________________ 252 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि 4 / एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० त० वामे णाममेगे वामावत्ते 4 // 68 / / चउहिं ठाणेहिं णिग्गंथे णिग्गंथिं आलवमाणे वा संलवमाणे वा णाइक्कमइ, तं० पंथं पुच्छमाणे वा पंथं देसमाणे वा असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा दलयमाणे वा, दलावेमाणे वा / / 69 / / तमुक्कायस्स णं चत्तारि णामधेजा प० तं० तमेइ वा, तमुक्काएइ वा, अंधयारेइ वा, महंधयारेइ वा / तमुक्कायस्स णं चत्तारि णामधेज्जा प० तं० लोगंधयारेइ वा, लोगतमसेइ वा, देवंधयारेइ वा, देवतमसेइ वा / तमु. कायस्स णं चत्तारि णामधेज्जा प०० वायफलिहेइ वा, वायफलिहखोभेइ वा, देवरण्णेइ वा, देववूहेइ वा / तमुक्काए णं चत्तारि कप्पे आवरित्ता चिट्ठइ तं० सोहम्मीसाणं सणंकुमारमाहिंदै // 70 // चत्तारि पुरिसजाया प० तं० संपागडपडिसेवी णाममेगे, पच्छण्णपडिसेवी णाममेगे, पडुप्पण्णणंदी णाममेगे, णिस्सरणणंदी णाममेगे // 71 / / चत्तारि सेणाओ प० तं० जइत्ता णाममेगा णो पराजिणित्ता, पराजिणित्ता णाममेगा णो जइत्ता, एगा जइत्ता वि पराजिणित्ताविं, एगा णो जइत्ता णो पराजिणित्ता / एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० जइत्ता णाममेगे णो पराजिणित्ता 4 / चत्तारि सेणाओ प० तं० जइत्ता णाममेगा जयइ, जइत्ता णाममेगा पराजिणइ पराजिणित्ता णाममेगा जयइ, पराजिणित्ता णाममेंगा पराजिणइ, एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० जइत्ता णाममेगे जयइ // 72 // चत्तारि केयणा प० तं० वसीमूलकेयणए मेंढविसाणकेयणए, गोमुत्तिकेयणए, अवलेहणियकेयणए / एवामेव चउव्विहा माया प० तं. वंसीमूलकेयणासमाणा जाव अवलेहणियाकेयणासमाणा, वसीमूलकेयणासमाणं मायं अणुप्पविढे जीवे कालं करेइ णेरइएसु उववज्जइ, मेंढविसाणकेयणासमाणं मायमणुप्पविढे जीवे कालं' करेइ तिरिक्खजोणिएसु उववज्जइ गोमुतिअं जाव कालं करेइ मणुस्सेसु उववज्जइ, अवलेहिणिया जाव देवेसु उववज्जइ // 73 // चत्तारि थंभा प० त० सेलथंभे अद्विथभे दारुथंभे, तिणिसलयार्थभे; एवामेव चउबिहे माणे प० तं० सेलथंभसमाणे जाव तिणिसलयार्थभसमाणे / सेलथंभसमाणं माणं अणुप्पविढे जीवे कालं करेइ णेरइएसु उववज्जइ, एवं जाव तिणिसलयार्थभसमाणं माणं अणुप्पविढे जीवे कालं करेइ देवेसु उववज्जइ / / 74 // चत्तारि वत्था प० तं० किमिरागरत्ते कद्दमरागरत्ते खंजणरागरत्ते हलिद्दरागरत्ते, एवामेव चउबिहे लोभे प० तं० किमिरागरत्तवत्थ