________________ ठाणं ठा. 6 299 कप्पठिई प० त० सामाइयकप्पठिई छेओवट्ठावणियकप्पठिई णिव्विसमाणकप्पठिई णिविट्ठकप्पठिई जिणकप्पठिई थेरकप्पठिई // 90 / / समणे भगवं महावीरे छटेणं भत्तेणं अपाणएणं मुंडे जाव पव्वइए // 91 / / समणस्स णं भगवओ महावीरस्स छटेणं भत्तेणं अपाणएणं अणंते अणुत्तरे जाव समुप्पण्णे // 92 / / समणे भगवं महावीरे छटेणं भत्तेणं अपाणएणं सिद्धे जाव सव्वदुक्ख. प्पहीणे / / 93 // सणंकुमारमाहिदेसु णं कप्पेसु विमाणा छ जोयणसयाई उड्ढे उच्चत्तेणं प० // 94 // सणंकुमारमाहिदेसु णं कप्पेसु देवाणं भवधारणिज्जगा सरीरगा उक्कोसेणं छ रयणीओ उड्ढे उच्चत्तेणं पण्णत्ता / / 95 / / छविहे भोयणपरिणाम प० तं० मणुण्णे रसिए पीणणिज्जे बिंह णिज्जे दीवणिजे [ मयणणिज्जे ] दप्पणिज्जे // 96 / / छविहे विसपरिणामे प० तं० डक्के भुत्ते णिवइए मंसाणुसारी सोणियाणुसारी अट्ठिमिजाणुसारी // 97 // छविहे पढे प० तं० संसयपढे वुग्गहपढे अणुजोगी अणुलोमे तहणाणे अतहणाणे // 98 // चमरचंचा णं रायहाणी उक्कोसेणं छम्मासा विरहिया उववाएणं / / 99 / / एगमेगे .णं इंदट्ठाणे उक्कोसेणं छम्मासा विरहिए उववाएणं // 10 // अहेसत्तमा णं पुढवी उक्कोसेणं छम्मासा विरहिया उववाए णं / / 101 // सिद्धिगई णं उक्कोसेणं छम्मासा विरहिया उववाएणं // 102 // छवि हे आउयबंधे प० तं० जाइणामणिवत्ताउए गइणामणिवत्ताउए ठिइणामणिधत्ताउए ओगाहणाणामणिधत्ताउए पए सणामणिधत्ताउए अणुभावणामणिधत्ताउए // 103 / / णेरइयाणं छवि आउयबंधे प० तं० जाइणामणिधत्ताउए जाव अणुभावणामणिधत्ताउए एवं जाव वेमाणियाणं / / 104 // णेरइया णियमा छम्मा. मावसेसाउया परभवियाउयं पगरेंति, एवामेव असुरकुमारावि जाव थणियकुमारा, असंखेज्जवासाउया सण्णिपंचिंदियतिरिक्खजोणिया णियमं छम्मासावसेसाउया परभवियाउयं पगरेंति / असंखेज्जवासाउया सण्णिमणुस्सा णियमं जाव पगरेंति, वाणमंतरा जोइसवासिया माणिया जहा णेरइया / / 105 // छविहे भावे प० तं० ओदइए उवसमिए खइए वयोवसमिए पारिणामिए संणिवाइए / 106 / / छविहे पडिक्कमणे प० तं० उच्चारपडिक्कमणे पासवणपडिक्कमणे इत्तरिए आवकहिए जंकिंचिमिच्छा सोमणंतिए॥ 107 // कत्तियाणक्खत्ते छतारे प० // 108 // असिलेसाणक्खत्ते छत्तारे प० / / 109 // जीवा णं छट्ठाणणिव्वत्तिए पोग्गले पावकम्मत्ताए