासइ अण्णहाभावं नाणइ पासइ ? गोयमा ! तहाभावं जाणइ पा०, णो अण्णहाभावं जा० पा० / से केणठेणं ? गोयमा ! तस्स णं एवं भवइ-णो खलु एस रायगिहे णयरे णो खलु एस वाणारसी णयरी णो खलु एस अंतरा एगे जणवयवग्गे एस खलु मम वीरियलद्धी वेउवियलद्धी ओहिणाणलद्धी इड्ढी जुई जसे बले वीरिए पुरि. सक्कारपरवकमे लद्धे पत्तं अभिसमण्णागए से से दंसणे अविवच्चासे भवइ से तेणठेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ तहाभावं जाणइ पासइ णो अण्णहाभावं जाणइ पासइ / अणगारे गं भंते ! भावियप्पा बाहिरए पोग्गले अपरियाइत्ता पभू एगं महं गामरूवं वा णयररूवं वा जाव सण्णिवेसरूवं वा विकुवित्तए ? जो इणठे समझें, एवं बिइओवि आलावगो, णवरं बाहिरए पोग्गले परियाइत्ता पभू / अणगारे णं भंते ! भावियप्पा केवइयाई पभू गामरूवाई विकु. वित्तए ? गोयमा ! से जहाणामए जुवई जुवाणे हत्थेणं हत्थे गेण्हेज्जा तं चेव जाव विकुविसु वा 3 एवं जाव सण्णिवेसरूवं वा // 161 // चमरस्स से भंते ! असुरिंदस्स असुररण्णो कइ आयरक्खदेवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ? गोयमा! चत्तारि चउसट्ठीओ आयरवखदेवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ, ते णं आयरक्खा वष्णओ जहा रायप्पसेणइज्जे, एवं सन्वेसि इंदाणं जस्स जत्तिया आयरक्खा भाणियव्वा / सेवं भंते ! 2 ति // 162 // तइयं सयं सत्तमो उद्देसो रायगिहे णयरे जाव पज्जवासमाणे एवं वयासी-सवकस्स णं भंते ! देवि दस्स देवरष्णो कइ लोगपाला पण्णता ? गोयमा ! चत्तारि लोगपाला. 50, तंजहा-सोमे जमे वरुणे वेसमणे / एएसि णं भंते ! चउण्हं लोगपालाणं कई विमाणा पण्णत्ता ? गोयमा ! चत्तारि विमाणा प०, तंजहाँ-संझप्पभे वर. सिट्टे सयंजले वग्ग / कहि णं भंते ! सक्कस्स देविदस्स देवरण्णो सोमस्स Page #522 -------------------------------------------------------------------------- ________________ * 3 उ. 7 509 भगवई स. 3 उ. 7 महारणो संझप्पभे णामं महाविमाणे पण्णत्ते ? गोयमा ! जंबुद्दीवे 2 मंदरस्स पध्वयस्स दाहिणेणं इमोसे रयणप्पभाए पुढवीए बहुसमरमणिज्जाओ भूमिभागाओ उड्ढं चंदिमसूरियगहगणणक्खत्ततारारूवाणं बहूई जोयणाई जावपंच डिसया पण्णत्ता, तंजहा-असोयवडेंसए सत्तवण्णव.सए चंपयव.सए चूयवडेंसए मज्झे सोहम्मवडेंसए / तस्स णं सोहम्म वडेंसयस्स महाविमाणस्स पुरथिमेणं सोहम्मे कप्पे असखेज्जाई जोयणाई वीइवइत्ता एत्थ णं एक्कस्स देविदस्स देवरग्णो सोमस्स महारण्णो संझप्पभे गाम महाविमाणे पण्णत्ते अद्धतेरस जोयणसयसहस्साई आयामविक्खंभेणं उयालीसं जोयणसयसहस्साई बावणं च सहस्साइं अट्ठ प अडयाले जोयणसए किचिविसेसाहिए परिक्खेवेणं प० जा सूरियाभविमाणस्स वत्तव्वया सा अपरिसेसा भाणियव्वा जाव अभिसेओ णवरं सोमो देवो। संझप्पभस्स णं महाविमाणस्स अहे सक्खि सपडिदिसि असंखेज्जाइं जोयणसह. स्साइं ओगाहित्ता एत्थ णं सक्कस्स देविदस्स देवरण्णो सोमस्स महारण्णो सोमा णामं रायहाणी पण्णत्ता एगं जोयणसयसहस्सं आयामविक्खंभेणं जंबु. होवपमाणा, वेमाणियाणं पमाणस्स अद्धं णेयव्वं जाव उवरियलेणं सोलस जोयणसहस्साई आयामविक्खंभेणं पण्णासं जोयणसहस्साई पंच य सत्ताणउए जोयणसए किचिविसेसू गे परिक्खेवेणं पण्णत्ते, पासायाणं चत्तारि परिवाडीओ गेयवाओ सेसाणत्थि / सक्कस्स णं देविदस्स देवरण्णो सोमस्स महारणो इमे देवा आणाउववायवयणणिद्देसे चिठ्ठति, तंजहा-सोमकाइयाइ वा सोमदेवयकाइयाइ वा विज्जुकुमारा विज्जुकुमारीओ अग्गिकुमारा अग्गिकुमारीओ वाउकुमारा बाउकुमारीओ चंदा सूरा गहा णक्खत्ता तारारूवा जे यावण्णे तहप्पगारा सव्वे ते तब्भत्तिया तप्पक्खिया तब्भारिया सक्कस्स देविदस्स देवरण्णो सोमस्स महा. रण्णो आणाउववायवयणणिद्देसे चिट्ठति / जंबुद्दीवे 2 मंदरस्स पव्वयस्स दाहिगणं जाई इमाई समुप्पज्जंति, तं जहा-गहदंडाइ वा गहमुसलाइ वा गहगज्जियाइ वा, एवं गहजुद्धाइ वा गहसिंघाडगाइ वा गहावसव्वाइ वा अन्भाइ वा अन्भरुक्खाइ वा संझाइ वा गंधव्वणयराइ वा उक्कापायाइ वा दिसीदाहाइ वा गज्जियाइ वा विज्जयाइ वा पंसुवुट्ठीइ वा जूवेइ वा जक्खालित्तएत्ति वा धमियाइ वा महियाइ वा रउग्घाएइ वा चंदोवरागाइ वा सूरोवरागाइ वा चंदपरिवेसाइ वा सूरपरिवेसाइ वा पडिचंदाइ वा पडिसूराइ वा इंदधणू. Page #523 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 510 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि इ वा उदगमच्छकपिहसियअमोहपाईणवायाइ वा पडीणवायाइ वा जाव संवट्टयवायाइ वा गामदाहाइ वा जाव सण्णिवेसदाहाइ वा पाणक्खया जण. क्खया धणक्खया कुलक्खया वसणभया अणारिया जे यावण्णे तहप्पगारा ण ते सक्कस्स देविदस्स देवरणो सोमस्स महारण्णो अण्णाया अदिवा असुया अमया अविण्णाया तेसि वा सोमकाइयाणं देवाणं / सक्कस्स णं देविदस्स देव. रण्णो सोमस्स महारण्णो इमे देवा अहावच्चा अभिण्णाया होत्था, तं जहाइंगालए वियालए लोहियक्खे सणिच्चरे चंदे सूरे सुक्के बहे बहस्सई राह / सक्कस्स गं देविदस्स देवरण्णो सोमस्स महारण्णो सत्तिभागं पलिओवमं ठिई पण्णत्ता, अहावच्चाभिण्णायाणं देवाणं एगं पलिओवम ठिई पण्णना, एवंमहि. डिए जाव महाणभागे सोमे महाराया // 163 // कहि णं भंते ! सक्कस्स देविदस्स देवरणो जमस्स महारण्णो वरसिठे णामं महाविमाणे पण्णत्ते ? गोयमा ! सोहम्मडिसयस्स महाविमाणस्स दाहिणेणं सोहम्मे कप्पे असंखे. ज्जाइं जोयणसहस्साई बीइवइत्ता एत्थ णं सक्कस्स देविदस्स देवरणो जमस्स महारण्णो वरसिट्टे णामं महाविमाणे पण्णत्ते अद्धतेरस जोयणसयसहस्साई नहा सोमस्स विमाणं तहा जाव अभिसेओ रायहाणी तहेव जाव पासायपं. तीओ। सक्कस्स णं देविदस्स देवरण्णो जमस्स महारण्णो इमे देवा आणा० जाव चिट्ठति, तं जहा-जमकाइयाइ वा जमदेवकाइयाइ वा पेयकाइयाइ वा पेयदेवयकाइयाइ वा असुरकुमारा असुरकुमारीओ कंदप्पा गिरयवाला आभिओगा जे यावण्णे तहप्पगारा सव्वे ते तब्भत्तिया तप्पक्खिया तब्भारिया सक्कस्स देवि. दस्स देवरण्णो जमस्स महारष्णो आणाए जाव चिट्ठति / जंबुद्दीवे 2 मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं जाइं इमाइंसमुप्पज्जति, तंजहा-डिवाइवा डमराइ वा कल. हाइ वा बोलाइ वा खाराइ वा महाजुद्धाइ वा महासंगामाइ वा महासत्थणिव. डणाइ वा एवं महापुरिसणिवडणाइ वा महारुहिरणिवडणाइ वा दुब्भूयाइ वा कुलरोगाइ वा गामरोगाइ वा मंडलरोगाइ वा णयररोगाइ वा सीसवेयणाइ वा अच्छिवेयणाइ वा कण्णणहदंतवेयणाइ वा इंदग्गहाइ वा खंदग्गहाइ वा कुमारगहा जक्खग्गहा० भयग्गहा० एगाहियाइ वा बेयाहियाइ वा तेयाहियाइ वा चाउत्थहियाइ वा उच्वेयगाइ वा कासा० सासाइ वा सोसेइ वा जराइ वा दाहा० कच्छकोहाइ वा अजीरया पंडुरोगा हरिसाइ वा भगंदराइ वा हियय. Page #524 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 3 उ. 7 सूलाइ वा मत्थयसू० जोणिसू० पाससू० कुच्छिसू० गाममारीइ वा णयर० खेड० कब्बड० दोणमुह० मडंब० पट्टण० आसम० संवाह० संणिवेसमारोइ वा पाणक्खया जणक्खया धणक्खया कुलक्खया वसणभूयमणारिया जे यावण्णे तहप्पगारा ण ते सक्कस्स देविदस्स देवरण्णो जमस्स महारणो अण्णाया० 5 तेसि वा जमकाइयाणं देवागं / / 164 // सक्कस्स णं देविदस्स देवरण्णो जमस्स महारणो इमे देवा अहावच्चा अभिण्णाया होत्था, तंजहा-अंबे 1 अंबरिसे चेव 2, सामे 3 सबलेत्ति यावरे 4 / रुद्दो ५-वरुद्दे 6 काले 7 य, महाकालेत्ति पावरे 8 // 1 // असिपत्ते 6 धणू 10 कुंभे 11 (असी य असिपत्ते कुंभे)वालू 12 वेयरणीइ य 13 / खरस्सरे 14 महाघोसे 15, एए पण्णरसाहिया // 2 // सक्कस्स णं देविंदस्स देवरण्णो जमस्स महारण्णो सत्तिभागं पलिओवमं ठिई प०, अहावच्चाभिण्णायाणं देवाणं एगं पलिओवमं ठिई पण्णता, एवंमहिड्डिए जाव जमे महाराया // 165 // कहि णं भंते ! सक्कस्स देविदस्स देवरण्णो वरुणस्स महारण्णो सयंजले णामं महाविमाणे पण्णत्ते ? गोयमा ! तत्स गं सोहम्मबडिसयस्स महाविमाणस्स पच्चत्थिमेणं सोहम्मे कप्पे असंखेज्जाई जहा सोमस्स तहा विमाणरायहाणीओ भाणियव्वा जाव पासायडिसया णवरं णाम. णाणत्तं / सक्कस्स गं वरुणस्स महारण्णो इमे देवा आणा० जाव चिट्ठति, तं०-वरुणकाइयाइ वा वरुणदेवयकाइयाइ वा णागकुमारा णागकुमारीओ उदहिकुमारा उदहिकुमारीओ थणियकुमारा थणियकुमारीओ जे यावण्णे तहप्पगारा सव्वे ते तब्भत्तिया जावं चिट्ठति / जंबदीवे 2 मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणणं जाई इमाइं समुप्पज्जंति, तंजहा-अइवासाइ वा मंदवासाइ वा सुवुट्ठीइ वा दुन्दुट्ठीइ वा उदब्भयाइ वा उदप्पीलाइ वा उदवाहाइ वा पव्वाहाइ वा गाम. वाहाइ वा जाव सप्णिवेसवाहाइ वा पाणक्खया जाव तेसि वा वरुणकाइयाणे देवाणं / सक्कस्स गं देविदस्स देवरण्णो वरुणस्स महारण्णो जाव अहावच्चा. भिण्णाया होत्या, तंजहा-कक्कोडए कद्दमए अंजणे संखवालए पुंडे, पलासे मोए जए दहिमुहे अयंपुलें कायरिए / सक्कस्स णं देविदस्स देवरण्णो वरुणस्स महारण्णो देसूणाई दो पलिओवमाई ठिई पण्णत्ता, अहावच्चाभिण्णायाणं देवाणं एग पलिओवमं ठिई पण्णत्ता, एवंमहिड्डिए जाव वरुणे महाराया // 166 // कहि गं भंते ! सक्कस्स देविदस्स देवरग्णो वेसमणस्स महारण्णो वग्गू णाम महाविमाणे पण्णत्ते ? गोयमा ! तस्स गं सोहम्मडिसयस्स महाविमाणस्स Page #525 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 512 अंग-पविटु सुत्ताणि उत्तरेणं जहा सोमस्स विमाणरायहाणिवतव्वया तहा यव्वा जान पासायव. डेंसया / सक्कस्स णं देविदस्स देवरण्णो वेसमणस्स महारणो इमे देवा आणा. उववायवयणणिसे चिट्ठति, तंजहा-वेसमणकाइयाइ वा वेसमणदेवयकाइयाइ वासुवष्णकुमारा सुवण्णकुमारीओ दीवकुमारा दीवकुमारीओ दिसाकुमारा दिसा. कुमारीओ वाणमंतरा वाणमंतरीओ जे यावण्णे तहप्पगारा सवे ते तब्भत्तिया नाव चिठ्ठति / जबूद्दीवे 2 मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं जाई इमाइं समुप्प. जंति, तंजहा-अयागराइ वा तउयागराइ वा तंबागराइ वा एवं सीसामराइ वा हिरण्ण० सुवण्ण० रयण० वयरागराइ वा वसुहाराइ वा हिरण्णवासाइ वा सुवण्णवासाइ वा रयण० वइर० आमरण पत्त० पुप्फ० फल० बीय० मल्ल वण्ण० चुण्ण० गंध० वत्थवासाई वा हिरण्णवुठ्ठीइ वा सु० 20 व० आ० प० पु० फ० बी० म०३० चुण्ण गंधवुट्ठी० वत्थवुट्ठीइ वा भायणवुट्ठीइ वा खीरवुट्ठीइ वा सुयालाइ वा दुक्कालाइ वा अप्पग्घाइ वा महग्याइ वा सुभिः क्खाइ वा दुभिक्खाइ वा कयविक्कयाइ वा सण्णिहियाइ वा संणिचयाइ वा णिहीइ वा णिहाणाइ वा चिरपोराणाई पहीणसामियाइ वा पहीणसे उयाइ वा [पहीणमग्गाणि वा पहीणगोत्तागाराइ वा उच्छिण्णसामियाइ वा उच्छिण्णसेउयाइ वा उच्छिण्णगोत्तागाराइ वा सिंघाडग-तिग-चउक्क-चच्चर-चउम्मुह महापह-पहेसु गगरणिद्धमणेसु वा सुसाण-गिरि-कंदर-संति सेलो वढाणभवणगिहेसु संणिक्खित्ताई चिट्ठति, ण ताई सक्कस्स देविदस्स देवरण्णो वेसमणस्स महारण्णो ण अण्णायाई अदिट्ठाई असुयाइं अमुयाई अविण्णायाई तेसि वा वेसमणकाइयाणं देवाणं / सक्कस्स णं देविदस्स देवरण्णो वेसमणस्स महा. रणो इमे देवा अहावच्चाभिण्णाया होत्था, तंजहा-पुण्णभद्दे माणिभद्दे सालि. भद्दे सुभणभद्दे चक्के रक्खे पुण्णरक्खे सव्वाणे [ पव्वाणे ] सव्वजसे सव्वकामे समिद्धे अमोहे असंगे। सक्कस्स णं देविदस्स देवर णो वेसमणस्स महारण्णो दो पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता, अहावच्चाभिण्णायाणं देवाणं एगं पलिओवमं ठिई पण्णत्ता, एमहिड्डिए जाव वेसमणे महाराया। सेवं भंते ! 2 त्ति / / 167 // तइयं सयं अटुमो उद्देसो . रायगिहे पयरे जाव पज्जवासमाणे एवं वयासी-असुरकुमाराणं भंते Page #526 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 3 उ. 9 513 देवाणं कइ देवा आहेवच्चं जाव विहरंति ? गोयमा ! दस देवा आहेवच्चं जाव विहरंति, तंजहा-चमरे असुरिंदे असुरराया सोमे जमे वरुणे वेसमणे बली वइरोणिदे वइरोयणराया सोमे जमे वरुणे वेसमणे / णागकुमाराणं भंते ! पुच्छा ? गोयमा ! दस देवा आहेवच्चं जाव विहरंति, तंजहा-धरणेणं णाग. कुमारिदे णागकुमारराया कालवाले कोलवाले सेलवाले संखवाले भयाणंदे णागकुमारिदे णागकुमारराया कालवाले कोलवाले संखवाले सेलवाले / जहा गागकुमारिदाणं एयाए वत्तव्वयाए णेयव्वं एवं इमाणं णेयव्वं, सुवण्णकुमाराणं वेणदेवे वेणदाली चित्ते विचित्ते चित्तपक्खे विचित्तपक्खे, विज्जकुमाराणं हरिक्कते हरिस्सहे पभे 1 सुप्पभे 2 पभकते 3 सुप्पभकते 4, अग्गिकुमाराणं अग्गिसीहे अग्गिमाणवे तेऊ तेउसीहे तेउकते तेउप्पभे, दीवकुमाराणं पुण्णविसिट्ठरूयलंयंसरूयकंत त्यप्पमा, उदहिकुमाराणं जलकंतजलप्पभ. जलजलरूयजलकंतजलप्पभा, दिसाकुमाराणं अमियगई अमियवाहणे तुरियगई खिप्पगई सोहगई सीहविक्कमगई, वाउकुमाराणं वेलंबपभंजणकाल. महाकालअंजणरिदा, थणियकुमाराणं घोसमहाघोसआवत्तवियावत्तणंदियावत्त. महाणंदियावत्ता, एवं भाणियव्वं जहा असुरकुमाराणं / सो० 1 का० 2 चि. 3 प०४ ते 5 रु० 6 ज० 7 तु. 8 का० 6 आ० 10 सोमे य महाकाले, चित्तप्पभ तेउ तह रुए चेव / जल तह तुरियगई य काले आउत्त पढमा उ। पिसायकुमाराणं पुच्छा? गोयमा ! दो देवा आहेवच्चं जाव विहरंति, तंजहाकाले य महाकाले सुरूषपडिरूव पुण्णभद्दे य / अमरवई माणिभद्दे भीमे य तहा महाभीमे // 1 // किणकिंपुरिसे खलु सप्पुरिसे खलु तहा महापुरिसे / अइकाय महाकाए गीयरई चेव गीयजसे // 2 // एए वाणमंतराणं देवाणं / जोइसियाणं देवाणं दो देवा आहेवच्चं जाव विहरंति, तंजहा-चंदे य सूरे य / सोहम्मीसाणेसु णं भंते ! क.पेसु कइ देवा आहेवच्चं जाव विहरंति ? गोयमा ! दस देवा जाव विहरंति, तंजहा-सक्के देविदे देवराया सोमे जमे वरुणे वेसमणे, ईसाणे देविदे देवराया सोमे जमे वरुणे वेसमणे, एसा वत्तव्वया सव्वेसुवि कप्पेसु, एए चेव भाणियव्वा, जे य इंदा ते य भाणियव्वा / सेवं भंते ! २त्ति // 168 // ... तइयं सयं णवमो उद्देसो ___ रायगिहे जाव एपं वयासी-कइविहे गं भंते ! इंदियविसए पण्णत्ते ? Page #527 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 514 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि गोयमा ! पंचविहे इंदियविसए पण्णत्ते, तं०-सोइंदियविसए. जीवाभिगमे जोइसियउद्देसो णेयव्वो अपरिसेसो / से० 2 त्ति // 16 // तइयं सयं दसमो उद्देसो रायगिहे जाव एवं वयासो-चमरस्स गं भंते ! असुरिदस्स असुररणो कइ परिसाओ पण्णताओ ? गोयमा ! तओ परिसाओ पण्णत्ताओ, तंजहासमिया चंडा जाया, एवं जहाणुपुथ्वीए जावऽच्चुओ कप्पो / सेवं भंते ! 2 त्ति // 17 // नइयं सयं समत्तं // चउत्यं सयं पढमो बीओ तइओ चउत्थो उद्देसो।। चत्तारि विमाणेहि चत्तारि य होंति रायहाणीहि / रइए लेस्साहिय दस उद्देसा चउत्थसए // 1 // रायगिहे णयरे जाव एवं वयासी-ईसाणस्स णे भंते ! देविदस्स देवरणो कइ लोगपाला प० ? गोयमा! चत्तारि लोगपाला प०, तंजहा-सोमे जमे वेसमणे वरुणे / एएसि णं भंते ! लोगपालाणं कइ विमाणा प०? गोयमा ! चत्तारि विमाणा प०, तंजहा-सुमणे सव्वओभद्दे वग्ग सुवाग / कहि णं भंते ! ईसाणस्स देविदस्स देवरणो सोमस्स महारण्णो सुमणे णामं महाविमाणे पण्णत्ते ? गोयमा ! जंबूद्दीवे 2 मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरेणं इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए जाव ईसाणे णामं कप्पे पण्णत्ते, तत्य गं जाव पंचवडेंसया प०, तंजहा-अंकवडेंसए फलिहवडेंसए रयणव.सए जाय. रूववडेंसए मझे ईसाणवडेंसए / तस्स गं ईसाणवडेंसयस्स महाविमाणस्स पुरथिमेणं तिरियमसंखेज्जाइं जोयणसहस्साई वीईवइत्ता एत्थ णं ईसाण. स्स 3 सोमस्स 2 सुमणे णामं महाविमाणे पण्णत्ते अद्धतेरसजोयण० जहा सक्क. स्स वत्तव्वया तइयसए तहा ईसाणस्सवि जाव अच्चणिया समत्ता / चउण्हवि लोगपालाणं विमाणे 2 उद्देसओ, चउसुवि विमाणेसु चत्तरि उद्देसा अपरिसेसा, णवरं ठिईए णाणत्तं-आदिदुय तिभागणा पलिया धणयस्स होंति दो चेव / दो सतिभागा वरुणेपलियमहावच्चदेवाणं // 1 // 171 // Page #528 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 5 उ. 1 515 चउत्थं सयं पंचमो छट्ठो सत्तमो अट्ठमो उद्देसो रायहाणीसुवि चत्तारि उद्देसा भाणियव्वा जाव एवंमहिड्डिए जाव वरुणे महाराया // 172 // चउत्थं सयं णवमो उद्देसो रइए णं भंते ! गैरइएसु उववज्जइ अणेरइए रइएसु उववज्जइ ? पणवणाए लेस्सापए तइओ उद्देसओ भाणियव्वो जाव गाणाइं // 173 // चउत्थं सयं दसमो उद्देसो से गूंणं भंते ! कण्हलेस्सा णीललेस्सं पप्प तारूवत्ताए तावण्णत्ताए एवं चउत्थो उद्देसओ पण्णवणाए चेव लेस्सापए णेयव्वो जाव-परिणामवण्णरस. गंधसुद्धअपसत्थसंकिलिट्ठहा। गइपरिणामपएसोगाहणवग्गणाठाणमप्पबहुं॥१॥ सेवं भंते ! 2 ति / / 174 // . चउत्थं सयं समत्तं // पंचमं सयं पढमो उद्देसो // चंप (चंपाए) रवि 1 अणिल 2 गंठिय 3 सद्दे 4 छउमाउ 5-6 एयण 7 णियंठे 8 / रायगिहंद चंपाचंदिमा 10 य दस पंचमंमि सए // 1 // तेणं कालेणं तेणं समएणं चंपा णामं णयरी होत्था, वण्णओ।तीसे गं चंपाए णय. रोए पुण्ण भद्दे णाम चेइए होत्या, वण्णओ। सामी समोसढे जाव परिसा पडिगया। तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स जेठे अंतेवासी इंदभूई णामं अणगारे गोयमगोत्तेणं जाव एवं वयासी--जंबूद्दीवे गं भंते ! दीवे सूरिया उदीणपाईणमुग्गच्छ पाईणदाहिणमागच्छंति, पाईण. दाहिणमुग्गच्छ दाहिणपडीणमागच्छंति, दाहिणपडीणमुग्गच्छ पडीणउदोणमागच्छंति, पडीगउदीणं उग्गच्छ उदीचिपाईणमागच्छंति ? हंता! गोयमा ! जंबूद्दीवे गं दीवे सूरिया उदीचिपाईणमुग्गच्छ जाव उदीचिपाईणमागच्छंति // 175 // जया णं भंते ! जंबूद्दीवे 2 दाहिणड्ढे दिवसे भवइ तया णं उत्त.रड्ढेवि दिवसे भवइ, जया णं उत्तरड्ढेवि दिवसे भवइ तयाणं जंबदीवे 2 मंदर. स्स पन्वयस्स पुरथिमपच्चत्थिमेणं राई भवइ ? हंता गोयमा ! जया गं Page #529 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 516 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि जंबद्दीवे 2 दाहिगड्ढेवि दिवसे जाव राई भवइ / जया णं भंते ! जंब० मंदरस्स पव्वयस्स पुरथिमेणं दिवसे भवइ तथा णं पच्चत्यिमेणवि दिवसे, भवइ जया णं पच्चत्यिमेणं दिवसे भवइ त्या णं जंवूदीवे 2 मंदरस्त पव्वयस्स उत्तरदाहिणणं राई भवइ ? हंता गोयमा ! जया णं जंब० मंदरपुरस्थिमेणं दिवसे जाव राई भवइ / जया णं भंते ! जंजूदीवे 2 दाहिणड्ढे उक्कोसए अट्ठारसमहुते दिवसे भवइ तथा णं उत्तरड्डेवि उक्कोसए अवारस नहुने दिवसे भवइ जया णं उत्तरड्ढे उक्कोसए अट्ठार सनुहुत्ते दिवसे भवइ, तया गं जंबूकोवे 2 मंदरल्स पुरस्थिमपच्चस्थिनेणं जहणिया दुवालसनुहु ता राई भवइ ? हता गोयमा ! जया णं जंबू० जाव दुवालसमुहु ता राई भवइ / जया णं जंबू० मंदरस्स पुरथिमेणं उक्कोसए अद्वारस जाव तया णं जंबदीवे 2 पच्चत्थिमेणवि उक्को० अट्ठारसमुहुने दिवसे भवइ जया णं पच्चत्यिमेणं उक्कोसए अट्ठारसमहत्ते दिवसे भवइ तथा गं भंते ! जंन हीबे 2 उत्तर० दुवालसमुहता जाव राई भवइ ? हंता गोयमा ! जाव भवइ / जया णं भंते ! जंबू० दाहिगड्ढे अट्ठारसमुत्ताणंतरे दिवसे भवइ तया णं उत्तरे अट्ठारसमुहताणतरे दिवसे भवइ जया णं उत्तरे अट्ठारसमुहुत्ताणंतरे दिवसे भवइ तया गं अंब० मंदरस्स पव्वयस्स पुरथिमपच्चत्थिमेणं साइरेगा दुवालसमुहुत्ता राई भवइ ? हता गोयमा ! जया णं जंबू० जाव राई भवइ / जया णं भंते ! जंबूदीवे 2 पुर. स्थिमेणं अट्ठारसमुत्ताणंतरे दिवसे भवइ तया णं पच्चत्थिमेणं अट्ठारसमुहुताणंतरे दिवसे भवइ जया णं पच्चत्थिमेणं अट्ठारसमुहुत्ताणंतरे दिवले भवइ तया णं जंबू० 2 मंदरस्स पव्वयस्स उत्तर-दाहिणणं साइरेगा दुवालसमुहुत्ता राई भवइ ? हंता गोयमा ! जाव भवइ / एवं एएणं कमेणं ओसारेयव्वं सत्तरसमुहुत्ते दिवसे तेरसमुहुता राई भवइ सत्तरसमुहुत्तागंतरे दिवसे साइरेगा तेरसमुहत्ता राई सोलसमुहुत्ते दिवसे चोद्दसमुहुत्ता राई सोलसमुहु. ताणंतरे दिवसे साइरेगचउद्दसमुहुत्ता राई पण्ण रसमुहुत्ते दिवसे पण्ण रसमुहुत्ता राई पण्णरसमहुत्ताणंतरे दिवसे साइरेगा पण्णरसमुहुत्ता राई चोदसमुहुत्ते दिवसे सोलसमुहत्ता राई चोद्दसमुहुत्ताणंतरे दिवसे साइरेगा सोलसमहत्ता राई तेरसमुकुत्ते दिवसे सत्तरसमुहुत्ता राई तेरसमहु ताणंतरे दिवसे साइरेगा सत्तरसमुहुत्ता राई / जया णं जंबू० दाहिणड्ढे जहण्णए दुवालस. Page #530 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 5 उ. 1 517 मुहत्ते दिवसे भवइ तया णं उत्तरड्ढेवि, जया णं उत्तरड्ढे तया णं जंबूदीवे 2 मंदरस्स फ्व्वयस्स पुरथिमपच्चत्थिमेणं उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ ? हंता गोयमा ! एवं चेव उच्चारेयव्वं जाव राई भवइ / जया गं भंते ! जंबू० मंदरस्स पव्ययस्स पुरत्यिमेणं जहण्णए दुवालसमहुत्ते दिवसे भवइ तया णं पच्चत्थिमेणवि० तया णं जंबू० मंदरस्स उत्तरदाहिणेणं उक्कोसिया अट्ठारसमुहत्ता राई भवइ ? हंता गोयमा ! जाव राई भवइ // 167 // जया णं भते ! जंब० दाहिण वासाणं पढमे समए पडिवज्जइ तया गं उत्तरड्ढेवि वासाणं पढमे समए पडिवज्जइ जया णं उत्तरड्ढेवि वासाणं पढमे समए पडिवज्जइ तया णं जंबूदीवे 2 मंदरस्स पव्वयस्स पुरथिमपच्चस्थिमेणं अणंतरपुरक्खडसमयंसि वासाणं प० स० 50 ? हंता गोयमा ! जया णं जंबू० 2 दाहिणड्ढे वासाणं प० स० पडिवज्जइ तह चेव जाव पडिवज्जइ। जया णं भंते ! जंबू० मंदरस्स० पुरथिमेणं वासाणं पढमे स० पडिवज्जइ तया गं पच्चत्थिमेणवि वासाणं पढमे समए पडिवज्जइ, जया णं पच्चत्थिमेणवि वासाणं पढमे समए पडिवज्जइ तया णं जाव मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरदाहिणणं अणंतर. पच्छाकडसमयंसि वासाणं प० स० पडिवण्णे भवइ ? हंता गोयमा! जया गं जंबू० मंदरस्स पव्वयस्स पुरथिमेणं, एवं चेव उच्चारेयव्वं जाव पडिवण्णे भवइ / एवं जहा समएणं अभिलादो भणिओ वासाणं तहा आवलियाएवि 2 . भाणियब्वो, आणापाणुणवि 3 थोवेणवि 4 लवेणवि 5 मुहुत्तेणवि 6 अहोरत्ते. गवि 7 पक्खणवि 6 मासेणवि 6 उउणावि 10, एएसि सव्वेसि जहा समयस्स अभिलायो तहा भाणियव्वो / जया गंभंते ! जंब० दाहिणड्ढे हेमताणं पढमे समए पडिवज्जइ जहेव वासाणं अभिलावो तहेव हेमंताणवि 20 गिम्हाणवि 30 भाणियन्वो जाव उऊए, एवं तिण्णिवि, एएसि तीसं आलावगा भाणि. यव्वा / जया णं भंते ! जंबू० मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणड्ढे पढमे अयणे पडि. वज्जइ तया णं उत्तरड्ढेवि पढमे अयणे पडिवज्जइ, जहा समएणं अभिलावो तहेव अयणवि भाणियव्वो जाव अणंतरपच्छाकडसमयंसि पढमे अयणे पडि. वणे भवइ / जहा अयणेणं अभिलावो तहा संवच्छरेणवि भाणियव्यो जुएणवि वाससएणवि वाससहस्सेणवि वाससयसहस्सेणवि पुटवंगेणवि पुणवि तुडियं. गेणवि तुडिएणवि, एवं पुव्वे 2 तुडिए 2 अडडे 2 अववे 2 हूहूए 2 उप्पले पउमे 2 णलिणे 2 अच्छ (अस्थि)णिउरे 2 अउए 2 णउए 2 पउए 2 चूलिया Page #531 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 518 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि 2 सीसपहेलिया 2 पलिओवमेणवि सागरोवमेणवि भाणियन्वो / जया ण भंते ! जंबूदीवे 2 दाहिणड्ढे पढमा ओसप्पिणी पडिवज्जइ तया णं उत्तरड्ढेवि पढमा ओसप्पिणी पडिवज्जइ, जया णं उत्तरड्ढेवि पडिवज्जइ तया णं जंब. दीवे 2 मंदरस्स पव्वयस्स पुरथिमपच्चत्थिमेणविणेवत्थि ओसप्पिणी णेवत्थि उस्सप्पिणी अवट्ठिए णं तत्थ काले पण्णत्ते ? समणाउसो ! हंता गोयमा ! तं घेव उच्चारेयव्वं जाव समणाउसो ! जहा ओसप्पिणीए आलावओ भणिओ एवं उस्सप्पिणीएवि भाणियन्बो // 177 // लवणे णं भंते ! समुद्दे सुरिया उदीचिपाईणमुग्गच्छ० जच्चेव जंबूदीवस्स वत्तव्यया भणिया सच्चेव सव्वा अपरि. सेसिया लवणसमुहस्सवि भाणियब्वा, णवरं अभिलावो इमो णेय-वो-जया ण भंते ! लवणे समुद्दे दाहिणड्ढे दिवसे भवइ तं चेव जाव तया णं लवणे समुद्दे पुरथिमपच्चत्थिमेणं राई भवइ / एएणं अभिलावेणं णेयव्वं / जया णं भंते ! लवणसमद्दे दाहिणड्ढे पढमा ओसप्पिणी पडिवज्जइ तया णं उत्तरदेवि पढमा ओसप्पिणी पडिवज्जइ, जया णं उत्तरड्ढे पढमा ओसप्पिणी पडिवज्जइ तया णं लवणसमुद्दे पुरथिमपच्चस्थिमेणं गेवत्थि ओसप्पिणी जाव सम. णाउसो ! ? हंता गोयमा ! जाव समणाउसो!। धायइ संडे णं भंते ! दीवे सरिया उदीचिपाईणमुग्गच्छ० जहेव जंबदीवस्स वत्तव्वया भणिया सच्चेव धायइसंड. स्सवि भाणियन्वा, णवरं इमेणं अभिलावेणं सव्वे आलावगा भाणियन्वा / जया णं भंते ! धायइसंडे दीवे दाहिणड्ढे दिवसे भवइ तथा णं उत्तरड्ढेवि जया णं उत्तरड्ढेवि तया णं धायइसंडे दीवे मंदराणं पन्वयाणं पुरथिमपच्चत्थिमेणं राई भवइ ? हंता गोयमा ! एवं चेव जाव राई भवइ / जया णं भंते ! धायइसंडे दीवे मंदराणं पव्वयाणं पुरथिमेणं दिवसे भवइ तया णं पच्चत्थिमेणवि, जया णं पच्चत्थिमेणवि तया णं धायइसंडे दीवे मंदराणं पच्वयाणं उत्तरेणं दाहिणेणं राई भवइ ? हंता गोयमा ! जाव भवइ / एवं एएणं अभि. लावेणं णेयव्वं जाव जया णं भंते ! दाहिणड्ढे पढमा ओस. तया णं उत्तरड्ढे जया णं उत्तरड्ढे तया णं धायइसंडे दीवे मंदराणं पन्वयाणं पुरस्थिमपच्चस्थिमेणं णत्थि ओस० जाव समणाउसो ! ? हंता गोयमा ! जाव समणाउसो। जहा लवणसमुद्दस्स वत्तव्वया तहा कालोदस्सवि भाणियव्वा, णवरं कालोदस्स णाम भाणियव्वं / अभितरपुक्ख र णं भंते ! सूरिया उदीचिपाईणमुग्गच्छ० Page #532 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 5 उ. 2 519 जहेव धायइसंडस्स वत्तव्वया तहेव अभितरपुक्खरद्धस्सवि भाणियव्वा णवरं अभिलावो जाव जाणेयव्वो जाव तया णं अभितरपुक्खरद्धे मंदराणं पुरथिमपच्चत्थिमेणं णेवत्थि ओस. वस्थि उस्सप्पिणी अवट्ठिए णं तत्थ काले पण्णते समणाउसो! सेवं भंते ! 2 त्ति // 178 // पंचमं सयं बीओ उद्देसो रायगिहे णयरे जाव एवं वयासो-अस्थि णं भंते ! ईसि पुरेवाया पत्यावाया मंदावाया महावाया वायंति ? हंता ! अत्थि / अस्थि गं भंते ! पुरत्यिमेणं ईसि पुरेवाया पत्यावाया मंदावाया महावाया वायंति ? हंता ! अत्थि / एवं पच्चस्थिमेणं दाहिणेणं उत्तरेणं उत्तरपुरथिमेणं दाहिणपुरथिमे गं, दाहिणपच्चत्थिमे णं उत्तरपच्चत्थिमे णं। जया णं भंते ! पुरथिमेणं ईसि पुरेवाया पत्थावाया मंदावाया महावाया वायंति तया णं पच्चत्थिमेणवि ईस पुरेवाया जया णं पच्चत्थिमेणं ईसि पुरेवाया तया णं पुरत्थिमेणवि ? हंता गोयमा! जया णं पुरथिमेणं तया णं पच्चत्थिमेणवि ईसि जया णं पच्चत्थिमेणवि ईसि तया णं पुरथिमेणवि ईस, एवं दिसासु विदिसासु / अत्थि णं मंते ! दीविच्चया ईस ? हता! अत्थि / अस्थि णं भंते ! सामया ईसि ? हंता! अस्थि / जया णं भंते ! दोविच्चया ईसि तया णं सामयावि ईस जया णं सामया ईसि.तथा गं दीविच्चयावि ईसि ? णो इणठे समठे। सेकेणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ जया गं दोषिच्चया ईसि णो णं तया सामुद्दया इस जया णं सामुद्दया ईसि णो णं तया दीविच्चया ईसि ? गोयमा ! तेसि पायाणं अण्णमण्णस्स विवञ्चासेगं लवणे समुद्दे वेलं णाइक्कमइ से तेणढेणे जाव वाया वायति / अत्थि णं मंते ! ईसि पुरेवाया पत्थावाया मंदावाया महाबाया वायंति ? हंता ! अस्थि / कया णं भंते ! ईसि जाव वायंति ? गोयमा! जया णं वाउयाए अहारियं रियति तया णं ईसि जाव वायंति / अत्थि णं भंते! ईसिं० ? हंता ! अस्थि / कया णं भंते ! ईस पुरेवाया पत्या० ? गोयमा ! 'जया णं वाउयाए उत्तरकिरियं रियइ तया णं ईस जाव वायंति / अत्यि गं भंते ! ईसिं० ? हंता अस्थि / कया णं भंते ! ईसि पुरेवाया पत्था० ? गोयमा! जया णं वाउकुमारा वाउकुमारीओ वा अप्पणो वा परस्स वा Page #533 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 520 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि तदुभयस्स वा अढाए वाउकायं उदीरेंति तया णं ईसि पुरेवाया जाव वायंति / वाउयाए णं भंते ! वाउयायं चेव आणमंति पाण?जहा खंदए तहा चत्तारि आलावगाणेयव्वा अणेगसयसहस्स० पुठे उद्दाइ ससरीरी गिक्खमइ // 17 // अह भंते ! ओदणे कुम्मासे सुरा एए णं किसरीराइ वत्तव्वं सिया ? गोयमा! ओदणे कुम्मासे सुराए य जे घणे दव्वे एए णं पुस्वभावपण्णवणं पडुच्च वणस्सइजीवसरीरा तओ पच्छा सत्थाईया सत्थपरिणामिया अगणिज्झामिया अगणि. उझूसिया अगणिसेविया अगणिपरिणामिया अगणिजीवसरीराति वत्तव्वं सिया, सुराए य जे दवे दवे एए णं पुण्वभावपण्णवणं पडुच्च आउजीवसरीरा तओ पच्छा सत्थाईया जाव अगणिकायसरीराइ वत्तव्वं सिया। अहणं भंते ! अए तंबे तउए सीसए उवले कसहिया एए णं किसरीराइ वत्तव्वं सिया ? गोयमा ! अए तंबे तउए सीसए उबले कसट्टिया, एए णं पुव्वभावपण्णवणं पडुच्च पुढवी. जीवसरीरा तओ पच्छा सत्थाईया जाव अगणिजीवसरीरा इ वतव्वं सिया। अहणं भंते ! अट्ठी अट्ठिज्झामे चम्मे चम्मझामे रोमे 2 सिंगे 2 खुरे 2 णहे 2 एए गं किसरीरा इ वत्तव्वं सिया ? गोयमा ! अट्ठी चम्मे रोमे सिंगे खुरे णहे एए णं तसपाणजीवसरीरा अट्ठिज्झामे चम्मझामे रोमज्झामे सिग० खुर० णहज्झामे एए णं पुब्वभावपण्णवणं पडुच्च तसपाणजीवसरोरा तओ पच्छा सत्थाईया जाव अगणिजीव० त्ति वत्तव्वं सिया। अह भंते ! इंगाले छारिए भुसे गोमए-एए णं किसरीराइ वतव्वं सिया ? गोयमा ! इंगाले छारिए भुसे गोमए-एए णं पुव्वभावपण्णवणं पडुच्च एगिदियजीवसरीरप्पओगपरि. णामियावि जाव पंचिदियजीवसरीरप्पओगपरिणामियावि तओ पच्छा सत्या. ईया जाव अगणिजीवसरीरा इ वत्तव्वं सिया // 180 // लवणे णं भंते ! समुद्दे केवइयं चक्कवालविक्खंभेणं पण्णत्ते ? एवं णेयव्वं जाव लोगढिई लोगाणुभावे, सेवं भंते ! 2 ति भगवं जाव विहरइ // 181 // पंचमं सयं तइओ उद्देसो अण्णउत्थिया णं भंते ! एवमाइक्खंति भा० 50 एवं प० से जहाणामए जालगंठिया सिया आणुपुध्विगढिया अणंतरगढिया परंपरगढिया अण्णमण्ण. गढिया अण्णमण्णगरुयत्ताए अण्णमण्णभारियताए अण्णमण्णगरुयसंभारियताए Page #534 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 5 उ. 4 521 अण्णमण्णघडत्ताए जाव चिट्ठइ / एवामेव बहूणं जीवाणं बहूसु आजाइसहस्सेसु बहूई आउयसहस्साई आणुपुट्विगढियाइं जाव चिट्ठति, एगेऽविय णं जीवे एगेणं समएणं दो आउयाइं पडिसंवेदेइ, तंजहा-इहभवियाउयं च परभवियाउयं च / जं समयं इहभवियाउयं पडिसंवेदेइ तं समयं परभवियाउयं पडिसंवेदेइ जाव से कहमेयं भंते ! एवं ? गोयमा ! जणं ते अण्णउत्थिया तं चेव जाव परमवियाउयं च, जे ते एवमाहंसु तं मिच्छा, अहं पुण गोयमा ! एवमाइक्खामि जाव परूवेमि से जहाणामए जालगंठिया सिया जाव अण्णमण्ण. घडत्ताए चिट्ठति, एवामेव एगमेगस्स जीवस्स बहूहिं आजाइसहस्सेहिं बहूई आउयसहस्साई आणुपुट्विगढियाई जाव चिळंति, एगेऽविय णं जीवे एगेणं समएणं एगं आउयं पडिसंवेदेइ, तंजहा-इहभवियाउयं वा परभवियाउयं वा, जं समयं इहभवियाउयं पडिसंवेदेइ णो तं समयं .पर० पडिसंवेदेइ जं समयं प० जो तं समयं इहभवियाउयं प०, इहभवियाउयस्स पडिसंवेयणाए णो परमविया. उयं पडिसंवेदेइ परभवियाउयस्स पडिसंवेयणाए णो इहभवियाउयं पडिसंवेदेइ, एवं खलु एगे जीवे एगणं समएणं एगं आउयं प० तंजहा-इहभ० वा परभ० वा // 182 // जीवे गं भंते ! जे भविए रइएसु उववज्जित्तए से णं भंते ! कि साउए संकमइ णिराउए संकमइ ? गोयमा ! साउए संकमइ णो णिराउए संकमइ / से णं भंते ! आउए कहिं कडे कहिं समाइण्णे ? गोयमा ! पुरिमे भवे कडे पुरिमे भवे समाइण्णे / एवं जाव वेमाणियाणं दंडओ। से णणं भंते ! जे जं भविए जोणि उववज्जित्तए से तमाउयं पकरेइ, तंजहा-णेरइया. उयं वा जाव देवाउयं वा ? हंता गोग्रमा ! जे जं भविए जोणि उववज्जित्तए से तमाउयं पकरेइ, तंजहा-णेरइयाउयं वा तिरि० मणू० देवाउयं वा, णेरइया. उयं पकरेमाणे सत्तविहं पकरेइ, तंजहा-रयणप्पभा पुढविणेरइयाउयं वा जाव अहेसत्तमापुढविणेरइयाउयं वा, तिरिक्ख जोणियाउयं पकरेमाणे पंचविहं पकरेइ, तंजहा-एगिदियतिरिक्खजोणियाउयं वा, भेदो सम्वो भाणियन्वो, मणुस्साउयं दुविहं, देवाउयं चउन्विहं / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 183 // पंचमं सयं चउत्थो उद्देसो - छउमत्थे णं भंते ! मणुस्से आउडिज्जमाणाइं सहाई सुणेइ, तंजहा-संख. सद्दाणि वा सिंगस० संखियस० खरमहीस० पोयास० परिपिरियास. पणवस० Page #535 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 522 अंग-पविढ सुत्ताणि पडहस० भंभास० होरंभस० भेरिसदाणि वा झल्लरीस० दुंदुहिस० तयाणि वा वितयाणि वा घणाणि वा झुसि राणि वा ? हंता गोयमा ! छउमत्थे णं मणसे आउडिज्जमाणाई सद्दाइं सुणेइ, तंजहा-मंखसद्दा णि वा जाव झुसिराणि वा / ताई भंते ! किं पुट्ठाई सुणेइ अपुट्ठाई सुणेइ ? गोयमा ! पुढाई सुणेइ णो अपुट्ठाई सुणेइ, जाव णियमा छद्दिसि सुणे इ / छउमत्थे णं भंते ! मणुस्से कि आरगयाई सद्दाइं सुणेइ पारगयाइं सद्दाई सुणेइ ? गोयमा ! आरगयाइं सद्दाई सुणेइ णो पारगयाइं सद्दाई सुणेइ / जहा णं भंते ! छ उमत्थे मणुस्से आरगयाइं सद्दाई सुणेइ णो पारगयाइं सहाई सुणेइ तहा भंते ! केवली मणुस्से कि आरगयाई सद्दाइं सुणेइ पारगयाई सद्दाई सुणेइ ? गोयमा ! केवली णं आरगयं वा पार. गयं वा सव्वदूरमूलमणंतियं सदं जाणेइ पासेइ / से केण→णं तं चेव केवली णं आरगयं वा पारगयं वा जाव पासइ ? गोयमा ! केवली णं पुरथिमेणं मियंपि जाणइ अमियंपि जा० एवं दाहिणणं पच्चत्थिमेणं उत्तरेणं उड्ढं अहे मियंपि जा० अमियं पि जा० सव्वं जाणइ केवली सव्वं पासइ केवली सवओ जाणइ पासइ सव्वकालं जा० पा० सव्वभावे जाणइ केवली सव्वभावे पासइ केवली। अणंते णाणे केवलिस्स अणंते दंसगे केवलिस्स णिव्वुडे णाणे केवलिस्स णिबुडे सणे केवलिस्स से तेणठेणं जाव पासइ // 184 // छउमत्थे णं भंते ! मणुस्से हसेज्ज वा उस्सुयाएज्ज वा? हता! हसेज्ज वा उस्सुया. एज्ज वा। जहा णं भंते ! छउमत्थे मणुस्से हसेज्ज जाव उस्सु० तहा णं केवलीवि हसेज्ज वा उस्सुयाएज्ज वा? गोयमा! णो इणठे समझें / सेकेणट्टेणं भंते ! जाव णो णं तहा केवली हसेज्ज वा जाव उस्सुयाएज्ज वा ? गोयमा ! जण्णं जीवा चरित्तमोहणिज्जस्स कम्मस्स उदएणं हसंति वा उस्सुयायंति वा से णं केवलिस्स पत्थि, से तेणठेणं जाव णो णं तहा केवली हसेज्ज वा उस्सुयाएज्ज वा। जीवे णं भंते ! हसमाणे वा उस्सुयमाणे वा कई कम्मपयडीओ बंधइ ? गोयमा! सत्तविहबंधए वा अट्टविहबंधए वा / रइएणं भंते ! हसमाणे वा उस्सुयमाणे वा कइ कम्मपयडीओ बंधइ ? गोयमा ! सतविहबंधए वा अविहबंधए वा, जीवा णं भते ! हसमाणा वा उस्सुयायमाणा वा कइ कम्मपयडीओ बंधति ? गोयमा ! सत्तविहबंधगा वा अट्टविहबंधगा वा, गेरइयाणं पुच्छा, गोयमा ! सव्वे वि ताव होज्जा सत्तविहबंधगा अहवा सतविहबंधगावि अट्ठविहबंधगावि, Page #536 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 5 उ. 4 523 अदुवा सत्तविहबंधगा य अट्टविहबंधगा य / एवं जाव वेमाणिए, पोहत्तिएहि जोवेगिदियवज्जो तियभंगो। छउमत्थे णं भंते ! मणसे णिहाएज्ज वा पयला. एज्ज वा ? हंता! णिहाएज्ज वा पयलाएज्ज वा। जहा हसेज्ज वा तहाणवरं दरिसणावरणिज्जस्स कम्मस्स उदएणं णिहायंति वा पयलायंति वा, से णं केवलिस्स पत्थि, अण्णं तं चेव / जीवे गं भंते ! णिद्दायमाणे वा पयलायमाणे वा कद कम्मपयडीओ बंधइ ? गोयमा ! सत्तविहबंधए वा अविहबंधए वा, एवं जाव वेमाणिए, पोहत्तिएसु जीवेगिदियवज्जो तियभंगो // 185 // हरी गं भंते ! हरिणेगमेसी सक्कदए इत्थीगब्भं संहरमाणे कि गम्भाओ गन्मं साहरइ 1 गम्भाओ जोणि साहरइ 2 जोणीओ गम्भं साहरइ 3 जोणीओ जोणि साहरइ 4 ? गोयमा ! णो गन्माओ गभं साहरइ णो गम्भाओ जोणि साहरइ णो मोणीओ जोणि साहरइ परामसिय 2 अव्वाबाहेणं अव्वाबाहं जोणीओ गर्भ साहरइ / पभू णं भंते ! हरिणेगमेसी सक्कस्स णं दूए इत्थीगमं णहसिरंसि पा रोमकूवंसि वा साहरित्तए वा णीहरित्तए वा ? हंता ! पभू , णो चेव गं तस्स गन्भस्स किचिन्नि आवाहं वा विवाहं वा उप्पाएज्जा छविच्छेदं पुण करेज्जा, एसुहुमं च णं साहरिज्ज वा णीहरिज्ज वा // 186 // तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतेवासी अइमुत्ते णाम कुमारसमणे पगइभद्दए जाव विणीए / तए णं से अइमुत्ते कुमारसमणे अण्णया कयाइ महा. बुटिकायंसि णिवयमाणंसि कक्खपडिग्गहरयहरणमायाए बहिया संपढ़िए विहा. राए / तए णं से अइ मुत्ते कुमारसमणे वाहयं वहमाणं पासइ 2 मट्टियाए पालि पंधइ 2 णाविया मे 2 णाविओवित्र णावमयं पडिग्गहयं उदगंसि कट्ट पव्वाहा माणे 2 अभिरमइ, तं च थेरा अदृक्ख, जेणेव समण भगवं० तेणेव उवागच्छति 2 एवं वयासी-एवं खल देवाणुप्पियाणं अंतेवासी अइमुत्ते णाम कुमारसमणे से गंभंते ! अइमत्ते कुमारसमणे कईहिं भवग्गहहि सिज्झिहिइ जाव अंतं करे. हिइ ? अजोत्ति ! समणे भगवं महावीरे ते थेरे एवं वयासी-एवं खलु अज्जो / कम अंतेवासी अइमुत्ते णामं कुमारसमणे पगइभद्दए जाय विणीए से णं अहमुत्ते कुमारसमणे इमेण चेव भवग्गहणणं सिज्झिहिइ जाव अंतं करेहिइ, तं मा गं ..जो ! तुम्भे अइमुत्तं कुमारसमणं होलेह णिवह खिसह गरहह अवमण्णह, हुन्भे णं देवाणु पिया ! अइमत्तं कुमारसमणं अगिलाए संगिण्हह अगिलाए Page #537 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 524 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि उवगिण्हह अगिलाए भत्तेणं पाणेणं विणएणं वेयावडियं करेह, अइमुत्ते णं कुमारसमणे अंतकरे चेव अंतिमसरीरिए चेव / तए णं ते थेरा भगवंतो समणेणं भगवया म० एवं वृत्ता समाणा समणं भगवं महावीरं वंदंति णमंसंति अइमुत्तं कुमारसमणं अगिलाए संगिण्हंति जाव वेयावडियं करेंति // 187 // तेणं कालेणं 2 महामुक्काओ कप्पाओ महासग्गाओ महाविमाणाओ दो देवा महिड्डिया जाव महाणभागा समणत्स भगवओ महावीरस्स अंतियं पाउन्भया, तए णं ते देवा समणं भगवं महावीरं मणसा चेव वंदंति णमंसंति मणसा चेव इमं एयारूवं वागरणं पुच्छंति-कइ णं भंते ! देवाणुप्पियाणं अंतेवासीसयाई सिज्झिहिति जाव अंतं करेहिति ? तए णं समणे भगवं महावीरे तेहिं देवेहि मणसा पुढे तेसिं देवाणं मणसा चेव इमं एयारूवं वागरणं वागरेइ-एवं खलु देवाणप्पिया ! ममं सत्त अंतेवासीसयाई सिज्झिहिति जाव अंतं करेहिति / तए णं ते देवा समणेणं भगवया महावीरेणं मणसा पुढेणं मणसा चेव इमं एया. रूवं वागरणं वागरिया समाणा हद्वतुट्ठा जाव हयहियया समणं भगवं महावीरं बंदंति णमंसंति 2 ता मणसा चेव सुस्सूसमाणा णमंसमाणा अभिमुहा जाव पज्जुवासंति / तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स जेठे अंतेवासी इंदभई णामं अणगारे जाव अदूरसामंते उड्ढंजाण जाव विहरइ / तए णं तस्स भगवओ गोयमस्स झाणंतरियाए वट्टमाणस्स इमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्था, एवं खलु दो देवा महिड्डिया जाव महाणुभागा समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं पाउन्भूया तं णो खलु अहं ते देवे जाणामि कयराओ कप्पाओ वा सग्गाओ वा विमाणाओ वा कस्स वा अत्थस्स अट्टाए इहं हव्वमागया ? तं गच्छामि णं भगवं महावीरं वंदामि णमसामि जाव पज्जुवासामि इमाइं च णं एयारूवाइं वागरणाइं पुच्छिस्सामित्ति कट्ट एवं संपेहेइ 2 उढाए उठेइ 2 जेणेव समणे भगवं महा० जाव पज्जु. वासइ / गोयमाई ! समणे भगवं महावीरे भगवं गोयम एवं वयासी-से णूणं तव गोयमा ! झाणंतरियाए वट्टमाणस्स इमेयारूवे अज्झथिए जाव जेणेव ममं अंतिए तेणेव हग्वमागए से णणं गोयमा ! अत्थे समत्थे ? हंता! अस्थि, तं गच्छाहि णं गोयमा ! एए चेव देवा इमाइं एयारूवाइं वागरणाई वागरेहिति / तए णं भगवं गोयमे समणेणं भगवया महावीरेणं अब्भणुण्णाए Page #538 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 5 उ. 4 525 समाणे समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ 2 जेणेव ते देवा तेणेव पहारेत्थ गमणाए / तए गं ते देवा भगवं गोयम एज्जमाणं पासंति 2 हट्ठा जाव हय. हियया खिप्पामेव अब्मुद्रुति 2 खिप्पामेव पच्चुवागच्छंति 2 जेणेव भगवं गोयमे तेणेव उवागच्छंति 2 त्ता जाव णमंसित्ता एवं वयासी-एवं खलु भंते ! अम्हे महासुक्काओ कप्पाओ महासग्गाओ महाविमाणाओ दो देवा महिडिया जाव पाउन्भया तए गं अम्हे समणं भगवं महावीरं वंदामो णमंसामो 2 मणसा चेव इमाई एयारूवाई वागरणाई पुच्छामो-कइ णं भंते ! देवाणुप्पियाणं अंतेवासीसयाई सिज्झिहिंति जाव अंतं करेहिति ? तए णं समणे भगवं महा. बोरे अहेंहि मणसा पुढे अम्हं मणसा चेव इमं एयारूवं वागरणं वागरेइ-एवं खलु देवाणु० मम सत्त अंतेवासीसयाइं जाव अंतं करेहिति, तए णं अम्हे समजेणं भगवया महावीरेणं मणसा चेव पुठ्ठणं मणसा चेव इमं एयारूवं वागरणं वागरिया समाणा समणं भगवं महावीरं वंदामो णमंसामो 2 जाव पज्जवासा. मोतिकट्ट भगवं गोयमं वंदंति णमंसंति 2 जामेव दिसि पाउ० तामेव दिसि प.॥१८॥ भंतेत्ति ! भगवं गोयमे समणं जाव एवं वयासी-देवा णं भंते ! संजयाइ वत्तवं सिया ? गोयमा ! णो इणठे समठे अब्भक्खाणमेयं / देवा गं भंते ! असंजया इ वत्तव्वं सिया ? गोयमा ! णो इण→० णिठ्ठरवयणमेयं / देवा णं भंते ! संजयासंजया इ वत्तवं सिया ? गोयमा ! णो इणठे समठे, असमयमेयं देवाणं / से कि खाई णं भंते ! देवा इ वत्तव्वं सिया ? गोयमा ! देवा णं णोसंजयाइ वत्तव्वं सिया // 186 // देवा गं भंते ! कयराए भासाए भासंति ? कयरा वा भासा भासिज्जमाणी विसिस्सइ ? गोयमा ! देवा गं अद्धमागहाए मासाए भासंति, सावि य णं अद्धमागहा भासा भासिज्जमाणी विसिस्सइ // 160 // केवली गं भंते ! अंतकरं वा अंतिमसरीरियं वा जाणइ पासइ ?हंता ! गोयमा ! जाणइ पासइ / जहा णं भंते ! केवली अंतकरं वा अंतिमसरीरियं वा जाणइ पासइ तहा णं छउमत्थेवि अंतकरं वा अंतिमसरीरियं वा जाणइ पासइ ? गोयमा ! णो इणठे समठे, सोच्चा जाणइ, पासइ, पमाणओ वा। से किं तं सोच्चा ? सोच्चा णं केवलिस्स वा केवलिसावयस्स वा केंवलिसाबियाए वा केवलिउवासियाए वा केवलि उवासगस्स वातप्पक्खियस्स वा तप्पक्खियसावगस्त वा तप्पक्खियसावियाए वा तप्पक्खिय उवासगस्स वा तप्प. Page #539 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 526 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि क्खियउवासियाए वा से तं सोचा // 161 // से कि तं पमाणे ? पमाणे चउविहे प० तंजहा-पच्चवखे अणुमाणे ओवम्से आगमे, जहा अणुः ओगदारे तहा णेयव्वं पमाणं जाव तेण परं णो अत्तागमे णो अणंतरागमे परंपरागमे / / 162 // केवली णं भंते ! चरिमकम्मं वा चरिमणिज्जरं वा जाणइ पासइ ? हंता गोयमा ! जाणइ पासइ / जहा णं भंते ! केवली चरिमकम्म घा जहा णं अतकरेणं आलावगो तहा चरिमकम्मेणवि अपरिसिओ प्लेयव्यो // 163 // केवली गं भंते ! पणीयं मणं वा वई वा धारेज्जा? हंता! धारेज्जा / जहा णं भंते ! केवली पणीयं मणं वा वई वा धारेज्जा ते ण वेमाणिया देवा जाणंति पासति ? गोयमा ! अत्थेगइया जाणंति पा० अत्थगइया ण जाति ण पा० / से केणठेणं जाव ण जाणंति ण पासंति ? गोयमा! वेमाणिया देवा दुविहा पण्णता, तंजहा-माइमिच्छादिदिउववण्णगा य अमाइसम्मदिदिउव. यणगा य, तत्थ णं जे ते माइमिच्छादिट्ठिउववष्णगा. ते ण जाणंति ण पासंति, तत्थ णं जे ते अमाइसम्मदिद्विउववण्णगा ते णं जाणंति पासति / से केणठेणे एवं व० अमाई सम्मदिट्ठी जाव पा० ? गोयमा ! अमाई सम्मदिठी दुविहा पण्णता-अणंतरोववण्णगा य परंपरोववण्णगा य, तत्थ अणंतरोववण्णगाण जा० परंपरोववष्णगा जाणंति, से केणठेगं भंते ! एवं० परंपरोववण्णगा जाव जाणंति ? गोयमा! परंपरोक्वण्णगा दुविहा पण्णत्ता-पज्जत्तगा य अपज्जत्तगा य, पज्जत्ता जा० अपज्जत्ता ण जा०, एवं अणंतरपरंपरपज्जत्तअपज्जत्ता य उवउत्ता अणवउत्ता, तत्थ णं जे ते उवउत्ता ते जा० पा० से तेणठेणं त चेव // 164 // पभ णं भंते ! अणुत्तरोववाहया देवा तत्थगया चेव समाणा इह गएणं केवलिणा सद्धि आलावं या सलावं वा करेत्तए ? हंता! पभू / से केण. ठेणं जाव पम पं अणुत्तरोववाइया देवा जाव करेत्तए ? गोयमा ! जणं अणुत्तरोववाइया देवा तत्थगया चेव समाणा अळं वा हे उं वा पसिणं वा कारण वा वागरणं वा पुच्छति तण्णं इहगए केवली अह्र वा जाव वागरणं वा घागरेइ से तेणढेणं। जणं भंते ! इहगए चेव केवली अटै वा जाव वागरेइ तण्णं अणुत्तरोववाइया देवा तत्थगया चेव समाणा जा० पा० ? हंता! जाणति पासंति / से केणठेणं जाव पासति ? गोयमा ! सेसिणं देवाणं अणं. ताओ मणोदव्ववग्गणाओ लद्धाओ पत्ताओ अभिसमण्णागयाओ भवंति से तेण. Page #540 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 5 उ. 5 527 ठेणं जगणं इहगए केवली जाव पा० // 195 // अणुत्तरोववाइया गं भंते ! देवा कि उदिण्णमोहा उवसंतमोहा सोणमोहा ? गोयमा ! णो उदिण्णमोहा उवसंतमोहा णो खीणमोहा // 196 // केवली गं भंते ! आयाणेहि जा० पा०? गोयमा ! णो इणटठे स० / से केणठेगं जाव केवली गं आयाणेहि ण जाणइ ग पासइ ? गोयमा ! केवली गं पुरथिमेणं मियंपि जाणइ अमियंपिजा. जाव णिवणे दंसणे केवलिस्स से तेण० // 197 // केवली णं भंते ! अस्सि समयंसि जेसु आगासपएसेसु हत्थं वा पायं वा बाहं वा ऊरं वा ओगाहित्ता गं चिट्ठइ पम् णं भंते ! केवली सेयकालंसिवि तेसु चेव आगासपएसेसु हत्थं वा जाव ओगाहित्ता गं चिद्वित्तए ? गोयमा! णो इ० / से केणठेणं भंते ! जाव केवली णं अस्सि समयंसि जेसु आगासपएसेसु हत्थं वा जाव चिट्ठइ णो णं पमू केवली सेयकालंसिवि तेसु चेव आगासपएसेसु हत्थं वा जाव चिट्ठित्तए ? गो० ! केवलिस्स गं वीरियसजोगसद्द व्वयाए चलाई उवकरणाई भवंति, चलोवगरणट्टयाए य गं केवली अस्सि समयंसि जेसु आगासपएसेसु हत्थं वा जाव चिट्ठइ णो णं पमू केवलो सेयकालंसिवि तेसु चेव जाव चिट्ठित्तए, से तेण→णं जाव वुच्चइ-केवली गं अस्सि समयंसि जाव चिद्वित्तए // 18 // पमू गं भंते ! चोद्दसपुव्वी घडाओ घडसहस्सं पडाओ पडसहस्सं कडाओ 2 रहाओ 2 छताओ छतसहस्सं दंडाओ दंडसहस्सं अभिणिव्वदे॒त्ता उवदंसेत्तए ? हंता! पभू। से केणठेणं पभू चउद्दसपुवी जाव उवदंसेत्तए ? गोयमा ! घउद्दसपुग्विस्स गं अणंताई दव्वाइं उक्करियाभेएणं भिज्जमाणाई लद्धाइं पत्ताई अभिसमण्णागयाइं भवंति, से तेणठेणं जाव उवदंसित्तए / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 16 // ___ पंचमं सयं पंचमो उद्देसो छउमत्थे णं मंते ! मणूसे तीयमणेतं सासयं समयं केवलेणं संजमेणं० जहा पढमसए चउत्थुद्देसे आलावगा तहा यव्वा जाव अलमत्थुत्ति वत्तव्वं सिया // 200 // अण्णउत्थिया णं भंते ! एवमाइक्खंति जाव परूवेंति सव्वे पाणा सव्वे भया सम्वे जीवा सम्वे सत्ता एवंभयं वेयणं वेति / से कहमेयं भंते ! एवं ? गोयमा ! जणं ते अण्णउत्थिया एवमाइक्खंति जाव वेदेति जे ते एव. Page #541 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 528 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि मासु मिच्छा ते एवमाहंसु, अहं पुण गोयमा ! एवमाइक्खामि जाव पल्वेमि अत्थेगइया पाणा भया जीवा सत्ता एवंभूयं वेयणं वेदेति अत्थेगइया पाणा भया जीया सत्ता अणेवं भयं वेयणं वेदेति / से केणठेणं अत्थेगइया ? तं चेक उच्चारेयव्वं, गोयमा ! जे गं पाणा भया जीवा सता जहा कडा कम्मा तहा वेयणं वेति ते णं पाणा भया जीवा सत्ता एवं भयं वेयणं वेदेति, जे णं पाणा भूया जीवा सत्ता जहा कडा कम्मा णो तहा वेयणं वेदेति ते णं पाणा भूया जीवा सत्ता अणेवं भयं वेयणं वेदेति, से तेणठेणं तहेव / रइया णं भंते ! कि एवंभूयं वेयणं वेदेति अणेवंभूयं वेयगं वेदेति ? गोयमा ! रइया णं एवं. भयंपि वेयणं वेदेति अणेवं भयंपि वेयणं वेदेति / से केणठेणं तं चेव ? गोयमा ! जे णं णेरइया जहा कडा कम्मा तहा वेयणं वेदेति ते णं णेरइया एवं भयं वेयणं वेदेति जेणं णेरइया जहा कडा कम्मा णो तहा वेयणं वेदेति ते णं जेर. इया अणेवंभूयं देवणं वेदेति, से तेणठेणं, एवं जाव वेमाणिया / संसारमंडलं णेयव्वं // 201 // जंबुद्दीवे णं भंते ! इह भारहे वासे इमीसे ओस० कइ कुलगरा होत्था ? गोयमा! सत्त एवं तित्थयरा तित्थयरमायरोपियरो पढमा सिस्सिणीओ चक्कवट्टीमायरो पियरो इत्थिरयणं बलदेवा वासुदेवा वासुदेवमायरो पियरो, एएसि पडिसत्सू जहा समवाए णामपरिवाडीए तहा णेयव्वा / सेवं भंते ! 2 ति जाव विहरइ // 202 // पंचमं सयं छट्ठो उद्देसो कहाणं भंते ! जीवा अप्पाउयत्ताए कम्मं पकरेंति ? गोयमा ! तिहि ठाणेहि, तंजहा-पाणे अइवाएत्ता मुसं वइत्ता तहारूवं समणं वा माहणं वा अफासुएणं अणेसणिज्जे णं असणपाणखाइमसाइमेणं पडिलाभेत्ता, एवं खलु जीवा अप्पाउयत्ताए कम्मं पकरेति / कहणं भंते ! जीवा दीहाउयत्ताए कम्म पक. रेंति ? गोयमा ! तिहि ठाणेहि-णो पाणे अइवाइत्ता णो मुसं वइत्ता तहा. रूवं समणं वा माहणं वा फासुएसणिज्जेणं असणपाणखाइमसाइमेणं पडि. लाभेता एवं खलु जीवा दीहाउयत्ताए कम्मं पकरेंति / कहण्णं भंते ! जीवा असुभदीहाउयत्ताए कम्मं पकरेंति ? गोयमा ! पाणे अइवाइत्ता मुसं वइत्ता Page #542 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 5 उ. 6 529 तहारूवं समणं वा माहणं वा हीलिता णिदित्ता खिसित्ता गरहित्ता अवम. णित्ता अण्णायरेणं अमणुण्णेणं अपीइकारएणं असणपाणखाइमसाइमेणं पडि. लाभत्ता एवं खलु जीवा असुभदोहाउयत्ताए कम्मं पकरेंति / कहण्णं भंते ! जीवा सुभदीहाउयत्ताए कम्मं पकरेंति ? गोयमा ! णो पाणे अइवाइत्ता गो मुसं वइत्ता तहारूवं समणं वा माहणं वा वंदिता णमंसित्ता जाव पज्जुवासित्ता अण्णयरेणं मणण्णणं पीइकारएणं असणपाणखाइमसाइमेणं पडिलाभेत्ता एवं खलु जीवा सुभदीहाउयत्ताए कम्मं पकरेंति // 203 // गाहावइस्स णं भंते ! भंडं विक्किणमाणस्स केइ भंडं अवहरेज्जा तस्स णं भंते ! तं भंडं अणगवेसमाणस्स फि आरंभिया किरिया कज्जइ परिग्गहिया० माया० अप० मिच्छा.? गोयमा ! आरंभिया किरिया कज्जइ परि०माया० अपच्च० मिच्छादसणकिरिया सिय कज्जइ सिय णो कज्जइ / अह से भंडे अभिसमप्णागए भवइ, तओ से पच्छा सव्वाओ ताओ पयणुई भवंति / गाहावइस्स णं भंते ! तं भंडं विक्किणमा. णस्स कइए भंडं साइज्जेज्जा भंडे य से अणुवणीए सिया / गाहावइस्स णं भंते ! ताओ भंडाओ कि आरंभिया किरिया कज्जइ जाव मिच्छादंसणकिरिया कज्जइ कायस्स वा ताओ भंडाओ कि आरंभिया किरिया कज्जइ जाव मिच्छादसण. किरिया कज्जइ गोयमा ! गाहावइस्स ताओ भंडाओ आरंभिया किरिया कज्जइ जाव अपच्चक्खाणिया मिच्छादसणवत्तिया किरिया सिय कज्जइ सिय णो कज्जइ, कइयस्स णं ताओ सव्वाओ पयणुईभवंति / गाहावइस्स णं भंते ! भंडं विक्किणमाणस्स जाव भंडे से उवणीए सिया कइयस्स णं भंते ! ताओ भंडाओ कि आरंभिया किरिया कज्जई ? गाहावइस्स वा ताओ भंडाओ कि आरंभिया किरिया कज्जइ ? गोयमा ! कइयस्स ताओ भंडाओ हेट्रिल्लाओ चत्तारि किरियाओ कज्जति मिच्छादसणकिरिया भयणाए, गाहावइस्स णंताओ सव्वाओ पयणुई भवंति / गाहावइस्स णं भंते ! भंडं जाव धणे य से अणुवणीए सिया एवंपि जहा भंड़े उवणीएतहा यव्वं चउत्थो आलावगो, धणे से उवणीए सिया जहा पढमो आलावगो भंडे य से अणुवणीए सिया तहा यवो पढमचउत्थाणं एक्को गमो बिइयतइयाणं एक्को गमो / अगणिकाए णं भंते ! 'अंहुणोज्जलिए समाणे महाकम्मतराए चेव महाकिरियतराए चेव महासवः तराए चेव महावेयणतराए चेव भवइ, अहे णं समए 2 वोक्कसिज्जमाणे 2 Page #543 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 530 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि चरिमकालसमयंसि इंगालब्भए मम्मरब्भए छारियभए तओ पच्छा अप्प. कम्मतराए चेव अप्पकिरियतराए चेव अप्पासवतराए चेव अप्पवेयणतराए चेव भवइ ? हंता गोयमा ! अगणिकाए णं अहुणोज्जलिए समाणे तं चेव // 204 // पुरिसे गं भंते ! धणुं परामुसइ परामुसित्ता उसु परामुसइ 2 ठाणं ठाइ ठाणं ठिच्चा आययकण्णाययं उसुं करेइ आययकण्णाययं उसुं करेत्ता उड्ढं वेहासं उसु उम्विहइ 2 तओ णं से उतुं उड्ढं वेहासं उविहिए समाणे जाई तत्थ पाणाई भूयाई जीवाई सत्ताइं अमिहणइ वत्तेइ लेस्सेइ संघाएइ संघटेइ परियावेइ किलामेइ ठाणाओ ठाणं संकामेइ जीवियाओ ववरोवेइ तए णं भंते ! से पुरिसे कइकिरिए ? गोयमा ! जावं च णं से पुरिसे धj परामुसइ 2 जाव उव्विहइ तावं च णं से पुरिसे काइयाए जाव पाणाइवाय. किरीयाए पंचहि किरियाहि पुठे, जेसिपि य णं जीवाणं सरीरेहि धण णिव्व. त्तिए तेऽवि य णं जीवा काइयाए जाप पंचहि किरियाहिं पुढें (ट्ठा) एवं धणुपुढे पंचहि, किरियाहिं, जीवा पंचहि, हारू पंचहि, उसू पंचहि, सरे पत्तणे फले हारू पंचहि // 205 // अहे गं से उसं अप्पणो गरुयत्ताए भारियत्ताए गरुयसंभारियत्ताए अहे वीससाए पच्चोवयमाणे जाइं तत्थ पाणाइं जाव जीवियाओ ववरोवेइ तावं च णं से पुरिसे कइ किरिए ? गोयमा ! जावं च णं से उसुं अप्पणो गुरुयत्ताए जाव ववरोवेइ तावं च णं से पुरिसे काइयाए जाव चहि किरियाहिं पुछे, जेसिपि य णं जीवाणं सरीरेहिं धणू णिव्वत्तिए तेवि जीवा चहि किरियाहि, धणुपुढे चउहि, जीवा चउहि, हारू चउहि, उसू पंचहि, सरे पत्तणे फले प्रहारू पंचहि, जेवि य से जीवा अहे पच्चोवयमाणस्स उवग्गहे वटंति तेवि य णं जीवा काइयाए जाव पंचहि किरियाहि पुट्ठा // 206 // अण्णउत्थिया णं भंते ! एवमाइक्खंति जाव परूवेंति से जहाणामए जुवई जुवाणे हत्थेणं हत्थे गेण्हेज्जा चक्कस्स वा गाभी अरगाउत्ता सिया एवामेव जाव चत्तारि पंच जोयणसयाहं बहुसमाइण्णे मणुयलोए मणुस्सेहिं / से कहमेयं भंते ! एवं ? गोयमा ! जण्णं ते अण्णउत्थिया जाव मणुस्सेहिं जे ते एवमाहंसु मिच्छा०, अहं पुण गोयमा ! एवमाइक्खामि जाव एवामेव चत्तारि पंच जोयणसयाई बहुसमाइण्णे णिरयलोए णेरइएहि // २०७॥णेरइया णं भंते ! कि एगत्तं पभू विउवित्तए पुहुत्तं पभू विउवित्तए ? जहा जीवाभिगमे आला Page #544 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 5 उ. 7 531 वगो तहा णेयव्वो जाव दुरहियासे // 208 // आहाकम्मं अणवज्जेत्ति मणं पहारेत्ता भवइ, से गं तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिक्कते कालं करेइ पत्थि तस्स आराहणा, से णं तस्स ठाणस्स आलोइयपडिक्कते कालं करेइ-अस्थि तस्स आराहणा / एएणं गमेणं णेयवं-कीयगडं ठवियं रइयं कतारभत्तं दुभिक्खभत्तं वद्दलियाभत्तं गिलाणभत्तं सेज्जायरपिंडं रायपिडं / आहाकम्मं अणवजेत्ति बहुजणस्स मज्झे भासित्ता सयमेव परि जित्ता भवइ से गं तस्स ठाणस्स जाव अत्थि तस्स आराहणा। एयपि तह चेव जाव रायर्यापडं / आहाकम्म अणवज्जेत्ति अण्णमण्णस्स अणुप्पदावइत्ता भवइ, से णं तस्स एवं तह चेव जाव रायपिंडं / आहाकम्म णं अणवज्जेत्ति बहजणमज्झे पण्णवइत्ता भवइ से णं तस्स जावअत्थि आराहणा जाव रायपिडं // 206 // आयरियउवज्झाए णं भंते ! सवि. सयंसि गणं अगिलाए संगिण्हमाणे अगिलाए उवगिण्हमाणे कहिं भवग्गहणेहि सिज्मइ जाव अंतं करेइ ? गोयमा ! अत्थेगइए तेणेव भवग्गहणेणं सिज्झइ अत्थेगइए दोच्चेणं भवग्गहणेणं सिज्झइ तच्चं पुण भवग्गहणं गाइक्कमइ // 210 // जेणं भंते ! परं अलिएणं असन्भएणं अभक्खाणेणं अब्भक्खाइ तस्स णं कहप्प. गारा कम्मा कज्जंति ? गोयमा ! जेणं परं अलिएणं असंतवयणेणं अब्भक्खाजेणं अब्भक्खाइ तस्स णं तहप्पगारा चेव कम्मा कज्जति, जत्थेव गं अभिसमा. गच्छइ तत्थेव णं पडिसंवेदेइ तओ से पच्छा वेदेइ / सेवं भंते ! 2 त्ति // 211 // पंचमं सयं सत्तमो उद्देसो परमाणुपोग्गले गं भंते ! एयइ वेयइ जाव तं तं भावं परिणमइ ? गोयमा ! सिय एयइ वेयइ जाव परिणमइ सिय णो एयइ जाव णो परिणमइ / दुप्पएसिए णं भंते ! खंधे एयइ जाव परिणमइ ? गोयमा ! सिय एयइ जाव परिणमइ सिय णो एयइ जाव णो परिणमइ, सिय देसे एयइ देसे णो एयइ / तिप्पएसिए णं भंते ! खंधे एयइ. ? गोयमा ! सिय एयइ सिय णो एयइ, सिय देसे एयइ णो देसे एयइ सिय देसे एयइ णो देसा एयंति सिय देसा एयंति णो देसे एयइ / चउप्पएसिए णं भंते ! खंधे एयइ० ? गोयमा ! सिय एयइ सिय णो एयइ सिय देसे एयइ णो देसे एयइ सिय देसे एयइ णो देसा एयंति सिय देसा एयंति णो देसे एयइ सिय देसा एयंति णो देसा एयंति जहा चउप्पएसिओ तहा पंचपएसिओ तहा जाव अणंतपएसिओ // 212 // परमाणुपोग्गले णं भंते ! असिधारं वा खुरधारं वा ओगाहेज्जा ? हंता! ओगा. Page #545 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 532 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि हेज्जा ! से णं भंते ! तत्थ छिज्जेज्ज वा भिज्जेज्ज वा? गोयमा ! णो इणढे समठे, णो खलु तत्थ सत्थं कमइ / एवं जाव असंखेज्जपए सिओ। अतगंपएसिए णं भंते ! खंधे असिधारं वा खुरघारं वा ओगाहेज्जा ?हंता! ओगाहेज्जा / से णं भंते ! तत्थ छिज्जेज्ज वा भिज्जेज्ज वा ? गोयमा! अत्थेगइए छिज्जेज्ज वा भिज्जेज्ज वा अत्थेगइए णो छिज्जेज्ज वा णो भिज्जेज्ज वा। एवं अगणिकायस्स मज्झमझेणं तहि णवरं झियाएज्जा भाणियव्वं, एवं पुक्खलसंवट्टगस्स महामेहस्स मज्झमाझेणं तहिं उल्ले सिया, एवं गंगाए महाणईए पडिसोयं हव्वमागच्छेज्जा हि विणिहायमावज्जेज्जा, उदगावत्तं वा उदर्गाबदं वा वा ओगाहेज्जा से णं तत्थ परियावज्जेज्जा // 213 // परमाणपोग्गले णं भंते ! कि सअड्ढे समज्झे सपएसे ? उदाहु अणड्ढे अमझे अपएसे ? गोयमा ! अणड्ढे अमज्झे अपएसे णो सअड्ढे णो समझे णो सपए से / दुप्पएसिए णं भंते ! खंधे कि सअद्धे समज्झे सपएसे उदाहु अणद्धे अमझे अपएसे ? गोयमा ! समद्धे अम. ज्झे सपएसे णो अणद्धे णो समझे णो अपएसे। तिप्पएसिए णं भंते ! खंधे पुच्छा ? गोयमा ! अणद्धे समज्शे सपएसे णो सअद्धे णो अमझे णो अपएसे / जहा दुप्पएसिओ तहा जे समा ते भाणियव्वा, जे विसमा ते जहा तिप्पएसिओ सहा भाणियव्वा / संखेज्जपएसिए णं भंते ! खंधे किं सअड्ढे 6 ? गोयमा ! सिय सअद्धे अमझे सपएसे सिय अणड्ढे समझे सपएसे जहा संखेज्जपएसिओऽवि लहा असंखेज्जपएसिओवि, अणंतपएसिओ वि // 214 // परमाण. पोग्गले णं भंते ! परमाणपोग्गलं फूसमाणे कि देसेणं देसं फुसइ 1 देसेणं देसे फुसइ 2 देसेणं सव्वं फुसइ 3 देसेहिं देसं फुसइ 4 देसेहिं देसे फुसइ 5 देसेहि सव्वं फुसइ 6 सव्वेणं देसं फुसइ 7 सव्वेणं देसे फुसइ 8 सव्वेणं सव्वं फुसइ & ? गोयमा ! णो देसेणं देसं फुसइ णो देसेणं देसे फुसइ णो देसेणं सव्वं फुसइ णो देसेहिं देसं फुसइ णो देसेहिं देसे फुसइ णो देसेहि सव्वं फुसइ णो सत्वेणं देसं फुसइ णो सव्वेणं देसे फुसइ सम्वेगं सव्वं फुसइ / एवं परमाणुशोगले दुप्पएसियं फुसमाणे सत्तमणवमेहि फुसइ, परमाणुपोग्गले तिप्पएसियं फुसमाणे णिपछिमहि तिहि फु०, जहा परमाणुपोग्गले तिप्पएसियं फुसाविओ एवं फुसावेयव्वो जाव अणंतपएसिओ / दुप्पएसिए णं भंते ! खंधे परमाणुपोग्गलं फुसमाणे पुच्छा ? तइयणवमेहि फुसइ, दुप्पएसिओ दुप्पएसियं Page #546 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 5 उ. 7 533 फुसमाणो पढमतइयसतमणवमेहि फुसइ, दुप्पएसिओ तिप्पएसियं फुसमाणो आइल्लएहि य पच्छिल्लएहि य तिहिं फुसइ, मज्झिमएहि तिहिं विपडिसेहेयध्वं, दुप्पएसिओ जहा तिप्पएसियं फुसाविओ एवं फुसावेयव्यो जाव अगंतपएसियं / तिपएसिए णं भंते ! खंधे परमाणुपोग्गलं फुसमाणे पुच्छा, तइयछ गुणवमेहिं फुसइ, सिपएसिओ दुपएसियं फुसमाणो पढमएणं तइएणं चउत्थछ नुसत्तमणव. मेहि फुसइ, तिपएसिओ तिपएसियं फुसमाणो सव्वेसुवि ठाणेसु फुप्तइ, जहा तिपएसिओ तिपएसियं फुसाविओ एवं लिप्पएसिओ जाव अणंतपएसिएणं संजो. एयव्वो, जहा तिपएसिओ एवं जाव अगंतपएसिओ भाणियन्वो // 215 // परमाणुपोग्गले गं भंते ! कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहणेणं एगं समयं उक्कोसेणं असंखेज्जं कालं, एवं जाव अणंतपएसिओ। एगपएसोगाढे गं भंते ! पोग्गले सेए तम्मि वा ठाणे अण्णमि वा ठाणे कालओ केवच्चिरं होइ? गोयमा! जह० एगं समयं उक्को० आवलियाए असंखेज्जइभागं, एवं जाव असंखेज्जपएसोगाढे / एगपएसोगाढे गं भंते ! पोग्गले णिरेए कालओ केव. च्चिरं होइ ? गोयमा ! जहण्णेणं एगं समयं उक्कोसेणं असंखेज्ज कालं, एवं जाव असंखेज्जपएसोगाढे / एगगुणकालए गं भंते ! पोग्गले कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जह० एगं समयं उ० असंखेज्जं कालं एवं जाव अणंतगुण. कालए, एवं वण्णगंधरसफास० जाव अणंतगुणलुक्खे, एवं सुहुमपरिणए पोग्गले एवं बायरपरिणए पोग्गले / सद्दपरिणए गं भंते ! पोग्गले कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! ज० एगं समयं उ० आवंलियाए असंखेज्जइभागं / असद्दपरि. णए जहा एगगुणकालए / परमाणुपोग्गलस्स गं भंते ! अंतरं कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहण्णेणं एगं समयं उक्कोसेणं असंखेनं कालं / दुपएसियस्स णं भंते ! खंधस्स अंतरं कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहण्णेणं एगं समयं उवकोसेणं अणंतं कालं, एवं जाव अणंतपएसिओ / एगपएसोगाढस्स णं भंते ! पोग्गलस्स सेयस्स अंतरं कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहणणं एगं समयं उक्कोसेणं असंखेज्जं कालं, एवं जाव असंखेज्जपएसोगाढे / एगपएसोगाढस्स णं भंते ! पोग्गलस्स गिरेयस्स अंतरं कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहणणं एग समयं उक्कोसेणं आवलियाए असंखेज्जइभागं, एवं जाव असंखेज्जपएसोगाढे / वण्णगंधरसफाससुहमपरिणयबायरपरिणयाणं एएसि Page #547 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 534 अंग-पविट्ट सुत्ताणि जं चेव संचिट्ठणा तं चेव अंतरंपि भाणियव्वं / सद्दपरिणयस्स गं भंते ! पोग्ग. लस्स अंतरं कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा! जहण्णेणं एगं समयं उक्को. सेणं असंखेज्जं कालं / असहपरिणयस्स णं भंते | पोग्गलस्स अंतरं कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहणेणं एगं समयं उक्कोसेणं आवलियाए असं. खेज्जइभागं // 216 // एयस्स णं भंते ! दवढाणाउयस्स खेत्तद्वाणाउयस्स ओगाहणट्ठाणाउयस्स भावट्ठाणाउयस्स कयरे 2 जाव विसेसाहिया वा? गोयमा ! सव्वत्थोवे खेत्तट्टाणाउए ओगाहणट्ठाणाउए असंखेज्जगुणे दवद्वाणाउए असंखेज्जगुणे भावट्ठाणाउए असंखेज्जगुणे-खेत्तोगाहणदव्वे भावट्ठाणाउयं च अप्पबहुं / खेत्ते सव्वत्थोवे सेसा ठाणा असंखेज्जगुणा ॥१॥२१७॥णेरइया णं भंते ! किं सारंभा सपरिग्गहा उदाहु अणारंभा अपरिंग्गहा ? गोयमा ! जेर. इया सारंभा सपरिग्गहा णो अणारंभा णो अपरिग्गहा / से केणठेणं जाव अपरिग्गहा ? गोयमा ! णेरइया णं पुढविकायं समारंभंति जाव तसकायं समारंभंति सरीरा परिग्गहिया भवंति कम्मा परिग्गहिया भवंति सचित्ता. चित्तमीसयाई दव्वाइं परि० भ०, से तेणठेणं तं चेव / असुरकुमारा गं भंते ! कि सारंमा 4 ? पुच्छा, गोयमा ! असुरकुमारा सारंभा सपरिग्गहा णो अणारंभा अप० / से केणठेणं ? गोयमा! असुरकुमारा गं पुढविकायं समारंभंति जाव तसकायं समारंभंति सरीरा परिग्गहिया भवंति कम्मा परिग्ग. हिया भवंति भवणा परि० भवंति देवा देवीओ मणुस्सा मणुस्सीओ तिरिक्खजोणिया तिरिक्ख जोणियाओ परिग्गहिया भवंति आसणसयणभंडमत्तोवगरणा परिग्गहिया भवंति सचित्ताचित्तमीसयाई दव्वाइं परिग्गहियाई भवंति से तेण. ठेणं तहेव एवं जाव थणियकुमारा / एगिदिया जहा णेरइया / बेइंदिया णं भंते ! कि सारंभा सपरिग्गहा ? तं चेव जाव सरीरा परिगहिया भवंति बाहि रिया भंडमत्तोवगरणा परि० भवंति सचित्ताचित्त० जाव भवंति एवं जाव चरिदिया / पंचेंदियतिरिक्खजोणिया गं भंते ! * तं चेव जाव कम्मा परि० भवंति टंका कूडा सेला सिहरी पब्भारा परिग्गहिया भवंति जलथलबिलगुह. लेणा परिग्गहिया भवंति उज्झरणिज्झरचिल्ललपल्ललवप्पिणा परिग्गहिया भवंति अगडतडागदहणईओ वाविपुक्खरिणीदीहिया गुंजालिया सरा सरपंतियाओ सरसरपंतियाओ बिलपंतियाओ परिग्गहियाओ भवंति आरामज्जाणा काणणा Page #548 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 5 उ. 8 535 वणा वणसंडा वणराईओ परिग्गहियाओ भवंति देवउल सभ-पव-थूभ-खाइय. परिखाओ परिग्गहियाओ भवंति पागारअट्टालगचरियदारगोपुरा परिग्गहिया भवंति पासायघरसरणलेणआवणा परिग्गहिया भवंति सिंघाडगतिगचउक्कचच्चरचउम्मुहमहापहा परिग्गहिया भवंति सगडरहजाणजुग्गगिल्लिथिल्लिसीयसंदमाणियाओ परिग्गहियाओ भवंति लोहीलोहकडाहकडुच्छया परिग्गहिया भवंति भवणा परिग्गहिया भवंति देवा देवीओ मणुस्सा मणुस्सीओ तिरिक्खजो. गिआ तिरिक्खजोणिणीओ आसणसयणखंडभडसचित्ताचित्तमीसयाई दव्वाइं परिगहियाई भवंति से तेणठेणं 0 / जहा तिरिक्खजोणिया तहा मणुस्सावि माणियव्वा, वाणमंतरजोइसवेमाणिया जहा भवणवासी तहा णेयव्वा // 218 // पंच हेऊ पण्णत्ता, तंजहा-हेउं जाणइ हेउं पासइ हेउं बुज्झइ हेउं अभिसमागच्छइ हेउं छउमत्थमरणं मरइ / पंच हेऊ प०, तंजहा-हेउणा जाणइ जाव हेउणा छउमत्थमरणं मरइ / पंच हेऊ पण्णत्ता, तंजहा-हेउं ण जाणइ जाव हेउं अण्णाणमरणं मरइ / पंच हेऊ पण्णता, तंजहा-हेउणा ण जाणइ जाव हेउणा अण्णाणमरणं मरइ / पंच अहेऊ पण्णत्ता, तंजहा-अहेउं जाणइ जाव अहेउं केवलिमरणं मरइ / पंच अहेऊ पण्णत्ता, तंजहा-अहेउणा जाणइ जाव अहे उणा केवलिमरणं मरइ। पंच अहेऊ पण्णत्ता, तंजहा-अहेउं ण जाणइ जाव अहेउं छ उमत्थमरणं मरइ / पंच अहेऊ पण्णत्ता, तंजहा-अहेउणा ण जाणइ जाव अहेउणा छउमस्थमरणं मरइ / सेवं भंते | 2 ति // 216 // पंचमं सयं अट्ठमो उद्देसो तेणं कालेणं 2 जाव परिसा पडिगया। तेणं कालेणं 2 समणस्स 3 जाव अंतेवासी णारयपुत्ते णामं अणगारे पगइभद्दए जाव विहरइ / तेणं कालेणं 2 समणस्स 3 जाव अंतेवासी णियंठिपुत्ते णाम अण० पगइभद्दए जाव विहरइ, तए णं से णियंठिपुत्ते अण० जेणामेव णारयपुत्ते अणगारे तेणेव उवागच्छइ 2 णारयपुत्तं अण० एवं बयासी-सव्वा पोग्गला ते अज्जो ! कि सअड्रा समझा सपएसा उदाहु अणड्डा अमज्झा अपएसा? अज्जो ! त्ति णारयपुत्ते अणगारे णियंठि पुत्तं अणगारं एवं वयासी-सव्वपोग्गला मे अज्जो ! सअड्डा समज्झा सपएसा . णो अणड्डा अमज्झा अपएसा / तए णं से णियंठिपुत्ते अणगारे णारयपुत्तं अ० एवं वयासी-जइ णं ते अज्जो ! सव्वपोग्गला सअड्डा समज्झा सपएसा णो Page #549 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 536 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि अणड्डा अमज्झा अपएसा कि दव्वादेसेणं अज्जो ! सव्वपोग्गला सअड्डा समझा सपएसा गो अणड्डा अमज्मा अपएसा ? खेत्तादेसेणं अज्जो ! सव्वपोग्गला सअड्डा समज्झा सपए सा तह चेव, कालादेसेणं तं चेव, भावादेसेणं तं चेव ? तए णं से णारयपुत्ते अणगारे णियंठिपुत्तं अणगारं एवं वयाती-दव्वादेसे. णवि मे अज्जो ! सव्वपोग्गला सअडा समज्झा सपएसा णो अणडा अमज्झा अपएसा खेत्तादेसेवि सव्वे पोग्गला सअड्डा तह चेव कालादेसेणवि, तं चेव भावादेसेण वि / तए णं से णियंठिपुत्ते अण० णारयपुत्तं अणगारं एवं वयासीजइ णं अज्जो ! दबादेसेणं सवपोग्गला सअड्डा समझा सपएसा णो अणड्डा अमज्झा अपएसा, एवं ते परमाणुपोगलेवि सअड्ढे समज्झे सपएसे णो अगड्ढे अमझे अपए से, जइ णं अज्जो ! खेत्तादेसेणवि सत्वपोग्गला सअड्ढा 3 जाव एवं ते एगपएसोगाढेवि पोग्गले सअड्ढे समज्झे सपएसे, जह णं अज्जो ! कालादेसेणं सवपोग्गला सअड्ढा समझा सपएसा, एवं ते एगसमयठिईएवि पोग्गले सअड्ढे 3 तं चेव, जइ गं अज्जो! भावादेसेणं सव्वपोग्गला सअड्डा समज्झा सपएसा, एवं ते एगगुणकालएवि पोग्गले सअ० 3 तं चेव, अह ते एवं ण भवइ तो जं वयसि दव्वादेसेणवि सव्व. पोग्गला सअ० 3 णो अणड्डा अमज्झा अपएसा एवं खेत्तादेसेणवि काला. भावादेसेणवि तण्णं मिच्छा / तए णं से णारयपुत्ते अणगारे णियंठिपुत्तं अ० एवं वयासी-णो खलु एवं देवा० एयमढं जाणामो पासामो, जइ णं देवा० जो गिलायंति परिकहित्तए तं इच्छामि गं देवा० अंतिए एयमट्ट सोच्चा णिसम्म जाणित्तए / तए णं से णियंठियुत्ते अणगारे णारयपुत्तं अणगारं एवं वयासी-दव्वादेसेणवि मे अज्जो ! सव्वे पोग्गला सपएसावि अप्पएसावि अणंता खेत्तादेसेणवि एवं चेव कालादेसेणवि भावादेसेणवि एवं चेव / जे दव्वओ अप. एसे से खेत्तओ णियमा अपएसे कालओ सिय सपएसे सिय अपएसे भावओ सिय सपएसे सिय अपएसे / जे खेत्तओ अपएसे से दवओ सिय सपएसे सिय अपएसे कालओ भयणाए भावओ भयणाए / जहा खेत्तओ एवं कालओ भावओ / जे दव्वओ सपएसे से खेत्तओ सिय सपए से सिय अपएसे, एवं कालओ भावओवि / जे खेत्तओ सपएसे से दव्वओ णियम्म सपएसे कालओ भयणाए भावओ भयणाए जहा दव्वओ तहा कालओ भावओवि / एएसि गं Page #550 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 5 उ. 8 537 मंते ! पोग्गलाणं दव्वादेसेणं खेत्तादेसेणं कालादेसेणं भावादेसेणं सपएसाण य मपएसाण य कपरे 2 जाव विसेसाहिया वा ? णारयपुत्ता ! सम्वत्थोवा पोग्गला भावादेसेणं अपएसा कालादेसेणं अपएसा असंखेज्जगणा दग्वादेसेणं अपएसा असंखेज्जगुणा खेत्तादेसेणं अपएसा असंखेज्जगुणा खेत्तादेसेणं चेव सपएसा असंखेज्जगुणा दन्वादेसेणं सपएसा विसेसाहिया कालादेसेणं सपएसा विसेसाहिया भावादेसेणं सपएसा विसेसाहिया। तए णं से णारयपुत्ते अणगारे णियंठिपुसं अणगारं वंदइ णमंसइ णियंठिपुत्तं अणगारं वंदित्ता णमंसित्ता एयमझें सम्मं विणएणं भज्जो 2 खामेइ 2 त्ता संजमेणं सवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ / / 220 // भंते ! ति भगवं गोयमे जाव एवं वयासी-जीवा गं भंते ! किं वड्ढंति हायंति अवटिया ? गोयमा ! जीवा णो वड्ढंति णो हायंति अवदिया। णेरइया णं भंते ! कि वढंति हायंति अवट्रिया ? गोयमा ! गैरइया वड्ढंतिवि हायंतिवि अवट्टियावि। जहा रइया एवं जाव वेमाणिया। सिडा णं भंते ! पुच्छा, गोयमा ! सिद्धा वदति णो हायंति अवट्टियावि / नीवा णं भंते ! केवइयं कालं अवट्टिया ? गोयमा ! सव्वद्धं / रइया णं भंते ! केवइयं कालं वड्ढंति ? गोयमा ! ज० एगं समयं उक्को० आवलियाए असंखेज्जइभाग, एवं हायंति वारणेरइयाणं भंते ! केवइयं कालं अवट्टिया? गोयमा! जहणणं एगं समयं उक्को० चउव्वीसं मुहुत्ता, एवं सत्तसुवि पुढवीसु वढंति हायंति भाणियव्वं णवरं अवट्ठिएसु इमं णाणत्तं, तंजहा-रयणप्पभाए पुढवीए अडयालीसं मुहुत्ता सक्कर० चोद्दस राइंदियाई वालु० मासं पंक० दो मासा धूम. चत्तारि मासा तमाए अट्ठ मासा तमतमाए बारस मासा / असुरकुमारावि वड्ढेति हायंति जहा गैरइया, अवट्ठिया जह० एक्कं समयं उक्को० अट्ठचत्ता. लीसं मुहुत्ता / एवं दसविहावि, एगिदिया वड्डंतिवि हायंतिवि अवट्ठियावि, एएहि तिहिवि जहण्णेणं एक्कं समयं उक्को. आवलियाए असंखेज्जइभागं / बेइंदिया वड्ढंति हायंति तहेव, अवट्ठिया ज० एक्कं समयं उक्को० दो अंतो. मुहुत्ता / एवं जाव चरिंदिया, अवसेसा सव्वे वड्ढंति हायंति तहेव, अवट्ठियाणं णाणतं इम, तं०-समुच्छिमचिदियतिरिक्खजोणियाणं दो अंतोमुत्ता, गन्भवक्कंतियाणं च उक्वीसं मुहुता, समुच्छिममणुस्साणं अट्ठचत्तालीसं मुहत्ता, गब्भवक्कंतियमणस्साणं चउव्वीसं मुहुत्ता,वाणमंतरजोइससोहम्मीसाणेसु अट्ठचत्तालीसं Page #551 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 538 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि मुहुत्ता, सणंकुमारे अट्ठारस राइंदियाइं चत्तालीस य मुहुत्ता, माहिदे चउवीसं राइंदियाइं वीस य मु०, बंभलोए पंचचत्तालीसं राईदियाई, लंतए णउइ. राइं. दियाई, महासुक्के सर्टि राइंदियसयं, सहस्सारे दो राइंदियसयाई, आणयपाणयाणं संखेज्जा मासा, आरणच्चयाणं संखेज्जाइं घासाइं, एवं गेवेज्जदेवाणं विजयवेजयंतजयंतअपराजियाणं असंखेज्जाई वाससहस्साई, सम्वट्ठसिद्धे य पलिओवमस्स संखेज्जइभागो, एवं भाणियन्वं, वड्ढंति हायंति जह० एक्कं समयं उ० आवलियाए असंखेज्जइभाग, अवट्ठियाणे जं भणियं / सिद्धा णं भंते ! केवइयं कालं वड्ढंति ? गोयमा ! जह० एक्कं समयं उक्को० अट्ठ समया / केवइयं कालं अवडिया ? गोयमा ! जह० एक्कसमय उवको० छम्मासा / जीवाणं भंते ! कि सोवचया सावचया सोवचयसावचया णिरुवचयणिरवचया? गोयमा ! जीवा णो सोवचया णो सावचया णो सोवचयसावचया णिरुवचय. णिरवचया / एगिदिया तइयपए, सेसा जीवा चहि पएहिं भाणियध्वा / सिद्ध। गं भंते ! पुच्छा, गोयमा ! सिद्धा सोवचया णो सावचया णो सोवचय. सावचया णिरुवचयणिरवचया। जीवा गं भंते ! केवइयं कालं णिरुवचयणिर. वचया ? गोयमा ! सव्वद्धं / णेरइया णं भंते ! केवइयं कालं सोवचया ? गोयमा ! जह० एक्कं समयं उ० आवलियाए असंखेज्जइभागं / केवइयं कालं सावचया ? एवं चेव / केवइयं कालं सोवचयसावचया ? एवं चेव। केवइयं कालं णिरुवचयणिरवचया ? गोयमा ! ज० एक्कं समयं उक्को० बारसमु० एगिदिया सवे सोवचयसावच्या सव्वद्धं सेसा सव्वे सोवचयावि सावचयावि सोवचयसावचयावि णिरुवचयणिरवचयावि जहण्णेणं एवकं समयं उक्कोसेणं आवलियाए असंखेज्जइभागं अवट्टिएहिं वक्कंतिकालो भाणियन्वो / सिद्धा णं भंते ! केवइयं कालं सोवचया ? गोयमा ! जह० एक्कं समयं उक्को० अट्ठ समया / केवइयं कालं णिरुवचयणिरवचया ?जह० एक्कं समयं उ० छम्मासा / सेवं भंते ! 2 त्ति // 221 // पंचमं सयं णवमो उद्देसो तेणं कालेणं तेणं समएणं जाव एवं वयासी-किमियं भंते ! णयरं राय. गिहंति पवच्चइ ? कि पुढवी जयरं रायगिहंति पच्चइ, आऊ णयरं रायगिहति पवुच्चइ ? जाव वणस्सई ? जहा एयणद्देसए पंचिदियतिरिक्खजोणि. Page #552 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 5 उ. 9 539 याणं वत्तव्वया तहा भाणियब्वा जाव सचित्ताचित्तमीसयाई दब्वाइं णयरं राय. गिहंति पच्चइ ? गोयमा ! पुढवीवि णयरं रायगिहंति पवुच्चइ जाव सचित्ताचित्तमीसयाई दवाइं जयरं रायगिहंति पच्चइ / से केणठेणं ? गोयमा ! पुढवी जीवाइय अजीवाइय जयरं रायगिहंति पषुच्चइ जाव सचित्ताचित. मीसयाई दवाइं जीवाइय अजीवाइय जयरं रायगिहंति पच्चइ से तेणठेमं तं चेव // 222 // से गूणं भंते ! दिया उज्जोए राई अंधयारे ? हंता गोयमा ! जाव अंधयारे / से केणठेणं ? गोयमा ! दिया सुभा पोग्गला सुभे पोग्गल. परिणामे राइं असुभा पोग्गला असुभे पोग्गलपरिणामे, से तेणठेणं / र. इयाणं भंते ! कि उज्जोए अंधयारे ? गोयमा ! णेरइयाणं णो उज्जोए अंधयारे / से केणठेणं ? गोयमा ! णेरइयाणं असुभा पोग्गला असुभे पोग्गलपरिणामे, से तेण?णं / असुरकुमाराणं भंते ! किं उज्जोए अंधयारे ? गोयमा ! असुरकुमाराणं उज्जोए णो अंधयारे / से केण→णं ? गोयमा ! असुरकुमाराणं सुभा पोग्गला सुभे पोग्गलपरिणामे, से तेणठे णं जाव एवं वुच्चइ, जाव थणियकुमाराणं पुढविक्काइया जाव तेइंदिया जहा गैरइया / चरिदियाणं भंते ! कि उज्जोए * अंधयारे ? गोयमा ! उज्जोएवि अंधयारेवि / से केणठेणं ? गोयमा ! चरिंदियाणं सुभासुभा य पोग्गला सुभासुभे य पोग्गल. परिणामे, से तेणठेणं एवं जाव मणुस्साणं / वाणमंतरजोइसवेमाणिया जहा असुरकुमारा // 223 // अत्थि णं भंते ! गेरइयाणं तत्थगयाणं एवं पण्णायए तं०-समयाइ वा आवलियाइ वा जाब ओसप्पिणीइ वा उस्सप्पिणीइ वा ?णो इणठे समठे। से केण?णं जांव समयाइ वा आवलियाइ वा जाव उस्सप्पि. णीइ वा ? गोयमा | इहं तेसि माणं इह तेसि पमाणं इहं तेसि पण्णायए, तंजहा-समयाइ वा जाव उस्सप्पिणीइ वा, से तेणछैणं जाव णो एवं पण्णायए, तंजहा-समयाइ वा जाव उस्सप्पिणीइ वा / एवं जाव पंचेंदियतिरिक्ख. जोणियाणं / अस्थि णं भंते ! मणुस्साणं इहगयाणं एवं पण्णायइ, तंजहासमयाइ वा जाव उस्सप्पिणीइ वा? हंता! अस्थि / से केणठेणं? गोयमा! इह तेसि माणं इहं तेसि पमाणं, इहं चेव तेसि एवं पण्णायए, तंजहा-समयाइ वा जाव उस्सप्पिणीइ वा से तेण / वाणमंतरजोइसवेमाणिया णं जहा णेरइयाणं // 224 // तेणं कालेणं 2 पासावच्चिज्जा थेरा भगवंतो जेणेव Page #553 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 540 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छंति 2 समणस्स भगवओ महावीरस्स अदूरसामंते ठिच्चा एवं वयासी-से गूणं भंते ! असंखेज्जे लोए अणंता राई. दिया उपज्जिसु वा उप्पज्जति वा उप्पज्जिस्संति वा विर्गाच्छसु वा विगच्छंति वा विगच्छिस्संति वा परिता राइंदिया उपज्जिसु वा 3 विच्छिसु वा 3 ? हंता अज्जो ! असंखेज्जे लोए अणंता राईदिया तं चेव / से केणठेणं जाव विगच्छिस्संति वा ? से णणं भे अज्जो ! पासेणं अरहया पुरिसादाणिएणं सासए लोए बुइए अणाइए अणबदग्गे परित्ते परिवुडे हेट्ठा विच्छिण्णे मज्झे संखिते पि विसाले अहे पलियंकसंठिए मज्झे वरवइरविग्गहिए उप्पि उद्ध. मुइंगाकारसंठिए तेसि च णं सासयंसि लोगसि अगादियंसि अणवदग्गंसि परितंसि परिवुडंसि हेट्ठा विच्छिण्णंसि मज्झे संखितंसि उप्पि विसालंसि अहे पलियंकसंठियंसि मज्झे वरवइरविग्गहियंसि उप्पि उद्धमइंगाकारसंठियंसि अणंता जीवघणा उप्पज्जित्ता 2 णिलीयंति परित्ता जीवघणा उप्पज्जिता 2 णिलीयंति से णणं भए उप्पण्णे विगए परिणए अजीवेहिं लोक्कइ पलोक्कइ, जे लोक्कइ से लोए ? हंता भगवं ! से तेणठेणं अज्जो ! एवं वुच्चइ असंखेज्जे तं चेव / तप्पभियं च णं ते पासावच्चेज्जा थेरा भगवंतो समणं भगवं महावीरं पच्चभिजाणंति सव्वण्णु सव्वदरिसि / तए णं ते थेरा भगवंतो समणं भगवं महावीरं वदंति णमंसंति 2 एवं वयासी-इच्छामि गं भंते ! तुम्भ अंतिए चाउज्जामाओ धम्माओ पंचमहव्वइयं सप्पडिक्कमणं धम्म उवसंप. ज्जित्ता णं विहरित्तए, अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं / तए णं ते पासावच्चिज्जा थेरा भगवंतो जाव चरिमेहि उस्सासणिस्सासेहिं सिद्धा जाव सव्वदुक्खप्पहीणा अत्थेगइया देवा देवलोएसु उववण्णा // 225 // कई विहा णं भंते ! देवलोगा पण्णत्ता ? गोयमा ! चउम्विहा देवलोगा पण्णत्ता, तंजहाभवणवासीवाणमंतरजोइसियवेमाणियभेएणं, भवणवासी दसविहा वाणमंतरा अट्टविहा जोइसिया पंचविहा वेमाणिया दुविहा / गाहा-किमियं रायगिहति य उज्जोए अंधयार समए य / पासंतिवासि पुच्छा राइंदिय देवलोगा.य // 1 // सेवं भंते ! 2 ति // 226 // पंचमं सयं दसमो उद्देसो तेणं कालेणं तेणं समएणं चंपा णामं णयरी जहा पढमिल्लो उद्देसओ Page #554 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 6 उ. 1 541 तहा णेयम्वो एसोवि, णवरं-चंदिमा भाणियव्वा // 227 // पंचमं सयं समत्तं // छठें सयं पढमो उद्देसो।। गाहा--वेयण 1 आहार 2 महस्सवे य 3 सपएस 4 तमुयाए 5 भविए। 6 साली 7 पुढवी 8 कम्म 6 अण्णउत्थि 10 दस छटुगंमि सए // 1 // से णणं भंते ! जे महावेयणे से महाणिज्जरे जे महाणिज्जरे से महावेयणे ? महा. बेयणस्स य अप्पवेयणस्स य से सेए जे पसत्थणिज्जराए ? हंता गोयमा ! जे महावेयणे एवं चेव / छट्ठसत्तमासु गं भंते ! पुढवीसु रइया महावेयणा ? हंता! महावेयणा / ते णं भंते ! समणेहितो णिग्गंहितो महाणिज्जरतरा? गोयमा ! णो इणठे समठे / से केणठेणं. भंते ! एवं वुच्चइ जे महावेयणे जाव पसस्थणिज्जराए ? गोयमा ! से जहाणामए दुवे वत्था सिया, एगे वत्थे कदमरागरत्ते एगे वत्थे खंजणरागरते एएप्ति गं गोयमा ! दोण्हं वत्थाणं कयरे वत्थे दुद्धोयतराए चेव दुवामतराए चेव दुपरिकम्मतराए चेव कयरे वा वत्थे सुद्धोयतराए चेव सुवामतराए चेव सुपरिकम्मतराए चेव, जे वा से वत्थे कह. मरागरसे जे वा से पत्थे खंजणरागरते ? भगवं ! तत्थ णं जे से वत्थे कद्दमरागरत्ते से गं वत्थे दुद्धोयतराए चेव दुवामतराए चेव दुप्परिकम्मतराए चेव, एवामेव गोयमा! गेरइयाणं पावाई कम्माइं गाढीकयाई चिक्कणीकयाइं सिलि. ट्ठीकयाई खिलीभूयाई भवंति संपगादपि य णं ते वेयणं वेएमाणा णो महाणिज्जरा णो महापज्जवसाणा भवंति / से जहा वा केइ पुरिसे अहिंगरणि आउडेमाणे महया 2 सद्देणं महया 2 घोसेणं महया 2 परंपराधाएणं णो संचाएइ तीसे अहिगरणीए केई अहाबायरे पोग्गले परिसाडित्तए एवामेव गोयमा! गैरह. याणं पावाई कम्माइं गाढीकयाइं जाव णो महापज्जवसाणा भवंति / भगवं! तत्थ जे से वत्थे खंजणरागरत्ते से णं वत्थे सुद्धोयतराए चेव सुवामतराए चेव सुपरिकम्मतराए चेव, एवामेव गोयमा ! समणाणं णिग्गंथाणं अहाबायराई कम्माइं सिढिलीकयाइं णिट्ठियाई कडाइं विप्परिणामियाई खिप्पामेव विद्धत्थाई भवंति, जावइयं तावइयंपि णं ते वेयणं वेएमाणा महागिज्जरा महा. पज्जवसाणा भवंति, से जहाणामए-केइ पुरिसे सुक्कं तणहत्थयं जायतेयंसि Page #555 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंग-पविट्ट सुत्ताणि पक्खिवेज्जा से णूणं गोयमा ! से सुक्के तणहत्थए जायतेयंसि पक्खि ते समाणे खिप्पामेव मसमसाविज्जइ ? हंता मसमसाविज्जइ, एवामेव गोयमा ! सम णाणं णिग्गंथाणं अहाबायराइं कम्माइं जाव महापज्जवसाणा भवंति, से जहा. णामए केइ पुरिसे तत्तंसि अयवकवल्लंसि उदबिंदु जाव हंता ! विद्धंसमागच्छइ, एवामेव गोयमा ! समणाणं णिगंथाणं जाव महापज्जवसाणा भवंति, से तेण. ठेणं जे महावेयणे से महाणिज्जरे जाव णिज्जराए // 228 // काविहे गं भंते! करणे पण्णत्ते ? गोयमा / चउविहे करणे पण्णते, तंजहा-मणकरणे वइकरणे कायकरणे कम्मकरणे / रइयाणं भंते ! कई विहे करणे पण्णत्ते ? गोयमा ! चउम्विहे पण्णत्ते, तंजहा-मणकरणे वइकरणे कायकरणे कम्मकरणे 4 एवं पंचिदियाणं सवेसि चउविहे करणे पण्णते। एगिदियाणं दुविहे-कायकरणे य कम्मकरणे य, विगलेंदियाणं तिविहे-वइकरणे कायकरणे कम्मकरणे। रइयाणं भंते ! किं करणओ असायं वेयणं वेयंति अकरणओ असायं वेयणं वेयंति ? गोयमा ! जेरइयाणं करणओ असायं वेयणं वेयंति णो अकरणओ असायं वेयणं वेयंति / से केणट्टेणं ? गोयमा ! रइयाणं चउबिहे करणे पण्णत्ते, तंजहा-मणकरणे वइकरणे कायकरणे कम्मकरणे, इच्चेएणं चउबिहेणं असुभेणं करणेणं गैरइया करणओ असायं वेयणं वेयंति णो अकरणओ, से तेणठेणं / असुरकुमाराणं किं करण) अकरणओ ? गोयमा ! करणओ णो अकरणओ से केणठेणं ? गोयमा ! असुरकुमाराणं चउविहे करणे पण्णत्ते, तंजहा-मणकरणे वइकरणे कायकरणे कम्मकरणे इच्चेएणं सुभेणं करणेणं असुरकुमाराणं करणओ सायं वेयणं वेयंति णो अकरणओ, एवं जाव थणियकुमाराणं / पुढवीकाइयाणं एवामेव पुच्छा, णवरं-इच्चेएणं सुमासुभेणं करणेणं पुढविक्काइया करणओ वेमायाए वेयगं वेयंति णो अकरणओ। ओरा. लियसरीरा सव्वे सुभासुभेणं वेमायाए / देवा सुभेणं सायं वेयण वेयंति // 22 // जीवा णं भंते ! कि महावेयणा महाणिज्जरा 1 महावेयणा अप्पणिज्जरा 2 अप्पवेयणा महाणिज्जरा 1 अप्पवेयणा अप्पणिज्जरा 4 ? गोयमा ! अत्थे. गइया जीवा महावेयणा महाणिज्जरा 1 अत्थेगइया जीवा महावेयणा अप्प. णिज्जरा 2 अत्थेगइया जीवा अप्पवेयणा महाणिज्जरा 3 अत्थेगइया जीवा अप्पवेयणा अप्पणिज्जरा 4 / से केण→णं ? गोयमा ! पडिमापडिवण्णए Page #556 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 6 उ. 2-3 543 अणगारे महावेयणे महाणिज्जरे छटुसत्तमासु पुढवीसु रइया महावेयणा अप्प. णिज्जरा सेलेसि-पडिवण्णए अणगारे अप्पवेयणे महाणिज्जरे अणुत्तरोववाइया देवा अप्पवेयणा अप्पणिज्जरा / सेवं भंते ! 2 ति॥ महावेयणे य वत्थे कद्दम. खंजणकए य अहिगरणी / तणहत्थे य कवल्ले करण-महावेयणा जीवा // 1 // // 230 // सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति। छठं सयं बीओ उद्देसो रायगिहं णयरं जाव एवं वयासी-आहारुद्देसो जो पण्णवणाए सो सम्बो गिरवसेसो. णेयव्यो / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 231 // ___ छठें सयं तइओ उद्देसो बहुकम्मवत्थपोग्गलपयोगसावीससा य साईए। कम्मट्टिईत्थिसंजय सम्मद्दिट्ठी य सण्णी य // 1 // भविए दंसण पज्जत्ते भासयपरित्ते णाणजोगे य / उवओगाहारगसुहमचरिमबंधे य अप्पबहं // 2 // से णणं भंते ! महाकम्मस्स महाकिरियस्स महासवस्स महावेयणस्स सव्वओ पोग्गला बझंति सव्वओपोग्गला चिज्जति सव्वओ पोग्गला उवचिज्जति सया समियं पोग्गला बझंति सया समियं पोग्गला चिज्जंति सया समियं पोग्गला उवचिज्जति सया समियं च गं तस्स आया दुरूवत्ताए दुवण्णत्ताए दुगंधत्ताए दुरसत्ताए दुफासत्ताए अणि?त्ताए अकंत० अप्पिय• असुभ० अमणुण्ण. अमणामत्ताए अणिच्छियत्ताए अभिज्झिय. ताए अहत्ताए णो उदृत्ताए दुक्खत्ताए णो. सुहत्ताए भुज्जो 2 परिणमंति ? हंता गोयमा ! महाकम्मस्स तं चेव / से केणठेणं ? गोयमा ! से जहाणामएवत्थस्स अहयस्स वा धोयस्स वा तंतुग्गयस्स वा आणुपुव्वीए परिभुज्जमाणस्स सम्वओ पोग्गला बझंति सम्बओ पोग्गला चिजंति जाव परिणमंति से तेण. ठेणं / से पूर्ण भंते ! अप्पकम्मस्स अप्पकिरियस्स अप्पासवस्स अप्पवेयणस्स सव्वओ पोग्गला भिज्जति सव्वओ पोग्गला छिज्जति सव्वओ पोग्गला विद्धसंति सम्वओ पोग्गलापरिविद्धंसंति सया समियं पोग्गला भिज्जति सवओ पोग्गला छिज्जति विद्धंसंति परिविद्धंसंति सया समियं च णं तस्स आया सुरू. वत्ताए पसत्थं गेयव्वं जाव सुहत्ताए णो दुक्खत्ताए भुज्जो 2 परिणमंति ? हंता गोयमा ! जाव परिणमंति / से केणठेणं ? गोयमा ! से जहाणामए Page #557 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 544 अंग-पविट्ट सुत्ताणि वत्थस्स जल्लियस्स वा पंकियस्स वा मइल्लियस्स वा रइल्लियस्स वा आणु. पुवीए परिकम्मिज्जमाणस्स सुद्धणं वारिणा धोवेमाणस्स सव्वओ. पोग्गला भिज्जंति जाव परिणमंति से तेणट्टेणं // 232 // वत्थस्स णं भंते ! पोग्गलोवचए किं पओगसा वीससा ? गोयमा ! पओगसावि वीससावि / जहा गं भंते ! पत्थस्स णं पोग्गलोवचए पओगसावि वीससावि तहा णं जीवाणं कम्मोवचए कि पओगसा वीससा ? गोयमा ! पओगसा णो वीससा। से केणठेणं ? गोयमा ! जीवाणं तिविहे पओगे पण्णत्ते, तंजहा-मणप्पओगे वइ० का०, इच्चे एणं तिविहेणं पओगेणं जीवाणं कम्मोवचए पओगसा णो वीससा, एवं सन्वेसि पंचेंदियाणं तिविहे पओगे भाणियव्वें / पुढवीकाइयाणं एगविहेणं पओगेणं एवं जाव वणस्सइकाइयाणं, विर्गालदियाणं दुविहे पओगे पण्णत्ते, तंजहा-वइपओगे कायपओगे य, इच्चेएणं विहेणं पओगेणं कम्मोवचए पओगसा णो वीससा, से तेणठेणं जाव णो वीससा एवं जस्स जो पओगो जाव वेमाणियाणं // 233 // वत्थस्स णं भंते ! पोग्गलोवचए कि साइए सपज्जवसिए 1 साइए अपज्जवसिए 2 अणाइए सपज्ज० 3 अणा० अप० 4 ? गोयमा ! वत्थस्स गं पोग्गलोवचए साइए सपज्जवसिए णो साइए अप० णो अणा० स० णो अणा० अप० / जहा गं भंते ! वत्थस्स पोग्गलोवचए साइए सपज्ज. णो साइए अप० णो अणा० सप० णो अणा० अप० तहा णं जीवाणं कम्मोवचए पुच्छा, गोयमा ! अत्थेगइयाणं जीवाणं कम्मोवचए साइए सपज्जवसिए अत्थे० अणाइए सपज्जवसिए अत्थे० अणाइए अपज्जवसिए णो चेव णं जीवाणं कम्मोवचए साइए अप० / से केण० ? गोयमा ! इरियावहियाबंधयस्स कम्मो. वचए साइए सप० भवसिद्धियस्स कम्मोवचए अणाइए सपज्जवसिए अभव. सिद्धियस्स कम्मोवचए अणाइए अपज्जवसिए, से तेणठेणं गोयमा ! एवं घुच्चइ अत्थे० जीवाणं कम्मोवचए साइए णो चेव णं जीवाणं कम्मोवचए साइए अपज्जवसिए / वत्थे णं भंते ! किं साइए सपज्जवसिए चउभंगो ? गोयमा ! वत्थे साइए सपज्जवसिए अवसेसा तिणिवि पडिसेहेयना / जहा णं भंते ! वत्थे साइए सपज्जवसिए णो साइए अपज्ज. णो अणाइए सप० णो अणाइए अपज्जवसिए तहा णं जीवाणं किं साइया संपज्जवसिया ? चउ. भंगो पुच्छा, गोयमा ! अत्यंगइया साइया सपज्जवसिया चत्तारिवि भाणि Page #558 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 6 उ. 3 545 यव्वा / सेकेणट्ठणं ? गोयमा ! णेरइया तिरिक्ख जोणिया मणुस्सा देवा गइरागई पडुच्च साइया सपज्जवसिया सिद्धा गई पडुच्च साइया अपज्ज. वसिया, भवसिद्धिया लद्धि पडुच्च अणाइया सपज्जवसिया अभवसिद्धिया संसारं पड़च्च अणाइया अपज्जवसिया, से तेणठेणं // 234 // कइ णं भंते ! कम्मप्पयडीओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! अट्ठ कम्मप्पयडीओ प०, तंजहाजाणावरणिज्जं दरिसणावरणिज्जं जाव अंतराइयं / णाणावरणिज्जस्स णं भंते ! कम्मस्स केवइयं कालं बंधठिई 50 ? गोयमा ! जह. अंतोमुहत्तं उक्को. तीसं सागरोवमकोडाकोडीओ तिण्णि य वाससहस्साई अबाहा अबाहूणिया कम्मट्रिई-कम्मणिसेओ, एवं दरिसणावरणिज्जंपि, वेयणिज्जं जह. दो समया उक्को० जहा णाणावरणिज्ज, मोहणिज्जं जह• अंतोमुहुत्तं उक्को० सत्तरिसागरोवमकोडाकोडीओ, सत्त य वाससहस्साणि अबाहा, अबाहूणिया कम्मठिईकम्मणिसेओ, आउयं जहण्णेणं अंतोमुत्तं उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाणि पुवकोडितिभागमभहियाणि, कम्मढिई-कम्मणिसेओ, णामगोयाणं जहणेणं अट्ठ मुहुत्ता उक्कोसेणं वीसं सागरोवमकोडाकोडीओ दोणि य वाससहस्साणि अबाहा, अबाहू णिया कम्मट्टिई-कम्मणिसेओ, अंतराइयं जहा गाणावरणिज्ज // 235 / / णाणावरणिज्जं गं भंते ! कम्मं कि इत्थी बंधइ पुरिसो बंधइ णपुं. सओ बंधइ ?णोइत्थी णोपुरिसो णोणपुंसओ बंधइ ? गोयमा ! इत्यीवि बंधइ पुरिसोवि बंधइ णपुंसओवि बंधइ णोइत्यो णोपुरिसो णोणपुंसओ सिय बंधइ सिय णो बंधइ एवं आउयवज्जाओ सत्त कम्मप्पयडीओ। आउयं णं भंते ! कम्मं कि इत्थी बंधइ पुरिसो बंधइ णपुंसओ बंधइ ? पुच्छा, गोयमा ! इत्थी सिय बंधइ सिय णो बंधइ, एवं तिण्णिवि भाणियव्वा, णोइत्थी णोपुरिसो गोणपुंसओ ण बंधइ / णाणावरणिज्ज णं भंते ! कम्म कि संजए बंधइ अस्संजए बंधइ संजयासंजए बंधइ णोसंजएणोअसंजएणोसंजयासंजए बंधइ ? गोयमा ! संजए सिय बंधइ सिय णो बंधइ अस्संजए बंधइ संजयासंजएवि बंधइ णोसंजएणोअसंजएणो. संजयासंजए ण बंधइ, एवं आउयवज्जाओ सत्तवि / आउए हेढिल्ला तिण्णि भयणाए उवरिल्ले ण बंधइ / णाणावरणिज्ज गं भंते ! कम्मं कि सम्मदिट्ठी बंधइ मिच्छादिठी बंधइ सम्मामिच्छदिट्ठी बंधइ ? गोयमा! सम्मदिट्ठी सिय . बंधइ सिय णो बंधइ मिच्छदिट्ठी बंधइ सम्मामिच्छदिट्ठी बंधइ, एवं आउ. Page #559 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 546 अंग-पविट्ट सुत्ताणि यवज्जाओ सत्तवि, आउए हेढिल्ला दो भयणाए सम्मामिच्छदिट्ठी ण बंधइ / णाणावरणिज्ज कि सण्णी बंधइ असण्णी बंधइ णोसण्णीणोअसण्णी बंधइ ? गोयमा ! सण्णी सिय बंधइ सिय णो बंधइ असण्णी बंधइ णोसण्णीणोअसण्णी ण बंधइ, एवं वेयणिज्जाउयवज्जाओ छ कम्म पयडीओ, वेयणिज्ज हेछिल्ला दो बंधंति, उवरिल्ले भयणाए, आउयं हेदिल्ला दो भयणाए, उवरिल्ले ण बंधइ / णाणावरणिज्जं कम्मं किं भवसिद्धिए बंधइ अभवसिद्धिए बंधइ णोभव. सिद्धिएणोअभवसिद्धिए बंधइ ? गोयमा ! भवसिद्धिए भयणाए अभवसिद्धिए बंधइ णोभवसिद्धिएणोअभवसिद्धिए ण बंधइ, एवं आउयवज्जाओ सत्तवि, आउयं हेट्रिल्ला दो भयणाए उवरिल्ले.ण बंधइ / णाणावरणिज्ज कि चक्खुदसणी बंधइ अचक्खुदंस० ओहिदंस० केवलदं० ? गोयमा ! हेडिल्ला तिण्णि भयणाए उवरिल्ले ण बंधइ, एवं वेयणिज्जवज्जाओ सत्तवि, वेयणिज्ज हेट्ठिल्ला तिणि बंधति केवलदसणी भयणाए। णाणावरणिज्जं. कम्मं कि पज्जत्तओ बंधइ अपज्जत्तओ बंधइ णोपज्जत्तएणोअपज्जत्तए बंधइ ? गोयमा ! पज्जत्तए भयणाए, अपज्जत्तए बंधइ, णोपज्जत्तएणोअपज्जत्तए ण बंधइ, एवं आउय. वज्जाओ, आउयं हेछिल्ला दो भयणाए उवरिल्ले ण, बंधइ। णाणावरणिज्ज कि भासए बंधइ अभासए ? गोयमा ! दोवि भयणाए, एवं वेयणिज्ज. वज्जाओ सत्तवि, वेयणिज्ज भासए बंधइ अभासए भयणाए / णाणावरणिज्जं किं परित्ते बंधइ अपरित्ते बंधइ णोपरित्तेणोअपरित्ते बंधइ ? गोयमा ! परित्ते भयणाए अपरित्ते बंधइ णोपरित्तेणोअपरित्ते ण बंधइ, एवं आउयवज्जाओ सत्त कम्मप्पयडीओ, आउयं परित्तोवि अपरित्तोवि भयणाए, णोपरित्तोणोअ. परित्तो ण बंधइ / णाणावरणिज्जं कम्मं कि आभिणिबोहियणाणी बंधइ सुय. णाणी ओहिणाणी मणपज्जवणाणी केवलणाणी बं० ? गोयमा ! हेदिल्ला चत्तारि भयणाए केवलगाणी ण बंधइ, एवं वेयणिज्जवज्जाओ सत्तवि, वेय. णिज्जं हेछिल्ला चत्तारि बंधंति केवलणाणी भयणाए। णाणावरणिज्जं कि मइअण्णाणी बंधइ सुय० विभंग० ? गोयमा ! आउयवज्जाओ सत्तवि बंधंति, आउयं भयणाए / णाणावरणिज्जं कि मणजोगी बंधइ वय० काय० अयोगी बंधइ ? गोयमा ! हेदिल्ला तिण्णि भयणाए अजमेगी ण बंधइ, एवं वेयणिज्जवज्जाओ, वेयणिज्जं हेछिल्ला बंधति अजोगी ण बंधइ / णाणा Page #560 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 6 उ. 4 547 वरणिज्जं कि सागारोवउत्ते बंधइ अणागारोवउत्ते बंधइ ? गोयमा ! अट्ठसुवि भयणाए / णाणावरणिज्जं कि आहारए बंधइ अणाहारए बंधइ ? गोयमा ! ब्रोवि भयणाए, एवं वेयणिज्जाउयवज्जाणं छण्हं, वेयणिज्जं आहारए बंधइ भणाहारए भयणाए, आउए आहारए भयणाए, अणाहारए ण बंधइ / णाणा. बरणिज्जं कि सुहमे बंधइ बायरे बंधइ जोसुहुमेणोबायरे बंधइ ? गोयमा ! सुहमे बंधइ बायरे भयणाए जोसुहमेणोबायरे ण बंधइ, एवं आउयवज्जाओ सत्तवि, आउए सुहमे बायरे भयणाए णोसुहमेणोबायरे ण बंधइ / णाणावरणिज्जं कि चरिमे अचरिमे बं० ? गोयमा! अट्ठवि भयणाए // 236 // एएसि गं भंते ! जीवाणं इस्थिवेयगाणं पुरिसवेयगाणं णपुंसगवेयगाणं अवेयगाण य कयरे कयरे अप्पा वा 4 ? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा पुरिसवेयगा इत्थिवेयगा संखेज्जगणा अवेयगा अणंतगुणा णपुंसगवेयगा अणंतगुणा। एएसि सध्वेसि पयाणं अप्पबहुगाई उच्चारेयव्वाइं जाव सम्वत्थोवा जीव अचरिमा चरिमा अणंतगुणा / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति // 237 // छ8 सयं चउत्थो उद्देसो . जीवे णं भंते ! कालादेसेणं किं सपएसे अपएसे ? गोयमा ! णियमा सपएसे / णेरइए णं भंते ! कालादेसेणं कि सपएसे अपएसे ? गोयमा ! सिय सपएसे सिय अपएसे, एवं जाव सिद्ध / जीवा गं भंते ! कालादेसेणं कि सप. एसा अपएसा ? गोयमा ! णियमा सपएसा। रइया णं भंते ! कालादेसेणं कि सपएसा अपएसा ? गोयमा !, सव्वेवि ताव होज्जा सपएसा 1 अहवा सपएसा य अपएसे य 2 अहवा सपएसा य अपएसा य 3 एवं जाव थणिय. कुमारा / पुढविकाइया गं भंते ! कि सपएसा अपएसा ? गोयमा ! सपएसावि अपएसावि एवं जाव वणस्सइकाइया, सेसा जहा णेरइया तहा जाव सिद्धा। आहारगाणं जीवेगेदियवज्जो तियभंगो, अणाहारगाणं जीवेगिदियवज्जा छन्भंगा एवं भाणियवा-सपएसा वा 1 अपएसा वा 1 अपएसा वा 2 अहवा सपएसे य अपएसे य 3 अहवा सपएसे य अपएसा य 4 अहवा सपएसा य अपएसे य .5 अहवा सपएसा य अपएसा य 6, सिहं तिय भंगो, भवसिद्धिया अभव. सिद्धिया जहा ओहिया, णोभवसिद्धियणोअभवसिद्धिया जीवसिहिं तियभंगो, सप्णोहि जीवाइओ तियभंगो, असण्णीहिं एगिदियवज्जो तियभंगो, रइय. Page #561 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 548 अंग-पविटु सुत्ताणि देवमणुएहि छन्भंगो, णोसणिणोअसण्णिजीवमणुयसिहि तियभंगो सलेसा जहा ओहिया। कण्हलेस्सा णीललेस्सा काउलेस्सा जहा आहारओ णवरं जस्स अस्थि एयाओ, तेउलेस्साए जीवाइओ तियभंगो, णवरं पुढविषकाइएसु आउवणसईसु छउभंगा, पम्हलेस्ससुवकालेस्साए जीवाइओ तिय मंगो, अलेसेहि जीवसिद्धेहि तियभंगो मणुए सु दरभंगा, सम्महिटीहि जीवाइओ तियः भंगो, विलिदिएसु छभंगा, लिट्ठिीहि एगिदिरवाजो तियरंगो, सम्मा. मिच्छदिट्ठीहिं छब्भंगा, संजएहि जीवाइओ तियभंगो, असंजएहि एगिदिय. वज्जो तियभंगो, संजयासंजएहि तियभंगो जीवाइओ, णोसंजयणोअसंजयणो. संजयासंजयजीवसिद्धहि तियभंगो, सकसाईहि जीवाइओ तिएशंगो, एगिदिएसु अभंगयं, कोहकसाईहि जीवगिदियवज्जो लियभंगो, देवेहि छ भंगा, माण. कसाई मायाकसाई जीवेगिदियवज्जो तियभंगो, गेरइयदेवेहि छन्भंगा, लोभ. कसाईहि जीवेगिदियवज्जो तियभंगो, गेरइएसु छभंगा, अफसाई जीवमणुएहि सिद्धेहि लियभंगो, ओहियणाणे आभिणिबोहियणाणे सुयणाणे जीवाइओ लिय. भंगो, विलिदिहि छभंगा, ओहिणाणे मण० केवलगाणे जीवाइओ तियः भंगो, ओहिए अण्णाणे मइअण्णाणे सुयअण्णाणे एगिदियवज्जो तियभंगो, विभंगणाणे जीवाइओ तियभंगो, सजोगी जहा ओहिओ, मणजोगी वयजोगी कायजोगी जीवाइओ तियभंगो णवरं कायजोगी एगिदिया तेसु अभंगयं, अजोगी जहा अलेस्सा, सागारोवउत्त-अणागारोवउत्तेहि जीवएगिदियवज्जो लियभंगो, सवेयगा य जहा सकसाई, इथिवेयगपुरिसवेयगणपुंसगवेयगेसु जीवाइओ तियभंगो, णवरं णपुंसगवेदे एगिदिएसु अभंगयं, अवेयगा जहा अकसाई, ससरोरी जहा ओहिओ, ओरालियवेउब्वियसरीराणं जीवगिदियवज्जो तियभंगो, आहारगसरीरे जीवमणुएसु छन्भंगा, तेयगकम्मगाणं जहा ओहिया, असरीरेहि जीवसिद्धेहि तियभंगो, आहारपज्जत्तीए सरीरपज्जत्तीए इंदियपज्जत्तीए आगा. पागपज्जत्तीए जीवएगिदियवज्जो तियभंगो, भासामणपज्जत्तीए जहा सण्णी, आहारअपज्जत्तीए जहा अगाहारगा, सरीरअपज्जत्तीए इंदियअपज्जत्तीए आणा. पाणअपज्जत्तीए जोवेगिदियवज्जो तियभंगो, गैरइयदेवमणुएहि छन्भंगा, भासा. मणअपज्जत्तीए जीवाइओ तियभंगो, णेरइयदेवमणुएहि छब्भंगा। गाहासपएसा आहारगवियसण्णिलेस्सा दिछी संजयकसाए / णाणे जोगुवोगे वेदे Page #562 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 6 उ. 5 549 य सरोरपज्जत्ती // 1 // 238 // जीवा गं भंते ! किं पच्चक्खाणी अपच्चक्खाणी पच्चक्खाणापच्चक्खाणी ? गोयमा ! जीवा पच्चक्खाणीवि अपच्चक्खाणीवि पच्चक्खाणापच्चक्खाणीवि / सव्वजीवाणं एवं पृच्छा, गोयमा ! णेरइया अपच्चक्खाणी जाव चरिदिया, सेसा दो पडिसेहेयव्वा, पंचेंदियतिरिक्खजोणिया णो पच्चक्खाणी अपच्चक्खाणीवि पच्चक्खाणापच्चक्खाणीवि, मणुस्सा तिण्णिवि, सेसा जहा णेरइया / जीवा णं भंते ! कि पच्चक्खाणं जाणंति अपच्चक्खाणं जाणंति पच्चक्खाणापच्चक्खाणं जाणंति ? गोयमा ! जे पंचेंदिया ते तिण्णिवि जाणंति अवसेसा पच्चक्खाणं ण जाणंति 3 / जीवा गं भंते ! कि पच्चक्खाणं कुवंति अपच्चक्खाणं कुवंति पच्चक्खाणापच्चक्खाणं कुव्वंति ? जहा ओहिओ तहा कुव्वणा / जीवा गं भंते ! किं पच्चक्खाणणिवत्तियाउया अपच्चक्खा. णणि० पच्चक्षाणापच्चक्खाणणि ? गोयमा ! जीवा य वेमाणिया य पच्चक्खाणणिव्वत्तियाउया तिण्णिवि अवसेसा अपच्चक्लाणणिवत्तियाउया। पच्च. क्खाणं 1 जाणइ 2 कुबइ 3 तिण्णेव आउणिव्वत्ती 4 / सपएसुद्देसंमि य एमेए दंडगा चउरो / / 1 / / 236 // सेवं भंते ! सेबं भंते ! ति / छठे सयं पंचमो उद्देसो ___किमियं भंते ! तमुक्काएत्ति पन्वुच्चइ किं पुढवी तमुक्काएत्ति पव्वुच्चइ आऊ तमुक्काएत्ति पव्वुच्चइ ? गोयमा ! णो पुढवी तमुक्काएत्ति पव्वुच्चइ आऊ तमुक्काएत्ति पव्वुच्चइ / से केणठेणं ? गोयमा ! पुढविकाए णं अत्थेगइए सुभे देसं पकासेइ अत्थेगइए देसं णो पकासेइ, से तेणठेणं / तमुक्काए गं मंते ! कहिं समुट्ठिए कहिं संणिट्ठिए ? गोयमा ! जंबुद्दीवस्स 2 बहिया तिरियमसंखेज्जे दीवसमुद्दे वीईवइत्ता अरुणवरस्स दीवस्स बाहिरिल्लाओ वेइयंताओ अरुणोदयं समदं बायालीसं जोयणसहस्साणि ओगाहित्ता उवरिल्लाओ जलंताओ एगपएसियाए सेढीए एत्थ णं तमुक्काए समुट्ठिए, सत्तरस-एक्कवीसे जोयणसए उड्ढं उप्पइत्ता तओ पच्छा तिरियं पवित्थरमाणे 2 सोहम्मीसाणसणंकुमारमाहिदे चत्तारिवि कप्पे आवरित्ता णं उड्डंपि य णं जाव बंभलोए कप्पे रिट्ठविमाणपत्थडं संपत्ते एत्थ णं तमुक्काए णं संणिट्ठिए / तमुक्काए णं भंते ! किंसंठिए पण्णते ? गोयमा ! अहे मल्लगमूलसंठिए उप्पि कुक्कडग. Page #563 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 550 अंग-पविट्ट सुत्ताणि पंजरगसंठिए पण्णत्ते / तमुक्काए णं भंते ! केवइयं विक्खंभेणं केवइयं परिक्खे. वेणं पण्णत्ते ? गोयमा ! दुविहे पण्णत्ते, तंजहा-संखेज्जवित्थडे य असंखेज्ज. वित्थडे य, तत्थ णं जे से संखेज्जवित्थडे से णं संखेज्जाई जोयणसहस्साई विक्खंभेणं असंखेज्जाइं जोयणसहस्साई परिक्खेवेणं प० तत्थ जे जे से असं. खेज्जवित्थडे से णं असंखेज्जाइं जोधणसहस्साई विक्खंभेणं असंखेज्जाइं जोयणसहस्साइं परिक्खेवेणं प० / तमुक्काए णं भंते ! केमहालए 50 ? गोयमा ! अयं णं जंबुद्दीवे 2 सव्वदीवसमुद्दाणं सव्वभंतराए जाव परिक्खेवेगं पण्णते। देवे णं महिड्डिए जाव महाणुभावे इगामेव 2 त्तिक१ केवलकप्पं जंबुद्दीवं 2 तिहिं अच्छराणिवाहि तिसत्तक्खुत्तो अणुपरियट्टित्ता णं हव्वमागच्छिज्जा से णं देवे ताए उक्किट्ठाए तुरियाए जाव देवगईए वीईवयमाणे 2 जाव एगाहं वा दुयाहं वा तियाहं वा उक्कोसेणं छम्मासे वीईवएज्जा अत्थेगइयं तमुक्कायं वीई. वएज्जा अत्थेगइयं णो तमुक्कायं वीईवएज्जा, एमहालए गं गोयमा ! तमुक्काए पण्णत्ते / अत्थि णं भंते ! तमुक्काए गेहाइ वा गेहावणाइ वा ? णो इणठे समठे / अत्थि णं भंते ! तमुक्काए गामाइ वा जाव संणिवेसाइ वा ? णो इणठे समठे / अत्थि णं भंते ! तमुक्काए उराला बलाहया संसेयंति संमु. च्छंति वासं वासंति ? हंता ! अस्थि / तं भंते ! कि देवो पकरेइ असुरो पकरेइ णागो पकरेइ ? गोयमा ! देवोवि पकरेइ असुरोवि पकरेइ णागोवि पकरेइ / अस्थि णं भंते ! तमुक्काए बायरे थणियसद्दे बायरे विज्जुए ? हता! अस्थि / तं भंते ! कि देवो पकरेइ 3 ? तिणिवि पकरेंति / अस्थि णं भंते ! तमुक्काए बायरे पुढविकाए बायरे अगणिकाए ? णो इणठे समझें णण्णस्थ विग्गहगइसमावण्णएणं / अस्थि णं भंते ! तमुक्काए चंदिमसूरियगहगणणक्खत्ततारारूवा ? णो इणठे समठे, पलियस्सओ पुण अत्थि / अस्थि णं भंते ! तमुक्काए चंदाभाइ वा सूराभाइ वा ? णो इणठे समठे, कादूसणिया पुण सा। तमुक्काए णं भंते ! केरिसए वण्णएणं पण्णत्ते ? गोयमा ! काले काला वभासे गंभीरलोमहरिसजणणे भीमे उत्तासणए परमकिण्हे वण्णेणं पण्णत्ते, देवेवि णं अत्थेगइए जे णं तप्पढमयाए पासित्ता गं खुभाएज्जा अहे णं अभिसमा. गच्छेज्जा तओ पच्छा सीहं 2 तुरियं 2 खिप्पामेव वीईवएज्जा / तमुक्कायस्स णं भंते ! कइ णामधेज्जा पण्णत्ता ? गोयमा ! तेरस गामधेज्जा पण्णत्ता, Page #564 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 6 उ. 5 551 तंजहा-तमेइ वा तमुक्काएइ वा अंधकारेइ वा महंधकारेइ वा लोगंधकारेइ वा लोगतमिसेइ वा देवंधकारेइ वा देवतमिसेइ वा देवरपणेइ वा देववहेइ वा देवफलिहेइ वा देवपडिक्खोभेइ वा अरुणोदएइ वा समुद्दे / तमुक्काए णं भंते ! किं पुढ विपरिणामे आउपरिणामे जीवपरिणामे पोग्गलपरिणामे ? गोयमा ! णो पुढविपरिणामे आउपरिणामेवि जीवपरिणामेवि पोग्गलपरिणामेवि / तमु. क्काए णं भंते ! सव्वे पाणा भया जीवा सत्ता पुढविकाइयत्ताए जाव तसकाइयत्ताए उववण्णपुव्वा ? हंता गोयमा ! असई अदुवा अणंतक्खुत्तो णो चेव णं बायरपुढविकाइयत्ताए बायरअगणिकाइयत्ताए वा // 240 // कइ णं भंते ! कण्हराईओ पण्णत्ताओ ? गोयमा अट्ट कण्हराईओ पण्णत्ताओ। कहि णं भंते ! एयाओ अट्ठ कण्हराईओ पण्णताओ? गोयमा ! उप्पि सणंकुमारमाहिदाणं कप्पाणं हिट्टि बंभलोए कप्पे रिठे विमाणे पत्थडे, एत्थ णं अक्खाडगसमचउरंससंठाणसंठियाओ अटू कण्हराईओ पण्णत्ताओ, तंजहा-पुरस्थिमेणं दो पच्चत्थिमेणं दो दाहिणेणं दो उत्तरेणं दो, पुरस्थिमन्भतरा कण्हराई दाहिणं बाहिरं कण्हराई पुट्ठा दाहिणभंतरा कण्हराई पच्चत्थिमबाहिरं कण्हराई पुट्ठा पच्च. त्थिमभंतरा कण्हराई उत्तरबाहिरं कण्हराई पुट्ठा उसरमभंतरा कण्हराई पुरथिमबाहिरं कण्हराई पुट्ठा, दो पुरथिमपच्चत्थिमाओ बाहिराओ कण्हराईओ छलंसाओ दो उत्तरदाहिणबाहिराओ कण्हराईओ तंसाओ दो पुरथिमपच्चत्थिमाओ अभिंतराओ कण्हराईओ चउरंसाओ दो उत्तरदाहिणओ अभितराओ कण्हराईओ चउरसाओ'पुव्वावरा छलंसा तंसा पुण दाहिणत्तरा बज्झा। अभंतर चउरंसा सव्वावि य कण्हराईओ // 1 // कण्हराईओ णं भंते ! केवइयं आयामेणं केवइयं विक्खंभेणं केवइयं परिक्खेवेणं पण्णत्ताओ? गोयमा ! असंखेज्जाइं जोयणसहस्साइं आयामेणं संखेज्जाइं जोयणसहस्साई विक्खंभेणं असंखेज्जाइं जोयणसहस्साइं परिक्खेवेणं पण्णताओ। कण्हराईओ णं भंते ! केमहालियाओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! अयण्णं जंबुद्दीवे 2 जाव अद्धमासं वीईवएज्जा अत्थेगइयं कण्हराई वीईवएज्जा अत्थेगइयं कण्हराइंणो वीईवएज्जा एमहालियाओ णं गोयमा ! कण्हराईओ पण्णत्ताओ / अस्थि णं भंते ! कण्हराईसु गेहाइ वा गेहावणाइ वा ? णो इणठे समठे। अत्थि णं भंते ! कण्ह. राईसु गामाइ वा० ? णो इणढे समझें / अस्थि णं भंते ! कण्ह० उराला बलाहया संसेयंति 3 ? हंता अस्थि ।तं भंते ! किं देवो प० 3 ? गो. देवो Page #565 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 552 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि पकरेइ णो असुरो णो णागो प० / अत्थि णं भंते ! कण्हराईसु बायरे थणियसद्दे० जहा उराला तहा / अस्थि णं भंते ! कण्हराईसु बायरे आउकाए बायरे अगणि. काए बायरे वणप्फइकाए ? णो इगठे समठे, णणस्थ विग्गहगइसमावण्णएणं। अस्थि णं कण्ह० चंदिमसूरिय 4 ? जो इण० / अस्थि णं कण्ह० चंदाभाइ वा 2 ? णो इणठे समझें। कण्हराईओ गं भंते ! केरिसियाओ वणेणं पग्णत्ताओ ? गोयमा ! कालाओ जाव खिप्पामेव वीईवएज्जा। कण्हराईओ गं भंते ! कइ णामधेज्जा पण्णत्ता ? गोयमा ! अढ णामधेज्जा पण्णत्ता, तंजहा-कण्हराईइ वा मेहराईइ वा मघाइ वा माधवईइ वा वायफलिहाइ वा वायपलिक्खोभाइ वा देवफलिहाइ वा देवपलिक्खोभाइ वा / कण्हराईओं णं भंते ! कि पुढविपरिणामाओ आउपरिणामाओ जीवपरिणामाओ पोग्गलपरि. णामाओ ? गोयमा ! पुढविपरिणामाओ णो आंउपरिणामाओ जीवपरिणा. माओवि पोग्गलपरिणामाओवि / कण्हराईसु णं भंते ! सव्वे पाणा भया जीवा सत्ता० उववण्णव्वा ? ता गोयमा! असई अदुवा अणंतक्खत्तो णो चेवणं बायरआउकाइयत्ताए बायरअगणिकाइयत्ताए वा बायरवणप्फइकाइयत्ताए वा // 241 // एएसि णं अट्ठण्हं कण्हराईणं अट्ठसु उवासंतरेसु अट्ठ लोगतियविमाणा पण्णत्ता, तंजहा-१ अच्ची 2 अच्चिमाली 3 वइरोयणे 4 पभंकरे 5 चंदाभे 6 सूराभे 7 सुक्काभे 8 सुपइट्टाभे 6 मज्झे रिट्राभे / कहि णं भंते ! अच्चि. विमाणे प० ? गोयमा! उत्तर-पुत्थिमेणं / कहि णं भंते ! अच्चिमाली विमाणे पण्णते ? गोयमा ! पुरथिमेणं, एवं परिवाडीए णेयव्वं जाव कहि णं भंते ! रिठे विमाणे पण्णत्ते / गोयमा! बहुमज्झदेसभाए। एएसु णं अनुसु लोगंतिय विमाणेसु अट्टविहा लोगतियदेवा परिवसंति, तंजहा-सारस्सयमाइच्चा वही वरुणा य गद्दतोया य / तुसिया अव्वाबाहा अग्गिच्चा चेव रिट्ठा य // 1 // कहिणं भंते ! सारस्सया देवा परिवसंति ? गोयमा ! अच्चिम्मि विमाणे परिवसंति / कहि णं भंते ! आइच्चा देवा परिवसंति ? गोयमा ! अच्चिमालिम्मि विमाणे, एवं गेयत्वं जहाणुपुटवीए जाव कहि णं भंते ! रिट्ठा देवा परिवसंति ? गोयमा ! रिदम्मि विमाणे। सारस्सयमाइच्चाणं भंते ! देवाणं कइ देवा कइ देवसया पण्णत्ता ? गोयमा! सत्त देवा सत्त देवसया परिवारो पण्णत्तो, वण्हीवरुणाणं देवाणं चउद्दस देवा चउद्दस देवसहस्सा परिवारो पणतो, गद्दतोय तुसियाणं देवाणं सत्त देवा सत्त देवसहस्सा परिवारो पण्णत्तो, अवसेसाणं णव देवा णव Page #566 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 6 उ. 6 553 देवसया परिवारो पण्णत्तो-पढमजुगलम्मि सत्तओ सयाणि बीयंमि चउद्दस. सहस्सा / तइए सत्तसहस्सा णव चेव सयाणि सेसेसु // 1 // ' लोगंतियविमाणा भंते ! किंपइट्ठिया पण्णता ? गोयमा ! वाउपइट्ठिया प०, एवं यन्वं'विमाणाणं पइट्ठाणं बाहुल्लुच्चत्तमेव संठाणं।' बंभलोयवत्तन्वया णेयम्वा जहा जीवाभिगमे देवदेसए जाव हंता गोयमा ! असई अदुवा अणंतक्खुत्तो / णो चेव गं देवित्ताए लोगंतियविमाणेसु / लोगंतियविमाणेसु णं भंते ! केवइयं कालं ठिई पग्णत्ता ? गोयमा ! अट्ठ सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता। लोगंतियविमाणेहितो गं भंते ! केवइयं अबाहाए लोगते पण्णत्ते ? गोयमा ! असंखेज्जाइं जोयणसहस्साई अबाहाए लोगते पण्णत्ते / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति // 242 // - छळं सयं छठ्ठो उद्देसो कइ णं भंते ! पुढवीओ पण्णत्ताओ ? गोयमा! सत्त पुढवीओ पण्णताओ, तंजहा-रयणप्पमा जाव तमतमा / रयणप्पभाईणं आवासा भाणियन्वा जाव अहेसत्तमाए, एवं जे जत्तिया आवासा ते भाणियव्वा जाव कइ गं भंते ! अणुत्तरविमाणा पण्णत्ता ? गोयमा ! पंच अणुत्तरविमाणा पण्णत्ता, तंजहा-विजए जाव सम्वट्ठसिद्ध // 243 // जीवे गं भंते ! मारणेतियसमुग्घाएणं समोहए / समोहणित्ता जे भविए इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए णिरयावाससय. सहस्सेसु अण्णयरंसि णिरयावासंसि रइयत्ताए उववज्जित्तए से गं भंते ! तत्थगए चेव आहारेज्ज वा परिणामेज्ज वा सरीरं वा बंधेज्जा ? गोयमा ! अत्यंगइए तत्थगए चेव आहारेज्ज वा परिणामेज्ज वा सरीरं वा बंधेज्जा अत्थेगइए तओ पडिणियत्तइ, तओ पडिणियत्तित्ता इहमागच्छइ 2 दोच्चपि मारणंतियसमुग्धाएणं समोहण्णइ 2 इमोसे रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए णिरया. वाससयसहस्सेसु अण्णयरंसि णिरयावासंसि गेरइयत्ताए उववज्जित्तए: तओ पच्छा आहारेज्ज वा परिणामेज्ज वा सरीरं वा बंधेज्जा एवं जाव अहेसत्तमा पुढवी / जीवे गं. भंते ! मारणंतियसमुग्घाएणं समोहए 2 जे भविए चउ. . सट्ठीए असुरकुमारावाससयसहस्सेसु अण्णयरंसि असुरकुमारावासंसि असुरकुमारत्ताए उववज्जित्तए जहा गैरइया तहा भाणियब्वा जाव थणियकुमारा। जीवे णं भंते ! मारणंतियसमुग्घाएणं समोहए 2 जे भविए असंखेज्जेसु पुढवि Page #567 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 554 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि काइयावाससयसहस्सेसु अण्णयरंसि पुढविकाइयावासंसि पुढविकाइयत्ताए उव. वज्जित्तए से गं भंते ! मंदरस्स पव्वयस्स पुरथिमेणं केवइयं गच्छेज्जा केव. इयं पाउणेज्जा ? गोयमा ! लोयतं गच्छेज्जा लोयंत पाउगिज्जा। से णं भंते ! तत्थगए चेव आहारेज्ज वा परिणामेज्ज वा सरीरं वा बंधेज्जा? गोयमा ! अत्थे. गइए तत्थगए चेव आहारेज्ज वा परिणामेज्ज वा सरीरं वा बंधेज्जा अत्थेगइए तओ पडिणियत्तइ 2 ता इह हव्वमागच्छइ 2 ता दोच्चपि मारणंतियसमुग्धा. एणं समोहण्णइ 2 ता मंदरस्स पव्वयस्स पुरथिमेणं अंगुलस्स असंखेज्जभागमेत्तं वा संखेज्जइभागमेत्तं वा वालग्गं वा वालग्गहत्तं वा एवं लिक्खं जयं जवं अंगलं जाव जोयणकोडि वा जोयणकोडाकोडि वा संखेज्जेस् वा असंखेज्जेस वा जोयणसहस्सेसु लोगते वा एगपएसियं सेढि मोत्तूण असंखेज्जेसु पुढविकाइया. वाससयसहस्सेसु अण्णयरंसि पुढ विकाइयावासंसि पुढविकाइयत्ताए उववज्जेत्ता तओ पच्छा आहारेज्ज वा परिणामेज्ज वा सरीरं वा बंधेज्जा, जहा पुरस्थिमेणं मंदरस्स पव्वयस्स आलावओ भणिओ एवं दाहिणेणं पच्चत्थिमेणं उत्तरेणं उड्ढे अहे, जहा पुढविकाइया तहा एगिदियाणं सव्वेसि, एक्केक्कस्स छ आलावगा भाणियव्वा / जीवे णं भंते ! मारणंतियसमग्घाएणं समोहण्णइ 2 ता जे भविए असंखेज्जेसु बेइंदियावाससयसहस्सेसु अण्णयरंसि बेइंदियावासंसि बेइंदियत्ताए उववज्जित्तए से णं भंते ! तत्थगए चेव ? जहा गैरइया, एवं जाव अणुत्तरोव. वाइया / जीवे णं भंते ! मारणंतियसमुग्घाएणं समोहए 2 जे भविए पंचसु अणुत्तरेसु महइमहालएसु महाविमाणेसु अण्णयरंसि अणुत्तरविमाणंसि अणुत्तरोववाइयदेवत्ताए उववज्जित्तए, से णं भंते ! तत्थगए चेव ? तं चेव जाव आहारेज्ज वा परिणामेज्ज वा सरीरं वा बंधज्जा / सेवं भंते ! 2 त्ति // 244 // ___ छठें सयं सत्तमो उद्देसो अह भंते ! सालीणं वीहीणं गोधूमाणं जवाणं जवजवाणं एएसिणं धण्णाणं कोटाउत्ताणं पल्लाउत्ताणं मंचाउत्ताणं मालाउत्ताणं उल्लित्ताणं लित्ताणं पिहिया मुद्दियाणं लंछियाणं केवइयं कालं जोणी संचिट्ठइ ? गोयमा ! जहणणं अंतोमहत्तं उक्कोसेणं तिण्णि संवच्छराई तेण परं जोणी पमिलायइ तेण परं जोणी पविद्धंसइ तेण परं बीए अबीए भवइ तेण परं जोणीवोच्छेए पण्णत्ते समणाउसो ! / अह भंते ! कलायमसूरतिलमुग्गमासणिप्फावकुलत्थआलिसंदगसईण. Page #568 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 6 उ. 7 555 पलिमंथगमाईणं एएसि णं धण्णाणं जहा सालीणं तहा एयाणिवि, णवरं पंच संवच्छराई, सेसं तं चेव / अह भंते ! अयसिकुलुंभगकोद्दवकंगुवरगरालगको. दूसगसणसरिसवमूलगबीयमाईणं एएसि णं धण्णाणं, एयाणिवि तहेव, णवरं सत्त संवच्छराई, सेसं तं चेव // 245 // एगमेगस्स गं भंसे ! मुत्तस्स केवइया ऊसासद्धा वियाहिया ? गोयमा ! असंखेज्जाणं समयाणं समुदयसमिइसमागमेणं सा एगा आवलियत्ति पवुच्चइ, संखेज्जा आवलिया ऊसासो संखेज्जा आवलिया णिस्सासो-हवस्स अणवगल्लस्स, णिरुवकिट्ठस्स जंतुणो / एगे ऊसासणीसासे, एस पाणत्ति वुच्चइ // 1 // सत्त पाणणि से थोवे, सत्त थोवाइं से लवे / लवाणं सत्तहत्तरिए, एस मुहुत्ते वियाहिए // 2 // तिण्णि सहस्सा सत्त य सयाई तेवतरि च ऊसासा / एस महत्तो दिट्ठो सन्वेहि अणंतणाणीहिं // 3 // एएणं मुहुत्तपमाणेणं तीसमुहुत्तो अहोरत्तो, पण्णरस अहोरत्ता पक्खो, दो पक्खा मासे, दो मासा उऊ, तिण्णि उउए अयणे, दो अयणे संवच्छरे, पंचसंवच्छरिए जुगे, वीसं जुगाई वाससयं, दस वाससयाई वाससहस्स, सयं वासहस्साणं वाससय. सहस्सं, चउरासीइं वाससयसहस्साणि से एगे पुष्वंगे, चउरासीइं पुवंगसय. सहस्साई से एगे पुव्वे, एवं 2 तुडिए 2 अडडे 2 अववे 2 हूहूए 2 उप्पले 2 पउमे 2 णलिणे 2 अत्थणिउरे 2 अउए 2 पउए य 2 णउए य 2 चलिया 2 सीस. पहेलिया 2 एताव ताव गणिए एताव ताव गणियस्स विसए, तेण परं? उव. . मिए / से कि तं उवमिए ? 2 दुविहे पण्णत्ते तंजहा-पलिओवमे य सागरो. धमे य, से कि तं पलिओवमे ? से कि तं सागरोवमे ? / सत्थेण सुतिक्खणवि छेत्तुं भेत्तुं च जं किर ण सक्का / तं परमाणु सिद्धा वयंति आई पमाणाणं // 1 // अणताणं परमाणुपोग्गलाणं समुदयसमिइसमागमेणं सा एगा उस्सण्हसण्हियाइ वा सहसण्हियाइ वा उड्डरेणूइ वा तसरेणूइ वा रहरेणूइ वा वालग्गेइ वा लिक्खाइ वा जूयाइ वा जवमझेइ वा अंगुलेइ वा, अट्ठ उस्सण्हसण्हियाओ सा एगा सहसण्हिया, अट्ठ सहसण्हियाओ सा एगा उड्डरेणू, अट्ठ उड्डरेणूओ सा एगा तसरेणू , अट्ट तसरेणूओ सा एगा रहरेणू, अट्ठ रहरेणूओ से एगे देवकुरु. * उत्तरकुरुगाणं मणूसाणं वालग्गे, एवं हरिवासरम्मगहेमवयएरण्णवयाणं पुव्व. विदेहाणं मणूसाणं अट्ठ वालग्गा सा एगा लिक्खा, अट्ट लिक्खाओ सा एगा जूया, अट्ठ जूयाओ से एगे जवमज्झे, अट्ठ जवमझाओ से एगे अंगुले, एएणं अंगुल. Page #569 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 556 अंग-पविटु सुत्ताणि पमाणेणं छ अंगुलाणि पाओ, बारस अंगुलाई विहत्थी, चउव्वीसं अंगुलाई रयणी अडयालीसं अंगुलाई कुच्छी, छण्णउइ अंगलाणि से एगे दंडेइ वा धणूइ वा जुएइ वा णालियाइ वा अक्खेइ वा मुसलेइ वा, एएणं धणुप्पमाणेणं दो धणुसहस्साई गाउयं, चत्तारि गाउयाइं जोयणं, एएणं जोयणप्पमाणेणं जे पल्ले जोयणं आयाम विक्खं भेणं जोयणं उड्ढं उच्चत्तेणं तं तिउणं सविसेसं परिरएणं से णं एगाहियबेयाहियतेयाहिय उक्कोसं सत्तरत्तप्परूढाणं संमठे संणिचिए भरिए वालग्गकोडीणं ते णं वालग्गे णो अग्गी दहेज्जा णो वाऊ हरेज्जा णो कुत्थेज्जा णो परिविद्धसेज्जा णो पूइत्ताए हबमागच्छेज्जा, तओ णं वाससए 2 एगमेगं वालग्गं अवहाय जावइएणं कालेणं से पल्ले खोणे णीरए णिम्मले णिट्ठिए पिल्लेवे अवहडे विसुद्धे भवइ, से पलिओवमे / गाहा-एएसि पल्लाणं कोडाकोडी हवेज्ज दसगुणिया / तं सागरोवमस्स उ एक्कस्स भवे परिमाणं // 1 // एएणं सागरोवमपमाणेणं चत्तारि सागरोवमकोडाकोडीओ कालो सुसमसुसमा 1 तिण्णिसागरोवमकोडाकोडीओ कालो सुसमा 2 दो सागरोवमकोडाकोडीओ कालो सुसमदुसमा 3 एगा सागरोवमकोडाकोडी बायालीसाए वाससहस्सेहि ऊणिया कालो दुसमसुसमा 4 एक्कवीसं वाससहस्साई कालो दुसमा 5 एक्कवीसं वाससहस्साई कालो दुसमदुसमा 6 / पुणरवि उस्सप्पिणीए एक्क. वीसं वाससहस्साई कालो दुसमदुसमा 1 एक्कवीसं वाससहस्साइं जाव चतारि सागरोवमकोडाकोडीओ कालो सुसमसुसमा, दस सागरोवमकोडाकोडीओ कालो ओसप्पिणी दस सागरोवमकोडाकोडीओ कालो उस्सप्पिणी वीसं सागरोवमकोडाकोडीओ कालो ओसप्पिणी उस्सप्पिणी य // 246 // जंबुद्दीवे गं भंते ! दीवे इमीसे ओसप्पिणीए सुसमसुसमाए समाए उत्तमट्ठपत्ताए भरहस्स वासस्स केरिसए आयारभावपडोयारे होत्था ? गोयमा ! बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे होत्था, से जहाणामए-आलिंगपुक्खरेइ वा एवं उत्तरकुरुवत्तव्वया णेयव्वा जाव आसयंति सयंति तीसे गं समाए भारहे वासे तत्थ 2 देसे 2 तहिं 2 बहने उराला कुद्दाला जाव कुसविकुसविसुद्धरुक्खमूला जाव छव्विहा मणुस्सा अणु. सज्जित्था प०, तं०-पम्हगंधा 1 मियगंधा 2 अममा 3 तेयली 4 सहा 5 सणिचारी 6 / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 247 // . Page #570 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 6 उ. 8 557 . . छठें सयं अट्ठमो उद्देसो ___कइ णं भंते ! पुढवीओ पग्णत्ताओ? गोयमा ! अट्ठ पुढवीओ पण्णत्ताओ, - तंजहा-रयणप्पभा जाव ईसिप्पन्भारा / अस्थि गं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए अहे गेहाइ वा गेहावणाइ वा? गोयमा! णो इणठे समठे। अस्थि गं भंते ! इमोसे रयणप्पभाए अहे गामाइ वा जाव संणिवेसाइ वा ? णो इणठे समठे। अस्थि गं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए अहे उराला बलाहया संसेयंति संमुच्छंति वासं वासंति ? हंता ! अस्थि, तिष्णिवि पकरेंति देवोवि पकरेइ असुरोवि प० णागोवि प० / अत्थि गं भंते ! इमोसे रयण बायरे थणियस ? हंता ! अत्थि, तिणिवि पकरेंति / अस्थि गं भंते ! हमीसे रयण अहे बायरे अगणिकाए ? गोयमा! णो इणठे समठे, णण्णत्थ विग्गहगइसमावण्णएणं / अस्थि गं भंते ! इमीसे रयण अहे चंदिम जाव तारारूवा? जो इणठे समठे / अत्थि णं भंते ! इमोसे रयणप्पभाए पुढवीए चंदाभाइ वा 2? णो इणठे समझें, एवं दोच्चाएवि पुढवीए भाणियव्वं, एवं तच्चा. एवि भाणियस्वं, वरं देवोवि पकरेइ असुरोवि पकरेइ णो णागो पकरेइ, एवं चउत्थाएवि एवं णवरं देवो एक्को पकरेइ णो असुरो० णो णागो पकरेइ, एवं हेदिल्लासु सम्वासु देवो एक्को पकरेइ / अस्थि णं भंते ! सोहम्मीसाणाणं कप्पाणं अहे गेहाइ वा 2 ? णो इणठे समझें। अत्थि णं भंते ! उराला बलाहया ? हंता-! अस्थि, देवो पकरेइ असुरोवि पकरेइ णो णाओ पकरेइ, एवं थणियसद्देवि / अस्थि गं भंते ! बायरे पुढविकाए बायरे अगणिकाए ? णो इणठे समझें, णण्णत्थ विग्गहगइसमावण्णएणं / अस्थि णं भंते ! चंदिम०? णो इणठे समठे / अत्थि णं भंते ! गामाइ वा० ? णो इणठे स० / अस्थि णं भंते ! चंदाभाइ वा 2 ? गोयमा ! णो इणठे समझें / एवं सणंकुमारमाहिदेसू णवरं देवो एगो पकरेइ / एवं बंभलोएवि / एवं बंभलोगस्स उरि सर्वहिं देवो पकरेइ, पुच्छियव्वो य, बायरे आउकाए बायरे अगणिकाए बायरे वणस्सइकाए अण्णं तं चेव / गाहा-तमुकाए कप्पपणए अगणी पुढवी य अगणि पुढवीसु / आऊतेउवणस्सइ कप्पुवरिमकण्हराईसु // 1 // 248 // कइविहे गं भंते ! आउयबंधए पण्णते ? गोयमा ! छव्विहा आउयबंधा पण्णता, तंजहाजाइणामणिहत्ताउए 1 गइणामणिहत्ताउए 2 ठिइणामणिहत्ताउए 3 ओगा. Page #571 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 558 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि हणाणामणिहत्ताउए 4 पएसणामणिहत्ताउए 5 अणुभागणामणिहत्ताउए 6 दंडओ जाव वेमाणियाणं / जीवा णं भंते ! कि जाइणामणिहत्ता जाव अणुभाग. णामणिहत्ता ? गोयमा ! जाइणामणिहत्तावि जाव अणुभागणामणिहत्तावि दंडओ जाव वेमाणियाणं / जीवा गं भंते ! कि जाइणामणिहत्ताउया जाव अणुभागणामणिहत्ताउया ? गोयमा ! जाइणामणिहत्ताउयावि जाव अणुभागणामणिहत्ताउयावि, दंडओ जाव वेमाणियाणं / एवं एए दुवालस दंडगा भाणियव्वा / जीवा गं भंते ! कि जाइणामणिहत्ता 1 जाइणामणिहत्ताउया 2 ? जीवा गं भंते ! कि जाइणामणिउत्ता 3 जाइणामणिउत्ताउया 4 जाइ. गोयणिहत्ता 5 जाइगोयणिहत्ताउया 6 जाइगोयणिउत्ता 7 जाइगोयणिउत्ता. उया 8 जाइणामगोयणिहत्ता 6 जाणामगोयणिहत्ताउया 10 जाइणामगोय. णिउत्ता 11? जीवा णं भंते ! कि जाइणामगोयणिउत्ताउया 12 जाव अणु. भागणामगोयणिउत्ताउया ? गोयमा ! जाइणामगोयणिउत्ताउयावि जाव अणु. भागणामगोयणि उत्ताउयावि दंडओ जाव वेमाणियाणं // 246 // लवणे गं भंते ! समुद्दे कि उस्सिओदए पत्थडोदए खुभियजले अखभियजले ? गोयमा ! लवणे णं समुद्दे ऊसिओदए णो पत्थडोदए खुभियजले' णो अखुभियजले एत्तो आढत्तं जहा जीवाभिगमे जाव से तेण० गोयमा ! बाहिरया गं दीवसमुद्दा पुण्णा पुण्णप्पमाणा वोलट्टमाणा वोसट्टमाणा समभरघडत्ताए चिट्ठति संठा. जओ एगविहिविहाणा वित्थारओ अणेगविहिविहाणा दुगुणा दुगुणप्पमाणओ जाव अस्सि तिरियलोए असंखेज्जा दीवसमुद्दा सयंभूरमणपज्जवसाणा पण्णत्ता समणाउसो ! / दीवसमहा णं भंते ! केवइया णामधेजेहि पण्णता ? गोयमा ! जावइया लोए सुभा णामा सुभा रूवा सुभा गंधा सुभा रसा सुभा फासा एवइया गं दीवसमुद्दा णामधेहि पण्णत्ता, एवं णेयव्वा सुभा णामा उद्धारो परिणामो सव्वजीवाणं / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 250 // छठें सघ णवमो उद्देसो जीवे णं भंते ! णाणावरणिज्ज कम्मं बंधमाणे कइ कम्मप्पयडीओ बंधइ ? गोयमा ! सत्तविहबंधए वा अट्ठविहबंधए वा छविहबंधए वा, बंधुद्देसो पण्ण. वणाए णेयव्वो // 251 // देवे णं भंते ! महिडिए जाव महाणभागे बाहिरए पोग्गले अपरियाइत्ता पभू एगवणं एगरूवं विउवित्तए ? गोयमा ! णो Page #572 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 6 उ. 9 559 इणठे / देवे गं भंते ! बाहिरए पोग्गले परियाइत्ता पभू ? हंता ! पभू। से गं भंते ! कि इहगए पोग्गले परियाइत्ता विउव्वइ तत्थगए पोग्गले परियाइत्ता विउव्वइ अण्णत्थगए पोग्गले परियाइत्ता विउव्वइ ? गोयमा ! णो इहगए पोग्गले परियाइत्ता विउग्वइ, तत्थगए पोग्गले परियाइत्ता विउव्वइ, णो अण्णत्थगए पोग्गले परियाइत्ता विउव्वइ, एवं एएणं गमेणं जाव एगवणं एग. रूवं 1 एगवणं अणेगरूवं 2 अणेगवण्णं एगरूवं 3 अणेगवणं अणेगरूवं 4 चउभंगो / देवे णं भंते ! महिड्डिए जाव महाणुभागे बाहिरए पोग्गले अपरियाइत्ता पभू कालयं पोग्गलं गोलगपोग्गलत्ताए परिणामेत्तए णीलगं पोग्गलं वा कालगपोग्गलत्ताए परिणामेत्तए ? गोयमा ! णो इणठे समठे, परियाइत्ता पभू / से गं भंते ! कि इहगए पोग्गले० तं चेव णवरं परिणामेइत्ति भाणियव्वं, एवं कालगपोग्गलं लोहियपोग्गलताए, एवं कालएणं जाव सुक्किलं, एवं णील. एणं जाव सुक्किल्लं, एवं लोहियपोग्गलं जाव सुक्किलताए, एवं हालिद्दएणं जाव सुक्किलं, तं-एवं एयाए परिवाडीए गंधरसफास० कक्खडफासपोग्गलं मउयफासपोग्गलत्ताए 2 एवं दो दो गरुयलहुय 2 सीयउसिण 2 गिद्धलुक्ख 2, वणई सम्वत्थ परिणामेइ, आलावगा दो दो पोग्गले अपरियाइत्ता परिया. इत्ता // 252 // अविसुद्धलेसे गं भंते ! देवे असमोहएणं अप्पाणेणं अविसुद्ध. लेसं देवं देवि अण्णयरं जाणइ पासइ 1? णो इणठे०, एवं अविसुद्धलेसे देवे असमोहएणं अप्पाणेणं विसुद्धलेसं देवं 3, 2 / अविसुद्धलेसे समोहएणं अप्पा. जेणं अविसुद्धलेसं देवं 3, 3 / अविसुद्धलेसे देवे समोहएणं अप्पाणेणं विसुद्धलेसं देवं 3, 4 / अविसुद्धलेसे समोहयासमोहएणं अप्पाणेणं अविसुद्धलेसं देवं 3, 5 / अविसुद्धलेसे समोहया० विसुद्धलेसं देवं 3, 6 // विसुद्धलेसे असमो० अविसुद्धलेसं देवं 3 1 / विसुद्धलेसे असमोहएणं विसुद्धलेसं देवं 3, 2 / विसुद्धलेसे गं भंते ! देवे समोहएणं अविसुद्धलेसं देवं 3 जाणइ० ?, हंता! जाणइ०। एवं विसुद्ध० समो० विसुद्धलेसं देवं 3 जाणइ ? हंता ! जाणइ 4 / विसुद्धलेसे समोहयासमोहएणं अविसुद्धलेसं देवं 3, 5 / विसुद्धलेसे समोहयासमोहएणं विसुद्धलेसं देवं 3, 6 / एवं हेढिल्लएहि अहिं ण जाणइ ण पासइ उरिल्ल. एहि चहि जाणइ पासइ / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 253 // Page #573 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 560 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि छठे सयं दसमो उद्देसो. अण्णउत्थिया णं भंते ! एवमाइक्खंति जाव परूवेंति जावइया रायगिहे णयरे जीवा एवइयाणं जीवाणं णो चक्किया केइ सुहं वा दुहं वा जाव कोलट्ठिगमायमवि णिप्फावमायमवि कलमायमवि मासमायमवि मुग्गमायमवि जूयामायमवि लिक्खामायमवि अभिणिवतॄत्ता उवदंसित्तए। से कहमेयं भंते ! एवं ? गोयमा ! जण्णं ते अण्णउत्थिया एवमाइक्खंति जाव मिच्छं ते एवमाहंसु, अहं पुण गोयमा / एवमाइक्खामि जाव परूवेमि सव्वलोएवि य णं सव्वजीवाणं णो चक्किया केइ सुहं वा तं चेव जाव. उवदंसित्तए / से केणठेणं ? गोयमा ! अयण्णं जंबुद्दीवे 2 जाव विसेसाहिए परिक्खेवेणं पण्णत्ते, देवे गं महिडिए जाव महाणुभागे एगं महं सविलेवणं गंधसमग्गगं गहाय तं अवद्दालेइ तं अवद्दालेत्ता जाव इणामेव कट्ट केवलकप्पं जंबहीवं 2 तिहि अच्छराणिवाएहि तिसत्तखत्तो अणुपरियट्टित्ता णं हव्वमागच्छेज्जा, से पूर्ण गोयमा ! से केवलकप्पे जंबुद्दीवे 2 तेहि घाणपोग्गलेहिं फुडे ?, हंता ! फुडे, चक्किया णं गोयमा ! केइ तेसि घाणपोग्गलाणं कोलट्टियामायमवि जाव उवदसित्तए ? णो इणठे समठे। से तेणठेणं जाव उवदंसेत्तए // 254 // जीवे णं भंते ! जीवे 2 जीवे ? गोयमा ! जीवे ताव णियमा जीवे जीवेवि णियमा जीवे। जीवे गं भंते ! णेरइए रइए जीवे ? गोयमा ! णेरइए ताव णियमा जीवे जीवे पुण सिय णेरइए सिय अणेरइए / जीवे णं भंते ! असुरकुमारे असुरकुमारे जीवे ? गोयमा ! असुरकुमारे ताव णियमा जीवे जीवे पुण सिय असुरकूमारे सिय णो असुरकूमारे। एवं दंडओ भाणियव्वो जाव वेमाणियाणं / जीवइ भंते ! जीवे जीवे जीवइ ? गोयमा ! जीवइ ताव णियमा जीवे जीवे पुण सिय जीवइ सिय णो जीवइ / जीवइ भंते ! णेरइए 2 जीवइ ? गोयमा! गैरइए ताव णियमा जीवइ 2 पुण सिय गैरइए सिय अणेरइए, एवं दंडओ णेयव्वो जाव वेमाणियाणं / भवसिद्धिए गं भंते ! णेरइए 2 भवसिद्धिए ? गोयमा! भवसिद्धिए सिय गैरइए सिय अणे. रइए णेरइएऽविय सिय भवसिद्धिए सिय अभवसिद्धिए, एवं दंडओ जाव वेमाणियाणं // 255 // अण्णउत्थिया णं भंते ! एवमाइक्खंति जाव परूवेंति एवं खलु सव्वे पाणा भूया जीवा सत्ता एगंतदुक्खं वेयणं वेयंति / से कहमेयं भंते ! एवं ? Page #574 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 7 उ. 1 561 गोयमा ! जणं ते अण्णउत्थिया जाव मिच्छं ते एवमाहंसु, अहं पुण गोयमा ! एवमाइक्खामि जाव परूवेमि अत्थेगइया पाणा भया जीवा सता एगंतदुक्खं वेयणं वेयंति आहच्च सायं, अत्थेगइया पाणा भया जीवा सत्ता एगंतसायं वेयणं वेयंति आहच्च असायं, अत्थेगइया पाणा भूया जीवा सत्ता वेमायाए धेयणं वेयंति आहच्च सायमसायं / से केणठेणं ? गोयमा ! रइया एगंत. दुक्खं वेयणं वेयंति आहच्च सायं, भवणवइवाणमंतरजोइसवेमाणिया एगंतसायं वेयणं वेयंति आहच्च असायं, पुढ विक्काइया जाव मणुस्सा वेमायाए वेयणं वेयंति आहच्च सायमसायं, से तेणठेणं० ॥२५६॥णेरइया णं भंते ! जे पोग्गले अत्तमायाए आहारेंति ते कि आयसरीरखेतोगाढे पोग्गले अत्तमायाए आहारेंति अणंतरखेत्तोगाढे पोग्गले अत्तमायाए आहारेंति परंपरखेत्तोगाढे पोग्गले अत्तमायाए आहारेंति ? गोयमा ! आयसरीरखेत्तोगाढे पोग्गले अत्तमायाए आहारेंति णो अणंतरखेत्तोंगाढे पोग्गले अत्तमायाए आहारेंति णो परं. परखेत्तोगाढे, जहा रइया तहा जाव वेमाणियाणं दंडओ // 257 // केवली गं भंते | आयाणेहि जाणइ पासइ ? गोयमा ! णो इणठे० / से केणठेणं ? गोयमा ! केवली गं पुरथिमेणं मियंपि जाणइ अमियंपि जाणइ जाव णिव्वुडे दसणे केवलिस्स से तेणठेणं० / गाहा-जीवाण य सुहं दुक्खं जीवे जीवइ तहेव भविया य / एगंतदुक्खं वेयण अत्तमाया य केवली॥१॥ सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति // 258 // // छठे सयं समत्तं // // सत्तमं सयं पंढमो उद्देसो // गाहा-आहार 1 विरइ 2 थावर 3 जीवा 4 पक्खी य 5 आउ 6 अणगारे 7 / छ उमस्थ 8 असंवुड 6 अण्णउत्थि 10 दस सत्तमंमि सए // 1 // तेणं कालेणं तेणं समएणं जाव एवं वयासी-जीवे गं भंते ! के समयमणाहारए भवइ ? गोयमा ! पढमे समए सिय आहारए सिय अणाहारए बिइए समए सिय आहारए सिय अणाहारए तइए समए सिय आहारए सिय अणाहारए चउत्थे समए णियमा आहारए, एवं दंडओ, जीवा य एगिदिया य च उत्थे समए सेसा तइए समए / जीवे गं भंते ! के समयं सव्वप्पाहारए भवइ ? Page #575 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 562 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि गोयमा ! पढमसमयोववण्णए वा चरमसमए भवत्थे वा, एत्थ णं जीवे गं सव्वप्पाहारए भवइ, दंडओ भाणियव्वो जाव वेमाणियाणं // 256 // कि संठिए णं भंते ! लोए पणते ? गोयमा ! सुपइगसंठिएलोए पण्णत्ते, हेद्वा विच्छिण्णे जाव उपि उडमइंगागारसंठिए, तंसि च णं सासयंसि लोगसि हेटा विच्छिण्णंसि जाव उप्पि उड्डमइंगागारसंठियंसि उप्पण्णणाणदंसणधरे अरहा जिणे केवली जीवेवि जाणइ पासइ अजीवेवि जाणइ पासइ तओ पच्छा सिज्झइ जाव अंतं करेइ // 260 // समणोवासयस्स णं भंते ! सामाइयकडस्स समणो. वासए अच्छमाणस्स तस्स गं भंते ! कि इरियावहिया किरिया कज्जइ संप. राइया किरिया कज्जइ ? गोयमा ! णो इरियावहिया किरिया कज्जइ, संप. राइया किरिया कज्जइ। से केणछैणं जाव संपराइया ? गोयमा ! समणोवासयस्स णं सामाइयकडस्स समणोवासए अच्छमाणस्स आया अहिगरणी भवइ आयाहिगरणवत्तियं च णं तस्स णो इरियावहिया किरिया कज्जइ संपराइया किरिया कज्जइ, से तेणठेणं जाव संपराइया // 261 // समणोवासयस्स णं भंते ! पुवामेव तसपाणसमारंभे पच्चक्खाए भवइ पुढविसमारंभे अपच्चक्खाए भवइ से य पूढवि खणमाणेऽण्णयरं तसं पाणं विहिंसेज्जा से गं भंते ! तं वयं अइ. चरइ ? णो इणठे समठे, णो.खलु से तस्स अइवायाए आउट्टइ। समणोवास. यस्स गं भंते ! पुवामेव वणस्सइसमारंभे पच्चक्खाए से य पुढवि खणमाणे अण्णयरस्स रुक्खस्स मलं छिदेज्जा से णं भंते ! तं वयं अइचरइ ? णो इण? समठे, णो खलु तस्स अइवायाए आउट्टइ // 262 // समणोवासए णं भंते ! तहारूवं समणं वा माहणं वा फासुएसणिज्जेणं असणपाणखाइमसाइमेणं पडिलाभेमाणे किं लब्भइ ? गोयमा ! समणोवासए णं तहारूवं समणं वा जाव पडिलाभेमाणे तहारुवस्स समणस्स वा माहणस्स वा समाहि उप्पाएइ, समाहिकार. एणं तमेव समाहिं पडिलभइ / समणोवासए णं भंते ! तहारूवं समणं वा जाव पडिलाभेमाणे कि चयइ ? गोयमा ! जीवियं चयइ दुच्चयं चयइ दुक्करं करेइ दुल्लह लहइ बोहि बुज्झइ तओ पच्छा सिज्झइ जाव अंत करेइ // 263 // अस्थि णं भंते ! अकम्मस्स गई पण्णायइ ? हता! अस्थि / कहणं भंते ! अकम्मस्स गई पण्णायइ ? गोयमा ! णिस्संगयाए णिरंगणयाए गइपरिणामेणं बंधणछेयणयाए गिरंधणयाए पुवप्पओगेणं अकम्मस्स गई प० / कहणं भंते ! णिस्संगयाए णिरंगणयाए गइपरिणामेणं बंधणछेयणयाए णिरंधणयाए पुवप्पओगेणं अक. Page #576 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 7 उ. 1 563 म्मस्स गई पण्णायइ ? से जहाणामए-केइ पुरिसे सुक्कं तुंबं णिच्छिडं णिरु. वहयं आणुपुवीए परिकम्मेमाणे 2 दन्भेहि य कुसेहि य वेढेइ 2 अहि मट्टियालेवेहि लिपइ 2 उण्हे दलयइ भूई 2 सुक्कं समाणं अत्थाहमतारमपोरसियंसि उदगंसि पक्खिवेज्जा, से जूर्ण गोयमा ! से तुंबे तेसि अट्ठण्हं मट्टियालेवाणं गुरुयत्ताए भारियताए गुरुसंभारियताए सलिलतलमइवइत्ता अहे धरणि. तलपइट्ठाणे भवइ ? हंता ! भवइ, अहे णं से तुंबे तेसि अट्ठण्हं मट्टियालेवाणं परिक्खएणं धरणितलमइवइत्ता उप्पि सलिलतलपइट्ठाणे भवइ ? हंता! भवइ, एवं खलु गोयमा ! णिस्संगयाए णिरंगणयाए गइपरिणामेणं अकम्मस्स गई पण्णायइ / कहण्णं भंते ! बंधणछेयणयाए अकम्मस्स गई प० ? गोयमा ! से जहाणामए-कसिबलियाइ वा मुग्र्गासंबलियाइ वा मासिबलियाइ वा सिंब. लिसिबलियाइ वा एरंडमिजियाइ वा उण्हे दिण्णा सुक्का समाणी फुडित्ता णं एगंतमंतं गच्छइ, एवं खलु गोयमा ! 0 / कहणं भंते ! णिरंधणयाए अकम्मस्स गई 50 ? गोयमा ? से जहाणामए-धूमस्स इंधणविप्पमुक्कस्स उड्ढे वीससाए णिव्वाघाएणं गई पवत्तइ, एवं खलु गोयमा ! 0 / कहण्णं भंते ! पुव्वप्पओगेणं अकम्मस्स गई 50 ? गोयमा ! से जहाणामए कंडस्स कोदंडविप्पमुक्कस्स लक्खाभिमुही णिवाघाएणं गई पवत्तइ, एवं खलु गोयमा ! . पुटवप्पओगेणं अकम्मस्स गई प०, एवं खलु गोयमा ! णीसंगयाए णिरंगणयाए जाव पुवप्पओगेणं अकम्मस्स गई प० // 264 // दुक्खी भंते ! दुखणं फूडे, अदुक्खी दुक्खेणं फुडे ? गोयमा ! दुक्खी दुक्खेणं फुडे णो अदुक्खी दुक्खेणं फुडे / दुक्खी गं भंते ! गैरइए दुक्खेणं फुडे अदुक्खी णेरइए दुक्खेणं फुडे ? गोयमा ! दुक्खी रइए दुक्खेणं फुडे णो अदुक्खी रइए दुक्खेणं फुडे, एवं दंडओ जाव वेमाणियाणं / एवं पंच दंडगा णेयव्वा-दुक्खी दुक्खेणं फुडे 1 दुक्खी दुक्खं परियायइ 2 दुक्खी दुक्खं उदीरेइ 3 दुक्खी दुक्खं वेएइ 4 दुक्खी दुक्खं णिज्जरेइ 5 // 265 // अणगारस्स गं भंते ! अणाउत्तं गच्छमाणस्स वा चिट्ठ. माणस्स वा णिसीयमाणस्स वा तुयट्टमाणस्स वा अणाउत्तं वत्थं पडिग्गहं कंबलं . पायपुंछणं गेण्हमाणस्स वा णिक्खिवमाणस्स वा तस्स णं भंते ? किं इरियावहिया किरिया कज्जइ ? संपराइया किरिया कज्जइ ? गो० ! णो इरियावहिया किरिया कज्जइ संपराइया किरिया कज्जइ / से केणठेणं० ? गोयमा ! जस्स Page #577 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 564 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि णं कोहमाणमायालोमा वोच्छिण्णा भवंति तस्स णं इरियावहिया किरिया कज्जइ णो संपराइया किरिया कज्जइ, जस्स णं कोहमाणमायालोभा अवोच्छिण्णा भवंति तस्स णं संपराइया किरिया कज्जइ णो इरियावहिया०, अहासुत्तं रीयमाणस्स इरियावहिया किरिया कज्जइ उस्सुत्तं रीयमाणस्स संपराइया किरिया कज्जइ, से णं उस्सुत्तमेव रियइ, से तेणठेणं० // 266 // अह भंते ! सइंगालस्स सधूमस्स संजोयणादोसदुद्रुस्स पाणभोयणस्स के अट्ठे पण्णत्ते ? गोयमा ! जे णं णिग्गंथे वा णिग्गंथी वा फासुएसणिज्जं असणपाण 4 पडिग्गाहित्ता मच्छिए गिद्धे गढिए अज्झोववण्णे आहारं आहारेइ एस गं गोयमा ! सइंगाले पाणभोयणे, जे णं णिग्गंथे वाणिग्गंथी वा फासुएसणिज्ज असणपाण 4 पडिग्गाहित्ता महया 2 अप्पत्तियकोहकिलामं करेमाणे आहारमाहारेइ एस णं गोयमा! सधमे पाणभोयणे, जेणं णिग्गंथे वा 2 जाव पडिग्गाहेत्ता गुणप्पायणहेऊ अण्णदध्वेण सद्धिं संजोएत्ता आहारमाहारेइ, एस गं गोयमा ! संजोयणादोसदुठे पाणभोयणे, एस णं गोयमा ! सइंगालस्स सधमस्स संजोयणादोसदुट्ठस्स पाणभोयणस्स अट्ठे पण्णत्ते / अह भंते ! वीतिगालस्स वीयधूमस्स संजोयणादोसविप्पमुक्कस्स पाणभोयणस्स के अट्ठे पण्णत्ते ? गोयमा ! जे णं णिग्गंथे वा जाव पडिग्गाहेत्ता अमुच्छिए जाव आहारेइ एस णं गोयमा ! वीतिगाले पाणभोयणे, जे णं णिग्गंथे वा णिग्गंथी वा जाव पडिग्गाहेत्ता णो महया अप्पत्तियं जाव आहारेइ, एस णं गोयमा ! वीयधूमे पाणभोयणे, जे णं णिगंथे वा णिगंथी वा जाव पडिग्गाहेत्ता जहालद्धं तहा आहारमाहारेइ एस णं गोयमा! संजोयणादोसविप्पमुक्के पाणभोयणे, एस णं गोयमा ! वीतिगालस्स वीयधूमस्स संजोयणादोसविप्पमुक्कस्स पाणभोयणस्स अट्ठे पण्णत्ते // 267 // अह भंते ! खेताइक्कंतस्स कालाइक्कंतस्स मग्गाइक्कंतस्स पमाणाइक्कंतस्स पाणभोयणस्स के अठे पण्णते ? गो० ! जे णं णिग्गंथे वा णिग्गंथी वा फासुएसणिज्जं असणं 4 अणुग्गए मूरिए पडिग्गाहित्ता उग्गए सूरिए आहारमाहा. रेइ एस णं गोयमा ! खेत्ताइक्कते पाणभोयणे, जे णं णिग्गंथो वा 2 जाव साइमं पढमाए पोरिसीए पडिग्गाहेत्ता पच्छिमं पोरिसि उवायणावेत्ता आहारं आहारेइ एस णं गोयमा ! कालाइक्कते पाणभोयणे, जे णं णिगंथो वा 2 जाव साइम पडिग्गा हित्ता परं अद्धजोयणमेराए वीइक्कमावइत्ता आहारमाहा. Page #578 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 7 उ. 2 565 रेइ एस णं गोयमा ! मग्गाइक्कते पाणभोयणे, जे गं णिग्गंथो वा णिग्गंथी वा फासुएसणिज्जं जाव साइमं पडिग्गाहित्ता परं बत्तीसाए कुक्कुडिअंडगपमाण. मेत्ताणं कवलाणं आहारमाहारेइ एस गं गोयमा ! पमाणाइक्कते पाणभोयणे, * अट्ठकुक्कुडिअंडगपमाणमेत्ते कवले आहारमाहारेमाणे अप्पाहारे दुवालसकुक्कुडिअंडगपमाणमेत्ते कवले आहारमाहारेमाणे अवड्ढोमोयरिया सोलस कुक्कुडि. अंडगपमाणमेत्ते कवले आहारमाहारेमाणे दुभागप्पत्ते चउव्वीसं कुक्कुडिअंडग. पमाणमेत्ते कवले आहारमाहारेमाणे ओमोयरिए बत्तीसं कुक्कुडिअंडगपमाणमेत्ते कवले आहारमाहारेमाणे पमाणपत्ते, एत्तो एक्केणवि घासेणं ऊणगं आहार. माहारेमाणे समणे णिग्गंथे णो पकामरसभोईति वत्तव्वं सिया, एस गं गोयमा ! खेत्ताइक्कंतस्स कालाइक्कंतस्स मग्गाइक्कंतस्स पमाणाइक्कंतस्स पाणभोयणस्स अट्ठे पण्णत्ते // 278 // अह भंते ! सत्थाईयस्स सत्थपरिणामियस्स एसियस्स वेसियस्स सामुदाणियस्स पाणभोयणस्स के अट्ठे पण्णते ? गोयमा ! जे गं णिग्गंथे वा णिग्गंथी वा णिक्खित्तसत्थमुसले ववगयमालावण्णगविलेवणे वव. गयचुयचइयचत्तदेहं जीवविप्पजढं अकयमकारियमसंकप्पियमणाहूयमकीयकडमणुद्दिट्ट् णवकोडीपरिसुद्धं दसदोसविप्पमुक्कं उग्गमुप्पायणेसणासुपरिसुद्ध वीतिगालं वीयधूमं संजोयणादोसविप्पमुक्कं असुरसुरं अचवचवं अदुयमविलं. वियं अपरिसाडि अक्खोवंजणवणाणुलेवणभूयं संजमजायामायावत्तियं संजमभारवहणट्टयाए बिलमिव पण्णगभूएणं अप्पाणेणं आहारमाहारेइ एस गोयमा ! सत्थाईयस्स सत्थपरिणामियस्स जाव पाणभोयणस्स अयमठे पण्णत्ते। सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 266 // . सत्तमं सयं बीओ उद्देसो से पूणं भंते ! सव्वपाणेहिं सव्वभूएहि सव्वजोवेहि सव्वसत्तेहि पच्चक्खाय. ‘मिति वयमाणस्स सुपच्चक्खायं भवइ दुपच्चक्खायं भवइ ? गोयमा ! सव्व. " पाहिं जाव सव्वसहि पच्चक्खायमिति वयमाणस्स सिय सुपच्चक्खायं भवइ सिय दुपच्चक्खायं भवइ / से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ सव्वपाणेहिं जाव सिय दुपच्चक्खायं भवइ ? गोयमा ! नस्स णं सव्वपाहिं जाव सव्वसहि पच्चक्खायमिति वयमाणस्स णो एवं अभिसमण्णागयं भवइ इमे जीवा इमे अजीवा इमे तसा इमे थावरा तस्स णं सव्वपाहिं जाव सव्वसत्तेहिं पच्च. Page #579 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 566 . अंग-पविट्ठ सुत्ताणि / क्खायमिति वयमाणस्स णो सुपच्चक्खायं भवइ दुपच्चक्खायं भवइ, एवं खलु से दुपच्चक्खाई सव्वपाणेहि जाव सव्वसत्तेहि पच्चक्खायमिति वयमाणे णो सच्चं भासं भासइ मोसं भासं भासइ, एवं खलु से मुसावाई सव्वपाणेहिं जाव सव्वसत्तेहि तिविहं तिविहेणं असंजयविरयपडिहयपच्चक्खायपावकम्मे सकिरिए असंवुडे एगंतदंडे एगंतबाले यावि भवइ / जस्स णं सम्वपाणेहिं जाव सव्वसत्तेहि पच्चक्खायमिति वयमाणस्स एवं अभिसमण्णागयं भवइ-इमे जीवा इमे अजीवा इमे तसा इमे थावरा, तस्स गं सम्वपाणेहि जाव सव्वसत्तेहि पच्चक्खायमिति वयमाणस्स सुपच्चक्खायं भवइ णो दुपच्चक्खायं भवइ / एवं खलु से सुपच्च. क्खाई सव्वपाहं जाब सम्वसहि पच्चक्खायमिति वयमाणे सच्चं भासं भासइ णो मोसं भासं भासइ, एवं खलु से सच्चवाई. सव्वपाणेहिं जाव सव्व. सहि तिविहं तिविहेणं संजयविरयपडिहयपच्चक्खायपावकम्मे अकिरिए संवुडे एगंतपंडिए यावि भवइ / से तेणट्टेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ जाव सिय दुपच्च. क्खायं भव // 270 // काविहे गं भंते ! पच्चक्खाणे पण्णत्ते ? गोयमा ! दुविहे पच्चक्खाणे पण्णत्ते. तंजहा-मूलगुणपच्चक्खाणे य उत्तरगुणपच्चक्खाणे य। मूलगुणपच्चक्खाणे गं भंते ! कइविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! दुविहे . पण्णत्ते, तंजहा-सव्वमूलगुणपच्चक्खाणे य देसमूलगुणपच्चक्खाणे य / सव्वमूल. गुणपच्चक्खाणे गं भंते ! कइविहे पण्णते ? गोयमा ! पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा-सव्वाओ पाणाइवायाओ वेरमणं जाव सव्वाओ परिग्गहाओ वेरमणं / देसमूलगुणपच्चक्खाणे णं भंते ! कई विहे पण्णते? गोयमा ! पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा-थूलाओ पाणाइवायाओ वेरमणं जाव थूलाओ परिग्गहाओ वेरमणं / उत्तरगुणपच्चक्खाणे णं भंते ! कइविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! दुविहे पण्णत्ते, तंजहा-सव्वुत्तरगुणपच्चक्खाणे य देसुत्तरगुणपच्चक्खाणे य / सव्वुत्तरगुणपच्च. क्खाणे गं भंते ! कइविहे पण्णते ? गोयमा ! दसविहे पण्णते, तंजहा-अणा. गय 1 मइक्कतं 2 कोडीसहियं 3 णियंटियं 4 चेव / सागार 5 मणागारं 6 परिमाणकडं 7 गिरवसेसं 8 // 1 // सा केयं 6 चेव अद्धाए 10 पच्चक्खाणे भवे दसहा / देसुत्तरगुणपच्चक्खाणे गं भंते ! कइविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! सत्त. विहे पण्णत्ते, तंजहा-दिसिव्वयं 1 उवभोगपरिभोगपरिमाणं 2 अणत्यदंडवेरमणं 3 सामाइयं 4 देसावगासियं 5 पोसहोववासो 6 अतिहिसंविभागो 7 Page #580 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 7 उ. 2 567 अपच्छिममारणंतियसंलेहणाझूसणाराहणया // 271 // जीवा गं भंते ! कि मूलगुणपच्चश्वाणी उत्तरगुणपच्चक्खाणी अपच्चक्खाणी ? गोयमा ! जीवा मूलगुणपच्चक्खाणीवि उत्तरगुणपच्चक्खाणीवि अपच्चक्खाणीवि / गैरइया णं भंते ! कि मूलगुणपच्चक्खाणी० पुच्छा, गोयमा ! रइया णो मूलगुणपच्चक्खाणी णो उत्तरगुणपच्चक्खाणी अपच्चक्खाणी, एवं जाव चरिंदिया। पंचि. दियतिरिक्खजोणिया मणुस्सा य जहा जीवा; वाणमंतरजोइसियवेमाणिया जहा णेरइया / एएसि गं भंते ! जीवाणं मलगुणपच्चक्खाणीणं उत्तरगुणपच्चक्खा. णीणं अपच्चक्वाणीण य कयरे 2 हितो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थीवा जीवा मूलगुणपच्चक्खाणी उत्तरगुणपच्चक्खाणी असंखेज्जगुणा अपच्चक्खाणी अणंतगुणा / एएसि गं भंते ! पंचिदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा, गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा पंचेंदियतिरिक्ख जोणिया मलगणपच्चक्खाणी उत्तरगुणपच्चक्खाणी असंखेज्जगुणा अपच्चक्खाणी असंखेज्जगुणा / एएसि गं भंते ! मणुस्साणं मूलगुणपच्चक्खाणीणं० पुच्छा, गोयमा ! सव्वत्थोवा मणुस्सा मूलगुणपच्चक्खाणी * उत्तरगुणपच्चक्खाणी संखेज्जगुणा, अपच्चक्खाणी असंखेज्जगुणा / जीवा गं भंते ! किं सव्वमूलगुणपच्चक्खाणी देसमूलगुणपच्चक्खाणी अपच्चक्खाणी ? गोयमा ! जीवा सव्वमूलगुणपच्चक्खाणीवि देसमूल. गुणपच्चक्खाणीवि अपच्चक्खाणीवि / रइयाणं पुच्छा, गोयमा! गैरइया णो सवमूलगुणपच्चक्खाणी णो देसमूलगुणपच्चक्खाणी अपच्चक्खाणी, एवं जाव चरिदिया / पंचेंदियतिरिक्ख० पुच्छा, गोयमा ! पंचेंदियतिरिक्ख० णो सव्वमूलगुणपच्चक्खाणी देसमूलगुणपच्चक्खाणीवि अपच्चक्खाणीवि, मणुस्सा जहा जीवा, वाणमंतरजोइसवेमाणिया जहा रइया / एएसि गं भंते ! जीवाणं सवमूलगुणपच्चक्खाणीणं देसमूलगुणपच्चक्खाणीगं अपच्चक्खाणीण य कयरे 2 हिंतो जाव विसेसाहिया वा? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा सव्वमूलगुणपच्च. क्खाणी देसमूलगुणपच्चक्खाणी.असंखेज्जगुणा अपच्चक्खाणी अणंतगुणा / एवं अप्पाबहगाणि तिणिवि जहा पढमिल्लए दंडए, णवरं सव्वत्थोवा पंचिदियतिरिक्खजोणिया देसमूलगुणपच्चक्खाणी अपच्चक्खाणी असंखेज्जगुणा / जीवा गं भंते ! कि सव्वुत्तरगुणपच्चक्खाणी देसुत्तरगुणपच्चक्खाणी अपच्चक्खाणी ?. गोयमा ! जीवा सव्वुत्तरगुणपच्चक्खाणीवि तिणिवि, पंचिदियतिरिक्ख जोणिया Page #581 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 568 अंग-पविटु सुत्ताणि मणुस्सा य एवं चेव, सेसा अपच्चक्खाणी जाव वेमाणिया। एएसि णं भंते ! जीवाणं सव्वत्तरगणपच्चक्खाणीणं० अप्पाबहगाणि, तिणिवि जहा पढ़मे दंडए नाव मणसाणं / जीवा गं भंते ! कि संजया असंजया संजयासंजया ?गोयमा ! जीवा संजयावि असंजयावि संजयासंजयावि, एवं जहेव पण्णवणाए तहेव भाणियव्वं जाव वेमाणिया, अप्पाबहुगं तहेव तिण्हवि भाणियन्वं / जीवा गं भते ! कि पच्चक्खाणी अपच्चक्खाणी पच्चक्खाणापच्चक्खाणी ? गोयमा ! जीवा पच्चक्खाणीवि एवं तिण्णिवि, एवं मणुस्सावि तिण्णिवि, पंचिदियतिरिक्खजोणिया आइल्लविरहिया सेसा सवे अपच्चक्खाणी जाव वेमाणिया। एएसि नं भंते ! जीवाणं पच्चक्खाणीणं जावं विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा पच्चक्खाणी पच्चक्खाणापच्चक्खाणी असंखेजगुणा अपच्चक्खाणी अणंतगुणा, पंचेंदियतिरिक्खजोणिया सव्वत्थोवा पच्चक्खाणापच्चक्खाणी अपच्चक्खाणी असंखेज्जगुणा, मणुस्सा सव्वत्थोवा पच्चक्खाणी पच्चक्खाणापच्चक्खाणी संखेज्जगुणा अपच्चक्खाणी असंखेज्जगणा // 272 // जीवा गं भंते ! कि सासया असासया? गोयमा ! जीवा सिय सासया सिय असासया। से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ-जीवा सिय सासया सिय असासया ? मोयमा! दव्वयाए सासया भावयाए असासया, से तेणठेणं गोयमा! एवं वुच्चइ-जाव सिय असासया। गेरइया णं भंते ! कि सासया असासया ? एवं जहा जीवा तहा रइयावि, एवं जाव वेमाणिया जाव सिय सासया सिय असासया / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति // 273 // सत्तमं सयं तइओ उद्देसो वणस्सइकाइया णं भंते ! कि कालं सवप्पाहारगा वा सव्वमहाहारगा वा भवंति ? गोयमा ! पाउसवरिसारत्तेसु णं एत्थ णं वणस्सइकाइया सव्व. महाहारगा भवंति तयाणंतरं च णं सरए, तयाणंतरं च णं हेमंते, तयाणंतरं च गं वसंते, तयाणंतरं च गं गिम्ह, गिम्हासु णं वणस्सइकाइया सव्वप्पाहारगा भवंति / जई गं भंते ! गिम्हासु वणस्सइकाइया सव्वप्पाहारगा भवंति; कम्हा गं भंते ! गिम्हासु बहवे वणस्सइकाइया पत्तिया पुफिया फलिया हरियगरे. रिज्जमाणा सिरीए अईव-अईव उवसोभेमाणा-उवसोभेमाणा चिट्ठति ? गोयमा ! गिम्हासु णं बहवे उसिणजोणिया जीवा य पोग्गला य बणस्सइकाइय Page #582 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 7 उ. 3 569 ताए वक्कमति विउक्कमति चयंति उववज्जति, एवं खल गोयमा ! गिम्हासु बहवे वणस्सइकाइया पत्तिया पुफिया जाव चिट्ठति // 274 // से पूर्ण भंते ! मूला मूलजीवफुडा कंदा कंदजीवफुडा जाव बीया बीयजीवफुडा ? हंता गोयमा ! मूला मूलजीवफुडा जाव बीया बीयजीवफुडा / जइ णं भंते ! मूला मूलजीवफुडा जाव बीया बीयजीवफुडा कम्हा गं भंते ! वणस्सइकाइया आहारेंति कम्हा परिणामेति ? गोयमा ! मला मलजीवफुडा पुढवीजीवपडिबद्धा तम्हा आहारेंति तम्हा परिणामेति, कंदा कंद जीवफुडा मूलजीवपडिबद्धा तम्हा आहारेंति तम्हा परिणामेंति, एवं जाव बीया बीयजीवफुडा फलजीवपडिबद्धा तम्हा आहारेंति तम्हा परिणामेति // 275 // अह भंते ! आलुए मूलए सिंगबेरे हिरिली सिरिली सिस्सिरिली किट्ठिया छिरिया छोरिविरालिया कण्हकंदे वज्जकंदे सूरणकंदे खेलूडे अद्दए भद्दमुत्था पिंडहलिद्दा लोही णीहू थीहू थिरुगा मुग्गपण्णी अस्सकण्णी सीहकण्णी सीहंढी मसुंढी जे यावण्णे तहप्पगारा सव्वे ते अगंतजीवा विविहसत्ता? हंता गोयमा! आलुए मूलए जाव अणंतजीवा विविहसत्ता // 276 // सिय भंते ! कण्हलेसे णेरइए अप्पकम्मतराए णीललेसे रइए महाकम्मतराए ? हंता ! सिया ।से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ-कण्हलेसे णेरइए अप्पकम्मतराए णीललेसे रइए महाकम्मतराए ? गोयमा ! ठिइं पडुच्च, से तेणठेणं गोयमा ! जाव महाकम्मतराए / सिय भंते ! णीललेसे णेरइए अप्पकम्मतराए काउलेसे णेरइए महाकम्मतराए ? हंता ! सिया। से केणठेणं भंते ! एवं वचइ-णीललेसे रइए अप्पकम्मतराए काउलेसे णेरइए महाकम्मतराए ? गोयमा ! ठिई पडुच्च, से तेणठेणं गोयमा ! जाव महा. कम्मतराए / एवं असुरकुमारेवि, णवरं तेउलेसा अब्भहिया एवं जाव वेमाणिया, जस्स जइ लेस्साओ तस्स तत्तिया भाणियवाओ, जोइसियस्स ण भण्णइ, जाव सिय भंते ! पम्हलेसे वेमाणिए अप्पकम्मतराए सुक्कलेसे वेमाणिए महाकम्म. तराए ? हंता ! सिया / से केणठेणं० ? सेसं जहा णेरइयस्स जाव महाकम्मतराए // 277 // से णणं भंते ! जा वेयगा सा णिज्जरा जा णिज्जरा सा वेयणा ? गोयमा ! णो इणठे समठे / से केणढेणं भंते ! एवं वच्चइ जा वेयणा ण सा णिज्जरा जा णिज्जरा ण सा वेयणा? गोयमा ! कम्म वेयणा णोकम्म णिज्जरा, से तेणठेणं गोयमा ! जाव ण सा वेयणा। रइयाणं भंते ! जा वेयणा सा णिज्जरा जा णिज्जरा सा वेयणा ? गोयमा ! णो Page #583 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 570 अंग-पविट्ट सुत्ताणि इणठे समठे / से केण→णं भंते ! एवं वुच्चइ रइयाणं जा वेयणा ण सा णिज्जरा जा णिज्जरा ण सा वेयणा ? गोयमा ! रइयाणं कम्म वेयणा णोकम्म णिज्जरा, से तेणढेणं गोयमा ! जाव ण सा वेयणा, एवं जाव वेमा. णियाणं / से णणं भंते ! जं वेदेंसु तं णिरिसु जं णिरिसु तं वेदेंसु ? णो इणठे समठे / से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ जं वेदंसु णो तं णिज्जरेंसु जं णिज्जरेंसु णो तं वेदेंसु ? गोयमा ! कम्मं वेदेंसु णोकम्मं णिरिसु, से तेण?णं गोयमा ! जाव णो तं वेसु / रइया णं भंते ! जं वेदेंसु तं णिज्जरिसु ? एवं रइयावि एवं जाव वेमाणिया / से णूणं भंते ! जं वेदेति तं णिज्जरेंति जं णिरिति तं वेदेति ? गोयमा ! णो इणठे समठे / से केण ठेणं भंते ! एवं वुच्चइ जाव णो तं वेदेति ? गोयमा ! कम्मं वेदेति णोकम्म णिज्जरेंति, से तेणठेणं गोयमा ! जाव णो तं वेदेति, एवं रइयावि जाव वेमाणिया / से णणं भंते ! जं वेदिस्संति तं णिज्जरिस्संति जं णिज्जरिस्संति तं वेदिस्संति ? गोयमा ! णो इण→ समढें / से केण→णं जाव णो तं वेदिस्संति ? गोयमा ! कम्मं वेदिस्संति णोकम्मं णिज्जरिस्संति, से तेणठेणं जाब णो तं णिज्जरिस्संति, एवं रइयावि जाव वेमार्णिया। से णणं भंते ! जे वेयणासमए से णिज्जरासमए जे णिज्जरासमए से वेयणासमए ? णो इणठे समठे। से केणठेणं भंते ! एवं वच्चइ जे वेयणासमए ण से णिज्जरासमए जे णिज्जरासमए ण से वेयणासमए ? गोयमा ! जं समयं वेदेति णो तं समयं णिज्जरेंति जं समयं णिज्जरेंति णो तं समयं वेदेति, अण्णम्मि समए वेदेति अण्णम्मि समए णिज्जरेंति अण्णे से वेयणासमए अण्णे से णिज्जरासमए, से तेणढेणं जाव ण से वेयणासमए ण से णिज्जरासमए / रइयाणं भंते ! जे वेयणासमए से णिज्जरासमए जे णिज्जरासमए से वेयणासमए ? गोयमा ! णो इणठे समठे / से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ णेरइयाणं जे वेयणासमए ण से णिज्जरासमए जे णिज्जरासमए ण से वेयणासमए ? गोयमा ! णेरइया णं जं समयं वेदेति णो तं समयं णिज्जरेंति जं समयं णिज्जरेंति णो तं समयं वेदेति अण्णम्मि समए वेति अग्णम्मि समए णिज्जरेंति अण्णे से वेयणासमए अण्णे से णिज्जरासमए, से तेणढेणं जाव ण से वेयणासमएं एवं जाव वेमा. णिया // 278 // रइया णं भंते ! कि सासया असासया ? गोयमा ! सिय Page #584 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 7 उ. 4-5-6 571 सासया सिय असासया / से केण→णं भंते ! एवं वुच्चइ रइया सिय सासया सिय असासया ? गोयमा ! अव्वोच्छित्तिणयट्ठयाए सासया वोच्छित्तिणयट्टयाए असासया / से तेणठेणं जाव सिय सासया सिय असासया, एवं जाव वेमाणिया जाव सिय असासया / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 27 // __ सत्तमं सयं चउत्थो उद्देसो रायगिहे णयरे जाव एवं वयासी-कइविहा णं भंते ! संसारसमा. वण्णगा जीवा पण्णता ? गोयमा ! छव्विहा संसारसमावण्णगा जीवा पण्णत्ता, तंजहा-पुढ विकाइया एवं जहा जीवाभिगमे जाव सम्मत्तकिरियं वा मिच्छत्त. किरियं वा / जीवा छव्विह पुढवी जीवाण ठिई भवढिई काए / णिल्लेवण अणगारे किरिया सम्मत्तमिच्छत्ता॥१॥ सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 280 // सत्तमं सय पंचमो उद्देसो रायगिहे जाव एवं वयासी-खहयरचिदियतिरिक्खजोणियाणं भंते ! कइविहे जोणीसंगहे पण्णत्ते ? गोयमा ! तिविहे जोणीसंगहे पण्णत्ते, तंजहाअंडया पोयया समुच्छिमा, एवं जहा जीवाभिगमे जाव णो चेव णं ते विमाणे वीईवएज्जा / एवंमहालयाणं गोयमा ! ते विमाणा पण्णत्ता / 'जोणीसंगह लेसा दिट्ठी णाणे य जोग-उवओगे / उववाठि इसमग्घायचवणजाईकुल. विहीओ' // 1 // सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति // 281 // . सत्तमं सयं छट्ठो उद्देसो ___रायगिहे जाव एवं वयासी-जीवे णं भंते ! जे भविए णेरइएसु उबवज्जितए से णं भंते ! किं इहगए गैरइयाउयं पकरेइ उववज्जमाणे णेरइयाउयं पकरेइ उववण्णे णेरइयाउयं पकरेइ ? गोयमा ! इहगए रइयाउयं पकरेइ णो उववज्जमाणे णेरइयाउयं पकरेइ णो उववण्णे गैरइयाउयं पकरेइ, एवं असुरकुमारेसुवि एवं जाव वेमाणिएसु / जीवे णं भंते ! जे भविए रइएसु उववृज्जित्तए से णं भंते ! कि इहगए जेरइयाउयं पडिसंवेदेइ उववज्जमाणे रइयाउयं पडिसंवेदेइ उववण्णे गैरइयाउयं पडिसंवेदेइ ? गोयमा ! णो इहगए णेरइयाउयं पडिसंवेदेइ उववज्जमाणे णेरइयाउयं पडिसंवेदेइ उववण्णेवि Page #585 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 572 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि रइयाउयं पडिसंवेदेइ, एवं जाव वेमाणिएसु। जीवेणं भंते ! जे भविए गैरइएसु उववज्जित्तए से णं भंते ! कि इहगए महावेयणे उववज्जमाणे महावेयणे * उव. वण्णे महावेयणे? गोयमा! इहगए सिय महावेयणे सिय अप्पवेयणे उववज्जमाणे सिय महावेयणे सिय अप्पवेयणे अहे णं उववण्णे भवइ तओ पच्छा एगंतदुक्खं वेयणं वेयइ आहच्च सायं / जीवेणं भंते ! जे भविए असुरकुमारेसु उववज्जित्तए पुच्छा, गोयमा ! इहगए सिय महावेयणे सिय अप्पवेयणे उववज्जमाणे सिय महावेयणे सिय अप्पवेयणे अहे णं उववण्णे भवइ तओ पच्छा एगंतसायं वेयणं वेएइ आहच्च असायं, एवं जाव थणियकुमारेसु / जीवे गं भंते ! जे भविए पुढविक्काइएसु उववज्जित्तए पुच्छा, गोयमा ! इहगए सिय महावेयणे सिय अप्पवेयणे, एवं उववज्जमाणेवि, अहे णं उववणे,भवइ तओ पच्छा वेमायाए वेयणं वेएइ, एवं जाव मणुस्सेसु, वाणमंतरजोइसियवेमाणिएसु जहा असुरकुमारेसु // 282 // जीवा णं भंते ! कि आभोगणिव्वत्तियाउया अणाभोगणिव्वत्तियाउया ? गोयमा ! णो आभोगणिव्वत्तियाउया अणाभोगणिव्वत्तियाउया एवं गैरइयावि, एवं जाव वेमाणिया // 283 // अत्थि णं भंते ! जीवाणं कक्कसवेयणिज्जा कम्मा कज्जति ? [गोयमा ! ] हंता ! अस्थि / कहण्णं भंते ! जीवाणं कक्कसवेयणिज्जा कम्मा कज्जति ? गोयमा ! पाणाइवाएणं जाव मिच्छादसणसल्लेणं, एवं खलु गोयमा ! जीवाणं कक्कसवेयणिज्जा कम्मा कन्जंति / अस्थि णं भंते ! णेरइयाणं कक्कसवेयणिज्जा कम्मा कति ? एवं चेव, एवं जाव वेमाणियाणं। अत्थि णं भंते ! जीवाणं अकक्कसवेयणिज्जा कम्मा कति ? हंता! अस्थि / कहण्णं भंते ! जीवाणं अकक्कसवेयणिज्जा कम्मा कति ? गोयमा ! पाणाइवायवेरमणं जाव परिग्गहवेरमणेणं कोह. विवेगेणं जाव मिच्छादसणसल्लविवेगेणं, एवं खलु गोयमा ! जीवाणं अकक्कसवेयणिज्जा कम्मा कज्जति / अस्थि णं भंते ! गैरइयाणं अकक्कसवेयणिज्जा कम्मा कति ? गोयमा ! णो इणठे समठे, एवं जाव वेमाणिया, णवरं मणस्साणं जहा जीवाणं // 284 // अस्थि णं भंते ! जीवाणं सायावेयणिज्जा कम्मा कति ?हता ! अस्थि / कहणं भंते ! जीवाणं सायावेयणिज्जा कम्मा कति ? गोयमा ! पाणाणुकंपयाए भूयाणुकंपयाए जीवाणुकंपयाए सत्ताणु. कंपयाए बहूणं पाणाणं जाव सत्ताणं अदुक्खणयाए असोयणयाए अजूरणयाए Page #586 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 7 उ. 6 573 अतिप्पणयाए अपिट्टणयाए अपरियावणयाए एवं खलु गोयमा ! जीवाणं सायावेय. णिज्जा कम्मा कज्जति / एवं णेरइयाण वि, एवं जाव वेमाणियाणं / अत्थि णं भंते ! जीवाणं असायावेयणिज्जा कम्मा कज्जति ? हंता अत्थि। कहण्णं भंते! जीवा गं असायावेयणिज्जा कम्मा कज्जति ? गोयमा! परदुक्खणयाए परसोयणयाए परजूरणयाए परतिप्पणयाए परपिट्टणयाए परपरियावणयाए बहूणं पाणाणं जाव सत्ताणं दुक्खणयाए सोयणयाए जाव परियावणयाए एवं खलु गोयमा ! जीवाणं असायावेयणिज्जा कम्मा कज्जति, एवं गैरइयाणवि, एवं जाव वेमाणियाणं // 285 // जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे मारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए दुसमदुसमाए समाए उत्तमकट्ठपत्ताए भरहस्स वासस्स केरिसए आयारभावपडोयारे भविस्सइ ? गोयमा ! कालो भविस्सइ हाहाभूए भंभाभूए कोलाहलभूए समयाणुभावेण य णं खरफरुसलिमइला दुविसहा वाउला भयंकरा वाया संवट्टगा य वाहिति, इह अभिक्खं 2 धूमाहिति य दिसा समंता रउस्सला रेणु. कलुसतमपडलणिरालोगा समयलक्खयाए य.णं अहियं चंदा सीयं मोच्छंति अहियं सूरिया तवइस्संति अदुत्तरं च णं अभिक्खणं बहवे अरसमेहा विरसमेहा खारमेहा खट्टमेहा अग्गिमेहा विज्जुमेहा विसमेहा असणिमेहा अपिवणिज्जोदगा (अजवणिज्जोदया) वाहिरोगवेयणोदीरणापरिणामसलिला अमणुण्णपाणियगा चंडाणिलपहयतिक्खधाराणिवायपउरवासं वासिहिति / जे णं भारहे वासे गामा. गरणगरखेडकब्बडमडंबदोणमुहपट्टणासमगयं जणवयं चउप्पयगवेलए खहयरे य पक्खिसंघे गामारणपयारणिरए तसे य पाणे बहुप्पगारे रुक्खगुच्छगुम्मलय. वल्लितणपव्वगहरियोसहिपवालंकुरमाइए य तणवणस्सइकाइए विद्धंसेहिति, पव्वयगिरिडोंगरउत्थलमट्टिमाइए य वेयड्डगिरिवज्जे विरावेहिति सलिलबिलगड्डदुग्गविसमं णिष्णुग्णयाइं च गंगासिंधुवज्जाइं समीकरेहिति / तीसे गं भंते ! समाए भरहवासस्स भूमीए केरिसए आयारभावपडोयारे भविस्सइ ? गोयमा! भूमी भविस्सइ इंगालब्भूया मुम्मुररुया छारियभूया तत्तकवेल्लयभूया तत्तसमजोइ भूया धूलिबहुला रेणुबहुला पंकबहुला पणगबहुला चलणिबहुला बहूणं धरणिगोयराणं सत्ताणं दुणिक्कमा यावि भविस्सइ // 286 // तोसे णं भंते ! समाए भारहे वासे मणुयाण केरिसए आयारभावपडोयारे भविस्सइ ? गोयमा ! मणुया भविस्संति दुरूवा दुवण्णा दुगंधा दुरसा दुफासा अणिट्ठा अकंता जाव अम Page #587 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 574 अंग-पविट्ट सुत्ताणि णामा हीणस्सरा दोणस्सरा अणिट्ठस्सरा जाव अमणामस्सरा अणादेज्जवयणपच्चा. याया णिल्लज्जा कूडकवडकलहवहबंधवेरणिरया मज्जयाइक्कमप्पहाणा अकज्जणिच्चुज्जया गुरुणियोयविणयरहिया य विकलरूवा परूढणहकेसमंसुरोमा काला खरफरुसझामवण्णा फुट्टसिरा कविलपलियकेसा बहुण्हारु [णि] संपिणद्धदुदंसणि. ज्जरूवा संकुडियवलीतरंगपरिवेढियंगमंगा जरापरिणयव थेरगणरा पविरलपरिसडियदंतसेढी उभडघडमुहा विसमणयणा वंकणासा वंगवलीविगयभेसणमुहा कच्छुकसराभिभूया खरतिवखणहकंडूइयविक्खयतणू ददुकिडिभसिंझफुडियफरुसच्छवी चित्तलंगा टोलागइविसमसंधिबंधणउक्कुडुअद्विगविभत्तदुब्बलकुसंघयणकुप्पमाणकुसंठिया कुरुवा कुट्ठाणासणकुसेज्जकुभोइणो असुइणो अणेग. वाहिपरिपीलियंगमंगा खलंतविन्भेलगई णिरुच्छाहा सत्तपरिवज्जिया विगय. चिटणढतेया अभिक्खणं सीयउण्हखरफरुसवायविज्झडिया मलिणपंसुरयगंडि. यंगमंगा बहुकोहमाणमाया बहुलोमा असुहदुक्खभागी उस्सण्णं धम्मसण्णसम्म. त्तपरिन्भट्ठा उक्कोसेणं रयणिप्पमाणमेत्ता सोलसवीसइवासपरमाउसो पुत्तणत्तु. परियालपणयबहला गंगासिंधुओ महाणईओ वेयड्ढं च पव्वयं णिस्साए बावतरि णिओया बीयं बीयामेत्ता बिलवासिणो भविस्संति / ते णं भंते ! मणुया कमाहार. माहारेहिति ? गोयमा ! ते णं कालेणं तेणं समए णं गंगासिंधुओ महाणईओ रहपहवित्थराओ अक्खसोयपप्पमाणमेत्तं जलं वोज्झिहिति सेवि य गं जले बहु. मच्छकच्छभाइण्णे णो चेव णं आउबहुले भविस्सइ।तए णं ते मणुया सूरुग्गमणमुहु. तंसि य सूरत्थमणमुहत्तंसि य बिलेहितो णिद्धाहिति णिद्धाइत्ता मच्छकच्छ भे थलाई गाहेहिति गाहेत्ता सीयायवतत्तएहि मच्छकच्छएहि एक्कवीसं वाससहस्साई वित्ति कप्पेमाणा विहरिस्संति। ते णं भंते ! मणुया णिस्सीला णिग्गुणा णिम्मेरा णिप्पच्चक्खाण-पोसहोववासा उस्सणं मंसाहारा, मच्छाहारा खोद्दाहारा कुणि माहारा कालमासे कालं किच्चा कहि गििहति कहिं उववजिहिति ? गोयमा! उस्सण्णं णरगतिरिक्खजोणिएसु उववजिहिति / ते णं भंते ! सीहा वग्घा वगा दीविया अच्छा तरच्छा परच्छा परस्सरा णिस्सीला तहेव जाव कहि उववज्जिहिति ? गोयमा ! उस्सणं णरगतिरिक्खजोणिएसु उववजिहिति / ते गं भंते ! ढंका कंका विलका मदुगा सिही णिस्सीला तहेव जाव उस्सणं णरगतिरिक्ख जोणिएसु उववििहंति / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 28.7 // Page #588 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 7 उ. 7 575 सत्तमं सयं सत्तमो उद्देसो संवुडस्स णं भंते ! अणगारस्स आउत्तं गच्छ माणस्स जाव आउसं तुयदृमाणस्स आउत्तं वत्थं पडिग्गहं कंबलं पायपुंछणं गेण्हमाणस्स वा णिक्खिव. माणस्स वा तस्स णं भंते ! कि इरियावहिया किरिया कज्जइ संपराइया किरिया कज्जइ ? गोयमा ! संवडस्स गं अणगारस्स जाव तस्स गं इरियाव. हिया किरिया कज्जइ णो संपराइया किरिया कज्जइ / से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ-संवुडस्स णं जाव संपराइया किरिया कज्जइ ? गोयमा ! जस्स गं कोहमाणमायालोमा वोच्छिण्णा भवंति तस्स णं इरियावहिया किरिया कज्जइ, तहेव जाव उस्सुत्तं रीयमाणस्स संपराइया किरिया कज्जइ, से गं अहासुत्तमेव रीयइ, से तेणठेणं गोयमा ! जाव णो संपराइया किरिया कज्जइ // 288 // रुवी भंते ! कामा अरूवी कामा ? गोयमा! रूवी कामा णो अरूवी कामा / सचित्ता भंते ! कामा अचित्ता कामा ? गोयमा ! सचित्ताविकामा अचित्तावि कामा। जीवा भंते ! कामा अजीवा कामा ? गोयमा ! जीवावि कामा अजीवावि कामा / जीवाणं भंते ! कामा अजीवाणं कामा? गोयमा ! जीवाणं कामा णो अजीवाणं कामा। कइविहा गं भंते ! कामा अण्णता ? गोयमा ! दुविहा कामा पण्णता, तंजहा-सहा य रूवा य / रूवी भंते ! भोगा अरूवी भोगा? गोयमा ! रूवी भोगा णो अरूवी भोगा। सचित्ता भंते ! भोगा अचित्ता भोगा ? गोयमा ! सचित्तावि भोगा अचित्तावि भोगा। जीवा भंते ! भोगा अजीवा भोगा? गोयमा ! जीवावि भोगा अजीवावि भोगा। जीवाणं भंते ! भोगा अजीवाणं भोगा? गोयमा ! जीवाणं भोगा णो अजीवाणं भोगा। कइविहा गं भंते ! भोगा पण्णत्ता ? गोयमा ! तिविहा भोगा पण्णत्ता, तंजहा-गंधा रसा फासा / कइविहा गं भंते ! कामभोगा पण्णत्ता ? गोयमा ! पंचविहा कामभोगा पण्णत्ता, तंजहासहा रूवा गंधा रसा फासा / जीवा गं भंते ! कि कामी भोगी ? गोयमा ! जीवा कामीवि भोगीवि / से केण→णं भंते ! एवं वुच्चइ जीवा कामीवि भोगीवि ? गोयमा ! सोइंदियचक्खिदियाइं पडुच्च कामी घाणिदियजिभिं- . दियफासिदियाई पडुच्च भोगी, से तेणद्वेणं गोयमा ! जाव भोगीवि / Page #589 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 576 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि रइया णं भंते ! किं कामी भोगी ? एवं चेव एवं जाव थणियकुमारा / पुढविकाइयाणं पुच्छा, गोयमा ! पुढविकाइया णो कामी भोगी। से केशट्टेणं जाव भोगी ? गोयमा ! फासिदियं पड़च्च से तेणठेणं जाव भोगी, एवं जाव वणस्सइकाइया, बेइंदिया एवं चेव णवरं जिभिदियफासिदियाइं पडच्च भोगी, तेइंदियावि एवं चेव णवरं घाणिदिजिभिदियफासिदियाइं पडुच्च भोगी। चउ. रिदियाणं पुच्छा, गोयमा ! चरिदिया कामीवि भोगीवि। से केण→णं जाव भोगीवि ? गोयमा ! चक्खिदियं पडुच्च कामी घाणिदिजिभिदियफासिदि. याइं पडुच्च भोगी, से तेणठेणं जाव भोगीवि, अवसेसा जहा जीवा जाव वेमाणिया। एएसि णं भंते ! जीवाणं कामभोगीणं णोकामीणं णोभोगीणं भोगीण य कयरे कयरेहितो जांव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा कामभोगी णोकामी णोभोगी अणंतगुणा भोगी अणंतगुणा // 286 // छउ. मत्थे गं भंते ! मणूसे जे भविए अण्णयरेसु देवलोएसु देवत्ताए उववज्जित्तए, से गणं भंते ! से खीणभोगी गो पभ उट्ठाणेणं कम्मेणं बलेणं वीरिएणं पुरिसक्कारपरक्कमेणं विउलाई भोगभोगाई भुंजमाणे विहरित्तए ? से णणं भंते ! एयमझें एवं वयह ? गोयमा ! णो इणठे समठे, पभू णं से उट्ठाणेणवि कम्मेणवि बलेणवि वीरिएणवि पुरिसक्कार. परक्कमेणवि अण्णयराइं विपुलाई भोगभोगाई भुंजमाणे विहरित्तए, तम्हा भोगी भोगे परिच्चयमाणे महाणिज्जरे महापज्जवसाणे भवइ / आहो. हिए णं भंते ! मणुस्से जे भविए अण्णयरेसु देवलोएसु एवं चेव जहा छ उमत्थे जाव महापज्जवसाणे भवइ / परमाहोहिए णं भंते ! मणुस्से जे भविए तेणेव भवग्गहणेणं सिज्झित्तए जाव अंतं करेत्तए / से णणं भंते ! से खीणभोगी सेसं जहा छउमत्थस्स / केवली णं भंते ! मणुस्से जे भविए तेणेव भवग्गहणेणं एवं जहा परमाहोहिए जाव महापज्जवसाणे भवइ // 260 // जे इमे भंते ! असण्णिणो पाणा, तंजहा-पुढविकाइया जाव वणस्सइकाइया छट्ठा य एगइया तसा, एए गं अंधा मढा तमंपविट्ठा तमपडलमोहजालपडिच्छण्णा अकामणिकरणं वेयणं वेदंतीति वत्तव्वं सिया ? हंता गोयमा ! जे इमे असण्णिणो पाणा पुढः विकाइया जाव वणस्सइकाइया छट्ठा य जाव वेयणं वेदेतीति वत्तव्वं सिया / अस्थि गं भंते ! पभूवि अकामणिकरणं वेयणं वेदेति ? हंता गोयमा ! Page #590 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 7 उ. 8 577 अस्थि / कहण्णं भंते ! पभूवि अकामणिकरणं वेयणं वेदेति? गोयमा ! जे गं जो पभू विणा पइवेणं अंधकारंसि रूवाइं पासित्तए जेणं णो पभू पुरओ रूवाई अणिज्झाइत्ता गं पासित्तए जे णं णो पभू मग्गओ रूवाइं अणवयक्खित्ता गं पासित्तए जे णं णो पभ पासओ रूवाई अणवलोइत्ता गं पासित्तए जे णं णो पभू उड्ढं रूवाइं अणालोएत्ता गं पासित्तए जे णं णो पभू अहे रूवाइं अणा. लोएता णं पासित्तए एस णं गोयमा ! पभूवि अकामणिकरणं वेयणं वेदेति / अत्थि णं भंते ! पवि पकामणिकरणं वेयणं वेदेति ? हंता ! अस्थि / कहाणं भंते ! पभवि पकामणिकरणं वेयणं वेदेति ? गोयमा ! जे णं णो पभू सम. दृस्स पारंगमित्तए जेणं णो पभ समहस्स पारगयाई रूवाई पासित्तए जेणं णो पभ देवलोगं गमित्तए जे णं णो पभू देवलोगगयाई रूवाइं पासित्तए एस णं गोयमा ! पवि पकामणिकरणं वेयणं वेदेति / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति // 26 // सत्तमं सयं अट्ठमो उद्देसो छउमत्थे णं भंते ! मणूसे तीयमणंत सासयं समयं केवलेणं संजमेणं एवं जहा पढमसए चउत्थे उद्देसए लहा भाणियव्वं जाव अलमत्थु० // 262 // से गुणं भंते ! हथिस्स य कुंथुस्स य समे चेव जीवे ? हंता गोयमा ! हथिस्स य कुंथस्स य एवं जहा रायप्पसेणइज्जे जाव खुड्डियं वा महालियं वा से तेण. ठेणं गोयमा ! जाव समे चेव जीवे ॥२९३॥णेरइयाणं भंते ! पावे कम्मे जे य कडे जे य कज्जइ जे य कज्जिस्सइ सव्वे से दुक्खे जे णिज्जिण्णे से सुहे ? हंता गोयमा ! गैरइयाणं पावे कम्मे जाव सुहे, एवं जाव वेमाणियाणं // 264 // कइ णं भंते ! सण्णाओ पण्णताओ ? गोयमा ! दस सण्णाओ, पण्णत्ताओ, तंजहा-आहारसण्णा 1 भयसण्णा 2 मेहुणसण्णा 3 परिग्गहसण्णा 4. कोह. सण्णा 5 माणसण्णा 6 मायासण्णा 7 लोभसण्णा 8 लोगसण्णा 6 ओहसण्णा 10, एवं जाव वेमाणियाणं / रइया दसविहं वेयणं पच्चणुभवमाणा विहरंति, तंजहा-सीयं उसिणं खुहं पिवासं कंडं परज्झं जरं दाहं भयं सोगं // 26 // से णणं भंते ! हथिस्स य कुंथुस्स य समा चेव अपच्चक्खाणकिरिया कज्जइ ? हंता गोयमा ! हत्थिस्स य कुंथुस्स य जाव कज्जइ / से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ जाव कज्जइ ? गोयमा ! अविरई पडुच्च, से तेणठेणं Page #591 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 578 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि जाव कज्जइ ॥२६६॥आहाकम्मण्णं भंते ! भंजमाणे किं बंधइ ? कि पक. रेइ ? कि चिणाइ ? कि उवचिणाइ ? एवं जहा पढमे सए णवमे उद्देसए तहा भाणियध्वं जाव सासए पंडिए पंडियत्तं असासयं / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति // 267 // __ सत्तमं सयं णवमो उद्देसो . असंवुडे णं भंते ! अणगारे बाहिरए पोग्गले अपरियाइत्ता पभू एगवण्णं एगरूवं विउवित्तए ? णो इणठे समठे। असंवुडे णं भंते ! अणगारे बाहिरए पोग्गले परियाइत्ता पभू एगवणं एगरूवं जाव हंता ! प / से भंते ! कि इहगए पोग्गले परियाइत्ता विउव्वइ तत्थगए पोग्गले परियाइत्ता विउव्वइ अण्णत्थगए पोग्गले परियाइत्ता विउव्वइ ? गोयमा! इहगए पोग्गले परियाइत्ता विउच्वइ णो तत्थगए पोग्गले परियाइत्ता विउव्वइ णो अण्णत्थ. गए पोग्गले जाव विउव्वइ, एवं एगवणं अणेगरूवं चउभंगो जहा छट्ठसए णवमे उद्देसए तहा इहा वि भाणियन्वं, णवरं अणगारे इह गयं इहगए चेव पोग्गले परियाइत्ता विउव्वइ, सेसं तं चेव जाव लुक्खपोग्गलं णिद्धपोग्गलत्ताए परिणामेत्तए ? हंता ! पभू, से भंते ! कि इहगए पोग्गले परियाइत्ता जाव णो अण्णत्थगए पोग्गले परियाइत्ता विउन्वइ / / 268 ॥णायमेयं अरहया सुयमेयं अरहया विण्णायमेयं अरहया महासिलाकंटए संगामे। महासिलाकंटए णं भंते ! संगामे वट्टमाणे के जइत्था के पराजइत्था ? गोयमा ! वज्जी विदेहपुत्ते जइत्था, णवमल्लई णवलेच्छई कासीकोसलगा अट्ठारसवि गणरायाणो पराजइत्था / तए णं से कोणिए राया महासिलाकंटगं संगाम उवट्ठियं जाणित्ता कोडुंबिय. पुरिसे सद्दावेइ 2 एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! उदाई हत्थिरायं पडिकप्पेह हयगयरहजोहकलियं चाउरंगिणि सेणं सण्णाहेह 2 ता मम एयमा. पत्तियं खिप्पामेव पच्चप्पिणह / तए गं ते कोडुंबियपुरिसा कोणिएणं रण्णा एवं वुत्ता समाणा हट्ठतुट्ठ जाव अंजलि कटु एवं सामी ! तहत्ति आणाए विणएणं वयणं पडिसुगंति 2 खिप्पामेव छेयायरियोवएसमइकप्पणाविकप्पेहि सुणिउणेहिं एवं जहा उववाइए जाव भीमं संगामियं अउज्झं उदाई हत्थिरायं पडिकति हयगय जाव सण्णाति 2 जेणेव कूणिए राधा तेणेव उवागच्छंति तेणेव उवागच्छित्ता करयल० कणियस्स रप्णो तमाणत्तियं पच्चप्पिणति / तए Page #592 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 7 उ. 9 579 गं से कूणिए राया जेणेव मज्जणघरं तेणेव उवागच्छइ तेणेव उवागच्छित्ता मज्जणघरं अणुप्पविसइ मज्जणघरं अणुप्पविसित्ता हाए कयबलिकम्मे कय. कोउय-मंगल पायच्छिते सव्वालंकारविभूसिए सण्णद्धबद्धवम्मियकवए उप्पीलिय. सरासणपट्टिए पिणद्धगेवेज्ज विमलवरबद्धचिधपट्टे गहियाउह पहरणे सकोरिट. मल्लदामेणं छत्तेणं धरिज्जमाणेणं चउचामरबालवीइयंगे मंगलजयसद्दकयालोए एवं जहा उववाइए जाव उवागच्छिता उदाई हत्थिरायं दुरूढे / तए णं से कूणिए राया हारोत्थयसुकयरइयवच्छे जहा उववाइए जाव सेयवरचामराहिं उद्धव्वमाणीहि-उद्धुव्वमाणोहिं हयगयरहपवरजोहकलियाए चाउरंगिणीए सेणाए सद्धि संपरिवडे महया भडचडगरविंदपरिक्खित्ते जेणेव महासिलाकंटए संगामे तेणेव उवागच्छइ तेणेव उवागच्छित्ता महासिलाकंटयं संगामं ओयाए / पुरओ य से सक्के देविदे देवराया एगं महं अभेज्जकवयं वइरपडिरूवगं विउवित्ता गं चिट्ठइ / एवं खल दो इंदा संगामं संगामेति, तंजहा-देविदे य मणुइंदे य, एगहत्थिणा वि गं पभू कूणिए राया पराजिणित्तए / तए णं से कूणिए राया महासिलाकंटयं संगाम संगामेमाणे णव मल्लई णव लेच्छई कासीकोसलगा अट्ठारसवि गणरायाणो हयमहियपवरवीरघाइयविडियर्याचधद्धयपडागे किच्छ. पाणगए दिसो दिसि पडिसेहित्था / से केगट्टेणं भंते ! एवं वुच्चइ महासिला. कंटए संगामे ? गोयमा ! महासिलाकंटए णं संगामे वट्ट माणे जे तत्थ आसे वा हत्थी वा जोहे वा सारही वा तणेण वा पत्तेण वा कट्टेण वा सक्कराए वा अभिहम्मइ सम्वे से जाणइ महासिलाए अहं अभिहए म० 2, से तेणठेणं गोयमा ! महासिलाकंटए संगामे। महासिलाकंटए णं भंते ! संगामे वद्रमाणे कइ जणसयसाहस्सीओ वहियाओ ? गोयमा ! चउरासीइं जणसयसाहस्सीओ वहियाओ / ते णं भंते ! मणुया णिस्सीला जाव णिप्पच्चक्खाणपोसहोववासा रुट्टा परिकुविया समरवहिया अणुवसंता कालमासे कालं किच्चा कहिं गया कहि उववण्णा ? गोयमा ! उस्सणं णरगतिरिक्खजोणिएसु उववण्णा // 26 // णायमेयं अरहया सुयमेयं अरहया विण्णायमेयं अरहया रहमुसले संगामे, रहमसले पं.भंते ! संगामे वट्टमाणे के जइत्था ? के पराजइत्था ? गोयमा ! वज्जी विदेहपुत्ते चमरे असुरिंदे असुरकुमारराया जइत्था णव मल्लई णव लेच्छई पराजइत्था / तए णं से कूणिए राया रहमुसलं संगाम उवट्टियं Page #593 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 580 अंग-पविट्ट सुत्ताणि सेसं जहा महासिलाकंटए णवरं भूयाणंदे हत्थिराया जाव रहमुसलं संगाम ओयाए, पुरओ य से सक्के देविदे देवराया, एवं तहेव जाव चिट्ठति, मग्गओ य से चमरे असुरिंदे असुरकुमारराया एगं महं आयसं किढिणपडिरूवगं विउ. वित्ता णं चिट्ठइ / एवं खलु तओ इंदा संगामं संगामेति, तंजहा-देविदे य मणुइंदे य असुरिंदे य, एगहत्थिणावि णं पभू कूणिए राया जइत्तए तहेव जाव दिसो. दिसि पडिसेहित्था / से केणट्टेणं भंते ! एवं वुच्चइ रहमुसले संगामे ? गोयमा ! रहमुसले गं संगामे वट्टमाणे एगे रहे अणासए असारहिए अणारोहए समुसले महया जणक्खयं जणवहं जणप्पम जणसंवटकप्पं रुहिरकम करेमाणे सव्वओ समंता परिधावित्था से तेणठेणं जाव रहमुसले संगामे / रहमुसले णं भंते ! संगामे वट्टमाणे कइ जणसयसाहस्सीओ वहियाओ ? गोयमा ! छण्णउई जणसयसाहस्सीओ वहियाओ / ते गं भंते ! मणुया णिस्सीला जाव उववण्णा ? गोयमा ! तत्थ णं दस साहस्सीओ एगाए मच्छीए कुच्छिसि उववण्णाओ, एगे देवलोगेसु उववण्णे, एगे सुकुले पच्चायाए, अवसेसा उस्सणं णरगतिरिक्खजोणिएसु उववण्णा / / 300 // कम्हा गं भंते ! सक्के देविदे देवराया चमरे य असुरिंदे असुरकुमारराया कूर्णियस्स रण्णो साहेज्ज दल. इत्था ? गोयमा ! सक्के देविदे देवराया पुव्वसंगइए चमरे असुरिंदे असुर. कुमारराया परियायसंगइए, एवं खलु गोयमा ! सक्के देविदे देवराया चमरे य असुरिंदे असुरकुमारराया कुणियस्स रण्णो साहिज्ज दलइत्था॥३०१॥ बहुजणे णं भंते ! अण्णमण्णस्स एवमाइक्खइ जाव परूवेइ एवं खलु बहवे मणुस्सा अण्णयरेसु उच्चावएसु संगामेसु अभिमुहा चेव पहया समाणा काल. मासे कालं किच्चा अण्णयरेसु देवलोएसु देवत्ताए उववत्तारो भवंति / से कहमेयं भंते ! एवं ? गोयमा ! जण्णं से बहुजणो अण्णमण्णस्स एवं आइक्खइ जाव उववत्तारो भवंति जे ते एवमाहंसु मिच्छं ते एवमाहंसु, अहं पुण गोयमा ! एवमाइक्खामि जाव परूवेमि-एवं खलु गोयमा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं वेसाली णामं णयरी होत्था, वण्णओ, तत्थ णं वेसालीए णयरीए वरणे णाम णागणत्तए परिवसइ अड्ढे जाव अपरिभए समणोवासए अभिगयजीवाजीवे जाव पडिलाभेमाणे छठंछठेणं अणिक्खत्तेणं तवोकम्मेणं अप्पाणं भावेमाणे विहरइ। तए णं से वरुणे णागणतुए अण्णया कयाइ रायाभिओगेणं गणाभिओगेणं बलाभि Page #594 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 7 उ. 9 581 ओगेणं रहमुसले संगामे आणत्ते समाणे छट्ठभत्तिए अट्ठमभत्तं अणुवट्टेड अट्ठमभत्तं अणुवर्दृत्ता कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! चाउग्घंटे आसरहं जुत्तामेव उवढावेह हयगयरहपवर० जाव सण्णाहेत्ता मम एयमाणत्तियं पच्चप्पिणह। तए गं ते कोडुंबियपुरिसा जाव पडि. सुणेत्ता खिप्पामेव सच्छत्तं सज्झयं जाव उवट्ठावेंति हयगयरह जाव सण्णाति 2 जेणेव वरुणे णागणत्तुए जाव पच्चप्पिणंति। तए णं से वरुणे णागणत्तुए जेणेव मज्जणघरे तेणेव उवागच्छइ जहा कूणिओ जाव पायच्छित्ते सव्वालंकारविभूसिए सण्णद्धबद्धे सकोरेंटमल्लदामेणं जाव धरिज्जमाणेणं अणेगगणणायग जाव दूयसंधि. वालसद्धि संपरिवडे मज्जणघराओ पडिणिक्खमइ पडिणिक्खमित्ता जेणेव बाहि. रिया उवट्ठाणसाला जेणेव चाउग्घंटे आसरहे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता चाउग्घंटे आसरहं दुरूहइ 2 हयगयरह जाव संपरिवुडे महया भडचडगर० जाव परिक्खित्ते जेणेव रहमुसले संगामे तेणेव उवागच्छइ 2 ता रहमुसलं संगामं ओयाए / तए णं से वरुणे णागणत्तुए रहमुसलं संगामं ओयाए समाणे अयमेयारूवं अभिग्गहं अभिगिण्हइ-कप्पड़ मे रहमुसलं संगामं संगामेमाणस्स जे पुटिव पहणइ से पडिहणित्तए अवसेसे णो कप्पइ त्ति, अयमेयारूवं अभिग्गहं अभिगेण्हइ अभिगेण्हित्ता रहमुसलं संगाम संगामेइ / तए णं तस्स वरुणस्स णागणतयस्स रहमुसलं संगामं संगामेमाणस्स एगे पुरिसे सरिसए सरिसत्तए सरि. सम्वए सरिसभंडमतोवगरणे रहेणं पडिरहं हन्वमागए। तए णं से पुरिसे वरुणं णागणत्तयं एवं वयासी-पहण भो वरुणा ! •णागणत्तुया ! 502 / तए गं से वरुणे णागणतुए तं पुरिसं एवं वयासी-जो खलु मे कप्पइ देवाणुप्पिया ! पुवि अहयस्स पहणित्तए, तुमं चेव गं पुचि पहणाहि / तए गं से पुरिसे वरुणेणं णागणत्तुएणं एवं वृत्ते समाणे आसुरुत्ते जाव मिसिमिसेमाणे धणं परामसइ 2 उसुं परामुसइ उसुं परामुसित्ता ठाणं ठाइ ठाणं ठिच्चा आययकण्णाययं उसुं करेइ आययकण्णाययं उसुं करेत्ता वरुणं णागणतुयं गाढप्पहारी करेइ / तए णं से वरुणे णागणत्तुए तेणं पुरिसेणं गाढप्पहारीकए समाणे आसुरुत्ते जाव मिसि. मिसेमाणे धणुं परामुसइ धणुं परामुसित्ता उसुं परामुसइ उसुं परामुसित्ता आययकण्णाययं उK करेइ आययकण्णाययं० 2 तं पुरिसं एगाहच्चं कुडाहच्चं जीवियाओ ववरोवेइ / तए णं से वरुणे णागणत्तुए तेणं पुरिसेणं गाढप्पहारीकए Page #595 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 582 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि समाणे अत्थामे अबले अवीरिए अपुरिसक्कारपरक्कमे अधारणिज्जमिति कट्ट तुरए णिगिण्हइ तुरए णिगिण्हिता रहं परावत्तेइ रहं परावत्तिता रहमुस लाओ संगामाओ पडिणिक्खमइ 2 एगंतमंतं अवक्कमइ एगंतमंतं अवक्कमिता तुरए णिगिण्हइ 2 रहं ठवेइ 2 ता रहाओ पच्चोरुहइ रहाओ पच्वोरुहिता तुरए मोएइ तुरए मोएत्ता तुरए विसज्जेइ 2 ता दब्भसंथारगं संयरइ 2 ता पुरत्याभि. मुहे दुरूहइ दब्भसं० 2] पुरत्थाभिमुहे संपलियंकणिसण्णे करयल जाव कट्ट एवं वयासी-णमोत्थ णं अरिहंताणं जाव संपताणं णमोऽत्थ पं समणस्स भग. वओ महावीरस्स आइगरस्स जाव संपाविउकामस्स मम धम्मायरियस धम्मो. वएसगस्स वदामि पं भगवंतं तत्थगयं इहगए पासउ मे से भगवं तत्यगए जाव वंदइ णमंसइ 2 एवं वयासी-पुयिपि णं मए समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए थूलए पाणाइवाए पच्चक्खाए जावज्जीवाए एवं जाव थूलए परिग्गहे पच्चक्खाए जावज्जीवाए, इयाणि पि गं अहं तस्सेव भगवओ महावीरस्स अंतियं सव्वं पाणाइवायं पच्चक्खामि जावज्जीवाए एवं जहा खंदओ जाव एयपि णं चरमेहि ऊसासणीसासेहि वोसिरामित्ति कटु सग्णाहपढें मुयइ सण्णाहपढें मुइत्ता सल्लुद्धरणं करेइ सल्लुद्धरणं करेत्ता आलोइयपडिक्कते समाहिपत्ते आणुपुव्वीए कालगए। तए णं तस्स वरुणस्स पागणत्तुयस्स एगे पियबालवयंसए रहमुसलं संगाम संगामेमाणे एगेणं पुरिसेणं गाढप्पहारीकए समाणे अत्थामे अबले जाव अधारणिज्जमिति कटु वरुणं णागणत्तुयं रहमुसलाओ संगामाओ पडिणिक्खममाणं पासइ पासित्ता तुरए णिगेण्हइ तुरए णिगे. ण्हित्ता जहा वरुणे जाव तुरए विसज्जेइ पडसंथारगं दुरूहइ पडसंथारगं दुरूहिता पुरत्थाभिमुहे जाव अंजलि कट्ट एवं बयासी-जाई णं भंते ! मम पियबालवयंसस्स वर णस्त णागणतुयस्स सीलाई वयाइं गुणाई वेरमणाई पच्चक्खाण. पोसहोववासाई ताई णं ममंपि भवंतुत्तिकटु सम्णाहपढें मुयइ 2 सल्लुद्धरणं करेइ सल्लुद्ध रणं करेत्ता आणुपुत्वीए कालगए / तए णं तं वरुणं णागणत्तुयं कालगयं जाणित्ता अहासणिहिएहि वाणमंतरेहिं देवेहिं दिव्वे सुरभिगंधोदग. वासे बूढ़े दसवण्णे कुसुमे णिवाडिए दिव्वे य गीयगंधव्वणिणाए कए यावि होत्था / तए णं तस्स वरुणस्स णागणत्तुयस्स तं दिव्वं देविड्डि दिव्वं देवज्जुई दिव्वं देवाणुभागं सुणित्ता य पासित्ता य बहुजणो अण्णमण्णस्स एवमाइक्खाइ Page #596 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 7 उ. 10 583 जाव परूवेइ-एवं खलु देवाणुप्पिया ! बहवे मणुस्सा जाव उववत्तारो भवंति // 302 // वरुणे णं भंते ! णागणत्तुए कालमासे कालं किच्चा कहिं गए कहिं उववणे ? गोयमा ! सोहम्मे कप्पे अरुणाभे विमाणे देवत्ताए उववण्णे, तत्थ णं अत्थेगइयाणं देवाणं चत्तारि पलिओवमाई ठिई पण्णता, तत्थ णं वरुणस्स वि देवस्स चत्तारि पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता / से गं भंते ! वरुणे देवे ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं भवक्खएणं ठिइक्खएणं जाव महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ जाव अंतं करेहिइ / वरुणस्स णं भंते ! णागणत्यस्स पियबालवयंसए कालमासे कालं किच्चा कहिं गए कहिं उववण्णे? गोयमा ! सुकुले पच्चायाए। से णं भंते ! तओहितो अणंतरं उबट्टित्ता कहिं गच्छिहिइ कहि उववज्जिहिइ ? गोयमा ! महाविदेहे वासे सिज्जिहिइ जाव अंतं काहिइ / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 303 // सत्तमं सयं दसमो उद्देसो तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे णाम णयरे होत्था वण्णओ, गुणसिलए चेइए वण्णओ, जाव पुढविसिलापट्टओ वण्णओ। तस्स णं गुणसिलयस्स चेइयस्स अदूरसामंते बहवे अण्णउत्थिया परिवसंति, तंजहा-कालोयाई सेलोयाई सेवालोयाई उदए णामुदए णम्मदए अण्णवालए सेलवालए संखवालए सुहत्थी गाहावई / तए णं तेसि अण्णउत्थियाणं अण्णया कयाइं एगयओ समु. वागयाणं सणिविट्ठाणं सण्णिसण्णाणं अयमेयारूवे मिहो कहासमुल्लावे सम. प्पज्जित्था-एवं खलु समणे णायपुत्ते पंचं अस्थिकाए पण्णबेइ, तंजहा-धम्मस्थिकायं जाव आगासस्थिकायं, तत्थ णं समणे णायपुत्ते चत्तारि अस्थिकाए अजीवकाए पण्णवेइ, तंजहा-धम्मस्थिकायं अधम्मत्थिकायं आगासथिकायं, पोग्गलत्थिकायं, एगं च णं समणे णायपुत्ते जीवत्थिकायं अरूविकायं जीवकायं पण्णवेइ, तत्थ णं समणे णायपुत्ते चत्तारि अस्थिकाए अरूविकाए पण्णवेइ, तंजहा-धम्मत्थिकायं अधम्मत्थिकायं आगासत्थिकायं जीवस्थिकायं, एगं च णं समणे णायपुत्ते पोग्गलत्थिकायं रूविकायं अजीवकायं पण्णवेइ, से कहमेयं मण्णे एवं ? तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे जाव गुणसिलए चेइए समोसढे जाव परिसा पडिगया / तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स Page #597 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 584 अंग-पविट्ट सुत्ताणि भगवओ महावीरस्स जेठे अंतेवासी इंदभूई णामं अणगारे गोयमगोत्तेणं एवं जहा बिइयसए णियंठद्देसए जाव भिक्खायरियाए अडमाणे अहापज्जत्तं भत्तपाणं पडिग्गाहित्ता रायगिहाओ जाव अतुरियमचवलमसंभंत जाव रियं सोहेमाणे सोहेमाणे तेसि अण्ण उत्थियाणं अदूरसामंतेणं वीइवयइ / तए णं ते अण्ण उत्थिया भगवं गोयमं अदूरसामंतेणं वीइवयमाणं पातंति पासेत्ता अण्णमण्णं सद्दावेंति अण्णमण्णं सद्दावेत्ता एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हं इमा कहा अविप्पकडा अयं च णं गोयमे अम्हं अदूरसामंतेणं वीइवयइ तं सेयं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हं गोयमं एयमझें पुच्छित्तए तिकटु अण्णमण्णस्स अंतिए एयमझें पडिसुर्णेति २त्ता जेणेव भगवं गोयमे ते गेव उवागच्छति तेणेव उवागच्छित्ता ते भगवं गोयम एवं वयासी-एवं खल गोयमा ! तब धम्मायरिए धम्मोवएसए समणे णायपुत्ते पंच अस्थिकाए पगवेइ, तंजहा-धम्मस्थिकार्य जाव आगासस्थिकायं, तं चेव जाव रूविकायं अजीवकायं पण्णवेइ से कहमेयं भंते ! गोयमा ! एवं? तए णं से भगवं गोयमे ते अण्णउत्थिए एवं वयासीणो खलु वयं देवाणुप्पिया ! अस्थिभावं णत्थि त्ति वयामो णस्थिभावं अथित्ति वयामो, अम्हे णं देवाणुप्पिया ! सव्वं अत्थिभावं अथित्ति वयामो सव्वं पत्थिभावं णस्थित्ति वयामो, तं चेयसा खलु तुन्भे देवाणुप्पिया ! एयम ठं सयमेव पच्चुवेक्खह त्तिक१ ते अण्णउत्थिए एवं वयासी-एवं 2, जेणेव गुण. सिलए चेइए जेणेव समणे भगवं महावीरे एवं जहा णियंछुद्देसए जाव भत्तपाणं पडिदंसेइ भत्तपाणं पडिदंसेत्ता समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ 2 णच्चासण्णे जाव पच्चुवासइ / तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे महाकहापडिवण्णे यावि होत्था, कालोदाई य तं देसं हवमागए, कालोदाईति समणे भगवं महावीरे कालोदाई एवं वयासी-से गूणं कालोदाई ! अण्णया कयाइ एगयओ सहियाणं समुवागयाणं सण्णिविट्ठाणं तहेव जाव से कहमेयं मण्णे एवं ? से णूणं कालोदाई ! अट्ठे समठे ?हता ! अस्थि / तं सच्चे णं एसमठे कालोदाई ! अहं पंचत्थिकायं पण्णवेमि, तंजहा-धम्मत्थिकायं जाव पोग्गलत्थिकायं, तत्थ णं अहं चत्तारि अस्थिकाए अजीवत्थिकाए अजीवत्ताए पण्णवेमि तहेव जाव एगं च णं अहं पोग्गलत्थि कायं रूविकायं पण्णवेमि / तए णं से कालोदाई समणं भगवं महावीरं एवं वयासी-एयंसि णं भंते ! धम्म Page #598 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 7 उ. 10 585 थिकायंसि अधम्मत्थिकायंसि आगासत्थिकायंसि अरूविकायंसि अजीवकार्यसि चक्किया केइ आसंइत्तए वा 1 सइत्तए वा 2 चिट्ठइत्तए वा 3 णिसीइत्तए वा 4 तुट्टित्तए वा ५?णो इणठे० कालोदाई ! एयंसि गं पोग्गलत्थिकायंसि रूविकार्यसि अजीवकायंसि चक्किया केइ आसइत्तए वा सइत्तए वा जाव तुट्टित्तए वा / एयंसि गं भंते ! पोग्गलत्थिकायंसि रूविकायंसि अजीवकायंसि जीवाणं पावा कम्मा पावकम्मफलविवागसंजुत्ता कज्जति ? णो इणठे समठे। कालो. वाई! एयंसि णं जीवत्थिकायंसि अरूविकायंसि जीवाणं पावा कम्मा पावफलविवागसंजुत्ता कज्जति ? हंता ! कज्जति / एत्थ णं से कालोदाई संबद्ध समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ वंदित्ता णमंसित्ता एवं वयासी-इच्छामि गं भंते ! तुम्भं अंतियं धम्म णिसामेत्तए एवं जहा खंदए तहेव पव्वइए तहेव एक्कारस अंगाई जाव विहरइ // 304 // तए णं समणे भगवं महावीरे अण्णया कयाइ रायगिहाओ जयराओ गुणसिलाओ चेइयाओ पडिणिक्खमइ 2 बहिया जणवयविहारं विहरइ / तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे णाम गयरे गणसिलए णामं चेइए होत्था / तए णं समणे भगवं महावीरे अण्णया कयाइ जाव समोसढे० परिसा पडिंगया, तए गं से कालोदाई अणगारे अण्णया कयाइ जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छ इ 2 समणं भगवं महावीर वंदइ णमंसइ वंदित्ता णमंसित्ता एवं वयासी-अस्थि णं भंते ! जीवाणं पावा कम्मा पावफलविवागसंजुत्ता कज्जति ? हंता! अस्थि / कहणं भंते ! जीवाणं पावा कम्मा पावफलविवागसंजत्ता कज्जति ? कालोदाई ! से जहा. णामए केइ पुरिसे मणुण्णं थालीपागसुद्धं अट्ठारसवंजणाउलं विससंमिस्सं भोयणं भुंज्जेज्जा, तस्स गं भोयणस्स आवाए भद्दए भवइ, तओ पच्छा परि. णममाणे परि०दुरूवत्ताए दुगंधत्ताए जहा महासवए जाव भुज्जो 2 परिणमइ, एवामेव कालोदाई ! जीवाणं पाणाइवाए जाव मिच्छादसणसल्ले तस्स गं आवाए भद्दए भवइ तओ पच्छा वि परिणममाणे 2 दुरूवत्ताए जाव भुज्जो 2 परिणमइ, एवं खल कालोदाई ! जीवाणं पावा कम्मा पावफलविवागसं. जत्ता कज्जंति / अस्थि :णं भंते ! जीवाणं कल्लाणा कम्मा कल्लाणफलवि. वागसंजुत्ता कज्जति ? हंता ! अस्थि / कहण्णं भंते ! जीवाणं कल्लाणा कम्मा जाव कज्जति ? कालोदाई ! से जहाणामए केइ पुरिसे मणुण्णं थालीपा. Page #599 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 586 अंग-पविट्ट सुत्ताणि गसुद्धं अट्ठारसवंजणाउलं ओसहमिस्सं भोयणं भुजेज्जा तस्स गं भोयणस्स आवाए णो भद्दए भवइ, तओ पच्छा परिणममाणे 2 सुरूवत्ताए सुवण्णत्ताए जाव सुहत्ताए णो दुक्खत्ताए भुज्जो 2 परिणमइ, एवामेव कालोदाई ! जीवाणं पाणाइवायवेरमणे जाव परिग्गहवेरमणे कोहविवेगे जाव मिच्छादंस. णसल्लविवेगे तस्स णं आवाए णो भद्दए भवइ तओ पच्छा परिणममाणे 2 सुरूवत्ताए जाव णो दुक्खत्ताए भुज्जो 2 परिणमइ / एवं खलु कालोदाई ! जीवाणं कल्लाणा कम्मा जाव कज्जति // 30 // दो भंते ! पुरिसा सरिसया जाव सरिसभंडमत्तोवगरणा अण्णमण्णेणं सद्धि अगणिकायं समारंभंति तत्थ णं एगे पुरिसे अगणिकायं उज्जालेइ एगे पुरिसे अगणिकायं णिवावेइ, एएसि णं भंते ! दोण्हं पुरिसाणं कयरे पुरिसे महाकम्मतराए चेव महाकिरियतराए चेव महासवतराए चेव महावेयणतराए चेव कयरे वा पुरिसे अप्पकम्मतराए चेव जाव अप्पवेयणतराए चेव ?जे वा से पूरिसे अगणिकायं उज्जालेइ जे वा से पुरिसे अगणिकायं णिव्वावेइ ? कालोदाई ! तत्थ णं जे से पुरिसे अगणिकायं उज्जालेइ से णं पुरिसे महाकम्मतराए चेव जाव महावेयणतराए चेव, तत्थ णं जे से पुरिसे अगणिकायं णिव्वावेइ से णं पुरिसे अप्पकम्मतराए चेव जाव अप्पवेयणतराए चेव / से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ-तत्थ णं जे से पुरिसे जाव अप्पवेयणतराए चेव ? कालोदाई ! तत्थ णं जे से पुरिसे अगणि. कायं उज्जालेइ से णं पुरिसे बहुतरायं पुढविक्कायं समारंभइ बहुतरायं आउ. कायं समारंभइ अप्पतरायं तेउकायं समारंभइ बहतरायं वाउकायं समारंभइ बहुतरायं वणस्सइकायं समारंभइ बहुतरायं तसकायं समारंभइ / तत्थ णं जे से पुरिसे अगणिकायं णिव्वावेइ से णं पुरिसे अप्पतरायं पुढविक्कायं समारंभइ अप्पतरायं आउक्कायं समारंभइ बहुतरायं तेउक्कायं समारंभइ अप्पतरायं वाउकायं समारंभइ अप्पतरायं वणस्सइकायं समारंभइ अप्पतरायं तसकायं समारं. भइ, से तेणठेणं कालोदाई ! जाव अप्पवेयणतराए चेव // 306 // अस्थि णं भंते ! अचित्तावि पोग्गला ओभासंति उज्जोवेति तवेंति पभासेंति ? हंता! अस्थि / कयरे णं भंते ! अचित्तावि पोग्गला ओभासंति जाव पभासेंति ? कालो. दाई | कुद्धरस अणगारस्स तेयलेस्सा णिसट्टा समाणी दूरं गया दूरं णिवयइ देसं गया देसं णिवयइ जहि-जहि च णं सा णिवयइ तहि-तहि च णं ते अचितावि पोग्गला ओभासंति जाव पभासंति, एएणं कालोदाई ! ते अचित्तावि Page #600 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 8 उ. 1 587 पोग्गला ओभासंति जाव पभासेंति / तए णं से कालोदाई अणगारे समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ 2 बहूहिं चउत्थछट्ठम जाव अप्पाणं भावेमाणे जहा पढमसए कालासवेसियपुत्ते जाव सव्वदुक्खप्पहीणें। सेवं भंते ! 2 त्ति // 307 // सत्तमं सयं समत्तं // अट्ठमं सयं पढमो उद्देसो / गाहा-पोग्गल 1 आसीविस 2 रुक्ख 3 किरिय 4 आजीव 5 कासुय 6 मदत्ते 7 / पडिणीय 8 बंध 8 आराहणा य 10 दस अट्ठमंमि सए // 1 // रायगिहे जाव एवं वयासी-कइविहा गं भंते ! पोग्गला पण्णता ? गोयमा ! तिविहा पोग्गला पण्णत्ता, तंजहा-पओगपरिणया मीससापरिणया वीससापरिणया // 308 // पओगपरिणया णं भंते ! पोग्गला कइ विहा पण्णत्ता? गोयमा ! पंचविहा पण्णत्ता, तंजहा-एगिदियपओगपरिणया बेइंदियपओगपरिणया जाव पंचिदियपओगपरिणया / एगिदियपओगपरिणया गं भंते ! पोग्गला कइविहा पण्णत्ता ? गोयमा पंचविहा पण्णत्ता, तंजहा-पुढविक्काइय. एगिदियपओगपरिणया जाव वणस्सइकाइयएगिदियपओगपरिणया / पुढवि. क्काइयएगिदियपओगपरिया णं भंते ! पोग्गला कइविहा पण्णत्ता? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-सुहुममुढविक्काइयएगिदियपओगपरिणया बायरपुढवि. क्काइयएगिदियपओगपरिणया य, आउक्काइयएगिदियपओगपरिणया एवं चेव, एवं दुयओ भेओ जाव वणस्सइकाइयएगिदियपओगपरिणया य / बेइंदियपओगपरिणयाणं पुच्छा, गोयमा ! अणेगविहा पण्णत्ता, एवं तेइंदियचरिदियपओगपरिगयावि। पंचिदियपओगपरिणयाणं पुच्छा, गोयमा! चउविवहा पण्णत्ता, तंजहागेरइयचिदियपओगपरिणया तिरिक्ख० एवं मणुस्स० देवपंचिदिय० / रइय पंचिदियपओगपरिणयाणं पुच्छा, गोयमा! सत्तविहा पण्णत्ता, तंजहा-रयणप्पभापुढविणेरइयचिदियपओगपरिणया वि जाव अहेसत्तमपुढविणेरइयचिदियपओगपरिणया वि / तिरिक्खजोणियपंचिदियपओगपरिणयाणं पुच्छा, गोयमा ! तिविहा पण्णत्ता, तंजहा-जलयरतिरिक्खजोणियपंचिदिय० थलयरतिरिक्खजोणियपंचिदिय० खहयरतिरिक्खजोणियपंचिदिय० / जलयरतिरिक्खजोणियपंचिदियपओगपरिणयाणं पुच्छा, गोयमा ! दुविहा प०, तंजहा-समुच्छिमजल Page #601 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 588 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि यर०, गब्भवक्कंतियजलयर० / थलयरतिरिक्ख०पुच्छा, गोयमा ! दुविहा प०, तंजहा-चउप्पयथलयर० परिसप्पथलयर० / चउप्पयथलयर० पुच्छा, गोयमा ! दुविहा प०, तंजहा-समुच्छिमचउप्पयथलयर० गब्भवक्कंतियचउप्पयथलयर० / एवं एएणं अभिलावेणं परिसप्पा दुविहा प०, तंजहा-उरपरिसप्पा य भय. परिसप्पा य, उरपरिसप्पा दुविहा प०, तंजहा-संमच्छिमा य गम्भवक्कंतिया य, एवं भुयपरिसप्पा वि, एवं खहयरा वि / मणुस्सपंचिदियपओग० पुच्छा, गोयमा ! दुविहा प०, तंजहा-समुच्छिममणुस्स० गम्भवक्कंतियमणुस्स० / देवपंचिंदियपओग० पुच्छा, गोयमा ! चउन्विहा पण्णता, तंजहा-भवणवासि. देवचिदियपओग० एवं जाव वेमाणिया / भवणवासिदेवपंचिदिय० पुच्छा, गोयमा ! दसविहा प०, तंजहा-अंसुरकुमार० जाव थणियकुमार० / एवं एएणं अभिलावेणं अट्टविहा वाणमंतरा पिसाया जाव गंधव्वा, जोइसिया पंचविहा प०, तंजहा-चंदविमाणजोइसिया जाव ताराविमाणजोइसियदेवा०, वेमाणिया दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-कप्पोववण्णग० कप्पाईयगवेमाणिया, कप्पोवगा दुवालसविहा पण्णत्ता, तंजहा-सोहम्मकप्पोवग० जाव अच्चुयकप्पोवणग. वेमाणिया / कप्पाईयग० दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-गवेज्जकप्पाईयवे० अणुतरोववाइयकप्पाईयवे०, गेवेज्जकप्पाईयग० णवविहा पण्णत्ता, तंजहा-हेट्ठिम 2 गेवेज्जगकप्पाईयग० जाव उवरिम 2 गेविज्जगकप्पाईय० / अणुत्तरोववाइ. यकप्पाईयगवेमाणियदेवपंचिदियपओगपरिणया णं भंते ! पोग्गला कइविहा प० ? गोयमा ! पंचविहा पण्णत्ता, तंजहा-विजयअणुत्तरोववाइय० जाव परिणया जाव सव्वट्ठसिद्धअणुत्तरोववाइयदेवचिदिय जाव परिणया / सुहुमपुढविकाइयएगिदियपओगपरिणया णं भंते ! पोग्गला कइविहा पण्णत्ता ? गोयमा! दुविहा पण्णत्ता, तंजहा- [केइ अपज्जत्तगं पढम भणंति पच्छा पज्जत्तगं] पज्जतगसुहुमपुढविकाइय जाव परिणया य अपज्जत्तगसुहमपुढविकाइय जाव परिणया य, बायरपुढ विकाइयएगिदिय० एवं चेव, एवं जाव वणस्सइकाइया, एक्केक्का दुविहा पोग्गला-सुहमा य बायरा य, पज्जत्तगा अपज्जत्तगा य भाणियव्वा / बेइंदियपओगपरिणयाणं पुच्छा, गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता, तंजहां-पज्जतगबेइंदियपओगपरिणया य अपज्जत्तग जाव परिणया य, एवं तेइंदिया वि एवं चरिदिया वि / रयणप्पभापुढविणेरइय० पुच्छा, गोयमा ! दुविहा प०, तंजहा-पज्जत्तगरयणप्पभापुढवि जाव परिणया य अपज्जत्तग जाव Page #602 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 8 उ. 1 589 परिणया य, एवं जाव अहेसत्तमा। समुच्छिमजलयरतिरिक्ख० पुच्छा, गोयमा ! दुविहा प०, तंजहा-पज्जत्तग० अपज्जत्तग०, एवं गब्भवक्कंतिया वि, संमुच्छिमचउप्पयथलयर० वि एवं चेव, एवं गम्भवक्कंतिया वि, एवं जाव संमुच्छिमसहयर० गम्भवक्कंतिया य, एक्केक्के पज्जत्तगा य अपज्जत्तगा य भाणियव्वा / संमुच्छिममणुस्सपंचिदिय० पुच्छा, गोयमा ! एगविहा प०, अपज्जत्तगा चेव / गम्भवक्कंतियमणुस्सपंचिदिय० पुच्छा, गोयमा ! दुविहा प० तंजहा-पज्जत्तगगम्भवक्कंतियावि अपज्जत्तगगब्भवक्कंतियावि / असुरकुमारभवणवासिदेवाणं पुच्छा, गोयमा ! दुविहा प०, तंजहा-पज्जसगअसुरकुमार० अपज्जसगअसुर०, एवं जाव थणियकुमारा पज्जत्तगा अपज्जत्तगा य / एवं एएणं अभिलावेणं दुयएणं भेएणं पिसाया जाव गंधव्वा, चंदा जाव ताराविमाणा सोहम्मकप्पोवगा जाव अच्चुओ, हिट्ठिमहिटिमगेविज्जकप्पाईय० जाव उवरिम. उवरिमगेविज्ज०,एवं विजयअणुसरोजाव अपराजिय०, सव्वदसिद्धकप्पाईय० पुच्छा, गोयमा ! दुविहा प० तंजहा-पज्जत्तगसव्वट्ठसिद्ध अणुत्तरो० अपज्जत्तगसम्वट्ठ० जाव परिणया वि, 2 दंडगा। जे अपज्जत्ता सुहुमपुढविकाइयएगिदियपओगपरिणया ते ओरालियतेयाकम्मासरीरप्पओगपरिणया जे पज्जत्ता सुहम० जाव परिणया ते ओरालियतेयाकम्मासरीरप्पओगपरिणया एवं जाव चरिदिया पज्जत्ता, णवरं जे पज्जत्ताबायरवाउकाइयएगिदियपओगपरिणया ते ओरालियवेउवियतेयाकम्मासरीरपओगपरिणया, सेसं तं चेव / जे अपज्जत्तरयणप्पभापुढविणे रइयचिदियपओगपरिणया ते वेउव्वियतेयाकम्मासरीरप्पओगपरिणया, एवं पज्जत्तगा वि, एवं जाव अहेसत्तमा / जे अपज्जत्तगसंमु. च्छिमजलयर जाव परिणया ते ओरालियतेयाकम्मासरीरप्पओगपरिणया एवं पज्जत्तगा वि, गम्भवक्कंतिय अपज्जत्तगा एवं चेव, पज्जत्तगा गं एवं चेव, णवरं सरीरगाणि चत्तारि जहा बायरवाउक्काइयाणं पज्जत्तगाणं, एवं जहा जलयरेसु चत्तारि आलावगा भणिया एवं चउप्पयउरपरिसप्पभुयपरिसप्पखहयरे सुवि चत्तारि आलावगा भाणियव्वा / जे संमुच्छिममणुस्स. पंचिदियपओगपरिणया ते ओरालियतेयाकम्मासरीरप्पओगपरिणया, एवं गन्भवतियावि . अपज्जत्तगा, पज्जत्तगावि एवं चेव, णवरं सरीरगाणि पंच भाणियवाणि / जे अपज्जत्ता असुरकुमारभवणवासि जहा णेरइया तहेव, Page #603 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 590 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि एवं पज्जत्तगावि, एवं दुयएणं भेएणं जाव थणियकुमारा, एवं पिसाया जाव . गंधव्वा, चंदा जाव ताराविमाणा, एवं सोहम्मकप्पो० जाव. अच्चुओ हेटिम 2 गेवेज्जग जाव उवरिम 2 गेवज्जग, विजयअणुत्तरोववाइय० जाव सव्व. दृसिद्धअणु० एक्केकेणं दुयओ भेओ भाणियन्वो जाव जे पज्जत्तसव्वट्ठसिद्ध. अणुत्तरोववाइय जाव परिणया ते वेउवियतेयाकम्मासरीरपओगपरिणया, दंडगा 3 / जे अपज्जत्ता सुहुमपुढविकाइयएगिदिय पओगपरिणया ते फासिदिय. पओगपरिणया जे पज्जत्ता सुहमपुढविकाइया एवं चेव, जे अपज्जत्ता बायरपुढ विक्काइया एवं चेव, एवं पज्जत्तगावि, एवं चउक्कएणं भेएणं जाव वणस्स. इकाइया। जे अपज्जता बेइंदिघपओगपरिणया ते जिभिदियफासिदियपओग. परिणया जे पज्जत्ता बेइंदिया एवं चेव, एवं जाव चउरिदिया णवरं एककेक्कं इंदियं वड्ढेयव्वं / जे अपज्जत्ता रयणप्पमापुढविणेरइयचिदियपओगपरिणया ते सोइंदियचक्खिदियघाणिदियजिभिदियफासिदियपओगपरिणया, एवं पज्जत्त. गावि, एवं सब्वे भाणियव्वा, तिरिक्खजोणिय मणुस्स देवा जाव जे पज्जत्ता सव्वट्ठसिद्धअणुत्तरोववाइय जाव परिणया ते सोइंदियचक्खिदिय जाव परिणया 4 / जे अपज्जत्ता सुहमपुढविकाइयएगिदियओरालियतेयाकम्मासरीरप्पओगपरिणया ते फासिदियपओगपरिणया जे पज्जत्ता सुहम० एवं चेव, बायरअपज्जता एवं चेव, एवं पज्जतगावि, एवं एएणं अभिलावेणं जस्स जइ इंदियाणि सरीराणि य ताणि भाणियवाणि जाव जे पज्जत्ता सव्वदृसिद्ध अणुत्तरोववा. इय जाव देवपंचिदियवेउव्वियतेयाकम्मासरीरपओगपरिणया ते सोइंदियचविख. दिय जाव फासिदियपओगपरिणया 5 / जे अपज्जत्ता सुहमपुढविकाइयएगिदियपओगपरिणया ते वण्णओ कालवण्णपरिणयावि णील० लोहिय० हालिद्द० सुक्किल्ल०, गंधओ सुब्भिगंधपरिणयावि दुन्भिगंधपरिणयावि, रसओ तित्तरस. परिणयावि कडुयरसपरिणयावि कसायरसप० अंबिलरसप० महुररसप०, फासओ कक्खडफासपरि० जाव लुक्खफासपरि०, संठाणओ परिमंडलसंठाणपरिणयावि वट्ट-तंस-चउरंस-आयय-संठाणपरिणयावि, जे पज्जत्ता सुहुमपुढवि एवं चेव, एवं जहाणुपुव्वीए णेयव्वं जाव जे पज्जत्ता सव्वट्ठसिद्धअणुत्तरोववाइय जाव परिणया ते वण्णओ कालवण्णपरिणयावि जाव आययसंठाणपरिणयावि 6 / जे अपज्जत्ता सुहुमपुढवि० एगिदियओरालियतेयाकम्मासरीरपओगपरिणया ते Page #604 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 8 उ. 1 591 वण्णओ कालवण्णपरि० जाव आययसंठाणपरि०, जे पज्जता सुहुमपुढवि. एवं चेव, एवं जहाणुपुवीए णेयव्वं जस्स जइ सरीराणि जाव जे पज्जत्ता सव्वट्ठसिद्धअणुत्तरोववाइय० देवपंचिदियवेउवियतेयाकम्मासरीरप्पओगपरि. गया ते वण्णओ कालवण्णपरिणयावि जाव आययसंठाणपरिणयावि 7 / जे अपज्जता सुहुमपुढविकाइयगिदियफासिदियपओगपरिणया ते वण्णओ कालवण्णपरिणयावि जाव आययसंठाणपरिणयावि, जे पज्जत्ता सुहमपुढवि० एवं चेव, एवं जहाणुपुटवीए जस्स जइ इंदियाणि तस्स तइ भाणियव्वाणि जाव जे पज्जत्ता सव्वसिद्धअणुत्तरो० देवपंचिदियसोइंदिय जाव फासिदियपओगपरिणया ते वण्णओ कालवण्णपरिणयावि जाव आययसंठाणपरिणयावि 8 / जे अपज्जत्ता सुहुमपुढविक्काइयएगिदियओरालियतेयाकम्माफासिदियपओगपरिणया ते वण्णओ कालवण्णपरिणयावि जाव आयसंठाणप०, जे पज्जत्ता सुहमपुडवि० एवं चेव, एवं जहाणुपुव्वीए जस्स जइ सरीराणि इंदियाणि य तस्स तइ भाणियव्वाणि जाव जे पज्जत्ता सव्वट्ठसिद्धअणुत्तरोववाइय जाव देवपंचिदियवेउब्वियतेयाकम्मासोइंदिय जाव फासिदियपओगपरिणया ते वण्णओ कालवण्णपरि० जाव आययसंठाणपरिणयावि, एवं एए णव दंडगा 6 // 30 // मीसापरिणया गं भंते ! पोग्गला कइविहा पण्णता ? गोयमा ! पंचविहा पण्णत्ता, तंजहा-एगिदियमीसापरिणया जाव पंचिदियमीसापरिणया। एगिदियमीसापरिणया गं भंते ! पोग्गला कइविहा पण्णत्ता ? एवं जहा पओगपरि. णएहिं णव दंडगा भणिया एवं मीसापरिणएहिं वि णव दंडगा भाणियन्वा, तहेव सव्वं णिरवसेसं, णवरं अभिलावो मीसापरिणया भाणियव्वं, सेसं तं चेव, जाव जे पज्जता सव्वदृसिद्धअणुत्तरो. जाव आययसंठाणपरिणयावि // 310 // वीससापरिणया णं भंते ! पोग्गला कइविहा पण्णत्ता ? गोयमा ! पंचविहा पग्णत्ता, तंजहा-वण्णपरिणया गंधपरिणया रसपरिणया फासपरिणया संठाण. परिणया / जे वण्णपरिणया ते पंचविहा पण्णत्ता, तंजहा-कालवण्णपरिणया जाव सुक्किल्लवण्णपरिणया, जे गंधपरिणया ते दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-सुब्भिगंधपरिणयावि दुन्भिगंधपरिणयावि, एवं जहा पण्णवणाए तहेव गिरवसेसं जोव जे संठाणओ आययसंठाणपरिणया ते वण्णओ कालवण्णपरिणयावि जाव लुक्खफासपरिणयावि // 311 // एगे भंते ! दव्वे कि पओगपरिणए मीसा Page #605 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 592 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि परिणए वीससापरिणए ? गोयमा ! पओगपरिणए वा मीसापरिणए वा बीससापरिणए वा / जइ पओगपरिणए कि मणप्पओगपरिणए वइप्पओग. परिणए कायप्पओगपरिणए ? गोयमा ! मणप्पओगपरिणए वा वदप्पओग. परिणए वा कायप्पओगपरिणए वा / जइ मणप्पओगपरिणए कि सच्चमणप्प. ओगपरिणए मोसमणप्पओग० सच्चामोसमणप्पओ० असच्चामोसमणप्पओ० ? गोयमा ! सच्चमणप्पओगपरिणए वा मोसमणप्पओग० सच्चामोसमणप्प. असच्चामोसमणप्प०वा। जइ सच्चमणप्पओगप०कि आरंभसच्चमणप्पओ०अणारंभसच्चमणप्पओगपरि० सारंभसच्चमणप्पओग० असारंभसच्चमण समारंभ. सच्चमणप्पओगपरि० असमारंभसच्चमणप्पओगपरिणए ? गोयमा ! आरंभ. सच्चमणप्पओगपरिणए वा जाव असमारंभसच्चमणप्पओगपरिणए वा / जइ मोसमणप्पओगपरिणए कि आरंभमोसमणप्पओगपरिणए वा ? एवं जहा सच्चेणं तहा मोसेण वि, एवं सच्चामोसमणप्पओगेणवि, एवं असच्चामोसमण. प्पओगेणवि / जइ वइप्पओगपरिणए कि सच्चवइप्पओगपरिणए मोसवइ. प्पओगपरिणए ? एवं जहा मणप्पओगपरिणए तहा वइप्पओगपरिणएवि जाव असमारंभवइप्पओगपरिणए वा / जइ कायप्पओगपरिणए कि ओरालियसरीरकायप्पओगपरिणए ओरालियमीसासरीरकायप्पओ० वेउब्वियसरीर. कायप्पओ० वेउव्वियमीसासरीरकायप्पओगपरिणए आहारगसरीरकायप्पओग. परिणए आहारगमीसासरीरकायप्पओगपरिणए कम्मासरीरकायप्पओगपरिणए ? गोयमा ! ओरालियसरीरकायप्पओगपरिणए वा जाव कम्मासरीरकायप्पओगपरिणए वा / जइ ओरालियसरीरकायप्पओगपरिणए कि एगिदियओरालिय. सरीरकायप्पओगपरिणए एवं जाव पंचिदियओरालिय जाव परि० ? गोयमा ! एगिदियओरालियसरीरकायप्पओगपरिणए वा बेइंदिय जाव परिणए वा जाव चिदिय जाव परिणए वा / जइ एगिदियओरालियसरीरकायप्पओगपरिणए कि पुढविक्काइयएगिदिय जाव परिणए ? जाव वणस्सइकाइयएगिदियओरालिय. सरीरकायप्पओगपरिणए ? गोयमा ! पुढविक्काइयएगिदिय जाव परिणए वा जाव वणस्सइकाइयएगिदिय जाव परिणए वा / जइ पुढविक्काइयएगिदिय. ओरालियसरीर जाव परिणए कि सुहमपुढविक्काइय जाव परिणए बायरपुढवि. क्काइयएगिदिय जाव परिणए ? गोयमा ! सुहुमपुढविक्काइयएगिदिय जाव Page #606 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 8 उ. 1 593 परिणए वा बायरपुढविक्काइय जाव परिणए वा, जइ सुहमपुढविक्काइय जाव परिणए कि पज्जत्तंसुहमपुढवि जाव परिणए अपज्जत्तसुहमपुढवि जाव परिपए ? गोयमा ! पज्जतसुहुमपुढविक्काइय जाव परिणए वा अपज्जतसुहुमपुढविक्काइय जाव परिणए वा, एवं बायरावि, एवं जाव वणस्सइकाइयाणं बउक्कओ भेओ, बेइंदियते इंदियचरिदियाणं दुयओ भेओ पज्जतगाय अपज्जतगाय। जइ पंचिदियओरालियसरीरकायप्पओगपरिणए कि तिरिक्ख जोणियपंचिदियओरालियसरीरकायप्पओगपरिणए मणुस्सपंचिदिय जाव परिणए ? गोयमा ! तिरिक्खिजोणिय जाव परिणए वा मणुस्सपंचिदिय जाव परिणए वा / नइ तिरिक्खजोणिय जाव परिणए कि जलयरतिरिक्खजोणिय जाव परिणए श्ल. यरखहयर० एवं चउक्कओ भेओ जाव खहयराणं / जइ मणुस्सपंचिदिय जाव परिणए कि समुच्छिममणुस्सपंचिदिय जाव परिणए गब्भवक्कंतियमगुस्स जाव परिणए ? गोयमा ! दोसुवि। जइ गम्भवक्कंतियमणुस्स जाव परिणए कि पज्जत्तगम्भवतिय जाव परिणए अपज्जतगब्भवक्कंतियमणस्साँचदियओरालियसरीरकायप्पओगपरिणए ? गोयमा ! पज्जत्तगब्भवक्कंतिय जाव परिणए वा अपज्जत्तगब्भवक्कंतिय जाव परिणए वा 1 / जइ ओरालियमीसासरीरकायप्पओगपरिणए कि एगिदियओरालियमीसासरीरकायप्पओगपरिणए बेइंदिय जाव परिणए जाव पंचेंदियओरालिय जाव परिणए ? गोयमा ! एगिदियओरालिय एवं जहा ओरालियसरीरकायप्पओगपरिणएणं आलावगो भणिओ तहा ओरालियमीसासरीरकायप्पओगपरिणएणवि आलावगो भाणिययो, णवरं बायरवाउक्काइयगम्भवक्कतियपंचिदियतिरिक्खजोणियगब्भवक्कंतियमणुस्साणं एएसि णं पज्जत्तापज्जत्तगाणं सेसाणं अपज्जत्तगाणं 2 / जइ वेउव्वियसरीर. कायप्पओगपरिणए कि एगिदियवेउव्वियसरीरकायप्पओगपरिणए जाव पंचि. दियवेउब्वियसरीर जाव परिणए ? गोयमा ! एगिदिय जाव परिणए वा पाँचदिय जाव परिणए वा, जइ एगिदिय जाव परिणए कि वाउक्काइयएगिदिय जाव परिणए अवाउक्काइयएगिदिय जाव परिणए ? गोयमा ! वाउक्काइयएगिदिय जाव परिणए णो अवाउक्काइय जाव परिणए, एवं एएणं अभिलावेणं जहा ओगाहणसंठाणे वेउव्वियसरीरं भणियं तहा इहवि भाणियव्वं जाव पज्जत्त. सव्वट्ठसिद्धअणुत्तरोववाइयकप्पाईयवेमाणियदेवचिदियवेउव्वियसरीरकायप्प Page #607 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 594 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि ओगपरिणए वा अपज्जत्तसव्वदृसिद्ध० कायप्पओगपरिणए वा 3 / जइ वे उव्वियमीसासरीरकायप्पओगपरिणए कि एगिदियमीसासरीरकायप्पओगपरिणए जाव पंचिदियमीसासरीरकायप्पओगपरिणए ? एवं जहा वेउव्वियं तहा वेउव्वियमीसगंपि, णवरं देवणेरइयाणं अपज्जत्तगाणं सेसाणं पज्जत्तगाणं तहेव जाव णो पज्जत्तसव्वट्ठसिद्धअणुत्तरो० जाव पओग० अपज्जत्तसव्वदृसिद्धअणत्तरोववाइयदेवपंचिदियवेउब्वियमोसासरीरकायप्पओगपरिणए 4 / जइ आहारगसरीरकायप्पओगपरिणए कि मणुस्साहारगसरीरकायप्पओगपरिणए अमणुस्साहारग जाव प० ? एवं जहा ओगाहणसंठाणे जाव इंड्रिपत्तपमतसंजयसम्मद्दिटिपज्जत्तगसंखेज्जवासाउय जाव परिणए णो अणि डिपत्तपमत्तसंजयसम्महि द्विपज्जत्तसंखेज्जवासाउय जाव प० 5 / जइ आहारगमीसासरीरकायप्पओगप० कि मणस्साहारगमीसासरीर० ? एवं जहा आहारगं तहेव मीसगंपि णिरवसेसं भाणियव्वं 6 / जइ कम्मासरीरकायप्पओगप० कि एगिदियकम्मासरीरकायप्पओगप० जाव पंचिदियकम्मासरीर जाव प० ? गोयमा ! एगिदियकम्मासरीरकायप्पओ० एवं जहा ओगाहणसंठाणे कम्मगस्स भेओ तहेव इहावि जाव पज्जत्तसव्वटसिद्ध अणुतरोववाइय जाव देवपंचिदियकम्मासरीरकायप्पओगपरिणए वा अपज्जत्तसव्वदृसिद्धअणु० जाव परिणए वा 7 / जइ मीसापरिणए कि मणमीसापरिणए वइमीसापरिणए कायमीसापरिणए ? गोयमा ! मणमीसापरिणए वा वइमीसा० वा कायमीसापरिणए वा। जइ मणमीसापरिणए कि सच्चमणमीसापरिणए मोसमणमीसापरिणए ? जहा पओगपरिणए तहा मीसापरिणएवि भाणियव्वं णिरवसेसं जाव पज्जत्तसव्वदसिद्धअणुत्तरोववाइय जाव देवचिदियकम्मासरीरमीसापरिणए वा अपज्जतसव्वसिद्धअण० जाव कम्मासरीरमीसापरिणए वा / जइ वीससापरिणए कि वगणपरिणए गंधपरिणए रसपरिणए फासपरिणए संठाणपरिणए ? गोयमा ! वण्णपरिणए वा गंधपरिणए वा रसपरिणए वा फासपरिणए वा संठाणपरिणए वा, जइवण्णपरिणए कि कालवण्णपरिणए णील जाव सुविकल्लवण्णपरिणए ? गोयमा ! कालवण्णपरिणए वा जाव सुविकल्लवण्णपरिणए वा / जइ गंधपरिगए कि पुब्भिगंधपरिणए दुन्भिगंधपरिणए ? गोयमा ! सुब्भिगंधपरिणए वा दुन्भिगंधपरिणए वा / जइ रसपरिणए कि तित्तरसपरिणए 5, पुच्छा, गोयमा ! Page #608 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 8 उ. 1 तित्तरसपरिणए वा जाव महुररसपरिणए वा, जइ फासपरिणए कि कक्खडफासपरिणए जाव लुक्खफासपरिणए ? गोयमा | कक्खडफासपरिणए वा जाव लक्खफासपरिणए वा, जइ संठाणपरिणए पुच्छा, गोयमा! परिमंडलसंठाणपरिपए वा जाव आययसंठाणपरिगए वा॥३१२॥दो भंते ! दव्वा कि पओगपरिणया मीसापरिणय। वीससापरिणया ? गोयमा ! पोगपरिणया वा 1 मीसापरिणया वा 2 वीससापरिणया वा 3 अहवा एगे पोगपरिणए एगे मीसापरिणए 4 भहवेगे पोगप० एगे वीससापरि० 5 अहवा एमे मीसापरिणए एगे वीससापरिपए एवं 6 / जइ पओगपरिणया कि मणप्पओगपरिणया वइप्पओग० कायप्पमोगपरिणया? गोयमा ! मणप्पओ० वइप्पओगप०कायप्पओगपरिणया वा अहवेगे मणप्पओगप०एगे वइप्पओगप०अहवेगे मणप्पओगपरिणए एगे कायप०, अह वेगे वइप्पओगप० एगे कायप्पओगपरि०, जई मणप्पओगप० कि सच्चमणप्पओगप० 4 ? गोयमा ! सच्चमणप्पओगपरिणया वा जाव असच्चामोसमणप्पओगप० बा 1 अहवा एगे सच्चमणप्पओगपरिणए एगे मोसमणप्पओगपरिणए 1 अहवा एगे सच्चमणप्पओगप० एगे सच्चामोसमणप्पओगपरिणए 2 अहवा एगे सच्चमणप्पओगपरिणए एगे . असच्चामोसमणप्पओगपरिणए 3 अहवा एगे मोसमणप्पओगप० एगे सच्चामोसमणप्पओगप० 4 अहवा एगे मोसमणप्प. भोगप० एगे असच्चामोसमणप्पओगप० 5 अहवा एगे सच्चामोसमणप्पओगप० एगे असच्चामोसमणप्पओगप० 6 / जइ सच्चमणप्पओगप० कि आरंभसच्च. मणप्पओगपरिणया जाव असमारंभसच्चमणप्पओगप० ? गोयमा ! आरंभ. * सच्चमणप्पओगपरिणया वा जाव असमारंभसच्चमणप्पओगपरिणया वा,अहवा एगे आरंभसच्चमणप्पओगप०. एगे अणारंभसच्चमणप्पओगप० एवं एएणं गम. एणं दुयसंजोएणं णेयव्वं, सव्वे संजोगा जत्थ जत्तिया उठेति ते भाणियव्वा नाव सम्वसिद्धगइ / जइ मीसाप० कि मणमीसाप० ? एवं मीसापरि० वि। जइ वीससापरिणया कि वग्णपरिणया गंधपः ? एवं वीससापरिणयावि जाव अहवा एगे चउरंससंठाणपरि० एगे आययसंठाणपरिणए वा / तिणि भंते ! दव्वा कि पओगपरिणया मीसाप० वीससाप० ? गोयमा ! पओगपरिगया वा मीसापरिणया वा वीससापरिणया वा। अहवा एगे पओगपरिगए दो मीसा. 501 अहवेगे पओगपरिणए दो वीससाप० 2 अहवा दो पओगपरिणया एगे Page #609 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 596 अंग-पविट्ट सुत्ताणि मीससापरिणए 3 अहवा दो पओगप० एगे वीससाप० 4 अहवा एगे मीसापरिगए दो वीससाप० 5 अहवा दो मीससाप० एगे वीससाप० 6 अहवा एगे पओ. गप० एगे मीसापरि० एगे वीससाप० 7 / जइ पओगप० किं मणप्पओगपरिणया वइप्पओगप० कायप्पओगप० ? गोयमा ! मणप्पओगपरिणया वा एवं एक्कगसंजोगो दुयासंजोगो तियासंजोगो भाणियव्वो / जइ मणप्पओगपरिः किं सच्चमणप्पओगपरिणया 4 ? गोयमा ! सच्चमणप्पओगपरिणया वा जाव असच्चामोसमणप्पओगपरिणया वा 4, अहवा एगे सच्चमणप्पओगपरिणए दो मोसमणप्पओगपरिणयावा, एवं दुयासंजोगो तियासंजोगो भाणियव्वो, एत्थवि तहेव जाव अहवा एगे तंससंठीणपरिणए वा एगे चउरंससंठाणपरिणए वा एगे आययसंठाणपरिणए वा / चत्तारि भंते ! ,दव्वा कि पओगपरिणया 3 ? गोयमा ! पओगपरिणया वा मीसापरिणया वा वीससापरिणया वा, अहवा एगे पओगपरिणए तिणि मीसापरिणया 1 अहवा एगे पओगपरिणए तिणि वीससापरिणया 2 अहवा दो पओगपरिणया दो मीसापरिणया 3 अहवा दो पओगपरिणया दो वीससापरिणया 4 अहवा तिण्णि पओगपरिणया एगे मीससापरिणए 5 अहवा तिण्णि पओगपरिणया एगे वीससापरिणए 6 अहवा एगे मीससापरिणए तिण्णि वीससापरिणया 7 अहवा दो मीसापरिणया दो वीससापरिणया 8 अहवा तिण्णि मीसापरिणया एगे वीससापरिणए 6 अहवा एगे पओगपरिणए एगे मीसा परिणए दो वीससा परिणया 1 अहवा एगे पओगपरिणए दो मीसापरिणया एगे वीससापरिणए 2 अहवा दो पओगपरिगया एगे मीसापरिणए एगे वीससापरिणए 3 / जइ पओगपरिणया कि मणप्पओगपरिणया 3? एवं एएणं कमेणं पंच छ सत्त जाव दस संखेज्जा असंखेज्जा अणंता य दव्वा भाणियव्वा दुयासंजोएणं तियासंजोएणं जाव दससंजोएणं बारससंजोएणं उवजंजिऊणं जत्थ जत्तिया संजोगा उठेति ते सव्वे भाणियव्वा, एए पुण जहा णवमसए पवेसणए भणिहामो तहा उवजुंजिऊण भाणियव्वा जाव असंखेज्जा अणंता एवं चेव, णवरं एक्कं पयं अब्भहियं, जाव अहवा अणता परिमंडलसंठाणपरिणया जाव अणंता आययसंठाणपरिणया // 313 // एएसि णं भंते ! पोग्गलाणं पओगपरिणयाणं मीसापरिणयाणं वीससापरिणयाणं य Page #610 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 8 उ. 2 597 कयरे 2 हितो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा पोग्गला पओग. परिणया मीसापरिणया अगंतगुणा घीससापरिणया अगंतगुणा / सेबं भंते ! सेवं भंते ! त्ति // 314 // ___ अट्टमं सयं बीओ उद्देसो ___ कइविहा णं भंते ! आसोविसा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा आसीविसा पण्णत्ता, तंजहा-जाइआसीविसा य फम्मआसीविसा य / जाइआसोविसा गं भंते ! कइविहा प० ? गोयमा ! चउन्विहा प०, तंजहा-विच्छुयजाइआसी. विसे मंडुक्कजाइआसीविसे उरगजाइआसीविसे मणुस्सजाइआसीविसे / विच्छ्यजाइआसीविसस्स णं भंते ! केवइए विसए पण्णते ? गोयमा! पभू णं विच्छ्यजाइसीविसे अद्धभरहप्पमाणमेत्तं बोंदि विसेणं विसपरिगयं विसट्टमाणं पकरेत्तए, विसए से विसट्टयाए णो चेव णं संपत्तीए करेंसु वा करेंति वा करिस्संति वा 1 / मंडुक्कजाइआसीविसपुच्छा, गोयमा ! पभू णं मंडुक्कजाइआसीविसे भरहप्पमाणमेत्तं बोंदि विसेणं विसपरिगयं सेसं तं चेव जाव करेस्संति वा 2 / एवं उरगजाइआसीविसस्सवि णवरं जंबुद्दीवप्पमाणमेतं बोंदि विसेणं विसपरि. गयं सेसं तं चेव जाव करेस्संति वा 3, मणुस्सजाइआसीविसस्सवि एवं चेव गवरं समयखेत्तप्पमाणमेत्तं बोंदि विसेणं विसपरिगयं सेसं तं चेव जाव करेस्संति वा 4 / जइ कम्मआसीविसे कि गेरइयकम्मआसीविसे तिरिक्खजोणियकम्मआसी. विसे मणुस्सकम्मआसीविसे देवकम्मआसीविसे ? गोयमा ! णो णेरइयकम्मासीविसे तिरिक्खजोणियकम्मासीविसेवि मणुस्सकम्मा० देवकम्मासी०, जइ तिरिक्खजोणियकम्मासीविसे कि एगिदियतिरिक्खजोणियकम्मासीविसे जाव चिदियतिरिक्ख जोणियकम्मासीविसे ? गोयमा ! णो एगिदियतिरिक्ख. जोणियकम्मासीविसे जाव णो चरिदियतिरिक्खजोणियकम्मासीविसे, पाँचदियतिरिक्ख जोणियकम्मासीविसे / जइ पंचिदियतिरिक्खजोणियकम्मासीविसे कि समुच्छिमपंचिदियतिरिक्खजोणियकम्मासीविसे गब्भवक्फतियपंचिदियतिरिक्खजोणियकम्मासीविसे ? एवं जहा वेउब्वियसरीरस्स भेओ जाव पज्जत्तासंखेज्जवासाउयगम्भवक्कंतियपंचिदियतिरिक्खजोणियकम्मासीविसे णो अपज्जत्तासंखेज्जवासाउय जाव कम्मासीविसे। जइ मणुस्सकम्मासीविसे कि समुच्छिममणुस्सकम्मासीविसे गम्भवक्कंतियमणुस्सकम्मासीविसे ? गोयमा ! णो संमु. Page #611 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 598 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि च्छिममणुस्सकम्मासीविसे गब्भवक्कंतियमणुस्सकम्मासीविसे एवं जहा वैउवियसरीरं जाव पज्जत्तसंखेज्जवासाउयकम्मभूमिगगब्भवक्कंतियमणसकम्मा. सीविसे णो अपज्जत्ता जाव कम्मासीविसे / जइ देवकम्मासीविसे कि भवणवासिदेवकम्मासीविसे जाव वेमाणियदेवकम्मासीविसे ? गोयमा | भवणवासिदेवकम्मासीविसे वाणमंतर० जोइसिय० वेमाणियदेवकम्मासीविसेवि, जइ भवणवासिदेवकम्मासीविसे कि असुरकुमारभवणवासिदेवकम्मासीविसे जाव थणियकुमार जाव कम्मासीविसे ? गोयमा ! असुरकुमारभवणवासिदेवकम्मासीविसेवि जाव थणियकुमार० आसीविसेवि, जइ असुरकुमार जाव कम्मासीविसे कि पज्जत्तअसुरकुमार जाव कम्मासोविसे अपज्जत्तअसुरकुमारभवणवासिदेवकम्मासीविले ? गोयमा ! णो पज्जत्तअसुरकुमार जाव कम्मासीविसे अपज्जतअसुरकुमारभवणवासिदेवकम्मासीविसे,एवं थणियकुमाराणं। जइ वाण. मतरदेवकम्मासोविसे कि पिसायवाणमंतर० एवं सव्वेसिपि अपज्जतगाणं, जोइसियाणं सन्वेसि अपज्जतगाणं / जइ वेमाणियदेवकम्मासीविसे कि कप्पोवगवेमाणियदेवकम्मासीविसे कप्पाईयवेमाणिय देवकम्मासीविसे ? गोयमा ! कप्पोवगवेमाणियदेवकम्मासीविसे जो कप्पाईयवेमाणियदेवकम्मासीविसे, जइ कप्पोवगवेमाणियदेवकम्मासीविसे कि सोहम्मकप्पोव. जाव कम्मासीविसे जाव अच्चुयकप्पोवग जाव कम्मासीविसे ? गोयमा ! सोहम्मकप्पोवगवेमाणियदेवकम्मासीविसेवि जाव सहस्सारकप्पोवगवेमाणियदेवकम्मासी. विसेवि, णो आणयकप्पोवग० जाव णो अच्चुयकप्पोवगवेमाणियदेव०, जइ सोहम्मकप्पोवग जाव कम्मासीविसे कि पज्जतसोहस्मकप्पोवग. वेमाणिय० अपज्जत्तगसोहम्मक. ? गोयमा ! णो पज्जत्तसोहम्मकप्पोवगवेमाणिय० अपज्जत्तसोहम्मकप्पोवगवेमाणियदेवकम्माप्तीविसे, एवं जाव जो पज्जत्तसहस्सारकप्पोवगवेमाणियदेवकम्मासीविसे, अपज्जत्तसहस्सारकप्पोवग जाव कम्मासीविसे // 315 // दस ठाणाई छउमत्थे सव्व भावेणं ण जाणइ ण पासइ, तंजहा-धम्मस्थिकायं 1 अधम्मत्थिकायं 2 आगासत्थिकायं 3 जीवं असरीरपडिबद्धं 4 परमाणुपोग्गलं 5 सई 6 गंध 7 वायं 8 अयं जिणे भविस्सइ ण वा भविस्सइ 6 अयं सव्वदुक्खाणं अंतं करिस्सइ ण वा करेस्सइ 10 / एयाणि चेव उप्पण्णणागदसणधरे अरहा जिणे केवली Page #612 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 8 उ. 2 599 सव्वभावेणं जाणइ पासइ, तंजहा-धम्मस्थिकायं जाव करेस्सइ ण वा करेस्सइ // 316 // कई विहे गं भंते ! गाणे पण्णत्ते ? गोयमा ! पंचविहे गाणे पण्णत्ते, तंजहा-आभिणिबोहियणाणे सुयणाणे ओहिणाणे मणपज्जवणाणे केवलणाणे / से किं तं आभिणिबोहियणाणे ? आभिणिबोहियणाणे चउविहे पण्णत्ते, तंजहा-उग्गहो ईहा अवाओ धारणा, एवं जहा रायप्पसेणइज्जे णाणाणं भेओ तहेव इह भाणियन्वो जाव सेत्तं केवलणाणे / अण्णाणे णं भंते ! कइविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! तिविहे पण्णत्ते, तंजहा-मइअण्णाणे सुयअण्णाणे विभंगणाणे / से कि तं मइअण्णाणे ? 2 चउविहे पण्णत्ते, तंजहा-उग्गहो जाव धारणा / से कि तं उग्गहे ? 2 दुविहे पण्णत्ते, तंजहा-अत्थोग्गहे य बंजणोग्गहे य, एवं जहेव आभिणिबोहियणाणं तहेव, णवरं एगद्वियवज्जं जाव णोइंदियधारणा, सेत्तं धारणा सेत्तं मइअण्णाणे / से कि तं सुयअण्णाणे ? 2 जं इमं अण्णाणिएहि मिच्छाद्दिटिएहि जहा गंदीए जाव चत्तारि वेया संगोवंगा, सेत्तं सुयअण्णाणे ! से कि तं विभंगणाणे ? 2. अणेगविहे पण्णत्ते, तंजहागामसंठिए णयरसंठिए जाव संणिवेससंठिए दीवसंठिए समुद्दसंठिए वाससंठिए वासहरसंठिए पव्वयसंठिए रुक्खसंठिए थुभसंठिए हयसंठिए गवसंठिए णरसंठिए किणरसंठिए किंपुरिससंठिए महोरगसंठिए गंधव्वसंठिए उसभसंठिए पसुपसयविहगवाणरणाणासंठाणसंठिए पण्णत्ते / जीवा णं भंते ! कि णाणी अण्णाणी? गोयमा ! जीवा णाणीवि अण्णाणोवि, जेणाणी ते अत्थेगइया दुण्णाणी अत्यंगइया तिण्णाणी अत्थेगइया चउणाणी अत्थेगइया एगणाणी / जे दुण्णाणी ते आभिणिबोहियणाणी य सुयणाणी य, जे तिण्णाणी ते अभिणिबोहियणाणी सुयणाणी भोहिणाणी अहवा आभिणिबोहियणाणी सुयणाणी मणपज्जवणाणी, जे चउणाणी ते आभिणिबोहियणाणी सुयणाणी ओहिणाणी मणपज्जवणाणी, जे. एगणाणी ते णियमा केवलणाणी / जे अण्णाणी ते अत्थेगइया दुअण्णाणी अत्थे. गइया तिअण्णाणी, जे दुअण्णाणी ते मइअण्णाणी य सुयअण्णाणी य, जे तिअण्णाणी ते मइअण्णाणी सुयअण्णाणी विभंगणाणी / णेरइया णं भंते ! कि णाणी अण्णाणी ? गोयमा ! गाणीवि अण्णाणीवि / जे णाणी ते णियमा तिण्णाणी, तंजहा-आभिणिबोहि० सुयणाणी ओहिणाणी, जे अण्णाणी ते अत्थेगइया दुअण्णाणी अत्थेगइया तिअण्णाणी, एवं तिणि अण्णाणि भयणाए। असुरकुमारा गं भंते ! किं पाणी अण्णाणी ? जहेव रइया तहेव तिण्णि Page #613 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 600 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि गाणाणि णियमा, तिणि अण्णाणाणि भयणाए, एवं जाव थणियकुमारा / पुढविक्काइया गं भंते कि ! णाणी अण्णाणी ? गोयमा ! णो णाणी भण्णाणी, जे अण्णाणी ते णियमा दुअण्णाणी-मइअण्णाणी य सुयअण्णाणी य, एवं जाव वणस्सइकाइया / बेइंदियाणं पुच्छा, गोयमा ! गाणीवि अण्णाणीवि, ने णाणी ते णियमा दुग्णाणी, तंजहा-आमिणिबोहियणाणी य सुयणाणी य, जे अण्णाणी ते णियमा दुअण्णाणी तं०-मइ अण्णाणी सुयअण्णाणी, एवं तेइंदियचरिदियावि / पंचिदियतिरिक्खजो० पुच्छा, गोयमा ! गाणीवि अण्णाणीवि, जेणाणी ते अत्थे० दुष्णाणी अत्थे० तिण्णाणी एवं तिणि णाणाणि तिण्णि अण्णाणाणि य भयणाए / मणुस्सा जहा जीवा तहेव पंच णाणाणि तिण्णि अण्णाणि भयणाए / वाणमंतरा जहा णे. जोइसियवेमाणियाणं तिण्णि णाणाणि तिणि अण्णाणाणि णियमा / सिद्धा गं भंते ! पुच्छा, गोयमा ! णाणी गो अण्णाणी, णियमा एगणाणी केवलणाणी // 317 // णिरयगइया णं भंते ! जीवा कि गाणी अण्णाणी ? गोयमा ! गाणीवि अण्णाणीवि, तिण्णि णाणाई णियमा तिण्णि अण्णाणाई भयणाए / तिरियगइया णं भंते ! जीवा कि णाणी अण्णाणी ? गोयमा ! दो गाणा दो अण्णाणा णियमा / मणुस्सगइया णं भंते ! जीवा कि णाणी अण्णाणी ? गोयमा ! तिणि गाणाई भयणाए दो अण्णाणाई णियमा, देवगइया जहा णिरयगइया। सिद्धगइया गं भंते ! जीवा कि णाणी? जहा सिद्धा / सइंदिया णं भंते ! जीवा किणाणी अण्णाणी ? गोयमा ! चत्तारि णाणाई तिण्णि अण्णाणाई भयणाए / एगिदिया णं भंते ! जीवा कि णाणी०? जहा पुढविकाइया, बेइंदियतेइंदियचरिदियाणं दोणाणा दो अण्णाणा णियमा / पंचिदिया जहा सइंदिया। अणिदिया णं भंते ! जीवा कि णाणी ! जहा सिद्धा। सकाइया णं भंते ! जीवा कि णाणी अण्णाणी ? गोयमा! पंच णाणाई तिणि अण्णाणाई भयणाए / पुढविक्काइया जाव वणस्सइकाइया णो णाणी अण्णाणी णियमा दुअण्णाणी, तंजहा-मइअण्णाणी य सुयअण्णाणी य, तसकाइया जहा सकाइया / अकाइया गं भंते ! जीवा कि गाणी. ? जहा सिद्धा 3 / सुहुमा णं भंते ! जीवा कि गाणी० ? जहा पुढविक्काइया / बायरा णं भंते ! जीवा किं णाणी० ? जहा सकाइया / णोसुहुमाणोबायरा णं भंते ! जीवा० जहा सिद्धा 4 / पज्जता गं भंते ! जीवा किं णाणी ? जहा सका Page #614 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 601 भगवई स. 8 उ. 2 इया / पज्जत्ता णं भंते ! णेरइया कि गाणी. ? तिण्णि णाणा तिण्णि अण्णाणा णियमा जहा णेरइआ एवं जाव थणियकुमारा / पुढविकाइया जहा एगिदिया, एवं जाव चरिदिया। पज्जत्ताणं भंते ! पंचिदियतिरिक्खजोणिया कि णाणी अण्णाणी ? तिण्णि णाणा तिण्णि अण्णाणा भयणाए / मणुस्सा जहा सकाइया / वाणमंतरा जोइसिया वेमाणिया जहा रइया / अपज्जत्ता गं भंते ! जीवा कि णाणी. ? तिणि णाणा तिणि अण्णाणा भयणाए / अपज्जत्ता णं भंते ! रइया कि णाणी अण्णाणी ? तिणि णाणा णियमा तिण्णि अण्णाणा भयणाए, एवं जाव थणियकुमारा / पुढविक्काइया जाव वणस्सइकाइया जहा एगिदिया। बेइंदियाणं पुच्छा, वो णाणा दो अण्णाणा णियमा, एवं जाव पंचिदियतिरिक्खजोणियाणं / अपज्जत्तगा णं भंते ! मणस्सा कि णाणी अण्णाणी ? तिण्णि णाणाई. भयणाए दो अण्णाणाई णियमा। वाणमंतरा जहा ऐरइया, अपज्जत्तगाणं जोइसियवेमाणियाणं तिण्णि णाणा तिण्णि अण्णाणा णियमा। णोपज्जत्तगणोअपज्जतगा गं भंते ! जीवा कि णाणी० ? जहा सिद्धा 5 / णिरयभवत्था गं भंते ! जीवा किं णाणी अण्णाणी ? जहा णिरय. गइया / तिरियभवत्था णं भंते ! जीवा किं णाणी अण्णाणी ? तिण्णि णाणा तिणि अण्णाणा भयणाए / मणुस्सभवत्था पं० जहा सकाइया / देवभवत्था गं भंते ! जहा णिरयभवत्था / अभवत्था जहा सिद्धा 6 / भवसिद्धिया गं भंते ! जीवा किं णाणी ? जहा सकाइया / अभवसिद्धियाणं पुच्छा, गोयमा ! णो णाणी अण्णाणी तिणि अण्णाणाई भयणाए / णो भवसिद्धिया णो अभव. सिद्धिया णं भंते ! जीवा० जहा सिद्धा 7 / सण्णीणं पुच्छा, जहा सइंदिया, असण्णी जहा बेइंदिया, गोसण्णीणोअसण्णी जहा सिद्धा 8 // 318 // कइविहा णं भंते ! लद्धी पण्णत्ता ? गोयमा ! दसविहा लद्धी प०, तंजहा-णाणलद्धी 1 दंसणलद्धी 2 चरित्तलद्धी 3 चरित्ताचरित्तलद्धी 4 दाणलद्धी 5 लाभलद्धी 6 भोगलद्धी 7 उवभोगलद्धी 8 वीरियलद्धी 6 इंदियलद्धी 10 / णाणलद्धी गं भंते ! कइविहा प० ? गोयमा ! पंचविहा प०, तंजहा-आभिणिबोहिय. णाणलद्धी जाव केवलणाणलद्धी / अण्णाणलद्धी णं भंते ! कइविहा प० ? गोयमा ! तिविहा 50, तंजहा-मइअण्णाणलद्धी सुयअण्णाणलद्धी विभंगणाण. लद्धी / दसणलद्धी णं भंते ! कइविहा प० ? गोयमा ! तिविहा प०, तंजहा Page #615 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 602 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि सम्मईसणलद्धी मिच्छादसणलद्धी सम्मामिच्छादसणलद्धी / चरित्तलद्धी गं भंते ! कइविहा प० ? गोयमा ! पंचविहा प० तंजहा-सामाइयचरित्तलद्धी छेदोवट्ठावणियचरित्तलद्धी परिहारविसुद्धचरित्तलद्धी सुहुमसंपरायचरित्तलद्धी अहक्खायचरित्तलद्धी / चरित्ताचरित्तलद्धी गं भंते ! कइविहा प० ? गोयमा ! एगागारा 50, एवं जाव उवभोगलद्धी एगागारा प० / वीरियलद्धी गं भते ! कइविहा प० ? गोयमा ! तिविहा प०, तंजहा-बालवीरियलद्धी पंडियवीरि. यलद्धी बालपंडियवीरियलद्धी / इंदियलद्धी णं भंते ! कइ विहा प० ? गोयमा! पंचविहा प०, तंजहा-सोइंदियलद्धी जाव फासिदियलद्धी। णाणलद्धिया णं भंते ! जीवा कि गाणी अण्णाणी ? गोयमा ! णाणी णो अण्णाणी, अत्थेगइया दुग्णाणी, एवं पंच णाणाई भयणाए / तस्स अलद्धिया गं भंते ! जीवा कि णाणी अण्णाणी ? गोयमा ! णो णाणी अण्णाणी अत्थेगइया दुअण्णाणी अण्णाणाई भयणाए / आभिणिबोहियणाणलद्धिया गं भंते ! जीवा किं पाणी अण्णाणी ?. गोयमा ! णाणी णो अण्णाणी, अत्थेगइया दुष्णाणी चत्तारि णाणाई भयणाए / तस्स अलद्धिया गं भंते ! जीवा कि णाणी अण्णाणी ? गोयमा! णाणीवि अण्णाणीवि, जेणाणी ते णियमा एगणाणी केवलणाणी, जे अण्णाणी ते अत्थेगइया दुअण्णाणी तिण्णि अण्णाणाई भयणाए / एवं सुयणाणलद्धियावि, तस्स अलद्धियावि जहा आभि. णिबोहियणाणस्स लद्धिया। ओहिणाणलद्धियाणं पुच्छा ? गोयमा ! णाणी णो अण्णाणी, अत्थेगइया तिण्णाणी अत्थेगइया चउणाणी, जे तिण्णाणी ते आभि. णिबोहियणाणी सुयणाणी ओहिणाणी, जे चउणाणी ते आभिणिबोहियणाणी सुय० ओहि०मणपज्जवणाणी। तस्स अलद्धिया णं भंते ! जीवा कि णाणी० ? गोयमा ! णाणीवि अण्णाणीवि / एवं ओहिणाणवज्जाइं चत्तारि णाणाई तिष्णि अण्णाणाई भयणाए / मणपज्जवणाणलद्धियाणं पुच्छा, गोयमा ! णाणी णो अण्णाणी, अत्थेगइया तिग्णाणी अत्थेगइया चउणाणी, जे तिण्णाणी ते आभिणिबोहियणाणी सुयणाणी मणपज्जवणाणी, जे चउणाणी ते आभिणिबोहियणाणी सुयणाणी ओहिणाणी मणपज्जवणाणी, तस्स अलद्धियाणं पुच्छा, गोयमा ! णाणीवि अण्णाणीवि, मणपज्जवणाणवज्जाइं चत्तारि णाणाई, तिण्णि अण्णा. णाई भयणाए / केवलणाणलद्धिया णं भंते ! जीवा कि णाणी अण्णाणी ? Page #616 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 8 उ. 2 603 गोयमा ! णाणी णो अण्णाणी, णियमा एगणाणी केवलणाणी / तस्स अलद्धियाणं पुच्छा, गोयमा ! णाणीवि अण्णाणीवि, केवलणाणवम्जाइं चत्तारि णाणाई तिण्णि अण्णाणाई भयणाए / अग्णाणलद्धियाणं पुच्छा, गोयमा ! णो णाणी अण्णाणी, तिण्णि अण्णाणाई भयणाए, तस्स अलद्धियाणं पुच्छा गोयमा ! णाणी जो अण्णाणी, पंच णाणाई भयगाए जहा अण्णाणस्स लद्धिया अलद्धिया य मणिया एवं मइअण्णाणस्स सुयअण्णाणस्स य लद्धिया अलद्धिया य भाणियव्वा / विभंगणाणलद्धियाणं तिणि अण्णाणाई णियमा, तस्स अलद्धियाणं पंच णाणाई भयणाए दो अण्णाणाई णियमा / दंसणलद्धिया गं भंते ! जीवा कि गाणी अण्णाणी ? गोयमा ! णाणीवि अण्णाणीवि, पंच णाणाई तिणि अण्णाई भय. णाए / तस्स अलद्धिया गं भंते ! जीवा कि णाणी अण्णाणी ? गोयमा ! तस्स अलद्धिया णस्थि / सम्मदंसणलद्धियाणं पंच णाणाई भयणाए, तस्स अल. दियाणं तिणि अण्णाणाई भयणाए / मिच्छादसणलद्धिया णं भंते ! पुच्छा, णो णाणी अण्णाणी, तिणि अण्णाणाई भयणाए, तस्स अलद्धियाणं पंच णाणाई तिण्णि य अण्णाई भयणाए, सम्मामिच्छादसणलद्धिया अलद्धिया य जहा मिच्छादसणलद्धिया अलखिया तहेव भाणियव्वा / चरित्तलद्धिया णं भंते ! जीवा कि णाणी अण्णाणी ? गोयमा ! पंच णाणाई भयणाए, तस्स अलद्धियाणं मणपज्जवणाणवज्जाइं चत्तारि णाणाइं तिणि य अण्णाणाई भयणाएं / सामाइयचरित्तलद्धिया गं भंते ! जीवा कि णाणी अण्णाणी ? गोयमा ! गाणी० केवलवज्जाइं चत्तारि णाणाई भयणाए, तस्स अलद्धियाणं पंच णाणाई तिण्णि य अण्णाणाई भयणाए, एवं जहा सामाइयचरित्तलद्धिया अलद्धिया य भणिया एवं जीव अहक्खायचरितलद्धिया अलद्धिया य भाणियव्वा, णवरं अहक्खायचरित्तलद्धियाणं पंच णाणाइंभ० ।चरित्ताचरित्तलद्धिया णं भंते ! जीवा कि णाणी अण्णाणी ? गोयमा ! णाणी णो अण्णाणी, अत्थेगइया दुण्णाणी अत्थेगइया तिण्णाणी, जे दुण्णाणी ते आभिणिबोहियणाणी य सुयणाणी य, जे तिण्णाणी ते आभि० सुयणाणी ओहिणाणी, तस्स अलद्धियाण पंच णाणाइं तिण्णि अण्णाणाइं भयणाए 4 / दाणलद्धियाणं पंच णाणाई तिष्णि अण्णाणाई भयणाए, तस्स अ० पुच्छा, गोयमा ! णाणी णो अण्णाणी, णियमा एगणाणी केवलणाणी / एवं जाव वीरियस्स लद्धि अलिद्धी य भाणि. यव्वा / बालवीरियलद्धियाणं तिणि णाणाई तिण्णि अण्णाणाई भयणाए, तस्स Page #617 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अग-पान अंग-पविट्ट सुत्ताणि अलद्धियाणं पंच णाणाई भयणाए / पंडियवीरियलद्धियाणं पंच णाणाई भयणाए, तस्स अलद्धियाणं मणपज्जवणाणवज्जाइं णाणाई अण्णाणाणि तिग्णि य भयणाए / बालपंडियवीरियलद्धिया गं भंते ! जीवा० तिणि णाणाई भय. णाए, तस्स अलद्धियाणं पंच णाणाई तिणि अण्णाणाई भयणाए / इंदियलद्धिया णं भंते ! जीवा कि णाणी अण्णाणी ? गोयमा ! चत्तारि णाणाई तिण्णि य अण्णाणाई भयणाए / तस्स अलद्धियाणं पुच्छा, गोयमा ! णाणी णो अण्णाणी णियमाएगणाणी केवलणाणी। सोइंदियलद्धियाणं जहा इंदियलद्धिया। तस्स अलद्धियाणं पुच्छा, गोयमा ! गाणीवि अण्णाणीवि, जेणाणी ते अत्थेगइया दुण्णाणी अत्थेगइया एगणाणी जे दण्णाणी ते आभिणिबोहियणाणी सुय. णाणी, जे एगणाणी ते केवलणाणी; जे अण्णाणी ते णियमा दुअण्णाणी, तंजहामइअण्णाणी य सुयअण्णाणी य। चक्खिदियघाणिदियलद्धियाणं अलद्धियाण य जहेव सोइंदियलद्धिया अलद्धिया य / जिभिदियलद्धियाणं चत्तारि गाणाई तिण्णि य अण्णाणाणि भयणाए, तस्स अलद्धियाणं पुच्छा, गोयमा ! णाणीवि अण्णाणीवि, जे णाणी ते णियमा एगणाणी केवलणाणी, जे अण्णाणी ते णियमा दुअण्णाणी, तंजहा-मइअण्णाणी य सुयअण्णाणी य / फासिदियलद्धियाणं अलद्धियाणं जहा इंदियलद्धिया य अद्धिया य // 316 // सागारोवउत्ता णं भंते ! जीवा कि णाणी अण्णाणी ? पंच णाणाइं तिण्णि अण्णाणाई भयणाए। आभिणिबोहियणाणसागारोवउत्ता णं भंते ! चत्तारि णाणाई भयणाए / एवं सुयणाणसागारोवउत्तावि / ओहिणाणसागारोवउत्ता जहा ओहिणाणलद्धिया, मणपज्जवणाणसागारोवउत्ता जहा मणपज्जवणाणलद्धिया, केवलणाणसागारो. वउत्ता जहा केवलणाणलद्धिया, मइअण्णाणसागारोवउत्ताणं तिणि अण्णाणाई भयणाए, एवं सुयअण्णाणसागारोवउत्तावि, विभंगणाणसागारोवउताणं तिण्णि अण्णाणाई णियमा / अणागारोवउत्ता णं भंते ! जीवा किं णाणी अण्णाणी ? पंच णाणाई तिण्णि अण्णाणाई भयणाए। एवं चक्खुदंसणअचक्खुदंसणअणागारोवउत्तावि, णवरं चत्तारि जाणाई तिण्णि अण्णाणाई भयणाए / ओहिदसण. अणागारोवउत्ताणं पुच्छा, गोयमा ! णाणीवि अण्णाणीवि, जेणाणी ते अत्थेगइया तिण्णाणी अत्थेगइया चउणाणी, जे तिण्णाणी ते आभिणिबोहियणाणी सुयगाणी ओहिणाणी, जे चउणाणी ते आभिणिबोहियणाणी जाव मण. पज्जवणाणी, जे अण्णाणी ते णियमा तिअण्णाणी, तंजहा-मइअण्णाणी सुय Page #618 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 8 उ. 2 605 अण्णाणी विभंगणाणी, केवलदंसणअणागारोवउत्ता जहा केवलणाणलद्धिया। सजोगी णं भंते ! जीवा किं णाणी. ? जहा सकाइया, एवं मणजोगी वइजोगी कायजोगीवि, अजोगी जहा सिद्धा / सलेस्सा णं भंते ! जीवा कि णाणी. ? जहा-सकाइया / कण्हलेस्सा णं भंते ! जहा सइंदिया, एवं जाव पम्हलेसा, सुक्कलेस्सा जहा सलेस्सा, अलेस्सा जहा सिद्धा / सकसाई गं भंते ! जहा सइंदिया, एवं जाव लोहकसाई / अकसाई गं भंते ! * ?पंच णाणाई भयणाए / सवेयगा णं भंते ! जहा सइंदिया, एवं इत्थिवेयगावि, एवं पुरिसवेयगावि, एवं णपुंसगवे०, अवेयगा जहा अकसाई / आहारगाणं भंते ! जीवा० ? जहा सकसाई णवरं केवलणाणंपि, अणाहारगा गं भंते / जीवा कि णाणी अण्णाणी ? मणपज्जवणाणवज्जाई णाणाई अण्णाणाणि य तिण्णि भयणाए // 320 // आभिणिबोहियणाणस्स णं भंते ! केवइए विसए पण्णत्ते ? गोयमा ! से समासओ चउविहे प०, तंजहा-दव्वओ खेत्तओ कालओ भावओ। दव्वओ णं आभिणिबोहियणाणी आएसेणं सव्वदव्वाइं जाणइ पासइ, खेत्तओ णं आभिणिबोहियणाणी आएसेणं सव्वखेत्तं जाणइ पासइ, एवं कालओवि, एवं भावओवि / सुयणाणस्स णं भंते ! केवइए विसए पण्णत्ते ? गोयमा ! से समासओ चउबिहे पण्णत्ते, तंजहा-दव्वओ 4, दव्वओ णं सुयणाणी उवउत्ते सव्वदव्वाइं जाणइ पासइ, एवं खेत्तओवि कालओवि, भावओणं सुयणाणो उवउत्ते सव्वभावे जाणइ पासइ / ओहिणाणस्स णं भंते ! केवइए विसए पण्णत्ते? गोयमा ! से समा. सओ चउविहे पण्णत्ते, तंजहा-दव्वओ 4, दन्वओ णं ओहिणाणी रूविदव्वाइं जाणइ पासइ जहा णंदीए जाव भावओ। मणपज्जवणाणस्स णं भंते ! केवइए विसए पण्णते ? गोयमा ! से समासओ चउविहे पण्णत्ते, तंजहादव्वओ 4, दव्वओणं उज्जुमई अणंते अणंतपएसिए जहा गंदीए जाव भावओ। केवलणाणस्स गं भंते ! केवइए विसए पण्णते ? गोयमा ! से समासओ चउविहे पण्णत्ते, तंजहा-दव्वओ खेत्तओ कालओ भावओ, दव्वओ णं केवलणाणी सव्वदव्वाई जाणइ पासइ एवं जाव भावओ। मइअण्णाणस्स णं भंते ! केवइए विसए पण्णते ? गोयमा ! से समासओ चउविहे पण्णते, तंजहादव्वंओ खेत्तओ कालओ भावओ / दन्वओ गं मइअण्णाणी मइअण्णाणपरिगयाई दव्वाइं जाणइ पासइ, एवं जाव भावओ मइअण्णाणी मइअण्णाणपरिगए भावे Page #619 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 606 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि माणइ पासइ / सुयअण्णाणस्स णं भंते ! केवइए विसए पणते ? गोयमा ! से समासओ चउव्विहे पण्णत्ते, तंजहा-दव्वओ ४,दव्वओं णं सुयअण्णाणी सुयअण्णाणपरिगयाइं दव्वाइं आघवेइ पण्णवेइ परूवेइ, एवं खेत्तओ कालओ, भावओ णं सुयअण्णाणी सुयअण्णाणपरिगए भावे आघवेइ तं चेव / विभंगणाणस्स गं भंते ! केवइए विसए पण्णते ? गोयमा ! से समासओ चउबिहे पण्णत्ते, तंजहा-दव्वओ 4, दव्वओ गं विभंगणाणी विभंगणाणपरिगयाई दव्वाइं जाणइ पासइ, एवं जाव भावओ गं विभंगणाणी विभंगणाणपरिगए भावे जाणइ पासइ // 321 // णाणी णं भंते ! गाणीति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! णाणी दुविहे पण्णत्ते, तंजहा-साइए वा अपज्जवसिए साइए वा सपज्जवसिए, तत्थ णं जे से साइए सपज्जवसिए से जहणेणं अंतोमहत्तं उवको. सेणं छाढि सागरोवमाइं साइरेगाई / आभिणिबोहियणाणी णं भंते ! आभिणि. बोहिय० एवं णाणी आभिणिबोहियणाणी जाव केवलणाणी / अण्णाणी मइ. अण्णाणी सुयअण्णाणी विभंगणाणी, एएसि दसण्हवि संचिट्ठणा जहा कायठिईए। अंतरं सव्वं जहा जीवाभिगमे / अप्पाबहुगांणि तिणि जहा बहुवत्तव्वयाए / केवइया णं भंते ! आभिणिबोहियणाणपज्जवा पण्णत्ता ? गोयमा ! अणंता आभिणिबोहियणाणपज्जवा पण्णत्ता / केवइया गं भंते ! सुयणाणपज्जवा प०? एवं चेव एवं जाव केवलणाणस्स / एवं मइअण्णाणस्स सुयअण्णाणस्स, केवइया णं भंते ! विभंगणाणपज्जवा प० ? गोयमा ! अणंता विभंगणाणपज्जवा प० / एएसि णं भंते ! आभिणिबोहियणाणपज्जवाणं सुयणाण. ओहिणाण. मण. पज्जवणाण० केवलणाणपज्जवाण य कयरे 2 जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वस्थोवा मणपज्जवणाणपज्जवा ओहिणाणपज्जवा अणंतगुणा सुयणाणपज्जवा अणंतगुणा आभिणिबोहियणाणपज्जवा अणंतगुणा केवलणाणपज्जवा अणंतगणा। एएसि णं भंते ! मइअण्णाणपज्जवाणं सुयअण्णाण विभंगणाणपज्जवाण य कयरे 2 जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा विभंगणाणपज्जवा सुयअण्णाणपज्जवा अणंतगुणा मइअण्णाणपज्जवा अणंतगुणा / एएसि गं भंते ! आभिणिबोहियणाणपज्जवाणं जाव केवलणाणप० मइअण्णाणप० सुयअण्णाणप० विभंगणाणप० कयरे 2 जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा! सव्वत्थोवा मणपज्जवणाणपज्जवा विभंगणाणपज्जवा अणंतगुणा ओहिणाणपज़्जवा अणंतगुणा Page #620 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 8 उ. 3 607 सुपअण्णाणपज्जवा अणंतगुणा सुयणाणपज्जवा विसेसाहिया मइअण्णाणपज्जवा अणंतगणा आभिणिबोहियणाणपज्जवा विसेसाहिया केवलणाणपज्जवा अणंत. गुणा / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 322 // अट्ठमं सयं तइओ उद्देसो कइविहा गं भंते ! रुक्खा पण्णत्ता ? गोयमा ! तिविहा रुक्खा प०, तंजहा-संखेज्जजीविया असंखेज्जजीविया अणंतजीविया। से कि तं संखेज्जनीविया ? संखेज्ज० अणेगविहा प०, तंजहा-ताले तमाले तक्कलि तेयलि जहा पण्णवणाए जाव णालिएरी, जे यावणे तहप्पगारा, सेत्तं संखेज्जजीविया। से किं तं असंखेज्जजीविया ? असंखेज्जजीविया दुविहा प०, तंजहा-एगट्ठिया य बहुबोयगा य / से कि तं एगट्ठिया ? 2 अणेगविहा प०, तंजहा-णिबंबजंबू० एवं जहा पण्णवणापए जाव फला बहुबीयगा, सेत्तं बहुबीयगा, सेत्तं असंखेज्ज. जीविया / से किं तं अगंतजीविया? अगंतजीविया अणेगविहा प०, तं०-आलुए मूलए सिंगबेरे, एवं जहाँ सत्तमसए जाव सोउण्हे सिउंढी मुसुंढी, जे यावण्णे त०, सेत्तं अगंतजीविया // 323 // अह भंते ! कुम्मे कुम्मावलिया गोहे गोहावलिया गोणा गोणावलिया मणुस्से मणुस्सावलिया महिसे महिसावलिया एएसि णं दुहा वा तिहा वा संखेज्जहा वा छिण्णाणं जे अंतरा तेवि गं तेहिं जीवपएसेहि फुडा ? हंता ! फुडा / पुरिसे गं भंते ! अंतरे हत्थेण वा पाएण वा अंगुलियाए वा सलागाए वा कट्ठण वा कलिचेण वा आमुसमाणे वा संमुसमाणे वा आलिहमाणे विलिहमाणे वा अण्णयरेणं वा तिक्खेणं सत्थजाएणं आच्छिदमाणे वा विच्छिदमाणे वा अगणिकाएणं वा समोडहमाणे तेसि जीवपएसाणं किंचि आबाहं वा विबाहं वा उप्पायइ छविच्छेदं वा करेइ ? णो इणठे समठे, णो खलु तत्थ सत्थं संकमइ // 324 // कइ गं भंते ! पुढवीओ पण्णत्ताओ? गोयमा ! अट्ठ पुढवीओ पण्णत्ताओ, तंजहा-रयणप्पभा जाव अहे सत्तमा पुढविईसिपब्भारा / इमा णं भंते ! रयणप्पभापुढवी किं चरिमा अचरिमा ? चरिमपयं णिरवसेसं भाणियव्वं जाव वेमाणिया गं भंते ! फासचरिमेणं कि चरिमा अचरिमा ? गोयमा ! चरिमावि अचरिमावि / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति भगवं गो० // 325 // Page #621 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 608 अंग-पविट्ट सुत्ताणि अट्ठमं सयं चउत्थो उद्देसो रायगिहे जाव एवं वयासी-कइ गं भंते ! किरियाओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! पंच किरियाओ पण्णत्ताओ, तंजहा-काइया अहिगरणिया, एवं किरियापयं गिरवसेसं भाणियब्वं जाव मायावत्तियाओ किरियाओ विसेसा. हियाओ / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति भगवं गोयमे० / / 326 // . अट्ठम सयं पंचमो उद्देसो रायगिहे जाव एवं वयासी-आजीविया णं भंते ! थेरे भगवंते एवं वयासीसमणोवासयस्स गं भंते ! सामाइयकडस्स समणोवस्सए अच्छमाणस्स केइ भंडं अवहरेज्जा से गं भंते ! तं भंडं अणुगवेसमाणे किं,सयं भंडं अणुगवेसइ परायगं भंडं अणगवेसइ ? गोयमा ! सयं भंडं अणुगवेसइ णो परायगं भंडं अणुगवेसइ / तस्स गं भंते ! तेहिं सीलव्वयगुणवेरमणपच्चक्खाणपोसहोववासेहिं से भंडे अभंडे भवइ ? हंता ! भवइ / से केणं खाइ णं अट्ठणं भंते ! एवं वुच्चइ सयं भंडं अणगवेसइ णो परायगं भंडं अणगवेसइ ? गोयमा! तस्स णं एवं भवइ-णो मे हिरण्णे णो मे सुवण्णे णो मे कसे णो मे दूसे णो मे विउलधणकणगरयणमणिमोत्तियसंखसिलप्पवालरत्तरयणमाईए संतप्तारसावएज्जे, ममतभावे पुण से अपरिग्णाए भवइ, से तेणठेणं गोयमा ! एवं वच्चइ-सयं भंड अणुगवेसइ णो परायगं भंडं अणुगवेसइ / समणोवासयस्स णं भंते ! सामाइयकडस्स समणोवस्सए अच्छमाणस्स केइ जायं चरेज्जा से णं भंते ! कि जायं चरइ अजायं चरइ ? गोयमा ! जायं चरइ णो अजायं चरइ / तस्स गं भंते ! तेहिं सीलव्वयगणवेरमणपच्चक्खाणपोसहोववासेहि सा जाया अजाया भवइ ? हंता ! भवइ / से केणं खाइ णं अट्ठणं भंते ! एवं वुच्चइ-जायं चरइ णो अजायं चरइ ? गोयमा ! तस्स णं एवं भवइ-णो मे माया णो मे पिया णो मे भाया णो मे भगिणी णो मे भज्जा णो मे पुत्ता णो मे धूया णो मे सुण्हा, पेज्जबंधणे पुण से अवोच्छिण्णे भवइ, से तेणठेणं गोयमा! जाव णो अजायं चरइ // 327 // समणोवासयस्स णं भंते ! पुवामेव थलए पाणाइवाए अपच्चक्खाए भवइ से गं भंते ! पच्छा पच्चाइक्खमाणे किं करेइ ? गोयमा ! तीयं पडिक्कमइ पड़प्पणं संवरेइ अणागयं पच्चक्वाइ / तीयं पडिक्कममाणे कि तिविहं Page #622 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 8 उ. 5 609 तिविहेणं पडिक्कमइ 1 तिविहं दुविहेणं पडिक्कमइ 2 तिविहं एगविहेणं पडिपकमइ 3 दुविहं तिविहेणं पडिक्कमइ 4 दुविहं दुविहेणं पडिक्कमइ 5 दुविहं एगविहेणं पडिक्कमइ 6 एगविहं तिविहेणं पडिक्कमइ 7 एगविहं दुविहेणं पडिक्कमइ 8 एगविहं एगविहेणं पडिक्कमइ 6 ? गोयमा ! तिविहं तिवि. हेणं पडिक्कमइ तिविहं दुविहेणं वा पडिक्कमइ तं चेव जाव एगविहं वा एगविहेणं पडिक्कमइ / तिविहं तिविहेणं पडिक्कममाणे ण करेइ ण कारवेइ करेंतं जाणुजाणइ मणसा वयसा कायसा 1, तिविहं दुविहेणं पडि० ण क. ण का० करेंतं णाणुजाणइ मणसा वयसा 2, अहवा ण करेइ ण का० करेंतं णाणुजाणइ मणसा कायसा 3, अहवा ण करेइ 3 वयसा कायसा 4, तिविहं एगविहेणं पडि० ण करेइ 3 मणसा 5, अहवा ण करेइ 3 वयसा 6, अहवा न करेइ 3 कायसा 7, दुविहं ति० 50 ण करेइ ण का० मणसा वयसा कायसा 8, अहवा ण करेइ करेंतं णाणुजाणई मणसा वयसा कायसा 6 अहवा ण कारवेइ करेंतं णाणुजाणइ मणसा वयसा कायसा. 10, दु० दु. 50 ण क. ण का० म० व० 11, अहवा णं क० ण का० म० कायसा 12, अहवा ण क० ण का. वयसा कायसा 15, अहवा ण करेइ करेंतं णाणुजाणइ मणसा वयसा 14, अहवाण करेइ करेंतं णाणुजाणइ मणसा कायसा 15, अहवा ण करेइ करेंतं णाणुजाणइ वयसा कायसा 16, अहवा ण कारवेइ करेंतं णाणुजाणइ मगसा वयसा 17, अहवा ण कारधेइ करेंतं पाणुजाणइ मणसा कायसा 18, अहवा ण कारवेइ करेंतं णाणुजाणइ वयसा कायसा 16, दुविहं एक्कविहेणं पडि. क्कममाणे ण करेइ ण कारवेइ मणसा 20 अहवा ण करेइ ण कारवेइ वयसा 21, अहवा ण करेइ ण कारवेइ कायसा 22, अहवा ण करेइ करेंतं णाणजाणइ मणसा 23, अहवा ण करेइ करेंतं णाणुजाणइ वयसा 24, अहवा. ण करेइ करेंतं गाणुजाणइ कायसा 25, अहवा ण कारवेइ करेंतं णाणुजाणइ मणसा 26, अहवा ण कारवेइ करेंतं णाणुजाणइ वयसा 27, अहवा ण कार. वेइ करेंतं णाणुजाणइ कायसा 28, एगविहं तिविहेणं पडि० ण करेइ मगसा वयसा कायसा 26, अहवा ण कारवेइ मणसा वयसा कायसा 30, अहवा करेंत णाणुजाणइ मणसा 3, 31, एक्कविहं दुविहेणं पडिक्कममाणे ण करेइ मणसा वयसा 32, अहवा ण करेइ मणसा कायसा 33, अहवा ण करेइ वयसा Page #623 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 610 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि कायसा 34, अहवा ण कारवेइ मणसा वयसा 35, अहवा ण कारवेइ मणसा कायसा 36, अहवा ण कारवेइ वयसा कायसा 37, अहवा करेंतं णाणुजाणइ मणसा वयसा 38, अहवा करेंतं णाणुजाणइ मणसा कायसा 36, अहवा करेंतं णाणुजाणइ वयसा कायसा 40 एक्कविहं एगविहेणं पडिक्कममाणे ण करेइ मणसा 41, अहवा ण करेइ वयसा 42, अहवा ण करेइ कायसा 43, अहवा ण कारवेइ मणसा 44, अहवा ण कारवेइ वयसा 45, अहका ण कारवेइ कायसा 46, अहवा करेंतं णाणुजाणइ मणसा 47 अहवा करेंतं णाणु. जाणइ वयसा 48, अहवा करेंत णाणुजाणइ कायसा 46 / पडुप्पण्णं संवरेमाणे कि तिविहं तिविहेणं संवरेइ ? 'एवं जहा पडिक्कममाणेणं एगुणपण्णं मंगा भणिया एवं संवरमाणेणवि एगणपण्णं मंगा भाणियव्वा / अणागयं पच्चक्ख. माणे कि तिविहं तिविहेणं पच्चक्खाइ ? एवं ते चेव भंगा एगणपण्णं भाणि. यव्वा जाव अहवा करेंतं णाणुजाणइ कायसा / समणोवासयस्स णं भंते ! पुवामेव थूलए मुसावाए अपच्चक्खाए भवइ से णं भंते ! पच्छा पच्चाइक्खमाणे० एवं जहा पाणाइवायस्स सीयालं भंगसयं भणियं तहा मसावायस्सवि भाणियव्वं / एवं अदिण्णादाणस्सवि, एवं थूलगस्स मेहुणस्सवि थूलगस्स परि. ग्गहस्सवि जाव अहवा करेंत णाणुजाणइ कायसा / एए खलु परिसगा समणो. वासगा भवंति, णो खलु एरिसगा आजीवियोवासगा भवंति // 328 // आजी. वियसमयस्स णं अयमठे पण्णते अक्खीणपडिभोइणो सव्वे सत्ता से हंता छत्ता भेत्ता लुंपित्ता विलुपित्ता उद्दवइत्ता आहारमाहारेंति तत्थ खलु इमे वालस आजीवियोवासगा भवंति, तंजहा-ताले, 1 तालपलंबे, 2 उविहे, 3 संविहे, 4 अवविहे, 5 उदए. 6 णामुदए, 7 णम्मदए, 8 अणुवालए, ह संखवालए, 10 अयंपुले, 11 कारिए, 12, इच्चेएदुवालस आजीवियोवासगा अरिहंतदेवयागा अम्मापिउसुस्सूसगा पंचफलपडिक्कंता तंजहा उंबरेहि, वहि, बोरेहि, सतरेंहि, पिलखूहि, पलंडुल्हसुणकंदमूलविवज्जगा अणिल्लंछिएहि अणक्कभिण्णेहि गोणेहिं तसपाणविवज्जिएहिं चि (वि) तेहि वित्ति कप्पेमाणा विहरंति एएवि ताव एवं इच्छंति, किमंग ! पुण जे इमे समणोवासगा भवंति जेसि णो कप्पंति इमाइं पण्णरस कम्मादाणाई सयं करेत्तए वा कारवेत्तए वा करेंतं वा अण्णं समणुजाणेत्तए तंजहा-इंगालकम्मे, वणकम्मे, साडीकम्मे, Page #624 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 8 उ. 6 611 भाडीकम्मे, फोडीकम्मे, दंतवाणिज्जे, लक्खवाणिज्जे, केसवाणिज्जे, रसवाणिज्जे, विसवाणिज्जे, जंतपीलणकम्मे, जिल्लंछणकम्मे, दवग्गिदावणया, सरदहतलायपरिसोसणया, असईपोसणया, इच्चेए समणोवासगा सुक्का सुक्काभिजाइया भवित्ता कालमासे कालं किच्चा अण्णयरेसु देवलोएसु देवत्ताए उववत्तारो भवंति // 326 // कइविहा णं भंते ! देवलोगा पण्णत्ता ? गोयमा ! चउविहा देवलोगा 50, तंजहा-भवणवासिवाणमंतरजोइसवेमाणिया। सेवं भंते ! 2 ति // 330 // .. अट्ठमं सयं छट्ठो उद्देसो समणोवासयस्स णं भंते ! तहारूवं समणं वा माहणं वा फासुएसणिज्जेणं असणपाणखाइमसाइमेणं पडिलाभेमाणस्स कि कज्जइ ? गोयमा ! एगंतसो से णिज्जरा कज्जइ णत्थि य से पावे कम्मे कज्जइ / समणोवासयस्स णं भंते ! तहारूवं समणं वा माहणं वा अफासुएणं अणेसणिज्जेणं असणपाण जाव पडि. लाभमाणस्स कि कज्जइ ? गोयमा ! बहुतरिया से णिज्जरा कज्जइ अप्पतराए से पावे कम्मे कज्जइ। समणोवासयस्स णं भंते ! तहारूवं असंजयअविरयअपडिहयपच्चक्खायपावकम्मं फासुएण वा अफासुएण वा एसणिज्जेण वा अणेसणिज्जेण वा असणपाण जाव कि कज्जइ ? गोयमा ! एगंतसो से पावे कम्मे कज्जइ पत्थि से काइ णिज्जरा कज्जइ // 331 // णिग्गंथं च णं गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए अणुप्पविढं केइ दोहिं पिडेहिं उवणिमंतेज्जा• एगं आउसो ! अप्पणा भुंजाहि एग थेराणं दलयाहि, से य तं पडिग्गाहेज्जा, थेरा य से अणगवेसियव्वा सिया जत्थेव अणगवेसमाणे थेरे पासिज्जा तत्थेव अणुप्पदायव्वे सिया णो चेव णं अणुगवेसमाणे थेरे पासिज्जा तं णो अप्पणा भुज्जेज्जा णो अण्णेसि दावए एगते अणावाए अचित्ते बहुफासुए थंडिल्ले पडि. लेहेत्ता पमज्जित्ता परिढावेयव्वे सिया। णिगंथं च णं गाहावइकुलं पिंडवाय. पडियाए अणुप्पविठं केइ तिहि पिडेहिं उवणिमंतेज्जा-एगं आउसो ! अप्पणा भंजाहि दो थेराणं दलयाहि, से य ते पडिग्गाहेज्जा, थेरा य से अणगवेसेयव्वा सेसं तं चेव जाव परिढावेयव्वे सिया, एवं जाव दहि पिडेहि उवणिमंतेज्जा णवरं एगं आउसो ! अप्पणा भुंजाहि णव थेराणं दलयाहि सेसं तं चेव जाव Page #625 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 612 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि परिट्ठावेयन्वे सिया। णिग्गंथं च णं गाहावइकुलं जाव केइ दोहि पडिग्गहेहि उवणिमंतेज्जा एगं आउसो ! अप्पणा पडिभुजाहि एग थेराणं दलयाहि / से य तं पडिग्गाहेज्जा, तहेव जाव तं णो अप्पणा पडिभुंजेज्जा णो अणेसि दावए सेसं तं चेव जाव परिदावेयव्वे सिया, एवं जाव दसहि पडिग्गहेहि, एवं जहा पडिग्गहवत्तव्वया भणिया एवं गोच्छगरयहरणचोलपट्टगकंबललट्ठिसंथारगवत्तव्क्या य भाणियव्वा जाव दहिं संथारएहि उवणिमंतेज्जा जाव परिट्ठा. वेयवे सिया // 332 // णिग्गंथेण य गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए पविढेणं अण्णयरे अकिच्चट्टाणे पडिसेविए, तस्स गं एवं भवइ-इहेव ताव अहं एयस्स ठाणस्स आलोएमि पडिक्कमामि पिदामि गरिहामि विउद्रामि विसोहेमि अकरणयाए अब्भुढेमि अहारिहं पायच्छित्तं तवोकम्म पडिवज्जामि, तओ पच्छा थेराणं अंतियं आलोएस्सामि जाव तवोकम्म पडिवज्जिस्सामि, से य संपट्ठिए असंपत्ते थेरा य पुव्वामेव अमुहा सिया से णं भंते ! कि आराहए विराहए ? गोयमा ! आराहए णो विराहए 1 / से य संपट्ठिए असंपत्ते अप्पणा य पुत्वामेव अमुहे सिया से णं भंते ! किं आराहए विराहए ? गोयमा ! आराहए णो विराहए 2, से य संपट्टिए असंपत्ते थेरा य कालं करेज्जा से गं भंते ! कि आराहए विराहए ? गोयमा ! आराहए णो विरा. हए 3, से य संपट्ठिए असंपत्ते अप्पणा य पुवामेव कालं करेज्जा से गं भंते ! कि आराहए विराहए ? गोयमा ! आराहए णो विराहए 4, से य संपट्ठिए संपत्ते थेरा य अमुहा सिया से णं भंते ! कि आराहए विराहए ? गोयमा ! आराहए णो विराहए, से य संपट्टिए संपत्ते अप्पणा य० एवं संपत्तणवि चत्तारि आलावगा भाणियव्वा जहेव असंपत्तेणं / णिग्गंथेण य बहिया वियारमि वा विहारभूमि वा णिक्खंतेणं अण्णयरे अकिच्चट्ठाणे पडिसेविए तस्स गं एवं भवइइहेव ताव अहं० एवं एत्थवि ते चेव अट्ठ आलावगा भाणियव्वा जाव णो विराहए / णिग्गंथेण य गामाणुगामं दूइज्जमाणेणं अण्णयरे अकिच्चट्ठाणे पडि. सेविए तस्स णं एवं भवइ इहेव ताव अहं० एत्थवि ते चेव अटू आलावगा भाणियव्वा जाव णो विराहए / णिग्गंथीए य गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए अणुपविट्ठाए अण्णयरे अकिच्चट्ठाणे पडिसेविए तीसे णं एवं भवइ इहेव ताव अहं एयरस ठाणस्स आलोएमि जाव तवोकम्म पडिवज्जामि तओ पच्छा पव. Page #626 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 8 उ. 6 613 त्तिणीए अंतियं आलोएस्सामि जाव पडिवज्जिस्सामि, सा य संपट्ठिया असंपत्ता पवत्तिणी य अमहा सिया सा णं भंते ! कि आराहिया विराहिया ? गोयमा! आराहिया णो विराहिया, सा य संपट्टिया जहा णिग्गंथस्स तिण्णि गमा भणिया एवं णिग्गंथीएवि तिग्णि आलावगा भाणियव्वा जाव आराहिया णो विराहिया। से केणठेणं भंते ! एवं वच्चइ-आराहए णो विराहए ? गोयमा ! से जहा णामए-केइ पुरिसे एगं महं उण्णालोमं वा गयलोमं वा सणलोमं वा कप्पास. लोमं वा तणसूयं वा दुहा वा तिहा वा संखेज्जहा वा छिदित्ता अगणिकायंसि पक्खिवेज्जा से णं गोयमा ! छिज्जमाणे छिण्णे पक्खिप्पमाणे पक्खित्ते डज्झमाणे दड्ढेत्ति वत्तव्वं सिया ? हंता भगवं ! छिज्जमाणे छिण्णे जाव दड्ढेत्ति वत्तव्वं सिया / से जहा वा केइ पुरिसे वत्थं अहयं वा धोयं वा तंतु. ग्गयं वा मंजिदादोणीए पक्खिवेज्जा से णणं गोयमा ! उक्खिप्पमाणे उक्खित्ते पक्खिप्पमाणे पक्खित्ते रज्जमाणे रत्तेत्ति वत्तव्वं सिया ? हंता भगवं ! उक्खिप्पमाणे उविखते जाव रत्तेत्ति वत्तव्वं सिया, से तेणठेणं गोयमा! एवं वुच्चइ. आराहए णो विराहए / / 333 // पईवस्स णं भंते ! झियायमाणस्स कि पईवे झियाइ लट्ठी झियाइ वत्ती झियाइ तेल्ले झियाइ पईवचंपए झियाइ जोई झियाइ ? गोयमा ! णो पईवे झियाइ जाव णो पईवचंपए झियाइ, जोई झियाइ / अगारस्स णं भंते ! झियायमाणस्स कि अगारे झियाइ कुड्डा झियाइ कडणा झि० धारणा झि० बलहरणे झि० वंसा० झि० मल्ला झि०वग्गा झियाइ छित्तरा झियाइ छाणे झियाइ जोई झियाइ ? गोयमा ! णो अगारे झियाइ णो कुड्डा झियाइ जाव णो छाणे झियाई, जोई झियाइ // 334 // जीवे गं भंते ! ओरालियसरीराओ कइकिरिए ? गोयमा ! सिय तिकिरिए सिय चउकिरिए सिय पंचकिरिए सिय अकिरिए / रइए णं भंते / ओरालियसरीराओ कइकिरिए ? गोयमा ! सिय तिकिरिए सिय च उकिरिए सिय पंचकिरिए / असुरकुमारे णं भंते ! ओरालियसरीराओ कइकिरिए ? एवं चेव, एवं जाव वेमाणिए, णवरं मणुस्से जहा जीवे / जीवे गं भंते ! ओरालियसरीरेहितो कडूकिरिए ? गोयमा ! सिय तिकिरिए जाव सिय अकिरिए / णेरइए णं भंते ! ओरालियसरीरेहितो कइकिरिए ? एवं एसो जहा पढमो दंडओ तहा इमोवि अपरिसेसो भाणियन्वो जाव वेमाणिए, णवरं मणुस्से जहा जीवे / जीवा णं Page #627 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 614 अंग-पविट्ट सुत्ताणि भंते ! ओरालियसरीराओ कइकिरिया ? गोयमा ! सिय तिकिरिया जाव सिय अकिरिया / णेरइया गं भंते ! ओरालियसरीराओ कइकिरिया ? एवं एसोवि जहा पढमो दंडओ तहा भाणियव्वो, जाव वेमाणिया, णवरं मणुस्सा जहा जीवा / जीवा णं भंते ! ओरालियसरीरेहितो कइकिरिया ? गोयमा ! तिकिरियावि चउकिरियावि पंचकिरियावि अकिरियावि / णेरइया णं भंते ! ओरालियसरीरेहितो कइकिरिया ? गोयमा ! तिकिरियावि चउकिरियावि पंचकिरियावि एवं जाव वेमाणिया, णवरं मणुस्सा जहा जीवा। जीवे णं भंते ! वेउव्वियसरीराओ कइकिरिए ? गोयमा ! सिय तिकिरिए सिय चउकिरिए सिय अकिरिए। णेरइए णं भंते !. वेउब्वियसरीराओ कइकिरिए ? गोयमा ! सिय तिकिरिए सिय चउकिरिए एवं जाव वेमाणिए, णवरं मणुस्से जहा जीवे, एवं जहा ओरालियसरीरेणं चत्तारि दंडगा भणिया तहा वेउव्वियसरीरेणवि चत्तारि दंडगा भाणियव्वा, णवरं पंचमकिरिया ण भण्णइ, सेसं तं चेव, एवं जहा वेउब्वियं तहा आहारगंपि तेयगंपि कम्मगंपि भाणियव्वं, एक्केक्के चतारि दंडगा भाणियव्वा जाव वेमाणिया णं भंते ! कम्मगसरीरेहितो कइकिरिया ? गोयमा ! तिकिरियावि चउकिरियावि / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति // 33 // अट्ठमं सयं सत्तमो उद्देसो तेणं कालेणं 2 रायगिहे गयरे वण्णओ, गुणसिलए चेइए वण्णओ, जाव पुढविसिलावट्टओ, तस्स णं गुणसिलयस्स चेइयस्स अदूरसामते बहवे अण्णउत्थिया परिवसंति / तेणं कालेणं 2 समणे भगवं महावीरे आइगरे जाव समोसढे जाव परिसा पडिगया। तेणं कालेणं 2 समणस्स भगवओ महावीरस्स बहवे अंतेवासी थेरा भगवंतो जाइसंपण्णा कुलसंपण्णा जहा बिइयसए जाव जीवियासमरणभयविप्पमुक्का समणस्स भगवओ महावीरस्स अदूरसामंते उड्ढंजाण अहोसिरा झाणकोट्ठोवगया संजमेणं तवसा अप्पाणं भावमाणा विहरंति / तए णं ते अण्णउत्थिया जेणेव थेरा भगवंतो तेणेव उवागच्छंति 2 ता ते थेरे भगवंते एवं वयासी-तुब्भे गं अज्जो ! तिविहं तिविहेणं असंजय. अविरयअप्पडिहय जहा सत्तमसए बिइए उद्देसए जाव एगंतबाला यावि भवह / तए णं ते थेरा भगवंतो ते अण्णउत्थिए एवं वयासी-केण कारणेणं अज्जो ! Page #628 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 8 उ. 7 615 अम्हे तिविहं तिविहेणं असंजयअविरय जाव एगंतबाला यावि भवामो ? तए गं ते अण्णउत्थिया ते थेरे भगवंते एवं वयासी-तुन्भे गं अज्जो ! अदिण्णं गेण्हह अदिण्णं भुंजह अदिणं साइज्जह, तए णं ते तुब्भे अदिणं गेहमाणा अर्दिण्णं भुंजमाणा अदिण्णं साइज्जमाणा तिविहं तिविहेणं असंजय. अविरय जाव एगंत बाला यावि भवह / तए णं ते थेरा भगवंतो ते अण्ण. उत्थिए एवं वयासी-केण कारणेणं अज्जो ? अम्हे अदिण्णं गेण्हामो अदिण्णं भुंजामो अदिण्णं साइज्जामो, जएणं अम्हे अदिण्णं गेण्हमाणा जाव अदिण्णं साइज्जमाणा तिविहं तिविहेणं असंजय जाव एगंतबाला यावि भवामो ? तए नं ते अण्णउत्थिया ते थेरे भगवंते एवं वयासी-तुम्हा गं अज्जो ! दिज्जमाणे अदिण्णे पडिग्गाहेज्जमाणे अपडिग्गहिए णिस्सिरिज्जमाणे अणिसिठे, तुब्भे गं अज्जो ! दिज्जमाणं पडिग्गहगं असंपत्तं एत्थ णं अंतरा केइ अवहरिज्जा, गाहावइस्स गं तं णो खलु तं तुम्भं तए णं तुब्भे अदिण्णं गेण्हह जाव अदिण्णं साइज्जह, तए णं तुब्भे अदिण्णं गेण्हमाणा जाव एगंतबाला यावि भवह / तए णं ते थेरा भगवंतो ते अण्णउत्थिए एवं वयासी-णो खलु अज्जो ! अम्हे अदिण्णं गिव्हामो अदिग्णं भुंजामो अदिणं साइज्जामो अम्हे णं अज्जो ! दिणं गेण्हामो दिण्णं भुंजामो दिण्णं साइज्जामो, तएणं अम्हे दिण्णं गेण्हमाणा दिणं धुंजमाणा दिण्णं साइज्जमाणा तिविहं तिविहेणं संजयविरयपडिहय जहा सतमसए जाव एगंतपंडिया यावि भवामो / तएणं ते अण्णउत्थिया ते थेरे भगवंते एवं वयासी-केण कारणेणं अज्जो ! तुम्हे दिण्णं गेण्हह जाव दिण्णं साइज्जह, जएणं तुम्भे दिण्णं गेहमीणा जाव एगंतपंडिया यावि भवह ? तएणं ते थेरा भगवंतो ते अण्णउत्थिए एवं वयासी-अम्हे णं अज्जो ! दिज्जमाणे दिण्णे पडिग्गाहेज्जमाणे पडिग्गहिए णिस्सिरिज्जमाणे णिसिट्ठे / अम्हे णं अज्जो ! दिज्जमाणं पडिग्गहगं असंपत्तं एत्थ णं अंतरा केइ अवहरेज्जा अम्हाणं तं णो खलु तं गाहावइस्स, तएणं अम्हे दिण्णं गेण्हामो दिण्णं भुंजामो दिण्णं साइज्जामो तएणं अम्हे दिण्णं गेण्हमाणा जाव दिण्णं साइज्जमाणा तिविहं तिविहेणं संजय जाव एगंतपंडिया यावि भवामो / तुब्भे णं अज्जो ! अप्पणा चेव तिविहं तिविहेणं असंजय जाव एगंतबाला यावि भवह / तए णं ते अण्णउत्थिया ते थेरे भगवंते एवं वयासी-केण कारणेणं अज्जो ! अम्हे Page #629 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 616 अंग-पविट्ट सुत्ताणि तिविहं जाव एगंतबाला यावि भवामो ? तए णं ते थेरा भगवंतो ते अण्ण. उत्थिए एवं वयासी-तुब्भे णं अज्जो ! अदिण्णं गेण्हह 3, तए णं. तुममें अदिण्णं गै० जाव एगंत० / तए णं ते अण्णउत्थिया ते थेरे भगवते एवं बयासी-केण कारणेणं अज्जो ! अम्हे अदिणं गेण्हामो जाव एगंतबा ? तए गं ते थेरा भगवंतो ते अण्णउत्थिए एवं वयासी-तुन्भे गं अज्जो ! दिज्जमाणे अदिण्णे तं चेव जाव गाहावइस्स गं तं णो खलु तं तुब्भं, तए गं तुज्ने अदिण्णं गेण्हह, तं चेव जाव एगंतबाला यावि भवह / तए णं ते अण्णउत्थिया ते थेरे भ० एवं व-तुन्भे गं अज्जो ! तिविहं तिविहेणं असंजय जाव एगंतबा० भवह / तए णं ते थेरा भ० ते अण्णउत्थिए एवं क्यासी-केण कारणेणं अज्जो ! अम्हे तिविहं तिविहेणं जाव एगंतबाला यावि भवामो ? तए णं ते अण्णउत्थिया ते थेरे भगवंते एवं वयासी-तुब्भेणं अज्जो ! रोयं रोय. माणा पुढवि पेच्चेह अभिहणह वत्तेह लेसेह संघाएह संघट्टेह परियावेह किला. मेह उद्दवेह तएणं तुम्भे पुढवि पेच्चेमाणा जाव उद्दवेमाणा तिविहं तिविहेणं असंजयअविरय जाव एगंतबाला यावि भवह / तए णं ते थेरा भगवंतो ते अण्ण. उत्थिए एवं वयासी-णो खलु अज्जो ! अम्हे रीयं रीयमाणा पुढवि पेच्चामो अभिहणामो जाव उवद्दवेमो अम्हे णं अज्जो ! रीयं रीयमाणा कार्य वा जोयं वा रीयं वा पडुच्च देसं देसेणं वयामो पएसं पएसेणं वयामो तेणं अम्हे देसं देसेणं वयमाणा पएसं पएसेणं वयमाणा णो पुढवि पेच्चेमो अभिहणामो जाव उवद्दवेमो, तएणं अम्हे पुढवि अपेच्चेमाणा अभिहणेमाणा जाव अणुबद्दवेमाणा तिविहं तिविहेणं संजय जाव एगंतपंडिया यावि भवामो / तुब्भे णं अज्जो ! अप्पणा चेव तिविहं तिविहेणं असंजय जाव एगंत बाला यावि भवह / तए णं ते अण्णउत्थिया थेरे भगवंते एवं वयासी-केण कारणेणं अज्जो ! अम्हे तिविहं तिविहेणं जाव एगंतबाला यावि भवामो ? तए णं ते थेरा भगवतो ते अण्ण. उत्थिए एवं वयासी-तुब्भे णं अज्जो ! रीयं रीयमाणा पुढवि पेच्चेह जाव उवहवेह, तए णं तुब्भे पुढवि पेच्चेमाणा जाव उवद्दवेमाणा तिविहं तिविहेणं जाव एगंतबाला यावि भवह / तए णं ते अण्णउत्थिया ते थेरे भगवंते एवं वयासी-तुब्भे णं अज्जो ! गम्ममाणे अगए वीइक्कमिज्जमाणे अवीइक्कते रायगिहं णयरं संपाविउकामे असंपत्ते / तए णं ते थेरा भगवंतो ते अण्णउत्थिए Page #630 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 8 उ. 8 617 एवं वयासी-णो खलु अज्जो ! अम्हे गम्ममाणे अगए वीइक्कमिज्जमाणे अवी. इक्कते रायगिहें जयरं जाव असंपत्ते, अम्हे णं अज्जो ! गम्ममाणे गए वीइ. कमिज्जमाणे वीइक्कते रायगिहं णयरं संपाविउकामे संपत्ते तुम्भे गं अप्पणा चेव गम्ममाणे अगए वीइक्कमिज्जमाणे अवीइक्कते रायगिहं णयरं जाव असंपत्ते। तए णं ते थेरा भगवंतो अण्णउत्थिए एवं पडिहणंति पडिहणित्ता गइप्पवाय. णामं अज्झयणं पण्णवइंसु // 336 // कइविहे णं भंते ! गइप्पवाए पण्णते ? गोयमा! पंचविहे गइप्पवाए पण्णत्ते, तंजहा-पयोगगई, ततगई, बंधणछेयणगई, उववायगई, विहायगई। एत्तो आरभ पयोगपयं शिरवसेसं भाणियव्वं, जाव सेत्तं विहायगई / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 337 // - अट्ठमं सयं अट्ठमो उद्देसो रायगिहे णयरे जाव एवं वयासी-गुरूणं भंते ! पडुच्च कइ पडिणीया पण्णत्ता ? गोयमा ! तओ पडिणीया पण्णता, तंजहा-आयरियपडिणीए, उवज्झायपडिणीए, थेरपडिणीए / गई णं भंते ! पडुच्च कइ पडिणीया पण्णत्ता ? गोयमा ! तओ. पडिणीया पण्णता, तंजहा-इहलोगपडिणीए, परलोगपडिणीए, दुहओलोगपडिणीए / समूहण्णं भंते ! पडुच्च कइ पडिणीया पण्णत्ता ? गोयमा ! तओ पडिणीया पण्णत्ता, तंजहा-कुलपडिणीए, गणपडिणीए, संघपडिणीए / अणुकंपं भंते ! पडुच्च पुच्छा ? गोयमा ! तओ पडिणीया पण्णता, तंजहा-तवस्सिपडिणीए, गिलाणपडिणीए, सेहपडिणीए / सुयण्णं भंते ! पडुच्च पुच्छा ? गोयमा ! तओ पडिणीया पण्णत्ता, तंजहासुत्तपडिणीए, अत्थपडिणीए, तदुभयपडिणीए / भावं णं भंते ! पडुच्च पुच्छा? गोयमा ! तओ पडिणीया पण्णत्ता, तंजहा-णाणपडिणीए, दंसणपडिणीए, चरित्तपडिणीए // 338 // कइविहे गं भंते ! ववहारे पण्णते? गोयमा ! पंचविहे ववहारे पण्णत्ते, तंजहा-आगमे, सुयं, आणा, धारणा, जीए। जहा से तत्थ आगमे सिया आगमेणं ववहारं पट्टवेज्जा, णो य से तत्थ आगमे सिया जहा से तत्थ सुए सिया सुएणं ववहारं पट्टवेज्जा, णो य से तत्थ सुए सिया जहा से तत्थ आणा सिया आणाए ववहारं पट्टवेज्जा, णो य से तत्थ आणा सिया जहा से तत्थ धारणा सिया धारणाए ववहारं पट्टवेज्जा, णो य से तत्थ Page #631 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 618 अंग-पविट्ट सुत्ताणि / धारणा सिया जहा से तत्थ जीए सिया जीएणं ववहारं पट्टवेज्जा / इच्चेएहि पंचहि ववहारं पट्टवेज्जा, तंजहा-आगमेणं, सुएणं, आणाए, धारणाए, नीएणं, जहा 2 से आगमे सुए आणा धारणा जीए तहा 2 ववहारं पट्टवेज्जा / से किमाहु भंते ! आगमबलिया सपणा णिग्गंथा इच्चेयं पंचविहं ववहारं जया 2 जहि 2 तहा 2 तहि 2 अणिस्सिओवसियं सम्मं ववहरमाणे समणे णिग्गंथे आणाए आराहए भवइ // 336 // कइविहे गं भंते ! बंधे पण्णत्ते ? गोयमा ! दुविहे बंधे पण्णत्ते, तंजहा-इरियावहियबंधे य संपराइयबंधे य / इरियावहियण्णं भंते ! कम्मं कि णेरइओ बंधइ तिरिक्खजोणिओ बंधइ तिरिक्खजोगिणी बंधइ मणुस्सो बंधइ मणुस्सी बंधइ देवो बंधइ देवी बंधइ ? गोयमा ! णो रइओ बंधइ णो तिरिक्खजोणिओ बंध इ णो तिरिक्खजोणिणी बंधइ णो देवो बंधइ णो देवी बंधइ, पुव्वपडिवण्णए पडुच्च मणुस्सा य मणुस्सीओ य बंधति, पडिवज्जमाणए पडुच्च मणुस्सो वा बंधइ 1 मणुस्सी वा बंधइ 2 मणुस्सा वा बंधंति 3 मणुस्सीओ वा बंधंति 4 अहवा मणुस्सो य मणुस्सी य बंधइ 5 अहवा मणुस्सो य मणुस्सीओ य बंधति 6 अहवा मणुस्सा य मणुस्सी य बंधइ 7 अहवा मणुस्सो य मणुस्सीओ य बंधति / तं भंते ! कि इत्थी बंधइ पुरिसो बंधइ णपुंसगो बंधइ, इत्थीओ बंधंति पुरिसा बंधति णपुंसगा बंधंति, णोइस्थिणोपुरिसोणोणपुंसओ बंधइ ? गोयमा! णो इत्थी बंधइ णो पुरिसो बंधइ जाव णो णपुंसगा बंधइ, पुवपडिवण्णए पडुच्च अवगयवेया बंधंति, पडिवज्जमाणए पडुच्च अवगयवेओ वा बंधइ अवगयवेया वा बंधति / जइ भंते ! अवगयवेओ वा बंधइ अवगयवेया वा बंधंति तं भंते ! कि इत्थीपच्छाकडो बंधइ 1 पुरिसपच्छाकडो बंधइ 2 णपुंसगपच्छाकडो बंधइ 3 इत्थीपच्छाकडा वंधति 4 पुरिसपच्छाकडा बंधंति 5 णपुंसगपच्छाकडा बंधंति 6 उदाहु इत्थिपच्छाकडो य पुरिसपच्छाकडो य बंधइ, उदाहु इत्थिपच्छाकडो य पुरिसपच्छाकडा य बधति, उदाहु इत्थिपच्छाकडा य पुरिसपच्छाकडो य बंधइ, उदाहु इस्थिपच्छा. कडा य पुरिसपच्छाकडा य बंधति, उदाहु इत्थीपच्छाकडो य णपुंसगपच्छाकडो य बंधइ 4 उदाहु पुरिसपच्छाकडो य णपुंसगपच्छाकडो य बंधइ 4 उदाहु इत्थिपच्छाकडो य पुरिसपच्छाकडो य णपुंसगपच्छाकडो यं बंधइ 8, एवं एए छन्वीसं भंगा 26 जाव उदाहु इत्थीपच्छाकडा य पुरिसप० णपुंसगप० बंधति ? Page #632 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 8 उ. 8 619 गोयमा ! इस्थिपच्छाकडोवि बंधइ 1 पुरिसपच्छाकडोवि बंधइ 2 णपुंसगपच्छाकडोवि बंधइ 3 इत्थीपच्छाकडावि बंधंति 4 पुरिसपच्छाकडावि बंधति 5 णपुंसगपच्छाकडावि बंधंति 6 अहवा इत्थीपच्छाकडो य पुरिसपच्छाकडो य बंधइ 7 एवं एए चेव छब्बीसं भंगा भाणियन्वा, जाव अहवा इत्थिपच्छाकडा य पुरिसपच्छाकडा य णपुंसगपच्छाकडा य बंधंति / तं भंते ! कि बंधी बंधइ बंधिस्सइ 1 बंधी बंधइ ण बंधिस्सइ 2 बंधी ण बंधइ बंधिस्सइ 3 बंधी ण बंधइ ग बंधिस्सइ 4 ण बंधी बंधइ बंधिस्सइ 5 ण बंधी बंधइ ण बंधिस्सइ 6 ण बंधी ण बंधइ बंधिस्सइ 7 ण बंधी ण बंधइ ण बंधिस्सइ 8 ? गोयमा! भवा. गरिसं पडुच्च अत्थेगइए' बंधी बंधइ बंधिस्सइ अत्थेगइए बंधी बंधइ ण बंधि. स्सइ, एवं तं चेव सव्वं जाव अत्थेगइए ण बंधी ण बंधइ ण बंधिस्सइ, गहणागरिसं पड़च्च अत्थेगइए बंधी बंधइ बंधिस्सइ, एवं जाव अत्थेगइए ण बंधी बंधइ बंधिस्सइ, णो चेव णं ण बंधी बंधइ ण बंधिस्सइ, अत्थेगइए ण बंधी ण बंधइ बंधिस्सइ अत्थेगइए ण बंधी ण बंधइ ण बंधिस्सइ / तं भंते ! कि साइयं सपज्ज. वसियं बंधइ साइयं अपज्जवसियं बंधइ अणाइयं सपज्जवसियं बंधइ अणाइयं अपज्जवसियं बंधइ ? गोयमा ! साइयं सपज्जवसियं बंधइ णो साइयं अपज्ज. वसियं बंधइ णो अणाइयं सपज्जवसियं बंधइ णो अणाइयं अपज्जवसियं बंधइ / तं भंते ! कि देसेणं देसं बंधइ देसेणं सव्वं बंधइ सव्वेणं देसं बंधइ सव्वेणं सव्वं बंधइ ? गोयमा ! णो देसेणं देसं बंधइ णो देसेणं सव्वं बंधइ णो सब्वेणं देसं बंधइ सवेणं सव्वं बंधइ // 340 // संपराइयणं भंते ! कम्मं कि णेरइओ बंधइ तिरिक्ख जोणिओ बंधइ जाव,देवी बंधइ ? गोयमा ! रइओवि बंधइ तिरिक्खजोणिओवि बंधइ तिरिक्खजोणिणीवि बंधइ मणुस्सोवि बंधइ मणुस्सीवि बंधइ देवोवि बंधइ देवीवि बंधइ / तं भंते ! कि इत्थी बंधइ पुरिसो बंधइ तहेव जाव णोइत्थीणोपुरिसोणोणपुंसओ बंधइ ? गोयमा ! इत्थीवि बंधइ पुरिसोवि बंधइ जाव णपुंसगावि बंधति अहवेए य अवगयवेओ य बंधइ अहवेए य अवगयया य बंधति / जइ भंते ! अवगयवेओ य बंधइ अवगयवेया य बंधंति तं भंते ! कि इत्थीपच्छाकडो बंधइ पुरिसपच्छाकडो बंधइ ? एवं जहेव इरियावहियाबंधगस्स तहेव गिरवसेसं जाव अहवा इत्थीपच्छाकडा य पुरिस पच्छाकडा य णपुंसगपच्छाकडा य बंधंति / तं भंते ! कि बंधी बंधइ बंधिस्सइ 1 Page #633 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 620 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि बंधी बंधइ ण बंधिस्सइ 2 बंधी ण बंधइ बंधिस्सइ 3 बंधी ण बंधइ ण बंधिस्सइ 4 ? गोयमा ! अत्थेगइए बंधी बंधइ बंधिस्सई 1 अत्यंगइए. बंधी बंधइ ण बंधिस्सइ 2 अत्थेगइए बंधी ण बंधइ बंधिस्सइ 3 अत्थेगइए बंधी ण बंधइ ण बंधिस्सइ / तं भंते ! कि साइयं सपज्जवसियं बंधइ ? पुच्छा तहेव, गोयमा ! साइयं वा सपज्जवसियं बंधइ अणाइयं वा सपज्जवसियं बंधइ अणाइयं वा अपज्जवसियं बंधइ णो चेव णं साइयं अपज्जवसियं बंधइ / तं भंते ! कि देसेणं देसं बंधइ० एवं जहेव इरियावहियाबंधगस्स जाव सम्वेणं सव्वं बंधइ // 341 // कइ णं भंते ! कम्मपयडीओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! अट्ठ कम्मपयडीओ पण्णत्ताओ? तंजहा-जाणावरणिज्जं जाव अंतराइयं / कइ णं भंते ! परीसहा पण्णता ? गोयमा ! बावीसं परीसहा प०, तंजहा-दिगिछापरीसहे, पिवासापरीसहे, जाव दंसणपरीसहे / एए णं भंते ! बावीसं परीसहा कइसु कम्मपयडीसु समोयरंति ? गोयमा ! चउसु कम्मपयडीसु समोयरंति, तंजहा-णाणावरणिज्जे, वेयणिज्जे, मोहणिज्जे, अंतराइए। णाणावरणिज्जे णं भंते ! कम्मे कइ परीसहा समोयरंति ? गोयमा ! दो परीसहा समोयरंति, तं०-पण्णापरीसहे णाणपरीसहे य / वेयणिज्जे णं मंते ! कम्मे कइ परीसहा समोयरंति ? गोयमा ! एक्कारस परीसहा समोयरंति, तंजहा-पंचेव आण. पुवी चरिया सेज्जा वहे य रोगे य। तणफास जल्लमेव य एक्कारस वेयणिज्जमि ॥१॥दसणमोहणिज्जे णं भंते ! कम्मे कइ परीसहा समोयरंति ? गोयमा ! एगे दंसणपरीसहे समोयरइ / चरित्तमोहणिज्जे गं भंते ! कम्मे कइ परीसहा समोयरंति ? गोयमा! सत्त परीसहा समोयरंति, तंजहा-अरई अचेल इत्थी णिसीहिया जायणा य अक्कोसे / सक्कारपुरक्कारे चरितमोहंमि सत्तेए // 1 // अंतराइए णं भंते | कम्मे कइ परीसहा समोयरंति ? गोयमा ! एगे अलाभपरीसहे समोयरइ / सत्तविहबंधगस्स गं भंते ! कइ परीसहा पण्णता? गोयमा ! बावीसं परीसहा पण्णता, वीसं पुण वेएइ, जं समयं सीयपरीसहं वेएइ णो तं समयं उसिणपरीसहं वेएइ जं समयं उसिणपरीसहं वेएइ णो तं समयं सीयपरीसहं वेएइ, जं समयं चरियापरीसहं वेएइ णो तं समयं णिसी. हियापरीसहं वेएइ जं समयं णिसीहियापरीसह वेएइ णो तं समयं चरियापरीसहं वेएइ / एवं अट्ठविहबंधगस्सवि / छव्विहबंधगस्स णं भंते ! Page #634 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 8 उ. 8 621 सरागछ उमत्थस्स कइ परीसहा पण्णत्ता ? गोयमा ! चोइस परीसहा पण्णता बारस पुण वेएइ, जं समयं सीयपरीसहं वेएइ णो तं समयं उसिणपरीसहं वेएइ जं समयं उसिणपरोसहं वेएइ णो तं समयं सीयपरीसहं वेएइ, जं समयं चरिया. परीसहं वेएइ णो तं समयं सेज्जापरीसहं वेएइ जं समयं सेज्जापरीसहं वेएइ णो तं समयं चरियापरीसहं वेएइ / एक्कविहबंधगस्स णं भंते ! वीयरागछउमत्थस्स कइ परीसहा पण्णता ? गोयमा ! एवं चेव जहेव छव्विहबंधगस्स / एगविहबंधगस्स गं भंते ! सजोगिभवत्थकेवलिस्स कइ परीसहा पण्णता ? गोयमा ! एक्कारस परीसहा पण्णत्ता, णव पुण वेएइ, सेसं जहा छविहबंध. गस्स / अबंधगस्स गं भंते ! अजोगिभवत्थकेवलिस्स कइ परीसहा पण्णत्ता ? गोयमा ! एक्कारस परीसहा पण्णता, णव पुण वेएइ, जं समयं सीयपरीसहं वेएइ णो तं समयं उसिणपरीसहं वेएइ जं समयं उसिणपरीसहं वेएइ णो तं समयं सीयपरीसहं वेएइ, जं समयं चरियापरीसहं वेएइ णो तं समयं सेज्जापरीसहं वेएइ जं समयं सेज्जापरीसहं वेएइ णो तं समयं चरियापरीसहं वेएइ // 342 // जंबूद्दीवे गं भंते ! दीवे सूरिया उग्गमणमुहुत्तंसि दूरे य मूले य दोसंति मशंतियमुहत्तंसि मूले य दूरे य दीसंति अत्थमणमुहत्तंसि दूरे य मूले य दीसंति ? हंता गोयमा ! जंबुद्दीवे गं दीवे सूरिया उग्गमणमुहुत्तंसि दूरे य तं चेव जाव अत्थमणमुहुत्तंसि दूरे य मूले य दीसंति / जंबुद्दीवे गं भंते ! दीवे सूरिया उग्गमणमुत्तसि मज्झंतियमहत्तंसि य अत्थमणमुहत्तंसि य सव्वत्थ समा उच्चत्तेणं ? हंता गोयमा ! जंबुद्दीवे गं दीवे सूरिया उग्गमण जाव उच्चत्तेणं / जइ णं भंते ! जंबुद्दीवे 2 सूरिया उग्गमणमुहुत्तंसि य मज्झंतिय. अस्थमणमहत्तंसि जाव उच्चत्तणं से केणं खाइ अट्ठणं भंते ! एवं वच्चइ जंबहीवे गं दीवे सूरिया उग्गमणमहत्तंसि दूरे य मले य दीसंति जाव अत्थ. मणमुहुतंसि दूरे य मूले य दीसंति ? गोयमा ! लेसापडिघाएणं उग्गमण. मुहुत्तंसि दूरे य मूले य दीसंति लेसाभितावेणं ममंतियमुहत्तंसि मूले य दूरे य दीसंति लेसापडिघाएणं अत्थमणमुहुत्तंसि दूरे य मूले य दीसंति, से तेणठेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-जंबुद्दीवे णं दीवे सूरिया उग्गमणमुहुत्तंसि दूरे य मले य दीसंति जाव अत्थमण जाव दीसंति / जंबद्दीवे णं भंते ! दीवे सूरिया कि तीयं खेत्तं गच्छति पडुप्पण्णं खेत्तं गच्छंति अणागयं खेत्तं गच्छति ? Page #635 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 622 अंग-पविट्ट सुत्ताणि गोयमा ! णो तीयं खेत्तं गच्छंति पडुप्पण्णं खेत्तं गच्छंति णो अणागयं खेत्तं गच्छति / जंबुद्दीवे गं भंते ! दीवे सूरिया कि तीयं खेत्तं ओभासंति पडुप्पण्णं खेत्तं ओभासंति अणागयं खेत्तं ओभासंति ? गोयमा ! णो तीयं खेत्तं ओभासंति षडुप्पण्णं खेत्तं ओभासंति णो अणागयं खेत्तं ओभासंति / तं भंते ! कि पुट्ठ ओभासंति अपुढं ओभासंति ? गोयमा ! पुढें ओभासंति णो अपुढें ओभा. संति जाव णियमा छदिसि / जंबूदीवे गं भंते ! दीवे सूरिया कि तीयं खेत्तं उज्जोवेंति ? एवं चेव जाव णियमा छद्दिसि, एवं तवेंति एवं भासंति जाव णियमा छदिसि / जंबुद्दीवे गं भंते ! दीवे सूरियाणं कि तीए खेत्ते किरिया कज्जइ पडुप्पण्णे खेत्ते किरिया कज्जइ अणागए खेत्ते किरिया कज्जई ? गोयमा ! णो तीए खेत्ते किरिया कज्जइ पड़प्पण्णे खेते किरिया कज्जइ णो अणागए खेत्ते किरिया कज्जइ / सा भंते ! किं पुट्ठा कज्जइ अपुट्ठा कज्जइ ? गोयमा ! पुट्ठा कज्जइ णो अपुट्ठा कज्जइ जाव णियमा छद्दिसि / जंबुद्दीवे गं भंते ! दोवे सूरिया केवइयं खेत्तं उड्ढं तवंति केवइयं खेत्तं अहो तवंति केवइयं खेत्तं तिरियं तवंति ? गोयमा ! एगं जोयणसयं उड्ढं तवंति अट्ठारस जोयणसयाई अहे तवंति सीयालीसं जोयणसहस्साइं दोण्णि य तेवढे जोयणसए एक्कवीसं च सद्विभाए जोयणस्स तिरियं तवंति / अंतो णं भंते ! माणुसुत्तरस्स पव्वयस्स जे चंदिमसूरियगहगणणक्खत्ततारारूवा ते णं भंते ! देवा कि उड्ढो. बवण्णगा ? जहा जीवाभिगमे तहेव गिरवसेसं जाव उवकोसेणं छम्मासा। बहिया गं भंते ! माणुसुत्तरस्स जहा जीवाभिगमे जाव इंदाणे णं भंते ! केवइयं कालं उववाएणं विरहिए पण्णत्ते ? गोयमा ! जहण्णेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं छम्मासा / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 343 // अट्ठमं सयं णवमो उद्देसो कइविहे गं भंते ! बंधे पणत्ते ? गोयमा ! दुविहे बंधे पण्णत्ते, तंजहापओगबंधे य वीससाबंधे य // 344 // वीससाबंधे णं भंते ! कइबिहे पणते ? गोग्रमा ! दुविहे पण्णत्ते, तंजहा-साईयवीससाबंधे य अणाईयवीससाबंधे य / अणाईयवीससाबंधे णं भंते ! कइविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! तिविहे पणत्ते, तंजहा-धम्मत्थिकायअण्णमण्णअणाईयवीससाबंधे, अधम्मत्थिकायअण्णमण्ण. Page #636 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 8 उ. 9 623 अणाईयवीससाबंधे, आगासस्थिकायअण्णमण्णअणाईयवीससाबंधे / धम्मत्थि. कायअणमण्णअणाईयवीससाबंधे णं भंते ! कि देसबंधे सव्वबंधे ? गोयमा ! देसबंधे णो सव्वबंधे, एवं अधम्मत्थिकायअण्णमण्णअणाईयवीससाबंधेवि, एवमागासत्थिकायअण्णमण्णअणाईयवीससाबंधेवि / धम्मत्थिकायअण्णमण्णअणाईयवीससाबंधे णं भंते ! कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! सव्वद्धं, एवं अधम्मत्थिकाए, एवं आगासत्थिकाए वि। साईयवीससाबंधे णं भंते ! कइविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! तिविहे पण्णत्ते, तंजहा-बंधणपच्चइए, भायणपच्चइए परिणामपच्चइए / से कि तं बंधणपच्चइए ? 2 जण्णं परमाणुपोग्गला दुप्पएसिया तिप्पएसिया जाव दसपएसिया संखेज्जा पएसिया असंखेज्जपएसिया, अगंतपएसियणां खंधाणं वेमायणिद्धयाए वेमायलुक्खयाए वेमायणिद्धलुक्खयाए बंधणपच्चइए गं बंधे समुप्पज्जइ जहण्णेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं असंखेज्जं कालं, सेत्तं बंधणपच्चइए / से कि तं भायणपच्चइए ? भायणपच्चइए जण्णं जुण्णसुराजण्णगुलजुण्णतंदुलाणं भायणपच्चएइएणं बंधे समुप्पज्जइ जहणेणं अंतोमहत्तं उक्कोसेणं संखेज्जं कालं, सेत्तं भायणपच्चइए / से किं तं परिणामपच्चइए ? परिणामपच्चइए जणं अब्भाणं अन्भरुक्खाणं जहा तइयसए जाव अमोहाणं परिणामपच्चइए णं बंधे समुप्पज्जइ जहणेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं छम्मासा, सेत्तं परिणामपच्चइए, सेत्तं साईयवीससाबंधे, सेत्तं वीससाबंधे // 345 // से कि तं पओगबंधे ? पओगबंधे तिविहे पण्णत्ते, तंजहा-अणाईए वा अपज्जवसिए, साईए वा अपज्जवसिए, साईए वा सपज्जवसिए / तत्थ णं जे से अणाईए अपज्जवसिए से णं अट्टण्हं जीवमज्झपएसाणं / तत्थवि णं तिण्हं 2 अणाईए अपज्जवसिए सेसाणं साईए, तत्थ गं जे से साईए अपज्जवसिए से गं सिद्धाणं, तत्थ णं जे से साईए सपज्जवसिए से णं चउविहे पण्णत्ते, तंजहा-आलावणबंधे, अल्लियावणबंधे, सरीरबंधे, सरीरप्पओगबंधे / से कि तं आलावणबंधे ? आलावणबंधे जण्णं तणभाराण वा कटुभाराण वा पत्तभाराण वा पलालभाराण वा वेल्लभाराण वा वेत्तलयावागवरत्तरज्जवल्लिकुसदब्भमाईएहि आलावणबंधे समुप्पज्जइ जहणेणं अंतोमुहत्तं उक्कोसेणं संखेज्जं कालं, सेतं आलावणबंधे / से कि तं अल्लियावणबंधे ? अल्लियावणबंधे चउन्विहे पण्णत्ते, तंजहा-लेसणाबंधे, उच्चयबंधे, समुच्चयबंधे, साहणणाबंधे / से किं तं लेसणाबंधे ? लेसणाबंधे Page #637 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 624 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि जग्णं कुट्टा णं कोट्टिमाणं खंभाणं पासायाणं कट्ठाणं चम्माणं घडाणं पडाणं कडाणं छुहाचिक्खिल्लसिलेस्सलक्खमहुसित्थमाइएहि लेसणपहिं बंधे समुप्पज्जइ जहणेणं अंतोमुहत्तं, उक्कोसेणं संखेनं कालं, सेत्तं लेसणाबंधे। से कि तं उच्चयबंधे ? उच्चयबंधे जण्णं तणरासीण वा, कट्टरासीण वा, पतरासीग वा, तुसरासीण वा भसरासीण वा गोमयरासीण वा अवगररासीण वा उच्चतेणं बंधे समुप्पज्जइ जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं संखेज्जं कालं, सेत्तं उच्चय. बंधे / से किं तं समुच्चयबंधे ? समुच्चयबंध जण्णं अगडतडागणईदहवावी. पुक्खरिणीदीहिहियाणं गुंजालियाणं सराणं सरपंतियाणं सरसरपंतियाणं बिल. पंतियाणं देवकुलसभप्पवथूभखाइयाणं फरिहाणं पागारट्टालगचरियदारगोपुरतोर. णाणं पासायघरसरणलेणआवणाणं सिंघाडगतियचउक्कचच्चरचउम्मुहमहापहमाईणं छुहाचिक्खिल्लसिलेससमुच्चएणं बंधे समुप्पज्जइ जहणेणं अंतोमुहत्तं उक्कोसेणं संखेज्जं कालं, सेत्तं समुच्चयबंधे / से कि तं साहणणाबंधे ? साह. णणाबंधे दुविहे पण्णत्ते, तंजहा-देससाहणणाबंधे य सव्वसाहणणाबंधे य / से कि तं देससाहणणाबंधे ? देससाहणणाबंधे जपणं सगडरहजाणजुग्गगिल्लिथिल्लिसीयसंदमाणियलोहीलोहकडाहकडुच्छ्यआसणसयणखंभभंडमत्तोवगरणमाईणं देससाहणणाबंधे समुप्पज्जइ जहणेणं अंतोमुत्तं उक्कोसेणं संखेज्ज कालं, सेत्तं देससाहणणाबंधे / से किं तं सव्वसाहणणाबंधे ? सम्वसाहणणाबंधे से णं खीरोदगमाईणं, सेत्तं सव्वसाहणणाबंधे, सेत्तं साहणणाबंधे, सेत्तं अल्लि. यावणबंधे // 346 // से किं तं सरीरबंधे ? सरीरबंधे दुविहे पण्णत्ते, तंजहापुव्वप्पओगपच्चइए य पडुप्पण्णपओगपच्चइए य / से किं तं पुव्वप्पओगपच्चइए पुवपओगपच्चइए जण्णं णेरइयाणं संसारस्थाणं सव्वजीवाणं तत्थ 2 तेसु 2 कार. णेसु समोहणमाणाणं जीवप्पएसाणं बंधे समुप्पज्जइ सेत्तं पुस्वप्पओगपच्चइए / से किं तं पड़प्पण्णप्पओगपच्चइए ?2 जण्णं केवलणाणिस्स अणगारस्स केवलि. समुग्घाएणं समोहयस्स ताओ समुग्घायाओ पडिणियत्तमाणस्स अंतरा मंथे वट्टमाणस्स तेयाकम्माणं बंधे समुप्पज्जइ कि कारणं? ताहे से पएसा एगत्ती. गया भवंति , सेत्तं पडुप्पण्णप्पओगपच्चइए, सेत्तं सरीरबंधे / से कि तं सरीरप्पओगबंधे ? सरीरप्पओगबंधे पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा-ओरालियसरीर. Page #638 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 8 उ. 9 625 प्पओगबंधे, वेउब्वियसरीरप्पओगबंधे, आहारगसरीरप्पओगबंधे, तेयासरीरप्प. ओगबंधे, कम्मासरीरप्पओगबंधे / ओरालियसरीरप्पओगबंधे गं भंते ! कइविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा-एगिदियओरालियसरीरप्प ओगबंधे बेइंदियओ० जाव पंचिदियओरालियसरीरप्पओगबंधे। एगिदियओरालियसरीरप्पओगबंधे णं भंते ! कई विहे पण्णते ? गोयमा ! पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा-पुढविक्काइयएगिदिय० एवं एएणं अभिलावेणं भेओ जहा ओगाहणसंठाणे ओरालियसरीरस्स तहा भाणियव्यो जाव पज्जत्तगब्भवक्कंतियमणुस्सपंचिदिय. ओरालियसरीरप्पओगबंधे य अपज्जत्तगब्भवक्कतियमणुस्स जाव बंधे य। ओरालियसरीरप्पओगबंधे णं भंते ! कस्स कम्मस्स उदएणं ? गोयमा ! वीरिय. सजोगसदृव्वयाए पमायपच्चया कम्मं च जोगं च भवं च आउयं च पड़च्च ओरालियसरीरप्पओगणामकम्मस्स उदएणं ओरालियसरीरप्पओगबंधे / एगिदियओरालियसरीरप्पओगबंधे गं भंते ! कस्स कम्मस्स उदए गं ?एवं चेव, पुढवि. क्काइयएगिदियओरालियसरीरप्पओगबंधे एवं चेव, एवं जाव वणस्सइकाइया, एवं बेइंदिया, एवं तेइंदिया, एवं चरिदिया ।तिरिक्खजोणियपंचिदियओरा. लियसरीरप्पओगबंधे णं भंते !. कस्स कम्मस्स उदएणं ? एवं चेव, मणस्स. पंचिदियओरालियसरीरप्पओगबंध णं भंते ! कस्स कम्मस्स उदएणं ? गोयमा ! बीरियसजोगसदृब्वयाए पमायपच्चया जाव आउयं च पडुच्च मणुस्सपंचिदियओरालियसरीरप्पओगणामकम्मस्स उदएणं / ओरालियसरीरप्पओगबंधे णं भंते ! कि देसबंधे सव्वबंधे ? गोयमा !. देसबंधेवि सव्वबंधेवि / एगिदिय. ओरालियसरीरप्पओगबंधे णं भंते ! कि देसबंधे सव्वबंधे ? एवं चेव, एवं पुढविक्काइया, एवं जाव मणुस्सपंचिदियओरालियसरीरप्पओगबंधे णं भंते ! कि देसबंधे सम्वबंधे ? गोयमा ! देसबंधेवि सव्वबंधेवि / ओरालियसरीरप्पओगबंधे णं भंते ! कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! सव्वबंधे एक्कं समयं, देसबंधे जहण्णेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं तिण्णि पलिओवमाई समयऊणाई। एगिदियओरालियसरीरप्पओगबंधे गं भंते ! कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! सव्वबंधे एक्कं समयं, देसबंधे जहण्णेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं बावीसं वास. सहस्साइं समयऊणाई पुढविक्काइयएगिदियपुच्छा, गोयमा। सव्वबंधे एक्कं समयं, देसबंधे जहण्णेणं खुड्डागभवग्गहणं तिसमयऊणं, उक्कोसेणं बावीसं वास Page #639 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 626 अंग-पविट्ट सुत्ताणि सहस्साई समयऊणाई, एवं सव्वेसि सव्वबंधो एक्कं समय, देसबंधो जेसि णत्थि वेउव्वियसरीरं तेसि जहण्णेणं खुड्डागं भवग्गहणं तिसमयऊणं, उक्कोसेणे जा जस्स ठिई सा समयऊणा कायव्वा, जेसि पुण अस्थि वेउव्वियसरीरं तेसि देसबंधो जहण्णेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं जा जस्स ठिई सा समयऊणा कायव्वा जाव मणुस्साणं देसबंधे जहणेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं तिण्णि पलि. ओवमाइं समयऊणाई / ओरालियसरीरप्पओगबंधतरं गं भंते ! कालओ केवचिरं होइ ? गोयमा ! सव्वबंधतरं जहणेणं खड्डागं भवग्गहणं तिसमयऊणं, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं पुव्वकोडिसमयाहियाई, देसबंधंतरं जहण्णेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई तिसमयाहियाई / एगिदियओरालियपुच्छा, गोयमा ! सव्वबंधंतरं जहणेणं खड्डागं भवग्गहणं तिसमयऊणं, उक्कोसेणं बावीसं वाससहस्साई समयाहियाई, देसबंधतरं जहणेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं अंतोमुहत्तं / पुढविक्काइयएगिदियपुच्छा गोयमा ! सव्वबंधतरं जहेव एगिदियस्स तहेव भाणियव्वं, देसबंधंतरं जहण्णेणं एक्कं समयं, उक्कोसेन तिण्णि समया, जहा पुढविक्काइयाणं एवं जाव चरिंदियाणं वाउ. क्काइयवज्जाणं, णवरं सव्वबंधंतरं उक्कोसेणं जा जस्स ठिई सा समयाहिया कायब्वा, वाउक्काइयाणं सव्वबंधंतरं जहण्णेणं खुड्डागभवग्गहणं तिसमयऊणं, उक्कोसेणं तिणि वाससहस्साई समयाहियाई, देसबंधंतरं जहण्णेणं एवकं समयं, उक्कोसेणं अंतोमुत्तं / पंचिदियतिरिक्ख जोणियओरालियपुच्छा, गोयमा ! सव्वबंधंतरं जहण्णेणं खुड्डागभवग्गहणं तिसमयऊणं, उक्कोसेणं पुत्वकोडी समयाहिया, देसबंधतरं जहा एगिदियाणं तहा पंचिदियतिरिक्खजोणियाणं, एवं मणुस्साणवि शिरवसेसं भाणियव्वं जाव उक्कोसेणं अंतोमहत्तं / जीवस्स णं भंते ! एगिदियत्ते णोएगिदियत्ते पुणरवि एगिदियत्ते एगिदियओरालियसरीरप्पओगबंधंतरं कालओ केवच्चिर होइ ? गोयमा ! सव्वबंधतरं जहणेणं दो खड्डाई भवग्गहणाई तिसमयऊणाई, उक्कोसेणं दो सागरोवमसहरसाई संखेज्जवासमभहियाई, देसबंधतरं जहणेणं खुड्डागं भवग्गहणं समयाहियं, उक्कोसेणं दो सागरोवमसहस्साई संखेज्जवासमभहियाई / जीवस्स णं भंते ! पुढविक्काइयत्ते णोपुढविक्काइयत्ते पुणरवि पुढविक्काइयत्ते पुढविक्काइयएगिदिय ओरालियसरीरप्पओगबंधतरं कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा! सव्वबंधतरं Page #640 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 8 उ. 9 627 जहणेणं दो खुड्डाई भवग्गहणाई तिसमयऊणाई, उक्कोसेणं अणंतं कालं अणंताओ उस्सप्पिणिओसप्पिणीओ कालओ, खेत्तओ अणंता लोगा असंखेज्जा पोग्गलपरियट्टा ते णं पोग्गलपरियडा आवलियाए असंखेज्जइभागो, देसबंधंतरं जहग्णेणं खुड्डागभवग्गहणं समयाहियं, उक्कोसेणं अणतं कालं जाव आवलियाए असंखेज्जइ भागो, जहा पुढ विक्काइयाणं एवं वणस्सइकाइयवज्जाणं जाव मणुस्साणं, वणस्सइकाइयाणं दोणि खड्डाइं, एवं चेव उक्कोसेणं असंखेज्जं कालं असंखेज्जाओ उस्सप्पिणिओसप्पिणीओ कालओ, खेत्तओ असंखेज्जा लोगा, एवं देसबंधंतरंपि उक्कोसेणं पुढविकालो। एएसि गं भंते ! जीवाणं ओरा. लियसरीरस्स देसबंधगाणं सव्वबंधगाणं अबंधगाण य कयरे 2 जाव विसेसा. हिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा ओरालियसरीरस्स सव्वबंधगा, अबंधगा विसेसाहिया, देसबंधगा असंखेज्जगुणा // 347 // वेउब्वियसरीरप्पओगबंधे णं भंते ! कइविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! दुविहे पण्णत्ते, तंजहा-एगिदियवेउब्वियसरीरप्पओगबंधे य पंचिदियवेउब्वियसरीरप्पओगबंधे य। जइ एगिदिय. वेउब्वियसरीरप्पओगबंधे कि वाउक्काइयएगिदियसरीरप्पओगबंधे य अवाउक्काइयएगिदिय० एवं एएणं अभिलावेणं जहा ओगाहणसंठाणे वेउब्वियसरीरभेओ तहा भाणियन्वो जाव पज्जत्तासम्वसिद्धअणुत्तरोववाइयकप्पाईयवेमाणियदेवचिदियवेउब्वियसरीरप्पओगबंधे य अपज्जत्तासम्वसिद्धअणुत्तरोववाइय जाव पओगबंधे य / वेउव्वियसरीरप्पओगबंधे गं भंते ! कस्स कम्मस्स उदएणं ? गोयमा! वीरियसजोगसद्दव्वयाए जाव आउयं वा लद्धि वा पडुच्च वेउव्वियसरीरप्पओगणामाए कम्मस्स उदएणं वेउव्वियसरीरप्पओगबंधे / वाउक्काइयएगिदियवे उब्वियसरीरप्पओग० पुच्छा गोयमा ! वीरियसजोगसहब्वयाए एवं चेव जाव लद्धि पडुच्च वाउक्काइयएगिदियवेउम्विय जाव बंधे / रयणप्पभापुढविणेरइयपंचिदियवेउव्वियसरीरप्पओगबंधे णं भंते ! कस्स कम्मस्स उदएणं ? गोयमा ! बीरियसजोगसद्दव्वयाए जाव आउयं वा पडुच्च रयणप्पभापुढवि जाव बंधे, एवं जाव अहेसत्तमाए / तिरिक्खजोणियपंचिदिय. वेउव्वियसरीरपृच्छा; गोयमा ! वीरिय० जाव जहा वाउक्काइयाणं, मणुस्सपंचिदियवेउव्वियसरीरप्पओग० पुच्छा, एवं चेव, असुरकुमारभवणवासिदेवपंचिदियवेउव्विय जाव बंधे, जहा रयणप्पभापुढविणे रइयाणं एवं जाव थणिय. Page #641 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 628 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि कुमारा, एवं वाणमंतरा, एवं जोइसिया, एवं सोहम्मकप्पोवया वेमाणिया एवं जाव अच्चुयगेवेज्जकप्पाईयवेमाणिया अणुतरोववाइयकप्पाईय. वेमाणिया एवं चेव / वेउव्वियसरीरप्पओगबंधे णं भंते ! कि देसबंधे सव्वबंधे ? गोयमा ! देसबंधेवि सव्वबंधेवि, वाउक्काइयएगिदिय० एवं चेव, रयणप्पभापुढविणेरइया एवं देव एवं जाव अणुत्तरोववाइया / वेउब्वियसरीर. प्पओगबंधे णं भंते ! कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! सव्वबंधे जहणेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं दो समया, देसबंधे जहणेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई समयऊणाई। वाउक्काइयएगिदियवेउव्विय पुच्छा? गोयमा! सव्वबंधे एक्कं समय, देसबंधे जहण्णेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं अंतोमुहत्तं / रयणप्पभा पुढविणेरइयपुच्छा, गोयमा ! सव्वबंधे एक्कं समय, देसबंधे जहण्णेणं दसवाससहस्साई तिसमयऊणाई, उक्कोसेणं सागरोवमं समयऊणं, एवं जाव अहे सत्तमा णवरं देसबंधे जस्स जा जहणिया ठिई सा तिसमयऊणा कायव्वा जाव उक्कोसा सा समयऊणा। पंचिदियतिरिक्खजोणियाणं मणुस्साण य जहा वाउक्काइयाणं / असुरकुमारणागकुमार जाव अणुत्तरोववाइयाणं जहा णेरइयाणं णवरं जस्स जा ठिई सा भाणियव्वा 'जाव अणुत्तरोववाइयाणं सव्वबंधे एक्कं समयं देसबंधे जहणणं एक्कतीसं सागरोवमाइं तिसमयऊणाई, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई समयऊणाई / वेउव्वियसरीरप्पओगबंधतरं णं भंते ? कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! सव्वबंधंतरं जहणणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं अगंतं कालं अणंताओ जाव आवलियाए असंखेज्जइ भागो, एवं देसबंधतरंपि / वाउक्काइयवेउन्वियसरीरपुच्छा ? गोयमा ! सव्वबंधंतरं जहण्णेणं अंतोमुहत्तं, उक्कोसेणं पलिओवमस्स असं. खेज्जइभागं, एवं देसबंधतरंपि / तिरिक्खजोणियचिदियवेउब्वियसरीर. प्पओगबंधंतरं पुच्छा, गोयमा ! सबबंधंतरं जहण्णेणं अंतोमुहत्तं, उक्कोसेणं पुवकोडिपुहुत्तं, एवं देसबंधंतरपि, एवं मणुस्सस्सवि / जीवस्स णं भंते ! वाउकाइयत्ते णोबाउकाइय ते पुणरवि वाउकाइयत्ते वाउकाइयएगिदियवेउवियपुच्छा ? गोयमा ! सव्वबंधतरं जहण्णणं अंतोमहत्तं, उक्कोसेणं अणतं कालं वणस्सइकालो, एवं देसबंधंतरपि / जीवस्स णं भंते ! रयणप्पभापुढविणेरइयत्ते गोरयणप्पमापुडवि० पुच्छा ? गोयमा ! सव्वबंधंतरं जहण्णेणं दसवाससहस्साई Page #642 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 8 उ. 9 629 अंतोमुत्तमब्भहियाई, उक्कोसेणं वणस्सइकालो, देसबंधंतरं जहणेणं,अंतोमुहुतंउक्कोसेणं अणंतं कालं वणस्सइकालो, एवं जाव अहेसत्तमाए, णवरं जा जस्स ठिई जहणिया सा सव्वबंधंतरं जहण्णेणं अंतोमुत्तमब्भहिया कायव्वा, सेसं तं चेव / चिदियतिरिक्खजोणियमणुस्साण य जहा वाउक्काइयाणं / असुरकुमारणागकुमार जाव सहस्सारदेवाणं एएसि जहा रयणप्पभापुढविणेरइयाणं णवरं सव्वबंधंतरं जस्स जा ठिई जहणिया सा अंतोमुत्तमब्भहिया कायव्वा, सेसं तंचेव। जीवस्स णं भंते ! आणयदेवत्ते णोआणयदेवत्तेपुच्छा ? गोयमा ! सव्व. बंधंतरं जहण्णेणं अट्ठारस सागरोवमाइं वासपुहुत्तमब्भहियाई, उक्कोसेणं अणंतं कालं वणस्सइंकालो, देसबंधंतरं जहण्णेणं वासपुहुत्तं उक्कोसेणं अणंतं कालं वणस्सइकालो,एवं जाव अच्चुए णवरं जस्स जाठिई सा सव्वबंधंतरं जहणेणं वासपुहत्तमब्भहिया कायव्वा सेसं तं चेव / गेवेज्जकप्पाईयापुच्छा ? गोयमा ! सव्वबंधंतरं जहण्णेणं बावीसं सागरोवमाई वासपुहुत्तमभहियाई, उक्कोसेणं अणंतं कालं वणस्सइकालो, देसबंधंतरं जहण्णेणं. वासपुहत्तं उक्कोसेणं वणस्स. इकालो / जीवस्स णं भंते ! अणुत्तरोववाइयपुच्छा ? गोयमा ! सव्वबंधंतरं जहणेणं एक्कतीसं सागरोवमाइं वासपुहुत्तमब्भहियाई, उक्कोसेणं संखेज्जाइं सागरोवमाई, देसबंधंतरं जहण्णेणं वासपुहत्तं, उक्कोसेणं संखेज्जाइं सागरो. वमाई / एएसि णं भंते ! जीवाणं वेउव्वियसरीरस्स देसबंधगाणं सव्वबंधगाणं अबधगाण य कयरे 2 हितो, जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा वे उब्वियसरीरस्स सव्वबंधगा, देसबंधगा असंखेज्जगणा, अबंधगा अणंतगणा / आहारगसरीरप्पओगबंधे णं भंते ! कइविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! एगागारे पण्णत्ते / जइ एगागारे पण्णत्ते कि मणुस्साहारगसरीरप्पओगबंधे अमणुस्ताहारगसरीरप्पओगबंधे ? गोयमा ! मणुस्साहारगसरीरप्पओगबंधे णो अमणुस्साहारगसरीरप्पओगबंधे, एवं एएणं अभिलावेणं जहा ओगाहणसंठाणे जाव इड्डिपत्तपमत्तसंजयसम्मद्दिपिज्जत्तसंखज्जवासाउयकम्मभूमियगब्भवक्कंतियमणुस्साहारगसरीरप्पओगबंधे, णो अणिडिपत्तपमत्त जाव आहारगसरीरप्पओगबंधे। आहारगसरीरप्पओगबंधे णं भंते ! कस्स कम्मस्स उदएणं ? गोयमा ! वीरिय. सजोमसहव्वयाए जाव लद्धि वा पडुच्च आहारगसरीरप्पओगणामाए कम्मस्स उदएणं आहारगसरीरप्पओगबंधे। आहारगसरीरप्पओगबंधे गं भंते ! कि Page #643 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 630 अंग-पविट्ट सुत्ताणि देसबंधे सव्वबंधे ? गोयमा ! देसबंधेवि सव्वबंधेवि / आहारगसरीरप्पओग. बंधे णं भंते ! कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा I सम्वबंधे एक्कं समयं, देसबंधे जहण्णणं अंतोमहत्त उक्कोसेणवि अंतोमहत्तं / आहारगसरीरप्पओगबंधंतरे णं भंते ! कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! सव्वबंधंतरं जहण्णेणं अंतोमुहत्तं उवकोसेणं अणंतं कालं अणंताओ ओसप्पिणिउस्सप्पिणीओ कालओ, खेत्तओ अणंता लोया अवड्ढं पोग्गलपरियट्टं देसूणं, एवं देसबंधंतरंपि / एएसि गंभंते ! जीवाणं आहारगसरीरस्स देसबंधगाणं सव्वबंधगाणं अबंधगाण य कयरे 2 हितो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा आहारग. सरीरस्स सव्वबंधगा, देसबंधगा संखेज्जगुणा, अबंधगा अणंतगुणा 3 // 348 // तेयासरीरप्पओगबंधे णं भंते ! 'कइविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! पंचविहे पणत्ते, तंजहा-एगिदियतेयासरीरप्पओगबंधे य बेइंदिय० तेइंदिय० जाव पंचिदियतेया. सरीरप्पओगबंधे य / एगिदियतेयासरीरप्पओगबंधे जं भंते ! कइविहे पण्णत्ते ?एवं एएणं अभिलावेणं भेओ जहा ओगाहणसंठाणे जाव पज्जतासव्व. दृसिद्धअणुत्तरोववाइयकप्पाईयवेमाणियदेवचिदियतेयासरीरप्पओगबंधे य अपज्जत्तासव्वट्ठसिद्धअणुत्तरोववाइय जाव बंधे य। तेयासरीरप्पओगबंधे णं भंते ! कस्स कम्मस्स उदएणं ? गोयमा ! वीरियसजोगसहव्वयाए जाव आउयं च पडुच्च तेयासरीरप्पओगणामाए कम्मस्स उदएणं तेयासरीरप्पओगबंधे / तेयासरीरप्पओगबंधे णं भंते ! कि देसबंधे सव्वबंधे ? गोयमा ! देसबंधे णो सव्वबंधे। तेयासरीरप्पओगबंधे णं भंते ! कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा! दुविहे पण्णत्ते, तंजहा-अणाइए वा अपज्जवसिए अणाइए वा सपज्जवसिए। तेयासरीरप्पओगबंधंतरं णं भंते ! कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! अणा. इयस्स अपज्जवसियस्स पत्थि अंतरं, अणाइयस्स सपज्जवसियस्स णत्थि अंतरं / एएसि णं भंते ! जीवाणं तेयासरीरस्स देसबंधगाणं अबंधगाण य कयरे 2 हितो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा तेयासरीर स्स अबंधगा, देसबंधगा अणंतगुणा 4 // 346 // कम्मासरीरप्पओगबंधे णं भंते ! कइ विहे पण्णत्ते ? गोयमा ! अट्ठविहे पण्णत्ते, तंजहा–णाणावरणिज्ज. कम्मासरीप्पओगबंधे जाव अंतराइयकम्मासरीरप्पओगबंधैं / णाणावरणिज्ज Page #644 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 8 उ. 9 631 कम्मासरीरप्पओगबंधे गं भंते कस्स! कम्मस्स उदएणं ? गोयमा ! णाणपडि. णीययाए णाणणिण्हवणयाए, णाणंतराएणं, णाणप्पओसेणं, णाणच्चासायणयाए, णाप्रविसंवायणाजोगेणं णाणावरणिज्जकम्मासरीरप्पओगणामाए कम्मस्स उद. एणं णाणावरणिज्जकम्मासरीरप्पओगबंधे / दरिसणावरणिज्जकम्मासरीरप्प. ओगबंधे णं भंते ! कस्स कम्मस्स उदएणं ? गोयमा ! दंसणपडिणीययाए एवं जहा णाणावरणिज्जं णवरं दसणणाम घेत्तव्वं जाव दंसणविसंवायणाजोगेणं दरिसणावरणिज्जकम्मासरीरप्पओगणामाए कम्मस्स उदएणं जाव पओगबंधे। सायावेयणिज्जकम्मासरीरप्पओगबंधे गं भंते ! कस्स कम्मस्स उदएणं ? गोयमा ! पाणाणुकंपयाए भूयाणुकंपयाए एवं जहा सत्तमसए दसमो(सए जाव अपरियावणयाए सायावेयणिज्जकम्मासरीप्पओगणामाए कम्मस्स उदएणं सायावेयणिज्जकम्मा जाव बंधे / असायावेयणिज्जपुच्छा? गोयमा ! परदुक्खणयाए परसोयणयाए जहा सत्तमसए दसमोद्देसए जाव परियावणयाए असायावेय. णिज्जकम्मा जाव पभोगबंधे / मोहणिज्जकम्मासरीरप्पओगपुच्छा ? गोयमा ! तिव्वकोहयाए, तिव्वमाणयाए, तिव्वमाययाए, तिव्वलोहयाए, तिव्वदंसणमोह. णिज्जयाए, तिव्वचरित्तमोहणिज्जयाए, मोहणिज्जकम्मासरीरप्पओग जाव पओगबंधे / णेरइयाउयकम्मासरीरप्पओगबंधे णं भंते ! पुच्छा ? गोयमा ! महारंभयाए, महापरिग्गहयाए, कुणिमाहारेणं, पंचिदियवहेणं, णेरइयाउयकम्मासरीरप्पओगणामाए कम्मस्स उदएणं णेरइयाउयकम्मासरीर जाव पओगबंधे। तिरिक्खजोणियाउयकम्मासरीरप्पओग्रपुच्छा? गोयमा! माइल्लयाए, णियडिल्ल. याए, अलियवयणेणं, कूडतुलकूडमाणेणं, तिरिक्खजोणियाउयकम्मासरीर जाव पओगबंधे / मणुस्सआउयकम्मासरीरपुच्छा? गोयमा ! पगइभद्दयाए, पगइविणीययाए, साणुक्कोसयाए, अमच्छरियाए, मणुस्साउयकम्मा जाव पओगबंधे / देवाउयकम्मासरीरपुच्छा ? गोयमा ! सरागसंजमेणं संजमासंजमेणं, बालतवोकम्मेणं, अकामणिज्जराए, देवाउयकम्मासरीर जाव पओगवंधे / सुभणामकम्मासरीरपुच्छा ? गोयमा ! काउज्जुययाए, भावुज्जुययाए, भासुज्जुययाए, अविसंवायणाजोगेणं,सुभणामकम्मासरीर जाव पओगबंधे। असुभणामकम्मासरीरपुच्छा ? गोयमा ! कायअणुज्जुययाए, भावअणुज्जुययाए, भासअणुज्जुययाए, Page #645 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 632 अंग-पविट्ट सुत्ताणि विसंवायणाजोगेणं असुभणामकम्मा जाव पओगबंधे / उच्चागोयकम्मासरीरपुच्छा ? गोयमा ! जाइअमएणं, कुलअमएणं, बलअमएणं, रूवअमएणं, लवअमएणं सुयअमएणं, लाभअमएणं, इस्सरियअमएणं, उच्चागोयकम्मासरीर जात्र पओगबंधे। णीयागोयकम्मासरीरपुच्छा? गोयमा ! जाइमएणं, कुलमएणं, बलमएणं, जाव इस्सरियमएणं, णीयागोयकम्मासरीरं जाव पओगबंधे / अंतराइयकम्मासरीरपुच्छा? गोयमा! दाणंतराएणं, लाभंतराएणं, भोगंतराएणं, उवभोगं. तराएणं, वीरियंतराएणं, अंतराइयकम्मासरीरप्पओगणामाए कम्मस्स उदएणं, अंतराइयकम्मासरीरप्पओगबंधे। णाणावरणिज्जकम्मासरीरप्पओगबंधे गं भंते! कि देसबंधे सव्वबंधे ? गोयमा ! देसंबंधे णो सव्वबंधे, एवं जाव अंतराइय. कम्मा०। णाणावरणिज्जकम्मासरीरप्पओगबंधे णं भंते ! कालओ केवच्चिर होइ ? गोयमा! णाणा० दुविहे पण्णत्ते, तंजहा-अणाइए सपज्जवसिए अणा. इए अपज्जवसिए, एवं जहा तेयगस्स संचिट्ठणा तहेव एवं जाव अंतराइयकम्म. स्स / णाणावरणिज्जकम्मासरीरप्पओगबंधतरे णं भंते ! कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! अणाइयस्स एवं जहा तेयगसरीरस्स अंतरं तहेव एवं जाव अंतराइयस्स / एएसि णं भंते ! जीवाणं णाणावरणिज्जस्स कम्मस्स देस बंध. गाणं अबंधगाण य कयरे 2 जाव अप्पाबहगं जहा तेयगस्स, एवं आउयवज्ज जाव अंतराइयस्स / आउयस्स पुच्छा ? गोयमा ! सम्वत्थोवा जीवा आउयस्स कम्मस्स देसबंधगा, अबंधगा संखेज्जगुणा 5 // 350 // जस्स णं भंते ! ओरालियसरीरस्स सव्वबंधे से णं भंते ! वेउब्वियसरीरस्स कि बंधए अबंधए? गोयमा ! णो बंधए अबंधए, आहारगसरीरस्स कि बंधए अबंधए ? गोयमा ! णो बंधए अबंधए, तेयासरीरस्स कि बंधए अबंधए ? गोयमा ! बंधए णो अबंधए, जइ बंधए कि देसबंधए सव्वबंधए ? गोयमा ! देसबंधए णो सव्वबंधए, कम्मासरीरस्स कि बंधए अबंधए ? जहेव तेयगस्स जाव देसबंधए णो सव्वबंधए / जस्स णं भंते ! ओरालियसरीरस्स देसबंधे से गं भंते ! वे उब्वियसरीरस्स कि बंधए अबंधए ? गोयमा ! णो बंधए अबंधए, एवं जहेव सव्वबंधेणं भणियं तहेव देसबंधेणवि भाणियव्वं जाव कम्मगस्स / जस्स णं भंते ? वेउव्वियसरीरस्स सव्वबंधे से णं भंते ! औरालियसरीस्स कि बंधए अबंधए ? गोयमा ! णो बंधए अबंधए, आहारगसरीरस्स एवं चेव Page #646 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 8 उ. 10 633 तेयगस्स कम्मगस्स य जहेव ओरालिएणं समं भणियं तहेव भाणियन्वं जाव देसबंधए णो सव्वबंधए / जस्स णं भंते ! वेउब्वियसरीरस्स देसबंधे से णं भंते ! ओरालियसरीरस्स कि बंधए अबंधए ? गोयमा ! णो बंधए, अबंधए एवं जहेव सव्वबंधणं भणियं तहेव देसबंधणवि भाणियव्वं जाव कम्मगस्स / जस्स गं भंते ! आहारगसरीरस्स सव्वबंधे से गं भंते ! ओरालियसरीरस्स कि बंधए अबंधए ? गोयमा ! णो बंधए अबंधए, एवं वेउव्वियस्सवि, तेयाकम्माणं जहेव ओरालिएणं समं भणियं तहेव भाणियव्वं / जस्स णं भंते ! आहारगसरीरस्स देसबंधे से णं भंते ! ओरालियसरीरस्स० एवं जहा आहारगसरीरस्स सव्वबंधेणं भणियं तहा देसबंधेवि भाणियव्वं जाव कम्मगस्स। जस्स णं भंते ! तेयासरीरस्स देसबंधे से णं भंते ! ओरालियसरीरस्स कि बंधए अबंधए ? गोयमा ! बंधए वा अबंधए वा, जइ बंधए कि देसबंधए सव्वबंधए ? गोयमा ! देसबंधए वा सव्वबंधए वा, वेउव्वियसरीरस्स कि बंधए अबंधए ? एवं चेव, एवं आहारगसरीरस्सवि, कम्मगसरीरस्स किं बंधए अबंधए ? गोयमा! बंधए णो अबंधए, जइ' बंधए कि देसबंधए सव्वबंधए ? गोयमा ! देसबंधए णो सव्वबंधए / जस्स णं भंते ! कम्मगसरीरस्स देसबंधे से गं भंते ! ओरा. लियसरीरस्स० जहा तेयगस्स वत्तव्वया भणिया तहा कम्मगस्सवि भाणियव्वा जाव तेयासरीरस्स. जाव देसबंधए णो सव्वबंधए // 351 // एएसि णं भंते ! सटवजीवाणं ओरालियवेउब्वियआहारगतेयाकम्मासरीरगाणं देसबंधगाणं सव्व. बंधगाणं अबंधगाण य कयरे 2 जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा आहारगसरीरस्स सव्वबंधगा 1 तस्स चेव देसबंधगा संखेज्जगणा 2 वेउब्वियसरीरस्स सव्वबंधगा असंखेज्जगुणा 3 तस्स चेव देसबंधगा असंखेज्जगुणा 4 तेयाकम्मगाणं दुण्हवि तुल्ला अबंधगा अणंतगुणा 5 ओरालियसरीरस्स सव्वबंधगा अणंतगुणा 3 तस्स चेव अबंधगा विसेसाहिया 7 तस्स चेव देस. बंधगा असंखेज्जगणा 8 तेयाकम्मगाणं देसबंधगा विसेसाहिया 6 वेउव्वियसरीरस्स अबंधगा विसेसाहिया 10 आहारगसरीरस्स अबंधगा विसेसाहिया 11 / सेवं भंते ! 2 त्ति // 352 // ... अटुमं सयं दसमो उद्देसो रायगिहे णयरे जाव एवं वयासी-अण्णउत्थिया णं भंते ! एवमाइक्खंति Page #647 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 634 अंग-पविटु सुत्ताणि जाव एवं परूवेंति-एवं खलु सील सेयं, सुयं सेयं, सुयं सेयं सील सेयं / से कहमेयं भंते ! एवं ? गोयमा ! जण्णं ते अण्णउत्थिया एवमाइक्खंति जान जे ते एवमाहंसु मिच्छा ते एवमाहंसु, अहं पुण गोयमा! एवमाइक्खामि जाव परूवेमि, एवं खलु मए चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता तंजहा-सीलसंपण्णे णामं एगे णो सुयसंपण्णे 1 सुयसंपण्णे णामं एगे णो सीलसंपण्णे 2 एगे सीलसंपण्णेवि सुयसंपण्णेवि 3 एगे णो सीलसंपणे णो सुयसंपण्णे 4 / तत्थ णं जे से पढमे पुरिसजाए से णं पुरिसे सीलवं असुयवं, उवरए अविण्णायधम्मे, एस णं गोयमा ! मए पुरिसे देसाराहए पण्णत्ते, तत्थ णं जे से दोच्चे पुरिसजाए से णं पुरिसे असीलवं सुयवं, अणुवरए विण्णायधम्म, एस णं गोयमा ! मए पुरिसे देसविराहए पण्णत्ते, तत्थ णं जे से तच्चे पुरिसजाए से णं पुरिसे सीलवं सुयवं, उवरए विण्णायधम्मे, एस णं गोयमा ! मए पुरिसे सव्वाराहए पण्णत्ते, तत्थ णं जे से चउत्थे पुरिसजाए से णं पुरिसे असीलवं असुययं, अणुवरए अवि. ण्णायधम्मे, एस णं गोयमा ! मए पुरिसे सव्वविराहए पण्णत्ते // 353 // कइ. विहा णं भंते ! आराहणा पण्णता ? गोयमा ! तिविहा आराहणा पण्णता, तंजहा-णाणाराहणा दंसणाराहणा चरित्ताराहणा / णाणाराहणा णं भंते ! कइविहा पण्णत्ता ? गोयमा ! तिविहा पण्णता-उक्कोसिया मज्झिमा जहण्णा / दंसणाराहणा णं भंते ! कइ विहा 50 ? एवं चेव तिविहावि / एवं चरिताराह. णावि। जस्स णं भंते ! उक्कोसिया णाणा राहणा तस्स उक्कोसिया दंसणाराहणा जस्स उक्कोसिया दंसहाराहणा तस्स उक्कोसिया जाणाराहणा ? गोयमा ! जस्स उक्कोसिया जाणाराहणा तस्स दंसणाराहणा उक्कोसिया वा अजहण्णउक्कोसिया वा, जस्स पुण उक्कोसिया दंसणाराहणा तस्स णाणाराहणा उक्कोसा वा जहण्णा वा अजहण्णमणुक्कोसा वा / जस्स णं भंते ! उक्कोसिया णाणा. राहणा तस्स उक्कोसिया चरित्ताराहणा जस्सुक्कोसिया चरित्ताराहणा तस्सुक्कोसिया णाणाराहणा ? जहा उक्कोसिया जाणाराहणा य दंसणाराहणा य भणिया तहा उक्कोसिया णाणाराहणा य चरित्ताराहणा य भाणियन्वा / जस्स णं भंते ! उक्कोसिया दंसणाराहणा तस्सुक्कोसिया चरित्ताराहणा जस्सुक्कोसिया चरिताराहणा तस्ससुक्कोसिया दंसणाराहणा ? गोयमा ! जस्स उक्को. सिया दंसणाराहणा तस्स चरित्ताराहणा उक्कोसा वा जहण्णा वा अजहण्ण. Page #648 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 8 उ. 10 635 मणुक्कोसा वा जस्स पुण उक्कोसिया चरित्ताराहणा तस्स दंसणाराहणा णियमा उक्कोसा / उक्कोसियं णं भंते ! णाणाराहणं आराहेत्ता कई हिं भवग्गहणेहि सिज्झइ जाव अंतं करेइ ? गोयमा ! अत्थेगइए तेणेव भवग्गहणेणं सिज्झइ जाव अंतं करेइ अत्थेगइए दोच्चेणं भवग्गहणेणं सिज्झइ जाव अंतं करेइ, अत्थेगइए कप्पोवएसु वा कप्पाईएसु वा उववज्जइ / उक्कोसियं णं भंते ! दंसणाराहणं आराहेत्ता कहिं भवग्गहहिं सिज्झइ जाव अंतं करेइ ? एवं चेव / उक्कोसियं णं भंते ! चरिताराहणं आराहेत्ता * ? एवं चेव णवरं अत्थेगइए कप्पाईएसु उववज्जइ / मज्झिमियं गं भंते ! णाणाराहणं आराहेता कईहिं भवग्गहणेहि सिज्झइ जाव अंतं करेइ ? गोयमा ! अत्थेगइए दोच्चेणं भवग्गहणेणं सिज्झइ जाव अंतं करेइ तच्चं पुण भवग्गहणं णाइक्कमइ / मज्झिम्मियं णं भंते ! दंसणाराहणं आराहेत्ता० एवं चेव, एवं मज्झिमियं चरिताराहणंपि / जहण्णियण्णं भंते ! जाणाराहणं आराहेत्ता काहिं भवग्गहणेहि सिज्झइ जाव अंतं करेइ ? गोयमा ! अत्थेगइए तच्चेणं भवग्गहणेणं सिज्झइ जाव अंतं करेइ सत्तभवग्गहणाई पुण णाइक्कमइ, एवं वंसणाराहणंपि, एवं चरिताराहणंपि // 354 // कइविहे णं भंते ! पोग्गलपरिणामे पण्णते ? गोयमा ! पंचविहे पोग्गलपरिणामे पण्णत्ते, तंजहा-वण्णपरिणामे 1 गंधप० 2 रसप० 3 फासप० 4 संठाणप०.५ / वण्णपरिणामे गं भंते ! कइविहे पण्णते ? गोयमा! पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा-कालवण्णपरिणामे जाव सुक्किल्लवण्णपरिणामे, एवं एएणं अभिलावेणं गंधपरिणामे दुविहे, रसपरिणामे पंचविहे, फासपरिणामे अट्ठविहे / संठाणपरिणामे गं भंते ! कइविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा-परिमंडलसंठाणपरिणामे जाव आययसंठाणपरिणामे // 35 // एगे भंते ! पोग्गलत्थिकायपएसे कि दव्वं 1 दव्वदेसे 2 दवाई 3 दव्वदेसा 4 उदाह दव्वं च दव्वदेसे य 5 उदाहु दव्वं च दव्वदेसा य 6 उदाहु दव्वाई च दव्वदेसे य 7 उदाहु दवाइं च दव्वदेसा य 8 ? गोयमा ! सिय दव्वं सिय दव्वदेसे णो दवाई णो दव्वदेसा णो दव्वं च दव्वदेसे य जाव णो दव्वाइं च दव्वदेसा य / दो भंते ! पोग्गलत्थिकायपएसा कि दव्वं दव्वदेसे ? पुच्छा तहेव, . गोयमा ! सिय दवं 1 सिय दव्वदेसे 2 सिय दव्वाइं 3 सिय दव्वदेसा 4 सिय Page #649 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 636 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि दव्वं च दव्वदेसे य 5 णो दव्वं च दव्वदेसा य 6 सेसा पडिसेहेयव्वा / तिण्णि भंते ! पोग्गलस्थिकायपएसा कि दव्वं दव्वदेसे० ? पुच्छा, गोयमा ! सिय दव्वं 1 सिय दव्वदेसे 2 एवं सत्त भंगा भाणियन्वा जाव सिय दव्वाइंच दव्वदेसे य णो दव्वाइं च दव्वदेसा य / चत्तारि भंते ! पोग्गलत्थिकायपएसा कि दव्वं ? पुच्छा, गोयमा ! सिय दव्वं 1 सिय दव्वदेसे 2 अट्टवि भंगा भाणियवा जाव सिय दवाइं च दव्वदेसा य 8 / जहा चत्तारि भणिया एवं पंच छ सत्त जाव संखेज्जा असंखेज्जा / अणंता भंते ! पोग्गलस्थिकायपएसा कि दध्वं? एवं चेव जाव सिय दव्वाइंच दव्वदेसा य॥३५६॥ केवइया णं भंते ! लोयागासपएसा प० ? गोयमा ! असंखेज्जा लोयागासपएसा प०। एगमेगस्स णं भंते ! जीवस्स केवइया जीवपएसा प० ? गोयमा ! जावइया 'लोयागासपएसा एगमेगस्स णं जीवस्स एवइया जीवपएसा पण्णत्ता // 357 // कइ णं भंते ! कम्मपयडीओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! अट्ठ कम्मपयडीओ पण्णत्ताओ, तंजहा-णाणावरणिज्ज जाव अंतराइयं / णेरइयाणं भंते ! कइ कम्मपयडीओ पण्णत्ताओ? गोयमा! अटू, एवं सव्वजीवाणं अटू कम्मपयडीओठावेयवाओ जाव वेमाणियाणं / णाणावरणिज्जस्स णं भंते ! कम्मस्स केवइया अविभाग. पलिच्छेया प० ? गोयमा ! अणंता अविभागपलिच्छेया प०। रइयाणं भंते ! णाणावरणिज्जस्स कम्मस्स केवइया अविभागपलिच्छेया प० ? गोयमा ! अणंता अविभागपलिच्छेया प०। एवं सव्वजीवाणं जाव वेमाणियाणं पुच्छा ? गोयमा ! अता अविभागपलिच्छेया प० एवं जहा णाणावरणिज्जस्स अविभागपलिच्छेया भणिया तहा अट्टण्हवि कम्मपयडीणं भाणियव्वा जाव वेमाणियाणं अंतराइयस्स। एगमेगस्स णं भंते ! जीवस्स एगमेगे जीवपएसे णाणावरणिज्जस्स कम्मस्स केवइएहि अविभागपलिच्छेएहि आवेढिय परिवेढिए ? गोयमा ! सिय आवेढिय. परिवेढिए सिय णो आवेढियपरिवेढिए, जइ आवेढियपरिवेढिए णियमा अणं. तेहिं / एगमेगस्स णं भंते ! णेरइयस्स एगमेगे जीवपएसे णाणावरणिज्जस्स कम्मस्स केवइएहि अविभागपलिच्छेएहि आवेढिय परिवेढिए ? गोयमा ! णियमं अणंतेहिं, जहा गैरइयस्स एवं जाव वेमाणियस्स, णवरं मणूसस्स जहा जीवस्स / एगस्स णं भंते ! जीवस्स एगमेगे जीवपएसे दरिसणावरणिज्जस्स कम्मस्स केवइएहिं० एवं जहेव णाणावरणिज्जस्स तहेव दंडगो भाणि. Page #650 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 8 उ. 10 637 यन्वो जाव वेमाणियस्स, एवं जाव अंतराइयस्स भाणियव्वं, णवरं वेयणिज्जस्स आउयस्स णामस्स गोयस्स एएसि चउण्हवि कम्माणं मणूसस्स जहा गैरइयस्स तहा भाणियत्वं सेसं तं चेव // 358 // जस्स णं भंते ! णाणावरणिज्ज तस्स दरिसणावरणिज्ज जस्स दंसणावरणिज्जं तस्स णाणावरणिज्जं? गोयमा!जस्सणं णाणावरणिज्जं तस्स दंसणावरणिज्जं णियमा अस्थि, जस्सणं दरिसणावर. णिज्जं तस्सविणाणावरणिज्ज णियमा अत्थि। जस्स णं भंते ! णाणावरणिज्ज तस्स वेयणिज्जं जस्स वेयणिज्ज तस्स णाणावरणिज्जं? गोयमा ! जस्स णाणावरणिज्जं तस्स वेयणिज्जं णियमा अस्थि, जस्स पुण वेयणिज्जं तस्स णाणावरणिज्जं सिय अस्थि सिय णत्थि / जस्स गं भंते ! णाणवरणिज्जं तस्स मोहणिज्ज जस्स मोहणिज्जं तस्स णाणावरणिज्ज ? गोयमा ! जस्स गाणा. वरणिज्जं तस्स मोहणिज्जं सिय अस्थि सिय णस्थि, जस्स पुण मोहणिज्जं तस्स णाणावरणिज्जं णियमा अत्थि। जस्स णं भंते ! णाणावरणिज्जं तस्स आउयं० ? एवं जहा वेयणिज्जेण समं भणियं तहा आउएणवि समं माणियब्वं, एवं णामे. गवि एवं गोएणवि समं, अंतराइएण समं जहा दरिसणावरणिज्जेण समं तहेव णियमा परोप्परं भाणियग्वाणि 1 / जस्स णं भंते ! दरिसणावरणिज्ज तस्स वेयणिज्ज जस्स वेयणिज्जं तस्स दरिसणावरणिज्ज ? जहा णाणावरणिज्जं उरिमेहि सत्तहि कम्मेहि समं भणियं तहा दरिसणावरणिज्जपि उवरिमेहि छहि कम्मेहि समं भाणियव्वं जाव अंतराइएणं 2 / जस्स णं भंते ! वेयणिज्ज तस्स मोहणिज्जं जस्स मोहणिज्ज तस्स,वेयणिज्जं ? गोयमा ! जस्स वेयणिज्जं तस्स मोहणिज्ज सिय अस्थि सिय पत्थि, जस्स पुण मोहणिज्जं तस्स वेयणिज्जं णियमा अस्थि / जस्स णं भंते ! वेयणिज्जं तस्स आउयं० ? एवं एयाणि परोप्परं णियमा, जहा आउएण समं एवं णामेणवि गोएणवि समं भाणियव्वं / जस्स गं भंते ! वेयणिज्जं तस्स अंतराइयं० ? पुच्छा, गोयमा ! जस्स वेय. णिज्जं तस्स अंतराइयं सिय अस्थि सिय पत्थि, जस्स पुण अंतराइयं तस्स वेणिज्जं णियमा अस्थि 3 / जस्स गं भंते ! मोहणिज्जं तस्स आउयं जस्स आउयं तस्स मोहणिज्जं? गोयमा! जस्स मोहणिज्जं तस्स आउयं णियमा . अस्थि, जस्स पुण आउयं तस्स मोहणिज्जं सिय अस्थि सिय पत्थि, एवं णाम Page #651 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 638 अंग-पविट्ट सुत्ताणि गोयं अंतराइयं च भाणियव्वं 4 / जस्स णं भंते ! आउयं तस्स णामं० ? पुच्छा, गोयमा ! दोवि परोप्परं णियम, एवं गोत्तेणवि समं भाणियव्वं / जस्स णं भंते ! आउयं तस्स अंतराइयं० ? पुच्छा, गोयमा ! जस्स आउयं तस्स अंतराइयं सिय अस्थि सिय णस्थि, जस्स पुण अंतराइयं तस्स आउयं णियमा अस्थि 5 / जस्स गं भंते ! णामं तस्स गोयं जस्स गोयं तस्स णाम ? गोयमा ! जस्स णामं तस्स णियमा गोयं, जस्स गोयं तस्स णियमा णाम, गोयमा ! दोवि एए परोप्परं णियमा अस्थि / जस्स णं भंते ! णामं तस्स अंतराइयं० ? पुच्छा, गोयमा ! जस्स णामं तस्स अंतराइयं सिय अस्थि सिय णस्थि, जस्स पुण अंतराइयं तस्स णामं णियमा अस्थि 6 / जस्स णं भंते ! गोयं तस्स अंतराइयं० ? पुच्छा, गोयमा ! जस्स गोयं तस्स अंतराइयं सिय अस्थि सिय णस्थि, जस्स पुण अंतराइयं तस्स गोयं णियमा अस्थि 7 // 356 // जीवे णं भंते ! किं पोग्गली पोग्गले ? गोयमा ! जीवे पोग्गलीवि पोग्गलेवि / से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ जीवे पोग्गलीवि पोग्गलेवि ? गोयमा ! से जहाणामए छत्तेणं छत्ती, दंडेणं दंडी, घडेणं घडी, पडेणं पडी, करेणं करी, एवामेव गोयमा ? जीवेवि सोइंदियचक्खिदियपधाणिदिजिभिदियफासिदि. याइं पडुच्च पोग्गली, जीवं पडुच्च पोग्गले, से तेणठेणं गोयमा! एवं वच्चइ जीवे पोग्गलीवि पोग्गले वि। णेरइए णं भंते ? कि पोग्गली. ? एवं चेव, एवं जाव वेमाणिए णवरं जस्स जइ इंदियाइं तस्स तइ भाणियब्वाइं / सिद्धे णं भंते ! कि पोग्गली पोग्गले ? गोयमा ! णो पोग्गली पोग्गले / से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ जाव पोग्गले ? गोयमा ! जीवं पड़च्च, से तेणठेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ सिद्ध णो पोग्गली पोग्गले / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 360 / / अट्ठमं सयं समत्तं ॥णवमं सयं पढमो उद्देसो॥ जंबुद्दीवे 1 जोइस 2 अंतरदीवा 30 असोच्च 31 गंगेय 32 / कुंडरगामे 33 पुरिसे 34 णवमंमि सए चउत्तीसा // 1 // तेणं कालेणं तेणं समएणं मिहिला णाम णयरी होत्था वण्णओ, माणिभद्दे चेइए वण्णओ, सामी समोसढे परिसा णिग्गया जाव भगवं गोयमे पज्जवासमाणे एवं वयासी-कहि णं भंते ! जंबुद्दीवे Page #652 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 9 उ. 1-30 639 दीवे ? किसंठिए णं भंते ! जंबुद्दीवे दीवे ? एवं जंबुद्दीवपण्णती भाणियव्वा जाव एवामेव सपुव्वावरेणं जंबुद्दीवे 2 चोद्दस सलिला सयसहस्सा छप्पण्णं च सहस्सा भवंतीतिमक्खाया। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति // 361 // णवमं सयं बीओ उद्देसो रायगिहे जाव एवं वयासी-जंबुद्दीवे गं भंते ! दीवे केवइया चंदा पभासिसु वा पभासेंति वा पभासिस्संति वा ? एवं जहा जीवाभिगमे जाव-'एगं च सयसहस्सं तेत्तीसं खलु भवे सहस्साइं / णव य सया पण्णासा तारागणकोडिकोडीणं ॥१॥'सोमं सोभिसु सोभिति सोभिस्संति / लवणे णं भंते ! समुद्दे केवइया चंदा पभासिसु वा पभासिति वा पभासिस्संति वा ? एवं जहा जीवाभिगमे जाव ताराओ / धायइसंडे कालोदे पुक्खरवरे अभितरपुक्खरद्धे मणुस्सखेत्ते, एएसु सव्वेसु जहा जीवाभिगमे जाव-' एगससीपरिवारो तारागणकोडिकोडीणं / पुक्खरखे गं भंते ! समुद्दे केवइया चंदा पभासिसु वा 3 ? एवं सम्वेसु दीवसमद्देसु जोइसियाणं भाणियव्वं जाण सयंभरमणे जाव सोमं सोभिस वा सोभिति वा सोभिस्संति वा / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 362 // णवमं सयं 3-30 उद्देसो - रायगिहे जावं एवं वयासी-कहि णं भंते ! दाहिणिल्लाणं एगोरुयमणुस्साणं एगोरुयदीवे णाम दीवे पण्णत्ते ? गोयमा ! जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं चुल्लहिमवंतस्स वासहरपव्वयस्स पुरथिमिल्लाओ चरिमंताओ लवणसमुई उत्तरपुरथिमे णं तिणि जोयणसयाई ओगाहित्ता एत्थ णं दाहिणिल्लाणं एगोरुयमणुस्साणं एगोरुयदीवे णामं दीवे पण्णत्ते, तं गोयमा ! तिण्णि जोयणसयाई आयामविक्खंभेणं णवएगूणवण्णे जोयणसए किंचिविसेसूणे परिक्खेवेणं पण्णत्ते, से णं एगाए पउमवरवेइयाए एगेण य वणसंडेणं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते दोण्हवि पमाणं वण्णओ य, एवं एएणं कमेणं एवं जहा जीवाभिगमे जाव सुद्धदंतदीवे जाव देवलोगपरिग्गहा णं ते मणुया पण्णता समणाउसो ! एवं अट्ठावीसंपि अंतरदीवा सएणं 2 आयामविक्खंभेणं भाणियव्वा, णवरं दीवे 2 उद्देसओ, एवं सब्वेवि अट्ठावीसं उद्देसगा भाणियव्वा / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 363 // Page #653 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 640 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि णवमं सयं एगतीसइमो उद्देसो रायगिहे जाव एवं वयासी-असोच्चा णं भंते ! केवलिस्स वा केवलिसाव. गस्स वा केवलिसावियाए वा केवलिउवासगस्स वा केवलिउवासियाए वा तप्पक्खियस्स वा तप्पक्खियसावगस्स वा तप्पक्खियसावियाए वा तप्पक्खिय. उवासगस्स वा तप्पक्खियउवासियाए वा केवलिपण्णत्तं धम्म लभेज्ज सवणयाए ? गोयमा ! असोच्चा णं केवलिस्स वा जाव तप्पक्खियउवासियाए वा अत्थेगइए केवलिपण्णत्तं धम्मं लभेज्ज सवणयाए, अत्येगइए केवलिपण्णत्तं धम्म णो लभेज्ज सवणयाए / से केण?णं भंते ! एवं बुच्चइ-असोच्चा णं जाव णो लभेज्ज सवणयाए ? गोयमा ! जस्स गं णाणावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमे कडे भवइ से णं असोच्चा केवलिस्स वा जाव तप्पक्खियउवासियाए वा केवलि. पण्णत्तं धम्मं लभेज्ज सवणयाए, जस्स गं णाणावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमे णो कडे भवइ से णं असोच्चा गं केलिस्स वा जाव तप्पक्खियउवासि. याए वा केवलिपण्णत्तं धम्म णो लभेज्ज. सवणयाए, से तेणठेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-तं चेव जाव णो लभेज्ज सवणयाए / असोच्चा णं भंते ! केवलिस्स वा जाव तप्पक्खियउवासियाए वा केवलं बोहि बज्झज्जा ? गोयमा! असोच्चा गं केवलिस्स वा जाव अत्थेगइए केवलं बोहिं बुज्झज्जा, अत्थेगइए केवलं बोहिं णो बुज्झेज्जा। से केणठेणं भंते ! जाव णो बुज्झज्जा ? गोयमा! जस्स गं दरिसणावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमे कडे भवइ से गं असोच्चा केवलिस्स वा जाव केवलं बोहिं बुज्झेज्जा, जस्स गं दरिसणावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमे णो कडे भवइ से णं असोच्चा केवलिस्स वा जाव केवलं बोहिं णो बुज्झज्जा, से तेणठेणं जाव णो बुज्झेज्जा। असोच्चा णं भंते ! केवलिस्स वा जाव तप्पक्खियउवासियाए वा केवलं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वएज्जा ? गोयमा ! असोच्चा णं केवलिस्स वा जाव उवासियाए वा अत्थेगइए केवलं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वएज्जा, अत्थेगइए केवलं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं णो पव्वएज्जा। से केणठेणं जाव णो पव्वएज्जा ? गोयमा ! जस्स णं धम्मंतराइयाणं कम्माणं खओवसमे कडे भवइ से णं असोच्चा केवलिस्स वा जाव केवलं मुंडे भवित्ता अगाराओ अण. गारियं पव्वएज्जा, जस्स णं धम्मंतराइयाणं कम्माणं खओवसमे णो कडे भवइ Page #654 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 9 उ. 31 641 से णं असोच्चा केवलिस्स वा जाव मुंडे भवित्ता जाव णो पव्वएज्जा, से तेण. ठेणं गोयमा.! जाव णो पन्वएज्जा / असोच्चा णं भंते ! केवलिस्स वा जाव उवासियाए वा केवलं बंभचेरवासं आवसेज्जा ? गोयमा ! असोच्चा णं केवलिस्स वा जाव उवासियाए वा अत्थेगइए केवलं बंभचेरवासं आवसेज्जा, अत्थे. गइए केवलं बंभचेरवासं णो आवसेज्जा / से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ जाव णो आवसेज्जा ? गोयमा ! जस्स गं चरित्तावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमे कडे भवइ से णं असोच्चा केवलिस्स वा जाव केवलं बंभचेरवासं आवसेज्जा, जस्स णं चरित्तावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमे णो कडे भवइ से णं असोच्चा केवलिस्स वा जाव णो आवसेज्जा, से तेणठेणं जाव णो आवसेज्जा / असोच्चा गं भंते ! केवलिस्स वा जाव केवलेणं संजमेणं संजमेज्जा ? गोधमा ! असोच्चा णं केवलिस्स वा जाव उवासियाए वा जाव अत्थेगइए केवलेणं संजमेणं संज. मेज्जा, अत्थेगइए केवलेणं संजमेणं णो संजमेज्जा / से केणठेणं जाव णो संज. मेज्जा ? गोयमा ! जस्स गं जयणावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमे कडे भवइ से गं असोच्चा णं केवलिस्स वा जाव केवलेणं सजमेणं संजमेज्जा, जस्स गंजयणावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमे णो कडे भवइ से गं असोच्चा केव. लिस्स वा जाव णो संजमेज्जा, से तेणठेणं गोयमा ! जाव अत्थेगइए णो संजमेज्जा / असोच्चा णं भंते ! केवलिस्स वा जाव उवासियाए वा केवलेणं संवरेणं संवरेज्जा ? गोयमा ! असोच्चा णं केवलिस्स वा जाव अत्थेगइए केवलेणं संवरेज्जा, अत्थेगइए केवलेणं जाव णो संवरेज्जा / से केणठेणं जाव णो संवरेज्जा ? गोयमा ! जस्स णं अज्झवसाणावरणिज्जाणं कम्माणं खओ. वसमे कडे भवइ से णं असोच्चा केवलिस्स वा जाव केवलेणं संवरेणं संवरेज्जा, जस्स णं अज्झवसाणावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमे णो कडे भवइ से गं असोच्चा केवलिस्स वा जाव णो संवरेज्जा, से तेणठेणं जाव णो संवरेज्जा। असोच्चा णं भंते ! केवलिस्स वा जाव केवलं आभिणिबोहियणाणं उप्पाडेज्जा ? गोयमा ! असोच्चा णं केवलिस्स वा जाव उवासियाए वा अत्थेगइए केवलं आभिणिबोहियणाणं उप्पाडेज्जा, अत्थेगइए केवलं आभिणिबोहियणाणं णो उप्पाडेज्जा / से केणठेणं जाव णो उप्पाडेज्जा ? गोयमा ! जस्स णं आभिणिबोहियणाणावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमे कडे भवइ से णं असोच्चा / केवलिस्स वा जाव केवलं आभिणिबोहियणाणं उप्पाडेज्जा, जस्स णं आभि. Page #655 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 642 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि णिबोहियणाणावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमे णो कडे भवइ से णं असोच्चा केवलिस्स वा जाव केवलं आभिणिबोहियणाणं णो उप्पाडेज्जा, से, तेण→णं जाव णो उप्पाडेज्जा / असोच्चा णं भंते ! केवलिस्स. वा जाव केवलं सुयणाणं उप्पाडेज्जा ? एवं जहा आभिणिवोहियणाणस्स वत्तध्वया भणिया तहा सुयणाणस्सवि भाणियबा, णवरं सुयणाणावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमे भाणियन्वे / एवं चेव केवलं ओहिणाणं भाणियव्वं, वरं ओहिणाणावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमे भाणियत्वे, एवं केवलं मणपज्जवणाणं उप्पाडेज्जा, णवरं मणपज्जवणाणावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमे भाणियब्वे / असोच्चा णं भंते ! केवलिस्स वा जाव तप्पविखयउवासियाए वा केवलणाणं उप्पाडेज्जा ? एवं चेव णवरं केवलणाणावरणिज्जाणं कम्माणं खए भाणियन्वे, सेसं तं चेव, से तेणठेणं गोयमा ! एवं वच्चइ जाव केवलणाणं णो उप्पाडेज्जा / असोच्चा णं भंते ! केवलिस्स वा जाव तप्पक्खिय उवासियाए वा केवलिपण्णत्तं धम्म लभेज्ज सवणयाए केवलं बोहिं बज्झेज्जा केवलं मुंडे भवित्ता अगाराओ अण. गारियं पव्वएज्जा केवलं बंभचेरवासं आवसेज्जा केवलेणं संजमेणं संजमेज्जा केवलेणं संवरेणं संवरेज्जा केवलं आभिणिबोहियणाणं उप्पाडेज्जा जाव केवलं मणपज्जवणाणं उप्पाडेज्जा केवलणाणं उप्पाडेज्जा ? गोयमा ! असोच्चा णं केलिस्स वा जाव उवासियाए वा अस्थगइए केवलिपण्णत्तं धम्मं लभेज्ज सवणयाए, अत्थेगइए केवलिपण्णत्तं धम्म णो लभेज्ज सवणयाए, अत्थेगइए केवलं बोहि बुझेज्जा, अत्थेगइए केवलं बोहिं णो बुझेज्जा, अत्थेगइए केवलं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पब्बएज्जा, अत्थेगइए जाव णो पव्वएज्जा, अत्थेगइए केवलं बंभवेरवासं आवसेज्जा, अत्थेगइए केवलं बंभचेरवासं णो आवसेज्जा, अत्थेगइए केवलेणं संजमेणं संजमेज्जा, अत्थेगइए केवलेणं संजमेणं णो संजमेज्जा, एवं संवरेणवि, अत्थगइए केवलं आभिणिबोहियणाणं उप्पाडेज्जा, अत्थेगइए जाव णो उप्पाडेज्जा, एवं जाव मणपज्जवणाणं, अत्थेगइए केवल. णाणं उप्पाडेज्जा, अत्थेगइए केवलणाणं णो उप्पाडेज्जा / से केणठेणं भंते ! एवं वच्चइ असोच्चा णं तं चेव जाव अत्थेगइए केवलणाणं णो उप्पाडेज्जा ? गोयमा ! जस्स णं णाणावरणिज्जाणं कम्माणं खओवंसमे णो कडे भवइ 1 जस्स णं दरिसणावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमे णो कडे भवइ 2 जस्स णं Page #656 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 9 उ. 31 643 धम्मंतराइयाणं कम्माणं खओवसमे णो कडे भवइ 3 एवं चरित्तावरणिज्जाणं 4 जयणावरणिज्जाणं 5 अज्झवसाणावरणिज्जाणं 6 आभिणिबोहियणाणावर. णिज्जाणं 7 जाव मणपज्जवणाणावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमे णो कडे भवई 10 जस्स णं केवलणाणावरणिज्जाणं जाव खए णो कडे भवइ 11 से णं असोच्चा केवलिस्स वा जाव केवलिपण्णत्तं धम्म णो लभेज्ज सवणयाए केवलं बोहि णो बुज्झेज्जा जाव केवलगाणं णो उप्पाडेज्जा, जस्स णं णाणावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमे कडे भवइ जस्स णं दरिसणावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमे कडे भवइ जस्स णं धम्मंतराइयाणं एवं जाव जस्स णं केवलणाणावरणिज्जाणं कम्माणं खए कडे भवइ से णं असोच्चा केवलिस्स वा जाव केवलिपण्णत्तं धम्म लभेज्ज सवगयाए केवलं बोहिं बुज्झेज्जा जाव केवलणाणं उप्पाडेज्जा // 364 // तस्स णं भंते ! छठंछठेणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं उड्ढं बाहाओ पगि. ज्झिय पगिज्झिय सूराभिमुहस्स आयावणभूमीए आयावेमाणस्स पगइभद्दयाए पगइउवसंतयाए पगइपयणुकोहमाणमायालोभयाए मिउमद्दवसंपण्णयाए अल्लीणयाए भद्दयाए विणीयमाए अण्णया कयाइ सुभेणं अज्झवसाणेणं सुभेणं परिणामेणं लेस्साहिं विसुज्झमाणीहि 2 तयावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमेणं ईहापोहमग्गणगवसणं करेमाणस्स विभंगे णामं अण्णाणे समुप्पज्जइ, से णं तेणं विभंगणाणेणं समुप्पण्णेणं जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेज्जइ भागं उक्कोसेणं असं. खेज्जाइं जोयणसहस्साइं जाणइ पासइ, से णं तेणं विभंगणाणेणं समुप्पण्णेणं जीवेवि जाणइ अजीवेवि जाणइ पासंडत्थे सारंभे सपरिग्गहे संकिलिस्समाणेवि जाणइ विसुज्झमाणेवि जाणइ से णं पुवामेव सम्मत्तं पडिवज्जइ सम्मत्तं पडि. वज्जित्ता समणधम्म रोएइ समणधम्म रोएत्ता चरित्तं पडिवज्जइ चरित्तं पडि. वज्जित्ता लिगं पडिवज्जइ, तस्स णं तेहिं मिच्छ तपज्जवेहि परिहायमाणेहि 2 सम्महसणपज्जवेहि परिवद्रमाणेहि 2 से विभंगे अण्णाणे सम्मत्तपरिग्गहिए खिप्पामेव ओही परावत्तइ // 365 // से णं भंते ! कइसु लेस्सासु होज्जा? गोयमा ! तिसु विसुद्धलेस्सासु होज्जा, तंजहा-तेउलेस्साए पम्हलेस्साए सुक्क. लेस्साए / से गं भंते ! कइसु णाणेसु होज्जा ? गोयमा ! तिसु आभिणिबो. हियंणाणसुयणाणओहिणाणेसु होज्जा / से णं भंते ! किं सजोगी होज्जा अजोगी होज्जा? गोयमा! सजोगी होज्जा णो अजोगी होज्जा, जइ सजोगी होज्जा कि मण Page #657 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 644 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि जोगी होज्जा वइजोगी होज्जा कायजोगी होज्जा ? गोयमा ! मणजोगी वा होज्जा वइजोगी वा होज्जा कायजोगी वा होज्जा / से णं भंते ! किं सग्गारोवउत्ते होज्जा अणागारोवउत्ते होज्जा ? गोयमा ! सागारोवउत्ते वा होज्जा अणागारोवउत्ते वा होज्जा / से णं भंते ! कयरंमि संघयणे होज्जा ? गोयमा ! वइरोसहणारायसंघयणे होज्जा / से णं भते कयरंमि संठाणे होज्जा? गोयमा ! छण्हं संठाणाणं अण्णयरे संठाणे होज्जा।से णं भंते ! कयरंमि उच्चत्ते होज्जा ? गोयमा ! जहणेणं सत्त रयणीए उदकोसेणं पंचधणुसइए होज्जा।से णं भंते ! कय. रंमि आउए होज्जा ? गोयमा! जहणेणं साइरेगदवासाउए उक्कोसेणं पुव्वकोडिआउए होज्जा / से णं भंते ! कि सर्वेयए होज्जा अवेयए होज्जा ? गोयमा ! सवेयए होज्जा णो अवेयए होज्जा, जइ सवेयए होज्जा कि इस्थिवेयए होज्जा पुरिसवेयए होज्जा णपुंसगवेयए होज्जा पुरिसणपुंसगवेयए होज्जा? गोयमा ! णो इथिवेयए होज्जा पुरिसवेयए वा होज्जा णो णपुंसगवेयए होज्जा पुरिसणपुंसगवेयए वा होज्जा / से णं भंते ! कि सकसाई होज्जा अकसाई होज्जा ? गोयमा ! सकसाई होज्जा णो अकसाई होज्जा, जइ सकसाई होज्जा से णं भंते ! कइसु कसाएसु होज्जा ? गोयमा ! चउसु संजलणकोहमाणमायालोभेसु होज्जा / तस्स णं भंते ! केवइया अज्ज्ञवसाणा प० ? भोयमा! असंखेज्जा अज्झवसाणा प० / ते णं भंते ! कि प्रसत्था अप्पसत्था ? गोयमा ! पसत्था णो अप्प. सत्था।से णं भंते ! तेहि पसत्थेहि अज्झवसाणेहि वडमाणेहि अणंतेहि णेरइयभवग्गहणेहितो अप्पाणं विसंजोएइ अणंतेहिं तिरिक्खजोणिय जाव विसंजोएइ अणतेहि मणुस्सभवग्गहणेहितो अप्पाणं विसंजोएइ अणंतेहिं देवभवग्गहणेहितो अप्पाणं विसंजोएइ, जाओवि य से इमाओ रइयतिरिक्खजोणियमणुस्सदेवगइणामाओ च तारि उत्तरपयडीओ तासि च णं उवग्गहिए अणंताणुबंधी कोहमाणमायालोभे खवेइ अणं० 2 ता अपच्चक्खाणकसाए कोहमाणमायालोभे खवेइ अप० 2 ता पच्चक्खाणावरणकोहमाणमायालोभे खवेइ पच्च० 2 ता संज. लगकोहमाणमायालोभे खवेइ संज० 2 ता पंचविहं णाणावरणिज्ज पवविहं दरिसणावरणिज्ज पंचविहमंतराइयं तालमत्थकडं च णं मोहणिज्ज कटु कम्म. रयविकिरणकरं अपुवकरणं अणुपविट्ठस्स अणंते अणुत्तरे णिव्वाघाए णिरावरणे कसिणे पडिपुण्णे केवलवरणाणदंसणे समुप्पज्जइ // 366 // से गं भंते ! Page #658 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 9 उ. 31 645 केवलिपण्णत्तं धम्मं आघवेज्ज वा पण्णवेज्ज वा परूवेज्ज वा? णो इणठे समठे, णण्णत्थ एगणाएण वा एगवागरणेण वा। से गं भंते ! पव्वावेज्ज वा मुंडावेज्ज वा? णो इणठे समठे, उवएसं पुण करेज्जा, से गं भंते ! सिज्झइ जाव अंतं करेइ ? हंता सिज्झइ जाव अंतं करेइ // 367 // से णं भंते ! कि उड्ढं होज्जा अहो होज्जा तिरियं होज्जा ? गोयमा ! उड्ढे वा होज्जा अहे वा होज्जा तिरियं वा होज्जा, उड्ढं होज्जमाणे सद्दावइवियडावइगंधावइमाल. वंतपरियाएसु बट्टवेयडपव्वएसु होज्जा, साहरणं पडुच्च सोमणसवणे वा पंडगवणे वा होज्जा. अहे होज्जमाणे गड्डाए वा दरीए वा होज्जा, साहरणं पडुच्च पायाले वा भवणे वा होज्जा, तिरियं होज्जमाणे पण्णरससु कम्मभूमीसु होज्जा, साहरणं पडुच्च अड्डाइज्ज दीवसमुद्द तदेक्कदेसभाए होज्जा / ते गं भंते ! एगसमए जां केवइया होज्जा ? गोयमा ! जहणेणं एक्को वा दो वा तिणि वा उक्कोसेणं दस, से तेणढेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ असोच्चा णं केवलिस्स वा जाव अत्थेगइए केवलिपण्णत्तं धम्म लभेज्ज सवणयाए, अत्थेगइए असोच्चा णं केवलिस्स वा जाव णो लभेज्ज सवणयाए जाव अत्थेगइए केवलणाणं उप्पाडेज्जा, अत्थेगइए केवलणाणं णो उप्पाडेज्जा // 368 // सोच्चा गं भंते ! केवलिस्स वा जाव तप्पक्खिय उवासियाए वा केवलिपण्णत्तं धम्म लभेज्ज सवणयाए ? गोयमा ! सोच्चा णं केवलिस्स वा जाव अत्थेगइए केवलिपण्णत्तं धम्म एवं जा चेव असोच्चाए वत्तव्वया सा चेव सोच्चाएवि भाणियव्वा, णवरं अभिलावो सोच्चेत्ति, सेसं तं चेव गिरवसेसं जाव जस्स गं मणपज्जवणाणावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमे कडे भवइ. जस्स गं केवलणाणावरणिज्जाणं कम्माणं खए कडे भवइ से गं सोच्चा केवलिस्स वा जाव उवासियाए वा केवलिपण्णत्तं धम्म लभेज्ज सवणयाए केवलं बोहिं बुज्झेज्जा जाव केवलणाणं उप्पाडेज्जा। तस्स णं अट्ठमंअट्ठमेणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं अप्पाणं भावेमाणस्स पगइभद्दयाए तहेव जाव गवसणं करेमाणस्स ओहिणाणे समुप्पज्जइ, से गं तेणं ओहिणाणेणं समुप्पणणं जहण्णणं अंगलस्स असंखेज्जइभागं उक्कोसेणं असंखेज्जाई अलोए लोयप्पमाणमेत्ताई खण्डाइं जाणइ पासइ / से णं भंते ! कइसु लेस्सासु होज्जा? गोयमा ! छसु लेस्सासु होज्जा, तंजहा-कण्हलेसाए जाव सुक्कलेसाए / से गं भंते ! कइसु णाणेसु होज्जा ? गोयमा ! तिसु वा चउसु वा होज्जा, तिसु Page #659 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 646 अंग-पविटु सुत्ताणि होज्जमाणे तिसु आभिणिबोहियणाणसुयणाणओहिणाणेसु होज्जा, चउसु होज्जमाणे आभि० सुय० ओहि० मणपज्जवणाणेसु होज्जा। से णं भंते !. कि सजोगी होज्जा अजोगी होज्जा ? एवं जोगो उवओगो संघयणं संठाणं उच्चतं आउयं च, एयाणि सव्वाणि जहा असोच्चाए तहेव भाणियवाणि / से णं भंते ! कि सवेयए०? पुच्छा, गोयमा ! सवेयए वा होज्जा अवेयए वा होज्जा / जइ अवेयए होज्जा कि उवसंतवेयए होज्जा खीणवेयए होज्जा ? गोयमा ! णो उवसंतवेयए होज्जा खीणवेयए होज्जा / जइ सवेयए होज्जा कि इथिवेयए होज्जा पुरिसवेयए होज्जा णपुंसगवेयए होज्जा पुरिसणसगवेयए होज्जा ? पुच्छा, गोयमा ! इत्थिवेयए वा होज्जा पुरिसवेयए वा होज्जा पुरिसणपुंसगवेयए वा होज्जा। से णं भंते ! कि सकसाई होज्जा अकसाई होज्जा ? गोयमा ! सकसाई वा होज्जा अकसाई वा होज्जा। जई अकसाई होज्जा कि उवसंत. कसाई होज्जा खीणकसाई होज्जा? गोयमा! णो उवसंतकसाई होज्जा खीणकसाई होज्जा। जइ सकसाई होज्जा से णं भंते ! कइसु कसाएसु होज्जा ? गोयमा ! चउसु वा तिसु वा दोसु वा एक्कमि वा होज्जा, च उसु होज्जमाणे चउसु संजलणकोहमाणमायालोमेसु होज्जा, तिसु होज्जमाणे तिसु संजलणमाणमायालोभेसु होज्जा, दोसु होज्जमाणे दोसु संजलणमायालोभेसु होज्जा, एगंमि होज्जमाणे एगमि संजलणे लोभे होज्जा। तस्स गं भंते ! केवइया अज्झवसाणा पण्णत्ता ? गोयमा ! असंखेज्जा, एवं जहा असोच्चाए तहेव जाव केवलवरणाणदंसणे समुप्पज्जइ। से णं भंते ! केवलिपण्णत्तं धम्मं आघवेज्ज वा पण्णवेज्ज वा परूवेज्ज वा ? हंता गोयमा ! आघवेज्ज वा पण्णवेज्ज वा परू. वेज्ज वा / से गं भंते ! पवावेज्ज वा मुंडावेज्ज वा ? हंता गोयमा ! पव्वा. वेज्ज वा मंडावेज्ज वा / तस्स गं भंते ! सिस्सावि पवावेज्ज वा मंडावेज्ज वा ? हंता पव्वावेज्ज वा मुंडावेज्ज वा, तस्स गं भंते ! पसिस्सावि पव्वा. वेज्ज वा मुंडावेज्ज वा ? हंता पवावेज्ज वा मुंडावेज्ज वा / से गं भंते ! सिज्झइ बुज्झइ जाव अंतं करेइ ? हंता सिज्झइ जाव अंतं करेइ / तस्स णं भंते ! सिस्सावि सिझंति जाव अंतं करेंति ?हता सिझंति जाव अंतं करेंति / तस्स णं भंते ! पसिस्सावि सिझंति जाव अंतं करेंति ? एवं चेव जाव अतं करेंति / से गं भंते ! कि उड्ढे होज्जा? जहेव असोच्चाए जीव तदेक्कदेसभाए होज्जा / ते णं भंते ! एगसमए णं केवइया होज्जा ? गोयमा ! जहणेणं Page #660 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 9 उ. 32 647 एक्को वा दो वा तिण्णि वा उवकोसेणं अट्ठसयं 108 / से तेणठेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-सौच्चा णं केवलिस्स वा जाव केवलिउवासियाए वा जाव अत्थेगइए केवलणाणं उप्पाडेज्जा, अत्थेगइए केवलणाणं णो उप्पाडेज्जा। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति // 36 // णवमं सयं बत्तीसइमो उद्देसो तेणं कालेणं तेणं समएणं वाणियग्गामे णयरे होत्था वण्णओ, दूइपलासे चेइए सामी समोसढे, परिसा जिग्गया, धम्मो कहिओ, परिसा पडिगया / तेणं कालेणं तेणं समएणं पासावच्चिज्जे गंगेए णामं अणगारे जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ तेणेव उवागच्छइत्ता समणस्स भगवओ महावीरस्स अदूरसामते ठिच्चा समणं भगवं महावीरं एवं वयासी-संतरं भंते ! णेरइया उववज्जति णिरंतरं रइया उववज्जति ? गंगेया ! संतरंपि रइया उववज्जति णिरंतरंपि रइया उववज्जति / संतरं भंते ! असुरकुमारा उव. वज्जति णिरंतरं असुरकुमारा उववज्जति ? गंगेया ! संतरंपि असुरकुमारा उववज्जति णिरंतरंपि असुरकुमारा उववज्जति, एवं जाव थणियकुमारा / संतरं भंते ! पुढ विवकाइया उववज्जति णिरंतरं पुढविक्काइया उववज्जति ? गंगेया ! णो संतरं पुढविक्काइया उववज्जति णिरंतरं पुढविक्काइया उववज्जति, एवं जाव वणस्सइकाइया, बेइंदिया जाव वेमाणिया एए जहा णेरइया // 370 // संतरं भंते ! णेरइया उन्चट्टति णिरंतरं रइया उव्वटुंति ? गंगेया ! संतरंपि रइया उव्वटुंति णिरंतरंपि रइया उव्वटुंति, एवं जाव थणियकुमारा / संतरं भंते ! पुढविक्काइया उव्वदंति० ? पुच्छा, गंगेया ! णो संतरं पुढविक्काइया उव्वटुंति णिरंतरं पुढविक्काइया उब्वटुंति, एवं जाव वणस्सइकाइया णो संतरं णिरंतरं उव्वद्वंति। संतरं भंते ! बेइंदिया उव्वदृति णिरंतरं बेइंदिया उव्वद्वंति? गंगेया ! संतरंपि बेइंदिया उच्चष्ट्रति णिरंतरंपि बेइंदिया उव्वद्वंति, एवं जाव वाणमंतरा, संतरं भंते ! जोइसिया चयंति० ? पुच्छा, गंगेया ! संतरंपि जोइ. सिया चयंति णिरंतरंपि जोइसिया चयंति, एवं जाव वेमाणिया वि // 371 // कइविहे गं भंते ! पवेसणए प० ? गंगेया ! चउविहे पवेसणए पण्णत्ते तंजहागैरइयपवेसणए, तिरिक्खजोणियपवेसणए, मणुस्सपवेसणए, देवपवेसणए / णेर. इयपवेसणए गं भंते ! कइविहे पण्णत्ते ? गंगेया ! सत्तविहे पण्णत्ते, तंजहा Page #661 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 648 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि रयणप्पभापुढविणेरइयपवेसणए जाव अहेसत्तमापुढविणेरइयपवेसणए / एगे जं भंते ! गैरइए णेरइयपवेसणएणं पविसमाणे किं रयणप्पभाए होज्जा सक्क. रप्पभाए होज्जा जाव अहेसत्तमाए होज्जा ? गंगेया ! रयणप्पभाए वा होज्जा जाव अहेसत्तमाए वा होज्जा। दो भंते ! गैरइया गैरइयपवेसणएणं पविसमाणा कि रयणप्पभाए होज्जा जाव अहेसत्तमाए होज्जा ? गंगेया ! रयणप्पभाए वा होज्जा जाव अहेसत्तमाए वा होज्जा, अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए होज्जा अहवा एगे रयणप्पभाए एगे वालयप्पभाए होज्जा जाव एगे रयणप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा, अहवा एगे सक्करप्पभाए एगे वालुयप्पभाए होज्जा जाव अहवा एगे'सक्करप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा, अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए होज्जा एवं जाव अहवा एगे वालु. यप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा, एवं एक्केक्का पुढवी छड्डेयव्वा जाव अहवा एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा / तिणि भंते ! णेरइया णेरइयपवेसणएणं पविसमाणा कि रयणप्पभाए होज्जा जाव अहेसत्तमाए होज्जा ? गंगेया ! रयणप्पभाए वा होज्जा जाव अहेसत्तमाए वा होज्जा, अहवा एगे रयणप्पभाए दो सक्करप्पभाए होज्जा जाव अहवा एगे रयणप्पभाए दो अहेसत्तमाए होज्जा 6 अहवा दो रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए होज्जा जाव अहवा दो रयणप्प. भाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा 12 अहवा एगे सक्करप्पभाए दो वालुयप्पभाए होज्जा जाव अहवा एगे सक्करप्पभाए दो अहेसत्तमाए होज्जा 17 अहवा दो सक्करप्पभाए एगे वालुयप्पभाए होज्जा जाव अहवा दो सक्करप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा 22 एवं जहा सक्करप्पभाए वत्तव्वया भणिया तहा सवपुढवीणं भाणियन्वा जाव अहवा दो तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा, 4-43-3-2-2-1-1 (42) अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए एगे वालुयप्पभाए होज्जा 1 अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पमाए एगे पंकप्प. भाए होज्जा 2 जाव अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए एगे अहेसत्त माए होज्जा 5 अहवा एगे रयणप्पभाए एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्प्रभाए होज्जा 6 अहवा एगे रयणप्पभाए एगे वालुयप्पभाए एगे धूमप्पभाए होज्जा 7 एवं जाव अहवा एगे रयणप्पभाए एगे वालुयप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा : अहवा एगे रयणप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए होज्जा 10 जाव Page #662 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 9 उ. 32 649 अहवा एगे रयणप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा 12 अहवा एगे रयणप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे तमाए होज्जा 13 अहवा एगे रयणप्प. भाए एगे धूमप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा 14 अहवा एगे रयणप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा 15 अहवा एगे सक्करप्पमाए एगे वालय. प्पभाए एगे पंकप्पभाए होज्जा 16 अहवा एगे सक्करप्पभाए एगे वालय. प्पभाए एगे धूमप्पभाए होज्जा 17 जाव अहवा एगे सक्करप्पभाए एगे वालुय. प्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा 16 अहवा एगे सक्करप्पभाए एगे पंकप्प. भाए एगे धूमप्पभाए होज्जा 20 जाव अहवा एगे सक्कर० एगे पंक० एगे अहेसत्तमाए होज्जा 22 अहवा एगे सक्करप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे तमाए होज्जा 23 अहवा एगे सक्करप्पभाए एगे धूमप्प० एगे अहेसत्तमाए होज्जा 24 अहवा एगे सक्करप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा 25 अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए होज्जा 26 अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्प माए एगे तमाए होज्जा 27 अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा 28 अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे तमाए होज्जा 26 अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे अहेससमाए होज्जा 30 अहवा एगे वालयप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा 31 अहवा एगे पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे तमाए होज्जा 32 अहवा एगे पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा 33 अहवा एगे पंकप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा 34 अहवा एगे धूमप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा 35 / चत्तारि भंते ! रइया णेरइयप्पवेसणएणं पविसमाणा कि रयणप्पभाए होज्जा ? पुच्छा, गंगेया ! रयणप्पभाए वा होज्जा जाव अहेसत्तमाए वा होज्जा 7, अहवा एगे रयणप्पभाए तिणि सक्करप्पभाए होज्जा अहवा एगे रयणप्पभाए तिष्णि वालुयप्पभाए होज्जा एवं जाव अहवा एगे रयणप्पभाए तिणि अहेसत्तमाए होज्जा 6 अहवा दो रयणप्पभाए दो सक्करप्पभाए होज्जा एवं जाव अहवा दो रयणप्पभाए दो अहेसत्तमाए होज्जा 12 अहवा तिणि रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए होज्जा, एवं जाव अहवा तिण्णि रयणप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा 18, अहवा एगे सक्करप्पभाए तिणि वालुयप्पभाए होज्जा, एवं जहेव Page #663 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 650 अंग-पविटु सुत्ताणि रयणप्पभाए उवरिमाहिं समं चारियं तहा सक्करप्पभाए वि उवरिमाहिं समं. चारेयव्वं 5, एवं एक्केक्काए समं चारियव्वं जाव अहवा तिण्णि तमाए. एगे अहेसत्तमाए होज्जा 12-6-6-3 (63) अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए दो वालुयप्पभाए होज्जा अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्कर० दो पंक० होज्जा एवं जाव अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्कर० दो अहेसत्तमाए होज्जा 5 अहवा एगे रयण० दो सक्कर० एगे वालुयप्पभाए होज्जा एवं जाव अहवा एगे रयण० दो सक्कर० एगे अहेसत्तमाए होज्जा 10 अहवा दो रयण० एगे सक्कर० एगे वालुय० होज्जा, एवं जाव अहवा दो रयण० एगे सक्कर० एगे अहेसत्तमाए होज्जा 15 अहवा एगेरयण० एगे वालय० दो पंक० होज्जा एवं जाव अहवा एगे रयणप्पभाए एगे वालुय० दो अहेसत्तमाए होज्जा 4 एवं एएणं गमएणं जहा तिन्हं तियसंजोगे तहा भाणियव्वो जाव अहवा दो धूमप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा 105 अहवा एगे रयण० एगे सक्कर० एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए होज्जा 1 अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्कर० एगे वालुय० एगे धूमप्पभाए होज्जा 2 अहवा एगे रयण. एगे सक्कर० एगे वालय० एगे तमाए होज्जा 3 अहवर एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए एगे वालयप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा 4 हवा एगे रयण० एगे सक्कर० एगे पंक० एगे धूमप्पभाए होज्जा 5 अहवा एगे रयण० एगे सक्कर० एगे पंकप्पभाए एगे तमाए होज्जा 6 अहवा एगे रयण० एगे सक्कर० एगे पंक० एगे अहेसत्तमाए होज्जा 7 अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्कर० एगे धूम० एगे तमाए होज्जा 8 अहवा एगे रयण. एगे सक्कर० एगे धम० एगे अहेसत्तमाए होज्जा 6 अहवा एगे रयण० एगे सक्करप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा 10 अहवा एगे रयण० एगे वालुय० एगे पंक० एगे धूमप्पभाए होज्जा 11 अहवा एगे रयण. एगे वालुय० एगे पंक० एगे तमाए होज्जा 12 अहवा एगे रयण० एगे वालुय० एगे पंक० एगे अहेसत्तमाए होज्जा 13 अहवा एगे रयण० एगे वालुय० एगे धूम० एगे तमाए होज्जा 14 अहवा एगे रयण० एगे वालुय० एगे धूम० एगे अहेसत्तमाए होज्जा 15 अहवा एगे रयण० एगे वालुय० एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा 16 अहवा एगे रयण० एगे पंक० एगे धूम० एगे तमाए होज्जा 17 अहवा एगे रयण० एगे पंक० एगे धूम० एगे अहेसत्तमाए होज्जा 18 अहवा एगे रयण० एगे पंक० एगे तमाए एगे Page #664 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 9 उ. 32 651 अहेसत्तमाए होज्जा 16 अहवा एगे रयण० एगे धूम० एगे तमाए एगे अहे. सत्तमाए होज्जा 20 अहवा एगे सक्कर० एगे वालुय० एगे पंक० एगे धूमप्पभाए होज्जा 21 एवं जहा रयणप्पभाए उवरिमाओ पुढवीओ चारियाओ तहा सक्करप्पभाएवि उवरिमाओ चारियव्वाओ जाव अहवा एगे सक्कर० एगे धूम० एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा 30 अहवा एगे वालुय० एगे पंक० एगे धूम० एगे तमाए होज्जा 31 अहवा एगे वालुय० एगे पंक० एमे धूमप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा 32 अहवा एगे वालुय० एगे पंक० एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा 33 अहवा एगे वालुय० एगे धूम० एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा 34 अहवा एगे पंक० एगे धूम० एगे तमाए एगे अहे. सत्तमाए होज्जा 35 / पंच भंते ! गेरइया गेरइयप्पवेसणएणं पविसमाणा कि रयणप्पमाए होज्जा ? पुच्छा, गंगेया ! रयणप्पभाए वा होज्जा जाव अहे. सत्तमाए बा होज्जा अहवा एगे रयण० चत्तारि सक्करप्पभाए होज्जा जाव अहवा एगे रयण. चत्तारि अहेसत्तमाए होज्जा अहवा दो रयण तिष्णि सक्करप्पभाए होज्जा एवं जाव अहवा दो रयणप्पभाए तिणि अहेसतमाए होज्जा अहवा तिणि रयण दो सक्करप्पभाए होज्जा एवं जाव अहेसत्तमाए होज्जा अहवा चत्तारि रयण० एगे सक्कर० होज्जा एवं जाव अहवा चत्तारि रयण० एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे सक्कर० चत्तारि वालुय० होज्जा एवं जहा रयण० समं * उवरिमपुढवीओ चारियाओ तहा सक्कर० वि समं चारेयम्बाओ जाव अहवा चत्तारि सक्करप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा एवं एक्केक्काए समं चारेयव्वाओ जाव अंहवा चत्तारि तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे रयण. एगे सक्कर० तिणि वालुयप्पभाए होज्जा एवं जाव अहवा एगे रयण० एगे सक्कर० तिष्णि अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एमे रयण. दो सक्कर० दो वालुयप्पभाए होज्जा एवं जाव अहवा एगे रयण० दो सक्कर० दो अहेसत्तमाए होज्जा अहवा दो रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए दो वालुय. प्पभाए होज्जा एवं जाव अहवा दो रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए दो अहे. सत्तमाए होज्जा अहवा एगे रयण तिण्णि सक्कर० एगे वालुयप्पभाए होज्जा एवं जाव अहवा एगे रयण तिण्णि सक्कर० एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा दो रयण० दो सक्कर० एगे वालुयप्पभाए होज्जा एवं जाव दो रयण० दो Page #665 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 652 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि सक्कर० एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा तिण्णि रयण० एगे सक्कर० एगे वालुयप्पभाए होज्जा एवं जाव अहवा तिण्णि रयण० एगे सक्कर० एगे . अहे. सत्तमाए होज्जा अहवा एगे रयण० एगे वालुय० तिण्णि पंकप्पभाए होज्जा, एवं एएणं कमेणं जहा चउण्हं तियासंजोगो भणिओ तहा पंचण्हवि तियासंजोगो भाणियव्वो णवरं तत्थ एगो संचारिज्जइ इह दोण्णि सेसं तं चेव जाव अहवा तिणि धूमप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे रयण० एगे सक्कर० एगे वालुय० दो पंकप्पभाए होज्जा एवं जाव अहवा एगे रयण० एगे सक्कर० एगे वालुय० दो अहेसत्तमाए होज्जा 4 अहवा एगे रयण एगे सक्कर० दो वालुय० एगे पंकप्पभाए होज्जा एवं जाव अहवा एगे रयण० एगे सक्कर० दो वालुय० एगे अहेसत्तमाए होज्जा,८, अहवा एगे रयण० दो सक्करप्पभाए एगे वालुय० एगे पंकप्पभाए होज्जा एवं जाव अहवा एगे रयण. दो सक्कर० एगे वालुय० एगे अहेसत्तमाए होज्जा 12 अहवा दो रयण० एगे सक्कर० एगे वालुय० एगे पंकप्पभाए होज्जा एवं जाव अहवा दो रयण० एगे सक्कर० एगे वालुय० एग अहेसत्तमाए होज्जा 16 अहवा एगे रयण० एगे सक्कर०एगे पंक० दोधूमप्पभाए होज्जा एवं जहा चउण्हं चउक्कसंजोगो भणिओ तहा पंचण्हवि चउक्कसंजोगो भाणियव्वो, णवरं अब्भहियं एगो संचारेयव्वो, एवं जाव अहवा दो पंक० एगे धूम० एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे रयण० एगे सक्कर० एगे वालुय० एगे पंक० एगे धूमप्पभाए होज्जा 1 अहवा एगे रयण० एगे सक्कर० एगे वालुय० एगे पंक० एगे तमाए होज्जा 2 अहवा एगे रयण० जाव एगे पंक० एगे अहेसतमाए होज्जा 3 अहवा एगे रयण० एगे सक्कर० एगे वालुयप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे तमाए होज्जा 4 अहवा एगे रयण० एगे सक्कर० एगे वालुय० एगे धूम० एगे अहेसत्तमाए होज्जा 5 अहवा एगे रयण० एगे सक्कर० एगे वालुय० एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा 6 अहवा एगे रयण० एगे सक्कर० एगे पंक० एगे धूम० एगे तमाए होज्जा 7 अहवा एगे रयण० एगे सक्कर० एगे पंक० एगे धूम० एगे अहेसत्तमाए होज्जा 8 अहवा एगे रयण० एगे सक्कर० एगे पंक० एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा 6 अहवा एगे रयण० एगे सक्कर० एगे धूम० एगे तमाए Page #666 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 9 उ. 32 653 एगे अहेसत्तमाए होज्जा 10 अहवा एगे रयण० एगे वालुय० एगे पंक० एगे धूम० एगे तमाए होज्जा 11 अहवा एगे रयण० एगे वालुय० एगे पंक० एगे धूम० एगे अहेसत्तमाए होज्जा 12 अहवा एगे रयण० एगे वालुय० एगे पंक० एंगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा 13 अहवा एगे रयण० एगे वालुय० एगे धूम० एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा 14 अहवा एगे रयण० एगे पंक० जाव एगे अहेसत्तमाए होज्जा 15 अहवा एगे सक्कर० एगे वालुय० जाव एगे तमाए होज्जा 16 अहवा एगे सक्कर० जाव एगे पंक० एगे धूम० एगे अहेसत्तमाए होज्जा 17 अहवा एगे सक्कर० जाव एगे पंक० एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा 18 अहवा एगे सक्कर० एगे वालुय० एगे धूम० एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा 16 अहवा एगे सक्कर० एगे पंक० जाव एगे अहेसत्तमाए होज्जा 20 अहवा एगे वालुय० जाव एगे अहेसत्तमाए होज्जा 21 // छन्भते ! रइया रइयप्पवेसणएणं पविसमाणा कि रयणप्पभाए होज्जा ? पुच्छा, गंगेया ! रयणप्पभाए वा होज्जा जाव अहेसत्तमाए वा होज्जा 7 अहवा एगे रयण पंच सक्करप्पभाए होज्जा अहवा एगे रयण पंच वालुयप्पभाए होज्जा जाव अहवा एगे रयण पंच अहेसत्तमाए होज्जा अहवा दो रयण. चत्तारि सक्करप्पभाए होज्जा जाव अहवा दो रयण. चत्तारि अहेसत्तमाए होज्जा अहवा तिण्णि रयण तिणि सक्करप्पभाए होज्जा, एवं एएणं कमेणं जहा पंचण्हं दुयासंजोगो तहा छण्हवि भाणियव्वो णवरं एक्को अन्महिओ संचारेयन्वो जाव अहवा पंच तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा, अहवा एगे रयण. एगे सक्कर० चत्तारि वालुय० होज्जा अहवा एगे रयण० एगे सक्कर० चत्तारि पंकप्पभाए होज्जा एवं जाव अहवा एगे रयण. एगे सक्कर. चत्तारि अहे. सत्तमाए होज्जा अहवा एगे रयण० दो सक्कर० तिण्णि वालुय० होज्जा, एवं एएणं कमेणं जहा पंचण्हं तियासंजोगो भणिओ तहा छण्हवि भाणियव्यो णवरं एक्को अहिओ उच्चारेयत्वो, सेसं तं चेव 34, चउक्कसंजोगोवि तहेव, पंचगसंजोगोवि तहेव, णवरं एवको अन्महिओ संचारेयव्वो जाव पच्छिमो भंगो अहवा दो वालुय० एगे पंक० एगे धूम० एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे रयण०. एगे सक्कर० जाव एगे तमाए होज्जा 1 अहवा एगे रयण जाव एगे धूम० एगे अहेसत्तमाए होज्जा 2 अहवा एगे रयण० जाव एगे पंक० Page #667 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 654 अंग-पविटु सुत्ताणि एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा 3 अहवा एगे रयण जाव एगे वालुय० एगे धूम० जाव एगे अहेसत्तमाए होज्जा 4 अहवा एगे रयण० एगे सक्कर० एगे पंक० जाव एगे अहेसत्तमाए होज्जा 5 अहवा एगे. रयण० एगे वालुय० जाव एगे अहेसत्तमाए होज्जा 6 अहवा एगे सक्कर० एगे वालुय० जाव एगे अहेसत्तमाए होज्जा 7 / सत्त भंते ! णेरइया रइयपवेसणएणं पविसमाणा० पुच्छा, गंगेया ! रयण० वा होज्जा जाव अहेसत्तमाए वा होज्जा 7, अहवा एगे रयण० छ सक्कर० होज्जा एवं एएणं कमेणं जहा छण्हं दुयासंजोगो तहा सत्तण्हवि भाणियध्वं गवरं एगो अन्महिओ संचारिज्जइ, सेसं तं चेव, तियासंजोगो चउक्कसंजोगो पंचसंजोगो छक्कसंजोगो य छण्हं जहा तहा सत्तण्हवि भाणियन्वं, णवरं एक्केको अम्महिओ संचारेयन्वो जाव छक्कगसंजोगो अहवा दो सक्कर० एगे वालुय० जाव एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे रयण० एगे सक्कर० जाव एगे अहेसत्तमाए होज्जा / अट्ट भते. ! णेरइया जेरइयपवे. सणएणं पविसमाणा० पुच्छा, गंगेया ! रयण० वा होज्जा जाव अहेसतमाए वा होज्जा अहवा एगे रयण सत्त सक्कर० होज्जा एवं दुयासंजोगो जाव छक्कसंजोगो य जहा सत्तण्हं भणिओ तहा अट्टाहविभाणियन्वो णवरं एक्केको अन्भहिओ संचारेयव्वो सेसं तं चेव जाव छक्कसंजोगस्स अहवा तिणि सक्कर० एगे वालुय० जाव एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे रयण० जाब एगे तमाए दो अहेसत्तमाए होज्जा अहका एगे रयण. जाव दो तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा एवं संचारेयव्वं जाव अहवा दो रयण० एगे सक्कर० जाव एगे अहे. सत्तमाए होज्जा। णव भंते ! णेरइया रइयपवेसणएणं पबिसमाणा कि रयण होज्जा० ? पुच्छा, गंगेया ! रयण० वा होज्जा जाव अहेसत्तमाए वा होज्जा अहवा एगे रयण० अट्ट सक्करप्पभाए होज्जा एवं दुयासंजोगो जाव सत्तग. संजोगो य जहा अट्टण्हं भणियं तहा णवण्हंपि भाणियव्वं णवर एकेको अब्भहिओ संचारेयव्वो, सेसं तं चेव पच्छिमो आलावगो अहवा तिणि रयण० एगे सक्कर० एगे वालय० जाव एगे अहेसत्तमाए होज्जा / दस भंते ! रइया रइयपवेसणएणं पविसमाणा० पुच्छा, गंगेया ! रयण वा होज्जा जाव अहे. सत्तमाए वा होज्जा 7 अहवा एगे रयण० णव सक्कर होज्जा एवं दुयासंजोगो जाव सत्तसंजोगो य जहा णवण्हं णवरं एक्केक्को अन्महिओं संचारेयन्वो सेसं तं चेव पच्छिमो आलावगो अहवा चत्तारि रयण० एगे सक्कर० जाव एगे अहेसत्त Page #668 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 9 उ. 32 655 माए होज्जा / संखेज्जा भंते ! णेरइया णेरइयप्पवेसणएणं पविसमाणा० पुच्छा, गंगेया ! रयण वा होज्जा जाव अहेसत्तमाए वा होज्जा 7 अहवा एगे रयण० संखेज्जा सक्कर० होज्जा एवं जाव अहवा एगे रयणसंखेज्जा अहेसत्तमाए होज्जा अहंवा दो रयण० संखेज्जा सक्कर० होज्जा एवं जाव अहवा दो रयण संखेज्जा अहेसत्तमाए होज्जा अहवा तिण्णि रयण० संखेज्जा सक्कर० होज्जा एवं एएणं कमेणं एक्केको संचारेयस्वो जाव अहवा दस रयण संखेज्जा सक्कर० होज्जा एवं जाव अहवा दस रयण संखेज्जा अहेसत्तमाए होज्जा अहवा संखेज्जा रयण० संखेज्जा सक्कर० होज्जा जाव अहवा संखेज्जा रयण संखेज्जा अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे सक्कर० संखेज्जा वालुय० होज्जा एवं जहा रयणप्पभा उवरिमपुढवीहिं समं चारिया एवं सक्करप्पभावि उवरिमपुढवीहि समं चारेयव्वा, एवं एक्केक्का पुढवी उवरिमपुढवीहिं समं चारेयव्वा जाव अहवा संखेज्जा तमाए संखेज्जा अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे रयण० एगे सक्कर० संखेज्जा वालुय० होज्जा अहवा एगे रयण. एगे सक्कर० संखेज्जा पंकप्पभाए होज्जा जावः अहवा एगे रयण० एगे सक्करप्पभाए संखेज्जा अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे रयण दो सक्कर० संखेज्जा वालुयप्पभाए होज्जा जाव अहवा एगे रयण दो सक्कर० संखेज्जा अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे रयण० तिणि सक्कर० संखेज्जा वालयप्पभाए होज्जा, एवं एएणं कमेणं एक्केवको संचारेयव्वो जाव अहवा एगे रयण संखेज्जा सक्कर० संखेज्जा वालुयप्पमाए होज्जा जाव अहवा एगे रयण. संखेज्जा वालुय० संखेज्जा अहेसत्तमाए होज्जा अहवा दो रयण संखेज्जा सक्कर० संखेज्जा वालुयप्पभाए होज्जा जाव अहवा दो रयण संखेज्जा सक्कर० संखेज्जा अहेसत्तमाए होज्जा अहवा तिणि रयण संखेज्जा सक्कर० संखेज्जा वालुयप्पमाए होज्जा, एवं एएणं एक्केक्को रयणप्पभाए संचारियव्वो जाव अहवा संखेज्जा रयण संखेज्जा सक्कर० संखेज्जा वालुयप्पभाए होज्जा जाव अहवा संखेज्जा रयण० संखेज्जा सक्कर० संखेज्जा अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे रयण० एगे वालुय० संखेज्जा पंकप्पभाए होज्जा जाव अहवा एगे रयण० एगे वालुय० संखेज्जा अहेसत्तमाए होज्ज़ा अहवा एगे रयण० दो वालय. संखेज्जा पंकप्पभाए होज्जा, एवं एएणं कमेणं तियासंजोगो चउक्कसंजोगो जाव सत्तगसंजोगो य जहा दसण्हं तहेव भाणियन्वो पच्छिमो आलावगो सत्तसंजोगस्स अहवा संखेज्जा रयण संखेज्जा Page #669 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 656 अंग-पविट्ट सुत्ताणि सक्कर० जाव संखेज्जा अहेसत्तमाए होज्जा। असंखेज्जा भंते ! णेरइया णेरइय. प्पवेसणएणं पविसमाणा० पुच्छा ? गंगेया! रयणप्पभाए वा होज्जा जाब अहे. सत्तमाए वा होज्जा, अहवा एगें रयण० असंखेज्जा सक्करप्पभाए होज्जा, एवं दुयासंजोगो जाव सत्तगसंजोगो य जहा संखेज्जाणं भणिओ तहा असंखेज्जाणवि भाणियन्वो, णवरं असंखेज्जाओ अब्भहिओ भाणियव्वो, सेसं तं चेव जाव सतग. संजोगस्स पच्छिमो आलावगो अहवा असंखेज्जा रयण० असंखेज्जा सक्कर० जाव असंखेज्जा अहेसत्तमाए होज्जा / उक्कोसेणं भंते ! णेरइया णेरइयप्पवेस. णएणं० पुच्छा, गंगेया ! सव्वेवि ताव रयणप्पभाए होज्जा अहवा रयणप्पभाए य सक्करप्पभाए य होज्जा अहवा रयणप्पभाए य वालुयप्पभाए य होज्जा जाव अहवा रयणप्पभाए य अहेसत्तमाए य होज्जा अहवा रयणप्पभाए य सक्करप्पभाए य वालयप्पभाए य होज्जा एवं जाव अहवा रयण य सक्कर. प्पभाए य अहेसत्तमाए य होज्जा 5 अहवा रयण. वालय० पंकप्पभाए य होज्जा जाव अहवा रयण वालुय० अहेसत्तमाए य होज्जा 4 अहवा रयण पंकप्पमाए धूमाए होज्जा एवं रयणप्पमं अमुयंतेसु जहा तिहं तियासंजोगो भणिओ तहा भाणियन्वं जाव अहवा रयण. तमाए य अहेसत्तमाए य होज्जा 15 अहवा रयणप्पभाए य सक्करप्पभाए वालुय० पंकप्पभाए य होज्जा अहवा रयणप्पभाए सक्करप्पभाए वालुय० धूमप्पभाए य होज्जा जाव अहवा रयणप्प. भाए सक्करप्पभाए वालुय० य अहेसत्तमाए य होज्जा -4 अहवा रयण. सक्कर० पंक० धूमप्पभाए य होज्जा एवं रयणप्पभं अमयंतेसु जहा चउण्हं चउक्कसंजोगो भणिओ तहा भाणियध्वं जाव अहवा रयण धूम० तमाए अहेसत्तमाए य होज्जा अहवा रयण० सक्कर० वालुय. पंक० धुमप्पमाए य होज्जा 1 अहवा रयणप्पभाए जाव पंक० तमाए य होज्जा 2 अहवा रयण० जाव पंकप्पभाए अहेसत्तमाए य होज्जा 3 अहवा रयण. सक्कर. वालुय० धूम० तमाए य होज्जा 4 एवं रयणप्पभं अमुयंतेसु जहा पंचण्हं पंचगसंजोगो तहा भाणियव्वं जाव अहवा रयण० पंकप्पभाए य जाव अहेसत्तमाए य होज्जा अहवा रयण सक्कर० जाव धूमप्पभाए तमाए य होज्जा 1 अहवा रयण जाव धूम० अहेसत्तमाए य होज्जा 2 अहवा रयण. सक्कर० जाव पंक० तमाए य अहेसत्तमाए य होज्जा 3 अहवा रयण० सक्कर. वालुय० धूमप्पभाए Page #670 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 9 उ. 32 657 तमाए अहेसत्तमाए य होज्जा 4 अहवा रयण. सक्कर० पंक० जाव अहेसत्त. माए य होज्जा 5 अहवा रयण. वालुय० जाव अहेसत्तमाए य होज्जा 6 अहवा रयणप्पभा० य सक्कर० य जाव अहेसत्तमाए य होज्जा 7 / एयस्स गं भंते ! रयणप्पभापुढविणे रइयपवेसणगस्स सक्करप्पभापुढवि० जाव अहे. सत्तमापुढविणेरइयपवेसणगस्स कयरे 2 जाव विसेसाहिया वा ? गंगेया ! सव्वत्थोवे अहेसत्तमापुढविणेरइयपवेसणए, तमापुढविणेरइयपवेसणए असंखेज्जगुणे, एवं पडिलोमगं जाव रयणप्पभापुढविणेरइयपवेसणए असंखेज्जगुणे / 372 / तिरिक्खजोणियपवेसणए गं भंते ! कइविहे पण्णत्ते ? गंगेया ! पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा-एगिदियतिरिक्खजोणियपवेसणए जाव पंचिदियतिरिक्खजोणिय. पवेसणए / एगे भंते ! तिरिक्खजोणिए तिरिक्खजोणियपवेसणएणं पविसमाणे किं एगिदिएसु होज्जा जाव पंचिदिएसु होज्जा ? गंगेया ! एगिदिएसु वा होज्जा जाव पंचिदिएसु वा होज्जा। दो भंते ! तिरिक्ख जोणिया० पुच्छा, गंगेया ! एगिदिएसु वा होज्जा जाव पंचिदिएसु वा होज्जा, अहवा एगे एगिदिएस होज्जा एगे बेईदिएसु होज्जा एवं जहा गेरइयपवेसणए तहा तिरिक्खजोणियपवेसणएवि भाणियव्वे जाव असंखेज्जा। उक्कोसा भंते ! तिरिक्ख. जोणिया० पुच्छा, गंगेया ! सव्वेवि ताव एगिदिएसु होज्जा अहवा एगिदिएसु य बेइंदिएसु य होज्जा, एवं जहा रइया चारिया तहा तिरिक्खजोणियावि चारेयव्वा, एगिदिया अमुयंतेसु दुयासंजोगो तियासंजोगो च उक्कसंजोगो पंच. संजोगो उवउंजिऊण भाणियव्यो जाव अहवा एगिदिएसु य बेईदिएसु य जाव पंचिदिएसु य होज्जा / एयस्स णं भंते ! एगिदियतिरिक्खजोणियपवेसणगस्स जाव पंचिदियतिरिक्खजोणियपवेसणगस्सय कयरे 2 जाव विसेसाहिया वा? गंगेया ! सव्वत्थोवे पंचिदियतिरिक्खजोणियपवेसणए, चरिदियतिरिक्खजोणिय० विसेसाहिए, तेइंदिय० विसेसाहिए, बेइंदिय० विसेसाहिए, एगिदियतिरिक्ख० विसेसाहिए // 373 // मणुस्सपबेसणए णं भंते ! कइविहे पण्णत्ते ? गंगेया ! दुविहे पण्णत्ते, तंजहा-समुच्छिममणुस्सपवेसणए य गन्भवक्कंतियमणुस्सपवेसणए य। एगे भंते ! मणुस्से मणुस्सपवेसणएणं पविसमाणे कि संमुच्छिममणुस्सेसु होज्जा गब्भवक्कंतियमणुस्सेसु होज्जा ? गंगेया ! समुच्छिम. मणुस्सेसु वा होज्जा गब्भवक्कंतियमणुस्सेसु वा होज्जा / दो भंते ! मणुस्सा० पुच्छा, गंगेया ! * संमुच्छिममणुस्सेसु वा होज्जा गब्भवक्कंतियमणुस्सेसु वा Page #671 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 658 अंग-पविट्ट सुत्ताणि होज्जा अहवा एगे समुच्छिममणुस्सेसु होज्जा एगे गब्भवक्कंतियमणुस्सेतु होज्जा, एवं एएणं कमेणं जहा णेरइयपवेसणए तहा मणुस्सपवेसणएबि भाणियध्वे जाव दस / संखेज्जा भंते ! मणुस्सा० पुच्छा, गंगेया ! संमुच्छिममणुस्सेसु या होज्जा गम्भवपकंतियमणुस्सेसु वा होज्जा अहवा एगे समुच्छिममणुस्सेसु होज्जा संखेज्जा गम्भवक्कंतियमणुस्सेसु होज्जा अहवा दो समुच्छिममणुस्सेसु होज्जा संखेज्जा गब्भवक्कंतियमणुस्सेसु होज्जा एवं एक्केक्क उस्सा. रितेसु जाव अहवा संखेज्जा समुच्छिममणुस्सेसु होज्जा संखेज्जा गब्भवक्कं. तियमणस्सेसु होज्जा / असंखेज्जा भंते ! मणुस्सा० पुच्छा, गंगेया ! सव्वेवि ताब समुच्छिममणुस्सेसु होज्जा, अहवा असंखेज्जा संमुच्छिममणुस्मेसु एगे गम्भवक्कंतियमगुस्सेतु होज्जा अहवा असंखेज्जा संमुच्छिममणुस्सेसु दो गमक्कंतिय. मणुस्सेसु होज्जा एवं जाव असंखेज्जा संमुच्छिममणुस्सेसु होज्जा संखेज्जा गम्भवक्कंतियमणुस्सेसु होज्जा / उक्कोसा भंते ! मणुस्सा० पुच्छा, गंगेया ! सब्वेवि ताव संमुच्छिममणुस्सेसु होज्जा अहवा समुच्छिममणुस्सेसु य गमवक्कं. तियमणुस्सेसु य होज्जा / एयस्स णं भंते ! संमुच्छिममणुस्सपवेसणगस्स गन्म. ववतियमणुस्सपवेसणगस्स य कयरे 2 जाव विसेसाहिया वा ? गंगेया ! सव्वत्थोवे गमवक्कंतियमणुस्सपवेसणए, समुच्छिममणुस्सपवेसणए असंखेज्जगुणे // 374 // देवपवेसणए णं भते ! कइविहे पण्णत्ते ? गंगेया ! चउम्विहे पण्णते, तंजहा-भवषवासिदेवपवेसणए जाव वेमाणियदेवपवेसणए / एगे भंते ! देवे देवपवेसणएणं पविसमाणे किं भवणवासीसु होज्जा वाणमंतरजोइसियवेमा. णिएसु होज्जा ? गंगेया ! भवणवासीसु वा होज्जा वाणमंतरजोइसियवेमाणिएसु वा होज्जा / दो भंते ! देवा देवपवेसणएणं० पुच्छा, गंगेया | भवणवासीसु वा होज्जा वाणमंतरजोइसियवेमाणिएसु वा होज्जा अहवा एगे भवणवासीसु एगे वाणमंतरेसु होज्जा एवं जहा तिरिक्खजोणियपवेसणए तहा देवपवेसणएवि भाणियव्वे जाव असंखेज्ज त्ति / उक्कोसा भंते ! * पुच्छा, गंगेया ! सम्वेवि ताव जोइसिएसु होज्जा अहवा जोइ सियभवणवासीसु य होज्जा अहवा जोइ. सियवाणमंतरेसु य होज्जा अहवा जोइसियवेमाणिएसु य होज्जा अहवा जोइ. सिएसु य भवणवासीसु य वाणमंतरेसु य होज्जा अहवा जोइसिएसु य भवणवासीसु य वेमाणिएसु य होज्जा अहवा जोइसिएसु य वाणमंतरेसु य वेमा Page #672 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 9 उ. 32 659 णिएसु य होज्जा अहवा जोइसिएसु य भवणवासीसु य वाणमंतरेसु य वेमाणिएसु य होज्जा। एयस्स णं भंते ! भवणवासिदेवपवेसणगस्स वाणमंतरदेवपवेसणगस्स जोइसियदेवपवेसणगस्त वेमाणियदेवपवेसणगस्स य कयरे 2 जाव विसेसाहिया वा ? गंगेया ! सम्वत्थोवे वेमाणियदेवपवेसणए, भवणवासि. देवपवेसणए असंखेज्जगुणे, वाणमंतरदेवपवेसणए असंखेज्जगुणे, जोइसिय. देवपवेसणए संखेज्जगुणें // 375 // एयस्स णं भंते ! णेरइय पवेसणगस्स तिरिक्ख० मणुस्स० देवपवेसणगस्स कयरे कयरे जाव विसेसाहिया वा ? गंगेया ! सम्वत्थोवे मणुस्सपवेसणए, रइयपवेसणए असंखेज्जगुणे, देव. पवेसणए * असंखेज्जगुणे, तिरिक्खजोणियपवेसणए असंखेज्जगुणे // 376 // संतरं भंते ! रइया उववज्जंति णिरंतरं णेरइया उबवज्जति संतरं असुरकुमारा उववज्जति णिरंतरं असुरकुमारा उववज्जति जाव संतरं वेमाणिया उववज्जति णिरंतरं वेमाणिया उववज्जति संतरं णेरइया उव्वटुंति णिरंतरं रइया उव्वदंति जाव संतरं वाणमंतरा उव्वटुंति णिरंतरं वाणमंतरा उव्व. एंति संतरं जोइसिया चयंति णिरंतरं जोइसिया चयंति संतरं वेमाणिया चयंति णिरंतरं वेमाणिया चयंति ? गंगेया ! संतरंपि णेरइया उववज्जति णिरंतरंपि गेरइया उववज्जति जाव संतरंपि थणियकुमारा उववज्जति णिरंतरंपि थणिय. कुमारा उववज्जति पो संतरं पुढ धिक्काइया उववज्जति णिरंतरं पुढविक्का. इया उववज्जति एवं जाव वणस्सइक्काइया सेसा जहा ऐरइया जाव संतरंपि बेमाणिया उववज्जति णिरंतरंपि वेमाणिया उववज्जंति, संतरंपि रइया उज्वटुंति णिरंतरंपि रइया उव्वदृति एवं जाव थणियकुमारा णो सतरं पुढविक्काइया उव्वदि॒ति णिरंतर पुढविक्काइया उबटुंति एवं जाव वणस्सइकाइया सेसा जहा णेरइया, णवरं जोइसियवेमाणिया चयंति अभिलावो, जाव संतरंपि वेमाणिया चयंति णिरंतरपि वेमाणिया चयंति / सओ भंते ! णेरइया उववज्जति असओ भंते ! रइया उवबज्जति ? गंगेया ! सओ रइया उववज्जति णो असओ रइया उववज्जंति, एवं जाव वेमाणिया। सओ भंते ! णेरइया उव्वटुंति असओ रइया उन्वटुंति ? गंगेया ! सओ रइया उव्व. टुंति णो असओ णेरइया उव्वटुंति, एवं जाव वेमाणिया णवरं जोइसियवेमा. णिएस चयंति भाणियव्वं / सओ भंते ! रइया उववज्जति असओ भंते ! गेर. Page #673 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 660 अंग-पविट्ट सुत्ताणि इया उववज्जति सओ असुरकुमारा उववज्जति जाव सओ केमाणिया उववजति असओ वेमाणिया उववज्जति सओ णेरइया उव्वदंति असओ रइया उव्वदंति सओ असुरकुमारा उव्वटुंति जाव सओ वेमाणिया चयंति असओ वेमाणिया चयंति ? गंगेया ! सओ रइया उववज्जति णो असओ गेरइया उववज्जति सओ असुरकुमारा उववज्जति णो असओ असुरकुमारा उववज्जंति जाव सओ वेमाणिया उववज्जंति णो असओ वेमाणिया उववज्जंति, सओ णेरइया उव्वटुंति णो असओ णेरइया उव्वटुंति जावसओ वेमाणिया चयंति णो असओ वेमा. णिया चयंति।से केणठेणं भंते ! एवं वच्चइ सओणेरइया उववज्जति णो असओ णेरइया उवज्जंति जाव सओ वेमाणिया चयंति णो असओ वेमाणिया चयंति ? से पूर्ण भो ! गंगेया ! पासेणं अरहया पुरिसादाणीएणं सासए लोए बुइए अणाईए अणवयग्गे जहा पंचमसए जाव जे लोक्कइ से लोए, से तेणठेणं गंगेया ! एवं वच्चइ जाव सओ वेमाणिया चयंति णो असओ वेमाणिया चयंति / सयं भंते ! एए एवं जाणह उदाह असयं, असोच्चा एए एवं जाणह उदाहु सोच्चा, सओ णेरइया उववज्जति णो असओ रइया उववज्जति जाव सओ वेमाणिया चयंति णो असओ वेमाणिया चयंति ? गंगेया ! सयं एए एवं जाणामि जो असयं, असोच्चा एए एवं जाणामि णो सोच्चा सओ रइया उव. वज्जति णो असओ रइया उववज्जति जाव सओ वेमाणिया चयंति णो असओ वेमाणिया चयंति / से केणठेणं भंते ! एवं बच्चइ तं चेव जाव णो असओ वेमाणिया चयंति ? गंगेया ! केवली णं पुरथिमेणं मियंपि जाणइ अमियंपि जाणइ दाहिणणं एवं जहा सदुद्देसए जाव णिव्वडे गाणे केवलिस्स, से तेणढेणं गंगेया ! एवं वच्चइ तं चेव जाव णो असओ वेमाणिया चयंति / सयं भंते ! णेरइया णेरइएसु उववज्जति असयं णेरइया णेरइएसु उववज्जति ? गंगेया! सयं रइया णेरइएसु उववज्जति णो असयं णेरइया णेरइएसु उवव. ज्जंति / से केणढेणं भंते ! एवं वुच्चइ जाव उववज्जति ? गंगेया ! कम्मो. दएणं कम्मगुरुयत्ताए कम्मभारियत्ताए कम्मगुरुसंभारियत्ताए असुभाणं कम्माणं उदएणं असुमाणं कम्माणं विवागणं असुभाणं कम्माणं फलविवागणं सयं णेरइया गैरइएसु उववज्जति णो असयं णेरइया गैरइएसु उववज्जंति, से तेणढेणं गंगेया ! जाव उववति / सयं भंते ! असुरकुमारा० पुच्छा ? गंगेया ! सयं Page #674 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 9 उ. 33 असुरकुमारा जाव उववज्जति णो असयं असुरकुमारा जाव उववज्जति / से केणठेणं तं चेव जाव उववज्जति ? गंगेया ! कम्मोदएणं कम्मोवसमेणं कम्मवियईए कम्मविसोहीए कम्मविसुद्धीए सुभाणं कम्माणं उदएणं सुभाणं कम्माणं विवागणं सुभाणं कम्माणं फलविवागणं सयं असुरकुमारा असुरकुमारताए जाव उववज्जति जो असयं असुरकुमारा असुरकुमारत्ताए जाव उववज्जंति, से तेणठेणं जाव उववज्जति, एवं जाव थणियकुमारा / सयं भंते ! पुढविक्काइया० पुच्छा ? गंगेया ! सयं पुढविक्काइया जाव उववज्जति णो असयं जाव उववज्जति / से केणद्वैगं भंते ! एवं वुच्चइ जाव उववज्जंति ? गंगेया ! कम्मोदएणं कम्मगुरुयताए कम्मभारियत्ताए कम्मगुरुसंभारियत्ताए सुभासुमाणं कम्माणं उदएणं सुभासुभाणं कम्माणं विवागणं सुभासुभाणं कम्माणं फलविवागणं सयं पुढविक्काइया जाव उववज्जति णो असयं पुढविक्काइया जाव उववज्जंति, से तेणठेणं जाव उववज्जति, एवं जाव मणुस्सा। वाणमंतर. जोइसियवेमाणिया जहा असुरकुमारा, से तेणछैणं गंगेया ! एवं बच्चइ सयं वेमाणिया जाव उववज्जति णो असयं वेमाणिया जाव उववज्जति // 377 // तप्पभिई च णं से गंगेए अणगारे समणं भगवं महावीरं पच्चभिजाणइ सव्वण्णू सव्वदरिसी, तए णं से गंगेए अणगारे समणं भगवं महावीरं तिक्खत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ करेत्ता वंदइ णमंसइ वंदित्ता णमंसित्ता एवं वयासीइच्छामि गं भंते ! तुम्भं अंतियं चाउज्जामाओ धम्माओ पंचमहव्वइयं एवं जहा कालासवेसियपुत्ते अणगारे तहेव भाणियव्वं जाव सव्वदुक्खप्पहीणे / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 37 // . णवमं सयं तेत्तीसइमो उद्देसो - तेणं कालेणं तेणं समएणं माहणकुंडग्गामे णामं णयरे होत्था वण्णओ, बहुसालए चेइए वण्णओ, तत्थ णं माहणकुंडग्गामे णयरे उसमदत्ते णामं माहणे परिवसइ अड्ढे दित्ते वित्ते जाव अपरिभूए रिउव्वेयजजुव्वेयसामवेयअथव्वणवेय जहा खंदओ जाव अण्णेसु य बहुसु बंभण्णएसु णएसुसुपरिणिट्ठिए समणोवासए अभिगयजीवाजीवे उवलद्धपुण्णपावे जाव अप्पाणं भावेमाणे विहरइ, तस्स णं उसभदत्तस्स माहणस्स देवाणंदा णामं माहणी होत्था, सुकुमालपाणिपाया जाव पियदंसणा सुरूवा समणोवासिया अभिगयजीवाजीवा उवलद्धपुण्णपावा Page #675 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 662 अंग-पविट सुत्ताणि जाव विहरइ / तेणं कालेणं तेणं समएणं सामी समोसढे, परिसा जाव पज्जुवासइ / तए णं से उसभदत्ते माहणे इमोसे कहाए लढे समाणे हट्ठ जाव हियए जेणेव देवाणंदा माहणी तेणेव उवागच्छइ 2 ता देवाणंदं माहणि एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिए ! समणे भगवं महावीरे आइगरे जाव सवण्णू सव्वदरिसी आगासगएणं चक्केणं जाव सुहंसुहेणं विहरमाणे बहुसालए चेइए अहापडिरूवं उग्गहं जाव विहरइ, तं महाफलं खलु देवाणुप्पिए ! जाव तहारूवाणं अरिहंताणं भगवंताणं णामगोयस्सविसवणयाए किमंग पुण अभिगमण. वंदणणमंसणपडिपुच्छणपज्जुवासणयाए, एगस्सवि आरियस्स धम्मियस्स सुव. यणस्स सवणयाए किमंग पुण विउलस्स अटुस्से गहणयाए, तं गच्छामो मं देवाणुप्पिए ! समणं भगवं महावीरं. वंदामो णमंसामो जाव पज्जवासामो, एयण्णं इहभवे य परभवे य हियाए सुहाए खमाए णिस्सेसाए आणुगामियताए भविस्सइ / तए णं सा देवाणंदा माहणी उसभदत्तेणं माहणेणं एवं वुत्ता समाणी हट्ठ जाव हियया करयल जाव कटु उसमदत्तस्स माहणस्स एयमह्र विणएणं पडिसुणेइ / तए णं से उसभदत्ते माहणे कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ कोडुंबियपुरिसे सद्दावेत्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! लहुकरणजुत्तजोइयसमखुर वालिहाणसमलिहियसिंहिं जंबूपयामयकलावजुत्तपरिविसिझेहि रययामयघंटसुत्तरज्जयपवरकंचणणत्थपग्गहोग्गंहयएहि णीलुप्पलकयामेलएहि पवरगोण. ज्जुवाणएहि णाणामणिरयणघंटियाजालपरिगयं सुजायजुगजोत्तरज्जयः जुगपसस्थसुविरइयणिम्मियं पवरलक्खणोववेयं धम्मियं जाणप्पवरं जुत्तामेवउवटवेह 2 त्ता मम एयमाणत्तियं पच्चप्पिणह / तए णं ते कोडुंबियपुरिसा उसभदत्तेणं माहणेणं एवं वुत्ता समाणा हट्ट जाव हियया करयल जाब एवं सामी ! तहत्ति आणाए विणएणं वयणं जाव पडिसुणेत्ता खिप्पामेय लहुकरण. जुत्त जाव धम्मियं जाणप्पवरं जुत्तामेव उवटवेत्ता जाव तमाणत्तियं पच्चप्पि. गंति / तए णं से उसभदत्ते माहणे हाए जाव अप्पमहग्घाभरणालंकियसरीरे साओ गिहाओ पडिणिक्ख मइ साओ गिहाओ पडिणिक्खमित्ता जेणेव बाहिरिया उवदाणसाला जेणेव धम्मिए जाणप्पवरे तेणेव उवागच्छइ तेणेव उवागच्छिता धम्मियं जाणप्पवरं दुरुढे / तए णं सा देवाणंदा माहणी अंतो अंतेउरंसि व्हाया कयबलिकम्मा कयकोउय-मंगल-पायच्छित्ता किंच वरपायपत्तणेउरमणिमेहला Page #676 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 9 उ. 33 663 हारबिरइयउचियकडगखुड्डायएकावलीकंठसुत्तउरत्यगेवेज्जसोणिसुत्तगणाणाममणिरयण मूसणविराइयंगी चीणंसुयवस्थपवरपरिहिया दुगुल्लसुकुमालउत्तरिज्जा सव्वोउयसुरभिकुसुमवरियसिरया वरचंदणवंदिया वराभरणभूसियंगी काला. गुरुधूवधूविया सिरिसमाणवेसा जाव अप्पमहग्घाभरणालंकियसरीरा बाहिं खुज्जाहिं चिलाइयाहि वामणियाहि वडहियाहि बब्बरियाहि पओसियाहिं ईसिगणियाहि जोहियाहि चारुगणियाहि पल्हवियाहि ल्हासियाहिं लउसियाहिं आरबीहिं दमिलोहिं सिंघलोहिं पुलिदोहिं पुक्ख लीहिं बहूलीहिं मुरुंडीहिं सब. रोहिं पारसोहि णाणादेसोहि विदेसपरिपिडियाहि इंगिचितियपत्थियवियाणि. याहिं सदेसणेवत्थगहियवसाहिं कुसलाहि विणीयाहि य चेडियाचक्कवालवरि. सधरथेरकं वुइज्जमहत्तरगवंदपरिक्खित्ता अंतेउराओ . णिग्गच्छइ अंतेउराओ णिग्गच्छित्ता जेणेव बाहिरिया उवढाणसाला जेणेव धम्मिए जाणप्पवरे तेणेव उवागच्छइ तेणेव उवागच्छिता जाव धम्मियं जाणप्पवरं दुरूढा / तए णं से उसमदत्ते माहणे देवाणंदाए माहणीए सद्धि धम्मियं जाणप्पवरं दुरूढे समाणे णियगपरियालसंपरिबुडे माहणकुंडग्गामं जयरं मज्झमझेणं णिग्गच्छइ णिग्गच्छइता जेगेव बहुसालए चेइए तेणेव उबागच्छइ तेणेव उवागच्छइत्ता छत्ताईए तित्थयराइसए पासइ छ० 2 ता धम्मियं जाणप्पवरं ठवेइ 2 ता धम्मियाओ जाणप्पवराओ पच्चोरुहइ ध०.२ ता समणं भगवं महावीरं पंचविहेणं अभि. गमेणं अभिगच्छइ तंजहा-सचित्ताणं दव्वाणं विउसरणयाए एवं जहा बिइयसए जाव तिविहाए पज्जुवासणयाए पज्जवासइ / तए गं सा देवाणंदा माहणी धम्मियाओ आणप्पवराओ पच्चोरहइ धम्मियाओ जाणप्पवराओ पच्चोरहित्ता बहूहि खुज्जाहिं जाव महत्तरगवंदपरिक्खित्ता समणं भगवं महावीरं पंचविहेणं अभिगमेणं अभिगच्छइ, तंजहा-सचित्ताणं दव्वाणं विउसरणयाए, अचित्ताणं दव्वाणं अविमोयणयाए, विणयोणयाए गायलठ्ठीए, चक्खुप्फासे अंजलिपग्गहेणं, मणस्स एंगतीमावकरणेणं जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ तेणेव उवागच्छित्ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणं . पयाहिणं करेइ 2 ता वंदइ णमंसइ वंदित्ता णमंसित्ता उसभदत्तं माहणं पुरओ कटु ठिया चेव सपरिवारा सुस्सूसमाणी णमंसमाणी अभिमुहा विणएणं पंजलिउडा जाव पज्जुवासइ // 376 // तए णं सा देवाणंदा माहणी आगय. Page #677 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंग-पविटु सुत्ताणि पण्हया पप्फुयलोयणा संवरियवलयबाहा कंचुयपरिक्खित्तिया धाराहयकलं. बगंपिवसमूसवियरोमकूवा समणं भगवं महावीरं अणिमिसाए दिट्ठीए देहमाणी 2 चिट्ठइ / भंते ! त्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदइ णमं. सइ वंदित्ता णमंसित्ता एवं वयासी-किणं भंते ! एसा देवाणंदा माहणी आगयपण्हया तं चेव जाव रोमकूवा देवाणुप्पियं अणिमिसाए दिट्ठीए देहमाणी 2 चिट्टइ ? गोयमाइ ! समणे भगवं महावीरे भगवं गोयम एवं वयासी-एवं खलु गोयमा ! देवाणंदा माहणी ममं अम्मगा, अहण्णं देवाणंदाए माहणीए अत्तए, तए गं सा देवाणंदा माहणी तेणं पुष्वपुत्तसिणेहाणुराएणं आगयपण्हया जाव समूस. वियरोमकूवा ममं अणिमिताए दिट्टीए देहमाणी 2 चिट्ठह // 380 // तए णं समणे भगवं महावीरे उसमदत्तस्स माहणस्स देवाणंदाए माहणीए तोसे य महइमहालियाए इसिपरिसाए जाव परिसा पडिगया / तए गं से उसमदत्ते माहणे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं धम्म सोच्चा णिसम्म हट्ठतुझे उठाए उठेइ उट्ठाए उठेत्ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो जाव णमंसित्ता एवं वयासी-एवमेयं भंते ! तहमेयं भंते ! जहा खंदओ जाव से जहेयं तुब्भे क्यहत्ति कट्ट उत्तरपुरस्थिमं दिसीमागं अवक्कमइ उत्तरपु० २त्ता सयमेव आभरणमल्लालंकारं ओमयइ सयमे० 2 ता सयमेव पंचमट्रियं लोयं करेइ सयमे० 2 ता जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ 2 ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहि पयाहिणं जाव णमंसित्ता एवं वयासी-आलित्ते णं भंते ! लोए, पलित्ते णं भंते ! लोए, आलित्तपलिते गं भंते ! लोए जराए मरणेण य, एवं एएणं कमेणं जहा खंदओ तहेव पव्वइओ जाव सामाइयमाइ. याई एक्कारस अंगाई अहिज्जइ जाव बहूहिं चउत्थछट्ठमदसम जाव विचित्तेहि तवोकम्मेहि अप्पाणं भावेमाणे बहूई वासाइं सामण्णपरियागं पाउणइ 2 ता मासियाए सलेहणाए अत्ताणं झूसेइ मासि० 2 सा सर्द्धि भत्ताई अणसणाए छेदेइ सटुिं० 2 ता जस्सट्टाए कीरइ णग्गभावे जाव तमढें आराहेइ तमलैं आराहेत्ता जाव सव्वदुक्खप्पहीणे / तए णं सा देवाणंदा माहणी समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं धम्म सोच्चा णिसम्म हट्टतुट्ठा समणं भगवं महावीर तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं जाव णमंसित्ता एवं क्यासी-एवमेयं भंते ! तहमेयं भंते ! एवं जहा उसभदत्तो तहेव जाव धम्ममाइक्खियं / तए णं समणे Page #678 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 9 उ. 33 665 भगवं महावीरे देवाणदं माणि सयमेयं पव्वावेइ सय० 2 ता सयमेव अज्ज. चंदणाए अज्जाए सीसिणित्ताए दलयइ। तए णं सा अज्जचंदणा अज्जा देवा. जवं माहणि सयमेव मुंडावेइ सयमेव सेहावेइ एवं जहेव उसमदत्तो तहेव अज्ज. चंदणाए अज्जाए इमं एयारूवं धम्मियं उवएसं सम्मं संपडिवज्जइ तमाणाए तह गच्छइ जाव संजमेणं संजमेइ / तए गं सा देवाणंदा अज्जा अज्जचंदणाए अज्जाए अंतियं सामाइयमाइयाई एक्कारस अंगाई अहिज्जइ सेसं तं चेव जाव सव्वदुक्खप्पहीणा // 381 // तस्स णं माहणकुंडग्गामस्स जयरस्स पच्चत्थिमेणं एत्य गं खत्तियकुंडग्गामे णामं णयरे होत्था वण्णओ, तत्थ णं खत्तियकुंडग्गामे . गयरे जमाली णामं खत्तियकुमारे परिवसइ अड्ढे दित्ते जाव अपरिभूए उप्पि पासायवरगए फट्टमाहिं मुइंगमत्थएहि बत्तीसइबद्धेहि णाडएहिं णाणाविहवरतरुणीसंपउत्तेहि उवणच्चिज्जमाणे-उवणच्चिज्जमाणे उवगिज्जमाणे 2 उवलालिज्जमाणे 2 पाउसवासारत्तसरयहेमंतवसंतगिम्हपज्जते छप्पिउऊ जहा विभवेणं माणमाणे 2 कालं गालेमाणे इठे सद्दफरिसरसरूवगंधे पंचविहे माणुस्सए कामभोगे पच्चणुन्मवमाणे विहरइ / तए णं खत्तियकुंडग्गामे गयरे सिंघाडगतियचउक्कचच्चर जाव बहुजणसद्देइ वा जहा उववाइए जाव एवं पण्ण. वेइ एवं परूवेइ-एवं खलु देवाणप्पिया ! समणे भगवं महावीरे आइगरे जाव सवण्णू सव्वदरिसी माहुणकुंडग्गामस्स णयरस्स बहिया बहुसालए चेइए अहापडिरूवं जाव विहरइ, तं महप्फलं खल देवाणुप्पिया ! तहारूवाणे अरहंताणं भगवंताणं जहा उववाइए जाव एगाभिमुहे खत्तियकुंडग्गामं णयरं मज्झमझेणं णिग्गच्छइ णिग्गच्छित्ता मेणेव माहणकुंडग्गामे गयरे जेणेव बहुसालए चेइए एवं जहा उववाइए जाव तिविहाए पज्जवासणाए पज्जुवासइ / तए णं तस्स जमालिस्स खत्तियकुमारस्स तं महया जणसई वा जाव जणसणिवायं वा सुणमाणस्स वा पासमाणस्स वा अयमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्थाकिंण्णं अज्ज खत्तियकुंडग्गामे णयरे इंदमहेइ वा खंदमहेइ वा मुगुंदमहेइ वा णागमहेइ वा जक्खमहेइ वा भूयमहेइ वा कूवमहेइ वा तडागमहेइ वा गई. महेइ वा दहमहेइ वा पव्वयमहेइ वा रुक्खमहेइ वा चेइयमहेइ वा थूभमहेइ वा जणं एए बहवें उग्गा भोगा राइण्णा इक्खागा णाया कोरव्वा खत्तिया खत्तियपुत्ता भडा भडपुत्ता जहा उववाइए जाव सत्थवाहप्पमिइओ Page #679 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 666 अंग-पविटु सुत्ताणि व्हाया कयबलिकम्मा जहा उववाइए जाव णिग्गच्छंति ? एवं संपेहेइ एवं संपेहित्ता कंचुइज्जपुरिसं सद्दावेइ कंचु० 2 ता एवं वयासी-किणं देवाणुप्पिया ! अज्ज खत्तियकुंडग्गामे णयरे इंदमहेइ वा जाव णिग्गच्छंति ? तए गं से कंचुइज्जपुरिसे जमालिणा खत्तियकुमारेणं एवं वुत्ते समाणे हट्ठतुठे समणस्स भगवओ महावीरस्स आगमणगहियविणिच्छए करयल० जमालि खत्तियकुमारं जएणं विजएणं वद्धावेइ वद्धावेत्ता एवं वयासी-णो खलु देवा. णुप्पिया ! अज्ज खत्तियकुंडग्गामे णयरे इंदमहेइ वा जाव णिग्गच्छंति, एवं खलु देवाणुप्पिया ! अज्ज समणे भगवं महावीरे जाव सवण्णू सवदरिसी माहणकुंडग्गामस्स णयरस्स बहिया बहुसालए चेइए अहापडिरूवं उग्गहं जाव विहरइ, तए णं एए बहवे उग्गा भोगा जाव अप्पेगइया वंदणवत्तियं जाव णिग्गच्छति / तए णं से जमाली खत्तियकुमारे कंचुइज्जपुरिसस्स अंतिए एय. म→ सोच्चा णिसम्म हट्टतुठे० कोडंबियपुरिसे सद्दावेइ कोडुंबियपुरिसे सद्दा. वइत्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणप्पिया ! चाउग्घंटे आसरहं जुत्तामेव उवटवेह उवद्ववेत्ता मम एयमाणत्तियं पच्चप्पिणह / तए णं ते कोडुंबियपुरिसा जमालिणा खत्तियकुमारेणं एवं वुत्ता समाणा जाव पच्चप्पिणंति / तए णं से जमाली खत्तियकुमारे जेणेव मज्जणघरे तेणेव उवागच्छइ तेणेव उवागच्छित्ता पहाए कयबलिकम्मे जाव उववाइए परिसावण्णओ तहा भाणियत्वं जाव चंदणोकिण्णगायसरीरे सव्वालंकारविभसिए मज्जणघराओ पडिणिक्खमइ मज्जणघराओ पडिणिक्वमित्ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव चाउग्घंटे आसरहे तेणेव उवागच्छइ तेणेव उवागच्छित्ता चाउग्घंटे आसरहं दुरूहेइ चाउ० 2 त्ता सकोरंटमल्लदामेणं छत्तेणं धरिज्जमाणेणं महया भडचडकरपहकरवंदपरि. क्खित्ते खत्तियकुंडग्गामं णयरं मझमज्झेणं णिग्गच्छइ णिग्गच्छित्ता जेणेव माहणकुंडग्गामे णयरे जेणेव बहुसालए चेइए तेणेव उवागच्छइ तेणेव उवागच्छित्ता तुरए णिगिण्हेइ 2 ता रहं ठवेइ रहं ठवेत्ता रहाओ पच्चोरहइ रहा० त्ता पुप्फतंबोलाउहमाइयं वाहणाओ य विसज्जेइ 2 ता एगसाडियं उत्तरासंगं करेइ उत्तरासंगं करेत्ता आयंते चोक्खे परमसुइन्भूए अंजलिमउलियहत्थे जेणेव समणे भगवं महावीरे तेगेव उवागच्छइ तेणे व उवागच्छित्ता समणं भगवं महा. वीरं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ 2 ता जाव तिविहाए पज्जुवासणाए पज्जुवासइ / तए णं समणे भगवं महावीरे जमालिस्स खत्तियकुमारस्स तीसे Page #680 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 9 उ. 33 6 67 य महइमहालियाए इसि० जाव धम्मकहा जाव परिसा पडिगया / तए णं से जमाली खत्तियकुमारे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए धम्म सोच्चा णिसम्म हट्ठ जाव हियए उट्ठाए उट्ठेइ उठाए उठेत्ता समणं भगवं महावीर -तिक्खुत्तो जाव णमंसित्ता एवं वयासी-सहहामि गं भंते ! णिग्गंथं पावयणं, पतियामि णं भंते ! णिग्गंथं पावयणं, रोएमि णं भंते ! णिग्गंथं पावयणं, अरुभुढेमि णं भंते ! णिग्गंथं पावयणं, एवमेयं भंते ! तहमेयं भंते ! अवि. तहलेयं भंते ! असंदिद्धमेयं भंते ! जाव से जहेयं तुन्भे वयह, जं णवरं देवाणु. प्पिया! अम्मापियरो आपुच्छामि। तए णं अहं देवाणुप्पियाणं अंतियं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वयामि, अहासुहं देवाणुप्पिया! मा पडिबंधं // 382 // तए णं से जमाली खत्तियकुमारे समणेणं भगवया महावीरेणं एवं वृत्ते समाणे हद्वतुझे समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो जाव णमंसित्ता तमेव चाउग्घंटे आसरहं दुरूहेइ दुरूहित्ता समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियाओ बहुसालाओ चेइयाओ पडिणिक्खमइ पडिणिक्खमित्ता सकोरंट० जाव धरिज्जमाणेणं महया भडचडगर जाव परिक्खित्ते जेणेव खत्तियकुंडग्गामे णयरे तेणेव उवागच्छइ तेणेव उवागच्छित्ता खत्तियकुंडग्गामं णयरं मझमज्झेणं जेणेव सए गिहे जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला तेणेव उवागच्छइ तेणेव उवागच्छिता तुरए णिगिण्हइ तुरए णिगिव्हित्ता रहं ठवेइ रहं ठवेत्ता रहाओ पच्चोरहइ रहाओ पच्चोरुहित्ता जेणेव अभितरिया उवट्ठाणसाला जेणेव अम्मापियरो तेणेव उवागच्छइ तेणेव उवागच्छित्ता अम्मापियरो जएणं विजएणं वद्धावेइ वद्धावेत्ता एवं वयासीएवं खलु अम्मयाओ ! मए समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं धम्मे णिसंते, सेवि य मे धम्मे इच्छिए पडिच्छिए अभिरुइए। तए णं तं जमालि खत्तियकुमारं अम्मापियरो एवं वयासी-धण्णेसि णं तुमं जाया ! कयत्थेसि णं तुम जाया ! कयपुणेसि णं तुम जाया! कयलक्खणेसि णं तुम जाया ! जण्णं तुमे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं धम्मे णिसंते से वि य धम्मे इच्छिए पडिच्छिए अभिरूइए / तए णं से जमाली खत्तियकुमारे अम्मापियरो दोच्चपि एवं वयासी-एवं खलु मए अम्मयाओ ! समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए 'धम्मे णिसंते जाव अभिरुइए, तए णं अहं अम्मयाओ ! संसारभयउविग्गे भीए जम्मजरामरणेणं तं इच्छामि गं अम्मयाओ ! तुहिं अब्भणुण्णाए Page #681 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 668 अंग-पविट सुत्ताणि समाणे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं मुंडे भवित्ता अगाराओ अण. गारियं पव्वइत्तए / तए णं सा जमालिस्स खत्तियकुमारस्स माया तं अणिट्ठ अकंतं अप्पियं अमणुण्णं अमणामं असुयपुव्वं गिरं सोच्चा णिसम्म सेयांगयरोम. कृवपगलंतविलीणगत्ता सोगभरपवेवियंगमंगी णित्तया दीणविमणवयणा करयलमलियव्वकमलमाला तक्खणओलुग्गदुब्बलसरीरलावण्णसुण्णणिच्छाया गयसिरीया पसिढिलभूसणपडतखुण्णियसंचुण्णियधवलवलयपन्भट्ठउत्तरिज्जा मुच्छा. वसण?चेयगुरुई सुकुमालविकिण्णकेसहत्था परसुणियत्तव्व चंपगलया णिव्वत्त महे व्व इंदलट्ठी विमुवकसंधिबंधणा कोट्टिमतलंसि धसत्ति सव्वंगेहि संणिवडिया। तए णं सा जमालिस्स खत्तियकुमारस्स माया ससंभमोवत्तियाए तुरियं कंचण भिगार-महविणिग्गय-सीयल-विमलजलधारपरिसिंचमाणणिव्वावियगाय. लट्ठी उक्खेवयतालियंटवीयणगजणियवाएणं सफुसिएणं अंतेउरपरिजणेणं आसासिया समाणी रोयमाणी कंदमाणी सोयमाणी विलवमाणी जमालि खत्तियकुमारं एवं वयासी-तुमंसि णं जाया ! अम्हं एगे पुत्ते इठे कंते पिए मणुणे मणामे थेज्जे वेसासिए संमए बहुमए अणुमए भंडकरंडगसमाणे रयणे रयणभूए जीविऊसविए हिययणंदिजणणे उंबरपुप्फमिव दुल्लहे सवणयाए किमंग! पुण पासण. याए, तं णो खलु जाया ! अम्हे इच्छामो तुब्भं खणमवि विप्पओगं, तं अच्छाहि ताव जाया ! जाव ताव अम्हे जीवामो, तओ पच्छा अम्हेहि कालगएहि समा. णेहि परिणयवए वड्डियकुलवंसतंतुकज्जमि णिरवयक्खे समणस्स भगवओ महा. वीरस्स अंतियं मंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइहिसि / तए गं से जमाली खत्तियकुमारे अम्मापियरो एवं वयासी-तहावि गं तं अम्मयाओ! जण्णं तुम्भे मम एवं वयह तुमंसि गं जाया ! अम्हं एगे पुत्ते इट्टे कंते तं चेव जाव पव्वइहिसि / एवं खलु अम्मयाओ ! माणुस्सए भवे अणेगजाइजरा. मरणरोगसारीरमाणसपकामदुक्खवेयणवसणसओवद्दवाभिभूए अधुवे अणिइए असासए संझब्भरागसरिसे जलबुब्बुयसमाणे कुसग्गजलबिंदुसण्णिभे सुविणग. दंसणोवमे विज्जुलयाचंचले अणिच्चे सडणपडणविद्धंसणधम्मे पुग्वि वा पच्छा वा अवस्सविप्पजहियव्वे भविस्सइ, से केस णं जाणइ अम्मयाओ ! के पुन्वि गमणयाए के पच्छा गमणयाए ? तं इच्छामि गं अम्मयाओ! तुब्भेहि अभणुण्णाए समाणे समणस्स भगवओ महावीरस्स जाव पव्वइत्तए / तए णं Page #682 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 9 उ. 33 669 तं जमालि खत्तियकुमारं अम्मापियरो एवं वयासी-इमं च ते जाया ! सरीरगं पविसिट्ठरूवलक्खणवंजणगुणोववेयं उत्तमबलवीरियसत्तजुत्तं विण्णाणवियवखणं ससोहग्गगुणसमुस्सियं अभिजायमहक्खमं विविहवाहिरोगरहियं णिरुवहयउदत्तलठ्ठपंचिदियपडुपढमजोव्वणत्थं अणेगउत्तमगुणेहिं संजुत्तं तं अणुहोहि ताव जाया ! णियगसरीररूवसोहग्गजोव्वणगुणे, तओ पच्छा अणुभूयणियगसरीररूवसोहग्गजोव्वणगुणे अम्हेहिं कालगएहि समाणेहिं परिणयवए वड्डियकुलवंसतंतुकमि णिरवयक्खे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइहिसि / तए णं से जमाली खत्तिय. कुमारे अम्मापियरो एवं वयासी-तहावि गं तं अम्मयाओ ! जण्णं तुब्भे ममं एवं वयह-इमं च णं ते जाया ! सरीरगं तं चेव जाव पव्वइहिसि, एवं खलु अम्मयाओ ! माणुस्सगं सरीरं दुक्खाययणं विविहबाहिसयसंणिकेयं अट्ठियकछुट्ठियं छिराहारुजालओणद्धसंपिणद्धं मट्टियमंडं व दुब्बलं असुइसंकिलिट्ठ अणिट्ठवियसव्वकालसंठप्पयं नहाकुणिमजज्जरघरं व सडणपडणविद्धंसणधम्म पुग्वि वा पच्छा वा अवस्सं विप्पजहियवं भविस्सइ, से केस गं जाणइ, अम्मयाओ! के पुचि तं चेव जाव पव्वइत्तए / तए गं तं जमालि खत्तियकुमारं अम्मापियरो एवं वयासी-इमाओ य ते जाया ! विउलकुलबालियाओ सरिसियाओ सरित्तयाओ सरिव्वयाओ सरिसलावण्णरूवजोव्वणगुणोववेयाओ सरिसहितो कुलेहितो आणिएल्लियाओ कलाकुसलसम्वकाललालियसुहोचियाओ मद्दवगुणजुत्तणिउणविणओवयारपंडियवियक्खणाओ मंजुलमियमहरभणियविहसियविप्पेक्खियगइविलासचिट्ठियविसारयाओ. अविकलकुलसीलसालिणीओ विसुद्धकुलवंससंताणतंतुवद्धणप्पगन्भुन्भवपभाविणीओ मणाणुकूलहियइच्छियाओ अट्ठ तुज्झ गुणवल्लहाओ उत्तमाओ णिच्चं भावाणुरत्तसव्वंगसुंदरीओ भारियाओ, सं अंजाहि ताव जाया ! एयाहिं सद्धि बिउले माणुस्सए कामभोगे, तओ पच्छा भुत्तभोगी विसयविगयवोच्छिण्णकोउहल्ले अम्हेहि कालगएहि जाव पव्वइहिसि / तए णं से जमाली खत्तियकुमारे अम्मापियरो एवं वयासीतहावि गं तं अम्मयाओ ! जणं तुम्भे मम एवं वयह इमाओ ते जाया! •विउलकुल जाव पव्वइहिसि, एवं खलु अम्मयाओ ! माणुस्सया काम भोगा असुई असासया वंतासवा पित्तासवा खेलासवा सुक्कासवा सोणियासवा Page #683 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 670 अंग-पविट्ट सुत्ताणि उच्चारपासवणखेलसिंघाणगवंतपित्तपूयसुक्कसोणियसमुन्भवा अमणुण्णदुरूवमुत्तपूइयपूरीसपूण्णा मयगंधुस्सासअसुभणिस्सास उच्वेयणगा बीभच्छा अप्पकालिया लहूसगा कलमलाहियासदुक्ख बहुजणसाहारणा परिकिलेसकिच्छदुक्खसज्झा अबहजणणिसेविया सया सागरहणिज्जा अणंतसंसारवद्धणा कडुयफल. विवागा चुडल्लिव्व अमुच्चमाणदुक्खाणुबंधिणो सिद्धिगमणविग्घा, से केस णं जाणइ अम्मयाओ ! के पुवि गमणयाए के पच्छा गमणयाए ? तं इच्छामि गं अम्मयाओ ! जाव पव्वइत्तए / तए णं तं जमालि खत्तियकुमारं अम्मापियरो एवं वयासी-इमे य ते जाया ! अज्जयपज्जयपिउपज्जयागए सुबह हिरणे य सुवण्णे य कसे य दूसे य विउलधणकणग जाव संतसारसावएज्जे अलाहि जाव आसत्तमाओ कुलवंसाओ पकामं दाउं पकामं भोत्तुं पकामं परिभाएउ तं अणुहोहिं ताव जाया ! विउले माणुस्सए इड्डिसक्कारसमुदए, तओ पच्छा अणुहूयकल्लाणे वड्डियकुलवंसतंतु जाव पव्वइहिसि। तए णं से जमाली खत्तिय कुमारे अम्मापियरो एवं वयासी-तहावि णं तं अम्मयाओ ! जण्णं तब्भे ममं एवं वयह-इमं च ते जाया ! अज्जयपज्जय जाव पव्वइहिसि, एवं खलु अम्मयाओ ! हिरण्णे य सुवण्णे य जाव सावएज्जे अग्गिसाहिए चोरसाहिए रायसाहिए मच्चुसाहिए दाइयसाहिए अग्गिसामण्णे अधुवे अणिइए असासए पुग्वि वा पच्छा वा अवस्सविप्पजहियत्वे भविस्सइ, से केस गं जाणइ तं चेव जाव पव्वइत्तए / तए णं तं जमालि खत्तियकुमारं अम्मयाओ जाहे णो संचाएति विसयाणुलोमाहिं बहूहिं आघवणाहि य पण्णवणाहि य सण्णवणाहि य विण्णवणाहि य आघवेत्तए वा पण्णवेत्तए वा सण्णवेत्तए वा विण्णवेत्तए वा लाहे विलय. पडिकलाहिं संजमभयउव्वेयणकराहिं पग्णवणाहिं पण्णवेमाणा एवं वयासी-एवं खल जाया ! णिग्गंथे पावयणे सच्चे अणुत्तरे केवले जहा आवस्सए जाव सव्वदुक्खाणमंतं करेंति अहीव एगंतदिट्ठीए खरो इव एगंतधाराए लोहमया जवा चावेयव्वा वालुयाकवले इव णिस्ताए गंगा वा महाणई पडिसोयगमणयाए महासमुद्दो वा भुयाहि दुत्तरो तिक्खं कमियत्वं गरयं लंबेयध्वं असिधारण वयं चरियन्वं, णो खलु कप्पइ जाया ! समणाणं णिग्गंथाणं आहाकम्मिएइ वा उद्देसिएइ वा मिस्सजाएइ वा अज्झोयरएइ वा पूइएइ वा कोएइ वा पामिच्चेइ वा अच्छेज्जेइ वा अणिसट्टेइ वा अभिहडेइ वा कतारभत्तेइ Page #684 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 9 उ. 33 671 वा दुभिक्ख मत्तेइ वा गिलाणभत्तेइ वा वद्दलियाभत्तेइ वा पाहुणगभत्तेइ वा सेज्जायपिइ वा रायपिंडेइ वा मूलभोयणेइ वा कंदभोयणेइ वा फलभोयणेइ वा बीयभोयणेइ वा हरियभोयणेइ वा भुत्तए वा पायए वा, तुमंसि च णं जाया! सुहसमुचिए णो चेव णं दुहसमुचिए णालं सीयं णालं उण्हं णालं खुहा णालं पिवासा णालं चोरा णालं वाला णालं दंसा णालं मसगा णालं वाइयपित्तिय. सेंभियसण्णिवाइए विविहे रोगायके परीस्सहोवसग्गे उदिण्णे अहियासेत्तए, तं णो खलु जाया ! अम्हे इच्छामो तुम्भं खणमवि विप्पओगं तं अच्छाहि ताव जाया ! जाव ताव अम्हे जीवामो, तओ पच्छा अम्हेहि कालगएहिं जाव पव्वइहिसि / तए णं से जमाली खत्तियकुमारे अम्मापियरो एवं वयासी-तहावि णं तं अम्मयाओ ! जणं तुब्भे ममं एवं वयह-एवं खलु जाया ! णिग्गंथे पावयणे सच्चे अणुत्तरे केवले तं चेव जाव पव्वइहिसि, एवं खलु अम्म. याओ ! णिग्गंथे पावयणे कीवाणं कायराणं कापुरिसाणं इहलोगपडि. बद्धाणं परलोगपरंमुहाणं विसयतिसियाणं दुरणुचरे पागयजणस्स, धीरस्स णिच्छियस्स ववसियस्स णो खलु एत्थं किंचिवि दुक्करं करणयाए, तं इच्छामि गं अम्मयाओ ! तुब्र्भहिं अब्भणुग्णाए समाणे समणस्स भगवओ महावीरस्स जाव पव्वइत्तए / तए णं तं जमालि खत्तियकुमारं अम्मापियरो जाहे णो संचाएंति विसयाणुलोमाहि य विसयपडिकूलाहि य बाहिं आघवणाहि य पण्णवणाहि य . 4 आघवेत्तए वा जाव विण्णवेत्तए वा ताहे अकामाई चेव जमालिस्स खत्तियकुमारस्स णिक्खमणं अणुमण्णित्था // 383 // तए गं तस्स जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिया कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ सद्दावेत्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! खत्तियकुंडग्गामं णयरं सभितरबाहिरियं आसियसंमज्जिओवलितं जहा उववाइए जाव पच्चप्पिणंति / तए णं से जमा. लिस्स खत्तियकुमारस्स पिया दोच्चंपि कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ सद्दावइत्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! जमालिस्स खत्तियकुमारस्स महत्थं महग्धं महरिहं विपुलं णिक्खमणाभिसेयं उवट्ठवेह, तए णं ते कोडंबियपुरिसा तहेव जाव पच्चप्पियति / तए ण त जमालि खत्तियकुमारं अम्मापियरो सीहा. सणवरंसि पुरस्थाभिमुहं णिसीयावेंति णिसीयावेत्ता अट्ठसएणं सोवणियाणं कलसाणं एवं जहा रायप्पसेणइज्जे जाव अट्ठसएणं भोमेज्जाणं कलसाणं सव्वि. Page #685 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 672 अंग-पविटु सुत्ताणि ड्ढोए जाव रवेणं महया-महया णिक्खमणाभिसेएणं अभिसिचंति णिक्खमणा. भिसेएणं अभिसिचित्ता करयल जाव जएणं विजएणं वद्धाति जएणं विजएण वद्धावेत्ता एवं वयासी-भण जाया ! कि देमो कि पयच्छामो किणा वा ते अट्ठो ? तए णं से जमाली खत्तियकुमारे अम्मापियरो एवं वयासी-इच्छामि णं अम्मयाओ ! कुत्तियावणाओ रयहरणं च पडिग्गहं च आणि कासवगं च सद्दाविउं / तए णं से जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिया कोडुबियपुरिसे सद्दावेइ सद्दावेत्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! सिरिघराओ तिणि सयसहस्साई गहाय दोहिं सयसहस्सेहिं कुत्तियावणाओ रयहरणं च पडिग्गहं च आणेह सयसहस्सेणं कासवगं सद्दावेह / तए णं ते कोडंबियपुरिसा जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिउणा एवं वुत्ता समाणा हट्टतुट्ठा करयल जाव पडिसुणेत्ता खिप्पामेव सिरिघराओ तिण्णि सयसहस्साई तहेव जाव कासवगं सद्दावेंति / तए णं से कासवए जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिउणा कोडुंबियपुरिसेहि सद्दाविए समाणे हट्ठे तुढे हाए कयबलिकम्मे जाव सरीरे जेणेव जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिया तेणेव उवागच्छइ तेणेव उवागच्छित्ता करयल जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पियरं जएणं विजएणं वद्धावेइ जएणं विजएणं वद्धावित्ता एवं वयासी-संदिसंतु णं देवाणुप्पिया ! जं मए करणिज्जं ? तए णं से जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिया तं कासवगं एवं वयासी-तुमं देवाणुप्पिया ! जमालिस्स खत्तियकुमारस्स परेणं जत्तेणं चउरंगलवज्जे णिक्खमणपओगे अग्ग. केसे पडिकप्पेहि / तए णं से कासवए जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिउणा एवं वुत्ते समाणे हद्वतुठे करयल जाव एवं सामी ! तहत्ताणाए विणएणं वयणं पडिसुणेइ 2 त्ता सुरभिणा गंधोदएणं हत्थपाए पक्खालेइ सुरभिणा० 2 ता सुद्धाए अट्ठपडलाए पोत्तीए मुहं बंधइ मुहं बंधित्ता जमालिस्स खत्तियकुमारस्स परेणं जत्तेणं चउरंगुलवज्जे णिक्खमणपओगे अग्गकेसे कप्पेइ / तए णं सा जमालिस्स खत्तियकुमारस्स माया हंसलक्खणेणं पडसाडएणं अग्गकेसे पडिच्छइ अग्गकेसे पडिच्छित्ता सुरमिणा गंधोदएणं पक्खालेइ सुरभिणा गंधोदएणं पक्खालेत्ता अग्ने॒हिं वरेहिं गंहिं मल्लेहिं अच्चेइ 2 ता सुद्धवत्थेणं बंधेइ सुद्धवत्थेणं बंधित्ता रयणकरंडगंसि पक्खिवइ 2 ता हारवारिधारसिंदुवारछिण्णमुत्तावलिप्पगासाइं सुविओगदूसहाई अंसूई विणिम्मुयमाणी 2 एवं वयासी-एस णं अम्हं जमा. Page #686 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 9 उ. 33 6 73 लिस्स खत्तियकुमारस्स बहूसु तिहीसु य पव्वणीसु य उस्सवेसु य जण्णेसु य छणेसु य अपच्छिमे दरिसणे भविस्सई तिकटु ऊसीसगमूले ठवेइ / तए णं तस्स जमालिस्स खत्तियकुमारस्स अम्मापियरो दोच्चंपि उत्तरावक्कमणं सीहा. सणं रयाति 2 ता जमालिस्स खत्तियकुमारस्स सीयापीयहि कलसेहि हार्वेति सीयापीयएहि कलसेहि व्हावेत्ता पम्हलसुकुमालाए सुरभीए गंधकासाईए गायाइं लूहेंति सुरभीए गंधकासाईए गायाइं लूहेत्ता सरसेणं गोसीसचंदणेणं गायाई अणुलिपंति गायाई अणुलिपित्ता णासाणिस्सासवायवोज्झं चक्खुहरं वण्णफरिसजुत्तं हयलालापेलवाइरेगं धवलं कणगखचियंतकम्म महरिहं हंसलक्खणपडसाडगं परिहिति 2 त्ता हारं पिणखेति 2 ता अद्धहारं पिणद्धेति 2 ता० एवं जहा सूरियाभस्स अलंकारो तहेव जाव चित्तं रयणसंकड़क्कडं मउडं पिणद्धेति, कि बहुणा गंथिमवेढिमपूरिमसंघाइमेणं च उविहेणं मल्लेणं कप्परुक्खगं पिवअलंकियविभूसियं करेंति / तए णं से जमालिस्स खत्तियकुमारस्त पिया कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ सद्दावेत्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! अणेगखंभसयसण्णिविठं लीलट्ठियसालभंजियागं जहा राय. प्पसेणइज्जे विमाणवण्णओ जाव मणिरयणघंटियाजालपरिक्खित्तं पुरिससहस्सवाहिणि सीयं उवट्ठवेह उवट्ठवेत्ता मम एयमाणत्तियं पच्चप्पिणह, तए णं ते कोडुंबियपुरिसा जाव पच्चप्पिणंति / तए णं से जमाली खत्तियकुमारे केसालं. कारेणं वत्थालंकारेणं मल्लालंकारेणं आभरणालंकारेणं चउविहेणं अलंकारेणं अलंकारिए समाणे पडिपुग्णालंकारे सीहासणाओ अब्भुठेइ सीहासणाओ अब्भुठेत्ता सीयं अणुप्पयाहिणीकरेमाणे सीयं दुरूहइरत्ता सीहासणवरंसि पुरत्या. भिमहे सण्णिसण्णे। तए णं तस्स जमालिस्स खत्तियकुमारस्स माया व्हाया कयबलिजाव सरीरा हंसलक्खणं पडसाडगं गहाय सीयं अणुप्पयाहिणीकरेमाणी सोयं दुरूहइ सीयं दुरूहित्ता जमालिस्स खत्तियकुमारस्स दाहिणे पासे भद्दासणवरंसि संणिसण्णा, तए णं तस्स जमालिस्स खत्तियकुमारस्स अम्मधाई व्हाया जाव सरीरा रयहरणं पडिग्गहं च गहाय सीयं अणुप्पयाहिणी करेमाणी सीयं दुरूहइ सीयं दुरूहित्ता जमालिस्स खत्तियकुमारस्स वामे पासे भद्दासणवरंसि संणिसण्णा / तए णं तस्स जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिट्ठओ एगा वरतरुणी सिंगारागारचारवेसा संगयगय जाव रूवजोव्वणविलासकलिया सुंदरथण हिम Page #687 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 674 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि अंग-पकिन रययकुमुयकुंदेंदुप्पगासं सकोरेंटमल्लदामं धवलं आयवत्तं गहाय सलील उवरि धारेमाणी 2 चिट्टइ। तए णं तस्स जमालिस्स उभओपासि दुवे वरतरुणीओ सिंगारागारचार जाव कलियाओ णाणामणिकणगरयणविमलमहरिहतवणिज्जुज्जलविचित्तदंडाओ चिल्लियाओ संखंककुंददगरयअमयमहियफेणपंजसंणिकासाओ धवलाओ चामराओ गहाय सलील वीयमाणीओ-वीयमाणीओ चिट्ठति / तए णं तस्स जमालिस्स खत्तियकुमारस्स उत्तरपुरस्थिमेणं एगा वरतरुणी सिंगारागार जाव कलिया सेयरययामयं विमलसलिलपुण्णं मत्तगयमहामहाकिइसमाणं भिगारं गहाय चिटुइ / तए णं तस्स जमालिस्स खतियकुमारस्स दाहिणपुरथिमेणं एगा वरतरुणी सिंगारागार जाव कलिया चित्तकणगदंडं तालबेटे गहाय बिइ। तए णं तस्स जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिया कोडंबियपुरिसे सहावेइ को० 2 ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया | सरिसयं सरित्तयं सरिव्वयं सरिस. लावण्णरूवजोवणगुणोववेयं एगाभरणबसणगहियणिज्जोयं कोडंबियवरतरुणसहस्सं सद्दावेह / तए णं ते कोडुंबियपुरिसा जाब पडिसुणेत्ता खिप्पामेव सरिसयं सरित्तयं जाव सद्दावेति। तए णं ते कोडुंबियपुरिसा जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिउणा कोडुंबियपुरिसेहि सद्दाविया समाणा हट्टतुट्ठ. हाया कयबलिकम्मा कयकोउय-मंगल-पायच्छिता एगाभरणवसणगहियणिज्जोया जेणेव जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिया तेणेव उवागच्छंति ते० 2 ता करयल जाव वद्धावेत्ता एवं वयासी-संदिसंतु णं देवाण प्पिया ! जं अम्हेहि करणिज्जं / तए णं से जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिया तं कोडुंबियवरतरुणसहस्सपि एवं वयासी-तुब्भे णं देवाणुप्पिया! व्हाया कयबलिकम्मा जाव गहिय णिज्जोया जमालिस्स खत्तियकुमारस्स सीयं परिवहह / तए गं ते कोडुबियपुरिसा जमालिस्स खत्तियकुमारस्स जाव पडिसुणेत्ता हाया जाव गहियणिज्जोया जमालिस्स खत्तियकुमारस्स सीयं परिवहति / तए णं तस्स जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पुरिससहस्सवाहिणि सीयं दुरूढस्स समाणस्स तप्पढमयाए इमे अट्ठमंगलगा पुरओ अहाणुपुवीए संपडिया, तं०-सोस्थिय सिरिवच्छ जाव दप्पणा, तयाणंतरं च णं पुण्णकलसंभिगारं जहा उववाइए जाव गगणतलमणुलिहंती पुरओ अहागुपुटवीए संपट्ठिया, एवं जहा उववाइए तहेव भाणियत्वं जाव आलोयं च करेंमाणा जय 2 सदं च पउंजमाणा पुरओ अहाणुपुवीए संपढ़िया / तयाणंतरं च णं बहवे उग्गा भोगा Page #688 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 9 उ. 33 675 जहा उबवाइए जाव महापुरिसवग्युरापरिक्खित्ता जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पुरओ य मग्गओ य पासओ य अहाणपुवीए संपट्टिया / तए गं से जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिया हाए कयबलिकम्मे जाव विभसिए हथिखंधवरगए सकीरेंटमल्लदामेणं छत्तेणं धरिज्जमाणेणं सेयवरचामराहिं उद्धव्वमाणे 2 हय. गयरहपवरजोहकलियाए चाउरंगिणीए सेणाए सद्धि संपरिवुडे महया भडचड. गर जाव परिखित्ते जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिट्ठओ अणुगच्छइ / तए णं तस्स जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पुरओ महं आसा आसवरा उभओ पासि जागा णागवरा पिट्ठओ रहा रहसंगेल्ली। तए णं से जमाली खत्तियकुमारे अमग्गभिगारे परिग्गहियतालियंटे ऊसवियसेयछत्ते पवीइयसेयचामरवालवीयणीए सविड्ढीए जाव णाइयरवेणं / तयाणंतरं च णं बहवे लट्ठीग्गाहा कुंतग्गाहा जावं पुत्थयग्गाहा जाव वीणग्गाहा। तयाणंतरं च णं अट्ठसयं गयाणं अट्ठसयं तुरयाणं अट्ठसयं रहाणं / तयाणंतरं च णं लउडअसिकोंतहत्थाणं बहणं पायत्ताणीणं पुरओ संपट्ठियं / तयाणंतरं च गं बहवे राईसरतलवर जाव सत्यवाहप्पभिइओ पुरओ संपट्टिया जाव जाइयरवेणं खत्तियकुंडग्गामं णयरं मझंमज्झेणं जेणेव माहणकंडग्गामे णयरे जेणेव बहुसालए चेइए जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव पहारेत्थ गमणाए / तए णं तस्स जमालिस्स खत्तिय. कुमारस्स खत्तियकंडग्गामं जयरं मज्झंमज्झणं णिग्गच्छमाणस्स सिंघाडगतियचउक्क जाव पहेसु बहवे अत्थरिथया जहा उववाइए जाव अभिणंदंता य अभि. स्थणंता य एवं वयासी-जय-जय गंदा! धम्मेणं, जय-जय गंदा! तवेणं, जय जय गंदा ! भई ते अभपहिं णाणदंसणचरित्तमुत्तमेहि अजियाई जिणाहि इंदियाई जियं च पालेहि समणधम्म जियविंग्घोऽवि य वसाहि तं देव ! सिद्धि मझे णिहणाहि य रागदोसमल्ले तबेणं धिइधणियबद्धकच्छे महाहि य अट्टकम्मसत्त झाणेणं उत्तमेणं सुक्केणं अप्पमत्तो हराहि आराहणपडागं च धीर ! तेलो. क्करंगमज्झे पावय वितिमिरमणुत्तरं केवलं च णाणं गच्छ य मोक्खं परं पयं जिणवरोवइठेणं सिद्धिमग्गेणं अकुडिलेणं हंता परीसहचमू अभिभविय गामकंटकोवसग्गाणं धम्मे ते कि बहुला अविग्धमत्थुत्तिकट्ठ अभिणंदंति य अभि. थुणंति य / तए णं से जमाली खत्तियकुमारे णयणमालासहस्सेहिं पिच्छिज्जमाणे 2 एवं जहा. उववाइए कूणिओ जाव णिग्गच्छइ णिग्गच्छिता जेणेव माहणकुंडग्गामे णयरे जेणेव बहुसालए चेइए तेणेव उवागच्छइ तेणेव उवाग Page #689 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 676 अंग-पविट सुत्ताणि च्छित्ता छत्ताईए तित्थगराइसए पासइ पासित्ता पुरिससहस्सवाहिणि सीयं ठवेइ 2 ता पुरिससहस्सवाहिणीओ सीयाओ पच्चोरुहइ / तए णं तं जमालि खत्तियकुमारं अम्मापियरो पुरओ काउं जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छति तेणेव उवागच्छित्ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो जाव णमंसित्ता एवं वयासी-एवं खलु भंते ! जमाली खत्तियकमारे अम्हं एगे पुत्ते इठे कंते जाव किमंग ! पुण पासणयाए ? से जहाणामए-उप्पलेइ वा पउमेइ वा जाव सहस्सपत्तेइ वा पंके जाए जले संवुड्ढे णोवलिप्पइ पंकरएणं णोवलिप्पइ जलरएणं एवामेव जमालीवि खत्तियकुमारे कामेहि जाए भोहिं संवड्ढे णोवलिप्पइ कामरएणं णोवलिप्पइ भोगरएणं णोवलिप्पइ मित्तगाइणियगसयणसंबंधिपरिजणेणं, एस णं देवाणप्पिया ! संसारभयउव्विग्गे भीए जम्मणमरणेणं इच्छइ देवाणुप्पियाण अंतिए मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइत्तए, तं एयणं देवाणुप्पियाणं अम्हे सीसभिक्खं दलयामो, पडिच्छंतु णं देवाणुप्पिया ! सीसभिक्खं / तए णं समणे० 3 जमालि खत्तियकुमारं एवं वयासी-अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं / तए णं से जमाली खत्तियकुमारे समणेणं भगवया महावीरेणं एवं वुत्ते समाणे हट्ठतुठे समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो जाव णमंसित्ता उत्तरपुरस्थिमं दिसीभागं अवक्कमइ 2 ता सयमेव आभरणमल्लालंकारं ओमुयइ / तए णं सा जमालिस्स खत्तियकुमारस्स माया हंसल. क्खणेणं पडसाडएणं आभरणमल्लालंकारं पडिच्छइ पडिच्छित्ता हारवारि जाव विणिम्मयमाणी 2 जमालि खत्तियकुमारं एवं वयासी-घडियव्वं जाया ! जइ. यव्वं जाया! परक्कमियध्वं जाया! अस्सिंच गं अट्ठे णो पमाएयव्वंति कट्ट जमालिस्स खत्तियकुमारस्स अम्मापियरो समणं भगवं महावीरं वदंति णमंसंति वंदित्ता णमंसित्ता जामेव दिसि पाउन्भूया तामेव दिसि पडिगया। तए णं से जमाली खत्तियकुमारे सयमेव पंचमुट्ठियं लोयं करेइ 2 ता जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ तेणेव उवागच्छित्ता एवं जहा उसमदत्तो तहेव पव्वइओ णवरं पंचहि पुरिससएहि सद्धि तहेव जाव सव्वं सामाइयमाइयाई एक्कारसं अंगाई अहिज्जइ अहिज्जेता बहूहिं चउत्थछट्ठम जाव मासद्धमासखमर्गोहं विचित्तेहि तवोकम्मेहि अप्पाणं भावेमाणे विहरइ // 384 // तए णं से जमाली अणगारे अण्णया कयाइ जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ तेणेव Page #690 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 9 उ. 33 6 77 उवागच्छइत्ता समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ वंदित्ता गमंसित्ता एवं वयासी-इच्छामि गं भंते ! तुहिं अब्भणुण्णाए समाणे पंचहि अणगारसएहिं सद्धि बहिया जणवयविहारं विहरित्तए / तए णं समणे भगवं महावीरे जमालिस्स अणगारस्स एयमढें णो आढाइ णो परिजाणइ तुसिणीए संचिट्ठइ / तए णं से जमाली अणगारे समणं भगवं महावीरं दोच्चंपि तच्चपि एवं वयासी-इच्छामि णं भंते ! तुहिं अब्मणुण्णाए समाणे पंचहि अणगारसहिं सद्धि जाव विहरित्तए / तए णं समणे भगवं महावीरे जमालिस्स अणगारस्स दोच्चंपि तच्चपि एयमलैंणो आढाइ जाव तुसिणीए संचिट्टइ। तए णं से जमाली अणगारे समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ वंदित्ता णमंसिता समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियाओ बहुसालाओ चेइयाओ पडिणिक्खमइ पडिणिक्खमित्ता पंचहि अणगारसएहिं सद्धि बहिया जणवयविहारं विहरइ / तेणं कालेणं तेणं समएणं सावत्थी णामं णयरी होत्था वण्णओ, कोटुए चेइए वण्णओ जाव वणसंडस्स, तेणं कालेणं तेणं समएणं चंपा णाम णयरी होत्था वण्णओ, पुण्णभद्दे चेइए वण्णओ जाव पुढविसिलापट्टओ / तए णं से जमाली अणगारे अण्णया कयाइ पंचहि अणगारसएहि सद्धि संपरिवुडे पुव्वाणुपुचि चरमाणे गामाणुगामं दूइज्जमाणे जेणेव सावत्थी णयरी जेणेव कोटुए चेइए तेणेव उवागच्छइ तेणेव उवागच्छित्ता अहापडिरूवं उग्गहं उग्गिण्हइ अहापडिरूवं उग्गहं उग्गिण्हित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ। तए णं समणे भगवं महावीरे अण्णया कयाइ पुव्वाणुपुचि चरमाणे जाव सुहंसुहेणं विहरमाणे जेणेव चंपा गयरी जेणेव पुण्णभद्दे चेइए तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता अहापडिरूवं उग्गहं उग्गिण्हइ अहा० 2 संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ / तए णं तस्स जमालिस्स अणगारस्स तेहि अरसेहि य विरसेहि य अंतेहि य पंतेहि य लहेहि य तुच्छेहि य कालाइक्कतेहि य पमाणाइक्कतेहि य सीयएहि य पाणभोयणेहि अण्णया कयाइ सरीरगंसि विउले रोगायंके पाउन्भूए उज्जले विउले पगाढे कक्कसे कडुए चंडे दुक्खे दुग्गे तिव्वे दुरहियासे पित्तज्जरपरिगयसरीरे दाहवक्कंतिए यावि विहरइ / तए णं से जमाली अणगारे वेयणाए अभिभूए समाणे समणे णिग्गंथे सद्दावेइ सद्दावेत्ता एवं वयासी-तुब्भे णं देवाणुप्पिया ! मम सेज्जसंथारगं संथरेह / तए णं ते समणा णिग्गंथा जमालिस्स अणगारस्त एयमठं विणएणं पडिसुणेति पडिसुणेत्ता जमालिस्स अणगारस्स सेज्जासंथारगं संथरेंति / तए Page #691 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 678 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि णं से जमाली अणगारे बलियतरं वेयणाए अभिभूए समाणे दोच्चपि समणे णिग्गंथे सद्दावेइ 2 ता दोच्चंपि एवं वयासी-ममण्णं देवाणुप्पिया ! सेज्जा. संथारए कि कडे कज्जइ ? (एवं वृत्ते समाणे समणा णिग्गंथा बिति-भो सामी! कीरइ) तए णं ते समणा णिग्गंथा जमालि अणगारं एवं वयासी-णो खलु देवाणुप्पियाणं सेज्जासंथारए कडे कज्जइ। तए णं तस्स जमालिस्स अणगारस्स अयमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्था-जण्णं समणे भगवं महावीरे एवं आइक्खइ जाव एबं परूवेइ-एवं खलु चलमाणे चलिए उदीरिज्जमाणे उदीरिए जाव णिज्जरिज्जमाणे णिज्जिण्णे तं णं मिच्छा इमं च णं पच्चक्खमेव दीसइ सेज्जासंथारए कज्जमाणे अकडे संथरिंज्जमाणे असंथरिए जम्हा णं सेज्जा. संथारए कज्जमाणे अकडे संथरिज्जमाणे असंथरिए तम्हा चलमाणेवि अचलिए जाव णिज्जरिज्जमाणेवि अणिज्जिष्णे, एवं संपेहेइ एवं संपेहेत्ता समणे णिग्गंथे सद्दावेइ समणे णिग्गंथे सहावेत्ता एवं वयासी-जग्णं देवाणुप्पिया ! समणे भगवं महावीरे एवं आइक्ख इ जाव परूवेइ-एवं खलु चलमाणे चलिए तं चेव सव्वं जाव णिज्जरिज्जमाणे अणिज्जिणे / तए णं तस्स जमालिस्स अणगारस्स एवं आइक्खमाणस्स जाव परूवेमाणस्स अत्थेगइया'समणा जिग्गंथा एयमबँ सहति पत्तियंति रोयंति, अत्थेगइया समणा णिग्गंथा एयमलैंणो सद्दहति 3, तत्थ णं जे ते समणा णिग्गंथा जमालिस्स अणगारस्स एयमलैं सद्दहंति 3 ते गं जमालि चेव अणगारं उवसंपज्जिता गं विहरंति, तत्थ णं जे ते समणा णिग्गंथा जमालिस्स अणगारस्स एयमठे णो सद्दहति णो पत्तियंति णो रोयंति ते णं जमालिस्स अणगारस्स अंतियाओ कोट्टयाओ चेइयाओ पडिणिक्खमंति 2 ता पुव्वाणुपुव्वि चरमाणा गामाणुगामं दूइज्जमाणा जेणेव चंपाणयरी जेणेव पुण्णभद्दे चेइए जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छंति 2 ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेंति 2 ता वंदति णमंसंति 2 ता समणं भगवं महावीरं उवसंपज्जित्ता णं विहरंति // 385 // तए णं से जमाली अणगारे अण्णया कयाइ ताओ रोगायंकाओ विप्पमुक्के हो तुठे जाए. अरोए बलियसरीरे सावत्थीओ णयरीओ कोट्टयाओ चेइयाओ पडिणिक्खमइ 2 ता पुव्वाणुपुटिव चरमाणे गामाणुगामं दूइज्जमाणे जेणेव चंपाणयरी जेणेव पुण्णभद्दे चेइए जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता समणस्स भगवओ Page #692 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 9 उ. 33 679 महावीरस्स अदूरेसामंते ठिच्चा समणं भगवं महावीरं एवं वयासी-जहाणं देवाणु. प्पियाणं बहवे अंतेवासी समणा णिग्गंथा छ उमत्था भवेत्ता छउमत्थावक्कमणेणं अवक्कंता णो खलु अहं तहा चेव छउमत्थे भवित्ता छ उमत्थावक्कमणेणं अव. वकंते अहणं उप्पण्णणाणदंसणधरे अरहा जिणे केवली भवित्ता केवलिअवक्क. मणेणं अवक्कते। तए णं भगवं गोयमे जमालि अणगारं एवं वयासी-णो खलु जमाली ! केवलिस्स णाणे वा दंसणे वा सेलसि वा थंभंसि वा थभंसि वा आवरिज्जइ वा णिवारिज्जइ वा, जइ णं तुमं जमाली ! उप्पण्णणाणदंसणधरे अरहा जिणे केवली भवित्ता केवलिअवक्कमणेणं अवक्कते तो गं इमाई दो वागरणाइं वागरेहि-सासए लोए जमाली! असासए लोए जमाली ! सासए जीवे जमाली ! असासए जीवे जमाली ! तए णं से जमाली अणगारे भगवया गोयमेणं एवं वृत्ते समाणे संकिए कंखिए जाव कलुससमावण्णे जाए यावि होत्था, णो संचाएइ भगवओ गोयमस्स किचिवि पमोक्खमाइक्खित्तए तुसिणीए संचिट्ठइ। जमालीइ ! समणे भगवं महावीरे जमालि अणगारं एवं वयासी-अस्थि गं जमाली ! ममं बहवे अंतेवासी समणा णिग्गंथा छ उमत्था जे णं पभू एयं वागरणं वागरित्तए जहा गं अहं, णो चेव णं एयरपगारं भासं भासित्तए जहा णं तुम, सासए लोए जमाली ! जण्ण कयाइ णासि ण कयाइ ण भवइ ण कयाइ ण भविस्सइ भुवि च भवइ य भविस्सइ य धुवे णिइए सासए अक्खए अव्वए अवट्ठिए णिच्चे, असासए लोए जमाली ! जं ओसप्पिणी भवित्ता उस्सप्पिणी भवइ उस्सप्पिणी भवित्ता ओसप्पिणी भवइ, सासए जीवे जमाली! जं ण कयाइ णासी जाव णिच्चे, असासए जीवे जमाली ! जणं णेरइए भवित्ता तिरिक्खजोणिए भवइ तिरिक्खजोणिए भवित्ता मणुस्से भवइ मणुस्से भवित्ता देवे भवइ / तए णं से जमाली अणगारे समणस्स भगवओ महावीरस्स एव. माइक्ख माणस्स जाव एवं परूवेमाणस्स एयमढें णो सद्दहइ णो पत्तियइ णो रोएइ एयम→ असद्दहमाणे अपत्तियमाणे अरोएमाणे दोच्चपि समणस्स भग. वओ महावीरस्स अंतियाओ आयाए अवक्कमइ दोच्चंपि आयाए अवक्कमित्ता बहिं असम्भावुब्भावणाहि मिच्छत्तामिणिवेसेहि य अप्पाणं च परं च तदुभयं च वुग्गाहेमाणे वुप्पाएमाणे बहूई वासाइं सामण्णपरियागं पाउणइ 2 ता अद्धमासियाए संलेहणाए अत्ताणं झूसेइ अ० 2 ता तीसं भत्ताई अणसणाए छेदेइ 2 Page #693 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 680 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि ता तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिक्कते कालमासे कालं किच्चा लंतए कप्पे तेरससागरोवमठिईएसु देवकिविसिएसु देवेसु देवकिदिवसियत्ताए उववणे // 386 // तए णं भगवं गोयमे जमालि अणगारं कालगयं जाणित्ता जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ ते. 2 त्ता समणं भगवं महावीरं बंदइ णमंसइ 2 त्ता एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पियाणं अंतेवासी कुसिस्से जमाली णाम अणगारे से णं भंते ! जमाली अणगारे कालमासे कालं किच्चा कहि गए कहि उववण्णे ? गोयमाइ ! समणे भगवं महावीरे भगवं गोयमं एवं वयासी एवं खलु गोयमा! ममं अंतेवासी कुतिस्से जमाली णामं अणगारे से गं तया मम एवं आइक्खमाणस्त 4 एयमढ् णो सद्दहई 3 एयमळं असद्दहमाणे 3 दोच्चपि ममं अंतियाओ आयाए अवक्कमइ 2 ता बहूहि असब्भावुब्भावणाहिं तं चेव जाव देवकिदिवसियत्ताए उववणे // 387 // कइ विहा गं भंते ! देवकिदिवसिया प० ? गोयमा ! तिविहा देवकिदिवसिया प०, तंजहा-तिपलिओवमदिइया तिसागरोवमट्ठिइया तेरससागरोवमट्टिइया। कहि णं भंते ! तिपलिओवमट्टिइया देवकिदिवसिया परिवसंति ? गोयमा ! उप्पि जोइसियाणं हिटि सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु एत्थ णं तिपलिओवमट्टिइया देवकिविसिया परिवति / कहिणं भंते ! तिसागरोवमट्टिइया देवकिदिवसिया परिवसंति ? गोयमा ! उप्पि सोहम्मीसाणाणं कप्पाणं हिट्ठि सणंकुमारमाहिदेसु कप्पेसु एत्थ णं तिसागरोदमद्विइया देवकिदिवसिया परिवसंति / कहि णे भंते ! तेरससागरोवमट्टिइया देवकिवि. सिया देवा परिवसंति ? गोयमा ! उप्पि बंभलोगस्स कप्पस्स हिट्टि लंतए कप्पे एत्थ णं तेरससागरोवमट्टिइया देवकिदिवसिया देवा परिवसंति / देवकिदिव. सिया णं भंते ! केसु कम्मादाणेसु देवकिदिवसियत्ताए उववत्तारो भवंति ? गोयमा! जे इमे जीवा आयरियपडिणीया उवज्झायपडिणीया कुलपडिणीया गणपडिणीया संघपडिणीया आयरियउवज्झायाणं अयसकरा अवष्णकरा अकित्तिकरा बहूहि असब्भावुधावणाहिं मिच्छत्ताभिणिवेसेहि य अप्पाणं च 3 वुग्गाहेमाणा वुप्पाएमाणा बहूइं वासाई सामण्णपरियागं पाउणंति 2 ता तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिक्कंता कालमासे कालं किच्चा अण्णयरेसु देव. किदिवसिएसु देवकिदिवसिपत्ताए उववत्तारो भवंति, तंजहा-तिपलिओवादिइएसु वा तिसागरोवमट्टिइएसु वा तेरससागरोवमट्ठिइएसु वा / देवकिदिवसिया Page #694 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 9 उ. 34 681 गंभंते ! ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं भवक्खएणं ठिहक्खएणं अणंतरं चयं चहत्ता कहिं गच्छंति कहिं उववज्जति ? गोयमा ! जाव चत्तारि पंच गेरइय. तिरिक्खजोणियमणुस्सदेवभवग्गहणाई संसारं अणुपरियट्टित्ता तओ पच्छा सिंझंति बुझंति जाव अंतं करेंति, अत्थेगइया अणाईयं अणवयग्गं वोहमद्धं चाउरंतसंसारकतारं अणुपरियद॒ति / जमाली गं भंते ! अणगारे अरसाहारे विरसाहारे अंताहारे पंताहारे लूहाहारे तुच्छाहारे अरसजीवी विरसजीवी जाव तुच्छजीवी उवसंतजीवी पसंतजीवी विवित्तजीवी ? हंता गोयमा ! जमाली गं अणगारे अरसाहारे विरसाहारे जाव विवित्तजीवी / जइ णं भंते ! जमाली अणगारे अरसाहारे विरसाहारे जाव विवित्तजीवी कम्हा गं भंते ! जमाली अणगारे कालमासे कालं किच्चा लंतए कप्पे तेरससागरोवमट्टिइएसु देवकिवि. सिएसु देवेसु देवकिग्विसियत्ताए उववण्णे ? गोयमा ! जमाली णं अणगारे आयरियपडिणीए उवज्झायपडिणीए आयरियउवज्झायाणं अयसकारए जाव वुप्पाएमाणे बहूई वासाई सामण्णपरियागं पाउणित्ता अद्धमासियाए संलेहणाए तीसं भत्ताई अणसणाए छेदेइ तीसं० 2 ता तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिक्कते कालमासे कालं किच्चा लंतए कप्पे जाव उववणे // 388 // जमाली गं भंते ! देवे ताओ देवलोयाओ आउक्खएणं जाव कहिं उववज्जिहिइ ? गोयमा ! चत्तारि पंच तिरिक्खजोणियमणुस्सदेवभवग्गहणाई संसारं अणुपरियट्टित्ता तओ पच्छा सिज्झिहिइ जाव अंतं काहिइ / सेवं भंते ! सेवं भंते / ति // 36 // ___णवमं सयं चोत्तीसइमो उद्देसो तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे जाव एवं वयासी-पुरिसे णं भंते ! पुरिसं हणमाणे किं पुरिसं हणइ गोपुरिसं हणइ ? गोयमा ! पुरिसंपि हणइ णोपुरिसंपि हणइ / से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ पुरिसंपि हणइ णोपुरिसंपि हणइ ? गोयमा ! तस्स णं एवं भवइ एवं खलु अहं एगं पुरिसं हणामि से गं एगं पुरिसं हणमाणे अणेगजीवा हणइ, से तेणठेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ पुरिसंपि हणइ गोपुरिसंपि हणइ / पुरिसे गं भंते ! आसं हणमाणे किं आसं हणइ णोआसे हणइ ? गोयमा! आसंपि हणइ णोआसेवि हणइ / से केणठेणं ? अट्ठो तहेव, एवं हत्थि सोहं वग्धं जाव चिल्ललगं / पुरिसे णं भंते ! अण्णयरं Page #695 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 682 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि तसपाणं हणमाणे किं अण्णयरं तसपाणं हणइ णोअण्णयरे तसपाणे हणइ ? गोयमा ! अण्णयरंपि तसपाणं हणइ णोअण्णयरेवि तसे पाणे हणइ / से केण. ठेणं भंते ! एवं बुच्चइ अण्णयरंपि तसं पाणं हणइ णोअण्णयरेवि तसे पाणे हणइ ? गोयमा ! तस्स णं एवं भवइ एवं खलु अहं एगं अण्णयरं तसं पाणं हणामि से णं एग अण्णयरं तसं पाणं हणमाणे अणेगे जीवे हणइ, से तेणठेणं गोयमा ! तं चेव, एए सव्वेवि एक्कगमा / पुरिसे णं भंते ! इसि हणमाणे कि इसि हणइ णोइसि हणइ ? गोयमा ! इसिपि हणइ णोइसिपि हणइ / से केण. ठेणं भंते ! एवं वुच्चइ नाव णोइसिपि हणइ ? गोयमा ! तस्स गं एवं भवइ एवं खलु अहं एगं इसि हणामि, से णं एगं इसि हणमाणे अणंते जीवे हणइ, से तेणठेणं णिक्खेवओ। पुरिसे णं भंते ! पुरिसं हणमाणे कि पुरिसवेरेणं पुढे णोपुरिसवेरेणं पुढें ? गोयमा ! णियमं ताव पुरिसवेरेणं पुढें, अहवा पुरिसवेरेण य णोपुरिसवेरेण य पुढे अहवा पुरिसवेरेण य णोपुरिसवेरेहि य पुछे, एवं आसं एवं जाव चिल्ललगं जाव अहवा चिल्ललगवेरेण य णो. चिल्ललगवेरेहि य पुढे / पुरिसे णं भंते ! इसि हणमाणे किं इसिवेरेणं पुढे णोइसिवेरेणं पुढे ? गोयमा ! णियमा इसिवेरेण य णोइसिवेरेहि य पुढे // 360 // पुढविक्काइया णं भंते ! पुढविक्काइयं चेव आणमंति वा पाणमंति वा ऊससंति वा णीससंति वा ? हंता गोयमा ! पुढविक्काइए पुढ विक्काइयं चेव आणमंति वा जावणीससंति वा। पुढविक्काइए णं भंते ! आउक्काइयं आणमंति वा जाव णीससंति वा ? हंता गोयमा ! पुढविक्काइए आउक्काइयं आणमंति वा जावणीससंति वा, एवं ते उक्काइयं वाउक्काइयं एवं वणस्सइकाइयं / आउक्काइए गं भंते ! पुढविक्काइयं आणमंति वा पाणमंति वा० ? एवं चेव, आउक्काइए णं भंते ! आउक्काइयं चेव आणमंति वा० ? एवं चेव, एवं तेउवाउवणस्सइ. काइयं / तेउक्काइए णं भंते ! पुढविक्काइयं आणमंति वा० ? एवं जाव वणस्सइकाइए णं भंते ! वणस्सइकाइयं चेव आणमंति वा० ? तहेव / पुढवि. क्काइए णं भंते ! पुढ विक्काइयं चेव आणममाणे वा पाणममाणे वा ऊससमाणे वा णीससमाणे वा कइ किरिए ? गोयमा ! सिय तिकिरिए सिय चउकिरिए सिय पंचकिरिए / पुढविक्काइए णं भंते ! आउक्काइयं आणममाणे वा० ? एवं चेव, एवं जाव वणस्सइकाइयं, एवं आउकाइएणवि सब्वेविभाणियव्वा, एवं Page #696 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 10 उ. 1 683 तेउक्काइएणवि, एवं वाउक्काइएणवि, जाव वणस्सइकाइए णं भंते ! वणस्सइकाइयं चेव आणममाणे वा. ? पुच्छा, गोयमा ! सिय तिकिरिए सिय चउ. किरिए सिय पंचफिरिए // 361 // वाउक्काइए णं भंते ! रुक्खस्स मूलं पचालेमाणे वा पवाडेमाणे वा कइकिरिए ? गोयमा ! सिय तिकिरिए सिय चउकिरिए सिय पंचकिरिए / एवं कंदं एवं जाव मूलं, बीयं पचालेमाणे वा० पुच्छा? गोयमा ! सिय तिकिरिए सिय चउकिरिए सिय पंचकिरिए। सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 362 // णवमं सयं समत्तं // दसमं सयं पढमो उद्देसो // गाहा-दिसि 1 संखुडअणगारे 2 आइड्ढी 3 सामहत्थि 4 देवि 5 सभा 6 / उत्तरअंतरदीवा 28 दसमंमि सयंमि चउत्तीसा // 34 // रायगिहे जाव एवं बयासी-किमियं भंते ! पाईणत्ति पञ्चइ ? गोयमा ! जीवा चेव अजीवा चेव / किमियं भंते ! पडीणत्ति पवुच्चइ ? गोयमा ! एवं चेब, एवं दाहिणा, एवं उदोगा, एवं उड़ा. एवं अहोवि / कह णं भंते ! दिसाओ पण्णसाओ ? गोयमा ! दस रिसाओ पण्णत्ताओ, तंजहा-पुरथिमा 1 पुरथिमदाहिणा 2 दाहिणा 3 दाहिणपच्चत्थिमा 4 पच्चत्थिमा 5 पच्चत्थिमुत्तरा 6 उत्तरा 7 उत्तरपुरस्थिमा 8 उड्डा 6 अहो 10 / एयासि णं भंते ! दसण्हं दिसाणं कइ णामधेज्जा पण्णत्ता ? गोयमा ! दस णामधेज्जा पण्णत्ता, तंजहा-इंदा 1 अग्गेई 2 जमा य 3 रई 4 वारणी य 5 वायव्वा 6, सोमा 7 ईसाणी य८ विमला यह तमा य.१० बोद्धव्वा / इंदा णं भंते ! दिसा कि जीवा जीवदेसा जीवपएसा अजीवा अजीवदेसा अजीवपएसा ? गोयमा ! जीवावि 3 तं चेव जाब अजीवपएसावि, ने नोवा ते णियमा एगिदिया बेइंदिया जाव पंचिदिया अणिदिया, जे जीवदेसा ते णियमा एगिदियदेसा जाव अणिदियदेसा, जे जीवपएसा ते णियमा एगिदियपएसा बेइंदियपएसा जाव अणिदियपएसा, जे अजीवा ते दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-रूवी अजीवा य अरूवी अजीवा य, जे रूवी अजीवा ते चउव्विहा पण्णत्ता, तंजहा-खंधा 1 खंधदेसा 2 खंधपएसा 3 परमाणुपोग्गला 4, जे अरूवी अजीवा ते सत्तविहा पण्णता, तंजहा-णोधम्म Page #697 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 684 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि थिकाए धम्मत्थिकायस्स देसे, धम्मत्थिकायस्स पएसा, णोअधम्मत्थिकाए अधम्मत्थिकायस्स देसे अधम्मत्थिकायस्स पएसा, णोआगासस्थिकाए आगास. स्थिकायस्स देसे, आगासस्थिकायस्स पएसा, अद्धासमए / अग्गेई णं भंते ! दिसा कि जीवा जीवदेसा जीवपएसा० ? पुच्छा, गोयमा ! णो जीवा जीवदेसावि 1 जीवपएसावि 2 अजीवावि 1 अजीवदेसावि 2 अजीवपएसावि 3, जे जीवदेसा ते णियमा एगिदियदेसा अहवा एगिदियदेसा य बेइंदियस्स देसे 1 अहवा एगि. दियदेसा य बेइंदियस्स देसा 2 अहवा एगिदियदेसा य बेइंदियाण य देसा 3 अहवा एगिदियदेसा य तेइंदियस्स य देसे एवं चेव तिय मंगो माणियव्यो एवं जाव अणिदियाणं तियभंगो, जे जीवपएसा ते णियमा एगिदियपएसा अहवा एगि. दियपएसा य बेइंदियस्स पएसा अहवा एगिदियपएसा य बेइंदियाण य पएसा एवं आइल्लविरहिओ जाव अणिदियाणं, जे अजीवा ते दुविहा पण्णत्ता, तंजहारूवी अजीवा य अरूवी अजीवा य, जे रूवी अजीवा ते चउव्विहा पण्णता, तंजहा-खंधा जाव परमाणपोग्गला 4, जे अरूवी अजीवा ते सत्तविहा पण्णता, तंजहा-णोधम्मस्थिकाए धम्मत्थिकायस्स देसे धम्मत्थिकायस्स पएसा एवं अधम्मत्थिकायस्सवि जाव आगासस्थिकायस्स पएसा अद्धासमए / विदिसासु पत्थि जीवा देसे भंगो य होइ सव्वत्थ / जमा णं भंते ! दिसा कि जीवा ? जहा इंदा तहेव गिरवसेसा, गेरई य जहा अग्गेई, वारुणी जहा इंदा, वायव्या जहा अग्गेई, सोमा जहा इंदा, ईसाणी जहा अग्गेई, विमलाए जीवा जहा अग्गेई, अजीवा जहा इंदा, एवं तमाएवि, गवरं अरूवी छव्विहा अखासमओ ण भण्णइ // 363 // कइ गं भंते ! सरीरा पण्णत्ता ? गोयमा पंच सरीरा पण्णत्ता, तंजहा-ओरालिए जाव कम्मए / ओरालियसरीरे णं भंते ! कइविहे पण्णते? एवं ओगाहणसंठाणं गिरवसेसं भाणियव्वं जाव अप्पाबहुगंति / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति // 364 // दसमं सयं बीओ उद्देसो रायगिहे जाव एवं वयासी-संवुडस्स णं भंते ! अणगारस्स वीईपंथे ठिच्चा पुरओ रूवाई णिज्झायमाणस्स मग्गओ रूवाइं अवयक्खमाणस्स पासओ रूवाई अवलोएमाणस्स उड्ढं रूवाई ओलोएमाणस्स अहे रूवाइं ऑलोएमाणस्स तस्स णं भंते ! कि इरियावहिया किरिया कज्जइ संपराइया किरिया कज्जइ ? Page #698 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 10 उ. 2 685 गोयमा ! संवुडस्स णं अणगारस्स वीईपंथे ठिच्चा जाव तस्स गंणो इरिया. वहिया किरिया कज्जइ संपराइया किरिया कज्जइ / से केणठेणं भंते ! एवं बुच्चइ संवुडस्स० जाव संपराइया किरिया कज्जइ ? गोयमा ! जस्स णं कोहमाणमायालोमा एवं जहा सत्तमसए पढमोदेसए जाव से गं उस्सुत्तमेव रीयइ, से तेणेठेणं जाव संपराइया किरिया कज्जइ / संवुडस्स णं भंते ! अणगारस्त अवीईपंथे ठिच्चा पुरओ रूवाइं णिज्झायमाणस्स जाव तस्स गं भंते ! कि इरियावहिया किरिया फज्जइ ? पुच्छा, गोयमा ! संवुड० जाव तस्स गं इरियावहिया किरिया कज्जइ णो संपराइया किरिया कज्जइ / से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ जहा सत्तमे सए पढमोद्देसए जाव से गं अहासुत्तमेव रीयइ से तेणठेणं जाव णो संपराइया किरिया कज्जइ // 365 // कइविहा गं भंते ! जोणी प०. ? गोयमा ! तिविहा जोणी प०, तंजहा-सीया उसिणा सीओसिणा, एवं जोणीपयं णिरवसेसं भाणियव्वं // 366 // कइविहा गं भंते ! वेयणा प०? गोयमा ! तिविहा वेयणा प०, तंजहा-सीया उसिणा सीओसिणा, एवं वेयणापयं गिरवसेसं भाणियध्वं जाव णेरइया गं भंते ! किं दुक्खं वेयणं वेयंति सुहं वेषणं वेयंति अदुक्खमसुहं वेयणं वेयंति ? गोयमा ! दुक्खंपि वेयणं वेयंति सुहंपि वेयणं वेयंति अदुक्लमसुहंपि वेयणं वेयंति // 367 // मासियण्णं भंते ! भिक्खुपडिमं पडिवण्णस्स अणगारस्स पिच्चं वोसट्टकाए चियत्तदेहे, एवं मासिया मिक्खुपडिमा णिरवसेसा भाणियव्वा नहा दसाहिं जाव आराहिया भवइ // 368 // भिक्खू य अग्णयरं अकिच्चट्ठाणं पडिसेवित्ता से गं तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिक्कते कालं करेइ गरिथ तस्स आराहणा, से गं तस्स ठाणस्स आलोइयपडिक्कते कालं करेइ अस्थि तस्स आराहणा। भिक्ख य अण्णयरं अकिउचट्ठाणं पडिसेवित्ता तस्स णं एवं मवइ पच्छावि गं अहं चरिमकालसमयंसि एयस्स ठाणस्स आलोएस्सामि जाव पडिवज्जिस्सामि, से गं तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिक्कते जाव णस्थि तस्स आराहणा, से णं तस्स ठाणस्स आलोइय. पडिक्कते कालं करेइ अस्थि तस्स माराहणा / भिक्खू य अण्णयरं अकिच्चट्ठाणं पडिसेवित्ता तस्स गं एवं भवइ-जइ ताव समणोवासगावि कालमासे कालं किच्चा अण्णयरेसु देवलोएसु देवत्ताए उववत्तारो भवंति किमंग! पुण अहं अणपण्णियदेवत्तणंपि णो लभिस्सामित्ति कट्ट से णं तस्स ठाणस्स अणालोइय. Page #699 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 686 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि पडिक्कते कालं करेइ पत्थि तस्स आराहणा, से गं तस्स ठाणस्स आलोइयपडिक्कते करेइ अत्थि तस्स आराहणा / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति // 366 // दसमं सयं तइयो उद्देसो रायगिहे जाव एवं वयासी-आइड्ढीए गं भंते ! देवे जाव चत्तारि पंच देवावासंतराई वीइक्कते तेण परं परिड्ढोए ? हंता गोयमा ! आइड्ढीए णं तं चेव, एवं असुरकुमारेवि, णवरं असुरकुमारावासंतराइं सेसं तं चेव, एवं एएणं कमेणं जाव थणियकुमारे, एवं वाणमंतरजोइसियवेमाणिए जाव तेण परं परिड्ढीए / अप्पिड्डिए णं भंते ! देवे से महिड्डियस्स देवस्स मन्झंमज्झेगं बीइ. वएज्जा? गोयमा! णो इणठे समझे / समिड्डिए णं भंते ! देबे समिड्डियस्स देवस्स मज्झंमज्झेणं वीइवएज्जा ?णो इणठे समठे, पमत्तं पुण बीइवएज्जा / से गं भंते ! कि विमोहित्ता पभ अविमोहिसा पभ ? गोयमा ! बिमोहेता पभ णो अविमोहेता पभू / से भंते ! कि पुवि विमोहेत्ता पच्छा बीइबएज्जा पुदिव वीइवएत्ता पच्छा विमोहेज्जा ? गोयमा ! पुन्वि विमोहेत्ता पच्छा बीइ. वएज्जा णो पुन्धि वीइवइत्ता पच्छा विमोहेज्जा। महिड्डिए ण भंते ! देवे अप्पिड्डियस्स देवस्स मज्झंमज्झेणं बीइबएज्जा ?हता वीइवएज्जा। से णं भंते ! कि विमोहित्ता पभू अविमोहेत्ता पभू ? गोयमा ! विमोहेत्ताबि पभू अविमोहे. तावि पभ। से भंते ! कि पुब्धि विमोहेत्ता पच्छा वीइवएज्जा पुटिव बीइवइत्ता पच्छा विमोहेज्जा ? गोयमा ! पुदिव वा विमोहेत्ता पच्छा वीइबएज्जा पुटिव वा बीइवएत्ता पच्छा विमोहेज्जा / अप्पिडिए णं भंते ! असुरकुमारे महिडि. यस्स असुर कुमारस्स मज्झमझेणं वीइवएज्जा ? णो इणठे समठे, एवं असुरकुमारेणवि तिष्णि आलावगा भाणियवा जहा ओहिएणं देवेणं भणिया, एवं जाव थणियकुमारेणं, वाणमंतरजोइसियवेमाणिएणं एवं चेव / अप्पिड्डिए णं भंते ! देवे महिड्डियाए देवीए मज्झमज्झेणं बीइ वएज्जा ? णो इणद्वै समठे। समिड्रिए णं भंते ! देवे समिड्डियाए देवीए मझमझेणं०? एवं तहेव देवेण य देवीए य दंडओ भाणियन्वो जाव वेमाणियाए / अप्पिड्डिया णं भंते ! देवी महि. ड्डियस्स देवस्स मज्झमज्झेणं एवं एसोवि तइओ वंडओ भाणियब्बो जाव महिड्डिया वेमाणिणी अप्पिड्डियस्स वेमाणियस्स मज्झमज्झेणं वीइवएज्जा ? हता वीइवएज्जा / अप्पिड्डिया णं भंते ! देवी महिड्डियाए देवीए मझमझेणं वीइ. Page #700 -------------------------------------------------------------------------- ________________ . भगवई स. 10 उ. 4 687 वएज्जा ? णो इणठे समठे, एवं समिडिया देवी समिड्डियाए देवीए तहेव, महिड्डियावि देवी अप्पिड्डियाए देवीए तहेव, एवं एक्केक्के तिण्णि 2 आलावगा भाणियव्वा जाव महिड्डिया गं भंते ! वेमाणिणी अप्पिड्डियाए वेमाणिणीए मज्झमज्झेणं वीइवएज्जा ? हंता वीइवएज्जा। सा भंते ! कि विमोहित्ता पभू०? तहेव माव पुटिव वा वीइवइत्ता पच्छा बिमोहेज्जा एए चत्तारि दंडगा // 40 // आसस्स गं भंते ! धावमाणस्स कि खुखुत्ति करेइ ? गोयमा ! आसस्स णं धावमाणस्स हिययस्स य जगयस्स य अंतरा एत्थ णं कब्बडए णामं वाए संमुच्छइ जे णं आसस्स धावमाणस्स खुखुत्ति करेइ // 401 // अह भंते ! आसइस्सामो सइस्सामो चिट्ठिस्साओ णिसीइस्सामो तुयट्टिस्सामो, आमंतणी आणवणी जायणी तह पुच्छणी य पण्णवणी / पच्चक्खाणी भासा भासा इच्छा-. गुलोमा य // 1 // अणभिग्गहिया भासा भासा य अभिग्गहमि बोद्धव्वा / संसयकरणी भासा वोयडमव्वोयडा चेव // 2 // पण्णवणी णं एसा भासा ण एसा भासा मोसा ? हंता गोयमा ! आसइस्सामो तं चेव जाव ण एसा भासा मोसा / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति // 4.2 // दसमं सयं च उत्थो उद्देसो तेणं कालेणं तेणं समएणं वाणियग्गामे णाम णयरे होत्था वण्णओ, दूइपला. सए चेइए, सामी समोसढे जाव परिसा पडिगया। तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स जेठे अंतेवासी इंदभूई णाम अणगारे जाव उड्ढं. जाण जाव विहरइ / तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतेवासी सामहत्थी णामं अणगारे पगइमद्दए जहा रोहे जाव उड्ठंजाण जाव विहरइ। तए णं से सामहत्थी अणगारे जायसड्ढे जाव उढाए उठेइ उठेत्ता जेणेव भगवं गोयमे तेणेव उवागच्छइ तेणेव उवागच्छित्ता भगवं गोयमं तिक्खुत्तो जाव पज्जवासनाणे एवं वयासी-अस्थि णं भंते ! चमरस्स असुरिदस्स असुरकुमाररणो तायत्तीसगा देवा ? हंता अस्थि / से केण→णं भंते ! एवं वुच्चइ चमरस्स असुरिदस्स असुरकुमाररण्णो तायत्तीसगा देवा 2 ? एवं खलु सामहत्थी / तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जंबुद्दीवे 2 भारहे वासे कायंदी णामं णयरी होत्था वण्णओ, तत्थ णं कायंदीए णयरीए तायत्तीसं सहाया गाहावई समणोवासया परिवसंति अड्डा जाव अपरिभूया अभिगयजीवाजीवा उवलद्ध. Page #701 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 688 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि पुण्णपावा जाव विहरंति / तए णं ते तायत्तीसं सहाया गाहावई समणोवासया पुवि उग्गा उग्गविहारी संविग्गा संविग्गविहारी भविता तओ पच्छा पास. स्था पासत्थविहारी ओसण्णा ओसण्णविहारी कुसीला कुसीलविहारी अहाच्छंदा अहाच्छंदविहारी बहूई वासाई समणोवासगपरियागं पाउणंति 2 ता अद्धमासि. याए संलेहणाए अत्ताणं झुसेंति अत्ताणं झूसेत्ता तीसं भत्ताइं अणसणाए छेति 2 ता तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिक्कता कालमासे कालं किच्चा चमरस्स असुरिदस्स असुरकुमाररण्णो तायत्तीसगदेवत्ताए उववण्णा / जप्पभिई च णं भंते ! कायंदगा तायत्तीसं सहाया गाहावई समणोवासया चमरस्स असुरिदस्स असुरकुमाररण्णो तायत्तीसगदेवत्ताए ' उववण्णा तप्पभिई च णं भंते ! एवं वुच्चइ चमरस्स असुरिंदस्स असुरकुमाररणो तायत्तीसगा देवा 2 ? तए णं भगवं गोयमे सामहत्थिणा अणगारेणं एवं वुत्ते समाणे संकिए कंखिए वितिगिच्छिए उट्ठाए उठेइ उडाए उठेत्ता सामहस्थिणा अणगारेणं सद्धि जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ तेणेव उवागच्छित्ता समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ वंदित्ता णमंसित्ता एवं वयासी-अस्थि णं भंते ! चमरस्स असुरिंदस्स असुररण्णो तायत्तीसगा देवा 2 ? हंता अस्थि / से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ ? एवं तं चेव सव्वं भाणियन्वं जाव तप्पभिई च णं एवं वुच्चइ चमरस्स असुरिंदस्स असुरकुमाररण्णो तायत्तीसगा देवा 2 ? णो इणठे समझें, एवं खलु गोयमा ! चमरस्स णं असुरिदस्स असुरकुमाररण्णो तायत्तीसगाणं देवाणं सासए णामधेज्जे पण्णत्ते, जंण कयाइ णासी ण कयाइ ण भवइ ण कयाइ ण भविस्सइ जाव णिच्चे अव्वोच्छित्तिणयट्टयाए अण्णे चयंति अण्णे उववज्जति / अस्थि णं भंते ! बलिस्स वइरोणिदस्स वइरोयणरण्णो तायत्तीसगा देवा 2 ? हंता अस्थि / से केणठेणं भंते ! एवं वच्चइ बलिस्स वइरोणिदस्स जाव तायत्तीसगा देवा 2? एवं खलु गोयमा! तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जंबुद्दीवे 2 भारहे वासे बिभेले णाम संणिवेसे होत्था वण्णओ, तत्थ णं बिभेले संणिवेसे जहा चमरस्स जाव उववण्णा / जप्प. भिइं च णं भंते ! ते बिभेलगा तायत्तीसं सहाया गाहावई समणोवासया बलि. स्स वइरोयणिदस्स सेसं तं चेव जाव णिच्चे अव्वोच्छितिणयटयाए अण्णे चयंति अण्णे उववज्जति / अस्थि णं भंते ! धरणस्स णागकुमारिदस्स णाग Page #702 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 10 उ. 5 689 कुमाररण्णो तायत्तीसगा देवा 2 ?हता अत्थि। से केणठेणं जाव तायत्तीसगा देवा 2 ? गोयमा ! धरणस्स णागकुमारिदस्स णागकुमाररण्णो तायत्तीसगाणं देवाणं सासए णामधेज्जे पण्णत्ते जंण कयाइ णासी जाव अण्णे चयंति अण्णे उववजंति, एवं भूयाणंदस्सवि, एवं जाव महाघोसस्स / अस्थि गं भंते ! सक्कस्स देविदस्स देवरणो० पुच्छा ? हंता अस्थि / से केणठेणं भंते ! जाव तायत्तीसगा देवा 2 ? एवं खलु गोयमा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जंबहीवे दीवे मारहे वासे पालासए णामं संणिवेसे होत्था वण्णओ, तत्थ णं पालासए सण्णिवेसे तायत्तीसं सहाया गाहावई समणोवासया जहा चमरस्स जाव विहरंति / तर ते तायत्तीसं सहाया गाहावई समणोवासया पुग्विपि पच्छावि उग्गा उग्गविहारी संविग्गा संविग्गविहारी बहूई वासाई समणोवासगपरियागं पाउणंति पाउणित्ता मासियाए संलेहणाए अत्ताणं झसेंति झूसित्ता सटि भत्ताई अणसणाए छेदेति 2 ता आलोइयपडिक्कता समाहिपत्ता कालमासे कालं किच्चा जाव उववण्णा, जप्पभिइंच णं भंते ! पालासिगा तायत्तीसं सहाया गाहावई समणोवासमा सेसं जहा चमरस्स जाव अण्णे उववज्जति / अत्थि णं भंते ! ईसाणस्स..? एवं जहा सक्कस्स गवरं चंपाए णयरीए जाव उववण्णा, नप्पभिइंच णं भंते ! चंपिज्जा तायत्तीसं सहाया सेसं तं चेव जाव अण्णे उववज्जति / अस्थि णं भंते ! सणंकुमारस्स देविदस्स देवरण्णो० पुच्छा? हंता अत्थि। से केणठेणं ? जहा धरणस्स तहेव एवं जाव पाणयस्स एवं अच्चयस्स जाब अण्णे उववज्जति / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति // 403 // दसमं सयं पंचमो उद्देसो ... तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे णाम णयरे गुणसिलए चेहए जाव परिसा पडिगया। तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स बहवे अंतेवासी थेरा भगवंतो जाइसंपण्णा जहा अट्ठमे सए सत्तमुद्देसए जाव विहरंति / तए णं ते थेरा भगवंतो जायसड्डा आयसंसया जहा गोयमसामी जाव पज्जुवासमाणा एवं वयासी-चमरस्सणं भंते ! असुरिंदस्स असुरकुमार. रण्णो कइ अग्गमहिसीओ पण्णत्ताओ? अज्जो! पंच अग्गमहिसीओ पण्णत्ताओ, तंजहा-काली राई रयणी विज्जू मेहा, तत्थ णं एगमेगाए देवीए अट्ठ देवि. सहस्सा परिवारो पण्णत्तो / पभू णं भंते ! ताओ एगमेगा देवी अण्णाइं अट्ठ Page #703 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 690 अंग-पविट्ट सुत्ताणि देवीसहस्साई परियारं विउवित्तए? एबामेव सपुवावरेणं चत्तालीसं देवीसहस्सा, से तं तुडिए। पभू णं भंते ! चमरे असुरिंदे असुरकुमारराया चमरचंचाए रायहा• जीए सभाए सुहम्माए चमरंसि सोहासणंसि तुडिएणं सद्धि दिव्वाई भोगभोगाई भुंजमाणे विहरित्तए?णो इणठे समठे / से केण?णं भंते ! एवं वुच्चइ-णो पभू चमरे असुरिंदे चमरचंचाए रायहाणीए जाव विहरित्तए ? अज्जो ! चमरस्स णं असुरिंदस्स असुरकुमाररण्णो चमरचंचाए रायहाणीए समाए सुहम्माए माणवए चेइयखंभे वइरामएसु गोलवट्टसमुग्गएसु बहूओ जिणसकहाओ संण्णि. क्खिताओ चिट्ठति, जाओ णं चमरस्स 3 अण्णेसि च बहूणं असुरकुमाराणं देवाण य देवीण य अच्चणिज्जाओ 3. पूणिज्जाओ 3 कल्लाणं 4 पज्जुवास. णिज्जाओ भवंति तेसि पणिहाए णो पभू, से तेणठेणं अज्जो ! एवं वुच्चइणो पभू चमरे असुरिंदे जाव राया चमरचंचाए जाव विहरित्तए / पभू णं अज्जो ! चमरे असुरिंदे असुरकुमारराया चमरचंचाए रायहाणीए समाए सुहम्माए चमरंसि सीहासणंसि चउसठ्ठीए सामाणियसाहस्सोहिं तायत्तीसाए जाव अण्णेहिं य बहूहि असुरकुमारेहिं देवेहि य देवीहि य सद्धि संपरिवुडे महयाहय जाव भंजमाणे बिहरित्तए ? केवलं परियारिड्ढीए णो चेव णं मेहणवत्तियं // 404 // चमरस्स णं भंते ! असुरिंदस्स असुरकुमाररण्णो सोमस्स महारणो कइ भग्गमहिसीओ पण्णत्ताओ ? अज्जो ! चत्तारि अग्गमहिसीओ पण्णताओ, तंजहा-कणगा कणगलया चित्तगत्ता वसंधरा, तत्थ णं एगमेगाए देवीए एगमेगं देविसहस्सं परिवारे पण्णत्ते, पभूणं ताओ एगमेगाए देवीए अण्णं एगमेगं देविसहस्सं परियारं विउवित्तए ? एवामेव सपुव्वावरेणं चत्तारि देविसहस्सा, सेत्तं तुडिए। पभू णं भंते ! चमरस्स असुरिंदस्स असुरकुमाररण्णो सोमे महाराया सोमाए रायहाणीए समाए सुहम्माए सोमंसि सोहासणंसि तुडिएणं अवसेसं जहा चमरस्स, णवरं परियारो जहा सूरियामस्स, सेसंतंचेव, जाव णो चेवणं मेहणवत्तियं / चमरस्स णं भंते ! जाव रण्णो जमस्स महारष्णो कइ अग्ग. महिसीओ ? एवं चेव णवरं जमाए रायहाणीए सेसं जहा सोमस्स, एवं वरुण. स्सवि, णवरं वरुणाए रायहाणीए, एवं वेसमणस्सवि णवरं वेसमणाए रायहाणीए सेसं तं चेव जाव मेहुणवत्तियं / बलिस्स णं भंते ! 'वइरोणिदस्स पुच्छा ? अज्जो ! पंच अग्गमहिसीओ पण्णत्ताओ, तंजहा-सुभा णिसुंभा रंभा Page #704 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 10 उ. 5 691 णिरंभा मयणा, तत्थ णं एगमेगाए देवीए अट्ठट्ठ० सेसं जहा चमरस्स, णवरं बलि. चंचाए रायहागीए परियारो जहा मोउद्देसए, सेसं तं चेव जाव मेहुणवत्तियं / बलिस्स गं भंते ! वइरोणिदस्स वइरोयणरण्णो सोमस्स महारण्णो कई अगमहिसीओ पण्णत्ताओ ? अज्जो ! चत्तारि अग्गमहिसीओ पण्णत्ताओ, तंजहा-मीणगा सुमहा विजया असणी, तत्थ णं एगमेगाए देवीए० सेसं जहा चमरस्स, एवं जाव बेसमणस्स / धरणस्स गं भंते ! णागकुमारिदस्स णागकुमार. रण्णो कइ अग्गमहिसीओ पण्णत्ताओ ? अज्जो ! छ अग्गमहिसीओ पण्णत्ताओ, तंजहा-इला सुक्का सतारा सोयामिणी इंदा घणविज्जया, तत्थ णं एगमेगाए देवीए छ छ देविसहस्सा परिवारो पण्णत्ता / पभ णं भंते ! ताओ एगमेगा देवी अण्णाई छ-छ देविसहस्साई परियारं विउवित्तए ? एवामेव सपुवावरेणं छत्तीसाइं देविसहस्साइं, सेत्तं तुडिए / पभू गं भंते ! धरणे ? सेसं तं चेव, णवरं धरणाए रायहाणीए धरणंसि सीहासणंसि सओ परिवारो सेसं तं चेव / धरजस्स णं भंते ! णागकुमारिदस्स कालवालस्स लोगपालस्स महारण्णो कइ अग्गहिसीओ पण्णताओ? अज्जो ! पत्तारि अग्गमहिसीओ पग्णत्ताओ, तंजहा-भसोगा विमला सुप्पभा सुदंसणा, तत्थ णं एगमेगाए देवीए अवसेसं जहा चमरस्स लोगपालाणं, एवं सेसाणं तिण्हवि / भूयाणंदस्स णं भंते ! पुच्छा? अज्जो ! छ अग्गमहिसीओ पण्णत्ताओ, तंनहा-रूया रूयंसा सुरूया रूयगावई रूयकता रूयप्पमा, तत्थ णं एगमेगाए देवीए• अवसेसं जहा धरणस्स। भयाणं. वस्स णं भंते ! णागवित्तस्स पुच्छा ? अज्जो ! चत्तारिअग्गमहिसीओ पण्णत्ताओ, तंजहा-सुणंदा सुभद्दा सुजाया सुमणा, तत्थ णं एगमेगाए देवीए अवसेसं जहा चमरलोगपालाणं एवं सेसाणं तिण्हवि लोगपालाणं, जे दाहिणिल्लाणिदा तेसि जहा धरणिदस्स, लोगपालाणवि तेसि जहा धरणस्स लोगपालाणं, उत्तरिल्लाणं इंदाणं जहा भूयाणंदस्स, लोगपालाणवि तेसि जहा भूयाणंदस्स लोगपालाणं, गवरं इंदाणं सवेसि रायहाणीओ सीहासणाणि य सरिसणामगाणि, परिवारो जहा तइयसए पढमे उद्देसए, लोगपालाणं सव्वेसि रायहाणीओ सीहासणाणि य सरिसणामगाणि, परिवारो जहा चमरस्स लोगपालाणं / कालस्स णं भंते ! पिसायिदस्स पिसायरण्णो कइ अग्गमहिसीओ पण्णत्ताओ ? अज्जो ! चत्तारि अग्गमहिसीओ पण्णताओ, तंजहा-कमल कमलप्पभा उप्पला सुदंसणा, तत्थ णं Page #705 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 692 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि एगमेगाए देवीए एगमेगं देविसहस्सं सेसं जहा चमरलोगपालाणं, परिवारो तहेव, णवरं कालाए रायहाणीए कालंसि सीहासणंसि, सेसं तं चेव, एवं महाकाल. स्सवि / सुरुवस्स णं भंते ! भूइंदस्स भयरण्णो पुच्छा ? अज्जो ! चत्तारि अग्गमहिसीओ पण्णत्ताओ, तंजहा-रूववई बहुरूवा सुरूवा सुभगा, तत्थ णं एगमेगा सेसं जहा कालस्स, एवं पडिरूवस्सवि / पुण्णभद्दस्स णं भंते ! जक्खिदस्स पुच्छा, अज्जो ! चत्तारि अग्गर्माहसीओ पण्णत्ताओ, तंजहा-पुण्णा बहुपुत्तिया उत्तमा तारया, तत्थ गं एगमेगाए सेसं जहा कालस्स, एवं माणिभहस्सवि / भीमस्स णं भंते ! रसिदस्स पुच्छा ? अज्जो ! चत्तारि अग्गमहिसीओ पण्णत्ताओ, तंजहा-पउमा पउमावई कणगा रयणप्पभा, तत्थ णं एगमेगा देवी सेसं जहा कालस्स / एवं महाभीमस्सवि / किण्णरस्स णं भंते ! पुच्छा, अज्जो ! चत्तारि अग्गमहिसीओ पण्णत्ताओ, तंजहा-वडेंसा केउमई रइसेणा रइप्पिया, तत्थ णं सेसं तं चेव, एवं किंपुरिसस्सवि। सप्पुरिसस्स णं पुच्छा, अज्जो ! चत्तारि अग्गमहिसीओ पण्णत्ताओ, तंजहा-रोहिणी णवमिया हिरी पुप्फवई, तत्थ णं एगमेगा देवी सेसं तं चेव, एवं महापुरिसस्सवि / अइकायस्स णं पुच्छा, अज्जो ! चत्तारि अग्गमहिसीओ प०, तंजहा-भयंगा भयंगवई महाकच्छा फुडा, तत्थ पं०, सेसं तं चेव, एवं महाकायस्सवि / गीयरइस्स णं भंते ! पुच्छा, अज्जो! चत्तारि अग्गमहिसीओ 50, तंजहा-सुघोसा विमला सुस्सरा सरस्सई, तत्थ णं, सेसं तं चेव, एवं गीयजसस्सवि, सवेसि एएसि जहा कालस्स, णवरं सरिसणामियाओ रायहाणीओ सीहासणाणि य, सेसं तं चेव / चंदस्स णं भंते ! जोइसिंदस्स जोइसरण्णो पुच्छा, अज्जो ! चत्तारि अग्गमहिसीओ पण्णताओ, तंजहा-चंदप्पमा दोसिणाभा अच्चिमाली पभंकरा, एवं जहा जीवाभिगमे जोइसियउद्देसए तहेव, सूरस्सवि सूरप्पभा आयवाभा अच्चिमाली पभंकरा, सेसं तं चेव, जाव णो चेव णं मेहुणवत्तियं / इंगालस्स णं भंते ! महग्गहस्स कइ अग्गमहिसीओ पुच्छा, अज्जो ! चत्तारि अग्गमहिसीओ पण्णत्ताओ, तंजहा-विजया वेजयंती जयंती अपराजिया, तत्थ णं एगभेगाए देवीए सेसं तं चेव जहा चंदस्स, णवरं इंगालवडेंसए विमाणे इंगाल. गंसि सीहासणंसि सेसं तं चेव, एवं वियालगस्सवि, एवं अट्ठासीईएवि महागहाणं भाणियत्वं जाव भावकेउस्स, णवरं वडेंसगा सोहासणाणि य.सरिसणामगाणि, सेसं तं चेव / सक्कस्स णं भंते ! देविंदस्स देवरणो पुच्छा ? अज्जो ! अटू अग्ग Page #706 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 10 उ. 6 693 महिसीओ, पण्णत्ताओ, तंजहा-पउमा सिवा सेया अंजू अमला अच्छरा णवमिया रोहिणी, तत्थ णं एगमेगाए देवीए सोलस-सोलस देविसहस्सा परि. वारो पण्णत्तो / प णं ताओ एगमेगा देवी अण्णाई सोलस 2 देविसहस्सपरि. यारं विउवित्तए ? एवामेव सपुव्वावरेणं अट्ठावीसुत्तरं देविसयसहस्सं परियारं विउवित्तए, सेत्तं तुडिए / पभू णं भंते ! सक्के देविदे देवराया सोहम्मे कप्पे सोहम्मवडेंसए विमाणे सभाए सुहम्माए सक्कंसि सोहासणंसि तुडिएणं सद्धि सेसं जहा चमरस्स गवरं परिवारो जहा मोउद्देसए / सक्कस्स णं भंते ! देवि. दस्स देवरण्णो सोमस्स महारण्णो कइ अग्गहिसीओ पुच्छा? अज्जो ! चत्तारि अग्गमहिसीओ पण्णत्ताओ, तंजहा-रोहिणी मयणा चित्ता सोमा तत्थ णं एगमेगा• सेसं जहा चमरलोगपालाणं, गवरं सयंपभे विमाणे सभाए सुहम्माए सोमंसि सीहासणंसि, सेसं तं चेव, एवं जाव वेसमणस्स, णवरं विमाणाई जहा तइयसए। ईसाणस्स णं भंते ! पुच्छा, अज्जो ! अट्ठ अग्गमहिसीओ प०, तंजहा-कण्हा कण्हराई रामा रामरक्खिया वसू वसुगुत्ता वसुमित्ता वसुंधरा, तत्थ णं एगमेगाए० सेसं जहा सक्कस्स / ईसाणस्स णं भंते ! देविदस्स देवरण्णो सोमस्स महारणो कइ अग्गमहिसीओ पुच्छा, अज्जो ! चत्तारि अग्गमहिसीओ प०, तंजहा-पुढवीं राई रयणी विज्जू, तत्थ पं० सेसं जहा सक्कस्स लोगपालाणं, एवं जाव वरुणस्स, णवरं विमाणा जहा चउत्थसए, सेसं तं चेव, जाव णो चेव णं मेहुणवत्तियं / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति जाव विहरइ // 40 // .. दसमं सयं छट्ठो उद्देसो ___कहि णं भंते ! सक्कस्स देविदस्स देवरणो सभा सुहम्मा पण्णता ? गोयमा ! जंबुद्दीवे 2 मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं इमोसे रयणप्पभाए पुढवीए एवं जहा रायप्पसेणइज्जे जाव पंच वडेंसगा पण्णता, तंजहा-असोगव.सए जाव मज्झे सोहम्मवडेंसए, से णे सोहम्मवडेंसए महाविमाणे अद्धतेरस जोयणसयसहस्साई आयामविक्खंभेणं-एवं जह सूरियाभे तहेव माणं तहेव उववाओ। सक्कस्स य अभिसेओ तहेव जह सूरियाभस्स // 1 // अलंकार अच्चणिया तहेव जाव आयरक्खत्ति, दो सागरोवमाई ठिई / सके णं भंते ! देविदे देव. राया केमहिड्ढिए जाव के महासोक्खे ? गोयमा ! महिड्ढिए जाव महा- . सोक्खे, से गं तत्थ बत्तीसाए विमाणावाससयसहस्साणं जाव विहरइ, एवं. Page #707 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 694 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि महिढिए जाव महासोक्खे सक्के देविदे देवराया। सेवं भंते ! 2 ति // 406 // दसमं सयं 7-34 उद्देसा कहिण्णं भंते ! उत्सरिल्लाणं एगोरुयमणुस्साणं एगोरुयदीवे णामं दीवे पण्णत्ते! एवं जहा जीवाभिगमे तहेव गिरवसेसं जाव सुद्धदंतदीवोति, एए अट्ठावीसं उद्देसगा भाणियव्वा / सेवं भंते ! 2 त्ति जाव बिहरइ // 407 / / दसमं सयं समत्तं ॥एक्कारसं सयं पढमो उद्देसो॥ उप्पल 1 सालु 2 पलासे 3 कुंभी 4 णाली य 5 पउम 6 कण्णी 7 य / पलिण 8 सिव 9 लोग 10 काला 11 लभिय 12 दस दो य एक्कारे // 1 // उववाओ 1 परिमाणं 2 अवहारु 3 च्चत्त 4 बंध 5 वेए 6 य / उदए 7 उदी. रणाए 8 लेसा 6 दिट्ठी 10 य गाणे 11 य // 1 // जोग 12 वओगे 13 वण्ण 14 रसमाई 15 ऊसासगे 16 य माहारे 17 / विरई 18 किरिया 19 बंधे 20 सण 21 कसायि 22 स्थि 23 बंधे 24 य // 2 // सणि 25 दिय २६अणुबंधे 27 संबेहा 28 हार 26 ठिइ 30 समुग्घाए 31 / चयणं 32 मलाईसु य उववाओ 33 सम्बजीवाणं // 3 // तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे जाव पज्जवासमाणे एवं वयासी-उप्पले गं भंते ! एगपत्तए कि एगजीवे अणेंगजीवे ? गोयमा ! एगजीवे गो अणेगजीवे, तेण परं जे अण्णे जीवा उववज्जति तेज णो एगजीवा अणेगजीवा / ते गं भंते ! जीवा कओहितो उववज्जति किं णेरइएहितो उववज्जति तिरिक्खमणुस्सदेवेहितो उववज्जति ? गोयमा ! णो रइएहितो उबवज्जति तिरिक्खजोणिएहितोवि उववज्जति मणुस्सेहितो. देवेहितोवि उबवज्जति, एवं उववाओ भाणियन्वो जहा वक्कंतीए वणस्सइकाइयाइयाणं नाव ईसाणेत्ति 1 / ते ण भंते ! जीवा एगसमएणं केवल इया उववज्जति ? गोयमा ! जहण्णेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा उक्कोसेणं संखेज्जा वा असंखेज्जा वा उववज्जति 2 / ते गं भंते ! जीवा समए 2 अव. हीरमाणा 2 केवइयकालेणं अवहीरंति ? गोयमा ! ते णं असंखेज्जा समए 2 अवहीरमाणा 2 असंखेज्जाहिं उस्सप्पिणिओसप्पिणि अवहीरंति णो चेव गं अवहिया सिया 3 / तेसि णं भंते ! जीवाणं केमहालिया सरीरोगाहणा पण्णत्ता ? Page #708 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 11 उ. 1 695 गोयमा ! जहणेणे अंगुलस्स असंखेज्जइभागं उक्कोसेणं साइरेगं जोयणसहस्सं 4 / ते ण भंते ! जीवाणाणावरणिज्जस्स कम्मरस किं बंधगा अबंधगा? गोयमा! जो अबंधगा बंधए वा बंधगा वा / एवं जाव अंतराइयस्स, गवरं आउयस्स पुच्छा, गोयमा ! बंधए वा अबंधए वा बंधगा वा अबंधगावा अहवा बंधए य अबंधए य अहवा बंधए य अबंधगा य अहवा बंधगाय अबंधए य अहवा बंधगा य अबंधगा य 8 एए अट्ट मंगा 5 / तेणं भंते ! जीवा णाणावरणिज्जस्स कम्मस्स कि वेयगा अवेयगा? गोयमा ! णो अवेयगा वेयए वा वेयगा वा एवं जाव अंतराइयस्स / ते णं भंते ! जीवा किं सायावेयगा असायावेयगा ? गोयमा! सायावेयएं वा असायावेयए वा अट्ट भंगा 6 / ते णं भंते ! जीवा णाणावर. णिज्जस्स कम्मस्स कि उदई अणुदई ? गोयमा! अणुदई उदई वा उदइणो वा, एवं जाव अंतराइयस्स 7 / ते गं भंते ! जीवा.णाणावरणिज्जस्स कम्मस्स कि उदीरगा० ? गोयमा ! णो अणुदीरगा उदीरए वा उदीरगा वा, एवं जाव अंतराइयस्स, णवरं वेयणिज्जाउएसु अट्ठ भंगा 8 ते णं भंते ! जीवा कि कण्हलेसा णीललेसा काउलेसा तेउलेसा? गोयमा! कण्हलेसे वा जाव तेउलेसे वा कण्हलेस्सा वा णीललेस्सा वा काउलेसा वा तेउलेस्सा वा अहवा कण्हलेसे य गील. लेस्से य एवं एए दुयासंजोगतियासंजोगचउक्कसंजोगेणं असीई भंगा भवंति 6 / तेणं भंते ! जीवा किं सम्मद्दिट्ठी मिच्छादिट्ठी सम्मामिच्छादिट्ठी? गोयमा! णो सम्मदिट्ठी णो सम्मामिच्छादिट्ठी मिच्छादिट्ठी वा मिच्छादिट्ठिणो वा 10 / ते णं भंते ! जीवा कि णाणी अण्णाणी ? गोयमा ! णो णाणी अण्णाणी वा अण्णाणिणो वा 11 / ते गं 'भंते ! जीवा कि मणजोगी वइजोगी कायजोगी ? मोयमा ! जो मणजोगी जो वइजोगी कायजोगी वा कायजोगिणो वा 12 / ते णं भंते ! जीवा किं सागारोवउत्ता अणागारोवउत्ता ? गोयमा! सागारोवउत्ते वा अणागारोवउत्ते वा अट्ठ भंगा 13 / तेसि गं भंते ! जीवाणे सरीरंगा कइवण्णा कइगंधा कइरसा कइकासा प. ? गोयमा ! पंचवण्णा पंचरसा दुगंधा अट्टफासा प०, ते पुण अप्पणा अवण्णा अगंधा अरसा अफासा प०१४-१५॥ ते गं भंते ! जीवा कि उस्सासा णिस्सासा णो उस्सासणिस्सासा.? गोयमा! उस्तासए वा 1 णिस्सासए वा 2 णो उस्सासए हिस्सासए वा 3 उस्सासगा वा 4 णिस्सासगा वा 5 णो उस्सासणीसासगा वा 6 Page #709 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 696 अंग-पविट सुत्ताणि अहवा उस्सासए य णिस्सासए य 4 अहवा उस्सासए य णो उस्सासणिसासए य 4 अहवा णिस्सासए य णो उस्सासणिस्सासए य 4 अहवा ऊसासए य णीसासए य णो उस्सासणिस्सासए य अट भंगा, एए छव्वीसं भंगा भवंति 16 / ते णं भंते ! जीवा कि आहारगा अणाहारगा? गोयमा ! णो अणा. हारगा आहारए वा अणाहारए वा एवं अट्ठ भंगा 17 / ते णं भंते ! जीवा कि विरया अविरया विरयाविरया ? गोयमा ! णो विरया णो विरयाविरया अविरए वा अविरया वा 18 / ते गं भंते ! जीवा कि सकिरिया अकिरिया? गोयमा ! णो अकिरिया सकिरिए वा सकिरिया वा 16 ते गं भंते ! जीवा किं सत्तविहबंधगा अट्टविहबंधगा ? गोयमा ! सत्तविहबंधए वा अट्टविहबंधए वा अट्ट भंगा 20 / तेणं भंते ! जीवा कि आहारसण्णोवउत्ता भयसण्णोवउत्ता मेहुणसण्णोवउत्ता परिग्गहसण्णोवउत्ता ? गोयमा ! आहारसण्णोवउत्ता वा असीई भंगा 21 / ते गं भंते ! जीवा कि कोहकसाई माणकसाई मायाकसाई लोभकसाई ? गोयमा ! कोहकसाई वा असीई भंगा 22 / ते गं भंते ! जीवा कि इत्थिवेयगा पुरिसवेयगा णपुंसगवेयगा? गोयमा ! णो इत्थिवेयगा णो पुरिसवेयगा णपुंसगवेयए वा नपुंसगवेयगा वा 23 / ते णं भंते ! जीवा कि इथिवेयबंधगा पूरिसवेयबंधगा पसगवेयबंधगा ? गोयमा ! इथिवेयबंधए वा परिसवेयबंधए वा णपंसगवेयबंधए वा, छव्वीसं भंगा 24 / ते णं भंते ! जीवा कि सण्णी असण्णी ? गोयमा ! णो सण्णी असण्णी वा असणिणो वा 25 / ते णं भंते ! जीवा कि सइंदिया अणिदिया ? गोयमा ! णो अणिदिया सइंविए वा सइं. दिया वा 26 / सेणं भंते ! उप्पलजीवेत्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा! जहणेणं अंतोमहत्तं उक्कोसेणं असंखेज्जं कालं 27 / से गं भंते ! उप्पल. जीवे पुढविजीवे पुणरवि उप्पलजीवेत्ति केवइयं कालं सेवेज्जा केवइयं कालं गइरागई करेज्जा ? गोयमा ! भवादेसेणं जहण्णेणं दो भवग्गहणाई उक्कोसेणं असंखेज्जाइं भवग्गहणाई, कालादेसेणे जहण्णेणं दो अंतोमुहुत्ता उक्कोसेणं असं. खेज्जं कालं, एवइयं काल सेवेज्जा एवइयं कालं गइरागई करेज्जा।से गं भंते ! उपलजीवे आउजीवे. एवं चेव एवं जहा पुढविजीवे भणिए तहा जाव वाउ. जीवे भाणियन्वे / से णं भंते ! उप्पलजीवे से वणस्सइजीवे मे पुणरवि उप्पल. जीवेत्ति केवइयं कालं सेवेज्जा केवइयं कालं गइरागई करेज्जा ? गोयमा ! भवादेसेणं जहण्णेणं दो भवग्गहणाई उक्कोसेणं अणंताई भवग्गहणाई, काला. Page #710 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 11 उ. 2 697 देसेणं जहण्णेणं दो अंतोमुहुत्ता उक्कोसेणं अणंतं कालं तरकालं एवइयं कालं सेवेज्जा एवइयं कालं गइरागई करेज्जा। से णं भंते ! उप्पलजीवे बेइंदियजीवे पुणरवि उप्पलजीवेत्ति केवइयं कालं सेवेज्जा केवइयं कालं गइरागई करेज्जा ? गोयमा! भवादेसेणं जहणेणं दो भवग्गहणाई उक्कोसेणं संखेज्जाइं भवग्गहणाई, फालादेसेणं जहण्णेणं दो अंतोमहत्ता उक्कोसेणं संखेज्ज कालं एवइयं कालं सेवेन्मा एवइयं कालं गइरागई करेज्जा, एवं तेइंदियजीवि, एवं चरिदिय. जीवेवि / से गं भंते ! उप्पलजीवे पंचेंदियतिरिक्खमोणियजीवे पुणरवि उप्पलजीवेत्ति पृच्छा ? गोयमा ! भवासेणं जहणेणं दो भवग्गहणाई उक्कोसेणं अटू भवरगहणाई कालादेसेणं जहणेणं दो अंतोमुहुत्ताई उक्कोसेणं पुवकोडिपुहुत्ताई एवइयं कालं सेवेज्जा एबइयं कालं गइरागई करेज्जा, एवं मणुस्सेणवि समं जाव एवइयं कालं गइरागई करेज्जा 28 / ते जे भंते ! जीवा किमाहारमाहारेंति ? गोयमा ! दम्वओं अणंतपएसियाइं दव्वाइं एवं जहा आहारुद्देसए वणस्सइकाइयाणं आहारो तहेव जाव सव्वप्पणयाए आहारमाहारेंति णवरं णियमा छद्दिसि सेसं तं चेव 26 / तेसि गं भंते ! जीवाणं केवइयं कालं ठिई प० ? गोयमा ! नहणेगं अंतोमुत्तं उक्कोसेणं दस वाससहस्साई 30 / तेसि गं भंते ! जीवाणं कह समग्घाया प०? गोयमा ! तओ समग्घाया प०, तंजहा-वेयणासमुम्घाए कसायसमुग्घाए, मारणंतियसमुग्घाए 31 / ते गं भंते ! जीवा मारणंतियसमग्घाएणं कि समोहया मरंति असमोहया मरंति ? गोयमा ! समोहयावि मरंति असमोहयानि मरंति 32 / ते णं भंते ! जीवा अणंतरं उबट्टित्ता कहिं गच्छंति कहिं उववन्जति किं णेरइएसु उववज्जति तिरिक्खजोणिएसु उववज्जति ? एवं जहा वक्कंतीए उव्वट्टणाए वणस्सइकाइयाणं तहा भाणियध्वं / अह भंते ! सम्वपाणा सव्वभूया सव्वजीवा सव्वसत्ता उप्पलमल. ताए उप्पलकंदत्ताए उप्पलणालत्ताए उप्पलपत्तताए उप्पलकेसरत्ताए उप्पलकष्णियत्ताए उप्पलथिभुगत्ताए उवषण्णपुब्वा ? हंता गोयमा ! असई अदुवा अणतखुत्तो / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति 33 // 408 // 'एक्कारसं सयं 2-8 उद्देसा - सालुए गं अंते ! एगपत्तए कि एगजीवे अणेगजीवे ? गोयमा ! एगजीवे, एवं उप्पलुद्देसगवत्तव्वया अपरिसेसा भाणियव्वा जाव अणंतखुत्तो, णवरं Page #711 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 698 अंग-पविट्ट सुत्ताणि सरीरोगाहणा जहणेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभाग, उक्कोसेणं धणुपुहुत्तं, सेसं तं चेव / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 406 // 11-2 // पलासे णं भंते ! एगपत्तए कि एगजीवे अणेगजीवे ?एवं उप्पलुद्देसगवत्तव्वया अपरिसेसा माणियव्वा, णवरं सरीरोगाहणा जहणेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं उक्कोसेणं गाउयपुहुत्ता, देवा एएसु ण उववज्जति / लेसासु ते णं भंते ! जीवा किं कण्ह. लेसा णीललेसा काउलेसा० ? गोयमा ! कण्हलेस्से वा णीललेस्से वा काउलेस्से वा छव्वीसं भंगा, सेसं तं चेव / सेवं भंते ! 2 ति // 410 // 11-3 // कुंभिए गं भंते ! एगपत्तए कि एगजीवे अणेंगजीवे ? एवं जहा पलासुद्देसए तहा भाणियव्वे, णवरं ठिई जहण्णणं अंतोमहत्तं उक्कोसेणं वासपुहत्तं, सेसं तं चेव / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 411 // 11-4 // णालिए णं भंते ! एगपत्तए कि एमजीवे अणेगजीवे ? एवं कुंभिउद्देसगवतव्वया गिरवसेसं भाणि. यव्वा / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 412 // 11-5 // पउमे गं भंते ! एगपत्तए कि एगजीवे अणेगजीवे ? एवं उप्पलुद्देसगवत्तव्वया णिरवसेसा माणियव्वा / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 413 // 11-6 // कणिए गं भंते ! एगपत्तए कि एगजीवे० ? एवं चेव गिरवसेसं भाणियव्वं / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 414 // 11-7 // णलिणे गं भंते ! एगपत्तए कि एगजीवे अणेगजीवे ? एवं चेव गिरवसेसं जाव अणंतखुत्तो। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति // 415 // ___ एक्कारसं सयं णवमो उद्देसो तेणं कालेणं तेणं समएणं हत्थिणापुरे गामं गयरे होत्था वण्णओ, तस्स गं हथिणापुरस्स णयरस्स बहिया उत्तरपुरस्थिमे विसीभागे एत्थ णं सहसंब. वणे णाम उज्जाणे होत्था सव्वोउयपुप्फफलसमिद्धे रम्मे गंदणवणसंणिगासे सुहसीयलच्छाए मणोरमे साउप्फले अकंटए पासाईए जाव पडिरूवे / तत्थ णं हत्थिणापुरे णयरे सिवे णामं राया होत्था महयाहिमवंत० वण्णओ / तस्स गं सिवस्स रण्णो धारिणी णाम देवी होत्था सुकुमालपाणिपाया वण्णओ। तस्स णं सिवस्स रण्णो पुत्ते धारिणीए अत्तए सिवभद्दए णामं कुमारे होत्था सुकुमाल. जहा सूरियकंते जाव पच्चुवेक्खमाणे पच्चुवेक्खमाणे विहरइ / तए णं तस्स Page #712 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 11 उ. 9 . सिवस्स रंण्णो अण्णया कयाइ पुठवरत्तावरत्तकालसमयंसि रज्जधुरं चितेमाणस्स अयमेयासवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्था-अत्थि ता मे पुरा पोराणाणं जहा तामलिस्स जाव पुत्तेहि वड्डामि पसूहि वड्डामि रज्जेणं वड्डामि एवं रट्टेणं बलेणं वाहणेणं कोसेणं कोट्ठागारेणं पुरेणं अंतेउरेणं वड्डामि विपुलधणकणगरयण जाव संतसारसावएज्जेणं अईव 2 अभिवड्डामि, तं किणं अहं पुरा पोराणाणं जाव एगंतसोक्खयं उब्वेहमाणे विहरामि ? तं जाव ताव अहं हिरणेणं वड्डामि तं चेव जाव अभिवड्डामि जाव मे सामंतरायाणोवि वसे वटुंति ताव ता मे सेयं कल्लं पाउप्पभायाए जाव जलते सुबहुं लोहीलोहकडाहकडुच्छुयं तंबियं तावस. भंडगं घडावेत्ता सिवभई कुमारं रज्जे ठावेत्ता तं सुबहुं लोहीलोहकडाहकडुच्छुयं तंबियं तावसभंडगं गहाय जे इमे गंगाकले वाणपत्था तावसा भवंति, तं०-होतिया पोतिया कोत्तिया जण्णई सट्टई थालई हुंबउट्ठा दंतुक्ख लिया उम्मज्जगा संमज्जगा णिम्मज्जगा संपक्खाला उद्धकंडूयगा अहोकडूयगा दाहिणकूलगा उत्तर. कूलगा संखधमगा कूलधमगा मियलुद्धया हत्थितावसा जलाभिसेयकढिणगाया अंबुवासिणो वाउवासिणो जलवासिणो चेलवासिणो अंबुभक्खिणो वाउभक्खिणो सेवालभक्खिणो मूलाहारा कंदाहारा पत्ताहारा तयाहारा पुप्फाहारा फलाहारा बीयाहारा परिसडियकंदमूलतयपंडपत्तपुप्फफलाहारा उदंडगा रुक्खमूलिया बिलवासिणो वक्क (ल) वासिणो दिसापोक्खिणो आयावणाहिं पंचग्गितावेहि इंगालसोल्लियंपिव कंदुसोल्लियंपिव कटुसोल्लियंपिव जाव अप्पाणं करेमाणा विहरति / तत्थ णं जे ते दिसापोक्खियतावसा तेसि अंतियं मुंडे भवित्ता दिसापोक्खियतावसत्ताए पव्वइत्तए, पन्वइएवि य णं समाणे अयमेयारूवं अभिग्गहं अभिगिहिस्सामि-कप्पइ मे जावज्जीवाए छठंछठेणं अणिविखत्तेणं दिसा. चक्कवालेणं तवोकम्मेणं उड्ढं बाहाओ पगिज्झिय 2 जाव विहरित्तएत्तिक१, एवं संपेहेइ संपेहेत्ता कल्लं जाव जलते सुबहुं लोहीलोह जाव घडावेत्ता कोडंबिय. पुरिसे सद्दावेइ सद्दावेत्ता एवं वयासो-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! हथिणा. पुरं जयरं सब्भितरबाहिरियं आसिय जाव तमाणत्तियं पच्चप्पिणंति / तए गं से सिवे राया दोच्चंपि कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणूप्पिया ! सिवभहस्स कुमारस्स महत्थं 3 विउलं रायाभिसेयं उवट्ठवेह, तए गं ते कोडुंबियपुरिसा तहेव जाव उवट्ठति / तए णं से सिवे राया अणेंगगण. Page #713 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 700 अंग-पविट्ट सुत्ताणि णायगदंडणायग जाव संधिपाल सद्धि संपरिवुडे सिवभई कुमारं सोहासणवरंसि पुरस्थामिमुहं णिसीयावेइ 2 ता अट्ठसएणं सोवणियाणं कलसाणं जाव अट्ठसएप भोमेज्जाणं कलसाणं सविड्ढीए जाव रवेणं महया 2 रायाभिसेएणं अभिसिंचइ 2 ता पम्हलसुकुमालाए सुरभीए गंधकासाईए गायाइं लहेइ पम्ह० 2 ता सरसेणं गोसीसेणं एवं जहेव जमालिस्स अलंकारो तहेव जाव कप्परुक्खगंपिव अलंकियविभूसियं करेइ 2 ता करयल जाव कटु सिवभई कुमारं जएणं विजएणं वद्धाति जएणं विजएणं वद्धावेत्ता ताहि इटाहि कंताहि पियाहिं एवं जाव उववाइए कूणियस्स जाव परमाउं पालयाहि इट्ठजणसंपरियुडे हथिणापुरस्स णय. रस्स अण्णेसिं च बहूणं गामागरणयर जाव विहराहित्तिकटु जयजयसई परांजंति। तए णं से सिवभद्दे कुमारे राया जाए महया हिमवंत० वण्णओ जाव विहरइ / तए णं से सिवे राया अण्णया कयाई सोहणंसि तिहिकरणदिवसमुहसणक्यत्तसि विपुलं असणं पाणं खाइमं साइमं उवक्खडावेइ उवक्खडावेत्ता मित्तणाइणियग जाव परिजणं रायाणो य खत्तिए य आमंतेइ आमंतेसा तओ पच्छा व्हाए जाव सरीरे भोयणवेलाए भोयणमंडवंसि सुहासणबरगए तेणं मित्तणाइणियगसयण जाव परिजणेणं राएहि य खत्तिएहि य सद्धि विपुलं असणं पाणं खाइमं साइमं एवं जहा तामली जाव सक्कारेइ सम्माणेइ सक्कारेत्ता सम्माणेत्ता तं मित्त. णाइणियग जाव परिजणं रायाणो य खत्तिए य सिवमदं च रायाणं आपुच्छइ आपुच्छित्ता सुबहुं लोहीलोहकडाहकडुच्छुयं जाव भंडगं गहाय जे इमे गंगाकुलगा वाणपत्था तावसा भवंति तं चेव जाव तेसि अंतियं मुंडे भवित्ता दिसापोक्खियतावसत्ताए पव्वइए, पव्वइएऽविय गं समाणे अयमेयारूवं अभिग्गहं अभिगिण्हइ कप्पइ मे जावज्जीवाए छठें तं चेव जाव अभि. गह अभिगिण्हइ 2 ता पढमं छटक्खमणं उवसंपज्जित्ता णं विहरइ / तए णं से सिबे रायरिसी पढमछटुक्खमणपारणगंसि आयावणभमीए पच्चोल्हइ आया. वणममीए पच्चोरुहित्ता वागलवथणियत्थे जेणेव सए उडए तेणेव उवागच्छइ तेणेव उवागच्छित्ता किढिणसंकाइयगं गिण्हइ गिण्हित्ता पुरथिमं दिसि पोक्खेइ पुरस्थिमाए दिसाए सोमे महाराया पत्थाणे पत्थियं अभिरक्खउ सिवं राय. रिसि अभि० 2, जाणि य तत्थ कंदाणि य मूलाणि य तयाणि य पत्ताणि य पुप्फाणि य फलाणि य बीयाणि य हरियाणि य ताणि अणुजाणउत्ति कट्ट Page #714 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 11 उ. 9 701 पुरस्थिमं दिसं पसरह पुर० 2 ता जाणि य तत्थ कंदाणि य जाव हरियाणि य ताई गैण्हइ 2 ता किढिणसंकाइयं भरेइ किढि० 2 ता दन्भे य कुसे य समि. हाओ य पत्तामोडं च गेण्हेइ 2 ता जेणेव सए उडए तेणेव उवागच्छइ 2 ता किढिणसंकाइयगं ठवेइ किढि० 2 तावेई वड्ढेइ २त्ता उवलेवण संमज्जणं करेइ उ. 2 ता दन्भसगम्भकलसाहत्थगए जेणेव गंगा महाणई तेणेव उवागच्छइ गंगामहाणई ओगाहेइ 2 ता जलमज्जणं करेइ 2 ता जलकीडं करेइ 2 ता जलाभिसेयं करेइ 2 ता आयंते चोक्खे परमसुइए देवयपिइकयकज्जे दम्भसगम्भकलसाहत्थगए गंगाओ महाणईओ पच्चुत्तरइ 2 ता जेणेव सए उडए तेणेव उवागच्छइ तेणेव उवागच्छित्ता दम्भेहि य कुसेहि य वालुयाएहि य वेइं रएइबेइं रएत्ता सरएणं अणि महेइ सर०२त्ता अग्गि पाडेइ 2 ता अग्गि संधु. केइ 2 ता समिहाकट्ठाइं पक्खिवइ समिहाकट्ठाइं पक्खिवित्ता अग्गि उज्जालेइ अग्गि उज्जालेत्ता-'अग्गिस्स दाहिणे पासे, सत्तंगाई समादहे / ' तं०-सकहं बक्कलं ठाणं, सिज्जा मंडं कमंडलुं ॥१॥वंडदारुं तहप्पाणं अहे ताई समावहे / महुणा य घएण य तंदुलेहि य अग्गि हुणइ, अग्गि हुणित्ता चरुं साहेइ, चरं साहेत्ता बलि वइस्सदेवं करेइ बलि वइस्सदेवं करेत्ता अतिहिपूयं करेइ अतिहिपूयं करेत्ता तओ पच्छा अप्पणा आहारमाहारेइ / तए णं से सिवे रायरिसी दोच्चं छटुक्खमणे उवसंपज्जित्ताणं विहरइ / तए णं से सिवे रायरिसी बोच्चे छ?क्खमणपारणगंसि आयावणभूमीओ पच्चोरहइ आयावण० 2 ता एवं जहा पढमपारणगं गवरं दाहिणगं दिसं. पोक्खेइ 2 त्ता दाहिणाए दिसाए जमे महाराया पत्थाणे पत्थियं सेसं तं चैव जाव माहारमाहारेइतए णं से सिबे रायरिसी तच्चं छटुक्खमणं उवसंपज्जित्ता गं विहरइ, तए णं से सिवे रापरिसी सेसं तं चेव गवरं पच्चत्थिमं दिसं पोक्खेइ पच्चत्थिमाए दिसाए वरुणे महाराया पत्याणे परिपयं सेसं तं चेव जाव आहारमाहारेइ / तए णं से सिवे रायरिसी चउत्थं छलुक्खमणं उवसंपज्जित्ता गं विहरइ / तए णं से सिवे रायरिसी चउत्थछटुक्खमण एवं तं चेव णवरं उत्तरं दिसं पोक्खेइ उत्तराए दिसाए वेसमणे महाराया पत्याणे परिथयं अभिरक्खउ सिवं० सेसं तं चेव जाव तओ पच्छा .अप्पणा आहारमाहारेइ // 416 // तए णं तस्स सिवस्स रायरिसिस्स छठंछणं अणिक्खित्तेणं दिसाचक्कवालेणं जाव आयावेमाणस्स Page #715 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 702 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि पगइभद्दयाए जाव विणीययाए अण्णया कयाइ तयावरणिज्जाणं कम्माणं खओ वसमेणं ईहापोहमग्गणगवेसणं करेमाणस्स विभंगे णाम अण्णाणे समुप्पण, से णं तेणं विभंगणाणेणं समुप्पण्णेणं पासइ अस्सि लोए सत्त दीवे सत्त समुद्दे तेण परं ण जाणइ, ण पासइ, तए णं तस्स सिवस्स रायरिसिस्स अयमेयारूवे अन्भत्थिए जाव समुप्पज्जित्था--अस्थि गं ममं अइसेसे पाणदंसणे समु. प्पण्णे एवं खलु अस्सि लोए सत्त दीवा सत्त समुद्दा तेण परं वोच्छिण्णा दीवा य समुद्दा य, एवं संपेहेइ 2 ता आयावणभमीओ पच्चोरुहइ आ० 2 त्ता वागलवत्थणियत्थे जेणेव सए उडए तेणेव उवागच्छइ 2 ता सुबहं लोहीलोहकडाहकडुच्छ्यं जाव भंडगं किढिणसंकाइयं च गेण्हइ 2 ता जेणेव हत्थिणापुरे णयरे जेणेव तावसावसहे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता भंडणिक्खेवं करेइ 2 त्ता हथिणापुरे णयरे सिंघाडगतिग जाव पहेसु बहुजणस्स एवमाइक्खई जाव एवं परूवेई-अस्थि णं देवाणुप्पिया ! ममं अइसेसे णाणदंसणे समुप्पण्णे, एवं खल अस्सि लोए जाव दीवा य समहाय, तए णं तस्स सिवस्स रायरिसिस्स अंतियं एयमलैं सोच्चा णिसम्म हत्थिणापुरे ‘णयरे सिंघाडगतिग जाव पहेसु बहुजणो अण्णमण्णस्स एवमाइक्खइ जाव परूवेइ-एवं खलु देवाणुप्पिया ! सिवे रायरिसी एवं आइक्खइ जाव परवेइ-अस्थि णं देवाणप्पिया ! मम अइसेसे पाणदंसणे समुप्पण्णे जाव तेण परं वोच्छिण्णा दीवा य समुद्दा य से कहमेयं मण्णे एवं ? / तेणं कालेणं तेणं समएणं सामी समोसढे परिसा जाव पडिगया। तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स जेठे अंतेवासी जहा बिइयसए णियंठुद्देसए जाव अडमाणे बहुजणसई णिसामेइ बहुजणो अण्णमण्णस्स एवं आइक्ख इ जाव एवं परूवेइ-एवं खलु देवाणुप्पिया! सिवे रायरिसी एवं आइक्खइ जाव परूवेइ-अस्थि णं देवाणप्पिया ! तं चेव जाव वोच्छिण्णा दीवा य समुद्दा य, से कहमेयं मण्णे एवं ? तए णं भगवं गोयमे बहुजणस्स अंतियं एयम→ सोच्चा णिसम्म जायसड्ढे जहा णियंठुद्देसए जाव तेण परं वोच्छिण्णा दीवा य समुद्दा य, से कहमेयं भंते ! एवं ? गोयमादि समणे भगवं महावीरे भगवं गोयमं एवं वयासी-जण्णं गोयमा ! से बहुजणे अण्णमण्णस्स एवमाइक्खइ तं चेव सव्वं भाणियव्वं जाव भंडणिक्खेवं करेइ हत्थिणापुरे णयरे सिंघाडग० तं चेव जाव वोच्छिण्णा दीवा य समुद्दा य, तए गं तस्स सिवस्स रायरिसिस्स अंतिए एयमझें सोच्चा णिसम्म तं चेव सव्वं Page #716 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 11 उ. 9 703 भाणियत्वं जाव तेण परं वोच्छिण्णा दीवाय समुद्दा य तण्णं मिच्छा / अहं पुण गोयमा ! एवमाइक्खामि जाव परूवेमि-एवं खलु जंबुद्दीवाईया दीवा लवगाईया समुद्दा संठाणओ एगविहिविहाणा वित्थारओ अणेगविहिविहाणा एवं जहा जीवाभिगमे जाव सयंभूरमणसमुद्दपज्जवसाणा अस्सि तिरियलोए असंखेज्जा दीवसमुद्दा पण्णत्ता समणाउसो ! अस्थि णं भंते ! जंबुद्दीवे दीवे दव्वाइं सवण्णाईपि अवण्णाइपि सगंधाइंपि अगंधाइंपि सरसाइपि अरसाइंपि सफासाईपि अफासाईपि अण्णमण्णबद्धाइं अण्णमण्णपुट्ठाई जाव घडताए चिट्ठति ? हंता अस्थि / अत्थि णं भंते ! लवणसमुद्दे दव्वाइं सवण्णाईपि अवण्णाइंपि सगंधाइंपि अगंधाइंपि सरसाइंपि अरसाइंपि सफासाइंपि अफासाइंपि अण्णमण्णबद्धाइं अण्णमण्णपुट्ठाई जाव घडताए चिट्ठति ? हंता अस्थि / अस्थि गं भंते ! धायइसंडे दीवे दव्वाइं सवण्णाइंपि० एवं चेव, एवं जाव सयंभूरमणसमुद्दे जाव हंता अस्थि / तए णं सा महइमहालिया महच्चपरिसा समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं एयमह्र सोच्चा णिसम्म हट्टतुट्ठा समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ वंवित्ता णमंसित्ता जामेव दिसि पाउन्भूया तामेव दिसि पडिगया, तए णं हत्थिणापुरे गयरे सिंघाडग जाव पहेसु बहुजणो अण्णमण्णस्स एवमाइक्खइ जाव परुवेइ-जण्णं देवाणप्पिया ! सिवे रायरिसी एवमाइक्खइ जाव परूवेइ-अस्थि णं देवाणप्पिया ! ममं अइसेसे णाणदंसणे समुद्दा य, तं जो इणठे समठे, समणे भगवं महावीरे एवमाइक्खइ जाव परूवेइ-एवं खलु एयस्स सिवस्स रायरिसिस्स छठंछठेणं तं चेव जाव भंडणिक्खेवं करेइ भंडणिक्खेवं करेत्ता हत्थिणापुरे गयरे सिंघाडग जाव समुद्दा य, तए णं : तस्स सिवस्स रायरिसिस्स अंतियं एयम→ सोच्चा णिसम्म जाव समुद्दा य, तण्णं मिच्छा, समणे भगवं महावीरे एवमाइक्खइ०-एवं खलु जंबुद्दीवाईया दीवा लवणाईया समुद्दा तं चेव जाव असंखेज्जा दीवसमुद्दा पण्णत्ता समणाउसो ! तए णं से सिवे रायरिसी बहुजणस्स अंतियं एयमह्र सोच्चा णिसम्म संकिए कंखिए वितिपिच्छिए भेदसमावण्णे कलुससमावण्णे जाए यावि होत्था, तए णं तस्स सिवस्स रायरिसिस्स संकियस्स कंखियस्स जाव कलुससमावण्णस्स से विभंगे अण्णाणे खिप्पामेव परिबडिए / तए णं तस्स सिवस्स रायरिसिस्स अय'मेयारूवे अब्भत्थिए जाव समुप्पज्जित्था-एवं खलु समणे भगवं महावीरे आइ. . गरे तित्थगरे जाव सव्वष्णू सव्वदरिसी आगासगएणं चक्केणं जाव सहसंबवणे Page #717 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 704 अंग-पविटु सुत्ताणि उज्जाणे अहापडिरूवं जाव विहरइ, तं महाफलं खलु तहारूवाणं अरहताणं भगवंताणं णामगोयस्स जहा उववाइए जाव गहणयाए, तं गच्छामि गं समणं भगवं महावीरं वदामि जाव पज्जवासामि, एयं णे इहमवे य परभवे य जाव भविस्सइत्तिकटु एवं संपेहेइ एवं संपेहित्ता जेणेव तावसावसहे तेणेव उवागच्छइ तेणेव उवागच्छित्ता तावसावसहं अणुप्पविसइ 2 ता सुबहुं लोहीलोह. कडाह जाव किढिणसंकाइयं च गेण्हइ गेण्हित्ता तावसावसहाओ पडिणिक्खमइ ताव० 2 ता परिवडियविन्भंगे हथिणापुरं णयरं मझमझेणं णिग्गच्छइ जिग्गच्छित्ता जेणेव सहसंबवणे उज्जाणे जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ तेणेव उवागच्छित्ता समणं भगवं महावीरं तिक्वत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ वंदइ णमंसइ वंदित्ता णमंसित्ता पच्चासणे णाइदूरे जाब पंजलिउडे पज्जु. वासइ। तए णं समणे भगवं महावीरे सिबस्स रायरिसिस्स तीसे य महइमहालि. याए जाव आणाए आराहए भवइ / तए णं से सिवे रायरिसी समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं धम्मं सोच्चा णिसम्म जहा खंदओ नाव उत्तरपुरत्थिमं दिसोभागं अबक्कमइ 2 ता सुबहुं लोहीलोहकडाह जाव किढिणसंकाइयं च एगंते एडेइ एडित्ता सयमेव पंचमुट्टियं. लोयं करेइ सयमे 2 ता समणं भगवं महावीरं एवं जहेब उसमदत्तो तहेव पपइओ तहेव एक्कारस अंगाई अहिज्जइ तहेब सव्वं जाव सव्वदुक्खप्पहीणे // 417 // भंते ! ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं बंदइ णमंसइ वंदित्ता णमंसिसा एवं वयासीजीवा गं भंते ! सिझमाणा कयरम्मि संघयणे सिझंति ? गोयमा वइरोसभ. णारायसंघयणे सिझंति, एवं जहेव उववाइए तहेव संघयणं संठाणं उच्चत्तं आउयं च परिवसणा, एवं सिद्धिगंडिया गिरवसेसा भाणियन्वा जाव अन्वाबाहं सोक्खं अणुहोंति सासयं सिद्धा / सेवं भंते ! 2 ति // 418 // एक्कारसं सयं दसमो उद्देसो रायगिहे जाव एवं वयासी-कइविहे गं भंते ! लोए पणत्ते ? गोयमा ! चउबिहे लोए पण्णत्ते, तंजहा-दन्वलोए, खेत्तलोए, काललोए, भाक्लोए / खेत्तलोए णं मंते ! कइविहे पण्णत्ते ? गोषमा ! तिविहे पण्णते, तंजहा-- अहोलोयखेत्तलोए 1 तिरियलोयखेत्तलोए 2 उड्डलोयखेत्तलोए 3 / अहोलोयखेत्तलोए गं भंते ! कइविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! सत्तविहे पण्णत्ते, तंजहा-- Page #718 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 11 उ. 10 705 रयणप्पभापुढविअहेलोयखेत्तलोए जाव अहेसत्तमापुढविअहेलोयखेत्तलोए / तिरियलोयखेत्तलोए णं भंते ! कइविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! असंखेज्जविहे पण्णत्ते, तंजहा-जंबुद्दीवे 2 तिरियलोयखेत्तलोए जाव सयंभूरमणसमुद्दे तिरियलोयखित्तलोए / उड्डलोयखेत्तलोए णं भंते ! कइविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! पण्णरसविहे पण्णत्ते, तंजहा- सोहम्मकप्पउडलोयखेत्तलोए जाव अच्चयकप्प. उडलोयखेत्तलोए गेवेज्जविमाणउडलोयखेत्तलोए अणुत्तरविमाणउडलोयखेत्तलोए ईसिपब्भारपुढविउड्डलोयखेत्तलोए / अहेलोयखेत्तलोए गं भंते ! कि संठिए पणते ? गोयमा ! तप्पागारसंठिए पण्णत्ते / तिरियलोयखेत्तलोए गं भंते ! किसंठिए पण्णत्ते ? गोयमा ! झल्लरिसंठिए पण्णत्ते / उडलोयखेतलोय० पुच्छा, गोयमा ! उडमइंगाकारसंठिए पण्णत्ते / लोए णं भंते ! किंसंठिए पण्णते ? गोयमा ! सुपइट्ठगसंठिए लोए पण्णत्ते, तंजहा-हेट्ठा विच्छिण्णे मज्झे संखित्ते जहा सत्तमसए पढ मुद्देसए जाव अंतं करेइ / अलोए गं भंते ! कि संठिए पण्णत्ते ? गोयमा ! झुसिरगोलसंठिए पण्णत्ते / अहेलोयखेत्तलोए णं भंते | कि जीवा जीवनेसा जीवपएसा० ? एवं जहा इंवा दिसा तहेव णिरवसेसं भाणियध्वं जाव अद्धासमए / तिरियलोयखेत्तलोए णं भंते ! कि जीवा० ? एवं चेव उड्डलोयखेत्तलोएवि, णवरं अरूवी छविहा अद्धासमओ णस्थि / लोए णं भंते ! कि जीवा० ? जहा बिइयसए अस्थि उद्देसए लोयागासे, णवरं अरूवी सत्तविहा जाव अहम्मत्थिकायस्स पएसा णो आगासत्थिकाए आगासस्थिकायस्स देसे आगासस्थिकायस्स पएसा अद्धासमए, सेसं तं चेव / अलोए गं भंते ! कि जीवा० ? एवं जहा अस्थिकायउद्देसए अलोयागासे तहेव गिरवसेसं जाव अगंतभागूणे / अहेलोयखेत्तलोयस्स णं भंते ! एगंमि आगासपए से कि जीवा जीवदेसा जीवप्पएसा अजीवा अजीवदेसा अजीवपएसा? गोयमा ! णो जीवा जीवदेसावि जीवपएसावि अजीवावि अजीवदेसावि अजीवपएसावि। जे जीवदेसा ते णियमा एगिदिय देसा 1 अहवा एगिदियदेसा य बेइंदियस्स देसे 2 अहवा एगिदियदेसा य बेइंदियाण य देसा 3 एवं मज्झिल्ल. विरहिओ जाव अणिदिएसु जाव अहवा एगिदियदेसा य अणिदियाण य देसा, जे जीवपएसा ते णियमा एगिदियपएसा 1 अहवा एगिदियपएसा य बेइंदियस्स पएसा 2 अहवा एगिदियपएसा य बेइंदियाण य पएसा 3 एवं आइल्लविरहिओ Page #719 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 706 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि जाव पंचिदिएसु अणिदिएसु तियभंगो, जे अजीवा ते दुविहा पण्णत्ता, तंजहारूवी अजीवा य अरूवी अजीवा य, रुवी तहेव, जे अरूवी अजीवा ते पंचविहा पण्णसा, तंजहा-णो धम्मस्थिकाए धम्मत्थिकायस्स देसे 1 धम्मत्थिकायस्स पएसे 2 एवं अहम्मत्थिकायस्सवि 4 अद्धासमए 5 / तिरियलोयखेत्तलोयस्स णं भंते ! एगंमि आगासपएसे किं जीवा० ? एवं जहा अहोलोयखेत्तलोयस्स तहेव, एवं उड्डलोयखेत्तलोयस्सवि, णवरं अद्धासमओ णत्थि, अरूवी चउविहा लोयस्स जहा अहेलोयखेत्तलोयस्स एगंमि आगासपएसे। अलोयस्सणं भंते ! एगमि आगासपएसे० पुच्छा, गोयमा ! णो जीवा णो जीवदेसा तं चेव जाव अणंतेहिं अगुरुयलहुयगुणेहिं संजुत्ते * सव्वागासस्स अणंतभागणे / दव्वओं णं अहेलोयखेत्तलोए अणंताई जीवदव्वाइं अगंताई अजीवदव्वाइं अणंता जीवाजीवदवा एवं तिरियलोयखेतलोएवि, एवं उडलोयखेत्तलोएवि, दव्वओ णं अलोए णेवत्थि जीवदव्वा णेवत्थि अजीवदव्वा वत्थि जीवाजीवदव्वा एगे अजीवदव्वदेसे जाव सव्वागासस्स अणंतभागणे / कालओ णं अहेलोयखेत्तलोए ण कयाइ णासि जाव णिच्चे एवं जाव अलोए / भावओ णं अहेलोयखेत्तलोए अणंता वण्णपज्जवा जहा खंदए जाव अणंता अगुरुयलहुयपज्जवा एवं जाव लोए, भावओणं अलोए णेवत्थि वण्णपज्जवा जाव णेवत्थि अगुरुयलहुयपज्जवा एगे अजीवदव्वदेसे जाव अणंतभागणे // 416 // लोए णं भंते ! केमहालए पण्णते ? गोयमा ! अयणं जंबहीवे 2 सव्वदीव० जाव परिक्खेवेणं, तेणं कालेणं तेणं समएणं छ देवा महिड्रिया जाव महेसक्खा जंबुद्दीवे 2 मंदरे पव्वए मंदरचूलियं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ताणं चिट्ठज्जा, अहे णं चत्तारि दिसा. कुमारीओ महत्तरियाओ चत्तारि बलिपिडे गहाय जंबुद्दीवस्स 2 चउसुवि दिसासु बहियामिमुहीओ ठिच्चा ते चत्तारि बलिपिंडे जमगसमगं बहियाभि. महे पक्खिवेज्जा, पभ णं गोयमा ! तओ एगमेगे देवे ते चत्तारि बलिपिडे धरणितलमसंपत्ते खिप्पामेव पडिसाहरित्तए, ते णं गोयमा ! देवा ताए उक्किटाए जाव देवगईए एगे देवे पुरच्छाभिमुहे पयाए एवं दाहिणाभिमुहे एवं पच्चत्थाभिमुहे एवं उत्तराभिमुहे एवं उड्डाभिमुहे एगे देवे अहोभिमुहे पयाए, तेणं कालेणं तेणं समएणं वाससहस्साउए दारए पयाए, तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो पहीणा भवंति णो चेव णं ते देवा लोगंतं संपाउणंति, तए णं Page #720 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 11 उ. 10 707 तस्स दारगस्स आउए पहीणे भवइ णो चेव णं जाव संपाउणंति, तए णं तस्स दारगस्स अद्धिमिजा पहीणा भवंति णो चेव णं ते देवा लोगंतं संपाउणंति, तए गं तस्स दारगस्स आसत्तमेवि कुलवंसे पहीणे भवइ णो चेव णं ते देवा लोगंतं संपाउणंति, तए णं तस्स दारगस्स णामगोएवि पहीणे भवइ णो चेव णं ते देवा लोगंतं संपाउणंति, तसि णं भंते ! देवाणं कि गए बहुए अगए बहुए गोयमा ! गए बहुए णो अगए बहुए, गयाउ से अगए असंखेज्जइभागे अगयाउ से गए असंखेज्जगुणे, लोए णं गोयमा ! एमहालए पण्णत्ते / अलोए गं भंते ! केमहालए पण्णत्ते ? गोयमा ! अयम् समयखेत्ते पणयालीसं जोयणसयसहस्साई आयामविक्खंभेणं जहा खंदए जाव परिक्खेवेणं, तेणे कालेणं तेणं समएणं दस देवा महिड्डिया तहेव जाव संपरिक्खित्ताणं संचिट्ठज्जा, अहे गं अटु दिसाकुमारीओ महत्तरियाओ अट्ट बलिपिडे गहाय माणुसुत्तरस्स पटवयस्स चउसुवि दिसासु चउसुवि विदिसासु बहियाभिमुहीओ ठिच्चा ते अट्ठ बलिपिडे जमगसमगं बहियाभिमुहीओ पक्खिवेज्जा, पभू गं गोयमा ! तओ एगमेगे देवे ते अट्ठ बलिपिडे धरणितलमसंपत्ते खिप्पामेव पडिसाहरित्तए, ते णं गोयमा ! देवा ताए उक्किट्ठाए जाव देवगईए लोगते ठिच्चा असभावपट्टवणाए एगे देवे पुरत्थाभिमुहे पयाए एगे देवे दाहिगपुरत्थाभिमुहे पयाए एवं जाव उत्तरपुरत्याभिमुहे पयाए एगे देवे उड्डाभिमुहे एगे देवे अहोभिमुहे पयाए, तेणे कालेणं तेणं समएणं वाससयसहस्साउए दारए पयाए, तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो पहीणा भवंति णो चेव गं ते देवा आलोयंतं संपाउणंति, तं चेव जाव तेसि गं भंते ! देवाणं किं गए बहुए अगए बहुए ? गोयमा ! णो गए बहुए अगए बहुए, गयाउ से अगए अणंतगुणे अगयाउ से गए अणंतभागे, अलोए गं गोयमा ! एमहालए पण्णत्ते // 420 // लोयस्स गं भंते ! एगमि आगास. पएसे जे एगिदियपएसा जाव पंचिदियपएसा अणिदियपएसा अण्णमण्णबद्धा अण्णमण्णपुट्ठा जाव अण्णमण्णसमभरघडत्ताए चिट्ठति? अस्थि गं भते.! अण्णमण्णस्स किंचि आबाहं वा वाबाहं वा उप्पायंति छविच्छेदं वा करेंति ? णो इणठे समझें / से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ लोयस्स णं एगंमि आगासपएसे जे एगिदियपएसा जाव चिट्ठति गत्थि गं भंते ! अण्णमण्णस्स किंचि आबाहं वा जाव करेंति ? गोयमा ! से जहाणामए पट्टिया सिया सिंगारागारचारवेसा Page #721 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 708 अंग-पविट्ट सुत्ताणि जाव कलिया रंगट्ठाणंसि जणसयाउलंसि जणसयसहस्साउलंसि बत्तीसइविहस्स णमुस्स अण्णयरं गट्टविहिं उवदंसेज्जा / से णणं गोयमा! ते पेच्छगा तं गाष्ट्रिय अणिमिसाए दिट्ठीए सव्वओ समंता समभिलोएंति ? .हंता समभिलोएंति, ताओ गं गोयमा ! दिठीओ तंसि पट्टियंसि सव्वओ समंता सण्णि. पडियाओ ? हता सण्णिपडियाओ, अस्थि णं गोयमा ! ताओ दिट्ठीओ तीसे णट्रियाए किचिवि आबाहं वा वाबाहं वा उप्पाएंति छविच्छेदं वा करेंति ? णो इणठे समठे, अहवा सा पट्टिया तासि दिट्ठीणं किंचि आबाहं वा वाबाहं वा उप्पाएंति छविच्छेदं वा करेइ ? णो इणठे समठे, ताओ वा दिछीओ अण्णमण्णाए दिट्ठीए किचि आबाहं वा वाबाहं वा उप्पाएंति छविच्छेदं वा करेंति ? णो इणठे समठे, से तेणठेणं गोयमा ! एवं बुच्चइ तं चेव जाव छविच्छेदं वा करेंति // 421 // लोयस्स णं भंते ! एगंमि आगासपएसे जहण्ण. पए जीवपएसाणं उक्कोसपए जीवपएसाणं सव्वजीवाण य कयरे 2 जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सम्वत्थोवा लोयस्स एगंमि आगासपएसे जहण्णपए जीवपएसा, सव्वजीवा असंखेज्जगुणा, उक्कोसपए जीवपएसा विसेसाहिया / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 422 // एक्कारसं सयं एक्कारसमो उद्देसो तेणं कालेणं तेणं समएणं वाणियग्गामे णाम णयरे होत्था वण्णओ, दूइ. पलासे चेइए वण्णओ जाव पुढविसिलापट्टओ, तत्थ णं वाणियग्गामे णयरे सुदंसणे णामं सेट्ठी परिवसइ अड्ढे जाव अपरिभूए समणोवासए अभिगय. जीवाजीवे जाव विहरइ / सामी समोसढे जाव परिसा पज्जुवासइ / तए णं से सुदंसणे सेट्ठी इमोसे कहाए लद्धठे समाणे हद्वतुठे व्हाए कय जाव पायच्छित्ते सवालंकारविभसिए साओ गिहाओ पडिणिक्खमइ साओ गिहाओ पडिणिक्खमित्ता सकोरेंटमल्लदामेणं छत्तेणं धरिज्जमाणेणं पायविहारचारेणं महया पुरिसवगुरापरिक्खित्ते वाणियग्गामंणयरं मझमज्झेणं णिग्गच्छइ णिग्गच्छित्ता जेणेव दुइपलासे चेइए जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ तेणेव उवागच्छित्ता समणं भगवं महावीरं पंचविहेणं अभिगमेणं अभिगच्छइ, तं०-सचित्ताणं दव्वाणं जहा उसभदत्तो जाव तिविहाए पज्जुवासणाए पज्जुवासइ / तए णं समणे भगवं महावीरे सुदंसणस्स सेट्ठिस्स तीसे य महइमहालियाए जाव आरा. हए भवइ / तए णं से सुदंसणे सेट्ठी समणस्स भगवओ महाबीरस्स अंतियं Page #722 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 11 उ. 11 709 धम्म सोच्चा णिसम्म हट्ठतुझे उट्ठाए उठेइ 2 समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो जाव णमंसित्ता एवं वयासी-कइ विहे गं भंते ! काले पण्णत्ते ? सुदंसणा ! चउविहे काले पण्णत्ते, तंजहा-पमाणकाले 1 अहाउणिव्वत्तिकाले 2 मरणकाले 3 अद्धाकाले 4 / से कि तं पमाणकाले ? 2 दुविहे पण्णत्ते, तंजहादिवसप्पमाणकाले 1 राइप्पमाणकाले य 2, चउपोरिसिए दिवसे चउपोरि. सिया राई भवइ // 423 // उक्कोसिया अद्धपंचममहत्ता दिवसस्स वा राईए वा पोरिंसी भवइ, जहणिया तिमहत्ता दिवसस्स वा राईए वा पोरिसी भवइ / जया णं भंते ! उक्कोसिया अद्धपंचममहत्ता दिवसस्स वा राईए वा पोरिसी भवइ तया णं कइभागमहत्तभागेणं परिहायमाणी-परिहायमाणी जहणिया तिमहत्ता दिवसस्स वा राईए वा पोरिसी भवइ ? जया णं जहणिया तिम्हुत्ता दिवसस्स वा राईए वा पोरिसी भवइ, तया णं कइभागमहत्तभागेणं परिवड्डमाणी 2 उक्कोसिया अद्धपंचममहत्ता दिवसस्स वा राईए वा पोरिसी भवइ ? सुदंसणा | जया गं उक्कोसिया अद्धपंचममहत्ता दिवसस्स वा राईए वा पोरिसी भवइ तया गं बावीससयभागमुहत्तभागेणं परिहायमाणी 2 जहणिया तिमहत्ता दिवसस्स वा राईए वा पोरिसी भवइ, जया णं जहण्णिया तिमुहुत्ता दिवसस्स वा राईए वा पोरिसी भवइ तया णं बावीससयभागमहत्तभागेणं परिवडमाणी-परिवड्डमाणी उक्कोसिया अद्धपंचममुहुत्ता दिवसस्स वा राईए वा पोरिसी भवइ / कया णं भंते ! उक्कोसिया अद्धपंचममुहुत्ता दिवसस्स वा राईए वा पोरिसी भवइ कया वा जहणिया तिमुत्ता दिवसस्स वा राईए वा पोरिसी भवइ ? सुदंसणा ! जया णं उक्कोसए अट्ठारसमुहत्ते दिवसे भवइ जहणिया दुवालसमहत्ता राई भवइ तया णं उक्कोसिया अद्धपंचममहत्ता दिवसस्स पोरिसी भवइ जहणिया तिमहत्ता राईए पोरिसी भवइ, जया णं उक्कोसिया अद्वारसमहत्तिया राई भवइ जह. णिए दुवालसमहत्ते दिवसे भवइ तया णं उक्कोसिया अद्धपंचममहत्ता राईए पोरिसी भवइ जहणिया तिमुहुत्ता दिवसस्स पोरिसी भवइ / कया णं भंते ! उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ कया वा उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ जहण्णए दुवालसमुहुत्ते दिवसे * भवइ ? सुदंसणा ! आसाढपुण्णिमाए उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, पोसस्स पुणिमाए णं उक्कोसिया अट्ठा Page #723 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 710 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि रसमुहुत्ता राई भवइ जहण्णए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ / अस्थि णं भंते ! दिवसा य राईओ य समा चेव भवंति ? हंता ! अस्थि / कया णं भंते ! दिवसा य राईओ य समा चेव भवंति ? सुदंसणा ! चित्तासोयपुण्णिमासु एत्थ गं दिवसा य राईओ य समा चेव भवंति, पण्णरसमुहु ते दिवसे पण्णरसमुहुत्ता राई भवइ चउभागमहत्तभागणा चमत्ता दिवसस्स वा राईए वा पोरिसी भवइ, सेत्तं पमाणकाले // 424 // से कि तं अहाउणिवत्तिकाले ? अहाउशिव्वत्तिकाले जणं जेणं णेरइएण वा तिरिक्खजोणिएण वा मणस्सेण वा देवेण वा अहाउयं णिव्वत्तियं सेत्तं पालेमाणे अहाउणिवत्तिकाले / से कि तं मरण. काले ? 2 जीवो वा सरीराओ सरीरं वा जीवाओ, सेत्तं मरणकाले / से कि तं अद्धाकाले ? अद्धाकाले अणेगविहे पण्णत्ते, से णं समयट्टयाए आवलियट्टयाए जाव उस्सप्पिणीट्टयाए / एस णं सुदंसणा ! अद्धा दोहारच्छेएणं छिज्जमाणी जाहे विभागं णो हव्वमागच्छइ सेत्तं समए, समयट्ठयाए असंखेज्जाणं समयाणं समुदयसमिइसमागमेणं सा एगा आवलियत्ति , पवुच्चइ, संखेज्जाओ आव. लियाओ जहा सालिउद्देसए जाध सागरोवमस्स उ एगस्स भवे परिमाणं / एएहि गं भंते ! पलिओवमसागरोवमेहि कि पओयणं ? सुदंसणा ! एएहि पलिओवमसागरोवमेहि रइयतिरिक्खजोणियमणस्स देवाणं आउयाई मवि. ज्जति // ४२५॥णेरइयाणं भंते. ! केवइयं कालं ठिई पग्णता ? एवं ठिपयं गिरवसेसं भाणियव्वं जाव अजहण्णमणुक्कोसेगं तेत्तीसं सागरोवमाई ठिई प० // 426 // अत्थि णं भंते ! एएसि पलिओवमसागरोवमाणं खएइ वा अव. चएइ बा ? हंता अस्थि / से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ अस्थि णं एएसि णं पलिओवमसागरोवमाणं जाव अवचएइ वा ? एवं खल सुदंसणा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं हस्थिणापुरे णामं गयरे होत्था वण्णओ, सहसंबवणे उज्जाणे वण्णओ, तत्थ णं हत्थिणापुरे णयरे बले णामं राया होत्था वण्णओ, तस्स णं बलस्स रण्णो पभावई णामं देवी होत्था सुकुमाल० वष्णओ जाव विहरइ / तए णं सा पभावई देवी अण्णया कयाइ तंसि तारिसगंसि वासघरंसि अभितरओ सचित्तकम्मे बाहिरओ दूमियघट्टमठे विचित्तउल्लोयचिल्लियतले मणिरयणपणासियंधयारे बहुसमसुविभत्तदेसभाए पंचवण्णसरससुरभिमुक्कपुप्फपुंजोवयारकलिए कालागुरुपवरकुंदुरुक्कतुरुक्कधूवमघमघतगंधुद्धयाभिरामे सुगंधि. Page #724 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 11 उ. 11 711 वरगंधिए गंधवट्टिभूए तंसि तारिसगंसि सयणिज्जसि सालिंगणवट्टिए उमओ विब्बोयणे दुहओ उग्णए मज्झेणयगंभीरे गंगापुलिणवालयउद्दालसालिसए उवचियखोमियदुगुल्लपट्टपडिच्छायणे सुविरइयरयत्ताणे रत्तंसुयसंवए सुरम्मे आइ. णगरूयबरणवणीयतलफासे सुगंधवरकुसुमचुण्णसयणोवयारकलिए अद्धरत्तकालसमयंसि सुत्तजागरा ओहोरमाणी 2 अयमेयारूवं ओरालं कल्लाणं सिवं धणं मंगल्लं सस्सिरीयं महासुविणं पासित्ता णं पडिबुद्धा हाररययखीरसागरससंककिरणदगरयरययमहासेलपंडुरतरोरुरमणिज्जपेच्छणिज्जं थिरलट्ठपउद्धवट्टपीवरसुसिलिट्ठविसिट्ठतिक्खदाढाविडंबियमुहं परिकम्मियजच्चकमलकोमलमाइयसोहंतल?उठें रत्तुप्पलपत्तमउयसुकुमालतालुजीहं मूसागयपवरकणगतावियआवत्तायंतवट्टतडिविमलसरिसणयणं विसालपीवरोरुपडिपुण्णविउलखंधं मिउ. विसयसुहमलक्खणपसत्यविच्छिण्णकेसरसडोवसोहियं ऊसियसुणिम्मियसुजायअप्फोडियलंगूलं सोमं सोमाकारं लीलायंतं जंभायंतं णहयलाओ ओवयमाणं णिययवयणमइवयंत सोहं सुविणे पासित्ता गं पडिबुद्धा। तए णं सा पभावई देवी अयमेयारूवं ओरालं जाव सस्सिरीयं महासुविणं पासित्ता गं पडिबुद्धा समाणी हद्वतुट्ठ जाव हियया धाराहयकलंबपुप्फगंपिव समूससियरोमकूवा तं सुविणं ओगिण्हइ भोगिहित्ता सयणिज्जाओ अब्भुठेइ सयणिज्जाओ अब्भु. ठेत्ता अतुरियमचवलमसंभंताए अविलंबियाए रायहंससरिसीए गईए जेणेव बलस्स रण्णो सयणिज्जे तेणेव उवागच्छइ तेणेव उवागच्छित्ता बलं रायं ताहिं इटाहि कंताहिं पियाहिं मणण्णाहि मणामाहि ओरालाहिं कल्लाणाहिं सिवाहिं धण्णाहिं मंगल्लाहिं सस्सिरीयाहि मियमहुरमंजुलाहिं गिराहिं संलवमाणी-संलवमाणी पडिबोहेइ पडिबोहेता. बलेणं रण्णा अब्भणुण्णाया समाणी णाणामणि. रयणभत्तिचित्तंसि भद्दासणंसि णिसीयइ णिसीइत्ता आसत्था वीसत्था सुहासण. वरगया बलं रायं ताहि इट्टाहि कंताहिं जाव संलवमाणी 2 एवं वयासी-एवं खलु अहं देवाणुप्पिया ! अज्ज तंसि तारिसगंसि सयणिज्जंसि सालिंगण० तं चेव जाव णियगवयणमइवयंत सीहं सुविणे पासित्ता गं पडिबुद्धा, तण्णं देवाणुप्पिया ! एयस्स ओरालस्स जाव महासुविणस्स के मण्णे कल्लाणे फलवित्ति. विसेसे भविस्सइ ? तए णं से बले राया पभावईए देवीए अंतियं एयमलैं सोच्चा णिसम्म हट्टतुट्ठ जाव हयहियए धाराहयणीवसुरभिकुसुमचंचुमालइय Page #725 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 712 अंग-पविट्ट सुत्ताणि तणुय ऊसवियरोमकूवे तं सुविणं ओगिण्हइ ओगिण्हित्ता ईहं पविसइ ईहं पवि. सित्ता अप्पणो साभाविएणं मइपुव्वएणं बद्धिविण्णाणेणं तस्स सुविणस्स अत्यो: ग्गहणं करेइ तस्स० 2 ता पभावई देवि ताहि इटाहि कंताहि जाव मंगल्लाहिं मियमहुरसस्सिरीयाहिं संलवमाणे 2 एवं क्यासी-ओराले गं तुमे देवी ! सुविणे दिठे, कल्लाणे गं तुमे देवी ! सुविणे दिठे जाव सस्सिरीए गं तुमे देवी ! सुविणे दिट्टे, आरोग्गतुट्टिदीहाउकल्लाणमंगल्लकारए गं तुमे देवी ! सुविणे दिठे, अस्थलाभो देवाणप्पिए ! भोगलाभो देवाणुप्पिए ! पुत्तलाभो देवाणु. प्पिए ! रज्जलामो देवाणुप्पिए ! एवं खलु तुमं देवाणुप्पिए ! णवण्हं मासागं बहुपडिपुण्णाणं अट्ठमाणराइंदियाणं वीइक्कताणं अम्हं कुलकेउं कुलदीवं कुल. पव्वयं कुलवडेंसयं कुलतिलगं कुलकित्तिकरं कुलणंदिकरं कुलजसकर कुलाधारं कुलपायवं कुलबिवद्धणकरं सुकुमालपाणिपायं अहीणपडिपुण्णपंचिदियसरीरं जाव ससिसोमाकारं कंतं पियदसणं सुरूवं देवकुमारसमप्पभं दारगं पयाहिसी। सेऽवि य णं दारए उम्मुक्कबालभावे विण्णायपरिणयमित्ते जोवणगमणुप्पत्ते सूरे वीरे विक्कते वित्थिण्णविउलबलवाहणे रज्जवई राया भविस्सइ, तं उराले णं तुमे देवी ! सुमिणे दिढे जाव आरोग्गतुट्ठि जाव मंगलकारए णं तुमे देवी ! सुविणे दि→त्तिक१ पभावई देवि ताहि इट्ठाहिं जाव वहिं दोच्चपि तच्चपि अणुबहइ / तए गं सा पभावई देवी बलस्स रण्णो अंतियं एयमढें सोच्चा णिसम्म हट्टतुट्ठ• करयल जाव एवं वयासी-एवमेयं देवाणुप्पिया ! तहमेयं देवाणप्पिया ! अवितहमेयं देवाणुप्पिया ! असंदिद्धमेयं देवाणुप्पिया ! इच्छियमेयं देवाणुप्पिया ! पडिच्छियमेयं देवाणुप्पिया ! इच्छियपडिच्छियमेयं देवाणुप्पिया ! से जहेयं तुझे वयहत्तिकटु तं सुविणं सम्म पडिच्छइ पडि. च्छित्ता बलेणं रणा अब्भणण्णाया समाणी गाणामणिरयणभत्तिचित्ताओ भद्दासणाओ अब्भुठेइ अब्भुठेत्ता अतुरियमचवल जाव गईए जेणेव सए सयणिज्जे तेणेव उवागच्छइ तेणेव उवागच्छित्ता सयणिज्जसि णिसीयइ णिसीइत्ता एवं वयासी-मा मे से उत्तमे पहाणे मंगल्ले सुविणे अहि पाव. सुमिणेहि पडिहम्मिस्सइत्तिक१ देवगुरुजणसंबद्धाहिं पसत्याहिं मंगल्लाहिं धम्मियाहिं कहाहि सुविणजागरियं पडिजागरमाणी 2 विहरइ / तए णं से बले राया कोडुबियपुरिसे सद्दावेइ सद्दावेत्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो Page #726 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 11 उ. 11 713 देवाणुप्पिया ! अज्ज सविसेसं बाहिरियं उवट्ठाणसालं गंधोदय सित्त-सुइयसंमज्जिओवलितं सुगंधवरपंचवण्णप्फोवयारकलियं कालागरुपवरकुंदुरुक्क जाव गंधवटिभयं करेह य करावेह य करेत्ता करावेत्ता सीहासणं रयावेह सीहासणं रयावेत्ता ममेयं जाव पच्चप्पिणह / तए णं ते कोडंबियपूरिसा जाव पडिसुणेत्ता खिप्पामेव सविसेसं बाहिरियं उवट्ठाणसालं जाव पच्चप्पिणंति / तए णं से बले राया पच्चसकालसमयंसि सयणिज्जाओ अभइ सयणिज्जाओ अब्भटठेत्ता पायपीढाओ पच्चोरुहइ पायपीढाओ पाचोरुहित्ता जेणेव अट्टणसाला तेणेव उवागच्छइ 2 ता अट्टणसालं अणुपविसइ जहा उववाइए तहेव अट्टणसाला तहेव मज्जणघरे जाव ससिव्व पियदंसणे णरवई मज्जणघराओ पडिणिक्खमइ पडिणिवखमित्ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला तेणेव उवागच्छइ तेणेव उवागच्छित्ता सीहासणवरंसि पुरत्थाभिमुहे णिसीयइ णिसीइत्ता अप्पणो उत्तरपुरस्थिमे दिसीभाए अट्ठ भद्दासणाई सेयवस्थपच्चुत्थुयाई सिद्धत्थगकयमंग. लोवयाराई रयावेइ रयावेत्ता अप्पणो अदूरसामंते णाणामणिरयणमंडियं अहिय. पेच्छणिज्जं महग्घ वरपट्टणुग्गयं सहपट्टबहुभत्तिसयचित्ततागं ईहामियउसभ जाव भत्तिचित्तं अभितरियं जवणियं अंछावेइ अछावेता णाणामणिरयणभत्ति. चित्तं अत्थरयमउयमसूरगोत्थयं सेयवत्थपच्चुत्थयं अंगसुहफासयं सुमउयं पभावईए देवीए भद्दासणं रयावेइ रयावेत्ता कोडुबियपुरिसे सद्दावेइ सद्दावेत्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! अलैंगमहाणिमित्तसुत्तत्थधारए विविह सत्थकुसले सुविणलक्खणपाढए सद्दावेह / तए णं ते कोडुंबियपुरिसा जाव पडिसुणेता बलस्स रण्णो अंतियाओ पडिणिक्खमंति पडिणिक्खिमित्ता सिग्धं तुरियं चंवलं चंडं वेइयं हथिणापूरं णयरं मज्झंमज्झेणं णिग्गच्छंति 2 त्ता जेणेव तेसि सुविणलक्खणपाढगाणं गिहाई तेणेव उवागच्छंति तेणेव उवागच्छित्ता ते सुविणलक्खणपाढए सद्दावेंति / तए णं ते सुविणलक्खणपाढगा बलस्स रण्णो कोडुबियपुरिसेहि सद्दाविया समाणा हद्वतुट्ठा हाया कय जाव सरीरा सिद्धत्थगहरियालियाकयमंगलमुद्धाणा सएहि-सएहि गिहेतितो णिग्गच्छंति स० 2 ता हत्थिणापुरं णयरं मज्झंमज्झेणं जेणेव बलस्स रणो भवणवरवडेंसए तेणेव उवागच्छंति तेणेव उवागच्छित्ता भवणवरवडेंसगपडिदुवारंसि एगओ मिलंति एगओ मिलित्ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव बले राया तेणेव उवा. गच्छंति 2 ता करयल० बलं रायं जएणं विजएणं वद्धावेंति। तए णं ते सुविण Page #727 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 714 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि लक्खणपाढगा बलेणं रण्णा वंदिय-पूइय-सक्कारिय-सम्माणिया समाणा पत्तेयं पत्तेयं पुव्वण्णत्थेसु भद्दासणेसु णिसीयंति / तए णं से बलें राया पभावई देवि जवणियंतरियं ठावेइ ठावेत्ता पुप्फफल पडिपुण्णहत्थे परेणं विणएणं ते सुविणलक्खणपाढए एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! पभावई देवी अज्ज तंसि तारिसर्गसि वासघरंसि जाव सीहं सुविणे पासित्ता णं पडिबुद्धा, तण्णं देवाणु. प्पिया ! एयस्स ओरालस्स जाव के मण्णे कल्लाणे फलवित्तिविसेसे भविस्सइ ? तए णं ते सुविणलक्खणपाढगा बलस्स रण्णो अंतियं एयम→ सोच्चा णिसम्म हतुट्ठ० तं सुविणं ओगिण्हंति ओगिण्हत्ता ईह अणुप्पविसंति अणुप्पविसित्ता तस्स सुविणस्स अत्थोग्गहणं करेंति तस्स० 2 ता अण्णमण्णेणं सद्धि संचालेंति 2 ता तस्स सुविणस्स लट्ठा गहियट्ठा पुच्छियट्ठा विणिच्छियट्ठा अभिगयट्ठा बलस्स रण्णो पुरओ सुविणसत्थाई उच्चारेमाणा 2 एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हं सुविणसत्थंसि बायालीसं सुविणा तीसं महासुविणा बावरि सव्वसुविणा दिट्ठा, तत्थ णं देवाणुप्पिया! तित्थयरमायरो वा चक्कट्टिमायरो वा तित्थयरंसि वा चक्कट्टिसि वा गम्भं वक्कममाणंसि एएसि तीसाए महासुविणाणं इमे चोद्दस महासुविणे पासित्ता गं पडिबुज्झंति, तंजहा-गयवसहसीहअभिसेयदामससि. दिणयरं झयं कुंभं / पउमसरसागरविमाणभवणरयणुच्चयसिहि च 14 // 1 // वासुदेवमायरो वा वासुदेवंसि गब्भं वक्कममाणंसि एएसि चोद्दसण्हं महासुवि. णाणं अण्णयरे सत्त महासुविणे पासित्ता गं पडिबझंति, बलदेवमायरो वा बलदेवंसि गम्भं वक्कममाणंसि एएसि चोद्दसण्हं महासुविणाणं अण्णयरे चत्तारि महासुविणे पासित्ता णं पडिबुज्झति, मंडलियमायरो वा मंडलियंसि गमं वक्कममाणंसि एएसि णं चउदसण्हं महासुविणाणं अण्णयरं एगं महासुविणं पासित्ता णं पडिबुझंति / इमे य णं देवाणुप्पिया ! पभावईए देवीए एगे महासुविणे दिट्टे, तं ओराले णं देवाणुप्पिया ! पभावईए देवीए सुविणे दिळे जाव आरोग्गतुट्ठि जाव मंगल्लकारए णं देवाणुप्पिया ! पभावईए देवीए सुविणे दिठे, अत्थलाभो देवाणुप्पिया ! भोग० पुत्त० रज्जलाभो देवाणुप्पिया! एवं खलु देवाणुप्पिया ! पभावई देवी णवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं जाव वीइक्कंताणं तुम्हें कुलकेउं जाव दारगं पयाहिइ, सेऽविय णं दारए उम्मुक्कबालभावे जाव रज्जवई राया भविस्सइ अणगारे वा भावियप्पा, तं ओराले Page #728 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 11 उ. 11 715 गं देवाणुप्पिया ! पभावईए देवीए सुविणे दिठे जाव आरोग्गतुद्विदीहाउय. कल्लाण जाव दिछे / तए णं से बले राया सुविणलक्खपाढगाणं अंतिए एयमढे सोच्चा णिसम्म हट्टतुट्ठ करयल जाव कटु ते सुविणलक्खणपाढगे एवं वयासी-एवमेयं देवाणुप्पिया ! जाव से जहेयं तुन्भे वयहत्तिकटु तं सुविणं सम्म पडिच्छइ तं० 2 त्ता सुविणलक्खणपाढए विउलेणं असणपाणखाइमसाइमपुप्फवत्थगंधमल्लालंकारेणं सक्कारेइ सम्माणेइ सक्कारेत्ता सम्माणेत्ता विउलं जीवियारिहं पोइदाणं दलयइ 2 ता पडिविसज्जेइ पडिविसज्जेत्ता सीहासणाओ अम्भुढेइ अब्भुठेत्ता जेणेव पभावई देवी तेणेव उवागच्छइ तेणेव उवागच्छिता पभाव देवि ताहिं इट्टाहि कंताहिं जाव संलवमाणे-संलवमाणे एवं वयासीएवं खलु देवाणुप्पिए ! सुविणसत्थंसि बायालीसं सुविणा तीसं महासुविणा विट्ठा, तत्थ गं देवाणुप्पिए ! तित्थयरमायरो वा तं चेव जाव अण्णयरं एगं महासुविणं पासित्ता णं पडिबज्झंति, इमे य णं तुमे देवाणुप्पिए ! एगे महा. सुविणे दिठे, तं ओराले णं तुमे देवी ! सुविणे दिठे जाव रज्जवई राया भविस्सइ अणगारे वा भावियप्पा, तं ओराले णं तुमे देवी ! सुविणे विट्ठे जाव दिठेत्तिकटु पभावई देवि ताहि इट्टाहि कंताहि जाव दोच्चंपि तच्चपि अणबहइ / तए णं सा पभावई देवी बलस्स रण्णो अंतियं एयम सोच्चा णिसम्म हट्टतुट्ठ० करयल जाव एवं वयासी-एयमेयं देवाणुप्पिया ! जाव तं सुविणं सम्म पडिच्छइ. तं सुविणं सम्म पडिच्छित्ता बलेणं रण्णा अब्मणुण्णाया समाणी णाणामणि रयणभत्तिचित जाव अब्भुठेइ अतुरियमचवल जाव गईए जेणेव : सए भवणे तेणेव उवागच्छइ तेणेव उवागच्छित्ता सयं भवणमणुपविट्ठा / तए णं सा पभावई देवी हाया कयबलिकम्मा जाव सव्वालंकारविभूसिया तं गन्मं गाइसीएहि णाइउण्हेहि णाइतित्तेहिं णाइकडुएहि णाइकसाएहिं णाइअंबिलेहि णाइ. महुरेहि उउभयमाणसुहेहि भायणच्छायणगंधमल्लेहिं जं तस्स गम्भस्स हियं मियं पत्थं गन्भपोसणं तं देसे य काले य आहारमाहारेमाणी विवित्तमउहि सयणासणेहि पइरिक्कसुहाए मणाणुकूलाए विहारभूमीए पसत्थदोहला संपुण्णदोहला सम्माणियदोहला अविमाणियदोहला वोच्छिण्णदोहला विणीयदोहला ववगयरोगसोगमोहमयपरित्तासातं गन्मं सुहंसुहेणं परिवहइ।तए गं सा पभावई देवी णवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं अट्ठमाणराइंदियाणं वीइक्कंताणं सुकुमालपाणिपायं Page #729 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 716 अंग-पबिटु सुत्ताणि अहीणपडिपुण्णचिदियसरीरं लक्खणवंजणगुणोबवेयं जाव सरिसोमाकारं कंतं पियदंसणं सुरूवं दारयं पयाया। तए णं तीसे पभावईए देवीए अंगपडियारियाओ पभावई देवि पसूयं जाणेत्ता जेणेव बले राया तेणेव उवागच्छंति तेणेव उवागच्छित्ता करयल जाव बलं रायं जएणं विजएणं वद्धावेंति जएणं विजएणं वद्धावेत्ता एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! पभावई देवी णवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं जाव दारगं पयाया तं एयग्णं देवाणुप्पियाणं पियट्टयायं पियं णिवेदेमो पियं भे भवउ / तए णं से बले राया अंगपडियारियाणं अंतियं एयमळं सोच्चा णिसम्म हद्वतुट्ठ जाव धाराहयणीव जाव रोमकवे तासि अंगपडियारियाणं मउडवज्जं जहामालिथं ओमोयं दलयइ 2 त्ता सेयं रययामयं विमलसलिलपुण्णं भिगारं च गिण्हइ गिण्हित्ता मत्थए धोवइ धोवित्ता विउलं जीवियारिहं पीइदाणं दलय पीइदाणं दल इत्ता सक्कारेइ सम्माणेइ स० 2 ता पडिविसज्जेइ // 427 // तए णं से बले राया कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ सहावेत्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! हथिणापुरे णयरे चारगसोहणं करेह चारग० 2 ता माणुम्माणवडणं करेह मा० 2 त्ता हथिगापुरं णयरं सभितर बाहिरियं आसियसंमज्जिओवलितं जाव करेह य कारवेह य करेत्ता य कारवेत्ता य जयसहस्सं वा चक्कसहस्सं वा पूयामहामहिमसक्कारं वा उस्सवेह 2 ता ममेयमाणत्तियं पच्चप्पिणह / तए गं ते कोडुंबियपुरिसा बलेणं रणा एवं वृत्ता समाणा जाव पच्चप्पिणंति / तए णं से बले राया जेणेव अट्टणसाला तेणेव उवागच्छइ तेणेव उवागच्छित्ता तं चेव जाव मज्जणघराओ पडिणिक्खमइ पडिणिक्ख मित्ता उस्सुक्कं उत्करं उक्किळं अदिज्जं अमिज्ज अभडप्पवेसं अदंडकोदंडिमं अधरिमं गणियावरणाडइज्जकलियं अणेगतालाचराणुचरियं अणुद्ध यमुइंगं अमिलायमल्लदामं पमुइयपक्कीलियं सपुरजणजाणवयं दसदिवसे ठिइवडियं करेइ / तए णं से बले राया दसाहियाए ठिइवडियाए वट्टमाणीए सइए य साहस्सिए य सयसाहस्सिए य जाए य दाए य भाए य दलमाणे य दबावेमाणे य सइए य साहस्सिए य रायसाहस्सिए य खंभे पडि. च्छमाणे य पडिच्छावेमाणे य एवं विहरइ। तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो पढमे दिवसे ठिइवडियं करेइ, तइए दिवसे चंदसूरदंसगियं करेइ, छठे दिवसे जागरियं करेइ, एक्कारसमे दिवसे वीइक्कते णिवत्ते असुइजायकम्म Page #730 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 11 उ. 11 717 करणे संपत्ते बारसाहदिवसे विउलं असणं पाणं खाइमं खाइमं उवक्खडावेंति 2 ता जहा सिवो जाव खत्तिए य आमंतेति 2 ता तओ पच्छा व्हाया तं चेव जाव सक्कारेंति सम्माणेति स० 2 तस्सेव मित्तणाइ जाव राईण य खत्तियाण य पुरओ अज्जयपज्जयपिउपज्जयागयं बहपुरिसपरंपरप्परुढं कुलाणरूवं कुलसरिसं कुलसंताणतंतुवद्धणकरं अयमेयारूवं गोण्णं गुणणिप्फणं णामधेज्जं करेंति-जम्हा णं अम्हं इमे दारए बलस्स रणो पुत्ते पभावईए देवीए अत्तए तं होउ णं अम्हं एयस्स दारगस्स णामधेज्ज महब्बले, तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो णामधेज करेंति महब्बलेत्ति / तए णं से महब्बले दारए पंच. धाईपरिग्गहिए, तंजहा-खीरधाईए एवं जहा दढपइण्णे जाव णिव्वायणिव्वाघायंसि सुहंसुहेणं परिवड्डइ / तए णं तस्स महब्बलस्स दारगस्स अम्मापियरो अणपुवेणं ठिइवडियं वा चंदसूरदंसावणियं वा जागरियं वा णामकरणं वा परंगामणं वा पयचंकमणं वा जेमावणं वा पिंडवद्धणं वा पजंपावणं वा कण्ण. वेहणं वा संवच्छरपडिलेहणं वा चोलोयणगंच उवणयणं च अण्णाणि य बहूणि गब्भाहाणजम्मणमाइयाई कोउयाई करेंति / तए णं तं महब्बलं कुमार अम्मापियरो साइरेगट्ठवासगं जाणित्ता सोभणंसि तिहिकरणणक्खत्तमहत्तंसि० एवं जहा दढप्पइण्णे जाव अलंभोगसमत्थे जाए यावि होत्था / तए णं तं महब्बलं कुमारं उम्मक्कबालभावं जाव अलं भोगसमत्थं विजाणित्ता अम्मापियरो अट्ट पासायवडेंसए करेंति, अन्भग्गयमसियपहसिए इव वण्णओ जहा रायप्पसेणइज्जे जाव पडिरूवे, तेसि गं पासायवडेंसगाणं बहुमज्झदेसभाए एत्थ गं महेगं भवणं कारेंति अणेगखंभसयसंणिविट्ठ वण्णओ जहा रायप्पसेणइज्जे पेच्छाघरमंडवंसि जाव पडिरूवे // 428 // तए णं तं महब्बलं कुमारं अम्मापियरो अण्णया कयाइ सोभणंसि तिहिकरणदिवसणक्खत्तमुत्तंसि हायं कयबलिकम्मं कयकोउ. यमंगलपायच्छित्तं सव्वालंकारविभूसियं पमक्खणगण्हाणगीयवाइयपसाहणढें. गतिलग कंकणअविहववहुउवणीयं मंगलसुजंपिएहि य वरकोउयमंगलोवयारकयसंतिकम्म सरिसियाणं सरित्तयाणं सरिव्वयाणं सरिसलावण्णरूवजोव्वणगणोव. वेयाणं विणीयाणं कयकोउयमंगलपायच्छित्ताणं सरिसएहिं रायकुलेहितो आणि. 'ल्लियाणं अट्टाहं रायवरकण्णाणं एगदिवसेणं पाणि गिहाविसु / तए णं तस्स महाबलस्स कुमारस्स अम्मापियरो अयमेयारूवं पीइदाणं दलयंति २०-अट्ठ Page #731 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 718 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि हिरण्णकोडीओ अट्ठ सुवण्णकोडीओ अट्ठ मउडे मउडप्पवरे अट्ठ कुंडलजुए कुंडलजु. यप्पवरे अट्ट हारे हारप्पवरे अट्ठ अद्धहारे अद्धहारप्पवरे अट्ट एंगावलीओ एगावलि. प्पवराओ एवं मुत्तावलीओ एवं कणगावलीओ एवं रयणावलीओ अट्ठ कडगजोए कडगजोयप्पवरे एवं तुडियजोए अट्ठ खोमजुयलाई खोमजुयलप्पवराई एवं वड. गजुयलाई एवं पट्टजुयलाई एवं दुगुल्लजुयलाई अट्ट सिरीओ अट्ठ हिरीओ एवं धिईओ कित्तीओ बुद्धीओ लच्छीओ अट्ठ गंदाई अट्ठ भद्दाइं अट्ठ तले तलप्पवरे सव्वरयणामए णियगवरभवणकेऊ अट्ट झए झयप्पवरे अट्ठ वए वयप्पवरे दसगोसाहस्सिएणं वएणं अट्ठ णाडगाइं णाडगप्पवाई बत्तीसबद्धणं णाडएणं अटू आसे आसप्पवरे सव्वरयणामए सिरिघरपडिरूवए अशु हत्थी हथिप्पवरे सव्वरयणामए सिरिघरपडिरूवए अट्ठ जाणाई जाणप्पवराइं अट्ठ जुगाई जगप्पवराई एवं सिबियाओ एवं संदमाणीओएवं गिल्लीओथिल्लीओ अट्ट वियडजाणाई वियडजाणप्प. वराई अट्ठ रहे पारिजाणिए अट्ठ रहे संगामिए अट्ट आसे आसप्पवरे अठ्ठ हत्थी हत्थिप्पवरे अट्ट गामे गामप्पवरे दसकुलसाहस्सिएणं गामेणं अटू दासे दासप्प. वरे एवं चेव दासीओ एवं किंकरे एवं कंचुइज्जे एवं वरिसधरे एवं महत्तरए अट्ठ सोवण्णिए ओलंबणदीवे अट्ठ रुप्पामए ओलंबणदीवे अट्ठ सुवष्णरुप्पामए ओलंबणदीवे अटू सोवण्णिए उक्कंचणदीवे एवं चेव तिणिवि, अट्र सोवण्णिए पंजर. दीवे एवं चेव तिण्णिवि, अट्ठ सोवण्णिए थाले अट्ट रुप्पामए थाले अट्ठ सुवण्णरुप्पामए थाले अट्ठ सोवणियाओ पत्तीओ 3 अट्ट सोवणियाई थासयाई 3 अट्ठ सोवणियाइं मल्लगाई 3 अट्ट सोवणियाओ तलियाओ 3 अट्ट सोवणियाओ कविचियाओ 3 अट्ठ सोवण्णिए अवएडए 3 अट्ट सोवणियाओ अवयकाओ 3 अट्ट सोवण्णिए पायपीढए 3 अट्ट सोवण्णियाओ मिसियाओ 3 अटू सोवण्णियाओ करोडियाओ 3 अट्ट सोवण्णिए पल्लंके 3 अट्ठ सोवणियाओ पडिसेज्जाओ 3 अट्ट हंसासणाई अट्ठ कोंचासणाई एवं गरुलासणाई उण्णयासणाई पणयासणाई दीहासणाई भद्दासणाई पक्खासणाई मगरासणाइं अट्ठ पउमासणाई अढ दिसासोवत्थियासणाई अट्ठ तेल्लसमुग्गे जहा रायप्पसेणइज्जे जाव अट्ट सरिसवसमुग्गे अट्ठ खुज्जाओ जहा उववाइए जाव अट्ठ पारिसीओ अटू छत्ते अट्ट छत्तधारीओ चेडीओ अट्ट चामराओ अट्र चामरधारीओ चेडीओ अट्ठ तालियंटे अट्ठ तालियंटधारीओ चेडीओ अट्ठ करोडियाधारीओ चेडीओ Page #732 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 11 उ. 11 719 अट्ट खीरधाईओ जाव अट्ठ अंकधाईओ अट्ठ अंगमदियाओ अट्ठ उम्मदियाओ अट्ठ पहावियाओ अट्ठ पसाहियाओ अट्ठ वष्णगपेसीओ अट्ठ चुण्णगपेसीओ अट्ट कोट्ठागारीओ अट्ठ दवकारीओ अट्ठ उवत्थाणियाओ अट्ठ णाडइज्जाओ अट्ठ कोडंबिणीओ अट्ठ महाणसिणीओ अट्ठ भंडागारिणीओ अट्ठ अ (ब्भा) ज्झाधारि. णीओ अट्ठ पुप्फधारिणीओ अट्ठ पाणिधारिणीओ अट्ठ बलिकारीओ अट्ठ सेज्जाकारीओ अट्ठ अभितरियाओ पडिहारीओ अट्ठ बाहिरियाओ पडिहारीओ अट्ठ मालाकारीओ अट्ट पेसणकारीओ अण्णं वा सुबहुं हिरण्णं वा सुवण्णं वा कंसं वा दूसं वा विउलधणकणग जाव संतसारसावएज्जं अलाहि जाव आसत्तमाओ कुलवंसाओ पकामं दाउं पकामं भोत्तुं पकामं परिभाएउ / तए गं से महब्बले कुमारे एगमेगाए भज्जाए एगमेगं हिरण्णकोडि दलयइ एगमेगं सुवण्णकोडिं दलयइ एगमेगं मउडं मउडप्पवरं दलयइ एवं तं चेव सव्वं जाव एगमेगं पेसणकारि दलयइ अण्णं वा सुबहुं हिरण्णं वा सुवण्णं वा जाव परिभाएउं / तए णं से महब्बले कुमारे उप्पि पासायवरगए जहा जमाली जाव विहरइ // 426 // तेणं कालेणं तेणं समएणं विमलस्स अरहओ पओप्पए धम्मघोसे णामं अणगारे जाइसंपण्णे वण्णओ जहा केसिसामिस्स जाव पंचहि अणगारसएहि सद्धि संपरिवुडे पुव्वाणुपुचि चरमाणे गामाणुगामं दूइज्जमाणे जेणेव हत्थिणापुरे णयरे जेणेव सहसंबवणे उज्जाणे तेणेव उवागच्छइ 2 ता अहापडिरूवं उग्गहं ओगिण्हइ 2 ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावमाणे विहरइ / तए णं हत्थिणा. पुरे णयरे सिंघाडगतिय जाव परिसा पज्जवासइ / तए णं तस्स महब्बलस्स कुमारस्स तं महया जणसई वा जणबूहं वा एवं जहा जमाली तहेव चिंता तहेव कंचुइज्जपुरिसं सद्दावेइ, कंचुइज्जपुरिसोवि तहेव अक्खाइ, णवरं धम्मघोसस्स अणगारस्स आगमणगहियविणिच्छए करयल जाव णिग्गच्छइ, एवं खलु देवाणुप्पिया ! विमलस्स अरहओ पउप्पए धम्मघोसे णाम अणगारे सेसं तं चेव जाव सोवि तहेव रहवरेणं णिग्गच्छइ, धम्मकहा जहा केसिसामिस्स, सोवि तहेव अम्मा. पियरो आपुच्छइ, णवरं धम्मघोसस्स अणगारस्स अंतिए मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइत्तए तहेव वृत्तपडियुत्तया णवरं इमाओ य ते जाया विउल. * रायकुलबालियाओ कला० सेसं तं चेव जाव ताहे अकामाई चेव महब्बलकुमारं एवं वयासी-तं इच्छामो ते जाया ! एगदिवसमवि रज्जसिरि पासित्तए, तए Page #733 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 720 अंग-पविटु सुत्ताणि णं से महब्बले कुमारे अम्मापियरायण वयणमणुयत्तमाणे तुसिणीए संचिट्ठइ / तए णं से बले राया कोडुबियपुरिसे सद्दावेइ एवं जहा सिवभहस्स तहेव राया. भिसेओ भाणियन्वो जाव अभिसिंचइ 2 ता करयलपरिग्गहियं महब्बलं कुमार ७.एणं विजएणं वद्धावेंति जएणं विजएणं वद्धावित्ता एवं वयासी-भण जाया ! कि देमो कि पयच्छामो ? सेसं जहा जमालिस्त तहेव जाव तए णं से महब्बले अणगारे धम्मघोसस्स अणगारस्स अंतियं सामाइयमाइयाइं चोद्दस पुवाई अहिज्जइ 2 ता बहहि चउत्थ जाव विचित्तेहि तवोकम्भेहि अप्पाणं भावेमाणे हपडिपुण्णाई दुवालसवासाइं सामग्णपरियागं पाउणइ 2 ता मासियाए लेहणाए सट्टि भत्ताई अणसणाए छेदेइ 2 ता आलोइयपडिकाते समा. हिपत्ते कालमासे कालं किच्चा उड्ढं चंदिमसूरिय जहा अम्मडो जाव बंभलोए कप्पे देवत्ताए उववण्णे, तत्थ णं अत्यंगइयाणं देणं दस सागरावमाई ठिई पण्णत्ता, तत्थ णं महब्बलस्सवि देवस्स दस सागरोवमाइं. ठिई पण्णत्ता, से णं तुम सुदंसणा ! बंभलोए कप्पे दस सागरोवमाई दिवाई भोग भोगाइं भुंजमाणे विह. रित्ता ताओ चेव देवलोगाओ आउवखएणं 3. अणतरं चयं चइत्ता इहेव वाणिय. ग्गामे णयरे सेट्टिकुलंसि पुत्तत्ताए पच्चायाए // 430 / / तए णं तुमे सुदंसणा ! उम्मक्कबालभावेणं विण्णायपरिणयमेत्तेणं जोव्वणगमणुप्पत्तेणं तहारूवाणं थेराणं अंतियं केवलिपण्णत्ते धम्मे णिसंते, सेऽविय धम्मे इच्छिए पडिच्छिए अभिरुइए तं सुठ्ठ णं तुमं सुदंसगा! इयाणि पकरेसि / से तेणठेणं सुदंसणा! एवं वुच्चइ-अस्थि णं एएसि पलिओवमसागरोवमाणं खएइ वा अवचएइ वा। तए णं तस्स सुदंसणस्स सेद्विस्स समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं एयमलैं सोच्चा णिसम्म सुभेणं अज्झवसाणेणं सुभेणं परिणामेणं लेसाहि विसुज्झमाणीहि तयावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमेणं ईहापोहमग्गणगवेसणं करेमाणस्स सण्णी. पुरवजाईसरणे समुप्पण्णे एयमठे सम्मं अभिसमेइ / तए णं से सुदंसणे सेट्ठी समणेणं भगवया महावीरेणं संभारियपुव्वभवे दुगुणाणीयससंवेगे आणंदंसुपुण्णणयणे समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आ० 2 वंदइ णमंसइ वं० 2 एवं वयासी-एवमेयं भंते ! जाव से जहेयं तुझे वयहत्तिकटु उत्तरपुरस्थिमं दिसी. भागं अवक्कमइ सेसं जहा उसभदत्तस्स जाव सव्वदुक्खप्पहीणे, णवरं चोद्दस पुवाई अहिज्जइ, बहुपडिपुण्णाई दुवालसवासाई सामण्णपरियागं पाउणइ, तेस तं चेव / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति // 431 // Page #734 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 11 उ. 12 721 एक्कारसं सयं बारसमो उद्देसो तेणं कालेणं तेणं समएणं आलभिया णामं णयरी होत्था वण्णओ, संखवणे चेइए वण्णओ, तत्थ णं आलभियाए णयरीए बहवे इसिमद्दपुत्तपामोक्खा समणोवासया परिवसंति, अड्डा जाव अपरिभूया अभिगयजीवाजीवा जाव विह रंति / तए णं तेसिं समणोवासयाणं अण्णया कयाइ एगयओ सहियाणं समु. वागयाणं संणि (समु) विट्ठाणं सण्णिसण्णाणं अयमेयारूवे मिहो कहासमुल्लावे समुप्पज्जित्था-देवलोएसु णं अज्जा ! देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णता ? तए णं से इसिभद्दपुत्ते समणोवासए देवट्ठिइगहियढे ते समणोवासए एवं वयासीदेवलोएसु णं अज्जो ! देवाणं जहणेणं दसवाससहस्साई ठिई पण्णत्ता, तेण परं समयाहिया दुसमयाहिया जाव दससमयाहिया संखेज्जसमयाहिया असंखेज्जसमयाहिया उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई ठिई पण्णता, तेण परं वोच्छिण्णा देवा य देवलोगा य / तए णं ते समणोवासया इसिभद्दपुत्तस्स समणोवासगस्स एवमाइक्खमाणस्स जाव.एवं परूवेमाणस्स एयमठ्ठ णो सद्दहति णो पत्तियंति णो रोयंति एयमझें असद्दहमाणा अपत्तियमाणा अरोयमाणा जामेव दिसि पाउभूया तामेव दिसि पडिगया // 432 // तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे जाव समोसढे जाव परिसा पज्जुवासइ / तए णं ते समणोवासया इमीसे कहाए लट्ठा समाणा हट्टतुट्ठा एवं जहा तुंगिउद्देसए जाव पज्जुवासंति। तए णं समणे भगवं महावीरे तेसि समणोवासयाणं तीसे य महइ० धम्मकहा जाव आणाए आराहए भवइ / तए गं ते समणोवासया समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं धम्म सोच्चा णिसम्म हट्टतुट्ठा उट्ठाए उठेति उ० 2 ता समणं भगवं महावीरं वंदति गमंसंति वं० 2 ता एवं वयासी--एवं खलु भंते ! इसिभद्दपुत्ते समणोवासए अम्हं एवं आइक्खइ जाव परूवेइ-देवलोएसु णं अज्जो ! देवाणं जहण्णेणं दस वाससहस्साई ठिई पण्णत्ता तेण परं समयाहिया जाव तेण परं वोच्छिण्णा देवा य देवलोगा य, से कहमेयं भंते ! एवं ? अज्जोत्ति! समणे भगवं महावीरे ते समणोवासए एवं वयासी-जणं अज्जो ! इसिभहपुत्ते समणोवासए तुन्भं एवं आइक्खइ जाव परूवेइ-देवलोएसु णं अज्जो ! देवाणं जहण्णेणं दस वाससहस्साई ठिई पण्णत्ता तेण परं समयाहिया Page #735 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 722 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि जाव तेण परं वोच्छिण्णा देवा य देवलोगा य, सच्चे णं एसमठे, अहं पुण अज्जो ! एवमाइक्खामि जाव परूवेमि-देवलोएसु णं अज्जो ! देवाणं जह. ण्णेणं दस वाससहस्साइं तं चेव जाव तेण परं वोच्छिण्णा देवा य देवलोगा य सच्चे णं एसमठे / तए णं ते समणोवासया समणस्त भगवओ महावीरस्स अंतियं एयमठे सोच्चा णिसम्म समणं भगवं महावीरं वदंति णमंसंति वं० 2 त्ता जेणेव इसिभद्दपुत्ते समणोवासए तेणेव उवागच्छति 2 त्ता इसिभदपुत्तं समणोवासगं वंदति णसंति पं० 2 ता एयमझें सम्मं विणएणं भुज्जो 2 खामेति / तए णं ते समणोवासया पसिणाई पुच्छंति 2 ता अट्ठाई परियाइ. यंति अ० 2 ता समणं भगवं महावीरं वदंति णमंसंति पं० 2 ता जामेव दिसि पाउन्भूया तामेव दिसंपडिगया॥४३३॥ भंतेत्ति ! भगवं गोधमे सम भावं महा. वीरं वंदई णमंसइ वं० 2 ता एवं वयासी-पणं भंते ! इसिमपुत्ते सनणोवासए देवाणुप्पियाणं अंतियं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पच्वइतए ? गोयना ! णो इणठे समझे, गोयमा ! इसिभद्दपुत्ते णं समणोबासए वहहि सीलवयगुणव्वयवेरमणपच्चक्खाणपोसहोववासेहिं अहापरिग्गहिएहिं तवोकम्मेहि अप्पाणं भावेमाणे बहूई वासाई समणोवासगपरियागं पाउणिहिइ ब० 2 ता मासियाए संलेहणाए अत्तागं झूसेहिइ मा० 2 ता ट्ठि भत्ताई अगसणाए छेदेहिइ 2 ता आलोइयपडिक्कते समाहिपत्ते कालमासे कालं किच्चा सोहम्मे कप्पे अरुणाभे विमाणे देवत्ताए उववज्जिहिइ, तत्थ णं अत्थेगइयाणं देवाणं चत्तारि पलि. ओवमाइं ठिई प०, तत्थ णं इसिभद्दपुत्तस्सवि देवस्स चत्तारि पलिओवमाइं ठिई भविस्सइ / से णं भंते ! इसिभद्दपुत्ते देवे ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं भवक्खएणं ठिइक्खएणं जाव कहि उववज्जिहिइ ? गोयमा ! महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ जाव अंतं काहिइ / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति भगवं गोयमे जाव अप्पाणं भावेमाणे विहरइ // 434 // तए णं समणे भगवं महावीरे अण्णया कयाइ आलभियाओ णयरीओ संखवणाओ चेइयाओ पडिमिक्खमइ पडिणिक्ख. मित्ता बहिया जगवयविहार विहरइ। तेणं कालेणं तेणं समएणं आलभिया णामं णयरी होत्था वण्णओ, तत्थ णं संखवणे णामं चेइए होत्था वण्णओ, तस्स णं संखवणस्स चेइयस्स अदूरसामंते पोग्गले णामं परिवायए परिवसइ रिउ. व्वेयजजुब्वेय जाव णएसु सुपरिणिट्ठिए छठंछठेणं अणिक्खि तेणं तवोकम्मेणं उड्ढं बाहाओ जाव आयावेमाणे विहरइ / लए णं तस्स पोग्गलस्स छछट्टेणं Page #736 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 11 उ. 12 723 जाव आयावेमाणस्स पगइभद्दयाए जहा सिवस्स जाव विभंगे णामं अण्णाणे समुप्पण्णे / सेणं तेणं विभंगेणं अण्णाणेणं समुप्पण्णेणं बंभलोए कप्पे देवाणं ठिई जाणइ पासइ / तए णं तस्स पोग्गलस्स परिव्वायगस्स अयमेयारूवे अज्झ. थिए जाव समुप्पज्जित्था-अत्थि णं ममं अइसेसे पाणदंसणे समुप्पण्णे, देवलोएसु णं देवाणं जहण्णेणं दसवाससहस्साई ठिई प०, तेण परं समयाहिया दुसमयाहिया जाव असंखेज्जसमयाहिया उक्कोसेणं दससागरोवमाई ठिई 50, तेण परं वोच्छिण्णा देवा य देवलोगा य, एवं संपेहेइ 2 ता आयावणभूमीओ पच्चोरुहइ आ० 2 ता तिदंडकुंडिया जाव धाउरताओ य गेण्हइ 2 ता जेणेव आलभिया णयरी जेणेव परिव्वायगावसहे तेणेव उवागच्छइ 2 ता भंडणिक्खेवं भं० 2 ता आलभियाए णयरीए सिंघाडग जाव पहेसु अण्णमण्णस्स एव. माइक्खइ जाव परूबेइ-अस्थि णं देवाणुप्पिया ! ममं अइसेसे णाणदंमणे समु. प्पण्णे, देवलोएसु णं देवाणं जहणणं दसवाससहस्साइं तहेव जाव वोच्छिण्णा देवा य देवलोगा य / तए णं आलभियाए णयरीए एएणं अभिलावेणं जहा सिवस्स तं चेव जाव से कहमेयं मण्णे एवं ? सामी समोसढे जाव परिसा पडिगया, भगवं गोयमे तहेव भिक्खायरियाए तहेव बहुजणसहं णिसामेइ तहेव बहुजणसई णिसामेत्ता तहेव सव्वं भाणियव्वं जाव अहं पुण गोयमा! एवं आइक्खामि एवं भासामि जाव परूवेमि-देवलोएसु णं देवागं जहण्णणं दस वाससहस्साई ठिई पण्णता, तेण परं समयाहिया दुसमयाहिया जाव उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोव. माइं ठिई पण्णत्ता, तेण परं वोच्छिण्णा देवा य देवलोगा य / अस्थि णं भंते ! सोहम्मे कप्पे दव्वाइं सवण्णाइंपि अवण्णाइंपि तहेव जाव हता अस्थि, एवं ईसाणेवि, एवं जाव अच्चुए, एवं गेवेज्जविमाणेसु अणुत्तरविमाणेसु वि ईसिपब्भाराएवि जाव हंता अस्थि / तए णं सा महइमहालिया जाव पडि. गया। तए णं आलभियाए णयरीए सिंघाडगतिय० अवसेसं जहा सिवस्स जाव सव्वदुक्खप्पहीणे णवरं तिदंडकुडियं जाव धाउरत्तवत्थपरिहिए परिवडिय. विभंगे आलंभियं णयरं मज्झमज्झेणं णिग्गच्छइ जाव उत्तरपुरस्थिमं दिसीभागं अवक्कमइ 2 ता तिदंडं कुंडियं च जहा खंदओ जाव पव्वइओ सेसं जहा सिवस्स जाव अव्वाबाहं सोक्खं अणुभवंति सासयं सिद्धा / सेवं भंते ! 2 ति॥४३५॥ एक्कारसं सयं समत्तं Page #737 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंग-पविट्ठ सुत्ताणि बारसमं सयं पढमो उद्देसो संखे 1 जयंति 2 पुढवी 3 पोग्गल 4 अइवाय 5 राहु 3 लोगे ये 7 / णागे य 8 देव 6 आया 10 बारसमसए दसुद्देसा // 1 // तेणं कालेणं तेणं समएणं सावत्थी णयरी होत्था वण्णओ, कोटुए चेइए वण्णओ, तत्थ गं सावत्थीए णयरीए बहवे संखप्पामोक्खा समणोवासया परिवसंति, अडा जाव अपरिभया अभिगयजीवाजीवा जाव विहरंति। तस्स णं संखस्स समणोवासगस्स उप्पला णामं भारिया होत्था, सुकुमाल जाव सुरूवा समणोवासिया अभिगयजीवाजीवा जाव विहरइ / तत्थ णं सावत्थीए णयरीए पोक्खली णाम समणोवासए परिवसइ अड्ढे अभिगय जाव विहरइ / तेणं कालेणं तेणं समएणं सामी ससोसढे परिसा णिग्गया जाव पज्जुवासइ / तए णं ते समणोवासया इमीसे कहाए जहा आलभियाए जाव पज्जुवासंति, तए णं समणे भगवं महावीरे तेसि समणोवासगाणं तीसे य महइ० धम्मकहा जाव परिसा पडिगया। तए णं ते समणोवासया समणस्स भमवओ महावीरस्स अंतियं धम्म सोच्चा णिसम्म हतवा समणं भगवं महावीरं वदति णमंसंति वं० 2 ता पसिणाई पुच्छंति 2 ता अट्ठाई परियाइयंति अ० 2 ता उट्ठाए उट्ठति उ० 2 त्ता समणस्स भगवओ महा. वीरस्स अंतियाओ कोट्टयाओ चेइयाओ पडिणिक्खमंति 2 ता जेणेव सावत्थी णयरी तेणेव पहारेत्थ गमणाए // 436 // तए णं से संखे समणोवासए ते समणोवासए एवं वयासी-तुब्भे गं देवाणुप्पिया ! विउलं असणं पाणं खाइमं साइमं उवक्खडावेह, तए णं अम्हे तं विउलं असणं पाणं खाइमं साइमं आसाएमाणा विस्साएमाणा परिभुजेमाणा परिभाएमाणा पक्खियं पोसहं पडिजागरमाणा विहरिस्सामो / तएणं ते समणोवासया संखस्स समणोवासगस्स एयमढ़ विण. एणं पडिसुर्णेति। तए णं तस्स संखस्स समणोवासगस्स अयमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्था-णो खलु मे सेयं तं विउलं असणं जाव साइमं आसाएमाणस्स 4 पक्खियं पोसहं पडिजागरमाणस्स विहरित्तए, सेयं खलु मे पोसहसालाए पोसहियस्स बंभयारिस्स उम्मुक्कमणिसुवण्णस्स ववगयमालावण्णगविलेवणस्स णिक्खित्तसत्थमुसलस्स एगस्स अबिइयस्स दब्भसंथारोवगयस्स पक्खियं पोसहं पडिजागरमाणस्स विहरित्तएत्तिकटु एवं संपेहेइ 2 ता जेणेव सावत्थी णयरी Page #738 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 12 उ. 1 725 जेणेव सए गिहे जेणेव उप्पला समणोवासिया तेणेव उवागच्छइ 2 ता उप्पलं समणोवासियं आपुच्छइ 2 त्ता जेणेव पोसहसाला तेणेव उवागच्छइ 2 ता पोसहसालं अणुपविसइ २त्ता पोसहसालं पमज्जइ पो० 2 उच्चारपासवणभूमि पडि. लेहेइ उ० 2 ता दमसंथारगं संथरइ दब्भ० ता दब्भसंथारगं दुरूहइ 2 ता पोस. हसालाए पोसहिए बंभयारी जाव पक्खियं पोसहं पडिजागरमाणे विहरइ / तए ते समणोवासया जेणेव सावत्थी णयरी जेणेव साइं 2 गिहाई तेणेव उवागच्छंति 2 ता विउलं असणं पाणं खाइमं साइमं उवक्खडावेंति 2 ता अण्णमण्णं सदावेंति अ० 2 एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हेहिं से विउले असणपाणखाइमसाइमे उवक्खडाविए, संखे यणं समणोवासए णो हव्वमागच्छइ, तं सेयं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हं संखं समणोवासयं सद्दावेत्तए / तए णं से पोक्खली समणोवासए ते समणोवासए एवं वयासी-अच्छह गं तुब्भे देवाणु. प्पिया ! सुणिव्वुया वीसत्था अहण्णं संखं समणोवासयं सद्दावेमित्तिक१ तेसि समणोवासगाणं अंतियाओ पडिणिक्खमइ 2 त्ता सावत्थीए णयरीए मझमज्झेणं जेणेव संखस्स समणोवासगस्स गिहे तेणेव उवागच्छइ 2 ता संखस्स समणो. वासगस्स गिहं अणुपविढे / तए गं सा उप्पला समणोवासिया पोक्खलि समणोवासयं एज्जमाणं पासइ 2 ता हट्टतुट्ठा आसणाओ अब्भुठेइ 2 ता सत्तट्ठपयाई अणुगच्छइ 2 ता पोखलि समणोवासयं वंदइ णमंसइ वं० 2 ता आसणेणं उवणिमंतेइ. आ० 2 ता एवं वयासी-संदिसंतु गं देवाणुप्पिया ! किमागमणप्पओयणं ? तए णं से पोक्खली समणोवासए उप्पलं समणोवासियं एवं वयासी-कहिण्णं देवाणुप्पिए ! संखे समणोवासए ? तए णं सा उप्पला समणोवासिया पोलि समणीवासयं एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! संखे समणोवासए पोसहसालाए पोसहिए बंभयारी जाव विहरइ / तए णं से पोक्खली समणोवासए जेणेव पोसहसाला जेणेव संखे समणोवासए तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता गमणागमणाए पडिक्कमइ ग० त्ता संखं समणोबासयं वंदइ णमंसइ वं० 2 त्ता एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हहिं से विउले असण जाव साइमे उवक्खडाविए तं गच्छामो णं देवाणप्पिया! तं विउलं असणं जाव साइमं आसाएमाणा जाव पडिजागरमाणा विहरामो। तए णं से संखे समणोबासए पोक्खलि समणोवासयं एवं वयासी-णो खलु कप्पइ देवाणु Page #739 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 726 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि प्पिया ! तं विउलं असणं पाणं खाइमं साइमं आसाएमाणस्स जाव पडिजागरमाणस्स विहरित्तए, कप्पइ मे पोसहसालाए पोसहियस्स जाव विहरितए, तं छंदेणं देवाणुप्पिया ! तुब्भे तं विउलं असणं पागं खाइमं साइमं आसाएमाणा जाव विहरह / तए णं से पोक्खली समणोवासए संखस्स समणोवासगस्स अंति. याओ पोसहसालाओ पडिणिक्खमइ 2 ता साथि गरि मज्झमझेणं जेणेव ते समणोवासया तेणेव उवागच्छइ 2 ता ते समणोवासए एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! संखे समणोवासए पोसहसालाए पोसहिए जाब विहरइ, तं छंदेणं देवाणुप्पिया ! तुब्भे विउलं असणपाणखाइमसाइमं जाब विहरह, संखे णं समणोवासए णो हव्वमागच्छद' / तए णं ते समणोवासया तं विउलं असणं 4 आसाएमाणा जाव विहरंति / तए णं तस्स संखस्स समणोवासगस्स पुवरत्तावरत्तकालसमयंसि धम्मजागरियं जागरमाणस्स अयमेयारूवे जाव समुप्पज्जित्था-सेयं खलु मे कल्लं जाव जलंते समणं भगवं महावीरं वंदित्ता णमंसित्ता जाव पज्जुवासित्ता तओ पडिणियत्तत्स पक्खियं पोसहं पारित्तए त्तिकटु एवं संपेहेइ 2 ता कल्लं जाव जलंते पोसहसालाओ पडिणिक्खमइ 2 ता सुद्धप्पावेसाइं मंगल्लाइं वत्थाई पवरपरिहिए सयाओ गिहाओ पडिणिक्खमइ सयाओ गिहाओ पडिमिक्खमित्ता पायविहारचारेणं सात्थि णरि मज्झं. मज्झेणं जाव पज्जुवासइ / अभिगमो णत्थि / तए णं ते समवाणोसया कल्लं पाउप्पभायाए जाव जलते व्हाया कयबलिकम्मा जाव सरीरा सरहि-सएहि गेहेहितो पडिणिक्खमंति 2 त्ता स० एगयओ मिलायंति 2 ता सेसं जहा पढमं जाव पज्जुवासंति / तए णं समणे भगवं महावीरे तेसि समणोवासगाणं तीसे य धम्म. कहा जाव आणाए आराहए भवइ / तए णं ते समणोवासया समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं धम्म सोच्चा णिसम्म हट्टतुट्टा उट्टाए उठेति 2 त्ता समणं भगवं महावीरं वदति णमंसंति वं० 2 ता जेणेव संखे समणोवासए तेणेव उवागच्छंति 2 त्ता संखं समणोवासयं एवं वयासी-तुमं देवाणप्पिया ! हिज्जो अम्हे अप्पणा चेव एवं वयासी-तुम्हे णं देवाणुप्पिया ! विउलं असणं जाव विहरिस्सामो, तए णं तुमं पोसहसालाए जाव विहरिए तं सुठ्ठणं तुम देवाणुप्पिया! अम्हं हीलसि / अज्जोत्ति! समणे भगवं महावीरे तें समणोवासए एवं वयासी-मा णं अज्जो ! तुब्भे संखं समणोवासयं हीलह णिदह खिसह गरहह Page #740 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 12 उ. 2 727 अवमण्णह, संखे णं समणोवासए पियधम्मे चेव दढधम्म चेव सुदक्खजागरियं जागरिए / 437 // भंतेत्ति ! भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ वं० 2 ता एवं वयासी-कइविहा गं भंते ! जागरिया प० ? गोयमा ! तिविहा जागरिया प०, संजहा-बुद्धजागरिया, अबुद्धजागरिया, सुदक्खुजागरिया। से केणठेणं भंते ! एवं वच्चइ तिविहा जागरिया प०, तंजहा-बुद्धजागरिया 1 अबुद्धजागरिया 2 सुदक्खुजागरिया 3 ? गोयमा ! जे इमे अरिहंता भगवंतो उप्पण्णणाणदंसणधरा जहा खंदए जाव सव्वण्णू सव्वदरिसी एए गं बुद्धा बुद्ध. जागरियं जागरंति, जे इमे अणगारा भगवंतो इरियासमिया भासासमिया जाव गुत्तबंभयारी एए णं अबुद्धा अबुद्धजागरियं जागरंति, जे इमे समणोवासया अभिगयजीवाजीवा जाव विहरंति एए णं सुदक्खुजागरियं जागरंति, से तेणठेणं गोयमा ! एवं वच्चइ तिविहा जागरिया जाव सुदक्ख जागरिया / / 438 // तए णं से संखे समणोवासए समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ वंदित्ता णमं. एवं वयासी-कोहवसट्रेणं भंते ! जीवे कि बंधइ कि पकरेइ कि चिणाइ कि उवचिणाइ ? संखा ! कोहवसठे गं जीवे आउयवज्जाओ सत्त कम्मपयडीओ सिढिलबंधणबद्धाओ एवं जहा पढमसए असंवुडस्स अणगारस्स जाव अणुपरियट्टइ / माणवसट्टे गं भंते ! जीवे एवं चेव / एवं मायावसट्टेवि, एवं लोभवसमुवि जाव अणुपरियट्टइ / तए णं ते समणोवासया समणस्स भगवओ महा. वीरस्स अंतियं एयमलु सोच्चा णिसम्म भीया तत्था तसिया संसारभउन्विग्गा समणं भगवं महावीरं वंदंति णमंसंति वं० 2 ता जेणेव संखे समणोवासए तेणेव उवागच्छंति 2 त्ता संखं समणोवासयं वंदंति णमंसंति वं० २त्ता एय. मढें सम्मं विणएणं भज्जो 2 खामेति / तए णं ते समणोवासया सेसं जहा आलभियाए जाव पडिगया / भंते ! ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ वं० 2 ता एवं वयासी-पभू णं भंते ! संखे समणोवासए देवाणुप्पियाणं अंतियं सेसं जहा इसिमपुत्तस्स जाव अंतं काहिइ / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति जाव विहरइ // 436 // बारसमं सयं बीओ उद्देसो तेणं कालेणं तेणं समएणं कोसंबी णामं णयरी होत्था वण्णओ, चंदोवतरणे चेइए वण्णओ, तत्थ णं कोसंबीए णयरीए सहस्साणीयस्स Page #741 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 728 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि रण्णो पोत्ते सयाणीयस्स रण्णो पुत्ते चेडगस्स रण्णो णत्तुए मियावईए देवीए अत्तए जयंतीए समणोवासियाए भत्तिज्जए उदायणे णामं राया होत्था वएणओ, तत्थ णं कोसंबीए णयरीए सहस्साणीयस्स रण्णो सुण्हा सयाणीयस्स रणो भज्जा चेडगस्स रणो धूया उदायणस्स रण्णो माया जयंतीए समणोवासियाए भाउज्जा मियावई णाम देवी होत्था वण्णओ सुकुमाल जाव सुरूवा समणो. वासिया जाव विहरइ / तत्थ णं कोसंबीए णयरीए सहस्साणीयस्स रण्णो धूया सयाणीयस्स रण्णो भगिणी उदायणस्स रण्णो पिउच्छा मियावईए देवीए णणंदा वेयालीसावयाणं अरहताणं पुवसिज्जायरी जयंती णामं समणोवासिया होत्या सुकुमाल जाव सुरूवा अभिगय जाव विहरइ // 440 // तेणं कालेणं तेणं सम. एणं सामी समोसढे जाव परिसा पज्जुवासइ / तए णं से उदायणे राया इमीसे कहाए लद्धठे समाणे हद्वतुठे कोडंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासीखिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! कोसंबि णरि सब्भितरबाहिरियं० एवं जहा कूणिओ तहेव सव्वं जाव पज्जुवासइ। तए णं सा जयंती समणोवासिया इमोसे कहाए लद्धट्ठा समाणी हट्ठतुट्ठा जेणेव मियावई देवी तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता मियावई देवि एवं वयासी-एवं जहा णवमसए उसभदत्तो जाव भविस्सइ / तए णं सा मियावई देवी जयंतीए समणोवासियाए जहा देवाणंदा जाव पडिसुणेइ / तए णं सा मियावई देवी कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! लहुकरणजुसजोइय जाव धम्मियं जाणप्प. वरं जुत्तामेव उवट्ठवेह जाव उवट्ठवेंति जाव पच्चप्पिणंति / तए णं सा मिया. वई देवी जयंतीए समणोवासियाए सद्धि व्हाया कयबलिकम्मा जाव सरीरा बहूहिं खुज्जाहि जाव अंतेउराओ णिग्गच्छइ 2 ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव धम्मिए जाणप्पवरे तेणेव उवागच्छइ 2 ता जाव दुरूढा / तए गं सा मियावई देवी जयंतीए समणोवासियाए सद्धि धम्मियं जाणप्पवरं दुरूढा समाणी णियगपरियाल. जहा उसमदत्तो जाव धम्मियाओ जाणप्पवराओ पच्चोरहइ / तए णं सा मियावई देवी जयंतीए समणोवासियाए सद्धि बहूहि खुज्जाहिं जहा देवाणंदा जाव वंदइ णमंसइ उदायणं रायं पुरओ कटटु ठिइया चेव जाव पज्जुवासइ / तए णं समणे भगवं महावीरे उदायणस्स रण्णो मिया. वईए देवीए जयंतीए समणोवासियाए तीसे य महइ० जाव धम्म परिकहेइ जाव परिसा पडिगया उदायणे पडिगए मियावई देवीवि पडिगया // 441 // Page #742 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 12 उ. 2 729 तए णं सा जयंती समणोवासिया समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं धम्म सोच्चा णिसम्म हट्ठतुट्ठा समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ वं० 2 ता एवं वनासी-कहण्णं भंते ! जीवा गरुयत्तं हवमागच्छंति ? जयंती ! पाणाइवाएणं जाव मिच्छादसणसल्लेणं, एवं खलु जीवा गरुयत्तं हव्वमागच्छंति एवं जहा पढमसए जाव वीईवयंति / भवसिद्धियत्तणं भंते ! जीवाणं कि सभावओ परिणामओ ? जयंती ! सभावओ णो परिणामओ। सम्वेवि गं भंते ! भव. सिद्धिया जीवा सिज्झिस्संति ? हंता जयंती ! सब्वेवि गं भवसिद्धिया जीवा सिन्झिस्संति / जइ णं भंते / सम्वेवि भवसिद्धिया जीवा सिज्झिस्संति तम्हा गं भवसिद्धियविरहिए लोए भविस्सइ ?णो इणठे समठे / से केणं खाइएणं अढे णं भंते ! एवं वुच्चइ सव्वेवि गं भवसिद्धिया जीवा सिज्झिस्संति णो चेव णं भवसिद्धियविरहिए लोए भवस्सइ ? जयंती ! से जहाणामए सव्वागाससेढी सिया अणाइया अणवदागा परित्ता परिवुडा सा णं परमाणुपोग्गलमेत्तेहि खंडेहि समए 2 अवहीरमाणी 2 अणंताहि उस्सप्पिणीओसप्पिणीहिं अवहीरंति णो चेव णं अवहिया सिया, से तेणढेणं जयंती! एवं वच्चइ-सव्वेविणं भव. सिद्धिया जीवा सिज्झिस्संति णो चेव णं भवसिद्धियविरहिए लोए भविस्सइ / सुत्तत्तं भंते ! साहू जागरियत्तं साहू ? जयंती ! अत्थेगइयाणं जीवाणं सुत्तत्तं साहू अत्थेगइयाणं जीवाणं जागरियत्तं साह / से केणठेणं भंते ! एवं वच्चइ अत्थेगइयाणं जाव साह ? जयंती ! जे इमे जीवा अहम्मिया अहम्माणया अहम्मिट्टा अहम्मक्खाई अहम्मपलोई अहम्मपलज्जमाणा अहम्मसमदायारा अहम्मेणं चेव वित्ति कप्पेमाणा विहरति एएसि णं जीवाणं सुत्तत्तं साहू, एए णं जीवा सुत्ता समाणा णो बहूणं पाणभुयजीवसत्ताणं दुक्खणयाए सोयणयाए जाव परियावणयाए वटुंति, एए गं जीवा सुत्ता समाणा अप्पाणं वा परं वा तदुभयं वा णो बहहिं अहम्मियाहिं संजोयणाहिं संजोएत्तारो भवंति, एएसि जीवाणं सुत्तत्तं साहू / जयंती !जे इमे जीवा धम्मिया धम्माणुया जाव धम्मेणं चेव वित्ति कप्पेमाणा विहरंति एएसि गं जीवाणं जागरियत्तं साहू, एए पां जीवा जागरा समाणा बहूणं पाणाणं जाव सत्ताणं अदुक्खणयाए जाव अपरियावणयाए वति, ते णं जीवा जागरमाणा अप्पाणं वा परं वा तदुभयं वा बहहि धम्मियाहिं संजोयणाहिं संजोएत्तारो भवंति, एए णं जीवा जागरमाणा Page #743 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 730 अंग-पविटु सुत्ताणि धम्मजागरियाए अप्पाणं जागरइत्तारो भवंति, एएसि णं जीवाणं जागरियत्तं साहू, से तेणठेणं जयंती ! एवं वुच्चइ अत्थेगइयाणं जीवाणं सुत्तत्तं साहू अत्थेगइयाणे जीवाणं जागरियत्तं साह / बलियत्तं भंते ! साह, दुब्बलियत्तं साहू ? जयंती ! अत्थेगइयाणं जीवाणं बलियत्तं साहू अत्थेगइयाणं जीवाणं दुब्बलियत्तं साहू। से केणठेणं भंते ! एवं बुच्चइ जाव साहू ? जयंती ! जे इमे जीवा अहम्मिया जाव विहरंति एएसि जं जीवाणं दुब्बलियत्तं साहू, एए णं जीवा एवं जहा सुत्तस्स तहा दुबलियस्स वत्तव्वया भाणियव्वा, बलियस्स जहा जागरस्स तहा भाणियत्वं जाव संजोएत्तारो भवंति, एएसि णं जीवाणं बलियत्तं साहू, से तेण?णं जयंती ! एवं वुच्चइ तं चेव जाव साहू / दक्खत्तं भंते ! साह आलसियत्तं साह ? जयंती ! अत्थेगइयाणं जीवाणं दक्खत्तं साहू अत्थेगइयाणं जीवाणं आलसियत्तं साह / से केणठेण भंते ! एवं बच्चइ तं चेव जाव साहू ? जयंती ! जे इमे जीवा अहम्मिया जाव विहरंति एएसि णं जीवाणं आलसियत्तं साहू, एए णं जीवा आलसा समाणा णो बहूणं जहा सुत्ता तहा आलसा भाणियव्वा, जहा जागरा तहा दक्खा भाणियव्वा जाव संजोएत्तारो भवंति, एए णं जीवा दक्खा समाणा बाहिं आयरियवेयावच्चेहि उवज्झाय० थेर० तवस्सि० गिलाणवेयावच्चेहि सेहवेयावच्चेहि कुलवेयावच्चेहि गणवेयावच्चेहि संघवेयावच्चेहि साहम्मियवेयावच्चेहि अत्ताणं संजोएत्तारो भवंति, एएसि णं जीवाणं दक्खं साह, से तेणछैणं तं चेव जाव साह / सोइंदियवसट्टे णं भंते ! जीवे कि बंधइ ? एवं जहा कोहवसट्टे तहेव जाव अणुपरियट्टइ / एवं चक्खिदियवसट्रेवि, एवं जाव फासिदियवसट्टेवि जाव अणुपरियट्टइ / तए णं सा जयंती समणोवासिया समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं एयमझें सोच्चा णिसम्म हटता सेसं जहा देवाणंदाए तहेव पव्वइया जाव सव्वदुक्ख. प्पहीणा / सेवं भंते ! 2 त्ति // 442 // बारसमं सयं तइओ उद्देसो रायगिहे जाव एवं वयासी-कइ णं भंते ! पुढवीओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! सत्त पुढवीओ पण्णत्ताओ, तंजहा-पढमा दोच्चा जाव सत्तमा। पढमा ण भंते ! पुढवी किंणामा किंगोता पण्णत्ता ? गोयमा! घम्मा णामेणं रयणप्पभा गोत्तेणं, एवं जहा जीवाभिगमे पढमो रइयउद्देसओ सो चेव णिरवसेसो भाणियन्वो जाव अप्पाबहुगंति / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 443 // . Page #744 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 12 उ. 4 731 बारसमं सयं चउत्थो उद्देसो रायगिहे जाव एवं वयासी-दो भंते ! परमाणुपोग्गला एगयओ साहणंति एगयओ साहण्णिता कि भवइ ? गोयमा ! दुप्पएसिए खंधे भवइ, से भिज्ज. 'माणे दुहा कज्जइ एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ परमाणुपोग्गले भवइ / तिण्णि भंते ! परमाणुपोग्गला एगयओ साहणंति 2 ता कि भवइ ? गोयमा ! तिपएसिए खंधे भवइ, से भिज्जमाणे दुहावि तिहावि कज्जइ, दुहा कज्जमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ दुपएसिए खंधे भवइ, तिहा कज्जमाणे तिण्णि परमाणु. पोग्गला भवंति / चत्तारि भंते ! परमाणुपोग्गला एगयओ साहणंति० पुच्छा, गोयमा ! चउपएसिए खंधे भवइ, से मिज्जमाणे दुहावि तिहावि चउहावि कज्जइ, दुहा कज्जमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ तिपएसिए खंधे भवइ, अहवा दो दुपएसिया खंधा भवंति, तिहा कज्जमाणे एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ दुप्पएसिए खंधे भवइ, चउहा कज्जमाणे चत्तारि परमाणपोग्गला भवंति / पंच भंते ! परमाणुपोग्गला० पुच्छा, गोयमा ! पंचपएसिए खंधे भवइ, से भिज्ज़माणे दुहावि तिहावि चउहावि पंचहावि कज्जइ, दुहा कज्जमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ चउपएसिए खंधे भवइ अहवा एग. यओ दुपएसिए खंधे भवइ एगयओ तिपएसिए खंधे भवइ, तिहा कज्जमाणे एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ तिप्पएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ. दो दुपएसिया खंधा भवंति, चउहा कज्जमाणे एगयओ तिणिपरमाणुपोग्गला एगयओ दुप्पएसिए खंधे भवइ, पंचहा कज्जमाणे पंच परमाणुपोग्गला भवंति / छन्भंते ! परमाणुपोग्गला० पुच्छा, गोयमा ! छप्पएसिए खंधे भवइ, से भिज्जमाणे दुहावि तिहावि जाव छबिहावि कज्जइ, दुहा कज्जमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ पंचपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ दुप्पएसिए खंधे एगयओ चउपएसिए खंधे भवइ अहवा दो तिपएसिया खंधा भवंति, तिहा कज्जमाणे एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ चउपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ दुपएसिए खंधे एगयओ तिपएसिए खंधे भवइ अहवा तिण्णि दुपएसिया खंधा भवंति, चउहा * कज्जमाणे एगयओ तिण्णि परमाणुपोग्गला एगयओ तिपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ दो परमाणुपोग्गला भवंति एगयओ दो दुप्पएसिया खंधा भवंति, Page #745 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंग-पविट्ठ सुत्ताणि पंचहा कज्जमाणे एगयओ चत्तारि परमाणुपोग्गला एगयओ दुपएसिए खंधे भवइ, छहा कज्जमाणे छ परमाणुपोग्गला भवंति। सत्त भते ! परमाणुपोग्गला० पुच्छा, गोयमा ! सत्तपएसिए खंधे भवइ, से भिज्जमाणे दुहावि जाव सत्तहावि कज्जइ, दुहा कज्जमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ छप्पएसिए खंधे भवइ, अहवा एगयओ दुप्पएसिए खंधे भवइ एगयओ पंचपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ तिप्पएसिए खंधे एगयओ चउपएसिए खंधे भवइ, तिहा कज्जमाणे एगयओ दो परमाणपोग्गला एगयओ पंचपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ दुपएसिए खंधे एगयओ चउपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले * एगयओ दो तिपएसिया खंधा भवंति अहवा एगयओ दो दुपएसिया खंधा भवंति एगयओ तिपएसिए खंधे भवइ, चउहा कज्जमाणे एगयओ तिण्णि परमाणुपोग्गला एगयओ चउप्पएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ दुपए सिए खंधे एगयओ तिपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ तिण्णि दुपएसिया खंधा भवंति, पंचहा कज्जमाणे एगयओ चत्तारि परमाणुपोग्गला एगयओ तिपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ तिणि परमाणुपोग्गला एगयओ दो दुपएसिया खंधा भवंति, छहा कज्जमाणे एगयओ पंच परमाणु. पोग्गला एगयओ दुपएसिए खंधे भवइ, सत्तहा कज्जमाणे सत्त परमाणुपोग्गला भवंति / अट्ठ भंते ! परमाणुपोग्गला. पुच्छा, गोयमा ! अट्ठपएसिए खंधे भवइ जाव दुहा कज्जमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ सतपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ दुपएसिए खंधे एगयओ छप्पएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ तिपएसिए खंधे एगयओ पंचपएसिए खंधे भवइ अहवा दो चउप्पएसिया खंधा भवंति, तिहा कज्जमाणे एगयओ दो परमाणुपोग्गला भवंति एग. यओ छप्पएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ दुप्पएसिए खंधे एगयओ पंचपए सिए खंधे भवइ अहवा एगयओ परमाणुणोग्गले एगयओ तिपएसिए खंधे ए गयओ चउपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ दो दुपएसिया खंधा एगयओ चउप्पसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ दुपए सिए खंधे एगयओ दो तिपएसिया खंधा भवंति, चउहा कज्जमाणे एगयओ तिण्णि-परमाणुपोग्गला एगयओ पंचपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ दोण्णि परमाणुपोग्गला एगयओ Page #746 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 12 उ. 4 733 दुपएसिए खंधे एगयओ चउप्पएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ दो तिपएसिया खंधा भवंति अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ दो दुपएसिया खंधा एगयओ तिपएसिए खंधे भवइ अहवा चत्तारि दुपएसिया खंधा भवंति, पंचहा कज्जमाणे एगयओ चत्तारि परमाणुपोग्गला एगयओ चउप्पएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ तिण्णि परमाणुपोग्गला एगयओ दुपएसिए खंधे एगयओ तिपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ तिण्णि दुपएसिया खंधा भवंति, छहा कज्जमाणे एगयओ पंच परमाणुपोग्गला एगयओ तिपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ चत्तारि परमाणुपोग्गला एगयओ दो दुपएसिया खंधा भवंति सत्तहा कज्जमाणे एगयओ छ परमाणपोग्गला एगयओ दुपए सिए खंधे भवइ अट्टहा कज्जमाणे अट्ठ पर. माणुपोग्गला भवंति / णव मंते ! परमाणपोग्गला० पुच्छा, गोयमा ! जाव णवविहा कज्जंति, दुहा कज्जमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ अट्ठपएसिए खंधे भवइ, एवं एक्केक्कं संचारेंतेहिं जाव अहवा एगयओ चउप्पएसिए खंधे एगयओ पंचपएसिए खंधे भवइ, तिहा कज्जमाणे एगयओ दो पर. माणुपोग्गला एगयओ सत्तपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ दुपएसिए खंधे एगयओ छप्पएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ पर. माणुपोग्गले एगयओ तिपए सिए खंधे एगयओ पंचपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ दो चउप्पएसिया खंधा भवंति अहवा एगयओ दुपएसिए खंधे एगयओ तिपएसिए खंधे एगयओ चउप्पएसिए खंधे भवइ अहवा तिणि तिपएसिया खंधा भवंति, चउहा कज्जमाणे एगयओ तिण्णि परमाणपोग्गला एगयओ छप्पएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ दुपएसिए खंधे एगयओ पंचपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ तिपएसिए खंधे एगयओ चउप्पएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ परमाणपोग्गले एगयओ दो दुपएसिया खंधा एगयओ चउप्पएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ दुपएसिए खंधे एगयओ दो तिपएसिया खंधा भवंति अहवा एगयओ तिणि दुप्पएसिया खंधा एगयओ तिपएसिए खंधे भवइ, पंचहा कज्जमाणे एगयओ चत्तारि परमाणुपोग्गला एगयओ पंचपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ तिण्णि परमाणुपोग्गला एगयओ दुपएसिए खंधे एगयओ चउप्पएसिए खंधे भवइ अहवा एग. Page #747 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 734 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि यओ तिण्णि परमाणुपोग्गला एगयओ दो तिपएसिया खंधा भवंति अहवा एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ दो दुपएसिया खंधा एगयओ तिपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ चत्तारि दुपएसिया खंधा भवंति, छहा कज्जमाणे एगयओ पंच परमाणुपोग्गला एगयओ चउप्पएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ चत्तारि परमाणुपोग्गला एगयओ दुप्पएसिए खंधे एग. यओ तिपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ तिण्णि परमाणुपोग्गला एगयओ तिणि दुप्पएसिया खंधा भवंति, सत्तहा कज्जमाणे एगयओ छ परमाणुपोग्गला एगयओ तिप्पएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ पंच परमाणुपोग्गला एगयओ दो दुपएसिया खंधा भवंति, अट्ठहा कज्जमाणे एगयओ सत्त परमाणुपोग्गला एगयओ दुपएसिए खंधे भवइ, णवहा कज्जमाणे णव परमाणुपोग्गला भवंति / दस भंते ! परमाणुपोग्गला० पुच्छा, गोयमा ! जाव दुहा कज्जमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ णवपएसिए खंधे भवइ अहवां एगयओ दुपएसिए खंधे एगयओ अट्ठपएसिए खंधे भवइ एवं एक्केक्कं संचारेयव्वंति जाव अहवा दो पंचपएसिया खंधा भवंति, तिहा कज्जमाणे एगयओ दो परमाणुपोग्गला एग. यओ अट्ठपए सिए खंधे भवइ अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ दुपएसिए खंधे एगयओ सत्तपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ तिपएसिए खंधे भवइ एगयओ छप्पएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ परमाणु. पोग्गले एगयओ चउप्पएसिए० एगयओ पंचपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ दुपएसिए खंधे एगयओ दो चउप्पएसिया खंधा भवंति अहवा एगयओ दो तिपएसिया खंधा० एगयओ चउप्पएसिए खंधे भवइ, चउहा कज्जमाणे एगयओ तिण्णि परमाणुपोग्गला एगयओ सत्तपएसिए खंधे भवइ अहवा एग. यओ दो परमाणपोग्गला एगयओ दुपएसिए० एगयओ छप्पएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ तिप्पएसिए खंधे एगयओ पंचपए. सिए खंधे भवइ अहवा एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ दो चउप्पएसिया खंधा भवंति अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ दुपएसिए० एगयओ तिपएसिए० एगयओ चउप्पएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ तिण्णि तिपएसिया खंधा भवंति अहवा एगयओ तिण्णि दुपएसिया खंधा० एगयओ चउप्पएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ दो दुपएसिया खंधा Page #748 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 12 उ. 4 735 एगयओ दो तिपएसिया खंधा भवंति, पंचहा कज्जमाणे एगयओ चत्तारि पर. माणुपोग्गला एगयओ छप्पएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ तिण्णि परमाणु. पोग्गला एगयओ दुपएसिए खंधे एगयओ पंचपएसिए खंधे भवइ अहवा एग. यओ तिण्णि परमाणुपोग्गला एगयओ तिपए सिए खंधे एगयओ चउपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ दो परमाणु० एग० दो दुपएसिया खंधा एग० चउप्पए सिए खंधे भवइ अहवा एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ दुपएसिए खंधे० एगयओ दो तिपएसिया खंधा भवंति अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ तिणि दुपएसिया० एगयओ तिपएसिए खंधे भवइ अहवा पंच दुपए. सिया खंधा भवंति, छहा कज्जमाणे एगयओ पंच परमाणुपोग्गला एगयओ पंचपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ चत्तारि परमाणुपोग्गला एगयओ दुपए. सिए० एगयओ चउपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ चत्तारि परमाणुपोगला एगयओ दो तिपएसिया खंधा भवंति अहवा एगयओ तिण्णि परमाणुपोग्गला एगयओ दो दुपएसिया खंधा० एगयओ तिपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ चत्तारि दुपएसिया खंधा भवंति, सत्तहा कज्जमाणे एगयओ छ परमाणुपोग्गला एगयओ च उप्पएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ पंच परमाणुपोग्गला एगयओ दुपएसिए० एगयओ तिपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ चत्तारि परमाणुपोग्गला एगयओ तिण्णि दुपएसिया खंधा भवंति, अट्टहा कज्जमाणे एगयओ सत्त परमाणुपोग्गला एगयओ तिपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ छ परमाणुपोग्गला एगयओ दो दुपएसिया खंधा भवंति, णवहा कज्ज. माणे एगयओ अट्ठ परमाणुपोग्गला एगयओ दुपएसिए खंधे भवइ, दसहा कज्ज. माणे दस परमाणुपोग्गला भवंति / संखेज्जा णं भंते ! परमाणुपोग्गला एगयओ साहणंति एगयओ साहण्णित्ता किं भवइ ? गोयमा ! संखेज्जपएसिए खंधे भवइ से भिज्जमाणे दुहावि जाव दसहावि संखेज्जहावि कज्जइ, दुहा कज्जमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ संखेज्जपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ दुपएसिए खंधे एगयओ संखेज्जपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ तिपएसिए खंधे एगयओ संखेज्जपएसिए खंधे भवइ एवं जाव अहवा एगयओ दसपएसिए खंधे एगयओ संखेज्जपएसिए खंधे भवइ अहवा दो संखेज्जपएसिया खंधा भवंति, तिहा कज्जमाणे एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ संखेज्ज. Page #749 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 736 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि पएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ दुपएसिए खंधे एगयओ संखेज्जपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले. एगयओ तिपएसिए खंधे एगयओ संखेज्जपएसिए खंधे भवइ एवं जाव अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले ए गयओ दसपएसिए खंधे एगयओ संखेज्जपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ दो संखेज्जपएसिया खंधा भवंति अहवा एगयओ दुपएसिए खंधे एगयओ दो संखेज्जपएसिया खंधा भवंति, एवं जाव अहवा एगयओ दसपएसिए खंधे एगयओ दो संखेज्जपएसिया खंधा भवंति अहवा तिण्णि संखेज्जपएसिया खंधा भवंति, चउहा कज्जमाणे एगयओ तिण्णि परमाणुपोग्गला एगयओ संखेज्जपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ दुपएसिए खंधे एगयओ संखेज्जपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ तिप्पएसिए० एगयओ संखेज्जपएसिए खंधे भवइ एवं जाव अहवा एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ दसपएसिए. एगयओ संखेज्जपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ दो संखेज्जपएसिया खंधा भवंति अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ दुपएसिए खंधे एगयओ दो संखेज्जपएसिया खंधा भवंति जाव अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ दसपएसिए खंधे एगयओ दो संखेज्जपएसिया खंधा भवंति अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ तिण्णि संखेज्जपएसिया खंधा भवंति अहवा एगयओ दुपएसिए खंधे एगयओ तिण्णि संखेज्जपएसिया खंधा भवंति जाव अहवा एगयओ दसपएसिए खंधे एगयओ तिण्णि संखेज्जपएसिया खंधा भवंति अहवा चत्तारि संखेज्जपएसिया खंधा भवंति, एवं एएणं कमेणं पंचगसंजोगोवि भाणियन्वो जाव णवगसंजोगो, दसहा कज्जमाणे एगयओ णव परमाणुपोग्गला एगयओ संखेज्जपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ अट्ठ परमाणुपोग्गला एगयओ दुपएसिए० एगयओ संखेज्जपएसिए खंधे भवइ, एवं एएणं कमेणं एकेक्को पूरेयव्वो जाव अहवा एगयओ दसपएसिए खंधे एगयओ णव संखेज्जपएसिया खंधा भवंति अहवा दस संखेज्जपएसिया खंधा भवंति, संखेज्जहा कज्जमाणे संखेज्जा परमाणुपोग्गला भवंति। असंखेज्जा णं भंते ! परमाणुपोग्गला एगयओ साहण्णंति 2 ता किं भवइ ? गोयमा ! असंखेज्जपएसिए खंधे भवइ, से भिज्जमाणे दुहावि जाव दसहावि संखेज्जहावि असंखेज्जहावि कज्जइ, Page #750 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 12 उ. 4 737 दुहा कज्जमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ असंखेज्जपएसिए खंधे भवइ जाव अहवा एगयओ दसपएसिए० एगयओ असंखेज्जपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ संखेज्जपएसिए खंधे एगयओ असंखेज्जपएसिए खंधे भवइ अहवा दो असंखेज्जपएसिया खंधा भवंति, तिहा कज्जमाणे एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ असंखेज्जपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ दुपएसिए० एगयओ असंखेज्जपएसिए खंधे भवइ जाव अहवा एगयओ परमागुपोग्गले एगयओ दसपएसिए० एगयओ असंखेज्जपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ संखेज्जपएसिए० एगयओ असंखेज्जपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ दो असंखेज्जपएसिया खंधा भवंति अहवा एगयओ दुपएसिए० एगयओ दो असंखेज्जपएसिया खंधा भवंति एवं जाव अहवा एगयओ संखेज्जपएसिए खंधे भवइ एगयओ दो असंखेज्ज. पएसिया खंधा भवंति अहवा तिणि असंखेज्जपएसिया खंधा भवंति, चउहा कज्जमाणे एगयओ तिण्णि परमाणुपोग्गला एगयओ असंखेज्जपएसिए खंधे भवइ एवं चउक्कगसंजोगो जाव दसगसंजोगो एए जहेव संखेज्जपएसियस्स णवरं असंखेज्जयं एगं अहिगं भाणियव्वं जाव अहवा दस असंखेज्जपएसिया खंधा भवंति, संखेज्जहा कज्जमाणे एगयओ संखेज्जा परमाणुपोग्गला एगयओ असंखेज्जपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ संखेज्जा दुपएसिया खंधा एगयओ असंखेज्जपएसिए खंधे भवइ एवं जाव अहवा एगयओ संखेज्जा दसपएसिया खंधा एगयओ असंखेज्जपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ संखेज्जा संखेज्जपएसिया खंधा एगयओ असंखेज्जपएसिए खंधे भवइ अहवा संखेज्जा असंखेज्ज. पएसिया खंधा भवंति, असंखेज्जहा कज्जमाणे असंखेज्जा परमाणुपोग्गला भवंति / अणंता गं भंते ! परमाणुपोग्गला जाव किं भवइ ? गोयमा ! अणंत. पएसिए खंधे भवइ, से भिज्जमाणे दुहावि तिहावि जाव दसहावि संखेज्जहा असंखेज्जहा अणंतहावि कज्जइ, दुहा कज्जमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ अणंतपएसिए खंधे भवइ जाव अहवा दो अणंतपएसिया खंधा भवंति, तिहा कज्जमाणे एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ अणंतपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ . परमाणुपोग्गले एगयओ दुपएसिए० एगयओ अगंतपएसिए खंधे भवइ जाव अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ असंखेज्जपएसिए० Page #751 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 738 अंग-पविटु सुत्ताणि एगयओ अणंतपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ दो अगंतपएसिया खंधा भवंति अहवा एगयओ दुपएसिए० एगयओ दो. अणंतपएसिया खंधा भवंति एवं जाव अहवा एगयओ दसपएसिए० एगयओ दो अणंत. पएसिया खंधा भवंति अहवा एगयओ संज्जपएसिए० एगयओ दो अणंतपए. सिया खंधा भवंति अहवा एगयओ असंखेज्जपएसिए खंधे एगयओ दो अणंतपए. सिया खंधा भवंति अहवा तिण्णि अणंतपएसिया खंधा भवंति, चउहा कज्जमाणे एगयओ तिणि परमाणुपोग्गला एगयओ अणंतपएसिए खंधे भवइ एवं चउ. क्कसंजोगो जाव असंखेज्जगसंजोगो, एए सवे जहेव असंखेज्जाणं भणिया तहेव अणंताणवि भाणियध्वा गवरं एक अणंतगं अन्भहियं भाणियग्वं जाव अहवा एगयओ संखेज्जा संखेज्जपएसिया खंधा एगयओ अणंतपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ संखेज्जा असंखेज्जपएसिया खंधा एगयओ अणतपएसिए खंधे मवइ अहवा संखेज्जा अणंतपएसिया खंधा भवंति, असंखेज्जहा कज्ज. माणे एगयओ असंखेज्जा परमाणुपोग्गला एगयओ अणंतपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ असंखेज्जा दुपएसिया खंधा एगयओ अणंतपएसिए खंधे मवइ जाव अहवा एगयओ असंखज्जा संखेउजपएसिया बंधा एगयओ अणंतपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ असंखेज्जा असंखेज्जपएसिया खंधा एगयओ अणंत. पएसिए खंधे भवइ अहवा असंखेज्जा भणंतपएसिया खंधा भवंति, अणंतहा कज्ममाणे अणंता परमाणपोग्गला भवंति // 444 / / एएसि णं भंते ! परमाणु. पोग्गलाणं साहणणाभेयाणयाएणं अणंताणता पोग्गलपरियट्टा समणुगंतव्वा भवं. तीति मक्खाया? हंता गोयमा ! एएसिणं परमाणपोग्गलाणं साहणणाभयाण जाव मक्खाया। कइविहे गं भंते ! पोग्गलपरियट्टे पण्णसे ? गोयमा ! सत्तविहे पोग्गलपरियट्टे पण्णत्ते, तंजहा-ओरालियपोग्गलपरियट्टे वेउव्यिय० तेयापोग्गल. परियट्टे कम्मापोग्गलपरियट्टे मणपोग्गलपरियट्टे वइपोग्गलपरियट्टे आणापाणुपोग्गलपरियट्टे / णेरइयाणं भंते ! कइविहे पोग्गलपरियट्टे पण्णत्ते ? गोयमा ! सत्तविहे पोग्गलपरियट्टे पण्णत्ते, तंजहा-ओरालियपोग्गलपरियट्टे वेब्विय. पोग्गलपरियट्टे जाब आणापाणुपोग्गलपरियट्टे, एवं जाव वेमाणियाणं / एगमेस्स णं भंते ! णेरइयस्स केवइया ओरालियपोग्गलपरियट्टा अतीया ? अणंता, केव. इया पुरक्खडा? कस्सइ अत्थि कस्सइ पत्थि जस्सऽत्थि जहणेणे एक्को वा दो वा Page #752 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 12 उ. 4 739 तिणि वा उक्कोसेणं संखेज्जा वा असंखेज्जा वा अणंता वा। एगमेगस्स गं भंते ! असुरकुमारस्स केवइया ओरालियपोग्गलपरियट्टा०? एवं चेव, एवं जाव वेमाणियस्स / एगमेगस्स गं भंते ! रइयस्स केवइया वेउन्वियपोग्गल. परियट्रा अतीया ? गोयमा ! अणंता, एवं जहेव ओरालियपोग्गलपरियट्टा तहेव वेउब्वियपोग्गलपरियट्टावि भाणियब्वा, एवं जाव वेमाणियस्स एवं जाव आणापाणुपोग्गलपरियट्टा, एए एगत्तिया सत्त दंडगा भवंति / रइयाणं भंते ! केवइया ओरालियपोग्गलपरियट्टा अतीया ? गोयमा ! अर्णता, केवइया पुरक्खडा ? अणंता, एवं जाव वेमाणियाणं, एवं वेउव्यियपोग्गलपरियट्टावि एवं जाव आणापाणपोग्गलपरियट्टा माणियाणं, एवं एए पोहत्तिया सत्त. चउव्वीसइ दंडगा। एगमेगस्स गं भंते ! रइयस्स गरइयत्ते केवइया ओरा. लियपोग्गलपरियट्टा अतीया? गोयमा! णस्थि एक्कोवि, केवइया पुरक्खडा ? पत्थि एक्कोवि, एगमेगस्स णं भंतें ! जेरइयस्स असुरकुमारत्ते केवइया ओरा. लियपोग्गलपरियट्टा०?एवं चेव, एवं जाव थणियकुमारत्ते नहा असुरकुमारत्ते। एगमेगस्स गं भंते ! रइयस्स पढविक्काइयत्ते केवइया ओरालियपोग्गलपरियट्टा अतीया ? अणंता, केवइया पुरक्खडा ? कस्सइ अस्थि कस्सइ पत्थि जस्सस्थि तस्स जहणणं एक्को वा दो वा तिणि वा उक्कोसेणं संखेज्जा वा असंखेमा वा अणंता वा एवं जाव मणुस्सत्ते, वाणमंतरजोइसियवेमाणियत्ते जहा असुरकुमारत्ते / एगमेगस्स गं भंते ! असुरकुमारस्स रइयत्ते केवइया अतीया ओरालियपोग्गलपरियट्टा? एवं जहा गैरइयस्स वत्तव्वया भणिया तहा असुरकुमारस्सवि भाणियव्वा जाव वेमाणियते, एवं जाव थणियकुमारस्स, एवं पुढविकाइयस्सवि, एवं जाव वेमाणियस्स, सम्वेसि एक्को गमो / एगमेगस्स गं भंते ! रइयस्स गैरइयत्ते केवइया वेउध्वियपोग्गलपरियट्टा अतीया ? अर्णता, केवइया पुरक्खडा? एगत्तरिया जाव अणंता, एवं जाव थणियकुमारत्ते। पुढविकाइयत्ते पुच्छा, णत्थि एक्कोवि, केवइया पुरक्खडा ? णत्थि एक्कोवि, एवं जत्थ वेउब्वियसरीरं अत्थि तत्थ एगुत्तरिओ जत्थ पत्थि तत्थ जहा पुढविकाइयत्ते तहा भाणियव्वं जाव वेमाणियस्स वेमाणियत्ते / तेयापोग्गलपरियट्टा कम्मापोग्गलपरियट्टा य सव्वत्थ एगुत्तरिया भाणियव्वा, मणपोग्गलपरियट्टा सव्वेसु पंचिदिएसु एगुत्तरिया, विलिदिएसु णत्थि, वइपोग्गलपरि Page #753 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 740 अंग-पविट्ट सुत्ताणि यट्टा एवं चेव, णवरं एगिदिएसु णस्थि भाणियव्वा / आणापाणुपोग्गलपरियट्टा सम्वत्थ एगुत्तरिया जाव वेमाणियस्स वेमाणियत्ते / रइयाणं भंते ! णेरइयत्ते केवइया ओरालियपोग्गलपरियट्टा अतीया ? पत्थि एक्कोवि, केव. इया पुरक्खडा ? पत्थि एक्कोवि, एवं जाव थणियकुमारत्ते / पुढविकाइयत्ते पुच्छा, गोयमा ! अणंता, केवइया पुरक्खडा ? अणंता, एवं जाव मणुस्सत्ते वाणमंतरजोइसियवेमाणियत्ते जहा णेरइयत्ते एवं जाव वेमाणियस्स वेमाणियत्ते, एवं सत्तवि पोग्गलपरियट्टा भाणियन्वा, जत्थ अस्थि तत्थ अतीयावि पुरक्खडावि अणंता भाणियव्वा, जत्थ णत्थि तत्थ दोवि णत्थि भाणियव्वा जाव वेमाणियाणं वेमाणियत्ते केवइया आणापाणुपोग्गलपरियट्टा अतीया ? अर्णता, केवइया पुरक्खडा ? अणंता // 445 // से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ-ओरा. लियपोग्गलपरियट्टे 2 ? गोयमा ! जण्णं जीवेणं ओरालियसरीरे वट्टमाणेणं ओरालियसरीरपाउग्गाई दव्वाई ओरालियसरीरत्ताए गहियाई बद्धाइं पुट्ठाई कडाई पट्टवियाई णिविट्ठाई अभिणिविट्ठाई अभिसमण्णागयाइं परियाइयाई परिणामियाइं णिज्जिण्णाई णिसिरियाई णिसिद्वाइं भवंति, से तेणठेणं गोयमा! एवं वच्चइ ओरालियपोग्गलपरियट्टे 2, एवं वेउवियपोग्गलपरियट्रेवि णवरं वेउव्वियसरीरे वट्टमाणेणं वेउव्वियसरीरप्पाउग्गाई सेसं तं चेव सव्वं एवं जाव आणापाणुपोग्गलपरियट्टे, गवरं आणापाणुपाउग्गाइं सव्वदव्वाई आणापाणु. ताए सेसं तं चेव / ओरालियपोग्गलपरियट्रेणं भंते ! केवइकालस्स णिव्वत्तिज्जइ ? गोयमा ! अणंताहिं उस्सप्पिणिओसप्पिणीहिं एवइकालस्स णिव्वत्तिज्जइ, एवं वेउन्वियपोग्गलपरियट्टेवि, एवं जाव आणापाणुपोग्गलपरियट्टेवि / एयस्स गं भंते ! ओरालियपोग्गलपरियदृणिवत्तणाकालस्स वेउव्वियपोग्गल. जाव आणापाणुपोग्गलपरियट्टणिव्वत्तणाकालस्स कयरे कयरेहितो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवे कम्मगपोग्गलपरियट्टणिव्वत्तणाकाले, तेया. पोग्गलपरियट्टणिव्वत्तणाकाले अणंतगुणे, ओरालियपोग्गलपरियट्ट० अणंतगुणे, आणापाणुपोग्गल० अर्णतगुणे, मणपोग्गल० अणंतगुणे, वइपोग्गल० अणंतगुणे, वेउब्वियपोग्गलपरियट्टणिव्वत्तणाकाले अणंतगुणे // 446 // एएसि णं भंते ! ओरालियपोग्गलपरियट्टाणं जाव आणापाणुपोग्गलपरियट्टाणं य कयरे 2 हितो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा वेउव्वियपोग्गलपरियट्टा, वइ. Page #754 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 12 उ. 5 741 पोग्गलपरियडा अणतगणा, मणपोग्गलपरियट्टा अणंतगणा, आणापाणुपोग्गल. अणंतगुणा, ओरालियपोग्गल० अणंतगुणा, तेयापोग्गल० अणंतगुणा, कम्मगपोग्गल० अणंतगुणा / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति भगवं जाव विहरइ // 447 // बारसमं सयं पंचमो उद्देसो रायगिहे जाव एवं वयासी-अह भंते ! पाणाइवाए मुसावाए अदिण्णादाणे मेहुणे परिग्गहे, एस गं कइवण्णे कइगंधे कइरसे कइफासे पण्णते ? गोयमा! पंचवण्णे दुगंधे पंचरसे चउफासे पण्णत्ते। अह भंते ! कोहे 1 कोवे 2 रोसे 3 दोसे 4 अखमा 5 संजलणे 6 कलहे 7 चंडिक्के 8 भंडणे 6 विवाए 10, एस णं कइवण्णे जाव कइफासे पण्णत्ते ? गोयमा ! पंचवण्णे पंचरसे दुगंधे चउफासे पण्णत्ते / अह भंते ! माणे मए दप्पे थंभे गवे अत्तुक्कोसे परपरिवाए उक्कासे अवक्कासे उण्णए उण्णामे दुण्णामे 12, एस गं कइवण्णे 4 50 ? गोयमा ! पंचवण्णे जहा कोहे तहेव / अह भंते ! माया उवही णियडी वलए गहणे णमे कक्के कुरूए जिम्हे किदिवसे 10 आयरणया गृहणया वंचणया पलिउंचणया साइजोगे य 15, एस गं कइवण्णे 4 50 ? गोयमा! पंचवण्णे जहेव कोहे / अह भंते ! लोभे इच्छा मुच्छा कंखा गेही तण्हा भिज्झा अभिज्झा आसासणया पत्थणया 10 लालप्पणया कामासा भोगासा जीवियासा मरणासा गंदिरागे 16, एस णं कइवण्णे 4 50 ? गोयमा ! जहेव कोहे / अह भंते ! पेज्जे दोसे कलहे जाव मिच्छादसणसल्ले एस गं कइवण्णे 4 प० ? जहेव कोहे तहेव जाव चउफासे // 448 // अह : भंते ! पाणाइवायवेरमणे जाव परिग्गहवेरमणे, कोहविवेगे जाव मिच्छादसण. सल्लविवेगे एस गं कइवण्णे जाव कइफासे पण्णत्ते ? गोयमा ! अवणे अगंधे अरसे अफासे पण्णत्ते / अह भंते ! उप्पत्तिया वेणइया कम्मिया परिणामिया एस णं कइवण्णा 4 प० ? तं चेव जाव अफासा पण्णता / अह भंते ! उग्गहे ईहा अवाए धारणा एस गं कइवण्णा 450? एवं चेव जाव अफासा पण्णत्ता। अह भंते ! उट्ठाणे कम्मे बले बोरिए पुरिसक्कारपरक्कमे एस णं कइवणे 4 प९ ? तं चेव जाव अफासे पण्णत्ते / सत्तमे गं भंते ! उवासंतरे कइवण्णे 4 40 ? एवं चेव जाव अफासे पणत्ते / सत्तमे गं भंते ! तगुवाए कइवण्णे 4 50 ? जहा पाणाइवाए, णवरं अट्ठफासे पण्णत्ते, एवं जहा सत्तमे तणुवाए तहा Page #755 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 742 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि सत्तमे घणवाए घणोदही पुढवी, छठे उवासंतरे अवणे, तणुवाए जाव छट्ठी पुढवी एयाइं अट्ठ फासाई, एवं जहा सत्तमाए पुढवीए वत्तव्वया भणिया तहा जाव पढमाए पुढवीए भाणियव्वं, जंबुद्दीवे 2 जाव सयंभुरमणे समुद्दे, सोहम्मे कप्पे जाव ईसिपब्भारा पुढवी, णेरइयवासा जाव वेमामाणियावासा एयाणि सव्वाणि अटफासाणि / रइया णं भंते ! कइवण्णा जाव कइफासा पण्णता? गोयमा ! वेउवियतेयाइं पडुच्च पंचवण्णा पंचरसा दुगंधा अट्ठफासा पण्णत्ता, कम्मगं पडुच्च पंचवण्णा पंचरसा दुगंधा चउफासा पण्णत्ता, जीवं पडुच्च अवण्णा जाव अफासा पण्णत्ता, एवं जाव थणियंकुमारा। पुढविक्काइयाणं पुच्छा, गोयमा ! ओरालियतेयगाइं पड़च्च पंचवण्णा जाव अट्ठफासा पण्णत्ता, कम्मगं पडुच्च जहा रइयाणं, जीवं पडुच्च तहेव, एवं जाव चरिदिया, गवरं वाउक्काइया ओरालियवेवियतेयगाई पडुच्च पंचवण्णा जाव अट्ठफासा पण्णत्ता, सेसं जहा णेरइयाणं, पंचिदियतिरिक्खजोणिया जहा वाउक्काइया / मणुस्साणं पुच्छा, ओरालियवेउब्वियाहारगतेयगाई पडुच्च पंचवण्णा जाव अट्ठफासा पण्णत्ता, कम्मगं जीवं च पडुच्च जहा रइयाणं, वाणमंतरजोइसिय. वेमाणिया जहा रइया, धम्मत्थिकाए जाव पोग्गलत्थिकाए एए सव्वे अवण्णा णवरं पोग्गलत्थिकाए पंचवणे पंचरसे दुगंधे अट्टफासे पण्णत्ते, णाणावरणिज्जे जाव अंतराइए एयाणि चउफासाणि / कण्हलेस्सा णं भंते ! कइवण्णा० पुच्छा ? गोयमा! दव्वलेसं पड़च्च पंचवण्णा जाव अट्टफासा पण्णत्ता, भावलेसं पडुच्च अवण्णा 4, एवं जाव सुक्कलेस्सा, सम्मनिट्ठी 3 चक्खुटुंसणे 4 आभिणिबोहियणाणे 5 जाव विभंगणाणे आहारसण्णा जाव परिग्गहसण्णा एयाणि अवण्णाणि 4, ओरालियसरीरे जाव तेयगसरीरे एयाणि अटूफासाणि, कम्मगसरीरे चउफासे, मणजोगे वइजोगे य चउफासे, कायजोगे अटफासे, सागारोवओगे य अणागारोवओगे य अवण्णा / सव्वदव्वा णं भंते ? कइवण्णा० पुच्छा, गोयमा ! अत्थेगइया सव्वदव्वा पंचवण्णा जाव अट्टफासा पण्णत्ता, अत्थेगइया सव्वदव्वा पंचवण्णा जाव चउफासा पण्णत्ता अत्थेगइया सव्वदव्वा एगवण्णा एगगंधा एगरसा दुफासा पण्णत्ता, अत्थेगइया सव्वदव्वा अवण्णा जाव अफासा पण्णत्ता, एवं सव्वपएसावि सव्वपज्जवावि, तीयद्धा अवण्णा जाव अफासा पण्णत्ता, एवं अणागयद्धावि, एवं सव्वद्धावि / / 446 // जीवे गं भंते ! गन्भं वक्कममाणे कइवण्णं कइगंधं कइरसं कइफासं परिणामं परिण. Page #756 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 12 उ. 6 743 मइ ? गोयमा ! पंचवणं पंचरसं दुगंध अटफासं परिणामं परिणमइ // 450 // कम्मओ णं भंते / जीवे णो अकम्मओ विभत्तिभावं परिणमइ कम्मओ णं जए जो अकम्मओ विभत्तिभावं परिणमइ ? हंता गोयमा ! कम्मओ गं तं चेव जाव परिणमइ णोअकम्मओ विभत्तिभावं परिणमइ / सेवं भंते ! २ति॥४५१॥ बारसमं सयं छट्ठो उद्देसो रायगिहे जाव एवं वयासी-बहुजणे णं भंते ! अण्णमण्णस्स एवमाइक्खइ जाव एवं परूवेइ-एवं खल राह चंदं गेण्हइ एवं० 2 / से कहमेयं भंते ! एवं ? गोयमा ! जण्णं से बहुजणे णं अण्णमण्णस्स जाव मिच्छं ते एवमाहंसु / अहं पुण गोयमा ! एवमाइक्खामि जाव एवं परूवेमि-एवं खलु राहू देवे महिडिए जाव महेसक्खे वरवत्यधरे वरमल्लधरे वरगंधधरे वराभरणधारी, राहुस्स गं देवस्स णव णामधेज्जा पण्णत्ता, तंजहा-सिंघाडए 1 जडिलए 2 खंभए [खत्तए ] 3 खरए 4 ददुरे 5 मगरे 6 मच्छे 7 कच्छभे 8 कण्हसप्पे 6, राहुस्स णं देवस्स विमाणा पंचवण्णा पण्णत्ता, तंजहा-किण्हा णीला लोहिया हालिद्दा सुक्किल्ला अस्थि ‘कालए राहुविमाणे खंजणवण्णाभे पण्णत्ते, अस्थि णीलए राहविमाणे लाउयवण्णाभे प० अस्थि लोहिए राहुविमाणे मंजिट्ट. वण्णाभे 50 अत्यि पीयए राहविमाणे हालिद्दवण्णाभे पण्णत्ते, अस्थि सुश्किल्लए राहविमाणे भासरासिवण्णाभे पण्णत्ते / जया णं राह आगच्छमाणे वा गच्छमाणे वा विउठवमाणे वा परियारेमाणे वा चंदलेस्सं पुरथिमेणं आवरेत्ता गं पच्चत्थिमेणं वीईवयइ, तया गं :पुरस्थिमेणं चंदे उवदंसेइ पच्च. थिमेणं राहू, जया गं राहू आगच्छमाणे वा गच्छमाणे वा विउव्वमाणे वा परियारेमाणे वा चंदलेस्सं पच्चत्थिमेणं आवरेत्ताणं पुरत्थिमेणं वीईवयइ, तया णं पच्चत्थिमेणं चंदे उवदंसेइ पुरथिमेणं राहू, एवं जहा पुरथिमेणं पच्चत्थिमेण य दो आलावगा भणिया तहा दाहिणणं उत्तरेण य दो आला. वगा भाणियव्वा, एवं उत्तरपुरस्थिमेणं दाहिणपच्चत्थिमेण य दो आलावगा माणियव्वा, एवं दाहिणपुरस्थिमेणं उत्तरपच्चत्थिमेण य दो आलावगा भाणियव्वा एवं चेव जाव तया गं उत्तरपच्चत्थिमेणं चंदे उवदंसेइ दाहिणपुरथिमेणं राहू, जया गं राहू आगच्छमाणे वा गच्छमाणे वा विउव्वमाणे वा परियारेमाणे वा चंदलेस्सं आवरेमाणे 2 चिट्ठइ, तया गं मणुस्सलोए मणुस्सा वयंति-एवं Page #757 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 744 अंग-पविट्ट सुत्ताणि खलु राहू चंदं गेण्हइ एवं०, जया णं राहू आगच्छमाणे वा 4 चंदस्स लेस आवरेत्ताणं पासेणं वीईवयइ तया णं मणुस्सलोए मणुस्सा वयंति-एवं खलु चंदेणं राहुस्स कुच्छी भिण्णा एवं०, जया णं राहू आगच्छमाणे वा 4 चंदस्स लेस्सं आवरेत्ताणं पच्चोसक्कइ तया णं मणुस्सलोए मणुस्सा वयंति-एवं खलु राहुणा चंदे वंते एवं०, जया गं राहू आगच्छमाणे वा जाव परियारेमाणे वा चंदलेस्सं अहे सपक्खि सपडिदिसि आवरेत्ताणं चिट्ठइ, तया णं मणुस्सलोए मणुस्सा वयंति-एवं खलु राहुणा चंदे घत्थे एवं० / कइविहे गं भंते ! राहू पण्णत्ते ? गोयमा ! दुविहे राहू पण्णत्ते, तंजहा-धुवराहू य पव्वराहू य, तत्य गंजे से धवराह से गं बहुलपक्खस्स पाडिवए पण्णरसइभागेणं पण्णरसइभागं चंदस्स लेस्सं आवरेमाणे 2 चिट्ठइ, तंजहा-पढमाए-पढमं भागं बिइयाए बिइयं भागं जाव पण्णरसेसु पण्णरसमं भागं, चरिमसमए चंदे रत्ते भवइ अवसेसे समए चंदे रत्ते वा विरत्ते वा भवइ, तमेव सुक्कपक्खस्स उवदंसेमाणे 2 चिट्ठइ पढमाए पढमं भागं जाव पण्णरसेसु पण्णरसमं भागं, चरिमसमए चंदे विरत्ते भवइ अवसेसे समए चंदे रत्ते वा विरत्ते वा भवइ,, तत्थ णं जे से पव्वराहू से जहण्णेणं छण्हं मासाणं उक्कोसेणं बायालीसाए मासाणं चंदस्स, अडयालीसाए संवच्छराणं सूरस्स // 452 // से केणठेणं भंते ! एवं वच्चइ-चंदे ससी 2? गोयमा ! चंदस्स णं जोइसिदस्स जोइसरण्णो मियंके विमाणे कंता देवा कंताओ देवीओ कंताई आसणसयणखंभभंडमत्तोवगरणाई अप्पणावि य णं चंदे जोइसिदे जोइसराया सोमे कंते सुभए पियदसणे सुरूवे से तेणठेणं जाव ससी // 453 // से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ-सूरे आइच्चे सूरे० ? गोयमा ! सूराइया णं समयाइ वा आवलियाइ वा जाव उस्सप्पिणीइ वा अवसप्पिणीइ वा से तेण. ठेणं गोयमा ! जाव आइच्चे० 2 // 454 // चंदस्स णं भंते ! जोइसिदस्स जोइसरण्णो कइ अग्गमहिसीओ पण्णत्ताओ? जहा समसए जाव णो चेव णं मेहुणवत्तियं / सूरस्सवि तहेव / विमसूरिया णं भंते ! जोइसिदा जोइसदायाणो केरिसए कामभोगे पच्चणुब्भवमाणा विहरंति ? गोयमा ! -से जहा. णामए केइ पुरिसे पढमजोवणुट्ठाणबलत्थे पढमजोवणुट्ठाणबलत्याए भारियाए सद्धि अचिरवत्तविवाहकज्जे अत्थगवेसणयाए सोलसवासविष्पवासिए से गं तओ लट्ठे कयकज्जे अणहसमग्गे पुणरवि णियगगिहं हव्वमागए हाए Page #758 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 12 उ.७ 745 कयबलिकम्मे कयकोउय-मंगल-पायच्छित्ते सव्वालंकारविभूसिए मणुण्णं थाली. पागसुद्धं अट्ठारसवंजणाउलं भोयणं भत्ते समाणे तंसि तारिसगंसि वासघरंसि वण्णओ महब्बले कुमारे जाव सयणोवयारकलिए ताए तारिसियाए भारियाए सिंगारागारचारुवेसाए जाव कलियाए अणुरत्ताए अविरत्ताए मणाणुकूलाए सद्धि इठे सद्दे फरिसे जाव पंचविहे माणुस्सए कामभोगे पच्चणुब्भवमाणे विहरेज्जा, से णं गोयमा ! पुरिसे विउसमणकालसमयंसि केरिसयं सायासोक्खं पच्चणुब्भवमाणे विहरइ ? ओरालं समणाओ ! तस्स णं गोयमा ! पुरिसस्स कामभोहितो वाणमंतराणं देवाणं एत्तो अणंतगुणविसिटुतरा चेव कामभोगा, वाणमंतराणं देवाणं कामभोगेहितो असुरिंदवज्जियाणं भवणवासीणं देवाणं एत्तो अणंतगुणविसिटुतरा चेव कामभोगा, असुरिंदवज्जियाणं भवणवासियाणं देवाणं कामभोगेहितो असुरकुमाराणं देवाणं एत्तो अणंतगुणविसिट्टतरा चेव कामभोगा, असुरकुमाराणं देवाणं कामभोहितो गहगणणक्खत्ततारारूवाणं जोइसियाणं देवाणं एत्तो अणंतगुणविसिट्टतरा चेव कामभोगा, गहगणणक्खत्त० जाव कामभोहितो चंदिमसूरियाणं जोइसियाणं जोइसराईणं एत्तो अणंतगुण. विसिटुतरा चेव कामभोगा, चंदिमसूरिया णं गोयमा! जोइसिंदा जोइसरायाणो एरिसे कामभोगे पच्चणुम्भवमाणा विहरंति / सेवं भंते ! सेवं भते ! त्ति . भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं जाव विहरइ // 455 // .. बारसमं सयं सत्तमो उद्देसो तेणं कालेणं तेणं समएणं जाव एवं वयासी-केमहालए णं भंते ! लोए पण्णत्ते ? गोयमा ! महइमहालए लोए पण्णत्ते, पुरथिमेणं असंखेज्जाओ जोयणकोडाकोडीओ वाहिणणं असंखेज्जाओ एवं चेव, एवं पच्चस्थिमेणवि, एवं उत्तरेणवि, एवं उड्डंपि, अहे असंखेज्जाओ जोयणकोडाकोडीओ आयामविक्खंभेणं / एयंसि णं भंते ! एमहालयंसि लोगंसि अस्थि केइ परमाणुपोग्गलमेत्तेवि पएसे जत्थ णं अयं जीवे ण जाए वा ण मए वावि ? गोयमा ! णो इणछे समठे / से केणठेणं भंते ! एवं वच्चइ एयंसि णं एमहालयंसि लोगंसि पत्थि केइ परमाणपोग्गलमेत्तेवि पएसे जत्थ णं अयं जीवे ण जाए वा ण मए वावि ? गोयमा ! से जहाणामए केइ पुरिसे अयासयस्स एगं महं अयावयं करेज्जा, से गं तत्थ जहणेणं एक्कं वा दो वा तिण्णि वा उक्कोसेणं Page #759 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 746 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि अयासहस्सं पक्खिवेज्जा, ताओ णं तत्थ पउरगोयराओ पउरपाणियाओ जहण्णेणं एगाहं वा दुयाहं वा तियाहं वा उक्कोसेणं छम्मासे परिवसेज्ना, अस्थि णं गोयमा ! तस्स अयावयस्स केई परमाणुपोग्गलमेत्तेवि पएसे जेणं तासि अयाणं उच्चारेण वा पासवणेण वा खेलेण वा सिंघाणएण वा वंतेण वा पित्तण वा पूएण वा सुक्केण वा सोणिएण वा चम्महि वा रोमेहि वा सिहि वा खुरेहि वा पहेहिं वा अणक्कंतपुव्वे भवइ ? भगवं! णो इणठे समझें / होज्जावि णं गोयमा ! तस्स अयावयस्स केई परमाणुपोग्गलमेत्तेवि पएसे जे णं तासि अयाणं उच्चारेण वा जाव णहेहि वा अणक्कंतपुब्वे णो चेव णं एयंसि एमहालयंसि लोगंसि लोग़स्स य सासयं भावं संसारस्स य अणाइभावं जीवस्स य णिच्चभावं कम्मबहुत्तं जम्मणमरणबाहुल्लं च पडुच्च णस्थि केइ परमाणुपोग्गलमेत्तेवि पएसे जत्थ णं अयं जीवे ण जाए वा ण मए वावि, से तेणढेणं तं चेव जाव ण मए वावि // 456 // कइ णं भंते ! पुढवीओ पण्ण. त्ताओ ? गोयमा ! सत्त पुढवीओ पण्णताओ जहा पढमसए पंचमउद्देसए तहेव आवासा ठावेयव्वा जाव अणुत्तरविमाणेत्ति जाव अपराजिए सव्वट्ठ. सिद्धे / अयण्णं भंते ! जीवे इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए णिरयावास. सयसहस्सेसु एगमेगंसि णिरयावासंसि पुढविकाइयत्ताए जाव वणस्सइकाइयत्ताए णरगत्ताए णेरइयत्ताए उववण्णपुटवे ? हंता गोयमा ! असई अदुवा अणंतखुत्तो। सव्वजीवा वि णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए णि रया. वाससयसहस्सेसु तं चेव जाव अणंतखुत्तो / अयण्णं भंते ! जीवे सक्करप्पभाए पुढवीए पणवीसाए एवं जहा रयणप्पभाए तहेव दो आलावगा भाणियव्वा, एवं जाव धूमप्पभाए / अयण्णं भंते ! जीवे तमाए पुढवीए पंचूणे णिरयावास. सयसहस्से एगमेगंसि सेसं तं चेव, अयण्णं भंते ! जीव अहेसत्तमाए पुढवीए पंचसु अणुत्तरेसु महइमहालएसु महाणिरएसु एगमेगंसि णिरयावासंसि सेसं जहा रयणप्पभाए / अयण्णं भंते ! जीवे चउसट्ठीए असुरकुमारावाससयसहस्सेसु एगमेगंसि असुरकुमारावासंसि पुढविक्काइयत्ताए जाव वणस्सइ. काइयत्ताए देवत्ताए देवित्ताए आसणसयणमंडमत्तोवगरणत्ताए उववण्णपुवे ? हंता गोयमा ! जाव अणंतखुत्तो, सव्वजीवावि णं भंते ! एवं चेव, एवं जाव थणियकुमारेसु, णाणत्तं आवासेसु, आवासा पुव्वभणिया / अयण्णं भंते ! Page #760 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 12 उ. 7 747 जोवे असंखेज्जेसु पुढविषकाइयावाससयसहस्सेसु एगमेगंसि पुढविक्काइया. वासंसि पुढविकाइयत्ताए जाव वणस्सइकाइयत्ताए उववण्णपुव्वे ? हंता गोयमा ! जाव अणंतखुत्तो, एवं सव्वजीवावि, एवं जाव वणस्सइकाइएसु। अयण्णं भंते ! जीवे असंखेज्जेसु बेंदियावाससयसहस्सेसु एगमेगंसि बेंदियावासंसि पुढविक्काइय. ताए जाव वणस्सइकाइयत्ताए बेइंदियत्ताए उववण्णपुव्वे ? हंता गोयमा ! जाव अणंतखुत्तो, सव्वजीवावि णं एवं चेव, एवं जाव मणुस्सेसु, णवरं तेइंदिएसु जाव वणस्सइकाइयत्ताए तेइंदियत्ताए चरिदिएसु चरिदियत्ताए पंचिदियतिरिक्खजोणिएसु पंचिदियतिरिक्खजोणियत्ताए मणुस्सेसु मणुस्सत्ताए सेसं जहा बंदियाणं, वाणमंतरजोइसियसोहम्मीसाणेसु य जहा असुरकुमाराणं / अयण्णं भंते ! जीवे सणंकुमारे कप्पे बारससु विमाणावाससयसहस्सेसु एगमे. गसि वेमाणियावासंसि पुढविकाइयत्ताए सेसं जंहा असुरकुमाराणं जाव अणंतखुत्तो, णो चेव णं देवीत्ताए, एवं सव्वजीवावि, एवं जाव आणयपाणएसु, एवं आरणच्चएसुवि / अयण्णं भंते ! जीवे तिसुवि अट्ठारसुत्तरेसु गेविज्जविमाणा. वाससएसु एवं चेव / अयण्णं भंते ! जीवे पंचसु अणत्तरविमाणेसु एगमेगंसि अणुत्तरविमाणसि पुढवि० तहेव जाव अणंतखुत्तो, णो चेव णं देवत्ताए वा देवि. ताए बा एवं सव्वजीवावि / अयण्णं भंते ! जीवे सव्वजीवाणं माइताए पिइ. ताए माइसाए भगिणित्ताए भज्जत्ताए पुसत्ताए धूयत्ताए सुण्हत्ताए उववष्णपुव्वे ? हंता गोयमा ! असई अदुवा अणंतखुत्तो / सव्वजीवावि णं भंते ! इमस्स जीवस्स माइत्ताए जाव उववण्णपुव्वे ? हंता गोयमा ! जाव अणंतखत्तो। अयण्णं भंते ! जीवे सव्वजीवाणं अरित्ताए वेरियत्ताए घायगत्ताए वह. गत्ताए पडिणीयत्ताए पच्चामित्तत्ताए उववण्णपुवे ? हंता गोयमा ! जाव अणंतखुत्तो। सव्वजीवावि णं भंते ! एवं चेव, अयण्णं भंते ! जीवे सव्वजीवाणं रायत्ताए जुवरायत्ताए जाव सत्थवाहत्ताए उववण्णपुव्वे ? हंता गोयमा ! असई जाव अणंतखुत्तो, सव्वजीवाणं एवं चेव / अयण्णं भंते ! जीवे सव्वजीवाणं दासत्ताए पेसत्ताए भयगत्ताए भाइल्लगत्ताए भोगपुरिसत्ताए सीसत्ताए वेसत्ताए उववण्णपुव्वे ? हंता गोयमा ! जाव अणंतखुत्तो, एवं सव्वमीवावि जाव अगंतखुत्तो / सेवं भंते ! सेवं भंते / ति जाव विहरइ // 457 // Page #761 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 748 अंग-पविटु सुत्ताणि बारसमं सयं अट्ठमो उद्देसो तेणं कालेणं तेणं समएणं जाव एवं वयासी-देवे णं भंते ! महिड्डिए जाव महेसक्खे अणंतरं चयं चइत्ता बिसरीरेसु णागेसु उववज्जेज्जा ?हता गोयमा ! उववज्जेज्जा, से णं तत्थ अच्चियवंदियपूइयसकारियसम्माणिए दिव्वे सच्चे सच्चोवाए संणिहियपाडिहेरे यावि भवेज्जा ? हंता भवेज्जा / से णं भंते ! तओहितो अणंतरं उध्वट्टित्ता सिज्झेज्जा बुज्झज्जा जाव अंतं करेज्जा ? हंता सिज्झेज्जा जाव अंतं करेज्जा / देवे णं भंते ! महिड्डिए एवं चेव जाव बिसरोरेसु मणीसु उववज्जेज्जा, एवं चेव जहा णागाणं / देवे णं भंते ! महिड्डिए जाव बिसरीरेसु रुक्खेसु उववज्जेज्जी ? हंता उववज्जेज्जा, एवं चेव, णवरं इमं णाणत्तं जाव सण्णिहियपाडिहेरे लाउल्लोइयमहिए यावि भवेज्जा ? हंता भवेज्जा, सेसं तं चेव जाव अंतं करेज्जा // 458 / / अह भंते ! गोलंगलवसभे कुक्कुडवसभे मंडुक्कवसभे एए गं णिस्सीला णिव्वया णिग्गुणा णिम्मेरा णिप्पच्चक्खाणपोसहोववासा कालमासे कालं किच्चा इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए उक्कोसेणं सागरोवमदिईयंसि परंयंसि रइयत्ताए उववज्जेज्जा? समणे भगवं महावीरे वागरेइ-उववज्जमाणे उक्वण्णेत्ति वत्तव्वं सिया / अह भंते ! सीहे वग्घे जहा उस्सप्पिणी उद्देसए जाव परस्सरे एए गं णिस्सीला एवं चेव जाव वत्तव्वं सिया / अह भंते ! ढंके कंके विलए मग्गुए सिखीए, एए गं णिस्सीला० सेसं तं चेव जाव वत्तव्वं सिया / सेवं भंते ! सेवं भते ! त्ति जाव विहरइ / / 456 // बारसमं सयं णवमो उद्देसो . कइविहा णं भंते ! देवा पण्णत्ता ? गोयमा ! पंचविहा देवा पण्णत्ता, तंजहा-भवियदव्वदेवा 1 णरदेवा 2 धम्मदेवा 3 देवाहिदेवा 4 भावदेवा 5 / से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ-भवियदव्वदेवा-भवियदव्वदेवा ? गोयमा ! जे भविए पंचिदियतिरिक्खजोणिए वा मणस्से वा देवेसु उववज्जित्तए से तेणठेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ भवियदव्वदेवा 2 / से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ णरदेवा-णरदेवा ? गोयमा ! जे इमे रायाणो चाउरंतचक्कवटी उप्पण्णसमत्त. चक्करयणप्पहाणा णवणिहिपइणो समिद्धकोसा बत्तीसं रायवरसहस्साणुयायमग्गा सागरवरमेहलाहिवइणो मणुस्सिदा से तेण→णं जाव. गरदेवा 2 / से Page #762 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 12 उ. 9 749 केण?णं भंते ! एवं वुच्चइ-धम्मदेवा-धम्मदेवा ? गोयमा ! जे इमे अणगारा भगवंतो .इरियासमिया जाव गत्तबंभयारी से तेणठेणं जाव धम्मदेवा 2 / से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ-देवाहिदेवा-देवाहिदेवा ? गोयमा ! जे इमे अरिहंता भगवंतो उप्पण्णणाणदंसणधरा जाव सव्वदरिसी से तेणठेणं जाव देवाहिदेवा 2 / से केणढेणं भंते ! एवं वच्चइ-भावदेवा-भावदेवा ? गोयमा ! जे इमे भवणवइवाणमंतरजोइसियवेमाणिया देवा देवगइणामगोयाई कम्माई वेदेति से तेणठेणं जाव भावदेवा 2 // 460 // भवियदव्वदेवाणं भंते ! कओहितो उववज्जति किणेरइएहितो उववन्जंति तिरिक्ख० मणस्स० देवेहितो उववज्जति ? गोयमा ! ऐरइएहितो उववज्जति तिरि० मणु० देवेहितोवि उववज्जति, भेओ जहा वक्कंतीए सम्वेसु उववाएयव्वा जाव अणुत्तरोववाइयत्ति, णवरं असंखेज्जवासाउयअकम्मममियअंतरदीवगसव्वदृसिद्धवज्जं जाव अपराजियदेवेहितोवि उववज्जंति, णो सम्वदृसिद्धवेवेहितो उववज्जति / गरदेवा गं भंते ! कओहितो उववज्जंति, कि गेरइए० पुच्छा, गोयमा! गेरइएहितो उववज्जति णो तिरि० णो मणु० देवेहितोवि उववज्जति / जइ गैरइएहितो उव. वजंति कि रयणप्पभापुढविणेरइएहितो उववज्जति जाव अहेसत्तमापुढविणेरइएहितो उववज्जति ? गोयमा ! रयणप्पभापुढविणेरइएहितो उववज्जति णो सक्कर० जाव जो अहेसत्तमापुढविणेरइएहितो उववज्जति / जइ देवेहितो उववज्जति किं भवणवासिवेवेहितो उववज्जति वाणमंतर० जोइसिय० वेमाणियदेवेहितो उववज्जति ? गोयमा ! भवणवासिदेवेहितोवि उववज्जति वाणमंतर० एवं सव्वदेवेसु उववाएयव्वा वक्तीभेएणं जाव सव्वट्ठसिद्धत्ति / धम्मदेवा गं भंते ! कओहिंतो उववज्जति किं गैरइरहितो. ? एवं वक्कंतीभेएणं :सव्वेसु उववाएयवा जाव सव्वट्ठसिद्धत्ति, णवरं तमा अहे. सत्तमाए तेउवाउअसंखेज्जवासाउयअकम्मभूमियअंतरदीवगवज्जेसु / देवाहिदेवा गं भंते ! कओहितो उववज्जति किं णेरइएहितो उववज्जति पुच्छा, गोयमा ! णेरइएहितो उववज्जति णो तिरि० णो मणु० देवेहितोवि उववति / जइ णेरइएहितो ? एवं तिसु पुढवीसु उववज्जति सेसाओ खोडेयव्वाओ / जइ देवेहितो. वेमाणिएसु सव्वेसु उववज्जति जाव सन्वट्ठसिद्धत्ति, सेसा खोडेयव्वा / भावदेवा गं भंते ! कओहितो उववज्जति ? एवं जहा वक्कं. तीए भवणवासीणं उववाओ तहा भाणियव्वो // 461 // भवियदव्वदेवाणं Page #763 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 750 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि भंते ! केवइयं कालं ठिई प० ? गोयमा जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेगं तिण्णि पलिओवमाइं / परदेवाणं पुच्छा, गोयमा ! जहणेष्णं सत्त वाससयाई उक्कोसेणं चउरासीई पुव्वसयसहस्साइं / धम्मदेवाणं भंते ! पुच्छा, गोयमा ! जहणेणं अंतोमुहत्तं उक्कोसेणं देसूणा पुवकोडी / देवाहिदेवाणं पुच्छा, गोयमा ! जहण्णेणं बावरि वासाइं उक्कोसेणं चउरासीई पुव्वसयसहस्साई। भावदेवाणं पुच्छा, गोयमा ! जहणेणं दस वाससहस्साई उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं // 432 // भवियदव्वदेवा णं भंते ! कि एगत्तं प विउवित्तए पुहुत्तं पभू विउवित्तए ? गोयमा ! एगत्तंपि पभू विउन्वित्तए पुहुत्तंपि पभू विउवित्तए, एगत्तं विउव्वमाणे एगिदियरूवं वा जाव पंचिदियरूवं वा पुहत्तं विउव्वमाणे एगिदियरूवाणि वा जाव पंचिदियरूवाणि वा ताई संखेज्जाणि वा असंखेज्जाणि वा संबद्धाणि वा असंबद्धाणि वा सरिसाणि वा असरिसाणि वा विउ. व्वंति विउव्वित्ता तओ पच्छा अप्पणो जहिच्छियाई कज्जाई करेंति, एवं णर. देवावि, एवं धम्मदेवावि / देवाहिदेवाणं पुच्छा, गोयमा ! एगत्तपि पभू विउ. वित्तए पहत्तंपि पभ विउवित्तए णोचेवणं संपत्तीए विउव्विसु वा विउविति वा विउव्विस्संति वा। भावदेवाणं पुच्छा, जहा भवियदव्वदेवा // 463 / / भवियदव्व. देवाणं भंते ! अणंतरं उव्वट्टित्ता कहिं गच्छंति कहिं उववज्जति कि जेरइएसु उववज्जति जाव देवेसु उववज्जति ? गोयमा ! णो णेरइएसु उववज्जति णो तिरि० णो मणु० देवेसु उववज्जंति, जइ देवेसु उववज्जति सव्वदेवेसु उववज्जंति जाव सव्वट्ठसिद्धति / गरदेवाणं भंते ! अणंतरं उव्वट्टित्ता पुच्छा, गोयमा ! णेरइ. एसु उववज्जति णो तिरि० णो मणु० णो देवेसु उववज्जंति, जइ णेरइएसु उववज्जंति० सत्तसुवि पुढवीसु उववज्जति। धम्मदेवा गं भंते ! अणंतरं उध्वट्टित्ता पुच्छा, गोयमा ! णो णेरइएसु उववज्जति णो तिरि० णो मणु. देवसु उववज्जति / जइ देवेसु उववज्जति किं भवणवासि० पुच्छा, गोयमा ! णो भवणवासिदेवेसु उववज्जति गो वाणमंतर० णो जोइसिय० वेमाणियदेवेसु उववज्जंति, सम्वेसु वेमाणिएसु उववज्जति जाव सव्वट्ठसिद्धअणुत्तरोववाइय जाव उववति, अत्थेगइया सिझंति जाव अंतं करेंति / देवाहिदेवा गं भंते ! अणंतरं उव्वट्टित्ता कहिं गच्छंति कहिं उववज्जति ? गोयमा सिन्झंति जाव अंतं करेंति / भावदेवा गं भंते ! अणंतरं उव्वट्टित्ता पुच्छा, जहा वक्कतीए Page #764 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 12 उ. 10 751 असुरकुमाराणं उव्वट्टणा तहा भाणियव्वा / भवियदव्वदेवे गं भंते ! भवियदव्वदेवेत्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहत्तं उक्कोसेणं तिणि पलिओवमाई, एवं जहेव ठिई सच्चेव संचिट्ठणावि जाव भावदेवस्स, णवरं धम्मदेवस्स जहण्णेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं देसूणा पुवकोडी। भविय. दव्वदेवस्स गं भंते ! केवइयं कालं अंतरं होइ ? गोयमा ! जहणणं दसवाससहस्साई अंतोमुत्तमन्महियाई उक्कोसेणं अणंतं कालं वणस्सइकालो। गरदेवाणं पुच्छा, गोयमा ! जहण्णेणं साइरेगं सागरोवम उक्कोसेणं अणंतं कालं अवड्ढं पोग्गलपरियट्टं देसूर्ण / धम्मदेवस्स गं पुच्छा, गोयमा ! जहणेणं पलिओवमपुहुत्तं उक्कोसेगं अगंतं कालं जाव अवड्ढं पोग्गलपरियट्टे देसूर्ण / देवाहिदेवाणं पुच्छा, गोयमा ! पत्थि अंतरं / भावदेवस्स णं पुच्छा, गोयमा ! जहण्णणं अंतोमहत्तं उक्कोसेणं अगंतं कालं वणस्सइकालो। एएसि गं भंते ! भवियदव्वदेवाणं णरदेवाणं जाव भावदेवाण य कयरे 2 जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सम्वत्थोवा गरदेवा, देवाहिदेवा संखेज्जगुणा, धम्मदेवा संखेज्जगुणा, भवियदव्वदेवा असंखेज्जगुणा, भावदेवा असंखेज्जगुणा // 464 // एएसि गं भंते ! भावदेवाणं भवणवासीणं वाणमंतराणं जोइसियाणं वेमाणियाणे सोहम्मगाणं जाव अच्चुयगाणं गेवेज्जगाणं अणुत्तरोववाइयाण य कयरे 2 जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सम्वत्थोवा अणुत्तरोववाइया भावदेवा, उवरिमगेवेज्जा भावदेवा संखेज्जगणा, मज्झिमगेवेज्जा संखेज्जगणा, हेट्रिमगवेज्जा संखेज्जगुणा, अच्चुए कप्पे देवा संखेज्जगुणा जाव आणयकप्पे भावदेवा संखेज्जगुणा एवं जहा जीवाभिगमे तिविहे देवपुरिसे अप्पाबहुयं जाव जोइसिया भाव. देवा असंखेज्जगुणा / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 465 // . बारसमं सयं दसमो उद्देसो कइविहा भंते ! आया पण्णता ? गोयमा ! अदविहा आया पण्णता, तंजहा-दवियाया कसायाया जोगाया उवओगाया गागाया दसणाया चरित्ताया वीरियाया / जस्स गं भंते ! दवियाया तस्स कसायाया जस्स कसायाया तस्स दधियाया ? गोयमा ! जस्स दवियाया तस्स कसायाया सिय अस्थि सिय णत्थि, जस्स पुण.कसायाया तस्स दवियाया णियमं अस्थि / जस्स गं भंते ! दवियाया तस्स जोगाया ? एवं जहा दवियाया कसायाया भणिया तहा दवि Page #765 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 752 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि याया जोगाया भाणियव्वा / जस्स णं भंते ! दवियाया तस्स उवओगाया एवं सव्वत्थ पुच्छा भाणियव्वा, गोयमा ! जस्स दवियाया तस्स उवओगाया णियमं अस्थि, जस्सवि उवओगाया तस्सवि दवियाया णियमं अत्थि, जस्स दवियाया तस्स णाणाया भयणाए, जस्स पुण णाणाया तस्स दवियाया णियमं अत्थि, जस्स दवियाया तस्स दसणाया णियम अस्थि, जस्सवि दंसणाया तस्स दवियाया णियमं अस्थि, जस्स दवियाया तस्स चरित्ताया भयणाए, जस्स पुण चरित्ताया तस्स दवियाया णियमं अस्थि, एवं वीरियायाएवि समं / जस्स गं भंते ! कसायाया तस्स जोगाया पुच्छा, गोयमा ! जस्स कसायाया तस्स जोगाया णियमं अत्थि, जस्स पुण जोगाया तस्स कसायाया सिय अत्थि सिय णस्थि, एवं उवओगायाएवि समं कसायाया णेयव्वा, कसासाया य णाणाया य परोप्परं दोवि भइयव्वाओ, जहा कसायाया य उवओगाया य तहा कसायाया य दंस. णाया य कसायाया य चरित्ताया य दोवि परोप्परं भइयव्वाओ, जहा कसायाया य जोगाया य तहा कसायाया य वीरियाया. य भाणियवाओ, एवं जहा कसा. यायाए वत्तव्वया भणिया तहा जोगायाएवि उवरिमाहिं समं भाणियब्वाओ / जहा दवियायाए वत्तव्वया भणिया तहा उवओगायाएवि उवरिल्लाहि समं भाणियन्वा / जस्स णाणाया तस्स दंसणाया णियमं अस्थि, अस्स पुण दसणाया तस्स णाणाया भयणाए, जस्स णाणाया तस्स चरित्ताया सिय अत्थि सिय णत्थि, जस्स पुण चरित्ताया तस्स णाणाया णियमं अस्थि, णाणाया वीरियाया दोवि परोप्परं भयणाए। जस्स दंसणाया तस्स उवरिमाओ दोवि भयणाए, जस्स पुण ताओ तस्स दंसणाया णियम अस्थि / जस्स चरित्ताया तस्स वीरियाया णियमं अस्थि, जस्स पुण वीरियाया तस्स चरित्ताया सिय अस्थि सिय णत्थि। एयासि णं भंते ! दवियायाणं कसायायाणं जाव वीरियायाण य कयरे 2 जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवाओ चरित्तायाओ, णाणायाओ अणंत. गणाओ, कसायायाओ अणंतगणाओ, जोगायाओ विसेसाहियाओ, वीरियायाओ विसेसाहियाओ; उवओगदवियदसणायाओ तिण्णिवि तुल्लाओ विसेसाहियाओ // 466 // आया भंते ! णाणे अण्णाणे ? गोयमा ! आया सिय णाणे सिय अण्णाणे, णाणे पुण णियमं आया। आया भंते ! रइयाणं णाणे अण्णे णेरइ. याणं णाणे ? गोयमा ! आया णेरइयाणं सिय णाणे सिय अण्णाणे, णाणे पुण Page #766 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 12 उ. 10 753 से णियमं आया, एवं जाव थणियकुमाराणं / आया भंते ! पुढविकाइयाणं अण्णाणे अण्णे पुढविकाइयाणं अण्णाणे ? गोयमा! आया पुढविकाइयाणं णियमं अण्णाणे अण्णाणेवि णियमं आया, एवं जाव वणस्सइकाइयाणं, बेइंदियतेइंदिय जाव वेमाणियाणं जहा गैरइयाणं / आया भंते ! दंसणे अण्णे दसणे ? गोयमा ! आया णियमं दंसणे दंसणेवि णियमं आया। आया भंते ! रइयाणं दंसणे अण्णे गैरइयाणं दसगे? गोयमा ! आया णेरइयाणं णियमं दसणे दंसणेवि से णियमं आया, एवं जाव वेमाणियाणं णिरंतरं दंडओ // 467 // आया भंते ! रयणप्पमापुढवी अण्णा रयणप्पभापुढवी ? गोयमा ! रयणप्पभा. पुढवी सिय आया सिय णो आया सिय अवत्तव्वं आयाइ य णो आयाइ य / से केणद्वेणं भंते ! एवं बच्चइ-रयणप्पभापुढवी सिय आया सिय णो आया सिय अवत्तव्यं आयाइ य णो आयाइ य? गोयमा ! अप्पणो आइठे आया, परस्स आइठे णो आया, तदुभयस्स आइठे अवत्तन्वं रयणप्पमापुढवी आयाइ य णो आयाइ य, से तेणट्ठणं तं चेव जाव णो आयाइ य / आया भंते ! सक्कर प्पभापुढवी जहा रयणप्पमापुढवी तहा सक्करप्पभावि एवं जाव अहे सत्तमा। आया भंते ! सोहम्मकप्पे पुच्छा, गोयमा ! सोहम्मे कप्पे सिय आया सिय णो आया जाव णो आयाइ य / से केणठेणं भंते ! जाव णो आयाइ य? . गोयमा ! अप्पणो आइठे आया, परस्स आइठे णो आया, तदुभयस्स आइठे अवत्तव्वं अग्याइ य णो आयाइ य, से तेणठेणं तं चेव जाव णो आयाइ य, एवं जाव अच्चुए कप्पे / आया भंते ! गेविज्जविमाणे अण्णे गेविजविमाणे ? एवं जहा रयणप्पभापुढवी तहेव, एवं अणुतरविमाणावि, एवं ईसिपब्भारावि / आया भंते ! परमाणपोग्गले अण्णे परमाणपोग्गले ? एवं जहा सोहम्मे कप्पे तहा परमाणुपोग्गलेवि भाणियन्वे / आया भंते ! दुपए सिए खंधे अण्णे दुपएसिए खंधे ? गोयमा ! दुपएसिए खंधे सिय आया 1 सिय णो आया 2 सिय अवत्तव्वं आयाइ य णो आयाइ य 3 सिय आया य णो आया य 4 सिय आया य अवत्तव्वं आयाइ य णो आयाइ य 5 सिय णो आया य अवत्तव्वं आयाइ य णो आयाइ य 6 / से केणठेणं भंते ! एवं तं चेव जाव पो आया य अवत्तव्वं आयाइ य णो आयाइ य ? गोयमा ! अप्पणो आइढे आया 1 परस्स आइठे णो आया 2 तदुभयस्स आइलैं Page #767 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 754 अंग-पविट्ट सुत्ताणि अवत्तव्वं दुपएसिए खंधे आयाइ य णो आयाइ य 3 देसे आइलै सम्भावपज्जवे देसे आइठे असब्भावपज्जवे दुप्पएसिए खंधे आया य णो आया य 4 देसे आइठे सम्भावपज्जवे देसे आइठे तदुभयपज्जवे दुपएसिए खंधे आया य अवत्तव्वं आयाइ य णो आयाइ य 5 देसे आइठे असम्भावपज्जवे देसे आइठे तदुभयपज्जवे दुपएसिए खंधे णो आया य अवत्तव्वं आयाइ य णो आयाइ य 6, से तेणठेणं तं चेव जाव णो आयाइ य / आया भंते ! तिप. एसिएं खंधे अण्णे तिपएसिए खंधे ? गोयमा ! तिपएसिए खंधे सिय आया 1 सिय णो आया 2 सिय अवत्तव्वं आयाइ य णो आयाइ य 3 सिय आया य जो आया य 4 सिय आया य णो आयाओ य 5 सिय आयाओ य णो आया य 6 सिय आया य अवत्तव्वं आयाइ य णो आयाइ य 7 सिय आया य अवत्तन्वाइं आयाओ य णो आयाओ य 8 सिय आयाओं य अवत्तव्वं आयाइ य णो आयाइ यह सिय णो आया य अवत्तव्वं आयाइ य णो भायाइ य 10 सिय णो आया य अवत्तव्वाइं आयाओ य णो आयाओ य 11 सिय णो आयाओ य अवत्तवं आयाइ य णो आयाइ य 12 सिय आया य णो आया य अवत्तव्वं आयाइ य णो आयाइ य 13 / से केण→णं भंते! एवं वृच्चइ-तिपएसिए खंधे सिय आया एवं चेव उच्चारेयव्वं जाव सिय आया य णो आया य अव. त्तव्वं आयाइ य णो आयाइ य? गोयमा ! अप्पणो आइछे आया 1 परस्स आइठे णो आया 2 तदुभयस्स आइठे अवत्तव्वं आयाइ य णो आयाइ य 3 देसे आइठे सब्भावपज्जवे देसे आइठे असब्भावपज्जवे तिपएसिए खंधे आया य णो आया य 4 देसे आइठे सम्भावपज्जवे देसे आइट्ठा असम्भावपज्जवा तिपएसिए खंधे आया य णो आयाओ य 5 देसा आइट्ठा सम्भावपज्जवा देसे आइठे असम्भावपज्जवे तिपएसिए खंधे आयाओ य णो आया य 6 देसे आइठे सम्भावपज्जवे देसे आइठे तदुभयपज्जवे तिपएसिए खंधे आया य अवत्तव्वं आयाइ य णो आयाइ य 7 देसे आइठे सम्भावपज्जवे देसा आइट्ठा तदुभयपज्जवा तिपएसिए खंधे आया य अवत्तत्वाइं आयाओ य णो आयाओ य 8 देसा आइट्टा सब्भावपज्जवा देसे आइलैं तदुभयपज्जवे तिपएसिए खंधे आयाओ य अवत्तव्वं आयाइ य णो आयाइ य 6, एए तिण्णि भंगा, देसे आइठे असम्भावपज्जवे देसे आइठे तदुभयपज्जवे तिपएसिए खंधे णो आया Page #768 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 12 उ. 10 755 य आवत्तव्वं आयाइ य णो आयाइ य 10 देसे आइठे असब्भावपज्जवे देसा आइट्ठा तदुभयपज्जवा तिपएसिए खंधे णो आया य अवत्तव्बाई आयाओ य णो आयाओ य 11 देसा आइट्टा असन्मावपज्जवा देसे आइठे तभयपज्जवे तिपएसिए खंधे णो आयाओ य अवत्तव्वं आयाइ य णो आयाइ य 12 देसे आइठे सम्भावपज्जवे देसे आइठे असब्भावपज्जवे से आइठे तदुभयपज्जवे तिपएसिए खंधे आया य णो आया य अवत्तव्वं आयाइ य णो आयाइ य 13, से तेणठेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-तिपएसिए खंधे सिय आया तं चेव जाव णो आयाइ य / आया भंते ! चउप्पएसिए खंधे अण्णे० पुच्छा, गोयमा ! चउप्पए सिए खंधे सिय आया 1 सिय णो आया 2 सिय अवत्तव्वं आयाइ यणो आयाइ य 3 सिय आया य णो आया य 4, 4-7 सिय आया य अवत्तव्वं 4, 8-12 सिय णो आया य अवत्तव्वं 4, 12-15 सिय आया य णो आया य अवत्तव्वं आयाइ य णो आयाइ य 16 सिय आया य णो आया य अवत्तव्वाइं आयाओ य णो आयाओ य 17 सिय आया य णो आयाओ य अवत्तव्वं आयाइ य णो आयाइ य 18 सिय आयाओ य णो आया य अवत्तव्वं आयाइ य णो आयाइ य 16 / से केणठेणं भंते ! एवं बच्चइ चउप्पएसिए खंधे सिय आया य णो आया य अवत्तव्वं तं चेव अट्ठे पडि. उच्चारेयव्वं ? गोंयमा ! अप्पणो आइठे आया 1 परस्स आइठे णो आया 2 तदुभयस्स आइठे अवत्तव्वं आयाइ य णो आयाइ य 3 देसे आइट्ठे सम्भावपज्जवे देसे आइठे असब्भावपज्जवे चउभंगो, सब्भावपज्जवेणं तदु. भएण य चउभंगो असन्मावेणं तदुभएण य चउभंगो, देसे आइठे सम्भावपज्जवे देसे आइठे असम्भावपज्जवे देसे आइछे तदुभयपज्जवे चउप्पए. सिए खंधे आया य णो आया य अवत्तन्वं आयाइ य णो आयाइ य, देसे आइठे सम्भावपज्जवे देसे आइठे असम्भावपज्जवे देसा आइट्ठा तदुभयपज्जवा चउप्पएसिए खंधे आया य णो आया य अवत्तव्वाइं आयाओ य णो आयाओ य 17 देसे आइठे सम्भावपज्जवे देसा आइट्ठा असब्भावपज्जवा देसे आइ8 तदुभयपज्जवे चउप्पएसिए खंधे आया य णो आयाओ य अवतव्वं आयाइ य णोआयाइ य 18 देसा आइट्टा सम्भावपज्जवा देसे आइठे असब्भावपज्जवे देसे आइठे तदुभयपज्जवे चउप्पएसिए खंधे आयाओ य णोआया य अवत्तन्वं Page #769 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 756 अंग-पविट्ट सुत्ताणि आयाइ य णो आयाइ य 16, से तेणठेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-चउप्पएसिए खंधे सिय आया सिय णो आया सिय अवत्तव्वं णिक्खेवे ते चेव भंगा ,उच्चारे. यव्वा जाव णो आयाइ य / आया भंते ! पंचपएसिए. खंधे अण्णे पंचपएसिए खंधे ? गोयमा ! पंचपएसिए खंधे सिय आया 1 सिय णो आया 2 सिय अवत्तव्वं आयाइ य णो आयाइ य 3 सिय आया य णो आया य. 4 सिय आयाय अवत्तव्वं 4 णो आयाय अवत्तव्वेण य तियगसंजोगे एक्को ण पडइ / से केणठेणं भंते ! तं चेव पडिउच्चारेयव्वं ? गोयमा ! अप्पणो आइठे आया 1 परस्स आइलै णो आया 2 तदुभयस्स आइठे अवत्तव्वं 3 देसे आइठे सम्भावपज्जवे देसे आइठे असब्भावपज्जवे एवं दुयंगसंजोगे सव्वे पति तियगसंजोगे एक्को ण पडइ / छप्पए सियस्स सव्वे पडंति जहा छप्पएसिए एवं जाव अणंतपएसिए। सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति जाव विहरइ // 468 // बारसमं सयं समत्तं तेरसमं सयं पढमो उद्देसो पुढवी 1 देव 2 मणंतर 3 पुढवी 4 आहारमेव 5 उववाए 6 / भासा 7 कम्म 8 अणगारे केयाघडिया 6 समग्याए 10 / रायगिहे जाव एवं वयासीकइ णं भंते ! पुढवीओ पण्णताओ ? गोयमा ! सत्त पुढवीओ पण्णत्ताओ, तंजहा-रयणप्पभा जाव अहेसत्तमा / इमीसे णं भंते ! रयणप्पमाए पुढवीए केवइया णिरयावाससयसहस्सा पण्णत्ता ? गोयमा ! तीसं णिरयावाससय. सहस्सा पण्णत्ता। ते णं भंते ! किं संखेज्जवित्थडा असंखेज्जवित्थडा? गोयमा! संखेज्जवित्थडावि असंखेज्जवित्थडावि / इमीसे गं भंते ! रयणप्पभाए तीसाए णिरयावाससयसहस्सेसु संखेज्जवित्थडेसु णरएसु एगसमएणं केवइया गैरइया उववज्जति 1 ? केवइया काउलेस्सा उववज्जति 2 ? केवइया कण्हपक्खिया उववज्जति 3? केवइया सुक्कपक्खिया उववज्जति 4 ? केवइया सण्णी उववज्जति 5 ? केवइया असण्णी उववज्जति 6 ? केवइया भवसिद्धिया जीवा उववज्जति 7 ? केवइया अभवसिद्धिया जीवा उववज्जति 8 ? केव. इया आभिणिबोहियणाणी उववज्जति 6 ? केवइया सुयणाणी उववज्जति 10 ? केवइया ओहिणाणी उववज्जति 11 ? केवइया मइअण्णाणी उव Page #770 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 13 उ. 1 757 वज्जति 12 ? केवइया सुयअण्णाणी उववज्जति 13 ? केवइया विभंगणाणी उववज्जति 14 ? केवइया चक्खुदंसणी उववज्जति 15 ? केवइया अचक्खुदसणी उववज्जति 16 ? केवइया ओहिदसणी उववज्जति 17 ? केवइया आहारसण्णोवउत्ता उववज्जति 18 ? केवइया भयसण्णोवउत्ता उववज्जति 16 ? केवइया मेहुणसण्णोवउत्ता उववज्जति 20 ? केवइया परिग्गहसण्णो. वउत्ता उववज्जति 21 ? केवइया इथिवेयगा उवधज्जति 22 ? केवइया पुरिसवेयगा उववज्जंति 23 ? केवइया णपुंसगवेयगा उववज्जति 24 ? केवइया कोहकसाई उववज्जति 25 जाव केवइया लोभकसाई उववज्जति 28 ? केवइया सोइंदियउवउत्ता उववज्जति 26 जाव केवइया फासिदियोवउत्ता उववज्जंति 33 ? केवइया णोइंदियोवउत्ता उववज्जति 34 ? केवइया मणजोगी उववज्जति 35 ? केवइया वइजोगी उववज्जति 36 ? केवइया कायजोगी उववज्जति 37 ? केवइया सागारोवउत्ता उववज्जति 38 ? केवइया अणागारोवउत्ता उववज्जति 39 ? गोयमा ! इमीसे गं रयणप्पभाए पुढ. वीए तीसाए णिरयावाससयसहस्सेसु संखेज्जवित्थडेसु णरएसु जहण्णेणं एक्को वा दो वा तिणि वा उक्कोसेणं संखेज्जा रइया उववज्जति, जहणणं एक्को वा दो वा तिणि वा उक्कोसेणं संखेज्जा काउलेस्सा उववज्जंति, जहण्णणं एक्को वा दो वा.तिण्णि वा, उक्कोसेणं संखेज्जा कण्हपक्खिया उववज्जति,एवं सुक्कपक्खियावि, एवं सण्णीवि, एवं असण्णीवि, एवं भवसिद्धिया एवं अभवसि. द्धिया, आभिणिबोहियणाणी सुयणाणी ओहिणाणी मइअण्णाणी सुयअण्णाणी विभंगणाणी एवं चेव, चक्खुदंसणी ण उववज्जंति, जहणणं एकको वा दो वा तिण्णि वा उक्कोसेणं संखेज्जा अचक्खुदंसणी उववज्जंति, एवं ओहिदसणीवि, एवं आहारसण्णोवउत्तावि जाव परिग्गहसण्णोवउत्तावि, इत्थीवेयगा ण उववज्जति पुरिसवेयगावि ण उववज्जंति, जहणेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा उक्कोसेणं संखेज्जा णपुंसगवेयगा उववज्जति, एवं कोहकसाई जाव लोभकसाई, सोइंदियउवउत्ता ण उववज्जति एवं जाव फासिदिओवउत्ता ण उववज्जति, जहण्णेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा उक्कोसेणं संखेज्जा णोइंदिओवउत्ता * उववज्जंति, मणजोगी ण उववज्जंति, एवं वइजोगीवि, जहणेणं एकको वा दो वा तिण्णि वा उक्कोसेणं संखेज्जा कायजोगी उववज्जंति, एवं सागारोवउत्तावि Page #771 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 758 अंग-पविटु सुत्ताणि एवं अणागारोवउत्तावि / इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए णिरयावाससयसहस्सेसु संखेज्जवित्थडेसु णरएसु एगसमएणं केवइया णेरइया उव. वटुंति, केवइया काउलेस्सा उववÈति जाव केवइया अणगारोवउत्ता उध्वटुंति ? गोयमा ! इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए णिरयावाससयसहस्सेसु संखेज्जवित्थडेसु णरएसु एगसमएणं जहण्णेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा उक्कोसेणं संखेज्जा रइया उववदृति, जहण्णेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा, उक्कोसेणं संखेज्जा काउलेस्सा उव्वटुंति, एवं जाव सण्णी, असण्णी ण उव्वदृति, जहणणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा उक्कोसेणं संखेज्जा भवसिद्धिया उव्व. दृति एवं जाव सुयअण्णाणी विभंगणाणी ण उववÉति, चक्खुदंसणी ण उव्वदृति, जहणेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा उक्कोसेणं . संखेज्जा अचक्खुसणी उव्वद्वंति, एवं जाव लोभकसाई, सोइंदियउवउत्ता ण उव्वटुंति एवं जाव फासिदियोवउत्ता ण उव्वद्वृति, जहण्णेणं एकको वा दो वा तिण्णि वा उक्कोसेणं संखेज्जा णोइंदियोवउत्ता उव्वटुंति, मणजोगी ण उव्वद्वृति एवं वइजोगीवि, जहणेणं एक्को वा दो वा तिणि वा उक्कोसेणं संखेज्जा कायजोगी उव्वटंति, एवं सागारोवउत्तावि अणागारोवउत्तावि / इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढ. वीए तीसाए णिरयावाससयसहस्सेसु संखेज्जवित्थडेसु णरएसु केवइया णेरइया पण्णत्ता ? केवइया काउलेस्सा प० जाव केवइया अणागारोवउत्ता पणत्ता ? केवइया अणंतरोववण्णगा पण्णत्ता 1? केवइया परंपरोववण्णगा पण्णत्ता 2 ? केवइया अणंतरोवगाढा पण्णत्ता 3 ? केवइया परंपरोवगाढा प० 4 ? केवइया अणंतराहारा प० 5 ? केवइया परंपराहारा प० 6? केवइया अणंतरपज्जत्ता प० 7 ? केवइया परंपरपज्जत्ता पण्णत्ता 8 ? केवइया चरिमा प० 6 ? केवइया अचरिमा प० 10 ? गोयमा ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए णिरयावाससयसहस्सेसु संखेज्जवित्थडेसु णरएसु संखेज्जा णेरइया प०, संखेज्जा काउलेस्सा प०, एवं जाव संखेज्जा सण्णी प०, असण्णी सिय अस्थि सिय णस्थि जइ अस्थि जहण्मेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा उक्कोसेणं संखेज्जा प०, संखेज्जा भवसिद्धिया प०, एवं जाव संखेज्जा परिग्गहसग्णोवउता प०, इत्थिवेयगा णत्थि पुरिसवेयगा णत्थि, संखेज्जा णपुंसगवेयगा प०, एवं कोहकसाईवि, माणकसाई जहा असण्णी, एवं जाव लोभकसाई, संखेज्जा सोइंदियोवउत्ता 0, एवं जाव फासिदियोवउत्ता, णोइंदियोवउत्ता जहा असण्णी, संखेज्जा Page #772 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 13 उ. 1 759 मणजोगी प०। एवं जाव अणागारोवउत्ता, अर्णतरोववण्णगा सिय अत्थि सिय णस्थि जइ अस्थि जहा असण्णी, संखेज्जा परंपरोववण्णगा प०, एवं जहा अणंतरोववण्णगा तहा अणंतरोवगाढगा अणंतराहारगा अणंतरपज्जत्तगा चरिमा, परंपरोवगाढगा जाव अचरिमा जहा परंपरोववण्णगा / इमीसे गं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए णिरयावाससयसहस्सेसु असंखेज्जवित्थडेसु णरएसु एगसमएणं केवइया णेरइया उववज्जति जाव केवइया अणागारोवउत्ता उववज्जति ? गोयमा ! इमीसे गं रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए णिरयावाससयसहस्सेसु असंखेज्जवित्थडेसु णरएसु एगसमएणं जहण्णेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा, उवकोसेणं असंखेज्जा रइया उववज्जंति, एवं जहेव संखेज्जवित्थडेसु तिणि गमगा, तहा असंखेज्जवित्थडेसु वि तिणि गमगा भाणियव्वा व असंखेज्जा भाणियव्वा सेसं तं चेव जाव असंखेज्जा भचरिमा प०, णवरं संखेज्जवित्थडेसुवि असंखेज्जवित्थडेसुवि ओहिणाणी ओहिदंसणी य संखेज्जा उववट्टावेयव्वा, सेसं तं चेव / सक्करप्पभाए णं भंते ! पुढवीए केवइया णिरयावास० पुच्छा, गोयमा ! पणवीसं णिरयावाससयसहस्सा पण्णत्ता, ते णं भंते ! कि संखेज्जवित्थडा ? असंखेज्जवित्थडा ? एवं जहा रयणप्पभाए तहा सक्करप्पभाएवि णवरं असण्णी तिसुवि गमएसु ण भण्णइ, सेसं तं चेव / वालुयप्पभाए णं पुच्छा, गोयमा ! पण्णरस णिरयावाससयसहस्सा प०, सेसं जहा सक्करप्पभाए णाणत्तं लेसासुलेसाओ जहा पढमसए। पंकप्पभाए णं पुच्छा, गोयमा !, दस गिरयावाससयसहस्सा प०, एवं जहा सक्करप्पभाए णवरं ओहिणाणी ओहिदसणी य ण उव्वटुंति, सेसं तं चेव / धूमप्पभाए गं पुच्छा, गोयमा ! तिण्णि गिरयावाससयसहस्सा एवं जहा पंकप्पभाए / तमाए गं भंते ! पुढवीए केवइया गिरयावास० पुच्छा, गोयमा ! एगे पंचूणे णिर. यावाससयसहस्से पण्णत्ते, सेसं जहा पंकप्पभाए / अहेसत्तभाए णं भंते ! पुढवीए कइ अणुत्तरा महइमहालया महाणिरया पण्णता ? गोयमा! पंच अणुतरा जाव अपइट्ठाणे, ते णं भंते ! कि संखेज्जवित्थडा असंखेज्जवित्थडा ? गोयमा! संखेज्जवित्थडे य असंखेज्जवित्थडा य, अहेसत्तमाए णं भंते ! पुढवीए पंचसु अणुत्तरेसु महइमहालया जाव महाणिरएसु संखेज्जवित्थडे णरए एगसम. * एणं केवइया णेरइया उववज्जति ? एवं जहा पंकप्पभाए गवरं तिसु गाणेसु ___ण उववज्जति ण उन्वटुंति, पण्णत्तएसु तहेव अस्थि, एवं असंखेज्जवित्थडेसुवि Page #773 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 760 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि णवरं असंखेज्जा भाणियच्वा // 466 // इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए णिरयावाससयसहस्सेसु संखेज्जवित्थडेसु णरएसु किं सम्मविट्ठी णेर. इया उववज्जति मिच्छदिछी गैरइया उववज्जति सम्मामिच्छदिट्ठी गैरइया उववज्जति ? गोयमा ! सम्मदिट्ठीवि णेरइया उववज्जति, मिच्छादिट्ठीवि णेरइया उववज्जति, णो सम्मामिच्छदिट्ठी रइया उववज्जंति / इमोसे गं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए तीताए ।णिरयादाससयसहस्सेसु संखेज्जवित्थडेसु णरएसु किं सम्मदिट्ठी रइया उध्वटुंति ? एवं चेव / इमीसे भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए णिरयावाससयसहस्सेसु संखेज्जवित्थडा परगा कि सम्मट्ठिीहि रइएहि अविरहिया मिच्छादिट्ठीहि णेरइएहि अविरहिया सम्मामिच्छदिट्ठीहिं गैरइएहि अविरहिया वा ? गोयमा ! सम्मद्दिीहिदि रइएहि अविरहिया मिच्छादिट्ठीहिवि रइएहि अविरहिया, सम्मामिच्छा. दिट्ठीहि णेरइएहि अविरहिया विरहिया वा, एवं. अखंखज्जवित्थडेसु वि तिण्णि गमगा भाणियन्वा एवं सक्करप्पभाएवि, एवं जाव तमाएवि / अहेसत्त. माए णं भंते ! पुढवीए पंचसु अणुत्तरेसु जाव संखेज्जवित्थडेसु णरए कि सम्महिट्ठी णेरइया पुच्छा, गोयमा ! सम्मद्दिट्ठी जेरइया ण उववज्जंति, पिच्छादिट्ठी रइया उववज्जति, सम्मामिच्छदिट्ठी रइया ण उववजंति, एवं उच्वटुंतिवि, अविरहिए जहेव रयणप्पभाए, एवं असंखेज्जवित्थडेसुवि तिणि गमगा॥४७०॥ से णूणं भंते! कण्हलेस्से णीललेस्से जाव सुक्कलेस्से भवित्ता कण्हलेस्सेसु णेरइएसु उववज्जंति, हंता, गोयमा ! कण्हलेस्से जाव उववज्जति / से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ कण्हलेस्से जाव उववज्जति ? गोयमा ! लेस्सटाणेसु संकिलिस्समाणेसु 2 कण्हलेसं परिणमइ 2 ता कण्हलेसेसु रइएसु उववज्जंति, से तेणठेणं नाव उववज्जति / से पूणं भंते ! कण्ह. लेस्से जाव सुक्कलेस्से भवित्ता णीललेस्सेसु रइएसु उववज्जंति ? हंता गोयमा ! जाव उववज्जंति, से केणठेणं जाव उववज्जति ? गोयमा ! लेस्स. द्वाणेसु संकिलिस्समाणेसु वा विसुज्झमाणेसु णीललेस्सं परिणमइ 2 ता णीललेस्सेसु णेरइएसु उववज्जति, से तेणठेणं गोयमा ! जाव उववज्जति / से णणं भंते ! कण्हलेस्से णीललेस्से जाव भवित्ता काउलेस्सेसु णेरइएसु उववज्जति ? एवं जहा णीललेस्साए तहा काउलेस्साएवि भाणियव्वा जाव से तेणठेणं जाव उववज्जति / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 471 // Page #774 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 13 उ. 2 761 तेरसम सयं बीओ उद्देसो कइविहा गं भंते ! देवा पण्णता ? गोयमा ! चउन्विहा देवा पण्णत्ता, तंजहा-भवणवासी वाणमंतरा जोइसिया वेमाणिया। भवणवासी गं भंते ! देवा कइविहा पण्णत्ता ? गोयमा ! दसविहा पण्णत्ता, तंजहा-असुरकुमारा एवं भेओ जहा बिइयसए देवुद्देसए जाव अपराजिया सव्वट्ठसिद्धगा। केवइया गं भंते ! असुरकुमारावाससयसहस्सा पण्णता ? गोयमा! चोट्टि असुरकुमारा. वाससयसहस्सा पण्णत्ता, ते णं भंते ! किं संखेज्जवित्थडा ? असंखेज्जवित्थडा? गोयमा ! संखेज्जवित्थडावि असंखेज्जवित्थडावि / चोसट्ठीए णं भंते ! असुरकुमारावाससयसहस्सेसु संखेज्जवित्थडेसु असुरकुमारावासेसु एगसमएणं केवइया असुरकुमारा उववज्जंति जाव केवइया तेउलेस्सा उववज्जति केवइया कण्ह पक्खिया उववज्जति एवं जहा रयणप्पभाए तहेव पुच्छा, तहेव वागरणं, णवरं दोहिं वेदेहि उववज्जंति,णपुंसगवेयगा ण उववज्जति, सेसं तं चेव, उव्वटुंतगावि तहेव णवरं असण्णी उच्वटुंति, ओहिणाणी ओहिदंसणी य ण उन्वटुंति, सेसं तं चेव पण्णत्तएसु तहेव गवरं संखेज्जगा इथिवेयगा पण्णता, एवं पुरिसवेयगा वि, गपुंसगवेयगा पत्थि, कोहकसाई सिय अत्थि सिय पत्थि जइ अस्थि जहपणे एक्को वा दो वा तिणि वा उक्कोसेणं संखेज्जा पण्णत्ता, एवं माण माया संखेज्जा लोभकसाई पण्णत्ता, सेसं तं चेव तिसुवि गमएसु संखेज्जवित्थडेसू चत्तारि लेस्साओ भाणियवाओ, एवं असंखज्जवित्थडेसुबि णवरं तिसुवि गम. एसु असंखेज्जा भाणियव्वा जाव असंखेज्जा अचरिमा पण्णता। केवइया गं भंते ! णागकुमारावास० एवं जाव थणियकुमारावास गवरं जत्थ जत्तिया भवणा / केवइया णं भंते ! वाणमंतरावाससयसहस्सा पण्णत्ता ? गोयमा ! असंखेज्जा वाणमंतरावाससयसहस्सा पण्णत्ता, ते गं भंते ! कि संखेज्जवित्थडा असंखेज्जवित्थडा? गोयमा ! संखेज्जवित्थडा णो असंखेज्जवित्थडा। संखेज्जेसु णं भंते ! वाणमंतरावाससयसहस्सेसु एगसमएणं केवइया वाणमंतरा उववज्जंति ? एवं जहा असुरकुमाराणं संखेज्जवित्थडेसु तिण्णि गमगा तहेव भाणियव्या वाणमंतराणवि तिण्णि गमगा। केवइया णं भते ! जोइसियविमाणा. वाससयसहस्सा पण्णता ? गोयमा ! असंखेज्जा जोइसियविमाणावाससयसहस्सा पण्णत्ता, ते णं भंते ! कि संखेज्जवित्थडा० ? एवं जहा वाणमंतराणं Page #775 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 762 अंग-पविट्ट सुत्ताणि तहा जोइसियाणवि तिणि गमगा भाणियव्वा णवरं एगा तेउलेस्सा, उववज्ज. तेसु पण्णत्तेसु य असण्णी णस्थि, सेसं तं चेव / सोहम्मे गं भंते ! कप्पे केवइया विमाणावाससयसहस्सा पण्णता ? गोयमा ! बत्तीसं विमाणावाससयसहस्सा पण्णता / ते गं भंते ! कि संखेज्जवित्थडा असंखेज्जवित्थडा ? गोयमा ! संखेज्जवित्थडावि असंखेज्जवित्थडावि, सोहम्मे णं भंते ! कप्पे बत्तीसाए विमाणावाससयसहस्सेसु संखेज्जवित्थडेसु विमाणेसु एगसमएणं केवइया सोहम्मगा देवा उववज्जंति केवइया तेउलेस्सा उववज्जति ?.एवं जहा जोइसियाणं तिण्णि गमगा तहेव तिण्णि गमगा भाणियव्वा णवरं तिसुवि संखेज्जा भाणियत्वा, ओहिणाणी ओहिदसणी य चयावेयव्वा, सेसं तं चेव / असंखेज्जवित्थडेसु एवं चेव तिण्णि गमगा णवरं तिसुवि गमएसु असंखेज्जाभाणियब्वा, ओहिणाणी य ओहिदसणी य संखेज्जा चयंति, सेसं तं चेव, एवं जहा सोहम्मे वत्तव्वया भणिया तहा ईसाणेवि छ गमगा भाणियव्वा, सणंकुमारेवि एवं चेव णवरं इत्थीवेयगा ण उववज्जति पण्णत्तेसु य ण भण्णंति, असण्णी तिसुवि गमएसु ण भण्णंति, सेसं तं चेव, एवं जाव सहस्सारे, णाणत्तं विमाणेसु लेस्सासु य सेसं तं चेव / आणयपाणएसु णं भंते ! कप्पेसु केवइया विमाणावाससया पण्णत्ता ? गोयमा ! चत्तारि विमाणावाससया पण्णत्ता, ते णं भंते ! कि संखेज्जवित्थडा असंखेज्जवित्थडा ? गोयमा ! संखेज्जवित्थडावि असंखेज्जवित्थडावि, एवं संखेज्जवित्थडेसु तिणि गमगा जहा सहस्सारे असंखेज्जवित्थडेसु उववज्जतेसु य चयंतेसु य एवं चेव संखेज्जा भाणियव्वा पण्णत्तेसु असंखेज्जा णवरं णोइंदियोवउत्ता अणंतरोववण्णगा अणंतरोगाढगा अणंतराहारगा अणंतरपज्ज. तगा य एएसि जहण्णेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा उक्कोसेणं संखेज्जा प०, सेसा असंखेज्जा भाणियव्वा। आरणच्चुएसु एवं चेव जहा आणयपाणएसु णाणत्तं विमाणेसु, एवं गेवेज्जगावि / कइ गं भंते ! अणुत्तरविमाणा पण्णता? गोयमा ! पंच अणत्तरविमाणा पण्णत्ता, ते णं भंते ! कि संखेज्जवित्थडा असंखेज्जवित्थडा? गोयमा ! संखेज्जवित्थडे य असंखेज्जवित्थडा य, पंचसु णं भंते ! अणुत्तरविमाणेसु संखेज्जवित्थडे विमाणे एगसमएणं केवइया अणुतरोववाइया देवा उववज्जंति केवइया सुक्कलेस्सा उववज्जति पुच्छा तहेव, गोयमा ! पंचसु णं अणुत्तरविमाणेसु संखेज्जवित्थडे अणुत्तरविमाणे एगसमएणं Page #776 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 13 उ. 3-4 763 जहणेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा उक्कोसेणं संखेज्जा अणुत्तरोववाइया देवा उववज्जति, एवं जहा गेवेज्जविमाणेसु संखेज्जवित्थडेसु णवरं किण्हपक्खिया अभवसिद्धिया तिसू अण्णाणेसु एए ण उववज्जति ण चयंति णवि पण्णत्तएसु भाणियव्वा अचरिमावि खोडिज्जति जाव संखेज्जा चरिमा प०, सेसं तं चेव, असंखेज्जवित्थडेसुवि एए ण भण्णंति णवरं अचरिमा अस्थि, सेसं जहा गेवेज्जएसु असंखेज्जवित्थडेसु जाव असंखेज्जा अचरिमा प० / चोसठ्ठीए णं भंते ! असुरकुमारावाससयसहस्सेसु संखेज्जवित्थडेसु असुरकुमारावासेसु किं सम्मद्दिट्ठी असुरकुमारा उववज्जंति मिच्छादिट्ठी एवं जहा रयणप्पभाए तिण्णि आलावगा भणिया तहा भाणियव्वा, एवं असंखेज्जवित्थडेसुवि तिण्णि गमगा, एवं जाव गेवेज्जविमाणेसु अणुत्तरविमाणेसु एवं चेव, णवरं तिसुवि आलावएसु मिच्छादिट्ठी सम्मामिच्छादिट्ठी य ण भण्णंति, सेसं तं चेव / से गुणं भंते ! कण्हलेस्से गील जाव सुक्कलेस्से भवित्ता कण्हलेस्सेसु देवेसु उववज्जति ? हंता गोयमा ! एवं जहेव णेरइएसु पढमे उद्देसए तहेव भाणियव्वं, णीललेसाएवि जहेव णेरइयाणं, जहा णीललेस्साए एवं जाव पम्हलेस्सेसु सुक्क. लेस्सेसु एवं चेव, णवरं लेस्सट्टाणेसु विसुज्झमाणेसु 2 सुक्कलेस्सं परिणमइ 2 ता सुक्कलेस्सेसु देवेसु उववज्जंति, से तेणठेणं जाव उववज्जति / सेवं भंते! सेवं भंते ! ति // 472 // तेरसमं सयं तइओ उद्देसो रइया णं भंते ! अणंतराहारा तओं णिवत्तणया एवं परियारणापयं णिरवसेसं भाणियव्वं / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 473 // तेरसमं सयं चउत्यो उद्देसो कह णं भंते ! पुढवीओ पप्णत्ताओ ? गोयमा ! सत्त पुढवीओ पण्णताओ, तंजहा-रयणप्पभा जाव अहेसत्तमा / अहेसत्तमाए णं भंते ! पुढवीए पंच अणुतरा महइमहालया जाब अपइट्ठाणे, ते णं गरगा छठ्ठीए तमाए पुढवीए णरएहितो महंततरा चेव 1 महाविच्छिण्णतरा चेव 2 महावासतरा चेव 3 महापईरिक्कतरा चेव 4 णो तहा महापवेसणतरा चेव 1 णो आइण्णतरा चेव 2 णो आउलतरा चेव 3 णो अणो (मा) यणतरा चेव 4, तेसु णं णरएसु णेर Page #777 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 764 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि इया छट्ठीए तमाए पुढवीए रइएहितो महाकम्मतरा चेव 1 महाकिरियतरा चेव 2 महासवतरा चेव 3 महावेयणतरा चेव 4 णो तहा अप्पकम्मतरा चेव 1 णो अप्पकिरियतराचेव,२ णो अप्पासवतराचेव 3 णो अप्पवेयणतरा चेव४अप्पि. ड्डियतरा चेव 1 अप्पजुइयतरा चेव 2 णो तहा महिड्डियतरा चेव 1 णो महाजुइयतरा चेव 2 / छट्ठीए णं तमाए पुढवीए एगे पंचूणे णिरयावाससयसहस्से पण्णत्ते, तेणं णरगा अहेसत्तमाए पुढवीए णरइएहितो णो तहा महत्तरा चेव महाविच्छिण्णतरा चेव 4, महप्पवेसणतरा चेव आइण्णतरा चेव 4, तेसु णं गरएसु णेरइया अहेसत्तमाए पुढवीए णेरइएहितो अप्पकम्मतरा चेव अप्पकिरियतरा चेव 4 णो तहा महाकम्मतरा चेव महाकिरियतरा चेव 4 महिड्डियतरा चेव महाजइयतरा चेव, णो तहा अप्पिडियतरा चेव अप्पजइयतरा चेव / छट्ठीए णं तमाए पुढवीए गरगा पंचमाए धूमप्पभाए पुढवीए गरइएहितो महत्तरा चेव 4 णो तहा महप्पवेसणतरा चेव 4, तेसु णं णरएसु रइया पंचमाए धूमप्प. भाए पुढवीए णेरइएहितो महाकम्मतरा चेव 4 णो तहा अप्पकम्मतरा व 4 अप्पिड्डियतरा चेव 2 णो तहा महिड्डियतरा चेव 2, पंचमाए णं धूमप्पभाए पुढवीए तिणि णिरयावाससयसहस्सा पण्णत्ता, एवं जहा छट्ठीए भणिया एवं सत्तवि पुढवीओ परोप्परं भण्णंति जाव रयणप्पमंति जाव णो तहा महिड्डियतरा चेव अप्पजुइयतरा चेव // 474 // रयणप्पभापुढविणेरइया णं भंते ! केरिसयं पुढविफासं पच्चणुब्भवमाणा विहरंति ? गोयमा ! अणिटुं जाव अमणामं, एवं जाव अहेसत्तमापुढविणेरइया, एवं आउफासं एवं जाव वणस्सइफासं // 475 // इमा गं भंते ! रयणप्पभापुढवी दोच्चं सक्कर. प्पमं पुढवि पणिहाय सव्वमहंतिया बाहल्लेणं सव्वखुड्डिया सव्वतेसु० एवं जहा जीवाजीवाभिगमे बिइए गैरइयउद्देसए // 476 // इमीसे गं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए णिरयपरिसामंतेसु जे पुढविक्काइया० एवं जहा णेरइय. उद्देसए जाव अहेसत्तमाए // 477 // कहि गं भंते ! लोगस्स आयाममज्झे पण्णत्ते ! गोयमा! इमोसे णं रयणप्पभाए पुढवीए उवासंतरस्स असंखेज्जइभागं ओगाहेत्ता एत्थ णं लोगस्स आयाममज्झे पण्णत्ते / कहि गं भंते ! अहेलोगस्स आयाममज्झे पण्णत्ते ? गोयमा ! चउत्थीए पंकप्पभाए पुढवीए उवासंतरस्स साइरेगं अद्धं ओगाहित्ता एत्थ णं अहेलोगस्स आयाममझे पण्णत्ते / कहि णं Page #778 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 765 भगवई स. 13 उ. 4 भंते ! उड्डलोगस्स आयाममज्झे पण्णत्ते ? गोयमा ! उप्पि सणंकुमारमाहि. दाणं कप्पाणं हेट्ठि बंभलोए कप्पे रिट्ठविमाणे पत्थडे एत्थ णं उड्डलोगस्स आयाममज्झे पण्णत्ते / कहि गं भंते ! तिरियलोगस्स आयाममझे पण्णत्ते ? गीयमा ! जंबुद्दीवे 2 मंदरस्स पव्वयस्स बहुमज्झदेसभाए इमोसे रयणप्पभाए पुढवीए उवरिमहेट्ठिल्लेसु खुड्डगपयरेसु एत्थ णं तिरियलोगस्स मज्झे अट्ठपए. सिए रुयए पण्णत्ते, जओ गं इमाओ दस दिसाओ पवहंति, तंजहा-पुरस्थिमा पुरथिमदाहिणा एवं जहा दसमसए णामधेज्जति // 478 // इंदा गं भंते ! दिसा किमाइया किंपवहा कइपएसाइया कइपएसुत्तरा कइपएसिया किंपज्जवसिया किसंठिया पण्णत्ता ? गोयमा ! इंदा गं दिसा रुयगाइया रुयगप्पवहा दुपएसाइया दुपएसुत्तरा लोगं पडुच्च असंखेज्जपएसिया, अलोगं पडुच्च अणंतपएसिया, लोगं पडुच्च साइया सपज्जवसिया, अलोगं पडुच्च साइया अपज्ज. वसिया, लोगं पडुच्च मुरजसंठिया, अलोगं पडुच्च सगडुद्धिसंठिया पण्णत्ता। अग्गेई गं भंते ! दिसा किमाइया किंपवहा कइपएसाइया कइपएसविच्छिण्णा कइपएसिया किंपज्जवसिया किसंठिया पण्णता ? गोयमा ! अग्गेई गं दिसा रुयगाइया रुयगप्पवहा एगपएसाइया एगपएसविच्छिण्णा अणुत्तरा लोगं पडुच्च असंखेज्जपएसिया अलोगं पडुच्च अणंतपएसिया, लोगं पडुच्च साइया सपज्जवप्सिया अलोगं पडुच्च साइया अपज्जवसिया, छिण्णमुत्तावलियसंठिया पण्णत्ता। जमा जहा इंदा, गेरई जहा अग्गेई, एवं जहा इंदा तहा दिसाओ चत्तारि, जहा अग्गेई तहा चत्तारिवि विदिसाओ। विमला गं भंते ! दिसा किमाइया० पुच्छा जहा अग्गेईए, गोयमा ! विमला पां दिसा रुयगाइया रुयगप्पवहा चउप्पए. साइया दुपएसविच्छिण्णा अणुत्तरा लोगं पडुच्च सेसं जहा अग्गेईए णवरं रुयग. संठिया पण्णत्ता, एवं तमावि // 476 // किमियं भंते ! लोएत्ति पवुच्चइ ? गोयमा ! पंचत्थिकाया, एस गं एवइए लोएत्ति पवुच्चइ, तंजहा-धम्मत्थिकाए अहम्मत्थिकाए जाव पोग्गलत्थिकाए / धम्मत्थिकारणं भंते ! जीवाणं किं पवतइ ? गोयमा ! धम्मत्थिकाएणं जीवाणं आगमणगमणमासुम्मेसमणजोगा वइजोगा कायजोगा जे यावण्णे तहप्पगारा चला भावा सव्वे ते धम्मत्थिकाए * 'पवत्तंति, गइलक्खणे णं धम्मत्थिकाए / अहम्मत्थिकाएणं भंते ! जीवाणं कि पवत्तइ ? गोयमा ! अहम्मत्थिकाएणं जीवाणं ठाणणिसीयणतुयट्टण मणस्स Page #779 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 766 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि य एगत्तीभावकरणया जे यावण्णे तहप्पगारा थिरा भावा सव्वे ते अहम्मत्थि. काए पवतंति, ठाणलक्खणे णं अहम्मत्थिकाए। आगासस्थिकाएणं भंते ! जीवाणं अजीवाण य किं पवत्तइ ? गोयमा ! आगासत्थिकाएणं जीवदव्वाण य अजीवदव्वाण य भायणभूए-एगेणवि से पुण्णे दोहिवि पुणे सयंपि माएज्जा। कोडिसएणवि पुण्णे कोडिसहस्सपि माएज्जा // 1 // अवगाहणालक्खणे गं आगासस्थिकाए / जीवत्थिकाएणं भंते ! जीवाणं कि पवत्तइ ? गोयमा ! जीवस्थिकारणं जीवे अणंताणं आभिणिबोहियणाणपज्जवाणं अणंताणं सुवणाणपज्जवाणं एवं जहा बिइयसए अस्थिकायउद्देसए जाव उवओगं. गच्छइ, उव. ओगलक्खणे णं जीवे / पोग्गलस्थिकाए णं पुच्छा, गोयमा ! पोग्गलस्थिकाएणं जीवाणं ओरालियवेउव्वियआहारमतेयाकम्मए सोइंदियचक्खिदियघाणिदियजिभिदियफासिदियमणजोगवइजोगकायजोगआणापाणणं च गहणं पवत्तइ, गहण. लक्खणे णं पोग्गलत्थिकाए // 480 // एगे भंते ! धम्मस्थिकायपएसे केवइएहि धम्मत्थिकायपएसेहिं पुठे ? गोयमा ! जहण्णपए तिहि उक्कोसपए छहिं / केवइएहि अहम्मत्थिकायपएसेहिं पुठे ? गोयमा ! जहण्णपए चउहि उक्कोस. पए सहिं / केवइएहि आगासत्थिकायपएसेहिं पुढें ? गोयमा ! सहि / केवइएहि जीवत्थिकायपएसेहि पुठे ? गोयमा ! अणंतेहिं / केवइएहि पोग्गल. थिकायपएसेहिं पुठे ? गोयमा ! अणंतेहिं / केवइएहि अद्धासमएहि पुठे ? सिय पुढे सिय णो पुढे जइ पुढे णियम अणंतेहिं / एगे भंते ! अहम्मत्थि. कायपएसे केवइएहिं धम्मत्थिकायपएसेहिं पुढें ? गोयमा ! जहण्णपए चहि उक्कोसपए सतहि / केवइएहि अहम्मत्थिकायपएसेहिं पुढें ? गोयमा! जहणपए तिहिं उक्कोसपए छहि, सेसं जहा धम्मस्थिकायस्स / एगे भंते ! आगासथिकायपएसे केवइएहि धम्मत्थिकायपएसेहि पुठे ? गोयमा ! सिय पुढे सिय णो पुठे, जइ पुढे जहण्णपए एक्केण वा दोहि वा तिहि वा चहि वा उक्कोसपए सहि, एवं अहम्मस्थिकायप्पएसेहिवि / केवइएहि आगासस्थि. काय ? गोयमा ! छहि, केवइएहिं जीवत्थिकायपएसेहिं पुढे ? सिय पुढे सिय णो पुढें, जइ पुढे णियमं अणंतेहिं / एवं पोग्गलत्थिकायपएसेहिवि अद्धासमएहिवि // 481 // एगे भंते ! जीवस्थिकायपएसे केवइएहि धम्मत्थि. काय० पुच्छा, जहण्णपए चहिं उक्कोसपए सहि, एवं अहम्मत्थिकायपए Page #780 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 13 उ.४ 767 सेहिवि / केवइएहि. आगासस्थिकाय ? सत्तहिं / केवइएहिं जीवस्थि० ? सेसं जहा धम्मस्थिकायस्स / एगे भंते ! पोग्गलत्थिकायपएसे केवइएहि धम्मत्थिकायपएसेहिं० ? एवं जहेव जीवत्थिकायस्स / दो भंते ! पोग्गलत्थिकायप्पएसा केवइएहि धम्मत्थिकायपएसेहिं पुट्ठा ? जहण्णपए छहिं उक्कोसपए बारसहि, एवं अहम्मत्थिकायप्पएसेहिवि / केवइएहिं आगासस्थिकाय० ? बारसहि, सेसं जहा धम्मत्थिकायस्स / तिणि भंते ! पोग्गलस्थिकायपएसा केवइएहिं धम्मत्थिकाय ? जहण्णपए अहि उक्कोसपए सत्तरसहिं / एवं अहम्मस्थिकायपएसेहिवि / केवइएहि आगासस्थि० ? सत्तरसहि, सेसं जहा धम्मस्थिकायस्स / एवं एएणं गमेणं भाणियव्वं जाव दस, णवरं जहण्णपए दोणि पविखवियव्वा उक्कोसपए पंच / चत्तारि पोग्गलत्थिकायपएसे० जहण्णपए दसहि उक्कोसपए बावीसाए,पंच पोग्गलत्थिकाय० जहण्णपए बारसहिउक्कोसपए सत्तावीसाए, छ पोग्गल०जहण्णपए चोदसहि उक्कोसेणं बत्तीसाए, सत्त पोग्गल. जहण्णेणं सोलसहि उक्कोसपए सत्ततीसाए, अट्ठ पोग्गल. जहण्णपए अट्ठारसहि उक्कोसेणं बायालीसाए, णव पोग्गल० जहण्णपए वीसाए उक्कोसपए सीया. लीसाए, दस पोग्गल * जहण्णपए बावीसाए उक्कोसपए बावण्णाए / आगासत्थिकायस्स सव्वत्थ उक्कोसगं भाणियव्वं / संखेज्जा गं भंते ! पोग्गलत्थि. कायपएसा केवइएहिं धम्मत्थिकायपएसेहिं पुट्ठा ? जहण्णपए तेणेव संखेज्ज. एणं दुगुणेणं दुरूवाहिएणं, उक्कोसपए तेणेव संखेज्जएणं पंचगुणेणं दुरूवाहिएणं, केवइएहि अधम्मस्थिकाएहि ? एवं चेव, केवइएहि आगासत्थिकाय० तेणेव संखेज्जएणं पंचगुणेणं दुरूवाहिएणं, केवइएहिं जीवस्थिकाय० ? अणंतेहिं केव. इएहिं पोग्गलत्थिकाय० ? अणतेहिं, केवइएहि अद्धासमएहि ? सिय पुढे सिय णो पुढे जाव अणंतेहिं / असंखेज्जा भंते ! पोग्गलत्थिकायप्पएसा केवइएहि धम्मत्थिकाय० ? जहण्णपए तेणेव असंखेज्जएणं दुगुणेणं दुरूवाहिएणं, उक्कोसपए तेणेव असंखेज्जएणं पंचगुणेणं दुरूवाहिएणं सेसं जहा संखेज्जाणं जाव णियमं अणतेहिं / अणंता भंते ! पोग्गलत्थिकायपएसा केवइएहि धम्म. स्थिकाय० एवं जहा असंखेज्जा तहा अणंतावि णिरवसेसं / एगे भंते ! अद्धा समए केवइएहिं धम्मत्थिकायपएसेहिं पुठे ? सतहिं, केवइएहिं अहम्मत्थि० ? .. एवं चेव, एवं आगासत्थिकायपएसेहिवि, केवइएहिं जीवत्थिकाय ? अणंतेहि, Page #781 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 768 अंग-पविटु सुत्ताणि एवं जाव अद्धासमएहिं / धम्मत्थिकाए णं भंते ! केवइएहि धम्मत्थिकायप्पए. सेहि पुठे ?णत्थि एक्केणवि, केवइएहि अधम्मत्थिकायप्पएसेहि ? असंखेजेहि, केवइएहि आगासत्थिकायप० ? असंखेजेहि, केवइएहिं जीवत्थिकायपएसेहि ? अणंतेहिं, केवइएहिं पोग्गलस्थिकायपएसेहि. ? अणंतेहिं, केवइएहि अद्धा. समएहि ? सिय पुढे सिय णो पुछे, जइ पुढे णियमा अणंतेहिं / अहम्मत्थिकाए णं भंते ! केवइएहि धम्मस्थिकाय ? असंखेजेहि, केवइएहि अहम्मथि० ? णत्थि एक्केणवि, सेसं जहा धम्मत्थिकायस्स, एवं एएणं गमएणं सव्वेवि सटाणए णत्थि एक्केणवि पुट्ठा, परढाणए आइल्लएहि तिहिं असंखेजेहि भाणियन्वं, पच्छिल्लएसु तिसु अणंता भाणियव्वा जाव अद्धासमओत्ति जाव केवइएहि अद्धासमएहि पुढे ? णत्थि एक्केणवि / जत्थ णं भंते ! एगे धम्मथिकायपएसे ओगाढे तत्थ केवइया धम्मत्थिकायप्पएसा ओगाढा ? णत्थि एक्कोवि, केवइया अहम्मत्थिकायप्पएसा ओगाढा ? एक्को, केवइया आगा. सत्थिकाय ? एक्को, केवइया जीवस्थिकाय ? अणंता, केवइया पोग्गलत्थि. काय ? अणंता, केवइया अद्धासमया ? सिय ओगाढा सिय णो ओगाढा जइ ओगाढा अणंता / जत्थ णं भंते ! एगे अहम्मस्थिकायपएसे ओगाढे तत्थ केवइया धम्मस्थिकाय० ? एक्को, केवइया अहम्मत्थि० ? णस्थि एक्कोवि, सेसं जहा धम्मत्थिकायस्स / जत्थ णं भंते ! एगे आगासस्थिकायपएसे ओगाढे तत्थ केवइया धम्मत्थिकाय० ? सिय ओगाढा सिय णो ओगाढा, जइ ओगाढा एक्को, एवं अहम्मत्थिकायपएसावि, केवइया आगासस्थिकाय.? णत्थि एक्को वि, केवइया जीवस्थि० ? सिय ओगाढा सिय णो ओगाढा, जइ ओगाढा अणंता, एवं जाव अद्धासमया। जत्थ णं भंते ! एगे जीवस्थिकायपए से ओगाढे तत्थ केवइया धम्मत्थिकाय० ? एक्को, एवं अहम्मस्थिकायपएसावि, एवं आगासस्थिकायपएसावि, केवइया जीवत्थिकाय ? अणंता, सेसं जहा धम्मथिकायस्स / जत्थ णं भंते ! एगे पोग्गलस्थिकायपएसे ओगाढे तत्थ केवइया धम्मत्थिकाय० ? एवं जहा जीवत्थिकायपएसे तहेव गिरवसेसं / जत्थ णं भंते ! दो पोग्गलस्थिकायपएसा ओगाढा तत्थ केवइया धम्मत्थिकाय ? सिय एक्को सिय दोण्णि, एवं अहम्मत्थिकायस्सवि, एवं आगासत्थिकायस्सवि, सेसं जहा धम्मत्थिकायस्स / जत्थ णं भंते ! तिणि पोग्गलत्थिकायपएसा ओगाढा तत्थ केवइया धम्मत्थिकाय ? सिय एक्को सिय दोण्णि Page #782 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 13 उ. 4 769 सिय तिण्णि, एवं अहम्मत्थिकायस्सवि, एवं आगासत्थिकायस्सवि,सेसं जहेव दोण्हं, एवं एक्केक्को वडियव्वो पएसो आइल्लएहि तिहिं अस्थिकाएहि, सेसेहिं जहेव दोन्हं जाव दसण्हं सिय एक्को सिय दोण्णि सिय तिण्णि जाव सिय दस, संखेज्जाणं सिय एक्को सिय दोणि जाव सिय दस सिय संखेज्जा, असंखेज्जाणं सिय एक्को जाव सिय संखेज्जा सिय असंखेज्जा, जहा असंखेज्जा एवं अणंतावि / जत्थ णं भंते ! एगे अद्धासमए ओगाढे तत्थ केवइया धम्मत्थिकाय ? एक्को, केवइया अहम्मत्थिकाय ? एक्को, केवइया आगासस्थिकाय ? एक्को, केव. इया जीवत्थि० ? अणंता, एवं जाव अद्धासमया। जत्थ णं भंते ! धम्मत्थिकाए ओगाढे तत्थ केवइया धम्मत्थिकायपएसा ओगाढा ? णस्थि एक्कोवि, केवइया अहम्मस्थिकाय ? असंखेज्जा, केवइया आगासत्थि. ? असंखेज्जा, केवइया जीवस्थिकाय ? अणंता, एवं जाव अद्धासमया। जत्थ णं भंते ! अहम्मत्थिकाए ओगाढे तत्थ केवइया धम्मत्थिकाय० ? असंखेज्जा, केवइया अहम्मत्थिका० ? पत्थि एक्कोवि, सेसं जहा धम्मस्थिकायस्स, एवं सव्वे सटाणे णत्थि एक्कोवि भाणियव्वं, परदाणे आइल्लगा तिणि असंखेज्जा भाणियव्वा, पच्छिल्लगा तिण्णि अणंता भाणियन्वा जाव अद्धासमओत्ति जाव केवइया अद्धासमया ओगाढा ? णत्थि एक्कोवि // 482 // नत्थ णं भंते ! एगे पुढविकाइए ओगाढे तत्थ गं केवइया पुडविक्काइया ओगाढा ? असंखेज्जा, केवइया आउ. क्काइया ओगाढा ? असंखेज्जा, केवइया तेउकाइया ओगाढा ? असंखेज्जा, केवइया वाउकाइया ओगाढा ? असंखेज्जा, केवइया वणस्सइकाइया ओगाढा ? अणंता, जत्थ णं भंते ! एगे आउक्काइए ओगाढे तत्थ णं केवइया पुढवि० ? असंखेज्जा, केवइया आउ० ? असंखेज्जा, एवं जहेव पुढविक्काइयाणं वत्तव्वया तहेव सव्वेसि जिरवसेसं भाणियव्वं जाव वणस्सइकाइयाणं जाव केवइया वण. स्सइकाइया ओगाढा ? अगंता // 483 // एयंसि णं भंते ! धम्मस्थिकाय अधम्मत्थिकाय. आगासस्थिकायंसि चक्किया केई आसइत्तए वा सइत्तए वा चिट्रित्तए वा णिसीइत्तए वा तुयट्रित्तए वा ? णो इणठे समठे, अणता पुण तत्थ जीवा ओगाढा।से केणद्वेणं मंते ! एवं वुच्चइ एयंसि णं धम्मस्थि० जाव आगासत्थिकायंसि णो चक्किया केई आसइत्तए वा जाव ओगाढा ? गोयमा ! से जहाणामए-कूडागारसाला सिया दुहओ लित्ता युत्ता गत्तदुवारा जहा रायप्प Page #783 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 770 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि सेणइज्जे जाव दुवारवयणाई पिहेइ दु० 2 ता तोसे कूडागारसालाए बहुमज्झदेसभाए जहणणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा उक्कोसेणं पईवसहस्सं पलीवेज्जा, से पूर्ण गोयमा ! ताओ पईवलेस्साओ अण्णमण्णसंबद्धाओ अण्णमण्णपुट्ठाओ जाव अण्णमण्णघडताए चिट्ठति ? हंता चिट्ठति, चक्किया गं गोयमा ! केई तासु पईवलेस्सासु आसइत्तए वा जाव तुट्टित्तए वा ? भगवं! णो इणठे समठे, अणंता पुण तत्थ जीवा ओगाढा, से तेणठेणं गोयमा ! एवं वच्चइ जाव ओगाढा // 484 // कहि णं भंते ! लोए बहसमे, कहि णं भंते ! लोए सव्वविग्गहिए पण्णते ? गोयमा ! इमोसे रयणप्पभाए पुढवीए उरिमहेटिल्लेसु खुड्डगपयरेसु एत्थ णं लोए बहुसमे एत्थ णं लोए सम्वविग्गहिए पण्णत्ते / कहि णं भंते ! विग्गहविग्गहिए लोए पण्णत्ते ? गोयमा ! विग्गहकंडए एत्थ णं विग्गहविग्गहिए लोए पण्णत्ते // 485 // किसंठिए भंते ! लोए पणते ? गोयमा ! सुपइट्ठियसंठिए लोए पण्णत्ते, हेट्ठा विच्छिण्णे मज्झे संखित्ते जहा सत्तमसए पढमसे जाव अंतं करेइ / एयस्स णं भंते ! अहेलोयस्स तिरियलोयस्स उड्डलोयस्स य कयरे 2 हितो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवे तिरियलोए, उड्डलोए असंखेज्जगुणे, अहेलोए विसेसाहिए। सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 486 // तेरसमं सयं पंचमो उद्देसो रइया णं भंते ! कि सचित्ताहारा अचित्ताहारा मीसाहारा ? गोयमा ! णो सचित्ताहारा अचित्ताहारा णो मीसाहारा, एवं असुरकुमारा पढमो रइय. उद्देसओ णिरवसेसो भाणियन्वो। सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 487 // तेरसमं सयं छट्ठो उद्देसो रायगिहे जाव एवं वयासी-संतरं भंते ! णेरइया उववजंति, णिरंतरं रइया उववज्जति ? गोयमा ! संतरंपि णेरइया उववज्जति, णिरंतरंपि णेर. इया उववज्जंति, एवं असुरकुमारावि, एवं जहा गंगेए तहेव दो दंडगा जाव संतरपि वेमाणिया चयंति णिरंतरंपि वेमाणिया चयंति // 488 // कहिणं भंते ! चमरस्स असुरिदस्स असुररण्णो चमरचंचा णाम आवासे पण्णत्ते ? गोयमा ! जंबुद्दीवे 2 मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं तिरियमसंखेज्जे दीवसमुद्दे एवं जहा बिइयसए समाउद्देसए वत्तव्वया सच्चेव अपरिसेसा णेयव्वा, णवरं Page #784 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 13 उ.६ 771 इमं णाणत्तं जाव तिगिच्छकूडस्स उप्पायपव्वयस्स चमरचंचाए रायहाणीए चमरचंचस्स आवासपव्वयस्स अण्णेसि च बहूणं सेसं तं चेव जाव तेरस य अंगुलाइं. अद्धंगुलं च किचि विसेसाहिया परिक्खेवेणं, तीसे णं चमरचंचाए राय. हाणीए दाहिणपच्चत्थिमेणं छक्कोडिसए पणपण्णं च कोडीओ पणतीसं च सयसहस्साई पण्णासं च सहस्साई अरुणोदगसमुहं तिरियं वीईवइत्ता एत्थ णं चमरस्स असुरिंदस्स असुरकुमाररण्णो चमरचंचे णाम आवासे पण्णत्ते, चउरासीइं जोयणसहस्साइं आयामविक्खंभेणं दो जोयणसयसहस्सा पट्टिं च सहस्साई छच्चबत्तीसे जोयणसए किंचि विसेसाहिए परिक्खेवेणं, से णं एगेणं पागारेणं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते, से णं पागारे दिवढं जोयणसयं उड्ढं उच्चतेणं, एवं चमरचंचाए रायहाणीए वत्तव्वया भाणियव्वा सभाविहणा जाव चत्तारि पासायपंतीओ। चमरे णं भंते ! असुरिंदे असुरकुमारराया चमरचंचे आवासे वसहि उवेइ ? णो इणठे समठे। से केणं खाइ णं अठेणं भंते ! एवं वुच्चइ चमरचंचे आवासे 2 ? गोयमा ! से जहाणामए-इह मणुस्सलोगंसि उवगारियलेणाइ वा उज्जाणियलेणाइ वा णिज्जाणियलेणाइ वा वारिधारियलेणाइ वा तत्थ णं बहवे मणुस्सा य मणुस्सीओ य आसयंति सयंति जहा रायप्पसेणइज्जे जाव कल्लाणफलवित्तिविसेसं पच्चणुब्भवमाणा विहरंति, अण्णत्थ पुण वसहि उवेंति, एवामेव गोयमा ! चमरस्स असुरिंदस्स असुरकुमाररण्णो चमरचंचे आवासे केवलं किड्डारइपत्तियं अण्णत्थ पुण वसहि उवेइ, से तेणठेणं जाव आवासे / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति जाव विहरइ // 486 // तए णं समणे भगवं महावीरे अण्णया कयाइ रायगिहाओ णयराओ गुणसिलाओ जाब विहरइ / तेणं कालेणं तेणं समएणं चंपा णामं णयरी होत्था वण्णओ, पुण्णभद्दे चेइए वण्णओ / तए णं समणे भगवं महावीरे अण्णया कयाइ पुवाणुपुब्धि चरमाणे जाव विहरमाणे जेणेव चंपा गयरी जेणेव पुण्णभद्दे चेइए तेणेव उवागच्छइ 2 ता जाव विहरइ / तेणं कालेणं तेणं समएणं सिंधुसोवीरेसु जणवएसु वीइभए णाम णयरे होत्था वण्णओ, तस्स णं वीइभयस्स णयरस्स बहिया उत्तरपुरस्थिमे दिसीमाए एत्थ गं मियवणे णामं उज्जाणे होत्था सव्वोउय० वण्णओ, तत्थ णं वीइभए णयरे उदायणे णाम राया होत्था महया वण्णओ, तस्स णं उदायणस्स रण्णो प(उमा) भावई णामं देवी होत्था सुकुमाल० वण्णओ, तस्स Page #785 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 772 अंग-पविट्ट सुत्ताणि णं उदायणस्स रण्णो पुत्ते पभावईए देवीए अत्तए अभीइणाम कुमारे होत्था सुकु. माल जहा सिवभद्दे जाव पच्चुवेक्खमाणे विहरइ, तस्स णं उदायणस्स रण्णो णियए भायणेज्जे केसीणामं कुमारे होत्था सुकुमाल जाव सुरूवे।से णं उदायणे राया सिंधुसोवीरप्पामोक्खाणं सोलसण्हं जणवयाणं, वीइभयप्पामोक्खाणं तिग्हं तेसट्ठीणं णगरागरसयाणं, महसेणप्पामोक्खाणं दसण्हं राईणं बद्धमउडाणं विइ. ण्णछत्तचामरवालवीयणाणं अण्णेसि च बहूणं राईसरतलवर जाव सस्थवाहप्प. भिईणं आहेवच्चं पोरेवच्चं जाव कारेमाणे पालेमाणे समणोवासए अभिगय. जीवाजीवे जाव विहरइ / तए णं से उदायणे राया अण्णया कयाइ जेणेव पोसहसाला तेणेव उवागच्छइ 2 ता, जहा संखे जाव विहरइ / तए णं तस्स उदायणस्स रणो पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि धम्मजागरियं जागरमाणस्स अयमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्था-धण्णत णं ते गामागरणयरखेड. कब्बडमडंबदोणमहपट्टणासमसंबाहसण्णिवेसा जत्थ णं समणे भगवं महावीरे विहरइ, धण्णा णं ते राईसरतलवर जाव सत्थवाहप्पभिइओ जे णं समणं भगवं महावीरं वदंति णमंसंति जाव पज्जुवासंति, जइ णं समणे भगवं महा. वीरे पुव्वाणपुष्वि चरमाणे गामाणुगामं जाव विहरमाणे इहमागच्छेज्जा इह समोसरेज्जा, इहेव वीइभयस्स णयरस्स बहिया मियवणे उज्जाणे अहापडिरूवं उग्गहं उग्गिण्हित्ता संजमेणं तवसा जाव विहरेज्जा, तो णं अहं समणं भगवं महावीरं वंदेज्जा णमंसेज्जा जाव पज्जुवासेज्जा। तत्थ णं समणे भगवं महावीरे उदायणस्स रणो अयमेयारूवं अज्झत्थियं जाव सम्प्पण्णं वियाणित्ता चंपाओ णयरीओ पुण्णभद्दाओ चेइयाओ पडिणिक्खमइ 2 ता पुव्वाणुपुचि चरमाणे गामाणुगामं जाव विहरमाणे जेणेव सिंधुसोवीरे जणवए जेणेव वीइ भए णयरे जेणेव मियवणे उज्जाणे तेणेव उवागच्छइ 2 ता जाव विहरइ / तए णं वीइभए णयरे सिंघाडग जाव परिसा पज्जुवासइ / तए णं से उदायणे राया इमीसे कहाए लद्धठे समाणे हटतुट्ठ० कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! वीइभयं णयरं सब्भि. तरबाहिरियं जहा कणिओ उबवाइए जाव पज्जुवासइ, पभावईपामोक्खाओ देवीओ तहेव जाव पज्जुवासंति, धम्मकहा / तए णं से उदायणे राया समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं धम्म सोच्चा णिसम्म हतुठे-उढाए उठेइ 2 त्ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो जाव णमंसित्ता एवं वयासी-एवमेयं भंते ! Page #786 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 13 उ. 6 773 तहमेयं भंते ! जाव से जहेयं तुम्भे वयहत्तिक१ णवरं देवाणुप्पिया ! अभीइकुमारं रज्जे ठावेमि, तए गं अहं देवाणुप्पियाणं अंतिए मुंडे भवित्ता जाव पव्वयामि, अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं / तए णं से उदायणे राया समगणं भगवया महावीरेणं एवं वृत्ते समाणे हद्वतुठे समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ वं. 2 ता तमेव आभिसेक्कं हत्यि दुरूहइ 2 ता समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियाओ मियवणाओ उज्जाणाओ पडिणिक्खमइ 2 ता जेणेव वीइभए णयरे तेणेव पहारेत्थ गमणाए / तए गं तस्स उदायणस्स रण्णो अय. मेयारूवे अज्झथिए जाव समप्पज्जित्था-एवं खलु अभीइकुमारे ममं एगे पुत्ते इठे कंते जाव किमंग पुण पासणयाए, तं जइ णं अहं अभीइकुमारं रज्जे ठावेत्ता समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं मुंडे भवित्ता जाव पव्वयामि तो णं अभीइकुमारे रज्जे य रठे य जाव जणवए य माणुस्सएसु य कामभोगेसु मुच्छिए गिद्ध गढिए अज्झोववण्णे अणाईयं अणवदग्गं दोहमद्धं चाउरंतसंसार. कतारं अणुपरियट्टिस्सइ, तं णो खलु मे सेयं अभीइकुमारं रज्जे ठावेत्ता समणस्स भगवओ महावीरस्स जाव पव्वइत्तए, सेयं खल मे णियगं भाइणेज्ज केसिकुमारं रज्जे ठावेत्ता समणस्स भगवओ महावीरस्स जाव पव्वइत्तए, एवं संपेहेइ 2 ता जेणेव वीइभए गयरे तेणेव उवागच्छइ 2 ता वीइभयं जयरं मज्झमझेणं जेणेव सए गेहे जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला तेणेव उवागच्छइ . 2 ता आभिसेक्कं हत्थि ठवेइ आभि० 2 त्ता आभिसेक्काओ हत्थीओ पच्चोरुहइ 2 ता जेणेव सीहासणे तेणेव उवागच्छइ 2 ता सीहासणवरंसि पुरत्था. भिमहे णिसीयइ 2 ता कोडंबियपुरिसे. सद्दावेइ 2 ता एवं बयासी-खिप्पा. मेव भो देवाणुप्पिया ! वीइभयं णयरं सभितरबाहिरियं जाव पच्चप्पिणंति / तए णं से उदायणे राया दोच्चपि कोइंबियपुरिसे सहावेइ 2 ता एवं वयासीखिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! केसिस्स कुमारस्स महत्थं 3 एवं रायाभिसेओ जहा सिवभहस्स कुमारस्स तहेव भाणियव्वो जाव परमाउं पालयाहि इट्ठजण. संपरिवुडे सिंधुसोवीरपामोक्खाणं सोलसण्हं जणवयाणं, वीइभयपामोक्खाणं तिण्णि तेसट्ठीणं णयरागरसयाणं, महसेणपामोक्खाणं दसहं राईणं अणेसि च बहूणं राईसर जाव कारेमाणे पालेमाणे विहराहित्तिकटु जयजयसदं पउं. 'जंति / तए णं से केसीकुमारे राया जाए महया जाव विहरइ / तए णं से उदायणे राया केसि रायाणं आपुच्छइ / तए णं से केसीराया कोडुंबियपुरिसे Page #787 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 774 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि सद्दावेइ एवं जहा जमालिस्स तहेव सब्भितरबाहिरियं तहेव जाव णिक्खमणाभिसेयं उवटवेइ। तए णं से केसीराया अणेगगणणायग जाव संपरिवुडे उदायणं रायं सीहासणवरंसि पुरस्थाभिमहे णिसीयावेइ 2 ता असएणं सोवणियाणं० एवं जहा जमालिस्स जाव एवं वयासी-भण सामी ! कि देमो किं पयच्छामो किणा वा ते अट्ठो ? तए णं से उदायणे राया केसि रायं एवं वयासीइच्छामि गं देवाणुप्पिया ! कुत्तियावणाओ० एवं जहा जमालिस्स णवरं पउमावई अग्गकेसे पडिच्छइ पियविप्पओगदूसहा / तए णं से केसी राया दोच्चपि उत्तरावक्कमणं सीहासणं रयावेई. दो० 2 त्ता उदायणं रायं सेयापीयएहि कलसेहि० सेसं जहा जालिस्स जाव सण्णिसण्णे तहेव अम्म. धाई णवरं पउमावई हंसलक्खणं पडसाडगं गहाय सेसं तं चेव जाव सीयाओ पच्चोरुहइ 2 ता जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता समणं भगवं महावीरं तिवखुत्तो बंदइ णमंसइ वंदित्ता णमंसित्ता उत्तरपुरथिमं दिसीभागं अवक्कमइ 2 ता सयमेव आभरणमल्लालंकारं तं चेव जाव पउमावई पडिच्छइ जाव घडियध्वं सामी ! जाव णो पमाएयत्वंतिकटु केसी राया पउमावई य समणं भगवं महावीरं वंदति णमंसंति वं० 2 ता जाव पडिगया / तए णं से उदायणे राया सयमेव पंचमुट्टियं लोयं सेसं जहा उसभदत्तस्स जाव सव्वदुक्खप्पहीणे // 460 // तए णं तस्स अभीइकुमारस्स अण्णया कयाइ पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि कुडंबजागरियं जागरमाणस्स अयमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्था-एवं खलु अहं उदायणस्स पुत्ते पभावईए देवीए अत्तए, तए णं से उदायणे राया ममं अवहाय णियगं भायणिज्ज केसिकुमार रज्जे ठावेत्ता समणस्स भगवओ महावीरस्स जाव पवइए, इमेणं एयारूवेणं महया अप्पत्तिएणं मणोमाणसिएणं दुक्खेणं अभिभए समाणे अंतेउरपरियालसंपरिवुडे सभंडमत्तोवगरणमायाए वीइ मयाओ णयराओ जिग्गच्छइ 2 ता पुव्वाणुपुचि चरमाणे गामाणुगाम दूइज्जमाणे जेणेव चंपा णयरी जेणेव कूणिए राया तेणेव उवागच्छइ 2 ता कणियं रायं उवसंपज्जित्ताणं विहरइ, तत्थवि गं से विउल मोगसमिइसमण्णागए यावि होत्था। तए णं से अभीइकुमारे समणो. वासए यावि होत्था, अभिगय जाव विहरइ, उदायणमि रायरिसिमि समणु. बद्धवेरे यावि होत्था / तेणं कालेणं तेणं समएणं इमीसे रयणप्पभाए Page #788 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 13 उ. 7 775 पुढवीए णिरयपरिसामंतेसु चो (य) ट्ठि असुरकुमारावाससयसहस्सा पण्णत्ता, तए णं से अभीइकुमारे बहूई वासाई समणोवासगपरियागं पाउणइ 2 त्ता अद्धमासियाए संलेहणाए तीसं भताई अणसणाए छेएइ 2 ता तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिक्कते कालमासे कालं किच्चा इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए णिरयपरिसामंतेसु चोसट्ठीए आयावा जाव सहस्सेसु अण्णयरंसि आयावा असुरकुमारावासंसि आयावा असुरकुमारदेवत्ताए उववण्णो, तत्थ णं अत्थेगइयाणं आयावगाणं असुरकुमाराणं देवाणं एगं पलिओवमं ठिई प०, तत्थ णं अभी. इस्सवि देवस्स एगं पलिओवमं ठिई पण्णता / से णं भंते ! अभीइ देवे ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं 3 अणंतरं उव्वट्टिता कहिं गच्छिहिइ कहिं उवव. जिहिइ ? गोयमा ! महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ जाव अंतं काहिइ / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति // 461 // तेरसमं सयं सत्तमो उद्देसो रायगिहे जाव एवं वयासी-आया भंते ! भासा अण्णा भासा ? गोयमा! णो आया भासा अण्णा भासा, रूवि भंते ! भासा अरूवि भासा ? गोयमा ! रूवि भासा णो अरूवि भासा / सचित्ता भंते ! भासा अचित्ता भासा ? गोयमा! णो सचित्ता भासा अचित्ता भासा / जीवा भंते ! भासा अजीवा भासा ? गोयमा ! णो जीवा भासा अजीवा भासा / जीवाणं भंते ! भासा अजीवाणं भासा ? गोयमा ! जीवाणं भासा णो अजीवाणं भासा / पुवि भंते ! भासा भासिज्जमाणी भासा भासासमयवीइक्कंता भासा ? गोयमा ! णो पुवि भासा भासिज्जमाणी भासा णो भासासमयवीइक्कंता भासा / पुवि भंते ! भासा भिज्जइ, भासिज्जमाणी भासा भिज्जइ, भासासमयवीइक्कता भासा मिज्जइ ? मोयमा ! णो प्रवि भासा भिज्जइ, भासिज्जमाणी भासा भिज्जइ, णो भासासमयवीइक्कंता भासा भिज्जइ / कइविहा णं भंते ! भासा पण्णता ? गोयमा! चउविहा भासा पण्णत्ता, तंजहा-सच्चा, मोसा, सच्चामोसा, असच्चामोसा // 462 // आया भंते ! मणे अण्णे मणे ? गोयमा ! णो आया मणे अण्णे मणे, जहा भासा तहा मणेवि जाव णो अजीवाणं मणे / पुवि भंते ! मणे मणिज्जमाणे मणे० ? एवं जहेव भासा / पुद्वि भंते ! मणे भिज्जइ, मणि. ज्जमाणे मणे भिज्जइ, मणसमयवीइक्कते मणे भिज्जइ ? एवं जहेव Page #789 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 776 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि भासा / कइविहे णं भंते ! मणे पण्णत्ते ? गोयमा ! चउविहे मणे पण्णते, तंजहा-सच्चे जाव असच्चामोसे // 463 // आया भंते ! काए अण्णे काए ? गोयमा ! आयावि काए अण्णेवि काए / रूवि भंते ! काए अरूवि काए ? गोयमा ! रूविवि काए अविवि काए, एवं एक्केक्के पुच्छा, गोयमा ! सचित्ते वि काए अचित्तेवि काए, जीवेवि काए अजीवेवि काए, जीवाणवि काए अजीवाणवि काए। पुचि भंते ! काए पुच्छा, गोयमा ! पुविवि काए काइज्जमाणेवि काए कायसमयवीइक्कतेवि काए / पुदिव भंते ! काए भिज्जइ पुच्छा, गोयमा ! पुविवि काए भिज्जई काइज्जमाणेवि काए भिज्जइ, कायसमयवीइक्कतेविकाए भिज्जइ / कइविहे ण भंते ! काए पण्णत्ते ? गोयमा ! सत्त. विहे काए पण्णत्ते, तंजहा-ओरालिए ओरालियमीसए वे उदिवए वेउब्वियमीसए आहारए आहारगमीसए कम्मए / 464 // कइविहे णं भंते ! मरणे पणते ? गोयमा ! पंचविहे मरणे पण्णत्ते, तंजहा-आवीचियमरणे ओहिमरणे आइंतियमरणे बालमरणे पंडियमरणे / आवीचियमरणे णं भंते ! कइविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा-दवावीचियमरणे खेत्तावीचियमरणे काला. वीचियमरणे भवावीचियमरणे भावावीचियमरणे / दवावीचियमरणे णं भंते ! कइविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! चउन्विहे पण्णत्ते, तंजहा-णेरइयदबावीचिय. मरणे, तिरिक्खनोणियदव्वावीचियमरणे, मणुस्सदवावीचियमरणे, देवदव्वा. वीचियमरणे / से केणठेणं भंते ! एवं वच्चइ-णेरइयदव्वावीचियमरणे णेरइयदवावीचियमरणे ? गोयमा ! जण्णं णेरइया रइएदव्वे वट्ट माणा जाई दव्वाइं णेरइयाउयत्ताए गहियाई बद्धाइं पुट्ठाई कडाइं पट्टवियाई णिविट्ठाई अभि. णिविट्ठाइं अभिसमष्णागयाइं भवंति ताई दबाई आनीचियं अणुसमयं गिरंतरं मरंति तिकट्ट से तेणढेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-णेरइयदव्वावीचियमरणे, एवं जाव देवदवावीचियमरणे / खेत्तावीचियमरणे णं भंते ! कइविहे पण्णत्ते ? गोयमा! चउविहे पण्णत्ते, तंजहा-णेरइयखेत्तावीचियमरणे जाव देवखेत्ता. वीचियमरणे। से केणट्ठणं भंते ! एवं वुच्चइ-णेरइयखेत्तावीचियमरणे 2 ? गोयमा! जण्णं णेरइया णेरइयखेत्ते वट्टमाणा जाई दव्वाइं रइयाउयत्ताए एवं जहेव दवावीचियमरणे तहेव खेत्तावीचियमरणेवि, एवं जाव भावावीचिय. मरणे / ओहिमरणे णं भंते ! कइविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा-दवोहिमरणे खेत्तोहिमरणे जाव भावोहिमरणे / दवोहिमरणे णं भंते ! Page #790 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 13 उ. 8-9 777 कइविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! चउन्विहे पण्णत्ते, तंजहा-णेरइयदव्वोहिमरणे जाव देवदव्वोहिमरणे / से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ-णेरइयदव्वोहिमरणे 2 ? गोयमा ! जण्णं गैरइया णेरइयदव्वे वट्टमाणा जाई दव्वाइं संपयं मरंति जण्णं रइया ताई दव्वाइं अणागए काले पुणोवि मरिस्संति, से तेणढेणं गोयमा! जाव दवोहिमरणे, एवं तिरिक्खजोणिय० मणुस्स० देवदव्वोहिमरणेवि, एवं एएणं गमेणं खेत्तोहिमरणेवि कालोहिमरणेवि भवोहिमरणेवि भावोहिमरणेवि। आइंतियमरणे णं भंते ! पुच्छा, गोयमा ! पंचविहे पण्णत्ते, तं०-दव्वाइंतिय. मरणे खेत्ताइंतियमरणे जाव भावाइंतियमरणे / दवाइंतियमरणे णं भंते ! कइविहे प० ? गोयमा ! चउन्विहे प०, तं०-णेरइयदव्वाइंतियमरणे जाव देवदवाइंतियमरणे / से केणठेणं भंते ! एवं वच्चइ-णेरइयदवाइंतिय. मरणे 2 ? गोयमा! जण्णं रइया रइयदवे वट्टमाणा जाइं दव्वाइं संपयं मरंति जे णं रइया ताई दव्वाइं अणागए काले णो पूणोवि मरिस्संति, से तेणट्ठणं जाब मरणे, एवं तिरिक्ख० मणुस्स० देवाइंतियमरणे, एवं खेत्ताइंतियमरणेवि, एवं जाव भावाइंतियमरणेवि / बालमरणे णं भंते ! कइविहे प०? गोयमा ! दुवालसविहे 50, तं०-वलयमरणे जहा खंदए जाव गिद्धपिढें / पंडियमरणे णं भंते ! कइविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! दुविहे पण्णत्ते, तंजहापाओवगमणे य भत्तपच्चक्खाणे य / पाओवगमणे णं भंते ! कइविहे प०? गोयमा ! दुविहे प०, त०-णीहारिमे य अणीहारिमे य जाव णियम अपडिकम्मे / भत्तपच्चक्खाणे णं भंते ! कइविहें प० ? एवं तं चेव णवरं णियमं सपडिकम्मे / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति // 465 // तेरसमं सयं अट्ठमो उद्देसो कइ णं भंते ! कम्मपयडीओ पण्णताओ ? गोयमा ! अट्ठ अम्मपयडीओ पण्णत्ताओ, एवं बंधट्ठिइउद्देसो भाणियन्वो गिरवसेसो जहा पण्णवणाए / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति // 466 // तेरसमं सयं णवमो उद्देसो रायगिहे जाव एवं वयासी-से जहाणामए केइ पुरिसे केयाघडियं गहाय गच्छेज्जा, एवामेव अणगारेवि भावियप्पा केयाघडियाकिच्चहत्थगएणं अप्पाणणं . Page #791 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 778 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि उड्ढं वेहासं उप्पएज्जा ? हंता गोयमा ! जाव समुप्पएज्जा ।अणगारे णं भंते ! भावियप्पा केवइयाइं पभ केयाघडियाकिच्चहत्थगयाई रूवाइं विउविलए ? गोयमा ! से जहाणामए जुवई जुवाणे हत्थेणं हत्थे एवं जहा तइयसए पंचमुद्देसए जाव णो चेव णं संपत्तीए विउव्विसु वा विउविति वा विउविस्संति वा / से जहाणामए केइ पुरिसे हिरण्णपेलं गहाय गच्छेज्जा, एवामेव अणगारेवि भावियप्पा हिरग्णपेलहत्थकिच्चगएणं अप्पाणेणं० ? सेसं तं चेव, एवं सुव. गणपेलं, एवं रयणपेलं वइ रपेलं वत्थपेलं आभरणपेलं, एवं वियलकिडं सुंबकिडं चम्मकिडं कंबलकिडे, एवं अयभारं तंबभारं तउयभारं सीसगभारं हिरण्णभारं सुवण्णभारं वइरभारं / से जहाणामए-वग्गुली सिया दोवि पाए उल्लंबिया 2 उड्डपाया अहोसिरा चिट्ठज्जा, एवामेव अणगारेवि भावियप्पा वग्गलीकिच्चगएणं अप्पाणणं उडढं वेहासं० एवं जण्णोवइयवत्तव्वया भाणियव्वा जाव विउव्विस्तंति वा / से जहाणामए जलोया सिया उदगंसि कायं उविहिया 2 गच्छेज्जा, एवामेव सेसं जहा वग्गुलीए / से जहाणामए बीयंबीयगसउणे सिया दोवि पाए समतुरंगेमाणे 2 गच्छेज्जा, एवामेव अणगारे० सेसं तं चेव / से जहाणामए पक्खिविरालए सिया रुक्खाओ रुक्खं डेवेमाणे 2 गच्छेज्जा, एवामेव अणगारे सेसं तं चेव / से जहाणामए जीवंजीवगसउणे सिया दोवि पाए समतुरं. गेमाणे 2 गच्छेज्जा, एवामेव अणगारे सेसं तं चेव / से जहाणामए हंसे सिया तीराओ तीरं अभिरममाणे 2 गच्छेज्जा, एवामेव अणगारे हंसकिच्चगएणं अप्पाणणं सेसं तं चेव। से जहाणामए समुद्दवायसए सिया वीईओ वीइं डेवेमाणे 2 गच्छेज्जा, एवामेव तहेव / से जहाणामए केइ पुरिसे चक्कं गहाय गच्छेज्जा, एवामेव अणगारेवि भावियप्पा चक्ककिच्चहत्थ गएणं अप्पाणेणं सेसं जहा केयाघडियाए, एवं छत्तं, एवं चमरं / से जहाणामए केइ पुरिसे रयणं गहाय गच्छेज्जा, एवं चेव, एवं वइरं वेरुलियं जाव रिठें, एवं उप्पलहत्थगं पउम. हत्थगं कुमुदहत्थगं, एवं जाव से जहाणामए केइ पुरिसे सहस्सपत्तगं गहाय गच्छेज्जा, एवं चेव / से जहाणामए केइ पुरिसे भिसं अवदालिय 2 गच्छेज्जा, एवामेव अणगारेवि भिसकिच्चगएणं अप्पाणेणं तं चेव / से जहा. णामए मुणालिया सिया उदगंसि कायं उम्मज्जिय 2 चिट्ठिज्जा, एवामेव सेसं जहा वग्गुलीए। से जहाणामए वणसंडे सिया-किण्हे किण्होभासे जाव णिकुरुंब Page #792 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 14 उ.१ 779 भूए पांसाईए 4, एवामेव अणगारेवि भावियप्पा वणसंडकिच्चगएणं अप्पाणेणं उड्ढं वेहासं उप्पएज्जा, सेसं तं चेव / से जहाणामए पुक्खरिणी सिया-चउक्कोणा समतीरा अणुपुव्वसुजाय जाव सदुण्णइयमहुरसरणाइया पासाईया ४,एवामव अणगारेवि भावियप्पा पोक्खरिणीकिच्चगएणं अप्पाणेणं उड्ढे वेहासं उप्पएज्जा ? हंता उप्पएज्जा ।अणगारे णं भंते ! भावियप्पा केवइयाइं पभू पोक्ख. रिणीकिच्चगयाई रुवाइं विउवित्तए, सेसं तं चेव जाव विउव्विस्संति वा / से भंते ! कि माई विउव्वद अमाई विउव्वइ ? गोयमा ! माई विउव्वइ णो अमाई विउव्वइ, माई गं तस्स ठाणस्स अणालोइय० एवं जहा तइयसए चउत्पद्देसए जाव अस्थि तस्स आराहणा / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति जाव विहरइ // 467 // तेरसमं सयं दसमो उद्देसो कइ णं भंते ! छाउमत्थियसमग्घाया पण्णत्ता ? गोयमा ! छ छाउमत्थिया समुग्घाया पण्णत्ता, तंजहा-वेयणासमुग्घाए एवं छाउमत्थियसमुग्घाया णेयव्वा जहा पण्णवणाए जाव आहारगसमुग्घाएत्ति / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति जाव विहरइ // 468 // . // तेरसमं सयं समत्तं॥ चोदसमं सयं पढमो उद्देसो चर 1 उम्माय 2 सरीरे 3 पोग्गल 4 अगणी 5 तहा किमाहारे 6 / संसिट 7 मंतरे खलु 8 अणगारे 6 केवली चेव 10 // 1 // रायगिहे जाव एवं वयासी-अणगारे णं भंते ! भावियप्पा चरमं देवावासं वीइक्कते परमं देवा. वासमसंपत्ते एत्थ गं अंतरा कालं करेज्जा, तस्स गं भंते ! कहि गई कहि उववाए पण्णत्ते ? गोयमा ! जे से तत्थ परियस्सओ तल्लेसा देवावासा तहि तस्स गई तहि तस्स उववाए पण्णत्ते, से य तत्थगए विराहेज्जा कम्मलेस्सामेव पडिपडइ, से य तत्थ गए णो विराहेज्जा तामेव लेस्सं उवसंपज्जित्ताणं विहरइ / अणगारे गं भंते ! भावियप्पा चरमं असुरकुमारावासं वीइक्कते परमं असुरकुमारा. एवं चेव, एवं जाव थणियकुमारावासं जोइसियावासं, एवं वेमाणियावासं जाव विहरइ ॥४६६॥णेरइयाणं भंते ! कहं सीहा गई कहं Page #793 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 780 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि सोहे गइविसए पग्णत्ते ? गोयमा ! से जहाणामए-केइ पुरिसे तरुणे बलवं जगवं जाव णिउणसिप्पोवगए आउंटियं बाहं पसारेज्जा पसारियं वा बाहं आउं. टेज्जा, विक्खिण्णं वा मुट्ठि साहरेज्जा साहरियं वा मुट्ठि विक्खिरेज्जा, उम्मि. सियं वा अच्छि णिम्मिसेज्जा णिम्मिसियं वा अच्छि उम्मिसेज्जा, भवे एया. रूवे ? णो इणठे समझें, रइया गं एगसमएण वा दुसमएण वा तिसमएण वा विग्गहेणं उववज्जंति, गैरइयाणं गोयमा ! तहा सीहा गई तहा सीहे गइ. विसए पण्णत्ते, एवं जाव वेमाणियाणं, णवरं एगिदियाणं चउसमइए विग्गहे भाणियव्वे, सेसं तं चेव // ५००॥णेरइया णं भंते ! कि अणंतरोववण्णगा परं. परोववण्णगा अणंतरपरंपरअणुववण्णा ? गोयमा ! हेरइया अणंतरोव. वण्णगावि परंपरोववण्णगावि अणंतरपरंपरअणुववण्णगावि। से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ जाव अणंतरपरंपरअणुववण्णगावि ? गोयमा ! जे णं णेरइया पढमसमयोववण्णगा ते णं गैरइया अणंतरोववण्णगा, जेणं गैरइया अपढमसमयोववण्णगा ते णं णेरइया परंपरोववण्णगा, जे णं णेरइया विग्गहगइसमा. वण्णगा ते णं णेरइया अणंतरपरंपरअणुववण्णगा, से तेणठेणं जाव अणुववण्ण. गावि, एवं णिरंतरं जाव वेमाणिया 1 / अणंतरोववणंगा गं भंते ! णेरइया कि रइयाउयं पकरेंति, तिरिक्ख० मणुस्स. देवाउयं पकरेंति ? गोयमा ! णो रइयाउयं पकरेंति जाव णो देवाउयंपकरेंति / परंपरोववण्णगाणं भंते ! गैरइया कि रइयाउयं पकरेंति जाव देवाउयं पकरेंति ? गोयमा! णो णेरइया. उयं पकरेंति, तिरिक्खजोणियाउयं पकरेंति, मणुस्साउयंपि पकरेंति, णो देवा. उयं पकरेंति / अणंतरपरंपरअणववण्णगा णं भंते ! रइया किं. रइयाउयं पकरेंति पुच्छा, गोयमा ! णो णेरइयाउयं पकरेंति जाव णो देवाउयं पकरेंति, एवं जाव वेमाणिया, णवरं पंचिदियतिरिक्खजोणिया मणुस्सा य परंपरोव. वण्णगा चत्तारिवि आउयाइं पकरेंति, सेसं तं चेव 2 / रइया णं भंते ! कि अणंतरणिग्गया परंपरणिग्गया अणंतरपरंपरअणिग्गया ? गोयमा ! णेर. इया णं अणंतरणिग्गयावि जाव अणंतरपरंपरअणिग्गयावि / से केणठेणं भंते ! जाव अणिग्गयावि ? गोयमा ! जे णं गैरइया पढमसमयणिग्गया ते णं णेर. इया अणंतरणिग्गया, जे णं णेरइया अपढमसमयणिग्गया ते गं गैरइया परंपर. णिग्गया, जे णं गैरइया विग्गहगइसमावण्णगा ते णं गैरइया अणंतरपरंपर. Page #794 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 14 उ. 2 781 अणिग्गया, से तेणठेणं गोयमा ! जाव अणिग्गयावि, एवं जाव वेमाणिया 3 / अणंतरणिग्गया गं भंते ! रइया कि गैरइयाउयं पकरेंति जाव देवाउयं पकरेंति ? गोयमा! जो गैरइयाउयं पकरेंति जाव णो देवाउयं पकरेंति। परंपरणिम्गया जं भंते ! रइया कि रइयाउयं० पुच्छा, गोयमा ! णेरइयाउयंपि पकरेंति जाव देवाउयंपि पकरेंति / अणंतरपरंपरअणिग्गया णं भंते ! णेरइया पुच्छा, गोयमा ! णो णेरइयाउयं पकरेंति जाव णो देवाउयं पकरेंति, एवं णिरवसेसं जाव वेमाणिया 4 / गैरइया णं भंते ! कि अणंतरखेदोववण्णगा परंपरखेदोववण्णगा अणंतरपरंपरखेदाणुववण्णगा ? गोयमा ! गैरइया० एवं एएणं अभिलावेणं तं चेव चत्तारि दंडगा भाणियन्वा / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति जाव विहरइ // 501 // चोद्दसमं सयं बीओ उद्देसो कइविहे गं मंते ! उम्माए पण्णत्ते ? गोयमा ! दुविहे उम्माए पण्णत्ते, तंजहा-जक्खावेसे य मोहणिज्जस्स य कम्मस्स उदएणं, तत्थ णं जे से जक्खा. वेसे से णं सुहवेयणतराए चेव सुहविमोयणतराए चेव, तत्थ णं जे से मोहणि. ज्जस्स कम्मस्स उदएणं से णं दुहवेयणतराए चेव दुहविमोयणतराए चेव / गेरइयाणं भंते ! .कइविहे उम्माए पण्णत्ते ? गोयमा! दुविहे उम्माए पण्णत्ते, तंजहा-जवखावेसे य मोहणिज्जस्स य कम्मस्स उदएणं / से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ-णेरइयाणं दुविहे उम्माए पण्णत्ते, तंजहा-जक्खावेसे य मोह. णिज्जस्स य कम्मस्स उदएणं ? गोयमा ! देवे वा से असुभे पोग्गले पक्खिवेज्जा, से. गं तेसि असुभाणं पोग्गलाणं पक्खिवणयाए जक्खाएसं उम्मायं पाउ ज्जा, मोहणिज्जस्स वा कम्मस्स उदएणं मोहणिज्जं उम्मायं पाउणेज्जा, से तेणठ्ठणं जाव उदएणं / असुरकुमाराणं भंते ! कइविहे उम्माए पण्णत्ते ? एवं जहेव गेरइयाणं णवरं देवे वा से महिड्डियतराए असुभे पोग्गले पक्खिवेज्जा, से णं तेसि असुभाणं पोग्गलाणं पक्खिवणयाए जक्खाएसं उम्मायं पाउणेज्जा, मोहणिज्जस्स वा सेसं तं चेव, से तेणठेणं जाव उदएणं, एवं जाव 'थंणियकुमाराणं, पुढविक्काइयाणं जाव मणुस्साणं एएसि जहा ऐरइयाणं, वाण.. मंतरजोइसियवेमाणियाणं जहा असुरकुमाराणं // 502 // अत्थि णं भंते ! Page #795 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 782 अंग-पविट्ट सुत्ताणि पज्जण्णे कालवासी वुट्टिकायं पकरेइ ? हंता अस्थि / जाहे णं भंते ! सक्के देविदे देवराया वुट्टिकायं काउकामे भवइ से कहमियाणि पकरेइ ? गोयमा ! ताहे चेव णं से सक्के देविदे देवराया अभितरपरिसए वे सद्दावेइ, तए गं ते अधिभतरपरिसगा देवा सद्दाविया समाणा मज्झिमपरिसए देवे सद्दावेति, तए णं ते मज्झिमपरिसगा देवा सद्दाविया समाणा बाहिरपरिसए देवे सद्दावेति, तए णं ते बाहिरपरिसगा देवा सद्दाविया समाणा बाहिरबाहिरगे देवे सद्दावेंति, तए णं ते बाहिरबाहिरगा देवा सद्दाविया समाणा आभि. ओगिए देवे सद्दावेंति, तए णं ते जाव सद्दाविया समाणा वृट्टिकाइए देवे सद्दावेंति, तए णं ते वुट्टिकाइया देवा सद्दाविया समाणा बुट्टिकायं पकरेंति, एवं खलु गोयमा ! सक्के देविदे देवराया बुटिकायं पकरेइ / अस्थि णं भंते ! असुर. कुमारावि देवा वुद्धिकायं पकरेंति ? हंता अस्थि / कि पत्तियण्णं भंते ! असुरकुमारा देवा वटिकायं पकरेंति ? गोयमा ! जे इमे अरहंता भगवंता एएसि णं जम्मणमहिमासु वा, णिक्खमणमहिमासु वा णाणप्पायमहिमासु वा परिणिव्वाणमहिमासु वा, एवं खलु गोयमा ! असुरकुमारावि देवा वुट्टिकायं पकरेंति, एवं णागकुमारावि, एवं जाव थणियकुमारा, वाणमंतरजोइसिय. वेमाणिया एवं चेव // 503 // जाहे णं भंते ! ईसाणे देविदे देवराया तमुक्कायं काउकामे भवइ से कहमियाणि पकरेइ ? गोयमा ! ताहे चेव णं से ईसाणे देविदे देवराया अभितरपरिसए देवे सहावेइ, तए णं ते. अभितरपरिसगा देवा सद्दाविया समाणा एवं जहेव सक्कस्स जाव तए णं ते आभिओगिया देवा सद्दाविया समाणा तमुक्काइए देवे सद्दावेंति, तए णं ते तमुक्काइया देवा सद्दा. विया समाणा तमक्कायं पकरेंति, एवं खलु गोयमा ! ईसाणे देविदे देवराया तमुक्कायं पकरेइ / अस्थि णं भंते ! असुरकुमारावि देवा तमुक्कायं पकरेंति? हंता अस्थि / किं पत्तियण्णं भंते ! असुरकुमारा देवा तमुक्कायं पकरेंति ? गोयमा ! किड्डारइपत्तियं वा पडिणीयविमोहणट्टयाए वा गुत्तीसारखणहेउं घा अप्पणो वा सरीरपच्छायणट्ठयाए, एवं खलु गोयमा ! असुरकुमारावि देवा तमुक्कायं पकरेंति, एवं जाव वेमाणिया / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति जाव विहरइ // 504 // Page #796 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 14 उ. 3 783 __ चोद्दसमं सयं तइओ उद्देसो देवे गं भंते ! महाकाए महासरीरे अणगारस्स भावियप्पणो मझमज्झेणं वोईवएज्जा ? गोयमा ! अत्थेगइए वीईवएज्जा अत्थेगइए णो वीईवएज्जा। से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ अत्थेगइए वीईवएज्जा अत्थेगइए णो वीइवएज्जा? गोयमा ! दुविहा देवा पण्णत्ता, तंजहा-माइमिच्छादिटिउववण्णगा य अमाइ. सम्मदिट्ठिउववण्णगा य, तत्थ णं जे से माइमिच्छादिट्ठिउववण्णए देवे से गं अणगारं भावियप्पाणं पासइ 2 त्ता णो वंदइ णो णमंसइ णो सक्कारेइ णो सम्माणेइ णो कल्लाणं मंगलं देवयं जाव पज्जुवासइ, से णं अणगारस्स भावियप्पणो मज्झं. मज्झेणं वीईवएज्जा, तत्थ णं जे से अमाइसम्मद्दिटिउववण्णए देवे सेणं अण. गारं भावियप्पाणं पासइ पासित्ता वंदइ णमंसइ जाव पज्जुवासइ, से गं अणगारस्स भावियप्पणो मज्झमज्झेणं णो वीईवएज्जा, से तेणट्टेणं गोयमा ! एवं वच्चइ जाव णो वीईवएज्जा / असुरकुमारे गं भंते ! महाकाए महासरीरे एवं चेव, एवं देवदंडओ भाणियन्वो जाव वेमाणिए॥५०५॥ अत्थि गं भंते! णेरइयाणं सक्कारेइ वा सम्माणेइ वा किइकम्मेइ वा अन्भुटाणेइ वा अंजलिपग्गहेइ वा आसणाभिग्गहेइ वा आसणाणुप्पदाणेइ वा इंतस्स पच्चुग्गच्छणया ठियस्स पज्जुवासणया गच्छंतस्स पडिसंसाहणया ? णो इणठे समठे / अस्थि णं भंते ! असुरकुमाराणं सक्कारेइ वा सम्माणेइ वा जाव पडिसंसाहणया? हंता अस्थि, एवं जाव थणियकुमाराणं, पुढविकाइयाणं जाव चरिंदियाणं एएसि जहा रइयाणं / अत्थि गं भंते ! पंचिदियतिरिक्खजोणियाणं सक्कारेइ वा जाव पडिसंसाहणया ? हंता अत्थि; णो चेव णं आसणाभिग्गहेइ वा आसणाणुप्पयाणेइ वा, मणुस्साणं जाव वेमाणियाणं जहा असुरकुमाराणं // 506 // अप्पिडिए णं भंते ! देवे महिड्रियस्स देवस्स मज्झंमज्झेणं वीईवएज्जा? णो इणठे समठे, समिड्डिए णं भंते ! देवे समिडियस्स देवस्स मझमज्झेणं वीईवएज्जा ? णो इणठे समठे, पमत्तं पुण वीईवएज्जा / से गं भंते ! कि सत्थेणं अक्कमित्ता पभ अणक्कमित्ता पभ ? गोयमा ! अक्कमित्ता पभ णो अणक्कमित्ता पभू। से गं भंते ! कि पुन्वि सत्थेणं अक्कमित्ता पच्छा वीईवएज्जा, पुचि वीईवएज्जा पच्छा सत्थेणं अक्कमेज्जा ? एवं एएणं अभिलावेणं जहा दसमसए आइड्ढीउद्देसए तहेव गिरवसेसं चत्तारि दंडगा भाणियव्वाजाव Page #797 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 784 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि महिड्डिया वेमाणिणी अप्पिड्डियाए वेमाणिणीए // 507 // रयणप्पभापुढविणेरइया णं भंते ! केरिसयं पोग्गलपरिणामं पच्चणुब्भवमाणा विहरंति ? गोयमा ! . अणिठं जाव अमणाम, एवं जाव अहेसत्तमापुढविणेरइया, एवं वेयणापरिणाम, एवं जहा जीवाभिगमे बिइए णेरइयउद्देसए जाव अहेसत्तमापुढविणेरइया गं भंते ! केरिसयं परिग्गहसण्णापरिणामं पच्चणुब्भवमाणा विहरंति ? गोयमा! अणि8 जाव अमणामं / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 508 // . चोद्दसमं सयं चउत्थो उद्देसो एस गं भंते ! पोग्गले तीयमणंतं सासयं समयं लुक्खी समयं अलुक्खी समयं लुक्खी वा अलुक्खी वा ? पुचि च णं करणेणं अणेगवण्णं अणेगरूवं परि. णामं परिणमइ ? अह से परिणामे णिज्जिण्णे भवइ तओ पच्छा एगवण्णे एगरूवे सिया ? हंता गोयमा ! एस गं पोग्गले तीयं तं चेव जाव एगरूवे सिया। एस णं भंते ! पोग्गले पडुप्पण्णं सासयं समयं० ? एवं चेव, एवं अणागय. मणतंपि / एस गं भंते ! खंधे तीयमणंतं. ? एवं चेव, खंधेवि जहा पोग्गले // 506 // एस णं भंते ! जीवे तीयमणंतं सासयं समयं दुक्खी समयं अदुक्खी समयं दुक्खी वा अदुक्खी वा? पुवि च णं करणेणं अणेगभावं अणेगभूयं परि. णामं परिणमइ, अह से वेयणिज्जे णिज्जिण्णे भवइ तओ पच्छा एगभावे एगभए सिया ? हंता गोयमा ! एस णं जीवे जाव एगभूए सिया, एवं पडुप्पण्णं सासयं समयं, एवं अणागयमणंतं सासयं समयं // 510 // परमाणुपोग्गले णं भंते ! कि सासए असासए ? गोयमा ! सिय सासए सिय असासए / से केण. ढेणं भंते ! एवं वुच्चइ सिय सासए सिय असासए ? गोयमा ! दवट्ठयाए सासए, वण्णपज्जवेहि जाव फासपज्जवेहि असासए, से तेणठेणं जाव सिय सासए सिय असासए // 511 // परमाणपोग्गले णं भंते ! कि चरिमे अचरिमे ? गोयमा ! दव्वादेसेणं णो चरिमे अचरिमे, खेत्तादेसेणं सिय चरिमे सिय अच. रिमे, कालादेसेणं सिय चरिमे सिय अचरिमे, भावादेसेणं सिय चरिमे सिय अचरिमे // 512 // कइ विहे गं भंते ! परिणामे पण्णत्ते ? गोयमा ! दुविहे परिणामे पण्णत्ते, तंजहा-जीवपरिणामे य अजीवपरिणामे य, एवं परिणामपयं गिरवसेसं भाणियव्वं / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति जाव विहरई // 513 // चोदसमं सयं पंचमो उद्देसो रइए णं भंते ! अगणिकायस्स मज्झमज्झेणं वीईवएज्जा ? गोयमा ! Page #798 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 14 उ.५ 785 अत्थेगइए वीईवएज्जा अत्थेगइए णो वीईवएज्जा / से केणठेणं भंते ! एवं बुच्चइ अत्थेगइए वीईवएज्जा अत्थेगइए णो वीईवएज्जा ? गोयमा! गैरइया दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-विग्गहगइसमावण्णगा य अविग्गहगइसमावण्णगा य, तत्थ गंजे से विग्गहगइसमावण्णए रइए से णं अगणिकायस्स मज्झंमज्झेणं वीईवएज्जा / से णं तत्थ झियाएज्जा ? णा इणठे समठे, णो खलु तत्थ सत्थं कमइ, तत्थ णं जे से अविग्गहगइसमावण्णए णेरइए से णं अगणिकायस्स मज्झं. मज्झेणं णो वीईवएज्जा, से तेणठेणं जाव णो वीईवएज्जा। असुरकुमारे गं भंते ! अगणिकायस्स० पुच्छा, गोयमा ! अत्थगइए वीईवएज्जा अत्थेगइए णो वीईवएज्जा / से केण→णं जाव णो वीईवएज्जा? गोयमा ! असुरकुमारा दुविहा पण्णत्ता, तं०-विग्गहगइसमावण्णगा य अविग्गहगइसमावण्णगा य, तत्थ णं जे से विग्गहगइसमावण्णए असुरकुमारे से णं एवं जहेव णेरइए जाव कमइ, तत्थ णं ने से अविग्गहगइसमावण्णए असुरकुमारे से णं अत्थेगइए अगणिकायस्स मज्झं. मझेणं वीईवएज्जा, अत्थेगइए णो वीईवएज्जा / जे णं वीईवएज्जा से णं तत्थ झियाएज्जा ? णो इणठे समठे, णो खलु तत्थ सत्थं कमइ, से तेणठेणं एवं जाव थणियकुमारे। एगिदिया जहा रइया। बेइंदिया णं भंते ! अगणिकायस्स मझमज्झेणं जहा असुरकुमारे तहा बेइंदिएवि, गवरं जे णं वीईवएज्जा से णं / तत्थ झियाएज्जा ? हंता झियाएज्जा, सेसं तं चेव एवं जाव चरिदिए। पंचिदियतिरिक्खजोणिए णं भंते ! अगणिकाय० पुच्छा, गोयमा ! अत्थेगइए वीईवएज्जा अत्थेगइए णो वीईवएज्जा / से केणठेणं० ? गोयमा ! पंचिदिय. तिरिक्खजोणिया दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-विग्गहगइसमावण्णगा य अविग्गहगइसमावण्णगा य, विग्गहगइसमावण्णए जहेव गैरइए जाव णो खलु तत्थ सत्थं कमइ, अविग्गहगइसमावण्णगा पंचिदियतिरिक्खजोणिया दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-इडिप्पत्ता य अणिडिप्पत्ता य, तत्थ णं जे से इडिप्पत्ते पंचिदियतिरिक्ख. जोणिए से णं अत्थेगइए अगणिकायस्स मज्झमज्झेणं वीईवएज्जा अत्थेगइए णो वीईवएज्जा। जे णं वीईवएज्जा से णं तत्थ झियाएज्जा ? णो इणठे समठे, णो खलु तत्थ सत्थं कमइ, तत्थ णं जे से अणिड्डिप्पते पविदियतिरिक्खजोणिए से गं अत्थेगइए अगणिकायस्स मज्झमज्झेणं वीईवएज्जा अत्थेगइए णो वाईवएज्जा, जे णं वीईवएज्जा से गं तत्थ झियाएज्जा ? हंता झियाएज्जा, से Page #799 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 786 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि तेणट्टेणं जाव णो वीईवएज्जा, एवं मणुस्सेवि, वाणमंतरजोइसियवेमाणिए जहा असुरकुमारे ॥५१४॥णेरइया दस ठाणाई पच्चणुब्भवमाणा विहरंति, तंजहा-अणिट्टा सद्दा अणिटा रूवा अणिट्ठा गंधा अणिट्ठा रसा अणिटा फासा अणिट्ठा गई अणिट्ठा ठिई अणिठे लावण्णे अणिठे जसोकित्ती अणिठे उट्ठाणकम्मबलवीरियपुरिसक्कारपरक्कमे / असुरकुमारा दस ठाणाई पच्चणुभवमाणा विहरंति, तंजहा-इट्ठा सद्दा इट्टा रूवा जाव इठे उट्ठाणकम्मबलवीरियपुरिसक्कारपरक्कमे, एवं जाव थणियकुमारा। पुढविक्काइया छट्ठाणाई पच्चणुब्भव. माणा विहरंति, तं०-इट्ठाणिट्ठा फासा इट्टाणिट्ठा गई एवं जाव परक्कमे, एवं जाव वणस्सइकाइया / बेइंदिया सत्तट्ठाणाई पच्चणुब्भवमाणा विहरंति, तंजहाइटाणिटा रसा सेसं जहा एगिदियाणं / तेइंदिया अटुट्ठाणाई पच्चणुब्भवमाणा विहरंति, त०-इटाणिहा गंधा सेसं जहा बेइंदियाणं / चरिदिया णवद्वाणाई पच्चणुब्भवमाणा विहरंति, तं०-इटाणिट्ठा रूवा सेसं जहा तेइंदियाणं / पंचि. दियतिरिक्खजोणिया दस ठाणाई पच्चणुब्भवमाणा विहरंति, तंजहा-इट्ठाणिट्ठा सहा जाव परक्कमे, एवं मणस्सावि, वाणमंतरजोइसियवेमाणिया जहा असुरकुमारा // 515 // देवे णं भंते ! महिड्डिए जाव महेसक्खे बाहिरए पोग्गले अपरियाइत्ता पभू तिरियपव्वयं वा तिरियभित्ति वा उल्लंघेत्तए वा पल्लंघेत्तए वा? गोयमा ! णो इणठे समठे। देवे णं भंते ! महिडिए जाव महेसक्खे बाहिरए पोग्गले परियाइत्ता पभू तिरिय जाव पल्लंघेत्तए वा ? हंता पम् / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति // 516 // चोद्दसमं सयं छट्ठो उद्देसो रायगिहे जाव एवं वयासी-णेरइया णं भंते ! किमाहारा किपरिणामा किंजोणिया किंठिईया पण्णता ? गोयमा ! णेरड्या णं पोग्गलाहारा पोग्गल. परिणामा पोग्गलजोणिया पोग्गलट्टिईया कम्मोवगा कम्मणियाणा कम्मट्टिईया कम्मणामेव विप्परियासमेति, एवं जाव वेमाणिया // 517 // रइया णं भंते ! कि वीचिदव्वाइं आहारेंति अवीचिदव्वाई आहारेंति ? गोयमा ! णेर. इया वीचिदव्वाईपि आहारेंति अवीचिदव्वाइंपि आहारेंति। से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ रइया वीचि० तं चेव जाव आहारेंति ? गोयमा ! जे णं णेर. इया एगपएसूणाईपि दव्वाइं आहारेंति ते णं णेरइया वीचिदव्वाइं आहारेंति, Page #800 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 14 उ. 6 787 जे णं गैरइया पडिपुग्णाई दव्वाइं आहारेंति ते गं गेरइया अवीचिदव्वाई आहारेंति, से तेणठेणं गोयमा! एवं बच्चइ जाव आहारति, एवं जाव वेमाणिया आहारेति // 518 // जाहे गं भंते ! सक्के देविदे देवराया दिव्वाइं भोगभोगाई भुंजिउकामे भवइ से कहमियाणि पकरेइ ? गोयमा ! ताहे चेव णं से सक्के देविदे देवराया एगं महंगेमिपडिरूवगं विउव्वइ, एगं जोयणसयसहस्सं आयामविक्खंभेणं तिण्णि जोयणसयसहस्साइं जाव अद्धंगुलं च किंचिविसेसहियं परिक्खेवेणं, तस्स णं णेमिपडिरूवगस्स उरि बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते जाव मणीणं फासे, तस्स णं णेमिपडिरूवगस्स बहुमज्झदेसभागे तत्थ णं महं एग पासायडिसगं विउव्वइ पंच जोयणसयाई उड्ढे उच्चत्तेणं, अड्डाइज्जाई जोयणसयाई विक्खंभेणं, अन्मग्गयमूसिय०वण्णओ जाव पडिरूवं, तस्स णं पासायडिसगस्स उल्लोए पउमलयाभत्तिचित्ते जाव पडिरूवे, तस्स णं पासायडि. सगस्स अंतो बहुसमरमणिज्जे भूमिभाए जाव मणीणं फासो, मणिपेढिया अट्ठजोयणिया जहा वेमाणियाणं, तीसे गं मणिपेढियाए उरि महं एगे देवसयणिज्जे विउव्वइ सयणिज्जवण्णओ जाव पडिहवे, तत्थ णं से सक्के देविदे देवराया अट्टहिं अग्गमहिसोहि सपरिबाराहि दोहि य अणिएहि णट्टाणिएण य गंधवाणिएण य सद्धि महयाहयणट्ट जाव दिव्वाई भोगभोगाई भुंजमाणे विहरइ / जाहे ईसाणे देविदे देवराया दिव्वाइं० जहा सक्के तहा ईसाणेवि णिरवसेसं, एवं सणंकूमारेवि, णवरं मासायडिसओ छ जोयणसयाई उडळ उच्चत्तेणं तिष्णि जोयणसयाई विक्खंभेणं, मणिपेढिया तहेव अट्ठजोयणिया, तीसे णं मणिपेढियाए उरि एस्थ णं महेगं सीहास] विउव्वइ सपरिवारं भाणियव्वं, तत्थ णं सणंकुमारे देविदे देवराया बावत्तरीए सामाणियसाहस्सीहि जाव चउहि बाव. तरीहि आयरक्खदेवसाहस्सीहि य बहि सणंकुमारकप्पवासीहि वेमाणिएहि देवेहि य देवीहि य सद्धि संपरिवडे महया जाव विहरइ / एवं जहा सणंकुमारे तहा जाव पाणओ अच्चओ, णवरं जो जस्स परिवारो सो तस्स भाणियन्वो, पासायउच्चत्तं जं सएसु 2 कप्पेसु विमाणाणं उच्चत्तं अद्धद्धं वित्थारो जाव अच्चयस्स णवजोयणसयाई उड्ढे उच्चत्तेणं अद्धपंचमाइं जोयणसयाई विक्खं. भेणं, तत्थ णं गोयमा ! अच्चुए देविदे देवराया दसहि सामाणियसाहस्सीहि जाव विहरइ, सेसं तं चेव / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 516 / / Page #801 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 788 अंग-पविटु सुत्ताणि चोद्दसमं सयं सत्तमो उद्देसो रायगिहे जाव परिसा पडिगया, गोयमाइ ! समणे भगवं महावीरे भगवं गोयमं आमंतेत्ता एवं वयासी-चिरसंसिट्ठोऽसि मे गोयमा ! चिरसंथुओऽसि मे गोयमा ! चिरपरिचिओऽसि मे गोयमा ! चिरजसिओऽसि मे गोयमा! चिराणुगओऽसि मे गोयमा ! चिराणुवत्तीसि मे गोयमा ! अणंतरं देवलोए अणंतरं माणस्सए भवे कि परं मरणा कायस्स भेया इओचया दोवि तुल्ला एगट्टा अविसेसमणाणत्ता भविस्सामो॥५२०॥जहा णं भंते ! वयं एयमढं जाणामो पासामो तहा णं अणुत्तरोववाइयावि देवा एयमढं जाणंति पासंति ? हंता गोयमा ! जहा णं वयं एयमढं जाणामो पासामो तहा णं अणुत्तरोववाइयावि देवा एयमढं जाणंति पासंति / से केणठेणं जाव पासंति ? गोयमा ! अणुतरोववाइयाणं अणंताओ मणोदव्ववग्गणाओ लद्धाओ पत्ताओ अभिसमण्णागयाओ भवंति, से तेण→णं गोयमा! एवं वुच्चइ जाव पासंति // 521 // कइविहे गं भंते ! तुल्लए पण्णते? गोयमा! छबिहे तुल्लए पण्णत्ते, तंजहा-दव्वतुल्लए, खेत्ततुल्लए, कालतुल्लए, भवतुल्लए, भावतुल्लए, संठाणतुल्लए / से केपट्टेणं भंते ! एवं वुच्चइ दव्वतुल्लए 2 ? गोयमा ! परमाणुपोग्गले परमाणुपोग्गलस्स दव्वओ तुल्ले, परमाणुपोग्गले परमाणुपोग्गलवइरित्तस्स दव्वओ णो तुल्ले, दुपएसिए खंधे दुपएसियस्स खंधस्स दव्वओ तुल्ले, दुपएसिए खंधे दुपएसिय. वइरित्तस्स खंधस्स दव्वओ णो तुल्ले, एवं जाव दसपएसिए, तुल्लसंखेज्जपए. सिए खंधे तुल्लसंखेज्जपएसियस्स खंधस्स दव्वओ तुल्ले, तुल्लसंखेज्जपएसिए खंधे तुल्लसंखेज्जपएसियवइरित्तस्स खंधस्स दव्वओ णो तुल्ले, एवं तुल्लअसंखे. ज्जपएसिए वि, एवं तुल्लअणंतपएसिएवि, से तेण→णं गोयमा ! एवं वुच्चइ दव्वतुल्लए २।से केणट्ठणं भंते ! एवं वुच्चइ खेत्ततुल्लए 2 ? गोयमा! एगपए. सोगाढे पोग्गले एगपएसोगाढस्स पोग्गलस्स खेत्तओ तुल्ले, एगपएसोगाढे पोग्गले एगपएसोगाढवइरित्तस्स पोग्गलस्स खेत्तओ णो तुल्ले, एवं जाव दसपए सोगाढे, तुल्लसंखेज्जपएसोगाढे एवं तुल्लअसंखेज्जपएसोगाढेवि, से तेणठेणं जावं खेत्त. तुल्लए 2 / से केण→णं भंते ! एवं वुच्चइ कालतुल्लए 2 ? गोयमा ! एगसमय. ठिईए पोग्गले एगसमयठिईयस्स पोग्गलस्स कालओ तुल्ले, एगसमयठिईए पोग्गले एगसमयठिईयवइरित्तस्स पोग्गलस्स कालओ णोतुल्ले, एवं जाव दससमय Page #802 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 14 उ.७ 789 ट्ठिइए, तुल्लसंखेज्जसमयठिईए एवं चेव, एवं तुल्लअसंखेज्जसमयढिईएवि, से तेण. ठेणं जाव काल तुल्लए 2 / से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ भवतुल्लए 2? गोयमा! रइए णेरइयस्स भवट्ठयाए तुल्ले, गेरइए णेरइयवइरित्तस्स भवट्ठयाए णो तुल्ले, तिरिक्खजोणिए एवं चेव, एवं मणुस्सेवि, एवं देवेवि, से तेणठेणं जाव भव. तुल्लए 2 / से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ भावतुल्लए भावतुल्लए ? गोयमा! एगगुणकालए पोग्गले एगगुणकालयस्स पोग्गलस्स भावओ तुल्ले, एगगुणकालए पोग्गले एगगुणकालावइरित्तस्स पोग्गलस्स भावओ णो तुल्ले, एवं जाव दस. गुणकालए, एवं तुल्लसंखेज्जगुणकालए पोग्गले, एवं तुल्लअसंखेज्जगुणकालएवि, एवं तुल्लअणंतगुणकालएवि, जहा कालए एवं गीलए लोहियए ालिद्दए सुक्किल्लए, एवं सुब्भिगंधे, एवं दुन्भिगंधे, एवं तित्ते जाव महरे, एवं कक्खडे जाव लुक्खे, उदइए भावे उदइयस्स भावस्स भावओ तुल्ले, उदइए भावे उद. इयभाववइरित्तस्स भावस्स भावओ णो तुल्ले, एवं उवसमिएवि, खइए० खओ. वसमिए० पारिणामिए० सण्णिवाइए भावे सण्णिवाइयस्स भावस्स, भावओ तुल्ले, सण्णिवाइए भावे सण्णिवाइयभाववइरित्तस्स भावस्स भावओ णो तुल्ले, से तेणठेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ भावतुल्लए 2 / से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ संठाणतुल्लए 2 ? गोयमा ! परिमंडले संठाणे परिमंडलस्स संठाणस्स संठाणओ तुल्ले, परिमंडलसंठाणे परिमंडलसंठाणवइरित्तस्स संठाणस्स संठाणओ णो तुल्ले, एवं वट्टे तसे चउरंसे आयए, समचउरंससंठाणे समचउरंसस्स संठाणस्स संठाणओ तुल्ले, समचउरंसे संठाणे समचउरंससंठाणवइरित्तस्स संठाणस्स संठाणओ णो तुल्ले, एवं परिमंडले, एवं जाव हुंडे, से तेणठेणं जाव संठाणतुल्लए 2 // 522 // भत्तपच्चक्खायए णं भंते ! अणगारे मुच्छिए जाव अज्झोववणे आहारमाहारेइ अहे थे वीससाए कालं करेइ तओ पच्छा अमुच्छिए अगिद्ध जाव अणज्झोववणे आहारमाहारेइ ? हंता गोयमा ! भत्तपच्चक्खायए गं अणगारे तं चेव, से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ भत्तपच्चक्खायए गं तं चेव, गोयमा ! भत्तपच्चक्खायए णं अणगारे मुच्छिए जाव अज्झोववण्णे आहारे भवइ, अहे गं वीससाए कालं करेइ तओ पच्छा अमुच्छिए जाव आहारे भवइ, से तेणठेणं गोयमा ! जाव आहारमाहारेइ // 523 // अस्थि णं भंते ! लवसत्तमा देवा 2 ? हंता अस्थि, से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ लवसत्तमा देवा 2 ? गोयमा ! से जहाणामए-केइ पुरिसे तरुणे जाव णिउणसिप्पोवगए Page #803 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 790 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि सालीण वा वीहीण वा गोधूमाण वा जवाण वा जवजवाण वा पक्काणं परियाताणं हरियाणं हरियकंडाणं तिक्खेणं णवपज्जणएणं असिअएणं पडिसा. हरिया 2 पडिसंखिविया 2 जाव इणामेव 2 तिकटु सत्तलवए लुएज्जा, जइ णं गोयमा ! तेसि देवाणं एवइयं कालं आउए पहुप्पए तो णं ते देवा तेणं चेव भवग्गहणेणं सिझंता जाव अंतं करेंता, से तेणट्ठणं जाव लवस. तमा देवा लवसत्तमा देवा // 524 // अस्थि णं भंते ! अणुत्तरोववाइया देवा 2? हंता अस्थि, से केणढेणं भंते ! एवं वृच्चइ अणुत्तरोववाइया देवा 2 ? गोयमा ! अणुत्तरोववाइयाणं देवाणं अणुत्तरा सद्दा अणुत्तरा रूवा जाव अणु. त्तरा फासा, से तेणट्टेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ जाव अणुत्तरोववाइया देवा 2 / अणुत्तरोववाइया णं भंते | देवा केवइएणं कम्मावसेसेणं अणत्तरोववाइय. देवताए उववण्णा ? गोयमा ! जावइयं छद्रभत्तिए संमणे णिग्गंथे कम्मं णिज्ज. रेइ एवइएणं कम्मावसेसेणं अणुत्तरोववाइय देवा देवताए उववण्णा / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 525 // चोद्दसमं सयं अट्ठमो उद्देसो इमोसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए सक्करप्पभाए य पुढवीए केवइयं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते ? गोयमा ! असंखेज्जाई जोयणसहस्साई अबाहाए अंतरे पण्णत्ते, सक्करप्पभाए णं भंते ! पुढवीए वालयप्पभाए य पुढवीए केवइयं०? एवं चेव, एवं जाव तमाए अहेसत्तमाए य। अहेसत्तमाए णं भंते ! पुढवीए अलोगस्स य केवइयं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते? गोयमा ! असंखेज्जाई जोयणप्तहस्साइं अबाहाए अंतरे पण्णते। इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए जोइसियस्स य केवइयं पुच्छा, गोयमा ! सत्तणउए जोयणसए अबाहाए अंतरे पण्णत्ते, जोइसियस्स णं भंते सोहम्मीसाणाण य कप्पाणं केवइयं पुच्छा? गोयमा ! असं. खेज्जाइंजोयण जाव अंतरे पण्णत्ते, सोहम्मीसाणाणं भते! सणंकुमारमाहिंदाण य केवइयं०? एवं चेव, सणंकुमारमाहिंदाणं भंते ! बंभलोगस्स कप्पस्स य केवइयं०? एवं चेव, बंभलोगस्सणं भंते ! लंतगस्स य कप्पस्स केवइयं०? एवं चेव, लंतगस्स गं भंते ! महासुक्कस्स य कप्पस्स केवइयं० ? एवं चेव, एवं महासुक्कस्स य कप्पस्स सहस्सारस्स य, एवं सहस्सारस्स आणयपाणयकप्पार्ण, एवं आणयपाणयाणं य कप्पाणं आरणच्चयाण य कप्पाणं, एवं आरणच्चुयाणं गेविज्जविमाणाण Page #804 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 14 उ. 8 791 य, एवं गेषेज्जविमाणाणं अणुत्तरविमाणाण य। अणुत्तरविमाणाणं भंते ! ईसिंपन्भारीए य पुढवीए केवइयं० पुच्छा, गोयमा! दुवालसजोयणे अबाहाए अंतरे पण्णत्ते / ईसिपमाराए णं भंते ! पुढवीए अलोगस्स य केवइए अबा. हाए• पुच्छा, गोयमा ! देसूर्ण जोयणं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते // 526 // एस गं भंते ! सालरुक्खे उण्हाभिहए तण्हाभिहए दवग्गिज्जालाभिहए कालमासे कालं किच्चा कहिं गच्छिहिइ कहि उववज्जिहिइ ? गोयमा ! इहेव रायगिहे णयरे सालरुक्खत्ताए पच्चायाहिइ, से गं तत्थ अच्चियवंदियपूइयसक्कारिय. सम्माणिए दिव्वे सच्चे सच्चोवाए सण्णिहियपाडिहेरे लाउल्लोइयमहिए यावि भविस्सइ, से णं भंते ! तओहितो अणंतरं उव्वट्टिता कहिं गमिहिइ कहिं उव. वज्जिहिइ ?. गोयमा ! महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ जाव अंतं काहिइ / एस णं भंते ! साललट्रिया उल्हाभिहया तण्हाभिहया दवग्गिजालाभिहया कालमासे कालं किच्चा जाव कहि उववजिहिइ ? गोयमा ! इहेव जंबुद्दीवे 2 भारहे वासे विझगिरिपायमूले महेसरिए णयरीए सामलिरुक्खत्ताए पच्चायाहिइ, सा णं तत्थ अच्चियबंदियपूइय जाव लाउल्लोइयमहिया यावि भविस्सइ / से गं भंते ! तओहितो अणंतरं उव्यट्टित्ता सेसं जहा सालरुक्खस्स जाव अंतं काहिइ / एस णं भंते ! उंबरलट्ठिया उन्हामिहया 3 कालमासे कालं किच्चा जाव कहि उववज्जिहिइ ? गोयमा ! इहेव जंबुद्दीवे 2 भारहे वासे पाडलिपुत्ते णयरे पाडलिरुक्खत्ताए पच्चायाहिइ, से णं तत्थ अच्चियवंदिय जाव भविस्सइ, से गं भंते ! तओहितोअणंतरं उव्वट्टित्ता सेसं तं चेव जाव अतं काहिइ // 527 // तेणे कालेणं तेणं समएणं अम्मडस्स परिवायगस्स सत्त अंतेवासीसया गिम्हकालसम. यंसि एवं जहा उववाइए जाव आराहगा॥५२८॥बहुजणे णं भंते ! अण्णमण्णस्स एवमाइक्खइ 4 एवं खलु अम्मडे परिव्वायए कंपिल्लपुरे णयरे घरसए एवं जहा उववाइए अम्मडस्स वत्तव्वया जाव दढप्पइण्णो अंतं काहिइ // 526 // अस्थि णं भंते ! अव्वाबाहा देवा अव्वाबाहा देवा ? हंता अस्थि / से केणद्वेणं भंते ! एवं उच्चइ अव्वाबाहा देवा 2 ? गोयमा ! प णे एगमेगे अव्वाबाहे देवे एगमेगस्स पुरिसस्स एगमेगंसि अच्छिपत्तंसि दिव्वं देविट्टि दिव्वं देवज्जुई दिव्वं देवाणुभागं दिव्वं बत्तीसइविहं गट्टविहिं उवदंसेत्तए, णो चेव णं तस्स पुरिसस्स किंचि आबाहं वा वाबाहं वा उप्पाएइ छविच्छेदं वा करेइ, एसुहुमं Page #805 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 792 अंग-पविट सुत्ताणि च गं उवदंसेज्जा, से तेणठेणं जाव अव्वाबाहा देवा 2 // 530 // प णं भंते ! सक्के देविदे देवराया पुरिसस्स सीसं सपाणिणा असिणा छिदित्ता, कमं. डलंमि पक्खिवित्तए ? हंता पम, से कहमिदाणि पकरेइ ? गोयमा ! छिदिया छिदिया च णं वा पक्खिवेज्जा, भिदिया भिदिया च णं वा पक्खिवेज्जा, कोट्टया कोट्रिया च णं वा पक्खिवेज्जा, चुणिया चुणिया च णं वा पक्खिवेज्जा, तओ पच्छा खिप्पामेव पडिसंघाएज्जा, णो चेव णं तस्स पुरिसस्स किंचिवि आवाहं वा वाबाहं वा उप्पाएज्जा, छविच्छेदं पुण करेइ, एसहमं च णं पक्खिवेज्जा // 531 // अस्थि णं भंते ! जंभया देवा जंभया देवा ? हंता अस्थि, से केणठेणं भंते ! एवं वच्चइ जंभया देवा जंभया देवा ? गोयमा ! जंभगा णं देवा णिच्चं पमइयपक्कीलिया कंदप्परइमोहणसीला जे गं ते देवे कुद्धे पासेज्जा से णं पूरिसे महंतं अयसं पाउणिज्जा, जे णं ते देवे तुठे पासेज्जा से गं महंतं जसं पाउ. ज्जा, से तेणठेणं गोयमा! एवं वच्चइ-जंभमा देवा 2. कइ विहा णं भंते ! जंभगा देवा पण्णता? गोयमा! दसविहा पण्णत्ता, तंजहा-अण्णजंभगा पाणजंभगा वत्थजंभगा लेणजंभगा सयणजंभगा. पुप्फजंभगा फलजंभगा पुप्फ-फल जंभगा विज्जाजभगा अवियीत्तजंभगा, जभंगाणं भंते ! देवा कहि वसहि उति ? गोयमा ! सव्वेसु चेव दीहवेयड्ढेसु चित्तविचित्तजमगपव्वएसु कंचणपव्वएसु य एत्थ णं जंभगा देवा वसहि उवेंति / जंभगा णं भंते ! देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा! एगं पलिओवमं ठिई पण्णत्ता / सेवं भंते ! 2 त्ति जाव विहरइ // 532 // चोदसमं सयं णवमो उद्देसो अणगारे गं भंते ! भावियप्पा अप्पणो कम्मलेस्सं ण जाणइ ण पासइ तं पुण जीवं सरूवि सकम्मलेस्सं जाणइ पासइ ? हंता गोयमा ! अणगारे गं भावियप्पा अप्पणो जाव पासइ / अत्थि गं भंते ! सरूबीवि सकम्मलेस्सा पोग्गला ओभासंति 4 ? हंता अत्थि / कयरे गं भंते ! सरूवी सकम्मलेस्सा पोग्गला ओभासंति जाव पभासेंति ? गोयमा ! जाओ इमाओ चंदिमसूरियाणं देवाणं विमाणेहितो लेस्साओ बहिया अभिणिस्सडाओ ताओ ओभासेंति जाव पभासेंति एवं एएणं गोयमा ! ते सरूवी सकम्मलेस्सा पोग्गला ओभासेंति 4 // 533 ॥णेरइयाणं भंते ! कि अत्ता पोग्गला अणता पोग्गला ? गोयमा ! णो अत्ता पोग्गला अणता पोग्गला, असुरकुमाराणं भंते ! कि अत्ता पोग्गला Page #806 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 14 उ. 9 793 अणता पोग्गल ? गोयमा ! अत्ता पोग्गला णो अणत्ता पोग्गला, एवं जाव थणियकुमाराणं / पुढविकाइयाणं पुच्छा, गोयमा! अत्तावि पोग्गला अणत्तावि पोग्गला, एवं जाव मणुस्साणं, वाणमंतरजोइसियवेमाणियाणं जहा असुरकुमाराणं / रइयाणं भंते ! कि इट्ठा पोग्गला अणिट्ठा पोग्गला ? गोयमा ! णो इट्ठा पोग्गला अणिट्टा पोग्गला, जहा अत्ता भणिया एवं इटावि कंतावि पियावि मणण्णावि भाणियव्वा एवं पंच दंडगा। देवे णं भंते ! महिडिए जाव महे. सक्खे रूवसहस्सं विउन्वित्ता पभू भासासहस्सं भासित्तए ? हंता पभू / सा गं भंते ! कि एगा भासा भासासहस्सं ? गोयमा ! एगा णं सा भासा णो खल तं भासासहस्सं // 534 // तेणं कालेणं तेणं समएणं भगवं गोयमे अचिरुग्गयं बालसूरियं जासुमणाकुसुमपुंजप्पगासं लोहितगं पासइ पासित्ता जायसड्ढे जाव समप्पण्णकोउहल्ले जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ 2 ता जाव णमंसित्ता एवं वयासी-किमिदं भंते ! सूरिए किमिदं भंते ! सूरियस्स अट्ठे? गोयमा ! सुभे सूरिए, सुभे सूरियस्स अट्ठे / किमिदं भंते ! सूरिए किमिदं भंते ! सूरियस्स पभा ? एवं चेव छाया, एवं लेस्सा // 535 // जे इमे भंते ! अज्जताए समणा णिग्गंथा विहरति एए णं कस्स तेयलेस्सं वीईवयंति ? गोयमा ! मासपरियाए समणे णिग्गंथे वाणमंतराणं देवाणं तेयलेस्सं बीईवयइ, दुमासपरियाए समणे णिग्गंथे असुरिंदवज्जियाणं भवणवासीणं देवाणं तेयलेस्सं वीईवयइ, एवं एएणं अभिलावेणं तिमासपरियाए समणे णिग्गंथे असुरकुमाणे देवाणं तेयलेस्सं वीइवयइ, चउम्मासपरियाए समणे णिग्गंथे गहगणणक्खत्ततारारूवाणं जोइसियाणं देवाणं तेयलेस्सं वीईवयइ, पंचमासपरियाए य समणे णिग्गंथे चंदिमसूरियाणं जोइसिंदाणं जोइसराईणं तेयलेस्स वीईवयइ, छम्मासपरियाए समणे णिग्गंथे सोहम्मीसाणाणं देवाणं० सत्तमासपरियाए० सणंकुमारमाहिंदाणं देवाणं. अटुमासपरियाए समणे णिग्गंथे बंभलोगलंतगाणं देवाणं तेयलेस्सं वीइवयइ, णवमासपरियाए सपणे णिग्गंथे महासुक्कसहस्साराणं देवाणं तेयलेस्सं वीइवयइ, दसमासपरियाए समणे जिग्गंथे आणयपाणयआरणच्चयाणं देवाणं० एक्कारसमासपरियाए समणे णिग्गंथे गेवेज्जगाणं देवाणं० बारसमासपरियाए समणे णिग्गंथे अणुतरोववाइयाणं देवाणं तेयलेस्सं वीइवयइ, तेण परं सुक्के सुक्काभिजाए Page #807 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 724 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि भवित्ता तओ पच्छा सिज्झइ जाव अंतं करेइ / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति जाव विहरइ // 536 // चोद्दसमं सयं दसमो उद्देसो केवली णं भंते ! छउमत्थं जाणइ पासइ ? हंता जाणइ पासइ, जहा णं भंते ! केवली छउमत्थं जाणइ पासइ तहा णं सिद्धेवि छउमत्थं जाणइ पासइ ? हंता जाणइ पासइ / केवली णं भंते ! आहोहियं जाणइ पासइ ? एवं चेव, एवं परमाहोहियं, एवं केलि एवं सिद्धं जाव जहा णं भंते ! केवली सिद्धं जाणइ पासइ तहा णं सिद्धेवि सिद्धं जाणइ पासई ? हंता जाणइ पासइ / केवली णं भंते ! भासेज्ज वा वागरेज्जा वा ? हंता भासेज्ज वा वागरेज्ज वा, जहा णं भंते ! केवली भासेज्ज वा वागरेज्ज वा तहा णं सिद्धेवि भासेज्ज वा वागरेज्ज वा ? णो इणढे समझें। से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ-जहा णं केवली भासेज्ज वा वागरेज्ज वा णो तहा णं सिद्धे भासेज्ज वा वागरेज्ज वा? गोयमा ! केवली णं सउट्टाणे सकम्मे सबले सवीरिए सपुरिसक्कारपरक्कमे, सिद्धे णं अणटाणे जाव अपुरिसक्कारपरक्कमे, से तेण→णं जाव णो वागरेज्ज वा / केवली णं भंते ! उम्मिसेज्ज वा णिम्मिसेज्ज वा ? हंता गोयमा ! उम्मिसेज्ज बा णिम्मिसेज्ज वा एवं चेव, एवं आउटेज्ज वा पसारेज्ज वा, एवं ठाणं वा सेज्ज वा णिसीहियं वा एज्जा, केवली णं भंते ! इमं रयणप्पभं पुढवि रयणप्पभापुढवीति जाणइ पासइ ? हंता गोयमा ! जाणइ पासइ / जहा णं भंते ! केवली इमं रयणप्पभं पुढवि रयणप्पभापुढवीति जाणइ पासइ तहा णं सिद्धेवि इमं रयणप्पभं पुढवि रयणप्पभापुढवीति जाणइ पासइ ? हंता जाणइ पासइ / केवली णं भंते ! सक्करप्पभं पुढवि सक्करप्पभापुढवीति जाणइ पासइ ? एवं चेव, एवं जाव अहेसत्तमं / केवली णं भंते ! सोहम्मं कप्पं सोहम्मकपेति जाणइ पासइ ?हंता जाणइ पासइ,एवं चेव एवं ईसाणं एवं जाव अच्चयं, केवली णं भंते ! गेवेज्जविमाणं गेवेज्जविमाणेति जाणइ पासइ ? एवं चेव, एवं अणत्तरविमाणेवि / केवली णं भंते ! ईसिपब्भारं पुढवि ईसिपब्भारपुढ. वीति जाणइ पासइ ? एवं चेव / केवली णं भंते ! परमाणुपोग्गलं परमाणु. पोग्गलेत्ति जाणइ पासइ ? एवं चेव, एवं दुपएसियं खधं एवं जाव जहा णं Page #808 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 15 795 भंते ! केवली अणंतपएसियं खंधं अणंतपएसिए खंधेत्ति जाणइ-पासइ तहा गं सिद्धेवि अणंतपएसियं खधं जाव पासइ ? हंता जाणइ-पासइ / सेवं भंते ! - सेवं भंते ! ति // 537 // ॥चोद्दसमं सयं समत्तं // ___ पण्णरसमं सयं णमो सुयदेवयाए भगवईए / तेणं कालेणं तेणं समएणं सावत्थी णामं णयरी होत्था वण्णओ, तीसे गं सावत्थीए गयरीए बहिया उत्तरपुरस्थिमे दिसीभाए तत्थ गं कोट्ठए णामं चेइए होत्था वण्णओ, तत्थ णं सावत्थीए गयरीए हालाहला णामं कुंभकारी आजीविओवासिया परिवसइ, अड्डा जाव अपरिभूया आजीवियसमयंसि लट्ठा गहियट्ठा पुच्छियट्ठा विणिच्छियट्ठा अट्ठिमिजपेम्माणुरागरत्ता अयमाउसो ! आजीवियसमए अढे अयं परमठे सेसे अणद्वेत्ति आजीवियसमएणं अप्पाणं भावेमाणी विहरइ / तेणं कालेणं तेणं समएणं गोसाले मंखलिपुत्ते चउव्वीसवासपरियाए हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावर्णसि आजीवियसंघसंपरिवडे आजीवियमएणं अप्पाणं भावेमाणे विहरइ / तए गं तस्स गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स अण्णया कयाइ इमे छ दिसाचरा अंतियं पाउब्भवित्था, तंजहा-साणे कलंदे कणियारे अच्छिदे अग्गिवेसायणे अज्जुणे गोमायुपुत्ते। तए णं ते छ दिसाचरी अट्ठविहं पुष्वगयं मग्गदसमं सएहिं 2 मइदंसणेहि णिज्जूहंति स० 2 ता गोसालं मंखलिपुत्तं उवट्ठांइंसु, तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते तेणं अलैंगस्स महाणिमित्तस्स केणइ उल्लोयमेत्तेणं सव्वेसि पाणाणं सव्वेसि भूयाणं सव्वेसि जीवाणं सव्वेसि सत्ताणं इमाई छ अणइक्कमणिज्जाइं वागरणाई वागरेइ, तं०-लाभं अलाभं सुहं दुक्खं जीवियं मरणं तहा / तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते तेणं अलैंगस्स महाणिमित्तस्स केणइ उल्लोयमेतणसावत्थीए णयरीए अजिणे जिणप्पलावी अणरहा अरहप्पलावी अकेवली केवलिप्पलावी असवण्णू सव्वण्णुप्पलावी अजिणे जिणसइं पगासेमाणे विहरइ // 538 // * तए णं सावत्थीए णयरीए सिंघाडग जाव पहेसु बहुजणो अण्णमण्णस्स एवमाइक्खइ जाव एवं परूवेइ-एवं खलु देवाणुप्पिया ! गोसाले मंखलिपुत्ते जिणे जिणप्पलावी जाव पगासेमाणे विहरइ, से कहमेयं मण्णे एवं ? तेणं Page #809 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 796 अंग-पविट सुत्ताणि कालेणं तेणं समएणं सामी समोसढे जाव परिसा पडिगया, तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स जेठे अंतेवासी इंदभई . मामं अणगारे गोयमगोत्तेणं जाव छट्छट्टेणं एवं जहा बिइयसए णियंठुद्देसए जाव अडमाणे बहुजणसई णिसामेइ, बहुजणो अण्णमण्णस्स एवमाइक्खइ ४एवं खलु देवाणु प्पिया ! गोसाले मंखलिपुत्ते जिणे जिणप्पलावी जाव पगा. सेमाणे विहरइ, से कहमेयं मण्णे एवं ? तए णं भगवं गोयमे बहुजणस्स अंतियं एयम8 सोच्चा जिसम्म जाव जायसड्ढे जाव भत्तपाणं पडिदंसेइ जाव पज्जुवासमाणे एवं वयासी-एवं खलु अहं भंते ! छठें तं चेव जाव जिणसई पगा. सेमाणे विहरइ, से कहमेयं भंते ! एवं ? तं इच्छामि णं भंते ! गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स उट्ठाणपरियाणियं परिकहियं / गोयमादि समणे भगवं महावीरे भगवं गोयम एवं वयासी-जण्णं गोयमा ! से बहुजणे अण्णमण्णस्स एवमाइक्खइ 4 एवं खलु गोसाले मंखलिपुत्ते जिणे जिणप्पलावी जाव पगासेमाणे विहरइ तण्णं मिच्छा / अहं पुण गोयमा ! एवमाइक्खामि जाव परूवेमि-एवं खलु एयस्स गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स मंखलिणामं मंखे पिया होत्या, तस्स गं मंखलिस्स मंखस्स भद्दा णामं भारिया होत्था सुकुमाल जाव पडिरूवा, तए णं सा भद्दा भारिया अण्णया कयाइ गुढिवणी यावि होत्था, तेणं कालेणं तेणं समएणं सरवणे णामं सण्णिवेसे होत्था रिद्धस्थिमिय० जाव सण्णिभप्पगासे पासाईए 4, तत्थ णं सरवणे सण्णिवेसे गोबहुले णामं माहणे परिवसइ, अड्ढे जाव अपरिभूए रिउध्वेय जाव सुपरिणिट्ठिए यावि होत्था, तस्स णं गोबहुलस्स माहणस्स गोसाला यावि होत्था, तए णं से मंखलीमंखे अण्णया कयाइ भद्दाए भारियाए गुन्विणीए सद्धि चित्तफलगहत्थगए मंखत्तणेणं अप्पाणं भावे. माणे पुव्वाणपुचि चरमाणे गामाणुगामं दूइज्जमाणे जेणेव सरवणे सण्णिवेसे जेणेव गोबहुलस्स माहणस्स गोसाला तेणेव उवागच्छइ 2 ता गोबहुलस्स माहणस्स गोसालाए एगदेसंसि भंडणिक्खेवं करेइ भंड० 2 त्ता सरवणे सण्णि. वेसे उच्चणीयमज्झिमाइं कुलाई घरसमदाणस्स भिक्खायरियाए अडमाणे वस. हीए सव्वओ समंता मग्गणगवेसणं करेइ, वसहीए सव्वओ समंता मग्गणगवे. सणं करेमाणे अण्णत्थ वसहि अलभमाणे तस्सेव गोबहुलस्स माहणस्स गोसालाए एगदेसंसि वासावासं उवागए, तए णं सा भद्दा भारिया Page #810 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 15 797 णवण्ठं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं अट्ठमाण य राइं दियाणं वीइक्कंताणं सुकुमाल जावं पडिरूवं दारगं पयाया / तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो एक्कारसमे दिवसे वीइक्कते जाव बारसमे दिवसे अयमेयारूवं गोण्णं गणणिप्फणं णामधेनं काति-जम्हा णं अम्हं इमे दारए गोबहुलस्स माहणस्स गोसालाए जाए, तं होउ णं अम्हं इमस्स दारगस्स णामधेज्जं गोसाले गोस लेत्ति,तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरोणामधेज्ज करेंति गोसालेति। तए णं से गोसाले दारए उम्मुक्कबालभावे विण्णायपरिणयमेत्ते जोवणगमणु. प्पत्ते सयमेव पडिएक्कं चित्तफलगं करेइ 2 त्ता चित्तफलगहत्थगए मंखत्तणेणं अप्पाणं भावेमाणे विहरइ // 536 // तेणं कालेणं तेणं समएणं अहं गोयमा ! तीसं वासाई अगारवासमझे वसित्ता अम्मापिईहि देवत्तगएहि एवं जहा भाव. णाए जाव एगं देवदूसमादाय मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइत्तए। तए णं अहं गोयमा ! पढमं वासं अद्धमासंअद्धमासेणं खममाणे अट्रियगामं हिस्साए पढमं अंतरावासं वासावासं उवागए, दोणं वासं मासंमासेणं खममाणे पुव्वाणुपुटिव चरमाणे गामाणुगाम दूइज्जमाणे जेणेव रायगिहे गयरे जेणेव णालिंदा बाहिरिया जेणेव तंतुवायसाला तेणेव उवागच्छामि ते. 2 ता अहापडिरूवं उग्गहं ओगिण्हामि अहा० 2 ता तंदुवायसालाए एगदेसंसि वासावासं उवागए / तएणं अहं गोयमा ! पढमं मासक्खमणं उवसंपज्जित्ताणं विहरामि / तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते चित्तफलगहत्थगए मंखत्तणेणं अप्पाणं भावेमाणे पुव्वाणुपुचि चरमाणे जाव दूइज्जमाणे जेणेव रायगिहे णयरे जेणेव गालिदा बाहिरिया जेणेव तंतुवायसाला तेणेव उवागच्छइ ते० 2 ता तंतुवायसालाए एगदेसंसि मंडणिक्खेवं करेइ मं० 2 ता रायगिहे णयरे उच्चणीय जाव अण्णत्थ कत्थवि वसहिं अलममाणे तीसे य तंतुवायसालाए एगदेसंसि वासा. वासं उवागए जत्थेव गं अहं गोयमा ! तए णं अहं गोयमा ! पढममासक्खमणपारणगंसि तंतुवायसालाओ पडिणिक्खमामि तंतु० 2 ता णालिंदाबाहिरियं मझमझेणं जेणेव रायगिहे पयरे तेणेव उवागच्छामि 2 ता रायगिहे णयरे उच्चणीय जाव अडमाणे विजयस्स गाहावइस्स गिहं अणुप्पविठे, तए णं से विजए गाहावई ममं एज्जमाणं पासइ 2 ता हट्टतुट्ठ० खिप्पामेव आसणाओ अब्भुट्ठई खि० 2 ता पायपीढाओ पच्चोरुहइ 2 त्ता पाउयाओ मुओयइ पा०२त्ता Page #811 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 798 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि एगसाडियं उत्तरासंगं करेइ 2 ता अंजलिमउलियहत्थे ममं सत्तटुपयाई अणुगच्छइ 2 ता ममं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ 2 ता ममें वंदइ णमंसइ वं०२ त्ता ममं विउलेणं असणपाणखाइमसाइमेणं पडिलाभिस्सामित्ति. कटु तुठे पडिलाभेमाणेवि तुढे पडिलाभिए वि तुठे, तर गं तस्स विजयस्स गाहावइस्स तेणं दध्वसुद्धणं दायगसुद्धणं पडिगाहगसुद्धेणं तिविहेणं तिकरणसुद्धेणं दाणेणं मए पडिलाभिए समाणे देवाउए णिबद्ध संसारे परित्तीकए गिहंसि य से इमाइं पंच दिव्वाइं पाउब्भूयाइं, तजहा-वसुधारा वुट्ठा 1 दसद्धवण्णे कुसुमे णिवाइए 2 चेलुक्खेवे कए 3 आयाओ देव. दुंदुभीओ 4 अंतरावि य णं आगासे अहो दाणे 2 त्ति घुठे 5 / तए णं रायगिहे णयरे सिंघाडग जाव पहेसु बहुजणो अण्णमण्णस्स एवमाइक्खइ जाव एवं परूवेइ-धणे णं देवाणुप्पिया ! विजए गाहावई, कयत्थे णं देवाणुप्पिया ! विजए गाहावई, कयपुण्णे णं देवाणुप्पिया ! विजए गाहावई, कयलक्खणे णं देवाणुप्पिया ! विजए गाहावई, कया णं. लोया देवाणुप्पिया ! विजयस्स गाहावइस्स, सुलद्धे णं देवाणुप्पिया ! माणुस्सए जम्मजीवियफले विजयस्स गाहावइस्स जस्स णं गिहंसि तहारूवे साहु साहुरूवे पडिलाभिए समाणे इमाई पंच दिव्वाई पाउन्भूयाई, तंजहा-वसुहारा वुट्टा जाव अहो दाणे 2 घुछे, तं धणेणं० कयपुण्णे० कयलक्खणे० कया णं लोया० सुलद्धे माणुस्सए जम्मजीवियफले विजयस्स गाहावइस्स विजय० 2 / तए णं से गोसाले मंबलिपुत्ते बहुजणस्स अंतिए एयमळं सोच्चा णिसम्म समुप्पण्णसंसए समुप्पण्णको उहल्ले जेणेव विजयस्स गाहावइस्स गिहे तेणेव उवागच्छइ 2 ता पासइ विजयस्स गाहावइस्स गिहंसि वसुहारं वुटुं दसद्धवण्णं कुसुमं णिवडियं ममं च णं विज यस्स गाहावइस्स गिहाओ पडिणिक्खममाणं पासइ 2 ता हटतुट्ठ० जेणेव मम अंतिए तेणेव उवागच्छइ 2 ता ममं तिक्खुत्तो आयाहिण पयाहिणं करेइ 2 त्ता ममं वंदइ णमंसइ वं० 2 ता ममं एवं वयासी-तुब्भे गं भंते ! ममं धम्मा. यरिया अहण्णं तुम्भं धम्मंतेवासी, तए णं अहं गोयमा ! गोसालस्स मंलिपुत्त. स्स एयमलृ णो आढामि णो परिजाणामि तुसिणीए संचिट्ठामि / तए णं अहं गोयमा ! रायगिहाओ जयराओ पडिणिक्खमामि 2 ता - णालंदं बाहिरियं मज्झंमज्झेणं जेणेव तंतुवायसाला तेणेव उवागच्छामि 2 ता दोच्चं मासखमणं उवसंपज्जित्ताणं विहरामि, तए णं अहं गोयमा ! दोच्चं मासक्खमण. Page #812 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 15 799 पारणगंसि तंतुवायसालाओं पडिणिक्खमामि तं० 2 ता णालंदं बाहिरियं मज्झं. मज्झेणं जेणेव रायगिहे पयरे जाव अडमाणे आणंदस्स गाहावइस्स गिहं अणुप्पविठे, तए णं से आणंदे गाहावई ममं एज्जमाणं पासइ 2 ता एवं जहेव विजयस्स, णवरं ममं विउलाए खज्जगविहीए पडिलाभेस्सामीत्ति तुठे सेसं तं चेव जाव तच्चं मासक्खमणं उवसंपज्जित्ताणं विहरामि। तए णं अहंगोयमा! तच्चं मासक्खमणपारणगंसि तंतुवायसालाओ पडिणिक्खिमामि तं० 2 त्ता तहेव जाव अडमाणे सुणंदस्स गाहावइस्स गिहं अणुप्पविठे, तए णं से सुणंदे गाहावई एवं जहेव विजयगाहावई, णवरं ममं सव्वकामगणिएणं भोयणेणं पडिलाभेइ सेसं तं चेव जाव चउत्थं मासक्ख मणं उवसंपज्जित्ताणं विहरामि / तीसे णं णालंदाए बाहिरियाए अदूरसामंते एत्थ णं कोल्लाए णामं सण्णिवेसे होत्था सण्णिवेस० वण्णओ, तत्थ णं कोल्लाए संणिवेसे बहुले णामं माहणे परिवसइ, अड्ढे जाव अपरिभए रिउव्वेय जाव सुपरिणिट्टिए यावि होत्था, तए णं से बहुले माहणे कत्तियचाउम्मासियपाडिवर्गसि विउलेणं महुघयसंजुत्तेणं परमण्णणं माहणे आयामेत्था, तए णं अहं गोयमा ! चउत्थमासक्ख मणपारणगंसि तंतुवायसालाओं पडिणिक्खमामि 2 ता णालंदं बाहिरियं मज्झमझेणं णिग्गच्छामि 2 ता जेणेव कोल्लाए संणिवेसे तेणेव उवागच्छामि 2 ता कोल्लाए सण्णिवेसे उच्चणीय जाव अडमाणे बहुलस्स माहणस्स गिहं अणुप्पविठे, तए गं से बहुले माहणे ममं एज्जमाणं तहेव जाव ममं विउलेणं महघयसंजुत्तेणं परमण्णेणं पडिलामेस्सामीति तुठे सेसं जहा विजयस्स जाव बहु० 2 / तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते ममं तंतुवायसालाए अपासमाणे रायगिहे जयरे समितरबाहिरियाए. ममं सव्वओ समंत्ता मग्गणगवेसणं करेइ, ममं कत्थवि सुई वा खुइं वा पवित्ति वा अलममाणे जेणेव तंतुवायसाला तेणेव उवागच्छइ 2 ता साडियाओ य पाडियाओ य कुंडियाओ य वाहणाओ य चित्तफलगं च माहणे आयामेइ आयामेत्ता सउत्तरोळं मुंडं कारेइ स. 2 ता तंतुवायसालाओ पडिणिक्खमइ तं० 2 ता णालंदं बाहिरियं मझमझेणं णिग्गच्छइ णिग्गच्छित्ता जेणेव कोल्लागसण्णिवेसे तेणेव उवागच्छइ, तए गं तस्स कोल्लागस्त संणिवेसस्स बहिया बहुजणो अण्णमण्णस्स एवमाइक्ख इ जाव परूवेइ-धणे णं देवाणुप्पिया ! बहुले माहणे तं चेव जाव जीवियफले बहु Page #813 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 800 अंग-पविट्ट सुत्ताणि लस्स माहणस्स ब० 2, तए णं तस्स गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स बहुजणस्स अंतियं एयमढं सोचा णिसम्म अयमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्थाजारिसिया णं मम धम्मायरियस्स धम्मोवएसगस्स समणस्स भगवओ महा. रस्स इड्ढी जुई जसे बले वीरिए पुरिसक्कारपरक्कमे लद्धे पत्ते अभिसमण्णागए, णो खलु अत्थि तारिसिया णं अण्णस्स कस्सइ तहारूवस्स समणस्स वा माहणस्स वा इड्ढी जुई जाव परक्कमे लद्धे पत्ते अभिसमण्णागए, तं णिस्संदिद्धं च णं एत्थ ममं धम्मायरिए धम्लोवएसए समणे भगवं महावीरे भविस्सईतिकट्ट कोल्लागसण्णिवेसे सब्भितरबाहिरिए ममं सवओ समंता मग्गणगवेसणं करेइ, ममं सव्वओ जाव करेमाणे कोल्लागसंणिवेसस्स बहिया पणियभूमीए मए सद्धि अभिसमण्णागए, तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते हट्ठतुढे ममं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं जाव णमंसित्ता एवं वयाती-तुब्भे ण भने! ममं धम्मायरिया अहण्णं तुभं अंतेवासी, तए णं अहं गोयमा ! गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स एयमलैं पडिसुणेमि, तएणं अहं गोयमा ! गोसालेणं मखलि. पुत्तेणं सद्धि पणियभूमीए छन्वासाइं लाभं अलामं सुहं दुक्खं सक्कारम. सक्कारं पच्चणुब्भवमाणे अणिच्चजागरियं विहरित्था // 540 // तए णं अहं गोयमा ! अग्णया कयाइ पढमसरदकालसमयंसि अप्पट्टिकायंसि गोसालेणं मंखलिपुत्तेणं सद्धि सिद्धत्थगामाओ जयराओ कुम्मगामं णयरं संपट्टिए विहा. राए, तस्स णं सिद्धत्थगामस्स णयरस्स कुम्मगामस्स णयरस्स य अंतरा एत्थ णं महं एगे तिलथंभए पत्तिए पुफिए हरियगरेरिज्जमाणे सिरीए अईव 2 उवसोभेमाणे 2 चिट्ठइ / तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते तं तिलथंभगं पासइ 2 ता ममं वंदइ णमंसइ वं० 2 ता एवं वयासी-एस णं भंते ! तिल. थंभए कि णिप्फज्जिस्सइ णो णिप्फज्जिस्सइ, एए य सत्त तिलपुप्फजीवा उद्दाइत्ता 2 कहिं गच्छिहिति कहिं उववजिहिति ? तए णं अहं गोयमा ! गोसालं मंख लिपुत्तं एवं बयासी-गोसाला ! एस गं तिलयंभए णिप्फज्जिस्सइ णो ण णिप्फज्जिस्सइ, एए य सत्त तिलपुप्फजीवा उद्दाइत्ता 2 एयस्स चेव तिलथं भगस्स एगाए तिलसंगलियाए सत्त तिला पच्चायाइस्संति, तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते मम एवं आइक्खमाणस्स एयमलैंपो सद्दहइ णो पत्तियइ णो रोएइ, एयमट्ठ असद्दहमाणे अपत्तियमाणे अरोएमाणे ममं पणिहाय अयण्ण मिच्छावाई भवउ. त्तिकट्ठ ममं अंतियाओ सणियं 2 पच्चोसक्कइ 2 ता जेणेव से तिलथंभए Page #814 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 15 801 तेणेव उवागच्छइ 2 ता तं तिलथंभगं सलेठ्ठयायं चेव उप्पाडेइ 2 ता एगते एडेइ, तक्खणमेत्तं च णं गोयमा ! दिव्वे अभवद्दलए पाउभए, तए णं से दिव्वे अब्भवद्दलए खिप्पामेव पतणतणाएइ 2 ता खिप्पामेव पविज्जयाइ 2 ता खिप्पामेव णच्चोदगं णाइमट्टियं पविरलपप्फुसियं रयरेणुविणासणं दिव्वं सलिलोदगं वासं वासइ, जेणं से तिलथंभए आसत्थे वीसत्थए पच्चायाए तत्थेव बद्धमूले तत्थेव पइदिए, ते य सत्त तिल गुप्फ जीवा उद्दाइत्ता 2 तस्सेव तिलथंभगस्स एगाए तिलसंगलियाए सत्त तिला पच्चायाया // 541 // तए णं अहं गोयमा ! गोसालेणं मंखलिपुत्तेणं सद्धि जेणेव कुम्मगामे णयरे तेणेव उवागच्छामि, तए णं तस्स कुंमग्गामस्स णयरस्स बहिया वेसियायणे णामं बालतव. स्सी छठंछठेणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं उड्ढं बाहाओ पगिज्झिय 2 सूराभिमहे आयावणभूमीए आयावेमाणे विहरइ, आइच्चतेयतवियाओ य से छप्प. बोओ सव्वओ समंता अभिणिस्सवंति पाणभूयजीवसत्तदयट्टयाए च णं पडियाओ 2 तत्थेव 2 भुज्जो 2 पच्चोरुहेइ / तए णं से गोसाले मखलिपुत्ते वेसियायणं बालतवस्सि पासइ 2 ता ममं अंतियाओ सणियं 2 पच्चोसक्कइ ममं० 2 ता जेणेव वेसियायणे बालतवस्ती तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता वेसियायणं बालतवस्सि एवं वयासी-कि भवं मुणी मुणिए उदाहु जयासेज्जायरए ? तए णं से वेसि. यायणे बालतवस्सी गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स एयमलृ णो आढाइ णो परि. याणइ तुसिणीए संचिट्टई / तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते वेसियायणं बाल. तस्सि दोच्चपि तच्चपि एवं वयासी-कि भवं मुणी मुणिए जाव सेज्जायरए ? तए णं से वेसियायणे बालतवस्सी गोसालेणं मंखलिपुत्तेणं दोच्चपि तच्चंपि एवं वुत्ते समाणे आसुरुत्ते जाव मिसिमिसेमाणे आयावणभूमीओ पच्चोरुहइ आ० 2 ता तेयासमुग्घाएणं समोहण्णइ तेयासमुग्घाएणं समोहणित्ता सत्तट्ठपयाई पच्चोसक्कइ स०२ ता गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स वहाए सरीरगंसि तेयं णिसिरइ / तए णं अहं गोयमा ! गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स अणुकंपणट्टयाए वेसियायणस्स बालतवस्सिस्स उसिणतेयपडिसाहरणट्टयाए एत्थ णं अंतरा अहं सोयलियं तेयलेस्सं णिसिरामि, जाए सा ममं सीयलियाए तेय. लेस्साए वेसियायणस्स बालतवस्सिस्स साउसिणा तेयलेस्सा पडिहया / तए णं से वेसियायणे बालतवस्सी ममं सोयलियाए तेयलेस्साए साउसिगं तेयलेस्सं Page #815 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 802 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि पडिहयं जाणित्ता गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स सरीरगस्स. किंचि आबाहं वा वाबाहं वा छविच्छेदं वा अकीरमाणं पासित्ता साउसिणं तेयलेस्सं पडिसाहरइ साउ० 2 ता ममं एवं वयासी-से गयमेयं भगवं! गयगयमयं भगवं| तए गं गोसाले मंखलिपुत्ते ममं एवं वयासी-किण्णं भंते ! एस जयासिज्जायरए तुब्भे एवं वयासी-से गयमेयं भगवं ! गयगयमेयं भगवं ! तए णं अहं गोयमा! गोसालं मंखलिपुत्तं एवं वयासी-तुमं गं गोसाला! वेसियायणं बालतवस्सि पाससि पासित्ता ममं अंतियाओ सणियं 2 पच्चोसक्कसि जेणेव वेसियायणे बालतवस्सी तेणेव उवागच्छसि ते. २त्ता वेसियायणं बालतवस्सि एवं वयासीकिं भवं मुणी मुणिए उदाहु जयासेज्जायरए ? तए णं से वेसियायणे बालतवस्सी तव एयम→ णो आढाइ णो परियाणइ तुसिणीए संचिट्ठइ, तए णं तुम गोसाला! वेसियायणं बालतस्सि दोच्वंपि तच्वंपि एवं वयासी-किं भवं मुणी मुणिए जाव जयासेज्जायरए ? तए णं से वेसियायणे बालतवस्सी तुमं दोच्चंपि तच्चपि एवं वुत्ते समाणे आसुरुत्ते जाव पच्चोसक्कइ 2 ता तव वहाए सरीरगंसि तेयलेस्सं णिस्सिरइ, तए णं अहं गोसाला ! तव अणुकंपणट्टयाए वेसियायणस्स बालतवस्सिस्स उसिणतेयपडिसाहरणट्टयाए एत्थ णं अंतरा सोयलियं तेयलेस्सं णिसिरामि जाव पडिहयं जाणित्ता तव य सरीरगस्स किचि आबाहं वा वाबाहं वा छविच्छेदं वा अकीरमाणं पासित्ता साउसिणं तेयलेस्सं पडिसाहरइ सा० 2 ता ममं एवं वयासी-से गयमेयं भगवं! गयगयमेयं भगवं! तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते ममं अंतियाओ एयमझें सोच्चा णिसम्म भीए जाव संजायभए ममं वंदइ णमंसइ ममं वं० २त्ता एवं वयासी-कहण्णं भंते ! संखित्तविउलतेयलेस्से भवइ ? तए णं अहं गोयमा ! गोसालं मंखलिपुत्तं एवं वयासी-जे गं गोसाला! एगाए सणहाए कुम्मास. पिडियाए एगेण य वियडासएणं छठंछठेणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं उड़ढं बाहाओ पगिज्झिय 2 जाव विहरइ, से णं अंतो छण्हं मासाणं संखित्तविउल. तेयलेस्से भवइ, तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते ममं एयमद्रं सम्मं विणएणं पडिसुणेइ // 542 // तए णं अहं गोयमा ! अण्णया कयाइ गोसालेण मंखलि. पुत्तेणं सद्धि कुम्मगामाओ णयराओ सिद्धत्थग्गामं णयरं संपट्ठिए विहाराए, जाहे य मोतं देसं हव्वमागया जत्थ णं से तिलथंभए तए ण से गोसाले मंखलि. पुत्ते ममं एवं वयासी-तुझे णं भंते ! तया ममं एवं आइक्खह जाव एवं Page #816 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 15 803 परूवेह-गोसाला ! एस णं तिलथंभए णिप्फज्जिस्सइ णो म णिप्फज्जिस्सइ तं चेव जाव मच्चायाइस्संति तण्णं मिच्छा / इमं च णं पच्चक्खमेव दीसइ एस गं से तिलथंभए णो णिप्फण्णे अणिप्फण्णमेव ते य सत्त तिलपुप्फजीवा उद्दा. इत्ता 2 णो एयस्स चेव तिलथंभगस्स एगाए तिलसंगलियाए सत्त तिला पच्चायाया। तए णं अहं गोयमा ! गोसालं मंखलिपुत्तं एवं वयासी-तुम णं गोसाला! तया ममं एवं आइक्खमाणस्स जाव एवं परूवेमाणस्स एयमलृ णो सहहसि जो पत्तियसि णो रोयसि, एयमझें असहहमाणे अपत्तियमाणे अरोएमाणे मम पणिहाए अयण्णं मिच्छावाई भवउत्तिकटु ममं अंतियाओ सणियं 2 पच्चो. सक्कसि 2 ता जेणेव से तिलथंभए तेणेव उवागच्छसि 2 ता जाव एगंतमंते एडेसि, तक्खणमेत्तं गोसाला ! दिव्वे अब्भवद्दलए पाउन्भूए, तए णं से दिवे अम्भवहलए खिप्पामेव तं चेव जाव तस्स चेव तिलथं मगस्स एगाए तिलसंगलि. याए सत्त तिला पच्चायाया। एसणं गोसाला! से तिलथंभए णिप्फण्णे णो अणि. प्फण्णमेव, ते य सत्त तिलपुप्फजीवा उद्दाइत्ता 2 एयस्स चेव तिलथंभगस्स एगाए तिलसंगलियाए सत्त तिला पच्चायाया, एवं खलु गोसाला ! वणस्सइकाइया पउट्टपरिहारं परिहरंति।तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते ममं एवमाइक्खमाणस्स जाव परवेमाणस्स एयमझें णो सद्दहइ 3 एयमढं असद्दहमाणे जाव अरोएमाणे जेणेव से तिलथंभए तेणेव उवागच्छइ 2 ता ताओ तिलथंभयाओ तं तिलसंगलियं खुड्डुइ खुड्डित्ता करयलंसि सत्त तिले पप्फोडेइ / तए णं तस्स गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स ते सत्त तिले गणमाणस्स अयमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्था-एवं खलु सम्वजीवावि पउट्टपरिहारं परिहरंति / एस गं गोयमा ! गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स पउट्टे, एस णं गोयमा ! गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स ममं अंतियाओ आयाए अवक्कमणे प० // 543 // तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते एगाए सणहाए कुम्मासपिडियाए एगेण य वियडासएणं छठंछठेणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं उड्ढं बाहाओ पगिज्झिय 2 जाव विहरइ / तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते अंतो छण्हं मासाणं संखित्तविउलतेयलेस्से जाए // 544 // तए गं तस्स गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स अण्णया कयाइ इमे छहिसाचरा अंतियं पाउमवित्या तं०-साणे तं चेव सव्वं जाव अजिणे जिणसइं पगासेमाणे विहरइ, तं णो खलु गोयमा ! गोसाले Page #817 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 804 अंग-पविट्ट सुत्ताणि मंखलिपुत्ते जिणे जिणप्पलावी जाव जिणसई पगासेमाणे विहरइ, गोसाले णं मंखलिपुत्ते अजिणे जिणप्पलावी जाव पगासेमाणे विहरई / तए णं सा महइ. महालिया महच्चपरिसा जहा सिवे जाव पडिगया / तए णं सावत्थीए णय. रोए सिंघाडग जाव बहुजणो अण्णमण्णस्त जाव परूवेइ-जण्णं देवाणुप्पिया! गोसाले मंखलिपुत्ते जिणे जिणप्पलावी जाव विहरइ तं मिच्छा, समणे भगवं महावीरे एवं आइक्ख इ जाव परूवेइ- एवं खलु तस्स गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स मंखली णामं मंखे पिया होत्था, तए णं तस्स मंखलिस्स एवं तं चेव सव्वं भाणियव्वं जाव अजिणे जिणप्पलावी जिणसई पगासेमाणे विहरइ, तं णो खलु गोसाले मंखलिपुत्ते जिणे जिणप्पलावी जाव विहरइ, गोसाले मंखलियुत्ते अजिणे जिणेप्पलावी जाव विहरइ, समणे भगवं महा. वीरे जिणे जिणप्पलावी जाव जिणसई पगासेमाणे विहरइ। तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते बहुजणस्स अंतियं एयमढं सोच्चा णिसम्म आसुरुत्ते जाव मिसि. मिसेमाणे आयावणभमीओ पच्चोरहइ आयावणभूमीओ पच्चोरुहइत्ता सात्थि णरि मज्झमझेणं जेणेव हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणे तेणेव उवा. गच्छइ उवागच्छित्ता हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणंसि आजीवियसंघ. संपरिवडे महया अमरिसं वहमाणे एवं वावि विहरइ // 545 // तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतेवासी आणंदे णाम थेरे पगइभद्दए जाव विणीए छठंछठेणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ / तए गं से आणंदे थेरे छटक्खमणपारणगंसि पढमाए पोरि. सीए एवं जहा गोयमसामी तहेव आपुच्छइ, तहेव जाव उच्चणीयमज्झिम० जाव अडमाणे हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणस्स अदूरसामंतेणं वीईवयइ / तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते आणंदं थेरं हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणस्स अदूरसामंतेणं वीईवयमाणं पासइ 2 ता एवं वयासी-एहि ताव आणंदा ! इओ एगं महं उवमियं णिसामेहि / तए णं से आणंदे थेरे गोप्तालेणं मंखलि. पुत्तेणं एवं वुत्ते समाणे जेणेव हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणे जेणेव गोसाले मंखलिपुत्ते तेणेव उवागच्छइ / तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते आणंदं थेरं एवं वयासी-एवं खलु आणंदा ! इओ चिराईयाए .अद्धाए केइ उच्चाक्या वणिया अत्थत्थी अत्थलुद्धा अत्थगवेसी अत्थकंखिया अत्थपिवासा Page #818 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 15 8 05 अत्थगवेसणयाए णाणाविहविउलपणियभंडमायाए सगडीसागडेणं सुबहुं भत्तपाणपत्थनणं गहाय एगं महं अगामियं अणोहियं छिण्णावायं दीहमद्धं अडवि अणुप्पविट्ठा / तए णं तेसि वणियाणं तीसे अगामियाए अणोहियाए छिण्णा. * वायाए दोहमद्धाए अडवीए किचि देसं अणुप्पत्ताणं समाणाणं से पुष्वगहिए उदए अणुपुव्वेणं परिभुंजेमाणे 2 खीणे। तर णं ते वणिया खीणोदगा समाणा तण्हाए परिभवमाणा अण्णमण्णे सद्दावेंति अण्ण० 2 ता एवं वयासी-एवं खलु देवाणु प्पिया ! अम्हं इमोसे अगामियाए जाव अडवीए किचि देसं अणु. प्पत्ताणं समाणाणं से पुव्वगहिए उदए अणुपुवेणं परिभंजेमाणे 2 खीणे, तं सेयं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हं इमीसे अगामियाए जाव अडवीए उदगस्स सव्वओ समंता मग्गणगवेसणं करेत्तएत्तिकट्ट अण्णमण्णस्स अंतिए एयमलैं पडिसुणेति अण्ण. २त्ता तीसेणं अगामियाए जाव अडवीए उदगस्स सव्वओ समंता मग्गणगवेसणं करेंति, उदगस्स सव्वओ समंता मग्गणगवेसणं करेमाणा एग महं वणसंडं आसाएंति, किण्हं किण्होभासं जाव णिकुरंबभूयं पासाईयं जाव पडिरूवं, तस्स णं वणसंडस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महेगं वम्मीयं आसाएंति, तस्स गं वम्मीयस्स चत्तारि वप्पुओ अन्भुग्गयाओ अभिणिसढाओ तिरियं सुसंपग्गहियाओ अहे पण्णगद्धरूवाओ पण्णगद्धसंठाणसंठियाओ पासाईयाओ जाव पडिरूवाओ। तए णं ते वणिया हद्वतुट्ट० अण्णमणं सदावेंति अ० 2 ता एवं क्यासी-एवं खलु देवाणुप्पिया! अम्हं इमीसे अगामियाए जाव सव्वओ समंता मग्गणगवेसणं करेमाणेहिं इमे वणसंडे आसाइए किण्हे किण्होभासे० इमस्स गं वणसंडस्स बहुमज्झदेसभाए इमे वम्मीए आसाइए, इमस्स णं वम्मीयस्स चत्तारि वप्पुओ अन्भग्गयाओ जाव पडिरूवाओ, तं सेयं खल देवाणप्पिया ! अम्हं इमस्स वम्मीयस्स पढमं वप्पि भिदित्तए, अवियाई ओरालं उदगरयणं अस्साएस्सामो। तए णं ते वणिया अण्णमण्णस्स अंतियं एयमलैं पडिसुणेति 2 ता तस्स वम्मीयस्स पढमं वपि भिदंति, ते गं तत्थ अच्छं पत्थं जच्चं तणुयं फालियवण्णाभं उरालं उदगरयणं आसाएंति, तए गं ते वणिया हद्वतुवा पाणियं पिबंति 2 ता वाहणाइं पज्जति वा० 2 ता भायणाई भरेंति भा० 2 ता दोच्चपि अण्णमण्णं एवं वयासी-एवं खलु देवा. णुप्पिया ! अम्हेहिं इमस्स वम्मीयस्स पढमाए वप्पाए भिण्णाए ओराले उद Page #819 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 806 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि गरयणे अस्साइए, तं सेयं खलु देवाणुप्पिया! अम्हं इमस्स वम्मीयस्स दोच्चंपि बपि मिदित्तए, अवियाई एत्थ ओरालं सुवण्णरयणं अस्साएस्सामो / तए णं ते वणिया अण्णमण्णस्स अंतियं एयमढें पडिसुर्णेति अ० 2 ता तस्स वम्मीयस्स दोच्चंपि प्पि भिदंति, ते गं तत्थ अच्छं जच्चं तावणिज्ज महत्थं महग्धं महरिहं ओरालं सुवण्णरयणं अस्साएंति, तए णं ते वणिया हद्वतुट्ठा मायणाई भरेंति 2 ता पवहणाइं भरेंति 2 ता तच्चपि अण्णमण्णं एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हे इमस्स वम्मीयस्स पढमाए वप्पाए भिण्णाए ओराले उदगरयणें अस्साइए, दोच्चाए वप्पाए भिण्णाए ओराले सुवण्णरयणे अस्साइए, त सेयं खल देवाणुप्पिया! अम्हं इमस्स वम्मीयस्स तच्चंपि वपि मिदित्तए, अवियाई एत्थं ओरालं मणिरयणं अस्साएस्सामो / तए णं ते वणिया अण्ण. मण्णस्स अंतियं एयमलैं पडिसुणेति अ० 2 ता तस्स वम्मीयस्स तच्चपि वपि भिदंति, ते णं तत्थ विमलं णिम्मलं णित्तलं णिक्कल्लं महत्थं महग्धं महरिहं ओरालं मणिरयणं अस्साएंति, तए णं ते वणिया हट्टतुट्ठा मायणाई भरेंति भा० 2 ता पवहणाई भरेंति 2 ता चउत्थंपि अण्णमण्णं एवं वयासी-एवं खल देवाणुप्पिया ! अम्हे इमस्स वम्मीयस्स पढमाए वप्पाए भिण्णाए ओराले उदगरयणे अस्साइए, दोच्चाए वप्पाए भिण्णाए ओराले सुवण्णरयणे अस्सा. इए, तच्चाए वप्पाए भिण्णाए ओराले मणिरयणे अस्साइए / तं सेयं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हं इमस्स वम्मीयस्स चउत्थंपि वप्पि भिदित्तए, अवियाई उत्तमं महग्धं महरिहं ओरालं वइररयणं अस्साएस्सामो / तए गं तेसि वणियाणं एगे वणिए हियकामए सुहकामए पत्थकामए आणुकंपिए णिस्सेयसिए हियसुहणिस्सेसकामए ते वणिए एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हे इमस्स वम्मीयस्स पढमाए वप्पाए भिण्णाए ओराले उदगरयणे जाव तच्चाए वप्पाए भिण्णाए ओराले मणिरयणे अस्साइए, तं होउ अलाहि पज्जत्तं णे एसा चउत्थी वप्पा मा पिज्जउ, चउत्थी णं वप्पा सउवसग्गा यावि होत्था / तए णं ते वणिया तस्स वणियस्स हियकामगस्स सुहकामगस्स जाव हियसुहणिस्सेसकामगस्स एवमाइक्खमाणस्स जाव परूवेमाणस्स एयमलैंणो सहहंति जाव णो रोयंति, एयमठ्ठ असद्दहमाणा जाव अरोएमाणा तस्स वम्मी. यस्स चउत्थंपि वप्पि भिदंति, ते णं तत्थ उग्गविसं चंडविसं घोरविसं महाविसं Page #820 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 15 8 07 अइकायमहाकायं मसिमूसाकालगं णयणविसरोसपुण्णं अंजणपुंजणिगरप्पगासं रत्तच्छं जमलजुयलचंचलचलंतजोहं धरणितलवेणिभूयं उक्कडफुडकुडिलजडुल. कक्खडविकडफडाडोवकरणदच्छं लोहागरधम्ममाणधमधमेतघोसं अणागलिय. चंडतिव्वरोसं समुहिं तुरियं चवलं धर्मतं दिट्ठिविसं सप्पं संघट्टेति / तए णं से दिट्टिविसे सप्पे तेहिं वणिएहि संघट्टिए समाणे आसुरुत्ते जाव मिसिमिसेमाणे सणियं 2 उठेइ 2 ता सरसरसरस्स वम्मीयस्स सिहरतलं दुरुहइ सि० 2 त्ता आइच्चं णिज्झाइ आ० 2 ता ते वणिए अणिमिसाए दिट्ठीए सव्वओ समंता समभिलोएइ / तए णं ते वणिया तेणं दिदिविसेणं सप्पेणं अणिमिसाए दिट्ठीए सवओ समंता समभिलोइया समाणा खिप्पामेव सभंडमत्तोवगरण. मायाए एनाहच्चं कूडाहच्चं भासरासी कया यावि होत्था। तत्थ णं जे से वणिए तेसि वणियाणं हियकामए जाव हियसुहणिस्सेसकामए से णं अणुकंपियाए देवयाए सभंडमत्तोवगरणमायाए णियगं णयरं साहिए। एवामेव आणंदा ! तववि धम्मायरिएणं धम्मोवएसएणं समजेणं णायपुत्तेणं ओराले परियाए अस्साइए, ओराला कित्तिवण्णसद्दसिलोगा सदेवमणुयासुरे लोए पुष्वंति गुव्वंति थुव्वंति इति खलु समणे भगवं महावीरे इति० 2, तं जइ मे से अज्ज किंचिवि वदइ, तो गं तवेणं तेएणं एगाहच्चं कूडाहच्चं भासरासि करेमि जहा वा वालेणं ते वणिया, तुम च णं आणंदा! सारक्खामि संगोवामि जहा वा से वणिए तेसि वणियाणं हिय. कामए जाव णिस्सेंसकामए अणुकंपियाए देवयाए सभंडमत्तोव० जाव साहिए, तं गच्छ गं तुमं आणंदा ! तव धम्मायरियस्स धम्मोवएसगस्स समणस्स णायपृत्तस्स एयमठ्ठ परिकहेहि / तए णं से आणंदे थेरे गोसालेणं मंखलिपुत्तेणं एवं वुत्ते समाणे भीए जाव संजायभए गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स अंतियाओ हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणाओ पडिणिक्खमइ 2 त्ता सिग्घं तुरियं सात्थि णरि मज्झमझेणं णिग्गच्छइ २त्ता जेणेव कोट्ठए चेइए जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ 2 ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ 2 ता वंदइ णमंसइ वं० 2 ता एवं वयासी-एवं खल अहं भंते ! छटुक्खमणपारणगंसि तुहिं अब्मणण्णाए समाणे सावत्थीए णयरीए उच्चणीय जाव अडमाणे हालाहलाए कुंभकारीए जाव वीईवयामि,तए णं गोसाले मंखलिपुत्ते ममं हालाहलाए जाव पासित्ता एवं वयासी-एहि ताव आणंदा ! इओएगं महं Page #821 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 808 अंग-पविटु सुत्ताणि उवमियं णिसामेहि, तए णं अहं गोसालेणं मंखलिपुत्तेणं एवं वृत्तै समाणे जेणेव हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणे जेणेव गोसाले मंखलिपुत्ते तेणेव उवागच्छामि, तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते ममं एवं वयासी-एवं खलु आणंदा! इओ चिराईयाए अद्धाए केइ उच्चावया वणिया एवं तं चेव सव्वं गिरवसेसं भाणियव्वं जाव णियगं णयरं साहिए तं गच्छ णं तुमं आणंदा ! तव धम्मा. यरियस्स धम्मोवएसगस्स जाव परिकहेहि // 546 // तं पभू णं भंते ! गोसाले मंखलिपुत्ते तवेणं तेएणं एगाहच्चं कूडाहच्वं भासरासि करेत्तए, विसए णं भंते ! गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स जाव करेत्तए, समत्थे णं भते ! गोसाले पंखलिपुत्ते तवेणं जाव करेत्तए ? पभ णं आणंदा ! गोसाले मंखलिपुत्ते तवेणं जाव करेत्तए, विसए णं आणंदा! गोसालस्स जाव करेत्तए, समत्थे णं आगंदा! गोसाले जाव करेत्तए, णो चेव णं अरिहंते भगवंते, परियावणियं पुण करेज्जा, जाव. इएणं आणंदा ! गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स तवतेए एत्तो अणंतगुणविसिटुतराए चेव तवतेए अणगाराणं भगवंताणं, खंतिखमा पुण अणगारा भगवंतो, जावइ. एणं आणंदा ! अणगाराणं भगवंताणं तवतेए एत्तो अणंतगुणविसिद्रुतराए चेव तवतेए थेराणं भगवंताणं, खंतिखमा पुण थेरा भगवंतो, जावइएणं आणंदा! थेराणं भगवंताणं तवतेए एत्तो अणंतगुणविसिद्धितराए चेव तवतेए अरिहंताणं भगवंताणं, खंतिखमा पुण अरहंता भगवंतो, तं पभू णं आणंदा ! गोसाले मंखलिपुत्ते तवेणं तेएणं जाव करेत्तए, विसए णं आणंदा ! जाव करेत्तए, समत्थे गं आणंदा ! जाव करेत्तए, णो चेव णं अरिहंते भगवंते, पारियावणियं पुण करेज्जा // 547 // तं गच्छ णं तुमं आणंदा ! गोयमाईणं समणाणं णिग्गंथाणं एयमट्ठ परिकहेहि-मा णं अज्जो ! तुब्मं केई गोसाल मंखलिपुत्तं धम्मियाए पडिचोयणाए पडिचोएउ, धम्मियाए पडिसारणाए पडिसारेउ, धम्मिएणं पड़ो. यारेणं पडोयारेउ, गोसाले णं मखलिपुत्ते समणेहि णिग्गंहि मिच्छं विप्पडि. वणे / तए णं से आणंदे थेरे समणेणं भगवया महावीरेणं एवं वुत्ते समाणे समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ वं० 2 ता जेणेव गोयमाइसमणा णिग्गंथा तेणेव उवागच्छइ 2 ता गोयमाइसमणे णिग्गंथे आमंतेइ 2 ता एवं वयासीएवं खलु अज्जो ! छटुक्खमणपारणगंसि समणेणं भगवया महावीरेणं अब्भणुण्णाए समाणे सावत्थीए णयरीए उच्चणीय० तं चेव सव्वं जाव णायपुत्तस्स Page #822 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 15 एयमढें परिकहेहि, तं मा णं अज्जो ! तुब्भं केइ गोसालं मखलिपुत्तं धम्मि. याए पडिकोयणाए पडिचोएउ जाव मिच्छं विप्पडिवणे // 548 // जावं च गं आणंदे थेरे गोयमाईणं समणाणं णिग्गंथाणं एयमठे परिकहेइ तावं च णं से 'गोसाले मंखलिपुत्ते हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणाओ पडिणिक्खमइ पडिणिक्खमित्ता आजीवियसंघसंपरिवुडे भहया अमरिसं वहमाणे सिग्घं तुरियं जाव सावस्थि गरि मज्झमझेणं णिग्गच्छइ 2 ता जेणेव कोट्टए चेइए जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ ते० 2 ता समणस्स भगवओ महावीरस्स अदूरसामते ठिच्चा समणं भगवं महावीरं एवं वयासी-सुठ्ठ गं आउसो! कासवा ! ममं एवं वयासी साहू णं आउसो ! कासवा ! ममं एवं वयासीगोसाले मंखलिपुत्ते ममं धम्मतेवासी गोसाले० 2, जे णं गोसाले मंखलिपुत्ते तव धम्मंतेवासी से णं सुक्क सुक्काभिजाइए भवित्ता कालमासे कालं किच्चा अण्णयरेसु देवलोएसु देवत्ताए उववणे, अहणं उदाई णामं कुंडियायणीए अज्जणस्स गोयमपुत्तस्स सरीरगं विप्पजहामि अ० 2 त्ता गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स सरीरगं अणुप्पविसामि गो०२ ता इमं सत्तमं पउट्टपरिहारं परिहरामि, जेवि आई आउसो ! कासवा ! अम्हं समयंसि केइ सिज्झिसु वा सिझंति वा सिन्झिस्संति वा सव्वे ते चउरासीइं महाकप्पसयसहस्साई सत्त दिव्वे सत्त संज हे सत्त सण्णिगन्भे सत्त पउट्टपरिहारे पंच कम्मणिसयसहस्साइं सष्टुिं च सहस्साई छच्च सए तिण्णि य कम्मसे अणुपुव्वेणं खवइत्ता तओ पच्छा सिझंति बुज्झति मुच्चंति परिणिव्वायंति सव्वदुक्खाणमंतं करिसु वा करेंति वा करिस्संति वा, से जहा वा गंगा महाणई जओ पवूढा जहिं वा पज्जुवत्थिया एस गं अद्धपंचजोयणसयाई आयामेणं अद्धजोयणं विक्खं भेणं पंच धणुसयाई उव्वेहेणं एएणं गंगापमाणेणं सत्त गंगाओ सा एगा महागंगा, सत्त महागंगाओ सा एगा साईणगंगा, सत्त साईणगंगाओ सा एगा मच्चुगंगा, सत्त मच्चुगंगाओ सा एगा लोहियगंगा सत्त लोहियगंगाओ सा एगा आवईगंगा, सत आवई. गंगाओ सा एगा परमावई, एवामेव सपुत्वावरेणं एगं गंगासयसहस्सं सत्तर सहस्सा छच्चगुणपण्णं गंगासया भवंतीति मक्खाया, तासि दुविहे उद्धारे पण्णत्ते, तंजहा-सुहमबोंदिकलेवरे चेव बायरबोंदिकलेवरे चेव, तत्थ णं जे से सुहमबोंदिकलेवरे से ठप्पे, तत्थ णं जे से बायरबोंदिकलेवरे तओ णं वाससए 2 गए 2 Page #823 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 810 अंग-पविट्ट सुत्ताणि एगमेगं गंगावालुयं अवहाय जावइएणं कालेणं से कोठे खीणे णीरए णिल्लेवे णिट्ठिए भवइ, सेत्तं सरे सरप्पमाणे, एएणं सरप्पमाणेणं तिण्णि सरसयसाहस्सीओ से एगे महाकप्पे, चउरासीइं महाकप्पसयसहस्साइं से एगे महामाणसे, अणंताओ संजू हाओ जीवे चयं चइत्ता उवरिल्ले माणसे संजूहे देवे उववज्जइ, से गं तत्थ दिव्वाइं भोगभोगाइं भंजमाणे विहरइ विहरित्ता ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं भवक्खएणं ठिइक्खएणं अणंतरं चयं चइत्ता पढमे सण्णिगन्भे जीवे पच्चायाइ, से णं तओहितो अणंतरं उव्वट्टित्ता मज्झिल्ले माणसे संजूहे देवे उववज्जइ, से णं तत्थ दिव्वाइं भोगभोगाइं भुंजमाणे जाव विहरित्ता ताओ देवलोगाओ आउखएणं 3 जाव चईत्ता दोच्चे सण्णिगन्मे जीवे पच्चायाइ, से णं तओहितो अणंतरं उध्वट्टित्ता हेटिल्ले माणसे संजूहे देवे उववज्जइ, से णं तत्थ दिव्वाई जाव चइत्ता तच्चे सष्णिगब्भे जीवे पच्चायाइ, से णं तओहितो जाव उव्वट्टित्ता उवरिल्ले माणुसुत्तरे संजू हे देवे उववज्जइ, से णं तत्थ दिवाई भोग जाव चइत्ता चउत्थे सण्णिगन्भे जीवे पच्चायाइ, से गं तओहितो अणंतरं उव्वट्टित्ता मज्झिल्ले माणसुत्तरे संजहे देवे उववज्जइ, से णं तत्थ दिव्वाइं भोग जाव चइत्ता पंचमे सण्णिगभे जीवे पच्चायाइ, से णं तओहितो अणंतरं उव्वद्वित्ता हिदिल्ले माणसुत्तरे संजहे देवे उववज्जइ, से गं तत्थ दिव्वाइं भोग जाव चइत्ता छठे सण्णिगन्भे जीवे पच्चायाइ, से णं तओहितो अणंतरं उव्वट्टित्ता बंभलोगेणामं से कप्पे पण्णत्ते, पाईणपडीणायए उदीण. दाहिणविच्छिण्णे जहा ठाणपए जाव पंच वडेंसगा प०, तंजहा-असोगवडेंसए जाव पडिरूवा, से णं तत्थ देवे उववज्जइ, से णं तत्थ दस सागरोवमाइं दिव्वाई भोग जाव चइत्ता सत्तमे सण्णिगन्भे जीवे पच्चायाइ, से णं तत्थ णवण्हं मासाणं बहुपडिपुग्णाणं अट्ठमाण जाव वीइक्कंताणं सुकुमालगभद्दलए मिउ. कुंडलकुंचियकेसए मट्ठगंडतलकण्णपीढए देवकुमारसमप्पभए दारए पयायइ, सेणं अहं कासवा! लए णं अहं आउसो ! कासवा! कोमारियाए पव्वज्जाए कोमारएणं बंभचेरवासेणं अविद्धकण्णए चेव संखाणं पडिलभामि सं० 2 ता इमे सत्त पउट्ट. परिहारे परिहरामि, तंजहा-एणेज्जस्स, मल्लरामस्स, मंडियस्स, रोहस्स, भारहाइस्स, अज्जुणगस्स गोयमपुत्तस्स, गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स, तत्थ गंजे से पढमे पउट्टपरिहारे से णं रायगिहस्स णयरस्स बहिया मंडियकुच्छिसि 9. Page #824 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 15 8 11 चेइयंसि उदाइस्स कुंडियायणस्स सरीरं विप्पजहामि उदा० 2 ता एणेज्जगस्स सरीरगं अणुप्पविसामि एणे० 2 ता बावीसं वासाइं पढमं पउट्टपरिहारं परिहरामि, तत्थ णं जे से दोच्चे पउट्टपरिहारे से गं उदंडपुरस्स णयरस्स बहिया चंदोयरणंसि चेइयंसि एणेज्जगस्स सरीरगं विप्पजहामि 2 त्ता मल्ल. रामस्स सरीरगं अणप्पविसामि मल्ल० 2 ता एकवीसं वासाइं दोच्चं पउट्टपरिहारं परिहरामि, तत्थ णं जे से तच्चे पउट्टपरिहारे से णं चंपाए णयरीए बहिया अंगमंदिरंमि चेइयंसि मल्लरामस्स सरीरगं विप्पजहामि मल्ल. 2 त्ता मंडियस्स सरीरगं अणुप्पविस्सामि मंडि० २त्ता वीसं वासाइं तच्चं पउट्ट. परिहारं परिहरामि, तत्थ णं जे से चउत्थे पउपरिहारे से णं वाणारसीए णयरीए बहिया काममहावणंसि चेइयंसि मंडियस्स सरीरगं विप्पजहामि मंडि० 2 ता रोहस्स सरीरगं अणुप्पविसामि रोह. 2 ता एकणवीसं वासाई चउत्थं पउट्टपरिहारं परिहरामि, तत्थ णं जे से पंचमे पउट्टपरिहारे से गं आलभियाए णयरीए बहिया पत्तकालगंसि चेइयंसि रोहस्स सरीरगं विप्पजहामि रोह०२ ता भारद्दाइस्स सरीरगं अणुप्पविसामि भा० 2 ता अट्ठारस वासाई पंचम पउट्टपरिहारं परिहरामि, तत्थ णं जे से छठे पउट्टपरिहारे से णं वेसालीए णयरीए बहिया कोंडियायणंसि चेइयंसि भारद्दाइस्स सरीरगं विप्पजहामि भा० 2 ता अज्जणगस्स गोयमपुत्तस्स सरीरगं अणुप्पविसामि अ० 2 ता सत्तरस वासाइं छठें पउट्टपरिहारं परिहरामि, तत्थ णं जे से सत्तमे पउट्टपरिहारे से गं इहेवं सावत्थीए णयरीए हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणंसि अज्जणगस्स गोयमपुत्तस्स सरीरगं विप्पजहामि अज्जणगस्स० 2 त्ता गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स सरीरगं अलं थिरंधुवं धारणिज्जं सीयसहं उण्हसहं खुहासह विविह दसमसगपरीसहोवसग्गसह थिरसंघयणंतिकट्ट तं अणप्पविसामि 2 ता तं सोलस वासाई इमं सत्तमं पउट्टपरिहारं परिहरामि, एवामेव आउसो! कासवा! एगेणं तेत्तीसेणं वाससएणं सत्त पउट्टपरिहारा परिहरिया भवंतीति मक्खाया, तं सुटठ णं आउसो ! कासवा ! ममं एवं वयासी-साह णं आउसो ! कासवा! ममं एवं वयासी-गोसाले मंखलिपुत्ते ममं धम्मंतेवासित्ति गोसाले० 2 // 546 // तए णं समणे भगवं महावीरे गोसालं मंखलिपुत्तं एवं वयासी-गोसाला ! से जहाणामए तेणए सिया गामेल्लएहिं परब्भमाणे 2 कत्थ य गहुं वा दरि वा Page #825 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 812 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि दुग्गंवा णिणं वा पव्वयं वा विसमं वा अणस्साएमाणे एगेण महं उग्णालोमेण वा सणलोमेण वा कप्पासपम्हेण वा तणसूएण वा अत्ताणं आवरेत्ताणं चिट्ठज्जा, से णं अणावरिए आवरियमिति अप्पाणं मण्णइ, अप्पच्छण्णे य पच्छण्णमिति अप्पाणं मण्णइ, अणिलुक्के णिलुक्कमिति अप्पाणं मण्णइ, अपलाए पलायमिति अप्पाणं मण्णइ, एवामेव तुमंपि गोसाला ! अणण्णे संते अण्णमिति अप्पाणं उपलभसि, तं मा एवं गोसाला ! णारिहसि गोसाला ! सच्चेव ते सा छाया णो अण्णा // 550 // तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते समणेणं भगवया महावीरेणं एवं वुत्ते समाणे आसुरुत्ते 5 समणं भगवं महावीरं उच्चावयाहि आउसणाहिं आउसइ उच्चा० 2 ता उच्चावयाहि उद्धंसणाहिं उद्धंसेइ उद्धंसेत्ता उच्चावयाहिं णिभंछणाहिं णिभंछेइ उ० 2 ता उच्चावयाहिं णिच्छोडणाहिं णिच्छोडेइ उ० 2 ता एवं वयासी-णठेसि कयाइ, विणठेसि कयाइ, भट्टेसि कयाइ, गटविणभट्टेसि कयाइ, अज्ज ण भवसि णाहि ते ममाहितो सुहमत्थि // 551 // तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतेवासी पाईणजाणवए सव्वाणु भई णामं अणगारे पगइभदए जाव विणीए धम्मायरियाणुरागेणं एयमझें असद्दहमाणे उट्ठाए उठेइ उ० ता जेणेव गोसाले मंखलिपुत्ते तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता गोसालं मंखलिपुत्तं एवं वयासी-जेवि ताव गोसाला! तहारूवस्स समणस्स वा माहणस वा अंतियं एगमवि आरियं धम्मियं सुवयणं णिसामेइ सेवि ताव तं वंदइ णमंसइ जाव कल्लाणं मंगलं देवयं चेइयं पज्जुवासइ, किमंग पुण तुम गोसाला! भगवया चेव पव्वाविए. भगवया चेव मुंडाविए, भगवया चेव सेहाविए, भगवया चेव सिक्खाविए, भगवया चेव बहुस्सुईकए, भगवओ चेव मिच्छं विप्पडिवण्णे, तं मा एवं गोसाला ! णारिहसि गोसाला! सच्चेव ते सा छाया णो अण्णा / तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते सव्वाणुभूइणामेणं अणगारेणं एवं वुत्ते समाणे आसुरुत्ते 5 सव्वाणुभूई अणगारं तवेणं तेएणं एगा. हच्चं कूडाहच्चं जाव भासरासि करेइ / तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते सव्वाणु. भई अणगारं तवेणं तेएणं एगाहच्चं कूडाहच्चं जाव भासरासि करेत्ता-दोच्चंपि समणं भगवं महावीरं उच्चावयाहि आउसणाहि आउसइ जाव सुहं णस्थि / तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतेवासी कोसलजाणवए सुणक्खत्ते णाम अणगारे पगइभद्दए जाव विणीए धम्मायरियाणुरागेणं जहा Page #826 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 813 भगवई स. 15 सव्वाणुभूई तहेव जाव सच्चेव ते सा छाया णो अण्णा। तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते सूणक्खत्तेणं अणगारेगं एवं वृत्त समाणे आसुरुत्ते 5 सुणक्खत्तं अणगारं तवेणं तेएणं परितावेइ / तए णं से सुणक्खत्ते अणगारे गोसालेणं मखलि. पुत्तणं तवेणं तेएणं परिताविए समाणे जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवा. गच्छइ 2 ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ 2 त्ता वंदद णमसइ वं० 2 त्ता सयमेव पंच महव्वयाई आरुहेइ स० 2 ता समणा य समणीओ य खामेइ सम० 2 ता आलोइयपडिक्कते समाहिपत्ते आणुपुवीए कालगए / तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते सुणक्खत्तं अणगारं तवेणं तेएणं परितावेत्ता तच्चंपि समणं भगवं महावीरं उच्चावयाहि आउसणाहि आउसइ सव्वं तं चेव जाव सुहं णत्थि / तए णं समणे भगवं महावीरे गोसालं मंखलिपुत्तं एवं वयासी-जेवि ताव गोसाला! तहारूवस्स समणस्स वा माहणस्स वा तं चेव जाव पज्जुवासइ, किमंग पुण गोसाला! तुम मए चेव पव्वाविए जाव मए चेव बहुस्सुईकए ममं चेव मिच्छं विप्पडिवण्णे ?तं मा एवं गोसाला ! जाव णो अण्णा / तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते समणेणं भगवया महावीरेणं एवं वत्ते समाणे आसुरुत्ते 5 तेयासमुग्घाएणं समोहण्णइ तेया० 2 त्ता सत्तटुपयाई पच्चोसक्कइ 2 ता समणस्स भगवओ महावीरस्स वहाए सरीरगंसि तेयं णिसिरइ, से जहाणामए वाउक्कलियाइ वा वायमंडलियाइ वा सेलसि वा कुटुंसि वा थंभंसि वा थभंसि वा आवरिज्जमाणी वा णिवारिज्जमाणी वा सा णं तत्थ णो कमइ णो पक्कमइ, एवामेव गोसालस्सवि मंखलिपुत्तस्स तवे तेए -समणस्स भगवओ महावीरस्स वहाए सरीरगंसि णिसिट्ठे समाणे से गं तत्थ जो कमइ णो पक्कमइ, अंचिर्याच करेइ अंचि० 2 ता आयाहिणं पयाहिणं करेइ आ० 2 ता उड्ढं वेहासं उप्पइए, से णं तओ पडिहए, पडिणियत्ते समाणे तमेव गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स सरीरगं अण्डहमाणे 2 अंतो 2 अणुप्पविठे / तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते सएणं तेएणं अण्णाइट्ठे समाणे समणं भगवं महावीरं एवं वयासी-तुमं णं आउसो ! कासवा ! ममं तवेणं तेएणं अण्णाइठे समाणे अंतो छण्हं मासाणं पित्तज्जरपरिगयसरीरे दाहवक्क. तोए छउमत्थे चेक कालं करिस्ससि / तए गं समणे भगवं महावीरे गोसालं मंखलिपुत्तं एवं वयासी-णो खलु अहं गोसाला ! तव तवेणं तेएणं अण्णाइट्ठे Page #827 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 814 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि समाणे अंतो छण्हं मासाणं जाव कालं करिस्सामि, अहणं अण्णाई सोलस वासाइं जिणे सुहत्थी विहरिस्सामि / तुम णं गोसाला! अप्पणा चेव सएणं तेएणं अण्णाइठे समाणे अंतो सत्तरत्तस्स पित्तज्जरपरिगयसरीरे जाव छउमत्थे चेव कालं करिस्ससि / तए णं सावत्थीए णयरीए सिंघाडग जाव पहेसु बहुजणो अण्णमण्णस्स एवमाइक्खइ जाव एवं परूवेइ-एवं खलु देवाणुप्पिया! सावत्थीए णयरीए बहिया कोटुए चेइए दुवे जिणा संलवंति, एगे एवं वयंति-तुम पुन्वि कालं करिस्ससि एगे एवं वयंति तुमं पुब्वि कालं करिस्ससि, तत्थ णं के पुण सम्मावाई के पुण मिच्छावाई ? तत्थ णं जे से अहप्पहाणे जणे से वयइ-समणे भगवं महावीरे सम्मावाई गोसाले मखलिपुत्ते मिच्छावाई / अज्जोत्ति ! समणे भगवं महावीरे समणे णिग्गंथे आमंतेत्ता एवं वयासी-अज्जो ! से जहाणामए तणरासीइ वा कट्टरासीइ वा पत्तरासीइ वा तयारासीइ वा तुसरासीइ वा भसरासीइ वा गोमयरासीइ वा अवकररासीइ वा अगणिज्झामिए अगणिज्झसिए अगणिपरिणामिए हयतेए गयतेए णट्टतेए भट्टतेए लुत्ततेए विणटुतेए जाव एवा. मेव गोसाले मंखलिपुत्ते ममं वहाए सरीरगंसि तेयं णिसिरित्ता हयतेए गयतेए जाव विणढतेए जाए, तं छंदेणं अज्जो ! तुब्भे गोसालं मंखलिपुत्तं धम्मयाए पडिचोयणाए पडिचोएह धम्मि० 2 ता धम्मियाए पडिसारणाए पडिसारेह धम्मि० 2 ता धम्मिएणं पडोयारेणं पडोयारेह धम्मि० 2 त्ता अठेहि य हेहि य पसिणेहि य वागरणेहि य कारणेहि य णिप्पटुपसिणवागरणं करेह / तए णं ते समणा णिग्गंथा समणेणं भगवया महावीरेणं एवं वृत्ता समाणा समणं भगवं महावीरं वदंति णमंसंति वंदित्ता णमंसित्ता जेणेव गोसाले मंखलिपुत्ते तेणेव उवागच्छंति तेणेव उवागच्छित्ता गोसालं मंखलिपुत्तं धम्मियाए पडिचोयणाए पडिचोएंति ध० 2 त्ता धम्मियाए पडिसारणाए पडिसारेंति ध० 2 ता धम्मि. एणं पडोयारेणं पडोयारेति ध० 2 त्ता अठेहि य हेऊहि य कारणेहि य जाव वागरणं करेंति / तए ण से गोसाले मंखलिपुत्ते समणेहि णिग्गंथेहि धम्मियाए पडिचोयणाए पडिचोइज्जमाणे जाव णिप्पट्रपसिणवागरणे कीरमाणे आसुरुत्ते जाव मिसिमिसेमाणे णो संचाएइ समणाणं णिग्गंथाणं सरीरगस्स किंचि आबाहं वा वाबाहं वा उप्पाएत्तए छविच्छेदं वा करेत्तए / तए णं ते आजीविया थेरा गोसालं मखलिपुत्तं समणेहि णिग्गंहिं धम्मियाए पडिचोयणाए पडिचोएज्ज. माणं धम्मियाए पडिसारणाए पडिसारिज्जमाणं धम्मिएणं पडोयारेणं पडोया Page #828 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 815 भगवई स. 15 रिज्जमाणं अट्ठेहि य हेऊहि य जाव कीरमाणं आसुरुत्तं जाव मिसिमिसेमाणं समणाणं णिग्गंथाणं सरीरगस्स किंचि आबाहं वा वाबाहं वा छविच्छेदं वा अकरेमाणं पासंसि 2 ता गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स अंतियाओ आयाए अवक्क. मंति आयाए अवक्कमित्ता जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छंति ते. 2 ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं० वंदंति णमंसंति वं० 2 ता समणं भगवं महावीरं उवसंपज्जित्ताणं विहरंति, अत्थेगइया आजी. विया थेरा गोसालं चेव मंखलिपुत्तं उवसंपज्जित्ताणं विहरति / तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते जस्सट्टाए हव्वमागए तमढं असाहेमाणे रुंदाई पलोएमाणे दीहुण्हाई णीससमाणे दाढियाए लोमाए लुंचमाणे अवडं कंडूयमाणे पुर्याल पप्फोडेमाणे हत्थे विणिद्धणमाणे दोहिवि पाएहिं भूमि कोट्टेमाणे हाहा अहो ! हओऽहमस्सीतिकट्ट समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियाओ कोट्टयाओ चेइयाओ पडिणिक्खमइ 2 ता जेणेव सावत्थी णयरी जेणेव हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणे तेणेव उवागच्छइ ते० 2 ता हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणंसि अंबकूणगहत्थगए मज्जपाणगं पियमाणे अभिक्खणं गायमाणे अभिक्खणं णच्चमाणे अभिक्खणं हालाहलाए कुंभकारीए अंजलिकम्मं करे. माणे सीयलएणं मट्टियापाणएणं आयंचणिउदएणं गायाइं परिसिंचमाणे विहरइ // 552 // अज्जोत्ति ! समणे भगवं महावीरे समणे णिग्गंथे आमंतेत्ता एवं वयासी-जावइएणं अज्जो ! गोसालेणं मंखलिपुत्तेणं ममं वहाए सरीरगंसि तेए णिसट्टे से णं अलाहि पज्जत्ते सोलसण्हं जणवयाणं, तं०-अंगाणं वंगाणं मगहाणं मलयाणं मालवगाणं अच्छाणं वच्छाणं कोच्छाणं पाढाणं लाढाणं वज्जीणं मोलीणं कासीणं कोसलाणं अवाहाणं सुंभुत्तराणं घायाए वहाए उच्छादणयाए भासीकरणयाए, जंपि य अज्जो ! गोसाले मंखलिपुत्ते हाला. हलाए कुंभकारीए कुंभकारावणंसि अंबकणगहत्थगए मज्जपाणं पियमाणे अभिक्खणं जाव अंजलिकम्मं करेमाणे विहरइ, तस्सवि य णं वज्जस्स पच्छा. दणट्ठयाए इमाइं अट्ठ चरिमाइं पण्णवेइ, तंजहा-चरिमे पाणे, चरिमे गए, चरिमे गट्टे, चरिमे अंजलिकम्मे, चरिमे पोक्खलसंवट्टए महामेहे, चरिमे सेयणए गंघहत्थी, चरिमे महासिलाकंटए संगामे, अहं च णं इमीसे ओसप्पि. णीए चउवीसाए तित्थयराणं चरिमे तित्थयरे सिज्झिस्सं जाव अंतं करेस्सं ति, Page #829 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 816 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि जंपि य अज्जो ! गोसाले मंखलिपुत्ते सीयलएणं मट्टियापाणएणं आयंचणिउद. एणं गायाइं परिसिंचमाणे विहरइ, तस्सवि य णं वज्जस्स पच्छादणद्वयाए इमाई चत्तारि पाणगाइं चत्तारि अपाणगाइं पण्णवेइ / से कि तं पाणए ? पाणए चउ. विहे पण्णत्ते, तंजहा-गोपुट्ठए, हत्थमद्दियए, आयवतत्तए, सिलापब्भट्ठए, सेत्तं पाणए / से कि तं अपाणए ? अपाणए चउविहे पण्णत्ते, तंजहा-थालपाणए, तयापाणए सिबलिपाणए सुद्धपाणए / से कि तं थालपाणए ? 2 जणं दाथालगं वा दावारगं वा दाकुंभगं वा दाकलसं वा सीयलगं उल्लगं होहिं परामुसइ ण य पाणियं पियइ, सेत्तं थालपाणए / से कि तं तयापाणए ? 2 जण्णं अंब वा अंबाडगं वा जहा पओगपए जाव बोरं वा तिदुरुयं वा तरुणगं वा आभगं वा आसगंसि आवीलेइ वा पवीलेइ वा ण य पाणियं पियइ, सेत्तं तयापाणए / से कि तं सिबलिपाणए ? 2 जणं कलसंगलियं वा मुग्गसंगलियं वा माससंगलियं वा सिबलिसंगलियं वा तरुणियं आमियं आसगंसि आवीलेइ वा पवीलेइ वा ण य पाणियं पियइ, सेत्तं सिबलिपाणए / से कि तं सुद्धपाणए ? सुद्धपाणए जणं छम्मासे सुद्धखाइमं खाइ दो मासे पुढविसंथारोवगए दो मासे कट्ठसंथा. रोवगए दो मासे दब्भसंथारोवगए, तस्स गं बहुपडिपुण्णाणं छण्हं मासाणं अंतिमराईए इमे दो देवा महिड्डिया जाव महेसक्खा अंतियं पाउब्भवंति, तं०पुण्णभद्दे य माणिभद्दे य / तए णं ते देवा सीयलएहिं उल्लएहिं हत्थेहिं गायाई परामसंति, जे णं ते देवे साइज्जइ से णं आसीविसत्ताए कम्मं पकरेइ, जे णं ते देवे णो साइज्जइ तस्स णं संसि सरीरगंसि अगणिकाए संभवइ, से णं सएणं तेएणं सरीरगं झामेइ स० 2 ता तओ पच्छा सिज्झइ जाव अंतं करेइ, सेतं सुद्धपाणए / तत्थ णं सावत्थीए णयरीए अयंपुले णामं आजीविओवासए परि. वसइ अड्ढे जाव अपरिभए जहा हालाहला जाव आजीवियसमएणं अप्पाणं भावेमाणे विहरइ / तए णं तस्स अयंपुलस्स आजीविओवासगस्स अण्णया कयाइ पुव्वरतावरत्तकालसमयंसि कुडुंबजागरियं जागरमाणस्स अयमेयारूवे अज्झस्थिए जाव समुप्पज्जित्था-किसंठिया हल्ला पण्णत्ता ? तए णं तस्स अयंपुलस्स आजीविओवासगस्स दोच्चंपि अयमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्था-एवं खलु ममं धम्मायरिए धम्मोवएसए गोसाले मंखलिपुत्ते उप्पण्णणागदसणधरे जाव सम्बण्णू सव्वदरिसी इहेव सावत्थीए णयरीए हालाहलाए कुंभकारीए Page #830 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 15 8 17 कुंभकारावणंसि आजीवियसंघसंपरिबुडे आजीवियसमएणं अप्पाणं भावेमाणे विहरइ, तं सेयं खलु मे कल्लं जाव जलते गोसालं मंखलिपुतं वंदित्ता जाव पज्जवासित्ता इमं एयारूवं वागरणं वागरित्तए त्ति कटु एवं संपेहेइ संपेहिता कल्लं जाव जलंते व्हाए कय० जाव अप्पमहग्घाभरणालंकियसरीरे साओ गिहाओ पडिणिक्खमइ सा० 2 ता पायविहारचारेणं सात्थि णरि मज्झं. मझेणं जेणेव हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणे तेणेव उवागच्छइ 2 ता गोसालं मंखलिपुत्तं हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावगंसि अंबकूणगहस्थगयं जाव अंजलिकम्मं करेमाणं सीयलएणं मट्टिया जाव गायाई परिसिंचमाणं पासइ 2 ता लज्जिए विलिए विड्डे सणियं 2 पच्चोसक्कइ / तए णं ते आजीविया थेरा अयंपुलं आजीवियोवासगं लज्जियं जाव पच्चीसकमाणं पासेइ 2 ता एवं वयासी-एहि ताव अयंपुला! एतओ। तए णं से अयंपुले आजीवियोवासए आनीवियथेरेहिं एवं वृत्ते समाणे जेणेव आजीविया थेरा तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता आजीविए. थेरे वंदई णमंसइ वं० 2 ता पच्चासणे जाव पज्जवासइ / अयंपुलाइ ! आजीविया थेरा अयंपुलं आजीवियोवासगं एवं वयासी-से - Yणं ते अयंपुला ! पुन्धरत्तावरत्तकालसमयंसि जाव किसंठिया हल्ला पण्णत्ता ? तए णं तव अयंपुला ! दोच्चंपि अयमेया० तं चेव सव्वं भाणियव्वं जाव सावस्थि णार मज्झमज्झेणं जेणेव हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणे जेणेव इहं तेणेव हवमागए, से गणं ते अयंपुला ! अढे समठे ? हंता अत्थि. / जंपि य अयंपुला! तव धम्मायरिए धम्मोवएसए गोसाले मंखलिपुत्ते हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणंसि अंबकूगगहत्थगए जाव अंजलि करेमाणे विहरइ, तत्थवि णं भगवं इमाइं अट्ठ. चरिमाइं पण्णवेइ, तं०-चरिमे पाणे जाव अंतं करेस्सइ, जंपि य अयंपुला ! तव धम्मायरिए धम्मोवएसए गोसाले मंखलिपुत्ते सीयलएणं मट्टिया जाव विहरइ, तत्थवि णं भगवं इमाइं चत्तारि पाणगाइं चत्तारि अपाणगाइं पण्णवेइ, से किं तं पाणए ? पाणए जाव तओ पच्छा सिज्झइ जाव अंतं करेइ, तं गच्छह णं तुमं अयंपुला ! एस चेव तव धम्मायरिए धम्मोवएसए गोसाले मंखलिपुत्ते इमं एयारूवं वागरणं वागरेहिति / तए णं से अयंपुले आजी. वियोवासए आजीविएहि थेरेहिं एवं वुत्ते समाणे हद्वतुट्ठ० उट्ठाए उठेइ उ०२ Page #831 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 818 अंग-पविट्ट सुत्ताणि त्ता जेणेव गोसाले मंखलिपुत्ते तेणेव पहारेत्थ गमणाए / तए णं ते आजीविया थेरा गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स अंबकणगएडावणट्टयाए एगंतमंते संगारं कुवंति / तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते आजीवियाणं थेराणं संगारं पडिच्छइ 2 ता अंबकणगं एगंतमंते एडेइ / तए गं से अयंपुले आजीवियोवासए जेणेव गोसाले मंखलिपुत्ते तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता गोसालं मंखलिपुत्तं तिक्खुत्तो जाव पज्जुवासइ / अयंपुलाइ ! गोसाले मंखलिपुत्ते अयंपुलं आजीवियोवासगं एवं वयासी-से गूणं अयंपुला ! पुन्वरत्तावरत्तकालसमयंसि जाव जेणेव मम अंतियं तेणेव हवमागए, से णणं अयंपुला ! अट्ठे समठे ? हंता अस्थि, तं णो खलु एस अंबकणए अंबचोयए णं एसे, किसंठिया हल्ला पण्णता? वसीमूलसंठिया हल्ला पण्णत्ता / वीणं वाएहि रे वीरगा ! वी० 2 / तए णं से अयंपुले आजीवियोवासए गोसालेणं मखलिपुत्तेणं इमं एयारूवं वागरणं वागरिए समाणे हट्टतुट्ठ जाव हियए गोसालं मंखलिपुत्तं बंदइ णमंसइ वं० 2 ता पसिणाई पुच्छइ 2 ता अट्ठाई परियादियइ अ० ता उट्ठाए उठेइ उ० 2 ता गोसालं मखलिपुत्तं वंदइ णमंसइ वं० 2 ता जाव पडिगए / तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते अप्पणो मरणं आभोएइ 2 ता आजीचिए थेरे सद्दावेइ आ० 2 ता एवं क्यासी-तुन्भे गं देवाणुप्पिया ! ममं कालगयं जाणित्ता सुरभिणा गंधोदएणं ण्हाणेह सु० 2 त्ता पम्हलसुकुमालाए गंधकासाईए गायाई लहेह गा० 2 त्ता सरसेणं गोसीसचंदणेणे गायाई अलिपह स० 2 ता महरिहं हंसलक्खणं पडसाडगं णियंसेह मह० 2 ता सव्वालंकारविभूसियं करेह स० 2 ता पुरिस. सहस्सवाहिणि सीयं दुरूहेह पुरि० ता सावत्थीए णयरीए सिंघाडग जाव पहेसु महया-महया सद्देणं उग्धोसेमाणा 2 एवं वयह-एवं खलु देवाणुप्पिया ! गोसाले मंखलिपुत्ते जिणे जिणप्पलावी जाव जिणसई पगासेमाणे विहरित्ता इमीसे ओसप्पिणीए चउवीसाए तित्थयराणं चरिमे तित्थयरे सिद्धे जाव सव्वदुक्खप्पहोणे, इड्ढीसक्कारसमुदएणं ममं सरीरगस्स णीहरणं करेह / तए णं ते आजी. विया थेरा गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स एयमढें विणएणं पडिसुणेति // 553 // तए णं तस्स गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स सत्तरत्तंसि परिणममाणंसि पडिलद्धसम्म. तस्स अयमेयारूवे अज्झस्थिए जाव समुप्पज्जित्था-णो खलु अहं जिणे जिणप्पलावी जाव जिणसई पगासेमाणे विहरइ, अहं गं गोसाले चेव मंखलिपुत्ते समण Page #832 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 15 घायए समणमारए समणपडिणीए आयरियउवज्झायाणं अयसकारए अवण्णकारए अकित्तिकारए बहूहि असब्भावुब्भावाहि मिच्छत्ताभिणिवेसेहि य अप्पाणं वा परं वा तदुभयं वा वुग्गाहेमाणे वुप्पाएमाणे विहरित्ता सएणं तेएणं अण्णाइट्ठे समाणे अंतो सत्तरत्तस्स पित्तज्जरपरिगयसरीरे दाहवक्कंतीए छ उ. मत्थे चेव कालं करेस्सं, समणे भगवं महावीरे जिणे जिणप्पलावी जाव जिणसई पगासेमाणे विहरइ, एवं संपेहेइ एवं संपेहिता आजीविए थेरे सद्दावेइ आ० 2 ता उच्चावयसवहसाविए पकरेइ उच्चा० 2 त्ता एवं वयासी-णो खलु अहं जिणे जिणप्पलावी जाव पगासेमाणे विहरइ, अहण्णं गोसाले मंखलिपुत्ते समणघायए जाव छउमत्थे चेव कालं करेस्स, समणे भगवं महावीरे जिणे जिणप्पलावी जाव जिणसई पगासेमाणे विहरइ, तं तुब्भे गं देवाणुप्पिया ! ममं कालगयं जाणित्ता वामे पाए संबेणं बंधह वा० 2 ता तिक्खुतो मुहे उट्ठभह ति० 2 ता सावत्थीए णयरीए सिंघाडग जाव पहेसु आकड्डविकड्डि करेमाणा महया 2 सद्देणं उग्घोसेमाणा 2 एवं वयह-णो खलु देवाणुप्पिया ! गोसाले मंखलिपुत्ते जिणे जिणप्पलावी जाव विहरिए, एस गं गोसाले चेव मंखलिपुत्ते समणघायए जाव छ उमत्थे चेव कालगए, समणे भगवं महावीरे जिणे जिणप्पलावी जाव विहरइ, महया अणिड्ढीअसक्कारसमुदएणं ममं सरीरगस्स णीहरणं करेज्जाह, एवं वदित्ता कालगए // 554 // तए णं आजीविया थेरा गोसालं मंखलिपत्तं कालगयं जाणित्ता हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणस्स दुवाराई पिहेंति दु० 2 ता हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणस्स बहुमज्झदेसभाए साथि गरि आलिहंति सा० 2 त्ता गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स सरीरगं वामे पाए संबेणं बंधंति वा० 2 ता तिक्खुत्तो मुहे उट्ठभंति 2 ता सावत्थीए णयरीए सिंघाडग जाव पहेसु आकविकट्टि करेमाणा णीयं 2 सद्देणं उग्घोसेमाणा 2 एवं वयासीणो खलु देवाणुप्पिया ! गोसाले मंखलिपुत्ते जिणे जिणप्पलावी जाव विहरए, एस गं गोसाले चेव मंखलिपुत्ते समणघायए जाव छ उमत्थे चेव कालगए, समणे भगवं महावीरे जिणे जिणप्पलावी जाव विहरइ, सवहपडिमोक्खणगं करेंति स०२ ता दोच्चंपि पूयासक्कारथिरीकरणट्टयाए गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स वामाओ पायाओ सुंबं मुयंति सु० ता हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणस्स दुवारवयणाई अवगुणंति 2 ता गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स सरीरगं सुरभिणा Page #833 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 820 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि गंधोदएणं व्हाणेति तं देव जाव महया इड्ढीसक्कारसमुदएणं गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स सरीरगस्स णीहरणं करेंति // 555 // तए णं समणे मगवं महा. वीरे अण्णया कयाइ सावत्थीओ णयरीओ कोयाओ चेइयाओ पडिणिक्खमइ 2 ता बहिया जणवयविहारं विहरइ / तेणं कालेणं तेणं समएणं मेंढियगामे णामं णयरे होत्था वण्णओ, तस्स गं मढियगामस्स णयरस्स बहिया उत्तरपुरस्थिमे दिसीभाए एत्थ णं सालकोट्टए णामं चेइए होत्था वण्णओ जाव पुढविसिला. पट्टओ, तस्स णं सालकोटगस्स चेइयरस अदूरसामंते एत्थ णं महेगे मालुयाकच्छए यावि होत्था किण्हे किण्होभासे जाव णिकुरुंबभूए पत्तिए पुप्फिए फलिए हरियगरेरिज्जमाणे सिरीए अईव 2 उव सोभेमाणे 2 चिट्ठइ / तत्थ णं मेंढिय. गामे णयरे रेवई णाम गाहावइणी परिवसइ अड्डा जाव अपरिभूया, तए णं समणे भगवं महावीरे अण्णया कयाइ पुवाणुपुति चरमाणे जाव जेणेव मेंढिय. गामे णयरे जेणेव सालकोट्रए चेइए जाव परिसा पडिगया। तए णं समणस्स भगवओ महावीरस्स सरीरगंसि विउले रोगायंके पाउब्भ ए उज्जले जाव दुरहि. यासे पित्तज्जरपरिगयसरीरे दाहवक्कंतीए यावि विहरइ, अवियाई लोहिय. वच्चाईपि पकरेइ, चाउवणं वागरेइ-एवं खलु संमणे भगवं महावीरे गोसा. लस्स मंखलिपुत्तस्स तवेणं तेएणं अण्णाइठे समाणे अंतो छण्हं मासाणं पित्तज्जर. परिगयसरीरे दाहदक्कंतीए छउमत्थे चेव कालं करिस्सइ / तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतेवासी सीहे णाम अणगारे पगइभहए जाव विणीए मालुयाकच्छगस्स अदूरसामंते छठेंछठेणं अणिक्खित्तेणं तवो. कम्मेणं उडढं बाहाओ जाव विहरइ / तए णं तस्स सीहस्स अणगारस्स झाणंत. रियाए वट्टमाणस्स अयमेयारूवे जाव समुप्पज्जित्था-एवं खलु ममं धम्मायरियस्स धम्मोवएसगस्स समणस्स भगवओ महावीरस्स सरीरगसि विउलेरोगायंके पाउ. भूए उज्जले जाव छउमत्थे चेव कालं करेस्सइ, वदिस्संति य णं अण्णतित्थिया छउमत्थे चेव कालगए, इमेणं एयारूवेणं महया मणोमाणसिएणं दुक्खेणं अभिभए समाणे आयावणभमीओ पच्चोरहइ आया० 2 त्ता जेणेव मालयाकच्छए तेणेव उवागच्छइ 2 ता मालुयाकच्छयं अंतो 2 अणुप्पविसइ मालुया० 2 ता महया 2 सद्देणं कुहुकुहुस्स परुण्णे / अज्जोत्ति ! समणे भगवं महावीरे समणे जिग्गंथे आमतेइ 2 ता एवं वयासी-एवं खलु अज्जो ! ममं अंतेवासी सीहे Page #834 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 15 णाम अणगारे पगइभद्दए तं चेव सव्वं भाणियव्वं जाव परुण्णे, तं गच्छह णं अज्जो ! तुन्भे सीहं अणगारं सहह / तए णं ते समणा णिग्गंथा समणेणं भगवया महावीरेणं एवं वृत्ता समाणा समणं भगवं महावीरं वंदंति णमंसंति वं०२ त्ता समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियाओ सालकोट्ठयाओ चेइयाओ पडिणिवखमंति सा० 2 ता जेणेव मालयाकच्छए जेणेव सीहे अणगारे तेणेव उवागच्छंति 2 ता सीहं अणणारं एवं वयासी-सीहा ! धम्मायरिया सद्दावेति / तए णं से सीहे अणगारे समहिं णिग्गंथेहिं सद्धि मालुयाकच्छयाओ पडिणिक्खमइ 2 ता जेणेव सालकोट्ठए चेइए जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ 2 ता समणं भगवं महावीरं तिक्खत्तो आयाहिणं 2 जाव पज्जुवासइ / सीहाइ ! समणे भगवं महावीरे सीहं अणगारं एवं वयासी-से णणं ते सीहा ! झाणंतरियाए वट्टमाणस्स अयमेयारूवे जाव परुण्णे, से णणं ते सोहा ! अढे समठे ? हंता अत्थि, तं णो खल अहं सीहा ! गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स तवेणं तेएणं अण्णाइट्ठे समाणे अंतो छण्हं मासाणं जाव कालं करेस्सं, अहण्णं अण्णाई अद्धसोलसवासाइं जिणे सुहत्थी विहरिस्सामि / तं गच्छह णं तुमं सीहा ! मैंधियगामं जयरं रेवईए गाहावइणीए गिहे, तत्थ णं रेवईए गाहावइणीए ममं अट्ठाए दुवे कवोयसरीरा उवक्खडिया तेहिं जो अट्ठो अस्थि से अण्णे पारियासिए मज्जारकडए कुक्कुडमंसए तमाहराहि एएणं अट्ठो / तए णं से सीहे अणगारे समणेणं भगवया महावीरेणं एवं वुत्ते समाणे हतुटू जाव हियए सम भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ वंदित्ता णमंसित्ता अतुरियमचवलमसंभंतं मुहपोत्तियं पडिलेहेइ मु० २त्ता जहा गोयमसामी जाव जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ 2 ता समणं भगवं महावीर वंदद णमंसह वं० 2 ता समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियाओ सालकोटयाओ चेइयाओ पडिणिक्खमइ 2 ता अतुरिय जाव जेणेव मेंढियगामे णयरे तेणेव उवागच्छइ 2 ता मेंढियगामं जयरं मझमझेणं जेणेव रेवईए गाहा. वइणीए गिहे तेणेव उवागच्छइ 2 ता रेवईए गाहावइणीए गिह अणुप्पविढे / तए णं सा रेवई गाहावइणी सीहं अणगारं एज्जमाणं पासइ 2 ता हट्ठतुट्ठ० खिप्पामेव आसणाओ अब्भुठेइ 2 ता सोहं अणगारं सत्तटुपयाइं अणुगच्छइ स० 2 ता तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं० वंदइ णमंसइ वं० 2 ता एवं क्यासी-संदिसंतु णं देवाणुप्पिया ! किमागमणप्पओयणं ? तए णं से सोहे Page #835 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 822 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि अणगारे रेवई गाहावइणि एवं वयासी-एवं खलु तुमे देवाणुप्पिए ! समणस्स भगवओ महावीरस्स अट्टाए दुवे कबोयसरीरा उवक्खडिया तेहि णो अट्ठो, अत्थि ते अण्णे पारियासिए मज्जारकडए कुक्कुडमंसए एयमाहराहि तेणं अट्ठो। तए णं सा रेवई गाहावइणी सीहं अणगारं एवं वयासी-केस णं सीहा ! से णाणी वा तवस्सी वा जेणं तव एस अट्ठे मम ताव रहस्सकडे हव्वमक्खाए जओ णं तुमं जाणासि ? एवं जहा खंदए जाव जओ णं अहं जाणामि / तए णं सा रेवई गाहावइणी सीहस्स अणगारस्स अंतियं एयमढें सोच्चा णिसम्म हद्वतुट्टा जेणेव भत्तघरे तेणेव उवागच्छइ 2 ता पत्तगं मोएइ पत्तगं मोएत्ता जेणेव सीहे अणगारे तेणेव उवागच्छइ 2 ता सीहस्स अणगारस्स पडिग्गहगंसि तं सव्वं सम्मं णिस्सिरइ / तए णं तीए रेवईए गाहावइणीए तेणं दव्यसुद्धेणं जाव दाणेणं सीहे अणगारे पडिलाभिए समाणे देवाउए णिबद्धे जहा विजयस्स जाव जम्मजीवियफले रेवईए गाहावइणीए रेवईए गाहावइणीए। तए णं से सीहे अणगारे रेवईए गाहावइणीर गिहाओ पडिणिक्खमइ 2 ता मेंढियगामं णयरं मझमझेणं णिग्गच्छइ णिग्गच्छइत्ता जहा गोयमसामी जाव भत्तपाणं पडि. दंसेइ 2 ता समणस्स भगवओ महावीरस्स पाणिसि तं सव्वं सम्म णिस्सिरइ। तए णं समणे भगवं महावीरे अमुच्छिए जाव अणज्झोववण्णे बिलमिव पण्णग. भएणं अप्पाणेणं तमाहारं सरीकोढगंसि पक्खिवइ / तए णं समणस्स भगवओ महावीरस्स तमाहारं आहारियस्स समाणस्स से विउले रोगायंके खिप्पामेव उवसमं पत्ते हछे जाए आरोग्गे बलियसरीरे तुट्ठा समणा तुट्ठाओ समणीओ तुट्ठा सावया तुट्ठाओ सावियाओ तुट्ठा देवा तुट्ठाओ देवीओ सदेवमणुयासुरे लोए तुठे हढे जाए समणे भगवं महावीरे हद्वै० 2 // 556 // तेत्ति! भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ वं०२त्ता एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पियाणं अंतेवासी पाईणजाणवए सव्वाणुभूई णामं अणगारे पगइभद्दए जाव विणीए, से भंते ! तया गोसालेणं मखलिपुत्तेणं तवेणं तेएणं भासरासीकए समाणे कहि गए कहि उववण्णे ? एवं खलु गोयमा ! ममं अंतेवासी पाईणजाणवए सव्वा. णभई णामं अणगारे पगइभद्दए जाव विणीए, से णं तया गोसालेणं मखलिपुत्तेणं तवेणं तेएणं भासरासीकए समाणे उड्ढं चंदिमसूरिय जाव बंभलंतकमहासुक्के कप्पे वीईवइत्ता सहस्सारे कप्पे देवताए उववण्णे, तत्थ णं अत्थेगइ. Page #836 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 15 8 23 याणं देवाणं अट्ठारस्स सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता, तत्थ णं सव्वाणुभूइस्सवि देवस्स अट्ठारस्स सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता, सेणं सव्वाणुभूई देवे ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं भवक्खएणं ठिइक्खएणं जाव महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ जाव अंतं करेहिइ / एवं खलु देवाणुप्पियाणं अंतेवासी कोसलजाणवए सुणक्खत्ते णाम अणगारे पगइभद्दए जाव विणीए, से गं भंते ! तया गोसालेणं मंखलि. प्रत्तेणं तवेणं तेएणं परिताविए समाणे कालमासे कालं किच्चा कहिं गए कहि उववणे ? एवं खल गोयमा ! ममं अंतेवासी सुणक्खत्ते णामं अणगारे पगइ. भदए जाव विणीए, से णं तया गोसालेणं मंखलिपुत्तेणं तवेणं तेएणं परिताविए समाणे जेणेव ममं अंतिए तेणेव उवागच्छइ 2 ता वंदइ णमंसइ वं० 2 ता सयमेव पंच महव्वयाइं आफ्हेइ सयमेव पंच महव्वयाई आरुहेत्ता समणा य समणीओ य खामेइ 2 ता आलोइयपडिक्कते समाहिपत्ते कालमासे कालं किच्चा उड्ढं चंदिमसूरिय जाव आणयपाणयारणकप्पे वीईवइत्ता अच्चुए कप्पे देवत्ताए उववण्णे, तत्थ णं अत्यगइयाणं देवाणं बावीसं सागवरोवमाई ठिई पण्णत्ता, तत्थ गं सुशक्खत्तस्सवि देवस्स बावीसं सागरोवमाई सेसं जहा सवाणुभइस्स जाव अंतं काहिह ॥५५७॥एवं खलु देवाणुप्पियाणं अंतेवासी कुसिस्से गोसाले णाम मंखलिपुत्ते से गं भंते ! गोसाले मंखलिपुत्ते कालमासे कालं किच्चा कहिं गए कहिं उबवण्णे ? एवं खलु गोयमा! ममं अंतेवासी कुसिस्से गोसाले णामं मंखलिपुत्ते समणघायए जाव छउमत्थे चेव कालमासे कालं किच्चा उड्ढं चंदिमसुरिय नाव अच्चुए कप्पे देवत्ताए उववण्णे, तत्थ गं अत्थेगइयाणं देवाणं बावीसं सागरोवमाइं ठिई 50, तत्थ गं गोसालस्सवि देवस्स बावीसं सागरोवमाइं ठिई प० / से गं भंते ! गोसाले देवे ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं 3 जाव कहिं उववज्जिहिइ ? गोयमा ! इहेव जंबूदीवे 2 भारहे वासे विझगिरिपायमूले पुंडेसु जणवएसु सयदुवारे णयरे संमुइस्स रण्णो भद्दाए भारियाए कुच्छिसि पुत्तत्ताए पच्चायाहिइ, से गं तत्थ णवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं जाव वीइक्कंताणं जाव सुरूवे दारए पयाहिइ / जं रणि च णं से दारए जाइहिइ तं रणि च गं सयदुवारे णयरे सभितरबाहिरिए भारग्गसो य कुंभग्गसो य पउमवासे य रयणवासे य वासे वासिहिइ / तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो एक्कारसमे दिवसे वीइक्कंते जाव संपत्ते बारसाह Page #837 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 824 अंग-पविट्ट सुत्ताणि दिवसे अयमेयारूवं गोण्णं गुणणिप्फणं णामधेज्जं काहिति-जम्हा णं अहं इमंसि दारगंसि जायंसि समाणंसि सयदुवारे णयरे सभितरबाहिरिए जाव रयणवासे ठे, तं होउ णं अम्हं इमस्स दारगस्स णामधेनं महापउमे-महापउमे, तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो णामधेज्जं करेहिति महापउमेत्ति / तए णं तं महापउमं दारगं अम्मापियरो साइरेगट्ठवासजायगं जाणिता सोहणंसि तिहिकरणदिवसणक्खत्तमहत्तंसि महया 2 रायाभिसेगेणं अभिसिचेहिति, से गं तत्थ राया भविस्सइ महया हिमवंतमहंत. वण्णओ जाव विहरिस्सइ / तए णं तस्स महापउमस्स रण्णो अण्णया कयाइ दो देवा महिड्डिया जाव महेसक्खा सेणाकम्मं काहिति, तं०-पुण्ण मद्दे य माणिभद्दे य। तए णं सय. दुवारे णयरे बहवे राईसरतलवर जाव सत्थवाहप्पभिईओ अण्णमण्णं सद्दावेहिति अ० 2 ता एवं वदेहिति-जम्हा णं देवाणुप्पिया ! अम्हं महापउमस्स रणो दो देवा महिड्डिया जाव सेणाकम्मं करेंति तं०-पुण्णभद्दे य माणिभद्दे य, तं होउ णं देवाणप्पिया ! अम्हं महापउमस्स रण्णो दोच्चेवि णामधेज्जे देवसेणे 2, तए गं तस्स महापउमस्स रण्णो दोच्चेवि णामधेज्जे भविस्सइ देवसेणेत्ति / तए गं तस्स देवसेणस्स रण्णो अण्णया कयाइ सेए संखतलविमलसण्णिगासे चउदंते हत्थिरयणे समप्पज्जिस्सइ, तए णं से देवसेणे राया तं सेयं संखतलविमलसण्णिगासं चउदंतं हत्थिरयणं दुरुढे समाणे सयदुवारं णयरं मज्झमज्झेणं अभिक्खणं 2 अइजाहिइ य णिज्जाहिइ य, तए णं सयदुवारे णयरे बहवे राईसर जाव पभिईओ अण्णमण्णं सद्दावेहिति अ० 2 ता वदेहिति-जम्हा णं देवाणुप्पिया ! अम्हं देवसेणस्स रण्णो सेए संखतलसग्णिगासे चउड़ते हत्थिरयणे समप्पण्णे, तं होउ णं देवाणप्पिया ! अम्हं देवसेणस्स रणो तच्चेवि णामधेज्जे विमलवाहणे 2. तए णं तस्स देवसेणस्स रणो तच्चेवि णामधेजे भविस्सइ विमलवाहणेत्ति। तए णं से विमलवाहणे राया अण्णया कयाइ समणेहि णिगंहि मिच्छं विप्पडि. वज्जिहिइ, अप्पेगइए आउसेहिइ, अप्पेगइए अवसिहिइ, अप्पेगइए णिच्छो. डेहिइ, अप्पेगइए णिन्भत्थैहिइ, अप्पेगइए बंधेहिइ, अप्पेगइए णिरुंभेहिइ, अप्पेगइयाणं छविच्छेदं करेहिइ, अप्पेगइए पमारेहिइ, अप्पेगइयाणं उद्दवेहिड, अप्पेगइयाणं वत्थं पडिग्गहं कंबलं पायपुंछणं आच्छिदिहिइ विच्छिदिहिइ भिदिहिइ अवहरिहिइ, अप्पेगइयाणं भत्तपाणं वोच्छिदिहिइ, अप्पेगइए णिण्ण Page #838 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 825 भगवई स. 15 यरे करेहिइ, अप्पेगइए णिव्विसए करेहिइ। तएणं सयदुवारे णयरे बहवे राईसर जाव वदिहिति-एवं खलु देवाणुप्पिया ! विमलवाहणे राया समणेहि णिग्गंहि मिच्छं विप्पडिवण्णे, अप्पेगइए आउसइ जाव णिव्विसए करेइ, तं णो खलु देवाणुप्पिया! एवं अम्हं सेयं, णो खलु एयं विमलवाहणस्स रण्णो सेयं, णो खल एयं रज्जस्स वा रटुस्स वा बलस्स वा वाहणस्स वा पुरस्स वा अंते उरस्स वा जणवयस्स वा सेयं जगणं विमलवाहणे राया समणेहि णिगंहि मिच्छं विप्पडिवणे, तं सेयं खल देवाणुप्पिया ! अम्हं विमलवाहणं रायं एयमलैं विण्णवित्तएत्तिकटु अण्णमण्णस्स अंतियं एयम→ पडिसुर्णेति अ० 2 ता जेणेव विमलवाहणे राया तेणेव उवागच्छंति 2 ता करयलपरिग्गहियं विमलवाहणं रायं जएणं विजएणं वद्धावेंति ज० 2 त्ता एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! समणेहि णिग्गंहि मिच्छं विप्पडिवण्णा, अप्पेंगइए आउस्संति जाव अप्पेगइए णिव्विसए करेंति, तं णो खलु एवं देवाणुप्पियाणं सेयं, णो खलु एवं अम्हं सेयं, णो खलु एयं रज्जस्स वा जाव जणवयस्स वा सेयं जं गं देवाणुप्पिया ! समहिं णिग्गंथेहिमिच्छं विप्पडिवण्णा, तं विरमंतु णं देवाणुप्पिया ! एयस्स अदृस्स अकरणयाए। तए णं से विमलवाहणे राया तेहिं बहहिं राईसर जाव सत्थवाहप्पभिईहि एयमठें विण्णत्ते समाणे णो धम्मोत्ति णो तवोत्ति मिच्छाविणएणं एयमझें पडिसुणेहिइ / तस्स णं सयदुवारस्स गयरस्स बहिया उत्तरपुरस्थिमे दिसीभाए एत्थ णं सुभमिभागे णामं उज्जाणे भविस्सइ सव्वोउय० वण्णओ / तेणं कालेणं तेणं समएणं विमलस्स अरहओ पउप्पए सुमंगले णाम अणगारे जाइसंपण्णे जहा धम्मघोसस्स वण्णओ जाव संखित्तविउलतेयलेस्से तिण्णाणोवगए सुभूमिभागस्स उज्जाणस्स अदूरसामंते छठेंछठेणं अणिक्खि. तेणं जाव आयावेमाणे विहरिस्सइ / तए णं से विमलवाहणे राया अण्णया कयाइ रहचरियं काउं णिज्जाहिइ / तए णं से विमलवाहणे राया सुभूमिभागस्स उज्जाणस्स अदूरसामंते रहचरियं करेमाणे सुमंगलं अणगारं छठंछद्रेणं जाव आयावेमाणं पासिहिइ 2 ता आसुरुत्ते जाव मिसिमिसेमाणे सुमंमलं अणगारं रहसिरेणं णोल्लावेहिइ / तए णं से सुमंगले अणगारे विमलवाहणेणं रण्णा रहसिरेणं गोल्लाविए समाणे सणियं 2 उठेहिइ 2 ता दोच्चंपि उड्ढं बाहाओ पगिज्झिय 2 जाव आयावेमाणे विहरिस्सइ / तए णं से विमलवाहणे राया Page #839 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 826 अंग-पविट्ट सुत्ताणि सुमंगलं अणगारं दोच्चंपि रहसिरेणं णोल्लावेहिइ / तए णं से सुमंगले अणगारे विमलवाहणेणं रण्णा दोच्चंपि रहसिरेणं णोल्लाविए समाणे सणियं 2 उठे. हिइ 2 ता ओहिं पउंजेहिइ 2 ता विमलवाहणस्स रण्णो तीतद्धं ओहिणा आभोएहिए 2 ता विमलवाहणं रायं एवं वइहिइ-णो खलु तुमं विमलवाहणे राया, णो खलु तुमं देवसेणे राया, णो खलु तुमं महापउमे राया, तुमण्णं इओ तच्चे भवग्गहणे गोसाले णाम मंखलिपुत्ते होत्था, समणघायए जाव छउमत्थे चेव कालगए, तं जइ ते तया सम्वाणुभइणा अणगारेणं पभुणावि होऊणं सम्म सहियं खमियं तितिविखयं अहियासियं, जइ ते तया सुणक्खत्तेणं अणगारेणं पभुणावि होऊणं जाव अहियासियं, जइ ते तया समणेणं भगवया महावीरेणं पभुणावि जाव अहियासियं। तं णो खलु ते अहं तहा सम्मं सहिस्सं जाव अहियासिस्सं, अहं ते णवरं सहयं सरहं ससारहियं तवेणं तेएणं एगाहच्चं कूडाहच्चं भासरासि करेज्जामि / तए णं से विमलवाहणे राया सुमंगलेणं अणगारेणं एवं वुत्ते समाणे आसुरुत्ते जाव मिसिमिसेमाणे सुमंगलं अणगारं तच्चपि रहसिरेणं णोल्लावेहिइ / तए णं से सुमंगले अणगारे विमलवाहणेणं रण्णा तच्चपि रहसिरेणं णोल्लाविए समाणे आसुरुत्ते जाव मिसिमिसेमाणे आयावणभूमीओ पच्चोरुहइ आ० ता तेयासमुग्घाएणं समोहण्णिहिइ तेया० 2 त्ता सत्तट्ठपयाई पच्चोसक्किहिइ सत्तट्ठ० 2 ता विमलवाहणं रायं सहयं सरहं ससारहियं तवेणं तेएणं जाव भासरासि करेहिइ / सुमंगले णं भंते ! अणगारे विमलवाहणं रायं सहयं जाव भासरासि करेत्ता कहिं गच्छिहिइ कहिं उववज्जिहिइ ? गोयमा ! सुमंगले णं अणगारे विमलवाहणं रायं सहयं जाव भासरासि करेत्ता बहूहि चउत्थछट्टट्ठमदसमदुवालस जाव विचित्तेहिं तवोकम्मेहि अप्पाणं भावेमाणे बहूई वासाइं सामण्णपरियागं पाउणिहिइ बहू 0 2 ता मासियाए संलेहणाए सद्धि भत्ताइं अणसणाए जाव छेदेत्ता आलोइयपडिक्कते समाहिपत्ते उड्ढं चंदिम. सूरिय जाव गेविज्जविमाणावाससयं वीईवइत्ता सव्वदृसिद्धे महाविमाणे देवत्ताए उववज्जिहिइ, तत्थ णं देवाणं अजहण्णमणक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं ठिई 50, तत्थ णं सुमंगलस्सवि देवस्स अजहण्णमणुक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई ठिई प० / से णं भंते ! सुमंगले देवे ताओ देवलोगाओ जाव महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ जाव अंतं काहिइ // 558 // विमलवाहणे णं भंते ! राया सुमंग. Page #840 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 15 827 लेणं अणगारेणं सहए जाव भासरासीकए समाणे कहिं गच्छिहिइ कहि उव. वज्जिहिइ ? गोयमा ! विमलवाहणे णं राया सुमंगलेणं अणगारेणं सहए जाव भासरासीकए समाणे अहे सत्तमाए पुढवीए उक्कोसकालट्ठिइयंसि गरयसि णेरइयत्ताए उववजिहिइ, से णं तओ अणंतरं उव्वट्टित्ता मच्छेसु उववज्जिहिइ, तत्थवि णं सत्थवज्झे दाहवक्कतीए कालमासे कालं किच्चा दोच्चंपि अहे सत्तमाए पुढवीए उक्कोसकालद्विइयंसि णरयंसि रइयत्ताए उववज्जिहिइ, से णं तओ अणंतरं उव्वट्टित्ता दोच्चपि मच्छेसु उववज्जिहिइ, तत्थवि णं सत्थवज्झे जाव किच्चा छट्ठीए तमाए पुढवीए उक्कोसकालट्ठिइयंसि णरयंसि रइयत्ताए उववजिहिइ, से णं तओहितो जाव उव्वट्टित्ता इस्थियासु उववज्जिहिइ, तत्थवि णं सत्थवज्झे दाह जाव दोच्चंपि छट्ठीए तमाए पुढवीए उक्कोसकाल जाव उट्टित्ता दोच्चंपि इत्थियासु उववज्जिहिइ, तत्थवि णं सत्थवज्झे जाव किच्चा पंचमाए धूमप्पभाए पुढवीए उक्कोसकालट्ठिइयंसि जाव उवट्टित्ता उरएसु उव. वज्जिहिइ, तत्थवि णं सत्थवझे जाव किच्चा दोच्चंपि पंचमाए जाव उव्वट्टित्ता दोच्चंपि उरएसु उववज्जिहिइ जाव किच्चा चउत्थीए पंकप्पभाए पुढवीए उक्कोसकालट्ठिइयंसि जाव उध्वट्टित्ता सीहेसु उववज्जिहिइ, तत्थवि णं सत्थ. वज्झे तहेव जाव कालं किच्चा दोच्चपि चउत्थीए पंकप्पभाए जाव उवट्टित्ता दोच्चंपि सीहेसु उववजिहिइ जाव किच्चा तच्चाए वालुयप्पभाए पुढवीए उक्कोसकाल जाव उव्वट्टित्ता पक्खीसु उववज्जिहिइ, तत्थवि णं सत्थवज्झे जाव किच्चा दोच्चपि तच्चाए वालय० जाव उव्वट्टित्ता दोच्चंपि पक्खीसु उववज्जिहिइ जाव किच्चा दोच्चाए सक्करप्पभाए जाव उव्वट्टित्ता सिरीसवेसु उववज्जिहिइ, तत्थवि णं सत्थवज्झे जाव किच्चा दोच्चंपि दोच्चाए सक्करप्पभाए जाव उध्वट्टित्ता दोच्चपि सिरीसवेसु उववज्जिहिइ जाव किच्चा इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए उवकोसकालट्ठिइयंसि गरयसि रइयत्ताए उववज्जिहिइ जाव उव्वट्टित्ता सण्णीसु उववज्जिहिइ, तत्थवि णं सत्थवज्झे जाव किच्चा असण्णीसु उववज्जिहिइ, तत्थवि णं सत्थवज्झे जाव किच्चा दोच्चंपि इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए पलिओवमस्स असंखेज्जइभागट्टिइयंसि णरयंसि जेरइयत्ताए उववज्जिहिइ, से णं तओ जाव उव्वट्टित्ता जाइं इमाई खहचरविहाणाई भवंति, तं०चम्मपक्खीणं, लोमपक्खीणं, समुग्गपक्खीणं, विययपक्खीणं, तेसु अणेगसयसहस्स Page #841 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 828 अंग-पविट्ट सुत्ताणि खुत्तो उद्दाइत्ता 2 तत्थेव 2 भुज्जो 2 पच्चायाहिइ, सव्वत्थवि णं सत्थवज्झे दाहवक्कंतीए कालमासे कालं किच्चा जाई इमाई भयपरिसप्पविहाणाई भवंति,तं०गोहाणं णउलाणं जहा पण्णवणापए जाव जाहगाणं च उप्पाइयाणं, तेसु अणेगसय. सहस्सखुत्तो सेसं जहा खहचराणं जाव किच्चा जाई इमाई उरपरिसप्पविहाणाई भवंति, तं०-अहीणं अयगराणं आसालियाणं महोरगाणं, तेसु अणेगसयसहस्सखुत्तो जाव किच्चा जाई इमाइं च उप्पयविहाणाई भवंति, तं०-एगखुराणं दुखु. राणं गंडीपयाणं सणहपयाणं, तेसु अगसयसहस्स जाव किच्चा जाई इमाई जलयरविहाणाई भवंति, तं०-मच्छाणं कच्छभाणं जाव संसुमाराणं, तेसु अणेग. सयसहस्स जाव किच्चा जाई इमाई चरिदियविहाणाई भवंति, तं०-अंधि. याणं पोत्तियाणं जहा पण्णवणापए जाव गोमयकीडाणं, तेसु अणेगसयसहस्स जाव किच्चा जाई इमाई तेइंदियविहाणाई भवंति, तं०-उवचियाणं जाव हत्थिसोंडाणं, तेसु अणेग जाव किच्चा जाई इमाई बेइंदियविहाणाई भवंति, तं०-पुलाकिमियाणं जाव समुद्दलिक्खाणं, तेसु अणेगसय जाव किच्चा जाई इमाई वणस्सइविहाणाई भवंति, तं०-रुक्खाणं गुच्छाणं जाव कुहणाणं, तेसु अणेगसय जाव पच्चायाइस्सइ, उस्सण्णं च णं कड्यरुक्खेसु कडुयवल्लीसु सव्व. त्थवि णं सत्थवज्झे जाव किच्चा जाई इमाई वाउक्काइयविहाणाई भवंति, तंजहा-पाईणवायाणं जाव सुद्धवायाणं, तेसु अगसयसहस्स जाव किच्चा जाई इमाइं तेउक्काइयविहाणाइं भवंति, तं०-इंगालाणं जाव सूरकंतमणिणिस्सि. याणं, तेसु अणेगसयसहस्स जाव किच्चा जाई इमाइं आउक्काइयविहाणाई भवंति, तं०-उस्साणं जाव खातोदगाणं, तेसु अणेगसयसहस्स जाव पच्चायाइ. स्सइ, उस्सणं च णं खारोदएसु खातोदएसु, सव्वत्थवि णं सत्थवज्झे जाव किच्चा जाई इमाइं पुढविक्काइयविहाणाइं भवंति, तं०-पुढवीणं सक्कराणं जाव सूरकताणं, तेसु अणेगसय जाव पच्चायाहिइ, उस्सण्णं च णं खरबायरपुढविक्काइएसु, सव्वत्थवि णं सत्थवज्झे जाव किच्चा रायगिहे णयरे बाहिं खरियत्ताए उववज्जिहिइ, तत्थवि णं सत्थवज्झे जाव किच्चा दोच्चंपि रायगिहे णयरे अंतो खरियत्ताए उववज्जिहिइ, तत्थवि णं सत्थवज्जे जाव किच्चा इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे विझगिरिपायमूले बेभेले सण्णिवेसे मौहणकुलंसि दारियत्ताए पच्चायाहिइ / तए णं तं दारियं अम्मापियरो उम्मुक्कबालभावं जोव्वण. Page #842 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 15 829 गमणुप्पत्तं पडिरूवएणं सुक्केणं पडिरूवएणं विणएणं पडिरूवयस्स भत्तारस्स भारियत्ताए दलइस्संति, सा णं तस्स भारिया भविस्सइ इट्ठा कंता जाव अणुमया भंडकरंडगसमाणा तेल्लकेला इव सुसंगोविया चेलपेडा इव सुसंपरिग्गहिया रयणकरंडओ विव सुसारक्खिया सुसंगोविया मा णं सीयं मा णं उण्हं जाव परिस्सहोवसग्गा फुसंतु / तए णं सा दारिथा अण्णया कयाइ गुम्विणी ससुरकुलाओ कुलघरं णिज्जमाणी अंतरा दवग्गिजालाभिहया कालमासे कालं किच्चा दाहिणिल्लेसु अग्गिकुमारेसु देवेसु देवत्ताए उववज्जिहिइ, से णं तओहितो अणं. तरं उध्वट्टित्ता माणुस्सं विग्गहं लभिहिइ माणुस्सं० 2 ता केवलं बोहि बुज्झि. हिइ के. 2 ता केवलं मंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइहिइ, तत्थवि य णं विराहियसामण्णे कालमासे कालं किच्चा दाहिणिल्लेसु असुरकुमारेसु देवेसु देवत्ताए उववज्जिहिइ, से णं तओहितो जाव उव्वट्टित्ता माणुस्सं विग्गहं तं चेव जाव तत्थवि णं विराहियसामण्णे कालमासे कालं किच्चा दाहिणिल्लेसु णागकुमारेसु देवेसु देवत्ताए उववज्जिहिइ, से गं तओहितो अणंतरं उबट्टित्ता एवं एएणं अभिलावेणं दाहिणिल्लेसु सुवण्णकुमारेसु एवं विज्जुकुमारेसु एवं अग्गिकुमारवज्ज जाव दाहिणिल्लेसु थणियकुमारेसु से णं तओ जाव उव्वद्वित्ता माणुस्सं विग्गहं लमिहिइ जाव विराहियसामण्णे जोइसिएसु देवेसु उववज्जि. हिइ, से णं तओ अणंतरं चयं चइत्ता माणुस्सं विग्गहं लभिहिइ जाव अविराहियसामण्णे कालमासे कालं किच्चा सोहम्मे कप्पे देवत्ताए उववज्जिहिइ, से गं तओहितो अणंतरं चयं चइत्ता माणुस्सं विग्गहं लभिहिइ, केवलं बोहिं बुज्झिहिड, तत्थवि णं अविराहियसामण्णे कालमासे कालं किच्चा ईसाणे कप्पे देवताए उववज्जिहिइ, सेणं तओ० चइत्ता माणुस्सं विग्गहं लमिहिइ० तत्थवि णं अविराहियसामण्णे कालमासे कालं किच्चा सणंकूमारे कप्पे देवताए उववज्जिहिइ, से णं तओहितो एवं जहा सणंकुमारे तहा बंभलोए महासुक्के आणए आरणे, से णं तओ जाव अविराहियसामण्णे कालमासे कालं किच्चा सम्वट्ठसिद्ध महाविमाणे देवत्ताए उववज्जिहिइ, से णं तओहितो अणंतरं चयं चइत्ता महाविदेहे वासे जाइं इमाई कुलाई भवंति-अड्डाइं जाव अपरिभूयाई, तहप्पगारेसु कुलेसु पुत्तत्ताए पच्चायाहिइ, एवं जहा उववाइए दढप्पइण्णवत्तव्वया सच्चेव वत्तव्वया णिरवसेसा भाणियव्वा जाव केवलवरणाणदंसणे समुप्पज्जिहिइ / Page #843 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 830 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि तए णं से दढप्पइण्णे केवली अप्पणो तीतद्धं आभोएहिइ अप्प० 2 ता समणे णिग्गंथे सद्दावेहिइ सम० 2 ता एवं वदिहिइ-एवं खलु अहं अज्जो ! इओ चिराईयाए अद्वाए गोसाले णामं मंखलिपुत्ते होत्था समणघायए जाव छ उमस्थे चेव कालगए, तम्मलगं च णं अहं अज्जो ! अणाईयं अणवदग्गं दोहमद्धं चाउरंतसंसारकंतारं अणुपरियट्टिए / तं मा णं अज्जो ! तुभं केइ भवउ आयरियपडिणीए उवज्झायपडिणीए आयरिय उवज्झायाणं अयसकारए अवण्णकारए अकित्तिकारए, मा णं सेऽवि एवं चेव अणाईयं अणवदगां जाब ससार. कंतारं अणुपरियट्टिहिइ जहा णं अहं / तए गं ते समणा णिग्गंथा दढप्पइण्णस्स केवलिस्स अंतियं एयमट्ट सोच्चा णिसम्म भीया तत्था तसिया संसारभयउविग्गा दढप्पइण्णं केवलि दिहिति णमंसिहिति वं० 2 ता तस्स ठाणस्स आलोइएहिति णिदिहिति जाव पडिवििहति / तए णं से दढप्पइण्णे केवली बहूई वासाइं केवल परियागं पाउणिहिइ बहूइं० 2 त्ता अप्पणो आउसेसं जाणि. त्ता भत्तं पच्चक्खाहिइ, एवं जहा उववाइए जाव सम्वदुक्खाणमंतं काहिइ / सेवं भंते ! 2 ति जाव विहरइ // 556 // पण्णरसमं सयं समत्तं // सोलसम सयं पढमो उद्देसो / / अहिगरणि जरा कम्मे जावइयं गंगदत्त सुमिणे य / उवओग लोग बलि ओहि दीव उदही दिसा थणिया॥१॥ चउद्दस० सोलससे / तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे जाव पज्जुवासमाणे एवं वयासी-अस्थि णं भंते ! अहिगणिसि वाउयाए वक्कमइ ? हंता अस्थि / से भंते ! किं पुठे उद्दाइ ? अपुठे उद्दाइ ? गोयमा! पुढे उद्दाइ णो अपुढे उद्दाइ / से भंते ! कि ससरीरी णिक्खमइ अस. रीरी णिक्खमइ ? एवं जहा खंदए जाव से तेणठेणं जाव णो असरीरी णिक्ख. मइ // 560 // इंगालकारियाए णं भंते ! अगणिकाए केवइयं कालं संचिइ ? गोयमा ! जहणेणं अंतोमुहतं उक्कोसेणं तिण्णि राईदियाइं, अण्णेवि तत्य वाउयाए वक्कमइ, ण विणा वाउयाएणं अगणिकाए उज्जलइ // 561 // पुरिसे णं भंते ! अयं अयकोलैंसि अयोमरणं संडासएणं उविहमाणे वा पबिहमाणे वा कइकिरिए ? गोयमा ! जावं च णं से पुरिसे अयं अयकोठेंसि अयोमएणं संडासएणं उविहिइ वा पविहिइ वा तावं च णं से पुरिसे काइयाए जाव Page #844 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 16 उ. 1 पाणाइवायकिरियाए पंचहि किरियाहि पुढें, जेसिपि य णं जीवाणं सरीरेहितो अए णिव्वत्तिए अयकोठे णिव्वत्तिए संडासए णिव्वत्तिए इंगाला णिव्वत्तिया इंगालकडिणी णिव्वत्तिया भत्था णिव्वत्तिया तेवि णं जीवा काइयाए जाव पंचहि किरियाहिं पुट्ठा / पुरिसे गं भंते ! अयं अयकोटाओ अयोमएणं संडासएणं गहाय अहिगणिसि उक्खिव्वमाणे वा णिक्खिव्वमाणे वा कइकिरिए ? गोयमा ! जावं च णं से पुरिसे अयं अयकोट्ठाओ जाव णिक्खिवइ वा तावं च णं से पुरिसे काइयाए जाव पाणाइवायकिरियाए पंचहि किरियाहिं पुढें जेसिपिय णं जीवाणं सरीरेहितो अयो णिव्वत्तिए संडासए णिव्वत्तिए चम्मेठे णिव्व. तिए मुट्ठिएं णिवत्तिए अहिगरणी णिव्वत्तिया अहिगरणिखोडी णिव्वत्तिया उदगदोणी णिव्वत्तिया अहिगरणसाला णिव्वत्तिया तेविय णं जीवा काइयाए जाव पंचहि किरियाहिं पुट्ठा // 562 // जीवे णं. मंते ! कि अहिगरणी अहिगरणं ? गोयमा ! जीवे अहिगरणीवि अहिगरणंपि ! से केणठेणं भंते ! एवं बच्चइ-जीवे अहिगरणीवि अहिगरणंपि ? गोयमा ! अविरई पडुच्च, से तेण. ठेणं जाव अहिगरणंपि / रइए णं भंते ! कि अहिगरणी अहिगरणं ? गोयमा ! अहिगरणीवि अहिगरणंपि, एवं जहेव जीवे तहेव रइएवि, एवं णिरंतरं जाव वेमाणिए / जीवे गं भंते ! कि साहिगरणी जिरहिगरणी ? गोयमा ! साहिगरणी णो णिरहिगरणी। से केणठेणं पुच्छा। गोयमा ! अवि. रई पड़च्च, से तेणठेणं जाव णो णिरहिगरणी, एवं जाव वेमाणिए / जीवे गं भंते ! कि आयाहिगरणी पराहिगरणी तयाहिगरणी ? गोयमा ! आयाहिगरणीवि पराहिगरणीवि तदुभंयाहिगरणीवि, से केणठेणं भंते ! एवं वच्चइ जाव तदुभयाहिगरणीवि ? गोयमा ! अविरइं पड़च्च, से. तेणठेणं जाव तदुभयाहिगरणीवि, एवं जाव वेमाणिए / जीवाणं भंते ! अहिगरणे कि आयप्पओगणिव्वत्तिए परप्पओगणिव्वत्तिए तदुभयप्पओगणिव्वत्तिए? गोयमा ! आयप्पओगणिव्वत्तिएवि परप्पओगणिव्वत्तिएवि तदुभयप्पओगणिन्वत्तिएवि। से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ० ? गोयमा ! अविरई पडुच्च, से तेण. ढेणं जाव तदुभयप्पओगणिवत्तिएवि, एवं जाव वेमाणियाणं // 563 // कइ णं भंते / सरीरगा पाणता ? गोयमा ! पंच सरीरगा पण्णत्ता, तं०-ओरालिए जाव कम्मए / कइणं भंते ! इंदिया पण्णत्ता? गोयमा ! पंच इंदिया पण्णत्ता, Page #845 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 832 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि तंजहा-सोइंदिए जाव फासिदिए / कइबिहे णं भंते ! जोए पण्णत्ते ? गोयमा ! तिविहे जोए पण्णत्ते, तंजहा-मणजोए वइ जोए कायजोए / जीवे णं भंते ! ओरालियसरीरं णिवत्तेमाणे कि अहिगरणी अहिगरणं ? गोयमा ! अहिगरणीवि अहिगरणपि / से केणठेणं भंते ! एवं वुच्च इ-अहिगरणीवि अहिगरणंपि ? गोयमा ! अविरइं पडुच्च, से तेणठेणं जाव अहिगरणंपि / पुढविकाइए णं भंते ! ओरालियसरीरं णिवत्तेमाणे कि अहिगरणी अहिगरणं ? एवं चेव, एवं जाव मणुस्से / एवं वेसब्वियसरीरंपि, णवरं जस्स अस्थि / जीवे णं भते ! आहारगसरीर णिवत्तेमाणे कि अहिगरणी० पुच्छा, गोयमा ! अहिगरणीवि अहिगरणंपि / से केगळेणं जाव अहिगरणपि ? गोयमा ! पमापं पडच्च. से तेणणं जाव अहिंगरणंपि, एवं मणुस्सेवि, तेयासरीरं जहा ओरालियं, णवरं सवजीवाणं भाणियध्वं, एवं कम्मगसरीरपि / जीवे णं भंते ! सोइंदियं णिवत्तेमाणे कि अहिगरणी अहिगरणं ? एवं जहेव ओरालियसरीरं तहेव सोइंदियंपि भाणियव्वं, णवरं जस्स अस्थि सोइंदियं, एवं चक्खिदियघाणिदिजिभिदिय. फासिदियाणवि, णवरं जाणियव्यं जस्स जं अस्थि / जीवे गं भंते ! मणजोगं णिवत्तेमाणे कि अहिगरणी अहिगरणं ? एवं जहेव सोइंदियं तहेव हिरवसेसं, वइजोगो एवं चेव, णवरं एगिदियवज्जाणं, एवं कायजोगोवि, गवरं सब्बजीवाणं जाव वेमाणिए / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति // 564 // ___ सोलसमं सयं बीओ उद्देसो रायगिहे जाव एवं वयासी-जीवाणं भंते ! कि जरा सोगे ? गोयमा ! जीवाणं जरावि सोगेवि / से केणठेणं भंते ! एवं बुच्चइ जाव सोगेवि ? गोयमा ! जेणं जीवा सारीरं वेयणं वेदेति तेसि गं जीवाणं जरा, जेणं जीवा माणसं वेयणं वेदेति तेसि जं जीवाणं सोगे, से तेणद्वेणं जाव सोगेवि, एवं णेरइयाणवि, एवं जाव थणियकुमाराणं / पुढविकाइयाणं भंते ! कि जरा सोगे ? गोयमा ! पुढ विकाइयाणं जरा णो सोगे। से केणट्टेणं जाव णो सोगे ? गोयमा ! पुढ विकाइया णं सारीरं वेयणं वेति णो माणसं वेयणं वेदेति, से तेणठेणं जाव णो सोगे, एवं जाव चरिदियाणं, सेसाणं जहा जीवाणं जाव वेमाणियाणं / सेवं भंते ! 2 त्ति जाव पज्जुवासइ // 565 // तेणं कालेग तेणं Page #846 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 16 उ.२ 833 समएणं सक्के देविदे देवराया वज्जपाणी पुरंदरे जाव भुंजमाणे विहरइ, इमं च णं केवलकप्पं जंबद्दीवं 2 विउलेणं ओहिणा आभोएमाणे 2 पासइ समणं भगवं महावीरं जंबहीवे दीवे एवं जहा ईसाणे तइयसए तहेव सक्केवि णवरं आभिओगे ण सहावेइ हरी पायत्ताणियाहिवई, सुघोसा घंटा, पालओ विमाणकारी पालगं विमाणं, उत्तरिल्ले णिज्जाणमग्गे, दाहिणपुरथिमिल्ले रइकर. पव्वए सेसं तं चेव जाव णामगं सावेत्ता पज्जुवासइ, धम्मकहा जाव परिसा पडिगया। तए णं से सक्के देविदे देवराया समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं धम्म सोच्चा णिसम्म हट्टतुट्ट० समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ वं० ता एवं वयासी-कइविहे गं भंते ! उग्गहे पण्णत्ते ? सक्का ! पंचविहे उग्गहे पण्णत्ते, तंजहा-देविदोग्गहे रायोग्गहे, गाहावइउग्गहे, सागारियउग्गहे, साहम्मियउग्गहे / जे इमे भंते ! अज्जत्ताए समणा णिग्गंथा विहरंति, एएसि णं अहं उग्गहं अणुजाणामीतिकटु समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ वं० 2 ता तमेव दिव्वं जाणविमाणं दुरूहइ 2 ता जामेव दिसि पाउन्भूए तामेव दिसि पडिगए / भंते ! ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ वं० 2 ता एवं वयासी-जं णं भंते ! सक्के देविदे देवराया तुम्भे णं एवं वदइ सच्चे गं एसमठे ? हंता सच्चे // 566 // सक्के णं भंते ! देविदे देवराया कि सम्मावाई मिच्छावाई ? गोयमा ! सम्मावाई णो मिच्छावाई। सक्के णं भंते ! देविदे देवराया कि सच्चं भासं भासइ, मोसं भासं भासइ, सच्चामोसं भासं भासइ, असच्चामोसं भासं भासइ ? गोयमा ! सच्चपि भासं भासइ जाव असच्चामोसंपि भासं भासइ। सक्के णं भंते ! देविदे देवराया कि सावज्जं भासं भासइ अणवज्ज भासं भासइ ? गोयमा ! सावज्जपि भासं भासइ अणवज्जपि भासं भासइ / से केणठेणं भंते ! एवं वच्चइ-सावज्जंपि जाव अणवज्जपि भासं भासइ ? गोयमा ! जाहे गं सक्के देविदे देवराया सुहुमकायं अणिजहित्ताणं भासं भासइ ताहे णं सक्के देविदे देवराया सावज्जं भासं भासइ, जाहे णं सक्के देविदे देव. राया सुहुमकायं णिहित्ताणं भासं भासइ ताहे णं सक्के देविदे देवराया अणवज्ज भासं भासइ, से तेणट्ठणं जाव भासइ। सक्के णं भंते ! देविदे देवराया किं भवसिद्धिए अभवसिद्धिए सम्मद्दिट्ठिए मिच्छादिट्ठिए० एवं जहा मोउद्देसए सणंकुमारे जाव णो अचरिमे // 567 // जीवाणं भंते ! कि चेयकडा कम्मा Page #847 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 834 अंग-पविट्ट सुत्ताणि कज्जति अचेयकडा कम्मा कज्जति ? गोयमा ! जीवाणं चेयकडा कम्मा कज्जति णो अचेयकडा कम्मा कज्जति / से केणट्टेणं भंते ! एवं वुच्चइ जाव कज्जति ? गोयमा ! जीवाणं आहारोचिषा पोग्गला, बोंदिचिया पोग्गला, कलेवरचिया पोग्गला तहा 2 णं ते पोग्गला परिणमंति णस्थि अचेयकडा कम्मा समणा उसो ! बुट्ठाणेसु दुसेज्जासु दुण्णिसीहियासु तहा 2 णं ते पोगला परिण. मंति णस्थि अचेयकडा कम्मा समणाउसो ! आयंके से वहाए होइ संकप्पे से वहाए होइ मरणंते से वहाए होइ तहा 2 णं ते पोग्गला परिणमंति पत्थि अचेयकडा कम्मा समणाउसो ! से तेणठेणं जाव कम्सा कन्जंति, एवं गैरइयाणवि एवं जाव वेमाणियाणं / सेवं भंते ! 2 त्ति जाव विहरइ // 568 // सोलसमं सयं तइओ उद्देसो रायगिहे जाव एवं वयासी-कइ णं भंते ! कम्मपयडीओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! अटु कम्मपयडीओ पण्णत्ताओ, तंजहा-णाणावरणिज्जं जाव अंतराइयं, एवं जाव वेमाणियाणं / जीवे णं भंते ! णाणावरणिज्जं कम्मं वेदेमाणे कइ कम्मपयडीओ वेदेइ ? गोयमा ! अढ कम्मपयडीओ, एवं जहा पण्णवणाए वेचावेउद्देसओ सो चेव णिरवसेसो भाणियनो, वेदाबंधोवि तहेव, बंधावेदोवि तहेव, बंधाबंधोवि तहेन भाणियब्दो जाव वेमाणियाणंति / सेवं भंते ! 2 त्ति जाव विहरइ // 566 // तए णं समणे भगवं महावीरे अण्णया कयाइ राय. गिहाओ गणसिलाओ चेइयाओ पडिमिक्खिमइ 2 ता बहिया जणवयविहारं विहरइ / तेणं कालेणं तेणं समएणं उल्लुयतीरे णामं णयरे होत्था वण्णओ, तस्स णं उल्लुयतीरस्स णयरस्स बहिया उत्तरपुरस्थिमे दिसीभाए एत्थ णं एगजंबुए णामं चेइए होत्था वण्णओ, तए णं समणे भगवं महावीरे अण्णया कयाइ पुव्वाणुपुवि चरमाणे जाव एगजंबुए समोसढे जाव परिसा पडिगया। भंते ! त्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदद णमंसइ वंदित्ता णमंसित्ता एवं वयासी-अणगारस्स गं भंते ! भावियप्पणो छठंछट्टेणं अणिक्खित्तेणं जाव आयावेमाणस्स तस्स णं पुरथिमेणं अवड्ढं दिवसं णो कप्पइ हत्थं वा पायं वा बाहं वा ऊरं वा आउंटावेत्तए वा पसारेत्तए वा, पच्चत्थिमेणं से अवड्ढं दिवसं कप्पइ हत्थं वा पायं वा जाव ऊरुं वा आउंटावेत्तए वा पसारेत्तए वा, तस्स गं अंसियाओ लंबंति, तं च वेज्ज अदक्खु इसि पाडेइ 2 ता अंसियाओ Page #848 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 16 उ.४ 835 छिदेज्जा, से पूर्ण भंते ! जे छिदइ तस्स किरिया कज्जइ, जस्स छिज्जइ णो तस्स किरिया कज्जइ णण्णत्थेगेणं धम्मंतराइएणं ? हंता गोयमा ! जे छिदइ जाव धम्मंतराइएणं / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति // 570 // सोलसमं सयं चउत्थो उद्देसो रायगिहे जाव एवं वयासी-जावइयणं भंते ! अण्णगिलायए समणे णिग्गंथे कम्मं णिज्जरेइ एवइयं कम्मणरएसुणेरइयाणं वासेण वा वासेहि वा वाससएहिं वा खवयंति ? णो इणठे समझें / जावइयण्णं भंते ! चउत्थभत्तिए समणे णिग्गंथे कम्मं णिज्जरेइ एवइयं कम्मं णरएसु र इया वाससएण वा वाससएहि वा वाससहस्सेहि वा खवयंति ? णो इणठे समठे, जावइयण्णं भंते ! छट्टभत्तिए समणे णिग्गंथे कम्मं णिज्जरेइ एवइयं कम्मं णरएसु रइया वाससहस्सेण वा वाससहस्सेहिं वा वाससयसहस्सेहि वा खवयंति ? णो इणठे समठे / जावइयण्णं भंते ! अटुमभत्तिए समणे णिग्गंथे कम्मं णिज्जरेइ एवइयं कम णरएसु णेरइया वाससयसहस्सेण वा वास. सयसहस्सेहि वा वासकीडीए वा खवयंति ? णो इणठे समठे। जावइयण्णं भंते ! दसमभत्तिए समणे णिग्गंथे कम्मं णिज्जरेइ एवइयं कम्मं णरएसु णेर. इया वासकोडीए वा वासकोडीहि वा वासकोडाकोडीए वा खवयंति ? णो इणठे समझें / से केणट्टेणं भंते ! एवं वुच्चइ-जावइयं अण्णगिलायए समणे णिग्गंथे कम्मं णिज्जरेइ एवइयं कम्मं णरएसु रइया वासेण वा वासेहि वा वाससएण वा णो खवयंति, जावइयं च उत्थभत्तिए एवं तं चेव पुज्वमणियं उच्चारेयव्वं जाव वासकोडाकोडीए वा णो खवयंति ? गोयमा ! से जहाणामए-केइ पुरिसे जुण्णे जराजज्जरियदेहे सिढिलतयावलितरंगसंपिणद्धगत्ते पविरलपरिसडियदंतसेढी उण्हाभिहए ताहाभिहए . आउरे सुंझिए पिवासिए दुब्बले किलंते एगं महं कोसंबगंडियं सुक्कं जडिलं गंठिल्लं चिक्कणं वाइद्धं अपत्तियं मंडेण परसुणा अक्कमेज्जा, तए णं से पुरिसे महंताई 2 सद्दाई करेइ णो महंताई 2 दलाइं अवद्दालेइ, एवामेव गोयमा ! मेरइयाणं पावाई कम्माइं गाढीकयाई चिक्कणीकयाई एवं जहा छ?सए जाव णो महा. पंज्जवसाणा भवंति। से जहाणामए-केइ पुरिसे अहिगरणि आउडेमाणे महया जाव गो महापज्जवसाणा भवंति। से जहाणामए केइ पुरिसे तरुणे बलवं जाव Page #849 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 836 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि मेहावी पिउणसिप्पोवगए एगं महं सामलिगंडियं उल्लं अजडिलं अगंठिल्लं अचिक्कणं अवाइद्धं सपत्तियं तिक्खेण परसुणा अक्कमेज्जा, तए णं से पुरिसे णो महंताई 2 सद्दाई करेइ, महंताई 2 दलाई अवद्दालेइ, एवामेव गोयमा ! समणाणं णिग्गंथाणं अहाबायराई कम्माई सिढिलीकयाई णिट्ठियाई कयाइं जाव खिप्पामेव परिविद्धत्थाई भवंति, जावइयं तावइयं जाव महापज्जवसाणा भवंति, से जहा वा केइ पुरिसे सुक्कतणहत्थगं जायतेयंसि पक्खिवेज्जा, एवं जहा छ?सए तहा अयोकवल्लेवि जाव महापज्जवसाणा भवंति, से तेणठेणं गोयमा ! एवं वच्चइ जावइयं अण्णगिलायए समणे णिगंथे कम्मं णिज्जरेइ तं चेव जाव वासकोडाकोडीए वा णो खवयंति / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति जाव. विहरइ // 571 // ____ सोलसमं सयं पंचमो उद्देसो तेणं कालेणं तेणं समएणं उल्लुयतीरे णामं णयरे होत्था वण्णओ, एग. जंबुए चेइए वण्णओ, तेणं कालेणं तेणं समएणं सामी समोसढे जाव परिसा पज्ज. वासइ तेणं कालेणं तेणं समएणं सक्के देविदे देवराया वज्जपाणी एवं जहेव बिइयउद्देसए तहेव दिवेणं जाणविमाणेणं आगओ जाव जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ 2 ता जाव णमंसित्ता एवं वयासी-देवे गं भंते ! महिड्डिए जाव महेसक्खे बाहिरए पोग्गले अपरियाइत्ता पभू आगमित्तए ? णो इणट्टे समठे / देवे णं भंते ! महिड्डिए जाव महेसक्खे बाहिरए पोग्गले परियाइत्ता पभ आगमित्तए ? हंता पभू / देवे णं भंते ! महिड्डिए एवं एएणं अभिलावेणं गमित्तए 2, एवं भासित्तए वा वागरित्तए वा 3, उम्मिसावेत्ताए वा णिम्मिसावेत्तए वा 4, आउंटावेत्तए वा पसारेत्तए वा 5, ठाणं वा सेज्ज वा णिसीहियं वा चेइत्तए वा 6, एवं विउवित्तए वा 7, एवं परियारावेत्तए वा 8 जाव हंता पभू , इमाइं अट्ट उक्खित्तपसिणवागरणाई पुच्छइ इमाइं० 2 त्ता संभंतियवंदणएणं वंदइ संभंतिय० 2 ता तमेव दिव्वं जाणविमाणं दुरूहइ 2 ता जामेव दिसि पाउन्भए तामेव दिसि पडिगए // 572 // भंते ! ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ वं० 2 ता एवं वयासीअण्णया गं भंते ! सक्के देविदे देवराया देवाण प्पियं वंदइणमंसइ सक्कारेइ जाव पज्जवासइ, किण्णं भंते ! अज्ज सक्के देविदे देवराया देवाणप्पियं अटू Page #850 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 16 उ. 5 837 उक्खित्तपसिणवागरणाई पुच्छइ 2 ता संभंतियवंदणएणं वंदइ णमंसइ वं० 2 ताजाव पडिगए ? गोयमादि ! समणे भगवं महावीरे भगवं गोयमं एवं वयासीएवं खलु गोयमा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं महासुक्के कप्पे महासामाणे विमाणे दो देवा महिड्डिया जाव महेसक्खा एगविमाणंसि देवत्ताए उववण्णा, तं०-माइमिच्छदिद्विउववण्णए य अमाइसम्मदिदिउववण्णए य, तए णं से माइमिच्छदिट्ठिउववण्णए देवे तं अमाइसम्मदिट्ठिउववण्णगं देवं एवं वयासी-परिणममाणा पोग्गला णो परिणया अपरिणया, परिणमंतीति पोग्गला णो परिणया अपरिणया, तए णं से अमाइसम्मदिदिउववण्णए देवे तं माइमिच्छदिदिउववण्णगं देवं एवं वयासी-परिणममाणा पोग्गला परिणया णो अपरिणया, परिणमंतीति पोग्गला परिणया णो अपरिणया। तं माइमिच्छदिट्ठिउववण्णगं देवं एवं पडिहणइ 2 त्ता ओहिं पउंजइ 2 ता ममं ओहिणा आभोएइ ममं० 2 ता अयमेयारूवे जाव समुप्पज्जित्था-एवं खलु समणे भगवं महावीरे जंबुद्दीवे 2 जेणेव भारहे वासे जेणेव उल्लयतीरे णयरे जेणेव एगजंबुए चेइए अहापडिरूवं जाव विहरइ, तं सेयं खलु मे समणं भगवं महावीरं वंदित्ता जाव पज्जवासित्ता इमं एयारूवं वागरणं पुच्छित्तएत्तिकटु एवं संपेहेइ एवं संपेहित्ता चउहिवि सामाणियसाहस्सोहि परियारो जहा सूरियाभस्स जाव णिग्घोसणाइ. यरवेणं जेणेव जंबहीवे 2 जेणेव भारहे वासे जेणेव उल्लयतीरे णयरे जेणेव एगजंबुए चेइए जेणेव ममं अंतिए तेणेव पहारेत्थ गमणाए / तए णं से सक्के देविदे देवराया तस्स देवस्स तं दिव्वं देविड्डि दिव्वं देवजुइं दिव्वं देवाणुभागं दिव्वं तेयलेस्सं असहमाणे ममं अट्ट उक्खित्तपसिणवागरणाइं पुच्छइ 2 ता संभंतिय० जाव पडिगए // 573 // जावं च णं समणे भगवं महावीरे भगवओ गोयमस्स एयमलैं परिकहेइ तावं च णं से देवे तं देसं हव्वमागए / तए णं से देवे समणं भगवं महावीर तिक्खुत्तो वंदइ णमंसइ वं० 2 ता एवं वयासीएवं खलु भंते ! महासुक्के कप्पे महासामाणे विमाणे एगे माइमिच्छदिट्टिउववण्णए देवे ममं एवं वयासी-परिणममाणा पोग्गला णो परिणया अपरिणया, परिणमंतीति पोग्गला णो परिणया अपरिणया, तए णं अहं तं माइमिच्छदिट्टिउववष्णगं देवं एवं वयासी-परिणममाणा पोग्गला परिणया णो अपरिणया, परिणमंतीति पोग्गला परिणया णो अपरिणया, से कहमेयं भंते ! एवं ? Page #851 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 838 अंग-पविटु सुत्ताणि गंगदत्तादि ! समणे भगवं महावीरे गंगदत्तं देवं एवं वयासी-अहंपि णं गंगदत्ता! एवमाइक्खामि ४-परिणममाणा पोग्गला जाव णो अपरिणया सच्चमेसे अछे। तए णं से गंगदत्ते देवे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं एयमढं सोच्चा णिसम्म हट्टतुट्ठ० समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ वं० 2 ताणच्चासण्णे जाव पज्जुवासइ / तए णं समणे भगवं महावीरे गंगदत्तस्स देवस्स तीसे य जाव धम्म परिकहेइ जाव आराहए भवइ / तए णं से गंगदत्ते देवे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए धम्म सोच्चा णिसम्म हट्ठतुठे उट्ठाए उठेइ उ० 2 त्ता समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ वं० 2 त्ता एवं वयासी-अहण्णं भंते ! गंगदत्ते देवे किं भवसिद्धिए अभवसिद्धिए ? एवं जहा सूरियाभो जाव बत्तीसइ. विहं पट्टविहिं उवदंसेइ 2 ता जाव तामेव दिसि पडिगए // 574 // भंते ! त्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं जाव एवं वयासी-गंगदत्तस्स णं भंते ! देवस्स सा दिव्या देविड्ढी दिव्वा देवजुई जाव अणुप्पविट्ठा ? गोयमा ! सरीरं गया सरीरं अणुप्पविट्ठा कूडागारसालादिळंतो जाव सरीरं अणुप्पविट्ठा / अहो णं भंते ! गंगदत्ते देवे महिड्डिए जाव महेसक्खे / गंगदत्तेणं भंते ! देवेणं सा दिव्वा देविड्ढी दिव्वा देवजई किण्णा लद्धा जावं जं णं गंगदत्तेणं देवेणं सा दिव्वा देविड्ढी जाव अभिसमण्णागया ? गोयमादि ! समणे भगवं महावीरे भगवं गोयम एवं वयासी-एवं खल गोयमा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जंबद्दीवे 2 भारहे वासे हथिणापुरे णाम जयरे होत्था वण्णओ, सहसंबवणे उज्जाणे वण्णओ, तत्थ णं हत्थिणापुरे पयरे गंगदत्ते णाम गाहावई परिवसइ अड्ढे जाव अपरिभूए / तेणं कालेणं तेणं समएणं मुणिसुव्वए अरहा आइगरे जाव सवण्णू सव्वदरिसी आगासगएणं चक्केणं जाव पकड्डिज्जमाणेणं 2 सीसगणसंपरिवुडे पुत्वाणुपुचि चरमाणे गामाणुगामं जाव जेणेव सहसंबवणे उज्जाणे जाव विहरइ, परिसा णिग्गया जाव पज्जुवासइ / तए णं से गंगदत्ते गाहावई इमीसे कहाए लद्धठे समाणे हट्टतुट जाव कयबलि जाव सरीरे साओ गिहाओ पडि. णिक्खमइ 2 ता पायविहारचारेणं हस्थिणारं यरं मज्झंमज्झेणं णिग्गच्छइ 2 त्ता जेणेव सहसंबवणे उज्जाणे जेणेव मुणिसुव्वए अरहा तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता मुणिसुव्वयं अरहं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं जाव तिविहाए पज्जुवासणाए पज्जुवासइ / तए णं मुणिसुव्वए अरहा गंगदत्तस्स गाहावइस्स तीसे य महइ Page #852 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 16 उ. 5 839 जाव परिसा पडिगया। तए णं से गंगदत्ते गाहावई मुणिसुव्वयस्स अरहओ अंतियं धम्म सोच्चा णिसम्म हट्ठतुट्ठ उट्ठाए उठेइ 2 ता मुणिसुव्वयं अरहं वंदइ णमंसइ वंदित्ता णमंसित्ता एवं वयासी-सद्दहामि णं भंते ! णिग्गंथं पावयणं जाव से जहेयं तुब्भे वदह, ज णवरं देवाणुप्पिया ! जेटपुत्तं कुबे ठावेमि, तए णं अहं देवाणुप्पियाणं अंतियं मुंडे जाव पव्वयामि / अहासुहं देवाणुप्पिया! मा पडिबंध / तए णं से गंगदत्ते गाहावई मुणिसुव्वएणं अरहया एवं वुत्ते समाणे हद्वतुट्ट० मुणिसुव्वयं अरहं वंदइ णमंसइ वं० 2 ता मुणिसुव्वयस्स अरहओ अंतियाओ सहसंबवणाओ उज्जाणाओ पडिणिक्खमइ 2 ता जेणेव हत्थिणापुरे णयरे जेणेव सए गिहे तेणेव उवागच्छइ 2 ता विउलं असणं पाणं जाव उवक्खडावेइ 2 त्ता मित्तणाइणियग जाव आमंतेइ आमंतेत्ता तओ पच्छा व्हाए जहा पूरणे जाव जेट्टपुत्तं कुटुंबे ठावेइ, तं मित्तणाइ जाव जेट्टपुत्तं च आपुच्छइ 2 ता पुरिससहस्सवाहिणि सीयं दुरूहइ पुरिससह० 2 ता मित्तणाइणियग जाव परिजणेणं जेट्टपुत्तेणं य समणुगम्ममाणमग्गे सविड्ढीए जाव णाइयरवेणं हत्थिणापुरं णयरं मझमझेणं णिग्गच्छइ 2 ता जेणेव सहसंबवणे उज्जाणे तेणेव उवागच्छइ 2 ता छत्ताइए तित्थगराइसए पासइ एवं जहा उदायणे जाव सयमेव आभरणे उमुयइ स० 2 ता सयमेव पंचमुट्ठियं लोयं करेइ स०२ त्ता जेणेव मुणिसुव्वए अरहा एवं जहेव उदायणे तहेव पव्वइए, तहेव एक्का. रस अंगाई अहिज्जइ जीव मासियाए संलेहणाए सट्ठि भत्ताइं अणसणाए छेदेइ ट्ठि भत्ताइं० 2 ता आलोइयपडिक्कते समाहिपत्ते कालमासे कालं किच्चा महासुक्के कप्पे महासामाणे विमाणे उववायसभाए देवसयणिज्जसि जाव गंगदत्तदेवत्ताए उववण्णे। तए णं से गंगदत्ते देवे अहुणोववण्णमेत्तए समाणे पंचविहाए पज्जत्तीए पज्जत्तिभावं गच्छइ, तंजहा-आहारपज्जत्तीए जाव भासामणपज्जत्तीए, एवं खलु गोयमा ! गंगदत्तेणं देवेणं सा दिव्वा देविड्ढी जाव अभिसमण्णागया। गंगदत्तस्स णं भंते ! देवस्स केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! सत्तरस सागरोवमाई ठिई प० / गंगदत्त णं भंते ! देवे ताओ देव. लोगाओ आउक्खएणं जाव महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ जाव अंतं काहिइ / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति // 575 // Page #853 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 840 840 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि सोलसमं सयं छट्ठो उद्देसो कइविहे णं भंते ! सुविणदंसणे पण्णत्ते ? गोयमा ! पंचविहे सुविणदंसणं पण्णत्ते, तंजहा-अहातच्चे पयाणे चितासुविणे तविवरीए अवत्तदंसणे / सुत्ते णं भंते ! सुविणं पासइ, जागरे सुविणं पासइ, सुतजागरे सुविणं पासइ ? गोयमा ! णो सुत्ते सुविणं पासइ णो जागरे सुविणं पासइ, सुत्तजागरे सुविणं पासइ / जीवा णं भंते ! कि सुत्ता जागरा सुत्तजागरा ? गोयमा ! जीवा सुत्तावि जागरावि सुत्तजागरावि। रइया णं भंते ! कि सुत्ता० पुच्छा, गोयमा! णेरइया सुत्ता णो जागरा णो सुत्तजाँगरा, एवं जाव चरिदिया / पंचिदिय तिरिक्खजोणिया णं भंते ! कि सुत्ता० पुच्छा, गोयमा ! सुत्ता णो जागरा सुत्तजागरावि, मणुस्सा जहा जीवा, वाणमंतरजोइसियवेमाणिया जहा णेरड्या . // 576 // संवुडे णं भंते ! सुविणं पासइ. असंवुडे सुविणं पासइ, संवुडासंवुडे सुविणं पासइ ? गोयमा ! संवडेवि सुविणं पासइ, असंवडेवि सुविणं पासइ, संवुडासंबुडे वि सुविणं पासइ, संवुडे सुविणं पासइ अहातच्चं पासइ, असंवुडे सुविणं पासइ तहा वा तं होज्जा अण्णहा वा तं होज्जा, संयुडामंडे सुविणं पासइ एवं चेव / जीवा णं भंते ! कि संवुडा असंवडा संवुडासंधुडा ? गोयमा ! जीवा संवुडाधि असंखुडावि संवडासंवडावि, एवं जहेव सुत्ताणं दंडओ तहेव भाणियव्यो / कइ णं भंते ! सुविणा पण्णता ? गोयमा ! बायालीसं सुविणा पण्णत्ता / कइ पं भंते ! महासुविणा पण्णता ? गोयमा ! ती महा. सुविणा पण्णत्ता / कइ णं भंते ! सम्बसुविणा पण्णता ? गोयमा ! बावतार सव्वसुविणा पण्णता / तित्थय रमायरो णं भंते ! तित्थयरंसि गन्भं ववकममा. सि कइ महासुविगे पासित्ता णं पडिबुज्झंति ? गोयमा ! तित्थयरमायरो तित्थयरंसि गब्भं वक्कममाणंसि एएसि तीसाए महासुविणाणं इमे चोदरा महासुविणे पासित्ताणं पडिबुज्झति, तं०-गयउसभसीहअभिसेय जाब सिहि च / चक्कवट्टिमायरो णं भंते ! चक्कट्टिसि गब्भं वक्कममाणंसि कइ महासुमिणे पासित्ताणं पडिबुज्झंति ? गोयमा ! चक्कट्टिमायरो चक्कट्टिसि जाव वक्कममाणंसि एएसि तीसाए महासुविणाणं एवं जहा तित्थयर. मायरो जाव सिहि च / वासुदेवमायरो णं पुच्छा, गोयमा ! वासुदेवमायरो Page #854 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 16 उ. 6 841 जाव वक्कममाणंसि एएसि चोद्दसण्हं महासुविणाणं अण्णयरे सत्त महासुविणे पासित्ताणं पडिबुज्झंति / बलदेवमायरो पुच्छा, गोयमा ! बलदेवमायरो जाव एएसि चोद्दसण्हं महासुविणाणं अण्णयरे चत्तारि महासुविणे पासित्ताणं पडिबुज्झंति / मंडलियमायरो णं भंते ! पुच्छा, गोयमा ! मंडलियमायरो जाव एएसि चोद्दसण्हं महासुविणाणं अण्णयरं एगं महासुविणं जाव पडिबुज्झंति // 577 // समणे भगवं महावीरे छउमत्थकालियाए अंतिमराइयंसि इमे दस महासुविणे पासित्ताणं पडिबुद्धे, तं०-एगं च णं महं घोररूवदित्तधरं तालपिसायं सुविणे पराजियं पासित्ताणं पडिबुद्धे 1, एगं च णं महं सुकिल्लपक्खगं पुंसकोइलगं सुविणे पासित्ताणं पडिबुद्धे 2, एगं च णं महं चित्तविचित्तपक्खगं पुंस. कोइलगं सुविणे पासित्ताणं पडिबुद्धे 3, एगं च णं महं दामदुगं सवरयणामयं सुविणे पासित्ताणं पडिबुद्ध 4, एगं च णं महं सेयं गोवग्गं सुविणे पासित्ताणं पडिबुद्धे 5, एगं च णं महं पउमसरं सव्वओ समंता कुसुमियं सुविणे पासित्ताणं पडिबुद्धे 6, एगं च णं महं सागरं उम्मीवीईसहस्सकलियं भुयाहि तिण्णं सुविणे पासित्ताणं पडिबुद्धे 7, एगं च णं महं दिणयरं तेयसा जलंतं सुविणे पासित्ताणं पडिबुद्धे 8, एगं च णं महं हरिवेरुलियवण्णाभेणं णियगेणं अंतेणं माणुसुत्तरं पव्वयं सव्वओ समंता आवेढियं परिवेढियं सुविणे पासित्ताणं पडिबुद्धे 6, एगं च णं महं मंदरे पव्वए मंदरचूलियाए उरि सीहासणवरगयं अप्पाणं सुविणे पासित्ताणं पडिबुद्धे 10 / जण्णं समणे भगवं महावीरे एगं महं घोररूवदित्त. धरं तालपिसायं सुविणे पराजियं पासित्ताणं पडिबुद्धे, तण्णं समणेणं भगवया महावीरेणं मोहणिज्जे कम्मे मूलाओ उग्घाइए 1, जणं समणे भगवं महावीरे एगं महं सुकिल्ल जाव पडिबुद्धे, तणं समणे भगवं महावीरे सुक्कज्झाणोव. गए विहरइ 2, जण्णं समणे भगवं महावीरे एगं महं चित्तविचित्त जाव पडि. बुद्धे, तण्णं समणे भगवं महावीरे विचित्तं ससमयपरसमइयं दुवालसंगं गणि. पिडगं आघवेइ पण्णवेइ परूवेइ दंसेइ णिदंसेइ उवदंसेइ, तंजहा-आयारं सूयगडं जाव दिट्टिवायं 3, जणं समणे भगवं महावीरे एगं महं दामदुगं सव्वरयणामयं सुविणे पासित्ताणं पडिबुद्धे, तण्णं समणे भगवं महावीरे दुविहं धम्मं पण्णवेइ, तं०-आगारधम्म वा अणागारधम्मं वा 4, जणं समणे भगवं महावीरे एगं महं सेयगोवग्गं जाव पडिबुद्धे, तण्णं समणस्स भगवओ महावीरस्स चाउव. Page #855 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 842 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि पणाइण्णे समणसंघे तं०-समणा समणीओ सावया सावियाओ 5, जणं समणे भगवं महावीरे एगं महं पउमसरं जाव पडिबुद्धे, तण्णं समणे भगवं महावीरे चउविहे देवे पण्णवेइ, तं०-भवणवासी वाणमंतरे जोइसिए वेमाणिए 6, जण्णं समणे भगवं महावीरे एगं महं सागरं जाव पडिबुद्धे, तण्णं समणेणं भगवया महावीरेणं अणाईए अणवदग्गे जाव संसारकंतारे तिण्णे 7, जण्णं समणे भगवं महावीरे एगं महं दिणयरं जाव पडिबद्धे, तण्णं समणस्स भगवओ महावीरस्स अणते अणुत्तरे णिवाघाए णिरावरणे कसिणे परिपुण्णे केवलवरणागदंसणे समुप्पण्णे 8, जण्णं समणे जाव वीरे एगं महं हरिवेरुलिय जाव पडिबुद्धे, तण्णं समणस्स भगवओ महावीरस्स ओराला कित्तिवण्णसद्दसिलोया सदेवमणुयासुरे लोए परिभमंति-इति खलु समणे भगवं महावीरे इति खलु समणे भगवं महावीरे 6, जणं समणे भगवं महावीरे मंदरे पन्वए मंदर. चूलियाए जाव पडिबुद्धे, तण्णं समणे भगवं महावीरे सदेवमणुयासुराए परिसाए मज्झगए केवलीपण्णत्तं धम्मं आघवेइ जाव उवदंसेइ // 578 // इत्थी वा पुरिसे वा सुविणंते एगं महं हयपति वा गयति वा जाव वसभपति वा पासमाणे पासइ, दुरूहमाणे दुरूहइ, दुरूढमिइ अप्पाणं मण्णइ, तक्खणामेव बुज्झइ, तेणेव भवग्गहणणं सिज्झइ जाव अंतं करेइ / इत्थी वा पुरिसे वा सुविणंते एगं महं दामिणि पाईणपडीणाययं दुहओ समुद्दे पुढें पासमाणे पासइ, संवेल्लेमाणे संवेल्लेइ, संवेल्लियमिइ अप्पाणं मण्णइ, तक्खणामेव बुज्झइ, तेणेव भवरगहणणं जाव अतं करेइ / इत्थी वा पुरिसे वा सुविणते एवं महं रज्जु पाईणपडीणाययं दुहओ लोगंते पुठं पासमाणे पासइ, छिदमाणे छिदइ, छिण्णमिइ अप्पाणं मण्णइ, तक्खणामेब जाव अंतं करेइ / इत्थी वा पुरिसे वा सुविणंते एगं महं किण्हसुत्ता वा जाव सुक्किल्लसुत्तगं या पासमाणे पासइ, उग्गोवेमाणे उग्गोवेइ, उग्गोवियमिइ अप्पाणं मण्णइ, तक्खणामेव जाव अंतं करेइ / इत्थी वा पुरिसे वा सुविणंते एगं महं अयरासि वा तंबरासि वा तउय रासि वा सीसगरासि वा पासमाणे पासइ, दुरूहमाणे दुरूहइ, दुरूढमिइ अप्पाणं मण्णइ, तक्खणामेव बुज्झइ, दोच्चेणं भवग्गहणेणं सिज्झइ जाव अंतं करेइ / इत्थी वा पुरिसे वा सुविणंते एगं महं हिरणरासि वा सुवण्णरासि वा रयणरासि वा वइररासि वा पासमाणे पासइ, दुरूहमाणे दुरूहइ, दुरूढमिइ अप्पाणं मण्णइ, तक्खणामेव बुज्झइ, तेणेव भवग्हणणं सिज्झइ जाव अंतं Page #856 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 16 उ.७ 843 करेइ / इत्थी वा पुरिसे वा सुविणंते एगं महं तणरासि वा जहा तेयणिसग्गे जाव अवकररासि वा पासमाणे पासइ, विक्खिरमाणे विक्खिरइ, विकिण्णमिइ अप्पाणं मण्णइ, तक्खणामेव बुज्झइ, तेणेव जाव अंतं करेइ / इत्थी वा पुरिसे वा सुविणंते एगं महं सरथंभं वा वीरणथंभं वा वंसीमूलथंभं वा वल्लीमूलथंभं वा पासमाणे पासइ, उम्मलेमाणे उम्मलेइ, उम्मूलियमिइ अप्पाणं मण्णइ, तक्खणामेव बुज्झइ, तेणेव जाव अंतं करेइ / इत्थी वा पुरिसे वा सुविणंते एगं महं खीरकुंभं वा दहिकुंभं वा घयकुंभं वा महुकुंभं वा पासमाणे पासइ, उप्पाडेमाणे उप्पाडेइ, उप्पाडियमिइ अप्पाणं मण्णइ, तक्खणामेव बुज्झइ, तेणेव जाव अंतं करेइ / इत्थी वा पुरिसे वा सुविणंते एगं महं सुरावियडकुंभं वा सोवीरवियडकुंभं वा तेल्लकुंभं वा वसाकुंभं वा पासमाणे पासइ, भिवमाणे भिदइ, भिण्णमिइ अप्पाणं मण्णइ, तक्खणामेव बज्झइ, दोच्चेणं भवग्गहणेणं जाव अंतं करेइ / इत्थी वा पुरिसे वा सुविणंते एगं महं पउमसरं कुसुमियं पासमाणे पासइ, ओगाहेमाणे ओगाहेइ, ओगाढमिइ अप्पाणं मण्णइ, तक्ख. णामेव बुज्झइ, तेणेव जाव अंतं करेइ / इत्थी वा जाव सुविणंते एगं महं सागरं उम्मीवीई जाव कलियं पासमाणे पासइ, तरमाणे तरइ,तिण्णमिइ अप्पाणं मण्णइ, तक्खणामेव बुज्झइ, तेणेव जाव अंतं करेइ / इत्थी वा जाव सुविणंते एगं महं भवणं सव्वरयणामयं पासमाणे पासइ, अणुप्पविसमाणे अणुप्पविसइ, अणुप्पविटमिइ अप्पाणं मण्णइ, तक्खणामेव बुज्झाइ, तेणेव जाव अंतं करेइ। इत्थी वा पुरिसे वा सुविणंते एगं महं विमाणं सव्वरयणामयं पासमाणे पासइ, दुरूहमाणे दुरूहइ, दुरूढमिइ अप्पाणं मण्णइ, तक्खणामेव बुज्झइ, तेणेव जाव अंतं करेइ // 576 // अह भंते ! कोट्टपुडाण वा जाव केयईपुडाण वा अणुवायंसि उभिज्जमाणाण वा जाव ठाणाओ वा ठाणं संकामिज्जमाणाणं कि कोठे वाइ जाव केयई वाइ ? गोयमा ! णो कोठे वाइ जाव णो केयई वाइ, घाणसहगया पोग्गला वाइ / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति॥५८०॥ सोलसमं सयं सत्तमो उद्देसो कइविहे गं भंते ! उवओगे पण्णत्ते ? गोयमा! दुविहे उवओगे पण्णत्ते, एवं जहा उवओगपयं पण्णवणाए तहेव णिरवसेसं भाणियव्वं, पासणयापयं च गिरवसेसं णेयव्वं / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति // 581 // Page #857 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 844 अंग-पविटु सुत्ताणि सोलसमं सयं अट्ठमो उद्देसो . केमहालए णं भंते ! लोए पण्णत्ते ? गोयमा ! महइमहालए जहा बारस. मसए तहेव जाव असंखेज्जाओ जोयणकोडाकोडीओ परिक्वेवणं / लोगस्त णं भंते ! पुरथिमिल्ले चरिमंते कि जीवा जीवदेसा जीवप्पएसा अजीवा अजीवदेसा अजीवप्पएसा ? गोयमा ! णो जीवा जीवदेसावि जीवपएसावि अजी. वावि अजीवदेसावि अजीवपएसावि। जे जीवदेता ते णियम एगिदियदेसा य अहवा एगिदियदेसा य बेइंदियस्स य देते एवं जहा समसए अग्गेई दिसा तहेव, पवरं देसेसु अणिदियाणं आइल्लविरहिओ। जे अरूवी अजीवा ते छबिहा, अद्धासमओ णत्थि, सेसं तं चेव सव्वं गिरवसेसं। लोगस्स णं भंते ! दाहिणिल्ले चरिमंते कि जीवा ? एवं चेव, एवं पच्चथिमिल्लेवि, एवं उत्तरिल्लेवि / लोगस्स णं भंते ! उवरिल्ले चरिमंते कि जीवा० पुच्छा, गोयमा! णो जीवा जीवदेसावि जीवप्पएसावि जाव अजीवप्पएसावि / जे जीवदेसा ते णियम एगिदियदेसा य अणिदियदेता य अहवा एगिदियदेसा य अणिदियदेसा य बेइंदियस्स य देसे, अहवा एगिदियदेसा य अणिदियदेसा य बेइंदियाण य देसा, एवं मज्झि. ल्लविरहिओ जाव पंचिदियाणं, जे जीवप्पएसा ते णियमं एगिदियप्पएसा य अणिदियप्पएसा य अहवा एगिदियप्पएसा य अणिदियप्पएसा य बेइंदियस्स पएसा य अहवा एगिदियप्पएसा य अणिदियप्पएसा य बेइंदियाण य पएसा, एवं आइल्लविरहिओ जाव पंचिदियाणं, अजीवा जहा दसमसए तमाए तहेव णिरवसेसं / लोगस्स गं भंते ! हेढिल्ले चरिमंते कि जीवा० पुच्छा गोयमा ! णो जीवा जीवदेसावि जीवप्पएसावि जाव अजीवप्पएसावि जे जीवदेसा ते णियम एगिदियदेसा अहवा एगिदियदेसा य बेइंदियस्स देसे अहवा एगिदियदेसा य बेइंदियाण य देसा, एवं मज्झिल्लविरहिओ जाव अणिदियाणं पएसा, आइल्लविरहिओ सन्वेसि जहा पुरथिमिल्ले चरिमंते तहेव, अजीवा जहेव उव. रिल्ले चरिमंते तहेव / इमोसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए पुरथिमिल्ले चरिमंते कि जीवा० पुच्छा, गोयमा ! णो जीवा एवं जहेव लोगस्स तहेव चत्ता. रिवि चरिमंता जाव उत्तरिल्ले, उरिल्ले तहेव जहा दसमसए विमला दिसा तहेव णिरवसेसं, हेढिल्ले चरिमंते जहेव लोगस्स हेट्ठिल्ले चरिमंते तहेव, णवरं देसे पंचिदिएसु तियभंगोत्ति सेसं तं चेव, एवं जहा रयणप्पभाए चत्तारि चरि Page #858 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 16 उ. 9 845 मंता भणिया एवं सक्करप्पभाएवि उवरिमहेट्ठिल्ला जहा रयणप्पभाए हेटिल्ले, एवं जाव अहे सत्तमाए, एवं सोहम्मस्सवि जाव अच्चुयस्स, गेविज्जविमाणाणं एवं चेव, णवरं उवरिमहेट्ठिल्लेसु चरिमंतेसु देवेसु पंचिदियाणवि मज्झिल्लविर. हिओ चेव सेसं तहेव, एवं जहा गेवेज्जविमाणा तहा अणुत्तरविमाणावि, ईसिप्प. भारावि // 582 // परमाणुपोग्गले गं भंते ! लोगस्स पुरथिमिल्लाओ चरिमंताओ पच्चस्थिमिल्लं चरिमंतं एगसमएणं गच्छइ, पच्चस्थिमिल्लाओ चरिमंताओ पुरथिमिल्लं चरिमंतं एगसमएणं गच्छइ, दाहिणिल्लाओ चरिमंताओ उत्तरिल्लं जाव गच्छइ, उत्तरिल्लाओ चरिमंताओ दाहिणिल्लं चरिमंतं जाव गच्छइ, उवरिल्लाओ चरिमंताओ हेदिल्लं चरिमंतं जाव एवं गच्छइ, हेट्ठिलाओ चरिमंताओ उवरिल्लं चरिमंतं एगसमएणं गच्छइ ? हंता गोयमा ! परमाणु. पोग्गले णं लोगस्स पुरथिमिल्लं तं चेव जाव उवरिल्लं चरिमंतं गच्छइ // 583 // पुरिसे गं भंते ! वासं वासइ णो वासइत्ति हत्थं वा पायं वा बाई वा ऊरुं वा आउंटावेमाणे वा पसारेमाणे वा कइकिरिए ? गोयमा ! जावं च पं से पूरिसे वासं वासई वासं णो वासईइ हत्थं वा जाव ऊरु वा आउंटावेइ वा पसारेइ वा तावं च णं से पुरिसे काइयाए जाव पंचहि किरियाहिं पुढे // 584 // देवे गं भंते ! महिड्डिए जाव महेसक्खे लोगंते ठिच्चा पभू अलो. गंसि हत्थं वा जाव ऊरुं वा आउंटावेत्तए वा पसारेत्तए वा ? णो इणठे समठे / से केण→णं. भंते ! एवं वुच्चइ-देवे णं महिड्डिए जाव महेसक्खे लोगंते ठिच्चा णो पभू अलोगंसि हत्थं वा जाव पसारेत्तए वा ? गोयमा ! जीवाणं आहारोवचिया पोग्गला बोंदिचिया पोग्गला कलेवरचिया पोग्गला पोग्गलामेव पप्प जीवाण य अजीवाण य गइपरियाए आहिज्जइ. अलोए णं णेवस्थि जीवा णेवत्थि पोग्गला से तेणठेणं जाव पसारेत्तए वा / सेवं भंते ! 2 त्ति // 585 // सोलसमं सयं णवमो उद्देसो कहिण्णं भंते ! बलिस्स वइरोयणिदस्स वइरोयणरण्णो सभा सुहम्मा प०? गोयमा ! जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरेणं तिरियमसंखेज्जे जहेव चमरस्स जाव बायालीसं जोयणसहस्साई ओगाहित्ता एत्थ णं बलिस्स वइरोय. णिदस्स वइरोयणरण्णो रुगिदे णाम उप्पायपव्वए पण्णत्ते, सत्तरस एक्कवीसे Page #859 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 846 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि जोयणसए एवं पमाणं जहेव तिगिच्छिकूडस्स पासायडिसगस्सवि तं चैव पमाणं सीहासणं सपरिवारं बलिस्स परियारेणं अट्ठो तहेव, णवरं रुयगिदप्प. भाई 3 सेसं तं चेव जाव बलिचंचाए रायहाणीए अण्णेसि च जाव रुयगिदस्स णं उप्पायपव्वयस्स उत्तरेणं छक्कोडिसए तहेव जाव चत्तालीसं जोयणसहस्साई ओगाहित्ता एत्थ णं बलिस्स वइरोपिदस्स वइरोयणरण्णो बलिचंचा णामं रायहाणी प० एगं जोयणसयसहस्सं पमाणं तहेव उववाओ जाव आयरक्खा सव्वं तहेव गिरवसेसं, णवरं साइरेगं सागरोवमं ठिई 50, सेसं तं चेव जाव बली वइरोणिदे बली० 2 / सेवं भंते ! 2 ति जाव विहरइ / 586 / सोलसमं सयं दसमो उद्देसो कइ विहे णं भंते ! ओही पण्णत्ते ? गोयमा ! दुविहा ओही प०, तं०ओहीपयं णिरवसेसं भाणियत्वं / सेवं भंते ! 2 त्ति जाब विहरइ // 587 // . सोलसमं सयं 11-14 उद्देसा दीवकुमारा णं भंते ! सव्वे समाहारा सव्वे समुस्सासणिस्सासा ? णो इणठे समझें, एवं जहा पढ़मसए बिइयउद्देसए दीवकुमाराणं वत्तव्वया तहेव जाव समाउया समुस्सासगिस्सासा / एवं णागावि, दीवकुमाराणं भंते ! कइ लेस्साओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! चत्तारि लेस्साओ पण्णत्ताओ, तंजहा-कण्ह. लेस्सा जाव तेउलेस्सा / एएसि णं भंते ! दीवकुमाराणं कण्हलेस्साणं जाव तेउलेस्साण य कयरे कयरेहितो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सम्वत्थोवा दीवकुमारा तेउलेस्सा, काउलेस्सा असंखेज्ज गुणा, णीललेस्सा विसेसाहिया, कण्हलेस्सा विसेसाहिया / एएसि णं भंते ! दीवकुमाराणं कण्हलेस्साणं जाव तेउलेस्साण य कयरे कयरेहितो अप्पिड्डिया वा महिड्डिया वा ? गोयमा ! कण्हलेस्साहितो णीललेस्सा महिड्डिया जाव सव्वमहिड्डिया तेउलेस्सा / सेवं भंते ! 2 ति जाव विहरई // 16 // 11 // उदहिकुमारा णं भंते ! सव्वे समाहारा० एवं चेव / सेवं भंते ! 2 त्ति // 16 // 12 // एवं दिसाकुमारावि। सेवं भंते ! 2 ति // 16 // 13 // एवं थणियकुमारावि / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति जाव विहरइ // 588 // सोलसमं सयं समत्तं . Page #860 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 847 भगवई स. 17 उ. 1 . सत्तरसमं सयं पढमो उद्देसो णमो सुयदेवयाए भगवईए / कुंजर 1 संजय 2 सेलेसि 3 किरिय 4 ईसाण 5 पुढवि 6-7 दग 8-9 वाऊ 10-11 / एगिदिय 12 णाग 13 सुवण्ण 14 विज्जु 15 वाउ 16 ऽग्गि 17 सत्तरसे // 1 // रायगिहे जाव एवं वयासीउदाई णं भंते ! हस्थिराया कओहितो अणंतरं उव्वट्टित्ता उदाइहत्थिरायत्ताए उववण्णे ? गोयमा ! असुरकुमारहितो देवेहितो अणंतरं उव्वट्टित्ता उदाइ. हत्थिरायत्ताए उववण्णे / उदाई णं भंते ! हस्थिराया कालमासे कालं किच्चा कहिं गच्छिहिद कहि उववज्जिहिइ ? गोयमा! इमीसे णं रयणप्पमाए पुढवीए उक्कोससागरोवमद्विइयंसि णिरयावासंसि रइयत्ताए उववज्जिहिइ / से गं भंते ! तओहितो अणंतरं उम्वट्टित्ता कहिं गच्छिहिइ कहिं उववज्जिहिइ ? गोयमा ! महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ जाव अंतं काहिइ / भूयाणंदे णं भंते ! हस्थिराया कओहितो अणंतरं उध्वट्टित्ता भूयाणंदे हत्थिरायत्ताए० एवं जहेव उदाई जाव अंतं काहिइ // 586 // पुरिसे णं भंते ! तालमारहइ ता० 2 ता तालाओ तालफलं पचालेमाणे वा पवाडेमाणे वा कइकिरिए ? गोयमा! जावं च णं से पुरिसे तालमारुहइ तालमारुहित्ता तालाओ तालफलं पचालेइ वा पवाडेइ वा तावं च णं से पुरिसे काइयाए जाव पंचर्चाह किरियाहिं पुढें, जेसि. पिय जं जीवाणं सरीरेहितो ताले णिव्वत्तिए तालफले णिव्वत्तिए तेवि णं जीवा काइयाए जाव पंचहि किरियाहिं पुट्ठा / अहे गं भंते ! से तालफले अप्पणो गल्यत्ताए जाव पच्चोवयमाणे जाई तत्थ पाणाइं जाव जीवियाओ ववरोवेइ तएणं भंते ! से पुरिसे कइकिरिए ? गोयमा ! जावं च णं से पुरिसे तालप्फले अप्पणो गरुयत्ताए जाव जीवियाओ ववरोवेइ तावं च णं से पुरिसे काइयाए जाव चहि किरियाहि पुठे, जेसिपिय णं जीवाणं सरीरेहितो तले णिव्वत्तिए तेवि णं जीवा काइयाए जाव चहि किरियाहिं पुट्ठा, जेसिपिय णं जीवाणं सरीरेहितो तालप्फले णिवत्तिए तेवि णं जीवा काइयाए जाव पंचहि किरि. याहिं पुट्ठा, जेवि य से जीवा अहे वीससाए पच्चोवयमाणस्स उवग्गहे वटुंति तेविय णं. जीवा काइयाए जाव पंचहि किरियाहिं पुट्ठा। पुरिसे गं भंते ! रुक्खस्स मलं पचालेमाणे वा पवाडेमाणे वा कइकिरिए ? गोयमा ! जावं च णं से पुरिसे रुक्खस्स मूलं पचालेइ वा पवाडेइ वा तावं च णं से पुरिसे काइयाए जाव Page #861 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 848 अंग-पविटु सुत्ताणि पंचर्चाह किरियाहि पुढे, जेसिपिय णं जीवाणं सरीरेहितो मूले णिव्वत्तिए जाव बीए णिव्वत्तिए तेविय णं जीवा काइयाए जाव पंचहि किरियाहिं पुट्ठा / अहे गं भंते ! से मले अप्पणो गरुयत्ताए जाव जीवियाओ ववरोवेइ तओ णं भंते ! से पुरिसे कइकिरिए ? गोयमा ! जावं च णं से मले अप्पणो जाव ववरोवेइ तावं च णं से पुरिसे काइयाए जाव चउहिं किरियाहिं पुछे, जेसिपिय गं जीवाणं सरीरेहितो कदे णिवत्तिए जाव बीए णिव्वत्तिए तेवि णं जीवा काइ. याए जाव चहि किरियाहिं पुट्ठा, जेसिपिय णं जीवाणं सरीरेहितो मूले णिव्व. . त्तिए तेवि णं जीवा काइयाए जाव पंचहि किरियाहिं पुट्ठा, जेविय णं से जीवा अहे वीससाए पच्चोवयमाणस्स उवग्गहे वटुंति तेवि णं जीवा काइयाए जाव पंचहि किरियाहिं पुट्ठा / पुरिसे णं भंते / रुक्खस्स कंदं पाचलेइ० ? गोयमा ! जावं च णं से पुरिसे जाव पंचहि किरियाहिं पुछे, जेसिपिय गं जीवाणं सरीरेहितो मले णिवत्तिए जाव बीए णिवत्तिए तेवि णं जीवा जाव पंचहि किरियाहि पुट्ठा / अहे गं भते ! से कंदे अप्पणो जाव चहि किरियाहि पुठे, जेसिपिय णं जीवाणं सरोरेहितो मूले णिव्वत्तिए खंधे णिव्वत्तिए जाव चहि पुट्ठा, जेसिपिय गं जीवाणं सरीरेहितो कंदे णिव्वत्तिए तेवि णं जीवा पंचहि किरियाहिं पुट्ठा, जेवि य से जीवा अहे वीससाए पच्चोवयमाणस्स जाव पंचहि पुट्ठा जहा कंदे एवं जाव बीयं // 590 ॥कई गं भंते ! सरीरगा पण्णत्ता ? गोयमा ! पंच सरीरगा पण्णत्ता, तंजहा-ओरालिए जाव कम्मए / कइ णं भंते ! इंदिया 50 ? गोयमा ! पंच इंदिया प०, तं०-सोई. दिए जाव फासिदिए / कइविहे गं भंते ! जोए 50 ? गोयमा ! तिविहे जोए प०, तं०-मणजोए वइजोए कायजोए / जीवे णं भंते ! ओरालियसरीरं णिवत्तेमाणे कइकिरिए ? गोयमा ! सिय तिकिरिए सिय चउकिरिए सिय पंचकिरिए, एवं पुढविक्काइएवि, एवं जाव मणुस्से। जीवाणं भंते ! ओरालिय. सरीरं णिवत्तेमाणा कइकिरिया ? गोयमा ! तिकिरियावि चउकिरियावि पंचकिरियावि, एवं पुढविकाइयावि, एवं जाव मणुस्सा, एवं वेठब्वियसरीरेणवि दो दंडगा णवरं जस्स अस्थि वेउब्वियं, एवं जाव कम्मगसरीरं, एवं सोइंदियं जाव फासिदियं, एवं मणजोगं वइजोगं कायजोगं जस्स जं अस्थि तं भाणियव्वं, एए एगत्तपुहुत्तेणं छन्वीसं दंडगा // 561 // कइविहे गं भंते ! Page #862 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 17 उ. 2 8 49 भावे पण्णत्ते ? गोयमा ! छविहे भावे प०, तं०-उदइए उवसमिए जाव सण्णिवाइए / से कि तं उदइए भावे ? उदइए भावे दुविहे पण्णत्ते, तंजहाउदए य उदयणिप्पण्णे य, एवं एएणं अभिलावेणं जहा अणुओगदारे छण्णामं तहेव गिरवसेसं भाणियव्वं जाव से तं सण्णिवाइए भावे / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 592 // सत्तरसमं सयं बीओ उद्देसो ___ से पूर्ण भंते ! संजयविरयपडिहयपच्चक्खायपावकम्मे धम्मे ठिए, असंजयअविरयअपडिहयपच्चक्खायपावकम्मे अहम्मे ठिए, संजयासंजए धम्माधम्मे ठिए ? हंता गोयमा ! संजयविरय जाव धम्माधम्मे ठिए। एएसि गं भंते ! धम्मसि वा अहम्मंसि वा धम्माधम्मंसि वा चक्किया केइ आसइत्तए वा जाव तुयट्रित्तए वा ? गोयमा ! णो इणठे समठे / से केणं खाइ अढेणं भंते ! एवं वच्चइ जाव धम्माधम्मे ठिए ? गोयमा ! संजयविरय जाव पावकम्मे धम्मे ठिए धम्म चेव उवसंपज्जित्ताणं विहरइ, असंजय जाव पावकम्मे अहम्मे ठिए अहम्मं चेव उवसंपज्जित्ताणं विहरइ, संजयासंजए धम्माधम्मे ठिए धम्मा. धम्म उवसंपज्जित्ताणं विहरइ, से तेणठेणं जाव धम्माधम्मे ठिए / जीवा गं भंते ! कि धम्मे ठिया अहम्मे ठिया धम्माधम्मे ठिया ? गोयमा ! जीवा धम्मेवि ठिया अहम्मेवि ठिया धम्माधम्मेवि ठिया / णेरइयाणं भंते ! पुच्छा, गोयमा ! णेरइया णी धम्मे ठिया, अहम्मे ठिया, णो धम्माधम्मे ठिया, एवं जाव चरिदियाणं / पंचिदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा, गोयमा ! चिदिय. तिरिक्खजोणिया णो धम्मे ठिया, अहम्मे ठिया, धम्माधम्मेवि ठिया, मणस्सा जहा जीवा, वाणमंतर-जोइसिय-वेमाणिया जहा गैरइया // 563 // अण्णउत्थिया णं भंते ! एवमाइक्खंति जाव परूवेंति-एवं खलु समणा पंडिया समणोवासया बालपंडिया, जस्स णं एगपाणाएवि दंडे अणिक्खित्ते से गं एगंतबालेत्ति वत्तव्वं सिया / से कहमेयं भंते ! एवं ? गोयमा ! जण्णं ते अण्ण उत्थिया एवमाइक्खंति जाव वत्तव्वं सिया, जे ते एवमाहंसु मिच्छं ते एवमाहंसु, अहं पुण गोयमा ! एवमाइक्खामि जाव परूवेमि-एवं खलु समणा पंडिया, समणोवासया बालपंडिया, जस्स णं एगपाणाएवि दंडे णिक्खित्ते से णं णो एगंतबालेत्ति वत्तव्वं सिया। जीवा णं भंते ! कि बाला पंडिया बालपंडिया ? Page #863 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 850 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि गोयमा ! जीवा बालावि पंडियावि बालपंडियावि। रइयाणं पुच्छा, गोयमा ! णेरइया बाला णो पंडिया णो बालपंडिया, एवं जाव चरिंदिया। चिदियतिरि. क्खजोणियाणं पुच्छा, गोयमा! पंचिदियतिरिक्ख जोणिया बाला णोपंडिया बालपंडियावि, मणुस्सा जहा जीवा, वाणमंतरजोइसियवेमाणिया जहा णेरइया॥५६४। अण्णउत्थिया णं भंते! एवमाइक्खंति जाव परूवेंति-एवं खलु पाणाइवाए मुसावाए जाव मिच्छादसणसल्ले वट्टमाणस्स अण्णे जीवे अण्णे जीवाया, पाणाइवायवेरमणे जाव परिग्गहवेरमणे कोहविवेगे जाव मिच्छादसणसल्लविवेगे वट्टमाणस्स अण्णे जीवे अण्णे जीवाया, उप्पत्तियाए जाव पारिणामियाए वट्टमाणस्स अण्णे जीवे अण्णे जीवाया, उग्गहे ईहा अवाए धारणाए वट्टमाणस्स जाव जीवाया, उट्ठाणे जाव परक्कमे वट्टमाणस्स जाव'जीवाया, णेरइयत्ते तिरिक्खमणुस्सदेवेत्ते वट्ट. माणस्स जाव जीवाया, णाणावरणिज्जे जाव' अंतराइए वट्टमाणस्स जाव जीवाया, एवं कण्हलेस्साए जाव सुक्कलेस्साए, सम्मदिट्ठीए 3, एवं चक्खुदसणे 4, आभिणिबोहियणाणे 5, मइअण्णाणे 3, आहारसण्णाए 4, एवं ओरा. लियसरीरे 5, एवं मणजोए 3, सागारोवओगे अणागारोवओगे वट्टमाणस्स अण्णे जीवे अण्णे जीवाया / से कहमेयं भंते ! एवं ? गोयमा! जण्णं ते अण्णउत्थिया एवमाइक्खंति जाव मिच्छं ते एवमाहंसु, अहं पुण गोयमा! एवमाइ. क्खामि जाव परूवेमि-एवं खलु पाणाइवाए जाव मिच्छादसणसल्ले वट्टमाणस्स सच्चेव जीवे सच्चेव जीवाया जाव अणागारोवओगे वट्टमाणस्स सच्चेव जीवे सच्चेव जीवाया // 565 // देवे णं भंते ! महिडिए जाव महेसक्खे पुवामेव रूवी भवित्ता पभू अवि विउवित्ताणं चिट्ठित्तए ? णो इणठे समठे / से केण?णं भंते ! एवं वुच्चइ-देवे गं जाव णो पभू अरूवि विउवित्ताणं चिट्ठित्तए ? गोयमा ! अहमेयं जाणामि, अहमेयं पासामि, अहमेयं बुज्झामि, अहमेयं अभिसमण्णागच्छामि, मए एयं णायं, मए एयं दिठें, मम एयं बुद्धं, मए एयं अभिसमण्णागयं-जणं तहागयस्स जीवस्स सरूविस्स सकम्मस्स सरागस्स सवेयस्स समोहस्स सलेसस्सप्स सरीरस्स ताओ सरीराओ अविप्पमुक्कस्स एवं पण्णायइ, तंजहा-कालत्ते वा जाव सुविकल्लत्ते वा, सुन्भिगंधत्ते वा दुब्भिगंधत्ते वा, तित्तत्ते वा जाव महुरत्ते वा, कक्खडत्ते वा जाव लक्खत्ते वा, से तेणढेणं गोयमा ! जाव चिद्वित्तए / सच्चेव णं भंते ! से जीवे पुव्वामेव अरूवी भवित्ता पभू रूवि Page #864 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 17 उ. 3 851 विउव्वित्ताणं चिट्ठित्तए ? णो इणठे समठे / से केण?णं जाव चिट्ठित्तए ? गोयमा ! अहमेयं जाणामि जाव जणं तहागयस्स जीवस्स अरूविस्स अकम्मस्स अरागस्स अवेयस्स अमोहस्स अलेसस्स असरीरस्स ताओ सरीराओ विप्पमुक्कस्स णो एवं पण्णायइ, तं०-कालत्ते वा जाव लुक्खत्ते वा, से तेणट्ठणं जाव चिट्ठित्तए वा / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 566 // सत्तरसमं सयं तइओ उद्देसो सेलेसि पडिवण्णए णं भंते ! अणगारे सया समियं एयइ वेयइ जाव तं तं भावं परिणमइ ? णो इणठे समठे, णण्णत्थेगेणं परप्पओगेणं / कइविहा णं भंते ! एयणा प० ? गोयमा ! पंचविहा एयणा प०, तंजहा-दव्वेयणा खेत्ते. यणा कालेयणा भवेयणा भावेयणा / दवेयणा णं भंते ! कइविहा प. ? गोयमा ! चउव्विहा प०, तंजहा-णेरइयदव्वेयणा, तिरिक्खदब्वेयणा, मणस्सदव्वेयणा, देवदन्वेयणा / से केणठेणं भंते ! एवं वच्चइ-णेरइयदव्वेयणा 2? गोयमा ! जणं णेरइया र इयदव्वे वट्टिसुवा वटुंति वा वट्टिस्संति वा ते गं तत्थ रइया णेरइयदव्वे वट्टमाणा णेरइयदव्वेयणं एइंसु वा एयंति वा एइस्संति वा, से तेणठेणं जाव दवेयणा / से केणणं भंते ! एवं वच्चइ-तिरिक्ख. जोणियदवेयणा 2 ? एवं चेव, णवरं तिरिक्खजोणियदव्वे० भाणियवं, सेसं तं चेव, एवं जाव देवदव्वेयणा / खेतेयणा णं भंते ! कइविहा प० ? गोयमा ! चउव्विहा प०, तं०-रइयखेत्तयणाजाव देवखेत्तयणा / से केणठेणं भंते ! एवं बच्चइ णेरइयखेत्तेयणा 2? एवं चेव, णवरंणेरइयखेत्तेयणा भाणियव्वा, एवं जाव देवखेत्तेयणा, एवं कालेयणावि, एवं भवेयणावि, एवं भावेयणा वि, एवं जाव देवभावेयणा॥५६७॥ कइविहा णं भंते ! चलणा प०? गोयमा! तिविहा चलणा 50, तं०-सरीरचलणा इंदियचलणा जोगचलणा। सरीरचलणा गं भंतें ! कइ. विहा प० ? गोयमा ! पंचविहा प०, तं०-ओरालियसरीरचलणा जाव कम्मग. सरीरचलणा / इंदियचलणा णं भंते ! कइविहा प० ? गोयमा ! पंचविहा प०, तंजहा-सोइंदियचलणा जाव फासिदियचलणा। जोगचलणा णं भंते ! कइविहा 50.? गोयमा ! तिविहा प०, तं०-मणजोगचलणा वइजोगचलणा कायजोगचलणा / से केणंठेणं भंते ! एवं वुच्चइ-ओरालियसरीरचलणा 2? गोयमा! जं णं जीवा ओरालियसरीरे वट्टमाणा ओरालियसरीरप्पाओगाई दव्वाइं ओरा. Page #865 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 852 अंग-पविटु सुत्ताणि लियसरीरत्ताए परिणामेमाणा ओरालियसरीरचलणं चलिसु वा चलंति वा चलिस्संति वा से तेणठेणं जाव ओरालियसरीरचलणा 2 / से केणठेणं भंते ! एवं वच्चइ वे उब्वियसरीरचलणा 2 ?एवं चेव, णवरं वेउब्वियसरीरे वट्टमाणा एवं जाव कम्मगसरीरचलणा / से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ सोइंदियचलणा 2 ? गोयमा ! जणं जीवा सोइंदिए वट्टमाणा सोइंदियप्पाओगाई दवाई सोइंदियत्ताए परिणामेमाणा सोइंदियचलणं चलिसु वा चलंति वा चलिस्संति वा से तेणढेणं जाव सोइंदियचलणा 2, एवं जाव फासिदिय चलणा, से केण. ठेणं भंते ! एवं वच्चइ मणजोगचलणा 2 ? गोयमा ! जण्णं जीवा मणजोए वमाणा मणजोगप्पाओगाई दव्वाई मणजोगत्ताए परिणामेमाणा मणजोगचलणं चलिसु वा चलंति वा चलिस्संति वा से तेणठेणं जाव मणजोगचलगा 2 एवं वइजोगचलणावि, एवं कायजोगचलणावि // 598 // अह भंते ! संवेगे णिव्वेए गुरुसाहम्मियसुस्सूसणया आलोयणया णिदणया गरहणया खमावणया सुयसहायया विउसमणया भावे अप्पडिबद्धया विणिवट्टणया विवित्तसयणासण. सेवणया सोइंदियसंवरे जाव फासिदियसंवरे जोगपच्चक्खाणे सरीरपच्चक्खाणे कसायपच्चक्खाणे संभोगपच्चक्खाणे उवहिपच्चक्खाणे भत्तपच्चक्खाणे खमा विरागया भावसच्चे जोगसच्चे करणसच्चे मणसमण्णाहरणया वइसमण्णाहरणया कायसमग्णाहरणया कोहविवेगे जाव मिच्छादसणसल्लविवेगे णाणसंपण्णया दसणसंपण्णया चरित्तसंपण्णया वेयणअहियासणया मारणंतियअहियासणया एए णं भंते ! पया किपज्जवसाणफला पण्णता ? समणाउसो ! गोयमा ! संवेगे णिवेए जाव मारणंतियअहियासणया एए णं सिद्धिपज्जवसाणफला प० समणाउसो ! सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति जाव विहरइ // 566 / / सत्तरसमं सयं च उत्थो उद्देसो तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे णयरे जाव एवं वयासी-अस्थि णं भंते ! जीवाणं पाणाइवाएणं किरिया कज्जइ ? हंता अस्थि / सा भंते ! कि पुट्ठा कज्जइ अपुट्ठा कज्जइ ? गोयमा ! पुट्ठा कज्जइ णो अपुट्ठा कज्जइ, एवं जहा पढ मसए छठ्ठद्देसए जाव णो अणाणुपुस्विकडात्ति वत्तव्वं सिया, एवं जाव वेमाणियाणं, णवरं जीवाणं एगिदियाण य णिव्वाघाएणं छदिसि वाघायं पडुच्च सिय तिदिसि सिय च उदिस सिय पंचदिसि सेसाणं णियमं छद्दिसि / अस्थि णं भंते ! Page #866 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 17 उ.५ 853 जीवाणं मुसावाएणं किरिया कज्जइ? हंता अस्थि / सा भंते! किं पुट्ठा कज्जइ अपुट्ठा कज्जइ ? जहा पाणाइवाएणं दंडओ एवं मुसावाएणवि, एवं अदिण्णादाणेणवि मेहुणेणवि परिग्गहेणवि, एवं एए पंच दंडगा 5 / जं समयण्णं भंते ! जीवाणं पाणाइवाएणं किरिया कज्जइ सा भंते ! किं पुट्टा कज्जइ अपुट्ठा कज्जइ ? एवं तहेव जाव वत्तव्वं सिया जाव वेमाणियाणं, एवं जाव परिग्गहेणं, एवं एएवि पंच दंडगा 10 / जं देसेणं भंते ! जीवाणं पाणाइवाएणं किरिया कज्जइ? एवं चेव जाव परिग्गहेणं, एए वि पंच दंडगा 15 / जं पएसं णं भंते ! जीवाणं पाणाइवाएणं किरिया कज्जइ सा भंते ! कि पुट्टा कज्जइ एवं तहेव दण्डओ, एवं जाव परिग्गहेणं 20 एवं एए वीसं दंडगा // 600 // जीवाणं भंते ! कि अत्तकडे दुक्खे, परकडे दुक्खे, तदुभयकडे दुक्खे ? गोयमा ! अत्तकडे दुक्खे, णो परकडे दुक्खे, णो तदुभयकडे दुक्खे, एवं जाव वेमाणियाणं। जीवा णं भंते ! कि अत्तकडं दुक्खं वेदेति, परंकडं दुक्खं वेदेति, तदुभयकडं दुक्खं वेदेति ? गोयमा ! अत्तकडं दुक्खं वेदेति, णो परकडं दुक्खं वेदेति, णो तदुभयकडं दुक्खं वेदेति, एवं जाव वेमाणियाणं / जीवाणं भंते ! कि अत्तकडा वेयणा, परकडा वेयणा, तदुभयकडा वेयणा ? गोयमा ! अत्तकडा वेयणा, णो परकडा वेयणा, णो तदुभयकडा वेयणा, एवं जाव वेमाणियाणं / जीवा णं भंते ! कि अत्तकडं वेयणं वेदेति, परंकडं वेयर्ण वेदेति, तभयकडं वेयणं वेदेति ? गोयमा ! जीवा अत्तकडं वेयणं वेदेति, णो परकडं वेयणं वेदेति, णो तदुभयकडं वेयणं वेदेति, एवं जाव वेमाणियाणं / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 601 // सत्तरसमं सयं पंचमो उद्देसो - कहि णं भंते ! ईसाणस्स देविदस्स देवरग्णो सभा सुहम्मा पण्णत्ता ? गोयमा ! जंबुद्दीवे 2 मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरेणं इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए बहुसमरमणिज्जाओ भूमिभागाओ उड्ढं चंदिमसूरिय० जहा ठाणपए जाव मज्झे ईसाणवडिसए महाविमाणे से गं ईसाणडिसए महाविमाणे अद्धतेरस. जोयणसयसहस्साइं० एवं जहा वसमसए सक्कविमाणवत्तव्वया सा इहवि ईसा. णस्स णिरवसेसा भाणियव्वा जाव आयरक्खत्ति, ठिई साइरेगाइं दो सागरोव. माई, सेसं तं चेव जाव ईसाणे देविदे देवराया 2 / सेवं भंते ! 2 त्ति // 602 // Page #867 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 854 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि सत्तरसमं सयं 6-17 उद्देसा पुढविक्काइए णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए समोहए 2 ता जे भविए सोहम्मे कप्पे पुढ विक्काइयत्ताए उववज्जितए से णं भंते ! कि पुव्वि उववज्जित्ता पच्छा संपाउणेज्जा, पुव्वि वा संपाउणित्ता पच्छा उवज्जेज्जा ? गोयमा ! पुब्वि वा उववज्जित्ता पच्छा संपाउणेज्जा, पुटिव वा संपाउणित्ता पच्छा उव वज्जेज्जा / से केणट्ठणं जाव पच्छा उववज्जेज्जा ? गोयमा ! पुढविक्काइ. याणं तओ समुग्धाया प०, तं०-वेयणासमुग्घाए कसायसमुग्घाए मारणंतियसमग्घाए, मारणंतियसमग्घाएणं समोहणमाणे देसेणं वा समोहणइ सम्वेण वा समोहणइ, देसेणं समोहणमाणे पुवि संपाउणित्ता पच्छा उववज्जिज्जा, सव्वेणं समोहणमाणे पुष्वि उववज्जित्ता पच्छा संपाउणेज्जा, से तेणठेणं जाव उववज्जेज्जा / पुढविक्काइए णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए जाव समो. हए 2 ता जे भविए ईसाणे कप्पे पुढवि० एवं चेव ईसाणेवि, एवं जाव अच्चुय. गेविज्जविमाणे, अणुत्तरविमाणे ईसिप्पन्भाराए य एवं चेव / पुढ विक्काइए णं भंते ! सक्करप्पभाए पुढवीए समोहए 2 ता जे भविए सोहम्मे कप्पे पुढवि० एवं जहा रयणप्पभाए पुढविक्काइओ उववाइओ एवं सक्करप्पभाएवि पुढविक्काइओ उववाएयत्वो जाव ईसिप्पन्भाराए, एवं जहा रयणप्पभाए वत्तव्वया भणिया एवं जाव अहे सत्तमाए समोहए ईसिप्पन्भाराए उववाएयवो सेसं तं चेव / सेवं भंते ! 2 त्ति 17.6 // 603 / / पुढविक्काइए णं भंते ! सोहम्मे कप्पे समो. हए समोहणित्ता जे भविए इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए पुढविक्काइयत्ताए उव. वज्जित्तए से णं भंते ! कि पुवि० सेसं तं चेव जहा रयणप्पभाए पुढविकाइओ सव्वकप्पेसु जाव ईसिप्पन्भाराए ताव उववाइओ एवं सोहम्मपुढविकाइओवि सत्तसुवि पुढवीसु उववाएयव्वो जाव अहे सत्तमाए, एवं जहा सोहम्मपुढविका. इओ सव्वपुढवीसु उववाइओ एवं जाव ईसिप्पडभारापुढविकाइओ सव्वपुढवीसु उववाएयत्वो जाव अहे सत्तमाए / सेवं भंते ! 2 त्ति 17.7 // 604 // आउ. क्काइए णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए समोहए 2 ता जे भविए सोहम्मे कप्पे आउकाइयत्ताए उववज्जित्तए एवं जहा पुढविक्काइओ तहा आउकाइओवि सव्वकप्पेसु जाव ईसिप्पन्भाराए तहेव उववाएयवो, एवं जहा रय Page #868 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 17 उ.९-१५ 855 णप्पमाआउकाइओ उववाइओ तहा जाव अहेसत्तमापुढविआउ काइओ उव. वाएयव्वो जाव ईसिप्पन्भाराए। सेवं भंते ! २त्ति 17.8 // 605 // आउक्काइए णं भंते ! सोहम्मे कप्पे समोहए समोहणित्ता जे भविए इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए घणोदहिवलएसु आउकाइयत्ताए उववज्जित्तए से णं भंते ! सेसं तं चेव एवं जाव अहे सत्तमाए जहा सोहम्मआउक्काइओ एवं जाव ईसिप्पन्भाराआउक्काइओ जाव अहे सत्तमाए उववाएयव्वो / सेवं भंते ! 2 त्ति (17-6) // 606 // वाउक्काइए णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए जाव जे भविए सोहम्मे कप्पे वाउक्काइयत्ताए उववज्जित्तए से णं जहा पुढविक्काइओ तहा वाउक्काइओवि णवरं वाउक्काइयाणं चत्तारि समग्घाया प०, तं०-वेयणासमु. ग्घाए जाव वेउब्वियसमुग्याए, मारणंतियसमुग्धाएणं समोहणमाणे देसेण वा समो० सेसं तं चेव जाव अहे सत्तमाए समोहओ ईसिप्पन्भाराए उववाएयव्वो। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति (17-10) // 607 // वाउक्काइए णं भंते ! सोहम्मे कप्पे समोहए 2 ता जे भविए इमीसे रयणप्पमाए पुढवीए घणवाए तणुवाए घणवाय. वलएसु तणुवायवलएसु वाउक्काइयत्ताएं उववज्जित्तए से गं भंते ! सेसं तं चेव एवं जहा सोहम्मे वाउक्काइओ सत्तसुवि पुढवीसु उववाइओ एवं जाव ईसिप्पन्भाराए वाउक्काइओ अहे सत्तमाए जाव उववाएयन्वो। सेवं भंते ! 2 त्ति (17-11) // 608 // एगिदिया णं भंते ! सव्वे समाहारा सव्वे समसरीरा एवं जहां पढमसए बिइयउद्देसए पुढविक्काइयाणं वत्तव्वया भणिया सा चेव एगिदियाणं इह भाणियव्वा जाव समाउया समोववण्णगा। एगिदियाणं भंते ! कइ लेस्साओ प० ? गोयमा ! चत्तारि लेस्साओ प०, तं०-कण्हलेस्सा जाव तेउलेस्सा / एएसि गं भंते ! एगिदियाणं कण्हलेस्साणं जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा एगिदियाणं तेउलेस्सा, काउलेस्सा. अगंतगुणा, णीललेस्सा विसेसाहिया, कण्हलेस्सा विसेसाहिया। एएसि णं भंते ! एगिदियाणं कण्हलेस्सा इड्ढी जहेव दीवकुमाराणं / सेवं भंते ! 2 त्ति (17-12) // 606 // णागकुमारा गं भंते ! सव्वे समाहारा जहा सोलसमसए दीवकुमा. रुदेसए तहेव णिरवसेसं भाणियध्वं जाव इड्ढीति / सेवं भंते ! 2 त्ति जाव विहरइ (17-13) // 610 // सुवण्णकुमारा गं भंते ! सवे समाहारा० एवं चेव / सेवं भंते ! 2 त्ति (17-14) // 611 // विज्जुकुमारा णं भंते ! सम्वे समाहारा० एवं चेव / सेवं भंते ! 2 त्ति (17-15) // 612 // वाउ Page #869 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 856 अंग-पविट्ट सुत्ताणि कुमारा गं भंते ! सवे समाहारा० एवं चेव / सेवं भंते ! 2 त्ति (17-16) // 613 // अग्गिकुमारा गं भंते ! सव्वे समाहारा० एवं चेव / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति (17-17 ) // 614 // सत्तरसमं सयं समत्तं // अद्वारसमं सयं पढमो उद्देसो॥ पढमे 1 विसाह 2 मायंदिए य 3 पाणाइवाय 4 असुरे य 5 / गुल 6 केवलि 7 अणगारे 8 भविए ह तह सोमिलटारसे 10 // 1 // तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे जाव एवं वयासी-जीवे णं भंते ! जीवभावेणं कि पढमे अपढमे ? गोयमा ! णो पढमे अपढमे, एवं रइए जाव वेमाणिए / सिद्धे णं भंते ! सिद्ध भावेणं कि पढमे अपढमे ? गोयमा ! पढमे णो अपढमे / जीवा णं भंते ! जीवभावेणं किं पढमा अपढमा ? गोयमा ! णो पढमा अपढमा, एवं जाव वेमाणिए 1 / सिद्धाणं पृच्छा, गोयमा ! पढमा णो अपढमा। आहारए णं भंते ! जीवे आहारभावेणं कि पढमे अपढमे ? गोयमा ! णो पढमे अपढमे, एवं जाव वेमाणिए, पोहत्तिए एवं चेव / अणाहारए णं भंते ! जीवे अणाहारभावेणं पुच्छा, गोयमा ! सिय पढमे सिय अपढमे / णेरइए णं भंते० ! एवं गैरइए जाव वेमाणिए णो पढमे अपढमे, सिद्धे पढमे णो अपढमे / अणाहारगा णं भंते ! जीवा अणाहारभावेणं पुच्छा, गोयमा ! पढमावि अपढ. मावि, णेरइया जाव वेमाणिया णो पढमा अपढमा, सिद्धा पढमा णो अपढमा, एक्केक्के पुच्छा भाणियव्वा 2 / भवसिद्धिए एगत्तपुहुत्तेणं जहा आराहए, एवं अभवसिद्धिएवि, णोभवसिद्धियणोअभवसिद्धिए णं भंते ! जीवे णोभव० पुच्छा, गोयमा ! पढमे णो अपढमे, णोभवसिद्धिय-णोअभवसिद्धिए णं भते ! सिद्धा णोभ० अभव०, एवं चेव पुत्तेणवि दोण्हवि / सण्णी गं भंते ! जीवे सण्णिभावेणं कि पढमे पुच्छा, गोयमा ! णो पढमे अपढमे, एवं विलि. दियवज्जं जाव वेमाणिए, एवं पुत्तेणवि 3 / असण्णी एवं चेव एगत्तपुहुत्तेणं णवरं जाव वाणमंतरा, गोसण्णीणोअसण्णी जीवे मणुस्से सिद्धे पढमे णो अपढमे, एवं पुहुत्तेणवि 4 / सलेस्से णं भंते ! पुच्छा, गोयमा ! जहा आहारए एवं पुहुत्तेणवि, कण्हलेस्सा जाव सुक्कलेस्सा एवं चेव णवरं जस्स जा लेस्सा अस्थि / अलेस्से णं जीवमणुस्ससिद्धे जहा गोसण्णीणोअसण्णी Page #870 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 18 उ. 1 857 5 / सम्मदिदिए गं भंते ! जीवे सम्मदिट्ठिभावेणं किं पढमे पुच्छा, गोयमा ! सिय पढमे सिय अपढमे, एवं एगिदियवज्जं जाव वेमाणिए, सिद्धे पढमे णो .अपढमे, पुहुत्तिया जीवा पढमावि अपढ मावि, एवं जाव वेमाणिया, सिद्धा पढमा णो अपढमा, मिच्छादिट्ठिए एगत्तपुहुत्तेणं जहा आहारगा, सम्मामिच्छा. दिट्ठि एगत्तपुहुत्तेणं जहा सम्मदिट्ठी, णवरं जस्स अत्थि सम्मामिच्छत्तं 6 / संजए जीवे मणुस्से य एगत्तपुहुत्तेणं जहा सम्मदिट्ठी, असंजए जहा आहारए, संजयासंजए जीवे पंचिदियतिरिक्खजोणियमणुस्सा एगत्तपुहुत्तेणं जहा सम्म. दिट्ठी, गोसंजएणोअसंजएणोसंजयासंजए जोवे सिद्ध य एगत्तपुहुत्तेणं पढमे णो अपढमे 7 / सकसाई कोहकसाई जाव लोभकसाई एए एगत्तपुहुत्तेणं जहा आहारए, अकसाई जीवे सिय पडमे सिय अपढमे, एवं मणस्सेवि, सिद्धे पढमे णो अपढमे, पुहुत्तेणं जीवा मणुस्सा पढमावि अपढमावि, सिद्धा पढमा णो अप. ढमा 8 / णाणी एगत्तपुहत्तेणं जहा सम्मदिट्ठी, आभिणिबोहियणाणी जाव मणपज्जवणाणी एगत्तपुहुत्तेणं एव चेव, णवरं जस्स जं अत्थि, केवलणाणी जीवे मणुस्से सिद्ध य एगत्तपुहत्तेणं पढमा णो अपढमा। अण्णाणी मइअण्णाणी सुय. अण्णाणी विभंगणाणी एगत्तपुहुत्तेणं जहा आहारए 6 / सजोगी मणजोगी वइ. जोगी कायजोगी एगत्तपुडुत्तेणं जहा आहारए, णवरं जस्स जो जोगो अस्थि, अजोगी जीवमणुस्ससिद्धा एगत्तपुहुत्तेणं पढमा णो अपढमा 10 / सागारोवउत्ता अणागारोवउत्ता एगत्तपुहुत्तेणं जहा अणाहारए 11 / सवेदगो जाव णपुंसगवेदगो एगत्तपुहत्तेणं जहा आहारए णवरं जस्स जो वेदो अस्थि, अवेदओ एगत्तपहत्तेणं तिसुवि पएसु जहा अकसाई 12 / ससरीरी जहा आहारए, एवं जाव कम्मग. सरीरी जस्स जं अस्थि सरीरं, णवरं आहारगसरीरी एगत्तपुहुत्तेणं जहा सम्म. विट्ठी, असरोरी जीवो सिद्धो एगत्तपुहुत्तेणं पढमो णो अपढमो 13 / पंचहि पज्जत्तीहिं पंचहिं अपज्जत्तीहिं एगत्तपुहुत्तेणं जहा आहारए, णवरं जस्स जा अत्थि जाव वेमाणियां जो पढमा अपढमा 14 / इमा लक्खणगाहा-जो जेण पत्तपुव्वो भावो सो तेण अपढमो होइ / सेसेसु होइ पढमो अपत्तपुव्वेसु भावेसु // 1 // जीवे गं भंते ! जीवभावेणं कि चरिमे अचरिमे ? गोयमा ! णो चरिमे अचरिमे / गैरइए गं भंते ! गैरइयभावेणं पुच्छा, गोयमा ! सिय चरिमे सिय अचरिमे, एवं जाव वेमाणिए, सिद्धे जहा जीवे / जीवाणं पुच्छा, Page #871 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 858 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि गोयमा ! जीवा णो चरिमा अचरिमा, णेरइया चरिमावि अचरिमावि, एवं जाव वेमाणिया, सिद्धा जहा जीवा / आहारए सव्वत्थ एगतेणं सिय चरिमे सिय अचरिमे, पुहत्तेणं चरिमावि अचरिमावि, अणाहारओ जीवो सिद्धो य एगत्तेणवि पहुत्तेणवि णो चरिमो अचरिमो, सेसट्ठाणेसु एगत्तपुहुत्तेणं जहा आहारओ 2 / भवसिद्धीओ जीवपए एगत्तपुहुत्तेणं चरिमे णो अचरिमे, सेसटाणेसु जहा आहारओ / अभवसिद्धीओ सम्वत्थ एगत्तपुहुत्तेणं णो चरिमे अचरिमे, णोभवसिद्धीय णोअभवसिद्धीय जीवा सिद्धा य एगत्तपुह तेणं जहा अभवसिद्धीओ 3 / सण्णी जहा आहारओ, एवं असण्णीवि, णोसण्णीणोअसण्णी जीवपए सिद्ध. पए य अचरिमो, मणुस्सपए चरिमो एगत्तपुहुत्तेणं 4 / सलेस्सो जाव सुक्क लेस्सो जहा आहारओ णवरं जस्स जा अत्थि, अलेस्सो जहा णोसण्णीअसण्णी 5 / सम्मदिट्ठी जहा अणाहारओ, मिच्छादिट्ठी जहा आहारओ, सम्मामिच्छा. दिट्ठी एगिदियविलिदियवज्जं सिय चरिमे सिय अचरिमे, प्रहत्तेणं चरिमावि अचरिमावि 6 / संजओ जीवो मणुस्सो य जहा आहारओ, असंजओवि तहेव, संजयासंजओवि तहेव, णवरं जस्स जं अस्थि, णोसंजयणोअसंजयणोसंजयासंजय जहा णोभवसिद्धीयणोअभवसिद्धीओ 7 / 'सकसाई जाव लोभकसाई सव्वट्ठाणेसु जहा आहारओ, अकसाई जीवपए सिद्धपए य णो चरिमो अचरिमो, मणुस्सपए सिय चरिमो सिय अचरिमो 8 / णाणी जहा सम्मदिट्ठी सव्वत्थ आभिणिबोहियणाणी जाव मणपज्जवणाणी जहा आहारओ णवरं जस्स जं अस्थि, केवलणाणी जहा णोसण्णीणोअसण्णी, अण्णाणी जाव विभंगणाणी जहा आहारओ है / सजोगी जाव कायजोगी जहा आहारओ जस्स जो जोगो अस्थि, अजोगी जहा णोसण्णीणोअसण्णी 10 / सागारोवउत्तो अणागारोवउत्तो य जहा अणाहारओ 11 / सवेदओ जाव णपुंसगवेदओ जहा आहारओ, अवेदओ जहा अकसाई 12 / ससरीरी जाव कम्मगसरीरी जहा आहारओ णवरं जस्स जं अस्थि,असरीरी जहा णोभवसिद्धीयणोअभवसिद्धीय१३। पंचहि पज्जत्तीहि पंचहि अपज्जत्तीहिं जहा आहारओ सव्वत्थ एगत्तपुहत्तेणं दंडगा भाणियव्वा 14 / इमा लक्खणगाहा जो जं पाविहिइ पुणो भावं सो तेण अचरिमो होइ / अच्चंत. विओगो जस्स जेण भावेण सो चरिमो // 1 // सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति जाव विहरइ // 615 // Page #872 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 18 उ. 2 859 __ अद्वारसमं सयं बीओ उद्देसो तेणं कालेणं तेणं समएणं विसाहा णामं णयरी होत्था वण्णओ, बहुपुत्तिए चेहए वण्णओ, सामी समोसढे जाव पज्जुवासइ / तेणं कालेणं तेणं समएणं सक्के देविदे देवराया वज्जपाणी पुरंदरे एवं जहा सोलसमसए बिइयउद्देसए तहेव दिव्वेणं जाणविमाणेणं आगओ णवरं एत्थ आभिओगावि अत्थि जाव बत्तीसइविहं णट्टविहिं उवदंसेइ 2 ता जाव पडिगए / भंते ! त्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं जाव एवं वयासी-जहा तइयसए ईसाणस्स तहेव कूडागारदिळंतो तहेव पुत्वभवपुच्छा जाव अभिसमण्णागया ? गोयमादि ! समणे भगवं महावीरे भगवं गोयमं एवं वयासी-एवं खलु गोयमा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जंबुद्दीवे 2 भारहे वासे हत्थिणाउरे णामं णयरे होत्था वण्णओ, सहसंबवणे उज्जाणे वण्णओ, तत्थ णं हस्थिणाउरे णयरे कत्तिए णाम सेट्ठी परिवसइ अड्ढे जाव अपरिभूए णेगमपढमासणिए णेगमट्ठसहस्स. स्स बहुसु कज्जेसु य कारणेसु य कोडंबेसु य एवं जहा रायप्पसेणइज्जे चित्ते जाव चक्खुभूए णेगमटुंसहस्सस्स सयस्स य कुडुंबस्स आहेबच्चं जाव कारेमाणे पालेमाणे य समणोवासए अभिगयजीवाजीवे जाव विहरइ / तेणं कालेणं तेणं समएणं मुणिसुव्वए अरहा आइगरे जहा सोलसमसए तहेव जाव समोसढे जाव परिसा पज्जवासइ / तए णं से कत्तिए सेट्ठी इमीसे कहाए लद्धठे समाणे हट्टतुट्ठ० एवं जहा एक्कारसमसए सुदंसणे तहेव णिग्गओ जाव पज्जुवासइ / तए णं मुणिसुव्वए अरहा कत्तियस्स सेट्ठिस्स धम्मकहा जाव परिसा पडिगया। तए णं से कत्तिए सेट्ठी मणिसुव्वयस्स जाव णिसम्म हद्वतुट्ठ० उदाए उठेइ उ० 2 ता मुणिसुव्वयं जाव एवं वयासी-एवमेयं भंते ! जाव से जहेयं तुझे वदह जं णवरं देवाणुप्पिया ! गमट्ठसहस्सं आपुच्छामि जेट्टपुत्तं च कुटुंबे ठावेमि, तए णं अहं देवाणप्पियाणं अंतियं पव्वयामि, अहासुहं जाव मा पडिबंधं / तए णं से कत्तिए सेट्ठी जाव पडिणिक्खमइ 2 ता जेणेव हत्थि. णापुरे णयरे जेणेव सए गेहे तेणेव उवागच्छइ 2 ता गमट्ठसहस्सं सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-एवं खल देवाणप्पिया ! मए मणिसुब्वयस्स अरहओ . अंतियं धम्मे णिसंते सेवि य मे धम्मे इच्छिए पडिच्छिए अभिरुइए, तए णं अहं देवाणुप्पिया ! संसारभयउद्विग्गे जाव पव्वयामि, तं तुझे णं देवा. Page #873 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 860 अंग-पविट सुत्ताणि णुप्पिया ! कि करेह किं ववसह कि भे हियइच्छिए कि भे सामत्थे ? तए णं तं णेगमट्ठसहस्संपि तं कत्तियं सेटुिं एवं वयासी-जइ णं देवाणुप्पिया ! संसार. भयउद्विग्गा भीया जाव पव्वइस्संति अम्हं देवाणुप्पिया ! किं अण्णे आलंबणे वा आहारे वा पडिबंधे वा ? अम्हेवि गं देवाणु प्पिया ! संसारभयउन्विग्गा भीया जम्मणमरणाणं देवाणुप्पिएहिं सद्धि मुणिसुव्वयस्स अरहओ अंतियं मुंडा भवित्ता अगाराओ जाव पन्वयामो। तए णं से कत्तिए सेट्ठी तं णेंगमट्ठसहस्सं एवं वयासी-जइ गं देवाणुप्पिया ! संसारभयउव्विग्गा भीया जम्मणमरणाणं मए सद्धि मुणिसुव्वय० जाव पव्वयह तं गच्छह णं तुझे देवाणुप्पिया ! सएसु गिहेसु विउलं असणं जाव उवक्खडाघेह मित्तणाइ जाव पुरओ जेट्टपुत्ते कुडुंबे ठावेह जेट्ट० 2 ता तं मित्तणाइ जाव जेट्टपुते आपुच्छह 2 ता पुरिससहस्सवाहिणीओ सीयाओ दुरूहह पु० 2 ता मित्तणाइ जाव परिजणेणं जेट्टपुत्तेहि य समण गम्ममाणमग्गा सविड्ढीए जाव रवेणं अकालपरिहीणं चेव ममं अंतियं पाउड्भवह / तए णं ते णेगमद्वसहस्संपि कत्तियस्स सेट्ठिस्स एयमझें विणएणं पडिसुर्णेति 2 ता जेणेव साइं-साइं गिहाई तेणेव उवागच्छंति 2 ता विपुलं असणं जाव उववखडावेंति 2 ता मित्तणाइ जाव'तस्सेव मित्तणाइ जाव पुरओ जेटपुत्ते कुडुंबे ठावेंति जेट्टपुत्ते० 2 ता तं मित्तणाइ जाव जेट्टपुत्ते य आपुच्छंति जेट्र० 2 त्ता पुरिससहस्सवाहिणीओ सीयाओ दुरूहंति 2 ता मित्तणाइ जाव परिजणेणं जेट्टपुत्तेहि य समणुगम्ममाणमग्गा सविड्ढोए जाव रवेणं अकाल. परिहीणं चेव कत्तियस्स सेट्ठियस्स अंतियं पाउब्भवंति / तए णं से कत्तिए सेट्ठी विपुलं असणं 4 जहा गंगदत्तो जाव मित्तणाइ जाव परिजणणं जेट्रपत्तेणं णेग. मट्टसहस्सेण य समणुगम्ममाणमग्गे सविड्ढीए जाव रवेणं हथिणापुरं णयरं मझंमज्झेणं जहा गंगदत्तो जाव आलित्ते णं भंते ! लोए पलिते णं भंते ! लोए आलित्तपलित्ते णं भंते ! लोए जाव अणगामियत्ताए भविस्सइ, तं इच्छामि णं भंते ! णेगमट्ठसहस्सेणं सद्धि सयमेव पव्वावियं सयमेव मुंडावियं जाव धम्ममाइक्खियं, तए णं मुणिसुव्वए अरहा कत्तियं सेट्टि णेगमट्ठसहस्सेणं सद्धि सयमेव पवावेइ जाव धम्ममाइक्खइ, एवं देवाणुप्पिया ! गंतव्वं एवं चिट्टियध्वं जाव संजमियव्वं / तए णं से कत्तिए सेट्ठी लेगमसहस्सेणं सद्धि मुणिसुव्वयस्स अरहओ इमं एयारूवं धम्मियं उवएसं सम्मं संपडिवज्जइ, तमा. Page #874 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 18 उ. 3 जाए तहा गच्छइ जाव संजमेइ। तए णं से कत्तिए सेट्ठी णेगमट्ठसहस्सेणं सद्धि अंणगारे जाए ईरियासमिए जाव गुत्तवंभयारी। तए णं से कत्तिए अणगारे मुणि. सुव्वयस्स अरहओ तहारूवाणं थेराणं अंतियं सामाइयमाइयाई चोहस पुव्वाई अहिज्जइ सा० 2 ता बहूहि चउत्थछट्टट्ठम जाव अप्पाणं भावेमाणे बहुपडिपुण्णाई दुवालस वासाइं सामण्णपरियागं पाउणइ 2 ता मासियाए संलेहणाए अत्ताणं झोसेइ मा० 2 ता सद्धि भत्ताई अणसणाए छेदेइ स० 2 ता आलोइयपडिक्कते जाव कालं किच्चा सोहम्मे कप्पे सोहम्मवडिसए विमाणे उववायसभाए देवसयणिज्जंसि जाव सक्के देविदत्ताए उववण्णे / तए णं से सक्के देविदे देवराया अहणोववण्णे सेसं जहा गंगदत्तस्स जाव अंतं काहिइ, णवरं ठिई दो सागरोवमाइं, सेसं तं सेव / सेवं मंते ! सेवं मंते ! ति // 616 // . अट्ठारसमं सयं तइओ उद्देसो / तेणं कालेणं तेणे समएणं रायगिहे णामं णयरे होत्था वण्णओ, गुणसिलए चेइए वण्णओ जाव परिसा पडिगया, तेणं कालेणं तेगं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स जाव अंतेवासी मागंदियपुत्ते णामं अणगारे पगइमदए जहा मंडियपुत्ते जाव पज्जुवासमाणे एवं वयासो-से पूर्ण भंते ! काउलेस्से पुढवि. काइए काउलेस्सेहितो पुढविकाइएहितो अगंतरं उव्वट्टित्ता माणुसं विग्गहं लभइ मा० 2 ता केवलं बोहिं बुज्झइ के० 2 ता तओ पच्छा सिज्झइ जाव अंतं करेइ ? हंता मागंदियपुत्ता ! काउलेस्से पुढविकाइए जाव अंतं करेइ / से पूर्ण भंते ! काउलेस्से आउकाइए काउलेस्सेहितो आउकाइएहितो अणंतरं उव्वट्टित्ता माणुस्सं विग्गहं लभइ मा० 2 ता केवलं बोहिं बुज्झइ जाव अंतं करेइ ? हता मागंदियपुत्ता! जाव अंतं करेइ / से पूर्ण भंते ! काउलेस्से वणस्सइकाइए एवं चेव जाव अंतं करेइ, सेवं भंते !2 ति मागंदियपुत्ते अणगारे समणं भगवं महावीरं जाव णमंसित्ता जेणेव समणे जिग्गंथे तेणेव उवागच्छइ 2 ता समणे ‘णिग्गंथे एवं वयासी-एवं खलु अज्जो ! काउलेस्से पुढ विकाइए तहेव जाव अंतं करेइ, एवं खल अज्जो ! काउलेस्से आउक्काइए जाव अंतं करेइ, एवं खलु अज्जो ! काउलेस्से वणस्सइकाइए जाव अंतं करेइ / तए णं ते समणा ‘णिग्गंथा मागंदियपुत्तस्स अणगारस्स एवमाइक्खमाणस्स जाव एवं परूवेमाणस्स एयमह्र णो सद्दहंति 3 एयमढें असद्दहमाणा 3 जेणेव समणे भगवं महावीरे Page #875 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 862 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि तेणेव उवागच्छंति 2 ता समणं भगवं महावीरं वंदंति णमंसंति वं० 2 ता एवं वयासी-एवं खल भंते ! मागंदियपुत्ते अणगारे अम्हं एवमाइक्खइ.जाव परूवेइ-एवं खलु अज्जो ! काउलेस्से पुढ विकाइए जाव अंतं करेइ, एवं खलु अज्जो ! काउलेस्से आउक्काइए जाव अंत करेइ, एवं खलु० वणस्सइकाइएवि जाव अंतं करेइ / से कहमेयं भंते ! एवं ? अज्जोति ! समणे भगवं महावीरे ते समणे णिग्गंथे आमंतेत्ता एवं वयासी-जण्णं अज्जो ! मागंदियपुत्ते. अणगारे तुज्झे एवं आइवखइ जाव परूवेइ-एवं खलु अज्जो ! काउलेस्से पुढविकाइए जाव अंतं करेइ, एवं खलु अज्जो ! काउलेस्से आउकाइए जाव अंत करेइ, एवं खलु अज्जो ! काउलेस्से वणस्सइकाइएवि जाव अंतं करेइ, सच्चे गं एसमठे, अहंपि णं अज्जो ! एवंमाइक्खामि ४-एवं खल अज्जो ! कण्हलेस्से पुढविकाइए कण्हलेस्सेहितो पुढविकाइएहितो जीव अतं करेइ, एवं खलु अज्जो ! णीललेस्से पुढविकाइए जाव अंतं करेइ, एवं काउलेस्सेवि जहा पुढविकाइए जाव अंतं करेइ, एवं आउकाइएवि, एवं वणस्सइकाइएवि, सच्चे गं एसमझें / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति समणा णिग्गंथा समणं भगवं महावीरं वदति णमंसंति वं० 2 ता जेणेव मागंदियपुत्ते अणगारे तेणेव उवागच्छंति 2 त्ता मागंदियपुत्तं अणगारं वंदति णमंसंति वं० 2 ता एयनठं सम्म विणएणं भुज्जो 2 खामेति // 617 // तए णं से मागंदियपुत्ते अणगारे उट्ठाए उठेइ 2 ता जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ ते. 2 ता समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ वं० 2 ता एवं वयासी-अणगारस्त णं भंते ! भावियप्पणो सव्वं कम्मं वेएमाणस्स सव्वं कम्म णिज्जरेमाणस्स सव्वं मारं मरमाणस्स सव्वं सरीरं विप्पजहमाणस्स चरिमं कम्मं वेएमाणस्स चरिम कम्मं णिज्जरेमाणस्स चरिमं मारं मरमाणस्स चरिम सरीरं विप्पजहमाणस्स मारणंतियं कम्मं वेएमाणस्स मारणंतियं कम्मं णिज्जरेमाणस्स मारणंतिय भारं मरमाणंतिस्स मारणंतियं सरीरं विप्पजहमाणस्स जे चरिमा णिज्जरापोग्गला सुहमा णं ते पोग्गला 50, समणाउसो ! सव्वं लोगंपिणं ते उग्गाहित्ताणं चिट्ठति ? हंता मागंदियपुत्ता ! अणगारस्स णं भावियप्पणो जाव ओगा. हित्ताणं चिट्ठति / छउमत्थे णं भंते ! मणुस्से तेसि णिज्जरापोग्गलाणं किंचि आणत्तं वा णाणत्तं वा एवं जहा इंदियउद्देसए पढमे जाव वेमाणिया जाव तत्थ Page #876 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 18 उ. 3 863 णं जे ते उवउत्ता ते जाणंति पासंति आहारेंति, से तेणठेणं णिक्खेवो भाणियम्वोत्ति ण पार्सति आहारेंति, रइया णं भंते ! णिज्जरापोग्गला ण जाणंति ण पासंति आहारेंति, एवं जाव पंचिदियतिरिक्खजोणियाणं / मणस्सा गं भंते ! णिज्जरापोग्गले किं जाणंति पासंति आहारेंति उदाहु ण जाणंति ण पासंति ण आहारेंति ? गोयमा! अत्थेगइया जाणंति 3 अत्थेगइया ण जाणंति ण पासंति आहारेंति, से केणठेणं भंते ! एवं वच्चइ-अत्थेगइया जाणंति पासंति आहारेंति, अत्थेगइया ण जाणंति ण पासंति आहारेंति ? गोयमा ! मणुस्सा दुविहा 50, तंजहा-सणिभूया य असण्णिभूया य, तत्थ णं जे ते असण्णिभूया ते ण जाणंति ण पासंति आहारेंति, तत्थ णं जे ते सण्णिभया ते दुविहा प०, तं०उवउत्ता य अणुवउत्ता य, तत्थ णं जे.ते अणुवउत्ता ते ण जाणंति ण पासंति आहारेंति, तत्थ णं जे ते उवउत्ता ते जाणंति 3, से तेणठेणं गोयमा ! एवं बुच्चइ-अत्थेगइया ण जाणंति 2 आहारेंति, अत्थेगइया जाणंति 3 वाणमंतर. जोइसिया जहा रइया / वेमाणिया णं भंते ! ते णिज्जरापोग्गले कि जाणंति 6 ? गोयमा ! जहा मणुस्प्ता णवरं वेमाणिया दुविहा प०, तं०-माइमिच्छ. दिट्रिउववण्णगा य अमाइसम्मदिट्रिउववण्णगा य तत्थ, णं जे ते माइमिच्छदिट्रिउववण्णगा ते णं ण जाणंति ण पासंति आहारेंति, तत्थ णं जे ते अमाइ. सम्मदिदिउववण्णगा ते दुविहा प०, तं०-अणंतरोववण्णगा य परंपरोववण्णगा य, तत्थ णं जे ते अणंतरोववण्णगा ते ण ण जाणंति ण पासंति आहारेंति, तत्थ गंजे ते परंपरोववण्णा ते दुविहा प०, तं०-पज्जत्तगा य अपज्जत्तगा य, तत्थ णं जे ते अपज्जत्तगा ते णं ण जाणंति ण पासंति आहारेंति, तत्थ णं जे ते पज्जत्तगा ते दुविहा प०, तं०-उवउत्ता य अणुवउत्ता य, तत्थ णं जे ते अणुवउत्ता ते णं ण जाणंति 2 आहारेति // 618 // कइविहे गं भंते ! बंधे प.? मागंदियपुत्ता ! दुविहे बंधे प०, तं०-दव्वबंधे य भावबंधे य / दव्वबंधे गं भंते ! कइविहे 50 ? मागंदियपुत्ता ! दुबिहे 50, तं०-पओगबंधे य वीससाबंधे य / वीससाबंधे गं भंते ! कहविहे प० ? मागंदियपुत्ता ! दुविहे प०, तं०-साईयवीससाबंधे य अणाईयवीससाबंधे यापओगबंधे गं भंते ! कइ. विहे प० ? मागंदियपुत्ता ! दुविहे प०, तं०-सिढिलबंधणबंधे य धणियबंधण. बंधे य / भावबंधे णं भंते ! कइविहे प० ? मागंदिययुत्ता ! दुविहे प०, तं० Page #877 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 864 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि मलपगडिबंधे य उत्तरपगडिबंधे य / रइयाणं भंते ! कइविहे भावबंध प० ? मागंदियपुत्ता ! दुविहे भावबंधे प०, तं०-मूलपगडिबंधे य उत्तरपतिबंधे य, एवं जाव वेमाणियाणं / णाणावरणिज्जस्स णं भंते ! कम्मस्स कइ विहे भावबंधे 50 ? मागंदियपुत्ता ! दुविहे भावबंधे प०, तं०-मूलपगडिबंधे य उत्तरपगडि. बंधे य। रइयाणं भंते ! णाणावरणिज्जस्स कम्मस्स कइविहे भावबंधे 50 ? मागंदियपुत्ता! दुविहे भावबंधे प०, तं०-मलपगडिबंध य उत्तरपगडिबंधे य, एवं जाव वेमाणियाणं, जहा णाणावरणिज्जेणं दंडओ भणिओ एवं जाव अंत. राइएणं भाणियन्यो // 616 // जीवाणं भंते ! पावे कम्मे जे य कडे जाव जे य कज्जिस्सइ अस्थि याइ तस्स केइणाणत्ते ? हंता अस्थि / से केणछैणं भंते ! एवं वच्चइ-जीवाणं पावे कम्मे जे य कडे जाव जे य कज्जिस्सइ अस्थि याइ तस्स णाणते ? मागंदियपुत्ता ! से जहाणामए-केइ पुरिसे धणुं परामुसइ 2 ता उसु परामुसइ 2 ता ठाणं ठाइ 2 ता आययकण्णाययं उसुं करेइ आ० 2 ता उड्ढे वेहासं उविहइ से णणं मागंदियपुत्ता ! तस्स उसुस्स उड्ढं वेहासं उव्वीढस्स समाणस्स एयइवि णाणत्तं जाव तं तं भावं परिणमइवि णाणत्तं ? हंता भगवं ! एयइवि णाणत्तं जाव परिणमइवि जाणत्तं, से तेण?णं मागंदियपुत्ता! एवं वुच्चइ जाव तं तं भावं परिणमइविणाणत्तं / णेरइयाणं भंते ! पावे कम्मे जे य कडे एवं चेव, एवं जाव वेमाणियाणं // 620 // णेरइया णं भंते ! जे पोग्गले आहारत्ताए गेण्हंति तेसि णं भंते ! पोग्गलाणं सेयकालंसि कइभागं आहारेंति कहभागं णिज्जरेंति ? मागंदियपुत्ता ! असंखेज्जइभागं आहारेंति अणंतभागं णिज्जरेंति / चक्किया गं भंते ! केइ तेसु णिज्जरापोग्गलेसु आसइत्तए वा जाव तुयट्टित्तए वा ? णो इणठे समठे, अणाहरणमेयं बुइयं समणाउसो ! एवं जाव वेमाणियाणं / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 621 // अट्ठारसमं सयं चउत्थो उद्देसो तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे जाव भगवं गोयमे एवं वयासी-अह भंते ! पाणाइवाए मुसावाए जाव मिच्छादसणसल्ले, पाणाइवायवेरमणे मुसा. वाय० जाव मिच्छादसणसल्लवेरमणे, पुढविक्काइए जाव वणस्सइकाइए, धम्मथिकाए अधम्मत्थिकाए आगासस्थिकाए जीवे असरीरपडिबद्ध परमाणुपोग्गले सेलेसि पडिवण्णए अणगारे सव्वे य बायरबोंदिधरा कलेवरा एए णं दुविहा Page #878 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 18 उ. 4 865 जीवदवा य अजीवदव्वा य जीवाणं परिभोगत्ताए हव्वमागच्छंति ? गोयमा ! पाणाइवाए-जाव एए गं दुविहा जीवदव्वा य अजीवदव्वा य अत्थेगइया जीवाणं परिभोगत्ताए हव्वमागच्छंति, अत्थेगइया जीवाणं जाव णो हव्वमागच्छति / से केणट्ठणं भंते ! एवं वुच्चइ-पाणाइवाए जाव णो हव्वमागच्छंति ? गोयमा! पाणाइवाए जाव मिच्छादसणसल्ले, पुढविकाइए जाव वणस्सइकाइए, सव्वे य बायरबोंदिधरा कलेवरा एए णं दुविहा जीवदव्वा य अजीवदव्वा य जीवाणं परिभोगत्ताए हन्वमागच्छंति, पाणाइवायवेरमणे जाव मिच्छादसणसल्लविवेगे, धम्मत्थिकाए अधम्मत्थिकाए जाव परमाणुपोग्गले सेलेसि पडिवण्णए अणगारे एए णं दुविहा जीवदव्वा य अजीवदव्वा य जीवाणं परिभोगत्ताए णो हव्वमा. गच्छंति, से तेणठेणे जाव णो हव्वमागच्छंति // 622 // कइ गं भंते ! कसाया पण्णत्ता ? गोयमा ! चत्तारि कसाया प०, तं०-कसायपयं गिरवसेसं भाणियव्वं जाव णिज्जरिस्संति लोभेणं / कइ णं भंते ! जम्मा पण्णता? गोयमा ! चतारि जुम्मा पण्णत्ता, तं०-कडजम्मे तेओगे दावरजुम्मे कलिओगे। से केणट्ठणं भंते ! एवं वुच्चइ जाव कलिओगे ? गोयमा ! जे णं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे चउपज्जवसिए सेत्तं कडजुम्मे, जे णं रासी च उक्कएणं अवहारेणं अव. हीरमाणे तिपज्जवसिए सेत्तं तेओगे, जे णं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीर. माणे दुपज्जवसिए सेत्तं दावरजुम्मे, जे णं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे एगपज्जवसिए.सेत्तं कलिओगे, से तेणठेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ जाव कलिओगे / रइयाणं भंते ! किं कडजुम्मा, तेओगा, दावरजुम्मा, कलिओगा? गोयमा ! जहण्णपए कडजुम्मा, उक्कोसपए तेओगा, अजहण्णमणुक्कोसपए सिय कडजुम्मा जाव सिय कलिओगा, एवं जाव थणियकुमारा / वणस्सइकाइयाणं पुच्छा, गोयमा ! जहण्णपए अपया उक्कोसपए य अपया अजहण्ण. मणुक्कोसपए सिय कडजुम्मा जाब सिय कलिओगा / बेइंदियाणं पुच्छा, गोयमा ! जहण्णपए कडजुम्मा, उक्कोसपए दावरजुम्मा, अजहण्णमणुक्कोस. पए सिय कडजम्मा जाव सिय कलिओगा, एवं जाव चरिदिया, सेसा एगि. दिया जहा बेइंदिया, पंचिदियतिरिक्खजोणिया जाव वेमाणिया जहा णेरइया 'सिद्धा जहा वणस्सइकाइया / इत्थीओ णं भंते ! कि कडजुम्माओ• पुच्छा, ' गोयमा ! जहण्णपए कडजुम्माओ, उक्कोसपए कडजुम्माओ, अजहण्णमणुक्को. Page #879 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 866 _ अंग-पविट्ठ सुत्ताणि सपए सिय कडजुम्माओ जाव सिय कलिओगाओ, एवं असुरकुमारित्थीओवि जाव थणियकुमारइत्थीओवि, एवं तिरिक्ख जोणियइत्थीओवि, एवं मणुस्सइत्थीओवि, एवं वाणमंतरजोइसियवेमाणियदेवइत्थीओ // 623 // जावइयाणं भंते ! वरा अंधगवण्हिणो जीवा तावइया परा अंधगवण्हिणो जीवा ? हंता गोयमा ! जावइया वरा अंधगवण्हिणो जीवा तावइया परा अंधगवहिणो जीवा / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 624 // - अट्ठारसमं सयं पंचमो उद्देसो दो भंते ! असुरकुमारा एगंसि असुरकुमारावासंसि असुरकुमारदेवत्ताए उववण्णा तत्थ णं एगे असुरकुमारे देवे पासाईए दरिसणिज्जे अभिरूवे पडि. रूवे, एगे असुरकुमारे देवे से णं णो पासाईए णो दरिसणिज्जे णो अभिरूवे, णो पडिरूवे, से कहमेयं भंते ! एवं? गोयमा ! असुरकुमारा देवा दुविहा प०, तं०-वेउव्वियसरीरा य अवेउव्वियसरीरा य, तत्थ णं जे से वेउवियसरीरे असुरकुमारे देवे से णं पासाईए जाव पडिरूवे, तत्थ णं जे से अवे उब्विय. सरीरे असुरकुमारे देवे से णं णो पासाईए जाव णो पडिरूवे / से केण?णं भंते ! एवं वुच्चइ-तत्थ णं जे से वेउब्वियसरीरे तं चेव जाव णो पडिरूवे ? गोयमा ! से जहाणामए-इहं मणुयलोगसि दुवे पुरिसा भवंति, एगे पुरिसे अलंकियविभूसिए, एगे पुरिसे अणलंकियविभूसिए एएसि णं गोयमा ! दोण्हं पुरिसाणं कयरे पुरिसे पासाईए जाव पडिरूवे, कयरे पुरिसे णो पासाईए जाव णो पडिरूवे, जे वा से पुरिसे अलंकियविभूसिए जे वा से पुरिसे अणलंकिय. विभूसिए ? भगवं ! तत्थ जे से पुरिसे अलंकियविभूसिए से णं पुरिसे पासाईए जाव पडिरूवे, तत्थ णं जे से पुरिसे अणलंकियविभूसिए से णं पुरिसे णो पासाईए जाव णो पडिरूवे, से तेणठेणं जाव णो पडिरूवे / दो भंते ! णागकुमारा देवा एगंसि णागकुमारावासंसि एवं चेव, एवं जाव थणियकुमारा, वाणमंतर. जोइसियवेमाणिया एवं चेव // 625 // दो भंते ! णेरइया एगसि गेर. इयावासंसि रइयत्ताए उववण्णा, तत्थ णं एगे रइए महाकम्मतराए चेव जाव महावेयणतराए चेव, एगे रइए अप्पकम्मतराए चेव जाव अप्पवेयणतराए चेव, से कहमेयं भंते ! एवं ? गोयमा ! णेरइया दुविहा प०, तं0माइमिच्छादिहिउववण्णगा य अमाइसम्मदिट्ठिउववण्णगा. य, तत्थणं जे से Page #880 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 18 उ. 6 867 माइमिच्छदिट्ठिउववण्णए णेरइए से गं महाकम्मतराए चेव जाव महावेयण. तराए चेव, तत्थ जे जे से अमाइसम्मदिट्ठिउववण्णए रइए से गं अप्पकम्म. . तराए चेव जाव अप्पवेयणतराए चेव / दो भंते ! असुरकुमारा एवं चेव, एवं एगिदियविलिदियवज्जं जाव वेमाणिया / / ६२६॥णेरइए णं भंते ! अणंतरं उव्वट्टित्ता जे भविए पंचिदियतिरिक्खजोणिएसु उववज्जित्तए, से गं भंते ! कयरं आउयं पडिसंवेदेइ ? गोयमा ! गेरइयाउयं पडिसंवेदेइ, पंचिदियति. रिक्खजोणियाउए से पुरओ कडे चिट्ठइ, एवं मणुस्सेसुवि, णवरं मणुस्साउए से पुरओ कडे चिट्टइ / असुरकुमारा गं भंते ! अणंतरं उव्वद्रित्ता जे भविए पुढविकाइएसु उववज्जित्तए पुच्छा, गोयमा ! असुरकुमाराउयं पडिसंवेदेइ, पुढविकाइयाउए से पुरओ कडे चिट्ठइ, एवं जो जहिं भविओ उववज्जितए तस्स तं पुरओ कडं चिद्वइ, जत्थ ठिओ तं पडिसंवेदेइ जाव वेमाणिए, गवरं पुढविकाइए पुढविकाइएसु उववज्जइ पुढविकाइयाउयं पडिसंवेदेइ, अण्णे य से पुढविक्काइयाउए पुरओ कडे चिटइ, एवं जाव मस्सो सट्टाणे उववाएयव्वो परट्ठाणे तहेव // 627 // दो भंते ! असुरकुमारा एगसि असुरकुमारावासंसि असुरकुमारदेवत्ताए उववण्णा, तत्थ गंएगे असुरकुमारे देवे उज्जयं विउविस्सा. मिइ उज्जयं विउन्धइ, वंक विउविस्सामिइ वंकं विउच्वइ, जं जहा इच्छइ तं तहा विउव्वइ, एगे असुरकुमारे देवे उज्जयं विउव्विस्सामिइ वकं विउव्वइ, वंक विउविस्सामिह उज्जयं विउब्वइ, जं जहा इच्छइ णो तं तहा विउव्वइ, से कहमेयं भंते ! एवं ? गोयमा ! असुरकुमारा देवा दुविहा प०, तं०-माइ. मिच्छदिट्टिउववण्णगा य अमाइसम्मदिटिउववण्णगा य, तत्थ णं जे से माइमिच्छदिट्ठिउववण्णए असुरकुमारे देवे से गं उज्जुयं विउविस्सामिइ वंक विउव्वइ जाव णो तं तहा विउव्वइ, तत्थ णं जे से अमाइसम्मदिदिउववण्णए असुरकुमारे देवे से गं उज्जयं विउव्विस्सामिइ उज्जुयं विउव्वइ जाव तं तहा विउव्वइ / दो भंते ! णागकुमारा एवं चेव, एवं जाव थणियकुमारा, वाणमंतरजोइसियवेमाणिया एवं चेव / सेवं मंते ! सेवं भंते ! ति // 628 // . . अट्ठारसमं सयं छट्ठो उद्देसो ___फाणियगुले गं भंते ! कइवण्णे कइगंधे कइरसे कइफासे पण्णते ? गोयमा ! एत्थ णं दो गया भवंति, तं०-णिच्छइयणए य वावहारियणए य, Page #881 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 868 अंग-पविटु सुत्ताणि वावहारियणयस्स गोड्डे फाणियगुले, णेच्छइयणयस्स पंचवण्णे दुगंधे पंचरसे अट्ठः फासे प० / भमरे णं भंते | कइवणे० पुच्छा, गोयमा ! एत्थं गं दो गया भवंति, तं०-णिच्छइयणए य वावहारियणए य, वावहारियणयस्स कालए भमरे, णेच्छइयणयस्स पंचवणे जाव अदफासे प० / सूयपिच्छे णं भंते ! कइवण्णे० प० ? एवं चेव, गवरं वावहारियणयस्स णीलए सुयपिच्छे, णेच्छइयणयस्स पंचवणे सेसं तं चेव, एवं एएणं अभिलावेणं लोहिया मंजिट्रिया, पीतिया हालिद्दा, सुविकल्लए संखे, सुब्भिगंधे कोठे दुडिभगंधे मयगसरीरे, तित्ते णिबे, कडया संठी, कसाए कविठे, अंबा अंबिलिया, महरे खंडे, कक्खडे वइरे, मउए णवणीए, गहए अए, लहुए उलुयपत्ते, सीए हिमे, उसिणे अगणिकाए, णिद्धे तेल्ले / छारिया गं भंते ! पुच्छा, गोयमा ! एत्थ दो गया भवंति, तं०णिच्छइयणए य वावहारियणए य, वावहारियणयस्स लुक्खा छारिया, णेच्छइय. णयस्स पंचवण्णा जाव अट्रफासा प० // 626 // परमाणपोग्गले गं भंते ! कइ. वष्णे जाव कइफासे पण्णत्ते ? गोयमा ! एगवण्णे एगगंधे एगरसे दुफासे पण्णत्ते / दुपए सिए णं भंते ! खंधे कइवण्णे० पुच्छा, गोयमा ! सिय एगवण्णे सिय दुवण्णे, सिय एगगंधे सिय दुगंधे, सिय एगरसे सिय दुरसे, सिय दुफासे सिय तिफासे सिय चउफासे पण्णत्ते / एवं तिपएसिएवि, गवरं सिय एगवण्णे सिय दुवण्णे सिय तिवणे, एवं रसेसुवि, सेसं जहा दुपएसियस्स, एवं चउप्पए. सिएवि / णवरं सिय एगवण्णे जाव सिय चउवण्णे, एवं रसेसुवि, सेसं तं चेव, एवं पंचपएसिएवि, गवरं सिय एगवण्णे जाव सिय पंचवणे, एवं रसेसुवि, गंधफासा तहेव, जहा पंचपएसिओ एवं जाव असंखेज्जपएसिओ। सुहमपरिणए णं भंते ! अणतपएसिए खंधे कइवणे० ? जहा पंचपएसिए तहेव गिरवसेसं / बायरपरिणए णं भंते ! अणंतपएसिए खंधे कइवणे० पुच्छा गोयमा ! सिय एगवणे जाव सिय पंचवणे, सिय एगगंधे सिय दुगंधे, सिय एगरसे जाव सिय पचरसे, सिय चउफासे जाव सिय अट्ठफासे प० / सेवं भंते ! 2 ति // 630 // अट्ठारसमं सयं सत्तमो उद्देसो रायगिहे जाव एवं वयासी-अण्णउत्थिया गं भंते ! एवमाइक्खंति जाव परूवेंति-एवं खलु केवली जक्खाएसेणं आइस्सइ, एवं खलु केवली जक्खाए Page #882 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 18 उ. 7 सेणं आइठे समाणे आहच्च दो भासाओ भासइ, तं-मोसं वा सच्चामोसं वा, से कहमेयं भंते ! एवं ? गोयमा ! जणं ते अण्णउत्थिया जाव जे ते एवमाहंसु मिच्छं ते एवमाहंसु, अहं पुण गोयमा ! एवमाइक्खामि ४-णो खलु केवली जक्खाएसेणं आइस्सइ, णो खलु केवली जक्खाएसेणं आइठे समाणे आहच्च दो भासाओ भासइ, तं०-मोसं वा सच्चामोसं वा। केवली णं असा. वज्जाओ अपरोवघाइयाओ आहच्च दो भासाओ भासइ, तं०-सच्चं वा असच्चा. मोसं वा // 631 // कइ विहे गं भंते ! उवही पण्णत्ते ? गोयमा ! तिविहे उवही 50, तं०-कम्मोवही, सरीरोवही, बाहिरभंडमत्तोवगरणोवही। रइयाणं भंते ! पुच्छा, गोयमा! दुविहे उवही प०, तं०-कम्मोवही य सरीरोवही य, सेसाणं तिविहे उवही एगिदियवज्जाणं जाव वेमाणियाणं, एगिदियाणं दुविहे उवही प०, तंजहा-कम्मोवही य सरीरोवही य। कइ विहे गं भंते ! उवही प० ? गोयमा! तिविहे उवही प०, तंजहा-सचित्ते, अचित्ते, मीसए, एवं रइयाणवि, एवं णिरवसेसं जाव वेमाणियाणं / कइविहे गं भंते ! परिग्गहे प० ? गोयमा! तिविहे परिग्गहे प०, तं०-कम्मपरिग्गहे, सरीरपरिग्गहे, बाहिरभंडमत्तोवगरणपरिग्गहे। रइयाणं भंते० ! एवं जहा उवहिणा दो दंडगा भणिया तहेव परिग्गहेणवि दो दंडगा भाणियन्वा / कइविहे गं भंते ! पणिहाणे प० ? गोयमा ! तिविहे पणिहाणे प, तं०-मणपणिहाणे, वइपणिहाणे, कायपणिहाणे। णेरइयाणं मंते! कविहे पणिहाणे प० ? एवं चेव, एवं जाव थणियकुमाराणं / पुढविकाइयाणं पुच्छा, गोयमा ! एगे कायपणिहाणे 50, एवं जाव वणस्सइकाइयाणं / बेई. दियाणं पुच्छा, गोयमा! दुविहे पणिहाणे पं०, तं०-वइपडिहाणे य कायपणि. हाणे य, एवं जाव चरिदियाणं, सेसाणं तिविहेवि जाव वेमाणियाणं / कइ. विहे गं भंते ! दुप्पणिहाणे 50 ? गोयमा ! तिविहे दुप्पणिहाणे 50, तं०मणदुप्पणिहाणे, वइदुप्पणिहाणे, कायदुप्पणिहाणे, जहेव पणिहाणेणं दंडगो भणिओ तहेव दुप्पणिहाणेणवि भाणियध्वो / कइविहे गं भंते ! सुप्पणिहाणे 50 ? गोयमा ! तिविहे सुप्पणिहाणे 50, तंजहा-मणसुप्पणिहाणे, वइसुप्पणि. हाणे, कायसुप्पणिहाणे / मणुस्साणं भंते ! कइविहे सुप्पणिहाणे प० ? एवं चेव / सेवं भंते ! 2 त्ति जाव विहरइ / तए णं समणे भगवं महावीरे जाव बहिया अणवयविहारं विहरइ / / 632 // तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे णामं णयरे गुणसिलए चेइए वण्णओ जाव पुढविसिलापट्टओ, तस्स णं गुणसिलस्स Page #883 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 870 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि चेइयस्स अदूरसामंते बहवे अण्णउत्थिया परिवसंति, तंजहा-कालोदाई सेलोदाई एवं जहा सत्तमसए अण्णउत्थियउद्देसए जाव से कहमेयं मण्णे एवं ? तत्थ णं रायगिहे णयरे मदुए णामं समणोवासए परिवसइ, अड्ढे जाव अपरिभए अभिगयजीवाजीवे जाव विहरइ / तए णं समणे भगवं महावीरे अण्णया कयाइ पुव्वाणुपुटिव चरमाणे जाव समोसढे, परिसा जाव पज्जुवासइ / तए णं मददुए समणोवासए इमीसे कहाए लद्धठे समाणे हद्वतुट्ठ जाव हियए हाए जाव सरीरे सयाओ गिहाओ पडिणिक्खमइ स० 2 ता पायविहारचारेणं राय. गिहं णयरं जाव णिग्गच्छइ 2 ता तेसि अण्णउत्थियाणं अदूरसामंतेणं वीईवयइ। तए णं ते अण्णउत्थिया मदुयं समणोवासयं अदूरसामंतेणं वीईवयमाणं पासंति 2 ता अण्णमण्णं सद्दावेंति 2 ता एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया | अम्हं इमा कहा अविउप्पकडा इमं च णं मद्दुए समणोवासए अम्हं अदूरसामंतेणं वीईवयइ, तं सेयं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हं मददुयं समणोवासयं एयमट्ठ पुच्छि. तएत्तिकटु अण्णमण्णस्स अंतियं एयमठें पडिसुणेति अण्णमण्णस्स० 2 ता जेणेव मदुए समणोवासए तेणेव उवागच्छंति 2 ता मदुयं समणोवासयं एवं वयासी-एवं खलु मद्दुया ! तव धम्मायरिए धम्मोवएसए समणे णायपुत्ते पंच अस्थिकाए पण्णवेइ जहा सत्तमे सए अण्णउत्थियउद्देसए जाव से कहमेयं मदुया ! एवं ? तए णं से मद्दुए समणोवासए ते अण्णउत्थिए एवं वयासीजइ कज्जं कज्जइ जाणामो पासामो, अहे कज्जं ण कज्जइ ण जाणामो ण पासामो। तए णं ते अण्णउत्थिया मदुयं समणोवासयं एवं वयासी-केस णं तुम मददुया ! समणोवासगाणं भवसि, जे णं तुम एयमझें ण जाणसि ण पाससि ? तए णं से मददुए समणोवासए ते अण्णउत्थिए एवं वयासी-अस्थि णं आउसो ! वाउयाए वाइ ? हंता अस्थि, तुम्भे गं आउसो! वाउयायस्स वाय माणस्स रूवं पासह ? णो इणठे समठे, अत्थि णं आउसो ! घाणसहगया पोग्गला ? हंता अस्थि, तुम्भे णं आउसो ! घाणसहगयाणं पोग्गलाणं रूव पासह ? णो इणठे समठे, अस्थि णं आउसो ! अरणिसहगए अगणिकाए ? हंता अस्थि, तुन्भे णं आउसो ! अरणिसहगयस्स अगणिकायस्स एवं पासह ?णो इणठे समठे, अस्थि णं आउसो ! समुद्दस्स पारगयाइं रूवाइं? हंता अस्थि, तुब्भे णं आउसो ! समुदस्स पारगयाइं रूवाई पासह ? णो इणठे समठे, अस्थि Page #884 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 18 उ.७ 871 णं आउसो ! देवलोगगयाइं रूवाई ? हंता अस्थि, तुन्भे गं आउसो ? देवलोगगयाइं रूवाई पासह ?णो इणठे समठे, एवामेव आउसो ! अहं वातुन्भे वा अण्णो वा छउमत्थो जइ जो जंण जाणइ ण पासइ तं सव्वं ण भवइ एवं भे सुबहुए लोए ण भविस्सईतिकटु ते अण्णउत्थिए एवं पडिहणइ एवं पडि. हणित्ता जेणेव गुणसिलए चेइए जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ 2 ता समणं भगवं महावीरं पंचविहेणं अभिगमेणं अभि० जाव पज्जवासइ / मदुयाई ! समणे भगवं महावीरे मद्दुयं समणोवासयं एवं वयासी-सुठ्ठ गं मदुया ! तुम ते अण्णउत्थिए एवं वयासी, साहु णं मदुया ! तुमं ते अण्ण. उत्थिए एवं वयासी, जे गं मद्या ! अळं वा हेउं वा पसिणं वा वागरणं वा अण्णायं अदिळं अस्सुयं अमयं अविण्णायं बहुजणमज्झे आघवेइ पण्णवेइ जाव उवदंसेइ, से णं अरिहंताणं आसायणाए वट्टइ, अरिहंतपण्णत्तस्स धम्मस्स आसा. यणाए वट्टइ, केवलीणं आसायणाए वट्टइ, केवलिपण्णत्तस्स धम्मस्स आसाय. णाए वट्टइ, तं सुट्ठ णं तुमं मया ! ते अण्णउत्थिए एवं वयासी, साहु णं तुमं मददुया ! जाव एवं वयासी। तए णं मददुए समणोवासए समणेणं भगवया महावीरेणं एवं वृत्ते समाणे हद्वतुझे समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ वं० २त्ता पच्चासण्णे जाव पज्जुवासइ / तए णं समणे भगवं महावीरे मदुयस्स समणोवासगस्स तीसे य जाव परिसा पडिगया / तए णं मदुए समणोवासए समणस्स भगवओ महावीरस्स जाव णिसम्म हद्वतुठे पसिणाई पुच्छइ पुच्छित्ता अट्ठाई परियाइयइ परियाइइत्ता उट्ठाए उठेइ उद्वित्ता समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ वं० 2 ता जाव पडिगए। भंते ! त्ति भगवं गोयमे समणं भंगवं महावीरं वंदइ णमंसइ वं० 2 ता एवं वयासीपभू णं भंते ! मदुए समणोवासए देवाणुप्पियाणं अंतियं जाव पवइत्तए ? णो इणठे समठे, एवं जहेव संखे तहेव अरुणाभे जाव अंतं काहिइ // 633 // देवे गं भंते ! महिडिए जाव महेसक्खे स्वसहस्सं विउव्वित्ता पभू अण्णमण्णेणं सद्धि संगाम संगामेत्तए ? हंता पभू / ताओ गं भंते ! बोंदीओ किं एगजीवफुडाओ अणेगजीवफुडाओ ? गोयमा ! एगजीवफुडाओ णो अणेगजीवफुडाओ, तेसि णं भंते !. बोंदीणं अंतरा कि एगजीवफुडा अणेगजीवफुडा? गोयमा! एगजीवफुडा णो अणेगजीवफुडा। पुरिसे गं भंते ! अंतरेणं हत्थेण वा एवं Page #885 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 872 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि जहा अट्ठमसए तइए उद्देसए जाव णो खलु तत्थ सत्थं कमइ / / 634 // अस्थि णं भंते ! देवासुराणं संगामे 2 ? हंता अस्थि / देवासुरेसु णं भते ! संगामेसु वट्टमाणेसु किण्णं तेसि देवाणं पहरणरयणत्ताए परिणमइ ? गोयमा जण्णं ते देवा तणं वा कळं वा पत्तं वा सक्करं वा परामसंति तं (णं)तं तेसि देवाणं पहरणरयणत्ताए परिणमइ, जहेव देवाणं तहेव असुरकुमाराणं ? णो इणठे समठे, असुरकुमाराणं देवाणं णिच्चं विउव्विया पहरणरयणा प० / / 635 / / देवे णं भंते ! महिड्डिए जाव महेसक्खे पभ लवणसमुदं अणुपरियट्टित्ताणं हव्व. मागच्छित्तए ? हंता पभू / देवे गं भंते ! महिड्डिए एवं धायइसंडं दीवं जाव हंता पभ , एवं जाव रुयगवरं दीवं जाव हंता पभ , ते गं परं वीईवएज्जा णो चेव णं अणुपरियटेज्जा // 636 // अत्थि णं भंते ! देवा जे अणंते कम्मसे जहण्णणं एक्केण वा दोहि वा तिहि वा उक्कोसेणं पंचहि वाससएहि खवयंति ? हंता अस्थि / अत्थि णं भंते ! देवा जे अणते कम्मसे जहणणं एक्केण वा दोहि वा तिहि वा उक्कोसेणं पंचहि वाससहस्सेहि खवयंति ?हता अस्थि / अस्थि गं भंते ! ते देवा जे अणते कम्मसे जहणणं एक्केण वा दोहि वा तिहिं वा उक्को. सेणं पंहि वाससयसहस्सेहि खवयंति ?हंता अस्थि / कयरे गं भंते ! ते देवा जे अणते कम्मसे जहण्णणं एक्केण वा दोहि वा तिहि वा जाव पंचहि वास. सएहि खवयंति, कयरे णं भंते ! ते देवा जाव पंचहि वाससहस्सेहि खवयंति, कयरे णं भंते ! ते देवा जाव पंचहि वाससयसहस्सेहि खवयंति ? गोयमा ! वाणमंतरा देवा अणते कम्मसे एगेणं वाससएणं खवयंति, असुरिंदवज्जिया भवणवासी देवा अणंते कम्मंसे दोहि वाससएहि खवयंति, असुरकुमारा णं देवा अणते कम्मंसे तिहि वाससएहि खवयंति, गहणक्खत्ततारारूवा जोइसिया देवा अणते कम्मंसे चहि वास जाव खवयंति, चंदिमसूरिया जोइसिदा जोइस. रायाणो अणंते कम्मसे पंचहि वाससएहि खवयंति, सोहम्मीसाणगा देवा अणंते कम्मंसे एगणं वाससहस्सेणं खवयंति, सणंकुमारमाहिंदगा देवा अणते कम्मसे दोहि वाससहस्सेहि खवयंति, एवं एएणं अभिलावेणं बंभलोगलतगा देवा अणते कम्मंसे तिहिं वाससहस्सेहि खवयंति, महासुक्कसहस्सारगा देवा अणते कम्मसे चउहि वाससहस्सेहि खवयंति, आणयपाणयआरणअच्चुयगा देवा अणंते कम्मसे पंचहि वाससहस्सेहिं खवयंति, हेट्ठिमगेवेज्जगा देवा अणंते कम्मंसे एगेणं वास Page #886 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 18 उ.८ 873 सयसहस्सेणं खवयंति, मज्झिमगेवेज्जगा देवा अणते कम्मसे दोहिं वाससयसहस्सेहि खवयंति, स्वरिमगेवेज्जगा देवा अणंते कम्मसे तिहि वाससयसहस्सेहि खवयंति, विजयवेजयंतजयंतअपराजियगा देवा अणंते कम्मंसे चहि वाससय. सहस्सेहि खवयंति, सव्वदसिद्धगा देवा अणंते कम्मसे पंचहि वाससयसहस्सेहि खवयंति, एएणं गोयमा ! ते देवा जे अणंते कम्मसे जहणणं एक्के वा दोहि वा तिहि वा उक्कोसेणं पंचहि वाससएहि खवयंति, एएणं गोयमा ! ते देवा जाव पंचहि वाससहस्सेहि खवयंति, एएणठेणं गोयमा ! ते देवा जाव पंचहि वाससयसहस्सेहि खवयंति / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति // 637 // - अट्ठारस सयं अट्ठमो उद्देसो रायगिहे जाव एवं वयासी-अणगारस्स णं भंते ! भावियप्पणो पुरओ दुहओ जुगमायाए पेहाए रीयं रीयमाणस्स पायस्स अहे कुक्कुडपोए वा वट्टा. पोए वा कुलिंगच्छाए वा परियावज्जेज्जा, तस्स णं भंते ! कि इरियावहिया किरिया कज्जइ, संपराइया किरिया कज्जइ ? गोयमा ! अणगारस्स णं भावियप्पणो जाव तस्स गं इरियावहिया किरिया कज्जइ, णो संपराइया किरिया कज्जइ / से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ०?जहा सत्तमसए संवुडुद्देसए जाव अट्ठो णिविखत्तो / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति जाव विहरइ / तए णं समणे भगवं महावीरे बहिया जाव विहरइ // 638 // तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे जाव पुढविसिलापट्टए, तस्स गं गणसिलस्स चेइयस्स अदूरसामंते बहवे अण्णउत्थिया परिवसंति, तए णं समणे. भगवं महावीरे जाव समोसढे जाव परिसा पडिगया। तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स जेठे अंतेवासी इंदभई णामं अणगारे जाव उड्ढं जाणू जाव विहरइ / तए णं ते अण्ण. उत्थिया जेणेव भगवं गोयमे तेणेव उवागच्छंति उवागच्छइत्ता भगवं गोयम एवं वयासी-तुब्भे गं अज्जो ! तिविहं तिविहेणं असंजय जाव एगंतबाला यावि भवह। तए णं भगवं गोयमे ते अण्णउत्थिए एवं वयासी-से केणं कारणेणं अज्जो ! अम्हे तिविहं तिविहेणं असंजय जाव एगंतबाला यावि भवामो ? तए णं ते अण्णउत्थिया भगवं गोयम एवं वयासी-तुब्भे गं अज्जो! रीयं रीयमाणा पाणे पेच्चेह अभिहणह जाव उवद्दवेह, तए णं तुम्भे पाणे पेच्चेमाणा जाव उद्दवे. माणा तिविहं तिविहेणं जाव एगंतबाला यावि भवह / तए णं भगवं गोयमे ते Page #887 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 874 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि अण्णउस्थिए एवं वयासी-णो खलु अज्जो ! अम्हे रीयं रीयमाणा पाणे पेच्चेमो, जाव उद्दवेमो, अम्हे गं अज्जो ! रीयं रीयमाणा कायं च जोयं च रीयं च पड़च्च दिस्सा 2 पदिस्सा 2 वयामो, तए णं अम्हे दिस्सा-दिस्सा वयमाणा पदिस्सा 2 वयमाणा णो पाणे पेच्चेमो जाव णो उद्दवेमो, तए णं अम्हे पाणे अपेच्चेमाणा जाव अणोद्दवेमाणा तिविहं तिविहेणं जाव एगंतपंडिया यावि भवामो। तुब्भे गं अज्जो ! अप्पणा चेव तिविहं तिविहेणं जाव एगंतबाला यावि भवह / तए णं ते अण्णउत्थिया भगवं गोयम एवं वयासी-केणं कारणेणं अज्जो ! अम्हे तिविहं तिविहेणं जाव भवामो ? तए णं भगवं गोयमे ते अण्णउत्थिए एवं वयासीतुब्भे णं अज्जो ! रीयं रीयमाणा पाणे पेच्चेह जाव उद्दवेह, तए णं तुब्भे पाणे पेच्चेमाणा जाव उद्दवेमाणा तिविहं जाव एगंतबाला यावि भवह / तए णं भगवं गोयमे ते अण्णउत्थिए एवं पडिहणइ एवं पडिहणित्ता जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ 2 ता समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ वंदित्ता णमंसित्ता णच्चासण्णे जाव पज्जुवासइ / गोयमाई ! समणे भगवं महावीरे भगवं गोयमं एवं वयासी-सुठ्ठ णं तुमं गोयमा ! ते अण्णउत्थिए एवं वयासी, साहु णं तुम गोयमा ! ते अण्णउत्थिए एवं वयासी, अस्थि णं गोयमा ! ममं बहवे अंतेवासी समणा णिग्गंथा छ उमत्था जे णं णो पभू एयं वागरणं वागरेत्तए जहा गं तुम. तं सुठ्ठ णं तुमं गोयमा ! ते अण्णउत्थिए एवं वयासी, साहु णं तुमं गोयमा ! ते अण्णउत्थिए एवं वयासी // 636 // तए णं भगवं गोयमे समणेणं भगवया महावीरेणं एवं वुत्ते समाणे हट्टतुट्ठ० समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ वं० 2 ता एवं वयासी-छउमत्थे गं भंते ! मणुस्से परमाणुपोग्गलं किं जाणइ पासइ उदाहु ण जाणइ ण पासई ? गोयमा ! अत्थेगइए जाणइ ण पासइ, अत्थेगइए ण जाणइ ण पासइ / छउमत्थे णं भंते ! मणूसे दुपएसियं खंधं कि जाणइ पासइ ? एवं चेव, एवं जाव असंखेज्जपएसियं। छउमत्थे णं भंते ! मणूसे अणंतपएसियं खधं कि पुच्छा, गोयमा ! अत्थेगइए जाणइ पासइ 1, अत्थेगइए जाणइ ण पासइ 2, अत्थेगइए ण जाणइ पासइ 3, अत्थेगइए ण जाणइ ण पासइ 4 / आहोहिए ण भंते ! मणुस्से परमाणु. पोग्गलं० जहा छ उमत्थे एवं आहोहिएवि जाव अणंतपएसियं / परमाहोहिए णं भंते ! मणसे परमाणुपोग्गलं ज समयं जाणइ तं समयं पासइ, जं समयं पासइ तं समयं जाणइ ? णो इणठे समझें / से केण?णं भंते ! एवं वुच्चइ-परमाहो. Page #888 -------------------------------------------------------------------------- ________________ __भगवई स. 18 उ. 9-10 875 हिए णं मणूसे परमाणुपोग्गलं जं समयं जाणइ णो तं समयं पासइ, जं समयं पासइ णो तं समयं जाणइ ? गोयमा ! सागारे से णाणे भवइ, अणागारे से दसणे भवइ, से तेणठेणं जाव णो तं समयं जाणइ, एवं जाव अणंतपएसियं / केवली णं भंते ! मणुस्से परमाणुपोग्गलं जहा परमाहोहिए तहा केवलीवि जाव अणंतपएसियं / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 604 // अट्ठारसमं सयं णवमो उद्देसो रायगिहे जाव एवं वयासी-अस्थि णं भंते ! भवियदव्वणेरइया 2 ? हता अस्थि / से केणठेणं भंते ! एवं वच्चइ-भवियदव्वणेरइया 2 ? गोयमा ! जे भविए पंचिदियतिरिक्खजोणिए वा मणुस्से वा जेरइएसु उववज्जित्तए से तेण. ठेणं, एवं जाव थणियकुमाराणं / अस्थि गंभंते ! भवियदव्वपुढ विकाइया 2 ? हंता अस्थि / से केणठेणं भंते ! एवं ? गोयमा ! जे भविए तिरिक्खजोणिए वा मणस्से वा देवे वा पुढविकाइएसु उवज्जित्तए से तेणठेणं, आउक्काइय. वणस्सइकाइयाणं एवं चेव उववाओ, तेउवाउबेइंदियतेइंदियचउरिदियाण य जे भविए तिरिक्खजोणिए. वा मणस्से वा पंचिदियतिरिक्ख जोणियाणं जे भविए रइए वा तिरिक्खजोणिए वा मणस्से वा देवे वा पंचिदियतिरिक्ख. जोणिए (वा) सु उववज्जित्तए एवं मणुस्सावि,वाणमंतरजोइसियवेमाणियाणं जहा रइया / भवियदविणेरइयस्स णं भंते ! केवइयं कालं ठिई प०? गोयमा ! जहणेणं अंतोमुहत्तं उक्कोसेणं पुव्वकोडी / भवियदव्वअसुरकुमारस्स णं भंते ! केवइयं कालं ठिई 50 ? गोयमा ! जहणेणं अंतोमुत्तं उक्कोसेणं तिण्णि पलिओवमाई, एवं जाव थणियकुमारस्स / भवियदव्वपुढविकाइयस्स णं पुच्छा, गोयमा ! जहणेणं अंतोमुहत्तं उक्कोसेणं साइरेगाइं दो सागरोवमाई, एवं आउक्काइयस्सवि, तेउवाऊ जहा णेरइयस्स, वणस्सइकाइयस्स जहा पुढविकाइ. यस्स, बेइंदियस्स तेइंदियस्स चारिदियस्स जहा णेरइयस्स, पाँचदियतिरिक्ख. जोणियस्स जहणणं अंतोमहत्तं उक्कोसेणं तेतीसं सागरोवमाइं, एवं मणस्सावि, वाणमंतरजोइसियवेमाणियस्स जहा असुरकुमारस्स / सेवं भंते ! 2 त्ति // 641 // - अट्ठारसमं सयं दसमो उद्देसो रायगिहे जाव एवं वयासी-अणगारे गं भंते ! भावियप्पा असिधारं वा Page #889 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 876 अंग-पविट सुत्ताणि खुरधारं वा ओगाहेज्जा ? हंता ओगाहेज्जा / से णं तत्थ छिज्जेज्ज वा भिज्जे. ज्ज वा ? णो इणठे समठे, णो खलु तत्थ सत्थं कमइ, एवं जहा पंचमसए परमाणपोग्गलवत्तव्वया जाव अणगारे णं भंते ! भावियप्पा उदावत्तं वा जाव णो खलु तत्थ सत्थं कमइ // 642 // परमाणुपोग्गले णं भंते ! वाउ. याएणं फुडे वाउयाए वा परमाणुपोग्गलेणं फुडे ? गोयमा ! परमाणपोग्गले वाउयाएणं फुडे णो वाउयाए परमाणुपोग्गलेणं फुडे / दुपएसिए णं भंते ! खंधे वाउयाएणं० एवं चेव, एवं जाव असंखेज्जपए सिए / अणंतपएसिए गं भंते ! खंधे वाउयाए० पुच्छा, गोयमा ! अणंतपएसिए खधे वाउयाएणं फुडे वाउयाए अणंतपएसिएणं खंधेणं सिय फुडे सिय णो फुडे / वत्थी णं भंते ! वाउयाएणं फुडे वाउयाए वत्थिणा फुडे ? गोयमा ! वत्थी वाउयाएणं फुडे णो वाउयाए वस्थिणा फुडे // 643 / / अस्थि गं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए अहे दव्वाइं वण्णओ कालणीललोहियहालिहसुक्किल्लाइं, गंधओ सुभिगंधाई दुभिगंधाई, रप्तओ तित्तकडयकसायअबिलमहराई, फासओ कक्खडमउयगरुयलहुयसीयउसिणणिद्धलुक्खाई, अण्णमण्णबद्धाई अण्णमण्णपुट्ठाई जाव अण्णमण्णघडताए चिट्ठति ? हंता अत्थि, एवं जाव अहेसत्तमाए / अस्थि गं भंते ! सोहम्मस्स कप्पस्स अहे० एवं चेव, एवं जाव ईसिप्पन्भाराए पुढवीए / सेवं भंते ! 2 त्ति जाव विहरइ। तए णं समणे भगवं महावीरे जाव बहिया जणवयविहारं विहरइ // 644 // तेणं कालेणं तेणं समएणं वाणियगामे णामं णयरे होत्था वण्णओ, दूइपलासए चेइए वण्णओ, तत्थ णं वाणियगामे णयरे सोमिले णामं माहणे परिवसइ, अड्ढे जाव अपरिभए, रिउव्वेय जाव सुपरिणिट्ठिए पंचण्हं खंडियसयाणं सयस्स कुडुंबस्स आहेवच्चं जाव विहरइ, तए णं समणे भगवं महावीरे जाव समोसढे जाव परिसा पज्ज. वासइ / तए गं तस्स सोमिलस्स माहणस्स इमोसे कहाए लद्धट्ठस्स समाणस्स अयमेयारूवे जाव समुप्पज्जित्था-एवं खलु समणे णायपुत्ते पुव्वाणपुवि चर. माणे गामाणुगामं दूइज्जमाणे सुहंसुहेणं जाव इहमागए जाव दूइपलासए चेइए अहापडिरूवं जाव विहरइ, तं गच्छामि गं समणस्स णायपुत्तस्स अंतियं पाउ. भवामि, इमाइं च णं एयारूवाइं अट्ठाई जाव वागरणाई पुच्छिस्सामि, तं जइ मे से इमाइं एयारूवाइं अट्ठाई जाव वागरणाई वागरेहिइ तओ णं वंदीहामि Page #890 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 18 उ. 10 877 णमंसोहामि जाव पज्जवासीहामि, अह मे से अट्ठाई जाव वागरणाई जो वागरेहिइ तो गं एएहि चेव अछेहि य जाव वागरणेहि य णिप्प?.पसिणवागरणं करेस्सामित्तिकटु एवं संपेहेइ 2 ता हाए जाव सरीरे साओ गिहाओ पडिणिक्खमइ 2 ता पायविहारचारेणं एगेणं खंडियसएणं सद्धि संपरिबड़े वाणियगाम णयरं मझमझेणं णिग्गच्छइ 2 ता जेणेव दूइपलासए चेइए जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ 2 ता समणस्स भगवओ महा. वीरस्स अदूरसामंते ठिच्चा समणं भगवं महावीरं एवं वयासी-जत्ता ते भंते ! जणिज्जं ते भंते ! अव्वाबाहं ते भंते ! फासुयविहारं ते भंते ! ? सोमिला! जत्तावि मे, जवणिज्जंपि मे, अव्वाबाहंपि मे, फासुविहारंपि मे। कि ते भंते ! जत्ता ? सोमिला! जं मे तवणियमसंजमसज्झायज्झाणावस्सयमाइएसु जोगेसु जयणा सेत्तं जत्ता / कि ते भंते ! जवणिज्जं? सोमिला ! जवणिज्जे दुविहे प०, तं०-इंदियजवणिज्जे य गोइंदियजवणिज्जे यासे किं तं इंदियजवणिज्जे? इंदियजवणिज्जे जं मे सोइदियक्खिदियघाणिदियजिभिदियफासिदियाइं णिरुवहयाई वसे वटुंति सेत्तं इंदियजवणिज्जे / से कि तं गोइंदियजवणिज्जे ?2 जं मे कोहमाणमायालोमा वोच्छिण्णा णो उदीरेंति सेत्तं णोइंदियजवणिज्जे, सेत्तं जवणिज्जे / से कि ते भंते ! अव्वाबाहं ? सोमिला ! जं मे वाइयपित्तिय. सिभियसण्णिवाइया विविहा रोगायंका सरीरगया दोसा उवसंता णो उदीरेंति सेत्तं अव्वाबाहं / कि ते भंते ! फासुयविहारं ? सोमिला ! जणं आरामेसु उज्जाणेसु देवकुलेसु सभासु पवासु इत्थीपसुपंडगविवज्जियासु वसहीसु फासुएसणिज्जं पीढफलगसेज्जासंथारगं उवसंपज्जित्ताणं विहरामि सेत्तं फासुयविहारं / सरिसवा ते भंते ! किं भक्खेया अभक्खेया ? सोमिला ! सरिसवा भक्खयावि अभक्खयावि / से केणठेणं भंते / एवं वच्चइ सरिसवा मे भक्खयावि अभक्खे. यावि? से गूणं ते सोमिला ! बंभण्णएसु णएसु दुविहा सरिसवा पण्णत्ता, तं०मित्तसरिसवा य धण्णसरिसवा य, तत्थ णं जे ते मित्तसरिसवा ते तिविहा प०, तं०-सहजायया सहवड्डियया सहपंसुकीलियया, ते णं समणाणं णिग्गंथाणं अभक्खया, तत्थ गं जे ते धण्णसरिसवा ते दुविहा प०, तं०-सत्थपरिणया य असत्थपरिणया य, तत्थ गं जे ते असत्थपरिणया ते णं समणाणं णिग्गंथाणं अभक्खया, तत्थ गंगोते. सत्थपरिणया ते दुविहा प०, तं०-एसणिज्जा य Page #891 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 878 अंग-पविट सत्ताणि अणेसणिज्जा, य तत्थ णं जे ते अणे सणिज्जा ते समणाणं णिग्गंथाणं अभक्खया, तत्थ गं जे ते एसणिज्जा ते दुविहा प०, तं०-जाइया य अजाइया य, तत्थ गं जे ते अजाइया ते णं समणाणं णिग्गंथाणं अभक्खया, तत्थ णं जे ते जाइया ते दुविहा प०, तं०-लद्धा य अलद्धा य, तत्थ णं जे ते अलद्धा ते गं समणाणं णिग्गंथाणं अभक्खया, तत्थ णं जे ते लद्धा ते णं समणाणं णिग्गंथाणं भक्वेया, से तेणढेणं सोमिला ! एवं वुच्चइ-जाव अभक्खयावि / मासा ते भंते ! कि भक्खया अभक्खया ? सोमिला ! मासा मे भक्खेयावि अभक्खयावि / से केण ठेणं जाव अभक्खेयावि ? से णणं ते सोमिला ! बंभण्णएसुपएसु दुबिहा मासा प०, तं०-दत्वमासा य कालमासा य, तत्थ णं जे ते कालमासा ते णं सावणाईया आसाढपज्जवसाणा दुवालस 50, तं०-सावणे भद्दवए आसोए कत्तिए मग्गसिरे पोसे माहे फागणे चेत्ते वइसाहे जेट्टामले आसाढे, तेणं सम. णाणं णिग्गंथाणं अभक्खया, तत्थ णं जे ते दव्वमासा ते दुविहा प०, तं०-अत्थ. मासा य धण्णमासा य, तत्थ णं जे ते अत्थमासा ते दुविहा प०, तं०-सुवण्णमासा य रुप्पमासा य, ते गं समणाणं णिग्गंथाणं अभवखेया, तत्थ णं जे ते धण्णमासा ते विहा प०, तं०-सत्थपरिणया य असत्थपरिणया य, एवं जहा धण्णसरिसवा जाव से तेणठेणं जाव अभक्खयावि / कुलत्था ते भंते ! कि भक्खया अभक्खया ? सोमिला ! कुलत्था मे भक्वे यावि अभक्खयावि / से केणठेणं जाव अभवखेयावि ? से पूणं ते सोमिला ! बंभण्णएसु णएसु दुविहा कुलत्था प०, तं०-इस्थिकुलत्था य धण्णकुलत्था य, तत्थ ण जे ते इत्थिकुल. स्था ते तिविहा प०, तंजहा-कुलकष्णयाइ वा कुलवहूयाइ वा कुलमाउयाइ वा, ते णं समणाणं णिग्गंथाणं अभक्खया, तत्थ णं जे ते धण्णकुलत्था एवं जहा धण्णसरिसवा, से तेण?णं जाव अभक्खयावि // 645 // एगे भवं दुवे भवं अक्खए भवं अव्वए भवं अदिए भवं अणेग भयभावभविए भवं ? सोमिला ! एगेवि अहं जाव अणेगभूयभावभविएवि अहं / से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ-जाव भविएवि अहं ? सोमिला! दवट्ठयाए एगे अहं, णाणदसण. ट्ठयाए दुविहे अहं, पए सट्टयाए अक्खएवि अहं अव्वएवि अहं अवट्ठिएवि अहं, उवओगट्ठयाए अणेगभूयभावभविएवि अहं, से तेणठेणं जाव भविए वि अहं / एत्थ णं से सोमिले माहणे संबुद्धे / तए णं से समणं भगवं महावीरं जहा खंदओ जाव से जहेयं तुब्भे वदह जहा णं देवाणुप्पियाणं अंतियं बहवे राईसर० एवं Page #892 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 19 उ. 1-2-3 879 जहा रायप्पसेणइज्जे चित्तो जाव वालसविहं सावगधम्म पडिवज्जइ पडिव. ज्जित्ता समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ वं० 2 ता जाव पडिगए / तए णं से सोमिले माहणे समणोवासए जाए अभिगयजीवा. जाव विहरइ / भंते ! त्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ वं० 2 ता एवं वयासी-पभू णं भंते ! सोमिले माहणे देवाणुप्पियाणं अंतिए मुंडे भवित्ता० जहेव संखे तहेव णिरवसेसं जाव अंतं काहिइ / सेवं भंते ! 2 त्ति जाव विहरइ // 646 // अट्ठारसमं सयं समत्तं . ॥एगूणवीसइमं सयं पढमो उद्देसो॥ लेस्सा य 1 गब्भ 2 पुढवी 3 महासवा 4 चरम 5 दीव 6 भवणा 7 य / णिवत्ति 8 करण 6 वणचरसुरा य 10 एगणवीसइमे ॥१॥रायगिहे जाव एवं वयासी-कइ णं भंते ! लेस्साओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! छल्लेसाओ पण्णताओ, तंजहा-एवं जहा पण्णवणाए चउत्थो लेसुद्देसओ भाणियन्वो गिर. बसेसो / सेवं भंते ! 2 त्ति // 647 // एगणवीसइमं सयं बीओ उद्देसो __ कइ णं भंते ! लेस्साओ प० ? एवं जहा पण्णवणाए गब्भुद्देसो सो चेव जिरवसेसो भाणियव्यो / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति (19-2) // 648 // एगणवीसइमं सयं तइओ उद्देसो रायगिहे जाव एवं वयासी-सिय भंते ! जाव चत्तारिपंच पुढविक्काइया एगयओ साहारणसरीरं बंधंति एग. २'त्ता तओ पच्छा आहारेति वा परिणामेंति वा सरीरं वा बंधति ? णो इणठे समठे, पुढविक्काइयाणं पत्तेयाहारा पत्तेय. परिणामा पत्तेयं सेरीरं बंधति प० 2 त्ता तओ पच्छा आहारेति वा परिणामेंति वा सरीरं वा बंधति / तेसि णं भंते ! जीवाणं कइ लेस्साओ प.? गोयमा ! चत्तारि लेस्साओ प०, तं०-कण्हलेस्सा, णीललेस्सा, काउलेस्सा, तेउलेस्सा 2 / ते णं भंते ! जीवा कि सम्मदिठी मिच्छादिट्ठी सम्मामिच्छादिट्ठी ? गोयमा ! णो सम्मदिट्ठी, मिच्छादिट्ठी, णो सम्मामिच्छादिट्ठी 3 / ते णं भंते ! जीवा कि गाणी अण्णाणी ? गोयमा ! णो णाणी अण्णाणी, णियमा दुअण्णाणी तं०-मइअण्णाणी य सुयअण्णाणी य 4 / ते णं भंते ! जीवा Page #893 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 880 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि कि मणजोगी वइजोगी कायजोगी ? गोयमा ! णो मणजोगी, पणो वइजोगी, कायजोगी 5 / ते णं भंते ! जीवा कि सागारोवउत्ता अणागारोवउत्ता? गोयमा! सागारोवउत्तावि अणागारोवउत्तावि 6 / ते गं भंते ! जीवा किमाहारमाहा. रेंति ? गोयमा ! दवओ णं अणंतपएसियाई दवाई एवं जहा पण्णवणाए पढमे आहारुद्देसए जाव सव्वप्पणयाए आहारमाहारेंति 7 / ते णं भंते ! जीवा जमाहारेंति तं चिज्जति, जं णो आहारेति तं णो चिज्जति, चिण्णे वा से उद्दा पलिसप्पइ वा ? हंता गोयमा ! ते णं जीवा जमाहारेति तं चिज्जति, ज णो जाव पलिसप्पइ वा 8 / तेसि णं भंते ! जीवाणं एवं सण्णाइ वा पण्णाइ वा मणोइ वा वईइ वा अम्हे णं आहारमाहारेमो ? णो इणठे समठे, आहारेंति पुण ते 9 / तसि णं भते ! जीवाणं एवं सण्णाइ वा जाव वईइ वा अम्हे गं इटाणिठे फासे पडिसवेदेमो ? णो इणढे समठे, पडिसंवेदेति पुग ते 10 / ते णं भते ! जीवा कि पाणाइवाए उवक्खाइज्जति, मुसावाए अदिण्णादाणे जाव मिच्छादसणसल्ले उवक्खाइज्जति ? गोयमा ! पाणाइवाएवि उवक्खाइज्जति जाव मिच्छादसणसल्लेवि उवक्खाइज्जति, जेसिपि णं जीवाणं ते जीवा एवमाहिज्जति तेसिपि गं जीवाणं णो विण्णाए जाणत्ते 11 / ते णं भंते ! जीवा कओहितो उववज्जति कि णेरइएहितो उववज्जति ? एवं जहा वक्कंतीए पुढविक्काइयाणं उववाओ तहा भाणियबो 12 / तेसि णं भंते ! जीवाणं केवइयं कालं ठिई 50 ? गोयमा ! जहणे ण अंतोमहुतं उक्कोसेणं बावीसं वाससहस्साई 13 / तेसि णं भते ! जीवाणं कइसमग्घाया प० ? गोयमा ! तओ समुग्घाया प०, तं०-वेयणासमुग्घाए, कसायसमुग्घाए मार. गंतियसमुग्घाए / ते गं भंते ! जीवा मारणंतियसमुग्घाएणं कि समोहया मरंति असमोहया मरंति ? गोयमा ! समोहयावि मरंति, असमोहयावि मरंति / ते गं भंते ! जीवा अणंतरं उव्वट्टित्ता कहिं गच्छंति कहि उववज्जति ? एवं उव्व दृणा जहा वक्कंतीए 14 / सिय भंते ! जाव चत्तारि पंच आउक्काइया ए गयओ साहारणं सरीरं बंधति 2 ता तओ पच्छा आहारेंति एवं जो पुढविकाइयाणं गमो सो चेव भाणियत्वो जाव उत्वदति, णवर ठिई सत्तवाससहस्साई, उक्कोसेणं सेसं तं चेव / सिय भंते ! जाव चत्तारि पंच तेउक्काइया एवं चेव णवरं उव. वाओ ठिई उव्वट्टणा य जहा पण्णवणाए सेसं तं चेव / वाउकाइयाणं एवं चेव णाणत्तं णवरं चत्तारि समुग्घाया। सिय भंते ! जाव चत्तारि पंच वणस्सइ. Page #894 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 19 उ. 3 881 काइया पुच्छा, गोयमा ! णो इणठे समठे, अणंता वणस्सइकाइया एगयओ साहारणसरीरं बंधंति एग० 2 ता तओ पच्छा आहारेंति वा परिणामेति वा सेसं जहा तेउकाइयाणं जाव उध्वटुंति, गवरं आहारो णियम छद्दिसि, ठिई जहण्णेणं अंतोमुहत्तं, उक्कोसेणवि अंतोमुत्तं, सेसं तं चेव // 646 // एएसि गं भंते ! पुढविकाइयाणं आउतेउवाउवणस्सइकाइयाणं सुहुमाणं बायराणं पज्जत्तगाणं अपज्जत्तगाणं जाव जहष्णुक्कोसियाए ओगाहणाए कयरे 2 जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा सुहुमणिओयस्स अपज्जत्तगस्स जहणिया ओगाहणा 1, सुहुमवाउक्काइयस्स अपज्जत्तगस्स जहणिया ओगाहणा असंखेज्जगुणा 2, सुहुमतेउअपज्जत्तगस्स जहणिया ओगाहणा असंखेज्जगुणा 3, सुहुमआउअपज्जत्तगस्स जहणिया ओगाहणा असंखेज्जगुणा 4, सुहुमपुढवि. अपज्जत्तगस्स जहणिया ओगाहणा असंखेज्जगुणा 5, बायरवाउकाइयस्स अपज्जत्तगस्स जहणिया ओगाहणा असंखेज्जगुणा 6, बायरतेउअपज्जत्तगस्स जहणिया ओगाहणा असंखेज्जगुणा 7, बायरआउअपज्जत्तगस्स जहणिया ओगाहणा असंखेज्जगुणा 8, बायरपुढविकाइयअपज्जत्तगस्स जहणिया ओगा. हणा असंखेज्जगुणा 6, पत्तेयसरीरबायरवणस्सइकाइयस्स बायरणिओयस्स एएसि णं पज्जत्तगाणं एएसि णं अपज्जत्तगाणं जहणिया ओगाहणा दोण्हवि तुल्ला असंखेज्जगुणा 10-11, सुहमणिओयस्सपज्जत्तगस्स जहणिया ओगा. हणा असंखेज्जगुणा 12, तस्सेव अपज्जत्तगस्स उक्कोसिया ओगाहणा विसे. साहिया 13, तस्स चेव पज्जत्तगस्स उक्कोसिया ओगाहणा विसेसाहिया 14, सुहमवाउकाइयस्स पज्जत्तगस्स जहणिया ओगाहणा असंखेज्जगणा 15, तस्स चेव अपज्जत्तगस्स उक्कोसिया ओगाहणा विसेसाहिया 16, तस्स चेव पज्जत्तगस्स उक्कोसिया ओगाहणा विसेसाहिया 17, एवं सुहुमतेउक्काइ. यस्स विसे०१८-१९-२०एवं सुहमआउक्काइयस्सवि 21-22-23 एवं सुहम. पुढविकाइयस्स विसेसाहिया 24-25-26 एवं बायरवाउकाइयस्स विसे. साहिया 27-28-26 एवं बायरतेउक्काइयस्स विसेसाहिया 30-31-32 एवं बायरआउकाइयस्स विसेसाहिया 33-34-35 एवं बायरपुढविकाइयस्स विसेसाहिया 36-37-38 सव्वेसि तिविहेणं गमेणं भाणियव्वं, बायर. णिओयस्स पज्जत्तगस्स जहणिया ओगाहणा असंखेज्जगुणा 36, तस्स चेव Page #895 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 882 अंग-पविटु सुत्ताणि अपज्जत्तगस्स उक्कोसिया ओगाहणा विसेसाहिया 40, तस्स चेव पज्जत्त. गस्स उवकोसिया ओगाहणा विसेसाहिया 41, पत्तेयसरीरबायरवणस्सइ. काइयस्स पज्जत्तगस्स जहणिया ओगाहणा असंखेज्जगुणा 42, तस्स चेव अपज्जत्तगस्स उक्कोसिया ओगाहणा असंखेज्जगुणा 43, तस्स चेव पज्जत्तग. स्स उक्कोसिया ओगाहणा असंखेज्जगुणा 44 // 650 // एयस्स णं भंते ! पुढविकाइयस्स आउक्काइयस्स ते उकाइयस्स वाउक्काइयस्स बणस्सइकाइयस्स कयरे काए सवसुहमे कयरे काए सव्वसुहुमतराए ? गोयमा ! वणस्सइकाइए सव्वसुहुमे वणस्सइकाइए सव्वसुहमतराए 1 / एयस्स णं भंते ! पुढविकाइयस्स आउक्काइयस्स तेउकाइयस्स वाउक्काइयस्स कयरे काए सव्वमुहमे कयरे काए सम्बसुहुमतराए ? गोयमा ! वाउक्काइए सवसुहमे वाउक्काइए सबसुहुम. तराए 2 / एयस्स णं भंते ! पुढविवकाइयस्स आउक्काइयस्स ते उक्काइयस्स कयरे काए सव्वसुहमे कयरे काए सवसुहुमतराए ? गोयमा ! ते उक्काए सव्वसुहुमे तेउक्काए सव्वसुहमतराए 3 / एयस्स णं भंते ! पुढविक्काइयस्स आउक्काइ. यस्स कयरे काए सव्वसुहमे कयरे काए सबसुहुमतराए ? गोयमा ! आउक्काए सव्वसुह मे आउक्काए सव्वसुहुमतराए 4 / एयस्स णं भंते ! पुढ विक्काइयस्स आउक्काइयस्स ते उक्काइयस्स वाउक्काइयस्स दणस्सइकाइयस्स कयरे काए सवबादरे कयरे काए सव्वबादरतराए ? गोयमा ! वणस्सइकाइए सव्वबादरे वणस्सइकाइए सव्वबादरतराए 1 / एयस्स णं भंते ! पुढविकाइयस्स आउ. क्काइयस्स तेउक्काइयस्स वाउक्काइयस्स कयरे काए सव्वबादरे कयरे काए सव्वबादरतराए ? गोयमा ! पुढविक्काए सब्दबादरे पूढविक्काए सव्वबादर. तराए 2 / एयस्स णं भंते ! आउवकाइयस्स तेउकाइयस्स वाउक्काइयस्स कयरे काए सव्वबादरे कयरे काए सव्ववादरतराए ? गोयमा ! आउक्काए सव्वबादरे आउक्काए सव्वबादरतराए 3 / एयस्स णं भंते ! तेउकाइयस्स वाउ. क्काइयस्स कयरे काए सम्वबादरे कयरे काए सव्वबादरतराए ? गोयमा ! तेउबकाए सव्वबादरे तेउक्काए सवबादरतराए 4 / केमहालए णं भंते ! पुढविसरीरे पण्णत्ते ? गोयमा ! अणंताणं सुहुमवणस्सइकाइयाणं जावइया सरीरा से एगे सुहमवाउसरीरे, असंखेज्जाणं सुहुमवाउसरीराणं जावइया सरीरा से एगे सुहमतेउसरीरे, असंखेज्जाणं सुहुमतेउकाइयसरीराणं जावइया Page #896 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 19 उ. 3 883 सरीरा से एगे सुहुमे आउसरीरे, असंखेज्जाणं सुहुमआउक्काइयसरीराणं जावइया सरीरा से एगे सुहुमे पुढविसरीरे, असंखेज्जाणं सुहुमपुढविकाइयसरीराणं जावइया सरीरा से एगे बायरवाउसरीरे असंखेज्जाणं बायरवाउक्काइयाणं जाव. इया सरीरा से एगे बायरतेउसरीरे, असंखेज्जाणं बायरतेउकाइयाणं जावइया सरीरा से एगे बायरआउसरीरे, असंखज्जाणं बायरआउक्काइयाणं जावइया सरीरा से एगे बायरपुढविसरीरे, एमहालए णं गोयमा ! पुढविसरीरे पण्णत्ते ॥६५१॥पुढविकाइयस्स णं भते ! केमहालिया सरीरोगाहणा प० ? गोयमा ! से जहाणामए रण्णो चाउरंतचक्कवट्टिस्स वण्णगपेसिया तरुणी बलवं जगवं जवाणी अप्पायंका वण्णओ जाव णिउणसिप्पोवगया गवरं चम्मेद्वदुहणमुट्टियसमाहयणिचियगत्तकाया ण भण्णइ, सेसं तं चेव जाव णिउणसिप्पोवगया तिक्खाए वइरामईए साहकरणीए तिक्खेणं वइरामएणं वट्टावरएणं एगं महं पुढविकाइयं जउगोलासमाणं गहाय पडिसाहरिय 2 पडिसंखिविय 2 जाव इणामेवत्तिक१ तिसत्तक्खुत्तो उप्पीसेज्जा, तत्थ गंगोयमा! अत्थेगइया पुढविक्काइया आलिद्धा, अत्यंगइया पुढविक्काइया णो आलिद्धा, अत्थेगइया संघट्टिया, अत्थेगइया णों संघट्टिया, अत्थेगइया परियाविया, अत्थेगइया णो परियाविया, अत्थेगइया उद्दविया, अत्यगइया णो उद्दविया, अत्थगइया पिट्ठा, अत्थेगइया णो पिट्ठा, पुढविकाइयस्स णं गोयमा ! एमहालिया सरीरोगाहणा प० / पुढविकाइए गं भंते ! अक्कते समाणे केरिसियं वेयणं पच्चणुब्भवमाणे विहरइ ? गोयमा ! से जहाणामए-केइ पुरिसे तरुणे-बलवं जाव णिउणसिप्पोवगए एगं पुरिसं जुष्णं जराजज्जरियदेहं जाव दुम्बलं किलंतं जमलपाणिणा मुद्धाणंसि अभिहणिज्जा, से गं गोयमा ! पुरिसे तेणं पुरिसेणं जमलपाणिणा मुद्धाणंसि अभिहए समाणे केरिसियं वेयणं पच्चणुब्भवमाणे विहरइ ? अणिठें समणाउसो ! तस्स णं गोयमा ! पुरिसस्स वेयणाहितो पुढविकाइए अक्कते समाणे एत्तो अणि?तरियं चेव अकंततरियं चेव जाव अमणामतरियं चेव वेयणं पच्चणुब्भवमाणे विहरइ। आउयाए गं भंते ! संघट्टिए समाणे केरिसियं वेयणं पच्चणुब्भवमाणे विहरइ / गोयमा ! जहा पुढविकाइए एवं चेव, एवं तेउयाएवि, एवं वाउयाएवि, एवं वणस्सइकाएवि जाव विहरइ / सेवं भंते ! 2 त्ति // 652 / / Page #897 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 884 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि एगणवीसइमं सयं च उत्थो उद्देसो सिय भंते ! णेरइया महासवा महाकिरिया महावेयणा महाणिज्जरा ? गोयमा ! णो इणढे समढे 1 / सिय भंते ! रइया महासवा महाकिरिया महावेयणा अप्पणिज्जरा ? हंता सिया 2 / सिय भंते ! जेरइया महासवा महा. किरिया अपवेयणा महाणिज्जरा ? गोयमा ! णो इणठे समढे 3 / सिय भंते ! रइया महासवा महाकिरिया अप्पवेयणा अप्पणिज्जरा ? गोयमा ! णो इणठे समठे 4 / सिय भंते ! रइया महासवा अप्पकिरिया महावेयणा महाणिज्जरा ? गोयमा ! णो इणट्टे समठे 5 / सिय भंते ! णेरइया महासवा अप्पकिरिया महावेयणा अप्पणिज्जरा? गोयमा! णो इणठे समढे 6 / सिय भंते ! रइया महासवा अप्पकिरिया अप्पवेयणा महाणिज्जरा ? णो इणढे समठे 7 / सिय भंते ! रइया महासवा अप्पकिरिया अप्पवेयणा अप्पणिज्जरा ? णो इणठे समढे 8 / सिय भंते ! हेरइया अप्पासवा महाकिरिया महावेयणा महाणिज्जरा? णो इणठे समठे है। सिय भंते ! णेरइया अप्पा. सवा महाकिरिया महावेयणा अप्पणिज्जरा ? णो इणठे समठे 10 / सिय भंते ! णेरइया अप्पासवा महाकिरिया अप्पवेयणां महाणिज्जरा ? णो इणठे समठे 11 / सिय भंते ! रइया अप्पासवा महाकिरिया अप्पवेयणा अप्प. णिज्जरा ? णो इणटठे समठे 12 / सिय भंते ! रइया अप्पासवा अप्प. किरिया महावेयणा महाणिज्जरा ? णो इणठे समढे 13 / सिय भंते ! णेर. इया अप्पासवा अप्पकिरिया महावेयणा अप्पणिज्जरा ? णो इणठे समझे 14 / सिय भंते ! णे रइया अप्पासवा अप्पकिरिया अप्पवेयणा महाणिज्जरा ? णो इणठे समठे 15 / सिय भंते ! णे रइया अप्पासवा अप्पकिरिया अप्पवेयणा अप्पणिज्जरा ? णो इणढे समढे 16, एए सोलस भंगा। सिय भंते ! असुरकुमारा महासवा महाकिरिया महावेयणा महाणिज्जरा ? णो इणठे समठे, एवं चउत्थो भंगो भाणियत्वो, सेसा पण्णरस भंगा खोडेयव्वा, एवं जाव थणिय. कुमारा। सिय भंते ! पुढ विक्काइया महासवा महाकिरिया महावेयणा महाणिज्जरा ? हंता सिया, एवं जाव सिय भंते ! पुढ विक्काइया अप्पासवा अप्प. किरिया अप्पबेयणा अप्पणिज्जरा ? हंता सिया, एवं जाव मणुस्सा, वाणमंतर. जोइसियवेमाणिया जहा असुरकुमारा / सेवं भंते ! 2 त्ति // 653 // Page #898 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 19 उ. 5-6-7 885 . . एगणवीसइमं सयं पंचमो उद्देसो अस्थि गं भंते ! चरिमावि णेरइया परमावि णेरइया ? हंता अस्थि / से -गुणं भंते ! चरिमेहितो गेरइएहितो परमा रइया महाकम्मतराए चेव महा. किरियतराए चेव महासवतराए चेव महावेयणतराए चेव, परमेहितो वा गैरइएहितो चरमा रइया अप्पकम्मतराए चेव अप्पकिरियतराए चेव अप्पासवतराए चेव अप्पवेयणतराए चेव ? हंता गोयमा ! चरमेहितो गैरइएहितो परमा जाव महावेयणतराए चेव, परमेहितो रइएहितो चरमा गैरइया जाव अप्पवेयणतरा चेव / से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ जाव अप्पवेयणतरा चेव? गोयमा ! ठिई पड़च्च, से तेणठेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ जाव अप्पवेयण. तरा चेव / अस्थि गं भंते ! चरमावि असुरकुमारा परमावि असुरकुमारा ? एवं चेव, णवरं विवरीयं माणियव्वं, परमा अप्पकम्मा, चरमा महाकम्मा, सेसं तं चेव जाव थणियकुमारा ताव एवमेव, पुढविकाइया जाव मणुस्सा एए जहा रइया, वाणमंतरजोइसियवेमाणिया जहा असुरकुमारा // 654 // कइविहा णं भंते ! वेयणा प० ? गोयमा ! दुविहा वेयणा 50, तं०-णिदा य अणिदा यारइया णं मंते ! कि णिदायं वेयणं वेदेति अणिदायं वेयणं वेदेति ? जहा प्रणवणाए जाव वेमाणियत्ति / सेवं भंते ! 2 त्ति // 655 // ____एगणवीसइमं सयं छट्ठो उद्देसो ___ कहि णं भंते ! दीवसमुद्दा, केवइया णं भंते ! दीवसमुद्दा, किसंठिया गं . भंते ! दोबसमद्दा? एवं जहा जीवाभिगमे दीवसमुदुद्देसो सो चेव इहवि जोइसियमंडिउद्देसगवज्जो भाणियब्वो जाव परिणामो जीवउववाओ जाव अगंतखुत्तो / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 656 // एगणवीसइमं सयं सत्तमो उद्देसो ___केवइया गं भंते ! असुरकुमारभवणावाससयसहस्सा 50 ? गोयमा ! चउट्टि असुरकुमारभवणावाससयसहस्सा प० / ते णं भंते ! किमया प० ? गोयमा ! सवरयणामया अच्छा सण्हा जाव पडिरूवा, तत्थ णं बहवे जीवा य पोग्गला य वक्कमंति विउक्कमति चयंति उववज्जंति, सासया णं ते भवणा वव्वट्ठयाए, वण्णपज्जवेहिं जाव फासपज्जवेहि असासया, एवं जाव थणिय Page #899 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 886 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि कुमारावासा। केवइया णं भंते ! वाणमंतरभोमेज्जणयरावाससयसहस्सा प०? गोयमा! असंखेज्जा वाणमंतरभोमेज्जणयरावाससयसहस्सा प० ते ण भंते ! किमया 50 ? सेसं तं चेव / केवइया णं भंते ! जोइसियविमाणावाससयसहस्सा पुच्छा, गोयमा ! असंखेज्जा जोइसियविमाणावाससयसहस्सा प० ते णं भंते ! किमया 50 ? गोयमा ! सव्वफालिहामया अच्छा, सेसं तं चेव / सोहम्मे गं भंते ! कप्पे केवइया विमाणावाससयसहस्सा प• ? गोयमा ! बत्तीसं विमाणा. वाससयसहस्सा प० / ते णं भंते ! किमया प.? गोयमा ! सम्वरयणामया अच्छा, सेसं तं चेव जाव अणुत्तरविमाणा, णवरं जाणियन्वा जत्थ अतिया भवणा विमाणा वा / सेवं भंते ! 2 त्ति // 657 // एगणवीसइमं सयं अटूमो उद्देसो कइविहा णं भंते ! जीवणिवत्ती 50 ? गोयमा ! पंचविहा जीवणिवत्ती प०, तं०-एगिदियजीवणिवत्ती जाव पंचिदियजीवणिवत्ती। एगिदियजीव. णिवत्ती णं भंते ! कइविहा प० ? गोयमा ! पंचविहा प०, तं०-पुढविक्काइय एगिदियजीवणिव्वत्ती जाव वणस्सइकाइयएगिदियजीवणिवत्ती, पुढविकाइय. एगिदियजीवणिवत्ती णं भंते ! कइविहा 50 ? गोयमा ! दुविहा 50, तंजहा-सुहमपुढविकाइयएगिदियजीवणिवत्ती य बायरपुढविकाइयएगिदियजीवणिवत्ती य, एवं एएणं अभिलावेणं भेओ जहा वड्डगबंधो तेयगसरीरस्स जाव सम्वद्वसिद्धअणुत्तरोववाइयकप्पाईयवेमाणियदेवचिदियजीवणिव्वत्ती णं भंते ! कइविहा प० ? गोयमा ! दुविहा प०, तं०-पज्जत्तगसव्वट्ठसिद्धअणुत्तरोववाइय जाव देवपंचिदियजीवणिवत्ती य अपज्जतगसव्वदसिद्धअणुत्त. रोववाइय जाव देवपंचिदियजीवणिवत्ती य / कइविहा गं भंते ! कम्म णिवत्ती प० ? गोयमा ! अट्ठविहा कम्मणिवत्ती प०, तं०-णाणावरणिज्जकम्मणिवत्ती जाव अंतराइयकम्मणिवत्ती। णेरइयाणं भंते ! कइविहा कम्म. णिवत्ती प० ? गोयमा ! अट्टविहा कम्मणिव्वत्ती प०, तं०-णाणावरणिज्ज. कम्मणिवत्ती जाव अंतराइयकम्मणिवत्ती, एवं जाव वेमाणियाणं / कइविहा णं भंते ! सरीरणिवत्ती प० ? गोयमा ! पंचविहा सरीरणिव्वत्ती प०, तं०ओरालियसरीरणिवत्ती जाव कम्मगसरीरणिवत्ती। रइयाणं भंते ! * एवं Page #900 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 887 भगवई स. 19 उ. 8 चेव, एवं जाव वेमाणियाणं, णवरं णायच्वं जस्स जइ सरीराणि / कइ विहा गं भंते ! सविदियणिवत्ती प० ? गोयमा ! पंचविहा सव्विदियणिव्वत्ती 50, तं०-सोइंदियणिवत्ती जाव फासिदियणिवत्ती, एवं जाव णेरइया जाव थणिय. कुंमारा णं / पुढविकाइयाणं पुच्छा, गोयमा ! एगा फासिदियणिवत्ती प०, एवं जस्स जइ इंदियाणि जाव वेमाणियाणं / कइविहाणं भंते ! भासाणिवत्ती 50? गोयमा ! चउन्विहा भासाणिवत्ती प०, तं०-सच्चभासाणिवत्ती, मोस. भासाणिवत्ती, सच्चामोसमासाणिवत्ती, असच्चामोसमासाणिवत्ती, एवं एगिदियवज्ज जस्स जा भासा जाव वेमाणियाणं / कइविहा णं भंते ! मण. णिवत्ती प० ? गोयमा ! चउबिहा मणणिव्बत्ती 50, तं०-सच्चमणणिवत्ती जाव असच्चामोसमणणिवत्ती, एवं एगिदियविलिदियवज्जं जाव वेमाणियाणं / कई विहा णं भंते ! कसायणिव्वत्ती प० ? गोयमा! चउन्विहा कसायणिवत्ती प०, तं-कोहकसायणिव्यत्ती जाव लोभकसायणिवत्ती, एवं जाव वेमाणियाणं / काविहा णं भंते ! वणणिवत्ती प० ? गोयमा ! पंचविहा वणणिव्वत्ती 50, तं०-कालवण्णणिवत्ती जाव सुक्किल्लवण्णणिवत्ती, एवं गिरवसेसं जाव वेमाणियाणं, एवं गंधणिवत्ती दुविहा जाव वेमाणियाणं, रसणिवत्ती पंचविहा जाव वेमाणियाणं, फासणिवत्ती अट्टविहा जाव वेमाणियाणं / कइविहा गं भंते ! संठाणणिव्यत्ती प० ? गोयमा ! छव्विहा संठाणणिवत्ती १०,०-समचउरंससंठाणणिव्वत्ती जाव हुंडसंठाणणिवत्ती। रइयाणं पुच्छा, गोयमा ! एगा हुंडसंठाणणिवत्ती प० / असुरकुमाराणं पुच्छा, गोयमा ! एगा - समचउरंससंठाणणिव्वत्ती प०, एवं * जाव थणियकुमाराणं / पुढविकाइयाणं पुच्छा, गोयमा ! एगा मसूरचंदसंठाणणिवत्ती प०, एवं जस्स जं संठाणं जाव वेमाणियाणं / कइविहा णं भंते ! सण्णाणिवत्ती प० ? गोयमा ! चउविहा सण्णाणिवत्ती प०, तं०-आहारसण्णाणिव्वत्ती जाव परिग्गहसण्णाणिवत्ती, एवं जाव वेमाणियाणं / कइविहा गं भंते ! लेस्साणिवत्ती प० ? गोयमा ! छविहा लेस्साणिवत्ती 50, तं०-कण्हलेस्साणिवत्ती जाव सुक्कलेस्साणिवत्ती, एवं जाव वेमाणियाणं जस्स जइ लेस्साओ तस्स तत्तिया भाणियव्वा / केइ विहा णं भंते ! दिट्ठिणिवत्ती प० ? गोयमा ! तिविहा दिदिणिवत्ती 50, तंजहा-सम्मादिट्टिणिवत्ती, मिच्छादिद्विणिवत्ती, सम्मामिच्छादिट्ठि Page #901 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 888 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि णिवत्ती, एवं जाव वेमाणियाणं जस्स जइविहा दिट्ठी। कइविहा णं भंते ! णाणणिवत्ती पण्णता? गोयमा ! पंचविहा णाणणिवत्ती पण्णत्ता, तं०आभिणिबोहियणाणणिव्वत्ती जाव केवलणाणणिवत्ती, एवं एगिदियवज्ज जाव वेमाणियाणं जस्स जइ णाणा / कइविहा णं भंते ! अण्णाणणिव्वत्ती पण्णत्ता ? गोयमा ! तिविहा अण्णाणणिवत्ती पण्णत्ता, तंजहा-मइअण्णाणणिवत्ती, सुयअण्णाणणिवत्ती, विभंगणाणणिवत्ती, एवं जस्स जइ अण्णाणा जाव वेमाणियाणं। कइविहा गं भंते ! जोगणिवत्ती पण्णता ? गोयमा ! तिविहा जोगणिवत्ती पण्णत्ता, तंजहा-मणजोगणिवत्ती, वइजोगणिवत्ती, कायजोगणिव्यत्ती, एवं जाव वेमापियाणं जस्स जइविहो जोगो / कइविहा णं भंते ! उवओगणिवत्ती प० ? गोयमा ! दुविहा उवओगणिवत्ती प०, तं०सागारोवओगणिव्वत्ती अणागारोवओगणिवत्ती, एवं जाव वेमाणियाणं / संगहगाहा-जीवाणं णिवत्ती कम्मप्पगडी सरीरणिवत्ती। विदियणिवत्ती भासा य मणे कसाया य // 1 // वण्णे गंधे रसे फासे संठाणविही य होइ बोद्धव्यो। लेस्सा दिट्ठी गाणे उवओगे चेव जोगे य // 2 // सेवं भंते ! 2 त्ति // 658 // एगणवीसइम सयं णवमो उद्देसो कइविहे गं भंते ! करणे पण्णत्ते ? गोयमा ! पंचविहे करणे पण्णत्ते, तंजहा-दत्वकरणे, खेत्तकरणे, कालकरणे भवकरणे, भावकरणे / रइयाणं भंते ! कइविहे करणे प० ? गोयमा ! पंचविहे करणे प०, तं०-दव्वकरणे जाव भावकरणे, एवं जाव वेमाणियाणं / कइविहे गं भंते ! सरीरकरणे प० ? गोयमा ! पंचविहे सरीरकरणे पण्णत्ते, तंजहा-ओरालियसरीरकरणे जाव कम्मगसरीरकरणे, एवं जाव वेमाणियाणं जस्स जइ सरीराणि / कइविहे गं भंते ! इंदियकरणे प० ? गोयमा ! पंचविहे इंदियकरणे प०, तंजहा-सोई. दियकरणे जाव फासिदियकरणे, एवं जाव वेमाणियाणं जस्स जइ इंदियाई, एवं एएणं कमेणं भासाकरणे चउविहे, मणकरणे चउविहे, कसायकरणे चउबिहे, समग्घायकरणे सत्तविहे, सण्णाकरणे चउविहे, लेस्साकरणे छविहे, द्विट्रिकरणे तिविहे, वेयकरणे तिविहे पण्णत्ते, तंजहा-इत्थिवेयकरणे, पुरिसवेयकरणे, णपं. सगवेयकरणे, एए सत्वे णेरइयाई दंडगा जाव वेमाणियाणं, जस्स जं अस्थि तं तस्स सव्वं भाणियध्वं / कइविहे णं भंते ! पाणाइवायकरणे प० ? गोयमा ! Page #902 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 20 उ. 1 889 पंचविहे पाणाइवायकरणे प०, तं०-एगिदियपाणाइवायकरणे जाव पंचिदियपाणाइवायकरणे, एवं णिरवसेसं जाव वेमाणियाणं / कइ विहे णं भंते ! पोग्गल. करणे प० ? गोयमा ! पंचविहे पोग्गलकरणे प०, तं०-वण्णकरणे, गंधकरणे, रसकरणे, फासकरणे, संठाणकरणे। वण्णकरणे णं भंते ! कइ विहे प० ? गोयमा! पंचविहे प०, तंजहा-कालवण्णकरणे जाव सुक्किल्लवण्णकरणे, एवं भेदो, गंध. करणे दुविहे, रसकरणे पंचविहे, फासकरणे अट्ठविहे / संठाणकरणे णं भंते ! काविहे प० ? गोयमा ! पंचविहे 50, तंजहा-परिमंडलसंठाणकरणे जाव आययसंठाणकरणे / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति जाव विहरइ // 656 / / एगणवीसइमं सयं दसमो उद्देसो वाणमंतराणं भंते ! सवे समाहारा० एवं जहा सोलसमसए दीवकुमारुद्दे. सओ जाव अप्पिट्टियत्ति / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 660 // एगणवीसइमं सयं समत्तं ॥वीसइमं सयं पढमो उद्देसो / बेइंदिय 1 मागासे 2 पाणवहे 3 उवचए 4 य परमाण 5 / अंतर 6 बंधे 7 भूमी 8 चारण : सोवक्कमा जीवा 10 // 1 // रायगिहे जाव एवं क्यासी- . सिय भंते ! जाव चत्तारि पंच बेइंदिया एगयओ साहारणसरीर बंधंति 2 ता तओ पच्छा आहारेति वा परिणामति वा सरीरं वा बंधति ? णो इणठे समठे, बेइंदिया णं पत्तयाहारा पत्तेयपरिणामा पत्तेयसरीरं बंधति प० 2 ता तओ पच्छा आहारेंति वा परिणामति वा सरीरं वा बंधंति / तेसि णं भंते ! जीवाणं कई लेस्साओ प० ? गोयमा ! तओ लेस्साओ प०, तं०-कण्हलेस्सा णीललेस्सा काउलेस्सा, एवं जहा एगणवीसइमे सए तेउक्काइयाणं जाव उव्वटुंति, णवरं सम्मदिट्ठीवि मिच्छदिट्ठीवि, णो सम्मामिच्छदिट्ठी, दो णाणा दो अण्णाणा णियमं, णो मणजोगी, वइजोगीवि काइजोगीवि, आहारो णियमं छहिसि / तेसि णं भंते ! जीवाणं एवं सण्णाइ वा पण्णाइ वा मणेइ वा वईइ वा अम्हे णं इट्ठाणिठे रसे इट्ठाणिठे फासे पडिसंवेदेमो ? णो इणठे समठे, पडिसंवेदेति पुण ते, ठिई जहण्णेणं अंतोमुहत्तं उक्कोसेणं बारससंवच्छराई, सेसं तं चेव, एवं तेइंदियावि, एवं चरिदियावि, णाणत्तं इंदिएसु ठिईए य Page #903 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 890 अंग-पविट्ट सुत्ताणि सेस तं चेव ठिई जहा पग्णवणाए / सिय भंते ! जाव चत्तारि पंच पंचिदिया एगयओ साहारणसरीरं० एवं जहा बेइंदियाणं णवरं छल्लेस्साओ, दिट्ठी तिवि. हावि, चत्तारि गाणा, तिष्णि अण्णाणा भयणाए, तिविहो जोगो / तेसि गं भंते ! जीवाणं एवं सण्णाइ वा पण्णाइ वा जाव वईइ वा अम्हे गं आहार. माहारेमो ? गोयमा! अत्थेगइयाणं एवं सण्णाइ वा पण्णाइ वा मणेइ वा वईइ वा अम्हे णं आहारमाहारेमो, अत्थेगइयाणं णो एवं सण्णाइ वा जाव वईइ वा अम्हे गं आहारमाहारेमो, आहारेंति पुण ते, तेसि गं भंते ! जीवाणं एवं सण्णाइ वा जाव वईइ वा अम्हे णं इटाणिठे सद्दे, इटाणिठे रूवे, इट्टा. णि? गंधे, इटाणिठे रसे, इटाणिठे फासे पडिसंवेदेमो ? गोयमा ! अत्थे. गइयाणं एवं सण्णाइ वा जाव वईइ वा अम्हे पं. इट्ठाणिठे सद्दे जाव इट्ठा. णिठे फासे पडिसंवेदेमो, अत्थेगइयाणं णो एवं सण्णाइ वा पण्णाइ वा जाव वईइ वा अम्हे णं इटाणिठे सद्दे जाव इट्ठाणिठे फासे पडिसंवेदेमो, पडि. संवेदेति पुण ते, ते णं भंते ! जीवा कि पाणाइवाए उववखाइज्जति ? गोयमा ! अत्थेगइया पाणाइवाएवि उवक्खाइज्जति जाव मिच्छादसणसल्लेवि उवक्खाइज्जति, अत्थेगइया णो पाणाइवाए उवक्खाइज्जति णो मसावाए उवक्खाइज्जति जाव णो मिच्छादसणसल्ले उवक्खाइज्जंति, जेसि पिणं जीवाणं ते जीवा एवमाहिज्जति तेसिपि णं जीवाणं अत्थेगइयाणं विग्णाए णाणत्ते, अत्थेगइयाणं णो विण्णाए णाणत्ते, उववाओ सवओ जाव सव्वदृसिद्धाओ, ठिई जहणेणं अंतोमहत्तं उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं, छस्समुग्धाया केलि. वज्जा, उध्वट्टणा सव्वत्थ गच्छति जाव सम्वसिद्धं ति, सेसं जहा बेइंदियाणं / एएसि गं भते ! बेइंदियाणं जाव पंचिदियाण य कयरे 2 जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा पंचिदिया, चरिदिया विसेसाहिया, तेइंदिया विसेसाहिया, बेइंदिया विसेसाहिया। सेवं भंते ! 2 ति जाव विहरई // 661 // वीसइमं सयं बीओ उद्देसो कइविहे गं भंते ! आगासे 50 ? गोयमा ! दुविहे आगासे प०, तं०लोयागासे य अलोयागासे य / लोयागासे गं भंते ! कि जीवा जीवदेसा.? एवं जहा बिइयसए अत्थिउद्देसे तए चेव इहवि भाणियव्वं, णवरं अभिलावो जाव धम्मस्थिकाए णं भंते ! केमहालए .प० ? गोयमा ! लोए लोयमेत्ते Page #904 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 20 उ. 2 लोयप्पमाणे लोयफुडे लोयं चेव ओगाहित्ताणं चिट्ठइ, एवं जाव पोग्गलत्थिकाए। अहेलोए णं भंते ! धम्मत्थिकायस्स केवइयं ओगाढे ? गोयमा ! साइरेगं अद्धं ओगाढे, एवं एएणं अभिलावेणं जहा विइयसए जाव ईसिप्पन्भारा गं भंते ! पुढवी लोयागासस्स कि संखेज्जइ भागं ओगाढा० पुच्छा, गोयमा ! णो संखेज्जइभागं ओगाढा, असंखेज्जइभागं ओगाढा, णो संखेज्जे भागे ओगाढा, णो असंखेज्जे भागे ओगाढा, णो सवलोयं ओगाढा, सेसं तं चेव // 662 // धम्मस्थिकायस्स णं भंते ! केबइया अभिवयणा 50 ? गोयमा ! अणेगा अभिवयणा 50, तंजहा-धम्मेइ वा धम्मत्थिकाएइ वा पाणाइवायवेरमणेइ वा मसावायवेरमणेइ वा एवं जाव परिग्गहवेरमणेइ वा कोहविवेगेइ वा जाव मिच्छादसणसल्लविवेगेइ वा इरियासमिईइ वा भासासमिईइ वा एसणासमिईइ वा आयाणभंडमत्तणिक्खेवणासमिईइ वा उच्चारपासवणखलजल्ल. सिंघाणपारिद्वावणियासमिईइ वा मणगत्तीइ वा वइगुत्तीइ वा कायगुत्तीइ वा जे यावण्णे तहप्पगारा सव्वे ते धम्मत्थिकायस्स अभिवयणा / अहम्मस्थिकायस्स गं भंते ! केवइया अभिवयणा 50 ? गोयमा ! अणेगा अभिवयणा प०, तं०अधम्मेइ वा अधम्मस्थिकाएइ वा पाणाइवाएइ वा जाव मिच्छादसणसल्लेइ वा इरियाअसमिईइ वा जाव उच्चारपासवण जाव पारिद्वावणियाअसमिईइ वा मणअगुत्तीइ वा वइअगुत्तीइ वा कायअगुत्तीइ वा जे यावण्णे तहप्पगारा सव्वे ते अहम्मत्थिकायस्स अभिवयणा / आगासस्थिकायस्स णं पुच्छा, गोयमा ! अणेगा अभिवयणा 50, तं०-आगासेइ वा आगासत्थिकाएइ वा गगणेइ वा णभेइ वा समेइ वा विसमेइ वा खहेइ वा विहेई वा वीईइ वा विवरेइ वा अंबरेइ वा अंबरसेइ वा छिड्डेइ वा झुसिरेइ वा मग्गेइ वा विमुहेइ वा अद्देइ वा वियद्देइ वा आधारेइ वा वोमेइ वा भायणेइ वा अंतरिक्खेइ वा सामेइ वा उवासंतरेइ वा अंगमेइ वा फलिहेइ वा अणंतेइ वा जे यावण्णे तहप्पगारा सवे ते आगा. सत्थिकायस्स अभिवयणा / जीवत्थिकायस्स गं भंते ! केवइया अभिवयणा प०? गोयमा ! अणेगा अभिवयणा प०, तं०-जीवेइ वा जीवत्थिकाएइ वा पाणेइ वा भूएइ वा सत्तेइ वा विष्णूइ वा चेयाइ वा जेयाइ वा आयाइ वा रंगणेइ वा हिंडुएइ वा पोग्गलेइ वा माणवेइ वा कत्ताइ वा विकत्ताइ वा जएइ वा जंतूइ वा जोणीइ वा सयंभूइ वा ससरीरीइ वा णायएइ वा अंतरप्पाइ वा Page #905 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 892 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि जे यावण्णे तहप्पगारा सम्वे ते जाव अभिवयणा प० / पोग्गलत्थिकायस्स गं भंते ! पुच्छा, गोयमा ! अणेगा अभिवयणा प०, तं०-पोग्गलेइ वा पोग्गल. स्थिकाएइ वा परमाणुपोग्गलेइ वा दुपएसिएइ वा तिपएसिएइ वा जाव असं. खेज्जपएसिएइ वा अपंतपएसिएइ वा खंधे जे यावण्णे तहप्पगारा सव्वे ते पोग्गलस्थिकायस्स अभिवयणा प० / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 663 // वीसइम सयं तइओ उद्देसो अह भंते ! पाणाइवाए मसावाए जाव मिच्छादसणसल्ले, पाणाइवायवेरमणे जाव मिच्छादसणसल्लविवेगे, उत्पत्तिया जाव पारिणामिया, उग्गहे जाव धारणा, उट्ठाणे कम्मे बले वीरिए पुरिसक्कारपरक्कमे, जेरइयत्ते असुरकुमारत्ते जाव वेमाणि यत्ते, णाणावरणिज्जे जाव अंतराइए, कण्हलेस्सा जाव सुक्कलेस्सा, सम्मदिट्ठी 3, चक्खुदंसणे 4, आभिणिबोहियणाणे जाव विभंगणाणे, आहारसण्णा 4, ओरालियसरीरे 5, मणजोगे 3, सागरोवओगे अणागारोवओगे जे यावण्णे तहप्पगारा सव्वे ते णण्णत्थ आयाए परिणमंति ? हंता गोयमा ! पाणाइवाए जाव सब्वे ते णण्णत्थ आयाए परिण. मंति // 664 // जीवे गं भंते ! गम्भं वक्कममाणे कइवण्णं कइगंधं० एवं जहा बारसमसए पंचमहेसए जाव कम्मओ णं जए णो अकम्मओ विभत्तिभावं परि. णमइ / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति जाव विहरइ // 665 // ___ वीसइमं सयं चउत्थो उद्देसो कइविहे गं भंते ! इंदियउवचए पण्णत्ते ? गोयमा ! पंचविहे इंदियउव. चए प०, तं०-सोइंदियउवचए एवं बिइओ इंदियउद्देसओ णिरवसेसो भाणिय. व्वो जहा पण्णवणाए / सेवं भंते ! 2 त्ति भयवं गोयमे जाव विहरइ // 666 / / वीसइमं सयं पंचमो उद्देसो परमाणुपोग्गले गं भंते ! कइवण्णे कइगंधे कइरसे कइफासे पणते ? गोयमा ! एगवण्णे एगगंधे एगरसे दुफासे पण्णत्ते, तंजहा-जइ एगवाणे सिय कालए सिय णीलए सिय लोहिए सिय हालिद्दए सिय सुक्किल्लए, जइ एगगंधे सिय सुभिगंधे सिय दुब्भिगंधे, जइ एगरसे सिय तित्ते सिय कडुए सिय कसाए सिय अंबिले सिय महुरे, जइ दुफासे सिय सीए य गिद्धे य 1, सिय सीए य Page #906 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 20 उ. 5 893 लुक्खे य 2, सिय उसिणे य गिद्धे य 3, सिय उसिणे य लुक्खे य 4 / दुप्पएसिए गं भंते ! खंधे कइवण्णे० ? एवं जहा अट्ठारसमसए छठ्ठद्देसए जाव सिय चउफासे पण्णत्ते / जइ एगवण्णे सिय कालए जाव सिय सुक्किल्लए, जइ दुवणे सिय कालए य णीलए य 1, सिय कालए य लोहियए य 2, सिय कालए य हालिद्दए य 3, सिय कालए य सुक्किल्लए य 4, सिय णीलए य लोहियए य 5, सिय णीलए य हालिहए य 6, सिय णीलए य सुक्किल्लए य 7, सिय लोहियए य हालिद्दए य 8, सिय लोहियए य सुकिल्लए य 6, सिय हालिद्दए य सुक्किल्लए य 10, एवं एए दुयासंजोगे दस भंगा। जइ एगगंधे सिय सुब्भिगंधे सिय दुब्भिगंधे / जइ दुगंधे सुब्भिगंधे य दुभिगंधे य, रसेसु जहा वण्णेसु, जइ दुफासे सिय सीए य णिद्धे य एवं जहेव परमाणपोग्गले 4, जइ तिफासे सम्वे सीए देसे गिद्ध देसे लुक्खे 1, सव्वे उसिणे देसे णिद्धे देसे लुक्खे 2, सव्वे णिद्ध देसे सीए देसे उसिणे 3, सव्वे लुक्खे देसे सीए देसे उसिणे 4, जइ चउफासे देसे सीए देसे उसिणे देसे गिद्ध देसे लुक्खे 1, एए णव भंगा फासेसु / तिपएसिए गं भंते ! खंधे कइवणे 0 जहा अट्ठारसमसए छठ्ठद्देसे जाव चउफासे प०, जइ एगवण्णे सिय कालए जाव सुक्किल्लए 5, जइ दुवणे सिय कालए य सिय णीलए य 1, सिय कालए य णीलगा य 2, सिय कालगा य णीलए य 3, सिय कालए य लोहियए य 1, सिय कालए य लोहियगा य 2, सिय कालगा य लोहि. यए य 3, एवं हालिद्दएणवि समं भंगा 3, एवं सुकिल्लएणवि समं 3, सिय णीलए य लोहियए य एत्थंपि भंगा 3, एवं हालिद्दएणवि समं भंगा 3, एवं सक्किल्लएणवि समं भंगा 3, सिय लोहियए य हालिद्दए य भंगा 3, एवं सुक्किल्लएणवि समं भंगा 3, सिय हालिद्दए य सुक्किलए य भंगा 3, एवं सब्वे ते दस दुयासंजोगा भंगा तीसं भवंति, जइ तिवण्णे सिय कालए य णीलए य लोहियए य 1, सिय कालए य णीलए य हालिद्दए य 2, सिय कालए य णीलए य सूक्किलए य 3, सियं कालए य लोहियए य हालिद्दए य 4, सिय कालए य लोहियए य सुक्किल्लए य 5, सिय कालए य हालिद्दए य सुक्किल्लए य 6, सिय णीलए य लोहियए य हालिद्दए य 7, सिय णीलए य लोहियए य सुक्किल्लए य प, सिय पीलए य हालिद्दए य सुक्किल्लए य 6, सिय लोहि यए य हालिद्दए य सुकिल्लए य 10, एवं एए दस तियासंजोगा / जइ एग Page #907 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 894 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि गंधे सिय सुन्भिगंधे सिय दुब्भिगंधे, जइ दुगंधे सुम्मिगंधे य दुन्भिगंधे य भंगा 3 / रसा जहा वण्णा / जइ दुफासे सिय सीए य णिद्ध य एवं जहेव दुपएसियस्स तहेव चत्तारि भंगा, जइ तिफासे सव्वे सीए देसे गिद्धे देसे लक्खे 1, सम्वे सीए देसे णिद्धे देसा लक्खा 2, सव्वे सीए देसा णिद्धा देसे लक्खे 3, सम्वे उसिणे देसे गिद्धे देसे लुक्खे एत्थवि भंगा तिणि 6, सब्वे णिद्धे देसे सीए देसे उसिणे भंगा तिण्णि 6, सव्वे लक्खे देसे सीए देसे उसिणे भंगा तिण्णि एवं 12, जइ चउफासे देसे सीए देसे उसिणे देसे गिद्धे देसे लुक्खे 1, देसे सीए देसे उसिणे देसे गिद्धे देसा लक्खा 2, देसे सीए देसे उसिणे देसा गिद्धा देसे लुक्खे 3, देसे सीए देसा उसिणा देसे गिद्धे देसे लुक्खे 4, देसे सीए देसा उसिणा देसे णिद्ध देसा लक्खा 5, देसे सीए देसा उसिणा देसा णिद्धा देसे लक्खे 6, देसा सिया देसे उसिणे देसे गिद्धे देसे लक्खे 7, देसा सीया देसे उसिणे देसे णिद्धे देसा लुक्खा 8, देसा सीया देसे उसिणे देसा णिद्धा देसे लुक्खे 6, एवं एए तिपएसिए फासेसु पणवीसं भंगा। चउप्पए सिए णं भंते ! खंधे कइवण्णे० जहा अट्ठारसमसए जाव सिय चउफासे पण्णत्ते, जइ एगवण्णे सिय कालए य जाव सुक्किल्लए य 5, जइ दुवण्णे सिय कालए य गीलए य 1, सिय कालए य णीलगा य 2, सिय कालगा य णीलए य 3, सिय कालगा य णीलगा य 4, सिय कालए य लोहियए य एत्थवि चत्तारि भंगा 4, सिय कालए य हालिद्दए य 4, सिय कालए य सुक्किल्लए य 4, सिय णीलए य लोहियए य 4, सिय णीलए य हालिद्दए य 4, सिय णीलए य सुकिल्लए य 4, सिय लोहियए य हालिहए य 4, सिय लोहियए य सुक्किल्लए य 4, सिय हालिद्दए य सुक्किल्लए य 4, एवं एए दस दुयासंजोया भंगा पुण चत्तालीसं 40, जइ तिवण्णे सिय कालए य णीलए य लोहियए य 1, सिय कालए य णीलए य लोहियगा य 2, सिय कालए य णीलगा य लोहियए य 3, सिय कालगा य णीलए य लोहियए य, एए णं चत्तारि भंगा, एवं कालणीलहालिद्दएहि भंगा 4, कालणीलसुक्किल्ल० 4, काललोहियहालिद्द० 4, काललोहियसुक्किल्ल० 4, कालहालिद्दसुकिल्ल० णीललोहियहालिद्दगाणं भंगा 4, णीललोहियसुक्किल्ल० 4, णीलहालिद्द. सुक्किल्ल० 4, लोहियहालिहसुक्किल्लगाणं भंगा 4, एवं एए दसतियासंजोगा एक्कक्के संजोए चत्तारि भंगा, सव्वे ते चत्तालीसं भंगा 40 / जइ चउवण्णे Page #908 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 20 उ. 5 895 सिय कालए य णीलए य लोहियए य हालिद्दए य 1, सिय कालए य गोलए य लोहियए यं सुक्किल्लए य 2, सिय कालए य गोलए य हालिद्दए य सुक्किल्लए य 3, सिय कालए य लोहियए य हालिद्दए य सुक्किल्लए य 4, सिय णीलए य लोहियए य हालिद्दए य सुक्किल्लए य 5, एवमेए चउक्कगसंजोए पंच भंगा, एए सव्वे णउइमंगा, जइ एगगंधे सिय सुब्भिगंधे सिय दुन्भिगंधे, जइ दुगंधे सुभिगंधे य दुग्मिगंधे य / रसा जहा वण्णा / जइ दुफासे जहेव परमाणुः पोग्गले 4, जइ तिफासे सव्वे सीए देसे णिद्ध देसे लुक्खे 1, सव्वे सीए देसे गिद्धे देसा लुक्खा 2, सव्वे सीए देसा णिद्धा देसे लुक्खे 3, सव्वे सीए देसा णिद्धा देसा लक्खा 4, सम्वे उसिणे देसे गिद्धे देसे लक्खे एवं भंगा 4, सव्वे णिद्ध देसे सीए देसे उसिणे 4, सव्वे लुक्खे देसे सीए देसे उसिणे 4, एए तिफासे सोलस भंगा, जइ चउफासे देसे सोए देसे उसिणे देसे गिद्धे देसे लुक्खे 1, देसे सीए देसे उसिणे देसे णि देसा लक्खा 2, देसे सीए से उसिणे देसा णिद्धा देसे लुक्खे 3, देसे सीए देसे उसिणे देसा णिवा देसा लुक्खा 4, देसे सीए देसा उसिणा देसे गिद्धे देसे लुक्खे 5, देसे सीए देसा उसिणा देसे गिद्धे देसा लुक्खा 6, देसे सीए देसा उसिणा देसा गिद्धा देसे लुक्खे 7, देसे सीए देसा उसिणा देसा णिद्धा देसा लुक्खा 8, देसा सीया देसे उसिणे देसे गिद्धे देसे लक्खे , एवं एए चउफासे सोलस भंगा भाणियव्वा जाव देसा सीया देसा उसिणा देसा णिद्धा देसा लुक्खा, सव्वे एए फासेसु छत्तीसं भंगा। पंचपएसिए णं भंते ! खंधे कइवणे० जहा अट्ठारसमसए जाव सिय चउफासे प०, जइ एगवणे एगवण्णदुवण्णा जहेव चउप्पएसिए,जइ तिवष्णे सिय कालए य णीलए य लोहियए य १,सिय कालए यणीलए य लोहियगा य 2, सिय कालए य णीलगा य लोहियए य 3, सिय कालए य णीलगा य लोहियगा य 4, सिय कालगा य णीलए य लोहियए य 5, सिय कालगा य णीलए य लोहियगा य 6, सिय कालगा य णीलगा य लोहियए य 7, सिय कालए य जीलए य हालिद्दए य एत्थवि सत्त भंगा 7, एवं कालगणीलगसुक्किल्लएसु सत्त भंगा 7, कालगलोहियहालिद्देसु 7, कालगलोहिय. सुक्किल्लेसु. 7, कालगहालिहसुक्किल्लेसु 7, णीलगलोहियहालिद्देसु 7, णीलगलोहियसुकिल्लेसु सत्त भंगा 7, गोलगहालिद्दसुक्किल्लेसु 7, लोहियहालिद्दसुक्किल्लेसुवि सत्त भंगा 7, एवमेए तियासंजोएणं सत्तरि भंगा, जइ चउवणे Page #909 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 896 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि सिय कालए य णीलए य लोहियए य हालिद्दए य 1, सिय कालए य णीलए य लोहियए य हालिद्दगा य 2, सिय कालए य णीलए य लोहियगा य हालि. द्दगे य 3, सिय कालए य णीलगा य लोहियगे य हालिद्दगे य 4, सिय कालगा य णीलए य लोहियए य हालिद्दए य 5, एए पंच भंगा, सिय कालए य णीलए य लोहियए य सुक्किल्लए य एत्थवि पंच भंगा, एवं कालगणीलगहालिहसुक्किल्लएसुवि पंच भंगा, कालगलोहियहालिद्दसुक्किल्लएसुवि पंच भंगा 5, णीलगलोहियहालिद्दसुक्किल्लएसुवि पंच भंगा, एवमेए चउक्कगसंजोएणं पणवीसं भंगा, जइ पंचवण्णे कालए य णीलए य लोहियए य हालिद्दए य सुक्कि. ल्लए य सव्वमेए एक्कगदुयगतियगचं उक्कपंचगसंजोएणं ईयालं भंगसयं भवइ / गंधा जहा चउप्पएसियस्स / रसा जहा वण्णा / फासा जहा च उप्पएसियस्स / छप्पएसिए णं भंते ! खंधे कइवण्णे० ? एवं जहा पंचपएसिए जाव सिय चउफासे पण्णत्ते, जइ एगवण्णे एगवण्णदुवण्णा जहा पंचपएसियस्स, जइ तिवण्णे सिय कालए य णीलए य लोहियए य एवं जहेव पंचपएसियस्स सत्त भंगा जाव सिय कालगा य णीलगा य लोहियए य 7, सिय कालगा य णीलगा य लोहियगा य 8, एए अट्ठ भंगा, एवमेए दस तियासंजोगा एक्केक्कए संजोगे अट्ट भंगा, एवं सब्वेवि तियगसंजोगे असीइ भंगा। जइ चउवण्णे सिय कालए य णीलए य लोहियए य हालिद्दए य 1, सिय कालए य णीलए य लोहियए य हालिद्दगा य 2, सिय कालए य णीलए य लोहियया य हालिद्दए य 3, सिय कालए य णीलए य लोहियगा य हालिद्दगा य 4, सिय कालए य णीलगा य लोहियए य हालिद्दए य 5, सिय कालए य णीलगा य लोहियए य हालिदृगा य 6, सिय कालए य णीलगा य लोहियगा य हालिद्दए य 7, सिय कालगा य णीलए य लोहियए य हालिद्दए य 8, सिय कालगा य णीलए य लोहियए य हालिद्दगा य 6, सिय कालगा य णीलए य लोहियगा य हालिद्दए य 10, सिय कालगा य णीलगा य लोहियए य हालिद्दए य 11, एए एक्कारस भंगा, एवमेव पंचचउक्कासंजोगा कायव्वा, एक्केक्कसंजोए एक्कारस भंगा, सव्वेते चउक्कगसंजोएणं पणपण्णं भंगा। जइ पंचवण्णे सिय कालए य णीलए य लोहि यए य हालिद्दए य सुक्किल्लए य 1, सिय कालए य णीलए य लोहियए य हालिहुए य सुकिल्लगा य 2, सिय कालए य णीलए य लोहियए य हालिद्दगा य Page #910 -------------------------------------------------------------------------- ________________ . भगवई स. 20 उ. 5 897 सुक्किल्लए य 3, सिय कालए य णीलए य लोहियगा य हालिद्दए य सुक्किल्लए य 4, सिय कालए य णीलगा य लोहियए य हालिद्दए य सुक्किल्लए य 5, सिय कालगा य णीलए य लोहियए य हालिद्दए य सुक्किल्लए य 6, एवं एए छन्भंगा भाणियव्वा, एवमेए सव्वेवि एक्क गदुयगतियगच उक्कगपंचगसंजोगेसु छासीयं भंगसयं भवई। गंधा जहा पंचपएसियस्स / रसा जहा एयस्सेव वण्णा फासा जहा चउप्पएसियस्स / सत्तपएसिए णं भंते ! खधे कइवण्णे० ? जहा पंचपएसिए जाव सिय चउफासे प०, जइ एगवण्णे एवं एगवण्णदुवण्णतिवण्णा जहा छप्पएसियस्स, जइ चउवण्णे सिय कालए य णीलए य लोहियए य हालि. दए य 1, सिय कालए य गोलए य लोहियए य हालिद्दगा य 2, सिय कालए यणीलए य लोहियगा य हालिहए य 3, एवमेए चउक्कगसंजोगेणं पण्णरस भंगा भाणियव्वा जाव सिय कालगा य णीलगा य लोहियगा य हालिद्दए य 15, एवमेए पंचचउक्कसंजोगा णेयव्वा एक्केक्के संजोए पण्णरस भंगा, सव्वमेए पंचसत्तरि भंगा भवंति / जइ पंचवण्णे सिय कालए य णीलए य लोहियए य हालिद्दए य सुक्किल्लए य 1, सिय कालए य णीलए य लोहियए य हालिद्दए य सुविकल्लगा य 2, सिय कालए य णीलए य लोहियए य हालिद्दमा य सुकिल्लए य 3, सिय कालए य गीलए य लोहियए य हालि. दगा य सुक्किल्लगा य 4, सिय कालए य णीलए य लोहियगा य हालिद्दए य सुक्किल्लए य 5, सिय कालए य गोलए य लोहियगा य हालिद्दए य सुक्किल्लगा य 6, सिय कालए य णीलए य 'लोहियगा य हालिद्दगा य सुक्किल्लए य 7, सिय कालए य णीलगा य लोहियए य हालिद्दए य सुक्किल्लए य 8, सिय कालए य णीलगा य लोहियए य हालिद्दए य सुक्किल्लगा य 6, सिय कालए य णीलगा य लोहियए य हालिद्दगा य सुक्किल्लए य 10, सिय कालए य णीलगा य लोहियगा य हालिद्दए य सुक्किल्लए य 11, सिय कालगा य णीलए य लोहियए य हालिद्दए य सुकिल्लए य 12, सिय कालगा य णीलए य लोहियए य हालिद्दए य सुक्किल्लगा य 13, सिय कालगा य गीलए य लोहियए य हालिद्दगा य सुक्किल्लए य 14, सिय कालगा य णीलए य लोहियगा य हालिद्दए य सुक्किल्लए य 15, सिय कालगा य णीलगा य * लोहियए य हालिद्दए य सुकिल्लए य 16, एए सोलस भंगा, एवं सव्वमेए Page #911 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 898 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि एक्कगदुयगतियगचउक्कगपंचगसंजोगेणं दो सोलस भंगसया भवंति, गंधा जहा चउप्पएसियस्स, रसा जहा एयस्स चेव वण्णा, फासा जहा च उप्पएसियस्स / अटपएसिए णं भंते ! खंधे० पुच्छा, गोयमा ! सिय एगवण्णे जहा सत्तपए. सियस्स जाव सिय चउफासे प०, जइ एगवण्णे एवं एगवण्णदुवण्णतिवण्णा जहेव सत्तपएसिए, जइ चउवण्णे सिय कालए य णीलए य लोहियए य हालि. दए य 1, सिय कालए य णीलए य लोहियए य हालिद्दगा य 2, एवं जहेव सत्तपएसिए जाव सिय कालगा य णीलगा य लोहियगा य हालिद्दगे य 15, सिय कालगा य णीलगा य लोहियगा य हालिद्दगा य 16, एए सोलस भंगा, एवमेए पंच चउक्कसंजोगा, एवमेए असीइ भंगा 80, जइ पंचवण्णे सिय कालए य णीलए य लोहियए य हालिद्दए य सुक्किल्लए य 1, सिय कालए य णीलए य लोहियए य हालिद्दए य सुक्किल्लगा य, एवं एएणं कमेणं भंगा चारेयव्वा जाव सिय कालए य णीलगा य लोहियगा य हालिद्दगा य सुकिल्लए य 15, एसो पण्णरसमो भंगो, सियकालगा य णीलगे य लोहियए य हालिद्दए य सुक्किल्लए य 16, सिय कालगा य णीलगे य लोहियए य हालिद्दए य सुक्किल्लगा य 17, सिय कालगा य णीलए य लोहियए य हालिद्दगा य सुक्किल्लए य 18, सिय कालगा य णीलगे य लोहियगे य हालिद्दगा य सुक्किल्लगा य 16, सिय कालगा य णीलगे य लोहियगा य हालिद्दए य सुविकल्लए य 20, सिय कालगा य णीलगे य लोहियगा य हालिद्दए य सुकिल्लगा य 21, सिय कालगा य णीलगे य लोहियगा य हालिद्दगा य सुक्किल्लए य 22, सिय कालगा य णीलगा य लोहियए य हालिद्दए य सुक्किल्लए य 23, सिय कालगा य णीलगा य लोहियगे य हालिद्दए य सुक्किल्लगा य 24, सिय कालगा य णीलगा य लोहियगे य हालिगा य सुक्किल्लए य 25, सिय कालगा य णीलगा य लोहियगा य हालिद्दए य सुक्किल्लए य 26, एए पंचसंजोएणं छव्वीसं भंगा भवंति, एवामेव सपुवावरेणं एक्कगदुयगतियगचउक्कगपंचगसंजोहि दो एक्कतीसं भंगसया भवंति, गंधा जहा सत्तपएसियस्स, रसा जहा एयस्स चेव वण्णा, फासा जहा चउप्पएसियस्स / णवपएसियस्स पुच्छा, गोयमा ! सिय एगवण्णे जहा अट्ठपएसिए जाव सिय चउफासे प०, जइ एगवण्णे एगवण्णदुवण्णतिवण्णचउवण्णा जहेव अट्ठपएसियस्त, जइ पंचवण्णे सिय कालए य णीलए Page #912 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 20 उ. 5 य लोहियए य हालिद्दए य सुक्किल्लए य 1, सिय कालए य णोलए य लोहियए य हालिद्दए य सुक्किल्लगा य 2, एवं परिवाडीए एक्कतीसं भंगा भाणियव्वा जाव सिय कालगा य णीलगा य लोहियगा य हालिद्दगा य सुक्किल्लए य 31, एए एकत्तीसं भंगा एवं एक्कगदुयगतियगचउक्कगपंचगसंजोएहि दो छत्तीसा भंगसया भवंति, गंधा जहा अट्टपएसियस्स, रसा जहा एयस्स चेव वग्णा, फासा जहा चउपएसियस्स / दसपएसिए णं भंते ! खंधे० पुच्छा, गोयमा ! सिय एगवण्णे जहा णवपएसिए जाव सिय चउफासे पण्णत्ते, जइ एगवण्णे एगवण्णदुवण्ण तिवण्णचउवण्गा जहेव णवपएसियस्स, पंच. वण्णेवि तहेव गवरं बत्तीसइमो भंगो भण्णइ, एवमेए एक्गदुयगतियग. चउक्कगपंचगसंजोएसू दोणि सत्ततीसा भंगसया भवंति, गंधा जहा णवपएसियस्स, रसा जहा एयस्स चेव वण्णा, फासा जहा चउप्पएसियस्स / जहा दसपएसिओ एवं संखेज्जपएसिओवि, एवं असंखेज्जपएसिओवि, सुहम. परिणओवि अणंतपएसिओवि एवं चेव // 667 // बायरपरिणए णं भंते ! अणंतपएसिए खंधे कइवण्णे / एवं जहा अट्ठारसमसए जाव सिय अट्ठफासे प०, वणगंधरसा जहा दसंपएसियस्स, जइ चउफासे सन्चे कक्खडे सव्वे गरुए सम्वे सीए सव्वे णिद्धे 1, सब्वे कक्खडे सव्वे गरुए सव्वे सीए सव्वे लक्खे 2, सव्वे कक्खडे सव्वे गरुए सव्वे उसिणे सव्वे णिद्ध 3, सव्वे कक्ख डे सव्वे गरुए सम्वे उसिणे सव्वे लुक्खं 4, सब्वे कक्खडे सब्वे लहुए सवे सीए सव्वे गिद्धे 5, सम्वे कक्खडे सव्वे लहुए सब्वे सीए सव्वे लुक्खे 6, सब्वे कक्खडे सव्वे लहुए सम्बे उसिणे सवे गिद्धे 7, सव्वे कक्खडे सव्वे लहुए सव्वे उसिणे सव्वे लुक्खे 8, सव्वे मउए सव्वे गरुए सव्वे सीए सव्वे गिद्धे 6, सम्वे मउए सव्वे गरुए सव्वे सीए सव्वे लुक्खे 10, सव्वे - मउए सव्वे गरुए सव्वे उसिणे सव्वे गिद्धे 11, सव्वे मउए सव्वे गरुए सब्वे उसिणे सम्वे लुक्खे 12, सव्वे मउए सव्वे लहए सन्वे सीए सव्वे णिद्ध 13, सव्वे मउए सव्वे लहए सव्वे सीए सन्वे लुक्खे 14, सव्वे मउए सव्वे लहुए सव्वे उसिणे सव्वे णिद्धे 15, सव्वे मउए सव्वे लहुए सव्वे उसिणे सवे लुक्खे 16, एए सोलस भंगा। जइ पंचफासे सव्वे कक्खडे सव्वे गरुए सव्वे सीए देसे गिद्धे देसे लुक्खे 1, सव्वे कक्खडे सम्वे गरुए सव्वे सीए. देसे णिद्ध देसा लुक्खा 2, सव्वे कक्खडे सव्वे गरुए सव्वे सीए देसा णिद्धा देसे लुक्खे 3, सव्वे कक्खडे सव्वे गरुए सव्वे Page #913 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 900 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि सीए देसा णिद्धा देसा लक्खा 4, सव्वे कक्खडे सव्वे गहए सब्वे रसिणे देसे णिद्धे देसे लुक्खे 4, सब्वे कक्खडे सव्वे लहुए सव्वे सीए देसे गिद्धे देसे लुक्खे 4, सब्वे कक्खडे सव्वे लहुए सव्वे उसिणे देसे णिद्धे देसे लुक्खे / 4 एवं एए कक्खडेणं सोलस भंगा / सव्वे मउए सम्वे गहए सव्वे सीए देसे गिद्ध देसे लुक्खे 4, एवं मउएणवि समं सोलस भंगा, एवं बत्तीसं भंगा। सब्वे कक्खडे सव्वे गरुए सव्वे गिद्धे देसे सीए देसे उसिणे 4, सव्वे कक्खडे सव्वे गरुए सब्जे लुक्खे देसे सीए देसे उसिणे 4, एए बत्तीसं भंगा, सब्वे कक्खडे सव्वे सीए सवे णिद्धे देसे गरुए देसे लहुए 4, एत्थवि बत्तीसं भंगा, सव्वे गरुए सव्वे सीए सव्वे गिद्ध देसे कक्खडे देसे मउए 4, एथवि बत्तीसं भंगा, एवं सव्वेते पंचफासे अट्ठावीसं भंगसयं भवइ / जइ छप्फासे सब्वे कक्खडे सव्वे गरुए देसे सीए देसे उसिणे देसे णिद्ध देसे लक्खे 1, सब्वे कक्खडे सव्वे गरुए देसे सीए देसे उसिणे देसे गिद्धे देसा लुक्खा 2, एवं जाव सब्वे कक्खडे सव्वे गरुए देसा सीया देसा उसिणा देसा णिद्धा देसा लुक्खा 16, एए सोलस भगा। सब्वे कक्खडे सव्वे लहुए देसे सीए देसे उसिणे देसे णिद्धे देसे लुक्खे एत्थवि सोलस भंगा, सव्वे मउए सव्वे गहए, देसे सीए देसे उसिणे देसे णिद्ध देसे लक्खे एत्थवि सोलस भंगा, सवे मउए सव्वे लहुए देसे सीए देसे उसिणे देसे णिद्ध देसे लक्खे एथवि सोलस भंगा, एए चउट्टि भंगा, सव्वे कक्खडे सव्वे सीए देसे गरुए देसे लहुए देसे णिद्ध देसे लुक्खे एवं जाव सव्वे मउए सव्वे उसिणे देसा गरुया देसा लहया देसा णिद्धा देसा लक्खा एत्थवि चउद्धि भंगा, सव्वे कक्खडे सव्वे गिद्धे देसे गरुए देसे लहुए देसे सीए देसे उसिणे जाव सव्वे मउए सवे लुक्खे देसा गरुया देसा लहुया देसा सीया देसा उसिणा 16, एए चउद्धि भंगा, सव्वे गरुए सव्वे सीए देसे कक्खडे देसे मउए देसे णिद्धे देसे लक्खे एवं जाव सत्वे लहुए सब्चे उसिणे देसा कक्खडा देसा णिद्धा देसा मउया देसा लुक्खा, एए चउढि भंगा, पव्वे गरुए सत्वे गिद्धे देसे कक्खडे देसे मउए देसे सीए देसे उसिणे जाव सत्वे लहुए सब्वे लुक्खे देसा कक्खडा देसा मउया देसा सीया देसा उसिणा, एए चउढि भंगा, सव्वे सीए सव्वे णिद्धे देसे कक्खडे देसे मउए देसे गरुए देसे लहुए जाव सवे उसिणे सव्वे नक्खे देसा कक्खडा देसा मउया देसा गरुया देसा लहुया, एवमेए चउढि भंगा, सव्वे ते छप्फासे Page #914 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 20 उ. 5 901 तिण्णिचउरासीया भंगसया भवंत्ति 384 / जइ सत्तफासे सव्वे कक्खडे देसे गरुए देसे लहुए देसे सीए देसे उसिणे देसे गिद्धे देसे लक्खे 1, सव्वे कक्खडे देसे गरुए देसे लहुए देसे सीए देसे उसिणे देसा णिद्धा देसा लक्खा 4, सव्वे कक्खडे देसे गरुए देसे लहुए देसे सीए देसा उसिणा देसे गिद्धे देसे लुक्खे 4, सव्वे कक्खडे देसे गरुए देसे लहुए देसा सीया देसे उसिणे देसे णिद्ध देसे लक्खे 4, सच्चे कक्खडे देसे गरुए देसे लहुए देसा सीया देसा उसिणा देसे णिद्ध देसे लक्खे, सम्वेते सोलस भंगा भाणियन्वा, सव्वे कक्खडे देसे गरुए देसा लहुया देसे सोए देसे उसिणे देसे गिद्धे देसे लुक्खे, एवं गरुएणं एगत्तेणं लहुएणं पुहुतेणं एएवि सोलस भंगा, सव्वे कक्खडे देसा गरुया देसे लहुए देसे सीए देसे उसिणे देसे गिद्ध देसे लुक्खे एएवि सोलस भंगा भाणियव्वा, सव्वे कक्खडे देसा गरुया देसा लहुया देसे सीए देसे उसिणे देसे गिद्धे देसे लुक्खे एएवि सोलस मंगा भाणियव्वा, एवमेए चउट्टि भंगा कक्खडेणं समं, सब्वे मउए देसे गरुए देसे लहुए देसे सीए देसे उसिणे देसे गिद्धे देसे लुक्खे / एवं मउएणवि समं चउष्ट्रिभंगा भाणियन्वा, सव्वे गरुए देसे कक्खडे देसे मउए देसे सीए देसे उसिणे देसे गिद्धे देसे लक्खे एवं गरुएणवि समं चउटि भंगा कायव्वा, सव्वे लहुए देसे कक्खडे देसे मउए देसे सीए देसे उसिणे देसे गिद्धे देसे लुक्खे एवं लहुएणवि समं चउट्टि भंगा कायव्वा, सव्वे सीए देसे कक्खडे देसे मउए देसे गरुए देसे लहुए देसे गिद्धे देसे लुक्खे एवं सीएणवि समं चउ. सद्धि भंगा कायव्वा, सव्वे उसिणे देसे कक्खडे मउए देसे गरुए देसे लहए देसे गिद्धे देसे लुक्खे एवं उसिणेणवि समं चउट्टि भंगा कायव्वा, सव्वे गिद्धे देसे कक्खडे देसे मउए देसे गरुए देसे लहुए देसे सीए देसे उसिणे एवं णिद्धणवि समं चउसद्रिं भंगा कायव्वा, सव्वे लक्खे देसे कक्खडे देसे मउए देसे गरुए देसे लहुए देसे सोए देसे उसिणे एवं लुक्खेणवि समं चउढि भंगा कायव्वा जाव सव्वे लक्खे देसा कक्खडा देसा मउया देसा गरुया देसा लहुया देसा सीया देसा उसिणा, एवं सत्तफासे पंचबारसुत्तरा भंगसया भवंति / जइ अट्टफासे देसे कक्खडे देसे मउए देसे गरुए देसे लहए देसे सीए देसे उसिणे देसे णिद्ध देसे लुक्खे 4, देसे कक्खडे देसे मउए देसे गरुए देसे लहुए देसे सीए देसा . उसिणा देसे गिद्धे देसे लुक्खे 4, देसे कक्खडे देसे मउए देसे गरुए देसे लहुए Page #915 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 902 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि देसा सीया देसे उसिणे देसे गिद्धे देसे लुक्खे 4, देसे कक्खडे देसे मउए देसे गरुए देसे लहुए देसा सीया देसा उसिणा देसे गिद्धे देसे लुक्खे 4, एए चत्तारि चउक्का सोलस भंगा, देसे कक्खडे देसे मउए देसे गरुए देसा लहुया देसे सीए देसे उसिणे देसे णिद्ध देसे लुक्खे, एवं एए गरुएणं एगत्तएणं लहुएणं पुहत्तएणं सोलस भंगा कायव्वा, देसे कक्खडे देसे मउए देसा गरुया देसे लहुए देसे सीए देसे उसिणे देसे गिद्धे देसे लुक्खे एएवि सोलस भंगा कायव्वा, देसे कक्खडे देसे मउए देसा गरुया देसा लहुया देसे सीए देसे उसिणे देसे गिद्धे देसे लुक्खे एएवि सोलस भंगा कायव्वा, सव्वेऽवि ते चउटूि भंगा कक्खडमउहि एगत्त. एहि, ताहे कक्खडेणं एगत्तएणं मउएणं पुहत्तेणं एए चउट्टि भंगा कायव्वा ताहे कक्खडेणं पुहत्तएणं मउएणं.एगत्तएणं चउट्टि भंगा कायव्वा, ताहे एएहि चेव दोहिवि पुहुत्तेहिं चउढि भंगा कायव्वा जाव, देसा कक्खडा देसा मउया देसा गरुया देसा लहुया देसा सीया देसा उसिणा देसा णिद्धा देसा लुक्खा एसो अपच्छिमो भंगो, सव्वेते अट्ठफासे दो छप्पण्णा भंगसया भवंति। एवं एए बायरपरिणए अणंतपएसिए खंधे सव्वेसु संजोएसु बारस छण्णउया भंगसया भवंति // 668 // कइविहे गं भंते ! परमाणू प० ? गोयमा ! चउबिहे परमाणू प०, तं०-दव्वपरमाणू , खेत्तपरमाणू , कालपरमाणू, भावपरमाणू / दव्वपरमाणू णं भंते ! कइविहे प० ? गोयमा ! चउन्विहे प०, तं०-अच्छेज्जे अभेज्जे, अडझे, अगेज्झे / खेत्तपरमाणू णं भंते ! कइविहे प० ? गोयमा ! चउन्विहे प०, तं०-अणद्धे, अमज्झे, अपएसे, अविभाइमे / कालपरमाणू पुच्छा, गोयमा ! चउन्विहे प०, तं०-अवण्णे, अगंधे, अरसे, अफासे / भावपरमाणू गं भंते ! कइविहे प० ? गोयमा ! चउविहे प०, तं०-वण्णमंते, गंधमंते, रसमंते, फासमंते / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति जाव विहरइ // 666 // वीसइमं सयं छट्ठो उद्देसो पुढविक्काइए णं भंते ! इमीसे रयणप्पमाए य सक्करप्पभाए य पुढवीए अंतरा समोहए समोहणित्ता जे भविए सोहम्मे कप्पे पुढविकाइयत्ताए उववज्जित्तए से णं भंते ! कि पुदिव उववज्जित्ता पच्छा आहारेज्जा पुदिव आहारित्ता पच्छा उववज्जेज्जा ? गोयमा ! पुटिव वा उववज्जित्ता० एवं.जहा सत्तरसमसए छठुद्देसे जाव से तेण→णं गोयमा! एवं वच्चइ-पुचि वा जाव उववज्जेज्जा Page #916 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 20 उ. 6 903 गवरं तेहिं संपाउणेज्जा इमेहि आहारो भण्णइ सेसं तं चेव / पुढविक्काइए गं भंते ! इमोसे रयणप्पभाए सक्करप्पभाए य पुढवीए अंतरा समोहए समोहणित्ता जे भविए ईसाणे कप्पे पुढविक्काइयत्ताए उववज्जित्तए एवं चेव, एवं जाव ईसिप्पन्भाराए उववाएयव्यो / पुढविक्काइए गं भंते ! सक्करप्पमाए पुढवीए वालुयप्पभाए पुढवीए अंतरा समोहए 2 ता जे भविए सोहम्मे जाव ईसिप्प. उभाराए, एवं एएगे कमेणं जाव तमाए अहेसत्तमाए य पुढवीए अंतरा समो. हए समाणे जे भविए सोहम्मे कप्पे जाव ईसिप्पन्भाराए उववाएयव्वो। पुढवि. क्काइए णं भंते ! सोहम्मीसाणाणं सणंकुमारमाहिदाण य कप्पाणं अंतरा समोहए 2 त्ता जे भविए इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए पुढविक्काइयत्ताए उव. वज्जित्तए से णं भंते ! कि पुग्वि उववज्जित्ता पञ्छा आहारेज्जा सेसं तं चेव जाव से तेणठेणं जाव णिक्खेवओ। पुढविक्काइए गं भंते ! सोहम्मीसाणाणं सणं. कुमारमाहिदाण य कप्पा अंतरा समोहए 2 ता जे भविए सक्करप्पभाए पुढवीए पुढविकाइयत्ताए उववज्जित्तए एवं चेव, एवं जाव अहेसत्तमाए उव. वाएयव्वो, एवं सणंकुमारमाहिंदाणं बंभलोगस्स य कप्पस्स अंतरा समोहए समो. हणित्ता पुणरवि जाव अहेसत्तमाए उववाएयव्यो, एवं बंभलोगस्स तगस्स य कप्पस्स अंतरा समोहए पुणरवि जाव अहेसत्तमाए, एवं लंतगस्स महासुक्कस्स कप्पस्स य अंतरा समोहए पुणरवि जाव अहेसत्तमाए, एवं महासुक्कस्स सहस्सारस्स य कप्पस्स अंतरा पुणरवि जाव अहेसत्तमाए, एवं सहस्सारस्स आणयपाणयकप्पाणं अंतरा पुणरवि जाव अहेसत्तमाए, एवं आणयपाणयाणं आरणअच्चुयाण य कप्पाणं अंतरा पुणरवि जाव अहेसत्तमाए, एवं आरणअच्चुयाणं गेवेज्जविमाणाण य अंतरा पुणरवि जाव अहेसत्तमाए, एवं गेवेज्जविमाणाणं अणुत्तरविमाणाण य अंतरा पुणरवि जाव अहेसत्तमाए, एवं अणुत्तरविमाणाणं ईसिप्पन्भाराए य पुणरवि जाव अहेसत्तमाए उववाएयव्वो // 670 // आउ• क्काइए णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए सक्करप्पभाए य पुढवीए अंतरा समोहए समोहणित्ता जे भविए सोहम्मे कप्पे आउक्काइयत्ताए उववज्जित्तए सेसं जहा पुढ विकाइयस्स जाव से तेणठेणं, एवं पढमदोच्चाणं अंतरा समो. हए जाव ईसिप्पन्भाराए उववाएयन्वो, एवं एएणं कमेणं जाव तमाए अहे. सत्तमाए य पुढवीए अंतरा समोहए 2 ता जाव ईसिप्पन्भाराए उववाएयवो Page #917 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 904 अंग-पविटु सुत्ताणि आउक्काइयत्ताए, आउयाए णं भंते ! सोहम्मीसाणाणं सणंकुमारमाहिदाण य कप्पाणं अंतरा समोहए समोहणित्ता जे भविए इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए घणोदहि (२)-वलएसु आउक्काइयत्ताए उववज्जित्तए सेसं तं चेव एवं एएहि चेव अंतरा समोहओ जाव अहेसत्तमाए पुढवीए घणोदहिवलएसु आउक्काइ. यत्ताए उववाएयव्वो, एवं जाव अणुत्तरविमाणाणं ईसिप्पभाराए य पुढवीए अंतरा समोहए जाव अहेसत्तमाए घणोदहिवलएसु उववाएयव्यो / / 671 // वाउक्काइए णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुहवीए सक्करप्पभाए पुढवीए अंतरा समोहए समोहणित्ता जे भविए सोहम्मे कप्पे वाउक्काइयत्ताए उववज्जित्तए एवं जहा सत्तरसमसए वाउक्काइयउद्देसए तहा इहवि, णवरं अंतरेसु समोहणा णेयवा सेसं तं चेव जाव अणत्तरविमाणाणं ईसिप्पन्भाराए य पुढवीए अंतरा समोहए समोहणित्ता जे भविए घणवायतणुवाए घणवायतणुवायवलएसु वाउ. क्काइयत्ताए उववज्जित्तए, सेसं तं चेव जाव से तेण?णं जाव उववज्जेज्जा। सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 672 // . वीसइमं सयं सत्तमो उद्देसो कइविहे गं भंते ! बंधे प० ? गोयमा ! तिविहे बंधे प०, तं०-जीवप्प. ओगबंधे, अणंतरबंधे, परंपरबंधे / गेरइयाणं भंते ! कइविहे बंधे 50 ? एवं चेव, एवं जाव वेमाणियाणं / णाणावरणिज्जस्स गं भंते ! कम्मस्स कइविहे बंधे प० ? गोयमा ! तिविहे बंधे 50, तं०-जीवप्पओगबंधे, अणतरबंधे, परंपरबंधे / णेरइयाणं भंते ! णाणावरणिज्जस्स कम्मस्स कइ विहे बंधे प० ? एवं चेव, एवं जाव वेमाणियाणं, एवं जाव अंतराइयस्स / णाणावरणिज्जो. दयस्स गं भंते ! कम्मस्स कइविहे बंधे प० ? गोयमा ! तिविहे बंधे 50 एवं चेव, एवं णेरइयाणवि एवं जाव वेमाणियाणं एवं जाव अंतराइयउदयस्स। इत्थीवेयस्स गं भते ! कइलिहे बंधे 50 ? गोयमा ! तिविहे बंधे प० एवं चेव / असुरकुमाराणं भंते ! इत्थीवेयस्स कइविहे बंधे प०? गोयमा ! तिविहे बंधे प० एवं चेव, एवं जाव वेमाणियाणं, णवरं जस्स इस्थिवेओ अस्थि, एवं पुरिसवेयस्सवि, एवं णपुंसगवेयस्सवि जाव वेमाणियाणं, णवरं जस्स जो अस्थि वेओ / दसणमोहणिज्जस्स णं भंते ! कम्मस्स कइविहे बंधे प० ? एवं चेव णिरंतरं जाव वेमाणियाणं, एवं चरित्तमोहणिज्जस्सवि जाव वेमाणियाणं, एवं Page #918 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 20 उ. 8 905 एएणं कमेणं ओरालियसरीरस्स जाव कम्मगसरीरस्स, आहारसण्णाए जाव परिग्गहसण्णांए, कण्हलेस्साए जाव सुक्कलेस्साए, सम्मदिट्ठीए मिच्छादिट्ठीए सम्मामिच्छादिट्ठीए, आभिणिबोहियणाणस्स जाव केवलणाणस्स, मइअण्णा. णस्स सुयअण्णाणस्स विभंगणाणस्स, एवं आभिणिबोहियणाणविसयस्स णं भंते ! कइविहे बंधे प० जाव केवलणाणविसयस्स मइअण्णाणविसयस्स सुयअण्णाण. विसयस्स विभंगणाणविसयस्स एएसि सम्वेसि पयाणं तिविहे बंधे प०, सव्वेवेते चउव्वीसं दंडगा भाणियव्वा, णवरं जाणियव्वं जस्स जई अस्थि जाव वेमा. णियाणं भंते ! विभंगणाणविसयस्स कइविहे बंधे प० ? गोयमा ! तिविहे बंधे 50, तं०-जीवप्पओगबंधे, अणंतरबधे, परंपरबधे / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति जाव विहरइ // 673 // वीसइमं सयं अट्ठमो उद्देसो कइ णं भंते ! कम्मभूमीओ प० ? गोयमा ! पण्णरस कम्मभूमीओ प०, तं०-पंच भरहाई, पंच एरवयाई, पंच महाविदेहाइं / कइ णं भंते ! अकम्म. भूमीओ प० ? गोयमा ! तीसं अकम्मभूमीओ प०, तं०-पंच हेमवयाई, पंच हेरण्णवयाई, पंच हरिवासाई, पंच रम्मगवासाई, पंच देवकुराई, पंच उत्तर कुराई / एयासु णं भंते ! तीसासु अकम्मभूमीसु अत्थि उस्सप्पिणीइ वा ओस. प्पिणीइ वा ? णों इणठे समठे / एएसु णं भंते ! पंचसु भरहेसु पंचसु एर. वए सु अस्थि उस्सप्पिणीइ वा ओसप्पिणीइ वा ? हंता अस्थि, एएसु णं पंचसु महाविदेहेसु०, वत्थि उस्सप्पिणी वत्थि ओसप्पिणी अवदिए तत्थ काले प० समणाउसो ! // 674 // एएसु गं भंते ! पंचसु महाविदेहेसु अरिहंता भगवंतो पंचमहव्वइयं सपडिक्कमणं धम्मं पण्णवयंति ? णो इणढे समठे, एएसु णं पंचसु भरहेसु पंचसु एरवएसु पुरिमपच्छिमगा दुवे अरिहंता भगवंतो पंचमहव्वइयं पंचाणुव्वइयं सपडिक्कमणं धम्मं पण्णवयंति, अवसेसा गं अरिहंता भगवंतो चाउज्जामं धम्मं पण्णवयंति, एएसु गं पंचसु महाविदेहेसु अरहंता भगवंतो चाउज्जामं धम्म पण्णवयंति / जंबुद्दीवे गं भंते ! दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए कइ तित्थगरा प.? गोयमा ! चउव्वीसं तित्थगरा पण्णत्ता, तं०-उसभअजियसंभवअभिणंदणसुमइसुप्पभसुपासससिपुप्फदंतसीयलसेज्जंसवासुपुज्जविमलअणंतधम्मसंतिकुंथुअरमल्लिमुणिसुव्वयणमिणेमिपासबद्ध. Page #919 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 906 अंग-पविट्ट सुत्ताणि माणा 24 // 675 // एएसि गं भंते ! च उवीसाए तित्थगराणं कइ जिणंतरा प० ? गोयमा ! तेवीसं जिणंतरा प० / एएसि णं भंते ! तेवीसाए: जिणंत. रेसु कस्स कहिं कालियसुयस्स वोच्छेदे 50 ? गोयमा ! एएसु णं तेवीसाए जिणंतरेसु पुरिमपच्छिमएसु अट्ठसु 2 जिणंतरेसु एत्थ णं कालियसुयस्स अवो. च्छेदे प०, मज्झिमएसु सत्तसु जिणंतरेसु एत्थ णं कालियसुयस्स वोच्छेदे प०, सम्वत्थवि णं वोच्छिण्णे दिट्ठिवाए // 676 // जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे मारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए देवाणप्पियाणं केवइयं कालं पुव्वगए अणसज्जिस्सइ ? गोयमा ! जंबुद्दीवे गं दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए ममं एगं वाससहस्सं पुव्वगए अणुसज्जिस्सइ / जंहा णं भंते ! जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए देवाणु प्पियाणं एगं वाससहस्सं पुन्वगए अणुसज्जिस्सइ तहा णं भंते ! जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए अवसेसाणं तित्थगराणं केवइयं कालं पुत्रगए अणुसज्जित्था ? गोयमा ! अंत्थेगइयाणं संखेज्जं कालं अत्थेगइयाणं असंखेज्जं कालं // 677 // जंबद्दीवे गं भंते ! दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिसीए देवाणुप्पियाणं केवइयं कालं तित्थे अणुसज्जिस्सइ ? गोयमा! जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे इमोसे ओसप्पिणीए ममं एगवीसं वाससहस्साई तित्थे अणुसज्जिस्सइ // 678 // जहा णं भंते ! जंबुद्दीवे बीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए देवाणुप्पियाणं एक्कवीसं वाससहस्साई तित्थे अणुसज्जिस्सइ तहा णं भंते ! जंबद्दीवे दीवे भारहे वासे आगमेस्साणं चरिमतित्थगरस्स केवइयं कालं तित्थे अणसज्जिस्सइ ? गोयमा ! जावइए णं उसभस्स अरहओ कोस. लियस्स जिणपरियाए एवइयाई संखेज्जाई आगमेस्साणं चरिमतित्थगरस्स तित्थे अणसज्जिस्सइ // 676 // तित्थं भंते ! तित्थं तित्थगरे तित्थं ? गोयमा ! अरहा ताव णियमं तित्थगरे, तित्थं पुण चाउवण्णाइण्णे समणसंघे, तं०-समणा समणीओ सावया सावियाओ॥ 680 // पवयगं भंते ! पवयणं पावयणी पवयणं ? गोयमा ! अरहा ताव णियमं पावयणी, पवयणं पुण दुवालसंगे गणिपिडगे, तं०-आयारो जाव दिट्ठीवाओ / जे इमे भंते ! उग्गा भोगा राइण्णा इक्खागा णाया कोरवा एए गं अस्सि धम्मे ओगाहंति अस्सि० 2 ता अविहं कम्मरयमलं पवाति पवाहिता तओ पच्छा सिझंति जाव अंतं करेंति ? हंता गोयमा ! जे इमे उग्गा भोगा तं चेव जाव अंतं Page #920 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 20 उ. 9 907 करेंति, अत्थेगइया अग्णयरेसु देवलोएसु देवत्ताए उववत्तारो भवति / कइविहा गं भंते ! देवलोया प० ? गोयमा ! चउन्विहा देवलोया प०,तं०-भवणवासी, वाणमंतरा, जोइसिया, वेमाणिया / सेवं भंते ! 2 ति // 681 // वीसइमं सयं णवमो उद्देसो कइविहा गं भंते ! चारणा प० ? गोयमा ! दुविहा चारणा पण्णत्ता, तंजहा-विज्जाचारणा य जंघाचारणा य। से केणठेणं भंते ! एवं वच्चइविज्जाचारणा विज्जाचारणा ? गोयमा ! तस्स गं छठेंछट्टेणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं विज्जाए उत्तरगुणद्धि खममाणस्स विज्जाचारणलद्धी णामं लद्धी समुप्पज्जइ, से तेणठेणं जाव विज्जाचारणा 2 / विज्जाचारणस्स गं भंते ! कह सीहा गई कहं सीहे गइविसए पण्णत्ते ? गोयमा ! अयण्णं जंबूद्दीवे दीवे जाव किंचिविसेसाहिए परिक्खेवेगं देवे गं महिड्डिए जाव महेसक्खे जाव इणा. मेवत्तिक? केवलकप्पं जंबुद्दीवं दीवं तिहिं अच्छराणिवाहि तिक्खुत्तो अणुपरियट्टित्ताणं हव्वमागच्छेज्जा, विज्जाचारणस्स गं गोयमा ! तहा सीहा गई तहा सीहे गइविसए पण्णत्ते / विज्जाचारणस्स गं भंते ! तिरियं केवइए गइ. विसए पण्णत्ते ? गोयमा ! से णं इओ एगेणं उप्पाएणं माणुसुत्तरे पब्वए समोसरणं करेइ करेत्ता चेइयाई वंदइ 2 ता बिइएणं उप्पाएणं गंदीसरवरे दीवे समोसरणं करेइ करेत्ता तहि चेहयाई वंदह 2 ता तओ पडिणियत्तइ 2 ता इहमागच्छइ 2 ता इह चेइयाई वंदइ, विज्जाचारणस्स गं गोयमा ! तिरियं एवइए गहविसए पण्णत्ते / विज्जाचारणस्स णे भंते ! उड्ढं केवइए गइविसए पण्णत्ते ? गोयमा ! से गं इओ एगेणं उप्पाएणं गंवणवणे समोसरणं करेइ करेत्ता तहि चेइयाइं वंदइ 2 ता बिइएणं उप्पाएणं पंडगवणे समोसरणं करेइ करेत्ता तहि चेइयाई वंदइ 2 ता तओ पडिणियत्तइ 2 ता इहमाग. च्छइ, 2 ता इह चेइयाइं वंदइ, विज्जाचारणस्स गं गोयमा ! उड्ढं एवइए गाविसए पण्णत्ते, से गं तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिक्कते कालं करेइ णस्थि तस्स आराहणा, से गं तस्स ठाणस्स आलोइयपडिक्कते कालं करेइ अस्थि तस्स आराहणा // 682 // से केणठेणं भंते ! एवं वच्चइ-जंघाचारणा 2 ? गोयमा ! तस्स गं अट्ठमंअटुमेणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं अप्पाणं भावेमाण Page #921 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 20 उ. 10 908 स्स जंघाचारणलद्धी णामं लद्धी समुप्पज्जइ, से तेण?णं जाव जंघाचारणा 2 / जंघाचारणस्स णं भते ! कहं सोहा गई कहं सीहे गइविसए पण्णत्ते? गोयमा ! अयण्णं जंबुद्दीवे दीवे एवं जहेव विज्जाचारणस्स णवरं तिसत्तखुत्तो अणुपरिय. द्वित्ताणं हव्वमागच्छेज्जा, जंघाचारणस्स णं गोयमा ! तहा सीहा गई तहा सोहे गइविसए पण्णते, सेसं तं चेव / जंघाचारणस्स गं भंते ! तिरियं केवइए गइ. विसए पण्णते ? गोयमा ! से गं इओएगेणं उप्पाएणं रुयगवरे दीवे समोसरण करेइ करेत्ता तहि चेइयाई वंदइ 2 ता तओ पडिणियत्तमाणे बिइएणं उप्पा. एणं गंदीसरवरदीवे समोसरणं करेइ करेत्ता तहिं चेइयाई वंदइ 2 ता इहमागच्छइ 2 ता इह चेहयाई वंदइ, जंघाचारणस्स गं गोयमा ! तिरियं एवइए गइविसए पण्णत्ते / जंघाचारणस्स गं भंते ! उड्ढं केवइए गइविसए पण्णते ? गोयमा ! से णं इओ एगेणं उप्पाएणं पंडगवण्णे समोसरणं करेइ करेत्ता तहिं चेइयाई वंदइ 2 त्ता तओ पडिणियत्तमाणे बिइएणं उप्पाएणं गंदणवणे समो. सरणं करेइ 2 ता तहि चेइयाइं वंदइ 2 ता इहमागच्छइ 2 ता इह चेइयाई वंदइ, जंणाचारणस्स गं गोयमा ! उड्ढं एवइए गइ विसए पण्णत्ते, से णं तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिक्कते कालं करेइ णत्थि तस्स आराहणा, से णं तस्स ठाणस्स आलोइयपडिक्कते कालं करेइ अस्थि तस्स आराहणा / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति जाव विहरइ // 683 // वीसइमं सयं दसमो उद्देसो जीवा गं भंते ! किं सोवक्कमाउया णिरुवक्कमाउया ? गोयमा ! जीवा सोवक्कमाउयावि णिरुवक्कमाउयावि / णेरइयाणं पुच्छा, गोयमा ! णेरइया णो सोवक्कमाउया णिरुवक्कमाउया, एवं जाव थणियकुमारा, पुढ विक्काइया जहा जीवा, एवं जाव मणुस्सा, वाणमंतरजोइसियवेमाणिया जहा णेरइया // 684 // णेरइया गं भंते ! कि आओवक्कमेणं उववज्जति, परोवक्कमेणं उववज्जति, णिरुवक्कमेणं उववज्जति ? गोयमा ! आओवक्कमेणवि उव. वज्जति, परोवक्कमेणवि उववज्जति, णिरुवक्कमेणवि उववज्जति,.एवं जाव वेमाणियाणं / णेरइया णं भंते ! कि आओवक्कमेणं उन्वटुंति, परोवक्कमेणं उव्वटुंति, णिरुवक्कमेणं उव्वटुंति ? गोयमा ! णो आओवक्कमेणं उव्वटुंति, णो परोवक्कमेणं उव्वटुंति, णिरुवक्कमेणं उन्वटुंति, एवं जाव थणियकुमारा, Page #922 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 20 उ. 10 909 पुढविकाइया जाव मणुस्सा तिसु उध्वटुंति, सेसा जहा ऐरइया णवरं जोइसिय. वेमाणिया चयति / णेरइया णं भंते ! कि आइड्ढीए उववज्जति परिड्ढीए उववज्जति ? गोयमा ! आइड्ढीए उववज्जति णो परिड्ढीए उववज्जति, एवं जाव वेमाणिया णं / रइया णं भंते ! कि आइड्ढीए उव्वटुंति परिड्ढीए उव्वटुंति ? गोयमा ! आइड्ढीए उन्वटुंति णो परिड्ढीए उव्वटुंति, एवं जाव वेमाणिया, णवरं जोइसियवेमाणिया चयंतीइ अभिलावो। णेरइया गं भंते ! कि आयकम्मणा उववज्जति परकम्मणा उववज्जंति ? गोयमा ! आयकम्मुणा उववज्जति णो परकम्मणा उववज्जंति, एवं जाव वेमाणिया, एवं उव्वट्टणादंडओवि / णे रइया गं भंते ! कि आयप्पओगेणं उववज्जंति परप्पओगेणं उव. बज्जति ? गोयमा ! आयप्पओगेणं उववज्जति णो परप्पओगेणं उववज्जति, एवं जाव वेमाणिया, एवं उव्वट्टणादंडओवि // ६८५॥णेरइया णं भंते ! कि कइसंचिया अकइसंचिया अवत्तव्वगसंचिया ? गोयमा ! रइया कइसंचियावि अकइसंचियावि अवत्तध्वगसंचियः वि।से केण?णं जाव अवत्तव्वगसंचियावि ? गोयमा ! जे गं रइया संखेज्जएणं पवेसणएणं पविसंति ते णं णेरड्या कइ. संचिया, जे गं रइया असंखेज्जएणं पवेसणएणं पविसंति ते णं णेरइया अकइ. संचिया, जे णं णेरइया एक्कएणं पवेसणएणं पविसंति ते णं णेरइया अवत्तव्वग. संचिया, से तेणठेणं गोयमा ! जाव अवत्तव्वगसंचियावि, एवं जाव थणिय. कुमारा / पुढविक्काइयाणं पुच्छा, गोयमा! पुढविकाइया णो कइसंचिया अकइसंचिया णो अवत्तव्वगसंचिया। से केणठेणं भंते ! एवं वच्चइ जाव णो अवत्तव्वगसंचिया ? गोयमा ! पुढविकाइया असंखेज्जएणं पवेसणएणं पविसंति से तेणठेणं जाव णो अवत्तव्वगसंचिया, एवं जाव वणस्सइकाइया, बेइंदिया जाव वेमाणिया जहा रइया / सिद्धाणं पुच्छा, गोयमा ! सिद्धा कइसंचिया णो अकइसंचिया अवत्तव्वगसंचियावि / से केणठेणं भंते ! जाव अवत्तव्वगसंचियावि ? गोयमा ! जे णं सिद्धा संखेज्जएणं पवेसणएणं पविसंति ते णं सिद्धा कइसंचिया, जे णं सिद्धा एक्कएणं पवेसणएणं पविसंति ते णं सिद्धा अवत्तव्वगसंचिया, से तेणठेणं गोयमा ! जाव अवत्तव्वगसंचियावि / एएसि णं भंते ! रइयाणं कइसंचियाणं अकइसंचियाणं अवत्तव्वगसंचियाण य कयरे 2 जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा घेरइया अवत्तव्वगसंचिया, कइ. Page #923 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 910 . अंग-पविट्ट सुत्ताणि संचिया संखेज्जगुणा, अकइसंचिया असंखेज्जगुणा, एवं एगिदियवज्जाणं जाव वेमाणियाणं अप्पाबहुगं, एगिदियाणं णस्थि अप्पाबहुगं। एएसि णं भंते ! सिद्धाणं कइसंचियाणं अवत्तव्वगसंचियाण य कयरे 2 जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा सिद्धा कइसंचिया, अवत्तव्वगसंचिया संखेज्जगुणा / णेरइया णं भंते ! कि छक्कसमज्जिया 1, णोछक्कसमज्जिया 2, छक्केण य णोछक्केण य समज्जिया 3, छक्केहि समज्जिया 4, छक्केहि य णोछक्केण य समज्जिया 5 ? गोयमा ! जेरइया छक्कसमज्जियावि 1, णोछक्कसमज्जियावि 2, छक्केण य णोछक्केण य समज्जियावि 3, छक्केहि समज्जियावि 4, छक्केहि य णोछक्केण य समज्जियावि 5 / सेकेणठेणं भंते ! एवं वच्चइ-णेरइया छक्कसमज्जियावि जाव छक्केहि यणोछक्केण य समज्जियावि? गोयमा ! जे णं रइया छक्कएणं पवेसणएणं पविसंति ते णं रइया छक्कसमज्जिया 1, जे णं रइया जहण्णणं एक्केण वा दोहि वा तीहि वा उक्कोसेणं पंचएणं पवेसण. एणं पविसंति ते णं गैरइया णोछक्कसमज्जिया 2, जे णं णेरइया एगेणं छक्कएणं अण्णण य जहणेणं एक्केण वा दोहि वा तोहि वा उक्कोसेणं पंचएणं पवेसण. एणं पविसंति ते णं णेरइया छक्केण य णोछक्केण य समज्जिया 3, जे णं णेर. इया णेगेहि छक्केहि पवेसणएणं पविसंति ते णं णेरइया छक्केहि समज्जिया 4, जे णं गैरइया ग्रेगेहि छक्केहि अण्णेण य जहणेणं एक्केण वा दोहि वा तोहि वा उकोसेणं पंचएणं पवेसणएणं पविसंति ते णं णेरइया छक्केहि य णोछक्केण य समज्जिया 5, से तेणठेणं तं चेव जाव समज्जियावि, एवं जाव थणियकुमारा। पुढविक्काइयाणं पुच्छा, गोयमा ! पुढ विक्काइया णो छक्कसमज्जिया 1, णो पोछक्कसमज्जिया 2, णो छक्केण य णोछक्केण य समज्जिया 3, छक्केहि सम. ज्जियावि 4, छक्केहि य णोछक्केण य समज्जियावि श से केणठेणं भंते ! जाव समज्जियावि ? गोयमा! जे णं पुढविक्काइया णेहि छक्कएहि पवेसणगं पवि. संति ते णं पुढविक्काइया छक्केहि समज्जिया, जे णं पुढविक्काइया णेहि छक्क. एहि अण्णेण य जहण्णेणं एक्केण वा दोहि वा तोहि वा उक्कोसेणं पंचएणं पवे. सणएणं पविसंति ते णं पुढविक्काइया छक्केहि य णोछक्केण य समज्जिया से तेण. ठेणं जाव समज्जियावि, एवं जाव वणस्सइकाइया, बेइंदिया जाव वेमाणिया, सिद्धा जहा गैरइया। एएसि णं भंते ! रइयाणं छक्कसमज्जियाणं णोछक्क Page #924 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स.२० उ. 10 911 समज्जियाणं छक्केण य णोछक्केण य समज्जियाणं छक्केहि य समज्जियानं छक्केहि य गोछक्केण य समज्जियाण य कयरे 2 जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा रहया छक्कसमज्जिया, णोछक्कसमज्जिया संखेज्जगुणा, छक्केण य णोछक्केण य समज्जिया संखेज्जगुणा, छक्केहि य समज्जिया असंखेज्जगणा, छक्केहि य गोछक्केण य समज्जिया संखेज्जगुणा, एवं जाव थणियकुमारा / एएसि णं भंते ! पुढविकाइयाणं छक्केहि समज्जियाणं छक्केहि यणोछक्केण य समज्जियाणं कयरे 2 जाव विसेसाहिया वा? गोयमा! सव्वत्थोवा पुढविक्काइया छक्केहि समज्जिया, छक्केहि य गोछक्केण य समज्जिया संखेज्ज. गुणा, एवं जाव वणस्सइकाइयाणं, बेइंदियाणं जाव वेमाणियाणं जहा रइ. याणं / एएति णं भंते ! सिद्धाणं छक्कसमज्जियाणं णोछक्कसमज्जियाणं जाव छक्केहि य णोछक्केण य समज्जियाण य कयरे कयरे जाव विसेसाहिया वा? गोयमा ! सव्वत्थोवा सिद्धा छक्केहि य णोछक्केण य सम. ज्जिया, छक्केहि समज्जिया संखेज्जगुणा, छक्केण य णोछक्केण य समज्जिया संखेज्जगुणा, छक्कसमज्जिया संखेज्जगुणा, गोछक्कसमज्जिया संखेज्जगुणा / णेरइया णं भंते ! कि बारससमज्जिया 1, णोबारससमज्जिया 2, बारसएण य णोबारसएण य समज्जिया 3, बारसएहि समज्जिया 4, बारसएहि य णोबारसरण य समज्जिया 5 ? गोयमा ! रइया बारससमज्जियावि जाव बारसएहि य णोबारसएण य समज्जियावि / से केणठेणं भंते ! एवं जाव समज्जियावि ? गोयमा ! जे गं गैरइया बारसएणं पवेसणएणं पविसंति ते णं णेरइया बारससमज्जिया 1, जे णं रइया जहण्णेणं एक्केण वा दोहिं वा तीहि वा उक्कोसेणं एक्कारसएणं पवेसणएणं पविसंति ते णं गैरइया णोबारस. समज्जिया 2, जे णं णेरइया बारसएणं पवेसणएणं अण्णण य जहण्णणं एक्केण वा दोहि वा तोहि वा उक्कोसेणं एक्कारसएणं पवेसणएणं पविसंति ते णं रइया बारसरण य णोबारसरण ये समज्जिया 3, जे णं रइया जेहि बारसएहिं पवेसणगं पविसंति ते णं गैरइया बारसएहि समज्जिया 4, जे णं गेरइया नेगेहि बारसएहि अण्णेण य जहण्णणं एक्केण वा दोहिं वा तीहि वा उक्कोसेणं एक्कारसएणं फ्वेसणएणं पविसंति ते णं णेरइया बारसएहि य णीबारसएण य समज्जिया 5, से तेण→णं जाव समज्जियावि, एवं जाव थणिय. Page #925 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 912 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि कुमारा। पुढविक्काइयाणं पुच्छा, मोयमा ! पुढविक्काइया णो बारससमज्जिया 1, णो णोबारससमज्जिया 2, णो बारसएण य णोबारसएण य सममिया 3, बारसएहि समज्जिया 4, बारसएहि य णो बारसरण य समज्जियावि 5 / से केण?णं भंते ! जाव समज्जियावि ? गोयमा ! जे णं पुढविक्काइया णेहि बारसएहि पवेसणगं पविसंति ते णं पुढविक्काइया बारसएहि समज्जिया, जेणं पुढविक्काइया णेहि बारसहि अण्णेण य जहणणं एक्केण वा दोहि वा तीहि वा उक्कोसेणं एक्कारसएणं पवेसणएणं पविसंति ते णं पुढविक्काइया बारसएहि य णोबारसएण य समज्जिया, से तेणठेणं जाव समज्जियावि, एवं जाव वणस्सइकाइया, बेइंदिया जाव सिद्धा जहा रइया / एएसि णं भंते ! जेर. इयाणं बारससमज्जियाणं० सन्वेसि अप्पाबहुगं जहा छक्कसमज्जियाणं णवरं बारसाभिलावो, सेसं तं चेव। णेरइया णं भंते ! कि चुलसीइसमज्जिया 1, गोचुलसीइसमज्जिया 2, चुलसीईए य णोचुलसीईए य समज्जिया 3 चुलसीईहि समज्जिया 4, चुलसीईहि य णोचुलसीईए य समज्जिया 5 ? गोयमा! रइया चुलसीइसमज्जियावि जाव चुलसीईहि य णोचलसीईए य समज्जियावि। से केणठेणं भंते ! एवं बच्चइ जाव समज्जियांवि ? गोयमा ! जे णं णेरइया चुलसीईएणं पवेसणएणं पविसंति ते णं गैरइया चुलसीइसमज्जिया 1, जेणं रइया जहणणं एक्केण वा दोहि वा तीहि वा उक्कोसेणं तेसीइ पवेसणएणं पविसंति ते णं णेरइया णोचुलसीइसज्जिया 2, जे णं. गैरइया चुलसीइएणं अण्णेण य जहण्णेणं एक्केण वा दोहि वा तीहि वा उक्कोसेणं तेसीइएणं पवेसण. एणं पविसंति ते णं णेरइया चुलसीईए य णोचलसीईए य समज्जिया 3, जेणं णेरइया णेहि चुलसीईएहि पवेसणगं पविसंति ते णं णेरइया चुलसीईएहि समज्जिया 4, जे णं णेरइया णेहि चलसीईएहि अण्णेण य जहणणं एक्केण वा जाव उक्कोसेणं तेसीइएणं जाव पविसंति ते णं णेरइया चलसीईहि य णोचुलसीईए य समज्जिया 5, से तेणठेणं जाव समज्जियावि, एवं जाव थणियकुमारा, पुढविक्काइया तहेव पच्छिल्लएहिं दोहि 2 णवर अभिलावो चुलसीईओ भंगो, एवं जाव वणस्सइकाइया, बेइंदिया जाव वेमाणिया जहा रइया / सिद्धाणं पुच्छा, गोयमा ! सिद्धा चुलसीइसमज्जियावि 1, णोचुल. सीइसमज्जियावि 2, चुलसीईए य णोचुलसीईए य समज्जियावि 3, णो चुल Page #926 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 21 उ. 1 व. 1 913 सीईहि समज्जिया 4, णो चुलसीईहि य णोचुलसीईए य समज्जिया 5 / से केणढेणं भंते ! जाव समज्जिया? गोयमा ! जे णं सिद्धा चुलसीईएणं पवे. सणएणं पविसंति ते गं सिद्धा चुलसीइसमज्जिया, जे णं सिद्धा जहणणं एक्केण वा दोहि वा तोहिं वा उक्कोसेणं तेसीइएणं पवेसणएणं पविसंति ते णं सिद्धा गोचलसीइसमज्जिया, जे गं सिद्धा चुलसीइएणं अण्णण य जहणणं एक्केण वा दोहि वा तीहि वा उक्कोसेणं तेसीइएणं पवेसणएणं पविसंति ते णं सिद्धा चुल. सीईए य गोचुलसीईए य समज्जिया, से तेण→णं जाव समज्जिया। एएसि णं भंते ! रइयाणं चलसीइसमज्जियाणं णोचलसीइसमज्जियाणं. सव्वेसि अप्पाबहुगं जहा छक्कसमज्जियाणं जाव वेमाणियाणं, णवरं अभिलावो चुलसीईओ। एएसि णं भंते ! सिद्धाणं चुलसीइसमज्जियाणं णोचुलसीइसमज्जियाणं चुल. सीईए य णोचुलसीईए य समज्जियाणं कयरे . 2 जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा सिद्धा चुलसीईए य णोचुलसीईए य समज्जिया, चुलसीइसमज्जिया अणंतगुणा, णोचलसीइसमज्जिया अणंतगुणा। सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति जाव विहरइ // 686 // वीसइमं सयं समत्तं // एगवीसइमं सयं पढमो वग्गो पढमो उद्देसो॥ सालि कल अयसि वसे इक्खू दब्भे य अब्भ तुलसी य / अट्ठए दस वग्गा असीई पुण होंति उद्देसा // 1 // रायगिहे जाव एवं वयासी-अह भंते ! साली. वीही-गोधम जाव जवजवाणं एएसि *णं भंते ! जीवा मलताए वक्कमंति ते गं भंते ! जीवा कओहितो उववज्जति कि रइएहितो उववज्जति तिरि० मण० देवेहितो०? जहा वक्कंतीए तहेव उववाओ णवरं देववज्ज। ते गं भंते ! जीवा एगसमएणं केवइया उववज्जति ? गोयमा ! जहण्णेणं एक्को वा दो वा तिणि वा उक्कोसेणं संखेज्जा वा असखेज्जा वा उववज्जति, अवहारो जहा उप्पलहेसए / तेसि णं भंते ! जीवाणं केमहालिया सरीरोगाहणा प.? गोयमा ! जहणेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं उक्कोसेणं धणुहपुहत्तं / ते णं भंते ! जीवा णाणावरणिज्जस्स कम्मस्स किं बंधगा अबंधगा ? जहा उप्पलुद्देसए, एवं वेएवि उदएवि उदीरणाएवि / ते णं भंते ! जीवा किं कण्हलेस्सा णीललेस्सा Page #927 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 914 अंग-पविट्ट सुत्ताणि काउलेस्सा छन्वीसं भंगा, दिट्ठी जाव इंदिया जहा उप्पलुद्देसए / ते णं भंते ! साली-वीही-गोधम जाव जवजवगमलगजीवे कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा! जहणणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं असंखेज्जं कालं। से णं भंते ! साली-वीहीगोधम जाव जवजवगमलगजीवे पुढवीजीवे पुणरवि साली-वीही जाव जवजवगमलगजीवे केवइयं कालं सेवेज्जा केवइयं कालं गइरागइं करेज्जा ? एवं जहा उप्पलुद्देसए, एएणं अभिलावेणं जाव मणुस्सजीवे, आहारो जहा उप्पलुद्देसे ठिई जहणेणं अंतोमुहत्तं उक्कोसेणं वासपुहुत्तं, समुग्घायसमोहया उव्वट्टणा य जहा उप्पलुइसे / अह भंते ! सव्वपाणा जाव सव्वसत्ता साली-वीही जाव जवजवगमूलगजीवत्ताए उववष्णपुवा ? हंता गोयमा ! असई अदुवा अणंतखुत्तो / सेवं भंते ! 2 त्ति // 687 // , एगवीसइमं सयं पढमो वग्गो 2-10 उद्देसा अह भंते ! साली-वीही जाव जवजवाणं एएसि णं जे जीवा कंदत्ताए वक्क. मंति ते णं भंते ! जीवा कओहितो उववज्जति एवं कंदाहिगारेण सो चेव मूलुदेसो अपरिसेसो भाणियन्वो जाव असई अदुवा अणतखुत्तो। सेवं भंते ! 2 त्ति (21-1-2) / एवं खंधेवि उद्देसओ णेयव्वो (21-1-3) / एवं तयाएवि उद्देसो भाणियन्वो (21.1.4) / सालेवि उद्देसो भाणियव्वो (21-1-5) / पवालेवि उद्देसो भाणियन्वो (21.1.6) / पत्तेवि उद्देसो भाणियव्वो (21.1-7) / एए सत्तवि उद्देसगा अपरिसेसं जहा मूले तहा णेयव्वा / एवं पुप्फेवि उद्देसओ णवरं देवा उववज्जति जहा उप्पलुसे चतारि लेस्साओ असीइ भंगा ओगाहणा जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं उक्कोसेणं अंगुलपुहुत्तं सेसं तं चेव। सेवं भंते ! 2 त्ति (21-1-8) / जहा पुप्फे एवं फलेवि उद्देसओ अपरिसेसो भाणियन्वो (21-1.6) / एवं बीएवि उद्देसओ (21.1.10) एए दस उद्देसगा // 21-1 // एगवीसइमं सयं 2-8 वग्गा अह भंते ! कलायमसूरतिलमुग्गमासणिप्फावकुलत्थआलिसंदगसइणपलिमंथगाणं एएसि णं जे जीवा मलत्ताए वक्कमंति ते णं भंते ! जीवा कओहितो उववज्जति ? एवं मूलादीया दस उद्देसगा भाणियव्वा जहेव सालीणं गिरवसेसं तहेव / बिइओ वग्गो समत्तो॥ 21.2 // अह भंते ! अयसिकुसुंभ Page #928 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 22 व. 1 915 कोदवकंगुरालगतुवरीकोदूसासणसरिसवमूलगबीयाणं एएसि णं जे जीवा मूल. ताए वक्कमति ते गं भंते ! जीवा कओहितो उववज्जति? एवं एत्थवि मला. दीया दस उद्देसगा जहेव सालीणं गिरवसेसं तहेव भाणियन्वं / तइओ वग्गो समत्तो // 21.3 // अह भंते ! वंसवेणुकणककक्कावंसचारुवंसदंडाकुडाविमा. चंडावेणुयाकल्लाणीणं एएसि णं जे जीवा मूलत्ताए वक्कमति एवं एत्थवि मला. दीया दस उद्देसगा जहेव सालीणं, णवरं देवो सम्वत्थवि ण उववज्जइ, तिग्णि लेस्साओ, सव्वत्थवि छन्वीसं भंगा, सेसं तं चेव / चउत्थो वग्गो समत्तो॥२१४ // अह भंते ! उक्ख इक्खुवाडियावीरणाइक्कडभमाससंठिसत्तवेत्त तिमिरसयपोरगणलाणं एएसि णं जे जीवा मूलत्ताए बक्कमंति एवं जहेव वंसवग्गो तहेव एत्यवि मूलादीया दस उद्देसगा, णवरं खंधुद्देसे देवा उववज्जइ, चत्तारि लेस्साओ सेसं तं चेव / पंचमो वग्गो समत्तो // 21-5 // अह भंते ! सेडियभंडियदब्भकोतियदन्भकुसधवगपोइवतालअज्जुण-आसाढगरोहियंसमुतवखीरभुसएरिडकुरुभकुंदकरवरसुंठविभंगुमहुवयणथरगसिप्पियसुंकलितणाणं एएसि णं जे जीवा मल. ताए वक्कमति एवं एवि दस उद्देसगा गिरवसेसं जहेव वंसवग्गो / छट्ठो वग्गो समत्तो॥२१-६॥ अह भंते ! अब्भरुहवोयाणहरितगतंदुलेज्जगतणवत्थुलचोरगमज्जारयाईचिल्लियालक्कदगपिप्पलियवस्विसोस्थिकसायमंडविकमूलगसरिसव - अंबिलसागजिवंतगाणं एएसि णं जे जीवा मूलत्ताए वक्कमति एवं एत्थवि दस उद्देसगा जहेव वंसवग्गो। सत्तमो वग्गो समत्तो // 21-7 // अह भंते ! तुलसीकण्हदलफणेज्जाअज्जाचयणाचोराजीरादमणामरुयाइंदीवरसयपुप्फाणं एएसि णं जे जीवा मूलत्ताए वक्कमंति एत्थवि दस उद्देसगा गिरवसेसं जहा वंसाणं / अट्ठमो वग्गो समत्तो॥२१.८॥एवं एएसु अट्ठसु बग्गेसु असीई उद्देसगा भवंति // 688 // .. एक्कवीसइमं सयं समत्तं // बावीसइमं सयं 1-6 वग्गा // तालेगट्टियबहुबीयगा य गुच्छा य गुम्म वल्ली य / छद्दस वग्गा एए सर्टि पुण होंति उद्देसा // 1 // रायगिहे जाव एवं वयासी-अह भंते ! तालतमालतक्कलितेतलिसालसरलासारकल्लाणं जाव केयइकवलिकंदलीचम्मरुक्खगुंतरुक्खहिंगुरुक्खलवंगरुक्खपूयफलखज्जूरिणालिएरीणं एएसि णं जे जीवा मूलत्ताए Page #929 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 916 अंग-पविटु सुत्ताणि ववकमंति ते णं भंते ! जीवा कओहिंतो उववज्जति ? .एवं एत्थवि मूलादीया दस उद्देसगा कायव्वा जहेव सालीणं णवरं इमं णाणत्तं-मूले कंदे खंधे तयाए साले य एएसु पंचसु उद्देसएसु देवो ण उववज्जइ, तिणि लेस्साओ,ठिई जहणेणं अंतोमुत्तं दसवाससहस्साई, उवरिल्लेसु पंचसु उद्देसएसु देवो उववज्जइ चत्तारि लेस्साओ, ठिई जहणेणं अंतोमुहत्तं उक्कोसेणं वासपुहुत्तं, ओगाहणा मले कंदे धणुहपुहुत्तं, खंधे तयाए साले य गाउयपुहुत्तं, पवाले पते धणुहपुहुत्तं, पुप्फे हत्थपुहुत्तं, फले बीए य अंगुलपुहुत्तं, सव्वेसि जहण्णेणं अंगुलस्स असं. खेज्जइभागं सेसं जहा सालीणं, एवं एए दस उद्देशगा। पढमो धग्गो समत्तो // 22-1 // अह भंते ! णिबंबजंबुकोसंबतालअंकोल्लपीलुसेलुसल्लइमोयइमालयबउलपलास-करंज-पुत्तंजीवग-रिट्रबहेडगहरियगमल्लाय-उंबरियखीरणि-धायइ. पियालपूइयणिवायगसेण्हयपासियसीसवअयसिपुण्णागणागरुक्ख सीवण्णअसोगाणं एएसि णं जे जीवा मूलत्ताए वक्कमंति एवं मूलादीया दस उद्देसगा कायव्वा गिरवसेसं जहा तालवग्गो। बिइओ वग्गो समत्तो // 22.2 // अह भंते ! अस्थियतिदुयबोरकविट्ठ-अंबाडगमाउलिगबिल्लआमलगफणसदाडिम. आसत्थउंबरवडणग्गोहणंदिरुक्खपिप्पलिसतरपिलक्खुरुक्खकाउंबरियकुच्छंभरिय. देवदालितिलगलउयछत्तोहसिरीससत्तवण्णदहिवण्णलोद्धधव-चंदण-अज्जणणीव. कुडगकलंबाणं एएसि णं जे जीवा मलत्ताए वक्कमति ते णं भते ! एवं एत्थवि मलादीया दस उद्देसगा तालवग्गसरिसा णेयव्वा जाव बीयं / तइओ वग्गो समत्तो // 22.3 // अह भंते ! वाइंगणिअल्लइपोंडइ एवं जहा पण्णवणाए गाहाणसारेणं णेयव्वं जाव गंजपाडलावासिअंकोल्लाणं एएसि णं जे जीवा मलत्ताए वक्कमंति एवं एत्थवि मूलादीया दस उद्देसगा तालवग्गसरिसा णेयव्वा जाव बीयति णिरवसेसं जहा वंसवग्गो। चउत्थो वग्गो समत्तो // 22.4 / / अह भंते ! सिरियकाणवणालियकोरंटगबंधुजीवगमणोज्जा जहा पण्णवणाए पढमपए गाहाणुसारेणं जाव णलणीय कुंदमहाजाईणं एएसि णं जे जीवा मूल. त्ताए वक्कमति एवं एत्थवि मूलादीया दस उद्देसगा णिरवसेसं जहा सालीणं / पंचमो वग्गो समत्तो // 22.5 // अह भंते ! पूसफलिकालिंगीतुंबीतउसीएला. वालुंकी एवं पयाणि छिदियव्वाणि पण्णवण्णागाहाणुसारेणं जहा तालवग्गे जाव दधिफोल्लइकाकलिसोक्कलिअक्कबोंदीणं एएसि णं जे जीवा मूलताए वक्क Page #930 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 23. व. 1-5 917 मंति एवं मूलादीया दस उद्देसगा कायव्वा जाव तालवग्गो, णवरं-फल उद्देसे ओगाहणाए जहणेणं अंगुलस्स असंखेज्जइ भागं उक्कोसेणं धणुहपुहुत्तं, ठिई सम्वत्थ जहण्णेणं अंतोमुत्तं उक्कोसेणं वासपुहत्तं, सेसं तं चेव / छट्ठो वग्गो समत्तो // 22.6 // एवं छसुवि वग्गेसु सट्टि उद्देसगा भवंति // 686 // . बावीसइमं सयं समत्तं // तेवीसइमं सयं 1-5 वग्गा // णमो सुयदेवयाए भगवईए / आलुय लोही अवया पाढी तह मासवण्णिबल्ली य / पंचेए दसवग्गा पण्णासं होंति उद्देसा // 1 // रायगिहे जाव एवं वयासी-अह भंते ! आलयमलगसिंगबेरहलिहरुरुकंडरियजारुच्छीरबिरा. लिकिट्ठिकुंदुकण्हकडसुमहुपयलइम सिगिणिरुहासप्पसुगंधाछिण्णरुहाबीयरहाण एएसि णं जे जीवा मूलताए वक्कमति एवं मूलादीया दस उद्देसगा कायव्वा वंसवग्गसरिसा णवरं परिमाणं जहणेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा उक्कोसेणं संखेज्जा वा असंखेज्जा वा अणंता वा उववज्जंति, अवहारो-गोयमा! ते गं समए 2 अवहीरमाणा 2 अणताहि ओसप्पिणीहिं उस्सप्पिणीहिं एवइकालेणं अवहीरंति णो चेव णं अवहरिया सिया, ठिई जहण्णेणवि उक्कोसेणवि अंतोमहत्तं, सेसं तं चेव / पढमो वग्गो समत्तो // 23-1 // अह भंते ! लोहीणीह.. थोहुथिवगाअस्सकण्णीसोहकण्णीसीउंढीमुसंढीणं एएसि गं जे जीवा मूलत्ताए वक्कमति एवं एत्थवि दस उद्देसगा जहेव आलुयवग्गे, णवरं ओगाहणा ताल. वग्गसरिसा, सेसं तं चेव / सेवं भंते ! २*त्ति / बिइओ वग्गो समत्तो // 23-2 // अह भंते ! आयकायकुहुणकुंदुरुक्क उन्वेहलियासफासज्जाछत्तावंसाणियकुमाराणं एएसि णं जे जीवा मूलत्ताए एवं एथवि मूलादीया दस उद्देसगा णिरवसेसं जहा आलुवग्गो णवरं ओगाहणा तालवग्गसरिसा,सेसं तं चेव / सेवं भंते ! 2 त्ति / तइओ वग्गो समत्तो // 23-3 // अह भंते ! पाढामियवालंकिमहररसा. रावल्लिपउमामोंढरिदंतिवंडीणं एएसि णं जे जीवा मूल. एवं एस्थवि मला. दीया दस उद्देसगा आलयवग्गसरिसा गवरं ओगाहणा जहा वल्लीणं, सेसं तं चेव / सेवं भंते ! 2 त्ति। चउत्थो वग्गो समत्तो // 23.4 // अह भंते ! मास. पण्णीमग्गपण्णीजीव-सरिसवकएणयकाओलि-खीरकाकोलि मंगिहिकिमिरासि. भद्दमुच्छणंगलइपओकिंणापउलपाढेहरेणुयालोहीणं एएसि णं जे जीवा मूल० Page #931 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 918 अंग-पविट्ट सुत्ताणि एवं एथवि दस उद्देसगा णिरवसेसं आलुयवग्गसरिसा। पंचमो वग्गो समतो। // 23.5 // एवं एत्थ पंचसुवि वग्गेसु पण्णासं उद्देसगा भाणियन्वा, सव्वत्थ देवा ण उववज्जति, तिणि लेस्साओ। सेवं भंते ! 2 त्ति // 66 // तेवीसइमं सयं समत्तं // चउवीसइमं सयं पढमो उद्देसो / उववायपरीमाणं संघयणुच्चत्तमेव संठाणं / लेस्सा दिट्ठी गाणे अण्णाणे जोग उवओगे // 1 // सण्णाकसायइंदियसमग्घाया वेयणा य वेए य / आउं अज्झवसाणा अणुबंधो कायसंवेहो // 2 // जीवपए जीवपए जीवाणं दंडगमि उद्देसो / चउवीसइममि सए चउव्वीसं होंति उद्देसा // 3 // रायगिहे जाव एवं वयासी-णेरइया णं भंते ! कओहितो उववज्जति, किणेरइएहितो उववज्जति, तिरिक्खजोणिएहितो उववज्जंति,मणुस्सेहितो उववज्जति,देवेहितो उववज्जति? गोयमा ! णो मेरइएहितो उववज्जति, तिरिक्खजोणिएहितो उववज्जति, मणुस्सेहितोवि उववज्जति, णो देवेहितो उववज्जति / जइ तिरिक्खजोणिएहितो उववज्जति किं एगिदियतिरिक्ख जोणिएहितो उववज्जति, बेइंदियतिरिक्खजोणिएहितो० तेइंदियतिरिक्खजोणिएहितो. चरिदियतिरिक्खजोणिएहितो० पंचिदियतिरिवखजोणिएहितो उववज्जति ? गोयमा! णो एगिदियतिरिक्ख. जोणिएहितो उववज्जंति, णो बेइंदिय० णो तेइंदिय० णो चरिदिय० पाँचदिय. तिरिक्खजोणिएहितो उववति / जइ पंचिदियतिरिक्ख जोणिएहितो उववज्जति किं सण्णिपंचिदियतिरिक्खजोणिएहितो उववज्जंति, असण्णिचिदियतिरिक्खजोणिएहितो उववज्जति ? गोयमा ! सणिपंचिदियतिरिक्खजोणिएहितो उववज्जति असण्णिपंचिदियतिरिक्खजोणिएहितोवि उववज्जति / जइ असण्णिपंचिदियतिरिक्खजोणिएहितो उववज्जति कि जलचरेहितो उववज्जति थलचरेहितो उववज्जति खहचरेहितो उववज्जति ? गोयमा ! जलचरेहितो उववज्जति, थलचरेहितोवि उववज्जति, खहचरेहितोवि उववज्जति / जइ जलचर-थलचर-खहचरेहितो उववज्जति कि पज्जत्तएहितो ज्ववज्जति अपज्जत्तएहितो उववज्जति ? गोयमा ! पज्जत्तएहितो उववज्जति णो अप. ज्जत्तएहितो उववज्जति / पज्जत्ताअसणिपंचिदियतिरिक्खजोणिए णं भंते ! जे भविए णेरइएसु उववज्जित्तए से गं भंते ! कइसु पुढवीसु उववज्जेज्जा ? Page #932 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 24 उ. 1 919 गोयमा ! एगाए रयणप्पभाए पुढवीए उववज्जेज्जा / पज्जत्ताअसण्णिपंचिदियतिरिक्खजोणिए णं भंते ! जे भविए रयणप्पभाए पुढवीए गैरइएसु उववज्जित्तए से गं भंते ! केवइकालदिईएसु उववज्जेज्जा ? गोयमा ! जहण्णेणं दसवाससहस्सदिईएसु उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेज्जइभागट्टिई. एसु उववज्जेज्जा 1 / ते णं भंते ! जीवा एगसमएणं केवइया उववज्जति ? गोयमा ! जहण्णेन एक्को वा दो वा तिणि वा उक्कोसेणं संखेज्जा वा असंखेज्जा वा उववज्जति 2 / तेसि णं भंते ! जीवाणं सरीरगा किसंघयणी प० ? गोयमा ! छेवटुसंघयणी प० 3 / तेसि णं भंते ! जीवाणं केमहालिया सरीरो. गाहणा प० ? गोयमा ! जहणेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं उक्कोसेणं जोयण. सहस्सं 4 / तेसि णं भंते ! जीवाणं सरीरगा किंसंठिया 50 ? गोयमा ! हुंडसंठाणसंठिया पण्णत्ता 5 / तेसि णं भंते ! जीवाणं कइ लेस्साओ प० ? गोयमा! तिण्णि लेस्साओ प०, तं०-कण्हलेस्सा णीललेस्सा काउलेस्सा 6 / ते गं भंते ! जीवा कि सम्मदिट्ठी मिच्छादिट्ठी सम्मामिच्छादिट्ठी ? गोयमा ! णो सम्मविट्ठी मिच्छादिट्ठी णो सम्मामिच्छादिट्ठी 7 ते णं भंते ! जीवा किं णाणी अण्णाणी ? गोयमा ! णो णाणी अण्णाणी णियमा दुअण्णाणी तं०-मइअण्णाणी य सुयअण्णाणी य 8-9 / ते णं भंते ! जीवा कि मणजोगी वइजोगी कायजोगी ? गोयमा ! णो मणजोगी वइजोगीवि कायजोगीवि १०ते गं भंते ! जीवा कि सागारोवउत्ता अणागारोवउत्ता? गोयमा! सागारोवउत्तावि अणागारोवउत्तावि 11 / तेसि गं भंते ! जीवाणं कइ सण्णाओ पण्णताओ? गोयमा! चत्तारिसण्णाओ प०, तं०-आहारसण्णा भयसब्णा मेहुण. सण्णा परिग्गहसण्णा 12 // तेसि गं भंते ! जीवाणं कइ कसाया प० ? गोयमा ! चत्तारि कसाया प०,०-कोहकसाए माणकसाए मायाकसाए लोभकसाए 13 / तेसि णं भंते ! जीवाणं कइ इंदिया प० ? गोयमा ! पंचिदिया प०, तं0सोइदिए चक्खिदिए जाव फासिदिए 14 / तेसि णं भंते ! जीवाणं कइ समु. ग्घाया प० ? गोयमा ! तओ समुग्धाया 50, तं०-वेयणासमुग्घाए कसायसमुग्घाए मारणंतियसमुग्घाए 15 / ते णं भंते ! जीवा कि सायावेयगा असायावेयगा? गोयमा ! सायावेयगावि असायावेयगावि 16 / ते णं भंते ! जीवा कि इत्थीवेयगा पुरिसवेयगा णपुंसगवेयगा ? गोयमा ! णो इत्थीवेयगा णो Page #933 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 920 अंग-पविट्ट सुत्ताणि पुरिसवेयगा णपुंसगवेयगा 17 / तेसि णं भंते ! जीवाणं केवइयं कालं ठिई प० ? गोयमा ! जहणणं अंतोमहत्तं उक्कोसेणं पुवकोडी 18 / तेसिणं भंते ! जीवाणं केवइया अज्झवसाणा प० ? मोयमा ! असंखेज्जा अज्झव. साणा प० / ते गं भंते ! कि पसत्था अप्पसत्था ? गोयमा ! पसत्थावि अप्प. सत्थावि 16 / से णं भंते ! पन्जत्ताअसण्णिपंचिदियतिरिक्खजोणिएत्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमहत्तं उक्कोसेणं पुव्वकोडी 20 / से णं भंते ! पज्जत्ताअसण्णिपंचिदियतिरिक्नजोणिए रयणप्पभापुढवीणेरइए पुणरवि पज्जत्ताअसण्णिचिदियतिरिक्खजोणिएत्ति केवइयं काल सेवेज्जा केव. इयं कालं गइरागई करेज्जा ? गोयमा ! भवादेसेणं दो भवग्गहणाई, काला. देसेणं जहणेणं दसवाससहस्साई अंतोमुत्तमभहियाई उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेज्जइभागं पुवकोडिमभहियं एवइयं कालं सेवेज्जा एवइयं कालं गइरा. गई करेज्जा 21 / पज्जत्ताअसण्णिचिदितिरिक्खजोणिए गं भंते ! जे भविए जहण्णकालट्ठिईएसु रयणप्पभापुढविणेरइएसु उववज्जित्तए से णं भंते ! केव. इयकालदिईएसु उववज्जेज्जा ? गोयमा ! जहण्णेणं दसवाससहस्सदिईएसु उक्कोसेणवि दसवाससहस्सट्टिईएसु उववज्जेज्जा / ते णं भते ! जीवा एगसम. एणं केवइया उववज्जति ? एवं सच्चेव वत्तव्वया णिरवसेसा भाणियव्वा जाव अणबंधोत्ति / से गं भंते ! पज्जत्ताअसण्णिचिदियतिरिक्खजोणिए जहण्णकाल. दिईयरयणप्पभापुढविणेरइए जहण्णकाल० 2 पुणरवि पज्जत्तअसण्णि जाव गहरागई करेज्जा ? गोयमा ! भवादेसेणं दो भवग्गहणाई, कालादेसेणं जहण्णेणं दसवाससहस्साई अंतोमुत्तमब्भहियाई उक्कोसेणं पुवकोडी दहि वाससहस्सेहिं अमहिया एवइय काल सेवेज्जा एवइयं कालं गइरागई करेज्जा 2 / पज्जत्ताअसण्णिचिदियतिरिक्खजोणिए गं भंते ! जे भविए उक्कोसकाल. दिईएसु रयणप्पभापुढविणेरइएसु उववज्जित्तए से गं भंते ! केवइयकालदिई. एसु उववज्जेज्जा ? गोयमा ! जहणेणं पलिओवमस्स असंखेज्जइभागढिईएसु उववज्जेज्जा, उवकोसेणवि पलिओवमस्स असंखेज्जइभागदिईएसु उववज़्जेज्जा। ते गं भंते ! जीवा० अवसेसं तं चेव जाव अणुबधो / से गं भंते ! पज्जत्ता. असण्णिपचिदियतिरिक्खजोणिए उक्कोसकालट्ठिईयरमणप्पभापुढविणेरइए उक्कोस पुणरवि पज्जता जाव करेज्जा ? गोयमा! भवादेसेणं दो भवग्गहणाई Page #934 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 24 उ. 1 921 कालादेसेणं जहणेणं पलिओवमस्स असंखेज्जइभागं अंतोमुत्तमब्भहियं उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेज्जइभागं पुवकोडिअब्भहियं एवइयं काल सेवेज्जा एवइयं कालं गइरागई करेज्जा 3 / जहण्णकालट्ठिईयपज्जत्ताअसण्णिपंचिदियतिरिक्ख जोणिए गं भंते ! जे भविए रयणप्पभापुढविणेरइएसु उववज्जित्तए से गं भंते ! केवइयकालट्ठिईएसु उववज्जेज्जा ? गोयमा ! जहण्णणं दसवास. सहस्सट्टिईएसु उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेज्जइभागट्टिईएसु उववज्जेज्जा। ते गं भंते ! जीवा एगसमएणं केवइया० सेसं तं चेव णवरं इमाइं तिणि णाणताई-आउं अज्झवसाणा अणुबंधो य, जहण्णेणं ठिई अंतोमुत्तं उक्कोसेणवि अंतोमहत्तं / तेसि णं भंते ! जीवाणं केवइया अज्झवसाणा 50 ? गोयमा ! असंखेज्जा अज्झवसाणा प० / ते णं भंते ! किं पसत्था अप्पसत्था ? गोयमा ! णो पसत्था अप्पसत्था, अणुबंधो अंतोमहत्तं, सेसं तं चेव / से गं भंते ! जहण्णकालट्ठिईय पज्जत्ताअसण्णिपंचिदिय० रयणप्पमा जाव करेज्जा ? गोयमा ! भवादेसेणं दो भवग्गहणाई, कालादेसेणं जहण्णणं दसवाससहस्साई अंतो. मुहुत्तममहियाई उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेज्जइभागं अंतोमुत्तमभहियं एवइयं कालं सेवेज्जा जाव गइरागई करेज्जा 4 / जहण्णकालदिईयपज्जत्ता. असण्णिचिदियतिरिक्खजोणिए गं मंते ! जे भविए जहण्णकालट्ठिईएसु रयण. प्पभापुढविणेरइएसु उववज्जित्तए से णं भंते ! केवइयकालट्ठिईएसु उववज्जेज्जा? गोयमा ! जहणणं दसवाससहस्सटिईएसु उक्कोसेणवि दसवाससहस्सट्टिई. एसु उववज्जेज्जा / ते गं भंते ! जीवा० सेसं तं चेव ताई चेव तिण्णि णाणत्ताई जाव से गं भंते ! जहण्णकालटिईयपज्जत जाव जोणिए जहण्णकालटिईयरयणप्पभा० पूणरवि जाव गोयमा! भवादेसेणं दो भवग्गहणाई, कालादेसेणं जहण्णेणं दसवाससहस्साई अंतोमुत्तमन्भहियाई उक्कोसेणवि दसवाससहस्साइं अंतोमुहुत्तमब्भहियाई एवइयं कालं सेवेज्जा जाव करेज्जा 5 / जहण्णकालढिईयपज्जत्त जाव तिरिक्खजोणियाणं भंते ! जे भविए उक्कोसकालदिईएसु रयणप्पभापुढविणेरइएसु उववज्जित्तए से णं भंते ! केवइयकालढिईएसु उववज्जेज्जा ? गोयमा ! जहण्णणं पलिओवमस्स असंखेज्जइभागट्टिईएसु उक्कोसेणवि पलिओवमस्स असंखेज्जइभागढिईएसु उववज्जेज्जा / ते गं भंते ! जीवा० अवसेसं तं चेव ताई चेव तिण्णि णाणताई जाव से णं भंते ! जह. Page #935 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 922 अंग-पविट्ट सुत्ताणि vणकालट्टिईयपज्जत्त जाव तिरिक्खजोणिए उक्कोसकालदिईयरयणप्पभा जाव करेज्जा ? गोयमा ! भवादेसेणं दो भवग्गहणाई, कालादेसेणं जहण्णेणं पलि. ओवमस्स असंखेज्जइभागं अंतोमहत्तमभहियं उक्कोसेणवि पलिओवमस्स असं. खेज्जइभागं अंतोमहत्तमभहियं एवइयं कालं जाव करेज्जा 6 / उक्कोसकाल. ट्रिईयपज्जत्ताअसण्णिचिदियतिरिक्खजोणिए णं भंते ! जे भविए रयणप्पभा पुढविणे रइएसु उववज्जित्तए से गं भंते ! केवइयकाल. जाव उववज्जेज्जा ? गोयमा ! जहणेणं दसवाससहस्सट्टिईएसु उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेज्जइ. भागट्टिईएसु उववज्जेज्जा / ते णं भंते! जीवा एगसमएणं ०अवसेसं जदेव ओहिय. गमएणं तहेव अणुगंतव्वं, णवरं-इमाई दोणि णाणत्ताई-ठिई जहणेणं पुवकोडी उक्कोसेणवि पुवकोडी, एवं अणुबंधोवि, अवसेसं तं चेव / से णं भंते ! उवकोसकालदिईयपज्जत्तअसणि जाव तिरिक्खजोणिए रयणप्पभा जावगोयमा ! भवादेसेणं दो भवग्गहणाई, कालादेसेणं जहणेणं पुवकोडी दसहि वाससहस्सेहि अमहिया उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेज्जइभागं पुवकोडीए अब्भहियं एवइयं जाव करेज्जा 7 / उक्कोसकालदिईयपज्जत्ततिरिक्खजोगिए णं भंते ! जे भविए जहण्णकालटिईएसु रयणप्पभा जाव उववज्जित्तए से गं भंते ! केवइ जाव उबवज्जेज्जा ? गोयमा ! जहण्णेणं दसवाससहस्सदिईएसु उक्कोसेणवि दसवाससहस्सदिईएसु उववज्जेज्जा / ते णं भंते ! * सेसं तं चेव जहा सत्तमगमए जाव-से णं भंते ! उक्कोसकालदिईय जाव तिरिक्खजोणिए जहण्णकालदिईयरयणप्पभा जाव करेज्जा ? गोयमा! भवादेसेणं दो भवग्गहणाई, कालादेसेणं जहण्णेणं पुत्रकोडी दसहि वाससहस्सेहि अब्भहिया उक्को. सेणवि पुवकोडी दहि वाससहस्सेहि अन्भहिया एवइयं जाव करेज्जा 8 / उवकोसकालदिईयपज्जत्त जाब तिरिक्ख जोणिए णं भंते ! जे भविए उक्कोस. कालदिईएसु रयणप्पभा जाव उववज्जित्तए से णं भंते ! केवइयकाल जाव उववज्जेज्जा ? गोयमा ! जहण्णेणं पलिओवमस्स असंखेज्जइभादुिईएसु उक्कोसेणवि पलिओवमस्स असंखेज्जइभागढिईएसु उववज्जेज्जा / ते णं भंते ! जीवा एगसमएणं० सेसं जहा सत्तमगमए जाव से णं भंते ! उक्कोसकालदिईय. पज्जत्त जाव तिरिक्खजोणिए उक्कोसकालदिईयरयणप्पभा जाव करेज्जा ? गोयमा ! भवादेसेणं दो भवग्गहणाई, कालादेसेणं जहणेणं पलिओवमस्स Page #936 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 24 उ. 1 923 असंखेज्जइभागं पुव्वकोडीए अन्भहियं उक्कोसेणवि पलिओवमस्स असंखेज्जइ. भागं पुव्वकोडीए अब्भहियं एवइयं कालं सेवेज्जा जाव गइरागई करेज्जा / एवं एए ओहिया तिण्णि गमगा 3, जहण्णकालट्ठिईएसु तिष्णि गमगा 6, उक्कोसकालढिईएसु तिण्णि गमगा 6, सव्वेते णव गमगा भवंति // 662-2 // जइ सण्णिपंचिदियतिरिक्खजोणिएहितो उववज्जति कि संखेज्जवासाउयसण्णिपंचिदियतिरिक्खजोणिएहितो उववज्जति असंखेज्जवासाउयसण्णिपंचिदियतिरि. क्ख जाव उववज्जति ? गोयमा | संखेज्जवासाउयसण्णिपंचिदियतिरिक्ख. जोणिएहितो उववज्जति णो असंखेज्जवासाउयसण्णिचिदिय जाव उववज्जति। जइ संखेज्जवासाउयसणिपंचिदिय जाव उववज्जति कि जलचरेहितो उववज्जति पुच्छा, गोयमा ! जलचरेहितो उववज्जति जहा असण्णी जाव पज्जत्तएहितो उववज्जति णो अपज्जत्तएहितो उववज्जति / पज्जत्तसंखेज्ज. वासाउयसण्णिचिदियतिरिक्ख जोणिए णं भंते ! जे भविए रइएसु उववज्जित्तए से गं भंते ! कइसु पुढवीसु उववज्जेज्जा ? गोयमा ! सत्तसु पुढवीसु उववज्जेज्जा, तंजहा-रयणप्पभाए जाव अहेसत्तमाए पज्जत्तसंखे. ज्जवासाउयसणिचिदियतिरिक्खजोणिए णं भंते ! जे भविए रयणप्पभापुढवि. रइएसु उववज्जित्तए से गं भंते ! केवइयकालट्ठिईएसु उववज्जेज्जा ? गोयमा ! जहणणं दसवाससहस्सदिईएसु उक्कोसेणं सागरोवमट्टिईएसु उव. वज्जेज्जा। ते णं भंते ! जीवा एगसमएणं केवइया उववज्जति ? जहेव असण्णी। तेसि णं भंते ! जीवाणं सरीरगा किसंघ्रयणी प० ? गोयमा ! छविहसंघयणी प०, तं-वइरोसभणारायसंघयणी उसभणारायसंघयणी जाव छेवसंघयणी, सरीरोगाहणा जहेव असण्णीणं जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं उक्कोसेणं जोयणसहस्सं / तेसि णं भंते ! जीवाणं सरीरगा किसंठिया प० ? गोयमा ! छविहसंठिया प०, तंजहा-समचउरंसा णिग्गोहा जाव हुंडा / तेसि णं भंते ! जीवाणं कइ लेस्साओ प० ? गोयमा ! छल्लेस्साओ पण्णत्ताओ, तंजहाकण्लेस्सा जाव सुक्कलेस्सा, दिट्ठी तिविहावि, तिण्णि णाणा तिण्णि अण्णाणा भयणाए, जोगो तिविहोवि सेसं जहा असण्णीणं जाव अणुबंधो, णवरं पंच समुग्घाया आइल्लगा, वेदो तिविहोवि, अवसेसं तं चेव जाव-से णं भंते ! पज्जत्तसंखेज्जवासाउय जाव तिरिक्खजोणिए रयणप्पभा जाव करेज्जा ? Page #937 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 924 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि गोयमा ! भवादेसेणं जहणेणं दो भवग्गहणाई उक्कोसेणं अट्ठ भवग्गहणाई, कालादेसेणं जहण्णेणं दसवाससहस्साई अंतोमुत्तमम्महियाई उक्कोसेणं चत्तारि सागरोवमाई चहिं पुवकोडीहि अमहियाइं एवइयं कालं सेवेज्जा जाव करेज्जा 1 / पज्जत्तसंखेज्जवासाउय जाव जे भविए जहण्णकाल जाव से णं भंते! केवइयकालदिईएसु उववज्जेज्जा ? गोयमा ! जहणणं दसवाससहस्सट्टिईएसु उक्कोसेणवि दसवाससहस्सटिईएसु उववज्जेज्जा / ते णं भंते ! जीवा० एवं सो चेव पढमो गमओ णिरवसेसो भाणियन्वो जाव कालादेसेणं जहणणं दसवाससहस्साइं अंतोमुत्तमब्भहियाई उक्कोसेणं चत्तारि पुव्वकोडीओ चत्ता. लीसाए वाससहस्सेहिं अमहियाओ एवइयं कालं सेवेज्जा एवइयं कालं गइरागई करेज्जा 2 / सो चेव उक्कोसकालटिईएसु उववण्णो जहणणं सागरोवमट्टिईएसु उक्कोसेणवि सागरोवमट्टिईएसु उववज्जेज्जा, अवसेसो परिमाणादीओ भवादेसपज्जवसाणो सो चेव पढमगमो यन्वो जाव कालादेसेणं जहणणं साग. रोवमं अंतोमुत्तमब्भहियं उक्कोसेणं चत्तारि सागरोवमाई चहिं पुव्वकोडीहिं अमहियाई एवइयं कालं सेवेज्जा जाव करेज्जा 3 / जहण्णकालट्ठिईयपज्जत्त. संखेज्जवासाउयसण्णिचिदियतिरिक्खजोणिए णं भंते ! जे भविए रयण. प्पभापुढवि जाव उववज्जित्तए से गं भंते ! केवइयकालदिईएस उववज्जेज्जा ? गोयमा ! जहण्णेणं दसवाससहस्सट्ठिईएसु उक्कोसेणं सागरोवमट्टि. ईएसु उववज्जेज्जा / ते णं भंते ! जीवा० अवसेसो सो चेव गमओ णवरं इमाई अट्ट णाणत्ताई-सरीरोगाहण। जहणणं अंगलस्स असंखेज्जइभागं उक्कोसेणं धणुहपुहुत्तं, लेस्साओ तिण्णि आदिल्लाओ, णो सम्मदिट्ठी मिच्छादिट्ठी णो सम्मामिच्छादिट्ठी, णो णाणी दो अण्णाणा णियमं, समुग्घाया आदिल्ला तिण्णि, आउं अज्झवसाणा अणुबंधो य जहेव असण्णीणं अवसेसं जहा पढमगमए जाव कालादेसेणं जहणणं दसवाससहस्साई अंतोमुत्तममहियाई उक्कोसेणं चत्तारि सागरोवमाई चहि अंतोमुत्तेहिं अब्भहियाइं एवइयं कालं जाव करेज्जा 4 / सो चेव जहण्णकालट्ठिईएसु उववण्णो जहण्णेणं दसवाससहस्सट्ठिईएसु उक्कोसेणदि दसवाससहस्सटिईएसु उववज्जेज्जा। ते णं भंते ! ०एवं सो चेव चउत्थो गमओ णिरवसेसो भाणियवो जाव कालादेसेणं जहण्णणं दसवाससहस्साई अंतोमुहत्तमन्महियाई उक्कोसेणं चत्तालीसं वाससहस्साई चहिं अंतोमुंहुत्तेहिं एवइयं Page #938 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 24 उ. 1 925 जाव करेज्जा 5 / सो चेव उक्कोसकालदिईएसु उववण्णो जहण्णेणं सागरोवम. दिईएसु उक्कोसेणवि सागरोवमदिईएसु उववज्जेज्जा / ते णं भंते ! एवं सो चेक चउत्थो गमओ णिरवसेसो भाणियव्यो जाच कालादेसेणं जहण्णेणं सागरोवमं अंतोमुत्तमभहियं उक्कोसेणं चत्तारि सागरोवमाइं चहिं अंतोमुहुरोहिं अन्भहियाई एवइयं जाव करेज्जा 6 / उक्कोसकालट्ठिईयपज्जत्तसंखेज्जवासाउय जाव तिरिक्खजोणिए णं भंते ! जे भविए रयणप्पभापुढविणेरइएसु उववज्जित्तए से णं भंते ! केवइयकालदिईएसु उववज्जेज्जा ? गोयमा ! जहगणेणं दसवाससहस्सट्टिईएसु उक्कोसेणं सागरोवमट्टिईएसु उववज्जेज्जा / ते णं भंते ! जीवा अवसेसो परिमाणादीओ भवादेसपज्जवसाणो एएसि चेव पढमो गमओ णेयव्यो णवरं ठिई जहण्णणं पुवकोडी उक्कोसेणवि पुवकोडी, एवं अणबंधोवि, सेसं तं चेव, कालादेसेणं जहणणं पुवकोडी दसहि वाससहस्सेहि अन्भहिया उवकोसेणं चत्तारि सागरोवमाइं चउहि पुवकोडीहि अन्भहियाई एवइयं कालं जाव करेज्जा 7 / सो चेव जहण्णकालट्ठिईएसु उववण्णो जहण्णेणं दसवाससहस्सट्ठिईएसु उक्कोसेणवि दसवाससहस्सटिईएसु उववज्जेज्जा / ते णं भंते ! जीवा० सो चेव सत्तमो गमओ जिरवसेसो भाणियन्वो जाव भवादेसोत्ति, कालादेसेणं जहणणं पुवकोडी दसहि वाससहस्सेहि अमहिया उक्कोसेणे चत्तारि पुष्वकोडीओ चत्तालीसाए वाससहस्सेहि अब्भ. हियाओ एवइयं जाव करेज्जा 8 / उक्कोसकालट्ठिईयपज्जत जाव तिरिक्खजोणिए णं भंते ! जे भविए उक्कोसकालदिईय जाव उववज्जित्तए से णं भंते ! केवइयकालदिईएसु उववज्जेज्जा ? गोयमा ! जहण्णणं सागरो. वमट्टिईएसु उक्कोसेणवि सागरोवमट्टिईएसु उववन्जेज्जा / ते गं भंते ! जीवा० सो चेव सत्तमो गमओ णिरवसेसो भाणियव्वो जाव भवादेसोत्ति, कालादेसेणं जहणेणं सागरोवमं पुवकोडीए अन्भहियं उक्कोसेणं चत्तारि सागरोवमाई चहिं पुवकोडीहिं अब्भहियाई एवइयं जाव करेज्जा / एवं एए णव गमगा उक्खेवणिक्खेवओ णवसुवि जहेव असण्णीणं // 663 // पज्जत्तसंखेज्जवासाउयसण्णिचिदियतिरिक्खजोणिए णं भंते ! जे भविए सक्करप्पभाए पुढवीए णेरइएसु उववज्जित्तए से णं भंते ! केवइयकालट्ठिईएसु उववज्जेज्जा ? गोयमा ! जहणेणं सागरोवमट्टिईएसु उववज्जेज्जा, उक्कोसेणं तिसागरोवमट्ठिईएसु उववज्जेज्जा।ते णं भंते ! जीवा एगसमएणं० एवं जहेव Page #939 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 926 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि रयणप्पभाए उववज्जतगस्स लद्धी सच्चेव णिरवसेसा भाणियन्वा जाव भवादेसोत्ति, कालादेसेणं जहणेणं सागरोवमं अंतोमहत्तमभहियं उक्कोसेणं बारससागरोवमाई चउहि पुवकोडीहि अमहियाइं एवइयं जाव करेज्जा 1, एवं रयणप्पभापुढ विगमसरिसा णववि गमगा भाणियस्वा णवरं सव्वगमएसुवि गेरइयट्टिईसंवेहेसु सागरोवमा भाणियव्वा एवं जाव छठ्ठपुढवित्ति, णवरं णेरइयठिई जा जत्थ पुढवीए जहण्णक्कोसिया सा तेणं चेव कमेणं चउरगणा कायव्वा, वालुयप्पभाए पुढवीए अट्ठावीसं सागरोवमाई चउगुणिया भवंति, पंकप्पभाए चत्तालीसं, धूमप्पभाए अटुट्टि, तमाए अट्ठासीई, संघयणाई वालुय. प्पभाए पंचविहसंधयणी तं०-वइरोसहणारायसंघयणी जाव कीलियासंघयणी, पंकप्पभाए चउव्विहसंघयणी, धूमप्पमाए तिविहसंघयणी, तमाए दुविहसंधयणी तं०-वइरोसहणारायसंघयणी य उसभणारायसंघयणी य, सेसं तं चेव / पज्जत्त. संखेज्जवासाउय जाव तिरिवखजोणिए णं भंते ! जे भविए अहेसत्तमाए पुढवीए रइएसु उववज्जित्तए से णं भंते ! केवइयकालदिईएसु उववज्जेज्जा ? गोयमा ! जहणेणं बावीससागरोवमट्टिईएसु उक्कोसेणं तेत्तीससागरोवमदुिईएसु उववज्जेज्जा / ते णं भंते ! जीवा० एवं जहेव रयणप्पभाए णव गमगा लद्धीवि सच्चेव णवरं वइरोस भणारायसंघयणी, इथिवेयगा ण उववज्जति सेसं तं चेव जाव अणुबंधोत्ति, संवेहो भवादेसेणं जहणेणं तिण्णि भवग्गहणाई उक्को. सेणं सत्त भवग्गहणाई, कालादेसेणं जहणेणं बावीसं सागरोवमाइं दोहि अंतोमुहुत्तेहिं अब्भहियाई उवकोसेणं छाढि सागरोवमाई चहि पुवकोडीहि अब्भहियाइं एवइयं जाव करेज्जा १।सो चेव जहण्णकालदिईएसु उववष्णो सच्चेव वत्तव्वया जाव भवादेसोत्ति, कालादेसेणं जहणणं कालादेसोवि तहेब जाव चउहि पुवकोडीहि अन्भहियाइं एवइयं जाव करेज्जा 2 / सो चेव उक्कोसकालदिईएसु उववण्णो सच्चेव लद्धी जाव अणुबंधोत्ति, भवादेसेणं जहण्णेणं तिण्णि भवग्गहणाई उक्कोसेणं पंच भवग्गहणाई, कालादेसेणं जहणणं तेत्तीसं सागरो. वमाई दोहिं अंतोमुत्तेहि अब्भहियाई उक्कोसेणं छावट्टि सागरोवमाइं तिहि पुत्वकोडीहि अब्भहियाइं एवइयं जाव करेज्जा 3 / सो चेव अप्पणा जहण्णकालटिईओ जाओ सच्चेव रयणप्पभापुढविजहण्णकालदिईयवत्तव्वया भाणियत्वा जाव भवादेसोत्ति, णवरं पढमसंघयणं णो इत्थिवेयगा, भवादेसेणं जह Page #940 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 24 उ. 1 927 तिण्णि भवग्गहणाई उक्कोसेणं सत्त भवग्गहणाई, कालादेसेणं जहणेणं बावीसं सागरोवमाइं दोहि अंतोमुत्तेहि अन्महियाई उक्कोसेणं छावद्धि सागरोबमाइंचरहिं अंतोमहत्तेहि अमहियाइं एवइयं जाव करेज्जा ४।सो चेव जहण्णकालदिईएसु उववण्णो एवं सो चेव चउत्थो गमओ गिरवसेसो भाणियन्वो जाव कालादेसोत्ति 5 / सो चेव उक्कोसकालट्ठिईएसु उववण्णो सच्चेव लद्धी जाव अणुबंधोत्ति, भवादेसेणं जहणेणं तिण्णि भवग्गहणाई उक्कोसेणं पंच भवग्गहणाई कालादेसेणं जहण्णेणं तेतीसं सागरोवमाई दोहिं अंतोमुत्तेहिं अब्भहियाई उक्कोसेणं छावढि सागरोवमाइं तिहिं अंतोमुत्तेहिं अब्भहियाई एवइयं कालं जाव करेज्जा 6 / सो चेव अप्पणा उक्कोसकालट्टिईओ जहणणं बावीससागरोवमट्टिईएसु उक्कोसेणं तेत्तीससागरोवट्टिईएसु उववज्जेज्जा। ते णं भंते ! 0 अवसेसा सच्चेव सत्तमपुढविपढमगमगवत्तव्वया भाणियंव्वा जाव भवादेसोति, णवरं ठिई अणुबंधो य जहण्णेणं पुव्वकोडी उक्कोसेणवि पुव्वकोडी सेसं तं चेव, कालादेसेणं जहण्णेणं बावीसं सागरोवमाइं दोहिं पुवकोडीहिं अब्भ. हियाई उक्कोसेणं छावट्टि सागरोवमाई चहिं पुव्वकोडोहि अब्भहियाई एवइयं जाव करेज्जा 7 / सो चेव जहण्णकालट्टिईएसु उववण्णो सच्चेव लद्धी संवेहोवि तहेव सत्तमगमगसरिसो 8 ।सो चेव उक्कोसकालट्ठिईएसु उववणो एस चेव लद्धी जाव अणुबंधोत्ति, भवादेसेणं जहण्णेणं तिण्णि भवग्गहणाई उक्कोसेणं पंच भवग्गहणाई, कालादेसेणं जहण्णेणं तेतीसं सागरोवमाइं दोहिं पुवकोडीहिं अब्भहियाई उक्कोसेणं छावट्ठि सागरोवमाइं तिहिं पुष्वकोडीहिं अमहियाई एवइयं काल सेवेज्जा जाव करेज्जा // 694 // जइ मणुस्सेहितो उववज्जति किं सण्णिमणुस्सेहितो उववज्जति असण्णिमणुस्सेहितो उववज्जति ? गोयमा! सण्णिमणुस्सेहितो उववज्जति णो असण्णिमणुस्सेहितो उववज्जति / जइ सण्णिमणस्सेहितो उववज्जति कि संखज्जवासाउयसण्णिमणुस्सेहितो उववज्जति असंखेज्जवासाउय जाव उववज्जति ? गोयमा! संखेज्जवासाउयसण्णिमणुस्सेहितो उ. णो असंखेज्जवासाउय जाव उववज्जति, जइ संखेज्जवासाउय जाव उवव. ज्जति कि पज्जत्तसंखेज्जवासाउय जाव उववज्जति अपज्जत्त जाव उववज्जंति? गोयमा ! पज्जत्तसंखेज्जवासाउय जाव उववज्जति णो अपज्जत्तसंखेज्जवासाउय जाव उववज्जति / पज्जत्तसंखेज्जवासाउयसण्णिमणुस्से गं भंते ! जे Page #941 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 928 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि भविए णेरइएसु उववज्जित्तए से णं भंते! कइसु पुढवीसु उववज्जेज्जा? गोयमा ! सत्तसु पुढवीसु उववज्जेज्जा, तं०-रयणप्पभाए जाव अहेसत्तमाए / पज्जत्त. संखेज्जवासाउयसण्णिमणुस्से गं भंते ! जे भविए रयणप्पभाए पुढवीए णेरइएसु उववज्जित्तए से णं भंते ! केवइयकालदिईएसु उववज्जेज्जा? गोयमा ! जहणेणं दसवाससहस्सटिईएसु उक्कोसेणं सागरोवमट्टिईएसु उववज्जेज्जा। ते णं भंते ! जीवा एगसमएणं केवइया उववज्जति ? गोयमा ! जहण्णेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा उक्कोसेणं संखेज्जा उववज्जति, संघयणा छ, सरीरोगाहणा जहणणं अंगुलपुहुत्तं उक्कोसेणं पंचधणुसयाई, एवं सेसं जहा सणिचिदियतिरिक्खजोणियाणं जाव भवादेसोत्ति, णवरं चत्तारि णाणा तिणि अण्णाणा भयणाए, छ समुग्धाया केवलिवज्जा, ठिई अणुबंधो य जहणणं मासपुहत्तं उक्कोसेणं पुवकोडी सेसं तं चेव, कालादेसेणं जहण्णेणं दसवाससहस्साइं मास. पृहत्तमभहियाइं उवकोसेणं चत्तारि सागरोवमाई चउहि पुवकोडीहिं अब्भहियाइं एवइयं जाव करेज्जा 1 / सो चेव जहण्णकालदिईएसु उववण्णो एस चेव वत्तव्वया णवरं कालादेसेणं जहणेणं दसवाससहस्साई मासपुहुत्तमभहियाई उक्कोसेणं चत्तारि पुवकोडीओ चत्तालीसाए वाससहस्सेहि अब्भहियाओ एव. इयं जाव करेज्जा 2 / सो चेव उक्कोसकालटिईएसु उववण्णो एस चेव वत्तवया णवरं कालादेसेणं जहणणं सागरोवमं मासपुहतमभहियं उक्कोसेणं चत्तारि सागरोवमाइं चहि पुवकोडीहि अमहियाई एवइयं जाव करेज्जा 3 / सो चेव अप्पणा जहण्णकालट्ठिईओ जाओ एस चेव वत्तव्वया णवरं इमाइं पंच णाणताई सरीरोगाहणा जहण्णेणं अंगुलपुत्तं उक्कोसेणवि अंगुलपुहुत्तं, तिण्णि णाणा तिणि अण्णाणाई भयणाए, पंच समग्घाया आइल्ला, ठिई अणबंधो य जहण्णेणं मासपुहत्तं उक्कोसेणवि मासपुहत्तं सेसं तं चेव जाव भवादेसोत्ति, कालादेसेणं जहणेणं दसवाससहस्साई मासपुहुत्तमभहियाई उवकोसेणं चत्तारि सागरोवमाई चहि मासपुहुत्तेहि अमहियाई एवइयं जाव करेज्जा 4 / सो चेव जहण्णकालट्ठिईएसु उववष्णो एस चेव वत्तव्वया चउत्थगमगसरिसा णेयव्वा णवरं कालादेसेणं जहणेणं दसवाससहस्साई मासपुहुत्तममहियाई उक्कोसेणं चत्तालीसं वाससहस्साई चहि मासपुहुर्तेहि अमहियाइं एवइयं जाव करेज्जा 5 / सो चेव उक्कोसकालट्ठिईएसु उववण्णो एस चेव गमगो णवरं कालादेसेणं Page #942 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 24 उ. 1 929 जहण्णेणं सागरोवमं मासपुहुत्तमभहियं उक्कोसेणं चत्तारि सागरोवमाइं चउहि मासपुहुत्तेहि अब्भहियाइं एवइयं जाव करेज्जा 6 / सो चेव अप्पणा उक्कोसकालदिईओ जाओ सो चेव पढमगमओ यवो णवरं सरीरोगाहणा जहण्णेणं पंचधणुसयाई उक्कोसेणवि पंचधणुसयाई, ठिई जहण्णेणं पुव्वकोडी उक्कोसेणवि पुवकोडी, एवं अणुबंधोवि, कालादेसेणं जहणणं पुन्व. कोडी दहि वाससहस्सेहिं अमहिया उक्कोसेणं चत्तारि सागरोवमाई चहि पुवकोडीहि अब्भहियाई एवइयं कालं जाव करेज्जा 7 / सो चेव जहण्णकालटिईएसु उववण्णो सच्चेव सत्तमगमगवत्तव्वया णवरं कालादेसेणं जहण्णेणं पुवकोडी दसहि वाससहस्सेहिं अब्भहिया उक्कोसेणं चत्तारि पुस्व. कोडीओ चत्तालीसाए वाससहस्सेहि अब्भहियाओ एवइयं कालं जाव करेज्जा 8 / सो चेव उक्कोसकालदिईएसु उववण्णो सच्चेव सत्तमगमगवत्तव्वया णवरं कालादेसेणं जहणणं एगं सागरोवमं पुत्वकोडीए अमहियं उक्कोसेणं चत्तारि सागरोवमाई चहि पुत्वकोडीहिं अब्भहियाई एवइयं कालं जाव करेज्जा 8 // 66 // पज्जत्तसंखेज्जवासाउयसण्णिमणुस्से णं भंते ! जे भविए सक्करप्पमाए पुढवीए गैरइएसु जाव उवज्जितए से णं भंते ! केवइयकाल जाव उवव. ज्जेज्जा ? गोयमा ! जहणेणं सागरोवमट्टिईएसु उक्कोसेणं तिसागरोवमट्टिईएसु उववज्जेज्जा, ते. णं भंते ! 0 एवं सो चेव रयणप्पभापुढविगमओ णेयव्वो णवरं सरीरोगाहणा जहणणं रयणिपुहुत्तं उक्कोसेणं पंचधणुसयाई, ठिई जहणेणं वासपुहत्तं उक्कोसेणं पुव्वकोडी, एवं अणुबंधोवि, सेसं तं चेव जाव भवादेसोत्ति, कालादेसेणं जहण्णेणं सागरोवमैं वासपुहत्तमब्भहियं उक्कोसेणं बारस सागरोवमाई चहिं पुव्वकोडीहिं अमहियाइं एवइयं जाव करेज्जा 1, एवं एसा ओहिएसुतिसु गमएसु मणूसस्स लद्धी णाणत्तं रइयट्टिई कालादेसेणं संवेहं च जाणेज्जा 3 / सो चेव अप्पणा जहण्णकालट्ठिईओ जाओ तस्स वि तिसुवि गमएसु एस चेव लद्धी णवरं सरीरोगाहणा जहणणं रयणिपुहुतं उक्कोसेणवि रयणिपुहुत्तं, ठिई जहणेणं वासपुहत्तं उक्कोसेणवि वासपुहत्तं एवं अणुबंधोवि, सेसं जहा ओहियाणं संवेहो सम्वो उवजुंजिऊण भाणियव्वो 4-5-6 / सो चेव अप्पणा उक्कोसकालट्ठिईओ जाओ तस्सवि तिसुवि गमएसु इमं णाणत्तं-सरीरोगाहणा जहण्णेणं पंचधणुहसयाई उक्कोसेणवि पंचधणुसयाई ठिई जहण्णेणं पुव्वकोडी उक्कोसेणवि पुवकोडी एवं अणुबंधोवि, सेसं जहा Page #943 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 930 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि पढमगमए णवरं रइयदिई कायसंवेहं च जाणेज्जा 6, एवं जाव छटपुढवी गवरं तच्चाए आढवेत्ता एक्केक्क संघयणं परिहायइ जहेव तिरिक्खजोणियामं कालादेसोवि तहेव णवरं मणस्सटिई भाणियब्वा / पज्जत्तसंखेज्जवासाउयसण्णिमणुस्सेणं भंते! जे भविए अहेस तमापुढविणेरइएसु उववज्जितए से णं भंते ! केवइयकालदिईएसु उववज्जेज्जा ? गोयमा ! जहण्णेणं बावीसं सागरो. वमट्टिईएसु उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमट्टिईएसु उववज्जेज्जा / ते णं भंते ! जीवा एगसमएणं * अवसेसो सो चेव सक्करप्पभापुढ विगमओ णेयन्वो णवरं पढमं संघयणं इथिवेयगा ण उववज्जति सेसं तं चेव जाव अणबंधोत्ति, भवादेसेणं दो भवग्गहणाई कालादेसेणं जहणणं बावीसं सागरोवमाइं वासपृहत्तमन्भहियाई उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं पुवकोडीए अब्भहियाई एवइयं जाव करेज्जा 1 / सो चेव जहण्णकालट्टिईए सु उववण्णो एस चेव वत्तव्वया णवरं णेर इयट्टिई संवेहं च जाणेज्जा 2 / सो चेव उक्कोसकालदिईएसु उववण्णो एस चेव वत्तव्वया णवरं संवेहं च जाणेज्जा 3 / सो चेव अप्पणा जहण्णकाल. टिईओ जाओ तस्सवि तिसुवि गमएसु एस चेव वत्तव्वया णवरं सरीरोगाहणा जहण्णेणं रयणिपुहत्तं उक्कोसेणवि रयणिपुहुतं, ठिई जहण्णेणं वासपुहुत्तं उक्कोसेणवि वासपुहत्तं एवं अणुबंधोवि, संवेहो उवजूंजिऊण भाणियत्वो 6 / सो चेव अप्पणा उक्कोसकालटिईओ जाओ तस्सवि तिसुवि गमासु एस चेव वत्तव्वया णवरं सरीरोगाहणा जहणेणं पंचधणहसयाई उक्कोसेणवि पंचधणहसयाई, ठिई जहणणं पुवकोडी उक्कोसेणवि पुवकोडी एवं अणुबंधोवि णव. सुवि एएसु गमएसु णेरइयट्टिई संवेहं च जाणेज्जा, सव्वत्थ भवग्गहणाई दोण्णि जाव णवमगमए कालादेसेणं जहणेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं पुव्वकोडीए अब्भहियाई उक्कोसेणवि तेतीसं सागरोवमाइं पुवकोडीए अब्भहियाइं एवइयं कालं सेवेज्जा एवइयं कालं गइरागई करेज्जा ह / सेवं भंते ! सेवं भते ! त्ति जाव विहरइ // 666 // चउवीसइमं सयं बीओ उद्देसो रायगिहे जाव एवं वयासी-असुरकुमारा गं भंते ! कओहितो उववज्जति किणेरइएहितो उववज्जति तिरिक्ख० मणुस्से० देवेहितो उववज्जति ? गोयमा! णो णेरइएहितो उववज्जति तिरिक्ख० मणुस्सेहितो उववज्जति णो देवेहितो Page #944 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 24 उ. 2 उववज्जंति, एवं जहेव णेरइयउद्देसए जाव-पज्जत्तअसण्णिपंचिदियतिरिक्ख. जोणिए णं भंते ! जे भविए असुरकुमारेसु उववज्जित्तए से णं भंते ! केवइय. कालट्ठिईएसु उववज्जेज्जा ? गोयमा ! जहण्णेणं दसवाससहस्सट्ठिईएसु उक्को. सेणं पलिओवमस्स असंखेज्जइभागट्टिईएसु उववज्जेज्जा / ते गं भंते ! जीवा एवं रयणप्पभागमगसरिसा णववि गमा भाणियव्वा णवरं-जाहे अप्पणा जहण्णकालदिईओ भवइ ताहे अज्झवसाणा पसत्था णो अप्पसत्था तिसुवि गमएसु अवसेसं तं चेव 6 / जइ सण्णिपंचिदियतिरिक्खजोणिएहितो उववज्जति कि संखेज्जवासाउय जाव उववज्जति असंखेज्जवासाउय जाव उववज्जति ? गोयमा ! संखेज्जवासाउय जाव उववज्जंति असंखेज्जवासाउय जाव उव. वज्जति / असंखेज्जवासाउयसग्णिपंचिदियतिरिक्खजोणिए णं भंते ! जे भविए असुरकुमारेसु उववज्जित्तए से गं भंते ! केवइयकालट्ठिईएसु उववज्जेज्जा ? गोयमा ! जहण्णेणं दसवाससहस्सट्ठिईएसु उववज्जेज्जा उक्कोसेणं तिपलिओवमट्टिईएसु उववज्जेज्जा / ते गं भंते ! जीवा एगसमएणं पुच्छा, गोयमा ! जहणेणं एक्को वा दो वा तिणि वा उक्कोसेणं संखेज्जा उववज्जति, वइ. रोसभणारायसंघयणी, ओगाहणा जहणेणं धणुहपुहुत्तं उक्कोसेणं छ गाउयाई, समचउरंससंठाणसंठिया प०, चत्तारि लेस्साओ आइल्लाओ, णो सम्मदिट्ठी मिच्छाविट्ठी णो सम्मामिच्छादिट्ठी, णो णाणी अण्णाणी णियमं दुअण्णाणी मइअण्णाणी य सुयअण्णाणी य, जोगो तिविहोवि, उवओगो दुविहोवि, चत्तारि सण्णाओ, चत्तारि कसाया, पंच इंदिया, तिण्णि समग्घाया आइल्लगा, समोहयावि मरंति असमोहयावि मरंति, वेयणा दुविहावि सायावेयगावि असाया. वेयगावि, वेदो दुविहोवि इस्थिवेयगावि पुरिसवेयगावि णो णपुंसगवेयगा, ठिई जहाणेणं साइरेगा पुव्वकोडी उक्कोसेणं तिण्णि पलिओवमाई, अज्झवसाणा पसत्थावि अप्पसत्यावि, अणुबंधो जहेव ठिई, कायसंवेहो भवादेसेणं दो भवग्गहणाई, कालादेसेणं जहण्णेणं साइरेगा पुन्वकोडी दसहि वाससहस्सेहिं अब्भहिया उक्कोसेणं छप्पलिओवमाइं एवइयं जाव करेज्जा 1 / सो चेव जहण्णकालट्टिईएसु उववण्णो एस चेव वत्तव्वया णवरं असुरकुमारट्टिई संवेहं च जाणेज्जा 2 / सो चेव उक्कोसकालट्ठिईएसु उववण्णो जहणेणं तिपलिओ. वमट्टिईएसु उक्कोसेणवि तिपलिओवमट्टिईएसु उववज्जेज्जा एस चेव वत्तव्वया Page #945 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 932 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि णवरं ठिई से जहणणं तिण्णि पलिओवमाई उक्कोसेणवि तिग्णि पलिओवमाइं एवं अणुबंधोवि, कालादेसेणं जहणणं छप्पलिओवमाइं उक्कोसेणवि छप्प. लिओवमाइं एवइयं० सेसं तं चेव 3 / सो चेव अप्पणा जहण्णकालटिईओ जाओ जहणणं दसवाससहस्सट्ठिईएसु उक्कोसेणं साइरेगं पुवकोडीआउएसु उववज्जेज्जा / ते णं भंते ! अवसेसं तं चेव जाव भवादेसोत्ति, णवरं-ओगाहणा जहण्णणं धणुहपुहुत्तं उवकोसेणं साइरेगं धणुसहस्सं, ठिई जहणणं साइरेगा पुवकोडी उक्कोसेणवि साइरेगा पुवकोडी एवं अणुबंधोवि, कालादेसेणं जहणेणं साइरेगा पुवकोडी दहि वाससहस्सेहि अब्भहिया उक्कोसेणं साइरेगाओ दो पुवकोडीओ एवइयं० 4 / सो चेव अप्पणा जहणकालदिईएसु उववण्णो एस चेव वत्तव्यया णवरं असुरकुमारट्टिइं संवेहं च जाणेज्जा 5 / सो चेव उक्कोसकालदिईएसु उव. वणो जहणेणं साइरेगपुवकोडिआउएसु उक्कोसेणवि साइरेगपुव्वकोडीआउ. एसु उववज्जेज्जा सेसं तं चेव, णवरं कालादेसेणं जहणेणं साइरेगाओ दो पुव. कोडीओ उक्कोसेणवि साइरेगाओ दो पुवकोडीओ एवइयं काल सेवेज्जा०६। सो चेव अप्पणा उक्कोसकालदिईओ जाओ सो चेव पढ मगमगो भाणियब्वो णवरं ठिई जहण्णेणं तिणि पलिओवमाई उक्कोसेणं वि तिणि पलिओवमाई एवं अणुबंधोवि, कालादेसेणं जहणेणं तिण्णि पलिओवमाइं दसहि वाससहस्सेहि अब्भहियाई उक्कोसेणं छ पलिओवमाइं एवइयं० 7 / सो चेव जहण्णकालटिईएसु उववण्णो एस चेव वत्तव्वया णवरं असुरकुमारट्टिइं संवेहं च जाणेज्जा 8 / सो चेव उक्कोसकालटिईएसु उववण्णो जहण्णेणं तिपलिओव, उक्कोसेवि तिपलिओव० एस चेव वत्तव्वया णवरं-कालादेसेणं जहण्णेणं छप्पलिओबमाई उक्कोसेणवि छप्पलिओवमाइं एवइयं०६। जइ संखेज्जवासाउयसण्णिचिदिय जाव उववज्जति कि जलचर० एवं जाव-पज्जत्तसंखेज्जवासाउयसण्णिचिदिय तिरिक्खजोणिए णं भंते ! जे भविए असुरकुमारेसु उववज्जितए से गं भंते ! केवइयकालदिईएसु उपवज्जेज्जा ? गोयमा ! जहण्णेणं दसवाससहस्सट्टिईएसु उक्कोसेणं साइरेगसागरोवमदिईएसु उववज्जेज्जा। ते णं भंते ! जीवा एगसमएण एवं एएसि रयणप्पभपुढ विगमगसरिसा णव गमगा णेयव्वा, णवरं जाहे अप्पणा जहण्णकालदिईओ भवइ ताहे तिसुवि गमएसु इमणाणतं-चतारि लेस्साओ अज्झवसाणा पसत्था णो अप्पसत्था सेसं तं चेव, संवेहो साइरेगेण Page #946 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 24 उ. 3 933 सागरोवमेण कायव्वो / जइ मणुस्सेहितो उववज्जति किं सणिमणुस्सेहितो उ०, असण्णिमणुस्सेहितो उ० ? गोयमा ! सण्णिमणुस्सेहितो उ० णो असण्णि. मणुस्सेहितो उववज्जति / जइ सण्णिमणुस्सेहितो उववज्जंति किं संखेज्जवासा. उयसण्णिमणस्सेहितो उववज्जति असंखेज्जवासाउयसण्णिमणुस्सेहितो उवव. ज्जति ? गोयमा ! संखेज्जवासाउय जाव उववज्जति असंखेज्जवासाउय जाव उववज्जति / असंखेज्जवासाउयसणिमणुस्से णं भंते ! जे भविए असुरकुमारेसु उववज्जित्तए से गं भंते ! केवइयकालट्ठिईएसु उववज्जेज्जा ? गोयमा ! जहणणं दसवाससहस्सट्टिईएसु उक्कोसेणं तिपलिओवमट्टिईएसु उवव. ज्जेज्जा एवं असंखेज्जवासाउयतिरिक्खजोणियसरिसा आइल्ला तिण्णि गमगा यन्वा, णवरं सरीरोगाहणा पढमबिइएसु गमएसु जहण्णेणं साइरेगाई पंचधणुहसयाई उक्कोसेणं तिण्णि गाउयाई सेसं तं चेव, तइयगमे ओगाहणा जहणेणं तिण्णि गाउयाई उक्कोसेणवि तिणि गाउयाई सेसं जहेव तिरिक्ख. जोणियाणं 3 / सोचेव अप्पणा जहण्णकालदिईओ जाओ तस्सवि जहण्णकालट्टिईयतिरिक्खजोणियसरिसा तिणि गमगा भाणियव्वा,णवरं सरीरोगाहणा तिसुवि गमएसु जहण्णेणं साइरेगाइं पंचधणुहसयाई उक्कोसेणवि साइरेगाई पंचधणुह. सयाई सेसं तं चेव 6 / सो चेव अप्पणा उक्कोसकालदिईओ जाओ तस्सवि ते चेव पच्छिल्लगा तिणि गमगाभाणियन्वा णवरं सरीरोगाहणा तिसुवि गम. एसु जहणणं तिण्णि गाउयाई उक्कोसेणवि तिण्णि गाउयाई, अवसेसं तं चेव 6 / जइ संखेज्जवासाउयसण्णिमणुस्सेहितो उववज्जति किं पज्जत्तसंखेज्ज. वासाउय० अपज्जत्तसंखेज्ज. जाव उववज्जति ? गोयमा ! पज्जत्तसंखेज्ज. णो अपज्जत्तसंखेज्ज / पज्जत्तसंखेज्जवासाउयसण्णिमणुस्से णं भंते ! जे. भविए असुरकुमारेसु उववज्जित्तए से गं भंते ! केवइयकालढिईएसु उववज्जेज्जा ? गोयमा ! जहण्णणं दसवाससहस्सट्टिईएसु उक्कोसेणं साइरेगसागरोवमट्टिईएसु उववज्जेज्जा / ते णं भंते ! जीवा०एवं जहेव एएसि रयणप्पभाए उववज्जमाणाणं णव गमगा तहेव इहवि णव गमगा भाणियव्वा, णवरं संवेहो साइरेगेण सागरो. वमेण कायव्वो, सेसं तं चेव 6 / सेवं भंते ! 2 ति // 667 // चउवीसइमं सयं तइओ उद्देसो रायगिहे जाव एवं वयासी-णागकुमारा णं भंते ! कओहितो उववज्जति Page #947 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 934 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि कि रइएहितो उववज्जति तिरि० मण, देवेहितो उववज्जति ? गोयमा ! गो गेरइएहितो उववज्जति तिरिक्ख जोणिएहितो उ० मणुस्सेहितो उववज्जति णो देवेहितो उववज्जति / जइ तिरिक्खजोणि एवं जहा असुर कुमाराणं वत्त. व्वया तहा एएसि पिजाव असणित्ति। जइ सण्णिचिदियतिरिक्खजोणिएहितो उ० कि संखेज्जवासाउय० असंखेज्जवासाउय० ? गोयमा ! संखेज्जवासाउय असंखेज्जवासाउय०जाव उववज्जति / असंखेज्जवासाउयसण्णि पंचिदियतिरिवखजोणिए णं भंते ! जे भविए णागकुमारेसु उववज्जित्तए से णं भंते ! केवइकालटिई• ? गोयमा ! जहणणं दसवाससहस्सटिईएसु उक्कोसेणं देसूणदुपलि. ओवमट्टिईएसु उववज्जेज्जा / ते णं भंते ! जीवा अवसेसो सो चेव असुरकुमारेसु उववज्जमाणस्स गमगो भाणियव्वो जाव भवादेसोत्ति, कालादेसेणं जहण्णेणं साइरेगा पुत्वकोडी दसहि वाससहस्सेहि अमहिया उक्कोसेणं देसूणाई पंच पलिओवमाइं एवइयं जाव करेज्जा 1 / सो चेव जहण्णकालदिईएसु उववण्णो एस चेव वत्तव्वया णवरं णागकुमारट्टिइं संवेहं च जाणेज्जा 2 / सो चेव उक्कोसकालदिईएसु उववण्णो तस्सवि एस चेव वत्तव्वया णवरं ठिई जहणणं देसूणाई दो पलिओवमाइं उक्कोसेणं तिण्णि पलिओवमाई सेसं तं चेव जाव भवादेसोत्ति, कालादेसेणं जहण्णेणं देसूणाई चत्तारि पलिओवमाई उक्को. सेणं देसूणाई पंच पलिओवमाइं एवइयं० 3 / सो चेव अप्पणा जहण्णकालट्टिईओ जाओ तस्सवि तिसुवि गमएसु जहेव असुरकुमारेसु उववज्जमाणस्सजहण्णकालट्ठिईयस्स तहेव णिरवसेसं 6 / सो चेव अप्पणा उक्कोसकालट्ठिईओ तस्सवि तहेव तिण्णि गमगा जहा असुरकुमारेसु उववज्जमाणस्स णवरं णागकुमारदिई संवेहं च जाणेज्जा सेसं तं चेव / जइ संखेज्जवासाउय. सणिपंचिदिय जाव कि पज्जत्तसंखेज्जवासाउय०,अपज्जत्तसंखेज्ज०? गोयमा ! पज्जत्तसंखेज्जवासाउय० णो अपज्जत्तसंखेज्जवासाउय० / पज्जत्तसंखेज्जवासा. उय०, जाव जे भविए णागकुमारेसु उववज्जित्तए से णं भंते ! केवइयकालदिईएसु उववज्जेज्जा ? गोयमा ! जहण्णेणं दसवाससहस्साई उक्कोसणं देसूणाई दो पलिओवमाइं एवं जहेव असुरकुमारेसु उववज्जमाणस्स वत्तव्वया तहेव इहवि णवसुवि गमएसु, णवरं णागकुमारट्टिइं संवेहं च जाणेज्जा, सेसं तं चेव 6 / जइ मणुरोहितो उववज्जति कि सण्णिमणु० असण्णिमणु० ? Page #948 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 24 उ. 4-12 935 गोयमा ! सण्णिमणुस्से०णो असण्णिमणुस्से०जहा असुरकुमारेसु उववज्जमाणस्स बाव-असंखेज्जवासाउयसणिमणुस्से णं भंते ! जे भविए णागकुमारेस उववज्जित्तए से गं भंते ! केवइयकालट्ठिईएसु उववज्जइ ? गोयमा ! जहण्णेणं वसवाससहस्सट्ठिईएसु उक्कोसेणं देसूणदोपलिओवमट्टिईएसु एवं जहेव असंखे. ज्जवासाउयाणं तिरिक्खजोणियाणं णागकुमारेसु आइल्ला तिण्णि गमगा तहेव इमस्सवि, णवरं पढमबिइएसु गमएसु सरीरोगाहणा जहण्णेणं साइरेगाई पंचधणहसयाई उक्कोसेणं तिण्णि गाउयाई, तइयगमे ओगाहणा जहण्णेणं देसूणाई दो गाउयाई उक्कोसेणं तिग्णि गाउयाई सेसं तं चेव 3 / सो चेव अप्पणा जह• पणकालट्ठिईओ जाओ तस्स तिसुवि गमएसु जहा तस्स चेव असुरकुमारेसु उववज्जमाणस्स तहेव गिरवसेसं 6 / सो चेव अप्पणा उक्कोसकालटिईओ जाओ तस्स तिसुवि गमएसु जहा तस्स चेव उक्कोसकालढिईयस्स असुरकुमारेसु उववज्जमाणस्स णवरं णागकुमारट्टिई संवेहं च जाणेज्जा, सेसं तं चेव 6 / जइ संखेज्जवासाउयसणिमण कि पज्जत्तसंखेज्ज० अपज्जत्तसंखेज्ज.? गोयमा ! पज्जत्तसंखेज्ज० णो अपज्जत्तसंखेज्ज० / पज्जत्तसंखेज्जवासाउयसण्णिमणुस्से गं भंते ! जे भविए णागकुमारेसु उववज्जित्तए से णं भंते ! केवइ० ? गोयमा! जहण्णणं दसवाससहस्सटिईएसु उक्कोसेणं देसूणदोपलिओवमट्टिईएसु उ० एवं जहेव असुरकुमारेसु उववज्जमाणस्स सच्चेव लद्धी गिरवसेसा णवसु गमएसु णवरं णागकुमारदिई संवेहं च जाणेज्जा / सेवं भंते ! 2 त्ति // 698 // चउवीसइमं सयं 4-11 उद्देसा अवसेसा सुवण्णकुमाराई जाव थणियकुमारा एए अटुवि उद्देसगा जहेव णागकुमाराणं तहेव णिरवसेसा भाणियव्वा / सेवं भंते ! 2 ति // 666 // ... चउवीसइमं सयं दुवालसमो उद्देसो .. पुढविक्काइया णं भंते ! कओहितो उववज्जति किं गैरइएहितो उववज्जति तिरिक्ख० मणु० देवेहितो उववज्जंति ? गोयमा ! णो गैरइएहितो उववज्जति तिरिक्ख०मणु० देवेहितोवि उववति / जइ तिरिक्खजोणिएहितो उ०कि एगिदियतिरिक्खजोणिए०एवं जहा वक्कतीए उववाओ जाव-जइ बायर. पुढविक्काइयएगिदियतिरिक्खजोणिएहितो उववज्जति कि पज्जत्तबायर जाव Page #949 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 936 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि उववज्जति अपज्जत्तबायरपुढवि जाव उ०? गोयमा ! पज्जत्तबायरपुढवि० अपज्जत्तबायरपुढवि जाव उववज्जति / पुढविक्काइए णं भंते ! जे भविए पुढवि. क्काइएसु उववज्जित्तए से णं भंते ! केवइ यकालट्ठिईएसु उववज्जेज्जा ? गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुत्तट्टिईएसु उक्कोसेणं बावीसवाससहस्सट्ठिईएसु उववज्जेज्जा / ते णं भंते ! जीवा एगसमएणं पुच्छा, गोयमा ! अणुस मयं अवि. रहिया असंखेज्जा उववज्जंति, छेवट्ठसंघयणी, सरीरोगाहणा जहणेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं उक्कोसेणवि अंगलस्स असंखेज्जइ भागं, मसूरचंदसंठिया, चत्तारि लेस्साओ, णो सम्मदिट्ठी मिच्छादिट्ठी को सम्मामिच्छादिट्ठी, णो णाणी अग्णाणी दो अण्णाणा णियमं, णो. मणजोगी णो वइजोगी कायजोगी, उवओगो दुविहोवि, चत्तारि सण्णाओ, चत्तारि कसाया, एगे फासिदिए पण्णत्ते, तिणि समु. ग्घाया, वेयणा दुविहा,णो इथिवेयगा णो पुरिसवेयगाणपुंसगवेयगा, ठिई जहण्णेणं अंतोमहत्तं उक्कोसेणं बावीसं वाससहस्साई, अज्झवसाणा पसत्थावि अप्पस. स्थावि अणुबंधो जहा ठिई 1 / से णं भंते ! पुढविक्काइए पुणरवि पुढविकाइएत्ति केवइयं काल सेवेज्जा केवइयं कालं गइरागई करेज्जा ? गोयमा ! भवा. देसेणं जहणेणं दो भवग्गहणाई उक्कोसेणं असंज्जाई भवग्गहणाई, काला. देसेणं जहणणं दो अंतोमहत्ता उक्कोसेणं असंखेज्ज कालं एवइयं जाव करेज्जा 1 / सो चेव जहण्णकालटिईएसु उववण्णो जहण्णेणं अंतोमुत्तट्टिईएसु उक्को. सेणवि अंतोमुत्तट्ठिईएसु एवं चेव वत्तव्वया णिरवसेसा 2 / सो चेव उक्कोस कालदिईएसु उववण्णो जहणणं बावीसवाससहस्सट्रिईएस उक्कोसेणवि बावीस. वाससहस्सट्टिईएसु सेसं तं चेव जाव अणुबंधोत्ति, णवरं जहण्णेणं एकको वा दो वा तिणि वा उक्कोसेणं संखेज्जा वा असंखेज्जा वा उववज्जेज्जा, भवादेसेणं जहण्णेणं दो भवग्गहणाई उवकोसेणं अट्ट भवग्गहणाई, कालादेसेणं जहणेणं बावीसं वाससहस्साई अंतोमुत्तमभहियाई उवकोसेणं छावरि वाससहस्सुत्तरं सयसहस्सं एवइयं कालं जाव करेज्जा 3 / सो चेव अप्पणा जहण्णकालदिईओ जाओ सो चेव पढमिल्लओ गमओ भाणियन्वो णवरं लेस्साओ तिण्णि, ठिई जहण्णेणं अंतोमुहत्तं उक्कोसेणवि अंतोमहत्तं, अप्पसत्था अज्झवसाणा, अणुबंधो जहा ठिई, सेसं तं चेव 4 / सो चेव जहण्णकालट्ठिईएसु उवण्णो सच्चेव चउत्थगमगवत्तव्वया भाणियव्वा 5 / सोचेव उक्कोसकालटिईएसु उववण्णो एस चेव Page #950 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 24 उ. 12 937 वत्तव्वया णवरं जहणेणं एक्को वा दो वा तिणि वा उक्कोसेणं संखेज्जा वा असंखेज्जा वा जाव भवादेसेणं जहणेणं दो भवग्गहणाई उक्कोसेणं अट्ठ भवग्गहणाई, कालासेणं जहण्णेणं बावीसं वाससहस्साइं अंतोमुत्तममहियाई उक्को. सेणं अट्टासीइं वाससहस्साई चउहि अंतोमहत्तेहि अब्भहियाइं एवइयं० 6 / सो चेव अप्पणा उक्कोसकालट्ठिईओ जाओ एवं तइयगमगसरिसो णिरवसेसो भाणियव्यो णवरं अप्पणा से ठिई जहण्णेणं बावीसं वाससहस्साई उक्कोसेणवि बावीसं वाससहस्साई 7 / सो चेव जहण्णकालट्ठिईएसु उववण्णो जहण्णेणं अंतोमुत्तं उक्कोसेणवि अंतोमहत्तं, एवं जहा सत्तमगमगो जाव भवादेसो, कालादेसेणं जहणेणं बावीसं वाससहस्साई अंतोमुत्तमब्भहियाई उक्कोसेणं अट्ठासीई वाससहस्साई चहि अंतोमहत्तेहि अन्भहियाई एवइयं० 8 / सो चेव उक्कोसकालट्ठिईएसु उववण्णो जहणेणं बावीसं वाससहस्सटिईएसु उक्कोसेवि बावीसं वास. सहस्सट्टिईएसु एस चेव सत्तमगमगवत्तव्वया जाणियव्वा जाव भवादेसोत्ति, काला. देसेणं जहण्णेणं चोयालोसं वाससहस्साई उक्कोसेणं छावत्तरिवाससहस्सुत्तरं सय. सहस्सं एवइयं० 61 जइ आउक्काइयएगिदियतिरिक्खजोणिएहितो उववज्जति कि सुहमआउ० बादरआउ०?एवं चउक्कओ भेदो भाणियन्वो जहा पुढ विक्काइ. याणं / आउवकाइएणं भंते ! जे भविए पुढविक्काइएसु उववज्जित्तए से णं भंते! केवइयकालट्ठिईएसु उववज्जेज्जा? गोयमा ! जहणेणं अंतोमुत्तट्टिईएसु उक्को. सेणं बावीसवाससहस्सढिईएसु उववज्जेज्जा, एवं पुढविक्काइयगमगसरिसा णव गमगा भाणियव्वा 6, णवरं थिबुर्गाबंदुसंठिए, ठिई जहणेणं अंतोमुत्तं उक्कोसेणं सत्त वाससहस्साइं, एवं अणुबंधोवि एवं तिसुवि गमएसु, ठिई संवेहो तइयछट्ठसत्त. मट्ठमणवमगमएसु भवादेसेणं जहण्णेणं दो भवग्गहणाई उक्कोसेणं अट्ठ भवग्गहगाई, सेसेसु चउसु गमएसु जहण्णेणं दो भवग्गहणाई उक्कोसेणं असंखेज्जाई भव. गहणाई, तइयगमए कालादेसेणं जहण्णेणं बावीसं वाससहस्साई अंतोमुत्तमम्भ. हियाई उक्कोसेणं सोलसुत्तरं वाससयसहस्सं एवइयं०, छठे गमए कालादेसेणं जहणेणं बावीसं वाससहस्साई अंतोमुत्तममहियाई उक्कोसेणं अट्ठासीई वास. सहस्साई चहि अंतोमुत्तेहि अमहियाई एवइयं०, सत्तमे गमए कालादेसेणं जहणणं सत्त वाससहस्साइं अंतोमहत्तमन्भहियाइं उक्कोसेणं सोलसुत्तरवास. सयसहस्सं एवइयं०, अट्टमे गमए कालादेसेणं जहणेणं सत्त वाससहस्साई Page #951 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 938 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि अंतोमुत्तमभहियाई उक्कोसेणं अट्ठावीसं वाससहस्साई चहिं अंतोमुत्तेहि अब्भहियाई एवइयं०, णवमे गमए भवादेसेणं जहणणं दो भवग्गहणाई उक्को. सेणं अट्ट भवग्गहणाई, कालादेसेणं जहणणं एगणतीसं वाससहस्साई उक्को. सेणं सोलसुत्तरं वाससयसहस्सं एवइयं०, एवं णवसुवि गमएसु आउक्काइयठिई जाणियव्वा ह / जइ ते उक्काइएहितो उववज्जति०? तेउक्काइयाणवि एस चेव वत्तव्वया णवरं णवसुवि गमएसु तिण्णि लेस्साओ तेउक्काइयाणं सुई. कलावसंठिया ठिई जाणियव्वा तइयगमए कालादेसेणं जहण्णेणं बावीसं वास. सहस्साइं अंतोमुत्तममहियाई उक्कोसेणं अट्ठासीइं वाससहस्साई बारसहि राईदिएहि अन्भहियाइं एवइयं एवं संवेहो उवजंजिऊण भाणियन्वो है / जइ वाउक्काइएहितो उववज्जति०? वाउक्काइयाणवि एवं चेव णव गमगा जहेव तेउक्काइयाणं णवरं पडागासंठिया प० सवेहो वाससहस्सेहि कायवो तइय. गमए कालादेसेणं जहण्णेणं बावीसं वाससहस्साई अंतोमुत्तमब्भहियाई उक्कोसेणं एगं वाससयसहस्सं एवं संवेहो उवजूजिऊण भाणियन्वो / जइ वणस्सइकाइएहितो उववज्जति ? वणस्सइकाइयाणं आउकाइयगमगसरिसा णव गमगा भाणियन्वा णवरं णाणासंठिया सरीरोगाहणा पढमएसु पच्छिल्लएसु य तिसु गमएसु जहणणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं उक्कोसेणं साइरेगं जोयणसहस्सं मज्झिल्लएसु तिसु तहेव जहा पुढविकाइयाणं संवेहो ठिई य जाणियव्वा तइयगमए कालादेसेणं जहणेणं बावीसं वाससहस्साई अंतोमुत्तममहियाई उकोसेणं अट्ठावीसुत्तरं वाससयसहस्सं एवइयं एवं संवेहो उवजंजिऊण भाणि. यवो // 70 // जइ बेइंदिएहितो उववज्जति कि पज्जत्तबेइंदिएहितो उववज्जंति, अपज्जत्तबेइंदिएहितो उववज्जति ? गोयमा ! पज्जत्तबेइंदिएहितो उववज्जति अपज्जत्तबेइंदिएहितोवि उववज्जति / बेइंदिए गं भंते ! जे भविए पुढविक्काइएसु उववज्जित्तए से णं भंते ! केवइकाल० ? गोयमा ! जहणेणं अंतोमहत्तदिईएसु उक्कोसेणं बावीसवाससहस्सदिईएस। ते गं भंते ! जीवा एगसमएणं० ? गोयमा ! जहण्णेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा उक्कोसेणं संखेज्जा वा असंखेज्जा वा उववज्जति, छेवटुसंघयणी, ओगाहणा जहणेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं उक्कोसेणं बारस जोयणाई, हुंडसंठिया, तिण्णि लेस्साओ, सम्मदिट्ठीवि मिच्छादिट्ठीवि णो सम्मामिच्छादिट्ठी, दो णाणा दो अण्णाणा णियम, Page #952 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 24 उ. 12 939 णो मणजोगी वहजोगीवि कायजोगीवि, उदओगो दुविहोवि, चत्तारि सणाओ, . चत्तारि कंसाया, दो इंदिया प०, तं०-जिभिदिए य फासिदिए य, तिण्णि समुग्घाया सेसं जहा पुढविक्काइयाणं णवरं ठिई जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं बारस संवच्छराइं एवं अणुबंधोवि, सेसं तं चेव, भवादेसेणं जहणणं दो भव. गहणाई उक्कोसेणं संखेज्जाइं भवग्गहणाई, कालादेसेणं जहणणं दो अंतोमहुत्ता उफ्कोसेणं संखेज्जं कालं एवइयं०१। सो चेव जहण्णकालट्ठिईएसु उववण्णो एस चेव वत्तव्वया सव्वा 2 / सो चेव उक्कोसकालट्ठिईएसु उववण्णो एस चेव बेइंदियस्स लद्धी गवरं भवादेसेणं जहण्णेणं दो भवग्गहणाई उक्कोसेणं अट्ठ भवग्गहणाई, कालादेसेणं जहण्णेणं बावीसं वाससहस्साई अंतोमुत्तमभहियाई उक्कोसेणं अट्ठासीई वाससहस्साई अडयालीसाए संवच्छरेहि अमहियाई एवइयं० 3 / सो चेव अप्पणा जहण्णकालढिईओ जाओ तस्सवि एस चेव वत्तव्वया तिसुवि गमएसु णवरं इमाई सत्त णाणत्ताई सरीरोगाहणा जहा पुढविकाइयाणं, जो सम्मदिट्ठी मिच्छादिट्ठी णो सम्मामिच्छादिट्ठी, दो अण्णाणा णियमं, णो मणजोगी णो वइजोगी कायजोगी, ठिई जहण्णेणं अंतोमहत्तं उक्कोसेणवि अंतोमहत्तं, अज्झवसाणां अप्पसत्था, अणुबंघो जहा ठिई, संवेहो तहेव आइल्लेसु दोसु गमएसु तइयगमए भवादेसो तहेव अट्ट भवग्गहणाइंकालादेसेणं जहणणं बावीसं वाससहस्साई अंतोमुत्तममहियाई उक्कोसेणं अट्ठासीई वाससहस्साई चहिं अंतोमुत्तेहि अब्भहियाई एवइयं० 6 / सो चेव अप्पणा उक्कोसकालट्ठि. ईओ जाओ एयस्सवि ओहियगमगसरिसा तिण्णि गमगा भाणियव्वा णवरं तिसुवि गमएसु ठिई जहण्णणं बारस संवच्छराई उक्कोसेणवि बारस संवच्छराई,एवं अणु. बंधोवि, भवादेसेणं जहण्णेणं दो भवग्गहणाई उक्कोसेणं अट्ठ भवग्गहणाई, कालादेसेणं उवजुंजिऊण भाणियन्वं जाव णवमे गमए जहण्णेणं बावीसं वाससहस्साई बारसहि संवच्छरेहि अब्भहियाई उक्कोसेणं अट्ठासीई वाससहस्साई अडयालीसाए संवच्छरेहि अमहियाइं एवइयं० 6 / जइ तेइंदिएहितो उववज्जति? एवं चेव णव गमगा भाणियव्वा णवरं आइल्लेसु तिसुवि गमएसु सरीरोगाहणा जहणेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं उक्कोसेणं तिण्णि गाउयाई, तिण्णि इंदि. याई, ठिई जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं एगूणपण्णं राइंदियाई, तइयगमए कालादेसेणं जहण्णेणं बावीसं वाससहस्साइं अंतोमुत्तममहियाई उक्कोसेणं Page #953 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 940 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि अट्ठासीई वाससहस्साई छण्णउइं राइंदियसयमन्भहियाई एवइयं०, मज्झिमा तिण्णि गमगा तहेव पच्छिमावि तिण्णि गमगा तहेव णवरं ठिई जहणणं एगणपण्णं राइंदियाइं उक्कोसेवि एगणपण्णं राइंदियाई संवेहो उवजंजिऊण भाणियन्वो 6 / जइ चरिदिएहितो उववज्जंति एवं चेव चरिदियाणवि णव गमगा भाणियन्वा णवरं एएसु चेव ठाणेसु णाणत्ता भाणियव्वा सरीरोगाहणा जहणणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं उक्कोसेणं चत्तारि गाउयाई, ठिई जहण्णेणं अंतोमहत्तं उक्कोसेणं छम्मासा एवं अणबंधोवि, चत्तारि इंदियाई सेसं तं चेव जाव णवमगमए कालादेसेणं जहणणं बावीसं वाससहस्साई छहि मासेहि अब्भहियाई उक्कोसेणं अट्ठासीइं वाससहस्साई चउवीसाए मासेहि अब्भहियाइं एव. इयं० 6 / जइ पंचिदियतिरिक्खेजोणिएहितो उववज्जति कि सण्णिपंचिदियतिरिक्खजोणिएहितो उववज्जति असण्णिपंचिदियतिरिक्खजोणिए ? गोयमा! सणिपचिदिय०, असण्णिपंचिदिय० / जइ असण्णिपंचिदिय जाव उ० कि जलचरेहितो उववज्जति जाव कि पज्जत्तएहितो उववज्जति अपज्जत्तएहितो उव. वज्जति ? गोयमा! पज्मत्तएहितोवि उववज्जति अपज्जत्तएहितोवि उववज्जति। असण्णिपंचिदियतिरिक्खजोणिए णं भते ! जे भविए पुढविक्काइएसु उवव. ज्जित्तए से णं भंते ! केवइ ? गोयमा ! जहणणं अंतोमुहत्तं उक्कोसेणं बावीसं वाससहस्साई / ते णं भंते ! जीवा० एवं जहेव बेइंदियस्स ओहियगमए लद्धी तहेव णवरं सरीरोगाहणा जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं उक्कोसेणं जोयणसहस्स, पचिदिया, ठिई अणुबधो य जहणणं अंतोमहत्तं उक्कोसेणं पुव्वकोडी सेसं तं चेव, भवादेसेणं जहण्णेणं दो भवग्गहणाई उक्कोसेणं अट्ठ भवग्गहणाई, कालादेसेणं जहणेणं दो अंतोमुत्ता उक्कोसेणं चत्तारि पुवकोडीओ अट्ठासीईए वाससहस्सेहि अब्भहियाओ एवइयं० णवसुवि गमएसु कायसंवेहो भवादेसेणं जहणेणं दो भवग्गहणाई उक्कोसेणं अट्ठ भवग्गहणाई कालादेसेणं उवजंजिऊण भाणियन्वं, णवरं मज्झिमएसु तिसु गमएसु जहेव बेई. दियस्स पच्छिल्लएसु तिसु गमएसु जहा एयस्स चेव पढमगमएसु, णवरं ठिई अणुबंधो य जहणणं पुवकोडी उक्कोसेणवि पुवकोडी, सेसं तं चेव जाव णवम गमएसु जहणणं पुवकोडी बावीसाए वाससहस्सेहि अब्भहिया उक्कोसेणं चत्तारि पुवकोडीओ अट्टासीईए वाससहस्सेहि अब्भहियाओ एवइयं कालं सेवेज्जा० 6 / जइ सण्णिचिदियतिरिक्खजोणि जाव उ० कि Page #954 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 24 उ. 12 941 संखेज्जवासाउय० असंखेज्जवासाउय० ? गोयमा ! संखेज्जवासाउय० गो असंखेज्जवीसाउय जाव उ० / जइ संखेज्जवासाउय जाव उ० किं जलचरेंहितो सेसं जहा असण्णीणं जाव-ते णं भंते ! जीवा एगसमएणं केवइया उववज्जति एवं जहा रयणप्पभाए उबवज्जमाणस्स सणिपंचिदियस्स तहेव इहवि, णवरं ओगाहणा जहण्णेणं अंगलस्स असंखेज्जइभागं उक्कोसेणं जोयणसहस्सं सेसं तहेव जाव कालादेसेणं जहण्णेणं दो अंतोमुत्ता उक्कोसेणं चत्तारि पुव्वकोडीओ अट्ठासीईए वाससहस्सेहि अम्महियाओ एवइयं०, एवं संवेहो णवसुवि गमएसु जहा असण्णीणं तहेव गिरवसेसं लदी से आइल्लएसु तिसुवि गमएसु एस चेव मज्झिल्लएसुवि तिसुवि गमएसु एस चेव गवरं इमाई णव णाणत्ताई ओगाहणा जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं उक्कोसेणवि अंगुलस्स असंखेज्जइभाग, तिण्णि लेस्साओ, मिच्छादिट्ठी, दो अण्णाणा, कायजोगी, तिणि समुग्घाया, ठिई जहणेणं अंतोमहत्तं उक्कोसेणवि अंतोमुहुत्तं, अप्पसत्था अज्झवसाणा, अणबंधो जहा ठिई सेसं तं चेव, पच्छिल्लएसु तिसुवि गमएसु जहेव पढमगमए गवरं ठिई अणुबंधों जहणेणं पुत्वकोडी उक्कोसेणवि पुव्वकोडी, सेसं तं चेव 6 // 701 // जइ मणुस्सेहितो उववज्जति किं सण्णिमणुस्सेहितो उववज्जति. असण्णिमणस्सेहितो उ० ? गोयमा ! सण्णिमणुस्सेहितो उववज्जति असण्णि. मणुस्सेहितोवि उववज्जति / असण्णिमणुस्से गं भंते ! जे भविए पुढविक्काइएसु. से गं भंते ! केवइयकालट्ठिईएसु एवं जहा असण्णिपंचिदियतिरिक्खजोणियस्स जहण्णकालदिईयस्स तिणि गमगातहा एयस्सवि ओहिया तिण्णि गमगा माणियव्वा तहेव गिरवसेसा सेसा छ णं भण्णेति 1 / जइ सण्णिमणुस्सेहितो उवव. ज्जति कि संखेज्जवासाउय. असंखेज्जवासाउय जाव उ० ? गोयमा ! संखेज्जवासाउय० णो असंखेज्जवासाउय जाव उ० / जइ संखेज्जवासाउय जाव उ० कि पज्जत्त० अपज्जत्त० ? गोयमा! पज्जत्तसंखेज्जवासाउय० अपज्जत्तसंखे. ज्जवासा जाव उ० / सणिमणस्से गं भंते ! जे भविए पुढविकाइएसु उवव. ज्जित्तए से गं भंते ! केवइकाल० ? गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं बावीसं वाससहस्सटिईएसु / ते गं भंते ! जीवा एवं जहेव रयणप्पभाए उववज्जमाणस्स तहेव तिसुवि गमएसु लद्धी णवरं ओगाहणा जहण्णेणं अंगुल. स्स असंखेज्जइभागं उक्कोसेणं पंचधणुहसयाई, ठिई जहण्णेणं अंतोमुहत्तं उक्को. Page #955 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 942 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि सेणं पुवकोडी एवं अणुबंधो, संवेहो णवसु गमएसु जहेव सण्णिचिदियस्स मज्झिल्लएसु तिसु गमएसु लद्धी जहेव सणिपंचिदियस्स म० सेसं तं चेव हिरव. सेसं, पच्छिल्ला तिग्णि गमगा जहा एयस्स चेव ओहिया गमगा णवरं ओगाहणा जहणणं पंचधणुहसयाई उक्कोसेणवि पंच धणहसयाई, ठिई अणबंधो जहण्णेणं पुवकोडी उक्कोसेणवि पुवकोडी सेसं तहेव णवरं पच्छिल्लएसु गम. एसु संखेज्जा उववज्जति णो असंखेज्जा उववज्जति / जइ देवेहितो उववज्जति किं भवणवासिदेवेहितो उववज्जति वाणमंतर० जोइसियदेहितो उववज्जति वेमाणियदेवेहितो उववज्जति ? गोयमा ! भवणवासिदेवेहितोवि उववज्जति जाव वेमाणियदेवेहित। वि उववज्जति / जइ भवणवासिदेवेहितो उववज्जति कि असुर. कुमारभवणवासिदेवेहितो उववज्जति जाव थणियकुमारभवणवासिदेवेहितो उ० ? गोयमा ! असुरकुमारभवणवासिदेवेहितो उववज्जति जाव थणियकुमारभवणवासिदेवेहितो उववज्जति / असुरकुमारे णं भंते ! जे भविए पुढविक्काइएसु उववज्जित्तए से णं भंते ! केवइ० ? गोयमा ! जहणणं अंतोमहत्तं उक्कोसेणं बावीसं वाससहस्साई ठिई / ते गं भंते ! जीवा पुच्छा, गोयमा ! जहणेणं एकको वा दो वा तिणि वा उक्कोसेणं संखेज्जा वा असंखेज्जा वा उववज्जति / तेसि णं भंते ! जीवाणं सरीरगा किसंघयणी प० ? गोयमा ! छण्हं संघयणाणं असंघयणी जाव परिणमंति / तेसि णं भंते ! जीवाणं केमहालिया सरीरोगाहणा ? गोयमा ! दुविहा प०, तं०-भवधारणिज्जा य उत्तरवेउविया य, तत्थ णं जा सा भवधारणिज्जा सा जहणणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं उक्कोसेणं सत्त रयणीओ, तत्थ णं जा सा उत्तरवेउब्विया सा जहणणं अंगुलस्स संखेज्जइभागं उक्कोसेणं जोयणसयसहस्सं / तेसि णं भंते ! जीवाणं सरीरगा किसंठिया 50 ? गोयमा ! दुविहा 50, तं०-भवधारणिज्जा य उत्तरवेउदिवया य, तत्थ णं जे ते भवधारणिज्जा ते समचउरंससंठाणसंठिया 50, तत्थ णं जे ते उत्तरबेउविधा ते णाणासंठाणसंठिया प०, लेस्साओ चत्तारि, दिट्ठी तिविहावि, तिप्णि णाणा णियमं, तिणि अण्णाणा भयणाए, जोगो तिविहोवि, उवओगो दुविहोवि, चत्तारि सणाओ, चत्तारि कसाया, पंच इंदिया, पंच समुग्घाया, वेयणा दुविहावि, इत्थिवेयगावि पुरिसवेयंगावि णो णपुंसग. वेयगा, ठिई जहणणं दसवाससहस्साई उक्कोसेणं साइरेगं सामरोवमं अज्झ Page #956 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 24 उ. 12 943 वसाणा असंखेज्जा पसस्थावि अप्पसत्थावि, अणुबंधो जहा ठिई, भवादेसेणं दो भवग्गहणाई, कालासेणं जहणेणं दसवाससहस्साइं अंतोमुहुत्तममहियाई उक्कोसेणं साइरेगं सागरोवमं बावीसाए वाससहस्सेहिं अन्भहियं एवइयं०, एवं णववि गमा णेयव्वा णवरं मझिल्लएसु पच्छिल्लएसु तिसु गमएसु असुरकुमाराणं ठिइविसेसो जाणियम्बो सेसा ओहिया चेव लद्धी कायसंवेहं च जाणेज्जा, सम्वत्थ दो भवग्गहणाइं जाव णवमगमए कालादेसेणं जहणणं साइरेगं सागरोवमं बावीसाए वाससहस्से हि अमहियं उक्कोसेणवि साइरेगं सागरोवमं बावी. साए वाससहस्सेहि अन्भहियं एवइयं० 6 / णागकुमारे गं भंते ! जे भविए पुढविक्काइएसु एस चेव वत्तव्वया जाव भवादेसोत्ति, णवरं ठिई जहण्णेणं दस. वाससहस्साई उक्कोसेणं देसूगाइं दो पलिओवमाइं, एवं अणुबंधोवि, कालादेसेणं जहणणं दसवाससहस्साइं अंतोमहत्तमन्महियाई उक्कोसेणं देसूणाई दो पलिओवमाइं बावीसाए वाससहस्सेहि अब्भहियाई, एवं णववि गमगा असुर. कुमारगमगसरिसा णवरं ठिई कालादेसं च जाणेज्जा, एवं जाव थणियकुमाराणं / जइ वाणमंतरेहितो उववज्जंति किं पिसायवाणमंतर० जाव गंधव्व. वाणमंतर० ? गोयमा !. पिसायवाणमंतर० जाव गंधव्ववाणमंतर० / वाणमंतर. देवे णं भंते ! जे भविए पुढविक्काइएसु० एएसिपि असुरकुमारगमगसरिसा णव गमगा भाणियव्वा, गवरं ठिई कालादेसं च जाणेज्जा, ठिई जहण्णेणं दसवाससहस्साई उक्कोसेणं पलिओवमं से तहेव / जइ जोइसियदेवेहितो उववज्जंति कि चंदविमाणजोइसियदेवेहितो उवबज्जति जाव ताराविमाण जोइसियदेवे. हितो उ० ? गोयमा ! चंदविमाण जाव उ० जाव ताराविमाण जाव उ० / जोइसियदेवे गं भंते ! जे भविए पुढविक्काइएसु लद्धी जहा असुरकुमाराणं णवरं एगा तेउलेस्सा 50, तिणि गाणा तिण्णि अण्णाणा णियमं, ठिई जह- ‘णेणं अट्ठभागपलिओवमं उक्कोसेणं पलिओवमं वाससयसहस्समन्महियं एवं - अणुबंधोवि, कालादेसेणं जहणेणं अट्ठभागपलिओवमं अंतोमुत्तमब्भहियं उक्को सेणं पलिओवमं वाससयसहस्सेणं बावीसाए वाससहस्सेहिं अब्भहियं एवइयं०, एवं सेसावि अट्ठ गमगा भाणियव्वा गवरं ठिई कालादेसं च जाणेज्जा / जइ वेमाणियदेवेहितो उववज्जति कि कप्पोववण्णगवेमाणिय० कप्पाईयवेमाणिए. हितो उ० ? गोयमा ! कप्पोववण्णगवेमाणिय जाव उ० णो कप्पाईयवेमा Page #957 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 944 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि गिय जाव उ० / जइ कप्पोववण्णग जाव उ० किं सोहम्मकप्पोववष्णगवेमाणिय जाव अच्चयकप्पोववण्णगवेमाणिय जाव उ० ? गोयमा! सोहम्मकप्पोवव. vणगवेमाणिय० ईसाणकप्पोववण्णगवेमाणिय जाव उ०, णो सणंकुमार जाव णो अच्चुयकप्पोववण्णगवेमाणिय जाव उ० / सोहम्मदेवे गं भंते ! जे भविए पुढविकाइएसु उववज्जित्तए से गं भंते ! केवइय० एवं जहा जोइसियस्स गमगो णवरं ठिई अणुबंधो य जहणेणं पलिओवमं उक्कोसेणं दो सागरोवमाई, काला. देसेणं जहण्णेणं पलिओवमं अंतोमुत्तममहियं उक्कोसेणं दो सागरोवमाइं बावीसाए वाससहस्सेहि अन्भहियाइं एवइयं कालं. एवं सेसावि अट्ट गमगा भाणि. यव्वा, णवरं ठिई कालादेसं च जाणेज्जा / ईसाणदेवे गं भंते ! जे भविए एवं ईसाणदेवेवि णव गमगा भाणियंव्वा णवरं ठिई अणबंधो जहण्णेणं साइरेगं पलिओवम उक्कोसेणं साइरेगाइं दो सागरोवमाई, सेसं तं चेव / सेवं भंते ! 2 त्ति जाव विहरइ // 702 // चउवीसइमं सयं तेरसमो उद्देसो आउक्काइया णं भंते ! कओहितो उववज्जति ? एवं जहेव पुढविक्काइय उद्देसए जाव-पुढविक्काइए णं भंते ! जे भविए आउक्काइएसु उववज्जित्तए से णं भंते ! केवइ० ? गोयमा ! जहणणं अंतोमहत्तं उक्कोसेणं सत्तवास. सहस्सट्टिईएसु उववज्जेज्जा, एवं पुढविक्काइयउद्देसगसरिसो भाणियव्वो णवरं ठिई संवेहं च जाणेज्जा, सेसं तहेव / सेवं भंते ! 2 ति // 703 // चउवीसइमं सयं चोद्दसमो उद्देसो तेउक्काइया गं भंते ! कओहितो उववज्जति ? एवं जहेव पुढविक्का. इयउद्देसगसरिसो उद्देसो भाणियव्वो गवरं ठिई संवेहं च जाणेज्जा, देवेहितो ण उववज्जति, सेसं तं चेव / सेवं भंते ! 2 ति जाव विहरइ // 704 // चउवीसइमं सयं पण्णरसमो उद्देसो वाउक्काइया गं भंते ! कओहितो उववज्जति ? एवं जहेव तेउक्काइयउद्देसओ तहेव गवरं ठिई संवेहं च जाणेज्जा / सेवं भंते ! 2 ति // 705 // चउवीसइमं सयं सोलसमो उद्देसो वणस्सइकाइया गं भंते ! कओहितो उववज्जति ? एवं . पुढविक्काइय Page #958 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 24 उ. 17-20 945 सरिसो उद्देसो गवरं जाहे वणस्सइकाइओ वणस्सइकाइएसु उववज्जति ताहे पढमबिइयचउत्थपंचमेसु गमएसु परिमाणं अणसमयं अविरहियं अणंता उववज्जंति, भवादेसेणं जहणणं दो भवग्गहणाई उक्कोसेणं अगंताई भवग्गहगाई, कालादेसेणं जहणणं दो अंतोमुत्ता उक्कोसेणं अणंतं कालं एवइयं०, सेसा पंच गमा अट्रभवग्गहणिया तहेव णवरं ठिई संवेहं च जाणेज्जा। सेवं भंते ! 2 त्ति // 706 // चउवीसइमं सयं 17-19 उद्देसा बेइंदिया णं भंते ! कओहितो उववज्जति जाव पुढविक्काइए णं भंते ! जे भविए बेइंदिएसु उववज्जित्तए से गं भंते / केवइ० सच्चेव पुढविकाइयस्स लदी जाव कालादेसेणं जहणणं दो अंतोमुत्ता उक्कोसेणं संखेज्जाइं भवग्गहगाइं एवइयं०, एवं तेसुचेव चउसु गमएसुसंवेहो सेसेसु पंचसु तहेव अट्ठ भवा। एवं जाव चरिदिएणं समं चउसु संखेज्जा भवा, पंचसु अट्ठ भवा, पंचिदियतिरिक्ख जोणियमणुस्सेसु समं तहेव अट्ठ भवा, देवेसु चेव ण उववज्जति, ठिई संवेहं च जाणेज्जा / सेवं भंते ! 2 त्ति // 707 // 24-17 // तेइंदिया णं भंते ! कओहितो उववज्जति ? एवं तेइंदियाणं जहेव बेइंदियाणं उद्देसो गवरं ठिई संवेहं च जाणेज्जा, तेउक्काइएसु समं तइयगमे उक्कोसेणं अठ्ठत्तराई बेराइंदियसयाई बेइंदिएहि समं तइयगमे उक्कोसेणं अडयालीसं संवच्छराई छण्णउयराइंदियसयमन्महियाइं. तेइंदिएहि समं तइयगमे उक्कोसेणं बाणउयाइं तिण्णि राइंदियसयाइं एवं सम्वत्थ जाणेज्जा जाव सण्णिमणस्सत्ति / सेवं भंते ! 2 त्ति // 708 // 24-18 // चरिंदिया णं भंते ! कओहितो उववज्जति ? जहा तेइंदियाणं उद्देसओ तहेव चरिदियाणवि णवरं ठिई संवेहं च जाणेज्जा। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति // 706 // 24-16 // चउवीसइमं सयं वीसइमो उद्देसो पंचिदियतिरिक्खजोणिया णं भंते ! कओहितो उववज्जति किं गेरइ०तिरिक्ख०मणु०देवेहितो उववज्जति ? गोयमा! गैरइएहितोवि उववज्जति तिरिक्ख० मणुस्सेहितोवि उ०देवेहितोवि उववज्जति / जइ णेरइएहितो उववज्जति कि रय. णप्पभापुढविणेरइएहितो उववज्जति जाव अहेसत्तमापुढविणेरइएहितो उवव. ज्जंति ? गोयमा ! रयणप्पमापुढविणेरइएहितो उववज्जति जाव अहेसत्तमापुढवि Page #959 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 946 अंग-पविट सुत्ताणि रइएहितोवि उववज्जति। रयणप्पभापुढविणेरइए णं भंते ! जे भविए पंचिदियः तिरिक्खजोणिएसु उववज्जित्तए से णं भंते ! केवइकालट्ठिईएसु उववज्जेजा? गोयमा ! जहणेणं अंतोमुत्तदिईएसु उक्कोसेणं पुवकोडिआउएसु उवव. ज्जेज्जा। ते णं भंते ! जीवा एगसमएणं केवइया उववज्जति ? एवं जहा असुरकुमाराणं वत्तव्वया णवरं संघयणे पोग्गला अणिटा अर्कता जाव परिणमंति, ओगाहणा दुविहा प०, तं०-भवधारणिज्जा य उत्तरवेउब्विया य, तत्थ णं जा सा भवधारणिज्जा सा जहणणं अंगलस्स असंखेज्जइभागं उक्कोसेणं सत्त धणइं तिण्णि रयणीओ छच्चंगलाइं, तत्थ णं जा सा उत्तरवेउविया सा जहण्णणं अंगुलस्स संखेज्जइभागं उक्कोसेणं पण्णरस धणूई अड्डाइज्जाओ रयणीओ। तेसि णं भंते ! जीवाणं सरीरगा किसंठिया प० ? गोयमा! दुविहा प०, तं०भवधारणिज्जा य उत्तरवेउव्विया य, तत्थ णं जे ते भवधारणिज्जा ते हुंड. संठिया प०, तत्थ णं जे ते उत्तरवेउव्विया तेवि हंडसंठिया प०, एगा काउ. लेस्सा 50, समग्घाया चत्तारि, णो इथिवेयगा णो पूरिसवेयगा णपंसगवेयगा, ठिई जहण्णणं दसवाससहस्साई उक्कोसेणं सागरोवमं एवं अणुबंधोवि, सेसं तहेव, भवादेसेणं जहण्णेणं दो भवग्गहणाई उक्कोसेणं अट्ठ भवग्गहणाई, काला. देसेणं जहणणं दसवाससहस्साइं अंतोमहत्तमभहियाई उक्कोसेणं चत्तारि सागरोवमाई चहिं पुवकोडीहिं अमहियाई एवइयं० / सो चेव जहण्णकाल. द्विईएसु उववण्णो जहण्णेणं अंतोमुत्तट्ठिईएसु उववज्जेज्जा, उक्कोसेणवि अंतो. मुत्तट्ठिईएसु अवसेसं तहेव, णवरं कालादेसेणं जहणेणं तहेव उक्कोसेणं चत्तारि सागरोवमाई चहि अंतोमुहुत्तेहिं अब्भहियाई एवइयं कालं० 2, एवं सेसावि सत्त गमगा भाणियव्वा जहेव णेरइयउद्देसए सण्णिपंचिदिएहि समं, णेरइयाणं मज्झिमएसु य तिसुवि गमएसु पच्छिमएसु तिसुवि गमएसु ठिइणाणत्तं भवइ, सेसं तं चेव सम्वत्थ ठिई संवेहं च जाणेज्जा / सक्करप्पभापुढविणेरइए णं भंते ! जे भविए० एवं जहा रयणप्पभाए णव गमगा तहेव सक्करप्पभाएवि, णवरं सरीरोगाहणा जहा ओगाहणासंठाणे, तिण्णि णाणा तिणि अण्णाणा णियमं, ठिई अणुबंधा पुव्वभणिया, एवं णववि गमगा उवजंजिऊण भाणियव्वा, एवं जाव छठ्ठपुढवी, णवरं ओगाहणा-लेस्सा-ठिई-अणुबंधो संवेहो य जाणियव्वा / अहेसत्तमापुढवीणेरइए णं भंते ! जे भविए० एवं चेव णव गमगा, णवरं ओगा. हणा-लेस्सा-ठिई-अणुबंधा जाणियव्वा, संवेहो भवादेसेणं जहण्णेणं दो भवग्गह Page #960 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 24 उ. 20 947 णाई उक्कोसेणं छन्भवग्गहणाई, कालादेसेणं जहणणं बावीसं सागरोवमाई अंतोमुत्तममहियाई उक्कोसेणं छावदि सागरोवमाइं तिहिं पुचकोडीहि अन्भ. हियाइं एवइयं०, आइल्लएसु छसुवि गमएसु जहणेणं दो भवग्गहणाई उक्कोसेणं छ भवग्गहणाई, पच्छिल्लएसु तिसु गमएसु जहणेणं दो भवग्गहणाई उक्कोसेणं चत्तारि भवग्गहणाई, लद्धी णवसुवि गमएसु जहा पढमगमए णवरं ठिईविसेसो कालादेसो य बिइयगमएसु जहणणं बावीसं सागरोवमाइं अंतोमुत्तममहियाई उक्कोसेणं छावटुिं सागरोवमाई तिहिं अंतोमुत्तेहिं अब्भहियाइं एवइयं कालं०, तइयगमए जहण्णेणं बावीसं सागरोवमाई पुव्वकोडीए अमहियाई उक्कोसेणं छावद्धि सागरोवमाइं तिहिं पुवकोडीहि अब्भहियाई, चउत्थगमए. जहण्णेणं बावीसं सागरोवमाई अंतोमुत्तमम्भहियाइं उक्कोसेणं छावट्टि सागरोवमाइं तिहिं पुव्वकोडीहि अब्भहियाइं, पंचमगमए जहण्णेणं बावीसं सागरोवमाई अंतोमहत्तमन्भहियाई उक्कोसेणं छावद्धि सागरोवमाई तिहिं अंतोमुत्तेहिं अमहियाई, छटुगमए जहणेणं बावीसं सागरोवमाई पुष्वकोडोहिं अमहियाई उक्कोसेणं छावढि सागरोबमाइं तिहि पुत्वकोडोहिं अमहियाई, सत्तमगमए जहणणं तेत्तीसं सागरोवमाई अंतोमुत्तमभहियाइं उक्कोसेणं छावद्धि सागरोवमाई दोहिं पुवकोडीहिं अब्भहियाई, अट्ठमगमए जहण्णेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं अंतोमुत्तमन्भहियाई उक्कोसेणं छावटुिं सागरोवमाइं दोहिं अंतोमहत्तेहि अब्भहियाई, णवमगमए जहण्णेणं तेत्तीसं सागरोवमाई पुव्वकोडोहिं अन्भहियाई उक्कोसेणं छा४ि सागरोवमाई दोहि पुवकोडीहिं अब्भहियाई एबइयं० 6 / जइ तिरिक्खजोणिएहितो उववज्जति कि एगिदियतिरिक्खजोणिएहितो उ० एवं उववाओ जहा पुढ विकाइयउद्देसए जाव-पुढविकाइए णं भंते ! जे भविए पंचिंदियतिरिक्खजोणिएसु उववज्जित्तए से णं भंते ! केवइ० ? गोयमा ! जहणेणं अंतोमुत्तट्टिईएसु उक्कोसेणं पुव. कोडीआउए सु उववज्जेज्जा / ते णं भंते ! जीवा० एवं परिमाणाईया अणुबंधपज्जवसाणा जच्चेव अप्पणो सटाणे वत्तव्वया सच्चेव पंचिदियतिरिक्खजोणि. एसुवि उववज्जमाणस्स भाणियन्वा णवरं णवसुवि गमएसु परिमाणे जहणेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा उक्कोसेणं संखेज्जा वा असंखेज्जा वा उववज्जंति, भवादेसेणवि णवसुवि गमएसु जहणेणं वो भवग्गहणाई उक्कोसेणं अट्ठ भव Page #961 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 948 अंग-पविटु सुत्ताणि ग्गहणाइ, सेसं तं चेव, कालादेसेणं उभओ ठिईए करेज्जा। जइ आउक्काइएहितो उववज्जति एवं आउक्काइयाणवि एवं जाव चरिदिया उववाएयत्वा, णवरं सम्वत्थ अप्पणो लद्धी भाणियवा, णवसुवि गमएसु भवादेसेणं जहणेणं दो भवग्गहणाई उक्कोसेणं अट्ठ भवग्गहणाई, कालादेसेणं उभओ ठिई करेज्जा सम्वेसि सव्वगमएसु, जहेव पुढविक्काइएसु उववज्जमाणाणं लद्धी तहेव सव्वत्थ ठिई संवेहं च जाणेज्जा / जइ पंचिदियतिरिक्खजोणिएहितो उववज्जति कि सणिपंचिदियतिरिक्खजोणिएहितो उववज्जति असणिपंचिदियतिरिक्ख जो. णिएहितो उववज्जति ? गोयमा ! सण्णिपंचिदिय० असण्णिचिदिय०, भेओ जहेव पुढविक्काइएसु उववज्जमाणस्स जाव-असण्णिचिदितिरिक्खजोणिए णं भंते ! जे भविए पंचिदियतिरिक्खजोणिएसु उववज्जित्तए से णं भंते ! केवइ. काल० ? गोयमा ! जहणणं अंतोमहत्तं उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेज्जइ. भागढिईएसु उवव० / ते णं भंते ! ०अवसेसं जहेव पुढविक्काइएसु उववज्ज. माणस्स असण्णिस्स तहेव गिरवसेसं जाव भवासोत्ति, कालादेसेणं जहण्णेणं दो अंतोमहत्ता उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेज्जइभागं पुत्वकोडिपृहत्तमभहियं एवइयं० 1, बिइयगमए एस चेव लद्धी णवरं कालादेसेणं जहण्णेणं दो अंतो. मुहुत्ता उक्कोसेणं चत्तारि पुवकोडीओ चहि अंतोमुहुर्तेहिं अब्भहियाओ एवइयं०२।सो चेव उवकोसकालदिईएसु उववण्णो जहणणं पलिओवमस्स असंखेज्जइभागढिईएसु उक्कोसेणवि पलिओवमस्स असंखेज्जइभागट्टिईएसु उववज्जेज्जा। ते णं भंते ! जीवा० एवं जहा रयणप्पभाए उववज्जमाणस्स असण्णिस्स तहेव गिरवसेसं जाव कालादेसोत्ति, णवरं परिमाणं जहण्णेणं एक्को वा दो वा तिणि वा उक्कोसेणं संखेज्जां उववज्जति, सेसंतं चेव 3 / सो चेव अप्पणा जहण्णकालदिईओ जाओ जहणणं अंतोमहत्तदिईएसु उक्कोसेणं पुवकोडिआउएसु उववज्जेज्जा। ते गं भंते ! 0 अवसेसं जहा एयस्स पुढविक्काइएसु उववज्जमाणस्स मज्झिमेसु तिसु गमएसु तहा इहवि मज्झिमेसु तिसु गमएसु जाव अणुबंधोत्ति, भवा. देसेणं जहणेणं दो भवग्गहणाई उक्कोसेणं अट्ठ भवग्गहणाई, कालादेसेणं जहण्णणं दो अंतोमुहुत्ता उक्कोसेणं चत्तारि पुवकोडीओ चहिं अंतोमुत्तेहि अब्भहियाओ 4 / सो चेव जहण्णकालट्टिईएसु उववण्णो एस चेव वत्तव्वया णवरं कालादेसेणं जहण्णेणं दो अंतोमुहुत्ता उक्कोसेणं अट्ठ अंतोमुत्ता एवइयं० 5 / Page #962 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 24 उ. 20 सो चेव उक्कोसकालट्ठिईएसु उववण्णो जहणेणं पुव्वकोडिआउएसु उक्कोसे. णवि पुवकोडिआउएसु उववज्जेज्जा, एस चेव वत्तव्वया गवरं कालादेसेणं जाणेज्जा 6 / सो चेव अप्पणा उक्कोसकालट्ठिईओ जाओ सच्चेव पढमगमग. वित्तव्वया गवरं ठिई जहणणं पुवकोडी उक्कोसेणवि पुव्वकोडी सेसं तं चेव, कालादेसेणं जहण्णेणं पुव्वकोडी अंतोमुत्तमब्भहिया उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेज्जइभागं पुव्वकोडिपुहुसमन्भहियं एवइयं०७ / सो चेव जहण्णकालट्ठिई. एसु उववण्णो एस चेव वत्तव्वया जहा सत्तमगमए णवरं कालादेसेणं जहण्णेणं पुव्वकोडी अंतोमुत्तमन्महिया उक्कोसेणं चत्तारि पुन्वकोडीओ चहिं अंतो. मुहुत्तेहि अब्भहियाओ एवइयं० 8 / सो चेव उक्कोसकालट्ठिईएसु उववण्णो जहणणं पलिओवमस्स असंखेज्जइभागं उक्कोसेणवि पलिओवमस्स असंखेज्जइ. भागं, एवं जहा रयणप्पभाए उववज्जमाणस्स असण्णिस्स णवमगमए तहेव णिरवसेसं जाव कालादेसोत्ति, णवरं परिमाणं जहा एयस्सेव तइयगमे, सेसं तं चेव 6 / जइ सण्णिपंचिदियतिरिक्खजोणिएहितो उववज्जति कि संखेज्जवासा० असंखेज्जवासा० ? गोयमा ! संखेज्ज० णो असंखेज्ज / जइ संखे. ज्जवासाउय जाव कि पज्जत्तसंखेज्ज० अपज्जत्तसंखेज्ज.? दोसुवि / संखेज्ज. वासाउयसण्णिपंचिदियतिरिक्खजोणिए गं भंते ! जे भविए पंचिदियतिरिक्खजोणिएसु उववज्जित्तए से गं भंते ! केवइ ? गोयमा ! जहण्णेणं अंतो. महत्तं उक्कोसेणं तिपलिओवमदिईएसु उववज्जेज्जा / ते णं भंते ! अवसेसं जहा एयस्स चेव सण्णिस्स रयणप्पभाए उववज्जमाणस्स पढमगमए, णवरं ओगाहणा जहण्णेणं अंगुलस्म असंखेज्जइभागं उक्कोसेणं जोयणसहस्सं सेसं तं चेव जाव भवादेसोति, कालादेसेणं जहणणं दो अंतोमहत्ता उक्कोसेणं तिण्णि पलिओवमाइं पुव्वकोडी पुहुत्तमन्भहियाई एवइयं० 1 / सो चेव जहण्णकालट्ठिईएसु उववण्णो एस चेव वत्तव्वया णवरं कालादेसेणं जहण्णेणं वो अंतो. मुहुत्ता उक्कोसेणं चत्तारि पुम्वकोडीओ चहिं अंतोमुहुत्तेहिं अन्भहियाओ 2 / सो चेव उक्कोसकालट्ठिईएसु उववण्णो जहणेणं तिपलिओवमट्टिईएसु उक्को. सेणवि तिपलिओवमट्ठिईएसु उववज्जेज्जा, एस चेव वत्तव्वया णवरं परि'माणं जहणणं एक्को वा दो वा तिण्णि बा उक्कोसेणं संखेज्जा उववज्जंति, ओगाहणा जहणेणं अंगुलस्स असंखेज्ज इभागं उक्कोसेणं जोयणसहस्सं सेसं तं Page #963 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 950 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि चेव जाव अणुबंधोत्ति, भवादेसेणं दो भवग्गहणाई, कालादेसेणं जहणेणं तिणि पलिओवमाइं अंतोमुत्तमन्भहियाई उक्कोसेणं तिणि पलिओवमाई पुव्व. कोडीए अब्भहियाई 3 / सो चेव अप्पणा जहण्णकालट्ठिईओ जाओ जहणेणं अंतोमुहत्तं, उक्कोसेणं पुव्वकोडिआउएसु उववज्जेज्जा, लद्धी से जहा एयस्स चेव सण्णिचिदियस्स पुढविक्काइएसु उववज्जमाणस्स मज्झिल्लएसु तिसु गमएसु सच्चेव इहवि मज्झिमेसु तिसु गमएसु कायव्वा, संवेहो जहेव एत्थ चेव अस. ण्णिस्स मज्झिमेसु तिसु गमएसु 6 / सो चेव अप्पणा उक्कोसकालढिईओ जाओ जहा पढमगमए णवरं ठिई अणुबंधो जहण्णेणं पुत्वकोडी उक्कोसेणवि पुव्वकोडी, कालादेसेणं जहण्णेणं पुव्वकोड़ी अंतोमुत्तमभहिया उक्कोसेणं तिण्णि पलिओवमाइं पुव्वकोडीपुहुत्तममहियाई 7 / सो चेव जहण्णकालदिईएसु उववण्णो एस चेव वत्तव्वया णवरं कालादेसेणं जहण्णेणं पुवकोडी अंतोमहत्तमन्भहिया उक्कोसेणं चत्तारि पुव्वकोडीओ चहिं अंतोमुत्तेहि अमहियाओ ८।सो चेव उक्कोसकालट्ठिईएसु उववण्णो जहणेणं तिपलिओवमट्टिईएसु उक्को. सेणवि तिपलिओवमट्टिईएसु अवसेसं तं चेव, णवरं परिमाणं ओगाहणा य जहा एयरसेव तइयगमए, भवादेसेणं दो भवग्गहणाई, कालादेसेणं जहण्णेणं तिणि पलिओवमाई पुनकोडीए अभहियाई उक्कोसेवि तिष्णि पलिओवमाइं पुम्व. कोडीए अन्भहियाई एवइयं० 6 / जइ मणुस्सेहितो उववज्जति कि सण्णिमण० असण्णिमणु 0? गोयमा ! सण्णिमणु०, असणिमण / असण्णिमणस्से णं भंते ! जे भविए पंचिदियतिरिक्खजोणिएसु उववज्जित्तए से गं भंते! केवइकाल०? गोयमा! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं पुवकोडीआउए सु उववज्जति, लद्धी से तिसुवि गमएसु जहेव पुढविक्काइएसु उववज्जमाणस्स संवेहो जहा एत्थ चेव असण्णिपंचिदियस्स मज्झिमेसु तिसु गमएसु तहेव गिरवसेसो भाणियन्वो। जइ सण्णिमणस्स० किं संखेज्जवासाउयसण्णिमणुस्स० असंखेज्जवासाउयसण्णिमणुस्स? गोयमा ! संखेज्जवासाउय०णो असंखेज्जवासाउय० / जइ संखेज्ज० कि पज्जत्त० अपज्जत्त ? गोयमा! पज्जत्त० अपज्जत्तसंखेज्जवासाउय० / सण्णिमणुस्से ण भंते! जे भविए पंचिदियतिरिक्खजोणिएसु उववज्जितए से णं भंते ! केवइ० ? गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहत्तं उक्कोसेणं तिपलिओवमट्टिईएसु उववज्जेज्जा / ते णं भंते ! ०लद्धी से जहा एयस्सेव सण्णिमणुस्सस्स पुढबिक्काइएसु उववज्ज Page #964 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 24 उ. 20 951 माणस्स पढ मग़मए जाव भवासोति, कालादेसेणं जहणेणं दो अंतो. महत्ता उक्कोसेणं तिणि पलिओवमाइं पुत्वकोडिपुहुत्तममहियाई 1 / सो चेव जहण्णकालटिईएसु उववण्णो एस चेव वत्तव्वया णवरं कालादेसेणं जहण्णेणं दो अंतोमुत्ता उक्कोसेणं चत्तारि पुवकोडीओ चहिं. अंतोमुहुत्तेहि अग्महियाओ 2 / सो चेव उक्कोसकालट्ठिईएसु उववण्णो जहण्णेणं तिपलिओ. वमट्टिईएसु उक्कोसेणवि तिपलिओवमट्टिईएसु सच्चेव वत्तव्वया णवरं ओगा. हणा जहणणं अंगुलपुहुत्तं उक्कोसेणं पंच धणुहसयाई, ठिई जहणणं मासपुरतं उक्कोसेणं पुव्वकोडी एवं अणुबंधोवि, भवादेसेणं दो भवग्गहणाई, कालादेसेणं जहणेणं तिण्णि पलिओवमाइं मासपृहत्तमभहियाई उक्कोसेणं तिण्णि पलिओवमाइं पुवकोडीए अब्भहियाइं एवइयं०३ / सो चेव अप्पणा जहण्णकालदिईओ जाओ जहा सण्णिपंचिदियतिरिक्खजोणियस्स पंचिदियतिरिक्खजोणिएसु उववज्जमाणस्स मज्झिमेसु तिसु गमएसु वत्तव्वया भणिया सच्चेव एयस्सवि मज्झिमेसु तिसु गमएसु णिरवसेसा भाणियव्वा, णवरं परिमाणं उक्को. सेणं संखेज्जा उववज्जति, सेसं तं चेव 6 / सो चेव अप्पणा उक्कोसकालट्ठिईओ जाओ सच्चेव पढमगमगवत्तव्वया णवरं ओगाहणा जहण्णेणं पंच धणुहसयाई उक्कोसेणवि पंच धणुहसयाई, ठिई अणुबंधो जहणेणं पुवकोडी उक्कोसेणवि पुव्वकोडी, सेसं तहेव जाव भवादेसोत्ति, कालादेसेणं जहण्णणं पुत्वकोडी अंतो. महत्तमभहिया उक्कोसेणं तिण्णि पलिओवमाइं पुवकोडिपुत्तमन्भहियाई एवइयं० 7 / सो चेव जहण्णकालट्ठिईएसु उववण्णो एस चेव वत्तव्वया णवरं कालादेसेणं जहण्णेणं पुव्यकोडी अंतोमुत्तमब्भहिया उक्कोसेणं चत्तारि पुव्व. कोडीओ चहिं अंतोमहत्तेहिं अमहियाओ 8 / सो चेव उक्कोसकालदिईएसु उववण्णो जहणेणं तिण्णि पलिओवमाई उक्कोसेणवि तिण्णि पलिओवमाई, एस चेव लद्धी जहेव सत्तमगमए, भवादेसेणं दो भवग्गहणाई, कालादेसेणं जहणणं तिण्णि पलिओवमाइं पुवकोडीए अब्भहियाई उक्कोसेणवि तिण्णि पलिओवमाई पुवकोडीए अब्भहियाई एवइयं० 6 / जइ देवेहितो उववज्जति के भवर्णवासिदेवेहितो उववज्जति वाणमंतर० जोइसिय०वेमाणियदेवेहितो उ०? गोयमा ! भवणवासिदेवेहितो उ० जाव वेमाणियदेवेहितोवि उ०। जइ भवणवासिदेवेहितो किं असुरकुमारभवण० जाव थणियकुमारभवण. ? गोयमा ! Page #965 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 952 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि असुरकुमार० जाव थणियकुमार भवण / असुरकुमारे णं भंते ! जे भविए पंचिदियतिरिक्खजोणिए सु उववज्जित्तए से गं भंते ! केवइय.? गोयमा ! जहणणं अंतोमुत्तट्टिईएसु उक्कोसेणं पुवकोडिआउएसु उववज्जेज्जा, असुरकुमाराणं लद्धी णवसुवि गमएसु जहा पुढविक्काइएसु उववज्जमाणस्स एवं जाव ईसाणदेवस्स तहेव लद्धी भवादेसेणं सब्वत्थ अट्ट भवग्गहणाई उक्कोसेणं जहणेणं दोणि भवग्गहणाई, ठिई संवेहं च सव्वत्थ जाणेज्जा / / णागकुमारे णं भंते ! जे भविए० एस चेव वत्तवया णवरं ठिई संवेहं च जाणेज्जा, एवं जाव थणिय. कुमारे है। जइ वाणमंतरेहितो उ० कि पिसाय० तहेव जाव वाणमंतरे गं भंते! जे भविए 0 पंचिदियतिरिक्ख ०एवं चेव णवरं ठिई संवेहं च जाणेज्जा 6 / जइ जोइसिय० उववाओ तहेव जाव जोइसिए णं भंते ! जे भविए पंचिदियतिरि. क्ख० एस चेव वत्तव्वया जहा पुढविक्काइयउद्देसए भवग्गहणाई णवसुवि गम. एसु अट्ठ जाव कालादेसेणं जहण्णेणं अट्ठभागपलिओवमं अंतोमुत्तमभहियं उक्कोसेणं चत्तारि पलिओवमाइं चहि पुव्वकोडीहिं चउहि य वाससयसहस्सेहि अब्भहियाई एवइयं०, एवं णवसुवि गमएसुवि णवरं ठिई संवेहं च जाणेज्जा है। जइ वेमाणियदेवे० कि कप्पोववण्णग० कप्पाईयवेमाणिय० ? गोयमा! कप्पो. ववण्णगवेमाणिय० णो कप्पाईयवेमाणिय० / जइ कप्पोववण्णग० जाव सहस्सार. कप्पोववण्णगवेमाणियदेवेहितोवि उववज्जंति, णो आणय जाव णो अच्चय. कप्पोचवण्णगवेमाणिय० / सोहम्मदेवे गं भते ! जे भविए पंचिदियतिरिक्खजोणिएसु उववज्जित्तए से णं भंते ! केवइ ? गोयमा ! जहणेणं अंतोमहत्त० उक्कोसेणं पुवकोडिआउएसु सेसं जहेव पुढविक्काइयउद्देसए णवसुवि गमएम णवरं णवसुवि गमएसु जहण्णेणं दो भवग्गहणाई उक्कोसेणं अट्ठ भवग्गहणाई, ठिई कालादेसं च जाणेज्जा। एवं ईसाणदेवेवि, एवं एएणं कमेणं अवसेसावि जाव सहस्सारदेवेसु उववाएयव्वा णवरं ओगाहणा जहा ओगाहणासंठाणे, लेस्सा सणंकुमारमाहिंदबंभलोएसु एगा पम्हलेस्सा सेसाणं एगा सुक्कलेस्सा, वेदे णो इस्थिवेयगा पुरिसवेयगा णो णपुंसगवेयगा, आउअणुबंधा जहा ठिइपए सेसं जहेव ईसाणगाणं कायसंवेहं च जाणेज्जा / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 710 / / चउवीसइमं सयं एगवीसइमो उद्देसो मणुस्सा णं भंते ! कओहितो उववज्जति-कि णेरइएहितो उववज्जति Page #966 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 24 उ. 21 953 जाव देवेहितो उववज्जति ? गोयमा ! णेरइएहितोवि उववज्जति जाव देवे. हितोवि उर्ववज्जति, एवं उववाओ जहा पंचिदियतिरिक्खजोणियउद्देसए जाव तमापुढविणेरइएहितोवि उववज्जति णो अहेसत्तमापुढविणेरइहितो उववज्जति / रयणप्पभापुढविणेरइए णं भंते ! जे भविए मणुस्सेसु उववज्जित्तए से गं भंते ! केवइकाल० ? गोयमा ! जहण्णणं मासपुहुत्तट्ठिईएसु उक्कोसेणं पुत्रकोडीआउएसु अवसेसा वत्तव्वया जहा पंचिदियतिरिक्ख जोणिएसु उववज्जंतस्स तहेव णवरं परिमाणे जहण्णेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा उक्कोसेणं संखेज्जा उववज्जति, जहा तहि अंतोमुहुत्तेहिं तहा इहं मासपुहुत्तेहिं संवेहं करेज्जा सेसं तं चेव 6 / जहा रयणप्पभाए वत्तव्वया तहा सक्करप्पभाएवि वत्तव्वया णवरं जहणेणं वासपुहुत्तट्टिईएसु उक्कोसेणं पुव्वकोडि०, ओगाहणालेस्साणाणट्टिईअणुबंधसंवेह-णाणत्तं च जाणेज्जा जहेव तिरिक्खजोणियउद्देसए एवं जाव तमा. पुढविणेरइए / जइ तिरिक्खजोणिएहितो उववज्जति किं एगिदियतिरिक्ख. जोणिएहितो उववज्जति जाव पंचिदियतिरिक्खजोणिएहितो उववज्जति ? गोयमा ! एगिदियतिरिक्खजोणिए० भेदो जहा पंचिदियतिरिक्खजोणियउद्देसए णवरं तेउवाऊ पडिसेहेयव्वा, सेसं तं चेव जाव-पुढविक्काइए णं भंते ! जे भविए मणस्सेसु उवज्जित्तए से णं भंते ! केवइ० ? गोयमा ! जहणणं अंतोमहत्तदिईएसु उक्कोसेणं पुवकोडीआउएसु उववज्जेज्जा / ते णं भंते ! जीवा० एवं जहेव पचिदियतिरिक्खजोणिएसु उववज्जमाणस्स पुढविक्काइयस्स वत्तव्वया सा चेव इहवि उववज्जमाणस्स माणियन्वा णवसुवि गमएसु, णवरं तइयछट्टणवमेसु गमएसु परिमाणं जहणणं एक्को वा दो वा तिण्ण वा उक्को. सेणं संखेज्जा उववज्जति, जाहे अप्पणा जहण्णकालट्ठिईओ भवइ ताहे पढमग. मए अज्झवसाणा पसत्थावि अप्पससत्थावि, बिइयगमए अप्पसत्था, तइयगमए पसत्था भवंति सेसं तं चेव गिरवसेसं 6 / जइ आउक्काइए एवं आउक्काइ. याणवि, एवं वणस्सइकाइयाणवि, एवं जाव चउरिदियाणवि, असण्णिचिदियतिरिक्खजोणिया सण्णिपंचिदियतिरिक्खजोणिया असण्णिमणुस्ससण्णिमणुस्सा य एए सब्वेवि जहा पंचिदियतिरिक्खजोणियउद्देसए तहेव भाणियव्वा, णवरं एयाणि चेव परिमाणअज्झवसाणणाणत्ताणि जाणिज्जा, पुढविकाइयस्स एत्थ चेव उद्देसए भणियाणि, सेसं तहेव गिरवसेसं / जइ देवेहितो उववज्जति कि Page #967 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 954 अंग-पविट्ट सुत्ताणि भवणवासिदेवेहितो उववज्जति वाणमंतर० जोइसिय० वेमाणियदेवेहितो उवव. ज्जंति ? गोयमा ! भवणवासि०जाव वेमाणिय० उ० / जइ भवणकि असुर० जाव थणिय०? गोयमा ! असुर जाव थणिय० / असुरकुमारे णं भंते ! जे भविए मणुस्सेसु उववज्जित्तए से गं भंते ! केवइ०? गोयमा ! जहण्णेणं मासपुहुत्त. दिईएसु उक्कोसेणं पुव्वकोडिआउएसु उववज्जेज्जा, एवं जच्चेव पंचिदियतिरिक्खजोणियउद्देसए वत्तव्वया सच्चेव एत्थवि भाणियब्वा, णवरं जहा तहि जहण्णगं अंतोमहत्तट्ठिईएसु तहा इहं मासपुहुत्तढिईए सु, परिमाणं जहण्णेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा उक्कोसेणं संखेज्जा उववज्जति, सेसं तं चेव, एवं जाव ईसाणदेवोत्ति, एयाणि चेव णाणत्तांणि सणंकुमारादीया जाव सहस्सारोत्ति जहेव पंचिदियतिरिक्खजोणियउद्देसए, णवरं परिमाणं जहण्णेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा उक्कोसेणं संखेज्जा उववज्जति, उववाओ जहण्णेणं वासपुहुत्तट्ठिईएसु उक्कोसेणं पुवकोडिआउएसु उववज्जंति, सेसं तं चेव संवेहं वासपुहुत्तं पुवकोडीसु करेज्जा / सणंकुमारे ठिई चउगुणिया अट्ठावीस सागरोवमा भवंति, माहिदे ताणि चेव साइरेगाणि, बम्हलोए चत्तालीसं, लंतए छप्पण्णं, महासुक्के अट्ठढेि, सहस्सारे बावरि सागरोवमाइं एसा उवकोसा ठिई भणिया जहण्णट्टिइंपि चउ गुणेज्जा / आणयदेवे णं भंते ! जे भविए मणुस्सेसु उववज्जित्तए से गं भंते ! केवइ० ? गोयमा ! जहणणं वासपुहत्तदिईएसु उववज्जेज्जा उक्कोसेणं पुव्वकोडिठिईएस० ते णं भंते ! एवं जहेव सहस्सारदेवाणं वत्तव्वया णवरं ओगाहणा-ठिई-अणुबंधे य जाणेज्जा, सेसं तं चेव, भवादेसेणं जहण्णणं दो भवग्गहणाई उवकोसेणं छ भवग्गहणाई, कालादेसेणं जहणणं अट्ठारस सागरोवमाई वासपुहुत्तमब्भहियाई उक्कोसेणं सत्तावणं सागरोवमाइं तिहिं पुवकोडीहिं अब्भहियाइं एवइयं कालं०, एवं णववि गमगा, णवरं ठिइं अणुबंधं संवेहं च जाणेज्जा, एवं जाव अच्चुयदेवो, णवरं ठिई अणुबंधं संवेहं च जाणेज्जा, पाणयदेवस्स ठिई तिगुणिया सटुिं सागरोवमाई, आरणगस्स तेवढ़ि सागरोवमाई, अच्चुयदेवस्स छावद्धि सागरोवमाई। जइ कप्पाईयवेमाणियदेवेहितो उववज्जति कि गेवेज्जकप्पाईय० अणुत्तरोव. वाइयकप्पाईय जाव उ०? गोयमा! गेवेज्ज०अणुत्तरोववाइय० / जइ गेवेज्ज. कि हेट्ठिम 2 गेविज्जगकप्पाईय० जाव उवरिम 2 गेवेज्ज० ? गोयमा ! Page #968 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 24 उ. 21 955 हेटिम 2 गैवेज्ज.जाव उवरिम 2 गेवेज्ज० / गेवेज्जगदेवे गं भंते ! जे भविए मणुस्सेंसु उववज्जित्तए से णं भंते ! केवइकाल• ? गोयमा ! जहणणं वास. पुत्तदिईएसु उक्कोसेणं पुव्वकोडिटिईएसु, अवसेसं जहा आणयदेवस्स वत्त. ग्वया णवरं ओगाहणा० गोयमा ! एगे भवधारणिज्जे सरीरए से जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं उक्कोसेणं दो रयणीओ संठाणं, गोयमा ! एगे भवधारणिज्जे सरीरए से समचउरंससंठाणसंठिए प०, पंच समग्घाया प०, तं०-वेयणासमुग्घाए जाव तेयगसमुग्घाए जो चेव णं वेउवियतेयगसमग्घाए. हितो समोहणिसु वा समोहणंति वा समोहणिस्संति वा ठिई अणुबंधो जह. णणं बावीसं सागरोवमाइं उक्कोसेणं एक्कतीसं सागरोवमाइं, सेसं तं चेव, कालादेसेणं जहणणं बावीसं सागरोवमाइं वासपुहुत्तमब्भहियाइं उक्को. सेणं तेणउई सागरोवमाई तिहिं पुव्वकोडीहिं अमहियाइं एवइयं०, एवं सेसेसुविअट्ठगमएसु णवरं ठिई संवेहं च जाणेज्जा 6 / जइ अणुत्तरोववाइयकप्पाईय. वेमाणिय जाव उ० कि विजयअणुत्तरोववाइय० वेजयंतअणुत्तरोववाइय० जाव सम्वटुसिद्ध. ? गोयमा ! विजयअणुत्तरोववाइय० जाव सव्वट्ठसिद्धअणुत्तरोववाइय० / विजयवेजयंतजयंतअपराजियदेवे गं भंते ! जे भविए मणस्सेसू उवव. ज्जित्तए से गं भंते ! केवइ० ? एवं जहेव गेवेज्जगदेवाणं गवरं ओगाहणा जहvणेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं उक्कोसेणं एगा रयणी, सम्मदिट्ठी गो मिच्छदिट्ठी, णो सम्मामिच्छदिट्ठी, गाणी णो अण्णाणी णियमं तिण्णाणी तं०आमिणिबोहियणाणी सुयणाणी ओहिणाणी, ठिई जहणणं एक्कतीसं सागरोवमाई उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवम्मई, सेसं तं चेव, भवादेसेणं जहणेणं दो भवग्गहणाई उक्कोसेणं चत्तारि भवग्गहणाई, कालादेसेणं जहण्णेणं एक्कतीसं सागरोवमाइं वासपुहत्तमभहियाइं उक्कोसेणं छाष्टुिं सागरोवमाइं दोहि पुव्वकोडीहि अब्भहियाइं एवइयं०, एवं सेसावि अट्ठ गमगा भाणियव्वा णवरं ठिइं अणुबंध संवेहं च जाणेज्जा सेसं तं चेव। सव्वट्ठसिद्धगदेवे णं भंते ! जे भविए मणुस्सेसु उववज्जित्तए सा चेव विजयादिदेववत्तव्वया भाणियव्वा णवरं ठिई अजहण्णमणुक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई एवं अणुबंधोवि, सेसं तं चेव, भवा. देसैणं दो भवग्गहणाई, कालादेसेणं जहण्णेणं तेत्तीसं सागरोवमाई वासपुहुत्तमन्भ. हियाई उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई पुव्वकोडीए अब्भहियाई एवइयं० 1 / Page #969 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 956 अंग-पविट्ट सुत्ताणि सो चेव जहण्णकालट्टिईएसु उववण्णो एस चेव वतव्वया णवरं कालादेसेणं जहण्णेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं वासपुहुत्तमभहियाई उक्कोसेणवि तेत्तीसं सागरोवमाई वासपुहुत्तमभहियाई एवइयं० 2 / सो चेव उक्कोसकालटिईएसु उववण्णो एस चेव वत्तन्वया, णवरं कालादेसेणं जहणणं तेत्तीसं सागरोवमाई पुवकोडीए अब्भहियाई उक्कोसेणवि तेत्तीसं सागरोवमाइं पुवकोडीए अब्भहियाइं एवइयं० 3, एए चेव तिणि गमगा सेसा ण भण्णंति / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति // 711 // चउवीसइमं सयं बावीसइमो उद्देसो वाणमंतरा णं भंते ! कओहिती उबवज्जति किणेरइएहितो उववज्जति तिरिक्ख०? एवं जहेव णागकुमार उद्देसए असण्णी तहेव णिरवसेस / जइ सण्णिपंचिदिय० जाव असंखेज्जवासाउय० सण्णिपाँचदिय० जे भविए वाणमंतर० से गं भंते ! केवइ० ? गोयमा ! जहणणं दसवाससहस्सटिईएसु उक्कोसेणं पलिओवमट्टिईएसु सेसं तं चेव जहा णागकुमारउद्देसए जाव कालादेसेणं जहण्णेणं साइरेगा पुवकोडी दसहि वाससहस्सेहि अन्भहिया उक्कोसेणं चत्तारि पलिओवमाइं एवइयं०१ / सो चेव जहण्णकालदिईएसु उववष्णो जहेव णागकुमाराणं बिइयगमे वत्तव्वया 2 / सो चेव उक्कोसकालट्ठिईएसु उववण्णो जहणणं पलिओवमट्टिईएसु उक्कोसेणवि पलिओवमट्टिईएसु एस चेव वत्तव्वया णवरं ठिई से जहणणं पलिओवमं उक्कोसेणं तिणि पलिओवमाई, संवेहो जहणणं दो पलिओवमाई उक्कोसेणं चत्तारि पलिओवमाइं एवइयं० 3 / मज्झिमगमगा तिष्णिवि जहेव णागकुमारेसु पच्छिमेसु तिसु गमएसु तं चेव जहा णागकुमारुद्देसए णवरं ठिई संवेहं च जाणेज्जा, संखज्जवासाउय तहेव णवरं ठिई अणुबंधो संवेहं च उभओ ठिईए जाणेज्जा / जइ मणुस्स० असंखेज्ज. वासाउयाणं जहेव णागकुमाराणं उद्देसए तहेव वत्तव्वया णवरं तइयगमए ठिई जहणणं पलिओवम उक्कोसेणं तिणि पलिओवमाइं, ओगाहणा जहणणं गाउयं उक्कोसेणं तिण्णि गाउयाई सेसं तहेव, संवेहो से जहा एत्थ चेव उद्देसए असंखेज्जवासाउयसण्णिपंचिदियाणं, संखेज्जवासाउयसण्णिमणुस्से जहेव णाग. कुमारुद्देसए णवरं वाणमंतरे ठिइं संवेहं च जाणेज्जा / सेवं भंते / सेव भंते ! त्ति // 712 // Page #970 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 24 उ. 23 957 चउवीसइमं सयं तेवीसइमो उद्देसो जोइसिया गं भंते ! कओहितो उववजंति कि रइए० भेदो जाव सण्णि. पाँचदियतिरिक्खजोणिएहितो उववज्जति णो असण्णिपंचिदियतिरिक्ख० / जइ सण्णि कि संखेज्ज० असंखेज्ज. ? गोयमा ! संखेज्जवासाउय० असंखेज्जवासाउय जाव उ० / असंखेज्जवासाउयसणिचिदियतिरिक्खजोणिए णं भंते ! जे भविए जोइसिएसु उववज्जित्तए से णं भंते ! केवइ० ? गोयमा ! जहvणणं अट्रभागपलिओवमदिईएसु उक्कोसेणं पलिओवमवाससयसहस्सदिईएस उववज्जेज्जा, अवसेसं जहा असुरकुमारुद्देसए णवरं-ठिई जहणेणं अट्ठभागपलिओवमं उक्कोसेणं तिणि पलिओवमाइं एवं अणुबंधोवि सेसं तहेव, णवरं कालादेसेणं जहणेणं दो अट्ठभागपलिओवमाई उक्कोसेणं चत्तारि पलिओवमाई वाससयसहस्समभहियाई एवइयं० 1 / सो चेव जहण्णकालट्ठिईएसु उववण्णो जहणणं अट्ठभागपलिओवमट्टिईएसु उक्कोसेवि अट्ठभागपलिओवमट्टिईएसु उ०, एस चेव वत्तव्वया णवरं कालादेसेणं जाणेज्जा 2 / सो चेव उक्कोसकालट्टिईएसु उववण्णो एस चेव वत्तव्वया णवरं ठिई जहणणं पलिओवमं वाससयसहस्समन्भहियं उक्कोसेणं तिण्णि पलिओवमाइं, एवं अणुबंधोवि, कालादेसेणं जहणणं दो पलिओवमाई दोहिं वाससयसहस्सेहिं अब्भहियाई उक्कोसेणं चत्तारि पलिओवमाई वाससयसहस्समम्महियाई 3 / सो चेव अप्पणा जहण्णकालटिईओ जाओ जहण्णेणं अट्ठमागपलिओवमट्टिईएसु उववज्जेज्जा उक्को. सेणवि अट्ठभागपलिओवमट्टिईएसु उववज्जेज्जा / ते गं भंते ! जीवा एगसमए एस चेव वत्तव्वया णवरं ओगाहणा जहणेणं धणुहपुहत्तं उक्कोसेणं साइरेगाई अट्ठारसधणुहसयाई, ठिई जहण्णेणं अट्ठभागपलिओवम उक्कोसेणवि अट्ठभागपलिओवमं, एवं अणुबंधोवि सेसं तहेव, कालादेसेणं जहणेणं दो अट्ठभागपलि. ओवमाइं उक्कोसेणवि दो अट्रभागपलिओवमाइं एवइयं० जहण्णकालदिईयस्स एस चेव एक्को गमो 6 / सो चेव अप्पणा उक्कोसकालढिईओ जाओ सा चेव ओहिया वत्तव्वया णवरं ठिई जहण्णेणं तिणि पलिओवमाइं उक्कोसेणवि तिणि पलिओवमाइं एवं अणुबंधोवि, सेसं तं चेव, एवं पच्छिमा तिणि गमगा णेयव्वा णवरं ठिई संवेहं च जाणेज्जा, एए सत्त गमगा। जइ संखेज्जवासाउय. सण्णिपंचिदिय० संखेज्जवासाउयाणं जहेव असुरकुमारेसु उववज्जमाणाणं तहेव Page #971 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 958 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि णववि गमा भाणियव्वा णवरं जोइसियठिई संवेहं च जाणेज्जा, सेसं तहेव णिरवसेसं भाणियव्वं / जइ मणुस्सेहितो उववज्जति० भेदो तहेव जाव असंखेज्ज. वासाउयसण्णिमणस्से गं भंते ! जे भविए जोइसिएस उववज्जित्तए से गं भंते ! एवं जहा असंखेज्जवासाउयसण्णिचिदियस्स जोइसिएसु चेव उववज्ज. माणस्स सत्त गमगा तहेव मणुस्साणवि णवरं ओगाहणाविसे सो पढमेसु तिसु गमएसु ओगाहणा जहणेणं साइरेगाई णव धणहसयाइं उक्कोसेणं तिण्णि गाउ. याई, मज्झिमगमए जहणणं साइरेगाई णव धणहसयाई उक्कोसेणवि साइरे. गाइं णव धणहसयाई पच्छिमेसु तिसुवि गमएसु जहण्णेणं तिष्णि गाउयाई उक्को. सेणवि तिण्णि गाउयाई, सेसं तहेव गिरवसेसं जाव संवेहोत्ति / जइ संखे. ज्जवासाउयसण्णिमणुस्से 0 संखेज्जवासाउयाणं जहेव असुरकुमारेसु उववज्जमा. गाणं तहेव णव गमगा भाणियव्वा, णवरं जोइसियठिई संवेहं च जाणेज्जा, सेसं तं चेव हिरवसेसं / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 713 // __चउवीस इमं सयं चउवीसइमो उद्देसो सोहम्मदेवा णं भंते ! कओहितो उववज्जति कि गेरइएहितो उवव. ज्जति.? भेदो जहा जोइसियउद्देसए, असंखेज्जवासाउयसणिचिदियतिरिक्खनोणिए णं भंते ! जे भविए सोहम्मगदेवेसु उववज्जित्तए से गं भंते ! केवइकाल ? गोयमा! जहण्णेणं पलिओवमट्टिईएसु उ० उक्कोसेणं तिपलिओवमदिईएसु उववज्जेज्जा। ते णं भंते ! * अवसेसं जहा जोइसिएसु उववज्जमाणस्स णवरं सम्मदिट्ठीवि मिच्छादिट्ठीवि णो सम्मामिच्छादिट्ठी,णाणीवि अण्णाणीवि दोणाणा दो अण्णाणा णियम, ठिई जहण्णेणं पलिओवम उक्कोसेणं तिण्णि पलि ओवमाइं एवं अणुबंधोवि सेसं तहेव,कालादेसेणं जहणणं दो पलिओवमाई उक्कोसेणं छप्पलिओवमाइं एवइयं० 1 / सो चेव जहण्णकालदिईएसु उववण्णो एस चेव वत्तव्वया णवरं कालादेसेणं जहणणं दो पलिओवमाई उक्कोसेणं चत्तारि पलिओ. वमाइं एवइयं०२। सो चेव उक्कोसकालट्ठिईएसु उववण्णो जहणेणं तिपलिओव० उक्कोसेणवि तिपलिओव० एस चेव वत्तव्वया णवर ठिई जहणणं तिण्णि पलिओवमाई उक्कोसेणवि तिण्णि पलिओवमाइं सेसं तहेव, कालादेसेणं जहण्णेणं छप्पलिओवमाई उक्कोसेणवि छप्पलिओवमाइं एवइयं० 3 / सो चेव Page #972 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 24 उ. 24 959 अप्पणा जहण्णकालदिईओ जाओ जहण्णेणं पलिओवमट्ठिईएसु उक्कोसेणवि पलिओवमट्टिईएसु एस चेव वत्तव्वया णवरं ओगाहणा जहण्णेणं धणुहपुहुत्तं उक्कोसेणं दो गाउयाई, ठिई जहण्णेणं पलिओवमं उक्कोसेणवि पलिओवमं सेसं तहेव, कालादेसेणं जहण्णेणं दो पलिओवमाई उक्कोसेणंपि दो पलिओवमाइं एवइयं० 6 / सो चेव अप्पणा उक्कोसकालटिईओ जाओ आइल्लगमग सरिसा तिणि गमगा गेयव्वा णवरं ठिइं कालादेसं च जाणेज्जा है। जब संखेज्जवासाउयसण्णिपंचिदिय० संखेज्जवासाउयस्स जहेव असुरकुमारेसु उवव. ज्जमाणस्स तहेव णववि गमगा, णवरं-ठिई संवेहं च जाणेज्जा, जाहे य अप्पणा जहण्णकालट्टिईओ भवइ ताहे तिसुवि गमएसु सम्मदिट्ठीवि मिच्छादिट्ठीवि णो सम्मामिच्छादिट्ठी, दो णाणा दो अण्णाणा णियम सेसं तं चेव / जइ मणस्सेहितो उववज्जंति० भेदो जहेव जोइसिएसु उववज्जमाणस्स जाव असंखेज्जवासाउयसण्णिमणस्से णं भंते ! जे भविए सोहम्मे कप्पे देवताए उववज्जित्तए एवं जहेव असंखेज्जवासाउयस्स सणिपंचिदियतिरिक्खजोणियस्स सोहम्मे कप्पे उववज्जमाणस्स तहेव सत्त गमगा णवरं आइल्लएसु दोसु गमएसु ओगाहणा जहण्णेणं गाउयं उक्कोसेणं तिण्णि गाउयाइं, तइयगमे जहणणं तिण्णि गाउयाइं उक्कोसेणवि तिण्णि गाउयाई, चउत्थगमए जहण्णणं गाउयं उक्कोसेणवि गाउयं, पच्छिमएसु तिसु गमएसुजहण्णणं तिण्णि गाउयाइं उक्कोसेणवि तिण्णि गाउयाई सेसं तहेव गिरवसेसं 6 / जइ संखेज्जवासाउयसण्णि. मणुस्सेहितो० एवं संखेज्जवासाउयसण्णिमणुस्साणं जहेव असुरकुमारेसु उवव. ज्जमाणाणं तहेव णव गमगा भाणियव्वा णवरं सोहम्मदेवट्टिइं संवेहं च जाणेज्जा, सेसं तं चेव / ईसाणदेवा गं भंते ! कओहितो उववज्जति० ईसाणदेवाणं एस चेव सोहम्मगदेवसरिसा वत्तव्वया णवरं असंखेज्जवासाउयसण्णिचिदियतिरिक्खजोणियस्स जेसु ठाणेसु सोहम्मे उववज्जमाणस्स पलिओवमठिई तेसु ठाणेसु इहं साइरेगं पलिओवमं कायव्वं, चउत्थगमे ओगाहणा जहणेणं धणुहपुहुत्तं उक्कोसेणं साइरेगाई दो गाउयाई, सेसं तहेव 6 / असंखेज्जवासाउयसण्णिमणुस्सवि तहेव ठिई जहा पंचिदियतिरिक्खजोणियस्स असंखेज्जवासाउयस्स ओगाहणावि जेसु ठाणेसु गाउयं तेसु ठाणेसु इहं साइरेगं गाउयं, सेसं तहेव 6 / संखेज्जवासाउयाणं तिरिक्खजोणियाणं Page #973 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 960 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि मणुस्साण य जहेव सोहम्मेसु उववज्जमाणाणं तहेव गिरवसेसं णववि गमगा णवरं ईसाणठिई संवेहं च जाणेज्जा 6 / सणंकुमारदेवा णं भंते ! . कओ. हितो उक्वज्जति० उववाओ जहा सक्करप्पभापुढविणेरइयाणं जाव पज्जत्त. संखेज्जवासाउयसण्णिपंचिदियतिरिक्खजोणिए णं भंते ! जे भविए सणंकुमारदेवेसु उववज्जित्तए अवसेसा परिमाणाईया भवादेसपज्जवसाणा सच्चेव वत्त. व्वया भाणियव्वा जहा सोहम्मे उववज्जमाणस्स गवरं सणंकुमारदिई संवेहं च जाणेज्जा, जाहे य अप्पणा जहण्णकालढिईओ भवइ ताहे तिसुवि गमएसु पंच लेस्साओ आइल्लाओ कायवाओ, सेसं तं चेव / जइ मणस्सेहितो उववज्जति. मणुस्साणं जहेव सक्करप्पभाए उववम्जमाणाणं तहेव णववि गमा भाणियव्वा पवरं सणंकुमारढिई संवेहं च जाणेज्जा 6 / माहिंदगदेवा णं भंते ! कओहितो उवबज्जति० जहा सणंकुमारदेवाणं वत्तव्वया तहा माहिंदगदेवाणवि भाणियव्वा, णवरं माहिंदगदेवाणं ठिई साइरेगा भाणियवा सच्चेव, एवं बंभलोगदेवाणवि बत्तव्वया णवरं बंभलोगट्टिई संवेहं च जाणेज्जा, एवं जाव सहस्सारो, णवरं ठिई संवेहं च जाणेज्जा, लतगाईणं जहण्णकालट्ठिईयस्स तिरिक्खजोणियस्स तिसुवि गमएसु छप्पि लेस्साओ कायवाओ, संघयणाई बंभलोगलतएस पच आइल्लगाणि, महासुक्कसहस्सारेसु चत्तारि, तिरिक्खजोगियाणवि मणुस्सावि, सेसं तं चेव 6 / आणयदेवा गं भंते ! कओहितो उववज्जंति० उववाओ जहा सहस्सारे देवाणं णवरं तिरिक्खजोणिया खोडेयव्वा जाव पज्जत्तसंखेज्जवासा. उयसण्णिमणस्से णं भंते ! जे भविए आणयदेवेसु उववज्जित्तए० मणस्साणं वत्त व्वया जहेव सहस्सारेसु उववज्जमागाणं णवरं तिण्णि संघयणाणि सेसं तहेव जाव अणुबंधो भवादेसेणं जहणणं तिणि भवग्गहणाई उक्कोसेणं सत्त भवग्गहणाई, कालादेसेणं जहणणं अट्ठारस सागरोवमाइं दोहि वासपुहुत्तेहि अमहियाई उक्कोसेणं सत्तावणं सागरोवमाई चहिं पुव्वकोडीहिं अन्महियाइं एवइयं०, एवं सेसावि अट्ठ गमगा भाणियचा णवरं ठिई संवेहं च जाणेज्जा, सेसं तं चेव / एवं जाव अच्चुयदेवा, णवरं ठिई संवेहं च जाणेज्जा 6 / चउसुवि संघ्रयणा तिण्णि आणयाईसु / गेवेज्जगदेवा गं भंते ! कओहितो उववज्जति० एस चेव वत्तव्वया णवरं दो संघयणा, ठिई संवेहं च जाणेज्जा। विजयवेजयंतजयंत. अपराजियदेवा गं भंते ! कओहितो उववज्जति० एस चेव वत्तव्वया णिरवसेसा Page #974 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 25 उ. 1 961 जाव अणुबंधोत्ति, गवरं पढमं संघयणं, सेसं तहेव, भवादेसेणं जहण्णेणं तिण्णि भवग्गहणाई उनकोसेणं पंच भवग्गहणाई, कालादेसेणं जहण्णेणं एक्कतीसं सागरोवमाइं दोहि वासपुतहिं अब्भहियाई उक्कोसेणं छावट्टि सागरोवमाई तिहि पुत्वकोडीहि अमहियाइं एवइयं० एवं सेसावि अट्ठगमगा भाणियव्वा, णवरं ठिई संवेहं च जाणेज्जा, मणसे लद्धी णवसुवि गमएसु जहा गेवेज्जेसु उववज्जमाणस्स णवरं पढमं संघयणं / सवगसिद्धगदेवा गं भंते ! कओहितो उववज्जंति० उववाओ जहेव विजयाईणं जाव से गं भंते ! केवइयकालदिईएसु उववज्जज्जा ? गोयमा ! जहण्णेणं तेतीसं सागरोवमदिईएसु उक्कोसेणवि तेत्तीसं सागरोवमट्टिईएसु उववज्जेज्जा, अवसेसा जहा विजयाईसु उववज्जताणं णवरं भवादेसेणं तिण्णि भवग्गहणाई, कालादेसेणं जहण्णेणं तेत्तीसं सागरो. वमाइं दोहि वासपुहुत्तेहि अन्भहियाई उक्कोसेणवि तेत्तीसं सागरोवमाइं दोहि पुटवकोडीहिं अब्भहियाई एवइयं० 6 / सो चेव अप्पणा जहण्णकालटिईओ जाओ एस चेव वत्तव्वया णवरं ओगाहणाठिईओ रयणिपुहत्तवासपूहत्ताणि सेसं तहेव, संवेहं च जाणज्जा 9 / सो चेव अप्पणा उक्कोसकालटिईओ जाओ एस चेव वत्तव्वया णवरं ओगाहणा जहणणं पंच धणहसयाई उक्कोसेणवि पंच. धणहसयाई, ठिई जहणणं पुवकोडी उक्कोसेणवि पुवकोडी, सेसं तहेव जाव भवादेसोत्ति, कालादेसेणं जहण्णणं तेत्तीसं सागरोवमाई दोहि पुत्वकोडीहि अब्भहियाई उक्कोसेणवि तेत्तीसं सागरोवमाई दोहि पुवकोडीहिं अमहियाई एवइयं कालं सेवेज्जा एवइयं कालं गइरागई करेज्जा, एए तिण्णि गमगा सम्वटुसिद्धगदेवाणं / सेवं भंते ! 2 त्ति भगवं गोयमे जाव विहरइ // 714 // चउवीसइमं सयं समत्तं ॥पंचवीसइमं सयं पढमो उद्देसो // - लेस्साय 1 दव्य 2 संठाण 3 जम्म 4 पज्जव 5 णियंठ 6 समणा य 7 ओहे 8 भविया 6 मविए 10 सम्मा 11 मिच्छे य 12 उद्देसा // 1 // तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे जाव एवं वयासी-कइ गं भंते ! लेस्साओ प०? गोयमा ! छल्लेस्साओ प०, तं०-कण्हलेस्सा जहा पढमसए बिइए उद्देसए तहेव लेस्साविभागो अप्पाबहुगं च जाव चउविहाणं देवाणं चउविहाणं देवीणं मीसगं अप्पाबहुगंति // 715 // कइविहा णं भंते ! संसारसमावण्णगा जीवा पण्णता ? गोयमा ! चउद्दसविहा संसारसमावण्णगा जीवा प०, तं०-सुहम. Page #975 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 962 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि अपज्जत्तगा 1, सुहुमपज्जत्तगा 2, बायरअपज्जत्तगा 3, बायरपज्जत्तगा 4, बेइंदिया अपज्जत्तगा 5, बेइंदिया पज्जत्तगा 6, एवं तेइंदिया 8, एवं चरिदिया 10, असणिपंचिदिया अपज्जत्तगा 11, असण्णिचिदिया पज्जत्तगा 12, सणिचिदिया अपज्जत्तगा 13, सणिचिदिया पज्जत्तगा 14 / एएसि णं चउद्दसविहाणं संसारसमावण्णगाणं जीवाणं जहण्णुक्कोसगस्स जोगस्स कयरे 2 जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवे सुहमस्स अपज्जत्तगस्स जहण्णए जोए 1, बायरस्स अपज्जत्तगस्स जहण्णए जोए असंखेज्जगणे 2, बेइंदियस्स अपज्जत्तगस्स जहण्णए जोए असंखेज्जगणे 3, एवं तेइंदियस्स 4, एवं चउ. रिदियस्स 5, असणिपंचिदियस्स अपज्जत्तगस्स जहण्णए जोए असंखेज्जगुणे 6, सण्णिपंचिदियस्स अपज्जत्तगस्स जहण्णए जोए असंखेज्जगुणे 7, सुहुमस्स पज्जत्तगस्स जहण्णए जोए असंखेज्जगुणे 8, बायरस्स पज्जत्तगस्स जहण्णए जोए असंखेज्जगुणे 6, सुहुमस्स अपज्जत्तगस्स उवकोसए जोए असंखेज्जगुणे 10, बायरस्स अपज्जत्तगस्स उक्कोसए जोए असंखेज्जगुणे 11, सुहुमस्स पज्जत्तगस्स उक्कोसए जोए असंखेज्जगुणे 12, बायरस्स पज्जत्तगस्स उक्कोसए जोए असंखेज्जगुणे 13, बेइंदियस्स पज्जत्तगस्स जहण्णए जोए असंखेज्जगुणे 14, एवं तेइंदियस्सवि 15, एवं जाव सण्णिचिदियस्स पज्जत्तगस्स जहण्णए जोए असंखेज्जगणे 18, बेइंदियस्स अपज्जत्तगस्स उक्कोसए जोए असंखेज्जगुणे 16, एवं तेइंदियस्सवि 20, एवं चरिदियस्सवि 21, एवं जाव सण्णिचिदियस्स अपज्जत्तगस्स उक्कोसए जोए असंखेज्जगुणे 23, बेइंदियस्स पज्जत्तगस्स उक्को. सए जोए असंखेज्जगुणे 24, एवं तेइंदियस्सवि पज्जत्तगस्स उक्कोसए जोए असंखेज्जगुणे 25, चरिदियस्स पज्जत्तगस्स उक्कोसए जोए असंखेज्जगुणे 26, असण्णिचिदियपज्जत्तगस्स उक्कोसए जोए असंखेज्जगणे 27, एवं सण्णिपंचिदियस्स पज्जत्तगस्स उक्कोसए जोए असंखेज्जगुणे // 28 // 716 // दो भंते ! गैरइया पढमसमयोववण्णगा कि समजोगी कि विसमजोगी ? गोयमा ! सिय समजोगी सिय विसमजोगी। से केण→णं भंते ! एवं वुच्चइसिय समजोगी सिय विसमजोगी ? गोयमा ! आहारयाओ वा से अणाहारए अणाहारयाओ वा से आहारए सिय होणे सिय तुल्ले सिय अब्भहिए, जइ होणे असंखेज्जइभागहीणे वा संखेज्जइभागहीणे वा संखेज्जगुणहीणे वा असंखेज्ज Page #976 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 25 उ. 2 963 गुणहीणे वा, अह अन्महिए असंखेज्जइ भागमभहिए वा संखेज्जइ भागम. भहिए वा संखेज्जगणमन्भहिए वा असंखेज्जगुणमभहिए वा, से तेणठेणं नात्र सिय समजोगी सिय विसमजोगी, एवं जाव वेमाणियाणं // 717 // कइविहे णं भंते ! जोए प० ? गोयमा ! पण्णरसविहे जोए 50, तं०सच्चमणजोए मोसमणजोए सच्चामोसमणजोए असच्चामोसमणजोए सच्चवइजोए मोसवइजोए सच्चामोसवइजोए असच्चामोसवइजोए ओरालियसरीरकायजोए ओरालियमीसासरीरकायजोए वेउब्वियसरीरकायजोए वेउ. ग्वियमीसासरीरकायजोए आहारगसरीरकायजोए आहारगमीसासरीरकायजोए कम्मासरीरकायजोए 15 / एयस्स गं भंते ! पण्णरसविहस्स जहण्णुक्कोसगस्स कयरे 2 जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सम्वत्थोवे कम्मगसरीरस्स जहण्णए जोए 1 / ओरालियमीसगस्स जहण्णए जोए असंखेज्जगुणे 2 / वेउव्वियमीसगस्स जहण्णए जोए असंखेज्जगुणे 3 / ओरालियसरीरस्स जहण्णए जोए असंखेज्जगुणे 4 / वेउब्वियसरीरस्स जहण्णए जोए असंखेज्जगुणे 5, कम्मगसरीरस्स उक्कोसए जोए असंखेज्जगुणे 6, आहारगमीसगस्स जहण्णए नोए असंखेज्जगुणे 7, तस्स चेव उक्कोसए जोए असंखेज्जगुणे 8, ओरालियमीसगस्स वेउव्वियमीसगस्स एएसि णं उक्कोसए जोए दोण्हवि तुल्ले असंखेज्जगुणे 6-10, असच्चामोसमणजोगस्स जहण्णए जोए असंखेज्जगुणे 11, आहारग. सरीरस्स जहण्णए जोए असंखेज्जगुणे 12, तिविहस्स मणजोगस्स चउन्विहस्स वइजोगस्स एएसि णं सत्ताहवि तुल्ले जहण्णए जोए असंखेज्जगुणे १६,आहारगसरीरस्स उक्कोसए जोए असंखेज्जगुणे 20, ओरालियसरीरस्स वेउब्वियसरीरस्स चउन्विहस्स य मणजोगस्स चउव्विहस्स य वइजोगस्स एएसि णं दसण्हवि तुल्ले उक्कोसए जोए असंखेज्जगुणे 30 / सेवं भंते ! 2 त्ति // 718 // ... पंचवीसइमं सयं बीओ उद्देसो कइविहा णं भंते ! दव्वा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा दव्वा 50, तं०जीवद्रव्वा य अजीवदव्वा य / अजीवदव्वा णं भंते ! कइविहा प० ? गोयमा ! दुविहा प०, तंजहा-रूविअजीवदव्वा य अरूविअजीवदव्वा य, एवं एएणं अभि. लावेणं जहा अजीवपज्जवा जाव से तेणठेणं गोयमा! एवं वुच्चइ-ते णं णो Page #977 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 964 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि संखेज्जा णो असंखेज्जा अणंता / जीवदव्वा णं भंते ! कि संखेज्जा असंवेज्जा अणंता ? गोयमा ! णो संखेज्जा णो असंखेज्जा अणंता / से केण?णं भंते ! एवं बच्चइ-जीवदवा णं णो संखेज्जा णो असंखेज्जा अणंता ? गोयमा ! असंखेज्जा रइया जाव असंखेज्जा वाउक्काइया, अणंता वणस्सइकाइया, असंखेज्जा बेइंदिया एवं जाव वेमाणिया, अणंता सिद्धा, से तेणढेणं जाव अणंता // 716 / जीवदव्वाणं भंते ! अजीवदया परिभोगत्ताए हव्वमागच्छति अजीवदव्वाणं जीवदव्वा परिभोगत्ताए हव्वमागच्छंति ? गोयमा ! जीवदव्वाणं अजीवदवा परिभोगत्ताए हव्वमागच्छंति णो अजीवदव्वाणं जीवदव्वा परिभोगत्ताए हव्वमागच्छति / से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ-जाव हवमाग. च्छंति ? गोयमा ! जीवदव्वा णं अजीवदव्वे परियाइयंति अजीव० 2 ता ओरालियं वेउव्वियं आहारगं तेयगं कम्मगं सोइंदियं जाव फासिदियं मणजोगं वइजोगं कायजोगं आणापाणुत्तं च णिवत्तयंति, से तेण?णं जाव हव्वमागच्छति / रइयाणं भंते ! अजीवदव्वा परिभोगत्ताए हव्वमागच्छति अजीव वाणं रइया परिभोगत्ताए हव्वमागच्छंति ? गोयमा ! रइयाणं अजीव. दव्वा परिभोगत्ताए हव्वमागच्छंति णो अजीवदवाणं णेरइया जाव हव्वमागच्छति / से केणठेणं. ? गोयमा ! णेरइयाणं अजीवदव्वे परियाइयंति अ०२ ता वेउव्वियं तेयगं कम्मगं सोइंदियं जाव फासिदियं आणापाणुत्तं च णिव्व. त्तियंति, से तेणठेणं गोयमा ! एवं बुच्चइ०, एवं जाव वेमाणिया णवरं सरीरइंदियजोगा भाणियव्वा जस्स जे अस्थि // 720 // से णणं भंते ! असं. खेज्जे लोए अणंताई दव्वाइं आगासे भइयव्वाइं ? हंता गोयमा ! असंखेज्ज लोए जाव भइयत्वाइं / लोगस्स णं भंते ! एगमि आगासपएसे कइदिसि पोग्गला चिज्जति ? गोयमा ! णिव्वाघाएणं छद्दिसि वाघायं पडुच्च सिय तिदिसि सिय चउदिसि सिय पंचदिसि / लोगस्स गं भंते ! एगमि आगासपएसे कइ दिसि पोग्गला छिज्जंति ? एवं चेव, एवं उचिज्जति एवं अवचिज्जति ॥७२१॥जीवे णं भंते ! जाइं दव्वाइं ओरालियसरीरत्ताए गेण्हइ ताई कि ठियाई हइ अठियाई गेण्हइ ? गोयमा ! ठियाईपि गेण्हइ अठियाइंपि गेहइ / ताई भंते ! कि दव्वओ गेण्हइ खेत्तओ गेहइ कालओ गेण्हई भावओ गेण्हइ ? गोयमा ! दवओवि गेण्हइ खेत्तओवि गेण्हइ कालओवि गेहइ भावओवि Page #978 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 25 उ. 3 965 गेण्हइ, ताई दग्धओ अगंतपएसियाई दवाई खेत्तओ असंखेज्जपएसोगाढाई एवं जहा पण्णवणाए पढमे आहारुद्देसए जाव णिव्वाघाए छद्दिसि वाघायं पडुच्च सिय तिदिसि सिय चउदिसि सिय पंचदिसि / जीवे गं भंते ! जाई दव्वाइं वेउम्वियसरीरत्ताए गेण्हइ ताई कि ठियाइं गेण्हइ अठियाई गेण्हइ ? एवं चेव णवरं णियमं छद्दिसि, एवं आहारगसरीरत्ताएघि / जीवे गं भंते ! जाई दव्वाइं तेयगसरीरत्ताए गेण्हइ पुच्छा, गोयमा ! ठियाइं गेहइ णो अठियाई गेण्हइ सेसं जहा ओरालियसरीरस्स कम्मगसरीरे एवं चेव एवं जाव भावओवि गेण्हइ / जाई दवाई दव्वओ गेहइ ताई कि एगपएसियाई गेण्हइ दुपएसियाई गेण्हइ ? एवं जहा भासापए जाव आणुपुष्वि गेण्हइ णो अणाणुपुब्वि गेण्हइ / ताई भते ! कइदिसि गेण्हइ ? गोयमा ! गिध्वाधाएणं जहा ओरालियस्स / जीवे गं भंते ! जाई दवाइं सोइंदियत्ताए गेहइ ? जहा वेउव्वियसरीरं एवं जाव जिभिदियत्ताए फासिदियत्ताए जहा ओरालियसरीरं मणजोगत्ताए जहा कम्मग. सरीरं गवरं णियमं छद्दिसि एवं वइजोगत्ताएवि कायजोगत्ताएवि जहा ओरालियसरीरस्स / जीवे गं भंते ! जाई दवाइं आणापाणुत्ताए गेण्हइ जहेव ओरालियसरीरत्ताए जाव सिय पंचदिसि / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति / केइ चउ. वीसदंडएणं एयाणि पयाणि भगति जस्स जं अत्थि // 722 // पंचवीसइमं सयं तइओ उद्देसो कई गं भंते ! संठाणा प० ? गोयमा ! छ संठाणा प०, तं०-परिमंडले वट्टे तसे चउरसे आयए अणिस्थंथे / परिमंडला गं भंते ! संठाणा दवयाए कि संखेज्जा असंखेज्जा अणंता? गोयमा! णो संखज्जा णो असंखेज्जा अणंता वट्टा णं भंते ! संठाणा० एवं चेव, एवं जाव अणित्थंथा, एवं पएसट्टयाएवि, एवं दवटुपएसट्टयाएवि / एएसिगं भंते ! परिमंडलवट्टतंसचउरंसआयतअणित्थं. थार्ण संठाणाणं दव्वट्टयाए पएसट्टयाए दव्वट्ठपएसट्टयाए कयरे 2 हितो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा परिमंडलसंठाणा दट्वट्ठयाए, वट्टा संठाणा दवट्ठयाए संखेज्जगुणा, चउरंसा संठाणा दध्वट्ठयाए संखेज्जगुणा, तंसा संठाणा दवट्टयाए संखेज्जगुणा, आययसंठाणा दव्वट्टयाए संखेज्जगुणा, अणित्थंथा संठाणा दग्वट्ठयाए असंखेज्जगुणा, पएसट्टयाए-सम्वत्थोवा परिमंडला संठाणा पएसट्टयाए, वट्टा संठाणा पएसट्टयाए संखेज्जगुणा, जहा दव्वट्ठयाए तहा पए. Page #979 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंग-पविट्ठ सुत्ताणि सट्टयाएवि जाव अणित्थंथा संठाणा पएसट्टयाए असंखेज्जगुणा, दवट्ठपए सट्टयाए सम्वत्थोवा परिमंडला संठाणा दवढयाए सो चेव गमओ भाणियको जान अणित्थंथा संठाणा दबट्टयाए असंखेज्जगुणा, अणित्यहितो संठाणेहितो दवट्टयाए परिमंडला संठाणा पएसयाए असंखेज्जगुणा, वट्टा संठाणा पाए. सट्टयाए संखेज्जगुणा, सो चेव पएसद्वधाए गमओ भाणियन्वो जाव अणित्थंथा संठाणा पए सट्टयाए असंखेज्जगुणा // 723 // कइ गं भंते ! संटाणा पणता? गोयमा! पंच संठाणा प०,तं०-परिमंडले जाव आयए / परिमंडला गं भंते ! संठाणा कि संखेज्जा असंखेज्जा अणंता ? गोयमा ! णो संखेज्जा जो असंखेज्जा अणंता। वट्टा णं भंते ! संठाणा कि संखेज्जा ? एवं चेव, एवं जाव आयया। इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए परिमंडला संठाणा कि संखेज्जा असं. खेज्जा अणंता ? गोयमा ! णो संखेज्जा णो असंखेज्जा अता / वट्टा णं भंते ! ठाणा कि संखेज्जा० ? एवं चेव, एवं जाव आयया / सक्करप्पभाए गं भंते ! पुढवीए परिमंडला संठाणा एवं चेव, एवं जाव आयया, एवं जाव अहेसत्तमाए / सोहम्मे णं भंते ! कप्पे परिमंडला संठाणा एवं चेब, एवं जाव अच्चुए। गेवेज्जगविमाणाणं भंते ! परिमंडलसंठाणा एवं चेन, एवं अणुत्तरविमाणेसुवि, एवं ईसिप्पन्भाराएवि / जत्थ गं भंते ! एगे परिमंडले संठाणे जवमज्झे तत्थ परिमंडला संठाणा कि संखेज्जा असंखेज्जा अणंता ? गोयमा ! णो संखेज्जा णो असंखेज्जा अणंता / वट्टा णं भंते ! संठाणा कि संखेज्जा असंखेज्जा अणंता? एवं चेव, एवं जाव आयया / जत्थ पं भंते ! एगे पट्टे संठाणे जवमझे तत्थ परिमंडला संठाणा० ? एवं चेव, वट्टा संठाणा एवं चेव, एवं जाव आयया, एवं एक्केकेणं संठाणेणं पंचवि चारेयव्वा / जत्थ णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए एगे परिमंडले संठाणे जवमझे तत्थ णं परिमंडलसंठाणा कि संखेज्जा० पुच्छा, गोयमा ! णो संखेज्जा को असंखेज्जा अणंता / बट्टा गं भंते ! संठाणा कि संखेज्जा० पुच्छा, गोयमा ! णो संखेज्जा णो असंखेज्जा अणंता, एवं चेव, एवं जाव आयया। जत्य णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए एगे वट्टे संठाणे जवमझे तत्थ णं परिमंडला संठाणा कि संखेज्जा० पुच्छा, गोयमा ! णो संखेज्जा णो असंखेज्जा अणंता, वट्टा संठाणा एवं चेव, एवं जाव आयया, एवं पुणरवि एक्केक्केगं संठाणणं पंचवि चारेयव्वा जहेव हेटिल्ला जाव आयएणं, एवं जाब अहेसत्तमाए, एवं Page #980 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 25 उ. 3 कप्पेसुवि जाव ईसिप्पन्माराए पुढवीए // 724 // वट्टे गं भंते ! संठाणे कइ. पएसिए कइपएसोगाढे प० ? गोयमा ! वट्टे संठाणे दुविहे प०, तं०-घणवटे य पयरवट्टे य, तत्थ गं जे से पयरवट्टे से दुविहे प०, तं०-ओयपएसिए य जुम्मपएसिए य, तत्थ णं जे से ओयपएसिए से जहणेणं पंचपएसिए पंचपएसोगाढे उक्कोसेणं अणंतपएसिए असंखेज्जपएसोगाढे, तत्थ णं जे से जम्मपएसिए से जहण्णेणं बारसपएसिए बारसपएसोगाढे उक्कोसेणं अणंतपए. सिए असंखेज्जपएसोगाढे, तत्थ णं जे से घणवट्टे से दुविहे प०, तं०-ओयपएसिए य जुम्मपएसिए य, तत्थ णं जे से ओयपएसिए से जहण्णेणं सत्तपएसिए सत्तपएसोगाढे 50, उक्कोसेणं अणंतपएसिए असंखेज्जपएसोगाढे प०, तत्थ गं जे से जुम्मपएसिए से जहण्णेणं बत्तीसपएसिए बत्तीसपएसोगाढे प०, उक्कोसेणं अगंतपएसिए असंखेज्जपएसोगाठे प० / तंसे गं भंते ! संठाणे कइपएसिए कइपएसोगाढे 50 ? गोयमा ! तंसे में संठाणे दुविहे प०, तं०-घणतंसे य पयरतंसे य, तत्थ गं जे से पयरतंसे से दुविहे प०, तं०-ओयपए सिए य जुम्म. पएसिए य, तत्थ गंजे से ओयपएसिए से जहण्मेणं तिपएसिए तिपएसोगाढे प०, उक्कोसेणं अणंतपएसिए असंखेज्जपएसोगाढे प०, तत्थ णं जे से जुम्मपए. सिए से जहण्णेणं छप्पएसिए छप्पएसोगाढे प०, उक्कोसेणं अणंतपएसिए असं. खेज्जपएसोगाढे प०, तत्थ णं जे से घणतंसे से दुविहे प०, तं०-ओयपएसिए य जुम्मपएसिए य, तत्थ णं जे से ओयपएसिए से जहणेणं पणतीसपएसिए पण. तीसपएसोगाढे उक्कोसेणं अगंतपएसिए तं चेव, तत्थ णं जे से जुम्मपएसिए से जहणणं चउप्पएसिए च उपएसोगा.प०, उक्कोसेणं अणंतपएसिए तं चेव / घउरंसे गं भंते ! संठाणे कइपएसिए० पुच्छा, गोयमा! चउरंसे संठाणे दुविहे प. भेदो जहेव वट्टस्स जाव तत्थ गंजे से ओयपएसिए से जहण्णेणं णवपएसिए णव. पएसोगाढे प०, उक्कोसेणं अणंतपएसिए असंखेज्जपएसोगाढे प०, तत्थ णं जे से जुम्मपएसिए से जहणेणं चउप्पएसिए चउप्पएसोगाढे प०, उक्कोसेणं अणंत. पएसिए तं चेव, तत्थ णं जे से घणचउरंसे दुविहे प०, तंजहा-ओयपएसिए य जम्मपए सिए य, तत्थ णं जे से ओयपएसिए से जहण्णणं सत्तावीसइपएसिए सत्तावीसइपएसोगाढे उक्कोसेणं अणंतपएसिए तहेव, तत्थ णं जे से जुम्मपए. सिए से जहण्णेणं अट्ठपएसिए अट्टपएसोगाढे प०, उक्कोसेणं अणंतपएसिए Page #981 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 968 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि तहेव / आयए णं भंते ! संठाणे कइपएसिए कइपएसोगाढे प० ? गोयमा ! आयए णं संठाणे तिविहे प०, तं०-सेढिआयए पयरायए घणायए, तत्थ णं जे से सेढिआयए से दुविहे ५०,०-ओयपएसिए य जुम्मपएसिए य, तत्थ णं जे से ओयपएसिए से जहण्णेणं तिपएसिए तिपएसोगाढे उक्कोसेणं अगंतपएसिए तं चेव, तत्थ णं जे से जुम्मपएसिए से जहण्णेणं दुपएसिए दुपएसोगाढे उक्कोसेणं अणंतपएसिए तं चेव, तत्थ णं जे से पयरायए से दुविहे प०, तं०-ओयपएसिए य जुम्मपए सिए य, तत्थ णं जे से ओयपएसिए से जहणेणं पण्णरसपएसिए पण्णरसपएसोगाढे उक्कोसेणं अणंत. तहेव, तत्थ गं जे से जुम्मपएसिए से जहणणं छप्पएसिए छप्पएसोगावे उक्कोसेणं अणंत० तहेव, तत्थ णं जे से घणायए से दुविहे प०, तं०-ओयपएसिए य जुम्मपएसिए य, तत्थ णं जे से ओयपएसिए से जहण्णेणं पणयालीसपएसिए पणयालीसपएसोगाढे 50, उक्को. सेणं अणंत० तहेव, तत्थ णं जे से जुम्मपएसिए से जहण्णेणं बारसपएसिए बारसपएसोगाढे प०, उक्कोसेणं अणंत. तहेव / परिमंडले गं भंते ! संठाणे कइपएसिए० पुच्छा, गोयमा ! परिमंडले गं संठाणे विहे प० तं०-घणपरिमंडले य पयरपरिमंडले य, तत्थ णं जे से पयरपरिमंडले से जहणेणं वीसइ. पएसिए वीसइपएसोगाढे उक्कोसेणं अणंतपएसिए तहेव, तत्थ णं जे से घण परिमंडले से जहण्णेणं चत्तालीसपएसिए चत्तालीसपएसोगाढे 50, उक्कोसेणं अणंतपएसिए असंखेज्जपएसोगाढे पग्णत्ते॥७२५॥ परिमंडले गं भंते ! संठाणे दवट्टयाए कि कउजुम्मे तेओए दावरजुम्मे कलिओए? गोयमा ! णो कडजम्मे णो तेओए णो दावरजुम्मे कलिओए, वट्टे णं भंते ! संठाणे दव्वट्ठयाए एवं चेव एवं जाव आयए / परिमंडला णं भंते ! संठाणा दध्वट्ठयाए कि कडजुम्मा तेओगा दावरजुम्मा कलिओगा पुच्छा, गोयमा ! ओघादेसेणं सिय कडजुम्मा सिय तेओगा सिय दावरजम्मा सिय कलिओगा, विहाणादेसेणं णो कडजुम्मा णो तेओगा णो दावरजुम्मा कलिओगा, एवं जाव आयया / परिमंडले णं भंते ! संठाणे पएसट्टयाए कि कडजुम्मे० पुच्छा, गोयमा ! सिय कडजुम्मे सिय तेओगे सिय दावरजुम्मे सिय कलिओगे, एवं जाव आयए, परिमंडला गं भंते ! संठाणा पएसट्टयाए कि कडजुम्मा० पुच्छा, गोयमा ! ओघादेसेणं सिय कड. जुम्मा जाव सिय कलिओगा,विहाणादेसेणं कडम्मावि तेओगावि दांवरजुम्मावि Page #982 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 25 उ. 3 969 कलिओगावि, एवं जाव आयया / परिमंडले णं भंते ! संठाणे कि कडजुम्म. पएसोगाढे जाव कलिओगपएसोगाढे ? गोयमा! कडजुम्मपएसोगाढे णो तेओग. पएसोगाढे णो दावरजुम्मपएसोगाढे णो कलिओगपएसोगाढे / वट्टे गं भंते ! संठाणे कि कडजम्म० पुच्छा, गोयमा ! सिय कडजम्मपएसोगाढे सिय तेओग. पएसोगाढे णो दावरजम्मपएसोगाढे सिय कलिओगपएसोगाढे / तंसे णं भंते ! संठाणे पुच्छा, गोयमा ! सिय कडजम्मपएसोगाढे सिय तेओगपएसोगाढे सिय. दावरजम्मपएसोगाढे णो कलिओगपएसोगाढे / चउरसे गं भंते ! संठाणे जहा वटे तहा चउरंसेवि / आयए णं भंते ! पुच्छा, गोयमा ! सिय कडजम्मपएसोगाढे जाव सिय कलिओगपएसोगाढे / परिमंडला णं भंते ! संठाणा कि कडजम्मपएसोगाढा तेओगपएसोगाढा. पुच्छा, गोयमा ! ओघादेसेणवि विहाणादेसेणवि कडजम्मपएसोगाढा णो तेओगपएसोगाढा णो दावरजुम्मपए. सोगाढा णो कलिओगपएसोगाढा / वट्टा गं भंते ! संठाणा कि कडजुम्मपए. सोगाढा० पुच्छा, गोयमा ! ओघादेसेणं कडजुम्मपएसोगाढा णो तेओग० णो दावरजम्म० णो कलिओग०, विहाणादेसेणं कडजुम्मपएसोगाढावि तेओगपए. सोगाढा वि णो दावर जुम्मपएसोगाढा कलिओगपएसोगाढावि, तंसा गं भंते ! संठाणा किं कडजम्म० पुच्छा, गोयमा ! ओघादेसेणं कडजम्मपएसोगाढा णो तेओग० णो दावरजुम्म० णो कलिओगपएसोगाढा, विहाणादेसेणं कडजुम्मपएसोगाढावि तेओगपएसोगाढावि णो दावरजुम्मपएसोगाढा णो कलिओगपए. सोगाढा / चउरंसा जहा वट्टा / आयया णं भंते ! संठाणा पुच्छा, गोयमा ! ओघादेसेणं कडजुम्मपएसोगाढा णो तेओगपएसोगाढा णो दाव रजुम्मपए. सोगाढा णो कलिओगपएसोगाढा, विहाणादेसेणं कडजुम्मपएसोगाढावि जाव कलिओगपएसोगादावि / परिमंडले गं भंते ! संठाणे कि कडजम्मसमयठिईए तेओगसमयठिईए दावरजुम्मसमयठिईए कलिओगसमयठिईए ? गोयमा ! सिय कडजम्मसमयठिईए जाव सिय कलिओगसमयठिईए, एवं जाव आयए / परिमंडला णं भंते ! संठाणा किं कडजम्मसमयठिईया० पुच्छा, गोयमा ! ओघादेसेणं सिय कडजुम्मसमयट्टिईया जाव सिय कलिओगसमयट्टिईया, विहाणा. देसेणं कडजुम्मसमयठिईयावि जाव कलिओगसमयठिईयावि, एवं जाव आयया। परिमंडले गं भंते ! संठाणे कालवण्णपज्जवेहि किं कडजुम्मे जाव कलिओगे ? Page #983 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 970 अंग-पविट्ट सुत्ताणि गोयमा ! सिय कडजुम्मे एवं एएणं अभिलावेणं जहेव ठिईए एवं णीलवण्णपज्जवेहि, एवं पंचहि वण्णेहि दोहिं गंधेहि, पंचहि रसेहि, अहि फासेहिं जाव लुक्खफासपज्जवेहि / सेढीओ णं भंते ! दवट्टयाए कि संखेज्जाओ असंखेज्जाओ अणंताओ? गोयमा! णो संखेज्जाओ णो असंखेज्जाओ अणंताओ। पाईणपडीणाययाओ णं भंते! सेढीओ दवदयाए कि संखेज्जाओ 3 एवं चेव, एवं दाहिणुत्तरायया. ओवि, एवं उडमहाययाओवि। लोगागाससेढीओ णं भते ! दवट्टयाए कि संखे. ज्जाओ असंखेज्जाओ अणंताओ? गोयमा ! णो संखेज्जाओ असंखेज्जाओ णो अणंताओ।पाईणपडीणाययाओणं भंते ! लोगागाससेढीओ दवट्याए कि संखेज्जाओ० एवं चेव, एवं दाहिणत्तराययाओवि, एवं उडमहाययाओवि / अलोगागास. सेढीओ णं भंते ! दव्वयाए कि संखेज्जाओ असंखेज्जाओ अणंताओ ? गोयमा! णो संखेज्जाओ णो असंखेज्जाओ अणंताओ, एवं पाईणपडीणाययाओवि, एवं दाहिणुत्तराययाओवि, एवं उड्डमहाययाओवि / सेढीओ णं भंते ! पएसट्ठयाए कि संखेज्जाओ० जहा दवढयाए तहा पएसट्टयाएवि जाव उड्नमहाययाओवि सव्वाओ अणंताओ। लोगागाससेढीओ णं भंते ! पएसट्टयाए कि संखेज्जाओ० पुच्छा, गोयमा ! सिय संवेज्जाओ सिय असंखेज्जाओ णो अणंताओ, एवं पाईणपडीणाययाओवि, एवं दाहिणुत्तराययाओवि, एवं चेव उड्डमहाययाओवि णो संखेज्जाओ असंखेज्जाओ णो अणेताओ / अलोगागाससेढीओ गं भंते ! पएसटूयाए पुच्छा, गोयमा ! सिय संखेज्जाओ सिय असंखेज्जाओ सिय अणंताओ। पाईणपडीणाययाओ णं भंते ! अलोया० पुच्छा, गोयमा ! णो संखे. ज्जाओ णो असंखेज्जाओ अणंताओ, एवं दाहिणत्तराययाओवि। उडमहाययाओ पुच्छा, गोयमा ! सिय संखेज्जाओ सिय असखेज्जाओ सिय अणंताओ॥७२७॥ सेढीओ णं भंते ! किं साइयाओ सपज्जवसियाओ 1, साइयाओ अपज्जवसियाओ 2, अणाइयाओ सपज्जवसियाओ 3, अणाइयाओ अपज्जवसियाओ 4 ? गोयमा ! णो साइयाओ सपज्जवसियाओ, णो साइयाओ अपज्जवसियाओ, णो अणाइयाओ सपज्जवसियाओ, अणाइयाओ अपज्जवसियाओ, एवं जाव उड्डमहाययाओ / लोगागाससेढीओ णं भंते ! कि साइयाओ सपज्जवसियाओ० पुच्छा, गोयमा ! साइयाओ सपज्जवसियाओ, णो साइयाओ, अपज्जवसियाओ, णो अणाइयाओ सपज्जवसियाओ, णो अणाइयाओ अपज्जवसियाओ, एवं जाव Page #984 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 25 उ. 3 971 उडमहाययाओ / अलोगागाससेढीओ णं भते ! कि साइयाओ सपज्जवसियाओ० पुच्छा, - गोयमा ! सिय साइयाओ सपज्जवसियाओ 1, सिय साइयाओ अपज्जवसियाओ 2, सिय अणाइयाओ सपज्जवसियाओ 3, सिय अणीइयाओ अपज्जवसियाओ 4, पाईणपडीणाययाओ दाहिणत्तराययाओ य एवं चेव, णवरं णो साइयाओ सपज्जवसियाजो सिय साइयाओ अपज्जवसि. याओ सेसं तं चेव, उड्डमहाययाओ जहा ओहियाओ तहेव चउभंगो / सेढीओ णं भंते ! दव्वट्टयाए कि कडजम्माओ तेओयाओ० पुच्छा, गोयमा ! कड जम्माओ जो तेओयाओ णो दावरजम्माओ णो कलिओगाओ, एवं जाव उडमहाययाओ, लोगागाससेढीओ एवं चेव, एवं अलोगागाससेढीओवि / सेढीओ णं भंते ! पएसट्टयाए कि कडजुम्माओ० पुच्छा, एवं चेव एवं जाव उड्डमहाययाओ। लोगागाससेढीओ णं भंते ! पएसट्टयाए पुच्छा, गोयमा ! सिय कडजुम्माओ णो तेओयाओ सिय दावरजुम्माओ णो कलिओगाओ, एवं पाईणपडीणाययाओवि दाहिणत्तराययाओवि / उडमहाययाओ गं० पुच्छा, गोयमा ! कडजम्माओ णो तेओयाओ णो दावरजुम्माओ णो कलिओगाओ। अलोगागाससेढीओ णं भंते ! पएसट्टयाए पुच्छा, गोयमा ! सिय कडजुम्माओ जाव सिय कलिओगाओ, एवं पाईणपडीणाययाओवि, एवं दाहिणुत्तराययाओवि, उड्डमहाययाओवि एवं चेब, गवरं णो कलिओगाओ, सेसं तं चेव // 727 // कइ णं भंते ! सेढीओ प० ? गोयमा ! सत्त सेढीओ पृण्णत्ताओ, तंजहा-उज्जुआयया एगओवंका दुहओवंका एगओखहा दुहओखहा चक्कवाला अद्धचक्कवाला / परमाणपोग्गलाणं भंते ! कि अणुसे दि गई पवत्तइ विसेडिं गई पवत्तइ ? गोयमा ! अणुसेदि गई पवत्तइ णो विसेढि गई पवत्तइ / दुपएसियाणं भंते ! खंधाणं अणुसेढि गई पवत्तइ विढि गई पवत्तइ ? एवं चेव, एवं जाव अणंतपएसियाणं खंधाणं / णेरइयाणं भंते ! कि अणुसेढिं गई पवत्तइ विसेदि गई पवत्तइ ? एवं चेव, एवं जाव वेमाणियाणं // 726 // इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए केवइया णिरयावाससयसहस्सा प.? गोयमा ! तीसं णिरयावाससयसहस्सा प०, एवं जहा पढमसए पंचमुद्देसए जाव अणुत्तरविमाणत्ति // 730 // कइकिहे णं भंते ! गणिपिडए प० ? गोयमा ! दुवालसंगे गणिपिडए प०, तं0आयारो जाव दिदिवाओ। से कि तं आयारो? आयारे णं समणाणं णिग्गंथाणं Page #985 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 972 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि आयारगोयर० एवं अंगपरूवणा भाणियब्वा जहा गंदीए जाव-सुत्तत्थो खल पढमो बीओ णिज्जुत्तिमीसिओ भणिओ / तइओ य णिरवसेसो एस विही होइ अणुओगे // 1 // 731 // एएसि णं भंते ! णेरइयाणं जाव देवाणं सिद्धाण य पंचगइसमासेणं कयरे 2 हितो० पुच्छा, गोयमा ! अप्पाबहुयं जहा बहुवत्तव्वयाए अटूगइसमासअप्पाबहगं च / एएसि णं भंते ! सइंदियाणं एगिदियाणं जाव अणिदियाण य कयरे० ? एयंपि जहा बहुवत्तव्वयाए तहेव ओहियं पयं भाणियव्वं, सकाइयअप्पाबहुगं तहेव ओहियं भाणियन्वं / एएसि णं भंते ! जीवाणं पोग्गलाणं जाव सव्वपज्जवाण य कयरे 2 जाव बहवत्तव्वयाए। एएसि णं भंते ! जीवाणं आउयस्स कम्मरस बंधगाणं अबंधगाणं जहा बहुवतव्वयाए जाव आउयस्स कम्मस्स अबंधगा विसेसाहिया / सेवं भंते ! 2 ति // 732 // पंचवीसइमं सयं चउत्थो उद्देसो कइ गं भंते ! जम्मा पण्णता? गोयमा! चत्तारि जम्मा 50, तं०-कडजम्मे जाव कलिओगे। से केणट्टेणं भंते ! एवं बुच्चइ-चत्तारि जुम्मा, ५०-कडजम्मे जाव कलिओगे एवं जहा अट्ठारसमसए चउत्थे उदेसए तहेव जाव से तेण?णं गोयमा ! एवं वच्चइ / णेरइयाणं भंते ! कइ जम्मा 50 ? गोयमा ! चत्तारि जुम्मा प०, तंजहा-कडजुम्मे जाव कलिओगे। से केणढेणं भंते ! एवं वुच्चइ रइयाणं चत्तारि जम्मा 50, तं०-कडजम्मे अठो तहेव, एवं जाव वाउ. काइयाणं। वणस्सइकाइयाणं पुच्छा, गोयमा ! वणस्सइकाइया सिय कडजुम्मा सिय तेओया सिय दावरजुम्मा सिय कलिओया। से केणठेणं भंते! एवं वुच्चइवणस्सइकाइया जाव कलिओगा ? गोयमा ! उववायं पडुच्च, से तेणठेणं तं चेव, बेइंदियाणं जहा रइयाणं, एवं जाव वेमाणियाणं, सिद्धाणं जहा वणस्सइ. काइयाणं / कइविहा गं भंते ! सव्वदवा प० ? गोयमा ! छविहा सम्वदन्वा प०, तंजहा-धम्मस्थिकाए अधम्मत्थिकाए जाव अद्धासमए / धम्मस्थिकाए णं भंते ! दवट्टयाए कि कडजम्भे जाव कलिओगे ? गोयमा ! णो कडजम्मे णो तेओए णो दावरजुम्मे कलिओगे,एवं अहम्मत्थिकाएवि, एवं आगासथिकाएवि। जीवत्थिकाए णं भंते ! पुच्छा, गोयमा ! कडजम्मे णो तेओए णो दावरजम्मे णो कलिओए / पोग्गलत्थिकाए णं भंते ! पुच्छा, गोयमा ! सिय कडजम्मे जाव सिय कलिओगे, अद्धासमए जहा जीवत्थिकाए / धम्मत्थिकाए. णं भंते ! पए. Page #986 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 25 उ. 4 973 सट्टयाए कि कडजुम्मे० पुच्छा, गोयमा ! कडजुम्मे णो तेओए णो दावरजुम्मे णो कलिओए, एवं जाव अद्धासमए / एएसि णं भंते ! धम्मस्थिकायअहम्मस्थि. काय जाव अदासमयाणं दव्वट्ठयाए० एएसि णं अप्पाबहुगं जहा बहुवत्तव्वयाए तहेव गिरवसेसं / धम्मत्थिकाए णं भंते ! कि ओगाढे अणोगाढे ? गोयमा ! ओगाढे णो अणोगाढे / जइ ओगाढे कि संखेज्जपएसोगाढे असंखेज्जपएसोगाढे अणंतपएमोगाढे ? गोयमा ! णो संखेज्जपएसोगाढे असंखेज्जपएसोगाढे णो अणंतपएसोगाढे। जइ असंखेज्जपएसोगाढे कि कडजम्मपएसोगाढे० पुच्छा, गोयमा! कडजुम्मपएसोगाढे णो तेओग० णो दावरजुम्म० णो कलिओगपएसोगाढे, एवं अहम्मस्थिकाएवि, एवं आगासस्थिकाएवि, जीवस्थिकाए पोग्गलत्थिकाए अद्धासमए एवं चेव / इमा णं भंते ! रयणप्पभापुढवी कि ओगाढा अणोगाढा जहेब धम्मत्थिकाए एवं जाव अहेसत्तमा, सोहम्मे एवं चेव, एवं जाव ईसिप्प. उभारापुढवी // 733 // जीवे णं भंते ! दवट्टयाए कि कडजम्मे० पुच्छा, गोयमा ! णो कडजम्मे णो तेओगे णो दावरजम्मे कलिओगे, एवं रइएवि, एवं जाव सिद्धे। जीवा गं भंते ! दवट्टयाए कि कडजम्मा० पुच्छा गोयमा ! ओघादेसेणं कडजुम्मा णो तेओगा णो दावरजुम्मा णो कलिओगा, विहाणा. देमेणं णो कडजुम्मा णो तेओगा णो दावरजुम्मा कलिओगा। रइया णं भंते ! दध्वट्टयाए पुच्छा, गोयमा ! ओघादेसेणं सिय कडजम्मा जाव सिय कलिओगा, विहाणादेसेणं णो कडनुम्मा णो तेओगा णो दावरजुम्मा कलिओगा, एवं जाव सिद्धा / जीवे णं भंते ! पएसट्टयाए कि कडजुम्मे पुच्छा, गोयमा! जीवपएसे पड़च्च कडजम्मे णो तेओगे णो दावरजम्मे णो कलिओगे, सरीरपएसे पडच्च सिय कडजुम्मे जाव सिय कलिओगे, एवं जाव वेमाणिए / सिद्धे णं भंते ! पएसट्टयाए कि कडजुम्मे० पुच्छा, गोयमा ! कडजुम्मे णो तेओगे णो दावरजुम्मे णो कलिओगे / जीवा गं भंते ! पएसट्टयाए कि कडजुम्मा० पुच्छा, गोयमा ! जीवपएसे पडुच्च ओघादेसेणवि विहाणादेसेणवि कडजुम्मा णो तेओगा णो दावर. जम्मा णो कलिओगा, सरीरपएसे पडुच्च ओघादेसेणं सिय कडजम्मा जाव सिय कलिओगा, विहाणादेसेणं कडजुम्मावि जाव कलिओगावि, एवं णेरइयावि, एवं जाव वेमाणिया। सिद्धा गं भंते ! पुच्छा, गोयमा ! ओघादेसेणवि विहाणा. देसेणवि कड जुम्मा णो तेओगा णो दावरजुम्मा णो कलिओगा // 734 // जीवे Page #987 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 974 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि गं भंते ! कि कडजुम्मपएसोगाढे० पुच्छा, गोयमा ! सिय कडजुम्मपएसोगाढे जाव सिय कलिओगपएसोगाढे० एवं जाव सिद्धे / जीवा गं भंते ! कि कड. जुम्मपएसोगाढा० पुच्छा, गोयमा! ओघादेसेणं कडजम्मपएसोगाढा णो तेओग० णो दावर० णो कलिओगपएसोगाढा, विहाणादेसेणं कडजम्मपएसोगाढावि जाव कलिओगपएसोगाढावि। रइया णं भते ! पुच्छा, गोयमा ! ओघादेसेणं सिय कडजुम्मपएसोगाढा जाव सिय कलिओगपएसोगाढा, विहाणादेसेणं कडजुम्म. पएसोगाढावि जाव कलिओगपएसोगाढावि, एवं एगिदियसिद्धवज्जा सव्वेवि, सिद्धा एगिदिया य जहा जीवा। जीवे गं भंते ! कि कडजम्मसमयट्टिईए० पुच्छा, गोयमा ! कडजम्मसमयदिईए णो तेओग० णो दावर० णो कलिओग. समयट्टिईए / णेरइए गं भंते ! पुच्छा, गोयमा ! सिय कडजुम्मसमट्टिईए जाव सिय कलिओगसमयढिईए, एवं जाव वेमाणिए सिद्धे जहा जीवे। जीवा of भंते ! पुच्छा, गोयमा ! ओघादेसेणवि बिहाणादेसेणवि कडजुम्मसमयट्टिईया णो तेओग० णो दावरजुम्म० णो कलिओगसमट्टिईया / णेरइयाणं पुच्छा, गोयमा! ओघादेसेणं सिय कडजुम्मसमयट्टिईया जाव सिय कलिओगसमयट्टिईयावि विहाणादेसेणं कडजुम्मसमयदिईयावि जाव कलिओगसमयट्रिईयावि, एवं जाव वेमाणिया, सिद्धा जहा जीवा // 735 // जीवे णं भते ! कालवण्णपज्जवेहि किं कडजुम्मे० पुच्छा, गोयमा ! जीवपएसे पडुच्च णो कडजुम्मे जाव णो कलिओगे, सरीरपएसे पडुच्च सिय कडजुम्मे जाव सिय कलिओगे, एवं जाव वेमाणिए, सिद्धो चेव ण पुच्छिज्जइ / जीवा गं भंते ! कालवण्णपज्जवेहिक पुच्छा, गोयमा ! जीवपए से पड़च्च ओघादेसेणवि विहाणादेसेणवि णो कड. जम्मा जाव णो कलिओगा, सरीरपएसे पड़च्च ओघादेसेणं सिय कडजम्मा जाव सिय कलिओगा, विहाणादेसेणं कडजुम्मावि जाव कलिओगावि, एवं जाव वेमाणिया, एवं णीलवण्णपज्जवेहि दंडओ भाणियन्वो एगत्तपुहत्तेणं एवं जाव लुक्खफासपज्जवेहि / जीवे णं भंते ! आभिणिबोहियणाणपज्जवेहि किं कड. जुम्मे० पुच्छा, गोयमा ! सिय कडजुम्मे जाव सिय कलिओगे, एवं एगिदियवज्ज जाव वेमाणिए / जीवा गं भंते ! आभिणिबोहियणाणपज्जवेहि० पुच्छा, गोयमा ! ओघादेसेणं सिय कडजुम्मा जाव सिय कलिओगा, विहाणादेसेणं कडजुम्मावि जाव कलिओगावि, एवं एगिदियवज्ज जाव वेमाणिया, एवं सुय Page #988 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 275 भगवई स. 25 उ. 4 णाणपज्जवेहिवि, ओहिणाणपज्जवेहिवि एवं चेव, णवरं विलिदियाणं णत्थि ओहिणाणं, मणपज्जवणाणं पि एवं चेव, णवरं जीवाणं मणुस्साण य, सेसाणं . णत्थि / जीवे गं भंते ! केवलणाणपज्जवेहि किं कडजम्मे० पुच्छा, गोयमा ! कडजुम्मे णो तेओगे णो दावरजुम्मे णो कलिओगे, एवं मणुस्सेवि, एवं सिद्धेवि / जीवा णं भंते ! केवलणाण० पुच्छा, गोयमा ! ओघादेसेणवि विहाणादेसेणवि कडजम्मा णो तेओगा णो दावरजम्मा णो कलिओगा, एवं मणुस्सावि, एवं सिद्धावि / जीवे णं भंते ! मइअण्णाणपज्जवेहि कि कडजुम्मे०? जहा आभिणिबोहियणाणपज्जवेहि तहेव दो दंडगा, एवं सुयअण्णाणपज्जवेहिवि, एवं विभंग. णाणपज्जवेहिवि / चक्खुदंसणअचक्खुदंसणओहिदसणपज्जवेहिवि एवं चेव, णवरं जस्स जं अस्थि तं भाणियध्वं, केवलदंसणपज्जवेहि जहा केवलणाणपज्जवेहि // 736 ॥कइणं भंते ! सरीरगा प० ? गोयमा! पंच सरीरगा प०, तं०ओरालिए जाव कम्मए, एत्थं सरीरगपयं णिरवसेसं भाणियव्वं जहा पण्ण. वणाए // 737 // जीवा गं मंते! कि सेया णिरेया ? गोयमा ! जीवा सेयावि णिरेयावि / से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ-जीवा सेयावि णिरयावि ? गोयमा ! जीवा दुविहा प०, तंजहा-संसारसमावण्णगा य असंसारसमावण्णगा य, तत्थ गं जे ते असंसारसमावण्णगा ते गं सिद्धा, सिद्धा गं दुविहा प०, तंजहा-अणंतरसिद्धा य परंपरसिद्धा य, तत्थ णं जे ते परंपरसिद्धा ते गं णिरेया, तत्थ णं जे ते अणंतरसिद्धा ते णं सेया / ते णं भंते ! कि देसेया सव्वेया ? गोयमा ! णो देसे या सव्वेया, तत्थ जे जे ते संसारसमावण्णगा ते दुविहा प०, तंजहा-सेलेसिपडिवण्णगा य असेलेसिपडिवण्णगा य तत्थ णं जे ते सेलेसीपडिवण्णगा ते गं णिरेया, तत्थ जे जे ते असेलेसीपडिवण्णगा ते ण सेया। तेणं भंते ! कि देसेया सव्वेया ? गोयमा! देसेयावि सव्वेयावि, से तेण?णं जाव गिरे. यावि / गेरइया णं भंते ! कि देसेया सव्वेया ? गोयमा ! देसेयावि सम्वेयावि / से केणठेणं जाव सव्वेयावि ? गोयमा ! णेरइया दुविहा प०, तं०विग्गहगइसमावण्णगा य अविग्गहगइसमावण्णगा य, तत्थ णं जे ते विग्गहगइ. समावण्णगा ते णं सम्वेया, तत्थ णं जे ते अविग्गहगइसमावण्णगा ते गं देसेया, से तेणठेणं जाव सम्वेयावि, एवं जाव वेमाणिया // 738 // परमाणुपोग्गला गं भते ! कि संखेज्जा असंखेज्जा अणंता ? गोयमा ! णो संखेज्जा णो Page #989 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 976 अंग-पविट सुत्ताणि असंखेज्जा अणंता, एवं जाव अणंतपएसिया खंधा। एगपएसोगाढा णं भंते ! पोग्गला कि संखेज्जा असंखज्जा अणंता ? एवं चेव, एवं जाव असंखेज्जपए. सोगाढा / एगसमयदिईया गं भंते ! पोग्गला कि संखेज्जा०? एवं चेव, एवं जाव असंखेज्जसमयट्टिईया। एगगुणकालगा गं भंते ! पोग्गला कि संखेज्जा० ? एवं चेव, एवं जाव अगंतगणकालगा, एवं अवसेसाविवष्णगंधरसफासा यन्वा जाव अणंतगुणलुक्खत्ति / एएसि गं भंते ! परमाणपोग्गलाणं दुपएसियाण य खधाणं दवट्टयाए कयरे 2 हितो अप्पा वा बहया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! दुपएसिएहितो खंहितो परमाणुपोग्गला दव्वट्ठयाए बहुथा। एएस भंते ! दुपएसियाणं तिपएसियाण य खंधाणं दवट्ठयाए कयरे 2 हितो बहुया? गोयमा! तिपएसिएहितो खंहितो दुपएसिया खंधा दव्वट्टयाए बहुया एवं एएणं गमएणं जाव दसपएसिएहितो खंधेहितो णवपएसिया खधा दबढ़ याए बहुया। एएसि णं भंते ! दसपएसि० पुच्छा, गोयमा ! दसपएसिएहितो खंहितो संखेज्जपएसिया खंधा दव्वट्ठयाए बहुया। एएसि गं भंते ! संखेज्ज० पुच्छा, गोयमा! सखेज्जपएसिएहितो खंहितो असंखेज्जपएसिया खंधा दब्वट्ठ याए बया। एएसि गं भंते ! असंखेज्जपएसि०, पुच्छा, गोयमा ! अणंतपए. सिए हितो खंहितो असंखेज्जपएसिया खंधा दवट्टयाए बया। एएसि गं भंते ! परमाणुपोग्गलाणं दुपएसियाण य खंधाणं पएसट्टयाए कयरे 2 हितो बहुया ? गोयमा ! परमाणुपोग्गलेहितो दुपएसिया खंधा पएसट्टयाए बहुया, एवं एएणं गमएणं जाव णवपएसिएहितो खहितो दसपएसिया खंधा पएसट्टयाए बहुया, एवं सम्वत्थ पुच्छियन्वं, दसपएसिएहितो खंहितो संखेज्जपएसिया खंधा पए. सट्टयाए बहुया। संखेज्जपएसिएहितो खंहितो असंखेज्जपएसिया खंधा पएसट्ठ. याए बहुया, एएसि णं भते ! असंखेज्जपएसियाणं पुच्छा, गोयमा ! अणंतपएसिएहितो खंहितो असंखेज्जपएसिया खंधा पएसट्टयाए बहुया / एएसि नं भंते ! एगपएसोगाढाणं दुपएसोगाढाण य पोग्गलाणं दवट्टयाए कयरे 2 हितो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! दुपएसोगाढेहितो पोग्गलहितो एग. पएसोगाढा पोग्गला दव्वट्ठयाए विसेसाहिया, एवं एएणं गमएणं तिपएसोगाढे. हितो पोग्गलेहितो दुपएसोगाढा पोग्गला दव्वट्ठयाए विसेसाहिया जाव दसपए. सोगाहितो पोग्गलहितो णवपएसोगाढा पोग्गला दवट्ठयाए विसेसाहिया, Page #990 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 25 उ. 4 977 एएसि गं भंते ! दसपए० पुच्छा, गोयमा ! दसपएसोगाःहितो पोग्गलहितो संखेज्जपएसीगाढा पोग्गला दव्वट्टयाए बहुया, संखेज्जपएसोगाहितो पोग्ग. लेहितो असंखेज्जपएसोगाढा पोग्गला दन्वट्ठयाए बहुया, पुच्छा सव्वत्थ माणियया / एएसि गं भंते ! एगपएसोगाढाणं दुपएसोगाढाण य पोग्गलाणं पए. सट्टयाए कयरे 2 हितो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! एगपएसोगाढे. हितो पोग्गलहितो दुपएसोगाढा पोग्गला पएसट्टयाए विसेसाहिया, एवं जाव णवपएसोगाहिंतो पोग्गलहितो दसपएसोगाढा पोग्गला पएसट्टयाए विसे. साहिया, दसपएसोगाहितो पोग्गलेहितो संखेज्जपएसोगाढा पोग्गला पएस. ट्ठयाए बहुया, संखेज्जपएसोगाहिंतो पोग्गलेहितो असंखेज्जपएसोगाढा पोग्गला पएसट्टयाए बहुया / एएसि णं भंते ! एगसमयट्टिईयाणं दुसमयदिईयाण य पोग्गलाणं दवट्ठयाए जहा ओगाहणाए वत्तव्वया एवं ठिईएवि। एएसि गंभंते ! एगगुणकालयाणं दुगणकालयाण य पोग्गलाणं दवट्टयाए एएसि णं जहा पर. माणपोग्गलाईणं तहेव वत्तव्वया गिरवसेसा, एवं सम्वेसि वण्णगंधरसाणं। एएसि गं भंते ! एगगणकक्खडाणं दुगणकक्खडाण य पोग्गलाणं दव्वट्ठयाए कयरे 2 हितो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! एगगुणकक्ख.हितो पोग्गलेहितो दुगुणकक्खडा पोग्गला दव्वट्ठयाए विसेसाहिया, एवं जाव णवगुणकक्खडे. हितो पोग्गलहितो दसगुणकक्खडा पोग्गला दव्वट्ठयाए विसेसाहिया, दसगुणकक्खडेंहितो पोग्गलहितो संखेज्जगुणकक्खडा पोग्गला दव्वट्ठयाए बहुया, संखे. ज्जगणकक्खडेहितो पोग्गलेहितो असंखेज्जगणकक्खडा पोग्गला दवट्ठयाए बहुया, असंखेज्जगणकक्ख.हितो पोग्गलेहितो अणंतगुणकक्खडा पोग्गला दवट्ठ. याए बहुया, एवं पएसट्टयाए सव्वत्थ पुच्छा भाणियव्वा, जहा कक्खडा एवं मउयगरुयलहुयावि, सीयउसिणणिद्धलुक्खा जहा वण्णा // 736 // एएसि गं भंते ! परमाणुपोग्गलाणं संखेज्जपएसियाणं असंखेज्जपएसियाणं अणंतपएसि. याण य खंधाणं वग्वट्ठयाए पएसट्टयाए दव्वट्ठपएसट्टयाए कयरे 2 जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सम्वत्थोवा अणंतपएसिया खंधा दवट्टयाए, परमाणु. पोग्गला दव्वट्ठयाए अणंतगुणा, संखेज्जपएसिया खंधा दवट्टयाए संखेज्जगुणा, असंखेज्जपएसिया खंधा दव्वट्ठयाए असंखेज्जगुणा, पएसट्टयाए सव्वत्थोवा अणंतपएसिया खंधा पए सट्टयाए, परमाणपोग्गला अपएसट्टयाए अणंतगुणा, संखे. Page #991 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 978 अंग-पविट्ट सुत्ताणि ज्जपएसिया खंधा पएसट्टयाए संखेज्जगुणा, असंखेज्जपएसिया खंधा पएसट्ठयाए असंखेज्ज गुणा, दव्वटुपएसट्टयाए-सव्वत्थोवा अणंतपएसिया खंधा दव्वयाए ते चेव पएसट्टयाए अणंतगुणा, परमाणुपोग्गला दव्वट्ठ-पएसट्टयाए अगंतगुणा, संखेज्जपएसिया खंधा दवट्टयाए संखेज्जगणा ते चेव पएसट्टयाए संखेज्ज. गुणा असंखेज्जपएसिया खंधा दवढयाए असंखेज्जगुणा ते चेव पएसट्टयाए असंखे. ज्जगुणा। एएसि गं भंते ! एगपएसोगाढाणं संखेज्जपएसोगाढाणं असंखेज्जपए. सोगाढाण य पोग्गलाणं दव्वट्ठयाए पएसट्टयाए दवट्ठपएसट्टयाए कयरे 2 जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा! सव्वत्थोवा एगपएसोगाढा पोग्गला दवट्टयाए, संखे. ज्जपएसोगाढा पोग्गला दवट्टयाए संखेज्जगुणा, असंखेज्जपएसोगाढा पोग्गला दव्वट्ठयाए असंखेज्जगुणा,पएसट्टयाए सव्वत्थोवा एगपएसोगाढा पोग्गला अपएस. ट्ठयाए, संखेज्जपए सोगाढा पोग्गला पए सट्टयाए संखेज्जगुणा, असंखेज्जपएसोगाढा पोग्गला पएसट्टयाए असंखेज्जगुणा, दवटुपएसट्टयाए-सव्वत्योवा एगपएसो. गाढा पोग्गला दब्वट्ठअपएसट्टयाए, संखेज्जपएसोगाढा पोग्गला दवट्ठयाए संखे. ज्जगणा ते चेव पएसटूयाए संखेज्जगणा, असंखेज्जपएसोगाढा पोग्गला दव्व. टुयाए असंखेज्जगुणा ते चेव पए सट्टयाए असंखेज्जगुणा / एएसि णं भंते ! एगसमयट्टिईयाणं संखेज्जसमयढिईयाणं असंखेज्जसमयट्टिईयाण य पोग्गलाणं०? जहा ओगाहणाए तहा ठिईएवि भाणियव्वं अप्पाबहुगं / एएसि णं भंते ! एगगुणकालगाणं संखेज्जगुणकालगाणं असंखेज्जगुणकालगाणं अणंतगुणकालगाण य पोग्गलाणं दव्वट्ठयाए पएसट्टयाए दव्वट्ठपएसट्टयाए० एएसि जहा परमाणुपोग्गलाणं अप्पाबहुगं तहा एएसिपि अप्पाबहुगं, एवं सेसाणवि वणगंधरसाणं / एएसि णं भंते ! एगगुणकक्खडाणं संखेज्जगुणकक्खडाणं असंखेज्जगुणकवखडाणं अणंतगुणकक्खडाण य पोग्गलाणं दव्वट्ठयाए पएसट्टयाए दवट्ठपएसट्टयाए कयरे 2 जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सम्वत्थोवा एगगुणकक्खडा पोग्गला दवट्ठयाए, संखेज्जगुणकक्खडा पोग्गला दव्वट्ठयाए संखेज्ज. गणा, असंखेज्जगुणकक्खडा पोग्गला दव्वट्टयाए असंखेज्जगुणा, अणंतगुणकक्खडा पोग्गला दवट्टयाए अणंतगुणा, पएसट्टयाए एवं चेव णवरं संखेज्जगुण. कक्खडा पोग्गला पएसट्टयाए असंखेज्जगुणा सेसं तं चैव, दव्वटुपएसटु. याए सव्वत्थोवा एगगुणकक्खडा पोग्गला दवट्ठपएसट्टयाए, संखेज्जगणकक्खडा Page #992 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 25 उ. 4 979 पोग्गला दव्वट्ठयाए संखेज्जगुणा ते चेव पएसट्टयाए संखेज्जगुणा, असंखेज्जगुणकक्खडा पोग्गला दब्वट्ठयाए असंखेज्जगुणा ते चेव पएसट्टयाए असंखेज्जगुणा, मतगणकक्खडा पोग्गला दव्वट्ठयाए अणंतगुणा ते चेव पएसट्टयाए अणंतगुणा एवं मउयगरुयलहुयाणवि अप्पाबहुगं, सीयउसिणणिद्धलुक्खाणं जहा वण्णाणं तहेव // 740 // परमाणु पोग्गले णं भंते ! दव्वट्टयाए कि कडजुम्मे तेओए दावर. जुम्मे कलिओए ? गोयमा! णो कडजुम्मे णो तेओए णो दावरजुम्मे कलिओए, एवं जाव अणंतपएसिए खंधे। परमाणपोग्गलाणं भंते ! दवट्टयाए कि कडजुम्मा० पुच्छा, गोयमा! ओघादेसेणं सिय कडजम्मा जाव सिय कलिओगा, विहाणादेसेणं गो कडजुम्मा णो तेओगा णो दावरजुम्मा कलिओगा, एवं जाव अणंतपएसिया खंधा / परमाणपोग्गले गं मंते ! पएसट्टयाए कि कडजम्मे० पुच्छा, गोयमा ! णो कडजुम्मे णो तेओए णो दावरजुम्मे कलिओए। दुपएसिए पुच्छा, गोयमा ! णो कडजुम्मे णो तेओए दावरजुम्मे णो कलिओए, तिपएसिए पुच्छा, गोयमा ! पो कडज़म्मे तेओए णो दावरजुम्मे णो कलिओए / चउप्पएसिए पुच्छा, गोयमा | कडजुम्मे णो तेओए णो दावरजुम्मे पो कलिओए, पंचपएसिए जहा परमाणुपोग्गले, छप्पएसिए जहा दुप्पएसिए, सत्तपएसिए जहा तिपएसिए, अट्ठपएसिए जहा चउप्पएसिए, णवपएसिए जहा परमाणुपोग्गले, दसपएसिए जहा दुपएसिए / संखेज्जपएसिए गं भंते ! पोग्गले पुच्छा, गोयमा ! सिय कडजम्मे जाव सिय कलिओगे, एवं असंखेज्जपएसिएवि, एवं अणंतपएसिएवि / परमाणुपोग्गला गं भंते ! पएसट्टयाए कि कडजम्मा० पुच्छा, गोयमा ! भोघादेसेणं सिय कडजुम्मा जाव सिय कलिओगा, विहाणादेसेणं णो कडजुम्मा जो तेओगा णो दावरजम्मा कलिओगा। दुप्पएसियाणं पुच्छा, गोयमा ! ओघादेसेणं सिय कडजुम्मा णो तेओगा सिय दावरजुम्मा णो कलिओगा, विहाणादेसेणं णो कडजुम्मा णो तेओगा दावरजम्मा णो कलिओगा। तिपए. सियाणं पुच्छा, गोयमा.! ओघादेसेणं सिय कडजुम्मा जाव सिय कलिओगा, विहाणादेसेणं णो कडजम्मा तेओगा णो दावरजम्मा णो कलिओगा / चउप्पएसियाणं पुच्छा, गोयमा! ओघादेसेणवि विहाणादेसेणवि कडजम्मा णो तेओगा णो दावरजुम्मा णो कलिओगा, पंचपएसिया जहा परमाणुपोग्गला, छप्पएसिया जहा दुप्पएसिया, सत्तपएसिया जहा तिपएसिया, अट्ठपएसिया जहा चउप्पएसिया, णवपएसिया जहा परमाणुपोग्गला, दसपएसिया जहा दुपएसिया / Page #993 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 980 अंग-पविट सुत्ताणि संखेज्जपएसियाणं पुच्छा, गोयमा ! ओघादेसेणं सिय कडजुम्मा जाव सिय कलिओगा, विहाणादेसेणं कडजुम्मावि जाव कलिओगावि, एवं असंखेज्जपए. सियावि अणंतपएसियावि / परमाणुपोग्गले णं भंते ! किं कडजुम्मपएसोगाढे० पुच्छा, गोयमा ! णो कडजुम्मपएसोगाढे णो तेओग० णो दावरजुम्म० कलिओगपएसोगाढे / दुपएसिए णं पुच्छा, गोयमा ! णो कडजुम्मपएसोगाढे णो तेओग० सिय दावरजुम्मपएसोगाढे सिय कलिओगपएसोगाढे / तिपएसिए णं पुच्छा, गोयमा ! णो कडजुम्मपएसोगाढे सिय तेओगपएसोगाढे सिय दावरजुम्मपएसोगाढे सिय कलिओगपएसोगाढे 3 / चउप्पएसिए णं पुच्छा, गोयमा ! सिय कडजुम्मपएसोगाढे जाव सिय कलिओगपएसोगाढे 4, एवं जाव अणंतपएसिए / परमाणुपोग्गला गं भंते ! कि कडजम्मपएसोगाढा० पुच्छा, गोयमा ! ओघादेसेणं कडजम्मपएसोगाढा णो तेओग० णो दावर० णो कलि. ओग०, विहाणादेसेणं णो कडजुम्मपएसोगाढा णो तेओग० णो दावर० कलिओगपएसोगाढा / दुप्पएसियाणं पुच्छा, गोयमा ! ओघादेसेणं कडजुम्मपएसोगाढा णो तेओग० णो दावर० णो कलिओगपएसोगाढा, विहाणादेसेणं णो कडजुम्म. पएसोगाढा णो तेओगपएसोगाढा दावरजुम्मपएसोगाढावि कलिओगपएसो. गाढावि / तिप्पएसियाणं पुच्छा, गोयमा ! ओघादेसेणं कडजम्मपएसोगाढा णो णो तेओग० णो दावर० णो कलिओगपएसोगाढा, विहाणादेसेणं णो कडजुम्मपएसोगाढा तेओगपएसोगाढावि दावरजुम्मपएसोगाढावि कलिओगपएसोगाढावि 3 / चउप्पएसियाणं पुच्छा, गोयमा ! ओघादेसेणं कडजम्मपएसोगाढा णो तेओग० णो दावर० णो कलिओगपएसोगाढा, विहाणादेसेणं कडजुम्मपएसोगाढावि जाव कलिओगपएसोगाडावि एवं जाव अणंतपएसिया। परमाणु. पोग्गले णं भंते ! कि कडजम्मसमयट्टिईए० पुच्छा, गोयमा ! सिय कडजुम्म. समयट्टिईए जाव सिय कलिओगसमयदिईए, एवं जाव अणंतपएसिए / परमाण. पोग्गला गं भंते ! कि कडजुम्मसमयठिईया० पुच्छा, गोयमा ! ओघादेसेणं सिय कडजुम्मसमयदिईया जाव सिय कलिओगसमयदुिईया 4, विहाणादेसेणं कडजम्मसमयदिईयावि जाव कलिओगसमयट्रिईयावि 4, एवं जाव अणंतपएसिया / परमाणुपोग्गले णं भंते ! कालवण्णपज्जवेहि किं कडजुम्मे तेओगे? जहा ठिईए वत्तव्वया एवं वण्णेसुवि सम्वेसु गंधेसुवि एवं चेव, रसेसुवि जाव Page #994 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1 भगवई स. 25 उ. 4 981 महुगे रसोत्ति / अगंतपएसिए गं भंते ! खंधे कक्खडफासपज्जवेहि कि कड. जुम्मे० पुच्छा, गोयमा ! सिय कडजुम्मे जाव सिय कलिओगे। अगंतपएसिया गं भंते ! खंधा कक्खडफासपज्जवेहि किं कडजुम्मा० पुच्छा, गोयमा! ओघा. देसेणं सिय कडजुम्मा जाव सिय कलिओगा 4, विहाणादेसेणं कडजुम्मावि जाव कलिओगावि 4, एवं मउयगरुयलहुयावि भाणियव्वा, सीयउसिणणिद्धलक्खा जहा वण्णा // 741 // परमाणुपोग्गले गं भंते ! किं सड्ढे अणड्ढे ? गोयमा ! णो सड्ढे अणड्ढे / दुपएसिए णं पुच्छा, गोयमा ! सड्ढे णो अणड्ढे, तिपएसिए जहा परमाणुपोग्गले, चउप्पएसिए जहा दुपएसिए, पंचपएसिए जहा तिपएसिए, छप्पएसिए जहा दुपएसिए, सत्तपएसिए जहा तिपएसिए, अट्ठपएसिए जहा दुपएसिए, णवपएसिए जहा तिपएसिए, दसपएसिए जहा दुपएसिए / संखेज्जपएसिएं भंते ! खंधे-पृच्छा, गोयमा ! सिय सड्ढे सिय अणड्ढे एवं असंखेज्जपएसिएवि, एवं अणंत. पएसिए वि / परमाणुपोग्गला णं भंते ! कि सड्ढा अणड्ढा ? गोयमा ! सट्टा वा अणड्डा वा, एवं जाव अगंतपएसिया // 742 // परमाणुपोग्गले गं भंते ! कि सेए णिरेए ? गोयमा ! सिय सेए सिय णिरेए, एवं जाव अणंतपएसिए / परमाणपोग्गला गं भंते ! कि सेया णिरेया ? गोयमा ! सेयावि णिरेयावि, एवं जाव अगंतपएसिया। परमाणुपोग्गले गं भंते ! सेए कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहण्णेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं आवलियाए असंखेज्जइभागं / परमाणुपोग्गले गं भंते ! गिरेए कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहणेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं असंखेज्जं कालं, एवं जाव अणंतपएसिए / परमाणुपोग्गला गं भंते ! सेया कालओ केवच्चिरं होंति ? गोयमा! सव्वद्धं / परमाणपोग्गला गं भंते ! णिरेया कालओ केवच्चिरं होंति ? गोयमा ! सव्वद्धं, एवं जाव अणंतपएसिया। परमाणुपोग्गलस्स गं भंते ! सेयस्स केवइयं कालं अंतरं होइ ? गोयमा ! सट्टाणंतरं पडुच्च जहणेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं असखेज्जं कालं, परटाणंतरं पडुच्च जहण्णेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं असंखेज्ज कालं / णिरेयस्स केवइयं कालं अंतरं होइ ? गोयमा ! सट्टाणंतरं पडुच्च जहण्णेणं एक्कं समयं उक्कोणं आवलियाए असंखेज्जइमागं, परढाणंतरं पडुच्च जहण्णेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं असंखेज्जं कालं। दुपए. Page #995 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 982 अंग-पविट्ट सुत्ताणि सियस्स णं भंते ! खंधस्स सेयस्स पुच्छा, गोयमा ! सट्ठाणंतरं पडुच्च जहणेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं असंखेज्नं कालं, परट्ठाणंतरं पडुच्च जहणेणं एक्क समयं उक्कोसेणं अणंतकालं / णिरेयस्स केवइयं कालं अंतरं होइ ? गोयमा ! सट्टाणंतरं पडुच्च जहण्णेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं आवलियाए असंखेज्जइभागं परढाणंतरं पडुच्च जहण्णेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं अणंतं कालं, एवं जाव भणंतपएसियस्स / परमाणुपोग्गलाणं भते ! सेयाणं केवइयं कालं अंतर होइ ? गोयमा ! णस्थि अंतरं / णिरेयाणं केवइयं कालं अंतर होइ ? गोयमा ! णत्यि भंतरं, एवं जाव अणंतपएसियाणं खंधाणं / एएसि गं भंते / परमाणुपोग्गलाणं सेयाणं णिरेयाण य कयरे 2 हितो जाव विसेसाहिया वा? गोयमा ! सम्वत्थोवा परमाणुपोग्गला सेया, णिरेया असंखेज्जगुणा एवं जाव असंखेज्जपएसियाणं खंधाणं / एएसि णं भंते ! अणंतपएसियाणं खधाणं सेयाणं णिरेयाण य कयरे 2 नाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा अणंतपएसिया खंधा णिरेया, सेया अणंतगुणा। एएसि णं भंते ! परमाणपोग्गलाणं संखेज्जपएसियाणं असंखेज्ज. पएसियाणं अणंतपएसियाण य खंधाणं सेयाणं णिरेयाण य दवट्ठयाए पएसट्टयाए दव्वटुपएसट्टयाए कयरे 2 जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवाअणंतपएसिया खंधा णि रेया दव्वट्टयाए 1, अणंतपएसिया खंधा सेया दवट्टयाए अणंतगुणा 2, परमाणुपोग्गला सेया दव्वट्टयाए अणंतगणा 3, संखेज्जपएसिया खंधा सेया दवट्टयाए असंखेज्जगुणा 4, असंखेज्जपएसिया खंधा सेया दवटुयाए असंखेज्जगुणा 5, परमाणुपोग्गला णिरेया दवट्टयाए असंखेज्जगुणा 6, संखेज्जपएसिया खंधा णिरेया दवट्टयाए संखेज्जगुणा 7, असंखेज्जपएसिया खंधा णिरेया दव्वट्ठयाए असंखेज्जगुणा 8, पएसट्टयाए एवं चेव णवरं परमाणु. पोग्गला अपएसट्टयाए भाणियव्वा, संखेज्जपएसिया खंधा णिरेया पए सट्टयाए असंखेज्जगुणा सेसं तं चेव, दव्वटुपएसट्टयाए-सव्वत्थोवा अणंतपएसिया खंधा णिरेया दव्वट्ठयाए 1, ते चेव पएसट्टयाए अणंतगुणा 2, अणंतपएसिया खंधा सेया दव्वट्ठयाए अणंतगुणा 3, ते चेव पएसट्टयाए अणंतगुणा 4, परमाणुपोग्गला सेया दव्वट्ठ-अपए सट्टयाए अणंतगुणा 5, संखेज्जपएसिया खंधा सेया दव्वट्ठयाए. असंखेज्जगुणा 6, ते चेव पएसट्टयाए असंखेज्जगुणा 7, असंखेज्जपएसिया खंधा सेया दव्वट्ठयाए असंखेज्जगुणा 8, ते चेव पएसट्टयाए असंखेज्जगुणा , परमाणु. Page #996 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 25 उ. 4 983 पोग्गला णिरेया दव्वट्ठयाए अपएसट्टयाए असंखेज्जगुणा 10, संखेज्जपएसिया खंधा णिरेया दवट्ठयाए असंखेज्जगुणा ११,ते चेव पएसट्टयाए असंखेज्जगुणा 12, असंखेज्जपएसिया खंधा णिरेया दवट्ठयाए असंखेज्जगुणा 13, ते चेव पएसट्ठः याए असंखेज्जगणा 14 / परमाणपोग्गले गं भंते ! कि देसेए सव्वेए णिरेए ? गोयमा ! णो देसेए सिय सव्वेए सिय णिरेए / दुपए सिए गं भंते ! खंधे पुच्छा, गोयमा ! सिय देसेए सिय सव्वेए सिय णिरेए, एवं जाव अणंतपएसिए / परमाणपोग्गला गं भंते ! कि देसेया सव्वेया णिरेया ? गोयमा ! णो देसेया सव्वे. यावि णिरेयावि / दुपएसिया गं भंते ! खंधा पुच्छा, गोयमा ! देसेयावि सव्वे. यावि णिरेयावि, एवं जाव अगंतपएसिया / परमाणुपोग्गले गं भंते ! सव्वेए कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहण्णेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं आवलि. याए असंखेज्जइभागं / णिरेए कालओ केवच्चिर होइ ? गोयमा ! जहण्णेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं असंखेज्जं कालं / दुपएसिए गं भंते ! खंधे देसेए कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहण्णेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं आवलियाए असंखेज्जहभागं / सम्वेए कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा / जहण्णेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं आवलियाए असंखेज्जइमागं / णिरेए कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहणेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं असंखेज्ज कालं, एवं जाव अणंतपएसिए / परमाणपोग्गला णं भंते ! सम्वेया कालओ केवच्चिरं होंति! गोयमा ! सम्वद्धं / णिरेया कालओ केवच्चिरं होंति ? गोयमा ! सव्वद्धं / दुप्पएसिया णं भंते ! खंधा देसेया कालओ केवच्चिरं होंति ? गोयमा! सव्वद्धं / सम्वेया कालओ केवच्चिरं होंति ? सव्वद्धं / णिरेया कालओ केवच्चिरं होंति ? सम्वद्धं, एवं जाव अणंतपएसिया। परमाणुपोग्गलस्स गं भंते ! सव्वेयस्स केवइयं कालं अंतरं होइ ? गोयमा ! सट्टाणंतरं पडुच्च जहण्णेणं एक्कं समयं उकोसेणं असंखेज्ज कालं, परटाणंतरं पडुच्च जहण्णेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं एवं चेव / णिरेयस्स केवइयं कालं अंतरं होइ ? सटाणंतरं पडुच्च जहण्णेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं आवलियाए असंखेज्जइभागं, परट्ठाणंतरं पड़च्च जहणेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं असंखेज्जं कालं / दुपएसियस्स गं भंते ! खंधस्स देसेयस्स केवइयं कालं अंतरं होइ ? गोयमा ! सट्ठाणंतरं पडुच्च नहणेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं असंखेज्ज कालं, परढाणंतरं पडुच्च जहण्णेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं अणतं कालं / सव्वेयस्स केवइयं कालं० ?एवं चेव जहा Page #997 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 984 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि देसेयस्स / णिरेयस्स केवइयं कालं० ? सटाणंतरं पडुच्च जहणेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं आवलियाए असंखेज्जइभागं, परट्ठाणंतरं पडुच्च जहण्णणं एक्कं समयं उकोसेणं अणंत कालं, एवं जाव अणंतपएसियस्स / परमाणपोग्गलाणं भंते ! सम्वेयाणं केवइयं कालं अंतरं होइ ? गोयमा ! त्थि अंतरं / णिरेयाणं केव. इयं० ? णस्थि अंतरं। दुपएसियाणं भंते ! खंधाणं देसेयाणं केवइयं कालं० ? पत्थि अंतरं / सम्वेयाणं केवइयं काल?णत्थि अंतरं। णिरेयाणं केवइयं काल? पत्थि अंतरं, एवं जाव अणंतपएसियाणं। एएसि णं भंते ! परमाणपोग्गलाण सम्वेयाणं णि रेयाग य कयरे 2 जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा परमाणपोग्गला सव्वेया, णिरेया असंखेज्जगुणा / एएसि गं भंते ! दुपए सि. याणं खंधाणं देसेयाणं सव्वेयाणं णिरेयाण य कयरे 2 जाव विसेसाहिया वा? गोयमा ! सव्वत्थोवा दुपएसिया खंधा सव्वेया, देसेया असंखेज्जगुणा, गिरेया असंखेज्जगुणा, एवं जाव असंखेज्जपएसियाणं खंधाणं / एएसि णं भते ! अणंत. पएसियाणं खंधाण देसेयाणं सव्वेयाणं णिरेयाण य कयरे 2 जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा अणंतपएसिया खंधा सध्वेया, णिरेया अणंतगुणा, देसेया अणंतगुणा / एएसि णं भंते ! परमाणुपोग्गलाणं संखेज्जपएसियाणं असंखेज्जपएसियाणं अणंतपएसियाण य खंधाणं देसेयाणं सव्वेयाणं णिरेयाणं दव्वयाए पएसट्टयाए दव्वटुपएसट्टयाए कयरे 2 जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा अणंतपएसिया खंधा सव्वेया दवट्ठयाए 1, अणंतपएसिया खंधा णिरेया दवट्ठयाए अणंतगुणा 2, अणंतपएसिया खंधा देसेया दव्वट्टयाए अणंतगुणा 3, असंखेज्जपएसिया खंधा सव्वेया दव्वट्ठयाए असंखेज्ज. गुणा 4, संखेज्जपएसिया खंधा सम्वेया दवट्ठयाए असंखेज्जगुणा 5 परमाणु. पोग्गलासम्वेया दवट्टयाए असंखेज्जगुणा 6, संखेज्जपएसिया खंधा देसेया दव्व. याए असंखेज्जगुणा 7, असंखेज्जपए सिया खंधा देसेया दव्वट्ठयाए असंखे. ज्जगुणा 8, परमाणु पोग्गला णिरेया दवट्ठयाए असंखेज्जगूगा 6, संखेज्जपएसिया खंधा णिरेया दव्वट्ठयाए संखेज्जगुणा 10, असंखेज्जपएसिया खंधा णिरेया दवट्ठयाए असंखेज्जगुणा 11, पएसट्टयाए-सव्वत्थोवा अणंतपए. सिया एवं पएसटुयाएवि णवरं परमाणुपोग्गला अपएसट्टयाए भाणियव्वा, संखेज्जपएसिया खंधा णिरेया पएसट्टयाए असंखेज्जगुणा. सेसं तं चेव, Page #998 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 25 उ. 5 985 दव्वटुपएसट्टयाए-सव्वत्थोवा अणंतपएसिया खंधा सम्वेया दव्वट्ठयाए 1, ते चेव पएसट्टयाए अणंतगुणा 2 अणंतपएसिया खंधा णिरेया दव्वट्ठयाए अणंतगुणा 3, ते चेव पएसट्टयाए अणंतगुणा 4, अणंतपएसिया खंधा देसेया दवट्टयाए अणंतगुणा 5, ते चेव पएसट्टयाए अणंतगुणा 6, असंखेज्जपएसिया खंधा सम्वेया दव्वट्ठयाए अणंतगणा 7, ते चेव पएसट्टयाए असंखेज्जगणा 8, संखेज्जपएसिया खंधा सम्वेया दव्वट्ठयाए असंखेज्जगुणा 6, ते चेव पएसट्टयाए असंखेज्जगुणा 10, परमाणुपोग्गला सव्वेया दव्वट्ठअपएसट्टयाए असंखेज्जगुणा 11, संखेज्जपएसिया खंधा देसेया दवट्ठयाए असंखेज्जगुणा 12, ते चेव पएसट्टयाए असंखेज्जगुणा 13, असंखेज्जपएसिया खंधा देसेया दव्वट्ठयाए असंखेज्जगुणा 14, ते चेव पएस. ट्ठयाए असंखेज्जगुणा 15, परमाणुपोग्गला णिरेया दव्वट्ठअपएट्टयाए असंखेज्जगुणा 16, संखेज्जपएसिया खंधा गिरेया दवट्ठयाए संखेज्जगुणा 17, ते चेव पएसट्टयाए संखेज्जगुणा 18, असंखेज्जपएसिया णिरेया दवट्ठयाए असंखेज्जगणा 16, ते चेव पएसट्टयाए असंखेज्जगुणा 20 // 743 // कइ णं भंते ! धम्मस्थिकायस्स. मज्झपएसा प० ? गोयमा ! अट्ट धम्मस्थिका. यस्स मज्झपएसा प० / कइ णं भंते ! अहम्मस्थिकायस्स मज्झपएसा प० ? गोयमा! एवं चेव, कइ णं भंते ! आगासत्थिकायस्स मज्झपएसा प० ? एवं चेव / कइ गं भंते ! जीवस्थिकायस्स मज्झपएसा प० ? गोयमा ! अट्ठ जीवत्थिकायस्स मज्झपएसा प० / एए गं भंते ! अट्ठ जीवस्थिकायस्स मज्झ. पएसा कइसु आगासपएसेसु ओगाहंति ? गोयमा ! जहण्णणं एक्कंसि वा दोहि वा तिहि वा चउहि वा पंचहि वा छहि वा उक्कोसेणं अट्ठसु, णो चेव गं सत्तसु / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 744 // - पंचवीसइमं सयं पंचमो उद्देसो कइविहा णं भंते ! पज्जवा पण्णता ? गोयमा ! दुविहा पज्जवा 50, तं०-जीवपज्जवा य अजीवपज्जवा य, पज्जवपयं णिरवसेसं भाणियव्वं जहा पण्णवणाए // 745 // आवलियाणं भंते ! कि संखेज्जा समया असंखेज्जा समया अणंता समया ? गोयमा ! णो संखेज्जा समया असंखेज्जा समया णो अणंता समया। आणापाणुणं भंते ! किं संखेज्जा० ? एवं चेव / थोवे गं Page #999 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 986 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि भंते ! कि संखेज्जा० ? एवं चेव एवं लवेवि मुहुत्तेवि, एवं अहोरत्तेवि, एवं पक्खे मासे उऊ अयणे संवच्छरे जुगे वाससए वाससहस्से वाससयहस्से पुग्वंगे पुव्वे तुडियंगे तुडिए अडडंगे अडडे अववंगे अववे हहुअंगे हहए उप्पलंगे उप्पले पउमंगे पउमे णलिणंगे लिणे अच्छिणि पूरंगे अच्छिणिपूरे अउयंगे अउए णउयंगे णउए पउयंगे पउए चुलियंगे चुलिए सीसपहेलियंगे सीसपहेलिया पलिओवमे सागरोवमे ओसप्पिणी एवं उस्सप्पिणीवि / पोग्गलपरियट्टे णं भंते ! कि संखेज्जा समया असंखेज्जा समया अणंता समया ? गोयमा ! णो संखेज्जा समया णो असंखेज्जा समया अणंता समया, एवं तीयद्धा अणागयद्धा सव्वद्धा / आवलियाओ पं. भंते ! कि संखेज्जा समया० पुच्छा, गोयमा! णो संखेज्जा समया सिय असंखेज्जा समया सिय अणंता समया। आणापाणणं भंते ! कि संखेज्जा समया० पुच्छा, एवं चेव, थोवाणं भंते ! कि संखेज्जा समया 3 ?एवं चेव एवं जाव ओस्सप्पिणीओत्ति। पोग्गलपरियाणं भंते ! कि संखेज्जा समया० पुच्छा, गोयमा ! णो संखेज्जा समया णो असंखेज्जा समया अणंता समया / आणापाणणं भंते ! कि. संखेज्जाओ आवलियाओ० पुच्छा, गोयमा! संखेज्जाओ आवलियाओ णो असंखेज्जाओ आवलियाओ णो अणंताओ आवलियाओ, एवं थोवेवि, एवं जाव सीसप्पहेलियत्ति। पलिओवमे णं भंते ! कि संखेज्जा० पुच्छा, गोयमा ! णो संखेज्जाओ आवलियाओ असंखेज्जाओ आवलियाओ णो अणंताओ. आवलियाओ, एवं सागरोवमेवि, एवं ओसप्पिणीवि उस्सप्पिणीवि / पोग्गलपरियट्टे पुच्छा, गोयमा ! णो संखेज्जाओ आवलियाओ णो असंखेज्जाओ आवलियाओ अणंताओ आवलियाओ, एवं जाव सव्वद्धा। आणापाणणं भंते ! कि संखेज्जाओ आवलियाओ० पुच्छा, गोयमा ! सिय संखेज्जाओ आवलियाओ सिय असंखेज्जाओ सिय अणंताओ, एवं जाव सीसप्पहेलियाओ, पलिओवमाणं पुच्छा, गोयमा ! णो संखेज्जाओ आवलियाओ सिय असंखेज्जाओ आवलियाओ सिय अणंताओ आवलियाओ, एवं जाव उस्सप्पिणी. ओत्ति / पोग्गलपरियट्टाणं पुच्छा, गोयमा ! णो संखेज्जाओ आवलियाओ णो असंखेज्जाओ आवलियाओ अणंताओ आवलियाओ। थोवे गं भंते ! कि संखेज्जाओ आणापाणूओ असंखेज्जाओ जहा आवलियाए वतन्वया एवं आणा. पाणूओवि गिरवसेसा, एवं एएणं गमएणं जाव सीसप्पहेलिया भाणियव्वा / सागरोवमे णं भंते ! किं संखेज्जा पलिओवमा० पुच्छा, गोयमा ! संखेज्जा पलि. Page #1000 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 25 उ. 5 987 मोवमा णो असंखेज्जा पलिओवमा णो अणंता पलिओवमा, एवं ओसप्पिणीएवि उस्सप्पिणीएवि / पोग्गलपरियट्टे गं-पुच्छा, गोयमा ! गो संखेज्जा पलिओवमा जो असंखेज्जा पलिओवमा अणंता पलिओवमा, एवं जाव सव्वद्धा। सागरोयमाणं भंते ! कि संखेज्जा पलिओवमा० पुच्छा, गोयमा ! सिय संखेज्जा पलिओवमा सिय असंखेज्जा पलिओवमा सिय अणंता पलिओवमा, एवं जाव ओसप्पिणीवि उस्सप्पिणीवि / पोग्गलपरियट्टाणं पुच्छा, गोयमा ! णो संखेज्जा पलिओवमा णो असंखेज्जा पलिओवमा अणंता पलिओवमा। ओसप्पिणी णं मंते ! कि संखेज्जा सागरोवमा जहा पलिओवमस्स वत्तव्वया तहा सागरो. वमस्सवि / पोग्गलपरियट्टे णं भते ! कि संखेज्जाओ ओसप्पिणिउस्सप्पि. जीओ० पुच्छा, गोयमा ! णो संखेज्जाओ ओसप्पिणिउस्सप्पिणीओ णो असंखेज्जाओ अणंताओ ओसप्पिणिउस्सप्पिणीओ, एवं जाव सव्वद्धा / पोग्गल. परियट्टाणं भंते ! कि संखेज्जाओ ओसप्पिणिउस्सप्पिणीओ० पुच्छा, गोयमा ! णो संखेज्जाओ ओसप्पिणिउस्सप्पिणीओ णो असंखेज्जाओ अणंताओ ओसप्पिणिउस्सप्पिणीओ / तीयद्वाणं भंते ! कि संखेज्जा पोग्गलपरियट्टा. पुच्छा, गोयमा ! णो संखेज्जा पोग्गलपरियट्टा णो असंखेज्जा अणंता पोग्गलपरियट्टा, एवं अणागयतावि, एवं सव्वद्धावि // 746 // अणागयताणं भंते ! कि संखेज्जाओ तीयवाओ असंखेज्जाओ. अणंताओ० ? गोयमा ! णो संखेज्जाओ तीयद्धाओ जो असंखेज्जाओ तीयद्धाओ णो अणंताओ तीयद्धाओ, अणागयद्धा णं तीयद्धाओ समयाहिया, तीयता णं अणागयद्धाओ समयऊणा / सम्वद्धाणं भंते ! कि संखेज्जाओ० पुच्छा, गोयमा ! णो संखेज्जाओ तीयवाओ णो असंखेज्जाओ तीयद्धाओ णो अणंताओ तीयद्धाओ, सम्वद्धा णं तीयद्धाओ साइरेगदुगुणा तीयद्धा णं सव्वद्धाओ थोवूणए अद्धे / सव्वद्धाणं मंते ! कि संखेज्जाओ अणागयद्धाओ० पुच्छा, गोयमा ! णो संखेज्जाओ अणागय. बाओ णो असंखेज्जाओ अणागयखाओ णो अणंताओ अणागयद्धाओ, सम्वद्धा णं अणागयद्धाओ थोखूणगदुगुणा अणागयद्धा णं सव्वद्धाओ साइरेगे अद्धे / / 747 // कइ विहा णं भंते ! णिओया प०? गोयमा! दुविहा णिओया प०, तं०-णिओयाय णिओयजीवा य / णिओया णं भंते ! कइविहा प०? गोयमा ! दुविहा 50, तंजहा-सुहमणिओया य बायरणिओया य, एवं णिओया भाणियन्वा जहा Page #1001 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 988 अंग-पविटु सुत्ताणि जीवाभिगमे तहेव णिरवसेसं // 748 // कइविहे णं भंते ! णामे पणत्ते ? गोयमा ! छविहे णामे पण्णते, तंजहा-उदइए जाव सण्णिवाइए / से कि तं उदइए णामे ? उदइए णामे दुविहे प०, तं०-उदइए य उदयणिप्फण्णे य, एवं जहा सत्तरसमसए पढमे उद्देसए भावो तहेव इहवि, णवरं इमं णामणाणतं, सेसं तहेव जाव सण्णिवाइए / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 746 // पंचवीसइमं सयं छठ्ठो उद्देसो पण्णव 1 वेय 2 रागे 3 कप्प 4 चरित्त 5 पडिसेवणा 6 णाणे 7 / तित्थे 8 लिंग : सरीरे 10 खेत्ते 11 काले 12 गइ 13 संजम 14 णिगासे 15 // 1 // जोग 16 वओग 17 कसाए 18 लेसा 16 परिणाम 20 बंध 21 वेदे य 22 / कम्मोदीरण 23 उवसंपजहण्ण 24 सण्णा य 25 आहारे 26 // 2 // भव 27 आगरिसे 28 कालं 26 तरे य 30 समुग्धाय 31 खेत 32 फुसणा य 33 / भावे 34 परिमाणे 35 विय अप्पाबहुयं 36 णियंठाणं 37 // 3 // रायगिहे जाव एवं वयासी-कइ णं भंते ! णियंठा पण्णता ? गोयमा ! पंच णियंठा प०, तं०-पुलाए बउसे कुसीले णियंठे सिपाए / पुलाए णं भंते ! कइ. विहे पण्णत्ते ? गोयमा ! पंचविहे प०, तं०-णाणपुलाए दंसणपुलाए चरित्त. पुलाए लिंगपुलाए अहासुहुमपुलाए णामं पंचमे / बउसे णं भंते ! कइविहे प०? गोयमा ! पंचविहे प०, तं०-आभोगबउसे अणाभोगब उसे संवुडबउसे असंवुडबउसे अहासुहुमबउसे णामं पंचमे / कुसीले णं भंते ! कइविहे प० ? गोयमा ! दुविहे प०, तं०-पडिसेवणाकुसीले य, कसायकुसीले य / पडिसेवणाकुसीले णं भंते ! कइविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! पंचविहे प०, तं०-णाणपडिसेवणाकूसीले दसणपडिसेवणाकुसीले चरित्तपडिसेवणाकुसीले लिगपडिसेवणाकुसीले अहासुहम. पडिसेवणाकुसीले णामं पंचमे। कसायकुसीले ण भंते ! कइविहे पण्णत्ते गोयमा ! पंचविहे प०, तं-णाणकसायकुसीले दसणकसायकुसीले चरित्तकसायकुसीले लिंगकसायकुसीले अहासुहमकसायकुसीले णामं पंचमे / णियंठे गं भंते ! कइ. विहे प० ? गोयमा! पंचविहे प०, तंजहा-पढमसमयणियंठे अपढमसमयणियंठे चरिमसमयणियंठे अचरिमसमयणियंठे अहासुहमणियंठे णामं पंचमे / सिणाए गं भंते ! कइविहे प० ? गोयमा ! पंचविहे प०, तं०-अच्छवी 1, असबले 2, Page #1002 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 989 भगवई स. 25 उ. 6 अकम्मंसे 3, संसुद्धणाणदंसणधरे अरहा जिणे केवली 4, अपरिस्सावी // 1 // पुलाए गं भंते ! कि सवेयए होज्जा अवेयए होज्जा? गोयमा ! सवेयए होज्जा णो अवेयए होज्जा। जइ सवेयए होज्जा कि इत्थिवेयए होज्जा पुरिसवेयए होज्जा पुरिसंणपुंसगवेयए होज्जा? गोयमा ! णो इत्थिवेयए होज्जा पुरिसवेयए होज्जा पुरिसणसगवेयए वा होज्जा। बउसे गं भंते ! कि सवेयए होज्जा अवेयए होज्जा ? गोयमा ! सवेयए होज्जा णो अवेयए होज्जा, जइ सवेयए होज्जा कि इस्थिवेयए होज्जा परिसवेयए होज्जा पुरिसणपंसगवेयए होज्जा? गोयमा ! इथिवेयए वा होज्जा पुरिसवेयए वा होज्जा पुरिसणपुंसगवेयए वा होज्जा, एवं पडिसेवणाकुसीलेवि / कसायकुसीले गं भंते ! कि सवेयए होज्जा० पुच्छा, गोयमा ! सवेयए वा होज्जा अवेयए वा होज्जा। जइ अवेयए होज्जा कि उवसंतवेयए होज्जा खीणवेयए होज्जा ? गोयमा ! उवसंतवेयए वा होज्जा खीणवेयए वा होज्जा, जइ सवेयए होज्जा कि इथिवेयए होज्जा. पुच्छा, गोयमा ! तिसुवि जहा बउसो। णियंठे गं भंते ! कि सवेयए० पुच्छा, गोयमा! णो सवेयए होज्जा अवेयए. होज्जा / जइ अवेयए होज्जा कि उवसंत पुच्छा, गोयमा ! उवसंतवेयए वा होज्जा खीणवेयए वा होज्जा / सिणाए गं भंते ! कि सवेयए होज्जा० ? जहा णियंठे तहा सिणाएवि, णवरं णो उवसंतवेयए होज्जा खीणवेयए होज्जा 2 // 750 // पुलाए गं. भंते ! कि सरागे होज्जा वीयरागे होज्जा ? गोयमा ! सरागे होज्जा णो वीयरागे होज्जा, एवं जाव कसायकुसीले / णियंठे गं मंते ! किं सरागे होज्जा० पुच्छा, गोयमा ! णो सरागे होज्जा वीयरागे होज्जा। जइ वीयरागे होज्जा कि उवसंतकसायवीयरागे होज्जा खीणकसायवीयरागे होज्जा ? गोयमा ! उवसंतकसायवीयरागे वा होज्जा खीणकसायवीयरागे वा होज्जा, सिणाए एवं चेव, णवरं णो उवसंतकसायवीय. रागे होज्जा खीणकसायवीयरागे होज्जा 3 // 751 // पुलाए गं भंते ! कि ठियकप्पे होज्जा अट्ठियकप्पे होज्जा ? गोयमा ! ठियकप्पे वा होज्जा अट्ठियकप्पे वा होज्जा, एवं जाव सिणाए / पुलाए गं भंते ! कि जिणकप्पे होज्जा थेरकप्पे होज्जा कप्पाईए होज्जा ? गोयमा ! णो जिणकप्पे होज्जा थेरकप्पे होज्जा. णो कप्पाईए होज्जा / बउसे गं--पुच्छा, गोयमा ! जिणकप्पे वा होज्जा थेरकप्पे वा होज्जा णो कप्पाईए होज्जा, एवं पडिसेवणाकुसीलेवि। कसायकुसीले गं पुच्छा, गोयमा ! जिणकप्पे वा होज्जा थेरकप्पे वा होज्जा Page #1003 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंग-पविट्ठ सुत्ताणि कप्पाईए वा होज्जा / णियंठे णं पुच्छा, गोयमा ! णो जिणकप्पे होज्जा णो येरकप्पे होज्जा कप्पाईए होज्जा, एवं सिणाएवि 4 // 752 / / पुलाए गं मंते ! कि सामाइयसंजमे होज्जा छेओवट्ठावणियसंजमे होज्जा परिहारविसुद्धियसंजमे होज्जा सुहुमसंपरायसंजमे होज्जा अहक्खायसंजमे होज्जा ? गोयमा ! सामाइयसंजमे वा होज्जा छेओवट्ठावणियसंजमे वा होज्जा णो परिहारविसुद्धियसंजमे होज्जा णो सुहमसंपरायसंजमे होज्जा णो अहक्खायसंजमे होज्जा, एवं बउसेवि, एवं पडिसेवणाकुसीलेवि / कसायकुसीले गं पुच्छा, गोयमा ! सामाः इयसंजमे वा होज्जा जाव सुहुमसंपरायसंजमे वा होज्जा णो अहक्खायसंजमे होज्जा / णियंठे णं पुच्छा, गोयमा ! णो सामाइयसंजमे होज्जा जाव णो सुहुमसंपरायसंजमे होज्जा अहक्खायसंजमे होज्जा, एवं सिणाएवि 5 // 783 // पुलाए णं भंते ! कि पडिसेवए होज्जा, अपडिसेवए होज्जा ? गोयमा ! पडिसेवए होज्जा णो अपडिसेवए होज्जा। जइ पडिसेवए होज्जा कि मूलगुणपडिसेवए होज्जा उत्तरगणपडिसेवए होज्जा ? गोयमा ! मलगणपडिसेवए वा होज्जा उत्तरगुणपडिसेवए वा होज्जा, मूलगुणपडिसेवमाणे पंचण्हं आसवाणं भण्णयरं पडिसेवेज्जा, उत्तरगुणपडिसेवमाणे दसविहस्स पच्चक्खाणस्स अण्णपरं पडिसेवेज्जा / बउसे णं पुच्छा, गोयमा ! पडिसेवए होज्जा णो अपडि. सेवए होज्जा / जइ पडिसेवए होज्जा कि मूलगुणपडिसेवए होज्जा उत्तरगुण. पडिसेवए होज्जा ? गोयमा ! णो मूलगुणपडिसेवए होज्जा उत्तरगुणपडिसेवए होज्जा, उत्तरगणपडिसेवमाणे दसविहस्स पच्चक्खाणस्स अण्णयरं पडिसेवेज्जा, पडिसेवणाकुसीले जहा पुलाए / कसायकुसीले णं पुच्छा, गोयमा ! णो पडि. सेवए होज्जा अपडिसेवए होज्जा, एवं णियंठेवि, एवं सिणाएवि 6 // 754 // पुलाए णं भंते ! कइसु णाणेसु होज्जा ? गोयमा ! दोसु वा तितु वा होज्जा, दोसु होमाणे दोसु आभिणिबोहियणाणे सुअणाणे होज्जा, तिसु होमाणे तिसु आभिणिबोहियणाणे सुयणाणे ओहिणाणे होज्जा, एवं बउसेवि, एवं पडिसेवणाकुसीलेवि / कसायकुसीले गं पुच्छा, गोयमा ! दोसु वा तिसु वा चउसु वा होज्जा, दोसु होमाणे दोसु आभिणिबोहियणाणे सुयणाणे होज्जा, तिसु होमाणे तिसु आभिणिबोहियणाणसुयणाणओहिणाणेसु होज्जा अहवा तिसु होमाणे आमिणिबोहियणाणसुयणाणमणपज्जवणाणेसु होज्जा, चउसु होमाणे Page #1004 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 25 उ.६ 991 चउसु आभिणिबोहियणाणसुयणाणओहिणाणमणपज्जवणाणेसु होज्जा,एवं णियं. ठेवि / सिणाए पुच्छा, गोयमा! एगमि केवलणाणे होज्जा // 755 // पुलाए गं भंते ! केवइयं सुयं अहिज्जेज्जा ? गोयमा ! जहणणं णवमस्स पुवस्स तइये आयारवत्थं, उक्कोसेणं णव पुवाइं अहिज्जेज्जा / बउसे-पुच्छा, गोयमा ! जहणणं अट्ठ पवयणमायाओ उक्कोसेणं दस पुवाई अहिज्जेज्जा। एवं पडिसेवणाकुसीलेवि / कसायकुमीले गं पुच्छा, गोयमा ! जहण्णेणं अट्ठ पवयणमायाओ उक्कोसेणं चउद्दस पुब्वाइं अहिज्जेज्जा, एवं णियंठेवि / सिणाए गं पुच्छा, गोयमा | सुयवइरित होज्जा 7 // 756 // पुलाए गं भंते ! कि तित्थे होउजा अतित्थे होज्जा ? गोयमा ! तित्थे होज्जा णो अतित्थे होज्जा, एवं बउसेवि, एवं पढिसेवणाकुसीलेवि / कसायकुसीले पुच्छा, गोयमा! तित्थे वा होज्जा अतित्थे वा होज्जा। ज़ह अतित्थे होज्जा किं तित्थयरे होज्जा पत्तेय. बुद्धे होज्जा? गोयमा! तित्थयरे वा होज्जा पत्तेयबुद्धे वा होज्जा, एवं णियंठेवि, एवं सिणाएवि 8 // 757 // पुलाए गं भंते ! कि सलिंगे होज्जा अण्णलिगे होज्जा गिहिलिगे होज्जा ? गोयमा ! दलिगं पड़च्च सलिगे वा होज्जा अण्णलिंगे वा होज्जा गिहिलिगे वा होज्जा, भावलिगं पडुच्च णियमा सलिगे होज्जा, एवं जाव सिणाए 6 // 758 / पुलाए गं भंते ! कइसु सरीरेसु होज्जा? गोयमा! तिसु ओरालियतेयाकम्मएसु होज्जा / बउसे गं भंते ! पुच्छा, गोयमा ! तिसु वा चउसु वा होज्जा, तिसु होमाणे तिसु ओरालियतेयाकम्मए सु होज्जा, चउसु होमाणे चउसु ओरालियवेउब्वियसेयाकम्मएसु होज्जा, एवं पडिसेवणा. कुसीलेवि / कसायकुसीले पुच्छा, गोयमा ! तिसु वा चउसु वा पंचसु वा होज्जा, तिसु होमाणे तिसु ओरालियतेयाकम्मएसु होज्जा, चउसु होमाणे चउसु ओरालियवे उब्वियतेयाकम्मएसु होज्जा, पंचसु होमाणे पंचसु ओरालियवेउब्वियआहारगतेयाकम्मएसु होज्जा, णियंठो सिणाओ य जहा पुलाओ // 10 // 756 // पुलाए णं भते | कि कम्मभूमीए होज्जा अकम्मभूमीए होज्जा ? गोयमा ! जम्मणसंतिमावं पडुच्च कम्मभूमीए होज्जा णो अकम्मभूमीए होज्जा / बउसे गं पुच्छा, गोयमा ! जम्मणसंतिभावं पडुच्च कम्मभूमीए होज्जा. णो अकम्मभूमीए होज्जा, साहरणं पडुच्च कम्मभूमीए वा होज्जा अकम्मभूमीए वा होज्जा, एवं जाव सिणाए // 11 // 760 // Page #1005 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 992 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि पुलाए णं भंते ! कि ओसप्पिणिकाले होज्जा उस्सप्पिणिकाले होज्जा गोओसप्पि. णिणोउस्सप्पिणि काले वा होज्जा? गोयमा! ओसप्पिणिकाले वा होज्जा उस्स. प्पिणिकाले वा होज्जा णोओसप्पिणिणोउस्सप्पिणिकाले वा होज्जा / जइ ओसप्पिणिकाले होज्जा कि सुसमसुसमाकाले होज्जा 1, सुसमाकाले होज्जा 2, सुसमदूसमाकाले होज्जा 3, दूसमसुसमाकाले होज्जा 4, दूसमाकाले होज्जा 5, दूसमदूसमाकाले होज्जा 6 ? गोयमा ! जम्मणं पडुच्च णो सुसमसुसमा. काले होज्जा, 1, णो सुसमाकाले होज्जा 2, सुसमदूसमाकाले वा होज्जा 3, दूसमसुसमाकाले वा होज्जा 4, णो दूसमाकाले होज्जा 5, णो दूसमदूसमा. काले होज्जा 6, संतिभावं पडुच्च ‘णो सुसमसुसमाकाले होज्जा णो सुसमा. काले होज्जा सुसमदूसमाकाले वा होज्जा दूसमसुसमाकाले वा होज्जा दूसमा काले वा होज्जा णो दूसमदूसमाकाले होज्जा / जइ उस्सप्पिणिकाले होज्जा किं दूसमदूसमाकाले होज्जा दूसमाकाले होज्जा दूसमसुसमाकाले होज्जा सुसमदूसमाकाले होज्जा सुसमसुसमाकाले होज्जा ? गोयमा ! जम्मणं पडुच्च णो दूसमदूसमाकाले होज्जा 1, दूसमाकाले वा होज्जा 2, दूसमसुसमाकाले वा होज्जा 3, सुसमदूसमाकाले वा होज्जा 4, णो सुसमाकाले होज्जा 5, णो सुसम. सुसमाकाले होज्जा 6, संतिभावं पडुच्च णो दूसमदूसमाकाले होज्जा 1, दूसमाकाले होज्जा 2, दूसमसुसमाकाले वा होज्जा 3, सुसमदूसमाकाले वा होज्जा 4, णो सुसमाकाले होज्जा 5, णो सुसमसुसमाकाले होज्जा 6 / जइ णोओसप्पिणिणोउस्सप्पिणिकाले होज्जा किं सुसमसुसमापलिभागे होज्जा सुसमापलिभागे होज्जा सुसमदूसमापलिभागे होज्जा दूसमसुसमापलिभागे होज्जा? गोयमा! जम्मणं संतिभावं च पडुच्च णो सुसमसुसमापलिभागे होज्जा णो सुसमा. पलिभागे होज्जा णो सुसमदूसमापलिभागे होज्जा दूसमसुसमापलिभागे होज्जा। बउसे गं भंते ! पुच्छा, गोयमा ! ओसप्पिणिकाले वा होज्जा उस्सप्पिणि. काले वा होज्जा णोओसप्पिणिणोउस्सप्पिणिकाले वा होज्जा / जइ ओसप्पिणिकाले होज्जा कि सुसमसुसमाकाले० पुच्छा, गोयमा ! जम्मणं संतिभावं च पडुच्च णो सुसमसुसमाकाले होज्जा णो सुसमाकाले होज्जा सुसमदूसमाकाले वा होज्जा दुस्समसुसमाकाले वा होज्जा दूसमाकाले वा होज्जा णो दूसमदूसमाकाले होज्जा, साहरणं पडुच्च अण्णयरे समाकाले होज्जा / जइ उस्सप्पि. Page #1006 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 25 उ. 6 993 णिकाले होज्जा किं दूसमदूसमाकाले होज्जा 6 पुच्छा, गोयमा ! जम्मणं पडुच्च णो दुस्समदुस्समाकाले होज्जा जहेव पुलाए, संतिभावं पडुच्च णो दूसमदूसमाकाले होज्जा णो दूसमाकाले होज्जा एवं संतिभावेणवि जहा पुलाए जाव गो सुसमसुसमाकाले होज्जा, साहरणं पडुच्च अण्णयरे समाकाले होज्जा / जह णोओसप्पिणिणोउस्सप्पिणिकाले होज्जा० पुच्छा, गोयमा ! जम्मणसंति. भावं पडुच्च णो सुसमसुसमापलिभागे होज्जा जहेव पुलाए जाव दूसमसुसमापलिभागे होज्जा, साहरणं पड़च्च अण्णयरे पलिभागे होज्जा, जहा बउसे एवं पडिसेवणाकुसीले वि,एवं कसायकुसीलेवि,णियंठो सिणाओ य जहा पुलाओ, णवरं एएसि अमहियं साहरणं भाणियत्वं, सेसं तं चेव 12 // 761 // पुलाए गंभंते ! कालगए समाणे कं गई गच्छइ ? गोयमा ! देवगई गच्छइ / देवगई गच्छमाणे कि भवणवासीसु उववज्जेज्जा वाणमंतरेसु उववज्जेज्जा जोइसियवेमाणिएसु उवव. ज्जेज्जा ? गोयमा ! णो भवणवासीसु उ० णो वाणमंतरेसु उ० णो जोइ. सिएसु उ० वेमाणिएसु उववज्जेज्जा, वेमाणिएसु उववज्जमाणे जहण्णेणं सोहम्मे कप्पे उक्कोसेणं सहस्सारे कप्पे उववज्जेज्जा, बउसे गं एवं चेव णवरं उक्को. सेणं अच्चुए कप्पे, पडिसेवणाकुसीले जहा बउसे, कसायकुसीले जहा पुलाए, णवरं उक्कोसेणं अणुत्तरविमाणेसु उववज्जेज्जा, णियंठे णं भंते ! एवं चेव, एवं जाव वेमाणिएसु उववज्जमाणे अजहण्णमणुक्कोसेणं अणुत्तरविमाणेसु उववज्जेज्जा। सिणाए गं भंते ! कालगए समाणे कं गई गच्छइ ? गोयमा ! सिद्धिगई गच्छह। पुलाए णं भंते ! देवेसु उववज्जमाणे कि इंदत्ताए उववज्जेज्जा सामा. णियत्ताए उववज्जेज्जा, तायत्तीसगत्ताए उववज्जेज्जा लोगपालत्ताए उववज्जे. ज्जा अहमिदत्ताए उववज्जेज्जा ? गोयमा ! अविराहणं पड़च्च इंदत्ताए उववज्जेज्जा सामाणियत्ताए उववज्जेज्जा तायत्तीसगत्ताए वा उववज्जेज्जा लोगपालगत्ताए उववज्जेज्जा णो अहमिदत्ताए उववज्जेज्जा, विराहणं पडुच्च अण्णयरेसु उववज्जेज्जा, एवं बउसेवि, एवं पडिसेवणाकुसीलेवि / कसायकुसीले पुच्छा, गोयमा ! अविराहणं पड़च्च इंदत्ताए वा उववज्जेज्जा जाव अहमिदताए उववज्जेज्जा विराहणं पडुच्च अण्णयरेसु उववज्जेज्जा / णियंठे पुच्छा, गोयमा! अविराहणं पड़च्च णो इंदत्ताए उववज्जेजा जाव णो लोगपालत्ताए उवव. ज्जेज्जा अहमिदत्ताए उववज्जेज्जा, विराहणं पडुच्च अग्णयरेसु उववज्जेज्जा। Page #1007 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 994 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि पुलागस्स गं भंते ! देवलोगेसु उववज्जमाणस्स केवइयं कालं ठिई प० ? गोयमा ! जहण्णेणं पलिओवमपुहुत्तं उक्कोसेणं अट्ठारससांगरोवमाई। बसस्स णं पुच्छा, गोयमा ! जहण्णेणं पलिओवमहत्तं उक्कोसेणं बावीसं सागरोव. माई, एवं पडिसेवणाकुसीलस्सवि / कसायकुसीलस्स पुच्छा, गोयमा ! जहण्णेणं पलिओवमहत्तं उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई। णियंठस्स पुच्छा, गोयमा ! अजहण्णमणुक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई 13 // 762 // पुलागस्स णं भंते ! केवइया संजमट्ठाणा प० ? गोयमा ! असंखेज्जा संजमढाणा 10, एवं जाव कसायकुसीलस्स / णियंठस्स गं भंते ! केवइया संजमढाणा प० ? गोयमा / एगे अजहण्णमणुक्कोसए संजमट्ठाणे प्र०, एवं सिणायस्सवि / एएसि णं भंते ! पुलागबउसपडिसेवणाकसायकुसीलणियंठसिणायाणं संजमट्ठाणाणं कयरे 2 जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सम्वत्थोवे णियंठस्स सिणायस्स य एगे अजहण्णमणुक्कोसए संजमट्ठाणे, पुलागस्स णं संजमट्ठाणा असंखेज्जगुणा, बउसस्स संजमट्ठाणा असंखेज्जगुणा, पडिसेवणाकुसीलस्स संजमट्ठाणा असंखेज्जगुणा, कसायकुसीलस्स संजमट्ठाणा असंखेज्जगुणा 14 // 763 // पुलागस्स णं भंते ! केवइया चरित्तपज्जवा 50 ? गोयमा ! अणंता चरित्तपज्जवा प०, एवं जाव सिणायस्स / पुलाए गं भंते ! पुलागस्स सदाणसण्णिगासेणं चरित्तपज्जवेहि कि होणे तुल्ले अमहिए ? गोयमा ! सिय हीणे 1, सिय तुल्ले 2, सिय अब्भहिए 3, जइ होणे अणंतभागहीणे वा असंखेज्जइभागहीणे वा संखेज्जइभागहीणे वा संखेज्जगुणहीणे वा असंखेज्जगुणहीणे वा अणंतगुणहीणे वा, अह अन्महिए अणंतभागमहिए वा असंखेज्जइभागमब्महिए वा संखेज्जइभागमब्महिए वा संखेज्जगुणमब्भहिए वा असंखेज्जगुणमन्महिए वा अणंतगुणमन्महिए वा / पुलाए णं भंते ! बउसस्स परढाणसण्णिगासेणं चरित्तपज्जवेहि कि होणे तुल्ले अन्भहिए ? गोयमा ! होणे णो तुल्ले णो अब्भहिए अणंतगुणहोणे, एवं पडिसेवणाकुसीलस्सवि, कसायकुसीलेण समं छटाणवडिए जहेव सट्टाणे, णियंठस्स जहा बउसस्स, एवं सिणायस्सवि / बउसे णं भंते ! पुला. गस्स परढाणसण्णिगासेणं चरित्तपज्जवेहि कि होणे तुल्ले अब्भहिए ? गोयमा! णो होणे णो तुल्ले अन्महिए अणंतगुणमन्भहिए / बउसे णं भंते ! बउसस्स सट्टाणसण्णिगासेणं चरित्तपज्जवेहि० पुच्छा, गोयमा ! सिय होणे सिय तुल्ले सिय अब्भहिए, जइ होणे छट्ठाणवडिए / बउसे •णं भंते ! पडि. Page #1008 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 25 उ. 6 995 सेवणाकुसीलस्स परटाणसण्णिगासेणं चरित्तपज्जवेहि कि होणे० ? छट्ठाणवडिए, एवं कसायकुसीलस्सवि / बउसे गं भंते ! णियंठस्स परट्ठाणसण्णिगासेणं चरित्तपज्जवेहि० पुच्छा, गोयमा ! होणे णो तुल्ले णो अन्महिए, अणंतगणहोणे, एवं सिणायस्सवि, पडिसेवणांकुसीलस्स एवं चेव बउसवत्तव्वया माणियन्वा, कसायकुसीलस्स एस चेव बउसवत्तव्वया णवरं पुलाएणवि समं छट्ठाणवडिए / णियंठे गं भंते ! पुलागस्स परढाणसण्णिगासेणं चरित्तपज्जवेहि० पुच्छा, गोयमा ! णो हीणे णो तुल्ले अब्भहिए अणंतगणमब्भहिए, एवं जाव कसायकुसीलस्स / णियंठे गं भंते ! णियंठस्स सट्ठाणसण्णिगासेणं पुच्छा, गोयमा ! णो होणे तुल्ले णो अब्भहिए, एवं सिणायस्सवि / सिणाए गं भंते ! पुलागस्स परट्ठाणसण्णिगासेणं एवं जहा णियंठस्स वत्तव्वया तहा सिणायस्सवि भाणियन्वा जाव-सिणाए गं.भंते ! सिणायस्स सटाणसण्णिगासेणं पुच्छा, गोयमा ! णो होणे तुल्ले णो अन्महिए / एएसि गं भंते ! पुलागबउस. पडिसेवणाकुसीलकसाय कुसीलणियंठसिणायाणं जहण्णक्कोसगाणं चरित्तपज्ज. वाणं कयरे 2 जाव विसेसाहिया वा? गोयमा ! पुलागस्स कसायकुसीलस्स य एएसिणं जहण्णगा चरित्तपज्जवा दोहवि तुल्ला सम्वत्थोवा, पुलागस्स उकोसगा चरित्तपज्जवा अणंतगणा, बउसस्स पडिसेवणाकुसीलस्स य एएसि गं जहण्णगा चरित्तपज्जवा दोण्हवि तुल्ला अणंतगुणा, बउसस्स उक्कोसगा चरित्तपज्जवा अपंतगुणा, पडिसेवणाकुसीलस्स उक्कोसगा चरित्तपज्जवा अणंतगुणा, कसायकुसीलस्स उक्कोसगा चरित्तपज्जवा अणंतगणा, णियंठस्स सिणायस्स य एएसि गं अजहण्णमणक्कोसगा चरित्तपज्जवा दोण्हवि तुल्ला अगंतगुणा 15 // 764 // पुलाए गं भंते ! कि सजोगी होज्जा अजोगी होज्जा ? गोयमा ! सजोगी होज्जा णो अजोगी होज्जा / जइ सजोगी होज्जा कि मणजोगी होज्जा वइजोगी होज्जा कायजोगी होज्जा ? गोयमा ! मणजोगी वा होज्जा वइजोगी चा होज्जा कायजोगी वा होज्जा, एवं जाव णियंठे। सिणाए गं भंते ! पुच्छा, गोयमा ! सजोगी वा होज्जा अजोगी वा होज्जा, जइ सजोगी होज्जा कि मणजोगी होज्जा सेसं जहा पुलागस्स 16 // 765 // पुलाए गं भंते ! कि सागारोवउत्ते होज्जा अणागारोवउत्ते होज्जा? गोयमा ! सागारोवउत्ते वा होज्जा अणागारोवउत्ते वा होज्जा, एवं जाव Page #1009 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 996 अंग-पविट्ट सुत्ताणि सिणाए 17 // 766 // पुलाए गं भंते ! किं सकसाई होज्जा अकसाई होज्जा? गोयमा ! सकसाई होज्जा णो अकसाई होज्जा / जइ संकसाई होज्जा से गं भंते ! कइसु कसाएसु होज्जा ? गोयमा! चउसु कोहमाणमायालोभेसु होज्जा, एवं बउसेवि, एवं पडिसेवणाकुसीलेवि / कसायकुसीले गं-पुच्छा, गोयमा ! सकसाई होज्जा णो अकसाई होज्जा, जइ सकसाई होज्जा से णं भंते ! कइसु कसाएसु होज्जा ? गोयमा ! चउसु वा तिसु वा दोसु वा एगम्मि वा होज्जा, चउसु होमाणे चउसु संजलणकोहमाणमायालोभेसु होज्जा, तिसु होमाणे तिसु संजलणमाणमायालोभेसु होज्जा, दोसु होमाणे संजलणमायालोभेसु होज्जा, एगम्मि होमाणे एगम्मि संजलणलोभे होज्जा / णियंठे गं पुच्छा, गोयमा ! णो सकसाई होज्जा अकसाई होज्जा / जइ अकसाई होज्जा कि उवसंतकसाई होज्जा खीणकसाई होज्जा ? गोयमा उवसंतकसाई वा होज्जा खीणकसाई वा होज्जा, सिणाए एवं चेव, गवरं णो उवसंतकसाई होज्जा, खीणकसाई होज्जा 18 // 767 // पुलाए णं भंते ! कि सलेस्से होज्जा अलेस्से होज्जा ? गोयमा ! सलेस्से होज्जा णो अलेस्से होज्जा / जइ सलेस्से होज्जा से णं भंते ! कइसु लेस्सासु होज्जा ? गोयमा ! तिसु विसुद्धलेस्सासु होज्जा, तं०-तेउलेस्साए पम्हलेस्साए सुक्कलेस्साए, एवं बउसस्सवि, एवं पडिसेवणाकुसीलेवि / कसायकुसीले पुच्छा, गोयमा ! सलेस्से होज्जा णो अलेस्से होज्जा। जइ सलेस्से होज्जा से णं भंते ! कइसु लेस्सासु होज्जा ? गोयमा / छसु लेस्सासु होज्जा, तं०-कण्हलेस्साए जाव सुक्कलेस्साए / णियंठे गं भंते ! पुच्छा, गोयमा ! सलेस्से होज्जा णो अलेस्से होज्जा / जइ सलेस्से होज्जा से णं भंते ! कइसु लेस्सासु होज्जा? गोयमा ! एक्काए सुक्कलेस्साए होज्जा। सिणाए पुच्छा, गोयमा ! सलेस्से वा होज्जा अलेस्से वा होज्जा / जइ सलेस्से होज्जा से णं भंते ! कइसु लेस्सासु होज्जा ? गोयमा ! एगाए परमसुक्क लेस्साए होज्जा 16 // 768 // पुलाए णं भंते ! किं वड्डमाणपरिणामे होज्जा हीयमाणपरिणामे होज्जा अवट्ठियपरिणामे होज्जा ? गोयमा ! वड्डमाणपरिणामे वा होज्जा हीयमाणपरिणामे वा होज्जा अवट्टियपरिणामे वा होज्जा, एवं जाव कसायकुसीले / णियंठे गं पुच्छा, गोयमा ! वड्डमाणपरिणामे होज्जा, णो हीय. माणपरिणामे होज्जा, अवट्ठियपरिणामे वा होज्जा, एवं सिणाएवि / पुलाए णं भंते ! केवइयं कालं वड्डमाणपरिणामे होज्जा ? गोयमा !. जहणेणं एवक Page #1010 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 25 उ.६ 997 समयं उम्कोसेगं अंतोमहत्तं / केवइयं कालं हीयमाणपरिणामे होज्जा ? गोयमा ! महणेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं अंतोमहत्तं / केवइयं कालं अवट्ठियपरिणामे होज्जा ? गोयमा ! जहणेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं सत्त समया, एवं जाव कसायकुसीले / णियंठे गं भंते ! केवइयं कालं वड्रमाणपरिणामे होज्जा ? गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुत्तं उक्कोसेणवि अंतोमुहत्तं / केवइयं कालं अवट्टिय. परिणामे होज्जा ? गोयमा ! जहण्णेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं अंतोमुहुत्तं / सिणाए णं भंते ! केवइयं कालं वड्डमाणपरिणामे होज्जा? गोयमा! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणवि अंतोमहत्तं / केवइयं कालं अवट्ठियपरिणाम होज्जा ? गोयमा! जहण्णेणं अंतोमहत्तं उक्कोसेगं देसूणा पुवकोडी 20 // 760 // पुलाए गंभंते ! कइ कम्मप्पगडीओ बंधइ ? गोयमा ! आउयवज्जाओ सत्त कम्मप्पगडीओ बंधइ / बउसे पुच्छा, गोयमा ! सत्तविहबंधए वा अट्टविहबंधए वा, सत्त बंध. माणे आउयवज्जाओ सत्त कम्मप्पगडीओ बंधइ, अट्ठ बंधमाणे पडिपुण्णाओ अट्ठ कम्मप्पगडीओ बंधइ, एवं पडिसेवणाकुसीलेवि / कसायकुसीले गं पुच्छा, गोयमा! सत्तविहबंधए वा अविहबंधए वा छम्विहबंधए वा, सत्त बंधमाणे आउय. वज्जाओ सत्त कम्मप्पगडीओ. बंधइ, अट्ट बंधमाणे पडिपुण्णाओ अट्ट कम्मप्पगडीओ बंधइ, छ बंधमाणे आउयमोहणिज्जवज्जाओ छक्कम्मप्पगडीओ बंधइ / णियंठे गं पुच्छा, गोयमा! एग वेयणिज्ज कम्मं बंधइ / सिणाए गं पुच्छा, गोयमा ! एगविहबंधए वा अबंधए वा, एगं बंधमाणे एगं वेयणिज्ज कम्म बंधइ 21 // 770 // पुलाए णं भंते ! कइ कम्मप्पगडीओ वेदेइ? गोयमा ! णियमं अट्ठ कम्मप्पगडीओ वेदेइ, एवं जाव कसायकुसीले / णियंठे णं पुच्छा, गोयमा ! मोहणिज्जवज्जाओ सत्त कम्मप्पगडीओ वेदेइ / सिणाए णं पुच्छा, गोयमा ! वेयणिज्जआउयणामगोयाओ चत्तारि कम्मप्पगडीओ वेदेइ 22 // 771 // पुलाए गं मंते ! कइ कम्मप्पगडीओ उदीरेइ ? गोयमा ! आउय. वेयणिज्जाओ छ कम्मप्पगडीओ उदीरेइ / बउसे णं पुच्छा, गोयमा! सत्त. विहउदीरए वा अविहउदीरए वा छविह उदीरए वा, सत्त उदीरेमाणे आउय. वज्जाओ सत्त कम्मप्पगडीओ उदीरेइ, अट्ठ उदीरेमाणे पडिपुण्णाओ अट्ठ कम्मप्पगडीओ उदीरेइ, छ उदीरेमाणे आउयवेयणिज्जवज्जाओ छ कम्मप्पग. डीओ उदीरेइ, पडिसेवणाकुसीले एवं चेव / कसायकुसीले णं पुच्छा, गोयमा ! Page #1011 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 998 अंग-पविट्ट सुत्ताणि सत्तविहउदीरए वा अट्टविहउदीरए वा छव्विहउदीरए वा पंचविहउदीरए वा, सत्त उदीरेमाणे आउयवज्जाओ सत्त कम्मप्पगडीओ उदीरेइ, अटू उवीरेमाणे पडिपुण्णाओ अट्ठ कम्मप्पगडीओ उदीरेइ, छ उदीरेमाणे आउयवेयणिज्जवज्जाओ छ कम्मप्पगडीओ उदीरेइ, पंच उदीरेमाणे आउयवेयणिज्जमोहणिज्जवज्जाओ पंच कम्मप्पगडीओ उदीरेइ / णियंठे-पुच्छा, गोयमा! पंचविह उदीरए वा दुविह. उदीरए वा, पंच उदीरेमाणे आउयवेयणिज्जमोहणिज्जवज्जाओ पंच कम्मप्पगडीओ उदीरेइ, दो उदीरेमाणे णामं च गोयं च उदीरेइ / सिणाए णं पुच्छा, गोयमा ! दुविहउदीरए वा अणुदीरए वा, दो उदीरेमाणे णामं च गोयं च उदीरेइ 23 // 772 // पुलाए णं भंते ! पुलायत्तं जहमाणे किं जहइ कि उवसंपज्जइ ? गोयमा ! पुलायत्तं जहइ कसायकुसीलं वा अस्संजमं वा उवसंपज्जइ / बउसे णं भते ! बउसत्तं जहमाणे कि जहइ कि उवसंपज्जइ ? गोयमा ! बउसत्तं नहइ पडिसेवणाकुसोल वा कसायकुसीलं वा अस्संजमं वा संजमासंजमं वा उवसंपज्जइ। पडिसेवणाकुसीले णं भंते ! पडिसेवणाकुसीलत्तं०पुच्छा, गोयमा ! पडिसेवणाकुसीलत्तं जहइ बउसं वा कसायकुसीलं वा अस्संजमं वा संजमासं जमं वा उवसंपज्जइ / कसायकुसीले णं पुच्छा, गोयमा ! कसायकुसीलत्तं जहइ पुलायं वा बउसं वा पडिसेवणाकुसीलं वा णियंठ वा अस्संजमं वा संजमासजमं वा उवसंपज्जइ / णियंठे गं पुच्छा, गोयमा ! णियंठत्तं जहइ कसायकुसीलं वा सिणायं वा अस्संजमं वा उवसंपज्जइ / सिणाए णं पुच्छा; गोयमा ! सिणायत्तं नहइ सिद्धिगई उवसंपज्जइ 24 // 773 // पुलाए गं भंते ! कि सणोवउत्ते होज्जा णोसण्णोवउत्ते होज्जा ? गोयमा ! णो सण्णोवउत्ते होज्जा / बउसे गं भंते ! पुच्छा, गोयमा ! सण्णोवउत्ते वा होज्जा णोसण्णोवउत्ते वा होज्जा, एवं पडिसेवणाकुसीलेवि, एवं कसायकुसीलेवि णियंठे सिणाए य जहा पुलाए 25 // 774 // पुलाए गं भंते ! किं आहारए होज्जा अणाहारए होज्जा ? गोयमा ! आहारए होज्जा णो अणाहारए होज्जा, एवं जाव णियंठे / सिणाए गं पुच्छा, गोयमा ! आहारए वा होज्जा अणाहारए वा होज्जा 26 / / 775 / / पुलाए गं भंते ! कइ भवग्गहणाई होज्जा ? गोयमा ! जहणेणं एक्कं उक्कोसेणं तिण्णि / बउसे णं पुच्छा, गोयमा ! जहणेणं एक्क उक्कोसेणं अट्ठ, एवं पडिसेवणाकुसीलेवि, एवं कसायकुसीलेवि, णियंठे जहा Page #1012 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 25 उ. 6 999 पुलाए / सिणाए गं पुच्छा, गोयमा! एक्कं 27 // 776 / / पुलागस्स गं भंते ! एगभवग्गहणिया केवइया आगरिसा प० ? गोयमा ! जहणणं एक्को उक्कोसेणं तिणि / बउसस्स गं पुच्छा, गोयमा ! जहण्णेणं एक्को उक्कोसेणं सयग्गसो एवं पडिसेवणाकुसीलेवि, कसायकुसीले वि / णियंठस्स गं पुच्छा, गोयमा ! जहणणं एक्को उक्कोसेणं दोणि / सिणायस्स गं पुच्छा, गोयमा! एक्को। पुलागस्स गं भंते ! णाणाभवग्गहणिया केवइया आगरिसा प.? गोयमा ! जहणेणं दोणि उक्कोसेणं सत्त / बउसस्स गं पुच्छा, गोयमा! जहणेणं दोण्णि उक्कोसेणं सहस्सग्गसो, एवं जाव कसायकुसीलस्स / णियंठस्स णं पुच्छा गोयमा! जहणेणं दोण्णि उक्कोसेणं पंच / सिणायस्स गं पुच्छा, गोयमा! पत्थि एक्कोवि 28 // 777 // पुलाए गं मंते ! कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा! जहण्णे अंतोमुत्तं उक्कोसेणवि अंतोमहत्तं / बउसे गं पुच्छा, गोयमा! जहणेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं देसूणा पुव्वकोडी, एवं पडिसेवणाकुसोलेवि, कसायकुसीलेवि। णियंठे of पुच्छा, गोयमा | जहण्णे] एक्कं समयं उक्कोसेणं अंतोमुहुतं / सिणाए णं पुच्छा, गोयमा ! जहण्णणं अंतोमुहुतं उक्कोसेणं देसूणा पुवकोडी / पुलाया णं भंते ! कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहणणं एक्कं समयं उक्कोसेणं अंतोमुहुत्तं / बउसा गं भंते ! पुच्छा, गोयमा! सव्वद्धं, एवं जाव कसायकुसीला, णियंठा जहा पुलागा, सिणाया जहा बउसा 26 // 778 // पुलागस्स गं भंते ! केवइयं कालं अंतरं होइ ? गोयमा ! जहणणं अंतो. मुहुत्तं उक्कोसेणं अणंतं कालं अणंताओ ओसप्पिणिउस्सप्पिणीओ कालओ, खेत्तओ अवड्ढं पोग्गलपरियट्टू देसूणं, एवं जाव णियंठस्स / सिणायस्स गं पुच्छा, गोयमा ! णत्थि अंतरं / पुलायाणं भंते ! केवइयं कालं अंतरं होइ ? गोयमा ! जहणेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं संखेज्जाई. वासाई। बउसा गं भंते ! पुच्छा, गोयमा ! पत्थि अंतरं, एवं जाव कसायकुसीलाणं / णियंठाणं पुच्छा, गोयमा ! जहणणं एक्कं समयं उक्कोसेणं छम्मासा, सिणायाणं जहा बउसाणं 30 // 776 // पुलागस्स णं भंते ! कइ समुग्घाया पण्णता ? गोयमा ! तिण्णि समुग्घाया पण्णता तंजहा-वेयणासमुग्धाए कसायसमुग्घाए मारणंतियसमुग्घाए / बउसस्स गं भंते ! पुच्छा, गोयमा ! पंच.. समुग्घाया 50, तं०-वेयणासमुग्घाए जाव तेयासमुग्घाए, एवं पडिसेवणा. Page #1013 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1000 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि कुसीलेवि / कसायकुसीलस्स पुच्छा, गोयमा ! छ समुग्घाया प०, तं०-वेयणासमग्घाए जाव आहारगसमुग्घाए / णियंठस्स णं पुच्छा, गोयमा ! णत्थि एक्कोवि। सिणायस्स गं पुच्छा, गोयमा ! एगे केवलिसमग्घाए प० 31 // 780 // पुलाए णं भंते ! लोगस्स कि संखेज्जइभागे होज्जा 1, असंखेज्जइमागे होज्जा 2, संखेज्जेसु भागेसु होज्जा 3, असंखेज्जेसु भागेसु होज्जा 4, सव्वलोए होज्जा 5? गोयमा ! णो संखेज्जइभागे होज्जा, असंखेज्जइभागे होज्जा, णो संखे. ज्जेसु भागेसु होज्जा, णो असंखेज्जेसु भागेसु होज्जा, णो सम्वलोए होज्जा, एवं जाव णियंठे / सिणाए णं पुच्छा, गोयमा ! णो संखेज्जइभागे होज्जा असंखेज्जइभागे होज्जा णो संखेज्जेसु भागेसु होज्जा असंखेज्जेसु भागेसु होज्जा, सव्वलोए वा होज्जा 32 // 781 // पुलाए णं भंते ! लोगस्स कि संखेज्जइभागं फुसइ असंखेज्जइभागं फुसइ०? एवं जहा ओगाहणा भणिया तहा फुसणावि भाणियन्वा जाव सिणाए 33 // 772 // पुलाए णं भंते ! कयरम्मि भावे होज्जा ? गोयमा ! खओवसमिए भावे होज्जा, एवं जाव कसायकुसीले / णियंठे पुच्छा, गोयमा ! उवसमिए वा भावे होज्जा खइए वा भावे होज्जा / सिणाए पुच्छा, गोयमा ! खइए भावे होज्जा 34 // 783 // पुलाया णं भंते ! एगसमएणं केवइया होज्जा ? गोयमा ! पडिवज्जमाणए पडुच्च सिय अस्थि सिय णस्थि, जइ अस्थि जहणणं एकको वा दो वा तिण्णि वा उक्कोसेणं सयपुहुत्तं, पुवपडिवण्णए पडुच्च सिय अस्थि सिय पत्थि, जइ अस्थि जहण्णेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा उक्कोसेणं सहस्सपुहुत्तं / बउसा णं भंते ! एगसमएणं० पुच्छा, गोयमा ! पडिवज्जमाणए पडुच्च सिय अस्थि सिय णस्थि जइअस्थि जहणणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा उक्कोसेणं सयपुहत्तं, पुव्वपडिवण्णए पडुच्च जहणणं कोडिसयपुहत्तं उक्कोसेणवि कोडिसयपुहत्तं, एवं पडिसेवणाकुसीलेवि / कसायकुसीलाणं पुच्छा, गोयमा ! पडिवज्जमाणए पड़च्च सिय अस्थि सिय णत्थि, जइ अस्थि जहणणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा उक्कोसेणं सहस्सपुहुत्तं, पुवपडिवण्णए पडुच्च जहणेणं कोडिसहस्सपुहुतं उक्कोसेणवि कोडिसहस्सपुहत्तं / णियंठाणं पुच्छा, गोयमा ! पडि वज्जमाणए पडुच्च सिय अत्थि सिय णत्थि, जइ अस्थि जहणणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा उक्कोसेणं बावड़े सयं-अटुसयं ख वगाणं चउप्पण्णं उवसामगाणं, पुव्व. Page #1014 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 25 उ. 7 1001 पडिवण्णए पड़च्च सिय अत्थि सिय पत्थि, जइ अस्थि जहणेणं एक्को वा दो वा तिणि वा उक्कोसेणं सयपुहुत्तं / सिणायाणं पुच्छा, गोयमा ! पडिवज्जमाणए पड़च्च सिय अत्थि सिय णस्थि, जइ अस्थि जहणणं एक्को वा दो वा तिणि वा उक्कोसेणं अट्ठसयं, पुव्वपडिवण्णए पडुच्च जहण्णेणं कोडिपुटुत्तं उक्कोसेवि कोडिपुत्तं। एएसि गं भंते ! पुलागबउसपडिसेवणाकुसीलकसाय. कुसीलणियंठसिणायाणं कयरे 2 जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सम्वत्थोवा णियंठा, पुलाया संखेज्जगुणा, सिणाया संखेज्जगणा, बउसा संखेज्जगुणा, पडिसेवणाकुसीला संखेज्जगुणा, कसायकुसीला संखेज्जगुणा / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति जाव विहरइ // 784 // . पंचवीसइमं सयं सत्तमो उद्देसो कइ णं भंते ! संजया प. ? गोयमा ! पंच संजया प०, तं०-सामाइय. संजए छेओवढावणियसंजए परिहारविसुद्धियसंजए सुहुमसंपरायसंजए अहक्खाय. संजए / सामाइयसंजए गं भंते ! कइविहे पणत्ते ? गोयमा ! दुविहे पण्णत्ते, तंजहा-इत्तरिए य आवकहिए. य, छओवट्ठावणियसंजए पुच्छा, गोयमा ! दुविहे प०, तं०-साइयारे पणिरइयारे य / परिहारविसुद्धियसंजए पुच्छा, गोयमा ! दुविहे प०, तं०-गिग्विसमाणए यणिविटुकाइए य / सुहुमसंपराय० पुच्छा, गोयमा ! दुविहे .प०, तं०-संफिलिस्समाणए य विसुद्धमाणए य / अहक्खायसंजए पुच्छा, गोयमा ! दुविहे प०, तं०-छउमत्थे य केवली य। गाहाओ-सामाइयंमि उ कए चाउज्जामं आणुत्तरं धम्मं / तिविहेण फासयंतो सामाइयसंजओ स खलु // 1 // छत्तूण उ परियागं पोराणं जो ठवेइ अप्पाणं / ‘धम्ममि पंचजामे छेओवट्ठावणो स खलु // 2 // परिहरइ जो विसुद्धं तु पंच. जामं अणुत्तरं धम्मं / तिविहेणं फासयंतो परिहारियसंजओ स खलु // 3 // लोमाण वेययंतो जो खलः उवसामओ व खवओ वा। सो सुहुम संपराओ महखाया ऊणओ किंचि // 4 // उवसंते खीणमि व जो खलु कम्ममि मोहणिज्जमि / छउमत्थो व जिणो वा अहखाओ संजओ स खलु // 5 // 785 // सामाइयसंजए गं मंते ! कि सवेयए होज्जा अवेयए होज्जा ? गोयमा ! सवेयए वा होज्जा अवेयए वा होज्जा, जइ सवेयए होज्जा० एवं जहा कसाय Page #1015 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1002 अंग-पविट्ट सुत्ताणि कुसीले तहेव गिरवसेसं, एवं छेदोवट्ठावणियसंजएवि, परिहारविसुद्धियसंजओ जहा पुलाओ, सुहुमसंपरायसंजओ अहक्खायसंजओ य जहा णियंठो 2 / सामाइयसंजए णं भंते ! कि सरागे होज्जा वीयरागे होज्जा ? गोयमा ! सरागे होज्जा णो बीयरागे होज्जा, एवं जाव सुहुमसंपरायसंजए, अहक्खायसंजए जहा णियंठे 3 / सामाइयसंजए णं भंते ! कि ठियकप्पे होज्जा अद्वियकप्पे होज्जा ? गोयमा ! ठियकप्पे वा होज्जा अट्ठियकप्पे वा होज्जा / छेदोवट्ठाव. णियसंजए पुच्छा, गोयमा ! ठियकप्पे होज्जा णो अट्ठियकप्पे होज्जा, एवं परिहारविसुद्धियसंजएवि, सेसा जहा सामाइयसंजए / सामाइयसंजए णं भंते! कि जिणकप्पे होज्जा थेरकप्पे होज्जा कप्पाईए होज्जा ? गोयमा ! जिणकप्पे वा होज्जा जहा कसायकुसीले तहेव, हिरवसेसं, छेदोवद्वावणिओ परिहारविसुद्धिओ य जहा बउसो, सेसा जहा णियंठे 4 // 786 // सामाइयसंजए णं भंते ! किं पुलाए होज्जा बउसे जाव सिंणाए होज्जा ? गोयमा ! पुलाए वा होज्जा बउसे जाव कसायकुसीले वा होज्जा, णो णियंठे होज्जा णो सिणाए होज्जा, एवं छेदोवट्ठावणिएवि / परिहारविसुद्धियसंजए णं भंते ! पुच्छा, गोयमा ! णो पुलाए णो बउसे पडिसेवणाकुसीले होज्जा, कसायकुसीले होज्जा, णो णियंठे होज्जा णो सिणाए होज्जा, एवं सुहमसंपराएवि / अहक्खाय. संजए पुच्छा, गोयमा ! णोपुलाए होज्जा जाव णो कसायकुसीले होज्जा, णियंठे वा होज्जा सिणाए वा होज्जा 5 / सामाइयसंजए णं भंते ! कि पडिसेवए होज्जा अपडिसेवए होज्जा ? गोयमा ! पडिसेवए वा होज्जा अपडिसेवए वा होज्जा, जइ पडिसेवए होज्जा कि मूलगुणपडिसेवए होज्जा० सेसं जहा पुलागस्स, जहा सामाइयसंजए एवं छेदोवट्ठावणिएवि / परिहारविसुद्धियसंजए पुच्छा, गोयमा ! णो पडिसेवए होज्जा अपडिसेवए होज्जा, एवं जाव अहक्खायसंजए 6 / सामाइयसंजए णं भंते ! कइसु णाणेसु होज्जा ? गोयमा ! दोसु वा तिसु वा चउसु वा णाणेसु होज्जा, एवं जहा कसायकुसीलस्स तहेव चत्तारि णाणाई भयणाए, एवं जाव सुहमसंपराए, अहक्खायसंजयस्स पंच णाणाई भयणाए जहा-णाणुसए। सामाइयसंजए णं भंते ! केवइयं सुयं अहिज्जेज्जा ? गोयमा ! जहणेणं अट्ठ पवयणमायाओ जहा कसायकुसीले, एवं छेदोवट्ठावणिएवि / परिहारविसुद्धियसंजए पुच्छा, गोयमा ! जहणेणं णवमस्स पुव्वस्स तइयं आयारवत्थु उक्को Page #1016 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 25 उ. 7 1003 सेणं असंपुग्णाई दस पुवाई अहिज्जेज्जा, सुहुमसंपरायसंजए जहा सामाइय. संजए / अहक्खायसंजए पुच्छा, गोयमा ! जहणणं अट्ट पवयणमायाओ उक्को. सेणं चउद्दस पुवाइं अहिज्जेज्जा सुयवइरित्ते वा होज्जा 7 / सामाइयसंजए गं भंते! किं तित्थे होज्जा, अतित्थे होज्जा ? गोयमा तित्थे वा होज्जा अतित्थे वा होज्जा जहा कसायकुसीले, छेदोवट्ठावणिए परिहारविसुद्धिए य जहा पुलाए, सेसा जहा सामाइयसंजए 8 / सामाइयसंजए णं भंते ! कि सलिगे होज्जा अण्णलिगे होज्जा गिहिलिगे होज्जा ? जहा पुलाए, एवं छेदोवद्रावणिएवि / परिहारविसूद्धियसंजए णं भंते ! कि० पुच्छा, गोयमा ! दलिपि भावलिंगपि पडुच्च सलिगे होज्जा णो अण्णलिगे होज्जा णो गिहिलिगे होज्जा, सेसा जहा सामाइयसंजए है। सामाइयसजए णं भंते ! कइसु सरीरेसु होज्जा ? गोयमा ! तिसु वा चउसु वा पंचसु वा होज्जा जहा कसायकुसीले, एवं छओवट्ठावणिएवि, सेसा जहा पुलाए 10 / सामा. इयसंजए णं भंते ! कि कम्मभूमीए होज्जा अकम्मभूमीए होज्जा ? गोयमा ! जम्मणं संतिमावं च पडुच्च कम्मभूमीए होज्जा णो अकम्मभूमीए जहा बउसे, एवं छेओवट्ठावणिएवि, परिहारविसुद्धिए य जहा पुलाए, सेसा जहा सामाइयसंजए 11 // 787 // सामाइयसंजए णं भंते ! कि ओसप्पिणीकाले होज्जा उस्सप्पिणीकाले होज्जा णोओसप्पिणिणोउस्सप्पिणिकाले होज्जा? गोयमा ! ओसप्पिंणीकाले जहा बउसे, एवं छेओवट्ठावणिएवि, णवरं जम्मणं संतिभावं च पडुच्च चउसुवि पलिभागेसुणत्थि, साहरणं पडुच्च अण्णयरे पलिभागे होज्जा, सेसं तं चेव / परिहारविसुद्धिए पुच्छा, गोयमा ! ओसप्पिणिकाले वा होज्जा उस्सप्पिणिकाले वा होज्जा गोओसप्पिणिणोउस्सप्पिणिकाले णो होज्जा, जइ ओसप्पिणिकाले होज्जा जहा पुलाओ, उस्सप्पिणिकालेवि जहा पुलाओ, सुहुमसंपराइओ जहा णियंठो, एवं अहक्खाओवि 12 // 788 // सामाइयसंजए णं भंते ! कालगए समाणे किं गई गच्छइ ? गोयमा ! देवगई गच्छइ, देवगई गच्छमाणे किं भवणवासीसु उववज्जेज्जा वाणमंतरेसु उव. बज्जेज्जा जोइसिएसु उववज्जेज्जा वेमाणिएसु उववज्जेज्जा ? गोयमा ! गो भवणवासीसु उववज्जेज्जा जहा कसायकुसीले, एवं छेओवट्ठावणिएवि, परिहारविसुद्धिए जहा पुलाए, सुहमसंपराए जहा णियंठे। अहक्खाए पुच्छा, गोयमा ! . एवं अहक्खायसंजएवि जाव अहजण्णमणक्कोसेणं अणुत्तरविमाणेसु उववज्जेज्जा, Page #1017 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1004 अंग-पविट्ट सुत्ताणि अत्थेगइए सिज्झइ जाव अंतं करेइ / सामाइयसंजए णं भंते ! देवलोगेसु उव. वज्जमाणे किं इंदत्ताए उववज्जइ पुच्छा, गोयमा! अविराहणं पडुच्च एवं जहा कसायकुसीले एवं छेदोवट्ठावणिएवि / परिहारविसुद्धिए जहा पुलाए, सेसा जहा णियंठे। सामाइयसंजयस्स णं भंते ! देवलोगेसु उववज्जमाणस्स केवइयं कालं ठिई 50? गोयमा ! जहण्णेणं दो पलिओवमाई उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई, एवं छेदोवट्ठावणिएवि, परिहारविसुद्धियस्स पुच्छा, गोयमा ! जहण्णेणं दो पलि. ओवमाई उक्कोसेणं अट्ठारस सागरोवमाइं, सेसाणं जहा णियंठस्स 13 // 786 // सामाइयसंजयस्स णं भंते ! केवइया संजमट्ठाणा प० ? गोयमा! असंखेज्जा संजमट्ठाणा 50, एवं जाव परिहारविसुद्धि यस्स / सुहुमसंपरायसंजयस्स पुच्छा, गोयमा ! असंखेज्जा अंतोमुहुत्तिया संजमट्ठाणा प० / अहक्खाय संजयस्स पुच्छा, गोयमा ! एगे अजहण्णमणुक्कोसए संजमट्ठाणे प० / एएसि णं भंते ! सामाइय. छेदोवढावणियपरिहारविसुद्धियसुहमसंपरायअहक्खायसंजयाणं संजमदाणाणं कयरे 2 जाव विसे साहिया वा ? गोयमा ! सव्दत्थोवे अहक्खायसंजयस्स एगे अजहण्णमणुक्कोसए संजमट्ठाणे, सुहुमसंपरायसंजयस्स अंतोमुहुत्तिया संजमट्ठाणा असंखेज्जगुणा, परिहारविसुद्धियसंजयस्स संजमढाणा असंखेज्जगुणा, सामाइय. संजयस्स छेदोवद्वावणियसंजयस्स य एएसि गं संजमढाणा दोण्हवि तुल्ला असंखेज्जगणा 14 // 760 // सामाइयसंजयस्स णं भंते ! केवइया चरित्तपज्जवा 50 ? गोयमा ! अणंता चरित्तपज्जवा प०, एवं जाव अहक्खायसंजयस्स / सामाइयसंजए गं भंते ! सामाइयसंजयस्स सट्टाणसण्णिगासेणं चरित्तपज्जवेहि कि होणे तुल्ले अन्महिए ? गोयमा ! सिय होणे छट्ठाणवडिए / सामाइयसंजए णं भंते ! छेदोवट्ठावणियसंजयस्स परट्ठाणसण्णिगासेणं चरित्तपज्जवेहि० पुच्छा, गोयमा ! सिय हीणे छट्ठाणवडिए, एवं परिहारविसुद्धियस्सवि / सामाइयसंजए णं भंते ! सुहुमसंपरायसंजयस्स परढाणसणिगासेणं चरित्तपज्जवे० पुच्छा, गोयमा! हीणे णो तुल्ले णो अन्भहिए, अणंतगुणहीणे, एवं अहक्खायसंजयस्सवि एवं छेदोवट्ठावणिएवि, हेढिल्लेसु तिसुवि समं छट्ठाणवडिए, उवरिल्लेसु दोसु तहेव होणे, जहा छेदोवट्ठावणिए तहा परिहारविसुद्धिएवि / सुहुमसंपरायसंजए गं भंते ! सामाइयसंजयस्स परट्ठाण० पुच्छा, गोयमा ! णो हीणे णो तुल्ले अन्महिए अणंतगुणमन्महिए, एवं छेदोवट्ठावणिय परिहारविसुद्धिएसुवि समं, Page #1018 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 25 उ. 7 1005 सट्टाणे सिय होणे गो तुल्ले सिय अन्महिए, जइहीणे अणतगुणहीणे, अह (जइ) अभहिए अगंतगणमन्महिए / सुहमसंपरायसंजयस्स अहक्खायसंजयस्स परट्ठाण० पुच्छा, गोयमा ! होणे णो तुल्ले णो अन्महिए, अगंतगुणहीणे, अहक्खाए हेटिल्लाणं चउण्हवि गो होणे णो तुल्ले अन्महिए अणंतगणमब्महिए, सटाणे णो होणे तुल्ले णो अन्महिए / एएसिगं भंते ! सामाइयछेदोवट्ठावणियपरिहार. विसुद्धियसुहमसंपरायअहक्खायसंजयाणं जहण्णुक्कोसगाणं चरित्तपज्जवाणं कयरे कयरे जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सामाइयसंजयस्स छेदोवढावणिय. संजयस्स य एएसि गं जहण्णगा चरित्तपज्जवा दोण्हवि तुल्ला सव्वत्थोवा, परिहारविसुद्धियसंजयस्स जहण्णगा चरित्तपज्जवा अणंतगुणा तस्स चेव उक्कोसगा चरिसपज्जवा अणंतगुणा, सामाइयसंजयस्स छेदोवट्ठावणियसंजयस्स य एएसि गं उक्कोसगा चरित्तपज्जवा दोहवि तुल्ला अणंतगुणा, सुहुमसंपरायसंजयस्स जहण्णगा चरित्तपज्जवा अणंतगुणा तस्स चेव उक्कोसगा चरित्तपज्जवा अणंतगुणा, अहक्खायसंजयस्स अजहण्णमणक्कोसगा चरित्तपज्जवा अणंतगुणा 15 / सामाइयसंजए गं मंते ! कि सजोगी होज्जा अजोगी होज्जा ? गोयमा ! सजोगी जहा पुलाए, एवं जाव सुहुमसंपरायसंजए, अहक्खाए जहा सिणाए 16 / सामाइयसंजए गं मंते ! किं सागारोवउत्ते होज्जा अणागारोवउत्ते होज्जा ? गोयमा ! सागारोवउत्ते जहा पुलाए, एवं जाव अहक्खाए, गवरं सुहमसंपराए सागारोवउसे होज्जा णो अणागारोवउत्ते होज्जा 17 / सामाइय. संजए गं भंते ! कि सकसाई होज्जा. अकसाई होज्जा ? गोयमा ! सकसाई होज्जा णो अकसाई होज्जा, जहाँ कसायकुसीले, एवं छेदोवट्ठावणिएवि, परिहारविसुद्धिए जहा पुलाए / सुहमसंपरायसंजए पुच्छा, गोयमा! सकसाई होज्जा * णो अकसाई होज्जा। जइ सकसाई होज्जा से गं भंते ! कइसु कसाएसु होज्जा? गोयमा ! एगम्मि संजलणलोभे होज्जा, अहक्खायसंजए जहा णियंठे 18 / सामाइयसंजए गं मंते ! कि सलेस्से होज्जा अलेस्से होज्जा ? गोयमा ! सलेस्से होज्जा जहा कसायकुसीले, एवं छेदोवट्ठावणिएवि, परिहारविसुद्धिए जहा पुलाए, सुहुमसंपराए जहा णियंठे, अहक्खाए जहा सिणाए, णवरं जइ सलेस्से होज्जा एगाए सुक्कलेस्साए होज्जा. 16 // 761 // सामाइयसंजए गं भंते ! कि बड्डमाणपरिणामे होज्जा हीयमाणपरिणामे होज्जा अवट्ठियपरिणामे होज्जा ? Page #1019 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1006 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि गोयमा ! वड्डमाणपरिणामे होज्जा जहा पुलाए, एवं जाव परिहारबिसुद्धिए / सुहुमसंपराय० पुच्छा, गोयमा ! वड्डमाणपरिणामे वा होज्जा हीयमाणपरिणामे वा होज्जा णो अववियपरिणामे होज्जा, अहक्खाए जहा णियंठे / सामाइय. संजए णं भंते ! केवइयं कालं वड्डमाणपरिणामे होज्जा ? गोयमा ! जहणेणं एक्कं समयं जहा पुलाए, एवं जाव परिहारविसुद्धिए / सुहुमसंपरायसंजए णं भंते ! केवइयं कालं वडमाणपरिणामे होज्जा ? गोयमा ! जहणणं एक्क समयं उक्कोसेणं अंतोमुहत्तं / के वइयं कालं हीयमाणपरिणामे होज्जा एवं चेव / अहक्खायसंजए गं भंते ! केवइयं कालं वड्डमाणपरिणाम होज्जा ? गोयमा ! जहणेणं अंतोमुत्तं उक्कोसेणवि अंतोमहत्तं, केवइयं कालं अवट्ठियपरिणामे होज्जा ? गोयमा ! जहणेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं देसूणा पुव्वकोडी 20 // 762 // सामाइयसंजए णं भंते ! कइ कम्मप्पगडीओ बंधइ ? गोयमा ! सत्तविहबंधए वा अट्टविहबंधए वा एवं जहा बउसे, एवं जाव परिहारविसुद्धिए। सुहमसंपरायसंजए पुच्छा, गोयमा ! आउयमोहणिज्जवज्जाओ छ कम्मप्पग. डीओ बंधइ, अहक्खायसंजए जहा सिणाए 21 // सामाइयसंजए णं भंते ! कइ कम्मप्पगडीओ वेदेइ ? गोयमा ! णियमं अट्ट कम्मप्पगडीओ वेदेइ, एवं जाव सुहुमसंपराए / अहक्खाए पुच्छा, गोयमा ! सत्तविहवेयए वा चउब्विहः वेयए वा, सत्त वेदेमाणे मोहणिज्जवज्जाओ सत्त कम्मप्पगडीओ वेदेइ, चत्तारि वेदेमाणे वेयणिज्जआउयणामगोयाओ चत्तारि कम्मप्पगडीओ वेदेइ 22 / सामाइयसंजए णं भंते ! कइ कम्मप्पगडीओ उदीरेइ ? गोयमा ! सत्तविह० जहा बउसो, एवं जाव परिहारविसुद्धिए / सुहमसंपराए पुच्छा, गोयमा ! छविहउदीरए वा पंचविहउदीरए वा, छ उदीरेमाणे आउयवेयणिज्जवज्जाओ छ कम्मप्पगडीओ उदीरेइ, पंच उदीरेमाणे आउयवेयणिज्जमोहणिज्ज. वज्जाओ पंच कम्मप्पगडीओ उदीरेइ / अहक्खायसंजए पुच्छा, गोयमा ! पंचविहउदीरए वा दुविहउदीरए वा, अणुदीरए वा, पंच उदीरेमाणे आउय० सेसं जहा णियंठस्स 23 // 793 // सामाइयसंजए णं भंते ! सामाइयसंजयत्तं जहमाणे कि जहइ कि उवसंपज्जइ ? गोयमा ! सामाइयसंजयत्तं जहइ छेदोवट्ठावणियसंजयं वा सुहमसंपरायसंजयं वा असंजमं वा संजमासंजमं वा उवसंपज्जइ / छेदोवढावणिय० पुच्छा, गोयमा ! छेदोवढावणियसंजयत्तं जहइ Page #1020 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 25 उ.७ 1007 सामाइयसंजमं वा परिहारविसुद्धियसंजमं वा सुहुमसंपरायसंजमं वा असंजमं वा संजमासंजमं वा उवसंपज्जइ / परिहारविसुद्धिए पुच्छा, गोयमा ! परिहारविसुद्धियसंजयत्तं जहइ छेदोवट्ठावणियसंजयत्तं वा असंजमं वा उवसंपज्जइ / सुहुमसंपराए पुच्छा, गोयमा ! सुहुमसंपरायसंजयत्तं जहइ सामाइयसंजमं वा छेदोवट्ठावणियसंजमं वा अहक्खायसंजमं वा असंजमं वा उवसंपज्जइ / अहक्खायसंजए गं पुच्छा, गोयमा ! अहक्खायसंजयत्तं जहइ सुहमसंपरायसंजमं वा असंजमं वा सिद्धिगई वा उवसंपज्जइ 24 // 794 // सामाइयसंजए णं भंते ! कि सण्णोवउत्ते होज्जा णोसण्णोवउत्ते होज्जा ? गोयमा ! सण्णोवउत्ते होज्जा जहा बउसो, एवं जाव परिहारविसुद्धिए, सुहुमसंपराए अहक्खाए य जहा पुलाए 25 / सामाइयसंजए णं भंते ! कि आहारए होज्जा अणाहारए होज्जा ? जहा पुलाए, एवं जाव सुहमसंपराए, अहक्खायसंजए जहा सिणाए 26 // . सामाइयसंजए गं भंते ! कइ भवग्गहणाई होज्जा ? गोयमा ! जहण्णेणं एक्कं उवकोसेणं अट्ठ, एवं छेदोवट्ठावणिएवि / परिहारविसुद्धिए पुच्छा, गोयमा ! जहणणं एक्कं उक्कोसेणं तिण्णि, एवं जाव अहक्खाए 27 // 765 // सामाइयसंजयस्स गं भंते ! एगभवग्गहणिया केवइया आगरिसा प० ? गोयमा ! जहणेणं जहा बउसस्स छेदोवढावणियस्स पुच्छा, गोयमा ! जहण्णेणं एक्कं उक्कोसेणं वीसपुहुत्तं परिहारविसुद्धियस्स पुच्छा, गोयमा ! जहणेणं एक्कं उक्कोसेणं तिणि सुहुमसंपरायस्स पुच्छा, गोयमा ! जहण्णेणं एक्कं उक्कोसेणं चत्तारि / अहक्खायस्स पुच्छा, गोयमा! जहण्णेणं एक्कं उक्कोसेणं दोण्णि। सामाइयसंजयस्स जं भंते ! णाणाभवग्गहणिया केवइया आगरिसा प. ? गोयमा ! जहा बउसे / छेदोवट्ठावणियस्स पुच्छा, गोयमा ! जहणेणं दोणि उक्कोसेणं उरि गवण्हं सयाणं अंतो सहस्सस्स, परिहारविसुद्धियस्स जहणेणं वोणि उक्कोसेणे सत्त, सुहुमसंपरायस्स जहणेणं दोणि उक्कोसेणं णव, अहक्खायस्स जहणेणं दोणि उक्कोसेणं पंच 28 // 796 // सामाइयसंजए गं भंते ! कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहणेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं देसूणहि णवहिं वासेहिं ऊणिया पुष्वकोडी, एवं छेदोवट्ठावणिएवि, परिहारविसुद्धिए जहण्णेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं देसूणएहिं एगणतीसाए वासेहि अणिया पुव्वकोडी, सुहुमसंपराए जहा णियंठे, अहक्खाए जहा सामाइयसंजए। Page #1021 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1008 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि सामाइयसंजया गं भंते ! कालओ केवच्चिरं होंति ? गोयमा ! सम्वद्धं / छेदोवद्रावणिय० पुच्छा, गोयमा ! जहण्णेणं अड्डाइज्जाइं वाससयाई उक्को. सेणं पण्णासं सागरोवमकोडिसयसहस्साई। परिहारविसुद्धिएसु पुच्छा, गोयमा ! जहण्णेणं देसूणाई दो वाससयाई उक्कोसेणं देसूणाओ दो पुत्वकोडीओ / सुहुम. संपरायसंजया गं भंते ! पुच्छा, गोयमा ! जहणेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं भंतोमहत्तं, अहक्खायसंजया जहा सामाइयसंजया 26 // सामाइयसंजयस्स गं भंते ! केवइयं कालं अंतरं होइ ? गोयमा ! जहण्णेणं जहा पुलागस्स एवं जाव भहक्खायसंजयस्स / सामाइयसंजयाणं भंते ! पुच्छा, गोयमा ! णस्थि अंतरं। छेदोवढावणिय० पुच्छा, गोयमा ! जहण्णेणं तेवट्टि वाससहस्साई उक्कोसेणं भद्वारस सागरोवमकोडाकोडीओ। परिहारविसुद्धियस्स पुच्छा,गोयमा! जहण्णेणं चउरासोई वाससहस्साई उक्कोसेणं अट्ठारस सागरोवमकोडाकोडीओ, सुहुमसंपरायाणं जहा णियंठाणं, अहक्खायाणं जहा सामाइयसंजयाणं 30 / सामाइयसंजयस्स णं भंते ! कइ समुग्घाया पण्णत्ता ? गोयमा ! छ समुग्घाया पणत्ता, नहा कसायकुसीलस्स, एवं छेदोवढावणियस्सवि, परिहारविसुद्धियस्स जहा पुलागस्स, सुहमसंपरायस्स जहा णियंठस्स, अहक्खायस्स जहा सिणायस्स 31 // सामाइयसंजए गं भंते ! लोगस्स कि संखेज्जइभागे होज्जा असंखेज्जइमागे० पुच्छा, गोयमा ! णो संखेज्जइ० जहा पुलाए, एवं जाव सुहमसंपराए। अहक्खायसंजए जहा सिणाए 32 / सामाइयसंजए गंभंते ! लोगस्स कि संखेज्जइभागं फुसइ जहेव होज्जा तहेव फुसइ 33 / सामाइयसंजए णं भंते ! कयरम्मि भावे होज्जा ? गोयमा ! खओवसमिए भावे होज्जा, एवं जाव सुहमसंपराए / अहक्खायसंजए पुच्छा, गोयमा ! उवसमिए वा खइए वा भावे होज्जा 34 / सामाइयसंजया णं भंते ! एगसमएणं केवइया होज्जा ? गोयमा! पडिवज्जमाणए य पडुच्च जहा कसायकुसीला तहेव णिरवसेसं। छेदोवट्ठावणिया पुच्छा, गोयमा ! पडिवज्जमाणए पड़च्च सिय अस्थि सिय णस्थि, जइ अस्थि जहण्णेणं एक्को वा दो वा तिणि वा उक्कोसेणं सयपुहत्तं, पुव्वपडिवण्णए पड़च्च सिय अस्थि सिय णस्थि,जइ अस्थि जहणणं कोडिसयपुहृत्तं उक्कोसेणवि कोडिसथ. पुहुत्तं, परिहारविसुद्धिया जहा पुलाया, सुहुमसंपराया जहा णियंठा। अहक्खाय. संजयाणं पुच्छा, गोयमा! पडिवज्जमाणए पडुच्च सिय अस्थि सिय णस्थि, जइ अस्थि जहणणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा उक्कोसेणं बावट्ठसयं अठ्ठत्तरसयं Page #1022 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 25 उ. 7 1009 खवगाणं चउप्पण्णं उवसामगाणं, पुवपडिवण्णए पड़च्च जहणेणं कोडिपुहुतं उक्कोसेणवि कोडिपुहुत्तं / एएसि गं भंते ! सामाइयछेदोबट्टावणियपरिहार. विसुद्धियसुहमसंपरायअहक्खायसंजयाणं कयरे 2 जाव विसेसाहिया वा? गोयमा! सम्वत्थोवा सुहमसंपरायसंजया, परिहारविसुद्धियसंजया संखेज्जगणा, महक्खायसंजया संखेज्जगुणा, छेदोवढावणियसंजया संखेज्जगणा, सामाइयसंजया संखेज्ज. गुणा 36 // 767 // पडिसेवण दोसालोयणा य आलोयणारिहे चेव / तत्तो सामायारी पायच्छित्ते तवे चेव // 1 // कइविहा गं भंते ! पडिसेवणा प० ? गोयमा! दसविहा पडिसेवणा प०, तं०-दप्प 1 प्पमाद 2 ऽणाभोगे 3, आउरे 4 मावती 5 ति य / संकिण्णे 6 सहसक्कारे 7 भय 8 प्पओसा ह य वीमंसा 10 // 1 // दस आलोयणादोसा 50, तंजहा-आकंपइत्ता 1 अणुमाणइत्ता 2 जं विट्ठ 3 बायरं च 4 सुहमं वा 5 / छण्णं 6 सद्दाउलयं 7 बहुजण 8 अव्वत्त 6 तस्सेवी 10 // 2 // दसहि ठाणेहिं संपण्णे अणगारे अरिहइ अत्तदोसं आलोइत्तए, तंजहा-जाइसंपण्णे 1, कुलसंपण्णे 2, विणयसंपण्णे 3, णाणसंपण्णे 4, बंसणसंपण्णे 5, चरित्तसंपण्णे 6, खते 7, दंते 8, अमाई 6, अपच्छाणुतावी 10 / अहिं ठाणेहि संपण्णे अणगारे अरिहइ आलोयणं पडिच्छित्तए, तं०-आयारवं 1, आहारवं 2, ववहारवं 3, उव्वीलए 4, पकुव्वए 5, अपरिस्सावी 6, णिज्ज. वए 7, अवायदंसी 8 // 768 // वसविहा सामायारी प०, तंजहा-इच्छा 1 मिच्छा 2 तहक्कारे 3, आवस्सिया य 4, णिसीहिया 5 / आपुच्छणा य 6, पडिपुच्छा 7, छंदणा'य 8, णिमंतणा // 1 // उवसंपया 10 य काले, सामा. यारी भवे दसहा // 79 // दसविहे 'पायच्छिते 50, तं०-आलोयणारिहे पडिक्कमणारिहे तदुभयारिहे विवेगारिहे विउसग्गारिहे तवारिहे छेदारिहे मूला. रिहे अणवटुप्पारिहे पारंचियारिहे // 800 // दुविहे तवे पण्णत्ते, तंजहा-बाहिरए य अभितरए य / से कि तं बाहिरए तवे ? बाहिरए तवे छविहे प०, तं.-अणसणं ओमोयरिया भिक्खायरिया रसपरिच्चाओ कायकिलेसो पडि. संलीणया ॥१॥से कि तं अणसणे ? अणसणे दुविहे 50, तं-इत्तरिए य * आवकहिए य / से कि तं इत्तरिए ? इत्तरिए अणेगविहे पण्णत्ते, तंजहा-चउत्थे * भत्ते छठे भत्ते अट्ठमे भत्ते दसमे भत्ते दुवालसमे भत्ते च उद्दसमे भत्ते अद्ध. ___ मासिए भत्ते मासिए भत्ते दोमासिए भत्ते तेमासिए भत्ते जाव छम्मासिए Page #1023 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1010 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि भत्ते, सेत्तं इत्तरिए / से कि तं आवकहिए ? आवकहिए दुविहे प०, तंजहापाओवगमणे य भत्तपच्चक्खाणे य / से कि तं पाओवगमणे ? पाओवरामणे दुविहे प०, तं०-णीहारिमे य अणीहारिमे य णियमं अपडिक्कमे, से तं पाओवगमणे, से कि तं भत्तपच्चक्खाणे ? भत्तपच्चक्खाणे दुविहे प०, तं०-णीहारिमे य अणीहारिमे य णियमं सपडिक्कमे, सेत्तं भत्तपच्चक्खाणे, सेत्तं आवकहिए, सेत्तं अणसणे / से कि तं ओमोयरिया ? ओमोयरिया दुविहा प०, तं०-दव्योमोय. रिया य भावोमोयरिया य / से कि तं दव्वोमोयरिया ? दवोमोयरिया दुविहा 50, तं०-उवगरणदत्वोमोयरिया य भत्तपाणदव्योमोयरिया यासे कि तं उव. गरणदत्वोमोरिया ? उवगरणदव्वोभोयरिया तिविहा प०,०-एगे वत्थे एगे पाए चियत्तोवगरणसाइज्जणया, सेत्तं उवगरणदव्वोमोयरिया / से कि तं भत्तपाणदव्योमोयरिया? भत्तपाणदव्योमोयरिया अटकुक्कुडिअंडगप्पमाणमेत्ते कवले आहारं आहारेमाणे अप्पाहारे दुवालस० जहा सत्तमसए पढमोद्देसए जाव णो पकामरसभोईति वत्तव्वं सिया,सेत्तं भत्तपाणदव्योमोयरिया, सेत्तं दवोमोयरिया। से कि तं भावोमोयरिया ? भावोमोयरिया अणेगविहा प०, तं०-अप्पकोहे जाव अप्पलोभे अप्पसद्दे अप्पझंझे अप्पतुमंतुमे, , सेत्तं भावोमोयरिया, सेत्तं ओमोयरिया / से किं तं भिक्खायरिया ? भिक्खायरिया अणेगविहा प०, तं०दव्वाभिग्गहचरए जहा उववाइए जाव सुद्धसणिए संखादत्तिए, सेत्तं भिक्खा. यरिया / से किं तं रसपरिच्चाए ? रसपरिच्चाए अणेगविहे प०, तं०-णिवि. गिइए पणीयरसविवज्जए जहा उववाइए जाव लूहाहारे, सेत्तं रसपरिच्चाए / से कि तं कायकिलेसे ?2 अणेगविहे प०, तं०-ठाणाईए उक्कुड्यासणिए जहा उव. वाइए जाव सव्वगायपडिकम्मविभूसविप्पमुक्के, सेत्तं कायकिलेसे / से कि तं पडि. संलीणया ? पडिसंलोणया चउन्विहा प०, तं०-इंदियपडिसंलोणया कसायपडि. संलीणया जोगपडिसलीणया णिवित्तसयणासणसेवणया। से कि तं इंदियपडि. संलीणया? इंदियपडिसंलीणया पंचविहा प०, तं०-सोइंदियविसयप्पयारणिरोहो वा सोइंदियविसयप्पत्तेसु वा अत्थेसुरागदोसविणिग्गहो चक्खिदियविसय० एवं जाव फासिदियविसयप्पयारणिरोहो वा फासिदियविसयप्पत्तेसु वा अस्थेसु रागदोस विणिग्गहो, सेत्तं इंदियपडिसंलोणया / से किं तं कसायपडिसंलीणया ? कसायपडिसंलीणया चउव्विहा प०, तं०-कोहोदयणिरोहो वा उदयप्पत्तस्स वा कोहस्स विफलीकरणं एवं जाव लोभोदयणिरोहो वा उदयप्पत्तस्स वा लोभस्स Page #1024 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 25 उ. 7 1011 विफलीकरणं, सेतं कसायपडिसलीणया। से कि तं जोगपडिसंलोणया? जोग. पडिसलीणया तिविहा प०,०-मणजोगप० वइजोगप० कायजोगपडिसलीणया। से कि तं मणजोगपडिसलीणया ? 2 तिविहा प०, तं०-अकुसलमणणिरोहो वा कुसलमणउदीरणं वा मणस्स वा एगत्तीभावकरणं / से कि तं वइजोगपडि. संलोणया ? 2 तिविहा प०, तं०-अकुसलवइणिरोहो वा कुसलवइउदीरणं वा वईए वा एगत्तीभावकरणं / से कि तं कायपडिसंलीणया ? कायपडिसंलोणया जण्णं सुसमाहियपसंतसाहरियपाणिपाए कुम्मो इव गुत्तिदिए अल्लीणे-पल्लीणे चिट्ठइ, सेत्तं कायपडिसंलोणया, सेत्तं जोगपडिसंलोणया / से किं तं विवित्त. सयणासणसेवणया ? विवित्तसयणासणसेवणया जण्णं आरामेसु वा उज्जासु वा जहा सोमिलुद्देसए जाव सेज्जासंथारगं उवसंपज्जित्ताणं विहरइ, सेत्तं विवित्तसयणासणसेवणया, सेत्तं पडिसंलोणया, सेत्तं बाहिरए तवे १।से कि तं अभितरए तवे ? अभितरए तवे छबिहे 50, तं०-पायच्छितं विणओ वेयावच्चं समाओ झाणं विउसग्गो। से कि तं पायच्छित्ते ? पायच्छित्ते दसविहे प०, संजहा-आलोयणारिहे जाव पारंचियारिहे, सेत्तं पायच्छित्ते।से कि तं विणए ? विणए सत्तविहे पण्णत्ते, तंजहा-णाणविणए सणविणए चरित्तविणए मणविणए वाविणए कायविणए लोगोवयारविणए / से कि तं णाणविणए ? णाणविणए पंचविहे प०, तंजहा-आभिणियोहियणाणविणए जाव केवलणाणविणए, सेत्तं माणविणए / से कि तं. सणविणए ? सणविगए दुविहे प०, तं०- सूस्सूसणा. विणए य अणच्चासायणाविणए य / से कि तं सुस्सूसणाविणए ? सुस्सूसणाविणए अणेगविहे प०, तं०-सक्कारेइ वा सम्माणेइ वा जहा चउद्दसमसए ताए उद्देसए जाव पडिसंसाहणया, सेत्तं सुस्सूसणाविणए / से कि तं अणच्चासायणाविणए ? अणच्चासायणाविणए पणयालीसइविहे प०, तं०-अरिहंताणं अपच्चासायणया अरिहंतपण्णत्तस्स धम्मस्स अणच्चासायणया आयरियाणं अणच्यासायणया उवज्झायाणं अणच्चासायणया थेराणं अणच्चासायणया कुलस्स अणच्चासायणया गणस्स अणच्चासायणया संघस्स अणच्चासायणया किरियाए अणच्चासायणया संभोगस्स अणच्चासायणया आभिणिबोहियणाणस्स अण. न्चासायणया जाव केवलणाणस्स अणच्चासायणया 15, एएसि चेव भत्तिबह. माणेणं एएसि चेव वण्णसंजलणया, सेत्तं अणच्चासायणयाविणए, सेत्तं Page #1025 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1012 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि दसणविणए / से कि तं चरित्तविणए ? चरित्तविणए पंचविहे पण्णता, तं०-सामाइयचरित्तविणए जाव अहक्खायचरित्तविणए, सेत्तं चरित्तविणए / से कि तं मणविणए ? मणविणए दुविहे प०, तं०-पसत्यमणविणए य अप्पसत्थ. मणविणए य / से कि तं पसत्थमणविणए ? पसत्थमगविणए सत्तविहे 50, तंजहा-अपावए असावज्जे अकिरिए णिरुवक्केसे अणण्हयकरे अच्छविकरे अभूयाभिसंकणे,सेत्तं पसत्थमणविणए / से कि त अप्पसत्थमणविणए ? अप्पसत्यमणविणए सत्तविहे 50, तं०-पावए सावज्जे सकिरिए सउवक्कसे अण्हयकरे छविकरे भयाभिसंकणे, सेत्तं अप्पसत्थमणविणए, सेत्तं मणविणए / से कि तं वइविणए ? वइविणए दुविहे प०, त०-पसत्थवइविणए य अप्पसत्यवइविणए य / से कि तं पसत्थवइविणए ? पसत्थवइविणए सत्तविहे पण्णत्ता, तंजहाअपावए असावज्जे जाव अभयाभिसंकणे, सेत्तं पसत्थवइविणए / से कि तं अप्पसत्थवइविणए ? अप्पसत्थवइविणए सत्तविहे पण्णत्ता, तंजहा-पावए सावज्जे जाव भूयाभिसंकणे, सेत्तं अप्पसत्थवइविणए, सेत्तं वइविणए / से कि तं कायविणए ? कायविणए दुविहे पण्णत्ता, तंजहा-पसत्थकायविणए य अप्पसत्थकायविणए य / से किं तं पसस्थकायविणए ?' पसत्थकायविणए सत्तविहे पण्णत्ता, तंजहा-आउत्तं गमणं आउत्तं ठाणं आउत्तं णिसीयणं आउत्तं तुयट्टणं आउत्तं उल्लंघणं आउत्तं पल्लंघणं आउत्तं सम्विदियजोगजुंजणया, सेत्तं पसस्थकायविणए / से कि तं अप्पसत्थकायविणए ? अप्पसत्थकायविणए सत्तविहे पण्णत्ते, संजहा-अणाउत्तं गमणं जाव अणाउत्तं सव्विदियजोगजुजणया, सेत्तं अप्पसत्थकायविणए, सेत्तं कायविणए / से कि तं लोगोवयारविणए ? लोगो. वयारविणए सत्तविहे प०, तं-अब्मासवत्तियं परच्छंदाणुवत्तियं कज्जहेऊ कयपडिकइया अत्तगवेसणया देसकालण्णया सम्वत्थेसु अप्पडिलोमया, सेत्तं लोगो. वयारविणए, सेत्तं विणए / से किं तं वेयावच्चे ? यावच्चे दसविहे 50, तं०आयरियवेयावच्चे उवज्झायवेयावच्चे थेरवेयावच्चे तवस्सिवेयावच्चे गिलाण. वेयावच्चे सेहवेयावच्चे कुलवेयावच्चे गणवेयावच्चे संघवेयावच्चे साहम्मियवेया. वच्चे, सेत्तं वेयावच्चे / से कि तं सज्झाए ? सज्झाए पंचविहे प०, तं०-वायणा पडिपुच्छणा परियट्टणा अणुप्पेहा धम्मकहा, सेत्तं सज्झाएँ // 801 // से कि तं झाणे ? झाणे चउब्विहे पण्णत्ते, तंजहा-अट्टे झाणे रोदे झाणे धम्मे झाणे Page #1026 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 25 उ. 7 1013 सुक्के झाणे / अट्टे झाणे चउठिवहे पण्णत्ते, तंजहा-अमणुण्णसंपओगसंपउत्ते तस्स विप्पओगसहसमण्णागए यावि भवइ 1, मणुण्णसंपओगसंपउत्ते तस्स अविप्प ओगसइसमग्णागए यावि भवइ 2, आयंकसंपओगसंपउत्तेतस्स विप्पओगसइसमण्णागए यावि भवइ 3. परिज्जसियकामभोगसंपओगसंपउत्ते तस्स अविप्पओग. सइसमण्णाए यावि भवइ 4 / अट्टस्स गं झाणस्स चत्तारि लक्खणा प०, तं०कंदणया सोयणया तिप्पणया परिदेवणया 1 / रोद्दे झाणे चउन्विहे प०, तं०हिसाणबंधी मोसाणबंधी तेयाणबंधी सारक्खणाणबंधी, रोहस्स णं झाणस्स चत्तारि लक्लणा प०, तं०-ओसण्णदोसे बहुलदोसे अण्णाणदोसे आमरणांतदोसे 2 / धम्मे झाणे चउविहे चउप्पडोयारे प०, तं०-आणाविजए अवायविजए विवागविजए संठाणविजए / धम्मस्स गं झाणस्स चत्तारि लक्खणा प०, तं०आणारई णिसग्गाई सुत्तरई ओगाढरई / धम्मस्स णं झाणस्स चत्तारि आलं. बणा प०, तं०-वायणा पडिपुच्छणा परियट्टणा धम्मकहा। धम्मस्स णं झाणस्स चत्तारि अणप्पेहाओ प०, तं०-एगत्ताणप्पेहा अणिच्चाणप्पेहा असरणाणप्पेहा संसाराणुप्पेहा 3 / सुक्के साणे चउविहे चउप्पडोयारे 50, तं०-पुहत्तवियक्के सवियारी 1, एगंतवियक्के अवियारी 2, सुहुमकिरिए अणियट्टी 3, समुच्छिणकिरिए अप्पडिवाई 4 / सुक्कस्स गं झाणस्स चत्तारि लक्खणा प०,०-खंती मत्ती अज्जवे महवे / सुक्कस्स गं झाणस्स चत्तारि आलंबणा प०, तं०-अव्वहे असंमोहे विवेगे विउग्गे। सुक्कस्स णं झाणस्स चत्तारि अणप्पेहाओ प०, तं०अणंतवत्तियाणप्पेहा विप्परिणामाणप्पेहा असुभाणप्पेहा अवायाणुप्पेहा 4, सेत्तं झाण।।८०२॥से कि तं विउसग्गे ?विउसग्गे दुविहे प०, तं-दव्वविउसग्गे य भावविउसग्गे यासे किं तं दव्वविउसग्गे ? दव्वविउसग्गे चउविहे प०, तं०गणविउसग्गे सरीरविउसग्गे उवहिविउसग्गे भत्तपाणविउसग्गे, सेत्तं दव्य. विउसगे / से किं तं भावविउसग्गे ? भावविउसग्गे तिविहे प०, तं०-कसायविउसग्गे संसारविउसग्गे कम्मविउसग्गे / से किं तं कसायविउसग्गे ? कसायविउसग्गे चउन्विहे प०, तं०-कोहविउसग्गे माणविउसग्गे मायाविउसग्गे लोभ. विउसग्गे, सेतं कसायविउसग्गे / से कितं संसारविउसग्गे ? संसारविउसग्गे चउठिवहे प०, तं०-णेरइयसंसारविउसग्गे जाव देवसंसारविउसग्गे, सेत्तं संसारविउसग्गे। से किं तं कम्मविउसग्गे ? कम्मविउसग्गे अट्टविहे प०,तं०-णाणावर. Page #1027 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1014 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि णिज्जकम्मविउसग्गे जाव अंतराइयकम्मविउसग्गे, सेतं कम्मविउसग्गे सेतं भावविउसग्गे, सेत्तं अभितरए तवे / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 803 // पंचवीसइमं सयं 8-12 उद्देसा रायगिहे जाव एवं वयासी-जेरइया णं भंते ! कहं उववज्जति ? गोयमा ! से जहाणामए पवए पवमाणे अज्झवसाणणिव्वत्तिएणं करणोवाएणं सेयकाले तं ठाणं विप्पजहिता पुरिमं ठाणं उवसंपज्जित्ताणं विहरइ एवामेव एएवि जीवा पवओविव पवमाणा अज्झवसाणिव्वत्तिएणं करणोवाएणं सेयकाले तं भवं विप्पजहित्ता पुरिमं भवं उवसंपज्जित्ताणं विहरति / तेसि गं भंते ! जीवाणं कह सीहा गई कहं सीहे गइविसए प० ? गोयमा ! से जहाणामए केइ पुरिसे तरुणे बलवं एवं जहा चउद्दसमसए पढमद्देसए जाव तिसमएण वा विग्गहेणं उववज्जंति, तेसि गं जीवाणं तहा सीहा गई तहा सोहे गइविसए प० / ते गं भंते ! जीवा कहं परमवियाउयं पकरेंति ? गोयमा ! अज्मवसाणजोगणिवत्तिएणं करणोवाएणं एवं खलु ते जीवा परभवियाउं पकरेंति / तेसि गं भंते ! जीवाणं कह गई पवत्तइ ? गोयमा ! आउक्खएणं भवक्खएणं ठिइक्खएणं, एवं खलु तेसि जीवाणं गई पवत्तइ / तेणं भंते ! जीवा कि आइड्ढीए उववज्जति परिड्ढीए उववज्जति ? गोयमा ! आइड्ढीए उववज्जति णो परिड्ढीए उववज्जति / ते गं भंते ! जीवा किं आयकम्मणा उववज्जति परकम्मणा उववज्जति ? गोयमा ! आयकम्मणा उववज्जति णो परकम्मुणा उववज्जति / ते गं भंते ! जीवा कि आयप्पओगेणं उववज्जति परप्पओगेणं उववज्जति ? गोयमा ! आयप्पओगेणं उववज्जति णो परप्प ओगेणं उववज्जति / असुरकुमारा गं भंते ! कहं उववज्जति ? जहा मेरइया तहेव गिरवसेसं जाव णो परप्पओगेणं उववज्जंति, एवं एगिदियवज्जा जाव वेमाणिया, एगिदिया तं चेव णवरं चउसमइओ विग्गहो, सेसं तं चेव / सेवं भंते ! 2 त्ति जाव विहरइ // 804 // 25 // 8 // भवसिद्धियणेरइया गं भंते ! कह उववज्जति ? गोयमा ! से जहाणामए पवए पवमाणे अवसेसं तं चेव जाव वेमाणिए / सेवं भंते ! २त्ति // 805 // 25 // 6 // अभवसिद्धिय रइया णं भंते ! कहं उववज्जति ? गोयमा ! से जहाणामए पवए पवमाणे अवसेसं तं चेव एवं जाव वेमाणिए / सेवं भंते ! 2 ति // 806 // 25 // 10 // Page #1028 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 26 उ.१ 1015 सम्मदिटुिंगेरइया णं भंते ! कहं उववज्जति ? गोयमा ! से जहाणामए पवए पवमाणे अवसेस तं चेव एवं एगिदियवज्जं जाव वेमाणिया। सेवं भंते ! 2 त्ति // 807 // 25 // 11 // मिच्छादिट्रिणेरइया गं भंते ! कहं उववज्जति ? गोयमा ! से जहाणामए-पवए पवमाणे अवसेसं तं चेव, एवं जाव वेमाणिए / सेवं भंते ! 2 त्ति जाव विहरइ // 808 // पंचवीसइमं सयं समत्तं // छवीसइमं सयं पढमो उद्देसो // णमो सुयदेवयाए भगवईए / जीवा 1 य लेस्स 2 पक्खिय 3 दिट्ठी 4 अण्णाण 5 णाण 6 सण्णाओ 7 / वेय 8 कसाए 6 उवओग 10 जोग 11 एक्कारसवि ठाणा // 1 // तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे जाव एवं वयासीजीवे णं भंते ! पावं कम्मं कि बंधी बंधइ बंधिस्सइ 1, बंधी बंधइ ण बंधिस्सइ 2, बंधी ण बंधइ बंधिस्सइ 3, बंधी ण बंधइ ण बंधिस्सइ 4 ? गोयमा ! अत्थेगइए बंधी बंधइ बंधिस्सइ 1, अत्थेगइए बंधी बंधइ ण बंधिस्सइ 2, अत्थेगइए बंधी ण बंधइ बंधिस्सइ 3, अत्थेगइए बंधी ण बंधई ण बंधिस्सइ 4-1 // सलेस्से गं भंते ! जीवे पावं कम्मं कि बंधी बंधइ बंधिस्सइ, बंधी बंधइ ण बंधिस्सइ० पुच्छा, गोयमा ! अत्थेगइए बंधी बंधइ बंधिस्सइ, अत्थेगइए एवं चउभंगो / कण्हलेस्से गं भंते ! जीवे पावं कम्मं किं बंधी० पुच्छा, गोयमा! अत्थेगइए बंधी बंधइ बंधिस्सइ अत्थेगइए बंधी बंधइ ण बंधिस्सइ एवं जाव पम्हलेस्से सव्वत्थ पढमबिइया भंगा / सुक्कलेस्से जहा सलेस्से तहेव चउमंगो। : अलेस्से णं भंते ! जीवे पावं कम्मं किं बंधी० पुच्छा, गोयमा ! बंधी ण बंधइ ण बंधिस्सइ 2 / कण्हपक्खिए गं भंते ! जीवे पावं कम्म० पुच्छा, गोयमा ! अत्थेगइए बंधी पढमबिइया भंगा। सुक्कपक्खिए णं भंते ! जीवे पुच्छा, गोयमा ! चउभंगो भाणियन्वो // 806 // सम्मदिट्ठीणं चत्तारि भंगा, मिच्छाविट्ठीणं पढमबिइया मंगा, सम्मामिच्छादिट्ठीणं एवं चेव / णाणीणं चत्तारि भंगा, आभिणिबोहियणाणीणं जाव मणपज्जवणाणीणं चत्तारि भंगा, केवल. णाणीणं चरिमो भंगो जहा अलेस्साणं 5 / अण्णाणीणं पढमबिइया, एवं मइअण्णाणीणं सुयअण्णाणीणं विभंगणाणीणवि 6 / आहारसण्णोवउत्ताणं जाव परिग्गहसण्णोवउत्ताणं पढमबिइया गोसणोवउत्ताणं चत्तारि 7 / सवेयगाणं पढम. Page #1029 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1016 अंग-पविट्ट सुत्ताणि बिइया, एवं इथिवेयगा पुरिसवेयगा णपुंसगवेयगावि, अवेयगाणं चत्तारि सकसाईणं चत्तारि, कोहकसाईणं पढमबिइया भंगा, एवं माणकसा. इस्सवि मायाकसाइस्सवि लोभकसाइस्सवि चत्तारि भंगा / अकसाई भते ! जीवे पावं कम्मं कि बंधी० पुच्छा, गोयमा! अत्थेगइए बंधी ण बंधइ बंधिस्सइ 3, अत्थेगइए बंधी ण बंधइ ण बंधिस्सइ 4 / सजोगिस्स चउभंगो, एवं मणजोगिस्सवि वइजोगिस्सवि कायजोगिस्सवि, अजोगिस्स चरिमो / सागारोवउत्ते चत्तारि, अणगारोवउत्तेवि चत्तारि भंगा ११॥८१०॥णेरइए जं भंते ! पावं कम्मं कि बंधी बंधइ बंधिस्सइ०. पुच्छा, गोयमा / अत्थेगइए बंधी पढमबिइया 1 / सलेस्से गं भंते ! गेरइए पावं कम्म० एवं चेव, एवं कण्हलेस्सेवि गोललेस्सेवि काउलेस्सेवि, एवं कण्हपविखए सुक्कपक्खिए, सम्मदिछी मिच्छादिट्ठी सम्मामिच्छाविट्ठी, गाणी * आभिणिबोहियणाणी सुयणाणी ओहिणाणी अण्णाणी मइअण्णाणी सुयअण्णाणी विभंगणाणी आहारसण्णोवउत्ते जाव परिग्गहसण्णोवउत्ते, सवेयए जाव जपंसगवेयए, सकसाई जाव लोभकसाई, सजोगी मणजोगी वइजोगी कायजोगी सागारोवउत्ते अणागारो. वउत्ते, एएसु सव्वेसु पएसु पढमबिइया भंगा माणियव्या, एवं असुरकुमारस्सवि वत्तव्वया माणियव्वा णवरं तेउलेस्सा इत्थिवेयगा पुरिसवेयगा य अमहिया णपंसगवेयगाण भण्णंति सेसं तं चेव सम्वत्थ पढमबिइया भंगा, एवं जाव थणिय. कुमारस्स, एवं पुढविकाइयस्सवि आउकाइयस्सवि जाव पंचिदियतिरिक्ख. जोणियस्सवि सम्वत्थवि पढमबिइया भंगा णवरं जस्स जा लेस्सा दिट्ठी णाणं अण्णाणं वेदो जोगो य अस्थि तं तस्स भाणियव्वं सेसं तहेव, मण. सस्स जच्चेव जीवपए वत्तव्वया सच्चेव गिरवसेसा भाणियव्वा, वाणमंतरस्स जहा असुरकुमारस्स, जोइसियस्स वेमाणियस्स एवं चेव णवरं लेस्साओ जाणि. यवाओ, सेसं तहेव भाणियव्वं // 811 // जीवे गं भंते ! णाणावरणिज्ज कम्मं किं बंधी बंधइ बंधिस्सइ एवं जहेव पावकम्मस्स वत्तव्वया तहेव णाणावरणिज्जस्सवि भाणियव्वा गवरं जीवपए मणुस्सपए य सकसाई जाव लोभकसाइंमि य पढमबिइया भंगा अवसेसं तं चेव जाव वेमाणिया, एवं दरिसणावरणिज्जेणवि दंडगो भाणियव्यो णिरवसेसो / जीवे णं भंते ! वेयणिज्ज कम्मं किं बंधी० पुच्छा, गोयमा ! अत्थेगइए बंधी बंधइ बंधिस्सइ Page #1030 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 26 उ. 1 1017 1, अत्थेगइए बंधी बंधइ ण बंधिस्सइ 2, अत्थेगइए बंधी ण बंधइ ण बंधिस्सइ 4, सलेस्सेवि एवं चेव तइयविहणा भंगा, कण्हलेस्से जाव पम्हलेस्से पढमबिइया भंगा, सुक्कलेस्से तइयविहूणा भंगा, अलेस्से चरिमो भंगो, कण्हपक्खिए पढमबिइया भंगा, सुक्कपक्खिया तइयविहणा, एवं सम्मदिहिस्सवि, मिच्छा. दिहिस्स सम्मामिच्छादिद्धिस्स य पढमबिइया, णाणिस्स तइयविहूणा, आभिणिबोहियणाणी जाव मणपज्जवणाणी पढमबिइया, केवलणाणी तइयविहूणा, एवं जोसण्णोवउत्ते अवेयए अकसाई सागारोवउत्ते अणागारोवउत्ते एएसु तइयविहूणा, अजोगिम्मि य चरिमो, सेसेसु पढमबिइया। रइए गं भंते ! वेयणिज्ज कम्म कि बंधी बंधइ बंधिस्सइ० एवं रइया जाव वेमाणियत्ति जस्स जं अस्थि सव्वत्थवि पढमबिइया, णवरं मणुस्से जहा जीवे / जीवे गं भंते ! मोहणिज्जं कम्मं कि बंधी बंधइ० जहेव पावं कम्मं तहेव मोहणिज्जपि णिरवसेसं जाव वेमाणिए // 812 // जीवे गं भंते ! आउयं कम्मं किं बंधी बंधइ० पुच्छा, गोयमा ! अत्थेगइए बंधी चउभंगो, सेसस्से जाव सुक्कलेस्से चत्तारि भंगा, अलेस्से चरिमो भंगो। कण्हपक्खिए गं पुच्छा, गोयमा ! अत्थेगइए बंधी बंधइ बंधिस्सइ अत्थेगइए बंधी ण बंधइ बंधिस्सइ, सुक्कपक्खिए सम्मदिट्ठी मिच्छा. दिट्ठी चत्तारि भंगा / सम्मामिच्छादिट्ठी पुच्छा, गोयमा ! अत्थेगइए बंधी ण बंधइ बंधिस्सइ अत्थेगइए बंधी ण बंधइ ण बंधिस्सइ, गाणी जाव ओहिणाणी चत्तारि भंगा। मणपज्जवणाणी पुच्छा, गोयमा! अत्यंगइए बंधी बंधइ बंधिस्सइ, अत्थेगइए बंधी ण बंधई बंधिस्सइ, अत्थेगइए बंधी ण बंधइ ण बंधिस्सइ, केवलणाणे चरिमो भंगो, एवं एएणं कमेणं णोसण्णोवउत्ते बिइयविहणा जहेव मणपज्जवणाणे, अवेयए अकसाई य तइयचउत्था जहेव सम्मामिच्छत्ते, अजो. गिम्मि चरिमो, सेसेसु पएसु चत्तारि भंगा जाव अणागारोवउत्ते / रइए णं मंते ! आउयं कम्म कि बंधी० पुच्छा, गोयमा! अत्थेगइए चत्तारि भंगा एवं सम्वत्थवि रइयाणं चत्तारि भंगा णवरं कण्हलेस्से कण्हपक्खिए य पढमतइया भंगा, सम्मामिच्छत्ते तइयचउत्था, असुरकुमारे एवं चेव, णवरं कण्हलेस्सेवि चत्तारि मंगा भाणियव्वा सेसं जहा रइयाणं एवं जाव थणियकुमाराणं, पुद विक्काइयाणं सम्वत्थवि चत्तारि भंगा, णवरं कण्हपक्खिए पढमतइया भंगा। तेउलेस्से पुच्छा; गोयमा ! बंधी ण बंधइ बंधिस्सइ, सेसेसु सम्वत्थ चत्तारि भंगा, एवं आउक्काइयवणस्सइकाइयाणवि गिरवसेसं, तेउक्काइयवाउक्काइयाणं Page #1031 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1018 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि सम्वत्थवि पढमतइया भंगा, बेइंदियतेइंदियचरिदियाणपि सवथवि पढमतइया भंगा, गवरं सम्मत्ते णाणे आभिणिबोहियणाणे सुयणाणे तइओ भंगो। पंचिदियतिरिक्खजोणियाणं कण्हपविखए पढमतइया भंगा, सम्मामिच्छत्ते तइयचउत्थो भंगो, सम्मत्ते णाणे आभिणिबोहियणाणे सुयणाणे ओहिणाणे एएसु पंचसुवि पएसु बिइयविहूणा भंगा, सेसेसु चत्तारि भंगा, मणुस्साणं जहा जीवाणं, णवरं सम्मत्ते ओहिए णाणे आभिणिबोहियणाणे सुयणाणे ओहिणाणे एएसु बिइयविहूणा भंगा, सेसं तं चेव, वाणमंतरजोइसियवेमाणिया जहा असुरकुमारा, णाम गोयं अंतरायं च एयाणि जहा णाणावरणिज्ज / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति जाव विहरइ // 813 // . छवीसइमं सयं बीओ उद्देसो अणंतरोववण्णए गं भंते ! जेरइए पावं कम्मं कि बंधी० पुच्छा तहेव, गोयमा ! अस्थेगइए बंधी पढमबिइया भंगा। सलेस्से णं भंते ! अणंतरोववण्णए रइए पावं कम्मं कि बंधी० पुच्छा, गोयमा ! पढमबिइया भंगा, एवं खलु सम्वत्थ पढमबिइया भंगा, णवरं सम्मामिच्छत्तं मणजोगो वइ जोगो य ण पुच्छिज्जइ, एवं जाव थणियकुमाराणं, बेइंदियतेइंदियचउरिदियाणं वइजोगो ण भण्णइ, पंचिदियतिरिक्खजोणियाणंपि सम्मामिच्छत्तं ओहिणाणं विभंगणाणं मणजोगो वइजोगो एयाणि पंच पयाणि ण भणंति / मणुस्साणं अलेस्ससम्मा. मिच्छमणपज्जवणाणकेवलणाणविभंगणाणणोसण्णोव उत्त-अवेयग-अकमाई-मण - जोग वइजोगअजोगी एयाणि एक्कारस पयाणि ण भण्णति, वाणमंतरजोइसिय. वेमाणियाणं जहा णेरइयाणं तहेव ते तिणि ण भण्णंति, सन्वेसि जाणि सेसाणि ठाणाणि सध्वत्थ पढमबिइया भंगा, एगिदियाणं सम्वत्थ पढमबिइया भंगा, जहा पावे एवं णाणावरणिज्जेणवि दंडओ, एवं आउयवज्जेसु जाव अंतराइए दंडओ। अणंतरोवअण्णए गं भंते ! रइए आउयं कम्मं कि बंधी० पुच्छा, गोयमा ! बंधी ण बंधद बंधिस्सइ / सलेस्से णं भंते ! अणंतरोववण्णए रइए आउयं कम्म कि बंधी० ? एवं चेव तइओ भंगो, एवं जाव अणागारोवउत्ते, सम्वत्यवि तइओ भंगो, एवं मणुस्सवज्जं जाव वेमाणियाणं, मणुस्साणं सव्वत्थ तइयच उत्था भंगा, णवरं कण्हपक्खिएसु तइओ भंगो सन्वेसि णाणत्ताई ताई चेव / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति // 814 // Page #1032 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 26 उ. 3-11 1019 छवीसइमं सयं तइओ उद्देसो परंपरोववष्णए णं भंते ! गेरइए पावं कम्म कि बंधी० पुच्छा, गोयमा ! भरथेगइए पढमविइया, एवं जहेव पढमो उद्देसओ तहेव परंपरोववण्णएहिवि उद्देसओ भाणियब्यो रइयाइओ तहेव णवदंडगसंगहिओ, अट्टहवि कम्मप्पगडोणं जा जस्स कम्मस्स वत्तम्वया सा तस्स अहीणमहरिता गेयव्वा जाव वेमा. णिया अणागारोवउत्ता। सेवं मंते ! सेवं भंते ! ति // 15 // छवीसइमं सयं 4-11 उद्देसा अणंतरोगाढए गं मंते ! गैरइए पावं कम्मं किं बंधी० पुच्छा, गोयमा ! अत्येगहए० एवं जहेव अणंतरोववण्णएहि गवदंडगसंगहिओ उद्देसओ भणिओ तहेव अणंतरोगाढएहिवि अहीणमइरित्तो माणियब्वो गेरइयाईए जाव वेमागिए। सेवं भते / सेवं मंते / ति // 26-4 // परंपरोगाढए गं भंते ! जेरइए पावं कम्मं किं बंधी० जहेव परंपरोववष्णएहि उद्देसो सो चेव गिरवसेसो भाणिय. व्यो / सेवं भंते ! 2 ति // 26-5 // अतराहारए गं भंते ! गेरइए पावं कम्मं किं बंधी० पुच्छा, गोयमा ! एवं जहेव अर्गतरोववण्णएहि उद्देसो तहेव गिरवसेसं / सेवं मंते ! 2 ति // 26-6 // परंपराहारए गं भंते ! णेरइए पावं कम्मं किं बंधी• पुच्छा, गोयमा ! एवं जहेव परंपरोववण्णएहिं उद्देसो तहेव गिरवसेसो माणियब्वो। सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 26-7 // अणंतरपज्जत्तए गं मंते ! रइए पावं कम्मं कि बंधी० पुच्छा, गोयमा ! एवं जहेव अणंतरोववण्णएहिं उद्देसो तहेव गिरवसेसं / सेवं भंते ! 2 त्ति // 26-8 // परंपरपज्जत्तए गं भंते ! गैरइए पावं कम्मं कि बंधी० पुच्छा, गोयमा ! एवं जहेव परंपरोववण्णएहि उद्देसो तहेव गिरवसेसो भाणियन्वो। सेवं भंते ! 2 ति जाव विहरइ // 26-6 // चरिमे गं भंते ! जेरइए पावं कम्म कि बंधी० पुच्छा, गोयमा! एवं जहेव परंपरोववण्णएहि उद्देसो तहेव चरि. मेहि गिरवसेसं / सेवं भंते ! 2 ति जाव विहरइ // 26-10 // अचरिमे णं भंते ! णेरइए पावं कम्मं कि बंधी० पुच्छा, गोयमा ! अत्थेगइए एवं जहेव पढमोद्देसए तहेव पढमबिइया भंगा भाणियव्वा सव्वत्थ जाव पचिदियतिरिक्खजोणियाणं / अचरिमे णं भंते ! मस्से पावं कम्मं कि बंधी० पुच्छा, Page #1033 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1020 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि गोयमा ! अत्थेगइए बंधी बंधइ बंधिस्सइ, अत्थेगइए बंधी बंधइ ण बंधिस्सइ, अत्थेगइए बंधी ण बंधइ बंधिस्सइ / सलेस्से णं भते ! अचरिमे मणुस्से पावं कम्म कि बंधी० ? एवं चेव तिण्णि भंगा चरिमविहूणा भाणियव्वा एवं जहेव पढमद्देसे, णवरं जेसु तत्थ वीससु चत्तारि भंगा तेसु इह आदिल्ला तिण्णि भंगा भाणियन्वा चरिमभंगवज्जा, अलेस्से केवलणाणी य अजोगी य एए तिण्णिवि ण पुच्छिज्जति, सेसं तहेव, वाणमंतरजोइसियवेमाणिए जहा णेरइए / अचरिमे णं भंते ! णेरइए णाणावरणिज्ज कम्मं कि बंधी० पुच्छा, गोयमा ! एवं जहेव पावं णवरं मणुस्सेसु सकसाईसु लोभकसाईसु य पढम. बिइया भंगा, सेसा अट्ठारस चरिमविहूणा सेसं तहेव जाव वेमाणियाणं, दरि. सणावरणिज्जपि एवं चेव णिरवसेस, वेयणिज्जे सव्वत्थवि पढमबिइया भंगा जाव वेमाणियाणं णवरं मणस्सेसु अलेस्से केवली अजोगी य त्थि / अचरिमे णं भंते ! जेरइए मोहणिज्ज कम्मं किं बंधी० पुच्छा, गोयमा ! जहेव पावं तहेव गिरवसेसं जाव वेमाणिए / अचरिमे णं भंते ! णेरइए आउयं कम्मं कि बंधी० पुच्छा, गोयमा ! पढमबिइया भंगा, एवं सव्वपएसुवि, णेरइयाणं पढमतइया भंगा णवरं सम्मामिच्छत्ते तइओ भंगो, एवं जाव थणियकुमाराणं, पुढविवकाइयआउक्काइयवणस्सइकाइयाणं तेउलेस्साए तइओ भंगो सेसेसु पएसु सव्वत्थ पढमतइया भंगा, तेउकाइयवाउक्काइयाणं सम्वत्थ पढमतइया भंगा, बेइंदियतेइंदियचउरिदियाणं एवं चेव णवरं सम्मत्ते ओहिणाणे आभिणिबोहिय. णाणे सुयणाणे एएसु चउसुवि ठाणेसु तइओ भंगो, पंचिदियतिरिक्खजोणियाणं सम्मामिच्छत्ते तइओ भंगो, सेसेसु पएसु सम्वत्थ पढमतइया भंगा, मणुस्साणे सम्मामिच्छत्ते अवेयए अकसाइम्मि य तइओ भंगो, अलेस्स केवलणाण अजोगी य ण पुच्छिज्जंति, सेसपएसु सव्वत्थ पढमतइया भंगा, वाणमंतरजोइसियवेमाणिया जहा रइया। णामं गोयं अंतराइयं च जहेव णाणावरणिज्जं तहेव णिरवसेसं / सेवं भंते ! 2 ति जाव विहरइ // 816 // छवीसइमं सयं समत्तं // सत्तवीसइमं सयं 1-11 उद्देता // जीवे णं भंते ! पावं कम्मं किं करिसु करेंति करिस्संति 1, करिसु करेंति Page #1034 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 28 उ. 1-2 1021 ण करिस्संति 2, करिसु ण करेंति करिस्संति 3, करिसुण करेंति ण करिस्संति 4 ? गोयमा! अत्थेगइए करिसु करेंति करिस्संति 1, अत्थेगइए करिसु करेंति ण करिस्संति 2, अत्थेगइए करिसु ण करेंति करिस्संति 3, अत्थेगइए करिसु ण करेंति ण करिस्संति 4 / सलेस्से गं भंते ! जीवे पावं कम्मं एवं एएणं अभिलावेणं जच्चेव बंधिसए वत्तव्बया सच्चेव गिरवसेसा माणियव्वा, तहेव णवदंडगसंगहिया एक्कारस उद्देसगा भाणियव्वा // 17 // सत्तवीसइमं सयं समत्तं // अट्ठावीसइमं सयं 1-11 उद्देसा // जीवा णं भंते ! पावं कम्म कहि समजिणिसु कहिं समायरिंसु ? गोयमा! सव्वेवि ताव तिरिक्खजोणिएसु होज्जा 1 अहवा तिरिक्खजोणिएसु य रइएसु य होज्जा 2 अहवा तिरिक्खजोणिएसु य मणुस्सेसु य होज्जा 3 अहवा तिरिक्ख. जोणिएसु य देवेसु य होज्जा 4 अहवा तिरिक्खजोणिएसु य णेरइएसु य मणुस्सेसु य होज्जा 5 अहवा तिरिक्खजोणिएसु य गैरइएसु य देवेसु य होज्जा 6 अहवा तिरिक्खजोणिएसु य मणस्सेसु य देवेसु य होज्जा 7 अहवा तिरिक्खजोणिएसु य रइएसु य मणुस्सेसु य देवेसु य होज्जा 8 / सलेस्सा णं भंते ! जीवा पावं कम्मं कहि समजिणिसु कहिं समायरिंसु ? एवं चेव, एवं कण्हलेस्सा जाव अलेस्सा, कण्हपक्खिया सुक्कपक्खिया एवं जाव अणागारोवउत्ता। रइया गं भंते ! पावं कम्म कहि समज्जिणिसु कहि समायरिंसु ? गोयमा ! सव्वेवि ताव तिरिक्खजोणिएसु होज्जत्ति एवं चेव अट्ठ भंगा भाणियव्वा, एवं सव्वत्थ अट्ट भंगा, एवं जाव अणागारोवउत्तावि, एवं जाव वेमाणियाणं, एवं णाणा. वरणिज्जेणवि दंडओ, एवं जाव अंतराइएणं, एवं एए जीवाईया वेमाणिय. पज्जवसाणा णव दंडगा भवंति / सेवं भंते ! 2 त्ति जाव विहरइ // 18 // 28 // 1 // अणंतरोववण्णगा गं भंते ! णेरइया पावं कम्म कहि समजिणिसू कहि समायरिंसु ? गोयमा ! सव्वेवि ताव तिरिक्खजोणिएसु होज्जा, एवं एत्थवि अटू भंगा, एवं अपतरोववण्णगाणं रइयाईणं जस्स जं अस्थि लेस्सा. ईयं अणागारोवओगपज्जवसाणं तं सम्वं एयाए भयणाए भाणियध्वं जाव वेमाणियाणं, गवरं अर्णतरेसु जे परिहरियव्या ते जहा बंधिसए तहा इहंपि, एवं णाणावरणिज्जेणवि दंडओ एवं जाव अंतराइएणं णिरवसेसं, एसोवि णवदंडग. Page #1035 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1022 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि संगहिओ उद्देसओ भाणियव्वो। सेवं भंते ! 2 ति // 18 // 28 // 2 // एवं एएणं कमेणं जहेव बंधिसए उद्देसगाणं परिवाडी तहेव इहपि अट्ठसु भंगेसु यम्वा णवरं जाणियव्वं जं जस्स अत्यि तं तस्स माणियध्वं जाव अचरिमद्देसो। सव्वेवि एए एक्कारस उद्देसगा। सेवं भंते ! 2 ति जाव विहरइ // 16 // अट्ठावीसइमं सयं समत्तं ॥एगणतीसइमं सयं पढमो उद्देसो / जीवा गं मंते ! पावं कम्म कि समायं पट्टविसु समायं णिविसु 1, समायं पट्टविसु विसमायं णिविसु 2, विसमायं पट्टविसु समायं णिविसु 3, विसमायं पट्टविसु विसमायं णिविसु 4 ? गोयमा ! अत्यंगइया समायं पट्टविसु समायं णिविसु जाव अत्थेगइया विसमायं पट्टविसु विसमायं णिविसु / से केणठेणं भंते ! एवं बुच्चइ-अत्थेगइया समायं पट्टविसु समायं णिविसु, तं चेव ? गोयमा! जीवा चउम्विहा पण्णत्ता, तंजहा-अत्गइया समाउया समोववण्णगा 1, अत्थेगइया समाउया विसमोववण्णगा 2, अस्थगइया विसमाउया समोववष्णगा 3, अत्थेगइया विसमाउया विसमोववण्णगा 4, तत्थ गंजे ते समाउया समोव. वष्णगाते णं पावं कम्मं समायं पटुविसु समायं णिविसु, तत्थ गंजे ते समाउया विसमोववण्णगा ते णं पावं कम्मं समायं पट्टविसु विसमायं णिविसु, तत्थ णं जे ते विसमाउया समोववण्णगा ते गं पावं कम्मं विसमायं पटुविसु समायं णिविसु, तत्थ णं जे ते विसमाउया विसमोववण्णगा ते णं पावं कम्मं विप्तमायं पट्टविसु विसमायं णिविसु, से तेणठेणं गोयमा! तं चेव / सलेस्सा णं भंते ! जीवा पावं कम्मं एवं चेव, एवं सम्वट्ठाणेसुवि जाव अणागारोवउत्ता, एए सम्वेवि पया एयाए वत्तन्वयाए भाणियव्वा / रइया गं भंते ! पावं कम्मं कि समायं पटुविसु समायं णिविसु० पुच्छा, गोयमा ! अत्थेगइया समायं पट्टविसु एवं जहेव जीवाणं तहेव भाणियध्वं जाव अणागारोवउत्ता, एवं जाव वेमाणियाणं जस्स जं अस्थि तं एएणं चेव कमेणं माणियव्वं जहा पावेण दंडओ, एवं एएणं कमेणं अट्ठसुवि कम्मप्पगडीसु अट्ठ दंडगा भाणियव्वा जीवाईया वेमाणियपज्जवसाणा, एसो णवदंडगसंगहिओ पढमो उद्देसओ माणियव्वो। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति // 20 // Page #1036 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 30 उ.१ 1023 - एगणतीसइमं सयं २-११उद्देसा अणंतरोववण्णगा गं भंते ! गैरइया पावं कम्मं किं समायं पर्विसु समायं णिटुविसु० पुच्छा, गोयमा ! अस्गइया समायं पटुविसु समायं णिविसु भत्थेगइया समायं पट्टविसु विसमायं णिविसु / से केणद्वेणं मंते ! एवं वुच्चइअत्थेगइया समायं पटुविसु तं चेव, गोयमा ! अगंतरोववण्णगा णेरइया दुविहा 50, तं०-अत्थेगइया समाउया समोववण्णगा अत्यगइया समाउया विसमोववण्णगा, तत्थ गं जे ते समाउया समोववष्णगा ते गं पावं कम्मं समायं पट्टविसु समायं णिविसु, तत्थ गं जे ते समाउया विसमोववण्णगा ते णं पावं कम्मं समायं पटुविसु विसमायं णिविसु, से तेणठेणं तं चेव / सलेस्सा गं मंते | अणंतरोववण्णगा गेरइया पावं कम्मं एवं चेव, एवं जाव अणागारो. वउत्ता, एवं असुरकुमारावि एवं जाव वेमाणिया गवरं जं जस्स अत्थि तं तस्स भाणियव्वं, एवं गाणावरणिज्जेणवि दंडओ, एवं णिरवसेसं जाव अंतराइएणं / सेवं मंते ! 2 ति जाव, विहरह॥२१॥२६-२॥ एवं एएणं गमएणं जच्चेव बंधिसए उद्देसगपरिवाडी सच्चेव इहवि भाणियव्वा जाव अचरिमोत्ति, भणंतरउद्देसगाणं घउहवि एक्का वत्तध्वया सेसाणं सत्तण्हं एक्का / / 122 // . एगणतीसइमं सयं समत्तं // तीसइमं सयं पढमो उद्देसो // - कइ णं मंते ! समोसरणा प० ? गोयमा ! चत्तारि समोसरणा पण्णत्ता, : तंजहा-किरियाबाई अकिरियावाई अण्णाणियवाई वेणइयवाई / जीवा गं भंते ! कि किरियावाई अकिरियावाई अण्णाणियवाई वेणइयवाई ? गोयमा! जीवा किरियावाईवि अकिरियावाईवि अण्णाणियवाईवि वेणइयवाईवि। सलेस्सा णं भंते ! जीवा कि किरियावाई. पुच्छा, गोयमा ! किरियावाईवि अकि. रियावाईवि अण्णाणियवाईवि वेणइयवाईवि, एवं जाव सुक्कलेस्सा / अलेस्सा गं भंते ! जीवा पुच्छा, गोयमा ! किरियावाई णो अकिरियावाई णो अण्णाणियवाई णो वेणइयवाई / कण्हपक्खिया गं भंते ! जीवा कि किरियावाई. पुच्छा, गोयमा ! णो किरियावाई अकिरियावाई अण्णाणियवाईवि वेणइय. वाईवि, सुक्कपक्खिया जहा सलेस्सा, सम्मदिट्ठी जहा अलेस्सा, मिच्छादिट्ठी Page #1037 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1024 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि जहा कण्हपक्खिया / सम्मामिच्छादिट्ठीणं पुच्छा, गोयमा ! णो किरियावाई णो अकिरियावाई अण्णाणियवाईवि वेणइयवाईवि, णाणी जाव केवलणाणी जहा अलेस्से, अण्णाणी जाव विभंगणाणी जहा कण्हपक्खिया, आहारसण्णो. वउत्ता जाव परिग्गहसण्णोवउत्ता जहा सलेस्सा, णोसण्णोवउत्ता जहा अलेस्सा, सवेयगा जाव णपुंसगवेयगा जहा सलेस्सा, अवेयगा जहा अलेस्सा, सकसाई जाव लोभकसाई जहा सलेस्सा, अकसाई जहा अलेस्सा, सजोगी जाव काय. जोगी जहा सलेस्सा, अजोगी जहा अलेस्सा, सागारोवउत्ता अणागारोवउत्ता जहा सलेस्सा। रइया णं भंते ! कि किरियावाई० पुच्छा, गोयमा ! किरिया. वाईवि जाव वेणइयवाईवि / सलेस्सा णं भंते ! जेरइया कि किरियावाई. ? एवं चेव, एवं जाव काउलेस्सा, कण्हपक्खिया किरियाविवज्जिया, एवं एएणं कमेणं जच्चेव जीवाणं वत्तन्वया सच्चेव णेरइयाणवि वत्तव्वया जाव अणागा. रोवउत्ता णवरं जं अस्थि तं भाणियन्वं सेसं ण भण्णइ, जहा णेरइया एवं जाव थणियकुमारा / पुढविकाइया णं भंते ! किं किरियावाई० पुच्छा, गोयमा ! णो किरियावाई अकिरियावाईवि अण्णाणियवाईवि णो वेणइयवाई, एवं पुढविकाइयाणं जं अस्थि तत्थ सव्वत्थवि एयाइं दो मज्झिल्लाई समोसरणाइं जाव अणागारोवउत्तावि, एवं जाव चरिदियाणं सन्वट्ठाणेसु एयाइं चेव मज्झिल्ल. गाइं दो समोसरणाई, सम्मत्तणाणेहिवि एयाणि चेव मज्झिल्लगाइं दो समो. सरणाई, पंचिदियतिरिक्खजोणिया जहा जीवा णवरं जं अस्थि तं भाणियत्वं, मणुस्सा जहा जीवा तहेव गिरवसेस, वाणमंतरजोइसियवेमाणिया जहा असुर. कुमारा / किरियावाई णं भंते ! जीवा कि णेरइयाउयं पकरेति तिरिक्ख. जोणियाउयं पकरेति मणुस्साउयं पकरेति देवाउयं पकरेति ? गोयमा ! णो णेरइयाउयं पकरेंति णो तिरिक्खजोणियाउयं पकरेंति मणस्साउयंपि पकरेंति देवाउयंपि पकरेंति / जइ देवाउयं पकरेंति किं भवणवासिदेवाउयं पकरेंति जाव वेमाणियदेवाउयं पकरेंति ? गोयमा ! णो भवणवासिदेवाउयं पकरेंति णो वाणमंतरदेवाउयं पकरेंति णो जोइसियदेवाउयं पकरेंति वेमाणियदेमउयं पकरेंति / अकिरियावाई गं भंते ! जीवा कि रइयाउयं पकरेंति तिरिक्ख. पुच्छा, गोयमा ! णेरइयाउयंपि पकरेंति जाव देवाउयंपिपकरेंति, एवं अण्णा. णियवाईवि वेणइयवाईवि / सलेस्सा णं भंते ! जीवा किरियावाई कि रइया. Page #1038 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 30 उ. 1 1025 उयं पकरेंति० पुच्छा, गोयमा ! णो गेरइयाउयं एवं जहेव जीवा तहेव सलेस्सावि चउहिवि समोसरणेहि भाणियव्वा / कण्हलेस्सा गं भंते ! जीवा किरियावाई कि रइयाउयं पकरेंति० पुच्छा, गोयमा ! णो णेरइयाउयं पक. रेति णो तिरिक्खजोणियाउयं पकरेंति मणुस्साउयं पकरेंति णो देवाउयं पक. रेंति, अकिरियावाई अण्णाणियवाई वेणइयवाई य चत्तारिवि आउयाई पकरेंति, एवं णीललेस्सावि काउलेस्सावि / तेउलेस्सा णं भंते ! जीवा किरियावाई कि गैरइयाउयं पकरेंति० पुच्छा, गोयमा ! णो णेरइयाउयं पकरेंति णो तिरिक्खजोणियाउयं पकरेंति मणस्साउयंपि पकरेंति देवाउयंपि पकरेंति, जइ देवाउयं पकरेंति तहेव / तेउलेस्सा गं भंते ! जीवा अकिरियावाई कि रइयाउयं० पुच्छा, गोयमा ! णो णेरइयाउयं पकरेंति तिरिक्खजोणियाउयंपि पकरेंति मणुस्साउयंपि पकरेंति देवाउयंपि पकरेंति, एवं अण्णाणियवाईवि वेणइयवाईवि, जहा तेउलेस्सा एवं पम्हलेस्सावि सुक्कलेस्सावि यव्वा / अलेस्सा गं भंते ! जीवा किरियावाई कि रइयाउयं पकरेंति० पुच्छा, गोयमा ! णो णेरइयाउयं पकरेंति णो तिरिक्ख० मणस्स. णो देवाउयं पकरेंति / कण्हपक्खिया गं भंते ! जीवा अकिरियावाई कि रइयाउयं० पुच्छा, गोयमा ! रइयाउयंपि पकरेंति एवं चउविहंपि, एवं अण्णाणियवाईवि वेणइयवाईवि, सुक्कपक्खिया जहा सलेस्सा। सम्मदिट्ठी गं भंते ! जीवा किरियावाईं कि गैरइयाउयं पुच्छा, गोयमा ! णो णेरइयाज्यं पकरेंति णो तिरिक्खजोणियाउयं पकरेंति मणुस्साउयंपि पकरेंति देवाउयंपि पकरेंति, मिच्छादिट्ठी जहा कण्हपक्खिया। सम्मामिच्छादिट्ठीणं भंते ! जीवा अण्णाणियवाई किणेरइयाउयं०जहा अलेस्सा, एवं वेणइयवा. ईवि, गाणी आभिणिबोहियणाणी य सुयणाणी य ओहिणाणी य जहा सम्मदिट्ठी। मणपज्जवणाणी णं भंते ! कि०पुच्छा, गोयमा! णो णेरइयाउयं पकरेंति णो तिरिक्ख० णो मणस्साउयं पकरेंति देवाउयं पकरेंति / जइ देवाउयं पकरेंति किं भवण. वासि० पुच्छा, गोयमा! णो भवणवासिदेवाउयं पकरेंति णो वाणमंतर० णो जोइसिय०वेमाणियदेवाउयं पकरेंति,केवलणाणी जहा अलेस्सा, अण्णाणी जाव विभंग. णाणी जहा कण्हपंक्खिया, सणासु चउसुवि जहा सलेस्सा, णोसण्णोवउत्ता जहा मणपज्जवणाणी, सवेयगा जाव णपुंसगवेयगा जहा सलेस्सा, अवेयगा जहा अलेस्सा, सकसाई जाव लोभकसाई जहा सलेस्सा, अकसाई जहा अलेस्सा, Page #1039 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1026 अंग-पविट्ट सुत्ताणि सजोगी जाव कायजोगी जहा सलेस्सा, अजोगी जहा अलेस्सा, सागारोवउत्ता य अणागारोवउत्ता य जहा सलेस्सा // 823 // किरियावाई णं भंते ! णेरइया कि रइयाउयं० पुच्छा, गोयमा ! णो णेरइयाउयं पकरेंति णो तिरिक्खजोणिया. उयं पकरेंति मणुस्साउयं पकरेंति णो देवाउयं पकरेंति। अकिरियावाई णं मंते ! णेरइया पुच्छा, गोयमा ! णो णेरइयाउयं पकरेंति तिरिक्खजोणियाउयंपि पकरेंति मणुस्साउयंपि पकरेंति णो देवाउयं पकरेंति, एवं अण्णाणियवाईवि वेणइयवाईवि / सलेस्सा णं भंते ! रइया किरियावाई कि रइयाउयं० एवं सव्वेवि णेरइया जे किरियावाई ते मणुस्साउयं एगं पकरेंति, जे अकिरियावाई अण्णाणियवाई वेणइयवाई ते सव्वद्वाणेसुवि णो णेरइयाउयं पकरेंति तिरिक्ख. जोणियाउयंपि पकरेंति मणुस्साउयंपि पकरेंति णो देवाउयं पकरेंति, णवरं सम्मा. मिच्छत्ते उवरिल्लेहि दोहिवि समोसरणेहि ण किंचिवि पकरेंति जहेव जीवपए, एवं जाव थणियकुमारा जहेव णेर इया / अकिरियावाई णं भंते ! पुढविक्काइया पुच्छा, गोयमा ! णो णेरइयाउयं पकरेंति तिरिक्खजोणियाउयं पकरेंति मणुस्सा. उयं पकरेंति णो देवाउयं पकरेंति, एवं अण्णाणियवाईवि / सलेस्सा णं भंते ! एवं जं जं पयं अस्थि पुढविकाइयाणं तहिं 2 मज्झिमेसु दोसु समोसरणेसु एवं चेव दुविहं आउयं पकरेंति णवरं तेउलेस्साए ण किंपि पकरेंति, एवं आउक्काइ. याणवि, एवं वणस्सइकाइयाणवि, तेउकाइया वाउकाइया सव्वदाणेसु मज्झिमेसु दोसु समोसरणेसु णो णेरइयाउयं पकरेंति तिरिक्खजोणियाउयं पकरेंति णो मणुस्साउयं पकरेंति णो देवाउयं पकरेंति, बेइंदियतेइंदियचरिदियाणं जहा पुढविकाइयाणं णवरं सम्मत्तणाणेसु ण एक्कंपि आउयं पकरेंति / किरियावाई णं भंते ! पंचिदियतिरिक्खजोणिया कि रइयाउयं पकरेंति० पुच्छा, गोयमा! जहा मणपज्जवणाणी, अकिरियावाई अण्णाणियवाई वेणइयवाई य चउन्विहंपि पकरेंति, जहा ओहिया तहा सलेस्सावि / कण्हलेस्सा णं भंते ! किरियावाई पंचिदियतिरिक्खजोणिया कि रइयाउयं० पुच्छा, गोयमा ! णो णेरइयाउयं पकरेंति णो तिरिक्ख० णो मणुस्साउयं पकरेंति णो देवाउयं पकरेंति, अकिरियावाई अण्णाणियवाई वेणइयवाई चउन्विहंपि पकरेंति, जहा कण्हलेस्सा एवं णीललेस्सावि काउलेस्सावि, तेउलेस्सा जहा सलेस्सा, णवरं अकिरियावाई अण्णाणियवाई वेणइयवाई य णो णेरइयाउयं पकरेंति तिरिक्खजोणियाउयंपि पकरेंति मणुस्साउयंपि पकरेंति देवाउयंपि पकरेंति, एवं प्रम्हलेस्सावि, एवं Page #1040 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 30 उ. 1 1027 सुक्कलेस्सावि भाणियव्वा, कण्हपक्खिया तिहिं समोसरणेहि चउन्विहंपि आउयं पकरेंति, सुर्वकपक्खिया जहा सलेस्सा, सम्मद्दिट्ठी जहा मणपज्जवणाणी तहेव वेमाणियाउयं पकरेंति, मिच्छादिट्ठी जहा कण्हपक्खिया, सम्मामिच्छा. दिट्ठी ण य एक्कंपि आउयं पकरेंति जहेव रइया, णाणी जाव ओहिणाणी जहा सम्मद्दिट्ठी, अण्णाणी जाव विभंगणाणी जहा कण्हपक्खिया, सेसा जाव अणागारोवउत्ता सव्वे जहा सलेस्सा तहा चेव भाणियव्वा, जहा पंचिदियतिरिक्खजोणियाणं वत्तव्वया भणिया एवं मणुस्साणवि वत्तन्वया भाणियन्वा, णवरं मणपज्जवणाणी णोसण्णोवउत्ता य जहा सम्मद्दिट्ठी तिरिक्खजोणिया तहेव भाणियन्वा, अलेस्सा केवलणाणी अवेदगा अकसाई अजोगी य एए एक्कंपि आउयं ण पकरेंति, जहा ओहिया जीवा सेसं तं चेव, वाणमंतरजोइसियवेमाणिया जहा असुरकुमारा। किरियावाई गं भंते ! जीवा किं भवसिद्धिया अभव. सिद्धिया ? गोयमा ! भवसिद्धिया णो अभवसिद्धिया। अकिरियावाई गं भंते! जीवा कि भवसिद्धिया पुच्छा, गोयमा ! भवसिद्धियावि अभवसिद्धियावि, एवं अण्णाणियवाईवि, वेणइयवाईवि / सलेस्सा गं भंते ! जीवा किरियावाई कि भवसिद्धिया पुच्छा, गोयमा ! भवसिद्धिया णो अभवसिद्धिया। सलेस्सा णं भंते ! जीवा अकिरियावाई कि भवसिद्धिया पुच्छा, गोयमा ! भवसिद्धियावि अभवसिद्धियावि, एवं अण्णाणियवाईवि वेणइयवाईवि जहा सलेस्सा, एवं जाव सुक्कलेस्सा / अलेस्सा णं भंते ! जीवा किरियावाई किं भवसिद्धिया पुच्छा, गोयमा ! भवसिद्धिया णो अभवसिद्धिया, एवं एएणं अभिलावेणं कण्हपक्खिया तिसुवि समोसरणेसु भयणाए, सुक्कपक्खिया चउसुवि समोसरणेसु भवसिद्धिया णो अभवसिद्धिया, सम्मद्दिट्ठी जहा अलेस्सा, मिच्छादिट्ठी जहा कण्हपक्खिया, सम्मामिच्छादिट्ठी दोसुवि समोसरणेसु जहा अलेस्सा, पाणी जाव केवलणाणी भवसिद्धिया णो अभवसिद्धिया, अण्णाणी जाव विभंगणाणी जहा कण्हपक्खिया, सण्णासु चउसुवि जहां सलेस्सा, णोसण्णोवउत्ता जहा सम्मविट्ठी, सवेदगा जाब णपुंसगवेदगा जहा सलेस्सा, अवेदगा जहा सम्मद्दिट्ठी, सकसाई जाव लोभकसाई जहा सलेस्सा, अकसाई जहा सम्मद्दिट्ठी, सजोगी जाव कायजोगी जहा सलेस्सा, अजोगी जहा सम्मद्दिट्ठी, सागारोवउत्ता अणागारोवउत्ता जहा सलेस्सा, एवं रइयावि भाणियन्वा गवरं गायव्वं जं अस्थि, एवं असुर. Page #1041 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1028 अंग-पविट्ट सुत्ताणि कुमारावि जाव थणियकुमारा, पुढविक्काइया सव्वट्ठाणेसुवि मज्झिल्लेसु दोसुवि समोसरणेसु भवसिद्धियावि अभवसिद्धियावि एवं जाव वणस्सइकाइया, बेइं. दियतेइंदियचरिदिया एवं चेव णवरं सम्मत्ते ओहिणाणे आभिणिबोहियणाणे सुयणाणे एएसुचेव दोसु मज्झिमेसु समोसरणेसु भवसिद्धिया णो अभवसिद्धिया, सेसं तं चेव, पंचिदियतिरिक्खजोणिया जहा जेरइया णवरं णायव्वं जं अस्थि, मणस्सा जहा ओहिया जीवा, वाणमंतरजोइसियवेमाणिया जहा असुरकुमारा। सेवं भंते ! 2 त्ति // 24 // तीसइमं सयं बीओ उद्देसो अणतरोववण्णगा णं भंते ! रइया कि किरियावाई० पुच्छा, गोयमा ! किरियावाईवि जाव वेणइयवाईवि, सलेस्सा •णं भंते ! अणंतरोव. वण्णगा णेरइया कि किरियावाई एवं चेव, एवं जहेव पढमुद्देसे गैरइयाणं वत्त. व्वया तहेव इहवि माणियन्वा, णवरं जं जस्स अस्थि अणंतरोववण्णगाणंणेरड. याणं तं तस्स भाणियन्वं, एवं सव्वजीवाणं जाव वेमाणियाणं, णवरं अणंतरोववण्णगाणं जं जहिं अस्थि तं तहिं भाणियव्वं / किरियावाई गं भंते ! अणंतरोववण्णगा गैरइया कि गैरइयाउयं पकरेंति. पुच्छा, गोयमा ! णो णेरइयाउयं पकरेंति णो तिरि० णो मण णो देवाउयं पकरेंति, एवं अकिरिया. वाईवि अण्णाणियवाईवि वेणइयवाईवि / सलेस्सा गं भंते ! किरियावाई अणंतरोववण्णगा रइया कि रइयाउयं० पुच्छा, गोयमा ! णो रइयाउयं पकरेंति जाव णो देवाउयं पकरेंति, एवं जाव वेमाणिया, एवं सन्वट्ठाणेसुवि अणंतरोववण्णगा रइया ण किंचिवि आउयं पकरेंति जाव अणागारोवउत्तत्ति, एवं जाव वेमाणिया णवरं जं जस्स अस्थि तं तस्स भाणियन्वं / किरियावाई गं भंते ! अणंतरोववण्णगा रइया किं भवसिद्धिया अभवसिद्धिया? गोयमा! भवसिद्धिया णो अभवसिद्धिया / अकिरियावाई णं पुच्छा, गोयमा ! भवसिद्धियावि, अभवसिद्धियावि, एवं अण्णाणियवाईवि वेणइयवाईवि। सलेस्सा णं भंते ! किरियावाई अणंतरोववण्णगा रइया कि भवसिद्धिया अभवसिद्धिया ? गोयमा ! भवसिद्धिया णो अभवसिद्धिया, एवं एएणं अभिलावेणं जहेव ओहिए उद्देसए णेरइयाणं वत्तव्वया भणिया तहेव इहवि भाणियव्वा जाव अणागारोवउत्तत्ति, एवं जाव वेमाणियाणं णवरं जं जस्स अस्थि तं तस्स भाणियन्वं, इमं Page #1042 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 31 उ. 1-28 1029 से लक्खणं-जे किरियावाई सुक्कपक्खिया सम्मामिच्छदिट्ठिया एए सव्वे भव. सिद्धिया णो अभवसिद्धिया, सेसा सव्वे भवसिद्धियावि अभवसिद्धियावि / सेवं भंते ! 2 त्ति // 25 // // 30-2 // परंपरोववण्णगा गं भंते ! और. इया कि किरियावाई० एवं जहेव ओहिओ उद्देसओ तहेव परंपरोववण्णएसुवि णेरइयाईओ तहेव गिरवसेसं भाणियन्वं तहेव तियदंडगसंगहिओ। सेवं भंते! सेवं भंते ! ति जाव विहरइ // 26 // 30-3 // एवं एएणं कमेणं जच्चेव बंधिसए उद्देसगाणं परिवाडी सच्चेव इहंपि जाव अचरिमो उद्देसओ, णवरं अणंतरा चत्तारिवि एक्कगमगा, परंपरा चत्तारिवि एक्कगमएणं, एवं चरिमावि, अचरिमावि एवं चेव णवरं अलेस्सो केवली अजोगी ण भण्णइ, सेसं तहेव / सेवं भंते ! 2 ति / एए एक्कारसवि उद्देसगा // 27 // तीसइमं सयं समत्तं ॥इक्कतीसइमं सयं 1-28 उद्देसा॥ रायगिहे जाव एवं वयासी-कइ णं भंते ! खुड्डाग जुम्मा प०? गोयमा ! चत्तारि खुड्डाग जुम्मा 50, तं०-कडजुम्मे 1, तेओगे 2, दावरजुम्मे 3, कलि. ओगे 4, से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ चत्तारि खुड्डाग जुम्मा प० तं०-कड. जम्मे जाव कलिओगे? गोयमा ! जे गं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीर. माणे चउपज्जवसिए सेत्तं खुड्डागकडजुम्मे, जे गं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे तिपज्जवसिए सेत्तं खुड्डागतेओगे, जे गं रासी चउक्कएणं अवहा. रेणं अवहीरमाणे दुपज्जवसिए सेत्तं खुड्डागदावरजुम्मे, जे गं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे एगपज्जवसिए सेत्तं खुड्डागकलिओगे, से तेणठेणं जाव कलिओगे / खुड्डागकडजुम्मणेरइया णं भंते ! कओ उववज्जति कि गैरइएहितो उववज्जति तिरिक्ख० पुच्छा, गोयमा! णो णेरइएहितो उववज्जंति एवं रइयाणं उववाओ जहा वक्कंतीए तहा भाणियव्वो / ते गं भंते ! जीवा एगसम. एणं केवइया उववज्जति ? गोयमा! चत्तारि वा अट्ट वा बारस वा सोलस वा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा उववज्जंति। ते गं भंते ! जीवा कहं उववज्जंति? गोयमा ! से जहाणामए पवए पवमाणे अज्झवसाण एवं जहा पंचवीसइमे सए अमद्देसए रइयाणं वत्तव्वया तहेव इहवि भाणियव्वा जाव आयप्पओगेणं उववज्जति णो परप्पओगेणं उववज्जति / रयणप्पभापुढविखुड्डागकडजुम्म. Page #1043 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1030 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि णेरइया णं भंते ! कओ उववज्जति०? एवं जहा ओहियणेरइयाणं वत्तव्वया सच्चेव रयणप्पभाएवि भाणियव्वा जाव णो परप्पओगेणं उववज्जति, एवं सक्करप्पभाएवि, एवं जाव अहेसत्तमाए, एवं उववाओ जहा वक्तीए, असण्णी खल पढमं दोच्चं व सरीसवा तइय पक्खी / गाहाए / उववाएयत्वा, सेसं तहेव / खुड्डागतेओग-णेरइया णं भंते ! कओ उववज्जति किं रइएहितो०? उववाओ जहा वक्कंतीए, ते णं भंते ! जीवा एगसमएणं केवइया उववज्जति ? गोयमा! तिण्णि वा सत्त वा एक्कारस वा पण्णरस वा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा उववज्जति, सेसं जहा कडजुम्मस्स, एवं जाव अहेसत्तमाए / खुड्डागदावरजुम्मणेरइया गं भंते ! कओ उववज्जंति० ? एवं जहेव खुड्डागकडजुम्मे णवरं परिमाणं दो वा छ वा दस वा चउद्दस वा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा सेसं तं चेव, एवं जाव अहेसत्तमाए / खड्डागकलिओगणेरइया णं भंते ! कओ उव. वज्जति० ? एवं जहेव खुड्डागकडजुम्मे णवरं परिमाणं एक्को का पंच वा णव वा तेरस वा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा उववज्जंति, सेसं तं चेव, एवं जाव अहेसत्तमाए / सेवं भंते ! 2 त्ति जाव विहरइ // 828 // 31-1 // कण्हलेस्स. खड्डागकडजुम्मणेरइया णं भंते ! कओ उववज्जति० ? एवं चेव जहा ओहियगमो जाव णो परप्पओगेणं उववज्जति, णवरं उववाओ जहा वक्कतीए, धूमप्पभापुढविणेरइया णं सेसं तहेव, धूमप्पभापुढ विकण्हलेस्सखुड्डागकडजम्म. रइया णं भंते ! कओ उववज्जति० ? एवं चेव गिरवसेसं, एवं तमाएवि एवं अहेसत्तमाएवि, णवरं उववाओ सन्चत्य जहा वक्तीए / कण्हलेस्सखड्डागतेओगणेरइया णं भंते ! कओ उववज्जति० ? एवं चेव णवरं तिण्णि वा सत्त वा एक्कारस वा पण्णरस वा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा सेसं तहेव एवं जाव अहेसत्तमाएवि / कण्हलेस्सखुड्डागदावरजुम्मणेरइया णं भंते ! कओ उव. वज्जति ? एवं चेव णवरं दो वा छ वा दस वा चउद्दस वा सेसं तं चेव, एवं धूमप्पभाएवि जाव अहेसत्तमाएवि / कण्हलेस्सखुड्डागकलिओगणेरइया णं भंते ! कओ उववज्जति० ? एवं चेव णवर एक्को वा पंच वा णव वा तेरस वा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा सेसं तं चेव, एवं धूमप्पभाएवि तमाएवि अहेसत्त. माएवि / सेवं भंते ! 2 त्ति // 26 // 31-2 // णीललेस्सखुड्डागकडजुम्म. Page #1044 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स.३१ उ. 1-28 1031 रइया गं भंते ! कओ उववज्जति० एवं जहेव कण्हलेस्सखुड्डागकडजुम्मा णवरं उववाओ. जो वालुयप्पमाए सेसं तं चेव, वालुयप्पभापुढविणीललेस्स. खुड्डागकडजुम्मणेरइया एवं चेव, एवं पंकप्पभाएवि, एवं धूमप्पभाएवि, एवं चउसुवि जुम्मेसु णवरं परिमाणं जाणियन्वं, परिमाणं जहा कण्हलेस्सउद्देसए / सेसं तहेव / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 830 // 31-3 // काउलेस्सखड्डागकडजुम्मणेरइया गं भंते ! कओ उववज्जंति० ? एवं जहेव कण्हलेस्सखुड्डागकडजुम्मणेरइया णवरं उववाओ जो रयणप्पभाए सेसं तहेव / रयणप्पभापुढवि. काउलेस्सखुड्डागकडजम्मणेरइया णं भंते ! कओ उववज्जति० ? एवं चेव, एवं सक्करप्पभाएवि, एवं वालुयप्पभाएवि, एवं चउसुवि जुम्मेसु, णवरं परिमाणं जाणियव्वं, परिमाणं जहा कण्हलेस्सउद्देसए सेसं तं चेव, सेवं भंते !2 त्ति // 831 // 31-4 // भवसिद्धियखुड्डागकडजुम्मणेरइया णं भंते ! कओ उववज्जति कि गैरइए० ? एवं जहेव ओहिओ गमओ तहेव णिरवसेसं जाव णो परप्पओगेणं उववति / रयणप्पमापुढविभवसिद्धियखड्डागकडजुम्मणेर. इया णं भंते ! ०?एवं चेव गिरवसेसं, एवं जाव अहेसत्तमाए, एवं भवसिद्धियखुड्डागतेओगणेरइयावि। एवं जाव कलिओगत्ति, णवरं परिमाणं जाणियव्वं, परिमाणं पुव्वमणियं जहा पढमुद्देसए / सेवं भंते ! 2 त्ति // 832 // 31-5 // कण्हलेस्सभवसिद्धियखड्डागकडजम्मणेरइया गं भंते ! कओ उववज्जंति ? एवं जहेव ओहिओ कण्हलेस्सउद्देसओ तहेव गिरवसेसं चउसुवि जुम्मसु माणियन्वो जाव अहेसत्तमपुढविकण्हलेस्सखुड्डागकलिओगणेरइया गं भंते ! कओ उववज्जति० ? तहेव / सेवं भंते ! 2 ति ॥८३३॥३१-६॥णील. लेस्सभवसिद्धिया चउवि जम्मसु तहेव भाणियव्वा जहा ओहिए णीललेस्सउद्देसए / सेवं मंते ! सेवं भंते ! ति जाव विहरइ ॥८३४॥३१-७॥काउ. लेस्सभवसिद्धिया चउसुवि जुम्मेसु तहेव उववाएयव्वा जहेव ओहिए काउलेस्सउद्देसए। सेवं भंते ! 2 त्ति जाव विहरइ // 835 // 31-8 // जहा भवसिद्धिएहि चत्तारि उद्देसगा भणिया एवं अभवसिद्धिएहिवि चत्तारि उद्देसगा भाणियव्वा जाव काउलेस्सउद्देसओत्ति / सेवं भंते ! 2 ति // 836 // 31-12 // एवं सम्मट्ठिीहिवि लेस्सासंजुत्तेहिं चत्तारि उद्देसगा कायव्वा, गवरं सम्मद्दिट्ठी पढमबितएसु दोसुवि उद्देसगेसु अहेसत्तमापुढवीए ण उववाएयव्वो, सेसं तं चेव / Page #1045 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1032 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 837 // 31-16 // मिच्छादिट्ठीहिवि चत्तारि उद्देसगा कायव्वा जहा भवसिद्धियाणं / सेवं भंते ! 2 ति // 38 // 31-20 // एवं कण्हपक्खिएहिवि लेस्सासंजुत्तेहिं चत्तारि उद्देसगा कायव्वा जहेव भवसिद्धिएहि / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति // 836 // 31-24 // सुक्कपक्खिएहि एवं चेव चत्तारि उद्देसगा भाणियव्वा जाव वालुयप्पभापुढविकाउलेस्ससुक्कपक्खिय. खुड्डागकलिओगणेरइया गं भंते ! कओ उववज्जति० ? तहेव जाव णो परप्पओगेणं उववज्जति / सेवं भंते ! 2 ति // 840 // 31-28 // सव्वेवि एए अट्ठावीसं उद्देसगा। इक्कतीसइमं सयं समत्तं // बत्तीसइमं सयं 1-28 उद्देसा॥ खुड्डागकडजुम्मणेरइया णं भंते ! अणंतरं उव्वट्टित्ता कहिं गच्छंति कहि उववज्जति किं णेरइएसु उववज्जति ? तिरिक्खजोणिएसु उववज्जति उव्वट्टणा जहा वक्कंतीए / ते णं भंते ! जीवा एगसमएणं केवइया उव्वद॒ति ? गोयमा! चत्तारि वा अट्ठ वा बारस वा सोलस वा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा उव्वटुंति, ते णं भंते ! जीवा कहं उव्वद॒ति ? गोयमा ! से जहाणामए पवए एवं तहेव, एवं सो चेव गमओ जाव आयप्पओगेणं उब्वटुंति णो परप्पओगेणं उब्व. टुंति, रयणप्पभापुढविखुड्डागकडजुम्म० एवं रयणप्पभाएवि एवं जाव अहेसत्तमाए, एवं खुड्डागतेओगखुड्डागदावरजुम्मखड्डागकलिओगा णवरं परिमाण जाणियध्वं, सेसं तं चेव / सेवं भंते ! 2 ति // 841 // 32-1 // कण्हलेस्स. कडजुम्मणेरइया० एवं एएणं कमेणं जहेव उववायसए अट्ठावीसं उद्देसगा भणिया तहेव उव्वट्टणासएवि अट्ठावीसं उद्देसगा भाणियव्वा गिरवसेसा णवरं उन्वबँतित्ति अभिलावो भाणियन्वो, सेसं तं चेव / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति जाव विहरइ // 842 // बत्तीसइमं सयं समत्तं ॥तेत्तीसइमं सयं-एगिदियं सयं // ___ कइविहा णं भंते ! एगिदिया प०? गोयमा ! पंचविहा एगिदिया प०, तं०-पुढविकाइया जाव वणस्सइकाइया / पुढ विकाइया णं भंते ! कइविहा प०? Page #1046 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 33-1 उ० 1-2 1033 गोयमा ! दुविहा प०, तं०-सुहुमपुढविकाइया य बायरपुढ विकाइया य, सुहम. पुढविकाइयां गं भंते ! कइविहा प० ? गोयमा! दुविहा प०, तंजहा-पज्जत्तसुहुमपुढविकाइया य अपज्जत्तसुहुमपुढविकाइया य। बायरपुढविकाइया गं भंते ! कइविहा 50 ? गोयमा ! एवं चेव, एवं आउक्काइयावि चउक्कएणं भेएणं भाणियव्वा एवं जाव वणस्सइकाइया। अपज्जत्तसुहमपुढविकाइयाणं भंते ! कइ कम्मप्पगडीओ प० ? गोयमा ! अट्ट कम्मप्पगडीओ प०, तं०-णाणावरणिज्जं जाव अंतराइयं / पज्जत्तसुहमपुढविकाइयाणं भंते ! कइ कम्मप्पगडीओ प०? गोयमा! अट्ट कम्मप्पगडीओ प०, तंजहा-णाणावरणिज्जं जाव अंतराइयं / अपज्जत्तबायरपुढविकाइयाणं भंते ! कइ कम्मप्पगडीओप.? गोयमा! एवं चेव। पज्जत्तबायरपुढविकाइयाणं भंते ! कइ कम्मप्पगडीओ प०?एवं चेव , एवं एएणं कमेणं जाव बायरवणस्सइकाइयाणं पज्जत्तगाणंति / अपज्जत्तसुहमपुढविकाइया णं भंते ! कइ कम्मप्पगडीओ बंधंति ? गोयमा! सत्तविहबंधगावि अढविहबंधगावि, सत्त बंधमाणा आउयवज्जाओ सत्त कम्मप्पगडीओ बंधंति अट्र बंध. माणा पडिपुण्णाओ अट्ट कम्मप्पगडीओ बंधंति / पज्जत्तसुहमपुढविकाइया गं भंते ! कइ कम्मप्पगडीओ बंधंति ? एवं चेव, एवं सब्वे जाव-पज्जत्तवायर. वणस्सइकाइया गं भंते ! कइ कम्मप्पगडीओ बंधंति ? एवं चेव / अपज्जत्त. सुहमपुढविकाइयां गं भंते ! कइ कम्मप्पगडीओ वेदेति ? गोयमा ! चउद्दस कम्मप्पगडीओ वेदेति, तं०-णाणावरणिज्जं जाव अंतराइयं, सोइंदियवज्झं चक्खिदियवज्झं घाणिदियवज्झं जिभिदियवज्झं इत्थिवेयवज्झं पुरिसवेयवज्झं, एवं चउक्कएणं भेदेणं जाव पज्जत्तबायरवणस्सइकाइया णं भंते ! कइ कम्म. प्पगडीओ वेदेति ? गोयमा ! एवं चेव च उद्दस कम्मप्पगडीओ वेति / सेवं भंते ! 2 त्ति // 843 // 33-1-1 // कइविहा णं भंते ! अगंतरोववण्णगा एगिदिया प० ? गोयमा ! पंचविहा अणंतरोववण्णगा एगिदिया प०, तं०-पुढविक्काइया जाव वणस्सइकाइया, अणंतरोववण्णगा गं भंते ! पुढविक्काइया कइविहा प०? गोयमा ! दुबिहा पण्णत्ता, तंजहा-सुहुमपुढविकाइया य बायर पुढविकाइया य, एवं दुपएणं भेएणं जाव वणस्सइकाइया / अणंतरोववण्णगसुहमपुढविकाइयाणं भंते ! कइ कम्मप्पगडीओ प० ? गोयमा ! अट्ट कम्मप्पगडीओप०,०-णाणावरणिज्जं जाव अंतराइयं / अणंतरोववण्णगवायरपुढवि. Page #1047 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1034 अंग-पविटु सुत्ताणि काइयाणं भंते ! कइ कम्मप्पगडीओ प० ? गोयमा ! अट्ठ कम्मप्पगडीओ 50, तं०-णाणावरणिज्जं जाव अंतराइयं, एवं जाव अणंतरोववण्णाबायरवणस्सइकाइयाणंति / अणंतरोववण्णगसुहमपुढविकाइया णं भंते ! कइ कम्मप्पगडीओ बंधंति ? गोयमा ! आउयवज्जाओ सत्त कम्मप्पगडीओ बंधंति, एवं जाव अणंतरोववण्णगबायरवणस्सइकाइयत्ति। अणंतरोववण्णगसुहुमपुढविकाइया गं भंते ! कइ कम्मप्पगडीओ वेदेति ? गोयमा ! चउद्दस कम्मप्पगडीओ वेदेति, तं०-णाणावरणिज्जं तहेव जाव पुरिसवेयवज्झं, एवं जाव अणंतरोववण्णगबायरवणस्सइकाइयत्ति / सेवं मंते ! सेवं भंते ! ति // 844 // 33-1-2 // काविहा णं भंते ! परंपरोववण्णगा एंगिदिया प० ? गोयमा ! पंचविहा परं. परोववण्णगा एगिदिया प०, तं०-पुढविक्काइया एवं चउक्कओ भेओ जहा ओहियउद्देसए। परंपरोववण्णगअपज्जत्तसुहमपुढविकाइयाणं भंते ! कइ कम्म. प्पगडीओ प० ? एवं एएणं अभिलावेणं जहा ओहियं उद्देसए तहेव गिरवसेसं भाणियव्वं जाव चउद्दस वेति / सेवं भंते ! 2 त्ति // 845 // 33-1-3 // अणंतरोगाढा जहा अणंतरोववण्णगा 4 // परंपरोगाढा जहा परंपरोववण्णगा 5 // अणंतराहारगा जहा अणंतरोववण्णगा 6 ॥'परंपराहारगा जहा परंपरो. ववण्णगा 7 // अणंतरपज्जत्तगा जहा अणंतरोववण्णगा 8 // परंपरपज्जतगा जहा परंपरोववण्णगा 6 // चरिमावि जहा परंपरोववण्णगा तहेव 10 / / एवं अच. रिमावि 11 // एवं एए एक्कारस उद्देसगा। सेवं भंते ! 2 त्ति जाव विहरइ // 846 // पढम एगिदियसयं समत्तं // 1 // कइविहा गं भंते ! कण्हलेस्सा एगिदिया प० ? गोयमा ! पंचविहा कण्हलेस्सा एगिदिया पण्णत्ता, तंजहापुढविकाइया जाव वणस्सइकाइया / कण्हलेस्सा णं भंते ! पुढविकाइया कविहा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता, तंजहा- सुहुमपुढविकाइया य बायरपुढविकाइया य / कण्हलेस्सा णं भंते ! सुहुमपुढविकाइया कइविहा 50 ? गोयमा ! एवं एएणं अभिलावेणं चउक्कभेओ जहेव ओहिए उद्देसए जाव वणस्सइकाइयत्ति / कण्हलेस्सअपज्जत्तसुहुमपुढविकाइयाणं भते.! कइ कम्मप्पगडीओ प० ? एवं चेव एएणं अभिलावेणं जहेव ओहिउद्देसए तहेव पण्णताओ तहेव बंधंति तहेव वेदेति / सेवं भंते ! 2 त्ति / कइविहा गं भंते ! अणंतरोववण्णगा कण्हलेस्सा एगिदिया पण्णत्ता ? गोयमा ! पंचविहा अणंतरोव. Page #1048 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 33-6 1035 वण्णगा कण्हलेस्सा एगिदिया एवं एएणं अभिलावेणं तहेव दुयओ भेओ जाव वणस्सइकाइयति / अणंतरोववण्णगकण्हलेस्ससुहमपुढविकाइयाणं भंते ! कई कम्मप्पगडीओ प० ? एवं एएणं अभिलावेणं जहा ओहिओ अणंतरोववण्णगाणं उद्देसओ तहेव जाव वेति / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति / कइविहा णं भंते ! परंपरोववण्णगा कण्हलेस्सा एगिदिया 50 ? गोयमा ! पंचविहा परंपरोव. वण्णगा कण्हलेस्सा एगिदिया पण्णत्ता, तंजहा-पुढविकाइया एवं एएणं अभिलावेणं तहेव चउक्कओ भेओ जाव वणस्सइकाइयत्ति / परंपरोववण्णगकण्हलेस्सअपज्जत्तसुहमपुढविकाइयाणं भंते ! कइ कम्मप्पगडीओ प. ? एवं एएणं अभिलावेणं जहेव ओहिओ परंपरोववण्णगउद्देसओ तहेव जाव वेदेति, एवं एएणं अभिलावेणं जहेव ओहिएगिदियसए एक्कारस उद्देसगा भणिया तहेव कण्हलेस्ससएवि भाणियन्वा जाव अचरिमचरिमकण्हलेस्सा एगिदिया॥८४७॥ बिइयं एगिदियसयं समत्तं // 2 // जहा कण्हलेस्सेहिं भणियं एवं णीललेस्सेहिवि सयं भाणियव्वं / सेवं भते / 2 त्ति / तइयं एगिदियसयं समत्तं // 3 // एवं काउलेस्सेहिवि सयं मार्णियव्वं णवरं काउलेस्सेत्ति अभिलावो भाणियव्यो। चउत्थं एगिदियसयं समत्तं // 4 // कइविहा णं भंते ! भवसिद्धिया एगिदिया प० ? गोयमा ! पंचविहा भवसिद्धिया एगिदिया प०, तं०-पुढविकाइया जाव वणस्सइकाइया भेओ चउक्कओ जाव वणस्सइकाइयत्ति / भवसिद्धियअपज्जत्त. सुहमपुढविकाइयाणं भंते ! कइ कम्मप्पगडीओ प० ? एवं एएणं अभिलावेणं जहेव पढमिल्लगं एगिदियसयं तहेव भवसिद्धियसयंपि भाणियव्वं, उद्देसगपरिवाडी तहेव जाव अचरिमोत्ति / सेवं भंते ! 2 ति / पंचमं एगिदियसयं समत्तं // 5 // कइविहा णं भंते ! कण्हलेस्सा भवसिद्धिया एगिदिया प० ? गोयमा ! पंचविहा कण्हलेस्सा भवसिद्धिया एगिदिया 50, तं०-पुढविकाइया जाव वणस्सइकाइया। कण्हलेस्सभवसिद्धियपुढविकाइया णं भंते ! काविहा प० ? गोयमा! दुविहा प०, तं०-सुहुमपुढविकाइया य बायरपुढविकाइया य। कण्हलेस्सभवसिद्वियसुहुमपुढविकाइया णं भंते ! कइ विहा 50 ? गोयमा ! दुविहा 50, तंजहा-पज्जत्तगा य अपज्जत्तगा य, एवं बायरावि, एवं एएणं अभिलावेणं तहेब चउक्कओ भेओ भाणियव्यो, कण्हलेस्सभवसिद्धियअपज्जत्तसुहमपुढवि. काइयाणं भंते ! कइ कम्मप्पगडीओ प० ? एवं एएणं अभिलावेणं जहेव Page #1049 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1036 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि ओहिउद्देसए तहेव जाव वेदेति / कइविहाणं भंते ! अणंतरोववण्णगा कण्हलेस्सा भवसिद्धिया एगिदिया प० ? गोयमा ! पंचविहा अणंतरोववण्णगा० जाव वणस्सइकाइया। अणंतरोववण्णगकण्हलेस्सभवसिद्धियपुढविकाइया णं भंते ! कइ. विहा प० ? गोयमा ! दुविहा प०, तं०-सुहमपुढविकाइया (य बायरपुढवि. काइया य ) एवं दुयओ भेओ / अणंतरोववण्णगकण्हलेस्सभवसिद्धि यसुहुमपुढविकाइयाणं भंते ! कइ कम्मपगडीओ प०? एवं एएणं अभिलावेणं जहेव ओहिओ अणंतरोववण्णगउद्देसओ तहेव जाव वेदेति, एवं एएणं अभिलावणं एक्कारसवि उद्देसगा तहेव भाणियव्वा जहा ओहियसए जाव अचरिमोति / छठं एगिदियसयं समत्तं // 6 // जहां कण्हलेस्सभवसिद्धिएहि सयं भणियं एवं णीललेस्समवसिद्धिएहिवि सयं भाणियव्वं / सत्तमं एगिदियसयं समत्तं // 7 // एवं काउलेस्सभवसिद्धिए हिवि सयं / अदृमं एगिदियसयं समत्तं // 8 // कइविहा गं भंते ! अभवसिद्धिया एगिदिया प० ? गोयमा ! पंचविहा अभवसिद्धिया एगिदिया प०, तं०-पुढविक्काइया जाव वणस्सइकाइया एवं जहेव भवसिद्धियसयं भणियं णवरं णव उद्देसगा चरिमअचरिमउद्देसगवज्जा सेसं तहेव / णवमं एगिदियसयं समत्तं // 6 // एवं कण्हलेस्सअभवसिद्धियएगिदियसयंपि / दसमं एगिदियसयं समत्तं // 10 ॥णीललेस्सअमवसिद्धियएगिदिएहिवि सयं // 11 // काउलेस्सअभवसिद्धियसयं, एवं चत्तारिवि अभवसिद्धियसयाणि णव 2 उद्देसगा भवंति, एवं एयाणि बारस एगिदियसयाणि भवंति // 848 // तेत्तीसइमं सयं समत्तं // चोत्तीसइमं सयं-एगिदियसेढि सयं // कइविहा णं भंते ! एगिदिया प० ? गोयमा ! पंचविहा एगिदिया प०, तं०-पुढविक्काइया जाव वणस्सइकाइया, एवं एएणं चेव चउक्कएणं भेएणं भाणियव्वा जाव वणस्सइकाइया, अपज्जत्तसुहमपुढविकाइए णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए पुरथिमिल्ले चरिमंते समोहए समोहणित्ता जे भविए इमीसे रयणप्पमाए पुढवीए पच्चस्थिमिल्ले चरिमंते अपज्जत्तसुहमपुढविकाइ. यत्ताए उववज्जित्तए से णं भंते ! कइसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा ? गोयमा ! एगसमइएण वा दुसमइएण वा तिसमइएण वा विग्गहेणं उव. Page #1050 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 34-1 उ० 1 1037 बज्जेज्जा, से केणठेणं भंते ! एवं वच्चइ एगसमइएण वा दुसमइएण वा जाव उववज्जेज्जा ? एवं खलु गोयमा ! मए सत्त सेढीओ प०, तं०-उज्जुआयया सेढी एगओवंका दुहओवंका एगओखहा दुहओखहा चक्कवाला अद्धचक्कवाला 7, उज्जुआययाए सेढीए उववज्जमाणे एगसमइएवं विग्गहेणं उववज्जेज्जा, एगओ. वंकाए सेढीए उववज्जमाणे दुसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा, दुहओवंकाए सेढीए उववज्जमाणे तिसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा, से तेणठेणं गोयमा! जाव उववज्जेज्जा / अपज्जत्तसुहमपुढविकाइए णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए पुरथिमिल्ले चरिमंते समोहए 2 ता जे भविए इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए पच्चथिमिल्ले चरिमंते पज्जतसुहमपुढविकाइयत्ताए उववज्जित्तए से गं भंते ! कइसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा ? गोयमा ! एगसमइएण वा दुसमइएण वा सेसं तं चेव जाव से तेणठेणं जाव विग्गहेणं उववज्जेज्जा, एवं अपज्जत्तसुहुमपुढविकाइओ पुरथिमिल्ले चरिमंते समोहणावेत्ता पच्चस्थिमिल्ले चरिमंते बायरपुढविकाइएसु अपज्जत्तएसु उववाएयव्वो, ताहे तेसु चेव पज्जत्त. एसु 4, एवं आउक्काइएसुवि चत्तारि आलावगा सुहमेहि अपज्जत्तएहि ताहे पज्जत्तएहि बायरेहि अपज्जत्तएहि ताहे पज्जत्तएहि उववाएयवो 4, एवं चेव सुहुमतेउकाइएहिवि अपज्जत्तएहि 1, ताहे पज्जत्तरहि उववाएयब्यो 2, अपज्जत्त. सुहुमपुढविकाइए णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए पुरथिमिल्ले चरिमंते समोहए समोहणिसा. जे भविए मणुस्सखेत्ते अपज्जत्तबायरतेउकाइयत्ताए उववज्जित्तए से गं भंते ! कइसमइएणं विग्गहेणे उववज्जेज्जा ? सेसं तं चेव, एवं पज्जत्तबायरतेउक्काइयत्ताए उववाएयन्वो 4, वाउक्काइएसु सुहुमबायरेसु जहा आउक्काइएसु उववाइओ तहा उववाएयवो 4, एवं वणस्सइकाइएसुवि 20 / पज्जत्तसुहमपुढविकाइए णं भंते ! इमीसे रयणप्पमाए पुढवीए.? एवं पज्जत्तसुहुमपुढविकाइओवि पुरथिमिल्ले चरिमंते समोहणावेत्ता एएणं चेव कमेणं एएसु चेव बीससु ठाणेसु उववाएयवो जाव बायरवणस्सइकाइएसु पज्जत्तएसुवि 40, एवं अपज्जत्तबायरपुढविकाइओवि 60, एवं पज्जत्तबायर पुढविकाइओवि 80, एवं आउकाइओवि चउसुवि गमएसु पुरथिमिल्ले चरिमंते समोहए एयाए चेव वत्तन्वयाए एएसु चेव वीसइठाणेसु उववाएयन्वो 160, सहमतेउकाइओवि अपज्जत्तओ पज्जत्तओ य एएसु चेव वीससु ठाणेसु उववाए. Page #1051 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1038 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि यवो / अपज्जत्तबायरतेउक्काइए णं भंते ! मणुस्सखेत्ते समोहए 2 ता जे भविए इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए पच्चथिमिल्ले चरिमंते अपज्जत्तसुहुम. पुढविकाइयत्ताए उववज्जित्तए से णं भंते ! कइसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा सेसं तहेव जाव से तेणठेगं० एवं पुढविकाइएसु चउविहेसुवि उववाएयवो, एवं आउकाइएसु चउविहेसुवि, तेउकाइएसु सुहुमेसु अपज्जतएसु पज्जतएसु य एवं चेव उववाएयब्बो, अपज्जत्तबायरतेउक्काइए गं भंते ! मणुस्सवेत्ते समोहए 2 ता जे भविए मणुस्सखेत्ते अपज्जत्तबायरते उक्काइयत्ताए उववज्जि. तए से णं भते ! कइसमइएणं० सेसं तं चेव, एवं पज्जत्तबायरतेउक्काइयत्ताएवि उववाएयत्वो,वाउकाइयत्ताए य वपस्सइकाइयत्ताए य जहा पुढविकाइएसु तहेव चउक्कएणं भेएणं उववाएयव्यो, एवं पज्जत्तबायरतेउकाइओवि समयखेत्ते समोहणावेत्ता एएसु चेव वीसाए ठाणेसु उववाएयन्वो जहेव अपज्जतओ उववाइओ, एवं सम्वत्थवि बायरतेउकाइया अपज्जत्तगा य पज्जत्तगा य समयखेत्ते उववाएयव्वा समोहणावेयवादि 240, वाउक्काइ या वणस्सइकाइया य जहा पुढविकाइया तहेव च उक्कएणं भेएणं उववाएयव्वा जाव पज्जत्ता 400 / बायरवणस्सइकाइए णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए पुरथिमिल्ले चरिमंते समो. हए समोहणित्ता जे भविए इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए पच्चथिमिल्ले चरि. मंते पज्जत्तबायरवणस्सइकाइयत्ताए उववज्जित्तए से गं भंते ! कइसमइएणं० सेसं तहेव जाव से तेणढेणं०, अपज्जतसुहुमपुढविकाइए णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए पच्चस्थिमिल्ले चरिमंते समोहए 2 ता जे भविए इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए पुरथिमिल्ले चरिमंते अपज्जत्तसुहमपुढविकाइयत्ताए उववज्जित्तए से णं भंते ! कइसमइएणं० सेसं तहेव णिरवसेसं, एवं जहेव पुरथिमिल्ले चरिमते सव्वपएसुवि समोहया पच्चस्थिमिल्ले चरिमंते समयखेत्ते य उववाइया जे य समयखेत्ते समोहया पच्चस्थिमिल्ले चरिमंते समयखेत्ते य उववाइया एवं एएणं चेव कमेणं पच्चस्थिमिल्ले चरिमंते समयखेत्ते य समो. हया पुरथिमिल्ले चरिमंते समयखेतेय उववाएयव्वा तेणेव गमएणं, एवं एएणं गमएणं दाहिणिल्ले चरिमंते (समयखेत्ते य) समोहयाणं उत्तरिल्ले चरिमंते समयखेत्ते य उववाओ एवं चेव उत्तरिल्ले चरिमंते * समयखेत्ते य समोहया दाहिणिल्ले चरिमंते समयखेत्ते य उववाएयव्वा तेणेव गमएणं, अपज्जत्तसुहम. Page #1052 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 34-1 उ. 1 1039 पुढविकाइए णं भंते ! सक्करप्पभाए पुढवीए पुरथिमिल्ले चरिमंते समोहए 2 ता जे भविए सक्करप्पभाए पुढवीए पच्चस्थिमिल्ले चरिमंते अपज्जत्तसुहुम. पुढविकाइयत्ताए उववज्जित्तए० एवं जहेव रयणप्पभाए जाव से तेणठेणं एवं एएणं कमेणं जाव पज्जत्तएसु सुहमतेउकाइएमु / अपज्जत्तसुहमपुढविकाइए णं भंते ! सक्करप्पभाए पुढवीए पुरथिमिल्ले चरिमंते समोहए समोहणित्ता जे भविए समयखेत्ते अपज्जत्तबायरतेउक्काइयत्ताए उववज्जित्तए से गं भंते ! कइ. समइएणं पुच्छा, गोयमा! दुसमइएण वा तिसमइएण वा विग्गहेणं उववज्जेज्जा। से केणढेणं भंते ! * पुच्छा, एवं खलु गोयमा ! मए सत्त सेढीओ प०, तं०उज्जआयया जाव अद्धचक्कवाला, एगओवंकाए सेढीए उववज्जमाणे दुसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा दुहओवंकाए सेढीए उववज्जमाणे तिसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा से तेणठेणं०, एवं पज्जत्तएसुवि बायरतेउक्काइएसु, सेसं जहा रयणप्पभाए, जेऽवि बायरतेउकाइया अपज्जत्तगा य पज्जतगा य समयखेते समोहणित्ता दोच्चाए पुढवीए पच्चथिमिल्ले चरिमंते पुढविकाइएसु चउविहेसु आउक्काइएसु चउन्विहेसु तेउकाइएसु दुविहेसु वाउकाइएसु चउन्विहेसु वण. स्सइकाइएसु चउविहेसु उववज्जति तेऽवि एवं चेव दुसमइएण वा तिसमइ. एण वा विग्गहेणं उववाएयव्वा, बायरतेउक्काइया अपज्जत्तगा य पज्जत्तगा य जाहे तेसु चेव उववज्जति ताहे जहेव रयणप्पभाए तहेव एगसमइयदुसमइयतिसमइयविग्गहा भाणियव्वा सेसं जहेव रयणप्पभाए तहेव गिरवसेसं, जहा सक्करप्पभाए वत्तव्वया भणिया एवं जाव अहेसत्तमाए भाणियव्वा // 846 // अपज्जत्तसुहुमपुढविकाइए गं भंते ! अहोलोयखेत्तणालीए बाहिरिल्ले खेत्ते समोहए 2 ता जे भविए उड्डलोयखेत्तणालीए बाहिरिल्ले खेत्ते अपज्जत्तसुहुमपुढविकाइयत्ताए उववज्जित्तए से णं भंते ! कइसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा ? गोयमा ! तिसमइएण वा चउसमइएण वा विग्गहेणं उववज्जेज्जा / से केण?णं भंते ! एवं वुच्चइ-तिसमइएण वा चउसमइएण वा विग्गहेणं उववज्जेज्जा ? गोयमा !. अपज्जतसुहुमपुढविकाइए णं अहोलोयखेतणालीए बाहिरिल्ले खेत्ते समोहए 2 ता जे भविए उड्डलोयखेत्तगालीए बाहिरिल्ले खेत्ते अपज्जत्तसुहुमपुढविकाइयत्ताए एगपयरंसि अणुसेढीए उववज्जित्तए से गं तिसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा जे भविए विसेढीए उववज्जित्तए से गं Page #1053 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1040 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि च उसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा, से तेणठेणं जाव उववज्जेज्जा, एवं पज्जत्तसुहमपुढविकाइयत्ताएवि, एवं जाव पज्जत्तसुहुमतेउकाइयत्ताए / अपज्जत्तसुहुमपुढविकाइए णं भंते ! अहोलोग जाव समोहणित्ता जे भविए समयखेत्ते अपज्जत्तबायरतेउकाइयत्ताए उववज्जित्तए से णं भंते ! कइसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा? गोयमा ! दुसमइएण वा तिसमइएण वा विग्गहेणं उववज्जे. ज्जा / से केणठेणं 0? एवं खल गोयमा ! मए सत्त सेढीओ प०, तं०-उज्जआयया जाव अद्धचक्कवाला, एगओवकाए सेढीए उववज्जमाणे दुसमइएणं विगहेणं उववज्जेज्जा दुहओवंकाए सेढीए उववज्जमाणे तिसपइएणं विगहेणं उववज्जेज्जा से तेगडेणं०, एवं पज्जत्तएसुवि बायरतेउकाइएसुवि उववाए. यवो, वाउक्काइयवणस्सइकाइयत्ताए चउक्कएणं भेएणं जहा आउक्काइयत्ताए तहेव उववाएयव्वो 20, एवं जहा अपज्जत्तसुहुमपुढविक्काइयस्स गमओ भणिओ एवं पज्जत्तसुहमपुढविकाइयस्सवि भाणियन्वो तहेव वीसाए ठाणेसु उववाएयव्वो 40 / अहोलोयखेतणालीए बाहिरिल्ले खेत्ते समोहए समोहणित्ता एवं बायरपुदविकाइयस्सवि अपज्जत्तगस्स य भाणियव्वं 80, एवं आउक्काइयस्स चउविहस्तवि भाणियन्वं 160, सुहुमते उक्काइयस्स दुविहस्सवि एवं चेव 200 / अपज्जत्तबायरतेउक्काइए णं भंते ! समयखेत्ते समोहए 2 त्ता जे भविए उड. लोगखेत्तणालीए बाहिरिल्ले खेत्ते अपज्जत्तसुहमपुढविकाइयत्ताए उववज्जित्तए से णं भंते ! कइसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा ? गोयमा ! दसमइएण वा तिसमइएण वा चउसमइएण वा विग्गहेणं उववज्जेज्जा।से केणठेणं. अठो जहेव रयणप्पभाए तहेव सत्त सेढीओ एवं जाव अपज्जत्तबायरतेउकाइए णं भंते ! . समयखेत्ते समोहए 2 ता जे भविए उडलोयखेत्तणालीए वाहिरिल्ले खेत्ते पज्जत. सुहमतेउकाइयत्ताए उववज्जित्तए से णं भंते ! सेसं तं चेव / अपज्जतबायर• तेउक्काइए णं भंते ! समयखेत्ते समोहए 2 ता जे भविए समयखेत्ते अपज्जत्तबायरतेउक्काइयत्ताए उववज्जित्तए से गं भंते ! कइसमइएणं विगहेणं उववज्जेज्जा ? गोयमा ! एगसमइएण वा दुसमइएण वा तिसमइएण वा विग्गहेणं उववज्जेज्जा / से केणठेणं. अट्ठो जहेव रयणप्पभाए तहेव सत्त सेढीओ, एवं पज्जत्तबायरतेउकाइयत्ताएवि, वाउकाइएसु वणस्सइकाइएसु य जहा पुढविकाइएसु उववाइएओ तहेव चउक्कएणं भेएणं उववाएयव्वो, एवं / Page #1054 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 34-1 उ. 1 1041 पज्जत्तबायरतेउकाइओवि एएसु चेव ठाणेसु उववाएयव्वो, वाउक्काइयवण. स्सइकाइयाणं जहेव पुढविकाइयत्ते उववाइओ तहेव भाणियन्वो / अपज्जत्त. सुहुमपुढविकाइए णं भंते ! उड्ढलोगखेत्तणालीए बाहिरिल्ले खेत्ते समोहए समोहणित्ता जे भविए अहेलोगखेत्तणालीए बाहिरिल्ले खेत्ते अपज्जत्तसुहमपुढ. विकाइयत्ताए उववज्जित्तए से गं भंते ! कइसमइएणं० ? एवं उद्धृलोगखेत्त. णालीए बाहिरिल्ले खेत्ते समोहयाणं अहेलोगखेत्तणालीए बाहिरिल्ले खेत्ते उव. वज्जयाणं सो चेव गमओ णिरवसेसो भाणियन्वो जाव बायरवणस्सइकाइओ पज्जत्तओ बायरवणस्सइकाइएसु पज्जत्तएसु उववाइओ। अपज्जत्तसुहुमपुढविकाइए णं भंते ! लोगस्स पुरथिमिल्ले चरिमंते समोहए 2 ता जे भविए लोगस्स पुरथिमिल्ले चेव चरिमंते अपज्जत्तसुहुमपुढ विकाइयत्ताए उववज्जि. तए से णं भंते ! कइसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा ? गोयमा ! एगसम. इएण वा दुसमइएण वा तिसमइएण वा चउसमइएण वा विग्गहेणं उववज्जेज्जा। से केणठेणं भंते ! एवं वच्चइ-एगसमइएण वा जाव उववज्जेज्जा ? एवं खलु गोयमा ! मए सत्त सेढीओ 50, तंजहा-उज्जुआयया जाव अद्धचक्क. वाला, उज्जआययाए सेढीए उववज्जमाणे एगसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा, एगओवंकाए सेढीए उववज्जमाणे दुसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा, दुहओवं. काए सेढीए उववज्जमाणे जे भविए एगपयरंसि अणुसेदि उववज्जित्तए से गं तिसमइएणं विग्गहेणं. उववज्जेज्जा जे भविए विसेदि उववज्जित्तए से णं चउसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा, से तेंणद्वेणं जाव उववज्जेज्जा, एवं अपज्जत्तसुहुमपुढविकाइओ लोगस्स पुरथिमिल्ले चरिमंते समोहए 2 ता लोगस्स पुरथिमिल्ले चेव चरिमंते अपज्जत्तएसु पज्जत्तएसु य सुहुमपुढविकाइएसु सुहुमआउकाइएसु अपज्जत्तएसु पज्जत्तएसु य सुहुमतेउक्काइएसु अपज्जत्तएसु पज्जत्त. एमय सुहुमवाउकाइएसु अपज्जत्तएसु पज्जत्तएसु बायरवाउकाइएसु अपज्जत. एसुपज्जत्तएसु सुहुमवणस्सइकाइएसु अपज्जत्तएसु पज्जत्तएसु य बारससुवि ठाणेसु एएणं चेव कमेणं भाणियत्वो, सुहुमपुढविक्काइओ पज्जत्तओ एवं चेव गिरवसेसो बारससुवि ठाणेसु उववाएयत्वो 24, एवं एएणं गमएणं जाव सुहुमवगस्सइ. काइओ पज्जत्तओ सुहुमवणस्सइकाइएसुपज्जत्तएसु चेव भाणियव्यो। अपज्जत्त. सुहुमपुढविकाइए णं भंते ! लोगस्स पुरथिमिल्ले चरिमंते समोहए 2 ता जे Page #1055 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1042 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि भविए लोगस्स दाहिणिल्ले चरिमंते अपज्जत्तसुहमपुढविकाइएसु उववज्जितए से गं भंते ! कइसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा ? गोयमा ! दुसमइएण वा तिसमइएण वा चउसमइएण वा विग्गहेणं उववज्जेज्जा।से केणठेणं भंते ! एवं वच्चइ० ? एवं खल गोयमा! मए सत्त सेढीओ पण्णताओ, तंजहा-उज्जुआयया जाव अद्धचक्कवाला, एगओवंकाए सेढीए उववज्जमाणे दुसमइएणं विग्गहेणं उव. वज्जेज्जा दुहओवंकाए सेढीए उववज्जमाणे जे भविए एगपयरंसि अणुसेढीओ उववज्जित्तए से णं तिसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा जे भविए विसेढि उव. वज्जित्तए से णं च उसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा से तेणठेणं गोयमा ! 0, एवं एएणं गमएणं पुरथिमिल्ले' चरिमंते समोहए दाहिणिल्ले चरिमंते उववाएयत्वो जाव सुहमवणस्सइकाइओ पज्जत्तओ सुहमवणस्सइकाइएसु पज्ज. तएसु चेव, सव्वेसि दुसमइओ तिसमइओ च उसमइओ विग्गहो भाणियव्यो। अपज्जत्तसहमपुढ विकाइए णं भंते ! लोगस्स पुरथिमिल्ले चरिमंते समोहए 2 ता जे भविए लोगस्स पच्चथिमिल्ले चरिमंते अपज्जत्तसुहमपुढविकाइयत्ताए उववज्जित्तए से गं भंते ! कइसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा ? गोयमा ! एगसमइएण वा दुसमइएण वा तिसमइएण वा चउसमइएण वा विग्गहेणं उववज्जेज्जा / से केपट्टेणं. ? एवं जहेव पुरथिमिल्ले चरिमंते समोहया पुरस्थि. मिल्ले चेव चरिमंते उववाइया तहेव पुरथिमिल्ले चरिमंते समोहया पच्चत्थिमिल्ले चरिमंते उववाएयव्वा सव्वे / अपज्जतसुहुमपुढ विकाइए णं भंते ! लोगस्स पुरथिमिल्ले चरिमंते समोहए 2 ता जे भविए लोगस्स उत्तरिल्ले चरिमंते अपज्जत्तसहमपूढविकाइयत्साए उववज्जित्तए से णं भंते ! एवं जहा पुर. थिमिल्ले चरिमंते समोहओ दाहिणिल्ले चरिमंते उववाइओ तहा पुरथिमिल्ले समोहओ उत्तरिल्ले चरिमंते उववाएयव्वो / अपज्जत्तसुहुमपुढविकाइए णं भंते ! लोगस्स दाहिणिल्ले चरिमंते समोहए समोहणित्ता जे भविए लोगस्स दाहि. जिल्ले चेव चरिमंते अपज्जत्तसुहमपुढविकाइयत्ताए उववज्जित्तए० एवं जहा पुरथिमिल्ले समोहओ पुरथिमिल्ले चेव उववाइओ तहेव दाहिणिल्ले समो. हए दाहिणिल्ले चेव उववाएयत्वो, तहेव गिरवसेसं जाव सुहुमवणस्सइकाइओ पज्जत्तओ सुहुमवणस्सइकाइएसु चेव पज्जत्तएसु दाहिणिल्ले चरिमंते उववाइओ एवं दाहिणिल्ले समोहओ पच्चथिमिल्ले चरिमंते उववाएयध्वो णवरं दुसमइय. Page #1056 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 34-1 उ.१ 1043 तिसमइयचउसमइयविग्गहो सेसं तहेव, दाहिणिल्ले समोहओ उत्तरिल्ले चरिमंते उववाएयत्वो जहेव सटाणे तहेव एगसमइयदुसमइयतिसमइयचउसमइयविग्गहो पुरथिमिल्ले जहा पच्चस्थिमिल्ले तहेव दुसमइयप्तिसमइयचउसमइयविग्गहो, पच्चथिमिल्ले चरिमंते समोहयाणं पच्चथिमिल्ले चेव उववज्जमाणाणं जहा सट्टाणे,उत्तरिल्ले उववज्जमाणाणं एगसमइओ विग्गहो णत्थि, सेसं तहेव, पुरस्थिमिल्ले जहा सट्टाणे, दाहिणिल्ले एगसमइओ विग्गहो णत्थि, सेसं तं चेव, उत्तरिल्ले समोहयाणं उत्तरिल्ले चेव उववज्जमाणाणं जहेव सदाणे, उत्तरिल्ले समोहयाणं पुरथिमिल्ले उववज्जमाणाणं एवं चेव णवरं एगसमइओ विग्गहो णत्थि, उत्तरिल्ले समोयाणं दाहिणिल्ले उववज्जमाणाणं जहा सट्टाणे, उत्तरिल्ले समोहयाणं पच्चस्थिमिल्ले उववज्जमाणाणं एगसमइओ विग्गहो णत्थि, सेसं तहेव जाव सुहमवणस्सइकाइओ पज्जत्ताओ सुहुमवणस्सइकाइएसु पज्जत्तएसु चेव। कहिण्णं भंते ! बायरपुढ विकाइयाणं पज्जत्तगाणं ठाणा प० ? गोयमा ! सट्टा गेणं अट्ठसु पुढवीसु जहा ठाणपए जाव सुहुमवणस्सइकाइया जे य पज्जत्तगा जे य अपज्जत्तगा ते सव्वे एगविहा अविसेसमणाणता सव्वलोगपरियावण्णा 50 समणाउसो ! अपज्जत्तसुहमपुढविकाइयाणं भंते ! कइ कम्मप्पगडीओ पण्णताओ ? गोयमा ! अट्ठ कम्मप्पगडीओ 50, तं०-णाणावरणिज्जं जाव अंतराइयं, एवं चउक्कएणं भेएणं जहेव एगिदियसएसु जाव बायरवणस्सइकाइयाणं पज्जत्तगाणं / अपज्जत्तसुहमपुढविकाइया णं भंते ! कइ कम्मप्पगडीओ बंधंति ? गोयमा ! सत्तविहबंधगावि अट्ठविहबंधगावि जहा एगिदियसएसु जाव पज्जत्ता बायरवणस्सइकाइया। अपज्जत्तसुहमपुढ विकाइया णं भंते ! का कम्मपगडीओ वेदेति ? गोयमा ! चउद्दस कम्मप्पगडीओ वेदेति, तंजहा-- णाणावरणिज्जं जहा एगिदियसएसुजाव पुरिसवेयवज्झं एवं जाव बायरवणस्सइ. काइयाणं पज्जत्तगाणं / एगिदिया णं भंते ! कओ उववज्जति कि रइएहितो उववज्जति० ? जहा वक्कंतीए पुढविक्काइयाणं उववाओ। एगिदियाणं भंते ! कइ समुग्घाया प० ? गोयमा! चत्तारि समुग्धाया प०, तंजहा-वेयणासमुग्धाए जाव वेउब्वियसमुग्घाए / एगिदिया गं भंते ! कि तुल्लटिईया तुल्लविसेसा. हियं कम्मं पकरेंति तुल्लट्ठिईया वेमायविसेसाहियं कम्मं पकरेंति वेमायट्टिईया तुल्लविसेसाहियं कम्मं पकरेंति वेमायट्टिईया वेमायविसेसाहियं कम्मं पकरेंति ? Page #1057 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1044 अंग-पविटु सुत्ताणि गोयमा ! अत्थेगइया तुल्लटिईया तुल्लविसेसाहियं कम्मं पकरेंति अत्थेगइया तुल्लट्टिईया वेमायविसेसाहियं कम्मं पकरेंति अत्थेगइया वेमायट्टिईया तुल्ल. विसेसाहियं कम्मं पकरेंति अत्यंगइया वेमायट्टिईया वेमायविसेसाहियं कम्म पकरेंति / से केणठेणं भंते ! एवं वच्चइ-अत्थेगइया तुल्लटिईया जाव वेमाय. विसेसाहियं कम्मं पकरेंति ? गोयमा ! एगिदिया चउविवहा पण्णता, तंजहाअत्थेगइया समाउया समोववण्णगा 1, अत्यंगइया समाउया विसमोववष्णगा 2, अत्थेगइया विसमाउया समोवनणगा 3, अत्थेगइया विसमाउया विसमो. ववण्णगा 4 / तत्थ णं जे ते समाउया समोववण्णगा ते णं तुल्लटिईया तुल्ल. विसेसाहियं कम्मं पकरेंति 1, तत्थ गंजे ते समाउया विसमोववण्णगा ते णं तुल्लट्टिईया वेमायविसेसाहियं कम्मं पकरेंति 2, तत्य णं जे ते विसमाउया समोववण्णगा ते णं वेमायदिईया तुल्लविसेसाहियं कम्मं पकरेंति 3, तत्य गंजे ते विसमाउया विसमोववष्णगा ते णं वेमाय दिईया वेमायविसेसाहियं कम्मं पकरेंति 4 / से तेण?णं गोयमा ! जाव वेमायविसेसाहियं कम्म पकरेंति / सेवं भंते ! 2 ति जाव विहरइ // 850 // 34-1-1 // कइविहा णं भंते ! अणंतरोबवण्णगा एगिदिया प०? गोयमा ! पंचविहा अणंतरोववणगा एगिदिया पण्णत्ता, तंजहा-पुढविकाइया दुयाभेओ जहा एगिदियसएसु जाव बायरवणस्सइकाइया य / कहिणं भंते ! अणंतरोववण्णगाणं बायरपुढ. विकाइयाणं ठाणा प० ? गोयमा ! सट्टाणेणं अट्ठसु पुढवीसु, तं०-रयणप्पभाए जहा ठाणपए जाव दीवेसु समद्देसु एत्थ णं अणंतरोववण्णगाणं बायरपुढवि. काइयाणं ठाणा पण्णत्ता, उववाएणं सव्वलोए समुग्घाएणं सव्वलोए सट्टाणेणं लोगस्स असंखेज्जइ भागे, अणंतरोववण्णगसुहमपुढविकाइया' एगविहा अविसेसमणाणत्ता सव्वलोए परियावण्णा पण्णत्ता, समणाउसो ! एवं एएणं कमेणं सव्वे एगिदिया भाणियब्वा, सट्टाणाई सव्वेसि जहा ठाणपए तेसि पज्जत्तगाणं बायराणं उववायसमग्घायसटाणाणि जहा तेसि चेव अपज्जत्तगाणं बायराणं, सुहमाणं सवेसि जहा पुढधिकाइयाणं भणिया तहेव भाणियव्वा जाव वणस्सइकाइयत्ति / अणंतरोववण्णगसुहुमपुढविकाइयाणं भंते ! कइ कस्मप्पगडीओ 50 ? गोयमा ! अट्ट कम्मप्पगडीओ पण्णत्ताओ एवं जहा एगिदियसएसु अणं. तरोववण्णगउद्देसए तहेव पण्णत्ताओ तहेव बंधंति तहेव वेदेति जाव अणंतरो. ववण्णगा बायरवणस्सइकाइया / अणंतरोववण्णगएगिदिया. गं भंते ! कओ Page #1058 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 34-2 उ. 1-11 1045 उववज्जति.? जहेव ओहिए उद्देसओ भणिओ तहेव / अणंतरोववण्णगएगिदि. याणं भंते !- कइ समुग्घाया प० ? गोयमा ! दोण्णि समुग्धाया प०, तं०वेयणासमुग्घाए य कसायसमुग्याए य / अणंतरोववण्णगएगिदिया णं भंते ! कि तुल्लट्ठिईया तुल्लविसेसाहियं कम्मं पकरेंति पुच्छा तहेव ? गोयमा ! अत्थेगइया तुल्लट्टिईया तुल्लविसेसाहियं कम्मं पकरेंति अत्थेगइया तुल्लट्ठिईया वेमाय. विसेसाहियं कम्म पकरेंति / से केणठेणं भंते ! जाव वेमायविसेसाहियं कम्म पकरेंति ? गोयमा ! अणंतरोववण्णगा एगिदिया दुविहा प०, तं०-अत्थेगइया समाउया समोववण्णगा अत्थेगइया समाउया विसमोववण्णगा, तत्थ णं जे ते समाउया समोववण्णगा ते णं तुल्लटिईया तुल्लविसेसाहियं कम्मं पकरेंति, तत्थ णं जे ते समाउया विसमोववण्णगा ते गं तुल्लट्ठिईया वेमायविसेसाहियं कम्म पकरेंति, से तेण→णं जाव वेमायविसेसाहियं कम्मं पकरेंति / सेवं भंते ! 2 त्ति // 851 // 34-1-2 // कइविहा णं भंते ! परंपरोववण्णगा एगिदिया प० ? गोयमा ! पंचविहा परंपरोववण्णगा एगिदिया प०, तं०-पुढविक्काइया भेओ चउक्कओ जाव वणस्सइकाइयत्ति / परंपरोववण्णगअपज्जत्तसुहमपुढविकाइए गं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए पुरथिमिल्ले चरिमंते समोहए 2 ता जे भविए इमोसे रयणप्पमाए पुढवीए जाव पच्चस्थिमिल्ले चरिमंते अपज्जत्तसुहुमपुढविकाइयत्ताए उववज्जित्तए०? एवं एएणं अभिलावेणं जहेव पढमो उसओ जाव लोगचरिमंतोत्ति / कहिणं भंते ! परंपरोववण्णगबायरपुढविकाइयाणं ठाणा प० ? गोयमा ! सट्टाणेणं अट्ठसु पुढवीसु एवं एएणं अभिलावेणं जहा पढमे उद्देसए जाव तुल्लटिईयत्ति / सेवं भंते ! 2 त्ति // 34-1-3 // एवं सेसावि अट्ठ उद्देसगा जाव अचरिमोत्ति, णवरं अणंतरा अणंतरसरिसा परंपरा परंपरसरिसा चरिमा य अचरिमा य एवं चेव, एवं एए एक्कारस उद्देसगा // 852 // 34-1-11 // पढम एगिदियसेढिसयं समत्तं / कइविहा गं भंते ! कण्हलेस्सा एगिदिया प० ? गोयमा! पंचविहा कण्हलेस्सा एगिदिया प० भेओ चउक्कओ जहा कण्हलेस्सएगिदियसए जाव वणस्सइकाइयत्ति / कण्हलेस्सअप. ज्जत्तसुहुमपुढविकाइए णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए पुरथिमिल्ले एवं एएणं अभिलावेणं जहेव ओहिउद्देसओ जाव लोगचरिमंतेत्ति सव्वत्थ कण्हलेस्सेसु चेव उववाएयव्वो। कहिण्णं भंते ! कण्हलेस्सअपज्जत्तगबायरपुढविकाइ Page #1059 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1046 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि पाणं ठाणा प० ? गोयमा ! एवं एएणं अभिलावेणं जहा ओहियउद्देसओ जाव तुल्लट्टिईयत्ति। सेवं भंते ! 2 त्ति / एवं एएणं अभिलावेणं जहेव पढम सेढिसयं तहेव एक्कारस उद्देसगा भाणियव्वा // 34-2-11 // बिइयं एगिदियसेढि. सयं समत्तं / एवं णीललेस्सेहिवि तइयं सयं / काउलेस्सेहिवि सयं, एवं चेव चउत्थं सयं / भविसिद्धियएगिदिए हिवि सयं पंचमं समत्तं / कइविहा णं भंते ! कण्हलेस्सभवसिद्धियएगिदिया प० ? एवं जहेव ओहिय उद्देसओ / कइविहा णं भंते ! अणंतरोववण्णगा कण्हलेस्सा भवसिद्धिया एगिदिया प० जहेव अणंत. रोववण्णगउद्देसओ ओहिओ तहेव / कइविहा णं भंते ! परंपरोववण्णगकण्ह. लेस्सभवसिद्धिया एगिदिया प०? गोयमा ! पंचविहा परंपरोववण्णगकण्हलेस्स. भवसिद्धियएगिदिया प० ओहिओ मेओ चउक्कओ जाव वणस्सइकाइयत्ति। परंपरोववष्णगकण्हलेस्सभवसिद्धियअपज्जत्तसुहुमपुढ विकाइए णं भते! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए एवं एएणं अभिलावेणं जहेव ओहिओ उद्देसओ जाव लोयचरिमंतेत्ति, सव्वत्थ कण्हलेस्सेसु भवसिद्धिएसु उववाएयवो। कहिणं भंते ! परंपरोववण्णकण्हलेस्सभवसिद्धियपज्जत्तबायरपुढविकाइयाणं ठाणा प०? एवंएएणं अभिलावेणं जहेव ओहिओ उद्देसओ जाव तुल्लटुिईयत्ति, एवं एएणं अभिलावेणं कण्हलेस्सभवसिद्धियएगिदिएहिवि तहेव एक्कारसउद्देसगसंजुत्तं सयं, छठं सयं समत्तं / णीललेस्सभवसिद्धियएगिदिएसु सत्तमं सयं समत्तं / एवं काउलेस्स. भवसिद्धियएगिदिएहिवि सयं अट्ठमं सयं / जहा भवसिद्धिएहिं चत्तारि सयाणि एवं अभवसिद्धिएहिवि चत्तारि सयाणि भाणियवाणि,णवरं चरिमअचरिमवज्जा णव उद्देसगा भाणियव्वा, सेसं तं चेव, एवं एयाई बारस एगिदियसेढीसयाई भाणियब्वाइं / सेवं भंते ! 2 त्ति जाव विहरइ // 853 // चोतीसइमं सयं समत्तं // पणतीसइमं सयं-एगिदियमहाजुम्मसयं // कइ णं भंते ! महाजुम्भा पण्णत्ता ? गोयमा ! सोलस महाजुम्मा 10, तं०-कडजुम्मकडजुम्मे 1, कडजुम्मतेओगे 2, कडजुम्मदावरजुम्मे 3, कडजुम्भकलिओगे 4, तेओगकडजुम्मे 5, तेओगतेओगे 6, तेओगदावरजुम्मे 7, तेओगकलिओगे 8, दावरज़म्मकडजुम्मे 6, दावरजुम्मतेओगे 10, वावरजुम्मदावर. जुम्मे 11, दावरजुम्मकलिओगे 12, कलिओगकडज़म्मे 13, कलिओग. Page #1060 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 35-1 उ.१ 1047 तेओगे 14, कलिओगदावरजुम्मे 15, कलिओगकलिओगे 16 / से केणठेणं भंते / एवं वच्चंइ-सोलस महाजम्मा प०,०-कडजुम्मकडजुम्मे जाव कलिओगकलिओगे ? गोयमा ! जे णं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे चउपज्जवसिए जे गं तस्स रासिस्स अवहारसमया तेऽवि कडजम्मा सेत्तं कड. जम्मकडजुम्मे 1, जे णं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे तिपज्जवसिए जे णं तस्स रासिस्स अवहारसमया कडजम्मा सेत्तं कडजुम्मतेओए 2, जे गं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे दुपज्जवसिए जेणं तस्स रासिस्स अवहारसमया कडजुम्मा सेत्तं कडजुम्मदावरजुम्मे 3, जे णं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे एगपज्जवसिए जे णं तस्स रासिस्स अवहारसमया कड. जम्मा सेत्तं कडजम्मकलिओगे 4, जे गं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीर. माणे चउपज्जवसिए जे णं तस्स रासिस्स अवहारसमया तेओगा सेत्तं तेओग. कडजुम्मे 5, जे णं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे तिपज्जवसिए जे णं तस्स रासिस्स अवहारसमया तेओगा सेत्तं तेओगतेओगे 6, जेणं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे दुपज्जवसिए जे गं तस्स रासिस्स अवहार. समया तेओगा सेत्तं तेओगदावरजुम्मे 7, जे णं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे एगपज्जवसिए जे णं तस्स रासिस्स अवहारसमया तेओगा सेतं तेओगकलिओगे 8, जे गं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे चउपज्जवसिए जेणं तस्स रासिस्स अवहारसमया दावरजुम्मा सेत्तं दावरजुम्मकडजुम्मे 9, जेणं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे तिपज्जवसिए जे णं तस्स रासिस्स अवहारसमया दावरजुम्मा सेत्तं दावरजुम्मतेओए 10, जे गं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे दुपज्जवसिए जे गं तस्स रासिस्स अवहारसमया दावरजुम्मा सेत्तं दावरजुम्मदावरजुम्मे 11, जे णं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे एगपज्जवसिए जे गं तस्स रासिस्स अवहारसमया दावरजुम्मा सेत्तं दावरजुम्मकलिओए 12, जे णं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे चउपज्जवसिए जेणं तस्स रासिस्स अवहारसमया कलिओगा सेत्तं कलिओगकडजुम्मे 13, जे गं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे तिपज्जवसिए जे णं तस्स रासिस्स अवहारसमया कलिओगा सेत्तं कलिओगतेओए 14, जे गं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे दुपज्जवसिए जेणं Page #1061 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1048 अंग-पविट्ट सुत्ताणि तस्स रासिस्स अवहारसमया कलिओगा सेत्तं कलिओगदावरजुम्मे 15, जे णं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे एगपज्जवसिए जे णं तस्स रासिस्स अवहारसमया कलिओगा सेत्तं कलिओगकलिओगे 16 / से तेणठेणं जाव कलिओगकलिओगे // 854 // कडजुम्मकडजुम्मएगिदिया णं भंते ! कओ उववज्जति कि जेरइएहितो जहा उप्पलद्देसए तहा उववाओ। ते गं भंते ! जीवा एगसमएणं केवइया उववज्जति ? गोयमा ! सोलस वा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा अणंता वा उववज्जति / ते णं भंते ! जीवा समए समए पुच्छा, गोयमा ! ते णं अणंता समए समए अवहीरमाणा 2 अणंताहिं ओसप्पिणीउस्सप्पिणीहि अवहीरंति णो चेव णं अवहरिया सिया, उच्चत्तं जहा उप्पलु. हेसए / ते णं भंते ! जीवा णाणावरणिज्जस्स कम्मस्स कि बंधगा अबंधगा? गोयमा ! बंधगा जो अबंधगा, एवं सव्वेसि आउयवज्जाणं, आउयस्स बंधगा वा अबंधगा वा / ते णं भंते ! जीवा णाणावरणिज्जस्स कम्मस्स वेयगा पुच्छा, गोयमा! वेयगा णो अवेयगा, एवं सन्वेसि / ते णं भंते ! जीवा कि सायावेयगा असायावेयगा पुच्छा, गोयमा ! सायावेयगा वा असायावेयगा वा, एवं उप्पलुद्देसगपरिवाडी, सन्वेसि कम्माणं उदई णो' अणुदई, छण्हं कम्माणं उदी. रगा णो अणुदीरगा, वेयणिज्जाउयाणं उदीरगा वा अणुदीरगा वा। ते णं भंते ! जीवा कि कण्हलेस्सा पुच्छा, गोयमा! कण्हलेस्सा वा णीललेस्सा वा काउलेस्सा वा तेउलेस्सा वा, णो सम्मदिट्ठी णो सम्मामिच्छादिट्ठी मिच्छादिट्ठी, णो णाणी अण्णाणी णियमं दुअण्णाणी तं०-मइअण्णाणी व सुयअण्णाणी य, णो मणजोगी णो वइजोगी, कायजोगी, सागारोवउत्ता वा अणागारोवउत्ता वा। तेसि णं मंते ! जीवाणं सरीरा कइवण्णा जहा उप्पलुद्देसए सव्वत्थ पुच्छा,गोयमा! जहा उप्पलुद्देसए ऊसासगा वा णीसासगा वा णो उस्सासणीसासगा वा, आहा. रगा वा अणाहारगा वा, णो विरया अविरया णो विरयाविरया, सकिरिया णो अकिरिया, सत्तविहबंधगा वा अट्ठविहबंधगा वा, आहारसण्णोवउत्ता वा जाव परिग्गहसण्णोवउत्ता वा, कोहकसाई वा जाव लोभकसाई वा, णो इस्थिवेयगा णो पुरिसवेयगा णपुंसगवेयगा, इथिवेयबंधगा वा, पुरिसवेयबंधगा वा णपंसग. वेयबंधगा वा, णो सण्णी असण्णी, सइंदिया णो अणिदिया। ते णं भंते ! कड. जुम्मकडजम्मएगिदिया कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहण्णेणं एक्कं Page #1062 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 35-1 उ०१ 1049 समयं उक्कोसेणं अणंतं कालं-अणंता ओसप्पिणिउस्सप्पिणीओ वणस्सइ. काइयकालो, संवेहो ण भण्णइ, आहारो जहा उप्पलुद्देसए णवरं णिव्वाघाएणं छदिसि वाघायं पडुच्च सिय तिदिसि सिय चउदिसि सिय पंचदिसि सेसं तहेव, ठिई जहणणं एक्कं समयं अंतोमहत्तं उक्कोसेणं बावीसं वाससहस्साई, समग्घाया आइल्ला चत्तारि, मारणंतियसमग्घाएणं समोहयावि मरंति असमोहयावि मरंति उवट्टणा जहा उप्पलुद्देसए / अह मंते ! सम्वपाणा जाव सव्वसत्ता कडजुम्म 2 एगिदियत्ताए उववण्णपुवा ? हंता गोयमा ! असई अदुवा अणंतखुत्तो। कडजम्मतेओयएगिदिया णं भंते ! कओ उववज्जति० ? उववाओ तहेव / ते णं भंते ! जीवा एगसमए० पुच्छा, गोयमा ! एगणवीसा वा संखेज्जा वा असंखेज्ना वा अणंता वा उववज्जति, सेसं जहा कडजुम्मकडजुम्माणं जाव अणंत. खुत्तो। कडजम्मदावरजम्मएगिदिया णं भंते ! कओ उववज्जति०? उववाओ तहेव / ते गं भंते ! जीवा एगसमएणं पुच्छा, गोयमा ! अट्ठारस वा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा अणंता वा उववज्जंति सेसं तहेव जाव अणंतखुत्तो। कडजम्म. कलिओगएगिदिया णं भंते! कओ उववज्जंति०? उववाओ तहेव परिमाणं सत्तरस वा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा अणंता वा सेसं तहेव जाव अणंतखुत्तो, तेओगकड. जम्मएगिदिया गंभंते ! कओ उववज्जति०? उववाओ तहेव परिमाणं बारस वा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा अणंता वा उववज्जंति सेसं तहेव जाव अगंतखुत्तो। तेओयतेओयएगिदिया णं मंते ! कओ उववज्जति ? उववाओ तहेव परिमाणं पण्णरस वा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा अणता वा सेसं तहेव जाव अणंतखुत्तो, एवं एएसु सोलससु महाजम्मेसु एक्को गमओ णवरं परिमाणे णाणत्तं तेओय. दावरजम्मेसु परिमाणं चउद्दस वा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा अणंता वा उववज्जंति, तेओगकलिओगेसु तेरस वा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा अणंता वा उववज्जति, दावरजुम्मकडजुम्मेसु अट्ठ वा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा अणंता वा उववज्जति, दावरजुम्मतेओगेसु एक्कारस वा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा अणंता वा उववज्जति, दावरजुम्मदावरजुम्मेसु दस वा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा अणंता वा उववज्जति, दावरजम्मकलिओगेसु णव वा संखेज्जा वा असं. खेज्जा वा अणंता वा उववज्जंति, कलिओगकडजुम्मेसु चत्तारि वा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा अणंता वा उववज्जति, कलिओगतेओगेसु सत्त वा संखेज्जा Page #1063 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1050 अंग-पविट्ट सुत्ताणि वा असंखेज्जा वा अणंता वा उववज्जति, कलिओगदावरजुम्मेसु छ वा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा अणंता वा उववज्जति / कलिओग 2 एगिदिया णं भंते ! कओ उववज्जंति ? उववाओ तहेव परिमाणं पंच वा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा अणंता वा उववज्जति सेसंतहेव जाव अणंतखुत्तो। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति // 855 // // 35-1-1 // पढमसमयकडजम्म 2 एगिदिया णं भंते ! कओ उववज्जंति.? गोयमा ! तहेव एवं जहेव पढमो उद्देसओ तहेव सोलसखुत्तो बिइओवि भाणि. यन्वो, तहेव सव्वं गवरं इमाणि दस णाणत्ताणि-ओगाहणा जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं उक्कोसेणवि अंगुलस्स असंखेज्जइभागं, आउयकम्मस्स णो बंधगा अबंधगा आउयस्स णो उदीरगा अणुदीरगा, णो उस्सासगा णो णिस्सा. सगा णो उस्सासणिस्सासगा, सत्तविहबंधगा णो अढविहबंधमा / ते णं भंते ! पढमसमयकडजुम्म २-एगिदियत्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! एक्कं समयं, एवं ठिईएवि, समग्घाया आइल्ला दोण्णि, समोहया ण पुच्छिज्जति उव्वट्टणा ण पुच्छिज्जइ, सेसं तहेव सव्वं मिरवसेसं, सोलससुवि गमएसु जाव अणंतखुत्तो / सेवं भंते ! 2 त्ति // 856 / / 35-1-2 // अपढमसमयकड. जुम्म 2 एगिदिया णं भंते ! कओ उववज्जति? एसो जहा पढमुद्देसो सोल. सहिवि जुम्मेसु तहेव णेयव्वो जाव कलिओगकलिओगत्ताए जाव अणंतखत्तो। सेवं भंते ! 2 ति // 35-1-3 // चरिमसमयकडजम्म 2 एगिदिया गं भंते ! कओ उववज्जति ? एवं जहेव पढमसमयउद्देसओ णवरं देवा ण उववज्जति तेउलेस्सा ण पुच्छिज्जंति, सेसं तहेव / सेवं भंते ! 2 ! ति // 35-1-4 // अचरिमसमयकडज़म्म 2 एगिदिया गं भंते ! कओ उववज्जति०? जहा अपढम. समयउद्देसो तहेव णिरवसेसो भाणियव्यो / सेवं भंते ! 2 त्ति // 35-1-5 // पढमपढमसमयकडज़म्म 2 एगिदिया गं भंते ! कओ उववज्जति ? जहा पढमसमयउद्देसओ तहेव गिरवसेसं / सेवं भंते ! 2 ति जाव विहरइ // 35-1-6 // पढमअपढमसमयकडजम्मकडजम्मएगिदिया णं भंते ! फओ उववज्जंति? जहा पढमसमयउद्देसओ तहेव भाणियन्वो / सेवं भंते ! 2 त्ति // 35-1-7 // पढमचरिमसमयकडजुम्म 2 एगिदिया गं भंते ! कओ उववज्जति ? जहा चरिमुद्देसओ तहेव गिरवसेसं / सेवं भंते ! 2 त्ति // 351-8 // पढमअचरिमसमयकडज़म्म 2 एगिदिया णं भंते ! कओ उववज्जंति०? Page #1064 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 35-2-3-4-5 1051 जहा (पढ़मुद्देसओ) बीओ उद्देसओ तहेव गिरवसेसं / सेवं भंते ! 2 त्ति जाव विहरह॥३५-१-६॥ चरिमरसमयकडज़म्म 2 एगिदिया गं भंते ! कओ उववज्जति ? जहा चउत्थो उद्देसओ तहेव / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति // 35-1-10 // चरिमअचरिमसमयकडजम्मरएगिदिया गं भंते ! कओ उववज्जति० ? जहा पढमसमयउद्देसओ तहेव गिरवसेसं / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति जाव विहरइ // 35-1-11 // एवं एए एक्कारस उद्देसगा, पढमो तइओ पंचमओ य सरिसगमा सेसा अट्ट सरिसगमगा, णवरं चउत्थे छठे अट्ठमे दसमे य देवा ण उववन्जंति, तेउलेस्सा पत्थि // 857 // पणतीसइमे सए पढमं एगिदियमहाजम्मसयं समत्तं // 1 // ___ कण्हलेस्सकडज़म्म 2 एगिदिया गं मंते ! कओ उववज्जति ? गोयमा! उववाओ तहेव एवं जहा ओहिउद्देसए णवरं इमं णाणत्तं / ते गं भंते ! जीवा कण्हलेस्सा ? हंता कण्हलेस्सा / ते गं भंते ! कण्हलेस्सकडजुम्म 2 एगिदियत्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहण्णेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं अंतो. महत्तं, एवं ठिईएवि, सेसं तहेव जाव अगंतखुत्तो, एवं सोलसवि जम्मा भाणि. यव्वा / सेवं भंते ! 2 ति // 35-2-1 // पढमसमयकण्हलेस्सकडजुम्म 2 एगिदिया गं भंते ! कओ उववज्जति ? जहा पढमसमयउद्देसओ गवरं-ते नमंते ! जीवा कण्हलेस्सा ? हंता कण्हलेस्सा, सेसं तहेव / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति // 35-2-2 // एवं जहा ओहियसए एक्कारस उद्देसगा भणिया तहा कण्हलेस्ससएवि एक्कारस उद्देसगा भाणियग्वा, पढमो तइओ पंचमो य सरिसगमगा सेसा अट्टवि सरिसगमगा णवरं चउत्थछट्टअट्टमदसमेसु उववाओ गस्थि देवस्स / सेवं भंते ! 2 ति // 35 इमे सए बिइयं एगिदियमहाजम्मसयं समत्तं // 2 // एवं णीललेस्सेहिवि सयं कण्हलेस्ससयसरिसं एक्कारस उद्देसगा तहेव / सेवं भंते ! 2 सि / तइयं एगिदियमहाजम्मसयं समत्तं // 3 // एवं काउ. लेस्सेहिवि सयं कण्हलेस्ससयसरिसं / सेवं भंते ! 2 ति। चउत्थं एगिदिय. महाजम्मसयं // 4 // भवसिद्धियकडजम्म 2 एगिदिया गं भंते ! को उव. वज्जंति०?.जहा ओहियसयं तहेव गवरं एक्कारससुवि उद्देसएसु / अह भंते / सव्वपाणा जाव सव्वसत्ता भवसिद्धियकडजुम्मरएगिदियत्ताए उववण्णपुव्वा ? गोयमा ! णो इणठे समठे, सेसं तहेव / सेवं भंते ! 2 ति। पंचम एगि Page #1065 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1052 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि दियमहाजम्मसयं समत्तं // 5 // कण्हलेस्सभवसिद्धियकडजुम्मरएगिदिया गे भंते ! कओ उववज्जति० ? एवं कण्हलेस्स भवसिद्धियएगिदिएहिवि सयं बिइय. सयकण्हलेस्ससरिसं भाणियव्वं / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति / छठें एगिदियमहाजुम्मसयं समत्तं // 6 // एवं णीललेस्सभवसिद्धियएगिदिएहिवि सयं / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति / सत्तमं एगिदियमहाजम्मसयं समत्तं // 7 // एवं काउलेस्सभवसिद्धियएगिदिएहिवि तहेव एक्कारसउद्देसगसंजुत्तं सयं, एवं एयाणि चत्तारि भवसिद्धियसयाणि, चउसुवि सएसु सव्वे पाणा जाव उववण्णपुव्वा ? णो इणठे समठे / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति / अट्ठमं एगिदियमहाजुम्मसयं समत्तं // 8 // जहा भवसिद्धिएहिं चत्तारि सयाई भणियाइं एवं अभवसिद्धिएहिवि चत्तारि सयाणि लेस्सासंजुत्ताणि भाणियवाणि, सव्वे पाणा तहेव णो इणठे समठे, एवं एयाई बारस एगिदियमहाजम्मसयाई भवंति / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 858 // पणतीसइमं सयं समत्तं // छत्तीसइमं सयं-बेइंदियमहाजुम्मसयं // कडजुम्मरबेइंदिया गं भंते ! कओ उववज्जति० ? उववाओ जहा वक्कं. तीए, परिमाणं सोलस वा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा उववज्जंति, अवहारो जहा उप्पलुद्देसए, ओगाहणा जहणेणं अंगुलस्स असंखेज्जइमागं उक्कोसेणं बारस जोयणाई, एवं जहा एगिदियमहाजुम्माणं पढमुद्देसए तहेव गवरं तिण्णि लेस्साओ देवा ण उववज्जति सम्मदिट्ठी वा मिच्छादिट्ठी वा णो सम्मामिच्छादिट्ठी गाणी वा अण्णाणी वा णो मणजोगी वइजोगी वा कायजोगी वा / ते भंते ! कडजम्मरबेइंदिया कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहण्णेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं संखेज्ज कालं, ठिई जहण्णेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं बारस संवच्छराई, आहारो णियमं छद्दिसि, तिण्णिसमुग्धाया सेसं तहेव जाव अणंतखुत्तो, एवं सोलससुवि जम्मेसु / सेवं भंते ! 2 ति // बेइंदियमहाजम्म. सए पढमो उद्देसो समत्तो // 36-1-1 // पढमसमयकडज़म्मरबेइंदिया गं भंते ! कओ उववज्जति० ? एवं जहा एगिदियमहाजम्माणं पढमसमयउद्देसए दस णाणत्ताई ताई चेव दस इहवि, एक्कारसमं इमं णाणत्तं-णो मणजोगी णो Page #1066 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 37-38 1053 वइजोगी कायजोगी सेसं जहा बेइंदियाणं चेव पढमुद्देसए / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति / एवं एएवि जहा एगिदियमहाजुम्मसु एक्कारस उद्देसगा तहेव भाणियव्वा णवरं चउत्थछट्टअट्ठमदसमेसु सम्मत्तणाणाणि ण भण्णंति, जहेव एगिदिएसु पढमी तइओ पंचमो य एक्कगमा सेसा अट्ट एक्कगमा // 36 इमे सए पढमं बेइंदियमहाजम्मसयं समत्तं // 1 // कण्हलेस्सकडम्मरबेइंदिया गं भंते ! कओ उववज्जंति० ? एवं चेव कण्हलेस्सेसुवि एक्कारसउद्देसगसंजुत्तं सयं, गवरं लेस्सा संचिट्ठणा ठिई जहा एगिदियकण्हलेस्साणं / बिइयं बेइंदियसयं समत्तं // 2 // एवं णीललेस्सेहिवि सयं / तइयं सयं समत्तं // 3 // एवं काउलेस्से. हिवि, चउत्थं सयं समत्तं // 4 // भवसिद्धियकडजुम्मरबेइंदिया गं भंते ! एवं भवसिद्धियसयावि चत्तारि तेणेव पुव्वगमएणं यन्वा णवरं सन्वे पाणा० णो इणठे समठे, सेसं तहेव ओहियसयाणि चत्तारि / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति / छत्तीसइमे सए अट्ठमं सयं समत्तं // 8 // जहा भवसिद्धियसयाणि चत्तारि एवं अभवसिद्धियसयाणि चत्तारि भाणियन्वाणि गवरं सम्मत्तणाणाणि सव्वेहि णत्थि, सेसं तं चेव, एयाणि बारस बेइंदियमहाजम्मसयाणि भवंति / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति // 56 // बेइंदियमहाजुम्मसया समत्ता // 12 // छत्तीसइमं सयं समत्तं // सत्ततीसइमं सयं // कडजुम्मरतेइंदिया ‘णं भंते ! कओ उववज्जति ? एवं तेईदिएसुवि बारस सया कायव्वा बेइंदियसयसरिसा णवरं-ओगाहणा जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेज्जइमागं उक्कोसेणं तिण्णि गाउंयाई, ठिई जहण्णेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं एगणपण्णं राइंदियाई, सेसं तहेव / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 86 // तेइंदियमहाजम्मसया समत्ता // 12 // सत्ततीसइमं सयं समत्तं // // अटुतीसइमं सयं // चरिदिएहिवि एवं चेव बारस सया कायव्वा णवरं ओगाहणा जहण्णेणं अंगलस्स असंखेज्जइमागं उक्कोसेणं चत्तारि गाउयाई, ठिई जहणणं एक्कं समयं उक्कोसेणं छम्मासा, सेसं जहा बेइंदियाणं / सेवं भंते ! 2 ति // 861 // चरिदियमहाजम्मसया समत्ता // 12 // अतृतीसइमं सयं समत्तं // Page #1067 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1054 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि // एग्णयालीसइमं सयं // कडजुम्मरअसण्णिपंचिदिया णं भंते ! कओ उववज्जति ? जहा बेइंदियाण तहेव असण्णिसुवि बारस सया कायव्वा णवरं ओगाहणा जहणेणं अंगु. लस्स असंखेज्जइभागं उक्कोसेणं जोयणसहस्सं संचिट्ठणा जहण्णेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं पुव्वकोडिपुहुत्तं ठिई जहण्णेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं पुव्वकोडी सेसं जहा बेइंदियाणं / सेवं भंते ! 2 ति // 862 // भसण्णिपंचिदियमहाजुम्मसया समत्ता // 12 // एग्णयालीसइमं सयं समत्तं // चत्तालीसइमं सयं-सण्णिपंचिदियमहाजुम्म सयं // कडजम्मरसणिपंचिदिया गं भंते ! कओ उववज्जति ? उववाओ चउसुवि गईसु, संखेज्जवासाउयअसंखेज्जवासाउयपज्जत्तअपज्जत्तएसु य ण कोवि पडिसेहो जाव अणुत्तरविमाणत्ति, परिमाणं अवहारो ओगाहणा य जहा अस. गिणपंचिदियाणं, वेयणिज्जवज्जाणं सत्तण्हं पगडीणं बंधगा वा अबंधगा वा, वेयणिज्जस्स बंधगा णो अबंधगा, मोहणिज्जस्स वेधगा वा अवेयगा वा सेसाणं सत्तण्हवि वेयगा णो अवेयगा, सायावेयगा वा असायावेयगा वा, मोहणिज्जस्स उदई वा अणुदई वा सेसाणं सत्ताहवि उदई णो अणुदई, णामस्स गोयस्स य उदीरगा णो अणुवीरगा सेसाणं छण्हवि उदीरगा वा अणुदीरगा वा, कण्हलेस्सा वा जाव सुक्कलेस्सा वा, सम्मदिट्ठी वा मिच्छादिट्ठी वा सम्मामिच्छादिट्ठी वा, णाणी वा अण्णाणी वा मणजोगी वा वइजोगी कायजोगी, उवओगो वण्णमाई उस्सासगा वा णीसासगा वा आहरगा य जहा एगिदियाणं, विरया य अविरया य विरयाविरया य, सकिरिया णो अकिरिया / ते गं भंते ! जीवा कि सत्तविहबंधमा अढविहबंधगा छविहबंधगा एगविहबंधगा वा ? गोयमा ! सत्तविहबंधगा वा जाव एगविहबंधगा वा / ते णं भंते ! जीवा कि आहार. सण्णोवउत्ता जाव परिग्गहसण्णोवउत्ता गोसण्णोवउत्सा? गोयमा ! आहार. सण्णोवउत्ता वा जाव गोसण्णोवउत्ता वा, सव्वत्थ पुच्छा भाणियव्वा कोहकसाई वा जाव लोभकसाई वा अकसाई वा, इत्थीवेयगा वा पुरिसवेयगा वा णपुंसग. वेयगा वा अवेयगा वा, इत्थीवेयबंधगा वा पुरिसवेयबंधगा वा गपुंसगवेयबंधगा Page #1068 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 40-2 1055 वा अबंधगा वा, सण्णी णो असण्णी, सइंदिया णो अणिदिया, संचिट्ठणा जहण्णेणं एक्कं समयं उक्कोसेगं सागरोवमसयपुहुत्तं साइरेगं, आहारो तहेव जाव णियमं छद्दिसि, ठिई जहणणं एक्कं समयं उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई, छ समग्धाया आइल्लगा मारणंतियसमुग्धाएणं समोहयावि मरंति असमोहयावि मरंति, उन्वट्टणा जहेव उववाओ ण कत्थई पडिसेहो जाव अणुत्तरविमाणत्ति, अह भंते ! सव्वपाणा जाव अणंतखुत्तो, एवं सोलससुवि जुम्मेसु माणियन्वं जाव अणंतखुत्तो, णवरं-परिमाणं जहा बेइंदियाणं सेसं तहेव / सेवं भंते ! 2 त्ति // 40-1-1 // पढमसमयकडजम्मरसण्णिपंचिदिया णं मंते ! कओ उवबज्जति०? उववाओ परिमाणं आहारो जहा एएसि चेव पढमोद्देसए ओगा. हणा बंधो वेयो वेयणा उदई उदीरगा य जहा बेइंदियाणं पढमसमइयाणं तहेव कण्हलेस्सा वा जाव सुक्कलेस्सा वा, सेसं जहा बेइंदियाणं पढमसमइयाणं जाव अणंतखुत्तो गवरं इथिवेयगा वा पुरिसवेयगा वा नपुंसगवेयगा वा सणिणो असग्णिणो सेसं तहेव एवं सोलससुवि जुम्मेसु परिमाणं तहेव सव्वं / सेवं भंते ! 2 ति // 40-1-2 // एवं एथवि एक्कारस उद्देसगा तहेव, पढमो तइओ पंचमो य सरिसगमगा सेसा अट्ठवि सरिसगमगा, चउत्यछटअट्ठमदसमेसु गत्थि विसेसो कायवो / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 563 // चत्तालीसइमे सए पढमं सणिपंचिंदियमहाजुम्मसयं समत्तं // 1 // कण्हलेस्सकडज़म्म 2 सण्णिपचिदिया गं भंते ! कओ उववज्जंति ? तहेव जहा पढमुद्देसओ सण्णीणं, णवरं,बंधो वेओ उदई उदीरणा लेस्सा बंधग. संण्णा-कसायवेयबंधगा य एयाणि जहा बेइंदियागं, कण्हलेस्साणं वेओ तिविहो अवेयगा पत्थि संचिटणा जहण्णेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई अंतोमुत्तमम्महियाई एवं ठिईएवि गवरं-ठिईए अंतोमुत्तमम्महियाई ण भण्णंति सेसं जहा एएसि चेव पढमे उद्देसए जाव अणंतखुत्तो / एवं सोलससुवि जम्मेसु / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति / पढमसमयकण्हलेस्सकडजुम्मर सणिपंचिदिया गं भंते ! कओ उववज्जति ? जहा सणिपंचिदियपढमसमयउद्देसए तहेव जिरवसेसं णवर-ते गं भंते ! जीवा कण्हलेस्सा ? हता कण्हलेस्सा सेसं तं चंव, एवं सोलससुवि जुम्मेसु / सेवं भंते ! सेवं भंते / ति। एवं एएवि एक्कारस उद्देसगा काहलेस्ससए, पढमतइयपंचमा सरिसगमगा Page #1069 -------------------------------------------------------------------------- ________________ संग 1056 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि सेसा अट्रवि एक्क (सरिस) गमगा। सेवं भंते 2 त्ति / बिइयं सयं समत्तं // 2 // एवं गीललेस्सेसुवि सयं, णवरं संचिट्ठणा जहणेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं दस सागरोवमाइं पलिओवमस्स असंखेज्जइभागमभहियाई, एवं ठिईएवि, एवं तिसु उद्देसएसु, सेसं तं चेव / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति / तइयं सयं समत्तं // 3 // एवं काउलेस्ससयंपि, णवरं संचिट्ठणा जहण्णेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं तिण्णि सागरोवमाइं पलिओवमस्स असंखेज्जइभागब्भहियाई, एवं ठिईएवि, एवं तिसुवि उद्देसएसु, सेसं तं चेव / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति / चउत्थं सयं // 4 // एवं तेउलेस्सेसुवि सयं, णवरं संचिटणा जहण्णेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं दो सागरोवमाइं पलिओवमस्स असंखेज्जइमागममहियाइं एवं ठिईएवि णवरं णोस. पणोवउत्ता वा, एवं तिसुवि (गमएसु) उद्देसएसु सेसं तं चेव / सेवं भंते !2 त्ति / पंचमं सयं // 5 // जहा तेउलेस्सासयं तहा पम्हलेस्सासयंपि णवरं संचि. ट्ठणा जहण्णेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं दस सागरोवमाई अंतोमुत्तममहियाई, एवं ठिईएवि, णवरं अंतोमुहुत्तं ण भण्णइ सेसं तहेव, एवं एएसु पंचसु सएसु जहा कण्हलेस्सासए गमओ तहा यवो जाव अणंतखुत्तो / सेवं भंते ! 2 ति। छट्ठ सयं समत्तं // 6 // सुक्कलेस्ससयं जहा ओहियसयं णवरं संचिटणा ठिई य जहा कण्हलेस्ससए सेसं तहेव जाव अणंतखुत्तो। सेवं भंते ! २त्ति। सत्तमं सयं समत्तं॥७॥ भवसिद्धियकडजुम्म 2 सग्णिपंचिदिया णं भंते ! कओ उववज्जति०? जहा पढमं सण्णिसयं तहा यव्वं भवसिद्धियाभिलावेणं णवरं सव्वपाणाo? णो इणठे समझें, सेसं तं चेव / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति / अट्टमं सयं समत्तं // 8 // कण्हलेस्सभवसिद्धियकडजुम्म 2 सण्णिपंचिदिया गं भंते ! कओ उववज्जति ? एवं एएणं अभिलावेणं जहा ओहियकाहलेस्ससयं / सेवं भंते ! 2 त्ति / णवमं सयं // 6 // एवं गोललेस्सभवसिद्धिएवि सयं / सेवं भंते ! 2 त्ति / दसमं सयं // 10 // एवं जहा ओहियाणि सण्णिपंचिदियाणं सत्त सयाणि भणियाणि एवं भवसिद्धिएहिवि सत्त सयाणि कायवाणि, णवरं सत्तसुवि सएसु सव्वपाणा जाव णो इणठे समठे, सेसं तं चेव / सेवं भंते ! 2 त्ति / भवसिद्धियसया समत्ता / चउद्दसमं सयं समत्तं // 14 // अभवसिद्धियकडज़म्मर सण्णिपंचिदिया णं भंते ! कओ उववज्जति०? उववाओ तहेव अणत्तरविमाणवज्जो परिमाणं अवहारो उच्चत्तं बंधो वेओ वेयणं उदओ उदीरणा य जहा कण्हलेस्ससए कण्हलेस्सा वा जाव सुक्कलेस्सा वा णो सम्मदिट्ठी मिच्छादिट्ठी Page #1070 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 41 उ.१ 1057 णो सम्मामिच्छादिही णो गाणी अण्णाणी एवं जहा कण्हलेस्ससए णवरं णो विरया अविरया णो विरयाविरया संचिट्ठणा ठिई य जहा ओहिउद्देसए समग्घाया आइल्लगा पंच उव्वट्टणा तहेव अणुत्तरविमाणवज्ज सव्वपाणा० णो इणठे समझें सेसं जहा कण्हलेस्ससए जाव अणंतखुत्तो, एवं सोलससुवि जम्मेसु / सेवं मंते !2 त्ति / पढमसमयअभवसिद्धियकडज़म्म 2 सण्णिपंचि. दिया णं भंते ! कओ उववज्जति०? जहा सण्णीणं पढमसमयउद्देसए तहेव णवरं सम्मत्तं सम्मामिच्छत्तं गाणं च सम्वत्थ णस्थि सेसं तहेव / सेवं भंते! रत्ति। एवं एत्थ वि एक्कारस उद्देसगा कायव्वा पढमतइयपंचमा एक्कगमा सेसा अवि एक्क गमा। सेवं भंते! २त्ति। पढमं अभवसिद्धियमहाजुम्मसयं समत्तं। चत्तालीसइमे सए पण्णरसमं सयं समत्त॥१५॥कण्हलेस्सअभवसिद्धियकडजम्मरसण्णिपंचिदिया णं भंते ! कओ उववज्जति०?जहा एएसि चेव ओहियसयं तहा कण्हलेस्ससयंपिणवरं ते णं भंते ! जीवा कण्हलेस्सा?हता कण्हलेस्सा ठिई संचिटणा य जहा कण्हलेस्ससए सेसं तं चेव / सेवं भंते ! 2 ति।बिइयं अभवसिद्धियमहाजम्मसयं / चत्तालीसइमे सए सोलसमं सयं समत्तं // 16 // एवं छहिवि लेस्साहि छ सया काय. व्वा जहा कण्हलेस्ससयं णवरं संचिट्ठणा ठिई य जहेव ओहियसए तहेव भाणियव्वा, गवरं सुक्कलेस्साए उक्कोसेणं एक्कतीसं सागरोवमाइं अंतोमुत्तमब्भहियाई,ठिई एवं चेव णवरं अंतोमहत्तं गस्थि जहण्णगं तहेव सव्वत्थ सम्मत्तणाणाणि णत्थि विरई विरयाविरई अत्तरविमाणोववत्ति एयाणि पत्थि, सव्वपाणा. णो इणठे समठे। सेवं भंते ! 2 त्ति / एवं एयाणि सत्त अभवसिद्धियमहाजम्मसयाई भवति / सेवं भंते ! 2 त्ति / एवं एयाणि एक्कवीसं सणिमहाजुम्म. सयाणि / सवाणिवि एक्कासीइमहाजुम्मसया समत्ता // 864 // चत्तालीसइमं सयं समत्तं ॥इक्कचत्तालीसइमं सयं-रासीजुम्म सयं॥ कई गं भंते ! रासीजम्मा 50? गोयमा ! चत्तारि रासीजुम्मा पण्णत्ता, तंजहा-कडजम्मे जाव कलिओगे ।से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ-चत्तारि रासीजम्मा पग्णत्ता तं०-कडजम्मे जाव कलिओगे ? गोयमा ! जे णं रासी घउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे चउपज्जवसिए सेत्तं रासीजुम्मकडजुम्मे, एवं जाव जे गं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे एगपज्जवसिए सेत्तं Page #1071 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1058 अंग-पविटु सुत्ताणि रासीजुम्मकलिओगे, से तेणठेणं जाव कलिओगे / रासीजुम्मकडजुम्मणेरइया णं भंते ! कओ उववज्जति० ? उववाओ जहा वक्कंतीए / ते णं भंते जीवा एगसमएणं केवइया उववज्जति ? गोयमा ! चत्तारि वा अट्ठ वा बारस वा सोलस वा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा उववज्जति / ते णं भंते ! जीवा कि संतरं उववज्जति णिरंतरं उववज्जति ? गोयमा ! संतरंपि उववज्जति णिरं. तरंपि उववज्जंति, संतरं उववज्जमाणा जहणणं एक्कं समयं उक्कोसेणं असं. खेज्जा समया अंतरं कट्ट उववज्जति, णिरंतरं उववज्जमाणा जहणणं दो समया उक्कोसेणं असंखेज्जा समया अणुसमयं अविरहियं णिरंतरं उववति / ते णं भंते ! जीवा जं समयं कडजुम्मत तं समयं तेओगा जं समयं तेओगा तं समयं कडजुम्मा ? गोयमा ! णो इणठे समठे। जं समयं कडजुम्मा तं समयं दावरजुम्मा जं समयं दावरजुम्मा तं समयं कडजुम्मा ? णो इणढे समझें / जं समयं कडजम्मा तं समयं कलिओगा जसमयं कलिओगा तंसमयं कडजम्मा ? णो इणठे समठे। ते णं भंते ! जीवा कहिं उववज्जति ? गोयमा ! से जहा. णामए पवए पवमाणे एवं जहा उववायसए जाव णो परप्पओगेण उववज्जति / ते णं भंते ! जीवा कि आयजसेणं उववज्जंति' आयअजसेणं उववज्जति ? गोयमा ! णो आयजसेणं उववज्जति आयअजसेणं उववज्जति / जइ आयअजसेणं उववज्जति कि आयजसं उवजीवंति आयअजसं उवजीवंति ? गोयमा ! णो आयजसं उवजीवंति आयअजसं उवजीवंति / जइ आयअजसं उवजीवंति कि सलेस्सा अलेस्सा? गोयमा ! सलेस्सा णो अलेस्सा / जइ सलेस्सा कि सकिरिया अकिरिया ? गोयमा ! सकिरिया णो अकिरिया / जइ सकिरिया तेणेव भवग्गहणेणं सिझंति जाव अंतं करेंति ? णो इणठे समठे / रासी. जम्मकडजम्मअसुरकुमारा गं भंते ! कओ उववज्जति०? जहेव गैरइया तहेव गिरवसेसं एवं जाव पंचिदियतिरिक्खजोणिया णवरं वणस्सइकाइया जाव असंखेज्जा वा अणंता वा उववज्जति सेसं तं चेव, मणुस्सावि एवं चेव जाव णो आयजसेणं उववज्जति आयअजसेणं उववज्जति / जइ आयअजसेणं उववज्जति कि आयजसं उवजीवंति आयअजसं उवजीवंति ? गोयमा ! आय. जसंपि उवजीवंति आयअजसंपि उवजीवंति / जइ आयजसं उवजीवंति कि सलेस्सा अलेस्सा ? गोयमा ! सलेस्सावि अलेस्सावि / जइ अलेस्सा कि सकि. Page #1072 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स.४१ उ.१-२-३-४ 1059 रिया अकिरिया ? गोयमा ! णो सकिरिया अकिरिया / जइ अकिरिया तेणेव भवग्गहणेणं सिझंति जाव अंतं करेंति ? हंता सिझंति जाव अंतं करेंति। जइ सलेस्सा कि सकिरिया अकिरिया ? गोयमा ! सकिरिया णो अकिरिया। जइ सकिरिया तेणेव भवग्गहणेणं सिझंति जाव अंतं करेंति ? गोयमा ! अत्थेगइया तेणेव भवग्गहणेणं सिझंति जाव अंतं करेंति अत्थेगइया णो तेणेव भव. गहणेणं सिझंति जाव अंतं करेंति / जइ आयअजसं उवजीवंति कि सलेस्सा अलेस्सा ? गोयमा ! सलेस्सा णो अलेस्सा। जइ सलेस्सा कि सकिरिया अकिरिया ? गोयमा | सकिरिया णो अकिरिया / जइ सकिरिया तेणेव भवग्गहजेणे सिझंति जाव अंतं करेंति ? गोयमा ! णो इणठे समठे। वाणमंतर. जोइसियवेमाणिया जहा रइया / सेवं भंते / २त्ति / इक्कचत्तालीसइमे रासी. जम्मसए पढमो उद्देसो ॥४१-१॥राजीजम्मतेओयणेरइया णं भंते ! कओ उववज्जति ? एवं चेव उद्देसओ भाणियन्वो णवरं परिमाणं तिण्णि वा सत्त वा एक्कारस वा पण्णरस वा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा उववज्जंति, संतरं तहेव / ते गं मंते ! जीवा जंसमयं तेओगा तंसमयं कडजुम्मा जंसमयं कडजुम्मा तंसमयं तेओगा? गोयमा ! णो इणठे समझें / जसमयं तेओया तंसमयं दावरजुम्मा, जंसमयं दावरजुम्मा तंसमयं तेओया ? गोयमा ! णो इणठे समठे, एवं कलिओगेणवि समं, सेसं तं चेव जाव वेमाणिया णवरं उववाओ सम्वेसि जहा वक्कंतीए / सेवं भंते ! 2 त्ति // 41-2 // रासीजुम्मदावरजुम्मणेरइया गं भंते ! को उववज्जंलि. ? एवं चेव उद्देसओ णवरं परि. माणं दो वा छ वा दस वा संखज्जा वा असंखज्जा वा उववज्जति संवेहो / ते गं भंते ! णीवा जंसमयं दावरजुम्मा तंसमयं कडजुम्मा जंसमयं कडजुम्मा तंसमयं दावरजुम्मा ? णो इणठे समठे, एवं तेओएणवि समं, एवं कलिओगेणवि समं, सेसं जहा पढमुद्देसए जाव वेमाणिया। सेवं भंते ! 2 त्ति // 41-3 // रासीजम्मकलिओगणेरइया णं भंते ! कओ उववज्जति ? एवं चेव णवरं परिमाणं एक्को वा पंच वा णव वा तेरस वा संखेज्जा वा असं. खेज्जा वा उववज्जति संवेहो। ते णं भंते ! जीवा जंसमयं कलिओगा तंसमयं कडजुम्मा जंसमयं कडजुम्मा तंसमयं कलिओगा ? णो इणट्टे समठे एवं तेओएणवि समं, एवं दावरजुम्मेणवि समं, सेसं जहा पढमुद्देसए एवं जाव Page #1073 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1060 अंग-पविट्ट सुत्ताणि वेमाणिया / सेवं भंते ! 2 त्ति // 41-4 // कण्हलेस्सरासीजुम्मकडजुम्मणेरइया णं भंते ! कओ उववज्जति०? उववाओ जहा धूमप्पभाए सेसं जहा प्रढमुद्दे. सए, असुरकुमाराणं तहेव एवं जाव वाणमंतराणं मणस्साणवि जहेव रइयाणं आयअजसं उवजीवंति अलेस्सा अकिरिया तेणेव भवग्गहणेणं सिझंति एवं ण भाणियन्वं सेसं जहा पढमुद्देसए / सेवं भंते ! 2 ति॥४१-५।। कण्हलेस्सतेओए. हिवि एवं चेव उद्देसओ, सेवं भंते ! 2 त्ति // 41-6 // कण्हलेस्सदावरजम्मेहि. एवं चेव उद्देसओ / सेवं भंते ! 2 त्ति // 41-7 // कण्हलेस्सकलिओएहिवि एवं चेव उद्देसओ परिमाणं संवेहो य जहा ओहिएसु उद्देसएसु / सेवं मंते ! 2 त्ति // 41-8 // जहा कण्हलेस्सेहि एवं णीललेस्सेहिवि चत्तारि उद्देसगा भाणि. यव्वा गिरवसेसा, णवरं रइयाणं उववाओ जहा वालुयप्पभाए, सेसं तं चेव / सेवं भंते ! 2 ति // 41-12 // काउलेस्सेहिवि एवं चेव चत्तारि उद्देसगा कायव्वा णवरं रइयाणं उववाओ जहा रयणप्पभाए, सेसं तं चेव / सेवं भंते ! २त्ति // 41-16 // तेउलेस्सरासीजम्मकडजम्मअसुरकुमाराणं भंते ! कओ उववज्जति? एवं चेव णवरं जेसु तेउलेस्सा अस्थि तेसु भाणियव्वं, एवं एएवि कण्हलेस्सासरिसा चत्तारि उद्देसगा कायव्वा / सेवं भंते ! 2 त्ति // 41-20 // एवं पम्हलेस्साएवि चत्तारि उद्देसगा कायव्वा पंचिदियतिरिक्खजोणियाणं मणस्साणं वेमाणियाण य एएसि पम्हलेस्सा, सेसाणं णत्थि / सेवं भंते ! 2 त्ति। // 41-24 // जहा पम्हलेस्साए एवं सुक्कलेस्साएवि चत्तारि उद्देसगा कायव्वा णवरं मणस्साणं गमओ जहा ओहिउद्देसएसु सेसंतं चेव, एवं एए छसु लेस्सासु चउव्वीसं उद्देसगा ओहिया चत्तारि, सव्वे ते अट्ठावीसं उद्देसगा भवंति। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति // 41-28 // भवसिद्धियरासीजुम्मकडजुम्मणेर. इया गं भंते ! कओ उववज्जति ? जहा ओहिया पढमगा चत्तारि उद्देसगा तहेव णिरवसेसं एए चत्तारि उद्देसगा। सेवं भंते ! 2 ति // 41-32 // कण्ह. लेस्सभवसिद्धियरासीजुम्मकडजभ्मणेरइया णं भंते ! कओ उववज्जति०? जहा कण्हलेस्साए चत्तारि उद्देसगा भवंति तहा इमेवि भवसिद्धियकण्हलेस्सेहिवि चत्तारि उद्देसगा कायव्वा // 41-36 // एवं णीललेस्समवसिद्धिएहिवि चत्तारि उद्देसगा कायव्वा // 41-40 // एवं काउलेस्सेहिवि चत्तारिं उद्देसगा॥ 4144 // तेउलेस्सेहिविं चत्तारि उद्देसगा ओहियसरिसा // 41-48 // पम्हलेस्से. Page #1074 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई स. 41 उ. 53-196 1061 हिवि चत्तारि उद्देसगा // 41-52 // सुक्कलेस्सेहिवि चत्तारि उद्देसगा ओहिय. सरिसा। एवं एएवि भवसिद्धिएहिवि अट्ठावीसं उद्देसगा भवंति / सेवं भंते ! 2 नि // 41-56 // अमवसिद्धियरासीजुम्मकडजुम्मणेरइया गं भंते ! कओ उवव. ज्जंति०? जहा पढमो उद्देसओ णवरं मणस्सा रइया य सरिसा भाणियव्वा, सेसं तहेव / सेवं भंते ! 2 त्ति / एवं चउसुवि जुम्मेसु चत्तारि उद्देसगा। कण्हलेस्सअमवसिद्धियरासीजुम्मकडजुम्मणेरइया गं भंते ! कओ उववज्जंति०? एवं चेव चत्तारि उद्देसगा। एवं णीललेस्सअभवसिद्धिएहिवि चत्तारि उद्देसगा एवं काउ. लेस्सेहिवि चत्तारि उद्देसगा एवं तेउलेस्सेहिवि चत्तारि उद्देसगा पम्हलेस्सेहिदि चत्तारि उद्देसगा सुक्कलेस्सअभवसिद्धिएहिवि चत्तारि उद्देसगा, एवं एएसु अट्ठावीसाए वि अभवसिद्धियउद्देसएसु मणुस्सा गैरइयगमेणं णेयव्वा / सेवं भंते ! सेवं मंते ! ति / एवं एएवि अट्ठावीसं उद्देसगा // 41-84 // सम्मदिट्ठी. रासीजुम्मकडजुम्मणेरइया गं भंते ! कओ उववज्जंति०? एवं जहा पढमो उद्देसओ एवं चउसुवि जुम्मेसु चत्तारि उद्देसगा भवसिद्धियसरिसा कायम्वा / सेवं भंते ! 2 त्ति / कण्हलेस्ससम्मादिट्ठीरासीजम्मकडजुम्मणेरइया गंभंते! कओ उववज्जति ? एएवि कण्हलेस्ससरिसा चत्तारिवि उद्देसगा कायव्वा, एवं सम्मदिट्ठीसुवि भवसिद्धियसरिसा अट्ठावीसं उद्देसगा कायव्वा / सेवं भंते ! 2 ति जाव विहरइ // 41-112 // मिच्छादिट्ठीरासीजुम्मकडजम्मणेरइया में मंते ! कओ उववज्जति ? एवं एत्थवि मिच्छादिट्ठीअभिलावेणं अभवसि. बियसरिसा अट्ठावीसं उद्देसगा कायम्वा / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 41140 // कण्हपक्खियरासीजुम्मकडजम्मणेरइया णं भंते ! कओ उववज्जति ? एवं एत्थवि अभवसिद्धियसरिसा अट्ठावीसं उद्देसगा कायव्वा / सेवं भंते !2 त्ति // 41-168 // सुक्कपक्खियरासीजुम्मकडजुम्मणेरइया णं भंते ! कओ उववज्जति०? एवं एत्थवि भवसिद्धियसरिसा अट्ठावीसं उद्देसगा भवंति, एवं एए सव्वेवि छण्णउयं उद्देसगसयं भवंति रासीजुम्मसयं जाव सुक्कलेस्सा सुक्कपक्खियरासीजम्मकलिओगवेमाणिया जाव जइ सकिरिया तेणेव भवग्गहणेणं सिझंति जाव अंतं करेंति ? णो इणठे समठे। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति // 86 // // 41-196 // भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आया. हिणं पयाहिणं करेइ 2 ता वंदइ णमंसइ वंदित्ता गमंसित्ता एवं वयासी-एव. Page #1075 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1062 अंग-पविट्ट सुत्ताणि मेयं भंते ! तहमेयं भंते ! अवितहमेयं भंते ! असंदिद्धमेयं भंते ! इच्छियमेयं भंते ! पडिच्छियमेयं भंते ! इच्छियपडिच्छियमेयं भंते ! सच्चे गं एसमझें जे णं तुम्भे वयह त्ति कटु अपूइवयणा खल अरिहंता भगवंतो, समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ वंदित्ता णमंसित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावे. माणे विहरइ // 866 // . इक्कचत्तालीसइमं रासीजुम्मसयं समत्तं ॥परिसेसो॥ सव्वाए भगवईए अट्टतीसं सगं सयाणं 138 उद्देसगाणं 1925 / चुलसीय सयसहस्सा पयाण पवरवरणाणदंसीहि / भावाभावमगंता पणत्ता एत्थमंगंमि // 1 // तवणियमविणयवेलो जयइ सया णाणविमलविउलजलो / हेउसयविउलवेगो संघसमुद्दो गुणविसालो ॥२॥णमो . गोयमाईणं गणहराणं, णमो भगवईए विवाहपण्णत्तीए, णमो दुवालसंगस्स गणिपिडगस्स // गाहा-कुम्मसुसंठियचलणा, अमलियकोरंटबॅटसंकासा / सुयदेवया भगवई मम मइतिमिरं पणासेउ // 1 // पणत्तीए आइमाणं अटूण्हं सयाणं दो दो उद्दे. सगा उद्दिसिज्जंति णवरं चउत्थे सए पढमदिवसे अट्ठ बिइयदिवसे दो उद्देसगा उद्दिसिज्जंति, णवमाओ सयाओ आरद्धं जावइयं जावइयं एइ तावइयं-तावइयं एगदिवसेणं उहिसिज्जइ उक्कोंसेणं सयंपि एगदिवसेणं मज्झिमेणं दोहि दिवसेहि सयं जहणेणं तिहि दिवसेहि सयं एवं जाव वीसइमं सयं, णवरं गोसालो एगदिवसेणं उद्दिसिज्जइ जइ ठिओ एगेण चेव आयंबिलेण अणुण्णवह अहण्णं ठिओ आयंबिलेणं छठेणं अणुण्णवइ, एक्कवीसबावीसतेवीसइ. माइं सयाई एक्केक्कदिवसेणं उद्दिसिज्जंति, चउवीसइमं सयं दोहि दिवसेहिं छ छ उद्देसगा, पंचवीसइमं दोहि दिवसेहि छ छ उद्देसगा, बंधिसयाइं अनुसयाई एगेणं दिवसेणं सेढिसयाई बारस एगेणं एगिदियमहाजुम्मसयाई बारस एगेणं एवं बेइंदियाणं बारस तेइंदियाणं बारस चरिदियाणं बारस एगेण असण्णिपंचिदियाणं बारस सण्णिपंचिंदियमहाजुम्मसयाई एक्कवीसं एगदिवसेणं उद्दिसिज्जति रासीजुम्मसयं एगदिवसेणं उद्दिसिज्जइ / गाहाओ-वियसियअरविंदकरा णासियतिमिरा सुयाहिया देवी / मज्झपि देउ मेहं बुहविबुहणमंसिया णिच्चं Page #1076 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवई-परिसेसो 1063 // 1 // सुयदेवयाए पणमिमो जीए पसाएण सिक्खियं गाणं / अण्णं पवयण देवी संतिकरी तं णमंसामि // 2 // सुयदेवया य जक्खो कुंमधरो बंभसंति बेरोट्टा / विज्जा य अंतहुंडी देउ अविग्धं लिहंतस्स // 3 // 867 // // सिरिविवाहपण्णत्ती समत्ता॥ // पंचमं अंगं समत्तं // -- Page #1077 -------------------------------------------------------------------------- _ Page #1078 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पायाधम्मकहाओ पढमं अज्झयणं तेणं कालेणं तेणं समएणं चंपा णाम णयरी होत्या / वण्णओ // 1 // तीसे गं चंपाए गयरीए बहिया उत्तरपुरस्थिमे दिसीमाए (एत्थ गं) पुण्ण मद्दे णामं चेइए होत्था। वण्णओ॥२॥ तत्थ णंचंपाए णयरीए कोणिए णामं राया होत्या। वण्णओ.॥३॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतेपासी अज्जसुहम्मे णाम थेरे जाइसंपण्णे कुलसंपणे बलरूवविणयणाणदंसण. चरित्तलाघवसंपणे ओयंसी तेयंसी वच्चंसी जसंसी जियकोहे जियमाणे जिय. माए जियलोहे जिइंदिए जियणिद्दे जियपरीसहे जीवियासामरण मयविप्पमुक्के तवप्पहाणे गणप्पहाणे एवं करणचरणणिग्गहणिच्छयअज्जवमद्दवलाघवखंतिगुत्तिमुत्तिविज्जामंतवंभ. (चेर) वयणयणियमसच्चसोयणाणदंसणचारित्तप्पहाणे उ(ओ) राले घोरे घोरव्वए घोरतवस्सी घोरबंभचेरवासी उच्छूढसरीरे संखित्त. विउलते (य) उलेसे चोद्दसपुव्वी चउणाणोवगए पंचहि अणगारसएहि सखि संपरिवडे पुव्वाणुपुर्विव चरमाणे गामाणुगामं दूइज्जमाणे सुहंसुहेगं विहरमाणे जेणेव चंपा गयरी जेणेव पुण्णभद्दे चेइए तेगामेव उवागच्छइ 2 ता अहापडिरूवं उग्गहं ओगिव्हइ ओगिहित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं मावेमाणे विहरह // 4 // तए णं चंपाए गयरीए परिसा णिग्गया। कोणिओ णिग्गओ। धम्मो कहिओ / परिसा जामेव दिसि पाउन्भूया तामेव दिसि पडिगया / तेणं कालेज तेणे समएणं अज्जसुहम्मस्स अणगारस्स जेठे अंतेवासी अज्ज जंबू णामं अण. गारे कासवगोत्तेणं सत्तुस्सेहे जाव अज्जसुहम्मस्स थेरस्स अदूरसामंते उड्ढंजाणू अहोसिरे झाणकोट्टोवगए संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ / तए गं से अज्जजंबूणामे जायसड्ढे जायसंसए जायकोउहल्ले संजायसड्ढे संजायसंसए संजायकोउहल्ले उप्पण्णसड्ढे उप्पण्णसंसए उप्पण्णकोउहल्ले समुप्पण्णसडढे समुप्पण्णसंसए समुप्पण्णकोउहल्ले उट्ठाए उठेइ उट्ठाए उद्वित्ता जेणामेव अज्ज. सुहम्मे थेरे तेणामेव उवागच्छइ 2 ता अज्जसुहम्मे थेरे तिक्खुतो आयाहिणं पयाहिणं करेइ 2 ता वंदइ णमंसइ वंदित्ता णमंसित्ता अज्जसुहम्मस्स थेरस्स Page #1079 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1066 अंग-पविट्ट सुत्ताणि गच्चासणे णाइदूरे सुस्सूसमाणे णमंसमाणे अभिमुहे पंजलिउडे विणएणं पज्जवासमाणे एवं वयासी-जइ णं भंते ! समणेणं भगवया महावीरेणं आइगरेणं तित्थगरेणं सयंसंबद्धणं पुरिसुत्तमेणं पुरिससोहेणं पुरिसबरपुंडरीएणं पुरिसवर. गंधहत्थिणा लोगुत्तमेणं लोगणाहेणं लोगहिएणं लोगपईवेणं लोगपज्जोयगरेणं अभयदएणं सरणदएणं चक्खुदएणं मग्गदएणं बोहिदएणं धम्मदएणं धम्मदेसएणं धम्मणायगेणं धम्मसारहिणा धम्मवरचाउरंतचक्कट्टिणा अप्पडिहयवरणाण. दंसणधरेणं वियट्टछ उमेणं जिणेणं जा (व) णएणं तिणेणं तारएणं बुद्धणं बोह. एणं मत्तेणं मोयगेणं सव्वण्णणं सव्वदरिसिणा सिवमयलमरुयमणंतमक्ख यमवा. बाहमपुणरावित्तियं सासयं ठाणमवगएणं पंचमस्स अंगस्स अयमठे पणत्ते, छठुस्स गं अंगस्स णं भंते ! णायाधम्मकहाणं के अट्ठे पण्णत्ते ? जबत्ति अज्जसुहम्मे थेरे अज्जजंबणाम अणगारं एवं वयासी--एवं खलु जंब ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं छट्ठस्स अंगस्स दो सुयक्खंधा पण्णता, तंजहाणायाणि य धम्मकहाओ य / जइ णं भंते ! समणेगं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं छट्ठस्स अंगस्स दो सुयक्खंधा पणत्ता तंजहा-णायाणि य धम्मकहाओ या पढमस्स णं भंते ! सुयक्खंधस्स समणेणं जाव संपत्तेणं णायाणं कइ अज्झयणा पण्णत्ता ? एवं खलु जंबू ! समणेणं जाव संपत्तेणं णायाणं एगूणवीसं अज्झयणा पण्णत्ता, तंजहा-उक्खित्तणाए संघाडे अंडे कुम्मे य सेलगे / तंबे य रोहिणी मल्ली मायंदी चंदिमाइय॥१॥ दावद्दवे उदगणाए मंडक्के तेयली वि य / गंदी. फले अवरकंका आइण्णे सुंसुमाइ य॥२॥'अवरे य पुंडरीए णायए एगणवीस. इमे // 5 // जइ णं भंते ! समणेणं जाव संपत्तेणं णायाणं एगणवीसा अज्झयणा पण्णत्ता तंजहा-उक्खित्तणाए जाव पुंडरीए (त्ति) य, पढमस्स णं भंते ! अज्झयणस्स के अट्ठे पण्णत्ते ? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे दाहिणड्डभरहे रायगिहे णामं णयरे होत्था / वण्णओ। गुणसिलए चेइए / वण्णओ / तत्थ णं रायगिहे पयरे सेणिए णाम राया होत्था / महया हिमवंत० वण्णओ / तस्स णं सेणियस्स रणो गंदा णामं देवी होत्था सुकुमालपाणिपाया वण्णओ // 6 // तस्स णं सेणियस्स पुत्ते णंदाए देवीए अत्तए अभए णामं कुमारे होत्था अहीणपंचिदियसरीरे जाव सुरूवे सामदंडभेय. उवप्पयाणणीइसुप्पउत्तणयविहिष्णू ईहावूहमग्गणगवेसणअत्थसत्थमइविसारए Page #1080 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 1 1067 उप्पत्तियाए वेणइयाए कम्मियाए पारिणामियाए चउन्विहाए बुद्धीए उववेए सेणियस्स रण्णो बहुसु कज्जेसु य कुटुंबसु य मंतेसु य गुज्झेसु य रहस्सेसु य णिच्छएसु य आपुच्छणिज्जे पडिपुच्छणिज्जे मेढी पमाणं आहारे आलंबणं चक्खू मेढीभूए पमाणभूए आहारभूए आलंबणभूए चक्ख भूए सम्वकज्जेसु सव्वभूमियासु लद्ध. पच्चए विइण्णवियारे रज्जवचितए यावि होत्था / सेणियस्स रण्णो रज्जं च रठेंच कोसं च कोढागारं च बलं च वाहणं च पुरं च अंतेउरं च सयमेव सम (वे) पेक्खमाणे 2 विहरइ // 7 // तस्स णं सेणियस्स रण्णो धारिणी णामं देवी होत्या जाव सेणियस्स रणो इट्ठा जाव विहरइ ॥८॥तए णं सा धारिणी देवी अण्णया कयाइ तंसि तारिसगंसि छक्कटुगलटुमटुसंठियखं मुग्गयपवरवरसालभंजियउज्जलमणिकणगरयणथूभियविडंकजालद्धचंदणिज्जूहकंतरकणयालिचंदसालियाविभत्ति. कलिए सरसच्छधाऊवलवण्णरइए बाहिरओ दूमियघटुमठे अभितरओ पसत्तसु. विलिहियचित्तकम्मे गाणाविहपंचवण्णमणिरयणकोट्टिमतले पउमलयाफुल्लव. ल्लिवरपुप्फजाइउल्लोयचित्तियतले चं (व)दणवरकणगकलससु (वि) णिम्मियपडिपूजियसरसपउमसोहंतदारमाए पयरग्गलंबंतमणिमुत्तदामसुविरइयदारसोहे सुगंधवरकुसुममउयपम्हलसयणोवयारमणहिययणिध्वइयरे कप्पूरलवंगमलयचंदणकालागरुपवरकुंदुरुक्कतुरुक्कधूवडझंतसुरभिमघमघतगंधुद्धयाभिरामे सुगंध. बरगंधिए गंधवट्टिभूए मणिकिरणपणासियंधयारे कि बहुणा ? जुइगुणेहि सुरवर. विमाणवेलं (बिय) वरघरए तंसि तारिसगंसि सणिज्जसि सालिंगवट्टिए उभओ बिब्बोयणे दुहओ उण्णए मज्झे णयंगंभीरे गंगापुलिणवालुयाउद्दालसालिसए उयचियखोमदुगुल्लपट्टपडि (च्छण्णे) च्छयणे अत्थरयमलयगवतयकुसत्तलिबसीहकेसरपच्चत्थए सुविरइयरयत्ताणे रत्तंसुयसंवुए सुरम्मे आइणगल्यबरणवणी. पतुल्लफासे पुज्वरत्तावरत्तकालसमयंसि सुत्तजागरा ओहोरमाणी ओहीरमाणी एग महं सत्तस्सेहं रययकडसण्णिहं णहयलंसि सोमं सोमागारं लोलायंतं जंभा(यंत) यमाणं मुहमतिगयं गयं पासित्ता णं पडिबुद्धा / तए णं सा धारिणी देवी अयमेयारूवं उरालं कल्लाणं सिवं धणं मंगल्लं सस्सिरीयं महासुमिणं पासित्ता. गं पडिबुद्धा समाणी हट्टतुट्ठा चित्तमाणंदिया पोइमणा परमसोमणस्सिया हरिसवसविसप्पमाणहियया धाराहयकलंबपुप्फगं पिव समूससियरोमकूवा तं सुमिणं ओगिण्हइ 2 ता सयणिज्जाओ उठेद 2 ता पायपीढाओ पच्चोरुहइ 2 त्ता Page #1081 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1068 अंग-पविटु सुत्ताणि अतुरियमचवलमसंभंताए अविलंबियाए रायहंससरिसीए गईए जेणामेव से सेणिए राया तेणामेव उवागच्छइ 2 ता सेणियं रायं ताहि इट्टाहि कंताहि पियाहि मणण्णाहि मणामाहिं उरालाहि कल्लाणाहिं सिवाहिं धण्णाहिं मंगल्लाहि सस्सिरीयाहि हिययगमणिज्जाहि हिययपल्हायणिज्जाहि मियमहुररिभियगंभीर. सस्सिरीयाहि गिराहि संलवमाणी 2 पडिबोहेइ 2 ता सेणिएणं रण्णा अम्भगुण्णाया समाणी णाणामणिकणगरयणभत्तिचित्तंसि भद्दासणंसि णिसीयइ 2 ता आसत्था वीसत्था सुहासणवरगया करयलपरिग्गहियं सिरसावत्तं मत्थए अंजलि कट्ट सेणियं रायं एवं वयासी-एवं खलु अहं देवाणुप्पिया! अज्ज तंसि तारिसगंसि सयणिज्जंसि सालिंगणवट्टिए जाव णियगवयणमइवयंतं गयं सुमिणे पासित्ता गं पडिबुद्धा / तं एयस्स गं देवाणुप्पिया ! उरालस्स जाव सुमिणस्स के मण्णे कल्लाणे फलवित्तिविसेसे भविस्सइ ? // // तए णं से सेणिए राया धारिणीए देवीए अतिए एयमठे सोच्चा णिसम्म हट्टतुट्ठ जाव हियए धारा. हयणीवसुरभिकुसुमचुंचमालइयतणू ऊससियरोमकूवे तं सुमिणं उग्गिण्हइ 2 त्ता ईहं पविसइ 2 ता अप्पणो साभाविएणं मइपुग्वएणं बुद्धिविण्णाणेणं तस्स सुमिणस्स अत्थोग्गहं करेइ 2 ता धारिणि देवि ताहि जाव हिययपल्हायणिज्जाहिं मिउमहुररिभियगंभीरसस्सिरीयाहि वहिं अणुवूहेमाणे 2 एवं वयासी-उराले गं तुमे देवाणुप्पिए ! सुमिणे दिठे, कल्लाणे गं तुमे देवाणुप्पिए ! सुमिणे दिलै, सिवे धणे मंगल्ले सस्सिरीए णं तुमे देवाणुप्पिए ! सुमिणे दि8, आरोग्गतुट्टिदोहाउयकल्लाणमंगलकारए णं तुमे देवी ! सुमिणे दिळे, अत्थलाभो ते देवाणुप्पिए ! पुत्तलाभो ते देवाणुप्पिए ! रज्जलाभो भोगलाभो सोक्खलाभो ते देवाणुप्पिए ! एवं खलु तुमं देवाणुप्पिए ! णवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं अट्ठमाण य राइंदियाणं वीइक्कंताणं अम्हं कुलकेउं कुलदीवं कुलपव्वयं कुलडिसयं कुलतिलयं कुलकित्तिकरं कुलवित्तिकर कुलेणंदिकरं कुलजसकर कुलाधारं कुलपायवं कुलविवद्धणकरं सुकुमालपाणिपायं जाव दारयं पयाहिसि / से वि य णं दारए उम्मक्कबालभावे विण्णाय परिणयमेत्ते जोव्वणगमणप्पत्ते सूरे वीरे विक्कते वित्थिण्णविपुलबलवाहणे रज्जवई राया भविस्सइ / तं उराले णं तुमे देवी! सुमिणे दिठे जाव आरोग्गतुट्ठिदीहाउकल्लाणकारए णं तुमे देवी! सुमिणे दिठे त्ति कट्ट भज्जो 2 अणुव्हेइ // 10 // तए णं सा धारिणी देवी Page #1082 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 1 1069 सेणिएणं रण्णा एवं वुत्ता समाणी हट्टतुट्ठा जाव हियया करयलपरिग्गहियं जाव अंजलि कट्ट एवं वयासी-एवमेयं देवाणप्पिया! तहमेयं देवाणप्पिया! अवितहमेयं असंदिद्धमेयं इच्छियमेयं देवाणप्पिया! पडिच्छियमेयं इच्छियपडि. च्छियमेयं सच्चे गं एसमठे जं गं तुब्भे वयह त्ति कटु तं सुमिणं सम्म पडि. च्छइ 2 ता सेणिएणं रण्णा अब्भणण्णाया समाणी णाणामणिकणगरयणमत्तिचित्ताओ भद्दासणाओ अब्भटठेइ २त्ता जेणेव सए सयणिज्जे तेणेव उवागच्छई 2 ता सयंसि सयणिज्जसि णिसीयइ 2 ता एवं वयासी-मा मे से उत्तमे पहाणे मंगल्ले सुमिणे अणेहिं पावसुमिहिं पडिहम्मिहित्ति कटु देवयगुरुजणसंबद्वाहि पसत्थाहि धम्मियाहि कहाहि सुमिणजागरियं पडिजागरमाणी 2 विहरइ // 11 // तए णं से सेणिए राया पच्चूसकालसमयंसि कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! बाहिरियं उवट्ठाणसालं अज्ज सविसेसं परमरम्मं गंधोदगसित्तसुइयसम्मज्जिवलित्तं पंचवण्णसरससुरभिमुक्कपुप्फपुंजोवयारकलियं कालागरुपवरकुंदुरुक्क तुरुक्कधूवडझंतमघम. घंतगंधुद्धयाभिरामं सुगंधवरगंधियं गंधवट्टि भयं करेह य कारवेह य करित्ता य कारवित्ता य ए (व) यमाणत्तियं पच्चप्पिणह / तए णं ते को बियपुरिसा सेणि. एणं रण्णा एवं वुत्ता समाणा हट्टतुट्ठा जाव पच्चप्पिणंति / तए गं से सेणिए राया कल्लं पाउप्पमायाए रयणीए फुल्लुप्पलकमलकोमलुम्मिलियंमि अहापंडुरे पभाए रत्तासोगप्पगासकिसुयसुयमहगुंजद्धरागबंधुजीवगपारावयचलण. णयणपरहुयसुरतलोयणजासुमणकुसुमजलियजलणतवणिज्जकलसहिंगुलयणिगर. रूवाइरेगरेहंतसस्सिरीए दिवा (ग)यरे अहकमेण उदिए तस्स दिण (कर) करपरपरावयारपारदमि अंधयारे बालायवकुंकुमेण खइयव्व जीवलोए लोयण. विसयाण्यासविगसंतविसददंसियंमि लोए कमलागरसंडबोहए उट्ठियंमि सूरे सहस्सरस्सिमि दिणयरे तेयसा जलंते सयणिज्जाओ उठेइ 2 ता जेणेव अट्टणसाला तेणेव उवागच्छइ 2 ता अट्टणसालं अणुपविसइ 2 ता अणेग. वायामजोगवग्गणवामद्दणमल्लजद्धकरणेहि संते परिस्संते सयपागसहस्सपाहिं सुगंधवरतेल्लमाइएहि पीणणिज्जेहिं दीवणिजेहिं दप्पणिज्जेहिं मयणिज्जे हिं विहंणिज्जेहिं सम्विदियगायपल्हायणिजेहिं अन्भंगएहिं अब्भंगिए समाणे तेल्ल. चम्मंसि पडिपुण्णपाणिपायसुकुमालकोमलतलेहि पुरिसेहिं छेएहि दोहिं पठेहि Page #1083 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1070 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि कुसलेहि मेहावीहिं णिउणेंहिं णिउणसिप्पोवगएहि जियपरिस्समेहि अभंगणपरिमद्दणव्वलणकरणगुणणिम्माएहिं अढिसुहाए मंससुहाए तयासुहाए रोमसुहाए चउम्विहाए संबाहणाए संबाहिए समाणे अवगयपरिस्समे गरिदे अट्टणसालाओ पडिणिक्खमइ 2 ता जेणेव मज्जणघरे तेणेव उवागच्छइ 2 ता मज्जणघरं अणुपविसइ 2 ता स (म) मं(त)त्तजालाभिरामे विचित्तमणिरयणकोट्टिमतले रमणिज्जे हाणमंडवंसि णाणामणिरयणभत्तिचित्तंसि पहाणपीढंसि सुहणिसण्णे सुहोदएहि पुप्फोदएहिं गंधोदएहि सुद्धोदएहि य पुणो पुणो कल्ला. णगपवरमज्जणविहीए मज्जिए तत्थ कोउयसएहि बहुविहेहि कल्लाणगपवरमज्जणावसाणे पम्हलसुकुमालगंधकासाईयलूहियंगे अहयसुमहग्घदूसरयणसुसंवुए सरससुरभिगोसीसचंदणाणुलित्तगत्ते सुइमालावण्णगविलेवणे आविद्धमणिसुवण्णे कप्पियहारद्धहारतिसरयपालंबपलबमाणकडिसुत्तसुकयसोहे पि (ण) गिद्धगेविज्जे अंगुलेज्जगललियंगयललियकयाभरणे णाणामणिकडगतुडियर्थभियमुए अहियरूवसस्सिरीए कुंडलुज्जोइयाणणे मउडदित्तसिरए हारोत्थयसुकयरइयवच्छे पालं. बपलंबमाणसुकयपडउत्तरिज्जे मुद्दियापिंगलंगुलीए, णाणामणिकणगरयणविमल. महरिह-णिउणोवियमिसिमिसंतविरइयसुसिलिट्ठविसिट्ठलट्ठसंठियपसत्थआविद्ध. वीरवलए, कि बहुणा? कप्परुक्खए चेव सुअलंकियविभूसिए परिंदे सकोरंटमल्लदामेणं छत्तेणं धरिज्जमाणेणं (उमओ) चउचामरवालवीइयंगे मंगलजयसद्द. कयालोए अणेगगणणायगदंडणायगराईसरतलवरमाडंबियकोडुबियमंतिमहामंति. गणगदोवारियअमच्चचेडपीढमद्दणगरणिगमसेट्टिसेणावइसत्यवाहदयसंधिवाल. सद्धि संपरिबुडे धवलमहामेहणिग्गए विव गहगणदिप्पंतरिक्खतारागणाण मज्झे ससि व्व पियर्टसणे णरवई मज्जणघराओ पडिणिक्खमइ 2 त्ता जेणेव बाहिरिया उवद्वाणसाला तेणेव उवागच्छइ 2 ता सीहासणवरगए पुरत्थाभिमहे सण्णि. सणे / तए णं से सेणिए राया अप्पणो अदरसामंते उत्तरपुरस्थिमे दिसीभाए अट्ठ भद्दासणाई सेयवस्थपच्चुत्थयाइं सिद्धत्थमंगलोवयारकयसंतिकम्माइं रयाः वेइ 2 ता (अप्पणो अदूरसामंते) णाणामणिरयणमंडियं अहियपेच्छणिज्जरूवं महग्घवरपट्टणुग्गयं सण्हबहुमत्तिसयचित्त (ट्ठा) ठाणं ईहामियउसमतुरयणरमगर. विहगवालगकिण्णररुरुसरभचमरकुंजरवणलयपउमलयभत्तिचित्तं सुखचियवरकणगपवरपेरंतदेसभागं अभितरियं जवणियं अंछावेइ 2 ता अ(च्छ) त्थरगमउ. Page #1084 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 1 1071 अमसूरगउच्छइयं धवलवत्थपच्चत्यं विसिटें अंगसुहफासयं सुमउयं धारिणीए देवीए भद्दासणं रयावेइ 2 त्ता कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-खिप्पा. मेव भो देवाणुप्पिया! अलैंगमहाणिमित्तसुत्तत्थपाढए विविहसत्थकुसले सुमिणपाढए सद्दावेह 2 ता एयमाणत्तियं खिप्पामेव पच्चप्पिणह / तए णं ते कोडंबियपुरिसा सेणिएणं रण्णा एवं वुत्ता समाणा हट्टतुट्ठ जाव हियया करयलपरि. गहियं दसणहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलि कट्ट एवं देवो तहत्ति आणाए विणएणं वयणं पडिसुणेति 2 ता सेणियस्स रण्णो अंतियाओ पडिणिक्खमंति 2 ता रायगिहस्स णयरस्स मझमज्झेणं जेणेव सुमिणपाढगगिहाणि तेणेव उवागच्छंति 2 ता सुमिणपाढए सद्दावेति / तए गं ते सुमिणपाढगा सेणियस्स रणो कोडं. बियपुरिसेहि सद्दाविया समाणा हद्वतुट्ठ जाव हियया व्हाया कयबलिकम्मा जाव पायच्छित्ता अप्पमहग्घाभरणालंकियसरीरा हरियालियसिद्धत्थयकयमद्धाणा सहि सएहि गिहेहितो पडिणिक्खमंति 2 ता रायगिहस्स णयरस्स मज्झमज्झेणं जेणेव सेणियस्स रण्णो भवणवडेंसगदुवारे तेणेव उवागच्छंति 2 ता एगयओ मिलायंति २त्ता सेणियस्स रण्णो भवणवडिसगदुवारेणं अणुपविसंति 2 ता जेणेव बाहिरिया उवद्वाणसाला जेणेव सेणिए राया तेणेव उवागच्छंति 2 ता सेणियं रायं जएणं विजएणं वद्धावेंति, सेणिएणं रण्णा अच्चियवंदियपूइयमाणियसक्कारियसम्माणिया समाणा पत्तयं 2 पुवण्णत्थेसु भद्दासणेसु णिसीयंति / तए णं सेणिए राया जवषियंतरियं धारिणि देवि ठवेइ 2 ता पुप्फफलपडि. पुग्णहत्थे परेणं विणएणं ते सुमिणपाढए एवं वयासी एवं खलु देवाणुप्पिया ! धारिणी देवी अज्ज तंसि तारिसगंसि सयणिज्जसि जाव महासुमिणं पासित्ता णं पडिबुद्धा, तं एयस्स णं देवाणुप्पिया ! उरालस्स जाव सस्सिरीयस्स महासुमिणस्स के मण्णे कल्लाणे फलवित्तिविसेसे भविस्सइ ? / तए णं ते सुमिणपाढगा सेणियस्स रण्णो अंतिए एयमझें सोच्चाणिसम्महतुट्ट जाव हियया तं सुमिणं सम्मं ओगिण्हंति२ ता ईहं अणुपविसंति 2 ता अण्णमण्णेण सद्धि संचा. लेंति 2 ता तस्स सुमिणस्स लद्धट्ठा गहियट्ठा पुच्छियट्ठा विणिच्छियट्ठा अभिग. यहा सेणियस्स रणो पुरओ सुमिणसत्थाई उच्चारेमाणा 2 एवं वयासी-एवं खलु अम्हें सामी ! सुमिणसत्थंसि बायालीसं सुमिणा तीसं महासुमिणा बावतरि सध्वसुमिणा दिट्ठा / तत्थ गं सामी ! अरहंतमायरो वा चक्कवट्टिमायरो Page #1085 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1072 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि वा अरहंतसि वा चक्कदिसि वा गम्भं वक्कममाणंसि एएसि तीसाए महासुमि. गाणं इमे चउद्दसमहासुमिणे पासित्ता णं पडिबुज्झति तंजहा-गयवसहसोहअभिसेयदामससिदिणयरं झयं कुंभं। पउमसरसागरविमाणभवणरयणुच्चयसिहिं च // 1 // वासुदेवमायरो वा वासुदेवंसि गम्भं वक्कममाणंसि एएसि चउद्दसण्हं महासुमिणाणं अण्णयरे सत्त महासुमिणे पासित्ता गं पडिबुझंति / बलदेवमायरो वा बलदेवंसि गम्भं वक्कममाणंसि एएसि चउद्दसण्हं महासुमिणाणं अण्णयरे चत्तारि महासुमिणे पासित्ता णं पडिबुज्झंति / मंडलियमायरो वा मंडलियंसि गम्भ वक्कममाणंसि एएसि चोद्दसण्हं महासुमिणाणं अण्णवरं एग महासुमिणं पासित्ता णं पडिबुज्झति / इमे य (णं) सामी ! धारिणीए देवीए एगे महासुमिणे दिलें / तं उराले णं सामी ! धारिणीए देवीए सुमिणे दिठे जाव आरोग्ग. तुट्टिदोहाउकल्लाणमंगल्लकारए णं सामी ! धारिणीए देवीए सुमिणे दिठे / अत्यलाभो सामी ! सोक्खलामो सामी ! भोगलाभो सामी ! पुत्तलाभो रज्ज. लाभो, एवं खलु सामी ! धारिणी देवी णवण्हं मासागं बहुपडिपुण्णाणं जाव दारगं पयाहिइ / से वि य णं दारए उम्मुक्कबाल मावे विण्णायपरिणयमित्ते जोवणगमणुप्पत्ते सूरे वीरे विक्कते वित्थिण्णविउलबलवाहणे रज्जवई राया भविस्सइ अणगारे वा भावियप्पा / तं उराले णं सामी ! धारिणीए देवीए सुमिणे दिढे जाव आरोग्गतुट्टि जाव दिठे-त्तिकटु भुज्जो भुज्जो अणवति / तए णं सेणिए राया तेसिं सुमिणपाढगाणं अंतिए एयमढं सोच्चा णिसम्म हट जाव हियए करयल जाव एवं वेयासी-एवमेयं देवाणुप्पिया! जाव जणं तुम्भे वयह-त्तिकट्ट तं सुमिणं सम्म पडिच्छइ 2 ता ते सुमिण. पाढए विउलेणं असणपाणखाइमसाइमेणं वत्थगंधमल्लालंकारेण य सक्कारेइ सम्माणेइ सक्कारिता सम्माणित्ता विउलं जीवियारिहं पीइदाणं दलयइ 2 ता पडिविसज्जेइ / तए णं से सेणिए राया सीहासणाओ अब्भठेइ 2 ता जेणेव धारिणी देवी तेणेव उवागच्छइ 2 ता धारिणि देवि एवं क्यासी-एवं खल देवाणप्पिए ! सुमिणसत्यंसि बायालीसं सुमिणा तीसं महासुमिणा जाव एग महासुमिणं जाव भुज्जो 2 अणवूहेइ / तए णं सा धारिणी देवी सेणि. यस्स रण्णो अंतिए एयमढं सोच्चा णिसम्म हट जाव हियया तं सुमिणं सम्म पडिच्छइ 2 ता जेणेव सए वासघरे तेणेव उवागच्छइ 2 ता व्हाया कयबलि. Page #1086 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 1 1073 कम्मा जाव विपुलाइं जाव विहरइ // 12 // तए णं तीसे धारिणीए देवीए दोसु मासेसु वीइक्कतेसु तइए मासे वट्टमाणे तस्स गन्मस्स दोहलकालसमयंसि अयमेयाहवे अकालमेहेसु दोहले पाउन्भवित्था-धण्णाओणं ताओ अम्मयाओ संपुण्णाओ णं ताओ अम्मयाओ कयत्थाओ गं ताओ० कयपुग्णाओ कयलक्खणाओ कय. विहवाओ सुलद्धे णं तासि माणुस्सए जम्मजीवियफले जाओ गं मेहेसु अब्भग्गएसु अब्भुज्जएसु अब्भुण्णएसु अब्भुट्टिएसु सगज्जिएसु सविज्जुएसु सफुसिएसु सथणिएसु धंतधोयरुप्पपट्ट अंकसंखचंदकुंदसालिपिट्ठरासिसमप्पभेसु चिउरहरियालभेयचंपगसणकोरंटसरिस (य)वपउमरयसमप्पभेसु लक्खारससरसरतकिय. जासुमणरत्तबंधुजीवगजाइहिंगुलयसरसकुंकुमउरभससरुहिरइंदगोवगसमप्पभेतु बरहिणणीलगुलियसुगचासपिच्छभिगपत्तसासगणीलुप्पलणियरणवसिरीसकुसुमणवसद्दलसमप्पभेसु जच्चंजभिगभेयरिट्ठगभमरावलिगवलगुलियकज्जलसमप्प. भेसु फुरंत विज्जयसगज्जिएसु वायवसविपुलगगणचवलपरिसक्किरेसु णिम्मल. वरवारिधारापयलियपयंडमारुयसमाहयसमोत्थरंत उवरिउवरितुरियवासं पवा. सिएसु धारापहकरणिवायणिव्वाविय मेइणितले हरिय (ग) गणकंचुए पल्ल. विय पायवगणेसु वल्लिवियाणेसु पसरिएसु उण्णरसु सोहग्गमुवागएसु (गगेसु णएसु वा) वेभारगिरिप्पवायतडकडगविमुक्केसु उज्झरेसु तुरियपहावियपल्लोट्टफेणाउलं सकलुसं जलं वहतीसु गिरिणईसु सज्जज्जुगणीवकुडय कंदलसिलिधकलिए सु उववणेसु मेहरसियहठ्ठतुट्ठचिट्ठियहरिसवसपमुक्ककंठकेकारवं मुयंतेसु बरहिणेसु उउवप्तमयजणियतरुणसहयरिपणच्चिएसु णवसुरभिसिलिधकुडयकंदलकलंबगंधणि मुयंतेसु उववणेसु परहुयरुयरिभियसंकुलेसु उद्दा(यं). इतरत्तइंदगोवयथोवयकारुण्णविलविएसु ओणयतणमंडिएसु ददुरपयंपिएसु पिडियदरियभमरमहुयरिपहकरपरिलितमत्तछप्पयकुसुमासवलोलमहुरगुंजत. देसभाएसु उववणेसु परिसामियचंदसूरगहगणपण?णक्ख ततारगपहे इंदाउहबद्धचिधपट्टसि अंबरतले उड्डीणबलागपंतिसोहंतमेहविदे कारंडगचक्कवायकलहं. सउस्सुयकरे संपत्ते पाउसंमि काले व्हायाओ कयबलिकम्माओ कयकोउयमंगल-पायच्छिताओ किं ते वरपायपत्तणेउरमणिमेहलहाररइयओवियकडगखडयविचित्तवरवलयभियमुयाओ कुंडलउज्जोवियाणगाओ रयणभूसियं (गा). गीओ णासाणीसासवायवोज्झं चक्खुहरं वण्णफरिससंजुत्तं हयलालापेलवाइरेयं धवलकणयखचियंतकम्म आगासफलिहसरिसप्पभं अंसुयं पवर परिहियाओ Page #1087 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1074 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि दुगुल्लसुकुमाल उत्तरिज्जाओ सव्वोउयसुरभिकुसुमपवरमल्लसोहियसिराओकालागरुधूवधूवियाओ सिरीसमाणवेसाओ सेयणयगंधहत्थिरयणं दुरूढाओ समाणीओ सकोरंटमल्लदामेणं छत्तेणं धरिज्जमाणेणं चंदप्पभवइरवेरुलिय. विमलदंडसंखकुंददगरयअमयमहियफेणपुंजसण्णिगासचउचामरवालवीजियंगीओ सेणिएणं रण्णा सद्धि हस्थिखंधवरगएणं पिट्टओ 2 समणुगच्छमाणीओ चाउ. रंगिणीए सेणाए महया हयाणीएणं गयाणीएणं रहाणीएणं पायत्ताणीएणं सवड्ढीए सव्वज्जुईए जाव णिग्घोसणाइयरवेणं रायगिहं णयरं सिंघाडग. तियचउक्कचच्चरचउम्मुहमहापहपहेसु आसित्तसित्तसुइयसंमज्जिओवलित्तं जाव सुगंधवरगंधियं गंधवट्टिभूयं अवलोएमाणीओ णागरजणेणं अभिणंदिज्जमाणीओ गुच्छलयारुक्खगम्मवल्लिगुच्छओच्छाइयं सुरम्म, वेभारगिरिकडगपायमूलं सवओ समंता आहिंडेमाणीओ 2 दोहलं विणियंति / तं जइ गं अहमवि मेहेसु अन्भग्गएसु जाव दोहलं विणिज्जामि // 13 // तए णं सा धारिणी देवी तंसि दोहलंसि अविणिज्जमाणंसि असंपत्तदोहला असंपुण्णदोहला असंमाणिय. दोहला सुक्का भुक्खा णिम्मंसा ओलुग्गा ओलुग्गसरीरा पमइलदुब्बला किलंता ओमंथियवयणणयणकमला पंडइयमही करयलमलियन्व चंपगमाला णित्तेया दीणविवण्णवयणा जहोचियपुप्फगंधमल्लालंकारहारं अणभिलसमाणी कोडारमणकिरियं च परिहावेमाणी दीणा दुम्मणा णिराणंदा भूमिगयदिट्ठीया ओहयमणसंकप्पा जाव झियायइ / तए गं तीसे धारिणीए देवीए अंगपडियारियाओ अभितरियाओ दासचेडियाओ धारिणि देवि ओलग्गं जाव झियायमाणि पासंति 2 ता एवं वयासी-किण्णं तुमे देवाणुप्पिए ! ओलुग्गा ओलुग्गसरीरा जाव झियायसि ? तए णं सा धारिणी देवी ताहि अंगपडियारियाहि अभित. रियाहि दासचेडियाहिं (य) एवं वुत्ता समाणी ताओ दासचेडियाओ णो आढाइ णो परियाणाइ अणाढायमाणी अपरियाणमाणी तुसिणीया संचिट्ठइ। तए णं ताओ अंगपडियारियाओ अभितरियाओ दासचेडियाओ धारिणि देवि दोच्चंपि तच्चंपि एवं वयासी-किण्णं तुमे देवाणुप्पिए ! ओलुग्गा ओलुग्गसरीरा जाव झियायसि ? तए णं सा धारिणी देवी ताहि अंगपडियारियाहिं अभितरियाहिं दासचेडियाहि दोच्चंपि तच्चपि एवं वुत्ता समाणी णो आढाइ णो परियाणाइ अणाढायमाणी अपरियाणमाणी तुसिणीया संचिट्टइ। तए णं ताओ अंगपडिया Page #1088 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 1 1075 रियाओ अभितरियाओ दासचेडियाओ धारिणीए देवीए अणाढाइज्जमाणीओ अपरिजाणिज्जमाणीओ तहेव संभंताओ समाणीओ धारिणीए देवीए अंतियाओ पडिणिक्खमंति 2 ता जेणेव सेणिए राया तेणेव उवागच्छंति 2 ता करयलपरिग्गहियं जाव कटु जएणं विजएणं वद्धाति 2 ता एवं वयासी-एवं खलु सामी ! किपि अज्ज धारिणी देवी ओलग्गा ओलग्गसरीरा जाव अज्झाणोवगया झियायइ। तए णं से सेणिए राया तासि अंगपडियारियागं अंतिए एयमलैं सोच्चा णिसम्म तहे व संभंते समाणे सिग्धं तुरियं चवलं वेइयं जेणेव धारिणी देवी तेणेव उवागच्छइ 2 ता धारिगि देवि ओलुग्गं ओलग्गसरीरं जाव अट्ट. ज्झाणोवगयं झियायमाणि पासइ 2 ता एवं वयासी-किणं तुम देवाणुप्पिए / ओलुग्गा ओलुग्गसरीरा जाव अट्टज्झाणोवगया झियायसि ? तए णं सा धारिणी देवी सेणिएणं रण्णा एवं वुत्ता समाणी णो आढाइ जाव तुसिणीया संचिट्ठइ / तए णं से सेणिए राया धारिणि देवि दोच्चंषि तच्वंषि एवं वयासी-किण्णं तुम देवाणुप्पिए ! ओलुग्गा जाव झियायसि ? तए णं सा धारिणी देवी सेणि. एणं रणा दोच्चंषि तच्चंपि एवं वुत्ता समाणी णो आढाइ णो परिजागाइ तुसिणीया संचिट्ठइ / तए णं से सेणिए राया धारिणि देवि सवहसावियं करेइ 2 ता एवं वयासी-कि णं तुम देवाणुप्पिए ! अहमेयस्स अटुस्स अणरिहे सवणयाए ता णं तुमं ममं अयमेयारूवं मणोमाणसियं दुक्खं रहस्सीकरेसि ? तए णं सा धारिणी देवी सेणिएणं रण्णा सवहसादिया समाणी सेणियं रायं एवं वयासी-एवं खल सामी ! मम तस्स उरोलस्स जाव महासुमिणस्स तिण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं अयमेयारूवे अकालमेहेसु दोहले पाउडभए-धण्णाओ जं ताओ अम्मयाओ कयत्थाओ णं ताओ अम्मयाओ जाव वेभारगिरिपायमलं आहिंडमाणीओ दोहलं विणिति, तं जइ णं अहमवि जाव दोहलं विणिज्जामि / तए णं हं सामी / अयमेयारूसि अकालदोहलंसि अविणिज्जमाणंसि ओलगा जाव अट्ट ज्झाणोवगया झियायामि / एएणं अहं कारणेणं सामी ! ओलग्गा जाव अट्टज्झाणोवगया झियायामि / तए णं से सेणिए राया धारिणीए देवीए अंतिए एयमझें सोच्चा णिसम्म धारिणि देवि एवं वयासी-मा णं तुम देवाणुप्पिए ! ओलग्गा जाव झियाहि, अहं णं तहा करिस्सामि जहा णं तुभं अयमेयारूवस्स अकालदोहलस्स मणोरहसंपत्ती भविस्सइ तिकट्ट धारिणि देवि इटाहि कंताहि Page #1089 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1076 अंग-पविट सुत्ताणि पियाहि मणुण्णाहि मणामाहिं वहि समासासेइ 2 त्ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला तेणामेव उवागच्छइ 2 त्ता सीहासणवरगए पुरत्थामिमुहे सण्णिसण्णे धारिणीए देवीए एयं अकालदोहलं बहूहि आएहि य उवाएहि य उप्पत्तियाहि यवेणइयाहि य कम्मियाहि य पारिणामियाहि य चउविहाहि बद्धीहि अणुचितेमाणे 2 तस्स दोहलस्स आयं वा उवायं वा ठिई वा उप्पत्ति वा अविदमाणे ओहयमणसंकप्पे जाव झियायइ // 14 // तयाणंतरं च णं अभए कुमारे व्हाए कयबलिकम्मे जाव सव्वालंकारविभसिए पायबंदए पहारेत्थ गमणाए / तए णं से अभयकुमारे जेणेव सेणिए राया तेणेव उवागच्छइ 2 ता सेणियं रायं ओहयमणसंकप्पं जाव झियायमाणं पासइ 2 ता अयमेयारूवे अज्झथिए चितिए पत्थिए मणोगए संकप्पे समुप्पज्जित्था-अण्णया ममं सेणिए राया एज्जमाणं पासइ पासित्ता आढाइ परियाणइ सवकारेइ सम्माणेइ आलवइ संलवइ अद्धासणेणं उवणिमंतेइ मत्थयंसि अग्घाइ / इयाणि ममं सेणिए राया णो आढाइ णो परियाणइ णो सक्कारेइ णो सम्माणेइ णो इटाहि कंताहि पियाहिं मणुणाहि मणामहि ओरालाहि वर्गाह आलवइ संलवइ णो अद्धासणेणं उवणिमंतेइ णो मत्थयंसि अग्धाइ किपि ओहयमणसंकप्पे झियायइ / तं भवियध्वं गं एत्थ कारणेणं / तं सेयं खल मे सेणियं रायं एयभट्ठ पुच्छित्तए। एवं संपेहेइ 2 ता जेणामेव सेणिए राया तेणामेव उवागच्छइ 2 ता करयलपरिग्गहियं सिरसा. वत्तं मत्थए अंजलि कट्ट जएणं विजएणं वद्धावेइ 2 ता एवं वयासी-तुन्भे गं ताओ ! अण्णया ममं एज्जमाणं पासित्ता आढाह परियाणह जाव मत्थयंसि अग्घायह आसणेणं उवणिमंतेह, इयाणि ताओ ! तुब्भे ममं णो आढाह जाव णो आसणेणं उवणिमंतेह किंपि ओहयमणसंकप्पा जाव झियायह, तं भवियव्वं ताओ ! एत्थ कारणेणं, तओ तुन्भे मम ताओ ! एयं कारणं अगूहेमाणा असंकेमाणा अणिण्हवेमाणा अपच्छाएमाणा जहाभूयमवितहमसंदिद्धं एयमट्ट आइक्खह / तए णं हं तस्स कारणस्स अंतगमणं गमिस्सामि / तए णं से सेणिए राया अभएणं कुमारेणं एवं वुत्ते समाणे अभयकुमारं एवं वयासी-एवं खल पुत्ता ! तव चुल्लमाउयाए धारिणीए देवीए तस्स गन्मस्स दोसु मासेसु अइ. क्कतेसु तइयमासे वट्टमाणे दोहलकालसमयंसि अयमेयारूवे दोहले पाउब्भ वित्था-धण्णाओ णं ताओ अम्मयाओ तहेव णिरवसेसं भाणियध्वं जाव विणिति। Page #1090 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 1 1077 तए णं अहं पुत्ता ! धारिणीए देवीए तस्स अकालदोहलस्स बहूहि आएहि य उवाएहि जाब उप्पत्ति अविदमाणे ओहयमणसंकप्पे जाव झियामि तुमं आगयंपि ण याणामि, तं एएणं कारणेणं अहं पुत्ता ! ओहयमणसंकप्पे जाव झियामि / तए णं से अभए कुमारे सेणियस्स रण्णो अंतिए एयमढें सोच्चा णिसम्म हट्ट जाव हियए सेणियं रायं एवं वयासी-मा णं तुब्भे ताओ ! ओहयमणसंकप्पा जाच झियायह / अहं णं तहा करिस्सामि जहा णं मम चुल्ल. माउयाए धारिणीए देवीए अयमेयारूवस्स अकालदोहलस्स मणोरहसंपत्ती भविस्सइ तिकटु सेणियं रायं ताहि इट्टाहि कंताहिं जाव समासासेइ / तए णं सेणिए राया अभएणं कुमारेणं एवं वृत्ते समाणे हद्वतुठे जाव अभयं कुमारं सक्कारेइ सम्माणेइ सक्कारिता सम्माणित्ता पडिविसज्जेइ // 15 // तए गं से अभए कुमारे सक्कारिए सम्माणिए पडिविसज्जिए समाणे सेणियस्स रण्णो अंतियाओ पडिणिक्खमइ 2 ता जेणामेव सए भवणे तेणामेव उवागच्छइ 2 ता सीहासणे णिसणे / तए णं तस्स अभयकुमारस्स अयमेयारूवे अज्झथिए जाव समप्पज्जित्था-पो खलु सक्का माणुस्सएणं उवाएणं मम चुल्लमाउयाए धारि. पीए देवीए अकालदोहलमणोरहसंपत्ति करित्तए णण्णत्थ दिवेणं उवाएणं / अस्थि थे मज्झ सोहम्मकप्पवासी पुत्वसंगइए देवे महिड्डिए जाव महासोक्खे / तं सेयं खलु मम पोसहसालाए पोसहियस्स बंभयारिस्स उम्मुक्कमणिसुवण्णस्स ववगयमालावण्णगविलेवणस्स मिक्खित्तसत्थमुसलस्स एगस्स अबीयस्स दब्भसंथारोवगयस्स अट्ठम मत्तं पगिहित्ता पुव्वसंगइयं देवं मणसीकरेमाणस्स विहरित्तए / तए गं पुव्वसंगइए देवे मम चुल्लमाउयाए धारिणीए देवीए अयमेयारूवे अकालमेहेसु दोहलं विहिइ, एवं संपेहेइ 2 ता जेणेव पोसहसाला तेणामेव उवागच्छइ 2 ता पोसहसालं पमज्जइ 2 ता उच्चारपासवणभूमि पडिलेहेइ 2 त्ता दब्भसंथारगं पडिलेहेइ 2 ता दन्मसंथारगं दुरूहइ. 2 ता अट्ठमभत्तं पगिण्हइ 2 ता पोसहसालाए पोसहिए बंभयारी जाध पुग्वसंगइयं देवं मणसीकरेमाणे 2 चिट्ठइ / तए णं तस्स अभयकुमारस्स अट्ठमभत्ते परिणममाणे पुटवसंगइयस्स देवस्स आसणं चलइ। तए णं पुव्वसंगइए सोहम्मकापवासी देवे आसणं चलियं पासइ 2 ता ओहि पउंजइ / तए गं तस्स पुन्वसंगइयस्स देवस्स अयमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्था-एवं खलु मम पुत्वसंगइए जंबूहीवे 2 भारहे वासे दाहिणड्डभरहे रायगिहे णयरे Page #1091 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1078 अंग-पविटु सुत्ताणि पोसहसालाए पोसहिए अभए णामं कुमारे अट्ठमभत्तं पगिण्हित्ता णं मम मणसी. करेमाणे 2 चिट्ठइ / तं सेयं खलु मम अभयस्स कुमारस्स अंतिए पाउन्मवित्तए। एवं संपेहेइ 2 ता उत्तरपुरस्थिमं दिसीभागं अवक्कमइ 2 त्ता वेउन्विय. समुग्घाएणं समोहणइ 2 ता संखेज्जाइं जोयणाई दंडं णिसिरइ, तंजहा-रयणाणं वइरागं वेरुलियाणं लोहियक्खाणं मसारगल्लाणं हंसगम्भाणं पुलगाणं सोगंधियाणं जोइरसाणं अंकाणं अंजणाणं रयणाणं जायरूवाणं अंजणपुलगाणं फलिहाणं रिट्ठाणं अहाबायरे पोग्गले परिसाडेइ 2 ता अहासुहुमे पोग्गले परि. गिण्हइ 2 ता अभयकुमारमणकंपमाणे देवे पुस्वभवजणियणेहपीइबहमाणजायसोगे तओ विमाणवरपुंडरीयाओ रयणुसमाओ धरणियलगमणतुरियसंजणिय. गमणपयारो वाघण्णिय विमल-कणंग-पयरग-वडिसगमउडक्कडाडोवदंसणिज्जो अणेगमणि कणगरयणपहकरपरिमंडिय-भत्तिचित्त-विणिउत्त (मणुगुण) गमणगजणियहरिसे खोलमाणवरललियकुंडलुज्जलिय-वयणगुणजणियसोमरूवे उदिओ विव कोमुदीणिसाए सणिच्छरंगारकुज्जलियमज्झमागत्थे णयणाणंदो सरयचंदो दिव्वोसहिपज्जलुज्जलियदंसणाभिरामो उउलच्छिसमतजाय. सोहे पइद्वगंधद्धयाभिरामे मेरुरिव णगवरो विउविविचित्तवेसे दीवसम. हाणं असंखपरिमाणणामधेज्जाणं मज्झयारेणं वीइवयमाणो उज्जोयंतो पभाए विमलाए जीवलोयं रायगिहं पुरवरं च अभयस्स य तस्स पासं ओवयइ दिव्वरूवधारी // 16 // तए णं से देवे अंतलिक्खपडिवण्णे दसद्धवण्णाइं सखि. खिणियाई पवर वत्थाई परिहिए। एक्को ताव एसो गमो / अण्णोऽवि गमोताए उक्किट्ठाए तुरियाए चवलाए चंडाए सीहाए उद्धयाए जयणाए छेयाए दिवाए देवगईए जेणामेव जंबुद्दीवे 2 भारहे वासे जेणामेव दाहिणद्धभरहे रायगिहे पयरे पोसहसालाए अभए कुमारे तेणामेव उवागच्छइ 2 ता अंत. लिक्खपडिवण्णे दसवण्णाई सखिखिणियाई पवरवत्थाई परिहिए अभयं कुमारं एवं वयासी-अहं णं देवाणुप्पिया ! पुत्वसंगइए सोहम्मकप्पवासी देवे महड्डिए जं णं तुमं पोसहलासाए अट्ठमभत्तं पगिण्हित्ता णं ममं मणसीकरेमाणे २चिट्ठसि, तं एस णं देवाणुप्पिया ! अहं इहं हव्वमागए / संदिसाहि णं देवाणुप्पियों ! कि करेमि कि दलामि कि पयच्छामि किं वा ते हियइच्छियं ? / तए णं से अभए कुमारे तं पुत्वसंगइयं देवं अंतलिक्खपडिवण्णं पासइ 2 ता हट्ठतुठे पोसहं पारेइरत्ता करयल जाव अंजलि कट्ट एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! मम Page #1092 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 1 1079 चुल्लमाउयाए धारिणीए देवीए अयमेयारूवे अकालदोहले पाउन्भूए-धण्णाओ णं ताओ अम्मयाओ तहेव पुव्वगमेणं जाव विणिज्जामि / तं गं तुम देवाणु. पिपया! मम चुल्लमाउयाए धारिणीए देवीए अयमेयारूवं अकालदोहलं विणेहि / तए णं से देवे अभएणं कुमारेणं एवं वुत्ते समाणे हद्वतुठे अभयं कुमारं एवं वयासी-तुमं णं देवाणु प्पिया ! सुणिन्वयबीसत्थे अच्छाहि, अहं गं तव चल्लमा उयाए धारिणीए देवीए अयमेयारूवं दोहलं विणेमित्तिकटट अभयस्स कुमार रस अंतियाओ पडिणिखमइ 2 ता उत्तरपुरस्थिमे णं वेभारपव्वए वेउब्वियसमग्धाएणं समोहण्णइ 2 ता संखेज्जाइं जोयणाई दंडं हिस्सरइ जाव दोच्चंपि वे उब्वियसमुग्घाएणं समोहण्णइ 2 त्ता खिप्पामेव सगज्जइयं सविज्जयं सफुसियं तं पंचवण्णमेहणिणाओवसोहियं दिव्वं पाउससिरि विउव्वइ 2 सा जेणेव अभए कुमारे तेणेव उवागच्छइ 2 ता अभयं कुमारं एवं वयासीएवं खलु देवाणुप्पिया ! मए तव पियट्टयाए सगज्जिया सफुसिया सविजज या दिव्वा पाउससिरी विउविया, तं विणेउ गं देवाणुप्पिया ! तव चुल्लमाउया धारिणी देवी अयमेयारूवं अकालदोहलं / लए णं से अभए कुमारे तस्स पुव्वसंगइयरस सोहम्मकप्पवासिस्स देवस्स अंतिए एयमढं सोचा णिसम्म हतुठे सयाओ भवणाओ पडिणिक्खमइ 2 ता जेणामेव सेणिए राया तेणा. मेव उवागच्छइ 2 ता करयल जाव अंजलि कटु एवं वयासी-एवं खलु ताओ! मम पुबसंगइएणं सोहम्मकप्पवासिणा देवेणं खिप्पामेव सगज्जिया सविज्जया (मफसिया) पंचवण्णमेहणिणाओवसोभिया दिव्वा पाउससिरी विउव्विया / तं विणेडणं मम चुल्लमाउया धारिणी देवी अकालदोहलं / तए णं से सेणिए राया अभयस्स कुमारस्स अंतिए एयम सोच्चा णिसम्म हतु जाव कोडं. बियपुरिसे सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! रायगिहं गयरं सिंघाडगतिगचउक्कचच्चर० आसित्तसित्त जाव सुगंधवरगंधियं गंधवट्टियं करेह य कारवेह य करित्ता य कारवित्ता य मम एयमाणत्तियं पच्च. पिणह / तए ण ते कोडुबियपूरिसा जाव पच्चप्पिणंति / तए णं से सेणिए राया दोच्चपि कोडंबियपुरिसे सहावेइ 2 त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणप्पिया! हयगयरहजोहपवरकलियं चाउरंगिणि सेणं सणाहेह सेयणयं च गंधहत्थि परिकप्पेह / तेवि तहेव जाव पच्चप्पिणंति / तए गं से सेणिए राया जेणेव Page #1093 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1080 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि धारिणी देवी तेणामेव उवागच्छइ 2 ता धारिणि देवि एवं वयासी-एवं खल देवाणुप्पिए ! सगज्जिया जाव पाउससिरी पाउन्भूया, तं गं तुमं देवाणुप्पिए ! एयं अकालदोहलं विहि / तए गं सा धारिणी देवी सेणिएणं रण्णा एवं वुत्ता समाणी हट्टतुट्ठा जेणामेव मज्जणघरे तेणेव उवागच्छइ 2 ता मज्जणघरं अणु. प्पविसइ 2 ता अंतो अंतेउरंसि व्हाया कयबलिकम्मा कयकोउय-मंगल-पाय. च्छित्ता किं ते वरपायपत्तणेउर जाव आगासफालियसमप्पभं अंसुयं णियत्था सेयणयं गंधहत्थि दुरूढा समाणी अमयमहियफेणपुंजसण्णिगासाहि सेयचामरवालवीयणीहिं वीइज्जमाणी 2 संपत्थिया / तए णं से सेणिए राया हाए कयबलि. कम्मे जाव सस्सिरीए हथिखंधवरगए सकोरेंटमल्लदामेणं छत्तेणं धरिज्जमाणेणं चउचामराहि वीइज्जमाणे धारिणीदेवी पिट्टओ अणुगच्छइ / तए णं सा धारिणी देवी सेणिएणं रण्णा हत्थिखंधवरगएणं पिटुओ 2 समणुगम्ममाणमग्गा हयगयरहजोहकलियाए चाउरंगिणीए सेणाए सद्धि संपरिवडा महया भडचडगर. वंदपरिक्खित्ता सविड्ढीए सव्वज्जुईए नाव दुंदुभिणिग्घोसणाइयरवेणं रायगिहे णयरे सिंघाडगतिगचउक्कचच्चर जाव महापहेसु णागरजणेणं अभिणं दिज्जमाणी 2 जेणामेव वेभारगिरिपवए तेणामेव उवागच्छइ 2 ता वेभारगिरिकडगतडपायमूले आरामेसु य उज्जाणे य काणणेसु य वणेसु य वणसंडेसु य रुक्खेसु य गुच्छेसु य गुम्मेसु य लयासु य वल्लीसु य कंदरासु य दरीसु य चुण्ढीसु य दहेसु य कच्छेसु य णईसु य संगमेसु य विवरएसु य अच्छमाणी य पेच्छमाणी य मज्जमाणी य पत्ताणि य पुष्पाणि य फलाणि य पल्लवाणि य गिहमाणी य माणेमाणी य अग्घायमाणी य परिभुंजमाणी य परिभाएमाणी य वेभारगिरिपायमले वोहलं विणेमाणी सवओ समता आहिडद / तए णं सा धारिणी देवी (तंसि अकालदोहलंसि विणीयंसि सम्माणियदोहला) विणीय. दोहला संपुण्णदोहला संपण्णदोहला जाया यावि होत्था / तए णं साधारिणी देवी सेयणयगंधहत्थि दूरूढा समाणी सेणिएणं हत्थिखंधवरगएणं पिटुओ 2 समणुगम्ममाणमग्गा हयगय नाव र(हे)वेणं जेणेव रायगिहे णयरे तेणेव उवागच्छइ 2 ता रायगिहं णयरं भज्झमज्झेणं जेणामेव सए भवणे तेणामेव उवागच्छइ 2 ता विउलाई माणुस्सगाई भोगभागाइं जाव विहरइ // 17 // तए गं से अभए कुमारे जेणामेव पोसहसाला तेणामेव उवागच्छइ 2 ता पुत्वसंगइयं देवं सक्कारेइ Page #1094 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 1 1081 सम्माणेइ स०.२ ता पडिविसज्जेइ / तए णं से देवे सगज्जियं पंचवण्णमेहोवसोहियं दिव्वं पाउससिरि पडिसाहरइ 2 जामेव दिसि पाउब्भूए तामेव दिसि पडिगए // 18 // तए णं सा धारिणी देवी तंसि अकालदोहलंसि विणीयंसि सम्माणियदोहला तस्स गब्भस्स अणुकंपणटाए जयं चिट्ठइ जयं आसयइ जयं सुवइ आहारं पि य गं आहारेमाणी णाइतित्तं णाइकडुयं णाइकसायं णाइ. अंबिलं णाइमहुरं जं तस्स गब्भस्स हियं मियं पत्थयं देसे य काले य आहारं आहारेमाणी णाइचितं णाइसोयं (णाइदेण्णं) णाइमोहं णाइभयं णाइपरित्तासं ववगचितासोयमोहमयपरित्तासा उउभयमाणसुहेहिं भोयणच्छायणगंधमल्लालंकारेहिं तं गम्भं सुहंसुहेणं परिवहइ // 16 // तए णं सा धारिणी देवी णवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं अट्ठमाण य राइंदियाणं वीइक्कंताणं अद्धरत्तकाल. समयंसि सुकुमालपाणिपायं जाव सव्वंगसुंदरं दारगं पयाया। तए णं ताओ अंगपडियारियाओ धारिणि देवि णवण्हं मासाणं जाव दारगं पयायं पासंति 2 त्ता सिग्धं तुरियं चवलं वेइयं जेणेव सेणिएं राया तेणेव उवागच्छंति 2 ता सेणियं रायं जएणं विजएणं वद्धावेंति 2 ता करयलपरिग्गहियं सिरसावत्तं मत्थए अंजलि कटु एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया! धारिणी देवी णवण्हं मासाणं जाव दारगं पयाया, तं गं अम्हे देवाणुप्पियाणं पियं णिवेएमो पियं भे भवउ / तए णं से सेणिए राया तासि अंगपडियारियाणं अंतिए एयम© सोच्चा णिसम्म हट्टतुट्ठ० ताओं अंगपडियारियाओ महुरेहि वयहिं विउलेण य पुप्फगंधमल्लालंकारेणं सक्कारेइ सम्माणेइ सं० 2 ता मत्थयधोयाओ करेइ पुत्ताणु. पुत्तियं वित्ति कप्पेइ 2 ता पडिविसज्जेइ / तए णं से सेणिए राया (पच्चूस. कालसमयंसि) कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणप्पिया ! रायगिहं जयरं आसिय जाव परिगीयं करेह 2 ता चारगपरिसोहणं करेह 2 ता माणुम्माणवद्धणं करेह 2 ता एयमाणत्तियं पच्चप्पिणह जाव पच्चप्पिणंति / तए णं से सेणिए राया अट्ठारससेणिप्पसेणीओ सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-गच्छह णं तुम्मे देवाणुप्पिया! रायगिहे णयरे अभितरबाहिरिए उस्सुक्कं उक्करं अभडप्पवेसं अदंडिमकुदंडिमं अधरिमं अधारणिज्जं अणुद्धयमुइंगं अमिलायमल्लदामं गणियावरणाडइज्जकलियं अणेगतालायराणुचरियं पमुइयपक्कोलियाभिरामं जहारिहं ठिइवडियं दसदिवसियं करेह 2 ता एय. Page #1095 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1082 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि माणत्तियं पच्चप्पिणह तेवि करेंति 2 तहेव पच्चप्पिणंति / तए णं से सेणिए राया बाहिरियाए उवट्ठाणसालाए सीहासणवरगए पुरत्थाभिमुहे सण्णिसण्णे सइएहि य साहस्सिएहि य सयसाहस्सिएहि य जाएहि य दाएहि य भाएहि य दलयमाणे 2 पडिच्छेमाणे 2 एवं च णं विहरइ / तए णं तस्स अम्मापियरो पढमे दिवसे जायकम्मं करेंति 2 ता बिइयदिवसे जागरियं करेंति 2 ता तइए दिवसे चंदसूरदंसणियं करेंति 2 ता एवामेव णिवत्ते असुइजायकम्मकरणे संपत्ते बारसाहदिवसे विपुलं असणं पाणं खाइमं साइमं उवक्खडावेंति 2 त्ता मित्तणाइणियगसयणसंबंधिपरिजणं बलं च बहवे गणणायगदंडणायग जाव आमंतेंति तओ पच्छा व्हाया कयबलिकम्मा कयकोउय जाव सव्वालंकारविभसिया महइमहालयंसि भोयणमंडवंसि तं विपुलं ,असणं पाणं खाइमं साइमं मित्तणाइ० गणणायग जाव सद्धि आसाएमाणा विसाएमाणा परिभाएमाणा परि जमाणा एवं च णं विहरंति जिमियभत्तत्तरागयावि य णं समाणा आयंता चोक्खा परमसुइभूया तं मित्तणाइणियगसयणसंबंधिपरियणं बलं च बहवे गण. णायग जाव विपुलेणं पुप्फवत्थगंधमल्लालंकारेणं सक्कारेंति सम्माणति स०२ त्ता एवं वयासी-जम्हा णं अम्हं इमस्स दारगस्स गन्भत्थस्स चेव समाणस्स अकालमेहेसु दोहले पाउन्भूए तं होउ णं अम्हं दारए मेहे णामेणं मेहकुमारे / तस्स दारगस्स अम्मापियरो अयमेयारूवं गोण्णं गणणिप्फणं णामधेज्जं करेंति मेहेइ / तए णं से मेहे कुमारे पंचधाईपरिग्गहिए तंजहा-खीरधाईए मंडणधाईए मज्जणधाईए कीलावणधाईए अंकधाईए अण्णाहि य बहूहिं खुज्जाहि चिलाइ. याहि वामणिवडभिबब्बरिबउसिजोणियपल्हवियईसिणिय धोरुगिणि. लासियलउसियदमिलिसिंहलिआरविपुलिदिपक्कणिबहलिमुरुंडिसबरिपारसीहि णाणादेसीहि विदेसपरिमंडियाहि इंगिर्याचतियपत्थियवियाणियाहिं सदेसणेवत्थ. गहियवेसाहि णिउणकुसलाहि विणीयाहि चेडियाचक्कवालवरिसधरकंचइज्ज. महयरगवंदपरिक्खित्ते हत्थाओ हत्थं साहरिज्जमाणे अंकाओ अंकं परिभज्जमाणे परिगिज्जमाणे उवलालिज्जमाणे रम्मंसि मणिकोट्रिमतलंसि परिमिज्जमाणे 2 णिवायणिवाघायंसि गिरिकंदरमल्लीणेव चंपगपायवे सुहंसुहेणं वइ / तए णं तस्स मेहस्स कुमारस्स अम्मापियरो अणुपुटवेणं णामकरणं च पजेमणगं च एवं चंकमणगं च चोलोवणयं च महया 2 इड्ढीसक्कारसमुदएणं करिसु / Page #1096 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 1 1083 तए णं तं मेहं कुमारं अम्मापियरो साइरेगट्ठवासजायगं चेव गभट्ठमे वासे सोहणंसि तिहिकरणमुत्तंसि कलायरियस्स उवणेति / तए णं से कलायरिए मेहं कुमारं लेहाइयाओ गणियप्पहाणाओ सउणरुयपज्जवसाणाओ बावरि कलाओ सुत्तओ य अत्थओ य करणओ य सेहावेइ सिक्खावेइ तंजहा-लेहं गणियं रूवं णटुं गीयं वाइयं सरगयं पोक्खरगयं समतालं जयं जणवायं पासयं अट्ठावयं पोरेकच्चं दगमट्टियं अण्णविहिं पाणविहिं वत्थविहिं विलेवणविहिं सयणविहि अज्ज पहेलियं मागहियं गाहं गीइयं सिलोयं हिरण्णजुत्ति सुवण्णजुत्ति चुण्णजुत्ति आभरणविहि तरुणीपडिकम्मं इथिलक्खणं पुरिसलक्खणं हयलक्खणं गयलक्खणं गोणलक्खणं कुक्कुडलक्खणं छत्तलक्खणं दंडलक्खणं असिलक्खणं मणिलक्खणं कागिणिलक्खणं. वत्थुविज्ज खंधारमाणं णगरमाणं वहं पडिवहं चारं पडिचारं चक्कवूहं गरुलवूहं सगडवूहं जुद्धं णिजुद्धं जुद्धाइ जुद्धं अट्ठिजुद्धं मट्ठिजुद्धं बाहुजुद्धं लयाजुद्धं ईसत्थं छरुप्पवायं धणुव्वेयं हिरण्णपागं सुवण्णपागं सुतखेडं वट्टखेडं णालियाखेडं पत्तच्छेज्जं कडगच्छेज्ज सज्जीवं णिज्जीवं सउणरुयं ति // 20 // तए णं से कलायरिए मेंहं कुमारं लेहाइयाओ गणियप्पहाणाओ सउणरुयपज्जवसाणाओ बावरि कलाओ सुत्तओ य अत्थओ य करणओ य सेहावेइ सिक्खा. वेइ सेहावित्ता सिक्खावित्ता अम्मापिऊणं उवणेइ / तए गं मेहस्स कुमारस्स अम्मापियरो तं कलायरियं महुरेहि वयंणेहिं विउलेणं वत्थगंधमल्लालंकारेणं सक्कारेंति सम्माणेति. स० 2 ता विउलं जीवियारिहं पीइदाणं दलयंति 2 ता पडिविसज्जेंति ॥२१॥तए णं से मेहे कुमारे बावत्तरिकलापंडिए णवंगसुत्तपडि. बोहिए अट्ठारसविहिप्पगारदेसीभासाविसारए गीयरई गंधव्वणट्टकुसले हयजोही गयज़ोही रहजोही बाहुजोही बाहुप्पमद्दी अलंभोगसमत्थे साहसिए वियालचारी जाए यावि होत्या // 22 // तए णं तस्स मेहकुमारस्स अम्मापियरो मेहं कुमार बावत्तरिकलापंडियं जाव वियालचारि जायं पासंति 2 ता अट्ठ पासायडिसए कारेंति अब्भुग्गयमूसिय पहसिए विव मणिकणगरयणभत्तिचित्ते वाउद्धयविजयवेजयंतीपडागाछत्ताइच्छत्तकलिए तुंगे गगणतलमभिलंघमाणसिहरे जालंतर. रयणपंजरुम्मिल्लियन्व मणिकणगथूभियाए वियसियसयपत्तपुंडरीए तिलयरय. णद्धयचंदच्चिए णाणामणिमयदामालंकिए अंतो बहि च सण्हे तवणिज्जरुइलवालयापत्थरे सुहफासे सस्सिरीयरूवे पासाईए जाव पडिरूवे / एगं च णं महं Page #1097 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1084 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि भवणं कारेंति अणेगखंभसयसण्णिविठं लीलट्ठियसालभंजियागं अब्भुरगयसुकय. वइरवेइयातोरण-वररइयसालभंजियासुसिलिट्ठ-विसिट्ठलट्ठसंठियपसत्थ-वेरुलिय. खंभणाणामणिकणगरयणखचियउज्जलं बहुसमसुविभत्तणिचियरमणिज्जभूमि भागं ईहामिय जाव भत्तिचित्तं खंभुग्गयवयरवेइयापरिगयाभिरामं विज्जाहर. जमलजुयलजंतजुत्तंपिव अच्चीसहस्समालणीयं रूवगसहस्सकलियं भिसमाणं भित्मिप्तमाणं चवखुल्लोयणले सं सुहफासं सस्सिरीयरूवं कंचणमणिरयणथूभियागं णाणाविहपंचवण्ण घंटापडागपरिमंडियग्गसिहरं धवलमिरीचिकवयं विणिम्मयंत लाउल्लोइयमहियं जाव गंधवट्टि भयं पासाईयं दरिसणिज्ज अभिरूवं पडिरूवं // 23 // तए णं तस्स मेहस्स कुमारस्स अम्मापियरो मेहं कुमारं सोहणंसि तिहिकरणणवखत्तमहत्तंसि सरिसियाणं सरिसव्वयाणं सरित्तयाणं सरिसलावण्णरूवजोवणगुणोववेयाणं सरिसएहितो रायकुलेहितो आणियल्लियाणं पसाहणठेंगअविहववहुओवयणमंगलसुजंपिएहि अहिं रायवरकण्णाहिं सद्धि एग. दिवसेणं पाणि गिण्हाविसु / तए णं तस्स मेहस्स अम्मापियरो इमं एयारूवं पीइदाणं दलयंति-अट्ठ हिरण्णकोडीओ अट्ठ सुवण्णकोडीओ गाहाणुसारेण भाणियन्वं जाव पेसणकारियाओ अण्णं च विपुलं * धणकणगरयणमणिमोत्तिय. संखसिलप्पवालरत्तरयणसंतसारसावएज्ज अलाहि जाव आसत्तमाओ कुलवंसाओ पकामं दाउं पकामं भोत्तुं पकामं परिभाएउ / तए णं से मेहे कुमारे एगमेगाए भारियाए एगमेगं हिरण्णकोडि दलयइ एगमेगं सुवण्णकोडि दलयइ जाव एगमेगं पेसणकारि दलयइ अण्णं च विउलं धणकणग जाव परिभाएउ दलयइ / तए णं से मेहे कुमारे उप्पि पासायवरगए फुट्टमाणेहि मुइंगमत्थएहि वरतरुणि. संपउत्तेहि बत्तीस इबद्धहि णाडएहि उवगिज्जमाणे 2 उवलालिज्जमाणे 2 सफरिसरसरूवगंधविउले माणुस्सए कामभोगे पच्चणुभवमाणे विहरइ // 24 // तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे पुव्वाणुपुचि चरमाणे गामाणु. गाम दूइज्जमाणे सुहंसुहेणं विहरमाणे जेणामेव रायगिहे णयरे गुणसिलए चेइए जाव विहरइ / तए णं (से) रायगिहे णयरे सिंघाडगतिगचउक्कचच्चर० महया बहुजणसद्देइ वा जाव बहवे उग्गा भोगा जाव रायगिहस्स णयरस्स मज्झमज्झेणं एगदिसि एगाभिमुहा णिग्गच्छंति, इमं च णं मेहे कुमारे उप्पि पासायवरगए फुट्टमाहिं मयंगमत्थएहिं जाव माणुस्सए कामभोगे भुंजमाणे रायमग्गं च Page #1098 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 1 1085 आलोएमाणे 2 एवं च गं विहरइ / तए णं से मेहे कुमारे ते बहवे उग्गे भोगे जाव एगदिसाभिमुहे णिग्गच्छमाणे पासइ 2 ता कंचुइज्जपुरिसं सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-किण्णं भो देवाणुप्पिया! अज्ज रायगिहे णयरे इंदमहेइ वा खंदमहेइ वा एवं रुद्दसिववेसमणणागजवखभूयणईतलायरुक्खचेइयपव्वयउज्जाणगिरि. जत्ताइ वा जओ गं बहवे उग्गा भोगा जाव एगदिसि एगाभिमुहा णिग्गच्छति / तए णं से कंचइज्जपुरिसे समणस्स भगवओ महावीरस्स गहियागमणपवित्तीए मेहं कुमारं एवं वयासी-णो खलु देवाणुप्पिया! अज्ज रायगिहे णयरे इंदमहेइ वा जाव गिरिजत्ताइ वा जंणं एए उग्गा जाव एगदिसि एगाभिमुहा णिग्गच्छंति एवं खलु देवाणप्पिया ! समणे भगवं महावीरे आइगरे तित्थगरे इहमागए इह संपत्ते इह समोसढे इह चेव रायगिहे गयरे गुणसिलए चेइए अहापडिरूवं जाव विहरइ // 25 // तए णं से मेहे कुमारे कंचुइज्जपुरिसस्स अंतिए एयमलैं सोच्चाणिसम्म हद्वतुळे कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! चाउग्घंटे आसरहं जतामेव उवट्ठवेह तहत्ति उवर्णेति। तए णं से मेहे हाए ज़ाव सव्वालंकारविभूसिए चाउग्घंटं आसरहं दुरूढे समाणे सकोरंटमल्लदामेणं छत्तेणं धरिज्जमाणेणं महया भडचडगरविंदपरियालसंपरिबुडे रायगिहस्स गयरस्स मज्झमझेणं णिग्गच्छइ 2 ता जेणामेव गुणसिलए चेइए तेणामेव उवागच्छइ 2 ता समणस्स भगवओ महावीरस्स छत्ताइ. च्छतं पडागाइपडागं विज्जाहरचारणे जंभए य देवे ओवयमाणे उप्पयमाणे पासइ 2 ता चाउग्घंटाओ आसरहाओ पच्चोरुहइ 2 त्ता समणं भगवं महावीरं पंचविहेणं अभिगमेणं अभिगच्छइ तंजहा-संचित्ताणं दव्वाणं विसरणयाए, अचि. ताणं दवाणं अविउसरणयाए, एगसाडियं उत्तरासंगकरणेणं, चक्खुप्फासे अंज. लिपग्गहेणं, मणसो एगत्तीकरणेणं / जेणामेव समणे भगवं महावीरे तेणामेव उवागच्छइ 2 ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ 2 ता वंदइ णमंसइ वं० ता समणस्स भगवओ महावीरस्स गच्चासण्णे गाइ. दूरे सुस्सूसमाणे णमसमाणे पंजलिउडे अभिमहे विणएणं पज्जवासइ / तए णं समणे भगवं महावीरे मेहस्स कुमारस्स तीसे य महइमहालियाए परिसाए मज्झगए विचित्तं धम्ममाइक्खइ जहा जीवा बझंति मच्चंति जह य संकिलिस्संति, धम्मकहा भाणियव्वा जाव परिसा पडिगया // 26 // तए णं से . मेहे कुमारे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए धम्म सोच्चा णिसम्म हट Page #1099 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1086 अंग-पविट्ट सुत्ताणि तुळे समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ 2 ता वंदइ णमंसइ वं० ता एवं वयासी-सहहामि णं भंते ! णिग्गंथं पावयणं एवं पत्ति. यामि णं रोएमि णं अब्भुढेमि गं भंते ! णिग्गंथं पावयणं, एवमेयं भंते ! तहमेयं अवितहमेयं इच्छियमेयं पडिच्छियमेयं भंते ! इच्छियपडिच्छियमेयं भंते ! से जहेव तं तुम्भे वयह जं णवरं देवाणुप्पिया ! अम्मापियरो आपच्छामि तओ पच्छा मुंडे भवित्ता णं पच्वइस्सामि / अहासुहं देवाणुप्पिया! मा पडिबंध करेह। तए णं से मेहे कुमारे समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ वं० 2 ता जेणामेव चाउग्घंटे आसरहे तेणामेव उवागच्छइ २त्ता चाउग्घंटं आसरहं दुरूहइ 2 ता महया भडचडगरपहकरेणं रायगिहस्स णयरस्स मज्झंमज्झेणं जेणामेव सए भवणे तेणामेव उवागच्छइ 2 ता चाउग्घंटाओ आसरहाओ पच्चोरुहइ 2 त्ता जेणामेव अम्मापियरो तेणामेव उवागच्छइ 2 ता अम्मापिऊणं पायवडणं करेइ 2 त्ता एवं वयासी-एवं खलु अम्मयाओ ! मए समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए धम्मे णिसंते सेवि य मे धम्मे इच्छिए पडिच्छिए अभिरुइए। तए णं तस्स मेहस्स अम्मापियरो एवं वयासी-धण्णोसि तुम जाया ! संपुग्णोसि० कयत्थोसि० कयलक्खणोसि तुमं जाया ! जण्णं तुमे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए धम्मे णिसंते, से वि य ते धम्मे इच्छिए पडिच्छिए अभिरुइए / तए णं से मेहे कुमारे अम्मापियरो दोच्चंपि तच्चपि एवं वयासी-एवं खलु अम्मयाओ ! मए समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए धम्मे णिसंते, से वि य मे धम्मे इच्छिए पडिच्छिए अभिरुइए, तं इच्छामि णं अम्मयाओ ! तुहि अब्भणण्णाए समाणे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए मुंडे भवित्ता णं अगाराओ अणगारियं पव्वइत्तए / तए गं सा धारिणी देवी तं अणि→ अकंतं अप्पियं अमणणं अम. णामं असुयपुवं फरुसं गिरं सोच्चा णिसम्म इमेणं एयारूवेणं मणोमाणसिएणं महया पुत्तदुक्खेणं अभिभूया समाणी सेयागयरोमकूवपगलंतविलीणगाया सोयभरपवेवियगी णित्तया दीणविमणवयणा करयलमलियन्व कमलमाला तक्खण. ओलुग्गदुब्बलसरीरा लावण्णसुण्णणिच्छायगयसिरीया पसिढिलभूसणपडतखुम्मि. यसंचुण्णियधवलवलयपन्भट्टउत्तरिज्जा सूमालविकिणकेसहत्था मुच्छावसणदुचेयगरुई परसुणियत्तव्ब चंपगलया णिवत्तमहेव इंदलट्ठी विमुक्कसंधिबंधणा कोट्टिमतलंसि सव्वर्गाह धसत्ति पडिया / तए णं सां धारिणी देवी Page #1100 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 1 1087 ससंभमोवत्तियाए तुरियं कंचभिगारमुहविणिग्गयसीयलजलविमलधाराए परिसिंचमाणा णिव्वावियगायलट्ठी उक्खेवणतालविटवीयणगजणियवाएणं सफुसिएणं अंतेउरपरियणेणं आसासिया समाणी मुत्तावलिसण्णिगासपवडतअंसुधाराहि सिंचमाणी पओहरे कलुणविमणदीणा रोयमाणी कंदमाणी तिप्प. माणी सोयमाणी विलवमाणी मेहं कुमारं एवं वयासी-तुमं सि णं जाया ! अम्हं एगे पुत्ते इठे कंते पिए मणुण्णे मणामे थेज्जे वेसासिए सम्मए बहुमए अणुमए भंडकरंडगसमाणे रयणे रयणभुए जीवियउस्सासए हिययाणंदजणणे उंबरपुप्फ व दुल्लहे सवणयाए किमंग पुण पासणयाए, णो खलु जाया ! अम्हे इच्छामो खणमवि विप्पओगं सहित्तए, तं भुंजाहि ताव जाया ! विपुले माणुस्सए काम. भोगे जाव ताव वयं जीवामो, तओ पच्छा अम्हेहि कालगएहि परिणयवए वड्डियकुलवंसतंतुकमि णिरावयक्खे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइस्ससि // 27 // तए णं से मेहे कुमारे अम्मापिहिं एवं वृत्ते समाणे अम्मापियरो एवं वयासी-तहेव णं तं अम्मयाओ ! जहेव णं तुम्हे ममं एवं वयह-तुमं सि णं जाया! अम्हं एगे पुत्ते तं चेव जाव णिरावयखे समंणस्स भगवओ महावीरस्स जाव पव्वइस्ससि, एवं खलु अम्मयाओ ! माणुस्सए भवे अधुवे अणियए असासए वसण. सउवद्दवाभिभूए विज्जुलयाचंचले अणिच्चे जलबुब्बुयसमाणे कुसग्गजलबिदुसण्णिभे संझन्मरागसरिसे सुविणदंसणोवमे सडणपडणविद्धंसणधम्मे पच्छा पुरं चणं अवस्सविप्पजहणिज्जे, से के गं जाणइ अम्मयाओ ! के पुन्वि गमणाए के पच्छा गमणाए ? तं इच्छामि गं अम्मयाओ ! तुहिं अब्मणुग्णाए समाणे समणस्स भगवओ महावीरस्स जाव पव्वइत्तए / तए गं तं मेहं कुमारं अम्मापियरो एवं वयासी इमाओ ते जाया ! सरिसियाओ सरित्तयाओ सरिव्वयाओ सरिसलावण्णरूवजोव्वणगुणोववेयाओ सरिसेहितो रायकुलेहितो आणियल्लियाओ भारियाओ, तं भुंजाहि गं जाया ! एयाहिं सद्धि विउले माणुस्सए कामभोगे, तओ पच्छा सुत्तभोगे समणस्स भगवओ महावीरस्स जाव पव्वइस्ससि / तए.णं से मेहे कुमारे अम्मापियरं एवं वयासी-तहेवणं अम्मयाओ ! जंणं तुन्भे ममं एवं वयह-इमाओ ते जाया ! सरिसियाओ * जाव समणस्स पम्वइस्ससि, एवं खलु अम्मयाओ ! माणुस्सगा कामभोगा असुई असासया वंतासवा पित्ता Page #1101 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1088 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि सवा खेलासवा सुक्कासवा सोणियासवा दुरुस्सासणीसासा दुख्यमुत्तपुरीसपूयबहुपडिपुण्णा उच्चारपासवणखेलजल्लसिंघाणगवंतपित्तसुक्कसोणियसंभवा अधुवा अणियया असासया सडणपडणविद्धंसणधम्मा पच्छा पुरं च णं अवस्स विप्पजहणिज्जा, से के णं अम्मयाओ ! जाणइ के पुटिव गमणाए के पच्छा गमणाए ? तं इच्छामि णं अम्मयाओ! जाव पव्वइत्तए / तए गं तं मेहं कुमारं अम्मापियरो एवं वयासी-इमे ते जाया ! अज्जयपज्जयपिउपज्जयागए सुबह हिरणे य सुवणे य कसे य दूसे य मणिमोत्तिय संखसिलप्पवालरत्तरयणसंतसारसावएज्जे य अलाहि जाव आसत्तमाओ कुलवंसाओ पगाम दाउं पगाम भोत्तुं पगामं परिभाएउं, तं अणुहोहिं ताव जाव जाया ! विपुलं माणुस्सगं इड्डि. सक्कारसमुदयं, तओ पच्छा अणुभयकल्लाणे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए जाव पवइस्ससि / तए णं से मेहे कुमारे अम्मापियरं एवं क्यासी-तहेव गं अम्मयाओ ! जंणं तं वयह-इमे ते जाया | अज्जगपज्जगपिउपज्जयागए जाव तओ पच्छा अणुभयकल्लाणे जाव पव्वइस्ससि, एवं खलु अम्मयाओ! हिरण्णे य सुवण्णे य जाव सावएज्जे अग्गिसाहिए चोरसाहिए रायसाहिए दाइय. साहिए मच्चुसाहिए अग्गिसामण्णे जाव मच्चुसामण्णे सडणपडणविद्धंसणधम्मे पच्छा पुरं च णं अवस्सविप्पजहणिज्जे, से के णं जाणइ अम्मयाओ ! के पुटिव जाव गमणाए ? तं इच्छामि गं जाव पध्वइत्तए / तए णं तस्स मेहस्स कुमारस्स अम्मापियरो जाहे णो संचाएंति मेहं कुमारं बहूहि विसयाणलोमाहि आघवणाहि य पण्णवणाहि य सणवणाहि य विण्णवणाहि य आघवित्तए वा पण्णवित्तए वा सण्णवित्तए वा विण्णवित्तए वा ताहे विसयपडिकलाहिं संजमभउव्वेयकारियाहि पण्णवणाहिं पण्णवेमाणा एवं वयासी-एस गं जाया! णिग्गंथे पावयणे सच्चे अणुत्तरे केवलिए पडिपुणे णेयाउए संसुद्धे सल्लगत्तणे सिद्धिमग्गे मत्तिमग्गे णिज्जाणमग्गे णिव्वाणमग्गे सव्वदुक्खप्पहीणमग्गे अहीव एगंतदिट्ठीए खुरो इव एगंतधाराए लोहमया इव जवा चावेयव्वा वालयाकवले इव णिरस्साए गंगा इव महाणई पडिसोयगमणाए महासमुद्दो इव भुयाहि दुत्तरे तिक्खं चंकमियन्वं गह लंबेयव्वं असिधारव्वयं चरियव्वं / णो खलु कप्पड़ जाया! समणाणं णिग्गंथाणं आहाकम्मिए वा उद्देसिए वा कीयगडे वा ठवियए वा रइयए वा दुन्भि. क्खभत्ते वा कंतारभत्ते वा वद्दलियाभत्ते वा गिलाणभत्ते वा मूलभोयणे वा कंद. भोयणे वा फलभोयणे वा बीयभोयणे वा हरियभोयणे वा भोत्तए वा पायए Page #1102 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 1 1089 वा / तुमं च गं जाया ! सुहसमुचिए णो चेव णं दुहसमुचिए णालं सीयं णालं उण्हंणालं खुहं णालं पिवासं णालं वाइयपित्तियसिभियसण्णिवाइयविविहे रोगा. यंके उच्चावए गामकंटए बावीसं परीसहोवसग्गे उदिण्णे सम्म अहियासित्तए / भुंजाहि ताव जाया ! माणुस्सए कामभोगे, तओ पच्छा भुत्तभोगी समणस्स भगवओ महावीरस्स जाव पव्वइस्ससि / तए णं से मेहे कुमारे अम्मापिऊहिं एवं वुत्ते समाणे अम्मापियरं एवं वयासी-तहेव गं तं अम्मयाओ ! जं गं तुब्भे ममं एवं वयह-एस गं जाया ! णिग्गंथे पावयणे सच्चे अणुत्तरे पुणरवि तं चेव जाव तओ पच्छा भुत्तभोगी समणस्स भगवओ महावीरस्स जाव पव. इस्ससि, एवं खल अम्मयाओ! णिगंथे पावयणे कीवाणं कायराणं कापूरिसाणं इहलोगपडिबद्धाणं परलोगणिप्पिवासाणं दुरणुचरे पाययजणस्स णो चेवणं धीरस्स णिच्छियस्स ववसियस्स एत्थ किं दुक्करं करणयाए ? तं इच्छामि गं अम्मयाओ! तुब्भेहि अब्भणण्णाए समाणे समणस्स भगवओ महावीरस्स जाव पव्वइत्तए // 28 // तए णं तं मेहं कुमारं अम्मापियरो जाहे णो संचाइंति बहहि विसयाणुलोमाहि य विसयपडिकूलाहि य आघवणाहि य पण्णवणाहि य सण्ण. वणाहि विण्णवणाहि य आघवित्तए वा पण्णवित्तए वा सम्णवित्तए वा विण्णवित्तएवा ताहे अका(मए)माई चेव मेहं कुमारं एवं वयासी-इच्छामो ताव जाया! एगदिवसमवि ते रायसिरि पासित्तए / तए णं से मेहे कुमारे अम्मापियरमणवत्तमाणे तुसिणीए संचिद्वइ / तए णं से सेणिए राया कोडंबियपूरिसे सहावेइ 2 त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणप्पिया ! मेहस्स कुमारस्स महत्थं महग्धं महरिहं विउलं रायाभिसेयं उवट्ठवेह / तए णं ते कोडुबियपुरिसा. जाव तेवि तहेव उवटवेति / तए णं से सेणिए राया बहूहिं गणणायगदंडणा. यगेहि य जाव संपरिवडे मेहं कुमारं अट्ठसएणं सोवणियाणं कलसाणं एवं हप्पमयाणं कलसाणं सुवण्णरुप्प नयागं कलसाणं मणिमयाणं कलसाणं सुवण्ण. मणिमयाणं कलसाणं रुपमणिमयाणं कलसाणं सुवण्णरुप्पमणिमयाणं कलसाणं भोमेज्जाणं कलसाणं सव्वोदएहि सन्धमट्टियाहिं सवपुप्फेहि सव्वगंधेहि सव्वमल्लेहि सव्वोसहीहि य सिद्धत्थएहि य सव्विड्ढीए सव्वज्जुईए सबबलेणं जाव . दुंदुभिणिग्घोसणाइयरवेणं महया 2 रायाभिसेएणं अभिसिंचाइ 2 ता कर. यल जाव कटु एवं वयासी-जय 2 गंदा ! जय 2 भद्दा ! जय-गंदा ! . Page #1103 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1090 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि भई ते अजियं जिणेहि जियं पालयाहि जियमझे वसाहि अजियं जिणेहि सत्त. पक्खं जियं च पालेहि मित्तपक्खं जाव भरहो इव मणुयाणं रायगिहस्स णगरस्स असि च बहूर्ण गामागरणगर जाव सण्णिवेसाणं आहेवच्चं जाव विहराहि त्तिकटु जयजयसई पउंजंति / तए णं से मेहे राया जाए महया जाव विहरइ / तए णं तस्स मेहस्स रण्णो अम्मापियरो एवं वयासी-भण जाया! कि दलयामो कि पयच्छामो किं वा ते हियइच्छिए सामत्थे (मते)?, तए णं से मेहे राया अम्मा. पियरो एवं वयासी-इच्छामि णं अम्मयाओ ! कुत्तियावणाओ रयहरणं पडिग्गहं च (आणियं) उवणेह कासवयं च सहावेह / तए णं से सेणिए राया कोडं. बियपुरिसे सहावेइ 2 ता एवं वयासी-गच्छह णं तुब्भे देवाणप्पिया ! सिरि. घराओ तिणि सयसहस्साई गहाय दोहि सयसहस्सेहि कुत्तियावणाओ रयहरणं पडिग्गहं च उवणेह सयसहस्रोणं कासवयं सद्दावेह / तए णं ते कोडुंबियपुरिसा सेणिएणं रण्णा एवं वत्ता समाणा हद्वतुट्टा सिरिघराओ तिष्णि सयसहस्साई गहाय कुत्तियावणाओ दोहि सयसहस्सेहि रयहरणं पडिग्गहं च उवर्णेति सयसहस्सेणं कासवयं सद्दावेंति / तए णं से कासवए तेहिं कोडंबियपुरिसेहि सद्दाविए समाणे हट्टतुट्ठ जाव हयहियए हाए कयबलिकम्मे कयकोउय-मंगल-पायच्छित्ते सुद्धप्पावेसाई मंगल्लाई वत्थाई पवरपरिहिए अप्पमहग्घाभरणालंकियसरीरे जेणेव सेणिए राया तेणेव उवागच्छइ 2 ता सेणियं रायं करयलमंजलि कट एवं वयासी-संदिसह गं देवाणप्पिया ! जं मए करणिज्जं / तएणं से सेणिए राया कासवयं एवं वयासी-गच्छाहि णं तुम देवाणुप्पिया ! सुरभिणा गंधोदएणं णिक्के हत्थपाए पक्खालेहि सेयाए चउप्फालाए पोत्तीए मुहं बंधित्ता मेहस्स कुमारस्स चउरंगुलवज्जे णिक्खमणपाउग्गे अग्गकेसे कप्पेहि / तए णं से कासवए सेणिएणं रण्णा एवं वुत्ते समाणे हट्ठतुट्ठ जाव हियर जाव पडिसुणेइ 2 ता सुरभिणा गंधोदएणं हत्थपाए पक्खालेइ 2 ता सुद्धवत्थेणं मुहं बंधइ 2 ता परेणं जत्तेणं मेहस्स कुमारस्स चउरंगुलवज्जे णिक्खमणपाउग्गे अग्गकेसे कप्पइ। तए णं तस्स मेहस्स कुमारस्स माया महरिहेणं हंसलक्खणणं पडसाडएशं अग्गकेसे पडिच्छइ 2 त्ता सुरभिणा गंधोदएणं पक्खालेइ 2 ता सरसेणं गोसीस. चंदणणं चच्चाओ दलयइ 2 त्ता सेयाए पोत्तीए बंधइ 2 'त्ता रयणसमग्गयंसि पक्खिवइ 2 ता मंजूसाए पक्खिवइ 2 ता हारवारिधारसिंदुवारछिण्णमुत्ता. Page #1104 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 1 1091 वलिप्पगासाई अंसूई विणिम्मुयमाणी 2 रोयमाणी 2 कंदमाणी 2 विलवमाणी 2 एवं वयासी-एस गं अम्हं मेहस्स कुमारस्स अब्भुदएसु य उस्सवेसु य पव्वेसु य तिहीसु य छणेसु य जण्णेसु य पव्वणीसु य अपच्छिमे दरिसणे भविस्सइ त्ति कट्ट उस्सीसामले ठवेइ / तए णं तस्स मेहस्स कुमारस्स अम्मापियरो उत्तरा. वक्कमणं सीहासणं रयाति मेहं कुमारं दोच्चंपि तच्चंपि सेयपीयएहि कल. सेहि व्हावेंति २त्ता पम्हलसुकुमालाए गंधकासाइयाए गायाइं लूहेंति 2 ता सरसेणं गोसीसचंदणेणं गायाई अलिपंति 2 त्ता णासाणीसासवायवोझं जाव हंसलक्खणं पडगसाडगं णियंसेंति 2 ता हारं पिणद्धति 2 ता अद्धहारं पिण. उति 2 ता एगावलि मत्तावलि कणगावलि रयणालि पालंबं पायपलंबं कड. गाइं तडिगाई केऊराइं अंगयाइं दसमद्दियार्णतयं कडिसुत्तयं कुंडलाइं चडामणि रयणुक्कडं मउडं पिणद्धेति 2 ता दिव्वं सुमणदामं पिणद्धेति 2 ता दद्दरमलय. सुगंधिए गंधे पिणद्वेति / तए गं तं मेहं कुमारं गंठिमवेढिमपूरिमसंघाइमेण चउविहेणं मल्लेणं कप्परुक्खगं पिव अलंकियविभूसियं करेंति / तए णं से सेणिए राया कोडंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! अणेगखंभसयसणिविठं लीलट्ठियसालभंजियागं ईहामियउसभतुरय. गरमगरविहगवालगकिण्णररुरुसरभचमरकुंजरवणलयपउमलयभत्तिचित्तं घंटा. बलिमहरमणहरसरं सुभकंतदारसणिज्ज णिउणोवियमिसिमिसितमणिरयणघंटियाजालपरिक्खित्तं अन्भुग्गयवइरवेइयापरिगयाभिरामं विज्जाहरजमल. जंतजत्तं पिव अच्चीसहस्समालणीयं रूवगसहस्सकलियं भिसमाणं भिभिसमाणं चक्खुल्लोयणलेस्सं सुहफासं सस्सिरीयरूवं सिग्घं तुरियं चवलं वेइयं पुरिस. सहस्सवाहिणी सीयं उवट्ठवेह / तए णं ते कोडुंबियपुरिसा हद्वतुट्ठ जाव उववेति / तए णं से मेहे कुमारे सीयं दुरूहइ 2 ता सीहासणवरगए पुरत्था. भिमुहे सण्णिसणे / तए णं तस्स मेहस्स कुमारस्स माया व्हाया कयबलिकम्मा जाव अप्पमहग्घाभरणालंकियसरीरा सीयं दुरूहइ 2 त्ता मेहस्स कुमारस्स दाहिणे पासे भहासणंसि णिसीयइ / तए णं तस्स मेहस्स कुमारस्स अंबधाई रयहरणं च पडिग्गहगं च गहाय सीयं दुरुहइ 2 ता मेहस्स कुमारस्स वामे पासे भद्दासणंसि णिसीयइ / तए णं तस्स मेहस्स कुमारस्स पिटुओ एगा वरतरुणी सिंगारागारचारुवेसा संगयगयहसियभणियचेट्ठियविलाससंलावुल्लावणिउणजुत्तो Page #1105 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1092 अंग-पविटु सुत्ताणि वयारकुसला आमेलगजमलजुयल वट्टियअब्भुण्णयपीणरइयसंठिय-पओहरा हिमरययकुंटुपगासं सकोरेंटमल्लदामधवलं आयवतं गहाय सलील ओहारेमाणी 2 चिट्ठइ / तए णं तस्स मेहस्स कुमारस्स दुवे वरतरुणीओ सिंगारागारचारवेसाओ जाव कुसलाओ सीयं दुरूहंति २त्ता मेहस्स कुमारस्स उभओ पासि णाणामणिकणगरयणमहरिहतवणिज्जज्जलविनित्तदंडाओ चिल्लियाओ सुहुमवरदीहवालाओ संखकुंददगरयअमयमहियफेणपंजसष्णिगासाओ चामराओ गहाय सलील ओहारेमाणीओ 2 चिठ्ठति / तए णं तस्स मेहकुमारस्स एगा वरतरुणी सिंगारा जाव कुसला सीयं जाव दुरूहइ 2 ता मेहस्स कुमारस्स पुरओ पुरस्थि. मेणं चंदप्पभवइरवेरुलियविमलदंड तालविटं गहाय चिट्ठइ / तए णं तस्स मेहस्स कुमारस्स एगा वरतरुणी जाव सुरूवा सीयं दुरूहइ 2 ता मेहस्स कुमा. रस्स पुव्वदविखणेणं सेयं रययामयं विमलसलिलपुण्णं मत्तगयमहामुहाकितिसमाणं भिगारं गहाय चिट्ठइ / तए णं तस्स मेहस्स कुमारस्स पिया कोडंबियपुरिसे सद्दा. वेइ 2 ता एवं क्यासी-खिप्पामेव भो देवाणु प्पिया ! सरिसयाणं सरित्तयाणं सरिव्वयाणं एगाभरणगहियणिज्जोयाणं कोडंबियवरतरुणाणं सहस्सं सदावेह जाव सद्दावेति / तए णं ते कोडुंबियवरतरुणपुरिसा सेणियस्स रण्णो कोडुबिय. पुरिसेहि सद्दाविया समाणा हट्ठा व्हाया जाव एगाभरणगहियणिज्जोया जेणा. मेव सेणिए राया तेणामेव उवागच्छंति 2 त्ता सेणियं रायं एवं वयासी-संदिसह णं देवाणप्पिया ! जंगं अम्हेहि करणिज्ज / तए णं से सेणिए राया तं कोडुंबियवरतरुणसहस्सं वयासी-गच्छह णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! मेहस्स कुमारस्स पुरिससहस्सवाहिणी सीयं परिवहेह / तए णं तं कोडुबियवरतरुणसहस्सं सेणिएणं. रणा एवं वुत्तं संत हटा तुळं तस्स मेहस्स कुमारस्स पुरिससहरसवाहिणि सीयं परिवहइ / तए णं तस्स मेहरस कुमारस्स पुरिससहस्सवाहिणि सीयं दुरुढस्स इमे अट्ठमंगलया तप्पढमयाए पुरओ अहाणुपुवीए संपट्टिया, तंजहा-सोत्थिय. सिरिवच्छ-णंदियावत्त-वद्धमाणग-भद्दासण-कलस-मच्छ-दप्पण जाव बहवे अत्थस्थिया जाव ताहि इट्ठाहिं जाव अणवरयं अभिणंदंता य अभिथुणंता य एवं वयासीजय 2 गंदा! जय 2 भद्दा! जयजयणंदा! भई ते अजियाइं जिणाहि इंदियाई जियं च पालेहि समणधम्म जियविग्योऽविय वसाहि तं देव ! सिद्धिमज्झे णिहणाहि रागदोसमल्ले तवेणं धिइधणियबद्धकच्छे महाहि य भट्टकम्मसत्तू झाणेणं उत्तमेणं सुक्केणं अप्पमत्तो पावय वितिमिरमणत्तरं केवलं गाणं गच्छ य मोक्खं Page #1106 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 1 1093 परमं पयं सासयं च अयलं हंता परीसहचणं अभीओ परीसहोवसग्गाणं धम्मे ते अविग्धं भवउ-त्तिकट्टपुणो 2 मंगलजय 2 सई पउंजंति / तए णं से मेहे कुमारे रायगिहस्स णयरस्स मज्झंमज्झेणं णिग्गच्छइ 2 ता जेणेव गुणसिलए चेईए तेणेव उवागच्छइ 2 ता पुरिससहस्सवाहिणीओ सीयाओ पच्चोरुहइ॥२६॥ सए णं तस्स मेहस्स कुमारस्त अम्मापियरो मेहं कुमारं पुरओ कटु जेणामेव समणे भगवं महावीरे तेणामेव उवागच्छंति 2 ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेंति 2 त्ता वंदंति णमसति वं० 2 ता एवं वयासीएस णं देवाणुप्पिया ! मेहे कुमारे अम्हं एगे पुत्ते इठे कंते जाव जीवियऊसासए हिययणंदिजणए उंबरपुप्फ पिव दुल्लहे सवणयाए किमंग पुण दरिसणयाए ? से जहाणामए उप्पलेइ वा पउमेइ वा कुमुदेइ वा एंके जाए जले संवड्डिए णोवलिप्पइ पंकरएणं णोवलिप्पइ जलरएणं एवामेव मेहे कुमारे कामेसु जाए भोगेसु संवुड्ढे गोवलिप्पइ कामरएणं गोवलिप्पइ भोगरएणं, एस णं देवाणुप्पिया ! संसारभविग्गे भीए जम्मण-जर-मरणाणं इच्छइ. देवाणुप्पियाणं अंतिए मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पवइत्तए। अम्हे गं देवाणुप्पियाणं सिस्सभिक्खं दलयामो। पडिच्छंतु णं देवाणुप्पिया ! सिस्सभिक्खं / तए णं से समणे भगवं महावीरे मेहस्स कुमारस्स अम्मापिऊहिं एवं वुत्ते समाणे एयमह्र सम्म पडिसुणेइ / तए णं से मेहे कुमारे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियाओ उत्तरपुरच्छिमं दिसीमागं अवक्कमइ 2 ता सयमेव आभरणमल्लालंकारं ओमुयइ / तए णं से तस्स मेहकुमारस्स माया हंसलक्खणेणं पडसाडएणं आमरणमल्लालंकारं पडिच्छा 2 ता हारवारिधारसिंदुवारछिण्णमुतावलिप्पगासाई अंसूणि विणिम्मयमाणी 2 रोयमाणी 2 कंदमाणी 2. विलवमाणी 2 एवं वयासी-जइयव्वं जाया! घडियव्वं जाया ! परक्कमियव्वं जाया ! अस्सि च णं अट्ठे जो पमाएयव्वं, अम्हंपिणं एमेव मग्गे भवउ-त्तिक? मेहस्स कुमारस्स अम्मापियरो समणं भगवं महावीरं वदति णमंसंति वं० 2 ता जामेव दिसि पाउन्भया तामेव दिसि पडिगया // 30 // तए गं मेहे कुमारे सयमेव पंचमट्ठियं लोयं करेइ 2 त्ता जेणामेव समणे भगवं महावीरे तेणामेव उवागच्छइ 2 ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ 2 ता वदइ णमंसइ वं० 2 ता एवं बयासी-आलिते गं भंते ! लोए, पलिते णं भंते ! लोए, आलितपलिते Page #1107 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1094 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि गं भंते ! लोए जराए मरणेण य / से जहाणामए केइ गाहावई अगारंसि झियायमाणंसि जे तत्थ भंडे भवइ अप्पभारे मोल्लगुरुए तं गहाय आयाए एगतं अवक्कमइ-एस मे णित्थारिए समाणे पच्छा पुरा य(लोए) हियाए सुहाए खमाए णिस्से. साए आणुगामियत्ताए भविस्सइ-एवामेव ममवि एगे आयाभंडे इठे कंते पिए मणणे मणामे एस मे णित्थारिए समाणे संसारवोच्छेयकरे भविस्सइ,तं इच्छामि गं देवाणप्पियाहि सयमेव पवावियं सयमेव मंडावियं सेहावियं सिक्वावियं सयमेव आयारगोयरविणयवेणइयचरणकरणजायामायावत्तियं धम्ममाइक्खियं / तए गं समणे भगवं महावीरे मेहं कुमारं सयमेव पवावेइ सयमेव आयार जाव धम्ममाइक्खइ-एवं देवाणुप्पिया ! गंतव्वं चिद्वियव्वं णिसीयत्वं तुयट्टियव्वं भुजियत्वं भासियव्वं एवं उढाए उट्ठाय पाणेहि भएहि जीवेहि सत्तेहि संजमेणं संजमियत्वं अस्सि च णं अट्ठे णो पमाएयत्वं / तए णं से मेहे कुमारे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए इमं एयारूवं धम्मियं उपएसं णिसम्म सम्म पडिवज्जइ तमाणाए तह गच्छइ तह चिट्ठइ जाव उट्ठाए उट्ठाय पाणेहि भएहि जीवेहि सहि संजमइ // 31 // ज दिवसं च णं मेहे कुमारे मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए तस्स णं दिवसस्स पच्चावरण्हकालसमयंसि समणाणं णिग्गंथाणं अहाराइणियाए सेज्जासंथार एसु विभज्जमाणेसु मेहकुमारस्स दारमले सेज्जा. संथारए जाए यावि होत्था / तए णं समणा णिग्गंथा पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि वायणाए पुच्छणाए परियट्टणाए घम्माणजोगचिताए य उच्चारस्स य पासवणस्स य अइगच्छ माणा य णिग्गच्छमाणा य अप्पेगइया मेहं कुमारं हहि संघटुंति एवं पाएहि सीसे पोट्टे कायंसि अप्पेगइया ओलंडेंति अप्पेगइया पोलडेंति अप्पेगइया पायरयरेणुगुंडियं करेंति / एवं महालियं च णं रणि मेहे कुमारे णो संचाएइ खण. मवि अच्छि णिमीलित्तए। तए णं तस्स मेहस्स कुमारस्स अयमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्था-एवं खलु अहं सेणियस्स रण्णो पुत्ते धारिणीए देवीए अत्तए मेहे जाव सवणयाए, तं जया णं अहं अगारमज्झे वसामि तयाणं मम समणा णिग्गंथा आढायंति परिजाणंति सक्कारेंति सम्माति अट्ठाई हेऊई पसिणाई कारणाई वागरणाई आइक्खंति इट्ठाहि कंताहिं वहिं आलवेंति संलवेंति, जप्पभिई च णं अहं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए तप्पभिई च णं ममं समणा णो आढायंति जाव णो संलवेंति, अदुत्तरं च मम समणा णिग्गंथा राओ पुन्वरत्तावरत्तकालसमयंसि वायणाए पुच्छणाए जाव महालियं च णं रत्ति Page #1108 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 1 1095 णो संचाएंमि अच्छि णिमिल्लावेत्तए, तं सेयं खलु मज्झं कल्लं पाउप्पभायाए रयणीए जाव तेयसा जलंते समणं भगवं महावीरं आपुच्छित्ता पुणरवि अगारमज्झे वसित्तए-त्तिकटु एवं संवेहेइ 2 अट्टहट्टावसट्टमाणसगए णिरयपडिरूवं चणं तं रणि खवेइ 2 ता कल्लं पाउप्पभायाए सुविमलाए रयणीए जाव तेयसा जलंते जेणामेव समणे भगवं महावीरे तेणामेव उवागच्छइ 2 ता तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ 2 ता वंदइ णमंसइ वं० 2 ता जाव पज्जुवासइ // 32 // तए णं मेहाइ समणे भगवं महावीरे मेहं कुमारं एवं वयासी-से गुणं तुमं मेहा ! राओ पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि समणेहिं णिग्गंहिं वायणाए पुच्छणाए जाव महालियं च णं राई णो संचाएसि मुत्तमवि अच्छि णिमिल्लावेत्तए, तए णं तुब्भे मेहा ! इमे एयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्थाजया णं अहं अगारमज्झे वसामि तया णं मम समणा णिग्गंथा आढायंति जाव संलवेंति, जप्पभिई च णं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वयामि तप्पभिई च णं मम समणा णो आढायंति जाव णो (परियाणंति) संलवेंति अदु. तरं च णं मम समणा णिग्गंथा राओ अप्पेगइया वायणाए जाव पायरयरेणु. गुंडियं करेंति, तं सेयं खलु मम कल्लं पाउप्पभायाए समणं भगवं महावीर आपुच्छित्ता पुणरवि अगारमज्झे आवसित्तए-त्तिकट्ट एवं संपेहेसि 2 ता अट्टदुहवसट्टमाणसे जाव रणि खवेसि 2 ता जेणामेव अहं तेणामेव हव्वमागए, से णूणं मेहा ! एस अट्ठे समठे ? हंता अढे समझें। एवं खलु मेहा ! तुमं इओ तच्चे अईए भवग्गहणे वेय१गिरिपायमले वणयरेहि णिव्वत्तियणामधेज्जे सेए संखदलउज्जलविमलणिम्मलदहिघणगोखीरफेणरयणियरप्पयासे सत्तुस्सेहे णवायए दसपरिणाहे सत्तंगपतिट्ठिए सोमे समिए सुरूवे पुरओ उदग्गे समूसियसिरे सुहासणे पिट्ठओ वराहे अइयाकुच्छो अच्छिद्दकुच्छी अलंबकुच्छी पलंब. लंबोदराहरकरे धणुपट्टागिइविसिट्टपुट्टे अल्लीणपमाणजुत्तवट्टियपीवरगत्तावरे अल्लीणपमाणजुत्तपुच्छे पडिपुण्णसुचारुकुम्मचलणे पंडुरसुविसुद्धणिद्धणिरुवहयविसतिणहे छईते सुमेरुप्पभे णाम हस्थिराया होत्था / तत्थ णं तुम मेहा ! बाहिं हस्थिीहि हस्थिणियाहि य लोट्टएहि य लोट्टियाहि य कलभेहि य कलभियाहि य. सद्धि संपरिवुडे हस्थिसहस्सणायए देसए पागट्ठी पट्टवए जूहवई वंदपरियट्टए अण्णेसि च बहूणं एकल्लाणं हस्थिकलभाणं आहेवच्चं Page #1109 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1096 अंग-पविट सुत्ताणि जाव विहरसि / तए णं तुम मेहा ! णिच्चप्पमत्ते सई पललिए कंदप्परई मोहणसीले अवितण्हे कामभोगतिसिए बहूहि हत्थीहि य जाव संपरिवुडे वेयड्ड. गिरिपायमलेगिरीसु य दरीसु य कुहरेसु य कंदरासु य उज्झरेसु य णिज्झरेसु य य वियरएसु य गद्दासु य पल्लवेसु य चिल्ललेसु य कडगेसु य कडयपल्ललेसु य तडीसु य वियडीसु य टंकेसु य कूडेसु य सिह रेसु य पगमारेसु य मंचेसु य मालेसु य काणणेसु य वणेसु य वणसंडेसु य वणराईसु य णईसु य णईकच्छेनु य जूहेसु य संगमेसु य वावीसु य पोक्खरिणीसु य दोहियासु य गुंजालियासु य सरेसु य सरपंतियासु य सरसरपंतियासु य वणयरेहि दिण्णवियारे बहहि हत्थीहि य जाव सद्धि संपरिबुडे बहुविहतरुपल्लवपंउरपाणियतणे णिभए णिरुविणे सुहंसुहेणं विहरसि / तए णं तुम मेहा ! अण्णया कयाइ पाउसरिसारत्तसरयहे मंतवसंतेसु कमेण पंचसु उऊसु समइक्कतेसु गिम्हकालसमयंसि जेट्ठामूलमासे पायव. घंससमुट्टिएणं सुक्कतणपत्तकयवरमारुयसंजोगदोविएणं महाभयंकरेणं हुयबहेणं वणदवजालासंपलित्तेसु वर्णतेसु धूमाउलासु दिसासु महावायवेगेणं संघट्टिएसु छिण्णजालेसु आवयमाणेसु पोल्लरुक्खेसु अंतो अंतो झियायमाणेसु मयकुहियविणटुकिमियकद्दमणईवियरगज्झीणपाणीयंतेसु 'वणंतेसु भिगारकदीणकदियरवेसु खरफरुसअणिदुरिट्रवाहीत्तविददुमग्गेसु दुमेसु ताहाबसमक्कपक्ख पयडिय. जिब्भतालयअसंपुडियतुंडपक्खिसंघेसु संसंतेसु गिम्ह उम्ह उह पायखरफरुसचंड. मारुयसुक्कतणपत्तकयवरवाउलिभमंतदित्तसं भंतसावयाउलमिगतण्हाब‘चध. पट्टेसु गिरिवरेसु संवट्टिएसु तत्थमियपसयसरीसिवेसु अवदालियवयणविवर. जिल्लालियग्गजीहे महंततुंबइयपुण्णकण्णे संकुचियथोरपीवरकरे सियणंगले पीणाइयविरसरडियसद्देणं फोडयंतेव अंबरतलं पायदइरएणं कंपयंतेव मेइ. णितलं विणिम्मुयमाणे य सीयारं सबओ समंता वल्लिवियाणाई छिदमाणे रुक्खसहस्साई तत्थ सुबहूणि णोल्लायंते विणदरलैंव्व णरवरिदे वायाइ. द्धेव्व पोए मंडलवाएव परिब्भमते अभिक्खणं 2 लिडणियरं पमुंचमाणे 2 बहहि हत्थीहि य जाव सद्धि दिसोदिसि विप्पलाइत्था / तत्थ णं तुम मेहा ! जणे जराजज्जरियदेहे आउरे झंझिए पिवासिए दुब्बले किलते णटुसुइए मढ. दिसाए सयाओ जहाओ विप्पहणे वगदवजालापारद्धे उण्हेण य तम्हाए य छहाए य परमाहए समाणे भीए तत्थे तसिए उविग्गे संजायमर सम्बओ Page #1110 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 1 1097 समंता आधावमाणे परिधावमाणे एगं च णं महं सरं अप्पोदयं पंकबहुलं अति. स्थेणं पाणियपाए उइण्णो / तत्थ णं तुमं मेहा ! तीरमइ गए पाणियं असंपत्ते अंतरा चेव सेयंसि विसणे / तत्थ गं तुम मेहा ! पाणियं पाइस्सामि त्तिकट्ट हत्थं पसारेसि, से वि य ते हत्थे उदगं ण पावइ / तए णं तुम मेहा ! पुणरवि कायं पच्चुद्धरिस्सामि-त्तिकटु बलियतरायं पंकसि खुत्ते। तए णं तुम मेहा ! अण्णया कयाइ एगे चिरणिज्जूढे गयवरजवाणए सगाओ जूहाओ करचरणदंतमुसलप्पहारेहिं विप्परद्ध समाणे तं चेव महद्दहं पाणी (यं पाएउं) यपाए समोय. रेइ / तए णं से कल भए तुमं पासइ 2 ता तं पुत्ववेरं सुमरइ 2 ता आसुरुत्ते रुटठे कूविए चंडिक्किए मिसिमिसेमाणे जेणेव तुमं तेणेव उवागच्छइ 2 ता तुम तिखेहि दंतमुसलेहि तिक्खुत्तो पिटुओ उच्छुभइ 2 ता पुत्ववेरं णिज्जाएइ 2 ता हट्ठतुळे पाणियं पियइ 2 त्ता जामेव दिसि पाउब्भूए तामेव दिसि पडि. गए / तए णं तव मेहा ! सरीरगंसि वेयणा पाउभवित्था उज्जला विउला तिउला कक्खडा जाव दुरहियासा पितज्जरपरिगयसरीरे दाहवक्कतीए यावि विहरित्था / तए गं तुम मेहा ! तं उज्जलं जाव दुरहियासं सत्तराईदियं वेयणं वेदेसि सवीसं वाससयं परमाउं पालइत्ता अट्टवसदृदुहट्टे कालमासे कालं किच्चा इहेव जंबुद्दीवे 2 भारहे वासे दाहिणड्डभरहे गंगाए महाणईए दाहिणे कूले विझगिरिपायमले एगेणं मतवरगंधहत्थिणा एगाए गयवरकरेणूए कुच्छिसि गयकलभए जणिए / तए गं सा गयकलभिया णवण्हं मासाणं वसंतमासम्मि तुमं पयाया। तए गं तुम मेहा ! गब्भवासाओ विप्पमक्के समाणे गयकलभए यावि होत्था रत्तप्पलरत्तसूमालए जासुमणारत्तपारिजातयलक्खारससरसकुंकुम. संझन्भरागवण्णे इठे णियगस्स जूहवइणो गणि (या)यारकणेरुकोत्थहत्थी अणेगहत्यिसयसंपरिबुडे रम्मेसु गिरिकाणणेसु सुहंसुहेणं विहरसि / तए गं तुम मेहा! उम्मक्कबाल मावे जोव्वणगमणुप्पत्ते जूहव इणा कालधम्मुणा संजुत्तेणं तं जूहं सयमेव पडिवज्जसि / तए गं तुम मेहा ! वणयरेहि णिवत्तियणामधेजे जाव चउदंते मेरुप्पभे हत्थिरयणे होत्था / तत्थ गं तुम मेहा ! सत्तंगपइट्ठिए तहेव जाव पडिरूवे / तत्थं णं तुमं मेहा ! सत्तसइयस्स जूहस्स आहेवच्चं जाव अभि. रमेत्था / तए णं तुम अण्णया कयाइ गिम्हकालसमयंसि जेट्ठामूले वणदवजालापलितेसू वर्णतेसु सुधमाउलासु दिसासुजाव मंडलवाएव्व परिब्भमते भीए तत्थे जाव संजायभए बहूहि हत्थीहि य जाव कलभियाहि य सद्धि संपरिबुडे सवओ Page #1111 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1098 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि समंता दिसोदिसि विप्पलाइत्था / तए णं तव मेहा ! तं वणदवं पासित्ता अय. मेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्था-कहि णं मण्णे मए अयमेयारूवे अग्गि. संभवे अणभयपुटवे ? तए णं तव मेहा ! लेस्साहि विसुज्झमाणीहि अज्झ. वसाणेणं सोहणेणं सुभेणं परिणामेणं तयावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमेणं ईहापूहमग्गणगवेसणं करेमाणस्स सण्णिपुटवे जाईसरणे समुप्पज्जित्था / तए णं तुम मेहा ! एयमट्ठं सम्मं अभिसमेसि-एवं खल मया अईए दोच्चे भवग्गहणे इहेव जंबुद्दीवे 2 भारहे वासे वेयगिरिपायमले जाव तत्थ णं महया अयमेयारूवे अग्गिसंभवे समणुभए / तए णं तुमं मेहा ! तस्सेव दिवसस्स पच्चावरण्हकाल. समयंसि णियएणं जूहेणं सद्धि समण्णागए यावि होत्था / तए णं तुम मेहा ! सत्तुस्सेहे जाव सण्णिजाइस्सरणे च उदंते मेरुप्पभे णामं हत्थी होत्था / तए णं तुझं मेहा ! अयमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्था-तं सेयं खलु मम इयाणि गंगाए महाणईए दाहिणिल्लंसि कूलसि विझगिरिपायमूले दवग्गिसं (ताण) जायकारणट्ठा सएणं जू हेणं (महइ)महालयं मंडलं घाइत्तए-त्तिकटु एवं संपेहेसि 2 ता सुहंसुहेणं विहरसि / तए णं तुम मेहा ! अण्णया कयाइ पढमपाउसंसि महावुट्टिकायंसि सण्णिवइयंसि गंगाए महाणईए अदूरसामंते बहूहि हत्थीहि जाव कलभियाहि य सत्तहि य हस्थिसएहि संपरिवडे एगं महं जोयणपरिमंडल महइमहालयं मंडलं घाए सि जं तत्थ तणं वा पत्तं वा कटुं वा कंटए वा लया वा वल्ली वा खाणुं वा रुवखे वा खुवे वा तं सव्वं तिक्खुत्तो आहुणिय 2 पाएणं उट्रवेसि हत्थेणं गेण्हसि एगते एडेसि / तए णं तुम मेहा ! तस्सेव मंडलस्स अदूरसामंते गंगाए महाणईए दाहिणिल्ले कूले विझगिरिपायमूले गिरीसु य जाव बिहरसि / तए णं तुम मेहा ! अण्णया कयाइ मज्झिमए वरिसारत्तंसि महा. बुट्टिकायंसि सण्णिवइयंसि जेणेव से मंडले तेणेव उवागच्छसि 2 ता दोच्चंपि मंडलं घाएसि, एवं चरिमवासारत्तंसि महावुट्टिकायंसि सण्णिवइयमाणंसि जेणेव से मंडले तेणेव उवागच्छसि 2 ता तच्चपि मंडलघायं करेसि जं तत्थ तणं वा जाव सुहंसुहेणं विहरसि / अह मेहा ! तुम गइंदभावम्मि वट्टमाणो कमेणं णलिणिवणविवहणगरे हेमंते कुंदलोद्ध उद्धृततुसारपउरम्मि अइक्कते अहिणवे गिम्हसमयंसि पत्ते वियट्टमाणे वणेसु वणकरेणुविविहदिण्णिकयपंसुवघाओ तुमं उउयकुसुमकयचामरकण्णपूरपरिमंडियाभिरामो मयवसविगसंत कडतड. Page #1112 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 1 1099 फिलिण्णगंधमदवारिणा सुरभिजणियगंधो करेणुपरिवारिओ उउसमत्तजणियसोहो काले दिणयरकरपयंडे परिसोसियतरुवरसिहरभीमतरदंसणिज्जे भिगाररवंतभेरवरवे गाणाविहपत्तकटुतणकयवरुद्धतपइमारुयाइद्धणहयलदुमगणे वाउ. लियादारुणतरे तण्हावसदोसदूसियभमंतविविहसावयसमाउले भीमदरिसणिज्जे घट्टते दारुणम्मि गिम्हे मारुयवसपसरपसरियवियंभिएणं अब्भहियभीम भेरवरवप्पगारेणं महुधारापडियसित्तउद्धायमाण धगधगंतसद्दुद्धएणं दित्ततरसफुलिंगेणं धूममालाउलेणं सावयसयंतकरणेणं अब्भहियवणदवेणं जालालो. वियणिरुद्धधूमंधकारभीओ आयवालोयमहंततुंबइयपुण्णकण्णो आकुंचियथोरपीवरकरो भयवसभयंतवित्तणयणो वेगेण महामेहोव पवणोल्लियमहल्लरूवो जेणेव कओ ते (ण) पुरा दवग्गिमयभीयहियएणं अवगयतणप्पएसरुक्खो रुक्खोद्देसो दवग्गिसंताणकारणट्ठा(ए) जेणेव मंडले तेणेव पहारेत्थ गमणाए। एक्को ताव एस गमो। तए णं तुम मेहा ! अण्णया कयाई कमेणं पंचसु उऊसु / समइक्कतेसु गिम्हकालसमयंसि जेट्ठामूले मासे पायवसंघससमुट्ठिएणं जाव संवट्टिएसु मियपसुपक्खिसरीसिवेसु दिसोदिसि विप्पलायमाणेसु तेहि बहूहि हत्थीहि यसद्धि जेणेव (से) मंडले तेणेव पहारेत्थ गमणाए / तत्य णं अण्णे बहवे सीहा यवग्घा य विगाय दीविया य अच्छा य तरच्छा य पारासरा य सरभा य सियाला विराला सुणहा कोला ससा कोकंतिया चित्ता चिल्लला पुवपविटा अग्गिभय. विदुया एगयओ बिलधम्मेणं चिट्ठति / तए णं तुम मेहा ! जेणेव से मंडले तेणेव उवागच्छसि 2 ता तेहिं बहूहि सोहेहिं जाव चिल्ललेहि य एगयओ बिलधम्मेणं चिट्ठसि / तए णं तुम मेहा ! पाएणं गत्तं कंडुइस्सामीतिकट्ठ पाए उक्खित्ते, तंसि च णं अंतरंसि अणेहि बलवंतेहिं सहि पणोलिज्जमाणे 2 ससए अणप्पविठे। तए णं तुम मेहा ! गायं कंडुइत्ता पुणरवि पायं पडिणिपखमिस्सामि तिकटु तं ससयं अणुपविठं पाससि 2 ता पाणाणुकंपयाए भूयाणकंपयाए जीवाणुकंपयाए सत्ताणुकंपयाए से पाए अंतरा चेव संधारिए णो चेव णं णिक्खित्ते / तए णं तुम मेहा ! ताए पाणाणुकंपयाए जाव सत्ताणुकंपयाए संसारे परित्तीकए माणुस्साउए णिबद्धे / तए णं से वण. दवे अड्डाइज्जाई राइंदियाई तं वणं झामेइ 2 ता णिट्ठिए उवरए उवसंते विज्झाए यावि होत्था / तए णं ते बहवे सीहा य जाव चिल्लला यतं वण Page #1113 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1100 अंग-पविट सुत्ताणि दवं णिट्ठियं जाव विज्झायं पासंति 2 ता अग्गिभयविप्पमुक्का तहाए य छुहाए य परब्भाहया समाणा तओ मंडलाओ पडिणिक्ख मंति 2 ता सव्वओ समंता विप्पसरित्था / तए णं ते बहवे हत्थी जाव छुहाएय परब्भाहया समाणा तओ मंडलाओ पडिणिक्खमंति 2 ता दिसोदिसि विप्पसरित्था / तए णं तुम मेहा ! जण्णे जराजज्जरियदेहे सिढिलवलितयापिणिद्धगत्ते दुब्बले किलंते जंजिए पिवासिए अत्थामे अबले अपरक्कमे अचंकमणो वा ठाणुखंडे वेगेण विप्पसरिस्सामि तिकट पाए पसारेमाणे विज्जहए विव रययगिरिपब्भारे धरणितलंसि सव्वंहिं सण्णिवइए / तए णं तव मेहा ! सरीरगंसि वेयणा पाउन्भूया उज्जला जाव दाहवक्कंतीए यावि विहरसि / तए णं तुमं मेहा ! तं उज्जलं जाव दुरहियासं तिणि राइंदियाइं वेयणं वेएमाणे विहरित्ता एगं वाससयं परमाउं पालइत्ता इहेव जंबद्दीवे 2 भारहे वासे रायगिहे णयरे सेणि. यस्स रण्णो धारिणीए देवीए कुच्छिसि कुमारत्ताए पच्चायाए // 33 // तए णं तुम मेहा! आणुपुटवेणं गब्भवासाओ णिक्खंते समाणे उम्मुक्कबातभावे जोव्व. णगमणुप्पत्ते मम अंतिए मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए / तं जइ जाव तमे मेहा ! तिरिक्खजोणियभावमवगएणं अपडिलद्धसम्मत्तरयण. लभेणं से पाए पाणाणुकंपयाए जाव अंतरा चेव संधारिए णो चेव णं गिक्खित्ते किमंग पुण तुमं मेहा ! इयाणि विपुलकुलसमुभवेणं णिरुवहयसरीर दंतलद्ध. पंचिदिएणं एवं उट्ठाणबलवीरियपुरिसगारपरक्कमसंजत्तेणं मम अंतिए मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए समाणे समणाणं णिग्गंथाणं राओ पुन्व. रत्तावरत्तकालसमयंसि वायणाए जाव धम्माणुओचिताए य उच्चारस्स वा पासवणस्स वा अइगच्छमाणाण य णिग्गच्छमाणाण य हत्थसंघट्टणाणि य पाय. संघट्टणाणि य जाव रयरेणुगुंडणाणि य णो सम्मं सहसि खमसि तितिक्खसि अहियासेसि ? तए णं तस्स मेहस्स अणगारस्स समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए एयमढें सोच्चा णिसम्म सुहं परिणामेहिं पसत्थेहि अज्झवसाणेहि लेस्साहि विसुज्झमाणीहि तयावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमेणं ईहापूहमग्गण. गवेसणं करेमाणस्स सणिपुत्वे जाईसरणे समुप्पण्णे एयमठें सम्मं अभिसमेइ / तए णं से मेहे कुमारे समणेणं भगवया महावीरेणं संभारियपुडबजाईसरगे दुगुणाणीयसंवेगे आणंदयंसुपुण्णमुहे हरिसवसेणं धाराहयकयंबकं पिव समससिय. Page #1114 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 1 1101 रोमकूवे समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ वं० 2 ता एवं वयासी-अज्जप्प. भिई णं भते ! मम दो अच्छीणि मोत्तूणं अवसेसे काए समणाणं णिग्गंथाणं णिसट्टे तिकट्ट पुणरवि समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ वं० 2 ता एवं वयासी-इच्छामि गं भंते ! इयाणि दोच्चंपि सयमेव पव्वावियं सयमेव मुंडावियं जाव सयमेव आयारगोयरं जायामायावत्तियं धम्ममाइक्खह / तए गं समणे भगवं महावीरे मेहं कुमारं सयमेव पवावेइ जाव जायामायावत्तियं धम्ममाइक्ख इ-एवं देवाणुप्पिया | गंतव्वं एवं चिट्ठियव्वं एवं णिसीयव्वं एवं _ तुयट्टियव्वं एवं भुंजियव्वं एवं भासियव्वं उट्ठाय 2 पाणाणं भूयाणं जीवाणं सत्ताणं संजमेणं संजमियत्वं / तए णं से मेहे समणस्स भगवओ महावीरस्स अयमेयारूवं धम्मियं उवएसं सम्म पडिच्छइ 2 त्ता तह चिटुइ जाव संजमेणं संजमइ / तए णं से मेहे अणगारे जाए इरियासमिए अणगारवण्णओ भाणि. यव्यो। तए णं से मेहे अणगारे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए तहा(एया) रूवाणं थेराणं सामाइयमाइयाणि एक्कारस अंगाई अहिज्जइ 2 ता बहुहिं चउत्थछट्ठमदसमदुवालसेहिं मासद्ध मासखमणेहि अप्पाणं भावेमाणे विहरइ / तए गं समणे भगवं महावीरे रायगिहाओ जयराओ गुणसिलयाओ चेइ. याओ पडिणिक्खमइ 2 ता बहिया जणवयविहारं विहरइ // 34 // तए णं से मेहे अणगारे अण्णया कयाइ समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ वं० 2 त्ता एवं वयासी-इच्छामि गं भंते ! तुहि अन्भणुण्णाए समाणे मासियं भिक्खुपडिम उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए / अहासुहं देवाणुप्पिया! मा पडिबंधं करेह / तए णं से मेहे अणगारे समणेणं भगवया महावीरेणं अब्भणण्णाए समाणे मासियं भिक्खुपडिमं उवसंपज्जित्ताणं विहरइ, मासियं भिक्खुपडिमं अहासुत्तं अहाकप्पं अहामग्गं सम्म कारणं फासेइ पालेइ सोभेइ तीरेइ किट्टेइ सम्म काएणं फासेत्ता पालित्ता सोभत्ता तीरेता कित्ता पुणरवि समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंस वं० 2 ता एवं वयासी-इच्छामि गं भंते ! तुर्भेहि अब्भणण्णाए समाणे दोमासियं भिक्खपडिम उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए / अहासुहं देवाणप्पिया! मा पडिबंध करेह / जहा पढमाए अभिलावो तहा दोच्चाए तच्चाए चउत्थाए पंचमाए छम्मासियाए सत्तमासियाए पढमसत्तराईदियाए दोच्चं सत्तराईदियाए तइयं सत्तराईदियाए अहोराइंदियाएवि एगराइंदियाएवि / तए Page #1115 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1102 अंग-पविटु सुत्ताणि गं से मेहे अणगारे बारस भिक्खुपडिमाओ सम्म कारणं फासेत्ता पालेता सोभत्ता तोरेत्ता किट्टेता पुणरवि वंदइ णमंसइ वं० ता एवं वयासी-इच्छामि णं भंते! तुहिं अब्भणुण्णाए समाणे गणरयणसंवच्छरं तवोकम्मं उवसंपज्जि. ताणं विहरित्तए। अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं करेह / तए णं से मेहे अणगारे पढमं मासं च उत्थंचउत्थेणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं दिया ठाणुक्कुड़ए सूराभिमुहे आयावणभूमीए आयावेमाणे रत्ति वीरासणेणं अवाउडेणं / दोच्चं मासं छठेंछठेणं० / तच्चं मासं अट्ठमंअट्टमेणं० / चउत्थं मासं दसमंदसमेणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं दिया ठाणुक्कुडुए सूराभिमुहे आयावण. भमीए आयावेमाणे रति वीरासणेणं अवाउडेणं / पंचममा दुवालसमंदुवाल. समेणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं दिया ठाणुक्कुडुए सूराभिमुहे आयावणभूमीए आयावेमाणे रत्ति वीरासणेणं अवाउडेणं / एवं खलु एएणं अभिलावेणं छठे चोद्दसमं 2 सत्तमे सोलसमं 2 अट्ठमे अट्ठारसमं 2 णवमे वीसइमं 2 दसमे बावीसइमं 2 एक्कारसमे चउथ्वीसइमं 2 बारसमे छब्बीसइमं 2 तेरसमे अट्ठावीसइमं 2 चोद्दसमे तीसइमं 2 पंचवसमे बत्तीसइमं 2 सोलसमे (मासे) चउत्तीसइमं 2 अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं दिया 'ठाणुक्कुडुए (णं) सूराभिमुहे आयावणभूमीए आयावेमाणे रत्ति वीरासणेण य अवाउडएण य / तए णं से मेहे अणगारे गुण रयणसंवच्छरं तवोकम्मं अहासुत्तं जाव सम्म काएणं फासेइ पालेइ सोभेइ तीरेइ किट्टेइ अहासुत्तं अहाकप्पं जाव किट्टेत्ता समणं भगवं महा. वीरं वंदइ णमंसइ वं० 2 ता बहहिं छट्टमदसमदुवालसेहि मासद्धमासखमहि विचित्तेहिं तवोकम्मेहि अप्पाणं भावेमाणे विहरइ // 35 // तए णं से मेहे अण. गारे तेणं उरालेणं विपुलेणं सस्सिरीएणं पयत्तेणं पग्गहिएणं कल्लाणेणं सिवेणं धण्णेणं मंगल्लेणं उदग्गेणं उदारएणं उत्तमेणं महाणभावेणं तवोकम्मेणं सक्के भक्खे लक्खे हिम्मंसे णिस्सोणिए किडिकिडियाभए अद्विचम्मावणद्ध किसे धमणिसंतए जाए यावि होत्था, जीवंजीवेणं गच्छइ जीवंजीवेणं चिटुइ भासं भासित्ता गिलायइ भासं भासमाणे गिलायइ भासं भासिस्सामित्ति गिला. यइ / से जहाणामए इंगालसगडियाइ वा कटुसगडियाइ वा पत्तसगडियाइ वा तिलसगडियाइ वा एरंडकटुसगडियाइ वा उण्हे दिण्णा सुक्का समाणी ससई गच्छइ ससदं चिढइ एवामेव मेहे अणगारे ससई गच्छइ ससई चिइ उवचिए Page #1116 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 1 1103 तवेणं अवचिए मंससोणिएणं हुयासणे इव भासरासिपरिच्छण्णे तवेणं तेएणं तवतेयसिरीए अईव 2 उवसोभेमाणे 2 चिट्ठइ। तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे आइगरे तित्थगरे जाव पुव्वाणुपुवि चरमाणे गामाणः गामं दूइज्जमाणे सुहंसुहेणं विहरमाणे जेणामेव रायगिहे णयरे जेणामेव गुणसिलए चेइए तेणामेव उवागच्छइ 2 ता अहापडिरूवं उग्गहं उगिहित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ / तए णं तस्स मेहस्स अणगारस्स राओ पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि धम्मजागरियं जागरमाणस्स अयमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्था-एवं खलु अहं इमेणं उरालेणं तहेव जाव भासं भासिस्सामित्ति गिलामि, तं अत्थि ता मे उहाणे कम्मे बले वीरिए पुरिसक्कारपरक्कमे सद्धा धिई संवेगे तं जाव ता मे अस्थि उढाणे कम्मे बले वीरिए पुरिसक्कार. परक्कमे सद्धा धिई संवेगे जाव य मे धम्मायरिए धम्मोवएसए समणे भगवं महावीरे जिणे सुहत्थी विहरइ ताव ताव मे सेयं कल्लं पाउप्पभायाए रयणीए जाव तेयसा जलंते (सूरे)समणं भगवं महावीरं वंदित्ता.णमंसित्ता समणेणं भगवया महा. वीरेणं अन्भणुण्णायस्स समाणस्स सयमेव पंच महन्वयाई आरुहित्ता गोयमाइए समणे णिग्गंथे णिग्गंथीओ य खामेत्ता तहारूवेहि कडाईहि थेरेहि सद्धि विउलं पव्वयं सणियं 2 दुरूहित्ता सयमेव मेहघणसण्णिगासं पुढविसिलापट्टयं पडि. लेहिता संलेहणाझूसणा(ए) झूसियस्स भत्तपाणपडियाइक्खियस्स पाओवगयस्स कालं अणवकंखमाणस्स विहरितए / एवं संपेहेइ 2 ता कल्लं पाउप्पभायाए रयणीए जाव जलते जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ 2 ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ 2 त्ता वंदइ णमंसइ वं० 2 त्ता पच्चासणे णाइदूरे सुस्सूसमाणे णमंसमाणे अभिमुहे विणएणं पंजलिउडे पज्जवासइ / मे (हेति) हाइ समणे भगवं महावीरे मेहं अणगारं एवं वयासीसे जूणं तव मेहा ! राओ पुग्वरत्तावरत्तकालसमयंसि धम्मजागरियं जागरमाणस्स अयमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्था-एवं खलु अहं इमेणं उरालेणं जाव जेणेव अहं तेणेव हव्वमागए / से पूर्ण मेहा ! अट्ठे समठे ? हंता अत्थि / अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंध करेह / तए गं से मेहे अणगारे समणेणं भगवया * महावीरेणं अन्भणुण्णाए समाणे हट्ट जाव हियए उट्ठाए उठेइ 2 ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ 2 त्ता Page #1117 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1104 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि वंदइ नमसइ वं० 2 ता सयमेव पंच महत्वयाई आरुहेइ.२ ता गोयमाइ समणे णिग्गंथे णिग्गंथीओ य खामेइ 2 ता तहारूवेहि कडाईहि थेरेहि सद्धि विपुलं पव्वयं सणियं 2 दुरूहइ 2 ता सबमेव मेहघणसण्णिगासं पुढविसिलापट्टयं पडिलेहेइ 2 त्ता उच्चारपासवगर्भाम पडिलेहे 2 ता दब्भसंथारगं संथरइ 2 ता दभ. संथारगं दुरूहइ 2 ता पुरस्थाभिमुहे संपलियंकणिसण्णे करयलपरिग्गहियं सिरसावत्तं मत्थए अंजलि कट्ट एवं वयासी--णमोत्थ णं अरिहंताणं भगवंताणं नाव संपत्ताणं, णमोत्थ णं समणस्स भगवओ महावीरस्स जाव संपाविउकामस्स मम धम्मायरियस्स / वंदामि णं भगवंतं तत्यगयं इहगए पासउ मे भगवं तत्थ. गए इहगयं-तिकट्ट वंदई णमंसइ वं० २त्ता एवं वयासी-पूवि पि य गं मए समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए सव्वे पाणाइवाए पच्चक्खाए मसावाए अदिण्णादाणे मेहुणे परिग्गहे कोहे माणे माया लोहे पेज्जे दोसे कलहे अब्भक्खाणे पेसुष्णे परपरिवाए अरइरइ मायामोसे मिच्छादसणसल्ले पच्चक्खाए / इयाणि पिणं अहं तस्सेव अंतिए सव्वं पाणाइवायं पच्चक्खामि जाव मिच्छादसणसल्लं पच्चक्खामि सव्वं असणपाणखाइमसाइमं चउन्विहंपि आहारं पच्चक्खामि जावज्जीवाए / जंपि य इमं सरीरं इठं कंतं 'पियं जाव विविहा रोगायंका परीसहोवसग्गा फुसंतीतिकटु एयं पि य णं चरमेहि ऊसासणीसासेहि वोसिरामि तिकटु सलेहणाझसणाझसिए भत्तपाणपडियाइक्खिए पाओवगए कालं अणवकंखमाणे विहरइ / तए गं ते थेरा भगवंतो मेहस्स अणगारस्स अगिलाए वेयावडियं करेंति / तए णं से मेहे अणगारे समणस्स भगवओ महावीरस्स तहारूवाणं थेराणं अंतिए सामाइयमाइयाई एक्कारस अंगाई अहिज्जित्ता बहुपडिपुण्णाई दुवालसवरिसाइं सामण्णपरियागं पाउणित्ता मासियाए संलेहणाए अप्पाणं झोसेत्ता ट्ठि भत्ताई अणसणाए छेएत्ता आलोइयपडिक्कते उद्धिय. सल्ले समाहिपत्ते आणपुग्वेणं कालगए / तए गं ते थेरा भगवंतो मेहं अणगारं आणपुव्वेणं कालगयं पासेंति 2 ता परिणिव्वाणवत्तियं काउस्सग्गं करेंति 2 ता मेहस्स आयारभंडगं गेण्हति 2 ता विउलाओ पव्वयाओ सणियं 2 पच्चोरहति 2 ता जेणामेव गुणसिलए चेइए जेणामेव समणे भगवं महावीरे तेणामेव उवागच्छति 2 ता समणं भगवं महावीरं वदंति णमंसंति वं० 2 ता एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पियाणं अंतेवासी मेहे णामं अणगारे पगइभदए जाव विणीए / से गं देवाणुप्पिएहि अन्भगुण्णाए समाणे गोयमाईए समणे णिगंथे Page #1118 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 1 1105 णिग्गंथीओ य खामेत्ता अम्हेहि सद्धि विउलं पव्वयं सणियं 2 दुरूहइ 2 ता सयमेव मेहघणसण्णिगासं पुढविसिलं (पट्टय) पडिलेहेइ 2 ता भत्तपाणपडियाइक्खिए अणुपुवेणं कालगए / एस गं देवाणुप्पिया ! मेहस्स अणगारस्स आयारभंडए // 36 // भंते ! त्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ वं०२ त्ता एवं बयासी-एवं खलु देवाणुप्पियाणं अंतेवासी मेहे णामं अणगारे, से णं भंते ! मेहे अणगारे कालमासे कालं किच्चा कहिं गए कहि उववणे ? गोयमाइ समणे भगवं महावीरे भगवं गोयम एवं वयासी-एवं खल गोयमा ! मम अंतेवासी मेहे णामं अणगारे पगइभद्दए जाव विणीए, से णं तहारूवाणं थेराणं अंतिए सामाइयमाइयाई एक्कारस अंगाई अहिज्जइ 2 ता बारस भिक्ख. पडिमाओ गणरयणसंवच्छरं तवोकम्मं काएणं फासेत्ता जाव कित्ता मए अभणण्णाए समाणे गोयमाइ थेरे खामेइ २त्ता तहारूवेहिं जाव विउलं पध्वयं दुरूहइ 2 त्ता दब्भसंथारगं संथरइ 2 ता दब्भसंथारोवगए सयमेव पंचमहध्वए उच्चारेइ बारस वासाइं सामण्णपरियागं पाउणित्ता मासियाए संलेहणाए अप्पाणं झसित्ता सदि भत्ताई अणसणाए छेदेता आलोइयपडिक्कते उद्धियसल्ले समाहिपत्ते कालमासे कालं किच्चा उद्धं चंदिमसूरगहगणणक्खत्ततारारूवाणं बहू इं जोयणाई बहूई जोयणसयाई बहूई जोयणसहस्साई बहूई जोयणसयसह. स्साई बहूइ जोयणकोडीओ बहूइ जोयणकोडाकोडीओ उड्ढं दूरं उप्पइत्ता सोहम्मीसाणसणंकुमारमाहिदबंभलंतगमहासुक्कसहस्साराणयपाणयारणच्चुए तिणि य अट्ठारसुत्तरे गेवेज्जविमा (ण)णावाससए वीइवइत्ता विजए महा. विमाणे देवताए उववण्णे / तत्थ णं अत्थेगइयाणं देवाणं तेतीसं साग ठिई पण्णत्ता / एस णं भंते ! मेहे देवे ताओ देवलोयाओ आउक्खएणं ठिइ. क्खएणं भवक्खएणं अणंतरं चयं चइत्ता कहिं गच्छिहिइ कहिं उववज्जिहिइ ? गोयमा ! महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ बुज्झिहिइ मुच्चिहिइ परिणिवाहिइ सम्वदुक्खाणमंतं काहिह / एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेणं आइगरेणं तित्थगरेणं जाव संपत्तेणं अप्पोपालंभणिमितं पढमस्स णायज्झयणस्स आयरिया / सीसे कंहिंचि खलिए जह मेहणि महावीरो // 1 // // पढमं अज्झयणं समत्तं // Page #1119 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1106 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि संघाडे णामं बीयं अज्झयणं जइ गं भंते ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं पढमस्स गायज्झयणस्स अयम? पण्णत्ते बिइयस्स णं भंते ! णायज्झयणस्स के अटठे पण्णते? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे णामं णयरे होत्था वण्णओ। तस्स गं रायगिहस्स णयरस्स बहिया उत्तरपुरस्थिमे दिसीभाए गुणसिलए णाम चेइए होत्था वण्णओ। तस्स णं गुणसिलयस्स चेइयस्स अदूरसामंते एत्थ णं महं एगे (पडिय) जिष्णुज्जाणे यावि होत्था विणट्ठदेवउले परिसडियतोरणघरे णाणाविहगुच्छगुम्मलयावल्लिवच्छच्छाइए अणेगवालसयसंकणिज्जे यावि होत्था / तस्स णं जिण्णुज्जाणस्स बहुमज्झदेसमाए एत्थ णं महं एगे भग्गकूवए यावि होत्था। तस्स णं भग्गकूवस्स अदूरसामंते एत्थ णं महं एगे मालुयाकच्छए यावि होत्था किण्हे किण्होभासे जाव रम्मे महामेहणिउरंबभूए बहूहि रुक्खेहि य गुच्छेहि य गुम्मेहि य लयाहि य वल्लीहि य तणेहि य कुसेहि य खाणुएहि य संछण्णे पलिच्छण्णे अंतो झुसिरे बाहि गंभीरे अणेग. वालसयसंकणिज्जे यावि होत्था // 38 // तत्थ गं रायगिहे णयरे धणे णामं सत्थवाहे अड्ढे दित्ते - जाव विउलभत्तपाणे / तस्स गं धण्णस्स सत्थ. वाहस्स भद्दा णामं भारिया होत्था सुकुमालपाणिपाया अहीणपडिपुण्णपंचिदियसरीरा लक्खणवंजणगुणोववेया माणुम्माणप्पमाणपडिपुण्णसुजायसव्वंग. सुंदरंगी ससिसोमागारा कंता पियदंसणा सुरूवा करयलपरिमियतिवलियमज्झा कुंडलुल्लिहियगंडलेहा कोमुहरणियरपडिपुण्णसोमवयणा सिंगारागारचारवेसा जाव पडिरूवा वंझा अवियाउरी जाणुकोप्परमाया यावि होत्था // 36 // तस्स गंधण्णस्स सत्थवाहस्स पंथए णामं दासचेडे होत्था सन्वंगसुंदरंगे मंसोवचिए बालकीलावणकुसले यावि होत्था / तए णं से धणे सत्थवाहे राय. गिहे णयरे बहूणं णगरणिगमसेटिसस्थवाहाणं अट्ठारसण्ह य सेणिप्पसेणीणं बहूसु कज्जेसु य कुडुंबेसु य मंतेसु य जाव चक्खु भूए यावि होत्था णियगस्स वि य णं कुडुंबस्स बहूसु(य) कज्जेसु जाव चक्खुभूए यावि होत्था // 40 // तत्थ णं रायगिहे णयरे विजए णामं तक्करे होत्था पावे चंडालरूवे भीमतररुद्दकम्मे आरुसियदित्तरत्तणयणे खरफरुसमहल्लविगयबीभच्छदाढिए असंपुडियउठे उद्घयपइण्णलंबंतमुद्धए भमरराहुवण्णे णिरणुक्कोसे णिरणुतावे दारुणे Page #1120 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पायाधम्मकहाओ अ. 2 1107 पइ भए णिसंसइए णिरणुकंपे अहिव्व एगंतदिट्ठि खुरेव एगंतधाराए गिद्धेव आमिसतल्लिच्छे अग्गिमिव सव्वभक्खे जलमिव सव्वगाही उक्कंचणवंचणमायाणियडिकूडकवडसाइसंपओगबहुले चिरणगरविणट्ठदुट्ठसीलायारचरित्ते जयप्पसंगी मज्जप्पसंगी भोज्जप्पसंगी मंसप्पसंगी दारुणे हिययदारए साहसिए संधिच्छेयए उहिए विस्संभघाई आलीयगतित्थभेयलहहत्थसंपउत्ते परस्स दव्व. हरणंमि णिच्चं अणुबद्धे तिन्ववेरे रायगिहस्स णगरस्स बहूणि अइगमणाणि य णिग्गमणाणि य दाराणि य अवदाराणि य छिडिओ य खंडीओ य णगरगिद्धमणाणि य संघट्टणाणि य णिव्वट्टणाणि य जूवखलयाणि य पाणागाराणि य वेसागाराणि य तद्दारट्ठाणाणि य तक्करट्ठाणाणि य तक्करघराणि य सिंगाडगाणि य तियाणि य चउक्काणि य चच्चराणि य णागघराणि य भयघराणि य जक्खदेउलाणि य सभाणि य पवाणि य पणियसालाणि य सुण्णघराणि य आमोएमाणे 2 मग्गमाणे गवेसमाणे बहुजणस्स छिद्देसु य विसमेसु य विहुरेसु य वसणेसु य अन्भुदएसु य उस्सवेसु य पसवेसु य तिहीसु य छणेसु य जण्णेसु य पव्वणीसु य मत्तपमत्तस्स य वक्खित्तस्स य वाउलस्स य सुहियस्स य दुहियस्स य विदेसत्थस्स य विप्पसियस्स य मग्गं च छिदं च विरहं च अंतरं च मग्गमाणे गधेसमाणे एवं च गं विहरइ, बहिया वि य णं रायगिहस्स गरस्स आरामेसु य उज्जाणेसु य वाविपोक्खरणीदोहियागुंजालिया सरेसु य सरपंतिसुय सरसरपंतिमासु य जिण्णज्जाणेसु य भग्गकूवएसु य मालयाकच्छएसु य सुसाणेसु य गिरिकंदरलेणउवट्ठाणेसु य बहुजणस्स छिद्देसु य जाव एवं च णं विहरइ // 41 // तए णं तीसे भद्दाए भारियाए अण्णया कयाई पुज्वरत्तावरत्त. कालसमयंसि कुडुंबजागरियं जागरमाणीए अयमेयारूवे अज्झथिए जाव समु. प्पज्जित्था-अहं धणेणं सत्यवाहेणं सद्धि बहूणि वासाणि सद्दफरिसरसगंधरूवाणि माणुस्सगाई कामभोगाई पच्चणुभवमाणी विहरामि णो चेव णं अहं दारगं वा दारिगं वा पयांयामि / तं धण्णाओ गं ताओ अम्मयाओ जाव सूलद्धे णं माणुस्सए जम्मजीवियफले तासि अम्मयाणं जासि मण्णे णियगकुच्छिसंभ. याई थणदुद्धलुद्धयाई महुरसमुल्लावगाई मम्मणपयंपियाई थणमूलकक्खदेसभागं अभिसरमाणाई ‘मुद्धयाई थणयं पिबंति तओ य कोमलकमलोवमेहि हह गिव्हिऊणं उच्छंगे णिवेसियाई देति समुल्लावए पिए सुमहुरे पुणो 2 मंजुलप्प Page #1121 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1108 अंग-पविट्ट सुत्ताणि भणिए / तं गं अहं अधण्णा अपुण्णा अलक्खणा अकयपुण्णा एत्तो एगमवि ग पत्ता / तं सेयं मम कल्लं पाउप्पभायाए जाव जलते धण्णं सत्थवाहं आपुच्छित्ता धणेणं सत्थवाहेणं अब्मणुण्णाया समाणी सुबहं विपुलं असणं 4 उवक्खडावेत्ता सुबहं पुप्फवत्थगंधमल्लालंकारं गहाय बहूहि मित्तणाइणियगसयणसंबंधिपरिजणमहिलाहिं सद्धि संपरिवुडा जाई इमाई रायगिहस्स णयरस्स बहिया णागाणि य भूयाणि य जवखाणि य इदाणि य खंदाणि य रुद्दाणि य सेवाणि य वेसमणाणि य तत्थ गं बहणं णागपडिमाण य जाव वेसमणपडिमाण य महरिहं पुष्फच्चणियं करेत्ता जाणुपायपडियाए एवं वइत्तए-जइ णं अहं देवाणुप्पिया! दारगं वा दारिगं वा पयायामि तो णं अहं तुमं जायं च दायं च भायं च अक्खयहिं च अणुवड्ढेमि त्तिकटु उवाइयं उवाइत्तए / एवं संपेहेइ 2 ता कल्लं जाव जलते जेणामेव धणे सत्थवाहे तेणामेव उवागच्छइ 2 ता एवं वयासी. एवं खलु अहं देवाणुप्पिया ! तुहि सद्धि बहूई वासाइं जाव देंति समुल्लावए सुमहुरे पुणो 2 मंजुलप्पणिए, तं गं अहं अहण्णा अपुण्णा अकयलक्खणा एत्तो एगमवि ण पत्ता, तं इच्छामि गं देवाणुप्पिया ! तुहि अब्मणुण्णाया समाणी विपुलं असणं 4 जाव अणुवड्ढेमि उवाइयं करेत्तए / तए गंधण्णे सत्थवाहे मई भारियं एवं वयासी-ममं पि य णं खल देवाणुप्पिए ! एस चेव मणोरहे-कह गं तुमं दारगं वा दारियं वा पयाएज्जसि ? भद्दाए सत्यवाहीए एयमल अणजाणइ / तए णं सा भद्दा सत्यवाही धण्णणं सत्यवाहेणं अब्भणण्णाया समाणी हट्टतुट्ठ जाव हयहियया विपुलं असणं 4 उवक्खडावेइ 2 ता सुबहुं पुप्फवस्थगंध मल्लालंकारं गेहा 2 त्ता सयाओ गिहाओ णिग्गच्छइ 2 ता रायगिहं जयरं मझंमज्झेणं णिग्गच्छइ 2 ता जेणेव पोखरिणी तेणेव उवागच्छइ 2 ता पुक्खरिणीए तोरे सुबहुं पुप्फ जाव मल्लालंकारं ठवेइ 2 ता पुक्खरिणि ओगाहेइ 2 ता जलमज्जणं करेइ जलकोडं करेइ 2 ता व्हाया कयबलिकम्मा उल्लपडसाडिगा जाई तत्थ उप्पलाई जाव सहस्सपत्ताई ताई गिण्हइ 2 ता पुक्खरिणीओ पच्चोरुहइ 2 ता तं सुबह पुप्फवत्थ. गंधमल्लं गेण्हइ 2 ता जेणामेव णागघरए य जाव वेसमणघरए य तेणा. मेव उवागच्छइ 2 त्ता तत्थ णं णागपडिमाण य जाव वेसमणपडिमाण य आलोए पणामं करेइ ईसि पच्चण्णमइ 2 ता लोमहत्थगं परामुसइ 2 ता Page #1122 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 2 1109 नागपडिमाओ य जाव वेसमणपडिमाओ य लोमहत्येणं पमज्जइ उदगधाराए अब्भुक्खेइ 2 ता पम्हलसुकुमालाए गंधकासाईए गायाइं लू हेइ 2 ता महरिहं वत्थारुहणं च मल्लारुहणं च गंधारहणं च चण्णारहणं च वण्णारुहणं च करेइ 2 ता जाव धूवं डहइ 2 ता जण्णुपायपडिया पंजलिउडा एवं वयासीजइ णं अहं दारगं वा दारियं वा पयायामि तो णं अहं जायं च जाव अणु. वड्ढेमि तिकटु उवाइयं करेइ 2 ता जेणेव पोक्खरिणी तेणेव उवागच्छइ 2 ता विपुलं असणं 4 आसाएमाणी जाव विहरइ जिमिया जाव सुइभूया जेणेव सए गिहे तेणेव उवागया। अदुत्तरं च णं भद्दा सत्थवाही चाउद्दसट्टमुद्दिपुण्णमासिणीसु विपुलं असणं 4 उवक्खडेइ 2 ता बहवे णागा य जाव वेसमणा य उवायमाणी णमंसमाणी जाव एवं च णं विहरइ // 42 // तए थे सा भद्दा सत्थवाही अण्णया कयाइ केणइ कालंतरेणं आवण्णसत्ता जाया यावि होत्था / तए णं तीसे भद्दाए सस्थवाहीए दोसु मासेसु वीइक्कतेसु तइए मासे वट्टमाणे इमेयारूवे दोहले पाउन्भूए-धण्णाओ गं ताओ अम्मयाओ जाव कय. लक्खणाओ गं ताओ अम्मयाओ जाओ गं विउलं असणं 4 सुबहुयं पुप्फवत्थ. गंधमल्लालंकारं गहाय मित्तणाइणियगसयणसंबंधिपरियणमहिलियाहि य सद्धि संपरिवुडाओ रायगिहं गयरं मझमझेणं णिग्गच्छंति 2 ता जेणेव पुक्खरिणी तेणेव उवागच्छंति 2 ता पोक्खरिणी ओगाहेंति 2 ता व्हायाओ कयबलि. कम्माओ सव्वालंकारविभूसियाओ विपुलं असणं 4 आसाएमाणीओ जाव पडि. भंजेमाणीओ दोहलं विणेति / एवं संपेहेइ 2 ता कल्लं जाव जलते जेणेव धणे सत्थवाहे तेणेव उवागच्छइ 2 ता धणं सत्थवाहं एवं वयासी-एवं खल देवाणुप्पिया ! मम तस्स गम्भस्स जाव विणेति, तं इच्छामि गं देवाणुप्पिया! तुहिं अब्भणुण्णाया समाणी जाव विहरित्तए / अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं करेह / तए णं सा भद्दा सत्थवाही धणेणं सत्थवाहेणं अब्भणण्णाया समाणी हट्टतुट्ठा जाव विपुलं असणं 4 जाव व्हाया जाव उल्लपडसाडगा जेणेव णागघरए जाव धूवं डहइ 2 ता पणामं करेइ 2 ता जेणेव पोक्खरिणी तेणेव उवागच्छइ / तए णं ताओ मित्तणाइ जाव गगरमहिलाओ भई सत्थवाहिं सवालंकारविभूसियं करेंति / तए णं सा भद्दा सस्थवाही ताहि मित्तणाइणियग. सयणसंबंधिपरियणणगरमहिलियाहिं सद्धि तं विपुलं असणं 4 जाव परिभुंज. Page #1123 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1110 अंग-पविट्ट सुत्ताणि माणी य दोहलं विणेइ 2 ता जामेव दिसि पाउन्भूया तामेव दिसि पडि. गया / तए णं सा भद्दा सत्थवाही संपुण्णडोहला जाव तं गम्भं सुहंसुहेणं परिवहइ / तए णं सा भद्दा सत्थवाही णवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं अद्धट्ठमाण य राइंदियाणं सुकुमालपाणिपायं जाव दारगं पयाया। तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो पढमे दिवसे जायकम्मं करेंति 2 ता तहेव जाव विपुलं असणं 4 उवक्खडावेंति 2 त्ता तहेव मित्तणाइणियग० भोयावेत्ता अयमेयारूवं गोण्णं गणणिप्फण्णं णामधेज्ज करेंति-जम्हा णं अम्हं इमे दारए बहणं णाग. पडिमाण य जाव वेसमणपडिमाण य उवाइयलद्धे णं तं होउ णं अम्हं इमे दारए देवदिण्णे णामेणं / तए णं तस्सं दारगस्स अम्मापियरो णामधेज्ज करेंति देवदिण्णेत्ति / तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो ,जायं च दायं च भायं च अक्खयहिं च अणुवड्ढेति // 43 // तए णं से पंथए दासचेडए देवदिण्णस्स दारगस्स बालग्गाही जाए, देवदिग्णं दारयं कडीए गेण्हइ 2 ता बहूहि डिभएहि य डिभियाहि य दारएहि य दारियाहि य कुमारएहि य कुमारियाहि य सद्धि संपरिवुडे अभिरममाणे अभिरमइ / तए णं सा भद्दा सत्यवाही अण्णया कयाई देवदिण्णं दारयं व्हायं कयबलिकम्मं कयकोउय-मंगल-पायच्छित्तं सव्वालंकारविभूसियं करेइ 2 ता पंथयस्स दासचेडयस्स हत्थयंसि दलयइ / तए णं से पंथए दासचेडए भद्दाए सत्यवाहीए हत्थाओ देवदिण्णं दारगं कडीए गेण्हइ 2 ता सयाओ गिहाओ पडिणिक्खमइ 2 ता बहूहि डिभएहि य डिभि. याहि य जाव कुमारियाहि य सद्धि संपरिवुडे जेणेव रायमग्गे तेणेव उवा. गच्छइ 2 ता देवदिण्णं दारगं एगंते ठावेइ 2 ता बहूहि डिभएहि य जाव कुमारियाहि य सद्धि संपरिबुडे पमत्ते यावि होत्था विहरइ। इमं च णं विजए तक्करे रायगिहस्स णयरस्स बहूणि दाराणि य अवदाराणि य तहेव जाव आभोएमाणे मग्गेमाणे गवेसमाणे जेणेव देवदिणे दारए तेणेव उवा. गच्छइ 2 ता देवदिण्णं दारगं सव्वालंकारविभूसियं पासइ 2 ता देवदिण्णस्स दारगस्स आभरणालंकारेसु मुच्छिए गढिए गिद्धे अज्झोववण्णे पंथयं दासचेडं पमत्तं पासइ 2 ता दिसालोयं करेइ 2 ता देवदिणं दारगं गेण्हइ 2 त्ता कक्खंसि अल्लियावेइ 2 ता उत्तरिज्जेणं पिहेइ 2 ता सिग्घं तुरियं चवलं वेइयं रायगिहस्स णगरस्स अवदारेणं णिग्गच्छइ 2 ता जेणेव जिण्णुज्जाणे Page #1124 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 2 1111 जेणेव भग्गकूवए तेणेव उवागच्छइ 2 ता देवदिण्णं दारयं जीवियाओ क्वरो. वेइ 2 ता आभरणालंकारं गेण्हइ 2 ता देवदिण्णस्स दारगस्स सरीरगं णिप्पाणं णिच्चेटें जीवियविप्पजढं भग्गकूवए पक्खिवइ 2 ता जेणेव मालुयाकच्छए तेणेव उवागच्छइ 2 ता मालुयाकच्छयं अणुप्पविसइ 2 त्ता णिच्चले णिप्फंदे तुसिणीए दिवसं खिवेमाणे चिट्ठइ // 44 // तए णं से पंथए दासचेडे तओ मुहत्तंतरस्स जेणेव देवदिण्णे दारए ठविए तेणेव उवागच्छइ 2 ता देवदिण्णं दारगं तंसि ठाणंसि अपासमाणे रोयमाणे कंदमाणे विलवमाणे देवदिण्णस्स दारगस्स सव्वओ समंता मग्गणगवेसणं करेइ 2 ता देवदिग्णस्स दारगस्स कत्थइ सुई वा खुइं वा पत्ति वा अलभमाणे जेणेव सए गिहे जेणेव धण्णे सत्थवाहे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता धणं सत्थवाहं एवं वयासीएवं खल सामी ! भद्दा सस्थवाही देवदिण्णं दारयं हायं जाव मम हत्थंसि वलयइ / तए गं अहं देवदिण्णं दारयं कडीए गिण्हामि जाव मग्गणगवेसणं करेमि / तं ण णज्जइ गं सामी ! देवदिण्णे दारए केणइ हए वा अवहिए वा अवखित्ते वा पायडिए धण्णस्स सत्थवाहस्स एयमढ़ णिवेदेइ / तए गं से धणे सत्थवाहे पंथयस्स दासचेडयस्स एयमठं सोच्चा णिसम्म तेण य महया पुत्तसोएणाभिभूए समाणे प रसुणियत्ते व चंपगपायवे धसत्ति धरणीयलंसि सवंगेहि सण्णिवइए / तए णं से धणे सत्थवाहे तओ महत्तंतरस्स आसत्थे पच्छागयपाणे देवदिण्णस्स दारगस्स सवओ समंता मग्गणगवेसणं करेइ देवदिण्णस्स दारगस्स कथइ सुई वा खुई वा पत्ति वा अलभमाणे जेणेव सए गिहे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता महत्थं पाहुडं गेण्हइ 2 ता जेणेव जगरगुत्तिया तेणेव उवागच्छइ 2 ता तं महत्थं पाहुडं उवणेइ 2 ता एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! मम पुत्ते भद्दाए भारियाए अत्तए देवविणे णामं दारए इठे जाव उंबरपुप्फंपिव दुल्लहे सवणयाए किमंग पुण पासणयाए ? तए णं सा भद्दा देवदिण्णं व्हायं सव्वालंकारविभूसियं पंथगस्स हत्थे दलाइ जाव पायवडिए तं मम णिवेदेइ / तं इच्छामि णं देवाणप्पिया ! देवदिण्णस्स. दारगस्स सम्बओ समंता मग्गणगवेसणं कयं / तए गं ते णगरगोत्तिया धण्णेणं सत्थवाहेणं एवं वुत्ता समाणा सणद्धबद्धवम्मियकवया उप्पीलियस रासणपट्टिया जाव गहियाउहपहरणा धण्णेणं सत्थवाहेणं सद्धि Page #1125 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1112 अंग-पविट्ट सुत्ताणि रायगिहस्स णगरस्स बहणि अइगमणाणि य जाव पवासु य मागणगवेसणं करेमाणा रायगिहाओ जयराओ पडिणिक्ख मंति 2 ता जेणेव जिष्णुज्जाणे जेणेव भग्गकुवए तेणेव उवागच्छंति 2 ता देवदिण्णस्स दारगस्स सरीरगं णिप्पाणं णिच्चेटें जीवविप्पजढं पासंति 2 ता हा हा अहो अकज्जमि तिकटु देवदिण्णं दारगं भग्गकूवाओ उत्तारेंति 2 ता धण्णस्स सत्यवाहस्स हत्थे दलयंति // 45 // तए णं ते णगरगत्तिया विजयस्स तक्करस्स फ्यमग्ग. मणगच्छमाणा जणेव मालयाकच्छए तेणेव उवागच्छति 2 ता मालुया. कच्छयं अणुप्पविसंति 2 ता विजयं तक्करं ससक्खं सहोदं सगेवेज्ज जीवग्गाहं गेण्हति 2 ता अटिमट्टिजाणकोप्परपहारसंभागमहियगतं करेंति 2 त्ता अवउडा बंधणं करेंति 2 ता देवदिग्णस्स दारगस्स आभरणं गेहंति 2 ता विजयस्स तक्करस्स गीवाए बंधति 2 ता मालुयाकच्छयाओ पडि. णिक्खमंति 2 ता जेणेव रायगिहे जयरे तेणेव उवांगच्छंति 2 ता रायगिह णयरं अणप्पविसंति 2 ता रायगिहे णयरे सिंघाडगतिगच उक्कचच्चरमहा. पहपहेसु कसप्पहारे य लयापहारे य छिवापहारे य णिवाएमाणा 2 छारं च लिं च कयवरं च उरि पक्किरमाणा 2 महया 2 सद्देणं उग्घोसेमाणा एवं वयंति-एस णं देवाणुप्पिया ! विजए णामं तक्करे जाव गिद्धे विव आमिस. भक्खी बालघायए बालमारए, तं गो खलु देवाणुप्पिया! एयस्स केइ राया वा रायपुते वा रायमच्चे वा अवरज्झइ एत्थळे अप्पणो सयाई कम्माई अवरज्झंतित्तिकट्ट जेणामेव चारगसाला तेणामेव उवागच्छंति 2 ता हडिबंधणं करेंति 2 ता भत्तपाणगिरोहं करेंति २त्ता तिसंझं कसप्पहारे य जाव णिवाएमाणा 2 विहरंति / तए णं से धणे सत्यवाहे मित्तणाइणियगसयणसंबंधिपरियणेणं सद्धि रोयमाणे जाव विलवमाणे देवदिण्णस्स दारगस्स सरीरस्स महया इड्ढीसक्कार. समुदएणं णिहरणं करेइ 2 ता बहुई लोइयाई मयगकिच्चाई करेइ 2 ता केणइ कालंतरेणं अवगयसोए जाए यावि होत्था // 46 // तए णं से धण्णे सत्यवाहे अण्णया कयाइं लहुसयंसि रायावराहंसि संपलते जाए यावि होत्था-। तए णं ते जगरगुत्तिया धणं सत्थवाहं गेहंति 2 ता जेणेव चारगे तेणेव उवागच्छति 2 ता चारगं अणुप्पवेसंति 2 ता विजएणं तक्करेणं सद्धि एगयओ हडिबंधणं करेंति। तए णं सा भद्दा मारिया कल्लं जाव जलते विपुलं असणं 4 उवक्खडेइ Page #1126 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 2 1113 2 ता भोयणपिडए करेइ 2 ता भायणाई पक्खिवइ 2 ता लंछियमुद्दियं करेइ 2 ता एर्ग च सुरभिवारिपडिपुण्णं दगवारयं करेइ 2 ता पंथयं दासचेडं सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-गच्छ णं तुम देवाणुप्पिया ! इमं विपुलं असणं 4 गहाय चारगसालाए धण्णस्स सत्थवाहस्स उवणेहि / तए णं से पंथए भद्दाए सत्यवाहीए एवं वुत्ते समाणे हद्वतुठे तं भोयर्णापडगं तं च सुरभिवरवारिपडि. पुण्णं दगवारयं गेण्हइ 2 ता सयाओ गिहाओ पडिणिक्खमइ 2 ता रायगिहं गरं मझमज्झेणं जेणेव चारगसाला जेणेव धण्णे सत्थवाहे तेणेव उवागच्छइ 2 ता भोयणपिडयं ठावेइ 2 ता उल्लंछेइ 2 त्ता भायणाइं गेहइ 2 त्ता भायणाई धोवेइ 2 ता हत्थसोयं दलयइ 2 त्ता धण्णं सत्थवाहं तेणं विपुलेणं अस. मेणं 4 परिवेसइ / तए णं से विजए तक्करे धणं सत्यवाहं एवं वयासीतुमं गं देवाणुप्पिया ! ममं एयाओ विपुलाओ असणाओ 4 संविभागं करेहि / तए णं से धण्णे सत्थवाहे विजयं तक्करं एवं क्यासी-अविधाइं अहं विजया। एवं विपुलं असणं 4 कागाणं वा सुणगाणं वा दलएज्जा उक्कुरुडियाए वा णं छड्डेज्जा णो चेव णं तव पुत्तघायगस्स पुत्तमारगस्स अरिस्त वेरियस्स पडिणी. यस्स पच्चामित्तस्स एत्तो विपुलाओ असणाओ 4 संविभागं करेज्जामि / तइ जं से धण्णे सत्थवाहे तं विपुलं असणं 4 आहारेइ 2 त्तातं पंथयं पडिविसज्जेह। तए णं से पंथए दासचेडे तं भोयणपिडगं गिण्हइ 2 ता जामेव दिसि पाउडभए तामेव दिसि पडिगए / तए णं तस्स धण्णस्स सत्यवाहस्स तं विपुलं असणं 4 आहारियस्स समाणस्स उच्चारपासवणे णं उवाहित्था तए णं से धणे सत्थवाहे विजयं तक्करं एवं वयासी-एहि ताव विजया ! एगंतमवक्कमामो जेणं अहं उच्चारपासवणं परिवेमि / तए णं से विजए तक्करे धणं सत्थवाहं एवं वयासी-तुम्भं देवाणुप्पिया ! विपुलं असणं 4 आहारियस्त अत्थि उच्चारे वा पासवणे वा, ममं गं देवाणुप्पिया ! इमेहि बहूहिं कसप्प. हारेहि य जाव लयापहारेहि य तण्हाए य छुहाए य परब्भवमाणस्स गस्थि केइ उच्चारे वा पासवणे वा, तं छंदेणं तुमं देवाणुप्पिया! एगंते अवक्कमित्ता उच्चारपासवणं परिवेहि / तए गं से धण्णे सत्यवाहे विजएणं तक्करेणं एवं वृत्ते समाणे तुसिणीए संचिट्ठइ / तए णं से धणे सत्थवाहे महत्तंतरस्स बलिय. तरागं उच्चारपासवणेणं उवाहिज्जमाणे विजयं तक्करं एवं वयासी-एहि ताव Page #1127 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंग-पविट्ठ सुत्ताणि विजया ! जाव अवक्कमामो / तए णं से विजए धण्णं सत्यवाहं एवं वयासीजइ गं तुमं देवाणप्पिया ! ताओ विपुलाओ असणाओ 4 संविभागं करेहि तओऽहं तुमेहि सद्धि एगंतं अवक्कमामि / तए णं से धण्णे सत्यवाहे विजयं एवं वयासी-अहं णं तुम्भं ताओ विपुलाओ असणाओ 4 संविभागं करिस्सामि / तए णं से विजए धण्णस्स सत्थवाहस्स एयमढ़ पडिसुणेइ / तए गं से विजए धणेणं सद्धि एगते अवकमइ उच्चारपासवणं परिद्ववेइ आयंते चोक्खे परमसुइभए तमेव ठाणं उवसंकमित्ताणं विहरइ। तए णं सा भद्दा कल्लं जाव जलते विपुलं असणं 4 जाव परिवेसेइ / तए णं से धण्णे सत्थवाहे विजयस्स तक्करस्स ताओ विपुलाओ असणाओ 4 संविभागं करेइ / तए णं से धणे सत्थवाहे पंथयं दासचेडं विसज्जेइ / तए णं से पंथए भोयणपिडयं गहाय चार. गाओ पडिणिक्खमइ 2 ता रायगिह णयरं मज्झमझेणं जेणेव सए गिहे जेणेव भद्दा भारिया तेणेव उवागच्छइ 2 ता भई सत्थवाहिणि एवं वयासी. एवं खलु देवाणुप्पिए ! धणे सत्थवाहे तव पुत्तघायगस्स जाव पच्चामित्तस्स ताओ विपुलाओ असणाओ 4 संविभागं करेइ,॥४७॥ तए णं सा भद्दा सत्थ. वाही पंथयस्स दासचेडयरस अंतिए एयमट्ठं सोच्चा आसुरुत्ता रुद्वा जाव मिसिमिसेमाणी धष्णस्स सस्थवाहस्स पओसमावज्जइ / तए णं से धणे सत्य. वाहे अण्णया कयाइं मित्तणाइणियगसयणसंबंधिपरियणेणं सएण य अत्थसारेणं रायकज्जाओ अप्पाणं मोयावेइ 2 ता चारगसालाओ पडिणिक्खमइ पडि. णिक्खमित्ता जेणेव अलंकारियसभा तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता अलंकारियकम्मं करेइ 2 ता जेणेव पुषखरिणी तेणेव उवागच्छइ 2 ता अह. धोयमट्टियं गेहइ 2 ता पोखरिणी ओगाहइ 2 ता जलमज्जणं करेइ 2 ता हाए कयबलिकम्मे जाव रायगिह णगरं अणप्पविसइ 2 ता रायगिहस्स णगरस्स मज्झमज्झेणं जेणेव सए गिहे तेणेव पहारेत्थ गमणाए। तए णं तं धणं सत्थवाहं एज्जमाणं पासित्ता रायगिहे णयरे बहवे णियगसेट्ठिसत्थवाहपभिइओ आदति परिजाणंति सक्कारेंति सम्माणेति अब्भुट्ठति सरीरकुसलं पुच्छति / तए णं से धणे सत्थवाहे जेणेव सए गिहे तेणेव उवागच्छइ / जावि य से तत्थ बाहिरिया परिसा भवइ तंजहा-दासाइ वा पेस्साइ वा भियगाइ वा भाइल्लगाइ वा से वि य णं धणं सत्थवाहं एज्जमाणं पासइ 2 ता पायवडियाए खेमकुसलं Page #1128 -------------------------------------------------------------------------- ________________ __णायाधम्मकहाओ अ. 2 1115 पुच्छंति / जावि य से तत्थ अभंतरिया परिसा भवइ तंजहा-मायाइ वा पियाइ वा मायाइ वा भइणीइ वा सावि य गंधण्णं सत्थवाहं एज्जमाणं पासइ 2 त्ता आसणाओ अन्मठेइ 2 ता कंठाकंठियं अवयासिय बाहप्पमोक्खणं करेइ / तए णं से धणे सत्यवाहे जेणेव भद्दा भारिया तेणेव उवागच्छद / तए णं सा भद्दा घण्णं सत्थवाहं एज्जमाणं पासइ 2 ता णो आढाइ णो परियाणाइ अणाढायमाणी अपरिजाणमाणी तुसिणीया परम्मुही संचिट्ठइ / तए णं से धण्णे सस्थवाहे भई भारियं एवं वयासी-कि णं तुभं देवाणप्पिए / ण तुट्ठी वा ण हरिसे वा णाणंदे वा जं मए सएणं अत्थसारेणं रायकज्जाओ अप्पाणं विमोइए / तए णं सा भद्दा धणं सत्थवाहं एवं वयासी-कहं णं देवाणुप्पिया ! मम तुट्ठी वा जाव आणंदे वा भविस्सइ ? जेणं तुमं मम पुतघायगस्स जाव पच्चामित्तस्स ताओ विपुलाओ असणाओ 4 संविभागं करेसि / तए णं से धण्णे भदं एवं वयासी-णो खल देवाणुप्पिए ! धम्मोत्ति वा तवोत्ति वा कयपडिकइयाइ वा लोगजत्ताइ वा णायएइ वा घाडिएइ वा सहाएइ वा सुहित्ति वा ताओ विपुलाओ असणाओ 4 संविभागे कए णण्णत्थ सरीर. चिताए / तए णं सा भद्दा धण्णेणं सत्यवाहेणं एवं वुत्ता समाणी हट्ठा जाव आसणाओ अन्मठेइ 2 ता कंठाठिं अवयासेइ खेमकुसलं पुच्छइ 2 ता हाया जाव पायच्छित्ता विपुलाई भोगमोगाई भुंजमाणी विहरइ / तए णं से विजए तक्करे चारगसालाए तेहिं बंधेहिं वहेहिं कसप्पहारेहि य जाव तण्हाए य छहाए य परब्भवमाणे कालमासे कालं किच्चा णरएसुरइयत्ताए उववणे। से गं तत्थ रइए जाए काले कालोभासे जाव वेयणं पच्चणभवमाणे विहरह। से गं तओ उव्वट्टित्ता अणादीयं अणवदग्गं दीहमद्धं चाउरंतसंसारकतारं अणुपरियट्टिस्सइ / एवामेव जंबू ! जे णं अम्हं णिग्गंथो वा णिग्गंथी वा आयरियउवज्झायाणं अंतिए मुंडे भविता अगाराओ अणगारियं पव्वइए समाणे विपुलमणिमोत्तियधणकणगरयणसारेणं लुब्भइ से वि (य) एवं चेव // 48 // तेणं कालेणं तेणं समएणं धम्मघोसा णामं थेरा भगवंतो जाइसंपण्णा कुलसंपण्णा जाव पुन्वाणुपुष्वि चरमाणा जाव जेणेव रायगिहे णयरे जेणेव गणसिलए चेइए जाव अहापडिरूवं उग्गहं उग्गिण्हिता संजमेणं तवसा अप्पाणं . भावेमाणा विहरति / परिसा णिग्गया धम्मो कहिओ। तए गं तस्स धण्णस्स Page #1129 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1116 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि सत्थवाहस्स बहुजणस्स अंतिए एयमलैं सोच्चा णिसम्म इमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्था-एवं खलु थेरा भगवंतो जाइसंपण्णा इहमागया इह संपत्ता, तं इच्छामि णं थेरे भगवंते वदामि णमंसामि हाए जाव सुद्धप्पावेसाई मंग. ल्लाई वत्थाई पवरपरिहिए पायविहारचारेणं जेणेव गणसिलए चेइए जेणेव थेरा भगवंतो तेणेव उवागच्छइ 2 ता वंदइ णमंसइ / तए णं थेरा धण्णस्स विचित्तं धम्ममाइक्खंति / तए णं से धण्णे सत्यवाहे धम्म सोच्चा एवं वयासी-सहहामि गं भंते ! णिग्गंथे पावयणे जाव पवइए जाव बहूणि वासाणि सामण्णपरियागं पाउणित्ता भत्तं पच्चक्खाइत्ता मासियाए संलेहणाए सढि भत्ताई अणसणाए छेदेइ 2 ता कालमासे कालं किच्चा सोहम्मे कप्पे देवत्ताए उव. वणे / तत्थ णं अत्थेगइयाणं देवाणं चत्तारि पलिओवमाई ठिई प० / तत्थ णं धण्णस्स देवस्स चत्तारि पलिओवमाइं ठिई प० / से णं धणे देवे ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं ठिइवखएणं भवक्खएणं अणंतरं चयं चइत्ता महा. विदेहे वासे सिज्झिहिइ जाव सव्वदुक्खाणमंतं करेहिइ // 46 // जहा णं जंबू ! धण्णेणं सत्थवाहेणं णो धम्मोत्ति वा जाव विजयस्स तक्करस्स ताओ विपुलाओ असणाओ 4 संविभागे कए णण्णत्थ सरीरसारक्खणढाए एवामेव जंब ! जे णं अम्हं णिग्गंथे वा णिग्गंथी वा जाव पव्वइए समाणे ववगयण्हाणम. एणपुप्फगंधमल्लालंकारविभसे इमस्स ओरालियसरीरस्स णो वण्णहेउं वा रूवहेउं वा (बल) विसयहेउं वा (तं विपुलं) असणं 4 आहारमाहारेइ णणस्थ णाणदंसणचरित्ताणं वहणयाए से गं इहलोए चेव बहूणं समणाणं (बहणं) समणीणं (बहूणं) सावगाण य सावियाण य अच्चणिज्जे जाव पज्जवासणिज्जे भवइ / परलोए वि य गं णो बहुणि हत्थच्छेयणाणि य कण्णच्छेयणाणि य णासाछेयणाणि य एवं हिययउप्पायणाणि य वसणप्पा. यणाणि य उल्लंबणाणि य पाविहिइ अणाईयं च णं अणवदग्गं दीहमद्धं जाव वीईवइस्सइ जहा व से धण्णे सत्थवाहे / एवं खलु जंबू ! समणेणं जाव संपत्तेणं दोच्चस्स णायज्झयणस्स अयमढे पण्णत्ते तिबेमि // 50 // गाहासिवसाहणेसु आहारविरहिओ जं वट्टए देहो / तम्हा धण्णोव्व विजयं साहू तं तेण पोसेज्जा // 1 // // बीयं अज्झयणं समत्तं // Page #1130 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 3 1117 .. अंडे णामं तच्चं अज्झयणं जइ णं भंते ! समणेणं भगवया महावीरेणं दोच्चस्स अज्झयणस्स णायाधम्मकहाणं अयमठे पण्णत्ते तइअस्स अज्झयणस्स के अट्ठे पण्णत्ते? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं चंपा णाम जयरी होत्था वण्णओ। तीसे णं चंपाए णय. रोए बहिया उत्तरपुरस्थिमे दिसीमाए सुभूमिमाए णामं उज्जाणे होत्था सव्वोउयपुप्फफलसमिद्धे सुरम्मे गंदणवणे इव सुहसुरभिसीयलच्छायाए समणुबद्धे / तस्स णं सुभमिभामस्स उज्जाणस्स उत्तरओ एगदेसंमि मालुयाकच्छए होत्था वण्णओ / तत्थ णं एगा वणमऊरी दो पुठे परियागए पिठंडीपंडुरे णिव्वणे णिरुवहए भिण्णमुट्टिप्पमाणे मऊरी अंडए पसवइ 2 ता सएणं पक्खवाएणं सारक्खमाणी संगोवेमाणी संविठेमाणी विहरइ / तत्थ णं चंपाए णयरीए दुवे सत्थवाहदारगा परिवसंति तंजहा-जिणदत्तपुत्ते य सागरदत्तपुत्ते य सहजायया सहड्डियया सहपंसुकीलियया सहदारदरिसी अण्णमण्णमणुरत्तया अण्णमण्णमणु. व्वयया अण्णमण्णच्छंदाणवत्तया अण्णमण्णहियइच्छियकारया अण्णमण्णेसु गिहेसु किच्चाई करणिज्जाई पच्चणुभवमाणा विहरंति // 51 // तए गं तेसि सत्थ. वाहदारगाणं अग्णया कयाई एगयओ सहियाणं समुवागयाणं सण्णिसण्णाणं सण्णिविट्ठाणं इमेयारूवे मिहोकहासमुल्लावे समुप्पज्जित्था-जण्णं देवाणुप्पिया! अम्हं सुहं वा दुक्खं वा पव्वज्जा वा विदेसगमणं वा समुप्पज्जइ तं गं अम्हेहि एगयओ समेच्चा णित्थरियध्वं-तिक१ अण्णमण्णमेयारूवं संगारं पडिसुर्णेति 2 ता सकम्मसंपउत्ता जाया यावि होत्थां // 52 // तत्थ णं चंपाए गयरीए देवदत्ता णामं गणिया परिवसइ अड्डा जाव भत्तपाणा चउसद्विकलापंडिया चउ. सट्ठिगणियागुणोववेया अउणत्तीसं विसेसे रममाणी एक्कवीसरइगुणप्पहाणा बत्तीसपुरिसोवयारकुसला गवंगसुत्तपडिबोहिया अट्टारसदेसीभासाविसारया सिंगारागारचारुवेसा संगयगयहसिय जाव असियज्झया सहस्सलंभा विदिण्णछत्तचामरबालवीयणिया कण्णीरहप्पयाया यावि होत्था बहूणं गणियासहस्साणं आहेवच्चं जाव विहरइ / तए गं तेसि सस्थवाहदारगाणं अण्णया कयाई पुवावरण्हकाल समयंसि जिमियभुत्तुत्तरागयाणं समाणाणं आयंताणं चोक्खाणं परमसुइभूयाणं सुहासणवरगयाणं इमेयारूवे मिहोकहासमुल्लावे समुप्पज्जित्थातं सेयं खलु अम्हं देवाणुप्पिया! कल्लं जाव जलते विपुलं असणं 4 उवक्खडा. Page #1131 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1118 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि वेत्ता तं विपुलं असणं 4 धूवपुप्फगंधवत्थं गहाय देवदत्ताए गणियाए सद्धि सुभूमिभागस्स उज्जाणस्स उज्जाणसिरि पच्चणुब्भवमाणाणं विहरित्तएतिकट्ठ अण्णमण्णस्स एयमद्रं पडिसुर्णेति 2 ता कल्लं पाउन्भूए कोडुबियपुरिसे सद्दावेंति 2 ता एवं वयासी-गच्छह णं देवाणुप्पिया ! विपुलं असणं 4 उवक्खडेह 2 ता तं विपुलं असणं 4 धूवपुप्फ गहाय जेणेव सुभमिभागे उज्जाणे जेणेव णंदापुक्खरिणी तेणामेव उवागच्छह 2 ता णंदाए पोखरिणीए अदूरसामंते थूणामंडवं आहणह 2 ता आसियसम्मज्जिवलित्तं सुगंध जाव कलियं करेह 2 ता अम्हे पडिवालेमाणा 2 चिट्ठह जाव चिठ्ठति / तए णं ते] सत्थवाहदारगा दोच्चंपि कोडुंबियपुरिसे सद्दावेंति 2 ता एवं वयासीखिप्पामेव लहुकरणजुत्तजोइयं समखुरवालिहाण-समलिहियतिक्खासगहि रययामयघंटसुत्तरज्जपवरकंचणखचियणत्थपागहोवग्गहिएहि णीलुप्पलकयामेल. एहि पवरगोणजवाणएहि गाणामणिरयणकंचणघंटियाजालपरिखित्तं पवरलक्ख णोववेयं जुत्तमेव पवहणं उवणेह / ते वि तहेव उवर्णेति। तए णं ते सत्यवाहदारगा हाया जाव अप्पमहग्घाभरणालंकिय सरीरा प्रवहणं दुरूहति 2 त्ता जेणेव देवदत्ताए गणियाए गिहे तेणेव उवागच्छंति 2 ता पवहणाओ पच्चोरुहंति 2 ता देवदत्ताए गणियाए गिह अणुप्पविसंति / तए णं सा देवदत्ता गणिया [ते] सत्य. वाहदारए एज्जमाणे पासइ 2 ता हट्टतुट्ठा आसणाओ अन्मुठेइ 2 ता सत्त? पयाई अणुगच्छइ 2 ता ते सत्थवाहदारए एवं वयासी-संदिसंतु णं देवाणुप्पिया! किमिहागमणप्पओयणं / तए गं ते सत्थवाहदारगा देवदत्तं गणियं एवं वयासी-इच्छामो देवाणुप्पिए ! तुम्हेहिं सद्धि सुभमिमागस्स उज्जाणस्स उज्जाणसिरि पच्चणुभवमाणा विहरित्तए / तए णं सा देवदत्ता तेसि सत्थवाहदारगाणं एयमठं पडिसुणेइ 2 ता व्हाया कयबलिकम्मा कि ते पवर जाव सिरिसमाणवेसा जेणेव सत्थवाहदारगा तेणेव समागया। तए णं ते सत्थ. वाहदारगा देवदत्ताए गणियाए सद्धि जाणं दुल्हति 2 त्ता चंपाए णयरीए मज्झंमज्झेणं जेणेव सुभमिभागे उज्जाणे जेणेव गंदापोक्खरिणी तेणेव उवागच्छंति २त्ता पवहणाओ पच्चोहंति 2 ता गंदापोक्खरिणी ओगाहेंति 2 ता जल. मज्जणं करेंति जलकीडं करेंति व्हाया देवदत्ताए सद्धि पच्चत्तरंति जेणेव थणा. मंडवे तेणेव उवागच्छंति 2 ता थूगामंडवं अणुप्पविसंति 2 ता सवालंकार. Page #1132 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 3 1119 विभूसिया आसत्था वीसत्था सुहासणवरगया देवदत्ताए सद्धि तं विपुलं असणं 4 धूवपुप्फगंधर्वत्थं आसाएमाणा वीसाएमाणा (परिभाएमाणा) परिभुजेमाणा एवं च णं विहरंति जिमियभुत्तुतरागया वि य गं समाणा देवदत्ताए सद्धि विपुलाई माणुस्सगाई कामभोगाई भुंजमाणा विहरंति // 53 // तए गं ते सत्थवाहदारगा पुत्वावरण्हकालसमयंसि देवदत्ताए गणियाए सद्धि थूणामंडवाओ पडि. णिक्खमंति 2 ता हत्थसंगेल्लीए सुभूमिभागे बहुसु आलिघरएसु य कयलीघरेसु य लयाघरएसु य अच्छणघरएसु य पेच्छणघरएसु य पसाहणघरएसु य मोहणघरएसु य सालघरएसु य जालघरएसु य कुसुमघरएसु य उज्जाणसिरि पच्चणुब्भवमाणा विहरंति // 54 // तए गं ते सत्थवाहदारगा जेणेव से मालुयाकच्छए तेणेव पहारेत्थ गमणाए / तए णं सा वणमऊरी ते सत्थवाहदारए एज्जमाणे पासइ पासित्ता भीया तत्था० महया-महया सद्देणं केकारवं विणिम्मुयमाणी विणिम्मय. माणी मालुयाकच्छाओ पडिणिक्खमइ 2 ता एगसि रुक्खडालयंसि ठिच्चा ते सत्यवाहदारए मालुयाकच्छयं च अणिमिसाए दिट्ठीए पेहमाणी 2 चिट्ठइ / तए ण ते सत्यवाहवारगा अण्णमण्णं सहावेंति 2 ता एवं वयासी-जहा णं देवाणुप्पिया! एसा वणमऊरी अम्हे एज्जमाणे पासित्ता भीया तत्था तसिया उद्विग्गा पलाया महया 2 सद्देणं जाव अम्हे मालुयाकच्छयं च पेच्छमाणी 2 चिट्ठइ तं भवियध्वमेत्थ कारणेणं तिकट्ट मालयाकच्छयं अंतो अणुप्पविसंति 2 ता तत्थ णं दो पुठे परियागए. जाव पासित्ता अण्णमण्णं सहावेति 2 सा एवं वयासी-सेयं खल देवाणुप्पिया ! अम्हं इमे वणमऊरीअंडए साणं जाइ. मंताणं कुक्कुडियाणं अंडएसु (अ) पक्खिवाविसए / तए णं ताओ जाइमंताओ कुक्कुडियाओ ताए अंडए सए य अंडए सएणं पक्खवाएणं सारक्खमा. णीओ संगोवेमाणीओ विहरिस्संति / तए णं अम्हं एत्थं दो कीलावणगा मऊर. पोयगा भविस्संति-त्तिकटु अण्णमण्णस्स एयमढें पडिसुर्णेति 2 ता सए सए दासचेडए सहावेंति 2 त्ता एवं वयासी-गच्छह णं तुब्भे देवाणप्पिया ! इमे अंडए गहाय सगाणं जाइमंताणं कुक्कुडीणं अंडएसु पक्खिवह जाव ते वि पक्खिति / तए णं ते सत्थवाहदारगा देवदत्ताए गणियाए सद्धि सुभूमि. भागस्स उजाणस्स उज्जाणसिरिं पच्चणमवमाणा विहरित्ता तमेव जाणं दुरूढा समाणा जेणेव चंपा गयरी जेणेव देवदत्ताए गणियाए गिहे तेणेव उवा. Page #1133 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1120 अंग-पविट्ट सुत्ताणि गच्छंति 2 त्ता देवदत्ताए गिह अणुप्पविसंति 2 ता देवदत्ताए गणियाए विउलं जीवियारिहं पीइदाणं दलयंति 2 ता सक्कारेंति सम्माणेति स० 2 ता देव. दत्ताए गिहाओ पडिणिक्खमंति 2 ता जेणेव सयाई 2 गिहाइं तेणेव उवा. गच्छति 2 ता सकम्मसंपउत्ता जाया यावि होत्था // 55 // तए गंजे से सागरवत्तपुत्ते सत्थवाहदारए से णं कल्लं जाव जलते जेणेव से वणमऊरी. अंडए तेणेव उवागच्छइ 2 ता तंसि मऊरीअंडयंसि संकिए कंखिए वितिगिच्छ. समावण्णे भेयसमावण्णे कलससमावण्णे किणं ममं एत्थ कीलावणए मऊरी. पोयए भविस्सइ उदाहु णो भविस्सइ-त्तिकटु तं मऊरीअंडयं अभिक्खणं 2 उध्वत्तेइ परियत्तइ आसारेइ संसारेइ चालेइ फंदेइ घटेइ खोभेइ अभिक्खणं 2 कण्णमूलंसि टिट्टियावेइ। तए णं से मऊरीअंडए अभिक्खणं 2 उच्वत्तिज्जमाणे जाव टिट्रियावेज्जमाणे पोच्चडे जाए यावि होत्था / तए णं से सागरदत्तपुत्ते सत्थवाहदारए अण्णया कयाई जेणेव से मऊरीअंडए तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता तं मऊरीअंडयं पोच्चडमेव पासइ 2 त्ता अहो णं ममं एत्थ कीलावणए मऊरी. पोयए | जाए-त्तिकटु ओहयमण जाव झियायइ / एवामेव समणाउसो ! जो अम्हं णिग्गंथो वा 2 आयरियवउज्झायाणं अंतिए पवइए समाणे पंचमह. स्वएसु जाव छज्जीवणिकाएसु णिग्गंथे पावयणे संकिए जाव कलुससमावण्णे से गं इह भवे चेव बहणं समणाणं बहणं समणीणं बहणं सावगाणं साविगाणं होलणिज्जे णिदणिज्जे खिसणिज्जे गरहणिज्जे परिभवणिज्जे परलोए विय गं आगच्छइ बहणि दंडणाणि य जाव अणपरियट्टए // 56 // तए णं से जिणदत्तपुते जेणेव से मऊरीअंडए तेणेव उवागच्छइ 2 ता तंसि मऊरीअंडयंसि णिस्संकिए सुव्वत्तए णं मम एत्थ कीलावणए मऊरीपोयए भविस्सइ-त्तिकट तं मऊरीअंडयं अभिक्खणं 2 णो उन्वत्तेइ जाव णो टिट्रियावेइ / तए णं से मऊरीअंडए अणुव्वत्तिज्जमाणे जाव अटिट्टियाविज्जमाणे तेणं कालेणं तेणं समएणं उब्भिण्णे मऊरीपोयए एत्थ जाए। तए णं से जिणवत्तपुत्ते तं मऊरीपोययं पासइ 2 ता हट्टतुळे मऊरपोसए सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-तुब्भेणं देवाणुप्पिया ! इमं मऊरपोययं बहूहि मऊरपोसणपाओग्गेहिं दबेहिं अणुपुटवेणं सारक्खमाणा संगोवेमाणा संवेड्ढेह णटुल्लगं च सिक्खावेह / तए णं ते मऊरपोसगा जिणदत्तस्स पुत्तस्स एयमठ्ठ पडिसुर्णेति Page #1134 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 3 1121 2 ता तं मऊरपोयगं गेहंति 2 ता जेणेव सए गिहे तेणेव उवागच्छंति 2 ता तं मऊरपोयगंजाव णट्टल्लगं सिक्खावेंति / तए णं से मऊरपोयए उम्मपकबालभावे विण्णायपरिणयमेत्ते जोव्वणगमणुपत्ते लक्खणवंजणगुणोववेए माणम्माणप्पमाणपडिपुण्णपक्खपेहुणकलावे विचित्तपिच्छसतचंदए णीलकंठए गच्चणसीलए एगाए चप्पुडियाए कयाए समाणीए अणेगाइं णट्टल्लगसयाई केकारवसवाणि य करेमाणे विहरइ / तए णं ते मऊरपोसगा तं मऊरपोयगं उम्मक्क जाव करेमाणं पासित्ता णं तं मऊरपोयगं गेण्हंति २त्ता जिणदत्तस्स प्रत्तस्स उवणेति / तए णं से जिणदत्तपुत्ते सत्थवाहदारए मऊरपोयगं उम्मक्क जाव करेमाणं पासित्ता हट्ठतुठे तेसि विपुलं जीवियारिहं पीइदाणं जाव पडि. विसज्जेइ / तए णं से मऊरपोयए जिणदत्तपुत्तेणं एगाए चप्पुडियाए कयाए समाणीए णंगोलाभंगसिरोधरे सेयावंगे अवयारियपइण्णपवखे उक्खित्तचंद. काइयकलावे केवकाइयसयाणि विमुच्चमाणे णच्चइ / तए णं से जिणदत्तपत्ते तेणं मऊरपोयएणं चंपाए णयरीए सिंघाडग जाव पहेसु स (इ) एहि य साह. स्सिएहि य सयसाहस्सिएहि य पणिएहि य जयं करेमाणे विहरइ / एवामेव समणाउसो ! जो अम्हं णिग्गंथो वा 2 पव्वइए समाणे पंचमहत्वएस छज्जीवणिकाएसु णिग्गंथे पावयणे हिस्संकिए णिक्कखिए णिवितिगिच्छे से गं इहभवे चेव बहणं समणाणं जाव वीइवइस्सइ / एवं खल जंब ! समणेणं 3 जाव संपत्तेणं णायाणं तच्चस्स अज्झयणस्स अयमठे पण्णत्तेत्ति बेमि // 57 // गाहाओ-जिणवरभासियभावेसु भावसच्चेसु भावओ मइमं / णो कुज्जा संदेहं संदेहोऽणत्थहेउत्ति // 1 // णिस्संदेहत्तं पुण गुणहेउं जं तओ तयं कज्जं / एत्थं दो सिट्ठिसुया अंडयगाही उदाहरणं // 2 // कत्थइ मइ. दुब्बल्लेण तविहायरियविरहओ वा वि / यगहणत्तणेणं णाणावरणोदएणं च // 3 // हेऊदाहरणासंभवे य सइ सुठ्ठ ज ण बुज्झिज्जा / सवण्णुमयमवितहं तहावि इइ चितए महमं // 4 // अणुवकयपराणुग्गहपरायणा जं जिणा जग. प्पवरा। जियरागदोसमोहा य णण्णहावाइणो तेण // 5 // // तच्च अज्झयणं समत्तं। Page #1135 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1122 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि कुम्मे णामं चउत्थं अज्झयणं जइ णं भंते ! समणेणं 3 णायाणं तच्चस्स णायज्झयणस्स अयम? पण्णत्ते चउत्थस्स णं णायाणं के अट्ठे पणते ? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं वाणारसी णामं णयरी होत्था वष्णओ। तीसे गं वाणारसीए णयरीए बहिया उत्तरपुरस्थिमे दिसीभाए गंगाए महाणईए मयंगतीरद्दहे णामं दहे होत्था अणुपुच्वसुजायवप्पगंभीरसीयलजले अच्छविमलसलिलपलिच्छण्णे संछण्णपत्त. पुप्फपलासे बहु उप्पलप उमकुमुयणलिणसुभगसोगंधियपुंडरीयमहापुंडरीयसयपत्त. सहस्सपत्तकेसरपुप्फोवचिए पासाईए.४ / तत्थ णं बहूणं मच्छाण य कच्छमाण य गाहाण य मगराण य संसुमाराण य सइयाण य साहस्सियाण य सयसाहस्सि. याण य ज हाई णिभयाइंणिरुविग्गाई सुहंसुहेणं अभिरममाणाई 2 विहरंति / तस्स णं मयंगतीरद्दहस्स अदूरसामंते एत्थ णं महं एगे मालुयाकच्छए होत्था / वण्णओ / तत्थ णं दुवे पावसियालगा परिवसंति पावा चंडा रहा तल्लिच्छा साहसिया लोहियपाणी आमिसत्थी आमिसाहारा आमिस प्पिया आमिसलोला आमिसं गवेसमाणा रत्ति वियालचारिणो दिया पच्छष्णं चावि चिट्ठति / तए गं ताओ मयंगतीरहहाओ अण्णया कयाई सूरियंसि चिरस्थमियंसि लुलियाए संझाए पविरलमाणसंसि णिसंतपडिणिसंतंसि समाणंसि दुवे कुम्मगा आहारत्थी आहारं गवेसमाणा सणियं 2 उत्तरंति तस्सेव मयंगतीरद्दहस्स परिपेरंतेणं सव्वओ समंता परिघोलेमाणा 2 वित्ति कप्पेमाणा विहरंति / तयाणंतरं च गं ते पावसियालगा आहारत्थी जाव आहारं गवेसमाणा मालयाकच्छयाओ पडिणिक्खमंति 2 ता जेणेव मयंगतीरहहे तेणेव उवागच्छंति 2 ता तस्सेव मयंगतीरद्दहस्स परिपेरंतेणं परिघोलेमाणा 2 वित्ति कप्पेमाणा विहरंति तए णं ते पावसियाला ते कुम्मए पासंति 2 ता जेणेव ते कुम्मए तेणेव पहारेत्थ गमणाए / तए णं ते कुम्मगा ते पावसियालए एज्जमाणे पासंति 2 ता भीया तत्था तसिया उविग्गा संजायभया हत्थे य पाए य गीवाए य सएहि 2 काहि साहरंति २त्ता णिच्चला गिफंदा तुसिणीया संचिद्रेति / तए णं ते पावसियालगा जेणेव ते कुम्मगा तेणेव उवागच्छंति 2 ता ते कुम्मगा सवओ समंता उव्वत्तेति परियतेति आसारेति संसारेति चालेंति घट्टेति फंदेति खो ति पहेहि आलुपंति दंतहि य अवखोडेंति णो चेव णं संचाएति तेसि कुम्मगाणं सरीरस्स आबाहं Page #1136 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 4 वा पबाहं वा वाबाहं वा उप्पाएत्तए छविच्छेयं वा करेत्तए / तए गं ते पाव. सियालगा एएं कुम्मए दोच्चपि तच्चपि सवओ समंता उम्वत्तेति जाव णो चेवणं संचाएंति करेत्तए ताहे संता तंता परितंता णिविण्णा समाणा सणियं 2 पच्चोसक्केंति एगंतमवक्कमति 2 ता णिच्चला णिप्फंदा तुसिणीया संचिठ्ठति / तत्थ णं एगे कुम्मगे ते पावसियालए चिरंगए दूरंगए जाणित्ता सणियं 2 एगं पायं णिच्छभइ / तए गं ते पावसियालगा तेणं कुम्मएणं सणियं 2 एगं पायं णोणियं पासंति 2 ता (ताए उक्किट्ठाए गईए) सिग्धं चवलं तुरियं चंडं जइणं वेगियं जेणेव से कुम्मए तेणेव उवागच्छंति 2 त्ता तस्स पं कुम्मगस्स तं पायं णोहिं आलुपति दंतेहिं अक्खोडेति तओ पच्छा मंसं च सोणियं च आहारेंति 2 ता तं कुम्मगं सवओ समंता उव्वत्तेति जाव णो चेव णं संचाएंति करेत्तए ताहे दोच्चपि अवक्कमंति एवं चत्तारि वि पाया जाव सणियं 2 गीवं णीणेइ / तए गं ते पावसियालगा तेणं कुम्मएणं गीवं णीणियं पासंति 2 ता सिग्धं चवलं 4 महेहि दंतेहि कवालं विहाडेंति 2 ता तं कुम्मगं जीवियाओ ववरोवेंति 2 ता मंसं च सोणियं च आहारेंति / एवामेव समणाउस्तो ! जो अम्हं णिग्गंथो वा 2 आयरिय उवज्झायाणं अंतिए पवइए समाणे पंच य से इंदिया अगता भवंति से णं इहभवे चेव बहूणं समणाणं 4 हीलणिज्जे परलो वि य गं आगच्छइ बहूणं दंडगाणं जाव अणुपरियट्टइ जहा (व) से कुम्मए अत्तिदिए। तए णं ते पावसियालगा जेणेव से दोच्चे कुम्मए तेणेव उवागच्छंति 2 त्ता तं कुम्मगं सव्वओ समंता उम्वत्तेति जाव दंतेहिं अक्खुडेंति जाव करेत्तए / तए णं ते पावसियालगा दोच्चपि तच्चपि जाव णो संचाएंति तस्स कुम्म. गस्स किंचि आवाहं वा विबाहं वा जाव छविच्छेयं वा करेत्तए ताहे संता तंता परितंता णिविण्णा समाणा जामेव दिसि पाउन्भूया तामेव दिसि पडि. गया / तए णं से कुम्मए ते पावसियालए चिरंगए दूरगए जाणित्ता सणियं 2 गीवं णेणेइ 2 त्ता दिसावलोयं करेइ 2 ता जमगसमगं चतारि वि पाए णीणेइ 2 ता ताए उक्किट्ठाए कुम्मगईए वीईवयमाणे 2 जेणेव मयंगतीर. .दहे तेणेव उवागच्छइ 2 ता मित्तणाइणियगतयणसंबंधिपरियणेणं सद्धि अभिसमण्णागएं यावि होत्था / एवामेव समणाउसो ! जो अम्हं समणो वा समणी वा पंच (य) से इंदियाइं गुत्ताइं भवंति जाव जहा (उ) व से Page #1137 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1124 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि कुम्मए गुत्तिदिए / एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेणं च उत्थस्स णायज्झयणस्स अयमठे पण्णत्तेत्ति बेमि // 55 // गाहाउ-विसएसु इंदिआई रुंभंता रागदोसणिम्मुक्का / पावंति णिव्वुइसुहं कुम्मत्व मयंगदहसोक्खं // 1 // अवरे उ अणत्थपरंपरा उ पावेंति पावकम्मवसा / संसारसागरगया गोमा. उग्गसियकुम्मोय // 2 // ॥च उत्थं अज्झयणं समत्तं // सेलगे णामं पंचमं अज्झयणं जइणं भंते ! समणेणं भगवया महावीरेणं चउत्थस्स णायज्झयगस्स अयमलें पण्णत्ते पंचमस्स णं भंते ! णायज्झयणस्स के अट्ठे पण्णते? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं बारवई णामं णयरी होत्था पाईणपड़ीणायया उदीणदाहिणवित्थिण्णा णव जोयगवित्थिण्णा दुवालसजोयणायामा धणवइमइणिम्माया चामीयरपवरपागारा णाणामणिपंचवण्णकविसीसगसोहिया अलयापुरिसंकासा पमइयपक्कीलिया पच्चक्खं देयलोयभया। तीसे णं बारवईए णयरीए बहिया उत्तरपुरच्छिमे दिसीभाए रेवयगे णाम पव्वए होत्था तुंगे गगणतलमगुलिहंत. सिहरे णाणाविहगुच्छगुम्मलयावल्लिपरिगए हंसमिगमयूरकोंचसारसचकवा. यमयणसालकोइलकुलोववेए अणेगतडकडगवियरउज्झर (य) पवायपभार. सिहरपउरे अच्छरगणदेवसंघचारणविज्जाहरमिहणसंविचिण्णे णिच्चच्छगए दसारवरवीरपुरिसतेलोक्कबलवगाणं सोमे सुभगे पियासणे सुरुवे पासाईए 4 / तस्स णं रेवयगस्स अदूरसामंते एत्थ णं गंदणवणे णामं उज्जाणे होत्या सव्वोउयपुप्फफलसमिद्धे रम्मे गंदणवणप्पगासे पासाईए 4 / तस्स णं उज्जा. णस्स बहुमज्झदेसभाए सुरप्पिए णामं जक्खाययणे होत्था दिव्वे वणओ। तत्थ णं बारवईए णयरीए कण्हे णामं वासुदेवे राया परिवसइ / से गं तत्थ समुह विजयपामोक्खाणं दसहं दसाराणं बलदेवपामोक्खाणं पंचण्हं महावीराणं उग्गसेगपामोक्खाणं सोलसहं राईसहस्साणं पज्जुग्णपामोखाणं अद्धदाणं कुमारकोडीणं संबपामोक्खाणं सट्ठीए दुदंतसाहस्सीणं वीरसेण. पामोक्खाणं एक्कबीसाए वीरसाहस्सीणं महासेणपामोक्खाणं छप्पण्णाए बलवग. साहस्सीणं रुप्पिणीपामोक्खाणं बत्तीसाए महिलासाहस्सीणं अणंगसेणापामो. Page #1138 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 5 1125 क्खाणं अणेंगाणं गणियासाहस्सीणं असि च बहूणं ईसरतलवर जाव सत्थ. वाहपभिईणं वेयडगिरिसागरपेरंतस्स य दाहिणड्डभरहस्स य बारवईए णयरीए आहेवच्चं जाव पालेमाणे विहरइ // 56 // तस्स गं बारवईए णयरी थावच्चा णाम गाहावइणी परिवसइ अड्डा जाव अपरिभूया। तीसे गं थावच्चाए गाहावइणीए पुत्ते थावच्चापुत्ते णामं सत्थवाहदारए होत्था सुकुमालपाणिपाए जाव सुरूवे / तए णं सा थावच्चा गाहावइणी तं दारयं साइरेगअट्ठवासजाययं जाणित्ता सोहणंसि तिहिकरणणक्खत्तमहत्तंसि कला. यरियस्स उवणेइ जाव भोगसमत्थं जाणित्ता बत्तीसाए इब्भकुलबालियाणं एगदिवसेणं पाणि गेण्हावेइ बत्तीसओ दाओ जाव बत्तीसाए इब्भकुलबालियाहिं सद्धि विपुले सहफरिसरसरूबवण्णगंधे जाव भुंजमाणे विहरइ। तेणं कालेणं तेणं समएणं अरहा अरिडणेमी सो चेव वण्णओ दसधणुस्सेहे णीलुप्पलगवलगुलियअयसिकुसुमप्पगासे अट्ठारसहि समणसाहस्सीहिं चत्तालीसाए अज्जियासाहस्सीहि सद्धि संपरिवुडे पुन्वाणुपुचि चरमाणे जाव जेणेव बारवई णगरी जेणेव रेक्यगपव्वए जेणेवणंदणवणे उज्जाणे जेणेव सुरप्पियस्स जक्खस्स जक्खा. ययणे जेणेव असोगवरपायवे तेणेव उवागच्छइ 2 ता अहापडिरूवं उग्गहं ओगिहित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ / परिसा णिग्गया धम्मो कहिओ / तए णं से कण्हे वासुदेवे इमोसे कहाए लद्धठे समाणे कोडुबिय. पुरिसे सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणप्पिया ! सभाए सुह. माए मेघोघरसियं गंभीरमहुरसई कोमुइयं भेरि तालेह / तए णं ते कोडुंबिय. पुरिसा कण्हेणं वासुदेवेणं एवं वृत्ता समाणा हट्टतुट्ठ जाव मत्थए अंजलि कट एवं सामी ! तह ति जाव पडिसुर्णेति 2 ता कण्हस्स वासुदेवस्स अंतियाओ पडिणिक्खमंति 2 ता जेणेव सभा सुहम्मा जेणेव कोमुइया भेरी तेणेव उवागच्छंति 2 ता तं मेघोघरसियं गंभीरमहुरसई कोमुइयं भेरि तालेति / तओ णिद्धमहुरगंभीरपडिसुएणं पिव सारइएणं बलाहएणं (पिव) अणुरसियं भेरीए / तए णं तीसे कोमुइयाए भेरीया तालियाए समाणीए बारवईए णयरीए णवजोयणवित्थिण्णाए दुवालसजोयणायामाए सिंघाडगतियचउक्कचच्चरकंदरदरी (य) विवरकुहरगिरिसिहरनगरगोउरपासायदुवारभवणदे उलपडिस्तुयासयसहस्ससंकुलं (सई) करेमाणे बारवईए Page #1139 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1126 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि णयरीए समितरबाहिरियं सवओ समंता से सद्दे विप्प सरित्था / तए णं बारवईए णयरीए णवजोयणवित्थिण्णाए बारसजोयणायामाए समुविजय. पामोक्खा दस दसारा जाव गणियासहस्साई कोमुईयाए भेरीए सई सोच्चा णिसम्म हतुवा जाव हाया आविद्धवग्धारियमल्लदामकलाका अहयवत्य. चंदणोक्किण्णगायसरीरा अप्पेगइया हयगया एवं गयगया रहसीयासंदमाणीगया अप्पेगइया पायविहारचारेणं पुरिसवग्गुरापरिक्खित्ता कण्हस्स वासुदेवस्स अंतियं पाउन्भवित्था / तए णं से कण्हे वासुदेवे समहविजयपामोक्खे दस दसारे जाव अंतियं पाउन्भवमाणे पासइ पासित्ता हट्टतुटु जाव कोडंबियपुरिसे सहावेइ 2 ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! चाउरंगिण सेणं सज्जेह विजयं च गंधहत्थि उवट्ठवेह / तेवि तहत्ति उवट्ठवेंति जाव पज्जुवासंति // 60 // थावच्चापुत्त वि णिग्गए जहा मेहे तहेव धम्म सोच्चा णिसम्म जेणेव थावच्चा गाहावइणी तेणेव उवागच्छइ 2 ता पायग्गहणं करेंइ जहा मेहस्स तहा चेव णिवेषणा जाहे णो संचाएइ विसयाणुलोमाहि य विसयपडिकूलाहि य बाहिं आघवणाहि य पण्णवणाहि य सण्णवणाहि य विष्णवणाहि य आघवित्तए वा 4 ताहे अकामिया चेव थावच्चापुत्तस्स मिक्खमणमणमण्णित्था ( णवरं णिक्खमणाभिसेयं पासामो, तए णं से थावच्चापुत्ते तुसिणीए संचिट्ठइ) तए णं सा थावच्चा आसणाओ अभछे 2 ता महत्थं महग्धं महरिहं रायरिहं पाहडं गेहइ 2 ता मित्त जाव संपरिवडा जेणेव . कण्हस्स वासुदेवस्स भवणवरपडिदुवारदेसभाए तेणेव उवागच्छइ 2 ता पडिहारदेसिएणं मग्गेणं जेणेव कण्हे वासुदेवे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता करयल जाव वद्धावेइ 2 ता तं महत्थं 4 पाहुडं उवणेइ 2 ता एवं क्यासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! मम एगे पुत्ते थावच्चापुत्ते णाम दारए इठे जाव से णं संसारभउब्बिग्गे (भीए) इच्छइ अरहओ अरिटमिस्स जाव पवइत्तए / अहं णं णिक्खमण. सक्कारं करेमि / इच्छामि गं देवाणप्पिया ! थावच्चापुत्तस्स णिक्खममाणस्स छत्तम उडचामराओ य विदिण्णाओ। तए णं कण्हे वासुदेवे थावच्चागाहावणि एवं वयासी-अच्छाहि णं तुमं देवाणुप्पिए ! सुणिन्वुया वीसत्या / अहं णं सय. मेव थावच्चापुत्तस्स दारगस्स णिक्खमणसक्कारं करिस्सामि / तए णं से कण्हे वासुदेवे चाउरंगिणीए सेणाए विजयं हत्थिरयणं दुरूढे समाणे जेणेव थावच्चाए Page #1140 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 5 1127 गाहावइणोए भवणे तेणेव उवागच्छइ 2 ता थावच्चापुत्तं एवं वयासी-मा णं तुमे देवाणुप्पिया ! मुंडे भवित्ता पव्वयाहि, भुंजाहि गं देवाणुप्पिया ! विउले माणस्सए कामभोगे मम बाहुच्छायापरिग्गहिए, केवलं देवाणुप्पियस्स अहं णो संचाएमि वाउकायं उवरिमेणं गच्छमाणं णिवारित्तए, अण्णे णं देवाणुप्पि. यस्स जं किंचि (वि) आबाहं वा वाबाहं वा उप्पाएइ तं सव्वं णिवारेमि / तए णं से थावच्चापुत्ते कण्हेणं वासुदेवेणं एवं वुत्ते समाणे कण्हं वासुदेवं एवं वयासी-जइ गं तुम देवाणुप्पिया ! मम जीवियंतकरणं मच्चं एज्जमाणं णिवारेसि जरं वा सरीररूवविणासिणि सरीरं अइवयमाणि णिवारेसि तए णं अहं तव बाहुच्छायापरिग्गहिए विउले माणुस्सए कामभोगे भुंजमाणे विहरामि। तए णं से कण्हे वासुदेवे थावच्चापुत्तेणं एवं वुत्ते समाणे थावच्चापुत्तं एवं वयासी-एए णं देवाणुप्पिया ! दुरइक्कमणिज्जा, णो खलु सक्का सुबलिए. णावि देवेण वा दाणवेण वा णिवारित्तए णण्णत्थ अप्पणो कम्मक्खएणं / तए णं से थावच्चापुत्ते कण्हं वासुदेवं एवं वयासी-जंइ णं एए दुरइक्कमणिज्जा णो खलु सक्का सुबलिएणावि देवेण वा दाणवेण वा णिवारित्तए णण्णत्थ अप्पणो कम्मक्ख एणं तं इच्छामि गं देवाणुप्पिया ! अण्णाणमिच्छत्तअविरइ. कसायसंचियस्स अत्तणो कम्मक्खयं करित्तए / तए णं से कण्हे वासूदेवे थाव. च्चापुत्तेणं एवं वुत्ते समाणे कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 ता एवं वयासीगच्छह णं देवाणु प्पिया! बारवईए णयरीए सिंघाडगतिग जाव पहेसु हत्थिखंधवरगया महया 2 सद्देणं उग्घोसेमाणा 2 उग्घोसणं करेह-एवं खलु देवाणप्पिया ! थावच्चापुत्ते संसारभउविग्गे भीए जम्मणजरमरणाणं इच्छइ भरहओ अरिडणेमिस्स अंतिए मुंडे भवित्ता पव्वइत्तए, तं जो खलु देवाणुप्पिया राया वा जुवराया वा देवी वा कुमारे वा ईसरे वा तलवरे वा कोडुबियमाडं. बियइन्भसेट्ठिसेणावइसत्थवाहे वा थावच्चापुत्तं पव्वयंतमणुपन्वयइ तस्स णं कण्हे वासुदेवे अणुजाणइ पच्छाउरस्स वि य से सित्तणाइणियगसंबंधिपरिजणस्स जोग खेमं वट्टमाणं पडिवहइ-त्तिकट्ट घोसणं घोसेह जाव घोसति / तए.णं थावच्चापुत्तस्स अणुराएणं पुरिससहस्सं णिक्खमणाभिमुहं हायं सव्वालंकारविभूसियं पत्तेयं 2 पुरिससहस्सवाहिणीसु सिवियासु दुरूढं समाणं मित्तणाइपरिवुडं थावच्चापुत्तस्स अंतियं पाउन्भूयं / तए णं से कण्हे वासुदेवे पुरिस. Page #1141 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1128 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि सहस्सं अंतियं पाउड्भवमाणं पासइ 2 ता कोडुंबियपुरिसे सहावेइ 2 ता एवं वयासी-जहा मेहस्स णिक्खमणाभिसेओ तहेव सेयापीएहि कलसेहि, पहावेइ नाव अरहओ अरिट्रणेमिस्स छत्ताइच्छतं पडागाइपडागं पासइ 2 ता विज्जा. हरचारणे जाव पासित्ता सी (सिवि) याओ पच्चोरुहइ / तए णं से कण्हे वासुदेवे थावच्चापुत्तं पुरओ काउं जेणेव अरहा अरिट्ठणेमी सव्वं तं चेव जाव आभरणमल्लालंकारं ओमयइ। तए णं सा थावच्चा गाहावइणी हंसलक्खणेणं पडगसाडएणं आभरणमल्लालंकारे पडिच्छह हारवारिधारछिण्णमत्ताव. लिप्पगासाई अंसूणि विणिम्मुंचमाणी 2 एवं वयासी-जइयन्नं जाया ! घडियध्वं जाया ! परिक्कमियध्वं जाया ! अस्सि च णं अट्ठे णो पमाएयव्वं / जामेव दिसि पाउभया तामेव दिसि पडिगया। तए णं से थावच्चापुत्ते पुरिससहस्सेहि सद्धि सयमेव पंचमुट्ठियं लोयं करेइ जाव पव्वइए / तए णं से थावच्चापुत्ते अणगारे जाए इरियासमिए भासासमिए जाव विहरइ / तए णं से थावचा पुत्ते अरहओ अरिट्रणेमिस्स तहारूवाणं थेराणं अंतिए सामाइय. माइयाई चोद्दसपुबाई अहिज्जइ 2 ता बहूहिं जाव चउत्थेणं विहरइ / तए णं अरिहा अरिटणेमी थावच्चापुत्तस्स अणगारस्स तं इब्माइयं अणगार. सहस्सं सीसत्ताए दलयइ / तए णं से थावच्चापुत्ते अण्णया कयाइं अरहं अरिटणेमि बंदइ णमंसइ वं०२ ता एवं वयासी-इच्छामि णं भंते ! तुम्ह अन्भणण्णाए समाणे अणगारसहस्सेणं सद्धि बहिया जणवयविहारं विहरित्तए / अहासुह देवाणुप्पिया ! / तए णं से थावच्चापुत्ते अणगारसहस्सेणं सद्धि तेणं उरालेणं उ (द) ग्गेणं पयत्तेणं पग्गहिएणं बहिया जणवयविहारं विहरइ // 61 // तेणं कालेणं तेणं समएणं सेलगपुरे णामं णगरे होत्था / सुभूमिभागे उज्जाणे / सेलए राया, पउमावई देवी, मंडुए कुमारे जुवराया। तस्स गं सेलगस्स पंथगपामोक्खा पंच मंतिसया होत्था उत्पत्तियाए वेणइयाए कम्मिथाए पारिणामियाए उववेया रज्जधुरं चितयंति / थावच्चा. पुत्ते सेलगपुरे समोसढे / राया णिग्गए धम्मकहा / धम्म सोच्चा जहा णं देवाणु प्पियाणं अंतिए बहवे उग्गा भोगा जाव चइत्ता हिरणं जाव पव्वइया तहा णं अहं णो संचाएमि पव्वइत्तए / अहं णं देवाणुप्पियाणं अंतिए पंचा. णुब्वइयं जाव समणोवासए जाव अहिगयजीवाजीवे जाव अप्पाणं Page #1142 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 5 1129 भावेमाणे विहरइ / पंथगपामोक्खा पंच मंतिसया य समणोवासया जाया थावच्चापुत्ते बहिया जगवयविहारं विहरइ / तेणं कालेणं तेणं समएणं सोगं. धिया णाम णयरी होत्था वण्णओ। गीलासोए उज्जाणे वण्णओ / तत्थ गं सोगंधियाए णयरीए सुदंसणे णामं जयरसेट्ठी परिवसइ अड्ढे जाव अपरिभूए / तेणं कालेणं तेणं समएणं सुए णाम परिव्वायए होत्था रिउव्वेयजजुब्वेयसामवेयअथव्वणवेयसद्वितंतकुसले संखसमए लद्धठे पंचजमपंचणियमजुत्तं सोय. मूलयं दसप्पयारं परिव्वायगधम्म दाणधम्मं च सोयधम्मं च तित्थाभिसेयं च आघवेमाणे पण्णवेमाणे धाउरत्तवत्थपवरपरिहिए तिदंडकुंडियछत्तछण्णालय. अंकुसपवित्तयकेसरिहत्थगए परिव्वायगसहस्सेणं सद्धि संपरिवडे जेणेव सोगंधिया णयरी जेणेव परिव्वायगावसहे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता परिव्वायगावसहंसि भंडगणिक्खेवं करेइ 2 ता संखसमएणं अप्पाणं भावेमाणे विहरइ / तए गं सोगंधियाए णगरीए सिंघाडग जाव बहुजणो अण्णमग्णस्स एवमाइक्खइएवं खल सुए परिवायए इहमागए जाव विहरइ / परिसा णिग्गया। सुदंसणो वि जिग्गए / तए णं से सुए परिव्वायए तीसे परिसाए सुदंसणस्स य अण्णेसि च बहूणं संखाणं परिकहेइ-एवं खलु सुदंसणा ! अम्हं सोयमूलए धम्मे पण्णत्ते / से वि य सोए दुविहे पण्णत्ते तंजहा-दव्वसोए य भावसोए य / दवसोए य उदएणं मट्टियाए य। भावसोए दब्मेहि य मंतेहि य / ज णं अम्हं- देवाणुप्पिया ! किचि असुई भवइ तं सव्वं स (ज्जो). ज्जपुढवीए आलिप्पइ तओ पच्छा सुद्धण वारिणा पक्खालिज्जइ तओ तं असुई सुई भवइ / एवं खलु जीवा जलाभिसेयपूयप्पाणो अविग्घेणं सगं गच्छति / तए णं से सुदंसणे सुयस्स अंतिए धम्म सोच्चा हट्टे सुयस्स अंतियं सोयमलयं धम्मं गेहइ 2 ता परिव्वायए विउलेणं असणपाणखाइमसाइमेणं पडिलाभेमाणे जाव विहरइ / तए णं से सुए परिवायए सोगंधियाओ णयरीओ णिग्गच्छइ 2 ता बहिया जणवयविहारं विहरइ / तेणं कालेणं तेणं समएणं थावच्चापुत्तस्स समोसरणं / परिसा णिग्गया / सुदंसणो वि णिगए थावच्चापुत्तं वंदइ णमंसइ वं० 2 एवं वयासी-तुम्हाणं किंमूलए धम्मे पण्णते ? / तए णं थावच्चापुत्ते सुदंसणेणं एवं वृत्त समाणे सुदंसणं एवं वयासी-सुदंसगा ! विणयमूले धम्मे पण्णत्ते / से विय विणए Page #1143 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1130 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि दुविहे पण्णत्ते तंजहा-अगारविणए य अणगारविणए य / तत्थ गंजे से अगार. विणए से गं पंच अणुव्वयाइं सत्त सिक्खावयाई एक्कारस. उवासगपडिमाओ / तत्थ णं जे से अणगारविणए से णं पंच महव्वयाई. तंजहा-सव्वाओ पाणाइ. वायाओ वेरमणं सव्वाओ मसावायाओ वेरमणं सव्वाओ अदिण्णादाणाओ वेर. मणं सवाओ मेहुणाओ वेरमणं सवाओ परिग्गहाओ वेरमणं सव्वाओ राइ. भोयगाओ वेरमणं जाव मिच्छादसणसल्लाओ वेरमणं दसविहे पच्चक्खाणे बारस भिक्खुपडिमाओ इच्चेएणं दुविहेणं विणयमूलएणं धम्मेणं अणुपुव्वेणं अट्ठकम्म पगडीओ खवेत्ता लोयग्गपइटाणे भवंति। तए णं थावच्चापुत्ते सुदंसणं एवं वयासी-तुब्भे णं सुदंसणा! किमलए धम्मे पण्णत्ते ? अम्हाणं देवाणुप्पिया ! सोयमूले धम्मे पणत्ते जाव सग्गं गच्छंति / तए णं थावच्चापुत्ते सुदंसणं एवं वयासी-सुदंसणा ! से जहाणामए केइ पुरिसे एंगं महं रुहिरकयं वत्थं रुहिरेण चेव धोवेज्जा तए णं सुदंसणा! तस्स रुहिरकयस्स वत्थस्स रुहिरेण चेव पक्खालिज्जमाणस्स अस्थि काइ सोही? णो इणठे समठे / एवामेव सुदं. सणा ! तुभपि पाणाइवाएणं जाव मिच्छादसणसल्लेणं णत्थि सोही जहा तस्स रुहिरकयस्स वत्थस्स रुहिरेणं चेव पक्खालिज्जमाणस्स णत्थि सोही। सुदंसणा! से जहाणामए केइ पुरिसे एगं महं रुहिरकयं वत्थं सज्जियाखारेणं अलिपइ 2 ता पयगं आरुहेइ 2 ता उण्हं गाहेइ 2 ता तओ पच्छा सुद्धण वारिणा धोवेज्जा से णणं सुदंसणा! तस्स रुहिरकयस्स वत्थस्स सज्जियाखारेणं अणु. लित्तस्स पयणं आरुहियस्स उण्हं गाहियस्स सुद्धणं वारिणा पक्खालिज्जमाणस्स सोही भवइ ? हंता भवइ / एवामेव सुदंसणा ! अम्हंपि पाणाइवायवेरमणेणं जाव मिच्छादसणसल्लवेरमणेणं अस्थि सोही जहा वि तस्स रुहिरकयस्स वत्थ. स्स जाव सुद्धणं वारिणा पक्खालिज्जमाणस्स अस्थि सोही। तत्थ णं (से) सुदंसणे संबद्ध थावच्चापुत्तं वंदइ णमंसइ बं० 2 ता एवं वयासी-इच्छामि णं भंते ! धम्म सोच्चा जाणित्तए जाव समणोवासए जाए अभिगयजीवाजीवे जाव पडिला मेमाणे विहरइ / तए णं तस्स सुयस्स परिवायगस्स इमीसे कहाए लद्धट्ठस्स समाणस्स अयमेयारूवे जाव समुप्पज्जित्था-एवं खलु सुदंसणेणं सोयधम्मं विप्पजहाय विणयमले धम्मे पडिवण्णे / तं सेयं खल मम सुदंसणस्स दिट्ठि वामेत्तए पुणरवि सोयमूलए धम्मे आघवित्तए त्तिकटु एवं संपेहेइ 2 ता परिव्वायगसहस्सेणं सद्धि जेणेव सोगंधिया णयरी जेणेव परि Page #1144 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 5 1131 व्वायगावसहे तेणेव उवागच्छइ 2 ता परिव्वायगावसहंसि भंडणिक्खेवं करेइ 2 ता धाउरत्तवत्थं [पवर] परिहए पविरलपरिवायगेणं सद्धि संपरिवुडे परिवायगावसहाओ पडिणिक्खमइ 2 ता सोगंधियाए णयरीए मज्झमज्झेणं जेणेव सुदंसणस्स गिहे जेणेव सुदंसणे तेणेव उवागच्छइ / तए णं से सुदंसणे तं सुयं एज्जमाणं पासइ 2 ता णो अब्भुठेइ णो पच्चुग्गच्छइ णो आढाइ गो परियाणाइ णो वंदइ तुसिणीए संचिट्ठइ / तए णं से सुए परिव्वायए सुदंसणं अणब्भुट्टियं पासित्ता एवं वयासी-तुमं णं सुदंसणा ! अण्णया ममं एज्जमाणं पासित्ता अब्भुट्ठसि जाव वंदसि, इयाणि सुदंसणा ! तुमं ममं एज्जमाणं पासिता जाव णो वंदसि, तं कस्स णं तुमे सुदंसणा ! इमेयारूवे विणयमले धम्मे पडिवण्णे ? / तए णं से सुदंसणे सुएणं परिवायएणं एवं वुत्ते समाणे आसणाओ अब्भुढेइ 2 ता करयल जाव सुयं परिव्वायगं एवं बयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! अरहओ अरिडणेमिस्स अंतेवासी थाव. च्चापुत्ते णामं अणगारे जाव इहमागए इह चेव. णीलासोए उज्जाणे विहरइ, तस्स णं अंतिए विणयमले धम्मे पडिवणे / तए गं से सुए परिवायए सुसणं एवं वयासी-तं गच्छामो •णं सुदंसणा! तव धम्मायरियस्त थावच्चा. पुसस्स अंतियं पाउब्भवामो इमाइंच गं एयारूवाइं अट्राइं हेऊई पसिणाई कारणाई वागरणाई पुच्छामो / तं जाणं मे से इमाइं अट्ठाइं जाव वाग. रेइ तओ णं अहं वंदामि पमंसामि / अह मे से इमाइं अट्ठाई जाव णो से वाग. रेइ तओ णं अहं एएहि चेव अठेहि हेऊहिं णिप्पटुपसिणवागरणं करिस्सामि / तए गं से सुए परिवायगसहस्सेणं 'सुदंसणेण य सेटिणा सद्धि जेणेव णीलासोए उज्जाणे जेणेव थावच्चापुत्ते अणगारे तेणेव उवागच्छइ 2 ता थावच्चापुत्तं एवं वयासी-जत्ता ते भंते ! जवणिज्जं ते अव्वाबाहं पिते फासुयं विहारं ते ? / तए णं से थावच्चापुत्ते सुएणं परिवायगेणं एवं वृत्ते समाणे सुयं परिव्वायगं एवं वयासी-सुया ! जतावि मे जवणिज्जपि मे अव्वा. बाहपि मे फासूय विहारंपि मे / तए णं से सुए थावच्चापुत्तं एवं वयासी-कि भंते ! जत्ता ? सुया ! जं णं मम गाणसणचरित्ततवसंजममाइएहि जोएहि जोयणा से तं जता.। से किं तं भंते ! जवणिज्जं? सुया ! जवणिज्जे दुविहे पण्णत्ते तंजहा-इंदियजवणिज्जे य णो इंदियजवणिज्जे य / से कि तं इंदिय. Page #1145 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1132 अंग-पविटु सुत्ताणि जवणिज्ज ? सुया ! ज णं ममं सोइंदियचक्खिदियघाणिदिजिनिभदियफासि. दियाई णिरुवहयाई वसे वटुंति से तं इंदियजवणिज्ज / से किं तं गोइंदिय. जवणिज्जे ? सुया ! जं णं कोहमाणमायालोमा खीणा उवसंता णो उदयंति से तं णोइंदियजवणिज्जे / से कि तं भंते ! अव्वाबाहं ? सुया ! जणं मम वाइयपित्तिसिभियसण्णिवाइया विविहा रोगायका णो उदीरेंति से तं अव्वा. बाहं / से कि तं भंते ! फासुयविहारं ? सुया ! जं णं आरामेसु उज्जाणेसु दे(व) उलेसु सभासु पचासु इत्थीपसुपंडगविवज्जियासु वसहीसु पाडिहारियं पीढफलगसेज्जासंथारयं ओगिण्हित्ताणं विहरामि से तं फासुयविहारं / सरिसवया ते भंते ! कि भक्खया अभक्खया ? सुया ! सरिसवया भक्खेयावि अभक्खयावि। से केणठेणं भंते ! एवं वच्चइसरिसवया भक्खेयावि अभक्खे. यावि ? सुया! सरिसवया दुविहा पणता तंजहा-मित्तसरिसवया य धण्ण. सरिसवया य / तत्थ णं जे ते मित्तसरिसक्या ते तिविहा पण्णत्ता तंजहा-सहजायया सहवडियया सहपंसुकीलियया ते णं समणाणं णिग्गंथाणं अभक्खेया, तत्थ गं जे ते धण्णसरिसवया ते दुविहा पण्णत्ता तंजहा-सत्थपरिणया य असत्थ. परिणया य / तत्थ गं जे ते असत्थपरिणया ते समणाणं णिग्गंथाणं अभक्खया। तत्थ णं जे ते सत्थपरिणया ते दुविहा पण्णत्ता तंजहा-फासुया य अफासुया य। अफासुया णं सुया ! णो भक्खेया। तत्थ णं जे ते फासुया ते दुविहा पण्णत्ता तंजहा-जाइया य अजाइयां य / तत्थ गंजे ते अजाइया ते अभक्खया / तत्थ णं जे ते जाइया ते दुविहा पण्णता तंजहा-एसणिज्जा य अणेसणिज्जा य। तत्थ णं जे ते अणेसणिज्जा ते गं अमक्खया। तत्थ णं जे. ते एसणिज्जा ते दुविहा पण्णत्ता तंजहा-लद्धा य अलद्धा य / तत्थ गंजे ते अलद्धा ते अभ. खेया। तत्थ गं जे ते लद्धा ते णिग्गंथाणं भवखेया। एएणं अट्ठणं सुया ! एवं बच्चइ.सरिसवया भक्खयावि अभक्खेयावि। एवं कुलत्थावि भाणियन्वा णवरं इमं णाणत्तं-इत्थिकुलत्था य धण्णकुलत्था य / इथिकुलत्था तिविहा पण्णत्ता तंजहा-कुलवहुया य कुलमाउया इ य कुलधूया इ य / धण्णकुलत्था तहेव / एवं मासा वि णवरं इमं णाणत्तं-मासा तिविहा पण्णत्ता तंजहा-कालमासा य अत्थमासा य धण्णमासा य / तत्थ णं जे ते कालमासा ते णं दुवालसविहा पण्णत्ता तंजहा-सावणे जाव आसाढे, ते णं अभक्खेया / अत्थमासा Page #1146 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 5 1133 दुविहा प० तं० हिरण्णमासा य सुवण्णमासा य, ते णं अभक्खेया। धण्णमासा तहेच / एगे भवं दुवे भवं अणेगे भवं अक्खए भवं अव्वए भवं अवटिए भवं अणेगभूयभावमविएवि भवं ? सुया ! एगेवि अहं दुवेवि अहं जाव अणेगभूयभावभविएवि अहं / से केणछेणं मंते ! एगेवि अहं जाव सुया ! दष्वट्टयाए एगे [वि] अहं णाणदंसणट्टयाए दुवेवि अहं पएसट्टयाए अक्खएवि अहं अव्वएहि अहं अवढिएवि अहं उवओगट्टयाए अणेगभूयभावभविएवि अहं / एत्थ णं से सुए संबुद्धे थावच्चापुत्तं वंदइ णमंसइ वं० 2 ता एवं वयासी-इच्छामि णं भंते ! तुब्भे ! अंतिए केवलिपण्णत्तं धम्म णिसामित्तए / धम्मकहा भाणियव्वा / तए णं से सुए परिव्वायए थावच्चापुत्तस्स अंतिए धम्मं सोचा णिसम्म एवं वयासी-इच्छामि गं भंते ! परिवायगसहस्सेणं सद्धि संपरिवडे देवाणुप्पियाणं अंतिए मुंडे भवित्ता पव्वइत्तए / अहासुहं देवाणुप्पिया ! जाव उत्तरपुरच्छिमे दिसीमाए तिदंडयं जाव धाउरत्ताओ य एगते एडेइ 2 ता सय. मेव सिहं उप्पाडेइ २.त्ता जेणेव थावच्चापुत्ते जाव मुंडे भवित्ता जाव पवइए सामाइयमाइयाई चोद्दसपुव्वाई अहिज्जइ / तए णं थावच्चापुत्ते सुयस्स अण. गार सहस्सं सीसत्ताए वियरइ / तए णं थावच्चापुत्ते सोगंधियाओ णयरीओ णीलासोयाओ पडिणिक्खमइ 2 ता बहिया जणवयविहारं विहरइ / तए णं से थावच्चापुत्ते अणगारसहस्सेणं सद्धि संपरिवुड़े जेणेव पुंडरीए पव्वए तेणेव उवागच्छइ 2 ता पुंडरीयं पव्वयं सणियं 2 दुरूहइ 2 ता मेघघणसण्णिगासं देवसणिवायं पुढविसिलापट्टयं जाव पाओवगमणं णवणे / तए णं से थावच्चापुत्ते बहूणि वासाणि सामण्णपरियागं पाउणित्ता मासियाए संलेहणाए ट्ठि भत्ताई अणसणाए जाव केवलवरणाणदंसणं समुप्पाडेता तओ पच्छा सिद्धे जाव पहीणे // 62 // तए णं से सुए अण्णया कयाइं जेणेव सेलगपुरे णगरे जेणेव सुभूमिमागे उज्जाणे समोसरणं परिसा णिग्गया सेलओ णिगच्छइ धम्म सोच्चा जं णवरं देवाणुप्पिया! पंथगपामोक्खाइं पंच मंतिसयाई आपुच्छामि मंडुयं च कुमारं रज्जे ठावेमि तओं पच्छा देवाणुप्पियाणं अंतिए मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वयामि / अहासुहं देवाणुप्पिया! तए णं से सेलए राया सेलगपुरंणगरं अणुप्पविसइ 2 ता जेणेव सए गिहे जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला तेणेव Page #1147 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1134 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि उवागच्छइ 2 तासीहासणं सण्णिसणे / तए णं से सेलए राया पंथगपामोवखे पंच मंतिसए सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! मए सुयस्स अंतिए धम्मे णिसंते से वि य मे धम्मे इच्छिए पडिच्छिए अभिरुइए, अहं गं देवाणप्पिया ! संसारभउविग्गे जाव पव्वयामि, तुम्भे देवाणप्पिया ! कि करेह कि ववसह किं वा (ते) भे हियइच्छिए सामत्थे ? तए णं ते पंथगपामोक्खा सेलगं रायं एवं वयासी-जइ णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! संसार० जाव पव्वयह अम्हाणं देवाणुप्पिया ! किमण्णे आहारे वा आलंबे वा अम्हे वि य णं देवाणुप्पिया ! संसारभउविग्गा जाव पव्वयामो, जहा णं देवाणप्पिया ! अम्हं बहुसु कज्जेसु य कारणेसु य जाव तहा णं पव्वइयाण वि समाणाणं बहसु जाव चक्खु भए / तए णं से सेलगे पंथगपामोक्खे पंच मंतिसए एवं वयासी-जइ णं देवाणुप्पिया ! तुब्भे संसार० जाव पव्वयह तं गच्छह णं देवाणुप्पिया ! सएसु 2 कुडुंबेसु जेठेपुत्ते कुडंबमझे ठावेत्ता पुरिससहस्स. वाहिणीओ सीयाओ दुरूढा समाणा मम अंतियं पाउन्भवह (ति) तेवि तहेव पाउभवंति / तए णं से सेलए राया पंच मंतिसयाई पाउन्भवमाणाई पासइ 2 ता हद्वतुझे कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! मंडुयस्स कुमारस्स महत्थं जाव रायाभिसेयं उवटुवेह. अभिसिंचइ जाव राया जाए (जाव) विहरइ / तए णं से सेलए मंड्यं रायं आपुच्छइ / तए णं से मंडुए राया कोडुबियपुरिसे सहावेइ 2 ता एवं वयासी-खिप्पामेव सेलगपुरं णयरं आसिय जाव गंधवट्टि भयं करेह य कारवेह य क० 2 ता एयमाणत्तियं पच्चप्पिणह / तए णं से मंडुए दोच्चंपि कोडुबियपुरिसे सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-खिप्पामेव सेलगस्स रणो महत्थं जाव णिक्खमणाभिसेयं जहेव मेहस्स तहेव णवरं पउमावई देवी अग्गकेसे पडिच्छइ सव्वेवि पडिग्गहं गहाय सीयं दुरूहंति अवसेसं तहेव जाव सामाइयमाइयाई एक्कारस अंगाई अहिज्जइ 2 ता बहूहि च उत्थ जाव विहरइ / तए णं से सुए सेलगस्स अणगारस्स ताई पंथगपामोक्खाई पंच अणगारसयाइं सीसत्ताए वियरइ / तए णं से सुए अण्णया कयाइं सेलगपुराओ णगराओ सुभूमिभागाओ उज्जाणाओ पडिणिक्खमइ 2 ता बहिया जणवयविहारं विहरइ / तए णं से सुए अणगारे अण्णया कयाइं तेणं अगंगारसहस्सेणं Page #1148 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 5 1135 सद्धि संपरिवडे पुव्वाणुपुचि चरमाणे गामाणुगाम विहरमाणे जेणेव पुंडरीयपव्वए जावं सिद्धे // 63 // तए गं तस्स सेलगस्स रायरिसिस्स तेहिं अंतेहि य पंतेहि य तुच्छेहि य लूहेहि य अरसेहि य विरसेहि य सीएहि य उण्हेहि य कालाइक्कतेहि य पमाणाइक्कतेहि य णिच्चं पाणभोयणेहि य पयइसुकुमालस्स सुहोचियस्स सरीरगंसि वेयणा पाउन्भूया उज्जला जाव दुरहियासा कंडयदाहपित्तज्जरपरिगयसरीरे यावि विहरइ। तए णं से सेलए तेणं रोयायंकेणं सुक्के भुक्खे जाए यावि होत्था / तए णं से सेलए अग्णया कयाई पुव्वाणुपुचि चरमाणे जाव जेणेव सुभूमिभागे जाव विहरइ / परिसा णिग्गया मंडुओऽवि णिग्गओ सेलगं अणगारं जाव वंदइ णमंसइ 2 ता पज्जुवासइ / तए णं से मंडुए राया सेलगस्स अणगारस्स सरीरगं सुक्कं भुक्खं जाव सव्वाबाहं सरोगं पासइ 2 ता एवं बयासी-अहं गं भंते ! तुम्भं अहापवितेहि तेगिच्छिएहिं अहापवत्तेणं ओसहमेसज्जेणं भत्तपाणेणं तिगिच्छं आउंटावेमि / तुम णं भंते ! मम जाणसालासु समोसरह फासुअं एसणिज्जं पीढफलगसेज्जासंथारगं ओगिहिताणं विहरह / तए णं से सेलए अणगारे मंडुयस्स रणो एयमलैं तहत्ति पडिसुणेइ / तए में से मंडुए सेलगं वंदइ णमंसइ वं० 2 ता जामेव दिसि पाउन्भूए तामेव दिसि पडिगए / तए णं से सेलए कल्लं जाव जलते सभंडमत्तोवगरणमायाए पंथगपामोहिं पंचहि अणगार सहि सद्धि सेलंगपुरमणप्पविसइ 2 ता जेणेव मंडुयस्स जाणसाला तेणेव उवागच्छइ 2 ता फासुयं पीढ जाव विहरइ / तए णं से मंडए (राया) तिगिच्छिए सहावेइ 2. त्ता एवं वयासी-तुब्भे गं देवाणुप्पिया ! सेलगस्स फासुएसणिज्जेणं जाव तेगिच्छं आउट्टेह / तए गं तिगिच्छया मंडएणं रण्णा एवं वुत्ता समाणा हद्वतुट्ठा सेलगस्स अहापवत्तेहिं ओसहभेसज्जभत्तपाणेहि तिगिच्छं आउटृति मज्जपाणयं च उवदिसंति / तए णं तस्स सेलगस्स अहापवत्तेहिं जाव मज्जपाणएण य से रोगायंके उवसंते जाए यावि होत्था हठे मल्लसरीरे जाए ववगयरोगायंके / तए णं से सेलए तंसि रोयायंकसि उवसंतसि समाणंसि तसि विपूलंसि असणंसि 4 मज्जपाणए य मच्छिए गढिए गिद्धे अज्झोववण्णे ओसण्णे ओसण्णविहारी एवं पासत्थे 2 कुसीले 2 पमत्ते 2 संसते 2 उउबद्धपीढफलगसेज्जासंथारए पमते यावि विहरइ णो Page #1149 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1136 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि संचाएइ फासुएसणिज्जं पीढ-फलग सेज्जा-संथारयं पच्चप्पिणित्ता मंडुयं च रायं आपुच्छिता बहिया जाव विहरित्तए // 64 // तए णं तेसि पंथगवज्जाणं पंचण्हं अणगारसयाणं अण्णया कयाइ एगयओ सहियाणं जाव पुवरत्तावरत्त. कालसमयंसि धम्मजागरियं जागरमाणाणं अयमेयारूवे अज्झथिए जाव समः प्पज्जित्था-एवं खलु सेलए रायरिसी चइत्ता रज्जं जाव पव्वइए विउले (गं) असणे 4 मज्जपाणए य मुच्छिए णो संचाएइ जाव विहरित्तए / णो खलु कप्पा देवाणप्पिया ! समणाणं जाव पमताणं विहरितए। तं सेयं खल देवाणुप्पिया ! अम्हं कल्लं सेलगं रायरिसिं आपुंच्छित्ता पाउिहारियं पीढफलग. सेज्जासंथारयं पच्चप्पिणित्ता सेलगस्स 'अणमारस्स पंथयं अणगारं वेयावच्चकर ठवेत्ता बहिया अब्भुज्जएणं जाव विहरित्तए / एवं संपेहेंति 2 त्ता कल्लं जेणेव सेलएरारिसी० आपुच्छित्ता पालिहारियं पीढफलग जाव पच्चप्पिणंति 2 ता पंथयं अणगारं वेयावच्चकरं ठावेंति 2 ता बहिया जाव विहरंति // 65 // तए णं से पंथए सेलगस्स 2 सेज्जासंथारउच्चारपासवणखेल्लसिंघाणमत्त-ओसहभेसज्जभत्सपाणएणं अगिलाए विणएणं वेयावडियं करेइ / तए णं से सेलए अण्णया कयाइ कत्तियचाउम्मासियंसि विउलं असणं'४ आहारमाहारिए सुबह च मज्जपाणयं पीए पुवावरणहकालसमयंसि सुहप्पसुते। तएणं से पंथए कत्तियः चाउम्मासियंसि कयकाउस्सग्गे देवसियं पडिक्कमणं पडिक्कते चाउम्मासियं पडिक्कमिउं कामे सेलगं रायरिसिं खामणट्ठयाए सीसेणं पाएसु संघट्टेइ / तए णं से सेलए पंथएणं सीसेणं पाएसु संघट्टिए समाणे आसुरुत्ते जाव मिसिमिसेमाणे उठेइ 2 ता एवं वयासी-से केस णं भो ! एस अपत्थियपस्थिए जाव वज्जिए जे णं ममं सुहपसुत्तं पाएसु संघट्टेइ ? तए णं से पंथए सेलएणं एवं वुत्ते समाणे भीए तत्थे तसिए करयल जाव कट्ट एवं वयासी-अहं णं भंते ! पंथए कयकाउस्सग्गे देवसियं पडिक्कमणं पडिक्कते चाउम्मासियं पडिक्कते चाउम्मासियं खामेमाणे देवाणुप्पियं वंदमाणे सीसेणं पाएसु संघट्टेमि। तं खामेमि णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! खमंतु मे अवराहं तुमं गं देवाणुप्पिया ! गाइभज्जो एवं करणयाए-त्तिकट्ट सेलयं अणगारं एयमद्रं सम्मं विणएणं भुज्जो 2 खामेइ / तए गं तस्स सेलगस्स रायरिसिस्स पंथएणं एवं वृत्तस्स अयमेयारूवे अज्झत्थिए जाव समप्पज्जित्था-एवं खलु अहं रज्जं च जाव ओसण्णो Page #1150 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 6 1137 जाव उउबद्धपीड. विहरामि। तं णो खल कप्पइ समणाणं 2 पासत्थाणं जाव विहरित्तए / तं सेयं खलु मे कल्लं मंडयं रायं आपुच्छित्ता पाडिहारियं पीढ. फलगसेज्जासंथारयं पच्चप्पिणित्ता पंथएणं अणगारेणं सद्धि बहिया अब्भुज्जएणं जाव जणवयविहारेणं विहरित्तए। एवं संपेहेइ 2 ता कल्लं जाव विहरइ // 66 // एवामेव समणाउसो ! जाव णिग्गंथो वा 2 ओसणे जाव संथारए पमत्ते विह रह से णं इहलोए चेव बहणं समणाणं 4 हीलणिज्जे संसारो भाणियत्रो / तए णं ते पंथगवज्जा पंच अणगारसया इमीसे कहाए लद्धट्ठा समाणा अण्णमण्णं सहावेंति 2 ता एवं वयासी-[एवं खलु सेलए रायरिसी पंथएणं बहिया जाव विहरइ / तं सेयं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हं सेलगं (रायरिसि) उवसंपज्जिताणं विहरित्तए / एवं संपेहेंति 2 ता सेलगं रायरिसि उवसंपज्जित्ताणं विहरंति // 67 // तए णं (ते सेलयपामोक्खा) से सेलए रायरिसि पंथगपामोक्खा पंच अणगारसया बहणि वासाणि सामण्णपरियागं पाउणित्ता जेणेव पंडरीय. पव्वए तेणेव उवागच्छंति 2 ता जहेव थावच्चापुत्ते तहेव सिद्धा 4 / एवामेव समणाउसो ! जो णिग्गंथो वा 2 जाव विहरिस्सइ / एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेणं पंचमस्स णायज्झयणस्स अयमठे पण्णते तिबेमि // 7 // गाहा-सिदिलियसंजमकज्जावि होइउं उज्जमंति जइ पच्छा / संवेगाओ तो सेलउच्व आराहया होंति // 1 // // पंचम अज्झयणं समत्तं // तुंबे णामं छठें अज्झयणं जइ णं भंते ! समणेणं. 3 जाव संपत्तेणं पंचमस्स णायज्झयणस्स अपमठे पण्णले छट्ठस्स णं भंते ! णायज्झयणस्स समणेणं जाव संपत्तेणं के अट्ठे पण्णत्ते ? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे समोसरणं परिसा णिग्गया। तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स जेठे अंतेवासी इंदभूई णामं अणगारे अदूरसामंते जाव सुक्क. ज्झाणोवगए विहरइ / तए णं से इंदभूई जायसड्ढे जाव एवं वयासी-कहं णं भते 1 जीवा गरुयत्तं वा लहयत्तं वा हव्वमागच्छंति ? गोयमा ! से जहा. मामए केइ पुरिसे एगं महं सुक्कं तुंबं णिच्छिड्डं णिरुवहयं दभेहि य कुसेहि Page #1151 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1138 अंग-पविटु सुत्ताणि य वेढेइ 2 ता मट्टियालेवेणं लिपइ 2 ता उण्हे दलयइ 2 ता सुक्क समाणं बोच्चंपि दन्भेहि य कुसेहि य वेढेइ 2 ता मट्टियालेवेणं लिपइ 2 ता उण्हे दलयइ 2 ता सुक्कं समाणं तच्चंपि दब्भेहि य कुसेहि. य वेढेइ 2 ता मट्टियालेवेणं लिपइ / एवं खल एएणं उवाएणं अंतरा वेढेमाणे अंतरा लिपमाणे अंतरा सुक्कवेमाणे जाव अहिं मट्टियालेवेहि आलिपइ 2 ता अत्थाहमता. रमपोरिसिसि उदगंसि पक्खिवेज्जा / से पूणं गोयमा ! से तुंबे तेसि अट्ठण्हं मट्टियालेवेणं गुरुययाए भारिययाए गुरुयभारिययाए उप्पि सलिलमइवइत्ता अहे धरणियलपइट्टाणे भवइ / एवामेव गोयमा ! जीवावि पाणाइवाएणं जाव मिच्छादसणसल्लेणं अणुपुटवेणं अट्ठकम्मपगडीओ समज्जिणंति तासि गरुययाए भारिययाए गरुयभारिययाए कालमासे कालं किच्चा धरणियलमइवइत्ता अहे णरगतलपइट्ठाणा भवंति / एवं खलु गोयमा ! जीवा गरुयत्तं हव्वमागच्छति / अहणं गोयमा ! से तुंबे तंसि पढमिल्लुगंसि मट्टियालेसि तिणसि कुहियंसि परिसडियंसि ईसि धरणियलाओ उप्पइत्ताणं चिट्ठइ / तयाणंतरं (च णं) दोच्चपि मट्टियालेवे जाव उप्पइत्ताणं चिट्ठइ / एवं खलु एएणं उवाएणं तेसु अट्ठसु मट्टियालेवेसु तिण्णेसु जाव विमुक्कबंधणे अहे धरणियलमइवइत्ता उपि सलिलतलपइट्टाणे भवइ / एवामेव गोयमा! जीवा पाणाइवायवेरमणेणं जाव मिच्छादसणसल्लवेरमणेणं अणपुटवेणं अट्ठकम्मपगडीओ खवेत्ता गगणतलमुप्पइत्ता उप्पि लोयग्गपइट्ठाणा भवंति / एवं खलु गोयमा! जीवा लहुयत्तं हव्वमागच्छति / एवं खलु जंबू ! समणेणं जाव संपत्तेणं छट्ठस्स णायज्झयणस्स अयमठे पण्णत्ते तिबेमि // 66 // गाहाउ-जह मिउलेवालितं गरुयं तुंबं अहो वयइ एवं / आसवकयकम्मगुरू जीवा वच्चंति अहरगई // 1 // तं चेव तविमुक्त जलोवरि ठाइ जायलहुभावं / जह तह कम्मविमुक्का लोय. गपइट्ठिया होंति // 2 // // छळं अज्झयणं समत्तं / / रोहिणी णामं सत्तमं अज्झयणं जइ णं भंते ! समणेणं जाव संपत्तेणं छठुस्स जायज्झयणस्स अयमझें पण्णत्ते सत्तमस्स णं भंते ! णायज्झयणस्स के अठे पणत्ते ? एवं खल जंबू ! Page #1152 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 7 1139 तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे णाम णयरे होत्था / सुभूमिभागे उज्जाणे / तत्थ गं रायगिहै णयरे धण्णे णामं सत्थवाहे परिवसइ अड्ढे जाव अपरिभूए / भद्दा भारिया-अहीणचिदियसरीरा जाव सुरूवा / तस्स गं धण्णस्स सत्थवाहस्स पुत्ता भद्दाए भारियाए अत्तया चत्तारि सत्थवाहदारगा होत्था तंजहाधणपाले धणदेवे धणगोवे धणरक्खिए / तस्स णं धण्णस्स सत्थवाहस्स चउण्हं पुत्ताणं भारियाओ चत्तारि सुण्हाओ होत्था तंजहा-उज्झिया भोगवइया रक्ख इया रोहिणिया / तए णं तस्स धण्णस्स सत्थवाहस्स अण्णया कयाई पुश्वरत्तावरत्तकालसमयंसि इमेयारूवे अज्झस्थिए जाव समुप्पज्जित्था-एवं खलु अहं रायगिहे पयरे बहूणं ईसरतलवर जाव पभिईणं सयस्स कुडुंबस्स बहूसु कज्जेसु य कारणे (करणिज्ज) सु य कोडंबेसु य मंतणेसु य गुज्झेसु रहस्सेसु णिच्छएसु ववहारेसु य आपुच्छणिज्जे पडिपुच्छणिज्जे मेढी पमाणे आहारे आलंबणे चक्खू मेढी-पमाणमए सम्वकज्जवट्टाए / तं ण णज्जइ जं मए गयंसि वा चयंसि वा मयंसि वा भग्गंसि वा लुग्गंसि वा सडियंसि वा पडियंसि वा विदेसत्थंसि वा विप॑वसियंसि वा इमस्स कुडुंबस्स कि मण्णे आहारे वा आलंबे वा पडिबंधे वा भविस्सइ / तं सेयं खलु मम कल्लं जाव जलते विपुलं असणं 4 उवक्खडावेत्ता मित्तणाइ० चउण्ह य सुण्हाणं कुलघरवग्गं आमंतेत्ता तं मित्तणाइणियगसयंण. चउण्ह य सुण्हाणं कुलघरवग्गं विपुलेणं असणं 4 धूवपुष्फवत्थगंध जाव सिक्कारेत्ता सम्माणेत्ता तस्सेव मित्तणाइ चउण्ह य सुण्हाणं कुलघरवग्गस्स पुरओ चउण्हं सुण्हाणं परिक्खणट्टयाए पंच 2 सालि. अक्खए दलइत्ता जाणामि ताव का किहं वा सारक्खेइ वा संगोवेइ वा संवडढेइ वा? एवं संपेहेइ 2 ता कल्लं जाव मित्तणाइ० चउण्हं सुण्हाणं कुलघरवग्गं आमतेइ 2 ता विपुलं असणं 4 उवक्खडावेइ तओ पच्छा हाए भोयणमंडवंसि सुहासणवरगए मित्तणाइ० चउण्ह य सुण्हाणं कुलघरवग्गेणं सद्धि तं विपुलं असणं 4 जाव सक्कारेइ सम्माणेइ स० 2 ता तस्सेव मित्तणाइ० चउण्ह य सुण्हाणं कुलघरवग्गस्स पुरओ पंच सालिअवखए गेहइ 2 ता जेट्टा सुण्हा उज्झिइया तं सद्दावेद 2 ता एवं वयासी-तुम णं पुता ! मम हत्थाओ इमे पंच सालिअक्खए गेण्हाहि 2 ता अणुपुव्वेणं सारक्खमाणी संगोवेमाणी विहराहि / नया गं अहं पुत्ता! तुम इमेपंच सालिअक्खए जाएज्जा तया गं तुमं मम इमे पंच Page #1153 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1140 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि सालिअक्खए पडिदिज्जाएज्जासि तिकटु सुण्हाए हत्थे दलयइ २त्ता पडिविसज्जेइ तएणं सा उज्झिया धण्णस्स तह त्ति एयमढें पडिसुणेइ 2 ता धण्णस्स सस्थकाहस्स हत्थाओ ते पंच सालिअक्खए गेण्हइ 2 ता एगंतमवक्कमइ एगंतमवक्कमियाए इमेयारूवे अज्झस्थिए जाव समुप्पज्जित्था-एवं खलु तायाणं कोडागारंसि बहवे पल्ला सालीणं पडिपुण्णा चिट्ठति, तं जया णं ममं ताओ इमे पंच सालिअक्खए जाएस्सइ तया णं अहं पल्लंतराओ अण्णे पंच सालिअक्खए गहाय दाहामित्तिकटु एवं संपेहेइ 2 ता ते पंच सालिअक्खए एगंते एडेइ 2 ता सकम्मसंजुत्ता जाया यावि होत्था। एवं भोगवइयाए वि णवरं सा छोल्लेइ 2 ता अणुगिलइ 2 त्ता सकम्मसंजुत्ता जाया यावि होत्या / एवं रक्खिया वि णवरं गेहइ 2 ता इमेयारूवे अज्झस्थिए०-एवं खलु ममं ताओ इमस्स मित्तणाइ० चउण्ह य सुण्हाणं कुलघरवग्गस्स य पुरओ सद्दावेत्ता एवं वयासी-तुमं णं पुत्ता! मम हत्थाओ जाव पडिदिज्जाएज्जासि-त्तिकट्ठ मम हत्थंसि पंच सालिअक्खए दलयइ, तं भवियव्वं एत्थ कारणेणं-तिकटु एवं संपेहेइ 2 ता ते पंच सालिअक्खए सुद्धे वत्थे बंधइ 2 त्ता रयणकरंडियाए पक्खिवेइ 2 त्ता ऊसीसामले ठावेइ 2 तातिसंझं पडिजागर. माणी 2 विहरइ / तए णं से. धणे सत्यवाहे तस्सेव मित्त जाव चउत्थि रोहि. णीयं सुण्हं सद्दावेइ 2 ता जाव तं भवियन्वं एत्य कारणेणं तं सेयं खलु मम एए पंच सालिअक्खए सारक्खमाणीए संगोवेमाणीए संवडढेमाणीए-त्तिकट्ट एवं संपेहेइ 2 ता कुलघरपुरिसे सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-तुब्भे णं देवाणु. प्पिया ! एए पंच सालिअक्खए गेण्हइ 2 ता पढमपाउसंसि महाटिकासि णिवइयंसि समाणंसि खुड्डागं केयारं सुपरिकम्मियं करेह 2 ता इमे पंचसालि. अक्खए वावेह 2 ता दोच्चपि तच्चपि उक्खयणिहए करेह 2 ता वाडि. पक्खेवं करेह 2 ता सारक्खमाणा संगोवेमाणा अणपुवेणं संबड्ढेह / तए णं ते कोडुंबिया रोहिणीए एयमनै पडिसुर्णेति 2 ता ते पंच सालिअक्खए गेहंति 2 त्ता अणुपुत्वेणं सारक्खंति संगोविति विहरति / तए णं ते कोडुंबिया पढम. पाउसंसि महावुट्टिकायंसि णिवइयंसि समागंसि खुड्डागं केयारं सुपरिकम्मियं करेंति 2 ता ते पंच सालिअक्खए ववंति 2 ता दोच्चंपि तच्चपि उक्खयणिहए करेंति 2 ता वाडिपरिक्खेवं करेंति 2 ता अणुपुव्वेणं सारखेमाणा संगोवेमाणा संवड्ढेमाणा विहरंति / तए णं ते साली अक्खए अणुपुग्वेणं सारक्खिज्जमाणा Page #1154 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ.७ 1141 संगोविज्जमाणा संवडिज्जमाणा साली जाया किण्हा किण्होभासा जाव णिउ. रंबभूया पासाईया 4 / तए गं ते साली पत्तिया वत्तिया गम्भिया पसूया आगय. गंधा खीराइया बद्धफला पक्का परियागया सल्लइया पत्तइया हरियपव्वकंडा जाया यावि होत्था / तए गं ते कोडुबिया ते साली पत्तिए जाव सल्लइएपत्तइए जाणित्ता तिहि णवपज्जणएहि असियएहि लुणंति 2 ता करयलमलिए करेंति 2 ता पुर्णति। तत्थ णं चोक्खाणं सूइयाणं अखंडाणं अफोडियाणं छड्डुछडापूयागं सालीणं मागहए पत्थए जाए / तए णं ते कोडुंबिया ते साली णवएसु घडएसु पक्खिवंति 2 त्ता उलिपंति 2 ता लंछियमद्दिए करेंति 2 ता कोडागारस्स एगदेसंसि ठाति 2 ता सारक्खमाणा संगोवेमाणा विहरंति / तए णं ते कोडं. बिया दोच्चंसि वासारत्तंसि पढमपाउसंसि महाद्विकायंसि णिवइयंसि खड्डागं केयारं सुपरिकम्मियं करेंति 2 ता ते साली ववंति दोच्चंपि तच्चपि उक्खय. णिहए जाव लणंति जाव चलणतलमलिए करेंति 2 ता पूर्णति / तत्थ गं बहवे सालीणं कुडवा मुरला जाव एगदेसंसि ठावेंति 2 त्ता सारखेमाणा० विहरंति / तए णं ते कोडंबिया' तच्चंसि वासारत्तसि महावट्रिकार्यसि णिवइयंसि बहवे केयारे सुपरिकम्मिए जाव लणंति 2 ता संवहंति 2 ता खलयं करेंति 2 ता मलेति जाव बहवे कुंभा जाया। तए णं ते कोडुंबिया साली कोट्ठागारंसि . पक्खिवंति जाव: विहरति / च उत्थे वासारते बहवे कुंमसया जाया / तए गं तस्स धण्णस्स पंचमयंसि संवच्छरंसि परिणममाणंसि पुखरतावरत्तकालसम. यंसि इमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्या-एवं खलु मम इओ अईए पंचमे संवच्छ रे चउण्हं सुण्हाणं परिक्खणट्टयाए ते पंच 2 सालिमक्खया हत्थे दिण्णा, तं सेयं खल मम कल्लं जाव.जलते पंच सालिअक्खए परिजाइत्तए जाव जाणामि ताव काए. किह सारक्खिया वा संगोविया वा संवड्डिया जाव त्तिकटु एवं संपेहेइ 2 ता कल्लं जाव जलते विपुलं असणं 4 मित्तणाइणियग० चउण्हं य सुण्हाणं कुलघरवग्गं जाव सम्माणित्ता तस्सेव मित्त० चउण्ह य सुण्हाणं कुलघरवग्गस्स पुरओ जेठें उज्झियं सहावेइ 2 ता एवं वयासी एवं खलु अहं पुत्ता ! इओ अईए पंचमंसि संवच्छरंसि इमस्स मित्त० चउण्ह य सुण्हाणं कुलघरवग्गस्स य पुरओ तव हत्थंसि पंच सालिअक्खए दलयामि जया णं अहं. पुत्ता! एए पंच सालिअक्खए जाएज्जा तया णं तुमं मम इमे पंच सालि. अक्खए पडिदिज्जाएसि-त्तिकटु तं हत्थंसि दलयामि / से गूणं पुत्ता ! Page #1155 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1142 अंग-पविट सुत्ताणि अट्ठे समठे ? हंता अस्थि / तं गं [तुमं] पुत्ता! मम ते सालिमक्खए पडि. णिज्जाएहि / तए णं सा उज्झिया एयमझें धण्णस्स पडिसुणेइ 2 ता जेणेव कोटागारं तेणेव उवागच्छइ 2 ता पल्लाओ पंच सालिअक्खए गेहइ 2 ता जेणेव धण्णे सत्यवाहे तेणेव उवागच्छद 2 ता धण्णं सत्थवाहं एवं वयासीएए गं ते पंच सालिअक्खए-त्तिकटु धण्णस्स हत्थंसि ते पंच सालिअक्खए दलयइ / तए णं धण्णे उज्झियं सवहसावियं करेइ 2 ता एवं क्यासी-किणं पुत्ता! (एए) ते चेव पंच सालिअक्खए उदाहु अण्णे ?, तए णं उज्झिया धण्णं सत्थवाहं एवं वयासी-एवं खलु तुन्भे ताओ! इओ अईए पंचमे संवच्छरे इमस्स मित्तणाइ० चउण्ह य जाव विहराहि / तए गं अहं तुम्भं एयमढें पडि. सुणेमि 2 ता ते पंच सालिअक्खए गेण्हामि एगंतमवक्कमामि / तए णं मम इमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्था-एवं खलु तायाणं कोट्ठागारंसि जाव सकम्मसंजता, तं णो खल ताओ ! ते चेव पंच सालिअक्खए एए गं अण्णे / तए णं से धणे उज्झियाए अंतिए एयमहँ सोच्चा णिसम्म आसुरुत्ते जाव मिसिमिसेमाणे उज्झिइयं तस्स मित्तपाइ० चउण्हं सुण्हाणं कुलघरवग्गस्स य पुरओ तस्स कुलघरस्स छारुज्झियं च छाणुज्झियं च कयवरुझियं च सम् (संपु) च्छियं च सम्मज्जिअं च पाउवदाई च ण्हाणोवदाइं च बाहिरपेसणकारि ठवेइ / एवामेव समणाउसो! जो अम्हं णिग्गंथो वा 2 जाव पवइए पंच य से महन्वयाई उज्झियाइं भवंति से गं इहभवे चेव बहणं समणाणं 4 हीलणिज्जे जाव अणपरियदृइस्सइ जहा सा उज्झिया / एवं भोगवइयावि णवरं तस्स कुलघरस्स कडितियं च कोट्टंतियं च पीसंतियं च एवं रच्चंतियं च रंधतियं च परिवेसंतियं च परिभायंतियं च अभितरियं च पेसणकारि महाणसिणि ठवेइ / एवामेव समणाउसो ! जो अम्हं समणो वा 2 पंच य से महत्वयाई फोडियाई भवंति से गं इहभवे चेव बहूणं समणाणं 4 होलणिज्जे 4 जाव जहा व सा भोगवइया / एवं रक्खिइयावि णवरं जेणेव वासघरे तेणेव उवागच्छइ 2 ता मंजसं विहाडेइ 2 त्ता रयणकरंडगाओ ते पंच सालिअक्खए गेण्हइ 2 ता जेणेव धण्णे सत्थवाहे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता पंच सालिअक्खए धण्णस्स हत्थे दलयइ / तए णं से धण्णे स० रक्खि इयं एवं वयासी-किं गं पुता ! ते चेव एए पंच सालिअक्खएं उदाहु अण्णे त्ति? तए णं रक्खिझ्या धण्णं सत्यवाहं एवं वयासी-ते चेव ताओ ! एए पंच सालि. Page #1156 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 7 1143 अक्खया णो अण्णे / कहं गं पुत्ता ? एवं खलु ताओ ! तुम्भे इओ पंचमंमि संवच्छरे जाव भवियव्वं एत्थ कारणेणं-तिक? ते पंच सालिअक्खए सुद्धे वत्थे जाव तिसंझं पडिजागरमाणी यावि विहरामि / तओ एएणं कारणेणं तीओ ! ते चेव ते पंच सालिअक्खए णो अण्णे / तए गं से धणे रक्खियाए अंतिए एयमल सोच्चा हट्टतुठे तस्स कुलघरस्स हिरण्णस्स य कंसदूसविपुलधण जाव सावएज्जस्स य भंडागारिणि ठवेइ। एवामेव समणाउसो ! जाव पंच य से महव्वयाइं रक्खियाई भवंति से गं इहभवे चेव बहणं समणाणं 4 अच्चणिज्जे जाव जहा सा रखिया। रोहिणियावि एवं चेव गवरं तुभे ताओ ! मम सुबहयं सगडीसागडं दलाहि जेणं अहं तुम्भं ते पंच सालिअक्खए पडिणिज्जाएमि / तए णं से धणे सत्थवाहे रोहिणि एवं वयासी-कहं गं तुमं मम पुत्ता ! ते पंच सालिअक्खए सगडसागडेणं णिज्जाइस्ससि ? / तए णं सा रोहिणी धणं सत्थवाहं एवं वयासी-एवं खल ताओ ! इओ तुम्मे पंचमे संवच्छरे इमस्स मित्त जाव बहवे कुंभसया जाया तेणेव कमेणं, एवं खलु ताओ ! तुन्भे ते पंच सालिअक्खए सगडीसागडेणं णिज्जाएमि / तए णं से धण्णे सत्यवाहे रोहिणीयाए सुबहुयं सगडीसागडं दलयइ / तए पं रोहिणी सुबहुं सगडीसागडं गहाय जेणेव सए कुलघरे तेणेव उवागच्छइ 2 सा कोट्ठागारे विहाडेइ 2 ता पल्ले उभिदइ 2 ता सगडीसागडं भरेइ 2 ता रायगिहं णगरं मज्झमज्झेणं जेणेव सए गिहे जेणेव धणे सत्थवाहे तेणेव उवागच्छइ / तए णं राय. गिहे णयरे सिंघाडग जाव बहुजणो अण्णमण्णं एवमाइक्खइ ४-धण्णे णं देवा. गुप्पिया ! धणे सत्यवाहे जस्स णं रोहिणीया सुण्हा(जीए ण)पंच सालिअक्खए सगडसागडिएणं णिज्जाएइ / तए गं से धण्णे सत्थवाहे ते पंच सालिअक्खए सगडीसागडेणं णिज्जाइए पासइ 2 ता हट्ठ जाव पडिच्छइ 2 ता तस्सेव मित्तणाइ० चउण्ह य सुण्हाणं कुलघरवग्गस्स पुरओ रोहिणीयं सुहं तस्स कुलघरस्स बहुसु कज्जेसु य जाव रहस्सेसु य आपुच्छणिज्जं जाव वट्टावियं पमाणभूयं ठावेइ / एवामेव समणाउसो ! जाव पंच [से महव्वया संवडिया , भवंति से गं इहमवे चेव बहणं समणाणं जाव वीईवइस्सइ जहा व सा रोहिणीया / एवं खल जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं सत्तमस्स णायज्झयणस्स अयमठे पण्णत्ते तिबेमि // 70 // गाहाओ-जह सेट्ठी Page #1157 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1144 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि तह गुरुणो जह पाइजणो तहा समणसंघो / जह वहुया तह भव्वा जह सालि. कणा तह वयाई // 1 // जह सा उज्झियणामा उज्झियसाली जहत्यमभिहाणा। पेसणगारित्तेणं असंखदुक्खक्खणी जाया // 2 // तह भवो जो कोई संघसमक्खं गुरुविदिण्णाई / पडिवज्जिउं समुज्झइ महन्वयाई महामोहा // 3 // सो इह चेव भवंमी जणाण धिक्कारभायणं होइ / परलोए उ दुहत्तो जाणाजोणीसु संचरइ // 4 // जह वा सा भोगवई जहत्थणामोवभुत्तसालिकणा / पेसणविसेस. कारित्तणेण पत्ता दुहं चेव // 5 // तह जो महन्वयाई उवभुंजइ जीवियत्ति पालितो / आहाराइसु सत्तो चत्तो सिवसाहणिच्छाए // 6 // सो एत्थ जहिच्छाए पावइ आहारमाइ लिगित्ति / विउसाण णाइपुज्जो परलोयम्मी दुही चेव॥७॥ जह वा रक्खियवहया रक्खियसालीकणा जहत्थक्खा / परिजणमण्णा जाया भोगसुहाई च संपत्ता // 8 // तह जो जीवो सम्म पडिवज्जित्ता महत्वए पंच / पालेइ णिरइयारे पमायलेसंपि वज्जेंतो // 6 / / सो अप्पहिएक्करई इहलोयंमिवि विहि पणयपओ / एगंतसुही जायइ परम्मि मोक्खंपि पावेइ // 10 // जह रोहिणी उ सुण्हा रोवियसाली जहत्थमभिहाणा / वड्डित्ता सालिकणे पत्ता सध्वस्स सामित्तं // 11 // तह जो भव्यो पाविय वयाई पालेइ अप्पणा सम्म / अण्णेसिवि भव्वाणं देइ अणेगेसि हियहेउं // 12 // सो इह संघपहाणो जगपहाणेति लहइ संसदं / अप्पपरेसि कल्लाणकारओ गोयमपहुव्व ॥१३॥तित्थस्स वुट्टिकारी अक्खेवणओ कुतित्थियाईणं / विउसणरसेवियकमो कमेण सिद्धिपि पावे // 14 // सत्तमं अज्झयणं समत्तं // मल्ली णामं अदमं अज्झयणं जइ गं भंते ! समणेणं जाव संपत्तेणं सत्तमस्स णायज्झयणस्स अयमझें पण्णत्ते अट्ठमस्स णं भंते ! के अट्ठे पण्णत्ते ? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जंबुद्दीवे 2 महाविदेहे वासे मंदरस्स पव्वयस्स पच्चत्थिमेणं णिसढस्स वासहरपव्वयस्स उत्तरेणं सीओयाए महाणईए दाहिणेणं सुहावहस्स वक्खारपन्वयस्स पच्चस्थिमेणं पच्चस्थिमलवणसमद्दस्स पुरथिमेणं एत्थ णं सलिलावई णाम विजए पण्णत्ते / तत्थ णं सलिलावई विजए वीयसोगा णामं रायहाणी पण्णता णवजोयणवित्थिण्णा जाव पच्चक्खं देवलोगभया। तीसे गं Page #1158 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 8 1145 वीयसोगाए रायहाणीए उत्तरपुरस्थिमे दिसीमाए इंदकुंभे णाम उज्जाणे / तत्थ णं वीयसोगाए रायहाणीए बले णामं राया। तस्सेव धारिणीपामोक्खं देवि. सहस्सं उवरोहे होत्था। तए णं सा धारिणी देवी अण्णया कयाइ सीहं सुमिणे पासित्ताणं पडिबुद्धा जाव महब्बले णामं दारए जाए उम्मुक्क जाव भोगसमत्थे। तए णं तं महब्बलं अम्मापियरो सरिसियाणं कमलसिरीपामोक्खाणं पंचण्हं रायवरकण्णासयाणं एगदिवसेणं पाणि गेण्हावेंति / पंच पासायसया पंचसओ दाओ जाव विहरइ / थेरागमणं इंदकुंभे उज्जाणे समोसढा / परिसा णिग्गया / बलो वि णिग्गओ। धम्म सोच्चा णिसम्म जं णवरं महब्बलं कुमारं रज्जे ठावेमि जाव एक्कारसंगवी बहूणि वासाणि सामण्णपरियागं पाउणित्ता जेणेव चारुपव्वए मासिएणं भत्तेणं सिद्धे। तए णं सा कमलसिरी अण्णया कयाइ सीहं सुमिणे (पासित्ताणं पडिबुद्धा) जाव बलभद्दो कुमारो जाओ जुवराया यावि होत्था / तस्स णं महब्बलस्स रण्णो इमे छप्पियबालवयंसगा रायाणो होत्या तंजहा-अयले धरणे पूरणे वसू वेसमणे अभिचंदे सहजायया जाव संहिच्चाए णित्थरियन्वे तिकट्ट अण्णमण्णस्स एयमट्ठ पडिसुणेति / तेणं कालेणं तेणं समएणं इंदकुंभे उज्जाणे थेरा समोसढा / परिसा णिग्गया। महब्बले णं धम्म सोच्चा० जं गवरं छप्पियबालवयंसए आपुच्छामि बलभदं च कुमारं रज्जे ठावेमि जाव छप्पियबालवयंसए आपुच्छइ / तए गं ते छप्पिय० महब्बलं रायं एवं वयासी-जइ गं देवाणप्पिया ! तुम्भे पव्वयह अम्हं के अण्णे आहारे वा जाव पव्वयामो / तए णं से महब्बले रांया ते छप्पिय० एवं वयासी-जइ गं तुब्भे मए सद्धि जाव पव्वयह तो णं गच्छह जेठे पुत्ते सरहिं 2 रज्जेहि ठावेह पुरिससहस्सवाहिणीओ सीयाओ दुरूढा जाव पाउन्भवंति / तए णं से महब्बले राया छप्पियबालवयंसए पाउम्भूए पासइ 2 त्ता हट्ट तुठे कोडुबियपुरिसे० बलभद्दस्स रायाभिसेओ जाव आपुच्छइ / तए णं से महब्बले जाव महया इड्ढीए पव्वइए एक्कारसअंगाई० बहूहिं चउत्थ जाव भावेमाणे विहरइ / तए णं तेसि महब्बलपामोक्खाणं सत्तण्हं अणगाराणं अण्णया कयाइ एगयओ सहियाणं इमेया. रूवे मिहो-कहासमुल्लावे समुप्पज्जित्था-जं णं अम्हं देवाणुप्पिया ! एगे तवोकम्मं उवसंपज्जित्ताणं विहरइ तं गं अम्हेहि सवेहि तवोकम्मं उवसंप. ज्जित्ताणं विहरित्तए-त्तिकटु अण्णमण्णस्स एयमनै पडिसुर्णेति 2 त्ता बहि Page #1159 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1146 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि चउत्थ जाव विहरंति / तए णं से महब्बले अणगारे इमेणं कारणेणं इस्थि. णामगोयं कम्मं णिवत्तेसु-जइ णं ते महब्बलवज्जा छ अणगारा चउत्थं उवसंपज्जित्ताणं विहरंति तओ से महब्बले अणगारे छठे उवसंपज्जित्ताणं विहरइ / जइ णं ते महब्बलवज्जा [छ] अगगारा छठें उवसंपज्जित्ताणं विहरंति तओ से महब्बले अणगारे अट्टमं उवसंपज्जित्ताणं विहरइ। एवं (अह) अट्ठम तो दसम अह दसमं तो दुवालसं / इमेहि य णं वीसाएहि य कारणेहि आसेवियबहुलीकएहि तित्थयरणामगोयं कम्मं णित्तिसु तंजहा-अरहंतसिद्ध पवयणगुरुथेरबहुस्सुए तवस्सीसं / वच्छल्लया य तेसि अभिक्ख णागोवओगे य // 1 // दसणविणए आवस्सए य सीलब्बए णिरइया (2) रो। खणलबतबच्चियाए वेयावच्चे समाही य // 2 // अप्पुटवणाणगहणे सुयभत्ती पवयणे पभावणया। एएहि कारणेहि तित्थयरत्तं लहइ (जीओ) सो उ // 3 // तए णं ते महब्बलपामोक्खा सत्त अगगारा मासियं भिक्खुपडिमं उवसंपज्जिताणं विहरंति जाव एगराइयं भि० उव० / तए णं ते महब्बलपामोक्खा सत्त अणगारा खड्डागं सीहणिक्किलियं तवोकम्म उवसंपज्जिताणं विहरंति तंजहा-च उत्थं करेति 2 त्ता सव्वकामगुणियं पारेंति 2 ता छळं करेंति 2 ता चउत्थं करेंति 2 ता अट्ठमं करेंति 2 ता छठं करेंति 2 ता दसमं करेंति 2 ता अट्ठमं करेंति 2 ता दुवालसमं करेंति 2 ता दसमं करेंति 2 ता चोद्दसमं करेंति 2 ता दुवालसमं करेंति 2 ता सोलसमं करेंति 2 ता चोद्दसमं करेंति 2 ता अट्टा. रसमं करेंति 2 ता सोलसमं करेंति 2 ता वीसइमं करेंति 2 ता अट्ठारसमं करेंति 2 त्ता वीसइमं करेंति 2 ता सोलसमं करेंति 2 ता अट्ठारसमं करेंति 2 ता चोद्दसमं करेंति 2 त्ता सोलसमं करेंति 2 त्ता दुवालसमं कति 2 ता चोद्दसमं करेंति 2 ता दसमं करेंति 2 त्ता दुवालसमं करेंति 2 ता अट्ठमं करेंति 2 ता दसमं करेंति 2 ता छठें करेंति 2 ता अळं करेंति 2 ता चउत्थं करेंति 2 त्ता छठं करेंति 2 ता चउत्थं करेंति सव्वत्थ सबकाम. गुणिएणं पारेति / एवं खलु एसा खुड्डागसीहणिक्कीलियस्स तवीकम्मस्स पढमा परिवाडी हि मासेहि सत्तहि य अहोरत्तेहि य अहासुत्ता जाव आराहिया भवइ / तयाणतरं दोच्चाए परिवाडीए चउत्थं करेंति णवरं विगइवज्ज पारेति / एवं तच्चा वि परिवाडी णवरं पारणए अलेवाडं पारेति / एवं चउ. Page #1160 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 8 1147 स्थावि परिवाडी गवरं पारणए आयंबिलेण पारेति। तए णं ते महब्बलपामोक्खा सत्त अणगारा खुड्डागं सीहणिक्कीलियं तबोकम्मं दोहि संवच्छरेहिं अट्ठावीसाए अहोरत्तेहि अहासुतं जाव आणाए आराहेत्ता जेणेव थेरे भगवंते तेणेव उवागच्छंति 2 ता थेरे भगवंते वदंति णमंतंति वं०२ ता एवं वयासी-इच्छामो णं भंते ! महालयं सीहणिक्किलियं (तवोकम्म०) तहेव जहा खुड्डागं णवरं चोत्तीसइमाओ णियत्तए एगाए परिवाडीए कालो एगणं संवच्छरेणं हि मासेहि अट्ठारसहि य अहोरत्तेहि समप्पेइ। सव्वंपि सीहणिक्किलियं छहिं वासेहिं दोहि य मासेहिं बारसहि य अहोरहि समप्पेई / तए णं ते महब्बल पामोक्खा सत्त अणगारा महालयं सीहणिक्कीलियं अहासुत्तं जाव आराहेत्ता जेणेव थेरे भग. वंते तेणेव उवागच्छंति 2 त्ता थेरे भगवंते वदंति णमंसंति वं० 2 ता बहणि चउत्थ जाव विहरंति / तए णं ते महब्बलपामोक्खा सत्त अणगारा तेणं उरालेणं सुक्का भुक्खा जहा खंदओ णवरं थेरे आपुच्छित्ता चारुपव्वयं (सणियं) दुरूहंति जाव दोमासियाए संलेहणाए सवीसं भत्तसयं (अणसणं) चउरासीइं वाससयसहस्साई सामण्णपरियागं पाउणंति 2 ता चुलसीइं पुव. सयसहस्साई सव्वाउयं पालइत्ता जयंते विमाणे देवत्ताए उवण्णा // 71 // तत्थ नं अत्थेगइयाणं देवाणं बत्तीसं सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता / तत्थ गं महब्बल. वज्जाणं छण्हं देवाणं देसूणाई बत्तीसं सागरोवमाइं ठिई / महब्बलस्स देवस्स पडिपुण्णाई बत्तीसं सागरोवमाई ठिई प० / तए णं ते महब्बलवज्जा छप्पिय देवा जयंताओ देवलोगाओ आउक्खएणं जाव अणंतरं चयं चइत्ता इहेव जंबट्टीवे 2 भारहे वासे विसुद्धपिइमाइवंसेसु रायकुलेसु पत्तेयं 2 कुमा. रत्ताए पच्चायाया (सी) तंजहां-पडिबुद्धी इक्खागराया, चंदच्छाए अंगराया, संखे कासिराया, रुप्पी कुणालाहिबई, अदीणसत्तू कुरुराया, जियसत्तू पंचाला. हिवई / तए णं से महब्बले देवे तिहिं णाणेहि समग्गे उच्चट्ठाण (दि) गएसु गहेसु सोमासु दिसासु वितिमिरासु विसुद्धासु जइएसु सउणेसु पयाहिणाणुकूलंसि भूमिसपिसि मारुयंसि पवायंसि णिप्फण्णसस्समेइणीयंसि कालंसि पमुइय. पक्कीलिएसु जणएसु अद्धरत्तकालसमयंसि अस्सिणीणखत्तेणं जोगमुवागएणं जे से हेमंताणं चउत्थे मासे अट्ठमे पक्खे फग्गुणसुद्धे तस्स णं फग्गुणसुद्धस्स चउ. स्थिपक्खेणं जगंताओ विमाणाओ बत्तीसं सागरोवमढिइयाओ अणंतरं चयं Page #1161 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1148 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि चइत्ता इहेब जंबुद्दीवे 2 भारहे वासे मिहिलाए रायहाणीए कुंभगस्स रण्णो पभावईए देवीए कुच्छिसि आहारववकंतीए भववक्कंतीए सरीरवक्कंतीए गभत्ताए ववकते / तं रणि च णं चोद्दस महासुमिणा वण्णओ / भत्तारकहणं सुमिणपाढगपुच्छा जाव विहरइ / तए णं तीसे पभावईए देवीए तिण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं इमेयारूवे डोहले पाउभाए-धण्णाओ गं ताओ अम्म. याओ जाओ णं जलथलयभासुरप्पभूएणं दस द्धवष्णेणं मल्लेणं अत्थुयपच्चत्यंसि सयणिज्जसि सण्णिसण्णाओ संणिवण्णाओ य विहरति एगं च महं सिरिदामगंडं पाडलमल्लियचंपगअसोगपुण्णागणागमरुयगदमणगअणोज्जकोज्जय पउरं परमसुहफासदरिसणिज्ज महया गंधर्हाण मयंत अग्घायमाणीओ डोहलं विणेति / तए तीसे पभावईए देवीए इमं एयारूवं डोहलं पाउन्भूयं पासित्ता अहासणिहिया वाणमंतरा देव। खिप्पामेव जलथलय जाव दसद्ध वण्णमल्लं कुंभग्गसो य भारग्गसो य कुंभगस्स रण्णो भवणंसि. साहरंति एगं च णं महं. सिरिदामगडं जाव गंधर्वाण मयंत उवणेति / तए णं सा पभावई देवी जलथलय जाव मल्लेणं दोहलं विणेइ। तए णं सा पभावई देवी पसत्थदोहला जाव विहरइ / तए पं सा पभावई देवी णवण्हं मासाणं अद्धदमाण य रत्तिदियाणं जे से हेमंताणं पढमे मासे दोच्चे पवखे मगसिरसुद्धे तस्स णं एक्कारसीए पुव रत्तावरत्तकालसमयंसि अरिसणीणवखते उच्चट्ठाणगएसु गहेसु जाव पमु. इयपवकीलिए सु जणवए सु आरोयारोयं एगणवीसइमं तित्थयरं पयाया // 72 // तेणं कालेणं तेणं समएणं अहो लोगवत्थवाओ अटू दिसाकुमारीओ मयहरीयाओ जहा जंबुद्दीवपणत्तीए जम्मणं सव्वं णवरं मिहिलाए कुंभस्स पभावईए देवीए अभिलावो संजोएयत्वो जाव गंदीसरवरे दीवे महिमा / तया णं कुभए राया बहिं भवणवईहि 4 तित्थयर (जम्मणाभिसेयं) जायकम्मं जाव णामकरणंजम्हा णं अम्हे इमीए दारियाए माऊए मल्लसयणीज्जसि डोहले विणीए तं होउ णं णामेणं मल्ली जहा महबब्ले जाव परिवडिया-सा वडुई भगवई दियलोयचया अणोवमसिरीया। दासीदासपरिवुडा परिकिण्णा पीढमहि // 1 // असियसिरया सुणयणा बिबोट्ठी धवलदंतपंतीया / वरकमलकोमलंगी फुल्लप्पलगंधणीसासा // 73 // तए णं सा मल्ली विदेहरायवरकण्णा उम्मक्कबालभावा जाव रूवेण य जोवणेण य लावणेण य अईव 2 उक्किट्ठा उक्किट्ठ सरीरा जाया यावि Page #1162 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ.८ 1149 होत्था / तए णं सा मल्ली देसूणवाससयजाया ते छप्पिय रायाणो विउलेण ओहिणा आभोएमाणी 2 विहरइ तंजहा-पडिबुद्धि जाव जियसत्तुं पंचालाहिवई / तए णं सा मल्ली कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-तुन्भे गं 'देवाणुप्पिया ! असोगवणियाए एगं महं मोहणघरं करेह अणेगखंभसयसण्णिविठें / तस्स णं मोहणघरस्स बहुमज्झदेसभाए छ गब्भघरए करेह / तेसि गं गब्भघरगाणं बहुमज्झदेसभाए जालघरयं करेह / तस्स णं जालघरयस्स बहुमज्झ. देसभाए मणिपेढियं करेह जाव पच्चप्पिणंति / तए णं (सा) मल्ली मणिपेढियाए उरि अप्पणो सरिसियं सरित्तयं सरिव्वयं सरिसलावण्णजोव्वणगुणोववेयं कणगामई मत्थयच्छिडं पउमप्पलपिहाणं पडिमं करेइ 2 ता जं विउलं असणं 4 आहारेइ तओ मणण्णाओ असणाओ 4 कल्लाकल्लि एगमेगं पिडं गहाय तीसे कणगामईए मत्थयछिड्डाए जाव पडिमाए मत्थयंसि पविखवमाणी 2 विहरइ / तए णं तीसे कणगामईए जाव मत्थयछिड्डाए पडिमाए एगमेगंसि पिंडे पक्खिप्प. माणे 2 तओ गंधे पाउन्भवइ से जहाणामए अहिमडेइ वा जाव एत्तो अणिटुतराए अमणामतराए [चेव] // 74 / / तेणं कालेणं तेणं समएणं कोसला णामं जणवए / तत्थ णं सागेए णाम णयरे। तस्स णं उत्तरपुरच्छिमे दिसीमाए एत्थ णं (महं एगे) महेगे णागधरए होत्था दिव्वे सच्चे सच्चोवाए संणिहियपाडिहेरे। तत्थ गं सागए.णयरे पडिबुद्धी णामं इक्खागुराया परिवसइ पउमावई देवी सुबुद्धी अमच्चे सामदंड० / तए गं पउमावईए देवीए अण्णया कयाई णागजण्णए यावि होत्था / तए गं सा पउमावई णागजण्णमुवट्टियं जाणित्ता जेणेव पडिबुद्धी० करयल जाव एवं वयासी-एवं खलु सामी ! मम कल्लं णागजण्णए (यावि) भविस्सइ, तं इच्छामि गं सामी ! तुहि अन्मणुण्णाया समाणी णागजण्णयं गमित्तए, तुभवि णं सामी ! मम णागजण्णयंसि समोसरह / तए णं पडिबुद्धी पउमावईए देवीए एयमझें पडिसुणेइ / तए णं पउँमावई पडिबुद्धिणा रण्णा अन्भणण्णाया समाणी हद्वतुट्ठा जाव कोडुबियपुरिसे सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया! मम कल्लं णागजण्णए भविस्सइ / तं तुब्भे मालागारे सद्दावेह 2 त्ता एवं वयह-एवं खल पउमावईए देवीए कल्लं ‘णागजण्णए भविस्सइ / तं तुब्भे गं देवाणुप्पिया ! जलथलय० दसद्धवणं मल्लं णागघरयंसि साहरह एगं च णं महं सिरिदामगंडं उवणेह / तए णं जलथलय० Page #1163 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंग-पविट्ट सुत्ताणि दसद्ध वण्णेणं मल्लेणं णाणाविहभत्तिसुविरइयं हंसमियमयूरकोंचसारसचक्कवायमयणसालकोइलकुलोषवेयं ईहामिय जाब भत्तिचित्तं महग्यं महरिहं विउलं पुष्फमंउबं विरएह / तस्स णं बहुमज्झदेसभाए एग महं सिरिदामगंडं जाव गंध. णि भयंत उल्लोयंसि ओलंबेह 2 ता पडमावई देवि पडिवालेमाणा 2 चिट्ठह / तए णं ते कोडुंबिया जाव चिट्ठति / तए णं सा पउमावई देवी कल्लं० कोडं. बियपुरिसे सहावेइ 2 ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणप्पिया! सागेयं णयरं सभितरबाहिरियं आसियसम्मज्जिओवलितं जाव पच्चप्पिणति / तए गं सा पउमावई देवी दोच्चपि कोडंबिय जाव खिप्पामेव लहुकरणजुत्तं जाव जुत्ता. मेव (उवटुवेह, तए गं तेवि ततेक) उवढवेति / तए णं सा पउमावई अंतो अंतेउरंसि व्हाया जाव धम्मियं नाणं दुरूढा / तए णं सा यउमाबई णियग. परिवालसंपरिवुजा सागेयं जयरं मज्झमझे णिज्जइ 2 ता जेणेव पुक्खरणी तेणेव उवागच्छइ 2 ता पोक्खणि ओगाहइ 2 ता जलमज्जणं जाव परम. सुइभूया उल्लपडसाउया जाई तत्थ उप्पलाई जाव गेण्हइ 2 ता जेणेव णाग. घरए तेणेव पहारेत्थ गमणाए / तए णं पउमावईए दासचेडीओ बहूओ पुष्फपडलगहत्थगयाओ धूयकडुच्छुगहत्थगयाओ पिटुओ समणुगच्छंति / तए णं पउमा. बई सब्बिड्डीए जेणेब णागधरए तेणेव उवागच्छइ 2 ता जागघरयं अणुप्प. विसइ 2 ता लोमहत्थगं जाव धूवं उहइ 2 ता पडिबुद्धि (रायं) पडिवाले. माणी 2 चिट्ठइ / तए णं पडिबुद्धी (राया) हाए हथिखंधवरगए सकोरंट जाव सेयवरचामराहि (महया) हयगयरहजो हम हयाभडगचडगर पहकरेहि सागेयं णगरं मझमज्झेणं णिग्गच्छइ 2 ता जेणेव गागघरए तेगेव. उवागच्छइ 2 ता हस्थिखंधाओ पच्चोरुहइ 2 ता आलोए पणामं करेइ 2 ता पुष्फमंडवं अणुपविसइ 2 ता पासइ तं एगं महं सिरिदामगंडं / तए णं पडिबुद्धी तं सिरिदामगंडं सुइरं कालं गिरिक्ख इ 2 ता तंसि सिरिदामगंडसि जायविम्हए सुबुद्धि अमच्चं एवं वयासी-तुमं णं देवाणुप्पिया ! मम दोच्चेणं बहूणि गामा. गर जाव सणिवेसाई आहिंडसि बहूणि राईसर जाव गिहाई अणुपविससि, तं अस्थि णं तुमे कहिचि एरिसए सिरिदामगंडे दिट्टपुटवे जारिसए णं इमे पउमा. वईए देवीए सिरिदामगंडे ? तए णं सुबुद्धी पडिबुद्धि सयं एवं वयासी-एवं खलु सामी ! अहं अग्णया कयाई तुम्भं दोच्चेणं मिहिलं रायहाणि गए / तत्थ Page #1164 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जायाधम्मकहाओ अ. 8 1151 of भए कुंभगस्स रणो ध्याए पउमाईए देवीए अत्तयाए मल्लीए संवच्छरपडि. लेहण गसि दिवे सिरियामां विट्ठपुन्छ / तर सिरिदामगंडस्स इसे पउमा. वईए देवीए सिरिदामगंडे सयसहस्सइमपि कलं ण अवइ / तए णं पडिबद्धी राप्दा सुबुद्धि अमञ्चं एवं दयाली-केरि सिया # देवासुटिया ! मल्ली विरेहरायवरकणा जस्स णं संबछरपडिलेहणायंसि सिरिदायगंडरस पउमावईए देवीए सिरियामा सयसहस्स इमंषि फलं ण अग्घा ? / तए ण सुबुद्धी पडिबुद्धि इसारायं एवं क्या सी-एवं खलु सामी ! मल्ली विदेहरायवरकणगा सुपइदियकुममुग्णयचारुचरणा वष्णओ। तए पडिबुद्धी राया सुबुद्धिस्स अमच्तस्स अंतिए एयमलैं सोच्चा णिसम्म सिरिदासगंजणियहासे दूयं सद्दा वेइ 2 सा एवं वयासी-गच्छाहि लुभं देवाणप्पिया ! मिहिलं राय हाणि, तत्व पं कुंभगस्स रणो धूयं प्रमावईए देवीए अत्तियं पहिल विदेहरायवर. कणयं मम भारियत्ताए वरेहि जइ वि य पं सा सयं रज्जसुंका / तए णं से दूए पडिबुद्धिणा रणा एवं दुत्ते समाणे हद्वतुट्टे पडिसुगेइ पडिसुणेत्ता जेणेव लए गिहे जेणेव चौउग्घंटे आसरहे तेणेव उवागच्छइ 2 ता चाउग्घंट आसरहं पडिकप्पावेद 2 ता दुरूढे जाव हयगयमहयाभडचडगरेणं साएयाओ णिग्गच्छइ 2 ता जेणेव विदेहजणवए जेणेव मिहिला रायहाणी तेणेव पहा. रेत्थ गमणाए // 7 // तेगं कालेणं तेणं समएणं अंग णामं जणवए होत्था तत्य गं चंपा णामं पयरी होत्था। तत्थ of चंपाए जयरीए चंदच्छाए अंगराया होत्था। तत्थ णं चंपाए णयरीए अरहण्णगपामोक्खा बहवे संजत्ता णावावाणियगा परिबसंतित अड्डा जाव अपरिभूया। तंए णं से अरहण्णगे समणोवासए यावि होत्था अहिगयजीवाजीवे वण्णओ / तए णं तेसि अरहणगपामोक्खाणं संजत्ताणावावाणियगाणं अण्णया कयाइ एगयओ सहियाणं इमेयालवे मिहोकहा समुल्ला (संला) वे समुपजिजस्था-सेयं खल अम्हं गणिभं च धरिमं च मेजं च पारिजच भंडगं गहाय लवणसमई पोयवहणेणं ओगाहित्तए-त्तिक अण्णभण्ण एयमठें पडिसुणेति 2 त्ता गणिमं च 4 गेण्हंति 2 ता सगडितागजियं च राज्जति 2 ता गणिमस्त 4 मंडगस्त सगडिसागडियं भरेंति 2 त्ता सोहणसि तिहिकरणणखत्तमहत्तंसि बिउलं असणं 4 उवक्खडावेंति मित्तणाइ० भोयणलाए भुंजावेंति जाय आपुच्छंति 2 ता सगडीसागडियं जोयंति 2 त्ता Page #1165 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1152 अंग-पविटु सुत्ताणि चंपाए णयरीए मज्झमझेणं णिग्गच्छति 2 ता जेणेव गंभीरए पोयपट्टणे तेणेव उवागच्छति 2 ता सगडीसागडियं मोयंति 2 ता पोयवहणं सज्जति 2 त्ता गणिमस्स जाव चउविहस्स भंडगस्स भरेति तंदुलाण य समियस्स य तेल्लस्स य घयस्स य गुलस्स य गोरसस्स य उदयस्स य उदयभायणाण य ओसहाण य भेसज्जाण य तणस्स य कठुस्स य आवरणाण य पहरणाण य अण्णेसि च बहूणं पोयवहणपाउग्गाणं दव्वाणं पोयवहणं भरेंति 2 ता सोहणंसि तिहिकरण. णक्खत्तमहत्तंसि विउलं असणं 4 उवक्खडावेंति 2 मित्तणाइ० आपच्छंति 2 त्ता जेणेव पोयाणे तेणेव उवागच्छति / तए णं तेसि अर हण्णग जाव वाणिय. गाणं जाव परियणो जावताहि इट्टाहि जाव वहिं अभिणंदंता य अभिसंथुण. माणा य एवं वयासी-अज्ज ! ताय ! भाय ! माउल ! भाइणेज्ज ! भगवया समुद्देणं अभिरविखज्जमाणा 2 चिरं जीवह भदं च भे पुणरवि लखट्टे कयकज्जे अणहसमग्गे णियगं घरं हवमागए पासामात्तिकट्ठ ताहि सोमाहि णिद्धाहि दोहाहिं सप्पिवासाहि पप्पुयाहिं दिट्ठीहि णिरीक्ख माणा मुहुत्तमेत्तं संचिठ्ठति / तओ समाणिएसु पुष्फबलिकम्मेसु दिणेसु सरसरत्तचंदणदद्दरपंचंगुलितलेसु अणुविखत्तंसि धूवंसि पूइएसु समुद्दवाएसु संसारियासु वलयबाहासु असिएसु सिएसु झयन्सु पडुप्पबाइएसु तूरेसु जइएसु सव्वसउणेसु गहिएसु रायवरसासणेसु महया उविकट्टसोहणाय जाव रवेणं पक्खुभियमहासमुद्दरवभूयंपिव मेइणि करेमाणा एगदिसि जाव वाणियगा णावं दुरूढा। तओ पुस्समाणवो वक्कमुदाहुहं भो ! सव्वेसिमवि अत्थसिद्धी उवट्टियाई कल्लाणाई पडिहयाई सवपावाई जुत्तो पूसो विजओ मुहुत्तो अयं देसकालो। तओ पुस्समाणएणं वक्केमदाहिए हतुळे कुच्छिधारकण्णधारगन्भिज्जसंजत्ताणावावाणियगा वावारिसु तं णावं पुण्णुच्छंगं पुण्णमुहिं बंधणेहितो मुंचंति / तए णं सा णावा विमुक्कवंधणा पवण. बलसमाहया ऊसियसिया विततपक्खा इव गरुड (ल) जुवई गंगासलिलतिक्ख. सोयवेहि संखुब्भमाणी 2 उम्मीतरंगमालासहस्साई समइच्छमाणी 2 कइवरहि अहोरहि लवणसमई अणेगाई जोयणसयाई ओगाढा / तए णं तेसि.अरहणग. पामोवखाणं संजत्ताणावावाणियगाणं लवणसमुदं अणेगाई जोयणसयाई ओगा. ढाणं समाणाणं बहूई उप्पाइ यसयाई पाउन्भूयाई तंजहा-अकाले गज्जिए अकाले विज्जुए अकाले थणियसद्दे अभिक्खणं 2 आगासे देवयाओ णच्चंति, एगं च णं महं पिसायरूत्रं पासंति तालजंघं दिवं गयाहिं बाहाहि मसिमसगमहिसकालगं Page #1166 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 8 1153 भरियमेहवणं लंबोटठं णिग्गयग्गदंतं णिल्लालियजमलजयलजीह आऊसियवयण. गंडदेसं चीणचि (पिड)मिढणासियं विगयभुग्गभुमयं खज्जोयगदित्तचक्खु रागं उत्तासणगं विसालवच्छं विसालकुच्छि पलंबकुच्छि पहसियपयलियपडियगतं पणच्चमाणं अप्फोडतं अभिवयं तं अभिगज्जतं बहुसो 2 अट्टहासे विणिम्मयंतं णीलप्पलगवलगुलियअयसिकुसुमप्पगासं खुरधारं असि गहाय अभिमुहमावयमाणं पासंति / तए णं ते अरहण गवज्जा संजत्ताणावावाणियगा एगं च णं महं तालपिसायं (पासंति ) पासित्ता तालजंघं दिवंगयाहि बाहाहि फुट्टसिरं भमरणिगरवरमासरासिमहिसकालगं भरियमेहवपणं सुप्पणहं फालसरि सजीहं लंबोळं धवलबट्ट असिलिटुतिक्ख थिरपीणकुडिलदाढोवगूढवयणं विकोसियधारासिजुयल. समसरि सतणुयचंचलगलंतरसलोलचवलफुरुफुरेंतणिल्लालियग्गजीहं अवय. च्छियमहल्लविगयबीभच्छलालपगलंतरत्ततालुयं हिंगुलयतगम्भकंदरबिलं व अंजणगिरिस्स अग्गिजालुग्गिलंतवयणं आऊसियअक्खचम्मउइदगंडदेसं चीण. चिपिड)मिढवंकभग्गणासं रोसागयधमधमैतमारुयणिठ्ठरखरफ रुसझुसिरं ओभुगणासियपुडं घाडुब्भडरइयभीसणमुहं उद्ध मुहकण्णसवकुलियमहंतविगयलोम. संखालगलबंत चलियकण्णं पिंगलदिप्पंतलोयणं भिउडितडि (य)णिडालं णरसिर. मालपरिणचिधं विचित्तगोणससुबद्धपरिकरं अवहोलंतपुप्फुयायंतसप्पविच्छ्य. गोधंदरनउलसरडविरइयविचित्तवेयच्छमालियागं भोगकरकण्हसप्पधमधमेंतलं. तकण्ण पूर मज्जारसियातलइयखधं दित्तघघयंतघयकयकुंतलसिरं घंटारवेण भीम भयंकरं कायरजणहिययफोडणं दित्तमट्टहाप्तं विणिम्मयंतं वसारुहिरपूयमंसमल. मलिणपोच्चडतणुं उत्तासणयं विसालवच्छं पेच्छंता भिण्णणहमहणयणकण्ण. वरवग्धचित्तकत्तीणिवसणं सरसरुहिरगयचम्मविययऊसवियबाहुजुयलं ताहि य खरफरुसअसिणिद्ध अणिढदित्तअसुभअप्पियअकंतवग्गूहि य तज्जयंतं पासंति तं तालपिसायरूवं एज्जमाणं पासंति 2 ता भीया संजायभया अण्णमण्णस्स कायं समतुरंगेमाणा 2 बहूणं इंदाण य खंदाण य रुद्दसिववेसमणणागाणं भयाण य जक्खाण य अज्जकोट्टकिरियाण य बहूणि उवाइयसयाणि ओवाइय. माणा 2 चिठ्ठति / तए णं से अरहण्णए समणोवासए तं दिव्वं पिसायरूवं एज्जमाणं पासइ 2 ता अभीए अतत्थे अचलिए असंभंते अणाउले अणुविग्गे अभिण्णनुहरागणयणवणे अदीणविमणमाणसे पोयवहणस्स एगदेसंसि वत्थं तेणं Page #1167 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1154 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि भूमि पमज्जइ 2 ता ठाणं ठाइ 2 त्ता करयल जाव एवं वयासी-णमोत्यु णं अरहंताणं जाव संपत्ताणं, जइ णं अहं एत्तो उवसग्गाओ मुंचामि तो मे कप्पइ पारित्तए, अह णं एत्तो उवसग्गाओ ण मुंचामि तो मे तहा पच्चक्खा. एयवे-त्ति कटु सागारं भत्तं पच्चक्खाइ / तए णं से पिसायरूवे जेणेव अरहण्णए समणोवासए तेणेव उवागच्छइ 2 ता अरहणणगं एवं वयासी-हं भो ! अरहणगा ! अपत्थियपत्थिया ! जाव परिवज्जिया ! णो खलु कप्पइ तव सीलव्वयगुणवेरमणपच्चक्खाणे पोसहोववासई चालित्तए वा एवं खोभे. तए वा खडित्तए वा भंजित्तए वा उज्झित्तए वा परिच्चइत्तए वा / तं जई णं तुमं सीलवयं जाव ण परिच्चयसितो ते अहं एयं पोयवहणं दोहिं अंगुलियाहिं गेहामि 2 ता सत्तद्वतलप्पमाणमेत्ताई उड्ढं वेहासं उविहामि 2 ता अंतो. जलंसि णिच्छोलेमि जेणं तुमं अट्टदुहवसट्टे असमाहिपत्ते अकाले चेव जीवियाओ ववरोविज्जसि / तए णं से अरहण्णए समणोवासए तं देवं मणसा चेव एवं वयासी-अहं णं देवाणु प्पिया ! अरहण्णए णामं समणोवासए अहिगयजीवाजीवे, णो खलु अहं सक्का केणइ देवेण वा जाव णिग्गंथाओ पावयणाओ चालित्तए वा खोभित्तए वा विपरिणामेत्तए वा, तुम णं जा सद्धा तं करेहि-त्तिकटु अभीए जाव अभिण्णमहरागणयणवणे अदीणविमणमाणसे णिच्चले णिफंदे तुसिणीए धम्मज्झाणोवगए विहरइ / तए णं से दिवे पिसायरूवे अरहणगं समणोवासगं दोच्चपि तच्चपि एवं वयासी-हं भो अरहणगा! जाव अदीगविमण. माणसे णिच्चले णिप्फंदे तुसिणीए धम्मज्झाणोवगए विहरइ / तए णं से दिव्वे पिसायरूवे अरहणणगं धम्मज्झाणोवगयं पासइ 2 त्ता बलियतरागं आसु. रुत्ते तं पोयवहणं दोहिं अंगुलियाहिं गिण्हइ 2 ता सत्तद्वतलाई जाव अरह. ण्णगं एवं वयासी-हं भो अरहणणगा ! अपत्थियपत्थिया ! णो खल कप्पइ तव सीलव्वय तहेव जाव धम्मज्झाणोवगए विहरइ / तए णं से पिसायरूवे अरहाणगं जाहे णो संचाएइ णिग्गंथाओ० चालित्तए वा ताहे उवसंते जाव णिविणे तं पोयवहणं सणियं 2 उरि जलस्स ठवेइ 2 ता तं दिव्वं पिसाय. रूवं पडिसाहरइ 2 ता दिव्वं देवरूवं विउवइ 2 त्ता अंतलिक्खपडिवणे सखिखिणियाइं जाव परिहिए अरहणणगं समणोवासगं एवं वयासी-हं भो अर. हण्णगा ! धण्णोऽसि णं तुमं देवाणुप्पिया ! जाव जीवियफले जस्स णं तव Page #1168 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 8 1155 णिग्गंथे पावयणे इमेयारूवा पडिवत्ती लद्धा पत्ता अभिसमण्णागया, एवं खलु देवाणु प्पिया ! सके देविदे देवराया सोहम्मे कप्पे सोहम्मवडिसए विमाणे सभाए सुहम्माए बहूणं देवाणं मज्झगए महया 2 सद्देणं एवं आइक्खइ ४एवं खलु जंबुद्दीवे 2 भारहे वासे चंपाए णयरीए अरहण्णए समणोवासए अभिगयजीवाजीवे णो खलु सक्का केणइ देवेण वा दाणवेण वा 6 णिग्गंथाओ पावयणाओ चालितए वा जाव विपरिणामित्तए वा / तए णं अहं देवाणुप्पिया | सक्कस्स देविंदस्स णो एयमठं सद्दहामि / तए णं मम इमेयारूवे अज्झस्थिए०-गच्छामि णं अरहण्णयस्स अंतियं पाउब्भवामि जाणामि ताव अहं अरहण्णगं कि पियधम्मे णो पियधम्मे, दढधम्मे णो दढधम्मे, सीलव्वयगुणे कि चालेइ जाव परिच्चयइ णो परिच्चयइ-त्तिकटु एवं संपेहेमि 2 ता ओहि पउं. जामि 2 ता देवाणुप्पियं ओहिणा आभोएमि 2. ता उत्तरपुरच्छिमं 2 उत्तर. वे उध्वियं० ताए उक्किट्ठाए जाव जेणेव लवणसमुद्दे जेणेव देवाणुप्पिया तेणेव उवागच्छामि 2 ता देवाणप्पियाणं उवसग्गं करेमि णो चेव णं देवाणप्पिया भीया वा०, तंज जं. सक्के देविदे देवराया एवं वयइ सच्चे गं एसमढे तं दिठे णं देवाणुप्पियाणं इड्ढी जाव परक्कमे लद्धे पत्ते अभिसमण्णागए। तं खामेमि णं देवाणुप्पिया ! खमंतु मरहंतु णं देवाणुप्पिया ! गाइभुज्जो 2 एवं करणयाए-त्तिक१ पंजलिउडे पायवडिए एयमठें विणएणं भुज्जो 2 खामेइ 2 ता अरहण्णगस्स य दुवे कुंडलजुयले दलयइ 2 ता जामेव दिसि पाउन्भए तामेव दिसि पडिगए // 76 // तए णं से अरहण्णए णिरुवसग्गमिति. कट्ट पडिम पारेइ / तए णं ते अरहणगपामोक्खा जाव वाणियगा दक्खि. णाण कलेणं वाएणं जेणेव गंभीरए पोयपट्टणे तेणेव उवागच्छंति 2 ता पोयं लति 2 ता सगडिसागडं सज्जति 2 ता तं गणिमं च 4 सगडि० संकाति 2 ता सगडी० जोएंति 2 त्ता जेणेव मिहिला० तेणेव उवागच्छंति 2 त्ता मिहिलाए रायहाणीए बहिया अग्गज्जाणंसि सगडीसागडं मोएंति 2 त्ता मिहिलाए रायहाणीए तं महत्थं महग्धं महरिहं विउलं रायारिहं पाहुडं कुंडल. जुयलं च गेण्हंति 2 ता मिहिलाए रायहाणीए अणुप्पविसंति 2 ता जेणेव कुंभए राया तेणेव उवागच्छंति 2 ता करयल जाव महत्थं दिव्व कुंडलजुयलं उवणेति / तए णं कुभए राया तेसि संजत्तगाणं जाव पडिच्छइ 2 ता मल्लि Page #1169 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1156 अंग-पविटु सुत्ताणि विदेहरायवरकण्णं सद्दावेइ 2 ता तं दिव्वं कुंडलजुयलं मल्लीए विदेह. रायवरकण्णगाए पिणद्धे इ पिणेद्धता पडिविसज्जेइ / तए णं से कुंभए राया ते अरहण्णगपामोक्खे जाव वाणियगे विपुलेणं असण वत्थगंधमल्ला. लंकारेणं जाव उस्सुक्क वियरइ 2 ता रायमग्गमोगाढेइ आवासे वियरइ 2 ता पडिविसज्जेइ / तए णं अरहण्णगसंजत्तगा जेणेव रायमगमोगाढे आवासे तेणेव उवागच्छति 2 त्ता भंडववहरणं करेंति 2 त्ता पडिभंडं गेण्हति 2 त्ता सगडी० भरेंति जेणेव गंभीरए पोयपट्टणे तेणेव उवागच्छंति 2 ता पोयवहणं सज्जति 2 त्ता भंडं संकामेति दक्खिणाण. जेणेव चंपापोपदाणे तेणेव पोयं लंबॅति 2 ता सगडी०, सज्जति 2 ता तं गणिमं 4 सगडी. संकामेति जाव महत्थं पाहुडं दिवं च कुंडलजुयलं गेण्हति 2 ता जेणेव चंदच्छाए अंगराया तेणेव उवागच्छंति 2 ता तं महत्थं जाव उवणेति / तए णं चंदच्छाए अंगराया तं दिव्वं महत्थं च कुंडलजुयलं पडिच्छइ 2 ता ते अरह. आणगपामोक्खे एवं वयासी-तुब्भे गं देवाणुप्पिया ! बहू णि गामागर जाव आहिंडह लवणसमुदं च अभिक्खणं 2 पोयवहणेहि ओगाहेह, तं अस्थियाई भे केइ कहिचि अच्छे रए दिट्टपुटवे ? / तए गं ते अरहणगपामोक्खा चंदच्छायं अंगरायं एवं वयासी-एवं खलु सामी ! अम्हे इहेव चंपाए णयरीए अरहण्णग. पामोवखा बहवे संजत्तगाणावावाणियगा परिवसामो। तए णं अम्हे अण्णया कयाइ गणिमं च 4 तहेव अहीण (म) अइरित्तं जाव कुंभगस्स रण्णो उवणेमो। तए गं से कुंभए मल्लीए विदेहरायवरकण्णाए तं दिव्वं कुंडलजुयलं पिणद्धेइ 2 ता पडिविसज्जेइ / तं एस णं सामी ! अम्हेहिं कुंभगरायभवणंसि मल्ली विदेहरायवरकण्णा अच्छेरए दिठे / तं णो खलु अण्णा कावि तारिसिया देवकण्णा वा जाव जारिसिया णं मल्ली विदेहरायवरकण्णा। तए णं चंदच्छाए (ते) अरहण्णगपामोक्खे सक्कारेइ सम्माणेइ स० 2 त्ता [उस्संकं वियरइ] पडिविसज्जेई / तए णं चंदच्छाए वाणियगजणियहासे दूयं सद्दावेइ जाव जइ वि य गं सा सयं रज्जसुक्का / तए णं से दूए हट्ठ जाव पहारेत्य गमणाए 2 // 77 // तेणं कालेणं तेणं समएणं कुणाला णामं जणवए होत्था। तत्थ णं सावत्थी णाम णयरी होत्था / तत्थ गं रुप्पी कुणालाहिवई णामं राया होत्था / तस्स णं रुप्पिस्स धूया धारिणीए देवीए अत्तया सुबाहु णामं दारिया होत्था सुकुमाल जाव रूवेण य जोवणेण य लावण्णण य उक्किट्ठा Page #1170 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 8 1157 उक्किटुसरीरा जाया यावि होत्था / तीसे णं सुबाहुए दारियाए अण्णया चाउ. म्मासियमज्जणए जाए यावि होत्था। तए णं से रुप्पी कुणालाहिवई सुबाहुए दारियाए चाउम्मासियमज्जणयं उवट्ठियं जाणइ जाणइत्ता कोडंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! सुबाहुए दारियाए कल्लं चाउम्मासियमज्जणए भविस्सइ / तं कल्लं तुब्भे गं रायमग्गमोगाढंसि (चउ. वकसि) मंडवंसि जलथलयदसद्धवण्णमल्लं साहरेह जाव सिरिदामगंडे ओलइंति। तए णं से रुप्पी कुणालाहिवई सुवण्णगारसेणि सद्दावेइ 2 ता एवं वयासीखिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! रायमग्गमोगादसि पुप्फमंडवंसि णाणाविहपंच. वर्णोह तंदुलेहि जयरं आलिहह तस्स बहुमज्झदेसभाए पट्टयं रएह जाव पच्चप्पिणंति / तए णं से रुप्पी कुणलाहिवई हत्थिखंधवरगए चाउरंगिणीए सेणाए महया भडचडगर जाव अंतेउरपरियालसंपरिवडे सुबाहुं दारियं पुरओ कट्ट जेणेव रायमग्गे जेणेव पुष्फमंडवे तेणेव उवागच्छइ 2 ता हत्थिखंधाओ पच्चोरुहइ 2 त्ता पुप्फमंडवे अणप्पविसइ २त्ता सीहासणवरगए पुरत्था. भिमुहे सण्णिसण्णे / तए णं ताओ अंतेउरियाओ सुबाहुं दारियं पट्टयंसि दुरू. हेति 2 त्ता सेयापीयएहिं कलसेहिं पहाणेति २त्ता सवालंकारविभसियं करेंति 2 ता पिउणो पायंवंदिउं उवणेति / तए णं सुबाह दारिया जेणेव रुप्पी राया तेणेव उवागच्छइ 2 ता पायग्गहणं करेइ / तए णं से रुप्पी राया सुबाहुं दारियं अंके णिवेसेइ 2. त्ता सुबाहुए दारियाए रूवेण य जोवणेण य लाव. ण्णण य जाव विम्हिए(जायविम्हए) वरिसधरं सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-तुम गं देवाणुप्पिया ! मम दोच्चेणं बहूणि गामागरणगरगिहाणि अणुप्पविससि, तं अत्थियाइं ते कस्सइ रणो वा ईसरस्स वा कहिंचि एयारिसए मज्जणए दिदः पुटवे जारिसए गं इमीसे सुबाहदारियाए मज्जणए ? तए णं से वरिसधरे रुप्पि करयल जाव एवं वयासी-एवं खलु सामी! अहं अण्णया तुभेणं दोच्चेणं मिहिलं गए, तत्थ गं मए कुंभगस्स रण्णो धूयाए पभावईए देवीए अत्तयाए मल्लीए विदेहरायवरकण्णगाए मज्जणए दिठे, तस्स णं मज्जणगस्स इमे सुबाहुएदारियाए मज्जणए सयसहस्सइमंपि कलं ण अग्घेइ / तए णं से रुप्पी राया वरिस. धरस्स अंतिए एयमठे सोच्चा णिसम्म (सेसं तहेव) मज्जणगजणियहासे दूयं सद्दावेइ जाव जेणेव मिहिला णयरी तेणेव पहारेत्थ गमणाए (3) // 78 // तेणं Page #1171 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1158 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि कालेणं तेणं समएणं कासी णामं जणवए होत्था। तत्थ णं वाणारसी णाम णयरी होत्था / तत्थ णं संखे णामं कासीराया होत्था / तए. णं तीसे मल्लीए वि० अण्णया कयाई तस्स दिव्वस्स कुंडलजुयलस्स संधी विसंघडिए यावि होत्था / तए णं से कुंभए राया सुवण्णगारसेणि सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-तुब्भे गं देवाणुप्पिया ! इमस्स दिव्वस्स कुंडलजुयस्स संधि संघाडेह / तए णं सा सुवण्णगारसेणी एयमठं तहत्ति पडिसुणेइ 2 त्ता तं दिव्वं कुंडलजयलं गेहइ 2 ता जेणेव सुवणगारभिसियाओ तेणेव उवागच्छइ 2 ता सुवण्णगारभिसियासु णिवेसेइ 2 ता बहि आएहि य जाव परिणामेमाणा इच्छंति तस्स दिव्वस्स कुंडलजयलस्स संधि घडित्तए णो चैव गं संचाएइ संघडित्तए / तए णं सा सुवण्णगारसेगी जेणेव कुंभए तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता करयल जाव वद्धावेत्ता एवं वयासी-एवं खलु सामी ! अज्ज तुन्भे अम्हे सद्दावेह जाव संधि संघाडेता एयमाणत्तियं पच्चप्पिणह / तए णं अम्हे तं दिव्वं कुंडलजुयलं गेहामो जेणेव सुवण्णगारभिसियाओ जाव णो संचाएमो संघाडित्तए / तए णं अम्हे सामी ! एयस्स दिव्वस्स कुंडलस्स अण्णं सरिसयं कुंडलजयलं घडेमो / तए णं से कुंभए राया तीसे सुवण्णगारसेणीए अंतिए एयमझें सोच्चा णिसम्म आसुरुत्ते 4 तिवलियं भिउडि णिडाले साहटु एवं वयासी-(से के) केस णं तुम्मे कलायाणं भवह ? जेणं तुम्भे इमस्स (दिव्वस्स कुंडलजयलस्स णो संचाएह संधि संघाडित्तए ? ते सुवण्णगारे णिदिवसए आणवेइ / तए णं ते सुवण्णगारा कुंभेणं रण्णा णिविसया आणत्ता समाणा जेणेव साइं 2 गिहाई तेणेव उवा. गच्छति 2 ता समंडमत्तोवगरणमायाओ मिहिलाए रायहाणीए मज्झंमज्झेणं णिक्खमंति 2 ता विदेहस्स जणवयस्स मज्झंमज्झणं जेणेव कासी जणवए जेणेव वाणारसी णयरी तेणेव उवागच्छति 2 त्ता अग्गुज्जाणंसि सगडीसागडं मोएंति 2 ता महत्थं जाव पाहडं गेहति 2 ता वाणारसीए णयरीए मझमज्झेणं जेणेव संखे कासीराया तेणेव उवागच्छंति 2 ता करयल जाव वद्धावेंति 2 ता (पाह पुरओ ठावेंति 2 ता संखरायं) एवं वयासी-अम्हे मं सामी! मिहिलाओ णयरीओ कुंभएणं रण्णा णिविसया आणत्ता समाणा इहं हव्व. मागया, तं इच्छामो णं सामी ! तुम्भं बाहुच्छायापरिग्गहिया णित्भया णिरु. विग्गा सुहंसुहेणं परिवसिउं / तए णं संखे कासीराया ते. सुबण्णगारे एवं Page #1172 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 8 1159 वयासी-किं णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! कुंभएणं रणा णिविसया आणत्ता ? तए णं ते सुवण्णगारा संखं एवं वयासी-एवं खलु सामी ! कुंभगस्स रण्णो धूयाए पभावईए देवीए अत्तयाए मल्लीए कुंडलजुयलस्स संधी विसंघडिए / तए णं से कुंभए सुवण्णगारसेणि सद्दावेद जाव णिव्विसया आणत्ता / तं एएणं कारणेणं सामी ! अम्हे कुंभएणं णिदिवसया आणत्ता। तए णं से संखे सुवण्णगारे एवं वयासी-केरिसिया णं देवाणुप्पिया ! कुंभगस्स धूया पभावईदेवीए अत्तया मल्ली विदेहरायवरकण्णा ? तए णं ते सुवण्णगारा संख रायं एवं वयासी-णो खलु सामी ! अण्णा कावि तारिसिया देवकण्णा वा जाव जारि. सिया णं मल्ली विदेहवररायकण्णा। तए णं से संखे कुंडल (जुअल)जणिय. हासे दूयं सद्दावेइ जाव तहेव पहारेत्थ गमणाए (4) // 79 // तेणं कालेणं तेणं समएणं कुरुजणवए होत्था / हत्थिणाउरे गयरे / अदीणसत्तू णामं राया होत्था जाव विहरइ / तत्थ गं मिहिलाए [तस्स गं] कुंभगस्स पुत्ते पभावईए अत्तए मल्लीए अणु ( मग्ग) जायए मल्लदिण्णए णामं कुमारे जाव जुवराया यावि होत्था / तए गं मल्लदिण्णे कुमारे अण्णया कोडंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-गच्छह गं तुम्भे मम पमदवणंसि एगं महं चित्तसभं करेह अणेग जाव पच्चप्पिणंति / तए णं से मल्लदिण्णे चित्तगरसेणि सहावेइ 2 ता एवं वयासी-तुब्भे णं देवाणुप्पिया ! चित्तसभं हावभावविलासबिब्बोयकलिएहि रूवेहि चित्तेह जाव पच्चप्पिणह / तए णं सा चित्तगरसेणी तहत्ति पडिसुणेइ 2 ता जेणेव सयाई गिहाइं तेणेव उपागच्छइ 2 त्ता तूलियाओ वण्णए य गेण्हइ 2 ता जेणेव चित्तसभा तेणेव ( उवागच्छइ 2 ता) अणप्पविसइ 2 त्ता भूमिभागे विरयइ 2 त्ता भूमि सज्जेइ 2 ता चित्तसभं हावभाव जाव चित्तेउं पयत्ता यावि होत्था / तए णं एगस्स चित्तगरस्स इमेयारूवा चित्तगर. लद्धी लद्धा पत्ता अभिसमण्णागया-जस्स णं दुपयस्स वा चउपयस्स वा अपयस्स वा एगदेसमवि पासइ तस्स णं देसाणुसारेणं तयाणुरूवं णिवत्तेइ / तए णं से चित्तगरदारए मल्लीए जवणियंतरियाए जालंतरेण पायंगुठं पासइ / तए णं. तस्स (णं) चित्तगरस्स इमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्थासेयं खलु ममं मल्लीए वि० पायंगट्टाणुसारेणं सरिसगं जाव गुणोववेयं रूवं णिवत्तित्तए / एवं संपेहेइ 2 ता भूमिभागं सज्जेइ 2 ता मल्लीए वि० Page #1173 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1160 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि पायंगट्टाणसारेणं जाव णिवत्तेइ / तए णं सा चित्तगरसेणी चित्तसभं जावं हावमावे चित्तेइ 2 ता जेणेव मल्लदिण्णे कुमारे तेणेव उवागच्छइ. 2 ता एयमाणत्तियं पच्चप्पिणइ / तए णं मल्लदिण्णे चित्तगरसेणि सक्कारेइ 2 0 विपुलं जीवियारिहं पीइदाणं दलयइ 2 ता पडिविसज्जेई / तए णं मल्लदिण्ण कुमारे अण्णया पहाए अंते उरपरियालसंपरिवडे अम्मधाईए सद्धि जेणेव चित्तसभा तेणेव उवागच्छइ 2 ता चित्तसभं अणप्पविसइ 2 ता हावभावविलासबिब्बोयकलियाई रूवाई पासमाणे 2 जेणेव मल्लीए वि० / तयाणरूवे णिवत्तिए तेणेव पहारेत्थ गमणाए। तए णं से मल्लदिण्णे कुमारे मल्लीए वि० तयाणुरूवं णिवत्तियं पासइ 2. त्ता इमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जि. स्था-एस णं मल्ली वि० तिकट लज्जिए वीडिए वि (अडे) ई सणियं 2 पच्चो. सक्कइ / तए णं [तं] मल्लदिण्णं अम्मधाई सणियं 2 पच्चोसक्कंतं पासित्ता एवं वयासी-किण्णं तुमं पुत्ता ! लज्जिए वीडिए विडे सणियं 2 पच्चोसक्कसि ? तए णं से मल्लदिपणे अम्मधाई एवं वयासी-जुत्तं णं अम्मो ! मम जेट्टाए भगिणीए गरुदेवयभयाए लज्जणिज्जाए मम चित्तगरणिव्वत्तियं अणपविसि. तए ? तए णं अम्मधाई मल्लदिण्णं कुमारं एवं वयासी-णो खलु पुत्ता! एस मल्ली, एस गं मल्लीए विदे० चित्तगरएणं तयाणुरूवे णिव्वत्तिए / तए णं से मल्लदिण्णे अम्मधाईए एयमझें सोच्चा णिसम्म आसुरुत्ते 4 एवं वयासी-केस णं भो ! से. चित्तगरए अपस्थियपत्थिए जाव परिवज्जिए जेणं मम जेदाए भगिणीए गुरुदेवयभयाए जाव णिवत्तिए-त्तिकट्ट तं चित्तगरं वझं आणवेइ / तए णं सा चित्तगरस्सेणी इमीसे कहाए लट्ठा समाणा जेणेव मल्लदिण्णे कुमारे तेणेव उवागच्छइ 2 ता करयलपरिग्गहियं जाव वद्धावेत्ता एवं क्यासी-एवं खलु सामी ! तस्स चित्तगरस्स इमेयारूवा चित्तगरलद्धी लद्धा पत्ता अभिसमण्णागया-जस्स णं दुपयस्स वा जाव णिवत्तेइ, तं मा णं सामी ! तुब्भे तं चित्तगरं वज्झं आणवेह, तं तुब्भे गं सामी ! तस्स चित्तगरस्स अणं तयाणुरूवं दंड णिवत्तेह / तए णं से मल्लदिणे तस्स चित्तगरस्स संडासगं छिदावेइ 2 ता णिविसयं आणवेइ / तए णं से चित्तगरए मल्लदिणेणं णिदिवसए आणत्ते समाणे सभंडमत्तोवगरणमायाए मिहिलाओ णय. रीओ णिक्खमइ 2 ता विदेहं जणवयं मज्झंमज्झेणं जेणेव कुरुजणवए जेणेव हस्थिणाउरे गयरे जेणेव अदीणसत्तू राया तेणेव उवागच्छइ 2 ता भंड. Page #1174 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 8 1161 गिक्खेवं करेइ 2 ता चित्तफलगं सज्जेइ 2 ता मल्लीए विदे० पायंगुट्ठाणुसारेण रूवं णिवत्तेइ 2 ता कवखंतरंसि छुटभइ 2 ता महत्थं जाव पाहुडं गेण्हइ 2 ता हथिणाउरं जयरं मज्झंमज्झेणं जेणेव अदीणसत्तू राया तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता तं करयल जाव वद्धावेइ 2 ता पाहुडं उवणेइ 2 ता एवं वयासी-एवं खल अहं सामी ! मिहिलाओ रायहाणीओ कुंभगस्स रण्णो पुत्तेणं पमावईए देवीए अत्तएणं मल्लदिण्णणं कुमारेणं णिविसए आणत्ते समाणे इह हव्वमागए तं इच्छामि गं सामी ! तुभं बाहुच्छायापरिग्गहिए जाव परिवसित्तए / तए गं से अदीणसत्त राया तं चित्तगरदारयं एवं वयासी-किण्णं तुम देवाणप्पिया! मल्लदिण्णणं णिविसए आणत्ते ? तए णं से चित्तगरदारए अदीण. सत्तु रायं एवं वयासी-एवं खलु सामी ! मल्लदिणे कुमारे अण्णया कयाई चित्तगरसेणि सहावेइ 2 त्ता एवं वयासी-तुब्भे णं देवाणपिया ! मम चित. सभं० तं चेव सव्वं भाणियत्वं जाव मम संडासगं छिदावेइ 2 त्ता णिविसयं आणवेह, तं एवं खलु [अहं] सामी ! मल्लदिण्णेणं कुमारेणं णिव्विसए आणते। तए णं अदीणसत्त राया तं चित्तगरं एवं वयासी-से केरिसए णं देवाणप्पिया! तुमे मल्लीए वि० तहाणुरूवे रूवे णिवत्तिए ? तए णं से चित्तगरे कक्खंतराओ चित्तफलयं णीणेइ 2 ता अदीणसत्तुस्स उवणेइ 2 ता एवं वयासी-एस गं सामी ! मल्लीए वि० तयाणुरूवस्स रूवस्स केइ आगारभावपडोयारे णिव्वत्तिए, णो खलु सक्का. केणइ देवेण वा जाव मल्लीए विदेहरायवरकण्णाए तयाणुरूवे रूवे णिवत्तित्तए। तए णं (से) अदीणसत्तू (राया) पडिरूव. जणियहासे दूयं, सहावेइ 2 त्ता एवं वयासी-तहेव जाव पहारेत्थ गमणाए (5) // 50 // तेणं कालेणं तेणं समएणं पंचाले जणवए। कंपिल्लेपुरे गयरे। जियसत्तू णामं राया पंचालाहिवई / तस्स णं जियसत्तुस्त धारिणीपामोक्खं देविसहस्सं ओरोहे होत्था / तत्थ णं मिहिलाए चोक्खा णामं परिवाइया रिउव्वेय जाव (सु)परिणिट्ठिया यावि होत्था / तए णं सा चोक्खा परिवाइया मिहिलाए बहणं राईसर जाव सत्यवाहपभिईणं पुरओ दाणधम्मं च सोयधम्मं च तित्या. भिसेयं च आघवेमाणी पण्णवेमाणी परूवेमाणी उवदंसेमाणी विहरइ / तए गं सा चोक्खा परिवाइया अण्णया कयाई तिदंडं च कुंडियं च जाव धाउर. ताओ य गेण्हइ 2 ता परिव्वाइगावसहाओ पडिणिक्खमइ 2 ता पवि. Page #1175 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1162 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि रलपरिव्वाइया सद्धि संपरिवडा मिहिलं रायहाणि मज्झमाझेणं जेणेव कुंभगस्स रणो भवणे जेणेव कण्णतेउरे जेणेव मल्ली वि० तेणेव उवागच्छइ 2 ता उदयपरिफासियाए दभोवरिपच्चत्थयाए भिसियाए णिसियइ 2 ता मल्लीए वि० पुरओ दाणधम्मं च जाव विहरइ / तए णं मल्ली वि० चोपखं परिव्वाइयं एवं वयासी-तुब्भे गं चोक्ख ! किमलए धम्मे पण्णते ? तए णं सा चोक्खा परिवाइया मल्लि वि० एवं वयासी-अम्हंणं देवाणुप्पिए ! सोयमूलए धम्मे पण्णत्ते, जं णं अम्हं किंचि असुई भवइ तं णं उदएण य मट्टियाए जाव अविग्घेणं सग्गं गच्छामो / तए णं मल्ली वि० चोक्खं परिवाइयं एवं वयासीचोक्खा ! से जहाणामए केई पुरिसे रुहिरकयं वत्थं रुहिरेण चेव धोवेज्जा अस्थि णं चोक्खा ! तस्स रुहिर कयस्स वत्थस्स रुहिरेणं धोव्वमाणस्स काई सोही ? णो इणठे समझें / एवामेव चोक्खा ! तुब्भे णं पाणाइवाए णं जाव मिच्छादसणसल्लेणं णत्थि काई सोही जहा व तस्स रुहिरकयस्स वत्थस्स रुहि. रेणं चेव धोवमाणस्स / तए णं सा चोक्खा परिवाइया मल्लीए वि० एवं वृत्ता समाणा संकिया कंखिया विइगिच्छिया भेयसमावण्णा जाया यावि होत्था मल्लीए वि० णो संचाएइ किंचिवि पामोक्खमाइविखत्तए तुसिणीया संचिट्ठइ / तए णं तं चोक्खं मल्लीए बहओ दासचेडीओ हीलेंति णिदंति खिसंति गरहंति अप्पेगइया हेरुयालंति अप्पेगइया महमक्कडिया करेंति अप्पेगइया वग्घाडीओ करेंति अप्पेगइया तज्जमाणीओ (क० अ०) तालेमाणिओ (क० अ०) णिच्छुभंति / तए णं सा चोक्खा मल्लीए विदेहरायवरकण्णाए दासचेडि. याहि हीलिज्जमाणी जाव गरहिज्जमाणी आसुरत्ता जाब मिसिमिसेमाणी मल्लीए विदेहरायवरकण्णाए पओसमावज्जइ भिसियं गेहइ 2 ता कण्णं. तेउराओ पडिणिक्खमइ 2 त्ता मिहिलाओ णिग्गच्छइ 2 त्ता परिवाइया संप. रिवडा जेणेव पंचालजणवए जेणेव कंपिल्लपुरे तेणेव उवागच्छइ 2 ता बहूर्ण राईसर जाव परूवेमाणी विहरइ / तए णं से जियसत्तू अण्णया कयाइ अंतेउरपरियालसद्धि संपरिबुडे एवं जाव विहरइ / तए णं सा चोक्खा परिवाइया. संपरिबुडा जेणेव जियसत्तुस्स रणो भवणे जेणेव जियसत्तू तेणेव उवागच्छइ 2 ता अणुपविसइ 2 त्ता जियसत्तुं जएणं विजएणं वद्धावेइ। तए णं से जियसत्तू चोखं परिवाइयं एज्जमाणं पासइ 2 ता सीहासणाओ अब्भुठे Page #1176 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 8 1163 भन्मठेइत्ता चोक्खं परिवाइयं सक्कारेइ 2 0 आसणेणं उवणिमंतेइ / तए णं सा चोक्खा उदगपरिफासियाए जाव भिसियाए णिविसइ जियसत्तुं रायं रज्जे य जाव अंते उरे य कुसलोदंतं पुच्छइ। तए णं सा चोक्खा जियसत्तस्स रणो दाणधम्मं च जाव विहरइ / तए णं से जियसत्तू अप्पणो ओरोहंसि जाव विम्हिए (जायविम्हए) चोक्खं (परिवाइयं) एवं वयासी-तुमं णं देवाणुप्पिया ! बहुणि गामागर जाव (अडह) आहिंडसि बहण य राईसरगिहाई अणप्पविससि, तं अस्थियाई ते कस्सवि रणो वा जाव एरिसए ओरोहे दिट्टपुटवे जारिसए णं इमे मह उवरोहे ? तए णं सा चोक्खा परिवाइया जियसत्तं (रायं) एवं वयासी-ईसि अवहसियं करेइ 2 ता एवं वयासो-(एवं च) सरिसए गं तुमं देवाणुप्पिया ! तस्स अगडदद्दुरस्स। केस णं देवाणुप्पिए ! से अगडददुरे ? जियसत्त ! से जहाणामए अगडदद्दुरे सिया, से णं तत्थ जाए तत्थेव वुड्ढे अण्णं अगडं वा तलागं वा दहं वा सरं वा सागरं वा अपासमाणे चेवं मण्णइ-अयं चेव अगडे वा जाव सागरे वा.। तए णं तं कवं अण्णे सामदए दद्दुरे हव्वमागए / तए णं से कूबददुरे तं सामुद्दददुरं एवं वयासी-से केस गं तुम देवाणुप्पिया ! कत्तो वा इह हव्वमागए ? तए णं से सामुद्दए ददुरे तं कूबददुरं एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! अहं सामुद्दए दद्दुरे / तए गं से कूवदद्दुरे तं सामुद्दयं ददुरं एवं वयासी-केमहालए णं देवाणुप्पिया ! से समुद्दे ! तए णं से सामुद्दए ददुरे तं कूवददुरे एवं वयासी-महालए णं देवाणुप्पिया ! समद्दे / तए णं से कूबददुरे पाएणं लीहं कड्ढेइ 2 ता एवं वयासी-एमहालए णं देवाणुप्पिया ! से समुद्दे ? णो इणठे समठे, महालए णं से समझे / तए णं से कवदद्दुरे पुरथिमिल्लाओ तीराओ उप्फिडित्ताणं [पच्चथिमिल्ल तीरं] गच्छइ 2 ता एवं वयासी-एमहालए णं देवाणुप्पिया ! से समुद्दे ? णो इणठे समढे (तहेव)। एवामेव तुमंपि जियसत्तू अणेसि बहूणं राईसर जाव सत्थवाहपभिईणं भज्ज वा भगिणि वा घूयं वा सुण्हं वा अपासमाणे जाणेसि जारिसए मम चेव णं ओरोहे तारिसए णो अण्णस्स / तं एवं खल जियसत्तू ! मिहिलाए णयरीए कुंभगस्स धूया पभावईए अत्तिया मल्लीणाम विदेहरायवरकण्णा रूवेण य जवणेण य जाव णो खल अण्णा काइ देवकण्णा वा जारिसिया मल्ली। विदेहवररायकण्णाए छिण्णस्स वि पायंगटुगस्स इमे तव ओरोहे सयसहस्सइमंपि कलंण अग्घइ-त्तिकटु जामेव दिसं पाउन्भूया Page #1177 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1164 अंग-पविट्ट सुत्ताणि तामेव दिसं पडिगया। तए णं से जियसत्तू परिव्वाइयाजणियहासे दूयं सद्दावेइ जाव पहारेत्थ गमणाए (6) // 81 // तए णं तेसि जियसत्तुपामोक्खाणं छण्हें राईणं या जेणेव मिहिला तेणेव पहारेत्थ गमणाए / तए णं छप्पि (य) दूयगा जेणेव मिहिला तेणेव उवागच्छंति 2 ता मिहिलाए अग्गज्जाणंसि पत्तेयं 2 खंधावारणिवेसं करेंति 2 ता मिहिलं रायहाणि अणुप्पविसंति 2 ता जेणेव कुंभए तेणेव उवागच्छंति 2 ता पत्तेयं 2 करयल जाव साणं 2 राईणं वय. णाई णिवेदेति / तए णं से कुंभए राया तेसि दूयाणं अंतिए एयमठं सोच्चा . आसुरुते जाव तिवलियं भिड (णिडाले साहटु) एवं वयासी-ण देमि णं अहं तुम मल्लि विदे० त्तिकटु ते छप्पि दूए असक्कारिय असम्माणिय अव. दारेणं णिच्छ भावेइ / तए णं जियसत्तुपामोक्खाणं छण्हं राईणं दूया कुंभएणं रणा असक्कारिया असम्माणिया अवदारेणं गिच्छ भाविया समाणा जेणेव सगा 2 जाणवया जेणेव सयाई 2 णगराई जेणेव सगा 2 रायाणो तेणेव उवा. गच्छति 2 ता करयल जाव एवं वयासी-एवं खल सामी ! अम्हे जियसत्त. पामोषखाणं छण्हं राईणं या जमगसमगं चेव जेणेव मिहिला जाव अवदारेणं णिच्छ भावेइ / तं ण देइ णं सामी ! कुंभए मल्लि विदेहरायवरकणं / साणं 2 राईणं एयमठें णिवेदिति / तए णं ते जियसत्तुपामोक्खा छप्पि रायाणो तेसि दूयाणं अंतिए एयमढं सोच्चा णिसम्म आसुरुत्ता 4 अण्णमण्णस्स दूय. संपेसणं करेंति 2 ता एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हं छहं राईणं दूया जमगसमगं चेव जाव णिच्छूढा / तं सेयं खलु देवाणुप्पिया! (अम्हं) कुंभगस्स जत्तं गेण्हित्तए-त्तिकटु अण्ण मण्णस्स एयमट्ठ पडिसुर्णेति 2 ता हाया सण्णद्धा हत्थिखंधवरगया सकोरंटमल्लदामा जाव सेयवरचामराहि. महयाहयगयरहपवरजोहकलियाए चाउरंगिणीए सेणाए सद्धि संपरिबुडा सव्वि. ड्ढीए जाव रवेणं सएहिं 2 णगरोहितो जाव णिग्गच्छंति 2 त्ता एगयओ मिलायंति (2 त्ता) जेणेव मिहिला तेणेव पहारेत्थ गमणाए / तए णं कुंभए राया इमीसे कहाए लद्धठे समाणे बलवाउयं सद्दावेइ 2 ता एवं वयासीखिप्पामेव (भो देवाणु प्पिया ! ) हय जाव सेण्णं सण्णाहेह जाव पच्चप्पिणंति / तए णं कुंभए (राया) हाए सण्णद्धे हस्थिखंधवरगए जाव सेयवरचामराहि महया० मिहिलं रायहाणि मज्झमज्झेणं णिज्जाइ णिज्जाइत्ता विदेहजणवयं Page #1178 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ.८ 1165 मझमज्झेणं जेणेव देसअंते तेणेव उवागच्छइ 2 ता खंधावारणिवेसं करेइ 2 ता जियसत्तूपामोक्खा छप्पि य रायाणो पडिवालेमाणे जुज्झसज्जे पडिचिट्ठइ। तए ण ते जियसत्तूपामोक्खा छप्पि य रायाणो जेणेव कुंभए तेणेव उवागच्छंति 2 ता कुंभएणं रण्णा सद्धि संपलग्गा यावि होत्था / तए णं ते जियसत्तुपामोक्खा छप्पि रायाणो कुंभयं रायं हयमहियपवरवीरघाइयणिवडियर्याचधद्धयप्पडागं किच्छप्पाणोवगयं दिसोदिसि पडिसेहिति / तए णं से कुंभए राया जियसत्तु. पामोहिं छहिं राईहिं हयमहिय जाव पडिसेहिए समाणे अत्थामे अबले अबी. रिए जाव अधारणिज्जमितिकटु सिग्धं तुरियं जाव वेइयं जेणेव मिहिला तेणेव उवागच्छइ 2 ता मिहिलं अणुपविसइ 2 ता मिहिलाए दुवाराई पिहेइ 2 त्ता रोहसज्जे चिट्ठइ / तए गं ते जियसत्तुपामोक्खा छप्पि रायाणो जेणेव मिहिला तेणेव उवागच्छंति 2 ता मिहिलं रायहाणि णिस्संचारं णिरुच्चारं सवओ समंता ओलंभित्ताणं चिट्ठति / तए णं से कुंभए राया मिहिलं राय. हाणि रुद्धं जाणित्ता अभंतरियाए उवट्ठाणसालाए सीहासणवरगए तेसि जियसत्तुपामोक्खाणं छण्हं राईणं छिद्दाणि य विवराणि य मम्माणि य अलभमाणे बहूहि आएहि य उवाएहि य उप्पत्तियाहि य 4 बुद्धीहिं परिणामेमाणे 2 किंचि आयं वा उवायं वा अलभमाणे ओहयमणसंकप्पे जाव झियायइ / इमं च णं मल्ली विदे० व्हाया जाव बहूहिं खुज्जाहिं परिवुडा जेणेव कुंभए तेणेव उवा. गच्छइ 2 ता कुंभगस्स पायग्गहणं करेइ / तए णं कुंभए राया मल्लि विदे. णो आढाइ णो परियाणाइ तुसिणीए संचिदुइ / तए णं मल्ली विदे० कुंभगं रायं एवं वयासी-तुब्भे गं ताओ ! अण्णया ममं एज्जमाणं जाव णिवेसेह, किण्णं तुब्भं अज्ज ओहय जाव झियायह ? तए गं कुंभए मल्लि विदे० एवं वयासी-एवं खलु पुत्ता ! तव कज्जे जियसत्तुपामो?हिं हिं राईहिं दूया संपेसिया। ते णं मए असक्कारिया जाव णिच्छूढा / तए गं ते जियसत्तूपामोक्खा तेसि दूयाणं अंतिए एयम→ सोच्चा परिकुविया समाणा मिहिलं रायहाणि णिस्संचारं जाव चिट्ठति / तए णं अहं पुत्ता | तेसि जियसत्तुपामोक्खाणं छण्हं राईणं अंतराणि अलभमाणे जाव झियामि / तए णं सा मल्ली विदे० कुंभयं रायं एवं वयासी-मा गं तुब्भे ताओ! ओहयमणसंकप्पा जाव झियायह तुम्भे णं ताओ ! तेसि जियसत्तुपामोक्खाणं छण्हं राईणं पत्तेयं 2 रहसियं दूय. Page #1179 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1166 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि संपेसे करेह एगमेगं एवं वयह-तव देमि मल्लि विदे० तिकटु संझाकालसम. यंसि पविरलमणुस्ससि णिसंतपडिणिसंतसि पत्तेयं 2 मिहिलं रायहाणि अणुप्पवेसेह 2 ता गभघरए सु अणुप्पविसेह मिहिलाए रायहाणीए दुवाराई पिहेइ 2 ता रोहसज्जे चिट्ठह / तए णं कुंभए राया एवं तं चेव जाव पवेसेइ रोह. सज्जे चिट्ठइ / तए णं ते जियसत्तुपामोक्खा छप्पि य रायाणो कल्लं पाउन्भूया जाव [जलंते] जालंतरेहि कणगमयं मत्ययछिडं पउमुप्पलपिहाणं पडिम पासंति एस गं मल्ली विदे० तिकटु मल्लीए विदे० रूवे य जोवणे य लावण्णे य मच्छिया गिद्धा जाव अज्झोववण्णा अणिमिसाए दिट्ठीए पेहमाणा 2 चिठ्ठति / तए णं सा मल्ली विदे० व्हाया जाव पायच्छित्ता सवालंकारविभसिया बहि खज्जाहि जाव परिविखत्ता जेणेव जालघरए जेणेव. कणगपडिमा तेणेव उवा. गच्छइ 2 ता तीसे कगगपडिमाए मत्थयाओ तं पउमं अवणेइ / तए णं गंधे णिद्धावइ से जहाणामए अहिमडेइ वा जाव असुभतराए चेव / तए णं ते जिय. सत्तपामोक्खा ते णं असुभेणं गंधेणं अभिभया समाणा सएहि 2 उत्तरिहि आसाइं पिहेंति 2 ता परम्मुहा चिठ्ठति / तए णं सा मल्ली विदे० ते जिय. सत्तुपामोक्खे एवं वयासी-कि णं तुब्भं देवाणुप्पिया ! सएहिं 2 उत्तरिजेहि जाव परम्मुहा चिट्ठह ? तए णं ते जियसत्तूपामोक्खा मल्लि विदे० एवं वयंतिएवं खलु देवाणुप्पिए ! अम्हे इमेणं असुभेणं गंधेणं अभिभूया समाणा सहि 2 जाव चिट्ठामो / तए णं मल्ली विदे० ते जियसत्तपामोक्खे एवं वयासीजइ ताव देवाणुप्पिया ! इमीमे कणग जाव पडिमाए कल्लाकल्लि ताओ मणु. ग्णाओ असणाओ 4 एगमेगे पिडे पक्खिप्पमाणे 2 इमेयारूवे असुभे पोग्गल परि. णामे इमस्स पुण ओरालियसरीरस्स खेलासवस्स वंतासवस्स पित्तासवस्स सुक्का. सवस्स सोणियपूयासवस्स दुरूव(रुय)ऊसासणीसासस्स दुरूवमुत्तपुइयपुरीसपुण्णस्स सडण जाव धम्मस्स केरिसए[य]परिणामे भविस्सइ ?तं मा णं तुम्भे देवाण. प्पिया ! माणुस्सएसु कामभोगेसु सज्जह रज्जह गिज्झह मुज्झह अज्झोववज्जह। एवं खलु देवाणुप्पिया! तुम्हे (अम्हे) इमाओ तच्चे भवग्गहणे अवर विदेहवासे सलिलावइंसि विजए वीयसोगाए रायहाणीए महब्बलपामोक्खा सत्तवियबालवयं. सया रायाणो होत्था सहजाया जाव पव्वइया। तए णं अहं देवाणुप्पिया ! इमेणं कारणेणं इत्थीणामगोयं कम्मं णिवत्तेमि-जइ णं तुभं चउत्थं उव. Page #1180 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 8 संपज्जित्ताणं विहरह तए णं अहं छठें उवसंपज्जित्ताणं विहरामि सेसं तहेव सव्वं / तए गं तुभे देवाणुप्पिया ! कालमासे कालं किच्चा जयंते विमाणे उववण्णा / तत्थ गं तु तुब्भे देसूणाई बत्तीसाइं सागरोवमाइं ठिई / तए णं तुब्र्भ ताओ देवलोयाओ अणंतरं चयं चइत्ता इहेव जंबुद्दीवे 2 जाव साइं 2 रज्जाई उवसंपज्जित्ताणं विहरह / तए णं अहं देवाणुप्पिया ! ताओ देवलोयाओ आउक्खएणं जाव दारियत्ताए पच्चायाया। कि थ तयं पम्हुळं जं थ तया भो! जयंत पवरंमि / वुत्था समयणिबद्धं देवा तं संभरह जाइं // 1 // तए णं तेसि जियसत्तुपामोक्खाणं छण्हं राईणं मल्लीए विदे० अंतिए एयमढे सोच्चा 2 सुभेणं परिणामेणं पसत्थेणं अज्झवसाणेणं लेसाहि विसुज्झमाणीहि तयावरणि. ज्जाणं कम्माणं खओवसमेणं ईहावह जाव सण्णिजाईसरणे समुप्पण्णे एयमट्ठ सम्म अभिसमागच्छति / तए णं मल्ली अरहा जियसत्तुपामोक्खे छप्पि रायाणो समुप्पण्णजाईसरणे जाणित्ता गब्भघराणं दाराई विहाडावेइ / तए णं ते जिय. सत्तुपामोक्खा जेणेव मल्ली अरहा तेणेव उवागच्छति / तए णं महब्बलपामो. क्खा सत्त वि य बालवयंसा एगयओ अभिसमण्णागया (या)वि होत्था / तए णं मल्ली अरहा ते जियसत्तुपामोखे छप्पि य रायाणो एवं वयासी-एवं खलु अहं देवाणुप्पिया ! संसारभउविग्गा जाव पव्वयामि, तं तुब्भे गं कि करेह कि ववसह (जाव) कि भे हियसामत्थे ? तए णं जियसत्तुपामोक्खा छ० रा. मल्लि अरहं एवं वयासी-जइ णं तुम्मे देवाणुप्पिया ! संसार जाव पव्वयह अम्हाणं देवाणप्पिया ! के अण्णे आलंबणे वा आहारे वा पडिबंधे वा ? जह चेव णं देवाणुप्पिया ! तुब्भे अम्हे इओं तच्चे भवग्गहणे बहसु कज्जेसु य मेढी. पमाणं जाव धम्मधुरा होत्था तहा चेव णं देवाणुप्पिया ! इण्हिपि जाव भवि. स्सह / अम्हे वियणं देवाणुप्पिया ! संसारभउम्विग्गा जाव भीया जम्मणमरणाणं देवाणप्पियाणं सद्धि मंडा भवित्ता जाव पव्वयाओ। तए णं मल्ली अरहा ते जियसत्तुपामोक्खे एवं वयासी-(जं) जइ णं तुम्भे संसार जाव मए सद्धि पवयह तं गच्छह णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! सएहि 2 रज्जेहि जेठे पुत्ते रज्जे ठावेह 2 ता पुरिससहस्सवाहिणीओ सीयाओ दुरूहह (दुरूढा समाणा) मम अंतियं पाउब्भवह / तए णं ते जियसत्तुपामोक्खा मल्लिस्स अरहओ एय. मठें पडिसुणेति / तए णं मल्ली अरहा ते जियसत्तुपामोक्खे गहाय जेणेव Page #1181 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1168 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि कुंभए (राया)तेणेव उवागच्छइ 2 ता कुंभगस्स पाएसु पाडेइ / तए ण कुंभए (राया) ते जियसत्तुपामोक्खा विउलेणं असणेणं 4 पुष्फवत्थागंधमल्लालंकारेणं सक्कारेइ जाव पडिविसज्जेइ / तए णं ते जियसत्तपामोक्खा कुंभएणं रण्णा विसज्जिया समाणा जेणेव साइं 2 रज्जाई जेणेव णगराइं तेणेव उवागच्छंति 2 ता सगाई [2] रज्जाइं उवसंपज्जित्ता[f] विहरति / तए णं मल्ली अरहा संवच्छरावसाणे णिक्खमिस्सामित्ति मणं पहारेइ // 50 // तेणं कालेज तेणं सम. एणं सक्कस्स आसणं चलइ / तए णं सक्के देविदे देवराया आसणं चलियं पासइ 2 ता ओहिं पउंजइ 2 त्ता मल्लि अरहं ओहिणा आभोएइ 2 त्ता इमेया. रूवे अज्झस्थिए जाव समुप्पज्जित्था एवं खलु जंबुद्दीवे 2 भारहे वासे मिहि. लाए कुंभगस्स रण्णो मल्ली अरहा णिक्ख मिस्सामित्ति मणं पहारेइ / तं जीय. मेयं तीयपच्चुप्पण्णमणागयाणं सवकाणं (3) अरहताणं भगवंताणं णिक्ख म. माणाणं इमेयारूवं अत्थसंपयाणं दलित्तए तंजहा-तिण्णेव य कोडिसया अट्ठा. सीइं च होंति कोडीओ / असिइं च सयसहस्सा इंदा दलयंति अरहाणं // 1 // एवं संपेहेइ 2 ता वेसमणं देवं सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-एवं खलु देवाणु. प्पिया ! जंबहीवे 2 भारहे वासे जाव असीई'च सयसहस्साई दलइत्तए, तं गच्छह गं देवाणुप्पिया ! जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे मिहिलाए कुंभगभवणंसि इमेयारूवं अत्थसंपयाणं साहराहि 2 ता खिप्पामेव मम एयमाणत्तियं पच्चप्पि. णाहि / तए णं से वेसमणे देवे सक्केणं देविदेणं 0 एवं वुत्ते समाणे हठे० करयल जाव पडिसुणेइ 2 ता भए देवे सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-गच्छह गं तुब्भे देवाणुप्पिया ! जंबुद्दीवं 2 भारहं वासं मिहिलं रायहाणि कुंभगस्स रणो भवणंसि तिण्णव य कोडिसया अट्टासीयं च कोडीओ असियं च सय. सहस्साइं अयमेयारूवं अत्यसंपयाणं साहरह 2 ता मम एयमाणत्तियं पच्चप्पि. णह / तए णं ते जंभगा देवा वेसमणेण जाव सुणेत्ता उत्तरपुरच्छिमं दिसीभागं अवक्कमति जाव उत्तरवेउवियाई रूवाइं विउच्वंति 2 ता ताए उक्किद्वाए जाव वीइवयमाणा जेणेव जंबुद्दीवे 2 भारहे वासे जेणेव मिहिला रायहाणी जेणेव कुंभगस्स रणो भवणे तेणेव उवागच्छति 2 ता कुंभगस्त रणो भवणंसि तिणि कोडिसया जाव साहरंति 2 ता जेणेव वेसमणे देवे तेणेव उवागच्छंति 2 ता करयल जाव पच्चप्पिणंति / तए णं से वेसमणे देवे जेणेव सक्के 3 तेणेव Page #1182 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 8 1169 उवागच्छइ २त्ता करयल जाव पच्चप्पिणइ / तए णं मल्ली अरहा कल्लाल्लि जाव मागहओ पायरासो त्ति बहूणं सणाहाण य अणाहाण य पंथियाण य पहि. याण य करोडियाण य कप्पडियाण य एगमेगं हिरण्णकोडि अट्ट य अणुणाई सयसहस्साई इमेयारूवं अत्थसंपयाणं दलयइ। तए णं से कुंभए राया मिहि. लाए रायहाणीए तत्थ 2 तहिं 2 देसे 2 बहूओ महाणससालाओ करेइ / तत्थ गं बहवे मण्या दिण्णभइभत्तवेयणा विउलं असणं 4 उवक्खडेंति * जे जहा आगच्छंति तंजहा-पंथिया वा पहिया वा करोडिया वा कप्पडिया वा पासंडत्था वा निहत्था वा तस्स य तहा आसत्थस्स वीसत्थस्स सुहासणवरगयस्स तं विउलं असणं 4 परिभाएमाणा परिवेसेमाणा विहरंति / तए णं मिहिलाए सिंघाडग जाव बहुजणो अण्णमण्णस्स एवमाइक्खइ-एवं खलु देवाणप्पिया ! कुंभगस्स रण्णो भवणंसि सव्वकामगुणियं किमिच्छियं विपुलं असणं 4 बहूणं समणाण य जाव परिवेसिज्जइ / वरवरिया. घोसिज्जइ किमिच्छियं दिज्जए बहुविहीयं / सुरअसुरदेवदाणवारदमहियाण णिक्खमणे // 1 // तए गं मल्ली अरहा संवच्छरेणं तिणि कोडिसया अट्टासीइं च होंति कोडीओ असिइं च सय. सहस्साई इमेयारूवं अत्थसंपयाणं दलइत्ता णिक्खमामित्ति मणं पहारेइ // 3 // तेणं कालेणं तेणं समएणं लोगंतिया देवा बंभलोए कप्पे रिठे विमाणपत्यडे सहि 2 विमाणेहिं . सएहिं 2 पासायडिसएहि पत्तेयं 2 चहिं सामाणिय. साहस्सोहि तिहि परिसाहि सहि अणिएहि सतहि अणियाहिवाईहि सोलसहि आयरक्खदेवसाहस्सोहि अण्णेहि य बहूहि लोगंतिएहिं देवेहिं सद्धि संपरिडा .महयाहयणट्टगीयवाइय जाव रवेणं भुजमाणा विहरंति तंजहा-सारस्सयमाइच्चा वण्ही वरुणा य गद्दतोया य / तुसिया अव्वाबाहा अगिच्चा चेव रिट्ठा य // 1 // तएशंतेसि लोयंतियाणं देवाणं पत्तेयं 2 आसणाइ चलंति तहेव जाव अरहताणं णिषखममाणाणं संबोहणं करेत्तए-त्ति तं गच्छामो णं अम्हे वि मल्लिस्स अरहओ संबोहणं करेमि-त्तिकट्ट एवं संपेहेंति 2 ता उत्तरपुरच्छिमं दिसीभायं० वेउन्वियसमुग्घाएणं समोहणंति * संखिज्जाई जोयणाई एवं जहा जंभगा जाव जेणेव मिहिला रायहाणी जेणेव कुंभगस्स रण्णो भवणे जेणेव मल्ली अरहा तेणेव उवागच्छंति. 2 ता अंतलिक्खपडिवण्णा सखिखिणियाई जाव वत्थाई पवरपरिहिया करयल जाव ताहि इटाहिं जाव एवं वयासी-बुज्झाहि भगवं! Page #1183 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1170 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि लोगणाहा ! पवतेहि धम्मतित्थं जीवाणं हियसुहणिस्सेय सकरं भविस्सइत्तिकटट दोच्चंपि तच्चपि एवं वयंति. मल्लि अरहं वंदंति णमंसंति वं०२ त्ता जामेव दिसि पाउन्भया तामेव दिसि पडिगया / तए णं मल्ली अरहा तेहि लोगतिएहि देवेहि संबोहिए समाणे जेणेव अम्मापियरो तेणेव उवागच्छइ 2 ता करयल जाव एवं क्यासी-इच्छामि गं अम्मयाओ ! तुहि अब्भणुण्णाए मुंडे भवित्ता जाव पव्वइत्तए / अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं करेह / तए णं कुंभए राया कोडंबियपुरिसे सहावेइ 2 ता एवं वयासी-खिप्पामेव अट्ठसहस्सं सोवणियाणं कलसाणं जाव भोमेज्जाणं (ति) अण्णं च महत्थं जाव तित्थयराभिसेयं उवटवेह जाव उवट्ठति / तेणं कालेणं तेणं समएणं चमरे असुरिदे जाव अच्चयपज्जवसाणा आगया। तए णं सक्के (3) आभिओगिए देवे सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-खिप्पामेव अद्वसहस्सं सोवणियाणं (कलसाणं) जाव अण्णं च तं विपुलं उवटवेह जाव उवति / तेवि कलसा ते चेव कलसे अणुपविट्ठा / तए णं से सक्के देविदे देवराया कुंभए य राया मल्लि अरहं सीहासणंसि पुरस्थाभिमुहं णिवेसेइ अट्ठसहस्सेणं सोवणियाणं जाव अभि. सिंचंति / तए णं मल्लिस्स भगवओ अभिसेए वटमाणे अप्पेगइया देवा मिहिलं च सभितरं बाहिरियं जाव सव्वओ समंता परिधावंति। तए णं कुंभए राया दोच्चपि उत्तरावक्कमणं जाव सव्वालंकारविभसियं करेइ 2 ता कोडंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव मणोरमं सीयं उवद्ववेह ते वि उवदुवेति / तए णं सक्के (3) आभिओगिए देवे सहावेइ 2 ता एवं वयासी-खिप्पामेव अणेगखंभ जाव मणोरमं सीयं उबट्टवेह जाव सावि सीया तं चेव सीयं अणप्पविदा / तए गं मल्ली अरहा सीहासणाओ अभटठेइ 2 त्ता जेणेव मणो. रमा सीया तेणेव उवागच्छइ 2 ता मणोरमं सीयं अणुपयाहिणीकरेमाणा मणो. रमं सीयं दुरूहइ 2 ता सीहासणवरगए पुरत्थाभिमुहे सण्णिसण्णे / तए णं कुंभए (राया) अट्ठारस सेणिप्पसेणीओ सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-तुन्भे णं देवाणु प्पिया! व्हाया जाव सव्वालंकारविभूसिया मल्लिस्स सीयं परिवहह जाव परिवहति / तए णं सक्के 3 मणोरमाए [सीयाए] दक्खिणिल्लं उवरिल्लं बाहं गेण्हइ / ईसाणे उत्तरिल्लं उवरिल्लं बाहं गेण्हइ / चमरे दाहिणिल्लं हेदिल्लं बली उत्तरिल्लं हेटिल्लं अवसेसा देवा जहारिहं मणोरमं सीयं परिवहति-पुटिव उविखत्ता माणुस्सेहि (तो)सा हट्ठरोमकूवेहि / पच्छा वहति सीयं असुरिंदसुरिंद. Page #1184 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 8 1171 णागेंदा // 1 // चलचवलकुंडलधरा सच्छंदविउव्वियाभरणधारी। देविददाणविदा वहति सीयं जिणिदस्स // 2 // तए णं मल्लिस्स अरहओ मणोरमं सीयं दुरूढस्स एमे अट्ठमंगलगा पुरओ अहाणपुवीए एवं णिग्गमो जहा जमालिस्स। तए णं मल्लिस्स अरहओ णिक्खममाणस्स अप्पेगइया देवा मिहिलं आसिय जाव अभितरवासविहिगाहा जाव परिधावति / तए णं मल्ली अरहा जेणेव सहस्संबवणे उज्जाणे जेणेव असोगवरपायवे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता सीयाओ पच्चोरुहइ. आभरणालंकारं० पभावई पडिच्छइ / तए णं मल्ली अरहा सय. मेव पंचमद्रियं लोयं करेइ / तए सक्के 3 मल्लिस्स केसे पडिच्छइ (2 त्ता) खीरोदगसमुद्दे साहर (पक्खिव) इ / तए णं मल्ली अरहा णमोऽत्थु णं सिद्धाणंतिकटु सामाइय(च)चारित्तं पडिवज्जइ। जं समयं च णं मल्ली अरहा चरितं पडिवज्जइ तं समयं च णं देवाणं माणसाण य णिग्घोसे तुरियणिणाए गीयवाइयणिग्घोसे य सक्कस्सवयणसंदेसेणं णिलुक्के यावि होत्था / जं ससयं च णं मल्ली अरहा सामाइयं चारित्तं पडिवण्णे तं समयं च णं मल्लिस्स अर. हओ माणुसधम्माओ उत्तरिए मणपज्जवणाणे समुप्पण्णे / मल्ली णं अरहा जे से हेमंताणं दोच्चे मासे चउत्थे पक्खे पोससुद्धे तस्स गं पोससुद्धस्स एक्कारसी. पक्खेणं पुवाहकालसमयंसि अट्टमेणं भत्तेणं अपाणएणं अस्सिणीहि णक्खत्तेणं जोगमवागएणं तिहि इत्थीसएहि अभितरियाए परिसाए तिहिं पुरिससहि बाहिरियाए परिसाए सद्धि मुंडे भवित्ता पब्वइए। मल्लि अरहं इमे अटू णाय. कुमारा अणुपव्वइंसु जहा-शंदे य दिमित्ते सुमित्त बलमित्त भाण मित्ते य। अमरवइ अमरसेणे महसेणे चेव अट्ठसए // 1 // तए गं (से) ते भवणवई 4 : मल्लिस्स अरहओ णिक्खमणमहिमं करेंति 2 ता जेणेव गंदीस (रव)रे * अट्टा. हियं करेंति जाव पडिगया। तए णं मल्ली अरहा जं चेव दिवसं पव्वइए तस्सेव दिवसस्स पुव्वा (पच्चा) वरण्हकालसमयंसि असोगवरपायवस्स अहे पुढविसिला. पट्टयंसि सुहासणवरगयस्स सुहेणं परिणामेणं (पसथेहि अज्झवसाणेहि) पसत्थाहि लेसाहि (विसुज्झमाणीहिं) तयावरणकम्मरयविकरणकरं अपुवकरणं अणु. पविट्ठस्स अणंते जाव केवल[वर]णाणदंसणे समुप्पण्णे // 84 // तेणं कालेणं तेणं समएणं सव्वदेवाणं आसणाई चलंति समोसना सुर्णेति अट्ठाहिय महिमा० गंदी'सरे [जाव] जामेव दिसि पाउन्भूया तामेव दिसि पडिगया। कुंभए वि. णिग्गच्छइ / तए णं ते जियसत्तुपामोक्खा छप्पि य रायाणो जेट्टपुत्ते रज्जे Page #1185 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1172 अंग-पविट्ट सुत्ताणि ठावेत्ता पुरिससहस्सवाहिणीयाओ दुरूढा सव्विड्ढोए जेणेव मल्ली अरहा जाव पज्जुवासंति / तए णं मल्ली अरहा तीसे महइमहालियाए कुंभगस्स 'रण्णो तेसिं च जियसत्तपामोक्खाणं धम्म परिकहेइ / परिसा जामेव दिसि पाउन्भया तामेव दिसि पडिगया। कुंभए समणोवासए जाए पडिगए पभावई य / तए गं जियसत्तपामोक्खा छप्पि रायाणो धम्म सोच्चा आलित्तए णं भंते ! जाव पन्वइया [जाव चोहसपुग्विणो अणते केवले सिद्धा / तए णं मल्ली अरहा सहसंब वणाओ णिवखमइ 2 ता बहिया जणवयविहारं विहरइ। मलिस्स णं (अरहओ) भिसगपामोक्खा अट्ठावीसं गणा अट्ठावीसं गणहरा होत्था / मल्लिस्स णं अर. हओ चत्तालीसं समणसाहस्सीओ 'उक्को० / बंधुमईपामोक्खाओ पणपण अज्जियासाहस्सीओ उक्को० सावयाणं एगा सयसाहस्सी चुलसीइं सहस्सा 0 सावियाणं तिणि सयसाहस्सीओ पट्टि च सहस्सा छस्सया चोदसपुटवीणं वीससया ओहिणाणीणं बत्तीसं सया केवलणाणीणं पणतीस सया वेउवियाणं अदुसया मणपज्जवणाणीणं चोइससया वाईणं वीसं सया अणत्तरोववाइयाणं / मल्लिस्स [f] अरहओ दुविहा अंतगडभमी होत्था तंजहा-जयंतकरभमी परि. यायंतकरभमी य जाव वीसइमाओ पुरिसजगाओं जयंतकरभमी दुवासपरि. याए अंतमकासी। मल्ली गं अरहा पणुवीसं धणई उड्ढं उच्चत्तेणं वणेणं पियंगुसमे समचउरंससंठाणे वज्जरिसहणारायसंघयणे मज्झदेसे सुहंसुहेणं विहरित्ता जेणेव सम्मेए पवए तेणेव उवागच्छइ 2 ता संमेयसेलसिहरे पाओवग. मणुववणे / मल्ली गं अरहा एगं वाससयं अगारवासमज्झे पणपण्णं वाससह स्साई वाससयऊणाई केवलिपरियागं पाउणित्ता पणपण्णं वाससहस्साई सव्वाउयं पालइत्ता जे से गिम्हाणं पढमे मासे दोच्चे पक्खे चित्तसुद्धे तस्स णं चेत्त. सुद्धस्स चउत्थीए भरणीए णक्खत्तेणं अद्धरत्तकालसमयंसि पंचहि अज्जिया. सएहि अभितरियाए परिसाए पंचहि अणगारसएहिं बाहिरियाए परिसाए मासिएणं भत्तेणं अपाणएणं वग्घारियपाणी खीणे वेयणिज्जे आउए णामे. गोए सिद्धे / एवं परिणिन्वाणमहिमा भाणियव्वा जहा जंबुद्दीवपण्णत्तीए गंदी. सरे अट्टाहियाओ पडिगयाओ। एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेणं अट्ठमस्स णायज्झयणस्स अयमठे पण्णत्ते-त्तिबेमि // 65 // गाहाउ-उग्गतव. संजमवओ पगिट्टफलसाहगस्सवि जियस्स / धम्मविसएवि सुहुमावि होइ माया Page #1186 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 9 1173 आणत्थाय // 1 // जह मल्लिस्स महाबलमवंमि तित्थयरणामबंधेऽवि / तवविसय. थेवमाया जाया जुवइत्तहेउत्ति // 2 // अटुमं अज्झयणं समत्तं // मायंदी णामं णवमं अज्झयणं जइ णं भंते ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं अट्ठमस्स णायज्झयणस्स अयमढे पण्णत्ते णवमस्स गं भंते ! णायज्झयणस्स समणेणं जाव संपत्तेणं के अट्ठे पण्णत्ते ? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं चंपा णामं गयरी / पुण्णभद्दे चेइए। तत्थ णं माकंदी णामं सत्थवाहे परिवसइ अड्ढे जाव अपरिभूए। तस्स णं भद्दा णाम भारिया होत्था। तीसे गं भद्दाए अत्तया दुवे सत्थ. वाहदारया होत्था तंजहा-जिणपालिए य जिणरक्खिए य / तए णं तेसिं मागंदिय. दारगाणं अण्णया कयाइ एगयओ सहियाणं इमेयारूवे मिहोकहासमुल्लावे समुप्पज्जित्था-एवं खलु अम्हे लवणसमुहं पोयवहणेणं एक्कारसवारा ओगाढा सम्वत्थ वि य णं लट्ठा कयकज्जा अणहसमग्गा पुणरवि णिययघरं हव्वमा. गया। तं सेयं खलु अम्हं देवाणुप्पिया ! दुवालसमंपि लवणसमुदं पोयवहणेणं ओगाहित्तए-त्तिकट्ट अण्णमण्णस्स एयमझें पडिसुणेति 2 ता जेणेव अम्मा. पियरो तेणेव उवागच्छंति 2 ता एवं वयासी-एवं खलु अम्हे अम्मयाओ ! एक्कारस वारा तं चेव जाव णिययं घरं हव्वमागया, तं इच्छामो णं अम्मयाओ! तुहि अन्मणण्णायो समाणा दुवालसमंलवणसमदं पोयवहणेणं ओगाहित्तए / तए णं ते मागंदियदारए अम्मापियरो एवं वयासी-इमे ते जाया ! अज्जग जाव परिभाएत्तए, तं अणुहोह ताव जाया ! विउले माणुस्सए इड्ढीसक्कारसमदए, कि भे सपच्चवाएणं णिरालंबणेणं लवणसमुद्दोत्तारेणं? एवं खलु पुत्ता! दुवालसमी जत्ता सोवसग्गा यावि भवइ, तं मा गं तुब्भे दुवे पुत्ता ! दुवालस. मंपि लवण जाव ओगाहेह, मा हु तुम्भं सरीरस्स वावत्ती भविस्सइ / तए णं [ते] मागंदियदारगा अम्मापियरो दोच्चंपि तच्चपि एवं वयासी-एवं खलु अम्हे अम्मयाओ ! एक्कारस वारा लवण जाव ओगाहित्तए / तए णं ते मागंदियदारए अम्मापियरो जाहे णो संचाएंति बहूहि आघवणाहि य पण्णवणाहि य आघवित्तए वा पण्णवित्तए वा ताहे अकामा चेव एयम→ अणुजाणित्था / तए णं ते मागंदियदारगा अम्मापिहिं अब्भणुण्णाया समाणा गणिमं च धरिमं च Page #1187 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1174 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि मेज्जं च पारिच्छेज्जं च जहा अरहण्णगस्स जाव लवणसमुदं बहूई जोयण. सयाई ओगाढा // 86 // तए गं तेसि मागंदियदारगाणं अणेगाई जोयणसयाई ओगाढाणं समाणाणं अणेगाइं उप्पाइयसयाइं पाउडभयाइं तंजहा-अकाले गज्जियं जाव थणियसद्दे कालियवाए तत्थ समट्टिए / तए सा णावा तेणं कालिय. वाएणं आहुणिज्जमाणी 2 संचालिज्जमाणी 2 संखोभिज्जमाणी 2 सलिल. तिक्खवेहि आयट्टिज्जमाणी 2 कोट्टिमंसि करतलाहए विव तिदूसए तत्थेव 2 ओवयमाणी य उप्पयमाणी य उप्पयमाणी-विव धरणीयलाओ सिद्धविज्जा विज्जाहरकण्णगा ओवयमाणी विव गगणतलाओ भट्टविज्जा विज्जाहरकण्णगा विपलायमाणी विव महागरुलवेगवित्तासिया भयगवरकण्णगा धावमाणी विव महाजणरसियसद्दवित्तत्था ठाणभट्ठा आसकिसोरी णिगुंजमाणी विव गुरुजण. दिटावराहा सुयणकुलकण्णगा घुम्ममाणी विव वीचीपहारसयतालिया गलिय. लंबणा विव गगणतलाओ रोयमाणी विव सलिलगंठिविपइरमाणघोरं. सुवाहिं णववहू उवरयभत्तुया बिलवमाणी विव परचक्करायाभिरोहिया परममहब्भयाभिद्या महापुरवरी झायमाणी विव कवडच्छोम[ण]पओगजुत्ता जोगपरिवाइया णिसासमाणी विव महाकतारविणिग्गयपरिस्संता परिणयवया अम्मया सोयमाणी विव तवचरणखीणपरिभोगा चयणकाले देववरवह संचणिय. कटकवरा भग्गमेढिमोडियसहस्समाला सूलाइयवंकपरिमासा फलहंतरतडतडेत. फुटुंतसंधिवियलंतलोहकीलिया सवंगवियंभिया परिसडियरज्जविसरंतसव्वगत्ता आमगमल्लगभूया अकयपुण्णजणमणोरहो विव चितिज्जमाणगुरुई हाहाकयकण्ण. धारणावियवाणियगजणकम्मगारविलविया णाणाविहरयणपणियसंपुष्णा बहि पूरिससएहि रोयमाहि कंदमाहि सोयमाणेहि तिप्पमाणेहि विलवमाणेहि एग महं अंतोजलगयं गिरिसिहरमासायइत्ता संभग्गकवतोरणा मोडियझयदंडा वलयसयखंडिया करकरस्स तत्थेव विद्दवं उवगया। तए णं तीए णावाए भिज्ज. माणीए [त] बहवे पुरिसा विपुलपडियभंडमायाए अंतोजलंमि णिमज्जावि यावि होत्था / तए णं ते मागंदियदारगा छेया दक्खा पत्तट्ठा कुसला मेहावी णिउण. सिप्पोवगया बहुसु पोयवहणसंपराएसु कयकरणा लद्धविजया अमूढा अमूढहत्या एगं महं फलगखंडं आसादेति / सि च णं पएसंसि से पोयवहणे विवणे तंसि च गं पएसंसि एगे महं रयणद्दीवे णामं दीवे होत्था अणेगाई जोयणाई आयाम. विक्खंभेणं अगेगाई जोयणाई परिक्खेवेणं णाणादुमसंडमंडिउद्देसे सस्सिरीए Page #1188 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 9 1175 पासाईए दरिसणिज्जे अमिरूवे पडिलवे / तस्स गं बहुमज्झदेसमाए तत्थ णं महं एगे पासायवडेंसए होत्था अन्भुग्गयमूसिय जाव सस्सिरी (भू)यरूवे पासाईए 4 / तत्थ गं पासायवडेंसए रयणदीवदेवया णामं देवया परिवसइ पावा चंडा रुद्दा खुद्दा साहसिया। तस्स णं पासायवडेंसयस्स चउद्दिसि चत्तारि वणसंडा किण्हा किण्होभासा / तए णं ते मागंदियदारगा तेणं फलयखंडेणं उवज्झमाणा 2 रयणदीवंतेणं संधुढा यावि होत्था / तए णं ते मागंदियदारगा थाहं लभंति 2 ता महत्तंतरं आससंति 2 ता फलगखंड विसज्जति 2 ता रयणदीवं उत्त. रंति 2 ता फलाणं मग्गणगवेसणं करेंति 2 ता फलाई गेण्हंति 2 ता आहा. रेंति 2 ता णालिएराणं मग्गणगवेसणं करेंति 2 ता णालिएराई फोडेंति 2 त्ता णालिएरतेल्लेणं अण्णमण्णस्स गायाई अभंगेति 2 ता पोक्खरणीओ ओगाहिति 2 ता जलमज्जणं करेंति 2 ता जाव पच्चुत्तरंति 2 ता पुढविसिलापट्टयंसि णिसीयंति 2 आसत्था वीसस्था सुहासणवरगया चंपा णरि अम्मापिउआपुच्छणं च लवणसमद्दोत्तारणं च कालियवायसमुत्थणं च पोयवहणविवत्ति च फलय. खंडस्स आसायणं च रयणदीवृत्तारं च अणुचितेमाणा 2 ओहयमण. संकप्पा जाव झियायति / तए गं सा रयणदीवदेवया ते मागंदियदारए ओहिणा आभोएइ आमोएत्ता असिफलगवग्गहत्था सत्तद्रुतलप्पमाणं उड्ढे वेहास उप्पयइ 2 ता ताए उक्किट्ठाए जाव देवगईएवीईवयमाणी 2 जेणेव मागंदियदारए तेणेव उवागच्छइ 2 ता आसुरुत्ता [ते मागंदियदारए खर. फरुसणिठ्ठरवयणेहिं एवं वयासी-हं भो माकंदियदारया ! अपत्थियपत्थिया! जइ णं तुब्भे मए सद्धि विउलाई भोगभोगाई मुंजमाणा विहरह तो भे अत्यि जीवियं, अहणं तुब्भे मए सद्धि विउलाई 0 णो विहरह तो भे इमेणं णीलु. प्पलगवलगुलिय जाव खुरधारेणं असिणा रत्तगंडमंसुयाई माउयाहिं उव. सोहियाई तालफलाणीव सीसाइं एगते एडेमि / तए णं ते मागंदियदारगा रयणदीवदेवयाए अंतिए एयमढें सोच्चा णिसम्म भीया करयल जाव वद्धा. वेत्ता एवं वयासी-जण्णं देवाणुप्पिया ! वइस्सइ तस्स आणाउववायवयणणिसे चिद्विस्सामो / तए णं सा रयणदीवदेवया ते मागंदियदारए गेण्हइ 2 ता जेणेव पासायवडेंसए तेणेव उवागच्छइ 2 ता असुभपोग्गलावहारं करेइ 2 ता सुभपोग्गलपक्खेवं करेइ 2 ता [तओ] पच्छा तेहिं सद्धि विउलाई भोगभोगाई Page #1189 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1176 अंग-पविट्ट सुत्ताणि भुंजमाणी विहरइ कल्लाकल्लि च अमयफलाई उवणेइ // 87 // तए णं सा रयणदीवदेवया सक्कवयणसंदेसेणं सुट्टिएणं लवणाहिवइणा लवणसमुद्दे तिसत्त. खुत्तो अणुपरियट्टियत्वे त्ति जं किंचि तत्थ तणं वा पत्तं वा कळं वा कयवरं वा असुई पूइयं दुरभिगंधमचोक्खं सव्वं आहुणिय 2 तिसत्तखुत्तो एगंते एडेयव्वं तिकट्ट णिउत्ता। तए णं सा रयणवीवदेवया ते मागंदियदारए एवं वयासीएवं खलु अहं देवाणुप्पिया ! सक्कवयणसंदेसेणं सुटिएणं लवणाहिवइणा तं चेव जाव णिउत्ता / तं जाव अहं देवाणुप्पिया ! लवणसमुद्दे जाव एडेमि ताव तुब्भे इहेव पासायव.सए सुहंसुहेणं अभिरममाणा चिट्ठह / जइ गं तुम्भे एयंसि अंतरंसि उम्विग्गा वा उस्सुया वा उप्पुया वा भवेज्जाह तो णं तुब्भे पुरथिमिल्लं वणसंडं गच्छेज्जाह / तत्थ गं दो उऊ सया साहीणा तंजहा-पाउसे य वासारते य / तत्थ उ कंदलसिलिधदंतोणिउरवरपुप्फपीवर. करो। कुडयज्जणणीवसुरभिदाणो पाउसउऊ-गयवरो साहीणो // 1 // तत्य य-सुरगोवमणिविचित्तो ददुरकुलरसियउज्झररवो / बरहिणविंदपरिणख. सिहरो वासारत्तो उऊपव्वओ साहीणो // 2 // तत्थ गं तुन्भे देवाणुप्पिया ! बहुसु वावीसु य जाव सरसरपंतियासु य बहुसु आलीघरएसु य माली. घरएसु य जाव कुसुमघरएसु य सुहंसुहेणं अभिरममाणा 2 विहरेज्जाह / जइ गं तुब्भे एत्थ वि उविग्गा वा उस्सुया वा उप्पुया वा भविज्जाह तो गं तब्भे उत्तरिल्लं वणसंडं गच्छेज्जाह / तत्थ णं दो उऊ सया साहीणा तंजहासरदो य हेमंतो य / तत्थ उ सणसत्तिवण्णकउ (हो)ओ णीलुप्पलपउमणलिण. सिंगो। सारसचक्कवायरवियघोसो सरयउऊ-गोवई साहीणो // 1 // तत्थ य सियकुंदधवलजोण्हो कुसुमियलोद्धवणसंडमंडलतलो। तुसारदगधारपीवरकरो हेमंत उऊससी सया साहीणो // 2 // तत्थ णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! वावीसु य जाव विहरेज्जाह / जइ गं तुम्भे तत्थ वि उविग्गा वा जाव उप्पुया वा भवेज्जाह तो गं तन्भे अवरिल्लं वणसंडं गच्छेज्जाह / तत्थ णं दो उऊ सया साहीणा तंजहा-वसंते य गिम्हे य / तत्थ उ सहकारचारुहारो किसुयकणि. यारासोगमउडो / ऊसियतिलगबउलायवत्तो वसंत उऊ-गरवई साहीणो // 1 // तत्थ य पाडलसिरीससलिलो मलियावासंतियधवलवेलो सीयलसुरभिअणिल. मगरचरिओ गिम्हउऊसागरो साहीणो // 2 // तत्थ णं बहूसुजाव विहरेज्जाह / Page #1190 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 9 1177 जइणं तुम्मे देवाणुप्पिया! तत्थ वि उविग्गा (वा) उस्सुया (वा उप्पुया वा) भवेज्जाह ती तुम्भे जेणेव पासायवडेंसए तेणेव उवागच्छेज्जाह ममं पडि. बालेमाणा 2 चिट्ठज्जाह / मा गं तुम्भे दक्खिणिल्लं वणसंडं गच्छेज्जाह / तत्थ णं महं एगे उग्गविसे चंडविसे घोरविसे अइकाय महाकाए जहा तेय. णिसग्गे मसिमहिसमसाकालए णयणविसरोसपुणे अंजणपुंजणियरप्पगासे रत्तच्छे जमलजुयलचंचलचलंतजीहे धरणियलवेणिभूए उक्कडफुडकुडिलजडिल. कक्खडवियडफडाडोवकरणदच्छे लोगाहारधम्ममाणधमधमेतघोसे अणागलिय. चंडतिव्वरोसे समहितरियं चवलं धमधमंतदिट्ठीविसे सप्पे य परिवसइ। मा गं तुम्भं सरीरगस्स वावत्ती भविस्सइ / ते मागंदियदारए दोच्चंपि तच्चंपि एवं वयइ 2 ता वेउग्वियसमुग्घाएणं समोहण्णइ 2 ता ताए उक्किट्ठाए लवण. समुदं तिसत्तखुत्तो अणुपरियट्टेउं पयत्ता यावि होत्था // 8 // तए णं ते मागं. दियदारया तओ महत्तंतरस्स पासायवडेंसए सई वा रइं वा धिई वा अलभ. माणा अण्णमण्णं एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! रयणदीवदेवया अम्हे एवं वयासी-एवं खलु अहं सक्कवयणसंदेसेणं सुट्टिएणं लवणाहिवइणा जाव वायत्ती भविस्सइ / तं सेयं खलु अम्हं देवाणुप्पिया ! पुरथिमिल्ले वणसंडं गमित्तए / अण्णमण्णस्स एयमढं पडिसुर्णेति 2 ता जेणेव पुरथिमिल्ले वण. संडे तेणेव उवागच्छंति 2 त्ता तत्थ णे वावीसु य जाव आलीघरएसु य जाव विहरंति / तए णं ते मागंदियदारगा तत्थ वि सई वा जाव अलभमाणा जेणेव उत्तरिल्ले वणसंडे तेणेव उवागच्छंति २.त्ता तत्थ णं वावीसु य जाव आली. घरएसु य विहरति / तए गं ते मागंदियदारया तत्थ वि सई वा जाव अलम. माणा जेणेव पच्चस्थिमिल्ले वणसंडे तेणेव उवागच्छति 2 ता जाव विहरति / तए णं ते मागंदियदारगा तत्थवि सई वा जाव अलममाणा अण्णमण्णं एवं वयासी-एवं खल देवाणप्पिया ! अम्हे रयणवीवदेवया एवं वयासी-एवं खल अहं देवाणुप्पिया ! सक्कस्स वयणसंदेसेणं सुटिएण लवणाहिवइणा जाव मा णं तुम सरीरगस्स वावत्ती भविस्सइ / तं भवियव्वं एत्थ कारणेणं / तं सेयं खल अम्हं दक्खिणिल्लं वणसंडं गमित्तए-त्तिकट्ट अण्णमण्णस्स एयमठं पडि. सुर्णेति 2 ता जेणेव दक्खिणिल्ले वणसंडे तेणेव पहारेत्थ गमणाए / तए गं . गंधे णित्ताइ से जहाणामए अहिमडे इ वा जाव अणि?तराए चेव / तए गं ते Page #1191 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1178 अंग-पविट्ट सुत्ताणि मागंदियदारया तेणं असुभेणं गंधेणं अभिभूया समाणा सरहिं 2 उत्तरिज्जेहि आसाइं पिहेंति 2 ता जेणेव दक्खिणिल्ले वणसंडे तेणेव उवागया। तत्थ णं महं एगं आघयणं पासंति अद्वियरासिसयसंकुलं भीमदरिसणिज्ज एगं च तत्थ सूलाइयं पुरिसं कलुणाई कढाई विस्सराई कुवमाणं पासंति 2 ता भीया जाव संजायमया जेणेव से सूलाइए पुरिसे तेणेव उवागच्छंति 2 ता तं सूलाइयं पुरिसं एवं वयासी-एस णं देवाणु प्पिया ! कस्स आघयणे तुमंच गं के कओ वा इहं हवमागए केण वा इमेयारूवं आवयं पाविए ? तए गं से सूलाइए पुरिसे (ते) मागंदियदारए एवं वयासी-एस णं देवाणुप्पिया ! रयणदीवदेवयाए आघयणे / अहं गं देवाणुप्पिया ! जंबुद्दीवाओ दीवाओ भारहाओ वासाओ कागंदीए आसवाणियए विपुलं पणियभंडमायाए पोयवहणेणं लवणसमुदं ओयाए / तए णं अहं पोयवहणविवत्तीए णिब्बुडुभंडसारे एगं फलगखंडं आसाएमि / तए णं अहं उज्झमाणे 2 रयणदीवंतेणं संवूढे / तए णं सा रयणदीवदेवया ममं ओहिणा पासइ 2 ता ममं गेण्हइ 2 ता मए सद्धि विउलाई भोगभोगाई भंजमाणी विहरइ / तए णं सा रयणदीवदेवया अण्णया कयाइ अहालहुसगंसि अवराहसि परिकुविया समाणी ममं एयारूवं आवयं पावेइ तं ण णज्जइ णं देवाणुप्पिया! तुम्हं पि इमेसि सरीरगाणं का मण्णे आवई भविस्सइ ? तए गं ते मागंदियदारगा तस्स सूलाइयस्स अंतिए एयम→ सोच्चा णिसम्म बलियतरं भीया जाव संजायभया सूलाइयं पुरिसं एवं वयासीकह णं देवाणुप्पिया ! अम्हे रयणदीवदेवयाए हत्थाओ साहत्थि णित्यरिज्जामो ? तए णं से सूलाइए पुरिसे ते मागंदियदारगे एवं वयासी-एस गं देवाणुप्पिया ! पुरथिमिल्ले वणसंडे सेलगस्स जक्खस्स जक्खाययणे सेलए णामं आसरूवधारी जवखे परिवसइ / तए णं से सेलए जक्खे चोद्दसटुमुद्दिद्वपुण्णमासि. णीसु आगयसमए पत्तसमए महया 2 सट्टेणं एवं वदइ-कं तारयामि ? के पालयामि ? तं गच्छह णं तुम्भे देवाणुप्पिया ! पुरथिमिल्लं वणसंडं सेलगस्स जक्खस्स महरिहं पुप्फच्चणियं करेह 2 ता जण्णुपायवडिया पंजलिउडा विण. एणं पज्जुवासमाणा विहर (चिट्ठ) ह / जाहे णं से सेलए जखे आगयसमए पत्तसमए एवं वएज्जा-कं तारयामि ? कं पालयामि ? ताहे तुम्मे (एवं) वयह-अम्हे तारयाहि अम्हे पालयाहि / सेलए भे जवखे परं रयणदीवदेवयाए Page #1192 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 6 1179 हत्थाओं साहत्थि णित्थारेज्जा / अण्णहा भे ण याणामि इमेसि सरीरगाणं का मण्णे आवई भविस्सइ // 86 // तए णं ते मागंदियदारगा तस्स सूलाइयस्स अंतिए एयमनै सोच्चा णिसम्म सिग्घं चंडं चवलं तुरियं वेइयं जेणेव पुरथिमिल्ले वणसंडे जेणेव पोक्खरिणी तेणेव उवागच्छंति 2 त्ता पोक्खरिणि ओगाहें (गाह) ति 2 ता जलमज्जणं करेंति 2 ता जाई तत्थ उप्पलाइं जाव गेहति 2 ता जेणेव सेलगस्स जक्खस्स जक्खाययणे तेणेव उवागच्छंति 2 त्ता आलोए पणामं करेंति 2 ता महरिहं पुप्फच्चणियं करेंति 2 ता जण्णु. पायवडिया सुस्सूसमाणा णमंसमाणा पज्जवासंति / तए णं से सेलए जवखे आगयसमए पत्तसमए एवं वयासी-कं तारयामि ? कं पालयामि ? तए णं ते मागंदियदारगा उदाए उठेति करयल जाव वद्धावेत्ता एवं वयासी-अम्हे तारयाहि अम्हे पालयाहि / तए णं से सेलए जक्खे ते मागंदियदारए एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! तुम्भं मए सद्धि लवणसमद्देणं मज्झमज्झेणं वीईवयमाणाणं सा रयणदीवदेवया पावा चंडा रुद्दा साहसिया बहहि खर. एहि य मउएहि य अणुलोमेहि य पडिलोमेहि य सिंगारेहि य कलुणेहि य उवसग्गेहि य उवसम्गं करेहिइ / तं जइ णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! रयणदीवदेवयाए एयमलैं आढाह वा परियाणह वा अवयक्खह वा तो भे अहं पिट्ठाओ विधुणामि / अह गं तुम्भे रयणदीवदेवयाए एयमह्र णो आढाह णो परियाणह णो अवयक्खह तो भे रयणदोवदेवयाए हत्थाओ साहत्थिं णित्यारेमि / तए णं ते मागंदियदारगा सेलगं जक्खं एवं वयासी-जं णं देवा. णप्पिया ! वइस्संति तस्स णं उववायवयणणिद्देसे चिहिस्सामो। तए णं से सेलए जक्खे उत्तरपुरच्छिमं दिसीमागं अवक्कमइ 2 ता वेउब्वियसमग्घाएणं समोहणइ 2 सा संखेज्जाई जोयणाई दंडं णिस्सरइ दोच्चंपि तच्चपि वेउब्वियसमग्घाएणं समोहणइ 2 ता एगं महं आसरूवं विउव्वइ 2 ता ते मागं. दियदारए एवं वयासी-हं भो मागंदियदारया ! आरुह णं देवाणप्पिया ! मम पिट्ठसि / तए णं ते मागंदियदारया हट्ठ० सेलगस्त जवखस्स पणाम करेंति 2 ता सेलगस्स पिढि दुरूढा / तए णं से सेलए ते मागंदियदारए दुरुढे जाणित्तो सत्तटुतालप्पमाणमेत्ताई उड्ढं वेहासं उप्पयइ 2 ता य ताए उक्किट्ठाए तुरियाए [चवलाए चंडाए दिव्वाए] देवयाए देवगईए लवणसमदं Page #1193 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1180 अंग-पविट्ट सुत्ताणि मझमझेणं जेणेव जंबुद्दीवे दीवे जेणेव भारहे वासे जेणेव चंपा गयरी तेणेंव पहारेत्थ गमणाए // 60 // तए णं सा रयणदीवदेवया लवणसमुई तिसत्त. खुत्तो अणुपरियट्टइ जं तत्थ तणं वा जाव एडेइ 2 ता जेणेव पासायवडेंसए तेणेव उवागच्छइ 2 ता ते मागंदियदारया पासायव.सए अपासमाणी जेणेव पुरथिमिल्ले वणसंडे जाव सवओ समंता मग्गणगवेसणं करेइ 2 ता तेसि मागंदियदारगाणं कत्थइ सुई वा 3 अलभमाणी जेणेव उत्तरिल्ले (वणसंडे) एवं चेव पच्चथिमिल्ले वि जाव अपासमाणी ओहि पउंजइ * ते मागंदिय. दारए सेलएणं सद्धि लवणसमई मज्झमज्झेणं वीईवयमाणे 2 पासइ 2 ता आसुरुत्ता असिखेडगं गेण्हइ 2 ता सत्तट्ठ जाव उप्पयइ 2 ता ताए उक्किट्ठाए जेणेव मागंदियदारगा तेणेव उवागच्छइ 2 ता एवं वयासी-हं भो मागंदिय. दारगा! अपत्थियपत्थिया! किण्णं तुब्भे जाणह ममं विप्पजहाय सेलएणं जखेणं सद्धि लवणसमुदं मझमज्झेणं वीईवयमाणा ? तं एवमवि गए जइ गं तुब्भे ममं अवयवखह तो भे अस्थि जीवियं, अह णं णावयवखह तो भे इमेणं णीलप्पलगवल जाव एडेमि / तए णं ते मागंदियदारगा रयणदीवदेवयाए अंतिए एयमट्ठं सोच्चा णिसम्म अभीया अतत्था अणुविग्गा अक्खुमिया असं. भंता रयणदीवदेवयाए एयमह्र णो आढंति णो परियाणंति णो अवयखंति अणाढायमाणा अपरियाणमाणा अणवयक्ख माणा सेलएणं जखेणं सद्धि लवण. समझ मज्झंमज्झेणं वीईवयंति / तए णं सा रयणदीवदेवया ते मागंदियदारया जाहे णो संचाएइ बहूहि पडिलोमेहि य उवसगेहि य चालित्तए वा खोभित्तए वा विपरिणामित्तए वा लोभित्तए वा ताहे महुरेहि य सिंगारेहि य कलु. णेहि य उवसग्गेहि य उवसग्गेउं पयत्ता यावि होत्था-हं भो मागंदियदारगा! जइ णं तु हि देवाणुप्पिया ! मए सद्धि हसियाणि य रमियाणि य ललियाणि य कोलियाणि य हिंडियाणि य मोहियाणि य ताहे गं तुम्भे सव्वाई अगणेमाणा ममं विप्पजहाय सेलएणं सद्धि लवणसमझ मज्झमझेणं वीईवयह / तए णं सा रयणदीवदेवया जिणरक्खियस्स मणं ओहिणा आभोएइ 2 ता एवं वयासीणिच्चपि य णं अहं जिणपालियस्स अणिट्टा 5 / णिच्चं मम जिणपालए अणिळे 5 / णिच्चपि य णं अहं जिणरक्खियस्स इट्ठा 5 / णिच्चंपि य णं ममं जिणरक्खिए इठे 5 / जइ णं ममं जिणपालिए रोयमाणि कंदमाणि सोयमाणि Page #1194 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 9 1181 तिप्पमाणि विलवमाणि णावयक्खइ किग्णं तुम[पि] जिणरक्खिया ! ममं रोय. माणि जावणावसक्खयि ? तए णं-सा पवररयणदीवस्स देवया ओहिणा (उ) जिणरक्खियस्स मणं / णाऊण वणिमित्तं उवरि मागंदियदारगाणं दोहंपि // 1 // दोसकलिया सललियं णाणाविहचुण्णवासमीसं दिव्यं / घाणमणणिव्वुइकरं सव्वोउयसुरभिकुसुमट्टि पमुंचमाणी // 2 // णाणामणिकणगरयण. घंटियखिखिणिणेऊरमेहलभूसणरवेणं / दिसाओ विदिसाओ पूरयंती वयणमिणं बेइ सा सकलसा // 3 // होल वसुल गोल णाह दइत पिय रमण कंत सामिय णिग्घिण णित्थक्क।थि (छि)ग्ण णिक्किव अकयण्णुय सिढिलभाव णिल्लज्ज लुक्ख अकलुणजिणरक्खिय मज्झं हिययरक्खगा ॥४॥ण हु जुज्जसि एक्कियं अणाहं अबंधवं तुज्झचलणओवायकारियं उज्झिउमह (ध) णं / गणसंकर ! अहं तुमे विहूणा ण समत्था (वि)जीविउं खणंपि // 5 // इमस्स उ अणेगझसमगरविविध. सावयसयाउलघरस्स / रयणागरस्स मज्झे अप्पाणं वहेमि तुज्झ पुरओ एहि णियत्ताहि जइ सि कुविओ खमाहि एक्कावराहं मे // 6 // तुज्झ य विगयघण. विमलससिमंडलगारसस्सिरीयं सारयणवकमलकुमुदकुवलयविमलदलणिकर. सरिसणिभणयणं / वयणं पिवासागयाए सद्धा मे पेच्छिउं तो अवलोएहि ता इओ ममं णाह जा ते पेच्छामि वयणकमलं // 7 // एवं सप्पणयसरलमहुराई पुणो 2 कलुणाई वयणाई जंपमाणी सा पावा मग्गओ समण्णेइ पावहियया // 8 // तए णं से जिणरक्खिए चलमणे तेणेव भूसणरवेणं कण्णसुहमणोहरेणं तेहि य सप्पणयसरलमहुरमणिएहि संजायविउणराए रयणदीवस्स देवयाए तीसे संदरथणजहणवयणकरचरणणयणलावण्णरूवजोवण्णसिरिं च दिव्वं सरभसउ. वगहियाई (जाति) बिब्बोयविलसियाणि य विहसियसकडक्खदिटिणिस्ससिय. मलियउवललिय (ठि) थियगमणपणयखिज्जियपासाइयाणि य सरमाणे राग. मोहियमई अवसे कम्मवसगए अवयक्खइ मग्गओ सविलियं / तए गं जिण. रविखयं समुप्पण्णकलुणभावं मच्चगलत्थल्लणोल्लियमई अवयक्खंतं तहेव जक्खे (य) उ सेलए जाणिऊण सणियं 2 उम्विहइ णियगपिट्टाहि विगयस (त्थं)द्ध। तए, णं सा रयणदीवदेवया णिस्संसा कलणं जिणरक्खियं सकलुसा सेलग. पिट्टाहि उवयंत-दास ! मओसि त्ति जंपमाणी अप्पत्तं सागरसलिलं गेण्हिय बाहाहि आरसंतं उड्ढं उविहइ अंबरतले ओवयमाणं च मंडलग्गेण Page #1195 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1182 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि पडिच्छित्ता णीलुप्पलगवलअयसिप्पगासेण असिवरेणं खंडाखाँड करेइ 2 ता तत्थ विलवमागं तस्स य सरसवाहियस्स घेत्तण अंगमंगाई सरुहिराई उक्खित्त. बलि चउद्दिसि करेइ सा पंजली पहिट्ठा // 61 // एवामेव समणाउसो ! जो अम्हं णिगंथाण वा णिग्गंथीग वा अंतिए पवइए समाणे पुणरवि माणुस्सए कामभोगे आसायइ पत्थयइ पोहेइ अभिलसइ से णं इहभवे चेव बहूणं समणाणं बहूणं समणीणं बहूणं सावयाणं बहूणं सावियाणं जाव संसारं अणुपरियट्टिस्सइ जहा वा से जिणरक्खिए / छलिओ अवयक्खंतो गिरावयक्खो गओ अबिग्घेणं / तम्हा पवयणसारे णिरावयक्खेण भवियत्वं // 1 // भोगे अवयक्खंता पडंति संसारसायरे घोरे / भोहिं णिरवयंक्खा तरंति संसारकतारं // 2 // 12 // तए णं सा रयणवीवदेवया जेणेव जिणपालिए तेणेव उवागच्छइ 2 ता बहूहि अणलोमेहि य पडिलोमेहि य खरमहरसिंगारेहि य कलणेहि य उव. सग्गेहि य जाहे णो संचाएइ चालितए वा खोभित्तए वा विप्परिणामित्तए वा ताहे संता तंता परितंता णिविण्णा समाणा जामेव दिसि पाउब्भया तामेव दिसि पडिगया / तए णं से सेलए अक्खे जिणपालिएण सद्धि लवणसमई मज्झं. मज्झेणं वीईवयइ 2 त्ता जेणेव चंपा गयरी तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता चपाए णयरीए अग्गुज्जाणंसि जिणपालियं पढ़ाओ ओवयारेइ 2 त्ता एवं बयासी-एस गं देवाणुप्पिया ! चंपा गयरी दीसइ तिकटु जिणपालियं आपुच्छइ 2 ता जामेव दिसि पाउन्भए तामेव दिसि पडिगए // 63 // तए णं जिणपालिए चंपं अणुपविसइ 2 ता जेणेव सए गिहे जेणेव अम्मापियरो तेणेव उवागच्छइ 2 ता अम्मापिऊणं रोयमाणे जाव विलवमाणे जिणरक्खियवावत्ति णिवेदेइ / तए गं जिणपालिए अम्मापियरो मित्तणाइ जाव परियणेणं सद्धि रोयमाणाई बहूई लोइयाई मयकिच्चाई करेंति 2 ता कालेणं विगयसोया जाया / तए णं जिण. पालियं अण्णया कयाइ सुहासणवरगयं अम्मापियरो एवं वयासी-कहणं पुत्ता! जिणरक्खिए कालगए ? तए णं से जिणपालिए अम्मापिऊणं लवणसमुद्दोत्तारं च कालियवायसमुत्थणं [च] पोयवहणविवत्ति च फलहखंडआसायणं- च रयण. दीवुत्तारं च रयणदीवदेवया गिहं च भोगविभूइं च रयणदीवदेवयाअप्पाहणं च सूलाइयपुरिसदरिसणं च सेलगजक्खआरुहणं च रयणदीवदेवयाउवसग्गं च जिणरक्खियवित्ति च लवणसमुद्दउत्तरणं च चंपागमणं च सेलगजक्खआपुच्छणं Page #1196 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 10 1183 च जहाभूयमवितहमसंदिद्धं परिकहेइ / तए णं जिणपालिए जाव अप्पसोगे जाव विउलाई भोगभोगाई भुंजमाणे विहरइ // 14 // तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे समोसढे जाव धम्म सोच्चा पम्वइए एक्कारसंगवी मासि. एणं भत्तेणं जाव सोहम्मे कप्पे देवत्ताए उववणे दो सागरोवमाई ठिई प० / महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ जाव अंतं काहिइ / एवामेव समणा. उसो ! जाव माणुस्सए कामभोगे जो पुणरवि आसाइ से गं जाव वीईवइस्सइ जहा व से जिणपालिए / एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं णवमस्स णायज्झयणस्स अयमठे पण्णत्ते तिबेमि॥६५॥गाहाओ-जह रयणदीवदेवी तह एत्थं अविरई महापावा / जह लाहत्थी वणिया तह सुहकामा इहं जीवा // 1 // जह तेहिं भीएहि दिट्ठो आघायमंडले पुरिसो। संसारदुक्ख. भीया पासंति तहेव धम्मकहं // 2 // जह तेण तेसि कहिया देवी दुक्खाण कारणं घोरं / तत्तो च्चिय णित्थारो सेलगजक्खाओ णण्णत्तो // 3 // तह घम्मकही भन्वाण साहए दिट्ठअविरइसहावो। सयलदुहहेउभूओ विसया विरयंति जीवाणं // 4 // सत्ताणं दुहत्ताणं. सरणं चरणं जिणिदपण्णत्तं / आणंदरूवणिव्वाण. साहणं तह य देसेइ // 5 // जह तेसि तरियव्यो रुद्दसमुद्दो तहेव संसारो / जह तेसि सगिहगमणं णिव्वाणगमो तहा एत्थं // 6 // जह सेलगपिट्टाओ भट्ठो देवीइ मोहियमईओ / सावयसहस्सपउरम्मि सायरे पाविओ णिहणं // 7 // तह अविरईइ गडिओ चरणचुओ दुक्खसावयाइण्णे / णिवडइ अपारसंसारसायरे दारुणसरूवे // 8 // जह देवीए अक्खोहो पत्तो सट्ठाण जीवियसुहाई। तह चरणट्ठिओ साहू अक्खोहो जाइ प्रिव्वाणं // 6 // ॥णवमं अज्झयणं समत्तं॥ चंदिमा णामं दसमं अज्झयणं जइ णं भंते ! समणेणं० वमस्स णायज्शयणस्स अयमठे पण्णते दसमस्स० के अट्ठे पण्णत्ते ? एवं खल जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं राय. गिहे णयरे सामी समोसढे / गोयमसामी एवं वयासी-कहण्णं भंते ! जीवा वड्डंति वा हायंति वा ? गोयमा ! से जहाणामए बहुलपक्खस्स पाडि. वयाचंदे पुण्णिमाचंदं पणिहाय होणे वणेणं होणे सोम्मयाए हीणे गिद्ध. Page #1197 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1184 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि याए हीणे कंतीए एवं दित्तीए जुत्तीए छायाए पभाए ओयाए लेस्साए मंड. लेणं / तयाणंतरं च णंबीयाचंदे पाडिवयं चंदं पणिहाय होणतराए वणणं जाव मंडलेणं / तयाणंतरं च णं तइयाचदे बीयाचंदं पणिहाय होणतराए वण्णेणं जाव मंडलेणं / एवं खलु एएणं कमेणं परिहायमाणे 2 जाव अमावस्साचंदे चाउसिचंदं पणिहाय णठे वणेणं जाव णठे मंडलेणं / एवामेव समणाउसो ! जो अम्हं णिग्गंथो वा 2 जाव पवइए समाणे होणे खंतीए एवं मत्तीए गत्तीए अज्जवेणं मद्दवेणं लाघवेणं सच्चेणं तवेगं चियाए अकिंचणयाए बंभचेरवासेणं / तयाणंतरं च णं हीणे होणतराए खंतीए जाव होणतराए बंभचेरवासेणं / एवं खलु एएणं कमेणं परिहायमाणे 2 पट्टे खंतीए जाव णठे बंभचेरवासेणं / से जहा वा सुक्कपक्खस्स पडिवयाचंदे अमावसाचंद पणिहाय अहिए वण्णणं जाव अहिए मंडलेणं / तयाणंतरं च णं बीयाचंदे पडिवयाचंदं पणिहाय अहिययराए वणेणं जाव अहिययराए मंडलेणं / एवं खलु एएणं कमेणं परिवड्ढे माणे 2 जाव पुणिमाचंदे चाउद्दस चंदं पणिहाय पडिपुण्णे वणेणं जाव पडिपुणे मंडलेणं / एवामेव समणाउसो ! जाव पव्वइए समाणे अहिए खंतीए जाव बंभचेरवाशेणं / तयाणंतरं च णं अहिययराए खंतीए जाव बंभचेरवासेणं / एवं खलु एएणं कमेणं परिवड्ढेमाणे 2 जाव पडिपुण्णे बंभचेरवासेणं / एवं खलु जीवा वड्ढंति वा हायंति वा / एवं खलु जंब ! समणेणं भगवया महावीरेणं० दसमस्स णायज्झयणस्स अयमठे पण्णत्ते त्ति बेमि // 66 // गाहाओ-जह चंदो तह साहू राहुवरोहो जहा तह पमाओ। वण्णाई गुणगणो जह तहा खमाई समणधम्मो // 1 // पुण्णो वि पइदिणं जह हायंतो सव्वहा ससी णस्से / तह पुण्णचरित्तोऽवि हु कुसीलसंसग्गिमाईहिं // 2 // जणियपमाओ साहू हायंतो पइदिणं खमाईहिं / जायइ णचरितो तत्तो दुक्खाई पावेइ // 3 // हीणगुणो वि हु होउं सुहगुरुजोगाइजणियसंवेगो। पुण्णसरूवो जायइ विवड्डमाणो ससहरोव // 4 // दसमं अज्झयणं समत्तं // दावद्दवे णामं एक्कारसमं अज्झयणं जइ णं भंते ! समणेणं० दसमस्स णायज्झयणस्स अयमठे पण्णत्ते एक्का. रसमस्स * के अठे पण्णत्ते ? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे जान गोयमे (समणं 3) एवं वयासी-कहं गं भंते ! जीवा आराहगा Page #1198 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 11 1185 वा विराहगा वा भवंति ? गोयमा ! से जहाणामए एगंसि समुद्दलंसि दावदवा णामं रुक्खा पण्णत्ता किण्हा जाव णिउरुंबभूया पत्तिया पुफिया फलिया हरियगरेरिज्जमाणा सिरीए अईव उवसोभेमाणा 2 चिट्ठति / जया णं दीवि. च्चगा ईसि पुरेवाया पच्छावाया मंदावाया महावाया वायंति तया गं बहवे दाबद्दवा रुवखा पत्तिया जाव चिट्ठति / अप्पेगइया दावद्दवा रुक्खा जण्णा झोडा परिसडियपंडपत्तपुप्फफला सुक्करुक्खओ विव मिलायमाणा 2 चिट्ठति / एवामेव समणाउसो ! जे अम्हं णिग्गंथो वा 2 जाव पव्वइए समाणे बहूणं समणाणं.४ सम्म सहइ जाव अहियासेड़ बहूणं अण्णउत्थियाणं बहूणं गिहत्थाणं णो सम्म सहइ जाव णो अहियासेइ एस गं मए पुरिसे देसविराहए पण्णत्ते समणाउसो ! जया णं सामुद्दगा ईसि पुरेवाया पच्छावाया मंदावाया महावाया वायंति तया णं बहवे दावद्दवा रुक्खा जुण्णा झोडा जाव मिलायमाणा 2 चिट्ठति / अप्पेगइया दावदवा रुक्खा पत्तिया पुफिया जाव उवसोभेमाणा 2 चिट्ठति / एवामेव समणाउसो ! जो अम्हं णिगंथो वा 2 जाव पव्वइए समाणे बहूणं अण्णउत्थियनिहत्थाणं सम्मं सहइ बहूणं समणाणं 4 णो सम्म सहइ एस णं मए पुरिसे देसाराहए पण्णत्ते समणाउसो ! जया णं णो दीविच्चगा णो सामुद्दगा ईसि पुरेवाया पच्छावाया जाव महावाया वायंति तए णं सब्वे दावद्दवा रुक्खा जण्णा झोडा 0 / एवामेव समणाउसो ! जाव पव्वइए समाणे बहणं समणाणं 4 बहणं अण्णउत्थियगिहत्थाणं णो सम्म सहइ एस णं मए पुरिसे सव्व विराहए अण्णत्ते समणाउसो ! जया णं दीविच्चगा वि सामुद्दगा वि ईसि पुरेवाया पच्छावाया जाव वायंति तया णं सव्वे दाव. हवा. रुक्खा पत्तिया जाव चिट्ठति / एवामेव समणाउसो ! जो अम्हं पव. इए समाणे बहूणं समणाणं 4 बहूणं अण्णउत्थियगिहत्थाणं सम्मं सहइ एस गं मए पुरिसे सव्वआराहए पण्णत्ते (समणाउसो !) / एवं खल गोयमा! जीवा आराहगा वा विराहगा वा भवंति / एवं खलु जंबू / समणेणं भगवया महा. वीरेणं जाव संपत्तेणं एक्कारसमस्स अयमठे पण्णत्तेत्तिबेमि // 67 // गाहाओजह दावद्दवतस्वणमेवं साहू जहेव दीविच्चा / वाया तह समणाइयसपक्खवय. णाई दुसहाई // 1 // जह सामुद्दयवाया तहऽण्णतित्थाइकडयवयणाई / कुसुमाइ. संपया जह सिवमग्गाराहणा तह उ // 2 // जह कुसुमाइविणासो सिवमग्ग. Page #1199 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1186 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि विराहणा तहा णेया। जह दीववाउजोगे बहु इड्ढी ईसि य अणिड्ढी // 3 // तह साहम्मियवयणाण सहमाणाराहणा भवे बहुया / इयराणमसहणे पुण सिव. मग्गविराहणा थोवा // 4 // जह जलहिवाउजोगे थेविड्ढी बयरा यऽणिड्ढी य / तह परपवखवखमणे आराहणसीसि बहु य यरं // 5 // जह उभयवाउविरहे सव्वा तरुसंपया विण? ति / अणिमित्तोभयमच्छररूवे विराहणा तह य // 6 / / जह उभयवाउजोगे सव्व समिड्ढी वणस्स संजाया। तह उभयवयणराहणे सिवमग्गा. राहणा वुत्ता // 7 // ता पुण्णसमणधम्माराहणचित्तो सया महासत्तो। सवेण वि कीरंतं सहेज्ज सव्वं पि पडिकूलं // 8 // // एक्कारसमं अज्झयणं समत्तं / / उदगणाए णामं बारसमं अज्झक्षणं जइ णं भंते ! समणेणं जाव संपत्तेगं एक्कारसमस्स णायज्झयणस्स अय. मठे पण्णत्ते बारसमस्स णं 0 के अछे पण्णत्ते ? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं चंपा णाम णयरी / पुण्ण भद्दे चेइए / जियसत्तू राया। धारिणी देवी। अदीणसत्तू णाम कुमारे जुवराया वि होत्था। सुबुद्धी अमच्चे जाब रज्ज. धुराचितए समणोवासए / तीसे णं चंपाए णयरीए बहिया उत्तरपुरस्थिमेणं एगे फरिहोदए यावि होत्था भेयवसारहिरमंसपूयपडलपोच्चडे मयगकलेवरसंछणे अमणुण्णे वण्णेणं जाव फासेणं से जहाणामए अहिमडेइ वा गोमडेइ वा जाव मयकुहियविण?किमिणवावण्णदुरभिगंधे किमिजालाउले संसत्ते असुइविगय. बीभच्छदरिसणिज्जे / भवेयारूवे सिया ? णो इणठे समठे / एत्तो अगिढतराए चेव जाव गंधणं पण्णत्ते // 6 // तए णं से जियसत्तू राया अण्णया कयाइ हाए कयबलिकम्मे जाव अप्पमहाघाभरणालंकियसरीरे बहहिं ईसर जाव सत्यवाहपभिईहि सद्धि [भोयणमंडवंसि भोयणदेलाए सुहासणवरगए विउलं असणं 4 जाव विहरइ जिमियभुत्तत्तरागए जाव सुइभए तंसि विपुलसि असणंसि 4 जान जायविम्हए ते बहवे ईसर जाव पभिईए एवं वयासी-अहो गं देवाणु. प्पिया ! इमे मणुण्णे असणं 4 वणेणं उववेए जाव फासेणं उववेए अस्साय. णिज्जे विस्सायणिज्जे पीणणिज्जे दीवणिज्जे दप्पणिज्जे मयणिज्जे बिहणिज्जे सबिदियगायपल्हायणिज्जे / तए णं ते बहवे ईसर जाव पभियओ जियसत्तुं Page #1200 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 12 1187 एवं वयासी-तहेव णं सामी ! जणं तुब्भे वयह-अहो णं इमे मणुण्णे असणे 4 वणणं उववेए जाव पल्हायणिज्जे / तए गं जियसत्तू सुबुद्धि अमच्चं एवं वयासी-अहो णं सुबुद्धी ! इमे मणण्णे असणे 4 जाव पल्हाय. णिज्जे / तए णं सुबुद्धी जियसत्तस्स रणो एयमढं णो आढाइ जाव तुसिणीए संचिट्ठइ / तए णं जियसत्तू सुद्धि दोच्चंपि तच्चपि एवं वयासीअहो णं सुबुद्धी! इमे मणुण्णे तं चेव जाव पल्हायणिज्जे / तए णं (जियसत्तुणा) से सुबुद्धी अमच्चे दोच्चंपि तच्चपि एवं वुत्ते समाणे जियसत्तुं रायं एवं वयासी-णो खलु सामी ! अहं एयंसि मणुण्णंसि असणंसि 4 केइ विम्हए / एवं खलु सामी ! सुमिसद्दा वि पोग्गला दुब्भिसद्दत्ताए परिणमंति दुभिसद्दा वि पोग्गला सुभिसद्दत्ताए परिणमंति / सुरुवा वि पोग्गला दुरू. वत्ताए परिणमंति दुरूवा वि पोग्गला सुरूवत्ताए परिणमंति / सुब्भिगंधा वि पोग्गला दुब्भिगंधत्ताए परिणमंति दुब्मिगंधा वि पोग्गला सुन्मिगंधत्ताए परिणमंति / सुरसा वि पोग्गला दुरसत्ताए परिणमंति / दुरसा वि पोग्गला सुरसत्ताए परिणमंति / सुहफासा वि पोग्गला दुहफासत्ताए परिणमंति दुहफासा वि पोग्गला सुहफासत्ताए परिणमंति / पओगवीससापरिणया वि य णं सामी! पोग्गला पणत्ता। तए णं से जियसत्तू सुबुद्धिस्स अमच्चस्स एवमाइक्खमाणस्स 4 एयमलैं जो आढाइ णो परियाणइ तुसिणीए संचिट्ठइ / तए णं से जियसत्तू अण्णया कयाइ पहाए आसखंधवरगए महयाभडचडगरह आसवाहणियाए णिज्जायमाणे तस्स फरिहोदगस्स अदूरसामंतेणं वीईवयइ / तए गं जियसत्त राया तस्स फरिहोदगस्स असुभेणं गंधेणं अभिभूए समाणे सएणं उत्तरिज्जगणं आसगं पिहेइ एगंतं अवक्कमइ 2 ता बहवे ईसर जाव पभिइओ एवं वयासी-अहो गं देवाणुप्पिया ! इमे फरिहोदए अमणुणे वणणं 4 से जहा. णामए अहिमडेइ वा जाव अमणामतराए चेव / तए णं ते बहवे राईसर जाव पभियओ एवं वयासी-तहेव णं तं सामी ! जं गं तुब्भे एवं वयह-अहो णं इमे फरिहोदए अमणणे वणेणं 4 से जहाणामए अहिमडेइ वा जाव अमणामतराए चेव / तए णं से जियसतू सुबुद्धि अमच्चं एवं वयासी-अहो णं सुबुद्धी! इमे फरिहोदए अमणुण्णे वण्णेणं 4 से जहाणामए अहिमडेइ वा जाव अम. Page #1201 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1188 अंग-पविट सुत्ताणि णामतराए चेव / तए णं से सुबुद्धी अमच्चे जाव तुसिणीए संचिट्ठइ / तए णं से जियसत्तू राया सुबुद्धि अमच्चं दोच्चपि तच्चपि एवं वयासी-अहो णं तं चेव / तए णं से सुबुद्धी अमच्चे जियसत्तणा राणा दोच्चंपि तच्चंपि एवं वृत्त समाणे एवं वयासी-णो खल सामी ! अम्हं एयंसि फरिहोदसि केइ विम्हए / एवं खलु सामी ! सुब्भिसद्दा वि पोग्गला दुब्भिसद्दताए परिणमंति तं चेव जाव पओगवीससापरिणया वि य णं सामी ! पोग्गला पण्णता / तए णं जियसत्तू राया सुद्धि अमच्चं एवं वयासी-मा णं तुम देवाणप्पिया ! अप्पाणं च परं च तदुभयं च बहहि य असब्भावभावणाहि मिच्छत्ताभिणिवेसेण य वग्गाहे. माणे वप्पाएमाणे विहराहि / तए णं सुबद्धिस्स इमेयारूवे अज्झथिए० सम. प्पज्जित्था-अहो गं जियसत्त संते तच्चे तहिए अवितहे सभए जिणपण्णत्ते भावे णो उवल भइ / तं सेयं खलु मम जियसत्तुस्स रण्णो संताणं तच्चाणं तहि. याणं अवितहाणं सन्भूयाणं जिणपण्णत्ताणं भावाणं अभिगमणट्टयाए एयमलैं उवाइणावेत्तए / एवं संपेहेइ 2 ता पच्चइएहि पुरिसेहि सद्धि अंतरावणाओ णवए घडए य पडए य पगेण्हइ 2 ता संझाकालसमयंसि पविरलमणुस्संति णिसंतपडिणिसंतसि जेणेव फरिहोदए तेणेव उवागए 2 त्तातं फरिहोदगं गेहा. वेइ 2 सा णवएसु घडएसु गालावेइ 2 ता णवएसु घडएसु पक्खिवावेइ 2 ता सज्जखारं पविखवावेइ लंछियमहिए करावेइ 2 ता सत्तरत्तं परिवसावेइ परिवसावेत्ता दोच्चंपि णवएसु घडएसु गालावेइ गालावेत्ता णवएस घडएसु पक्खिवावेइ पविखवावेत्ता सज्जक्खारं पक्खिवावेइ 2 ता लंछियमुदिए कार. वेइ 2 ता सत्तरत्तं परिवसावेइ 2 ता तच्चपि णवएसु घडएसु जाव संवसा. वेइ / एवं खलु एएणं उवाएणं अंतरा गलावेमाणे अंतरा पक्खिवावेमाणे अंतरा य विपरिवसावेमाणे 2 सत्तसत्त य राइंदियाइं विपरिवसावेइ / तए णं से फरि. होदए सत्तमंसि सत्तयंसि परिणममाणंसि उदगरयणे जाए यावि होत्था अच्छे पत्थे जच्चे तणुए फलिहवण्णाभे वण्णेणं उववेए 4 आसायणिज्जे जाव सव्वि. दियगायपल्हायणिज्जे / तए णं सुबुद्धी अमच्चे जेणेव से उदगरयणे तेणेव उवा. गच्छइ 2 ता करयलंसि आसादेइ 2 त्ता तं उदगरयणं वणेणं उववेयं 4 आसाय. णिज्जे जाव सव्विदियगायपल्हायणिज्जं जाणित्ता हट्टतुळे बहूहि उदगसंभार. णिहि दवेहि संभारेइ 2 ता जियसत्तस्स रणो पाणियघरियं सद्दावेइ 2 Page #1202 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 12 1189 त्ता एवं वयासी-तुमं च णं देवाणुप्पिया ! इमं उदगरयणं गण्हाहि 2 ता जियसत्तुस्स रण्णो भोयणवेलाए उवणेज्जासि / तए णं से पाणियघरिए सुबुद्धियस्स एयमट्ठ पडिसुणेइ 2 ता तं उदगरयणं गिण्हाइ 2 ता जियसत्तुस्स रण्णो भोयणवेलाए उवटुवेइ / तए णं से जियसत्तू राया तं विपुलं असणं 4 आसाए. माणे जाव विहरइ जिमियभत्तत्तरायया वि य गं जाव परमसुइभए तंसि उदग. रयणे जायविम्हए ते बहवे राईसर जाव एवं वयासी-अहो णं देवाणुप्पिया ! इमे उदगरयणे अच्छे जाव सविदियगायपल्हायणिज्जे। तए णं ते बहवे राईसर जाव एवं वयासी-तहेव णं सामी ! जण्णं तुम्भे वयह जाव एवं चेव पल्हाय. णिज्जे / तए णं जियसत्त राया पाणियपरियं सहावेइ 2 ता एवं वयासी-एस गं तुब्भे देवाणुप्पिया ! उदगरयणे कओ आसाइए ? तए णं से पाणिय. घरिए जियसत्तुं एवं वयासी-एस गं सामी ! मए उदगरयणे सुबुद्धिस्स अंति. याओ आसाइए / तए णं जियसत्तू राया सुबुद्धि अमच्चं सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-अहो णं सुबुद्धी ! केणं कारणेणं अहं तव अणिठे 5 जेणं तुम मम कल्लाकल्लि भोयणवेलाए इमं उदगरयणं ण उवट्ठवेसि ? तं एस (तए) णं तुमे देवाणु प्पिया ! उदगरयणे कओ उवलद्धे ? तए णं सुबुद्धी जियसत्तुं एवं वयासी-एस णं सामी ! से फरिहोदए / तए णं से जियसत्तू सुबुद्धि एवं वयासी-केणं कारणेणं सुबुद्धी ! एस से फरिहोदए ? तए णं सुबुद्धी जियसत्तं एवं वयासी-एवं खल सामी ! तुम्हे तया मम एवमाइक्खमाणस्स 4 एयमलृ णो सद्दहह तए णं मम इमेयारूवे अज्झथिए०-अहो गं जियसत्तू संते जाव भावे गो सद्दहइ णो पत्तियई णो रोएइ। तं सेयं खलु मम जियसत्तुस्स रणो संताणं जाव सम्भयाणं जिणपण्णत्ताणं भावाणं अभिगमण?याए एयमढें उवाइणावेत्तए / एवं संपेहेमि 2 ता तं चेव जाव पाणियघरियं सद्दावेमि 2 ता एवं वदामि-तुमं गं देवाणुप्पिया ! उदगरयणं जियसत्तुस्स रणो भोयणवेलाए उवणेहि / तं एएणं कारणेणं सामी ! एस से फरिहोदए / तए णं जियसत्तू राया सुबुद्धिस्स (अमच्चस्स) एवमाइक्खमाणस्स 4 एयमलैं णो सद्दहइ 3 असदहमाणे अपत्तियमाणे अरोयमाणे अभितरट्ठाणिज्जे पुरिसे सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-गच्छह णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! अंतरावणाओ णव घडए पडए य गेण्हह जाव उदगसंहारणिहिं दवेहि संभारेह। Page #1203 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंग-पविट्ठ सुत्ताणि तेवि तहेव संमारेंति 2 ता जियसत्तुस्स उवणेति / तए णं से जियसत्तू राया तं उदगरयणं करयलंसि आसाएइ आसायणिज्जं जाव सविदियगायपल्हाय. गिज्ज जाणित्ता सुबद्धि अमच्चं सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-सुबद्धी ! एए गं तुमे संता तच्चा जाव सम्भूया भावा कओ उवलद्धा ? तए णं सुबुद्धी जियसत्तुं एवं वयासी-एए णं सामी ! मए संता जाव भावा जिणवयणाओ उवलद्धा / तए णं जियसत्तू सुबुद्धि एवं वयासी-तं इच्छामि गं देवाणुप्पिया! तव अंतिए जिणवयणं णिसामित्तए / तए गं सुबुद्धी जियसत्तुस्स विचित्तं केवलिपण्णत्तं चाउज्जामं धम्म परिकहेइ तमाइक्ख इ जहा जीवा बझंति जाव पंचाणध्वयाई / तए गं जियसत्तू सुबुद्धिस्स अंतिए धम्म सोच्चा णिसम्म हट्ठ० सुद्धि अमच्च एवं वयासी-सहहामिण देवाणुप्पिया ! णिग्गंथं पावयणं 3 जाव से जहेयं तुब्भे वयह / तं इच्छामि गं तव अंतिए पंचाणुव्वइयं सत्तसिक्खावइयं जाव उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए / अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंध करेह / तए णं से जियसत्तू सुबुद्धिस्स अंतिए पंचाणुव्वइयं जाव दुवालसविहं सावयधम्म पडिवज्जइ / तए णं जियसत्तू समणोवासए जाए अभिगयजीवा. जीवे जाव पडिलाभेमाणे विहरइ / तेणं कालेणं तेणं समएणं थेरागमणं / जियसत्त राया सुबद्धी य णिग्गच्छइ / सुबुद्धी धम्म सोच्चा जं णवरं जियसत्तुं आपुच्छामि जाव पव्वयामि / अहासुहं देवाणुप्पिया ! तए णं सुबुद्धी जेणेव जियसत्त तेणेव उवागच्छइ 2 ता एवं वयासी-एवं खलु सामी ! मए थेराणं अंतिए धम्मे णिसंते / से वि य धम्मे इच्छिय पडिच्छिए 3 / तए णं अहं सामी ! संसारभउदिवग्गे भीए जाव इच्छामि गं तुहि अन्म. गुण्णाए स० जाव पव्वइत्तए / तए णं जियसत्तू सुबुद्धि एवं वयासी-अच्छसु ताव देवाणुप्पिया ! कइवयाई वासाई उरालाई जाव भुंजमाणा तओ पच्छा एगयओ थेराणं अंतिए मुंडे भवित्ता जाव पव्वइस्सामो / तए णं सुबद्धी जिय. सत्तस्स रण्णो एयमलैं पडिसुणेइ / तए णं तस्स जियसत्तस्स रण्णो सुबुद्धिणा सद्धि विपुलाई माणुस्सगाई जाव पच्चणुब्भवमाणस्स दुवालस वासाई वीइ. वकताई। तेणं कालेणं तेणं समएणं थेरागमणं / तए णं जियसत्त धम्म सोच्चा एवं जं गवरं देवाणप्पिया ! सुद्धि आमंतेमि नेट्रपत्तं रज्जे ठवेमि तए णं तुम्मं जाव पव्वयामि / अहासुहं देवाणुप्पिया ! तए णं जियसत्तू Page #1204 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 13 1191 राया जेणेव सए गिहे तेणेव उवागच्छइ 2 ता सुबुद्धि सद्दावेइ 2 ता एवं घयासी-एवं खलं मए थेराणं जाव पव्वज्जामि, तुमं गं कि करेसि ? तए गं सुबुद्धी जियसत्तुं एवं वयासी-जाव के अण्णे आहारे वा जाव पव्वयामि तं जइ णं देवाणुप्पिया | जाव पव्वयह / गच्छह णं देवाणप्पिया ! जेट्टपुत्तं च कुटुंबे ठावेहि 2 ता सीयं दुरुहिताणं ममं अंतिए सीया जाव पाउन्भवइ / तए णं सु० जाव पाउन्भवइ तए णं जियसत्तू कोडुबिय. पुरिसे सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-गच्छह णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! अदीणसत्तू. स्स कुमारस्स रायाभिसेयं उवटवेह जाव अभिसिंचंति जाव पव्वइए / तए णं जियसत्तू एक्कारस अंगाई अहिज्जइ बहूणि वासाणि परियाओ पाउणित्ता मासियाए संलेहणाए जाव सिद्ध / तए णं सुबुद्धी एक्कारस अंगाई अहिज्जित्ता बहणि वासाणि जाव सिद्धे / एवं खल जंब ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं बारसमस्स णायज्झयणस्स अयमठे पण्णत्ते त्ति बेमि // 66 // गाहा-मिच्छत्तमोहियमणा पावपसत्तावि पाणिणो विगुणा / फरिहोदगं व गणिणो हवंति वरगुरुपसायाओ // 1 // ॥बारसमं अज्झयणं समत्तं / / मंडक्के णामं तेरसमं अज्झयणं जइ णं भंते ! समणेणं जाव संपत्तेणं बारसमस्स णा० अयमठे पण्णत्ते तेरसमस्स णं भंते ! णाय० के अट्ठ पग्णत्ते ? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे णयरे * गुणसिलए चेइए समोसरणं / परिसा णिग्गया। तेणं कालेणं तेणं समएणं सोहम्मे कप्पे दरवडिसए विमाणे समाए सुहम्माए ददुरंसि सीहासणंसि ददुरे देवे चहि सामाणियसाहस्सीहि चहि अग्गमहिसीहि सपरिसाहिं एवं जहा सुरियाभो जाव दिव्वाई भोगभोगाई भुंजमाणो विहरइ इमं च णं केवलकप्पं जंबुद्दीवं दीवं विउलेणं ओहिणा आभोएमाणे 2 जाव णट्टविहिं उवदंसित्ता पडिगए जहा सूरियाभे / भंते ! ति भगवं गोयमे समणं 3 वंदइ णमंसइ वं० 2 ता एवं वयासी-अहो णं भंते ! ददुरे देवे महि. ड्डिए 6 / ददुरस्स गं भंते ! देवस्स सा दिव्वा देविड्ढी 3 कहिं गया? कहि अणपविट्ठा ? गोयमा ! सरीरं गया सरीरं अणुपविट्ठा कूडागारदिळंतो / Page #1205 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1192 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि ददुरेणं भंते ! देवेणं सा दिव्वा देविड्ढी 3 किण्णा लद्धा जाव अभिसमण्णा. गया ? एवं खलु गोयमा ! इहेव जंबुद्दीवे 2 भारहे वासे रायगिहे गणसिलए चेइए सेणिए राया। तत्थ णं रायगिहे गंदे णाम मणियारसेट्ठी परिवसाइ अड्ढे दित्ते / तेणं कालेणं तेणं समएणं अहं गोयमा ! समोसढे परिसा णिग्गया सेणिए वि राया णिग्गए / तए णं से गंदे मणियारसेट्ठी इमीसे कहाए लद्धठे समाणे हाए पायचारेणं जाव पज्जवासइ / गंदे धम्मं सोचना समणोवासए जाए / तए णं अहं रायगिहाओ पडिणिक्खते बहिया जणवयविहारं विहरामि। तए णं से गंदे मणियारसेट्ठी अण्णया कयाइ असाहुदंसणेण य अपज्जवासणाए य अणणुसासणाए य असुस्सूसणाए य सम्मत्तपज्जवेहि परिहायमाणेहि 2 मिच्छत्त. पज्जवेहि परिवड्डमाहि 2 मिच्छत्तं विष्पडिवण्णे जाए यावि होत्था / तए णं गंदे मणियारसेट्ठी अण्णया [कयाइ] गिम्हकालसमयंसि जेट्ठामूलंसि मासंसि अट्ठममत्तं परिगेण्हइ 2 ता पोसहसालाए जाव विहरइ / तए णं णंदस्स अट्ठम भत्तसि परिणममाणंसि तहाए छुहाए य. अभिभूयस्स समाणस्स इमेयारूवे अज्झस्थिए०-धण्णा णं ते जाव ईसरपभियओ ,जेसि णं रायगिहस्स बहिया बहूओ वावीओ पोक्खरणीओ जाव सरसरपंतियाओ जत्थ णं बहुजणो हाइ य पियइ य पाणियं च संवहइ / तं सेयं खलु ममं कल्लं (पाउ०) सेणियं रायं आपुच्छित्ता रायगिहस्स बहिया उत्तरपुरस्थिमे दिसीभाए वेब्भारपव्वयस्स अदूरसामंते वत्थुपाढगरोइयंसि भूमिभागंसि (जाव) गंदं पोक्खरिणि खणावेत्तएत्तिकट्ट एवं संपेहेइ 2 ता कल्लं पाउभाए जाव पोसहं पारेइ 2 ता हाए कयबलिकम्मे मित्तणाइ जाव संपरिवुडे महत्थं जाव पाहुडं रायारिहं गेण्हह 2 त्ता जेणेव सेणिए राया तेणेव उवागच्छइ जाव पाहुडं उवटुवेइ 2 ता एवं वयासी-इच्छामि गं सामी ! तुहिं अब्भणण्णाए समाणे रायगिहस्स बहिया जाव खणावेत्तए / अहासुहं देवाणुप्पिया ! तए णं से गंदे सेणिएणं रण्णा अब्भणुण्णाए समाणे हद्वतुठे रायगिह [णगरं] मज्झंमज्झेणं णिग्गच्छइ 2 ता वत्थुपाढयरोइयंसि भूमिभागंसि गंदं पोक्खरणि खणाविउं पयत्ते याधि होत्था। तए णं सा गंदा पोक्खरणी अणुपुव्वेणं खणमाणा 2 पोक्खरणी जाया यावि होत्था चाउकोणा समतीरा अणुपुव्वसुजायवप्पसीयलजला संछण्णपत्तविस. मुणाला बहुउप्पलपउमकुमुदणलिणिसुभगसोगंधियपुंडरीयमहापुंडरीयसयपत्त. Page #1206 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 13 1193 सहस्सपत्तपफुल्लकेसरोववेया परिहत्थ-भमंत मत्तछप्पय-अणेगसउणगण-मिहुण. वियरियसददुण्णइयमहुरसरणाइया पासाईया 4 / तए णं से गंदे मणियारसेट्ठी गंदाए पोक्खरिणीए चउदिसि चत्तारि वणसंडे रोवावेइ / तए णं ते वणसंडा अणपुध्वेणं सारक्खिज्जमाणा संगोविज्जमाणा य संवड्रियमाणा य से वणसंडा जाया किण्हा जाव णिकुरंबभूया पत्तिया पुफिया जाव उवसोभेमाणा 2 चिठ्ठति / तए णं गंदे पुरथिमिल्ले वणसंडे एगं महं चित्तसभं करावेइ [2]] अणेगखं भसयसंणिविठं पासाइयं 4 / तत्थ गं बहूणि किण्हाणि य जाव सुक्किलाणि य कटकम्माणि य पोत्थकम्माणि य चित्त० लिप्प० गथिमवेढिम. पूरिमसंघाइम० उवदंसिज्जमाणाई 2 चिट्ठति / तत्थ गं बहूणि आसणाणि य सयणागि य अत्ययपच्चत्थयाई चिठ्ठति / तत्थ णं बहवे गडा य गट्टा य जाव दिण्ण भइभत्तवेयणा तालायरकम्मं करेमागा विहरति / राय. गिहविणिग्गओ य तत्थ बहजणो तेसु पुवण्णत्थेसु आसणसयणेसु संणि. सण्णो य संतुयट्टो य सुणमाणो य साहेमाणो य सासोमाणी य सुहंसुहेणं विह. रइ / तए गं गंदे दाहिणिल्ले वणसंडे एगं महं महाणससालं करावेइ अणेय. खंभ जाव पडिरूवं / तत्थ णं बहवे पुरिसा दिग्णभइ भतवेयणा विउलं असणं 4 उवक्खडेंति बहूणं समणमाहणअतिहीकिवणवणीमगाणं परिभाएमाणा 2 विहरंति। तए णं गंदे मणियारसेट्ठी पच्चस्थिमिल्ले वणसंडे एगं महं तेगिच्छियसालं करावेइ अणेगखंभसय जाव पडिरूवं / तत्थ णं बहवे वेज्जा य वेज्जपुत्ता य जाणुया य जाणयपुत्ता य कुसला य कुसलपुत्ता य दिग्णभइभत्तवेयणा बहणं वाहियाणं य गिलाणाण य रोगियाण य दुब्बलाण य तेइच्छकम्मं करेमाणा विहरति / अण्णे य एत्थ बहवे पुरिसा दिग्ण मइ० तेसि बहूणं वाहियाण य रोगि० गिला. दुब्बलाण य ओसहभेसज्ज भत्तपाणेणं पडियारकम्मं करेमाणा विहरंति / तए गं गंदे उत्तरिल्ले वणसंडे एगं महं अलंकारियसभं करेइ अणेग. खंभसय जाव पडिरूवं / तत्थ णं बहवे अलंकारियपुरिसामणुस्सा दिण्णभइ भत्त. वेयणा बहूणं समणाण य अणाहाण य गिलाणाण य रोगियाण य दुब्बलाण य अलंकारियकम्मं करेमाणा 2 विहरंति / तए गं तीए गंदाए पोक्खरिणीए बहवे सणाहा य अणाहा य पंथिया य पहिया य करोडिया य (कारिया य) तण. हारा पत्तहारा कट्टहारा अप्पेगइया हायंति अप्पेगइया पाणियं पियंति अप्पे. Page #1207 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1194 अंग-पविट्ट सुत्ताणि गइया पाणियं संवहति अप्पेगइया विसज्जियसेयजल्लमलपरिस्समणिद्दखुप्पि. वासा सुहंसुहेणं विहरति / रायगिहविणिग्गओ वि जत्थ बहुजणो कि ते जलरमण-विविहमज्जण-कलिलयाघरय-कुसुमसत्थरय-अणेगस उणगण हयरि. भियसंकुलेसु सुहंसुहेणं अभिरममाणो 2 विहरइ / तए णं णंदाए पोक्खरिणीए बहुजणो ण्हायमाणो य पीयमाणो य पाणियं च संवहमाणो य अण्णमण्णं एवं वयासी-धण्णे णं देवाणु प्पिया! गंदे मणियारसेट्ठी कयत्थे जाव जम्मजीवियफले जस्स णं इमेयारूवा गंदा पोक्खरिणी चाउकोणा जाव पडिरूवा जस्स णं पुरथिमिल्ले तं चेव सव्वं चउसु वि वणसंडेसु जाव रायगिहविणिग्गओ जत्थ बहजणो आसणेसु य सयणेसु य सणिसण्णो य संतुयट्टो य पेच्छमाणो य साहे. माणो य सुहंसुहेणं विहरइ / तं धणे कयत्थे कयलक्खणे] कयपुण्णे० कया णं लोया ! सुलद्धे माणस्सए जम्मजीवियफले गंदस्स मणियारस्स / तए गं राय. गिहे सिंघाडग जाव बहुजणो अण्णमण्णस्स एवमाइक्खइ ४-धण्णे णं देवा. गुप्पिया ! गंदे मणियारे सो चेव गमओ जाव सुहंसुहेणं विहरइ / तए णं से गंदे मणियारे बहुजणस्स अंतिए एयमझें सोच्चा णिसम्म हद्वतुठे धाराहयकलं. बगं पिव समूससियरोमकूवे परं सायासोक्खमणुभवमाणे विहरइ // 10 // तए णं तस्स गंदस्स मणियारसेद्विस्स अण्णया कयाइ सरीरगंसि सोलस. रोयायंका पाउन्भूया तंजहा-सासे कासे जरे दाहे कुच्छिसूले भगंदरे / अरिसा अजीरए दिद्विमुद्धसूले अगारए॥१॥अच्छिवेयणा कण्णवेयणा कंडू दउदरे कोढे // तए णं से गंदे मणियारसेट्ठी सोलसहि रोयायंकेहि अभिभूए समाणे कोडंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 ता एवं क्यासी-गच्छह गं तुब्भे देवाणप्पिया! रायगिहे णयरे सिंघाडग जाव पहेसु महया 2 सद्देणं उग्घोसेमाणा 2 एवं वयह-एवं खलु देवाणुप्पिया ! गंदस्स मणियार (सेटि) स्स सरीरगंसि सोलस रोयायंका पाउब्भया तंजहा-सासे जाव कोढे / तं जो णं इच्छइ देवाणप्पिया! बेज्जो वा वेज्जपुत्तो वा जाणुओ वा 2 कुसलो वा 2 णंदस्स मणियारस्स तेसि च णं सोलसण्हं रोयायंकाणं एगमवि रोयायंकं उवसामेत्तए तस्स गं दे० ! गंदे मणियारे विउलं अत्थसंपयाणं दलयइ-त्तिकटु दोच्चंपि तच्चंपि घोसणं घोसेह 2 ता एयमाणत्तियं पच्चप्पिणह तेवि तहेवं पच्चप्पिणंति / तए णं रायगिहे इमेयारूवं घोसणं सोच्चा णिसम्म बहवे वेज्जा य वेज्जपुत्ता य Page #1208 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 13 1195 जाव कुसलपुत्ता य सस्थकोसहत्थगया य कोसगपायहत्थगया य सिलियाहत्थ. गया य गुलियाहत्यगया य ओसहभेसज्जहत्थगया य सहिं 2 गिहेहितो णिक्खमंति 2 ता रायगिहं मज्झमझेणं जेणेव गंदस्स मणियारसेट्ठिस्स गिहे तेणेव उवागच्छति 2 ता गंदस्स मणियारस्स सरीरं पासंति 2 तेसि रोयायंकाणं णियाणं पुच्छंति 2 ता णंदस्स मणियारस्स बहूहि उव्वल गेहि य उव्वट्टणेहि सिणेहपाणेहि य वमणेहि य विरेयणेहि य सेयणेहि य अवदहणेहि य अवण्हाणेहि य अणुवासणेहि य वस्थिकम्मेहि य णिरूहेहि य सिरावेहेहि य तच्छणाहि य पच्छणाहि य सिरावेढेहि य तप्पणाहि य पुढवाएहि य छल्लीहि य वल्लीहि य मूलेहि य कंदेहि य पत्तेहि य पुप्फेहि य फलेहि य बीएहि य सिलियाहि य गुलियाहि य ओसहेहि य भेसज्जेहि य इच्छंति तेसि सोलसण्हं रोयायंकाणं एगमवि रोयायंक उवसामित्तए णो चेव णं संचाएंति उवसामेत्तए / तए णं ते बहवे वेज्जा य 6 जाहे णो संचाएंति तेसि सोलसण्हं रोयायंकाणं एगमवि रोयायंकं उवसामित्तए ताहे संता तंता जाव पडिगया। तए णं णंदे तेहि सोलसेहिं रोयायंकेहिं अभिभए समाणे गंदाए पोक्खरिणीए मच्छिए 4 तिरिक्खजोणिएहिं णिबद्वाउए बद्धपए सिए अट्टहद. वसट्टे कालमासे कालं किच्चा णंदाए पोक्खरिणीए दद्दुरीए कुच्छिसि ददुर. ताए उववणे / तए गं गंदे ददुरे गम्भाओ विणिम्मक्के समाणे उम्म. क्कबालभावे विण्णायपरिणयमित्ते जोव्वणगमणुप्पत्ते गंदाए पोक्खरिणीए अभिरममाणे 2 विहरइ / 'तए णं णंदाए पोक्खरिणीए बहुजणे हायमाणो य पियमाणो य पाणियं च संवहमाणो य अण्णमण्णस्स एवमाइक्खइ ४-धण्णे णं देवाणुप्पिया ! गंदे मणियारे जस्स गं इमेयारूवा गंदा पुक्खरिणी चाउ. कोणा जाव पडिरूवा जस्स णं पुरथिमिल्ले वणसंडे चित्तसभा अणेगखंभ० तहेव चत्तारि सहाओ जाव जम्मजीवियफले / तए णं तस्स ददुरस्स तं अभिक्खणं 2 बहुजणस्स अंतिए एयमझें सोच्चा णिसम्म इमेयारूवे अज्झ. थिए० समुप्पज्जित्था-से कहिं मण्णे मए इमेयारूवे सद्दे णिसंतपुब्वे--त्तिकटु सुभेणं परिणामेणं जाव जाईसरणे समुप्पण्णे पुत्ववजाइं सम्म समागच्छइ / तए णं तस्स दद्दुरस्स इमेयारूवे अज्झस्थिए०-एवं खलु अहं इहेव रायगिहे णयरे गंदे णाम मणियारे अड्ढे / तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे इह समोसढे / तए णं समणस्स 3 अंतिए पंचाणुव्वइए सत्तसिक्खावइए Page #1209 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1196 अंग-पविटु सुत्ताणि जाव पडिवणे / तए णं अहं अण्णया कयाइ असाहुदंसणेण य जाव मिच्छत्तं विप्पडिवण्णे तए णं अहं अण्णया कयाई गिम्हे कालसमयंसि जाव उवसंपज्जि. ताणं विहरामि-एवं जहेव चिता आपुच्छणा गंदापुक्खरिणी वणसंडा सहाओ तं चेव सव्वं जाव गंदाए पोक्ख० दद्दुरत्ताए उदवण्णे / तं अहो णं अहं अहणे अपुण्णे अकयपुण्णे णिग्गंथाओ पावयणाओ णठे भट्ठे परिभट्ठे / तं सेयं खल मम सयमेव पुवपडिवण्णाई पंचाणध्वयाइं० उवसंपज्जित्ताणं विह. रित्तए / एवं संपेहेइ 2 ता पुवपडिवण्णाई पंचाणुव्वयाई जाव आरुहेइ 2 त्ता इमेयारूवं अभिग्गहं अभिगिण्हइ-कप्पइ मे जावजीवं छठंछठेणं अणिविख तेणं अप्पाषं भावेमाणस्स विहरित्तए। छट्ठस्स वि य णं पारणगंसि कप्पइ मे गंदाए पोक्खरिणीए परिपेरतेसु फासुएणं हाणोदएणं उम्महणोलोलियाहि य वित्ति कप्पेमाणस्स विहरित्तए / इमेयारूवं अभिग्गहं अमिगेण्हइ जावज्जीवाए छछठेणं जाव विहरइ / तेणं कालेणं तेणं समएणं अहं गोयमा ! गणसिलए चेइए समोसढे परिसा णिग्गया। तए णं णंदाए पुक्खरिणीए बहुजणो हाय० 3 अण्णमण्णं * जाव समणे 3 इहेव गणसिलए चेएइ समोसढे / तं गच्छामो गं देवाणु प्पिया ! समणं 3 वंदामो जाव पज्जुवासामो। एयं मे इहभवे परभवे य हियाए जाव आणगामियत्ताए भविस्सइ / तए णं तस्स ददुरस्स बहुजणस्स अंतिए एयमह्र सोच्चा णिसम्म अयमेयारूवे अज्झथिए. समुप्प. ज्जित्था-एवं खल समणे 3 0 समोसढे / तं गच्छामि गं वदामि / एवं संपेहेइ 2 त्ता गंदाओ पुक्खरिणीओ सणियं 2 उत्तरेइ 2 ता जेणेव रायमग्गे तेणेव उवागच्छइ 2 ता ताए उक्किट्ठाए 5 ददुरगईए वीईवयमाणे जेणेव ममं अंतिए तेणेव पहारेत्थ गमणाए / इमं च णं सेणिए राया भंभसारे हाए कयकोउय जाव सव्वालंकारविभूसिए हथिखंधवरगए सकोरंटमल्लदामेणं छत्तेणं धरिज्जमाणेणं सेयवरचामरा० हयगयरह० महया भडचडगर० चाउ. रंगिणीए सेणाए सद्धि संपरिबुडे मम पायवंदए हव्वमागच्छइ / तए णं से दद्दुरे सेणियस्स रष्णो एगेणं आसकिसोरएणं वामपाएणं अक्कते समाणे अंत. णिग्याइए कए यावि होत्था। तए णं से दद्दुरे अत्थामे अबले अवीरिए अपुरिसकारपरक्कमे अधारणिज्जमि-तिकटु एगंतमवक्कमइ * करयल जाव एवं वयासी-णमोत्थुणं अरहंताणं (भगवंताणं) जाव संपत्ताणं / णमोत्थुणं सम Page #1210 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ.१४ 1197 णस्स 3 मम धम्मायरियस्स जाव संपाविउकामस्स / विपि य णं मए सम. णस्स 3 अंतिए थूलए पाणाइवाए पच्चक्खाए जाव थूलए परिग्गहे पच्चक्खाए। तं इयाणिपि तस्सेव अंतिए सव्वं पाणाइवायं पच्चक्खामि जाव सव्वं परिग्गहं पच्चवखामि जावज्जीवं सव्वं असणं 4 पच्चक्खामि जावज्जीवं जंपि य इमं सरीरं इठं कंतं जाव मा फुसंतु एयंपि गं चरिमेहि ऊसासेहि वोसिरामित्तिकटु / तए णं से दद्दुरे कालमासे कालं किच्चा जाव सोहम्मे कप्पे दद्दुर. वडिसए विमाणे उववायसभाए ददुरदेवत्ताए उववणे / एवं खलु गोयमा ! दद्दुरेणं सा दिव्वा देविड्ढी लद्धा 3 / ददुरस्स गं भंते ! देवस्स केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! चत्तारि पलिओवमाइंठिई पण्णता / से गं ददुरे देवे० महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ बज्झिहिइ जाव अंतं करेहिइ / एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं तेरसमस्स णायज्झयणस्स अयमठे पण्णत्ते त्ति बेमि // 101 // गाहाउ-संपण्णगुणो वि जओ सुसाहुसंसग्गिवज्जिओ पायं। पावइ गुणपरिहाणि ददुरजीवोन्व मणियारो // 1 // तित्थयरपंदणत्थं चलिओ भावेण पावए सग्गं / जह वद्दुर. देवेणं पत्तं वेमाणियसुरत्तं // 2 // तेरसमं अज्झयणं समत्तं // तेयली णामं चोदसमं अज्झयणं जइ णं भंते ! समणेणं जाव संपत्तणं तेरसमस्स णायज्झयणस्स अयमठे पण्णत्ते चोद्दसमस्स * के अट्ठे पण्णत्ते ? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं तेयलिपुरं णामं जयरं / पमयवणे उज्जाणे / कणगरहे राया। तस्स णं कणगरहस्स पउमावई देवी। तस्सं णं कणगरहस्स रणो तेयलिपुत्ते णामं अमच्चे सामदंड० तत्थ गं तेयलिपुरे कलादे णामं मूसियारदारए होत्था अड्ढे जाव अपरिभूए / तस्स णं भद्दा णाम भारिया। तस्स गं कलायस्स मूसियारदारयस्स धूया भद्दाए अत्तया पोट्टिला णामं दारिया होत्था रूवेण य जोवणेण य लावणेण य उक्किट्ठा उक्किट्ठसरीरा। तए णं सा पोट्टिला दारिया अण्णया कयाइ हाया सव्वालंकारविभूसिया चेडियाचक्कवालसंपरिवुडा उप्पि पासायवरगया आगासतलगंसि कणगमएणं तिदूसएणं कीलमाणी 2 विहरइ / इमं च णं तेयलिपुत्ते अमच्चे हाए आसखंधवरगए महया भडचडगरआसवाहणियाए णिज्जाय. Page #1211 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1198 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि माणे कलायस्स मसियारदारगस्स गिहस्स अदूरसामंतेणं वीईवयइ / तए णं से तेयलिपुत्ते अमच्चे मूसियारदारगगिहस्स अदूरसामंतेणं वोईवयमाणे 2 पोट्टिलं दारियं उप्पि पासायवरगयं आगासातलगंसि कणतिदूसएणं कीलमाणीं पासइ 2 ता पोट्टिलाए दारियाए रूवे य 3 जाव अज्झोववण्णे कोडुबियपुरिसे सहावेइ 2 ता एवं वयासी-एस णं देवाण प्पिया ! कस्स दारिया किंणामधेज्जा वा ? तए णं कोडंबियपुरिसे तेयलिपुत्तं एवं वयासी-एस णं सामी.! कलायस्स मसियारदारयस्स धूया भद्दाए अत्तया पोट्टिला णामं दारिया रूवेण य जाव सरीरा / तए णं से तेयलिपुत्ते आसवाहणियाओ पडिणियत्ते समाणे अभितर. ठाणिज्जे पुरिसे सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-गच्छह गं तुब्भे देवाणुप्पिया ! कलायस्स 2 धूयं भद्दाए अत्तयं पोट्टिलं दारियं मम भारियत्ताए वरेह / तए गं ते अभितरठाणिज्जा पुरिसा तेयलिणा एवं वृत्ता समाणा हट० करयल० तहत्ति जेणेव कलायस्स 2 गिहे तेणेव उवागया / तए णं से कलाए मूसियार. दारए पुरिसे एज्जमाणे पासइ 2 ता हट्टतुठे आसणाओ अब्भुठेइ 2 ता सत्तटुपयाइं अणुगच्छइ 2 ता आसणेणं उवणिमंतेइ २त्ता आसत्थे वीसत्ये सुहासणवरगए एवं वयासी-संदिसंतु णं देवाणुप्पिया! किमागमणपओयणं ? तए गं ते अभितरठाणिज्जा पुरिसा कलायं 2 एवं वयासी-अम्हे णं देवाण. प्पिया ! तव धूयं भद्दाए अत्तयं पोट्टिलं दारियं तेयलिपुत्तस्स भारियताए वरेमो, तं जइ णं जाणसि देवाणुप्पिया ! जुत्तं वा पतं वा सलाहणिज्ज वा सरिसो वा संजोगो ता दिज्जउ गं पोट्टिला दारिया तेयलिपुत्तस्स, ता मण देवाणुप्पिया ! कि दलामो सुक्कं ? तए णं कलाए 2 ते अभितरठाणिज्जे परिसे एवं वयासी-एस चेव गं देवाणप्पिया ! मम सुक्के जणं तेलिपुत्ते मम दारियाणिमित्तेणं अणुग्गहं करेइ / ते ठाणिज्जे पुरिसे विपुलेणं असणेणं 4 पुष्फवत्थ जाव मल्लालंकारेणं सक्कारेइ सम्माणे इ० पडिविसज्जेइ / तए णं कलायस्स मसियारदारगस्त गिहाओ पडिणियत्तंति 2 ता जेणेव तेयलि. पुत्ते अमच्चे तेणेव उवागच्छंति 2 ता तेयलिपुत्तं एयमढें णिवेयंति / तए णं कलाए 2 अण्णया कयाई सोहणंसि तिहि करण] णक्खत्तमहत्तंसि पोट्टिलं दारियं हायं सव्वालंकारविभूसियं सीयं दुरूहइ दुरूहित्ता मित्तणाइसंपरि. वुडे साओ गिहाओ पडिणिक्खमइ 2 ता सविड्ढीए 4 तेयलिपुरं गयरं Page #1212 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 14 1199 मज्झमज्झेणं जेणेव तेयलिस्स गिहे तेणेव उवागच्छइ० पोट्टिलं दारियं तेयलि. पुत्तस्स सयमेव भारियत्ताए दलयइ / तए णं तेयलिपुत्ते पोटिलं दारियं भारिय. ताए उवणीयं पासइ 2 ता पोट्टिलाए सद्धि पट्टयं दुरूहइ 2 त्ता सेयापीएहि कलसेहि अप्पाणं मज्जावेइ 2 ता अग्गिहोम करेइ 2 ता पोटिलाए भारियाए मित्तणाइ जाव परिजणं विउलेणं असणपाणखाइमसाइमेणं पुष्फ [वत्थ] जाव पडिविसज्जेइ / तए णं से तेयलिपुत्ते पोट्टिलाए भारियाए अणुरत्ते अविरत्ते उरालाई जाव विहरइ // 102 // तए णं से कणगरहे राया रज्जे य रठे य बले य वाहणे य कोसे य कोट्ठागारे य अंतेउरे य मुच्छिए 4 जाए 2 पुत्ते वियंगेइ / अप्पेगइयाणं हत्थंगुलियाओ छिदइ अप्पेगइयाणं हत्थंगुट्ठए छिदइ / एवं पायंगलियाओ पायंगट्टए वि कण्णसक्कुलीए वि णासापुडाई फालेइ अंगमंगाई वियं गेइ / तए णं तीसे पउमावईए देवीए अण्णया [कयाइ] पुवरत्तावरत्तकालसमयंसि अयमेयारूवे अज्झथिए 4 समुप्पज्जित्था-एवं खलु कणगरहे राया रज्जे य जाव पुत्ते वियंगेइ जाव अंगमंगाई वियंगेइ / तं जइ गं अहं दारयं पयायामि सेयं खल मम तं दारगं कणगरहस्स रहस्सि [य] यं चेव सारक्खमाणीए संगोवेमाणीए विहरित्तए-तिकटु एवं संपेहेइ 2 ता तेयलि. पुत्तं अमच्चं सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया! कणगरहे राया रज्जे य जाव वियंगेइ / तं जइ णं अहं देवाणुप्पिया ! दारगं पयायामि तए णं तुम कणगरहस्स रहस्सिययं चेव अणुपुव्वेणं सारक्खमाणे संगोवेमाणे संवड्ढेहि / तए णं से दारए उम्मुक्कबालभावे [जाव] जोवणगमणुप्पत्ते तव य मम य भिक्खाभायणे भविस्सइ / तए णं से तेयलिपुत्ते पउमावईए एयमलैं पडिसुणेइ 2 ता पडिगए / तए णं पउमावई य देवी पोट्टिला य अमच्ची सम. मेव गब्भं गेहंति सममेव परिवहति (सममेव गन्मं परिवड्ढंति) / तए णं सा पउमावई णवण्हं मासाणं जाव पियदसणं सुरूवं दारगं पयाया। जं रणि च णं पउमावई देवी दारयं पयाया तं रणि च णं पोट्रिला वि अमच्ची णवण्हं मासाणं विणिहायमावण्णं दारियं पयाया। तए णं सा पउमावई देवी अम्मधाई सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-गच्छह णं तुमे अम्मो ! तेयलि. पुत्तगिहे तेयलिपुत्तं रहस्सिययं चेव सद्दावेह / तए णं सा अम्मधाई तहत्ति पडिसुणे इ 2 ता अंतेउरस्स अवदारेणं णिग्गच्छइ 2 ता जेणेव तेयलिस्स Page #1213 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1200 अंग-पविट्ट सुत्ताणि गिहे जेणेव तेयलिपुसे तेणेव उवागच्छइ 2 ता करयल जाव एवं वयासी-एवं खल देवाणुप्पिया ! पउमावई देवी सद्दावेइ / तए णं तेयलिपुत्ते अम्मधाईए अंतिए एयम→ सोच्चा णिसम्म हट्टतुळे अम्मधाईए सद्धि साओ गिहाओ णिग्गच्छइ 2 ता अंतेउरस्स अवदारेणं रहस्सिययं चेव अणुप्पविसइ 2 ता जेणेव पउमावई देवी तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता करयल जाव एवं वयासी-संदि. संतु णं देवाणुप्पिया ! जं मए कायव्वं / तए णं पउमाबई देवी तेयलिपुत्तं एवं वयासी-एवं खलु कणगरहे राया जाव वियंगेइ / अहं च णं देवाणप्पिया! दारगं पयाया। तं तुमं णं देवाण प्पिया ! तं (एयं) दारगं गेहाहि जाव तव मम य भिक्खाभायणे भविस्सइ--त्तिकटु तेयलिपुत्तस्स हत्थे दलयइ / तए णं तेयलिपुत्ते पउमावईए हत्थाओ दारगं गेण्हइ उत्तरिज्जेणं पिहेइ 2 ता अंतेउरस्स रहस्सिययं अवदारेणं णिग्गच्छइ 2 ता जेणेव सए गिहे जेणेव पोट्टिला मारिया तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता पोट्टिलं एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! कणगरहे राया रज्जे य जाव वियंगेइ / अयं च णं दारए कणगरहस्स पुत्ते पउमावईए अत्तए। (तेणं) तण्णं तुम देवाणुप्पिए ! इमं दारगं कणगरहस्स रहस्सिययं चेव अणुपुवेणं सारक्खा हि य संगोवेहि य संवड्ढेहि य / तए णं एस दारए उम्मुक्कबालभावे तव य मम य पउमावईए य आहारे भविस्सइ-त्तिकटु पोट्टिलाए पासे णिक्खिवइ [2] पोट्टिलाओ पासाओ तं विणिहायमावणियं दारियं गेण्हइ 2 ता उत्तरिज्जेणं पिहेइ 2 ता अंतेउरस्स अवदारेणं अणुप्पविसइ 2 जेणेव पउमावई देवी तेणेव उवागच्छइ 2 ता पउमा. वईए देवीए पासे ठावेइ जाव पडिणिग्गए / तए णं तीसे पउमावईए अंग पडियारियाओ पउमावइं देवि विणिहायमावणियं (च) दारियं पयायं पासंति 2 ता जेणेव कणगरहे राया तेणेव उवागच्छंति 2 ता करयल जाव एवं वयासी-एवं खलु सामी ! पउमावई देवी मएल्लियं दारियं पयाया। तए गं कणगरहे राया तीसे मएल्लियाए दारियाए णीहरणं करेइ बह (णि) ई लोइयाई मयकिच्चाई करेइ 2 कालेणं विगयसोए जाए / तए णं से तेयलिपुत्ते कल्ले कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-खिप्पामेव चारगसोहणं जाव ठिइपडियं जम्हा णं अम्हं एस दारए कणगरहस्स रज्जे जाए तं होउ णं दारए णामेणं कणगज्झए जाव अलंभोगसमत्थे जाए // 103 // तए णं सा पोट्टिला Page #1214 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 14 1201 अण्णया कयाइ तेयलिपुत्तस्स अणिट्ठा 6 जाया यावि होत्था णेच्छइ (य)णं तेयलि. पुत्ते पोट्टिलाए णामगोत्तमवि सवणयाए किंपुण दं (दरि) सणं वा परिभोगं वा ? तए णं तीसे पोट्टिलाए अण्णया कयाइ पुवरत्तावरत्तकालसमयंसि इमेयारूवे अज्झथिए 4 जाव समुप्पज्जित्था-एवं खलु अहं तेयलिस्स पुटिव इट्ठा 5 आसि इयाणि अणिट्ठा 5 जाया। णेच्छइ णं तेयलिपुत्ते मम णामं जाव परिभोगं वा ओहयमणसंकप्पा जाव झियायइ / तए णं तेलिपुत्ते पोट्टिलं ओहयमणसंकप्पं जाव झियायमाणं पासइ 2 ता एवं क्यासी-मा गं तुम देवाणप्पिए ! ओहय. मणसंकप्पा जाव झियाहि, तुमं णं मम महाणसंसि विपुलं असणं 4 उवक्खडा. वेहि 2 ता बहणं समणमाहण जाव वणीमगाणं देयमाणी य दवावेमाणी य विहराहि / तए णं सा पोट्टिला तेयलिपुत्तेणं अमच्चेणं एवं वत्ता समाणा हटू० तेयलिपुत्तस्स एयमढं पडिसुणेइ २त्ता कल्लाकल्लि महाणससि विपुलं असणं 4 जाव दवावेमाणी विहरइ // 104 // तेणं कालेणं तेणं समएणं सुव्वयाओ णाम अज्जाओ ईरियासमियाओ जाव गुत्तबंभयारिणीओ बहुस्सुयाओ बहुपरिवाराओ पुवाणुपुटिव [चरमाणीओ] जेणामेव तेयलिपुरे णयरे तेणेव उवागच्छंति 2 ता अहापडिरूवं उग्गहं ओगिण्हंति 2 ता संजमेण तवसा अप्पाणं भावेमाणीओ विहरंति / तए णं तासि सुध्धयाणं अज्जाणं एगे संघाडए पढमाए पोरिसीए सज्झायं करेइ जाव अडमाणीओ तेयलिस्स गिहं अणुपविट्ठाओ। तए णं सा पोटिला ताओ अज्जाओ एज्जमाणीओ पासइ २त्ता हट्ट० आसणाओ अब्भठेइ० वंदइ णमंसइ वं० 2 ता विपुलं असणं 4 पडिलाभेइ 2 ता एवं वयासीएवं खलु अहं अज्जाओ ! तेयलिपुत्तस्स पुटिव इट्ठा 5 आसि इयाणि अणिट्ठा 5 जाव दंसणं वा परिभोगं वा, तं तुब्भे णं अज्जाओ सिक्खियाओ बहुणायाओ बहुपढियाओ बहूणि गामागर जाव आहिंडह बहूणं राईसर जाव गिहाई अणु. पविसह, तं अस्थियाई भे अज्जाओ ! केइ कहिचि चुण्णजोए वा मंतजोगे वा कम्मणजोए वा हियउड्डावणे वा काउड्डावणे वा आभिओगिए वा वसीकरणे वा कोउयकम्मे वा भूइकम्मे वा मूले [वा] कंदे [वा] छल्ली वल्ली सिलिया वा गुलिया वा ओसहे वा भेसज्जे वा उवलद्धपुव्वे जेणाहं तेयलिपुत्तस्स पुणरवि इदा 5 भवेज्जामि ? तए णं ताओ अज्जाओ पोट्टिलाए एवं वृत्ताओ समाणीओ दोवि कण्णे ठाइंति 2 ता पोट्टिलं एवं वयासी-अम्हे णं Page #1215 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1202 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि देवाणप्पिए ! समणीओ णिग्गंथीओ जाव गुत्तबंभचारिणीओ। णो खलु कप्पाइ अम्हं एयप्पयारं कण्णेहि वि णिसामेत्तए किमंग पुण उवदिसित्तए वा आयरित्तए वा ? अम्हे णं तव देवाणुप्पिया ! विचित्तं केवलिपण्णत्तं धम्म पडिकहिज्जामो / तए णं सा पोट्टिला ताओ अज्जाओ एवं वयासी-इच्छामि णं अज्जाओ ! तुम्ह अंतिए केवलिपण्णत्तं धम्मं णिसामित्तए / तए णं ताओ अज्जाओ पोट्टिलाए विचित्तं धम्म परिकहेंति / तए णं सा पोट्टिला धम्मं सोच्चा णिसम्म हट० एवं वयासी-सहहामि णं अज्जाओ ! णिग्गंथं पावयणं जाव से जहेयं तुम्मे क्यह, इच्छामि णं अहं तुब्भं अंतिए पंचाणुव्वइयं जाव धम्म पडि. वज्जित्तए / अहासुहं देवाणुप्पिया! तए णं सा पोट्टिला तासि अज्जाणं अंतिए पंचाणव्वइयं जाव धम्म पडिवंज्जइ ताओ अज्जाओ वंदइ णमंसइ वं० 2 ता पडिविसज्जेइ / तए णं सा पोट्टिला समणोवासिया जाया जाव पडिलाभमाणी विहरइ // 10 // तए णं तीसे पोटिलाए अण्णया कयाइ पुव्वरत्तावरत्तकाल. समयंसि कुडुंबजागरियं जागरमाणीए अयमेयारूवे अज्झथिए०-एवं खल अहं तेयलिपुत्तस्स पुटिव इट्ठा 5 आसि इंयाणि अणिट्ठा 5 जाव परिभोगं वा, तं सेयं खलु मम सुव्वयाणं अज्जाणं अंतिए पव्वइत्तए / एवं संपेहेइ 2 ता कल्लं पाउ० जेणेव तेयलिपुत्ते तेणेव उवागच्छइ 2 ता करयल जाव एवं वयासीएवं खलु देवाणुप्पिया ! मए सुब्बयाणं अज्जाणं अंतिए धम्मे णिसंते जाव अब्भणुण्णाया पव्वइत्तए / तए णं तेयलिपुत्ते पोट्टिलं एवं वयासी-एवं खलु तुमं देवाणुप्पिए ! मुंडा पव्वइया समाणी कालमासे कालं किच्चा अण्णयरेसु देवलोएसु देवत्ताए उववज्जिहिसि, तं जई गं तुम देवाणप्पिए ! ममं ताओ देवलोयाओ आगम्म केवलिपण्णत्ते धम्मे बोहिहि तो हं विसज्जेमि, अह णं तुमं ममं ण संबोहेसि तो ते ण विसज्जेमि / तए णं सा पोटिला तेयलिपुत्तस्स एयमझें पडिसुणेइ / तए णं तेयलिपुत्ते विउलं असणं 4 उवक्खडावेइ 2 ता मित्तणाइ जाव आमंतेइ जाव सम्माणेइ 2 पोट्टिलं व्हायं जाव पुरिससहस्स. वाहणीयं सीयं दुरूहिता मितणाइ जाव [सं] परिवडे सविडिए जाव रवेणं तेयलिपुरस्स मज्झमझेणं जेणेव सुब्बयाणं उवस्सए तेणेव उवागच्छइ 2 ता सोयाओ पच्चोरुहइ 2 ता पोट्टिलं पुरओ-कटु जेणेव सुव्वया अज्जा तेणेव उवागच्छइ 2 ता बंदइ णमंसइ वं० 2 ता एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया! Page #1216 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 14 1203 मम पोट्टिला भारिया इट्ठा 5 एस णं संसारभउबिग्गा जाव पव्वइ. तए, पडिच्छंतु णं देवाणुप्पिया ! सिस्सिणिभिक्खं दलयामि / अहासुहं मा पडिब्धं करेह / तए णं सा पोट्टिला सुव्वयाहिं अज्जाहि एवं वुत्ता समाणी हट्ट. उत्तरपुरस्थिमं दिसीभागं अवक्कमइ 2 त्ता सयमेव आभरणमल्लालंकार ओमुयइ 2 ता सयमेव पंचमुट्ठियं लोयं करेइ 2 त्ता जेणेव सुव्वयाओ अज्जाओ तेणेव उवागच्छइ 2 ता वंदइ णमंसइ वं० 2 ता एवं वयासी-आलित्ते णं भंते ! लोए एवं जहा देवाणंदा जाव एक्कारस अंगाई बहूणि वासाणि सामण्ण. परियागं पाउणइ 2 ता मासियाए संलेहणाए अत्ताणं झोसेत्ता सट्ठि भत्ताई अणसणाई आलोइयपडिवकता समाहिपत्ता कालमासे कालं किच्चा अण्णयरेसु देवलोएसु देवत्ताए उबवण्णा // 106 // तए णं से कणगरहे राया अण्णया कयाइ कालधम्मणा संजुत्ते यावि होत्था। तए णं ते राईसर जाव णीहरणं करेंति 2 ता अण्णमण्णं एवं वयासी-एवं खल देवाणप्पिया ! कणगरहे राया रज्जे य जाव पुत्ते वियंगित्था / अम्हे गं देवाणुप्पिया ! रायाहीणा रायाहिटिया रायाहीणकज्जा। अयं च णं तेयली अमच्चे कणगरहस्स रण्णो सबटाणेसु सवभूमियासु लद्धपच्चए दिणवियारे सव्वकज्जवट्टावए यावि होत्था / सेयं खल अग्हं तेयलिपुत्तं अमच्चं कुमारं जाइत्तए-त्तिकटु अण्णमष्णस्स एयमझें पडिसुणेति 2 ता जेणेव तेयलिपुत्ते अमच्चे तेणेव उवागच्छंति 2 ता तेयलिपुत्तं एवं क्यासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! कणगरहे राया रज्जे य रठे य जाव वियंगेइ, अम्हे (य) पं देवाणुप्पिया ! रायहीणा जाव रायहीणकज्जा, तुम च णं देवाणुप्पिया ! कणगरहस्स रण्णो सब्वट्ठाणेसु जाव रज्जधुराचितए (होत्था) तं जइ णं देवाणुप्पिया ! अस्थि केइ कुमारे रायलक्खणसंपण्णे अभिसेयारिहे तण्णं तुमं अम्हं दलाहि जाणं अम्हे महया 2 रायाभिसेएणं अभिसिंचामो। तए णं तेयलिपुत्ते तेसि ईसर जाव एयमठें पडिसुणे इ 2 त्ता कणगज्झयं कुमारं हायं जाव सस्सिरीयं करेइ 2 ता तेसि ईसर जाव उवणेइ 2 ता एवं वयासी-एस णं देवाणप्पिया ! कणगरहस्स रण्णो पुत्ते पउमावईए देवीए अत्तए कणगज्झए णामं कुमारे अभिसेयारिहे रायलक्खणसंपणे मए कणगरह. स्स रण्णो रहस्सिययं संवड्डिए, एयं णं तुब्भे महया 2 रायाभिसेणं अभिसिंचह। सव्वं च तेसि उट्ठाणपरियावणियं परिकहेइ / तए णं ते ईसर जाव कणगज्झयं Page #1217 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1204 अंग-पविटु सुत्ताणि कुमारं महया 2 रायाभिसेएणं अभिसिचंति / तए णं से कणगज्झए कुमारे राया जाए महयाहिमवंतमलय० वण्णओ जाव रज्जं पसासेमाणे विहरइ / तए णं सा पउमावई देवी कणगज्झयं रायं सहावेइ 2 ता एवं वयासी-एस णं पुत्ता ! तव रज्जे जाव अंतेउरे य तुमं च तेयलिपुत्तस्स अमच्चस्स पहावेणं, तं तुमं णं तेयलिपुत्तं अमच्चं आढाहि परिजाणाहि सक्कारेहि सम्मा. णेहि इंतं अन्मुठेहि ठियं पज्जुवासाहि वच्चंतं पडिसंसाहेहि अद्धासणेणं उव. णिमंतेहि भोगं च से अणुवढेहि / तए णं से कणगज्झए पउमावईए देवीए तहत्ति वयणं पडिसुणेइ जाव भोगं च से संवड्ढेइ // 107 // तए णं से पोट्टिले देवे तेयलिपुत्तं अभिक्खणं 2 केवलिपण्णत्ते धम्मे संबोहेइ णो चेव णं से तेयलि. पुत्ते संबुज्झइ / तए णं तस्स पोट्टिलदेवस्स इमेयारूवे अज्झस्थिए०-एवं खलु कणगज्झए राया तेयलिपुत्तं आढाइ जाव भोगं च संवड्ढेइ / तए णं से तेयली. पुत्ते अभिक्खगं 2 संबोहिज्जमाणे वि धम्मे णो संबज्झइ / तं सेयं खलु कणगज्झयं तेयलिपुत्ताओ विप्परिणामेत्तए-त्तिकटु एवं संपेहेइ 2 ता कणगज्झयं तेयलिपुत्ताओ विप्परिणामेइ / तए णं तेलिपुते कल्लं हाए जाव पायच्छिते आसखंधवरगए बहूहिं पुरिसेहि [सद्धि] संपरिवुडै साओ गिहाओ णिग्गच्छइ 2 ता जेणेव कणगज्झए राया तेणेव पहारेत्थ गमणाए / तए णं तेयलिपुत्तं अमच्चं जे जहा बहवे राईसरतलवर जाव पभियओ पासंति ते तहेव आढायंति परियाणंति अब्भुढेति 2 ता अंजलिपरिग्गहं करेंति इट्टाहि कंताहिं जाव वहिं आलवेमाणा य संलवमाणा य पुरओ य पिढओ य पासओ य मग्गओ य समणुगच्छति / तए णं से तेयलिपुत्ते जेणेव कणगज्झए तेणेव उवागच्छइ / तए णं से कणगज्झए तेयलिपुत्तं एज्जमाणं पासइ 2 ता णो आढाइ णो परियाणाइ णो अब्भठेइ अणाढायमाणे 3 परम्महे संचिदइ / तए णं से तेयलिपुत्ते कणगज्झयस्स रणो अंजलि करेइ / तए णं से कणगज्झए राया अणाढायमाणे तुसिणीए परन्मुहे संचिट्ठइ। तए गं तेयलिपुत्ते कणगज्झयं विष्परिणयं जाणिता भीए जाव संजायभए एवं वयासी-रुठे. णं मम कणगज्झए राया। हीणे णं मम कणगज्झए राया। अवज्झाए णं कणगज्झए (राया)। तं ण णज्जइ णं मम केणइ कुमारेण मारेहिइ-त्तिकट्ट भीए तत्थे (य) जाव सणियं 2 पच्चोसक्केइ 2 ता तमेव आसखंधं दुरूहेइ 2 ता Page #1218 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 14 1205 तेयलिपुरं मझमज्झेणं जेणेव सए गिहे तेणेव पहारेत्थ गमणाए / तए णं तेयलि. पुत्तं जे जहा ईसर जाव पासंति ते तहा णो आढायंति णो परियाणंति णो अब्भुट्ठति णो अंजलि० इट्टाहिं जाव णो संलवंति णो पुरओ य पिट्ठओ य पासओ (य मग्गओ य) समणगच्छति / तए णं तेयलिपुत्ते जेणेव सए गिहे तेणेव उवा. गच्छइ / जा वि य से तत्थ बाहिरिया परिसा भवइ तंजहा-दासेइ वा पेसेइ वा भाइल्लएइ वा सा वि य णं णो आढाइ 3 / जा वि य से अभितरिया परिसा भवइ तंजहा-पियाइ वा मायाइ वा जाव सुण्हाइ वा सावि य णं णो आढाइ 3 तए णं से तेयलिपुत्ते जेणेव वासघरे जेणेव सए सयणिज्जे तेणेव उवागच्छइ २त्ता सयणिज्जसि णिसीयइ 2 ता एवं वयासी-एवं खल अहं सयाओ गिहाओ णिग्गच्छामि तं चेव जाव अभितरिया परिसा णो आढाइ णो परियाणाइ णो अन्भुढेइ / तं सेयं खलु मम अप्पाणं जीवियाओ ववरोवित्तए-तिकटु एवं संपेहेइ 2 ता तालउडं विसं आसगंसि पक्खिवइ, से य विसे णो संकमइ / तए णं से तेयलिपुत्ते [अमच्चे णीलुप्पल जाव असि खंधेसि ओहरइ, तत्थ वि य से धारा ओपल्ला / तए णं से तेयलिपुत्ते जेणेव असोगवणिया तेणेव उवा. गच्छइ 2 पासगं गीवाए बंधइ 2 त्ता रुक्खं दुरूहइ 2 त्ता पासं रुक्खे बंधइ 2 ता अप्पाणं मुयइ, तत्थ वि य से रज्जू छिण्णा। तए णं से तेयलिपुत्ते महइ. महालयं सिलं गीवाए बंधइ 2 ता अत्याहमतारमपोरिसियंसि उदगंसि अप्पाणं मयइ, तत्थ वि से थाहे जाए। तए णं से तेयलिपुत्ते सुक्कंसि तणकूडंसि अगणिकायं पक्खिवइ 2 ता अप्पाणं मुयइ, तत्थ वि य से अगणिकाए विज्झाए तए णं से तेयलिपुत्ते एवं वयासी-सद्धेयं खलु भो समणा वयंति, सद्धेयं खलु भो माहणा वयंति, सद्धेयं खलु भो समणा माहणा वयंति, अहं एगो असद्धेयं वयामि, एवं खलु अहं सह पुहिं अपुत्ते, को मेदं सद्दहिस्सई ? सह मित्तहिं अमित्ते, को मेदं सद्दहिस्सइ ? एवं अत्थेणं दारेणं दासेहि (पेसेहिं) परिजणेणं एवं खल तेलिपुत्तेणं अमच्चेणं कणगज्झएणं रण्णा अवज्झाएणं समाणेणं तेयलीपुत्तेणं अमच्चेणं तालपुडगे विसे आसगंसि पक्खित्ते, से वि य णो संक. मइ, को मेयं सद्दहिस्सइ ? तेयलिपुत्ते णीलुप्पल जाव खंधंसि ओहरिए, तत्थ वि य से धारा ओपल्ला, को मेदं सद्दहिस्सइ ? तेयलिपुत्तस्स पासगं गीवाए बंधेत्ता जाव रज्ज छिण्णा, को मेदं सहहिस्सइ ? तेयलिपुत्ते महासिलयं जाव बंधिता अत्थाह जाव उदगंसि अप्पा मुक्के, तत्थ वि य णं थाहे Page #1219 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1206 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि जाए, को मेयं सहहिस्सइ ? तेयलिपुत्ते सुक्कंसि तणकूडे अग्गी विज्झाए, को मेयं सहहिस्सइ ? ओहयमणसंकप्पे जाव झियाइ / तए णं से पोट्टिले देवे पोट्टि. लारूवं विउव्वइ 2 ता तेयलिपुत्तस्स अदूरसामंते ठिच्चा एवं वयासी-हं भो तेयलिपुत्ता ! पुरओ पवाए पिट्टओ हस्थिभयं दुहओ अचक्खफासे मज्झे सराणि वरिसयं पतं ति, गामे पलिते रणे झियाइ रणे पलिते गामे झियाइ, आउसो तेयलिपुत्ता ! कओ वयामो ? तए णं से तेयलिपुत्ते पोट्टिलं एवं वयासीभीयस्स खलु भो ! पव्वज्जा सरणं, उक्कंठियस्स सदेसगमणं छुहियस्स अण्णं तिसियस्स पाणं आउरस्स भेसज्जं माइयस्स रहस्सं अभिजत्तस्स पच्चयकरणं अद्धाणपरिसंतस्स वाहणगमणं तरिउकामस्स पवहणं किच्चं परं अभिओजिउ. कामस्स सहायकिच्चं, खंतस्स दंतस्स जिइंदियस्स एत्तो एगमवि ण भवइ / तए णं से पोट्टिले देवे तेयलिपुत्तं अमच्चं एवं वयासी-सुठ णं तुम तेयलिपुत्ता! एयमढें आयाणिहि तिकट्ट दोच्चंपि तच्चपि एवं वयइ 2 ता जामेव दिसं पाउन्भूए तामेव दिसि पडिगए // 108 // तए णं तस्स तेयलिपुत्तस्स सुभेणं परिणामेणं जाईसरणे समुप्पण्णे / तए णं तस्स तेयलिपुत्तस्स अयमेयावे अज्झस्थिए 0 समुप्पण्णे-एवं खलु अहं इहेब जंबुद्दीवे 2 महाविदेहे वासे पोक्खला. वईविजए पोंडरोगिणीए रायहाणीए महापउमे णाम राया होत्था / तए णं (अ)हं थेराणं अंतिए मुंडे भवित्ता जाव चोहसपुव्वाई 0 बहूणि वासाणि सामण्णपरियाए पाउणित्ता मासियाए संलेहणाए महासुक्के कप्पे देवे / तए णं हं ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं इहेव तेलिपुरे तेयलिस्स अमच्चस्स भद्दाए भारियाए दारगत्ताए पच्चायाए। तं सेयं खलु मम पुत्वदिट्ठाई महत्वयाई सयमेव उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए / एवं संपेहेइ 2 ता सयमेव महव्वयाई आरुहेइ 2 ता जेणेव पमयवणे उज्जाणे तेणेव उवागच्छइ 2 ता असोगवरपायवस्स अहे पुढविसिलापट्टयंसि सुहणिसण्णस्स अणुचितेमाणस्स पुव्वाहीयाइं सामाइयमाइ. याई चोद्दसपुटवाई सयमेव अभिसमण्णागयाइं / तए णं तस्स तेयलिपुत्तस्स अण. गारस्स सुभेणं परिणामेणं जाव तयावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमेणं कम्मरय. विकरणकरं अपुवकरणं पविद्वस्स केवलवरणाणदंसणे समप्पण्णे // 106 // तए णं तेयलिपुरे णयरे अहासण्णिहिएहि वाणमंतरेहि देवेहि देवीहि य देवदुंदुभीओ समाहयाओ दसद्धवण्णे कुसुमे णिवाइए दिव्वे गीयगंधवणिणाए कए यावि Page #1220 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 15 1207 होत्या / तए णं से कणगज्झए राया इमीसे कहाए लद्धठे समाणे एवं वयासीएवं खलु तेयलिपुत्ते मए अवज्झाए मुंडे भवित्ता पव्वइए तं गच्छामि गं तेयलि. प्रत्तं अणगारं वदामि णमंसामि वं० 2 ता एयमट्ठ विणएणं भज्जो 2 खामेमि। एवं संपेहेइ 2 ता हाए चाउरंगिणीए सेणाए जेणेव पमयवणे उज्जाणे जेणेव तेयलिपुत्ते अणगारे तेणेव उवागच्छइ 2 ता तेयलिपुत्तं अणगारं वंदइ णमंसइ वं० 2 ता एयमढ़ च[f] विणएणं भुज्जो 2 खामेइ [2] पच्चासण्णे जाव पज्जवासइ / तए णं से तेयलिपुत्ते अणगारे कणगज्झयस्स रण्णो तीसे य महइ. महालियाए परिसाए धम्म परिकहेइ / तए णं से कणगज्झए राया तेयलिपुत्तस्स केवलिस्स अंतिए धम्म सोच्चा णिसम्म पंचाणुव्वइयं सत्तसिक्खावइयं सावग. धम्म पडिवज्जइ.२ ता समणोवासए जाए जाव अहिगयजीवाजीवे / तए णं तेयलिपुत्ते केवली बहूणि वासाणि केवलिपरियागं पाउणित्ता जाव सिद्धे / एवं खल जब ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं चोहसमस्स णायज्झय. णस्स अयमठे पण्णत्ते तिबेमि // 110 // गाहा-जाव ण दुक्खं पत्ता माणभंसं च पाणिणो पायं / ताव ण धम्मं गेण्हंति भावओ तेयलिसुउव्व // 1 // // चोद्दसमं अज्झयणं समत्तं // णंदीफले णामं पण्णरसमं अज्झयणं जइ णं भंते ! समणेणं० चोद्दसमस्स णायज्झयणस्स अयमठे पण्णत्ते पण्णरसमस्स गं * के अट्ठे पण्णत्ते ? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं सम. एणं चंपा णामं णयरी होत्था पुण्णभद्दे चेइए जियसत्तू राया। तत्थ णं चंपाए णयरीए ध (0)णे णामं सत्थवाहे होत्था अड्ढे जाव अपरिभए / तीसे णं चंपाए णयरीए उत्तरपुरस्थिमे दिसिभाए अहिच्छत्ता णाम णयरी होत्था रिद्धस्थिमिय. समिद्धा वण्णओ / तत्थ णं अहिच्छत्ताए णयरीए कणगकेऊ णामं राया होत्था महया वण्णओ। तए णं तस्स धण्णस्स सत्थवाहस्स अण्णया कयाइ पुव्वरत्ता. वरतकालसमयंसि इमेयारूवे अज्झस्थिए चितिए पत्थिए मणोगए संकप्पे सम्प्पज्जित्था-सेयं खलु मम विपुलं पणियभंडमायाए अहिच्छत्तं गरि वाणिज्जाए गमित्तए / एवं संपेहेइ 2 ता गणिमं च 4 चउन्विहं भंडं गेण्हइ० . सगडीसागडं सज्जेइ 2 ता सगडीसागडं भरेइ 2 ता कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ Page #1221 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1208 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि 2 ता एवं वयासी-गच्छह गं तुम्भे देवाणप्पिया ! चंपाए सिंघाडग जाव पहेसु [एवं वयह-एवं खलु देवाणुप्पिया ! धणे सत्थवाहे विपूले पणिय. इच्छइ अहिच्छत्तं गरि वाणिज्जाए गमित्तए / तं जो गं देवाण. प्पिया ! चरए वा चीरिए वा चम्मखंडिए वा मिच्छंडे वा पंडरगे वा गोयमे वा गोवतीए वा गिहिधम्मे वा गिहिधचितए वा अविरुद्ध विरुद्धवुड्डसावगरत्तपडणिग्गंथप्पभिइपासंडत्थे वा गिहत्थे वा तस्स णं धणेणं सद्धि अहिच्छत्तं गरि गच्छइ तस्स णं धणे अच्छत्तगस्स छत्तगं दलायइ अणुवाहणस्स उवाह. जाउ दलयइ अकुडियस्स कुंडियं दलयइ अपत्थयणस्स पत्थयणं दलयइ अपक्खेवगस्स पक्खेवं दलयइ अंतरा वि य से पडियस्स वा भग्गलग्गसाहेज्ज दलयइ सुहंसुहेण य णं अहिच्छत्तं संपावेइ-त्तिकटु दोच्चंपि तच्चंपि घोसेह 2 ता मम एयमाणत्तियं पच्चप्पिणह / तए णं ते कोडंबियपुरिसा जाव एवं वयासी-हंदि सुगंतु भगवंतो चंपाणयरीवत्थव्वा बहवे चरगा य जाव पच्चप्पिणंति / तए णं (से) तेसि कोडुंबिय (घोस) पुरिसाणं अंतिए एयमलैं सुच्चा चंपाए णयरीए बहवे चरगा य जाव गिहत्था य जेणेव धणे सत्यवाहे तेणेव उवागच्छति / तए गंधणे सत्यवाहे तेसि चरंगाण य जाव गिहत्थाण य अच्छत्तगस्स छत्तं दलयइ जाव पत्थयणं दलाइ 2 एवं वयासी-गच्छह णं तुभे देवाणुप्पिया ! चंपाए णयरीए बहिया अग्गज्जाणंसि ममं पडिवालेमाणा चिदह / तए णं ते चरगा य० धणेणं सत्थवाहेणं एवं वृत्ता समाणा जाव चिठंति / तए णंधणे सत्थवाहे सोहणंसि तिहिकरणणखत्तसि विउलं असणं 4 उवक्खडावेइ 2 ता मित्तणाई आमंतेइ 2 ता भोयणं भोयावेइ 2 ता आपुच्छइ २त्ता सगडीसागडं जोयावेइ 2 ता चंपाणयरीओ णिग्गच्छइ० गाइविप्पगिहि अद्धाहि वसमाणे 2 सुहेहि वसहिपायरासेहि अंगं जणवयं मझमज्झेणं जेणेव देसगं तेणेव उवागच्छइ 2 ता सगडीसागडं मोयावेइ 2 ता सत्थणिवेसं करेइ 2 ता कोडंबिय पुरिसे सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-तुब्भे णं देवाणुप्पिया ! मम सस्थणिवेसंसि महया 2 सद्देणं उग्घोसेमाणा 2 एवं वयह-एवं खलु देवाणः प्पिया ! इमोसे आगामियाए छिण्णावायाए दोहमद्धाए अडवीए बहुमज्झदेसभाए (एस्थ णं) बहवे गंदिफला णामं रुक्खा पण्णत्ता किण्हा जाव पत्तिया पुफिया फलिया हरिया रेरिज्जमाणा सिरीए अईव 2 उवसोभेमाणा चिठ्ठति Page #1222 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 15 1209 मणुण्णा वणेणं 4 जाव मणुण्णा फासेणं मणण्णा छायाए / तं जो गं देवाणु. प्पिया ! तेसि गंदिफलाणं रुक्खाणं मूलाणि वा कंद० तयपत्तपुप्फफलबीयाणि वा हरियाणि वा आहारेइ छायाए वा वीसमइ तस्स णं आवाए भद्दए भवइ तओ पच्छा परिणममाणा 2 अकाले चेव जीवियाओ ववरोति / तं मा णं देवाणप्पिया ! केइ तेसि जंदिफलाणं मलाणि वा जाव छायाए वा बीसमउ मा णं सेऽवि अकाले चेव जीवियाओ ववरोविज्जिस्सइ / तुभे णं देवाणप्पिया! अण्णेसि रुक्खाणं मूलाणि य जाव हरियाणि य आहारेह छायासु वीसमह त्ति घोसणं घोसेह जाव पच्चप्पिणंति / तए णं धणे सत्थवाहे सगडीसागडं जोएइ 2 ता जेणेव गंदिफला रुक्खा तेणेव उवागच्छइ 2 ता तेसि गंदिफलाणं अदूरसामंते सत्थणिवेसं करेइ करेत्ता दोच्चंपि तच्चपि कोडुंबियपुरिसे सहावेइ 2 ता एवं वयासी-तुब्भे गं देवाणप्पिया ! मम सस्थणिवे. संसि महया 2 सद्देणं उग्रोसेमाणा 2 एवं वयह-एए गं देवाणुप्पिया ! ते गंदिफला [रुक्खा] किण्हा जाव मणमा छायाए / तं जो गं देवाणप्पिया ! एएसि गंदिफलाणं रुक्खाणं मूलाणि वा कंद० पुप्फतयापत्तफलाणि जाव अकाले चेव जीवियाओ ववरोवेइ / तं मा गं तुब्भे जाव दूरं दुरेणं परिहरमाणा वीसमह मा गं अकाले चेव जीवियाओ ववरोविस्संति अण्णेसि रुक्खाणं मलाणि य जाव वीसमह-त्तिकट्ट घोसणं जाव पच्चप्पिणंति / तत्थ गं अत्थेगइया पुरिसा. धणस्स सस्थवाहस्स एयमझें सहहंति जाव रोयंति एयमझें सद्दहमाणा 3 तेसि गंदिफलाणं दूरं दूरेणं परिहरमाणा 2 अण्णेसि रुक्खाणं मलाणि य जाव वीसमंति / तेसि गं आवाए णो भए भवइ तओ पच्छा परिणममाणा 2 सुहरूवत्ताए 5 भज्जो 2 परिणमंति / एवामेव समणाउसो ! जो अम्हं णिग्गंथो वा 2 जाव पंचसु कामगणेसु णो सज्जेइ णो रज्जेइ से णं इहमवे चेव बहूणं समणाणं 4 अच्चणिज्जे परलोए णो आगच्छद जाव वीईवइस्सइ-जहा व ते पुरिसा / तत्थ णं जे से अप्पेगइया पुरिसा धणस्स एयमझें णो सद्दहंति 3 धणस्स एयमठें असद्दहमाणा 3 जेणेव ते गंदिफला तेणेव उवागच्छंति 2 ता तेसिं गंदिफलाणं मलाणि य जाव धीसमंतितेसि णं आवाए भद्दए भवइ तओ पच्छा परिणममाणा जाव ववरो. वेंति / एवामेव समणाउसो ! जो अम्हं णिग्गंथो वा 2 पव्वइए पंचसु काम. गणेसु सज्जइ जाव अणुपरियट्टिस्सइ जहा व ते पुरिसा / तए णं से धणे सगडी. Page #1223 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1210 अंग-पविट्ट सुत्ताणि सागडं जोयावेइ २त्ता जेणेव अहिच्छत्ता णयरी तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता अहिच्छत्ताए णयरीए बहिया अग्गुज्जाणे सत्थणिवेसं करेइ 2 ता सगडीसागडं मोयावेइ / तए णं से धणे सत्थवाहे महत्थं 3 रायारिहं पाहुडं गेहइ 2 ता बहुपुरिसेहि सद्धि संपरिवुडे अहिच्छत्तं णयरं मज्झंमज्झेणं अणुप्पविसइ 2 ता जेणेव कणगकेऊ राया तेणेव उवागच्छइ 2 ता करयल जाव बद्धावेइ 2 ता तं महत्थं 3 पाहुडं उवणेइ / तए णं से कणगकेऊ राया हट्टतुट्ट० धणस्स सत्थ. वाहस्स तं महत्थं 3 जाव पडिच्छइ 2 ता धणं सत्थवाहं सक्कारेइ सम्माणे स. २त्ता उस्सुक्कं वियरइ 2 त्ता पडिविसज्जेइ भंडविणिमयं करेइ २त्ता पडिभंडं गेण्हइ 2 ता सुहंसुहेणं जेणेव चंपा णयरी तेणेव उवागच्छइ 2 ता मित्तणाइअभिसमण्णागए विपुलाई माणस्सगाई जाव विहरइ / तेणं कालेणं तेणं समएणं थेरागमणं / धणे धम्म सोच्चा जेट्टपुत्तं कुटुंबे ठावेत्ता जाव पव्वइए सामाइयाई एक्कारस अंगाई अहिज्जित्ता बहूणि वासाणि जाव मासियाए संलेहणाए० जाव अण्णयरेसु देवत्ताए उववण्णे महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ जाव अंतं करेहिइ। एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेणं पण्णर. समस्स णायज्झयणस्स अयमठे पण्णत्ते तिबेमि // 111 // गाहाओ-चंपा इव मणुयगई धण्णोव्व भयवं जिणो दएक्करसो। अहिछत्ताणयरिसमं इह णिवाणं मुणेयध्वं // 1 // घोसणया इव तित्थंक रस्स सिवमग्गदेसणमहग्छ / चरगाइणोव्व इत्थं सिवसुहकामा जिया बहवे // 2 // गंदिफलाइ व्व इहं सिव. पहपडिवण्णगाण विसया उ / तभक्खणाओ मरणं जह तह विसएहि संसारो // 3 // तव्वज्जणेण जह इटुपुरगमो विसयवज्जणेण तहा। परमाणंदणिबंधण. सिवपुरगमणं मुणेयव्वं // 4 // पण्णरसमं अज्झयणं समत्तं / / - अमरकंका णामं सोलसमं अज्झयणं जइ णं भंते ! समणेणं 3 जाव संपत्तेणं पण्णरसमस्स णायज्झयणस्स अय. मठे पण्णत्ते सोलसमस्स णं भंते ! णायज्झयणस्स 0 के अठे पणते ? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं चंपा णाम णयरी होत्था / तीसे गं चंपाए णयरीए बहिया उत्तरपुरत्थिमे दिसीमाए सुभूमिभागे णामं उज्जाणे होत्था / तत्थ णं चंपाए णयरीए तओ माहणा मायरो परिवसंति तंजहा-सोमे Page #1224 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 16 1211 सोमदत्ते सोमभूई अड्डा जाव अपरिभूया रिउव्वेयजउच्वेयसामवेयअथव्वणवेय जाव सुपरिणिट्ठियां / तेसि णं माहणाणं तओ भारिया होत्था तंजहा- णागसिरी भयसिरी जक्खसिरी सुकुमाल जाव तेसि गं माहणाणं इट्ठाओ विपुले माणस्सए जाव विहरंति / तए गं तेसि माहणाणं अण्णया कयाइ एगयओ समवागयाणं जाव इमेयारूवे मिहोकहासमुल्लावे समुप्पज्जित्था-एवं खलु देवाणु. प्पिया ! अम्हं इमे विउले धणे जाव सावएज्जे अलाहि जाव आसत्तमाओ कुलवंसाओ पकामं दाउं पकामं भोत्तुं पकामं परिभाएउं / तं सेयं खलु अम्हं देवाणुप्पिया! अण्णमण्णस्स गिहेसु कल्लाल्लि विपुलं असणं पाणं खाइमं साइमं उवक्खडेउं 2 परि जमाणाणं विहरित्तए / अण्णमण्णस्स एयमढें पडिसुर्णेति कल्लाकल्लि अण्णमण्णस्स गिहेसु विपुलं असणं 4 उवक्खडावेंति 2 ता परि. भुंजमाणा विहरंति / तए गं तीसे गागसिरीए. माहणीए अण्णया [कयाइ] भोयणवारए जाए यावि होत्था। तए णं सा णागसिरी विपुलं असणं 4 उवक्खडेवेइ 2 ता एगं महं सालइयं तित्तालाउयं बहुसंमारसंजुत्तं जेहावगाढं उवक्खडावेइ एग बिदुयं करयलंसि आसाएइ 2 तं खारं कडुयं अखज्ज(अभोज्ज) विसब्भूयं जाणित्ता एवं वयासी-धिरस्थ णं मम णागसिरीए अधण्णाए अपुण्णाए दूमगाए दूभगसत्ताए दूभगणिबोलियाए जीए णं मए सालइए बहुसंभारसंभिए हावगाढे उवक्खडिए सुबहुदव्वक्खए (ण) हक्खए य कए। तं जइ णं ममं जाउयाओ जाणिस्संति तो गं मम खिसिस्सति / तं जाव ताव मम जाउयाओ ण जाणंति ताव मम सेयं एयं सालइयं तित्तालाउयं बहुसंभार. हकयं एगंते गोवेत्तए अण्णं सालइयं 'महुरालाउयं जाव गेहावगाढं उव. क्खडेत्तए। एवं संपेहेइ 2 ता तं सालइयं जाव गोवेइ 2 अण्ण सालइयं महुरालाउयं उवक्खडेड 2 तेसि माहणाणं व्हायाणं जाव सुहासणवरगयाणं तं विपुलं असणं 4 परिवेसेइ / तएणं ते माहणा जिमियभुत्तुत्तरागया समाणा आयंता चोक्खा परमसुइभूया सकम्मसंपउत्ता जाया यावि होत्था / तए णं ताओ माहणीओ व्हायाओ जाव विभूसियाओ तं विपुलं असणं 4 आहारेंति 2 ता जेणेव सयाई 2 गिहाई तेणेव उवागच्छंति 2 ता सकम्मसंपउत्ताओ जायाओ // 112 // तेणं कालेणं तेणं समएणं धम्मघोसा णाम थेरा जाव बहुपरिवारा जेणेव चंपा णाम णयरी जेणेव सुभूमिभागे उज्जाणे तेणेव उवागच्छति 2 ता Page #1225 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1212 अंग-पविटु सुत्ताणि अहापडिरूवं जाव विहरंति / परिसा णिग्गया। धम्मो कहिओ। परिसा पडि. गया / तए णं तेसि धम्मघोसाणं थेराणं अंतेवासी धम्मरुई णामं ,अणगारे ओराले जाव तेउलेस्से मासं मासेणं खममाणे विहरइ। तए णं से धम्मरुई अणगारे मासखमणपारणगंसि पढमाए पोरिसीए सज्झायं करेइ 2 ता बीयाए पोरिसीए एवं जहा गोयमसामी तहेव उग्गाहेइ 2 त्ता तहेव धम्मघोस थेरं आपुच्छइ जाव चंपाए णयरीए उच्चणीयमज्झिमकुलाई जाव अडमाणे जेणेव धम्मरुइं एज्जमाणं पासइ 2 ता तस्स सालइयस्स तित्तक/यस्स बहु० जेहाव. गाढस्स एड (णिसिर) णट्टयाए हटुंतुट्ठा [उट्ठाए] उठेइ 2 ता जेणेव भत्तघरे तेणेव उवागच्छइ 2 ता तं सालइयं तित्तकडयं च बहुणे (हं) हावगाढं धम्मरुइस्स अणगारस्स पडिग्गहंसि सव्वमेव णिसिरइ। तए णं से धम्मरुई अणगारे अहा. पज्जत्तमितिकट्ट णागसिरीए माहणीए गिहाओ पडिणिक्खमइ 2 ता चंपाए णयरीए मझमज्झेणं पडिणिक्ख मइ 2 ता जेणेव सुभूभिभागे उज्जाणे तेणेव उवागच्छइ 2 ता [जेणेव धम्मघोसा थेरा तेणेव उवागच्छइ 2] धम्मघोसस्स अदूरसामंते अण्णपाणं पडि(दंसे लेहेइ 2 ता अण्णपाणं करयलंसि पडिदंसेइ / तए णं ते धम्मघोसा थेरा तस्स सालइयस्स हावगाढस्स गंधेणं अभिभया समाणा तओ सालइयाओ हावगाढाओ एगं बिदुगं गहाय करयलंसि आसादेति तित्तगं खारं कडयं अखज्जं अभोज विसभयं जाणित्ता धम्मरुई अण. गारं एवं क्यासी-जइ गं तुम देवाणप्पिया ! एयं सालइयं जाव जेहावगाढं आहारेसि तो गं तुमं अकाले चेव जीवियाओ ववरोविज्जसि / तं मागं तुम देवाणप्पिया ! इमं सालइयं जाव आहारेसि मा गं तुमं अकाले चेव जीवि. याओ ववरोविज्जसि / तं गच्छह गं तुम देवाणप्पिया ! इमं सालइयं एगंतम. णावाए अचित्ते थंडिले परिदृवेहि 2 ता अण्णं फासुयं एसणिज्जं असणं 4 पडिगाहेत्ता आहारं आहारहि / तए णं से धम्मरुई अणगारे धम्मघोसे थेरेणं एवं वृत्त समाणे धम्मघोसस्स थेरस्स अंतियाओ पडिणिक्खमइ 2 ता सुभूगिभागओ उज्जाणाओ अदूरसामंते थंडिल्लं पडिलेहेइ 2 ता तो सालइयाओ एगं विदुगं गेहइ 2 ता थंडिलंसि णिसिरई / तए णं तस्स साल. इयस्स तित्तक/यस्स बहुणेहावगाढस्स गंधेणं बहुणि पिपीलिगासहस्साणि Page #1226 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 16 1213 पाउम्भू० जा जहा य गं पिपीलिगा आहारेइ सा तहा अकाले चेव जीवि. याओ ववरोविज्जइ / तए णं तस्स धम्मरुइस्स अणगारस्त इमेयारूवे अज्झस्थिए-जइ ताव इमस्स सालइयस्स जाव एगमि बिदुगंमि पक्खित्तमि अणेगाई पिपीलिगासहस्साई ववरोविज्जति तं जइ गं अहं एयं सालइयं थंडिल्लंसि सम्वं णिसिरामि (तए) तो गं बहूणं पाणाणं 4 वहकरणं भविस्सइ / तं सेयं खलु मम एयं सालइयं जाव जेहावगाढं सयमेव आहारेत्तए मम व एएणं सरीरेणं णिज्जाउ-त्तिकट्ट एवं संपेहेइ 2 त्ता महपोत्तियं 2 पडिलेहेइ 2 ता ससीसोवरियं कायं पमज्जेइ 2 ता तं सालइयं तित्तकडयं बहुणेहावगाढं बिलमिव पण्णगभूएणं अप्पाणेणं सव्वं सरीरकोळंसि पक्खिवइ / तए गं तस्स धम्मरुइस्स तं साल इयं जाव णेहावगाढं आहारियस्स समाणस्स महत्तंतरेणं परिणममाणंसि सरीरगंसि वेयणा पाउन्भया उज्जला जाव दुरहि. यासा / तए णं से धम्मरुई अणगारे अथामे अबले अवीरिए अपुरिसक्कार. परक्कमे अधारणिज्जमितिकटु आयारभंडगं एगते ठवेइ 2 ता थंडिल्लं पडि. लेहेइ 2 ता दब्भसंथारगं संथारेइ 2 ता दन्भसंथारगं दुरूहइ 2 ता पुरत्थाभिमहे संपलियंकणिसणे करयलपरिग्गहियं एवं वयासी-णमोत्थु णं अरहताणं जाव संपत्ताणं णमोत्थुणं धम्मघोसाणं थेराणं मम धम्मायरियाणं धम्मो. वएसगाणं पुवि पि में मए धम्मघोसाणं थेराणं अंतिए सव्वे पाणाइवाए पच्चक्खाए जावज्जीवाए- जाव परिग्गहे इयाणि पिणं अहं तेसि चेव भगवंताणं अंतियं सव्वं पाणाइवायं पच्चक्खामि जाव. परिग्गहं पच्चक्खामि जावज्जीवाए जहा खंदओ जाव चरिमेहि उस्सासेहि वोसिरामि-त्तिकट्ट आलोइयपडिक्कते समाहिपत्ते कालगए / तए गं ते धम्मघोसा थेरा धम्मरुई अणगारं चिरंगयं जाणिता समणे णिग्गंथे सहावेंति 2 ता एवं वयासी-एवं खलु देवाणप्पिया! धम्मरुइस्स अणगारस्स मासखमणपारणगंसि सालइयस्स जाव गेहावगाढस्स णिसिरणट्टयाए बहिया णिग्गए चिरा [व]इ, तं गच्छह गं तुब्भे देवाणुप्पिया ! धम्मरुइस्स अणगारस्स सवओ समंता मग्गणगवेसणं करेह / तए गं ते समणा णिग्गंथा जाव पडिसुर्णेति 2 ता धम्मघोसाणं थेराणं अंतियाओ पडिणिक्ख. मंति 2 ता धम्मरुइस्स अणगारस्स सवओ समंता मग्गणगवेसणं करेमाणा जेणेव थंडिल्लं तेणेव उवागच्छति 2 ता धम्मरुइस्स अणगारस्स सरीरगं णिप्पाणं णिच्चेठं जीवविप्पजढं पासंति 2 ता हा हा ! अहो ! अकज्जमि. Page #1227 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1214 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि तिकट्ट धम्मरुइस्स अणगारस्स परिणिवाणवत्तियं काउस्सग्गं करेंति 0 धम्म. रुइस्स आयारभंडगं गेहति 2 ता जेणेव धम्मघोसा थेरा तेणेव उवागच्छंति 2 ता गमणागमणं पडिक्कमति 2 ता एवं वयासी-एवं खलु अम्हे तुमं अंति. याओ पडिणिक्खमामो 2 ता सुभूमिभागस्स उज्जाणस्स परिपेरतेणं धम्मरुइस्स अणगारस्स सव्वं जाव करेमाणे जेणेव थंडिल्ले तेणेव उवागच्छामो जाव इहं हव्वमागया, तं कालगए णं भंते ! धम्मरुई अणगारे इमे से आयारभंडए / तए णं ते धम्मघोसा थेरा पुव्वगए उवओगं गच्छंति 2 त्ता समणे णिग्गये णिग्गंथीओ य सद्दावेंति 2 ता एवं वयासी-एवं खलु अज्जो ! मम अंतेवासी धम्मरुई णाम अणगारे पगइभद्दए जांव विणीए मासंमासेणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं जाव णागसिरीए माहणीए गिहे अणुपविठे। तए णं सा णाग. सिरी माहणी जाव णिसिरइ / तए णं से धम्मरुई अणगारे अहापज्जत्तमि. तिकट्ट जाव कालं अणवकंखमाणे विहरइ / से गं धम्मरुई अणगारे बहूणि वासाणि सामण्णपरियागं पाउणित्ता आलोइयपडिक्कते समाहिपत्ते कालमासे कालं किच्चा उड्ढे सोहम्म जाव सब्वट्ठसिद्ध महाविमाणे देवत्ताए उबवणे / तत्थ णं अजहण्णमणुक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता / तत्थ णं धम्मरुइस्स वि देवस्स तेत्तीसं सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता / से गं धम्मरुई देवे ताओ देवलोगाओ जाव महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ // 113 // तं धिरत्य णं अज्जो ! णागसिरीए माहणीए अधण्णाए अपुण्णाए जाव णिबोलियाए जाए गं तहारूवे साहू साहुरूवे धम्मरुई अणगारे मासखमणपारणगंसि सालइएणं जाव गाढेणं अकाले चेव जीवियाओ ववरोविए / तए णं ते समणा णिग्गंथा धम्मघोसाणं थेराणं अंतिए एयमढें सोच्चा णिसम्म चंपाए सिंघाडग-तिग जाव बहुजणस्स एवमाइक्खंति ४-धिरत्थु गं देवाणुप्पिया ! णागसिरीए माहणीए जाव णिबोलियाए जाए गं तहारूवे साहू साहुरूवे सालइएणं जीवियाओ ववरोविए / तए गं तेसि समणाणं अंतिए एयमढे सोच्चा णिसम्म बहुजणो अण्णमण्णस्स एवमाइक्खइ एवं भासइ-धिरत्थु णं णागसिरीए माहणीए जाव जीवियाओ ववरोविए / तए णं ते माहणा चंपाए णयरीए बहु. जणस्स अंतिए एयभळं सोच्चा णिसम्म आसुरुत्ता जाव मिसिमिसेमाणा जेणेव णागसिरी माहणी तेणेव उवागच्छंति 2 ता णागसिरी माहणी एवं वयासी Page #1228 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 16 1215 # भो णागसिरी ! अपस्थियपस्थिए / दुरंतपंतलक्खणे ! होणपुग्णचाउद्दसे ! धिरत्थु णं तव अधण्णाए अपुण्णाए जाव णिबोलियाए जाए णं तुमे तहारूवे साहू साहुरूवे मासखमणपारणगंसि सालइएणं जाव ववरोविए उच्चावयाहिं अक्कोसणाहि अक्कोसंति उच्चावयाहिं उद्धंसणाहिं उद्धंसेंति उच्चावयाहिं णिभत्थणाहिं णिब्भत्थंति उच्चावयाहिं णिच्छोडणाहि णिच्छोडेंति तज्जेति तालेंति तज्जेता तालेत्ता सयाओ गिहाओ णिच्छभंति / तए णं सा णागसिरी सयाओ गिहाओ णिच्छुढा समाणी चंपाए णयरीए सिंघाडगतियचउक्कचच्चर. चउम्मुहमहापहपहेसु बहुजणेणं हीलिज्जमाणी खिसिज्जमाणी णिदिज्जमाणी गर. हिज्जमाणी तज्जिज्जमाणी पव्वहिज्जमाणी धिक्कारिज्जमाणी थक्कारिज्जमाणी कत्थाइ ठाणं वा णिलयं वा अलभमाणी 2 दंडीखंडणिवसणा खंडमल्लयखंडघड. गहत्थगया फुट्टहडाहडसीसा मच्छियाचडगरेणं अण्णिज्जमाणमग्गा गेहंगिहेणं देहं. बलियाए वित्ति कप्पेमाणी विहरइ। तए णं तीसे णागसिरीए माहणाए तब्भवंसि चेव सोलस रोयायंका पाउब्भया तंजहा-सासे कासे जोणिसूले जाव कोढे। तएणं सा णागसिरी माहणी सोलसहि रोगायंकेहि अभिभया समाणी अट्टदुहट्टवसट्टा कालमासे कालं किच्चा छट्ठीए पुढवीए उक्कोसेणं बावीससागरोवमट्टिइएसुणर. एसु णेरइयत्ताए उववण्णा / सा गं तओऽणंतरं उव्वट्टित्ता मच्छेसु उववण्णा। तत्थ णं सत्थवज्झा दाहवक्कंतीए कालमासे कालं किच्चा अहेसत्तमीए पुढवीए उक्कोसाए तित्तीससागरोवमट्टिईएसु रइएसु उववण्णा / सा गं तओऽणंतरं उव्वट्टित्ता दोच्चपि मच्छेसु उववज्जइ / तत्थ वियणं सत्थवज्झा दाहवक्कंतीए दोच्चपि अहे सत्तमाए पुढवीए उक्कोसं तेत्तीससागरोवमट्ठिइएसु णेरइएसु उववज्जइ / सा गं तओहितो जाव उव्वट्टित्ता तच्चपि मच्छेसु उववण्णा। तत्थ वि य णं सत्थवज्झा जाव कालमासे कालं किच्चा दोच्चंपि छट्ठीए पुढवीए उक्कोसेणं 0 / तओऽणंतरं उव्वद्वित्ता उरएसु एवं जहा गोसाले तहा यन्वं जाव रयणप्पभाए [पुढवीओ उव्वद्वित्ता] सत्तसु उववण्णा / तओ उठव. द्वित्ता जाव इमाइं खहयरविहाणाइं जाव अदुत्तरं च णं खरबायरपुढविकाइय. ताए तेसु अणेगसयहसहस्सखुत्तो // 114 // सा गं तओऽणंतरं उन्वट्टित्ता इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे चंपाए णयरीए सागरदत्तस्स सत्थवाहस्स भद्दाए भारियाए कुच्छिसि दारियत्ताए पच्चायाया। तए णं सा भद्दा सत्यवाही Page #1229 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1216 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि णवण्हं मासाणं दारियं पयाया सुकुमालकोमलियं गयतालुयसमाणं। तीसेदारियाए णिव्वत्ते बारसाहियाए अम्मापियरो इमं एयारूवं गोण्णं गुणणिप्फणं णामधेज्ज करेंति-जम्हा णं अम्ह एसा दारिया सुकुमाला गयतालुयसमाणा तं होउ णं अम्हं इमीसे दारियाए णामधेज्जे सुकुमालिया 2 / तए णं तीसे दारियाए अम्मापियरो णामधेज्ज करेंति सूमालियत्ति। तए णं सा सूमालिया दारिया पंचधाईपरिग्गहिया तंजहा-खीरधाईए जाव गिरिकंदरमल्लीणा इव चंपकलया णिव्वाए णिवाघायंसि जाव परिवड्डइ / तए णं सा सूमालिया दारिया उम्मक्कबाल मावा रूवेण य जोन्व. णेण य लावण्णेण य उक्किट्ठा उक्किटुसरीराजाया यावि होत्था॥११५॥ तत्थ गं चंपाए णयरीए जिणदत्ते णामं सत्थवाहे अड्ढे / तस्स णं जिणदत्तस्स भद्दा भारिया सूमाला इट्ठा जाव माणुस्सए कामभोए पच्चणुमवमाणा विहरइ / तस्स गं जिणदत्तस्स पुत्ते भद्दाए मारियाए अत्तए सागरए णामं दारए सुकु. माले जाव सूरुवे / तए णं से जिणदत्ते सत्थवाहे अण्णया कयाइ सयाओ गिहाओ पडिमिक्खिमइ 2 ता सागरदत्तस्स गिहस्स अदूरसामतेणं वीईवयइ / इमं च णं सूमालिया दारिया व्हाया चेडियासंघपरिवडा उप्पि आगासतलगंसि कणगतेंदूसएणं कीलमाणी 2 विहरइ / तए णं से जिणदत्ते सत्थवाहे सूमालियं दारियं पासइ 2 ता सूमालियाए दारियाए रूवे य 3 जायविम्हए कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-एस णं देवाणुप्पिया ! कस्स दारिया किं वा णामधेज्जं से ? तए णं ते कोडंबियपुरिसा जिणदत्तेणं सत्थवाहेणं एवं वुत्ता समाणा हट्ट० करयल जाव एवं वयासी-एस गं देवा. णुप्पिया ! सागरदत्तस्स स० धूया भद्दाए अत्तया सूमालिया णामं दारिया सुकुमालपाणिपाया जाव उक्किट्ठा / तए गं से जिणदत्ते सत्यवाहे तेसि कोडं. बियाणं अंतिए एयमट्ठ सोच्चा जेणेव सए गिहे तेणेव उवागच्छइ 2 ता हाए जाव मित्तणाइपरिवडे चंपाए णयरीए मज्झमझंग जेणेव सागरदत्तस्स गिहे तेणेव उवागच्छइ / तए णं सागरदत्ते सत्थवाहे जिणदत्तं स० एज्जमाणं पासइ 2 ता आसणाओ अब्भुठेइ 2 ता आसणेणं उवणिमंतेइ 2 ता आसत्यं वीसत्थं सुहासणवरगयं एवं वयासी-मण देवाणुप्पिया ! किमागमणपओयणं ? तए णं से जिणदत्ते सत्थवाहे सागरदत्तं सत्थवाहं एवं वयासी-एवं खल अहं देवाणुप्पिया ! तव धूयं भद्दाए अत्तियं सूमालियं सागरस्स भारियताए Page #1230 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 16 1217 वरेमि / जइ णं जाणह देवाणुप्पिया ! जत्तं वा पत्तं वा सलाहणिज्जं वा सरिसो वा संजोगो ता दिज्जउ णं सूमालिया सागर[दारगस्त / तएणं देवाणुप्पिया! कि दलयामो सुकं सूमालियाए ? तए णं से सागरदत्ते स० जिणदत्तं स० एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! सूमालिया दारिया मम एगा एगजाया इट्ठा 5 जाव किमंग पुण पासणयाए / तं णो खल अहं इच्छामि सूमालियाए दारियाए खणमवि विप्पओगं / तं जइ णं देवाणप्पिया ! सागरदारए मम घरजामाउए भवइ तो णं अहं सागरस्स दारगस्स सूमालियं दलयामि / तए णं से जिणदत्ते स० सागरदत्तेणं स० एवं वृत्त समाणे जेणेव सए गिहे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता सागरदारगं सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-एवं खल पुत्ता ! सागरदत्ते स० मम एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! सूमालिया दारिया इट्ठा तं चेव, तं जइ णं सागरदारए मम घरजांमाउए भवइ ता दलयामि / तए गं से सागरए दारए जिणदत्तेणं स० एवं वुत्ते समाणे तुसिणीए / तए णं जिणदते स० अण्णया कयाइ सोहगंसितिहिकरणे विपुलं असणं 4 उबक्खडा. वेइ 2 ता मित्तणाई आमतेइ जाव सम्माणेत्ता सागरं दारगंण्हायं जाव सव्वालंकारविभसियं करेइ 2 ता पुरिससहस्सवाहिणि सीयं दुरूहावेइ 2 ता मित्तणाइ जाव संपरिवडे सव्विड्ढीए सयाओ गिहाओ णिग्गच्छइ 2 त्ता चंपा परि मज्झंमज्झेगंजेणेव सागरदत्तस्स गिहे तेणेव उवागच्छइ 2 ता सीयाओ पच्चोरुहइ 3 त्ता सागरं दारगं सागरदतस्स स० उवणेइ / तए णं से सागरदत्ते स०विपुलं असणं 4 उवक्खडावेइ २त्ता जावं सम्माणेत्ता सागरं दारगं सूमालि. याए दारियाए सद्धि पट्टयंसि दुरूहावेइ 2 ता सेयापीतएहि कलसेहि मज्जावेइ 2 ता होमं करावेइ 2 ता सागरं दारयं सूमालियाए दारियाए पाणि गेण्हावेइ // 116 // तए णं सागरदारए सूमालियाए दारियाए इमं एयारूवं पाणिफासं पडिसंवेदेइ से जहाणामए असिपत्तेइ वा जाव मुम्मुरेइ वा एत्तो अणिद्वतराए चेव पाणिफासं संवेदेइ / तए णं से सागरए अकामए अवसबसे तं मुहुत्तमित्तं संचिट्ठइ। तए णं से सागरदत्ते सत्थवाहे सागरस्स दारगस्स अम्मापियरो मित्तणाइ विपुलं असणं 4 पुप्फवस्थ जाव सम्माणेत्ता पडिविसज्जेइ / तए णं सागरए दारए सूमालियाए सद्धि जेणेव वासघरे तेणेव उवागच्छ। 2 ता सूमालियाए दारियाए सद्धि तलिगंसि णिवज्जइ / तए गं से सागरए Page #1231 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1218 अंग-पविट्ट सुत्ताणि दारए सूमालियाए दारियाए इमं एयारूवं अंगफासं पडिसंवेदेइ से जहाणामए असिपत्तेइ वा जाव अमणामय रागं चेव अंगफासं पच्चणभवमाणे विहरइ / तए णं से सागरए दारए सूमालियाए दारियाए अंगफासं असहमाणे अवसबसे महत्तंमित्त संचिट्टइ। तए णं से सागरदारए सूमालियं दारियं सुहपसुत्तं जाणित्ता सूमालियाए दारियाए पासाओ उठेइ 2 ता जेणेव सए सयणिज्जे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता सयणीयंसि णिवज्जइ / तए णं सूमालिया दारिया तओ महत्तं. तरस्स पडिबुद्धा समाणी पइंवया पइमणुरत्ता पई पासे अपस्समाणी तलिमाउ उठेइ 2 ता जंणेव से सयणिज्जे तेणेव उवागच्छइ 2 ता सागरस्स पासे णुवज्जइ / तए णं से सागरदारए सूमालियाए दारियाए दोच्चंपि इमं एयारूवं अंगफासं पडिसंवेदेइ जाव अकामए अवसव्वसे महत्तमेत्तं संचिट्ठइ / तए णं से सागरदारए सूमालियं दारियं सुहपसुत्तं जाणित्ता सयणिज्जाओ उठेइ 2 ता वासघरस्स दारं विहाडेइ 2 ता मारामुक्के विव काए जामेव दिसि पाउन्मए तामेव दिसि पडिगए // 117 // तए णं सूमालिया दारिया तओ महत्तंतरस्स पडिबुद्धा पइंवया जाव अपासमाणी सयणिज्जाओ उठेइ साग. रस्स दारगस्स सव्वओ समंता मग्गणगवेसणं करेमाणी 2 वासघरस्स दारं विहा. डियं पासइ 2 ता एवं वयासी-गए णं से सागरए-त्तिक? ओहयमणसंकप्पा जाव झियायइ / तए णं सा. भद्दा सस्थवाही कल्लं पाउप्पभायाए दासचेडियं सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-गच्छह णं तुमं देवाणुप्पिए ! वहुवरस्स मुहधोव. णियं उवणेहि / तए णं सा दासचेडी भद्दाए एवं वुत्ता समाणी एयमझें तहत्ति पडिसुणेइ 2 महधोवणियं गेण्हइ 2 ता जेणेव वासघरे तेणेव उवागच्छइ . समालियं दारियं जाव झियायमाणि पासइ 2 त्ता एवं वयासी-किण्णं तुम देवाणुप्पिए ! ओहयणमणसंकप्पा जाव झियाहि ? तए गं सा सूमालिया दारिया तं दासचेडीयं एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! सागरए दारए मम सुहपसुत्तं जाणित्ता मम पासाओ उठेइ 2 ता वासघरदुवारं अवगुण्डइ जाव पडिगए / तए णं (ह)तओ(अहं)महुतंतरस्स जाव विहाडियं पासामि 2 गए गं से सागरए-त्तिकटु ओहयमणसंकप्पा जाव झियायामि / तए णं सा दास. चेडी सूमालियाए दारियाए एयमह्र सोच्चा जेणेव सागरदत्ते सत्थ० तेणेव उवा. गच्छइ 2 ता सागरदत्तस्स एयमलैं णिवेदेइ / तए णं से सागरदत्ते दासचेडीए Page #1232 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 16 1219 अंतिए एफ्मठें सोच्चा णिसम्म आसुरुत्ते. जेणेव जिणदत्तसत्थवाहगिहे तेणेव उवागच्छइ 2 ता जिणदत्तं स० एवं वयासी-किण्णं देवाणुप्पिया ! एवं जुत्तं वा पत्तं वा कुलाणुरूवं वा कुलसरिसं वा जणं सागरदारए सूमालियं दारियं अधिट्टदोसं पइवयं विप्पजहाय इहमागओ ? बहूहिं खिज्जणियाहि य रुंटणियाहि य उवालमइ / तए णं जिणदत्ते सागरदत्तस्स सत्थ०एयम सोच्चा जेणेव सागरए दारए तेणेव उवागच्छइ 2 ता सागरयं दारयं एवं वयासीदुठ्ठ णं पुत्ता ! तुमे कयं सागरदत्तस्स गिहाओ इहं हव्वमागए, तेणं तं गच्छह णं तुमं पुत्ता ! एवमवि गए सागरदत्तस्स गिहे / तए णं से सागरए जिणदत्तं एवं वयासी-अवि याइं अहं ताओ! गिरिपडणं वा तरुपडणं वा मरुप्पवायं वा जलप्पवेसं वा जलणप्पवेसं वा विसभक्खणं वा सत्थोवाडणं वा वेहाणसं वा गिद्धपिढें वा पन्वज्ज वा विदेसगमणं वा अन्भुवगच्छिज्जामि णो खल अहं सागरदत्तस्स गिहं गच्छिज्जा / तए णं से सागरदते सत्थ० कुटुंतरिए सागरस्स एयमझें णिसामेइ 2 ता लज्जिए विलीए विड्डे जिणदत्तस्स सस्थ० गिहाओ पडिणिक्खमइ 2 ता जेणेव सए गिहे तेणेव उवागच्छइ 2 ता सुकुमालियं दारियं सहावेइ 2 ता अंके णिवेसेइ 2 ता एवं वयासी-किण्णं तव पुत्ता ! सागरएणं दारएणं मक्का ? अहं णं तुमं तस्स दाहामि जस्स णं तुम इट्ठा जाव मणामा भविस्ससित्ति सूमालियं दारियं ताहि इटाहि जाव वहि समासासेइ 2 ता पडिविसज्जेइ। तए णं से सागरदत्ते सत्यवाहे अण्णया उप्पि आगासतलगंसि सुहणिसण्णे रायमग्गं ओलोएमाणे 2 चिटुइ / तए णं से सागरदत्ते एग महं दमगपुरिसं पासइ, दंडिखंडणिवसणं खंडगमल्लगखंडघडग. हत्थगयं मच्छियासहस्सेहिं जाव अण्णिज्जमाणमग्गं / तए णं से सागरदत्ते सत्थवाहे कोडंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-तुम्भे गं देवाणुप्पिया ! एवं दमगपुरिसं विपुलेणं असण 4 पलोभेह * गिहं अणुप्पवेसेह 2 ता खंडगमल्लगं खंडघडगं च से एगते एडेह 2 ता अलंकारियकम्मं कारेह 2 ता व्हायं कयबलिकम्मं जाव विभूसियं करेह 2 ता मणणं असणं 4 भोयावेह . मम अंतियं उवणेह / तए णं ते कोडुबियपुरिसा जाव पडिसुर्णेति 2 ता जेणेव से दमगपुरिसे तेणेव उवागच्छंति 2 ता तं दमगं असण 4 उवप्पलोभेति 2 ता सयं गिह अणुप्पवेसिति 2 ता तं खंडगमल्लगं खंडगघडगं च तस्स दमग Page #1233 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1220 अंग-पविट्ट सुत्ताणि पुरिसस्स एगते एडेति / तए णं से दमगे तंसि खंडमल्लगंसि खंडघडगंसि य (एगंते)एडिज्जमागंसि महया 2 सद्देणं आरसइ / तए णं से सागरदत्ते सत्थवाहे तस्स दमगपुरिसस्स तं महया 2 आरसियसई सोच्चा णिसम्म कोडुंबियपुरिसे एवं ययासी-किण्णं देवाणुप्पिया ! एस दमगपुरिसे महया 2 सद्देणं आरसइ ? तए णं ते कोकुंबियपुरिसा एवं वयासी-एस गं सामी ! तंसि खंडमल्लगंसि खंडघडगंसि (एगते)य एडिज्जमाणंसि महया 2 सद्देणं आरसइ / तए णं से सागरदत्ते सत्थवाहे ते कोडंबियपुरिसे एवं वयासी-मा णं तब्भे देवाणप्पिया ! एयस्स दमगस्स तं खंड जाव एडेह पासे ठवेह जहा णं पत्तियं भवइ / तेवि तहेव ठविति तए णं ते कोडुबियपुरिसा तस्स दमगस्स अलंकारियकम्मं करेंति 2 त्ता सयपागसहस्सपाहि तिल्लेहिं अब्भंगति अब्भंगिए समाणे सुरभिगंधुव्वट्टः जेणं गायं उम्रिति उध्वट्टित्ता उसिणोदगगंधोदएणण्हाणेति सीओदगेणं ण्हाणेति. पम्हलसुकुमालगंधकासाईए गायाइं लहंति 2 ता हंसलक्खणं पट्टसाडगं परिहंति २त्ता सन्त्रालंकारविमसियं करेंति २त्ता विपुलं असणं 4 भोयाति 2 ता सागर. दत्तस्स उवणेति। तए णं [से] सागरदत्ते [2] सूमालियं दारियं हाय जाव सव्वा. लंकारविभूसियं करित्ता तं दमगपुरिसं एवं वयासी-एस णं देवाणुप्पिया ! मम धूया इट्ठा 5 एयं णं अहं तव भारियत्ताए दलयामि भद्दियाए भद्दओ भविज्जासि। तए णं से दमगपुरिसे सागरदत्तस्स एयमझें पडिसुणेइ 2 ता सूमालियाए दारियाए सद्धि वासघरं अणुपविसइ सूमालियाए दारियाए सद्धि तलिगंसि णिवज्जइ / तए गं से दमगपुरिसे सूमालियाए इमं एयारूवं अंगफासं पडिसंवे. देइ सेसं जहा सागरस्स जाव सयणिज्जाओ अब्भठेइ 2 ता वासघराओ णिग्गच्छइ 2 त्ता खंडमल्लगं खंडघडं च गहाय मारामुक्के विव काए जामेव दिसि पाउन्भए तामेव दिसि पडिगए / तए गं सा सूमालिया जाव गए गं से दमगपुरिसे-तिकटु ओहयमणसंकप्पा जाव झियायइ // 118 // तए णं सा भद्दा कल्लं पाउप्पभायाए दासचेडि सद्दावेइ 2 एवं वयासी जाव सागरदत्तस्स एयमझें णिवेदेइ / तए णं से सागरदत्ते तहेव संमंते समाणे जेणेव वासघरे तेणेव उवागच्छइ 2 ता सूमालियं दारियं अंके णिवेसेइ 2 ता एवं वयासी-अहो णं तुमं पुत्ता ! पुरापोराणाणं जाव पच्चणुभवमाणी Page #1234 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 16 1221 विहरसि, ते मा णं तुमं पुत्ता ! ओहयमणसंकप्पा जाव झियाहि, तुमं गं पुत्ता! मम महाणसंसि विपुलं असणं 4 जहा पोट्टिला जाव परिभाए. माणी विहराहि / तए णं सा सूमालिया दारिया एयमढें पडिसुणेइ 2 ता महाणसंसि विपुलं असणं 4 जाव दलमाणी विहरइ / तेणं कालेणं तेणं समएणं गोवालियाओ अज्जाओ बहुस्सुयाओ एवं जहेव तेयलिणाए सुव्वयाओ तहेव समोसडाओ तहेव संघाडओ जाव अणुपविठे तहेव जाव सूमालिया पडि. लाभित्ता एवं वयासी-एवं खलु अज्जाओ ! अहं सागरस्स अणिट्ठा लाव अम. णामा, णेच्छइ गं सागरए दारए मम णामं वा जाव परिभोगं वा, जस्स-जस्स वि य णं दिज्जामि तस्स-तस्स वि य णं अणिट्ठा जाव अमणामा भवामि, तुब्भे य गं अज्जाओ ! बहुणायाओ एवं जहा पोट्टिला जाव उवलद्धे जेणं अहं सागरस्स दारगस्स इट्ठा कंता जाव भवेज्जामि। अज्जाओ तहेव भणंति तहेव साविया जाया तहेव चिता तहेव सागरदत्तं स० आपुच्छइ जाव गोवा. लियाणं अंतिए पव्वइया / तए गं सा सूमालिया अज्जा जाया ईरियासमिया जाव गुत्तबंभयारिणी बहूहि चउत्थछट्टट्ठम जाव विहरइ / तए णं सा सूमालिया अज्जा अण्णया कयाइ जेणेव गोवालियाओ अज्जाओ तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता वंदइ णमंसइ वं० 2 ता एवं वयासी-इच्छामि गं अज्जाओ! तुहि अब्मणप्रणाया समाणी चंपाओ बाहिं सुभूमिभागस्स उज्जाणस्स अदूरसामंते छठें. छठेणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं सूराभिमुही आयावेमाणी विहरित्तए / तए ताओ गोवालियाओ अज्जाओ समालियं एवं वयासी-अम्हे गं अज्जे ! समणीओ णिग्गंथीओ ईरियासमियाओ जाव गुत्तबंभचारिणीओ, णो खलु अम्हं कप्पइ बहिया गामस्स वा जाव सण्णिवेसस्स वा छठंछठेणं जाव विहरित्तए, कप्पइ गं अम्हं अंतो उवस्सयस्स वइपरिक्खित्तस्स संघाडिबद्धियाए णं समतलपइयाए आयावित्तए / तए गं सा सूमालिया गोवालियाए अज्जाए एयमझें णो सद्दहइ णो पत्तियइ गो रोएइ एयमढें असद्दहमाणे 3 सुभूमिभागस्स उज्जाणस्स अदूरसामंते छठंछठेणं जाव विहरइ // 116 // तत्थ गं चंपाए ललिया णाम गोट्ठी परिवसइ गरवइदिगण (वि) पयारा अम्मापिइणियय. णिप्पिवासा वेसविहारकयणिकेया णाणाविहअविणयप्पहाणा अड्डा जाव अपरि. भूया / तत्थ णं चंपाए 0 देवदता णामं गणिया होत्था सुकुमाला जहा अंड. Page #1235 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1222 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि णाए / तए णं तीसे ललियाए गोट्ठीए अण्णया [कयाइ] पंच गोहिल्लगपुरिसा देवदत्ताए गणियाए सद्धि सुभूमिभागस्स उज्जाणस्स उज्जाणसिरि पच्चणुभव. माणा विहरति / तत्थ गं एगे गोटिल्लगपुरिसे देवदत्तं गणियं उच्छंगे धरेइ एगे पिट्टओ आयवत्तं धरेइ एगे पुप्फदूरयं रएइ एगे पाए रएइ एगे चामरुक्खेवं करेइ / तए गं सा सूमालिया अज्जा देवदत्तं गणियं तेहिं पंचहि गोहिल्लपुरि. सेहि सद्धि उरालाई माणुस्सगाई भोगभोगाई मुंजमाणि पासइ 2 ता इमेया. रूवे संकप्पे समुप्पज्जित्था-अहो णं इमा इत्थिया पुरापोराणाणं कम्माणं जाव विहरइ / तं जइ णं केइ इमस्स सुचरियस्स तवणियमबंभचेरवासस्स कल्लाणे फलवित्तिविसेसे अस्थि तो णं अहमवि आगमिस्सेणं भवग्गहणेणं इमेयारवाई उरालाई जाव विहरिज्जामि-तिकटु णियाणं करेइ 2 ता आयावणभूमिओ पच्चोरुहइ // 120 // तए गं सा सूमालिया अज्जा सरीरबउसा जाया यावि होत्था अभिक्खणं 2 हत्थे धोवेइ पाए धोवेइ सीसं धोवेइ महं धोवेइ थणंतराई धोवेइ कक्खंतराइंधोवेइ गोज्झंतराइं धोवेइ जत्थ णं ठाणं वा सेज्जं वा णिसीहियं वा चेएइ तत्थ वि य णं पुवामेव उदएणं अन्मक्खइत्ता तओ पच्छा ठाणं वा 3 चेएइ / तए गं ताओ गोवालियाओ अज्जाओ सूमालियं अज्ज एवं वयासी-एवं खल देवा० ! अज्जे ! अम्हे समणीओ णिगंथीओ इरिया. समियाओ जाव बंभचेरधारिणीओ, णो खल कप्पइ अम्हं सरीरबाउसियाए होत्तए, तुमं च णं अज्जे ! सरीरबाउसिया अभिक्खणं 2 हत्थे धोवेसि जाव चेएसि, तं तुमंणं देवाणुप्पिए ! एय[त]स्स ठाणस्स आलोएहि जाव पडिवज्जाहि। तए णं सूमालियागं गोवालियाणं अज्जाणं एयमह्र णो आढाइ णो परिजाणइ अणाढायमाणी अपरिजाणमाणी विहरइ। तए णं ताओ अज्जाओ सूमालियं अज्ज अभिक्खणं 2 अभिहीलंति जाव परिभवंति अभिक्खणं 2 एयमझें णिवारेति। तए गं तीसे सूमालियाए समणीहि णिग्गंथोहि होलिज्जमाणीए जाव वारिज्ज. माणो इमेयारूवे अज्झथिए जाव समप्पज्जित्था-जया णं अहं अगारवासमझे वसामि तया गं अहं अप्पवसा / जया णं अहं मुंडे भवित्ता पव्वइया तया गं अहं परवसा / पुद्वि च णं ममं समणीओ आढायंति इयाणि णो आढायंति। तं सेयं खलु मम कल्लं पाउप्पभायाए गोवालियाणं अंतियाओ पडिणिक्खमित्ता पाडिएक्कं उवस्सयं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए-त्तिकटु एवं संपेहेइ 2 ता Page #1236 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 16 1223 कल्लं पा० गोवालियाणं अज्जाणं अंतियाओ पडिणिक्खमइ 2 ता पाडिएक्कं उवस्सयं उवसंपज्जिताणं विहरइ / तए णं सा सूमालिया अज्जा अणोहट्टिया अषिवारिया सच्छंदमई अभिक्खणं 2 हत्थे धोवेइ जाव चेएइ तत्थ वि यणं पासत्था पासस्थविहारीणी ओसण्णा 2 कुसीला 2 संसत्ता 2 बहुणि वासाणि सामण्णपरियागं पाउणइ 2 अद्धमासियाए संलेहणाए तस्स ठाणस्स अणालोइयअपडिक्कंता कालमासे कालं किच्चा ईसाणे कप्पे अण्णयरंसि विमा. गंसि देवगणियत्ताए उववण्णा / तत्थेगइयाणं देवीणं णवपलिओवमाई ठिई पण्णत्ता / तत्थ णं सूमालियाए देवीए णवपलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता // 12 // तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जंबुद्दीवे 2 भारहे वासे पंचालेसु जणवएसु कंपिल्लपुरे णामं णयरे होत्था वण्णओ। तत्थ णं दुवए णाम राया होत्था वण्णओ। तस्स णं चुलणी देवी धट्ठज्जणे कुमारे जवराया। तए णं सा सूमालिया देवी ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं जाव चइत्ता इहेव जंबुद्दीवे 2 भारहे वासे पंचालेसु जणवएसु कंपिल्लपुरे णयरे दुवयस्स रणो चुलगीए देवीए कुच्छिसि दारियत्ताए पच्चायाया। तए गं सा चलणी देवी णवण्हं मासाणं जाव दारियं पयाया। तए णं तीसे दारियाए णिव्वत्तबारसाहियाए इमं एयारूवं० णामं०जम्हा णं एसा दारिया दुवपयस्स रणो धूया चुलगीए देवीए अत्तया तं होउ गं अम्हं इमीसे दारियाए णामधिज्जे दोवई / तए णं तीसे अम्मापियरो इमं एयारूवं गाणं गुणणिप्फण्णं णामधेज्जं करेंति दोवई तए सा दोवई दारिया पंचधाइपरिग्गहिया जाव गिरिकंदरमल्लीण इव चंपगलया णिवाय. णिवाघायंसि सुहंसुहेणं परिवड्डइ / तए णं सा दोवई देवी रायवरकण्णा उम्मक्कबालभावा जाव उक्किटुसरीरा जाया यावि होत्था / तए णं तं दोवई रायवरकण्णं अण्णया कयाइ अंतेउरियाओ व्हायं जाव विभसियं करेंति २त्ता दुवयस्स रणो पायवंदिउ पेसति / तए णं सा दोवई 2 जेणेव दुवए राया तेणेव उवागच्छइ 2 ता दुवयस्स रणो पायग्गहणं करेइ / तए णं से दुवए राया दोवई दारियं अंके णिवेसेइ 2 ता दोवईए 2 रूवेण य 3 जायविम्हए दोवइं.२ एवं वयासी-जस्स णं अहं [तुमं] पुत्ता ! रायस्स वा जवरायस्स वा भारियत्ताए संयमेव दलइस्सामि तत्थ णं तुमं सुहिया वा दुहिया वा भविज्जासि / तए णं मम जावज्जीवाए हिययडाहे मविस्सइ / तं णं अहं Page #1237 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1224 अंग-पविट्ट सुत्ताणि तव पुत्ता ! अज्जयाए सयंवरं विरयामि / अज्जयाए णं तुमं दिण्णं सयं. वरा / जे णं तुमं सयमेव रायं वा जुवरायं वा वरेहिसि से गं तव भत्तारे भविस्सइत्तिकटु ताहि इटाहि जाव आसासेइ 2 ता पडिविसज्जेइ // 122 // तए णं से दुवए राया दूयं सहावेइ 2 ता एवं क्यासी-गच्छह गं तुमं देवाण. प्पिया! बारवई गरि / तत्थ णं तुमं कण्हं वासुदेवं समुद्दविजयपामोक्खे दस दसारे बलदेवपामोक्खे पंच महावीरे उग्गसेणपामोक्खे सोलस रायसहस्से पज्जुण्णपामोक्खाओ अट्ठाओ कुमारकोडीओ संबपामोक्खाओ सटि दुईत. साहस्सीओ वीरसेणपामोक्खाओ इक्कवीसं वीरपुरिससाहस्सीओ महासेणपामोवखाओ छप्पण्णं बलवगसाहस्सीओ अण्णे य बहवे राईसरतलवरमाडंबियः कोडुंबियइब्भसेट्टिसेणावइसत्थवाहपभिइओ करपलपरिग्गहियं दसणहं सिर. सावत्तं मत्थए अंजलि कट्ट जएणं विजएणं वद्धावेहि 2 ता एवं वयाहिएवं खलु देवाणुप्पिया ! कंपिल्लपुरे णयरे दुवयस्स रण्णो धूयाए चुलणीए देवीए अत्तयाए धद्वज्जुणकुमारस्स भगिणीए दोवईए राय० सयंवरे भविस्सइ / तं गं तुम्भे देवा० ! दुवयं रायं अणुगिण्हेमाणा अकालपरिहीणं चेव कंपिल्लपुरे णयरे समोसरह / तए णं से दूए करयल जाव कटु दुवयस्स रणो एयमठें विण. एणं पडिसूणेइ 2 ता जेणेव सए गिहे तेणेव उवागच्छइ 2 ता कोडुबियपुरिसे सहावेइ 2 ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणप्पिया ! चाउग्घंटं आसरहं जुत्तामेव उवट्ठवेह जाव उवट्ठति / तए से दूए हाए जाव सरीरे चाउग्घंटं आसरहं दुरुहइ 2 ता बहूहिं पुरिसेहि सण्णद्ध जाव गहियाऽऽउहपहरणेहि सद्धि संपरिवडे कंपिल्लपुरं णयरं मन्झमझेगं जिग्गच्छइ० पंचालजण. वयस्स मज्झमझेणं जेणेव देसप्पंते तेणेव उवागच्छइ 2 ता सुरद्वाजणवयस्स मज्झंमज्झेणं जेणेव बारवई णयरी तेणेव उवागच्छह 2 ता बारवई णार मज्झमझेणं अणुप्पविसइ 2 ता जेणेव कण्हस्स वासुदेवस्स बाहिरिया उवट्ठाणसाला तेणेव उवागच्छइ 2 ता चाउग्घंटे आसरहं ठवेइ 2 ता रहाओ पच्चोरहइ 2 ता मणुस्सवरगुरापरिक्खित्ते पायविहारचारेणं जेणेव कण्हे वासुदेवे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता कण्हं वासुदेवं समहविजयपामोक्खे य दस दसारे जाव बलवगसाहस्सीओ करयल तं चेव जाव 'समोसरह / तए णं से कण्हे वासुदेवे लस्स दूयस्स अंतिए एयमलैं सोच्चा णिसम्म हतुठे जाव Page #1238 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 16 1225 हियए तं दूयं सक्कारेइ सम्माणेइ स० 2 ता पडिविसज्जेइ / तए णं से कण्हे वासुदेवे कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-गच्छह णं तुमं देवाणु. प्पिया ! सभाए सुहम्माए सामुदाइयं भेरि तालेहि / तए णं से कोडंबियपुरिसे करयल जाव कण्हस्स वासुदेवस्स एयमढं पडिसुणेइ 2 त्ता जेणेव सभाए सुहम्माए सामुदाइया भेरी तेणेव उवागच्छइ 2 ता सामुदाइयं भेरि महया 2 सद्देणं तालेइ / तए गं ताए सामुदाइयाए भेरीए तालियाए समाणीए समद्द. विजयपामोक्खा दस दसारा जाव महासेणपामोक्खाओ छप्पण्णं बलवगसाहस्सीओ व्हाया जाव विभूसिया जहाविभवइड्डिसक्कारसमुदएणं अप्पेगइया जाव पाय. विहारचारेणं जेणेव कण्हे वासुदेवे तेणेव उवागच्छंति 2 ता करयल जाव कण्हं वासुदेवं जएणं विजएणं वद्धाति / तए णं से कण्हे वासुदेवे कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-खिप्पामेव मो देवाणुप्पिया! अभिसेक्क हत्थिरयणं पडिकप्पेह हयगय जाव पच्चप्पिणंति / तए णं से कण्हे वासुदेवे जेणेव मज्जण. घरे तेणेव उवागच्छइ 2 ता समतजालाकुलाभिरामे जाव अंजणगिरिकड. सणिभं गयवई गरवई दुरूढे / तए णं से कण्हे वासुदेवे समुद्दविजयपामोहि दसहि दसारेहि जाव अणंगसेणापामोक्खाहि अणेगाहिं गणियासाहस्सीहि सद्धि संपरितुडे सविड्ढीए जाव रवेणं बारवई परि मझमज्झेणं णिग्गच्छइ 2 ता सुरद्वाजणवयस्स मज्झमज्झेणं जेणेव देसप्पंते तेणेव उवागच्छइ 2 ता पंचालजणवयस्स मज्झमझेणं जेणेव कंपिल्लपुरे णयरे तेणेव पहारेत्थ गमणाए। तए णं से दुवए राया दोच्चं दूयं सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-गच्छ [ह] गं 'तुमं देवाणुप्पिया ! हत्थिणाउरं णयरं, तत्थ गं तुमं पंडुरायं सपुत्तयं जुहिदिल्लं भीमसेणं अज्जणं णउलं सहदेवं दुज्जोहणं भाइसयसमग्गं गंगेयं विदुरं दोणं जयद्दहं सउणीं कीवं आसत्थामं करयल जाव कटु तहेव समोसरह / तए णं से दूए एवं वयासी- जहा वासुदेवे णवरं भेरी णत्थि जाव जेणेव कंपिल्लपुरे णयरे तेणेव पहारेत्थ गमणाए / एएणेव कमेणं तच्च यं चंपाणार, तत्थ गं तुमं कण्हं अंगरायं सेल्लं गंदिरायं करयल तहेव जाव समोसरह / चउत्थं दूयं सुत्तिमई णार, तत्थ णं तुमं सिसुपालं दमघोससुयं पंचभाइसयसंपरिवडं करयल तहेव जाव समोसरह / पंचमगं यं हस्थिसीस. णयरं तत्थ णं तुमं दमदंतं रायं करयल तहेव जाव समोसरह / छठं यं Page #1239 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1226 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि महुरंणार, तत्थ गं तुमं धरं रायं करयल जाव समोसरह / सत्तमं दूयं राय. गिहं णयरं, तत्थ गं तुम सहदेवं जरा सिंधुसुयं करयल जाव समोसरह / अट्टमं दूयं कोडिण्णं जयरं / तत्थ गं तुमं रुप्पि भेसगसुयं करयल तहेव जाव समोसरह / णवमं दूयं विराटं णयरं तत्थ गं तुम कीयगं माउसयसमग्गं कर. यल जाव समोसरह / दसमं दूयं अवसेसेसु (य) गामागरणगरेसु अणेगाई रायसहस्साई जाव समोसरह / तए णं से दूए तहेव णिग्गच्छइ जेणेव गामागर जाव समोसरह / तए णं ताई अणेगाइं रायसहस्साइं तस्स दूयस्स अंतिए एयमठं सोच्चा णिसम्म हद० तं यं सक्कारेंति सम्माणेति स० 2 त्ता पडिविज्जिति / तए णं ते. वासुदेवपामोक्खा बहवे रायसहस्सा पत्तेयं 2 व्हाया सण्णद्ध हस्थिखंधवरगयाहयगयरह. महया भडचडगररहपहकर . सहि 2 णयरेहितो अभिणिग्गच्छति 2 ता जेणेव पंचाले जणवए तेणेव पहारेत्थ गमणाए // 123 // तए णं से दुवए राया कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-गच्छह णं तुमं देवाणुप्पिया ! कंपिल्लपुरे णयरे बहिया गंगाए महाणईए अदूरसामंते एगं महं सयंवरमंडवं करेह अणेगखंभसयसण्णिविठं लीलट्टियसालभंजियागं जाव पच्चप्पिणंति / तए णं से दवए राया कोडुबियपुरिसे सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! वासुदेवपामोक्खाणं बहूणं रायसहस्साणं आवासे करेह / ते वि करेत्ता पच्चप्पि. गंति / तए णं से दुवए राया वासुदेवपामोक्खाणं बहूणं रायसहस्साणं आगमं जाणेत्ता पत्तेयं 2 हस्थिखंध जाव परिवुडे अग्धं च पज्जं च गहाय सविड्ढीए कंपिल्लपुराओ णिग्गच्छइ 2 ता जेणेव ते वासुदेवपामोक्खा बहवे रायसहस्सा तेणेव उवागच्छइ 2 ता ताई वासुदेवपामोक्खाइं अग्घेण य पज्जेण य सक्का. रेइ सम्माणेइ स० 2 ता तेसि वासुदेवपामोक्खाणं पत्तेयं 2 आवासे वियरइ / सए णं ते वासुदेवपामोक्खा जेणेव सया 2 आवासा तेणेव उवागच्छंति 2 हस्थि. खंधाहितो पच्चोरुहंति 2 त्ता पत्तेयं 2 खंधावारणिवेसं करेंति 2 ता सएसु 2 आवासेसु अणुप्पविसंति 2 ता सएसु 2 आवासेसु य आसणेसु य सयणेसु य सण्णिसण्णा य संतुयट्टा य बहूहि गंधब्बेहि य गाडएहि य उवगिज्जमाणा य उवणच्चिज्जमाणा य विहरंति / तए णं से दुवए राया कपिल्लपुरं णयरं अणुः प्पविसइ 2 ता विपुलं असणं 4 उवक्खडावेइ 2 ता कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ Page #1240 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 16 1227 2 ता एवं वंयासी-गच्छह गं तुम्भे देवाणुप्पिया ! विपुलं असणं 4 सुरं च मज्जं च मंसं च सीधुं च पसण्णं च सुबहुपुप्फवत्थगंधमल्लालंकारं च वासुदेवपामोक्खाणं रायसहस्साणं आवासेसु साहरह / ते वि साहरंति / तए णं ते वासुदेवपामोक्खा तं विपुलं असणं पाणं खाइमं साइमं जाव पसण्णं च आसाएमाणा 4 विहरंति जिमियभुत्तुत्तरागया वि य गं समाणा आयंता चोक्खा जाव सुहासणवरगया बहूहिं गंधव्वेहि जाव विहरंति। तए णं से दुवए राया पुवावरहकालसमयंसि कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-गच्छह णं तुमे देवाणुप्पिया ! कंपिल्लपुरे सिंघाडग जाव पहेसु वासुदेवपामोक्खाण य रायसहस्साणं आवासेसु हस्थिखंधवरगया महया 2 सद्देणं जाव उग्घोसेमाणा 2 एवं वयहएवं खलु देवाणुप्पिया! कल्लं पाउप्पभायाए दुवयस्स रणोधूयाए चुलणीए देवीए अत्तयाए धट्ठज्जुण्णसस्स भगिणीए दोवईए रा० सयंवरे भविस्सइ / तं तुब्भे गं देवाणुप्पिया! दुवयं रायाणं अणुगिण्हेमाणा हाया जाव विभूसिया हत्थिखंधवर. गया सकोरेंट० सेयवरचामर० हयगयरह. महया भडचडगरेणं जाव परिक्खित्ता जेणेव सयंवरमंडवे तेणेव उवागच्छह 2 ता पत्तेयं णामकेसु आसणेसु णिसीयह 2 ता दोवई रा० पडिवालेमाणा. 2 चिट्ठह घोसणं घोसेह 2 मम एयमाणत्तियं पच्चप्पिणह / तए गं ते कोडुबिया तहेव जाव पच्चप्पिणंति / तए णं से दुवए राया कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-गच्छह णं तुब्भे देवाणुप्पिया! सयंवरमंडवं आसियसंमज्ज़िओवलित्तं सुगंधवरगंधियं पंचवण्णपुप्फपुंजोवयार. कलियं कालागरुपवरकुंदुरुक्कतुरुक्क जाव गंधवट्टिभूयं मंचाइमंचकलियं करेह कारवेह करेता कारवेत्ता वासुदेवपामोक्खाणं बहूणं रायसहस्साणं पत्तेयं 2 णामकाई (कियाई) आसणाई अत्यपच्चत्युयाई रएह 2 ता एयमाणतियं पच्चप्पिणह तेवि जाव पच्चप्पिणंति / तए णं ते वासुदेवपामोक्खा बहवे रायसहस्सा कल्लं पाउ०हाया जाव विभूसिया हस्थिखंधवरगया सकोरेंट. सेयवरचामराहि हयगय जाव परिवडा सव्विढ्ढीए जाव रवेणं जेणेव सयंवरे. मंडवे तेणेव उवागच्छंति 2 त्ता अणुप्पविसंति 2 ता पत्तेयं 2 णामंकेत णिसीयंति दोवइं रायवरकणं पडिवालेमाणा चिट्ठति / तए णं से दुवए राया कल्लं हाए जाव विभसिए हत्थिखंधवरगए सकोरेंट० हयगय० कंपिल्ल. पुरं मझमज्झेणं णिग्गच्छद० जेणेव सयंवरामंडवे जेणेव वासुदेवपामोक्खा Page #1241 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1228 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि बहवे रायसहस्सा तेणेव उवागच्छइ 2 ता तेसि वासुदेवपामोक्खाणं करयल जाव वद्धावेत्ता कण्हस्स वासुदेवस्स सेयवरचामरं गहाय उववीयमाणे चिट्ठइ // 124 // तए णं सा दोवई रायवरकण्णा जेणेव मज्जणघरे तेणेव उवागच्छइ 2 ता हाया कयबलिकम्मा कयकोउयमंगलपायच्छित्ता सुद्धप्पावेसाई मंगलाई वस्थाई पवरपरिहिया जिणपडिमाणं अच्चणं करेइ 2 ता जेणेव अंतेउरे तेणेव उवागच्छइ / तए गं तं दोवई रा० अंतेउरियाओ सव्वालंकारविभसियं करेंति, कि ते ? वरपायपत्तणेउरा जाव चेडियाचक्कवालमयहरविंदपरिक्खित्ता अंते उराओ पडिणिक्खमइ 2 ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव चाउ. ग्घंटे आसरहे तेणेव उवागच्छइ 2 ता किड्डावियाए लेहियाए सद्धि चाउग्घंट आसरहं दुरूहइ। तए णं से धटुज्जणे कुमारे दोवईए रायवरकण्णाए सारत्थं करेइ / तए णं सा दोबई 2 कंपिल्लपुरं णयरं मझमज्झेणं जेणेव सयंवरमंडवे तेणेव उवागच्छइ 2 ता रहं ठवेइ रहाओ पच्चोरुहइ 2 ता किड्डावियाए लेहि याए सद्धि सयंवरमंडवं अणपविसइ करयल जाव तेसि वासुदेवपामोक्खाणं बहूणं रायवरसहस्साणं पणामं करेइ / तए.णं सा दोवई रा० एगं महं सिरिदामगंडं कि ते ? पाडलमल्लियचंपय जाव सत्तच्छयाईहि गंधद्धणि मयंतं परम. सुहफासं दरिसणिज्जं गेण्हइ / तए णं सा किड्डाविया जाव सुरूवा जाव वामहत्थेणं चिल्लगं दप्पणं गहेऊण सललियं दप्पणसंकंतबिंबसंदसिए य से दाहिणेणं हत्थेणं दरिसिए पवररायसीहे फुडविसयविसुद्धरिभियगंभीरमहरभणिया सा तेसि सवेसि पत्थिवाणं अम्मापिऊणं वंससत्तसामत्थगोत्तविक्कतिकतिबहुविहआगम. माहप्परूवजोवणगुणलावण्णकुलसीलजाणिया कित्तणं करेइ / पढमं ताव वहिपुंगवाणं दसदसार [वर] वीरपुरिसाणं तेलोक्कबलवगाणं सत्तसयसह. स्समाणावमद्दगाणं भवसिद्धिपवरपुंडरीयाणं चिल्लगाणं बलवीरियरूवजोव्वणलावण्णकित्तिया कित्तणं करेइ / तओ पुणो उग्गसेणमाईणं जायवाणं भणइ य सोहग्गरूवकलिए वरेहि वरपुरिसगंधहत्थीणं जो हु ते होइ हिययदइओ। तए णं सा दोबई रायवरकण्णगा बहूणं रायवरसहस्साणं मझमझेणं समइच्छमाणि 2 पुवकयणियाणेणं चोइज्जमाणी 2 जेणेव पंच पंडवा तेणेव उवागच्छइ 2 ता ते पंच पंडवे तेणं दसद्धवणेणं कुसुमदामेणं आवेढियपरि. वेढियं करेइ 2 ता एवं वयासी-एए णं मए पंच पंडवा वरिया। तए णं तेसि(ताई)वासुदेवपामोखाणं बहूणि रायसहस्साणि महया 2 सद्देणं उग्यो. Page #1242 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 16 1229 सेमाणाई 2 एवं वयंति-सुवरियं खलु भो ! दोवइए रायवरकण्णाए ति. कट्ट सयंवरमंडवाओ पडिणिक्खमंति 2 त्ता जेणेव सया 2 आवासा तेणेव उवागच्छंति / तए णं धद्वज्जुण्णेकुमारे पंच पंडवे दोवई रायवरकणं चाउ. ग्घंटं आसरहं दुरूहेइ 2 ता कंपिल्लपुरं मज्झमज्झेणं जाव सयं भवणं अण. पविसइ / तए णं दुवए राया पंच पंडवे दोवई राय० पट्टयं दुरूहेइ 2 ता सेयपीयएहि कलसेहिं मज्जावेइ 2 त्ता अग्गिहोमं कारवेइ पंचण्हं पंडवाणं दोवईए य पाणिग्गहणं करावेइ / तए णं से दुवए राया दोवईए रा० इमं एयारूवं पीइदाणं दलयइ तंजहा-अट्ठ हिरण्णकोडीओ जाव अट्ठ पेसणकारीओ दास. चेडीओ अण्णं च विपुलं धणकणग जाव दलयइ / तए णं से दुवए राया ताई वासुदेवपामोक्खाइं विपुलेणं असणपाणखाइमसाइमेणं वत्थगंध जाव पडिविसज्जेइ // 135 // तए णं से पंडू राया तेसि वासुदेवपामोक्खाणं बहूणं रायसहस्साणं करयल जाव एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! हत्थिणाउरे गयरे पंचण्हं पंडवाणं दोवईए य देवीए कल्लाणकरे भविस्सइ, तं तुब्भे गं देवाणुप्पिया ! ममं अणुगिण्हमाणा अकालपरिहीणं समोसरह / तए णं ते वासुदेवपामोक्खा पत्तेयं 2 जाव पहारेत्थ गमणाए / तए णं से पंड राया कोडंबियपुरिसे सद्दावेइ सद्दावेत्ता एवं वयासी-गच्छह णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! हस्थिणाउरे पंचव्ह पंडवाणं पंच पासायडिसए कारेह अब्भग्गयमसिय वण्णओ जाव पडिरूवे / तए णं ते कोडंबियपूरिसा पडिसुणेति जाव करावेंति / तए णं से पंडुए राया पंचहि पंडवेहिं दीवईए देवीए सद्धि हयगयसंपरिवुडे कंपिल्लपुराओ पडिणिक्खमइ 2 ता जेणेव हस्थिणाउरे तेणेवे उवागए / तए णं से पंडुराया तेसि वासुदेवपामोक्खाणं आगमणं जाणित्ता कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-गच्छह णं तुम्भे देवाणुप्पिया ! हथिणाउरस्स गयरस्स बहिया वासु. देवपामोक्खाणं बहूणं रायसहस्साणं आवासे कारेह अणेगखंभसय० तहेव जाव पच्चप्पिणंति / तए णं ते वासुदेवपामोक्खा बहवे रायसहस्सा जेणेव हस्थिणाउरे गयरे तेणेव उवागच्छति / तए णं से पंडूराया तेसि वासुदेवपामोक्खाणं आगमणं जाणित्ता हट्टतुठे आहाए कयबलिकम्मे जहा दुपए जाव जहारिहं आवासे दल. यइ / तए णं ते वासुदेवपामोक्खा बहवे रायसहस्सा जेणेव सया 2 आवासा तेणेव उवागच्छंति 0. तहेव जाव विहरंति / तए णं से पंडू राया हत्थिणाउरं जयरं अणुपविसइ 2 ता कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-तुन्भे गं Page #1243 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1230 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि देवाणुप्पिया। विपुलं असणं 4 तहेव जाव उवणेति / तए णं ते वासुदेवपामोक्खा बहवे रायसहस्सा हाया कयबलिकम्मा तं विपुलं असणं 4 तहेव जाव विह रंति / तए णं से पंडूराया [त] पंचपंडवे दोवई च देवि पट्टयं दुरूहेइ 2 ता सीयापीएहि कलसेहि ण्हावेइ 2 ता कल्लाणकारं करेइ 2 ता ते वासुदेवपामोक्खे बहवे रायसहस्से विपुलेणं असण 4 पुप्फवत्थेणं सक्कारेइ सम्माणेइ जाव पडिविसज्जेइ / तए णं ताई वासुदेवपामोक्खाई बहूहि जाव पडिगयाई // 126 // तए णं ते पंच पंडवा दोवईए देवीए (सद्धि अंतो अंतेउरपरियाल) सद्धि कल्लाल्लि वारंवारेणं ओरालाई भोगभोगाई जाव विहरंति / तए णं से पंडू राया अण्णया कयाइं पंचहि पंडवेहिं कोंतीए देवीए दोवईए य सद्धि अंतोअंतेउरपरियालसद्धि संपरिवुडे सीहासणवरगए यावि विहरइ / इमं च णं कच्छुल्लणारए दंसणेणं अइभद्दए विणीए अंतो 2 य कलुसहियए मज्झत्थो. वस्थिए य अल्लीणसोमपियदंसणे सुरुवे अमइलसगलपरिहिए कालमियचम्म. उत्तरासंगरइयवत्थे दण्डकमण्डलहत्थे जडामउडदित्तसिरए जण्णोवइयगणेत्तिय. मुंजमेहलावागलधरे हत्थकयकच्छभीए पियगंधव्वे धरणिगोयरप्पहाणे संवरणा. वरणओवय (णउ) णुप्पयणिलेसणीसु य संकामणिअमिओगपण्णत्तिगमणीथंभगीसु य बहूसु विज्जाहरीसु विज्जासु विस्सुयजसे इठे रामस्स य केसवस्स य पज्जुण्णपईवसंबअणिरुद्धणिसढ उम्मयसारणगयसुमुहदुम्मुहाईणं जायवाणं अद्ध. द्वाण कुमारकोडीणं हिययदइए संथवए कलहजुद्धकोलाहलप्पिए भंडणाभिलासी बहूसु य समरसयसंपराएसु दंसणरए समंतओ कलहं सदक्खिणं अणुगवेस. माणे असमाहिकरे दसारवरवीरपुरिसतेलोक्कबलगवगाणं आमंतेऊण तं भग. वई ए(प) कर्माण गगणगमणदच्छं उप्पइओ गगणमभिलंघयंतो गामागरणगर. खेडकब्बडमडंबदोणमुहपट्टणसंवाहसहस्समंडियं थिमियमेइणीतलं वसुहं ओलो. इंतो रम्म हत्थिणाउरं उवागए पंडरायभवणंसि अइवेगेण समोवइए / तए णं से पंडू राया कच्छुल्लणारयं एज्जमाणं पासइ 2 ता पंचहि पंडवेहि कुंतीए य देवीए सद्धि आसणाओ अब्भुढेइ 2 ता कच्छुल्लणारयं सत्तट्ठपयाई पच्चुः ग्गच्छइ 2 ता तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणं करेइ 2 ता वंदइ णमंसइ वं० 2 ता महरिहेणं आसणेणं उवणिमंतेइ / तए णं से कच्छुल्लणारए उदगपरिफोसि. याए दब्भोवरिपच्चत्थयाए भिसियाए णिसीयइ 2 ता पंडुरायं रज्जे जाव Page #1244 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 16 1231 अंतेउरे य कुसलोदंतं पुच्छह / तए गं से पंडुराया कोंती देवी पंच य पंडवा कच्छल्लणारयं आढ़ति जाव पज्जवासंति / तए गं सा दोवई देवी कच्छल्ल. णारयं, अस्संजयं अविरयं अप्पडिहयपच्चक्खायपावकम्म-तिकट्ट गो आढाइ णो परियाणइ णो अन्मुठेइ णो पज्जुवासइ // 127 // तए णं तस्स कच्छुल्लणारयस्स इमेयारूवे अज्झथिए चितिए पस्थिए मणोगए संकप्पे समु. प्पज्जित्था-अहो गं दोवई देवी रूवेण य जाव लावणेण य पंचहिं पंडवेहि अणुब (वस्थ) द्धा समाणी ममं जो आढाइ जाव णो पज्जुवासइ / तं सेयं खलु मम दोवईए देवीए विप्पियं करित्तए-त्तिकट्ट एवं संपेहेइ 2 ता पंड्यरायं आपुच्छइ 2 ता उप्पणि विज्ज आवाहेइ 2 ता ताए उक्किट्ठाए जाव विज्जा. हरगईए लवणसमुहं मज्झमज्झेणं पुरत्थाभिमुहे वीइवइउं पयत्ते यावि होत्था। तेणं कालेणं तेणं समएणं धायइसंडे दीवे पुरथिमद्धदाहिणभरहवासे अमर. कंका णाम रायहाणी होत्था। तत्थ गं अमरकंकाए रायहाणीए पउमणाभे णामं राया होत्था महया हिमवंत वण्णओ। तस्स गं पउमणाभस्स रणो सत्त देवीसयाई ओरोहे होत्था / तस्स गं पउमणामस्स रण्णो सुणाभे णामं पुत्ते जवराया यावि होत्था। तए णं से पउमणाभे राया अंतोअंतेउरंसि ओरोहसंपरिवडे सीहासणवरगए विहरइ / तए णं से कच्छुल्लणारए जेणेव अमरकंका रायहाणी जेणेव पउमणांभस्स भवणे तेणेव उवागच्छइ 2 ता पउमणाभस्स रणो भवणंसि झत्तिवेगेणं समोवइए / तए गं से पउमणाभे राया कच्छुल्लणारयं एज्जमाणं पासइ पासित्ता आसणाओ अभट्ठेइ 2 ता अग्घेणं जाव आसणेणं उवणिमंतेइ / तए गं से कच्छुल्लणारए उदयपरिफोसियाए दन्भोवरिपच्चत्याए भिसियाए णिसीयइ जाव कुसलोदंतं आपुच्छइ / तए णं से पउमणामे राया णियगओरोहे जायविम्हए कच्छुल्लणारयं एवं वयासी-तुब्भं देवाणुप्पिया ! बहूणि गामाणि जाव गेहाई अणुपविससि, तं अस्थि-याइं ते कहिचि देवाणुप्पिया ! एरिसए ओरोहे दिट्ठपुव्वे जारिसए णं मम ओरोहे ? तए गं से कच्छुल्लणारए पउमणामेणं रण्णा एवं वृत्ते समाणे ईसि विहसियं करेइ 2 ता एवं वयासी-सरिसे गं तुमं पउमणामा ! तस्स अगड. दद्दुरस्स / के गं देवाणुप्पिया ! से अगडददुरे ? एवं जहा मल्लिणाए / एवं देवाणुप्पिया ! जंबुद्दीवे 2 मारहे वासे हत्यिणाउरे णयरे दुपयस्स रण्णो धूया Page #1245 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अग-पान 1232 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि चुलणीए देवीए अत्तया पंडस्स सुहा पंचण्हं पंडवाणं भारिया दोवई देवी स्वेण य जाव उक्किटुसरीरा / दोवईए णं देवीए छिण्णस्सवि पायंगुद्वयस्स अयं तव ओरोहे सइमंपि कलं ण अग्घइ-त्तिकटु पउमणाभं आपुच्छइ 0 जाव पडिगए। तए णं से पउमणाभे राया कच्छल्लणारयस्स अंतिए एयमठे सोच्चा णिसम्म दोवईए देवीए रूवे य 3 मच्छिए 4 0 जेणेव पोसहसाला तेणेव उवागच्छर २त्ता पोसहसालं जाव पुत्वसंगइयं देवं एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! जंबुद्दीवे 2 भारहे वासे हस्थिणाउरे जाव उक्किट्ठसरीरा, तं इच्छामि गं देवाणु. प्पिया ! दोवई देवि इहमाणियं / तए णं पुव्वसंगइए देवे पउमणामं एवं वयासी-णो खलु देवाणुप्पिया! एयं भूयं वा भव्वं वा भविस्सं वा जपणं दोवई देवी पंचपंडवे मोत्तण अण्णेणं पुरिसेणं सद्धि ओरालाइं जाव विहरिस्सइ / तहावि य णं अहं तव पियट्टयाए दोवई देवि इहं हव्वमाणेमि-तिकटु पउम णाभं आपुच्छइ 2 ता ताए उक्किट्ठाए जाव लवणसमुहं मज्झमज्झेणं जेणेव हत्थिणाउरे णयरे तेणेव पहारेत्थ गमणाए / तेणं कालेणं तेणं समएणं हत्यिणा. उरे णयरे जुहिडिल्ले राया दोवईए देवीए सद्धि उप्पि आगासतलसि सुहप्पसुत्ते याविहोत्था / तए णं से पुव्वसंगइए देवे जेणेव जहिडिल्ले राया जेणेव दोवई देवी तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता दोवईए देवीए ओसोवणियं दलयइ 2 ता दोवई देवि गिण्हइ 2 त्ता ताए उक्किट्ठाए जाव जेणेव अमरकंका जेणेव पउमणामस्स भवणे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता पउमणाभस्स भवणंसि असोगवणियाए दोवई देवि ठावेइ 2 ता ओसोवणि अवहरइ 2 त्ता जेणेव पउमणाभे तेणेव उवागच्छइ 2 ता एवं वयासी-एस णं देवाणप्पिया ! मए हस्थिणाउराओ दोवई देवी इह हव्वमाणीया तव असोगवणियाए चिट्ठइ। अओ परं तुमं जाणसि-त्तिकद्ध जामेव दिसि पाउन्भूए तामेव दिसि पडिगए / तए णं सा दोवई देवी तओ महत्त. तरस्स पडिबुद्धा समाणी तं भवणं असोगवणियं च अपच्चभिजाणमाणी एवं वयासी-जो खलु अम्हं एसे सए भवणे णो खलु एसा अम्हं सगा असोगवणिया। तं ण णज्जइ णं अहं केणई देवेण वा दाणवेण वा किंपुरिसेण वा किणरेण वा महोरगेण वा गंधव्वेण वा अण्णस्स रणो असोगवणियं साहरिय-त्तिक१ ओहयमणसंकप्पा जाव झियायइ / तए गं से पउमगाभे राया हाए जाव सध्वालंकारविभूसिए अंतेउरपरियालसंपरिवडे जेणेव असोगवणिया जेणेव दोवई Page #1246 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 16 1233 देवी तेणेव उवागच्छइ 2 ता दोवती देवी ओहय * जाव झियायमाणीं पासइ 2 ता एवं वयासी-किण्णं तुमं देवाणुप्पिए ! ओहय जाव झियाहि ? एवं खलु तुमं देवाणुप्पिए ! मम पुत्वसंगइएणं देवेणं जंबुद्दीवाओ 2 भारहाओ वासाओ हत्थिणापुराओ जयराओ जहिटिल्लस्स रण्णो भवणाओ साहरिया, तं माणं तुमं देवाणुप्पिए ! ओहय० जाव झियाहि, तुमं णं मए सद्धि विपुलाई भोगभोगाई जाव विहराहि / तए णं सा दोवई देवी पउमणामं एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! जंबुद्दीवे 2 भारहे वासे बारवईए णयरीए कण्हे णामं वासुदेवे ममप्पियभाउए परिवसइ, तं जइ णं से छहं मासाणं ममं कूवं णो हवमागच्छइ तए गं अहं देवाणुप्पिया ! जं तुमं वदसि तस्स आणाओवायवयणणिद्देसे चिहिस्सामि / तए णं से पउमणाभे दोवईए एयम→ पडिसुणेइ 2 ता दोवइं देवि कण्णतेउरे ठवेइ / तए णं सा दोवई देवी छठंछट्टेणं अणि. क्खित्तेणं आयंबिलपरिग्गहिएणं तवोकम्मेणं अप्पाणं भावेमाणी विहरइ // 12 // तए णं से जटिल्ले राया तओ महत्तंतरस्स पडिबद्ध समाणे दोवइं देवि पासे अपासमाणो सयणिज्जाओ उठेइ 2 ता दोवईए देवीए सव्वओ समंता मग्गण. गवेसणं करेइ 2 ता दोवईए देवीए कत्थइ सुई वा खुइं वा पत्ति वा अलभमाणे जेणेव पंडू राया तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता पंडू रायं एवं वयासी-एवं खल ताओ! मम आगासतलगंसि सुहपसुत्तस्स पासाओ दोवई देवी ण णज्जइ केणइ देवेण वा दाणवेण वा किंपुरिसेश वा किण्णरेण वा महोरगेण वा गंधव्वेण वा हिया वाणिया वा अवविखत्ता वा ? तं इच्छामि गं ताओ ! दोवईए देवीए सव्वओ समंता मग्गणगवेसणं क (रित्तए)यं / तए णं से पंडू राया कोडुंबिय. पुरिसे सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-गच्छह गं तुब्भे देवाणुप्पिया ! हत्थिणाउरे णयरे सिंघाडगतियचउक्कचच्चरमहापहपहेसु महया 2 सद्देणं उग्घोसेमाणा 2 एवं वयह-एवं खलु देवाणुप्पिया ! जुहिटिल्लस्स रणो आगास. तलगंसि सुहपसुत्तस्स पासाओ दोवई देवी ण णज्जइ केणइ देवेण वा दाणवेण वा किंपुरिसेण वा किण्णरेण वा महोरगेण वा गंधब्वेण वा हिया वा णिया वा आक्खित्ता वा, तं जो गं देवाणुप्पिया ! दोवईए देवीए सुई वा खई वा पवित्ति वा परिकहेइ तस्स गं पंडू राया विउलं अस्थसंपयाणं (दाणं) वलयइ-त्तिकट्ट घोसणं घोसावेह 2 ता एयमाणत्तियं पच्चप्पिणह / तए Page #1247 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1234 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि णं ते कोडुंबियपुरिसा जाव पच्चप्पिणंति / तए णं से पंडूराया दोवईए देवीए कत्थइ सुई वा जाव अलभमाणे कोंती देवीं सद्दावेइ 2 ता एवं वयासीगच्छह णं तुमं देवाणुप्पिया ! बारवई गरि कण्हस्स वासुदेवस्स एयमढें णिवेदेहि / कण्हे णं परं वासुदेवे दोवईए देवीए मग्गणगवेसणं करेज्जा अण्णहा ण पज्जइ दोवईए देवीए सुई वा खुई वा पवित्ति वा उवलभेज्जा / तए णं सा कोंती देवी पंडुरण्णा एवं वृत्ता समाणी जाव पडिसुणेइ 2 ता हाया कयबलिकम्मा हत्थिखंधवरगया हस्थिणारं जयरं मज्झंमज्झेणं णिग्गच्छद 2 ता कुरुजणवयं मज्झमझेणं जेणेव सुरद्वाजणवए जेणेव बारवई णयरी जेगेव अग्गुज्जाणे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता हत्थिखंधाओ पच्चोरुहइ 2 ता कोडुंबिय. पुरिसे सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-गच्छह णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! जेणेव (बारवई ण०) बारवई गरि अणुपविसह 2 ता कण्हं वासुदेवं करयल० एवं वयह-एवं खलु सामी ! तुब्भं पिउच्छा कोंती देवी हत्थिणाउराओ णयराओ इहं हव्वमागया तुम दंसणं कंखइ / तए णं ते कोडुंबियपुरिसा जाव कहेंति / लए णं कण्हे वासुदेवे कोडुबियपुरिसाणं अंतिए एयमढं सोच्चा णिसम्म हद्वतुझे हस्थिखंधवरगए हयगय० बारवईए णयरीए मझमझेणं जेणेव कोंती देवी तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता हत्थिखंधाओ पच्चोरुहइ 2 ता कोंतीए देवीए पायग्गहणं करेइ 2 ता कोंतीए देवीए सद्धि हस्थिखधं दुरूहइ 2 ता बारवईए णयरीए मज्झमज्झेणं जेणेव सए गिहे तेणेव उवागच्छइ 2 ता सयं गिह अण. प्पविसइ / तए णं से कण्हे वासुदेवे कोंती देवि हायं कयबलिकम्म जिमिय. भुत्तुत्तरागयं जाव सुहासणवरगयं एवं वयासी-संदिसउ णं पिउच्छा ! किमाग. मणपओयणं? तए पंसा कोंती देवी कण्हं वासुदेवं एवं वयासी-एवं खलु पुत्ता! हस्थिणाउरे णयरे जुहिडिल्लस्स रण्णो आगासतलए सुहपसुत्तस्स पासाओ दोवई देवी ण णज्जइ केणइ अवहिया जाव अवविखत्ता वा, तं इच्छामि गं पुत्ता ! दोवईए देवीए मग्गणगवेसणं कयं / तए णं से कण्हे वासुदेवे कोंती पिउ. च्छि एवं वयासी-जंणवरं पिउच्छा! दोवईए देवीए कत्थइ सुई वा जाव लभामि तो णं अहं पायालाओ वा भवणाओ वा अद्धभरहाओ वा समंतओ दोवई (देवि) साहत्थि उवणेमि-त्तिक१ कोंती पिच्छि सक्कारेइ सम्मांणेइ जाव पडिविस. ज्जेइ / तए णं सा कोंती देवी कण्हेणं वासुदेवेणं पडिविसज्जिया समाणी Page #1248 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 16 1235 जामेव दिसि पाउन्भूया तामेव दिसि पडिगया। तए णं से कण्हे वासुदेवे कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-गच्छह गं तुब्भे देवाणुप्पिया ! बारवइं णरि एवं जहा पंड तहा घोसणं घोसावेइ जाव पच्चप्पिणंति पंडस्स जहा तए णं से कण्हे वासुदेवे अण्णया अंतोअंतेउरगए ओरोहे जाव विहरइ / इमं च णं कच्छल्लणारए जाव समोवइए जाव णिसीइत्ता कण्हं वासुदेवं कुसलोदंतं पुच्छइ / तए णं से कण्हे वासुदेवे कच्छुल्लं णारयं एवं वयासी-तुमं गं देवाणुप्पिया ! बहूणि गामागर जाव अणुपविससि, तं अत्थि-याइं ते कहिंचि दोवईए देवीए सुई वा जाव उवलद्धा ? तए णं से कच्छुल्लणारए कण्हं वासुदेवं एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया! अण्णया धायईसंडे दीवे पुरथिमद्धं दाहिगड्डभरहवासं अवरकंकारायहाणि गए, तत्थ णं मए पउमणाभस्स रण्णो भवणंसि दोवई देवी जारिसिया दिट्टपुटवा यावि होत्था / तए णं कण्हे वासुदेवे कच्छुल्लं एवं वयासी-तुभं चेव णं देवाणुप्पिया ! ए (यं)वं पुवकम्मं / तए णं से कच्छुल्लणारए कण्हेणं वासुदेवेणं एवं वुत्ते समाणे उप्पणि विज्ज आवाहेइ 2 ता जामेव दिसि पाउन्भूए तामेव दिसि पडिगए / तए णं से कण्हे वासुदेवे दूयं सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-गच्छह णं तुम देवाणुप्पिया ! हथिणाउरं पंडुस्स रण्णो एयमझें णिवेदेहि-एवं खलु देवाणुप्पिया ! धायइसंडे दीवे पुरच्छिमद्धे अवरकंकाए रायहाणीए पउमणाभभवणंसि दोवईए देवीए पउत्ती उवलद्धा। तं गच्छंतु पंच पंडवा चाउरंगिणीए सेणाए सद्धि संपरिबुडा पुरस्थिमवेयालीए ममं पडिवालेमाणा चिट्ठतु / तए णं से दूए जाव भणइ (जाव) पडि. वालेमाणा चिटुइ / तेवि जाव चिट्ठति / तए णं से कण्हे वासुदेवे कोडंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-गच्छह गं तुब्भे देवाणप्पिया ! सण्णाहियं र तालेह / तेवि तालेति / तए णं तीसे सण्णाहियाए भेरीए सह सोच्चा समदृविजयपामोक्खा दस दसारा जाव छप्पण्णं बलवयसाहस्सीओ सण्णद्धबद्ध जाव गहियाउहपहरणा अप्पेगइया हयगया (अप्पेगइया) गयगया जाव वग्गुरापरिक्खित्ता जेणेव सभा सुहम्मा जेणेव कण्हे वासुदेवे तेणेव उवागच्छंति 2 ता करयल जाव वद्धाति / तए णं से कण्हे वासुदेवे हत्थिखंधवरगए सको. रेंटमल्लदामेणं छत्तेणं धारिज्जमाणेणं सेयवर० हयगय 0 महया भडचडगरपहकरेणं बारवईए णयरीए मझमज्जेणं गिग्गच्छइ 0 जेणेव पुरथिमवेयाली Page #1249 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1236 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि तेणेव उवागच्छइ 2 ता पंचहि पंडवेहि सद्धि एगयओ मिलइ 2 ता खंधा. वारणिवेसं करेइ 2 ता पोसहसालं अणुप्पविसइ 2 ता सुट्ठियं देवं मणसि. करेमाणे 2 चिट्ठइ / तए णं कण्हस्स वासुदेवस्स अट्ठमभत्तंसि परिणममाणंसि सुटिओ जाव आगओ -भण देवाणुप्पिया ! जं मए कायध्वं / तए णं से कण्हे वासुदेवे सुट्टियं देवं एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! दोवई देवी जाव पउमणाभस्स भवर्णसि साहरिया, तण्णं तुमं देवाणुप्पिया ! मम पंचहि पंडवेहि सद्धि अप्पछट्ठस्स छण्हं रहाणं लवणसमुद्दे मग्गं वियरेहि जणं अहं अवर. कंकारायहाणि दोवईए कूवं गच्छामि / तए णं से सुट्टिए देवे कण्हं वासुदेवं एवं वयासी-किण्हं देवाणप्पिया ! जहां चेव पउमणाभस्स रणो पुत्वसंगइएणं देवेणं दोवई जाव संहरिया तहा चेव दोवई देवि धायईसंडाओ दीवाओ भार. हाओ जाव हत्थिणाउरं साहरामि उदाहु पउमणाभं रायं सपुरबलवाहणं लवण. समुद्दे पक्खिवामि ? तए णं से कण्हे वासुदेवे सुट्टियं देवं एवं वयासी-मा णं तुम देवाणुप्पिया ! जाव साहराहि, तुम णं देवाणुप्पिया ! मम लवणसमुद्दे पंचहि पंडहिं सद्धि अप्पछट्ठस्स छण्हं रहाणं मग्गं वियराहि, सयमेव णं अहं दोवईए कुवं गच्छामि / तए णं से सुटिए देवे कण्हं वासुदेवं एवं वयासी-एवं होउ / पंचहि पंडवेहि सद्धि अप्पछटुस्स छण्हं रहाणं लवणसमद्दे मगं वियः रइ / तए णं से कण्हे वासुदेवे चाउरंगिणी सेणं पडिविसज्जेइ 2 ता पंचहि पंडवेहि सद्धि अप्पछठे छहिं रहेहि लवणसमुई मझमज्झेणं वीईवयइ 2 ता जेणेव अवरकंका रायहाणी जेणेव अवरकंकाए रायहाणीए अग्गज्जाणे तेणेव उवागच्छइ 2 ता रहं ठवेइ 2 ता दास्यं सारहिं सद्दावेइ 2 ता एवं वयासीगच्छह णं तुमं देवाणुप्पिया ! अवरकंकारायहाणि अणुप्पविसाहि 2 ता पउम णाभस्स रणो वामेणं पाएणं पायपीढं अक्कमित्ता कुंतग्गेणं लेहं पणामेहि तिवलियं भिडि णिडाले साहट्ट आसुरुत्ते रुठे कुद्धे कुविए चंडिक्किए एवं व०-हं भो पउमणाभा! अपत्थियपत्थिया! दुरंतपंतलक्खणा! होणपुण्णचाउद्दसा! सिरीहिरिधीपरिवज्जिया ! अज्ज ण भवसि किण्णं तुम ण याणासि कण्हस्स वासुदेवस्स भगिणि दोवई देवि इहं हवमाणमाणे ? तं एयमवि गए पच्च. प्पिणाहि णं तुमं दोवई देवि कण्हस्स वासुदेवस्स अहव णं जुद्धसज्जे णिग्गच्छाहि एस णं कण्हे वासुदेवे पंचहि पंडवेहि सद्धि अप्पछठे दोवईए देवीए कूवं हव्व. Page #1250 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 16 1237 मागए / तए णं से दारुए सारही कण्हेणं वासुदेवेणं एवं वुत्ते समाणे हट्टतुठे (जाव) पडिसुणेइ 2 त्ता अवरकंकं रायहाणि अणुपविसइ 2 त्ता जेणेव पउमणाभे तेणेव उवागच्छइ 2 ता करयल जाव वद्धावेत्ता एवं वयासी-एस गं सामी ! मम विणयपडिवत्ती इमा अण्णा मम सामिस्स समुहाणत्ति-त्तिकटु आसुरुत्ते वामपाएणं पायपीढं अ(णु)वक्कमइ 2 ता कोतग्गेणं लेहं पणामइ * जाव कूवं हध्वमागए / तए णं से पउमणाभे दारुएणं सारहिणा एवं बत्ते समाणे आसुरुत्ते तिलि भिडि णिडाले साहट्ट एवं वयासी-णो अप्पिणामि णं अहं देवाण. प्पिया ! कण्हस्स वासुदेवस्स दोवई / एस णं अहं सयमेव जुज्झसज्जो णिग्गच्छामि-त्तिकटु दारुयं सारहिं एवं वयासी-केवलं भो ! रायसत्थेसु दूये अवज्झे-त्तिकट्ट असक्कारिय असम्माणिय अवदारेणं णिच्छभावेइ / तए णं से दारुए सारही पउमणाभेणं असक्कारिय जाव णिच्छुढे समाणे जेणेव कण्हे वासुदेवे तेणेव उवागच्छइ 2 ता करयल जाव कण्हं जाव एवं वयासी-एवं खलु अहं सामी ! तुभं वयणेणं जाव णिच्छभावेइ। तए णं से पउमणाभे बलवाउयं सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! आमि. सेक्क हत्थिरयणं पडिकप्पेह / तयाणंतरं च णं छेयायरियउवदेसमइविकप्पणा. विगप्पेहि जाव उवणेति / तए णं से पउमणाहे सण्णद्ध. अभिसेयं दुरूहइ 2 ता हयगय जेणेव कण्हे वासुदेवे तेणेंव पहारेत्थ गमणाए / तए णं से कण्हे वासुदेवे पउमणामं रायाणं एज्जमाणं पासइ 2 ता ते पंच पंडवे एवं वयासीहं भो दारगा ! किणं तुम पउमणाभेषां सद्धि जुज्झिहिह उयाहु पेच्छिहिह ? तए णं ते पंच-पंडवा कण्हं वासुदेवं एवं वयासी-अम्हे गं सामी ! जुज्झामो तुम्भे पेच्छह तए णं ते पंच-पंडवे सण्णद्ध जाव पहरणा रहे दुरूहंति 2 त्ता जेणेव पउमणाभे राया तेणेव उवागच्छंति 2 त्ता एवं वयासी-अम्हे पउमणाभे वा राय-त्तिकट्ट पउमणाभेणं सद्धि संपलग्गा यावि होत्था / तए णं से पउमणाभे राया ते पंच-पंडवे खिप्पामेव हयमहियपवरविवडियर्याचधद्धयपडागा जाव दिसो. दिसि पडिसेहेइ / तए णं ते पंच पंडवा पउमणाभेणं रण्णा हयमहियपवरविव. डिय जाव पडिसेहिया समाणा अत्थामा जाव अधारणिज्जमि त्तिकट्ट जेणेव कण्हे वासुदेवे तेणेव उवागच्छति / तए णं से कण्हे वासुदेवे ते पंच-पंडवे एवं वयासी- कहण्णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! पउमणाभण रणा सद्धि संपलग्गा? तए Page #1251 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1238 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि गं ते पंच पंडवा कण्हं वासुदेवं एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हे तुहि अब्भणुण्णाया समाणा सण्णद्ध० रहे दुरूहामो 2 ता जेणेव पउमणामे जाव पडिसेहेइ / तए णं से कण्हे वासुदेवे ते पंच-पंडवे. एवं वयासी-जइ णं तुब्भे देवाणुप्पिया! एवं वयंता-अम्हे णो पउमणाभे रायत्तिकट्ट पउमणाभेणं सद्धि संपलग्गंता तो गं तुम्भे णो पउमणाभे हयमहियपवर जाव पडिसेहते तं पेच्छह गं तुन्भे देवाणप्पिया ! अहं णो पउमणाभे रायत्तिकट पउमणाभेणं रण्णा सद्धि जुज्झामि रहं दुरूहइ 2 ता जेणेव पउमणाभे राया तेणेव उवा. गच्छइ 2 ता सेयं गोखीरहारधवलं तणसोल्लियसिंदुवारकुंदेंदुसण्णिगासं णियय. स्स बलस्स हरिसजणणं रिउसेण्णविणासकरं पंचजण्णं संखं परामसइ 2 ता मुहवायपूरियं करेइ / तए णं तस्स पउमणाहस्स तेणं संख सद्देणं बलतिभाए हए जाव पडिसेहिए / तए णं से कण्हे वासुदेवे धणुं परामुसइ वेढो धणं पूरेइ 2 त्ता धणुसदं करेइ / तए णं तस्स पउमणाभस्स दोच्चे बलतिभाए तेणं धणुसद्देणं हयमहिय जाव पडिसेहिए / तए णं से पउमणाभे राया तिमागबलावसेसे अत्थामे अबले अवीरिए अपुरिसक्कारपरक्कम्मे अधारणिज्जमित्तिकटु सिग्धं तुरियं जेणेव अवरकंका तेणेव उवागच्छइ २त्ता अवरकंक रायहाणि अणपविसइ 2 ता दाराई पिहेइ 2 तारोहसज्जे चिट्ठइ। तए णं से कण्हे वासुदेवे जेणेव अवरकंका तेणेव उवागच्छइ 2 ता रहं ठवेइ 2 त्ता रहाओ पच्चोरुहइ 2 ता वेउविया समग्घाएणं समोहणइ एगं महं णरसीहरूवं विउच्वइ 2 ता महया-महया सद्देणं पायदद्दरियं करेइ / तए णं (से) कण्हेणं वासुदेवेणं महया-महया सद्देणं पायदद्दरएणं कएणं समाणेणं अवरकंका रायहाणी संभग्गपागारगो (पु) उराट्रालयचरियतोरणपल्हत्थियपवरभवणसिरिघरा सर (स) सरस्स धरणियले सण्णिवइया / तए णं से पउमणाभे राया अवरकंकं रायहाणि संभग्ग जाव पासित्ता भीए दोवई देवि सरणं उवेइ / तए णं सा दोवई देवी पउमणाभं रायं एवं वयासी-किण्णं तुम देवाणुप्पिया ! ण जाणसि कण्हस्स वासुदेवस्त उत्तमपुरिसस्स विप्पियं करेमाणे ममं इह हव्वमाणेसि ? तं एवमवि गए गच्छह णं तुम देवाणुप्पिया ! हाए उल्लपडसाडए ओ (अव)चूलगवत्थणियत्थे अंते उर. परियालसंपरिबुडे अग्गाई वराई रयणाई गहाय ममं पुरओ काउं कण्हं वासुदेवं करयल * पायवडिए सरणं उवेहि, पणिवइयवच्छला गं देवाणुप्पिया / Page #1252 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 16 1239 उत्तमपुरिसा / तए णं से पउमणाभे दोवईए देवीए एयमझें पडिसुणेइ पडिसुणेत्ता हाए जाव सरगं उवेइ उवेत्ता करयल जाव एवं वयासीदिट्ठा. णं देवाणुप्पियाणं इड्ढी जाव परक्कमे / तं खामेमि णं देवा. गुप्पिया ! जाव खमंतु णं जाव णाहं भुल्जो 2 एवं करणयाए-त्तिक? पंजलिउडे पायवडिए कण्हस्स वासुदेवस्स दोवइं देवि साहत्थि उवणेइ / तए णं से कण्हे वासुदेवे पउमणाभं एवं वयासी-हं भो पउमणाभा ! अप्पत्थिय. पत्थिया 4 किण्णं तुमण जाणसि मम भगिण दोवइं देवि इह हवमाणमाणे ? तं एवमवि गए पत्थि ते ममाहितो इयाणि भयमस्थि-त्तिक? पउमणामं पडिविसज्जेइ० दोबई देवि गेण्हइ 2 ता रहं दुरूहेइ 2 ता जेणेव पंच पंडवा तेणेव उवागच्छइ 2 ता पंचण्हं पंडवाणं दोवई देवि साहत्थि उवणेइ / तए णं से कण्हे पंचहिं पंडवेहि सद्धि अप्पछठे छहि रहेहि लवणसमुहं मझमज्झेणं जेणेव जंबुद्दीवे 2 जेणेव भारहे वासे तेणेव पहारेत्थ गमणाए // 126 // तेणं कालेणं तेणं समएणं धायइसंडे दीवे पुरथिमद्धे भारहे वासे चंपा णामं णयरी होत्था / पुण्णभद्दे णामं चेइए / तत्थ णं चंपाए गयरीए कविले णामं वासुदेवे राया होत्था महया हिमवंत० वण्णओ। तेणं कालेणं तेणं समएणं मुणिसुव्वए अरहा चंपाए पुण्णभद्दे समोसढे / कविले वासुदेवे धम्मं सुणेइ। तए णं से कविले वासुदेवे मुणिसुव्वयस्स अरहओ अंतिए धम्मं सुणेमाणे कण्हस्स वासुदेवस्स संख सदं सुणेइ / तए णं तस्स कविलस्स वासुदेवस्स इमेयारूवे अज्झथिए 4 सम. प्पज्जित्था-कि मण्णे धायइसंडे दीवे भारहे वोसे दोच्चे वासुदेवे समुप्पण्णे? जस्स पं. अयं संखसद्दे ममं पिव मुहवायपूरिए वियंभइ ? कविले वासुदेवे सद्दाई सुणेइ। मुणिसुव्वए अरहा कविलं वासुदेवं एवं वयासी-से गूणं ते कविला वासुदेवा ! ममं अंतिए धम्म णिसामेमाणस्स संखसई आकण्णिता इमेयारूवे अज्झस्थिए-कि मण्णे जाव वियंभइ / से पूर्ण कविला वासुदेवा ! अयमठे समठे ? हंता ! अस्थि / तं णो खलु कविला! एवं भूयं वा भवइ वा भविस्सइ वा जण्णं एगखेत्ते एगजगे एगसमए दुवे अरहंता वा चक्कवट्टी वा बलदेवा वा वासुदेवा वा उपज्जिसु वा उपज्जिति वा उप्पज्जिस्संति वा / एवं खलु वासुदेवा ! जंबुद्दीवाओ 2 भारहाओ वासाओ हत्थिणाउराओ णयराओ पंडुस्स रण्णो सुण्हा पंचण्हं पंडवाणं भारिया दोवई देवी तव पउम. Page #1253 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1240 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि णाभस्स रणो पुव्व संगइएणं देवेणं अवरककं गरि साहरिया। तए णं से कण्हे वासुदेवे पंचर्चाह पंडवेहिं सद्धि अप्पछठे छहि रहेहि अवरकंकं रायहाणि दोवईए देवीए कूवं हव्वमागए / तए णं तस्स कण्हस्स वासुदेवस्स पउमणाभेणं रण्णा सद्धि संगाम संगामेमाणस्स अयं संखसद्दे तव महवाया. इव इठे कंते इहे वियंभइ / तए णं से कविले वासुदेवे मुणिसुव्वयं वंदइ णमंसइ वं० 2 ता एवं वयासी-गच्छामि गं अहं भंते ! कण्हं वासुदेवं उत्तमपुरिसं मम सरिसपुरिसं पासामि / तए णं मुणिसुव्वए अरहा कविलं वासुदेवं एवं वयासी-जो खलु देवाणप्पिया! एवं भयं वा 3 जण्णं अरहंता वा अरहंतं पासंति चक्कवटी वा चक्कट्टि पासंति बलदेवा वा बलदेवं पासंति वासुदेवा वा वासुदेवं पासंति / तहवि य णं तुम कण्हस्स वासुदेवस्स लवणसमई मज्झमज्झेणं वीईवयमाणस्स सेयापीयाई धयग्गाइं पासिहिसि / तए णं से कविले वासुदेवे मुणिसुब्वयं वंदइ णमंसइ वं० 2 ता हस्थिखधं दुरूहइ 2 ता सिग्घं 2 जेणेव वेलाउले तेणेव उवागच्छइ 2 ता कण्हस्स वासुदेवस्स लवणसमई मज्झमझेणं वीईवयमाणस्स सेयापीयाहि धयग्गाइं पासइ 2 ता एवं वयइ-एस णं मम सरिसपुरिसे उत्तम. पुरिसे कण्हे वासुदेवे लवणसमुदं मझमझेणं वीईवयइ-त्ति कटु पंचयण्णं संखं परामुसइ 2 मुहवायपूरियं करेइ / तए णं से कण्हे वासुदेवे कविलस्स वासुदेवस्त संखसई आयण्णेइ 2 ता पंचयण जाव पूरियं करेइ / तए णं दोवि वासुदेवा संख सद्दसामायारि करेंति / तए णं से कविले वासुदेवे जेणेव अवरकंका तेणेव उवागच्छइ 2 ता अवरकक रायहाणि संभग्गतोरणं जाव पासइ 2 ता पउमणाभं एवं वयासी-किण्णं देवाणुप्पिया ! एसा अवरकंका संभग्ग जाव सणि. वइया ? तए णं से पउमणाभे कविलं वासुदेवं एवं वयासी-एवं खल सामी ! जंबहीवाओ 2 भारहाओ वासाओ इहं हव्वमागम्म कण्हेणं वासुदेवेणं तुन्भे परिभय अवरकंका जाव सण्णिवाडिया / तए णं से कविले वासुदेवे पउम. णाभस्स अंतिए एयमढं सोच्चा पउमणाभं एवं वयासी-हं भो पउमणामा ! अपत्थियपत्थिया 5 किण्णं तुम ण जाणसि मम सरिसपुरिसस्स कण्हस्स वासु. देवस्स विप्पियं करेमाणे ? आसुरुत्ते जाव पउमणाभं णिव्विसयं आणवेइ पउमणाभस्स पुत्तं अवरकंकाए रायहाणीए महया 2 रायाभिसेएणं अभिसिंचइ जाव पडिगए // 130 // तए णं से कण्हे वासुदेवे लवणसमुई मज्झमज्झेणं वीई. Page #1254 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1241 णायाधम्मकहाओ अ. 16 वयइ गंगं उवागए ते पंच पंडवे एवं वयासी-गच्छह गं तुम्मे देवाणुप्पिया ! गंगा महाणई उत्तरह जाव ताव अहं सुट्टियं लवणाहिवई पासामि / तए णं ते पंच पंडवा कण्हेणं 2 एवं वुत्ता समाणा जेणेव गंगा महाणई तेणेव उवागच्छंति 2 ता एगट्टियाए णावाए मग्गणगवेसणं करेंति 2 ता एगट्टियाए णावाए गंगं महाणइं उत्तरंति 2 ता अण्णमण्णं एवं वयंति-पह णं देवाण. प्पिया ! कण्हे वासुदेवे गंगं महाणई बाहाहि उत्तरित्तए उदाहु णो पहू उत्तरि. तए-तिकट्ट एगट्टियाओ णावाओ मेंति 2 ता मुसंति 2 ता कण्हं वासुदेवं पडिवालेमाणा 2 चिट्ठति। तए णं से कण्हे वासुदेवे सुट्टियं लवणाहिवई पासइ 2 ता जेणेव गंगा महाणई तेणेव उवागच्छइ 2 ता एगट्टियाए सव्वओ समंता मग्गणगवेसणं करेइ 2 ता एगट्ठियं अपासमाणे एगाए बाहाए रहं सतुरगं ससारहिं गेण्हइ एगाए बाहाए गंगं महाणइं बार्टि जोयणाई अद्धजोयणं च विस्थिपणं उत्तरिउ पयत्ते यावि होत्था। तए णं से कण्हे वासुदेवे गंगाए महाणईए बहमज्झदेसभागं संपत्ते समाणे संते तंते परितंते बद्धसेए जाए यावि होत्था / तए णं तस्स कण्हस्स वासुदेवस्स इमेएयारूवे अज्झथिए जाव समप्पज्जित्थाअहो गं पंचवा महाबलवगा जेहिं गंगामहाणई बा(व)सटि जोयणाई अद्धजोयणं च विस्थिण्णा बाहाहि उत्तिण्णा, इच्छंतरहिं गं पंचहि पंडवेहि पउमणाभे राया हयमहिय जाव णो पडिसेहिए / तए णं गंगादेवी कण्हस्स वासुदेवस्स इमं एयारूवं अज्झत्थियं जाव जाणित्ता थाहं वियरइ / तए णं से कण्हे वासु. देवे महत्तंतरं समासासइ 2 ता गंगं महाणई बासद्धि जाव उत्तरइ 2 त्ता जेणेव पंच पंडवा तेणेव उवागच्छह पंच पंडवे एवं वयासी-अहो गं तुभे देवाणप्पिया ! महाबलवगा जेहणं तुहिं गंगामहाणई बाढि जाव उत्तिण्णा, इच्छंतरहि गं तुन्भेहि पउमणाहे जाव णो पडिसेहिए / तए गं ते पंच पंडवा कण्हेणं वासुदेवेणं एवं वुत्ता समाणा कण्हं वासुदेवं एवं वयासी-एवं खलु देवा. प्पिया ! अम्हे तुर्भेहिं विसज्जिया समाणा जेणेव गंगा महाणई तेणेव उवा. गच्छामो 2 ता एगट्टियाए मग्गणगवेसणं तं चेव जाव णूमेमो तुन्भे पडिवाले. माणा चिट्ठामो / तए णं से कण्हे वासुदेवे तेसि पंचण्हं पंडवाणं एयमझें सोच्चा णिसम्म आसुरुते जाव तिवलियं एवं वयासी-अहो णं जया मए लवणसमझ दुवे जोयणसयसह(स्सा)स्सवित्थिण्णं वीईवइत्ता पउमणाभं हयमहिय Page #1255 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1242 अंग-पविट्ट सुत्ताणि जाव पडिसेहित्ता अवरकंका संभग्ग. दोवई साहत्थि उवणीया तया ण तु:हिं मम माहप्पं ण विण्णायं इयाणि जाणिस्सह-त्तिकट्ट लोहदंडं परामसइ पंचण्हं पंडवाणं रहे चरेइ 2 ता णिव्विसए आणवेइ 2 ता तत्थ गं रहमद्दणे णाम कोड्डे णिविट्ठे / तए णं से कण्हे वासुदेवे जेणेव सए खंधावारे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता सएणं खंधावारेणं सद्धि अभिसमण्णागए यावि होत्था। तए णं से कण्हे वासुदेवे जेणेव बारवई णयरी तेणेव उवागच्छइ 2 ता अणुप्पविसइ // 131 // तए णं ते पंच-पंडवा जेणेव हस्थिणाउरे णयरे तेणेव उवा. गच्छंति 2 ता जेणेव पंड राया तेणेव उवागच्छंति 2 ता करयल जाव एवं वयासी-एवं खल ताओ ! अम्हे कण्हेणं णिव्विसया आणत्ता / तए णं पंडू. राया ते पंच पंडवे एवं वयासी-कहणं पुत्ता ! तुम्भे कण्हेगं वासुदेवेणं णिवि. सया आणत्ता ? तए णं ते पंच-पंडवा पंडरायं एवं वयासी-एवं खल ताओ ! अम्हे अवरकंकाओ पडिणियत्ता लवणसमुदं दोण्णि जोपणसयसहस्साई वीई. वइ (त्ता)त्या। तए णं से कण्हे वासुदेवे अम्हे एवं वयइ-गच्छह णं तुब्ने देवा. णप्पिया ! गंगा महाणइं उत्तरह जाव (चिट्ठह) ताव अहं एवं तहेव जाव चिट्ठामो / तए णं से कण्हे वासुदेवे सुद्वियं लवणाहिवई दळूण तं चेव सव्वं णवरं कण्हस्स चिता ण (बुज्झइ) जुज्ज [वूच्च]इ जाव अम्हे णिव्विसए आणवेइ। तए णं से पंडूराया ते पंच पंडवे एवं वयासी-दुठ्ठ णं (तुम) पुत्ता ! कयं कण्हस्स वासुदेवस्स विप्पियं करेमाणेहिं / तए णं से पंडराया कोंति देवि सद्दावेइ सहावेत्ता एवं वयासी-गच्छ णं तुमं देवाणप्पिया ! बारवई कण्हस्स वासुदेवस्स णिवेएहि-एवं खलु देवाणुप्पिया ! तु (मे) म्हे पंच पंडवा णिविसया आणत्ता, तुमं च णं देवाणुप्पिया ! दाहिणभरहस्स सामी, तं संदिसंतु गं देवाणुप्पिया! ते पंच पंडवा कयरं दिसि (देसं) वा विदिसि वा गच्छंतु ? / तए णं सा कोंती पंडणा एवं वृत्ता समाणी हत्थिखधं दुरूहइ . जहा हेटा जाव संदिसंतु णं पिउच्छा ! किमागमणपओयणं / तए णं सा कोंती कण्हं वासुदेवं एवं वयासी-एवं खलु (तुमे) पुत्ता! पंच पंडवा णिविसया आणत्ता तुमं च णं दाहिणभरहस्स जाव विदिसि वा गच्छंतु ? तए णं से कण्हे वासुदेवे कोंति देवि एवं वयासी-अपूईवयणा णं पिउच्छा ! उत्तमपुरिसा वासुदेवा बलदेवा चक्कवट्टी / तं गच्छंतु णं देवाणु० ! पंच-पंडवा दाहिणिल्लं वेयालि तत्थ पंडुमहुरं णिवेसंतु मम अदिट्ठवेसगा भवंतु-त्तिकटु कोंति देवि Page #1256 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 16 1243 सक्कारेइ सम्माणेइ जाव पडिविसज्जेइ / तए णं सा कोंती देवी जाव पंडुस्स एयमलैं णिवेएइ / तए णं पंडू राया पंचपंडवे सद्दावेइ 2 ता एवं वयासीगच्छह णं तुम्भे पुत्ता ! दाहिणिल्लं वेयालि, तत्थ गं तुम्भे पंडुमहुरं णिवेसेह / तए णं ते पंच पंडवा पंडुस्स रणो जाव तहत्ति पडिसुणेति 2 ता सबलवाहणा हयगय० हस्थिणाउराओ पडिणिक्खमंति 2 ता जेणेव दक्खिणिल्ले वेयाली तेणेव उवागच्छंति 2 ता पंडुमहुरं गरि णिवेसेइ 2 ता तत्थ णं ते विपुल. भोगसमिइसमण्णागया यावि होत्था // 132 // तए णं सा दोवई देवी अण्णया कयाइ आवण्णसत्ता जाया यावि होत्था / तए णंसा दोवई देवी णवण्ह मासाणं जाव सुरूवं दारगं पयाया सूमालं णिवत्तबारसाहस्स इमं एयारूवं-जम्हा णं अम्हं एस दारए पंचण्हं पंडवाणं पुत्ते दोवईए देवीए अत्तए तं होउ अम्हं गं इमस्स दारगस्स णामधेज्ज पंडुसेणें / तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो णामधेज्ज करेइ पंडसेणत्ति / बावरि कलाओ जाध अलंभोगसमत्थे जाए जवराया जाव विहरइ / थेरा समोसढा परिसा णिग्गया / पंडवा णिग्गया धम्म सोच्चा एवं वयासी-जं णवरं देवाणुप्पिया ! दोवई देवि आपुच्छामो पंडुसेणं च कुमारं रज्जे ठावेमो तओ पच्छा देवाणप्पियाणं अंतिए मुंडे भवित्ता जाव पव्वयाओ / अहासुहं देवाणुप्पिया ! तए णं ते पंच पंडवा जेणेव सए गिहे तेणेव उवागच्छंति 2 ता दोवइं देवि सहावेंति 2 ता एवं वयासी-एवं खल देवाणप्पिए ! अम्हेहि थेराणं अंतिए धम्मे णिसंते जाव पव्वयाओ, तुमं गं देवाणप्पिए / कि करेसि ? तए णं सा दोवई देवी ते पंच-पंडवे एवं वयासीजइ णं तब्भे देवाणप्पिया ! संसारभविग्गा जाव पव्वयह मम के अण्णे आलंबे वा जाव भविस्सइ ? अहं पि य गं संसारभउविग्गा देवाणप्पिएहि सद्धि पव्वइस्सामि / तए णं ते पंच-पंडवा पंडसेणस्स अभिसेओ जाव राया जाए जाव रज्जं पसाहेमाणे विहरइ / तए णं ते पंच-पंडवा दोवई य देवी अण्णया कयाइं पंडुसेणं रायाणं आपुच्छंति / तए णं से पंडसेणे राया कोडं. बियपुरिसे सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो! देवाणुप्पिया ! णिक्ख. मणाभिसेयं जाव उवट्ठवेह पुरिससहस्सवाहिणीओ सिवियाओ उवट्ठवेह जाव पच्चोरुहंति जेणेव थेरा जाव आलित्ते णं जाव समणा जाया चोहस्स पुवाई अहिज्जति 2 ता बहूणि वासाणि छट्ठमदसमदुवालसेहि मासद्ध मासखमहि Page #1257 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1244 अंग-पविटु सुत्ताणि अप्पाणं भावेमाणा विहरंति // 133 // तए णं सा दोवई देवी सीयाओ पच्चोरुहइ जाव पवइया सुच्चयाए अज्जाए सिस्सिणीयत्ताए दलयइ एक्कारस अंगाई अहिउजइ० बहूणि वासाणि छटुमदसमदुवालसेहि जाव विहरइ // 134 // तए णं थेरा भगवंतो अण्णया कयाई पंडमहराओ णयरीओ सहसंबवणाओ उज्जाणाओ पडि. णिवखमंति 2 ता बहिया जणवविहारं विहरंति / तेणं कालेणं तेणं समएणं अरहा अरि?णेमी जेणेव सुरद्वाजणवए तेणेव उवागच्छइ 2 ता सुरद्वाजणवयंसि संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ। तए णं बहजणो अण्णमण्णस्स एव. माइक्खइ ४-एवं खल देवाणप्पिया ! अरहा अरिष्टुणेमी सुरद्वाजणवए जाव विहरइ / तए णं से (ते) जुहिट्ठिलपामोक्खा पंच अणगारा बहुजणस्स अंतिए एयमढं सोच्चा अण्णमणं सद्दावेंति 2 ता एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया! अरहा अरिट्ठणेमी पुवाणुपुटिव जाव विहरइ, तं सेयं खलु अम्हं थेरा आपुच्छित्ता अरहं अरिद्वमि वंदणाए गमित्तए / अण्णमण्णस्स एयमढें पडिसुर्णेति 2 ता जेणेव थेरा भगवंतो तेणेव उवागच्छंति 2 ता थेरे भगवंते वंदंति णमंसंति वं. 2 ता एवं वयासी-इच्छामो णं तुहि अब्भणुण्णाया समाणा अरहं अरिष्ट मि जाव गमित्तए / अहासुहं देवाणुप्पिया ! तए, णं ते जहिदिल्लपामोक्खा पंच अणगारा थेरेहि अब्भणण्णाया समाणा थेरे भगवंते वदंति णमंसंति वं० 2 ता थेराणं अंतियाओ पडिणिक्खमंति 2 ता मासंमासेणं अणिविखत्तेणं तवो. कम्मेणं गामाणुगाम दुईज्जमाणा जाव जेणेव हत्थकप्पे गयरे तेणेव उवा. गच्छंति० हत्थकप्पस्स बहिया सहसंबवणे उज्जाणे जाव विहरति / तए णं ते जहिटिल्लवज्जा चत्तारि अणगारा मासक्खमणपारणए पढमाए पोरिसीए सज्झायं करेंति बीयाए एवं जहा गोयमसामी णवरं जुहिटिल्लं आपुच्छंति जाव अडमाषा बहुजणसई णिसामति-एवं खलु देवाणुप्पिया ! अरहा अरिट्ठणेमी उज्जितसेलसिहरे मासिएणं भत्तेणं अपाणएणं पंचहि छत्तीसेहि अणगारसहि सद्धि कालगए जाव पहीणे / तए णं ते जुहिद्विल्लवज्जा चत्तारि अणगारा बहुजणस्स अंतिए एयमह्र सोच्चा हत्थकप्पाओ पडिणिक्खमंति 2 ता जेणेव सहसंबवणे उज्जाणे जेणेव जुहिटिल्ले अणगारे तेणेव उवागच्छंति 2 ता भत्तपाणं पच्चुवेक्खंति 2 ता गमणागमणस्स पडिक्कमति 2 ता एसणम. सणं आलोएंति 2 ता भत्तपाणं पडिदंसेंति 2 ता एवं वयासी-एवं खल Page #1258 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 17 1245 देवाणुप्पिया ! जाव कालगए / तं सेयं खलु अम्हं देवाणुप्पिया ! इमं पुव्व. गहियं भत्तपाणं परिद्ववेत्ता सेत्तुंजं पव्वयं सणियं 2 दुरूहित्तए संलेहणाए. झुसणासियाणं कालं अणवकंखमाणाणं विहरित्तए-त्तिक? अण्णमण्णस्स एय. मट्ठ पडिसुणेत्ति 2 ता तं पुव्वगहियं भत्तपाणं एगते परिवेंति 2 ता जेणेव सेत्तुंजे पवए तेणेव उवागच्छंति 2 ता सेत्तुंनं पव्वयं सणियं 2 दुरूहंति 0 जाव कालं अणवकंखमाणा विहरंति / तए गं ते जुहिद्विल्लपामोक्खा पंच अण. गारा सामाइयमाइयाइं चोदसपुवाइं अहिज्जित्ता बहूणि वासाणि सामण्ण. परियागं पाउणित्ता दोमासियाए संलेहणाए असाणं झोसित्ता जस्सट्टाए किरइ जग्गभावे जाव तमट्ठमाराहेति 2 ता अणंते जाव केवलवर-णाणदंसणे समुप्पण्णे जाव सिद्धा // 13 // तए गं सा दोवई अज्जा सुवयाणं अज्जियाणं अंतिए सामाइयमाइयाई एक्कारस अंगाई अहिज्जइ 2 ता बहूणि वासाणि सा०मासि. याए संलेहणाए आलोइयपडिक्कंता कालमासे कालं किच्चा बंभलोए उववण्णा। तत्थ णं अत्थेगइयाणं देवाणं दस सागरोवमाई ठिई पणत्ता / तत्थ गं दुवइ. (य)स्स [वि] देवस्स दस-सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता / से गं भंते ! दुवए देवे तओ जाव महाविदेहे वासे जावं अंतं काहिह / एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं सोलसमस्स णायज्झयणस्स अयमठे पण्णत्ते त्तिबेमि // 136 // गाहाउ-सुबहुं पि तवकिलेसो णियाणदोसेण दूसिओ संतो। ण सिवाय दोवईए जह किल सुकुमालियाजम्मे // 1 // अमणुण्णमभत्तीए पत्ते दाणं भवे अणत्थाय / जह कडुयतुंबदाणं णांगसिरिभवंमि दोवईए // 2 // ॥सोलसमं अज्झयणं समत्तं // आइण्णे णामं सत्तरसमं अज्झयणं जइ णं भंते ! समणेणं. सोलसमस्स णायज्झयणस्स अयम? पण्णत्ते सत्तर. समस्स 0 णायज्झयणस्स के अट्ठे पण्णत्ते ? एवं खलु जंबु ! तेणं कालेणं तेणं समएणं हथिसीसे णामं जयरे होत्था वण्णओ / तत्थ णं कणगकेऊ णामं राया होत्था वण्णओ / तत्थ णं हत्थिसीसे णयरे बहवे संजुत्ता-णावावाणियगा परि. वसंति अड्डा जाव बहूजणस्स अपरिभूया यावि होत्था। तए णं तेसि संजुत्ताणा Page #1259 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1246 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि वावाणियगाणं अण्णया कयाइ एगयओ (सहियाणं) जहा अरहण्णओ (ए) जाव लवणसमुदं अणेगाई जोयणसयाई ओगाढा यावि होत्था / तए गं तेसि जाव बहूणि उप्पाइयसयाइं जहा माकंदियदारगाणं जाव कालियवाए य तत्थ समुत्थिए। तए णं सा णावा तेणं कालियवाएणं आघोलि(घुणि)ज्जमाणी 2 संचालिज्ज. माणी 2 संखोहिज्जमाणी 2 तत्थेव परिभमइ / लए णं से णिज्जामए णटुमईए णटुसुईए णटुसपणे मढदिसाभाए जाए यावि होत्था ण जाणइ कयरं (देसं वा) दिसं वा विदिसंवा पोयवहणे अवहिए-त्तिक१ ओहयमणसंकप्पे जाव झियायइ / तए गं ते बहवे कुच्छिधारा य कण्णधारा य गभि (भेल्लगा य संजुत्ताणावावाणियगा य जेणेव से णिज्जामए तेणेव उवागच्छंति 2 ता एवं वयासी-किण्णं तुम देवाणुप्पिया ! ओहयमणसंकप्पा जाव झियायसि ? तए णं से णिज्जामए ते बहवे कुच्छिधारा य 4 एवं वयासी-एवं खलु अहं देवाणु प्पिया ! णटुमईए जाव अवहिएत्तिक? तओ ओहयमणसंकप्पे जाव झियामि / तए गं ते कण्णधारा तस्स णिज्जामयस्संतिए एयम© सोच्चा णिसम्म भीया० व्हाया कयबलि. कम्मा करयल बहूणं इंदाण य खंदाण य जहा मल्लिणाए जाव उवायमाणा 2 चिट्ठति / तए णं से णिज्जामए तओ महुत्तरस्स लद्धमईए 3 अमूढदिसा. भाए जाए यावि होत्था / तए णं से णिज्जामए ते बहवे कुच्छिधारा य 4 एवं वयासी-एवं खलु अहं देवाणुप्पिया ! लद्धमईए जाव अमूढदिसाभाए जाए। अम्हे गं देवाणुप्पिया! कालियदीवंतेणं संवूढा / एस णं कालियदीवे आलोक्कइ। तए णं ते कुच्छिधारा य 4 तस्स णिज्जामगरस अंतिए एयमठे सोच्चा हट्टतुट्ठा पयविखणाणुकूलेणं वारणं जेणेव कालीयदीवे तेणेव उवागच्छति 2 ता पोय. वहणं लंबॅति 2 ता एगट्ठियाहि कालियदीवं उत्तरंति / तत्थ णं बहवे हिरण्णा. गरे य सुवण्णागरे य रयणागरे य वइरागरे य बहवे तत्थ आसे पासंति किं ते ? हरिरेणुसोणिसुत्तगा आइण्णवेढो। तए णं ते आसा ते वाणियए पासंति तेसि गंधं अग्घायंति 0 भीया तत्था उविग्गा उदिवग्गमणा तओ अणेगाई जोयणाई उडभमंति / ते गं तत्थ पउरगोयरा पउरतणपाणिया णिज्भया णिरुविग्गा सुहंसुहेणं विहरंति / तए गं ते संजुत्ताणावावाणियगा अण्णमणं एवं क्यासीकिण्हं अम्हे देवाणुप्पिया ! आसेहि ? इमे गं बहवे हिरण्णागरा य सुवण्णागरा य रयणागरा प वइरागरा य / तं सेयं खलु अम्हं हिरण्णस य सुवण्णस्स य Page #1260 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 17 1247 रयणस्स य वइरस्स य पोयवहणं भरित्तए-त्तिकट्ट अण्णमण्णस्स एयमढ़ पडिसुति 2 ता हिरण्णस्स य सुवण्णस्स य रयणस्स य वइरस्स य तणस्स य कटस्स य अण्णस्स य पाणियस्स य पोयवहणं भरेंति 2 त्ता पयक्खिणाण कलेणं वाएणे जेणेव गंभीरपोयवहणपट्टणे तेणेव उवागच्छंति 2 पोयवहयणं लंबेंति 2 त्ता सगडीसागडं सज्जेंति 2 ता तं हिरणं जाव वइरं च एगट्ठियाहिं पोयवह. णाओ संचारेंति 2 ता सगडीसागडं संजोइंतिजेणेव हथिसीसए णयरे तेणेव उवागच्छंति 2 ता हस्थिसीसयस्स णयरस्स बहिया अग्गुज्जाणे सत्थणिवेसं करेंति 2 ता सगडीसागडं मोएंति 2 त्ता महत्थं जाव पाहुडं गेहति 2 त्ता हत्थिसीसं च णयरं अणुप्पविसंति 2 त्ता जेणेव से कणगऊ राया तेणेव उवागच्छंति 2 ता जाव उवणेति / तए णं से कणगकेऊ तेसि संजुत्ताणावावाणि. यगाणं तं महत्थं जाव पडिच्छइ 2 ते संजुत्ताणावावाणियगा एवं वयासी-तुभे देवाणप्पिया! गामागर जाव आहिंडह लवणसमदं च अभिक्खणं 2 पोयवहणेणं ओगाह (हे)ह, तं अत्थियाइं केइ भे कहिंचि अच्छेरए दिट्टपुव्वे ? / तए णं ते संजुत्ताणावावाणियगा कणगकेउं एवं वयासी-एवं खलु अम्हे देवाणुप्पिया ! इहेव हस्थिसीसे णयरे परिवसामो तं चेव जाव कालियदीवंतेणं संछूढा / तत्थ गं बहवे हिरण्णागरा य जाव बहवे तत्थ आसे कि ते ? हरिरेणु जाव अणे. गाई जोयणाई उम्भमंति / तए णं सामी ! अम्हेहिं कालियदीवे ते आसा अच्छेरए दिट्टपूब्वे / तए गं से कणगकेऊ तेसि संजुत्तगाणं अंतिए एयमलैं सोच्चा ते संजुत्तए एवं वयासी-गच्छह गं तुम्भे देवाणुप्पिया ! मम कोडं. बियपुरिसेहिं सद्धि कालियदीवाओ ते आसे आणेह / तए णं ते संजुत्तावाणि. यगा कणगकेउं एवं वयासी-एवं सामित्ति कटु आणाए विणएणं वयणं पडिसुणेति / तए गं से कणगऊ कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 ता एवं घयासी-गच्छह गं तुम्भे देवाणप्पिया! संजुत्तएहिं (णावावाणियएहि.) सद्धि कालियदीवाओ मम आसे आणेह / तेवि पडिसुर्णेति / तए णं ते कोडुंबिय० सगडीसागडं सज्जेंति 2 ता तत्थ णं बहूणं वीणाण य वल्लकीण य भामरीण य कच्छभीण य भंभाण य छन्मामरीण य विचित्तवीणाण य अण्णेसि च बहणं सोइंदियपाउग्गाणं दव्वाणं सगडीसागडं भरेंति 2 ता बहूणं किण्हाण य जांव सुक्किलाण य कट्टकम्माण य 4 गंथिमाण य 4 जाव संघाइमाण य अण्णेसि च बहूणं चक्खिदियपाउग्गाणं दव्वाणं सगडीसागडं भरेंति 2 ता Page #1261 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1248 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि बहूणं कोटपुडाण य केयइपुडाण य जाव अण्णेसि च बहूणं घाणिदियपाउग्गाणं दव्वाणं सगडीसागडं भरेंति 2 ता बहुस्स खंडस्स य गलस्स य सक्कराए य मच्छंडियाए य पुप्फुत्तरपउमुत्तर. अण्णेसि च जिभिदियपाउग्गाणं दवाणं सगडीसागडं भरेंति 2 ता अण्णेसि च बहूणं कोयवया (वा)ण य कंबलाण य पावरणा (वारा)ण य णवतयाण य मलयाण य मसूराण य सिलावट्टाण य जाव हंसगठमाण य अण्णेसि च फासिदियपाउग्गाणं दव्वाणं जाव भरेंति 2 ता सगडी. सागडं जोएंति 2 ता जेणेव गंभीरए पोयटाणे तेणेव उवागच्छंति० सगडी. सागडं मोएंति 2 ता पोयवहणं सज्जेंति 2 ता तेसि उक्किट्ठाणं सद्दः फरिसरसरूवगंधाणं कठुस्स य तणस्तं य पाणियस्स य तंदुलाण य समियस्स य गोरसस्स य जाव अणेसि च बहूणं पोयवहणपाउग्गाणं पोयवहणं भरेंति 2 ता दक्खिणाणुकूलेणं वाएणं जेणेव कालियदीवे तेणेव उवागच्छंति 2 ता पोयवहणं लंबेति 2 ता ताई उक्किट्ठाई सद्दफरिसरसरूवगंधाई एगट्ठियाहिं कालियदीवं उत्तारेंति 2 ता हिं हि च णं ते आसा आसयंति वा सयंति वा चिठंति वा तुयटुंति वा तहिं 2 च णं ते कोडुबियपुरिसा ताओ वीणाओ य जाव विचित्त. वीणाओ य अण्णाणि बहुणि सोइंदियपाउग्गाणि यं दव्वाणि समद्दी (दी) रेमाणा चिट्ठति तेसि च परिपेरंतेणं पासए ठवेंति णिच्चला णिप्फंदा तुसिणीया चिदठति / जत्थ जत्थ ते आसा आसयंति वा जाव तुयटुंति तत्थ 2 णं ते कोडंबिया बहूणि किण्हाणि य 5 कट्ठकम्माणि य जाव संघाइमाणि य अण्णाणि य बहूणि चक्खिदियपाउग्गाणि य दवाणि ठवेंति तेसि परिपेरतेणं पासए ठवेंति 2 ता णिच्चला णिप्फंदा तुसिणीया चिठ्ठति / जत्थ 2 ते आसा आसयंति 4 तत्य तत्थ णं ते कोडुंबियपुरिसा तेसि बहूणं कोटपुडाण य अण्णेसि च घाणिदियपाउगाणं दवाणं पंजे य णियरे य करेंति 2 ता तेसि परिपेरंते जाव चिठति / जत्थ णं ते आसा आसयंति 4 तत्थ-तत्थ गुलस्स जाव अण्णेसि च बहूर्ण जिभिदियपाउग्गाणं दव्वाणं पुंजे य गियरे य करेंति 2 ता वियरए खणंति 2 ता गुलपाणगस्स खंडपाणगस्स पोरपाणगस्स असि च बहूणं. पाणगाणं वियरे भरेंति 2 ता तेसि परिपेरंतेणं पासए ठवेंति जाव चिट्ठति / जहि जहि च णं ते आसा आस० तहि तहि च णं ते बहवे कोयया जाव सिलावट्या अण्णाणि य फासिदियपाउग्गाई अत्ययपच्चत्थुयाई ठवेंति 2 ता तेसि Page #1262 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 17 परिपेरतेणं जाव चिठ्ठति / तए णं ते आता जेणेव ते उक्किट्ठा सहफरिस. रसरूवगंधा तेणेव उवागच्छंति / तत्थ गं अत्यंगइया आसा अपुवा of इमे सद्दफरिसरसरूवगंधा तिकटु तेसु उक्किठे सु सफरिसरसरूवगंधेसु अमच्छिया 4 तेति उविकट्ठाणं सद्द जाव गंधाणं दूरदूरेणं अबक्कमति ते गं तत्थ पउरगोयरा परतणपाणिया गिब्भया णिरुम्बिग्गा सुहसुहेणं विहरति / एवामेव समणा उसो ! जो अम्ह जिग्गंथो वाणिगंथी वा सहरिदार सरूवगंधा जो सज्ज से गं इहलोए चेव बहां समणाणं 4 अच्चणिज्जे जाव वीईवइस्सइ // 137 / / तत्थ णं अत्थेपइया आसा जेणेव उक्किट्ठा सहफरिस रसरूवगधा तेणेष उवागच्छति 2 ता तेसु उक्किठे सु सहेसु 5 मच्छिया जाब अज्झोपवण्णा आसेविकं पयता यावि होत्था / तए णं ते आसा ते उक्किट्ठे सद्दे 5 आसेवमाणा तेहिं बहूहि कूडेहि य पासेहि य गलएसु य पाएसु य बज्झन्ति / तए णं से कोडंबिधा ते आसे गिण्हंति 2 ता एगद्वियाहि पोयवहणे संचारेंति 2 ता तणस्स कट्ठस्स जाव भरेंति / तए गं ते संजत्ता (णावा. वाणियगा) दविखणाणुकूलेणं बाएणं जेणेव गंभीरपोयपट्टणे तेणेव उवा. गच्छंति 2 ता पोयवहां लंबेंति 2 ता ते आसे उत्तारेंति 2 ता जेणेव हत्थिसीसे णयरे जेणेव कणगकेऊ राया तेणेव उवागच्छति 2 ता करवल जाव वद्धाति० ते आसे उवणेति / तए णं से कणगकेऊ राया सि संजुत्तावाणियगाणं उस्सुक्कं विनरइ 2 ता सक्कारेइ सम्माणे इ स० 2 ता पडि. विसज्जेइ / तए णं से कणगकेऊ राया कोडुंबियपुरिसे सहावेइ 2 ता सबकारेइ सम्माणेइ स० 2 ता पडिविसज्जेइ / तए णं से कणगकेऊ राया आसमहर सहावेइ 2 ता एवं बयासी-तुब्भे गं देवाणुप्पिया ! मम आसे विणएह / तए गं ते आसमद्दगा तहत्ति पडिसुणेति 2 ता ते आसे बहूहि मुहबंधेहि य कण्ण. बंधेहि य पासाबंधेहि य वालबंधेहि य खुरबंधेहि य कडगबंधेहि य खलिणबंधेहि य अहिलाणेणबंधेहि य पडियाणेहि य अंकणाहि य (वेलप्पहारेहि य) वित्तप्पहारेहि य लयप्पहारेहि य कसप्पहारेहि य छिवप्पहारेहि य विणयंति० कणगके उस्स रग्णो उवणेति / तए णं से कणगकेऊ ते आसमदए सक्कारेइ 2 पडिविसज्जेइ / तए णं ते आसा बहूहि मुहबंधेहि य जाव छिवप्पहारेहि य बहूणि सारीरमाणसाइं दुक्खाई पाति / एवामेव समणा उसो ! जो अम्हं णिग्गंथो Page #1263 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1250 अंग-पविट सुत्ताणि वा णिग्गंथी वा पवइए समाणे इठेसु सहफरिसरसरूवगंधेसु सज्जइ रज्जइ गिज्झइ मुज्झइ अझोववज्जइ से णं इहलोए चेव बहूणं समणाएं जाव सावियाण य होलणिज्ले जाव अणपरियटिस्सइ / गाहा-कलरिभिय. महुरतंतीतलतालवंसक उहाभिरानेसु / सद्देसु रज्जमाणा रमंति सोइंदियवसट्टा // 1 / सोइंदियदुईतत्तगस्त अह एत्तिओ हवई दोसो / दीविगरुयमसहतो वहबंधं तित्तिरो पत्तो // 2 // थणजहणक्यणकरचरण-णयणगत्रियविलासियगईसु / रुवेसु रज्जमाणा रमंति चक्खि दियवसट्टा // 3 // क्खिदियदुईतत्तणस्स अह एत्तिओ हबइ दोतो.। जं जलशूमि जलते पउइ पयंगो अबुद्धीओ // 4 // अगरुवरपवरधूदणउउयमल्लाणुलेवणविहीसु ! गंधेलु रज्जमाणा रमंति घाणिदियवसट्टा // 5 // घाणिदियदइंतत्तणस अह एत्तिओ हबइ दोसो / जं ओसहिगंधेणं बिलाओ णिद्धावई उरगो // 6 // तित्तकडुयं कसायं महुरं बहुखज्जपेज्जलेज्झे / आसायंमि उ गिद्धा रमंति जिभिदियवसट्टा // 7 // जिभिदियदुदंतत्तणस्स अह एत्तिओ हवइ दोसो / जं गललग्गविखतो फुरइ पलविरेलिओ मच्छो // 8 // उउभयमाणसुहेसु य सविभवहिययमणणिबुइकरेसु / फासेसु रज्जमाणा रमंति फासिदियवसट्टा // 6 // फासिदियदुइंतत्तणस्त अह एत्तिओ हवइ दोसो / जं खणइ मत्थय कुंजरस्स लोहंकुसो तिक्खो // 10 // कलरिभियमहुरतंतीतलतालवंसकउहा. भिरामेसु / सद्देसु जे ण गिद्धा बसट्टमरणं ण ते मरए // 11 // थणजहणवयण. करचरणणयणगवियविलापियाईस / रूवेसु जे ण रत्ता बस्मरणं ण ते मरए // 12 // अगरुवरपवरवण उउयमल्लाणुलेवणविहीसु / गंधेसु जे ण गिद्धा वसट्टमरणं ण ते मरए // 13 // तितकडुयं कसायं महुरं बहुखज्जपेज्ज. लेज्झेस / आसायमि ण गिद्धा वसटमरणं ण ते मरए // 14 // उउपत्य. माणसुहेसु य सविभवाहिययमण-णिन्वइकरेसु / फासेसु जे ण गिद्धा वसतमरणं ण ते मरए // 15 // सद्देसु य भयपावएसु सोयनिस उवगए सु / तुण व रुठेण व समणेण सया ण होयच्वं // 16 // रूबेतु य भद्दयपाबएसु चाखु. विसयं उवगएसु / तुह्रण व रुद्रेण व समणेण स्या ण होयध्वं // 17 // गंधेसु य भयपावएसु घाणविसयमवगएसु / तुटण व रुठेण व सम. गेण सया ण होयज्वं // 18 // रसेसु य भद्दयपावएसु जिब्भविसय वगए / Page #1264 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 18 1251 तुह्रण व रुद्रेण व समणेण सया ण होयव्वं // 16 // फासेसु य भयपाव. एसु कायविसयमधगएसु / तुठेण व रुद्रुण व समणेण सया ण होयत्वं // 20 // एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं सत्तरसमस्स णायज्झयणस्स अयमठे पण्णत्ते त्तिबेमि // 138 // गाहाओ-- जह सो कालियदीवो अणुवमसोक्खो तहेव जइधम्मो / जह आसा तह साहू वणियवाणुकलकारिजणा // 1 // जह सद्दाइअगिद्धा पत्ता णो पासबंधणं आसा / तह विसएसु अगिद्धा बज्झंति ण कम्मणा साहू // 2 // जह सच्छंदविहारो आसाणं तह य इह वरमणीणं / जरमरणाइं विवज्जिय संपत्ताणंद. णिव्वाणं // 3 // जह सद्दाइसु गिद्धा बद्धा आसा तहेव विसयरया। पावेंति कम्मबंधं परमासुहकारणं घोरं // 4 // जह ते कालियदीवा णीया अण्णत्थ दुहगणं पत्ता। तह धम्मपरिभट्ठा अधम्मपत्ता इहं जीवा // 5 // पावेंति कम्मपरवइवसया संसारवाहयालीए / आसप्पमद्दएहि व रइयाइहिं दुक्खाई॥६॥ // सत्तरसमं अज्झयणं समत्तं // सुंसमा णामं अट्ठारसमं अज्झयणं जइ णं भंते ! समणणं. सत्तरसमस्स (णायज्झयणस्स) अयमटले पण्णत्ते अट्ठारसमस के अट्ठे पण्णत्ते ? एवं खलु जंबू ! तेणे कालेणं तेणं समएणं रायगिहे णामं णयरे होत्था.वण्णओ / तत्थ णं धण्णे णाम सत्थवाहे भद्दा भारिया / तस्स गंधण्णस्स सत्थवाहस्स पुत्ता भद्दाए अत्तया पंच सत्थवाहदारगा होत्था तंजहा-धणे धणपाले धणदेवे धणगोवे धणरक्खिए / तस्स गं धण्णस्स सस्थवाहस्स धूया भद्दाए अत्तया पंचण्हं पुताणं अणुमग्गज़ा. इया सुंसुमा णामं दारिया होत्था सूमालपाणिपाया / तस्स गंधण्णस्स सत्थवाहस्स चिलाए णाम दासचेडे होत्था अहीणपंचिदियसरीरे मंसोवचिए बालकोलावणकुसले यावि होत्था / तए णं से दासचेडे सुंसुमाए दारियाए बालग्गाहे जाए यावि होत्था सुसुमं दारियं कडीए गिण्हइ 2 ता बहूहि दारएहि य दारियाहि.य डिभएहि य डिभियाहि य कुमारएहि य कुमारियाहि य सद्धि अभिरममाणे 2 विहरइ / तए णं से चिलाए दासचेडे तेसि बहुणं दार. Page #1265 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1252 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि याण य 6 अप्पेगइयाणं खुल्लए अवहरइ एवं वट्टए आडोलियाओ तिदूसए पोतुल्लए साडोल्लए, अप्पेगइयाणं आमरणमल्लालंकारं अवहरइ अप्पेगइए . आउसइ एवं अवहसइ णिच्छोडेइ णिभच्छेइ तज्जेइ अप्पेगइए तालेइ / लए णं ते बहवे दारगा य 6 रोयमाणा य 5 साणं साणं अम्मापिऊणं णिवेदेति / तए णं तेसि बहूगं दारगाण य 6 अम्मापियरो जेणेव धणे सत्थवाहे तेणेव उवागच्छंति 2 ता धणं सत्यवाहं बहूहि खिज्जणियाहि य रुंटणाहि य उवालं. भणाहि य खिज्जमाणा य रंटमाणा य उवालंभेमाणा य धण्णस्स स० एयमलैं णिवेदेति / तए णं से धणे सत्थवाहे चिलायं दासचेडं एयमठे भुज्जो मुल्जो णिवारेइ णो चेवणं चिलाए दासचेडे उवरमई। तए णं से चिलाए दासचेडे तेरिस बहूणं दारगाण य 6 अप्पेगइयाणं खुल्लए अवहरइ जाव तालेइ। तए गं ते वहवे कारगा य 6 रोयमाणा य जाव अम्मापिऊणं णिवेदेति / तए णं ते आसुरुत्ता 5 जेणेव धण्णे सत्थवाहे तेणेव उवागच्छंति 2 ता बहूहि खिज्जणाहि य जाव एय. मठं णिवेदेति / तए णं से धण्णे 2 बहूणं दारगाणं 6 अम्मापिऊणं अंतिए एयगळं सोच्चा आसुरुते चिलायं दासचेडं उच्चावयाहि आउरूणाहिं आउसइ उद्धंसाइ णिमच्छेइ पिच्छोडेइ तज्जेइ उच्चाव्याहि तालणाहि तालेइ साओ गिहाओ णिच्छु भइ / / 139 // तए से चिताए दासचेडे साओ गिहाओ णिच्छढे समाणे रायगिहे पयरे सिंघाडग जाव पहेसु देवकुलेसु य सभासु य पदासु य जूयखल. एनय वेसाघरएसु य पाणघरएसु य सुहंसुहेणं परिवहइ / तए प से चिलाए दास चेडे अणोहट्टिए अणिवारिए सच्छंदमई सहरप्पयारी मज्जप्पसंगी चोज्ज. यसंगी (मंस०) जयप्पसंगी वेसप्पसंगी परदारप्पसंगी जाए यावि होत्था / तए णं रायगिहस्स णयरस्स अदूरसामंते दाहिणपुरस्थिमे दिसीभाए सीहगुहा णामं चोरपल्ली होत्या विरामगिरिकडगको (ड)लंबसण्णिविट्ठा बंसीकलंकपागार. परिबिखत्ता छिग्णसेलविसमप्पवायफरिहोवगूढा एगदुवारा अणेगखंडी विदित. जण-णिग्गमप्पवेसा अभितरपाणिया सुदुल्लगजलपेरंता सुबहुस्सवि कूदियः बलस्स आगयस्स दुप्पहंसा यावि होत्था। तत्थ पं सीहगहाए चोरपल्लीए विजए णामं चोररोणावई परिवसइ अहम्मिए जाव अहम्मकेऊ समद्विए बहु. पर जिग्गयजसे सूरे दढप्पहारी साहसीए सहवेही / से गं तत्थ- सोहगहाए चोरपल्लीए पंचण्हं चोरसयाणं आहेबच्चं जाद विहरइ / तए णं से विजए Page #1266 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 18 1253 तक्करे (चोर) सेणावई बहूणं चोराण य पारदारियाण य गंठिभेयगाण य संधिच्छेयगाण य खत्तखणगाण य रायावगारीण य अणधारगाण य बालघाय. गाण य वीसंभघायगाण य जयकाराण य खंड रक्खाण य अणेसि च बहूणं छिण्णभिण्णबाहिरायाणं कुडंगे यावि होत्था / तए णं से विजए (तक्करे) चोरसेणावई रायगिहस्स दाहिणपुरस्थिमं जणवयं बहूहिं गामघाएहि य णगरघाएहि य गोग्गहणेहि य बंदिग्गहणेहि य पंथकुट्टणेहि य खत्तखणणेहि य उवीलेमाणे 2 विद्धसेमाणे 2 णित्थाणं गिद्धगं करेमाणे विहरइ। तए ण से चिलाए दासचेडे रायगिहे णयरे बहूहि अथामिसंकीहि य चोज्जाभिसंकोहि य दाराभिसंकीहि य धणिएहि य जूइकरेहि य परब्भवमाणे 2 रायगिहाओ णगरीओ णिग्गच्छइ 2 ता जेणेव सीहगहा चोरपल्ली तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता विजयं चोरसेणावई उवसंपज्जित्ताणं विहर इ / तए णं से चिलाएं दासचेडे विजयस्स चोरसेणावइस्स अग्गे असिलटिग्गाहे जाए यावि होत्था। जाहे वि य ज से विजए चोरसेणावई गामघायं वा जाव पंथकोट्टि वा काउं वच्चइ ताहे वि य णं से चिलाए दास. चेडे सुबहुपि (हु) कवियबलं हयमहिय जाव पडिसेहेइ [2] पुणरवि लद्धडे कयकज्जे अणहसमग्गे सोहगुहं चोरपल्लि हवमागच्छइ / तए णं से विजए चोरसेणावई चिलायं तक्करं बहओ चोरविज्जाओ य चोरमंते य चोरमा. याओ य चोरणिगडीओ य सिक्खावेइ / तए णं से विजए चोरसेणावई अण्णया कयाई कालधम्मणा संजुत्ते यावि होत्था। तए णं ताई पंच चोरसयाई विजयस्स चोरसेणावइस्स महया 2 इड्ढीसक्कारसमुदएणं णीहरणं करेंति त्ता 2 वहूई लोइयाई मयकिच्चाई करेंति 2 त्ता आव विगयसोया जाया यावि होत्था / तए गं ताई पंचचोरसयाई अण्णमण्णं सद्दावेंति 2 ता एवं वयासी-एवं खल अम्हं देवाणुप्पिया ! विजए चोरसेणावई कालधम्मणा संजुत्ते। अयं च णं चिलाए तक्करे विजएणं चोरसेणावइणा बहओ चोरविज्जाओ य जाब सिक्खा. विए / तं सेयं खल अम्हं देवाणप्पिया! चिलायं तक्करं सीहगुहाए चोरपल्लीए चोरसेणाव इत्ताए अभिसिचित्तए-त्तिकट्ट अण्णमण्णस्त एपमळं पडिसुर्णेति 2 त्ता चिलायं (तीए) सीहगुहाए [चोरपल्लीए चोरसेणावइत्ताए अभि. सिंचति / तए णं से चिलाए चोरसेणावई जाए अहम्मिए जाब विहर इ / तए णं से चिलाए चोरसेणावई चोरणायगे जाव कुडंगे यावि होत्था / से पं तत्थ सीहगुहाए चोरपल्लीए पंचण्हं चोरसयाण य एवं जहा विजओ तहेव सव्वं जाव Page #1267 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1254 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि रायगिहस्स णयरस्स दाहिणपुरस्थिमिल्लं जणवयं जाव णित्थाणं गिद्धणं करेमागे विहरइ // 140 // तए से चिलाए चोरसेणावई अण्णया कयाइ विपूलं असणं 4 उवक्खडावेत्ता ते पंच चोरसए आमतेइ तओ पच्छा हाए कयबलिकम्मे भोयण. मंडवंसि तेहि पंचहिं चोरसएहि सद्धि विपुलं असणं 4 सुरं च जाब पसनं च आसाएमाणे 4 विहरइ जिमियभत्तत्तरागए ते. पंच चोरसए विपुलेणं धूवपुप्फगंधमल्लालंकारेणं सक्कारे सम्माणेइ स० 2 ता एवं वयासी-एवं खल देवाणुप्पिया ! रायगिहे णयरे धणे णामं सत्थवाहे अड्ढे तस्स णं धूया महाए अत्तया पंचण्हं पुत्ताणं अणुमगजाइया सुंसुमा णामंदारिया (यावि)होत्था अहीणा जाव सुरूवा, तं गच्छामो णं देवाणुप्पिया ! धजस्स सस्थवाहस्स मिहं विलु. पामो, तुमं विपुले धणकग जाव सिलप्पवाले ममं सुंसुमा दारिया / लाए णं ते पंच चोरसया चिलायस्स० पडिसुणेति / तए से चिलाए चोरोणालाई तेहिं पंचहि चोरसएहि सद्धि अल्लचम्नं दुरूहइ 2 पच्चावरण्हकालतमयंति पंचहि चोरसहि सद्धि सण्णद्ध जाव गहियाउहपहरणा माइयगोमूहिएहि फल. एहि णि (क) विकट्ठाहि असिलट्ठीहि अंसगएहि तोणेहि सज्जीवहिं धहि समु. विखत्तेहि सरेहिं समुल्लालियाहिं दीहाहि ओसारियाहि उरुघंटियाहि छिप्प. तूरेहि वज्जमाणेहि महया 2 उक्किटुसीहणाय (चोरकलकलरवं) जाव समहरवभूयं (पिव) करेमाणा सीहगुहाओ चोरपल्लीओ पडिमिक्खमंति 2 ता जेणेब रायगिहे णयरे तेणेव उवागच्छति 2 ता रायगिहस्स अदूरसामंते एग महं महणं अणुप्पविसंति 2 ता दिवसं खवेमाणा चिट्ठति / तए गं से चिलाए चोरसेगा. वई अद्धरत्तकालसमयंसि णिसंतपडिणिसंतसि पंचहि चोरसहि सद्धि माइय. गोमुहिएहि फलएहिं जाव मूइयाहिं उरुघंटियाहि जेणेव रायगिहे पयरे पुरथिमिल्ले दुवारे तेणेव उवागच्छइ० उदगस्थि परामसइ आयते चोक्खे परमसुइभए तालुग्घाडणिविज्ज आवाहेइ 2 ता रायगिहस्स दुबारकबाडे उदएणं अच्छोडेइ 2 ता कवाडं विहाडेइ 2 ता रायगिहं अणुप्पनिलाइ 2 ता महया 2 सद्देणं उग्घोसेमाणे 2 एवं वयासी-एवं खलु अहं देवाणुप्पिया ! चिलाए णानं चोरसेणावई पंचहि चोरसएहि सद्धि सीहगृहाओ चोरपल्लीयो इई हव्वमागए धण्णस्त सस्थवाहस्स गिहं घाउकामे / तं जो गं णवियाए माउयाए बुद्धं पाउकामे से णं णिग्गच्छउत्तिकटु जेणेव धण्णस्स सत्थवाहस्स गिहे लेणेव Page #1268 -------------------------------------------------------------------------- ________________ . जायाधम्मकहाओ अ. 18 . 1255 उवागच्छइ स्त्ता धण्णस्स गिहं विहाडेइ / तए णं से धणे चिलाएणं चोरसेणावइणा पंचहि चोरसएहि सद्धि गिह घाइज्जमाणं पासइ 2 ता भीए तत्थे 4 पंचहि पुत्तेहि सद्धि एगंतं अवक्कमइ / तए णं से चिलाए चोरसेणावई धण्णस्स सत्थवाहस्स गिहं घाएइ २त्ता सुबहंधणकणग जाव सावएज्जं संसुखं च दारियं गेण्हइ 2 ता रायगिहाओ पडिणिक्खमइ 2 ता जेणेव सीहगुहा तेगेव पहा. रेत्थ गमणाए // 141 // तए णं से धणे सत्थवाहे जेणेव सए गिहे तेणेव उवागच्छइ 2 ता सुबहुं धणकणगं सुसुमं च दारियं अवहरियं जाणित्ता महत्थं 3 पाहुडं गहाय जेणेव जगरगुत्तिया तेणेव उवागच्छइ 2 ता तं महत्थं पाहुडं जाव उवणे (न्ति) इ 2 ता एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! चिलाए चोरसेणावई सोहगुहाओ चोरपल्लीओ इहं हव्वमागम्म पंचहि चोरसएहि सद्धि मम गिहं घाएत्ता सुबहुं धणकणगं सुसुमं च दारियं गहाय जाव पडिगए, तं इच्छामि गं देवाणुप्पिया ! सुंसुमाए दारियाए कुवं गमित्तए, तुमे देवा. गुप्पिया ! से विपुले धणकणगे ममं सुंसुमा दारिया / तए गं ते णगर. गुत्तिया धण्णस्स एयमझें पडिसुर्णेति 2 ता सण्णद्ध जाव गहियाउहपहरणा महया 2 उक्किट्ठ जाव समुद्दरवभूयं पिव करेमाणा रायगिहाओ णिग्गच्छंति 2 त्ता जेणेव चिलाए.चोरे तेणेव उवागच्छंति 2 त्ता चिलाएणं चोरसेणावइणा सद्धि संपलग्गा यावि होत्था / तए णं ते णगरगुत्तिया चिलायं चोरसेणावई हयमहिय जाव पडिसेहेति / तए णं ते पंच-चोरसया जगरगुत्तिएहिं हयमहिय जाव पडिसेहिया समाणा तं विपुलं धणकणगं विच्छड्ढे (ड्डे) माणा य विपकिरेमाणा य सव्वओ समंता विप्पलाइत्था / तए गं ते णगरगुत्तिया तं विपुलं धणकणगं गेहंति 2 त्ता जेणेव रायगिहे तेणेव उवागच्छंति / तए णं से चिलाए तं चोरसेण्णं तेहिं जगरगुत्तिएहि हयमहिय जाव भीए तत्थे सुसुमं दारियं गहाय एगं महं अगामियं दोहमद्धं अडवि अणुप्पविठे / तए गंधण्णे सत्थवाहे सुसुमं दारियं चिलाएणं अडवीमु (हिं) हं अवहीरमाणि पासित्ताणं पंचहिं पुहिं सद्धि अप्पछठे सग्णद्धबद्ध० चिलायस्स पयमग्गविहिं (अभिगच्छति) अणुगच्छमाणे अभिग (ज्जेमाणे) ज्जते हक्कारेमाणे पुक्कारेमाणे अभित. ज्जेमाणे अभितासेमाणे पिट्ठओ अणुगच्छइ / तए णं से चिलाए तं धणं सत्थ. वाहं पंचहि पुत्तेहिं (सद्धि) अप्पछ8 सण्णद्धबद्धं समणुगच्छमाणं पासइ 2 ता Page #1269 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1256 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि अत्थामे 4 जाहे णो संचाएइ सुसुमं दारियं णिवाहित्तए ताहे संते तंते परितंते णीलप्पलं असि परामुसइ 2 ता सुंसुमाए दारियाए उत्तमंग छिदइ 2 त्ता तं गहाय तं अगामियं अडवि अणुप्पविठे / तए णं (से) चिलाए तीसे अगामियाए अडवीए तहाए (छुहाए) अभिभूए समाणे पम्हु (ह) टूदिसाभाए सोहगृहं चोरपल्लि असंपत्ते अंतरा चेव कालगए। एवामेव समकाउसो ! जाव पव्यइए सभाणे इमस्स ओरालियसरीरस्स वतासवस्स जाव विद्धसणधम्मस्स वण्णहेउं जाव आहारं आहारेइ से गं इहलोए चेव बहूणं समणाणं 4 हीलणिज्जे जाव अणुपरियट्टिस्सइ जहा व से चिलाए तक्करे / तए णं से धणे सत्थवाहे पंचहि पुत्तेहि अप्पछठे चिसायं [तीसे अगामियाए सव्वओ समंतः] परिधाडेमाणे 2 (तोहाए छुहाए यं) संते तंते परितंते णो संचाएइ चिलायं चोर. सेणावई साहत्धि गिहित्तए / से णं तो पडिणियत्तइ 2 ता जेणेव सा सुसुगा दारिया चिलाएणं जीवियाओ ववरोविल्लि) या तेणेव उवागच्छइ 2 ता सुंसुमं दारियं चिलाएणं जीवियाओ ववरोवियं पासइ 2 ता परसुणियत्तेय चंपगपायवे / तए णं से धणे सत्यवाहे (पंचहि पु०) अप्पछठे आसत्थे कवमाणे कंद. माणे विलवमाणे महया 2 सद्देणं कुहुकुहुस्स परुण्णे सुचिरं कालं बाह(प्प) मोक्खं करेइ / तए णं से धणे सत्थवाहे पंचहिं पुहि अप्पछठे चिलायं तीसे अगा. मियाए सव्वओ समंता परिधाडेमाणे तण्हाए छुहाए य परम्भं (रद्धं) ते समाणे तीसे अगामियाए अडवीए सवओ समंता उदगस्स मग्गणगवेसणं करेइ 2 ता संते तंते परितंते णिविष्णे समाणे] तीसे अगामियाए (अडवीए उदगस्स मग्गणगवेसणं करेमाणे णो चेव णं उदगं आसाएइ तए णं) उदगं अणासाए. माणे जेणेव संसुमा जीवियाओ ववरोविया तेणेव उवागच्छइ 2 ता जेठं पुत्तं धण्णे (स.) सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-एवं खल पुत्ता! सुसुमाए दारियाए अदाए चिलायं तक्करं सवओ समंता परिधाडेमाणा तण्हाए छुहाए य अभि. भया समाणा इमीसे अगामियाए अडवीए उदगस्स मग्गणगवेसणं फरेमाणा णो चेव णं उदगं आसादेमो / तए गं उदगं अणासाएमाणा णो संचाएमो राय. गिहं संपावित्तए / तणं तुम्भे ममं देवाणप्पिया ! जीवियाओ ववरोवेह [मम] मंसं च सोणियं च आहारेह० तेणं आहारेणं अव (हिट्ठा) थद्धा समाणा तओ पच्छा इमं अगामियं अवि गित्थरिहिह रायगिहं च संपाविहह मित्तणाइ० अशि. समागच्छिहिह अत्थस्स य धम्मस्स य पुग्णस्स य आभागी भविस्संह / तए णं Page #1270 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 18 1257 से जेठे पुत्ते धणेणं सत्यवाहेणं एवं वृत्ते समाणे धण्णं सत्थवाहं एवं वयासीतुम्भे गं ताओ ! अम्हं पिया गुरुजणया देवयभूया ठावका पइट्ठावका संरक्खगा संगोगा / तं कहणं अम्हे ताओ ! तुब्भे जीवियाओ ववरोवेमो तुम्भं गं मंसं च सोणियं च आहारेमो ? तं तुब्भे गं ताओ ! ममं जीवियाओ ववरोवेह मंसं च सोणियं च आहारेह अगामियं अडवि णित्थरह तं चेव सव्वं भणइ जाव अत्थस्स जाव आभागी भविस्सह / तए गंधणं सत्यवाहं बच्चे पुत्ते एवं वयासी-मा गं ताओ ! अम्हे जेठं भायरं गुरुदेवयं जीवियाओ ववरोवेमो, तुम्भे गं ताओ ! ममं जीवियाओ ववरोवेह जाव आभागी भविस्सह / एवं जाव पंचमे पुत्ते / तए गं से धण्णे सत्थवाहे पंचपुत्ताणं हियइच्छियं जाणित्ता ते पंच पुत्ते एवं वयासी-मा णं अम्हे पुत्ता ! एग़मवि जीवियाओ ववरोवेमो। एस गं सुसुमाए दारियाए सरीरए गिप्पाणे जाव जीवविप्पजढे / तं सेयं खल पुत्ता! अम्हं सुसुमाए दारियाए मंसं च सोणियं च आहारेत्तए / तए गं अम्हे तेणं आहारेणं अवथद्धा समाणा रायगिहं संपाउणिस्सामो / तए गं ते पंच. पुत्ता धण्णणं सत्थवाहेणं एवं वृत्ता समाणा एयमलैं पडिसुर्णेति / तए गं धणे सत्यवाहे पंचहि पुत्तेहिं सद्धि अरणि करेइ 2 ता सरगं च करेइ 2 ता सरएणं अणि महेइ 2 त्ता अग्गि पाडेइ 2 ता अग्गि संधुक्खेइ 2 ता दारुयाई प(रि)क्खेवेइ 2 ता अग्गि पज्जालेइ 2 ता संसुमाए दारियाए मंस च सोणियं च आहारेइ / तेणं आहारेणं अवयद्धा समाणा रायगिहं णार संपत्ता मित्तणाइणियग० अभिसमण्णागया तस्स 'य विउलस्स धणकणगरयण जाव आभागी जाया (वि होत्था)। तए णं से धणे सत्यवाहे सुंसुमाए दारियाए बहूई लोइयाइं जाव विगयसोए जाए यावि होत्था // 142 // तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे गुणसिलए चेइए समोसढे। (से) तए णं धण्णे सत्थवाहे संपत्ते धम्मं सोच्चा पब्वइए एक्कारसंगवी मासियाए संलेहणाए सोहम्मे उववण्णो महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ / जहा विय णं जंबू ! धण्णेणं सत्थवाहेणं णो वण्णहेउं वा णो रूवहेउं वा णो बलहेडं वा णो विसंयहेउं वा सुंसुमाए दारियाए मंससोणिए आहारिए णण्णत्थ एगाए रायगिहं संपावणट्टयाए, एवामेव समणाउसो ! जो अम्हं णिग्गंथो वा णिग्गंथी Page #1271 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1258 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि वा इमस्स ओरालियसरीरस्स वंतासवस्स पित्तासवस्स सुक्कासवस्स सोणिया. सवस्स जाव अवस्सं विप्पजहियव्वस्स णो वण्णहेउं वा णो रूवहेउं वा णो बल. हेउं वा णो विसयहेउं वा आहारं आहारेइ णण्णत्थ एगाए सिद्धिगमणसंपावणट्टयाए से णं इह-भवे चेव बहूणं समणाणं बहूणं समणीणं बहूणं सावयाणं बहूणं सावियाणं अच्चणिज्जे जाव वीईवइस्सइ / एवं खल जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं अदारसमस णायज्झयणस्स अयमले पण्णत्ते त्ति बेमि // 143 // गाहाओ--जह सो चिलाइपुत्तो सुसुमगिद्धो अकज्जपडिबद्धो / धणपारद्धो पत्तो महावि वसणसयकलियं // 1 // तह जीवो विसयसुहे लुद्धो काऊण पावकिरियाओ। कम्मवसेणं पावइ भवाडवीए महा. दुक्खं // 2 // धणसेट्ठी-विण गुरुणो पुत्ता इव साहवो भवो अडवी / सुयमंसमिवाहारो रायगिह इह सिर्व णेयं // 3 // जह अडविणयरणित्थरणपावणत्थं तएहि सुयमंसं / भुत्तं तहेह साहू गुरूण आणाए आहारं // 4 // भवलंघर्गासव. पावणहेउं भुंज (मुज्ज) ति ण उण गेहीए। वण्णबलरूवहेउं च भावियप्पा महासत्ता // 5 // अट्ठारसमं अज्झयणं सत्तं // पुंडरीए णामं एगूणवीसइमं अज्झयणं जइणं भंते ! समणेणं. अटारसमस्त णायज्झयणस्स अयमठे पण्णत्ते एगणवीस. इमस्स(०)के अठे पण्णत्ते? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जंबद्दीवे दीवे पुवविदेहे सीयाए महाणईए उत्तरिल्ले कले णीलवंतस्स दाहिणेणं उत्त. रिल्लस्स सीयामहवणसंडस्स पच्चस्थिमेणं एगसेलगस्स वक्खारपब्वयस्स पुर. स्थिमेणं एत्थ णं पुक्खलावई णाम विजए पण्णत्ते / तत्थ णं पुंडरिगिणी णामं रायहाणी पण्णता णव जोयणवित्थिण्णा दुवालसजोयणायामा जाव पच्चक्खं देवलोयभूया पासाईया दरिसणीया अभिरूवा पडिरूवा / तीसे णं पुंडरिगिणीए णयरीए उत्तरपुरस्थिमे दिसोभाए णलिणिवले नाम उजागे होत्था वण्णओ। तत्थ णं पुंडरिगिणीए रायहाणीए महापउमे णामं राया होत्था / तस्स णं पउमावई णामं देवी होत्था / तस्स णं महापउमस्स रणो पुत्ता पउमावईए देवीए अत्तया दुवे कुमारा होत्या तं जहा-पुंडरीए य कंडरीए य सुकुमालपाणि Page #1272 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 19 1259 पाया। पुंडरीए जवराया। तेणं कालेणं ते समएणं थेरागमणं महापउमे राया णिग्गए, धम्म सोच्चा पुंडरीयं रज्जे ठवेत्ता पवइए पुंडरीए राया जाए कंडरीए जवराया। महापउमे अणगारे चोद्दसपुव्वाई अहिज्जइ, तए गं थेरा बहिया जण वयविहारं विहरंति / तए णं से महापउमे बहूणि वासाणि जाव सिद्धे // 144 // तए गं थेरा अण्णया कयाइ पुणरवि पुंडरिगिणीए रायहाणीए गलिणवणे उज्जाणे समोसढा / पुंडरीए राया णिग्गए / कंडरीए महाजणसई सोच्चा जहा महब्बलो जाव पज्जुवासइ / थेरा धम्म परिकति पुंडरीए समणोवास ए जाए जाव पडिगए / तए णं कंडरीए उढाए उठेइ 2 ता जाव से जहेयं तुन्भे वयह जं णवरं पुंडरीयं रायं आपुच्छामि तए णं जाव पव्वयामि / अहासुहं देवाणु प्पिया ! तए णं से कंडरीए जाव थेरे वंदइ णमंसइ वं० 2 त्ता [थेराणं] अंतियाओ पडिणिक्खमइ 2 ता तमेव चाउघंटं आसरहं दुरूहइ जाव पच्चोरुहह जेणेव पंडरीए राया तेणेव उवागच्छइ 2 ता करयल जाव पुंडरीयं एवं वयासी-एवं खल देवा०! मए थेराणं अंतिए (जाव) धम्मे णिसते से धम्मे अभिरुइए / तए णं देवा.! जाव पवइत्तए / तए णं से पुंडरीए कंडरीयं एवं वयासी-मा णं तुम भाउ (देवाणुप्पि) या ! इयाणि मुंडे जाव पव्वयाहि, अहं गं तुमं महारायाभिसेएणं अभिसिंचामि / तए णं से कंडरीए पुंडरीयस्स रण्णो एयमह्र णो आढाइ जाव तुसिणीए संचिट्ठइ / तए णं पुंडरीए राया कंडरीयं दोच्चंपि तच्चपि एवं वयासी जाव तुसिणीए संचिट्ठइ / तए णं पुंडरीए कंडरीयं कुमारं जाहे णो संचाएइ बहूहि आघवणाहि य पण्णवणाहि य 4 ताहे अकामए चेव एयम8 अणुमण्णित्था जाव णिक्ख. मणाभिसेएणं अभिसिंचइ जाव थेराणं सीसभिक्खं दलयइ पवइए अण. गारे जाए एक्कारसंगवी / तए णं थेरा भगवंतो अण्णया कयाइ पुंडरी. गिणीओ णयरीओ णलिणिवणाओ उज्जाणाओ पडिणिक्खमंति 2 ता बहिया जणवयविहारं विहरंति // 145 // तए णं तस्स कंडरीयस्स अणगारस्त तेहिं अंतेहि य पंतेहि य जहा सेलगस्स जाव दाहवक्कतीए यावि विहरइ / तए. गं. थेरा अण्णया कयाइ जेणेव पोंडरीगिणी तेणेव उवागच्छंति 2 ता पलिणिवणे समोसढा / पुंडरीए णिग्गए धम्म Page #1273 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1260 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि सुणेइ / तए णं पुंडरीए राया धम्म सोच्चा जेणेव कंडरीए अणगारे तेणेव उवा. गच्छइ 2 ता कंडरीयं बंदइ णमंसइ वं० 2 ता कंडरीयस्स अणगारस्स सरीरगं सव्वाबाहं सरोगं पासइ 2 ता जेणेव थेरा भगवंतो तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता थेरे भगवंते वंदइ णमंसइ वं०२ ता एवं वयासी-अहणं भंते ! कंडरीयस्स अणगारस्स अहापवर्त्तहि ओसहभेसज्जेहि जाव तिगिच्छं आ (उट्टा) उंटामि, तं तुन्भे गं भंते ! मम जाणसालासु समोसरह / तए णं थेरा भगवंतो पुंड. रीयस्स पडिसुणेति जाव उवसंपज्जिताणं विहरंति / तए णं पुंडरीए राया जहा मंडुए सेलगस्स जाव बलियसरीरे जाए / तए णं थेरा भगवंतो पंडरीयं रायं आपुच्छंति 2 ता बहिया नणवयविहारं विहरंति / तए णं से कंडरीए ताओ रोयायंकाओ विष्पमुक्के समाणे तंसि मणणंसि असणपाणखाइमसाइ. मंसि मुच्छिए गिद्धे गढिए अज्झोववण्णे णो संचाएइ पुंडरीयं आपुच्छित्ता बहिया अब्भुज्जएणं जणवयविहारं विहरित्तए तत्थेव असणे जाए / तए णं से पुंडरीए इमीसे कहाए लद्धठे समाणे हाए अंते उरपरियालसंपरिवडे जेणेव कंडरीए अणगारे तेणेव उवागच्छइ 2 ता कंडरीयं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ 2 ता वंदइ णमंसइ वं० 2 ता एवं वयासी-धणेसि ! गं तुमं देवाणुप्पिया ! कयत्थे कयपुण्णे कयलक्खणे, सुलद्ध णं देवाणुप्पिया ! तव माणुस्सए जम्मजीवियफले जे गं. तुमं रज्जं च जाव अंते उरं च (विछ. (ड्डइ) ड्डत्ता विगोवइत्ता जाव पवइए, अहणं अहणे अपुण्णे अकयपुण्ण रज्जे य जाव अंतउरे य माणुस्सएसु य कामभोगेसु मच्छिए जाव अज्झोवव. पणे णो संचाएमि जाव पव्वइत्तए, तं धणेसि गं तुमं देवाणप्पिया ! जाव जीवियफले / तए णं से कंडरीए अणगारे पुंडरीयस्स एयमलैं जो आढाइ जाव संचिट्ठइ / तए पं से कंडरीए पोंडरीएणं दोच्चंपि तच्चपि एवं वृत्ते समाणे अकामए अवस्सवसे लज्जाए गारवेण य पुंडरीयं रायं आपुच्छइ 2 त्ता थेरेहिं सद्धि बहिया जणवयविहारं विहरइ / तए णं से कंडरीए थेरेहि सद्धि किचि कालं उग्गं उग्गेणं विहरइ तओ पच्छा समणत्तणपरितते समण. तण-णिविण्णे समणत्तण-णिभ (स्थि)च्छिए समणगणमुक्कजोगी थेराणं अंतियाओ सणियं 2 पच्चोसक्कइ 2 ता जेणेव पुंडरिगिणी णयरी जेणेव पुंडरीयस्स भवणे तेणेव उवागच्छइ 2 ता असोगवणियाए असोग Page #1274 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 19 , 1261 वरपायवस्स अहे पुढविसिलापट्टगंसि णिसीयइ 2 ता ओहयमणसंकप्पे जाव झियायमाणे संचिट्ठइ / तए णं तस्स पोंडरीयस्स अम्मधाई जेणेव असोग. वणिया तेणेव उवागच्छइ 2 ता कंडरीयं अणगारं असोगवरपायवस्स अहे पुढविसिलापट्टगंसि ओहयमणसंकप्पं जाव झियायमाणं पासइ 2 ता जेणेव पुंडरीए राया तेणेव उवागच्छइ 2 ता पुंडरीयं रायं एवं वयासी-एवं खलु देवाणप्पिया ! तव पिउ / य) भाउए कंडरीए अणगारे असोगवणियाए असोगवर. पायवस्स अहे पुढविसिलापट्टे ओहयमणसंकप्पे जाव झियायइ / तए गं [से पंडरीए अम्मधाईए एयमठं सोच्चा णिसम्म तहेव संमंते समाणे उदाए उठेइ 2 ता अंतेउरपरियालसंपरिवडे जेणेव असोगवणिया जाव कंडरीयं तिक्खत्तो. एवं वयासी-धणेसि गं तुमं देवाणप्पिया! जाव पवइए, अहं गं अधण्णे[३] जाव पवइत्तए, तं धणेसि गं तुमं देवाणप्पिया ! जाव जीवियफले / तए गं कंडरीए पुंडरीएणं एवं वृत्ते समाणे तुसिणीए संचिट्ठइ दोच्चंपि तच्चंपि जाव चिट्ठइ / तए गं पुंडरीए कंडरीयं एवं वयासी-अट्ठो भंते ! भोहि ? हंता ! अठो। तए पं.से पुंडरीए राया कोडुबियपुरिसे सहावेइ 2 ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणप्पिया ! कंडरीयस्स महत्थं जाव रायाभिसेयं उवटवेह जाव रायाभिसेएणं अभिसिंचइ // 146 // तए णं से पुंडरीए सयमेव पंचमद्वियं लोयं करेइ सयमेव चाउज्जामं धम्म पडिवज्जइ 2 ता कंडरीयस्स संतियं आयारभंडयं गेण्हइ 2 ता इमं एयारूवं अभिग्गहं अभिगिण्हइ-कप्पड़ मे थेरे वंदित्ता गमंसित्ता थेराणं अंतिए चाउज्जामं धम्म उवसंपज्जिताणं तओ पच्छा आहारं आहारित्तए तिकटटु इमं च एयारूवं अभिग्गहं अभि. गिण्हेत्ताणं पुंडरिगिणीए पडिणिक्खमइ 2 ता पुवाणुवि चरमाणे गामाणगामं दूइज्जमाणे (जेणेव) थेरा भगवंतो तेणेव पहारेत्थ गमणाए // 147 // तए गं तस्स कंडरीयस्स रण्णो तं पणीयं पाणभोयणं आहारियस्स समाणस्स अइ. जागरिएण य अइभोयणप्पसंगेण य से आहारे गो सम्मं परिणमह / तए ण तस्स कंडरीयस्स रण्णो तंसि आहारंसि अपरिणममाणंसि पुवरत्तावरत्तकाल. समयंसि सरीरगंसि वेयणा पाउम्भूया उज्जला विउला पगाढा जाव दुरहियासा पित्तज्जरपरिगयसरीरे दाहवक्कंतीए यावि विहरइ / तए णं से कंडरीए राया रज्जे य रठे य अंतेउरे य जाव अज्झोववणे अट्टदुहट्ट वसट्टे अकामए अब. Page #1275 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1262 अंग-पविटु सुत्ताणि स्सवसे कालमासे कालं किच्चा अहे. सत्तमाए पुढवीए उक्कोसकालदिइयसि णरयंसि जेरइयत्ताए उववणे / एवामेव समणाउसो ! जाव पव्वइए समाणे पुणरवि माणुस्सए कामभोगे आसाइए जाब अणुपरियट्टिस्सइ जहा व से कंडरीए राया / / 148 / / तए णं से पंडरीए अणगारे जेणेव थेरा भगवंतो तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता थेरे भगवते वंदइ णमसइ वं० 2 ता थेराणं अंतिए दोच्चंपि चाउज्जामं धम्म पडिवज्जइ छट्टखमणपारणगसि पढमाए पोरिसीए सज्झायं करेइ 2 ता जाव अडमाणे सीयलक्खं पाणभोयणं पडिगाहेइ 2 ता अहापज्जत्तमितिकटु पडिणियत्तइ जेणेव थेरा भगवंतो तेणेव उवागच्छइ 2 ता भत्तपाणं पडिदंसेइ 2 ता. थेरेहि भगवंतेहिं अन्भणण्णाए समाणे अमुच्छिए 4 बिलमिव पण्णगभएणं अप्पाणेणं तं फासुएसणिज्जं असणं 4 सरीरकोटुगंसि पविखवइ / तए णं तस्स पुंडरीयस्स अणगारस्स तं कालाइक्कतं अरसं विरसं सीयलुक्खं पाणभोयणं आहारियस्स समाणस्स पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि धम्मजागरियं जागरमाणस्स से आहारे णो सम्मं परिणमइ / तए णं तस्स पुंडरीयस्स अणगारस्स सरीरगंसि वेयणा पाउब्भया उज्जला जाव दुर. हियासा पित्तज्जरपरिगयसरीरे दाहवक्कतीए विहरइ / तए णं से पुंडरीए अणगारे अत्थामे अबले अवीरिए अपुरिसक्कारपरक्कमे करयल जाव एवं वयासी-णमोत्थुणं अरिहंताणं भगवंताणं जाव संपत्ताणं / णमोत्थ णं थेराणं भगवंताणं मम धम्मायरियाणं धम्मोवएसयाणं। पुवि पि य णं मए थेराणं अंतिए सवे पाणाइवाए पच्चक्खाए जाव मिच्छादसणसल्लेणं पच्चक्खाए जाव आलोइयपडिक्कते कालमासे कालं किच्चा सम्वसिद्ध उववणे / तओ अणंतरं उव्वट्टित्ता महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ जाव सव्वदुक्खाणमंतं काहिइ। एवामेव समणाउसो ! जाव पव्वइए समाणे माणुस्सएहि कामभोहिं णो सज्जइ णो रज्जइ जाव णो विप्पडिघायमावज्जइ से गं इहभवे चेव बहूणं समणाणं बहूणं समणीणं बहूणं सावयाणं बहूणं सावियाणं अच्चणिज्जे वंदणिज्जे पूयणिज्जे सक्कारणिज्जे सम्माणणिज्जे कल्लाणं मंगलं देवयं चेइयं पज्जवास. णिज्जे-तिकट्ट परलोए वि य णं णो आगच्छइ बहूणि दंडणाणि य मुंडणाणि य तज्जणाणि य ता(ड)लणाणि य जाव चाउरतं संसारकतारंजाव वीईवइस्सइ जहा व से पुंडरीए अणगारे / एवं खल जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेणं Page #1276 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ व. 1 अ. 1 1263 आइगरेणं तित्थगरेणं सयंसंबुद्धणं जाव सिद्धिगइणामधेनं ठाणं संपत्तेणं एगणवीसहमस्म णायज्झयणस्स अयमठे पण्णत्ते / एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेगं जाव सिद्धिगइ-णामधेज्जं ठाणं संपत्तेणं छट्ठस्स अंगस्स पढमस्स सुयक्खं धस्स अयमढे पण्णते ति बेमि / तस्स गं सुयक्खंधस्स एगण. वीसं अज्झयणाणि ए (क्क) गासरगाणि एगणवीसाए दिवसेसु समप्पंति / 146 / गाहाउ--वाससहस्सं पि जई काऊणं संजमं सुवि उलं पि। अंते किलिट्ठभावो ण विसुज्झइ कंडरी उत्व // 1 // अप्पेण वि कालेणं केइ जहागहियसीलसामण्णा। साहिति णिययकज्ज पुंडरीयमहारिसिव जहा // 2 // ॥एगूणवीसइमं अज्झयणं समत्तं // . // पढमो सुयक्खंधो समत्तो / / बीओ सुयवखंधो पढमो वग्गो-काली णामं पढमं अज्झयणं तेणं कालेणं तेणं ममएणं रायगिहे णाम णयरे होत्था वण्णओ / तस्स गं रायगिहस्स (णयरस्स) बहिया उत्तरपुरस्थिमे दिसीमाए तत्थ गं गण. सिलए चेइए णामं होत्था वण्णओ / तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतेवासी अज्जसुहम्मा णाम थेरा भगवंतो जाइसंपण्णा कुलसंपण्णा जाव चउद्दसपुव्वी चउणाणोवगया पंचहि अणगारसहिं सद्धि संपरिवुडा पुवाणपुटिव चरमाणा गामाणुगामं दुइज्जमाणा सुहंसुहेणं विहरमाणा जेणेव रायगिहे गयो जेणेव गुणसिलए चेइए जाव संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणा विहरति / परिसा णिगया धम्मो कहिओ, परिसा जामेव दिसि पाउन्भूया तामेव दिसि पडिगया / तेणं कालेणं तेणं समएणं अज्जसुहम्मस्स अणगारस्स अंतेवासी अज्ज जंबू णामं अणगारे जाव पज्जवासमाणे एवं वयासी-जइ पं भंते ! समणेणं (3) जाव संपत्तेणं छट्ठस्स अंगस्स पढमस्स सुयक्खधस्स णायसुयाणं अयमढ़े पण्णते दोच्चस्स गं भंते ! सुयक्खंधस्स धम्मकहाणं समणेणं० के अट्ठे पण्णत्ते ? एवं खलु जंबू ! समणेणं० धम्मकहाणं दस वग्गा पण्णता तंजहा-चमरस्स अग्गहिसीणं पढमे वग्गे, बलिस्स वइरोणिदस्स वइरोयणरण्णो अग्गमहिसीणं बीए वग्गे, Page #1277 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1264 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि असुरिदवज्जियाणं दाहिणिल्लाणं इंदाणं अग्गमहिसीणं तईए वग्गे, उत्तरिल्लाणं असुरिंदवज्जियाणं भवणवासिइंदाणं अग्गमहिसीणं चउत्थे वग्गे, दाहिणिल्लाणं वाणमंतराणं इंदाणं अग्गहिसीणं पंचमे वग्गे, उत्तरिल्लाणं वाणमंतराणं इंदाणं अग्गम हिसीणं छठे वग्गे, चंदस्स अग्गमहिसीणं सत्तमे वग्गे, सूरस्स अग्गम हिसीणं अट्रमे वग्गे, सक्कस्स अग्गम हिसीणं णवमे वगे, ईसाणस्स (य) अग्गहिसीणं दसमे वग्गे / जइ णं भंते ! समणेणं० धम्मकहाणं वस वग्गा पण्णता पढमस्स गं भंते ! वग्गस्स समणेणं० के अठे पण्णत्ते ? एवं खल जंब ! समणेणं. पढमस्स वग्गस्स पंच अज्झयणा पण्णता तंजहा-काली राई रयणी विज्ज मेहा / जइ णं भंते ! संमणेणं० पढमस्स वग्गस्स पंच अज्झयणा पण्णत्ता पढमस्स गं भंते ! अज्झयणस्स समणेणं. के अट्ठे पण्णते ? एवं खल जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे णयरे गुणसिलए चेइए सेणिए राया चेलणा देवी सामी समोस परिसा णिग्गया जाव परिसा पज्जुवासइ / तेणं कालेणं तेणं समएणं काली णामं देवी चमरचंचाए रायहाणीए कालवडेंसगभवणे कालसि सीहासणंसि चहि सामाणियसाहस्सीहि चहि मयहरियाहि सपरि. वाराहि तिहि परिसाहिं सतहिं अणिएहि सत्तहिं अणियाहिवईहिं सोलसहि आयरक्खदेवसाहस्सीहि अण्णे य बहूहि कालवडिसयभवणवासीहि असुरकुमारेहि देवेहि देवीहि य सद्धि संपरिवडा महयाहय जाव विहरइ इमं च णं केवलकप्पं जंबुद्दीवं 2 विउलेणं ओहिणा आभोएमाणी 2 पासइ / ए(त)त्य समणं भगवं महावीरं जंबुद्दीवे दीवे मारहे वासे रायगिहे णयरे गुणसिलए चेइए अहापडिरूवं उग्गहं उग्गिण्हित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणं पासइ 2 ता हट्टतुट्ठचित्तमाणंदिया पीइमणा जाव (हय) हियया सीहासणाओ अन्मुठेइ 2 ता पायपीढाओ पच्चोरहइ 2 त्ता पाउया ओमुयइ 2 ता तित्थगराभिमुही सत्तट्ट पयाई अणुगच्छइ 2 ता वामं जाणुं अंचेइ 2 ता दाहिणं जाणुं धरणियलंसि णिहट्ट तिख़त्तो मुद्धाणं धरणियलंसि णिवेसेइ (0) ईसि पच्चुण्णमइ 2 ता कडयतुडियर्थभियाओ भयाओ साहरइ 2 ता.करयल जाव कटु एवं वयासी-णमोत्थ गं अरहंताणं भगवंताणं जाव संपत्ताणं / णमोत्थ गं समणस्स भगवओ महावीरस्स जाव संपाविउकामस्स / वंदामि गं भगवंतं तत्थगयं इहग (ए) या पासउ मे समणे 3 तत्थ गए इह गयं तिकटु Page #1278 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ व. 1 अ. 1 1265 वंदइ णमंसइ वं० 2 तासीहासणवरंसि पुरत्थाभिमुहा णिसण्णा / तए णं तीसे कालीए देवीए इमेयारूवे जाव समप्पज्जित्था -सेयं खलु मे समणं 3 वंदित्ता जाव पज्जवासित्तए-त्तिक एवं संपेहेइ 2 ता आभिओगिए देवे सहावेइ 2 ता एवं वयासी-एवं खल देवाणप्पिया ! समणे 3 एवं जहा सूरियाभो तहेव आणत्तियं देइ जाव दिव्वं सुरवराभिगमणजोग्गं करेह 2 ता जाव पच्चप्पिणह / तेवि तहेव करेत्ता जाव पच्चप्पिणंति / णवरं जोयणसहस्सविस्थिण्णं जाणं सेसं तहेव / तहेव णामगोयं साहेइ तहेव णविहि उवदंसेइ जाव पडिगया। भंतेत्ति ! भगवं गोयमे समणं 3 बंदइ णमंसइ वं. 2 ता एवं वयासी-कालीए णं भंते ! देवीए सा दिव्वा देविड्ढी 3 कहि गया० ? कडागारसालादिह्रतो / अहो णं भंते ! काली देवी महिडिया [3] / कालीए णं भंते ! देवीए सा दिव्या देविड़ढी 3 किण्णा लद्धा किण्णा पत्ता किण्णा अभिसमण्णागया ? एवं जहा सूरियाभस्स जाव एवं खलु गोयमा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जंबुद्दीवे 2 भारहे वासे आमलकप्पा णाम जयरी होत्था वण्णओ। अंबसालवणे चेइए। जियसत्तू राया। तत्थ णं आमलकप्पाए णयरीए काले णाम गाहावई होत्था अड्ढे जाव अपरि. भूए / तस्स गं कालस्स गाहावइस्स कालसिरी णामं भारिया होत्था सुकुमाल(पाणिपाया)जाव सुरूवा / तस्स णं काल (ग) स्स गाहावइस्स धूया कालसिरीए मारियाए अत्तया काली णामं दारिया होत्था वड्डा वड्डुकुमारी जुण्णा जुण्णकुमारी पडियपुयत्थणी गिविण्णवरा वरपरिवज्जिया वि होत्था / तेणं कालेणं तेणं समएणं पासे अरहा पुरिसादाणीए आइगरे जहा वद्धमाणसामी णवरं णवहत्थस्सेहे सोलसहि समणसाहस्सीहिं अट्ठत्तीसाए अज्जियासाहस्सोहि सेखि संपरिवडे जाव अंबसालवणे समोसढे / परिसा णिग्गया जाव पज्जुवासइ / तए ण सा काली दारिया इमीसे कहाए लट्ठा समाणा हट्ट जाव हियया जेणेव अम्मापियरो तेणेव उवागच्छइ 2 ता करयल जाव एवं वयासी-एवं खल अम्मयाओ ! पासे अरहा पुरिसादाणीए आइगरे जाव विहरइ, तं इच्छामि गं अम्मयाओ ! तुहि अब्भणण्णाया समाणी पासस्स [f] अरहओ पुरिसा. दाणीयस्स पायवंदिया गमित्तए / अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं करेहि। तए गं सा काली दारिया अम्मापिईहिं अब्भणण्णाया समाणी हट्ट जाव हियया Page #1279 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1266 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि ण्हाया कयबलिकम्मा कयकोउय-मंगल पायच्छित्ता सुद्धप्पवेसाई मंगल्लाई वस्थाई पवर परिहिया अप्पमहग्याभरणालंकियसरीरा चेडियाचक्कवालपरि किण्णा साओ गिहाओ पडिणिक्खमइ 2 ताजेणेव बाहिरिया उबढाणसाला जेणेव धम्मिए जाणप्पवरे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता धम्मियं जाणप्पवरं दुरूढा / तए गं सा काली दारिया धम्मियं जाणप्पवरं एवं जहा दोवई जाव तहा पज्जवासइ / तए णं पासे अरहा पुरिसादाणीए कालीए दारियाए तीसे य महइ महालियाए परिसाए धम्म कहेइ / तए गं सा काली दारिया पासम्स अरहओ पूरिसादाणीयस्स अंतिए धम्म सोच्चा णिसम्म हट्ट जाव हियया पासं अरहं पुरिसादाणीयं तिक्खुत्तो वंदइ णमंसइ वं० 2 ता एवं वयासी-सद्द हामि णं भंते ! णिग्रोथ पावयणं जाव से जहेयं तुभे वयह जं णवरं देवाणु प्पिया! अम्मापियरो आपुच्छामि तए णं अहं देवाण प्पियाणं अंतिए जाव पन्वयामि / अहासूहं देवाणपिए ! / तए णं सा काली दारिया पासेणं अरहया पुरिसादागीएणं एवं वुत्ता समाणी हट्ठ जाव हियया पासं अरहं वंदइ णमंसइ वं० 2 ता तमेव धम्मियं जाणप्पवरं दुरूहइ 2 ता पासस्स अरहओ पुरिसादाणीयस्स अंतियाओ अंबसालवणाओ चेइयाओ पडिणिक्खमइ 2 ता जेणेव आमलकैप्पा गयरी तेणेव उवागच्छड 2 ता आमलकप्पं णरि मज्झमज्झणं जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला तेणेव उवागच्छइ 2 ता धम्मियं जाणप्पवरं ठवेइ 2 ता धम्मियाओ जाणप्पवराओ पच्चोरूहइ 2 ता जेणेव अम्मापियरो तेणेव उवागच्छइ 2 ता करयल[परिग हियं] जाव एवं वयासी-एवं खल अम्मयाओ ! मए पासस्स अरहओ अतिए धम्मे णिसंते, से वि य धम्मे इच्छिए पडिच्छिए अभिरुइए, लए णं अहं अम्म. याओ ! संसारभउविग्गा भीया जम्मणमरणाणं इच्छामि णं तुहि अन्मगुण्णाया समाणी पासस्स अरहओ अंतिए मुंडा भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइत्तए / अहासुहं देवाणप्पिए ! मा पडिबंध करेहि / तए णं से काले गाहा. वई विउलं असणं 4 उवक्खडावेइ 2 ता मित्त-णाइ-णियगसयणसंबंधिपरियणं आमतेइ 2 ता तओ पच्छा हाए जाव विपुलेणं पुप्फवस्थगंधमलालंकारेणं सक्कारेइ सम्माणेइ[२] तस्सेव मित्त-णाइ-णियगसयणसंबंधिपरियणस्म पुरओ कालियं दारियं सेयापीएहि कलसेहि व्हावेइ 2 ता सवालंकारविभूसियं करेइ 2 ता पुरिससहस्सवाहिणीयं सीयं दुरूहेइ 2 ता मित्त णाइ.णियगसयणसंबंधि Page #1280 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ व. 1 अ. 2 1267 परियणेणं सद्धि संपरिवडा सविड्ढीए जाव रवेणं आमलकप्पं गरि मज्झं. मज्झेणं णिग्गच्छइ 2 ता जेणेव अंबसालवणे चेइए तेणेव उवागच्छइ 2 ता छत्ताइए तित्थगराइसए पासइ 2 ता सीयं ठवेइ 2 ता [कालियं दारियं सीयाओ पच्चोरुहइ / तए णं तं] कालियं दारियं अम्मापियरो पुरओ काउं जेणेव पासे अरहा पुरिसादाणीए तेणेव उवागच्छइ 2 ता वदंति णमंसंति वं. 2 एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! काली दारिया अम्हं धूया इट्ठा कंता जाव किमंग पुण पासणयाए ? एस णं देवाणुप्पिया! संसारभउदिवग्गा इच्छइ देवाणुप्पियाणं अंतिए मुंडा भवित्ता (णं) जाव पव्वइत्तए, तं एयं णं देवाणु. प्पियाणं सिस्सिणिभिक्खं दलयामो, पडिच्छतु गं देवाणप्पिया ! सिस्सिणि. भिक्खं / अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं (करेह) / तए णं [सा] काली कुमारी पासं अरहं वंदइ णमंसइ वं० 2 ता उत्तरपुरस्थिमं दिसीभागं अवक्क. मइ 2 ता सयमेव आभरणमल्लालंकारं ओमुयइ 2 ता सयमेव लोयं करेइ 2 ता जेणेव पासे अरहा पुरिसादाणीए तेणेव . उवागच्छइ 2 ता पासं अरहं तिक्खुत्तो वंदइ णमंसइ पं० 2 त्ता एवं वयासी-आलित्ते णं भंते ! लोए एवं जहा देवाणंदा जाव सयमेव पवाविउं / तए गं पासे अरहा पुरिसादाणीए कालि सयमेव पुप्फचलाए अज्जाए सिस्सिणियत्ताए दलयइ। तए पंसा पुप्फचला अज्जा कालि कुमारि सयमेव पवावेइ जाव उवसंपज्जित्ताणं विहरइ / तए णं सा काली अज्जा जाया इरियासमिया जाव गुत्तबंभयारिणी। तए णं सा काली अज्जा पुष्फचूलाए अज्जाए अंतिए सामाइयमाइयाई एक्का. रस अंगाई अहिज्जइ बहूहि चउत्थ जाव विहरइ / तए णं सा काली अज्जा अण्णया कयाइ सरीरबाउसिया जाया यावि होत्था, अभिक्खणं 2 हत्थे धो(व). वेइ पाए धोवेइ सीसं धोवेइ महं धोवेइ थणंतरा (इं)णि धोवेइ कक्खंतराणि धोवेइ गज्झंतराणि धोवेइ जत्थ-जत्थ वि य णं ठाणं वा सेज्जं वा णिसी. हियं वा चेएइ तं पुवामेव अब्भक्खेत्ता तओ पच्छा आसयइ वा सयइ वा / तए णं सा पुप्फचला अज्जा कालि अज्ज एवं वयासी-णो खलु कप्पइ देवाणप्पिए ! समणीणं णिग्गंथीणं सरीरबाउसियाणं होत्तए, तुमं च णं देवा. गुप्पिए ! सरीबाउसिया जाया अभिक्खणं 2 हत्थे धोवसि जाव आसयाहि वा सयाहि वा, तं तुमं देवाणुप्पिए ! एयस्स ठाणस्स आलोएहि जाव पाय. Page #1281 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1268 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि च्छित्तं पडिवज्जाहि / तए णं सा काली अज्जा पुप्फचूलाए अज्जाए एयमढें णो आढाइ जाव तुसिणीया संचिद्वइ / तए णं ताओ पुप्फतलाओ अज्जाओ कालि अज्जं अभिक्खणं 2 हीलेंति गिदंति खिसंति गरहंति अवमाणंति अभिक्खणं 2 एयमझें णिवारेति / तए णं तीसे कालीए अज्जाए समणीहि णिग्गंथीहि अभिक्खणं 2 हीलिज्जमाणोए जाव वारिज्जमाणीए इमेयारूवे अज्झस्थिए जाव समुप्पज्जित्था-जया अहं अगारवासमझे वसित्था तया णं अहं सयंवसा / जप्पभिई च णं अहं मुंडा भवित्ता अगाराओ अण. गारियं पब्वइया तप्पभिई च णं अहं परवसा जाया / तं सेयं खल मम कल्लं पाउप्पभायाए रयणीए जाव जलते पाडि (विक) कयं उवस्सयं उवसंपज्जि. ताणं विहरित्तए-त्तिकट्ठ एवं संपेहेइ 2 ता कल्लं जाव जलंते पाडि (ए) वकं उवस्सयं गिण्हइ तत्थ णं अणिवारिया अणोहट्टिया सच्छदमई अभिक्खणं 2 हत्थे धोवेइ जाव आसयइ वा सयइ वा। तए गं सा काली अज्जा पासस्था पासस्थविहारी ओसण्णा ओसण्णविहारी कुसीला कुसीलविहारी अहाछंदा अहाछंदविहारी संसता संसत्तविहारी बहणि वासाणि सामण्णपरियागं पाउ. णइ 2 ता अद्धमासियाए संलेहणाए अप्पाणं झसेइ 2 ता तीसं भताई अणसणाए छेएइ 2 ता तस्स ठाणस्स अणालोइयअपडिक्कंता कालमासे कालं किच्चा चमरचंचाए रायहाणीए कालडिसए भवणे उवतायसभाए देवसणिज्जसि देवदूसंतरिया अंगलस्स असंखेज्जाइ भागमेत्ताए ओगाहणाए कालीदेवित्ताए उववण्णा। तए णं सा काली देवी अहुणोववण्णा समाणी पंचविहाए पज्जत्तीए जहा सूरियाभो जाव भासामणपज्जत्तीए / तए गं सा काली देवी चउण्हं सामाणियसाहस्सीणं जाव अण्णेसि च बहूणं कालवडेंसगभवणवासीणं असुरकुमाराणं देवाण य देवीण य आहेवच्चं जाव विहरइ / एवं खलु गोयमा ! कालीए देवीए सा दिव्वा देविड्ढी 3 लद्धा पत्ता अभिसमण्णागया। कालीए णं भंते ! देवीए केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता! गोयमा ! अड्डाइज्जाई पलिओवमाई ठिई पण्णत्ता / काली णं भंते ! देवी ताओ देवलोगाओ अणंतरं उव्वट्टित्ता कहिं गच्छिहिइ कहिं उववज्जिहिइ ? गोयमा ! महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ जाव अंतं काहिइ / एवं खलु जंबू ! Page #1282 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ व. 1 अ. 2-5 1269 समणेणं जाव संपत्तेणं पढमस्स वग्गस्गस पढमज्झयणस्स अयमठे पण्णत्ते तिबेमि // 150 // // पढमं अज्झयणं समत्तं / / राई णामं बीयं अज्झयणं जइ णं भंते ! समणेणं. धम्मकहाणं पढमस्स वग्गस्स पढमज्झयणस्स अयमठे पणते बिइयस्स णं भंते ! अज्झयणस्स समजेणं (3) जाव संप. तेणं के अट्ठे पणते ? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे णयरे गणसिलए चेइए सामी समोसढे परिसा णिग्गया जाव पज्जवासइ / तेणं कालेणं तेणं समएणं राई देवी चमरचंचाए रायहाणीए एवं जहा काली तहेव आगया पट्टविहिं उवदंसित्ता पडिगया। . भंतेत्ति ! भगवं गोयमे पुव्वभवपुच्छा / एवं खलु गोयमा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं आमलकप्पा णयरी अंबसालवणे चेइए जियसत्तू राया राई गाहावई राईसिरी भारिया राई दारिया पासस्स समोसरणं राई दारिया जहेव काली तहेव मिक्खंता तहेव सरीरबाउसिया तं चेव सव्वं जाव अंतं काहिह / एवं खलु जंबू ! बिइयज्झ. यणस्स णिखेवओ॥ जइ गं भंते ! तइयज्झयणस्स उक्खेवओ। एवं खलु जंब ! रायगिहे पयरे गणसिलए चेहए एवं जहेव राई तहेव रयणी वि णवरं आमलकप्पा णयरी रयणी गाहावई रयणसिरी मारिया रयणी दारिया सेसं तहेव जाव अंतं काहिइ / एवं विज्जवि आमलकप्पा णयरी विज्ज गाहावई विज्जसिरी भारिया वि-ज्जू दारिया सेसं तहेव / एवं मेहा वि आमलकप्पाए णयरीए मेहे गाहावई मेहसिरी भारिया मेहा दारिया सेसं तहेव / एवं खलुजंबू ! समणेणं जाव संपत्तंणं पढमस्स धम्मकहाणं वग्गस्स अयमठे पण्णत्ते // 15 // 2-10 वग्गाणि जइ णं भंते ! समगेणं० दोच्चस्प्त वग्गस्त उक्वेवओ / एवं खलु जंबू ! समणेणं० दोच्चस्स वग्गस्स पंच अज्झयणा तंजहा-सुंभा णिसुंभा रंभा णिरंभा मदणा / जइ णं भंते. ! समणेणं० धम्मकहाणं वोच्चस्स वग्गस्स पंच अज्झयणा पण्णत्ता, दोच्चस्स गं भंते ! वग्गस्स पढमज्झयणस्स के अट्ठे पण्णत्ते ? एवं Page #1283 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1270 अंग-पविटु सुत्ताणि खल जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे णयरे गुण-सिलए चेहए सामी समोसढे परिसा णिग्गया जाव पज्जवासइ / तेणं कालेणं तेणं समएणं संभा देवी बलिचंचाए रायहाणीए सुंभवडेंसए भवणे संभंसि सीहासणं सि कालीगमएणं जाव णट्टविहि उवदंसेत्ता जाव पडिगया। पुत्वभवपुच्छा। सावत्थी णयरी कोट्ठए चेइए जियसत्तू राया सुंभे गाहावई सुंभसिरी भारिया सुंभा दारिया सेसं जहा कालिए णवरं अट्ठाई पलिओवमाई ठिई। एवं खलु जंबू ! णिक्ख. वओ अज्झयणस्स / एवं सेसावि चत्तारि अज्झयणा सावत्थीए णवरं माया दिया सरिसणामया। एवं खलु जंब ! णिक्खेवओ बिइयवग्गस्स // 152 / / उवखेवओ तइयवगरस / एव खलु जब ! समणणं० तइयवग्गरम च उपण्णं अज्झयणा पण्णता तंजहा-पढ मे अज्झयणे जाव चउपण्णइमे अज्झयणे / जइ णं भंते ! समणेणं० धम्मकहाणं तइयवग्गस्स चउप्पण्णज्झयणा पणत्ता पढमस्स गं भंते ! अज्झयणस्स समणेणं० के अछे पण्णते ? एवं खल जंब ! तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे णयरे गण सिलए चेइए सामी समोसढे परिसा णिग्गया जाव पज्जवासइ / तेणं कालेणं तेणं समएणं इला देवी धरणीए रायहाणीए इलावडेंसए भवणे इलसि सीहासणंसि एवं कालीगमएणं जाव गट्टविहि उवदंसेत्ता पडिगया। पुव्वभवपुच्छा / वाणारसीए णयरीए काममहावणे चेइए इले गाहावई इलसिरी भारिया इला दारिया सेसं जहा कालीए णवर धरणस्स अग्गमहिसित्ताए उववाओ साइरेगं अद्धपलि. ओवमं ठिई सेसं तहेव / एवं खलु जंबू ! णिक्खेवओ पढ मज्झयणस्स / एवं कमा सते सोयामणी इंदा घणा विज्जया-वि / सव्वाओ एयाओ धरणस्स अग्गमहिसीओ एव / एए छ अज्झयणा वेणुदेवस्स वि अविसेसिया भाणिय. व्वा, एवं जाव घोसस्स वि एए चेव छ अज्झयणा / एवमेते दाहिणिल्लाणं इंदाणं चउप्पण्णं अज्झयणा भवंति सव्वाओ वि वाणारसीए काममहावणी चेइए / तइयवग्गस्स णिखेवओ // 153 / / च उत्थस्त उक्खेवओ / एवं खल जंबू ! समणेणं. धम्मकहाणं चउत्थवग्गस्स चउप्पण्णं अज्झयणा पण्णत्ता तंजहा-पढमे अज्झयणे जाव चउप्पण्णइमे अज्झयणे / पढमस्स अज्झयणस्स उखेवओ। एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं राय. गिहे समोसरणं जाव परिसा पज्जवासइ / तेणं कालेणं तेणं समएणं रूय Page #1284 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ व. 5-7 1271 देवी रूयाणंदा रायहाणी रूयगवडेंसए भवणे रूयगंसि सोहासणंसि जहा कालीए तहा णवरं पुवभवे चंपाए पुण्णभद्दे चेइए. रूयगगाहावई रूयगसिरी भारिया रूया दारिया सेसं तहेव गवरं भयाणंदअग्गमाहिसित्ताए उववाओ देसूर्ण पलिओवमं ठिई / णिक्खेवओ। एवं खल सुरूया वि रूयंसा वि रूय. गावई वि रूयकता वि रूयप्पमा वि / एयाओ चेव उत्तरिल्लागं इंदाणं भाणियवाओ जाव महाघोसस्स / णिक्खेवओ चउत्थवग्गस्स // 154 // पंचमवग्गस्स उक्खेवओ / एवं खलु जंबू ! जाव बत्तीसं अज्झयणा पण्णत्ता तंजहा-कमला कमलप्पमा चेव, उप्पला य सुदंसणा / रूववई बहुरूवा, सुरूवा सुभगा वि य // 1 // पुण्णा बहपुत्तिया चेव, उत्तमा भारिया वि य / पउमा वसुमई चेव, कणगा कणगप्पभा // 2 // वडेंसा केऊमई चेव, वइरसेणा रइप्पिया। रोहिणी णवमिया चेव, हिरी पुप्फवई(ति) वि य // 3 / / भुयगा भयगवई चेव, महाकच्छाऽपराइया / सुघोसा विमला चेव, सुस्सरा य सरस्सई // 4 // उक्खेवओ पढमज्झयणस्स / एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे समोसरणं जाव परिसा पज्जवासइ / तेणं कालेणं तेणं समएणं कमला देवी कमलाए रायहाणीए कमलवडेंसए भवणे कमलसि सीहा. सणंसि सेसं जहा कालीए तहेव णवरं पुस्वभवे णागपुरे जयरे सहसंबवणे उज्जाणे कमलस्स गाहावइस्स कमलसिरीए मारियाए कमला दारिया पासस्स अंतिए णिक्खंता कालस्स पिसण्यकुमारिदस्स अगमहिसी अद्धपलिओवमं ठिई / एवं सेसा वि अज्झयणा दाहिणिल्लाणं वाणमंतरिदाणं भाणियवाओ ( सवाओ) णागपुरे सहसंबवणे उज्जाणे मायापियरो ध्या सरिसणामया ठिई अद्धपलिओवमं / पंचमो वग्गों समत्तो // 155 // छट्ठो वि वग्गो पंचमवग्गसरिसो णवरं महाकायाईणं उत्तरिल्लाणं इंदाणं अग्गमहिसीओ / पुत्रभवे सागेय णयरे उत्तरकुरुउज्जाणे मायापियरो ध्या सरिसणामया / सेसं तं चेव / छट्ठो वग्गो समतो // 156 // सत्तमस्स वग्गस्स उखेवओ। एवं खलु जंबू ! जाव चत्तारि अज्झयणा पण्णता तंजहा-सूरप्पभा आयवा अच्चिमाली पभंकरा / पढमज्झयणस्स उक्खेवओ। एवं खल जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं रायमिहे समोसरणं जाव परिसा पज्जवासइ / तेणं कालेणं तेणं समएणं सूरप्पभा देवी सूरंसि विमाणंसि सूरप्पमंसि सीहासणंसि सेसं जहा Page #1285 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1272 अंग-पविटु सुत्ताणि कालीए तहा णवरं पुव्वभवो अरक्खुरीए णयरीए सूरप्पभस्स गाहावइस्स सूरसिरीए भारियाए सूरप्पभा दारिया सूरस्स अम्गमहिसी ठिई अद्धलिओवनं पंचहि वाससएहि अब्भहियं सेसं जहा कालीए / एवं सेसाओ बि सव्वाओ अरवखुरोए गयरीए / सत्तमो वगो समत्तो // 157 // अनुमस्स उक्खेत्रओ। एवं खल जंबू ! जाव चत्तारि अज्झयणा पण्णत्ता तंजहा-चंदप्पना दोसि. णाभा अच्चिमाली पमंकरा / पढमज्झयणस्स उक्खेवओ / एवं खल जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे समोसरणं जाव परिसा पज्जवासइ / तेणं कालेणं तेणं समएणं चंदपभा देवी चंदप्पमंसि विमाणंसि चंदपभंसि सीहा. सणंसि सेसं जहा कालीए णवरं पुवभवे महुराए णय रीए भंडि (चद) वडेंसए उज्जाणे चंदप्पभे गाहावई चंदसिरी भारिया चंद्रप्पमा दारिया चंदस्स अग्गम. हिसी ठिई अद्धपलिओवमं पक्षणासाए वाससहस्से हि अमहियं, सेसं जहा कालीए / एवं सेसाओ वि महुराए णयरीए मायापियरो (वि)धूया सरिसणामा / अट्ठमो वग्गो समत्तो // 158 / / णवमस्स उक्खेवओ। एवं खलल जंबू ! जाव अट्ठ अज्झयणा पण्णता तंजहा-पउमा सिवा सई अंजू रोहिणी णवमिया [इ य। अचला अच्छरा // पढमज्झयणस्स उक्खेवओ / एवं खलु जंब ! तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे समोसरणं जाव परिसा पज्जवासइ / तेणं कालेणं तेणं समएणं पउमावई देवी सोहम्मे कप्पे पउमवडेंसए विमाणे सभाए सुहम्माए पउमंसि सीहासगंसि जहा कालीए एवं अट्ठ वि अज्झयणा कालीगमएणं णायव्वा णवरं सावत्थीए दोजणीओ हथिणाउरे दोजणीओ कंपिल्लपुरे दोजणीओ सागेय जयरे दोजणीओ पउमे पियरो विजया मायराओ सव्वाओ वि पासस्स अंतिए पब्बइयाओ सक्कस्स अग्गमहिसीओ ठिई सत्त पलिओवमाई महाविवेहे वासे अंतं काहिति / णवमो वग्गो समत्तो // 156 // दसमस्स उक्खेवओ / एवं खलु जंबू ! जाव अट्ठ अज्झयणा पण्णत्ता तंजहा-कण्हा य कण्हराई रामा तह रामरक्खिया वसूया। वसुगत्ता वसुमित्ता वसंधरा चेव ईसाणे // 1 // पढ मज्झयणस्स उक्खेवओ। एवं खलु जब ! तेवं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे समोसरणं जाव परिसा पज्जवासइ / तेणं कालेणं तेणं समएणं कण्हा देवी ईसाणे कप्पे कण्हव.सए विमाणे सभाए सुहम्माए कहंसि सीहा. सणंसि सेसं जहा कालीए एवं अवि अज्झयणा कालीगमएणं पेयव्वा णवरं Page #1286 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ व. 10 1273 पुब्वभवो वाणारसीए णयरीए दोजणीओ रायगिहे णयरे दोजणीओ सावत्थीए णयरीए दोजणीओ कोसंबीए गयरीए दोजणीओ रामे पिया धम्मा माया सव्वाओ वि पासस्स अरहओ अंतिए पव्वइयाओ पुप्फचलाए अज्जाए सिस्सि. णियत्ताए ईसाणस्स अग्गमहिसीओ ठिई णवपलिओवमाई महाविदेहे वासे सिज्झिहिति बुझिहिति मचिहिति सव्वदुवखाणं अंतं काहिति / एवं खल जंब ! णिक्खेवओ दसमवग्गस्स / दसमो वग्गो समतो // 160 // एवं खल जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेणं आइगरेणं तित्थगरेणं सयंसंबुद्धेणं पुरिसो. त्तमेणं [पुरिससीहेणं] जाव संपत्तेणं धम्मकहाणं अयमठे पण्णते / धम्मकहा सुयखंधो समत्तो / दसहि वहिं णायाधम्मकहाओ समत्ताओ // 161 // बीओ सुयक्खंधो समत्ता // . // णायाधम्मकहाओ समत्ताओ / / Page #1287 -------------------------------------------------------------------------- _ Page #1288 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उवासगदसाओ आणंदे णामं पढमं अज्झयणं तेणं कालेणं तेणं समएणं चम्पा णाम णयरी होत्या / वण्णओ / पुण्णमद्दे चेइए / वष्णओ // 1 // तेणं कालेगं तेणं समएणं अज्जसुहम्मे समोसरिए जाव जम्बू पज्जुवासमाणे एवं वयासी-जइ. णं भंते ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं छट्ठस्स अंगस्स णायाधम्मकहाणं अयमठे पण्णते, सत्तमस्स गं मंते ! अंगस्स उवासगदसाणं समजेणं जाव संपत्तेणं के अट्ठे पण्णत्ते ? एवं खलु जम्बू ! समणेणं जाव संपत्तेणं सत्तमस्स अंगस्स उवासगदसाणं दस अज्झयणा पण्णत्ता, तंजहा-आणंदे 1, कामदेवे य 2, गाहावइचलणीपिया 3, सुरादेवे 4, चुल्लसयए 5, गाहावइकुंडकोलिए 6, सद्दालपुत्ते 7, महासयए 8, गंदिणीपिया 6, सालिहोपिया 10 // 2 // जइ गं भंते ! समणेणं जाव संपतेणं सत्तमस्स अंगस्स उवासगदसाणं दस अज्झयणा पण्णत्ता पढमस्स गं मंते ! समणेणं जाव संपत्तणं के अठे पण्णत्ते ? एवं खलु जम्बू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं वाणियगामे णामं गयरे होत्था / वण्णओ। तस्स [f] वाणियगामस्स जयरस्स बहिया उत्तरपुरस्थिमे दिसीभाए दूइपलासए णामं चेइए / तत्थ गं वाणियगामे गयरे जियसत्तू राया होत्था / वण्णओ। तत्थ णं वाणियगामे आणंदे णामं गाहावई परिवसइ, अड्ढे जाव अपरिभूए। तस्स णं आणंदस्स गाहावइस्स चत्तारि हिरण्णकोडीओ णिहाणपउत्ताओ, चत्तारि हिरण्णकोडीओ वडिपउत्ताओ, चत्तारि हिरण्णकोडीओ पवित्थरपउत्ताओ, चत्तारि वया दसगोसाहस्सिएणं वएणं होत्था / से गं आणंदे गाहावई बहूणं राईसर जाव सत्थ. वाहाणं बहूसु कज्जेसु य कारणेसु य मंतेसु कुडुंबेसु य गुज्झेसु य रहस्सेसु य णिच्छएसु य ववहारेसु य आपुच्छणिज्जे पडिपुच्छणिज्जे, सयस्सवि य गं कुडंबस्स मेढी पमाणं आहारे आलंबणं चक्ख , मेढीमूए जाव सम्वकज्जवडावए यावि होत्था / तस्स णं आणंदस्स गाहावइस्स सिवाणंदा णामं भारिया होत्था, अहीण जाव सुरूवा आणंदस्स गाहावइस्स इट्ठा आणंदेणं गाहावइणा Page #1289 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1276 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि सद्धि अणुरत्ता अविरत्ता इट्ठा सद्द जाव पंचविहे माणुस्सए कामभोए पच्चण. भवमाणी विहरइ / तस्स णं वाणियगामस्स बहिया उत्तरपुरच्छिमे दिसीभाए एत्थ णं कोल्लाए णामं सण्णिवेसे होत्या, रिद्धस्थिमिय जाव पासाईए (4) / तत्थ णं कोल्लाए सण्णिवेसे आणंदस्स गाहावइस्स बहुए मित्तणाइणियगसयण. संबंधिपरिजणे परिवसइ, अड़ढे जाव अपरिभए / तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे जाव समोसरिए / परिसा णिग्गया / कूणिए राया जहा तहा जियसत्तू णिग्गच्छइ (2 ता) जाव पज्जवासइ / तए णं से आणंदे गाहावई इमीसे कहाए लद्धठे समाणे 'एवं खल समणे जाव विइरइ, तं महाफलं [जाव] गच्छामि णं जाव पज्जवासामि एवं संपेहेइ संहिता हाए सुद्धप्पावेसाई जाव अप्पमहग्घाभरणालंकियसरीरे सयाओ गिहाओ पडिणिक्ख मइ, पडिणिक्ख. मित्ता सकोरंटमल्लदामेणं छत्तेणं धरिज्जमाणेणं मणस्सवगरापरिविखत्ते पाय. विहार वारेणं वाणियगाम णयरं मज्झमज्झेणं णिग्गच्छइ, णिग्गच्छित्ता जेणामेव दूइपलासे चेइए जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता तिक्खत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ, करेत्ता बंदड़ णमंसइ जाव पज्जवासइ / तए णं समणे भगवं महावीरे आणंदस्स गाहावइस्स तोसे य महइमहालियाए परिसाए जाव धम्मकहा, परिसा पडिगया, राया य गए // 3 // तए णं से आणंदे गाहावई समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए धम्मं सोच्चा णिसम्म हतुटू जाव एवं वयासी-'सहहामि णं भंते ! णिग्गंथं पावयणं, पत्तियामि णं भंते ! णिग्गंथं पावयणं, रोएमि णं भंते ! णिग्गंथं पावयणं, एवमेयं भंते !, तहमेयं भंते ! ,अवितहमेयं भंते ! , इच्छियमेयं भंते !, पडिच्छियमेयं भंते !, इच्छियपडिच्छियमेयं भंते ! , से जहेयं तुब्भे वयह' तिकटु जहा णं देवाणु. प्पियाणं अंतिए बहवे राईसरतलवरमाडंबियकोडुंबियसेटि (सेणावइ) सत्थवाहप्पभिइया मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइया, णो खलु अहं तहा संचाएमि मुंडे जाव पव्वइत्तए, अहं णं देवाणु प्पियाणं अंतिए पंचाणुव्वइयं सत्तसिक्खावइयं दुवालसविहं गिहिधम्म पडिवज्जिस्सागि। अहासुहं देवाणु. प्पिया ! मा पडिबंधं करेहि // 4 // तए णं से आणंदे गाहावई समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए तप्पढमयाए थूलगं पाणाइवायं पच्चक्खाइ, 'जावज्जीवाए दुविहं तिविहेणं ण करेमि ण कारवेमि मणसा वयसा कायसा' 1 / Page #1290 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उवासगदसाओ अ. 1 1277 . तयाणंतरं च णं थूलगं मुसावायं पच्चक्खाइ, 'जावज्जीवाए दुविहं तिविहेणं ण करेमि ण कारवेमि मणसा वयसा कायसा' 2 / तयाणंतरं च णं थलगं अदिण्णादाणं पच्चक्खाइ, 'जावज्जीवाए दुविहं तिविहेणं ण करेमि ण कारवेमि मणसा वयसा कायसा' 3 / तयाणंतरं च णं सदारसंतोसिए परिमाणं करेइ, ‘णण्णत्थ एक्काए सिवणंदाए भारियाए, अवसेसं सवं मेहुणविहिं पच्चक्खा (इ) मि मणसा वयसा कायसा 4 / तयाणंतरं च णं इच्छाविहिपरिमाणं करेमाणे हिरण्णसुवण्णविहिपरिमाणं करेइ, णण्णत्थ चहि हिरण्णकोडीहि णिहाणपउत्ताहि, चहि बुड्डिपउत्ताहि चहि पवित्थरपउत्ताहि, अवसेसं सव्वं हिरण्णसुवण्णविहिं पच्चक्खामि 3' / तयाणंतरं च णं चउप्पयविहिपरिमाणं करेइ, 'णण्णत्थ चहि वएहि दसगोसाहस्सिएणं वएणं, अवसेसं सव्वं चउप्पयविहिं पच्चक्खामि 3' / तयाणंतरं च णं खेत्तवत्थुविहिपरिमाणं करेइ, 'णण्णत्थ पंचर्चाह हलसएहि णियत्तणसइएणं हलेणं अवसेसं सवं खेत्तवत्थविहिं पच्चक्खामि 3' / तयाणंतरं च णं सगडविहिपरिमाणं करेइ, ‘णण्णत्थ पंचहि सगडसएहि दिसायत्तिएहि, पंचहि सगडसएहि संवाहणिएहि, अवसेसं सव्वं सगडविहिं पच्चक्खामि 3' / तयाणंतरं च गं वाहणविहिपरि. माणं करेइ, 'णण्णत्थ चहि वाहणेहि, दिसायत्तिएहि चहिं वाहणेहि संवा. हणिएहि, अवसेसं सव्वं वाहणविहिं पच्चक्खामि 3' 5 / तयाणंतरं च णं उव. भोगपरिभोगविहिं पच्चक्खाएमाणे उल्लणियाविहिपरिमाणं करेइ, 'णण्णत्थ एगाए गंधकासाईए, अवसेसं सव्वं उल्लणियाविहिं पच्चक्खामि 3' / तया. तरं च णं दंतवणविहिपरिमाणं करेई, 'णण्णस्थ एगेणं अल्ललट्ठीमहएणं, अवसेसं दंतवणविहिं पच्चक्खामि 3' / तयाणंतरं च णं फलविहिपरिमाणं करेइ, ‘णण्णस्थ एगेणं खीरामलएणं, अवसेसं फलविहिं पच्चक्खामि 3' / तयाणंतरं च णं अभंगणविहिपरिमाणं करेइ, ‘णण्णत्थ सयपागसहस्सपा. हि तेल्लेहि, अवसेसं अब्भंगणविहिं पच्चक्खामि 3' / तयाणंतरं च गं उन्वट्ट (ण) णाविहिपरिमाणं करेइ, 'णण्णत्थ एगेणं सुरहिणा गंधट्टएणं, अवसेसं उध्वट्टणाविहिं पच्चक्खामि 3, / तयाणंतरं च णं मज्जणविहिपरिमाणं करेइ, 'णण्णत्थ अहिं उट्टिएहि उदगस्स घडएहि, अवसेसं मज्जणविहि पच्चक्खामि 3' / तयाणंतरं च णं वत्थविहिपरिमाणं करेइ, 'णण्णत्थ एगेणं Page #1291 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1278 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि खोमजुयलेणं, अवसेसं वत्थविहि पच्चक्खामि 3' / तयाणंतरं च णं विलेवण. विहिपरिमाणं करेइ, ' णण्णत्थ अगरुकुंकुमचन्दणमादिहि, अवसेसं विले. वणविहिं पच्चक्खामि 3' / तयाणंतरं च णं पुप्फविहिपरिमाणं करेइ, ‘णण्णत्य एगणं सुद्धपउमेणं मालइकुसुमदामेगं वा, अवसेसं पुप्फविहिं पच्चक्खामि 3' / तयाणंतरं च णं आभरणविहिपरिमाणं करेइ, 'णण्णत्थ मटकण्णेज्जएहि णाममुद्दाए य, अवसेसं आमरणविहिं पच्चक्खामि 3' / तयाणंतरं च णं धूवण. विहिपरिमाणं करेइ, 'णण्णत्थ अगरुतुरुक्कधूवमाइएहि, अवसेसं धूवणविहि पच्चक्खामि 3' : तयाणंतरं च गं भोयणविहिपरिमाणं करेमाणे पेज्जविहि परिमाणं करेइ, ‘णणत्य एगाए कट्टपेज्जाए अवसेसं पेज्जविहि पच्चक्खामि 3' / तयाणंतरं च णं भक्खविहिपरिमाणं करेइ, 'णण्णत्थ एहि घयपुहि खंडखज्जएहिं वा, अवसेसं भक्खविहिं पच्चवखामि 3' / तयाणंतरं च णं ओदणविहिपरिमाणं करेइ, ‘णण्णत्थ कलमसालिओदणेणं, अवसेसं ओदण. विहि पच्चक्खामि 3' / तयाणंतरं च णं सूवविहिपरिमाणं करेइ, 'णण्णत्थ कलायसूत्रेण वा मुग्गमाससूवेण वा, अवसेसं सूवविहिं पच्चक्खामि 3' / तया. णंतरं च णं घयविहिपरिमाणं करेइ, 'णण्णत्थ सारइएणं गोघयमण्डेणं, अवसेसं घयविहिं पच्चक्खामि 3' / तयाणंतरं च णं सागविहिपरिमाणं करेइ, 'णण्णत्थ वत्थसारण वा तुंबसाएण वा सुस्थियसाहण वा मंडक्कियसाएण वा अवसेसं सागविहिं पच्चक्खामि 3, / तयाणंतरं च णं माहुरयविहिपरिमाणं करेइ, ‘णण्णत्थ एगेणं पालंगामाहुरएणं अवसेसं माहुरयविहिं पच्चक्खामि 3' / तयाणंतरं च णं जेमणविहिपरिमाणं करेइ, 'णण्णस्थ सेहबदालियंह, अवसेसं जेमणविहिं पच्चक्खामि 3' / तयाणंतरं च णं पाणियविहिपरि. माणं करेइ, ‘णण्णस्थ एगेणं अंतलिक्खोदएणं, अवसेसं पाणियविहि पच्च. क्खामि 3, / तयाणंतरं च णं महवासविहिपरिमाणं करेइ, 'णण्णत्थ पंचसो. गन्धिएणं तम्बोलेणं अवसेस मुहवासविहिं पच्चक्खामि 3' 6 / तयाणंतरं च णं चउन्विहं अणट्ठादण्डं पंच्चक्खाइ, तंजहा-अवज्झाणायरियं पमायायरियं हिंसप्पयाणं पावकम्मोवएसे 3, 7 // 5 // इह खलु -- आणंदाई ! समणे भगवं महावीरे आणंदं समणोवासगं एवं वयासी-"एवं खल आणंदा ! समणोवास. एणं अभिगयजीवाजीवेणं जाव अणइक्कमणिज्जेणं सम्मत्तस्स पंच अइयारा Page #1292 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 1 1279 पेयाला जाणियव्वा ण समायरियध्वा, तंजहा-संका, कंखा, विइगिच्छा, परपासंड. पसंसा, परपासंडसंथवो / तयाणंतरं च णं थूलगस्स पाणाइवायवेरमणस्स समणोवाएणं पंच अइयारा पेयाला जाणियव्वा ण समारिव्वा, तंजहाबंधे, वहे, छविच्छेए, अइभारे, भत्तपाणवोच्छेए 1 / तयाणंतरं च णं थलगस्स मुसावायवेरमणस्स पंच अइयारा जाणियव्वा ण समायरियव्वा, तंजहा-सहसा. भक्खाणे, रहसाब्भक्खाणे, सदारमतभेए, मोसोवएसे, कूडलेहकरणे 2 / तयाणंतरं च णं थलगस्स अदिण्णादाणवेरमणस्स पंच अइयारा जाणियन्वा ण समायरियन्वा, तंजहा-तेणाहडे, तक्करप्पओगे, विरुद्ध रज्जाइक्कमे, कूडतुलकूडमाणे, तप्पडिरूवगववहारे 3 / तयाणंतरं च णं सदारसंतोसिए पंच अइयारा जाणियन्वा ण समायरियव्वा, तंजहा-इत्तरियपरिग्गहियागमणे अपरिग्गहियागमणे, अणंगकीडा, परविवाहकरणे कामभोगतिव्वाभिलासे 4 / तयाणंतरं च णं इच्छापरिमाणस्स समणोवासएणं पंच अइयारा जाणियव्वा ण समायरियव्वा, तंजहा-खेत्तवत्थुपमाणाइक्कमे, हिरण्णसुवण्ण. पमाणाइक्कमे, दुपयचउप्पयपमाणाइक्कमे, धणधण्णपमाणाइक्कमे, कुविय. पमाणाइक्कमे 5 / तयाणंतरं च णं दिसिवयस्स पंच अइयारा जाणियव्वा ण समायरियव्वा, तंजहा-उड्डदिसिपमाणाइक्कमे, अहोदिसिपमाणाइक्कमे, तिरियदिसिपमाणाइक्कमे, खेत्तवड्ढी,सइअंतरद्धा 6 / तयाणंतरं च णं उवभोग. परिभोगे दुविहे पण्णत्ते, तनहा-भोयणओ य कम्मओ य / तत्थ णं भोयणओ समणोवासएणं पंच अइयारा जाणियत्वा ण समायरियव्वा, तंजहा-सचित्ता. हारे, सचित्तपडिबद्धाहारे, अप्पउलिओसंहिमक्खणया, दुप्पउलिओसहिभक्ख. णया, तुच्छोसहिभक्खणया / कम्मओ णं समणोवासएणं पण्णरस कम्मादाणाई जाणियब्वाई समायरियन्वाई, तंजहा-इंगालकम्मे, वण्णकम्मे, साडीकम्मे, भाडीकम्मे, फोडीकम्मे, दंतवाणिज्जे, लक्ख वाणिज्जे, रसवाणिज्जे, विस. वाणिज्जे, केसवाणिज्जे, जैतपीलणकम्मे, जिल्लंछणकम्मे, दवग्गिदावणया, सरदहतलावसोसणया, असईजणपोसणया 7 / तयाणंतरं च णं अणटादण्डवेर. मणस्स समणोवासएणं पंच अइयारा जाणियव्वा ण समायरियन्वा, तंजहाकंदप्पे, कुक्कुइए, मोहरिए, संजुत्ताहिगरणे, उवभोगपरिभोगाइरित्ते 8 / तयाजंतरं च णं सामाइयस्स समणोवासएणं पंच अइयारा जाणियव्वा ण समा. Page #1293 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1280 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि यरियव्वा, तंजहा-मणदुप्पणिहाणे, वयदुप्पणिहाणे, कायदुप्पणिहाणे, सामाइ. यस्स सइअकरणया, सामाइयस्स अणवट्टियस्स करणया / तयाणंतरं च णं देसावगासियस्स समणोवासएणं पंच अइयारा जाणियव्वा ण समायरियव्वा, तंजहा-आणवणप्पओगे, पेसवणप्पओगे, सद्दाणुवाए, रूवाणुवाए, बहिया पोग्गलपवखवे 10 / तयाणंतरं च णं पोसहोववासस्स समणोवासएणं पंच अइया। जाणियब्वा ण समायरियव्वा, तंजहा-अप्पडिलेहियदुप्पडिलेहियसिज्जासंथारे, अप्पमज्जियदुप्पमज्जियसिज्जासंथारे, अप्पडिलेहियदुप्पडिलेहियउच्चारपास. वणभमी, अप्पमज्जियदुप्पमज्जियउच्चारपासवणभूमी, पोसहोववासस्स सम्म अणणुपालणया 11 / तयाणंतरं च •णं अहासंविभागस्स समणोवासएणं पंच अइयारा जाणियव्वा ण समायरियन्वा, तंजहा-सचित्तणिक्खेवणया, सचित्तपिहणया, कालाइक्कमे, परो(र)ववदेसे, मच्छरिया 12 / तयाणंतरं च णं अपच्छिममारणंतियसलेहणाझूसणाराहणाए पंच अइयारा जाणियव्वा ण समायरियव्वा, तंजहा-इहलोगासंसप्पओगे, परलोगासंसप्पओगे, जीवियासंसप्पओगे, मरणा. संसप्पओगे, कामभोगासंसप्पओगे 13 // 6 // तए णं से आणंदे गाहावई सम. णस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए पंचाणवइयं सत्तसिक्खावइयं दुवालसविहं सावयधम्म पडिवज्जइ, पडिवज्जित्ता समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ, वदित्ता णमंसित्ता एवं वयासी-गो खलु मे भंते ! कप्पइ अज्जप्पमिई अण्णउत्थिए वा अण्णउत्थियदेवयाणि वा अण्णउत्थिय परिग्गहियाणि वा वदित्तए वा णमंसित्तए वा, पुचि अणालतेणं आलवित्तए वा संलवित्तए वा, तेसि असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा दाउं वा अणप्पदाउं वा, णण्णत्थ रायाभिओगेणं गणामिओगेणं बलाभिओगेणं देवयाभिओगेणं गरुणिग्गहेणं वित्तिकतारेणं। कप्पड़ मे समणे णिगंथे फासुएणं एसणिज्जेणं असणपाणखाइमसाइमेणं क्थपडिग्गहकम्बलपायपुंछणेणं पीढकलगसिज्जासंथारएणं ओसहभेसज्जेण य पडिलाभेमाणस्स विहरित्तए' तिकट्ट इम एयारूवं अभिग्गहं अभिगिण्हइ, अभिगिहित्ता पसिणाइं पुच्छइ, पुच्छित्ता अट्ठाई आदियइ, आदिइत्ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो वंदइ, वंदित्ता समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियाओ दूइपलासाओ चेइयाओ पडिणिक्खमइ, पडिणिक्खमित्ता जेणेव वाणियगामे णयरे जेणेव सए गिहे तेणेव उवा. गच्छइ, उवागच्छित्ता सिवर्णदं भारियं एवं वयासी-' एवं खलु देवाणुप्पिए ! Page #1294 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 1 1281 मए समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए धम्मे णिसंते, सेऽवि य धम्मे मे इच्छिए पडिच्छिए अभिरुइए, तं गच्छ णं तुमं देवाणुप्पिए ! समणं भगवं महावीरं वंदाहि जाव पज्जवासाहि, समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए पंचाणुव्वइयं सत्तसिक्खावइयं दुवालसविहं गिहिधम्म पडिवज्जाहि' // 7 // तए गं सा सिवणंदा भारिया आणंदेणं समणोवासएणं एवं वृत्ता समाणा हट्ट. तुट्ठा कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ, सद्दावेत्ता एवं वयासी-'खिप्पामेव लहुकरण जाव पज्जवासइ / तए गं समणे भगवं महावीरे सिवर्णदाए तीसे य महइ जाव धम्म कहेइ / तए णं सा सिवणंदा समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए धम्म सोच्चा णिसम्म हट जाव गिहिधम्म पडिवज्जइ 2 त्ता तमेव धम्मियं जाणप्पवरं दुरूहइ, दुरूहित्ता जामेव दिसि पाउन्भया तामेव दिसि पडिगया // 8 // भंते'त्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ, वंदिता णमंसित्ता एवं वयासी'पह णं भंते ! आणंदे समणोवासए देवाणुप्पियाणं अंतिए मुण्डे जाव पव्वइ. त्तए ?' णो इणठे समठे, गोयमा ! आणंदे णं समणोवासए बहूई वासाई समणोवासगपरियागं पाउणिहिइ, पाउणित्ता जाव सोहम्मे कप्पे अरुणे विमाणे देवत्ताए उववज्जिहिइ / तत्थ णं अत्थेगइयाणं देवाणं चत्तारि पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता / तत्थ णं आगंदस्सऽवि समणोवासगस्स चत्तारि पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता / तए णं समणे भगवं महावीरे अण्णया कयाइ बहिया जाव विहरइ / तए णं से आणंदे समग्रोवासए जाए अभिगयजीवाजीवे जाव पडिलाभेमाणे विहरइ / तए णं सा सिवणंदा भारिया समणोवासिया जाया जाव पडिलाभेमाणी विहरइ // 6 // तए णं तस्स आणंदस्स समणोवासगस्स उच्चावहिं सीलव्वयगुणवेरमणपच्चक्खाणपोसहोववासेहि अप्पाणं भावमाणस्स चोइस संवच्छराई वइक्कंताई, पण्णरसमस्स संवच्छरस्स अंतरा वट्टमाणस्त. अण्णया कयाई पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि धम्मजागरियं जागरमाणस्स इमेयारूवे अज्झथिए चितिए पत्थिए मणोगए संकप्पे समुप्पज्जित्था-' एवं खल अहं वाणियगामे णयरे बहणं राईसर जाव सयस्सवि य णं कुडम्बस्स जाव आधारे, तं एएणं विक्खवेणं अहं णो संचाएमि समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं धम्मपत्ति उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, तं सेयं खलु ममं कल्लं जाव जलंते विउलं असणं० जहा पूरणो जाव जेट्टपुत्तं कुडुम्बे ठवेत्ता तं मित्त Page #1295 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1282 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि जाव जेट्टपुत्तं च आपुच्छित्ता कोल्लाए सण्णिवेसे णायकुलंसि पोसहमालं पडि. लेहिता समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं धम्मपत्ति उवसंपज्जित्ता गं बिहरित्तए' एवं सपेहेइ, संहिता कल्लं विउलं०, तहेव जिमियभुत्तत्तरागए तं मित्त जाव विउलेणं पुप्फ 5 सक्कारेइ सम्माणेइ सक्कारित्ता सम्माणित्ता तस्सेव मित्त जाव पुरओ जेटुपुत्तं सद्दावेइ, सहावेत्ता एवं वयासी-' एवं खल पुत्ता ! अहं वाणियगामे बहूर्ण राईसर जहा चितियं जाव विहरित्तए, तं सेयं खलु मम इ दाणि तुमं सयस्स कुडुम्बस्स आलम्बगं 4 ठवेत्ता जाब विहरित्तए / तए णं जेटुपुत्ते आणंदस्स समणोवासगस्स तहत्ति एयमठं विणएणं पडि. सुणेइ / तए णं से आणंदे समणोवासए तस्सेव मित्त जाव पुरओ जेटुपुत्तं कुडुम्बे ठवेइ, वेत्ता एवं वयासी-' मा गं देवाण प्पिया ! तुब्भे अज्जप्पभिई केइ मम बहुसु कज्जेसु जाव आपुच्छउ वा पडिपुच्छउ बा, ममं अट्ठाए असणं वा 4 उववखडे उ वा उवकरे उ वा / तए णं से आणंदे समणोवासए जेट्ठ पुत्तं मित्तणाई आपुच्छड, आपुच्छित्ता सयाओ गिहाओ पडिणिक्खमइ, पडि. णिक्खमित्ता वाणियगामं णयरं मज्झमझेणं णिग्गच्छइ, णिग्गच्छिता जेणेव कोल्लाए सणिवेसे जेणेव णायकुले जेणेव पोसंहसाला तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता पोसहसालं पमज्जइ, पमज्जित्ता उच्चारपासवणभूमि पडिलेहेइ, पडिले हित्ता दब्भसंथारयं संथरइ, दब्भसंथारयं दुरूहइ, दुरूहिता पोसहसालाए पोसहिए दब्भसंथारोवगए समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं धम्मपत्ति उवसंपज्जित्ता गं बिहर इ // 10 // तए णं से आणंदे समणोवासए उवासग. पडिमाओ उवसम्पज्जिता गं विहरइ / पढमं उवासगपडिमं अहासुतं अहाकप्पं अहामग्गं अहातच्च सम्मं काएणं फासेइ पालेइ सोहेइ तीरेइ कित्तेइ आराहेइ / तए णं से आणंदे समणोवासए दोच्चं उवासगपडिमं, एवं तच्चं चउत्थं पंचमं छठं सत्तमं अट्ठमं णवमं दसमं एक्कारसमं जाव आराहेइ // 11 // तए णं से आणंदे समणोवासए इमेणं एयारूवेणं उरा. लेणं विउलेणं पयत्तेणं पग्गहिएणं तवोकम्मेणं सुक्के जाव किसे धमणिसंतए जाए / तए णं तस्स आणंदस्स समणोवासगस्स अण्णया कयाइ पुवरत्ता जाव धम्मजागरियं जागरमाणस्स अयं अज्झथिए ५-एवं खलु अहं इमेणं जाव धमणिसंतए जाए, तं अस्थि ता मे उढाणे कम्मे बले वीरिए. पुरिसक्कारपर. Page #1296 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओं अ. 1 1283 क्कमे सद्धाधिइसंवेगे, तं जाव ता मे अस्थि उट्ठाणे सद्धाधिइसंवेगे जाव य मे धम्मायरिए धम्मोवएसए समणे भगवं महावीरे जिणे सुहत्थी विहरइ ताव ता-मे सेयं कल्लं जाव जलते अपच्छिममारणंतियसलेहणाझूसणाझंसियस्त भत्तपाणपडियाइ क्खियस्स कालं अणवकंखमाणस्स विहरित्तए' एवं संपेहेइ, संपेहिता कल्लं पाउ जाव अपच्छिममारणंतिय जाव कालं अणवकंखमाणे विहरइ / तए णं तस्स आणंदस्स समणोवासगस्स अण्णया कयाइ सुभेणं अज्झवसाणेणं सुभेणं परिणामेणं लेसाहिं विसुज्झमाणीहिं तदावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमेणं ओहिणाणे समुप्पण्णे / पुरथिमेणं लवणसमुद्दे पंचजोयणसयाई खेत्तं जाणइ पासइ, एवं दक्खिणेणं पच्चत्थिमेण य, उत्तरेणं जाव चुल्ल. हिमवंतं वासधरंपव्वयं जाणइ पासइ, उड्ढे जाव सोहम्मं कप्पं जाणइ पासइ, अहे जाव इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए लोलयच्चयं णरयं चउरासीइवाससह. स्सदिइयं जाणइ पासइ // 12 // तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे समोसरिए, परिसा जिग्गया जाव पडिगया / तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स जेठे अंतेवासी इंदभूई णामं अणगारे गोयमगोत्तेणं सत्तुस्सेहे समचउरंससंठाणसंठिए वज्जरिसहणारायसंघयणे कणगपुल. गणिघसपम्हगोरे उम्गतवे दिततवे तततवे घोरतवे महातवे उराले घोरगुणे घोरतवस्सी घोरबम्भचेरवासी उच्छूढसरीरे संखितविउलते उलेसे छठंछटठेणं अणिक्खि तेणं तवोकम्मेणं संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ / तए णं से भगवं गोयमे छट्टक्खमणपारणगंसि पढमाए पोरिसीए सज्झायं करेइ, बिइ. याए पोरिसीए झाणं झियाइ, तइयाए पोरिसीए अतुरियं अचवलं असम्भंते महपत्ति पडिलेहेइ, 2 ता भायणवत्थाई पडिलेहेइ, 2 त्ता भायणवत्थाई, 2 पमज्जइ, 2 ता भायणाई उग्गाहे इ, उग्गाहेत्ता जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छिता समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ, वंदिता णमंसित्ता एवं वयासी-'इच्छामि गं भंते ! तुहिं अब्भणण्णाए छट्टक्खमणस्स पारणगंसि वाणियगामे णयरे उच्चणीयमज्झिमाई कुलाई घरसमुदाणस्स भिक्खायरियाए अडित्तए' / अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं करेह / तए गं भगवं गोयमें समणणं भगवया महावीरेणं अब्भणण्णाए समाणे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियाओ दूइपलासाओ चेइयाओ पडिणिक्खमइ, Page #1297 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1284 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि पडिणिक्ख मित्ता अतुरियमचवलमसम्भंते जुगंतरपरिलोयणाए दिट्ठीए पुरओ ई (इ)रियं सोहेमाणे जेणेव वाणियगामे णयरे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता वाणियगामे णयरे उच्चणीयमज्झिमाई कुलाई घरसमुदाणस्स भिक्खायरियाए अडइ / तए णं से भगवं गोयमे वाणियगामे णयरे जहा पण्णत्तीए तहा जाव भिक्खायरियाए अडमाणे अहापज्जत्तं भत्तपाणं सम्म पडिग्गाहेइ, पडिग्गाहित्ता वाणियगामाओ पडिणिग्गच्छइ पडिणिग्गच्छित्ता कोल्लायस्स सणिवेसस्स अदूरसामंतेणं वीईवयमाणे बहुजणसई णिसामेइ / बहुजणो अण्णमण्णस्स एवमाइक्ख इ ४-'एवं खलु देवाणुप्पिया ! समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतेवासी आणंदे णाम समणोवासए पोसहसालाए अपच्छिम जाव अणवकख. माणे विहरइ'। तए गं तस्स गोयमस्स बहुजणरस अंतिए एयमलैं सोच्चा णिसम्म अयमेयारूवे अज्झथिए ४-'तं गच्छामि णं आणंदं समणोवास पासामि' एवं संपेहेइ, संपेहिता जेणेव कोल्लाए सण्णिवेसे जेणेव आणंदे समणोनासए जेणेव पोसहसाला तेणेव उवागच्छह / तए णं से आणंदे समणो. वासए भगवं गोयमं एज्जमाणं पासइ, पासित्ता हट्ठ जाव हियए भगवं गोयमं वंदइ णमंसइ, वंदित्ता णमंसित्ता एवं वयासी-'एवं खलु भंते ! अहं इमेणं उरालेणं जाव धमणिसंतए जाए, णो संचाएमि देवा. णुप्पियस्स अंतियं पाउन्भवित्ता गं तिक्खुत्तो मुद्धाणेणं पाए अभिवंदित्तए, तुडमे णं भंते ! इच्छाकारेणं अणभिओएणं इओ चेव एह, जाणं देवाणुप्पियाणं तिक्खुत्तो मुद्धाणेणं पाएसु वंदामि णमंसामि' तए णं से भगवं गोयमे जेणेव आणंदे समणोवासए तेणेव उवागच्छइ // 13 / / तए णं से आणंदे समणोवासए भगवओ गोयमस्स तिक्खुत्तो मुद्धाणेणं पाएसु वंदइ णमंसइ, वंदित्ता णमंसित्ता एवं वयासी-' अस्थि णं भंते ! गिहिणो गिहिमज्झावसंतस्स ओहिणाणे समप्पज्जइ ?' हंता अस्थि / जइ णं भंते ! गिहिणो जाव समुप्पज्जइ, एवं खल भंते ! ममवि गिहिणो गिहिमज्झावसंतस्स ओहिणाणे समप्पण्णेपुरस्थिमेणं लवणसमुद्दे पंच जोयणसयाइं जाव लोलयच्चयं णरयं जाणामि पासामि / तए णं से भगवं गोयमे आणंदं समणोवासयं एवं वयासी-' अस्थि णं आणंदा ! गिहिणो जाव समुप्पज्जइ, णो चेव गं एमहालए, तं गं तुम Page #1298 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 1 1285 आणंदा ! एयस्स ठाणस्स आलोएहि जाव तवोकम्मं पडिवज्जाहि' / तए गं से आणंदे समणोवासए भगवं गोयम एवं वयासी-अस्थि गं भंते ! जिणवयणे संताणं तच्चाणं तहियाणं सम्भयाणं भावाणं आलोइज्जइ जाव पडिवज्जिज्जइ ?' णो इणठे समठे / 'जइ णं भंते ! जिणवयणे संताणं जाव भावाणं णो आलोइज्जइ जाव तवोकम्मं णो पडिवज्जिज्जइ तं गं भंते ! तुब्भे चेव एयस्स ठाणस्स आलोएह जाव पडिवज्जह ' / तए णं से भगवं गोयमे आणंदेणं समणोवासएणं एवं वृत्ते समाणे संकिए कंखिए विइगिच्छासमावण्णे आणंदस्स अंतियाओ. पडिणिक्खमइ, पडिमिक्खमिता जेणेव दुइपलासे चेइए जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता समणस्स भगवओ महावीरस्स अदूरसामंते गमणागमणाए पडिक्कमइ, पडिक्कमित्ता एसणमणे. सणं आलोएइ, आलोएत्ता भत्तपाणं पडिदंसेइ, पडिदंसित्ता समण भगवं महावीरं वंदद णमंसह, वंदित्ता गमंसित्ता एवं वयासी-' एवं खल भंते ! अहं तु हि अब्मणुण्णाए तं चेव सव्वं कहेइ जाव तए णं अहं संकिए 3 आणंदस्स समणोवासगस्स अंतियाओ पडिणिक्खमामि, पडिणिक्खमित्ता जेणेव इहं तेणेव हव्वमागए, तं भंते ! कि आणंदेणं समणोवासएणं तस्स ठाणस्स आलोएयव्वं जाव पडिवज्जेयव्वं उदाहु मए ?' गोयमाइ ! समणे भगवं महावीरे भगवं गोयमं एवं वयासी-गोयमा ! तुमं चेव गं तस्स ठाणस्स आलोएहि जाव पङिवज्जाहि, आणंदं च समणोवासयं एयमढें खामेहि' / तए णं से भगवं गोयमे समणस्स भगवओ महावीरस्स ' तहत्ति एयमझें विण. एणं पडिसुणेइ, पडिसुणेत्ता तस्स ठाणस्स आलोएइ जाव पडिवज्जइ, आणंद च समणोवासयं एयमढें खामेइ / तए णं समणे भगवं महावीरे अण्णया कयाइ बहिया जणवयविहारं विहरइ // 14 // तए गं से आणंदे समणोवासए बहहि सीलव्वएहि जाव अप्पाणं भावेत्ता वीसं वासाई समणोवासगपरियागं पाउणित्ता एक्कारस य उवासगपडिमाओ सम्मं कारणं फासित्ता मासियाए संलेहणाए अत्ताणं झूसित्ता ट्ठि भत्ताई अणसणाए छेदेत्ता आलोइयपडिक्कते समाहिपत्ते कालमासे कालं किच्चा सोहम्मे कप्पे सोहम्मवडिसगस्स महाविमाणस्स उत्तरपुरच्छिमेणं अरुणे विमाणे देवत्ताए उववणे / तत्थ गं अत्थेगइ. याणं देवाणं चत्तारि पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता, तत्थ णं आणंदस्सवि देवस्स Page #1299 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1286 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि चत्तारि पलिओवमाई ठिई पण्णत्ता / आणंदे णं भंते ! देवे ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं 3 अणंतरं चयं चइत्ता कहिं गच्छिहिइ ? कहि उववज्जिहिइ ? गोयमा ! महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ // 15 // णिक्खेवो // पढमं अज्झयणं समत्तं // कामदेवे णामं बीयं अज्झयणं जइ गं भंते ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं सत्तमस्स अंगस्स . उवासगदसाणं पढ मस्स अज्झयणस्स अयमठे पण्णत्ते; दोच्चस्स णं भंते ! अज्झयणस्स के अठे पण्णते ? एवं खल जम्ब ! तेणं कालेणं तेणं समएणं चंपा णामं णयरी होत्था / पुष्णभद्दे चेइए। जियमत्त राया। कामदेवे गाहावइ / भद्दा भारिया / छ हिरण्णकोडीओ णिहाणपउत्ताओ, छ वुड्डिपउत्ताओ, छ पवित्थरपउत्ताओ / छ वया दसगोसाहस्सिएणं वएणं / (तेणं का० तेणं स० भगवं म०) समोसरणं / जहा आणंदो तहा णिग्गओ, तहेव सावयधम्म पडि. वज्जइ / सा चेव वतव्वया जाव जेट्टपुत्तं मित्तणाई (आपुच्छइ) आपुच्छित्ता जेणेव पोसहसाला तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता जहा आणंदो जाव समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं धम्मपत्ति उवसंपज्जित्ताणं विहरइ // 16 // तए ण तस्म कामदेवस्स समणोवासगस्स पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि एगे देवे मायी मिच्छद्दिठी अंतियं पाउन्भए। तए णं से देवे एगं महं पिसायरूवं विउव्वइ / तस्स णं देवस्स पिसायरूवस्स इमे एयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते-सीसं से गोकिलंजसठाणसंठियं, सालिमसेल्लसरिसा से केसा कविलतेएणं दिप्पमाणा, महल्लउट्टियाक भल्लसठाणसंठियं णिडालं मुगुंसपुंछ व तस्स भमगाओ फुग्गफुग्गाओ विगयबीभच्छदसणाओ, सीसघडिविणिग्गयाइं अच्छीणि विगय. बीभच्छदंसणाई, कण्णा जह सुप्पकत्तरं चेव विगयबीभच्छदंसणिज्जा, उरकमपुडसणिभा से णासा, झुसिरा जमलचल्लीसंठाणसंठिया दोऽवि तस्स णासा. पुडया, घोडयपुंछ व तस्स मंसूई कविलकविलाई विगयबीभच्छदसणाई, उदा. उदृस्स चेव लम्बा, फालसरिसा से दंता, जिन्भा जहा सुप्पकत्तरं चेव विगय. बीभच्छदंसणिज्जा, हलकुद्दालसंठिया से हणुया, गल्लकडिल्लं च तस्स खडं फुट कविलं फरसं महलं, मइंगाकारोवमे से खंधे, पुरवरकवाडोवमे से वच्छे, कोट्रिया. Page #1300 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णायाधम्मकहाओ अ. 2 1287 संठाणसंठिया दो वि तस्स बाहा, णिसापाहाणसंठाणसंठिया दोवि तस्स अग्गहत्था, णिसालोढसंठाणसंठियाओ हत्थेसु अंगुलीओ, सिप्पिपुडगसंठिया से णक्खा, हावियपसेवओ व्व उरंसि लम्बंति दोऽवि तस्स थणया, पोट्टं अयकोदओ व्व वर्टी, पाणकलंदसरिसा से णाही, सिक्कगसंठाणसंठिया से णेत्ते, किण्णपुडसंठाणसंठिया दोऽवि तस्स बसणा, जमलकोट्ठियासंठाणसंठिया दोऽवि तस्स उरू, अज्जुणगढें व तस्स जाणूई कुडिलकुडिलाई विगयः बीभच्छदंसणाई, जंघाओ कक्खडीओ लोमेहि उवचियाओ, अहरीसंठाणसंठिया दोऽवि तस्स पाया, अहरीलोढसंठाणसंठियाओ पाएसु अंगुलीओ, सिप्पिपुड. संठिया से णक्खा, लडहमडहजाणुए विगयभग्गमुग्गभुमए अवदालियवयण. विवरणिल्लालियग्गजीहे सरडकयमालियाए उंदुरमालापरिणद्धसुकर्याचधे णउ. लकयकण्णपूरे सप्पकयवेगच्छे अप्फोडते अभिगज्जते भीममुक्कट्टहासे णाणा. विहपंचवणेहि लोमेहि उवचिए एगं महं गीलुप्पलगवलगुलियअयसिकुसुमप्पगासं असि ख़रधारं गहाय जेणेव पोसहसाला जेणेव कामदेवे समणोवासए तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता आसुरत्ते रुठे कुविए चण्डिक्किए मिसि. मिसीयमाणे कामदेवं समणोवासयं एवं वयासी-हं भो कामदेवा ! समणो. वासया! अप्पत्थियपत्थिया दुरंतपंतलक्खणा होणपुण्णचाउद्दसिया हिरि. सिरिधिइ कित्तिपरिवज्जिया धम्मकामया पुण्णकामया सग्गकामया मोक्खकामया धम्मकंखिया पुग्णकंखिया सग्गकंखिया मोक्ख कंखिया धम्मपिवासिया पुण्णपिवासिया सग्गपिवासिया मोक्खपिवासिया णो खलु कप्पइ तव देवा. गुप्पिया ! जं सीलाई वयाई वेरमणाई पच्चक्खाणाई पोसहोववासाई चालित्तए वा खोभित्तए वा खंडित्तए वा भंजित्तए वा उज्झित्तए वा परिच्चइत्तए, वा, तं जइ गं तुमं अज्ज सीलाई जाव पोसहोववासई ण छडेसि ण भंजेसि तो ते अहं अज्ज इमेणं णीलप्पल जाव असिणा खण्डाजंण्ड करेमि, जहा गं तुमं देवाणुप्पिया ! अदुहट्टवसट्टे अकाले चेव जीवियाओ ववरोविज्जसि' / तए णं से कामदेवे समणोवासए तेणं देवेणं पिसायरूवेणं एवं वुत्ते समाणे अभीए अतत्थे अणुविग्गे अक्खुभिए अचलिए असम्भंते तुसिणीए धम्मज्झाणोवगए विहरइ // 17 // तए णं से देवे पिसायरूवे कामदेवे सम Page #1301 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1288 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि णोवासयं अभीयं जाव धम्मज्झाणोवगयं विहरमाणं पासइ, पासित्ता दोच्चंपि तच्चपि कामदेवं समणोवासयं एवं वयासी-'हं भो कामदेवा ! . समणोवासया ! अपस्थियपत्थिया जइ णं तुमं अज्ज जाव ववरोविज्जसि' / तए णं से कामदेवे समणोवासए तेणं देवेणं दोच्चपि तच्चपि एवं वत्त समाणे अभीए जाव धम्मज्झाणोवगए विहरइ / तए णं से देवे पिसायरूवे कामदेवं समणो. वासयं अभीयं जाव विहरमाणं पासइ, पासित्ता आसुरुत्ते (5) तिवलियं भिडि णिडाले साहट्ट कामदेवं समणोवासयं णीलुप्पल जाव असिणा खण्डाखण्डि करेइ / तए णं से कामदेवे समणोवासए तं उज्जलं जाव दुरहियासं वेयणं सम्म सहइ जाव अहियासेइ // 18 // तए णं से देवे पिसायरूवे कामदेवं समणोवासयं अभीयं जाव विहरमाणं पासइ, पासित्ता जाहे णो संचाएइ कामदेवं समणो. वासयं णिग्गंथाओ पावयणाओ चालित्तए वा खोभित्तए वा विपरिणामित्तए वा ताहे संते तंते परितंते सणियं सणियं पच्चोसक्कइ. पच्चोसक्कित्ता पोसहसालाओ पडिणिक्खमइ, पडिणिक्खमित्ता दिव्वं पिसायरूवं विप्पजहइ, विप्पजहित्ता एगं महं दिव्वं हत्थिरूवं विउब्वइ, सत्तंगपइट्टियं सम्म संठियं सुजायं पुरओ उदग्गं पिट्ठओ वराहं अयाकुच्छि अलम्बकुच्छि पलम्बलम्बोदराधरकरं अन्म: ग्गयमउलमल्लियाविमलधवलदंतं कंचणकोसीपविद्वदंतं आणामियचावललिय. संविल्लियग्गसोण्डं कुम्मपडिपुण्णचलणं वीसइणक्खं अल्लीणपमाणजत्तपुच्छं मत्तं मेहमिव गुलगुलेंतं मणपवणजइणवेगं दिव्वं हस्थिरूवं विउन्विइ, विउव्वित्ता जेणेव पोसहसाला जेणेव कामदेवे समणोवासए तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छिता कामदेवं समणोवासयं एवं वयासी-'हं भो कामदेवा ! समणोवासया ! तहेव भणइ जाव ण भंजेसि, तो ते अज्ज अहं सोण्डाए गिण्हामि, गिहित्ता पोसह. सालाओ गीणेमि, जीणेत्ता उड्ढं वेहासं उविहामि, उविहित्ता तिर्बोह दंतमुसलेहि पडिच्छामि, पडिच्छित्ता अहे धरणितलंसि तिक्नुत्तो पाएसु लोलेमि, जहा गं तुम अदृदुहट्टवसट्टे अकाले चेव जीवियाओ ववरोविज्जसि' / तए णं से कामदेवे समणोवासए तेणं देवेणं हस्थिरूवेणं एवं वुत्ते समाणे अभीए जाव विहरइ / तए णं से देवे हत्थिरूवे कामदेवं समणोवासयं अभीयं जाव विहरमाणं पासइ, पासित्ता दोच्चपि तच्चपि कामदेवं समणोवासयं एवं वयासी-हं भो कामदेवा ! तहेव जाव सोऽवि विहरइ / तए णं से देवे हत्थिरूवे कामदेवं Page #1302 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उवासगदसाओ अ. 2 1289 समणोवासयं अभीयं जाव विहरमाणं पासइ, पासित्ता आसुरुत्ते 4 कामदेव समणोवासयं सोण्डाए गिण्हइ, गिहित्ता उड्ढं वेहासं उविहइ, उविहित्ता तिखेहि दंतमसलेहि पडिच्छइ, पडिच्छित्ता अहे धरणितलंसि तिक्खत्तो पाएस लोलेइ / तए णं से कामदेवे समणोवासए तं उज्जलं जाव अहियासेइ // 16 // तए णं से देवे हत्थिरूवे कामदेवं समणोवासयं जाहे णो संचाएइ जाव सणिय-सणियं पच्चोसक्कइ, पच्चोसक्कित्ता पोसहसलाओ पडिमिक्खमइ, पडिणिक्खमित्ता दिव्वं हत्थिरूवं विप्पजहइ, विप्पजहित्ता एगं महं दिव्वं सप्परूवं विउव्वइ-उग्गविसं चण्डविसं घोरविसं महाकाय मसीमसाकालगं णयणविसरोसपुण्ण अंजणपुंजणिगरप्पगासं रत्तच्छं लोहियलोयणं जमलजयलचंचलजीहं धरणीयलवेणिभयं उक्कडफुडकुडिलजडिलकक्कसवियडफडाडोव. करणदच्छं लोहागरधम्ममाणधमधमेतघोसं अणागलियतिब्वचण्डरीसं सप्परूवं विउच्वइ, 2 ता जेणेव पोसहमाला जेणेव कामदेवे समणावासए तेणेव उवा. गच्छइ, उवागच्छित्ता कामदेवं समणोवासयं एवं वयासी-ह भो कामदेवा ! समणोवासया ! जाव ण भंजेसि तो ते अज्जेच अहं सरसरस्स कायं दुरुहामि, 2 ता पच्छिमेणं भाएणं तिक्खुते गीवं वेढेमि वेढेत्ता तिक्खाहिं विसपरिगयाहिं दाढाहिं उरंसि चेव णिकुट्टेमि, जहा गं तुम अदुहट्टवसट्टे अकाले चेव जीवि. याओ ववरोविज्जसि' / तए णं से कामदेवे समणोवासए तेणं देवेणं सप्परवेणं एवं वृत्ते समाणे अभीए. जीव विहरइ, सोऽवि दोच्चंपि' तच्चपि भणड, काम. देवोऽवि जाव विहरइ / तए णं से देवे सप्परूवे कामदेवं समणोवासयं अभीयं जाव पासइ, पासित्ता आसुरुत्ते 4 कामदेवस्स समणोवासयस्स सरसरस्म कायं दुरुहह, दुरुहित्ता पच्छिममाएणं तिक्खुत्तो गीवं वेढेइ, वेढेत्ता तिक्खाहि विसपरिगयाहिं दाढाहिं उरंसि चेव णिकुट्टेइ / तए गं से कामदेवे समणोवासए तं उज्जलं जाव अहियासेइ // 20 // तए ण से देवे सप्परूवे कामदेवं समणोवासयं अभीयं जाव पासइ, पासित्ता जाहे णो संचाएइ कामदेवं समणोवासयं णिग्गंथाओ पावयणाओ चालित्तए वा खोभित्तए वा विपरिणामित्तए वा ताहे सते 3 सणियं-सणियं पच्चोसक्कड, पच्चोसक्कित्ता पोसहसालाओ पडिणिक्खमइ, पडिणिक्खमित्ता दिव्वं सप्परूवं विप्पजहइ विप्पजहिता एगं महं दिव्वं देवरूवं विउव्वइ, हारविराइयवच्छं जाव दस दिसाओ उज्जोवेमाणं पभासेमाणं पासाईयं Page #1303 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1290 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि दरिसणिज्ज अभिरूवं पडिरूवं दिव्वं देवरूवं विउच्वइ, विउवित्ता कामदेवस्स समणोवासयस्स पोसहसालं अणप्पविसइ, अणुप्पविसित्ता अंतलिक्खपडिवण्णे सखिखिणियाइं पंचवण्णाई वत्थाई पवरपरिहिए. कामदेवं समणोवासयं एवं वयासी-'हं भो कामदेवा ! समणोवासया ! धणे सि णं तुम देवा. गुप्पिया ! स (1) पुण्णे कयत्थे कयलक्खणे, सुलद्धे णं तव देवाणुप्पिया ! माणुस्सए जम्मजीवियफले, जस्स णं तव णिग्गंथे पावयणे इमेयारूवा पडिवत्ती लद्धा पत्ता अभिसमण्णागया / एवं खल देवाणुप्पिया ! सक्के देविदे देवराया जाव सक्कसि सीहासणंसि चउरासीईए सामाणियसाहस्सीणं जाव अर्णसिं च बहूणं देवाण य देवीण य मज्झगएं एवमाइक्खइ ४-एवं खलु देवा (0)! जम्बहीवे दीवे भारहे वासे चंपाए णयरीए कामदेवे समणोवासए पोसहसालाए पोसहियबम्भचारी जाव दब्भसंथारोवगए समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं धम्मपत्ति उवसम्पज्जित्ताणं विहरइ, णो खलु से सक्का केणइ देवेण वा दाणवेण वा जाव गंधव्वेण वा णिग्गंथाओ पावयणाओ चालित्तए वा खोभित्तए वा विपरिणामित्तए वा। तए णं अहं सक्कस्स देविदस्स देवरणो एयमलै असहहमाणे 3 इहं. हव्वमागए, तं अहो णं देवाणप्पिया ! इड्ढी 6 लद्धा 3, तं दिट्ठा गं देवाणु प्पिया ! इड्ढी जाव अभिसमण्णागया, तं खामेमि देवाणप्पिया ! खमंतु मज्झ देवाणप्पिया ! खंतुमरहंति णं देवाणुप्पिया ! णाई भुज्जो करणयाए' तिकट्ठ पायवडिए पंजलि उडे एयमझैं भुज्जो भज्जो खामेइ, खामेत्ता जामेव दिसं पाउन्मए तामेव दिसं पडिगए / तर णं से कामदेवे समणोवासए णिरुवसग्गं तिकटु पडिमं पारेइ // 21 // तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे जाव विहरइ। तए गं से कामदेवे समणोवासए इमीसे कहाए लद्धठे समाणे 'एवं खल समणे भगवं महावीरे जाव विहरइ, तं सेयं खलु मम समणं भगवं महावीरं वंदित्ता णमंसित्ता तओ पडिणियत्तस्स पोसहं पारित्तए' त्ति कटु एवं संपेहेइ संपेहित्ता सुद्धप्पावेसाई वत्थाई जाव अप्पमहग्ध जाव मणुस्सवग्गुरापरिक्खित्ते सयाओ गिहाओ पडि. णिक्खमइ, पडिणिक्ख मित्ता चम्पं णयरिं मज्झमज्झणं णिग्गच्छइ, णिग्गच्छित्ता जेणेव पुण्णभद्दे चेइए जहा संखो जाव पज्जुवासइ / तए णं समणे भगवं Page #1304 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उवासगदसाओ अ. 2 1291 महावीरे कामदेवस्स समणोवासयस्स तीसे य जाव धम्मकहा समता // 22 // कामदेवा इ ! समणे भगवं महावीरे कामदेवं समणोवासयं एवं वयासी-से णणं कामदेवा ! तुब्भं पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि एगे देवे अंतिए पाउडभए, तए णं से देवे एगं महं दिव्वं पिसायरूवं विउव्वइ, विउव्वित्ता आसुरुत्ते 4 एगं महं णीलप्पल-जाव असि गहाय तुमं एवं वयासी-हं भो कामदेवा ! जाव जीवियाओ ववरोविज्जसि, तं तुम तेणं देवेणं एवं वुत्ते समाणे अभीए जाव विहरसि, एवं वण्णगरहिया तिण्णिवि उवसग्गा तहेव पडिउच्चारेयव्वा जाव देवो पडिगओ / से णूणं कामदेवा ! अढे समठे ? हता, अस्थि / 'अज्जो / इ समणे भगवं महावीरे बहवे समणे णिग्गंथे य णिग्गंथीओ य आमंतेत्ता एवं वयासी-जइ ताव अज्जो! समणोवासगा गिहिणो गिहिमज्झावसंता दिवत्र. माणस्सतिरिक्खजोणिए उवसग्गे सम्मं सहति जाव अहियासेंति, सक्का-पुणाइ अज्जो ! समणेहि णिग्गंथेहि दुवालसंगं गणिपिडगं अहिज्जमाणेहि दिव्वमाणुस. तिरिक्खजोणिए सम्मं सहित्तए जाव अहियासित्तए / तओ ते बहवे समणा णिग्गंथा य णिग्गंथीओ प समणस्स भगवओ महावीरस्स तहत्ति एयमलैं विणएणं पडिसुगंति / तए णं से कामदेवे समणोवासए हट्ट जाव समणं भगवं महावीरं पसिणाई पुच्छइ, अट्ठमादियइ, समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो वंदइ णमंसइ, वंदित्ता णमंसित्ता जामेव दिसि पाउडभए तामेव दिसि पडिगए / तए णं समणे भगवं महावीरे अण्णया कयाइ चम्पाओ पडिणिक्खमइ पडिणिक्ख. मित्ता बहिया जणवयविहारं विहरइ // 23 // तए णं से कामदेवे समणोवासए पढम उवासगपडिमं उवसंपज्जित्ताणं विहरइ, तए णं से कामदेवे समणोवासए बहूहि [सोलवएहि जाव भावेत्ता वीसं वासाई समणोवासगपरियागं पाउणिता एक्कारस उवासगपडिमाओ सम्मं कारणं फासेत्ता मासियाए संलेहणाए अप्पाणं झूसित्ता ट्ठि भत्ताई अणसणाए छेदेता आलोइयपडिक्कंते समाहिपत्ते कालमासे कालं किच्चा सोहम्मे कप्पे. सोहम्मडिसयस्स महाविमाणस्स उत्तरपुरस्थिमेणं अरुणाभे विमाणे देवत्ताए उववण्णे / तत्थ णं अत्थेगइयाणं देवाणं चत्तारि पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता, कानदेवस्सऽवि देवस्स चत्तारि पलिओ. वमाई ठिई पण्णता / से णं भंते ! कामदेवे ताओ देवलोगाओ आउ. क्खएणं भवक्खएणं ठिइक्खएणं अणंतरं चयं चइत्ता कहिं गमिहिइ, कहि Page #1305 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1292 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि उवजिहिइ ? गोयमा ! महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ (जाव सव्वदुक्खा०) // 24 // णिक्खेवो / / बीयं अज्झयणं समत्तं / / चुलणीपिया णामं तइयं अज्झयणं उवखेवो तइयस्स अज्झयणस्स / एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेण समएणं वाणारसी णामं णयरी (होत्था), कोटुए चेइए, जियसत्त राया। तत्थ णं वाणारसीए णयरीए चुलणीपिया णाम गाहावई परिवसइ, अड्ढे जाव अपरिभूए। सामा भारिया। अट्ठ हिरण्णकोडीओ णिहाणपउत्ताओ, अटु वुड्डिपउत्ताओ अटु पवित्थरपउत्ताओ, अट्ट वया दसगोसाहस्सिएणं वएणं, जहा आणंदो राईसर जाव सव्वकज्जवड्ढावए यावि होत्था / सामी समोसड्ढे, परिसा णिग्गया, चलणी. पियावि जहा आणंदो तहा णिग्गओ, तहेव गिहिधम्म पडिवज्जइ / गोयमपुच्छा तहेव सेस जहा कामदेवस्स जाव पोसहसालाए पोसहिए बम्मयारी समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं धम्मपत्ति उवसंपज्जित्ताणं विहरइ // 25 // तए णं तस्स चलणीपियस्स समणोवासयस्स पुवरत्तावरत्तकालसमयंसि एगे देवे अंतियं पाउब्भूए / तए णं से देवे एगं (मह) णीलुप्पल जाव अमि गहाय चुलणी पियं समणोवासयं एवं वयासी-हं भो चुलणीपिया ! समणोवासया ! जहा कामदेवो जाव ण भंजसि तो ते अहं अज्ज जेठं पुत्तं साओ गिहाओ णीमि, णोणेत्ता तव अग्गओ घाए मि, घाएत्ता तओ मंससोल्ले करेमि, करेत्ता आदाणभरियसि कडाहयंसि अद्दहेमि, अद्दहेत्ता तव गायं मंसेण य सोणिएण य आयचामि, जहा गं तुमं अट्टदुहट्ट वसट्टे अकाले चेव जीवियाओ ववरोविज्जसि // 26 // तए णं से चलणीपिया समणोवासए तेणं देवेणं एवं वृत्ते समाणे अभीए जाव विहरइ / तए णं से देवे चुलणीपियं समणोवासयं अभीयं जाव पासइ, पासित्ता दोच्चपि तच्चपि चुलणीपियं समणोवासयं एवं वयासी-हं भो चलणीपिया ! समणोवासया ! तं चेव भणइ, सो जाव विहरइ / तए णं से देवे चलणीपियं समणोवासयं अभीयं जाव पासित्ता आसुरुत्ते 5 जुलणीपियस्स समणोवासयस्स जेठं पुत्तं गिहाओ जीणे इ, णीणेत्ता अग्गओ पाएइ, घाएत्ता तओ मंससोल्लए करेइ, करेत्ता आदाणभरियसि कडाहयंसि अद्दहेइ, अद्दहेत्ता चलणीपियस्स समणोवासयस्स गायं मंसेण य सोणिएण य आयंचई। तए Page #1306 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उवासगदसाओ अ. 3 गं से चुलणीपिया समणोवासए तं उज्जलं जाव अहियासेइ / तए णं से देवे चुलणीपियं सम्णोवासयं अभीयं जाव पासइ, पासित्ता दोच्चपि चुलणीपियं समणोवासयं एवं वयासी-हं भो चुलणीपिया ! समणोवासया ! अप. थियपत्थिया ! जाव ण भंजसि तो ते अहं अज्ज मज्झिमं पुत्तं साओ गिहाओ जीणेमि, णोणेत्ता तव अग्गओ घाएमि, जहा जेटठं पुत्तं तहेव भणइ, तहेव करेइ / एवं तच्चं.पि कणीयसं जाव अहियासेइ // 27 // तए णं से देवे चलणीपियं समणोवासयं अभीयं जाव पासइ, पासित्ता चउत्थं.पि चुलणीपियं समणोवासयं एवं वयासी-"हं भो चलणीपिया ! समणोवासया ! अपत्थिय. पत्थिया 4 जइ गं तुमं जाव ण भंजसि तओ अहं अज्ज जा इमा तव माया भद्दा सत्यवाही देवयगुरुजणणी दुक्करदुक्करकारिया तं ते साओ गिहाओ णीमि, णीणेत्ता तव अग्गओ घाएमि, घाएत्ता तओ मंससोल्लए करेमि, करेत्ता आदाणभरियसि कडाहयंसि अहहेमि, अद्दहेत्ता तव गायं मंसेण य सोणि. एण य आयंचामि जहा गं तुमं अदृदुहट्टवस? अकाले चेव जीवियाओ ववरोविज्जसि" / तए णं से चलणीपिया समणोवासए तेणं देवेणं एवं वृत्ते समाणे अभीए जाव विहर इ / तए गं से देवे चलणीपियं समणोवासयं अभीयं जाव विहरमाणं पासइ, पासित्ता चुलणीपियं समणोवासयं दोच्चंपि तच्चपि एवं वयासी-ह भो चलणीपिया ! समणोवासया ! तहेव जाव ववरोविज्जसि / तए णं तस्स चुलणीपियस्स समणोवासयस्स तेणं देवेणं दोच्चपि तच्चपि एवं वृत्तस्स समाणस्स इमेयारूवे अज्झथिए ५-अहोणं इमे पुरिसे अणारिए अणारियबुद्धि अणारियाई पावाई कम्माइं समायरइ, जेणं ममं जेह्र पुत्तं साओ गिहाओ जीणेइ, णीणेत्ता मम अग्गओ घाएइ,घाएत्ता जहा कयंतहा चितेइ जाव गायं आयं. चइ, जेणं ममं मज्झिमं पुत्तं साओ गिहाओ जाव सोणिएण य आयंचइ, जेणं ममं कणीयसं पुत्तं साओ गिहाओ तहेव जाव आयंचइ, जाऽवि य णं इमा ममं माया भद्दा सत्थवाही देवयगुरुजणणी दुक्कर दुक्करकारिया तंपि य णं इच्छइ साओ गिहाओ णीणेत्ता मम अग्गओ घाएत्तए, तं सेयं खल ममं एयं पुरिसं गिहित्तए त्तिकटटु उट्ठा (खा)इए, सेऽवि य आगासे उप्पइए, तेणं च खम्भे आसाइए, महवा-महया संदेणं कोलाहले कए / तए गं सा भद्दा सत्थवाही तं कोलाहलसह सोच्चा णिसम्म जेणेव चलणीपिया समणोवासए तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता Page #1307 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1294 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि चुलणीपियं समणोवासयं एवं वयासी-किणं पुत्ता ! तुम महया महया सद्देणं कोलाहले कए ? तए णं से चुलणीपिया समणोवासए अम्मयं भदं सत्यवाहि एवं वयासी-एवं खलु अम्मो ! ण जाणामि, केवि पुरिसे आसुरु ते 5 एगं महं णीलप्पल-जाव असि गहाय ममं एवं वयासी-हं भो चलणीपिया ! समणोवासया ! अपत्थियपत्थिया 4 जइ णं तुम जाव ववरोविज्जसि / (तए णं) अहं तेणं पुरिसेणं एवं वृत्ते समाणे अभीए जाव विहरामि / तए ण से पुरिसे ममं अभीयं जाव विहरमाणं पासइ, पासित्ता ममं दोच्चंपि तच्चंपि एवं वयासी-हं भो चलणीपिया ! समणोवासया! तहेव जाव गायं आयंचइ / तए गं अहं तं उज्जलं जाव अहियासेमि / एवं तहेव उच्चारेयन्वं सव्वं जाव कणीयसं जाव आयंचइ, अहं तं उज्जलं जाव अहिरासेमि / तए णं से पुरिसे ममं अभीयं जाव पासइ, पासित्ता ममं च उत्थंपि एवं वयासी-हं भो चुलणी. पिया ! समणोवासया ! अपत्थियपत्थिया जाव ण भंजसि तो ते अज्ज जा इमा माया देवयगरु जाव ववरोविज्जसि / तए गं अहं तेणं पुरिसेणं एवं वुत्ते समाणे अभीए जाव विहरामि / तए णं से पुरिसे दोच्चंपि तच्चपि ममं एवं वयासी-हं भो चुलणीपिया समणोवासया ! अज्ज जाव ववरोविज्जसि / तए णं तेणं पुरिसेणं दोच्चंपि तच्चपि ममं एवं वुत्तस्स समाणस्स इमेया. रूवे अज्झथिए ५-अहो गं इमे पुरिसे अणारिए जाव समायरइ, जेणं मम जेठं पुतं साओ गिहाओ तहेव जाव कणीयसं जाव आयंचइ, तुब्भेऽवि य गं इच्छइ साओ गिहाओ णीणेत्ता मम अग्गओ घाएत्तए, तं सेयं खल ममं एवं पुरिसं गिहित्तए तिकट्ट उद्धाइए, सेऽवि य आगासे उप्पइए, मएऽवि य खम्भे आसाइए, महया महया सद्देणं कोलाहले कए // 28 // तए णं सा भद्दा सस्थ. वाही चुलणीपियं समणोवासयं एवं वयासी-णो खल केइ पुरिसे तव जाव कणीयसं पुत्तं साओ गिहाओ जीणेइ, णीणेत्ता तव अग्गओ घाएइ, एस णं केइ पुरिसे तव उवसग्गं करेइ, एस णं तुमे विदरिसणे दिळे, तं गं तुम इयाणि भग्गवए भग्गणियमे भग्गपोसहे विहरसि, तं गं तुमं पुत्ता ! एयस्स ठाणस्स आलोएहि जाव पडिवज्जाहि / तए णं से चलणीपिया समणो वासए अम्मगाए भद्दाए सस्थवाहीए तहत्ति ए यमट्ट विणएणं पडिसुणेइ, पडि. सुणेत्ता तस्स ठाणस्स आलोएइ जाव पडिवज्जइ // 26 // तए णं से चुलणी. Page #1308 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उवासगदसाओ अ. 4 1295 पिया समणोवासए पढम उवासगपडिमं उवसंपज्जित्ता गं विहरइ, पढम उवा. सगपडिमं अहासुतं जहा आणंदो जाव एक्कारसवि। तए गं से चुलणीपिया समणोवासए तेणं उरालेणं जहा कामदेवो जाव सोहम्मे कप्पे सोहम्मवडिसगस्स महाविमाणस्स उत्तरपुरस्थिमेणं अरुणप्पभे विमाणे देवत्ताए उववणे / चत्तारि पलिओवमाई ठिई पण्णत्ता / महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ 5 // 30 // णिक्खेवो। / / तइयं अज्झयणं समत्तं // सुरादेवे णामं चउत्थं अज्झयणं उक्खेवओ चउत्थस्स अज्झयणस्स / एवं खल जम्बू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं वाणारसी णामं णयरी / कोट्ठए चेइए / जियसत्तू राया। सुरादेवे गाहावई, अड्ढे (जाव अपरिभूए) / छ हिरण्णकोडीओं जाव छ वया दसगोसाहस्सिएणं वएणं / धण्णा भारिया / सामी समोसढे / जहा आणंदो तहेव पडिवज्जइ गिहिधम्मं / जहा कामदेवो जाव समणस्स भगवओ महावीरस्स धम्मपत्ति उवसम्पज्जित्ताणं विहरइ // 31 // तए णं तस्स सुरादेवस्स समणोवासयस्स पुस्वरत्तावरत्तकालसमयंसि एगें देवे अंतियं पाउडमवित्था / से देवे एग महं णीलप्पल जाव असि गहाय सुरादेवं समणोवासयं एवं वयासी-हं भो सुरादेवा समणोवासया ! अपत्थियपत्थिया 4 जइ गं तुमं सीलाई जाव ण भंजसि तो ते जेठं पुत्तं साओ गिहाओ जीणेमि, णोणेत्ता तव अग्गओ घाएमि, घाएत्ता पंच मंस सोल्लए करेमि, (2 ता) आदाणभरियसि कडाहयंसि अद्दहेमि, अद्द. हेत्ता तव गायं मंसेण य सोगिएण य आयंचामि, जहा गं तुमं अकाले चेव जीवियाओ ववरोविज्जसि / एवं मज्झिमयं, कणीयसं, एक्केक्के पंच सोल्लया, तहेव करेइ, जहा चुलणीपियस्स, णवरं एक्केक्के पंच सोल्लया। तए णं से देवे सुरादेवं समणोवासयं चउत्थं पि एवं वयासी-हं भो सुरादेवा ! समणोवासया! अपस्थियपत्थिया 4 जाव ण परिच्चय (भंज) सि तो ते अज्ज सरीरंसि जमग. समगमेव सोलस रोगायके पक्खिवामि, तंजहा-सासे, कासे जाव कोढे, जहा गं तुमं अदृदुहट्ट जाव ववरोविज्जसि / तए णं से सुरादेवे समणोवासए जाव . विहरइ / एवं देवो दोच्चपि तच्चपि भणइ जाव ववरोविज्जसि // 32 // Page #1309 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1296 अंग-पविट्ट सुत्ताणि तए गं तस्स सुरादेवस्स समणोवासयस्स तेणं देवेणं दोच्चपि तच्चपि एवं वृत्तस्स समाणस्स इमेयारूवे अज्झस्थिए 4 (सम०)-अहो णं इमे पुरिसे अणा. रिए जाव समायरइ, जंणं ममं जट्ठ पुतं जाव कणीयसं जाव आयचइ, जेऽवि य इमे सोलस रोगायंका तेऽवि य इच्छइ मम सरीरगंसि पविखवित्तए, त सेय खलु ममं यं पुरिसं गिहित्तए तिकट्ट उद्धाइए / सेऽवि य आगासे उप्पइए, तेण य खम्भे आसाइए, महया-महया सद्दणं कोलाहले कए // 33 // तए णं सा धण्णा भारिया कोलाहलं सोच्चा णिसम्म जेणेव सुरादेवे समणोवासए तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छिता एवं वयासी-किण्णं देवाणुप्पिया ! तुहि महया-महया सद्देणं कोलाहले कए ? तए णं से सुरादेवे समणोवासए धणं भारिय एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिए ! केऽवि पुरिसे तहेव कहेइ जहा चलणीपिया / धण्णाऽवि पडिभणइ-जाव कणीयसं, णो खल देवाणुप्पिया ! तुम्भं केऽवि पुरिसे सरीरंसि जमगसमगं सोलस रोगायके पक्खिवइ, एसणं केऽवि पुरिसे तुम्भं उवसम्गं करेड, सेसं जहा चुलणीपियस्स तहा भणइ / एवं सेसं जहा चलणीपियस्स णिरवसेसं जाव सोहम्मे कप्पे अरुणकते विमाणे उबवणे / चत्तारि पलिओवमाई ठिई, महाविदेहे वासे सिन्झिहिइ 5 // 34 // णिक्खयो। // च उत्थ अज्झयण समत्त / / चुल्लसयए णामं पंचमं अज्झयणं उक्खेवो पंचमस्स / एवं खलु जम्बू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं आलभिया णामं णयरी / संखवणे उज्जाणे / जियसत्तू राया। चुल्लसयए गाहावई (परि. वसइ), अड्ढे जाव छ हिरण्णकोडीओ जाव छ वया दसगोसाहस्सिएणं वएणं / बहुला भारिया / सामी समोसढे / जहा आणंदो तहा (धम्म सोच्चा) गिहिधम्म पडिवज्जइ, सेसं जहा कामदेवो जाव धम्मपत्ति उवसंपज्जित्ताणं विह रइ // 35 // तए गं तस्स चुल्लसयगस्स समणोवासयस्स पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि एगे देवे अंतियं जाव असि गहाय एवं वयासी-हं भो चल्लसयगा समणो. वासया ! जाव ण भंजसि तो ते अज्ज जेठं पुत्तं साओं गिहाओ णीमि, एवं जहा चलणीपिगं, णवरं एक्केक्के सत्त मंससोल्लया जाव कणीयसं जाव आय Page #1310 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उवासगदसाओ अ. 6 1297 चामि / तए णं से चुल्लसयए समणोवासए जाव विहरइ / तए णं से देवे चल्लसयगं समणोवासयं चउत्थं पि एवं वयासी-हं भो चल्लसयगा ! समणो. वासया ! जाव ण भंजसि तो ते अज्ज जाओ इमाओ छ हिरण्णकोडीओ णिहाणपउत्ताओ, छ वडिपउत्ताओ, छ पवित्थरपउत्ताओ ताओ साओ गिहाओ णोणेमि, णीणेत्ता आलभियाए णयरीए सिंघाडग जाव पहेसु सव्वओ समंता विप्पइरामि, जहा गं तुम अदुहट्टवसट्टे अकाले चेव जीवियाओ ववरोविज्जसि // 36 // तए णं से चुल्लसयए समणोवासए तेणं देवेणं एवं वृत्त समाणे अभीए जाव विहरइ / तए गं से देवे चुल्लसयगं समणोवासयं अभीयं जाव पासित्ता दोच्चंपि तच्चपि तहेव भणइ जाव ववरोविज्जसि / तए णं तस्स चुल्लसयगस्स तेणं देवेणं दोच्चपि तच्चपि एवं वृत्तस्स समाणस्स अयमेयारूवे अज्झथिए 5 'अहो णं इमे पुरिसे अणारिए जहा चुलणीपिया तहा चितेइ जाव कणीयसं जाव आयंचइ, जाओऽवि य णं इमाओ ममं छ हिरण्णकोडीओ णिहाणपउत्ताओ छ वडिपउत्ताओ छ पवित्थरपउत्ताओ ताओऽवि य गं इच्छइ ममं साओ गिहाओ जीणेत्ता आलभियाए णयरीए सिंघाडग-जाव विप्पइरित्तए, त सेयं खलु ममं एयं पुरिसं गिहित्तए तिकट्ट उद्धाइए जहा सुरादेवो तहेव भारिया पुच्छइ तहेव कहेइ / सेसं जहा चुलणीपियस्स जाव सोहम्मे कप्पे अरुणसिट्टे विमाणे उववणे, चत्तांरि पलिओवमाइं ठिई / सेसं तहेव जाव महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ [5] // ३७॥णिक्खेवो // || पंचमं अज्झयर्ण समत्तं / / कुण्डकोलिए णामं छठें अज्झयणं छट्ठस्स उक्खेवओ / एवं खलु जम्बू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं कपिल्लपुरे णयरे / सहसम्बवणे उज्जाणे / जियसत्तू राया / कुण्डकोलिए गाहावई / पूमा भारिया / छ हिरण्णकोडीओ णिहाणपउत्ताओ, छ वृड्डिपउत्ताओ, छ पवित्थर. पउत्ताओ, छ वया दसगोसाहस्सिएणं वएणं / सामी समोसढे / जहा कामदेवो तहा सावयधम्म पडिवज्जइ / सच्चेव वत्तव्वया जाव पडिलाभमाणे विहरइ // 38 // तए णं से कुण्डकोलिए समणोवासए अण्णया कयाइ पुवावरहकाल. समयंसि जेणेव असोगवणिया जेणेव पुढविसिलापट्टए तेणेव उवागच्छइ, उवा. Page #1311 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1298 अंग-पविट्ट सुत्ताणि गच्छित्ता णाममदृगं च उत्तरिज्जगं च पुढवीसिलापट्टए ठवेइ, ठवेत्ता समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं धम्मपत्ति उवसंपज्जित्ताणं विहरइ. // 36 // तए णं तस्स कुण्डकोलियस्स समणोवासयस्स एगे देवे अंतियं पाउभवित्था / तए णं से देवे णाममुद्दगं च उत्तरियं च पुढविसिलापट्टयाओ गेहइ, 2 ता सखिखिणि० अंतलिक्खपडिवणे कुण्डकोलियं समणोवासयं एवं वयामी-हं भो कुण्डकोलिया समणोवासया ! सुंदरी णं देवाणु प्पिया! गोसालस्स मखलि. पुत्तस्स धम्मपण्णत्ती, णत्थि उदाणे इ वा कम्मे इ वा बले इ वा वीरिए इ वा पुरिसक्कारपरक्कमे इ वा, णियया सव्वभावा, मंगली गं समणस्म भगवओ महावीरस्स धम्मपण्णत्ती, अस्थि उट्ठाणे इ वा कम्मे इ वा बले इ वा वीरिए इ वा पुरिसक्कारपरक्कमे इ वा, अणियया सव्वभाव।।॥४०॥ तए णं से कुण्डकोलिए समणोवासए तं देवं एवं वयासी-जइणं देवा०! संदरी गोसालस्स मखलिपुत्तस्स धम्मपण्णत्ती-णस्थि उट्टाणे इ वा जाव णियया सव्वभावा, मंगली णं समणस्स भगवओ महावीरस्स धम्मपण्णत्ती-अस्थि उदाणे इ वा जाव अणियया सव्व. भावा, तुमे गं देवा० / इमा एयारूवा दिव्या देविडढी दिव्वा देवज्जई दिवे देवाणुभावे किणा लद्धे, किणा पत्ते, किणा अभिंसमण्णागर, कि उहाणेणं जाव पुरिसक्कारपरक्कमेणं, उदाहु अणटाणेणं अकम्मेणं जाव अपुरिसक्कारपरक्कमेणं ? तए णं से देवे कुण्डकोलियं समणोवासयं एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! मए इमेयारूवा दिव्या देविड्ढी 3 अणटाणेणं जाव अपुरिसक्कारपरक्कमेणं लद्धा पत्ता अभिसमण्णागया। तए णं से कुण्डकोलिए समणो. वासए तं देवं एवं वयासी-जइ णं देवा ! तुमे इमा एयारूवा दिव्या देविड्ढी 3 अणट्टाणेणं जाव अपुरिसक्कारपरक्कमेणं लद्धा पत्ता अभिसमण्णागया, जेसि गं जीवाणं णत्थि उटाणे इ वा जाव परक्कमे इ वा, ते कि ण देवा ? अह णं देवा० ! तुमे इमा एयारूवा दिव्वा देविड्ढी 3 उट्ठाणेणं जाव परक्कमेणं लद्धा पत्ता अभिसमण्णागया, तो जं वदसि-संदरी णं गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स धम्म. पण्णत्ती, णस्थि उढाणे इ वा जाव णियया सव्व मावा, मंगुली समणस्स भगवओ महावीरस्स धम्मपण्णती-अस्थि उढाणे इ वा जाव अणियया सव्व. भावा, तं ते मिच्छा / तए णं से देवे कुण्डकोलिएणं समणोवासएणं एवं वत्ते समाणे संकिए जाव कलुससमावण्णे णो संचाएइ कुण्डकोलियस्स समणोवास. Page #1312 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उवासगदसाओ अ.७ 1299 यस्स किंचि पामोक्खमाइक्खित्तए, णाममुद्दयं च उत्तरिज्जयं च पुढविसिलापट्टए ठवेइ, ठवेत्ता जामेव दिसि पाउन्भए तामेव दिसि पडिगए / तेणं कालेणं तेणं समए धं सामी समोसढे / तए णं से कुण्डकोलिए समणोवासए इमोसे कहाए लद्धछे हट्ट (तुळे) जहा कामदेवो तहा णिग्गच्छइ जाव पज्जवासइ / धम्मकहा // 41 // 'कुण्डकोलियाइ ! से समणे भगवं महावीरे कुण्डकोलियं समणोवासयं एवं वयासी-से णूणं कुण्डकोलिया ! कल्लं तुब्भं पुव्वावरण्हकालसमयंसि असोग. वणियाए एगे देवे अतियं पाउन्भवित्था / तए णं से देवे णाममह च तहेव जाव पडिगए / से णूणं कुण्डकोलिया ! अढे समठे ? हंता अस्थि / तं धणे सि गं तुम कुण्डकोलिया ! जहा कामदेवो / 'अज्जोइ' ! समणे भगवं महावीरे समणे णिग्गंथे य णिग्गंथीओ य आमंतित्ता एवं वयासी-जइ ताव अज्जो ! गिहिणो गिहिमज्झावसंता णं अण्णउत्थिए अठेहि य हेऊहि य पसिणेहि य कारणेहि य वागरणेहि य णिप्पटुपसिणवागरणे करेंति, सक्का पुणाई अज्जो ! समणेहि णिग्गंहि दुवालसंगं गणिपिडगं अहिज्जमाहि अण्ण उत्थिया अठेहि य जाव णिप्पटुपसिणवागरणा करित्तए / तए णं समणा णिग्गंथा य णिग्गंथीओ य समणस्स भगवओ महावीरस्स तहत्ति एयमझें विणएणं पडिसुर्णेति / तए णं से कुण्डकोलिए समणोवासए समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ, वंदित्ता णमंसित्ता पसिणाई पुच्छड, पुच्छित्ता अट्टमादियइ, 2 ता जामेव दिसं पाउ. भए तामेव दिसं पडिगए / सामी बहिया जणवयविहारं विहरइ // 42 // तए णं तस्स कुण्डकोलियस्स समणोवासनस्स बहूहि सील जाव भावेमाणस्स चोहस्स संवच्छराइं विइक्कंताई, पण्णरसमस्स संवच्छरस्स अंतरा वट. माणस्स अण्णया कयाइ जहा कामदेवो तहा जेट्टपुत्तं ठवेत्ता तहा पोसहसालाए जाव धम्मपत्ति उवसंपज्जित्ताणं विहरइ / एवं एक्कारस उवासगपडिमाओ, तहेव जाव सोहम्मे कप्पे अरुणज्झए विमाणे जाव अंतं काहिइ // 43 // णिक्खयो। ॥छठें अज्झयणं समत्तं / / सद्दालपुत्ते णामं सत्तमं अज्झयणं सत्तमस्स उक्खेवो / पोलासपुरे णामं णयरे / सहस्संबवणे उज्जाणे। जिय. सत्तू राया। तत्थ गं पोलासपुरे णयरे सद्दालपुत्ते णामं कुंभकारे आजीविओ Page #1313 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1300 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि वासए परिवसइ, आजीवियसमयं सि लद्वठे गहियठे पुच्छियठे विणिच्छियठे अभिगयढे अट्टिमिजपेमाणुरागरत्ते य, अयमाउसो ! आजीवियसमए अठे अयं परमठे सेसे अणठेत्ति आजीवियसमएणं अप्पाणं भावेमाणे विहरइ / तस्स णं सद्दालपुत्तस्स आजीविओवासगस्स एक्का हिरण्णकोडी णिहाणपउत्ता, एक्का वुडिपउत्ता, एक्का पवित्थर पउत्ता, एक्के वए दसगोसाहस्सिएणं वएणं / तस्स णं सद्दालपुत्तस्स आजीविओवासयस्स अग्गिमित्ता णामं भारिया होत्था / तस्स मं सद्दालपुत्तस्स आजीविओवासगस्स पोलासपुरस्स णय रस्स बहिया पंच कुम्भकारावणसया होत्था / तत्थ गं बहवे पुरिसा दिण्णभइभत्तवेधणा कल्लाकल्लि बहवे करए य वारए य पिहडए यं घडए य अद्धघडए य कलसए य अलिज. रए य जम्बलए य उट्टियाओ य करेंति / अण्णे य से बहवे पुरिसा दिण्णभइ. भत्तवेयणा कल्लाकल्लि तेहि बहहि करएहि य जाव उट्टियाहि य रायमगंसि वित्ति कप्पेमाणा विहरंति // 44 // तए णं से सहालपुत्ते आजीविओवासए अण्णया कयाइ पुवावरण्हकालसमयंसि जेणेव असोगवणिया तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स अंतियं धम्मपत्ति उव. सम्पज्जिताणं विहरइ / तए णं तस्स सद्दालपुत्तस्म आजीविओवासगस्स एगे देवे अंतियं पाउन्भवित्था / तए णं से देवे अंतलिक्खपडिवण्णे सखि खिणियाई जाव परिहिए सद्दालपुत्तं आजीविओवासयं एवं वयासी-एहिइ णं देवाणुप्पिया! कल्लं इहं महामाहणे उप्पण्णणाणदंसणधरे तीयपडुप्पण्णमणागयजाणए अरहा जिणे केवली सव्वण्णू सव्वदरिसी तेलोक्कवहियमहियपूइए सदेवमणुयासुरस्स. लोगस्स अच्चणिज्जे (पूणिज्जे) वंदणिज्जे सक्कारणिज्जे सम्माणणिज्जे कल्लाणं मंगलं देवयं चेइयं जाव पज्जवासणिज्जे तच्चकम्मसम्पयासम्पउत्ते, तं गं तुमं वंदेज्जाहि जाव पज्जुवासेज्जाहि, पाडिहारिएणं पीढफलगसिज्जा. संथारएणं उवणिमंतेज्जाहि, दोच्चंपि तच्चपि एवं वयइ वइत्ता जामेव दिसं पाउन्मए तामेव दिसं पडिगए // 45 // तए णं तस्स सहालपुत्तस्स आजीविओवासगस्स तेणं देवेणं एवं वृत्तस्स समाणस्स इमेयारूवे अज्झथिए 4 समप्पण्णे'एवं खलु ममं धम्मायरिए धम्मोवएसए गोसाले मंखलिपुत्ते, से णं महामाहणे उप्पण्णणाणदंसणधरे जाव तच्चकम्मसंपयासम्पउत्ते, से गं कल्लं इहं Page #1314 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उवासगदसाओ अ. 7 1301 हव्यमागच्छिस्राइ / तए णं तं अहं वंदिस्सामि जाव पज्जुवासिस्सामि, पाडि. हारिएणं जाव.उवणिमंतिस्सामि' // 46 // तए ण कल्लं जाव जलते समणे भगवं महावीरे जाव समोसरिए / परिसा जिग्गया जाव पज्जवासइ / तए णं से सहालपुते आजीविओवासए इमीसे कहाए लद्धठे समाणे-'एवं खल समणे भगवं महावीरे जाव विहरइ, तं गच्छामि णं समणं भगवं महावीर, वंदामि जाव पज्जवासामि' एवं सम्पेहेइ, संपेहित्ता हाए जाव पायच्छित्ते सुद्धप्पावेसाइं जाव अप्पम्हग्घाभरणालंकियसरीरे मणस्सवग्गरापरिगए साओ गिहाओ पडिणिक्खमइ, 2 ता पोलासपुरं णयरं मज्झमज्झेणं णिग्गच्छइ, णिग्गच्छित्ता जेणेव महस्सम्बवणे उज्जाणे जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छड, उवागच्छित्ता तिवखुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ, करेत्ता वंदड णमंसइ, वदित्ता णमसित्ता जाव पज्जवासइ // 47 / / तए णं समणे भगवं महावीरे सहालपुत्तस्स आजीविओवासगस्स तीसे य महइ जाव धम्मकहा समत्ता / 'सद्दालपुत्ता' इ ! समणे भगवं महावीरे सद्दालपुत्तं आजीविओ. वासय एवं वयासी-से. णणं सद्दालपुत्ता ! कल्लं तुमं पुवावरण्हकालसमयंसि जेणेव असोगवणिया जाव विहरसि / तए गं तुम्भं एगे देवे अंतियं पाउब्मवित्था / तए णं से देवे अंतलिक्खपडिवण्णे एवं वयासी-हं भो सद्दाल. पुत्ता ! तं चेव सवं जाव पज्जवासिस्सामि' / से पण सहाल पुत्ता ! अछे समठे ? हंता अस्थि / (तं) णो खलु सद्दालपुत्ता / तेणं देवेणं गोसालं मंखलिपुत्तं पणिहाय एवं वृत्त / तए णं तस्स सहालपुत्तस्स आजीविओ. वासयस्स समणेणं भगवया महावीरेणं एवं वृत्तस्स समाणस्स इमेयारूवे अज्झ. थिए ४-'एस गं समणे भगवं महावीरे महामाहणे उप्पण्णणाणदंसणधरे जाव तच्चकम्मसम्पयासम्पउत्ते, तं सेयं खल ममं समणं भगवं महावीरं वंदित्ता णमं. सित्ता पाडिहारिएणं पीढफलग जाव उवणिमंतित्तए' एवं सम्पेहे। संपेहित्ता उदाए उछेड, उर्दूत्ता समणं भगवं महावीरं वंदद णमंसइ, वंदित्ता णमंसित्ता एव वयासी-एवं खल भंते ! ममं पोलासपुरस्स णयरस्स बहिया पंच कुम्भ. कारावणसया / तत्थ गं तुन्भे पाडिहारियं पीढ जाव संथारयं ओगिहित्ताणं विहरइ' / तए णं समणे भगवं महावीरे सद्दालपुत्तस्स आजीविओवासगस्स एयमलैं पडिसुणेइ, पडिसुणेत्ता सद्दालपुत्तस्स आजीविओवासगस्स पंचकुम्भ Page #1315 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1302 अंग-पविट्ट सुत्ताणि कारावणसएसु फासुएसणिज्ज पाडिहारियं पीढफलग-जाव संथारयं ओगिहि. ताणं विहरइ // 48 // तए णं से सद्दालपुत्ते आजीविओवासए * अण्णया कयाइ वायाययं कोलाल भण्डं अंतो सालाहितो बहिया णोणेइ, णोणेत्ता आयवंसि दलयइ / तए णं समणे भगवं महावीरे सहालपुत्तं आजीविओवासयं एवं बयासी- सद्दालपुत्ता! एस णं कोलालभण्डे कओ ? ' तए णं से सद्दालपुत्ते आजीविओवासए समणं भगवं महावीरं एवं वयासी-एस गं भंते ! पुटिव मट्रिया आसी, तओ पच्छा उदएणं णि (मि) गिज्जइ, 2 ता छारेण य करिसेण य एगयओ मीसिज्जइ, 2 ता चक्के आरोहिज्जइ, तओ बहवे करगा य जाव उट्टियाओ य कज्जति / तए. समणे भगवं महावीरे सद्दालपुत्तं आजीविओ. वासयं एवं वयासी-'सद्दालपुत्ता ! एस णं कोलालमण्डे कि उट्ठाणेणं जाव पुरि. सक्कारपरक्कमेणं कज्जति, उदाहु अणुटाणेणं जाव अपुरिसक्कारपरक्कमेणं कति ? तए णं से सहालपुत्ते आजीविओवासए समणं भगवं महावीरं एवं वयासी-'भंते ! अणुट्ठाणेणं जाव अपुरिसक्कारपरक्कमेणं णस्थि उट्ठाणे इ वा जाव परक्कमे इ वा, णियया सव्वभावा' // 46 // तए णं समणे भगवं महा. वीरे सद्दालपुत्तं आजीविओवासयं एवं वयासी- सद्दालपुत्ता ! जइ गं तुब्भ केइ पुरिसे वायाहयं वा पक्केल्लयं वा कोलालभण्डं अवहरेज्जा वा विविखरेज्जा वा भिदेज्जा वा अच्छिदेज्जा वा परिवेज्जा वा, अग्गिमित्ताए वा भारियाए सद्धि विउलाई भोगभोगाई भुंजमाणे विहरेज्जा, तस्स गं तुमं पुरिसस्स कि दण्डं वत्तेज्जासि ?' भंते ! अहं गं तं पुरिसं आओसेज्जा वा हणेज्जा वा बंधिज्जा वा महेज्जा वा तज्जेज्जा वा तालेज्जा वा णिच्छोडेज्जा वा णिब्भच्छेज्जा वा अकाले चेव जीवियाओ ववरोवेज्जा। सहालपुत्ता ! णो खलु तुन्म केइ पुरिसे वायाहयं वा पक्केल्लयं वा कोलालभण्डं अवहरइ वा जाव परिदृवेइ वा, अग्गिमित्ताए वा भारियाए सद्धि विउ. लाई भोगभोगाई भुंजमाणे विहरइ, णो वा तुमं तं पुरिसं आओसेज्जसि वा हणेज्जसि वा जाव अकाले चेव जीवियाओ ववरोवेज्जसि, जइ णस्थि उढाणे इ वा जाव परक्कमे इ वा णियया सव्वभावा / अहं णं तुभं केइ पुरिसे वायाहयं जाव परिटुवेइ वा, अग्गिमित्ताए वा जाव विहरइ, तुम वा तं पुरिसं आओसेसि वा जाव ववरोवेसि, तो जं वदसि णस्थि उट्ठाणे इ वा जांव णियया सव्व. Page #1316 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उवासगदसाओ अ. 7 1303 भावा तं ते मिच्छा / एत्थ णं से सद्दालपुत्ते आजीविओवासए सम्बद्ध // 50 // तए णं से सहालपुत्ते आजीविओवासए समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ, वंदित्ता णमंसित्ता एवं वयासी-'इच्छामि णं भंते ! तुम्भं अंतिए धम्मं णिसा. मेत्तए' / तए णं समणे भगवं महावीरे सहालपुत्तस्स आजीविओवासगस्स तीसे य जाव धम्म परिकहेइ / तए णं से सद्दालपुत्ते आजीविओवासए समणस्स भग. वओ महावीरस्स अंतिए धम्म सोच्चा णिसम्म हट्टतुट्ठ जाब हियए जहा आणंदो तहा गिहिधम्म पडिवज्जइ / णवरं एगा हिरण्णकोडी णिहाणपउता, एगा हिरण्णकोड़ी वडिपउत्ता, एगा हिरण्णकोडी पवित्थरपउत्ता, एगे वए दस. गोसाहस्सिएणं वएणं, जाव समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसह, वंदित्ता णमं. सित्ता जेणेव पोलासपुरे णयरे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता पोलासपुरं णयरं मज्झमझेणं जेणेव सए गिहे जेणेव अग्गिमित्ता भारिया तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता अग्गिमित्तं भारियं एवं वयासी- एवं खलु देवाणुप्पिए ! समणे भगवं महावीरे जाव समोसढे, तं गच्छाहिणं तुम समणं भगवं महावीरं वंदाहि जाव पज्जवासाहि, समणस्स भगवओ महावीरस्स अतिए पंचाणुब्वइयं सत्त. सिक्खावइयं दुवालसविहं गिहिधम्म पडिवज्जाहि' // 51 // तए णं सा अग्गि. मित्ता भारिया सद्दालपुत्तस्स समणोवासगस्स 'तहत्ति एयमढें विणएणं पडि. सुणेइ / तए णं से सद्दालपुत्ते समणोवासए कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ, सद्दावित्ता एवं वयासी-'खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! लहुकरणजुत्तजोइयं समखुरवालि. हाणसमलिहिसिंगएहिं जम्बूणयामयकलावजोत्तपइविसिटएहि रययामयघण्टसुत्तरज्जुगवरकंचणवइयणत्थापग्गहोग्गहियएहि णीलुप्पलकयामेलहिं पवरगोणजवाणएहि णाणामणिकणगघण्टियाजालपरिगयं सुजायजगजुत्तउज्जगपसत्थसुविरइयणिम्मियं पवरलक्खणोववेयं जुत्तामेव धम्मियं जाणप्पवरं उववेह, उवटवेत्ता मम एयमाणत्तियं पच्चप्पिणह' / तए णं ते कोडंबिय. पुरिसा जाव पच्चप्पिणंति // 52 // तए णं सा अग्गिनित्ता भारिया हाया जाव पायच्छित्ता सुद्धप्पावेसाइं जाव अप्पमहग्घाभरणालंकियसरीरा चेडियाचक्कवालपरिकिण्णा धम्मियं जाणप्पवरं दुरुहइ, दुरुहित्ता पोलासपुरं जयरं मज्झमज्झेणं णिग्गच्छइ, णिग्गच्छित्ता जेणेव सहस्सम्बवणे उज्जाणे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता धम्मियाओ जाणप्पवराओ पच्चोरुहइ, पच्चोरुहित्ता Page #1317 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1304 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि चेडियाचक्कवालपरिवडा जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ, उवा. गच्छित्ता तिक्खुत्तो जाव वंदइ णमंसइ, वंदित्ता गमंसित्ता पच्चासणे णाइदूरे जाव पंजलिउडा ठिइया चेव पज्जवासइ // 53 / / तए णं समणे भगवं महा. वीरे अग्गिमित्ताए तीसे य जाव धम्म कहेइ / तए णं सा अग्गिमित्ता भारिया समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए धम्म सोच्चा णिसम्म हतुवा समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ, वंदित्ता णमंसित्ता एवं व्यासी-सहामि णं भंते ! णिग्गंथं पावयणं जाव से जहेयं तुम्भे वयह, जहा ण देवाणप्पियाणं अंतिए बहवे उग्गा भोगा जाव पदवइया णो खलु अहं तहा संचाएमि देवाणु. प्पियाणं अंतिए मुण्डा भवित्ता जावं अहं णं देवाणुप्पियाणं अंतिए पंचाणध्वइयं सत्तसिक्खावइयं दुवालसविहं गिहिधम्म पडिज्जिस्सामि' / अहासुहं देवाणु. प्पिया ! मा पडिबंध करेह / तए णं सा अग्गिमित्ता भारिया समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए पंचाणुव्वइयं सत्तमिक्खावइयं दुवालसविह गिहि (सावग)धम्म पडिवज्जइ 2 ता समणं भगवं महावीरं वदइ णमंसइ वंदित्ता णमसित्ता तमेव धम्मियं जाणप्पवरं दुरुहइ, दुरुहिता जामेव दिसं पाउब्भया तामेव दिस पडिगया। तए णं समणे भगवं महावीरे अग्णया कयाइ पोलासपुराओ णयराओं सहस्संब. वणाओ उज्जाणाओ पडिणिक्खमइ, पडिणिक्ख मित्ता बहिया जणवविहार विहरइ // 54 // तए णं से सद्दालपुत्ते समणोवासए जाए अभिगयजीवाजीवे जाव विहरइ / तए णं से गोसाले मखलिपुत्ते इमोसे कहाए लद्धदठे समाणेएवं खलु सदालपुत्ते आजीवियसमयं वमित्ता समणाणं णिग्गंथाणं दिदिपडिवणे, तं गच्छामि गं सहालपुत्तं आजीविओवासयं समणाणं णिग्गंथाणं दिढेि वामेता पुणरवि आजीवियदिट्टि गेहावित्तए' तिकटु एवं संपेहेइ, संपेहिता आजीवियसंघसंपरिडे जेणेव पोलासपुरे णयरे जेणेव आजीवियसभा तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता आजीवियसभाए भण्डगणिक्खेवं करेइ, करेत्ता कइवएहिं आजीविएहि सद्धि जेणेव सद्दालपुत्ते समणोवासए तेणेव उदागच्छइ / तए णं से सहालपुत्ते समणोवासए गोसालं मखलिपुतं एज्जमाणं पासइ, पासित्ता णो आढाइ, णो परिजाणइ, अणाढायमाणे अपरिजाणमाणे तुसिीए संचि. दुइ // 55 / / तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते सद्दालपुत्तेणं समणोवासरणं अणा. ढाइज्जमाणे अपरिजाजिज्जमाणे पीढफलगसिज्जासंथारद्वयाए समणस्स भगवओ महावीरस्स गणकित्तणं करेमाणे सद्दालपुत्तं समणोवासयं एवं वयासी Page #1318 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उवासगदसाओ अ. 7 1305 'आगए णं देवाणुप्पिया ! इहं महामाहणे ?' तए णं से सद्दालपुत्ते समणो. वासए गोसालं मखलिपुत्तं एवं वयासी-'के गं देवाणुप्पिया ! महामाहणे ?' तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते सद्दालपुत्तं समणोवासयं एवं वयासी-'समणे भगवं महावीरे महामाहणे' / ' से केणठेणं देवाणुप्पिया ! एवं बच्चइ-समणे भगवं महावीरे महामाहणे ?' एवं खलु सद्दालपुत्ता | समणे भगवं महावीरे महामाहणे उप्पण्णणाणसणधरे जाव महियपूइए जाव तच्चकम्मसम्पयासंपउत्ते, से तेणठेणं देवाणुप्पिया ! एवं वुच्चइ-समणे भगवं महावीरे महामाहणे'। 'आगए णं देवाणुप्पिया! इहं महागोवे ?' 'के गं देवाणुप्पिया ! महागोवे?' 'समणे भगवं महावीरे महागोवे' 'से केणठेणं देवाणुप्पिया ! जाव महागोवे ?' 'एवं खलु देवाणुप्पिया ! समणे भगवं महावीरे संसाराडवीए बहवे जीवे णस्समाणे विणस्समाणे खज्जमाणे छिज्जमाणे भिज्जमाणे लुप्पमाणे विलुप्पमाणे धम्ममएणं दण्डेणं सारक्खमाणे संगोवेमाणे णिव्वाणमहावाडं साह. तिथ सम्पावेइ, से तेणठेणं सद्दालपुत्ता! एवं वच्चइ-समणे भगवं महावीरे महागोवे' / 'आगए णं देवाणुप्पिया ! इहं महासत्थवाहे ?' 'के गं देवाण. प्पिया ! महासत्थवाहे ?' सहालपुत्ता ! समणे भगवं महावीरे महासत्थवाहे' ' से केणठेणं (देवाणु० महासत्थवाहे) ?' 'एवं खलु देवाणुप्पिया ! ममणे भगवं महावीरे संसाराडवीए बहवे जीवे णस्समाणे विणस्समाणे जाव विलुप्प. माणे (उम्मग्गपडिवण्ण) धम्ममएणं पंथणं सारक्खमाणे निव्वाण महापट्टणाभिमहे साहत्थि संपावेइ, से तेण?णं सद्दालपुत्ता ! एवं वच्चइ-समणे भगवं महावीरे महासत्थवाहे' | 'आगए णं देवाणुप्पिया! इहं महाधम्मकही ?' के गं देवाणप्पिया ! महाधम्मकही ?' 'समणे भगवं महावीरे महाधम्मकही' ' से केणठेणं समणे भगवं महावीरे महाधम्मकही ? ' ' एवं खलु देवाणुप्पिया! समणे भगवं महावीरे महइमहालयंसि संसारंसि बहवे जीवे गस्तमाणे विणस्स. माणे खज्जमाणे छिज्जमाणे भिज्जमाणे लुप्पमाणे विलुप्पमाणे उम्मग्गपडिवणे सप्पहविप्पणठे मिच्छत्तबलाभिभूए अट्ठविहकम्मतमपडलपडिच्छण्णे बहूहिं अठेहि य जाव वागरणेहि य चाउरंताओ संसारकंताराओ साहत्थि णित्यारेइ, से तेणठेणं देवाणप्पिया ! एवं वुच्चइ-समणे भगवं महावीरे महाधम्मकही' / 'आगए गं देवाणप्पिया ! इहं महाणिज्जामए ?' से के गं Page #1319 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1306 अंग-पविट्ट सुत्ताणि देवाणुप्पिया ! महाणिज्जामए ?' 'समणे भगवं महावीरे महागिज्जामए'। से केणट्टेणं०? ' ' एवं खलु देवाणुप्पिया ! समणे भगवं महावीरे संसारमहा. समद्दे बहवे जीवे णस्समाणे विणस्समाणे जाव विलुप्पमाणे वडमाणे णिवड्माणे उप्पियमाणे धम्ममईए णावाए णिवाणतीराभिमहे साहत्थि संपावेइ, से तेणठेणं देवाणप्पिया ! एवं वच्चइ-समणे भगवं महावीरे महाणिज्जामए' // 56 // तए णं से सद्दालपुत्ते समणोवासए गोसालं मंखलिपुत्तं एवं वयासी'तुब्भे गं देवाणप्पिया! इयच्छेया जाव इयणिउणा इयणयवादी इयउवएसलद्धा इयविण्णाणपत्ता, पभू गं तुब्भे मम धम्ममायरिएणं धम्मोवएसएणं समणेणं भगवया महावीरेणं सद्धि विवादं करेत्तए ?' 'णो इणठे समठे' / ' से केणठेणं देवाणुप्पिया ! एवं वच्चइ-णो खलु पभू तुम्भे मम धम्मायरिएणं जाव महावीरेणं सद्धि विवादं करेत्तए ?' 'सहालपुत्ता ! से जहाणामए केइ पुरिसे तरुणे जुगवं जाव णिउणसिप्पोवगए एगं महं अयं वा एलयं वा सूयरं वा कुक्कुडं वा तित्तिरं वा वट्टयं वा लावयं वा कवोयं वा कविजलं वा वायसं वा सेणयं वा हत्थंसि वा पायंसि वा खुरंसि वा पुच्छंसि वा पिच्छंसि वा सिंगंसि वा विसाणंसि वा रोमंसि वा जहि-हिं गिण्हंइ तहि-तहिं णिच्चलं णिप्फंद धरेइ, एवामेव समणे भगवं महावीरे ममं बहूहि अठेहि य हेऊहि य जाव वागरणेहि य जहि हि गिण्हइ तहि तहिं णिप्पटुपसिणवागरणं करेइ, से तेण. ठेणं सद्दालपुत्ता ! एवं बच्चइ-णो खलु पभू अहं तव धम्मायरिएणं जाव महावीरेणं सद्धि विवादं करेत्तए' // 57 // तए णं से सद्दालपुत्ते समणोवासए गोसालं मंखलिपुत्तं एवं वयासी-'जम्हा णं देवाणुप्पिया ! तुब्भे मम धम्मा. यरियस्स जाव महावीरस्स संतेहि तच्चेहि तहिएहिं समाहि भावेहि गुणकित्तणं करेह तम्हा णं अहं तुन्भे पाडिहारिएणं पीढ जाव संथारएणं उवणिमंतेमि, णो चेव णं धम्मोत्ति वा तवोत्ति वा, तं गच्छह णं तुब्भे मम कुम्भारावणेसु पाडिहारियं पीढ फलग जाव ओगिण्हित्ताणं विहरह। तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते सद्दालपुत्तस्स समणोवासयस्स एयमलैं पडिसुणेइ, पडिसुणेत्ता कुम्भारावणेसु पाडिहारियं पीढ जाव ओगि. हित्ता णं विहरइ / तए णं से गोसाले मंखलिपुत्तं सदालपुत्तं समणोवासयं जाहे णो संचाएइ बहूहि आघवणाहि य पण्णवाणहि य सणवणाहि य विष्ण Page #1320 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उवासगदसाओ अ. 7 1307 घणाहि य णिग्गन्याओ पावयणाओ चालितए वा खोमित्तए वा विपरिणा. मित्तए वा तहे संते तंते परितंते पोलासपुराओ णयराओ पडिणिक्खमइ, परिणिक्खमित्ता बहिया जणवविहारं विहरइ // 58 // तए णं तस्स सहालपुत्तस्स समणोवासयस्स बहूहि सील जाव भावेमाणस्स चोद्दस संवच्छ रा वीइक्कंता, पण्णरसमस्स संवच्छरस्स अतरा वट्टमाणस्स पुव्वरत्तावरत्तकाले जाव पोसहसालाए समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं धम्मपति उवसम्प. ज्जि ताणं विहरइ / तए णं तस्स सद्दालपुत्तस्स समणोवासयस पुवरता. वरत्तकाले एगे देवे अंतियं पाउमविस्था। तए णं से देवे एगं महं णीलप्पल. जाव असि गहाय सद्दालपुत्तं समणोवासयं एवं वयासी-जहा चुलणीपियस्स तहेव देवो उवसग्गं करेइ, णवरं एक्केक्के पुत्ते णव मंससोल्लए करेइ जाव कणीयसं घाएइ, घाइत्ता जाव आयञ्चइ / तए गं से सद्दालपुत्ते समणोवासए अभीए जाव विहरइ / तए णं से देवे सद्दालपुत्तं समणोवासयं अभीयं जाव पासित्ता चउत्थंपि सद्दालपुतं समणोवासयं एवं वयासी-'हं भो सद्दालपुत्ता ! समणोवासया! अपस्थियपत्थिया जाव ण भंजसि तओ ते जा इमा अग्गिमित्ता भारिया धम्मसहाइया धम्मविइज्जिया धम्माणुरागरत्ता समसुहदुक्ख. सहाइया तं साओ गिहाओ जीणेमि, णोणेत्ता तव अग्गओ घाएमि, घाएत्ता णव मंससोल्लए करेमि, करेत्ता आदाणभरियंसि कडाहयंसि अहहेमि, अहहेत्ता तव गायं मंसेण य सोणिएण य आयंचामि, जहा णं तुमं अट्टदुहट्ट जाव ववरोविज्जसि' / तए णं से सद्दालपुत्ते समणोवासए तेणं देवेणं एवं वुत्ते समाणे अभीए जाव विहरइ / तए णं से देके सद्दालपुत्तं समणोवासयं दोच्चं-पि तच्चं. पि एवं वयासी-'हं भो सद्दालपुत्ता ! समणोवासया ! तं चेव भणइ / तए णं तस्स सहालपुत्तस्स समणोवासयस्स तेणं देवेणं दोच्च-पि तच्चं पि एवं वतस्स समाणस्स अयं अज्झथिए 4 समुप्प (ज्जित्था) णे / एवं जहा चुलणीपिया तहेव चितेइ-'जेणं मम जेठं पुत्तं, जेणं ममं मज्झिमयं पुत्तं, जेणं ममं कणीयसं पुत्तं जाव आयञ्चइ, जाऽवि य गं ममं इमा अग्गिमित्ता भारिया समसुहदुक्खसहाइया तं-पि य इच्छइ साओ गिहाओ जीणेणा मम अग्गओ घाएत्तए, तं सेयं खल ममं एयं पुरिसं गिण्हित्तए' त्ति कटु उद्धाइए जहा चुलणी. पिया तहेव सव्वं भाणियव्वं, णवरं अग्गिमित्ता भारिया कोलाहलं सुणित्ता Page #1321 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1308 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि भणइ, सेसं जहा चुलणिपिया वत्तव्वया, णवरं अरुण मूए विमाणे उववणे, जाव महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ (5) // 56 // णिक्खेवो // , . // सत्तमं अज्झयणं समत्तं // महासयए णाम अट्ठमं अज्झयणं अट्ठमस्स उक्खेवओ। एवं खलु जम्बू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे णयरे / गुणसिलए चेइए / सेणिए राया। तत्थ णं रायगिहे महासयए णामं गाहावई परिवसह, अड्ढे-जहा आणन्दो / णवरं अट्ठ हिरण्णकोडीओ सकं. साओ णिहाणपउत्ताओ, अटू हिरमणकोडीओ सकंसाओ वडिपउत्ताओ, अटू हिरण्णकोडीओ सकंसाओ पवित्थरपउत्ताओ, अट्ट वया दसगोसाहस्सिएणं वएणं / तस्स णं महासयगस्स रेवईपामोक्खाओ तेरस भारियाओ होत्था, अहीण जाव सुरूवाओ / तस्स महासयगस्स रेवईए भारियाए कोल (ह)घ. रियाओ अट्ठ हिरणकोडीओ, अट्ठ-वया दसगोसाहस्सिएणं वएणं होत्था / अवसेसाणं दुवालसण्हं भारियाणं कोलघरिया एगमेगा हिरण्णकोडी, एगमेगे य वए दसगोसाहस्सिएणं वएणं होत्था // 60 // तेषं कालेणं तेणं समएणं सामी समोसढे / परिसा णिग्गया / जहा आणन्दो तहा णिग्गच्छइ, तहेव सावय. धम्म पडिवज्जइ / णवरं अट्ठ हिरण्णकोडीओ सकंसाओ उच्चारेइ, अट्ठ वया, रेवईपामोक्खाहि तेरसहि भारियाहि अवसेस मेहविहि पच्चवखाइ, सेसं सव्वं तहेव / इमं च णं एयारूवं अभिग्गहं अभिगिण्हइ-कल्लाल्लि च णं कप्पइ मे बे दोणियाए कंसपाईए हिरण्णमरियाए संववहरित्तए / तए णं से महासयए समणोवासए जाए अभिगयजीवाजीवे जाव विहरइ, तए णं समणे भगवं महा. वीरे बहिया जणवविहारं विहरइ // 61 // तए गं तीसे रेवईए गाहावइणीए अण्णया कयाइ पुवरत्तावरत्तकालसमयंसि कुडुम्ब जाव इमेयारूवे अज्झस्थिए ४-एवं खलु अहं इमासि दुवालसण्हं सवत्तीणं विघाएणं णो संचाएमि महास. यएणं समणोवासएणं सद्धि उरालाई माणुस्सयाई भोग भोगाई भुञ्जमाणी विह. रित्तए, तं सेयं खल ममं एयाओ दुवालस-वि सवत्तियाओ अग्गिप्पओगेणं वा सत्यप्पओगेणं वा विसप्पओगेणं वा जीवियाओ ववरोवित्ता, एयासि एगमेगं हिर. पणकोडि एगमेगं वयं सयमेव उवसम्पज्जित्ता णं महासयएणं समणोवासएणं सद्धि Page #1322 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उवासगदसाओ अ.८ 1309 उरालाई जाव विहरित्तए' एवं सम्पेहेइ, संपेहित्ता तासि दुवालसण्हं सवत्तीणं अंतराणि य छिहाणि य विवराणि य पडिजागरमाणी विहरइ / तए गं सा रेवई गाहावइणी अण्णया कयाइ तासि दुवालसण्हं सवत्तीणं अंतरं जाणित्ता छ सवत्तीओ सत्थप्पओगेणं उद्दवेइ, उद्दवेत्ता छ सवत्तीओ विसप्पओगेणं उद्दवेइ उद्दवेत्ता तासि दुवालसण्हं सवत्तीणं कोलघरियं एगमेगं हिरण्णकोडिं एगमेगं वयं सयमेव पडिवज्जइ, पडिवज्जिता महासयएणं समणोवासएणं सद्धि उरालाई भोगभोगाइं भुंजमाणी विहरइ / तए णं सा रेवई गाहावइणी मंसलोलुया मंसेसु मच्छिया जाव अज्झोववण्णा बहुविहेहि मंसेहि य सोल्लेहि य तलिएहि य भज्जिएहि य सुरं च महुं च मेरगं च मज्जं च सीधुं च पसणं च आसाएमाणी. 4 विहरइ // 62 // तए णं रायगिहे गयरे अण्णया कयाइ अमाघाए घठे यावि होत्था / तएणं सा रेवई गाहावइणी मंसलोलुया मंसेसु मुच्छिया 4 कोलघरिए पुरिसे सद्दावेइ, सद्दावेत्ता एवं वयासी-'तुम्मे गं देवाणुप्पिया ! मम कोलघरिएहितो वएहितो कल्लाल्लि दुवे दुवे गोण. पोयए उद्दवेह, उद्दवेत्ता ममं उवणेह / तए ते कोलघरिया पुरिसा रेवईए गाहावइणीए तहत्ति एयम→ विणएणं पडिसुर्णेति, पडिसुणेत्ता रेवईए गाहा. वइणीए कोलघरिएहितो वएहितो कल्लाकल्लि दुवे दुवे गोणपोयए वहेंति, वहेत्ता रेवईए गाहांवइणीए उवणेति / तए णं सा रेवई गाहावइणी तेहि गोणमंसेहिं सोल्लेहि य सुरं च 6 आसाएमाणी 4 विहरइ // 63 // तए णं तस्स महासयगस्स समणोवासगस्स बहूहि सील जाव भावेमाणस्स चोद्दस संवच्छरा वइक्कंता / एवं तहेव जेट्ठ पुतं ठवेइ जाव पोसहसालाए धम्मपत्ति उवसंपज्जित्ताणं विहरइ / तए णं सा रेवई गाहावइणी मत्ता लुलिया विइण्णकेसी उत्तरिज्जयं विकडमाणी 2 जेणेव पोसहसाला जेणेव महासयए समणोवासए तेणेव उवागच्छड, उवागच्छित्ता मोहुम्मायजणणाई सिंगारियाइं इत्थि. भावाइं उवदंसेमाणी 2 महासययं समणोवासयं एवं वयासी-'हं भो महा. सयगा ! समणोवासया ! धम्मकामया पुण्णकामया सग्गकामया मोक्खकामया धम्मकंखिया 4 धम्मपिवासिया 4 किण्णं तुम्भं देवाणुप्पिया ! धम्मेण वा पुणेण वा सग्गेण वा मोक्खेण वा ? जग्णं तुम मए सद्धि उरालाइं जाव भुंजमाणे णो विहरसि ?' / तए णं से महासयए समणोवासए रेवईए गाहावइणीए Page #1323 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1310 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि एयमलैं जो आढाइ, णो परियाणाइ, अणाढायमाणे अपरियाणमाणे तुसिणीए धम्मज्झाणोवगए विहरइ / तए णं सा रेवई गाहावइणी महासययं समणोवासयं दोच्चंपि तच्चंपि एवं वयासो-'हं भो ! तं चेव भणइ, सोऽवि तहेव जाव अणाढायमाणे अपरियाणमाणे विहरइ / तए णं सा रेवई गाहावइणी महासयएणं समणोवासएणं अणाढाइज्जमाणी अपरियाणिज्जमाणी जामेव दिसि पाउन्भूया तामेव दिसि पडिगया // 64 // तए णं से महासयए समणोवासए पढमं उवासगपडिमं उवसंपज्जित्ताणं विहरइ। पढमं अहासुत्तं जाव एक्कारसऽवि / तए णं से महासयए समणोवासए तेणं उरालेणं जाव किसे धमणि. संतए जाए। तए णं तस्स महासययस्स समणोवासयस्स अण्णया कयाइ पुव्वरत्तावरत्तकाले धम्मजागरियं जागरमाणस्स अयं अज्झत्थिए 4-' एवं खलु अहं इमेणं उरालेणं जहा आणंदो तहेव अपच्छिममारणंतियसलेहणा. झूसियसरीरे भत्तपाणपडियाइक्खिए कालं अणवकंखमाणे विहरइ / तए णं तस्स महासयगस्स समणोवासगस्स सुभेणं अज्झवसाणेणं जाव खओवसमेणं ओहिणाणे समुप्पण्णे / पुरथिमेणं लवणसमुद्दे जोयणसाहस्सियं खेत्तं जाणइ पासइ, एवं दक्षिणेणं पच्चस्थिमेणं, उत्तरेणं जावं चुल्लहिमवंतं वासहरपव्वयं जाणइ पासइ, अहे इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए लोलयच्चयं णरयं चउरासीइ. वाससहस्सट्टियं जाणइ पासइ // 65 // तए णं सा रेवई गाहावइणी अण्णया कयाइ मत्ता जाव उत्तरिज्जयं विकडमाणी 2 जेणेव पोलहसाला जेणेव महा. सयए समणोवासए तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता महासययं तहेव भणइ, जाव दोच्चंपि तच्चपि एवं वयासी-'हं भो तहेव / तए णं से महासयए समणोवासए रेवईए गाहावइणीए दोच्चंपि तच्चपि एवं वृत्ते समाणे आसुरुत्ते 4 ओहिं पउंजइ, पउंजित्ता ओहिणा आभोएइ, आभएत्ता रेवई गाहावइणि एवं वयासी'हं भो रेवई ! अपत्थियपत्थिए ! 4 एवं खलु तुमं अंतो सत्तरत्तस्स अलसएणं वाहिणा अभिभया समाणी अट्टदुहवसट्टा असमाहिपत्ता कालमासे कालं किच्चा अहे इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए लोलयच्चुए णरए चउरासीइवाससहस्सटिइ. एसु णेरइएसुणेरइयत्ताए उवज्जिहिसि' / तए णं सा रेवई गाहावइणी महा. सयएणं समणोवासएणं एवं वृत्ता समाणी एवं क्यासी-' रुठे णं ममं महासयए समणोवासए, होणे णं ममं महासयए समणोवासए अवज्झाया णं अहं महा. Page #1324 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उवासगदसाओ अ.८ 1311 सयएणं समणोवासएणं, ण णज्जइ गं अहं केणवि कुमारेणं मारिज्जिस्सामि' त्तिक? भीया तत्था तसिया उम्विग्गा संजायभया सणियं 2 पच्चोसक्कइ, पच्चोसक्कित्ता जेणेव सए गिहे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता ओहय० जाव झियाइ / तए णं सा रेवई गाहावइणी अंतो सत्तरत्तस्स अलसएणं वाहिणा अभिभया अट्टदुहट्टवसट्टा कालमासे कालं किच्चा इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए लोलुयच्चए णरए चउरासीइवाससहस्सटिइएसु रइएसु णेरइयत्ताए उववण्णा // 66 // तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे, समोसरणं, जाव परिसा पडिगया। 'गोयमा'इ ! समणे भगवं महावीरे एवं वयासी-‘एवं खलु गोयमा! इहेव रायगिहे णयरे ममं अंतेवासी महासयए णामं समणोवासए पोसहसालाए अपच्छिममारणंतियसंलेहणाए झूसियसरीरे भत्तपाणपडियाइक्खिए कालं अणव. कंखमाणे विहरइ। तए णं तस्स महासयगस्स रेवई गाहावइणी मत्ता जाव विकड. माणी 2 जेणेव पोसहसाला जेणेव महासयए तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता मोहुम्माय जाव एवं वयासी-तहेव जाव दोच्चंपि तच्चपि एवं वयासीतए णं से महासयए समणोवासए रेवईए गाहावइणीए दोच्चंपि तच्चपि एवं वृत्ते समाणे आसुरुत्ते 4 ओहिं पउंजइ पउंजित्ता ओहिणा आभोएइ, आभोएत्ता रेवई गाहावईणि एवं वयासी-जाव 'उववज्जिहिसि'। णो खलु कप्पइ गोयमा! समणोवासगस्स अपच्छिम जाव झूसियसरीरस्स भत्तपाणपडियाइक्खियस्स परो संतेहिं तच्चेहि तहिहिं सम्भूएहिं अणिोहिं अकंतेहिं अप्पिएहि अमण. पुणेहि अमणामेहिं वागणेहि वागरित्तए, तं गच्छ णं देवाणुप्पिया! तुमं महा. सययं समणोवासयं एवं वयाहि-जो खल देवाणप्पिया ! कप्पइ समणोवासगस्स अपच्छिम-जाव भत्तपाणपडियाइ विखयस्स परो संतेहिं जाव वागरित्तए। तुमे य णं देवाणुप्पिया ! रेवई गाहावइणी संतेहिं 4 अणिठेहिं 5 वागरणेहि वागरिया, तं गं तुमं एयस्स ठाणस्स आलोएहि जाव जहारिहं च पायच्छित्तं पडिवज्जाहि / तए णं से भगवं गोयमे समणस्स भगवओ महावीरस्स तह त्ति एयम→ विणएणं पडिसुणेइ, पडिसुणेत्ता तओ पडिणिक्खमइ, पडिणिक्ख. मित्ता रायगिह णयरं मज्झंमज्झेणं अणुप्पविसइ, अणपविसित्ता जेणेव महासय. गस्स समणोवासयस्स गिहे जेणेव महासयए समणोवासए तेणेव उवागच्छइ / तए णं से महासयए समणोवासए भगवं गोयमं एज्जमाणं पासइ, पासित्ता हटु जाव हियए भगवं गोयमं वंदइ णमंसइ / तए णं से भगवं गोयमे महासययं Page #1325 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1312 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि समणोवासयं एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! समणे भगवं महावीरे एवमाइक्ख इ भासइ पण्णवेइ परूवेइ-णो खल कप्पइ देवाणुप्पिया ! समणो. वासगस्स अपच्छिम जाव वागरित्तए, तुमे णं देवाणुप्पिया! रेवई गाहावइणी संतेहि जाव वागरिया, तं गं तुमं देवाण प्पिया! एयरस ठाणस्स आलोएहि जाव पडिवज्जाहि' / तए णं से महासयए समणोवासए भगवओ गोयमस्स 'तह' त्ति एयमठें विणएणं पडिसुणेइ, पडिसुणेत्ता तस्स ठाणस्स आलोएइ जाव अहारिहं च पायच्छित्तं पडिवज्जइ / तए गं से भगवं गोयमे महासयगस्स समणोवासयस्स अंतियाओ पडिणिक्खमइ, पडिणिक्खमित्ता रायगिह णयरं मज्झमझेणं णिग्गच्छइ, णिग्गच्छित्ता जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ, वंदिता णमंसित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं मावेमाणे विहरइ / तए णं समणे भगवं महावीरे अण्णया कयाइ रायगिहाओ णयराओ पडिणिक्ख मइ, पडिणिक्खमित्ता बहिया जणवयविहारं विहरइ // 67 // तए णं से महासयए समणोवासए बहूहिं सील-जाव भावेत्ता वीसं वासाई समणोवासयपरियायं पाउणित्ता एक्कारस उवासगपडिमाओ सम्मं कारणं फासित्ता मासियाए संलेहणाए अप्पाणं झूसित्ता सद्धि भत्ताई अणसणाए छेदेत्ता आलोइयपडिक्कते समाहिपत्ते कालमासे कालं किच्चा सोहम्मे कप्पे अरुणडिसए विमाणे देवत्ताए उववण्णे / चत्तारि पलि. ओवमाई ठिई / महाविदेहेवासे सिज्झिहिइ // 68 // णिक्खेवो // / अट्ठमं अज्झयणं समत्तं / / णंदिणीपिया णामं णवमं अज्झयणं णवमस्स उक्खेवो / एवं खलु जम्बू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं सावत्थी णयरी / कोट्ठए चेइए जियसन्त राया। तत्थ णं सावत्थीए णयरीए णंदिणी. पिया णाम गाहावई परिवसइ, अड्ढे। चत्तारि हिरण्णकोडोओ णिहाणपुउत्ताओ, चत्तारि हिरण्णकोडीओ वृड्डिपउत्ताओ, चत्तारि हिरण्णकोडीओ पवित्थर. पउत्ताओ, चत्तारि वया दसगोसाहस्सिएणं वएणं / अस्सिणी भारिया / सामी समोसढे / जहा आणंदो तहेव गिहिधम्म पडिवज्जइ / सामी ब्रहिया विहरइ / Page #1326 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उवासगदसाओ अ. 10 1313 तए णं से गंदिणीपिया समणोवासए जाए जावविहरइ / तए गं तस्स गंदिणीपियस्स समणोकसयस्स बहूहि सीलव्वयगुण० जाव भावेमाणस्स चोद्दस संवच्छ राइं वइक्कंताई। तहेव जेठं पुत्तं ठवेइ, धम्मपत्ति , वीसं वासाई परियांगं, णाणत्तं अरुणगवे विमाणे उववाओ। महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ // 66 // णिक्खेवो ॥णवमं अज्झयणं समत्तं / / सालिहीपिया णामं दसमं अज्झयणं दसमस्स उखेवो / एवं खल जम्ब ! तेणं कालेणं तेणं समएणं सावत्थी गयरी / कोट्ठए चेइए / जियसत्तू राया। तत्थ गं सावत्थीए णयरीए सालिहीपिया णाम गाहावई परिवसइ। अड्ढे दित्ते / चत्तारि हिरण्णकोडीओ णिहाणपउत्ताओ, चत्तारि हिरण्णकोडीओ व ड्रिप उत्ताओ, चत्तारि हिरणकोडीओ पवित्थरपउत्ताओ। चत्तारि वया दसगोसाहस्सिएणं वएणं / फग्गणी भारिया। सामी समोसढे। जहा आणंदो तहेव गिहिधम्म पडिवज्जइ, जहा कामदेवो तहा जेठं पुत्तं ठवेत्ता पोसहसालाए समणस्स भगवओ महावीरस्स धम्मपत्ति उवसम्पज्जित्तागं विहरइ / णवरं णिरुवसग्गाओ एक्कारस-वि उवासगपडिमाओ तहेव भाणियवाओ। एवं कामदेवगमेणं णेयव्वं जाव सोहम्मे कप्पे अरुणकीले विमाणे देवत्ताए उववण्णे / चत्तारि पलिओवमाई ठिई, महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ // 70 // दसमं अज्झयणं समत्तं / / दसण्ह वि पणरसमे संवच्छरे वट्टमाणाणं चिता / दसह-वि वीसं वासाई समणोवासयपरियाओ। एवं खलु जम्बू! समणेणं जाव सम्पत्तेणं सत्तमस्स अंगस्स उवासगदसाणं अयमढे पण्णत्ते // 71 // उवासगदसाओ समत्ताओ। उवासगदसाणं सत्तमस्स अंगस्स एगो सुयखंधो दस अज्झयणा एक्कसरगा दससु चेव दिवसेसु उद्दिस्सिज्जति तओ सुयखंधो समुद्दिस्सिज्जइ अणुण्णविज्जइ दोसु दिवसेसु अंगं तहेव // // उवासगदसाओ समत्ताओ। Page #1327 -------------------------------------------------------------------------- _ Page #1328 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंतगडदसाओ पढमो वग्गो-पढमं अज्झयणं तेणं कालेगं तेणं समएणं चंपा णामं गयरी हो० व०, तत्थ गं चं० 0 उ० दि० ए० पुण्णभद्दे णा० चेइए हो० वण्णओ, ती० चं० 10 को० णा० रा. हो० म० हि० व०, तेणं कालेणं तेणं समएणं अज्जसुहम्मे थेरे जाव पं० अ० स० सं० पु० च० गा० दु० सु० वि० जे० चं० 10 जे० पु० चेते. समोसरिए परिसा जिग्गया जाव पडिगया। तेणं कालेणं तेणं समएणं भज्ज. सुहम्मस्स अंतेवासी अज्ज. जंबू जाव पज्जवासमाणे एवं वयासी-जइ णं भंते ! समणेणं भ० म० आइगरेणं जाव संपत्तेणं सत्तमस्स अंगस्स उवासगदसाणं अय. मठे पण्णत्ते अट्ठमस्स गं भंते ! अंगस्स अंतगडदसाणं समणेणं जाव संपत्तेणं के अट्ठे पण्णत्ते ? एवं खल जंबू / समणेणं जाव संपत्तेणं अट्ठमस्स अंगस्स अंतगडदसाणं अट्ठ वग्गा, पण्णत्ता, जइ णं भंते ! समणेणं जाव संपत्तेणं अट्ठ. मस्स अंगस्स अंतगडदसाणं अट्ठ वग्गा पण्णत्ता, पढमस्स गं भंते ! वग्गस्स अंतगडदसाणं समणेणं जाव संपत्तेणं कइ अज्झयणा पण्णता? एवं खलु जंबू ! समणेणं जाव संपत्तेणं अट्ठमस्स अंगस्स अंतगडदसाणं पढमस्स वग्गस्स दस अज्झयणा पण्णत्ता, तं०-'गोयम-समुद्द-सागर-गंभीरे चेव होइ थिमिए य / अयले कंपिल्ले खलु अक्खोभ-पसेणई विहू // 1 // ' जइ गं भंते ! समणेणं जाव संपत्तेणं अट्टमस्स अंगस्स अंतगडदसाणं पढमस्स वग्गस्स दस अज्झयणा पण्णत्ता (तं. गो० जाव वि०) पढमस्स गं भंते ! अज्झयणस्स अंतगडदसाणं समणेणं जाव संपत्तेणं के अट्ठे पण्णत्ते ? एवं खल जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं बारवई पामं गयरी होत्था, दुवालसजोयणायामा णवजोयणविस्थिण्णा धणवइमइणिम्मया चामीकरपागारा णाणामणिपंचवण्णकविसीसगपरिमंडिया Page #1329 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1316 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि सुरम्मा अलकापुरिसंकासा पमुदियपक्कीलिया पच्चक्खं देवलोग मया पासाईया 4, तीसे गं बारवईयरीए बहिया उत्तरपुरस्थिमे दिसीमाए एत्थ णं रेवयए णामं पवए होत्था तत्थ णं रेवयए पव्वए गंदणवणे णामं उज्जाणे होत्था वण्णओ, सुरप्पिए णामं जक्खाययणे होत्था, पोराणे सेणं एगेणं वणसंडेणं असोगवरपायवे, तत्थ णं बारवईए णयरीए कण्हे णामं वासुदेवे राया परिवसइ महया० रायवणओ, से णं तत्थ समुद्दविजयपामोक्खाणं दसण्हं दसाराणं बल. देवपामोक्खाणं पंचाहं महावीराणं पज्जण्णपामोक्खाणं अट्ठाणं कुमारकोडीणं संबपामोक्खाणं सट्ठीए दुइंतसाहस्सीणं महासेणपामोक्खाणं छप्पण्णाए बलबागसाहस्सीणं वीरसेणपामोक्खाणं एगवीसाए वीरसाहस्सीणं उग्गसेणपामोक्खाणं सोलसण्हं रायसाहस्सीणं रुप्पिणीपामोक्खाणं सोलसण्हं देवीसाहस्सीणं अणंगसेणा पामोक्खाणं अणेगाणं गणिया साहस्सीणं असि च बहूणं ईसर जाव सस्थवाहाणं बारवईए णयरीए अद्धभरहस्स य समंतस्त आहेवच्चं जाव विहरइ, तत्थ गं बारवईए णयरीए अंधगवाही णामं राया परिवसइ महया० रायवण्णओ। तस्स णं अंधगहिस्स रण्णो धारिणी णामं देवी होत्या वण्णओ। तए गं सा धारिणी देवी अण्णया कयाई तंति तारिसगंसि सय. णिज्जसि (एवं) जहा महब्बले 'सुमिणहसणकहणा जम्म बालतणं कलाओ य। जोवणपाणिग्गहणं (कंता) कण्णा पासायभोगा य // 1 // ' णवरं गोयमो णामेणं अटूण्हं रायवरकण्णाणं एगदिवसेणं पाणि व्हावेंति अटूओ दाओ, तेणं कालेणं तेणं समएणं अरहा अरिद्वणेमी आदिकरे जाव विहरइ चउन्विहा देवा आगया कण्हेवि गिग्गए, तए गं तस्स गोयमस्स कुमारस्स 0 जहा मेहे तहा णिग्गए धम्म सोच्चा (णि० ) जं णवरं देवाणुप्पिया ! अम्मापियरो आपुच्छामि देवाणुप्पियाणं० एवं जहा मेहे जाव अणगारे जाए इरिया समिए जाव इणमेव णिग्गंथं पावयणं पुरओ काउं विहरइ, तए णं से गोयमे अ० अण्णया कयाई अरहओ अरिटणेमिस्स तहारूवाणं थेराणं अंतिए सामा. इयमाइयाई एक्कारस अंगाई अहिज्जइ 2 ता बहूहि चउत्थ जाव भावेमाणे विहरइ, तएणं (ते) अरहा अरिटणेमी अण्णया कयाई बारवईओणयरीओ गंदणवणाओ उ० पडिमिक्खमइ (2 ता) बहिया जणवयविहारं विहरइ, तए णं से गोयमे अणगारे अण्णया कयाइं जेणेव अरहा अरिटणेमी तेणेव उवा. Page #1330 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंतगडदसाओ व. 2-3 1317 गच्छइ. 2 ता अरहं अरिट्ठमि तिक्खत्तो आयाहिणपयाहिणं करेइ 2 ता वंदइ णमंसइ वं० 2 ता एवं वयासी-इच्छामि गं मंते ! तुहिं अन्भणण्णाए समाणे मासियं भिक्खुपडिमं उवसंपज्जिताणं विहरित्तए, एवं जहा खंदओ तहा बारस भिक्खुपडिमाओ फासेइ० गुणरयणंपि तवोकम्मं तहेव फासेइ गिरव. सेसं जहा खंदओ तहा चितेइ तहा आपुच्छइ तहा थेरेहि सद्धि सेतुंज दुरूहइ मासियाए संलेहणाए बारस वरिसाइं परियाए जाव सिद्धे (5) // 1 // एवं खल जंबू ! समणेणं जाव संपत्तेणं अट्ठमस्स अंगस्स अंतगडदसाणं पढमस्स वग्गस्स पढमस्स अज्झयणस्स अयमठे पण्णत्ते। एवं जहा गोयमो तहा सेसा वही पिया धारिणी माया समुद्दे सागरे गंभीरे थिमिए अयले कंपिल्ले अक्खोभे पसेणई विण्हू एए एगगमा, पढमो वग्गो समतो // 2 // दोच्चो वग्गो जइ दोच्चस्स वग्गस्स० उखेवओ, तेणं कालेणं तेगं समएणं बारवईए णयरीए वही पिया धारिणी माया-अक्खोमसागरे खलु समुद्दहिमवंत अ(य)चलणामे य / धरणे य पूरणे वि य अमिचंदे चेव अट्ठमए // 1 // जहा पढमे वग्गे तहा सव्वे अट्ट अज्झयणा, गणरयणं तवोकम्म, सोलस वासाई परियाओ, . सेत्तुंजे मासियाए संलेहणाए जाव सिद्धा० // 3 // तच्चो वग्गो . जइ तच्चस्स० उक्खेवओ एवं खलु जंबू ! (स० जाव सं० अ० अं०) तच्चस्स वग्गस्स अंतगडदसाणं तेरस अज्झयणा पण्णत्ता, तं० अणीयसेणे अणंतसेणे अजियसेणे अणिहयरिउ देवसेणे सतुसेणे सारणे गए सुमहे दुम्महे कूवए दारुए अणादिट्ठी / जइ गं भंते ! समणेणं जाव संपत्तेणं. तच्चस्स वग्गस्स अंतगडदसाणं तेरस अज्झयणा प० (तं० अ० जाव अ०) तच्चस्स गं भंते ! वग्गस्स पढम-अज्झयणस्स अंतगडदसाणं० के अरे प. ? एवं खल जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं भद्दिलपुरे णामं णयरे होत्था (रि०) वण्णओ, तस्स गं भहिलपुरस्स ण. उत्तरपुरस्थिमे दिसी. भाए सिरिवणे णामं उज्जाणे होत्था वण्णओ, जियसत्तू राया, तत्थ णं भद्दिल. Page #1331 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1318 अंग-पविट्ट सुत्ताणि पुरे णयरे णागे णामं गाहावई होत्था अड्ढे जाव अपरिभूए, तस्स णं णागस्स गाहावइस्स सुलसा णामं मारिया होत्था सुकुमाला जाव सुरुवा, तस्स णं णागस्स गाहावइस्स पुत्ते सुलसाए भारियाए अत्तए अणीयसे णामं कुमारे होत्था सूमाले जाव सुरूवे पंचधाइपरिक्खित्ते तं०-खीरधाई [0] जहा दढपइण्णे जाव गिरि० सुहसुहेणं परिवडइ, तए णं अणियसं कुमारं साइरेगअटुवासजायं अम्मापियरो कलायरिय० जाव भोगसमत्थे जाए यावि होत्या, तए णं तं अणीयसं कुमारं उम्मक्कबालभावं जाणेत्ता अम्मापियरो सरिसियाणं जाव बत्तीसाए इन्भ. . वरकण्णगाणं एगदिवसे पाणि गेण्हावेंति, तए णं से णागे गाहावई अणीयसस्स कुमारस्स इमं एयारूवं पीइदाणं दलयइ तं०-बत्तीसं हिरण्णकोडीओ० जहा महाबलस्स जाव उप्पि पासायवरगए फट्ट० विहरइ, तेणं कालेणं तेणं समएणं अरहा अरिद्वणेमी जाव समोसढे सिरिवणे उज्जाणे अहा जाव विहरइ परिसा णिग्गया, तए णं तस्स अणीयसस्स कु० तं (म०) जहा गोयमे तहा णवरं सामाइयमाइयाई चोद्दस-पुवाई अहिज्जइ वीसं वासाइं परियाओ सेसं तहेव जाव सेत्तुंजे पवए मासियाए संलेहणाए जाव, सिद्धे (5) / एवं खलु जंबू ! समणेणं. अट्ठमस्स अंगस्स अतगडदसाणं तच्चस्स वग्गस्स पढम-अज्झयणस्स अयमठे पण्णत्ते, एवं जहा अणीयसे एवं सेसा-वि अणंतसेणे जाव सत्त. सेणे छ-अज्झयणा एगगमा बत्तीसओ दाओ वीसं वासा परियाओ चोदस पु० सेत्तुंजे जाव सिद्धा // छ?मज्झयणं समतं // 4 // (ज० 0 भ० उ० स०) तेणं कालेणं तेणं समएणं बारवईए णयरीए जहा पढमे णवरं वसुदेवे राया धारिणी देवी सीहो सुमिणे सारणे कुमारे पण्णासओ दाओ चोद्दस पुव्वा वीसं वासा परियाओ सेसं जहा गोयमस्स जाव सेतुंजे सिद्धे // 5 // जइ० उक्खेवओ अटुमस्स एवं खल जंब ! तेणं कालेणं तेणं समएणं बारवईए णयरीए जहा पढमे जाव अरहा अरिटणेमी सामी समोसढे / तेणं कालेणं तेगं समएणं अरहओ अरिट्ठणेमिस्स अंतेवासी छ अणगारा भायरो सहोदरा होत्था सरिसया सरित्तया सरिव्वया णीलप्पलगवलगुलियअयसिकुसुमप्पगासा सिरिव. च्छंकियवच्छा कुसुमकुंडलभद्दलया जलकुब्बरसमाणा, तए गं ते छ अण. गारा जं चेव दिवसं मुंडा भवेत्ता अगाराओ अणगांरियं पव्वइया तं चेव दिवसं अरहं अरिद्वमि वंदति णमंसंति वं० 2 ता एवं वयासी-इच्छामो गं Page #1332 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंतगडदसाओ व. 3 अ.८ 13 19 मंते ! तुहि अब्मणुण्णाया समाणा जावज्जीवाए छठें छठेणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं संजमेणं तवसा अप्पाणं भावमाणा विहरित्तए। अहासुहं देवाणुप्पिया! मा पडिबंधं करेह। तए गं ते छ अणगारा अरहया अरिटणेमिणा अब्भणुण्णाया समाणा जावज्जीवाए छठंछठेणं जाव विहरंति / तए णं ते छ अणगारा अण्णया कयाई छट्ठक्खमणपारणयंसि पढमाए पोरिसीए सज्झायं करेंति जहा गोयमो जाव इच्छामो णं भंते ! छटुक्खमणस्स पारणए तुहि अन्मणः ण्णाया समाणा तिहि संघाडएहिं बारवईए णयरीए जाव अडित्तए ? अहा सुहं देवाणुप्पिया! मा पडिबंधं करेह / तए णं छ अणगारा अरहया अरिटणेमिणा अन्मणुण्णाया समाणा अरहं अरिट्ठमि वंदंति णमंसंति वं० 2 ता अरहओ अरिदणेमिस्स अंतियाओ सहस्संबवणाओ० पडिणिक्खमंति 2 ता तिहि संघाडएहि अतुरियं जाव अडंति / तत्थ गं एगे संघाडए बारवईए णयरीए उच्च. णीयमज्झिमाइं कुलाई घरसमुदाणस्स भिक्खायरियाए अडमाणे वसुदेवस्स रण्णो देवईए देवीए गेहे अणपविठे / तए णं सा देवई देवी ते अणगारे एज्जमाणे पासइ पासित्ता हट्ट जाव हियया आसणाओ अन्मठेइ 2 त्ता सत्तटुपयाई ( अ० 2 ता ) तिक्ख तो आयाहिणपयाहिणं करेइ 2 ता वंदइ णमंसइ वं० 2 त्ता जेणेव भत्तधरे तेणेव उवागच्छइ 2 ता सीहकेसराणं मोय. गाणं थालं भरेइ ते. अणगारे पडिलाभेइ 0 वंदद णमंसइ वं० 2 ता पडि. विसज्जेइ, तयाणंतरं च दोच्चं संघाडए बारवईए (ण०) उच्च० जाव पडिविसज्जेइ / तयाणंतरं च गं तच्चे संघाडए बारवईए णयरीए उच्च जाव पडिलाभेइ 2 ता एवं वयासी-किणं देवाणप्पिया ! कण्हस्स वासुदेवस्स इमीसे बारवईए णयरीए दु० णवजोयण० पच्चक्खदेवलोगमयाए समणा णिगंथा उच्च जाव अडमाणा भत्तपाणं णो लभंति ? जग्णं ताई चेव कुलाई भत्तपाणाए भज्जो 2 अणुप्पविसंति ? तए णं ते अणगारा देवई देवि एवं वयासी-णो खलु देवा० ! कण्हस्स वासुदेवस्स इमोसे बारवईए णयरीए जाव देवलोगभूयाए समणा णिग्गंथा उच्च जाव अडमाणा भत्तपाणं णो लभंति णो चेव गं ताई. ताई कुलाई दोच्चंपि तच्चंपि भत्तपाणाए अणुप्पविसंति। एवं खलु देवाणुप्पिए! अम्हे भद्दिलपुरे णयरे णागस्स गाहावइस्स पुत्ता सुलसाए भारियाए अतया छ भायरो सहोदरा सरिसया० जाव जलकुम्बरसमाणा अरहओ अरि?णेमिस्स Page #1333 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1320 अंग-पविटु सुत्ताणि अंतिए धम्म सोच्चा-संसारभउदिवगा भीया जम्मणमरणाणं मुंडा जाव पव्व. इया, तए णं अम्हे जं चेव दिवसं पच्वइया तं चेव दिवसं अरहं अरिटुणेमि वंदामो णमंसामो वं० 2 ता इमं एयारूवं अभिग्गहं अभिगेहामो-इच्छामो गं भंते ! तुम्भेहि अन्मणुण्णाया समाणा जाव अहासुहं०। तए णं अम्हे अरहओ अ० अब्भणण्णाया समाणा जावज्जीवाए छठंछठेणं जाव विहरामो, तं अम्हे अज्ज छ?क्खमणपारणयंसि पढमाए पोरिसीए जाव अडमाणा तव गेहं अणुप्पविद्धा, तं णो खल देवाणप्पिए ! ते चेव णं अम्हे, अम्हे णं अण्णे देवई देवि एवं वदंति २त्ता जामेव दिसं पाउन्भया तामेव दिसं पडिगया। तए णं तीसे देवईए देवीए अयमेयारूवे , अज्झस्थिए 4 समुप्पण्णे, एवं खलु अहं पोलासपुरे णयरे अइमत्तेणं कुमारसमणेणं बालत्तणे वागरिया तुमणं देवाणप्पिए ! अट्ठ पुत्ते पयाइस्ससि सरिसए जाव णलकुब्बरसमाणे णो चेव णं भरहे वासे अण्णाओ अम्मयाओ तारिसए पुत्ते पयाइस्संति तं णं मिच्छा, इमं गं पच्चक्खमेव दिस्सइ भरहे वासे अण्णाओवि अम्मयाओ खल एरिसए जाव पुत्ते पयायाओ, तं गच्छामि णं अरहं अरिटणेमि वंदामि ण. बं० 2 ता इमं च गं एयारूवं वागरणं पुच्छिस्सामि तिकटु एवं संपेहेइ 2 ता कोडंबियपुरिसा सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-लहुकरणजाणप्पवरं जाव उवट्ठवेंति, जहा देवा. गंदाजाव पज्जवासइ / तए णं अरहा अरिटणेमी देवई देवि एवं वयासी-से णणं तव देवई ! इमे छ अणगारे पासेत्ता अयमेयारूवे अज्झथिए० एवं खल अहं पोलासपुरे जयरे अइमत्तेणं तं चेव जाव जिग्गच्छसि 2 ता जेणेव ममं अंतियं हव्वमागया से णणं देवई ! अद्वै समठे ? हंता अस्थि / एवं खल देवाणुप्पिए ! तेणं कालेणं तेणं समएणं भद्दिलपुरे णयरे णागे णाम गाहावई परिवसह अड्ढे० तस्स गं णागस्स गाहावइस्स सुलसा णामं भारिया होत्था, सा सुलसा गाहावइणी बालत्तणे चेव णिमित्तिए वागरिया-एस णं दारिगा णि भविस्सइ, तएणं सा सुलसा बालप्पभिई चेव हरिणगमेसी देव भत्ता यावि होत्था, हरिण. गमेसिस्स पडिमं करेइ 2 ता कल्लाकल्लि व्हाया जाव पायच्छित्ता उल्लपड. साडया महरिहं पुप्फच्चणं करेइ 2 ताजाण पायपडिया पणामं करेइ, तओ पच्छा आहारेइ वा णीहारेइ वा (वरइ वा) / तए णं तीसे सुलसाए गाहावइणोए भत्तिबहुमाणसुस्साए हरिणेगमेसीदेवे आराहिए यावि होत्था / तए णं से हरि. Page #1334 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंतगडदसाओ व. 3 1321 गमेसी देवे सुलसाए गाहावइणीए अणुकंपणट्टयाए सुलसं गाहावइणि तुमं च गं दो.वि समउउयाओ करेइ, नए गं तुब्भे दो वि सममेव गन्भे गिण्हह सममेव गन्भे परिवहह सममेव दारए पयायह / तए णं सा सुलसा गाहा. वइणी विणिहायमावणे दारए पयायइ, तए णं से हरिणेगमेसी देवे सुलसाए अणुकपणट्ठाए विणिहायमावण्णए दारए करयलसंपुडेणं गेण्हइ 2 ता तव अंतियं साहरइ तं समयं च णं तुमंपि णवण्हं मासाणं० सुकुमालदारए पसवसि, जेवि य णं देवाणप्पिए ! तव पुत्ता तेवि य तव अंतियाओ करयलसंपुडेणं गेण्हइ 2 ता सुलसाए गाहावइणीए अंतिए साहरइ, तं तव चेव णं देवई ! एए पुत्ता णो चेव सुलसाए गाहावड़णीए, तए णं सा देवई देवी अरहओ अरिट्रणे मिस्स अंतिए एयमट्ठं सोच्चा णिसम्म हट्टतुटू जाव हियया अरहं अरिटमि वंदइ णमंसह वं० 2 ता जेणेव ते छ अणगारा तेणेव उवा. गच्छइ 2 ता ते छप्पि अणगारा वंदइ णमंसइ वं० 2 ता आगयपण्णहुया पप्पुयलोयणा कंचयपडिक्खित्तया दरियवलयबाहा धाराहयकलंबपुप्फगंविव समूससियरोमकूवा ते छप्पि अणगारे अणिमिसाए विट्ठीए पेहमाणी 2 सुचिरं णिरिक्खइ 2 ता वंदइ णमंसइ वं० 2 ता जेणेव अरिहा अरिटणेमी तेणेव उवागच्छइ 2 ता अरहं अरिट्ठणेमि तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणं करेइ 2 ता वंदइ णमंसह वं० 2 त्ता तमेव धम्मियं जाणं दुरुहइ 2 ता जेणेव बारवई णयरी तेणेव उवागच्छइ 2 ता बारवई णरि अणुप्पविसइ 2 ता जेणेव सए गिहे जेणेव बाहिरिया उवटाणसाला तेणेव उवागच्छइ 2 ता धम्मियाओ जाणप्पवराओ पच्चोरुहइ 2 त्ता जेणेव सए वासघरे जेणव सए सणिज्जे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता सयंसि सयणिज्जसि णिसीयइ, तए णं तीसे देवईए देवीए अयं अज्झथिए 4 समप्पण्णे-एवं खलु अहं सरिसए जाव णल. कुब्बरसमाणे सत्त पुत्ते पयाया, णो चेव णं मए एगस्स वि बालत्तणए समु. भए, एस वि य णं कण्हे वासुदेवे छण्हं छह मासाणं ममं अंतियं पायवंदए हव्वमागच्छइ, तं धण्णाओ णं ताओ अम्माओ जासि मण्णे णियगकुच्छिसंभूयाई थणदुखलुद्धयाई महुरसमुल्लावयाई मंमणपपियाइं थणमूलकक्खदेस. भागे अभिसरमाणाई मुद्धयाई पुणो य कोमलकमलोवमेहि हत्थेहि गिहिऊण उच्छंगि णिवेसियाई देति समल्लावए सुमहुरे पुणो 2 मंजुलप्पमणिए Page #1335 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1322 अंग-पविटु सुत्ताणि अहं णं अधण्णा अपुण्णा अकयपुण्णा एत्तो एगयरमपि ण पत्ता, ओहय० जाव झियायइ / इमं च णं कण्हे वासुदेवे हाए जाव विभसिए देवईए देवीए पायवंदए हब्वमागच्छइ. तए णं से कण्हे वासुदेवे देवई देवि पासइ 2 ता देवईए देवीए पायग्गहणं करेइ 2 ता देवई देवीं एवं वयासी-अण्णया णं अम्मो ! तुम ममं पासेत्ता 10 जाव भवह, किण्णं अम्मो! अज्ज तुब्भे ओहय० जाव झिया यह ? तए णं सा देवई देवी कण्हं वासुदेवं एवं वयासी-एवं खलु अहं पुत्ता! सरिसए जाव समाणे सत्त पुत्ते पयाया णो चेव णं मए एगस्स-वि बालत्तणे अणभए तुम-पि य णं पुत्ता ! छण्हं 2 मासाणं ममं अतयं पायदए हव्वमागच्छसि तं धण्णाओ पं ताओ अम्मयाओ जाव झियामि, तए णं से कण्हे वासुदेवे देवई देवि एवं वयासी-मा गं तन्मे अम्मो ! ओहय जाव झियायह अहण्णं तहा घत्तिस्सामि जहा णं ममं सहोदरे कणीयसे भाउए भविस्मईतिकटट देवई देवि ताहि इट्राहि (कं० जाव) वग्गाह समासासेइ (2) तओ पडिणिवखम 2 ता जेणेव पोसहसाला तेणेव उवागच्छइ 2 ता जहा अभओ णवरं हरिणेगमेसिस्स अट्ठमभत्तं पगेण्हइ जाव अंजलि कट्ट एवं वयासीइच्छामि गं देवाणप्पिया ! सहोदरं कणीयसं भाउयं विदिण्णं, तए णं से हरिणेगमेसी देवे कण्हं वासुदेवं एवं वयासी-होहिइ णं देवाणुप्पिया ! तव देव. लोयचए सहोदरे कणीयसे भाउए से णं उम्मक्क० जाव अणप्पत्ते अरहओ अरिट्रमिस्स अंतियं मुंडे जाव पवइस्सह, कण्हं वासुदेवं दोच्चपि तच्चपि एवं वदइ 2 ता जामेव दिसं पाउब्भए तामेव दिसं पडिगए / तए णं से कण्हे वासुदेवे पोसहमालाओ पडिणि जेणेव देवई देवी तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता देवईए देवीए पायग्गहणं करेइ 2 ता एवं वयासी-होहिइ णं अम्मो! ममं सहोयरे कणीयसे भाउए तिकट्ट देवई देवि ताहि इटाहि जाव आसासेइ 2 ता जामेव दिसं पाउडभए तामेव दिसं पडिगए / तए णं सा देवई देवी अण्णया कयाई तसि तारिमगंसि जाव सीहं सुमिणे पासेत्ता पडिबुद्धा जाव पाढया हट्टतुट्ठ हियया (तं ग० सु०) परिवहइ, तए णं सा देवई देवी णवण्हं मासाणं जासुमणारत्त बंधजीवयलक्खारससरसपारिजातकतरुणदिवायरसमप्पमं सव्वणयणकंतं सूक माल जाव सुरूवं गयतालयसमाणं दारयं पयाया जम्मणं जहा मेहकुमारे जाव जम्हा णं अम्हं इमे दारए गयतालुसमाणे तं होउ णं अम्ह एयस्स दारगस्स Page #1336 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंतगडदसाओ व. 3 1323 णामधेज्जे गयसुकुमाले 2, तए गं तस्स दारगस्स अम्मापियरे णामं करेंति गयसुकुमालेत्ति सेसं जहा मेहे जाव अलं भोगसमत्थे जाए यावि होत्था / तत्थ णं बारवईए णयरीए सोमिले णामं माहणे परिवसइ अड्ढे रिउन्वेय जाव सुपरिणिट्टिए यावि होत्था, तस्स सोमिलमाहणस्स सोमसिरी णामं माहणी होत्था, सूमाल०, तस्स णं सोमिलस्स मा० धूया सोमसिरीए माहणीए अत्तया सोमा णामं दारिया होत्था सुकुमाला जाव सुरूवा रूवेणं जाव लावणेणं उक्किट्ठा उक्किटुसरीरा यावि होत्था। तए गं सा सोमा दारिया अण्णया कयाइ व्हाया जाव विभसिया बहूहिं खुज्जाहिं जाव परिक्खित्ता सयाओ गिहाओ पडिणिक्खमइ 2 ता जेणेव रायमग्गे तेणेव उवागच्छइ 2 ता रायमग्गंसि कणतिदूसएणं कोलमाणी 2 चिट्ठइ / तेणं कालेणं तेणं समए अरहा अरिटणेमी समोसढे परिसा णिग्गया। तए णं से कण्हे वासुदेवे इमोसे कहाए लद्धठे समाणे हाए जाव विभूसिए गयसुकुमालेणं कुमारेणं सद्धि हस्थिखंध. वरगए सकोरंटमल्लदामेणं छत्तणं धरेज्जमाणेणं से य वरचामराहि उद्धव्व. माणीहि बारवईए गयरीए मज्झंमज्झेणं अरहओ अरिटणेमिस्स पायवंदए णिग्गच्छमाणे सोमं दारियं पासइ 2 ता सोमाए दारियाए रूवेण य जोव्वणण य लावणेण य जाव विम्हिए। तए णं से कण्हे. कोडंबियपूरिसे सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-गच्छह गं तुब्भे-देवाणप्पिया ! सोमिलं माहणं जायित्ता सोमं दारियं गेहह 2 ता कण्णंतेउरसि पक्खिवह, तए णं एसा गयसुकुमालस्स कुमारस्स भारिया भविस्सइ / तए णं कोडंबिय जाव पक्खिवंति, तए णं से कण्हे वासुदेव बारवईए गयरीए मज्झंमज्झणं णिग्गच्छइ 2 ता जेणेव सहसंबवणे उज्जाणे जाव पज्जवासइ / तए णं अरहा अरिढणेमी कण्हस्स वासूदेवस्स गयसूकूमालस्स कुमारस्स तोसे य धम्मकहाए कण्हे पहिराए, तए णं से गयसुकुमाले कु. अरहओ अरिटुणेमिस्स अंतियं धम्म सोच्चा जं णवरं अम्मापियरं आपुच्छामि जहा मेहो णवरं महिलियावज्जं जाव वडियकुले / तए णं से कण्हे वासुदेवे इमीसे कहाए लट्ठ समाणे जेणेव गयसु. कुमाले-तेणेव उवागच्छइ 2 ता गयसुकुमालं० आलिंगइ 2 ता उच्छंगे णिवे. सेइ 2 ता एवं वयासी-तुमं ममं सहोयरे कणीयसे भाया तं मा णं तुम देवाण. प्पिया ! इयाणि अरहओ अ० अं० मुंडे जाव पव्वयाहि, अहणं तुमे बारवईए Page #1337 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1324 अंग-पविट्ट सुत्ताणि णयरीए महया 2 रायाभिसेएणं अमिसिचिस्सामि / तए णं से गयसु. कुमाले कण्हेणं वासुदेवेणं एवं वृत्ते समाणे तुसिणीए संचिट्ठइ / तएणं तं गयसुकुमाले कण्हे वासुदेवं अम्मापियरो य दुच्चंपि तच्चपि एवं वयासीएवं खलु देवाणप्पिया | माणुस्सया कामा खेलासवा जाव विप्पजहियध्वा भविस्संति, तं इच्छामि गं देवाणुप्पिया ! तुर्भेहिं अब्मणण्णाए स० अरहओ अरि?णेमिस्स अंतिए जाव पव्वइत्तए / तए णं तं गयसुकुमालं कण्हे वासुदेवे अम्मापियरो य जाहे णो संचाए. बहुयाहि अणुलोमाहि जाव आघ. वित्तए ताहे अकामाई चेव एवं वयासी-तं इच्छामो णं ते जाया ! एगदिवसमवि रज्जसिरि पासित्तए / णिक्खमणं जहा महाबलस्स जाव तमाणाए तहा जाव संजमइ / तए णं से गयसुकुमाले अणगारे जाए इरिया० जाव. गुत्तबंभयारी, तए णं से गयसुकुमाले अ० जं चेव दिवसं पव्वइए तस्सेव दिवसस्स पुव्वावर. हकालसमयंसि जेणेव अरहा अरिट्रणेमी तेणेव उवागच्छइ 2 ता अरहं अरिष्ट्र मि तिक्खुत्तो आयाहिण पयाहिणं० वंदड़ णमंसइ वं० 2 ता एवं वयासीइच्छामि गं भते ! तुब्र्भहि अब्मणुण्णाए समाणे महाकालंसि सुसाणंसि एगराइयं महापडिमं उवसंपज्जित्ताणं विहरेत्तए / अहासुहं देवाणप्पिया ! तए णं से गयसुकुमाले अणगारे अरहया अरिष्टुणेमिणा अन्मणुष्णाए समाणे अरहं अरिट्ठ. मि वदइ णमंसह वं० 2 ता अरहओ अरिट्ठणेमिस्स अंति० सहसंबवणाओ उज्जाणाओ पडिणिक्खमइ 2 ता जेणेव महाकाले सुसाणे तेणेव उवागए 2 ता डिल्लं पडिलेहेइ 2 ता उच्चारपासवणभूमि पडिलेहेइ 2 ता ईसिपब्भारगएणं कारणं जाव दोवि पाए साहट्ट एगराई महापडिमं उवसंपज्जिताणं विहरइ। इमं च णं सोमिले माहणे सामिधेयस्स अट्टाए बारवईओ णयरीओ बहिया पुव्वणिग्गए समिहाओ य दब्भे य कुसे य पत्तामोडं च गेण्हइ 2 ता तओ पडिणियत्तइ 2 त्ता महाकालरस सुसाणस्स अदूरसामंतेणं वीईवयमाणे 2 संझाकालसमयसि पविरलमणुस्संसि गयसुकुमालं अणगारं पासइ 2 तातं वेरं सरइ 2 ता आसुरुत्ते 5 एवं वयासी-एस णं भो ! से गयसुकुमाले कुमारे अप्पस्थिय जाव परि. वज्जिए, जे णं मम धूयं सोमसिरीए भारियाए अत्तयं सोमं दारियं अदिदोस. पइयं कालवत्तिणि विप्पजहेत्ता मुंडे जाव पव्वइए, तं सेयं खलु ममं गयसुकु Page #1338 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंतगडदसाओ व. 3 1325 मालस्स कुमारस्स वेरणिज्जायणं करेत्तए, एवं संपेहेइ 2 ता दिसापडिलेहणं करेइ 2 ता सरसं मट्टियं गेण्हइ 2 ता जेणेव गयसुकुमाले अणगारे तेणेव उवागच्छइ 2 ता गयसुकुमालस्स अणगारस्स मत्थए मट्टियाए पालि बंधइ 2 ता जलतीओ चिययाओ फुल्लियकिसुयसमाणे खइरंगारे कहल्लेणं गेण्हइ 2 ता गयसुकुमालस्स अणगारस्स मत्थए पक्खिवइ 2 ता भीए 5 तओ खिप्पामेव अवक्कम 2 ता जामेव दिसं पाउडभए तामेव दिसं पडिगए / तए णं तस्स गयसुकुमालस्स अणगारस्स सरीरयंसि वेयणा पाउन्भया उज्जला जाव दुरहियासा / तए णं से गयसुकुमाले अणगारे सोमिलस्स माहणस्स मणसावि अप्पदुस्समाणे तं उज्जलं जाव अहियासेइ / तए णं तस्स गयसुकुमालस्स अणगा. रस्स तं उज्जलं जावं अहियासेमाणस्स सुभेणं परिणामेणं पसत्थज्झवसाणेणं तया वरणिज्जाणं कम्माणं खएणं कम्मरयविकिरणकरं अपुव्वकरणं अणुप्पविटुस्स अणंते अणुत्तरे जाव केवलवरणाणदंसणे समुप्पण्णे, तओ पच्छा सिद्ध जाव प्पहीणे / तत्थ ण अहासंणिहिएहि देवेहि सम्मं आराहियतिकट्ट दिवे सुरभिगंधोदए पुढे दसवण्णे कुसुमे णिवाडिए चेलुक्खेवे कए दिव्वे य गीय. गंधवणिणाए कए यावि होत्था / तए णं से कण्हे वासुदेवे कल्लं पाउप्पमायाए जाव जलते हाए जाव विभूसिए हस्थिखंधवरगए सकोरंटमल्लदामेणं छत्तेणं धरेज्जमाणेणं सेयवरचामराहि उद्धृत्वमाणीहिं महया भडचडगर पहकरवंदपरिक्खिसे बारवई गरि मज्झमझेणं जेणेव अरहा अरिट्ठणेमी तेणेव पहारेत्थ गमणाए / तए णं से कण्हे वासुदेवे बारवईए णयरीए मज्झं. मज्झेणं णिग्गच्छमाणे एगं पुरिसं पासइ जण्णं जराजज्जरियदेहं जाव किलंतं महइमहालयाओ इट्टगरासीओ एगमेगं इट्टगं गहाय बहियारत्थापहाओ अंतोगिहं अणुप्पविसमाणं पासइ / तए णं से कण्हे वासुदेवे तस्स.पुरिसस्स अणुकंपणढाए हत्थिखंधवरगए चेव एग इट्टगं गेण्हइ 2 त्ता बहिया रत्थापहाओ अंतोगिहं अणुप्पवेसेइ / तए णं कण्हेणं वासुदेवेणं एगाए इट्टगाए गहियाए समाणीए अणेहिं पुरिससहि से महालए इट्टगस्स रासी बहिया रत्थापहाओ अंतोघरंसि अणुप्पवेसिए / तए णं से कण्हे वासुदेवे बारवईए णयरीए मज्झं. मज्झणं णिग्गच्छइ 2 ता जेणेव अरहा अरिटणेमी तेणेव उवागए 2 ता जाव . वंदइ णमंसइ वं० 2 ता गयसुकुमालं अणगारं अपासमाणे अरहं अरिट मि Page #1339 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1326 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि वंदइ णमंसह वं० 2 ता एवं वयासी-कहि णं भंते ! से ममं सहोयरे कणीयसे भाया गय सुकुमाले अणगारे ? जण्णं अहं वदामि णमसामि ? तए णं अरहा अरि?णेमी कण्हं वासुदेवं एवं वयासी-साहिए णं काहा ! गयसुकुमालेणं अणगारेणं अप्पणो अछे / तए णं से कण्हे वासुदेवे अरहं अरिद्वमि एवं वयासोकहष्णं भंते ! गयसुकुमालेणं अणगारेणं साहिए अप्पणो अठे ? तए णं अरहा अरिदृणेमी कण्हं वासुदेव एवं वयासी-एवं खल कण्हा ! गयसुकुमालेणं अणगारेणं ममं कल्लं पुवावरण्हकालसमयसि वंदइ णमंसई वं० 2 त्ता एवं वयासी-इच्छामि णं जाव उवसंपज्जित्ताणं विहरइ, तए ण तं गयसुकुमालं अणगारं एगे पुरिसे पासइ 2 ता आसुरुत्ते 5. जाव सिद्ध, तं एवं खलु कण्हा ! गयसुकुमालेणं अणगारेणं साहिए अप्पणो अटठे। तए णं से कण्हे वासुदेवे अरहं अरिद्वमि एवं वयासी-केस ण मंते ! से पुरिसे अपत्थियपत्थिए जाव परिवज्जिए ? जेणं ममं सहायरं कणीयसे भायरं गयसकुमालं अणगारं अकाले चेव जीवियाओ ववरोविए ? तए णं अरहा अरिटणेमी कण्हं वासुदेवं एवं वयासी-मा णं कण्हा ! तुम तस्स पुरिसस्स पदोसमावज्जाहि, एवं खल कण्हा ! तेणं पूरिसेणं गयसूकुमालस्स अणगारस्स साहिज्जे दिण्णे, कहण्णं भंते ! तेणं पुरिसेणं गयसु. कुमालस्स णं साहेज्जे दिण्णे ? तए णं अरहा अरिष्टुणेमी कण्हं वासुदेवं एवं वयासी-से गूणं कण्हा ! तुमं ममं पायवंदए हव्वमागच्छमाणे बारवईए गयरीए एगं पुरिसं पाससि जाव अणुप्पविसिए, जहा गं कण्हा ! तुम तस्स पुरिसस्स साहिज्जे दिण्णे एवामेव कण्हा! तेणं पुरिसेणं गयसुकुमालस्स अणगारस्स अणेगभवसयसहस्ससंचियं कम्मं उदोरेमाणेणं बहुकम्मणिज्जरत्थं साहिज्जे दिण्णे / तए णं से कण्हे वासुदेवे अरहं अरिटमि एवं वयासी-से णं भंते ! पुरिसे मए कहं जाणियब्वे ? तए णं अरहा अरि?णेमी कण्हं वासुदेव एवं वयासी-जे गं कण्हा ! तुमं बारवईए णयरीए अणुपविसमाणं पासेत्ता ठियए चेव ठिइभएणं कालं करिस्सइ तण्णं तुम जाणेज्जासि एस णं से पुरिसे। तए णं से कण्हे वासुदेवे अरहं अरिट्ठणेमि वंदइ णमंसइ वं० 2 ता जेणेव आभिसेयं हत्थिरयणं तेणेव उवागच्छइ 2 ता हत्थि दुरूहइ 2 ता जेणेव बार. वई णयरी जेणे व सए गिहे तेणेव पहारेत्थ गमणाए / तए णं तस्स सोमिल Page #1340 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंतगडदसाओ व. 4 1327 माहणस्स कल्लं जाव जलते अयमेयारूवे अब्भत्थिए 4 समुप्पण्णे-एवं खलु कण्हे वासुदेवे अरहं अरिटणेमि पायवंदए णिग्गए तं णायमेयं अरहया विण्णायमयं अरहया सुयमेयं अरहया सिटुमेयं अरया भविस्सइ कण्हस्स वासुदेवस्स, तं ण णज्जइ गं कण्हे वासुदेवे ममं केणवि कुमारेणं मारिस्सइतिकट्ट भीए 4 सयाओ गिहाओ पडिणिक्ख मइ, कण्हस्स वासुदेवस्स बारवई गरि अणप्पपविसमाणस्स पुरओ सपक्खि सपडिदिसि हव्वमागए। तए णं से सोमिले माहणे कण्हं वासुदेवं सहसा पासेत्ता भीए 4 ठियए चेव ठिइ भेयं कालं करेइ धरणितलंसि सव्वंगहि धसत्ति संणिवडिए, तए गं से कण्हे वासुदेवे सोमिलं माहणं पासह 2 ता एवं वयासी-एस गं भो देवाणप्पिया ! से सोमिले माहणे अपत्थियपत्थिए जाव परिवज्जिए जेणं ममं सहोयरे कणीयसे भायरे गयसुकुमाले अणगारे अकाले चेव जीवियाओ ववरोविए तिकट्ट सोमिलं माहणं पाहि कड्ढावेइ 2 ता तं भूमि पाणिएणं अन्भोक्खावेइ 2 त्ता जेणेव सए गिहे तेणेव उवागए सयं गिहं अंणप्पविठे / एवं खलु जंबू ! जाव अटमस्स अंगस्स अंतगडदसाणं तच्चस्स वग्गस्स अट्टमज्झयणस्स अयमलें पण्णत्ते // 6 // णवमस्स उखेवओ, एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं बारवईए णयरीए जहा पढमए जाव विहरइ / तत्थ गं बारवईए-बलदेवे णामं राया होत्था वण्णओ, तस्स गं बलदेवस्स रणो धारिणी णामं देवी होत्था वण्णओ, तए ण सा धारिणी सीहं सुमिणे जहा गोयमे णवरं सुमहे णामं कुमारे पण्णासं कण्णाओ पण्णासओ दाओ चोइसपुवाई अहिज्जइ वीसं वासाइं परियाओ सेसं तं चेव जाव सेत्तंजे सिद्धे णिक्खेवओ। एवं दुम्महेवि कूवदारए वि, तिण्णि वि बलदेवधारिणीसुया, दारुएवि एवं चेव, गवरं वसुदेवधारिणीसुए / एवं अणाहिट्ठी-वि वसुदेवधारिणीसुए, एवं खल जंबू ! समणेणं जाव संपत्तेणं अट्ठमस्स अंगस्स अंतगडदसाणं तच्चस्स वग्गस्स तेरसमस्स अज्झयणस्स अयमठे पण्णत्ते // 7 // . चउत्थो वग्गो .. जइ गं भंते ! समणेणं जाव संपत्तेणं ...अं० तच्चस्स वग्गस्स अयमठे, पण्णत्ते चउत्थस्स णं भं० व. अं० स० जाव सं० के अट्ठे पण्णते ? एवं खल जंब ! समणेणं जाव संपत्तेणं चउत्थस्स वग्गस्स अं० दस अज्झयणा Page #1341 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1328 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि पण्णत्ता, तं०-जालिमयालिउवयालि पुरिससेणे य वारिसेणे य / पज्जण्ण. संबअणिरुद्ध सच्चणेमी य दढणेमी य // 1 // जइ णं भंते ! समणेणं जाव संपत्तेणं चउत्थस्स वग्गस्स दस अज्झयणा पण्णत्ता पढमस्सगं भं० अज्झयणस्म स० जाव सं० के अछे पण्णते ? एवं खल जब ! तेणं कालेणं तेणं समएणं बारवई णा० णयरी हो. तीसे जहा पढमे कण्हे वासुदेवे आहेवच्च जाव विहरइ, तत्थ गं बारवईए णगरीए वसुदेवे राया तस्स गं वसुदेवस्स रणो धारिणी णामं देवी होत्था वण्णओ जहा गोयमो णवरं जालिकुमारे पण्णासओ दाओ बारसंगी सोलस-वामा परियाओ सेसं जहा गोयमस्स जाव सेत्तुंजे सिद्ध / एवं मयाली उवयाली पुरिससेणे ‘य वारिसेणे य। एवं पज्जण्णे नि, णवरं कण्हे पिया रुप्पिणी माया / एवं संबे वि, णवरं जबवई माया। एवं अणिरुद्धेवि, णवरं पज्जण्णे पिया वेदभी माया। एवं सच्चणेमी, गवरं समविजए पिया सिवा माया, एवं दढणेमी वि, सव्वे एगगमा। चउत्थस्स वग्गस्स णिक्खेवओ।।८।। पंचमो वग्गो - जइ णं भंते ! समणेणं जाव संपत्तेणं चउत्थस्स वग्गस्स अयमटठे पणत्ते पंचमस्स गं भं० वग्गस्स अंतगडदसाणं समणेणं जाव संपत्तेणं के अट्ठे पणते? एवं खल जंब ! समणेणं जाव संपत्तेणं पंचमस्त वग्गस्स दस अज्झयणा पण्णत्ता, तं०-'पउमावई य गोरी गंधारी लक्खणा सुसीमा य / जंबवई सच्च. भामा रुप्पिणि मलसिरी मूलदत्ता.वि // 1 // जइ णं भंते समणेणं जाव संपत्तेणं पंचमस्स वग्गस्स दस अज्झयणा प० पढमस्स गं भंते ! अज्झयणस्स के अछे प० ? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं बारवई णयरी जहा पढमे जाव कण्हे वासुदेवे आहेवच्चं जाव विहरइ। तस्स णं कण्हस्स वासुदेवस्स पउ. मावई णामं देवी होत्था वण्णओ। तेणं कालेणं तेणं समएणं अरहा अस्टुिणेमी समोसढे जाव विहरइ, कण्हे वासुदेवे णिग्गए जाव पज्जवासइ, तए पंसा पउमावइ देवी इमीसे कहाए लद्धद्वा समाणी हट्ट० जहा देवई जाव पज्जवासइ / तए गं अरहा अरिटणेमी कण्हस्स वासुदेवस्स पउमावईए दे. य धम्मकहा परिसा पडिगया। तए नं कण्हे वासुदेवे अरहं अरिटणेमि वंदइ णमंसइ वं० 2 ता एवं वयासी इमोसे णं भंते ! बारवईए णयरीए णवजोयण० जाव देवलोगभ्याए किमूलाए विणासे भविस्सइ ? कण्हाइ ! अरहा अरिट्ठ. Page #1342 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंतगडदसाओ व. 5 1329 णेमी कण्हं वासुदेवं एवं वयासी-एवं खलु कण्हा! इमीसे बारवईए णयरीएणवजोयण जाव० भूयाए सुरग्गिदीवायणमूलाए विणासे भविस्सइ / तए णं कण्हस्स वासुदेवस्स अरहओ अरिटणेमिस्स अंतिए एयम→ सोच्चा णिसम्म अ० एयं अब्भत्थिए ४-धण्णा गं ते जालिमयालिउ० पुरिससेणवारिसेणपज्ज. ण्णसंबअणिरुद्धदढणेमिसच्चणेमिप्पभियओ कुमारा जे गं चिच्चा हिरणं जाव परिभाएत्ता अरहओ अरिटणेमिस्स अंतियं मुंडा जाव पव्वइया, अहणं अधण्णे अकयपुण्णे रज्जे य जाव अंतेउरे य माणुस्सएसु य कामभोगेसु मच्छिए 4 णो संचाएमि अरहओ अरिटणेमिस्स जाव पवइत्तए / कण्हाइ ! अरहा अरिटणेमी कण्हं वासुदेवं एवं वयासी-से पूर्ण कण्हा ! तव अयमन्मथिए ४-धण्णा णं ते जाव पव्वइत्तए, से गूणं कण्हा ! अयमठे समठे ? हता अस्थि / तं णो खल कण्हा ! तं एवं भयं वा भव्वं वा भविस्सइ वा जगणं वासुदेवा चइत्ता हिरण्णं जाव पव्वइस्संति / से केणं अट्ठणं भंते ! एवं वच्चइ-ण एवं भूयं वा जाव पव्वइस्संति ? कण्हाइ ! अरहा अरि?णेमी कण्हं वासुदेवं एवं .वयासी-एवं खलु कण्हा ! सम्वेवि य णं वासुदेवा पुत्वभवे णियाणकडा, से तेणठेणं कण्हा ! एवं बच्चइ-ण एवं भूयं० पव्वइ. स्संति / तए णं से कण्हे वासुदेवे अरहं अरिटमि एवं वयासी-अहं णं भंते ! इओ कालमासे कालं किच्चा कहिं गमिस्सामि, कहि उवज्जिस्सामि ? तए गं अरहा अरिट्ठणेमी कण्हं वासुदेवं एवं वयासी-एवं खलु कण्हा ! बारवईए णयरीए सुरग्गिदीवायण कुमार, कोवणिद्दड्डाए अम्मापिइणियगविप्प हूणे रामेणं बलदेवेणं सद्धि दाहिणवेयालि अभिमहे जोहिटिल्लपामोक्खाणं पंचण्हं पंडवाणं पंडरायपुत्ताणं पासं पंडमहुरं संपत्थिए कोसंबवणकाणणे णग्गो. हवरपायवस्स अहे पुढविसिलापट्टए पीयवस्थपच्छाइयसरीरे जरकुमारेणं तिखेणं कोदंडविप्पमुक्केणं इसुणा वामे पाये विद्ध समाणे कालमासे कालं किच्चा तच्चाए वालयप्पमाए पुढवीए उज्जलिए णरए रइयत्ताए उववज्जि. हिसि / तए णं कण्हे वासुदेवे अरहओ अरिट्ठणेमिस्स अंतिए एयमढे सोच्चा णिसम्म ओहय जाव झियाइ / कण्हाइ ! अरहा अरिट्रणेमी काहं वासुदेवं एवं वयासी-मा णं तुम देवाणुप्पिया ! ओहय जाव झियाहि, एवं खलु तुम देवा. प्पिया ! तच्चाओ पुढवीओ उज्जलियाओ अणंतरं उव्वट्टित्ता इहेव जंबूद्दीवे Page #1343 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1330 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि दीवे भारहे वासे आगमेसाए उस्मप्पिणीए पुंडेसु जणवएसु सयदुबारे जयरे बारसमे अममे णामं अरहा भविस्सासि, तत्थ तुम बहूई वासाई केवलिपरियागं पाउणेत्ता सिज्झिहिसि 5 / तए णं से कण्हे वासुदेवे अरहओ अरिटणेमिस्स अंतिए एयमलैं सोच्चा णिसम्म हटतुट्ठ० अप्फोडेड 2 ता वग्गइ 2 ता तिवई छिदइ 2 ता सीहणायं करेड 2 ता अरहं अरिटमि वंदइ णमंसइ वं० 2 ता तमेव अभिसेक्क हत्थियर० दुरूहइ 2 ता जेणेव बारवई णयरी जेणेव सए गिहे तेणेव उवागए, अभिसेयहत्थिरयणाओ पच्चोरुहइ० जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव सए सीहासणे तेणेव उवागच्छइ 2 ता सीहामणवरंमि पुरत्याभिमहे णिसीयइ 2 ता कोडुबियपुरिसे सद्दावेइ 2 ता एवं दयासी-गच्छह णं तुभे देवाणप्पिया ! बारवईए णयरीए सिंघाडग० जाव उवघोसेमाणा एवं वयहएवं खल देवाणप्पिया ! बारवईए णयरीए णवजोयण जान शमाए सुरग्गिदीवायणमूलाए विणासे भविस्सइ, तं जो णं देवाणप्पिया ! इच्छइ बारवईए णयरीए राया वा जुवराया वा ईसरे तलवरे माउंबियकोडंबियइब्भसेट्ठी वा देवी वा कुमारो वा कुमारी वा अरहओ अरिटणेमिस्स अंतिए मुंडे जाव पव्व. इत्तए तं णं कण्हे वासुदेवे विसज्जेइ, पच्छातुरस्स वि य से अहापवित्तं वित्ति अणजाणइ महया इडिसक्कारसमुदएण य से णिक्ख मणं करेइ, दोच्चपि तच्चपि घोसणयं घोसे ह 2 ता ममं एयमाणत्तियं पच्चप्पिणह / तए ते कोडुंबिय जाव पच्चप्पिणंति / तए णं सा पउमावई देवी अरहओ० अंतिए धम्म सोच्चा णिसम्म हट्टतुट्ठ० जाव हियया अरहं अरिदुणेमि वंदइ णमंसइ दं० 2 ता एवं वयासी-सद्दहामि णं भंते ! णिग्गंथं पदयणं० से जहेयं तुब्भे वयह ज णवर देवाणुप्पिया ! कण्हं वासुदेवं आपुच्छामि, तए णं अहं देवा० अतिए मुंडा जाव पव्वयामि / अहासुहं देवाणप्पि० ! मा पडिबंधं करेहि / तए णं सा पउमावई देवी धम्मियं जाणप्पवरं दुरूहइ 2 ता जेणेव बारवई णयरी जेणेव सए गिहे तेणेव उवागच्छइ 2 ता धम्मियाओ जाणाओ पच्णोरुहइ 2 ता जेणे व कण्हे वासुदेवे तेणेव उवागच्छइ 2 ता करयल अंजलि कटु (कह डा०) एवं वयासी-इच्छामि णं देवाणुप्पिया ! तुहि अब्भणुण्णाया समाणी अरहओ अरिटुणेमिस्स अंतिए मुंडा जाव पव्व० / अहासुहं० ।-तए णं से कण्हे वासुदेवे कोडुबिए पु० सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-खिप्पा व भो दे० पउमा. Page #1344 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंतगडदसाओ व. 5 / 1.5 1331 वईए० महत्थं णिश्वमणाभिसेयं उवट्ठवेह 2 ता एयमाणत्तियं पच्चप्पिणह / तए गं ते जाव पच्चप्पिणंति / तए णं से कण्हे वासुदेवे पउमावई देवि पट्टयंसि दुरूहेइ० अट्ठसएणं सोवण्णकलस जाव महाणिक्खमणाभिसे एणं अभिसिंचइ 2 ता सव्वालंकारविभूसियं करेइ 2 ता पुरिससहस्सवाहिणि सिवियं दुरूहावेइ 2 ता बारवईए णयरीए मज्झमझेणं णिग्गच्छइ 2 ता जेणेव रेवयए पव्वए जेणेव सहसंबवणे उज्जाणे तेणेव उवागच्छइ 2 ता सीयं ठवेइ० पउमावई देवी सीयाओ पच्चोरुहइ 2 ता जेणेव अरहा अरिटुणेमी तेणेव उवागच्छइ 2 ता अरहं अरिटुमि तिक्खत्तो आयाहिणपयाहिणं करेइ 2 ता वंदइ णमंसइ वं० 2 ता एवं वयासी-एस गं भंते ! मम अग्गमहिसी पउमावईणामं देवी इट्ठा कंता पिया मणुण्णा मणामा अभिरामा जाव किमंग पुण पासणयाए ? तण्णं अहं देवाणुप्पिया ! सिस्सिणिभिक्खं दलयामि पडिच्छंतु णं देवाणुप्पिया ! सिस्सिणिभिक्खं / अहासुहं / तए णं सा पउमावई० उत्तरपुरस्थिमे दिसीमागं अवक्कमइ 2 ता * सयमेव आभरणालंकारं ओम. यइ 2 ता सयमेव पंचमट्रियं लोयं करेइ 2 ता जेणेव अरहा अरिट्रणेमी तेणेव उवागच्छइ 2 ता अरहं अरिट्टणम वंदइ णमंसह वं० 2 ता एवं वयासीआलित्तेणं. जाव धम्ममाइक्खियं / तए गं अरहा अरिटणेमी पउमावई देवि सयमेव पवावेइ 2 ता सयमेव मुंडावेइ सयमेव जक्खिणीए अज्जाए सिस्सिणि दलयइ / तए गं सा जक्खिणी अज्जा पउमावइं देवि सयमेव पवा० जाव संजमियव्वं / तए णं सा पउमावई जाव संजमइ / तए णं सा पउमावई अज्जा जाया ईरियासमिया जाव गत्तबंभयारिणी / तए णं सा पउमावई अज्जा जविखणीए अज्जाए अंतिए सामाइयमाइयाई एक्कारस अंगाई अहिज्जइ, बहूहिं चउत्थछट्टट्ठमदसमदुवालसेहिं मासद्धमासखमणेहि० अप्पाणं भावेमाणी विहरइ / तए णं सा पउमावई अज्जा बहुपडिपुण्णाई वीसं वासाइं सामण्णपरि. यागं पाउणइ पाउणित्ता मासियाए संलेहणाए अप्पाणं झूसेइ 2 ता सद्धि भत्ताई अणसणाए छेदेइ 2 ता जस्सट्टाए कोरइ जग्गमावे जाव तमटठं आराहेइ चरिमस्सासेहिं सिद्धा 5 // 6 // उ० य अ० तेणं कालेणं तेणं सम. एणं बारवई ण रेवयए उज्जाणे णंदणवणे तत्थ गं बारवईए णयरीए कण्हे वासूदेवे० तस्स गं कण्हस्स वासुदेवस्स गोरी देवी वण्णओ अरहा अ० समो Page #1345 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1332 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि सढे कण्हे णिग्गए गोरी जहा पउमावई तहा णिग्गया धम्मकहा परिसा पडि. गया, कण्हे-वि / तए णं सा गोरी जहा पउमावई तहा णिक्खंता जाव सिद्धा 5 / एवं गंधारी / लक्खणा / सुसीमा / जंबवई / सच्चभामा। रुप्पिणी। अवि पउमावई सरिसाओ अट्ठ अज्झयणा // १०॥..ण० तेणं कालेणं तेणं समएणं बारवईए णयरीए रेवयए प० गंदणवणे उ० कण्हे० तत्थ गं बारवईए णयरीए कण्हस्स वासुदेवस्स पुत्तए जंबवईए देवीए अत्तए संबे णाम कुमारे होत्था अहीण. तस्स गं संबस्स कुमारस्स मलसिरी णामं भारिया होत्था वण्णओ,अरहा समोसढे कण्हे णिग्गए मूलसिरी-वि णिग्गया जहा पउमावई जं णवरं देवाणुप्पिया ! कण्हं वासुदेवं,आपुच्छामि जाव सिद्धा / एवं मूलदत्ता-वि पचमो वग्गो // 11 // छट्टो वग्गो जइ णं भ० छट्ठमस्स उक्खेवओ णवरं सोलस अज्झयणा प०, तं- मकाई किंकमे चेव मोग्गरपाणी य कासवे / खेमए धिइहरे चेव केलासे हरिचंदणे // 1 // वारत्तसुदंसणपुण्णभद्दसुमणभद्दसुपइठे मेहे / अइमृत्ते य अलक्खे अज्झयणाणं तु सोलसयं // 2 // जइ सोलस अज्झयणा प० पढमस्स अज्झयणस्स के अछे पण्णत्ते ? एवं खल जंब ! तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे णयरे गणसिलए चेइए सेणिए राया, तत्थ णं मकाई-णाम गाहावई परिवसइ अड्ढे जाव अपरिभए / तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे आइगरे गणसिलए जाव विहरइ परिसा णिग्गया, तए णं से मकाई गाहावई इमीसे कहाए लठे जहा पण्णत्तीए गंगदत्ते तहेव इमोवि जेट्टपुत्तं कुडुंबे ठवेत्ता पुरिससहस्सवाहिणीए सीयाए णिक्खंते जाव अणगारे जाए ईरियासमिए० तए णं से मकाई अणगारे समणस्स भगवओ महावीरस्स तहा. रूवाणं थेराणं अंतिए सामाइयमाइयाई एक्कारस अंगाई अहिज्जइ सेसं जहा खंदगस्स, गणरयणं तवोकम्म सोलसवासाइं परियाओ तहेव विउले सिद्धे / दो० उ० किंकमे वि एवं चेव जाव विउले सिद्ध // 12 // त० ए० ख० ज० तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे ण० गुणसिलए चेइए सेणिए राया चेल्लणादेवी वण्णओ, तत्थ रायगिहे णयरे अज्जुणए णाम मालागारे परिवसइ, अड्ढे० Page #1346 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंतगडदसाओ व. 6 1333 जाव अपरिभूए, तस्स गं अज्जणयस्स मालागारस्स बंधुमई-णामं भारिया होत्था सूमा० / तस्स णं अज्जणयस्स मालागारस्स रायगिहस्स णयरस्स बहिया एत्थ णं महं एगे पुप्फारामे होत्था किण्हे जाव णिकुरंबभए दसद्धवण्ण. कुसुमकुसुमिए पासाईए 4 / तस्स गं पुप्फारामस्स अदूरसामंते तत्थ गं अज्जुण. यस्स मालगारस्स अज्जय-पज्जयपिइपज्जयागए अणेगकुलपुरिसपरंपरागए मोग्गरपाणिस्स जक्खस्स जक्खाययणे होत्था, पोराणे दिवे सच्चे जहा पुण्णमहे / तत्थ णं मोग्गरपाणिस्स पडिमा एगं महं पलसहस्सणिप्फण्णं अयोमयं मोग्गरं गहाय चिट्ठइ / तए णं से अज्जणए मालागारे बालप्पभिई चेव मोग्गरपाणिजक्खस्स भत्ते यावि होत्था,कल्लाल्लि पच्छियपिडगाइं गेण्हइ 2 ता रायगिहाओ णयराओ पडिणिक्खमइ 2 ता जेणेव पुप्फरामे तेणेव उवागच्छइ 2 ता पुप्फुच्चयं करेइ 2 तां अग्गाई वराई पुप्फाइं गहाइ 2 ता जेणेव मोग्गरपाणिस्स जक्खाययणे तेणेव उवागच्छइ 2 ता मोग्गरपाणिस्स जक्खस्स महरिहं पुप्फच्चणयं करेइ 2 ता जण्णुपायपडिए पणामं करेइ, तओ पच्छा रायमग्गंसि वित्ति कप्पेमाणे विहरइ / तत्थ गं रायगिहे णयरे ललिया णामं गोट्ठी परिवसइ अड्डा जाव अपरिभूया जं कयसुकया यावि होत्था / तए पं रायगिहे णयरे अण्णया कयाइ पमोए घुट्टे यावि होत्था / तए णं से अज्जणए मालागारे कल्लं पभयतराएहि पुहि.कज्जमित्ति कट्ट पच्चसकालसमयंसि बंधमईए मारियाए सद्धि पच्छियपिडयाई गेण्हह 2 त्ता सयाओ गिहाओ पडिणिक्खमइ 2 ता राय. गिह णयरं मझमज्झेणं णिग्गच्छइ 2 ता जेणेव पुप्फारामे तेणेव उवागच्छइ 2 ता बंधुमईए भारियाए सद्धि पुप्फुच्चयं करेइ / तए णं तीसे ललियाए गोट्ठीए छ गोटिल्ला पुरिसा जेणेव मोग्गरपाणिस्स जक्खस्स जक्खाययणे तेणेव उवागया अमिरममाणा चिट्ठति / तए णं से अज्जुणए मालागारे बंधुमईए भारियाए सद्धि पुप्फुच्चयं करेइ० अग्गाइं वराइं पुप्फाइं गहाय जेणेव मोग्गरपाणिस्स जक्खस्स जक्खाययणे तेणेव उवागच्छइ / तए गं ते छ गोढिल्ला पुरिसा अज्जणयं मालागारं बंधमईए भारियाए सद्धि एज्जमाणं पासंति 2 ता अण्णमण्णं एवं वयासी-एस णं देवाणुप्पिया ! अज्जणए मालागारे बंधमईए भारियाए सद्धि इह हव्वमागच्छइ तं सेयं खलु देवाणु प्पिया ! अम्हं अज्जुणयं मालागारं अव. ओडयबंधणयं करेत्ता बंधुमईए भारियाए सद्धि विउलाई भोगभोगाई मुंजमाणाणं Page #1347 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1334 अंग-पविट्ट सुत्ताणि विहरित्तए तिकटु एयमठें अण्णमण्णस्स पडिसुणेति 2 ता कवाडंतरेसु णिलुक्कंति णिच्चला णिप्फंदा तुसिणीया पच्छण्णा चिट्ठति / तए णं से अज्जु. णए मालागारे बंधुमईए भारियाए सद्धि जेणेव मोग्गरपाणिस्सजक्खस्स जक्खाययणे तेणेव उवागच्छइ० आलोए पणामं करेइ० महरिहं पुप्फच्चणं करेइ० जण्ण. पायपडिए पणामं करेइ / तए णं छ गोटिला पुरिसा दवदवस्स कवाडंतरेहितो णिग्गच्छंति 2 ता अज्जणयं मालागारं गेण्हंति 2 त्ता अवओगडय बंधणं करेंति० बंधुमईए मालागारीए सद्धि विउलाई भोगभोगाई मुंजमाणा विहरति / तए णं तस्स अज्जणयस्स मालागारस्स अयमज्झथिए 4 (त०)-एवं खलु अहं बालप्पभिई चेव मोग्गरपाणिस्स भगवओकल्लाकल्लि जाव वित्ति कप्पेमाणे विहरामि, तं जइ णं मोग्गरपाणी जक्खे इह संणिहिए होंते से णं कि मम एयारूवं आवई पावेज्जमाणं पासते ? तं णस्थि णं मोग्गरपाणी जक्खे इह संणिहिए, सुध्वत्तं णं एस कट्ठे। तए णं से मोग्गरपाणी जक्खे अज्जणयस्स मालागारस्स अयमेयारूवं अज्झत्थियं जाव वियाणित्ता अज्जुणयस्स मालागारस्स सरीरयं अणुप्पविसइ 2 ता तडतडस्स बंधाई छिदइ, छिदित्ता तं पलसहस्सणिप्फणं अयोमयं मोग्गरं गेण्हइ 2 ता ते इस्थिसत्तमे छ पुरिसे घाएइ। तए णं से अज्जणए मालागारे मोग्गरपाणिणा जक्खणं अण्णाइठे समाणे रायगिहस्स णगरस्स परिपेरतेणं कल्लाकल्लि इथिसत्तमे छ पुरिसे घाएमाणे विहरइ / तए णं रायगिहे णयरे सिंघाडग जाव महापहपहेसु बहुजणो अण्णमण्णस्स एवमाइक्खइ 4 एवं खलु देवाणप्पिया ! अज्जणए मालागारे मोग्गरपाणिणा अण्णाइठे समाणे रायगिहे णयरे बहिया इत्थिसत्तमे छ पुरिसे घायएमाणे विहरइ / तए णं से सेणिए राया इमीसे कहाए लद्धठे समाणे कोडुंबिय० सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! अज्जुणए मालागारे जाव घाएमाणे जाव विहरइ तं मा णं तुब्भे केइ कट्ठस्स वा तणस्स वा पाणियस्स वा पुप्फफलाणं वा अट्ठाए सइरं णिग्गच्छइ मा णं तस्स सरीरयस्स वावत्ती भविस्सइत्तिकट्ट दोच्चंपि तच्चं. पि घोसणयं घोसेह 2 ता खिप्पामेव ममेयं पच्चप्पिणह / तए णं ते कोडंबिय० जाव पच्चप्पिणंति / तत्थ णं रायगिहे णयरे सुवंसणे णामं सेट्ठी परिवसइ अडढे०, तए गं से सुदंसणे समणोवासए यावि होत्या अभिगयजीवाजीवे जाव विहरइ / तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं जाव समोसढे० विहरइ, Page #1348 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंतगडदसाओ व. 6 1335 तए गं रायगिहे पयरे सिंघाडग बहुजणो अण्णमण्णस्स एवमाइक्खह जाव किमंग पुण विपुलस्स अटुस्स गहणयाए. तएणं तस्स सुदंसणस्स बहुजणस्स अंतिए एयं सोचा णिसम्म अयं अज्झथिए ४-एवं खल समणे जाव विहरइ, तं गच्छामि . वंदामि०, एवं संपेहेइ 2 ता जेणेव अम्मापियरो तेणेव उवा. गच्छइ 2 त्ता करयल० अंजलि कट्ट एवं वयासी-एवं खलु अम्मयाओ! समणे जाव विहरइ, तं गच्छामि गं समणं भगवं महावीरं वंदामि णमंसामि जाव पज्जवासामि? तए गं तं सुदंसणं सेट्टि अम्मापियरो एवं वयासी-एवं खल पुत्ता ! अज्जणए मालागारे जाव घाएमाणे विहरइ, तं मा गं तुमं पुत्ता ! समणं भगवं महावीरं वंदए जिग्गच्छाहि, मा गं तव सरीरयस्स वावती भविस्सइ, तुमण्णं इह गए चेव समणं भगवं महावीरं वंदाहि णमंसाहि। तए णं सुदं. सणे सेट्ठी अम्मापियरं एवं क्यासी-किण्णं अहं अम्मयाओ ! समणं भगवं महावीरं इहमागयं इह पत्तं इह समोसढं इह गए चेव वंदिस्सामिल? तं गच्छामि णं अहं अम्मयाओ ! तुहि अन्भणण्णाए समाणे स० भगवं महावीरं वंदामि जाव पज्जु / तए गं सुदंसणं सेट्टि अम्मापियरो जाहे णो संचायंति बहिं आघवणाहिं 4 जाव परवेत्तए ताहे अकामा चेव सुदंसणं एवं वयासीअहासुहं देवा / तए णं से सुदंसणे अम्मापिईहि अन्भणण्णाए समाणे हाए सुद्ध. प्पावेसाइं जाव सरीरे सयाओ गिहाओ पडिणिक्खमइ 2 ता पायविहारचारेणं रायगिहं णगरं मज्झमझेणं णिग्गच्छइ 2 त्ता मोग्गरपाणिस्स जक्खस्स जक्खाययणस्स अदूरसामंतेणं जेणेव गुणसिलए चेइए जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव पहारेत्थ गमणाए / तए णं से मोग्गरपाणी जखे सुदंसणं समणोवासयं अदूरसामतेणं वीईवयमाणं 2 पासइ 2 ता आसुरुत्ते 5 तं पलसहस्सणिप्फण्णं अयोमयं मोग्गरं उल्लालेमाणे 2 जेणेव सुदंसणे समणोवासए तेणेव पहारेत्थ गमणाए / तए णं से सुदंसणे समणोवासए मोग्गरपाणि जक्खं एज्जमाणं पासइ 2 त्ता अभीए अतत्थे अणुविग्गे अक्खुभिए अचलिए असंभंते वत्थं तेणं भूमि पमज्जइ 2 ता करयल० एवं वयासी-णमोऽत्थ गं अरहताणं जाव संपत्ताणं णमोऽत्थ णं समणस्स जाव संपाविउकामस्स, पुवि च णं मए समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए थूलए पाणाइवाए पच्चक्खाए जावज्जीवाए थलए मुसावाए थूलए अविण्णादाणे सदारसंतोसे कए जावज्जीवाए इच्छापरिमागे Page #1349 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंग-पविट्ठ सुत्ताणि कए जावज्जीवाए, तं इदाणि-पिणं तस्सेव अतियं सव्वं पाणाइवायं पच्चक्खामि जावज्जीवाए० मुसावायं० अदत्तादाणं० मेहुणं० परिग्गहं पच्चयखामि जाव. ज्जीवाए सव्वं कोहं जाव मिच्छादसणसल्लं पच्चक्खामि जावज्जीवाए सवं असणं पाणं खाइमं साइमं च उचिवह पि आहार पच्चक्खामि जावज्जीवाए, जइ गं एत्तो उवसग्गाओ मच्चिस्सामि तो मे कप्पइ पारेत्तए अहणं एत्तो उव. सग्गाओ ण मच्चिस्सामि तओ मे तहा पच्चक्खाए व तिकट सागार पडिमं पडिवज्जइ / तए णं से मोग्गरपाणी जवखे तं पलसहस्सणिप्फणं अयोमयं मोग्गरं उल्लालेमाणे 2 जेणेव सुदंसणे समणोवासए तेणेव उवागच्छ० णो चेव णं संचाएइ सुदंसणं समणोवासयं तेयसा समभिपडित्तए / तए णं से मोग्गरपाणी जक्ख सदसणं समणोवासयं सवओ समंताओ परिघोलेमाणे 2 जाहे जो [चेव ण] संचाएइ सुदंसणं समणोवासयं तेयसा समभिपडित्तए ताहे सुदंसणस्स समणोवासयस्स पुरओ सपक्खि सपडिदिसि ठिच्चा सुदंसणं समणोवासयं अणिमिसाए दिट्ठीए सुचिरं णिरिक्ख इ 2 ता अज्जणयस्स मालागारस्स सरीरं विप्पजहाइ 2 ता तं पलसहस्सणिप्फणं अयोमयं मोग्गरं गहाय जामेव दिसं पाउडभए तामेव दिसं पडिगए / तए णं से अज्जणए मालागारे मोगरपाणिणा जक्खेणं विप्प मक्के समाणे धसत्ति धरणियलंसि सव्वंगेहि (सं) णिवडिए / तएणं से सूवंसणे समणोवासए णिरुवसग्गमितिकट्ट पडिम पारेइ / तए णं से अज्जणए मालागारे तओ मुहुत्तंतरेणं आसत्थे समाणे उठेइ 2 ता सुदसणं समणोवासयं एवं वयासी-तुब्भे गं देवाणप्पिया ! के कहिं वा संपत्थिया ? तए णं से सुदं. सणे समणोवासए अज्जुणयं मालागारं एवं वयासी-एवं खलु देवाणप्पिया ! अहं सुदंसणे णामं समणोवासए अभिगयजीवाजीवे गणसिलए चेइए समणं भगवं महावीरं वंदए संपत्थिए / तए णं से अज्जणए मालागारे सुदसणं समणो. वासयं एवं वयासी-त इच्छामि णं देवाणुप्पिया ! अहमवि तुमए सद्धि समणं भगवं महावीरं वंदित्तए जाव पज्जुवासित्तए ? अहासुहं देवाणुप्पिया ) मा पडि. बंधं करेह / तए णं से सुदंसणे समणोवासए अज्जणएणं मालागारेणं सद्धि जेणेव गणसिलए चेइए जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता अज्जण. एणं मालागारेणं सद्धि समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तों जाव पज्जुवासइ / तए गं [से] समणे भगवं महावीरे सुदंसणस्स समणोवासगस्स अज्जणयस्स माला. Page #1350 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंतगडदसाओ व. 6 1337 गारस्स तीसे य० धम्मकहा०, सुदंसणे पडिगए / तए णं से अज्जणए मालागारे समणस्सं भगवओ महावीरस्स अंतिए धम्म सोच्चा णिसम्म हट्ठ० सदहामि गं भंते ! जिग्गंथं पावयणं जाव अभट्ठमि / अहासुहं / तए णं से अज्जणए मालागारे उत्तर० सयमेव पंचमट्टियं लोयं करेइ करिता जाव अणगारे जाए जाव विहरइ / तए णं से अज्जुणए अणगारे जं चेव दिवसं मंडे जाव पव्वइए तं चेव दिवसं समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ वं० 2 त्ता इमं एयारूवं अभिग्गहं उग्गिाहइ-कप्पइ मे जावज्जीवाए छठंछट्टेणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं अप्पाणं भावमाणस्स विहरित्तए तिकट्ट अयमेया. रूवं अभिग्गहं ओगेण्हइ 2 ता जावज्जीवाए जाव विहरई / तए णं से अज्जगए अणगारे छलुक्खमणपारणयंसि पढम पोरिसीए सज्झायं करेइ जहा गोयमसामी जाव अडइ / तए णं तं अज्जणयं अणगारं रायगिहे णयरे उच्च० जाव अडमाणं बहवे इस्थिया य पुरिसा य डहरा य महल्ला य जवाणा य एवं वयासी-इमे गं मे पिया मारिए माया मारिया भाया० भगिणी० भज्जा० पुते० धूया० सुण्हा. इमेण मे अण्णयरे सयणसंबंधिपरियणे मारिए तिकट्ट अप्पेगइया अक्कोसंति अप्पेगइया हिलंति णिदंति खिसंति गरिहंति तज्जति तालेति / तए णं से अज्जणए अणगारे तेहिं बहूहि इत्थीहि य पुरिसेहि य डहरेहि य महल्लेहि य जवाणएहि य आओसेज्जमाणे जाव तालेज्जमाणे तेसि मणसावि अपउस्समाणे सम्म सहइ सम्म खमइ सम्मं तितिक्खइ सम्म अहियासेइ सम्म सहमाणे० रायगिहे पयरे उच्चणीय मज्झिमकुलाइं अडमाणे जइ भत्तं लभइ तो पाणं ण लभह जइ पाणं लभइ तो भत्तं ण लमइ। तए णं से अज्जुणए अ० अदीणे अविमणे अकलसे अणाइले अविसाई अपरितंतजोगी अडइ 2 ता रायगिहाओ णयराओ पडिणिक्खमइ 2 ता जेणेव गुणसीलए चेइए जेणेव समणे भगवं महावीरे जहा गोयमसामी जाव पडिदंसेइ 2 त्ता समणेणं भगवया महावीरेणं अन्भणण्णाए समाणे अमच्छिए 4 बिलमिव पण्णगभूएणं अप्पाणेणं तमाहारं आहारेइ, तए णं समणे भगवं महावीरे अण्णया क० राय० पडिणिक्खमइ 2 ता बहि जण विहरइ / तए णं से अज्जणए अणगारे तेणं उरालेणं (वि०) पयत्तेणं पग्गहिएणं महाण मागेणं तवोकम्मेणं अप्पाणं भावेमाणे बहुपडिपुण्णे छम्मासे सामण्ण. परियागं पाउणइ, पाउणित्ता अद्धमासियाए संलेहणाए अप्पाणं झुसेइ 2 ता Page #1351 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1338 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि तीसं भत्ताइं अणसणाए छेदेइ 2 ता जस्सट्टाए कीरइ जाव सिद्धे 3 // 13 // ( उ० च० अ० ए० ख० ज०) तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे णयरे गणसिलए चेइए तत्थ णं सेणिए राया कासवे णाम गाहावई परिवसइ जहा मकाई, सोलस वासा परियाओ विपुले सिद्ध 4 / एवं खेमएऽवि गाहावई णवरं काकंदी णयरी सोलस वासा परियाओ विपुले पव्वए सिद्धे 5 / एवं धिइहरेवि गाहावई काकदीए णयरीए सोलस वासा जाब विपुले सिद्धे 6 / एवं केलासेवि गाहावई णवरं सागेए णयरे बारसवामाई परियाओ विपुले सिद्धे 7, एवं हरिचंदणेवि गाहावई सागेए बारसवासा परियाओ विपुले सिद्ध 8 / एवं वारत्तए वि गाहावई णवरं रायगिहे णयरे बारसवासा परियाओ विपुले सिद्ध 6 / एवं सुदंसणे वि गाहावई णवरं वाणियग्गामे णयरे दूइपलासए चेइए पंचवासा परियाओ विपुले सिद्धे 10 / एवं पुण्णभद्दे वि गाहावई वाणियगामे णयरे पंच वासा परियाओ विपुले सिद्ध 11 / एवं सुमणमद्दे वि गाहावई सावत्थीए णय. रीए बहुवासाई परि , सिद्धे 12 / एवं सुपइठे वि गाहावई सावत्थीए णयरीए सत्तावीसं वासा परियाओ विपुले सिद्ध 13 / एवं मेहे वि गाहावई रायगिहे णयरे बहूई वासाइं परियाओ विपुले सिद्धे 14 // 14 // (उ० प० अ० ए० व०ए०ख००) तेणं कालेणं तेणं समएणं पोलामपुरे णयरे सिरिवणे उज्जाणे, तत्थ गं पोलासपुरे णयरे विजये णामं राया होत्था, तस्स णं विजयस्स रणो सिरीणाम देवी होत्था वण्णओ, तस्स णं विजयस्स रणो पुत्ते सिरीए देवीए अत्तए अइमत्ते णामं कुमारे होत्था सूमाले० / तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे जाव सिरिवणे विहरइ / तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स जेठे अंतेवासी इंदभई जहा पण्णत्तीए जाव पोलासपुरे णयरे उच्च जाव अडइ / इमं च णं अइ मुत्ते कु मारे हाए जाव विभूसिए बहूहि दारएहि य दारियाहि य डिभएहि य डिभियाहि य कुमारएहि य कुमारियाहि य सद्धि संपरिवुडे सयाओ गिहाओ पडिणिक्खमइ 2 ता जेणेव इंदट्ठाणे तेणेव उवागए तेहिं बहूहि दारएहि य 6 संपरिवूडे अभिरममाणे 2 विहरई / तए णं भगवं गोयमे पोलासपुरे णयरे उच्च जाव अडमाणे इंददाणस्स अदूरसामंतेणं वीईवयइ / तए से अइमुत्ते कुमारे भगवं गोयमं अदूरसामंतेणं वीईवयमाणं पासइ 2 ता जेणेव भगवं गोयमे तेणेव उवागए 2 ता भगवं गोयमं एवं Page #1352 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंतगडदसाओ व. 6 1339 वयासी-के गं भंते ! तुम्भे ? किं वा अडह ? तए णं भगवं गोयमे अइमत्तं कुमारं एवं वयासी-अम्हे गं देवाणुप्पिया ! समणा णिग्गंथा ईरियासमिया जाव गुत्त बंभयारी उच्च जाव अडामो / तए णं अइमुत्ते कुमारे भगवं गोयमं एवं वयासी-एह णं भंते ! तुब्भे जण्णं अहं तुम्भं भिक्खं दवावेमी तिकट्ठ भगवं गोयमं अंगुलीए गेण्हइ 2 ता जेणेव सए गिहे तेणेव उवागए / तए णं सा सिरिदेवी भगवं गोयम एज्जमाणं पासइ 2 ता हट्ठ० आसणाओ अब्मटठेइ 2 ता जेणेव भगवं गोयमे तेणेव उवागया भगवं गोयमं तिक्खुत्तो आयाहिण. पयाहि० वंदइ० विउलेणं असण. जाव पडिविसज्जेइ / तए णं से अइमत्ते कुमारे भगवं गोयमं एवं वयासी-कहि गं भंते ! तुब्भे परिवसह ? तए णं से भगवं गोयमे अइमुत्तं कुमारं एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! मम धम्मायरिए धम्मोवएसए भगवं महावीरे आइगरे जाव संपाविउकामे इहेव पोलासपुरस्स णयरस्स बहिया सिरिवणे उज्जाणे अहापडिरूवं उग्गहं उग्गिण्हित्ता संजमेणं जाव भावेमाणे विहरइ, तत्थ गं अम्हे परिवसामो। तए णं से अइमुत्ते कुमारे भगवं गोयम एवं वयासी-गच्छामि गं भंते ! अहं तुहिं सद्धि समणं भगवं महावीरं पायवंदए ? अहासुहं देवाणुप्पिया! तए णं से अइमत्ते कुमारे भगवया गोयमेणं सद्धि जेणेव समणे भ० महावीरे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिण पयाहिणं करेइ 2 ता वंदइ जाव पज्जवासइ / तए णं भगवं गोयमे जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागए जाव पडिदसेइ 2 ता संजमेणं तव. विहरइ / तए णं समणे भगवं महावीरे अइमुत्तस्स कुमारस्स. तीसे य धम्मकहा, तए गं से अइमते कु० समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए धम्म सोच्चा णिसम्म हट्ट. जं णवरं देवाणप्पिया ! अम्मापियरो आपुच्छामि, तए गं अहं देवाणप्पियाणं अंतिए जाव पव्वयामि / अहासुहं देवाणुपिया ! मा पडिबधं करेह / तए गं से अइमते कुमारे जेणेव अम्मापियरो तेणेव उवागए जाव पव्वइत्तए / अइ. मत्तं कुमारं अम्मापियरो एवं वयासी-बाले-सि ताव तुमं पुत्ता ! असंबद्ध. सि.० कि णं तुमं जाणासि धम्म ? तए णं से अइमुत्ते कुमारे अम्मापियरो एवं वयासी-एबं खलु अहं अम्मयाओ ! जं चेव जाणामि तं चेव ण जाणामि जं चेव ण जाणामि तं चेव जाणामि / तए गं तं अइमुत्तं कुमारं अम्मापियरो Page #1353 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1340 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि एवं वयासी-कहं गं तुम पुत्ता ! जं चेव जाणसि जाव तं चेव जाणसि ? तए णं से अइमुत्ते कुमारे अम्मापियरो एवं वयासी-जाणामि अहं अम्मयाओ ! जहा जाएणं अवस्समरियव्वं ण जाणामि अहं अम्मयाओ ! काहे वा कहिं वा कह वा केचिरेण वा ? ण जाणामि अहं अम्मयाओ ! केहि कम्माययणेहिं जीवा णेरइयतिरिक्ख जोणियमणस्सदेवेसू उववज्जति, जाणामि णं अम्मयाओ ! जहा सएहि कम्माययणेहि जीवा रइय० जाव उववज्जंति, एवं खल अहं अम्म. याओ ! जं चेव जाणामि तं चेव ण जाणामि जं चेव ण जाणामि तं चेव जाणामि, तं इच्छामि गं अम्मयाओ ! तुमहिं अब्भणण्णाए जाव पव्वइत्तए। तए णं तं अइमुत्तं कुमारं अम्मापियरो जाहे णो संचाएंति बहहिं आघव० तं इच्छामो ते जाया ! एगदिवसमवि रायसिरि पासेत्तए / तए णं से अइमुत्ते कुमारे अम्मापिउवयणमणयत्तमाणे तुसिणीए संचिट्ठई अभिसेओ जहा महाबलस्स णिक्खमणं जाव सामाइयमाइयाई एक्कारस अंगाई अहिज्जइ बहूई वासाइं सामण्णपरियागं गुणरयणं जाव विपुले सिद्धे 15 / उ० सो० अ० ए० ख० ज० तेणंकालेणं तेणं समएणं वाणारसीए णयरीए काममहावणे चेइए तत्थ णं वाणा. रसीइए अलक्खे णामं राया होत्था। तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे जाव विहरइ परिसा णिग्गया, तए णं से अलक्खे राया इमीसे कहाए लद्धठे स० हट्टतुट्ट० जहा कूणिए जाव पज्जवासइ धम्मकहा० / तए णं से अलक्खे राया समणस्स भगवओ महावीरस्स अतिए जहा उदायणे तहा णिक्खंते णवरं जेट्ठपुत्तं रज्जे अहिसिंचइ एक्कारस अंगाई बह वासा परियाओ जाव विपुले सिद्ध 16 / एवं जंबू ! समणेणं जाव छ?मस्स वग्गस्स अयमठे पण्णत्ते // 15 // सत्तमो वग्गो जइणं भंते ! सत्तमस्स वग्गस्स उक्खेवओ० जाव तेरस अज्झयणा पण्णत्ता तं०-णंदा तह गंदवई गंदोत्तर दिसेणिया चेव मरुया सुमरुया महमरुया मरुद्देवा य अट्ठमा // 1 // भद्दा य सुभद्दा य सुजाया सुमणाइया / भयदिण्णा य बोद्धधव्वा सेणिय भज्जाणं णामाई // 2 // जइणं भंते ! तेरस अज्झयणा पण्णत्ता पढमस्स णं भंते ! अज्झयणस्स समणेणं. के अट्ठे पण्णत्ते ? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे णयरे Page #1354 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंतगडदसाओ व. 8 1341 गुणसिलए चेइए सेणिए राया व०, तस्स णं सेणियस्स रण्णो णंदा णामं देवी होत्था वण्णओ, सामी समोसढे परिसा णिग्गया। तए णं सा गंदा देवी इमीसे कहाए लद्धट्टा स० जाव हद० कोडंबियपुरिसे सहावेइ 2 ता जाणं दुरुहइ जहा पउमावई जाव एक्कारस अंगाई अहिज्जित्ता वीसं वासाइं परियाओ जाव सिद्धा। एवं तेरसवि देवीओ गंदागमेण णेयवाओ णि० // सत्तमो वग्गो समत्तो // 16 // अट्ठमो वग्गो जइ णं भंते ! अट्टमस्स वग्गस्स उक्खेवओ जाव दस अज्झयणा पण्णता, तं०-काली सुकाली महाकाली कण्हा सुकण्हा महाकण्हा / वीरकण्हा य बोधव्वा रामकण्हा तहेव य // 1 // पिउसेणकण्हा णवमी दसमी महासेणकण्हा य। जइ० दस अज्झयणा० पढमस्स गं मं० अज्झयणस्स स० जाव सं० के अट्ठे पण्णत्ते ? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं चंपा णामं णयरी होत्था पुण्णमद्दे चेइए, तत्थ णं चंपाए णयरीए कोणिए राया वण्णओ, तत्थ गं चंपाए गयरीए सेणियस्स रणो मज्जा कोणियस्स रणो चुल्लमाउया काली णाम देवी होत्था वण्णओ जहा गंदा जाव सामाइयमाइयाई एक्कारस अंगाई अहिज्जइ, बहूहिं चउत्थ० जाव अप्पागं भावेमाणी विहरइ, तए णं सा काली अज्जा अण्णया कयाइ जेणेव अज्जचंदणा अज्जा तेणेव उवागया उवागच्छित्ता एवं वयासी-इच्छामि णं अज्जाओ! तुहिं अब्भणण्णाया समाणी रयणावलि तवं उवसंपज्जेत्ताणं विहरेत्तए अहासुहं / तए णं सा काली अज्जा अज्ज चंदणाए अब्मणण्णाया समाणी रयगावलि त. उवसंपज्जित्ताणं विहरइ तं०-चउत्थं करेइ करेत्ता सम्वकामणियं पारेइ पारेत्ता छठं करेइ करेत्ता सव्वकामगणियं पारेइ 2 अटुमं करेइ 2 सव्वकाम० 2 अट्ठ छट्ठाई करेइ 2 सव्वकाम० 2 चउत्थं करेइ 2 सम्बकाम. छठें करेइ 2 सव्वकाम० 2 अटुमं करेइ 2 सव्वकाम० 2 दसमं करेइ 2 सव्वकाम० 2 दुवालसमं करेइ 2 सम्वकाम० 2 चोद्दसमं० 2 सव्व० 2 सोलसमं० 2 सव० 2 अद्वारसमं० 2 सव० 2 वीसइमं० 2 सव्व० 2 बावीसइमं० 2 सव्व० 2 चउवीसइमं० 2. सव० 2 छब्बीसइमं० 2 सव्व० 2 अट्ठावीसइमं० 2 सम्व० 2 तीसइमं० 2 सव्व० 2 बत्तीसइमं० 2 सव्व० 2 चोत्तीसइमं० 2 सव्व० 2 Page #1355 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1342 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि चोत्तीसं छटाई करेइ 2 सव्व० 2 चोत्तीसइमं करेइ 2 सय० 2 बत्तीसं० 2 सव्व० 2 तीसं० 2 सन्न. 2 अट्ठावीसं० 2 सव्व० 2 छन्वीसं० 2 सव्व० 2 चउवीसं० 2 सन्व० 2 वावीसं० 2 सव्व० 2 वीसं० 2 सव्व. 2 अट्टारममं० 2 सव० 2 सोलसमं० 2 सव्व० 2 चोद्दसमं० २सव्व० 2 बारसमं० 2 सन्त्र 02 दसमं० 2 सव० 2 अटुमं० 2 सव्व० 2 छठ० 2 सव० 2 चउत्थं० 2 सव्व० 2 अट्ठ छट्ठाई करेइ 2 सव्व० 2 अट्ठम करेइ 2 सव्व० 2 छठें करेइ 2 सव्व० 2 चउत्थं० 2 सव० एव खल एसा रयणावलीए तवोकम्पस्स पढमा परिवाडी एगेणं संवच्छरेणं तिहिं मासेहि बावीसाए य अहोरत्तेहि अहासुत्त जाव आराहिया भवइ / तयाणतरं च णं दोच्चाए परिवाडीए च उत्थं करेइ 2 विगइवज्जं पारेइ 2 छठं करेइ 2 विगइवज्जं पारेइ० एवं जहा पढमाए. परिवाडिए तहा बीयाए वि णवरं सव्वपारणए विगइवज्ज पारेइ जाव आराहिया भवइ / तयाणंतरं च णं तच्चाए परिवाडीए चउत्थं करेइ करेत्ता अलेवाडं पारेइ सेसं तहेव, एवं चउत्था परिवाडी णवरं सत्वपारणए आयंबिलं पारेइ सेसंत चेव'पढमंमि सव्वकामं पारणयं बिइयए विगइवज्ज / तइयंमि अलेवाडं आयंबिलओ चउत्थंमि // 1 // ' तए णं सा काली. अज्जा रयणावली तवोकम्म पंचहि संवच्छरेहि दोहि य मासेहिं अट्ठावीसाए य दिवसेहिं अहासुत्तं जाव आराहेत्ता जेणेव अज्जचंदणा अज्जा तेणेव उवा० 2 ता अज्जचंदणं अज्ज वंदइ णमंसइ वं० 2 ता बहहिं च उत्थ जाव अप्पाणं भावेमाणी विहरइ / तए णं सा काली अज्जा तेणं ओरालेणं जाव धमणिसंतया जाया यावि होत्था से जहा इंगाल० जाव सुहयहुयासणे इव भासरासिपलिच्छण्णा तवेणं तेएणं तवतेयसरीए अईव 2 उपसोहेमाणी 2 चिट्ठइ, तए णं तोसे कालोए अज्जाए अण्णया कयाइ पुवरत्तावरत्तकाले अयमज्झथिए जहा खंदयस्स चिता जहा जाव जस्थि उट्ठा० ताव ता मे सेयं कल्लं जाव जलते अज्जचंदणं अज्ज आपुच्छित्ता अज्जचंदणाए अज्जाए अब्भणुण्णायाए समाणीए सलेहणा. झसणाझसियाए भत्तपाणपडियाइक्खियाए कालं अणवकंखमाणीए विहरेत्तएत्तिकट्ट एवं संपेहेइ 2 ता कल्लं जेणेव अज्जचंदणा अज्जा तेणेव उवा. गच्छइ 2 त्ता अज्जचंदणं अज्ज वंदइ णमंसइ वं० 2 ता.एवं वयासी-इच्छामि णं अज्जो ! तुभेहि अब्भणुण्णाया समाणी संलेहणा० जाव विहरेत्तए, अहा Page #1356 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंतगडदसाओ व. 8 1343 सुहं० / तओ काली अज्जा अज्जचदणाए अब्भणण्णाया समाणी संलेहणा. जाव विहरइ। सा काली अज्जा अज्जचंदणाए अंतिए सामाइयमाइयाई एक्का. रस अंगाई अहिज्जिता बहुपडिपुण्णाई अट्ट संवच्छराइं सामण्णपरियागं पाउणित्ता मासियाए संलेहणाए अप्पाणं झूसेत्ता सद्धि भत्ताई अणसणाए छेदिता जस्सट्टाए कीरइ जग्गभावे जाव चरिमस्सासणीसासेहिं सिद्धा // 5 // णिक्खेवओ / पढमं अज्झयणं समत्तं // 17 // (उ० बि० अ० ए० ख० ज०) तेणं कालेणं तेणं समएणं चंपा-णामं णयरी पुण्णभद्दे चेइए कोणिए राया, तत्थ णं सेणियस्स रणो मज्जा कोणियस्स रणो चल्लमाउया सुकाली-णामं देवी होत्था जहा काली तहा सुकाली-वि णिक्खंता जाव बहहि चउत्थ-जाव भावेमाणी विहरइ / तए गं सा सुकाली अज्जा अण्णया कयाइ जेणेव अज्ज. चंदणा अज्जा जाव इच्छामि गं अज्जो ! तुम्नेहि अन्मणुण्णाया समाणी कणगावलीतवोकम्म उवसंपज्जिताणं विहरेत्तए, एवं जहा रयणावली तहा कणगावली वि, गवरं तिसु ठाणेसु अट्ठमाई करेइ जहा रयणावलीए छट्ठाई एक्काए परिवाडीए संवच्छरो पंच मासा बारस य अहोरत्ता चउण्हं पंच वरिसा णव मासा अट्ठारस दिवसा सेसं तहेव, णव वासा परियाओ जाव सिद्धा // 18 // एवं महाकाली-वि, णवरं खड्डागं सीहणिक्कोलियं तवोकम्म उवसंपज्जित्ताणं विहरइ, तं०-चउत्थं करेइ 2 सम्बकामगणियं पारेइ 2 छठें करेइ 2 सव्व. कामगणियं पारेइ 2 चउत्थं करेइ 2 सम्वका० 2 अट्टमं करेइ 2 सव्वका० 2 छठं० 2 सव. 2 दसमं० 2 सच? अटुमं० 2 सव्व० 2 दुवालसं० 2 संव. 2 दसमं० 2 सव्व० 2 चोहसं० 2 दुवालसं० 2 सध० 2 सोलसम० 2 सव्व. 2 चोद्दसं० 2 सव्व० 2 अट्ठारसं० 2 सव्व० 2 सोलसम०.२ सव्व० 2 वीस० 2 सम्व० 2 अट्ठार० 2 सम्ब० 2 वीस. 2 सम्ब० 2 सोलसमं० 2 सम्व० 2 अट्ठार० सम्व. 2 चोदसं० 2 सव्व० 2 सोलसमं. 2 सव्व०२ दुवालसं० 2 सव्व० 2 चोदसं० 2 सव्व० 2 दसमं० 2 सव्व० 2 दुवालसं० 2 सव्व० 2 अट्ठमं० 2 सव्व० 2 दसम० 2 सव्व० 2 छठ्ठ० . 2 सव. 2 अट्टमं० 2 सम्ब० 2 चउत्थं० 3 सव. 2 छठं. 2 सव्व० 2 च उत्थं० 2 सम्वकामगुणियं पारेइ तहेव चत्तारि परिवाडीओ, एक्काए परिवाडीए छम्मासा सत्त य दिवसा, चउण्हं दो वरिसा अट्ठावीसा य Page #1357 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1344 अंग-पविट्ट सुत्ताणि दिवसा जाव सिद्धा // 16 // एवं काहा वि णवरं महालयं सीहणिक्कीलियं तवोकम्म जहेव खुड्डागं णवरं चोत्तीसइमं जाव णेयव्वं तहेव ऊसारेयध्वं, एक्काए वरिसं छम्मासा अट्ठारस य दिवसा, च उण्हं छन्वरिसा दो मासा बारस य अहो. रत्ता, सेसं जहा कालीए जाव सिद्धा // 20 // एवं सुकण्हा वि णवरं सत्तसत्तमियं भिक्खपडिमं उवसंपज्जित्ताणं विहरइ, पढमे सत्तए एक्केक्क भोयणस्स दत्ति पडिगाहेइ एक्केवकं पाणयस्स, दोच्चे सत्तए दो दो भोयणस्स दो दो पाण. यस्स पडिगाहेइ, तच्चे सत्तए तिण्णि. चउत्थे० पंचमे० छ० सत्तमे मत्तए सत्त दत्तीओ भोयणस्स पडिग्गाहेइ सत्त पाणयस्स, एवं खल एयं सत्तसत्तमियं भिक्खुपडिम एगणपण्णाए राइदिएहिं एगेण य छण्ण उएणं भिक्खासएणं अहा. सुत्ता जाव आराहेत्ता जेणेव अज्जचंदणा अज्जा तेणेव उवागया 2 ता अज्ज. चदणं अज्जं वंदइ णमंसइ वं० 2 ता एवं वयासी-इच्छामि गं अज्जाओ ! तुहि अब्भणण्णाया समाणी अदृट्टमियं भिक्खपडिम उवसंपज्जिताणं विहरे. त्तए, अहासुहं / तए गं सा सुकम्हा अज्जा अज्जचंदणाए अन्मणण्णाया समाणी अट्रमियं भिक्खुपडिम उवसंपज्जिताणं विहरइ, पढमे अदए एक्केवक भोय. गस्स दत्ति पडिगाहेइ एक्केक्क पाणयस्स जाव अटुंमे अट्ठए अट्ठ मोयणस्स दत्ति पडिगाहेइ अट्ठ पाणयस्स, एवं खल एयं अट्ठमियं भिक्खुपडिमं च उसट्ठीए राइदिएहि दोहि य अट्ठासीएहि भिक्खासएहि अहासुतं जाव णवणवमियं भिक्खुपडिमं उवसंपज्जित्ताणं विहरइ, पढमे णवए एक्केक्कं भोयणस्स दत्ति पडिगाहेइ एक्केवकं पाणयस्स जाव णवमे णवए गवणव द. भो० पडि०-णव 2 पाणयस्स, एवं खल णवणवमियं भिक्खपडिमं एकासीई राइंदि. एहि चहिं पंचोत्तरेहि भिक्खासएहि अहासुत्ता जाव दसदसमियं भिक्खुपडिमं उवसंपज्जित्ताणं विहरइ, पढमे दसए एक्केक्कं भोयणस्स दत्ति पडिगाहेइ. एक्केक्कं पाणयस्स जाव दसमे दसए दस 2 भोयणस्स दत्ति पडिगाहेइ दस 2 पाण य स्स०, एवं खलु एयं दसदसमियं भिक्खुपडिम एक्केणं राइदियसएणं अद्धछर्केहि भिक्खासएहिं अहासुत्तं जाव आराहेइ 2 ता बहूहिं च उत्थ जाव मासद्धमासविविहतवोकम्मेहि अप्पाणं भावेमाणी विहरह, तए णं सा सुकण्हा अज्जा तेणं उरालेणं जाव सिद्धा ॥णिक्खेवओ॥पंचम अज्झयणं // 21 // एवं महाकण्हा वि णवरं खुड्डागं सव्वओभई पडिम उवसंपज्जित्ताणं विहरइ (20) Page #1358 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंतगडदसाओ ब.८ 1345 चउत्थं करेइ 2 सम्वकामगुणियं पारेइ 2 छठें करेइ 2 सव्व० 2 अट्ठमं० 2 सव्व० 2 दसमं० 2 सन्च० 2 दुवालसमं० 2 सव्व० 2 अट्ठमं० 2 सव्व० 2 दसमुं० 2 सव्व० 2 दुवालसमं० 2 सव्व० 2 चउत्थं० 2 सम्व 2 छठें. 2 सव्व० 2 दुवालसमं० 2 सव्व० 2 चउत्थं० 2 सव्व०२ छठें० 2 सम्व० 2 अट्ठमं० 2 सव्व० 2 दसमं०२ सव्व० 2 छठें० 2 सव्व० 2 अट्ठमं० 2 सव्व. 2 दसमं० 2 सव्व० 2 दुवालसमं०२ सव्व०२ चउत्थं० 2 सव्व० 2 दसमं० 2 सम्व० 2 दुवालसमं० 2 सव्व० 2 चउत्थं० 2 सव्व० 2 छठें० 2 सव्व० 2 अट्ठमं० 2 सव्व० एवं खलु एवं खुड्डागसव्वओभहस्स तवोकम्मस्स पढमं परिवाडि तिहिं मासेहिं दसहि दिवसेहिं अहासुत्तं जाव आराहित्ता दोच्चाए परिवाडीए चउत्थं करेइ 2 विगइवज्जं पारेइ 2 जहा रयणावलीए तहा एत्थ-वि चत्तारि परिवाडीओ पारणा तहेव, चउन्हं कालो संवच्छरो मासो दस य दिवसा, सेसं तहेव जाव सिद्धा / णिक्खवओ // छठें अज्झयणं // 22 // एवं वीर. कण्हा-वि गवरं महालयं सवओमदं तवोकम्म उवसंपज्जित्ता-णं विहरइ, तं०चउत्थं करेइ 2 सव्व० 2 छठें० 2 सव्व० 2 अट्ठमं० 2 सम्व० 9 दसमं० 2 सव्व० 2 दुवालसमं० 2 सम्ब० 2 चोद्दसमं०२ सम्व० 2 सीलसमं० 2 सन्द० 2 (प० लया) दसमं० 2 सन्व० 2 दुवालसमं० 2 सव. 2 चोदसमं० 2 सव्व० 2 सोलसमं० 2 सव्व०२ चउत्थं० 2 सम्ब० 2 छठं० 2 सव्व० 2 अट्ठमं० 2 सव्व० 2 (बि. ल.) सोलसमं० 2 सम्व० 2 चउत्थं० 2 सव्व० छठें 2 सव्व० 2 अट्ठमं० 2 सव्व० 2 दसमं० 2 सव०२ दुवाल. 2 सव्व० 2 चोद्द-सं० 2 सव्व० 2 (ति० ल०) अट्ठमं० 2 सम्व० 2 दसमं० 2 सम्व० 2 दुवालसमं० 2 सव्व. 2 चोद्दसमं० 2 सन्व० 2 सोलसमं० 2 सव. 2 चउत्थं० 2 सव्व० 2 छठें० 2 सव्व० 2 (च० ल०) चोद्दसं० 2 सम्व० 2 सोलसमं० 2 सम्व० 2 चउत्थं० 2 सव्व० 2 छठें० 2 सव्व० 2 अट्ठमं० 2 सव्व० 2 दसमं० 2 सम्व० 2 दुवाल० 2 सव्व० 2 (पं० ल०) छठें. सव्व० 2 अट्टमं० 2. सव्व. 2 दसमं० 2 सव्व० 2 दुवाल० 2 सव्व० 2 चोहसमं० 2 सव्व० 2 सोलसमं० 2 सव्व० 2 चउत्थं० 2 सव्व० 2 (छ०ल०) दुवाल० 2 सव्व०२ चोद्दसमं० 2 सव्व० 2 सोलसमं० 2 सव्व० 2 चउत्थं. 2 सध्व० 2 छठें० 2 सम्व० 2 अट्ठमं० 2 सव्व० 2 दसमं० 2 सव्व० i Page #1359 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1346 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि (स. ल.) एक्काए कालो अटू मासा पंच य दिवसा चउण्हं दो वासा अट्ट मासा बीस दिवसा सेसं तहेव जाव सिद्धा // 23 // एवं रामकण्हा-वि णवरं महोत्तरपडिमं उवसंपज्जिताणं विहरइ तं०-दुवालसमं करेइ 2 सव्व० चोद्द: समं० 2 सव्व० 2 सोलसमं 2 सव्व० 2 अट्ठारसमं० 2 सव्व० 2 वीसइमं० 2 सव्व० 2 सोलसमं० 2 सव्व० अट्ठारसमं० 2 सव्व० 2 वीसइमं० 2 सव्व० दुवालसमं० 2 सव्व० चोदसमं० 2 सव्व० 2 वीस इमं० 2 सव्व० 2 दुवालपमं० 2 सव्व० 2 चोद्दसमं० 2 सव्व० 2 सोलसमं० 2 सव्व० 2 अट्ठारसमं० 2 सव्व० 2 चोद्दसमं० 2 सम्व० 2 सोलसमं० 2 सव्व० 2 अट्ठारसमं० 2 सव्व० 2 वीसहमं० 2 सव. 2 दुवालसमं० 2 सव्व० 2 अटारसमं० 2 सव्व० 2 वीसइमं० 2 सव्व० 2 दुवालसमं० 2 सम्ब० २.चोद्दसमं० 2 सव्व० 2 सोलसमं० 2 सव्व० एक्काए कालो छम्मासा वीस य दिवसा, चउम्हं कालो दो वरिसा दो मासा वीस य दिवसा, सेसं तहेव जहा काली जाव सिद्धा // 24 // एवं पिउसेणकण्हा वि णवरं मुत्तावलीतवोकम्म उवसंपज्जित्ताणं विहरइ, तं०चउत्थं करेइ 2 मव्व० 2 छठं० 2 सव्व० 2 चउत्थं० 2 सव्व० 2 अट्टमं० 2 सव्व० 2 चउत्थं० 2 सव० 2 दसमं० 2 सव. 2 चउत्थं० 2 सव्व० 2 दुवाल० 2 सव० 2 चउत्थं० 2 सव्व० 2 चोद्दसमं० 2 सव्व० 2 चउत्थं० 2 सव्व० 2 सोलसमं० 2 सव्व० चउत्थं० 2 सव्व० 2 अट्ठारसमं० 2 सव्व० 2 चउत्थं० 2 सव. 2 वीसइमं० 2 सव. 2 च उत्थं० 2 सम्व० 2 बावीसाइमं० 2 सव. 2 चउत्थं० 2 सव्व०२ चउवीसइमं० 2 सव्व० 2 चउत्थं० 2 सव्व० 2 छव्वीसइमं० 2 सम्व० 2 चउत्थं० 2 सव. 2 अट्ठावीसं० 2. सव्व० 2 चउत्थं० 2 सव्व० 2 तीसइमं० 2 सव्व० 2 चउत्थं० 2 सव्व० 2 बत्तीसइमं० 2 सव्व०२ चउत्थं० 2 चोत्तीसइमं० 2 सव० (2 ता च०२ त्ता स० 2 ता व० 2 ता) एवं तहेव ओसारेइ जाव चउत्थं करेइ 2 त्ता सव्वकामगुणियं पारेइ, एक्काए कालो एक्कारस मासा पणरस य दिवसा चउण्हं तिणि वरिसा दस य मासा सेसं तहेव जाव सिद्धा // 25 // एवं महा-सेणकण्हा वि, णवरं आयंबिलवडमाणं तवोकम्म उवसंपज्जित्ताणं विहरइ, त०-आयंबिलं करेइ 2 च उत्थं करेइ २बे आयंबिलाइं करेइ 2 चउत्थं करेइ तिण्णि आयंबिलाई करेइ 2 चउत्थं० 2 चत्तारि० 2 चउत्थं० 2. पंच० 2 Page #1360 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंतगडदसाओ व. 8 1347 चउत्थं० 2 छ० 2 चउत्थं० 2 एवं एकोत्तरियाए वड्ढीए आयंबिलाई वड्ढंति च उत्थंतरियाई जाव आयंबिलसयं करेइ 2 चउत्थं करेइ / तए णं सा महासेण. कण्हा अज्जा आयंबिलवड्डमाणं तवोकम्मं चोद्दसहि वासेहिं तिहि य मासेहि वीसहि य अहोरत्तेहिं अहासुत्तं जाव सम्मं काएणं फासेइ जाव आराहित्ता जेणेव अज्जचंदणा अज्जा तेणेव उवा० 2 ता अ० अ० वंदइ णमंसइ वंदित्ता णमंसित्ता बहूहि चउत्थ जाव भावेमाणी विहरइ, तए णं सा महासेणकण्हा अज्जा तेणं उरालेणं जाव उवसोभेमाणी चिट्ठइ / तए णं तीसे महासेणकण्हाए अज्जाए अण्णया कयाइं पुव्वरत्तावरत्तकाले चिता जहा खंदयस्स जाव अज्जचदणं आपुच्छइ जाव संलेहणा० कालं अणवकंखमाणी विहरइ। तए णं सा महासेणकण्हा अज्जा अज्जचंदणाए अज्जाए अंतिए सामाइयमाइयाई एक्कारस अंगाई अहिज्जित्ता बहुपडिपुण्णाई सत्तरस वासाइं परियायं पालइत्ता मासियाए संलेहणाए अप्पाणं झसित्ता सट्टि भत्ताई अणसणाए छदित्ता जस्सट्टाए कीरइ जाव तमढें आराहेइ आराहित्ता चरिमउस्सासणीसासेहि सिद्धा बुद्धा० / अट्ठ य वासा आई एक्कोंत्तरियाए जाव सत्तरस / एसो खलु परियाओ सेणिय. भज्जाणं णायव्वो // 1 // एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेणं आदि. गरेणं जाव संपत्तेणं अट्ठमस्स अंगस्स अंतगडदसाणं अयमढे पण्णत्ते // 26 // अंतगडदसाणं अंगस्स एगो सुयखंधो अट्ठवग्गा अट्ठसु चेव दिवसेसु उहिसिज्जति, तत्थ पढमबिइयवग्गे दस दस (अट्ठ) उद्देसगा तइयवग्गे तेरस उद्देसगा चउत्थपंचमवग्गे दस दस उद्देसगा छट्ठवग्गे सोलस उद्देसगा सत्तमवग्गे तेरस उद्देसगा अट्ठमवग्गे दस उद्देसगा सेसं जहा गायधम्मकहाणं // 27 // // अंतगडदसाओ समत्ताओ / / Page #1361 -------------------------------------------------------------------------- _ Page #1362 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अणुत्तरोववाइयदसाओ पढमो वग्गो तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे णयरे अज्जसुहम्मस्स समोसरणं परिसा णिग्गया जाव जंबू पज्जुवासइ एवं बयासी-जह से भंते ! समणेणं जाव संपत्तेणं अट्ठमस्स अंगस्स अंतगडदसाणं अयमढे पण्णत्ते णवमस्स गं मंते ! अंगस्स अणत्तरोववाइयवसाणं समणेणं जाव संपत्तेणं के अट्ठे पण्णते? तए णं से सुहम्मे अणगारे जंबू अणगारं एवं वयासी-एवं खल जम्बू ! समणेणं जाव संपत्तेगं णवमस्स अंगस्स अणत्तरोववाइयवसागं तिष्णि वग्गा पण्णत्ता। जइ गं भंते ! समणेणं जाव संपत्तेणं णवमस्स अंगस्स अणुत्तरोबवाइयवसाणं तओ वग्गा पण्णत्ता पढमस्सगं भंते ! वग्गस्स अणसरोववाइयदसाणं समणेणं जाव संप. तेणं कई अजायणा पग्णत्ता? एवं खल जंब ! समणेणं जाव संपत्तेणं अणत्तरोववाइयवसाणं पढमस्स वग्गस्स दस अज्झयणा पण्णता, तं०-(गा०-) जालिमयालिउवयाली पुरिससेणे य वारिसेणे य, दोहदंते य लवंते य विहल्ले वेहा[य]से अमए इ य कुमारे / जइ णं भंते ! समणेणं जाव संपत्तेणं पढमस्स वग्गस्स दस अज्झयणा पण्णत्ता पढमस्स में भंते ! अज्झयणस्स अत्तरोववा. इयदसाणं समजेणं जाव संपत्तेणं के अट्ठे पण्णत्ते ? एवं खल जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे जयरे रिद्धस्थिमियसमिद्धे गणसिलए चेइए सेणिए राया धारिणीदेवी सीहो सुमिणे जालीकुमारो जहा मेहो अट्ठओ वाओ जाव उप्पि पासाय० विहरह / सामी समोसढे, सेणिओ णिग्गओ, जहा मेहो तहा जालीवि णिग्गओ तहेव णिक्खंतो जहा मेहो, एक्कारस अंगाई अहिज्जइ, गणरयणं तंवोकम्मं एवं जा चेव खंदयस्स वत्तव्वया सा चेव चितणा आपुच्छणा थेरेहिं सद्धि विपुलं तहेव दुरुहइ, णवरं सोलस वासाइं साम. Page #1363 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1350 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि ण्णपरियागं पाउणित्ता कालमासे कालं किच्चा उड्ढं चंदिम० सोहम्मीसाण जाव आरणच्चुए कप्पे णवयोवेजोविमाणपत्थडे उड्ड दूरं वीईवइत्ता विजय. विमाणे देवत्ताए उववण्णे। तएणं ते थेरा भगवंतो जालि अगगारं कालगयं जाणेत्ता परिणिव्वाणवत्तियं काउस्सग्गं करेंति 2 ता पत्तचीवराई गहति तहेव ओयरंति जाव इमे से आयारभंडए / भंते ! त्ति भगवं गोयमे जाव एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पियाणं अंतेवासी जाली णाम अणगारे पगइभद्दए मे गं जाली अणगारे कालगए कहिं गए कहि उबवणे ? एवं खलु गोयमा ! मम अंतेवासी तहेव जहा खंदयस्स जाव काल० उड्ढं चंदिम जाव विजय विमाणे देवत्ताए उववण्णे / जालिस्स गं भंते ! देवस्स केवइयं कालं ठिई पणता ? गोयमा ! बत्तीसं सागरोबमाई ठिई पण्णत्ता / से गं भंते ! ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं 3 कहिं गच्छिहिइ 2 ? गोयमा ! महाविदेहे वासे मिज्झिहिइ (ता) एवं खलु जंबू ! समणेणं जाव संपत्तेणं अणुत्तरोववाइयवसाणं पढमस्म वग्गस्स पढमज्झयणस्स अयमठे पण्णत्ते / एवं सेसाण वि अट्टण्हं माणि. यवं, णवरं (सत्त) छ धारिणीसुआ वेहल्लवेहा[य]सा चेल्लणाए (अ० 0), आइल्लाणं पंचण्हं सोलस वासाइं सामण्णपरियाओ तिम्हं बारस वासाई दोण्ह. पंच वासाई, आइल्लाणं पंचण्हं आणपुवीए उववाओ विजए वेजयते जयंते. अपराजिए सव्वदृसिद्धे, दीहदते सम्वसिद्धे, उक्कमेणं सेसा, अमओ विजए, सेसं जहा पढमे, अभयस्त णाणत्तं, रायगिहे णयरे सेणिए राया गंदा देवी माया सेसं तहेव, एवं खलु जंबू ! समणेणं जाव संपत्तेणं अणुत्तरोववाइय. दसाणं पढमस्स वग्गस्स अयमठे पण्णत्ते // 1 // पढमो वग्गो समत्तो / दोच्चा वग्गो जइ णं भंते ! समणेणं जाव संपत्तेणं अणुत्तरोववाइयदसाणं पढमस्स वस्गत अयमठे पण्णत्ते दोच्चस्स णं भंते ! वग्गस्स अणुत्तरोववाइयदसाणं समजेणं जाव संपत्तेणं के अट्ठे पण्णत्ते ? एवं खलु जंबू ! समणेणं जाव संपत्तेणं अणतरोववाइयदसाणं दोच्चस्स वग्गस्स तेरस अज्झयणा पण्णता, तं०-दीहसेसे महासेणे लढदंते य गूढदंते य सुद्धदंते य हल्ले दुमे दुमसेणे महादुमसेणे य आहिए / सीहे य सोहसेणे य महासीहसेणे य आहिए, पुण्णसेणे य बोद्धब्वे Page #1364 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अणुत्तरोववाइयदसाओ व. 3 1351 तेरसमे होइ अज्मयणे // जडणं भंते ! समणेणं जाव संपत्तेणं अणत्तरोववाइय. दसाणं दोच्चास वग्गस्स तेरस अज्झयणा प०, दोच्चस्स गं भंते ! वग्गस्स पढ मज्झयणस्स समणेणं. 3 जाव संपत्ते के अछे प० एवं खलु जंबू ! . तेणें कालेणं तेणं समएणं रायगिहे पयरे गणसिलए चेइए सेणिए राया धारिणी देवी सीहो सुमिणे जहा जाली तहा जम्मं बालतणं कलाओ णवरं दोहसेणो कुमारो सच्चेव वत्तव्वया जहा जालिस्स जाव अंत काहिइ, एवं तेरसवि रायगिहे (ण०) सेणिओ पिया धारिणी माया तेरसण्ह वि. सोलसवासा परियाओ,, आणपुवीय (उ०) विजए दोणि वेजयंते दोणि जयंते दोणि अपराजिए / दोण्णि; सेसा महादुमसेणमाई पच सव्वदसिद्धे / एवं खल जंबू ! समणेणं० अणुत्तरोत्रवाइयदसाणं दोच्चस्स वग्गस्स अयमठे पण्णत्ते, मासियाए संलेहणाए दोसु वि वग्गेसु // बीओ वग्गो समत्तो। तच्चो वग्गो जइ गं भंते ! . समणेणं जाव संपत्तेणं अणुत्तरोववाइयदसाणं वोच्चस्स' वग्गस्स अयम→ पण्णत्ते तच्चस्स गं भंते ! वग्गस्स अत्तरोववाइयदेसाणं समणेणं जाव संपत्तेणं के अछे प० ? एवं खल जंबू ! समगेणं जाव संपत्तेणं ' अणुत्तरोववाइयवसाणं तच्चस्स वगस्स दस अज्झयणा पण्णता, तं०-धण्णे य सुणक्खत्ते य, इसिदासे य आहिए / पेल्लए रामपुत्ते य, चंदिमा पिढिमाइया // 1 // पेंढालपुत्ते अणगारे, णवमे पुट्टिले वि य / वेहल्ले दसमे वृत्ते, इमेय दस (ए० अ०) आहिए // 2 जइ णं भंते ! समणेणं जाव संपतेणं अणुत्तरोववाइयदसाणं तच्चस्स वग्गस दस अज्झयणा प० पढमस्स गं भंते ! अज्झयणस्स समणेणं जाव संपत्तेणं के अछे पणते ? एवं खल जंबू ! तेणं कालेणं तेगं समएणं काकंदी णाम णयरी होत्था रिद्धस्थिमियसमिद्धा सहस्संबवणे उज्जाणे सम्वोउय० जियसत्तु राया, तत्थ णं काकंदीए गयरीए भद्दा णाम सत्यवाही परिवसइ अड्डा जाव अपरिभूया, तीसे णं भद्दाए सत्थवाहीए पुत्ते धणे णामं दारए होत्था अहीण जाव सुरूवे पंचधाईपरिग्गहिए तं०-खीरधाईए जहा महब्बले जाव बावरिकलाओ अहीए जाव अलं भोगसमत्थे जाए यावि होत्था, तए णं सा भद्दा सत्यवाही धणं दारयं उम्मक्कबालमावं जाव , Page #1365 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1352 अंग-पविट्ट सुत्ताणि भोगसमत्थं यावि जाणित्ता बत्तीसं पासायडिसए कारेइ अन्मग्गयमूसिए जाव तेसि मज्झे भवणं अणेगखंभसयसंणिविठं जाव बत्तीसाए इन्मवरकण्णगाणं एगदिवसेणं पाणि गेण्हावेइ (2) बत्तीसओ दाओ जाव उप्पि पासाय फटुं. तेहि जाव विहरइ / तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे० समोसढे परिसा णिग्गया राया जहा कोणिओ तहा जियसत्तू णिग्गओ, तए गं तस्स धण्णस्स तं महया (ज.) जहा जमाली तहा णिग्गओ, णवरं पायचारेणं जाव जं गवरं अम्मयं भई सत्थवाहि आपुच्छामि, तए णं अहं देवाणप्पियाणं अंतिए जाव पव्वयामि जाव जहा जमाली तहा आपुच्छइ मच्छिया वृत्तपडिवत्तया जहा महब्बले जाव जाहे णो संचाएइ जहा थावच्चापुत्तो जियसत्तुं आपुच्छइ छत्तचा. मराओ० सयमेव जियसत्त णिक्खमणं करेइ जहा थावच्चापुत्तस्स कण्हो जाव पव्वइए अणगारे जाए ईरियासमिए जाव गत्तबंभयारी, तए गं से धणे अणगारे जं चेव दिवसं मुंडे भवित्ता जाव पवइए तं चेव दिवसं भगवं महावीरं दइ णमंसइ 02 ता एवं वयासी-एवं खल इच्छामि गं भंते ! तुहि अब्भणण्णाए समाणे जावज्जीवाए छठंछठेणं अणिक्खित्तेणं आयंबिलपरिग्गहिएणं तवोकम्मेणं अप्पाणं भावेमाणे विहरित्तए छट्ठस्स वि-य गं पारणयंसि कप्पइ [मे] आयंबिलं पडिग्गहित्तए णो चेव णं अणायंबिलं तं-पिय संसह्र णो चेव गं असंसटें तं:पि-य णं उज्झियधम्मियं णो चेव गं अणज्झियधम्मियं तं पि-य (f) जं अण्णे बहवे समणमाहणअतिहि. किवणवणीमगा गावकंखति, अहासुहं देवाणप्पिया ! मा पडिबंधं करेह / तए गं से घण्णे अणगारे समणेणं भगवया महावीरेणं अभणण्णाए समाणे हट्ठ० जावज्जीवाए छठेछठेणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं अप्पाणं भावेमाणे विहरइ, तए गं से धणे अणगारे पढमछ? (क) खमणपारणयंसि पढमाए पोरिसीए सज्झायं करेइ जहा गोयमसामी तहेव आपुच्छइ जाव जेणेव काकंदी णयरी तेणेव उवागच्छइ 2 सा काकंदीए णयरीए उच्च० जाव अडमाणे आयंबिल [णो अणायंबिलं जाव णावकंखंति, तए गं से धणे अणगारे ताए अन्मज्जयाए पयययाए पयत्ताए पग्गहियाए एसणाए एसमाणे जइ भत्तं लमह तो पाणं ण लमइ अह पाणं लमहतो भत्तंण लमइ, तए गं से धण्णे अणगारे अवीणे अविमणे अक. लसे अविसाई अपरितंतजोगी जयणघडणजोगचरित्ते अहापज्जत्तं समुदाणं पडि. Page #1366 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अणुत्तरोववाइयदसाओ व. 3 1353 गाहेइ 2 ता काकंदीओ णयरीओ पडिणिक्खमइ 2 ता जहा गोयमे जाव पडिदंसेइ / तए णं से धणे अणगारे समणेणं भगवया महावीरेणं अब्मणुण्णाए समाणे अमच्छिए जाव अणज्झोववण्णे बिलमिव पण्णगभूएणं अप्पाणेणं आहारं आहा. रेइ 2 त्ता संजमेणं तवसा० विहरइ / तए समणे भगवं महावीरे अण्णया कयाइ काकंदीओ णयरीओ सहसंबवणाओ उज्जाणाओ पडिणिक्खमइ 2 ता बहिया जणवयविहारं विहरइ / तए णं से धण्णे अणगारे समणस्स भगवओ महावीरस्स तहारूवाणं थेराणं अंतिए सामाइयमाइयाई एक्कारस अंगाई अहिज्जइ अहिज्जित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ / तए णं से धण्णे अणगारे तेणं ओरालेणं जहा खंदओ जाव० चिट्टइ / धण्णस्स गं अणगारस्स पायाणं अयमेयारूवे तवरूवलावण्णे होत्था, से जहा णामए सुक्क. छल्ली इ वा कट्टपाउया इ वा जरग्गउवाहणा इ वा, एवामेव धण्णस्स अणगा. रस्स पाया सुक्का (लक्खा) णिम्मंसा अट्ठिचम्मछिरत्ताए पण्णायंति णो चेव गं मंससोणियत्ताए / धण्णस्स गं अणगारस्स पायंगुलियाणं अयमेयारूवे. से जहाणामए कलसंगलिया इ वा मग्गसं० माससंगलिया इ वा तरुणिया छिण्णा उण्हे दिण्णा सुक्का समाणी मिलायमाणी 2 चिट्ठइ, एवामेव धण्णस्स अ० पायंगलियाओ सुक्काओ जाव सोणियत्ताए, धण्णस्स गं अ० जंघाणं अय. मेयारूवे० से जहा० काकजंघा इ वा कंकजंघा इ वा ढेणियालियाजंघा इ वा जाव सोणियत्ताए, धण्णस्सणं जाण गं अयमेयारवे० से जहा. कालीपोरे इ वा मयरपोरे इ वा ढेणियालियापोरे इ वा एवं जाव सोणियत्ताए, धण्णस्स उरुस्स० जहाणामए सामकरेल्लेइ वा बोरिकरिल्लेइ वा सल्लइकरिल्लेइ वा सामलिकरिल्लेइ वा तरुणिए छि० उण्हे जाव चिट्ठइ एवामेव धण्णस्स उरू जाव सोणियत्ताए, धण्णस्स कडिपत्तस्स इमेयासवे से जहा० उट्टपाए इ वा जरग्गपाए इ वा [महिसपाए इ वा] जाव सोणियत्ताए, धण्णस्स उदरभायणस्स अयमेयारूवे. से जहा० सुक्कदिए इ वा भज्जणयक मल्ले इ वा कटकोलंबए इ वा, एवामेव उदरं सुक्कं० धण्णस्स पांसुलियकडयाणं इमेयारूवे० से जहा. थासयावली इ वा पाणावली इ वा मुंडावली इ वा०, धण्णस्स पिट्रिकरंडयाणं अयमेयारूवे० से जहा० कण्णावली इ वा गोलावली इ वा वट्टयावली इ वा एवामेव०, धण्णस्स उरकडयस्स अयमेयारूवे० से जहा० चित्तकट्टरे इ Page #1367 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1354 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि वा वियणपत्ते इ वा तालियंटपत्ते इ वा एवामेव०, धण्णस्स बाहाणं० से जहा. णामए समिसंगलिया इ वा वाहायासंगलिया इ वा अगस्थियसंगलिया इ वा एवामेव० धण्णस्स हत्थाणं० से जहा० सुक्कछगणिया इ वा वडपत्ते इ वा पलासपत्ते इ वा, एवामेव० धण्णस्स हत्थंगुलियाणं० से जहा० कलसंगलिया इ वा मग्गसं० माससंगलिया इ वा तरुणिया छिण्णा आयवे दिण्णा सुक्का समाणी एवामेव०, धण्णस्स गीवाए० से जहा० करगगीवा इ वा कुंडियागीवा इ वा उच्चढवणए इ वा एवामेव० धण्णस्स गं हणुयाए० से जहा० लाउफले इ वा हकुवफले इ वा अंबगट्टिया इ वा एवामेव०, धण्णस्स उट्ठाणं० से जहा० सुवकजलोया इ वा सिलेसगुलिया इ वा अलत्तगुलिया इ वा एवामेव०, धण्णस्स जिब्भाए० से जहा० वडपत्ते इ वा पलासपत्ते इ वा (उंबर०) सागपत्ते इ वा एवामेव० धण्णस्स णासाए० से जहा० अंबगपेसिया इ वा अंबाडगपेसिया इ वा माउलिंगपेसिया इ वा तरुणिया एवामेव०, धण्णस्स अच्छीणं० से जहा० वीणाछिड्डे इ वा बद्धीसगछिड़े इ वा पामाइयतारिगा इ वा एवामेव० धण्णस्स कण्णाणं० से जहा० मूलाछल्लियाइ वा वालुंक० कारेल्लयच्छल्लीयाइ वा एवामेव० धण्णस्स अ० सीसस्स० से जहा० तरुणगलाउएइ वा तरुणगएलालुएइ वा सिण्हालएइ वा तरुणए जाव चिट्ठइ, एवामेव धण्णस्स अणगारस्स सीसं सुक्कं लुक्खं णिम्मंसं अद्विचम्मछिरत्ताए पण्णायइ णो चेव गं मंससोणियत्ताए, एवं सव्वत्थ, णवरं उदरभायणं कण्णा जीहा उट्ठा एएसि अट्ठी ण भण्णइ चम्मछिरत्ताए पण्णायइत्ति भण्णइ, धणे णं अणगारे णं सुक्केणं भुक्खेणं पायजंघोरुणा विगयतडिकरालेणं कडिकडाहेणं पिट्ठमवस्सिएणं उदर• भायणेणं जोइज्जमाणेहि पांसुलियकडएहि अक्खसुत्तमालाइ वा गणिज्जमालाइ वा गणिज्जमाहिं पिट्टिकरंडगसंधीहिं गंगातरंगभूएणं उरकडगदेसभाएणं सुक्कसप्पसमाणाहिं बाहाहिं सिढिलकडाली विव लंब(चलं)तेहि य अग्गहहि कंपणवाइओविव वेवमाणीए सीसघडीए पवायवयणकमले उन्भडघड. मुहे उब्बड्डणयणकोसे जीवंजीवेणं गच्छइ जीवंजीवेणं चिट्ठइ भासं भासिस्सामित्ति गिलाइ 3 से जहाणामए इंगालसगडियाइ वा जहा खंदओ तहा जाव हुयासणे इव भासरासिपलिच्छण्णे तवेणं तेएणं तवतेयसिरीए (अ०) उवसोभेमाणे 2 चिट्ठइ // 3 // तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे पयरे गुणसिलए चेइए सेणिए Page #1368 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अणुत्तरोववाइयदसाओ व. 3 1355 राया, तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे समोसढे परिसा जिग्गया सेणिओ णिग्गए धम्मकहा परिसा पडिगया / तए णं से सेणिए राया समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए धम्म सोच्चा णिसम्म समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ वं० 2 ता एवं वयासी-इमासि गं भंते ! इंदभूइपामोक्खाणं चोदसण्हं समणसाहस्सीणं कयरे अणगारे महादुक्करकारए चेव महाणिज्जरयराए चेव ? एवं खलु सेणिया ! इमासि इंदभूइपामोक्खाणं चोद्दसण्हं समणसाहस्सीणं धण्णे अणगारे महादुक्करकारए चेव महाणिज्जरयराए चेव / से केपट्टेणं भंते ! एवं वच्चइ इमासि जाव साहस्सीणं धणे अणगारे महादुक्करकारए चेव महा. णिज्जरयराए चेव ? एवं खल सेणिया! तेणं कालेणं तेणं समएणं कायंदी णामं णयरी.होत्था० उप्पि पासायडिसए विहरइ, तए णं अहं अण्णया कयाइ पुब्वाणुपुवीए चरमाणे गामाणुगामं दूइज्जमाणे जेणेव कायंदी णयरी जेणेव सहसंबवणे उज्जाणे तेणेव उवागए [उवागमित्ता] अहापडिरूवं उग्गहं उग्गिाहामि 2 त्ता संजमेणं जाव विहरामि, परिसा णिग्गया, तहेव जाव पव्व. इए जाव बिलमिव जीव आहारेइ / धण्णस्स णं अणगारस्स पादाणं सरीरवण्णओ सव्वो जाव उवसोभेमाणे 2 चिट्ठइ, से तेणठेणं सेणिया! एवं वुच्चइइमासि चउदसण्हं समणसाहस्सीणं धणे अणगारे महादुक्करकारए महाणिज्जरयराए चेव / तए णं से सेणिए राया समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए एयमलै सोच्चा णिसम्म हट्ठ० समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आया. हिणं पयाहिणं करेइ 2 ता वंदइ णमंसइ वं० 2 ता जेणेव धण्णे अणगारे तेणेव उवागच्छइ 2 ता धणं अणगारं तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणं करेइ 2 ता दइ णमंसइ वं० 2 एवं वयासी-धण्णेऽसि णं तुम देवाणुप्पिया ! सुपुण्णे० सुकयत्थे कयलक्खणे सुलद्धे णं देवाणप्पिया ! तव माणुस्सए जम्मजीवियफले. त्तिकट्ट वंदइ णमंसइ वं० 2 ता जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ 2 ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो जाव वंदइ णमंसइ वं. 2 ता जामेव दिसं पाउन्मूए तामेव दिसं पडिगए // 4 // तए णं तस्स धण्णस्स अणगारस्स अण्णया कयाइ पुग्वरत्तावरत्तकालसमयंसि धम्मजागरियं० इमेया. रूवे अज्झथिए० एवं खलु अहं इमेणं उरालेणं० जहा खंदओ तहेव चिंता आपुच्छणं थेरेहिं सद्धि विउलं दुरूहइ मासिया संलेहणा णवमासा परियाओ Page #1369 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1356 अंग-पविटु सुत्ताणि जाव कालमासे कालं किच्चा उदढं चंदिम जाव णवयगेवेज्जविमाणपत्थडे उड्ढे दूरं वीईवइत्ता सध्वसिद्धे विमाणे देवत्ताए उववष्णे। थेरा तहेव ओयरंति जाव इमे से आयारभंडए। भंतेत्ति ! भगवं गोयमे तहेव पुच्छइ जहा खंदयस्स भगवं वागरेइ जाव सम्वसिद्ध विमाणे उववणे / धण्णस्स णं भंते ! देवस्स केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! तेत्तीसं सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता। से णं भंते ! ताओ देवलोगाओ (आ० 3) कहिं गच्छिहिइ कहि उववजिहि ? गोयमा ! महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ 5 / तं एवं खलु जंबू ! समणेणं जाव संपत्तेणं पढमस्स अज्झयणस्स अयमठे पण्णत्ते // 5 // पढमं अज्झयणं समत्तं // जइ णं भंते ! 0 उक्खेवओ एवं खल जंब ! तेणं कालेणं तेणं समएणं काकंदी णयरी जियसत्तू राया तत्थ णं काकंदीए णयरीए भद्दा-णाम सत्यवाही परिवसइ अड्डा०, तीसे गं भद्दाए सत्थवाहीए पुत्ते सुणक्खत्ते णामं दारए होत्था अहीण. जाव सुरूवे पंचधाइपरिक्खित्ते जहा धण्णो तहा बत्तीसओ दाओ जाव उप्पि पासायडिसए विहरइ / तेणं कालेणं तेणं समएणं समोसरणं जहां धण्णे तहा सुणक्खत्ते वि णिग्गए जहा थावच्चापुत्तस्स तहा णिक्खमणं जाव अणगारे जाए ईरियासमिए जाव बंभयारी। तए णं से सुणक्खत्ते अणगारे जं चेव दिवसं समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए मुंडे जाव पव्वइए तं चेव दिवस अभिग्गहं तहेव जाव बिलमिव * आहारेइ संजमेणं जाव विहरइ 0 बहिया जणवयविहारं विहरइ एक्कारस अंगाई अहिज्जइ संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ। तए णं से सुणक्खत्ते अ० तेणं ओरालेणं. जहा खंदओ। तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे णयरे गुणसिलए चेइए सेणिए राया सामी समोसढे परिसा णिग्गया राया णिग्गओ धम्मकहा राया पडिगओ परिसा पडिगया। तए णं तस्स सुणक्खत्तस्स अण्णया कयाइं पुत्र रत्तावरत्तकालसमयंसि धम्मजा. जहा खंदयस्स बहू वासा परियाओ गोयमपुच्छा तहेव कहेइ जाव सम्वट्ठसिद्धे विमाणे देवत्ताए उववणे तेत्तीसं सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता, से णं भंते ! महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ / बीयं अज्झयणं समत्तं // एवं सुणक्खत्तगमेणं सेसा-वि अट्ट भाणियव्वा, गवरं आणुपुवीए दोणि रायगिहे दोणि साएए दोण्णि वाणियग्गामे णवमो हस्थिणापुरे दसमो रायगिहे णवण्हं भद्दाओ जणणीओ णवण्ह-वि बत्तीसओ दाओ णवण्हं णिक्खमणं थावच्चापुत्तस्स सरिसं वेहल्लस्स. Page #1370 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अणुत्तरोववाइयदसाओ व.३ 1357 पिया करेइ छम्मासा वेहल्लए णव धणे सेसाणं बहू वासा मासं संलेहणा सम्वसिद्ध महाविदेहे सिज्झिस्संति / एवं खल जंब ! समणेणं भगवया महावीरेणं आइगरेणं तित्थयरेणं सयंसंबद्धणं लोगणाहेणं लोगप्पईवेणं लोगपज्जोयगरेणं अभयदएणं सरणदएणं चक्खदएणं मग्गदएणं धम्मदएणं धम्मदेसएणं धम्मवरचाउरंतचक्कवट्टिणा अप्पडिहयवरणाणदंसणधरेणं जिणेणं जाणएणं बुद्धेणं बोह. एणं मुक्केणं मोयएणं तिष्णेणं तारएणं सिवमयलमख्यमणंतमक्खयमव्वाबाह. मपुणरावत्तयं सिद्धिगइणामधेयं ठाणं संपत्तेगं अणुत्तरोववाइयदसाणं तच्चस्स वग्गस्स अयमठे पणते // 6 // अणुत्तरोववाइयदसाणाम णवममंग समत्तं॥अणु. तरोववाइयदसाणं एगो सुयखंधो तिण्णि वग्गा तिसु चेव दिवसेसु उ० तत्थ पढने वग्गे दस उद्देसगा बिइए वग्गे तेरस उद्देसगा तइए वग्गे दस उद्देसगा सेसं जहा णायाधम्मकहाणं तहा यध्वं // 7 // // अणुत्तरोववाइयदसाओ समत्ताओ / / Page #1371 -------------------------------------------------------------------------- _ Page #1372 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पण्हावागरणं पढमो सुयक्खंधो पढमं अज्झयणं (तेणं कालेणं तेणं समएणं चंपा णामं णयरी होत्था, पुण्णभद्दे चेहए असो. गवरपायवे पुढविसिलापट्टए, तत्थ णं चंपाए णयरीए कोणिए णाम राया होत्या, धारिणी देवी, तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतेवासी अज्जमहम्मे णाम थेरे जाइसंपण्णे कुलसंपण्णे बलसंपण्णे रूवसंपण्णे विणयसंपण्णे णाणसंपण्णे दंसणसंपण्णे चरित्तसंपण्णे लज्जासंपण्णे लाघवसंपण्णे ओयंसी तेयंसी वच्चंसी जसंसी जियकोहे जियमाणे जियमाए जियलोभे जियणिद्दे जियईदिए जियपरीसहे जीवियासमरणभयविप्पमुक्के तवप्पहाणे गुणप्पहाणे मुत्तिप्पहाणे विज्जांपहाणे मंतप्पहाणे बंभपहाणे वयप्पहाणे णयप्प. हाणे णियमप्पहाणे सच्चप्पहाणे सोयप्पहाणे णाणप्पहाणे दंसणप्पहाणे चरित्तप्प. हाणे चोदसपुवी चउणाणोवगए पंचहि अणगारसहि सद्धि संपरिवडे पुवाणु. पुचि चरमाणे गामाणगामं दूइज्जमाणे जेणेव चंपा गयरी तेणेव उवागच्छइ जाव अहापडिरूवं उग्गहं उग्गिण्हित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विह. रइ / तेणं कालेणं तेणं समएणं अज्जसुहम्मस्स अंतेवासी अज्जजंबू णाम अण. गारे कासवगोत्तेणं सत्तुस्सेहे जाव संखित्तविपुलतेयलेस्से अज्जसुहम्मस्स थेरस्स अदूरसामंते उड्ढंजाणू जाव संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ / तए णं से अज्जजंबू जायसड्ढे जायसंसए जायकोउहल्ले उप्पण्णसड्ढे 3 संजायसड्ढे 3 समप्पण्णसड्ढे 3 उदाएं उठे 2 त्ता जेणेव अज्जसुहम्मे थेरे तेणेव उवागच्छइ 2 ता अज्जसुहम्मं थेरं तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणं करेइ 2 ता वंदइ णमंसइ वं० 2 ता पच्चासणे णाइदूरे विणएणं पंजलिउडे पज्जवासमाणे एवं वयासी-जइणं भंते ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं णवमस्स अंगस्स अणुत्तरोववाइयदसाणं अयमठे प० दसमस्स गं भंते. अंगस्स पहा. Page #1373 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1360 अंग-पविटु सुत्ताणि वागरणाणं समणेणं जाव संपत्तेणं के अट्ठे 50 ? जंबू ! दसमस्स अंगस्स समणेणं जाव संपत्तेणं दो सुयक्खंधा पण्णत्ता-आसवदारा य संवरदारा य / पढमस्स णं भंते ! सुयक्खंधस्स समणेणं जाव संपत्तेणं कइ अज्झयणा पणत्ता ? जम्ब ! पढमस्स णं सुयक्खंधस्स समणेणं जाव संपत्तेणं पंच अज्झयणा पण्णत्ता, दोच्चस्स गंते ! * एवं चेव, एएसि णं भंते ! अण्हयसंवराणं समणेणं जाव संपत्तेणं के अट्ठे पण्णत्ते ? तए णं अज्जसुहम्मे थेरे जंबूणामेणं अणगारेणं एवं वृत्ते समाणे जं० अणगारं एवं वयासी-जंब ! इणमो अण्हयसंवरविणिच्छयं पवयणस्स णिस्संदं / वोच्छामि णिच्छयत्थं सुहासियत्थं महेसीहि / / 1 // पंच. विहो पण्णत्तो जिणेहि इह अण्हओ अणाईओ। हिंसामोसमदत्तं अब्बं मपरिगह चेव // 2 // जारिसओ जंणामा जह य कओ जारिसं फलं देइ / जेवि य करेंति पावा पाणवहं तं णिसामेह // 3 // पाणवहो णाम एस पिच्चं जिणेहि भणिओ-पावो चंडो रुद्दो खुद्दो साहसिओ अणारिओ णिग्घिणो णिस्संसो महन्भओ पइभओ 10 अइभओ बोहणओ तासणओ अणज्जो उव्वेयणओ य गिरवयक्खो णिद्धम्मो णिप्पिवासो णिक्कलुणो गिरयवासगमणणिधणो 20 मोहमहन्भयपयट्टओ मरणवेमणस्सो 22 // पढमं अधम्मदारं // 1 // तस्स य णामाणि इमाणि गोण्णाणि होति तीसं, तंजहा-पाणवहो 1 उम्मूलणा सरीराओ 2 अवीसंभो 3 हिंसविहिंसा 4 तहा अकिच्चं च 5 घायणा 6 मारणा य 7 वहणा 8 उद्दवणा 6 तिवायणा य 10 आरंभसमारंभो 11 आउयकम्मस्सुव. दवो भेयणिटवणगालणा य संवट्टगसंखेवो 12 मच्च 13 असंजमो 14 कडग. मद्दणं 15 वोरमणं 16 परभवसंकामकारओ 17 दुग्गइप्पवाओ 18 पावकोवो य 19 पावलोभो 20 छविच्छेओ 21 जीवियंतकरणो 22 भयंकरो 23 अण. करो य 24 वज्जो 25 परितावणअण्हओ 26 विणासो 27 णिज्जवणा 28 लुंपणा 29 गणाणं विराहणत्ति 30 विय तस्स एवमाईणि णामधेज्जाणि होति तीसं पाणवहस्स कलुसस्स कडयफलदेसगाई // 2 // तं च पुण करेंति केई पावा असंजया अविरया अणिहुयपरिणामदुप्पयोगी पाणवहं भयंकर बहुविहं बहुप्पगारं परदुक्खुप्पायणप्पसत्ता इमेहि तसथावरेहिं जीवेहि पडिणि. विदा, कि ते ? पाठीणतिमितिमिगिलअणेगझसविविहजाइमंडक्कविहकच्छभणक्कमगरदुविहगाहदिलिवेढयमंडयसीमागारपुलुयसुसुमारबहुप्पंगारजलयरविहा. णाकए य एवमाई, कुरंगरुरुसरभचमरसंबरउरब्भससयपसयग्मेण रोहिय. Page #1374 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पण्हावागरणं सु. 1 अ. 1 1361 हयगयखरकर मखग्गवाणरगवयविगसियालकोलमज्जारकोलसुण ( का ) कसिरि. यंदलगावत्तकोकंतिय-गोकण्णमियमहिस-वियग्घ छ गलदीविय साण-तरच्छअच्छ. भल्लसददुल-सीहचिल्लल-चउप्पयविहाणाकए य एवमाई, अयगरगोणसवराहि. मउलिकाउदरदमपुप्फआसालियमहोरगोरगविहाणककए य एवमाई, छीरल. सरंबसेह-सेल्लग-गोधंदर-ण उलसरड-जाहग-मगुसखाडहिल-वाउप्पइय-घरोलिय. सिरीसिवगणे य एवमाई, कादंबक-बक-बलाकासारसडासेतीयकुललवंजल. पारिप्पवकीवसउणदीवियहसधत्तरिट्टगभासकुलीकोसकुचदगतुंडढेणियालगसूई. महकविलपिंगलक्ख गकारंडगचक्कवागउक्कोसगरुलपिगलसुयबरहिणमयणसालगंदीमहणंदमाणग कोरंग-भिगारग-कोणालग-जीवंजीवग तित्तिर-वट्टकलावक. कपिजलककवोतगपारेवगचिडिर्गादककुक्कुडवेसरमयूरगचउरगहयपोंडरीयसा. लग (करकरग) वीरल्लसेणवायसविहंगमेणासि चासवग्गलिचम्मट्रिलविततपक्खिखहयरविहाणाकए य एवमाई, जलथलखगचारिणो उ पंचिदिए पसुगणे बियतियचरिदिए विविहे जीवे पियजीविए मरणदुक्खपडिकूले वराए हणंति बहुसंकिलिट्टकम्मा। इमेहि विविहेहि कारणेहि, कि ते ? चम्मवसामसमेय. रोणियजगफिफ्फिसमत्थ (लि) लंगहिययंतपित्तफोफसदंतट्टा अट्टिमिजणहणयणकण्णण्हारुणिणक्कधमणिसिंगदाढिपिच्छविसविसाणवालहेडं, हिंसति य भमर. मधुकरिगणे रसेसु गिद्धा तहेव तेइंदिए सरीरोवकरणट्टयाए किवणे बेइंदिए बहवे वत्थोहरपरिमंडणट्ठा, अण्णेहि य एवमाइएहि बहूहि कारणसएहि अबहा इह हिंसंति तसे पाणे इमे य एगिदिए बहवे वराए तसे य अण्णे तदस्सिए चेव तणुसरीरे समारंभंति अत्ताणे असरणे अणाहे अबंधवे कम्मणिगलबद्ध अकुसल. परिणाममंदबुद्धिजणदुग्विजाणए पुढविमए पुढविसंसिए जलमए जलगए अण. लाणिलतणवणस्सतिगणिस्सिए य तम्मयतज्जिए चेव तदाहारे तप्परिणतवण्णगंध रसफासबोंदिरूवे अचक्खुसे चक्खसे य तसकाइए असंखे थावरकाए य सुहुम-बायर-पत्तेयसरीर-णाम-साधारणे अगते हणंति अविजाणओ य परिजाणओ य जीवे इमेहि विवेहेहि कारणेहि, कि ते ? करिसणपोक्खरणीवाविवप्पिणिकूवसरतलागचितिवेतियखातियआरामविहारथूभपागारदारगोउरअट्रालगचरियासेतुसंकमपासायविकप्पभवणघरसरणलेणआवणचेतियदेवकुलचित्तसभापवाआयतणावसहममिघरमंडवाण य कए भायणभंडोवगरणस्स विविहस्स Page #1375 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1362 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि य अट्ठाए पुढवि हिसंति मंदबुद्धिया जलं च मज्जणयपाणभोयणवत्थधोवणसोयमादिएहि पयणपयावणजलावविदंसहि अर्गाण, सुप्पवियणतालयंटपेहुणमुहकरयलसागपत्तवत्थमादिएहि अणिलं, अगारपरियारभक्ख भोयणसयणासणफलगमसल उक्खलततविततातोज्जवहणवाहणमंडव-विविह-भवण-तोरणविडंगदेवकुलजालयद्धचंदणिज्ज हग-चंद सालियवेतियणिस्सेणिदोणि चंगेरिखील मेढकसभापवावसहगधमल्लाणुलेवण अंबरजयणंगल मइय कुलिय-संदणसीयारहसगड. जाणजोग्गअट्ट लगचरिअदारगोपुरफलिहाजंतसूलियलउडमुसंढिसयग्घिबहुपहरणावरणवक्ख राण कए अगणेहि य एवमाइएहि बहहि कारणसएहि हिसति ते तरुगणे भणिया भणिए य एवमाई / सत्ते सत्तपरिवज्जिया उवहणंति दढमूढा दारुणमई कोहा माणा माया लोमा हस्स-रई अरई सोय वेयत्थी जीयकामस्थ. धम्महेउं सवसा अवसा अट्टा अणटाए य तसपाणे थावरे य हिंसंति मंदबुद्धी सवसा हणंति अवसा हणंति सवसा अवसा दुहओ हणंति अट्ठा हणंति अणट्ठा हणंति अट्ठा अणटा दुहओ हणति हस्सा हणंति वेरा हणंति रईय हणंति हस्स. वेरारई य हणंति कुद्धा हणंति लद्धा हणंति मुद्धा हणंति कुद्धा लद्धा मुद्धा हणंति अत्था हणंति धम्मा हति कामा हणंति अत्था धम्मा कामा हणंति // 3 // कयरे ते ? जे ते सोयरिया मच्छबंधा साउणिया वाहा करकम्मा वाउरिया दीवियबंधणप्पओगतप्पगलजालवीरल्लगायसीदभवग्गराकडछेलिहत्थाहरिएसा. साउणिया य वीदंसगपासहत्था वणचरगा लुद्धगा य महुघातपोतघाया एणीयारा पएणियारा सरदहदीहिअसलागपल्ललपरिगालणमलणसोत्तबंधणसलिला. सयसोसगा विसगरस्स य दायगा उत्तणवल्लरदवग्गिणिद्दयपलीवका कूरकम्म. कारी इमे य बहवे मिलक्ख जाई, के ते ? सकजवणसबरबब्बरगायमरुंडोद. भडगतित्तियपक्कणियकुलक्खगोडसीहलपारसकोंचंधदविल बिल्ललपुलिदअरो. सडोंबपोक्कणगंधहारगबहलीयजल्लरोममासबउसमलया चंचया य चूलिया कोंकणगामेतपणहवमालवमहुरआभासियअणक्कचीणल्हासियखसखासिया णेहुरमरहटमट्ठियआरबडोबिलगकुहणकेकयहुणरोमगरुरुमरुगा चिलायविसयवासी य पावमतिणो जलयरथलयरसणप्फतोरगखहचरसंडासतोंडजीवोवग्घायजीवी सण्णी य असणिणो य पज्जत्ता असुमलेस्सपरिणामा एए अण्णे य एवमाई करेंति पाणाइवायकरणं पावा पावाभिगमा पावरुई पाणवहकयरई पाणवहरूवाण. Page #1376 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पण्हावागरणं सु. 1 अ. 1 1363 ट्ठाणा पाणवहकहासु अभिरमंता तुट्ठा पावं करेत्त होंति य बहुप्पगारं / तस्स य पावस्स फलविवागं अयाणमाणा वडढंति महब्मयं अविस्सामवेयणं वीहकालबहुदुक्खसंकडं णरयतिरिक्खजोणि, इओ आउक्खए चया असुभकम्मबहुला उववज्जति णरएसु हुलितं महालएसु वयरामयकुड्डरुद्दणिस्संधिदार. विरहियणिम्मदवभूमितलखरामरिसविसमणिरयघरचारएसु महोसिणसयापतत्तदुग्गंधविस्सउव्वेयजणगेसु बीभच्छदरिसणिज्जेसु णिच्च हिमपडलसीयलेसु कालोभासेसु य भीमगंभीरलोमहरिसणेसु भिरभिरामेसु णिप्पडियारवाहिरोग. जरापीलिए सु अतीवणिच्चंधकारतिमिस्सेसु पतिभएसु ववगयगहचंदसूरणक्खत्त. जोइसेसु मेयवसामंसपडलपोच्चडपूयरुहिरुविकण्णविलीणचिक्कणरसियावावणकुहियचिक्खल्लकद्दमेसु कुकलाणलपलित्तजालमम्मुरअसिक्खुरकरवत्तधारासुणि. सितविच्छ्यडंकणिवातोवम्मफरिसअतिदुस्सहेसु य अताणासरणकडयदुक्खपरितावणेसु अणबद्धणिरंतरवेयणेसु जमपुरिससंकुलेसु / तत्थ य अंतोमहत्तलद्धिभवपच्चएणं णिवत्त॑ति उ ते सरीरं हुंडं बीभच्छदरिसणिज्जं बीहणगं अट्रिपहारुणहरोमवज्जियं असुभ गंध-दुक्ख विसहं, ततो य पज्जत्तिमवगया इंदिएहि पंचहि वेदेति असुभाए वेयणाए उज्जलबलविउल उक्कडक्खरफरस. पयंडघोरबीहणगदारुणाए / किं ते ? कंदुमहाकुंमियपयणपउलणतवगतलण- . भटमज्जणाणि य लोहकडाहुकड्डणाणि य कोट्टबलिकरणकोट्टणाणि य सामलितिक्खग्गलोहर्केटकअभिसरणपसारणाणि फालणविदालणाणि य अब. कोडकबंधणाणि लट्ठिसयतालणाणि य गलगवलल्लंबणाणि सूलग्गभेयणाणि य आएसपवंचणाणि खिसणविमाणणाणि विघटुपणिज्जणाणि वज्झसयमातिकाणि य एवं ते। पुम्बकम्मकयसंचयोवतत्ता णिरयग्गिमहग्गिसंपलिता गाढदुक्खं महन्मयं कक्कसं असायं सारीरं माणसं च तिव्वं दुविहं वेदेति वेयणं पावकम्म. कारी बहूणि पलिओवमसागरोवमाणि कलणं पालेंति ते अहाउयं जमकाइय. तासिता य सदं करेंति भीया, कि ते? अविमायसामिभायबप्पतायजियवं मय मे मरामि दुब्बलो वाहिपीलिओऽहं कि दाणिऽसि ? एवं दारुणो णिद्दय मा देहि मे पहारे उस्सासेतं महत्तयं मे देहि पसायं करेहि मा रुस वीसमामि गेविज्जं मुयह मे मरामि, गाढं तोहाइओ अहं देह पाणीयं हंता पिय इमं जलं विमलं सीयलंति घेत्तण य परयपाला तवियं तउयं से देंति कलसेण अंज. Page #1377 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1364 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि लीस दठठण य तं पवेवियं गोवंगा अंसुपगलंतपप्पुयच्छा छिण्णा तण्हाइयम्ह कलणाणि जपमाणा विपेक्खंता दिसोदिसि अत्ताणा असरणा अणाहा अबंधवा. बंधविप्पहणा विपलायति य मिगा इव वेगेण भयविग्गा, घेत्तण बला पलाय. माणाणं णिरणुकंपा महं विहाडेतुं लोहडंडेहिं कलकलं हं वयणसि छु मंति के जमकाइया हसंता, तेण दड्रा संतो रसंति य भीमाई विस्सराइ रुवंति य कलण. गाई पारेवयगा व एवं पलवियविलावकलणकंदियबहुरुग्णरुइयसद्दो परिदेवियरुद्धबद्धयणारयारवसंकूलोणीसठो रसियभणियविय उक्कइयणिरयपाल. तज्जिय गेण्हक्कम पहर छिद भिंद उप्पाडेहुक्खणाहि कत्ताहि विकत्ताहि य मज्जो हण विहण विच्छ भोच्छुभ आकड्ड विकड कि ण जपसि ? सराहि पाव. कम्माइं दुक्कयाई एव वयणमहप्पगमो पडिसुयासहसंकुलो तासओ सया णिरयगोयराणं महाणगरडज्झमाणसरिसो णिग्घोसो सुच्चए अणिट्ठो तहियं णेरइयाणं जाइज्जताणं जायणाहिं / किं ते ? असिवणदभवणजंतपत्थरसूइतलक्खारवाविकलकलतवेपरणिकलंबबालयाजलियगृहणिरंभणउसिणोसिणकंटइल्लदुग्गमरहजोयणतत्तलोहमग्गगमणवाहणाणि, इमेहि विविहेहि आयहेहि कि ते ? मोग्गरमसंढिकरकयसत्तिहलगयमसलचक्ककोंततोमरसूललउलभिडिमालसद्धल. पट्टिसचम्मेद्वदुहणमुट्ठियअसिखेडगखग्गचावणारायकणगकप्पणिवासिपरसुटंक. तिक्खणिम्मलअण्णेहि य एवमाइएहि असुहं वेउविरहिं पहरणसएहि अणबद्धतिव्ववेरा परोप्परवेयणं उदोरेंति अभिहणंता / तत्थ य मोग्गरपहार. चुण्णियमुसुंढिसंभग्गमहितदेहा जंतोवपीलणफुरंतकप्पिया केइत्थ सचम्मका विगत्ता णिम्मलल्लणकण्णोदणासिका छिण्णहत्थपाया असिकरकयतिक्खकोंतपरसुप्पहारफालियवासीसंतच्छितंगमंगा कलकलमाणखारपरिसित्तगाढडझंतगत्त कुंतग्गभिण्णजज्जरियसव्वदेह। विलोलंति महीतले (णिग्गयग्गजीहा) विसूणि. यंगमंगा। तत्थ य विगसुणगसियालकाकमज्जारसरभदीवियवियग्घगसलसीहदप्पियखहाभिभूएहि णिच्चकालमणसिएहि घोरा-s-रसमाणभीमरूवेहि अक्क मित्ता दढदाढागाढडक्ककड्डियसुतिक्खणहफालियउद्धदेहा विच्छिप्पंते समंतओ विमुक्कसंधिबंधणावियंगिमंगा कंककुररगिद्धघोरकटुवायसगणेहि य पुणो खर. थिरदढणक्खलोहडेहि ओवइत्ता पक्खाहयतिक्खणक्खविकिणजिब्मंछियणय. णणिद्दओलग्गविगयवयणा, उक्कोसंता य उप्पयंता णिपतंता भमंता पुन्धकम्मो. Page #1378 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पण्हावागरणं सु. 1 अ. 1 1365 वयोवगया पच्छाणसएण उज्झमाणा जिदंता पुरेकडाई कम्माई पावगाई तहिं 2 तारिसाणि ओसणचिक्कणाई दुक्खाई अणुभवित्ता तओ य आउक्खएणं उब्दट्टिया समाणा बहवे गच्छंति तिरियवहिं दुक्खुत्तरं सुदारुणं जम्मणमरणजरा. वाहिपरियट्टणारहट्टं जलथलखहचरपरोप्परविहिसणपवंचं इमं च जगपागडं वरागा दुक्खं पावेंति दीहकालं / किं ते ? सीउण्हतहाखहवेयणअप्पईकार. अडविजम्मणणिच्चभउविग्गवासजग्गणवहबंधणताडणंकणणिवायणअटिभंजण. णासाभेयप्पहारदूमणछविच्छेयणमिओगपावणकसंकुसारणिवायदमणाणि वाह. णाणि य मायापिइविप्पयोगसोयपरिपीलणाणि य सस्थग्गिविसाभिघायगलग. वलावलणमारणाणि य गलजालच्छिपणाणि पउलण-विकप्पणाणि य जावज्जी. विगबंधणाणि य पंजरणिरोहणाणि य सयू हणिद्धाडणाणि य धमणाणि य दोहणाणि य कुदंडगलबंधणाणि वाडगपरिवारणाणिं य पंकजलणिमज्जणाणि य वारिप्पवेसणाणि य ओवायणि मंगविसमणिवडणदवग्गिजालदहणाई य / एवं ते दुक्ख सयसंपलित्ता गरगाओ आगया इहं सावसेसकम्मा तिरिक्खपंचेंदिएसु पाविति पावकारी कम्माणि पमायरागदोसबहुसंचियाइं अईव अस्सायकक्कसाई। भमरमसगमच्छिमाइएसु य जाइकुलकोडिसयसहस्सेहि गवहिं चरिदियाण तहि-तहिं चेव जम्मणमरणाणि अणहवंता कालं संखेज्जकं भमंति रइय. समाणतिव्वदुक्खा फरिसरसणघाणचक्खसहिया तहेव तेइंदिएसु कुंथपिप्पी. लियाअवधिकादिएसु य जाइकुलकोडिसयसहस्सेहि अहि अणणएहि तेइंदियाण तहिं 2 चेव जम्मणमरणाणि अणहवंता कालं संखेज्जकं भमंति रइयसमाण. तिव्वदुक्खा फरिसरसणघाणसंपउत्ता (तहेव बेइंदिएसु) गंडूलयजलयकिमि. यचंदणगमाइएसु य जाइकुलकोडिसयससहस्सेहि सतहि अणूणएहि बेई. दियाण तहिं 2 चेव जम्मणमरणाणि अणहवंता कालं संखिज्जकं भमंति रहयसमाणतिव्वदुक्खा फरिसरसणसंप उत्ता / पत्ता एगिदियत्तर्णपि य पृढविजलजलणमास्यवणप्फडसुहमबायर च पज्जतमपज्जतं पत्तेयसरीरणाम. साहारणं च पत्तेयसरीरजीविएसु य तस्थवि कालमसखेज्जगं भमंति अणंतकालं च अणतकाए फासिदियभावसंपत्ता दुक्खसमुदयं इम अणिठें पावंति पुणो 2 तहिं 2 चेव परमवतरुगणगहणे कोद्दालकुलियदालणसलिलमलणखंभणरुंभण. अणलाणिलविविहसत्थघट्टणपरोपराभिहणणमारणविराहणाणि य अकामकाई Page #1379 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1366 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि परप्पओगोदीरणाहि य कज्जपओयणेहि य पेस्सपसुणिमित्तं ओसहाहारमाइ. एहि उक्खणणउक्कत्थणपयणकोट्टणपीसणपिट्टणभज्जणगालणामोडणसडणफुडणभंजणछेयणतच्छणविलुंचणपत्तज्झोडणअग्गिदहणाइयाई एवं ते भवपरपरा. दुक्खसमणबद्धा अडंति संसारबोहणकरे जीवा पाणाइवायणिरया अणतकालं जेवि य इह माणसत्तगं आगया कहिंचि गरगा उच्चट्रिया अधण्णा तेवि य दीसंति पायसो विकर्यावगलरूवा खज्जा वडभा य वामणा य बहिग काणा कुटा पंगुला विउला य मका य मंमणा य अंधयगा एगचकाबू विणिहयसचिल्लया वाहिरोगपीलिय-अप्पाउय सत्थवज्झवाला कुलक्खणक्कि. ण्णदेहा दुब्बलकुसंघयणकुप्पमाणकुसंठिया कुरुवा किविणा य हीणा होणमत्ता णिचंसोक्खपरिवज्जिया असुहदुक्खभागी णरगाओ उवट्टिया इहं सावमेस. कम्मा / एवं गरगं तिरिक्ख जोणि कुमाणुसत्तं च हिंडमाणा पावंति अणंताई दुक्खाई पावकारी एसो सो पाणवहस्स फलविवागो इहलोइओ परलोइओ अप्पसुहो बहुदुक्खो महरूभयो बहुरयप्पगाढो दारुणो कक्कसो अमाओ वासासहस्सेहि मुच्चई, ण य अवेदयित्ता अस्थि हु मोक्खोति एवमासु, णाय कुलणंदणो महप्पा जिणो उ वीरवरणामधेज्जो कहेसी य पाणवहस्स फलविवागं। एसो सो पाणवहीं चंडो रुद्दो खुदो अणारिओ णिग्घिणो णिसंगो मह. मओ बोहणओ तासणओ अणज्जो उव्वेयणओ य णिरवयक्खो णिद्धम्मो णिप्पि. वासो णिक्कलुणो गिरयवासगमणणिधणो मोहमहन्मयपवड्डओ मरणवेमणस्सो पढमं अहम्मदारं समत्तंत्तिमि // 4 // पढमं अज्झयणं समत्तं / / . बीयं अज्झयणं जंबू ! बिइयं च अलियवयणं लहुसगलहुचवलमणियं भयंकरं दुहकर अयसकर वेरकरगं अरइरइरागदोसमणसंकिलेसवियरणं अलियणियडिसाइ. जोयबहलं णीयजणजिसेवियं हिस्संस अप्पच्चयकारगं परमसाहुगरहणिज्ज. परपीलाकारगं परमकिण्हलेस्ससहियं दुग्गइ विणिवायवणं भवपुणब्भवकर चिरपरिचियमणगयं दुरंत कित्तियं बिइयं अहम्मदारं // 5 // तस्स य णामाणि गोण्णाणि होति तीसं, तंजहा-अलियं 1 सढं 2 अणज्जं 3 मायामोसो 4 असं. तकं 5 कूडकवडमवत्थगं च 6 णिरत्ययमवत्थयं च 7 विद्देसगरहणिज्ज Page #1380 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पण्हावागरणं सु. 1 अ.२ 1367 8 अणुज्जगं 9 कक्कणा य 10 वंचणा य 11 मिच्छापच्छाकडं च 12 साई उ 13 उच्छण्णं 14 उक्कलं च 15 अट्ट 16 अन्मक्खाणं च 17 किब्बिसं .18 वलयं 19 गहणं च 20 मम्मगं च 21 णमं 22 णिययी 23 अप्प. च्चओ 24 अममओ 25 असच्चसंधत्तणं 26 विवक्खो 27 अवही(आणाइ)यं 28 उवहिअसुद्धं 26 अवलोवोत्ति 30, भविय तस्स एयाणि एवमाईणि णामधेज्जाणि होति तीस सावज्जस्स अलियस्स वइजोगस्स अणेगाइं // 6 // तं च पुण वयंति केई अलियं पावा असंजया अविरया कवडकुडिलकडुय. चडल भावा कुद्धा लद्धा भया य हस्सट्टिया य सक्खी चोरा चारभडा खंडरक्खा जियजूईकरा य गहियगहणा कक्ककुरुगकारगा कुलिंगी उहिया वाणियगा य कडतुलकडमाणी कुडकाहावणोवजीवी पडगारकलायकारुइज्जा वंचणपरा चारियचाडयारणगरगृत्तियपरिचारगा दुट्ठवायिसूयकअणबलमणिया य पुव्वकालियवयणदच्छा साहमिया लहुस्सगा असच्चा गारविया असच्चट्ठावणाहिचित्ता उच्चच्छंदा अणिग्गहा अणियत्ता छंदेण मक्कवाया भवंति अलियाहि जे अविरया / अवरे पत्थिंगवाइणो वामलोकवादी भणंति णस्थि जीवो ण जाइ इह परे वा लोए ण य किचिवि फुसइ पुष्णपावं. पत्थि फलं सुकयदुक्कयाणं पंच. महाभयं सरीरं भासंति हे ! वायजोगजत्तं, पंच य खधे भणंति केई, मणं च मणजीविया वयंति, वाउजीबोत्ति एवमाहंसु, सरीरं साइयं सणिणं इहभवे एगे भवे तस्स विपणासंमि सव्वणासोति, एवं जपंति मुसावाई, तम्हा दाणवयपोसहाणं तवसंजमबंभचेरकल्लाणमाइयाणं णत्थि फलं णवि य पाणवह लियवयणं ण चेव चोरिक्ककरणपरदारसेवणं वा सपरिग्गहपावकम्मकरणं-पि णस्थि किचि ण णेरइयतिरियमणयाण जोणी ण देवलोगो वा अस्थि ण य अस्थि सिद्धिगमणं अम्मापियरो णस्थि णचि अस्थि पुरिसकारा पच्चक्खाणमवि णस्थि गवि अस्थि कालमच्चू य अरिहंता चक्कवट्टी बलदेवा वासुदेवा पत्थि णेवस्थि केड रिसओ धम्मांधम्मफलं च गवि अस्थि किंचि बहुयं च थोवकं वा, तम्हा एवं विजाणिऊण जहा सुबहु इंदियामकलेसु सम्वविसएसु वह णस्थि काइ किरिया वा अकिरिया वा एवं भणंति पत्थिगवाइणो वामलोयवाई। इमंपि बिईयं कुदंसर्ण असब्भाववाइणो पण्णवेंति मूढा-संभूओ अंडकाओ लोको सयंभणा सयं च णिम्मिओ, एवं एवं अलियं पयावइणा इस्सरेण य कयंति केई, Page #1381 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1368 अंग-पविटु सुत्ताणि एवं विष्णुमयं कसिणमेव य जगंति केई / एवमेगे वयंति मोसं एको आया अका. रको वेदको य सुकयस्स दुक्कयस्स य करणाणि कारणामि सम्वहा सबहिं च णिच्चो य णिविकओ णिग्गओ य अणवलेवओत्ति-विय एवंमाहसु असम्भावं, जंपि इह किंचि जीवलोके दीसइ सुकयं वा दुकयं वा एयं जदिच्छाए वा सहा. वेण वावि दइवतप्पभावओ वावि मवइ, णत्थेत्य किचि कयगं तत्तं लक्खण. विहाणणियतीए कारियं एवं केइ जंपंति इडिटरससायगारवपरा बहवे करणालसा परूवेंति धम्मवीमसएण मोसं, अवरे अहम्मओ रायदुटठं अब्भक्खाणं भति-अलियं चोरोत्ति अचोरयं करेंतं डामरिउत्ति वि य एमेव उदासीगं दुस्सीलोत्तिय परदारं गच्छइत्ति मइलिति सीलकलियं अयंपि गुरुतप्पओत्ति, अण्णे एमेव भगंति उवाहणता मित्तकलत्ताई सेवंति अयंपि लुत्तधम्मो इमोवि विस्सं. भ[वाइघायओ पावकम्मकारी अकम्मकारी अगम्मगामी अयं दुरप्पा बहुएसुय पावगेसु जत्तोत्ति एवं जपंति मच्छरी, भद्दके वा गणकित्तिणेहपरलोगणिप्पिवासा, एवं ते अलियवयणदच्छा परदोसुप्पायणप्पसत्ता वेढति अक्खाइयबीएण अप्पाणं कम्मबंधणेण महरी असमिक्खियप्पलावा णिक्खेवे अवहरंति परस्स अत्यंमि गढियगिद्धा अभिजुजति य परं असंतहि लुद्धा य करेंति फूडसक्खित्तणं असच्चा अत्यालियं च कण्णालियं च मोमालियं च तह गवालियं च गरुयं भणंति अहरगइगमणं, अण्णपि य जाइरुवकुलसीलपच्चयं मायाणिगणं चवल. पिसुणं परमट्ठभेयगम[स]संतकं विद्देसमणत्थकारकं पावकम्ममूलं दुद्दिढं दुस्सुयं अमणियं जिल्लज्ज लोकगरहणिज्जं वहबंधपरिफिलेसबहुलं जरामरणदुक्ख. सोयणिम्मं असुद्धपरिणामसकिलिट्ठ भगति अलियाहिसंधिसणिविट्ठा असंतगण. दीरया य संतगणणासका य हिंसामओवघाइयं अलियसंपउत्ता वयणं सावज्ज. मकुसलं साहगरहणिज्ज अधम्म जणणं भणति अभिगयपुण्णपावा, पूणोवि अधिकरणकिरियापवत्तका बहुविहं अणत्थं अवमई अप्पणो परस्स य करेंति, एमेव जपमाणा महिससूकरे य साहिति घायगाणं ससयपसयरोहिए य साहिति वागराणं तित्तिरवट्टकलावके य कविजलकवोयके य साहिति साउणीणं झस. मगरफच्छभे य साहिति मच्छियाणं संखंके खल्लए य साहिति मगराणं अयगरगोणस-मंडलि-दव्वीकरे मउली य साहिति वालवीणं गोहा सेहग सल्लग-सरडगे य साहिति लुद्धगाणं गयकुलवाणरकुले य साहिति पासियाणं सुक-बरहिण Page #1382 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पण्हावागरणं सु. 1 अ. 2 1369 मयणसाल-कोइल-हंसकुले सारसे य साहिति पोसगाणं वधबंधजायणं च साहिति गोम्मियाणं धणधण्णगवेलए य साहिति तक्कराणं गामागरणगरपट्टणे य साहिति चारियाणं पारघाइय-पंथघाइयाओ साहिति य गठिभेयागं कयं च चोरियं जगर. गोत्तियाणं लंछणणिल्लंछणधमणद्हणपोसणवणणदवणवाहणाइयाइं साहिति बहूणि गोमियाणं धातुमणिसिलप्पवाल रयणागरे य साहिति आगरीणं पुप्फविहि फलविहिं च साहिति मालियाणं अग्घमहुकोसए य साहिति वणचराणं जताई विसाई मलकम्मं आहेवण-आविधण-आभिओग-मंतोसहिप्पओगे चोरियपरदार. गमणबहुपावकम्मकरणं उक्खंधे गामघाइयाओ वणदहणतलागभेयणाणि बुद्धि विसविणासणाणि वसीकरणमाइयाइं भयमरणकिलेसदोसजणणाणि भावबहुसंकिलिट्ठमलिणाणि भूयघाओवघाइयाइं सच्चाईपि ताई हिंसगाई वयणाई उदाहरति / पुट्ठा वा अपुट्ठा वा परतत्तियवावडा य असमिक्खियभासिणो उवदिसंति सहसा उठा गोणा गवया दमंतु परिणयवया अस्सा हत्थी गवेलग-कुक्कुडा य किज्जतु किणावेध य विक्केह पयह य सयणस्स देह पियय दासि-दास-भयक-भाइल्लका य सिस्सा य पेसकजणो कम्मकरा य किंकरा य एए सयणपरिजणो य कीस अच्छंति ? भारिया भे करित्त कम्मं गहणाई वणाई खेत्तखिलभूमिवल्लराई उत्तणघणसंकडाइं डझंतु-सूडिज्जंतु य रुक्खा मिज्जंतु जंतमंडाइयस्स उवहिस्स कारणाए बहुविहस्स य अट्ठाए उच्छू दुज्जतु पोलिज्जंतु य तिला पयावेह य इट्टकाउ मम घरट्टयाए खेत्ताई कसह कसावेह य लहुं गाम-आगर-णगर-खेडकब्बडे णिवेसेह अडवीदेसेसु विउलसीमे पुप्फाणि य फलाणि य कंदमलाई कालपत्ताई गेण्हेह करेह संचयं परिजणट्टयाए साली वीही जवा य लुच्चंतु मलिज्जंतु उप्पणिज्जतु य लहुं च पविसंतु य कोट्ठागारं अप्पमहउक्कोसगा य हमंतु पोयसस्था सेणा णिज्जाउ जाउ डमरं घोरा वटुंतु य संगामा पवहंतु य सगडवाहणाई उवणयणं चोलगं विवाहो जण्णो अमुगम्मि उ होउ दिवसेसु करणेसु महुत्तेसु णक्खत्तेसु तिहिसु य अज्ज होउ ण्हवणं मुइयं बहुखज्जपिज्जकलियं कोतुकं विण्हावणकं संतिकम्माणि कुणह ससि-रवि-गहोवरागविसमेसु सज्जणपरियणस्स य णियकस्स य जीवियस्स परिरक्खणट्टयाए पडिसीसकाई च देह दह य सीसोवहारे विविहोसहि-मज्ज-मंस-भक्खण्ण-पाणमल्लाण. Page #1383 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1370 अंग-पविट्ट सुत्ताणि लेवणपईवजलि-उज्जलसुगंधिधवावकारपुष्फफलसमिद्धे पायच्छित्ते करेह पाणाइ. वायकरणेणं बहुविहेणं विवरीउप्पायदुम्सुमिणपावस उणअसोमगहचरियअमंगल. णिमित्तपडिधाय हेउं वित्तिच्छेयं करेह मा देह किंचि दाणं सुठ्ठ हओ सुठ्ठ हओ सुठ्ठ छिपणो भिण्णोत्ति उबदिसंता एवंविहं करेंति अलियं मगेण वायाए कम्मणा य अकुसला अणज्जा अलियाणा अलियधम्मणिरया अलियासु कहासु अभिरमंता तुट्टा अलियं करेत्तु होति य बहुप्पयारं // 7 // तस्म य अलियस्त फल. विवागं अयाणमाणा वडढेंति महब्भयं अविस्सामवेयणं दोहकालं बहदुक्ख संकडं णरयतिरियजोणि तेण य अलिएण समणबद्धा आइद्धा पुणब्भबंधकारे भमंति भीमे दुग्गइवसहिमवगया / ते य दीतिह दुग्गया दुरंता परवसा अत्थभोगपरिवज्जिया असुहिया फुडियच्छविबीमच्छविवण्णा ख रफल्सविरत्त. ज्झामज्झसिरा णिच्छाया लल्लविफलवाया असक्कयमसक्कया अगंधा अचेयणा दुभगा अकंता काकस्सरा हीणभिण्णघोसा बिहिसा जडबहिरंधया य मम्मणा अतविकयकरणा णीया णीयजणगिसेविणो लोगगरहणिज्जा भिच्चा अमरिसजणस्स पेस्मा दुम्मेहा लोकवेदअझप्पस पगलुइवज्जिया परा धम्मबुद्धिवियला अलिएण य तेणं पडज्झमाणा असंतरण य अवमाणणपट्टिमंसाहि क्खेवपिसुणभेयणगुरुबंधयसयणमित्तवक्खारणाइयाई अब्भक्खाणाई बहुविहाई पावेंति समणोरमाइं हिययमणदुमकाई जावज्जीवं दुरूद्धराई अणिटुख रफरुसवयण-तज्जण-णिभच्छण-दीण वयणविमणा कुभोयणा कुवाससा कुवसहीसु किलिस्संता णेव सुहं णेब णिवुई उबलभंति अच्चतविउलदुक्ख सयसंपलित्ता / एसो सो अलिययणस्स फलविवाओ इहलोइओ परलोइओ अप्पसुहो बहुदुक्खो महब्भओ बहरयप्पगाढो दारुणो कक्कसो असाओ वाससहस्सेहि मच्चइ, ण य अवेयइत्ता अस्थि हु मोक्खोत्ति / एवमासु णायकुलगंदणो महप्पा जिणो उ वीरवरणामधेज्जो कहेसी य अलियवयणस्स फलविवागं एयं तं बिईयंपि अलिय. वयणं लहुसगलहुचवलभणियं भयंकरं दुहकर अयसकर वेरकरगं अरइरइरागदोसमणकिलेसवियरणं अलियणियडिसाइजोगबहुलं णीयजणणिसेवियं णिस्संसं अप्पच्चयकारगं परमसाहुगरहणिज्ज परपीलाकारगं परमकण्हलेससहियं दुग्गल. विणिवायवडणं (भव) पुणब्भवकरं चिरपरिचियनणुगयं दुरतं / बिइयं अधम्मदारं समत्तं // 8 // बीयं अज्झयणं समत्तं / / Page #1384 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पण्हावागरणं सु.१ अ. 3 1371 तइयं अज्झयणं जंबू ! तइयं च अदिण्णादाणं हरदहमरण भयकलसतासणपरसंतिगऽमेज्ज. लोभमूलं कालविसमसंसियं अहोऽच्छिण्णतण्हपत्थाणपत्थोइमइयं अकित्तिकरणं अणज्ज छिद्दमंतरविधरवसणमग्गणउस्सवमत्तप्पमत्तपसुत्तवंचणक्खिवणघायणपराणिहुयपरिणामतकरजणबहुमयं अकलुणं रायपुरिसरक्खियं सया साहुगरह. णिज्जं पियजणमित्तजणभेयविप्पीइकारकं रागदोसबहुलं पुणो य उप्पूरसमर. संगामडमरकलिकलहवेहकरणं दुग्गइ विणिवायवड्डणं भवपुणब्भवकरं चिरपरि. चियमणुगयं दुरंतं / तइयं अधम्मदारं // 9 // तस्स य णामाणि गोण्णाणि होति तीसं, तंजहा-चोरिक्कं 1 परहडं 2 अदत्तं 3 करिकडं 4 परलाभो 5 असंजमो 6 परधणंमि गेही 7 लोलिक्कं 8 तक्करतणं ति य ह अव. हारो 10 हत्थलहुत्तणं 11 पावकम्मकरणं 12 तेणियक 13 हरणविप्प. णासो 14 आदियणा 15 लुंपणा धणाणं 16 अप्पच्चओ 17 अवीलो 18 अक्खेवो 16 खेवो 20 विक्खेवो 21 कडया 22 कुलमसी य 23 कंखा 24 लालप्पणपत्थणा य 25 आससणाय वसणं 26 इच्छामुच्छा य 27 ताहा. गेहि 28 णियडिकम्म 26 अपरच्छंति 30 विय तस्स एयाणि एवमाईणि णाम. धेज्जाणि होति तीसं अदिण्णादाणस्स पावकलिकलुसकम्मबहुलस्स अणेगाई // 10 // तं पुण करेंति चोरियं तक्करा परदव्वहरा छेया कयकरणलढलक्खा साहसिया लहुस्सगा अइमहिच्छलोभगच्छा दद्दरओवीलका य गेहिया अहिमरा अणभंजकभग्गसंधिया रायट्टकारी य विसणिच्छढलोकबन्झा उहो. हकगामघायगपुरघायगपंथघायगआलीवगतित्थ भेया लहहत्थसंपउत्ता जइकरा खंडरक्खत्थीचोरपुरिसचोरसंधिच्छेया य गंथिभेयगपरधणहरणलोमावहार. अक्खेवी हडकारका णिम्मद्गगूढचोरकगोचोरगअस्सचोरगदासिचोरा य एक. चोरा ओकट्टक-संपदायक-उच्छिपक सत्यघायक-बिल (चोरी)कोलीकारका य णिग्गाहविप्पलुंपगा बहुविहतेणिक्कहरणबुद्धी, एए अण्णे य एवमाई परस्त दत्वाहि जे अविरया। विउलबलपरिग्गहा य बहवे रायाणो परधणंमि गिद्धा सए व दवे असंतुट्ठा परविसए अहिहणंति ते लुद्धा परधणस्स कज्जे चउरंग (सम)विभत्तबलसमग्गा णिच्छियवरजोहज़द्धसद्धियअहमहमिइदप्पिएहिं सेण्णेहि संप. Page #1385 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1372 अंग-पविट्ट सुत्ताणि रिवडा पउमसगडसूड चक्कसागरगहलवहाइएहि अणिएहिं उत्थरंता अभिभय हरंति परधणाई अवरे रणसीसलद्धलक्खा संगामंमि अइवयंति सण्णद्धबद्ध. परियर उप्पीलिय-चिंधपट्टगहियाउहपहरणा माढिवर-त्रम्मगुंडिया आविद्ध. जालिया कवयकंकडइया उरसिरमुहबद्धकंठतोणमाइयवरफलहरचियपहकर. सरहसखरचावकर-करंछिय-सुणिसियसरवरिसचडकरक-चंमयंत घणडवेग-धारा. णिवायमग्गे अणेगधणमंडलग्गसंधिता-उच्छलियसत्तिकणगवामकरहियखेडगणिम्मलणिविकटुःखग्गपहरंतकोंततोमरचक्कगयापरसुमुसललंगलसूलल उमिडमालासब्बलपट्टि सचम्मेदृदुघणमोट्टियमोग्गरवरफलिहजतपत्थरहणतोणकुवेणी. पीढकलियईलीपहरणमिलिमिलिमिलतखिप्पतविज्जज्जलविरचियसमप्पहणमतले फुडपहरणे महारणसंखभेरिवरतूरपउरपडुपहडाहयणिणायगंभीरणंदियपक्ख. भियविउलघोसे हयगयरहजोहतुरियपसरियउद्धततमंधकारबहले कायरणरणय. पहिययवाउलकरे विललियउक्कडवरमउडतिरीडकुंडलोडुदामाडोविया पागड. पडागउसियज्झयवेजयंतिचामरचलंतछत्तंधकारगम्भीरे हयहेसियहस्थिगलगला. इयरहघणघणाइयपाइक्कहरहराइयअप्फोडियसीहणायछेलियविघुक्कुटुकंठग यसहभीमगज्जिए सयराहहसंतरुसंतकलकलरवे आसूणियवयणरुद्दभीमदसणा. धरोढगाढदट्ठसप्पहारणुज्जयकरे अमरिसवसतिव्वरत्तणिद्दारितच्छे वेरदिट्ठिकुद्धचिट्ठियतिवलीकुडिलमिउडिकयणिलाडे वहपरिणयणरसहस्सविक्कमवियंभियवले वग्गंततुरगरहपहावियसमर मडा आवडियछेयलाघवपहारसाधिया समसवियबाहुजयलं मुक्कट्टहासपुक्कतबोलबहुले फलफलगावरणगहिय. गयवरपत्थितदरियभडखलपरोप्परपलग्गजद्धगव्वियविउसियवरासिरोसतुरिय. अभिमहपहरितछिण्णकरिकरविभंगियकरे अवइ[]द्धणिसुद्धभिण्णफालियपग. लियरुहिर-कयमि-कहमचिलिचिल्लपहे कच्छिदालिय-गलितलितणिभेल्लं. संतफुरफुरंतऽविगलमम्माहयविकयगाढदिण्णपहारमुच्छितरुलंत-वेंभलविलावकलणे हयजोहममंततुरगउद्दाममत्तकुंजरपरिसंकियजणणिब्बुक्कच्छिण्णधयमग्गरहवरणसिरकरिकलेवराकिण्णपतितपहरणविकिण्णाभरणममिभागे गच्चंतकबंधपउरमयंकरवायसपरिलेंतगिद्धमंडल ममंतच्छायंधकारगंभीरे वसूवसह. विकंपियव्व पच्चक्खपिउवणं परमरुद्दबीहणगं दुप्पवेसतरगं अभिवयंति संगाम Page #1386 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पण्हावागरणं सु. 1 अ. 3 1373 संकर परधणं महंता / अवरे पाइकच्चारसंघा सेणावइ-चोरवंद-पागड्डिका य अडवीदेसदुग्गवासी कालहरितरत्तपीतसुविकल्लअगसचिध-पट्टबद्धा परविसए अभिहणंति लुद्धा धणस्स कज्जे रयणागरसागरं उम्मीसहस्समालाउलाकुलविओ. यपोतकल कलेंतकलियं पायालसहस्सवायवसवेगसलिलउद्धम्ममाणदगरयरयंधकारं वरफेणपउरधवलपुलंपुलसमट्टियट्टहासंमारयविच्छभमाणपाणियजलमालप्पीलहुलियं अवि य समंतओ खुमियललियखोखभमाणपक्खलियचलियविउलजलचक्क. बालमहाणईवेगतुरिय-आपूरमाणगंभीरविउलआवत्तचवलमममाणगुप्पमाणच्छलंतपच्चोणियत्तपाणियपधावियखरफरुसपयंडवाउलियसलिलफुटुंतवीइकल्लोल. संकुलं महामगर मच्छकच्छभोहार-गाहतिमिसंसुमार-सावयसमाहय-समुद्धायमा. णकपूरघोरपड़रं कायरजहिययकंपणं घोरमारसंतं महन्मयं भयंकर पइभयं उत्तासणगं अणोरपारं आगासं चेव गिरवलंबं उप्पाइयपवणधणियणोल्लियउव. रुवरितरंगदरियअइवेगवेगचक्खुपहमुच्छरंतंकच्छइ-गंभीर-विउलगज्जिय-गुंजिय. णिग्घायगरुयणिवडियसुदीहणीहारिदूरसुच्चंतगंभीरधुगधुगंतसई पडिपहरुमं. तजक्ख रक्ख सकुहंडपिसायरुसियतज्जायउवसग्गसहस्ससंकुलं बहुप्पाइयभयं विर. चितबलिहोमधूवउवचारदिण्णरुधिरच्चणाकरणपयतजोगपयवचरियं परियतं. जगंतकालकप्पोवमं दुरंतं महाणईणईवईमहाभीमदरिसणिज्जं दुरणच्चरं विसमप्पवेसं दुक्खुत्तारं दुरासयं लवणसलिलपुण्णं असियसियसमूसियहि दच्छ (हत्थ)तरकेहि वाहणेहि अइवइत्ता समद्दमझे हणंति गंतूण जणस्स. पोते परदव्वहरा परा णिरणुकंपा जिरवयक्खा गामागरणगरखेडकब्बडमडंब. दोणमहपट्टणासमणिगमजणवए य धणसमिद्धे हणंति थिरहिययछिण्णलज्जा बंदिग्गहगोग्गहे य गेहति दारुणमई णिक्किवा णियं हणंति छिदंति गेहसंधि णिक्खित्ताणि य हरंति धणधण्णदध्वजायाणि जणवयकुलाणं णिग्घिणमई परस्स दव्वाहि जे अविरया / तहेव केई अदिण्णादाणं गवेसमाणा कालाकालेसु संचरंता चियकापज्जलियसरसदरदडकयकलेवरे रुहिरलित्तवयणअखयखाइय. पोयडाइणिभमतम(य)यंकर जंबयक्खिक्खियंते घूयकयघोरसद्दे वेयालट्ठियणिसुद्धकहकह्यिपहसियबोहणकणिरभिराभे अइदुन्भिगंधबीभच्छदरिसणिज्जे सुसा. णवणसुण्णघरलेणअंतरावणगिरिकंदरविसमसावयसमाकुलासु वसहीसु किलिस्संता सीयातवसोसियसरीरा दड्ढच्छवी गिरयतिरियभवसंकडदुक्खसंभारवेयणि. Page #1387 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1374 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि ज्जाणि पावकम्माणि संचिणंता दुल्लहमक्खणपाणभोयणा पिवासिया झंझिया किलता मंसकुणिमकंदमूल कचिकयाहारा उबिग्गा उप्पुया असरणा अडबी. वासं उति वालसयसंकणिज्ज अयसकरा तक्करा भयंकरा काम हरामोत्ति अज्ज दव्वं इइ सामत्थं करेंति गज्झ बहुयस्स जणस्स कज्जकरणेषु विग्घकरा मत्तपमत्तपसुत्तवीसत्यछिद्दघाती वसणभुदएसु हरणबुद्धी विगव्व रुहिरहिया परेंति परवइमज्जायमइक्कंता सज्जणजणदुगुंछिया सकम्मेहि पावकम्मकारी असुमपरिणया य दुक्ख भागी णिच्चाइलदुहमणिवइमणा इहलोए चेव किलिस्संता परदव्वहरा जरा वसणसयसमावण्णा // 11 // तहेव केइ परस्स दवं गवेसमाणा गहिया य हया य बद्धरुद्धा य तुरियं अइधाडिया पुरवर समरिगया चोरग्गहचारभडचाडकराण तेहि य कप्पडप्पहारणियआरक्खि यख रफरुसवयण तज्जण-गलच्छल्लुच्छल्लणाहि विमणा चारगवसहि पवेसिया णिरयवसहिसरिसं तत्थवि गोम्मियप्पहार-दूमण-णिमच्छण कडुयवयण भेसणगभयाभिभूया अविखत्तणियंसणा मलिणदंडिखडणिवसणा उक्कोडालंच पासमग्गणपरायणेहि दुक्ख समुदीरणेहि गोम्मियभहि विविहेहि बंधणेहि, कि ते ? हडिणियडवाल रज्जयकुदंडगवरत्तलोहसंकलहत्थंदुयबज्झपट्टदामकणिक्कोडणेहि अण्णेहि य एवमाइएहि गोम्मिकभंडोवकरणेहि दुक्ख समुदीरणेहिं संकोडणमोडणाहि बज्झंति मदपुण्णा संपुडकवाडलोहपंजर भूमिघरणिरोहकूवचारगकीलगजय चक्कविततबंधणखंभालणउद्धंचलणबंधणविहम्मणाहि य विहेडयंता अवकोडकगाढ उरसिरबद्धउद्धपूरियफुरतउरकडगमोडणामेडणाहिं बद्धा य जीससता सीसावेढऊरुयावलचप्पडगसंधिबंधशतत्तसलागसूइयाकोडणाणि तच्छविमाण. णाणि य खारकड्यतित्तणावणजायणाकारणसयाणि बहुयाणि पावियंता उर. क्खोडीदिण्णगाढपेल्लणअट्टिकसंभग्गसपंसुलीगा गलकालकलोहदंडउरउदरस्थि. पिद्वि-परिपीलिया [मत्थं]च्छंतहिययसंचुण्णियंगमंगा आणत्तीकिकरहिं केइ अविराहियवेरिएहि जमपुरिससण्णिहेहि पहया ते तत्थ मंदपुण्णा चडवेला. वज्झपट्टपाराई छिवकसलतवरत्तणेत्तप्पहारसयतालियंगमंगा किवणा लंबत. चम्मवणवेयविमुहियमणा घणकोट्टिमणियलजुयलसंकोडियमोडिया य कीरंति णिरुच्चारा एया अण्णा य एवमाईओ वेयणाओ पावा पावेंति अदतिदिया वसट्टा बहुमोहमोहिया परधणंमि लुद्धा फासिदियविसयतिध्वगिद्धा इथिगयरूब. Page #1388 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पण्हावागरणं सु. 1 अ. 3 1375 सहरसगंधइट्टरहम हिय भोगतहाइया य धणतोसगा गहिया य जे परगणा / पूणरवि ते कम्मदुवियद्धा उवणीया राकिकराण तेसि वहसत्थगपाढयाणं विलउलीकारकागं लंचसयगेहगाणं कडकवडमायाणियडिआयरणपणिहिवंचणवि. सारयाणं बहविहअलियसयजपकाणं परलोयपरम्महाणं णिरयगइगामियाणं तेहि य आणतजीयदंडा तुरियं उग्घाडिया पुरवरे सिंघाडगतियच उक्कचच्चरचउम्मह. महापहपहेसु वेत्तदंडल उडकट्टलेठ्ठपत्थरपणालिपणोल्लिमुट्ठिलयापायपणिहजाणु. कोप्परपहारसंभग्गमहियगत्ता अट्ठारसकम्मकारणा जाइयंगमंगा कलुणा सुक्कोट्टकंठगलकतालजीहा जायंता पागीयं विगयजीवियासा तहाइया वरागा तंपिय ण लभति वज्झपुरिसेहिं धाडियंता, तत्थ य खरफरुसपडहघट्टियकूडग्गहगाढ रुट्ठः णिराटपरामुट्ठा वज्झकरकुडिजुयणियत्था सुरत्तकणवीरगहियविमुकुलकंठेगुणवज्झदूयआविद्ध-मल्लदामा मरणभयप्पण्णसेयआयतणेहत्तपियकिलिण्णगत्ता चण्णगुंडियसरीररयरेणभरियकेसा कुसुंभगोविकण्णमुद्धया छिण्णजीवियासा घुण्णता वज्झयाभीया तिल-तिलं चेव छिज्जमाणा सरीरविक्किंत लोहि ओलित्ता कागणिमसाणि खावियंता पावा खरफरुसएहिं तालिज्जमाणदेहा वातिगणरणारिसंपरिवडा पेच्छिज्जंता य णगरजणेण वज्झणेवत्थिया पणेज्जति णयरमज्झेण किवणकलणा अत्ताणा असरणा अणाहा अबंधवा बंधुविष्पहीणा विपिक्खिता दिसोदिसि मरणभयुव्विग्गा आघायणपडिदुवारसंपाविया अधण्णा सूलग्गविलागभिण्णदेहा / ते य तत्थ कीरति परिकप्पियंगमंगा उल्लं. विज्जति रुक्खसालासु केइ कलुणाई विलवमाणा अवरे चउरंगधणियबद्धा पव्वय. कडगा पमच्चंते दूरपातबइविसमपत्थरसहा अण्णे य गयचलणमलणयणिम्महिया कीरंति पावकारी अट्ठारसखंडिया य कीरति मंडपरसूहि केइ उक्कत्तकण्णोटणासा उप्पाडियणयणदसणवसणा जिभिदियछिगणकणसिरा पणिज्जते छिज्जते य असिणा णिविसया छिण्णहत्थपाया पमच्चते जावज्जीवबंधणा य कीरंति केइ परदवहरणलुद्धा कारग्गलणियलजुयलरुद्धा चारगाव हतसारा सयणविप्पमक्का मित्तजणणिरक्खिया णिरासा बहुजणधिक्कारसद्दलज्जाइया अलज्जा अणुबद्धखुहापारद्धसीउण्हत हवेयणदुग्घट्टघट्टिया विवण्णमुहविच्छविया विहल. मइलदुब्बला किलता कासंता वाहिया य आमाभिभूयगत्ता परूढणहकेसमंसुरोमा छगमुत्तमि णियगंमि खुत्ता तत्थेव मया अकामगा बंधिऊण पाएसु कड़िया Page #1389 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1376 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि खाइयाए छूढा तत्थ य वगसुणगसियालकोलमज्जारवंदसंदंसगतुंडपक्खिगण. विविहमहसयलविलत्तगत्ता कविहंगा के किमिणो य कुहियदेहा अणि?. वयहिं सप्पमाणा सुट्ठ कयं जं मउत्ति पावो तुठेणं जण हम्ममाणा लज्जा वणगा य होंति सयणस्सवि य दोहकालं मया संता / पुणो परलोगसमावण्णा णरए गच्छति णिरभिरामे अंगारपलित्तककप्पअच्चत्थसीयवेयणअस्साउदिषण. सययदुक्खसयसमभिद्दुए तओवि उव्वट्टिया समाणा पुणोवि पवज्जति तिरियजोणि तहिपि णिरयोवमं अणहवंति वेयणं, ते अणंतकालेण जइ णाम कहि. पि मणयभावं लभंति णेहि णिरयगइगमणतिरियमवसयसहस्सपरियहि तवि य भवंतऽणारिया णीचकुलसमुप्पण्णा आरियजणेवि लोगवज्झा तिरिवख. भूया य अकुसला कामभोगतिसिया हि णिबंधति णिरयवत्तणि भवप्पवंचकरण. पणोल्लि पुणोवि संसारावत्तणेममूले धम्मसुइविवज्जिया अणज्जा कूरा मिच्छत्तसुइपवण्णा य होंति एगंतवंडरुइणो वेढेता कोसिकारकोडोव्व अप्पगं अट्ठकम्म. तंतुघणबधणेणं / एवं णरगतिरियणरअमरगमणपेरंतचक्कवालं जम्मजरामरण. करणगम्भीरदुक्खपखुभियपउरसलिलं संजोगवियोगवीचीचिता पसंगपसरियवहबंधमहल्ल-विपुल कल्लोल-कलणविलवियलोभकलकलितबोलबहुलं अवमाणण. फेणं तिखिसणपुलंपुलप्पभूयरोगवेयणपरामवविणिवायफरुसधरिसणसमावडियकठिणकम्मपत्थरतरंगरंगंतणिच्चमच्चभयतोयपळं कसायपायालसंकुलं भवसयसहस्सजलसंचयं अणंतं उव्वेयणयं अणोरपारं महन्मयं भयंकर पइभयं अपरिमियमहिच्छकलसमइवाउवेगउद्धम्ममाणसापिवासपायालकामरइरागदो. सबंधणबहुविहसंकप्पविपुलदगरयरयंधकारं मोहमहावत्तभोगमममाणगप्पमा. गुच्छलतबहुगम्भवासपच्चोणियत्तपाणियं पहावियवसणसमावण्णरुण्णचंडमारुय. समाहयामणष्णवीचीवाकुलियभग्गफुट्टतणिटुकल्लोलसंकुलजलं पमायबहुचंडदुट्ठसावयसमाहयउद्घायमाणगपूरघोरविद्धसणत्थबहुलं अण्णाणभमंतमच्छपरिहत्थं अणिहुतिदियमहामगरतुरियचरियखोखुखममाणसंतावणिच्चयचलंत चवलचंचल. अत्ताणाऽसरणपुवकयकम्मसंचयोदिण्णवज्जवेइज्जमाणदुहसयविपाकघण्णंतजल. समूहं इड्डिरससायगारवोहारगहियकम्मपडिबद्धसत्तकड्डिज्जमाणणिरयतलहुत्त. सण्णविसण्णबहुलअरइरइभयविसायसोगमिच्छत्तसेलसंकडअणाइसंताणकम्मबंध. णकिलेसचिक्खिल्लसुदुत्तारं अमरणरतिरियणिरयगइगमणकुडिलपरियत्तविपुल. Page #1390 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पण्हावागरणं सु. 1 अ. 3 1377 घेलं हिंसालियअदत्तादाणमेहुणपरिग्गहारंभकरणकारावणाणमोयणअट्टविहअणि. टुकमपिडिय-गुरुंमारक्कत दुग्गजलोघदूरपणोलिज्जमाण-उम्मग्गणिमग्गदुल्लमतलं सारीरमणोमयाणि दुक्खाणि उप्पियंता सायस्सायपरित्तावणमयं उब्बडु. णिबंडुयं करेंता चउरंतमहंतमणवयग्गं रुदं संसार-सागरं अट्ठियअणालंब. णमपइठाणमप्पमेयं चुलसीइजोणिसयसहस्सगविलं अणालोकमंधकारं अणंतकालं णिच्चं उत्तत्थसुण्णभयसण्णसंपउत्ता वसंति उम्विग्गवासवसहि / हि आउयं णिबंधंति पावकम्मकारी बंधवजणसयणमित्तपरिवज्जिया अणिट्ठा भवंति अणादेज्जदुम्विणीया कुठाणासणकु सेज्जकुभोयणा असुइणो कुसंघयणकुप्पमाणकुसंठिया कुरूवा बहुकोहमाणमायालोमा बहुमोहा धम्मसण्णसम्मत्त परिभट्टा दारिद्दोबद्दवामिभूया णिच्चं परकम्मकारिणो जीवणत्थरहिया किविणा परपिंडतक्कका दुक्खलद्धाहारा अरसविरसतुच्छकयकुच्छिपूरा परस्स पेच्छंता रिद्धि. सक्कारभोयणविसेससमुदयविहि गिवंता अप्पकं कयतं च परिवयंता इह य पुरे। कडाई कम्माई पावगाइं विमणसो सोएण डज्झमाणा परिभूया होंति सत्तपरि. वज्जिया य छोभासिप्पकलासमयसत्थपरिवज्जिया जहाजायपसुभूया अवियत्ता णिच्चणीयकम्मोवजीविणो लोयकुच्छणिज्जा मोघमणोरहा णिरासबहुला आसापासपडिबद्धपाणा अत्थोपायाणकामसोक्खे य लोयसारे होंति अफलवंतका य सुवि य उज्जमंता तद्दिवसुज्जत्तकम्मकयदुक्ख संठवियसिथपिंडसंचयपरा. पक्खीणदवसारा णिच्चं अघवधणधण्णकोसपरिभोगविवज्जिया रहियकाम. भोगपरिमोगसव्वसोक्खा परसिरिभोगोवभोगणिस्साणमग्गणपरायणा वरागा अकामिकाए विणेति दुक्खं व सुहं व णिव्वई उवलमंति अच्चंतविपुल. दुक्खसयसंपलित्ता परस्स दवेहि जे अविरया। एसो सो अदिण्णादाणस्स फल. ववागो इहलोइओ परलोइओ अप्पसुहो बहुदुक्खो महन्मओ बहुरयप्पगाढो दारुणो कक्कसो असाओ वाससहस्सेहि मच्चइ, ण य अवेयइत्ता अस्थि उ मोक्खोत्ति, एवमाहंसु णायकुलणंदणो महप्पा जिणो उ वीरवरणामधेज्जो कहेसी य अदिण्णादाणस्स फलविवागं, एयं तं तइयंपि अदिण्णादाणं हरदह. मरणभयकलसतासणपरसंतिक भेज्जलोभमूलं एवं जाव चिरपरिगयमणगयं दुरंतं / तइयं अहम्मदारं समत्तं तिबेमि // 12 // ॥तइयं अज्झयणं समत्त। Page #1391 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1378 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि चउत्थं अज्झयणं जंबू ! अबभं च चउत्थं सदेवमणुयासुरस्स लोयस्स पत्थणिज्ज पंकपण. यपासजालभूयं थीपुरिसणघुमवेचिधं तवसंजमबंभचेरविग्घं भेयाययणबहुपमायमूलं कायरकापुरिससे वियं सुयणजणवज्जणिज्ज उड्डणरयतिरियतिलोक्कपइट्ठाणं जरामरणरोगसोगबहुलं वधबंधविधायदुविघायं दसणचरितमोहस्स हेउभूयं चिरपरिगयमणुगयं दुरंतं / चउत्थं अधम्मदारं // 13 // तस्स य णामाणि गोण्णाणि इमाणि होति तीसं, तं०-अब मं 1 मेहणं 2 चरतं 3 संसग्गि 4 सेवणाधिकारी 5 संकप्पो 6 बाहणापयाणं 7 दप्पो 8 मोहो 9 मणसंखोभो 10 अणिग्गहो 11 वग्गहो 12 विघाओ 13 विभंगो 14 विभमो 15 अधम्मो 16 असीलया 17 गामधम्मतित्ती 18 रई 19 राग. चिता 20 कामभोगमारो 21 वेरं 22 रहस्सं 23. गुज्झं 24 बहुमाणो 25 बंभचेरविग्यो 26 वावत्ति 27 विराहणा 28 पसंगो 29 कामगणोत्ति 30 वि य तस्स एयाणि एबमाइणि णामधेज्जाणि होति तीसं // 14 // तं च पुण णिसे. वंति सुरगणा सअच्छरा मोहमोहियमई असुरभयगगरुलविज्जजलणदीवउद. हिदिसिपवणथणिया 10 अणवण्णियपणवणियइसिवाइयभयवाइयकंदियमहा. कदियकूहंडपयंगदेवा 8 पिसायभूयजक्ख रक्खसकिणरकिंपुरिसमहोरगगंधव्वा 8 तिरियजोइसविमाणवासिमणयगणा जलयरथलयरखहयरा य मोहपडिबद्धचित्ता अवितण्हा कामभोगतिसिया तहाए बलवईए महईए समभिभूया गढिया य अइमच्छिया अबंभे उस्सण्णा तामसेण भावेण अणम्मक्का दंसणचरितमोहस्स पंजरं पिव करेंति अण्णोऽण्णं सेवमाणा, भज्जो असुरसुरतिरियमणुयभोगरइ. विहारसंपउत्ता य चक्कवट्टी सुरणरवइसक्कया सुरवरुव्व देवलोए भरहणग गरणिगमजणवयपुरवरदोणमुहखेडकब्बडमडंबसंबाहपट्टणसहस्समंडियं थिमि. यमेयणियं एगच्छत्तं ससागरं भुंजिऊण वसुहं परसीहा परवई गरिंदा णरव. सभा मरुयवसभकप्पा अमहियं रायतेयलच्छीए दिप्पमाणा सोमा रायसति. लगा रवि-ससि संखवरचक्क-सोत्थिय-पडाग-जव मच्छ-कुम्म-रहबर भगभवणविमाण-तुरयतोरण-गोपुरमणिरयण-गंदियावत्त-मुसलणंगलसुरइयवरकप्परुक्खमिगवइभद्दासणसुरूविथूभवरमउडसरियकुंडलकुंजरवरवसभदीवमंदिरगरलद्ध Page #1392 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पण्हावागरणं सु. 1 अ. 4 1379 यइंदकेउदप्पणअट्ठावयचावबाणणक्खत्तमेहमेहलवीणाजगछत्तदामदामिणि कमं. डलकमलघंटावरपोय-सूइसागर-कुमुदागर-मगरहारगागरणेउरणगणगरवइरकि. ज्णरमयूरवररायहंससारसचकोरचक्कवागमिहुणचामरखेडगपव्वीसगविपंचिव. रतालियंटसिरियाभिसेयमेइणि-खग्गंकुसविमलकलस-भिंगारवद्धमागग-पसत्थउत्तमविभत्तवरपुरिसलक्खणधरा बत्तीस वररायसहस्साणुजायमग्गा चउसटिसहस्सपवरजुवतीण-णयणकता रसामा पउमपम्ह कोरटगदाम-चंपकसुययवरकणाणहसवण्णा सुजायसव्वंगसुंदरंगा महग्घ-वरपट्टणुग्गय विचित्त. रागएगि पेणि-णिम्मिय दुगुल्लवरचीणपट्ट कोसेज्ज-सोणीसुत्तक विभूसियंगावरसुरभिगंध-वरचण्णवासवरकुसुमभरिय-सिरया कप्पिय-छयायरियसुकय रइ तमालकडगंगय-तुडिय-पवरभसण-पिणद्धदेहा एकावलिकंठसुरइयवच्छा पालंबपलंबमाणसुकयपडउत्तरिज्जमुद्दियापिंगलंगलिया उज्जलणेवत्थरइयचेल्लगवि. रायमाणा तेएण दिवाकरोव्व दित्ता सारयणवणियमहुरगंभीरणिद्धघोसा उप्पण्णसमत्तरयणचक्करयणप्पहाणा णवणिहिवइणो समिद्धकोसा चाउरता चाउराहिं सेणाहि समजाइज्जमाणमग्गा तुरगवई गयवई रहवई गरवई विपुलकुलवीसुयजसा सारयससिसकल-सोमवयणा सूरा तेलोक्कणिग्गयपभावल. द्धसद्दा समत्तभरहाहिवा गरिदा ससेलवण-काणणं च हिमवत-सागरंतं धीरा भत्तण भरहवासं जियसत्तू पवररायसीहा पुवकडतवप्पभावा णिविसं. चियसुहा अणेगवाससयमायुवंतो मज्जाहि य जणवयप्पहाणाहिं लालियंता अतुलसहफरिसरसरूवगंधे य अणुभवेत्ता तेवि उवणमंति मरणधम्म अवितत्ता कामाणं / भज्जो बलदेववासुदेवा य पवरपुरिसा महाबलपरक्कमा महाधणवियट्टका महासत्तसागरा दुद्धरा धणुद्धरा णरवसमा रामकेसवा भायरो सपरिसा वसुदेवसमद्दविजयमाइयदसाराणं पज्जण्ण-पइव-संब-अणिरुद्ध-णिसहउम्मय-सारण गय.सुमह दुम्मुहाईण जायवाणं अद्धद्वाणवि कुमारकोडीण हियय. दइया देवीए रोहिणीए देवीए देवकीए य आणंदहिययमावणंदणकरा सोलसरायवरसहस्सागुंजायमग्गा सोलसदेवीसहस्सवरणयणहिययदइया णाणामणि. कणग-रयण-मोत्ति-यपवाल-धण-धण्णसंचय-रिद्धि-समिद्धकोसा हयगयरहसहस्स सामीगामागर-णगर-खेड-कब्बड-मडंब दोणमुह-पट्टणासम-संबाहसहस्सथिमियणि. व्वयपमुइयजण-विविहसास-णिप्फज्जमाणमेइणि-सरस-रिय-तलाग सेल-काणण Page #1393 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1380 अंग-पविटु सुत्ताणि आरामुज्जाणमणाभिरामपरिमंडियस्स दाणिड्डवेयड्डगिरिविभत्तस्स लवणजलहिपरिगयस्स छम्विहकालगुणकामजुत्तस्स अद्धभरहस्स सामिका धीरकित्तिपुरिसा ओहबला अइबला अणिहया अपराजियसत्तमद्दणरिपुसहस्समाणमहणा साण. क्कोसा अमच्छरी अचवला अचंडा मियमंजलपलावाहसियगंभीर महुरभणिया अन्भवगयवच्छला सरणा लक्खणवंजणगणोववेया माणम्माणपमाणपडिपुण्णसुजायसव्वंगसुंदरंगा ससि सोमागार-खंतपियदंसणा अमरिसणा पयंडडंडप्पयारगंभीरदरिसणिज्जा तालद्ध उम्विद्धगरलकेऊबलवगगज्जतदरियदप्पियमुट्टियचा. नरमरगारिट्वसभघाइणो केसरिमहविप्फाडगा दरियणागदप्पमहणा जमलज्जणभंजगा महासउणिपूयणारिव कंसमउडमोडगा जरासंधमाणमहणा तेहि य अविरलसमसहियचंदमंडलसमप्पहिं सूरमिरीयकवयं विणिम्मयंतेहि सपतिदंहि आपवतेहि धरिज्जतेहिं विरायंता ताहि य पवरगिरिकुहरविहरणसमुट्टियाहि णिरुवहयचमरपच्छिमसरीरसंजाताहि अमइलसियकमलविमुकुलज्जलियरययगिरिसिहरविमलससिकिरणसरिसकलहोयणिम्मलाहिं पवणाहयचवलचलियसललियपणच्चियवीइपसरियखीरोदगपवरसागरुप्पूचंचलाहि माणससरपसरपरिचियावासविसदवेसाहि कणगगिरिसिहरसंसिताहिं उवाउप्पायचवलजयि. णसिग्घवेगाहिं हंसवधूयाहि चेव कलिया जाणामणिकणगमहरिहतवणिज्जुज्जलविचित्तडंडाहिं सललियाहि गरवइसिरिसमुदयप्पगासणकरीहि वरपट्टणुग्गयाहिं समिद्धरायकुलसेवियाहिं कालागुरुपवरकुंदुरुक्कतुरुक्कधूववसवासविसदगं. धुयाभिरामाहि चिल्लिकाहि उभयोपासंपि चामराहि उक्खिप्पमाणाहि सुहसीतलवायवीइयंगा अजिया अजियरहा हलमसलकणगपाणी संखचक्कगयत्तिगंदगधरा पवरुज्जलसुकविमलकोथूमतिरीडधारी कुंडलउज्जोवियाणणा पुंडरीय. णयणा एगावलीकंठरइयवच्छा सिरिवच्छसुलंछणा वरजसा सव्वोउय-सुरभि. कुसुमसुरइयपलंबसोहंतवियसंतचित्तवणमालरइयवच्छा अट्ठसयविमत्तलक्खणपसत्थसंदरविराइयंगमंगा मत्तगयरिदललियविक्कमविलसियगई कडिसुत्तग. णीलपीयकोसिज्जवाससा पवरदित्ततेया सारयणवणियमहुरगंभीरणिद्धघोसा. गरसीहा सोहविक्कमगई अत्यनियपवररायसीहा सोमा बारवइपुण्णचंदा पुवकय. तवप्पमावा णिविट्ठसंचियसुहा अणेगवाससयमायुवंतो भज्जाहिं य जणवयप्पहाणाहिं लालियंता अतुलसद्दफरिसरसरूवगंधे अणु भवेत्ता ते-वि उवणमंति मरण Page #1394 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पण्हावागरणं सु. 1 अ. 4 1381 धम्म अवितत्ता कामाणं / मुज्जो मंडलिय-णरवरेंदा सबला सअंतेउरा सपरिसा सपुरोहिया मच्चदंडणायगसेणावइमंतणीइकुसला जाणामणिरयणविपुलधणधण्णसंचयणिही समिद्धकोसा रज्जसिरि विउलमणुभवित्ता विक्कोसंता बलेण मत्ता तेवि उवणमंति मरणधम्म अवितत्ता कामाणं / मज्जो उत्तरकुरु-देवकुरु. वणविवर पायचारिणो णरगणा भोगत्तमा भोगलक्खणधरा भोगसस्सिरीया पसत्थसोमपडिपुण्णरूवरिसणिज्जा सुजायसव्वंगसुंदरंगा रत्तुप्पलपत्तकंतकर. चरणकोमलतला सुपइट्टियकुम्मचारुचलणा अणुपुव्वसुसंहयंगुलीया उग्णयत. णुतंबणिद्धणखा संठियसुसिलिट्ठगूढगोंफा एणीकुरुविदवत्तवट्टाणुपुग्विजंघा समग्गणिसग्गगूढजाणूं वरवारणमत्ततुल्लविक्कम-विलासियगई वरतुरगसुजायगज्झदेसा आइण्णहयव्व णिरुवलेवा पमुइयवरतुरगसीहाइरेगवट्टियकडी गंगावत्त दाहिणावत्त तरंगभंगर-रविकिरण-बोहियविकोसायंतपम्ह-गंभीरवियड णाभीसाहतसोणंद-मुसल-दप्पणगिगरियवरकणगच्छरुसरिस-वरवइरवलियमज्झा उज्जगसमसहियजच्चतणुकसिणणिद्धआदेज्जलडहसूमालमउयरोमराई झसविहग. सुजायपीणकुच्छी झसोयरा पम्हविगडणामा संणतपासा संगयपासा सुंदरपासा सुजायपासा मियमाइयपीणरइयपासा अकरंडयकणगरुयगणिम्मलसुज्जायणिरु. वहयदेहधारी कणगसिलातलपसत्थसमतलउवइयविच्छिण्णपिहुलवच्छा जयसंणिभपीणरइयपीवरपउट्ठसंठियसुसिलिट्ठविसिटुलट्ठसुणिचियघणथिरसुबद्धसंधी पुरवरफलिहवट्टियमया भयईसरविउलमोगआयाणफलिउच्छूढदोहबाहू रत्तत. लोवइय मउय-मंसल-सुजायलक्खण-पसत्थ अच्छिद्दजालपाणी पीवरसुजाय. कोमलवरंगली तंबतलिणसुइरुइलणिद्धणक्खा गिद्धपाणिलेहा चंदपाणिलेहा सूर. पाणिलेहा संखपाणिलेहा चक्कपाणिलेहा दिसासोवत्थियपाणिलेहा रविससिसंखवरचक्कदिसासोवत्थियविमत्तसुविरइयपाणिलेहा वरमहिसवराहसीहसदूलरिसह-णागवर-पडिपुण्णविउलखंधा चउरंगुलसुप्पमाण-कंबुवरसरिसग्गीवा अवट्टियसुविभत्तचित्तमंसू. उवचियमंसलपसत्थसदूलविपुलहणुया ओय. वियसिलप्पवालबिबफलसंणिमाघरोटा पंडुरससिसकलविमलसंखगोखीरफेणकुंद. दगरयमणालियाधवलवंतसेढी अखंडदंता अप्फुडियदंता अविरलदंता सुणिद्धदता सुजायदंता एगदंतसेढिव्व अणेगवंता हुयवहणिद्वंतधोयतत्ततवणिज्जरत्ततल. तालजीहा गरुलायतउज्जतुंगणासा अवदालियपोंडरीयणयणा कोकासियधवल. Page #1395 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1382 अंग-पविट्ट सुत्ताणि पत्तलच्छा आणामियचावरुइल-किण्हब्भराजि-संठियसंगयायय-सुजाय ममगा अल्लीणपमाणजुत्तसवणा सुसवणा पीणमंसलकवोलदेसभागा अचिरुग्गयबालचंदसंठियमहाणिडाला उडुवतिरिव पडिपुषणसोमवयणा छत्तागारुत्तमंगदेसा घण. णिचियसुबद्धलक्खणण्णयकूडागारणिपिडियग्गसिरा हुयवहणितधोयतत्तत. वणिज्जरत्तकेसंतकेसभमी सामलीपोंडघणणिचियछोडियमिउविसतपसत्थसुहम. लवखण सुगंधि संदरभयमोयग-भिगणीलकज्जल पहलुभमरगण-णिद्धणिगरुंबणि. चियकुंचिय-पयाहिणावत्त-मुद्धसिरया सुजातसुविभत्तसंगयंगा लक्खणवंजण. गणोववेया पसत्थबत्तीसलक्खणधरा हंसस्सरा कुंचस्सरा दुंदुभिस्सरा सीहस्सरा उज्जस्सरा मेघस्सरा सुस्सरा. सुस्सरणिग्घोसा बजरिसहणारायसंघयणा समचउरंससंठाणसंठिया छायाउज्जोवियंगमंगा पसत्थच्छवी णिराका कंकग्ग. हणी कवोयपरिणामा सगणिपोसपिठंतरोरुपरिणया पउमप्पलसरिसगं. धुस्साससुरभिवयणा अणुलोमवाउवेगा अवदायणिद्धकाला विग्गहियउण्णय. कुच्छी अमयरसफलाहारा तिगाउयसमसिया तिपलिओवमट्रिइया तिण्णि य पलिओवमाइं परमाउं पालयित्ता तेवि उवणमति मरणधम्म अवितत्ता कामाणं / पमयावि य तेसि होंति सोम्मा सुजायसव्वंगसंदरीओ पहाणमहिलागुणेहिं जत्ता अइकंत-विसप्पमाण मउयसुकुमाल-कुम्मसंठियसिलिट्ठचलणा उज्जमउयपीवरसुसाहतंगुलीओ अब्भुण्णयरइयतलिणतंबसुइणिद्धणखा रोमरहि. यवट्टसंठियअजहण्णपसत्थलक्खणअकोप्पजंघजयला सुणिम्मियसुणिगढजाण. मंसलपसत्थसुबद्धसंघी कयलीखंमाइरेकसंठियणिव्वणसुकुमालमउयकोमलअविरलसमसहियसुजायवट्टपीवरणिरतंरोरू अट्ठावयवीइपटुसंठियपसत्थविच्छिण्णपिहुलसोणी वयणायामप्पमाणदुगुणियविसालमंसलसुबद्धजहणवरधारिणीओ वज्जविराइय-पसत्थलक्खणणिरोदरीओ तिवलिवलिय-तणुणमियमज्झियाआ उज्जयसमसहियजच्चतणुकसिणणिद्धआदेज्जलडहसुकुमालमउयसुविभत्तरोमराईओ गंगावत्तगपदाहिणावत्ततरंगभंगरविकिरणतरुणबोहियआकोसायंतपउम. गंभीरविगडणाभी अणन्भडपसत्थसुजायपीणकुच्छी सग्णयपासा सुजॉयपासा संगयपासा मियमायियपीणरइयपासा अकरंडुयकणगरुयगणिम्मलसुजायणिरुवहयगायलट्ठी कंचणकलसपमाणसमसहियलट्ठच्चयआमेलगजमलजुयलवट्टियरओहराओ भयंगअणुपुव्वतणुयगोपुच्छबट्टसमसहियणमियआदेज्जलडहबाहा तंब Page #1396 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पण्हावागरणं सु.१ अ. 4 .. 1383 / ' णहा मंसलग्गहत्था कोमलपीवरवरंगुलिया गिद्धपाणिलेहा ससिसूरसंखचक्कवर. सोत्थियविभत्तसुधिरइयपाणिलेहा पीणुग्णयकक्खवस्थिप्पएसपडिपुण्णगलकवोला चउरंगुलसुप्पमाणकबुवरसरिसगीवा मंसलसंठियपसत्थहणुया दालिमपुष्पप्पगासपीवरपलंबकुंचियवराघरा सुंदरोत्तरोट्ठा दधिदगरयकुंदचंदवासंतिमउल.. अच्छिद्दविमलदसणा रत्तुप्पलपउमपत्तसुकुमालतालुजीहा कणवीरमुउलऽकुडिलsभुष्णय-उज्जतुंगणासा सारयणवकमल-कुमुय-कुवलयदलणिगरसरिसलक्षणपसत्थअजिम्हकतणयणा आणामियचावरुइलकिण्हाभराइसंगयसुजायतणकसिणणिद्धभुमगा अल्लीणपमाणजुत्तसवणा सुस्सवणा पीणमट्टगंडलेहा चउरंगुलविसालसमणिडाला कोम इरयणिकरविमलपडिपुण्णसोमवदणा छत्तण्णयउत्त. मंगा अकविलसुसिणिद्धदीहसिरया छत्तज्झयजवथभदामिणिकमंडल कलसवाविसोत्थिय-पडागजव-मच्छ-कुम्मरहवरमकरज्झय-अंक-थाल अंकुस अट्ठावयसुपइट्ठअमर-सिरियाभिसेय-तोरण-मेइणि-उदधिवर-पवरभवण-गिरिवर-वरायंस-सल. लियगयउसम-सीह-चामर-पसत्थबत्तीसलक्खणधरीओ हंससरिच्छगईओ कोइलमहुरगिराओ कंता सव्वस्स अणुमयाओ ववगलिपलितवंगदुव्वण्णवाहिदोहग्ग. सोयमुक्काओ उच्चत्तेण य गराण थोवूणमूसियाओ सिंगारागारचारुवेसाओ सुंदर-थण-जहण-वयण करचरण णयणा लावण्णरूवजोव्वणगणोववेया गंदणवण. विवरचारिणीओ-व्वअच्छराओ उत्तरकुरुमाणसच्छराओ अच्छेरगपेच्छणिज्जि. याओ तिण्णि य पलिओवमाई परमाउं पालइत्ता ताओऽवि उवणमंति मरण. धम्म अवितित्ता कामाणे // 1 // मेहुणसण्णासंपगिद्धा य मोहरिया सत्यहि हणंति एक्कमेक्कं विसयविसउदीरएसु, अवरे परदारेहिं हम्मति विसुणिया धणणासं सयणविप्पणासंच पाउणंति, परस्स दाराओ जे अविरया मेहणसण्ण. संपगिद्धा य मोहमरिया अस्सा हत्थी गवा य महिसा मिगा य मारेंति एक्क. मेक्क, मणयगणा वाणरा य पक्खी य विरुझंति, मित्ताणि खिप्पं भवंति सत्त समये धम्मे गणे य मिदंति पारदारी, धम्मगुणरया य बंभयारी खणेण उल्लोट्ठए चरित्ताओ जसमंतो सुव्वया य पावेंति अयसकित्ति रोगत्ता वाहिया पवड्ढेति रोयवाही, दुवे य लोया दुआराहगा भवंति-इहलोए चेव परलोए परस्स दाराओ जे अविरया, तहेव केइ परस्स दारं गवेसमाणा गहिया हया . य बद्धरुदा य एवं जाव गच्छति विउलमोहाभिभूयसण्णा / मेहुणमूलं च सुव्वए Page #1397 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1384 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि तत्थ तत्थ वत्तपुव्वा संगामा जणक्खयकरा सीयाए दोवईए कए रुप्पिणीए पउ. मावईए ताराए कंचणाए रत्तसुभद्दाए अहिल्लियाए सुवण्णगलियाए किण्णरीए सुरूवविज्जमईए रोहिणीए य, अण्णेसु य एवमाइएसु बहवो , महिलाकएसु सुव्वंति अइक्कंता संगामा गामधम्ममूला इहलोए ताव गट्ठा परलोएवि य गट्ठा महया मोहतिमिसंधयारे घोरे तसथावरसुहुमबायरेसु पज्जत्तमपज्जत्तसाहारणसरीरपत्तेयसरीरेसु य अंडजपोतजजराउयरसजसंसेइमसमच्छिमउम्भियउवबाइएसु य गरयतिरियदेवमाणसेसु जरामरणरोगसोगबहले पलिओवमसागरोबमाई अणाईयं अणवदग्गं दोहमद्धं चाउरंतसंसारकंतारं अणुपरियटृति जीवा . मोहवससणिविट्ठा / एसो सो अबंभस्स फ़लविवागो इहलोइओ परलोइओ य अप्पसुहो बहुदुक्खो महमओ बहरयप्पगाढो वारुणो कक्कसो असाओ वाससहस्सेहि मच्चई, ण य अवेयहत्ता अस्थि हु मोक्खोति / एवमाहंसु णायकुल. गंदणो महप्पा जिणो उ वीरवरणामधेज्जो कहेसी य अबंभस्स फलविवागं एवं तं अबंभंपि चउत्थं सदेवमणुयासुरस्स लोगस्स पत्थणिज्ज एवं चिरपरिचिय. मणगयं दुरंतं / चउत्थं अधम्मदारं समत्तंतिबेमि // 16 // // चउत्थं अज्झयणं समत्त / पंचमं अज्झयणं .. जंबू ! इत्तो परिग्गहो पंचमो उ णियमा गाणामणिकणगरयणमहरिहपरिमलसपुत्तदारपरिजणदासीदासभयगपेसहयगयगोमहिसउट्टखरअयगवेलगसी. यासगडरहजाणजग्गसंदणसयणासणवाहणकुवियधणधण्णपाणभोयणाच्छायणगंधमल्लभायणमवणविहिं चेव बहुविहीयं भरहं जगणगरणियमजणवयपुरवरदोणमहखेडकब्बडमडंबसंबाहपट्टणसहस्सपरिमंडियं घिमियमेइणीयं एगच्छत्तं ससागरं भुंजिऊण वसुहं अपरिमियमणंततहमणगयमहिच्छसारणिरयमूलो लोभकलिकसायमहक्खंधो चितासणिचियविउलसालो गारवपविरल्लियग्गविडवो णियडितयापत्तपल्लवधरो पुप्फफलं जस्स कामभोगा आयासविसूरणाकलहपकंपियग्गसिहरो गरवइसंपूइओ बहुजणस्स हिययदइओ इमस्स मोक्खवरमोत्तिमग्गस्स फलिहभूओ चरिमं अहम्मदारं // 17 // तस्स य गामाणि इमाणि गोण्णाणि होंति तीसं, तंजहा-परिग्गहो 1 संचयो 2 चयो 3 उवचयो 4 णिहाणं 5 Page #1398 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पण्हावागरणं सु. 1 अ. 5 1385 संभारो 6 संकरो 7 आयरो 8 पिंडोह दब्बसारो 10 तहा महिच्छा 11 पडिबंधो 12 लोहप्पा 13 महद्दी 14 उबकरणं 15 संरक्खणा य 16 भारो 17 संपाउप्पायको 18 कलिकरंडो 16 पवित्थरो 20 अणत्थो 21 संथवो 22 अगत्ती 23 आयासो 24 अविओगो 25 अमुत्ती 26 तण्हा 27 अणत्थको 28 आमत्ती 29 असंतोसो ति विय 30, तस्स एयाणि एवमाईणि णाम. धेज्जाणि होति तीसं // 18 // तं च पुण परिग्गहं ममाति लोभघत्था भवण. वरविमाणवासिणो परिग्गहरुई परिग्गहे विविहकरणबुद्धी देवणिकाया य असुर. भयगगरुलविज्जजलण-दीवउदहिदिसिपवणणिय-अणवंणिय पणवंणियइसिवा. इयमयवाइयकंदियमहाक दियकुहंडपयंगदेवा पिसायभयजक्ख रक्खसकिणकिपु. रिसमहोरगगंधवा य तिरियवासी पंचविहा जोइसिया य देवा बहस्सईचंदसूरसुक्कसणिच्छरा राहधमके उबुधा य अंगारका य तत्ततवणिज्नकणयवण्णा जे य गहा जोइसम्मि चारं चरंति केऊ य गइरईया अट्ठावीसइ विहा य मक्खत्त. देवगणा जाणासंठाणसंठियाओ य तारगाओ ठियलेस्सा चारिणो य अविस्साममंडलगई उरिचरा उडलोगवासी दुविहा वेमाणिया य देवा सोहम्मीसाण. सणकुमारमाहिदबं भलोगलंतकमहासुक्क सहस्सार-आणय-पाणय-आरण-अच्चया कप्पवरविमाणवासिणो सुरगणा गेवेज्जा अनुत्तरा दुविहा कप्पाईया विमाणवासी महिड्डिया उत्तमा सुरवरा एवं च ते चउम्विहा सपरिसावि देवा ममायंति भवणवाहणजाणविमाणसयणासणाणि य गाणाविहवत्थभूसणाणि य पवरपहरणाणि य णाणामणिपंचवणदिव्वं च भायणविहिं णाणाविहकामरूवे वेउब्विय. अच्छरगणसंघाते दीवसमुद्दे दिसाओ विदिसाओ चेइयाणि वणसंडे पव्यए य गामणगराणि य आरामुज्जाणकाणणाणि य कूवसरतलागवाविदीहियदेवकुंल. सभप्पववसहिमाइयाई बहुकाई कित्तणाणि य परिगेम्हित्ता परिग्गहं विपुलदव्व. सारं देवावि सईदगा ण तित्ति ण तुट्टि उवलभंति अच्चंतविउललोभाभिभूयसत्ता वासहरइक्खुगारवट्टपव्यय कुंडलरुयगवर माणुसोत्तर कालोदधिलवण-सलिलदहपहरइकर-अंजणकसेलदहिमहऽवपातुप्पाय-कंचणकचित्तविचित्तजमक-वरसिहरकडवासी वक्खारअकम्मभूमिसु सुविभत्तभागदेसासु कम्मममिसु, जेऽवि य गरा चाउरंतचक्कवट्टी वासुदेवा बलदेवा मंडलीया इस्सरा तलवरा सेणावई इम्मा सेट्ठी रट्टिया पुरोहिया कुमारा दंडणायगा माडंबिया सत्थवाहा कोडुबिया Page #1399 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1386 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि अमच्चा एए अण्णे य एवमाई परिग्गहं संचिणंति अणतं असरणं दुरंतं अधुव. मणिच्चं असासयं पावकम्मणेम्म अवकिरियन्वं विणासमूलं बहबंधपरिकिलेस. बहुलं अगंतसंकिलेसकारणं, ते तं धणकणगरयणणिचयं पिडिता चेव लोभत्था संसारं अइवयंति सव्वदुक्खसंणिलयणं, परिग्गहस्सेव य अढाए सिप्पसयं सिक्खए बहुजणो कलाओ य बावरि सुणिपुणाओ लेहाइयाओ सउणरुयावसा. णाओगणियप्पहाणाओ-चउटुिं च महिलागणे रइजणणे सिप्पसेवं असिमसि. किसिवाणिज्जं ववहारं अत्थसत्थईसत्थच्छरुप्पगयं विविहाओ य जोगजंजणाओ अण्णेसु एवमाइएसु बहुसु कारणसएसु जावज्जीवं णडिज्जए संचिणंति मंदबद्धी परिग्गहस्सेव य अट्टाए करंति पाणाण-बहकरणं अलियणियडिसाइसंपओगे परदव्व-अभिज्जा सपरदारअभिगमणासेवणाए आयासविसूरणं कलह भंडणवेराणि य अवमाणणविमाणणाओ इच्छामहिच्छप्पिवाससययतिसिया तण्हगेहिलोभघत्था अत्ताणा अणिग्गहिया करेंति कोहमाणमायालोमे अकित्त. णिज्जे परिग्गहे चेव होंति णियमा सल्ला दंडा य गारवा य कसाया सण्णा य कामगुण-अण्हगा य इंदियलेसाओ सयणसंपओगा सचित्ताचित्तमीसगाई दवाई अणंतकाई इच्छंति परिघेत्तुं सदेवमणयासुरम्मि लोए लोभपरिग्गहो जिणवरेहि मणिओ णस्थि एरिसो पासो पडिबंधो अस्थि सव्वजीवाणं सव्वलोए // 19 // परलोगम्मि य गट्ठा तमं पविट्ठा महयामोहमोहियमई तिमिसंधयारे तसथावरसुहुमबायरेसु पज्जत्तमपज्जत्तंग एवं जाव परियटुंति दीहमद्धं जीवा लोभवससंणिविट्ठा / एसो सो परिग्गहस्स फलविवाओ इहलोइओ परलोइओ अप्पसुहो बहुदुक्खो महन्मओ बहुरयप्पगाढो दारुणो कक्कसो असाओ वाससहस्सेहि मच्चाइ ण य अवेयइत्ता अस्थि हु मोक्खोत्ति, एवमाहंसु णायकुलगंदणो महप्पा जिणो उ वीरवरणामधेज्जो कहेसी य परिग्गहस्स फलविवागं / एसो सो परिग्गहो पंचमो उणियमा जाणामणिकणगरयणमहरिह एवं जाव इमस्स मोक्खवरमोत्तिमग्गस्स फलिहभयो चरिमं अधम्मदारं समत्तं / एएहि पंचहि असंवरेहिं रयमादिणित्त अणुसमयं / चउविहगइपेरंतं अणपरियट्टंति संसारं // 1 // सव्वगई पक्खंदे काहिति अर्थतए अकयपुण्णा / जे य ण सुगंति धम्मं सोऊण य जे पमायंति // 2 // अणसिपि बहुविहं मिच्छादिठीय जे जरा अहम्मा। बद्धणिकाइयकम्मा सुर्णेति धम्मं ग य करेंति // 3 // किं सक्का काउं जे जं Page #1400 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पण्हावागरणं सू. 2 अ. 1 1387 णेच्छह ओसहं महा पाउं / जिणवयणं गणमहुरं विरेयणं सव्वदुक्खाणं // 4 // पंचेव य उज्निऊणं पंचेव य रक्खिऊण भावेण / कम्मरयविप्पमक्का सिद्धिवरमणसरं जंति // 5 // 20 // पंचमं अज्झयणं समत्तं / / बीयो सुयक्खंधो पढमं अज्झयणं जंबू ! एत्तो संवरदाराई पंच वोच्छामि आणुपुबीए / जह भणियाणि भगवया सव्वदुहविमोक्खणढाए // 1 // पढम होइ अहिंसा बिइयं सच्चवयणंति पण्णतं / दत्तमणण्णाय संवरो य बंभचेरमपरिग्गहत्तं च // 2 // तत्थ पढमं अहिंसा तसथावरसम्वभूयखेमकरी / तीसे समावणाओ किंचि वोच्छं गणद्देमं // 3 // ताणि उ इमाणि सुव्वय ! महन्वयाई लोयहियसध्वयाई सुयसागर. देसियाई तवसंजममहव्वयाई सीलगणवरव्वयाइं सच्चज्जवम्वयाई गरय. तिरियमणुयदेवगइविवज्जगाई सम्वजिणसासणगाई कम्मरयविदारगाई भव. सयविणासणगाई दुहसयविमोयणगाई सुहसयपवत्तणगाई कापुरिसदुरुत्तराई सप्पुरिसणिसेवियाई णिव्वाणगमणमग्ग-सग्गप्पयाणयगाई संवरदाराई पंच कहियाणि उ भगवया। तत्थ पढमं अहिंसा जा सा सदेवमण्यासुरस्स लोगस्स भवई दीवो ताणं सरणं गई पहट्ठा णिव्वाणं 1 णिवई 2 समाही 3 सत्ती 4 कित्ती 5 कंती 6 रई य 7 विरई य 8 सुयंग 9 तित्ती 10 दया 11 विमुत्ती 12 खंती 13 सम्मत्ताराहणा 14 महंती 15 बोही 16 बुद्धी 17 धिई 18 समिद्धी 19 रिद्धी 20 विद्धी 21 ठिई 22 पुट्ठी 23 गंदा 24 भद्दा 25 विसुद्धी 26 लद्धी 27 विसिटविट्ठी 28 कल्लाणं 29 मंगलं 30 पमोओ 31 विमई 32 रक्खा 33 सिद्धावासो 34 अणासवो 35 केवलीण ठाणे 36 सिवं 27 समिई 38 सील 39 संजमोत्ति य 40 सीलपरिघरो 41 संवरो य 42 गत्ती 43 ववसाओ 44 उस्सओ 45 जण्णो 46 आययणं 47 जयणमप्पमाओ 48-49 अस्सासो 50 बीसासो 51 अभओ 52 सव्यस्सवि अमाघाओ 53 चोक्खपवित्ता 54-55 सूई 56 पूया 57 विमल 58 पमासा 56 य जिम्मलयर 60 त्ति एवमाईणि णियय Page #1401 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1388 अंग-पविटु सुत्ताणि गुणणिम्मियाई पज्जवणामाणि होति अहिंसाए भगवईए // 21 // एसा सा भगवई अहिंसा जा सा भीयाण विव सरणं पक्खी विव गमणं तिसिया विव सलिल खहियाणं विव असणं समहमज्झे व पोयवहणं चउप्पयाणं व आसमपयं दुहटियाणं व ओसहिबलं अडवीमज्झे विसत्थगमणं एत्तो विसिटुतरिया अहिंसा जा सा पुढविजलअगणिमास्यवणस्सइबीयहरियजलयरथलयरखहयरतसथावर. सवमयखेमकरी, एमा भगवई अहिंसा जा सा अपरिमियणाणदसणधरेहि सीलगुणविणयतवसंयमणायगेहि तित्थंकरेहि सव्वजगजीववच्छलेहि तिलोय. महिएहि जिणचदेहि सुदिट्टा ओहिजिहि विष्णाया उज्जुमईहि विदिट्ठा विपुलमहि विविदिआ पुश्वधरेहि अहीया वेउव्वीहिं पतिण्णा आभिणिबोहिय. णाणीहिं सुयणाणीहि मणपज्जवणाणीहिं केवलणाणीहि आमोसहिपहि खेलोसहिपतेहिं जल्लोसहिपतहि विप्पोसहिपहि,सम्वोसहिपतहि बीयबुद्धीहि कुटुबुद्धीहि पयाणुमारीहि संभिण्णसोएहि सुयधरेहि मणबलिएहिं वयबलिएहिं कायबलिएहि णाणबलिएहि सणबलिए हि चरित्तबलिएहि खीरासवेहि महुआसवेहि सप्पियासवेहि अक्खीणमहाणसिएहि चारणेहि विज्जाहरेहि चउत्थ. भत्तिहिं एवं जाव छम्मासभत्तिएहि उक्खित्तचरहिं णिक्खित्तचरएहि अतचरएहि पंतचरएहि लहूचरएहि समुदाणचरएहि अण्णइलाएहिं मोणचरएहि संसट्रकप्पिएहि तज्जायसंसदकप्पिाहि उवणिहिए हि सुद्धसणिएहि संखादत्तिरहि दिठुलाभिएहि अदिट्ठलाभिएहिं पुट्ठलाभिएहिं आयंबिलिएहिं पुरिमड्डिएहि एक्का. सणिएहि णिविइएहि भिण्णपिंडवाइएहि परिमिपिंडवाइएहिं अंताहारेहि पंताहारेहि अरसाहारेहि विरसाहारेहि लुहाहारेहि तुच्छाहारेहि अंतजीवीहि पंतजीवीहि लहजीवीहि तुच्छजीवीहि उवसंतजीवीहि पसंतजीवीहि विवित्तजी. वीहि अखीरमहुसप्पिएहि अमज्जमंसासिएहि ठाणाइएहि पडिमट्ठाईहि ठाण कडिएहिं वीरासणिएहि णेसज्जिएहिं डंडाइएहिं लगंडसाईहिं एगपासहिं आया. वएहि अप्पावरहिं अणि[व] भएहि अकंड्यएहिं धुयकेसमंसुलोमणहि सव्वगायपडिकम्मविप्पमुक्केहि समणुचिण्णा सुयधरविइयत्थकायबुद्धीहिं धीरमइ. बद्धिणो य जे ते आसीविसउग्गतेयकप्पा णिच्छयववसायपज्जत्तयमईया णिच्चं सज्झायज्झाणअणबद्धधम्मज्झाणा पंचमहत्वयचरित्तजत्ता समिया समि. इसु समियपावा छविहजगवच्छला णिच्चमप्पमत्ता एएहि अण्णेहि य जा सा Page #1402 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पण्हावागरणं सु. 2 अ. 1 1389 अणुपालिया भगवई। इमं च पुढविदगअगणिमारुयतरुगणतसथावरसम्वभूयसंज. मदयट्टयाए सुद्ध उठं गवेसियवं अकयमकारियमणाहूयमणुद्दिठं अकीयकडं गवाह य काडिहिं सुपरिसुद्धं दसहि य दोसेहिं विप्पमुक्कं उग्गमउप्पायणेसणासुद्धं ववगयचुयचावियचत्तदेहं च फासुयं च ण णिसज्जकहापओयणक्खासुओव. णीयंति गतिगच्छामंतमलभेसज्जकज्जहेउंण लक्खणप्पायसुमिणजोइसणिमित्त. कहकप्पउत्तं वि डंभणाए णवि रक्खणाए गवि सासणाए णवि डंभणरक्षण सासणाए भिक्खं गवेसियव्वं णवि वंदणाए णवि माणणाए णवि पूयणाए णवि वदणमाणणपूयणाए भिक्खं गवेसियव्वं णवि हीलणाए व णिदणाए णवि गरहणाए णवि होलणदणगरहणाए भिक्खं गवेसियव्वं गवि भेसणाए णवि तज्जणाए णवि तालणाए णवि भेसणतज्जणतालणाए मिक्खं गवेसियव्यं णवि गारवेणं णवि कुहणयाए णवि वणीमयाए णवि गारवकूहणवणीमयाए भिक्खं गवेसियध्वं गवि मित्तयाए णवि पत्थणाए णवि सेवणाए णवि मित्तपत्थणसेवणाए भिक्खं गवेसियव्वं अण्णाए अगढिए अदुढे अदीणे अविमणे अकलुणे अविसाई अपरितंतजोगी जयणघडणकरणचरियविणयगुणजोगसंपउत्ते भिक्खू भिक्खेसणाए णिरए, इमं च गं सव्वजीवरक्खणदयट्ठाए पावयणं भगवया सुक. हियं अत्तहियं पेच्चामावियं आगमेसिमदं सुद्धं णेयाउयं अकुडिलं अणुत्तरं सव्वदुक्खपावाण विउसमणं // 22 // तस्स.इमा पंच मावणाओ पढमस्स वयस्स होति पाणाइवायवेरमणपरिरक्खणट्टयाए पढमं ठाणगमणगणजोगजंजणजगंतर. णिवाइयाए दिठ्ठीए ईरियध्वं कीडपयंगतसथावरदयावरेण णिच्चं पुप्फफल. तयपवालकंवमूलदगमट्टियबीयहरियपरिवज्जिएण संमं, एवं खल सव्वपाणा ण हीलियम्वा ण णिदियव्या ण गरहियव्वा ण हिसियम्वा ण छिदियत्वा ण भिदियव्वा ण वहेयव्वा ण भयं दुक्खं च किंचि लब्भा पावेउं एवं ईरियासमिइजोगेण भाविओ भवइ अंतरप्पा असबलमसंकिलिटुणिवणचरित्तभावणाए अहिंसए संजए सुसाह / विइयं च मणेण पावएणं पावगं अहम्मियं दारुणं णिस्संसं वह. बंध-परिकिलेसबहुलं भयमरणपरिकिलेससंकिलिलैंण कयावि मणेण पावएणं पावगं किंचिवि झायव्वं एवं मणसमिइजोगेण भाविओ भवइ अंतरप्पा असबलमसंकिलिणिव्वणचरित्तभावणाए अहिंसए संजए सुसाह / तइयं च वईए पावियाए पावगं ण किंचिवि भासियव्वं एवं वइसमिइजोगेण भाविओ भवइ Page #1403 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1390 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि अंतरप्पा असबलमसंकिलिटुणिव्वणचरित्तभावणाए अहिंसओ संजओ सुसाह / चउत्थं आहारएसणाए सुद्धं उंछं गवेसियत्वं अण्णाए अगढिए अदुसिठे अदीण अकलणे अविसाई अपरितंतजोगी जयणघडणकरणचरियविणयगणजोगसंपओगजुत्ते भिक्ख भिक्खेसणाए जत्ते समदाणेऊण भिक्खचरियं उछं घेत्तण आगओ गुरुजणस्स पास गमणागमणाइयारे पडिक्कमणपडिक्कते आलोयणदायणं च दाऊण गुरुजणस्स गुरुसंदिटुस्स वा जहोवएस णिरइयारं च अप्पमत्तो, पुणरवि असणाए पयओ पडिक्कमित्ता पसंते आसीणसुहणिसणे महुसमेत्तं च झाणसुह. जागणाणसज्झायगोवियमणे धम्ममणे अविमणे सुहमणे अविग्गहमणे समाहिय. मणे सद्धासंवेगणिज्जरमण पवयणवच्छल्लभावियमणे उठेऊण य पहतुठे जहारायणियं णिमंतइत्ता य साहवे भावओ य विइण्णे य गुरुजणेणं उपविटठे संपमज्जिऊण ससीसं कायं तहा करयलं अमुच्छिए अगिद्धे अर्गाढए अगरहिए अणज्झोववण्ण अणाइले अलुद्ध अणत्तट्टिए असुरसुरं अचवचवं अदुयमविलंबियं अपरिसाडि आलोयभायण जयं पयत्तेण ववगयसंजोगणिगालं च विगयधमं अक्खोवंजणवणाणलेवणभयं संजमजायामायाणिमित्तं संजममारवहणयाए भुजेज्जा पाणधारणट्टयाए संजएण समियं एवं आहारसमिइजोगेणं भाविओ भवइ अंतरप्पा असबलमसंकिलिटुणिवणचरित्तभावणाए अहिंसए संजए सुसाहू। पंचम आयाणणिक्खेवणसमिई पीढफलगसिज्जासंथारगवत्थपत्तकबलदंडगरय. हरणचोलपट्टगमहपोत्तियपायपुंछणाई एयपि संजमस्स उवबहणट्टयाए वायात. वदसमसगसीयपरिरक्खणट्टयाए उवगरणं रागदोसरहियं परिहरियध्वं संजमेणं णिच्चं पडिलेहणपप्फोडणपमज्जणाए अहो य राओ य अप्पमत्तेण होइ सययं णिक्खियत्वं च गिण्हियव्वं च भायणभंडोवहिउवगरणं एवं आयाणभंडणिखे. वणासमिइजोगेण भाविओ भवइ अंतरप्पा असबलमसंकिलिट्ठणिवणचरित्तमाव. णाए अहिंसए संजए सुसाहू / एवमिणं संवरस्स दारं सम्मं संवरियं होइ सुप्पणि. हियं इमेहि पंचहिवि कारणेहि मणवयणकायपरिरक्खिएहि णिच्चं आमरणंतं च एस जोगो यन्वो धिइमया मइपया अणासवो अकलसो अच्छिद्दोअपरिस्सावी. असंकिलिट्ठो सुद्धो सवजिणमणण्णाओ,एवं पढमं संवरदारं फासियं पालियं. सोहियं तीरियं किट्टियं आराहियं आणाए अणपालियं भवइ, एवं णायमणिणा भग. वया पण्णवियं परूवियं पसिद्धं सिद्धवरसासणमिणं आघवियं सुदेसियं पसत्थं पढभं संवरदारं समत्त तिबेमि // 23 // ॥पढमं अज्झयणं समत्तो।। Page #1404 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पण्हावागरणं सु. 2 अ. 2 1391 बीयं अज्झयणं जंबू ! बिइयं च सच्चवयणं सुद्धं सुइयं सिवं सुजायं सुभासियं सुव्वयं सुकहियं सुदिळं सुपइ ट्ठियं सुपइट्टियजसं सुसंजमियवयणबुइयं सुरवरणरवसभपवरबलवगसुविहियजणबहुमयं परमसाहुधम्मचरणं तवणियमपरिग्गहियं सुगइपहदेसगं च लोगत्तमं अमिग विज्जाहरगगणगमणविज्जाणसाहकं सग्ग. मग्गसिद्धिपहदेसगं अवितह तं सच्चं उज्जुयं अकुडिलं भूयत्थं अत्थओ विसुद्ध उज्जोयकरं पभासगं भवइ सव्वमावाण जीवलोए अविसंवाइ जहत्थमधुरं पच्चक्खं दइवयंव ज त अच्छेरकारगं अवत्यंतरेसु बहुएसु माणसाणं सच्चेण महासमद्दमज्झवि चिट्ठति ण णिमज्जति मढाणियावि पोया सच्चेण य उदग. संभमंमिवि ण वज्झइ ण य मरंति थाहं ते लमंति सच्चे ग य अगणिसंभमंमिवि ण डझंति उज्जगा मणूसा सच्चेण य तत्ततेल्लतउलोहसीसगाई छिवंति धरेंति ग य उज्झंति मणसा पव्वयकडकाहि मच्चते ण य मरंति सच्चेण य परिग्गहिया असिपंजरगया समराओवि णिइंति अणहा य सच्चवाई वहबंधभियोगवेरघोरेहि पच्चंति य अमित्तमज्झाहि णिइंति अणहा य सच्चवाई सादेव्वाणि य देवयाओ करेंति सच्चवयणे रत्ताणं / तं सच्चं भगवं तित्थयरसुभासियं दसविहं चोद्दसपुग्वीहिं पाहुडत्थविइयं महरिसीण य समयप्पइण्णं देविदरिंदमासियत्थं वेमाणियसाहियं महत्थं मंतोसहिविज्जासाहणत्यं चारणगणसमणसिबविज्ज मण्यगणाणं वंदणिज्ज अमर. गणाणं अच्चणिज्ज असुरगगाणं च पूणिज्ज अणेगपासंडिपरिग्गहियं जं तं लोगंमि सारभूयं गंभीरतरं महासमद्दाओ थिरयरगं मेरुपव्वयाओ सोमतरगं चंदमंडलाओ दित्तयरं सूरमंडलाओ विमलयरं सरयणहयलाओ सुरभियरं गधमादणाओ जेविय लोगम्मि भपरिसेसा मंतजोगा जवा य विज्जा य जभगा य अत्याणि य सत्याणि य सिक्खाओ य आगमा य सब्वाणिवि ताई सच्चे पइट्टियाई, सच्चंपिय संजमस्स उवरोहकारगं किचि ण वत्तवं हिंसा. सावज्जसंपउत्तं भेयविकहकारगं अणत्थवायकलहकारगं अणज्ज अववायविवा. 'यसंपउत्तं वेलंबं ओजधेज्जबहुलं णिल्लज्ज लोयगरहणिज्जं दुद्दिठं दुस्सुयं अम. णियं अप्पणो थवणा परेसु णिदाण तंसि मेहावी ण तंसि धण्णो ण तंसि पियधम्मों ण तं कुलीणो ण तंसि दाणवई ण तसि सूरो ण तंसि पडिरूवो ण तंसि लट्ठो ण Page #1405 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1392 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि पंडिओ ण बहस्सुओ णवि य तं तवस्सी ण यावि परलोगणिच्छियमईऽसि सव्वकालं जाइकुलरूववाहिरोगेण वावि जंहोइ वज्जाणिज्ज दुहओ उवयार. मइक्कतं एवंविहं सच्चपि ण वत्तव्वं / अह केरिसकं पुणाइ सच्चं तु भासियध्वं ? जं तं दव्वेहि पज्जवेहि य गणेहि कम्मेहि बहुविहेहि मिप्पेहि आगमेहि य णामक्खायर्याणवाउवसग्गतद्धियसमाससंधिपदहे उजोगिय उणादिकिरि. याविहाणधातुसरवित्तिवण्णजत्तं तिकल्लं दसविपि सच्च जह भणियं तह य कम्मणा होइ दुवालसविहा होइ भासा वयणपि-य होइ सोलसविहं, एवं अरहंतमणुण्णायं समिक्खियं संजएणं कालमि य वत्तव्वं // 24 // इम च अलियपिसुणफरुसकड्यचवलवयणपरिरक्खणटूयाए पावयणं भगवया सुकहियं अत्त. हियं पेच्चाभाविक आगमेसिभद्द सुद्धं याउयं अकुडिलं अणुत्तरं सव्वदुक्खपावाणं विओसमणं / तस्स इमा पच भावणाओ बिइयस्स वयस्स अलियवयणस्स वेर. मणपरिरक्खणट्टयाए, पढम सोऊणं संवरलैं परमर्से सुठु जाणिऊण ण वेगियं ण तुरियं ण चवलं ण कडुयं ण फरस ण साहसं ग य परस्स पीलाकर सच्चं च हियं च मियं च गाहगं च सुद्धं संगयमकाहलं च समिक्खियं संजएण कालंमि य वत्तव्वं एवं अणवीइसमिइजोगेण भाविओ भवइ अंतरप्पा संजयकरचरणणयणवयणो सूरो सच्चज्जवसंपुष्णो / बिइयं कोहो ण सेवियव्वो, कुद्धो चंडिक्किओ मणूसो अलियं भणेज्ज पिसुणं भणेज्ज फरुसं भणेज्ज अलियं पिसुणं फरुसं भणेज्ज कलहं करेज्जा वेरं करेज्जा विकह करेज्जा कलहं वेरं विकह करेज्जा सच्च हणेज्ज सीलं हणेज्ज विणयं हणेज्ज सच्चं सीलं विणयं हणेज्ज वेसो हवेज्ज वत्थं भवेज्ज गम्मो भवेज्ज वेसो वत्थं गम्मो भवेज्ज एयं अण्णं च एवमाइयं भज्ज कोहग्गिसंपलित्तो तम्हा कोहो ण सेवियवो, एवं खंतीइ भाविओ भवइ अंतरप्पा संजयकरचरणणयणवयणो सूरो सच्चज्जव. संपण्णो / तइयं लोभो ण सेवियवो लडो लोलो भणेज्ज अलियं खेत्तस्स व वत्थस्स व कएण 1 लुद्धो लोलो भणेज्ज अलियं कित्तीए लोभस्स व कएण 2 लद्धो लोलो भणेज्ज अलियं इड्ढीए व सोक्खस्स व कएण 3 लद्धो लोलो भणेज्ज अलियं भत्तस्स व पाणस्स व कएण 4 लद्धो लोलो भणेज्ज अलियं पीढस्स व फलगस्स व कएण 5 लुद्धो लोलो भणेज्ज अलियं सेज्जाए व संथारगस्स व कएण 6 लुतो लोलो भणेज्ज अलियं वत्थस्स व पत्तस्स व कएण 7 लुद्धो Page #1406 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पण्हावागरणं सु. 2 अ. 3 1393 लोलो भणेज्ज अलियं कंबलस्स व पायपुंछणस्स व कएण 8 लुद्धो लोलो भणेज्ज अलियं सीसस्स व सिस्सिणीए व कएण 9 लुद्धो लोलो मज्ज अलियं अग्णेसु य एवमाइसु बहुसुकारणसएसु, लुद्धो लोले भणेज्ज अलियं तम्हा लोभो ण सेवियम्वो, एवं मृत्तीए भाविओ भवइ अंतरप्पा संजयकरचरणणयणवयणो सूरो सच्चज्जवसंपण्णो / चउत्थं ण भीइयव्वं भीयंखु भया अइंति लहुयं भीओ अबितिज्जओ मणसो भीओ भूएहि घिप्पइ भीओ अण्णं. विहु मेसेज्जा भीओ तवसंजमं वि हु मुएज्जा भीओ य भरं ण णित्थरेज्जा सप्पुरिसणिसे वियं च मग्गं भीओ ण समत्थो अणुचरिउं तम्हा ण भी इयव्वं / भयस्स वा वाहिस्स वा रोगस्स वा जराए वा मच्चस्म वा अण्णस्स वा एवं धज्जेण माविओ भवई अंतरप्पा सजयकरचरणणयणवयणो सूरो सच्च. ज्जवसंपण्णो / पंचमगं हासं ण सेवियव्वं अलियाई असंतगाइं जपति हासत्ता परपरिभवकारणं च हासं परपरिवायप्पियं च हासं परपीलाकारगं च हासं भविमत्तिकारगं च हास अण्णोण्णजणियं च होज्ज हासं अण्णोण्णगमणं च होज्ज मम्म अण्णोण्णर्गमणं च होज्ज कम्मं कंदप्पाभियोगगमगं च होज्ज हासं आसुरिय किन्त्रिसत्तणं च जणेज्ज हासं तम्हा हासं ण सेवियध्वं एवं मोणेण भाविओ भवइ अंतरप्पा संजयकरचरणणयणवयणो सूरो सच्चज्जवसंपण्णो / एवमिणं संवरस्स दारं सम्म संवरिय होइ सुप्पणिहियं इमेहि पंचहि वि कारणेह मणवयणकायपरिरक्खिहि णिच्चं आमरणंतं च एस जोगो णेयन्वो धिइमया महमया अणासवो अकलसो अच्छिद्दो अपरिस्सावी असंकिलिठा-सुद्धो-सम्वजिण. मणुण्णाओ, एवं बिइयं संवरदारं फासियं पालियं सोहियं तीरियं किट्टियं अण. पालियं आणाए आराहियं भवइ / एवं गायमुणिणा भगवया पण्णवियं परूवियं पसिद्धं सिद्धवरसासणमिणं आवियं सुदेसियं पसत्थं बिइयं संवरदारं समत्तं तिबेमि // 25 // बिइयं अज्झयणं समत्तं / / .. . तइयं अज्झयणं जंब ! दत्तमणण्णायसंवरो णाम होइ तइयं सुव्वया ! महव्वयं गणव्वयं परदव्वहरणपडिविरइकरणजुत्तं अपरिमियमणंततण्हाणगयमहिच्छमणवयणकलसआयाणसुणिग्गहियं सुसंजमियमणोहत्थपायणिहुयं णिग्गंणिट्टिगं णिरुतं Page #1407 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंग 1394 अंग-पविट्ट सुत्ताणि णिरासवं णिभयं विमुत्तं उत्तमणरवसभपवरबलवगसुविहियजणसंमतं परमसाहुधम्मचरणं जत्थ य गामागरणगरणिगमखेडकब्बडमडंबदोणमुहसंबाहपट्टणा. समगयं च किंचि दव्वं मणिमत्तसिलप्पवालकंसदूसरययवरकणगरयणमाई पडियं पम्हढं विप्पणठं ण कप्पइ कस्सइ कहेउ वा गेण्हिउँ वा अहिरण्ण. सुवणिकेण समलेट्टकंचणेणं अपरिग्गहसंवडेणं लोगंमि विहरियव्वं, जंपिय होज्जाहि दव्वजायं खलगयं खेत्तगयं रणमंतरगयं वा किंचि पुप्फफल-तयप्पवालकंदमूल-तणकटुसक्कराइ अप्पं च बहुं च अणुं च थलगं वा ण कप्पड़ उग्गहमि अदिग्णमि गिहिउँ जे. हणि हणि उग्गहं अणुण्णविध गेण्हियन्वं वज्जेयन्वो [य] सव्वकालं अचियत्तघरपवेसो अचियत्तभत्तपाणं अचियत्तपीढफलगसेज्जासंथारगवत्थपत्तकंबलदंडगरयहरणणिसेज्जचोलपट्टगमहपोत्तियपायपुंछणाइ-भायण - भंडोवहिउवगरणं परपरिवाओ परस्स दोसो परववएसेणं जं च गेण्हइ परस्स णासेइ जं च सुकयं दाणस्स य अंतराइयं दाणविप्पणासो पेसुण्ण चेव मच्छरियं च, जेविध पीढफलगसेज्जासंथारगवत्थपायकंबलदंडगरयहरणणिसेज्जचोलपट्टग. महपोत्तियपायपंछणाइ भायणभंडोवहिउवगरणं असंविभागी असंगहरुई तवतेणे य वइतेणे य रूवतेणे य आयारे चेव भावतेणे य सहकरे झंझकरे कलहकरे वेरकरे विकहकरे असमाहिकरे सया अप्पमाणभोई सययं अणुबद्धवेरे य णिच्च. रोसी से तारिसए णाराहए वयमिणं / अह केरिसए पुणाई आराहए वयमिणं ? जे से उवहिभत्तपाणसंगहणदाणंकुसले अच्चतबालदुब्बलगिलाणबुड्डखवग-पवत्ति आयरियउवज्झाए सेहे साहम्मिए तस्सीकुलगणसंघचेइयठे य णिज्जरट्ठी वेयावच्चं अणिस्सियं दसविहं बहुविहं करेइ, ण य अचियत्तस्स गिहं पविसइ ण य अचियत्तस्स गेण्हइ भत्तपाणं ण य अचियत्तस्स सेवइ पीढफलगसेज्जा. संथारगवत्थपायकंबल-दंडगरयहरणणिसेज्ज-चोलपट्टय-महपोतियं-पायपुंछणाइ. भायणभंडोवहि उवगरणं ण य परिवायं परस्स जंपइ ण यावि दोसे परस्स गेहइ परववएसेण वि ण किंचि गेण्हइ ण य विपरिणामेइ किंचि जणं ण यावि णासेइ दिण्णसुकयं दाऊण य काऊण य ण होइ पच्छाताविए संविभागसीले संगहोवग्गहकुसले से तारिसए आराहए वयमिणं, इमं च परदव्वहरणवेरमणपरिरक्खिणट्टयाए पावयणं भगवया सुकहियं अत्तहियं पेच्चाभावियं आगमेसिभई सुद्धं णेयाउयं अकुडिलं अणुत्तरं सम्वदुक्खपावाणं विओवसमणं, तस्स इमा Page #1408 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पण्हावागरणं सु. 2 अ. 3 1395 पंच भावणाओ तइयस्सवयस्स होंति परदव्वहरणवेरमणपरिरक्खणट्टयाए, पढमं देवकुलसमापवावसहरुक्खमूलआरामकंदरागरगिरिगुहाकम्मउज्जाणजाणसालाकुवियसालामंडवसुण्णघरसुसाणलेणआवणे अण्णमि य एवमाइयंमि दगमट्रियबीजहरियतसपाणअसंसत्ते अहाकडे फासुए विवत्ते पसत्थे उवस्सए होइ विहरियव्वं, आहाकम्मबहुले य जे से आसियसंमज्जियउस्सित्तसोहियछायणदू. मर्णालपणअलिपणजलणभंडचालणं अंतो बहिं च असंजमो जत्थ वट्टई संजयाण अट्ठा वज्जेयव्वो हु उवस्सओ से तारिसए सुत्तपडिकुठे, एवं विवित्तवासवसहिसमिइजोगेण भाविओ भवइ अंतरप्पा णिच्च अहिगरणकरणकारावण. पावकम्मविरओ दत्तमणण्णायओग्गहरुई / बिइयं आरामुज्जाणकाणणवणप्प. देसभागे जं किंचि इक्कडं व कठिणगं च जंतुगं च परामेरकुच्चकुसडब्भपलाल. मूयगवक्कयपुप्फ-फल-तयप्पवाल-कंद-मूल-तण-कटुसककराई गेण्हइ सेज्जोवहिम्स अट्ठा ण कप्पए उग्गहे अदिगंमि गेहिउं जे हणि हणि उग्गहं अणणवियं गेण्हि. यव्वं एवं उग्गहसमिइजोगेण भाविओ भवइ अंतरप्पा णिच्चं अहिंगरणकरण. कारावणपावकम्मविरए दत्तमणण्णायओग्गहरुई / तइयं पीढफलगसिज्जासंथार. गट्टयाए रूक्खा ण छिदियवा ण छयणेण भेयण सिज्जा कारियव्वा जस्सेव उवस्सए वसेज्ज सेज्जं तत्थेव गवेसेज्जा ण य विसमं समं करेज्जा ण णिवायपवाय. उस्सुगत्तं ण डंसमसगेसु खुमियव्वं अग्गी धूमो य ण कायन्वो एवं, संजमबहुले संवरबहुले संवुडबहुले समाहिबहुले धीरे काएण फासयंतो सययं अज्झप्पज्झा. णजसे समिए एगे चरेज्ज धम्मं, एवं सेज्जासमिइजोगेण भाविओ भवइ अंतरप्पा णिच्चं अहिगरणकरणकारावणपावकम्मविरए दत्तमणण्णाय उग्गहरुई / चउत्थं साहारणपिडपायलाभे भोत्तन्वं संजएणं समियं ण सायसूपाहियं ण खद्ध ण वेइयं ण तुरियं पचवलं ण साहसं ण य परस्सपीलाकारसावज्ज तह भोत्तव्वं जह से तइयवयं ण सीयइ साहारणपिडपायलाभे सुहम अदिण्णादाणवयणियमविरमणं एवं साहारपिंडपायलामे समिइजोगेण भाविओ भवइ अंतरप्पा णिच्चं अहिगरणकरणकारावणपावकम्मविरए दत्तमणुण्णायउग्गहरुई। पंचमगं साहम्मिए विणओ पउंजियव्यो उवगरणपारणासु विणओ पउंजियव्वो वायणपरियट्टणासु विणओ पंजियन्वो दाणगहणपुच्छणासु विणओ पउंजियव्वो णिक्खमणपवेस. णासु विणओ पउंजियन्वो अण्णेसु य एवमाइसु बहुसु कारणसएसु विणो Page #1409 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1396 अंग-पविट सुत्ताणि पउंजियव्वो, विणओवि तवो तवोवि धम्मो तम्हा विणओ पउंजियव्वो गहसु साहुसु तवस्सीसु य, एवं विणएण भाविओ भवइ अंतरप्पा णिच्चं अहिगरणं. करणकाराबगावकम्मविरए दत्तमणण्णाय उग्गहरुई / एवमिणं संवरस्स दारं सम्म संवरियं होइ सुपणिहियं एवं जाव आघवियं सुदेसियं पसत्थं तइयं संवरदारं समत्तंतिबेमि // 26 // // तइयं अज्झयणं समत्तं / / चउत्थ अज्झयणं जंबू ! एत्तो य बंभचेरं उत्तमतवणियमणाणदंसणचरित्तसम्मत्त. विणयमूलं यमणियमगुणप्पहाणजत्तं हिमवंतमहंततेयमंतं पसत्थगंभीरथिमि. यमझं अज्जवसाहुजणाचरियं मोकाव मग्गं विसुद्धसिद्धिगइणिलयं सासयमव्वाबाहमपुणभवं पसत्थं सोमं सुभं सिवमयलमक्खयकरं जइवरसारक्खियं सुचरियं सुभासियं णवरि मणिवरेहिं . महापुरिमधीरसूरधम्मिय. धिइमंताण य सया विसुद्धं सव्वं भव्वजणाणचिण्णं णिस्संकियं णिभयं णित्तसं णिरायासं णिरुवलेवं णिवुइघरं णियमणिप्पकपं तवसंजममूलदलियणेम्म पंचमहव्वयसुरक्खियं समिइगत्तं झाणवरकवाडसुकयमज्झप्पदिण्णफलिह संण. द्धोच्छइयदुग्गइपहं सुगइपहदेसगं च लोगत्तमं च वयमिणं पउमसरतलागपालि. भूयं महासगडअरगतुंबभूयं महाबिडिमरुक्खक्खंधभूयं महाणगरपागारकवाड. फलिहभयं रज्जपिणिद्धो व इंदकेऊ विसद्धणेगगुणसंपिणद्धं जमि य भग्गंमि होइ सहसा सव्वं सभग्गमथियचण्णियकुसल्लियंपल्लट्टपडियखंडियपरिसडिय. विणासियं विणयसीलतर्वाणयमगणसमहं तं बंभं भगवंतं गहगणणक्खत्त. तारगाणं वा जहा उडुवई मणिमत्तसिलप्पबालरत्तरयणागराणं च जहा समहो वेरुलिओ चेव जहा मणीणं जहा मउडो चेव भसणाणं वत्थाणं चेव खोमजयलं अरविदं चेव पुप्फजेठं गोसीसं चेव चंदणाणं हिमवंतो चेव ओसहोणं सीतोदा चेव णिण्णगाणं उदहीसु जहा सयं भरमणो रुयगवरे चेव मंडलियपचयाणं पवरे एरावण इव कुंजराणं सीहोव्व जहा मियाणं पवरे पव्वगाणं चेव वेणुदेवे धरणो जहा पण्णगइंदराया कप्पाणं चेव बंभलोए समासु य जहा भवे सुहम्मा ठिइसु लवसत्तमव पवरदाणाणं चेव अभयदाणं किमिरा चेव कंबलाणं संघयणे चेव वज्जरिसहे संठाणे चेव समचउरसे झाणेसु य परम. Page #1410 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पण्हावागरणं सु. 2 अ. 4 1397 सुक्कज्झाणं णाणेसु य परमकेवलं तु पसिद्ध लेसासु य परमसुक्कलेस्सा तित्थयरे चेव जहा मुणोणं वासेसु जहा महाविदेहे गिरिराया चेव मंदरवरे वणेसु जहा गंदणवणं पवरं दुमेसु जहा जंबू सुदंसणा वीसुयजसा जीय णामेण य अयं दीवो, तुरगवई गयवई रहवई गरवई जह वीसुए चेव राया रहिए चेव जहा महारहगए, एवमणेगा गुणा अहीणा भवंति एग्गंमि बंभचेरे जंमि य आरा. हियंमि आराहियं वयमिणं सव्वं, सीलं तवो य विणओ य संजमो य खंती गत्ती मुत्ती तहेव इहलोइयपारलोइयजसे य कित्ती य पच्चओ य, तम्हा णिहयण बंभचेरं चरियव्वं सब्वओ विसुद्धं जावज्जीवाए जाव सेयट्ठिसंजउत्ति, एवं भणियं वयं भगवया / तं च इम-पंचमहव्वयसुव्वयमूलं, समणमणाइलसाहुसु. चिण्णं / वेरबिरामणपज्जवसाण, सम्वसमहमहोदहितित्थं // 1 // तित्थयरेहि सुदेसियमग्गं, गरयतिरिच्छविवज्जियमग्गं / सवपवित्तिसुणिम्मियसारं, सिद्धिविमाणअवंगयदारं // 2 // देवरिंदणमंसियपूर्व सव्वजगत्तममंगलमग्गं / दुद्धरिसं गणणायगगमेक्क, मोक्खपहस्स वडिसगमयं // 3 // जेण सुद्धचरिएण भवइ सुबंभणो सुसमणो सुसाहू स इसी स मुणी स संजए स एव भिक्खू जो सुद्धं चरइ बंभचेरं / इमं च रईरागवोसमोहपवडणकरं किमज्झपमायदोसपासत्थसीलकरणं अभंगणाणि य तेल्लमज्जणाणि य अभिक्खणं कक्खाखसीसकरच. रणवयणधोवणसंबाहणगायकम्मपरिमद्दणाणुलेवणचुण्णवासधूवणसरीरपरिमंडगबाउसियकहसिय * भणियणट्टगीयवाइयणडणट्टगजल्लमल्लपेच्छणवेलंबगं जाणिय मिगारागाराणि य अण्णाणि य एवमाइयाणि तवसंजमबंभचेर. घाओवघाइयाइं अणुचरमाणेणं बंभचेरं वज्जेयवाई सव्वकालं, मावियवो भवइ य अंतरप्पा इमेहि तणियमसीलजोहि णिच्चकालं / कि ते ? अण्हाणगअदंतधावणसेयमलजल्लधारणं मूणवयके सलोए य खमदमअचेलगखुप्पिवासला. घवसीउसिणकट्रसेज्जामिणिसेज्जापरघरपवेस-लद्धावलद्ध-माणावमाणणिदण समसगफासणियमतवगणविणयमाइएहि जहा से घिरतरगं होइ बंमचेरं इमं च अबंभचेरविरमणपरिरक्खणट्टयाए पावयणं भगवया सुकहियं अत्तहियं. पेच्चाभावियं आगमेसिभ सुद्धं याउयं अकुडिलं अणुसरं सव्वदुक्खपावाणं विउसमणं / तस्स इमा पंच भावणाओ चउत्थं वयस्स होंति अबंभचेरवेरमणपरिरक्खणट्टयाए / पढमं सयणासणघरदुवारअंगणआगासगवक्खसालअभि. Page #1411 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1398 अंग-पविटु सुत्ताणि लोयणपच्छवस्थगपसाहणगण्हाणिगावकासा अवकासा जे य वेसियाणं अच्छंति य जत्थ इस्थियाओ अभिक्खणं मोहदोसरइरागवडणीओ कहिंति य कहाओ बहुविहाओ तेऽवि हु वज्जणिज्जा इस्थिसंसत्तसंकिलिट्ठा अण्णेवि य एवमाई अवगासा ते हु वज्जणिज्जा जत्थ मणोविन्भमो वा भंगो वा भसणा वा अट्ट रुई च हुज्ज झाणं तं तं वज्जेज्ज वज्जभीरू अणाययणं अंतपंतवासी, एवमसंसत्तवासवसहीसमिइजोगेण भाविओ भवइ अंतरप्पा आरयमणविरयगामधम्मे जिइंदिए बंभचेरगत्ते / बिइयं णारीजणस्स मज्झे ण कहेयन्वा कहा विचित्ता विब्बोयविलाससंपउत्ता हाससिंगारलोइयकहव्व मोहजणणी ण आवाहविवाहवरकहाविव इत्थीणं वा सुभगदुभगकहा चउट्टि च महिलागुणा ण वण्णदेसजाइकुलरूवणामणेवत्थपरिजणकहा इस्थियाणं अण्णावि य एवमाइ. याओ कहाओ सिंगारकलुणाओ तवसंजमबंभचेरघाओवघाइयाओ अणचर. माणेणं बंभचेरं ण कहेयव्वा ण सुणेयव्वा ण चितेयव्वा, एवं इत्थीकहविरइ. समिइजोगेणं भाविओ भवइ अंतरप्पा आरयमणविरयगामधम्मे जिइंदिए बंभ. चेरगुत्ते। तईयं णारीणं हसियमणियं चेट्ठियविपेक्खियगइविलासकीलियं विब्बो. इयणट्टगीयवाइयसरीर संठाणवण्णकरचरणणयण-लावण्णरूव-जोव्वणपयोहराधरवस्थालंकारभसणाणि य गज्झोवगासियाई अण्णाणि य एवमाइयाइं तवसंजम बंभचेरघाओवघाइयाई अणचरमाणेणं बंभचेरं ण चक्खुसा ण मणसा ण वयसा पत्थेयव्वाइं पावकम्माइं, एवं इत्थीरूवविरइसमिइजोगेण भाविओ भवइ अंतरप्पा आरयमणविरयगामधम्मे जिइंदिए बंभचेरगत्ते / च उत्थं पुन्व. रयपुवकीलियपुव्वसंगंथगंथसंथुया जे ते आवाहविवाहचोल्लकेसु य तिहिसु जण्णेसु उस्सवेसु य सिंगारागारचारवेसाहिं हावभावपललियविक्खेवविलाससालिणीहि अणुकूलपेम्मिगाहिं सद्धि अणुभया सयणसंपओगा उउसुहवर कुसुमसुरभिचंदणसुगंधिवरवासधूवसुहफरिसवत्थभूसणगुणोववेया रमणिज्जाउज्जगेयपउर. जडणट्टगजल्लमल्लमुढिगवेलंबगकहगपव्वग-लासग-आइक्खग-लंख-मंख-तणइल्लतंबवीणियतालायरपकरणाणि य बहणि महरसरगीयसुस्सराइं अण्णाणि य एव. माइयाणि तवसंजमेबंभचेरघाओवघाइयाइं अणचरमाणेणं बंभचेरं णं ताई समणेण लब्मा दटुंण कहेउं णवि सुमरिउं जे, एवं पुव्वरयपुम्बकीलियविरइसमिइजोगेण माविओ भवइ अंतरप्पा आरयमणविरयगामधम्मे जिइंदिए Page #1412 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पहावागरणं सु. 2 अ. 5 1399 संभचेरगुत्ते / पंचमगं आहारपणीयणिद्ध भोयणविवज्जए संजए सुसाहू ववगयखीर-दहिसप्पिणवणीयतेल्ल-गुलखंडमच्छंडिगमहुमज्जमंसखज्जगविगइपरिचत्त. कयाहारे ण दप्पणं ण बहुसो ण णि इगं ण सायसूपाहियं ण खद्धं तहा भोत्तन्वं जहा से जायामाया य भवइ / ण य भवइ विन्भमो ण भसणा य धम्मस्स, एवं पणीयाहारविरइ समिइजोगेण भाविओ भवइ अंतरप्पा आरयमणविरयगाम. धम्मे जिइंदिए बमचेरगुत्ते / एवमिणं संवरस्स दारं सम्म संवरिय होइ सुपणिहियं इमेहिं पंचहि वि कारणेहि मणवयणकायपरिरक्खिएहिं णिच्चं आमरणंतं च एसो जोगो यन्वो धिइमया मइमया अणासवो अकलसो अच्छिद्दो अपरिस्सावी असंकिलिट्ठो सुद्धो सव्वजिणमणुण्णाओ / एवं चउत्थं संवदारं फासियं पालियं सोहियं तीरियं किट्रियं आराहियं आणाए अणुपालियं भवइ, एवं णायमणिणा भगवया पण्णवियं परूवियं पसिद्धं सिद्धवरसासमिणं आघवियं सुदेसियं पसत्थं, चउत्थं संवरदारं समत्तंतिबेमि // 27 // ॥.चउत्थं अज्झयणं समत्तं / / पंचमं अज्झयणं ___ जंबू ! अपरिग्गहसंवडे य समणे आरंभपरिगहाओ विरए, विरए कोहमाणमायालोहा एगे असंजमे दो चेव रागदोसा तिणि य दंडगारवा य गुत्तीओ तिण्णि तिणि य विहिणाओ चत्तारि कसाया झाणसण्णाविकहा तहा य हंति चउरो पंच य किरियाओ समिइइंदियमहव्वयाइं च छज्जीवणिकाया छच्च लेसाओ सत्त भया अटु य मया णव चेव य बंभचेरवयगुत्ती दसप्पगारे य समणधम्मे एकारस य उवासगाणं बारस य भिक्खपडिमा किरियठाणा य भयगामा परमाधम्मिया गाहासोलसया असंजमअबंभणायअसमाहिठाणा सबला परिसहा सूयगडज्झयणदेवभावणउद्देसगणपकप्पपावसुयमोहणिज्जे सिद्धाइगुणा य जोगसंगहे तित्तीसा आसायणा सुरिदा आदि एक्काइयं करेत्ता एक्कुत्तरियाए वड्ढीए तीसाओ जाव उ भवे तिगाहिया विरईपणिहीसु अविरईसु य एवमाइसु बहूसु ठाणेसु जिणपसत्थेसु अवितहेसु सासयभावेसु अवट्ठिएसु संकं कंखं गिराकरेत्ता सद्दहए सासणं भगवओ अणियाणे अगारवे अलुद्धे अमूढमण. वयणकायगुत्ते॥२८॥जो सो वीरवरवयणविरइपवित्थरबहुविहप्पयारो सम्मत्त. Page #1413 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पण 1400 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि विसुद्धमूलो धिइकंदो विणयवेइओ णिग्गयतिलोग्गविउलजसणिचियपीणपीवर. सुजायखंधो पंचमहत्वयविसालसालो भावणतयंतज्झाणसुभजोगणाणपल्लववरकुरधरो बहुगुणकुसुमसमिद्धो सीलसुगंधो अणण्हवफलो पुणो य मोक्खवरबीज. सारो मंदरगिरिसिहरचूलिआ इमस्स मोक्खवरमुत्तिमग्गस्स सिहरभूओ संवर. वरपायवो चरिम संवरदारं / जत्थ ण कप्पइ गामागरणगरखेडकब्बडमंडबदोण. महपट्टणासमगयं च किचि अप्पं व बहं व अणं व थलं व तसथावरकायदध्वजायं मणसावि परिघेत्तुंग हिरण्णसुवण्णखेत्तवत्य ण दासीदास भयकपेसहयगयगवेलगं चण जाणजग्गसयणासणाई ण छत्तगंण कुंडिया ण उवाणहा ण पेहुणवीयणतालि यंटगा ण यावि अयतउयतंबसीसगकसरययजायरूवमणिमत्ताहारपुडकसंखदंतमणिसिंगसेलकायवरचेलचम्मपत्ताई महरिहाई परस्स अज्झोववायलोभजणणाई परियडिउ गणवओ ण यावि पुप्फफलकंदमलाइयाइं सणसत्तरसाइं सव्वधण्णाई तिहि वि जोहिं परिघेत्तुं ओसहभेसज्ज भोयणट्टयाए संजएणं, कि कारणं ? अपरि. मियणाणमणधरेहिं सीलगुणविणयतवसंजमणायहि तित्थयरेहि सव्वजगज्जीववच्छलेहिं तिलोयमहिएहि जिणरिदेहि एस जोणी जंगमाणं दिदा ण कप्पइ जोणिसमच्छेदोत्ति तेण वज्जति समणसीहा / जंपिय ओदणकुम्मासगंजतप्पणमथु मुज्जियपललसूपसक्कुलिवेढिमवरसरकचुण्णकोसपिंडसिहरिणिवट्टमोयगखीरदहिसप्पिणवणीयतेल्लगलखंडमच्छंडियमहुमज्ज-मस-खज्जग. वंजणविधिमाइयं पणीयं उवस्सए परघरे व रण्णे ण कप्पइ. तंपि समिहि काउं सुविहियाणं, जंपिय उद्दिद्ववियरचियगपज्जवजायं पकिण्णपाउकरणपा. मिच्च मीसकजायं कीयगडपाहुडं च दाण?पुण्णपगडं समणवणीमगट्टयाए व कयं पच्छाकम्मं पुरेकम्मं णिइकम्मं मक्खियं अईरित्तं मोहरं चेव सयग्गहमाहडं मट्टिओवलित्तं अच्छेज्ज चेव अणीसढ़ जं तं तिहीसु जण्णेसु ऊसवेसु य अंतो व बहिं व होज्ज समणट्टयाए ठवियं हिंसासावज्जसंपउत्तं ण कप्पइ तंपि. य परिघेत्तुं / अह केरिसयं पुणाइ कप्पइ ?जंतं एक्कारसपिंडवायसुद्धं किणणहणणपयणकयकारियाणमोयणणवकोडीहि सुपरिसुद्धं दसहि य दोसेहि धिप्प. मुक्कं उग्गमउप्पायणेसणाए सुद्धं ववगयचुयचवियचत्तदेहं च फासुयं ववगय. संजोगर्माणगालं विगयधूमं छट्ठाणणिमित्तं छक्कायपरिरक्खणट्ठा हणि-हणि फासुएण मिक्खेण वट्टियन्वं, जंपि-य समणस्स सुविहियस्स उ रोगायके बहुप्प Page #1414 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पण्हावागरणं सु. 2 अ.५ 1401 कारंमि समुप्पण्णे वायाहिंगपित्तसिंभअइरित्तकुविय-तह-सणिवायजाए व उदय. पत्ते उज्जलबलविउल[तिउल] कक्खडपगाढदुक्खे असुभकडयफरुसे चंडफल. विवागे महन्मए जीवियंतकरणे सच्चसरीरपरितावणकरे ण कप्पइ तारिसे वि तह अप्पणो परस्स वा ओसहभेसज्जं भत्तपाणं च तंपि संणिहिकयं / जंपि य समणस्स सुविहियस्स तु पडिग्गहधारिस्स भवइ भायणभंडोवहिउवगरणं पडिग्गहो पायबंधणं पायकेसरिया पायठवणं च पडलाइं तिण्णेव रयत्ताणं च गोच्छओ तिण्णेव य पच्छागा रयोहरणचोलपट्टगमुहणंतगमाईयं एयपि य संज. मस्स उववूहणट्टयाए वायायवदंसमसगसीयपरिरक्खणट्टयाए उवगरणं रागदोस. रहियं परिहरियव्वं संजएण णिच्चं पडिलेहणपप्फोडणपमज्जणाए अहो य राओ य अप्पमत्तेण होइ सययं णिक्खिवियध्वं च गिहियव्वं च भायणभंडोवहिउव. गरणं, एवं से संजए विमुत्ते णिस्संगे णिप्परिग्गहरुई णिम्ममे णिणेह. बंधणे सध्वपावविरए वासीचंदणसमाणकप्पे समतिणमणिमुत्तालेढुकंचणे समे य माणावमाणणाए समियरए समियरागदोसे समिए समिईसु सम्मदिट्ठी समे य जे सव्वपाणमएसु से हु समणे सुयधारए उज्जए संजए स साहू सरणं सध्वभूयाणं सव्वजगंवच्छले सच्चमासए य संसारंतढ़िए य संसारसमु. च्छिण्णे सययं मरणाणुपारए पारगे य सव्वेसि संसयाणं पवयणमायाहि अहि अट्ठकम्मगंठीविमोयगे अट्ठमयमहणे ससमयकुसले य भवइ सुहदुक्खणिम्धिसेसे अमितरबाहिरंमि सया तवोवहामि य सुठ्ठज्जुए खते दंते य हिय. णिरए ईरियासमिए भासासमिए एसंणासमिए आयाणमंडमत्तणिक्खेवणासमिए उच्चारपासवणखेलसिंघाणजल्लपरिट्ठावणियासमिए मणगुत्ते वयगत्ते काय. गुत्ते गतिदिए गुत्तबंभयारी चाई लज्जू धण्णे तवस्सी खंतिख मे जिइंदिए सोहिए अणियाणे अबहिल्लेस्से अममे अकिंचणे छिण्णग्गंथे णिरुवलेवे सुविमलवरकंसमायणं व मुक्कतोए संखे विव णिरंजणे विगयरायदोसमोहे कुम्मो इव इंदिएस गत्ते जच्चकंचणगं व जायसवे पोक्खरपत्तं व णिरुवलेवे चंदो इव सोमभावयाए सूरोव्व दित्ततेए अचले जह मंदरे गिरिवरे अक्खोभे सागरो व्व थिमिए पुढवी-व सव्वफाससहे तवसा च्चिय भासरासिछण्णिव्व जायतेए जलियहुयासणो विव तेयसा जलते गोसीसचंदणं पिव सीयले सुगंधे य हरयो विव समियभावे उग्घोसियसुणिम्मलं व आयंसमंडलतलं व पागडभावेण सुद्धभावे सोंडीरे कंज Page #1415 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1402 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि रोव्व वसभेव जायथामे सीहे वा जहा मियाहिवे होइ दुप्पधरिसे सारयसलिलं व सुद्धहियए भारंडे चेव अप्पमत्ते खग्गिविसाणं व एगजाए खाणं चेव उड्डकाए सुग्णागारेव्व अप्पडिकम्मे सुण्णागारावणस्संतो णिवायसरणप्पदीवपज्झाणमिव णिप्पकंपे जहा खरोचेव एगधारे जहा अही चेव एगदिट्ठी आगासं चेव णिरालंबे विहगे विव सम्बओ विप्पमक्के कयपरणिलए जहा चेव उरए अप्पडिबद्ध अणिलोग्व जीवोव्व अप्पडिहयगई गामे गामे एगरायं णयरे गयरे य पंचरायं दूइज्जते य जिइंदिए जियपरीसहे णिमओ विऊ सच्चित्ताचित्तमीसहि दवेहि विरायं गए संचयओ विरए मत्ते लहुए गिरवकंखे जीवियमरणासविप्पमुक्के हिस्संधि णिव्वणं चरित्तं धीरे कारण फासयंते सययं अज्ञप्पझाणजुत्ते णिहुए एगे चरेज्ज धम्मं / इमं च परिग्गहवेरमणपरिरक्खणट्टयाए पावयणं भगवया सुकहियं अत्त. हियं पेच्चाभावियं आगमेसिभदं सुद्धं गेयाउयं अकुडिलं अणत्तरं सव्वदुक्ख• पावाणविओसमणं। तस्स इमा पंच भावणाओ चरिमस्स वयस्स होंति परिग्गहवेरमणरक्खणट्टयाए-पढमं सोइदिएण सोच्चा सद्दाई मणुण्णभद्दगाई, कि ते ? वरमरयमुइंगपणवदुरकच्छभिवीणावि-पंचीवल्लयिवद्धीसक सुघोसणंदिसूसरपरिवाइणि-वंस-तूणगपव्वग-तंती-तलताल-तुडियणिग्घोसगीयवाइयाई णडणट्टग. जल्लमल्लमुढिगवेलंबग-कहग-पवगलासग आइक्खगलंखमंखतूणइल्लतुंबवीणियतालायरपकरणाणि य बहूणि महुरसरगीयसुस्सराई कंचीमेहलाकलावपत्तरगपहेरगपायजालगघंटियखिखिणिरयणोरुजालियछुड्डियणेउरचलण-मालियकणग. णियलजालमूसणसद्दाणि लीलचंकम्ममाण-णूदीरियाई तरुणीजणहसियमणियक. लरिभियमंजुलाई गुणवयणाणि व बहूणि महुरजणभासियाई अण्णेसु य एवमाइ. एसु सद्देसु मणण्णभद्दएसुण तेसु समणे ण सज्जियव्वंण रज्जियव्वं ण गिज्झियव्वं ण मुज्झियव्वं ण विणिग्घायं आवज्जियव्वं ण लभियव्वं ण तुसियव्वं ण हसि. यव्वं ण सई च मइंच तत्थ कुज्जा, पुणरवि सोइंदिएण सोच्चा सहाई अम. गुण्णपावगाई, कि ते ! अक्कोसफरुसखिसणअवमाणणतज्जणणिन्भंछणदित्त. वयणतासणक्कूजियरुण्णरडियकंदिणिग्घुटरसियकलुणविलवियाई अण्णेसु य एवमाइएसु सद्देसु अमणण्णपाबएसु ण तेसु समणेण रूसियव्वं ण हीलियन्वं ण णिदियध्वं ण खिसियव्वं ण छिदियव्वं ण भिदियध्वं ण वहेयव्वं ण दुगुंछाव. त्तियाए लब्भा उप्पाएउं,एवं सोइंदियभावणाभाविओ भवइ अंतरप्पा मणण्णा. Page #1416 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पण्हावागरणं सु. 2 अ. 5 1403 ऽमणण्णसुब्मिदुभिरागदोसप्पणिहियप्पा साहू मणवयणकायगुत्ते संवडे पणि. हिइंदिए चरेज्ज धम्मं / बिइयं चक्खिदिएण पासिय रूवाणि मणुएगाई भद्दगाई सचित्ताऽचित्तमीसगाई कठे पोत्थे य चित्तकम्मे लेप्प. कम्मे सेले घ दंतकम्मे य पंचहि वण्णेहि अणेगसंठाणसंठियाई गंठिमवेढिम. पूरिम-संघाइमाणि य मल्लाइं बहुविहाणि य अहियं णयणमणसुहयराई वणसंडे पन्वए य गामागरणगराणि य खुद्दिय-पुक्खरिणि-वावी-दीहियगुंजालियसरसरपंतियसागरबिलपंतियखादियणईसरतलागवप्पिणीफुल्लप्पलपउमपरि. मंडियाभिरामे अणेगसउणगणमिहुणविचरिए वरमंडवविविहभवणतोरण-चेइयदेवकुलसभपवावसहसुकयसयणासणसीयरहसयडजाणजग्गसंदणरणारिगणे य सोमपडिरूवदरिसणिज्जे अलंकियविभूसिए पुवकयतवप्पभावसोहग्गसंपउत्ते पडणट्टगजल्लमल्लमट्टियवेलंवगकहगपवगलासगआइक्खगलंखमंख-तणइल्लतुंब . वीणियतालायरपकरणाणि य बहणि सुकरणाणि अण्णेसु य एवमाइएसु रूवेसु मणण्णमएसु ण तेसु समणेण सज्जियव्वं ण रज्जियव्वं जाव ण सई च मइं च तत्थ कुज्जा, मुणरवि चक्खिदिएण पासिय रूवाइं अमणण्णपावगाई, कि ते ? गंडिकोढिककुणिउदरिकच्छल्लपइल्लकुज्जपंगुलवामणअंधिल्लगएगचक्वविणिहयसप्पिसल्लगवाहिरोगपीलियं विगयाणि य मयगकलेवराणि सकिमिण. कुहियं च दश्वरासि अण्णेसु य एवमाइएस अमणण्णपावएसु ण तेसु समणेण रूसियव्वं जाव ण दुगंछावत्तियावि लम्भा उप्पाएउं, एवं चक्खिदियभावणा. भाविओ भवइ अंतरप्पा जाव चरेज्ज धम्मं / तइयं घाणिदिएण अग्घाइय गंधाइं मणण्णमहगाई,किते ? जलय-थलय-सरसपुप्फफलपाणभोयण-कुट्ट-तगर. पत्त-चोयदमणगमरुयएलारसपिक्कमंसि-गोसीससरसचंदणकप्पूर-लवंगअगरकुंकु. मकक्कोलउसीरसेयचंदणसुगंधसारंगज़त्तिवरधूववासे उउपिडिमणिहारिमगंधि. एसु अण्णेसु य एवमाइएसु गंधेसु मणुण्णभद्दएसु ण तेसु समणेण सज्जियव्वं जाव ण सइंच मई च तत्थ कुज्जा, पुणरवि घाणिदिएण अग्घाइय गंधाणि अमणण्णपावगाई, कि ते ? अहिमडअस्समडहत्थिमडगोमडविगसुणगसियालमणुयमज्जारसीहदीवियमयकुहियविणटुकिविणबहुदुरभिगंधेसु अण्णेसु य एवमाइएसुगंधेसु अमणुण्णपावएसु ण तेसु समणेण रूसियव्वं जाव पणिहियपंचिदिए चरेज्ज धम्मं / चउत्थं निमिदिएणसाइयरसाणि उ मणुण्णमद्दगाइं, कि Page #1417 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1404 अंग-पविट्ट सुत्ताणि ते ? उग्गाहिमविविहपाणभोयणगुलकयखंडकयतेल्लघयकयमक्खेसु बहुविहेसु लवणरससंजुत्तेसु महुमंस-बहुप्पगारमज्जियणिट्ठाणगदालियंबसेहंबदुद्धदहिसरयमज्जवरवारुणी-सीहु काविसायणसायट्ठारसबहुप्पगारेसु भोयणेसु य मणुण्णवण. गंधरस-फासबहुदश्वसंभिएसु अण्णेसु य एवमाइएसु रसेसु मणुण्णभद्दएसु ण तेसु समणेण सज्जियव्वं जाव ण सइंच मई च तत्थ कुज्जा। पुणरवि जिभिदिएण साइय रसाइं अमणुण पावगाई, कि ते ? अरसविरससीयलुक्खणिज्जप्पपाणभोयणाई दोसीणवावण्णकुहियपूडयअमणुण्णविणटप्पसूयबहुदुब्भिगंधियाई तित्त. कड़यकसायअंबिलरसलिंडणीरसाई अण्णेसु य एवमाइएसु रसेसु अमणण्णपाव. एसु ण तेसु समणेण रूसियध्वं जाव चरेज्ज धम्मं / पंचमगं फासिदिएण फासिय फासाई मणुण्णभद्दगाई कि ते ? दगमंडवहारसेयचंदणसीयलविमलजलविविहकुसुमसत्थरओसीरमुत्तियमुणालदोसिणा-पेहुण-उक्खेवगतालियंटवीयणगजणियसुहसीयले य पवणे गिम्हकाले सुहफासाणि य बहणि.सयणाणि आसणाणि य पाउरणगुणे य सिसिरकाले अंगारपयावणा य आयवणिद्धमउयसीयउसिणलहुया य जे उदुसुहफासा अंगसुहणिन्वुइकरा ते अण्णेसु य एवमाइएसु फासेसु मणुण्ण. मदएसु ण तेसु समणेण सज्जियध्वं ण रज्जियन्वं ग गिज्झियव्वं ण मुज्झियव्वं ण विणिग्घायं आवज्जियव्वं ण लभियन्वं ण अज्झोववज्जियव्वं ण तूसियव्वं ण हसियव्वं ण सई च मइं च तत्थ कुज्जा, पुणरवि फासिदिएण फासिय फासाई अमणण्णपावगाइं, कि ते ? अणेगहवहबंधतालणकणअइभारारोवणए अंगभंजण. सूईणखप्पवेसगायपच्छणणलक्खारसखारतेल्लकलकलंततउयसीसग-काललोहसि. चणहडिबंधणरज्जणिगलसंकलहत्थंडुयकुंभिपागदहण-सीह पुच्छण-उब्बंधणसूल. भेयगयचलणमलणकरचरण-कणणासोटसीसछयणजिब्भंच्छेयण-वसणणयणहिययदंतमंजण-जोत्तलय-कसप्पहार-पायपण्हिजाणुपत्थरणिवाय-पीलण-कविकच्छु. अगणिविच्छुयडक्कवायातवदंसमसगणिवाए दुट्टणिसज्जदुणिसीहियदुब्भिकक्खडगुरुसीयउसिणलक्खेसु बहुविहेसु अण्णेसु य एवमाइएसु फासेसु अमणण्णपावएसु ण तेसु समणेण रूसियव्वं ण हीलियध्वं ण णिदियध्वं ण खिसियव्वं ण छिदियव्वं ण भिदियध्वं ण वहेयन्वं दुगुंछावत्तियं च लब्मा उप्पाएउं, एवं फासि. दियभावणाभाविओ भवइ अंतरप्पा मणुण्णामणण्णसुब्भिदुढिमरागदोसपणिहियप्पा साहु मणवयणकायगुत्ते संवडे पणिहिइंदिए चरिज्ज धम्मं / एवमिणं Page #1418 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पण्हावागरणं सु. 2 अ. 5 1405 संवरस्स दारं सम्म संवरिय होइ सुप्पणिहियं इमेहि पंचहि वि कारणेहि मणवय. कायपरिरक्खिएहि णिच्चं आमरणंतं च एस जोगो गेयव्वो धिइमया मइमया अणासवो अकलुसो अच्छिद्दो अपरिस्सावी असंकिलिट्ठो सुद्धो सम्वजिणमणुण्णाओ। एवं पंचमं संवरदारं फासियं पालियं सोहियं तीरियं किट्टियं अणुपालियं आणाए आराहियं भवइ / एवं गायमणिणा भगवया पण्णवियं परवियं पसिद्धं सिद्ध सिद्धवरसासणमिणं आवविय सुदेसियं पसत्थं पंचमं संवरदारं समत्तं तिबेमि / एयाई वयाई पंचवि सुव्वयमहव्वयाइं हेउसविचित्तपुक्कलाई कहि. याइं अरिहंतसासणे पंच समासेण संवरा वित्थरेण उ पणवीसइसमियसहियसं. बुडे सया जयणघडणसुविसुरवंसणे एए अणुचरियसंजए चरमसरीरधरे भवि. स्सतीति // 26 // पाहावागरणे गं एगो सुयक्खंधो दस अज्झयणा एक्कसरगा दससु चेव दिवसेसु उद्दिसिज्जति एगंतरेसु आयंबिलेसु णिरुद्धसु आउत्तमत्तपाण. एणं अंगं जहा आयारस्स // 30 // // पाहावागरणं सुत्तं समत्तं // RESENTS Page #1419 -------------------------------------------------------------------------- _ Page #1420 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विवागसुयं पढमो सुयक्खंधो मियापुत्ते णामं पढमं अज्झयणं तेणं कालेणं तेणं समएणं चंपा णाम णयरी होत्था वण्णओ, पुण्णमद्दे चेइए // 1 // तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतेवासी अज्जसुहम्मे णामं अणगारे जाइसंपण्णे वण्णओ चउद्दसपुव्वी चउणाणोवगए पंचहि अणगारसएहि सद्धि संपरिबडे पुष्वाणुपुटिव जाव जेणेव पुण्णमद्दे चेइए अहापडि. रूवं जाव विहरइ, परिसा णिग्गया, धम्म सोच्चा णिसम्म जामेव दिसि पाउभया तामेव दिसि पडिगया। तेणं कालेगं तेणं समएणं अज्जसुहम्मस्स अंतेवासी अज्जजंबू णामं अणगारे सत्तस्सेहे जहा गोयमसामी तहा जाव साणकोट्ठोवगए विहरइ / तए णं अज्जजंबू णाम अणगारे जायसढे जाव जेणेव अज्जसुहम्मे अणगारे तेणेव उवागए तिक्त्तो आयाहिणपयाहिणं करेइ 2 ता बंदइ णमं. सइ वं०२ त्ता जाव पज्जुवासइ,[२] एवं वयासी-जागं भंते ! समणेणं भग. वया महावीरेणं जाव संपत्तेणं दसमस्स अंगस्स पण्हावागरणाणं अयमठे पण्णत्ते, एक्कारसमस्स गं भंते ! अंगस्स विवागसुयस्स समणेणं जाव संपत्तेणं के अठे पण्णत्ते ? तए गं अज्जसुहम्मे अणगारे जंबू अणगारं एवं वयासी-एवं खल जंबू ! समणेणं जाव संपत्तेणं एक्कारसमस्स अंगस्स विवागसुयस्स दो सुयक्खंधा पण्णत्ता, तं०-दुहविवागा य सुहविवागा य। जइ णं मंते ! समणेणं जाव संपत्तेणं एक्कारसमस्स अंगस्स विवागसुयस्स दो सुयक्खंधा पण्णत्ता, तं०-दुहविवागा य सुहधिवागा य, पढमस्स णं भंते ! सुयक्खंधस्स दुहविवागाणं समणेणं जाव संपत्तेणं कइ अज्झयणा पण्णत्ता ? तए गं अज्जसुहम्मे अणगारे जंब अणगारं . एवं वयासी-एवं खल जंबू ! समणेणं० आइगरेणं तित्थगरेणं जाव संपत्तेणं दुहविवागाणं दस अज्झयणा पण्णत्ता, तं०-'मियापुत्ते य उज्झियए अभग्ग सगडे बहस्सई गंदी / उंबर सोरियदत्ते य देवदत्ता य अंजू य // 1 // ' जइ गं Page #1421 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1408 अंग-पविट्ट सुत्ताणि भंते ! समणेणं० आइगरेणं तित्थगरेणं जाव संपत्तेणं दुहविवागाणं दस अज्झ. यणा पण्णत्ता, तं०-मियापुत्ते य जाव अंज य, पढ मस्स गं भंते ! अज्झयणस्स दुहविवागाणं समणेणं जाव संपत्तेणं के अठे पण्णते? तए णं से सुहम्मे अण. गारे जंबु अणगारं एवं वयासी-एवं खल जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं मियग्गामे णाम णयरे होत्था वण्णओ, तस्स गं मियग्गामस्स णयरस्स बहिया उत्तरपुरस्थिमे दिसीभाए चंदणपायवे णामं उज्जाणे होत्था सवोउय...वण्णओ। तत्थणं सुहम्मस्स जक्खस्स जक्खाययणे होत्था चिराइए जहा पुण्ण भद्दे। तत्थ गं मियग्गामे णयरे विजए णाम खत्तिए राया परिवसइ वण्णओ। तस्स गं विजयस्स खत्तियस्स मियाणामं देवी होत्था अहीण....वण्णओ / तस्स णं विजयस्स खत्तियस्स पुत्ते मियाए देवीए अत्तए मियापुसे णामं दारए होत्था जाइअंधे जाइ. मए जाइबहिरे जाइपंगले य हुंडे य वायव्वे, णस्थि गं तस्स दारगस्स हत्था वा पाया वा कण्णा वा अच्छी वा णासा वा, केवलं से तेसि अंगोवंगाणं आगिई आगिइमेत्ते / तए णं सा मियादेवी तं मियापुत्तं दारगं रहस्सियंसि भूमिघरंसि रहस्सिएणं भत्तपाणेणं पडिजागरमाणी 2 विहरइ // 2 // तत्थ गं मियग्गामे णयरे एगे जाइअंधे पुरिसे परिवसइ, से गं एगणं सचक्खुएणं पुरिसेणं पुरओदंडएणं पगड्डिज्जमाणे 2 फुट्टहडाहडसीसे मच्छियाचडगरपहकरेणं अणिज्जमाणमग्गे मियग्गामे णयरे गेहे 2 कालुणवडियाए वित्ति कप्पेमाणे विहरइ / तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे जाव समोसरिए जाव परिसा णिग्गया। तए णं से विजए खत्तिए इमीसे कहाए लद्धढे समाणे जहा कणिए तहा णिग्गए जाव पज्जवासइ / तए णं से जाइअंधे पुरिसे तं महया जणसइं जाव सुणेत्ता तं पुरिसं एवं वयासी-कि णं देवाणुप्पिया ! अज्ज मियग्गामे णयरे इंदमहेइ वा जाव णिग्गच्छइ ?तए णं से पुरिसे तंजाइअंधपुरिसं एवं वयासीणो खल देवाणुप्पिया ! इंदमहेइ वा जाव णिग्गच्छइ, एवं खलु देवाणुप्पिया ! समणे जाव विहरइ, तए णं एए जाव णिग्गच्छति / तए णं से अंधपुरिसे तं पुरिसं एवं वयासी-गच्छामो णं देवाणप्पिया ! अम्हेवि समणं भगवं जाव पज्जवासामो। तए णं से जाइअंधे पुरिसे तेणं पुरओ-दंडएणं पुरिसेणं] पगडिज्जमाणे 2 जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागए 2 त्ता तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणं करेइ 2 ता वंदइ णमंसइ वं० 2 ता जाव पज्जवासइ / तए णं Page #1422 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विवागसुयं सु. 1 अ. 1 1409 समणे भगवं महावीरे विजयस्स खत्तियस्स तीसे य० धम्ममाइक्खइ जाव, परिसा (जाव) पडिगया, विजए वि गए // 3 // तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स जेठे अंतेवासी इंदभई णामं अणगारे जाव विहरइ / तए णं से भगवं गोयमे तं जाइअंधपुरिसं पासइ 2 ता जायसड्ढे जाव एवं वयासी-अस्थि गंभंते ! के पुरिसे जाइअंधे जाइअंधारूवे ? हता अस्थि, कहि गं भंते ! से पुरिसे जाइअंधे जाइअंधारूवे ? एवं खल गोयमा ! इहेव मियग्गामे गयरे विजयस्स खत्तियस्स पुत्ते मियादेवीए अत्तए मियापुत्ते णामं दारए जाइअंधे जाइअंधारूवे, णस्थि णं तस्स दारगस्स जाव आगिइमेत्ते, तए णं सा मियादेवी जाव पडिजागरमाणी 2 विहरइ / तए णं से भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ वं० 2 त्ता एवं वयासीइच्छामि गं भंते ! अहं तुम्भेहि अब्भणण्णाए समाणे मियापुत्तं दारयं पासित्तए / अहासुहं देवाणुप्पिया ! तए णं से भगवं गोयमे समणेणं भगवया महा. वीरेणं अन्मणुण्णाए, समाणे हद्वतुळे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियाओ पडिणिक्खमइ 2 ता अतुरियं जाव सोहेमाणे 2 जेगेव मियग्गामे णयरे तेणेव उवागच्छइ २त्ता मियग्गामं जयरं मज्झमज्झेणं जेणेव मियाए देवीए गिहे तेणेव उवागच्छद / तए णं सा मियादेवी भगवं गोयम एज्ज. माणं पासइ 2 ता हट्टतुट्ट जाव एवं वयासी-संदिसंतु णं देवाणप्पिया ! किमागमणप्पओयणं ? तए णं से भगवं गोयमे मियादेवि एवं वयासी-अहं गं देवाणुप्पिए ! तव पुत्तं पासिउं.हव्वंमागए / तए गं सा मियादेवी मियापुत्तस्स दारयस्स अणमग्गजायए चत्तारि पुत्ते सव्वालंकारविमूसिए करेइ 2 ता भगवओ गोयमस्स पाएसु पाडेइ 2 त्ता एवं वयासी-एए गं भंते ! मम पुत्ते पासह / तए गं से भगवं गोयमे मियं देवि एवं वयासी-णो खल देवा. अहं एए तव पुत्ते पासिउं हवमागए, तत्थ गं जे से तव जेठे पु०मियापुत्ते दारए जाइअंधे जाइअंधारूवे ज णं तुमं रहस्सियंसि भूमिघरंसि रहस्सिएणं भत्त. पाणणं पडिजागरमाणी 2 विहरसि तं गं अहं पासिउं हवमागए / तए गं सा मियादेवी भगवं गोयम एवं वयासी-से के गं गोयमा ! से तहारूवे णाणी वा तवस्सी वा जेणं तव एसमठे मम ताव रहस्सिकए तुम्भं हवमक्खाए जओ गं तुब्भे जाणह ? तए णं भगवं गोयमे मियं देवि एवं वयासी-एवं खल Page #1423 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1410 अंग-पविट्ट सुत्ताणि देवाणुप्पिए ! मम धम्मायरिए समणे भगवं महावीरे जाव जओ णं अहं जाणामि, जावं च णं मियादेवी भगवया गोयमेण सद्धि एयगळं संलवह तावं च मियापुत्तस्स दारगस्स भत्तवेला जाया यादि होत्था / तए सा मिया. देवी भगवं गोयमं एवं वयासी-तुभ भंते ! इहं चेव चिह जा गं अहं तुभं मियापुत्तं दारगं उवदंसेमित्तिकटु जेणेव भत्तपाणघरए तेणेव उवागच्छद 2 ता वत्थपरियट्टयं करेइ 2 त्ता कदूसगडियं गिहारत्ता बिउल स्स असणपाणखाइ मसाइ मस्स भरेइ 2 ता तं कटुसगडियं अणुकडमाणी 2 जेणेव भगवं गोयमे तेणेव उवागच्छइ 2 ता भगवं गोयम एवं क्यासीएह णं तुब्भे भंते ! ममं अणुगच्छह जा णं अहं तुभं मियापुत्तं दारगं उबदंसेमि। तए णं से भगवं गोयमे मियादेवि पिटुओ समणगच्छइ / तए णं सा मियादेवी तं कट्ठसगऽियं अणुकड्डमाणी 2 जेणेव भूमिघरे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता चउडेणं वयेणं मुहं बंधमाणी भगवं गोयम एवं वयासी-तुमे वि णं भंते ! महपोतियाए महं बंधह तए णं से भगवं गोयमे मियादेवीए एवं वृत्ते समाणे महपोत्तियाए मुहं बंधेह / तए णं सा मियादेवी परंमुही भूमिघरस्स दुवारं विहाडेइ, तए णं गंधे णिग्गच्छइ से जहाणामए अहिमडेइ वा (सप्पकडेवरे इ वा)जाव तओ वि य णं अणि?तराए चेव जात गंधे पण्णत्ते / तए णं से लिया. पुत्ते दारए तस्स विउलस्स असणपाणखाइमसाइमस्स गंधेणं अभिलए समाणे तसि विउलंसि असणपाणखाइमसाइमंसि मुच्छिए. तं विउल असणं 4 आसएणं आहारेइ 2 ता खिप्पामेव विद्धं से इ 2 ता तओ पच्छा पूयत्ताए य सोपियत्ताए य परिणामेइ तंपिय णं पूयं च सोणियं च आहारेइ / तए णं भगवओ गोयम. स्स तं मियापुत्तं दारगं पासित्ता अयमेयारूबे अज्झथिए 5 समुप्पज्जित्थाअहो गं इमे दारए पुरापोराणाणं दुच्चिणाणं दुप्पडिक्कंताणं असुमाणं पावाणं कडाणं कम्माणं पावगं फलवित्तिविसेसं पच्चणु भवमाणे विहरइ ण मे दिट्ठा जरगा वा रइया वा पच्चक्खं खलु अयं पुरिसे परगपडिदियं वेयणं वेएइत्तिक भियं देवि आपुच्छइ 2 त्ता मियाए देवीए गिहाओ पडिणिस्खमइ 2 त्ता मियग्गामं यरं मज्झंमज्झेष जिग्गच्छइ 2 ता जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागध्छइ 2 ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुतो आयाहिणापया. हिणं करेइ 2 ता वंदइ णमंसइ वं० 2 ता एवं बयासी-एवं खलु Page #1424 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विवागसुयं सु. 1 अ. 1 1411 अहं तुमहिं अब्मणुण्णाए समाणे मियग्गामं जयरं मज्झमझेणं अणुप्पविसामि मेणेव मियाए देवीए गिहे तेणेव उवागए, तए गं सा मियादेवी मम एज्जमाणं पासइ 2 ता हट्ठा तं चेव सव्वं जाव पूयं च सोणियं च आहारेइ, तए णं मम इमे अज्झथिए. समुप्पज्जित्था-अहो गं इमे दारए पुरा जाव विहरइ // 4 // से गं मंते ! पुरिसे पुत्वभवे के आसि ? कि-णामए वा किंगोए वा कयरंसि गामंसि वा जयरंसि वा ? कि वा दच्चा कि बा भोच्चा किं वा समायरित्ता केसि वा पुरा जाव विहरइ ? गोयमाइ समणे भगवं महावीरे भगवं गोयमं एवं वयासी-एवं खल गोयमा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जंबद्दीवे दीवे भारहे वासे सयदुवारे णामं णयरे होत्था रिद्धथमियसमिद्धे वण्णओ। तत्थ णं सयदुवारे णयरे धणवई णामं राया होत्था वण्णओ। तस्स गं सयदुवारस्स गयरस्स अदुरसामंते दाहिणपुरत्थिमे दिसीभाए विजयवद्धमाणे णाम खेडे होत्था रिद्धस्थिमियसमिद्धे / तस्स गं विजयवद्धमाणस्स खेडस्स पंच गामसयाई आभोए यावि होत्था, तत्थ गं विजयवद्धमाणे खेडे एक्काई णाम रटुकडे होत्था अहम्मिए जाव दुप्पडियाणंदे। से गं एक्काई रटकूडे विजयवद्धमाणस्स खेडस्स पंचण्हं गामसयाणं आहेवच्चं जाव पालेमाणे विहरइ / तए णं से एक्काई र० विजयवद्धमाणस्स खेडस्स पंच गामसयाई बहहि करेंहि य भरेहि य विद्धीहि य उक्कोडाहि य पराभवेहि य देज्जेहि य भेज्जेहि य कुंतेहि य लंछपोसेहि य आलीवणेहि य पंथकोट्रेहि य ओवीलेमाणे 2 विहम्मेमाणे 2 तज्जेमाणे 2 तालेमाणे 2 गिद्धणे करेमाणे 2 विहरइ / तए णं से एक्काई रट्टकडे विजयवद्धमाणस्स खेडस्स बहूणं राईसरतलवरमाडंबियकोडुंबियइब्भसेटिसेणावइसत्थवाहाणं अण्णेसिं च बहूणं गामेल्लगपुरिसाणं बहूसु कज्जेसु य कारणेसु य मंतेसु य गुज्झेसु य णिच्छएसु य ववहारेसु य सुणमाणे भणइ ण सुणेमि असुणमाणे भणइ सुणेमि एवं पस्समाणे भासमाणे गिण्हमाणे जाणमाणे / तए णं से एक्काई रट्टकूडे एयकम्मे एयप्पहाणे एयविज्जे एयसमायारे सुबहुं पावकम्मं कलिकलसं समज्जिणमाणे विहरइ / तए णं तस्स एक्काइयस्स रटुकडस्स अण्णया कयाइ सरीरगंसि जमगसमगमेव सोलस रोगा. यंका पाउन्भूया, तं०-सासे कासे जरे दाहे कुच्छिसूले भगंदरे। अरिसा अजीरए दिट्ठीमुद्धसूले अकारए // 1 // अच्छिवेयणा कण्णवेयणा कंडू उयरे कोढे / Page #1425 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1412 अंग-पविट्ट सुत्ताणि तए णं से एक्काई र सूफाडे सोलसहि रोगायंकेहि अभि भए समाणे कोडुबियपुरिसे सहावेइ 2 ता एवं वयासी-गच्छह गं तुब्भे देवाणु प्पिया ! विजयवद्धमाणे खेडे सिंघाडगतिगचाउकचच्च रमहापहपहेसु महया 2 सहेणं उग्धोसेमाणा 2 एवं वयह- इह खलु देवाणुप्पिया ! एक्काई टुक्डस्स सरी रगसि सोलस-रोगा. यंका पाउभ या, तं०-सासे कासे जरे जाव काळे, तं जो णं इच्छइ देवाणुप्पिया! वेज्जो वा वेज्जपुत्तो वा जाणुओ वा जाणयपुत्तो वा तेगिच्छी वा तेगिच्छिपुत्तो वा एक्काईरटकूडस्स तेसि सोलसह रोगायंकाणं एगमवि रोगायकं उवसामि त्तए तस्स णं एक्काई रटुकडे विडलं अस्थसंपदाणं दलयइ, दोच्यपि तच्चपि उग्रोसेह 2 त्ता एयमाणत्तिय पच्चप्पिणह / तए णं ते कोडंबियपुरिसा जाव पच्चप्पिणंति / तए णं (से) विजयवद्धमाणे खेडे इमं एयारूयं उग्घोस सोच्चा णिसम्म बहवे वेज्जा य 6 सत्थकोसहत्थगया सहितो 2 गिहेहितो पडिणिक्ख. मति 2 ता विजयवद्धमाणस्स खेडस्स मज्झंमज्झेणं जेणेव एक्काईरटुकडस्स गिहे तेणेव उवागच्छति 2 ता एक्काईरटुकडस्स सरीरगं परामसति 2 ता तैसि रोगाणं णिदाणं पुच्छंति 2 ता एक्काईरटुकडस्स बहूहि अमगेहि य उच्चट्टणेहि य सिणेहपाहि य वनणेहि य विरेयणेहि य सेयणेहि य अवद्दहणाहि य अवहाहि य अणुवासणाहि य बत्थिकम्मेहि य णिरूहेहि य सिरावेहेहि य तच्छणेहि य पच्छणेहि य सिरोबस्थीहि व तप्पणाहि य पुडपागेहि य छल्लीहि य मूलेहि य कंदेहि य पत्तेहि य पुप्फेहि य फलेहि य बीएहि य सिलियाहि य गुलियाहि य ओसहेहि य भेसज्जेहि य इच्छंति तेसि सोलसहं रागायकाणं एगमवि रोगायक उवसामित्तए, णो चेव णं संचाएंति उवसामित्तए / तए णं ते बहवे वेज्जा य वेज्जपुत्ता य जाहे णो संचाएंति तेसि सोल साह रोगायकाणं एगमवि रोगायंकं उवसामित्तए ताहे संता तंता परितंता जामेव दिसि पाउ. भूया तामेव दिसि पडिगया। तए णं एक्काईरटकूडे वेज्जेहि य 6 पडियाइविखए परियारगपरिच्चत्ते णिविट्टोसहभेसज्जे सोलसरोगायंकेहि अभिभए समाणे रज्जे य रठे य जाव अंतेउरे य मच्छिए रज्जं च रहें च आसाएमाणे पत्थे. माणे पीहेमाणे अभिलसमाणे अदृदुहट्टव सट्टे अड्डाइज्जाई बाससयाई परमाउयं पालइत्ता कालमासे कालं किच्चा इमोसे रयणप्पभाए पुढवीए उवकासेणं सागरो. वदिइए सु र इएसु णेरइयत्ताए उववष्णे। से गं तओ अतरं उध्वद्वित्ता इहेव Page #1426 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विवागसुयं सु. 1 अ. 1 1413 मियग्गामे णयरे विजयस्स खत्तियस्स मियाए देवीए कुच्छिसि पुत्तत्ताए उववणे। तए गं तीसे मियाए देवीए सरीरे वेयणा पाउम्भूया उज्जला जाव दुरहियासा, जप्पभिई च गं मियापुत्ते दारए मियाए देवीए कुच्छिसि गम्भताए उववण्णे तप्पभिई च णं मियादेवी विजयस्स ख० अणिट्टा अकंता अप्पिया अमणुण्णा अमणामा जाया यावि होत्था / तए गं तीसे मियाए देवीए अण्णया कयाइ पुत्र. रत्तावरत्तकालसमयंसि कुडुंबजागरियाए जागरमाणीए इमे एयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्था-एवं खलु अहं विजयस्स खत्तियस्स पुटिव इट्ठा 6 धेज्जा वेसासिया अणमया आसी, जप्पमिदं च णं मम इमे गन्भे कुच्छिसि गन्मत्ताए उववणे तप्पमिइं च गं अहं विजयस्स खत्तियस्स अणिट्टा जाव अमणामा जाया यावि होत्था, णिच्छइ णं विजए खत्तिए मम णामं वा गोयं वा गिण्हित्तए वा किमंग पुण दंसणे वा परिमोगं वा, तं सेयं खल मम एवं गभं बर्हहिं गब्भ. साडणाहि य पाडणाहि य गालणाहि य मारणाहि य साडित्तए वा 4, एवं संपेहेइ संपेहित्ता बहूणि खाराणि य कडयाणि य तूवराणि य गब्भसाडणाणि य 4 खायमाणी य पीयमाणी य इच्छइ तं गब्भं साडित्तए वा 4 णो चेव णं से गब्भे सडइ वा 4 / तए णं सा मियादेवी जाहे णो संचाएइ तं गम्भं साडि. त्तए वा 4 ताहे संता तंता परितंता अकामिया असयंवसा तं गम्भं दुहंदुहेणं परिवहइ, तस्स णं दारगस्स गब्भगयस्स चेव अट्ठणालीओ अभितरप्पवहाओ अट्ठणालीओ बाहिरप्पवहाओ अट्टपूयप्पवहाओ अटुसोणियप्पवहाओ दुवे-दुवे कण्णंतरेसु दुवे दुवे अच्छिअंतरेसु दुवे-दुवे पक्कंतरेसु दुवे-दुवे धमणिअंतरेसु अभिक्खणं अभिक्खणं पूयं च सोणियं च परिसवमाणीओ 2 चेव चिट्ठति / तस्स गं दारगस्स गम्भगयस्स चेव अग्गिए णामं वाही पाउ. भए जे गं से दारए आहारेइ से गं खिप्पामेव विद्धंसमागच्छइयत्ताए य सोणियत्ताए य परिणमइ, तंपिय से पूयं च सोणियं च आहारेइ / तए णं सा मियादेवी अण्णया कयाइ गवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं दारगं पयाया जाइअंधे जाव आगिइमेत्ते / तए णं सा मियादेवी तं दारगं हुंडं अंधारूवं पासइ 2 ता भीया 4 अम्मधाई सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-गच्छह गं देवा. णुप्पिया ! तुमं एवं दारगं एगते उक्कुरुडियाए उज्झाहि ।तए गं सा अम्मधाई मियादेवीए तहत्ति एयमट्ठ पडिसुणेइ 2 ता जेणेव विजए खत्तिए तेणेव उवा Page #1427 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1414 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि गच्छइ 2 ता करयलपरिग्गहियं.....एवं वयासी-एवं खलु सामी ! मियादेवी णवण्हं मासाणं.....जाव आगिइमेते, तए णं सा मियादेवी तं हंडं अंधारूवं पासइ 2 त्ता भीया तत्था तसिया उविग्गा संजायभया ममं सद्दावेइ 2 त्ता एवं क्यासी-गच्छह णं तुमं देवाणुप्पिया ! एयं दारगं एगते उक्कुरुडियाए उज्झाहि, तं संदिसह णं सामी ! तं दारगं अहं एगते उज्झामि उदाहु मा ? तए णं से विजए खत्तिए तीसे अम्मधाईए अंतिए एयमढें सोच्चा णिसम्म तहेव संभंते उद्वाए उठे 2 त्ता जेणेव मियादेवी तेणेव उवागच्छइ 2 ता मियादेवि एवं वयासी-देवाणप्पिया ! तुम्भं पढमं गन्भे तं जइ गं तुमं एवं (दा०) एगते उक्कुरुडियाए उज्झासि (तो)तओ णं तुम्भं पया णो थिरा भवि. स्सइ, तो गं तुमं एवं दारगं रहस्सिययंसि भूमिघरंसि रहस्सिएणं भत्तपाणणं पडिजागरमाणी 2 विहराहि तो णं तुम्भं पया चिरा भविस्सइ / तए णं सा मियादेवी विजयस्स खत्तियस्स तहत्ति एयम→ विणएणं पडिसुणेइ 2 ता तं दारगं रहस्सियंसि भूमिघरंसि रहस्सिएणं भत्तपाणेणं पडिजागरमाणी 2 विहरइ, एवं खल गोयमा ! मियापुत्ते दारए पुरापोराणाणं जाव पच्चणभवमाणे विहरइ // 5 // मियापुत्ते णं भंते ! दारए इओ कालमासे कालं किच्चा कहि गमिहिइ ? कहि उववज्जिहिइ ? गोयमा ! मियापुत्ते दारए छव्वीसं वासाई परमाउयं पालइत्ता कालमासे कालं किच्चा इहेव जंबद्दीवे भारहे वासे वेय. ड्रगिरिपायमले सीहकुलंसि सीहत्ताए पच्चायाहिइ, से गं तत्थ सीहे भविस्सइ अहम्मिए जाव साहसिए सुबहुं पावं जाव समज्जिणइ 2 ता कालमासे कालं किच्चा इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए उक्कोससागरोवमटिइएसु जाव उववज्जिहिइ, से णं तओ अणंतरं उव्वट्टित्ता सिरीसवेसु उववज्जिहिइ, तत्थ गं कालं किच्चा दोच्चाए पुढवीए उक्कोसेणं तिण्णि सागरोवमाई......से णं तओ अणंतरं उव्वट्टित्ता पक्खीसु उववज्जिहिइ, तत्थ-वि कालं किच्चा तच्चाए पुढवीए सत्त सागरोवमाई...... से णं तओ सीहेसु य..... तयाणंतरं चोत्थीए उरगो पंचमी० इत्थी० छट्ठी० मणुया० अहेसत्तमाए, तओ अणंतरं उध्वट्टित्ता से जाइं इमाइं जलयरपंचिदियतिरिक्खजोणियाणं मच्छ-कच्छ भवगाहमगर संसुमाराईणं अडतेरस जाइकुलको डिजोणिपमुहसयसहस्साई......तत्थ णं एगमेगंसि जोणी विहाणंसि अणेगसयसहस्सख़त्तो Page #1428 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विवागसुयं सु० 1 अ. 2 1415 उद्दाइत्ता 2 तत्थेव भुज्जो 2 पच्चायाइस्सइ, से गं तओ अणंतरं उव्वट्टित्ता.... चउप्पएसु उरपरिसप्पेसु भयपरिसप्पेसु खहयरेसु चरिदिएसु तेइंदिएसु बेइंदिएसु वणप्फइएसु कडुयरुखेसु कडुयदुद्धिएसु वाउ० तेउ० आउ० पुढवी० अणेगसयसहस्सखुत्तो.....से गं तओ अणंतरं उव्वट्टित्ता सुपइट्टपुरे गयरे गोणताए पच्चायाहिइ, से णं तत्थ उम्मक्क जाव अण्णया कयाइ पढमपाउसंसि गंगाए महामईए खलीणमट्टियं खणमाणे तडीए पेल्लिए समाणे कालगए तत्थेव सुप. इट्ठपुरे पयरे सेट्टिकुलंसि पुत्तत्ताए पच्चायाइस्सइ / से गं तत्थ उम्मक्कबालभावे जाव जोवणगमणप्पत्ते तहालवाणं थेराणं अंतिए धम्म सोच्चा णिसम्म मंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइस्सइ, से गं तत्थ अणगारे भविस्सइ इरियासमिए जाव बंभयारी, से गं तत्थ बहई वासाइं सामण्णपरियागं पाउणित्ता आलोइयपडिक्कते समाहिपत्ते कालमासे कालं किच्चा सोहम्मे कप्पे देवत्ताए उववज्जिहिइ, से गं तओ अगंतरं चयं चइत्ता महाविदेहे वासे जाई कुलाई भवंति अढाई.....जहा दढपइण्णे सां चेव वत्तव्वया कलाओ जाव सिज्झिहिइ 5 / एवं खल जंब ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं दुहविवागाणं पढ मस्स अज्झयणस्स अयमठे पण्णत्ते तिबेमि // 6 // // पढमं अज्झयणं समत्तं // उज्झियए णामं बीयं अज्झयणं जइ गं भंते ! समणेणं जाव संपत्तेणं दुहविवागाणं पढमस्स अज्झयणस्स अयमठे पण्णत्ते दोच्चस्स णं भंते ! अज्झयणस्स दुहविवागाणं समणेणं जाव संपत्तेणं के अट्ठे पण्णत्ते ? तए णं से सुहम्मे अणगारे जंबु अणगारं एवं वयासी-एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं वाणियगामे णाम जयरे होत्था रिद्धस्थिमियसमिद्धे / तस्स गं वाणियगामस्स उत्तरपुरस्थिमे दिसी. भाए दुईपलासे णामं उज्जाणे होत्था / तत्थ णं दूइपलासे सुहम्मस्स जक्खस्स जक्खाययणे होत्था। तत्थ वाणियगामे मित्ते णामं राया होत्था वण्णओ। तस्स णं मित्तस्स रणो सिरी-णामं देवी होत्था वण्णओ / तत्थ गं वाणियगामे कामज्झया णामं गणिया होत्था अहीण जाव सुरूवा बावत्तरीकलापंडिया चउसट्ठिगणियागुणोववेया एगूणतीसविसेसे रममाणी एक्कवीसरइगुणप्पहाणा Page #1429 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1416 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि बत्तीसपुरिसोक्यारकुसला णवंगसुत्तपडिबोहिया अट्ठारसदेतीभासाविसारया सिंगारागारचारवेसा गीयरइयगंधव णट्टकुमला संयमय० सुंदर था. ऊसियज्झया सहस्सलभा बिदिण्णा छत्तचामरवालवीयणीया कण्णीरहपयाया यावि होत्था, बहणं गणियासहस्साणं आहेबच्वं जाव विहरइ // 7 // तत्थ णं वाणियगामे विजयमित णामं सत्यवाहे परिवसइ अड़ ढे०, तस्स बिजयमित्त. स्स सुभद्दा णामं भारिया होत्था अहीण०, तस्स णं विजयमित्तस्स पुतं सुम. दाए भारियाए अत्तए उज्झियए णामं दारए होत्था अहीण जाव सुरूवे / तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे मगवं महावीरे जाव सभोसढे गरिमा णिग्गया राया वि जहा कणिओ तहा णिग्गओ धम्मो कहिओ परिसा पडिगया राया य गओ / तेणं कालेणं तेणं समएणं समणरस भगवओ महावीरस्स जेठे अंतेवासी इंदभई णामं अणगारे जाव लेसे छठंछठेणं जहा पण्णत्तीए पढम जाव जेणेव वाणियगामे णयरे तेणेव उवागच्छइ 2 ता उच्चणीय......."अडमाणे जेणेव रायमग्गे तेणेव ओगाढे, तत्थ णं बहवे हत्थी पासइ संणद्धबद्धव. म्मियगुडिय उप्पीलियकच्छे उद्दामियघंटे ताणामणि रयाधिविहगवे. ज्ज उत्तरकंचुइज्जे पडिकप्पिए झयपडागवरपंचामेलआरूढहत्थारोहे हियाउह. प्पहरणे अण्णे य तत्थ बहवे आसे पासइ संणबद्धवम्मियगुडिए आविद्धगुडे ओसारियपवखरे उत्तरकंचुइयओचलमहचंडाधरचामरथानगपरिमंडियकडिए आरूढअस्सारोहे गहियाउहप्पहरणे अण्णे य तत्थ बहवे पुरिसे पासइ संणद्धबद्ध. वम्मियकवए उप्पीलियसरासणपट्टीए पिणद्ध गेवेज्जे विमलवरबद्धचिधपट्टे गहियाउहप्पहरणे, तेसि च णं पुरिसाणं मज्झगवं एगं पुरिसं पासइ अबओडयबंधणं उक्खि तकण्णणासं णेहतुप्पियगतं बज्झकरकडियजय णियत्वं कंठेगुणरत्तमल्लदामं चुण्णगुंडियगायं चुण्णयं वज्यपापीयं तिलं तिलं चेव छिज्जमागं कागणिमसाई खावियंत पावं खक्खरगाएहि हम्नमाणं अणेग-णर-णारीसंपरिवुडं चच्चरे-चच्चरे खंडपडहएणं उग्घोसिज्जमाणं, इम च ण एयारूवं उग्घोसणं पडिसुणेइ-णो खलु देवा० ! उझियगस्स दार गत्प केइ राया वा रायपुत्तो वा अवरज्झइ अप्पणो से सयाई कम्माई अवरशंति // 8 // तए णं से भगवओ गोयमस्स तं पुरिसं पासित्ता इसे अज्ञथिए ५अहो जइसे पुरिसे जाव णिरयपडिरूवियं वेयणं वेशइत्तिकर वाणिय Page #1430 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विवागसुयं सु. 1 अ. 2 1417 गामे गयरे उच्चणीयमज्झिमकुलाइं अडमाणे अहापज्जतं समदाणं गिण्हइ 2 ता वाणियगामे गयरे मझमझेणं जाव पडिसेइ 2 ता समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ वं० 2 ता एवं बयासी-एवं खल अहं भंते ! तुहि अन्मणण्णाए समाणे वाणियगामं जाव तहेव णिवेएइ / से गं भंते ! पुरिसे पुत्वभवे के आसी जाव पच्चणभवमाणे विहरइ ? एवं खलु गोयमा! तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जंबूद्दीवे 2 भारहे वासे हस्थिणाउरे णामं णयरे होत्था रिद्धः / तत्थ जे हथिणाउरे गयरे सुणंदे णामं राया होत्था महया०, तत्थ गं हस्थिणाउरे गयरे बहुमज्झदेसमाए एत्थ णं महं एगे गोमंडवे होत्था अणेगखंभसयसम्णिविठे पासाईए 4 / तत्थ गं बहवे णयरगोरूवाणं सणाहा य अगाहा य जगरगाविओ य णगरवसमा य णगरबलीवहा य णगरपड्डयाओ य पउरतणपाणिया णिमया णिरुवसग्गा सुहं सुहेणं परिवति / तत्थ गं हस्थिणाउरे गयरे भीमे गाम कूडग्गाहे होत्था अहम्मिए जाव दुप्पडियाणवे / तस्स गं भीमस्स कूडग्गाहस्स उप्पला णामं भारिया होत्था अहीण / तए णं सा उप्पला कूडग्गाहिणी अण्णया कयाइ आवण्णसत्ता जाया यावि होत्था / तए गं तीसे उप्पलाए कूडग्गाहिणीए तिण्हं मासाणं बहुपडिपुग्णाणं अयमेयारवे दोहले पाउन्भूए-धण्णाओ गं ताओ अम्मयाओ 4 जाव सुलद्धे जम्मजीवियफले जाओ गं बहूणं गगरगोरुवाणं सणाहाण य जाव वस.माण य ऊहेहि य थणेहि य वसणेहि य छप्पाहि य ककुहेहि य वहेहि य कण्णेहि य अच्छीहि य णासाहि य जिम्माहि य ओछेहि य कंबलेहि य सोल्लेहि य तलिएहि य मज्जिएहि य परिसुक्केहि य लावणेहि य सुरं च महं च मेरगं च जाइं च सीधुं च पसण्णं च आसाए. माणीओ विसाएमाणीओ परिभाएमाणीओ परिमजेमाणीओ दोहलं विणेति, तं जइ गं अहमवि बहूणं णगर जाव विणिज्जामिसिकट्ट तंसि दोहलंसि अविणिज्जमाणंसि सुक्खा मुक्खा जिम्मंसा ओलुग्गा ओलुग्गसरीरा गित्तेया वीणविमणवयणा पंडुल्लइयमुहा ओमंथियणयणवयणकमला जहोइयं पुप्फवस्थगं. धमल्लालंकाराहारं अपरिभुजमाणी करयलमलिय-व्व कमलमाला ओहय जाव झियाइ / इमं च गं भीमे कूडग्गाहे जेणेव उप्पला कूडग्गाहिणी तेणेव . उवागच्छइ 2 ता ओहय जाव पासइ 2 ता एवं वयासी-किं गं तुमं देवाण. Page #1431 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1418 अंग-पविटु सुत्ताणि प्पिए ! ओहय जाव झियासि ? तए णं सा उप्पला भारिया भीमं कूडग्गाह एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! ममं तिण्हं मासाणं बहपडिपुण्णाणं दोहले पाउन्भए धण्णाणं ता. जाओ गं बहणं गो. ऊहेहि य जाव लावणेहि य सुरं च 3 आसाएमाणीओ० दोहलं विणेति, तए णं अहं देवाणप्पिया ! तंसि दोहलंसि अविणिज्जमाणंसि जाव झियामि / तए णं से भीमे कूडग्गाहे उप्पलं भारियं एवं वयासी-मा गं तुम देवाणुप्पिया ! ओहय. झियाहि, अहं गं तहा करिस्सामि जहा गं तव दोहलस्स संपत्ती मविस्सइ, . ताहि इटाहिं 5 जाव वाहिं समासासेइ / तए णं से भीमे कूडग्गाहे अद्धरत्तकालसमयंसि एगे अबीए संणद्ध जाब पहरणे सयाओ गिहाओ णिग्गच्छइ 2 त्ता हत्थिणाउरे णयरे मज्झमज्झेणं जेणेव गोमंडवे तेणेव उवागए 2 ता बहूर्ण णगरगोरूवाणं जाव वसभाण य अप्पेगइयाणं ऊहे छिदइ जाव अप्पेगइयाणं कंबले छिदए अप्पेगइयाणं अण्णमण्णाणं अंगोवंगाणं वियंगेइ 2 ता जेणेंव सए गिहे तेणेव उवागच्छइ 2 ता उप्पलाए कडग्गाहिणीए उवणेइ / तए गं सा उप्पला भारिया तेहिं बहूहि गोमंसेहि य सोल्लेहि य सुरं च [५]आसा. एमा० तं दोहलं विणेइ / तए णं सा उप्पला कडग्गाहीणी संपुण्णदोहला संमाणियदोहला विणीयदोहला वोच्छिण्णदोहला संपण्णदोहला तं गम्भं सुहंसुहेणं परिवहइ / तए णं सा उप्पला कूडग्गाहिणी. अण्णया कयाइं णवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं दारगं पयाया // 6 // तए णं तेणं दारएणं जाय-मेत्तेणं चेव महया महया सद्देणं विघठे विस्सरे आरसिए / तए णं तस्स दारगस्स आरसियस सोच्चा णिसम्म हस्थिणाउरे णयरे बहवे णगरगोरूवा जाव वसभा य भीया... उध्विग्गा सव्वओ समंता विप्पलाइत्था / तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो अयमेयारूवं णामधेज्ज करेंति, जम्हा गं अम्हं इमेणं दारएणं जायमेतेणं चेव महया महया चिच्चीसद्देणं विघुठे विस्सरे आरसिए तए गं एयस्स दार. गस्स आरसियसई सोच्चा णिसम्म हस्थिणाउरे बहवे णगरगोरूवा जाव भीया 4 सव्वओ समंता विप्पलाइत्था तम्हा णं होउ अम्हं दारए गोत्तासे णामेणं / तए णं से गोत्तासे दारए उम्मुक्कबाल मा० जाए यावि होत्था / तए णं से भीमे कूडग्गाहे अण्णया कयाइ कालधम्मुणा संजुत्ते / तए णं से गोत्तासे दारए बहूर्ण मित्त-णाइणियगसयणसंबंधिपरियणेणं सद्धि संपरि Page #1432 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विवागसुयं सु. 1 अ. 2 1419 डे. रोयमाणे कंदमाणे विलवमाणे भीमस्स कूडग्गाहिस्स णीहरणं करेइ 2 ता बहूई लोइयमयकिच्चाई करेइ / तए णं से सुणंदे राया गोत्तासं दारयं अण्णया कयाइ सयमेव कूडग्गाहत्ताए ठवेइ / तए णं से गोत्तासे. दारए कूडग्गाहे जाए यावि होत्था अहम्मिए जाव दुप्पडियाणंदे / तए णं से गोत्तासे दारए कूडग्गाहित्ताए कल्लाकल्लि अद्धरत्तयकालसमयसि एगे अबीए संणखबद्धकवए जाव गहियाउहप्पहरणे सयाओ गिहाओ णिग्गच्छइ 2 ता जेणेव गोमंडवे तेणेव उवागच्छइ 2 ता बहूणं णगरगोरूवाणं सणाहाण य जाव वियंगेइ 2 ता जेणेव सए गेहे तेणेव उवागए / तए णं से गोत्तासे कूडग्गाहे तेहिं बहूहिं गोमंसेहि य सोल्लेहि य.... सुरं च 6 आसाएमागे विसाएमाणे जाव विहरइ / तए णं से गोत्तासे कूडग्गाहे एयकम्मे....सुबहूं पावकम्मं समज्जिणित्ता पंचवाससयाई परमाउयं पालइत्ता अट्टदुहट्टोवगए कालमांसे कालं किच्चा दोच्चाए पुढवीए उक्कोसं तिसागरोवमठिइएसु रइएसु गैरइयत्ताए उववण्णे // 10 / / तए गं सा विजयमित्तस्स सत्थवाहस्स सुमहा णाम मारिया जाणिया यावि होत्था जाया-जाया पारगा विणिहायमावज्जति / तए णं से गोत्तासे कूडग्गाहे दोच्चाए पुढवीए अणंतरं उव्वट्टित्ता इहेव वाणियगामे णयरे विजमित्तस्स सत्थवाहस्स सुभद्दाए मारियाए कुच्छिसि पुत्तत्ताए उववणे / तए णं सा सुभद्दा सत्थवाही अण्णया कयाइ णवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं दारगं पयाया। तए णं सा सुभद्दा सत्थवाही तं दारगं जायमेत्तयं चेव एगते उक्कुरुडियाए उज्झावेइ उज्झावेत्ता दोच्चपि गिण्हावेइ 2 ता अणपुटवेणं सारक्खमाणी संगोवेमाणी संवइ ।तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो ठिइवडियं च चंदसूरदसणं च जागरियं च महया इडुढीसक्कारसमुदएणं करेंति / तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो एक्कारसमे दिवसे णिव्वत्ते संपउत्ते बारसमे दिवसे इममेयारूवं गोणं गुणणिप्फण्णं णामधेज्जं करेंति, जम्हा णं अम्हं इमे दारए जायमेत्तए चेव एगते उक्कुरुडियाए उज्झिए तम्हा णं होउ अम्हं दारए उज्झियए णामेणं / तए णं से उज्झियए दारए पंचधाईपरिग्गहिए तं०-खीरधाईए 1 मज्जणधाईए 2 मंडणधाईए 3 कीलावणधाईए 4 अंकधाईए 5 जहा दढपइण्णे जाव णिवाघाए गिरिकंदरमल्लीणे व चंपगपायवे सुहंसुहेणं विहरइ / तए णं से विजयमित्ते सत्थवाहे अण्णया कयाइ गणिमं च 1 धरिमं च 2 मेज्जं च 3 पारिच्छेज्जं च 4 चउम्विहं भंडगं Page #1433 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1420 अंग-पविटु सुत्ताणि गहाय लवणसमुदं पोयवहणेण उवागए। तए णं से विजयमित्ते तत्थ लवणसमुद्दे पोयविवत्तीए णिब्बुडुभंडसारे अत्ताणे असरणे कालधम्मुणा संजत्ते / तए णं तं विजयमित्तं सत्थवाहं जे जहा बहवे ईसरतलवरमाडंबियकोडुंबियइमसेटिसत्थ. वाहा लवणसमुद्दे पोयविवत्तीए छूढं गिब्बुड्डुभंडसारं कालधम्मणा संजुत्तं सुर्णेति ते तहा हत्थणिक्खेवं च बाहिर मंडसारं च गहाय एगंतं अवक्कमति / तए गं सा सुभद्दा सत्थवाही विजयमित्तं सत्यवाहं लवणसमुद्दे पोयविवत्तीए णिब्बड्ड० काल. धम्मणा संजत्तं सुणेइ 2 ता महया पइसोएणं अप्फुण्णा समाणी परसुणियत्ताविव चंपगलया धस-त्ति धरणीयलंसि सव्वंगेहि संणिवडिया। तए णं सा सुभद्दा सत्यवाही मुहत्तंतरेण आसत्था समाणी बहूहि.मित्त जाव परिवडा रोयमाणी कंदमाणी विलवमाणी विजयमित्तसत्थवाहस्स लोइयाई मयकिच्चाई करेइ / तए णं सा सुभद्दा सत्थवाही अण्णया कयाइ लवणसमुद्दोत्तरणं च लच्छिविणासं च पोयविणासं च पइमरणं च अचितेमाणी 2 कालधम्मणा संजुत्ता // 11 // तए णं ते णगर. गुत्तिया सुभदं सत्यवाहि कालगयं जाणित्ता उज्झियगं दारगं सयाओ गिहाओ गिच्छभंति णिच्छभित्ता तं गिहं अण्णस्स दलयंति / तए णं से उज्झियए दारए सयाओ गिहाओ णिच्छुढे समाणे वाणियगामे णयरे,सिंघाडग जाव पहेसु जयखलएसु वेसियाघरेसु पाणागारेसु य सुहंसुहेणं परिवडइ / तए णं से उज्झियए दारए अणोहट्टिए अणिवारिए सच्छंदमई सइरप्पयारे मज्जप्पसंगी चोरजयवेसदारप्पसंगी जाए यावि होत्था। तए णं से उज्झियए अण्णया कयाइ कामज्झयाए गणियाए सद्धि संपलग्गे जाए यावि होत्था, कामज्झयाए गणियाए सद्धि विउ. लाइं उरालाई माणस्सगाई भोगभोगाई मुंजमाणे विहरइ / तए णं तस्स विजय. मित्तस्स रणो अण्णया कयाइ सिरीए देवीए जोणिसूले पाउम्भूए यावि होत्था, णो संचाएइ विजयमित्त राया सिरीए देवीए सद्धि उरालाई माणस्सगाई मोग. भोगाई मुंजमाणे विहरित्तए / तए णं से विजयमित्ते राया अण्णया कयाइ उज्झिय. दारयं कामज्झयाए गणियाए गिहाओ णिच्छुमावेइ 2 ता कामज्झयं गणियं अभितरियं ठावेइ 2 ता कामज्झयाए गणियाए सद्धि उरालाई माणुस्सगाई भोगभोगाई मुंजमाणे विहरइ / तए णं से उज्झियए दारए कामज्झयाए गणियाए गिहाओ णिच्छभेमाणे कामज्झयाए गणियाए मुच्छिए गिद्धे गढिए अज्झोववण्णे अण्णत्थ कत्थइ सुइं च रइं च धिइं च अविदमाणे तच्चित्ते तस्मणे तल्लेसे Page #1434 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विवागसुयं सु. 1 अ. 2 1421 तवज्सवसाणे तदट्ठोवउत्ते तयप्पियकरणे तन्मावणाभाविए कामज्झयाए गणियाए बहणि अंतराणि य छिहाणि य विवराणि य पडिजागरमाणे 2 विहरइ / तए गं से.उज्झियए दारए अण्णया कयाइ कामज्झयं गणियं अंतरं लम्भेइ 2 कामज्झयाए गणियाए गिहं रहसियं अणप्पविसइ 2 ता कामज्झयाए गणियाए सदि उरालाई माणस्सगाई भोगभोगाइं भंजमाणे विहरइ / इमं च णं मित्ते राया हाए कयबलिकम्मे कयकोउय-मंगल-पायच्छित्ते सव्वालंकारविभूसिए मणुस्सवागुरापरिक्खि ते जेणेव कामज्मयाए गिहे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता तत्थ गं उज्झियए दारए कामज्झयाए गणियाए सद्धि उरालाई माणुस्सगाई भोगभोगाई जाव विहरमाणं पासइ 2 ता आसुरुत्ते 4 तिवलियमिउडि णिडाले साहट उज्झियगं दारगं पुरिसेहिं गिण्हावेइ 2 ता अट्टिमट्टिजाणुकोप्परपहारसंभग्गहियगत्तं करेइ 2 ता अवओडयबंधणं करेइ 2 ता एएणं विहाणेणं वज्झं आणावेइ / एवं खलु गोयमा ! उज्झियए दारए पुरापोराणाणं कम्माणं जाव पच्चणभवमाणे विहरइ // 12 // उज्झियए णं भंते ! दारए इओ कालमासे कालं किच्चा कहिं गच्छिहि. कहि उववज्जिहिइ ? गोयमा ! उज्झियए दारए पणवीसं वासाइं परमाउयं पालइत्ता अज्जेव तिमागावसेसे दिवसे सूलीभिण्णे कए समाणे कालमासे कालं किच्चा इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए रइयत्ताए उववज्जिहिइ, से गं तओ अणंतरं उवट्टित्ता इहेव जंबुद्दीवे दीवे मारहे वासे वेयगिरिपायमूले वाणरकुलंसि वाणरत्ताए उववज्जिहिइ / से गं तत्थ उम्मुक्कबालभावे तिरियभोगेसु मच्छिए गिद्ध गढिए अज्झोववण्णे जाए-जाए वाणरवेल्लए वहेइ तं एयकम्मे एयप्पहाणे एयविज्जे एयसमयारे कालमासे कालं किच्चा इहेव जबुद्दीवे दीवे भारहे वासे इंदपुरे णयरे गणियाकुलंसि पुत्तत्ताए पच्चायाहिइ / तए गं तं दारयं अम्मापियरो जायमेत्तकं वद्धेहिति नपुंसगकम्मं सिक्खावेहिति / तए गं तस्स दारयस्स अम्मापियरो णिवत्तबारसाहस्स इमं एयारूवं णामधेज्ज करेहिति तं०-होउ णं अम्हं इमे दारए पियसेणे णाम णपुंसए। तए गं से पियसेणे गपुं. सए उम्मक्कबालभावे जोव्वणगमणुप्पत्ते विष्णयपरिणयमेत्ते रूवेण य जोवणेण य लावण्णेण य उक्किठे उक्किट्ठसरीरे भविस्सइ / तए णं से पियसेणे णपुंसए इंदपुरे णयरे बहवे राईसर जाव पभियओ बहूहि य विज्जापओगेहि य मंतचण्णेहि य हियउड्डावणेहि य पिण्हवणेहि य पण्हवणेहि य वसीकरणेहि य आमि. Page #1435 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1422 अंग-पविटु सुत्ताणि ओगिएहि य अमिओगित्ता उरालाई माणुस्सगाई भोग मोगाई भुंजमाणे विह रिस्सइ / तए णं से पियसेणे णसए एयकम्मे० सुबहं पावकम्मं समज्जिणित्ता एक्कवीसं वाससयं परमाउयं पालइत्ता कालमासे कालं किच्चा इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए णेरइयत्ताए उववज्जिहिइ, तओ सिरिसिवेसु संसारो तहेव जहा पढमो जाव पुढवी० से गं तओ अणंतरं उबट्टिता इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे चंपाए णयरीए महिसताए पच्चायाहिइ, से गं तत्थ अण्णया कयाइ गोहिल्लएहि जीवियाओ ववरोविए समाणे तत्थेव चपाए णयरीए सेट्रिकुलंसि पुत्तत्ताए पच्चायाहिइ, से णं तत्थ उम्मक्कबालभावे तहारूवाणं थेराणं अंतिए केवलं बोहि.......अणगारे सोहम्मे कप्पे जहा पढमे जाव अंतं काहिइ / णिक्खेवो // 13 // ॥बीयं अज्झयणं समत्तं // अभग्गसेणे णामं तइयं अज्झयणं तच्चस्स उक्खेवो एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं पुरिम. ताले णाम णयरे होत्था रिद्धः / तस्स णं पुरिमतालस्स णयस्स उत्तरपुरस्थिमे दिसीभाए एत्थ णं अमोहदंसणे उज्जाणे। तत्थ णं अमोहदंसिस्स जक्खस्स आययणे होत्था / तत्थ गं पुरिमताले ण. महाबले णामं राया होत्था / तत्थ णं पुरिमतालस्स णयरस्स उत्तरपुरस्थिमे दिसीभाए देसप्पंते अडवी संठिया, एत्थ सालाडवी णामं चोरपल्ली होत्था विसमगिरिकंदरकोलंबसंणिविदा वंसीकलंकपागारपरिक्खित्ता छिण्णसेलविसमप्पवायफरिहोवगढा अमितरपाणीयासुदुल्लभजलपेरंता अणेगखंडी विदियजणदिण्णणिग्गमप्पवेसासुबहुयस्सवि कुवियस्स जणस्स दुप्पहंसा यावि होत्था / तत्थ गं सालाडवीए चोरपल्लीए विजय णामं चोरसेणावई परिवसइ अहम्मिए जाव लोहियपाणी बहुणयरणिग्ग. यजसे सूरे दढप्पहारे साहसिए सहवेही असिलट्ठिपढममल्ले, से णं तत्थ सालाडवीए चोरपल्लीए पंचण्हं चोरसयाणं आहेवच्चं जाव विहरइ // 14 // तए णं से विजए चोरसेणावई बहूणं चोराण य पारदारियाण य गंठिभेयाण य संधिच्छेयाण य खंडपट्टाण य अण्णेसि च बहूणं छिण्णभिण्णबाहिराहियग्णं कुडंगे यावि होत्था, तए णं से विजए चोरसेणावई पुरिमतालस्स णयरस्स उत्तरपुरथिमिल्लं Page #1436 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विवागसुयं सु. 1 अ. 3 1423 जणवयं बहूहि गामघाएहि य गरघाएहि य गोग्गहणेहि य बंदिग्गहणेहि य पंथकोहि य खत्तखणणेहि य ओवीलेमाणे 2 विद्धंसेमाणे 2 तज्जेमाणे 2 ताले. माणे 2 णित्थाणे णिखणे णिक्कणे करेमाणे विहरइ / महब्बलस्स रण्णो अभिक्खणं 2 कप्पायं गेण्हइ / तस्स णं विजयस्स चोरसेणावइस्स खंदसिरी णामं भारिया होत्था अहीण / तस्स णं विजयचोरसेणावइस्स पुत्ते खंदसिरीए भारियाए अत्तए अभग्गसेणे णामं दारए होत्था अहीणपुण्णपंचिदियसरीरे विण्णयपरिणयमेत्ते जोव्वणगमणपत्ते / तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे पुरिमताले णयरे समोसढे परिसा णिग्गया राया णिग्गओ धम्मो कहिओ परिसा राया य पडिगओ। तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स जेठे अंतेवासी गोयमे जाव रायमग्गं समोगाढे, तत्थ णं बहवे हत्थी पासइ बहवे आसे पुरिसे सण्णद्धबद्धकवए, तेसिं गं पुरिसाणं मज्झगयं एगं पुरिसं पासइ अवओडय जाव उग्घोसिज्जमाणं, तए णं तं पुरिसं रायपुरिसा पढमंसि चच्चरंसि णिसीयावेंति २त्ता अट्ट चल्लपिउए अग्गओ घाएंति 2 ता कसप्पहारेहि तालेमाणा कलणं कागणिमंसाइं खावेंति खावेत्ता रुहिरप्पाणियं च पाएंति तयाणंतरं च णं दोच्चंसि चच्चरंसि अट्ट चल्लमाउमाओ अग्गओ घाएंति एवं तच्चे चच्चरे अट्ठ महापिउए चउत्थे अट्ठ महामाउयाओ पंचमे पुत्ते छठे सूण्हा सत्तमे जामाउया अट्ठमे धूयाओ गवमे गत्तुया दसमे गत्तईओ एक्कारसमे णत्तयावई बारसमे णतुइणीओ तेरसमे पिउस्सियपइया चोद्दसमे पिउस्सियाओ पण्णरसमे माउसियापइया सोलसमे माउस्सियाओ सत्तरसमे मामियाओ अट्ठारसमे अवसेसं मित्तणाइणियगंसयणसंबंधिपरियणं अग्गओ घाएंति 2 ता कसप्पहारेहि तालेमाणा 2 कलणं कागणिमसाई खावेंति 2 रुहिरपाणियं च पाएंति // 15 // तए णं से भगवं गोयमे तं पुरिसं पासइ 2 ता इमे एयारूवे अज्झथिए समुप्पण्णे जाव तहेव णिग्गए एवं वयासी-एवं खलु अहं गं भंते ! तं चेव जाव से गं भंते ! पुरिसे पुत्वभवे के आसी जाव विहरइ ? एवं खलु गोयमा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे पुरिमताले णाम णयरे होत्था रिद्ध० / तत्थ गं पुरिमताले णयरे उदिओदिए णामं राया होत्था महया० / तत्थ गं पुरिमताले णिण्णए णामं अंडयवाणियए होत्था अड्ढे जाव अपरिभूए अहम्मिए जाव दुप्पडियाणंदे, तस्स णं णिण्णयस्स Page #1437 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1424 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि अंडयवाणियस्स बहवे पुरिसा दिण्णभइ भत्तवेयणा कल्लाल्लि कुदालियाओ य पत्थियपिडए य गिव्हंति 2 ता पुरिमतालस्स गयरस्स परिपेरंतेसु बहवे काइ. अंडए य घूइअंडए य पारेवइ० टिट्टिमिअंडए य खगि अं० मयूरि० कुक्कुडिअंडए य असि च बहूणं जलयरथलयरखहयरमाईणं अंडाई गेहंति 2 ता पत्थियपिडगाइं भरेंति 2 जेणेव णिण्णए अंडवाणियए तेणेव उवागच्छंति 2 ता णिग्णयस्स अंडवाणियस्स उवणेति / तए णं तस्स णिण्णयस्स अंडवाणि. यस्स बहवे पुरिसा दिण्णभइ० बहवे काइअंडए य जाव कुक्कुडिअंडए य अण्णेसि च बहूणं जलयरथलयरखहयरमाईणं अंडयए तवएसु य कवल्लीसु य कंदुएसु य भज्जणएसु य इंगालेसु य तलेंति भज्जति सोलेंति तलेता भज्जता सोल्लेंता रायमग्गे अंतरावर्णसि अंडयपणिएणं वित्ति कप्पेमाणा विहरति / अप्पणावि य णं से णिण्णए अंडवाणियए तेहिं बहूहि काइअंडएहि य जाव कुक्कुडिअंडएहि य सोल्लेहि य तलिएहि य भज्जिएहि य सुरं च.....आसाए. माणे विसाएमाणे विहरइ / तए णं से णिण्णए अंडवाणियए एयकम्मे 4 सुबहुं पावकम्मं समज्जिणित्ता एगं वाससहस्सं परमाउयं पालइत्ता कालमासे कालं किच्चा तच्चाए पुढवीए उक्कोससत्तसागरोवमठिइएसु णेरंइएसु रइयत्ताए उववण्णे // 16 // से णं तओ अणंतरं उम्पट्टित्ता इहेव सालाडवीए चोरपल्लीए विजयस्स चोर सेणावइस्स खंदसिरीए भारियाए कुच्छिसि पुत्तत्ताए उववण्णे / तए णं तीसे खंदसिरीए भारियाए अण्णया कयाइ तिण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं इमे एयारूवे दोहले पाउन्म ए-धण्णाओ गं ताओ अम्मया० जाओ गं बहूहि मितणाइणियगसयणसंबंधिपरियणमहिलाहिं अण्णाहि य चोरमहिलाहिं सद्धि संपरि. वुडा व्हाया कयबलिकम्मा जाव पायच्छित्ता सव्वालंकारविभूसिया विउलं असणं पाणं खाइमं साइमं सुरं च म० च आसाएमाणी विसाएमाणी. विहरंति। जिमियभत्तत्तरागयाओ परिसणेवत्थिया संणद्धबद्ध जाव गहियाउहप्पहरणा. वरणामरिएहि फलएहि णिक्किट्ठाहि असोहि अंसागएहि तोहिं सजीवेहि धहि समुक्खित्तेहिं सरेहि समुल्लालियाहिं दामाहि लंबियाहि य ओसारियाहिं ऊरु. घंटाहि छिप्पतूरेणं वज्जमाणेणं 2 महया उक्किट्ठ जाव समुद्दरवभूयं पिव करेमाणीओ सालाडवीए चोरपल्लीए सवओ समंता ओलोएमाणीओ 2 आहिंडमाणीओ 2 दोहलं विणेति / तं जइ गं अहंपि जाव दोहलं विणिज्जामि-त्ति Page #1438 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विवागसुयं सु. 1 अ, 3 1425 कट्ट तंसि दोहलंसि अविणिज्जमाणंसि जाव झियाइ / तए णं से विजए चोरसेणावई खंदसिरिभारियं ओहय जाव पासइ 2 ता एवं वयासी-कि गं तुम देवाणुप्पिया ! ओहय जाव झियासि ? तए णं सा खंदसिरी भा० विजयं एवं वयासी-एवं खल देवाणप्पिया ! मम तिण्हं मासाणं जाव झियामि / तए गं से विजए चोरसेणावई खंदसिरीए भारियाए अंतिए एयमलैं सोच्चा णिसम्म खंदसिरिभारियं एवं वयासी-अहासुहं देवाणुप्पियत्ति एयमझें पडिसुणेइ / तए गं सा खंदसिरीभारिया विजएणं चोरसेणावइणा अन्भणुण्णाया समाणी हट्टतुट्ट० बहूहि मित्त जाव अण्णाहि य बहूहि चोरमहिलाहिं सद्धि संपरिवडा व्हाया जाव विभूसिया विउलं असणं 4 सुरं च 6 आसाएमाणी 4 विहरइ जिमियभत्तत्तरागया पुरिस-वत्था संणद्धबद्ध जाव आहिडमाणी दोहलं विणे। तए णं सा खंदसिरिभारिया संपुण्णदोहला संमाणियदोहला विणीयदोहला वोच्छिण्णवोहला संपण्णवोहला तं गन्भं सुहंसुहेणं परिवहइ / तए णं सा खंदसिरी चोरसेणावहणी णवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं दारगं पयाया। तए गं से विजए चोरसेणावई तस्स दारगस्स महया इड्ढीसक्कारसमदएणं दसरतं ठिहवडियं करेइ / तए गं से विजए चोरसेणावई तस्स दारगस्स एक्कारसमे दिवसे विउलं असणं 4 उवक्खडावेइ 2 मित्त-णाइ० आमंतेइ 2 ता जाव तस्सेव मित्त-णाइ० पुरओ एवं वयासी-जम्हा गं अम्हं इमंसि दारगंसि गम्भगयंसि समाणंसि इमे. एयारूवे दोहले पाउन्भूए तम्हा गं होउ अम्हं दारए अभग्गसेणे णामेणं तए णं से अभग्गसेणे कुमारे पंचधाईए जाव परिवड // 17 // तए गं से अभग्गसेणे कुमारे उम्मुक्कबालभावे यावि होत्था अट्ट दारियाओ जाव अटुओ दाओ...उपिपासा......मुंजमाणे विहरइ / तए णं से विजए चोरसेणावई अण्णया कयाइ कालधम्मणा संजुत्ते / तए णं से अभग्गसेणे * कुमारे पंचहि चोरसएहि सद्धि संपरिवडे रोयमाणे कंदमाणे विलवमाणे विजयस्स चोरसेणावइस्स महया इड्ढीसक्कारसमुदएणं णीहरणं करेइ 2 ता बहुइं लोइयाई करेइ 2 ता केणइ कालेणं अप्पसोए जाए यावि होत्था / तए गं ते पंच चोरसयाई अण्णया कयाइ अभग्गसेणं कुमारं सालाडवीए चोरपल्लीए महया 2 चोरसेणावइत्ताए अभिसिचंति / तए णं से अमग्गसेणे कुमारे चोरसेणावई __जाए अहम्मिए जाव कप्पायं गिण्हइ / तए णं ते जाणवया पुरिसा अभग्गसेणेणं Page #1439 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अग 1426 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि चोरसेणावइणा बहूगामघायावणाहि ताविया समाणा अण्णमण्णं सहावेंति 2 ता एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! अभग्गसेणे चोरसेणावई पुरिमता. लस्स णयरस्स उत्तरिल्लं जणवयं बहूहि गारवाए हि जाब गिद्धणं करेमाणे विह रइ, तं सेयं खलु देवाणुप्पिया ! पुरिमताले णयरे महाबलस्स रणो एकमळं विष्णवित्तए / तए णं ते जाणवया पुरिता एयमढें अण्णमण्णं पडिसुणति 2 त्ता महत्थं महग्धं महरिहं रायारिहं पाहुडं गिहेंति 2 ता जेणेव पुरिमताले णयरे तेणेव उवाग० 2 ता जेणेव महाबले राया तेणेव उवाग० 2 ता महा. बलस्स रणो तं महत्थं जाव पाहुडं उवणेति 2 करयल.... अंजलि कटु महा. बलं रायं एवं वयाप्ती-एवं खलु सामी ! सालाडवीए चोर पल्लोए अभग्गसे गे चोरसेणावई अम्मे बहूहि गामघाएहि य जाव णिद्धणे करेभाणे बिहरइ, तं इच्छामि गं सामी ! तुज्झं बाहुच्छायापरिग्गहिया णिमया गिरुवसागा सुहेणं परिवसित्तएत्तिकट पायवडिया पंजलिउडा महाबलं रायं एयपदठं विष्णे. वेति / तए णं से महाबले राया तेसि जाणवयाणं पुरिसाणं अंतिए एयमढ़ सोच्चा णिसम्न आसुरुत्ते जाव मिसिमिसेमाणे तिवलियं भिड गिडाले साह टु दंडं सहावेइ 2 ता एवं वयासी-गच्छह णं तुम देवाणुप्पिया ! सालाडवि चोरपल्लि विलुपाहि 2 ता अभग्गसेणं चोरसेणावई जीवग्गाहं गिहाहि 2 त्ता मम उवणेहि / तए णं से दंडे तहत्ति एयमलैं पडिसुणेइ / तए णं से दंडे बहूहिं पुरिसेहिं संणद्धबद्ध जाव पहरणेहि सद्धि संपरिवुढे मगइएहि फलएहि जाव छिप्पतूरेणं वज्जमाणेणं महया जाव उक्किट्ठ जाव करेमाणे पुरिमतालं जयरं मज्झंमज्झेणं णिग्गच्छइ 2 ता जेणेव सालाडवी चोरपल्ली ते गेव पहारेत्थ गमणाए। तए णं तस्स अभग्गसेगस्स चोरसेणावइस्स चारपुरिसा इमीसे कहाए लट्ठा समाणा जेणेव सालाडवी चोरपल्ली जेणेव अभागसेणे चोरसेणावई तेणेव उवागच्छंति 2 त्ता करयल जाव एवं वयासी-एवं खलु देवापु प्पिया ! पुरिमताले णयरे महाबलेणं रण्णा महाभडचडगरेणं दंडे आणत्ते-गच्छह of तुब्भे देवाणुप्पिया ! सालाडवि चोरपल्लि विलुपाहि अभागसेणं होरसेगावई जीवग्गाहं गेहाहि 2 ता ममं उवणेहि, तए णं से दंडे महयाभडवडगरेणं जेणेव सालाडवी चोरपल्ली तेणेव पहारेस्थ गमणाए / तए णं से अभग्गलेणे वोरसेणा Page #1440 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विवागसुयं सु. 1 अ. 3 1427 वई तेसि चारपुरिसाणं अंतिए एयमठे सोच्चा णिसम्म पंचचोरसयाई सद्दावेइ सहावेत्ता एवं वयासी-एवं खल देवाणुप्पिया ! पुरिमताले णयरे महाबले जाव तेणेव पहारेत्व गमणाए (आगए, तए णं से अभग्गसेणे ताई पंचचोरसयाई एवं वयासी-तं सेयं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हं तं दंडं सालाडवि चोरपल्लि असंपत्तं अंतरा चेव पडिसेहित्तए / तए णं ताई पंचचोरसयाई अभग्गसेणस्स चोरसेणावइस्स तहत्ति जाव पडिसुणेति / तए णं से अभग्गसेणे चोरसेणावई विउलं असणं पाणं खाइमं साइमं उवक्खडावेइ 2 ता पंचहि चोरसएहि सद्धि हाए जाव पायच्छिते मायणमंडवंसि तं विउलं असणं४ सुरं च 6 आसाएमाणे 4 विहरइ / जिमियमुत्तत्तरागए वि य गं समाणे आयंते चोक्खे परमसुइभए पंचहिं चोरसहिं. सद्धि अल्लं चम्म दुरूहइ 2 ता संणद्धबद्ध जाव पहरणेहि मग्गइएहि जाव रवेणं पच्चावरहकालसमयंसि सालाडवीओ चोरपल्लीओ णिग्गच्छइ 2 ता विसमदुग्गगहणं लिए गहियमत्तपाणे दंडं पडिवालेमाणे चिट्ठइ / तए गं से दंडे जेणेव अभग्गसेणे चोरसेणावई तेणेव उवागच्छइ 2 ता अभग्गसेणेणं चोरसेणावईणा सद्धि संपलग्गे यावि होत्था / तए गं से अभग्गसेणे चोरसेणावई तं दंडं खिप्पामेव हयमहिय जाव पडिसेहिइ / तए णं से वंडे अभग्गसेणेणं चोरसेणावइणा हय जाव पडिसेहिए समाणे अथामे अबले अवीरिए अपुरिसक्कारपरक्कमे अधारणिज्जमितिकटु जेणेव पुरिमताले णयरे जेणेव महाबले राया तेणेव उवागच्छइ 2 ता करयल० एवं वयासी-एवं खल सामी ! अभग्गसेणे चोरसेणावई विसमदुग्गगहणं ठिए गहियभत्तपाणिए णो खलु से सक्का केणइ सुबहएणावि आसबलेण वा हत्थिवलेण वा जोहबलेण वा रहबलेण वा चाउरिगिणि-पि. उरंउरेणं गिण्हित्तए ताहे सामेण य भेएण य उवप्पयाणेण य वीसंभमाणे उवयए यावि होत्था / जे वि य से अमितरगा सीसगभमा मित्तणाइणियगसयणसंबंधिपरियणं च विउलधणकणगरयणसंतसारसावएज्जेणं भिदइ अमग्गसेणस्स य चोरसेणावइस्स अभिक्खणं 2 महत्थाई महग्याइं महरि. हाई पाहुडाई पेसेइ 2 अभग्गसेणं चोरसेणावई वीसंभमाणेइ // 18 // तए गं से महाबले राया अण्णया कयाइ पुरिमताले गयरे एगं महं महइमहालियं कूडागारसालं करेइ अणेगक्खं मसयसंणिविद्रं पासाईयं दरसणिज्ज० / तए गं Page #1441 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1428 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि से महाबले राया अण्णया कयाइ पुरिमताले णयरे उस्सुक्कं जाव दसरत्तं पमोयं उग्घोसावेइ 2 ता कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-गच्छह णं तुम्भे देवाणुप्पिया ! सालाडवीए चोरपल्लीए तत्थ गं तुब्भे अभग्गसेणं चोर. सेणावई करयल जाव एवं व०-एवं खलु देवाणुप्पिया ! पुरिमताले णयरे महाबलस्स रण्णो उस्सुक्के जाव दसरत्ते पमोए उग्घोसिए तं कि पं देवाण. प्पिया ! विउलं असणं 4 पुष्फवस्थगंधमल्लालंकारे य इहं हब्बमाणिज्जउ उदाहु सयमेव गच्छित्ता? तए णं ते कोडंबियपुरिसा महाबलस्त रणो करयल जाव पडिसुणेति 2 त्ता पुरिमतालाओ णयराओ पडि० गाइविकिहिं अद्धाणेहि सुहेहि वसहिपायरासेहि जेणेव सालाडवी चोरपल्ली तेणेव उवागच्छंति 2 अभग्गसेणं चोरसेणावई करयल जाव एवं वयासी-एवं खलु देवाण प्पिया ! पुरिमताले णयरे महाबलस्स रणो उस्सुक्के जाव उदाहु सयमेव गच्छित्ता ? तए णं से अभग्गसेणे चोरसेणावई ते कोडंबियपुरिसे एवं वयासी-अहं गं देवाणुप्पिया ! पुरिमतालणयरं सयमेव गच्छामि / ते कोडुंबियपुरिसे सक्कारेइ..... पडिविसज्जेइ / तए णं से अभग्गसेणे चोरसेणावई बहूहि मित्त जाव परिवुडे हाए जाव सव्वालंकारविभूसिए सालाडवीमो चोरपल्लीओ पडिणिक्ख. मइ 2 ता जेणेव पुरिमताले णयरे जेणेव महाबले राया तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता करयल० महाबलं रायं जएणं विजएणं वद्धावेइ 2 त्ता महत्थं जाव पाहुडं उवणेइ / तए णं से महाबले राया अभग्गसेणस्स चोरसेणावइस्स तं महत्थं जाव पडिच्छइ, अभग्गसेणं चोरसेणावई सक्कारेइ संमाणेइ पडि विसज्जेइ कूडा. गारसालं च से आवसहं दलयइ / तए णं से अभग्गसेणे चोरसेणावई महाबलेणं रण्णा विसज्जिए समाणे जेणेव कूडागारसाला तेणेव उवागच्छइ / तए णं से महाबले राया कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-गच्छह गं तुभे देवाणुप्पिया ! विउलं असणं पाणं खाइमं साइमं उवक्खडावेह 2 त्ता तं विडलं असणं 4 सुरं च 6 सुबहुं पुप्फवत्थगंधमल्लालंकारं च अभग्गसेणस्स चोरसेणावइस्स कूडागारसालाए उवणेह। तए णं ते कोडुबियपुरिसा करयल जाव उवणेति / तए णं से अभग्गसेणे चोरसेणावई बहूहि मित्तणाइ जाव सद्धि संपरिवडे व्हाए जाव विभूसिए तं विउलं असणं 4 सुरं च 6 आसाएमाणे 4 पमत्ते विहरइ / तए णं से महाबले राया कोडुबियपुरिसे सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-गच्छह Page #1442 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विवागसुयं सु. 1 अ. 4 1429 णं तुम्भे देवाणुप्पिया ! पुरिमतालस्स णयरस्स दुवाराई पिहे. अमग्गसेणं चोरसेणावई जीवगाहं गिण्हह 2 ममं उवणेह / तए णं ते कोडुंबियपुरिसा कर. यल जाव पडिसुर्णेति 2 ता पुरिमतालस्स गयरस्स दुवाराई पिहेंति अभग्गसेणं चोरसैणावई जीवगाहं गिण्हंति 2 महाबलस्स रण्णो उवर्णेति / तए णं से महाबले राया अभग्गसेणं चोरसेणावई एएणं विहाणेणं वज्झं आणवेइ / एवं खल गोयमा ! अमग्गसेणे चोरसेणावई पुरापोराणाणं जाव विहरइ / अमग्गसेणे गं भंते ! चोरसेणावई कालमासे कालं किच्चा कहिं गच्छिहिइ ? कहि उव. वज्जिहिइ ? गोयमा ! अभग्गसेणे चोरसेणावई सत्तत्तीसं वासाइं परमाउयं पालइत्ता अज्जेव तिमागावसेसे दिवसे सूलमिण्णे कए समाणे कालमासे कालं किच्चा इमोसे रयणप्पमाए उक्कोस...णेरइएसु उववज्जिहिइ, से गं तओ अणंतरं उम्वट्टित्ता....."एवं संसारो जहा पढमे जाव पुढवीए, तओ उवट्टित्ता वाणारसीए णयरीए सूयरत्ताए पच्चायाहिइ / से गं तत्थ सोयरिएहिं जीवियाओ ववरोविए समाणे तत्थेव. वाणारसीए णयरीए सेट्टिकुलंसि पुत्तत्ताए पच्चायाहिइ / से गं तत्थ उम्मक्कबालभावे...."एवं जहा पढमे जाव अंतं काहिइ // णिक्खेवो // 16 // तइयं अज्झयणं समत्तं // ___ सगडे णामं चउत्थं अज्झयणं __-जह गं भंते ! .."चउत्थस्स उखेवो, एवं खल जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं साहंजणी णाम णयरी होत्था रिद्धस्थिमियसमिद्धा। तीसे गं साहंजणीए बहिया उत्तरपुरस्थिमे दिसीमाए देवरमणे णामं उज्जाणे होत्था। तत्थणं अमोहस्स जक्खस्स जक्खाययणे होत्था पुराणे। तत्थ णं साहंजणीए णयरीए महचंदे णामं राया होत्था महया० / तस्स गं महवस्स रण्णो सुसेणे गामं अमच्चे होत्था साममेयदंडाणिग्गहकुसले। तत्थ णं साहंजणीए णयरीए सुदरिसणा-णामं गणिया होत्था वण्णओ / तत्थ णं साहंजणीए णयरीए सुभद्दे णामं सत्थवाहे हो० परिवसइ अड्ढे / तस्स णं सुभद्दस्स सत्थवाहस्स भद्दा णामं मारिया होत्था अहीण। तस्स णं सुमद्दसत्थवाहस्स पुत्ते भद्दाए भारियाए सगडे णामं दारए होत्था अहीण। तेणं कालेणं तेणं समएणं भगवं महावीरे...... समोसरणं परिसा राया ____य णिग्गए धम्मो कहिओ परिसा रा. पडिगया / तेणं कालेणं तेगं समएणं Page #1443 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1430 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि समणस्स भगवओ महावीरस्स जेठे अंतेवासी जाव रायमग्गमोगाढे तत्य गं हत्थी आसे परिसे.....तेसि च णं पुरिसाणं मज्झगयं पासइ एगं सइत्थीयं पुरिसं अवओडयबंधणं उक्खित्त जाव घोसिज्जमाणं चिता तहेव जाव भगवं वागरेह, एवं खल गोयमा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे छगलपुरे णाम णयरे होत्था / तत्थ णं साहगिरी णामं राया होत्था महया० / तत्थ गं छगलपुरे गयरे छणिए णामं छागलिए परिवसइ अड्ढे० अहम्मिए जाव दुप्पडियाणंदे / तस्स गं छणियस्स छागलियस्स बहवे अयाण य एलयाण य रोज्झाण य वसभाण य ससयाण य सूयराण य पसयाण य सिंघाण य हरिणाण य मयूराण य महिसाण य सयबद्धाण य सहस्सबद्धाण य जहाणि वाडगंसि संणिरुद्धाइं चिंठंति, अण्णे य तत्थ बहवे पुरिसा दिण्ण. भइ भत्तवेयणा बहवे अए य जाव महिसे य सारक्खमाणा संगोवेमाणा चिट्ठति, अण्णे य से बहवे पुरिसा अयाण य जाव गिहंसि संणिरुद्धा चिट्ठति, अण्णे य से बहवे पुरिसा दिण्णभइभत्तवेयणा बहवे अए य जाव सहस्(महि) से य जीवियाओ ववरोति 2 मंसाइं कप्पणिकप्पियाइं करेंति 2 छणियस्स छागलियस्स उवणेति, अण्णे य से बहवे पुरिसा ताई बहयाइं अममंसाइं जाव महिसमसाई तवएसु य कवल्लीसु य कंदुएसु य भज्जणेसु य इंगालेसु य तलेंति य भज्जेति य सोल्लेति य० तओ रायमगंसि वित्ति कप्पेमाणा विहरंति अप्पणा वि यण से छणिए छागलिए तेहिं बहुवि० मंसेहिं जाव महिसमंसेहिं सोल्लेहि य तलिएहि य मज्जिएहि य सुरं च 6 आसाएमाणे विहरइ / तए गं से छगिए छागलिए एयकम्मे....सुबहुं पावकम्मं कलिकलसं समज्जिणित्ता सत्त-वाससयाई परमाउयं पालइत्ता कालमासे कालं किच्चा चोत्थीए पुढवीए उक्कोसेणं दससाग. रोवमठिइएसु रइयत्ताए उववण्णे // 20 // तए णं तस्स सुभद्द-सत्यवाहस्स भद्दा मारिया जाणिदुया यावि होत्या। जाया-जाया दारगा विणिहायमावज्जंति / तए णं से छणिए छागलिए चोत्थीए पुढवीए अगंतरं उध्वट्टित्ता इहेव साहंजणीए णयरीए सुभहस्स सस्थवाहस्स महाए भारियाए कुच्छिसि पुत्तत्ताए उववण्णे / तए णं सा भद्दा सत्यवाही अण्णया कयाइ णवण्हं मासाणं बहुपडि. पुण्णाणं दारगं पयाया। तए णं तं दारगं अम्मापियरो जायमेत्तं चेव सगडस्स हेटाओ ठावेंति० दोच्चंपि गिण्हावेंति अणुपुव्वेणं सारक्वेति संगोवेंति संव Page #1444 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विवागसुयं सु. 1 अ. 4 1431 ड्ढेति जहा उज्झियए जाव जम्हा गं अम्हं इमे दारए जायमेत्ते चेव सगडस्स हेट्ठा ठाविए तम्हा गं होउ णं अम्हं एस दारए सगडे णामेणं, सेसं जहा उज्झि. यए सुभद्दे लवणसमुद्दे कालगए मायावि कालगया। से वि सयाओ गिहाओ णिच्छुढे / तए णं से सगडे दारए सयाओ गिहाओ णिच्छूढे समाणे सिंघाडग.... तहेव जाव सुदरिसणाए गणियाए सदि संपलग्गे यावि होत्था / तए णं से सुसेणे अमच्चे तं सगडं दारगं अण्णया कयाइ सुदरिसणाए गणियाए गिहाओ णिच्छु. भावेइ 2 सुदरिसणियं गणियं अभितरियं ठावेइ 2 ता सुदरिसणाए गणियाए सद्धि उरालाई माणुस्सगाई भोगभोगाई मुंजमाणे विहरइ / तए णं से सगडे दारए सुदरिसणाए गिहाओ णिच्छुढे समाणे अण्णत्य कथवि सुई वा..... अलम०अण्णया कयाइ रहस्सियं सुदरिसणा-गेहं अणुप्पविसइ 2 तासुदरिसणाए सद्धि उरालाई माणुस्सगाई भोगभोगाई मुंजमाणे विहरइ / इमं च णं सुसेणे अमच्चे व्हाए जाव विमूसिए मणस्सवग्गराए जेणेव सुदरिसणाए गणियाए गेहे तेणेव उवागच्छइ उबागच्छित्ता सगडं दारयं सुदरिसणाए गणियाए सद्धि उरालाई भोगभोगाई मुंजमाणं पासइ पासित्ता आसुरुत्ते जाव मिसि. मिसेमाणे तिवलियं मिडि पिडाले साहट्ट सगडं दारयं पुरिसेहि गिण्हावेइ 2 अदि जाव महियं करेइ 2 अवओडयबंधणं करेइ 2 ता जेणेव महचंदे राया तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता करयल जाव एवं वयासी-एवं खलु सामी ! सगडे दारए ममं अंतेउरंसि अवरद्धे / तए गं से महचंदे राया सुसेणं अमच्चं एवं वयासी-तुमं चेव गं देवाणप्पिया ! सगडस्स दारगस्स दंडं णिवत्तेहि। तए गं से सुसेणे अमच्चे महचंदेनं रण्णा अब्भणुण्णाए. समाणे सगडं दारयं सुदरिसणं च गणियं एएणं विहाणेणं बझं आणवेइ / तं एवं खल गोयमा ! सगडे दारए पुरापोराणाण... पच्चणमवमाणे विहरइ // 21 // सगडे गं भंते ! दारए कालगए कहि गच्छिहि कहि उववज्जिहिइ ? सगडे गं दारए गोयमा! सत्तावणं वासाइं परमाउयं पालइत्ता अज्जेव तिमागावसेसे दिवसे एगं महं अयोमयं तत्तं समजोइ भूयं इत्यिपडिमं अवयासाविए समाणे कालमासे कालं किच्चा इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए रइयत्ताए उववज्जिहिइ / से गं तओ अणंतरं उव्वट्टित्ता रायगिहे णयरे मातंगकुलंसि जुगलत्ताए पच्चायाहिइ / तए गं तस्स दारगस्स अम्मापियरो णिवत्तबारसगस्स इमं एयारूवं गोणं Page #1445 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1432 अंग-पविटु सुत्ताणि णामधेज्जं करिस्संति / तं होउ णं दार० सगडे गामेणं होउ णं दारिया सुदरिसणा णामेणं / तए णं से सगडे दारए उम्मक्कबाल मावे जोवण....:मविस्सइ / तए गं सा सुदरिसणावि दारिया उम्मक्कबालभावा (विण्णय) जोवणगमगुप्पत्ता स्वेण य जोवणेण य लावण्णेण य उक्किट्ठा उक्किटुसरीरा यावि भविस्सइ / तए णं से सगडे दारए सुदरिसणाए रूवेण य जोव्वणेण य लावपुणेण य मच्छिए 4 सुदरिसणाए भ०सद्धि उरालाई मा० भोगमोगाइं भंजमाणे विहरिस्सइ / तए गं से सगडे दारए अण्णया कयाइ सयमेव कूडगाहित्तं उवसंपज्जित्ताणं विहरिस्सइ / तए गं से सगडे दारए कडगाहे भविस्सइ अहम्मिए जाव दुप्पडियागंदे एयकम्मे० सुबहुं पावकम्मं जाव समज्जिणित्ता कालमासे कालं किच्चा इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए णेरइयत्ताए उववणे / संसारो तहेव जाव पुढवीए / से गं तओ अणंतरं उध्वट्टित्ता वाणारसीए णयरीए मच्छताए उववजिहिइ / से गं तत्थ णं मच्छबंधिएहि वहिए तत्थेव वाणारसीए णयरीए सेटिकुलंसि पुत्तत्ताए पच्चायाहिइ बोहि बुद्धे० पव्व० सोहम्मे कप्पे. महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ // णिखेवो // 22 // चउत्थं अज्झयणं समत्तं // बहस्सइदत्ते णामं पंचमं अज्झयणं जइ णं भंते ! ...पंचमस्स अज्झयणस्स उक्खेवो / एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं कोसंबी णाम णयरी होत्था रिद्धस्थिमिय० बाहि चंदोयरणे उज्जाणे, सेयमद्दे जक्खे / तत्थ णं कोसंबीए णयरीए सयाणीए णामं राया होत्था महया / मियावई देवी / तस्स णं सयाणीयस्स पुत्ते मियादेवीए अत्तए उदायणे णाम कुमारे होत्या अहीण. जवराया। तस्स गं उदायणस्स कुमारस्स पउमावई णामं देवी होत्या / तस्स णं सयाणीयस्स सोमदत्ते णाम पुरोहिए होत्था रिउवेयः / तस्स णं सोमदत्तस्स पुरोहियस्स वसुदत्ता णाम भारिया होत्था / तस्स णं सोमदत्तस्स पुत्ते वसुदत्ताए अत्तए बहस्सइदत्ते णाम दारए होत्था अहीण / तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे....... समोसरणं / तेणं कालेणं तेणं समएणं भगवं गोयमे तहेव जाव रायमग्गमोगाढे तहेव पासइ हत्थी आसे पुरिसमज्झे पुरिसं चिता तहेव पुच्छइ पुत्वभवं भगवं वागरेइ-एवं खल गोयमा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जंबुद्दीवे दीवे Page #1446 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विवागसुयं सु. 1 अ. 5 1433 भारहेवासे सव्वओभद्दे णामं णयरे होत्था रिद्धस्थिमियसमि० / तत्थ णं सबओभद्दे णयरे जियसत्तू णामं राया हो / तस्स णं जियसत्तस्स रणो महेसरबत्ते णामं पुरोहिए होत्था रिउव्वेय जाव अथव्वणकुसले यावि होत्था / तए णं से महेसरदत्ते पुरोहिए जियसत्तस्स रण्णो रज्जबलविवद्धणअट्ठयाए कल्लाल्लि एगमेगं माहणदारयं एगमेगं खत्तियदारयं एगमेगं वइस्सदारयं एगमेगं सुद्ददारयं गिण्हावेइ 2 ता तेसि जीवंतगाणं चेव हिययउंडए गिण्हावेइ 2 जियसत्तस्स रण्णो संतिहोमं करेइ / तए णं से महेसरदत्ते पुरोहिए अट्ठमीचोद्दसीसु दुवे 2 माहण. खत्तियवइस्स सुद्दे चउण्हं मासाणं चत्तारि 2 छम्ह मासाणं अट्ठ 2 संवच्छरस्स सोलस 2 जाहे जाहेवि य णं जियसत्तू राया परबलेणं अभिजुजइ ताहे ताहेवि य णं से महेसरदत्ते पुरोहिए अट्ठसयं माहणदारगाणं अट्ठसघं त्तियदारगाणं अट्ठ. सयं वइस्सदारगाणं अट्ठसयं सुद्ददारगाणं पुरिसेहिं गिहावेइ गिण्हावेत्ता तेसि जीवंतगाणं चेव हिययउंडीओ गिण्हावेइ 2 ता जियसत्तुस्स रण्णो संतिहोमं करेइ तए णं से परबले खिप्पामेव विद्धंसिज्जइ वा पडिसेहिज्जइ वा // 23 // तए णं से महेसर दत्ते पुरोहिए एयकम्मे० सुबहुं पावकम्मं समज्जिणित्ता तीसं वाससयं परमाउयं पालइत्ता कालमासे कालं किच्चा पंचमीए पुढवीए उक्कोसेणं सत्त. रससागरोवमटिइए णरगे उववण्णे / सेणं ताओ अणंतरं उव्वट्टित्ता इहेव कोसं. बीए णयरीए सोमदत्तस्स पुरोहियस्स वसुदत्ताए मारियाए पुत्तताए उववण्णे / तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो णिवत्तबारसाहस्स इयं एयारूवं णामधेज्ज करेंति / जम्हा णं अम्हं इमे दारए सोमदत्तस्स पुरोहियस्स पुत्ते वसुदताए अत्तए तम्हा गं होउ अम्हं दारए बहस्सइदत्ते णामेणं / तए णं से बहस्सइदत्ते दारए पंचधाईपरिग्गहिए जाव परिवइ / तए णं से बहस्सइदत्ते उम्मुक्कबाल. भावे जोवण० विण्णय० होत्था। से णं उदायणस्स कुमारस्स पियबालवयस्सए यावि होत्था सहजायए सहड्डियए सहपंसुकीलियए / तए णं से सयाणीए राया अण्णया कयाइ कालधम्मणा. संजुत्ते। तए णं से उदायणकुमारे बहहि राईसर जाव सत्थवाहप्पभिईहिं सद्धि संपरिवुडे रोयमाणे कंदमाणे विलवमाणे सयाणीयस्स रण्णो महया इड्ढीसक्कारसमुदएणं णीहरणं करेइ 2 बहूई लोइयाई मयकिच्चाई करेइ / तए णं से बहवे राईसर जाव सत्यवाह. उदायणं कुमारं मह० रायाभिसेएणं अभिसिंचंति / तए णं से उदायणे कुमारे राया जाए महया० / Page #1447 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1434 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि तए णं से बहस्सइदत्ते दारए उदायणस्स रणो पुरोहियकम्मं करेमाणे सन्चट्टा. णेसु सम्वमियासु अंतेउरे य दिण्णवियारे जाए यावि होत्या। तए णं से बहस्सइदत्ते पुरोहिए उदायणस्स रणो अंतेउरंसि वेलासु य अवेलासु य काले य अकाले य राओ य वियाले य पविसमाणे अण्णया कयाइ पउमावईए देवीए सद्धि संपलग्गे यावि होत्था पउमावईए देवीए सद्धि उरालाई भोगभोगाई भुजमाणे विहरइ / इमं च णं उदायणे राया हाए जाव विमसिए जेणेव पउमावई देवी तेणेव उवागच्छइ 2 बहस्सइदत्तं पुरोहियं पउमावईदेवीए सद्धि उरालाई भोगभोगाई भुंजमाणं पासइ 2 आसुरुत्ते.....तिवलियं भिडि गिडाले साहट्ट बहस्सइदत्तं पुरोहियं पुरिसेहिं गिव्हावेइ जाव एएणं विहाणेणं वज्झं आ०, एवं खल गोयमा ! बहस्सइदत्ते पुरोहिए पुरापोराणाणं जाव विहरइ / बहस्सइ. दत्ते णं भंते ! दारए इओ कालगए समाणे कहिं गच्छिहिइ कहिं उपज्जिहिइ ? गोयमा ! बहस्सइदत्ते णं दारए पुरोहिए चोट्टि बासाइं परमाउयं पालइत्ता अज्जेव तिभागावसेसे दिवसे सूलीभिण्णे कए समाणे कालमासे कालं किच्चा इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए०, संसारो तहेव० पुढवी, तओ हथिणाउरे णयरे मियत्ताए पच्चायाइस्सइ, से गं तत्थ वाउरिएहि बहिए समाणे तत्थेव हस्थिणाउरे णयरे सेट्टिकुलंसि पुत्तत्ताए० बोहि० सोहम्मे कप्पे० महाविदेहे वासे सिज्झिहि० // णिक्खेवो // पंचमं अज्झयणं समत्तं // गंदिवद्धणे णामं छठें अज्झयणं ___ जइ णं भंते !....छट्टस्स उक्खेवो एवं खल जंब ! तेणे कालेणं तेणं समएणं महुरा णाम णयरी, भंडीरे उज्जाणे, सुदंसणे मक्खे, सिरिदामे राया, बंधसिरी भारिया पुत्ते गंदिवद्धणे णा० कुमारे अही० जवराया। तस्स गं सिरि. दामस्स सुबंध णामं अमच्चे होत्था सामदंड। तस्स णं सुबन्धस्स अमच्चस्स बहमित्तपुत्ते णामं दारए होत्था अहीण. तस्स गं सिरिदामस्स रणो चित्ते णाम अलंकारिए होत्था, सिरिदामस्स रणो चित्तं बहविहं अलंकारियकम्म करेमाणे सव्वट्ठाणेसु य सव्वभूमियासु य दिण्णवियारे यावि होत्था / तेणं कालेणं तेणं समएणं सामी समोसढे परिसा णिग्गया रायावि णिग्गओ जाव परिसा पडिगया। तेणं कालेणं तेणं समएणं समण० जेठे.....जाव रायमग्ग Page #1448 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विवागसुयं सु 1 अ. 6 1435 मोगाढे तहेव हत्थी आसे पुरिसे....तेसि च गं पुरिसाणं मज्झगयं एगं पुरिसं पासइ जाव णरणारीसंपरिवडं। तए गं तं पुरिसं रायपुरिसा चच्चरंसि तत्तंसि अयोमयंसि समजोहमयसीहासणंसि णिवेसावेंति, तयाणंतरं च गं पुरिसाणं मज्झगयं बहुविहं अयकलसेहि तत्तेहि समजोइएहि अप्पेगइया संबभरिएहि अप्पेगइया तउयभरिएहि अप्पेगइया सीसगभरिएहि अप्पेगइया कलकल मरि. एहि अप्पेगइया खारतेल्लभरिएहि महया 2 रायाभिसेएणं अभिसि०, तयाणंतरं च गं तत्तं अयोमयं समजोइभूयं अयोमयसंडासएणं गहाय हारं पिणद्धति / तयाणंतरं च णं अट्टहारं जाव पढें मउडं चिता तहेव जाव वागरेइ-एवं खलु गोयमा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जंबुद्दीवे दीवे मारहेकासे सोहपुरे णामं गयरे होत्था रिद्धः / तत्थ णं सीहपुरे जयरे सोहरहे णामं राया होत्था / तस्स गं सीहरहस्स रणो दुज्जोहणे णामं चारगपालए होत्था अहम्मिए जाव दुप्पडियाणंदे, तस्स गं दुज्जोहणस्स चारगपालगस्स इमेयारवे चारगभंडे होत्याबहवे अयकुंडीओ अप्पेगइयाओ तंवरियाओ अप्पेगइयाओ तउयभरियाओ अप्पेगइयाओ सीसगरियाओ अप्पेगइया कलकलभरियाओ अप्पेगइयाओ खार. तेल्लमरियाओ अगणिकायंसि अहहियाओ चिट्ठति / तस्स गं दुज्जोहणस्स चारगपालगस्स बहवे उट्टियाओ अप्पेगइयाओ आसमुत्तमरियाओ अप्पेगड्याओ हत्थिमुत्तमरियाओ अप्पेगइयाओ गोमुत्तमरियाओ अप्पेगइयाओ महिसमुत्तमरि. याओ अप्पेगइयाओ उट्टमुत्तमरियाओ अप्पेगइयाओ अयमत्तमरियाओ अप्पेगइयाओ एल (य) मत्तमरियाओ बहुपडिपुग्णाओ चिट्ठति / तस्स णं दुज्जोहणस्स चारगपालगस्स बहवे हृदुयाण य पायं दुयाण य हडीण य णियलाण य संकलाण य पंजा य णिगरा य संणिक्खिता चिठ्ठति / तस्स गंदूज्जोहणस्स चारगपालगस्स बहवे वेणलयाण य वेत्तलयाण य चिचालयाण य छियाण य कसाण य वायरासीण य पुंजा णिगरा चिट्ठति, तस्स गं दुज्जोहणस्स चारगपालगस्स बहवे सिलाण य लउडाण य मोग्गराण य कणंगराण य पुजा णिगरा चिट्ठति / तस्स गं दुज्जोहणस्स चारगपालगस्स बहवे तंताण य वर. ताण य वागुरयाण य वालयसुत्तरज्जूण य पुंजा गिरा चिट्ठति / तस्स णं दुज्जोहणस्स चारगपालगस्स बहवे असिपत्ताण य करपत्ताण य खरपत्ताण य कलंबचीरपत्ताण य पुंजा णिगरा चिठ्ठति / तस्स णं दुज्जोहणस्स चारगपा. लगस्स बहवे लोहखीलाण य कडसक्कराण य चम्मपट्टाण य अल्लपल्लाण Page #1449 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1436 अंग-पविट्ट सुत्ताणि य पुंजा गिरा चिट्ठति / तस्स णं दुज्जोहणस्स चारगपालगस्स बहवे सूईण य डंभणाण य कोट्टिल्लाण य पुंजा णिगरा चिट्ठति / तस्स णं दुज्जोहणस्स चारगपालगस्स बहवे पच्छा (सत्था)ण य पिप्पलाण य कुहाडाण य णहच्छेयणाण य दमतिणाण य पुंजा गिरा चिठ्ठति / तए णं से दुज्जोहणे चारगपालए सोहरहस्स रणो बहवे चोरे य पारदारिए य गंठि भए य रायावयारी य अण. धारए य बालघायए य विसंभघाए य जयगरे य संडपट्टे य पुरिसेहि गिहावेइ 2 ता उत्ताणए पाडेइ 2 लोहदंडेणं महं विहाडेइ 2 अप्पेगइए तत्ततंबं पज्जेइ अप्पेगइए तउयं पज्जेइ अप्पेगइए सीसगं पज्जेइ अप्पेगइए कलकलं पज्जेइ अप्पेगइए खारतेल्लं पज्जेइ अप्पेगइयाणं तेणं चेव अभिसेयगं करेइ / अप्पेगइए उत्ताणए पाडेइ 2 आसमुत्तं पज्जेइ अप्पेगइए हथिमत्तं पज्जेइ जाव एलमुत्तं पज्जेइ, अप्पेगइए हेट्ठामुहे पाडेइ, छडछडस्स वम्मावेइ, 2 अप्पेगइयाणं तेणे चेव ओवीलं दलयइ, अप्पेगइए हत्थ-दुयाई बंधावेइ अप्पेगइए पायं. दुए बंधावेइ, अप्पेगइए हडिबंधणं करेइ अप्पेगइए णियडबंधणं करेइ अप्पेगइए संकलबंधणं करेड, अप्पेगइए संकोडियमोडियए करेइ अप्पेगइए हत्थच्छिण्णए करेइ जाव सत्थोवाडिए करेइ, अप्पेगइए वेणुलाहि य जाव वायरासीहि य हणावेइ, अप्पेगइए उत्ताणए कारवेइ 2 उरे सिलं दलावेइ० तओ लउडं छुहा. वेइ 2 त्ता पुरिसेहिं उक्कंपावेइ, अप्पेगइए तंतीहि य जाव सुत्तरज्जहि य हत्थेसु य पाएसु य बंधावेइ अगडंसि उच्चलयालगं पज्जेइ, अप्पेगइए असिपत्तेहि य जाव कलंबचीरपत्तेहि य पच्छावेइ 2 खारतेल्लेणं अब्भंगावेइ / अप्पे० णिलाडेसु य अवसु य कोप्परेसु य जाणूसु य खलुएसु य लोहकोलए य कडसक्काराओ य दवावेइ अलिए भंजावेइ / अप्पेगइए सूईओ य डंभणाणि य हत्थंगुलियासु य पायंगुलियासु य कोट्टिल्लएहि आउडावेइ 2 ता भूमि कंडूयावेइ / अप्पेगइए सत्थेहि य जाव णहच्छेयणेहि य अंगं पच्छावेइ दब्भेहि य कुसेहि य ओल्लबद्धेहि य वेढावेइ 2 आयवंसि दलयइ 2 सुक्के समाणे चड. चडस्स उप्पाडेइ / लए णं से दुज्जोहणे चारगपालए एयकम्मे 4 सुबहुं पावकम्म समज्जिणित्ता एगतीसं वाससयाई परमाउयं पालइत्ता कालमासे कालं किच्चा छट्ठीए पुढवीए उक्कोसेणं बावीससागरोवमठिइएसु णेरइत्ताए उववण्णे // 25 // से णं तओ अणंतरं उबट्टित्ता इहेव महुराए णयरीए सिरिदामस्स रण्णो बंधु Page #1450 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विवागसुयं सु. 1 अ. 6 1437 सिरीए देवीए कुच्छिसि पुत्तत्ताए उववणे / तए णं बंधुसिरी गवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं जाव दारगं पयाया। तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो णिवत्ते बारसाहे इमं एयारूवं गामधेज्जं करेंति होउ णं अम्हं दार० गंदिसेणे णामेगं / तए णं से गंदिसेणे कुमारे पंचधाईपरिवुडे जाव परिवड्डइ / तए णं से णंदिसेणे कुमारे उम्मक्कबालभावे जाव विहरइ जोव्व० जवराया जाए यावि होत्था / तए णं से गंदिसेणे कुमारे रज्जे य जाव अंतेउरे य मच्छिए इच्छाइ सिरिदामं रायं जीवियाओ ववरोवित्तए सयमेव रज्जसिरि कारेमाणे पालेमाणे विहरित्तए / तए णं से गंदिसेणे कुमारे सिरिदामस्स रणो बहणि अंतराणि य छिद्दाणि य विवराणि य पडिजागरमाणे विहरइ / तए णं से गंदिसेणे कुमारे सिरिदामस्स रणो अंतरं अलभमाणे अण्णया कयाइ चित्तं अलंकारियं सहा. वेइ 2 ता एवं वयासी-तुम्हे गं देवाणप्पिया ! सिरिदामस्स रण्णो सम्वट्ठाणेसु य सव्वभूमीसु य अंतेउरे य दिग्णवियारे सिरिदामस्स रणो अभिक्खणं 2 अलंकारियं कम्मं करेमाणे विहरसि तं गं तु. देवाणुप्पिया ! सिरिदामस्स रग्णो अलंकारियं कम्मं करेमाणे गीवाए खरं णिवेसेहि तो गं अहं तुम्हें अद्धरज्जयं करिस्सामि तुमं अम्हेहिं सद्धि उरालाई भोगभोगाई भुंजमाणे विहः रिस्ससि / तए गं से चित्ते अलंकारिए गंदिसेणस्स कुमारस्स वयणं एयमझें पडिसुणेइ / तए णं तस्स चित्तस्स अलंकारियस्स इमेयारूवे जाव समप्पज्जित्थाजहणं मम सिरिदामे राया एयमठं आगमेइ तए गं म० ण णज्जइ केणइ असुभेणं कुमारणेणं मारिस्सइत्तिकट्ट भी० जेणेव सिरिदामे राया तेणेव उवा. गच्छइ 2 सिरिदामं रायं रहस्सियंगं करयल० एवं क्यासी-एवं खलु सामी ! मंदिसेणे कुमारे रज्जे य जाव मुच्छिए इच्छइ तुम्भे जीवियाओ ववरोवित्ता सयमेव रज्जसिरि कारेमाणे पालेमाणे विहरित्तए / तए णं से सिरिदामे राया चित्तस्स अलंकारियस्स अंतिए एयमह्र सोच्चा णिसम्म आसुरुत्ते जाव साह टु णदिसेणं कुमारं पुरिसेहिं सद्धि गिण्हावेइ, 2 एएणं विहाणेणं वज्झं आणवेइ / तं एवं खलु गोयमा ! गंदिसेणे (पुत्ते) जाव विहरइ, गंदिसेणे कुमारे इओ चए कालमासे कालं किच्चा कहिं गच्छिहिइ कहिं उववज्जिहिइ ? गोयमा / गंदिसेणे कुमारे सटूि वासाइं परमाउयं पालइत्ता कालमासे कालं किच्चा इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए०, संसारो तहे० तओ हथिणाउरे गयरे मच्छत्ताए Page #1451 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1438 अंग-पविट्ट सुत्ताणि उववज्जिहिइ / से णं तत्थ मच्छिएहि वहिए समाणे तत्थेव सेट्टिकुले....बोहि.... सोहम्मे कप्पे....महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ बुज्झिहिइ मुच्चिहिइ परिणिव्वाहिइ सव्वदुक्खाणमंतं करेहिइ // णिक्खेवो // 26 // छटुमं अज्झयणं समत्तं / / उंबरदत्ते णामं सत्तमं अज्झयणं ___ जइ णं भंते !.....सत्तमस्स उक्खेवो एवं खल जब ! तेणं कालेणं तेणं समएणं पाडलिसंडे णयरे, वणसंडे णामं उज्जाणे, ऊंबरदतो जक्खो / तत्य णं पाडलिसंडे णयरे सिद्धत्थे राया। तत्थ णं पाडलिसंडे णयरे सागरदत्ते सत्य. वाहे होत्था अड्ढे० गंगदत्ता भारियाः। तस्स गं सागरदत्तस्स पुत्ते गंगदत्ताए भारियाए अतए उंबरदत्ते णामं दारए होत्था अहीण जाव पंचिदियसरीरे / तेणं कालेणं तेणं स० समोसरणं जाव परिसा पडिगया। तेणं कालेणं तेणं समएणं भगवं गोयमे तहेव जेणेव पाडलिसंडे णयरे तेणेव उवागच्छइ 2 पाडलिसंडं णयरं पुरथिमिल्लेणं दुवारेणं अणप्पविसइ 2 तत्थ णं पासइ एगं पुरिसं कच्छुल्लं कोढियं दोउयरियं भगंदरियं अरिसिल्लं कासिल्लं सासिल्लं सोगिलं सूयमुहं सूयहत्थं सूयपायं सडियहत्थंगुलियं सडियपायंगुलियं सडिकण्ण-णासिय रसियाए य पूइएण य थिविथिवितवणमहकिमिउत्तयंतपगलंतपूयरुहिरं लालापगलंतकण्णणासं अभिक्खणं 2 पूयकवले य रुहिरकवले य किमियकवले य वममाणं कटाई कलुणाई वीसराइं कूयमाणं मच्छियाचडगरपहकरेणं अणिज्जमा. णमग्गं फुट्टहडाहडसीसं दंडिखंडवसणं खंडमल्लगखंडघडहत्थगयं गेहे 2 देहं. बलियाए वित्ति कप्पेमाणं पासइ, तया भगवं गोयने ! उच्चणीय जाव अडइ 2 अहापज्जतं. गिण्ह० पाड० पडिणिक्खमइ 2 जेणेव समणे भगवं० भत्तपाणं आलोएइ भत्तपाणं पडिदंसेइ समणेणं.....अन्मणण्णाए समाणे जाव बिलमिब पण्णगभए अप्पाणेणं आहारमाहारेइ, संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विह. रइ / तए णं से भगवं गोयमे दोच्चपि छ?क्खमणपारणगंसि पढमाए पोरिसीए सज्झायं जाव पाडलिसंडं णयरं दाहिणिल्लेणं दुवारेणं अणुप्पविसइ तं चेव पुरिसं पासइ कच्छुल्लं तहेव जाव संजमेणं तवसा० विहरइ / तए णं से गोयमे तक छट्ट० तहेव जाव पच्चस्थिमिल्लेणं दुवारेणं अणपविसमाणे तं चैव पुरिसं कच्छुल्लं....पास० चोत्थं पि छ8 उत्तरेणं इ० अज्झथिए समुप्पण्णे-अहो णं Page #1452 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विवागसुयं सु. 1 अ.७ 1439 इमे पुरिसे पुरापोराणाणं जाव एवं वयासी-एवं खलु अहं भंते ! छट्ठ० जाव रीयंते जेणेव पाडलिसंडे गयरे तेणेघ उवागच्छामि 2 ता पाड० पुरथिमि. ल्लेगं दुवारेगं अणुपविठे, तत्थ गं एगं पुरिसं पासामि कच्छल्लं जाव कप्पेमाणं० अहं दोच्चछ० पारणगंसि दाहिणिल्लेणं दुवारेणं.... तच्चछट्टक्खमण. पच्चस्थिमेणं तहेव• अहं चोत्यछट्ठ० उत्तरदुवारेणं अणप्पविसामि तं चेव पुरिसं पासामि कच्छुल्लं नाव विति कप्पेमा० विह० चित्ता मम पुज्वभवपुच्छा० वागरेइ-एवं खल गोयमा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जंबद्दीवे दीवे भारहे वासे विजयपुरे णाम णयरे होत्था रिद्धः / तत्थ गं विजयपुरे गयरे कणगरहे णामं राया होत्था। तस्स गं कणगरहस्स रग्णो धण्णंतरी णामं वेज्जे होत्या अटुंगाउवेयपाढए, तं०-कुमारमिच्चं 1 सालागे 2 सल्लहत्ते 3 कायतिगिच्छा 4 जंगोले 5 भूयविज्जे 3 रसायणे 7 वाजीकरणे 8 सिवहत्थे सुहहत्थे लहुत्थे। तए णं से धण्णंतरी वेज्जे विजयपुरे गयरे कणगरहस्स रण्णो अंतेउरे य अण्णेसिं च बहूणं राईसर जाव सत्यवाहाणं अणेसि च बहूणं दुब्ब. लाण य गिलाणाण य वाहियाण य रोगियाण य अणाहाण य सणाहाण य समणाण य माहणाण य भिक्खमाण य करोडियाण य कप्पडियाण य आउराण य अप्पेगइयागं मच्छमंसाई उवदेसेइ अप्पेगइयाणं कच्छपमंसाई (उवदि०) अप्पेगइयाणं गाहम० अप्पेगइयाणं मगरमं० अप्पेगइयाणं संसुमारमं० अप्पेगइयाणं अयमं० एवं एलय रोज्म-सूयर-मिग-ससय-गोमंस-महिसमंसाई अप्पे. गइयाणं तितरमंसाई अप्पेगइयाणं वट्टक-लावक-कवीय कुक्कुड-मयूरमंसाई अण्णेसि च बहूणं जलयरथलयरखहयरमाईणं मंसाई उवदेसेइ अप्पणावि य मं से घण्णंतरी वेज्जे तेहिं बहूहि मच्छमंसेहि य जाब मयूरमंसेहि य अण्णेहि य बहूहिं जलयरथलयरखयरमंसेहि य सोल्लेहि य तलिएहि य मज्जिएहि य सुरं च 6 आसाएमाणे विसाएमाणे विहरइ। तए णं से घग्गंतरी वेज्जे एयकम्मे० सुबहुं पावं कम्मं समज्जिणित्ता बत्तीसं वाससयाई परमाउयं पालइत्ता कालमासे कालं किच्चा छठ्ठीए पुढवीए उक्कोसेणं बावीससा. गरोव० उववणे / तए गं सा गंगदत्ता भारिया जाय-णिदुया पावि होत्या जाया-जाया दारगा विणिहायमावज्जति / तए गं तीसे गंगदत्ताए सस्थवाहीए अण्णया कयाइ पुवरत्तावरत्तकालसमयंसि कुडुंबजागरियं जागरमा० अमं HTTLEHTHHTHHTHHL HHHHHHHHHHI Page #1453 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1440 __ अंग-पविट्ठ सुत्ताणि अज्झथिए० समुप्पण्णे-एवं खलु अहं सागरदत्तेणं सत्यवाहेणं सद्धि बहूई वासाई उरालाई माणुस्सगाई भोगभोगाई भुंजमाणी विहरामि, णो चेव णं अहं दारगं वा दारियं वा पयामि / तं धण्णाओ गं ताओ अम्मयाओ सपुष्णाओ कयत्थाओ कयपु० कयलक्खणाओ सुलद्धे णं तासि अम्मयाणं माणुस्सए जम्मजीवियफले जासि मण्णे णियगकुच्छिसंभयाई थणदुद्धलुद्धयाई महुरसमुल्लावगाइं मम्मणपजंपियाई थणमूलकवखदेसभागं अभिसरमाणयाई मुद्धयाई पुणो य कोमलकमलोवमेहि हत्थेहिं गिहिऊण उच्छंगणिवेसियाई देति समुल्लावए सुमहुरे पुणो-पुणो मंजुलप्पमणिए / अहं गं अधण्णा अपुण्णा अकयपुण्णा एत्तो एगमवि ण पत्ता, तं सेयं खलु मम कल्लं जाव जलं ते सागरदतं सत्थवाहं आपुच्छित्ता सुबहुं पुप्फवस्थगंधमल्लालंकारं गहाय बहुमित्तणाइणियगसयणसंबंधिपरियणमहिलाहिं सद्धि पाडलिसंडाओ णयराओ पडिणिवखमित्ता बहिया जेणेव उंबरदत्तस्स जक्खस्स जक्वाययणे तेणेव उवागच्छित्तए तत्थ णं उंबरदत्तस्स जक्खस्स महरिहं पुप्फच्चणं करित्ता जाणुपायवडियाए ओवायइत्तए-जइ णं अहं देवाणप्पिया ! दारयं वा दारियं वा पयामि तो णं अहं तुब्भं जायं च दायं च भायं च अक्खय-णिहिं च . अणुवइस्सामित्तिकट्ट ओवाइयं उवाइणित्तए, एवं संपेहेइ 2 ता कल्लं जाव जलंते जेणेव सागरदत्ते सत्थवाहे तेणेव उवागच्छइ 2 ता सागरदत्तं सत्थवाहं एवं वयासी-एवं खलु अहं देवाणु प्पिया ! तुहिं सद्धि जाव ण पत्ता, तं इच्छामि गं देवाणु प्पिया ! तुहिं अब्मणुष्णाया जाव उवाइ णित्तए / तए णं से सागरदत्ते स० गंगदत्तं भारियं एवं वयासी-ममंपिणं देवाणु० एस चेव महोरहे कहं णं तुमं दारगं वा दारियं वा पयाएज्जसि ? गंगदत्ताए भारियाए एयमझें अणुजाणइ / तए णं सा गंगदत्ता भारिया सागरदत्तसत्थवाहेणं एयम© अब्भणुण्णाया समाणी सुबहुं पुष्फ जाव महिलाहिं सद्धि सयाओ गिहाओ पडिणिक्खमइ 2 त्ता पालिसंडं गयरं मज्झमझेणं णिग्गच्छइ 2 ता जेणेव पुक्खरिणी तेणेव उवागच्छइ 2 ता पुवखरिणीए तीरे सुबहु पुष्फवस्थगंधमल्लालंकारं ठवेइ 2 ता पुक्खरिणि ओगा. हेइ 2 ता जलमज्जणं करेइ 2 ता जलकीडं करेइ 2 त्ता हाया कयबलिकम्मा जाव पायच्छित्ता उल्लपडसाडिया पुक्खरिणीओ पच्चुत्तरइ 2 ता तं पुप्फ०गिण्हइ २त्ता जेणेव उंबरदत्तस्स जक्खस्स जक्खाययणे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता उंबर. Page #1454 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विवागसुयं सु. 1 अ. 7 1441 दत्तस्स जक्खस्स आलोए पणामं करेइ 2 ता लोमहत्थं परामसइ. उंबरदत्तं जक्खं लोमहत्थेषं पमज्जइ २त्ता दगधाराए अब्भक्खेड 2 त्ता पम्हल. गायल० ओल हेइ 2 ता सेयाई वत्थाई परिहेइ 2 महरिहं पुप्फारुहणं वत्थारहणं मल्लीरहणं गंधारहणं चण्णाहणं करेइ 2 ता धूवं डहइ 2 जाणुपायवडिया एवं वयइ-जह णं अहं देवाणप्पिया ! दारगं वा दारियं वा पयामि तो गं..... जाव उवाइणइ 2 ता जामेव दिसि पाउन्मया तामेव दिसि पडिगया। तए गं से धण्णंतरी वेज्जे ताओ गरयाओ अणंतरं उवट्टित्ता इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे पाडलिसंडे णयरे गंगदत्ताए भारियाए कुच्छिसि पुत्तत्ताए उववण्णे / तए गं तीसे गंगदत्ताए भारिपाए तिष्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं अयमेयारूवे दोहले पाउनभए-धण्णाओ गं ताओ जाव फले जाओगं विउलं असणं 4 उवक्खडावेंति 2 ता बहूहि जाव परिवडाओ तं विउलं असणं 4 सुरं च 6 पुप्फ जाव गहाय पाडलिसंडं जयरं मज्झमझेणं पडिणिक्खमंति २त्ता जेणेव पुखरिणी तेणेव उवा. गच्छंति 2 ता पुक्खरिणीं ओगाहेंति 2 हायाओ नाव पायच्छित्ताओ तं विउलं असणं 4 बहूहि मित्तणाइ-जाव सद्धि आसाएं दोहलं विर्गति, एवं संपेहेइ 2 ता कल्लं जाव जलते जेणेव सागरदत्ते सत्यवाहे तेणेव उवागच्छद 2 ता सागरदत्तं सत्थवाहं एवं वयासी-धण्णाओ गं ताओ.....जाव विणेति तं इच्छामि गं जाव विणित्तए / तए गं से सागरदत्ते सत्यवाहे गंगदत्ताए भारियाए एयमढें अण. जाणइ / तए णं सा गंगदत्ता सागरदत्तेगं सत्थवाहेणं अन्भणण्णाया समाणी विउलं असणं 4 उवक्खडावेइ 2 तं विउलं असणं 4 सुरं च 6 सुबहं पुप्फ. परिगिण्हावेइ 2 बहूहि जाव व्हाया कयवलिकम्मा कयकोउय-मंगल-पायच्छित्ता जेणेव उंबरदत्तस्स जक्खस्स जक्खाययणे जाव धूवं डहेइ० जेणेव पुक्खरिणी तेणेव उवागच्छइ / तए गं ताओ मित्त जाव महिलाओ गंगदत्तं सत्थवाहि सव्वा. लंकारविभसियं करेंति / तए णं सा गंगदत्ता भारिया ताहि मित्तणाईहि अण्णाहि बहहिं गरमहिलाहिं सद्धि तं विउलं असणं 4 सुरं च ६....."दोहलं विणेह 2 ता जामेव दिसि पाउन्भूया तामेव दिसि पडिगया। तए गं सा गंगदत्ता सत्थवाही पसस्थ दोहला तं गम्भं सुहंसुहेणं परिवहइ / तए णं सा गंगदत्ता भारिया णवण्हं मासाणं जाव पयाया ठिइवडिया जाव जम्हा गं अम्हं इमे दारए उंबरदसस्स जक्खस्स ओवाइयलढए तं होउ णं दारए उंबरदत्त Page #1455 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1442 अंग-पविट सुत्ताणि णामेणं / तए णं से उंबरदत्ते दारए पंचधाईपरिग्गहिए....परिवड्डइ / तए णं से सागरदत्त सस्थवाहे जहा विजयमित्ते जाव काल गंगदत्ता वि.....उंबर. दत्ते णिच्छुढे जहा उज्झियए / तए णं तस्स उंबरदत्तस्स दारगस्त अण्णया कयाइ सरीरगंसि जमगसमगमेव सोलस-रोगायंका पाउब्भया, तं०-सासे कासे जाव कोढे / तए णं से उंबरदत्ते दारए सोलसहि रोगायंकेहि अभिभए समाणे० जाव विहरइ / एवं खल गोयमा ! उंबरदत्त दारए पुरापोरा. णाणं जाव पच्चणुभवमाणे विहरइ / तए णं से उबरदत्ते कालमासे कालं किच्चा कहिं गच्छिहिइ कहि उववजिजहिइ ? गोयमा ! उंबरदत्ते दारए बाव. तरि वासाइं परमाउयं पालइत्ता कालमासे कालं किच्चा इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए रइयत्ताए उवव०, संसारो तहेव जाव पुढवी, तओ हत्थिणाउरे णयरे कुक्कुडत्ताए पच्चायाहिइ गोटिवहिए तत्थेव हत्थिणाउरे णयरे सेट्रिकुलंसि उव. वज्जिहिइ बोहि....सोहम्मे कप्पे....महाविदेहे वासे सिज्झिहि०॥णिकने वो॥२७॥ ॥सत्तमं अज्झयणं समत्तं // सोरियदत्त णामं अट्टमं अज्झयणं जइ णं भंते ! .... अट्टमस्स उक्खेवो एवं खल जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं सोरियपुरंणयरं सोरियवसिगं उज्जाणं सोरियो जक्खो सोरियदत्ते राया। तस्स गं सोरियपुरस्स णयरस्स बहिया उत्तरपुरस्थिमे दिसीमाए एत्थ णं एगे मच्छंधपाडए होत्था / तत्थ णं समुद्ददत्ते णामं मच्छंधे परिवसइ-अहम्मिए माव दुप्पडियागंदे / तस्स णं समुदत्तस्स समुद्ददत्ताणामं भारिया होत्था अहीण. पंचिदियसरीरा / तस्स णं समद्ददत्तस्स म० पुत्ते समद्ददत्ताए मारिया अत्तए सोरियदत्ते णामं दारए होत्था अहीण / तेणं कालेणं तेणं समएणं सामी समोसढे जाव परिसा पडिगया। तेणं कालेणं तेणं समए० जेठे सीसे जाव सोरियपुरे पयरे उच्चणीयमज्झिमाई कुलाइं० अहापज्जत्तं समुदाणं गहाय सोरियपुराओ जयराओ पडिणिक्खमइ, 2 तस्स मच्छंध पाडगस्स अदूरसामं. तेणं वीईवयमाणे महइमहालियाए मणस्सपरिसाए मज्झगयं पासइ एगं पुरिसं सुक्क भक्खं णिम्मंसं अद्विचम्मावणद्धं किडिकिडियाभयं णीलसाडगणियत्थं मच्छकंटएणं गलए अणुलग्गेणं कट्ठाई कलुणाई वीसराई कूवेमाणं अभि Page #1456 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विवागसुयं सु. 1 अ. 8 1443 क्खणं 2 पूयकवले य रुहिरकवले य किमिकवले य वम्ममाणं पासइ, 2 इमेयारूवे अज्झथिए 5 पुरा-पोराणाणं जाव विहरइ, एवं संपेहेइ 2 जेणेव समणे भगवं....जाव पुन्वभवपुच्छा जाव वागरणं-एवं खल गोयमा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे गंदिपुरे णामं जयरे होत्था, मित्ते राया। तस्स गं मित्तस्स रण्णो सिरीए णामं महाणसिए होत्था, अहम्मिए जाव दुप्पडियाणंदे / तस्स णं सिरीयस्स महाणसियस्स बहवे मच्छिया य वागुरिया य साउणिया य दिण्णमइभत्तवेयणा कल्लाल्लि बहवे सहमच्छा जाव पडा. गाइपडागे य अए य जाव महिसे य तित्तिरे य जाव मऊरे य जीवियाओ वव. रोवेंति 2 सिरियस्स महाणसियस्स उवणेति, अण्णे य से बहवे तित्तिरा य जाव मऊरा य पंजरसि संणिरुद्धा चिट्ठति, अण्णे य बहवे पुरिसा दिग्णभइभत्तवेयणा ते बहवे तित्तिरे य जाव मऊरे य जीवियाओ चेव णिपंखेति 2 सिरियस्स महाणसियस्स उवणेति / तए णं से सिरीए महाणसिए बहूणं जलयरथलयरखहयराणं मंसाई कप्पणिकप्पियाई करेइ, तं०-सहखंडियाणि य वट्ट. खंडियाणि य दोहखंडियाणि य रहस्सखंडियाणि य हिमपक्काणि य जम्म प०(धम्म) वेग० मारुयपक्काणि य कालाणि य हेरंगाणि य महिट्ठाणि य आमल रसियाणि य मुद्दियारसियाणि य कविदुरसियाणि य दालिमरसियाणि य मच्छरसियाणि : य तलियाणि य भज्जियाणि य सोल्लियाणि य उवक्खडावेइ 2 ता अण्णे य बहवे मच्छरसे य एणेज्जरसे य तित्तिररसे य जाव मयूररसे य अण्णं च विउल हरियसागं उवक्खडावेइ 2 ता मित्तस्स रष्णो भोयणमंडवंसि भोयणवेलाए उवणेइ अप्पणावि य णं से सिरीए महाणंसिए ते० बह० जलयर-थलयर-खहयरमंसेहि च रसिएहि य हरियसागेहि य सोल्लेहि य तलिएहि य भज्जिएहि य सुरं च 6 आसाएमाणे० विहरइ। तए गं से सिरीए महाणसिए एयकम्मे० सुबहुं पाव. कम्मं समज्जिणित्ता तेत्तीसं वाससयाइं परमाउयं पालइत्ता कालमासे कालं किच्चा छठ्ठीए उववण्णे / तए णं सा समुद्ददत्ता भारिया णिदू यावि होत्था जाया 2 दारगा विणिहायमावज्जति जहा गंगदत्ताए चिता आपुच्छणा ओ. वाइयं दोहला जाव दारगं पयाया जाव जम्हा णं अम्हं इमे दारए सोरियस्स जक्खस्स ओवाइयलद्धे तम्हा गं होउ अम्हं दारए सोरियदत्ते णामेणं / तए गं से सोरियदत्ते दारए पंचधाई जाव उम्मक्कबालमावे विण्णयपरिणयमित्ते Page #1457 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1444 अंग-पविट्ट सुत्ताणि जोवण होत्था / तए णं से समुदत्ते अण्णया कयाइ कालधम्मणा संजुत्ते / तए णं से सोरियदत्ते दा. बहहि मित्तणाइ० रोयमा० समदत्तस्स णीहरणं करेइ लोइयाई मयकिच्चाई करेइ, अण्णया कयाइ सयमेव मच्छंधमहत्तरगतं उवसंपज्जित्ताणं विहरइ / तए णं से सोरियदत्ते दारए मच्छंधे जाए अहम्मिए जाव दुप्पडियाणंदे / तए णं तस्स सोरियदत्तमच्छंधस्स बहवे पुरिसा दिण्ण भइ० एगट्ठियाहिं ज उणामहाणइं ओगाहेंति 2 बहूहिं दहगलणेहि य दहमलणेहि य दहमद्दणेहि य दहमहणेहि य दहबहणेहि य दहपवहणेहि य मच्छंधलेहि य पयंचुलेहि य पंचपुलेहि य जंमाहि य तिसराहि य भिसराहि य घिस राहि य विसराहि य हिल्लिरीहि य लल्लिरीहि य झिल्लिरीहि य जालेहि य गलेहि य कडपासेहि य वक्कबंधेहि य सुत्तबंधेहि य वालबंधेहि य बहवे सहमच्छे य जाव पडागाइपडागे य गिण्हंति० एट्टियाओ (णावा) भरेंति० कलं गाहेंति. मच्छखलए करेंति० आयसि दलयंति, अण्णे य से बहवे पुरिसा दिण्ण भइभत्त. वेयणा आयवतत्तएहि सोल्लेहि य तलिएहि य भज्जिएहि य रायमगंसि वित्ति कप्पेमाणा विहरंति, अप्पणावि य णं से सोरियदत्ते बहूहि सोहमच्छेहि य जाव पडा. सोल्लेहि य तलिएहि य भज्जिएहि य सुरं च 6 आसाएमाणे० विहरइ। तए णं तस्स सोरियदत्तस्स मच्छंधस्स अण्णया कयाइ ते मच्छसोल्ले तलिए य भज्जिए य आहारेमाणस्स मच्छकंटए गलए लग्गे यावि होत्था / तए णं से सोरियदत्तमच्छंधे महयाए वेयणाए अभिभए समाणे कोडंबियपुरिसे सहावेइ 2 त्ता एवं वयासी-गच्छह णं तुम्हे देवाणुप्पिया ! सोरियपुरे णयरे सिंघाडग जाव पहेसु महया 2 सद्देणं उग्घोसेमाणा 2 एवं वयह-एवं खलु देवाणुप्पिया ! सोरियदत्तस्स मच्छकंटए गले लग्गे तं जो णं इच्छइ वेज्जो वा 6 सोरियमच्छियस्स मच्छकंटयं गलाओ णीहरित्तए तस्स णं सोरिय० विउलं अत्थसंपयाणं दलयइ / तए गं ते कोडुंबियपुरिसा जाव उग्घोसेति / तए ते बहवे वेज्जा य 6 इमेयारूवं उग्घोसणं उग्घोसिज्जमाणं णिसामेति 2 ता जेणेव सोरिय० गेहे जेणेव सोरियमच्छंधे तेणेव उवागच्छति 2 बहूहि उप्पत्तिया० परिणम. माणा वमणेयि य छहणेहि य ओवीलणेहि य कवलग्गाहेहि य सल्लद्धरणेहि य विसल्लकरणेहि य इच्छति सोरियमच्छं० मच्छकंटयं गलाओं णीहरित्तए णो चेव णं संचाएंति णीहरित्तए वा विसोहित्तए वा, तए णं ते बहवे वेज्जा य 6 Page #1458 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विवागसुयं सु. 1 अ. 9 1445 जाहे जो संचाएंति सोरिय० मच्छकंटगं गलाओ णीहरित्तए ताहे संता जाव जामेव दिसि पाउन्भया तामेव दिसि पडिगया। तए णं से सोरिय०म० विज्ज. पडियारणिविण्णे तेणं दुक्खेणं महया अभिभए सुक्के जाव विहरइ / एवं खल गोयमा ! सोरियदत्ते पुरापोराणाणं जाव विहरइ / सोरिए गं भंते ! मच्छंधे इओ कालमासे कालं किच्चा कहिं गच्छिहिइ ? कहिं उववजिहिइ ? गोयमा ! सत्तरि-वासाइं परमाउयं पालइत्ता कालमासे कालं किच्चा इमीसे रयणप्पमाए पुढवीए०, संसारो तहे. पुढ० हस्थिणाउरे णयरे मच्छत्ताए उवव०, से गं तो मच्छिएहिं जीवियाओ ववरोविए तत्थेव सेट्टिकुलंसि.....बो० सोहम्मे कप्पे.....महाविदेहे वासे सिज्झिहि० ॥णिक्खेवो // 28 // // अट्ठमं अज्झयणं समत्तं / / देवदत्ता णामं णवमं अज्झयणं जइ गं मंते ! ....उक्लेवो णवमस्स० एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं रोहीडए णामं गयरे होत्था रिद्ध० / पुढविडिसए उज्जाणे, धरणो जक्खो, वेसमणदत्त रायां, सिरी देवी, पूसणंदी कुमारे जवराया। तत्थ गं रोहीडए णयरे दत्ते णाम गाहावई परिवसह अडढे. कण्हसिरी भारिया। तस्स गं दत्तस्स धूया कण्हसिरीए अत्तया देवदत्ता णामं दारिया होत्था अहीण जाव उक्किट्ठा उक्किटुसरीरा। तेणं कालेगं तेगं समएणं सामी समोसढे जाव परिसा०, तेणं कालेणं तेणं समए० जेठे अंतेवासी छट्ठक्ख मण.....तहेब जाव रायमग्गमोगाढे हत्थी आसे पुरिसे पासइ, तेसिं पुरिसाणं मज्झगयं पासइ एगं इत्थियं अवओडयबंधणं उक्खित्तकण्णणासं जाव सूले भिज्जमाणं पासइ, 2 इमे अज्झथिए....तहेव णिग्गए जाव एवं वयासी-एस गं भंते ! इत्थिया पुस्वभवे का आसी? एवं खल गोयमा ! तेणं कालेणं तेणे समएणं इहेव जंबुद्दीवे दीवे मारहे वासे सुपइठे णामं णयरे होत्था रिद्ध०, महासेणे राया। तस्स गं महासेणस्स रणोधारिणीपामोक्खाणं देवीसहस्सं ओरोहे यावि होत्था। तस्स णं महासेण. * स्स रण्णो पुत्ते धारिणीए देवीए अत्तए सीहसेणे णामं कुमारे होत्था अहीण. जवराया। तए गं तस्स सीहसेणस्स कुमारस्स अम्मापियरो अण्णया कयाइ पंच पासायडिसयसयाई करेंति अब्भुग्गय० / तए णं तस्स सीहसेणस्स कुमारस्स Page #1459 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंग-पविट्ठ सुत्ताणि अण्णया कयाइ सामापामोक्खाणं पंचण्हं रायवरकण्णगसयाणं एगदिवसे पाणि गिहाविसु पंचसयओ दाओ / तए णं से सोहसेगे कुनारे सामापामोवखाहि पंचसयाहिं देवीहिं सद्धि उपि जाब विहरइ / तए णं से महासेणे राया अग्णया कयाइ कालधम्मणा संजते णीहरणं....राया जाए महया० / तए णं से सीहसेणे राया सामाए देवीए मच्छिए 4 अवसे साओ देवीओ जो आढाइ णो परिजाणाइ अणाढायमाणे अपरिजाणमाणे विहरइ / तए णं तासि एगणगाणं पंच ण्हं देवीसयाणं एगणाई पंचमाईसयाई इमीसे कहाए लट्ठाई समाणाई एवं खलु सामी सीहसेणे राया सामाए देवीए मच्छिए 4 अम्हं धूयाओं णो आढाइ णो परिजाणइ अणाढायमाणे अपरिजाप्रमाणे विहर इ, तं सेयं खलु अम्हं सामं देबि अग्गिपओगेण वा विसप्पओगेण वा सत्थप्पओगेण वा जीवियाओ ववरोवित्तए, एवं संपेहेंति 2 सामाए देवीए अंतराणि य छिद्दाणि य विरहाणि य पडिजागरमाणीओ 2 विहरति / तए णं सा सामा देवी इमीसे कहाए लद्धद्वा समाणी एवं वयासी-एवं ख० मम पंचण्हं सवत्तीसयाणं पंचमाइसयाई इमीमे कहाए लद्धट्ठाई समाणाई अण्णमण्णं एवं वयासी-एवं खलु सीहसेणे.....जाव पडिजागरमाणीओ विहरंति, तं ण णज्जइ णं मम केणइ कुमारेणं मारिस्सतित्तिकटु भीया जाव जेणेव कोवघरे तेणेव उवागच्छइ 2 ता ओहय जाव झियाइ। तए णं से सीहसेणे राया इमीसे कहाए लद्धछे समाणे जेणेव कोवघरए जेणेव सामा देवी तेणेव उवागच्छइ 2 ता सामं देवि ओह० जाव पासइ 2 त्ता एवं वयासी-कि णं तुमं देवाणु प्पिए ! ओह. जाव झियासि ? तए सा सामा देवी सीहसेजेणं रण्णा एवं बुत्ता समाणी उप्फेणउप्फेणियं सीहसेणं रायं एवं वयासी-एवं खलु सामी ! मम एगणगाणं पंचसवत्तीसयाणं एगणपंचमाइसयाणं इमीसे कहाए लढाणं समाणा० अण्णमण्णे सदाति 2 ता एवं वयासी-एवं खलु सीहसेणे राया सामाए देवीए उरि मच्छिए 4 अम्हं धूयाओ णो आढाइ....जाव अंतराणि य छिद्दाणि० पडिजागरमाणीओ विहरंति तं ण णज्जइ० भीया जाव झियामि / तए णं से सीहसेणे राया सामं देवि एवं वयासी-मा गं तुमं देवाणुप्पिए ! ओह० जाव झियाहि, अहं गं तहा जत्ति. हामि जहा णं तव णस्थि कत्तोवि सरीरस्स आबाहे वा पबाहे वा भविस्सइत्ति. कटु ताहि इटाहिं 6 समासासेइ 2 तओ पडिणिक्खमइ 2 त्ता कोडुंबिय. Page #1460 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विवागसुयं सु. 1 अ. 9 1447 पुरिसे सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-गच्छह णं तुम्भे देवाणुप्पिया ! सुपइट्ठस्स णयरस्स बहिया एगं महं कूडागारसालं करेह अणेगक्खंभसयसंणिवि० पासा० 4 करेह 2 ता ममं एयमाणत्तियं पच्चप्पिणह / तए णं ते कोडुंबियपुरिसा करयल जाव पडिसुर्णेति 2 तासुपइट्ठणयरस्स बहिया पच्चरिथमे दिसीविभाए एगं महं कूडागारसालं जाव करेंति अणेगक्खंभ० पासा० 4 जेणेव सोहसेण राया तेणेव उवागच्छति 2 ता तमाणत्तियं पच्चप्पिणंति / तए णं से सीहसेणे राया अण्णया कयाइ एगणगाणं पंचण्हं देवीसयाणं एगणाई पंचमाइसयाई आमं. तेइ / लए णं तासि एगणपंचदेवीसयाणं एगणपंचमाइसयाई सीहसेणेणं रण्णा आमंतियाई समाणाई सव्वालंकारविभूसियाई जहाविभवेणं जेणेव सुपइठे णयरे जेणेव सोहसेणे राया तेणेव उवागच्छति / तए णं से सीहसेणे राया एगणपंचण्हं देवीसयाणं एगणगाणं पंचण्हें माइसयाणं कडागारसालं आवासं दलयइ / तए णं से सोहसेणे राया कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-गच्छह णं तुन्भे देवाणुप्पिया ! विउलं असणं० उवणेह सुबहुं पुप्फवस्थगंधमल्लालंकारं च कूडा. गारसालं साहरह / तए गं ते कोडुबियपुरिसा तहेव जाव साहरेंति / तए ण तासि एगूणगाणं पंचहं देवीसयाणं एगणपंचमाइसयाई सव्वालंकारविभूसिया० तं विउलं असणं 4 सुरं च 6 आसाएमाणा. गंधव्वेहि य णाडएहि य उव. गीयमाणाई 2 विहरंति / तए णं से सीहसेणे राया अद्धरत्तकालसमयसि बहिं पुरिसेहिं सद्धिं संपरिवडे जेणेव कूडागारसाला तेणेव उवागच्छइ 2 ता कूडागारसालाए दुवाराई पिहेइ 2 कूडागारसालाए सव्वओ समंता अगणिकायं दलयइ / तए गं तासि एगूणगाणं पंचण्हं देवीसयाणं एगणगाइं पंचमाइसयाई सोहरण्णा आलीवियाई समाणाई रोयमाणाई 3 अत्ताणाई असरणाई कालधम्मणा संजुत्ताई। तए णं से सीहसेणे राया एयकम्मे 4 सुबह पावकम्म समज्जिणित्ता चोत्तीसं वाससयाई परमाउयं पालइत्ता कालमासे कालं किच्ची छट्ठीए पुढवीए उक्कोसेणं बावीससागरोवमदिइए सुणेरइयत्ताए उववणे, से गं तओ अणंतरं उव्वट्टित्ता इहेव रोहीडए णयरे दत्तस्स सत्यवाहस्स कण्हसिरीए भारियाए कुच्छिसि दारियत्ताए उववण्णे / तए गं सा कण्हसिरी णवण्हं मासाणं जाव दारियं पयाया सुकमाल. सुरुवं / तए गं तीसे दारियाए अम्मा. पियरो णिवत्तबारसाहियाए विउलं असणं 4 जाव मित्त णाइ० णामधेज्ज Page #1461 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1448 अंग-पविटु सुत्ताणि करेंति....तं होउ णं दारिया देवदत्ता णामेणं / तए णं सा देवदत्ता दारिया पंचधाईपरिग्गहिया जाव परिवइ / तए पं सा देवदत्ता दारिया उम्मुक्कबालमावा जोवणेण य रूवेण य लावणेण य जाव अई. उक्किट्ठा उक्किट्ठसरीरा जाया यावि होत्था / तए गं सा देवदत्ता दारिया अण्णया कयाइ हाया जाव विभूसिया बहूहि खुज्जाहि जाव परिक्खित्ता उप्पि आगासतलगंसि कणगतिदूसेणं कीलमाणी विहरइ / इमं च गं वेसमणदत्ते राया हाए जाव पाय. च्छित्ते विमूसिए आसं दुरुहित्ता बहूहि पुरिसेहिं सद्धि संपरिबुडे आसवाहणि. याए णिज्जायमाणे दत्तस्स गाहावइस्स गिहस्स अदूरसामतेणं वीईवयइ / तए णं से वेसमणे राया जाव वीईवयमाणे देवदत्तं दारियं उप्पि आगासतलगंमि कणगतिदूसेणं कीलमाणि पासइ, देवदत्ताए दारियाए जोवणेण य रूवेण य लावणेण य जाव विम्हिए कोडुबियपुरिसे सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-कस्स णं देवाणप्पिया ! एसा दारिया कि वा णामधेज्जेणं ? तए णं ते कोडंबियपुरिसा वेसमणरायं करयल० एवं वयासी-एस गं सामी ! दत्तस्स सस्थवाहस्स धूया कण्हसिरीए भारियाए अत्तया देवदत्ता णामं दारिया जोवणेण य रूवेण य लावण्णण य उक्किट्टा उक्किटुसरीरा / तए णं से वेसमणे राया आसवाहणियाओ पडिणियत्ते समाणे अमितरठाणिज्जे पुरिसे सहावेइ 2 त्ता एवं वयासी-गच्छह गं तुम्भे देवाणप्पिया ! दत्तस्स धयं कण्हसिरीए भारियाए अत्तयं देवदत्तं दारियं पूसणंदिस्स जुवरणो भारियत्ताए वरेह, जइवि सा सयंरज्जसुक्का। तए णं ते अभितरठाणिज्जा पुरिसा वेसमणेणं रण्णा एवं वुत्ता समाणा हट्टतुट्ठा करयल जाव पडिसुर्णेति 2 ता व्हाया जाव सुद्धप्पावेसाई.....सपरिवडा जेणेव दत्तस्स गिहे तेणेव उवागच्छित्था / तए गं से दत्ते सत्थवाहे ते पुरिसे एज्जमाणे पासइ 2 ता हटतुट्ट० आसणाओ अब्भठेइ 2 ता सत्तट्ठ पयाई पच्चुग्गए आसणेणं उवणिमंतेइ 2 ता ते पुरिसे आसत्थे वीसत्थे सुहासणवरगए एवं वयासी-संदिसंतु णं देवाणु प्पिया ! कि आगमप्प ओयणं ? तए गं ते रायपुरिसा दत्तं सत्यवाहं एवं वयासी-अम्हे णं देवाणप्पिया ! तव धूयं कण्हसिरीए अत्तयं देवदत्तं दारियं पूसणंदिस्स जुवरण्णो भारियत्ताए वरेमो / तं जइ णं जाणासि देवाणुप्पिया ! जुत्तं वा पत्तं वा सलाहणिज्ज वा सरिसो वा संजोगो दिज्जउ गं देवदत्ता भारिया पूसणंदिस्स Page #1462 -------------------------------------------------------------------------- ________________ . . विवागसुयं सु. 1 अ. 9 1449 जुवरणो, भण देवाणुप्पिया ! किं दलयामो सुक्कं ? तए णं से दत्ते ते अभितरठाणिज्जे पुरिसे एवं वयासी-एवं चेव णं देवाणप्पिया ! मम सुक्कं जं गं वेसमणे राया मम दारिया णिमित्तेणं अणुगिण्हइ, ते अमितर ठाणिज्जपुरिसे विउलेणं पुष्फवत्थगंधमल्लालंकारेणं सक्कारेइ० पडिविसज्जेइ / तए गं ते ठाणिज्जपुरिसा जेणेव वेसमणे राया तेणेव उवागच्छंति २त्ता वेसमणस्स रणो एयमठं णिवेदेति / तए णं से दत्ते गाहावई अण्णया कयाइ सोभणंसि तिहिकरणदिवसणक्खत्तमहत्तंसि विउलं असणं 4 उवक्खडावेइ 2 ता मित्तणाइ. आमतेइ हाए जाव पायच्छित्ते सुहासणवरगए तेणं मित्त० सद्धि संपरिवुडे तं विउलं असणं 4 आसाएमा०विहरइ जिमियभुत्तुत्तराग०आयंते 3 तं मित्त-णाइ. णियग० विउलगंधपुप्फ जाव अलंकारेणं सक्कारेइ. देवदत्तं दारियं व्हायं जाव पायच्छित्ता विभूसियसरीरं पुरिससहस्सवाहिणीयं सीयं दुरुहेइ 2 ता सुबहुमित्त जाव सदि संपरिवडे सविड्ढीए जाव णाइयरवेणं रोहीडयं णयरं मज्झं. मज्झेणं जेणेव वेसमणरण्णो गिहे जेणेव वेसमणे राया तेणेव उवागच्छइ 2 ता करयल जाव बद्धावेइ 2 ता वेसमणस्स रण्णो देवदत्तं दारियं उवणेइ / तए गं से वेसमणे राया देवदत्तं दारियं उवणीयं पासइ 2 त्ता हट्टतुट्ट० विउलं असणं 4 उवक्खाडावेइ 2 ता मित्त-गाइ० आमंतेइ जाव सक्कारेइ० पूसणंदिकुमारं देवदत्तं च दारियं पट्टयं दुरुहेइ 2 ता सेयापीएहि कलसेहि मज्जावेइ 2 त्ता वरणेवत्थाई करेइ 2 ता अग्गिहोमं करेइ 2 पूसणंदिकुमारं देवदत्ताए दारियाए पाणि गिण्हावेइ / तए णं से वेसमणे राया पूसणंदिकुमारस्स देवदत्तं दारियं सविड्ढोए जाव रवेणं महया इड्ढीसक्कारसमुदएणं पाणिग्गहणं करेइ 2 देवदत्ताए दारियाए अम्मापियरो मित्त जाव परियणं च विउलेणं असण. वस्थगंधमल्लालंकारेण य सक्कारेइ संमाणेइ जाव पडिविसज्जेह / तएं गं से पूसणंदी कुमारे देवदत्ताए सद्धि उप्पि पासाय. फुट्टमाणेहिं मुइंगमस्थएहि बत्ती. उवगिज्जमाणे जाव विहरइ / तए णं से वेसमणे राया अण्णया कयाइ कालधम्मुणा संजुत्ते णीहरणं जाव राया जाए / तए गं से पूसणंदी राया सिरीएं देवीए मायाभत्तए यावि होत्था, कल्लाल्लि जेणेव सिरी देवी तेणेव उवागच्छइ 2 ता सिरीए देवीए पायवडणं करेइ 2 सयपागसहस्सपाहिं * तेल्लेहि अभिगावेइ अढिसुहाए मंससुहाए तयासुहाए (चम्मसुहाए) रोमसुहाए Page #1463 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1450 अंग-पविट्ट सुत्ताणि च उविहाए संवाहणाए संवाहावेइ 2 सुरभिणा गंधवट्टएणं उबट्टावेइ 2 तिहि उदएहि मज्जावेइ तं०-उसिणोदएणं सीओदएणं गंधोदएणं, 2 विउलं असणं 4 भोयावेइ 2 सिरीए देवीए हायाए जाव पायच्छित्ताए जिमिय मत्तरागयाए तए णं पच्छा हाइ वा भुंजइ वा उरालाई माणुस्सगाई भोगभोगाई भुंजमाणे विहरइ / तए गं तीसे देवदत्ताए देवीए अग्णया कयाइ पुव रत्तावरत्तकालसमयसि कुटुं. बजागरियं जागरमाणीए इमेयारूवे अज्झथिए 5 समप्पण-एवं खल पूमणंदी राया सिरीए देवीए माइभत्ते जाव विहरइ तं एएणं वक्खवेणं णो संचाएमि अहं पूसणंदिणा रण्णा सद्धि उरालाई० मुंजमाणी विहरित्तए तं रोयं खलु मम सिरिदेवि अग्गिपओगेण वा सत्थ. विस० मंतप्पओगेण वा जीवियाओ ववरो. वित्तए 2 त्ता पूसणंदिणा रण्णा सद्धि उरालाई भोगमोगाई मुंजमाणीए विह रित्तए, एवं संपेहेइ 2 ता सिरीए देवीए अतराणि य 3 पडिजागरमाणी विहर इ / तए णं सा सिरी देवी अण्णया कयाइ मज्जाइया विरहियसणिज्जसि सुहपसुत्ता जाया यावि होत्था / इमं च णं देवदत्ता देवी जेणेव सिरी देवी तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता सिरीदेवी मज्जाइयं विरहियसयणिज्जसि सुहपसुत्तं पासइ 2 ता दिसालोयं करेइ 2 ता जेणेव भत्तघरे तेणेव उवागच्छइ 2 ता लोहदंडं परामसइ 2 त्ता लोहदंड तावेइ 2 तत्तं समजोइ भयं फुल्लकिसुरासमाणं संडासएणं गहाय जेणेव सिरी देवी तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता सिरीए देवीए अवाणंसि पक्खि वइ / तए णं सा सिरी देवी महया 2 सद्देणं आरसित्ता कालधम्मणा संजुत्ता / तए गं तीसे सिरीए देवीए दासचेडीओ आरसियसई सोच्चा णिसम्म जेणेव सिरीदेवी तेणेव उवागच्छंति 2 देवदत्तं देवि तओ अवक्कम. माणि पासंति 2 ता जेणेव सिरी-देवी तेणेव उवागच्छंति 2 सिरि देवि णिप्पाणं णिच्चेठं जीवियविप्पजढं पासंति 2 ता हा हा ! अहो ! अकज्जमितिकटट रोयमाणीओ कंदमाणीओ विलवमाणीओ जेणेव पुसणंदी राया तेणेव उवागच्छंति २त्ता पूसदि रायं एवं वयासी-एवं खल सामी! सिरीदेवी देवदत्ताए देवीए अकाले चेव जीवियाओ ववरोविया / तए पं से पूसगंदी राया तासि दासचेडीणं अंतिए एयमलैं सोच्चा णिसम्म महया माइसोएणं अप्फुण्णे समाणे परसुणियत्ते विव चंपगवरपायवे धसत्ति धरणीयलंसि सवर्णोहि संणिवडिए / तए गं से पूसणंदी राया महत्तंतरेण आसत्थे वीसत्थे Page #1464 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विवागसुयं सु 1 अ. 10 1451 समाणे बहुहि राईसर जाव सत्यवाहेहि मित्त जाव परियणेण य सद्धि रोय. माणे 3 सिरीए देवीए महया इड्डीए णीहरणं करेइ 2 ता आसुरुत्ते. देव- दत्तं देवि पुरिसेहि गिण्हावे. एएणं विहाणेणं वज्झं आणवेइ / तं एवं खलु गोयमा ! देवदत्ता देवी पुरापुराणाणं.....विहरइ / देवदत्ता णं भंते ! देवी इओ कालमासे कालं किच्चा कहिंगच्छि(मि)हि० कहिं उववज्जिहिइ ? गोयमा! असीई वासाई परमाउयं पालइत्ता कालमासे कालं किच्चा इमीसे रयणप्प. भाए पुढवीए रइयत्ताए उववण्णा संसारो वणस्सइ....तओ अणंतरं उव्वट्टित्ता. गंगपुरे णयरे हंसत्ताए पच्चायाहिइ, से गं तत्थ साउणिएहि वहिए समाणे तत्थेव गंगपुरे णयरे सेटिकु० बोहि.....सोहम्मे......महाविदेहे वासे सिज्झिहि० / णिक्खेवो // 26 // ॥णवमं अज्झयणं समत्तं / / अंजू णाम दसमं अज्झयणं जइ णं भंते ! समणेणं भगवया महावीरेणं दसमस्स उक्खेवो एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं वद्धमाणपुरे णाम णयरे होत्था, विजयवद्धमाणे उज्जाणे, माणिभद्दे जक्खे, विजयमित्ते राया, तत्थ गंधणदेवे णामं सत्यवाहे होत्था अड्ढे०, पियंगू णामं भारिया, अंजू दारिया जाव सरीरा, समोसरणं परिसा जाव पडिगया। तेणं कालेणं तेणं समएणं जेठे जाव अडमाणे जाव विजयमित्तस्स रणो गिहस्स असोगवणियाए अदूरसामंतेणं वीईवयमाणे पासइ एगं इत्थियं सुक्क भुक्खं णिम्मंसं किडिकिडियाभूयं अद्विचम्मावणद्धं णीलसाडगणियत्थं कट्ठाई कलुणाई वीसराई कूवमाणं पासइ० चिता तहेव जाव एवं वयासी-सा गं मंते ! इत्थिया पुव्व. भवे का आसी ? वागरणं / एवं खल गोयमा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जंबुद्दीवे दोवे भारहे वासे इंदपुरे गामं गयरे होत्था। तत्थ णं इंदवत्ते राया पुढवीसिरी गामं गणिया होत्था वण्णओ। तए णं सा पुढवीसिरी गणिया इंदपुरे णयरे बहवे राईसर जाव प्पभियओ बहूहिं चुण्णप्पओगेहि य जाव आभिओगेत्ता उरालाई माणस्सगाई भोगभोगाइं मुंजमाणी विहरइ / तए णं सा पुढवीसिरी गणिया एयकम्मा 4 सुबहुं० समज्जिणित्ता पणतीसं वाससयाई परमाउयं पालइत्ता कालमासे कालं किच्चा छट्ठीए उक्कोसेणं० णेरइयत्ताए उववण्णा / सा णं तओ अणंतरं उव्वट्टित्ता इहेव वद्धमाणपुरे गयरे धणदेवस्स Page #1465 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1452 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि सत्यवाहस्स पियंगभारियाए कुच्छिसि दारियत्ताए उववण्णा / तए णं सा पियंगुमारिया णवण्हं मासाणं."दारियं पयाया, णामं अंजुसिरी, सेसं. जहा देवदत्ताए / तए णं से विजए राया आसवाह० जहा बेसमणदत्ते तहा अंजु पासइ णवरं अप्पणो अट्टाए वरेइ जहा तेयली जाव अंजए भारियाए सद्धि उप्पि जाव विहरइ / तए गं तीसे अंजूए देवीए अण्णया कयाइ जोणिसूले पाउन्मए यावि होत्था / तए गं से विजए राया कोडंबियपुरिसे सहावेइ 2 ता एवं वयासी-गच्छह णं देवाणुप्पिया! वद्धमाणपुरे गयरे सिंघाडग जाव एवं वयहएवं खलु देवाणुप्पिया ! विजय० अंजूए देवीए जोणिसूले पाउन्भूए जो गं इ० वेज्जो वा ६..."जाव उग्घोसेंति / तए णं ते बहवे वेज्जा० 6 इमं एयारूवं सोच्चा णिसम्म जेणेव विजए राया तेणेव उवागच्छंति. उप्पत्तियाहि. परि. णामेमाणा इच्छंति अंजए देवीए जोणिसूल उवसामित्तए णो संचाएंति उव. सामित्तए / तए णं ते बहवे वेज्जा य 6 जाहे णो संचाएंति अंजू० जोणिसूलं उवसामित्तए ताहे संता तंता परितंता जामेव दिसि पाउन्भूया तामेव दिसि पडिगया / तए णं सा अंजूदेवी ताए वेयणाए अभिभूया समाणी सुक्का मुक्खा णिम्मंसा कट्ठाई कलुणाई वीसराई विलवइ / एवं 'खल गोयमा ! अंजूदेवी पुरापोराणाणं जाव विहरइ / अंज गं भंते ! देवी इओ कालमासे कालं किच्चा कहिं गच्छिहि० कहिं उववज्जिहिइ ? गोयमा ! अंजू णं देवी गउई वासाई परमाउयं पालइत्ता कालमासे कालं किच्चा इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए णेरइयताए उववज्जिहिइ, एवं संसारो जहा पढमे तहा णेयव्वं जाव वणस्सइ०, सा गं तो अणंतरं उव्वट्टित्ता सवओमद्दे गयरे मयरत्ताए पच्चायाहिइ / से गं तत्थ साउणिएहि वहिए समाणे तत्थेव सम्वओभद्दे णयरे सेटिकुलंसि पुत्तत्ताए पच्चायाहिइ / से गं तत्थ उम्मक्कबालभावे तहारूवाणं थेराणं. केवलं बोहि बज्झिहिइ पव्वज्जा सोहम्मे० / से गं ताओ देवलोगाओ आउक्खए० कहि गच्छिहि० कहिं उववज्जिहिइ ? गोयमा! महाविदेहे जहा पढमे जाव सिज्झिहिइ जाव अंतं काहिइ / एवं खलु जंबू ! समणेणं जाव संपत्तेणं दुहविवागाणं दसमस्स अज्झयणस्स अयमठे पण्णत्ते / सेवं भंते० // 30 // / / पढमो सुयक्खंधो समत्तो॥ . Page #1466 -------------------------------------------------------------------------- ________________ बीओ सुयक्खंधो सुबाहू णामं पढमं अज्झयणं तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे पयरे गुणसिलए चेइए सुहम्मे समो. सढे जंब जाव पज्जवासमाणे एवं वयासी-जइ गं मंते ! समणेणं जाव संपतेणं दुहविवागाणं अयमढे पण्णत्ते सुहविवागाणं भंते ! समणेणं जाव संपत्तेणं के अढे पण्णत्ते ? तए णं से सुहम्मे अणगारे जंबु अणगारं एवं वयासी-एवं खलु जंबू ! समणेणं जाव संपत्तेणं सुहविवागाणं दस अज्झयणा पण्णत्ता, तं०(गा०) सुबाहू भद्दणंदी य सुजाए य सुवासवे / तहेव जिणदासे य धणवई य महम्बले // 1 // भद्दणंदी महच्चंदे वरदत्ते तहेव य / जइ णं भंते ! समणेणं जाव संपत्तेणं सुहविवागाणं दस अज्झयणा पण्णता पढमस्स भंते ! अज्झयणस्स सुहविवागाणं जाव संपत्तेणं के अट्ठे पण्णते ? तए णं से सुहम्मे अणगारे जंबं अणगारं एवं वयासी-एवं खल जंब | तेणं कालेणं तेणं समएणं हस्थिसीसे णामं णयरे होत्था रिद्ध० / तस्स णं हथिसीसस्स गयरस्स बहिया उत्तरपुरस्थिमे दिसीमाए एत्थ णं पुप्फकरंडए णामं उज्जाणे होत्था सम्योउय० / तत्थ णं कयवणमालपियस्स जक्खस्स जक्खाययणे होत्था-दिव्वे / तत्थ पं हस्थिसीसे णयरे अदीणसत्तू णामं राया होत्या महयाः / तस्स णं अदीणसत्तुस्स रणो धारिणीपामो० देवीसहस्सं ओरोहे यावि होत्था। तए णं सा धारिणी देवी अण्णया कयाइ तसि तारिसगंसि वासघरंसि सीहं सुमिणे पासइ जहा मेहस्स जम्मणं तहा भाणियव्वं जाव सुबाहकूमा० अलंभोगसम० जाणंति. पंचपासायवडिसगसयाई कारवेंति अब्भग्गय० भवणं एवं जहा महाबलस्स रणो णवरं पुप्फचलापामोक्खाणं पंचण्हं रायवरकण्णगसयाणं एगदिवसेणं पाणि गिण्हावेंति / तहेव पंचसइओ दाओ जाव उप्पि पासायवरगए फुट्टमाणेहिं जाव. विहरइ। तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे समोसढे परिसा णिग्गया अदीणसत्त जहा कोणिओ णिग्गओ सुबाहवि जहा जमाली तहा रहेणं णिग्गए जाव धम्मो कहिओ राया परिसा पडिगया। तए णं से सुबाहकुमारे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए धम्म सोच्चा णिसम्म हट्ठतुठे उट्ठाए उठेइ जाव एवं वयासी-सद्दहामि णं भंते ! णिग्गंथं पावय० जहा णं देवाणुप्पियाणं अंतिए बहवे राईसर जाव अहं णं देवाणुप्पियाणं अंतिए पंचाणुव्वइयं सत्तसिक्खावइयं Page #1467 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1454 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि दुवालसविहं गिहिधम्म पडि०, अहासुहं देवाणु०! मा पडिबंधं करेह / ताए णं से सुबाहू समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए पंचागवइयं सत्तसिक्खाबइयं दुवा० गिहिधम्म पडिवज्जइ 2 ता तमेव० दुरुहइ 2 जामेव / तेणं कालेणं तेणं स० जेठे अंतेवासी इंदभई जाव एवं वयासी-अहो णं भंते ! सुबाहुकुमारे इठे इट्ट. रूवे कंते कंतरूवे पिए पियरूवे मणुणे 2 मणामे 2 सोमे सुभगे पियमणे सुरूवे बहुजणस्स.वि य णं भंते ! सुबाहुकुमारे इठे इटख्वे 5 सोमे 4 साहुजणस्स-वि य गं भते ! सुबाहुकुमारे इ8 इटुरूवे 5 जाव सुरूवे सुबाहुणा भते ! कुमारेणं इमा एघारूवा उराला माणस्सरिद्धी किण्णा लद्धा किण्णा पत्ता किण्णा अमि. समण्णागया ? के वा एस आसी व्वभवे / एवं खल गोयमा ! तेणं काले तेणं समएणं इहेव जंबुद्दीवे दीवे मारहे वासे हथिणाउरे णामंणयरे होत्था रिद्ध। तत्थ गं हस्थिणाउरे णयरे सुमुहे णाम गाहावई परिवलइ अड्ढे / तेणं कालेणं तेणं समएणं धम्मघोसा णाम थेरा जाइसंपण्णा जाव पंचहि समणगएहि सद्धि संपरिवडा पुवाणवि चरमाणा गामाणगामं दूइज्जमाणा जेणेव हथिणाउरे णयरे जेणेव सहस्संबवणे उज्जाणे तेणेव उवागच्छंति 2 ता अहापडिरूवं उग्गहं उग्गिण्हित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणा विहरंति / तेणं कालेणं तेणं समएणं धम्मघोसाणं थेराणं अंतेवासी सुदत्ते णामं अणगारे उराले जाव तेउलेस्से मासं मासेणं खममाणे विहरइ / तए णं से सुदत्ते णामं अणगारे भासखमणपारणगंसि पढमाए पोरिसीए सज्झायं करेइ जहा गोयमसामी तहेब धम्मघोसे सुहम्मे थेरे आपुच्छइ जाव अडमाणे सुमुहस्स गाहावइस्स गेहे अणुप्पविठे / तए णं से सुमुहे गाहावई सुदत्तं अणगारं एज्जमाणं पासइ 2 ता हट्टतुझे आसाओ अभट्ठेइ 2 ता पायपीढाओ पच्चोरुहइ 2 ता पाउयाओ ओमयड 2 ता एगसाडियं उत्तरासंगं करेइ 2 ता सुदत्तं अणगारं सत्तटुपयाई अणगच्छइ 2 ता तिक्त्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ 2 ता बंदइ णमंसइ वं० 2 ता जेणेव भत्तघरे तेणेव उवागच्छइ 2 ता सयहत्थेणं विउलेणं असणपा० पडि. लाभिस्सामीति तुठे..."। तए णं तस्स सुमुहस्स गाहावइस्स तेणं दध्वमुद्धे.... तिविहेणं तिकरणसुद्धणं सुदत्ते अणगारे पडिलाभिए समाणे संसारे परित्तीकए मणुस्साउए णिबद्धे गेहंसि य से इमाई पंचदिव्वाइं पाउडमूयाई तं०-दसुहारा वट्ठा दसद्धवणे कुसुमे णिवाइए चेलुक्खेवे कए आयाओ देवदुंदुहीओ अंतरावि Page #1468 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विवागसुयं सु. 2 अ. 1 1455 य णं आगासंसि अहो दाणमहो दाणं घ० हत्थिणाउरे सिंघाडग जाव पहेसु बहुजणो अण्णमण्णस्स एवं आइक्ख इ ४-धणे णं देवाणुप्पि० ! सुमुहे गाहाव० जाव तं धण्णे णं देवाणप्पिया ! सुमुहे गाहाव० / तए णं से सुमहे गाहावई बहूई वाससयाई आउयं पालइत्ता कालमासे कालं किच्चा इहेव हथिसीसे गयरे अदीणसत्तुस्स रण्णो धारिणीए देवीए कुच्छिसि पुत्तत्ताए उववण्णे / तए णं सा धारिणी देवी सयणिज्जसि सुत्तजाग० ओहीरमाणी 2 तहेव सीहं पासइ सेसं तं चेव जाव उप्पि पासा. विहरइ। तं एवं खलु गोयमा ! सुबाहुणा इमा एयारूवा माणुस्सरिद्धी लद्धा पत्ता अभिसमग्णागया। पभू णं भंते ! सुबाहु. कुमारे देवाणप्पियाणं अंतिए मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पन्वइत्तए ? हंता पभू।तए णं से भगवं गोयमे समणं भगवं० वंदइ णमंसइ वं० 2 ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहर इ। तए णं से समणे भगवं महावीरे अण्णया कयाइ हत्थिसीसाओ गयराओ पुप्फकरंडयउज्जाणाओ कयवणमालपिय जक्खाययणाओ पडिणिक्खमई 2 ता बहिया जणवयविहारं विहरइ / तए णं से सुबाहु कुमारे समणोवासए जाए अभिगयजीवाजीवे जाव पडिलामेमाणे विहरइ / तए गं से सुबाहुकुमारे अण्णया कयाइ चाउद्दसटुमुद्दिद्वपुण्णमासिणीसु जेणेव पोसह. साला तेणेव उवांगच्छइ 2 ता पोसहसालं पमज्जइ 2 ता उच्चारपासवणमि पडिलेहेइ 2 ता दम्भसंथारं संथरइ 2 ता दब्भसंथारं दुरुहइ 2 ता अट्ठम. भत्तं पगिण्हइ 2 ता पोसहसालाए पोसहिए अट्ठमभत्तिए पोसहं पडिजागरमाणे विहरइ / तए णं तस्स सुबाहुस्स कुमारस्स पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि धम्मजागरियं जागरमाणस्स इमेयारूवे अज्झथिए ५-धण्णा गं ते गामागर-णगर जाव संणिवेसा जत्थ गं समणे भगवं महावीरे जाव विहरइ, धण्णा गं ते राईसरतलवर० जे णं समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए मुंडा जाव पम्वयंति, धण्णा णं ते राईसरतलवर. जे णं समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए पंचाणक्वइयं जाव गिहिधम्म पडिवजंति, धण्णा गं ते राईसर जाव जे गं समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए धम्म सुर्णेति, तं जइ णं समणे भगवं महावीरे पुज्वाणुपुचि चरमाणे गामाणगामं दूइज्जमाणे इहमागच्छिज्जा जाव विहरिज्जा तए गं अहं समणस्स भगवओ अंतिए मुंडे भवित्ता जाव पवएज्जा। तए गं समणे भगवं महावीरे सुबाहुस्स कुमारस्स इमं एयारूवं अज्झत्थियं जाव Page #1469 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1456 अंग-पविटु सुत्ताणि वियाणित्ता पुव्वाणुपुन्वि जाव दूइज्जमाणे जेणेव हत्यिसीसे णयरे जेणेव पुप्फकरंडय उज्जाणे जेणेव कयवणमालपियस्स जक्खस्स जक्खाययणे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता अहापडिरूवं उग्गहं गिहित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ परिसा राया णिग्गया। तए णं तस्स सुबाहुस्स कुमारस्स तं महया जहा पढमं तहा णिग्गओ, धम्मो कहिओ, परिसा राया पडिगया / तए गं से सुबाहुकुमारे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए धम्म सोच्चा णिसम्म हतु४० जहा मेहे तहा अम्मापियरो आपुच्छइ णिक्खमणाभिसेओ तहेव जाव अणगारे जाए इरियासमिए जाव बंभमारी / तए णं से सुबाहू अणगारे समणस्स भगवओ महावीरस्स तहारूवाणं थेराणं अंतिए सामाइयमाइयाई एक्कारस अंगाई अहिज्जइ 2 ता बहूहि चउत्थछट्टट्ठमतवोविहाहि अप्पाणं भाबित्ता बहूई वासाइं सामण्णपरियागं पाउणित्ता मासियाए संलेहणाए अप्पाणं झसित्ता सढि भत्ताई अणसणाए छेदित्ता आलोइयपडिक्कते समाहिपत्ते कालमासे कालं किच्चा सोहम्मे कप्पे देवताए उववण्णे / से गं ताओ देवलोगाओ आउक्खएण भवक्खएणं ठिइक्खएणं अणंतरं चयं चहत्ता माणुस्सं विग्गहं लमिहिइ 2 ता केवलं बोहि बुझिहिइ 2 ता तहारूवाणं थेराणं अंतिए मुंडे भवित्ता जाव पव्वइस्सइ, से गं तत्थ बहूई वासाई सामण्णं पाउणिहिइ आलोइयपडिक्कते समाहिकाल. सणंकुमारे कप्पे देवत्ताए उवव०से गं ताओ देवलोगाओ.....माणुस्सं पव्वज्जा बंभलोए माणुस्सं तओ महासुक्के तओ माणुस्सं आणए. देवे तओ माणु. स्सं तओ आरणए देवे तओ माणस्सं सम्वसिद्धे / से गं तओ अणंतरं उव्वद्वित्ता महाविदेहे वासे जाइं० अड्डाई.....जहा दढपइण्णे सिम्मिहिइ 5 / एवं खल जंबू ! समणेणं जाव संपत्तेणं सुहविवागाणं पढमस्स अज्झयणस्स अयमझें पण्णसे // 31 // पढमं अज्झयणं समत्तं / / भद्दणंदी णामं बीयं अज्झयणं दोच्चस्स गं उक्खेवो एवं खल जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं उसमपुरे णयरे, थभकरंडे उज्जाणे, धण्णो जक्खोधणावहो राया सरस्सई देवी, सुमिणदंसणं कहणं जमणं बालत्तणं कलाओ, य जोव्वणं पाणिग्गहणं वाओ पासा० भोगा य। जहा सुबाहुस्स णवरं मद्दणंदी कुमारे सिरिदेवीपामोक्खाणं पंचस० सामीसमोसरणं, Page #1470 -------------------------------------------------------------------------- ________________ .विवागसुयं सु. 2 अ.. 3-7 1457 सावगधम्म....पुव्वपुच्छा महाविदेहे वासे पुंडरीकिणी गयरी विजयए कुमारे जुगबाहू तिस्थयरे पडिलाभिए मणुस्साउए णिबद्ध इहं उप्पण्णे सेसं जहा सुबाहुस्स जाव महाविवेहे वासे सिसहिइ० // बीयं अज्झयणं समत्तं // सुजाए णामं तइयं अज्झयणं तच्चस्स उक्खे० वीरपुर जयरं मणोरमं उज्जाणं वीरकण्हमित्ते राया सिरी देवी सुजाए कुमारे बलसिरीपामो० पंचसयक० सामीसमोसरणं पुस्वभवपुच्छा उसुयारे णयरे उसभवत्ते गाहावई पुष्फवत्ते अणगारे पडिला० मणुस्साउए णिबढे इह उप्पण्णे जाव महाविदेहे वासे सिज्झिहि // सुवासवे णामं चउत्थं अज्झयणं घउत्थस्स उक्खे० विनयपुरं गयरं मणोरमं गंदणवणं उज्जाणं वासदवत्ते राया कण्हा देवी सुबासवे कुमारे महापामोक्खाणं पंचस० जाव पुन्वभवे कोसंबी णयरी धणपाले राया बेसमणभद्दे अणगारे पडिलाभिए इह जाव सि० // निणदासे णामं पंचमं अज्झयणं पंचमस्स उक्खे० सोगंधिया गयरी णीलासोए उज्माणे अप्पडिहओ राया सुकण्णा देवी महचंदे कुमारे तस्स अरहवत्ता मारिया जिणदासो पुत्तो तित्थय. रागमणं जिणवासपुष्वभवो मज्ममिया गयरी मेहरहो राया सुधम्मे अणगारे पडिलामिए जाव सि० // पंचमं अज्झयणं समत्तं // . धणवई णामं छंठें अज्झयणं छठुस्स उक्खे० कणगपुरं जयरं सेयासोयं उज्जाणं पियचंदो राया सुभद्दा देवी वेसमणे कुमारे जबराया सिरिदेवीपामो० पंचस० क. पाणिग्गहणं तित्थयरागमणं धणवई नवरायपुत्ते जाव पुग्वभवो मणिवया गयरी मित्तो राया संभूति अणगारे पग्लिाभिए नाव सि. // छठें अज्झयणं समत्तं / / महब्बले णामं सत्तमं अज्झयणं संतमस्स उक्खे. महापुरं जयरं रत्तासोगं उज्जाणं बले राया सुमहा देवी महब्बले कुमारे रत्तवईपामो० पंचस० क. पाणिग्गहणं तित्थयरागमणं जाव पुश्वभवो मणिपुरंणयरं णागवत्ते गाहावई इंदपुरे अणगारे पडिलाभिए जाव सिला Page #1471 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1458 अंग-पविट्ट सुत्ताणि भद्दणंदी गामं अट्ठमं अज्मयणं. . अट्ठमस्स उक्खे० सुघोसं गयरं देवरमणं उज्जाणं अज्जयो राया तत्तवई देवी भद्दणंवी कुमारे सिरिदेवीपामो० पंचस० जाव पुटवभवे महाघोसे गयरे धम्मघोसे गाहावई धम्मसीहे अणगारे पडिलामिए जाव सि० // महचंदे णामं णवमं अज्झयणं णवमस्स उक्खे० चंपा गयरी पुष्णभद्दे उज्जाणे दत्ते राया दत्तवई देवी महचंदे कुमारे जवराया सिरिकंतापामो० पंचस० क० जाव पुग्वभवो तिगिछी णयरी जियसत्तू राया धम्मवीरिए अणगारे पडिलामिए जाव सि० // वरदत्ते णामं दसमं अज्झयणं जति णं दसमस्स उक्खेवो एवं खल जंब ! तेणे कालेणं तेणं समएणं सागेए णाम जयरे होत्था उत्तरकुर उज्जाणे मित्तगंदी राया सिरिता देवी वरदत्ते कुमारे वरसेणापामो० पंच देवीसया तित्थयरागमणं सावगधम्म..... पुत्र भवपुच्छा सयदुवारे पयरे विमलवाहणे राया धम्माई णाम अणगारं एज्जमाणं पासइ० पडिलामिए समा० मणस्साउए णिबद्ध इहं उप्पण्णे सेसं जहा सुबाहुस्स कुमारस्स चिता जाव पव्वज्जा कप्पंतरिओ जाव सबसिर तओ महाविदेहे जहा वढपाण्णो जाव सिज्म हिड 5 / एवं खल जंब ! समणे भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं सुहविवागागं बसमस्स अज्मपणस्स अयमढे पण्णने, सेवं मंते ! // 32 // दसमं अज्झयणं समत्तं // सुहवि०॥ // बीओ सुयक्खंधो समत्तो॥ विवागसुयस्स दो सुयक्खंधा दुहविवागो य सुहविवागो य, तत्थ वुहविवागे दस अज्झयणा एक्कसरगा दससु चेव दिवसेसु उद्दिसिज्जति, एवं सुहविवागेवि, सेसं जहा आयारस्स // विवागसुयं समत्तं // एक्कारस अंगाइं समत्ताई Page #1472 -------------------------------------------------------------------------- ________________ संघ के प्रकाशन अप्राप्य 1 मोक्षमार्ग ग्रन्थ 2 भगवती सूत्र भाग 1 3 भगवती सूत्र भाग 2 4 भगवती सूत्र भाग 3 ५भगवती.सूत्र भाग 4 6 भगवती सूत्र भाग 5 7 भगवती सूत्र भाग 6 8 भगवती सूत्र भाग 7 9 उत्तराध्ययन सूत्र 10 उववाइय सुत्त 11 जैन स्वाध्यायमाला 12 दशवकालिक सूत्र 13 सिद्धस्तुति . . 14 स्त्री-प्रधान धर्म 15 सुखविपाक सूत्र 16 कर्म-प्रकृति 17 सामायिक सूत्र 18 सूयगडांग सूत्र 19 विनयचन्द चोवीसी 2. नन्दी सूत्र 21 बालोचना पंचक 22 श्री उपासकदशांग सूत्र 23 सम्यक्त्व-विमर्श (हिन्दी) 2-25 0-75 अप्राप्य 0-20 अप्राप्य 0-40 अप्राप्य 4-00 अप्राप्य Page #1473 -------------------------------------------------------------------------- ________________ मूल्य 3-00 0-45 0-35 0-15 0-25 0-15 7-0. 1-25 अप्राप्य 3-00 अप्राप्य अप्राप्य अप्राप्य 24 अंतगडदसा सूत्र 25 प्रतिक्रमण सूत्र 26 संसार-तरणिका 27 तेतीस बोल 28 एक सो दो बोल का बासठिया . 26 गुणस्थान स्वरूप 30 गति-आगति 31 प्रश्नव्याकरण सूत्र 32 नव तत्त्व 33 पच्चीस बोल 34 समर्थ समाधान भाग 1 35 समर्थ समाधान भाग 2 . 36 रजनीश दर्शन 37 शिविर व्याख्यान 38 मंगल-प्रभातिका 36 सार्थ सामायिक सूत्र . 40 समिति-गप्ति 41 स्तवन-तरंगिणी 42 अणुत्तरोववाइयदसा सुत्त 43 तीर्थंकर पद प्राप्ति के उपाय 44 सम्यक्त्व-विमर्श (गुजराती) 45 भवनाशिनी भावना 46 अंतकृत विवेचन 47 तीर्थंकरों का लेखा 48 जीव-धड़ा 46 लघुदण्डक 50 महादण्डक 51 तीर्थकर चरित्र भाग 1 . अप्राप्य 0-20 अप्राप्य 0-50 अप्राप्य अप्राप्य 0-25 अप्राप्य Page #1474 -------------------------------------------------------------------------- ________________ मूल्य अप्राप्य 3-50 0-20 52 तीर्थकर चरित्र भाग 2 53 तीर्थंकर चरित्र भाग 3 54 जैन सिद्धांत थोकसंग्रह भाग 1, 2 55 आत्म-शुद्धि का मूल तत्त्वत्रयी 56 समकित के 67 बोल 57 समर्थ समाधान भाग 3 58 अंगपविट्ठ सुत्ताणि भाग 1 59 तत्त्व-पृच्छा 60 सामण्ण-सडि धम्मो - 61 अंग पविट्ठ सुत्ताणि भाग 2 14-.. 1-00 23 Page #1475 -------------------------------------------------------------------------- _ Page #1476 -------------------------------------------------------------------------- _