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________________ 866 _ अंग-पविट्ठ सुत्ताणि सपए सिय कडजुम्माओ जाव सिय कलिओगाओ, एवं असुरकुमारित्थीओवि जाव थणियकुमारइत्थीओवि, एवं तिरिक्ख जोणियइत्थीओवि, एवं मणुस्सइत्थीओवि, एवं वाणमंतरजोइसियवेमाणियदेवइत्थीओ // 623 // जावइयाणं भंते ! वरा अंधगवण्हिणो जीवा तावइया परा अंधगवण्हिणो जीवा ? हंता गोयमा ! जावइया वरा अंधगवण्हिणो जीवा तावइया परा अंधगवहिणो जीवा / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 624 // - अट्ठारसमं सयं पंचमो उद्देसो दो भंते ! असुरकुमारा एगंसि असुरकुमारावासंसि असुरकुमारदेवत्ताए उववण्णा तत्थ णं एगे असुरकुमारे देवे पासाईए दरिसणिज्जे अभिरूवे पडि. रूवे, एगे असुरकुमारे देवे से णं णो पासाईए णो दरिसणिज्जे णो अभिरूवे, णो पडिरूवे, से कहमेयं भंते ! एवं? गोयमा ! असुरकुमारा देवा दुविहा प०, तं०-वेउव्वियसरीरा य अवेउव्वियसरीरा य, तत्थ णं जे से वेउवियसरीरे असुरकुमारे देवे से णं पासाईए जाव पडिरूवे, तत्थ णं जे से अवे उब्विय. सरीरे असुरकुमारे देवे से णं णो पासाईए जाव णो पडिरूवे / से केण?णं भंते ! एवं वुच्चइ-तत्थ णं जे से वेउब्वियसरीरे तं चेव जाव णो पडिरूवे ? गोयमा ! से जहाणामए-इहं मणुयलोगसि दुवे पुरिसा भवंति, एगे पुरिसे अलंकियविभूसिए, एगे पुरिसे अणलंकियविभूसिए एएसि णं गोयमा ! दोण्हं पुरिसाणं कयरे पुरिसे पासाईए जाव पडिरूवे, कयरे पुरिसे णो पासाईए जाव णो पडिरूवे, जे वा से पुरिसे अलंकियविभूसिए जे वा से पुरिसे अणलंकिय. विभूसिए ? भगवं ! तत्थ जे से पुरिसे अलंकियविभूसिए से णं पुरिसे पासाईए जाव पडिरूवे, तत्थ णं जे से पुरिसे अणलंकियविभूसिए से णं पुरिसे णो पासाईए जाव णो पडिरूवे, से तेणठेणं जाव णो पडिरूवे / दो भंते ! णागकुमारा देवा एगंसि णागकुमारावासंसि एवं चेव, एवं जाव थणियकुमारा, वाणमंतर. जोइसियवेमाणिया एवं चेव // 625 // दो भंते ! णेरइया एगसि गेर. इयावासंसि रइयत्ताए उववण्णा, तत्थ णं एगे रइए महाकम्मतराए चेव जाव महावेयणतराए चेव, एगे रइए अप्पकम्मतराए चेव जाव अप्पवेयणतराए चेव, से कहमेयं भंते ! एवं ? गोयमा ! णेरइया दुविहा प०, तं0माइमिच्छादिहिउववण्णगा य अमाइसम्मदिट्ठिउववण्णगा. य, तत्थणं जे से
SR No.004390
Book TitleAngpavittha Suttani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1982
Total Pages1476
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_acharang, agam_sutrakritang, agam_sthanang, agam_samvayang, agam_bhagwati, agam_gyatadharmkatha, agam_upasakdasha, agam_antkrutdasha, & agam_anutta
File Size23 MB
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