________________ आयारो सु. 1 अ. 6 उ. 1, 2 21 उद्वियस्स ठियस्स गई समणुपासह, इत्थवि बालभावे अप्पाणं णो उवदंसेज्जा // 319 // तुमंसि णाम सच्चेव, जं हंतव्वंति मण्णसि, तुमंसि णाम सच्चेव, जं अज्जावेयव्वंति मण्णसि, तुमंसि णाम सच्चेव, जं परियावेयव्वंति मण्णसि, एवं जं परिघेत्तव्वंति मण्णसि, जं उद्दवेयव्वंति मण्णसि / अंजू चेहपडिबुद्धजीवी तम्हा ण हंता, ण विघायए; अणुसंवेयणमप्पाणेणं जं हंतव्वं णाभिपत्थए // 320 // जे आया से विण्णाया, जे विण्णाया से आया, जेण वियाणइ से आया, तं पडुच्च पडिसंखाए, एस आयावाई समियाए परियाए वियाहिए त्ति बेमि // 321 / / पंचम अज्झयणं पंचमोइसो समत्तो // अणाणाए एगे सोवट्ठाणा आणाए एगे णिरुवट्ठाणा एयं ते मा होउ, एयं कुसलस्स दसणं // 322 // तद्दिट्ठीए तम्मुत्तीए तप्पुरकारे तस्सण्णी तण्णिवेसणे, अभिभूय अदक्खू, अणभिभूए पभू णिरालंबणयाए; जे महं अबहिंमणे // 323 // पवाएणं पवायं जाणिज्जा, सहसम्मइयाए, परवागरणेणं अण्णेसिं वा अंतिए सोचा // 324 // णिद्देसं णाइव ज्जा मेहावी सुपडिलेहिय सव्वओ सव्वयाए सम्ममेव समभिजाणिया // 325 // इह आरामं परिण्णाय अल्लीणगुत्तो परिव्वए, णिट्ठियट्ठी वीरे आगमेण सया परक्कमेज्जासि त्ति बेमि // 326 / / उड्ढे सोया, अहे सोया, तिरिय सोया वियाहिया; एए सोया वियक्खाया, जेहिं संगति पासहा // 327|| आवढे तु उवेहाए, एत्थ विरमिज्ज वेयवी // 328 / / विणइत्तु सोयं णिक्खम्म एसमहं अकम्मा. . जाणइ, पासइ, पडिलेहाए णावकंखइ, इह आगई गई परिण्णाय अच्चेइ जाइमरणस्स * वट्टमग्गं विक्खायरए // 329 / / सके सरा णियटुंति, तक्का जत्थ ण विज्जइ, मई तत्थ ण गाहिया, ओए अप्पइट्ठाणस्स खेयण्णे ||330 // से ण दीहे ण हस्से ण वट्टे ण तसे ण चउरंसे ण परिमंडले, ण किण्हे, ण णीले, ण लोहिए, ण हालिद्दे ण सुकिल्ले ण सुरहिगंधे ण दुरहिगंधे ण तित्ते ण कडुए, ण कसाए, ण अंबिले, ण महुरे, ण लवणे, ण कक्खडे ण मउए ण गुरुए ण लहुए ण सीए ण उण्हे ण णिद्धे ण लुक्खे ण काऊ ण रुहे ण संगे ण इत्थी ण पुरिसे ण अण्णहा परिणे सण्णे // 331 // उवमा ण विजए, अरूवी सत्ता, अपयस्स पयं णत्थि // 332 // से ण सद्दे ण रूवे ण गंधे •ण रसे ण फासे.इचेयावंति त्ति बेमि // 333 // छोइसो समत्तो // . // लोगसार णाम पंचमज्झयणं समत्तं //