________________ ठाणं ठा. 3 उ. 2 227 त्ताणामेगे सुमणे भवइ (3) ण सुणेमि त्ति 3 ण सुणेस्सामित्ति 3 एवं रूवाई गंधाई रसाइं फासाइं इक्केके छ-छ आलावगा भाणियव्वा, एवं 127 आलावगा भवंति // 50 // तओ ठाणा णिस्सीलस्स णिव्वयस्स णिग्गुणस्स णिम्मेरस्स णिप्पचक्खाणपोसहोववासस्स गरहिया भवंति तं० अस्सि लोगे गरहिए भवइ उववाए गरहिए भवइ आयाई गरहिया भवइ / तओ ठाणा सुसीलस्स सुव्वयस्स सगुणस्स समेरस्स सपच्चक्खाणपोसहोववासस्स पसत्था भवंति तं० अस्सि लोगे पसत्थे भवइ उववाए पसत्थे भवइ आयाई पसत्था भवइ // 51 // ति विहा संसारसमावण्णगा जीवा प० तं० इत्थी पुरिसा णपुंसगा / तिविहा सव्वजीवा प० तं० सम्मदिट्ठी मिच्छदिट्ठी सम्ममिच्छदिट्ठी य / अहवा तिविहा सव्वजीवा प० तं० पज्जतगा अपज्जत्तगा णोपज्जत्तगाणोअपज्जत्तगा / एवं सम्महिद्विपरित्तापज्जत्तगसुहुमसण्णिभविया य / / 52 / / ति विहा लोगढिई प० तं० आगासपइढिए वाए वायपइढ़िए उदही उदहीपइट्ठिया पुढवी / तओ दिसाओ प० तं० उड्डा अहा तिरिया / तिहिं दिसाहिं जीवाणं गई पवत्तई तं० उड्ढाए अहाए तिरियाए, एवं आगई वकंती आहारे वुड्डी णिबुड्ढी गइपरियाए समुग्घाए कालसंजोगे दंसणाभिगमे णाणाभिगमे जीवाभिगमे / तिहिं दिसाहिं जीवाणं अजीवाभिगमे प० तं० उड्ढाए अहाए तिरियाए, एवं पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं / एवं मणुस्साणवि ।।५३॥ति विहा तसा प० तं० तेउकाइया, वाउकाइया, उराला तसा पाणा। तिविहा थावरा प० तं० पुढविकाइया आउकाइया वणस्सइकाइया // 54 // तओ अच्छेज्जा प० त० समए पएसे परमाणू ; एवमभेज्जा अडज्झा अगिज्झा अणड्डा अमज्झा अपएसा / तओ अविभाइमा प० त० समए पएसे परमाणू // 58 // अज्जोत्ति ! समणे भगवं महावीरे गोयमाई समणे णिग्गंथे आमंतित्ता एवं वयासी-किं भया पाणा समणाउसो ? गोयमाई समणा णिग्गंथा समणं भगवं महावीरं उवसंकमंति, उवसंकमित्ता वदंति णमंसंति वंदित्ता णमंसित्ता एवं वयासी णो खलु वयं देवाणुप्पिया ! एयमढे जाणामो वा पासामो वा तं जइणं देवाणुप्पिया ! एयमढे णो गिलायंति परिकहेत्तए तमिच्छामो णं देवाणुप्पियाणं अंतिए एयमहँ जाणित्तए / अज्जोत्ति ! समणे भगवं महावीरे .गोयमाई समणे णिग्गंथे आमंतित्ता एवं वयासी, दुक्ख भया पाणा समणाउसो / से णं भंते ! दुक्खे केण कडे ? जीवेण कडे पमाएणं, से णं भंते ! दुक्खे कहं वेइज्जति ?