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________________ 1354 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि वा वियणपत्ते इ वा तालियंटपत्ते इ वा एवामेव०, धण्णस्स बाहाणं० से जहा. णामए समिसंगलिया इ वा वाहायासंगलिया इ वा अगस्थियसंगलिया इ वा एवामेव० धण्णस्स हत्थाणं० से जहा० सुक्कछगणिया इ वा वडपत्ते इ वा पलासपत्ते इ वा, एवामेव० धण्णस्स हत्थंगुलियाणं० से जहा० कलसंगलिया इ वा मग्गसं० माससंगलिया इ वा तरुणिया छिण्णा आयवे दिण्णा सुक्का समाणी एवामेव०, धण्णस्स गीवाए० से जहा० करगगीवा इ वा कुंडियागीवा इ वा उच्चढवणए इ वा एवामेव० धण्णस्स गं हणुयाए० से जहा० लाउफले इ वा हकुवफले इ वा अंबगट्टिया इ वा एवामेव०, धण्णस्स उट्ठाणं० से जहा० सुवकजलोया इ वा सिलेसगुलिया इ वा अलत्तगुलिया इ वा एवामेव०, धण्णस्स जिब्भाए० से जहा० वडपत्ते इ वा पलासपत्ते इ वा (उंबर०) सागपत्ते इ वा एवामेव० धण्णस्स णासाए० से जहा० अंबगपेसिया इ वा अंबाडगपेसिया इ वा माउलिंगपेसिया इ वा तरुणिया एवामेव०, धण्णस्स अच्छीणं० से जहा० वीणाछिड्डे इ वा बद्धीसगछिड़े इ वा पामाइयतारिगा इ वा एवामेव० धण्णस्स कण्णाणं० से जहा० मूलाछल्लियाइ वा वालुंक० कारेल्लयच्छल्लीयाइ वा एवामेव० धण्णस्स अ० सीसस्स० से जहा० तरुणगलाउएइ वा तरुणगएलालुएइ वा सिण्हालएइ वा तरुणए जाव चिट्ठइ, एवामेव धण्णस्स अणगारस्स सीसं सुक्कं लुक्खं णिम्मंसं अद्विचम्मछिरत्ताए पण्णायइ णो चेव गं मंससोणियत्ताए, एवं सव्वत्थ, णवरं उदरभायणं कण्णा जीहा उट्ठा एएसि अट्ठी ण भण्णइ चम्मछिरत्ताए पण्णायइत्ति भण्णइ, धणे णं अणगारे णं सुक्केणं भुक्खेणं पायजंघोरुणा विगयतडिकरालेणं कडिकडाहेणं पिट्ठमवस्सिएणं उदर• भायणेणं जोइज्जमाणेहि पांसुलियकडएहि अक्खसुत्तमालाइ वा गणिज्जमालाइ वा गणिज्जमाहिं पिट्टिकरंडगसंधीहिं गंगातरंगभूएणं उरकडगदेसभाएणं सुक्कसप्पसमाणाहिं बाहाहिं सिढिलकडाली विव लंब(चलं)तेहि य अग्गहहि कंपणवाइओविव वेवमाणीए सीसघडीए पवायवयणकमले उन्भडघड. मुहे उब्बड्डणयणकोसे जीवंजीवेणं गच्छइ जीवंजीवेणं चिट्ठइ भासं भासिस्सामित्ति गिलाइ 3 से जहाणामए इंगालसगडियाइ वा जहा खंदओ तहा जाव हुयासणे इव भासरासिपलिच्छण्णे तवेणं तेएणं तवतेयसिरीए (अ०) उवसोभेमाणे 2 चिट्ठइ // 3 // तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे पयरे गुणसिलए चेइए सेणिए
SR No.004390
Book TitleAngpavittha Suttani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1982
Total Pages1476
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_acharang, agam_sutrakritang, agam_sthanang, agam_samvayang, agam_bhagwati, agam_gyatadharmkatha, agam_upasakdasha, agam_antkrutdasha, & agam_anutta
File Size23 MB
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