________________ 608 अंग-पविट्ट सुत्ताणि अट्ठमं सयं चउत्थो उद्देसो रायगिहे जाव एवं वयासी-कइ गं भंते ! किरियाओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! पंच किरियाओ पण्णत्ताओ, तंजहा-काइया अहिगरणिया, एवं किरियापयं गिरवसेसं भाणियब्वं जाव मायावत्तियाओ किरियाओ विसेसा. हियाओ / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति भगवं गोयमे० / / 326 // . अट्ठम सयं पंचमो उद्देसो रायगिहे जाव एवं वयासी-आजीविया णं भंते ! थेरे भगवंते एवं वयासीसमणोवासयस्स गं भंते ! सामाइयकडस्स समणोवस्सए अच्छमाणस्स केइ भंडं अवहरेज्जा से गं भंते ! तं भंडं अणुगवेसमाणे किं,सयं भंडं अणुगवेसइ परायगं भंडं अणगवेसइ ? गोयमा ! सयं भंडं अणुगवेसइ णो परायगं भंडं अणुगवेसइ / तस्स गं भंते ! तेहिं सीलव्वयगुणवेरमणपच्चक्खाणपोसहोववासेहिं से भंडे अभंडे भवइ ? हंता ! भवइ / से केणं खाइ णं अट्ठणं भंते ! एवं वुच्चइ सयं भंडं अणगवेसइ णो परायगं भंडं अणगवेसइ ? गोयमा! तस्स णं एवं भवइ-णो मे हिरण्णे णो मे सुवण्णे णो मे कसे णो मे दूसे णो मे विउलधणकणगरयणमणिमोत्तियसंखसिलप्पवालरत्तरयणमाईए संतप्तारसावएज्जे, ममतभावे पुण से अपरिग्णाए भवइ, से तेणठेणं गोयमा ! एवं वच्चइ-सयं भंड अणुगवेसइ णो परायगं भंडं अणुगवेसइ / समणोवासयस्स णं भंते ! सामाइयकडस्स समणोवस्सए अच्छमाणस्स केइ जायं चरेज्जा से णं भंते ! कि जायं चरइ अजायं चरइ ? गोयमा ! जायं चरइ णो अजायं चरइ / तस्स गं भंते ! तेहिं सीलव्वयगणवेरमणपच्चक्खाणपोसहोववासेहि सा जाया अजाया भवइ ? हंता ! भवइ / से केणं खाइ णं अट्ठणं भंते ! एवं वुच्चइ-जायं चरइ णो अजायं चरइ ? गोयमा ! तस्स णं एवं भवइ-णो मे माया णो मे पिया णो मे भाया णो मे भगिणी णो मे भज्जा णो मे पुत्ता णो मे धूया णो मे सुण्हा, पेज्जबंधणे पुण से अवोच्छिण्णे भवइ, से तेणठेणं गोयमा! जाव णो अजायं चरइ // 327 // समणोवासयस्स णं भंते ! पुवामेव थलए पाणाइवाए अपच्चक्खाए भवइ से गं भंते ! पच्छा पच्चाइक्खमाणे किं करेइ ? गोयमा ! तीयं पडिक्कमइ पड़प्पणं संवरेइ अणागयं पच्चक्वाइ / तीयं पडिक्कममाणे कि तिविहं