________________ 270 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि सेयंसेत्ति णाममेगे सेयंसेत्ति मण्णइ, सेयंसेत्ति णाममेगे पावंसेत्ति मण्णइ 4 / चत्तारि पुरिसजाया प० तं० सेयंसे णाममेगे सेयंसेत्ति सालिसए मण्णइ सेयंसे णाममेगे पावं. सेत्ति सालिसए मण्णइ 4 // 146 / / चत्तारि पु० प० तं० आघवइत्ता णाममेगे गो परिभावइत्ता, परिभावइत्ता णाममेगे णो आघवइत्ता 4 / चत्तारि पु० 50 तं. आघवइत्ता णाममेगे णो उंछजीविसंपण्णे, उंछजीविसंपण्णे णाममेगे णो आघबइत्ता 4 // 147 / / चउबिहा रुक्खविगुव्वणा प० तं० पवालत्ताए पत्तत्ताए पुप्फत्ताए फलत्ताए // 148 // चत्तारि वाइसमोसरणा प० त० किरियावाई अकिरियावाई अण्णाणियावाई वेणइयावाई / णेरइयाणं चत्तारि वाइसमोसरणा प० तं० किरियावाई, जाव वेणइयावाई / एवमसुरकुमाराणवि जाव थणियकुमाराणं, एवं विगलिंदियवजं जाव वेमाणियाणं // 149 / / चत्तारि मेहा प० तं० गजित्ता गाममेगे णो वासित्ता, वासित्ता णाममेगे णो गजित्ता, एगे गजित्तावि वासित्तावि, एगे णो गजित्ता णो वासित्ता। एवामेव चत्तारि पु०प० तं० गजित्ता णाममेगे णो वासित्ता 4 / चत्तारि मेहा प० त० गजित्ता प्याममेगे णो विज्जुयाइत्ता, विज्जुयाइत्ता णाममेगे णो गजित्ता 4 / एवामेव चत्तारि पु० प० तं. गजित्ता णाममेगे गो विज्जुयाइत्ता 4 / चत्तारि मेहा प० तं० वासित्ता णाममेगे णो विज्जुयाइत्ता 4 / एवामेव चत्तारि पु० प० तं० वासित्ता णाममेगे णो विज्जुयाइत्ता 4 / चत्तारि मेहा प० तं० कालवासी णाममेगे णो अकालवासी, अकालवासी णाममेगे णो कालवासी 4 / एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० कालवासी णाममेगेणो अकालवासी 4 / चत्तारि मेहा प० तं० खेत्तवासी णाममेगे णो अखत्तवासी 4 / एवामेव चत्तारि पु० प० तं. खेत्तवासी णाममेगे णो अखेत्तवासी 4 / चत्तारि मेहा प० तं० जणइत्ता णाममेगे णो णिम्मवइत्ता, णिम्मवइत्ता णाममेगे णो जणइत्ता 4 / एवामेव चत्तारि अम्मापियरो प० त० जणइत्ता णाममेगे णो णिम्मवइत्ता 4 / चत्तारि मेहा प० तं० देसवासी णाममेगे णो सबवासी 4 / एवामेव चत्तारि रायाणो प० तं० देसाहिवई णाममेगे गो सव्वाहिवई 4 / चत्तारि मेहा प० तं० पुक्खलसंवट्टए पज्जुण्णे जीमूए जिम्हे। पुक्खलसंवट्टए णं महामहे एगेणं वासेणं दसवाससहस्साई भावेइ, पन्जुण्णे णं महामेहे एगेणं वासेणं दसवाससयाई भावेइ, जीमूए णं महामेहे एगेणं वासेणं दसवासाई भावेइ, जिम्हे णं महामेहे बहूहिँ वासेहिं एगं वासं भावेइ वा ण भावेइ वा // 150 // चत्तारि करंडगा प० तं० सोवागकरंडए वेसियाकरंडए गाहावइकरंडए