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________________ सूयगडो सु. 1 अ. 7 129 णाणी / / 24 // पुढोवमे धुणइ विगयगेही ण संणिहिं कुब्वइ आसुपण्णे / तरिउं समुहूं व महाभवोघं अभयंकरे वीर अणंतचक्खू // 25 / / कोहं च माणं च तहेव मायं.लोभं चउत्थं अज्झत्तदोसा / एयाणि वंता अरहा महेसी ण कुव्वई पाव ण कारवेइ // 26 / / किरियाकिरियं वेणइयाणुवायं अण्णाणियाणं पडियच ठाणं / से सव्ववायं इइ वेयइत्ता उवट्ठिए संजमदीहरायं / / 27 // से वारिया इत्थि सराइभत्तं उवहाणवं दुक्खखयट्टयाए / लोगं विदित्ता आरं परं च सव्वं पभू वारिय सव्ववारं / / 28 / सोचा य धम्मं अरहंतभासियं समाहियं अट्ठपदोवसुद्धं / तं सद्दहाणा य जणा अणाऊ इंदा व देवाहिव आगमिस्संति / / 29 // त्ति बेमि // ॥कुसीलपरिभासियं णाम सत्तमं अज्झयणं / पुढवी य आऊ अगणी य वाऊ तण-रुक्ख. बीया य तसा य पाणा / जे अंडया जे य जराउ पाणा संसेयया जे रसयाभिहाणा // 1 // एयाई कायाई पवेइयाइं एएसु जाणे पडिलेह सायं। एएण काएण य आयदंडे एएसु या विप्परियासुर्वेति // 2 // जाईपहं अणुपरिवट्टमाणे तसथावरेहिं विणिघायमेइ / से जाइ जाई बहुकूरकम्मे जं कुम्वई मिज्जइ तेण बाले // 3 // अस्सिं च लोए अदु वा परत्था सयग्गसो वा तह अण्णहा वा / संसारमावण्ण परं परं ते बंधंति वेयंति य दुण्णियाणि // 4 // जे मायरं वा पियरं च हिच्चा समणव्वए अगणिं समारभिज्जा / अहाहु से लोए कुसीलधम्मे भूयाइं जे हिंसइ आयसाए // 5 // उज्जालओ पाण णिवायएज्जा णिव्वावओ अगणिं णिवायएज्जा / तम्हा उ मेहावि समिक्ख धम्म ण पंडिए अगणिं समारभिज्जा / / 6 / / पुढवीं वि जीवा आऊ वि जीवा पाणा य संपाइम संपयंति / संसेयया कट्ठसमस्सिया य एए दहे अगणिं समारभंते // 7 // हरियाणि भूयाणि विलम्बगाणि आहार देहा य पुढो सियाइ / जे छिंदई आयसुहं पडुच्च पागब्भि पाणे बहुणं तिवाई // 8 // जाइं च बुद्धिं च विणासयंते बीयाइ अस्संजय आयदंडे / अहाहु से लोए अणज्जधम्मे बीयाइ से हिंसइ आयसाए // 9 // गन्भाइ मिजंति बुयाबुयाणा णरा परे पंचसिहा कुमारा / जुवाणगा मज्झिम थेरगा य चयंति ते आउखए पलीणा // 10 // संबुल्झहा जंतवो माणुसत्तं दटुं भयं बालिसेणं अलम्भो / एगंतदुक्खे जरिए व लोए सकम्मुणा विप्परियासुवेइ // 11 // इहेग मूढा पययंति मोक्खं आहारसंपज्जणवज्जणेणं / एगे य सीओदग
SR No.004390
Book TitleAngpavittha Suttani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1982
Total Pages1476
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_acharang, agam_sutrakritang, agam_sthanang, agam_samvayang, agam_bhagwati, agam_gyatadharmkatha, agam_upasakdasha, agam_antkrutdasha, & agam_anutta
File Size23 MB
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