________________ ठाणं ठा. 5 उ. 2 285 वा सेज वा णिसीहियं वा चेएमाणा णाइक्कमति तं०अत्थेगइया णिग्गंथा णिग्गंथीओ य ए गं महं अगामियं छिण्णावायं दीहमद्धं अडविमणुपविट्ठा तत्थेगयओ ठाणं वा सेज्जं वा णिसीहियं वा चेएमाणा णाइक्कमति अत्थेगइया णिग्गंथा 2 गामंसि वा णगरसि वा जाव रायहाणिंसि वा वासं उवागया एगइया जत्थ उवस्सयं लभंति एगइया णो लभंति तत्थगयओ ठाणं वा जाव णाइक्कमंति अत्थेगइया णिग्गंथा णिग्गंथीओ य णागकुमारावासंसि वा सुवण्णकुमारावासंसि वा वासं उवागया तत्थेगयओ ठाणं वा जाव णाइक्कमंति, आमोसगा दीसंति ते इच्छंति णिग्गंथीओ चीवरपडियाए पडिगाहेत्तए तत्थेगयओ ठाणं वा जाव णाइक्कमंति, जुवाणा दीसंति ते इच्छंति णिग्गंथीओ मेहुणपडियाए पडिगाहेत्तए तत्थेगयओ ठाणं वा जाव णाइक्कमंति, इच्चेएहिं पंचहिं ठाणेहिं जाव णाइक्कमति / पंचहिं ठाणेहि समणे णिग्गंथे अचेलए सचेलियाहिं णिग्गंथीहिं सद्धिं संवसमाणे णाइक्कमइ तं० खित्तचित्ते समणे णिग्गंथे णिग्गंथेहिं अविजमाणेहिं अचेलए सचेलियाहिं णिग्गंथीहिं सद्धिं संवसमाणे णाइक्कमइ एवमेएणं गमएणं दित्तचित्त जक्खाइटे उम्मायपत्ते णिग्गंथीपव्वाइयए समणे णिग्गंथेहिं अविज्जमाणेहिं अचेलए सचेलियाहिं णिग्गथीहिं सद्धिं संवसमाणे णाइक्कमइ // 33 // पंच आसवदारा प० तं० मिच्छत्तं अविरई पमाओ कसाया जोगा / पंच संवरदारा प० त० सम्मत्त विरई अपमाओ अकसाइत्त अजोगित्तं / पंच दंडा प० तं० अहादंडे अणट्ठादंडे हिंसादंडे अकम्हादंडे दिट्ठिविपरियासियादंडे। पंच किरियाओ प० तं० आरंभिया परिग्गहिया मायावत्तिया अपञ्चक्खाणकिरिया मिच्छादसणवत्तिया / मिच्छद्दिहिणेरइयाणं पंच किरियाओ प० तं० आरंभिया जाव मिच्छादसणवत्तिया एवं सव्वेसिं णिरंतरं जाव मिच्छादिट्ठियाणं वेमाणियाणं, णवरं विगले दिया मिच्छादिट्ठी ण भण्णंति, सेसं तहेव / पंच किरियाओ प० तं. काइया अहिंगरणिया पाओसिया पारियावणिया पाणाइवायकिरिया / णेरइयाणं पंच एवं चेव णिरंतरं जाव वेमाणियाणं / पंच किरियाओ प० तं० आरंभिया जाव मिच्छादसणवत्तिया णेरइयाणं पंच किरिया णिरंतरं जाव वेमाणियाणं / पंच किरियाओ प० तं० दिट्ठिया पुट्ठिया पाडुचिया सामंतोवणिवाइया साहत्थिया, एवं णेरइयाणं जाव वेमाणियाणं / पंच किरियाओ प० तं० णेसत्थिया आणवणिया वेयारणिया अणाभोगवत्तिया अणवखवत्तिया, एवं जाव वेमाणियाणं / पंचकिरि. याओ प० तं० पेज्जवत्तिया दोसवत्तिया पओगकिरिया समुदाणकिरिया ईरियाव