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________________ 1208 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि 2 ता एवं वयासी-गच्छह गं तुम्भे देवाणप्पिया ! चंपाए सिंघाडग जाव पहेसु [एवं वयह-एवं खलु देवाणुप्पिया ! धणे सत्थवाहे विपूले पणिय. इच्छइ अहिच्छत्तं गरि वाणिज्जाए गमित्तए / तं जो गं देवाण. प्पिया ! चरए वा चीरिए वा चम्मखंडिए वा मिच्छंडे वा पंडरगे वा गोयमे वा गोवतीए वा गिहिधम्मे वा गिहिधचितए वा अविरुद्ध विरुद्धवुड्डसावगरत्तपडणिग्गंथप्पभिइपासंडत्थे वा गिहत्थे वा तस्स णं धणेणं सद्धि अहिच्छत्तं गरि गच्छइ तस्स णं धणे अच्छत्तगस्स छत्तगं दलायइ अणुवाहणस्स उवाह. जाउ दलयइ अकुडियस्स कुंडियं दलयइ अपत्थयणस्स पत्थयणं दलयइ अपक्खेवगस्स पक्खेवं दलयइ अंतरा वि य से पडियस्स वा भग्गलग्गसाहेज्ज दलयइ सुहंसुहेण य णं अहिच्छत्तं संपावेइ-त्तिकटु दोच्चंपि तच्चंपि घोसेह 2 ता मम एयमाणत्तियं पच्चप्पिणह / तए णं ते कोडंबियपुरिसा जाव एवं वयासी-हंदि सुगंतु भगवंतो चंपाणयरीवत्थव्वा बहवे चरगा य जाव पच्चप्पिणंति / तए णं (से) तेसि कोडुंबिय (घोस) पुरिसाणं अंतिए एयमलैं सुच्चा चंपाए णयरीए बहवे चरगा य जाव गिहत्था य जेणेव धणे सत्यवाहे तेणेव उवागच्छति / तए गंधणे सत्यवाहे तेसि चरंगाण य जाव गिहत्थाण य अच्छत्तगस्स छत्तं दलयइ जाव पत्थयणं दलाइ 2 एवं वयासी-गच्छह णं तुभे देवाणुप्पिया ! चंपाए णयरीए बहिया अग्गज्जाणंसि ममं पडिवालेमाणा चिदह / तए णं ते चरगा य० धणेणं सत्थवाहेणं एवं वृत्ता समाणा जाव चिठंति / तए णंधणे सत्थवाहे सोहणंसि तिहिकरणणखत्तसि विउलं असणं 4 उवक्खडावेइ 2 ता मित्तणाई आमंतेइ 2 ता भोयणं भोयावेइ 2 ता आपुच्छइ २त्ता सगडीसागडं जोयावेइ 2 ता चंपाणयरीओ णिग्गच्छइ० गाइविप्पगिहि अद्धाहि वसमाणे 2 सुहेहि वसहिपायरासेहि अंगं जणवयं मझमज्झेणं जेणेव देसगं तेणेव उवागच्छइ 2 ता सगडीसागडं मोयावेइ 2 ता सत्थणिवेसं करेइ 2 ता कोडंबिय पुरिसे सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-तुब्भे णं देवाणुप्पिया ! मम सस्थणिवेसंसि महया 2 सद्देणं उग्घोसेमाणा 2 एवं वयह-एवं खलु देवाणः प्पिया ! इमोसे आगामियाए छिण्णावायाए दोहमद्धाए अडवीए बहुमज्झदेसभाए (एस्थ णं) बहवे गंदिफला णामं रुक्खा पण्णत्ता किण्हा जाव पत्तिया पुफिया फलिया हरिया रेरिज्जमाणा सिरीए अईव 2 उवसोभेमाणा चिठ्ठति
SR No.004390
Book TitleAngpavittha Suttani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1982
Total Pages1476
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_acharang, agam_sutrakritang, agam_sthanang, agam_samvayang, agam_bhagwati, agam_gyatadharmkatha, agam_upasakdasha, agam_antkrutdasha, & agam_anutta
File Size23 MB
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