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________________ 1028 अंग-पविट्ट सुत्ताणि कुमारावि जाव थणियकुमारा, पुढविक्काइया सव्वट्ठाणेसुवि मज्झिल्लेसु दोसुवि समोसरणेसु भवसिद्धियावि अभवसिद्धियावि एवं जाव वणस्सइकाइया, बेइं. दियतेइंदियचरिदिया एवं चेव णवरं सम्मत्ते ओहिणाणे आभिणिबोहियणाणे सुयणाणे एएसुचेव दोसु मज्झिमेसु समोसरणेसु भवसिद्धिया णो अभवसिद्धिया, सेसं तं चेव, पंचिदियतिरिक्खजोणिया जहा जेरइया णवरं णायव्वं जं अस्थि, मणस्सा जहा ओहिया जीवा, वाणमंतरजोइसियवेमाणिया जहा असुरकुमारा। सेवं भंते ! 2 त्ति // 24 // तीसइमं सयं बीओ उद्देसो अणतरोववण्णगा णं भंते ! रइया कि किरियावाई० पुच्छा, गोयमा ! किरियावाईवि जाव वेणइयवाईवि, सलेस्सा •णं भंते ! अणंतरोव. वण्णगा णेरइया कि किरियावाई एवं चेव, एवं जहेव पढमुद्देसे गैरइयाणं वत्त. व्वया तहेव इहवि माणियन्वा, णवरं जं जस्स अस्थि अणंतरोववण्णगाणंणेरड. याणं तं तस्स भाणियन्वं, एवं सव्वजीवाणं जाव वेमाणियाणं, णवरं अणंतरोववण्णगाणं जं जहिं अस्थि तं तहिं भाणियव्वं / किरियावाई गं भंते ! अणंतरोववण्णगा गैरइया कि गैरइयाउयं पकरेंति. पुच्छा, गोयमा ! णो णेरइयाउयं पकरेंति णो तिरि० णो मण णो देवाउयं पकरेंति, एवं अकिरिया. वाईवि अण्णाणियवाईवि वेणइयवाईवि / सलेस्सा गं भंते ! किरियावाई अणंतरोववण्णगा रइया कि रइयाउयं० पुच्छा, गोयमा ! णो रइयाउयं पकरेंति जाव णो देवाउयं पकरेंति, एवं जाव वेमाणिया, एवं सन्वट्ठाणेसुवि अणंतरोववण्णगा रइया ण किंचिवि आउयं पकरेंति जाव अणागारोवउत्तत्ति, एवं जाव वेमाणिया णवरं जं जस्स अस्थि तं तस्स भाणियन्वं / किरियावाई गं भंते ! अणंतरोववण्णगा रइया किं भवसिद्धिया अभवसिद्धिया? गोयमा! भवसिद्धिया णो अभवसिद्धिया / अकिरियावाई णं पुच्छा, गोयमा ! भवसिद्धियावि, अभवसिद्धियावि, एवं अण्णाणियवाईवि वेणइयवाईवि। सलेस्सा णं भंते ! किरियावाई अणंतरोववण्णगा रइया कि भवसिद्धिया अभवसिद्धिया ? गोयमा ! भवसिद्धिया णो अभवसिद्धिया, एवं एएणं अभिलावेणं जहेव ओहिए उद्देसए णेरइयाणं वत्तव्वया भणिया तहेव इहवि भाणियव्वा जाव अणागारोवउत्तत्ति, एवं जाव वेमाणियाणं णवरं जं जस्स अस्थि तं तस्स भाणियन्वं, इमं
SR No.004390
Book TitleAngpavittha Suttani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1982
Total Pages1476
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_acharang, agam_sutrakritang, agam_sthanang, agam_samvayang, agam_bhagwati, agam_gyatadharmkatha, agam_upasakdasha, agam_antkrutdasha, & agam_anutta
File Size23 MB
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