________________ णायाधम्मकहाओ व. 1 अ. 2 1267 परियणेणं सद्धि संपरिवडा सविड्ढीए जाव रवेणं आमलकप्पं गरि मज्झं. मज्झेणं णिग्गच्छइ 2 ता जेणेव अंबसालवणे चेइए तेणेव उवागच्छइ 2 ता छत्ताइए तित्थगराइसए पासइ 2 ता सीयं ठवेइ 2 ता [कालियं दारियं सीयाओ पच्चोरुहइ / तए णं तं] कालियं दारियं अम्मापियरो पुरओ काउं जेणेव पासे अरहा पुरिसादाणीए तेणेव उवागच्छइ 2 ता वदंति णमंसंति वं. 2 एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! काली दारिया अम्हं धूया इट्ठा कंता जाव किमंग पुण पासणयाए ? एस णं देवाणुप्पिया! संसारभउदिवग्गा इच्छइ देवाणुप्पियाणं अंतिए मुंडा भवित्ता (णं) जाव पव्वइत्तए, तं एयं णं देवाणु. प्पियाणं सिस्सिणिभिक्खं दलयामो, पडिच्छतु गं देवाणप्पिया ! सिस्सिणि. भिक्खं / अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं (करेह) / तए णं [सा] काली कुमारी पासं अरहं वंदइ णमंसइ वं० 2 ता उत्तरपुरस्थिमं दिसीभागं अवक्क. मइ 2 ता सयमेव आभरणमल्लालंकारं ओमुयइ 2 ता सयमेव लोयं करेइ 2 ता जेणेव पासे अरहा पुरिसादाणीए तेणेव . उवागच्छइ 2 ता पासं अरहं तिक्खुत्तो वंदइ णमंसइ पं० 2 त्ता एवं वयासी-आलित्ते णं भंते ! लोए एवं जहा देवाणंदा जाव सयमेव पवाविउं / तए गं पासे अरहा पुरिसादाणीए कालि सयमेव पुप्फचलाए अज्जाए सिस्सिणियत्ताए दलयइ। तए पंसा पुप्फचला अज्जा कालि कुमारि सयमेव पवावेइ जाव उवसंपज्जित्ताणं विहरइ / तए णं सा काली अज्जा जाया इरियासमिया जाव गुत्तबंभयारिणी। तए णं सा काली अज्जा पुष्फचूलाए अज्जाए अंतिए सामाइयमाइयाई एक्का. रस अंगाई अहिज्जइ बहूहि चउत्थ जाव विहरइ / तए णं सा काली अज्जा अण्णया कयाइ सरीरबाउसिया जाया यावि होत्था, अभिक्खणं 2 हत्थे धो(व). वेइ पाए धोवेइ सीसं धोवेइ महं धोवेइ थणंतरा (इं)णि धोवेइ कक्खंतराणि धोवेइ गज्झंतराणि धोवेइ जत्थ-जत्थ वि य णं ठाणं वा सेज्जं वा णिसी. हियं वा चेएइ तं पुवामेव अब्भक्खेत्ता तओ पच्छा आसयइ वा सयइ वा / तए णं सा पुप्फचला अज्जा कालि अज्ज एवं वयासी-णो खलु कप्पइ देवाणप्पिए ! समणीणं णिग्गंथीणं सरीरबाउसियाणं होत्तए, तुमं च णं देवा. गुप्पिए ! सरीबाउसिया जाया अभिक्खणं 2 हत्थे धोवसि जाव आसयाहि वा सयाहि वा, तं तुमं देवाणुप्पिए ! एयस्स ठाणस्स आलोएहि जाव पाय.