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________________ भगवई स. 19 उ. 3 883 सरीरा से एगे सुहुमे आउसरीरे, असंखेज्जाणं सुहुमआउक्काइयसरीराणं जावइया सरीरा से एगे सुहुमे पुढविसरीरे, असंखेज्जाणं सुहुमपुढविकाइयसरीराणं जावइया सरीरा से एगे बायरवाउसरीरे असंखेज्जाणं बायरवाउक्काइयाणं जाव. इया सरीरा से एगे बायरतेउसरीरे, असंखेज्जाणं बायरतेउकाइयाणं जावइया सरीरा से एगे बायरआउसरीरे, असंखज्जाणं बायरआउक्काइयाणं जावइया सरीरा से एगे बायरपुढविसरीरे, एमहालए णं गोयमा ! पुढविसरीरे पण्णत्ते ॥६५१॥पुढविकाइयस्स णं भते ! केमहालिया सरीरोगाहणा प० ? गोयमा ! से जहाणामए रण्णो चाउरंतचक्कवट्टिस्स वण्णगपेसिया तरुणी बलवं जगवं जवाणी अप्पायंका वण्णओ जाव णिउणसिप्पोवगया गवरं चम्मेद्वदुहणमुट्टियसमाहयणिचियगत्तकाया ण भण्णइ, सेसं तं चेव जाव णिउणसिप्पोवगया तिक्खाए वइरामईए साहकरणीए तिक्खेणं वइरामएणं वट्टावरएणं एगं महं पुढविकाइयं जउगोलासमाणं गहाय पडिसाहरिय 2 पडिसंखिविय 2 जाव इणामेवत्तिक१ तिसत्तक्खुत्तो उप्पीसेज्जा, तत्थ गंगोयमा! अत्थेगइया पुढविक्काइया आलिद्धा, अत्यंगइया पुढविक्काइया णो आलिद्धा, अत्थेगइया संघट्टिया, अत्थेगइया णों संघट्टिया, अत्थेगइया परियाविया, अत्थेगइया णो परियाविया, अत्थेगइया उद्दविया, अत्यगइया णो उद्दविया, अत्थगइया पिट्ठा, अत्थेगइया णो पिट्ठा, पुढविकाइयस्स णं गोयमा ! एमहालिया सरीरोगाहणा प० / पुढविकाइए गं भंते ! अक्कते समाणे केरिसियं वेयणं पच्चणुब्भवमाणे विहरइ ? गोयमा ! से जहाणामए-केइ पुरिसे तरुणे-बलवं जाव णिउणसिप्पोवगए एगं पुरिसं जुष्णं जराजज्जरियदेहं जाव दुम्बलं किलंतं जमलपाणिणा मुद्धाणंसि अभिहणिज्जा, से गं गोयमा ! पुरिसे तेणं पुरिसेणं जमलपाणिणा मुद्धाणंसि अभिहए समाणे केरिसियं वेयणं पच्चणुब्भवमाणे विहरइ ? अणिठें समणाउसो ! तस्स णं गोयमा ! पुरिसस्स वेयणाहितो पुढविकाइए अक्कते समाणे एत्तो अणि?तरियं चेव अकंततरियं चेव जाव अमणामतरियं चेव वेयणं पच्चणुब्भवमाणे विहरइ। आउयाए गं भंते ! संघट्टिए समाणे केरिसियं वेयणं पच्चणुब्भवमाणे विहरइ / गोयमा ! जहा पुढविकाइए एवं चेव, एवं तेउयाएवि, एवं वाउयाएवि, एवं वणस्सइकाएवि जाव विहरइ / सेवं भंते ! 2 त्ति // 652 / /
SR No.004390
Book TitleAngpavittha Suttani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1982
Total Pages1476
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_acharang, agam_sutrakritang, agam_sthanang, agam_samvayang, agam_bhagwati, agam_gyatadharmkatha, agam_upasakdasha, agam_antkrutdasha, & agam_anutta
File Size23 MB
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