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________________ ठाणं ठा. 9 321 पढमसमयणेरइयणिव्वत्तिए जाव अपढमसमयदेवणिव्वत्तिए एवं चिण-उवचिण जाव णिज्जरा चेवं / / 104 / / अट्ठपए सिया खंधा अणंता प० / 105 // अट्ठ पएसोगाढा पोग्गला अणंता प० // 106 // जाव अट्ठगुणलुक्खा पोग्गला अणंता 50 // 107 // णवमं ठाणं णवहिं ठाणेहिं समणे णिग्गंथे संभोइयं विसंभोइयं करेमाणे णाइक्कमइ तं०आयरियपडिणीयं उबज्झायपडिणीयं थेरपडिणीयं कुल. गण. संघ० णाण. दसण० चरित्तपडिणीयं // 1 // णव बंभचेरा प० त० सत्थपरिण्णा लोगविजओ जाव उवहाणसुयं महापरिण्णा // 2 // णव बंभचेरगुत्तीओ प० तं० विवित्ताई सयणासणाई सेवित्ता भवइ णो इत्थिसंसत्ताई णो पसुसंसत्ताई णो पंडगसंसत्ताई 1 णो इत्थीणं कहं कहेत्ता 2 णो इत्थिठाणाइं सेवित्ता भवइ 3 णो इत्थीणमिदियाई मणोहराई मणोरमाई आलोइत्ता णिज्झाइत्ता भवइ 4 णो पणीयरसभोई 5 णो पाणभोयणस्स अइमत्तं आहारए सया भवइ 6 णो पुवरयं पुवकीलियं समरेत्ता भवइ 7 णो सहाणुवाई णो रुवाणुवाई णो सिलोगाणुवाई 8 णो सायसोक्खपडिबद्धे यावि भवइ 9 ॥३॥णव बंभचेरअगुत्तीओ प० तं० णो विवित्ताई सयणासणाई सेवित्ता भवइ इत्थीसंसत्ताई पसुसंसत्ताई पंडगसंसत्ताई इत्थीणं कहं कहेत्ता भवइ इत्थीणं ठाणाई सेवित्ता भवइ इत्थीणं इंदियाइं जाव णिज्झाइत्ता भवइ पणीयरसभोई पाणभोयणस्स अइमायमाहारए सया भवइ पुव्वरयं पुव्वकीलियं सरित्ता भवइ सहाणुवाई रूवाणुवाई सिलोगाणुवाई जाव सायासुक्खपडिबद्धे यावि भवइ // 4 / / अभिणंदणाओ णं अरहओ सुमई अरहा णवहिं सागरोवमकोडीसयसहस्सेहिं विइकंतेहिं समुप्पण्णे // 5 // णव सब्भावपयत्था प० तं. जीवा अजीवा पुण्णं. पावो आसवो संवरो णिजरा बंधो मोक्खो / / 6 // णव विहा संसारसमावण्णगा जीवा प० तं. पुढविकाइया जाव वणस्सइकाइया बेइंदिया जाव पंचिंदियत्ति / / 7 / / पुढविकाइया णवगइया णव आगइया प० तं० पुढविकाइए पुढविकाइएसु उबवजमाणे पुढविकाइए हिंतो वा जाव पंचिं दिए हिंतो वा उववज्जेज्जा, से चेव णं से पुढविकाइए पुढविकायत्तं विप्पजहमाणे पुढविकाइयत्ताए जाव पंचिंदियत्ताए वा गच्छेजा / एवं आउकाइयावि पंचिंदियत्ति // 8 // णवविहा सव्वजीवा
SR No.004390
Book TitleAngpavittha Suttani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1982
Total Pages1476
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_acharang, agam_sutrakritang, agam_sthanang, agam_samvayang, agam_bhagwati, agam_gyatadharmkatha, agam_upasakdasha, agam_antkrutdasha, & agam_anutta
File Size23 MB
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