________________ 520 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि तदुभयस्स वा अढाए वाउकायं उदीरेंति तया णं ईसि पुरेवाया जाव वायंति / वाउयाए णं भंते ! वाउयायं चेव आणमंति पाण?जहा खंदए तहा चत्तारि आलावगाणेयव्वा अणेगसयसहस्स० पुठे उद्दाइ ससरीरी गिक्खमइ // 17 // अह भंते ! ओदणे कुम्मासे सुरा एए णं किसरीराइ वत्तव्वं सिया ? गोयमा! ओदणे कुम्मासे सुराए य जे घणे दव्वे एए णं पुस्वभावपण्णवणं पडुच्च वणस्सइजीवसरीरा तओ पच्छा सत्थाईया सत्थपरिणामिया अगणिज्झामिया अगणि. उझूसिया अगणिसेविया अगणिपरिणामिया अगणिजीवसरीराति वत्तव्वं सिया, सुराए य जे दवे दवे एए णं पुण्वभावपण्णवणं पडुच्च आउजीवसरीरा तओ पच्छा सत्थाईया जाव अगणिकायसरीराइ वत्तव्वं सिया। अहणं भंते ! अए तंबे तउए सीसए उवले कसहिया एए णं किसरीराइ वत्तव्वं सिया ? गोयमा ! अए तंबे तउए सीसए उबले कसट्टिया, एए णं पुव्वभावपण्णवणं पडुच्च पुढवी. जीवसरीरा तओ पच्छा सत्थाईया जाव अगणिजीवसरीरा इ वतव्वं सिया। अहणं भंते ! अट्ठी अट्ठिज्झामे चम्मे चम्मझामे रोमे 2 सिंगे 2 खुरे 2 णहे 2 एए गं किसरीरा इ वत्तव्वं सिया ? गोयमा ! अट्ठी चम्मे रोमे सिंगे खुरे णहे एए णं तसपाणजीवसरीरा अट्ठिज्झामे चम्मझामे रोमज्झामे सिग० खुर० णहज्झामे एए णं पुब्वभावपण्णवणं पडुच्च तसपाणजीवसरोरा तओ पच्छा सत्थाईया जाव अगणिजीव० त्ति वत्तव्वं सिया। अह भंते ! इंगाले छारिए भुसे गोमए-एए णं किसरीराइ वतव्वं सिया ? गोयमा ! इंगाले छारिए भुसे गोमए-एए णं पुव्वभावपण्णवणं पडुच्च एगिदियजीवसरीरप्पओगपरि. णामियावि जाव पंचिदियजीवसरीरप्पओगपरिणामियावि तओ पच्छा सत्या. ईया जाव अगणिजीवसरीरा इ वत्तव्वं सिया // 180 // लवणे णं भंते ! समुद्दे केवइयं चक्कवालविक्खंभेणं पण्णत्ते ? एवं णेयव्वं जाव लोगढिई लोगाणुभावे, सेवं भंते ! 2 ति भगवं जाव विहरइ // 181 // पंचमं सयं तइओ उद्देसो अण्णउत्थिया णं भंते ! एवमाइक्खंति भा० 50 एवं प० से जहाणामए जालगंठिया सिया आणुपुध्विगढिया अणंतरगढिया परंपरगढिया अण्णमण्ण. गढिया अण्णमण्णगरुयत्ताए अण्णमण्णभारियताए अण्णमण्णगरुयसंभारियताए