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________________ 508 अंग-पविटु सुत्ताणि समोहणा णेयव्वा रायगिहे णयरे रूवाइं जाणइ पासइ / अणगारे ण भंते ! भावियप्पा अमाई सम्मदिठी वीरियलद्धीए वेउव्वियलद्धीए ओहिणाणलद्धोए रायगिह णयरं वाणारसि पयरिं च अंतरा एगं महं जणवयवग्गं समोहए 2 रायगिहं णयरं वाणारसिं च परि तं च अंतरा एगं महं जणवयवग्गं जाणइ पासइ ? हंता ! जा० पा० / से भंते ! कि तहाभावं जाणइ पासइ अण्णहाभावं नाणइ पासइ ? गोयमा ! तहाभावं जाणइ पा०, णो अण्णहाभावं जा० पा० / से केणठेणं ? गोयमा ! तस्स णं एवं भवइ-णो खलु एस रायगिहे णयरे णो खलु एस वाणारसी णयरी णो खलु एस अंतरा एगे जणवयवग्गे एस खलु मम वीरियलद्धी वेउवियलद्धी ओहिणाणलद्धी इड्ढी जुई जसे बले वीरिए पुरि. सक्कारपरवकमे लद्धे पत्तं अभिसमण्णागए से से दंसणे अविवच्चासे भवइ से तेणठेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ तहाभावं जाणइ पासइ णो अण्णहाभावं जाणइ पासइ / अणगारे गं भंते ! भावियप्पा बाहिरए पोग्गले अपरियाइत्ता पभू एगं महं गामरूवं वा णयररूवं वा जाव सण्णिवेसरूवं वा विकुवित्तए ? जो इणठे समझें, एवं बिइओवि आलावगो, णवरं बाहिरए पोग्गले परियाइत्ता पभू / अणगारे णं भंते ! भावियप्पा केवइयाई पभू गामरूवाई विकु. वित्तए ? गोयमा ! से जहाणामए जुवई जुवाणे हत्थेणं हत्थे गेण्हेज्जा तं चेव जाव विकुविसु वा 3 एवं जाव सण्णिवेसरूवं वा // 161 // चमरस्स से भंते ! असुरिंदस्स असुररण्णो कइ आयरक्खदेवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ? गोयमा! चत्तारि चउसट्ठीओ आयरवखदेवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ, ते णं आयरक्खा वष्णओ जहा रायप्पसेणइज्जे, एवं सन्वेसि इंदाणं जस्स जत्तिया आयरक्खा भाणियव्वा / सेवं भंते ! 2 ति // 162 // तइयं सयं सत्तमो उद्देसो रायगिहे णयरे जाव पज्जवासमाणे एवं वयासी-सवकस्स णं भंते ! देवि दस्स देवरष्णो कइ लोगपाला पण्णता ? गोयमा ! चत्तारि लोगपाला. 50, तंजहा-सोमे जमे वरुणे वेसमणे / एएसि णं भंते ! चउण्हं लोगपालाणं कई विमाणा पण्णत्ता ? गोयमा ! चत्तारि विमाणा प०, तंजहाँ-संझप्पभे वर. सिट्टे सयंजले वग्ग / कहि णं भंते ! सक्कस्स देविदस्स देवरण्णो सोमस्स
SR No.004390
Book TitleAngpavittha Suttani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1982
Total Pages1476
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_acharang, agam_sutrakritang, agam_sthanang, agam_samvayang, agam_bhagwati, agam_gyatadharmkatha, agam_upasakdasha, agam_antkrutdasha, & agam_anutta
File Size23 MB
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